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सतना में बच्ची के साथ दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार

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सतना (मध्यप्रदेश), दो जुलाई, सतना जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर उचेहरा थाना क्षेत्र के एक गांव में एक बच्ची के साथ एक युवक द्वारा कथित रूप से बलात्कार करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उचेहरा थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया, ‘‘मासूम बच्ची के साथ कल रात दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी महेंद्र सिंह गौड को गिरफ्तार किया गया है। कल उसे अदालत में पेश किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 376 (बलात्कार) के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी और पीड़ित मासूम के घर की दूरी करीब एक किलोमीटर है और पारिवारिक रिश्ते भी हैं। शर्मा ने बताया कि आरोपी महेन्द्र कल रात करीब नौ बजे बच्ची के घर आया था। उसके घर आने के बाद बच्ची का पिता किसी काम से घर से बाहर चला गया। उन्होंने कहा कि इसी बीच आरोपी महेन्द्र बच्ची को लेकर पास के एक गांव में चला गया, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया और उसे घायल अवस्था में छोड़कर अपने घर चला गया। शर्मा ने बताया कि जब बच्ची का पिता वापस अपने घर लौटा तो उसकी बेटी और महेंद्र घर पर नहीं थे। उसने गांव वालों को पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके बाद पीड़ित बच्ची का पिता ग्रामीणों के साथ महेंद्र के घर पहुंचा, जहां पर उससे पूछताछ की गई। काफी देर बाद उसने बच्ची के बारे में जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि इसके बाद रात करीब 11 बजे आरोपी को लेकर ग्रामीण घटनास्थल पहुंचे और वहां पर बच्ची को घायल अवस्था में पाया। बाद में ग्रामीण घायल मासूम को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां से उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

सुषमा को ट्रोल करना ‘गलत’ : राजनाथ सिंह

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्रोल करना गलत है।  राजनाथ एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जो सुषमा के समर्थन में बोले हैं।  सुषमा एक अंतरधर्मी दंपत्ति को पासपोर्ट जारी कराने और इससे संबंधित विवाद में लखनऊ स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी विकास मिश्रा के तबादले के बाद से आक्रामक ट्वीटों का सामना कर रही हैं। मुद्दे पर टिप्पणी के लिए कहे जाने पर राजनाथ ने यहां पत्रकारों से कहा , ‘‘ मेरे हिसाब से यह गलत है। ’’ सुषमा ने कुछ आक्रामक ट्वीटों को री - ट्वीट किया था। उन्होंने टि्वटर पर एक सर्वेक्षण भी कराया था और इस मंच का इस्तेमाल करने वालों से पूछा था कि क्या वे इस तरह की ट्रोलिंग को ‘‘ स्वीकार ’’ करते हैं। इस पर 43 प्रतिशत लोगों ने ‘ हां ’ में और 57 प्रतिशत लोगों ने ‘ ना ’ में जवाब दिया था। सुषमा ने कल टि्वटर पर कहा था, ‘‘लोकतंत्र में मत भिन्नता होना स्वाभाविक है। कृपया आलोचना अवश्य करें, लेकिन अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करें। सभ्य भाषा में होने वाली आलोचना हमेशा अधिक प्रभावी होती है।’’  मिश्रा का तब लखनऊ से गोरखपुर तबादला कर दिया गया था जब अंतरधर्मी दंपत्ति ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने उनका अपमान किया है। दंपत्ति का आरोप था कि मिश्रा ने पति से हिन्दू बनने को कहा और उसकी पत्नी की इसलिए खिंचाई की क्योंकि उसने मुसलमान से शादी की है। मिश्रा ने अपने बचाव में कहा था कि वह धर्मनरिपेक्ष हैं।  अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने महिला से कहा था कि उसके निकाहनामे में उसका नाम शाजिया अनस है जिसकी पुष्टि फाइल में होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर एक तबके ने मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर सुषमा और उनके मंत्रालय पर हमला बोला था। इन लोगों ने दावा किया था कि अधिकारी ने सिर्फ अपना दायित्व निभाया था। मंत्री ने इन ट्वीटों में से कुछ को री-ट्वीट किया जो गाली-गलौज और सांप्रदायिक प्रकृति के थे।

कुडनकुलम संयंत्र में भंडारण की व्यवस्था के लिए समय सीमा अप्रैल 2022 तक बढ़ायी

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने आज न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) को कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में इस्तेमाल हो चुके परमाणु विकरण ईंधन के सुरक्षित भंडारण का प्रबंध करने के लिए अप्रैल 2022 तक का समय दिया।  न्यायालय ने इस काम के लिये पहले एनपीसीआईएल को इस साल 30 मई तक का समय दिया था। न्यायालय ने इस्तेमाल हो चुके परमाणु ईंधन के भंडारण की व्यवस्था ‘ अवे फ्रॉम रिएक्टर फैसिलीटी ’ के निर्माण के लिए यह अवधि बढ़ाई है।  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने निगम की ओर से पेश हुये अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर विचार किया जिसमें उन्होंने भंडारण सुविधा के निर्माण के लिए यह अवधि 30 अप्रैल 2022 तक बढ़ाने का अनुरोध किया।  हालांकि , खंडपीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि तमिलनाडु में परमाणु संयंत्र में एएफआर बनाने के लिए निगम को आगे और समय नहीं दिया जाएगा।  उच्चतम न्यायालय ने पूर्व में केंद्र को इस्तेमाल होने वाले परमाणु ईंधन के सुरक्षित भंडारण सहित विभिन्न सुरक्षा उपायों के अनुपालन के तहत परमाणु संयंत्र को क्रियान्वित करने की अनुमति दी थी। 

उच्चतम न्यायालय का फर्जी मुठभेड़ों पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई कई मुठभेड़ों के फर्जी होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से आज जवाब मांगा।  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।  पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने आरोप लगाया कि हाल में उत्तर प्रदेश में 500 मुठभेड़ हुई है जिनमें कुल 58 लोग मारे गए।  पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। आयोग ने भी इस मुद्दे पर पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। 

इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया : सीबीआई

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। अरबपति कारोबारी के खिलाफ दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले में जां च चल रही है। रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा है कि अगर भगोड़ा व्यक्ति उनके देश में देखा जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए या हिरासत में ले लिया जाए। इसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।  आरसीएन में इंटरपोल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाए गए ‘ धन शोधन आरोपों ’’ को सूचीबद्ध किया है।  देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सामने आने से कई हफ्ते पहले , जनवरी के पहले सप्ताह में नीरव मोदी ने अपनी पत्नी , भाई और मामा के साथ देश छोड़ दिया था। इन सभी के नाम आरोपियों के रूप में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हैं।  नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कारोबार और सेहत संबंधी कारणों और अन्य वजहों का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया।  इसके बाद 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिए जारी डिफ्यूजन नोटिस के जरिए सीबीआई ने नीरव मोदी का पता लगाने का प्रयास किया था लेकिन इससे भी खास सफलता नहीं मिली क्योंकि सीबीआई के अनुरोध का जवाब केवल ब्रिटेन ने ही दिया।  सीबीआई ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी प्रसारित की गई थी कि भारत सरकार नीरव का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा।  सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था , ‘‘ विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी। नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गई , यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है। ’’  उन्होंने बताया कि सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा डिफ्यूजन नोटिस जारी किये जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहां नीरव के जाने की आशंका थी। एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।  एजेंसी ने 25 अप्रैल , 22 मई , 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे।  इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका , सिंगापुर , बेल्जियम , यूएई और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए। 

गुजरात में महिला का अपहरण, बलात्कार

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अहमदाबाद / राजकोट , दो जुलाई,  राजकोट जिले में सात लोगों के एक समूह ने एक महिला का कथित रूप से अपहरण करने के बाद उनमें से एक ने उसके साथ बलात्कार किया जबकि अन्य लोगों ने उसे ब्लैकमेल करने के लिये इस कृत्य की वीडियो बनाया।  पुलिस ने आज यह जानकारी दी।  बलात्कार का एक अन्य मामला उत्तरी गुजरात के पाटन से सामने आया है जहां एक महिला से उसके परिचित ने चलती कार में बलात्कार किया।  पुलिस ने बताया कि पहली घटना राजकोट जिले के जेतपुर में हुई जहां उसके ब्वायफ्रेंड पर हमला करने के बाद महिला का सात लोगों ने अपहरण कर लिया और उनमें से एक ब्रिराजसिंह झाला ने उनके साथ बलात्कार किया।  एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना 30 जून की है और कल एक प्राथमिकी दर्ज की गई। इस संबंध में अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।  एक अन्य घटना में पाटन में कल एक महिला से उसके परिचित ने चलती कार में बलात्कार किया। 

मैक्सिको चुनाव में वामपंथी ‘एएमएलओ’ को 53 प्रतिशत मतों के साथ जीत मिली

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मैक्सिको सिटी , दो जुलाई,  मैक्सिको के राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताविरोधी वामपंथी उम्मीदवार एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओबराडोर ने करीब 53 प्रतिशत मत प्राप्त कर जीत हासिल कर ली है। उक्त दावा आधिकारिक अनुमान में किया गया है। ‘नेशनल इलेक्ट्रोरल इंस्टीट्यूट ’ के अनुमान के अनुसार ‘ एएमएलओ ’ को 53 से 53.8 प्रतिशत के बीच मत मिले हैं। इससे पहले , मैक्सिको की सत्तारूढ़ पार्टी ‘इंस्टीट्यूशनल रेवोलुशनरी पार्टी’ (पीआरआई) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जोस एंतोनिया मीडे ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी। एग्जिट पोल में कल लोपेज ओबराडोर को भारी मतों से जीत मिलने की संभावना जाहिर की गई, जिसके बाद मीडे ने कहा कि वामपंथियों को ‘‘बहुमत मिल गई है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मैं एंड्रेस मैनुअल की सफलता की कामना करता हूं।’’ 

डीडीसीए के अध्यक्ष बने रजत शर्मा

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा पूर्व क्रिकेटर मदन लाल को 517 वोट से हराकर आज दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के नये अध्यक्ष बन गए।  डीडीसीए चुनाव के नतीजे आज घोषित कर दिए गए और रजत शर्मा के समूह ने सभी 12 सीटें जीत लीं। शर्मा को 1,531 वोट मिले जबकि मदन लाल को 1,004 वोट से संतोष करना पड़ा। मुकाबले में खड़े तीसरे उम्मीदवार वकील विकास सिंह को महज 232 वोट मिले। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना को चुनाव से बड़ा झटका लगा क्योंकि उनकी पत्नी शशि राकेश बंसल से उपाध्यक्ष पद का चुनाव हार गयीं। राकेश डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल के छोटे भाई हैं। राकेश ने शशि को 278 वोट से हराया। उन्हें 1,364 जबकि शशि को 1,086 वोट मिले।  हार के साथ डीडीसीए में खन्ना के लिए अब रास्ते बंद हो सकते हैं जहां करीब तीन दशकों से उनका वर्चस्व रहा है।  रजत शर्मा और उनके पैनल की उम्मीदवारी को सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता का समर्थन हासिल था और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा भी उनका पुरजोर समर्थन कर रहे थे। बत्रा पूर्व में डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रहे हैं।  डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर कहा , ‘‘ शर्मा को एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री का समर्थन मिलने के साथ ही किसी दूसरे उम्मीदवार के चुनाव जीतने की कोई संभावना ही नहीं थी। हां यह उम्मीद नहीं थी कि एक पैनल सभी सीटें जीत जाएगा। यह अच्छा होगा कि शर्मा पूरी तरह मुक्त होकर डीडीसीए का संचालन करेंगे। इसका यह भी मतलब है कि डीडीसीए में सी के खन्ना के दौर का अंत हो गया , हां अगर वह शर्मा के साथ कोई समझौता कर लें तो बात अलग है। ’’  दूसरे उल्लेखनीय विजयी उम्मीदवारों में खेल समिति के पूर्व अध्यक्ष विनोद तिहाड़ा (1,374 वोट) शामिल हैं जिन्होंने सचिव पद के चुनाव में करीबी प्रतिद्वंद्वी मंजीत सिंह (998) को 376 वोटों से हराया।  चुनाव जीतने वाले अन्य उम्मीदवारों में राजन मनचंदा (संयुक्त सचिव), ओमप्रकाश शर्मा (कोषाध्यक्ष), संजय भारद्वाज (निदेशक) शामिल हैं।  वहीं रेणु खन्ना महिला निदेशक बन गयीं। 

कोल इंडिया की बिजली संयंत्रों को आपूर्ति में 15 प्रतिशत का इजाफा

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नयी दिल्ली , दो जुलाई, सरकारी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिडेट (सीआईएल) ने 2018-19 की अप्रैल - जून तिमाही में बिजली क्षेत्र को 12.28 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने आज इसकी जानकारी दी। कोयला आपूर्ति में यह वृद्धि ऐसे समय हुई है जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कुछ क्षेत्र बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं। इन क्षत्रों के बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक तेजी से घट रहा है। कोल इंडिया ने बयान में कहा , "बिजली संयंत्रों की मांग में तेजी के कारण सीआईएल ने 15.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ अपनी आपूर्ति में सुधार किया है। कोयला लदान (रैक लोडिंग) में 15 प्रतिशत की वृद्धि का भी इसमें अहम योगदान रहा। समीक्षाधान अवधि के दौरान संयंत्रों को 12.28 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की गयी , जो कि अप्रैल - जून 2017-18 से 15 प्रतिशत अधिक है। "कोल इंडिया ने तिमाही के दौरान 13.68 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उत्पादन 11.88 करोड़ टन था। 

दिल्ली में हुई बारिश, मौसम हुआ सुहावना

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नयी दिल्ली , दो जुलाई,  राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में आज शाम धूल भरी आंधी चलने के बाद बारिश हुई जिससे तापमान में गिरावट हुई और मौसम सुहावना हो गया। दिल्ली में आज का अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  आद्रर्ता का स्तर 77 और 49 प्रतिशत के बीच रहा।  मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया , ‘‘ अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया , जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 29.9 डिग्री सेल्सियस , जो सामान्य से दो डिग्री ऊपर है। ’’  दिल्ली हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि शहर में बारिश की वजह से दिल्ली आ रहे कम से कम 24 विमानों का मार्ग बदलना पड़ा। रात के 8.45 और 9.45 बजे के बीच ज्यादातर मार्ग बदले गये। इनमें कई निजी एयरलाइन के विमानों के अलावा एयर इंडिया के भी पांच विमान शामिल हैं।  बहरहाल , आज दिन भर काफी गर्मी और उमस रही। रात के करीब आठ बजे दिल्ली के कुछ इलाकों में बारिश हुई।  मौसम विभाग ने कल सुबह आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने के साथ ही शाम के समय कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना जतायी है।  अधिकारी ने बताया , ‘‘ कल दिल्ली का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश : 38 और 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। ’’

दिल्ली में रहस्यमय सामूहिक मौत मामले में तांत्रिक से पूछताछ

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नई दिल्ली, 2 जुलाई,  दिल्ली में एक परिवार के 11 सदस्यों की रविवार को हुई रहस्यम मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक तांत्रिक और उसके सहयोगी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि उसे घटनास्थल बुराड़ी के संतनगर स्थित दो मंजिला मकान में पूजा स्थल के पास हाथ से लिखा नोट मिला है, जिससे मौत का रहस्यमय संबंध जाहिर होता है। एक को छोड़कर बाकी सभी मृतक छत से लटके पाए गए थे। अधिकांश मृतकों की आखों पर पट्टी बंधी थी और हाथ पीछे बंधे हुए थे। सबसे उम्रदराज नरायण देवी (77) का शव फर्श पर पड़ा था, जिसके गले पर निशान पाए गए हैं। पूजा स्थल के पास एक डायरी में मिले नोट से रहस्यवाद का संकेत मिलता है। इसमें अध्यामिकता, मोक्ष, रीति-रिवाज और पिछले महीने की कुछ तिथियों का जिक्र है। पूजा में इस्तेमाल घी और चावल जैसी सामग्री भी घर से बरामद हुई। पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें संदेह है कि परिवार के सदस्यों की मौत किसी अनुष्ठान के चलते हुई होगी।"अधिकारी ने बताया कि नोट में कुछ निर्देशों का जिक्र है, जिसमें कहा गया है-"प्रत्येक व्यक्ति को सही तरीके से आंखों पर पट्टी बांध लेनी चाहिए, आंखों में सिर्फ परम स्थान दिखाई दे।"पत्र में लिखा है, "श्रद्धा के साथ सात दिनों तक लगातार बरगद के वृक्ष की पूजा करें। अगर कोई घर आए तो यह कार्य अगले दिन करें। इसके लिए गुरुवार या रविवार का दिन चुनें।"आगे लिखा है, "अगर बुजुर्ग महिला (नारायण देवी) खड़ी नहीं हो सकती हैं तो वह दूसरे कमरे में लेट सकती हैं। अनुष्ठान के लिए मद्धिम प्रकाश का उपयोग करें। रात 12 बजे से एक बजे के बीच अनुष्ठान करें, ताकि कोई तुम्हें बाधा न पहुंचाए। जब तुम सब उस दौरान फांसी पर लटक जाओगे तो भगवान अचानक प्रकट होंगे और उसी क्षण तुम्हें बचा लेंगे।"पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए तकरीबन हर निर्देश का पालन किया। उसमें यह भी बताया गया था कि परिवार का कोई सदस्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगा। पुलिस को कुछ ही घंटों में घर से उनके मोबाइल फोन भी बरामद हुए। पड़ोसी विवेक कुमार ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ सप्ताह से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था । मृतकों में नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50) और ललित भाटिया (45) और दो बेटियां प्रतिभा (57) और पिछले महीने सगाई हुई प्रियंका (33) के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) और ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं। भाटिया परिवार के लोग पड़ोस में ही किराने की एक दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाते थे। नारायण देवी का सबसे बड़ा बेटा दिनेश भाटिया राजस्थान के कोटा में रहता है और एक बेटी सुजाता हरियाणा के पानीपत में रहती है।

सेना का इंजीनियर, 5 अन्य रिश्वतखोरी में गिरफ्तार

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कोच्चि, 2 जुलाई, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सेना के एक इंजीनियर और पांच अन्य लोगों को 1.21 करोड़ रुपये रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने सोमवार को कहा कि सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने सोमवार को दिल्ली, कोच्चि, अजमेर, कोलकाता, हिसार व रोहतक सहित अन्य स्थानों पर स्थित आरोपियों से जुड़े 20 परिसरों की तलाशी ली। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मिलिट्री इंजीनियर सर्विसिस, नौसेना बेस के मुख्य इंजीनियर (नौसेना कार्य) राकेश कुमार गर्ग व अन्य पांच को रविवार को एक गुप्त सूचना पर गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने कहा, "गर्ग की गिरफ्तारी के दौरान हमारी टीम ने 1.21 करोड़ रुपये रिश्वत की राशि जब्त की। आगे की गई छापेमारी में सीबीआई टीम ने आरोपियों के कब्जे से 3.97 करोड़ रुपये व छह किलोग्राम सोने के बिस्कुट जब्त किए।"

कश्मीर में जल्द चुनाव के लिए कांग्रेस श्रीनगर में बैठक करेगी

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नई दिल्ली, 2 जुलाई, कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह जम्मू एवं कश्मीर में जल्द चुनाव चाहती है। पार्टी ने राज्य में वैकल्पिक सरकार के लिए पीडीपी को समर्थन देने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।  राज्य की प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी ने कश्मीर पर पार्टी के नीति नियोजन समूह की एक बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि पार्टी अपने कार्यक्रमों के आधार पर नए चुनाव के लिए तैयारी करेगी। भविष्य की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को श्रीनगर में राज्य के तीनों क्षेत्रों से पार्टी के 100 वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक आयोजित की जाएगी। नीति नियोजन समूह राज्य में जारी राजनीतिक हालात पर चर्चा करेगा और राज्य में पीडीपी व भाजपा के गठबंधन को सत्ता से दूर रखने के रास्ते तलाशेगा। यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जी. ए. मीर और पूर्व सांसद तारिक हमीद कर्रा उपस्थित हुए। राज्यपाल शासन लागू होने के बाद समूह की यह दूसरी बैठक थी। सोनी ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि नए चुनाव जल्द से जल्द हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम (कांग्रेस) राज्य में जल्द चुनाव चाहते हैं। हमने मांग की है कि यहां चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए। चुनाव के खाके पर कल (मंगलवार) चर्चा होगी। हमें पहले अपनी पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है।"उन्होंने कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन पांच-छह महीने से ज्यादा नहीं रहना चाहिए। सोनी कहा कि राज्यपाल एन.एन. वोहरा के साथ बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने राज्य विधानसभा को भंग करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, "हमने स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने को कहा है। उन्होंने जनादेश गंवा दिया है। सरकार गठन पर पार्टी ने चर्चा नहीं की। इसका सवाल ही नहीं उठता।"

नौकरियों की कमी नहीं बस नौकरियों के आंकड़े नहीं हैं : मोदी

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नई दिल्ली, 2 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्षी नौकरियों के मामले में 'अपनी इच्छानुसार'एक तस्वीर बना रहे हैं, क्योंकि हमारे पास नौकरियों पर पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं।   मोदी ने 'स्वराज्य'पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, "नौकरियों की कमी से ज्यादा, नौकरियों पर आंकड़े की कमी की समस्या है। हमारे विपक्षी स्वाभाविक रूप से इस अवसर का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार तस्वीर बनाने और हमपर आरोप मढ़ने में कर रहे हैं। मैं हमारे विपक्षियों को नौकरी के मुद्दे पर हमपर आक्षेप लगाने का आरोप नहीं लगाता हूं, आखिरकार किसी के पास भी नौकरियों पर वास्तविक आंकड़ा मौजूद नहीं है।"उन्होंने कहा कि नौकरियों को मापने का पारंपरिक ढांचा 'नए भारत की नई अर्थव्यवस्था में नए रोजगार को मापने के लिए पर्याप्त नहीं है।'उन्होंने साथ ही कहा कि यह हमारे नौजवानों के हितों और आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है। उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, देश में सामान्य सेवा केंद्रों को चलाने वाले ग्रामीण स्तर पर तीन लाख उद्यमी हैं और ये ज्यादा रोजगार पैदा कर रहे हैं। स्टार्ट-अप नौकरियों की संख्या बढ़ रही है और यहां लगभग 15,000 स्टार्ट-अप्स हैं, जिसे सरकार ने मदद दी है और कइयों का संचालन शुरू होने वाला है।"प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर हम नौकरियों की संख्या को देखे तो, ईपीएफओ के पेरोल डेटा के अनुसार, सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक 41 लाख औपचारिक नौकरियों का सृजन हुआ है। 

ईपीएफओ के डेटा पर अध्ययन के अनुसार, पिछले वर्ष औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।"मोदी ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों के सृजन से अनौपचारिक क्षेत्र में भी अतिरिक्त उत्पाद प्रभाव (स्पिनऑफ इफेक्ट) पैदा होगा, जोकि कुल नौकरियों का 80 प्रतिशत बैठता है। उन्होंने कहा, "अगर आठ माह में औपचारिक क्षेत्र में 41 लाख नौकरियों का सृजन होता है, तो औपचारिक व अनौपचारिक क्षेत्र में कितनी नौकरियों का सृजन होगा।"मोदी ने कहा, "मुद्रा योजना के अंतर्गत 12 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए हैं। क्या यह आशा करना गलत है कि एक ऋण से कम से कम एक व्यक्ति की जीविका का निर्माण होता है या सहायता मिलती है।"  उन्होंने कहा, "पिछले एक वर्ष में एक करोड़ से भी ज्यादा घरों का निर्माण हुआ है। इससे कितना रोजगार पैदा हुआ? अगर प्रति माह सड़क का निर्माण दोगुना हो रहा है, अगर रेलवे, राजमार्गो, विमानन कंपनियों में जबरदस्त वृद्धि हो रही है, तो यह किसकी ओर इशारा करता है?"मोदी ने रोजगार सृजन को लेकर राजनीतिक बहस में 'स्थिरता की कमी'का आरोप लगाया और कहा कि अगर राज्य सरकार लाखों नौकरियों के सृजन का दावा कर रही है तो, यह कैसे हो सकता है कि केंद्र सरकार नौकरियों का सृजन नहीं कर रही है?

बिहार : लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप ने दिए राजनीति छोड़ने के संकेत

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पटना, 2 जुलाई, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राज्य की राजनीति में सबसे बड़े परिवार के मुखिया लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने सोमवार को राजनीति छोड़ने के संकेत दिए।  तेजप्रताप ने सोमवार की शाम अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि उनकी पार्टी के ही कई लोग उनके विरुद्ध अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि राजद के नेता ओम प्रकाश यादव उर्फ भुट्टू और विधान पार्षद सुबोध राय गलत अफवाह फैला रहे हैं। इन आरोपों से मर्माहत तेजप्रताप ने आगे लिखा, "जब मैं इसकी शिकायत अपनी मां से करता हूं तो मुझे ही डांट पड़ जाती है। इस कारण मैं काफी दबाव में हूं।"तेजप्रताप ने लिखा कि जब वह महुआ विधानसभा में चाय पार्टी के लिए पहुंचे तो वहां के कार्यकर्ताओं ने उनसे कहा कि ओम प्रकाश यादव उर्फ भुट्टटू और एमएलसी सुबोध राय गलत अफवाह उड़ाकर उनकी छवि धूमिल कर रहे हैं। तेजप्रताप ने लिखा, "इन दोनों ने मेरे बारे में ऐसे-ऐसे शब्द कहे जो मैं नहीं बता सकता। लोगों की मांग थी कि इन दोनों को पार्टी से बाहर किया जाए।"उन्होंने लिखा कि वह इन वजहों से काफी दबाव में हैं और अगर ऐसा ही रहा तो राजनीति छोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले तेजप्रताप रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ पहुंचे थे। उन्होंने लोगों से मुलाकात की थी और 'चाय पर चर्चा'कर समस्याएं को सुनी थी।

शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 159 अंक नीचे

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मुंबई, 2 जुलाई, | देश के शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 159.07 अंकों की गिरावट के साथ 35,264.41 पर और निफ्टी 57.00 अंकों की गिरावट के साथ 10,657.30 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 121.74 अंकों की तेजी के साथ 35,545.22 पर खुला और 159.07 अंकों या 0.45 फीसदी गिरावट के साथ 35,264.41 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 35,578.24 के ऊपरी और 35,106.57 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी रही। एशियन पेंट्स (2.33 फीसदी), इंफोसिस (2.12 फीसदी), वेदांता (1.25 फीसदी), बजाज-ऑटो (0.01 फीसदी) और आईसीआईसीआई बैंक (0.71 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे -एनटीपीसी (3.67 फीसदी), भारती एयरटेल (3.64 फीसदी), अडानी पोर्ट्स (2.37 फीसदी), हीरोमोटो कॉर्प (1.68 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (1.65 फीसदी)। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप सूचकांक 115.43 अंकों की गिरावट के साथ 15,335.47पर और स्मॉलकैप सूचकांक 111.71 अंकों की गिरावट के साथ 15,920.44 पर बंद हुए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 18.05 अंकों की तेजी के साथ 10,732.35 पर खुला और 57.00 अंकों या 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 10,657.30 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 10,736.15 के ऊपरी और 10,604.65 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के केवल तीन सेक्टरों - सूचना प्रौद्योगिकी (0.88 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (0.53 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (0.42 फीसदी) में तेजी रही। बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में दूरसंचार (2.61 फीसदी), धातु (1.80 फीसदी), बिजली (1.69 फीसदी), उपभोक्ता सेवाएं (1.48 फीसदी) और रियल्टी (1.29 फीसदी) प्रमुख रूप से शामिल रहे। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 914 शेयरों में तेजी और 1,691 में गिरावट रही, जबकि 160 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।

बिहार : घरेलू विवाद में पत्नी ने अपने पति की हत्या की

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कटिहार, दो जुलाई,  बिहार में कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत छतियान गांव में एक महिला ने घरेलू विवाद को लेकर अपनी पुत्री के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। कदवा थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने आज बताया कि मृतक का नाम मंगल मुर्मू :55: है। शव को पोर्स्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के बेटे बबलू मुर्म के बयान के आधार पर उनकी पत्नी और पुत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या के कारणों के बारे में तत्काल स्पष्ट पता नहीं चल पाया है पर बताया जाता है कि मंगल मुर्मू की शादीशुदा बेटी चंपा मुर्मू अपने मायके में रहा करती थी जबकि उसके पिता उसे ससुराल में रहने की ही सलाह दिया करते थे। चंपा को इस मामले में अपनी मां सेहली सोरेन का संरक्षण प्राप्त था जिसको लेकर आए दिन मां बेटी का मंगल मुर्मू के साथ विवाद होता रहता था। चंपा का पति दिल्ली में मजदूरी का काम करता हैं।

विशेष : अमित शाह के बयान के निहितार्थ

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अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह कहकर सभी राजनीतिक दलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि अबकी बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को कम से कम 22 सीटें चाहिए। वैसे तो हर राजनीतिक दल हर चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें की रणनीति बनाता है, लेकिन किसके खाते में कितनी खुशी आती है, यह तब पता चलता है, जब परिणाम आते हैं। यह बात सही है कि भाजपा आज अछूता राजनीतिक दल नहीं है। जो लोग भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीतिक करने का ख्ुालकर आरोप लगाते थे, उनमें कई दल उनके साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि भाजपा के प्रति अब अनुराग उत्पन्न होता जा रहा है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा के पास राजनीतिक जनाधार वाले नेताओं का फौज है, जिनका दूसरे दलों के पास नितांत अभाव ही है। भाजपा के अतिरिक्त अन्य राजनीतिक दलों का अध्ययन किया जाए तो अधिकांश राजनीतिक दल ऐसे ही दिखाई देंगे, जिसमें पूरी राजनीति का केन्द्र बिन्दु केवल एक ही राजनेता या उसके परिवार के आसपास ही रहता है। फिर चाहे वह कांगे्रस हो या फिर लालू प्रसाद यादव या मुलायम सिंह यादव की पार्टी ही हो, पश्चिम बंगाल में भी ऐसा ही दृश्य उपस्थित है, जिसमें ममता बनर्जी के पास सत्ता और संगठन दोनों की चाबी उनके ही हाथ है। ऐसे में इन दोनों के बारे में यही कहा जा सकता है कि इनमें लोकतंत्र है ही नहीं।

इसका उदाहरण एक घटनाक्रम से दिया जा सकता है। एक बार एक टीवी चैनल पर बहस चल रही थी। कांगे्रस नेता का आरोप था कि भाजपा में केवल नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ही सब कुछ हैं, इसलिए भाजपा में लोकतंत्र नहीं है। जबकि कांगे्रस देश की लोकतांत्रिक पार्टी है, इस बात पर कांगे्रस नेता से पूछा गया कि आप कांगे्रस के अध्यक्ष बन सकते हैं? इस सवाल के बाद कांगे्रस नेता की हालत देखने लायक थी। उसके पास कोई जवाब नहीं। बिलकुल यही हालत कुछ अन्य राजनीतिक दलों की भी है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के लोकतंत्र को केवल अपने तक ही सीमित कर लिया है। वहां सारे निर्णय केवल ममता बनर्जी ही कर सकती हैं। इसलिए आज पश्चिम बंगाल की हालत भी उन्होंने अपनी पार्टी जैसी ही कर दी है। सारा लोकतंत्र एक समुदाय विशेष के हाथों में है। यहां तक कि भारत की मिट्टी से जुड़े सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी आज नंबर दो की स्थिति में हैं। कभी दुर्गा पूजा का त्यौहार पश्चिम बंगाल का प्रमुख त्यौहार माना जाता था, लेकिन ममता के राज में इसके मायने बदले हुए दिखाई दे रहे हैं। मुसलमानों के त्यौहारों पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता, जबकि हिन्दुओं के त्यौहारों पर तमाम प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। 

भारतीय जनता पार्टी के लगातार बढ़ते जा रहे राजनीतिक प्रभाव को देखकर ऐसा ही कहा जाने लगा है कि देश का कोई भी राज्य ऐसा नहीं है, जहां भाजपा का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से प्रभाव न हो। अभी हाल ही में दक्षिण के कर्नाटक में भाजपा की प्रभावी उपस्थिति ने सभी राजनीतिक विद्वानों के कान खड़े कर दिए हैं। इसके बाद अब पश्चिम बंगाल में भाजपा की सक्रियता के चलते गैर भाजपा दलों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पश्चिम बंगाल के दौरे के समय बयान दिया था कि भाजपा को हर हाल में पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 22 सीटें चाहिए। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। इस बयान का मतलब साफ है कि भाजपा पश्चिम बंगाल को बहुत ही गंभीरता से ले रही है। वैसे भाजपा के लिए अमित शाह के बयान सकारात्मक परिणाम देने का वजन रखते हैं। पूर्व के चुनाव परिणामों का अध्ययन किया जाए तो इस बात की पुष्टि भी हो जाती है। पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति का अध्ययन किया जाए तो यही कहा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी देश के सांस्कृतिक जीवन मूल्यों की स्थापना की राजनीति करने को ही अपना ध्येय मान रही है, जबकि पश्चिम बंगाल में सत्ता को संचालित करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सांस्कृतिक जीवन मूल्यों को मिटाने के खुलेआम आरोप लग रहे हैं। इसका मतलब यह है कि पश्चिम बंगाल में सत्ता के संरक्षण में भारतीयता को समाप्त करने का अभियान चल रहा है। बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों के भी छिपे होने की भी खबर है, आज कई तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपना भारतीय पहचान पत्र कवाड़ लिया है। पश्चिम बंगाल में यह सारा खेल केवल वोट बैंक की राजनीति को ही प्रदर्शित करने वाला है। आज पश्चिम बंगाल के कई हिस्से तो ऐसे लगते हैं जैसे वे भारत के न होकर पाकिस्तान या बांग्लादेश के हैं। वहां भारतीय सांस्कृतिक विचार को प्रदर्शित करने वाला कोई संकेत भी नहीं है। आज भले ही वोट पाने के लिए इस स्थिति को स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन कालांतर में यह कितना खतरनाक हो सकता है, इसकी कल्पना हम कश्मीर के उस भाग से कर सकते हैं, जहां से कश्मीरी हिन्दुओं को मार पीट कर भगाया गया। उसके बाद भी घाटी के हालात क्या हैं, सभी को मालूम है। आतंक के विरोध में कार्यवाही करने पर सेना पर पत्थरबाजी की जाती है, इतना ही नहीं आतंकियों को समर्थन भी मिल जाता है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जाने अनजाने सरकार का संरक्षण प्राप्त हो जाता है। आज राजनीतिक दृष्टि से कुछ भी कहा जाए, लेकिन यह सत्य है कि पश्चिम बंगाल खतरनाक स्थिति की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है, जिसे रोकने की बहुत ही आवश्यकता है। पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखकर गैर भाजपा दलों ने चर्चा करना शुरु कर दी है। भाजपा केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के सहारे पश्चिम बंगाल की जनता के बीच जाने की तैयारी कर रही है। इससे स्वाभाविक रुप से भाजपा का प्रभाव और बढ़ेगा और अमित शाह द्वारा दिए गए लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लिया जाएगा।





सुरेश हिन्दुस्थानी
लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9425101815, 9770015780
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

विशेष आलेख : राजनीति के लिये सतत क्रांति की जरूरत

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politics-need-revolutionजैसे-जैसे 2019 में होने वाले आम चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जारही है। संभवतः आजादी के बाद यह पहला आम चुनाव होगा, जिसके लिये इतनी अग्रिम चुनावी सरगर्मियां देखने को मिल रही है। न केवल भाजपा बल्कि सभी राजनीतिक दलों में आम चुनाव का माहौल गरमा रहा है। अपने-अपने प्रान्तों में लोग वर्तमान नेतृत्व का विकल्प खोज रहे हंै जो सुशासन दे सके। सभी पार्टियां सरकार बनाने का दावा पेश कर रही हैं और अपने को ही विकल्प बता रही हैं तथा मतदाता सोच रहा है कि देश हो या राज्य-नेतृत्व का निर्णय मेरे मत से ही होगा। साल 2019 के आम चुनाव में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली ताकतवर बीजेपी का सामना करने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने एक साथ आने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। देश के तमाम विपक्षी दल इस समय ‘फासीवाद’ से लेकर सांप्रदायिकता से लड़ने की बात कह रहे हैं। इस मुद्दे पर सभी दलों में आपसी सहमति दिखाई भी दे रही है। लेकिन क्या इस सहमति के साथ विपक्ष पूरी ताकत के साथ बीजेपी का सामना करने में सक्षम होगा?

बीजेपी के खिलाफ जिस विपक्ष को बनाने की कोशिशें हो रही हैं उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है एक ऐसे नेता की कमी जिसे पूरा विपक्ष अपना नेता मानने के लिए तैयार हो और जिसे देश भी स्वीकार करे। एक बड़ी कमजोरी यह भी है कि विपक्ष के पास कोई कार्यक्रम नहीं है जिसे वह देश के सामने पेश कर सके। नोटबंदी से लेकर जीएसटी पर सरकार की फजीहत होने के बाद भी विपक्ष देश के सामने कोई सार्थक भूमिका पेश नहीं कर सका। सीएसडीएस की सर्वे में एक्जिट पोल के आधार पर राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक बदलाव होने के संकेत मिलते हैं। अखिलेश यादव द्वारा बीबीसी को दिया गया इंटरव्यू यह दर्शाता कि 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति अभी से तैयार हो रही है। तैयारी अच्छी बात है लेकिन किस चीज की? जीतना बड़ी बात नहीं है, लेकिन उद्देश्यों के साथ जीतना बड़ी बात है। दरअसल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे गैर एनडीए राजनीतिक दल नरेन्द्र मोदी के बढ़ते हुए ग्राफ को लेकर चिंतित हैं और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चक्रव्यूह तैयार करना चाहते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के खिलाफ लामबंद होना आसान काम नहीं है। मायावती, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच विरोधाभास बहुत ज्यादा है। व्यक्तित्व में असमानता, अपने आप पर शक्तिशाली होने का अहंकार, कार्यकर्ताओं को इकठ्ठा न कर पाना और जातीय समीकरण कुछ ऐसे बिंदु हैं जहां मोदी विरोधी लाख कोशिश करने के बाबजूद भी लामबंद नहीं हो पार रहे हैं। सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि मोदी के द्वारा खींची गयी बड़ी लकीरों को छोटा करने का कोई उपाय किसी राजनीतिक दल के पास नहीं है। एक बड़ी विडम्बना यह भी है कि देश की बढ़ती समस्याओं से निजात दिलाने का कोई ठोस कार्यक्रम भी किसी राजनीतिक दल के पास नहीं है। आज देश को एक सफल एवं सक्षम नेतृत्व की अपेक्षा है, जो राष्ट्रहित को सर्वोपरि माने। आज देश को एक अर्जुन चाहिए, जो मछली की आंख पर निशाने की भांति भ्रष्टाचार, राजनीतिक अपराध, महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती आबादी, प्रदूषण, महिला अपराध, व्यापार की डांवाडोल स्थितियों आदि समस्याओं पर ही अपनी आंख गडाए रखें। 

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देश की वर्तमान राजनीति विसंगतियों एवं विषमताओं से ग्रस्त है। भ्रष्टाचार, घोटाले और राजनीतिक अपराध की बढ़ती स्थितियों पर कोई भी दल बुनियादी कार्यक्रम प्रस्तुत करने में असफल है। भले ही अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिये राजनीतिक दल ईमानदार और पढ़े-लिखे, योग्य लोगों को उम्मीदवार बनायेंगे, लेकिन इन सबके बावजूद सुधार की अवधारणा अभी संदिग्ध ही दिखाई देती हंै। फिर भी हम कैसे आशा करंे कि कोई गांधी या कोई जेपी के रास्ते पर चलते हुए राजनीति की विकृतियों से छुटकारा दिला देंगे। हमें सम्पूर्ण क्रांति की नहीं, सतत क्रांति की आवश्यकता है।  सम्पूर्ण राष्ट्र के राजनीतिक परिवेश एवं विभिन्न राजनीतिक दलों की वर्तमान स्थितियों को देखते हुए बड़ा दुखद अहसास होता है कि किसी भी राजनीतिक दल में कोई अर्जुन नजर नहीं आ रहा जो मछली की आंख पर निशाना लगा सके। कोई युधिष्ठिर नहीं जो धर्म का पालन करने वाला हो। ऐसा कोई नेता नजर नहीं आ रहा जो स्वयं को संस्कारों में ढाल, मजदूरों की तरह श्रम करने का प्रण ले सके। जो लोग  किन्हीं आदर्शो एवं मूल्यों के साथ राजनीति में उतरे थे परन्तु राजनीति की चकाचैंध ने उन्हें ऐसा धृतराष्ट्र बना दिया कि मूल्यों की आंखों पर पट्टी बांध ये सब एक ऐसे सेनानायक के निर्देशों की छांव तले अतीत में अपने जीवन की भाग्यरेखा तलाशते रहे। सभी राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है और परिवारवाद तथा व्यक्तिवाद का छाया पड़ा है। कोई अपने बेटे को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है तो कोई अपने बेटे को मुख्यमंत्री के रूप में। किसी का पूरा परिवार ही राजनीति में है, इसलिए विरासत संभालने की जंग भी जारी है।

नये-नये नेतृत्व उभर रहे हैं लेकिन सभी ने देश-सेवा के स्थान पर स्व-सेवा में ही एक सुख मान रखा है। आधुनिक युग में नैतिकता जितनी जरूरी मूल्य हो गई है उसके चरितार्थ होने की सम्भावनाओं को उतना ही कठिन कर दिया गया है। ऐसा लगता है मानो ऐसे तत्व पूरी तरह छा गए हैं। खाओ, पीओ, मौज करो। सब कुछ हमारा है। हम ही सभी चीजों के मापदण्ड हंै। हमें लूटपाट करने का पूरा अधिकार है। हम समाज में, राष्ट्र में, संतुलन व संयम नहीं रहने देंगे। यही आधुनिक सभ्यता का घोषणा पत्र है, जिस पर लगता है कि हम सभी ने हस्ताक्षर किये हैं। भला इन स्थितियों के बीच वर्ष 2019 के आम चुनावों में हमें वास्तविक जीत कैसे हासिल हो? आखिर जीत तो हमेशा सत्य की ही होती है और सत्य इन तथाकथित राजनीतिक दलों के पास नहीं है। महाभारत युद्ध में भी तो ऐसा ही परिदृश्य था। कौरवों की तरफ से सेनापति की बागडोर आचार्य द्रोण ने संभाल ली थी। एक दिन दुर्योधन आचार्य पर बड़े क्रोधित होकर बोले-‘‘गुरुवर कहां गया आपका शौर्य और तेज? अर्जुन तो हमें लगता है समूल नाश कर देगा। आप के तीरों में जंग क्यों लग गई। बात क्या है?’’ आज लगभग हर राजनीतिक दल और उनके नेतृत्व के सम्मुख यही प्रश्न खड़ा है और इस प्रश्न का उत्तर उन्हीं के पास है। राजनीति की दूषित हवाओं ने हर राजनीतिक दल और उसकी चेतना को दूषित कर दिया है। सत्ता और स्वार्थ ने अपनी आकांक्षी योजनाओं को पूर्णता देने में नैतिक कायरता दिखाई है। इसकी वजह से लोगों में विश्वास इस कदर उठ गया है कि चैराहे पर खड़े आदमी को सही रास्ता दिखाने वाला भी झूठा-सा लगता है। आंखें उस चेहरे पर सचाई की साक्षी ढूंढती है। यही कारण है कि दुर्योधन की बात पर आचार्य द्रोण को कहना पड़ा, ‘‘दुर्योधन मेरी बात ध्यान से सुनो। हमारा जीवन इधर ऐश्वर्य में गुजरा है। मैंने गुरुकुल के चलते स्वयं ‘गुरु’ की मर्यादा का हनन किया है। हम सब राग रंग में व्यस्त रहे हैं। सुविधाभोगी हो गए हैं, पर अर्जुन के साथ वह बात नहीं। उसे लाक्षागृह में जलना पड़ा है, उसकी आंखों के सामने द्रौपदी को नग्न करने का दुःसाहस किया गया है, उसे दर-दर भटकना पड़ा है, उसके बेटे को सारे महारथियों ने घेर कर मार डाला है, विराट नगर में उसे नपुंसकों की तरह दिन गुजारने को मजबूर होना पड़ा। अतः उसके वाणों में तेज होगा कि तुम्हारे वाणों में, यह निर्णय तुम स्वयं कर लो। दुर्योधन वापस चला गया। लगभग यही स्थिति आज के राजनीतिक दलों के सम्मुख खड़ी है। किसी भी राजनीतिक दल के पास आदर्श चेहरा नहीं है, कोई पवित्र एजेंडा नहीं है, किसी के पास बांटने को रोशनी के टुकड़े नहीं हैं, जो नया आलोक दे सकें। हमें किसी पार्टी विशेष का विकल्प नहीं खोजना है। किसी व्यक्ति विशेष का विकल्प भी नहीं खोजना है। विकल्प तो खोजना है भ्रष्टाचार का, अकुशलता का, प्रदूषण का, भीड़तंत्र का, गरीबी के सन्नाटे का, महंगाई का, राजनीतिक अपराधों का। यह सब लम्बे समय तक त्याग, परिश्रम और संघर्ष से ही सम्भव है। इसलिये वक्त की नजाकत को देखते हुए राजनीति के सभी जिम्मेदार तत्त्व अपनी पार्टियों के लिये समय को स्वार्थों के संघर्ष में न बिताए, देश-हित में सृजन करें। गरीब देश की टूटती सांसों को जीने की उम्मीद दें। भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त धमनियों में ईमानदारी एवं पारदर्शिता का संचार करें। इस वक्त सब-कुछ बाद में, पहले देश-हित की रक्षा और उसकी अस्मिता है, राष्ट्रीय एकता का लक्ष्य है। ऐसा लक्ष्य जिसका भी होगा, वही वर्ष 2019 के चुनाव को निर्णायक मोड़ दे सकेगा। 


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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : वाम दलों ने लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने का किया निर्णय.

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  • माले राज्य कार्यालय में 2 जुलाई को सीपीआई, सीपीआई (एम) और माले की हुई संयुक्त बैठक.
  • बालू निकासी पर लगी रोक अविलंब वापस ले सरकार.
  • मधुबनी में बरसो से बसे गरीबों को उजाड़ना बेहद निंदनीय.

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 3 जुलाई, बिहार के तीन प्रमुख दलों सीपीआई, सीपीआई (एम) और भाकपा-माले ने आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने का निर्णय किया है. 2 जुलाई को भाकपा-माले राज्य कार्यालय में तीनों पार्टियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह व राज्य सचिव मंडल के सदस्य रामनरेश पाठक, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव अवधेश सिंह व गणेश शंकर सिंह तथा भाकपा-माले राज्य के सचिव कुणाल, केंद्रीय कमिटी के सदस्य संतोष सहर व वरिष्ठ माले नेता राजाराम उपस्थित थे. बैठक के हवाले से वाम नेताओं ने कहा कि फासीवादी भाजपा के खिलाफ वाम दल आने वाले दिनों में जनता के विभिन्न ज्वलंत सवालों पर एकताबद्ध आंदोलन करेंगे. जनांदोलनों की ताकत को मजबूत करके ही भाजपा जैसी काली ताकतों को पीछे धकेला जा सकता है. चुनाव के मोर्चे पर भी वाम दल भाजपा को शिकस्त देने का हर संभव प्रयास काम करेंगे. लाल झंडे के बिना बना कोई भी मोर्चा सच्चे अर्थों में भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकता है. वामपंथी ही भाजपा को वैचारिक चुनौती दे सकते हैं.

वाम नेताओं ने बालू निकासी पर लगी रोक को अविलंब हटाने की मांग की. कहा कि पिछले साल के अनुभव के बाद भी बिहार सरकार ने कोई सबक नहीं लिया. बालू बंदी से लाखों परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गए थे. ग्रीन ट्रिब्यूनल का हवाला देकर कि जुलाई से सितंबर तक का महीना मछलियों के प्रजनन का महीना है, बालू निकासी बंद कर दिया गया है. लेकिन मछलियां नदी की धारा की बजाए किनारों पर प्रजनन करती हैं इसलिए बालू निकासी पर रोक कहीं से भी उचित नहीं है. लाखों निर्माण मजदूर व उनके परिवारों की जिंदगी को देखते हुए बालू निकासी पर लगी रोक अविलंब वापस लेनी चाहिए. वाम दलों की बैठक में बिहार में महिला हिंसा व अपराध की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई. कहा कि वैशाली में डीका हत्याकांड के उपरांत मुजफ्फरपुर में संस्थागत यौन उत्पीड़न का मामला उजागर हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन मामलों में प्रशासन का रूख बलात्कारियों को संरक्षण देने का ही रहा है. वहीं गया में डाॅक्टर के परिवार के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कांड में पीड़िता को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है. पिछले 1 महीने के भीतर राज्य में तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या कई संदेह खड़ा कर रही है. आज अपराधी पूरी तरह से राज्य में बेलगाम हो चुके हैं.

वाम नेताओं ने मधुबनी जिला के खुटौना के मौगलाहा गांव में बरसों से बसी मुसहर बस्ती को प्रशासन द्वारा उजाड़ने की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि नीतीश-भाजपा सरकार बिहार में गरीब उजाड़ो अभियान चला रही है. उक्त गांव में गरीबों को खुले आसमान के नीचे रहने को अभिशप्त कर दिया गया है. ये परिवार पिछले 50-60 वर्षों से वहां रह रहे थे. सरकार ने बासगीत का पर्चा भी दे रखा था. इंदिरा आवास, सड़क भी बनी हुई थी. लेकिन कोर्ट का हवाला देकर उनकी बसती को उजाड़ दिया गया. दरअसल आज बिहार सरकार और यहां तक कि न्यायालय भी गरीबों की बजाए भूस्वामियों के पक्ष में काम कर रही है. वाम दल गरीबों के वास-चास के अधिकार पर संयुक्त आंदोलन चलायेंगे.
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