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हमारी NDA को समर्थन देने की कोई योजना नहीं: नवीन पटनायक

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बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि उन्होंने आगामी केंद्र सरकार को समर्थन पर कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने पार्टी नेता प्रवात त्रिपाठी के उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने एनडीए सरकार को सशर्त समर्थन के संकेत दिए थे.  नवीन पटनायक ने कहा, 'मैंने आपसे बता दिया है कि  हमने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. एनडीए को समर्थन के मसले पर कोई चर्चा नहीं हुई है.'इससे पहले बीजेडी के चीफ व्हिप प्रवात त्रिपाठी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा था, 'देश के जनमत और राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र में एनडीए की सरकार को सशर्त समर्थन देने में कोई समस्या नहीं है.'ओडिशा के इस प्रमुख दल के पास फिलहाल 14 सांसद हैं और इस बार उसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.

बीजेडी सांसद जय पांडा ने कहा कि नवीन पटनायक बीजेपी और कांग्रेस से बराबर दूरी बनाए रखने पर अडिग हैं, हालांकि पार्टी में अगली सरकार को समर्थन की मांग उठाई जा रही है. पुरी से मौजूदा बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि एनडीए को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और एग्जिट पोल पहले भी गलत साबित होते रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेडी को प्रदेश में 16-17 और बीजेपी को एक सीट मिलेगी. उन्होंने कहा, 'नवीन बाबू (पटनायक) ने कहा है कि हम बीजेपी और कांग्रेस दोनों से दूर रहेंगे. समर्थन के बारे में नहीं जानता पर हमें केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत तो पड़ेगी.'

शरद पवार जयललिता, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक के संपर्क में

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9 मई को लंदन से छुट्टी मनाकर लौटे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नई राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। एग्जिट पोल्स में बीजेपी-एनडीए की बढ़त को अतिश्योक्तिपूर्ण करार देते हुए शरद पवार थर्ड फ्रंट को हकीकत में बदलने के लिए जयललिता, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक और जगन मोहन रेड्डी जैसे क्षत्रपों से फोन पर संपर्क कर रहे हैं। पवार के इस कदम को नरेंद्र मोदी को रोकने की अंतिम कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।

इधर एग्जिट पोल्स में भारी बढ़त के अनुमानों से जयललिता और एआईएडीएमके के नेता भी उत्साहित हैं। नए समीकरण पर अबतक जयललिता की ओर से कोई बयान तो नहीं आया है, लेकिन एआईएडीएमके के एक सीनियर नेता का कहना है कि अगर अच्छी सीटें मिलीं, तो थर्ड फ्रंट पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है।

एनसीपी के एक वरिष्ट नेता ने शरद पवार की इस नई रणनीति की जानकारी इकनॉमिक टाइम्स को दी। उन्होंने बताया, 'हालांकि शरद पवार यह मान रहे हैं कि चुनाव बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, लेकिन उनकी नजर में सभी एग्जिट पोल्स अतिश्योक्तिपूर्ण हैं।'शरद पवार का मानना है कि अगर एनडीए की सीटें 230 के नीचे रह जाती हैं, तो नॉन-एनडीए दलों को लेकर सरकार बनाई जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि शरद पवार इस मामले को लेकर कांग्रेस हाई कमान से भी संपर्क साध चुके हैं। एनसीपी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल शरद पवार ने वैसे क्षेत्रीय नेताओं से संपर्क किया है, जो चुनाव बाद अच्छी संख्या में सीटें जीत सकते हैं। इनमें एआईएडीएमके चीफ जयललिता, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी, बीजेडी सुप्रीमो नवीन पटनायक, वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन जैसे नेता शामिल हैं।

यानी साफ है कि शरद पवार मोदी और एनडीए के खिलाफ लामबंदी कर रहे हैं। भारतीय राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले शरद पवार का पॉलिटिकल करियर भी इस बात का गवाह है कि वह ऐसी लामबंदियों में माहिर रहे हैं। यही वजह है कि शरद पवार तब भी केंद्र की राजनीति के लिए अहम रहे, जब एनसीपी को केवल 8 सीटें मिलीं।

हालांकि शरद पवार के इस कदम के ठीक अलग एनसीपी के ही सीनियर लीडर प्रफुल्ल पटेल ने सभी ऑप्शंस खुले रखने के संकेत दिए हैं। प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'हमारी पार्टी एक स्थायी सरकार देखना चाहती है। अभी रिजल्ट नहीं आए हैं, लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।'हालांकि प्रफुल्ल पटेल भी इस सवाल को टाल गए कि एनसीपी एनडीए में शामिल होगी या नहीं। नवीन पटनायक की बीजेडी ने भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बीजेडी के कुछ नेताओं ने एनडीए को समर्थन देने के सवाल पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

आडवाणी की भूमिका उचित समय पर तय होगी : गडकरी

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भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की भूमिका पर पार्टी उचित समय पर उचित फैसला करेगी। गडकरी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली गांधीनगर में चुनाव बाद की स्थितियों पर चर्चा के लिए पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।

आडवाणी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी हमारे संस्थापक सदस्य हैं, हमारे सबसे वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी का संसदीय बोर्ड उचित समय आने पर उचित फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि राजनाथ हमारे पार्टी अध्यक्ष और मोदी हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, लेकिन आडवाणी का मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण है।

सूत्रों के अनुसार, बीजेपी आडवाणी और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की भूमिका पर विचार कर रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बनाने को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगियों से बातचीत चल रही है, गडकरी ने कहा कि एनडीए की सहयोगियों से अभी कोई बात नहीं हुई है। हमने कुछ भी चर्चा नहीं की है और न ही इसके बारे में अभी सोचा है। उन्होंने कहा कि पार्टी को बहुमत मिलने का भरोसा है और जो भी समर्थन करना चाहता है उसका स्वागत है। गडकरी ने बाद में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से मुलाकात की।

राष्ट्र और सरकार के प्रमुख ए1 वीजा के हकदार: अमेरिका

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भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को वीजा देने पर चुप्पी बरकरार रखते हुए अमेरिका ने कहा कि राष्ट्र और सरकार के प्रमुख ए1 वीजा का पात्र होता हैं।
     
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा आईएनए (आव्रजन एवं राष्ट्रीयता कानून) के तहत राष्ट्र और सरकार के प्रमुख ए1 वीजा के लिए पात्र हैं। कोई व्यक्ति अमेरिकी वीजा के लिए अपने आप पात्र नहीं, रिपीट नहीं होता। जेन साकी से मोदी को वीजा जारी करने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया। इस पर उनका जवाब था अमेरिकी कानून में राष्ट्र और सरकार के प्रमुखों सहित विदेशी सरकार के अधिकारियों को कुछ पोटेंशियल इनऐडमिसिबिलिटी आधारों पर छूट है।
    
गौरतलब है कि एग्जिट पोल के नतीजों में संभावना जताई जा रही है कि मोदी की पार्टी भाजपा की अगुवाई में राजग को बहुमत मिलेगा और अगली सरकार उसकी होगी। जेन साकी ने मोदी के वीजा मुद्दे पर सवालों का सीधा जवाब न देते हुए कहा कि अमेरिका नई सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा हम वीजा आवेदनों के बारे में बात नहीं करते। हम, निर्वाचित होने के बाद नई भारत सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन मैं कोई कयास लगाने नहीं जा रही हूं...अब तक परिणामों की घोषणा नहीं हुई है।
      
भारत में संपन्न 16वें लोकसभा चुनाव के नतीजे 16 मई को घोषित होने वाले हैं। वर्ष 2005 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मोदी का वीजा निरस्त कर दिया था। इस कार्रवाई का आधार वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को बताया गया था। अमेरिका ने बार बार कहा कि मोदी के संबंध में उसकी चली आ रही वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन मोदी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा अन्य आवेदकों की तरह अपने आवेदन की समीक्षा का इंतजार कर सकते हैं।
      
पिछले साल मोदी की पेन्सिलवानिया विश्वविद्यालय में एक बैठक को वीडियो के जरिये संबोधित करने की योजना भारतीय अमेरिकी प्राध्यापकों तथा छात्रों के विरोध के बाद रद्द कर दी गई थी। बहरहाल, फरवरी में अमेरिकी राजदूत नैन्सी पावेल ने मोदी से अहमदाबाद में मुलाकात की थी और वॉशिंगटन ने अचानक पलटी खाते हुए मोदी के बहिष्कार की समाप्ति का संकेत दिया था। अमेरिकी अधिकारी तब से कहते रहे हैं कि भारत में अगला नेता जो भी निर्वाचित होगा, अमेरिका उसका स्वागत करेगा।

गोपाल सुब्रह्मण्यम और नरीमन का सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए सिफारिश

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम और रोहिंगटन एफ नरीमन को न्यायाधीश बनाने की सरकार से सिफारिश की है।  
       
कॉलेजियम ने जिन चार व्यक्तियों को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। उनमें कलकत्ता एवं उडीसा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश क्रमश: न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के अलावा गोपाल सुब्रह्मण्यम और रोहिंगटन नरीमन शामिल हैं।  
       
आमतौर पर वकीलों को सीधे न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रचलन नहीं है। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार न्यायमूर्ति एस.एम सिकरी को 1964 में वकील से सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जो 1973 में मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद न्यायमूर्ति एस सी राय को 1971 में तथा न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह को 1988 में सीधे न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति राय की मृत्यु चार माह के भीतर ही हो गई थी, जबकि न्यायमूर्ति सिंह 1996 में सेवानिवृत्त हुए थे।

हैदराबाद में साम्प्रदायिक हिंसा में डॉ की मौत कई घायल

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आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद स्थित राजेन्द्र नगर में दो समुदायों के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई वहीं दर्जनभर से ज्याद लोग घायल हो गए। तनाव को देखते हुए शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

सिख छावनी के निकट उस समय हिंसा भड़क उठी जब एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों के झंडे जला दिए। झंडों को देखकर समुदाय विशेष के लोगों ने एक दूसरे पर हमला बोल दिया। शहर के इलाकों में भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए है। 

दोनों समुदायों के बीच हुई झड़पों को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस को उपद्रवियों ने निशाना बनाया। पुलिस ने अपने बचाव के लिए फायरिंग की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने मौके पर जाकर घटना की जानकारी ली।  

साउथ ब्लॉक ने दी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को विदाई

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प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के लिए मंगलवार अंतिम कार्यदिवस रहा। साउथ ब्लॉक स्थित उनके कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें खड़े होकर विदा किया। मंगलवार को हुई बैठक में भारतीय सेना के उप प्रमुख ले. जनरल दलबीर सिंह सुहाग को नए सेनाध्यक्ष के रूप में प्रोन्नत किए जाने के फैसले को मंजूरी दी गई।लोकसभा का चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 17 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और उसके बाद राष्ट्र के नाम विदाई संबोधन करेंगे। इसी के साथ एक दशक तक सत्ता के शिखर पर उनके कार्यकाल का पटाक्षेप हो जाएगा। 

अपना और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का इस्तीफा सौंपने के पहले 17 मई की सुबह में प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक में हिस्सा लेंगे। पीएमओ के एक अधिकारी ने बताया, "वे संभवत: 17 मई की दोपहर को राष्ट्र को संबोधित करेंगे।"मनमोहन सिंह अपने बाद की सरकार के शपथ लेने तक कार्यवाहक की भूमिका में रहेंगे। अधिकारी ने बताया कि नए प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद मौजूदा 7 रेस कोर्स रोड स्थित आवास को खाली कर नए आवास 3 मोती लाल नेहरू मार्ग चले जाएंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यालय के करीब 110 कर्मचारी साउथ ब्लाक में प्रधानमंत्री को विदाई देने के लिए जमा हुए। अधिकारी ने कहा, "कर्मचारियों ने कतार में खड़े होकर विदाई दी।"इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसी तरह की भावुकता का प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने अपने कर्मचारियों को उनके कामकाज के लए धन्यवाद दिया। कई कर्मचारियों ने उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय के कर्मचारियों से कहा, "राष्ट्र की सेवा करने के लिए मैं आप सभी आभारी हूं। ईश्वर आपका कल्याण करें।"

अधिकारी ने बताया कि मनमोहन सिंह का साउथ ब्लाक में आज आखिरी कार्यदिवस था। अधिकारी ने कहा कि पिछले 10 वर्षो में प्रधानमंत्री के करीब रहे कुछ कर्मचारियों को रोते देखा गया। मनमोहन सिंह के साथ इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, प्रधान सचिव पुलोक चटर्जी, प्रधानमंत्री के सलाहकार टी. के. ए. नायर और मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी मौजूद थे। विदाई समारोह प्रधानमंत्री कार्यालय के विस्तृत गलियारे में आयोजित किया गया।

उधर कांग्रेस नीत संप्रग गठबंधन सरकार की कामकाज निपटाने से संबंधित मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगाई गई।  रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को नया सेना प्रमुख नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। मंत्रालय ने नए सेना प्रमुख की नियुक्ति से संबंधित मंत्रिमंडल की समिति को अपनी अनुशंसा भेज दी थी। मंत्रालय ने यह कदम तब उठाया है, जब निर्वाचन आयोग ने नए सेना प्रमुख की नियुक्ति करने के लिए सरकार को हरी झंडी दे दी। 

नए सेना प्रमुख को आमतौर पर मौजूदा सेना प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से दो महीने पूर्व ही नामित कर दिया जाता है। मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सरकार द्वारा नए सेना प्रमुख की नियुक्ति किए जाने का विरोध किया था।

जनप्रतिनिधि ने छिपाई सूचना तो जा सकती है कुर्सी : सुप्रीम कोर्ट

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supreme court of india
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि नामांकन के समय आपराधिक पृष्ठभूमि और शैक्षणिक योग्यता सहित अपनी संपत्ति एवं देनदारियां, पत्नी और आश्रित बच्चों के बारे में जानकारी छिपाने पर जनप्रतिनिधि की कुर्सी छिन सकती है। न्यायमूर्ति सुरिंदर सिंह निज्जर (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी ने एक हालिया फैसले में कहा है, "यदि गलत सूचना या तथ्यात्मक सूचना को दबाने का मामला होने पर यह पता चलता है कि यह असंगत स्वीकृति का मामला है तो वैसी स्थिति में बाद में भी अस्वीकृति हो सकती है।"

अदालत ने कहा कि यदि कोई प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता और संपत्ति एवं देनदारियों के बारे में जानकारी के लिए दिए गए कॉलम को खाली छोड़ता है तो जांच के स्तर पर रिटर्निग अधिकारी ही नामांकन खारिज कर सकता है। लेकिन यदि कोई सूचना छिपाई गई या गलत सूचना दी गई तो अदालत में चुनाव याचिका के जरिए विस्तृत जांच के द्वारा फैसला लिया जाएगा।

नरेंद्र मोदी के वीजा पर अमेरिका अब भी सतर्क

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narendra modi
चुनाव बाद के सर्वेक्षणों ने नरेंद्र मोदी को अगला प्रधानमंत्री बनने के भले ही संकेत दिए हैं, लेकिन अमेरिका अब भी मोदी को वीजा देने के मुद्दे पर बराबर सजग बना हुआ है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी से मंगलवार को जब यह पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी को अमेरिकी वीजा जारी किया जाएगा, उन्होंने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, हम वीजा आवेदनों के विषय में बातचीत नहीं करते हैं। हम नए भारतीय प्रधानमंत्री के साथ सहयोग को लेकर आशान्वित हैं।"

उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग के मानकों पर कायम रहते हुए आगे कहा, "पर, चूंकि अभी चुनाव परिणाम घोषित नहीं हुए हैं, लिहाजा मैं अनुमानों पर बात नहीं करना चाहती।"उल्लेखनीय है कि वाशिंगटन ने 2002 के गुजरात दंगों में मोदी की कथित भूमिका एवं संलिप्तता के कारण 2005 में उन्हें व्यावसायिक वीजा देने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

राष्ट्रीय परिदृश्य में मोदी के उत्थान के बाद निवर्तमान अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल के फरवरी माह में मोदी से मुलाकात करने की घटना से हालांकि उनको लेकर अमेरिका की नीतियों में बदलाव के संकेत दिखाई दिए। साकी ने स्पष्ट किया कि देश और सरकार के सर्वोच्च अधिकारी आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम 1952 के अंतर्गत ए1 वीजा पाने की योग्यता रखते हैं।

मोदी हर हाल में प्रधानमंत्री बनेंगे : राजनाथ सिंह

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rajnath singh
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और वरिष्ठ नेताओं की भूमिका पर फैसला उनके साथ चर्चा के बाद किया जाएगा। राजनाथ गुजरात के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी से मुलाकात के लिए यहां पहुंचे हैं। 

उन्होंने कहा कि वह मोदी से फोन पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन बिना आमने-सामने बैठे सभी विषयों बातचीत संभव नहीं थी। राजनाथ ने कहा कि वह यहां चुनाव प्रचार के अनुभवों को साझा करने आए हैं। पार्टी अध्यक्ष की मोदी से यह मुलाकात आम चुनाव के परिणामों की घोषणा के सिर्फ दो दिन पहले हो रही है। 

राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, "यह तय है कि मोदी अगले प्रधानमंत्री होंगे।"पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की भूमिका उनके साथ सलाह मशविरा करने के बाद तय की जाएगी।

चुनाव बाद कराए गए अधिकांश सर्वेक्षणों में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बहुमत मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का स्थान कौन लेगा, इस सवाल पर राजनाथ ने कहा, "आपको जल्द इसकी जानकारी मिल जाएगी।"

दो भारतीय पत्रकारों को पाकिस्तान ने देश छोड़ने को कहा

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पाकिस्तान ने अपने यहां से बिना कोई कारण बताए दो भारतीय पत्रकारों को निकाल दिया है. पीटीआई के स्नेहेश एलेक्स फिलिप और दि हिंदू की मीना मेनन को पाकिस्तान सरकार की ओर से बीती रात एक लेटर मिला जिसमें उन्हें सूचित किया गया है कि उनका वीजा नहीं बढ़ाया जा रहा है. ये दोनों पत्रकार इस्लामाबाद में करीब नौ महीने से कार्यरत हैं. इस्लामाबाद के इस कदम के मद्देनजर भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि वह पाकिस्तान के साथ यह मामला उठाने पर विचार कर रही है.

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि न तो इस्लामाबाद में पाकिस्तान सरकार और न ही दिल्ली में उसके उच्चायोग ने इस घटनाक्रम के बारे में अवगत कराया. मंत्रालय प्रवक्ता ने यह भी कहा दोनों पत्रकारों को 20 मई तक देश से जाने के लिए कहा गया है और पाकिस्तान की ओर से इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया है. दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद के इस कदम के बाद शायद ऐसा पहली बार होगा जब भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की एक-दूसरे के देश में मीडिया मौजूदगी नहीं होगी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान को पत्रकारों के काम करने के सबसे खतरनाक जगह के रूप में जाना जाता है. साथ ही यहां विदेशी पत्रकारों की तुलना में भारतीय पत्रकारों को अपनी गतिविधियों को लेकर अधिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है. हालांकि खुद यहां के पत्रकार विदेशी पत्रकारों की तुलना में अधिक खतरों का सामना करते हैं. 2008 में प्रजातांत्रिक सरकार की वापसी के बाद से अब तक कुल 34 पाकिस्तानी पत्रकारों की मौत हो चुकी है लेकिन केवल एक मामले में ही दोषी को सजा दी जा सकी है.

देवर्षि नारद जयंती विशेष : आद्य पत्रकार देवर्षि नारद

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narad jayanti
साधारण जीवन में सत्य वही है जिसे हम जानना चाहते हैं जिससे हमारी जिज्ञासा का शमन होता है .जिज्ञासा मानव ने जन्म काल से ही अपने में अंकुरित कर रखा था और उसी जिज्ञासा का उतरोतर समाधान आज विकास के रूप में विश्व में परिलक्षित है किन्तु विकास के इस क्रम में मानव जिज्ञासा की शान्ति का जो सर्वाधिक निकट था वह था – संवाद या समाचार . जब मानव लिखना–पढ़ना भी नहीं सीखा था तब भी वह अपने संवाद को  एक स्थान से दुसरे स्थान तक विभिन्न माध्यमों से संप्रेषित करता रहा है. जैसे जैसे विकास का क्रम चलता गया संवाद के तरीकों में भी बदलाव होता गया.

विश्व में यदि संवाद प्रश्न की व्यवस्था को सर्वाधिक कल्याणकारी रूप में प्रस्तुत किया तो वह थे – देवर्षि नारद .इनके नाम की व्याख्या करते हुए व्याख्याकार कहते है – “नारं ददाति स: नारद:”.अर्थात जो अनवरत ज्ञान का दान करता हुआ जगत के कल्याण में रत हो वही नारद है . इनके सम्बन्ध में और भी कहा गया है –“गीत-विद्या प्रभावेन देवर्षिनार्रदो महान . मान्यो वैष्णवलोके वे श्रीशम्भोच्श्चतिवल्ल्भ:”. तीनो लोकों में निर्वाध निरंतर भ्रमण करने वाले देवर्षि नारद जी हर उस समाचार या संवाद को इधर से लेकर उधर पहुचाने में अव्वल थे,क्या देवता क्या दानव, क्या गंधर्व क्या मानव हर ज़गह यदि किन्ही की पहुच थी तो वे देवर्षि नारद ही थे .

बाल्मिकीय रामायण में एक प्रसंग आता है --- देवर्षि नारद देवलोक से देखते है, कि मर्त्यलोक में किस प्रकार रावण नरसंहार कर रहा था .वह उस नरसंहार को रोकने हेतु उस स्थान पर जाते और लंकेश को समझाते है की उसे मर्त्यलोक के प्राणियो को व्यर्थ पीड़ित करने की अपेक्षा यमराज को ही परास्त कर अपने दिग्विजय का डंका बजाना चाहिए.लंकेश नारदजी के इस बात में आ जाता है और वह यमराज को परास्त करने युद्धरत हो जाता है, तब नारदजी सोचते है की क्यों नहीं अब लंकेश के साथ यमराज का युद्ध देखा जाय क्योंकि उस युद्ध के बारे में देवताओं को भी तो बताना है.और इस युद्ध का समाचार देने देवलोक में चले जाते हैं.उपरोक्त संवाद में एक सवाददाता के हर लोक कल्याणकारी पहलु दृष्टिगोचर होती है. भारतीय बांगमय में देवर्षि नारद के बारे में अनेक उदाहरण मिलते है और ऐसा माना जाता है की भारत ही नहीं बल्कि विश्व के परिदृश्य में देवर्षि नारद प्रथम संवाददाता थे. भारतीय साहित्य के अनुसार इस आद्य पत्रकार का जन्म जेष्ठ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि ( जो इस साल १५ मई २०१४ को है ) को हुआ था. स्मरण हो की इसी दिन जेष्ठ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि सम्बत-१८८३ (तदनुसार ३० मई १८२६) को कोलकाता से “उदत्त-मार्तण्ड” नामक साप्ताहिक भारत की पहली पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ था. 

सृष्टिकर्ता ब्रह्मा के मानस पुत्र देवर्षि नारद अत्यल्प समय में हर उस स्थान पर उपस्थित रहते जहां से संवाद की गुन्जाईस होती.अपने मधुर और विनोदी स्वभाव से हर प्राणी को सम्मोहित करनेबाले देवर्षि नारद संवाद के हर सूत्र को प्राप्त करने की अद्भुत प्रवृति रखते थे .उनके लोक-कल्याणकारी सोच और धर्म स्थापना के स्त्याधारित सामजिक चिंतन उन्हें देवर्षि जैसे सम्मान से सम्मानित करता है.देवर्षि नारद सिर्फ घटनाओं को देखते और सुनाते भर नही थे बल्कि उन्हें एक साकारात्मक और सृजनात्मक दिशा देने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते थे .वे कहीं जाने के लिए आमंत्रण की प्रतीक्षा नही करते और ना ही अपने मान-सम्मान की चिंता करते बल्कि लोक कल्याणकारी धर्माधारित समाज की रचना के लिए अपने संवाद सम्प्रेष्ण करते.

अगर पुराणों के आख्यानो को ध्यान से पढ़े तो देवर्षि नारद सदैव चालायमान यानी कभी एक स्थान पर टिके नही रहते और एक संवाद सम्प्रेष्णकर्ता ही नहीं बल्कि एक अद्भुत श्रोता के रूप में भी इनकी प्रतिभा दृष्टिगोचर होती है .देवर्षि नारद महाभारत के शान्ति पर्व में एक उपदेशक के रूप में तो उद्योग पर्व में कर्तव्यों के प्रति इनकी जो व्यख्या है वह इन्हें एक विशिष्ट व्याख्याकार के रूप में प्रस्तुत करती है.जनसंपर्क के अत्यंत मधुर नेटबर्क से हर संवाद सूत्र को प्राप्त करने वाले देवर्षि नारद जहां एक सफल श्रोता और वक्ता तो थे ही किन्तु ए अद्भुत अध्ययन शील और तप कर्ता भी थे .अपने ज्ञान को सदैव अपडेट करते रहने वाले देवर्षि नारद हमें कम्पुटर के सॉफ्टवेयर की अपडेट का स्मरण कराते है. 

हर लोककल्याणकारी कार्य को करवाने में आगे रहने बाले देवर्षि नारद कभी भी किसी कार्य का क्रेडिट इन्होने स्वयं नही लिया. पुराणों में एक उदहारण है –हिरण्यकश्यप की पत्नी कपाटू को देवर्षि नारद ने ही शरण दिया उन्ही के शरण में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ और इन्होने ही प्रहलाद को नारायण के प्रति समर्पण की शिक्षा दी और प्रहलाद के तप से नरसिंह रूप धारण कर नारायण ने हिरण्यकश्यप का नाश कर उसके ताप से समाज को मुक्त किया.कितनी दीर्घकालीन सोच थी और कितनी धीमी प्रक्रिया रही किन्तु देवर्षि नारद ने इसका श्रेय स्वम् नही लिया.देवर्षि नारद की भक्ति और नीति सूत्र वास्तव में पत्रकारिता के अभिनव मापदंड है. नारदीय संवाद सम्प्रेष्ण की परम्परा ही हिन्दुस्तान में “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना को विकसित कर समाज में धर्म और नैतिकता का प्रगटीकरण किया.बास्तव में यदि कहा जाय की –सच्चाई की तह तक जाने की प्रतिबध्यता जिस हृदय को आंदोलित कर दे वह हृदय पत्रकार का ही हो सकता है और इसका जीवंत पर्तिमुर्ती देवर्षि नारद थे .इतनी विशेषताओं के वाबजूद हमने देवर्षि नारद को एक नाकारात्मक स्वरूप को ही समाज के सामने रखने का प्रयास किया था इसका कारण है हज़ारों बर्षो की गुलामी ने हमें अपने संस्कार और स्वाभिमान को शून्य कर रखा है .

देवर्षि नारद जी के चरित्र का यदि मूल्यांकन हो तो हमारी युवा पीढ़ी को एक नया आयाम मिले जिसकी अवधारना लोककल्याणकारी होगी और इसी लोककल्याण कारी राज्य की कल्पना भारत का संविधान हमें देता है .देवर्षि नारद ने सदैव सत्य और धर्म, मानव कल्याण और जगत के उद्धार के पक्ष में काम किया है आज के संवाददाताओं को यदि देवर्षि नारद की संज्ञा दी जाय तो अभीष्ट यही है की वे भी इस महर्षि की तरह समाचारों के संकलन और वितरण में दक्षता प्राप्त करें और उनकी सारी गतिविधियाँ मूलत: समाज कल्याण के आदर्श और रचनात्मक दृष्टिकोण से अनुप्राणित हों.देवर्षि नारद के चरित्र के मूल्यांकन के आधार पर यह स्पष्ट है की भारत ही नही बल्कि विश्व में सवाद सम्प्रेष्ण की अद्भुत कला को यदि किसी ने प्रतिपादित किया तो वह देवर्षि नारद ही थे जिन्हें विश्व के आद्य पत्रकार के रूप में अपनी विशिष्टता हासिल है और आज हम यदि उनके मूल नीतिओ को आत्मसात कर पत्रकारिता में एक नये मानदंड की स्थापना करें तो वास्तव में संवाद और संवाददाता की विश्वसनीयता के लिए मील का पत्थर सावित होगी . 
           



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संजय कुमार आज़ाद
फोन : ९४३११६२५८९ 
रांची-८३४००२ 
मेल -azad4sk@gmail.com

RBI रुपये को ज्यादा मजबूत नहीं होने देगा

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ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि सेंटर में स्टेबल गवर्नमेंट बनने पर डॉलर के मुकाबले रुपया नाटकीय ढंग से मजबूत होगा, लेकिन इकनॉमिक टाइम्स के पोल में शामिल सीनियर ट्रेडर्स और ट्रेजरी इकनॉमिस्ट्स इससे इत्तिफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि कुछ भी हो जाए आरबीआई अगले साल मार्च तक रुपये को डॉलर के मुकाबले 57 के लेवल से मजबूत नहीं होने देगा। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 महीने के हाई 59.67 पर बंद हुआ था।

ईटी के सर्वेक्षण में शामिल पार्टिसिपेंट्स की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का कहना है कि रुपया बहुत ज्यादा मजबूत होकर 57 तक आ सकता है। इसके उलट कुछ लोगों का कहना है कि यह कमजोर होगा और डॉलर के मुकाबले 67-79 तक जा सकता है। उन्होंने यह सोच तब बनाई है, जब ज्यादातर लोगों को लग रहा है कि इस साल फॉरेक्स इनफ्लो में खासी बढ़ोतरी होगी।

ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स का मानना था कि टोटल फॉरेन एक्सचेंज इनफ्लो - एफडीआई और एफआईआई इस फिस्कल इयर में 30 से 50 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। इस सर्वेक्षण में शामिल 15 ट्रेडर्स और बैंकों के एग्जेक्यूटिव्स में से सिर्फ चार ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 57-58 तक जा सकता है। ज्यादातर का मानना था कि यह 60 से 64 के बीच रहेगा।

एसबीआई के इकनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट के चीफ इकनॉमिक ऐडवाइजर सौम्या कांति घोष के मुताबिक, 'फॉरन इन्वेस्टमेंट सेंटिमेंट पॉजिटिव है। इससे डोमेस्टिक इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट में सुधार आएगा, लेकिन मैक्रो फैक्टर्स के चेंज होने में वक्त लगेगा।'एसबीआई का अनुमान है कि फिस्कल इयर 2015 में 55 अरब डॉलर का फॉरन फंड इनफ्लो हो सकता है जबकि पिछले फिस्कल के लिए 29 अरब डॉलर इनफ्लो का अनुमान लगाया गया था।

सर्वेक्षण में ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन घटकर 8 फीसदी से नीचे आ सकती है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर अर्जित पटेल की अगुवाई में कमेटी ने मॉनिटरी पॉलिसी पर अपनी रिपोर्ट में CPI बेस्ड इन्फ्लेशन के लिए यह टारगेट फिक्स किया था। चार पार्टिसिपेंट्स इन्फ्लेशन के 8 फीसदी से ज्यादा रहने की आशंका जता रहे हैं।

इंडिया फॉरेक्स ऐडवाइजर्स के सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, 'खाने-पीने के सामान और फ्यूल के दाम में बढ़ोतरी के बीच इन्फ्लेशन रेट ऊंचे लेवल पर बनी रह सकती है।'आईडीबीआई बैंक, यस बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जैसे फाइनैंशल इंस्टिट्यूशंस को लगता है कि रुपया 58 के लेवल तक मजबूत हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने डॉलर के मुकाबले रुपये के 57 के लेवल पर रहने का अनुमान लगाया है। क्रेडिट एग्रीकोल सीआईबी जैसे फॉरेन बैंक्स को लगता है कि रुपया इस साल 69.5 तक गिर सकता है, जबकि मॉर्गन स्टैनले और बार्कलेज को यह मार्च तक 66 पर पहुंचता नजर आ रहा है। 

हैदराबाद के तनावग्रस्त इलाकों में कर्फ्यू जारी

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पुराने शहर के किशनबाग इलाके में हुए सांप्रदायिक संघर्षों और पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत के बाद साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय में आने वाली राजेंद्रनगर पुलिस चौकी के इलाके में दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा रहा। साइबराबाद के पुलिस संयुक्त आयुक्त वी गंगाधर ने बताया कि कर्फ्यू जारी है। स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
    
सांप्रदायिक संघर्ष के बाद पुलिस की गोली से तीन लोगों की बुधवार को मौत हो गई थी। पुराने शहर के किशनबाग इलाके में कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर एक धार्मिक झंडा जलाए जाने के बाद सांप्रदायिक संघर्ष शुरू हो गया था। इन संघर्षों के बाद पुलिस ने राजेंद्र नगर पुलिस चौकी के तहत आने वाले क्षेत्र में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया था। इन संघर्षों में हुए भारी पथराव के बीच 10 पुलिसकर्मियों समेत 17 लोग घायल हो गए थे।
     
क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई बल और केंद्रीय अर्धसैन्य बलों समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। आज के हालात को देखते हुए पुलिस कर्फ्यू में राहत की अवधि पर विचार कर सकती है। अशांति पैदा करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे इस पूरे घटनाक्रम में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है।

17 को मोदी का वाराणसी में होगा स्वागत

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी मतगणना के एक दिन बाद काशी पहुंचेंगे। 17 मई को वह काशी में बाबा भोलेनाथ के दर्शन करेंगे और गंगा घाट पर पूजा-अर्चना भी करेंगे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि मोदी का वाराणसी जाने का कार्यक्रम बन चुका है। वह 11 बजे हवाई अड्डे पर उतरेंगे और फिर वहां से काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मोदी गंगा घाट भी जाएंगे, जहां वह गंगा पूजन करेंगे और फिर वहां से वह कार्यालय पहुंचेंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी 17 मई को वाराणसी में भव्य रोड शो निकालने की तैयारी में जुटी है। मोदी के हवाई अड्डे से पार्टी कार्यालय पहुंचने तक विजय जुलूस निकलेगा और वह अपनी ओर से वाराणसी के मतदाताओं का आभार प्रकट करेंगे।

एनडी तिवारी ने की उज्‍ज्‍वला शर्मा से शादी

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी ने आखिरकार उज्ज्वला शर्मा से विवाह कर लिया। बुधवार रात एनडी के मॉल एवेन्यू स्थित आवास पर अचानक एक निजी समारोह में विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच तिवारी ने उज्ज्वला संग सात फेरे लिए।

एनडी तिवारी के पीआरओ राजेश ने बताया कि यह पहले से निश्चित था कि तिवारी जी शादी करेंगे। बुधवार की शाम उन्होंने अचानक अपने समर्थकों को बुलाकर कहा कि शादी का इंतजाम करो। इसके बाद आयोजन की तैयारियां हुईं और दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले उज्ज्वला शर्मा ने अपना हक पाने के लिए एनडी तिवारी के घर के बाहर धरना दिया था और काफी ड्रामे के बाद घर में दाखिल होने में कामयाब हुई थीं। इसके बाद से उज्‍ज्‍वला और रोहित शेखर एनडी तिवारी के साथ ही रह रहे हैं।

उज्‍ज्‍वला ने कहा कि इतने संघर्ष के बाद खुशी का मौका आया है। इस मौके पर तिवारी जी के परिवार के लोग भी मौजूद थे। विवाह पूरी तरह से पर्वतीय परंपराओं और रीति रिवाजों के आधार पर संपन्न हुआ है। अब शादी को रजिस्‍टर कराया जाएगा और इसके बाद सबको आमंत्रित कर एक भव्‍य समारोह किया जाएगा।  

आईपीएस मयंक जैन के घरों पर लोकायक्त का छापा

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पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी(सामुदायिक पुलिसिंग) आईपीएस मयंक जैन के भोपाल सहित, रीवा, इंदौर और उज्जैन के ठिकानों पर गुरुवार सुबह लोकायुक्त ने एक साथ छापा मारा। लोकायुक्त की अलग-अलग टीमों ने भोपाल और रीवा स्थित उनके घरों के अलावा इंदौर और उज्जैन स्थित ठिकानों पर भी कार्रवाई की। जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायतें मिल रही थीं।


लोकायुक्‍त की कार्रवाई के दौरान आईपीएस जैन के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति होने का खुलासा हुआ है। इसमें रीवा में नर्सिंग होम, मकान व गार्डन, भोपाल के रिवेरा टाउनशिप में घर, इंदौर के राऊखेड़ी में क्रैशर प्‍लांट, खरगोन में 50 एकड़ जमीन होने के साथ उज्‍जैन में फ्लैट और खरगोन में कई एकड़ जमीन होने का खुलासा हुआ है।

जैन के भोपाल स्थित घर से आधा किलो सोना सहित कई गहने और 16  प्रापर्टी के कागजात मिले हैं। गहनों की कीमत पता करने के लिए लोकायुक्‍त की टीम ने ज्वैलर को भी बुलाया है। छापेमार कार्रवाई के दौरान मयंक और उनकी पत्नी अपने भोपाल स्थित घर पर ही मौजूद थे। आयकर विभाग की टीम को देखकर वे घबराए जरूर लेकिन, बाद में जांच में सहयोग करने लगे। जांच के दौरान पूरे वक्त मयंक आयकर विभाग की टीम के साथ ही रहे और सभी जरूरी जानकारी विभाग को उपलब्ध करा रहे हैं।

आईपीएस मयंक पुलिस विभाग के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह बेहिसाब संपत्ति खड़ी की है। जानकारी के अनुसार मयंक ने अपनी संपत्ति की निगरानी के लिए एक राजदार को नियुक्त कर रखा था। यह राजदार उनकी सारी संपत्ति की सुरक्षा करने के साथ ही साथ सारा हिसाब-किताब भी रखता था। यह राजदार कोई और नहीं बल्कि पुलिस विभाग में नौकरी कर चुका एक कर्मचारी है। विश्वासपात्र होने की वजह से मयंक ने कर्मचारी की नौकरी छुड़वाकर उसे अपना राजदार और संपत्ति का रखवाला बना दिया था। इसके लिए मयंक अपने राजदार को मोटी रकम अदा करता था।

सुरक्षा कारणों से राजदार के नाम का खुलासा नहीं किया जा सका है। जानकारी के अनुसार राजदार ने ही मयंक की इस बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया है। जो सालों से इसकी सुरक्षा करता है आ रहा था। मयंक जैन 1995 कैडर के आईपीएस अफसर हैं, जानकारी के मुताबिक छापामार कार्रवाई के दौरान वे भोपाल स्थित घर में ही थे। मयंक की पत्‍नी डॉक्‍टर हैं और वे ही रीवा में नर्सिंग होम चलाती हैं। लोकायुक्‍त टीम के मुताबिक प्रापर्टी की कीमत का आकलन जारी है। शाम तक ही साफ हो पाएगा कि इसमें कितनी काली कमाई है।

फिल्म निर्माता बोनी कपूर कार हादसे में घायल

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फिल्म निर्माता बोनी कपूर बुधवार को वाही में अपनी आगामी फिल्म 'तेवर'की शूटिंग के लिए जाते समय एक सड़क हादसे में चोटिल हो गए। उनके मैनेजर का कहना है कि कपूर को हल्की चोटें आई हैं, लेकिन वह ठीक हैं।

श्रीदेवी कपूर के मैनेजर पंकज खरबंदा ने बताया कि बोनी वाही के लिए जा रहे थे, जहां उनकी फिल्म 'तेवर'की शूटिंग चल रही है। कार उनका ड्राइवर चला रहा था और अचानक कार की ट्रैक्टर से टक्कर हो गई। हालांकि, बोनी को कमर में हल्की चोटें आई हैं, लेकिन वह बिल्कुल ठीक हैं..चिंता वाली कोई बात नहीं है। कार दुर्घटना रात 9 बजे के करीब हुई। उन्होंने बताया कि कार ड्राइवर को भी हल्की चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि कार सतारा राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हुई, लेकिन किस्मत से वे तीनों सही सलामत हैं।

भारत के साथ पाकिस्तान 2015 से 2023 के बीच 6 सीरीज खेलेगा

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पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह भारत के साथ क्रिकेट मैच खेलेगा और अगले साल से दोनों देशों के बीच पूरी सीरीज खेली जाएगी. 2008 के मुबंई हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने से इनकार कर दिया था. अगले आठ सालों में पाकिस्तान चार सीरीज की मेजबानी भी करेगा. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि उसने बीसीसीआई से इस आशय का समझौता किया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सीईओ सुभान अहमद ने एक समाचार एजेंसी को यह बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 2015 से 2023 के बीच भारत के साथ 6 सीरीज खेलेगा, जिसमें से चार पाकिस्तान में होंगी.

पिछले महीने यह रिपोर्ट आई थी कि दोनों देशों के बीच पूरी सीरीज अगले साल खेली जाएगी. पाकिस्तान ने आईसीसी में भारत का समर्थन करने के एवज में यह शर्त रखी थी. आईसीसी के ढांचे में बदलाव से भारत के अधिकार बढ़ जाएंगे. अहमद ने बताया कि छह सीरीज में 14 टेस्ट मैच, 30 वन डे और 12 टी 20 मैच होंगे.

पाकिस्तान चाहता है कि इनके बारे में कानूनी दस्तावेज बनें ताकि बाद में भारत इनसे मुंह न मोड़ ले. पाकिस्तान चाहता है कि पहली सीरीज उसकी धरती पर हो, लेकिन अगर वहां सुरक्षा इंतजाम अच्छे नहीं रहे तो मैच संयुक्त अरब अमीरात में होंगे. 2009 मार्च में श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के बस पर हमले के बाद से पाकिस्तान में कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं हुआ है. अगर भारतीय क्रिकेट टीम वहां जाती है तो पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी बात होगी. सुरक्षा चिंताओं के कारण वहां कोई देश खेलने नहीं जाना चाहता है. पाक ने भारत में 2007 में एक पूरी सीरीज खेली थी जबकि उसके पहले 2006 में भारतीय क्रिकेट टीम वहां गई थी.

भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच को दुनिया में सबसे स्पर्धात्मक खेल माना जाता है. इस मैच को एक अरब से भी ज्यादा लोग टीवी पर देखते हैं.

मुलायम सिंह तीसरे मोर्चे की संभावना को लेकर दिल्ली पहुंचे

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भले ही लगभग सारे एग्जिट पोल इस लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा की बहुमत की सरकार बनने की बात कह रहे हैं, लोकिन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अब भी तीसरे मोर्चे की सरकार बनने को लेकर आश्वास्त हैं। तीसरे मोर्चे के अपने विचार की जमीन तैयार करने के लिए मुलायम दिल्ली पहुंच गए हैं।

मुलायम बुधवार शाम को लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली जाने से पहले उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता एबी बर्धन और अपनी पार्टी के महासचिव किरणमय नंदा से फोन पर बातचीत की। सपा सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख दिल्ली में पार्टी के रणनीतिकार रोम गोपाल यादव के साथ गुरुवार को भाकपा, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), जनता दल यूनाइटेड (जद-यू), जनता दल-सेक्युलर और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात करेंगे।

सपा के एक नेता ने बताया कि भले ही एग्जिट पोल में भाजपा की जबरदस्त जीत की बात कही जा रही हो, लेकिन सपा प्रमुख अब भी पूरी तरह आश्वास्त हैं कि इस बार गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपाई दल अपने-अपने राज्यों में जीत दर्ज करेंगे और केंद्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी। शुक्रवार की मतगणना में अगर सपा सहित गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपाई दलों को बढ़त मिली तो मुलायम तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने की कवायद तेज करेंगे। गौरतलब है कि चुनाव से पहले खुद को तीसरे मोर्चे के अगुवा के तौर पर प्रस्तुत करने वाले मुलायम ने जद (यू), जद-एस, बीजू जनता दल, भाकपा, माकपा जैसे दलों के एक मंच पर आने का दावा किया था।

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