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मध्यप्रदेश : ह्रदय प्रदेश में दलित

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अपने आजादी के 71वें साल में जून की एक आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में बुलाये गये एक  विशेष सत्र में इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गयी है कि भारत “एक बाजार” हो गया है,वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की लॉन्चिंग के दौरान दिये गये अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि “जीएसटीए केवल कर सुधार नहीं बल्कि आर्थिक सुधार के साथ सामाजिक सुधार का भी प्लेटफॉर्म है”. यह अलग से बहस का मुद्दा हो सकता है कि जीएसटी से कौन सा सुधार और किसका भला होने वाला है लेकिन इस बात में कोई सन्देह नहीं है कि आजादी के करीब सात दशक बीत जाने के बावजूद जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की जड़ें अभी भी बदस्तूर कायम हैं. इस दौरान इस देश ने कई अमूलचूल परिवर्तन देखे हैं, राज्य,समाज और अर्थव्यवस्था का पूरा नक्शा ही बदल चूका है, लेकिन जाति व्यवस्था एक ऐसी बला है जिस पर इन तमाम परिवर्तनों के कोई खास असर देखने को नहीं मिलता है, जाति संरचना ने इन तमाम  बदलावों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए अपने मूल प्रकृति को कायम रखा है और आज भी पूरे भारतीय समाज पर हावी है. दरअसल भारत में दलितों के उत्पीड़न का सदियों पुराना इतिहास है और यही वर्तमान भी है. 


बाबा साहेब अम्बेडकर ने बहुत पहले ही बता दिया था कि “जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल करलेते,कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है”. लेकिन दुर्भाग्य से हमारे समाज में महात्मा फुले और बाबा साहेब अंबेडकर के बाद कोई ऐसा बड़ा समाज सुधारक सामने नहीं आया जो जाति के विनाश की बात करता हो, सामाजिक मुक्ति की सारी लड़ाई “पहचान”, “चुनावी गणित”  और “आरक्षण” जैसे मुद्दों तक सिमट गयी है.  नतीजे के तौर पर हम देखते हैं कि 21वीं सदी में आर्थिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा भारत सामाजिक रूप से अभी भी सदियों पीछे है. देश की कुल आबादी करीब 17 प्रतिशत दलित आज भी समाज में छुआछूत हर स्तर पर भेदभाव, हिंसा और उत्पीड़न सहने को मजबूर हैं. नये भारत के निर्माण के आहटों के बीच उनकी मायूसी और भय और बढ़ गयी है. 

मध्य प्रदेश को अमूमन शांति का टापू कहा जाती है, लेकिन शायद इसकी वजह यहाँ प्रतिरोध का कमजोर होने है. दरअसल मध्यप्रदेश में सामंतवाद और जाति उत्पीड़न की जड़ें बहुत गहरी हैं. यह सूबा वंचित समुदायों के उत्पीड़न के मामलों में कई वर्षों से लगातार देश के शीर्ष राज्यों में शामिल रहा है. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड द्वारा किये गये एक स्टडी के अनुसार छुआछूत को मानने के मामले में मध्य प्रदेश पूरे देश में शीर्ष पर है. सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश में 53 फीसद लोगों ने कहा कि वे छुआछूत को मानते हैं, चौंकाने वाली बात यह रही की उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे प्रदेश भी इस सूची में मध्य प्रदेश से पीछे है. आज भी सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल काटने से मना कर देना, दुकानदार द्वारा दलितों को अलग गिलास में चाय देना, शादी में घोड़े पर बैठने पर मारपीट करना, मरे हुए मवेशियों को जबरदस्ती उठाने को मजबूर करना आदि जैसी घटनाऐं बहुत आम हैं.

2014 में गैर-सरकारी संगठन “दलित अधिकार अभियान” द्वारा जारी रिपोर्ट “जीने के अधिकार पर काबिज छुआछूत” से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में भेदभाव की जड़ें  कितनी गहरी हैं. मध्यप्रदेश के 10 जिलों के 30 गांवों में किये गये सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि इन सभी गावों में लगभग सत्तर प्रकार के छुआछूत का प्रचलन है ,भेदभाव के कारण लगभग 31 प्रतिशत दलित बच्चे स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं. इसी तरह से अध्यन किये गये स्कूलों में 92 फीसदी दलित बच्चे खुद पानी लेकर नहीं पी सकते, क्योंकि उन्हें स्कूल के हैंडपंप ओर टंकी छूने की मनाही है जबकि 93 फीसदी अनुसूचित जाति के बच्चों को आगे की लाइन में बैठने नहीं दिया जाता है,42 फीसदी बच्चों को  शिक्षक जातिसूचक नामों से पुकारते हैं,44 फीसदी बच्चों के साथ गैर दलित बच्चे भेदभाव करते हैं,82 फीसदी बच्चों को मध्यान्ह भोजन के दौरान अलग लाइन में बिठाया जाता है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के हालिया आकड़ों पर नजर डालें तो 2013 और 2014 के दौरान मध्यप्रदेश दलित उत्पीड़न के दर्ज किये गए मामलों में चौथे स्थान पर था. 2015 में भी यह सूबा  पांचवें  स्थान पर बना रहा. यह तो केवल दर्ज मामले हैं गैरसरकारी संगठन “सामाजिक न्याय एवं समानता केन्द्र” द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार  प्रदेश में दलित उत्पीड़न के कुल मामलों में से 65 प्रतिशत मामलों के एफ.आई.आर ही नहीं दर्ज हो पाते हैं. दूसरी तरह मामलों में से केवल 29 फीसद दर्ज मामलें में ही सजा हो पाती है.  

दूसरी तरफ अगर समुदाय की तरफ से इसका प्रतिरोध होता है तो उसे पूरी ताकत से दबाया जाता है. 2009 में नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में अहिरवार समुदाय के लोगों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया था कि वे मरे हुए मवेशी नहीं उठायेंगें क्योंकि इसकी वजह से उनके साथ छुआछूत व भेदभाव का बर्ताव किया जाता है. लेकिन दबंग जातियों को उनका यह फैसला रास नहीं आता है और इसके जवाब में करीब आधा दर्जन गावों में पूरे अहिरवार समुदाय पर सामाजिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया जाता है ,उनके साथ मार-पीट की जाती है और उनके सार्वजनिक स्थलों के उपयोग जैसे सार्वजनिक नल, किराना की दुकान से सामान खरीदने, आटा चक्की से अनाज पिसाने, शौचालय जाने के रास्ते और अन्य दूसरी सुविधाओं के उपयोग पर जबर्दस्ती रोक लगा दी गई जाती है. पिछले फरवरी में ग्वालियर की एक घटना है जहाँ अंबेडकर विचार मंच द्वारा 'बाबा साहेब के सपनों का भारत” विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें जेएनयू के प्रो.विवेक कुमार भाषण देने के लिए आमंत्रित किये गये थे. इस कार्यक्रम में हिन्दुवाद संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अंदर घुस कर हंगामा किया. इस दौरान कई लोग चोटिल भी हुए. 

मध्यप्रदेश देश उत्तर भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ सामाजिक न्याय की राजनीति अपनी जड़ें नहीं जमा सकी हैं .दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की पर्याप्त आबादी होने के बावजूद उनकी कोई अलग राजनीतिक पहचान नहीं बन सकी है और ना ही यूपी बिहार की तह यहाँ कोई तीसरी धारा ही पनप सकी है. आज भी सूबे पूरी राजनीति कांग्रेस और भाजपा के बीच सिमटी है. इन दोनों पार्टियों ने प्रदेश के दलित और  आदिवासी समुदाय में कभी राजनीतिक नेतृत्व उभरने ही नहीं दिया और अगर कुछ उभरे भी तो उन्हें आत्मसात कर लिया. एक समय फूल सिंह बरैया जरूर अपनी पहचान बना रहे थे लेकिन उनका प्रभाव लगातार कम हुआ है. ओबीसी समुदायों की भी कमोबेश यही स्थिति है यहाँ से सुभाष यादव, शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती जैसे नेता निकले जरूर. चौहान व भारती जैसे नेता सूबे की राजनीति में शीर्ष पर भी पहुचे हैं लेकिन यूपी और बिहार की तरह उनके उभार से पिछड़े वर्गों का सशक्तिकरण नहीं हुआ है .इस तरह से प्रदेश में आदिवासी, दलित और ओबीसी की बड़ी आबादी होने के बावजूद यहां की  राजनीति पर पर इन समुदायों का कोई ख़ास प्रभाव देखने को नहीं मिलता है. यही वजह है कि जाति उत्पीड़न की तमाम घटनाओं के बावजूद ये राजनीति के लिए कोई मुद्दा नहीं बनता है. 

हम ने जाति उत्पीड़न के खिलाफ कानून तो बहुत पहले बना लिया था लेकिन ये नाकाफी है क्यूंकि इसकी जड़ें तो पूरे समाज में हैं और समाज का एक बड़ा हिस्सा आज भी मनु के बनाये गये कानूनों को बड़ी गंभीरता से अमल कर रहा है और इसके लिये मरने-मारने पर आमादा है. बाबा साहेब अंबेडकर जाति आधारित उत्पीड़न और भेदभाव के लिए जाति व्यवस्था को जिम्मेदार मानते थे, उनका कहना था कि राजनीतिक रूप से आजाद होने के बावजूद भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं संचालित हैं एक तो राजनीतिक आदर्श है जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं और जिसमें स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारे जैसी बातें है और दूसरी तरफ धर्म आधारित सामाजिक आदर्श हैं जिनका इन मूल्यों से टकराहट है. दुर्भाग्य से आज पूरे भारतीय समाज में ऐसी कोई राजनीतिक-सामाजिक ताकत नहीं है जो जाति-विहीन समाज की बात करती हो. आजादी के सत्तर साल बाद भी हमें ऐसे नेतृत्व का इंतेजार है जो किसी आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष सत्र बुलाकर जाति मुक्त भारत का आह्वान करे. 




dalit-in-madhy-pradesh

जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

विशेष आलेख : गुजरात विधानसभा चुनाव की हुंकार

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इनदिनों देश में गुजरात के विधानसभा चुनाव चर्चा का विषय बने हुए है, राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गयी है,  चुनाव आयोग अब सितम्बर में किसी भी वक्त गुजरात में चुनाव की तिथियों की घोषणा कर सकता है। सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण बनता जारहा है, भले ही कुछ पूर्वानुमानों में एवं एबीपी न्यूज- लोकनीति सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में बीजेपी के खाते में सबसे ज्यादा सीटें जाने का अनुमान जताया गया है। हाल ही में गुजरात में हुए राज्यसभा के चुनाव के दौरान अहमद पटेल के निर्वाचन को लेकर पैदा हुई स्थिति के बाद कांग्रेस को राज्य में मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली है। लिहाजा आने वाले विधानसभा चुनाव अब और ज्यादा दिलचस्प हो गए हैं। 
गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जो बीजेपी का अजेय दुर्ग माना जाता है. पिछले 22 सालों में कांग्रेस ने इस राज्य को जीतने के लिए सब कुछ किया लेकिन वह बीजेपी को हिला तक नहीं पाई। इस राज्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों ही आते हैं। इस दृष्टि से बीजेपी के लिए यह राज्य नाक का सवाल है और हर लिहाज से कांग्रेस के लिए भी। इस राज्य पर कभी ‘हिंदूवादी लहर’ पर सवार होकर जीतने वाली बीजेपी ‘मोदी लहर’ पर सवार होकर कांग्रेस को हर मोर्च पर पटखनी दे चुकी है। लेकिन इस बार कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि उनके पास मौका है क्योंकि इस बार के चुनाव में बीजेपी का चेहरा न तो नरेंद्र मोदी होंगे और न अमित शाह। इस तरह के समीकरण बीजेपी के पक्ष में नही हैं। इस स्थिति का फायदा न केवल कांग्रेस उठाना चाहती है बल्कि शंकरसिंह वाघेला नयी पार्टी बनाकर तो ‘आप’ सभी सीटों पर चुनाव लड़कर अपना रंग दिखाना चाहते हैं। अन्य राजनीतिक दल भी व्यापक तैयारी के साथ इस चुनाव संग्राम में उतरने का मानस बना चुके हैं।  

गुजरात में पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर नाराज हैं। 2 साल पहले हार्दिक पटेल की अगुवाई में शुरू हुए आंदोलन की आग ने बीजेपी की सत्ता को झुलसा दिया था, जिसके चलते आनंदी बेन पटेल को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ गई थी। गाय को लेकर ऊना में दलितों के साथ हुई मारपीट के बाद से दलितों में गुस्सा है। गुजरात की राजनीति में वहां के आदिवासी समुदाय की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है, वह समुदाय भी लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज है। इन सब स्थितियों एवं मुद्दों को कांग्रेस भुनाना चाहती है और ये ही मुद्दे बीजेपी के लिये भी भारी पड़ रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात का सी.एम. रहते हुए गुजरात की जनता ने उन्हें लगातार 3 बार कुर्सी तक पहुंचाया लेकिन 2012 के चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री की गद्दी छोडने के बाद गुजरात को मोदी का विकल्प नहीं मिल सका है। हालांकि प्रधानमंत्री ने आनंदी बेन पर भरोसा कर उन्हें राज्य की कमान सौंपी लेकिन आनंदी बेन प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात में तैयार की गई सियासी जमीन को कायम रखने में नाकाम रहीं और प्रधानमंत्री को उन्हें गद्दी से हटाकर विजय रूपाणी को गद्दी सौंपनी पड़ी लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर रूपाणी भी ज्यादा सफल नहीं माने जा रहे। इन स्थितियों में बीजेपी के सामने एक चुनौती है, क्योंकि मुद्दों के साथ-साथ प्रभावी व्यक्ति ही जीत का आधार हो सकता है।
बीजेपी में कोई प्रभावी चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है, मुद्दों का आधार भी हिला हुआ है। केवल मोदी अपने व्यक्तित्व एवं लहर से ही यह चमत्कार घटित कर सकते हैं और उसकी संभावनाएं भी अभी तो दिखाई दे रही है। लेकिन इन चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए पाटीदारों और दलितों के बाद आदिवासी समुदाय मुसीबत का बड़ा सबब बन सकते हैं। राज्य के आदिवासी इलाकों में षडयंत्रपूर्वक भिलीस्तान आंदोलन खड़ा किया गया है जिसमें तथाकथित राजनीतिक दल एवं धार्मिक ताकतें भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर आदिवासी समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इस अनियंत्रित होती आदिवासी अस्तित्व और अस्मिता को धुंधलाने की साजिश के कारण आदिवासी समाज और उनके नेताओं में भारी विद्रोह पनप रहा है। यह प्रांत के लिए ही नहीं समुचे देश के लिए एक चिंता का विषय है। जिस प्रांत में भाजपा लगभग बीस वर्षों से सत्ता में है उस प्रांत में आदिवासी समुदाय की उपेक्षा के कारण उन्हें राजनीतिक जमीन बचाना मुश्किल होता दिख रहा है। यह न केवल प्रांत के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी व भाजपा अध्यक्ष श्री जीतू वाघानी के लिए चुनौती है बल्कि केन्द्र की भाजपा सरकार भी इसके लिए चिंतित है। यह न केवल इन दोनों के लिए बल्कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लिए भी एक गंभीर मसला बना हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने समय से पूर्व सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया है, ताकि गुजरात के वोट बैंक को अपने पक्ष में कर सके। वे लम्बे समय से प्रति माह गुजरात की यात्रा भी कर रहे हैं ताकि जटिल होती समस्या को हल करने में सहायता मिल सकती है। समस्या जब बहुत चिंतनीय बन जाती हैं तो उसे बड़ी गंभीरता से मोड़ देना होता है। पर यदि उस मोड़ पर पुराने अनुभवी लोगों के जीये गये सत्यों की मुहर नहीं होगी तो सच्चे सिक्के भी झुठला दिये जाते हैं। 
अब जबकि चुनाव का समय सामने है यही आदिवासी समाज जीत को निर्णायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। हर बार चुनाव के समय आदिवासी समुदाय को बहला-फुसलाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की तथाकथित राजनीति इस बार असरकारक नहीं होगी। क्योंकि गुजरात का आदिवासी समाज बार-बार ठगे जाने के लिए तैयार नहीं है। इस प्रांत की लगभग 23 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की हैं। देश के अन्य हिस्सों की तरह गुजरात के आदिवासी दोयम दर्जे के नागरिक जैसा जीवन-यापन करने को विवश हैं। यह तो नींव के बिना महल बनाने वाली बात हो गई। राजनीतिक पार्टियाँ अगर सचमुच में प्रदेश के आदिवासी समुदाय का विकास चाहती हैं और ‘आखिरी व्यक्ति’ तक लाभ पहुँचाने की मंशा रखती हैं तो आदिवासी हित और उनकी समस्याओं को हल करने की बात पहले करनी होगी। 
इन दिनों गुजरात के आदिवासी समुदाय का राजनीति लाभ बटोरने की चेष्टाएं सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात भाजपा की ‘विस्तारक’ पहल के तहत आदिवासी परिवार के साथ दोपहर का भोजन किया। लेकिन इन सकारात्मक घटनाओं के साथ-साथ आदिवासी समुदाय को बांटने और तोड़ने के व्यापक उपक्रम भी चल रहे हैं जिनमें अनेक राजनीतिक दल अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए इस तरह के घिनौने एवं देश को तोड़ने वाले प्रयास कर रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों ने भिलीस्तान जैसी समस्या को खड़ा कर दिया है। एक आंदोलन का रूप देकर आदिवासी समुदाय को विखण्डित करने की कोशिश की जा रही है। इस भिलीस्तान आंदोलन को नहीं रोका गया तो गुजरात का आदिवासी समाज खण्ड-खण्ड हो जाएगा। इसके लिए तथाकथित हिन्दू विरोधी लोग भी सक्रिय हैं। इन आदिवासी क्षेत्रों में जबरन धर्मान्तरण की घटनाएं भी गंभीर चिंता का विषय है। यही ताकतें आदिवासियों को हिन्दू मानने से भी नकार रही है और इसके लिए तरह-तरह के षडयंत्र किये जा रहे हैं। जबकि सर्वविदित है कि आदिवासी हिन्दू संस्कृति का ही अभिन्न अंग है और वे भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य विरासत एवं थाती है। उनके उज्ज्वल एवं समृद्ध चरित्र को धुंधलाकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों से सावधान होने की जरूरत है। तेजी से बढ़ता आदिवासी समुदाय को विखण्डित करने का यह हिंसक दौर आगामी चुनावों के लिये गंभीर समस्या बन सकता है। एक समाज और संस्कृति को बचाने की मुहीम के साथ यदि इन चुनावों की जमीन तैयार की जाये, आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को प्रोत्साहन मिले, उनको आगे करके इस चुनाव की संरचना रची जाये तो परिणाम आश्चर्यकारी आ सकते हैं। जरूरत सिर्फ सार्थक प्रयत्न की है। भला सूरज के प्रकाश को कौन अपने घर में कैद कर पाया है? लक्ष्य पाने के लिए इतनी तीव्र बेचैनी पैदा करनी है जितनी नाव डूबते समय मल्लाह में उस पार पहुंचने की बेचैनी होती है। गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव आदिवासी समाज के लिए एक ऐसा संदेश हो जो उनके जीवन मूल्यों को सुरक्षा दे और नये निर्माण का दायित्व ओढ़े। ऐसा करके प्रधानमंत्री मोदी न केवल अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे, बल्कि एक नयी राजनीतिक सोच को भी जन्म देंगे। 






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( ललित गर्ग)
-60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-51
फोनः 22727486, 9811051133

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 24 सितम्बर

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संगीत की स्वर लहरियों के साथ राजवाडा पर गरबो का हो रहा आयोजन
  • 26 को होगा छात्र छात्राओं के लिये चित्रकला स्पर्धा का आयोजन

jhabua news
झाबुआ । नगर के हृदय स्थल राजवाडा चैक मे मां की भक्ति एवं श्रद्धा की निर्झरिणी प्रवाहित हो रही है । श्री देवधर्मराज पवरात्री उत्सव में नवरात्री के तीसरे दिन हजारों दर्शकों ने पारम्परिक रूप से राजवाडा मित्र मंडल द्वारा आयोजित गरबों को देर रात्रि तक आनन्द उठाया । मां के गरबों में जहां युवा एवं युवितयों द्वारा पूरी तल्लिनता से गरबों का आनन्द लेकर मां के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित कर रहे थे । राजवाडा मित्र मंडल के गोपाल नीमा ने जानकारी देते हुए बताया कि  नवरात्री के तीयरे दिन देवधम्रराज मंदिर में माताजी की आरती 08.30 पर सम्ंपन्न हुई । गरबों के इस आयोजन में अतिथि के रूप रोटरी अध्यक्ष उमंग सक्सेना, बार एसोशिएशन अध्यक्ष रमेश डोसी , समाजसेवी संजय कांठी व लाखनसिंह सोलंकी विशेष रूप  से उपस्थित थे वही गरबो के दौरान मंच पर अतिथि के रूप में नवीन कुआंदे पूर्णकालिक कार्यकर्ता झाबुआ विधानसभा एसडीओपी श्री परिहार, जेल अधीक्षक, समाजसेवी बाबुलाल कोठारी, प्रकाश कटारिया व ऋषि डोडियार मित्र मंडल उपस्थित रहे। राजवाडा चैक मे आयोजित गरबा प्रांगण में विशेष आकर्षण बदनावर की श्रीकृष्ण लीला की झाँकी को लोगों ने निहारा एवं प्रसंशा की । आयोजित गरबों के कार्यक्रम मेंसुमधुर ग्रुप इंदौर की आर्केस्ट्रा व अहमदाबाद व एडी ग्रुप झाबुआ के डांस ग्रुपों की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया । 


26 को राजवाड़ा महिला ग्रुप की एक सार्थक पेशकश-
श्री नीमा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर मित्र मंडल द्वारा स्वछता पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन दोपहर 03 बजे से पैलेस गार्डन  में होगा । इसमें 18 वर्ष तक के ही बच्चे शामिल होंगे । स्पर्धा के लिये तीन ग्रुप बनेंगे पहला कक्षा 1ली से 5वी तक दूसरा- 6टी से 8वी तक,तीसरा-कक्षा 9वी से 12वी के छात्र सहभागी होगें तीनो ही ग्रुप में प्रथम पुरस्कार 3000 रु. द्वितीय पुरस्कार 2000रू. एवं तृजीय पुरस्कार 1000 नगदी दिये जावेगें । राजवाडा मित्र मंडल ने नगर के माता भक्तो से अधिक से अधिक संख्या में गरबों का आनन्द लेने के लिये राजवाडा पधारने की अपील की है।

विभिन्न प्रकोष्ठो के जिला संयोजक घोषित - दौलत भावसार

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दौलत भावसार की अनुसंसा एवं अनुमोदन के बाद भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक- सैनिक प्रकोष्ठ के संयोजक- चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक- झुग्गी झोपडी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक द्वारा झाबुआ जिले के लिये इन प्रकोष्ठो के लिये जिला संयोजक पद के लिये नामो की घोषणा कर दी है। भाजपा जिलाध्यक्ष के अनुसार जिला सहकारिता प्रकोष्ठ के पद पर झाबुआ जिले के लिये जिला संयोजक पद के लिये श्री भूपेन्द्रसिंह बोडायता तहसील पेटलावद जिला झाबुआ को मनोनीत किया है।इसी प्रकार जिला सैनिक प्रकोष्ठ के लिये श्री नाथुसिंह कामलिया को सैनिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पद के लिये मनोनित किया गया। जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ के लिये जिला संयोजक पद पर श्री डाॅ0 संतोष नायक रंभापुर को मनोनित किया गया। झाबुआ जिला झुग्गी झोपडी प्रकोष्ठ के लिये जिला संयोजक पद पर श्री भारतसिंह चैहान पेटलावद को मनोनित किया गया। उक्त नामो की विधिवत घोषणा भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने की है। उक्त जानकारी भारतीय जनता पार्टी के जिला मिडिया प्रभारी अंबरीष भावसार द्वारा एक प्रेसनोट के माध्यम से हमारे प्रतिनिधि को दी है भावसार ने बताया है कि अन्य प्रकोष्ठ जो शेष रह गये है उनके सयोजक के नामो की घोषणा प्रदेश संयोजको के अनुमोदन के बाद शीघ्र कर दी जायेगी।

नवरात्री पर्व के चतुर्थी पर 51 कन्याओं को कराया भोजन

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झाबुआ। आसरा परमार्थिक ट्रस्ट की सर्मपण भोजनषाला पर नवरात्री के चैथे दिन चतुर्थी पर 51 कन्याओं को भोजन कराया गया। इसके पूर्व श्रीमती लीना नागर एवं श्रीमती वंदना व्यास द्वारा कन्याओं का पाद पूजन किया गया । इस अवसर पर कन्याओं कों खीर, पुरी, सब्जी का भोजन कराकर उन्हें तिलक कर पुजन किया गया। नवरात्री पर कन्या भोज के एक बड़ा महत्व रहता है। कहते है जिसने नवरात्री में नौ कन्याओं को भोजन करवाया उस पर माता रानी की कृपा बरस जाती है। रविवार सुबह साढे़ 11 बजे से जिला चिकित्सालय के पिछे आसरा मरमार्थिक ट्रस्ट की भोजनषाला पर एक साथ 51 कन्याओ को भोजन करवाया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के संरक्षक राजेष नागर, श्रीमती लीना नागर, इन्दरसेन जैन, वंदना व्यास, पद्मा त्रिवेदी, हसुमति परमार, अनिता चंदेल आदि के द्वारा कन्याओं को भाजन करवाया गया।

दिनदयाल अंत्योदय भोजनालय पर नवरात्री पर्व के तहद स्काउट गाइड के छात्रों द्वारा कराया भोजन

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झाबुआ। माध्यमिक विद्यालय डुंगराधन्ना भारत स्काडट गाइड अटल दल के स्काउट द्वारा दिनदयाल अंत्योदय भोजनालय पर नवरात्री महोत्सव के तहद गरिबो को अपने हाथो से भोहन करवाया गया। स्कााउटर ब्रजकिषोर सिंह सिकरवार के नेतृत्व में माध्यमिक विद्यालय के छात्रो द्वारा दिनदयाल अंत्योदय भोजनालय में आये सभी लोगो को अपने हाथों से परोसा गया। अटल दल के स्काउट के प्रताप परमार, गोविन्द वसुनिया, शंकर भूरिया, सुनिल मेंड़ा, कैलाष भाबोर, अर्जुन भाबोर आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर भारत स्काउट गाइड जिला एसोसिऐषन के जिला सह सचिव प्रदीप कुमार पड्या, राकेष परमार , जुल्फीकार अली सयैद, पूर्व पार्षद अषोक त्रिवेदी, संजय शाह, दिप्तिन मकवाना आदि उपस्थित थे।

बिहार : और पेंशन मिलने पर विलम्ब होने पर भीख मांगने पर मजबूर कल्लू मियां

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  • पापी पेट भरने के लिये कल्लू मियां, और चमेली देवी कहने लगे'जय येसु'
  • कुर्जी चर्च के बाहरी गेट के बगल में बैठते शनिवार और रविवार को

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पटना। दीद्या में अल्पसंख्यक कल्लू मियां और कुर्जी में बहुसंख्यक चमेली देवी देवी रहती है। कल्लू मियां को आंख से कम दिखायी देती है। वहीं चमेली देवी आंखों से पूर्णत: देख नहीं पाती हैं। इन दोनों ने बताया कि इनको अंतिम बार 28 सौ रू.मिला। इसके बाद 16 माह से सामाजिक पेंशन नहीं मिल रहा है। दोनों को काफी दिक्कत होने पर भीख मांगना शुरू कर दिये। अल्पसंख्यकों के उपासना स्थल कुर्जी चर्च की बाहरी गेट पर 'जय येसु'के नाम पर भीख मांग रहे हैं। बता दें कि सरकार ने निर्णय लिया कि आर.टी.जी.एस.के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान होगा।आर.टी.जी.करवाने के बैंक में खाता खोला गया। संत माइकल हाई स्कूल के परिसर में है यूको बैंक। इस बैंक के खाताधारी हैं कल्लू मियां। दीद्या में रहते हैं।कुर्जी मोहल्ला में रहती हैं चमेली देवी।वह कुर्जी में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा। इस उसकी खाताधारी चमेली देवी। वेतन भुगतान में विलम्ब हो रहा है राज्यकर्मियों को। इन लोगों की तरह ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है।

विशेष आलेख : जुगाड़ करके पेट भरने का प्रयास

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  • तब चिकेन चिल्ली के बदले राइट चिल्ली की मांग करते, विरोध किये थे शिक्षित मुसहर

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पटना. ये हैं महादलित मुसहर समुदाय के संजय मांझी. हाथ में मकई और पप्पा बिस्कुट रखे हैं.इसको लकड़ी के कंडील में गुथ दिया है. संजय के बच्चे पापा से पप्पा बिस्कुट देने के जिद्द किया, तो पापा ने बच्चे को पप्पा बिस्कुट के बदले में थप्पर दे दिया. इसकी बुनियाद में है बिहार राज्य आवास बोर्ड. बोर्ड द्वारा दीघा क्षेत्र के राजीव नगर में खेती योग्य 1024.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया. इस अधिकृत जमीन पर किसान और मजदूरों का भविष्य निर्भर था. तब वर्तमान और अब भविष्य चौपट हो गयी. समाज के हाशिए पर रहने वाले मुसहर समुदाय के लोग अधिग्रहित खेत में एक खेतिहर मजदूर की तरह कार्य करते थे. वहीं किसान कोर्ट के द्वार पर दस्तक देने लगे ताकि अधिग्रहण से मुक्त हो सके. किसानों के रहमोकरम पर जिंदा रहने वाले मुसहर समुदाय वैकल्पित रोजगार की व्यवस्था नहीं करने लगे. सरकार ने महादलितों की सुधि नहीं ली ,तो मनचाही धंधा अपना लिये. बुजुर्ग-नौजवान मजदूरी करने लगे. दैनिक मजदूरी की बजाय ठेका लेकर कार्य करने लगे. महिला-लड़कियां शराब बनाने लगी. स्कूल जाने के बदले बच्चे रद्दी कागज चुनने लगे.


छात्र नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ,1974 आये थे मखदुमपुर,दीघा. मौके पर सभा को संबोधित किया और कहा कि आपलोगों की जमीन को बिहार राज्य आवास बोर्ड ने अधिग्रहण कर लिया है. आपलोग जेपी आंदोलन को सपोर्ट करें और जेल भरों अभियान को सफल करें. भारी संख्या में लोग जेल गये. आज 43 साल के बाद भी किसानों को जमीन मिली और न ही जेल जाने वालों को जेपी सेनानी पेंशन ही. दोनों ठगे गये. इसका बुरा असर खेत/जमीन पर निर्भर मजदूरों पर पड़ा. सर्वाधिक असर पटना नगर निगम अन्तर्गत वार्ड नं.1 में रहने वालों पर पड़ा. दीघा मुसहरी में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं. यहीं चूहा मारने निकले संजय मांझी. रहते है. ये पूर्णत: आवासहीन व भूमिहीन हैं. सरकारी ऎलान के बाद भी आवासहीनों को भूमि नहीं मिली. सरकारी ऎलान का असर संजय मांझी की तरह सैकड़ों महादलित परिवारों पर नहीं पड़ा.जिसके सह परिवार दीघा-पटना रेलखंड के किनारे झोपड़ी में रहने को बाध्य हैं. कई दशक से सुअर के बखौरनुमा झोपड़ी में रहकर वोट दिये. वोट देकर प्रतिनिधियों की तकदीर बनाने वाले  अपन तकदीर और तस्वीर नहीं चमका सका.

सरकार और जन प्रतिनिधियों से उपेक्षित संजय मांझी कहते हैं हमलोग मिलकर वार्ड नं. 01 की प्रत्याशी स्वजातीय मुसहनी छठिया देवी को बनाया.सभी लोग प्रचार किया. इसके बाद छठिया देवी के पक्ष में मतदान किया. इस बार मुसहर एक चुक्कड़ दारू पर बिके नहीं. धनुषधारी की तरह 'आँख'पर यानी प्रतीक चिन्ह पर बटन दबा दी..इस तरह भारी वोट के अंतर से छठिया देवी विजयी बन गयी. अब देखना है कि वार्ड पार्षद छठिया देवी क्या कदम उठाकर विकास और कल्याण कर पा रही हैं. महादलित मुसहर संजय मांझी बेखौफ कहते हैं कि सरकार और एनजीओ ने हमलोगों को ठगा है. आजादी के 70 साल के बाद भी गरीबी दूर नहीं कर सकी. हमलोगों को हसीन सपना दिखाकर थोक भाव में वोट हासिल कर लेते है. वोट पाकर किस्मत और तकदीर चमका लेते हैं. हमलोग जस के तस रह जाते हैं. आप देखे मजदूरी मिलने से चूहा पकड़ने निकले हैं. जैसे सरकार और एनजीओ हित साधने के लिये प्रलोभन देते हैं. उसी तरह चतुर चूहों को फंसाने की व्यवस्था कर लिये हैं.

इसको देखें, इसे कंडील कहा जाता है.इसमें मकई और बिस्कुट लगा दिया गया है. इसे कुछ गड्ढा खोंदकर खड़ा कर देंगे. लम्बा-चौड़ा गड्ढा बनाकर पुल की तरह ढंक दिया जाता है.ऎसा करने से चूहे आते हैं और कंडील में लगाये मकई और बिस्कुट को खाने के क्रम में कंडील हिलने लगता है, इससे पता चलता है कि चूहे आ गये है. तब निर्मित पुल को चूहामार ध्वस्त कर देते है. इसी में चूहे दबकर मर जाता है. इसी तरह जगह बदल बदल कर रहते रहते हैं . दिनभर मेहनत करने के बाद मारे गये चूहों को घर ले जाते हैं.एक से अनेक साथियों के सहयोग से चूहे मारने पर आपस में हिस्सेदारी कर लेते हैं. अधिक होने पर चूहों को बेचते भी हैं. आजकल प्रति किलो डेढ़ सौ रूपये की दर बेच देते हैं.खरीददार बहुत हैं. मीट मशाला डालकर चूहा मनाते हैं. बड़े चाव से चूहा मिट खाते हैं. चूल्हा पर चूहा चढ़ा नहीं कि बच्चे मिट खाने को मचल जाते हैं. चूहे को रोस्टकर चटनी भी बनायी जाती है. विदेशी चूहे को रोस्टकर खाने लगते हैं.

आई.एस.एस.अधिकारी विजय प्रकाश ने कार्यावधि में चूहा पालन पर जोर देते रहे. इनका कहना है कि खेत की आड़ी में बिल बनाकर चूहे रहते हैं. इनको बिल से निकालने का प्रयास किया जाता है.बिल में धूंआ करके, बिल तक मिट्टी काटकर, कंडील में मकई और बिस्कुट लगाकर आदि तरीके से चूहे पकड़ते हैं. कभी-कभी हाथ भी आ जाना पड़ता हैं. सभा- सम्मेलन में कहा करते घर में चूहा पालन करें. खुद उपयोग करें और व्यापार करें. कुछ मेहनत करने के बाद चिकेन चिल्ली नहीं राइट चिल्ली की मांग होने लगेगी.इसका विरोध शिक्षित मुसहर करने लगे थे.इसके कारण इस अधिकारी की बात को अमल में नहीं आये. अभी विजय प्रकाश रिटायर हो गये हैं मगर टायड नहीं हैं. इस समय बिहार विघापीठ में अंडा को व्यापक व्यापार का रूप देने में लगे हैं.

भारतीय संविधान किसने बनाया-सर्वे के नतीजे

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भारतीय संविधान किसने बनाया-सर्वे के नतीजेभारत एक लोकतांत्रित गणतंत्र है। इस वजह से सरकार और प्रशासन के संचालन में भारत के संविधान का सर्वाधिक महत्व है। सरकार और प्रशासन के सफल संचालन के लिये देश के लोगों को संविधान का ज्ञान होने की उम्मीद की जाती है। इसके बावजूद भारत में आम नागरिकों और उच्च पदस्थ अधिकारियों तक में संविधान का ज्ञान हासिल करने के प्रति कोई विशेष रुझान नहीं देखा जाता है। सोशल मीडिया पर इन देशभर के लोग सक्रिय हैं। जो संविधान सहित विभिन्न विषयों पर आये दिन अपनी राय प्रकट करते रहते हैं। ऐसे ही सक्रिय लोगों में से मुझ से वाट्सएप पर देश के 22 प्रदेशों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों के 4213 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। ब्रॉड कास्टिंग के जरिये इनके मध्य एक सर्वे आयोजित किया गया। सर्वे का विषय था: *सवाल: भारतीय संविधान किसने बनाया?* हमारी ओर से निम्न 8 विकल्प दिये गये। सर्वे में 4213 में से करीब 68.81% (2899) लोगों ने भाग लिया। जिसे अच्छी भागीदारी माना जा सकता है। जिसके परिणाम इस प्रकार रहे:-


1. डॉ. बीआर अम्बेडकर द्वारा। 1966 (39.12%)
2. भारत के लोगों द्वारा। 45 (1.55 %)
3. संविधान सभा द्वारा। 968 (33.39%)
4. बहुसंख्यक भारतीयों द्वारा। 99 (3.41%)
5. तत्कालीन ताकतवर लोगों द्वारा। 365 (12.59%)
6. ब्रिटिशभक्त राजनेताओं द्वारा। 201 (6.93%)
7. उक्त सभी के द्वारा। 27 (0.93%)
8. अन्य:...... 60 (2.06%)

सर्वे में भाग लेने वालों की सामाजिक हिस्सेदारी आंकड़ों में निम्न प्रकार समझी जा सकती है:

मायनोरिटी के करीब 4.21% (122)
ओबीसी के करीब 14% (403)
अजा वर्ग के करीब 39.15% (1135) और
अजजा वर्ग के करीब 36.63% (1062)
अनारक्षित वर्ग के करीब 6.11% (177)

सर्वे में भाग लेने वालों की कुछ रोचक और महत्वपूर्ण टिप्पणियां:

1. अनारक्षित वर्ग राजकुमार भार्गव चूरू, राजस्थान लिखते हैं कि ''सर जहाँ तक मैंने राजनीति मे पढा था कि सविधान के निर्माता डॉ. बी आर अम्बेडकर को बताया गया था जीसको बनाने मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। और एक जगह पढा जिसमें बताया गया कि संविधान का निर्माण एक संबिधान सभा ने किया है। संविधान सभा में 299 लोग थे। इन सब लोगों ने मिलकर संबिधान बनाया था। संबिधान सभा के कानूनी सलाहकार B. N. Rao थे। Rao ने ही संबिधान का पहला प्रारूप बनाया था। इस प्रारूप की जांच के लिए एक प्रारूप समिति बनाई गई थी। इस समिति में 8 लोग थे। जिसमें सिर्फ 1 सदस्य आंबेडकर था। जिसे प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया और इसी को संबिधान निर्माता कहते हैं। आंबेडकर को संबिधान सभा में बंगाल से चुना गया था। संबिधान सभा के अध्य्क्ष राजेंद्र प्रसाद थे। लेकिन जनरल केटेगरी का होने के कारण इनका नाम नहीं लिया जाता है। संबिधान सभा के बहस में नेहरू जी और पटेल जी का अहम योगदान था। लेकिन इन दोनों का नाम भी हटा दिया गया। डॉ. राधाकृष्णन सभा के प्रथम प्रवक्ता थे। लेकिन जनरल होने के कारण इनका नाम भी हटा दिया गया।''
2. अजजा वर्ग के कृष्णा मीणा, चाकसू जयपुर राजस्थान लिखते हैं कि ''जहाँ तक मैने पढा है तो यह ब्रिटिश राज में तैयार किया गया अधिनियम था जो उन्होने अपने फायदे के लिए बनाया था पर जब भारत आजाद हुआ तो भारतीय नेताओ ने उसमें कुछ परिवर्तन करके उसे अपना लिया जिसमें हम देख सकते हैं कि आज भी आम आदमी से ज्यादा पैसे वालो का बोलबाला है।''
3. अजजा वर्ग वीसाराम मीणा जालोर, राजस्थान लिखते हैं कि ''मेरे हिसाब से तो सारे तत्व शामिल होंगे. मेरे जहन मे एक प्रशन लगातार आ रहा है कि क्या अंबेडकर नहीं होते तो भारत का संविधान बनता और बनता कैसा बनता. दुनिया भर मे संविधान बने हुए और सारे देशो के संविधान उनके लोगो के कल्याण हेतु बनाए गए है. आपके भारत के संविधान यानि अंबेडकर संविधान कमजोर वर्ग या आपके अनुसार मोस्ट वर्ग को ताकत मिली है या उल्टा जातिवाद का जहर बढता जा रहा है? आपके अनुसार अंबेडकर के संविधान ने मोस्ट वर्ग को ताकत दी है या जातिवाद का जहर बढाया है?''
4. अजजा वर्ग की अनिता सोलंकी, सेंधवा, मध्य प्रदेश लिखती हैं कि ''डॉ बी आर अम्बेडकर द्वारा लेकिन उनके साथ मेंएक नाम हम भूल जाते है जो सिर्फ आदिवासी नाम देकर गये जयपालसिंग मुंडा जिन्होंने आदिवासीयो के लिए संविधानिक लडाई लडे.''
5. अजा वर्ग के कल्पेश आर सोलंकी भरूंच गुजरात लिखते हैं कि ''हम तो समाज में आम्बेडकर वाद लाना चाहते है इस लिये में तो बाबा साहब ही कहुगा''
6. अजा वर्ग की राजेश शाक्य कोटा राजस्थान लिखती हैं कि ''यह सवाल क्यो? डा. भीम राव अम्बेडकर जी ने ही लिखा है.''
7. मॉयनोरिटी वर्ग के सरदार गुरमीत सिंह अम्बाला हरियाणा लिखते हैं कि ''भारतीय संविधान का मूल पाठ अंग्रेजों दुवारा ही निर्मित है, जिसमे कुछ भारतीय सन्दर्भ में पैबन्द लगाए गए है, देश की सबसे बड़ी ताकत न्याय प्रणाली है,जो आई पी सी से चलती है जो अंग्रेजो ने भारतीयों को गुलामी में जकड़ने के लिए 1861 में बनाई थी जो आजाद भारत मे ज्यों की त्यों लागू है,ये ही आई पी सी पाकिस्तान में भी लागू है,किसी कनसीपरेन्सी के तहत ही यह चलन में है।''
8. अजा वर्ग के उत्तम कुमार गौतम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश लिखते हैं कि ''संविधान सभा में कुल 7 सदस्य थे, सभी निकम्मे, मूर्ख, बीमार और विदेश घूमने वाले थे. 7तो सदसयो ने कुछ नहीं किया. अकेले बाबा साहब ने संविधान सारा बनाया. संविधान बनाने पर सवाल उठाने वाले बाबा साहब के और बाबा साहब के संविधान के दुश्मन हैं. संविधान बुद्धमय भारत बनाने का सूत्र है. भारत एक दिन बुद्धिस्तान बनेगा.''
9. ओबीसी के प्रेम प्रकाश भाटी, धार मध्य प्रदेश से लिखते है कि ''संविधान तो संविधान सभा ने बनाया था. वोट के लिये अम्बेड़कर को निर्माता बना दिया. सूचना अधिकार कानून के तहत पूछा जा सकता है कि संविधान निर्माता कौन है। संविधान को बनाने में संविधान सभा के सदसय रहे देश के विद्वानों का योगदान है। अकेल अम्बेड़कर को श्रेय देना संविधानसभा का अपमान है।''
10. अनारक्षित वर्ग के अरुण मिश्रा पटना, बिहार से लिखते हैं कि ''संविधान अंग्रेजी अधिनियमों की नकल के साथ दूसरे देशों के संविधानों की नकल है। खुद अम्बेडकर ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे घटिया संविधान बताया है। यही वजह है कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है। दलित, आदिवासी अभी भी सत्ता से कोसों दूर हैं। कुछ परिवार रिजर्वेशन का फायदा उठा रहे हैं। संघ की चंडान चौकड़ी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। लेकिन संविधान कुछ नहीं कर सकता। ऐसा संविधान किस काम का?''




-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'-राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल
संपर्क : 9875066111, 25092017

कस्तूरबा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को किया जा रहा प्रताड़ित: माले

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  • बिहार में तकरीबन 200 प्राथमिक विद्यालय पड़े हैं बंद, सरकार को कोई चिंता नहीं.

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पटना 24 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार में प्राथमिक विद्यालयों की दिन-प्रतिदिन गिरती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ आज सूबे के सैकड़ो प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया है, तो दूसरी ओर कस्तूरबा विद्यालयों में छात्राओं का दमन-उत्पीड़न बदस्तूर जारी है. प्राथमिक शिक्षा की स्थिति तो बद से बदतर हो गयी है. उन्होंने कहा कि इसी साल जनवरी महीने में वैशाली डीका बलात्कार-हत्या  कांड ने कस्तूरबा विद्यालयों की वास्तविक स्थिति का पूरी तरह पर्दाफाश कर दिया था. लेकिन उसके बाद भी सरकार नहीं चेती और इन विद्यालयों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. उलटे छात्राओं का दमन-उत्पीड़न और बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि इस बार बेगूसराय जिले के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं को उत्पीड़ित करने की घटना सामने आयी है. जिले के खोदामनपुर प्रखंड के नुरूल्लापुर गांव में 17 सितंबर को कस्तूरबा विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जावेद अख्तरी की मोबाइल की चोरी हो गयी. प्रधानाध्यापक के कहने पर वार्डन ने झूठ-सच का पता लगाने के लिए 13 बच्चियों के हाथों पर जलता हुआ अंगारा रख दिया. जिसकी वजह से 6 वर्षीय मनीषा व 8 वर्षीय निशा का हाथ पूरी तरह जल गया है. अन्य छात्रायें भी घायल हैं. भाकपा-माले की एक जांच टीम ने घटनास्थल का दौरा करके इस घटना का जायजा लिया. जांच दल में माले जिला सचिव काॅ. दिवाकर प्रसाद, खेग्रामस नेता चंद्रदेव वर्मा और डाॅ. यू चंद्रा शामिल थे. जांच दल ने प्रधानाध्यापक व वार्डन की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है.


माले सचिव ने यह भी कहा कि आज बीएचयू से लेकर बिहार के कस्तूरबा विद्यालयों तक में छात्राओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा आज बेटियों के दमन-उत्पीड़न में तब्दील हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में शिक्षा की लगातार गिरती स्थिति बेहद चिंताजनक है. आज भवन, शिक्षक, पुस्तक आदि के अभाव में राज्य के तकरीबन 200 प्राथमिक विद्यालय पूरी तरह बंद हो गये हैं, लेकिन सरकार को इसकी तनिक भी चिंता भी नहीं है. अकेलेे अरवल जिले में कई स्कूल बंद कर दिये गये हैं. ढोरहा, निसनपुर सरवर, अरवल सदर के बोबनी, करपी के जगमोहन बिगहा, सुकन बिगहा में प्राथमिक विद्यालयों में ताला लग गया है. कई गांवों में स्कूल सामुदायिक भवन अथवा किसानों के दालान पर चलते हैं. सत्र समाप्ति की ओर है, लेकिन 1 से 8 वर्ग के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए किताबें अब तक उपलब्ध नहीं करायी गयी है. शिक्षा की ऐसी स्थिति बेहद चिंताजनक है.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 25 सितम्बर

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पीएचई के लैब तीन स्थलों पर खुलेगे, कलेक्टर द्वारा लंबित आवेदनों की समीक्षा

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लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय सिरोंज, बासौदा एवं ग्यारसपुर में लैब खोले जाएंगे। कि जानकारी लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक में विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अजय दिवाकर ने दी। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने तीन विकासखण्डो में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए रिक्त भवनों में लैब का संचालन कार्य शीघ्र किया जाएं। श्री सुचारी ने बताया कि लोक तंत्र सेनानियों के नवीन परिचय पत्र जिले मेें भी जारी किए जाने है अतः समस्त एसडीएम अपने-अपने कार्य क्षेत्रों की ततसंबंधी सूची समुचित जानकारियों सहित शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री सुचारी ने बासौदा, कुरवाई एवं लटेरी निकायो के अधिकारियों को शोकाॅज नोटिस देने के निर्देश दिए है। ज्ञातव्य हो कि पूर्व उल्लेखित तीनों निकायों के अधिकारियों द्वारा निकाय क्षेत्र में क्रियान्वित हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में आशातीत लक्ष्यों की पूर्ति अभी तक नही की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि अब मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मुख्यमंत्री समाधान आन लाइन एवं जनसुनवाई के तमाम आवेदन एक ही पोर्टल पर प्रदर्शित होंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे शासन की प्राथमिकता वाले उक्त कार्यक्रम के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण समय सीमा में करते हुए निराकरण की जानकारी आन लाइन पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऐसे आवेदन जो न्यायालयों में विचाराधीन है उन सभी आवेदनों को फोर्स क्लोज करने की कार्यवाही की जाए। संबंधित आवेदक को इस बात से अवगत कराया जाए कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन एवं जनसुनवाई कार्यक्रम में न्यायालयीन प्रकरणों पर विचार नही किया जाता है।  कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट प्लान तैयार किया जा रहा है अतः जिन विभागों के द्वारा अब तक कार्य योजना के प्रस्ताव जमा नही किए गए है वे एक दिवस के भीतर जमा करना सुनिश्चित करें। जिला योजना अधिकारी ने बताया कि जिले की कार्ययोजना सभी विभागों के प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर प्रस्तुत की जाएगी। राज्य योजना आयोग द्वारा समीक्षा के उपरांत विभागों को बजट आवंटन की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर श्री सुचारी ने एकीकृत बाल विकास सेवाएं के जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए है कि आंगनबाडी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को दूध का वितरण किया जाना है। दूध वितरण की कार्यवाही हो रही है कि नहीं। कि क्रास मानिटरिंग की जाए और वाट्स-अप पर फोटो अपलोड हर रोज कराएं जाएं। टीएल बैठक में आधार पंजीयन, जाति प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय, डिप्टी कलेक्टर श्री एके मांझी समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।


समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के प्रस्ताव प्रेषित

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य के लिए जिले के दो केन्द्र क्रमशः विपणन सहकारी संस्था विदिशा एवं विपणन सहकारी संस्था शमशाबाद केन्द्र खामखेडा में बनाएं जाने की अनुमति प्राप्ति हेतु प्रस्ताव आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल को प्रेषित किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो इसके लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति में कलेक्टर स्वंय अध्यक्ष होंगे उसके अलावा नौ सदस्यों को शामिल किया गया है। जिसमें जिला आपूर्ति अधिकारी, लीड बैंक अधिकारी, कृषि विभाग के उप संचालक, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जिला विपणन अधिकारी (माफेड) , जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग एण्ड लाॅजिस्टिक्स कार्पोरेशन एवं जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को शामिल किया गया है। शासन द्वारा धान उपार्जन कार्यो के संबंध में जारी नीति अनुसार जिले में धान उपार्जन का कार्य 15 नवम्बर से 15 जनवरी 2018 तक किया जाएगा। कृषकोें से उपार्जन कार्य सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक किया जाएगा। शनिवार और रविवार को स्कंद का परिवहन, साफ्टवेयर में प्रविष्टियां एवं गुणवत्ता विवाद का निराकरण एवं प्रदाय केन्द्र गोदामों पर अपग्रेडेशन का कार्य किया जाएगा। 

किसान पंजीयन का सत्यापन
धान उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन ई-उपार्जन साफ्टवेयर में होना चाहिए। विगत खरीफ विपणन मौसम में उपार्जन हेतु पंजीयन किए गए किसानों की जानकारी का सत्यापन राजस्व विभाग के अमले द्वारा किया जाएगा और सत्यापित जानकारी कम्प्यूटर में दर्ज की जाएगी। इस वर्ष ऐसे सभी किसानों के पुनः नवीन पंजीयन की आवश्यकता नही है। कदापि यह किसान जब केन्द्र पर उपज विक्रय हेतु आएं तब इनके वेलेड एकाउंट नम्बर तथा मोबाइल नम्बर का सत्यापन कार्य किया जाएगा। ऐेसे किसान जिनके द्वारा विगत वर्ष पंजीयन नही कराया गया है और वे समर्थन मूल्य पर उपर्ज विक्रय करने के इच्छुक है तो उन्ही किसानों का नवीन पंजीयन ई-उपार्जन साफ्टवेयर एवं पंजीयन उपरांत सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा कराया जाएगा। किसानों को एसएमएस कर सूचना दी जाएगी। उपार्जन केन्द्रों पर टोल कांटे, एफएक्यू गुणवत्ता का निर्धारण, भुगतान एवं पर्यवेक्षण माॅनिटरिंग के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए है।

वेतन भुगतान 29 तक

जिला कोषालय अधिकारी श्री अश्विनी सिंह परिहार ने बताया कि जिले में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों को आगामी माह का वेतन भुगतान 29 सितम्बर तक  करने के निर्देश शासन द्वारा जारी किए गए है। उन्होंने सभी आहरण संवितरण अधिकारियों से कहा है कि पेबिल 27 तक जनरेट कर टेªजरी में जमा कराना सुनिश्चित करें ताकि समय पर कार्यालयीन स्टाॅफ को सितम्बर पेड-अक्टूबर माह का वेतन भुगतान किया जा सकें। जिला कोषालय अधिकारी श्री परिहार ने बताया कि आगामी त्यौहारो और 30 सितम्बर से दो अक्टूबर तक लगातार अवकाश होने के कारण उक्त कार्यवाही क्रियान्वित की गई है। 

बिहार : बी॰एच॰यू॰ की छात्राओं के ऊपर लाठी चार्ज के खिलाफ ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने निकाला मशाल जुलूस

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  • कुलपति को बर्खास्त करने की मांग, पूरे देश में छात्राओं के समर्थन में जोरदार आंदोलन का आह्वान।

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पटना:- आॅल इण्डिया स्टूडेण्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध के छात्र-छात्राओं ने आज पटना विश्वविद्यालय मुख्य द्वार से मशाल जुलूस निकाला। मशाल जुलूस के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने बी॰एच॰यू॰ की छात्राओं के ऊपर दमन के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया एवं छात्राओं के आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त की। आज शाम 6ः00 बजे पी॰यू॰ गेट से हाथ में मशाल, तख्तियां एवं झण्डों के साथ ए॰आई॰एस॰एफ॰ के छात्र-छात्राओं ने अशोक राजपथ मार्च किया। मशाल जुलूस शहीद भगत सिंह चैक पर पहुंचकर सभा मेें तब्दील हो गया। जहाँ बड़ी तादाद में छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त आम जनता ने भी बी॰एच॰यू॰ छात्राओं का समर्थन किया। सभा को संबोधित करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि आधी रात को छात्राओं के ऊपर लाठी चार्ज शर्मनाक है। छात्रा के साथ छेड़खानी के बाद उपजे आक्रोश को बदनाम करने में ही बी॰एच॰यू॰ प्रशासन अपनी ऊर्जा लगा रहा है। छात्राओं के आंदोलन की वजह से प्रधानमंत्री के काफिले के रूट को मोड़ा गया लेकिन चन्द कदम की दूरी पर प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री मौजूद रहे। छात्राओं के बीच आने की बात तो दूर बयान देना भी उचित नहीं समझा। छात्राआंे के बहादुराना संघर्ष को सलाम करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश मंे छात्रों के अलावे आम अवाम इस संघर्ष में साथ हैं। सभा की अध्यक्षता करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ जिला अध्यक्ष राजीव किशोर ने बी॰एच॰यू॰ के कुलपति के गैर-जिम्मेदाराना बयान की निन्दा करते हुए नैतिकता के आधार पर कुलपति की बर्खास्तगी की मांग की। मोदी-योगी महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन असलियत आज सबके सामने है। मशाल जुलूस में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सह सचिव रणजीत पंडित, राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश कुमार, जिला सह सचिव विकास कुमार, प्रतिभा कुमारी,  प्रतियोगी परीक्षार्थी संघ के राज्य संयोजक सुभाष पासवान, तौसीक आलम, आनन्द कुमार, विमल, प्रशांत, राजेश, सुमन, अभिषेक कुमार सहित दर्जनों छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 25 सितम्बर

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राजवाडा गरबोत्सव में शक्ति एवं भक्ति की बह रही निर्झरिणी
  • महिला सषक्ति करण को लेकर दिया स्लोगन आद्य शक्ति -नारी शक्ति
  • आज होगी स्वच्छता पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता

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झाबुआ । श्री देवधर्मराज नवदुर्गा उत्सव समिति द्वारा नगर के हृदय स्थल राजवाडा चैक पर आयोजित नौ दिवसीय गरबोंत्सव में श्रद्धा,भक्ति एवं उमंग की लहर बनी हुई है । पूरा नगर गुजराती संस्कृति से आच्छादित इस गरबों का आनंद प्राप्त करने के लिये  राजवाडा चैक पर रात्री 9 बजे से उमड रहा है । राजवाडा मित्र मंडल के गोपाल नीमा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नवरात्री के चैथे दिन रविवार को मध्यरात्रि के बाद तक भक्ति एवं आनंद का संगम दिखाई दिया । श्री देवधर्मराज मंदिर मे बिराजित मां दुर्गा की महा मंगल आरती रात्री 8-30 बजे की गई । जिसमें श्री चिंतामन गणेश मंदिर समिति से राजेन्द्र जैन, अमित जैन, पंकज साकी,  वार्ड 8 से भाजपा पार्षद श्रीमती प्रीति जितेंद्र पांचाल, टेबल टेनिस एसोशिएशन से राजेश गौतम, जितेंद्र सोलंकी मॉर्निंग क्लब से राजेन्द्र सोनी, श्रीराम शर्मा, महेंद्र शर्मा ने अपनी उपस्थिति दी तथा दर्शनलाभ प्राप्त किये । रात्री 9 बजे से संगीत की स्वर लहरियों के साथ गुजरात के कलाकारो के मधुर कंठ से निकली मां सरस्वती रूपी शब्दों ने पूरे वातावरण को  पावागढ मय कर दिया । हजारों पांव संगीत एवं स्वर पर थिरक रहे थे और हर कोई परम्परागत एवं नवीन परिधानों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा था । गरबों के दौरान अतिथि के रूप में नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती मन्नू डोडियार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सचिव रोहिन रॉय जिला भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती भानपुरिया विशेष रूप से उपस्थित थे । महिलाओं, युवकों एवं बच्चों ने गरबोत्सव में एक से बढ कर स्टेप का प्रदर्शन करते हुए पुरे माहौल को माता मय बना दिया । मित्र मंडल के गोपाल नीमा ने बताया कि राजवाडा मित्र मंडल नवदुर्गा उत्सव के दौरान सामाजिक सरोकार के विषय को भी पूरे शिद्दत के साथ महत्व देता है। मित्र मंडल की महिला विंग की संरक्षक श्रीमती शोभना शर्मा ने बताया कि हर वर्ष इस दौरान हम अपना एक स्लोगन देते हैं जिसका उद्देश्य इस संदेश को घर-घर तक पहुंचना हैं । और इसके लिए हम हर स्तर पर प्रयास करते हैं । हमारी टीम महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर हैं । इस वर्ष का हमारा स्लोगन आद्य शक्ति -नारी शक्ति हैं । कार्यक्रम की अगली कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप सामुदायिक स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतू आज 26 सितंबर को पैलेस गार्डन झाबुआ पर दोपहर 3 बजे से 18 वर्ष तक के बच्चों की एक स्वछता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा हैं । इसमें भाग लेने वालों बच्चों को तीन आयु वर्ग में बाँटकर तीनो ही ग्रुपों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार जो क्रमशः रूपये 3000-2000-1000 के मान से होगें को पुरस्कार की नगद राशि व प्रमाण पत्र दिए जाएंगे । साथ ही भाग लेने वाले शेष सभी छात्रों को भी सान्त्वना पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र व पुरस्कार दिए जाएंगे । श्रीमती शर्मा ने अधिक से अधिक संख्या में बच्चो से भाग लेने का आह्वान भी किया । राजवाडा चैक पर प्रतिदिन हो रहे गरबों को निहारने के लिये गा्रमीण क्षेत्रों से भी बडी संख्या में लोग आरहे है तथा गरबों की प्रस्तुति देख कर उनकी प्रसन्नता भी उनके चेहरो पर झलकती साफ दिखाई देती है । राजवाडा मित्र मंडल ने राजवाडा चैक पर आयोजित गरबों में सहभागी होने की नगर की धर्मप्रेमी जनता से अपील की है ।


पाठक मंच की समीक्षा बैठक में ख्यात लेखिका मृदुला सिन्हा की पुस्तक ‘‘ढाई बीघा जमीन’’ की हुई समीक्षा

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झाबुआ। शा.बा.उ.मा.वि. विद्यालय रातीतलाई (झाबुआ) के हाॅल मंे मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल के उपक्रम ‘‘पाठक मंच झाबुआ’’ के बैनर तले ख्यात लेखिका मृदुला सिन्हा की पुस्तक ‘‘ढाई बीघा जमीन’’ की पुस्तक समीक्षा गोष्ठी का कार्यक्रम हिन्दी दिवस पखवाड़े के अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सेवा निवृत्त प्राचार्य श्री अरविन्द व्यास के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामशंकर ‘‘चंचल’’ व पाठक मंच के जिला संयोजक भेरूसिंह चैहान ‘‘तरंग’’ की अध्यक्षता पं. गणेश प्रसाद उपाध्याय व शायर एजाज नाजी धाखी के विशेष आतिथ्य मंे माँ सरस्वती की प्रतिमा एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवल कर किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम ‘‘पाठक मंच’’ के जिला संयोजक भेरूसिंह चैहान ‘‘तरंग’’ ने सरस्वती वंदना के साथ ही पाठक मंच की स्थापना एवं उसके उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि पुस्तकें ज्ञान का खजाना होती है और वर्तमान मंे पाठक पुस्तकों से दूर होता जा रहा है। पुस्तकों के प्रति पाठको का रूझान बढ़े इसलिए पाठक मंच इस उद्देश्य को पूरा करता है। श्री अरविन्द व्यास ने बताया कि कहानी मंे मानव जीवन की किसी एक घटना व्यक्ति के एक पक्ष का मनोरम चित्रण रहता है। कहानी ऐसी रचना है जिसमंे जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। मृदुला सिन्हा की सभी कहानियां रोचक एवं ज्ञानवर्धक है। इनकी कहानियां पढ़ने के लिए पाठक अंत तक बंधा रहता है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि पाठक मंच, अपने उद्देश्य की पूर्ति मंे पूर्णरूप से सफल रहेगा। यह एक सराहनीय कार्य है। वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामशंकर ‘‘चंचल’’ ने कहा कि - कहानी मंे कम से कम पात्र होते है, इसलिए अनेक कहानियां एक बैठक मंे पढ़ी जा सकती है। कहानी का आनंद पढ़कर लिया जा सकता है। ‘‘ढाई बीघा जमीन’’ पुस्तक में सामाजिक जीवन की व्यधाओं का चित्रण बहुत ही सरल-सहज ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसमंे समाज की ज्वलंत समस्याओं को उजागर कर पटल पर रखा गया है। कवि पं. गणेश प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि मृदुला सिन्हा की पुस्तक मंे  रोजमर्रा के जीवन के सभी पहलुओं का ताना बाना बुना गया है। लेखिका ने अन्र्तमन मंे उठने वाले विचारों को पुस्तक मंे लिपिबद्ध किया है। यह विचार जीवन में मिलने वाले कटु अनुभवांे का निचैड है, उनकी अनेक वर्षो की तपस्या का फल होते हुए किसी ज्ञानी व्यक्ति की अनवरत साधना का परिणाम है। एजाज नाजी धारवी ने कहा कि पुस्तक मंे लेखिका ने अपनी कलम के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का अथक प्रयास किया है। प्रवीण सोनी ने कहा कि सभी कहानियां सरल सीधी भाषा शैली मंे है। कहानियां पढ़कर अलौकिक आनंद की प्राप्ति हुई। विक्रम गिरवाल ने बताया कि प्रभावपूर्ण शैली का प्रयोग इनकी कहानियों मंे रोचकता प्रदान करता है। कवि कुलदीपसिंह पंवार ने बताया कि पुस्तक रोचक व पठनीय है। उक्त पुस्तक पाठको को बहुत ही पसंद आएगी। इस अवसर पर साहित्यकार डाॅ. के.के. त्रिवेदी एवं श्रीमती देवयानी नायक की समीक्षा भी प्राप्त हुई जिसे तुषार राठौर ने पढ़ी। कार्यक्रम के अंत मंे हिन्दी दिवस पखवाड़े के अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसे सर्वश्री अरविन्द व्यास, डाॅ. रामशंकर ‘‘चंचल’’, पं. गणेश प्रसाद उपाध्याय, एजाज नाजी धारवी, सुरेश समीर, भेरूसिंह चैहान ‘‘तरंग’’, कुलदीप सिंह पंवार, तुषार राठौर ने अपनी रचनाओं से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुरेश समीर एवं आभार व्यक्त किया पाठक मंच के जिला संयोजक भेरूसिंह चैहान ‘‘तरंग’’ ने किया।

महाविद्यालय के विकास को लेकर हुई चर्चा, पूर्व छात्र संगठन की बैठक संपन्न

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झाबुआ। शासकीय शहीद चन्द्रषेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ के पूर्व छात्र संगठन की आवष्यक बैठक संगठन के अध्यक्ष डाॅ. एलएस राठौर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से पूर्व छात्र संगठन को सक्रिय करने एवं महाविद्यालय के विकास में अपनी सहभागिता देने के संबंध में चर्चा हुई। बैठक का प्रारंभ करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य एचआर अनिजवाल ने उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों का स्वागत करते हुए वर्तमान में महाविद्यालय में चल रहीं व्यवस्थाओं के संबंध में संपूर्ण जानकारी दी एवं पूर्व छात्र संगठन ने निवेदन किया कि आगामी 26 सितंबर को महाविद्यालय में बैंगलोर से मूल्यांकन समिति के तीन सदस्यों का आगमन होगा, जो दो दिनों तक महाविद्यालय की गतिविधियों की सूक्ष्म जांच एवं अवलोकन कर महाविद्यालय को ग्रेडेषन करेंगे। वर्तमान में महाविद्यालय को बी प्लस ग्रेड प्राप्त है और हमारी तैयारी यह है कि महाविद्यालय को ए ग्रेड प्राप्त हो, जिसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

महाविद्यालय को ए ग्रेड दिलवाने के प्रयास
जनभागीदारी समिति अध्यक्ष एवं पूर्व छात्र संगठन के सचिव यषवंत भंडारी ने कहा कि प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल में महाविद्यालय की एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा ग्रेडेषन का कार्य किया जाता है। महाविद्यालय को राष्ट्रीय उत्कृष्ट षिक्षा अभियान एवं मप्र शासन द्वारा विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के लिए एवं निर्माण कार्यों के लिए करोड़ो रूपए का अनुदान प्राप्त होता है। ऐसी स्थिति में हम सभी को मिलकर हमारे महाविद्यालय को ए ग्रेड प्राप्त हो, ऐसे प्रयासों में हमे सहयोग प्रदान करना चाहिए।

नए कक्षों एवं प्रयोगषाला निर्माण की पहल की जाए
वरिष्ठ अभिभाषक एवं उपाध्यक्ष अषोकसिंह राठौर ने पूर्व छात्र संगठन के माध्यम से झाबुआ शहर मे ंपुनः विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने की मांग की एवं इस संबंध में बार एसोसिएषन झाबुआ की ओर से पूर्ण सहयोग देने के लिए आष्वास्त किया। जनभागीदारी समिति के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने कहा कि वर्तमान में हमारे महाविद्यालय के छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ रहीं है तथा संसाधन सीमित है। हमे जनभागीदारी समिति के माध्यम से एवं शासन के उच्च षिक्षा विभाग से इसे प्रयास कर नए कक्षों एवं नई प्रयोगषाला निर्माण की तत्काल पहल करना चाहिए। पूर्व पदाधिकारी प्रदीप रूनवाल, मांगीलाल भूरिया, ओमप्रकाष शर्मा, श्रीमती अर्चना राठौर, निषार पठान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक के अंत में छात्र संघ के पदाधिकारी डाॅ. रविन्द्रसिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

पण्डित जी के बताए अनुशासन को अपनाकर व्यक्तिवाद को नकारे कार्यकर्ता - जिलाध्यक्ष श्री भावसार
  • एकात्ममानववाद प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय का जन्मतिथि समारोह आयोजित

झाबुआ। एकात्म मानववाद के प्रणेता और भाजपा के प्रेरणा पुरुष पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मतिथि का सुअवसर हम कार्यकर्ताओ के लिए संगठन की रीती नीति और कार्यपद्धति के अनुरूप कार्य करते रहने का स्मरण दिवस भी हैं।जरूरी हैं की हम पण्डित जी के दर्शाए मार्ग पर चलते हुए अनुशासन को अपनाए और संगठन की सामूहिक विचारधारा को आत्मसात करने वालो का साथ समृद्ध करते हुए व्यक्तिवाद को महत्व देने वालो को दरकिनार करे ताकि संगठन अपनी मूल विचारधारा अनुरूप जनमानस में अपनी गहरी पकड़ के साथ जनहित के कार्यों को करने में लगातार और अधिक सशक्त बनता रहे। उक्त विचार भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार ने पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मतिथि पर आयोजित जयंती समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सुखदेव विहार कॉलोनी स्थित भाजपा जिला कार्यालय पर आयोजित समारोह की जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया जिलाध्यक्ष श्री भावसार ने कहा यह अवसर उन सभी कार्यकर्ताओं के लिए भी आत्मविश्लेषण का समय हैं जो व्यक्तिवाद से ग्रस्त होकर उपस्थित नहीं हो पाए हैं।उन्होंने पण्डित जी के अनुशासन और सादगी का उदाहरण देते हुए कहा कालीकट (कोलकाता) के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य वक्ता का दायित्व उन पर था और गाडी के देर से पहुँचने तथा स्टेशन से आयोजन स्थल की दूरी अधिक होने की स्थिति में उन्होंने बिना देर करे सायकल से लम्बी दूरी तय कर ठीक समय पर अपनी उपस्थिति दी थी।स्वच्छ भारत अभियान के प्रदेश संयोजक श्री कल्याणसिंह डामोर ने कहा हमें पण्डित जी के दर्शाए मार्ग पर चलते हुए  व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि संगठन के लिए कार्य करना हैं। हमारी सबकी पहचान संगठन से हैं। जिला उपाध्यक्ष श्री ओपी राय ने कहा कार्यकर्ताओं के लिए जरूरी हैं की वो संगठन की विचारधारा को अपना आदर्श बनाकर कार्य करे ना कि किसी व्यक्ति या धनबल को महत्व दे।यह समय पण्डित जी की जन्मशताब्दी समारोह का समय होने के साथ आगामी 2019 में संगठन दृष्टी से महत्वपूर्ण अवसर लिए तैयारियों का भी समय हैं।जिला मंत्री और नगर मण्डल प्रभारी श्री गोपालसिंह पँवार ने कहा संगठन हित में अब जरूरी हो गया हैं की ऐसे सभी दायित्ववानों को दायित्व मुक्त किया जाए जो अपनी भूमिका और दायित्व का निर्वाह करने में लगातार असमर्थ साबित हो चुके हैं।कई सक्रिय और योग्य कार्यकर्ता संगठन में अपना समय और समर्पण दे रहे हैं , उन्हें आगे लाना होगा।भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पं. गणेशप्रसाद उपाध्याय ने जनसंघ से जुड़ी अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए संगठन की मजबूती के लिए त्रिस्तरीय आधारभूत सूत्र बताए। उन्होंने कहा संगठन की सफलता के लिए जरूरी हैं की बुजुर्गों (अनुभवी) का होश , जवानों (सक्रिय कार्यकर्ता) का जोश और कोषाध्यक्ष का कोष सदैव मजबूत होना चाहिए।कार्यकर्ता तिल की तरह होते हैं जिन्हें संगठन रूपी चासनी से मजबूत बनाया जा सकता हैं।पीजी कॉलेज जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री यशवंत भण्डारी ने कहा आगामी समय चुनावी समर का हैं , जिसके लिए अभी से कार्यकर्ताओं को सक्रिय होना जरूरी हैं। हमें पण्डित दीनदयाल जी के दर्शाए मार्ग पर निरन्तर चलकर संगठन को सफलता दिलानी हैं।समारोह पश्चात भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने उत्कृष्ट मार्ग तिराहे स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय प्रतिमा स्थल पहुँच प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। जयंती समारोह में वक्ताओं सहित जिला महामन्त्री श्री दिलीप कुशवाह , जिला उपाध्यक्ष श्री अजय पोरवाल , जिला मंत्री श्रीमती सावित्री मेड़ा , झाबुआ ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष श्री हरु भूरिया , मण्डी उपाध्यक्ष श्री बहादुर हटीला , अजजा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री मीजिया कटारा मंचासीन व समारोह में अनेक भाजपाजन उपस्थित थे।संचालन नगर मण्डल महामन्त्री श्री किर्ती भावसार ने किया व आभार श्री हरु भूरिया ने माना।

आईओसीएल ने आयोजित किया नेत्र शिविर, 325 लोगों को चष्मों का वितरण किया गया ।

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झाबुआ । इण्डियन आईल कार्पोरेशन लिमिटेड पश्चिमी क्षेत्र पाईप लाईन्स रतलाम द्वारा मेघनगर के बालक उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रविवार को निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गा । कार्यक्रम का शुभारंभ आईओसी के उप महाप्रबंधक कोयली एन के सिन्हा ने मुख्य प्रचालन पं्रबंधक रतलाम जीआर खिलापुरे, प्राचार्य एसएन शर्मा, थाना प्रभारी जीआर बरडे अनिल चैहान एवं पुष्पेन्द्रसिंह की उपस्थिति मे किया गया । कार्यक्रम के दौेरान  विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया । नेत्र शिविर में 200 से अधिक गा्रमवासियों द्वारा नेत्र जांच शिविर का लाभ प्राप्त किया  तथा करीब 325 से अधिक चश्मों का वितरण किया गया तथा 100  मरीजों को चश्मों का यथाशीघ्र वितरण किया जावेगा ।

पाष्र्व पद्मावती महापूजन का हुआ भव्य आयोजन, आचार्य श्रीजी ने प्रदान की निश्रा

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झाबुआ। विष्व पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा द्वारा प्रतिष्ठित स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय मंे राष्ट्रसंत आचार्य देवेष श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्र सूरीष्वरजी मसा की निश्रा में वर्षावास चल रहा है। इसी के तहत बावन जिनालय में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम भी संपन्न हो रहे है। इसी क्रम मंे सोमवार को भव्याति भव्य श्री राज राजेष्वरी पाष्र्व पद्मावती महापूजन एवं भक्ति महोत्सव का आयोजन हुआ। पूजन में आचार्य श्रीजी द्वारा अपनी निश्रा प्रदान की गई। यह जानकारी देते हुए चार्तुमास समिति के संतोष जैन नाकोड़ा एवं सुभाषचन्द्र कोठारी ने बताया कि कविरत्न विद्याचन्द्र सूरीष्वरजी मसा के सुषिष्य वर्तमान आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्रसूरीष्वरजी मसा द्वारा मुनिराज रजतचन्द्रविजयजी मसा, मुनि जीतचन्द्रविजयजी मसा, मुनि श्री जनकचन्द्रविजयजी मसा, समता साधिका साध्वी श्री रत्नरेखा श्रीजी मसा, साध्वी अनुभव दृष्टाश्रीजी एवं मधुर गायिका साध्वी श्री कल्पदर्षिताश्री जी मसा आदि ठाणा की उपस्थिति में सोमवार को दोपहर 12.39 बजे विजय मुहुर्त में 27 जोडो द्वारा प्रत्येक पूजन 27-27 बार की गई। अष्टप्रकारी पूजन में यंत्र की 108 बार एवं प्रतिमा की 27 बार पूजन हुई। पूजन विधिकारक आनंदीलाल जैन, मुकेषभाई एवं दिलीपभाई मोहनखेड़ा द्वारा संपन्न करवाई गई। संगीतकार त्रिलोक मोदी अहमदाबाद के संगीतमय वातावरण में महापूजन का भव्य आयोजन हुआ। महापूजन पश्चात् 108 दीपकों से पद्मावती माताजी की महाआरती उतारी गई।

महिलाओं द्वारा सामूहिक डांडिया रास का हुआ आयोजन
शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक स्वामी वात्सल्य हुआ। रात्रि 7.30 बजे से भक्ति एवं मां पद्मावती देवी की नृत्य उपासना का कार्यक्रम डिम्पल डप्यूटी शाह कलाश्री ग्रुप बडौदा गुजरात की महिला कलाकारों द्वारा संपन्न हुआ। नृत्य उपासना के कार्यक्रम के बाद महिलाओं द्वारा सामूहिक डाडिया रास का आयोजन हुआ।

ग्रामीणो को शौचालय का उपयोग करने हेतु समझाईश दे
  • मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के विद्यार्थियों को सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे ने किया निर्देशित 

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झाबुआ । आज झाबुआ के अकादमिक प्रशिक्षण कक्ष में मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता किवास कार्यक्रम के विद्यार्थियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीईओं जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान अंतर्गत पूरें जिले को खुले में शौच से मुक्त किया जाना है। इसके लिए हर घर में शौचालय का निर्माण करवाये जाने के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित करे एवं जिन हितग्राहियों के शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण हो गये है, उन्हें शौच के लिए शौचालय का उपयोग करने के लिए समझाईश दे गांव के अन्य व्यक्तियों को साथ ले छोटे बच्चों की वानर सेना बनाकर ग्रामीणो को खुले में शौच करने से रोके। गाॅव में वानर सेना खुले में शौच करने वालो को सी.टी बजाकर रोकेगी। इसके लिए विद्यार्थियों को सी.टी भी प्रदाय की गई। सम्मेलन में जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्री वीरेन्द्र ठाकुर जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन श्री सुनिल सुमन सहित नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के विद्यार्थी उपस्थित थे। सम्मेलन में विद्यार्थियो ने अपने अनुभव साझा करते हुए उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का काम करने में आ रही समस्याओं से भी सीईओ जिला पंचायत को अवगत कराया। सीईओं जिला पंचायत श्रीमती भिडे ने विद्यार्थियो को समस्याओं का समाधान करने के लिए आश्वस्त किया।

भावांतर योजना में सभी किसानो का पंजीयन करवाये
  • बकरी पालन व्यवसाय के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित करे
  • कृषि विकास एवं किसान कल्याण संबंधी बैठक में एडीएम श्री चैहान ने दिये निर्देश

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झाबुआ । जिले में किसानो का चहुमंखी विकास करने के लिए आज कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर श्री एसपीएस चैेहान ने कृषि विभाग पशु पालन विभाग, मत्स्य विभाग, उद्यानिकी विभाग, आपूर्ति विभाग एवं सहकारी बैंक के माध्यम से संचालित योजनाओं की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी, परियोजना संचालक आत्मा श्री नर्गेस वरिष्ठ महाप्रबंधक केन्द्रीय सहकारी बैंक श्री पी.एन.यादव, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एम.के.त्यागी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कृषि संबंधी विभागों की योजनाओ की वर्तमान प्रगति एवं भावी कार्य योजना की समीक्षा की गई। बैठक में निर्देश दिये गये कि जिले में उन्नत नस्ल की बकरियाॅ जो, जिले की जलवायु के अनुसार अनुकूलित हो, हितग्राहियों को प्रदाय कर बकरीपालन व्यावसाय को प्रोत्साहित करे। भावंातर योजना में अब तक 1288 पंजीयन हो गये है शेष सभी किसानो को सूचित कर भावांतर योजना में किसानो का शत-प्रतिशत पंजीयन करवाना सुनिश्चित करे। पंजीयन जिले के 21 खरीदी केन्द्रो पर 11 अक्टूबर तक किये जायेगे। जिले में फल सब्जी उत्पादन के लिए किसानो को पाॅली हाउस लगाने एवं ड्रीप पद्धति से सिंचाई करने के लिए प्रोत्साहित करे।

3 से 11 अक्टूबर तक किसान सम्मेलन होगे
बैठक में उप संचालन कृषि श्री त्रिवेदी ने बताया कि जिले में 3 से 11 अक्टूबर 2017 तक विकासखण्ड स्तरीय कृषक सम्मेलन आयोजित किये जायेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 3 अक्टूबर को मेघनगर में, 4 अक्टूबर को राणापुर में, 6 अक्टूबर को पेटलावद में, 7 अक्टूबर को थांदला में 9 अक्टूबर को झाबुआ में एवं 11 अक्टूबर को रामा में किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

ग्राम पंचायतों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर विशेष ग्राम सभाएॅ आयोजित

झाबुआ । आज 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर स्वच्छता पखवाडे के दौरान जिले की ग्राम पंचायतो में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की गई। ग्राम सभा के दौरान स्वच्छता एवं ओडीएफ, जल रोको  तथा पेयजल एवं रबी की फसल पर चर्चा की गई। विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी कंेद्रों में मध्यान्ह भोजन के पूर्व सामूहिक हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस मनाया जाएगा
2 अक्टूबर 2017 को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्वच्छता समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट कार्य करने वालो को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक जनपद पंचायत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बालक, बालिकाओ, भजन मण्डिलयो, सफाई कर्मियो, एवं सरपंचो आदि को आमंत्रित कर सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा।

शौर्यादल की कार्यशाला संपन्न

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झाबुआ । आज एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना रामा में एक दिवसीय शौर्यादलों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित श्री आर.एस. बघेल जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी झाबुआ , श्री अजयसिंह चैहान सहायक संचालक, श्री सी.एस. बामनिया अधीक्षक बाल सम्पे्रक्षण गृह झाबुआ एवं समस्त पर्यवेक्षक आंगनवाडी कार्यकत्र्ताए, तथा शौर्यादलों के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में श्री बघेल ने विचार व्यक्त करते हुऐ शौेर्यादलों को आ.वा. केन्द्रों के संचालन, कुपोषण में कमी लाना, आंगनवाडी केन्द्र पर शत प्रतिशत बच्चों बुलाकर, टीकाकरण में सहयोग तथा विभागीय योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुॅचाना एवं स्वच्छता अभियान में सहयोग, बालक-बालिका का कम उम्र में विवाह नहीं हो ग्रामीणो को बताये की बाल विवाह हुआ, तो 1 लाख रू. जुर्माना, 2 वर्ष की सजा या दोनों से दंडित किया जायेगा। संबंधी जानकारी दी गई।  श्री सी.एस. बामनिया द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अन्तर्गत बच्चो की देखरेख एवं संरक्षण एवं पूनर्वास के संबंध में जानकारी दी गई है।  श्री अजयसिंह चैहान सहायक संचालक द्वारा शोैर्या दलों द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों पर जाकर मध्यान्ह भोजन की मानीटरिंग कर समूह को समझाईश देने एवं नियमित नाश्ता भोजन मिनू अनुसार प्रदाय करने तथा कुपोषित बच्चों के घरों में पंचवटी के तहत सुरजना, निम्बु, आवला एवं संगीया लगाई जाने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रामली डावर प्रभारी परियोजना अधिकारी द्वारा एवं आभार श्रीमती भावना भूरा द्वारा किया गया।

मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जल स्त्रोतो में छोडी गई गम्बुसिया 
  • मच्छरो के लार्वा को खायेगी लार्वा भक्षी मछली गॅम्बुसिया

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झाबुआ । वर्षा उपंरात जल में पनपने वाले मच्छरो से जनित बीमारियाॅ की संभावना बनी रहती है। वर्षा होने के कारण विभिन्न गड्डो, डबरो, नालियों में वर्षा का पानी अधिक एकत्रित हो जाने के कारण मच्छर जन्य बीमारिया होने की परिस्थितियां उत्पन्न होती है। रूके हुए पानी में मच्छर के लार्वा अधिक संख्या में पनप जाते है। जिसके कारण मच्छर जनित बीमारियो के रोगियो की संख्या अधिक हो जाती है। मलेरिया/डेंगू रोग के फैलाव को रोकने के लिये ग्रामीण क्षैत्रो के ऐसे सभी जल स्त्रोतो में जिसमें पानी भरा है, उन स्थानो को चिन्हित कर गम्बुसियां मछली डालकर लार्वा विनिष्टिकरण की गतिविधि का संचालन किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री चैहान ने बताया कि इस हेतु जिले में प्रथम चरण में माह सितम्बर में मलेरिया प्रभावित 46 ग्रामों के 391 स्थायी एवं अस्थाई जल स्त्रोतो में 1 लाख लार्वाभक्षी गम्बुसिंया मछली डाली गई। मछली के जल स्त्रोतों में संचयन होने के कारण पानी में पनप रहे लार्वा समाप्त हो जाते है, लार्वा को गम्बुसिया मछली खा जाती है। एवं मच्छर जन्य बीमारियों होने की परिस्थितियां समाप्त हो जाती है। जन सामान्य से अपील है कि डेंगू/मलेरिया/तथा चिकुनगुनिया के मच्छर साफ एवं रूके हुए पानी में पनपते है इसलिए प्रति सप्ताह कुलर, गमलों एवं टंकी की सफाई करे। सभी कटेनरो को ढंक कर रखे। अनुपयोगी टायर को जमीन में गाड दे। पानी की निकासी नियमित एवं सुचारू रूप से करे, पानी को एक स्थान पर जमा न होने दे। पानी की निकासी संभव न हो तो वाहनो का जला हुआ आॅयल या मिट्टी का तेल डाल दे। ताकि मच्छर अपने अंडे न दे सके। रात को सोते समय मच्छरदानी में सोये। नीम का धुंआ अवश्य करे।

मधुबनी : डीएम ने किया सात निश्चय समीक्षा बैठक

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मधुबनी, 25 सितम्बर; जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक की गई।  बैठक में वार सेल के सभी पदाधिकारी यथा जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, कार्यापालक अभियंता, विद्युत, विद्युत परियोजना प्रमंडल मधुबनी, सहायक अभिंयंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, प्रबंधक, डी.आर.सी.सी.,द्वारा भाग लिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारी को सात निश्चय की योजनाओ को मिशन मोड में प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन का निर्देश दिया  गया। उन्होने सभी पदाधिकारी को बिहार स्टूडेंट योजना, मुख्यमंत्री निशचय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर बिलजी, हर घर नल का जल-ग्रामीण क्षेत्र, हर घर नल का जल-शहरी क्षेत्र, घर तक पक्की गली - नालियां-ग्रामीण क्षेत्र, घर तक पक्की गली- नालियां-षहरी क्षेत्र, शौचालय निर्माण, घर का सम्मान-ग्रामीण क्षेत्र, शौचालय निर्माण, घर का सम्मान-शहरी क्षेत्र आदि योजनाओं के क्रियान्व्यन  में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी पदाधिकारी को दिनांक-03.10.17 तक अपना-अपना प्रतिवेदन जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी को देने का निर्देश दिया गया  साथ ही बिहार विकास मिशन के वेवसाईट पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया।  

श्रद्धा-आलिया की आवाज बनना चाहती है मैथिली ठाकुर

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पटना 25 सितंबर, सिगिंग रियलिटी शो राइजिंग स्टार की उपविजेता रही मैथिली ठाकुर की ख्वाहिश बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री श्रद्धा कपूर और आलिया भट्ट की आवाज बनने की है। राजधानी पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने आयी मैथिली ने वर्ष 2017 में सिंगिंग रियलिटी शो ‘राईजिंग स्टार’ की विनर बनने से मामूली अंतर से चूक गयी थीं। मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के उड़ेन गांव की रहने वाली मैथिली ठाकुर ने “यूनीवार्ता” से विशेष बातचीत में अपने दिल की हर बात की। उन्होंने कहा, “ राईजिंग स्टार शो ने उन्हें नई पहचान दी है। लोग अब उनकी गायिकी को जानने लगे हैं। अब बॉलीवुड फिल्मों में पार्श्वगायन के प्रस्ताव भी मिलने लगे हैं। हालांकि मैंने अबभी कोई फिल्म साइन नहीं की है।” मैथिली ने खुद को अदाकारा श्रद्धा कपूर और आलिया भट्ट की बड़ी फैन बताया और कहा कि उनकी ख्वाहिश इन अभिनेत्रियों की आवाज बनने की है। उन्होंने कहा, “श्रद्धा और आलिया फिल्मों में तो शानदार अभिनय करती ही हैं। अभिनय के साथ-साथ पार्श्वगायन करना काफी कठिन काम है लेकिन आलिया और श्रद्धा की यही बात उन्हें बेहद पसंद है।” इंडियन आइडल जूनियर-2015, सारेगामापा सहित कई सिंगिंग रियालटी शो में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा चुकी मैथिली ने संगीत से जुड़े अपने सफर को साझा करते हुए कहा कि संगीत की प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने दादा श्री शोभासिंधु ठाकुर उर्फ बच्चा ठाकुर और पिता एवं संगीत शिक्षक रमेश ठाकुर से मिली है। उन्होंने बताया कि जब वह महज चार साल की उम्र की थी तभी उन्हें संगीत से जुड़ाव हो गया। उन्होंने कहा “ मैंने चार साल की उम्र से ही अपने दादा और पिता से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी। गांव में संसाधन के अभाव में पिता के साथ दिल्ली आ गयी जहां वह संगीत प्रशिक्षण केंद्र भी चलाते है। इसके बाद मैंने वर्ष 2011 में सारेगामा लिटिल चैंप में हिस्सा लिया जिसमें टॉप 20 में जगह बनाने में कामयाब रही। इसके बाद वर्ष 2015 में इंडियन आइडल जूनियर में टॉप 20 में शामिल रही। 

सामयिकी : बाबाओं का फैला है जाल, अब तक कई फर्जी बाबा पहुँच गये जेल।

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कुछ लोग मजाक में ही सही, लेकिन अगर भारत को एक बाबा प्रधान देश कह रहे हैं तो शायद यह अतिश्योक्ति नहीं है! दरअसल, हाल में घटित फर्जी बाबाओं के जो काले कारनामे देखने को मिले, उससे निश्चित ही हमारी आस्था और विश्वास को गहरी चोट पहुंची है। क्या यह कम विडंबना का विषय है कि आज हमारे देश में जो सर्वेक्षण बेरोजगारों की गिनती करवाने के लिए होना चाहिए था, आज वह फर्जी बाबाओं की गिनती को लेकर किया जा रहा है। जब कोई व्यक्ति सरकारी धन का गबन करता है तो उसे अपराधी घोषित किया जाता है। तो क्या ये अलग-अलग धर्मों के बाबा और तथाकथित धर्मगुरु, जो देश के लोगों से करोड़ो की संपत्ति आस्था के नाम पर ठग या लूट रहे हैं, उन्हें भी यही दर्जा नहीं दिया जाना चााहिए? किसी सर्वेक्षण की एक खबर के मुताबिक विवादों के बाद तेईस प्रतिशत लोगों की आस्था बाबाओं से कम हुई है। पनचानबे प्रतिशत लोगों ने बाबाओं की संपत्ति की जांच की बात कही है और तीस प्रतिशत लोग बाबाओं के चत्मकार से अभी भी आकर्षित हैं। एक ओर जहां देश में बुलेट ट्रेन चलवाने के लिए सरकार की ओर से समझौते और प्रयास चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर फर्जी बाबाओं की ये खबरें आसमान से गिरा कर हमें खजूर में लटका देने जैसी हैं। क्या कारण है कि आज भी हमारे देश का पढ़ा-लिखा वैज्ञानिक भी कार में नींबू-मिर्ची लगा कर खुद को सुरक्षित मानता है? क्या कारण है कि आज कोई डॉक्टर भी बिल्ली के रास्ता काटने पर उलटे पांव मुड़ जाता है? कुकुरमुत्ते की भांति यत्र-अत्र-सर्वत्र उग आए ये तथाकथित बाबा कभी लाल और कभी हरी चटनियों में समस्याओं का निदान बताते हैं तो कभी गले में ताबीज और विभिन्न रंग के वस्त्र पहनने को समस्या का उपाय बताते हैं। विडंबना यह है कि इनके दरबार में लोगों की संख्या कम होने के बजाय दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। कई बाबाओं के तार सियासी दलों से जुड़े हुए हैं, जिनका भरपूर उपयोग राजनीति चमकाने के लिए नेता लोग करते हैं।


आज भारत के समक्ष विकसित राष्ट्र बनने की चुनौती है। ऐसे में हमें फर्जी बाबाओं के चंगुल से खुद को आजाद करवाना होगा। अपने भाग्य को इन बाबाओं के भरोसे न छोड़ कर अपने कर्म और खुद पर यकीन करना होगा। मेहनत से बढ़ कर किस्मत बदलने का कोई दूसरा औजार नहीं है। युवाओं को अपनी काबिलियत पर भरोसा करना चाहिए। मेहनत ही हाथों की लकीरें बदल सकती है। साथ ही मीडिया को यह समझना होगा कि फर्जी बाबाओं को टेलीविजन के स्क्रीन पर बैठा कर दर्शकों से अपनी समस्या को लेकर सीधे प्रसारण में सवाल पूछने जैसे कार्यक्रम तुरंत बंद किए जाएं। देश में सर्वव्यापी जागरूकता आंदोलन के लिए वैचारिक पृष्ठभूमि तैयार करने की जरूरत है। आखिरकार हमें अपने ज्ञान को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखते हुए उसे व्यवहार में भी लाना होगा। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमारी दृष्टि वैज्ञानिक चेतना पर आधारित होगी, तभी वह सार्थक है। हालाँकि ऐसे कई फर्जी बाबा है जो अपने काली करतुतों के कारण जेल पहुँच चुके है और कुछ पहुँचने वाले है...




--अखलाक़-
वरिष्ट पत्रकार, मधुबनी 

बिहार में अंधेर नगरी, चौपट राजा : शरद यादव

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पटना 25 सितम्बर, बिहार में महागठबंधन से नाता तोड़े जाने से नाराज जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज कहा कि राज्य में अंधेर नगरी और चौपट राजा है जिसके कारण विधि-व्यवस्था तो ध्वस्त हो ही चुकी साथ ही हर स्तर पर लूट मच गई है। श्री यादव अपनी संवाद यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत करने से पूर्व यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बिहार में अंधेर नगरी और चौपट राजा होने के कारण कानून-व्यवस्था समाप्त हो गयी है। अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है और अब उनमें कानून का भय नहीं रह गया। उन्होंने कहा कि लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश में पहली बार हुआ है कि बिहार के भागलपुर में उद्घाटन से पहले ही बांध टूट गया। बिहार में हर स्तर पर लूट मची हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी संवाद यात्रा देश के किसानों और नौजवानों के लिए है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय का स्वर्णिम इतिहास रहा है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। 


वहीं, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि श्री यादव जिस तरह का बयान दे रहे हैं उससे यह स्पष्ट है कि वह हताशा में हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें श्री यादव से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री यादव वास्तव में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार की विरासत को बचाने में लगे हैं।  जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने श्री यादव की संवाद यात्रा पर चुटकी लेते हुए कहा कि नवरात्र में मां दुर्गा उन्हें (श्री यादव ) ज्ञान का बोध करायें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर श्री यादव को अपना नजरिया स्पष्ट करना चाहिए। जदयू के ही प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि नवरात्र के समय पूजा का माहौल रहता है और ऐसे समय में भी श्री यादव अपना दुखड़ा रोने के लिए आयें हैं। उन्होंने कहा कि बिहार तो दूर उन्हें अपने पुराने संसदीय क्षेत्र मधेपुरा में भी लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। वहीं, दूसरी ओर राजद के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास व्यापक जनाधार है। उनकी संवाद यात्रा नीतीश सरकार के लिए परेशानी का कारण बनेगी। उन्होंने कहा कि श्री यादव की यात्रा बिहार के लिए सुखद साबित होगी। 

लालू ने पेशी के लिए सीबीआई से मांगा समय : राबड़ी देवी

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पटना 25 सितम्बर, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनके पति एवं राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के समक्ष आज पेश होने की बजाय समय की मांग की है। श्रीमती राबड़ी देवी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि श्री यादव को सीबीआई के दिल्ली कार्यालय में पेशी के लिये जाना था लेकिन इसके लिये उन्होंने समय की मांग की है। रेलमंत्री के पद पर रहते हुये रेलवे के रांची और पुरी के दो होटल को लीज पर दिये जाने में हुयी अनियमितता को लेकर श्री यादव से सीबीआई को पूछताछ करनी है और इसके लिये उन्हें आज सीबीआई के समक्ष पेश होना था। इससे पूर्व श्री यादव को सीबीआई के समक्ष 11 सितम्बर को इस संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिये उपस्थित होना था लेकिन भागलपुर में पार्टी की रैली के कारण उन्होंने असमर्थता जाहिर करते हुए उपस्थित होने के लिये और समय की मांग की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने राजद अध्यक्ष पर सीबीआई की कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि उनका परिवार परेशान नहीं है बल्कि परेशानी तो सीबीआई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को है। उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू कहीं नहीं है और उनकी पार्टी की लड़ाई सिर्फ भाजपा से है।


बिहार में गंगा किनारे के सभी गांव खुले में शौच से मुक्त

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पटना 25 सितंबर, गंगा नदी को निर्मल बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध बिहार सरकार ने आज दावा किया कि राज्य में इस नदी के किनारे बसे सभी गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गये हैं। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिहार में गंगा किनारे के सभी चिन्हित गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं। श्री कुमार ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, पटना समस्तीपुर, सारण एवं वैशाली सहित 12 जिलो के 307 पंचायतों के गंगा किनारे स्थित 472 गांव के परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराने के लिए चिन्हित किया गया था। मंत्री ने बताया कि कि नमामि गंगे परियोजना के तहत चयनित सभी 472 गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गये हैं। 

हिंसा के लिए बच्चों का इस्तेमाल बंद करे नक्सली और अलगाववादी संगठन : सत्यार्थी

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रांची 25 सितम्बर, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने हिंसा के लिए बच्चों के हो रहे इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर करते हुये आज कहा कि यदि बच्चों का भविष्य संवारना है तो उनके हाथों में पत्थर या हथियार देने की बजाय किताब या कलम देनी चाहिए। श्री सत्यार्थी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अलगाववादी या नक्सली संगठन बड़ी संख्या में बच्चों को आगे कर अपना हित साध रहे हैं, जो सही नहीं है। कश्मीर के अलगाववादी संगठनों की पत्थरबाजी हो या झारखंड जैसे राज्य में हिंसा के लिए नक्सली संगठन द्वारा बच्चों का इस्तेमाल घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चों का भविष्य संवारना है तो उनके हाथों में कलम या किताबें दी जानी चाहिए। बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे श्री सत्यार्थी ने कहा की यौन शोषण जैसे अपराध के खिलाफ कड़ा कानून बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा की 11 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत यात्रा का यही उद्देश्य है कि देश भर में इसको लेकर आवाज उठाई जाए। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि देश में हर घंटे आठ बच्चों की चोरी होती है वहीं प्रत्येक दो घंटे में एक बच्चे का बलात्कार होता है और इसके शिकार पांच से छह साल के बच्चे होते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस सामाजिक बुराई से बचाने के लिए कड़े कानून की आवश्यकता है। 


श्री सत्यार्थी ने कहा कि वैसे तो पोस्को कानून अस्तित्व में है लेकिन उसके तहत दर्ज काफी मामले लंबित पड़े हैं। वर्ष 2016 में पोस्को कानून के तहत करीब 15000 मामले दर्ज किए गए, जिनमें महज चार प्रतिशत मामलों में अपराधियों को सजा मिल पाई जबकि छह प्रतिशत अभियुक्त छूट गए जबकि 90 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जो अभी भी लंबित हैं। वहीं, वर्ष 2015 के करीब 96 प्रतिशत मामलों में अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है कि जब उनके इस अभियान में न्यायपालिका से जुड़े लोगों के साथ ही अलग -अलग धर्मों के गुरू भी भारत यात्रा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह यात्रा सात अलग-अलग मार्गों से होती हुई 16 अक्टूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। इस यात्रा से बच्चों का यौन शोषण करने वाले अपराधियों के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग बुलंद होगी। श्री सत्यार्थी ने कहा कि यह केवल यात्रा नहीं बल्कि एक महायुद्ध है। उन्होंने कहा, “देश में चोरी-छिपे हमारे बच्चों के साथ सेक्सुअल एब्यूज की घटनाएं घटित हो रही हैं। यह घटनाएं उनके घर में, रिश्तेदारों के यहां और स्कूलों में हो रही है लेकिन पूरा देश चुप है।” 

श्री सत्यार्थी ने कहा, “जब यह यात्रा शुरू की गई तब उन्हें कहा जा रहा था यह शर्म की बात है, यह लज्जा की बात है। अब आप बच्चों के साथ हो रहे बलात्कार की बात को गांव-गांव और जन-जन तक पहुंचाएंगे। लेकिन, मैंने उनकी परवाह नहीं की और विवेकानंद शिला कन्याकुमारी से भारत यात्रा का शुभारंभ किया। इस यात्रा का मकसद है सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत।” राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बाल हिंसा बाल यौन उत्पीड़न और बाल तस्करी को रोकने के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों को एकजुट होना होगा तभी इसका स्थाई समाधान निकल सकेगा। कार्यक्रम में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश उरांव, पद्मश्री अशोक भगत, कार्डिनल पी. टी. टोप्पो और झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। 

लोकप्रियता की ऊंचाई से लुढ़कने लगे मोदी : शिवानंद तिवारी

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पटना 25 सितंबर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे सब्ज बाग दिखाकर लोगों को भ्रमित रखने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इसी नीति के कारण अब वह लोकप्रियता की ऊंचाई से नीचे की ओर लुढ़कने लगे हैं। राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने यहां कहा कि श्री मोदी अब शीर्ष से नीचे लुढ़कने लगे हैं। हवा में महल बनाकर आखिर लोगों को कब तक भ्रमित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की बात छोड़ दी जाये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं जाने-माने अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी खुद कह रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब है। श्री तिवारी ने कहा कि श्री स्वामी का मानना है कि बैंकों में पैसों की कमी नहीं है लेकिन उनसे ऋण लेने वाला कोई नहीं है। रोजगार सृजन हो या किसानों की आय में बढ़ोतरी का मामला, श्री मोदी हर मोर्चे पर विफल साबित हो रहे हैं। राजद नेता ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठी छात्राओं पर कल की गई लाठीचार्ज की कार्रवाई को घोर निंदनीय बताया और कहा कि वाराणसी प्रधानमंत्री का चुनाव क्षेत्र है और कल वह अपने चुनाव क्षेत्र में मौजूद थे लेकिन उन्होंने उन छात्राओं से मिलना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि श्री मोदी भूल रहे हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में नौजवानों ने ही उनकी पार्टी (भाजपा) को अप्रत्याशित जीत दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। श्री तिवारी ने कहा कि देश के नौजवानों पर अब श्री मोदी के सम्मोहन का असर नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, हैदराबाद और गुवाहाटी सहित अन्य विश्वविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की हार भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है।

मुकुल राय का टीएमसी कार्यकारिणी से इस्तीफा

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कोलकाता, 25 सितंबर, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) के संस्थापक सदस्य एवं राज्यसभा सांसद मुकुल राय ने आज पार्टी की कार्यकारिणी समिति से इस्तीफा दे दिया। श्री राय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुर्गा पूजा उत्सव के बाद वह पार्टी संगठन और राज्यसभा सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे। पूर्व रेल मंत्री श्री राय पार्टी मामलों को लेकर एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र रहे हैं। श्री राय ने कहा कि वह उचित समय पर यह बतायेंगे कि उन्होंने खुद को तृणमूल कांग्रेस और राज्यसभा सांसद के पद से अलग करने का फैसला क्यों किया। गौरतलब है कि 17 दिसंबर 1997 को तृणमूल कांग्रेस की स्थापना करने लोगों में श्री राय भी एक हैं। 

वंशवाद की राजनीति के बयान पर भाजपा का राहुल पर कड़ा प्रहार

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नयी दिल्ली 25 सितंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के देश में वंशवाद की परंपरा के होने संबंधी बयान काे लेकर आज कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह सुशासन में विश्वास करती है और इस प्रकार की राजनीति करती है जिससे लोगों की समस्याओं का समाधान हो और जीवन में सुधार आए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी की यहां आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि श्री गांधी ने विदेश में दिए बयान में कहा है कि देश में वशंवाद की परंपरा रही है जिसकी वह कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सुशासन में विश्वास करती है और मानती है कि गरीब से गरीब लोगों को भी सर्वोच्च पदों पर जाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा की बदौलत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बनने का अधिकार रखता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वंशवाद एवं तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और श्री गांधी देश की गरिमा एवं मोदी सरकार की उपलब्धियों को नकार रही है। श्री शाह ने श्री गांधी के बयान का आंकड़ों के साथ जवाब देते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और विकास कार्य प्रभावी ढंग से हो रहे हैं। गरीब कल्याण की योजनाएं ठीक प्रकार से कार्यान्वित हो रही है और देश के 60 करोड़ गरीबों को लग रहा है कि उनके जीवन में बदलाव आ रहा है।

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