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भाजपा से अलग होने का फैसला सही था : नीतीश कुमार

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nitish resign
लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग होने का फैसला बिलकुल सही था। नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्यपाल डी़ वाई़ पाटिल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। अब आगे रणनीति पर चर्चा के लिए जनता दल (युनाइटेड) के विधायक दल की बैठक रविवार को शाम चार बजे बुलाई गई है। 

इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "मैं बिहार में पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहा था। परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं होने के कारण इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है।" नीतीश ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है, इसलिए किसी भी वैकल्पिक सरकार का गठन अभी हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि रविवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी और उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग होने के फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा, "वह फैसला एकदम सही था। कोई फायदे के लिए गठबंधन नहीं टूटा था। वह नीतिगत और सैद्धांतिक फैसला था।" 

नीतीश ने कहा कि जनादेश का सम्मान होना चाहिए। मतदाताओं ने भाजपा को जनादेश दिया है। आशा है कि चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वायदे सरकार पूरा करेगी और हमलोगों को भी अच्छे दिन आने का अनुभव होगा। उन्होंने कहा, "इस बार चुनाव विकास के मुद्दे पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप लगाकर लड़ा गया। मैंने आज तक इस तरह का चुनाव नहीं देखा था। इस चुनाव का कुछ पक्ष अच्छा नहीं है।"

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जद (यू) को दो सीट मिली है। पिछले चुनाव में जद (यू) को 20 सीट पर विजय हासिल हुई थी। बिहार विधानसभा में जद (यू) के 115 विधायक हैं। वर्ष 2009 में जद (यू) भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, संभवत: इससे जद (यू) को हानि हुई है।

फेसबुक से अवांछित आईडी निकाल सकेंगे मुफ्त

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facebook freind
दुनिया का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सोशल नेटवर्किं ग साइट भले दुनिया के किसी भी हिस्से से बड़ी संख्या में मित्र बनाने की सुविधा प्रदान करता है, और अपने मित्रों के साथ-साथ अनजान व्यक्तियों से भी संपर्क का स्रोत बन चुका है, लेकिन इस पर फर्जी पहचान वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है। ऐसे लोग हमेशा से हमारे लिए अवांछित व्यक्ति ही रहते हैं। लेकिन फेसबुक पर अब आप फर्जी संपर्को की जांच, विश्लेषण और उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं। यह एक एप्लिकेशन से संभव है। इस एप्लिकेशन के इस्तेमाल के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। इस एप्लिकेशन को इजराइल के एलिरन सहचर ने डिजाइन किया है।

एलिरन ने कहा है कि भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल अगले साल तक के लिए मुफ्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में हाल ही में इंटरनेट के जरिए प्रताड़ना देने के काफी मामले सामने आए हैं। युवकों एवं युवतियों के परिजनों के लिए भी यह सबसे चिंता का विषय है। इस एप्प से माता-पिता अपने बच्चों को फर्जी प्रोफाइल से बचा सकते हैं और इंटरनेट पर अवांछित यूजर को ब्लॉक करके सेफ ब्राउजिंग कर सकते हैं।

बढ़ते साइबर अपराध को ध्यान में रखते हुए इस एप्लिकेशन को डिजाइन करने वाले एलिरन का कहना है कि यह एप्लिकेशन आपकी मित्र सूची के सभी मित्रों का तकनीकी रूप से टेस्ट रन करता है, जिसमें चुनी हुई प्रोफाइलों का 365 दिन का ट्रैक आपके सामने एक से 10 के बीच के स्कोर के रूप में दिखाता है। जिससे आप ये जान पाएंगे कि किसी प्रोफाइल पेज या ग्रुप का इस्तेमाल करने वाला उपयोगकर्ता वास्तविक है या फर्जी।

यह आपके उन सभी उपयोगकर्ताओं को हटाने में मददगार साबित होगी जो आपको बेवजह पिंग करते रहते हैं या आपके प्रोफाइल से फोटो या वीडियो कॉपी करके उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। इस एप्प से कहीं से कॉपी की हुई फोटो के बारे में भी जानकारी मिल जाती है। 

इस एप्लिकेशन को भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अगले एक साल तक के लिए नि:शुल्क रखा गया है। फेक ऑफ एप्लिकेशन सोशल मीडिया पर ज्यादा समय व्यतीत करने वाले उपयोगकर्ता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा प्रदान करने कि लिए बनाया गया है।

फेक ऑफ के संस्थापक एलिरन सहचर 34 वर्ष के हैं। वह खुद 11 वर्षो से इंटरनेट के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रहे हैं। वह खुद फेक प्रोफाइल्स से परेशान थे, इसलिए उन्होंने इस एप्लीकेशन को डिजाइन किया। 

राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं नीतीश

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dynamic leader nitish kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने न केवल राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में दो पारी खेली है, बल्कि केंद्रीय मंत्री के रूप में भी वह सफलतापूर्वक कार्य कर चुके हैं। बिहार के नालंदा जिले के कल्याण बिगहा के रहने वाले नीतीश बिहार अभियांत्रिक महाविद्यालय से विद्युत अभियंत्रिकी (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) की पढ़ाई की थी। वर्ष 1974 में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के जरिए राजनीति का ककहारा सीखने वाले नीतीश बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और अपने जमाने के धाकड़ नेता सत्येंद्र नारायण सिंह के भी काफी करीबी रहे हैं। 

वर्ष 1985 में नीतीश पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य बने और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 1987 में वह युवा लोकदल के अध्यक्ष बने और 1989 में जनता दल के सचिव बनाए गए। वर्ष 1989 में पहली बार वह बाढ़ संसदीय क्षेत्र क्षेत्र से सांसद बने। उन्हें केंद्र में कृषि राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया था। वर्ष 1998 से 1999 के बीच कुछ समय के लिए नीतीश ने केंद्रीय भूतल और रेल मंत्री का दायित्व संभाला। इसके बाद वर्ष 2001 से 2004 के बीच केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने बिहार के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन टूटने के 11 महीने बाद भी नीतीश ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया है। कहा जाता है कि पार्टी में बगावत न हो, इसलिए वह यथास्थिति बनाए हुए हैं। पिछले दिनों कई विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप में पार्टी से निकाले जा चुके हैं। 

बिहार में जद (यू) और भाजपा गठबंधन इतनी मजबूती के साथ उभरा कि इसने 15 वर्ष पुरानी लालू-राबड़ी सरकार को उखाड़ फेंका। वर्ष 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बहुमत मिला और नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने। 'न्याय के साथ विकास'उनका मूलमंत्र था। बिहार की सड़कें सुधर गईं, बिजली की आपूर्ति पहले से ज्यादा होने लगी, पटना में कई पुल और फ्लाईओवर बने। बिहार में विकास दिखने लगा। वर्ष 2010 में एक बार फिर जद (यू) भाजपा गठबंधन को जनादेश मिला, परंतु पिछले वर्ष भाजपा से गठबंधन टूट गया। नीतीश जद (यू) को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहलाने लायक बनाने में जुटे रहे।

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के एक दिन बाद शनिवार को पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी विधायक दल की बैठक रविवार को बुलाई है। 

काठमांडू को उम्मीद, नहीं बदलेगी भारत की नेपाल नीति

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mahendra bahadur pandey
नेपाल ने शनिवार को भरोसा जताया कि भारत नेपाल के प्रति अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं लाएगा। भारत के इस पड़ोसी देश ने शुक्रवार को घोषित हुए भारतीय चुनाव परिणामों के बाद यह भरोसा जताया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नेपाल के विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जहां भारत अपनी घरेलू नीति में बदलाव ला सकता है, लेकिन उसकी नेपाल नीति बरकार रहेगी।

पांडे ने कहा, "नेपाल और भारत के बीच निकट का रिश्ता आने वाले दिनों में भी बना रहेगा। मुझे विश्वास है कि भारत अपनी नेपाल नीति में कोई बदलाव नहीं लाएगा।"कुछ सप्ताह पहले सिन्हुआ के साथ साक्षात्कार में पांडे ने कहा था कि नेपाल अपने पड़ोसी देशों के साथ सम्मानजनक संबंध रखना चाहता है।

नीतीश के इस्‍तीफे के बाद जेडीयू में शरद यादव का विरोध

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नीतीश कुमार के इस्‍तीफे के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। एक तरफ जहां नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है वहीं जेडीयू दो खेमों में बंट गई है। एक खेमा नीतीश कुमार के साथ है तो दूसरा पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष शरद यादव के साथ। शरद यादव ने जब यह साफ कर दिया कि नीतीश दोबारा मुख्‍यमंत्री नहीं बनेंगे तो उनका विरोध शुरू हो गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटना में उनकी गाड़ी रोककर प्रदर्शन किया और उन पर राजनीतिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान नीतीश जिंदाबाद और 'बिहार का नेता कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो'के नारे लगाए। इस बीच राजद के तीन विधायकों सम्राट चौधरी, राम लखन राम और जावेद इकबाल ने इस्‍तीफा दे दिया है।

 रविवार शाम चार बजे जेडीयू विधायकों की बैठक होने वाली है। इसमें विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया जाएगा। भाजपा भी राजनीतिक गतिविधियों पर नजर गड़ाए हुए है। रणनीति के तहत वह शाम पांच बजे राज्‍यपाल से मुलाकात करेगी। इससे पहले वह जेडीयू के कदम का इंतजार कर रही है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी और मंगल पांडे राज्‍यपाल से मुलाकात करेंगे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वह मामले पर नजर रखे हुए हैं और जेडीयू के फैसले के बाद ही कुछ बोलेंगे। लालू ने इसे जेडीयू का आंतरिक मामला बताया।

शनिवार को आरजेडी और लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाने का संकेत देने के बाद जेडीयू अध्‍यक्ष शरद यादव ने रविवार को दिल्‍ली में कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस ने जेडीयू को अपना समर्थन जारी रखने का भरोसा दिलाया। बता दें कि बिहार में कांग्रेस जेडीयू सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। उधर, शरद के लालू से हाथ मिलाने के संकेत देने के उलट, जेडीयू के एक नेता नरेंद्र सिंह ने कहा कि जेडीयू को लालू के समर्थन की जरूरत नहीं है। अगर ऐसी जरूरत पड़ी तो हम विधायकों और पार्टी के सदस्‍यों से बातचीत करेंगे। बता दें कि अगले मुख्‍यमंत्री के तौर पर जिन लोगों का नाम आगे चल रहा है उनमें नरेंद्र सिंह भी हैं।

बीजेपी ने बिहार में सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बीजेपी अपने नेता सुशील कुमार मोदी को सीएम बनाना चाहती है। भाजपा को जेडीयू के नाराज विधायकों से उम्‍मीद है। सुशील मोदी भी कई बार कह चुके हैं कि जेडीयू के करीब 50 विधायक उनसे संपर्क में हैं।

नरेंद्र मोदी आडवाणी से मिले

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 शनिवार को दिल्ली और बनारस में महाविजय यात्रा निकालने के बाद रविवार को देश के अगले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सियासी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इसी रणनीति के तहत आज उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. इसके अलावा मोदी लगातार बिहार की सियासत भी नजर रखे हुए हैं. सरकार गठन से पहले नरेंद्र मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी से उनके घर पर मुलाकात की. यह बैठक करीब 50 मिनट तक चली.

चर्चा है कि मोदी आज शाम तक पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सकते हैं. इस बैठक में कैबिनेट को लेकर चर्चा हो सकती है. वह एनडीए की सहयोगी लोकजनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान से भी मुलाकात कर सकते हैं. मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दफ्तर भी जा सकते हैं. इन चुनावों में आरएसएस की अहम भूमिका रही है. मोदी बीजेपी में आने से पहले संघ के प्रचारक भी थे. संघ के नेताओं से मिलने से पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के घर भी जा सकते हैं.

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी दिल्ली में गुजरात भवन में ठहरे हैं. गुजरात भवन में रविवार सुबह से बीजेपी के नेताओं का आना लगा हुआ है. अनंत कुमार भी मोदी से मिले. इसके अलावा, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफियो रियो ने भी उनसे मुलाकात की थी. इन सबके अलावा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी मोदी से मिले. येदियुरप्पा की चुनावों से पहले ही बीजेपी में वापसी हुई. उनकी वापसी के बाद पार्टी ने कर्नाटक में जोरदार प्रदर्शन किया है.

बिहार बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी आज मोदी से मुलाकात की. बिहार की सियासी घटनाक्रमों के मद्देनजर यह मुलाकात बेहद ही अहम है. गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. मोदी के करीबी अमित शाह ने भी उनसे मुलाकात की थी.

आनंदी बेन पटेल होंगीं गुजरात की अगली मुख्यमंत्री

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नरेंद्र मोदी की करीबी आनंदी बेन पटेल गुजरात की अगली मुख्यमंत्री हो सकती हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी नेताओं में आनंदी बेन पटेल के नाम पर सहमति बन गई है। माना जा रहा है कि 20 मई को बीजेपी विधायक दल आनंदी बेन पटेल को अपना नेता चुन सकते है।

सूत्रों के मुताबिक आनंदी बेन पटेल के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद 21 मई को नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। आनंदी बेन का नाम इसलिए भी चुना गया गया है क्योंकि इस वक्त वो गुजरात कैबिनेट की सबसे अनुभवी मंत्रियों में से एक हैं और उन्हें शासन में रहने का भी लंबा अनुभव है। इसके अलावा बीजेपी उन्हें राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाकर भी वाहवाही लूटना चाहती है।

राष्ट्रपति ने मनमोहन सिंह को भावीभीनी विदाई दी

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मनमोहन सिंह को भावभीनी विदाई दी और सिंह के नौकरशाही के दिनों से प्रधानमंत्री बनने तक के चार दशक लंबे सफर में अपने जुड़ाव का स्मरण किया। रविवार को रात्रिभोज में मुखर्जी ने कहा कि ऐसे मौकों पर बोलने का प्रचलन नहीं है लेकिन वह सामान्य चलन से हटेंगे क्योंकि वह जिस भद्र पुरूष को ‘गुड बाय’ कहने जा रहे हैं, उसने चार दशक से अधिक समय तक उनके साथ काम किया है।

मुखर्जी ने बताया कि वह सिंह से तब मिले थे, जब वह 1974 में जूनियर वित्त मंत्री बने। राष्ट्रपति ने कहा कि महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर उनकी पकड़ से वह खुश हैं। निवर्तमान कैबिनेट मंत्रियों और 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज की मौजूदगी में मुखर्जी ने सिंह की सराहना की और कहा कि देश 1991 के दौरान आपके योगदान को याद रखेगा, जब आपने आर्थिक सुधारों में नया रास्ता अपनाया था। नब्बे के दशक में विकास का नया चरण आया, जब भारत ने विकास दर के मामले में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।

मुखर्जी ने ही अस्सी के दशक में सिंह की भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्ति की थी। मुखर्जी ने सिंह की सलाह लेने और विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के दौरान मिले समर्थन के मामले में खुद को भाग्यशाली बताया। सिंह ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मौके पर यदि वह भावुक हो जाएं तो उन्हें क्षमा कर दिया जाए। सिंह ने मुखर्जी के साथ अपनी लंबी मित्रता का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि उन्होंने योजना आयोग में सदस्य सचिव के रूप में और फिर आरबीआई गवर्नर के रूप में मुखर्जी के साथ काम किया। राष्ट्रपति संप्रग में अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोगी रहे और सबसे अनुभवी एवं वरिष्ठ मंत्री के रूप में बोझ बांट लेते थे।

निवर्तमान सरकार के सदस्यों को राष्ट्रपति के यहां पंजाबी कड़ी पकौड़ा से लेकर, गलावटी कबाब, मुर्ग निहारी, मछली के व्यंजन, अंजीर के कोफ्ते और पनीर पसंदा जैसे व्यंजन परोसे गये। 

ऐश्वर्या राय संजय गुप्ता की फिल्म से कम बैक करने जा रही हैं

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पूर्व मिस वर्ल्ड और जानी मानी अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन सिल्वर स्क्रीन पर एक बार फिर से धूम मचाने जा रही हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपना कम बैक करने जा रही हैं। बताया जाता है कि ऐश्यर्या जानेमाने फिल्मकार संजय गुप्ता की फिल्म ‘जज्बा’ में काम करने जा रही हैं।

संजय गुप्ता ने कहा कि ऐश्वर्या मेरी फिल्म से कमबैक करने जा रही हैं। इस फिल्म में ऐश्वर्या लीड रोड में होंगी। संजय ने कहा ‘जज्बा’ एक क्राइम थ्रिलर फिल्म होगी जिसमें ऐश्वर्या का किरदार काफी मजबूत होगा। बताया जाता है कि इस फिल्म में दो अभिनेता भी काम करेंगे। फिल्म की शूटिंग जनवरी 2015 से शुरू होगी।

उल्लेखनीय है कि ऐश्वर्या ने अंतिम बार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गुजारिश’ में रितिक रौशन के साथ अभिनय किया था। पहले चर्चा थी कि ऐश्वर्या मणिरत्नम की फिल्म से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी कर सकती है।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कुर्सी भी खतरे में

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virbhadra singh
शिमला,  18 मई (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश में चुनाव नतीजे सामने आते ही सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में जहां मतभेद सामने आ गये हैं, वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है।  कांग्रेस के भीतर वीरभद्र सिंह को लेकर पहले ही अंसतोष है। लेकिन नतीजों ने विरोधी खेमे को सक्रिय कर दिया है।   कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर लोग इस हार के लिये वीरभद्र सिंह को ही दोषी मान रहे हैं।  व उन पर इस्तीफा देने के लिये दवाब बनने लगा है।  वहीं नये सी एम के लिये भी कांग्रेस के अंदर लाबिंग तेज हो गई है।   एक आला कांग्रेस नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि जब आसाम के मुख्यमंत्री हार की जिम्मेवारी ले सकते हैं तो हिमाचल की हार के लिये वीरभद्र सिंह को भी जिम्मेवारी लेनी चाहिये।  आरोप लगाया जा रहा है कि  भले ही वीरभद्र सिंह ने पार्टी हाईकमान पर दवाब डालकर प्रदेष की चारों लोकसभा सीटों के अतिरिक्त सुजानपुर विधानसभा के उप-चुनाव में अपनी पसन्द के उम्मीदवारों को टिकट दिलाकर यह एहसास दिलाने का प्रयास किया हो कि चाहे सरकार हो या संगठन, कांग्रेस पार्टी में केवल वे ही सर्वेसर्वा हैं, लेकिन  चुनावी नतीजों ने जमीनी हकीकत दिखा दी है।  

पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह शुरू से ही  कहते रहे कि हमीरपुर से पार्टी से जुड़े किसी कार्यकर्ता करो ही टिकट मिले।  लेकिन वीरभद्र सिंह के दवाब की राजनिति के आगे उनकी बात अनसुनी हो  गई।  व चंद दिन पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये राजेन्दर राणा को कांग्रेस ने टिकट थमा दिया। यहीं बस नहीं उनकी पत्नी को सुजानपुर से विधानसभा चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतारा गया।  दलील दी जा रही है कि  हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कई  वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्यमान थे जिन्होंने अपने होश सम्भालने से लेकर इस पार्टी को अपने खून पसीने से सींचा है और जाहिर सी बात है कि उन्हें भी पार्टी का टिकट दिया जा सकता था लेकिन वीरभद्र सिंह की स्वार्थपरक राजनीति और अहम ने उन नेताओं को अनदेखा करके ऐसे व्यक्ति और उसकी पत्नी को टिकट दिलाकर संगठन को तो कमजोर किया ही साथ ही हमीरपुर जैसे महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को एक ग्रहण लगाने पर भी मजबूर कर दिया । इन टिकटों के आबंटन से जिस प्रकार संगठन से जुड़े नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को जिस प्रकार से आघात पहुॅचा है उससे लगता है कि ना केवल हमीरपुर अपितु पूरे प्रदेष में वीरभद्र सिंह की हठधर्मिता के कारण पार्टी को नुकसान पहुंचा ।  

यही हाल कांगड़ा में चंदर कुमार व शिमला से मोहन लाल ब्राकटा को मैदान में उतारने को लेकर था।  मंडी से पहले ही वीरभद्र सिंह की पत्नी मैदान में उतार दी गई।   पूरे चुनाव अभियान में वीरभद्र सिंह ने संगठन की पूरी तरह अनदेखी की।  पार्टी अध्यक्ष को कई जगह दरकिनार किया गया। चुनाव नतीजे सामने आते ही अब वीरभद्र सिंह विरोधी लाबी सक्रिय हो गई है।  मिली जानकारी के मुताबिक अगले एक दो दिनों में कांग्रेस के विधायक दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।  कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्दर सिंह के अलावा राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर , बनीखेत से कांग्रेस विधायक, आशा  कुमारी समेत सत्तारूढ़ दल के करीब अठारह विधायक बगावत पर उतर आये हैं। जो अपना दो टूक फैसला पार्टी आलाकमान को सुनाने जा रहे हैं।  कि वीरभद्र सिंह को बदलो नहीं तो हम चले।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (18 मई)

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राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री द्वारा पंडित गौरी शंकर प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त

urmila singh governor
शिमला,  18  मई (विजयेन्दर शर्मा) । राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह तथा मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने प्रख्यात समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी तथा कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता तथा प्रदेश के प्रथम मंत्रिमण्डल के सदस्य पंडित गौरी शंकर प्रसाद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पंडित गौरी शंकर प्रसाद का आज मण्डी स्थित उनके पैतृक आवास पर निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने परमपिता परमात्मा से दिवंग्त आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। पंडित गौरी शंकर प्रसाद का जन्म वर्ष 1920 में मण्डी में हुआ था। लाहौर से अपनी शिक्षा पूरी करने के उपरान्त उन्होंने वर्ष 1940-41 में डा. यशवन्त सिंह परमार की अगुवाई में प्रजामण्डल आन्दोलन में भाग लिया। वर्ष 1952 में पंडित गौरी शंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री डा. यशवन्त सिंह परमार के मंत्रीमण्डल में लोक निर्माण विभाग केे मंत्री के रूप में स्थान ग्रहण किया। राज्यपाल ने अपने शोक सन्देश में कहा कि पंडित गौरी शंकर प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हिमाचल की राज्य के रूप में अलग पहचान सुनिश्चित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने अपने शोक सन्देश में कहा कि ‘पंडित जी’ नाम से प्रसिद्ध  पंडित गौरी शंकर प्रसाद को स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए सक्रिय योगदान और समाजसेवा के लिए सदैव याद रखा जाएगा। समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों के उत्थान में उन्होंने विशेष योगदान दिया। प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का कल्याण सुनिश्चित बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। पंडित जी समाज सेवा के लिए ही राजनीति में आए और राजनीति में उच्च आदर्शों के लिये उन्हें सदैव याद रखा जायेगा।  

वीरभद्र सिंह  भगवान के दरबार में 

शिमला,  18  मई (विजयेन्दर शर्मा) । संकट के दौर से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह  आज भगवान के दरबार में पहुंच गये। वीरभद्र सिंह ने आज शिमला जिला के नारकण्डा के समीप प्रसिद्ध एवं प्राचीन हाटू मन्दिर में ‘जेठा रविवार’ के अवसर पर पूजा अर्चना की। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश के लोगों के स्वस्थ जीवन एवं सुख समृद्धि की कामना की। पूर्व सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह भी मुख्यमंत्री के साथ थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं तथा इस ऐतिहासिक स्थान पर भ्रमण के लिये आने वाले पर्यटकों के लिए यहां मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित बनाई जाएं। इससे पूर्व मन्दिर परिसर में पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स, मुख्य संसदीय सचिव श्री नन्द लाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री टी.जी. नेगी, जिला ग्रामीण कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्री केहर सिंह खाची, उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री वीरभद्र सिंह ने तदोपरान्त ठियोग स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि विश्राम गृह और परिसर के सौन्दर्यकरण का कार्य समयबद्ध सीमा में सुनिश्चित बनाया जाए।

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (18 मई)

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मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का अधिक से अधिक निपटारा हो- डाॅ0 सुनहरे
  • मीडिऐशन जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

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सीधी 17 मई 2014    न्यायालयीन प्रकरणों की जटिलता के कारण अधिकांश मामलों में ज्यादा समय एवं धन का व्यय होता है । जिससे निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार समस्त जिलों में मीडिऐशन योजना के माध्यम से प्रकरणों के निपटारे के लिए सकारात्मक पहल की गई है। जिससे पक्षकारों को सस्ता एवं सहूलियत से न्याय मिल  सकेगा। इस आशय के विचार आज विशेष न्यायाधीश डाॅ0 जे.सी.सुनहरे ने जिला न्यायालय परिसर में स्थित जिला न्याय सदन में आयोजित मीडिऐशन जागरूकता शिविर के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश श्री पी.एल.दिनकर, सी.जे.एम.श्री विष्णु सोनी, न्यायाधीश श्री मनोज तिवारी, श्री राजीव सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती संगीता यादव, रजिस्ट्रार एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश यादव, न्यायाधीश श्री आशीष कुमार केसरवानी, श्री अंजय सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मुनीन्द्र द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लालमणि सिंह, श्री बृजेन्द्र सिंह, अधिवक्तागण एवं पक्षकारगण उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुनहरे ने कहा कि पक्षकारों के जागरूकता से ही त्वरित न्याय प्रक्रिया में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपसी विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता अधिनियम के तहत सभी को आगे आकर इस दिशा में सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा मीडिऐशन योजनांतर्गत आने वाले प्रकरणों को फोरम/संस्था में स्थानांतरित कर न्याय प्रक्रिया के परिणाम को पक्षकार के हाथों में दे दिया जाता है। आपसी समझौते के आधार पर लिये गए निर्णय स्थाई होते हैं। उन्होंने बताया कि पारिवारिक संबंधी मामलों के निपटारे से प्रगाढ़ता और अधिक बढ़ जाती है। परिसम्मपत्तियों के आपसी मामलों को सुलह के माध्यम से सुलझाये जा सकते हैं। उन्हेांने मीडिएशन योजना के बारे में बताया कि इससे समय की बचत तथा अपव्यय को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि पक्षकारों को जागरूक किया जाए तथा इस दिशा में सकारात्मक परिणाम हेतु सभी वर्गों एवं न्यायालयीन कर्मियों को भी आगे आना चाहिए। ए.डी.जे.श्री पी.एल.दिनकर ने कहा कि मीडिऐशन योजनांतर्गत सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जागरूकता संबंधी प्रशिक्षण संबंधितों द्वारा लिया गया है। इस दिशा में निश्चित ही बेहतर कार्य किए जाकर सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। ए.डी.जे.श्री मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने मीडिऐशन जागरूकता का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। जिले में जागरूकता की दिशा में सभी आवश्यक पहल की जाएगी। तहसील एवं ब्लाक स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मुनीन्द्र द्विवेदी ने कहा कि मीडिऐशन जागरूकता महत्वाकांक्षी योजना है। इससे लंबित प्रकरणों में कमी आएगी । उन्होंने कहा कि न्यायालयों में ऐसे प्रकरणों की सूची तैयार की जाए। जिससे इस दिशा में आगे बढ़ा जा सके। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लालमणि सिंह ने मीडिऐशन जागरूकता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें समन्वित प्रयास करने होंगे तभी सफलता प्राप्त हो सकेगी। प्रकरणों के समाधान प्रणाली का लाभ पक्षकारों को मिले ऐसे प्रयास किए जाएं। उन्होंने फांस, फांसले और फैसला की व्याख्या करते हुए इस दिशा में किए जाने वाले ठोस प्रयासों पर बल दिया। श्री बृजेन्द्र सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता ने भी मीडिऐशन जागरूकता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राजेश यादव ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कहा कि मीडिऐशन जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि पक्षकारों को बताया कि आपसी समझौते एवं मध्यस्थता से प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण कराये जाने की पहल की जाए। जिससे उनके समय एवं व्यय होने वाली राशि की बर्बादी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और अधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन ग्रामीण अंचलों किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोगों इसकी जानकारी हो सके तथा सार्थक परिणाम सामने आ सकें। 

कार्यक्रम की शुरूआत मातृ वंदना से हुई
कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जलित कर की गई । इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के कलाकार श्री सुरेन्द्र शुक्ला द्वारा सुमधुर आवाज में मातृ वंदना प्रस्तुत की गई। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (18 मई)

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हजरत चाॅंद शाह वली मे चार दिवसीय उर्स            

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झाबुआ---हि दू.मुस्लिम सांप्रदायिक सौहाद्रता के प्रतीक चार दिवसीय झाबुआ उर्स के दूसरे दिन महफिल ए समा ;कव्वाली की महफिल में  श्रद्धालु उमड़ पड़े। चार दिवसीय उर्स के दूसरे दिन आयोजित कव्वाली के प्रोग्राम में नैनिताल से पधारे जहीर मिया एंड कव्वाल पार्टी तथा जलालाबाद से आए सरफराज अनवर साबरी ने अपने सुफियाना कलामों से  श्रोताओं को गदगद कर दिया। सर्वप्रथम सरफराज अनवर साबरी ने महफिल की शुरूआत की। बाहर से आए भक्तों ने आस्था व अदब के साथ दाद देते हुए कव्वाली का आनंद लिया। उसके बाद बैठे जहीर मिया ने पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में कलाम पेश कर  श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। पुनः सरफराज अनवर साबरी ने  श्रोताओं की मांग पर बेखूद किये देते है कलाम पेश किया जिस पर उपस्थित  श्रोताओं में माहौल भक्तीमय हो गया। दरगाह परिसर स्थानीय एवं बाहर के  श्रद्धालुओं से भरा पड़ा था। कुछ लोग कव्वाली का आनंद ले रहे थे तो मन्नत उतारने तथा दर्शन करने वालो का भी दरगाह में तांता लगा रहा। इत्र व फूलों से पूरी दरगाह को सजाया गया थाए जो आकर्षण का केन् द्र रहा। इसके अलावा बाहर से आने वाले मेहमानो के लिये पर्याप्त बैठक व्यवस्थाए जल तथा रोशनी की व्यवस्था की गई थी। उर्स में प्रतिवर्षानुसार लगने वाली दुकानो पर भी भारी भीड़ देखी गई।

लंगर के साथ आज होगा समापन
शनिवार रात को बिजनौर से बुलवाए गए रईस अनीस साबरी एंड कव्वाल पार्टी तथा कपासन से पधारे सलीम साबरी एवं कव्वाल पार्टी ने भी दूसरे दिन  श्रोताओं को बांधे रखा। आज रविवार को सुबह 9 बजे से महफिले रंग प्रारंभ होगी! जिसमें सलीम साबरी एवं कव्वाल पार्टी तथा मंदसौर से पधारे फारूख हाशमी एवं कव्वाली पार्टी मजार शरीफ के सामने  श्रोताओं के बीच बैठकर अपने कलाम पेश करेंगे। महफिले रंग में दोपहर तक कव्वाली के प्रोग्राम के बाद कुल की फातेहा होगी तथा लंगर ए आम के बाद उर्स का समापन होगा।

टीकाकरण कार्यक्रम में लापरवाही बरतने वाले शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध 
          
झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि मेघनगर ब्लाॅक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मदरानी के अंतर्गत ग्राम ढेबर में कुछ बच्चों की मृत्यु हुई थी, जिसमें कि ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ0विक्रम सिंह वर्मा, मुख्य खण्ड शिक्षा अधिकारी मेघनगर ने जाॅंच उपरांत निम्न कर्मचारियों की लापरवाही पाई थी:-
1. श्रीमती रीना बारिया पिता शंकरलाल बारिया, ए0एन0एम0 ढेबर, निवासी 101 विवेकानंद काॅलोनी झाबुआ।
2. डाॅ0नीलेश खादेडि़या, आयुष चिकित्सक मदरानी
3. श्रीमती सेना वालसिंह भूरिया, आशा कार्यकर्ता, ग्राम ढेबर
4. श्रीमती कान्ता मेड़ा, आंगनवानी कार्यकर्ता, ग्राम ढेबर
5. श्रीमती केसा भूरिया, आंगनवाड़ी सहायिका, ग्राम ढेबर
डाॅ0विजेन्द्र सिंह अजनार, मेडिकल आॅफिसर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मदरानी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने पर उनकी ओर से प्रकरण में थाना काकनवानी में उपर्युक्त 05 अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 100/2014, धारा 304, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी काकनवानी उप निरीक्षक व्ही0के0बरकड़े द्वारा की जा रही है।

आपसी विवाद मे तिर मार की हत्या का 

झाबूआ---फरियादी झीतरा पिता केशरिया राठौर पटेलिया, उम्र 55 वर्ष निवासी डोचका ने बताया कि उसका भतीजा शंकर पिता नाथिया शराब पीकर आया। इस पर उसका भाई आरोपी नाथिया पिता केसरिया राठौर पटलिया, निवासी डोचका बोला कि तू रोज शराब पीकर आता और झगडा करता है। इस पर उसका भतीजा शंकर विवाद करने लगा। उसके भाई आरोपी नाथिया ने गुस्से में आकर एक तीर मारा, जो उसके भतीजे शंकर के पेट में लगा। दौरान ईलाज जिला अस्पताल झाबुआ में शंकर मृत्यु हो गयी। सूचना पर थाना झाबुआ में मर्ग क्र. 16/14 कायम कर  जांच कर विवेचना में लिया गया। प्र्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्र0 89/14, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध 

झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि वह खेत में भिण्डी की सब्जी की निगरानी करने गई थी।  मुन्ना पिता भेरू जाति भूरिया, निवासीगण हिम्मतगढ आया व जबरन उसका हाथ पकडकर खेत के पास गेलिया खाल के अंदर ले गया व जबरन खोटा काम किया। चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोपी मुन्ना फोन करके किसी लडके को मो0सा0 लेकर बुलाया, जिसका नाम वह नही जानती। उसकी मो0सा0 पर जबरन बैठाकर बोरटी ले गया व वहां किसी के घर छोड कर चले गये। रात में पिताजी व काका गये और घर लेकर आये। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 183/14, धारा 363,366,376,506 भादवि एवं 3/4 लेै.अप.बा.सं.अधि. 2012 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार में सरगर्मी तेज, राजद के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा

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lalu prasad yadav
बिहार में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच जनता दल (युनाइटेड) के विधायकों का एक धड़ा जहां विधायकों की बैठक में एकबार फिर नीतीश कुमार को नेता बनाने पर अड़ा है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जद (यू) को समर्थन देने के मामले में पार्टी के किसी नेता से संपर्क करने से इंकार किया है। इस बीच राजद के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। राजद के बागी हुए तीन विधायक सम्राट चौधरी, रामलखन राम और जावेद इकबाल अंसारी ने रविवार को इस्तीफा दे दिया। ये तीनों विधायक पहले ही पार्टी से बगावत कर विधानसभा अध्यक्ष से अलग दल की मान्यता की मांग कर चुके हैं, जिसे अध्यक्ष ने इंकार कर दिया है। 

इस बीच भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शाम को राज्यपाल से मिलेगा। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने बताया कि शाम को सवा छह बजे भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलेगा और राज्य की ताजा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेगी। बिहार विधानसभा भंग कराने की मांग पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा भंग करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी राजनीति स्थिति पर नजर रखे हुए है। 

उधर जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव रविवार को सुबह दिल्ली से पटना पहुंचे। उन्होंने पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश के इस्तीफे का फैसला पार्टी का फैसला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनादेश मिला है उसमें आज देश के सामने संविधान की रक्षा का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि शाम को विधायक दल की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नेता अपना नेता चुनेंगे। इस बीच बिहार के मंत्री और जद (यू) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र सिंह भी दिल्ली से पटना पहुंचे। उन्होंने कहा, "कई विधायकों से उनकी बात हुई है और फिर से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा।"उन्होंने कहा कि नीतीश को मना लिया जाएगा। 

इधर, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री आवास छोड़ने की तैयारी में लगे हुए हैं। जद (यू) के एक नेता की मानें तो पटना में एक आवास का भी उन्होंने चयन कर लिया है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जद (यू) सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर शरद यादव या नीतीश कुमार से संपर्क किए जाने से इंकार किया है। उन्होंने रविवार को कहा, "जद (यू) के किसी भी नेता से इस संबंध में उनकी कोई बात नहीं हुई है। जद (यू) का यह अपना मामला है। जद (यू) के विधायक दल की बैठक होनी है। राजद सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।" 

इस बीच बिहार के एक मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी नीतीश कुमार को मनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दल के सभी विधायकों से बात चल रही है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव में जद (यू) को दो सीटें मिली है। बिहार विधानसभा में जद (यू) के 117 सदस्य हैं जबकि भाजपा के 90, राजद के 24, कांग्रेस के चार और अन्य सात सदस्य हैं। 

अकबरुद्दीन ओवैसी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश

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akbaruddin owesi
बेंगलुरू पुलिस ने मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की हत्या की साजिश रचने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के सरगना के. गिरि सहित दो सदस्य कर्नाटक की सीमा से लगे अनंतपुर जिले के हिदूपुर शहर में भागने की कोशिश में घायल हो गए। कर्नाटक पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर बेंगलुरू ले आई।

जानकारी के अनुसार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गैंगस्टरों को बीच रास्ते में रोका और उनके पास से हथियार बरामद किए। गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने की कोशिश करते समय गिरि और उसका एक साथी घायल हो गया।इस गिरोह ने मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की हत्या की कथित सुपारी ली थी।

हैदराबाद की पुलिस ने बताया कि वह बेंगलुरू की पुलिस से सूचना जुटाने की कोशिश कर रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गैंग को अकबरुद्दीन की हत्या की सुपारी किसने दी थी। 42 वर्षीय ओवैसी हाल में आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए हुए चुनाव में यहां चंद्रयानगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए हैं। अकबरुद्दीन एमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई हैं।

जनता दल (यु) विधायकों ने फिर नीतीश को नेता चुना

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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद रविवार को जनता दल (युनाइटेड) के विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने नीतीश कुमार को फिर नेता चुन लिया। नीतीश हालांकि फिर से मुख्यमंत्री का पद संभालने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि फैसला लेने के लिए उन्हें सोमवार तक का समय चाहिए। बैठक के बाद बाहर निकले विधायक संजय सिंह ने बताया कि बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने बतौर नेता नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया जिसका समर्थन उपस्थित सभी विधायकों ने एक स्वर में किया। 

नीतीश ने विधायकों को संबोधित करते हुए जब यह कहा कि वह फिर से मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं, तो सभी विधायक एकजुट होकर उन पर मुख्यमंत्री बनने का दबाव बनाया। एक जद (यू) नेता ने बताया कि पार्टी विधायक किसी भी हाल में नीतीश की 'ना'सुनने को तैयार नहीं हैं। विधायकों का निर्णय स्वीकार नहीं किए जाने तक वे वहीं बैठे रहेंगे।

विधायक मंजीत सिंह ने बताया कि सभी विधायक बिहार के विकास की लड़ाई नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने की बात कही। कई विधायक अपना इस्तीफा भी देने को तैयार हैं। विधायकों के बढ़ते दबाव के बाद नीतीश ने इस्तीफा वापस लेने के निर्णय पर विचार करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में कई विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव का विरोध भी किया। 

इस बीच, जब तक बैठक चलती रही तब तक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के बाहर नीतीश समर्थकों की भारी भीड़ मुख्यमंत्री से इस्तीफा वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा करते रहे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। आम चुनाव में जद (यू) को मात्र दो सीटें मिली हैं। 

सरकार के गठन में संघ की कोई भूमिका नहीं : वेंकैया नायडू

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Venkaiah Naidu
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू और संघ के प्रवक्ता राम माधव ने रविवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) की कोई भूमिका नहीं होगी। नायडू ने संघ कार्यालय पर सरकार गठन में भूमिका के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, "सवाल ही नहीं उठता है। संघ इस तरह के मामलों में कभी दखल नहीं देता।" उन्होंने कहा, "हम स्वयंसेवक हैं और हम यहां संघ मुख्यालय में अपने वरिष्ठों से मिलने आए हैं। यह हमारे जीवन का हिस्सा है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। यह भाजपा और उसके नेताओं की जवाबदेही है कि आपस में विचार-विमर्श कर अपना फैसला लें।"

राम माधव ने जयपुर में इसी से मिलते-जुलते विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "संघ ने न तो भाजपा को और न ही मोदीजी को कोई निर्देश दिया है..संघ कभी भी राजनीति और सरकार का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में नहीं रखता है।"उन्होंने कहा कि इसी तरह का सवाल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के समय भी पूछा गया था। उन्होंने कहा, "इसी तरह का सवाल अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा गया था और उन्होंने कहा था कि उन्हीं के पास रिमोट कंट्रोल होता है।"

माधव ने कहा, "संघ का काम पूरा हुआ और वह राष्ट्र एवं समाज निर्माण, चरित्र एवं व्यक्तित्व विकास के अपने बुनियादी काम की तरफ लौट जाएगा।"लोकसभा चुनाव में भाजपा को उल्लेखनीय सफलता दिलाने के लिए संघ ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। जमीनी स्तर पर उसके कार्यकर्ताओं ने भाजपा की जीत की जमीन तैयार की। भाजपा नेता रविवार को आरएसएस के दिल्ली स्थित कार्यालय में जमा हुए थे। नायडू के अलावा कलराज मिश्र, धर्मेद्र प्रधान, गोपीनाथ मुंडे, हर्षवर्धन और राजीव प्रताप रूडी जैसे नेता आरएसएस कार्यालय में इकट्ठा हुए।

नई लोकसभा में हर तीसरा सांसद है आपराधिक पृष्ठभूमि वाला

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लोकसभा में हर तीसरा नवनिर्वाचित सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है। इस आशय का खुलासा सांसदों द्वारा भरे गए शपथ पत्र के आधार पर हुआ है। नेशनल इलेक्शन वाच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने 543 में 541 सदस्यों के शपथ पत्र के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि 186 या 34 प्रतिशत नवनिर्वाचित सांसदों ने अपने शपथ पत्र में खुलासा किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

2009 में 30 प्रतिशत लोकसभा सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले थे। इसमें अब चार प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक 2014 के चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले एक प्रत्याशी के जीतने की संभावना 13 प्रतिशत रही, जबकि साफ छवि के प्रत्याशियों के मामले में यह पांच प्रतिशत रही। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 186 नए सांसदों में से 112 (21) ने अपने खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि जैसे गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि झारखंड के जमशेदपुर से विजयी रहे भाजपा प्रत्याशी और महाराष्ट्र के सतारा से विजयी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रत्याशी के शपथ पत्रों का विश्लेषण नहीं हो पाया है क्योंकि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दिए गए उनके शपथ पत्र अधूरे/अस्पष्ट मिले हैं।

पार्टी वार विश्लेषण में सबसे ज्यादा सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं। पार्टी के 281 सदस्यों में से 98 या 35 प्रतिशत ने अपने शपथ पत्र में आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। भाजपा ने 282 सीटें जीती हैं। कांग्रेस के 44 में से 8 (18 प्रतिशत), एआईएडीएमके के 37 में से 6 (16 प्रतिशत), शिवसेना के 18 में से 15 (83 प्रतिशत) और तृणमूल के 34 विजेताओं में से 7 (21 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा किया है।

युवाओं को उम्मीद, नई मोदी सरकार सरकार देगी नौकरी

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देश के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में उदय तथा देश की दशा और दिशा बदलने के उनके वादे ने युवाओं को खूब प्रभावित किया। यही कारण रहा कि चुनावों के दिन युवाओं ने बड़ी संख्या में मतदान में हिस्सा लिया। नतीजे सामने आने के बाद देश के युवा चाहते हैं कि सत्ता में आने वाली भाजपा की नई सरकार अपने वादों को पूरा करे। ज्यादातर युवाओं ने कहा कि भ्रष्टाचार और मंहगाई को खत्म करना, नौकरी के अवसर बढ़ाना तथा महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

गुवाहाटी की 27 वर्षीया अवंतिका पॉल ने बताया, "मैं नई सरकार को लेकर आशान्वित हूं, लेकिन कुछ आशंकाएं भी हैं। ज्यादातर उदारपंथियों की तरह मुझे भी आशंका है कि उनके आने से सोशल मीडिया, पाश्चात्य संस्कृति आदि पर पर नियंत्रण लग सकता है। वहीं 'गे राइट्स' (समलैंगिकों के अधिकार) व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के विषय को लेकर भी मन में सवाल हैं।"पेशे से पायलट ऋषि महेंद्रू ने बताया, "मेरी नजर में कई ऐसे काबिल युवा हैं जो कम पैसे कमा रहे हैं या बेरोजगार हैं। कुछ तो देश छोड़कर बाहर भी जा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि नई सरकार देश में नौकरी के अवसर बढ़ाएगी।"

मोदी का समर्थन करने वाली 28 वर्षीया मीमांसा शेखर का मानना है कि नई सरकार देश को 'राजवंशीय राजनीति'से दूर ले जाएगी। साथ ही भ्रष्टाचार और मंहगाई भी देश में एक अहम समस्या है। बेंगलुरू में रहने वाले 20 वर्षीय छात्र तेनजिंग युत्सो ने कहा, "मोदी का भारी मतों से जीतना यह दर्शाता है कि देश बदलाव चाहता है। मैंने भी भाजपा को मत दिया और अब चाहता हूं कि नई सरकार अपने वादे पूरे करे। नीतियों में सुधार के अलावा महिलाओं की सुरक्षा और देश में उन्हें बराबरी का हक दिया जाना चाहिए।" 

गृहिणी प्रिया रमन का मानना है कि महिलाओं की सुरक्षा इस समय सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार अगर अपने वादे पूरे करती है तभी वह उम्मीदों पर खरा उतरेगी।

सीमा पर हमले में एक जवान शहीद, दो घायल

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जम्मू जिले के अखनूर इलाके में नियंत्रण रेखा के समीप एक गश्ती दल को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट में सेना का एक जवान शहीद हो गया और उसके दो साथी घायल हो गए। सेना अधिकारियों ने बताया कि रविवार को जम्मू जिले के अखनूर इलाके में सीमावर्ती क्षेत्र में किए गए आईईडी विस्फोट में एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो अन्य घायल हो गए। ये जवान गश्त पर थे।

 अधिकारी ने बताया कि शहीद जवान की पहचान सिपाही भिखाले के रूप में हुई है कि जबकि घायल जवानों में हेडकांस्टेबल विनोद कुमार और लांस नायक अनमोल कुमार शामिल हैं। उन्हें इलाज के लिए उत्तरी कमान के सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारी ने बताया कि गश्त के मार्ग पर आईईडी लगा रखा था और जवानों को निशाना बनाते हुए उसमें विस्फोट किया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने बाद में नाथु टिब्बा इलाके में सीमावर्ती अग्रिम चौकी पर कुछ देर के लिए गोलीबारी की, जिससे गांववालों के बीच दहशत फैल गई। यह गोलीबारी रविवार रात बंद हो गई। सेना ने भारतीय क्षेत्र में घुसने का तीन पाकिस्तानी उग्रवादियों का प्रयास विफल कर दिया और इसके साथ ही घुसपैठियों द्वारा राजौरी जिले के भीमभेद गली में अग्रिम चौकी के समीप लगाए गए एक आईईडी को भी निष्क्रिय कर दिया।
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