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पीएनबी ने घोटाले की राशि बढाकर 12,700 करोड़ रुपये की

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मुम्बई 27 फरवरी, देश के दूसरे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंंक(पीएनबी) ने बताया है कि सेलेब्रेटी ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी ने 11,700 करोड़ रुपये की नहीं बल्कि करीब 12,700 करोड़ रुपये की फर्जी लेनदेन की है। पीएनबी ने देर रात बीएसई को यह जानकारी दी कि इस फर्जी लेनदेन में 204.25 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,300 करोड़ रुपये की राशि बढ़ने की संभावना है। यह दूसरी बार है जब पीएनबी ने घोटाले की अनुमानित राशि बढायी है। पीएनबी ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर अपने निदेशक मंडल और बीएसई तथा एनएसई को पांच फरवरी को 280.70 करोड़ रुपये की धोखधड़ी की जानकारी दी दी। लेकिन, आगे की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद यह राशि बढाकर 11,394.02 करोड रुपये (1.77 अरब डॉलर) की गयी । इसी के बाद 13 फरवरी की शाम को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) में एफआईआर दर्ज कराया गया और अगले दिन 14 फरवरी की सुबह दोनों शेयर बाजारों को इस बाबत जानकारी दी गयी। पीएनबी की इस घोषणा के बाद बीएसई में उसके शेयरों ने तेज गोता लगाया। फिलहाल बैंक के शेयर 11.53 प्रतिशत टूटकर 20 माह के निचले स्तर पर अा गये हैं। इस मामले में कथित रूप से संलिप्त गीतांजलि जेम्स के शेयर 4.87 फीसदी लुढ़के हैं।  इसी बीच नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों और तरलता का हवाला देते हुए अमेरिका के न्यूयॉर्क में दिवालिया होने की अपील दायर की है।


भारत, दक्षिण कोरिया का 2017 में द्विपक्षीय कारोबार 20 अरब डॉलर : मोदी

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नई दिल्ली 27 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय कारोबार बढ़कर 2017 में 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया। ऐसा बीते छह वर्षो में पहली बार हुआ है। मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि आखिर कैसे गुजरात के आकार का देश दक्षिण कोरिया इतनी आर्थिक प्रगति कर सकता है। मोदी ने भारत, कोरिया बिजनेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "यह जानकर खुशी हो रही है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार बीते छह वर्षो में पहली बार 20 अरब डॉलर को पार कर गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि वह कोरियाई लोगों के उद्यमशीलता की भावना की प्रशंसा करते हैं। मोदी ने कहा, "मैं सराहना करता हूं कि किस तरह से उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और इस्पात तक में अपने वैश्विक ब्रांडों का सृजन और उन्हें स्थापित किया है। कोरिया विश्व को बेहतरीन उत्पाद उपलब्ध करा रहा है।" मोदी ने यह भी कहा कि दक्षिण कोरियाई कंपनियों को उनके नवाचार के लिए और सशक्त उत्पादन क्षमता के लिए सराहा जाता है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत के पास अर्थव्यवस्था के सभी तीन कारक हैं। उन्होंने कहा, "यदि आप विश्वभर में देखें तो ऐसे कुछ ही देश हैं, जहां आपको अर्थव्यवस्था के ये तीनों कारक एक साथ मिलेंगे। ये तीन कारक हैं- लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग। भारत में ये तीनों एक साथ मौजूद हैं।" मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध शताब्दियों पुराने हैं। उन्होंने कहा, "हम हमारी बौद्ध परंपराओं से जुड़े हैं। नोबल पुरस्कार विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर ने 1929 में कोरिया के शानदार इतिहास और सुनहरे भविष्य के लिए एक कविता 'लैम्प ऑफ द ईस्ट'लिखी थी। मोदी ने कहा, "यह संयोग है कि भारत और कोरिया दोनों का ही स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त है। कविताओं से लेकर बुद्ध और बॉलीवुड तक भारत और कोरिया में बहुत समानताएं हैं।"

देश में खाद्यान्नों के रिकार्ड पैदावार की उम्मीद

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नयी दिल्ली 27 फरवरी, देश में वर्ष 2017-18 के दौरान रिकार्ड 27 करोड़ 74 लाख टन से अधिक खाद्यान्नों की पैदावार की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 लाख 70 हजार टन अधिक है। पिछले वर्ष 27 करोड़ 51 लाख टन से अधिक खाद्यान्नों का उत्पादन हुआ था । कृषि मंत्रालय की ओर से प्रमुख फसलों की पैदावार को लेकर आज यहां जारी दूसरे पूर्वानुमान के अनुसार वर्ष 2017 में मानसून के लगभग सामान्य रहने और सरकार की नीतियों के कारण खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद है । दलहनों की पैदावार में पिछले साल के रिकार्ड उत्पादन से आठ लाख 20 हजार टन अधिक लेकिन तिलहनों का उत्पादन करीब 14 लाख टन कम होनें की संभावना है । वर्ष 2017-18 के दौरान दलहनों का उत्पादन लगभग दो करोड़ 40 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार दो करोड़ 31 लाख टन से कुछ अधिक थी । तिलहनों का उत्पादन करीब तीन करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन तीन करोड़ 12 लाख टन था ।

केंद्रीय राज्य मंत्री निरंजन ज्योति ने किया पत्रकार शैलेश तिवारी को सम्मानित

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नई दिल्ली। एफडब्लूए हायर एजुकेशन समिट- 2018 का आयोजन नई दिल्ली होटल ली मेरीडियन में किया गया। इस समिट में केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मुख्य अतिथि थी।  यह समिट को मीडिया के दो बड़े समूह बिज़नेस वर्ल्ड और एजुकेशन पोस्ट ने आयोजित किया था।इस अवसर पर  केंद्रीय राज्य मंत्री निरंजन ज्योति ने अपने सम्बोधन में भारत सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश आज तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसका श्रेय मोदी जी को जाता है। उन्होंने कहा कि आज मीडिया इतना सशक्त हो चूका है कि अब सरकार में गलती की गुंजाईश नहीं बची है हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी घटना पर मीडिया की पैनी नज़र रहती है जो मजबूत लोकतंत्र की पहचान है। इस मौके पर उन्होंने समाजसेवा,शिक्षा,पत्रकारिता,उद्योग जगत में अपना योगदान देने वाली हस्तियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस भव्य कार्यक्रम में  पत्रकार शैलेश तिवारी को इमर्जिंग मीडिया एंटरप्रेन्योर अवार्ड दिया, जो उनको स्वतंत्र पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु दिया गया है।

पत्रकार भारतीय लोकतंत्र के वास्तुकार हैं : तपन चाँद

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आर्यावर्त डेस्क(विजय सिंह),जमशेदपुर, फरवरी,2018, जीवन में कुछ बातें और घटनाएं ऐसी होती हैं ,जो मनुष्य को जीवन पर्यन्त याद रहती हैं. 1981 में ओडिसा में उधोग स्थापना को लेकर छात्रों द्वारा किये गए एक महत्वपूर्ण यादगार छात्र आंदोलन के दरम्यान भी कुछ ऐसी ही बातें घटित हुईं ,जो  डॉ. तपन कुमार चाँद के जीवन की यादगार घटना बन गयी. जी हाँ,श्री चाँद 1981 में जब छात्र थे तो उनके नेतृत्व में ओडिसा में उधोग  स्थापना की मांग को लेकर जबरदस्त आंदोलन हुआ.छात्र ओडिसा में उधोग स्थापना की मांग से कुछ भी कम पर पीछे हटने को तैयार नहीं थे. देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का भुबनेश्वर दौरा था और तत्कालीन मुख्यमंत्री जे.बी.पटनायक प्रधानमंत्री के आगमन के पहले छात्र आंदोलन समाप्त करवाना चाहते थे. छात्रों पर सरकार और पुलिस प्रशासन का काफी दवाब था. छात्र किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में थे.तब भुबनेश्वर,ओडिसा में पदस्थापित दो स्थानीय समाचार पत्रों के सम्पादकों ने तपन चाँद के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन को न सिर्फ उनकी जायज मांगों को अपने अख़बारों में प्रमुखता से प्रकाशित कर गति दी वरन छात्रों को भोजन और आवागमन के लिए आर्थिक सहायता भी की. नतीजा हुआ कि प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने स्वयं आंदोलनरत छात्रों से मिलने की इच्छा प्रकट की .छात्र प्रधानमंत्री श्रीमती गांधी से मिले और उन्होंने तुरंत छात्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए ओडिसा में नालको और विशाखापत्तनम में विशाखा स्टील कंपनी की स्थापना की घोषणा की. विधि का विधान देखिये कि जिस छात्र तपन कुमार चाँद के नेतृत्व में उक्त आंदोलन हुआ था,जिनकी मांग पर दो महत्वपूर्ण कंपनियों की शुरुआत हुई ,उन दोनों ही कंपनियों का नेतृत्व करने का सौभाग्य तपन कुमार चाँद को प्राप्त हुआ. डॉ.तपन कुमार चाँद वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के नवरत्न उपक्रम नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नालको ) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हैं. उक्त बातें स्वयं डॉ. तपन ने  इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के कार्यक्रम में, भुबनेश्वर में, पत्रकारों से साझा की. 

भदोही महोत्सव में लगेगा बॉलीवुड का तड़का, दिखेगी लोकनृत्यों की झलक

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  • 16 से 18 मार्च के बीच होगा तीन दिवसीय भदोही महोत्सव 
  • पूर्वाचंल में इस तरह का होगा यह पहला कार्यक्रम: डा. एके गुप्ता

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भदोही (सुरेश गांधी ) ।आगामी 16 से 18 मार्च तक तीन दिवसीय ‘भदोही महोत्सव‘ का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी तक के कलाकार शामिल होंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री हो सकते हैं। इसमें फिल्मी कलाकारों से अलावा इस महोत्सव में स्थानीय बच्चों और कलाकारों के कार्यक्रम कराए जाएंगे। उक्त जानकारी शहर के इंदिरा मिल स्थित जीवन दीप हास्पिटल परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आयोजकों ने दी। आयोजक कृष्णा मिश्र व डा. एके गुप्ता ने बताया कि भदोही महोत्सव के तहत योग, संस्कृति, कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रम चैरी रोड स्थित भिखारीपुर मैदान में आयोजित किया जाएगा। जबकि खेलकूद, दौड़ आदि प्रतियोगिताएं जिला स्टेडियम मूंसीलाटपुर में होगी। महोत्सव की खास बात यह होगी कि दिव्यांगों के लिए भी मैराथन प्रतियोगिता आयोजित होगी। इस दौरान योगा, एथलेटिक्स, मैराथन, इक्का रेस, साइकिल रेस, क्रिकेट प्रतियोगिता, बालीबाल, फुटबाल, बैडमिंटन, कुश्ती, कबड्डी, टेबल टेनिस, जूड़ो के साथ ही भदोही में उत्पादित सामानों का स्टाल भी लगाया जाएगा। इसके अलावा 16 मार्च को कवि सम्मेलन, 17 को लोकल कलाकारों को मौका दिया जाएगा, जबकि अंतिम दिन मुंबई से कई बड़े कलाकार आएंगे। आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य खेल व संस्कृति को बढ़ावा देना है। इसमें प्रशासन के साथ ही कई संगठनों व जिले के लोगों का सहयोग अपेक्षित है। इच्छुक टीमें व प्रतिभागी संबंधित वेबसाइट के जरिए प्रतिभाग कर सकते हैं। 

फिल्म निर्माता निदेशक कृष्ण कुमार मिश्र ने कहा कि देश आजाद हुए 70 वर्ष हो गए। वही जनपद का सृजन हुए 25 वर्ष होने को है। लेकिन अभी तक जनपद में किसी भी प्रकार के महोत्सव का आयोजन नही हो सका। लेकिन अब भदोही महोत्सव का आयोजन होगा। श्री मिश्र ने कहा कि तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रतिदिन वीआईपी आएगे। जीवन दीप हास्पिटल के संर्जन डा. एके गुप्ता ने कहा कि भदोही महोत्सव का आयोजन जिस प्रकार से कराने की कोशिश की जा रही है। वह पूर्वाचंल में इस तरह का पहला कार्यक्रम होगा। इस वर्ष भदोही महोत्सव की शुरुआत हो रही है। अगले वर्ष जनपद 25 वॉ स्थापना दिवस होगा। ऐसे में भदोही महोत्सव को और भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार भी शामिल हो सकती है। इस मौके पर केपी दूबे सीए डा. शैलेश पाठक, महिला जागरुक मंच की शालिनी गुप्ता जिला पंयायत सदस्य सचिन त्रिपाठी बाबा तिवारी व मुन्ना लाल पाल आदि प्रमुख रुप से मौजूद थे। इस मौके पर डा. शैलेश पाठक, सीए केपी दुबे, शालिनी गुप्ता आदि मौजूद थे। 

बिहार : जब पुत्र वधुओं की इज्जत बचाने ससुर लगे गड्ढा खोदवाने

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  • सामुदायिक शौचालय निर्माण करने की जरूरत, बिंद प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार ग्रांउड स्तर की हकीकत जाने


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नालंदा. इस जिले में है बिंद प्रखंड.इसके जखौर नामक पंचायत में है जखौर गांव.नागेश्वर केवट और दुलारी देवी के पांच संतान हैं.सभी सुअर के बखोरनुमा घर में रहते हैं. बुर्जुग नागेश्वर केवट कहते हैं कि हमारे पास जमीन नहीं है.केवल आधा कट्टा जमीन है.कम जमीन पर ही छोटे-छोटे पांच रूम बना दिये हैं. बरामदा के कौने में चापाकल लगा दिये हैं. शौचालय नदारद है.वहां के तंग घरों में पांच पुत्र रहते हैं.अब सबकी शादी हो गयी है.उन्होंने कहा कि केदार केवट और सुनीता देवी के 2 लड़के और 3 लड़कियां हैं.त्रिवेणी केवट व सीमा देवी के 3 लड़के 1 लड़की है.वजीर केवट व किरण देवी के 2 लड़के व 2 लड़की है.शंभु केवट व सवीता देवी के 2 लड़के व 2 लड़की है और मनोहर केवट व रंजू देवी के 2 लड़के व 1 लड़का है.सभी मजदूर हैं. सभी अपने-अपने बाल-बच्चो के साथ कष्टकर जीवन बिता रहे हैं. हां बाल-बच्चों के मां-बाप समेत 30 जन खुले में शौचक्रिया करने जाते हैं. जो सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं के लिये चुनौती है. आगे इसना कहना कि हमलोग अलग रहते है. वहां पर कुछ जमीन है. उसी जमीन के पश्चिमी कौने में गड्ढा खोदकर शौचालय बना रहे हैं.बता दें कि आजकल शौचालय को इज्जत घर भी कहा जाता हैं.यह घर बन जाने से पुत्र वधुओं की आबरू बच जाएगी. श्री नागेश्वर का कहना है कि अभी सभी परिवार के लोग 'अंलग'के किनारे शौचाक्रिया करने जाते हैं और वहीं पर बैठकर सोचते रहते हैं कि लोहिया स्वच्छ भारत मिशन व भारत स्वच्छता अभियान से शौचालय बनेगा? फिलवक्त ससुर द्वारा निर्मित गड्ढे में तबतक शौचक्रिया किया जाएगा. यहां के अनेक लोगों के पास शौचालय बनाने करने लायक जगह भी नहीं हैं तो कुछ लोग अंलग के किनारे शौचालय बना रहे है. जो बेहतर ढंग से नहीं बना है. एक सवाल के जवाब में लोगों का कहना है कि हमलोग एक चापाकल से पाँच परिवार पानी पी सकते हैं परंतु एक शौचालय में पाँच परिवार के सदस्य शौचक्रियाा नहीं करते हैं.इसके आलोक में लोगों का कहना है कि सामुदायिक शौचालय निर्माण हो. बिंद प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार से आग्रह किया गया है कि जमीनी हकीकत जानने गांव में आये.

बिहार : जमीन का अभाव से जूझते तांती परिवार

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  • मोबाइल है पर शौचालय नहीं है

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नालंदा.इस जिले में है हरनौत प्रखंड.लोदीपुर ग्राम पंचायत की हैं मुखिया आशा देवी.मुखिया जी का निवास है इम्ब्राहिमपुर में.मुखिया जी के  गृह पंचायत से नौकरी की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं.पलायन करके जाने वाले लौटकर आने वालों के समक्ष घर में विकट संकट उत्पन्न हो जाती है.उनको जमीन के अभाव में खुले मैदान में शौचक्रिया करने को मजबूर हैं. जब जीवा के कार्यकर्ता इम्ब्राहिमपुर में स्वच्छता क्रांति रथ से कार्यक्रम पेश करने गये तब सुनैना देवी ने आपबीती बयान की.हमलोग आधे कट्टे जमीन पर चार परिवार रहते हैं.अव्वल राजेंद्र तांती और मालो देवी के 3 लड़के व 1 लड़की,रामधनी तांती और बेबी देवी के 3 लड़के व 3 लड़कियां,धनश्याम तांती और सुगनी देवी के 2 लड़के व 3 लड़कियां और होरिल तांती और रामरति देवी के 3 लड़के व 1 लड़की.इस तरह कुल 19 हैं. इनके लिये शौचालय नहीं है.सभी खुले में शौच करते हैं.सभी के पास मोबाइल है. यहां पर तांती समुदाय के 50 घर हैं.386 जनसंख्या है.केवल 3 तांती मैट्रिक पास हैं.इस समुदाय के अधिकांश लोग ईंट भट्टे में काम करते हैं.भट्टे के मालिकों से 20-30 हजार रु.लेते हैं.महाजनों व अन्य जरूरतों को पूर्ण करते हैं. इसके बाद कार्य करने जाते हैं.वहां पर उनको 1000 हजार रू. खुराकी मिलती है. वहां से लौटते समय 10 हजार रू.लेकर आते हैं. वह काम करने पर निर्भर है. इस तरह मजदूरों को किसान भी नहीं रोक पाते है. मर्द-महिला को समान मजदुरी में अढ़ाई किलो चावल दिया जाता है.यहां पर रहने वाले कर्ज में डूबे रहते हैं 5 रू.सैकड़ा व्याज पर ऋण लेते हैं.

हिंसा व अपराध नियंत्रण पर वियना, आँस्ट्रिया में सम्पन्न हुआ वैश्विक सम्मेलन

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  • भारत का प्रतिनिधित्व डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया

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ऋषिकेश, 27 फरवरी। आॅस्ट्रिया की राजधानी वियना में स्थित द किंग अबदुल्ला सेन्टर फार इण्टरकल्चरल एण्ड इण्टरफेथ डायलाग (केएआईसीआईआईडी) में हिंसा और अपराध नियंत्रण हेतु तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मो के 100 से अधिक धर्मगुरूओं, अभिनेता, संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी एवं विश्व के अलग-अलग देशों से प्रतिनिधियों ने सहभाग कर हिंसा, अत्याचार और अपराध नियंत्रण हेतु कार्ययोजना के क्रियान्वयन की योजना बनायी।  तीन वर्ष पूर्व हिंसा और अपराध नियंत्रण हेतु रीजनल बैठक बैंकाक, में हुई थी जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग किया था। जुलाई माह में यूÛ एनÛ ओÛ के महासचिव द्वारा इसका शुभारम्भ किया  गया था उस समय भी साध्वी भगवती सरस्वती जी उपस्थित थी और उस मंच पर उन्होने अपने विचार व्यक्त किये थे। द किंग अबदुल्ला सेन्टर फार इण्टरकल्चरल एण्ड इण्टरफेथ डायलाग (केएआईसीआईआईडी)  के सलाहकार बोर्ड में पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को स्थान मिला हुआ है।  इस वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं डाॅ चिन्मय पण्ड्या जी, देव संस्कृति विश्व विद्यालय ने किया।  इस सम्मेलन में हिंसा को बढ़ावा देने से रोकने के लिये महत्वपूर्ण एवं प्रभावी कदम उठायें गये। साथ ही हिंसा की उत्तेजना को रोकने के लिये एक प्रभावी कार्ययोजना का क्र्रियान्वयन किया गया। इस बैठक में अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर हिंसा को रोकने के ठोस उपायों को केंद्रित कर प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किये।  वहां पर सर्वसम्मत्ति से यह प्रस्ताव रखा गया कि अगर हम स्थायी शान्ति, न्याय और एक समावेशी समाज की स्थापना करना चाहते है तो इस ओर कार्य कर रहे युवाओं, महिलाओं और शान्ति राजदूतों को वैश्विक मंच पर लाकर सम्मानित करना होगा जिससे शान्ति का संदेश पूरी दुनिया में प्रसारित हो सके।

वहां उपस्थित कई अभिनेताओं ने व्यक्तिगत रूप से विभिन्न कार्यो, अपने नेटवर्क और तरीकों के माध्यम से  साझेदारी के साथ कार्य करने की योजना तैयार करने के लिये प्रतिबद्धतायें प्रस्तुत की। डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, ’हमें हिंसा की आग को बुझाने एवं अपराधों को रोकने का प्रयास करना चाहिये। हमें हिंसा से बचने के साथ उस हिंसा को पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रयास करना चाहिये, ताकि ऐसे अपराध फिर से घटित न हो सके।  जघन्य अपराध, अलगाव में निहित है; ’’हम बनाम वे’’ की भावना में विद्यमान हैं। अतएव हमें ’हम एक है’ की धारणा पर जोर देना चाहिये। उन्होने कहा कि जीवा संगठन ने साबित किया है कि एक महान उद्देश्य के लिये विभिन्न धर्मों को एक मंच पर लाना महान उद्देश्य की पूर्ति का शक्तिशाली उपकरण है। गरीबी, दूषित जल या डायरिया जैसी बीमारियों एवं समस्याओं के विरूद्व मिलकर कार्य करना उपदेश देने से कहीं बेहतर है।’  इस सम्मेलन में केआईसीआईडीआईडी के महासचिव फैजल बिन अब्दुलरहमान बिन मुअमर ने कहा, यदि हम सकारात्मक बदलाव चाहते है तो मुझे लगता है कि हमें लोगों, नेताओं और धार्मिक संस्थानों से इस पर नीति निर्माताओं का समर्थन करने की जरूरत है। क्षेत्रीय एवं धार्मिक संस्थाओं को अपने स्थानीय समुदायों से जमीनी परिणामों के क्रिर्यान्वयन में योगदान करने की जरूरत है।’  धार्मिक और पारंपरिक शान्तिवादियों के नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक ऐंटी पेन्टीकेनेन ने कहा, ’कोई भी धर्म स्वस्थ नहीं रह जायेंगा यदि उनके नेताओं ने नफरत के खिलाफ उकसाया और विरोध नहीं किया तो। आज मानवता दांव पर है और अब धर्मो की विरासत का भी सवाल है इसलिये हिंसा और विभाजन को ईंधन देना बंद कर दिया जायें।’  इस सम्मेलन में साइद अली अब्बास राजवी, डायरेक्टर जनरल स्कोटिश अहलुल बेयास सोसाइटी, डाॅ अजा करम, मुख्य सलाहकार सांस्कृतिक, यू एन ओ पापुलेशन फण्ड, बोनी एबान्स हिल चर्च आफ इंग्लैण्ड एवं बौद्व सन्यासियों ने सहभाग किया।

बिहार : खंभे से उतरकर बिजली रानी 70 साल के बाद केंदुआ गांव में

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  • गांव में हर्षोल्लास का माहौल

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फतेहपुर.गया जिले में फतेहपुर प्रखंड है.इस प्रखंड में निमी,केतरा,भारेऔर मोडिढीह गांव है. इन गांवों में एक दशक से कम दिनों से बिजली आपूर्ति है.मगर निमी के उत्तर,दक्षिण में केतरा ,पूरब में मोडिढीह और पश्चिम में भारे गांव के समीप केंदुआ गांव के लोग लालटेन युग में जीने को बाध्य थे. केंदुआ गांव के निवासी छात्र दीपक  कुमार ने बताया कि तीन साल पूर्व बिजली विभाग ने खम्भा गाड़ा और तार तान कर तीस हजार रू.की मांग करने लगे.मनमानी राशि मांगने पर विरोध किया.फ्री बिजली देने का प्रावधान था.आगे श्री कुमार ने कहा कि आजादी के 70 साल केंदुआ गांव के लोग लालटेन युग में रहे.पिछड़ी जाति के यादव और प्रजापति के सार्म्थयवान लोग बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था कर लिये.महादलित मुसहर और चौधरी लालटेन और ढ़ीबरी पर ही निर्भर रहे. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत केंदुआ गांव में 70 साल के खम्भे पर से उतरकर बिजली रानी गांव के घरों में पहुंची है.बिजली रानी के पहुंचने पर हर्ष का माहौल है.इस बार प्रति घर 200 रू.दिये  है.

आलेख : विकास परियोजनाओं की गति की तलाश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुनियादी ढांचे से संबंधित आवश्यक एवं विकासमूलक विभिन्न परियोजनाओं में हो रहे अनावश्यक विलम्ब पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने ऐसी परियोजनाओं को गति देने के लिये प्रतिबद्धता जताई, यह आवश्यक है। इस तरह की प्रतिबद्धता की सार्थकता तभी है जब जमीन पर भी ऐसा होता हुआ दिखे। हमारे राष्ट्र के सामने विकास परियोजनाओं का अधर में झलना, एक बड़ी समस्या है, यह एक चनौती भी है। अनैतिकता, भ्रष्टाचार, महंगाई, बढ़ती जनसंख्या की बहुत बड़ी चुनौतियां पहले से ही हैं, उनके साथ कश्मीर में आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। राष्ट्र के लोगों के मन में भय छाया हुआ है। कोई भी व्यक्ति, प्रसंग, अवसर अगर राष्ट्र को एक दिन के लिए ही आशावान बना देते हैं तो वह महत्वपूर्ण होते हैं। पर यहां तो निराशा और भय की लम्बी रात की काली छाया व्याप्त है। भले ही प्रधानमंत्री यह कह रहे हों कि सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है और यह तेजी नियमों एवं प्रक्रियाओं को आसान बनाने का परिणाम है, हम उनकी बात पर विश्वास कर सकते हैं। लेकिन ऐसा विकास दिखना भी चाहिए। भाषणों एवं नारों में तो सात दशक से यह सब हम देख रहे हैं। लेकिन लगता है कि अभी इस मोर्चे पर काफी कुछ किया जाना शेष है। इसकी पुष्टि केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वह रपट भी कर रही है जिसमें यह कहा गया है कि बुनियादी ढांचे से संबंधित करीब साढ़े तीन सौ परियोजनाएं देरी का शिकार हैं। यह रपट यह भी बता रही है कि इस देरी के चलते इन परियोजनाओं की लागत करीब दो लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। यदि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह लागत और भी बढ़ सकती है। प्रश्न है कि परियोजनाओं में विलम्ब के लिये कौन जिम्मेदार है? प्रश्न यह भी है कि कब हम अपनी इन हिमालयी जड़ताओं को गलायेंगे? कब हम अतीत को सीख बनायेंगे? उन भूलों को न दोहराये जिनसे हमारा विकास जख्मी है, या अधूरा पड़ा है। सत्ता और स्वार्थ ने अपनी आकांक्षी योजनाओं को पूर्णता देने में नैतिक कायरता दिखाई है। इसकी वजह से लोगों में विश्वास इस कदर उठ गया कि चैराहों पर खड़े आदमी को सही रास्ता दिखाने वाला भी झूठा-सा लगता है। आंखें उस चेहरे पर सचाई की साक्षी ढूंढ़ती है। मोदीजी की बातें लुभाती है, लेकिन क्या कारण है कि वे जो कहते हैं, वैसा होता हुआ दिखाई नहीं देता। हर विकासशील राष्ट्र को कई बार अग्नि स्नान करता पड़ता है। पर आज हमारा राष्ट्र ”कीचड़ स्नान“ कर रहा है। आतंकवाद, अलगाववाद, सम्प्रदायवाद की समस्याएं विषम बनी हुई हैं। कोई भी राजनैतिक दल बाहर एवं अन्दर से वैसा नहीं है, जैसा उसे होना चाहिए, या जैसा होने का वे दिखावा करते हैं। ऐसी स्थिति में मोदी का दायित्व कई गुना बढ़ जाता है।

ऐसे में केंद्र सरकार को उन कारणों का निवारण प्राथमिकता के आधार पर करना होगा जिनके चलते इतनी बड़ी संख्या में परियोजनाएं समय से पीछे चल रही हैं। ऐसा लगता है कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के मामले में वे ही तौर-तरीके आड़े आ रहे हैं जो पिछली सरकार में देखने को मिलते थे। सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट भले ही यह कह रही हो कि लंबित परियोजनाओं की संख्या में कमी आई है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि इस गणना का आधार परियोजनाओं की समय-सीमा में फेरबदल है। इसका कोई औचित्य नहीं कि एक ओर प्रधानमंत्री यह दावा करें कि परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है और दूसरी ओर यह सामने आए कि तमाम परियोजनाएं देरी का शिकार हैं। आम तौर पर परियोजनाएं इसीलिए लंबित होती हैं, क्योंकि नौकरशाही उन्हें समय से पूरा करने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन नहीं करती। आखिर नौकरीशाही की लापरवाही को राष्ट्र क्यों भुगते? अब यह केवल तथाकथित नौकरशाहों के बलबूते की बात नहीं रही कि वे गिरते विकास एवं अधूरी पड़ी परियोजनाओं को गति दे सकें, समस्याओं से ग्रस्त सामाजिक व राष्ट्रीय ढांचे को सुधार सकें, तोड़कर नया बना सकें। इस मामले में राज्यों के स्तर की नौकरशाही का रवैया सबसे बड़ी बाधा है। एक अन्य गंभीर समस्या समय पर पर्यावरण मंजूरी न मिलने अथवा अदालती हस्तक्षेप की भी है। यह ठीक है कि प्रधानमंत्री समय-समय पर विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते रहते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि समीक्षा के दायरे में वे पहलू नहीं आ पा रहे हैं जो परियोजनाओं की देरी का कारण बन रहे हैं। एक ऐसे समय जब तमाम विदेशी निवेशक भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रतीक्षारत हैं तब उनकी प्रतीक्षा बढ़ते जाना कोई शुभ संकेत नहीं। बेहतर यह होगा कि बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा के क्रम में राज्य सरकारों को भी भागीदार बनाया जाए। ऐसा इसलिए आवश्यक है, क्योंकि राज्यों की सक्रियता के बगैर इन परियोजनाओं को समय से पूरा करना संभव नहीं। आवश्यकता केवल चुनौतियों को समझने की ही नहीं है, आवश्यकता है कि हमारा मनोबल दृढ़ हो, चुनौतियों का सामना करने के लिए हम ईमानदार हों और अपने स्वार्थ को नहीं परार्थ और राष्ट्रहित को अधिमान दें।

सच तो यह है कि जरूरत इसकी भी है कि नौकरशाही के रुख-रवैये में बदलाव लाने के लिए प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाए। यह समझना कठिन है कि विभिन्न योजनाओं-परियोजनाओं को गति देने के लिए प्रतिबद्ध सरकार प्रशासनिक सुधारों को अपने एजेंडे पर क्यों नहीं ले रही है? वस्तुतः यह इस एजेंडे के अधूरे रहने का ही परिणाम है कि केंद्र सरकार के तमाम दावे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते। प्रधानमंत्री नया भारत निर्मित करना चाहते हैं, लेकिन अधूरी योजनाओं एवं परियोजनाओं के रहते वह कैसे संभव है? उनको चाहिए कि वे राजनीतिक जागृति के साथ प्रशासनिक जागृति का अभियान भी शुरु करें। नौकरशाहों पर नकेल कसना एवं उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के लिये प्रतिबद्ध करना ज्यादा जरूरी है। कभी-कभी ऊंचा उठने और भौतिक उपलब्धियों की महत्वाकांक्षा राष्ट्र को यह सोचने-समझने का मौका ही नहीं देती कि कुछ पाने के लिए उसने कितना खो दिया? और जब यह सोचने का मौका मिलता है तब पता चलता है कि वक्त बहुत आगे निकल गया और तब राष्ट्र अनिर्णय के ऊहापोह में दिग्भ्रमित हो जाता है। राष्ट्र केवल पहाड़ों, नदियों, खेतों, भवनों और कारखानों से ही नहीं बनता,  यह बनता है उसमें रहने वाले लोगों के उच्च चरित्र से। हम केवल राष्ट्रीयता के खाने (काॅलम) में भारतीय लिखने तक ही न जीयंे, बल्कि एक महान राष्ट्रीयता (सुपर नेशनेलिटी) यानि चरित्रयुक्त राष्ट्रीयता के प्रतीक बन कर जीयें। यही बात जिस दिन नौकरशाहों के समझ में आ जायेंगी, उस दिन परियोजनाएं भी अधूरी नहीं रहेगी और उनके इरादे भी विश्वसनीय एवं मजबूत होेंगे। तभी नये भारत का निर्माण संभव होगा, तभी हर रास्ता मुकाम तक ले जायेगा।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

विशेष आलेख : नीरव मोदी को नीरव मोदी बनाने वाला कौन है?

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एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ देश  के एक प्रमुख बैंक में 11400 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। लोग अभी ठीक से समझ भी नहीं पाए थे कि हीरों का व्यवसाय करने वाले नीरव मोदी ने इतनी बड़ी रकम के घोटाले को अंजाम कैसे दिया कि रोटोमैक पेन कम्पनी के मालिक विक्रम कोठारी के भी 5 सरकारी बैंकों के लगभग 500 करोड़ का लोन लेकर फरार होने की खबरें आने लगीं हैं। हो सकता है कि आने वाले दिनों में ऐसे कुछ और मामले सामने आएँ। क्योंकि कुछ समय पहले तक बैंकों में केवल खाते होते थे जिनमें पारदर्शिता की कोई गुंजाइश नहीं थी और ई बैंकिंग तथा कोर बैंकिंग न होने से जानकारियाँ भी बाहर नहीं आ पाती थीं। लेकिन अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों के लिए मौद्रिक नीतियों का निर्धारण करने वाला बैंक आँफ इंटरनेशनल सैटलमेन्ट ने बैंकों में पारदर्शिता के लिए कुछ नियम बनाए हैं जिनके कारण बैंकों के सामने अपने खातों में पारदर्शिता लाने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के भी इस साल जनवरी में सूचना देने के अपने फार्मेट में बदलाव करने से इस घोटाले का मार्च तक सामने आना वैसे भी लगभग निश्चित ही था। 

ऐसा नहीं है कि देश के किसी बैंक में कोई घोटाला पहली बार हुआ हो। नोटबंदी के दौरान बैंकों में जो हुआ वो किसी से छिपा नहीं है, आम आदमी बाहर लाइनों में खड़ा रहा और अन्दर से लेने वाले नोट बदल कर ले गए। इसी प्रकार किसी आम आदमी या फिर किसी छोटे मोटे कर्जदार के कर्ज न चुका पाने की स्थिति में बैंक उसकी सम्पत्ति तक जब्त करके अपनी रकम वसूल लेते हैं लेकिन बड़े बड़े पूंजीपति घरानों के बैंक से कर्ज लेने और उसे नहीं चुकाने के बावजूद उन्हें नए कर्ज पे कर्ज देते  जाते हैं। नीरव मोदी के मामले में, पीएनबी जो कि कोई छोटा मोटा नहीं देश का दूसरे नम्बर का बैंक है, ने भी कुछ ऐसा ही किया। नहीं तो क्या कारण है कि 2011 से नीरव मोदी को पीएनबी से बिना किसी गैरेन्टी के गैरकानूनी तरीके से बिना बैंक के साफ्टवेयर में एन्टरी करे लेटर आँफ अन्डरटेकिंग (एलओयू) जारी होते गए  और इन 7 सालों से जनवरी 2018  तक यह बात पीएनबी के किसी भी अधिकारी या आरबीआई की जानकारी में नहीं आई? हर साल बैंकों में होने वाले ऑडिट और उसके बाद जारी होने वाली ऑडिट रिपोर्ट इस फर्जीवाड़े को क्यों नहीं पकड़ पाई? क्यों इतने बड़े बैंक के किसी भी छोटे या बड़े अधिकारी ने इस बात पर गौर नहीं किया कि हर साल बैंक से एलओयू के जरिये इतनी बड़ी रकम जा तो रही है लेकिन आ नहीं रही है? यहाँ यह जानना रोचक होगा कि बात एक या दो एलओयू की नहीं बल्कि 150 एलओयू जारी होने की है। इससे भी अधिक रोचक तथ्य यह है कि एक एलओयू 90- 180 दिनों में एक्सपायर हो जाता है और अगर कोई कर्ज दो साल से अधिक समय में नहीं चुकाया जाता तो बैंक के ऑडिटर्स को उसकी जानकारी दे दी जाती है तो फिर नीरव मोदी के इस केस में ऐसा क्यों नहीं हुआ?  इतना ही नहीं एक बैंक का चीफ विजिलेन्स अधिकारी बैंक की रिपोर्ट बैंक के मैनेजर को नहीं बल्कि भारत के चीफ विजिलेन्स कमिशन को देता है लेकिन इस मामले में किसी भी विजिलेन्स अधिकारी को 7 सालों तक पीएनबी में  कोई गड़बड़ दिखाई क्यों नहीं दी? इसके अलावा हर बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टरस की टीम में एक आरबीआई का अधिकारी भी शामिल होता है लेकिन उन्हें भी इतने साल इस घोटाले की भनक नहीं लगी?  आश्चर्य है कि जनवरी 2018 में यह घोटाला सामने आने से कुछ ही दिन पहले नीरव मोदी को इस खेल के खत्म हो जाने की भनक लग गई जिससे वो और उसके परिवार के लोग एक एक करके देश से बाहर चले गए? लेकिन   सबसे बड़ा सवाल यह है  कि नीरव मोदी को नीरव मोदी बनाने वाला कौन है? क्या कोई किसान या फिर आम आदमी नीरव मोदी बन सकता है?  जवाब तो हम सभी जानते हैं।

ऐसा नहीं है कि हमारे देश के बैंकों में कर्ज देने का  सिस्टम न हो लेकिन कुछ मुठ्ठी भर ताकतों के आगे पूरा सिस्टम ही फेल हो जाता है। जिस प्रकार पीएनबी के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी सिंगल विंडो आँपरोटर मनोज खरात को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह जानकारी सामने आई है कि पीएनबी के कुछ और अफसरों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया, यह स्पष्ट है कि सारे नियम और कानून सब धरे के धरे रह जाते हैं और करने वाले हाथ साफ करके निकल जाते हैं क्योंकि आज तक कितने घोटाले हुए, कितनी जाँचे हुईं, अदालतों में कितने मुकदमे दायर हुए, कितनों के फैसले आए?  कितने पकड़े गए? कितनों को सजा हुई? आज जो नाम नीरव मोदी है कल वो विजय माल्या था। दरअसल आज देश में सिस्टम केवल बैंकों का ही नहीं न्याय व्यवस्था समेत हर विभाग का फेल है इसलिए सिस्टम पस्त लेकिन अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए शार्ट कट्स को चुनने वाला हर शख्स आज नीरव मोदी बनने के लिए तैयार बैठा है लेकिन जबतक सिस्टम के अन्दर बैठा व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ईमानदारी से करेगा वो उसे नीरव मोदी नहीं बनने देगा। इसलिए नीरव मोदी जैसे लोग जो इस देश के अपराधी  हैं, उस आम आदमी के गुनाहगार हैं जिनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई से इस राकम को वसूला जाएगा, उससे अधिक दोषी तो सिस्टम के भीतर के वो लोग हैं जो नीरव मोदी जैसे लोगों को  बनाते हैं। इसलिए जबतक इन नीरव मोदी के  "निर्माताओं"पर कठोर कार्यवाही नहीं की जाएगी देश में नए चेहरों और नए नामों से और नीरव मोदी पैदा होते रहेंगे।




(डॉ नीलम महेंद्र)

लखनऊए : मज़दूर जागरूकता अभियान का समापन समारोह

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लखनऊ 27 फरवरी।  मज़दूर जागरूकता अभियान का समापन समारोह आई0 सी. सी. एम. आर. टी. प्रेक्षागृह, से0-25, इन्दिरा नगर चैराहे, लखनऊ में आयोजित किया गया।  मज़दूर जाहरूकता अभियान संगठन के साथियों द्वारा (8 से 23) फरवरी 2018 से विज्ञान फाउण्डेषन एवं एक्षनएड के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ शहर के 24 लेबर अड्डों पर श्रमिक साथियो को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया, जिसका मुख्य उदेय सभी लेबर अड्डो पर खडे रहने वाले मजदूर बहन भाईयों को उनके अधिकार व हक के प्रति जागरूक करना था। 24 लेबर अड्डों पर संगठन साथियों के सघन प्रयास से लगभग 10000 से 12000 मजदूर साथियों तक उनके हक की बात पहुॅचायी गयी साथ ही लगातार संगठन सदस्यों के द्वारा लेबर अड्डो पर मूलभूत सुविधाओं के लिए आवाज उठाई जा रही है। सभी लेबर अड्डो पर सबसे ज्यादा महिला साथियों ने अपनी बात व समस्याओं को साझा किया है, काम के दौरन अड्डे पर उन्हे 2 से 3 घण्टे का समय देना पडता है उस दौरान महिला साथियों को शौचालय की समस्या का सामना करना पडता है और काम के स्थान पर भी ऐसी समस्याओं से रोज झेल रही है लेकिन किसी से साझा नही कर पाती। भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सदस्य श्री अभय प्रताप सिंह  ने श्रमिक साथियों  को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के प्रयासों से लेबर अड्डों पर खङे होने वाले श्रमिकों  को जहाँ पंजीकरण व सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी नही होती है। वहीं मजदूर जागरूक होकर योजनाओं तक पहुँच रहा है और ज्यादा से ज्यादा अपने अधिकारों के प्रति समझ विकसित कर रहा है। इस तरह के अभियान निरन्तर लेबर अड्डेंा पर चलाया जाए जिससें ज्यादा से ज्यादा श्रमिको तक जानकारी पहुचे। ओ0 पी0 मौर्या श्रम परिवर्तन अधिकारी, श्रम विभाग लखनऊ ने कहा कि मजदूर वर्ग निर्माण क्षेत्र का सबसे बङा हिस्सा है लेकिन अफसोस जागरूकता न होने के कारण अपने अधिकारों और सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं से वंचित रह जाते है। हम सभी को ज्यादा से जयादा मजदूर तक पहुॅचनें व उन्हे जागरूक करने की जरूरत है तभी एक बङा परिवर्तन दिखेगा। जागस्कता अभियान हर श्रमिक के पास आवाज पहुॅचाने का सबसे बेहतरीन माध्यम है और आने वाले समय में प्रयास रहेगा कि हर श्रमिक भवन व अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के अन्र्तगत पंजीकृत होकर लाभ ले सके।

ताहिरा हसन, एपवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साथियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे ही ताकत और मेहनत की बहुत जरूरत है हमारी महिला मजदूर साथी काम के तलाष मे अपने घर से लेबर अड्डे पर घण्टों खङी रहती है उस दौरान शौचालय की समस्या का सामना रोज करना पङता है लेकिन मजबूरी यह कि साझा किससे करे है? साथ ही उसकी असुरक्षा पर भी सवाल रहता है सरकार को सबसे पहले इस समस्या पर पहल करने की जरूरत है। विभूति प्रसाद चैहान, सामाजिक कार्यकर्ता ने उपस्थित सभी श्रमिक साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार का प्रयास संस्था व विभिन्न संगठनो द्वारा किया गया है उससे लेबर अड्डों पर खडे होने वाले श्रमिक वर्ग मे जागरूकता तो आ रही है साथ ही एक मंच भी मिल रहा है जहाॅं सभी अपनी समस्याओं को साझा कर सकतें है। सभी श्रमिक भाई व बहनों को जरूरत है कि संगठन से जुडकर आगे बढे और अपनी माॅंगो को सरकार के सामने एकजुट होकर रखें। 

अभियान की मुख्य मांगें-
प्रदेश के सभी लेबर अड्डों को चिन्हित कर उन पर मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी,छाया,षौचालय की व्यवस्था की जाए। लेबर अड्डों पर नियमित कैंप लगाकर श्रमिकों का पंजीकरण किया जाए। श्रमिको की न्यूनतम पंेषन 5000 रू0 प्रतिमाह घोषित की जाए। श्रमिको की न्यूनतम मजदूरी 500 रू0 प्रतिदिन की जाए। ल्ेाबर अड्डो के नजदीक रेन बसेरों का निर्माण कराया जायें। कार्यक्रम में उपरोक्त अतिथियों के साथ साथ बिरला फाउण्डेषन से सुधीर सिंह, सी0 पैट से ज्ञानेन्द्र गुप्ता, पैक्स से प्रषांत कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संगठन के सचिव रामनाथ ने किया।

बिहार : सरकार की लापरवाही का नतीजा है मुजफ्फरपुर दर्दनाक सड़क हादसा : माले

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  • चंपारण सत्याग्रह मनाने वाली नीतीश सरकार पूरे बिहार में गरीबों को कर रही जमीन से बेदखल.
  • औपनिवेशिक कानून ‘कोर्ट आफ वार्डस’ को तत्काल रद्द करे सरकार.
  • भाकपा-माले का 10 वां महाधिवेशन 23-28 मार्च को पंजाब में - फासीवाद के असंदिग्ध उभार के खिलाफ व्यापक फासीवाद विरोधी जनप्रतिरोध खड़ा करने पर पार्टी कांग्रेस होगा केंद्रित

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पटना 27  फरवरी 2018, मुजफ्फरपुर के धरमपुर का दर्दनाक सड़क हादसा सरकार व जिला प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी एनएच 77 के बीचोबीच स्थित धरमपुर में 9 बच्चों, जिसमें अधिकांश लड़कियां हैं, को भाजपा नेता के बेालेरो द्वारा रौंद कर मार दिए जाने की घटना महज संयोग नहीं है. यह बच्चों के प्रति बिहार सरकार के संवदेनहीन रवैये को जाहिर करता है. मुस्लिम व पिछड़ी जाति बहुलता वाले इस गांव में लंबे समय से ओवर ब्रिज तथा गांव के पूर्वी भाग में स्कूल बनाने की मांग होते रही है, लेकिन सरकार ने इसे लगातार नजरअंदाज किया. हादसे में कई बच्चे बुरी तरह घायल भी हुए हैं. नीतीश कुमार अपनी राजनीति के लिए बच्चों का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन बच्चे-बच्चियों के प्रति अपनी कोई जिम्मेवारी नहीं निभाते. शराबबंदी के नाम पर बच्चों को लाइन में लगाया गया, उसमें भी कई बच्चों की मौतें हुई थी. हाल में दहेज प्रथा उन्मूलन के सरकारी अभियान के तहत कड़कड़ाती ठंड में भी बच्चों को लाइन में लगाने का फरमान जारी किया गया था. लेकिन धरमपुर गांव के पूर्वी भाग में लंबे समय से स्कूल खोले जाने की मांग होते रही है, ताकि 400 बच्चों को एनएच पारकर दूसरी तरफ स्कूल न जाना पड़े, इस मांग को आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया. आम लोगों की जिंदगी की सुरक्षा के प्रति सरकार कहीं से जिम्मेवार नहीं दिखती है और लोगों को अपने भरोसे छोड़ दिया है. इस घटना की जांच के लिए हमारी एक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया. संवेदनहीनता की हद तो यह है कि घायल बच्चों का सही से इलाज भी सरकार नहीं करवा रही है. अधिकांश बच्चे गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. लेकिन सरकार न तो घायल बच्चों का सही से इलाज करवा रही है और न ही परिजनों को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है.

चंपारण सत्याग्रह शताब्दी का ढोंग करने वाली नीतीश सरकार आज पूरे बिहार में गरीबों की बेदखली का अभियान चला रही है. इसका जीता जागता उदारहण खुद चंपारण है. चंपारण में आज भी अंग्रेजी राज का कानून चल रहा है. अंग्रेजों के समय में बेतिया राज की जमींदारी ‘‘कोर्ट आॅफ वार्डस’’ के अधीन थी, जो आज तक चली आ रही है. बिहार सरकार कह रही है कि उस जमीन को अधिग्रहित करने का अधिकार बिहार सरकार को नहीं है, इसलिए जमीन पर जो गरीब बसे हैं, उन्हें जमीन खाली करनी होगी. गरीबों को अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है. उनकी बस्तियांे को उजाड़कर सरकार दरअसल लैंड बैंक बनाना चाहती है. जबकि बेतिया राज की महज 10-20 प्रतिशत जमीन पर ही गरीबों का कब्जा है. शेष 80 प्रतिशत जमीन तो चीनी मिलों, जमींदारों, बड़े भूस्वामियों के कब्जे में है. इस अवैध कब्जे पर सरकार एक शब्द नहीं बोलती. ठीक उसी प्रकार भूदान की जमीन की आज सरकार उलटी व्याख्या कर रही है. यहां पर गरीबों को जमीन से बेदखल करने के लिए सरकार कह रही है कि जमींदारों को तो जमीन दान करने का अधिकार ही नहीं था. इसलिए भूदान की जमीन पर गरीबों की बसावट असंवैधानिक है. और इस आधार पर उन्हें उजाड़ा जा रहा है. बेतिया राज की 30 एकड़ जमीन पर केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने भी कब्जा जमा रखा है. वहीं पटना में एक दलित की जमीन पर भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने अवैध रजिस्ट्री करवा ली है. कुल मिलाकर भाजपा-जदयू दलित-गरीबों को बेदखल करने पर आमदा है.

केंद्र व राज्य की सरकार लोक कल्याणकारी योजनाओं में लगातार कटौती कर रही है. केंद्रीय बजट में कारपोरेट घराने पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है. जबकि आज 1 प्रतिशत लोगों के हाथों में देश की 73 फीसदी संपत्ति संकेन्द्रित हो गयी है. प्रत्येक साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार लगभग 4 लाख ऐसे पद खत्म करने जा रही है, जो पिछले पांच सालों से खाली हैं. इसकी वजह से पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं का संकट और बढ़ने वाला है. बजट में शिक्षा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 की तुलना में 6.15 प्रतिशत से गिरकर 3.48 प्रतिशत के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है. जाहिर है मोदी सरकार अपने वादे के विपरीत शिक्षा व रोजगार के मद में लगातार कटौती कर रही है और छात्र-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

बजट में स्कीम वर्करों को स्थाई करने व उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 18 हजार मासिक वेतन व 3 हजार पेंशन देने आदि सवालों को भी पूरी तरह अनसुना कर दिया गया है. जबकि स्कीम वर्कर अपनी मांगों को लेकर पिछले दिनों जबरदस्त रूप से आंदोलनरत रहे हैं और उन्हें आशा थी कि बजट 2018-19 में उनकी मांगों के प्रति केंद्र सरकार सकारात्क रूख अपनाएगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. नीरव मोदी मामले के उपरांत सरकार बैंकों के निजीकरण का तर्क गढ़ रही है. हम इसका विरोध करते हैं, और सरकार से मांग करते हैं कि बैंकों का पैसा हड़पे नीरव मोदी व उन जैसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करे. भ्रष्टाचार पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है. पार्टी का 10 वां महाधिवेशन 23-28 मार्च तक पंजाब में भाकपा-माले का 10 वां महाधिवेशन आगामी 23-28 मार्च को पंजाब के मानसा में आयोजित है. 23 मार्च को उद्घाटन सत्र में सभी वामपंथी दलों के प्रतिनिधियों के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, आस्ट्रेलिया आदि देशों की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. सम्मेलन में दलित आंदोलन के नेता व गुजरात से एमएलए जिग्नेश मेवाणी और विभिन्न जनांदोलनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है. हमारा यह पार्टी कांग्रेस देश में फासीवादी उभार को पीछे धकेलने के लिए व्यापक व कारगर फासीवाद विरोधी जनप्रतिरोध खड़ा करने की दिशा पर केंद्रित होगा.

बाबा विश्वनाथ संग भक्तों ने खेली होली, रंगों में डूबी काशी

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  • औघड़दानी भूतभावन के राजसी ठाटबाट में बाबा की रजत पालकी देखने उमड़ा आस्थावानों का सैलाब 
  • रेशमी साड़ी में सजीं गौरा और बाबा के तन पर खादी खूब जच रही थी 
  • काशीवासियों सहित देश विदेश से आए भक्तों ने अबीर गुलाल चढ़ाकर बाबा का दर्शन-पूजन किया 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )।द्वापर युग के सबसे बड़े नायक, संसार को गीता का ज्ञान और जीवन का सत्य बताने वाले भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली वृंदावन रंगों से सराबोर है। ऐसे में सृष्टि के पालनहार काशीपुराधिपति भगवान भोलेनाथ की नगरी भला कैसे अछूती रह सकती है। और जब मौका हो रंगभरा एकादशी और वार भी उन्हीं का तो बात ही कुछ अलग हो जाती है। भक्तों के भक्ति का ही कमाल है इस दिन बाबा वि‍श्‍वनाथ खुद अपने भक्तों संग होली खेली। शाम पांच बजे औघड़दानी भूतभावन के राजसी ठाटबाट में बाबा की रजत पालकी विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई। रेशमी साड़ी में सजीं गौरा और बाबा के तन पर खादी खूब जच रही थी। इसी के साथ ही भोलेनाथ की नगरी में छह दिवसीय होली उत्सव की शुरूआत हो गई है। मंदिर के मंहत आवास पर ब्रह्म मुहूर्त में बाबा एवं माता पार्वती की चल प्रतिमाओं को पंचामृत स्नान, षोडशोपचार पूजन, दुग्धाभिषेक के बाद बाबा को फलाहार का भोग लगाकर महाआरती की गई। इसके बाद वर-वधू रूप में उनका श्रृंगार एवं सिंदूर दान के बीच कलाकारों द्वारा मंगलगान किया गया। शाही पगड़ी लगाए और सिर पर सेहरा सजाए बाबा का सविधि पूजन-अनुष्ठान किया गया। दोपहर में झांकी दर्शन जन सामान्य के लिए खोल दिए गए। सपरिवार सजा बाबा दरबार और भक्तों ने दर्शन किया। मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने आरती कर गौरा को ससुराल के लिए विदा किया। इसके साथ ही शहनाई की तान, शंखनाद व डमरुओं की थाप से मंदिर परिसर गूंज उठा। महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास पर सुबह ही मां पार्वती के हल्दी की रस्म पूरी की गई। महिलाएं साज-श्रृंगार करने में जुट गईं। मंगलगीत गूंजने लगे। मध्याह्न 12 भोग आरती के दौरान दर्शन का क्रम रुका रहा। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने बाबा की मध्याह्न भोग आरती की। इस दौरान हरहर महादेव के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा। पूजन कक्ष से लेकर आंगन तक भक्तगणों ने एक साथ जयघोष करके बाबा के सांकेतिक आगमन पर हर्ष व्यक्त किया। इसके बाद पालकी शोभायात्रा के रुप में निकली। गौरा का गौना कराने निकले काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की रजत सिंहासन वाली पालकी में बाबा सपरिवार विराजमान थे। 

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रास्ते में हर कोई बाबा को अबीर गुलाल अर्पित करता दिखा। मानो दुल्हन पार्वती के साथ गृह प्रवेश से पहले भक्तों की टोली श्नेग्य लेने पर उतारू हो। नेग भी रुपये पैसे या सोना चांदी का नहीं, बाबा की कृपा का, आशीष का, जय का, विजय का। काशीवासियों सहित देश विदेश से आए भक्तों ने अबीर गुलाल चढ़ाकर बाबा का दर्शन-पूजन किया। चारों तरफ हर हर महादेव के जयकारे के साथ रंग बरस रहे थे। कतारबद्ध श्रद्धालु डमरूनाद कर रहे थे। गली हो सड़क अबीर-गुलाल से पट कर लाल हो गईं। छतों, बारजों, गलियों के दोनों किनारों पर कतारबद्ध पुरुषों, महिलाओं, बच्चों ने गुलाब की पंखुड़ियां भी बरसाईं और रंग-बिरंगे गुलाल भी। विश्वनाथ मंदिर के पूजारी के साथ अन्य भक्त पालकी लेकर चल रहे थे। गली से जब डोली गुजरी तो छतों, बारजों के अलावा हर कोने से अबीर-गुलाल उड़ाए जाने लगे। स्वर्ण शिखरों वाले मुक्तांगन का हर कोना लाल-गुलाल से पट गया। उस छटा को निहारने के लिए लोकतंत्र के महापर्व के बावजूद काशी की धर्मप्राण जनता उमड़ पड़ी थी। शिव के वेश में त्रिशूल लेकर नृत्य करते भक्त उस मौके पर चार चांद लगा रहे थे। महंत के आवास से स्वर्ण शिखरों वाले मुक्तांगन तक जन सैलाब के सिर से पैर तक गुलाल से रंग जाने से कोई किसी को पहचान भी नहीं पा रहा था। शिव परिवार की रजत प्रतिमाओं को गर्भगृह में स्थापित किया गया। बाबा के गौना पर संगीत संध्या शिवार्चनम में सुर साज गूंजे। इसी के साथ होलाष्टक लगने से काशी में होली शुरू हो गई। अब पांच दिन तक घाटों से लेकर गलियों तक होलियाना बहार छाई रहेगी। लोगों को एक दूसरे के साथ जमकर होली खेलते देखा जा रहा है। 

एसडीओ राकेश कुमार के रुप में एक दूसरा काॅस्टेयर्स मिला दुमका को

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) प्रतिवर्ष फरवरी महीनें के शुक्लपक्ष को मयूराक्षी नदी तट पर लगने वाला हिजला मेला खत्म हो गया. संतालों के साथ सीधा संवाद स्थापित हो तथा वे गोरी सरकार से भयमुक्त वातावरण में बात कर सकें इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर तत्कालीन ब्रिटिश उपायुक्त जाॅन राबर्टस काॅस्टेयर्स ने 3 फरवरी 1890 को हिज-लाॅ के रुप में इस मेला की नींव रखी थी. हिज-लाॅ अर्थात उसका कानून. जिला मुख्यालय दुमका से तीन किमी की दूरी पर मयूराक्षी नदी तट पर स्थित ग्राम हिजला में आयोजित यह मेला इस वर्ष 16 से 23 फरवरी तक सौहार्दपूर्ण वातावरण व आपसी भाईचारा के साथ संपन्न हो गया. जनजातीय संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज खान-पान, वेशभूषा, आचार-विचार मेला की खास विशेषता थी. जहाँ एक ओर इस वर्ष एसडीओ के अभिनव प्रयोंगों के तहत मेला परिसर को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित रखा गया, वहीं दूसरी ओर चाक-चैबंद विधि व्यवस्था मेला की दूसरी खास विशेषता रही. एसडीओ राकेश कुमार के नेतृत्व में जिला व पुलिस प्रशासन की टीम लगातार कर्तव्यों का पालन करती दिखी. एसडीओ, दुमका व राजकीय जनजातीय हिजला मेला समिति के सचिव राकेश कुमार का मानना है जीवन में ऐसा कुछ होना चाहिए जो दूसरों से हटकर हो. घिसी-पिटी व्यवस्था का बोझ कब तक लोग यूँ ही ढोते रहेंगे. नयी-नयी चीजों का प्रयोग, अनुसंधान/ आविष्कार ही सृजन को आगे बढ़ाता है. एसडीओ राकेश कुमार के अनुसार अलग हटकर कुछ ऐसा कर जाएँ  जिसका अनुपालन सुनिश्चित हो. उनके अभिनव प्रयोंगों का ही प्रतिफल रहा कि शांति व अमन का पैगाम बांटता यह मेला खत्म हो गया. हिजला मेला की नींव रखने वाले काॅस्टेयर्स की सोंच रखने वाले तथा आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ काम करने वाले एसडीओ राकेश कुमार कहते हैं. हिजला मेला के विषय में विशेष जानकारी नहीं थी. डीसी ने मेला की संपूर्ण जिम्मेवारी सौंपते हुए उनपर भरोसा किया.  मेला की शुरुआत से महीना भर पूर्व ग्रामीण, ग्राम प्रधान, मुखिया, स्वयंसेवकों व अन्य के साथ नियमित मीटिंग कर लोगों में नशापान के पति जागरुकता फैलाई गई. शराब के सेवन से आम नागरिकांे के बीच होने वाली हानि से लोगों को अवगत कराया गया. अपनी पदस्थापना अवधि से लेकर लगातार एसडीओ  अलग प्रयोग करते रहे. युवाओं में जज्बा भरते रहे. मेला में अनुठी पहल करते हुए पहली दफा उन्होंने इसे एक नया आयाम प्रदान किया. हिजला मेला से संबंधित फेसबुक पेज व वेबसाइट पहली दफा लाॅंच किया गया. ड्रोन कैमरा व सीसीटीवी कैमरे से संपूर्ण मेला क्षेत्र की निगरानी एसडीओ राकेश कुमार की सोंच थी.  ड्रोन व सीसीटीवी कैमरा की आँखों से चैबीसों घंटे मेला क्षेत्र की निगरानी रखी जाती रही. मेला के दौरान  महिलाओं का शोषण, उत्पीड़न, अत्याचार बलात्कार व हत्या जैसे अपरााध पर पूर्ण अंकुश लगा दिया गया.  दूर-दूर से मेला भ्रमण के लिये हिजला पहुँचने वालों को भयमुक्त वातावरण में मेला के आनंद का विश्वास भरा गया. कैमरे की आँखें लगातार सात दिनों तक तलाशती रहीं अपराधियों को. एसडीओ श्री कुमार के अनुसार मेला भ्रमण पर नेटवर्क की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिये संपूर्ण मेला क्षेत्र को फ्री वाई-फाई जोन में बाँट दिया गया. दुकानों का आवंटन सुव्यवस्थित तरीके से किया गया. पुरुष व महिलाओं के लिए अलग-अलग ट्राईबल फैशन शो आयोजित किये गए. विलुप्त हो रही जनजातीय नृत्य शैली की प्रतियोगिता को पुर्नजीवित किया गया. जनजातीय संग्रहालय के माध्यम से ट्राईबल कल्चर को आगे बढ़ाने का काम किया गया. पुरुषों के लिए पहली दफा गुलेल निशानेबाजी प्रतियोगिता आयोजित की गई. मेला में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले तमाम कलाकारों को प्रमाण पत्र दिया गया ताकि भविष्य में नौकरियों सहित अन्य क्षेत्रों में वे प्रमाणपत्रों का लाभ ले सकंे. बाल कलाकारों को स्मृति चिन्ह व उपहार से सम्मानित किया गया. सीमा सुरक्षा बल द्वारा पहली बार मेला परिक्षेत्र में न सिर्फ स्टॉल लगाया गया बल्कि युवाओं को एसएसबी में सेवा की महत्ता व सेवा के गुर सिखलाए/ बतलाए गए. मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के उपर छोड़ दिया गया. पहली बार निजी संस्थाओं द्वारा कार्यक्रमों को प्रायोजित करवाने का कार्य किया गया. विश्वास राय व सिंजलिंग रेनेशा ऑर्केस्ट्रा ग्रुप का प्रायोजन व्यापार मंडल बाजार समिति दुमका द्वारा किया गया जो अपने आप में एक उपलब्धि है. अपने धून के पक्के एसडीओ सह सचिव जनजातीय हिजला मेला, दुमका राकेश कुमार ने जीतोड़ मेहनत कर मेला को एक नया फलक प्रदान किया जो आने वालेे दिनों में माईलस्टोन से कम नहीं है. मेला आयोजन समिति के सदस्यों व विभिन्न कलाकारों द्वारा मूक बधिर विद्यालय से मेला स्थल तक उल्लास रैली निकाली गई. यह बिल्कुल नया प्रयोग था.  अतिथियों को पगड़ी व पौधा देकर सम्मानित किया गया. एसपीएम, दुमका ,कस्तूरबा गांधी बालिका उच्च विद्यालय जामा, मध्य विद्यालय हिजला, एकलव्य विद्यालय काठीजोरिया, कस्तूरबा गांधी बालिका उच्च विद्यालय गोपीकांदर ,अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय दुमका ,कस्तूरबा गांधी उच्च विद्यालय शिकारीपाड़ा व संत टेरेसा बालिका उच्च विद्यालय, दुमका के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए. मद्य निषेध, पॉलीथिन विरोध, लोक संगीत व साहित्य तथा दमकता दुमका पर परिचर्चा आयोजित करवायी गई. कवि गोष्ठी व स्कूली बच्चों के लिए क्विज प्रतियोगिता आयोजित किये गए.  बाहरी कला मंच पर प्रत्येक दिन शाम 6 बजे से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रायोजित था.  16 फरवरी को हिजला ग्राम कला दल, मधुपुर संथाली दल व देवघर के परिहस्त कलाद द्वारा प्रस्तुति दी गई. 17 फरवरी को उड़ीसा की सांस्कृतिक टीम व बाउल तथा पश्चिम बंगाल की मेलोडी कलादलों ने अपना जौहर दिखलाया. ,18 फरवरी को असम, उड़ीसा व एक्सवास कलादलों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए.  19 फरवरी को असम कला दल व रथिन किस्कू के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लोग झूम उठे.. 20 फरवरी को छऊ नृत्य की राँची टीम, दुमका के मेलोडी म्यूजिक ग्रुप व  चेतन जोशी का बांसुरी वादन कार्यक्रम की खास विशेषता थी. 21 फरवरी को झारखंड कला केंद्र दुमका, सुरेंद्र नारायण यादव व कावेरी ग्रुप (पश्चिम बंगाल) द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए. सिल्ली का छऊ नृत्य से लोग भाव विह्वल हो गए.   22 फरवरी को विश्वास राय व रेनेसा ग्रुप का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. 23 फरवरी को मेला के राजू टूडू हिजला ग्राम ग्रुप द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई. पहली दफा पुरुष व महिलाओं के लिए अलग अलग जनजातीय फैशन शो ने सुर्खियाँ बटोरी. प्रतिभागियों ने पारंपरिक परिधानों में अपना जलवा बिखेरा। मेला परिक्षेत्र में 1 काउ टावर 9 स्मॉल सेल व 6 वाईफाई डिवाइस लगवाए गए. स्वच्छ भारत मिशन की प्रदर्शनी पंडाल आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा. इनोवेशन फार सोसायटी संस्था द्वारा कम खर्च पर ईंट व बालू से बने पर्यावरण के अनुकूल फ्रीज बनाया गया. शानदार आतिशबाजी व  रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ राजकीय जनजातीय हिजला मेला अगले वर्ष के स्वप्न के साथ समाप्त हो गया.  अंतिम दिन घड़ा उतारने की प्रतियोगिता हुई. इस प्रतियोगिता में 17 टीमों ने अपना-अपना भाग्य आजमाया. बैजबिनहा दुमका की टीम ने घड़ा उतारकर 3, 000 रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया. घड़ा उतारने की प्रतियोगिता में शामिल प्रत्येक टीम को पांच 500-500 सौ रुपये बतौर नकद व अन्य सामग्रियाँ दी गई.  पद्मश्री गायक मुकुंद नायक की टीम ने गीत व संगीत से हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता के विजेता टीमों को भी पुरस्कृत किया गया। महिला व पुरुष संयुक्त वर्ग में गोविंदपुर चिरुडीह टोला के बाबूराम सोरेन ग्रुप ने पहला स्थान प्राप्त किया जबकि कुकुरतोपा जामा के मंगल मुर्मू ग्रुप ने दूसरा व गिदनीपहाड़ी दुमका की मुन्नी सोरेन ग्रुप ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पुरुष वर्ग की प्रतियोगिता में पुनसिया रामगढ़ के मान किशोर हांसदा,  जगदीशपुर (रानेश्वर) के देवेश चंद्र हाँसदा व  झूमरबाद जामा के नाजिर मुर्मू ग्रुप को क्रमशः पहला दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। महिला व पुरुष दोनों ही वर्ग के विजेता टीमों को क्रमशः 50, 000 रुपये 40, 000 हजार रुपनये व 30, 000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया. आयोजन को सफल बनाने में खेलकूद आयोजन समिति के सह संयोजक उमाशंकर चैबे, कला समिति के सह संयोजक गौरकांत झा, कुणाल दास, गोविंद प्रसाद, शैलेंद्र सिन्हा, वरुण कुमार, मदन कुमार, सुमिता सिंह, छवि बागची, विद्यापति झा, निमाय कांत झा, अरविंद कुमार, मनोज कुमार घोष, जीवानंद यादव, दीपक झा, रंजन कुमार पांडे, बैद्यनाथ टुडु, जयराम शर्मा, वंशीधर पंडित ,अनिल टुडू, सुनेन्दु सरकार, मुकेश की भूमिका सराहनीय रही. एसडीओ सह जनजातीय हिजला मेला समिति के सचिव राकेश कुमार ने वर्ष 2018 के हिजला मेला को एतिहासिक बतलाया. डीसी दुमका मुकेश कुमार, डीडीसी शशिरंजन, प्रशिक्षु आई.ए.एस. विशाल सागर ,पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, ,नगर परिषद अध्यक्ष अमिता रक्षित, डीईओ धर्मदेव राय डीपीआरओ  शिवनारायण यादव, निदेशक डीआरडीए दिलेश्वर महतो, एनईपी डायरेक्टर विनय कुमार सिंकू, जिला योजना पदाधिकारी डीपीआरओ (जनसंपर्क) सैयद राशिद अख्तर ,बीडियो व ,सीओ दुमका लागरी बराल, डीटीपी अमरदीप, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग अनिल टूडू, मुफस्सिल थाना के इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी कामेश्वर कुमार कामेश ,जेई रमेश श्रीवास्तव, जिला परिषद सदस्य चिंता देवी ,डॉ सी एन मिश्रा, छाया गुहा ,वाणी सेनगुप्ता, अंजुला मुर्मू, सरुआ पंचायत की मुखिया मंजूलता सोरेन, हिजला ग्राम प्रधान सुनीराम हांसदा इत्यादि का भी सहयोग मेला को दुरुस्त बनाने में रहा. 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 27 फ़रवरी

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ट्राफिक इंचार्ज धाकड़ ने चौराहे पर की बततामिजी, अनुसुचित जाति मोर्चा ने की एसपी से शिकायत 

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सीहोर। शहर ट्राफिक इंजार्च ब्रजमोहन धाकड़ पुलिस कर्मियों के साथ वाहनों के दस्तावेज होने पर भी जबरन जुर्माना वसूली कर रहे है। जनप्रतिनिधियों के साथ भी खुलेआम चौराहे पर बततामिजी की जा रही है। ये आरोप प्रदेश कार्य समिति सदस्य भाजपा अनुसुचित जाति मोर्चा के नेता हरीश कौशल के द्वारा मंगलवार को एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को दिए शिकायती पत्र में लगाए है श्री कौशल ने ट्राफिक इंजार्च श्री धाकड़ पर सख्त कार्रवाई कराने की मांग की है।  श्री कौशल ने कहा कि ट्राफिक प्रभारी की हरकतों के कारण  शहर में जहा ट्राफिक पुलिस की छबि खराब हो रही है वही आमजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को कोली पुरा चौराहा पर भाजपा नेता श्री कौशल की गाड़ी पुलिस कर्मियों ने रोक ली श्री धाकड़ को पूरे दस्तावेज दिखाए गए लेकिन श्री धाकड़ ने कहा की में किसी से नही डरता हुं जुर्माना तो भरना ही होगा और जबरदस्ती रसीद काट दी गई।  ट्राफिक पुलिस के द्वारा श्री धाकड़ के नेतृत्व में अनुसुचित जाति के भाजपा नेताओं को जान बूझकर परेशान किया जा रहा है। ज्ञापन सोपने वालों में भाजपा अनुसुचित जाति मोर्चा नेता लालदास श्रवण, नरेंद्र शाक्य, गोलू ठाकुर, नरेंद्र कुशवाहा, राजेंद्र शर्मा, दीपक मालवीय, दिनेश बारेला, मुकेश मालवीय सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल है। 

मल्टीक्राप थ्रेसर से हो रही है अतिरिक्त आमदनी, खेती बनी लाभ का धंधा 

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सीहोर जिले की बुधनी तहसील के ग्राम नीनौर निवासी कृषक श्री दिलीप कुमार अपनी पाँच एकड़ सिंचित भूमि पर कृषि कार्य संपादित कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। सीमित आय मे परिवार का गुजर तंगहाली मे ही होता था। दिलीप उपज निकालने के लिए किराए से थ्रेसर लेते थे जिससे उन्हें कई बार समय पर उपज न निकाल पाने के चलते सही मूल्य नहीं मिल पाता था और आर्थिक हानि होती थी। उन्होंने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से अपनी समस्या बताई। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने दिलीप को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर मल्टीक्राप थ्रेसर उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए योजना का लाभ उठाने को प्रेरित किया। दिलीप ने आवेदन पूर्ण कर कार्यलय मे जमा किया तथा स्वीकृति प्राप्त होने पर थ्रेसर क्रय की जिस पर 80000 रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ। थ्रेसर आ जाने से दिलीप अब अपनी फसल समय पर निकाल कर मण्डी मे विक्रय कर अच्छा मूल्य प्राप्त कर लेते हैं साथ ही थ्रेसर को किराये पर चलाकर अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती । इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मे सुधार हुआ है और खेती लाभ का धंधा बन गयी है। दिलीप अन्य कृषकों से भी शासन  की इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह करते हैं।

बिजली पानी को तरस रहे ग्राम मेण्डोरा के सात सौ लोग

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सीहेार। ग्राम मेण्डोरा में वर्षो से सात सौ से अधिक ग्रामीण पर्याप्त बिजली पानी से मोहताज है। बिजली नही होने से कक्षा ८ वीं १० वीं के विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी भी नही कर पा रहे है हालात ऐसे है की बिजली नही होने से आज तक गांव का कोई बच्चा १२ तक भी नही पहुंच सका है।  वन ग्राम में मौजूद तीन हेंडपंप दम तोड़ चुके है गांव से दूर खेतों पर स्थित ट्यववेल भी बिजली के अभाव में शोपीस बन कर रह गए है। गांव में अबतक बिजली के खंभे तक नही लगाए गए है। मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े को बताया कि श्यामपुर तहसील की गा्रम पंचायत सातबाड़ी ने भी जनपद को ग्रामीणों की परेशानियों से कई बार अवगत कराया है लेकिन आज तक समस्या का निराकरण नही हुआ है विद्युत मंडल ने गांव को कुएं के मोटर पम्प कनेक् शनों से जोड़ रखा है जिस से बिजली गांव तक पहुंच ही नही पाती है। ग्रामीण बिजली नही होने से टीवी जैसे मनोरंजन से भी महरूम में है मोबाइल चार्ज करने और गेहुं पिसाने भी दूसरे गांव में जाना पड़ रहा है। ग्राम के हेमराज सिंह, भागीरथ, हिरदेश, नारायण सिंह, रामगोपाल सहित अन्य ने गांव में बिजली पहुंचाने की मांग की है। 

मध्याहन भोजन  हड़पने बदल दिया महिलाओं का मूल निवास 
  • आनंद समूह की एक दर्जन महिलाएं हुई बेरोजगार , सपा जिलाध्यक्ष ने की है कलेक्टर से जांच की मांग 

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सीहोर। जनपद पंचायत आष्टा के नीलबड़ में कार्यरत आनंद स्वसहायता समूह की एक दर्जन महिलाए बेरोजगार हो गई है। महिलाओं का मूल निवास स्थान ही किसी जालसाज ने बदल दिया है जिस से समूह को शासकीय प्राथमिक शाला के माध्यहन कार्य से हटा दिया गया है। जबकी समूह से जुड़ी महिलाएं ग्राम नीलबड़ की मूल निवासी है। मंगलवार को जनसुनवाई में समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष इंदिरा भील के नेतृत्व में पहुंची समूह की महिलाओं ने कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े को शिकायती पत्र दिया है। सपा जिलाध्यक्ष श्रीमती भील ने बताया कि आनंद समूह पंजीकृत समूह है,केनरा बैंक में खाता है, कई वर्षो से क्षेत्र में समूह कार्य कर रहा है बावजूद इस के किसी ने रंजिशवश जनपद में झूठी शिकायत कर समूह की महिलाओं को किसी और गांव का होना बताकर मध्याहन भोजन कार्य समूह से छीन लिया। दूसरे पक्ष को सुने बिना जिला पंचायत ने एक पक्षीय कार्रवाई कर दी। श्रीमती भील के साथ पहुंची समूह की अध्यक्ष प्रेमलता बाई, शांता बाई, कांता बाई, कमल बाई, फूल बाई, कृष्णा बाई सहित अन्य महिलाओं ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने और समूह की बेरोजगार हुई महिलाओं को रोजगार के लिए मध्याहन भोजन व्यवस्था पून: प्रदान करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। 

2 एवं 6 मार्च को शुष्क दिवस घोषित

जिले में होली एवं रंगपंचमी पर्व के अवसर पर कानून एवं शांति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री तरूण कुमार पिथोडे द्वारा शुक्रवार 2 मार्च,2018 को धुलंडी होने के कारण सीहोर जिले की केवल नसरूल्लागंज तहसील की समस्त देशी मदिरा दुकानें एवं विदेशी मदिरा दुकानें तथा मद्य भाण्डागार सायं 5 बजे तक पूर्णत: बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए है। इसी तरह मंगलवार 6 मार्च को रंगपंचमी होने के कारण जिले की नसरूल्लागंज तहसील को छोडकर सीहोर जिले की समस्त तहसील की देशी मदिरा दुकानें एवं विदेशी मदिरा दुकाने सायं 5 बजे तक पूर्णत: बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए है।  कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सीहोर द्वारा आबकारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उक्त शुष्क दिवस की अवधि में समस्त देशी मदिरा दुकानों / विदेशी मदिरा दुकानों, मद्यभाण्डागार एवं होटल बार को पूर्णत: बंद रखा जाऐ एवं मदिरा के व्यक्तिगत भंडारण पर तथा गैर लायसेन्स प्राप्त परिसर में मदिरा के भंडारण पर सख्ती से रोक लगाई जाए और किसी भी अधिकृत / अनाधिकृत स्थान से मदिरा का क्रय / विक्रय और अवैध परिवहन न हो पाये यह सुनिश्चित किया जाए। गौरतलब है‍ कि गत दिवस शांति समिति की बैठक में शांति समिति के सदस्यों ने होली एवं रंगपंचमी के अवसर पर शराब की दुकानें बंद रखने का अनुरोध जिला प्रशासन से किया था। 

किसानों को 50 हजार रूपये तक का नगद भुगतान होगा 

कृषि उपज मंडी समिति सीहोर की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार 26 फरवरी, 2018 से कृषकों की उनकी उपज का 50 हजार रूपये तक भुगतान नगद में तथा उससे अधिक भुगतान होने पर अतिरिक्त शेष राशि बैंक ट्रांसफर आरटीजीएस / एनईएफटी के माध्यम से उसी दिन उसी समय सीधे कृषक के खाते में ट्रांसफर किया जाना सुनिश्चित करें। इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सहायक संचालक / सचिव कृषि उपज मंडी समिति सीहोर ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति सीहोर की बैठक में निर्णय लिया गया है कृषकों की सुविधा हेतु उनकी उपज का 50 हजार रूपये तक भुगतान नगद में तथा उससे अधिक भुगतान होने पर अतिरिक्त शेष राशि बैंक ट्रांसफर आरटीजीएस / एनईएफटी के माध्यम से उसी दिन उसी समय सीधे कृषक के खाते में ट्रांसफर की जाए।  

मंडल द्वारा संचालित वर्ष 2018 की परीक्षाओं के परीक्षा कार्यक्रम

माध्यमिक शिक्षा मंडल म.प्र. की वर्ष 2018 की हाईस्कूल / हायर सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक पाठ्यक्रम परीक्षा / शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण एवं पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण परीक्षा के परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिए गए है। मण्डल द्वारा संचालित समस्त परीक्षाएं प्रात: 9 से 12 बजे एवं दृष्टिहीन मूक बधिर (दिव्यांग)  छात्रों हेतु (नियमित/स्वाध्यायी) दोपहर 1 से 4 बजे के मध्य परीक्षा कार्यक्रमानुसार संपन्न होगी। प्रत्येक परीक्षार्थी को उसकी परीक्षा का पूर्ण कार्यक्रम एवं समय ज्ञात हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। स्मरण रहे कि नियमित / स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की परीक्षाएं समान रूप से एक ही तिथि, दिवस एवं समय में संपन्न होगी। परीक्षा कार्यक्रम मण्डल की वेबसाईट पर भी देखा जा सकता है। 

बालश्रम (प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन नियम 2017 के कार्यबल की बैठक संपन्न

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बालश्रम (प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन नियम 2017 के अनुसार जिले में गठित कार्यबल (टास्क फोर्स) की बैठक कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे की अध्यक्षता में मंगलवार 27 फरवरी को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री रामस्वरूप साहू, सदस्य श्री अनिल सक्सेना, श्रम पदाधिकारी सुश्री प्रियंका बंशीवाल, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रंजीता पटेल, सीीएसपी श्री सेंगर, जिला विधिक सेवा अधिकारी श्रीमती आरती शुक्ला सहित अन्य सदस्य शामिल हुए। कलेक्टर ने टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को निर्देशित किया कि वे स्वत: संज्ञान लेकर होटलों,ढाबों तथा फैक्ट्रियों का निरीक्षण करें तथा मीडिया एवं अन्य संचार माध्यमों से प्राप्त जानकारी पर जांच कर 24 घंटे में कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया कि ड्राप आउट बच्चों की सूची बनाएं तथा समिति के सदस्य उनके मातापिता की काउंसलिंग करें। कलेक्टर के निर्देश पर श्रमपदाधिकारी द्वारा जारी ईमेल एड्रेस LOSEHORE@M.P.GOV.IN या नोडल अधिकारी श्रम निरीक्षक श्री अरूण कुमार साहू के मोबाईल नंबर 8839139712 पर जिले का कोई भी नागरिक बाल श्रम की शिकायत दर्ज करा सकता है जिसपर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 14 वर्ष से कम आयु के बालक को किसी भी प्रकार के श्रम में तथा 18 वर्ष से कम आयु के बालकों को जोखिम वाले कार्यो जैसे खदान, केमिकल फैक्‍ट्री आदि को श्रम कार्य निषिद्ध है। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 27 फ़रवरी

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जनसुनवाई में हुआ अधिकांश आवेदनों का निराकरण

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा आज मंगलवार को आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 152 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा मौके पर 105 आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा मंे कार्यवाही कर निराकरण की जानकारी बेवपोर्टल पर अंकित करने के भी निर्देश उनके द्वारा दिए गए है। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय, डिप्टी कलेक्टर श्री लोकेन्द्र सिंह सरल समेत अन्य विभागोें के अधिकारीगण पंक्तिबद्व-रो में बैठकर आवेदकों के आवेदनों को प्राप्त कर उनका निराकरण करने की कार्यवाही की गई है। ग्राम महोली के आवेदक श्री रामकृृष्ण साहू ने शौचालय निर्माण की द्वितीय किश्त नही मिलने से, ग्राम सिरावटा के तोरण सिंह कुशवाह ने आवास दिलाए जाने, ग्राम खेजडा के श्री डालचंद अहिरवार ने आवासीय पट्टा दिलाने, ग्राम सोंठिया के श्री विनोद कुशवाह ने बीपीएल कार्ड जारी करने, ग्राम लखाखेडी के श्री कल्याण सिंह कुशवाह ने हिट एण्ड रन के प्रकरण में मदद नही मिलने से अवगत कराया। उक्त प्रकरणों में कलेक्टर द्वारा मौके पर कार्यवाही कराई गई और शेष लंबित आवेदनकर्ताओं को नियत प्रक्रिया से अवगत कराया गया। तदोपरांत उनके आवेदन का निराकरण शीघ्र कराए जाने का आश्वासन दिया गया है।  ग्राम कागपुर के श्री राजू रायकवार ने इलाज हेतु आर्थिक सहायता दिलाए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदक को नियम प्रक्रिया से अवगत कराया गया। 

लोक सूचना का अधिकार अधिनियम पर प्रशिक्षण आज

जिले के महत्वपूर्ण विभागों के लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण 28 फरवरी को दोपहर दो बजे से आयोजित किया गया है। अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण को मुख्य सूचना आयुक्त श्री केडी खाॅन एवं सूचना आयुक्त श्री हीरालाल त्रिवेदी द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित किया जाएगा। राज्य लोक सूचना आयोग यह प्रशिक्षण वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दिया जाएगा। प्रशिक्षण में शामिल होने हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों को कलेक्टेªट के लोक सूचना अधिकारी द्वारा पत्र प्रेषित किए गए है और उन सबकों को निर्देशित किया गया है कि बुधवार को दोपहर डेढ बजे तक कलेक्टेªट भवन स्थित एनआईसी के वीडियो कांफेसिंग कक्ष में अनिवार्यतः उपस्थित हो।

त्यौहार भाईचारे के प्रतीक, शांति समिति की बैठक सम्पन्न

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विदिशा जिले का इतिहास रहा है कि सभी त्यौहार भाईचारे की भावना को और अधिक बढ़ावा देते है। आगामी त्यौहारो के परिपेक्ष्य में की जाने वाली तैयारियों की बिन्दुवार चर्चा आज शांति समिति की बैठक में की गई। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक मंे उन्होंने समिति के पदाधिकारियों द्वारा जन हितैषी सुझावो के साथ-साथ आवश्यक व्यवस्थाओं का क्रियान्वयन करने के निर्देश संबंधित विभागो के अधिकारियो को दिए गए। बैठक में समिति के सम्माननीय सदस्यगण मौजूद थे। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में होली एवं रंगपंचमी पर्व के परिपेक्ष्य मंे आयोजित की गई उक्त शांाति समिति की बैठक मंे नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को हम विरासत में अच्छी संस्कृति दें इसके लिए जिले में जो भाईचारे का वातावरण है उसमें और वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि नगरपालिका को त्यौहारों के मद्देनजर जो दायित्व सौंपे गए है उस पर समयावधि में क्रियान्वयन कर नगरवासियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि होली रंगो का त्यौहार है अतः हम रंग गुलाल का ही उपयोग हम त्यौहार में करें। त्वचा को हानि पहुंचाने वाले रंगो का उपयोग कदापि ना करेें।  कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि त्यौहार के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे। हम सब में भाईचारे की भावना में प्रगाढ़ वृद्वि हो। शहर की फिंजा को किसी भी प्रकार से दूषित ना हो इन सभी बातों का विशेष ध्यान हम सब त्यौहार के दौरान रखें। उन्होंने कहा कि शांति समिति के सम्माननीय सदस्यगणों द्वारा जो बहुउपयोगी सुझाव दिए गए है उन पर अमल किया जाएगा। कलेक्टर श्री सुचारी ने होलिका दहन नियत स्थलों पर करने की अपील करते हुए कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि होलिका दहन के ऊपर विद्युत वायर ना हो। जबरन की किसी को रंग ना लगाएं। कर्णप्रिय ध्वनि वाद्य यंत्रों का प्रयोग करें। त्यौहार खुशी के प्रतीक है ऐसा संदेश हम अपने खुशी से दूसरों को भी दें। इससे पहले अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने होली एवं रंगपंचमी के परिपेक्ष्य में सम्पादित होने वाले कार्यो की बिन्दुवार रूपरेखा को रेखांकित किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक जबावदेंही सौंपी है। 

गोताखोर तैनात
गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी बेस, बेतवा नदी के घाटों पर होमगार्ड के सैनिक और गोताखोर धुरेडी एवं पंचमी के दिन तैनात रहेंगे। ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित ना हो सकें।

चंदा वसूली
बैठक में संबंधितों से आग्रह किया गया है कि जबरन चंदा वसूली किसी से भी ना की जाए। आयोजन हेतु जो स्वेच्छा से चंदा देने के इच्छुक हो उन ही से चंदा लिया जाए। 

निर्धारित दर पर लकड़ी मिलेगी
शांति समिति की बैठक में बताया गया कि गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी होलिका दहन हेतु वन विभाग के माध्यम से निर्धारित दर 618 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर पर जलाऊ लकड़ी ओवर ब्रिज के नीचे अस्थायी टाॅल बनाकर विक्रय की जाएगी। सभी नागरिकों खासकर युवाजनों से समिति ने आग्रह किया कि वे हरे-भरे वृक्ष ना काटे और ऐसी प्रेरणा अन्य को दें। 

जलापूर्ति
होली (धुरेडी) और रंगपंचमी के दिन दोपहर दो बजे से सांय पांच बजे तक अतिरिक्त जल प्रदाय किया जाएगा। इसके अलावा नियत स्थलों पर पानी के टेंकर रखवाए जाएंगे। 

चिकित्सीय व्यवस्था
होली एवं रंगपंचमी पर्व पर चिकित्सीय समुचित व्यवस्था रखी जाएगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर आकस्मिक इलाज की पूर्ति तैयारी सुनिश्चित हो। 

पुलिस व्यवस्था
पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर ने कहा कि त्यौहार उल्लास, उमंग के प्रतीक है उल्लास के दौरान किसी भी प्रकार की व्यवस्थाएं उल्लघिंत ना हो इसके लिए हम सब दूसरों का भी ध्यान रखें। पुलिस अधीक्षक श्री कपूर ने कहा कि समिति के सदस्यों द्वारा जो सुझाव दिए गए है उनका पालन किया जाएगा। नागरिकों का सहयोग अपेक्षित रहेगा को रेखंाकित करते हुए उन्होंने बताया कि भोपाल से अतिरिक्त पुलिस बल जिले को प्राप्त हुआ है जो विभिन्न पाइंटो पर तैनात रहेगा। उन्होंने बताया कि करीला मेला के दौरान कानून व्यवस्था सुव्यवस्थित बनी रहे इसके लिए 11 पाइंट चिन्हित किए गए है जिन पर पुलिस बल 24 घंटो तैनात रहेगा। वही ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों का एवं गणमान्य नागरिकों का भी सहयोग लिया जाएगा।  

यातायात
त्यौहारों के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे खासकर टू-व्हीलर वाहनों पर तीन सवारियों एवं नियंत्रित गति से अधिक वेग में वाहन चलाने वालों की धरपकड़ कार्यवाही आज से ही शुरू हो जाएगी। यह बात बताते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभिभावकजन अपने बच्चों पर नजर रखें। इसी प्रकार उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि यदि कोई तेज गति से वाहन चलाता हुआ पास होते है तो त्वरित पुलिस को सूचित करें ताकि संबंधित चालक के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें। नियत स्थलों पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा। यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए आवारा पशुओं और सुअरों की धरपकड़ की जाएगी। 

कोलाहल नियंत्रण अधिनियम प्रभावशील

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अनिल सुचारी ने वर्तमान में स्कूलों एवं काॅलेजों में अध्ययरत विद्यार्थियों की परीक्षा नजदीक होने के कारण एक मार्च से 21 अपै्रल तक सम्पूर्ण विदिशा जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (सायलेन्स जोन) घोषित करने के आदेश जारी कर दिए है। अनुभाग विदिशा मंे पदस्थ अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं अतिरिक्त, नायब तहसीलदारों को उनके मुख्यालय क्षेत्रातंर्गत विहित प्राधिकारी घोषित किया गया है। लिखित अनुज्ञा के बिना जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आमसभा, जुलूस एवं प्रचार कार्य हेतु लाउड स्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्रो के उपयोग के लिए ग्रामीण एवं निकाय क्षेत्रों में विहित प्राधिकारी की अनुमति पर प्रातः आठ बजे से रात्रि दस बजे तक कर्णप्रिय ध्वनि में यंत्रों का उपयोग किया जा सकता है।

नीलामी अब एक मार्च को

जिले की भांग एवं भांग घोंटा फुटकर बिक्री की दुकानों के लायसेंस पृथक-पृथक अथवा समूह में वर्ष 2018-19 के लिए आमंत्रित टेण्डरों का निष्पादन कार्य एक मार्च को कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से किया जाएगा। पूर्व की नीलामी प्रक्रिया में एक भी टेण्डर प्राप्त ना होने के कारण अब एक मार्च को पुनः टेण्डर आमंत्रित किए गए है। टेण्डर प्रक्रिया में शामिल होने के इच्छुकगण नियत तिथि एवं समय पर उपस्थित होकर कलेक्टेªट विदिशा में नियमानुसार टेण्डर दे सकते है। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला आबकारी कार्यालय विदिशा से एवं कार्यालयीन दूरभाष क्रमांक 07592-232818 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

जिला बदर के आदेश जारी

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अनिल सुचारी ने पुलिस अधीक्षक के पालन प्रतिवेदन पर एक प्रकरण मंे जिला बदर के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश मंे उल्लेख है कि थाना सिरोंज अंतर्गत विभिन्न अपराधों में लिप्त अनावेदक मुजाहिद खां पुत्र राजा मिंया निवासी रावजी पथ सिरोंज के विरूद्व मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जिला बदर की कार्यवाही एक वर्ष के लिए की गई है। उक्त अवधि में विदिशा जिला एवं सीमावर्ती जिला रायसेन, भोपाल, गुना, अशोेकनगर, सागर, राजगढ़ की राजस्व सीमा से एक वर्ष की कालावधि के लिए उसे निष्कासित किया गया है।

तिरंगा यात्रा निकाल कर शहीद चंद्रषेखर आजाद को याद किया

विदिषाः अमर शहीद चंद्रषेखर आजाद की शहादत दिवस पर आजाद युवा संगठन के तत्वाधान में विदिषा शहर के युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकालकर श्रद्धांजली अर्पित की। यात्रा के पूर्व शहीद ज्योति स्तंभ पर मोमबत्ती जलाकर शहीद चंद्रषेखर आजाद को श्रद्धासुमन अर्पित किए एवं चंद्रषेखर आजाद की भूमिका निभा रहे युवा दीपक शर्मा को माला पहनाकर स्वागत किया गया।  इस अवसर पर उपस्थित युवाओं को नगर पालिका अध्यक्ष मुकेष टण्डन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव, राकेष कटारे, मनोज कटारे, सुखप्रीत कौर, महेन्द्र यादव, संजय पुरोहित, सोहन पाठक ने संबोधित कर क्रांतिकारियों की देषप्रेम की भावना से युवाओं को अवगत कराया। आजाद युवा संगठन के विवेक शर्मा, अभिषेक शर्मा, ने अमर शहीद चंद्रषेखर आजाद के जीवन पर प्रकाष डाला एवं युवाओं से आजाद युवा संगठन से जुडने की अपील की जिससे इन महान क्रांतिकारियों के विचारों को समाज के भीतर उतारा जा सके। तिरंगा यात्रा शहीद स्तंभ से प्रारंभ होकर लगभग 2 घंटे में माधवगंज, तिलक चैक मुख्य मार्गो से होते हुए नीमताल पहुॅची यात्रा के दौरान बैण्ड एवं डी.जे. पर देष भक्ति की धुनी से शहर देषप्रेम की भावना से ओतप्रोत हो गया। यात्रा में शामिल युवा क्रांतिकारियों के नारे लगाते चलते रहे तिरंगा यात्रा में मुख्य आकर्षण शहीद चंद्रषेखर आजाद की भूमिका में बैठा युवा रहा। नीमताल पर तिरंगा यात्रा की समाप्ति पर गांधी प्रतिमा के समक्ष भारत माता की आरती की गई। कार्यक्रम का संचालन अजय कटारे ने किया एवं आभार प्रदर्षन सुषील शर्मा ने किया।  यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, सोषल ग्रुप आज कुछ अच्छा करते है एवं मुस्लिम युवा संगठन द्वारा फूल बरसा कर स्वागत किया गया।  इस आयोजन में तिरंगा यात्रा में सहयोगी मुख्य रूप से श्री धर्मनारायण दुबे, आनंदप्रतापसिंह, जितेन्द्र दुबे, नरेन्द्र शर्मा, मानवेन्द्र शर्मा, प्रषांत शर्मा, बल्लू महाराज, अतुल तिवारी, सुजीत देवलिया, विजय दीक्षित, राजा यादव, रविकांत शर्मा, अभिनय गट्टू तिवारी, रामबाबू तरफदार, विकास दुबे, मनोज दुबे, षिवकुमार तिवारी, अभिषेक चतुर्वेदी, अखलेष राजपूत, रणवीरसिंह राजपूत, मनमोहन धाकड, धनराज दुबे, षिवराम शर्मा, बंटी सक्सैना, लालू लोधी, चीनू भारद्वाज, दषन सक्सैना, महिपालसिंह राजावत, ऋषिकांत मिश्रा, अंकित शर्मा, भूपेष तिवारी अंषुज शर्मा सहित सैकडों की तादात में युवा उपस्थित रहें। 

बिहार : माले ने किया मुजफ्फरपुर के धरमपुर का दौरा, कहा - सत्ता के नशे में चूर है भाजपा-जदयू.

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  1. आइसा-इनौस के बैनर से होगा राज्यव्यापी प्रतिवाद.

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पटना 27 फरवरी 2018, भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, पार्टी की बिहार राज्य कमिटी के सदस्य उमेश कुमार तथा मुजफ्फरपुर पार्टी के जिला सचिव कृष्णमोहन के नेतृत्व में एक राज्यस्तरीय जांच टीम ने आज मुजफ्फरपुर के धरमपुर गांव का दौरा किया, जहां पिछले शनिवार को सत्ता व शराब के नशे में चूर भाजपा के राज्यस्तरीय नेता के बोलेरो से रौंदे जाने के कारण 9 बच्चों की मौत हो गई तथा कई बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए थे. जांच टीम ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. विधायक महबूब आलम ने कहा कि हादसे के उपरांत सरकार व जिला प्रशासन की हद दर्जे की संवेदनहीनता सामने आ रही है. घायलों का न तो मुआवजा मिला है और न ही उनका समुचित इलाज हो रहा है. इस प्रश्न को मजबूती से विधानसभा के अंदर उठाया जाएगा और बच्चों के प्रति भाजपा-जदयू की संवेदनहीनता को उजागर किया जाएगा. जांच टीम ने कहा है कि इसके पहले भी धरमपुर में इस तरह की घटना घट चुकी है. आज से देढ़ साल पहले पवन सहनी के बेटे की उसी जगह पर गाड़ी के धक्के की वजह से मौत हो गई थी. उसके बाद ग्रामीणों की लगातार मांग रही है कि गांव के पूर्वी भाग में स्कूल का निर्माण करवाया जाए, ताकि बच्चों को एनएच पार नहीं करना पड़े. लेकिन शराबबंदी के नाम पर बच्चों को लाइन में लगाने वाली नीतीश सरकार ने उनकी इस मांग को अनसुनी कर दिया. यही वजह है कि बच्चों का जीवन पूरी तरह असुरक्षित है. इतना ही नहीं, जांच टीम ने यह भी पाया कि एनएच की तुलना में स्कूल काफी गड्ढे में है और बच्चों को पूरी मशक्कत करनी पड़ती है और उनका जीवन पूरी तरह असुरक्षित है.

जांच टीम ने कहा कि हादसा इतना जबरदस्त था कि बच्चों का शव पेड़ पर लटका पाया गया. इसके पूर्व भाजपा नेता ने एक महिला शकीना खातून को भी ठोकर मार दी थी. हादसे के उपरांत आज तक कोई आला अधिकारी या सरकार का प्रतिनिधि घटनास्थल पर नहीं पहंुचा है. ग्रामीण सरतार अंसारी ने बताया कि घायल बच्चों के प्रति तो प्रशासन का रवैया बिलकुल संवेदनहीन है. घायल चांदनी के इलाज हेतु 30 हजार का कर्ज लिया गया. उसका फिलहाल पीएमसीएच में इलाज हो रहा है, जबकि सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही है. लोकल स्तर पर भी सीटी स्कैन में उन्हें 2200 रु. खर्च करना पड़ा था. जांच टीम ने मांग की है कि स्कूल के पूर्वी भाग में सरकार को तत्काल विद्यालय खोलना चाहिए. और जब तक स्कूल नहीं खुलता, उस स्थान पर ट्रैफिक/ठोकर की व्यवस्था की जाए. मृतक छात्रों के परिजनों को 10 लाख व घायल परिजनों को 2 लाख का तत्काल मुआवजा व समुचित इलाज का प्रबंध किया जाए. इस दर्दनाक हादसा के खिलाफ आइसा-इनौस राज्यव्यापी प्रतिवाद करेगा.

दुमका : यज्ञ मैदान में छात्र चेतना संगठन का 20 वाँ स्थापना दिवस धूमधाम के साथ संपन्न हुआ

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) यज्ञ मैदान दुमका में गैर राजनीतिक संगठन छात्र चेतना संगठन का 20 स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से संपन्न हो गया। संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न जिलों बड़ी संख्या में यज्ञ मैदान दुमका पहुँचे छात्र चेतना मजदूर व किसान चेतना संगठन के कार्यकर्ताओं व सदस्यों से पटे यज्ञ मैदान में बतौर मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने कहा किसी संस्था के लिये दो दशक का समय कम नहीं होता। जिस जज्बे के साथ इस संगठन ने राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत छात्रों को एकजुट करने का प्रयास किया सराहनीय है। उन्होंने कहा चेतना बुद्धि व विवेक से संबद्ध है। मजदूरों, किसानों व छात्रों में राष्ट्रीयता की भावना भरना आम बात नहीं। संगठन पिछले 20 वर्षों से पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपने उद्देश्यों का अमलीजामा पहना रहा है। उन्होंने कहा आज से सौ वर्ष पूर्व सोवियत रुस में मजदूरों के बीच चेतना जगाने का काम किया गया था। रुस की बोल्सेविक क्रांति उसकी ही उपज थी। चीन में मजदूरों/ किसानों के बीच चेतना जगाने का काम किया गया था। कालान्तर मंे भटकाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। आज स्थिति यह है कि वहाँ के मजदूरों को वेतन तक सही नहीं मिल पा रहा है। भारत मंे भी आपातकाल के बाद संपूर्ण क्रांति का शंखनाद हुआ था। सत्ता के विरुद्ध पूरे देश में क्रांति ने विशाल रुप अख्तियार कर लिया। सत्ता परिवर्तन हुआ। बाद के वर्षों में नेताओं ने उस क्रांति की आड़ में धनोपार्जन को अपना धंधा बना लिया। धीरे-धीरे क्रांति की उपज नेताओं की नीतियाँ, सिद्धान्त व वसूलों में भारी कमी देखने को आयी। आज स्थिति यह है कि संपूर्ण क्रांति की उपज आज कई नेता जेल की कोठरी में बंद हैं। संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने कहा कि संगठन का उद्देश्य पूरी भारतीयता तथा राष्ट्रवाद है। राष्ट्रवादी सोंच विकसित हो तथा देश का एक-एक व्यक्ति राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हो संगठन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा जिस छोटे से कालखण्ड में छात्र चेतना संगठन ने मजदूर, किसान व छात्रों का एक विशाल समूह का निर्माण किया है वह अविस्मरणीय है। पूरे भारतवर्ष में संगठन के उद्देश्यों से छात्रों/ युवाओं को जोड़कर राष्ट्रीय फलक पर संगठन को पहुँचाने का काम किया जाएगा। संगठन के संगठन के केंन्द्रीय सलाहकार डा0 आर के नीरद ने कहा कि 27 फरवरी 1997 को 20 व्यक्तियों से शुरु हुआ यह संगठन आज भव्य हो चला है। 27 फरवरी 1931 को राष्ट्रीय अखंडता व अंग्रेजों की दासता से देश को आजाद करने की प्रतिज्ञा के साथ जिस फौलादी साहस के बलबूते शहीद चन्द्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों का छक्के छुड़ाए और अंत-अंत तक उनकी पकड़ से दूर रहे भारत माँ के उस सपूत ने खुद को गोली मारकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। उनका एक ही संकल्प था अंग्रेजों के हाथ वे नहीं आऐंगे। शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि को ही इस संगठन की नंीव डाली गई थी इससे ज्ञात होता है कि संगठन उन वीर सपूतों के प्रति कितना कृतज्ञ है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मो. (डाॅ) हनीफ ने कहा कि जो ईंट तपता नहीं, पकता नहीं वह ईंट बिकता भी नहीं है। हिम्मत, मेहनत व परिश्रम से किया गया कार्य हमेशा ही सफल होता है। यह संगठन छात्रों में छिपी उर्जा को संग्रहित कर उसे आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। संताल परगना प्रमण्डल के प्रभारी राजीव मिश्रा, श्रीमती श्यामा देवी, उदयकांत पाण्डेय, राजन ंिसह, व अन्य ने अपने-अपने विचार इस अवसर पर प्रकट किये। 
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