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दुमका : संशोधित भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्षियों का बंद रहा असरदार

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उप राजधानी दुमका में कुल 2231 बंद समर्थकों की हुई गिरफतारी
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) संशोधित भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्षियों द्वारा संयुक्त झारखण्ड बंद के आहवान पर उप राजधानी दुमका में झामुमों, काॅग्रेस, सीपीएम, राजद, झाविमों व अन्य दलों के नेताओं ने रघुवर सरकार हाय-हाय के नारे लगाए। नेताओं ने कहा घमंड में चूर सरकार के मुखिया रघुवर दास तानाशाह बन चुके हैं। इनके कार्यों व क्रियाकलापों का जबाव जनता अगले चुनाव में अवश्य देगी। विपक्षी नेताओं ने कहा सरकार आदिवासियों-मूलवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। सत्ता में रघुवर दास को बने रहने का कोई हक नहीं है। दूसरे-दूसरे जिलों व राज्यों की ओर संपर्क पथों पर बंद समर्थक डटे रहे। टीन बाजार व डीसी चैक दुमका में सीपीएम व झामुमों ने सड़कों पर बैठकर अपना विरोध दर्शाया। बंद समर्थकों से निपटने के लिये जिला व पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रही। जिला बल सहित बाहर से प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों से टीन बाजार, व इंडोर स्टेडियम पटा रहा। 5 जुलाई को संयुक्त विपक्षियों द्वारा झारखण्ड बंद के आहवान का असर दोपहर तक दुमका में भी पूरी तरह देखने को मिला। भारी वाहनों सहित यात्री वाहनों व दोपहिया वाहनों तक सड़क से नदारद थे। दोपहर के बाद दोपहिया-तीन पहिया वाहनों को यत्र-तत्र देखा गया। बंद समर्थक कमोबेश शांतिपूर्ण तरीके से ही अपना विरोध प्रकट करते हुए देखे गए। इंडोर स्टेडियम, दुमका को कैंप जेल बनाया गया था। विभिन्न सूत्रों से मिली अपुष्ट जानकारी के अनुसार कुल 2231 बंद समर्थकों को गिरफतार किया गया।  प्राप्त समाचार के अनुसार दुमका नगर में जहाँ एक ओर 344 बंद समर्थकों को गिरफतार किया गया, वहीं दुमका मुफस्सिल थाना ज्ञेत्र में 196, हंसडीहा थाना क्षेत्र में 62, सरैयाहाट थाना क्षेत्र  में 40, रानेश्वर थाना क्षेत्र में 91, जरमुंडी थाना क्षेत्र में 81, जामा थाना क्षेत्र में 105, शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में 406, मसलिया थाना क्षेत्र में 488, गोपीकान्दर थाना क्षेत्र में 127, रामगढ़ थाना क्षेत्र में 110 व मसानजोर थाना क्षेत्र में 73 बंद समर्थकों को गिरफतार किया गया। तालझारी व टांेगरा थाना क्षेत्रों में बंद समर्थक शून्य रहे। इंडोर स्टेडियम को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। झामुमों सहित सीपीएम, राजद, झाविमों व अन्य दलो के नेताओं-कार्यकर्ताओं को कैंप जेल इंडोर स्टेडियम में रखा गया। नगर थाना की टीम विभिन्न रास्तों पर पूरेी तरह मुस्तैद देखी गई। थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार व उनके अधिनस्थों ने टीम बाजार दुमका में विरोध धरना पर बैठे सीपीएम नेताओं को गिरफतार किया। झामुमों जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह, सीपीएम नेता एहतेशाम अहमद, राजद से अमरेन्द्र यादव को विरोध प्रदर्शन में खुलकर देखा गया। डीसी व एसपी बंद में व्यवस्था की माॅनिटरिंग खुद कर रहे थे। अधिनस्थों को आवश्यक निर्देश के आलोक में कार्रवाई के लिये तत्पर देखा गया। इस अवसर पर दूकानें बंद रही। बस स्टाॅप पर बसें नदारद थीं। टेंपू-रिक्सा, ठेला इत्यादि नजर नहीं आ रहे थे। शब्जियों से लेकर खाद्य पदार्थों तक की दूकाने बंद थीं। यत्र-तत्र मेडिकल दूकानें खुली अवस्था में देखी गई। पूरे शहर में सन्नाटा पसरा था। चाय-पान की दूकानें तक बंद पायी गई। दोपहर 12 बजे के बाद कई स्थानो पर कुछ दूकानों को खुले अवस्था में देखा गया। यातायात पूरी तरह प्रभावित था। चप्पे-चप्पे पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस चस्पा थी। संपप्र के अन्य जिलों में भी बंद का प्रभाव पूरी तरह देखा गया। सरकारी कार्यालय, मेडिकल, स्कूल, व अन्य संस्थान खुले रहे। कार्यालयों में भी काम-काम प्रभावित दिखा। प्राप्त समाचार के अनुसार बंद में प्रभावित यातायात की वजह से अलग-अलग क्षेत्रों से दूसरे-तीसरे स्थानों पर काम करने वाले सरकारी नुमांइदों को समय पर  कार्यालय पहुँचने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। 

परिचर्चा : पार्लियामेन्ट से पर्यावरण की यात्रा

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स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं संसद सदस्य श्री जैक गोल्डस्मिथ के साथ हाउस आॅफ काॅमन्स में हुई बैठक, चर्चा के प्रमुख विषय नदी संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, सीवेज प्वांइट को सेल्फी प्वांइट के रूप में तब्दील करना, ग्रीन और क्लीन कुम्भ मेला, नदियों के तटों पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण, सतत विकास लक्ष्य को हासिल करना, विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं को संगठित कर स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के लिये कार्य करना
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ऋषिकेश/लन्दन 5 जुलाई। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी की संसद सदस्य, लन्दन जैक गोल्डस्मिथ के साथ हाउस आॅफ काॅमन्स में बैठक सम्पन्न।  इससे  पहले जैक गोल्डस्मिथ की साध्वी भगवती सरस्वती जी से मुलाकात दादा जेपी वासवानी जी की 100 वीं  जंयती समारोह में हुई थी। उस समय भी पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विषयों पर विशद विचार विमर्श कर निर्णय लिया गया था कि दुनिया भर के विभिन्न जल और पर्यावरण विशेषज्ञ एक साथ मिलकर इस ग्लोबल समस्या का समाधान निकाले तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है।  जैक गोल्डस्मिथ सांसद बनने से पहले एक दशक तक पारिस्थितिक विज्ञान पत्रिका को निर्देशित और सम्मादित किया था। उन्हें मिखाइल गोर्बाचेव ग्लोबल ग्रीन अवाॅर्ड से सम्मानित भी किया गया। श्री जैक ने पर्यावरण के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने जैक गोल्डस्मिथ से नदियों के संरक्षण में प्रदूषित होते जल के विषय में चर्चा करते हुये उत्तराखण्ड, ऋषिकेश में चन्द्रभागा प्रदूषित नाला जो कई वर्षो से गंगा में मिल रहा था। उस नाले को डच तकनीकी एवं जिओ ट्युब तकनीकी द्वारा स्वच्छ एवं उपयोग करने योग्य जल में परिवर्तित करने के विषय में जानकारी प्रदान की। स्वामी जी ने कहा, अब दुनिया के हर सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट में बदलने का समय आ गया है।  स्वामी जी ने कहा कि प्राणदायिनी नदियों के प्रवाह को अविरल बनाए रखने और उन्हे प्रदूषण मुक्त करने साथ ही नदियों के तटों को हरियाली से युक्त करने पर जोर देना होगा। नदी के किनारो पर कम से कम 200 मीटर के दायरे में सघन वृक्षारोपण किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि रिस्पना नदी देहरादून और इलाहाबाद में सरकार, विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है ताकि मृतप्राय नदियों को प्राणवान बनाया जा सके।

जैक गोल्डस्मिथ ने कहा कि ईको-सिस्टम या पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखना 21 सदी की जरूरत है। बिना पारिस्थितिकी तंत्र के पृथ्वी और प्राणियों का तंत्र प्रदूषित हो जायेगा। उन्होने कहा कि जंगल, जमीन और जीवन का आपस में गहरा सम्बंध है, जंगल और जमीन प्रदूषण मुक्त रहेगे तभी जीवन स्वस्थ रह सकता हैं। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि दुनिया में रहने वाले समस्त प्राणियों को प्राणवान बने रहने के लिये प्राणवायु आॅक्सीजन की जरूरत है और वह प्राणतत्व वृक्षो में समाहित है। अतः अपनी आने वाली पीढ़ियों के जीवन हेतु वृक्षों का पोषण करना नितांत आवश्यक है। जैक गोल्डस्मिथ ने कहा कि स्वामी जी के साथ हुई चर्चा में भारत में व्याप्त जल की समस्याओं के विषय में जानकारी प्राप्त हुई। जल की समस्या किसी एक राष्ट्र की नहीं बल्कि पूरे प्लानेट की है अतः इस हेतु मिलकर अवश्य ही प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने इलाहाबाद में मनाये जाने वाले स्वच्छ और हरित महाकुम्भ में सहभाग हेतु  जैक गोल्डस्मिथ को आंमत्रित किया। 



--आलोक कुमार--

मधुबनी : द्वितीय बिहार सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनषिप प्रतियोगिता का हुआ उदघाट्न

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मधुबनी  (आर्यावर्त डेस्क) 5,जुलाई,  : द्वितीय जूनियर बैडमिंटन चैंपियनषिप प्रतियोगिता का  उदघाट्न नगर भवन, मधुबनी में श्री मयंक बरबरे, आयुक्त, दरभंगा प्रमंडल, श्री शीर्षत कपिल अषोक, जिला पदाधिकारी मधुबनी, श्री कृष्ण नन्दन जयसवाल, सचिव, बिहार बैडमिंटन एसोसिएषन, श्री सुनिल कुमार सदर, अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी, श्री विनोद कुमार पंकज,वरीय उप समाहत्र्ता,मधुबनी,  श्री सुरेष बैरौरिया, सचिव, मधुबनी जिला बैडमिंटन एसोसिएषन, अनुपम कुमार, मंडल प्रमुख, पंजाब नेंषनल बैंक दरभंगा मंडल, प्रोजेक्ट मैनेजर बी एस सी सी एण्ड सी ‘‘जे भी’’ एवं अन्य गणमान्य लोगों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। द्वितीय बिहार सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनषिप प्रतियोगिता पुरूष और महिला एकल एवं युगल(13 बर्ष के नीचे), पुरूष और महिला एकल एवं युगल(15 बर्ष के नीचे) में 17 जिलों के 142 प्रतिभागी भाग ले रहे हंै। दरभंगा प्रक्षेत्र के प्रमंडलीय आयुक्त, श्री मयंक बरबरे ने कहा  कि पूर्व मंे भी यहाॅ कई तरह के राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के सफल आयोजन होते रहे हैं। पूर्व में जब मंै यहाॅ सदर अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी के रूप में कार्यरत था उस समय के आयेाजन के तरह ही सुंदर व्यवस्था आज भी देखने को मिल रहा है। मधुबनी जैसे सुदूर क्षेत्र में यहाॅ के बच्चों को खेल में बढ़ावा देने की जरूरत है। मधुबनी जिला बैडमिंटन के द्वारा इस तरह के आयोजन से खिलाड़ियों को अपना सर्वसश्रेष्ठ प्रदर्षन दिखाने का मौका मिला है। प्रमंडलीय आयुक्त श्री मयंक बरबरे ने कहा कि बच्चों को आगे बढ़ने में जिस किसी भी तरह की प्रषासनिक मदद कि जरूरत पड़ेगी, प्रषासन उन्हें हर संभव मदद करेगा। हम चाहते हैं, कि इस जिले के बच्चें खेल में भी अपने जिले का नाम और उॅचा करें। प्रमंडलीय आयुक्त श्री मयंक बरबरे ने कहा कि बिहार के सुदूर से आये हुऐ सभी खिलाड़ीयों को षुभकामना दिया। श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने द्वितीय बिहार सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनषिप प्रतियोगिता के उदघाट्न के अवसर पर कहा कि मधुबनी जिला के जिस स्थान पर यह प्रतियोगिता हो रहीे है, वहाॅ भारत के चैंपियन रह चुके सटलर प्रकाष पादूकोण, राजीव बग्गा, मधुमिता बिष्ट, साईना नेहवाल एवं अन्य कई प्रसिद्ध खिलाड़ी यहाॅ खेल चुके है। मधुबनी जिला के लिए गौरव की बात तो है ही लेकिन आप सभी खिलाड़ीयों के लिए भी काफी प्रेरणादायक है। विष्व नंम्बर एक लि चैंग वी एवं अन्य चैंपियन खिलाड़ीयों का यहाॅ पोस्टर लगा हुआ है। मैं चाहता हूॅ कि आप सभी बच्चे भारत में ही नहीं विष्व मंे नंम्बर एक खिलाड़ी बने। द्वितीय बिहार सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनषिप प्रतियोगिता के षुभारंभ के अवसर पर बिहार बैडमिंटन एसोसिएषन के सचिव, श्री कृष्णा नन्द जयसवाल ने कहा कि मधुबनी जिला बैडमिंटन एसोसिएषन काफी षक्रिय है। पिछले 25 वर्षो में मधुबनी जिला बैडमिंटन एसोसिएषन के द्वारा राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन प्रतियोगीता का सफल आयोजन किया जा चुका है। जिनका श्रेय मधुबनी जिला बैडमिंटन एसोसिएषन के  भूत पूर्व सचिव स्व0 हेमेन्द्र नारायण को जाता है। मधुबनी जिले में बैडमिंटन के खेल एवं खिलाड़ीयों को सहयोग करने के लिए स्व0 हेमेन्द्र नारायण जी सदैव तत्पर रहते थे।  पुरूष एकल (13 बर्ष के नीचे) के स्पर्धा में रूद्र कष्यप, मोतिहारी ने पियूष आर्यण, मधुबनी को 21-01 से हाराया। वहीं सौरभ सचिन, जहाॅनावाद ने अष्वनी कुमार, नवादा को 21-11, 21-16 से उत्सव कुमार, जमूई ने आकाष कुमार, रौहताष को 04-21,21-18,21-16 से अदित्य कुमार, समस्तीपुर  ने राजू कुमार, जमूई 21-06, 21-08 से मेहर सिंह सोढि,़ दरभंगा ने संदीप कुमार, मधुबनी को 21-07, 21-17 से हाराया।  प्रतियेागीता में कल (षुक्रवार) तक प्री क्वाटर फाईनल तक के मुकाबले खेले जाऐंगे।

मधुबनी : सकरी चीनी मिल द्वारा 455 सीजनल कर्मियों का बकाया भुगतान किया गया

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आयुक्त एवं जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया चेक
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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 5,जुलाई 18, श्री मयंक बरबरे,आयुक्त, दरभंगा,प्रमंडल,दरभंगा एवं श्री शीर्षत कपिल अशोक जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा गरूवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बिहार राज्य चीनी निगम लि0 की सकरी इकाई के 455 सीजनल कर्मियों के बकाये वेतनाआदि के भुगतान हेतु 455 प्री आॅडीट सूची के विरूद्ध 139 जीवित सीजनल का भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से लाभार्थी के खाते में किया गया। आयुक्त द्वारा बिहार राज्य चीनी निगम लि0 के नौ कर्मियों के प्रतिनिधियों को चेक दिया गया। बिहार राज्य चीनी निगम लि0 की निजी क्षेत्र के निवेशको  को हस्तांतरित करने के निर्णय के बाद सकरी इकाई कर्मियों का भुगतान एक्जीट सेटलमेंट के तहत किया जा रहा है। 139 जीवित सीजनल कर्मियों को कुल 1,06,13,608.00 तथा 09 मृत लाभार्थियेां के आश्रितों को 22,91,300.00 तथा कुल राशि(दोनो मिलाकर) मो0 1,29,04,908.00 (एक करोड़ उनत्तीस लाख चार हजार नौ सौ आठ) रू0 की राशि का भुगतान किया गया। इस अवसर पर श्री रविशंकर,जिला योजना पदाधिकारी,मधुबनी, श्री अधनू यादव,चीनी मिल के कर्मियों के प्रतिनिधि एवं श्री राजेन्द्र ठाकुर, कमलेन्द्र कुमार झा, सरोजानंद झा,मो0 हासिम, नारायण कामती, रवीन्द्र झा,ताहिर नदाफ,इसराईल,नथूनी महतो,जगदीस साहू समेत सैकड़ों लाभार्थी उपस्थित थे।

IDBI में LIC का निवेश हो सकता है घाटे का सौदा

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विजय सिंह ,आर्यावर्त डेस्क,5 जुलाई ,2018, घाटे,कर्ज और एनपीए में डूबी सरकारी बैंक आई डी बी आई को कर्ज से उबारने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ( एल आई सी ) का आई डी बी आई बैंक में 51 प्रतिशत निवेश करने का फैसला प्रथम दृष्टि में व्यावसायिक कम सरकारी ज्यादा लगता है. इस फैसले ने स्वयं एल आई सी के पूर्ववती फैसले पर प्रश्नचिन्ह लग दिया है जहाँ निगम पहले से अन्य बैंकों में मौजूद उसके शेयर से बाहर निकलने की तैयारी करती दिख रही थी.ऐसे में  आई डी बी आई में निवेश का निर्णय सरकार के दबाव की परिणति हो सकती है. हाल ही में बैंक ने 5500 से अधिक वित्तीय घाटे का परिणाम घोषित किया है. जानकारी के अनुसार आई डी बी आई बैंक पर जहाँ एन पी ए का बढ़ता भार देखा गया वहीँ जमा दर में भी भारी कमी पायी गयी. ऐसे में 2017 - 18 में 28527 मुनाफा कमाने वाली एल आई सी ने अपनी मुनाफे में 17-18 वित्तीय वर्ष में 33 प्रतिशत बढ़ोत्तरी दर्ज की है. जाहिर है मुनाफे का फायदा निगम के बीमा धारकों को मिलना चाहिए लेकिन घाटे के बैंक में निवेश से एल आई सी के उपभोक्ताओं को उचित मुनाफे( डिविडेंड/बोनस) से वंचित रहना पड़ सकता है. दूसरी तरफ एल आई सी को अब सीधे तौर पर बीमा कंपनी के अतिरिक्त प्रत्यक्ष बैंकिंग कंपनी के रूप में भी देखा जायेगा क्योंकि 51 प्रतिशत अंशधारक होने की वजह से आई डी बी आई बैंक में एल आई सी प्रबंधन का सीधा हस्तक्षेप हो जायेगा. संभव है,बैंकों में बढ़ते एन पी ए और जमा दर में कमी का नुकसान नए प्रमोटर एल आई सी को भी भुगतना पड़ सकता है. प्रश्न यह भी है कि सरकार ने स्वयं आई डी बी आई को कर्ज से उबारने में सीधा निवेश क्यों नहीं किया ,मुनाफे वाली बीमा निगम को ही क्यों चुना गया? सरकार के अन्य मुनाफे वाली कंपनियों को क्यों नहीं  आई डी बी आई में निवेश हेतु चुना गया? कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रही है परन्तु अभी तक सरकार की तरफ से कोई सफाई नहीं पेश की गयी है.

बिहार : 13 माह में वार्ड पार्षदों को व्यय करने के लिए 13 पैसे नहीं मिला

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) .आप तो पश्चिमी दीघा,पूर्वी दीघा,पश्चिमी मैनपुरा,पूर्वी मैनपुरा और उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत से निकाल कर पटना नगर निगम में शामिल कर दिया.मगर पटना नगर निगम के गठन के 13 माह के बाद भी ग्राम से नगर बनाने की दिशा में पहलकदमी करने के लिए 13 पैसे नहीं दिये. कैसे वार्ड पार्षद विकास कार्य कर पायेंगे? सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू राय कहते हैं कि पश्चिमी दीघा और पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत को मिलाकर 22 ए वार्ड बनाया है.पश्चिमी मैनपुरा और पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत को मिलाकर 22 बी वार्ड बनाया है. उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत से 22 सी वार्ड बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 22 ए वार्ड  के वार्ड पार्षद दिनेश चौधरी हैं. 22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह हैं. 22 सी की वार्ड पार्षद रजनी देवी हैं. इन निर्मित वार्डों में वार्ड पार्षद भाषणबाजी से काम निकाल कर रहे हैं. ग्राम से नगर में आने वाले नागर समाज को नागरिक सुविधा नहीं मिल पा रही है. हाल में पटना नगर निगम ने नगर को अंधेरे से निकालने के लिए 25 लाख रू.निर्गत किये.यह राशि पार्षदों को नहीं दी गयी. सफाई इंस्पेक्टर की हाथ में राशि दी गयी. इसमें वार्ड पार्षद ने जेब ढीली की है.निगम से 13 पैसे नहीं मिलने से कैसे वार्ड पार्षद विकास का कार्य कर सकेंगे?

दरभंगा : LNMU के पेंशन अदालत में 170 आवेदन में से मात्र 23 का निवटारा

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 05 जुलाई,  : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने आज यहां कहा कि सेवा निवृति के समय ही उसका लाभ समय से मिल सके. उसके लिए विश्वविद्यलाय कृत संकल्पित है. कुलपति आज अवकाश प्राप्त लोगों के लिए विश्वविद्यालय में पेंशन अदालत में अपने विचार रख रहे थे. कुलपति की मंशा थी कि अवकाश प्राप्त शिक्षाकर्मियों को सेवांत लाभ तुरंत मिले. इसके लिए उन्होंने पेंशन अदालत का आयोजन कराया था, लेकिन अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण कुलपति की मंशा सफल नहीं हो सकी. यद्यपि पेंशन अदालत के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया गया था. जिसके कारण 170 आवेदन प्राप्त भी हुए थे. पर निवटारा महज 23 आवेदन पर हुआ. इनलोगों को पेंशन, परिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश से संबंधित स्वीकृति के कागजात हस्तांतरित किये गये. वैसे कुलपति ने पुन: 5 अगस्त 2018 को पेंशन अदालत लगाने की आज ही घोषणा कर दी. वैसे विश्वविद्यालय के सूचना पदाधिकारी विज्ञप्ति जारी कर कहते हैं कि विश्वविद्यालय ने इतिहास रच दिया है. वे तो कहेंगे ही, लेकिन सवाल उठता है कि पेंशन अदालत ने मिले आवेदनों का निवटारा क्यों नहीं हुआ, इसके लिए कौन जबवादेह हैं. अदालत के दिन से पहले वरीय अधिकारियों ने मोनेट्रिंग किया या नहीं, यह भी अहम सवाल है. वैसे यह भी सच्चाई है कि एक चना भार नहीं फोड़ सकता. यही कारण है कि अगर जबतक विश्वविद्यालय में अधिकारी व कर्मी अपनी पूरी ऊर्जा का उपयोग नहीं करेंगे, तो कुलपति चाह कर भी कुछ नहीं कर सकेंगे और इसकी चर्चा आम लोगों में भी होने लगी है. कार्यक्रम में कुल सचिव मुश्तफा कमाल अंसारी, वित पदाधिकारी विनोद कुमार, पेंशन पदाधिकारी डॉ. जफर आलम मौजूद थे.

मधुबनी : डायवर्सन टूटने से एनएच 104 पर याताात बाधित

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जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 05 जुलाई,  : जयनगर से पद्मा भाया लदनियां को जोड़ने वाली सड़क मार्ग एन एच 104 ठप आज 4 दिन से बन्द है. योगिया एवं पद्मा के बीच घोरी पुल को एन एच 104 सड़क निर्माण के लिया तोड़ कर बगल से डायवर्सन का निर्माण किया गया था, जो नेपाल में आयी बाढ़ के पानी में बह गया. जिस पर आज भी 3 से 4 फीट तक पानी की तेज धारा बह रही है. जिस कारण अनुमंडल मुख्यालय से पूरब की ओर जाने वाली सड़क मार्ग का सम्पर्क भंग हो गया है. लदनियां से जयनगर आने के लिया लोगो को 25 किमी घूम कर आना पड़ता है. वहीं आम लोगों मे सड़क बना रही एजेंसी एव प्रशसन की लापरवाही का काफी आक्रोश है. समय पर यदि सड़क एव पुल का निर्माण होता, तो आज ऐसी दिक्कत नहीं होती. इस संबंध में जयनगर एसडीओ शंकर शरण ओमी ने बताया कि पुल के डायवर्सन पर पानी कम होता, तो सड़क विभाग के द्वारा डायवर्सन की मरम्मत की जायेगी. लदनियां सीओ को आदेश दिया गया है कि जल्द नाव का इंतजाम करे साथ ही प्रशासन अलर्ट है. सनद रहे कि कल मधुबनी के जिलाधिकारी का कार्यक्रम लदनियां में था. उन्हें भी घूम कर जाना पड़ा था.

मूसलाधार बारिश की चेतावनी के चलते 13 राज्यों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात

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नयी दिल्ली, पांच जुलाई, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और जम्मू कश्मीर सहित 13 राज्यों में मूसलाधार बारिश की मौसम विभाग द्वारा जारी की गयी चेतावनी के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 89 टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।  एनडीआरएफ की ओर से आज बताया गया कि इन राज्यों में बारिश के दौरान बाढ़ की आशंका वाले इलाकों में 45 टीमों को तैनात कर दिया गया है। बाढ़ की आपदा के दौरान किसी भी संभावित स्थिति से निपटने में सक्षम और विशेष प्रशिक्षण प्राप्त राहत एवं बचाव कर्मियों को इन टीमों में शामिल किया गया है।  इनमें से सर्वाधिक असम में 12 टीमें, बिहार में सात, गुजरात, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में चार चार तथा अरुणाचल प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में तीन तीन टीमें भेजी गयी है। दिल्ली और पंजाब में दो दो एवं उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और त्रिपुरा में एक एक टीम भेजी गयी है। एनडीआरएफ की इन टीमों ने असम सहित अन्य राज्यों में बाढ़ की आशंका वाले इलाकों से अब तक 13550 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। साथ ही इन इलाकों में स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ मिलकर स्कूल तथा अन्य स्थानों पर बाढ़ की स्थिति से निपटने के बारे में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।  उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने आज से लेकर नौ जुलाई तक कोंकण एवं गोवा में कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की चेतावनी जारी की है। जबकि मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मराठवाड़ा क्षेत्र, तेलंगाना, कर्नाटक के तटीय और भीतरी इलाकों एवं पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 

मौसम विभाग ने तमिलनाडु, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कनार्टक में कुछ स्थानों पर तूफान और तेज हवाओं के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की है। वहीं राजधानी दिल्ली में आज दोपहर बाद कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश ने उमस भरी गर्मी से राहत दी। दिल्ली में अगले तीन दिनों तक आंशिक बादल छाये रहने के बाद नौ और दस जुलाई को गरज बरस के साथ बारिश की बौछारें मौसम को खुशगवार बनायेंगी। विभाग ने 11 जुलाई को दिल्ली के अधिकांश इलाकों में तूफान और तेज बारिश की आशंका जतायी है।  इस बीच आगामी 11 जुलाई तक राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है। जबकि आज और कल अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहने के बाद आठ जुलाई को यह 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद मानसून की सक्रियता में बढ़ोतरी का दौर शुरु होने पर नौ तारीख से अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जायेगी। इसके 11 जुलाई को 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है। 

विपक्ष समर्थित बंद रहा असफल : रघुवर दास

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रांची , पांच जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन के विरुद्ध विपक्ष द्वारा बुलाया गया बंद असफल रहा है और लोगों ने ‘ विकास विरोधी ’ एजेंडे को नकार दिया है। उन्होंने 2013 के जमीन अधिग्रहण कानून में उनकी सरकार द्वारा किये गये संशोधन के फायदे गिनाए और बताया कि यह लोगों के जल्द मुआवजा सुनिश्चित करता है।  उन्होंने कहा कि लोगों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा , कांग्रेस , राजद , जेवीएम द्वारा उचित मुआवजा का अधिकार एवं जमीन अधिग्रहण , पुनर्वास में पारदर्शिता (झारखंड संशोधन) अधिनियम 2017 के खिलाफ दिनभर के बंद को नकार दिया। 

मधुबनी : जर्जर सड़क के विरोध में सांसद, विधायक का पुतला फूंका

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आजादी के 70 साल बाद भी गांव में नहीं बनी सड़क

हरलाखी/मधुबनी (आर्यावर्त)हरलाखी प्रखंड के फुलहर पंचायत अंतर्गत मनोहरपुर गांव में वर्षों से बदहाल पीएम ग्राम सड़क की दुर्दशा से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को सांसद हुकुमदेव नारायण यादव और स्थानीय विधायक का पुतला दहन किया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने दर्जनों की संख्या में अपने अपने घरों से निकल कर गांव के चौराहे पर एकजुट हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी भी किया। लोगों ने सांसद व विधायक मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय फुलहर गिरिजा स्थान में सांसद ने गांव की सड़क बनवाने का वादा ग्रामीणों से किया था। लेकिन अब वे यहां झांकने भी नहीं आते हैं। लोगों का आरोप है कि विधायक से सड़क की समस्या बताने पर वे लोगों को कहते हैं कि मेरे पास समय नहीं है। आक्रोशित लोगों का नेतृत्व कर रहे स्थानीय पलटू ठाकुर, लक्ष्मी यादव, दिनेश साह व अरुण झा ने बताया कि आस पास के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली उक्त पीएम सड़क आजादी के बाद से अबतक बदहाल है। सड़क के बड़े बड़े गड्ढ़ों में बाइक व गाड़ियां फंस जाती है। सड़क की दुर्दशा के कारण ग्रामीण गांव के बीमार लोगों को  इलाज के लिए सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाते हैं। जिससे लोग परेशान हैं। यहां के विधायक व सांसद लोगों की परेशानी समझने की भी कोशिश नहीं करते हैं।  बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय से उमगांव बाजार चौक तक की सड़क 20 वर्षों से जर्जर होने के कारण आए दिन बच्चें, महिलाएं व स्कूली छात्राएं गिरकर घायल हो जाती है। लोगों का कहना है कि सड़क के बड़े बड़े गड्ढों में जलजमाव से भारी परेशानी बनी हुई है। समस्या के निदान के लिए प्रशासनिक व विभागीय पहल भी नहीं हो रही है।

जम्मू कश्मीर में ईमानदार प्रशासन से ही स्थिरता, शांति संभव : राजनाथ

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श्रीनगर , पांच जुलाई, जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद पहली बार राज्य के दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि राज्य में शांति एवं स्थिरता एक ईमानदार , प्रभावी और कुशल प्रशासन से ही लायी जा सकती है।  सिंह ने यह बात एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद कही जिसमें राज्यपाल एन एन वोहरा , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रशासन एवं पुलिस के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।  सिंह के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया , ‘‘ एक विकसित एवं समृद्ध जम्मू कश्मीर का सपना तब साकार होगा जब राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति होगी। राज्य में एक ईमानदार , प्रभावी एवं कुशल प्रशासन के जरिये शांति , स्थिरता लाना हमारा दृढ़ संकल्प है। ’’  राज्य के लिए आगे के रास्ते की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि विकास और सुशासन जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सपना रहा है और केंद्र सरकार व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के सभी संभव उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है।  उन्होंने कहा , ‘‘ सुशासन और विकास पर नवीनीकृत जोर के साथ केंद्र राज्य के लोगों के बीच नयी आकांक्षाओं और आशा का संचार करने करना चाहता है। ’’  गृह मंत्री ने कहा कि समस्याओं का हल लोगों के सशक्तिकरण और स्थानीय स्वशासन वाली संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने में निहित है।

केन्द्र ने राज्यों से बच्चा चोरी की अफवाह पर हत्या की घटनाएं रोकने के लिये कहा

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नयी दिल्ली , पांच जुलाई, केन्द्र ने आज राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाहों के बाद भीड़ द्वारा पीट - पीटकर मार डालने की घटनाओं को रोकने के लिये कहा।  बीते दो महीनों में बच्चा चोरी के संदेह में देशभर में 20 से अधिक लोगों को पीट - पीटकर मार डाला गया है और ताजा मामला महाराष्ट्र के धुले जिले का है जहां भीड़ ने पांच लोगों की पीट - पीटकर जान ले ली।  गृह मंत्रालय ने एक परामर्श में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से ‘‘ बच्चा चोरी की अफवाहों का जल्दी पता लगाने के लिये पैनी नजर रखने और उन्हें रोकने के लिये असरदार उपाय शुरू करने ’’ को कहा। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ केन्द्र ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाहें फैलाकर भीड़ द्वारा पीट - पीटकर मार डालने की घटनाओं को रोकने के लिये उपाय करने को कहा। ’’  उनके अनुसार, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से जिला प्रशासनों को असुरक्षित क्षेत्रों की पहचान करके जागरूकता फैलाने तथा विश्वास बहाल करने का निर्देश देने को कहा गया।  प्रवक्ता ने बताया कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से प्रभावित लोगों में विश्वास पैदा करने के लिये बच्चों के अपहरण की शिकायतों की जांच उचित ढंग से करने को कहा गया।  गौरतलब है कि मंगलवार को सरकार ने व्हाट्सएप को, ‘‘ गैरजिम्मेदार एवं बवाल मचाने वाले संदेशों ’’ को फैलने से रोकने के लिये तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था। 

बुराड़ी कांड : फांसी के लिये स्टूल, तार लाये थे परिवार के लोग, सीसीटीवी में दिखा

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नयी दिल्ली , चार जुलाई, बुराड़ी में एक परिवार के 11 सदस्यों के रहस्यमयी तरके से मृत मिलने के मामले में कुछ और जानकारियां सामने आई हैं। सीसीटीवी फुटेज में परिवार के कुछ सदस्यों को उन स्टूलों और तारों को लाते देखा जा सकता है जिनका प्रयोग बाद में फांसी लगाने में किया गया। पुलिस ने 11 डायरियां बरामद की हैं जिनमें बीते 11 सालों में लिखा गया है।  पुलिस ने कहा कि डायरियों में लिखी गई बातें कथित खुदकुशी से मेल खाती हैं।  परिवार के घर के सामने वाले घर के बाहर लगे कैमरे के फुटेज में दिखता है कि परिवार की बड़ी बहू सविता और उसकी बेटी नीतू पांच स्टूल ला रही हैं। इन्हीं स्टूलों को बाद में परिवार के लोगों ने फांसी लगाने में प्रयोग किया। 

कैलाश मानसरोवर में अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं 1,000 भारतीय

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काठमांडो , पांच जुलाई, तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौट रहे भारतीय श्रद्धालुओं की मुसीबतें अब भी खत्म नहीं हुई है और खराब मौसम के बीच नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में फंसे कम से कम 1,000 श्रद्धालुओं का वहां से निकलने का इंतजार जारी है।  नेपाल में भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी।  अधिकारियों ने कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण फंसे लोगों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हिल्सा से कल 250 भारतीय तीर्थयात्रियों को निकाला गया।  नेपाल में भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट कर कहा , ‘‘ पांच जुलाई की सुबह तक 10 वाणिज्यिक विमान 143 तीर्थयात्रियों को सिमीकोट से नेपालगंज लेकर गए। ’’  दूतावास ने ट्वीट में कहा , ‘‘ भारतीय दूतावास की आधिकारिक गणना के मुताबिक , सिमीकोट में 643 और हिल्सा में 350 लोग फंसे हुए हैं। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इसका उल्लेख किया जाता है कि संसाधनों के अभाव वाले हिल्सा में फंसे तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है। ’’  जिला पुलिस अधिकारी के अनुसार , सिमीकोट में सैकड़ों लोग अब भी विमानों का इंतजार कर रहे हैं।  ‘ द काठमांडो पोस्ट ’ की रिपोर्ट के मुताबिक , खराब मौसम के कारण सोमवार तक जिले में विमानों का आवागमन बाधित हो गया था।  खबर में कहा गया है कि वहां विमानों का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अत्यधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन का कम दबाव होना बड़ी चिंता है। इस साल ऑक्सीजन की कमी के कारण पहले ही आठ श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।  नेपाल में भारतीय दूतावास ने भावी श्रद्धालुओं के लिए आज एक संशोधित परामर्श जारी किया। 

इसमें कहा गया , ‘‘ नेपाल में सिमीकोट और हिल्सा में बुनियादी ढांचे की बहुत कमी है। वहां चिकित्सा , आरामदायक बोर्डिंग और अस्थायी आवास की मूल सुविधाओं की कमी है। भावी श्रद्धालु यात्रा शुरू करने से पहले अपनी चिकित्सा जांच करा लें और साथ ही एक महीने के लिए पर्याप्त दवाइयां साथ में रखें। ’’  उसने कहा , ‘‘ सिमीकोट और हिल्सा दुनिया के शेष हिस्सों से केवल वायु मार्ग से जुड़े हैं। इन दो स्थानों तक जाने तथा आने का कोई और तरीका ही नहीं है। इन स्थानों और इससे जुड़े स्थानों में उचित मौसम को देखते हुए ही छोटे विमान / हेलीकॉप्टर उड़ान भर सकते हैं क्योंकि यह बेहद ही दुर्गम क्षेत्र है। ’’  दूतावास ने श्रद्धालुओं और उनके परिवार के सदस्यों के लिए एक हॉटलाइन स्थापित की है जिसमें तमिल , तेलुगु , कन्नड़ और मलयालम भाषी कर्मचारी भी हैं। 

सिंधू और प्रणय इंडोनेशिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में

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जकार्ता, पांच जुलाई, ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधू ने अपना 23वां जन्मदिन आज जापान की आया ओहोरी को हराकर मनाया जबकि एच एस प्रणय भी इंडोनेशिया ओपन बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर सुपर 1000 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए ।  दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधू पिछले सप्ताह मलेशिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची थीं। उसने 17वीं रैंकिंग वाली ओहोरी को 21 . 17, 21 . 14 से मात दी। यह पांच मैचों में इस जापानी प्रतिद्वंद्वी पर उसकी पांचवीं जीत है। अब उसका सामना थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरूंगफान या चीन की ही बिंगजियाओ से होगा । सिंधू ने 0 . 3 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 10 . 8 और 16 . 12 की बढत बनाई । उसने पहला गेम आसानी से जीत लिया और दूसरे गेम में भी दबाव बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की।  वहीं प्रणय ने चीनी ताइपै के वांग झू वेई को 21 . 23, 21 . 15, 21 . 13 से हराया । अब उनका सामना तीसरी वरीयता प्राप्त आल इंग्लैंड चैम्पियन चीन के शि युकी से हो सकता है। हालांकि ओलंपिक पदकधारी साइना नेहवाल को पांचवीं वरीयता प्राप्त चेन युफेई से हारकर बाहर हो गयी। इस भारतीय खिलाड़ी को 40 मिनट तक चले मुकाबले में दुनिया की पांचवें नंबर की चीनी खिलाड़ी से 18-21 15-21 से हार गयी। साइना ने इस साल के शुरू में इंडोनेशिया मास्टर्स के दौरान इसी स्थान पर चेन को पराजित किया था।  वहीं इस साल स्विस ओपन जीतने वाले समीर वर्मा भी दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन को चुनौती देने में असफल रहे और डेनमार्क के इस विश्व चैम्पियन से 15-21 14-21 से पराजित हो गये।  इससे पहले शुरूआती गेम में दुनिया के 17वें नंबर के खिलाड़ी वांग ने 14 . 10 की बढत बना ली थी लेकिन प्रणय ने जल्दी ही इसे कम करके 13 . 14 कर दिया । वांग ने फिर 17 . 14 की बढत बनाई लेकिन प्रणय ने दो और अंक लेकर इसे 19 . 19 किया । वांग ने वापसी करते हुए चार अंक लेकर पहला गेम जीत लिया । दूसरे गेम में प्रणय ने बेहतर खेल दिखाते हुए 11 . 8 की बढत बनाई । उसकी बढत 17 . 12 हो गई और वांग की दो गलतियों के बाद प्रणय ने यह गेम जीतकर मैच में वापसी की ।  निर्णायक गेम में प्रणय काफी आक्रामक दिखे और 10 . 2 से बढत बना ली । बाद में उनकी कुछ गलतियों पर वांग ने वापसी की लेकिन प्रणय ने 19 . 13 से फिर बढत बना ली । वांग का अगला शाट बाहर चला गया और दूसरे पर वह रिटर्न नहीं लगा सके जिससे प्रणय ने मुकाबला जीत लिया । 

देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि लगातार 45वें दहाई अंक पर

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नयी दिल्ली , पांच जुलाई,  भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि मई में लगातार 45 वें महीने दहाई अंक में रही। हालांकि , हाल के महीनों इसमें संख्या में कुछ गिरावट दिखी।  अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आईएटीए) ने कहा कि मई में भारत में नागर विमानन सेवा क्षेत्र में राजस्व यात्री किलोमीटर (आरपीके) में 16.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।  इसमें कहा गया है कि देश में यात्रियों की संख्या में हाल के कुछ महीनों में मौसम और आर्थिक मोर्चे पर मिले जुले संकेतों के बीच यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है फिर भी , बड़ी बात यह है कि मई में देश का आरपीके वृद्धि लगातार 45 वें महीने दहाई अंक में रहा।  आईएटीए ने कहा , "देश के अंदर हवाई अड्डों के बीच संपर्क में मजबूत वृद्धि से यात्री मांग को समर्थन मिला। 2018 में इससे पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक हवाई अड्डों के बीच परिचालन होगा । "  संघ को 2018 में भी यात्रियों की संख्या में तेजी का रुख रहने की उम्मीद है। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जेटली ने कहा, दिल्ली सरकार जांच एजेंसी गठित नहीं कर सकती

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नयी दिल्ली , पांच जुलाई, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार के पास पुलिस का अधिकार नहीं है , ऐसे में वह पूर्व में हुए अपराधों के लिए जांच एजेंसी का गठन नहीं कर सकती।  जेटली ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि इसके अलावा यह धारणा ‘पूरी तरह त्रुटिपूर्ण है’ कि संघ शासित कैडर सेवाओं के प्रशासन से संबंधित फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में गया है।  जेटली ने कहा , ‘‘ कई ऐसे मुद्दे रहे जिनपर सीधे टिप्पणी नहीं की गई है , लेकिन वहां निहितार्थ के माध्यम से उन मामलों के संकेत जरूर हैं।’’ लंबे समय तक वकालत कर चुके केंद्रीय मंत्री ने इसी संदर्भ में यह भी लिखा है कि जब तक कि महत्व के विषयों को उठाया न गया हो , उन पर विचार विमर्श नहीं हुआ और कोई स्पष्ट मत प्रकट न किया गया हो तब तक कोई यह नहीं कह सकता कि ऐसे मुद्दों पर चुप्पी का मतलब है कि मत एक या दूसरे के पक्ष में है। ’’  मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास पुलिस का अधिकार नहीं है , ऐसे में वह पूर्व में हुए अपराधों के लिए जांच एजेंसी का गठन नहीं कर सकती।  जेटली ने कहा , ‘‘ दूसरी बात यह है कि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली अपनी तुलना अन्य राज्यों से नहीं कर सकती। ऐसे में यह कहना कि संघ शासित कैडर सेवाओं के प्रशासन को लेकर दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया गया है , पूरी तरह गलत है। ’’ 

उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कल एकमत से फैसला दिया था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा पीठ ने उपराज्यपाल के अधिकारों पर कहा था कि उनके पास स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उपराज्यपाल को चुनी हुई सरकार की मदद और सलाह से काम करना है।  जेटली ने कहा कि यह फैसला संविधान के पीछे संवैधानिक सिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करता है और साथ ही संविधान में जो लिखा हुआ है उसकी पुष्टि करता है।  उन्होंने कहा कि इससे न तो राज्य सरकार या केंद्र सरकार के अधिकारों में इजाफा हुआ है और न ही किसी के अधिकारों में कटौती हुई है। यह फैसला चुनी गई सरकार के महत्व को रेखांकित करता है। चूंकि दिल्ली संघ शासित प्रदेश है इसलिए इसके अधिकार केंद्र सरकार के अधीन हैं।  जेटली ने सामान्य तौर पर लोकतंत्र तथा संघीय राजनीति के वृहद हित में उपराज्यपाल को राज्य सरकार के काम करने के अधिकार को स्वीकार करना चाहिए। लेकिन यदि कोई ऐसा मामला है जिसकी सही वजह है और जिसमें असमति का ठोस आधार है तो वह (उपराज्यपाल) उसे लिख कर मामले को विचार के लिए राष्ट्रपति (अर्थात केंद्र सरकार) को भेज सकते हैं। जिससे उपराज्यपाल और राज्य सरकार के बीच किसी मामले में मतभेद को दूर किया जा सके।  जेटली ने इसी संदर्भ में आगे लिखा है कि ऐसे मामलों में केंद्र का निर्णय उपराज्यपाल और दिल्ली की निर्वाचित सरकार दोनों को मानना होगा। इस तरह केंद्र की राय सबसे बढ़ कर है।

कर्नाटक में किसानों का 34,000 करोड़ का कर्ज माफ

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बेंगलुरू, 5 जुलाई, कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य के लाखों किसानों को राहत पहुंचाते हुए 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ कर दिया।  जबकि, पेट्रोल, डीजल, शराब और बिजली पर अधिक कर लगाने का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हए कहा, "मैं कृषि से जुड़े 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ करने का प्रस्ताव रखता हूं। किसान के हर परिवार के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे।"कुमारस्वामी ने कहा, "पहले चरण में 31 दिसंबर 2017 तक फसलों के लिए गए जिन कजरें को चुकाया नहीं जा सका, उन्हें माफ किया जाएगा। इस पहले चरण में केवल जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण को माफ किया जाएगा।"बजट में किसानों को दोबारा कर्ज लेने के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से 6,500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव भी है। किसान को संबंधित विभाग से एक भुगतान प्रमाणपत्र हासिल कर उसे जमा कराना होगा जिसमें यह दर्ज होगा कि उनके कर्ज एरियर को माफ कर दिया गया है। इसके बाद वह दोबारा कर्ज की इस योजना का लाभ उठा पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले चरण में दिसंबर 2017 तक नहीं चुकाए गए कृषि कर्ज माफ किए जाएंगे। जिन किसानों ने निर्धारित समय के भीतर कर्ज चुकाया है, उन्हें 25,000 रुपये तक का नया कर्ज या चुकाई गई राशि, इन दोनों में से जो कम हो, दी जाएगी।"बजट में पेट्रोल की कीमत 1.14 रुपये और डीजल की कीमत 1.12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दी गई है जिससे आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी।

कुमारस्वामी ने कहा, "मैं पेट्रोल और डीजल पर दो प्रतिशत कर बढ़ाने का प्रस्ताव रख रहा हूं। भारत में बनी शराब पर लगने वाले अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को चार प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखता हूं। इसके साथ ही कैप्टिव पावर पर लगने वाले कर में 20 पैसे प्रति यूनिट और वाणिज्यिक वाहनों पर लगने वाले मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।"कुमारस्वामी ने कहा, "मैं बजट के खर्चे की पूर्ति के लिए भारत में बनी विदेशी शराब पर लगने वाले अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को चार प्रतिशत बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखता हूं।"बिजली दर भी 20 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दी गई है। संयोग से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों और रुपये के गिरने के कारण राष्ट्रीय तेल कंपनियों ने गुरुवार को ही तेल की कीमत में बढ़ोतरी की जिसके कारण बेंगलुरू में पेट्रोल 76.94 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.47 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस वित्त वर्ष के लिए जारी बजट में उत्पाद शुल्क से राजस्व एकत्रित करने का लक्ष्य 19,750 करोड़ रुपये होगा जबकि 16 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा पेश किए गए बजट का लक्ष्य 18,750 करोड़ रुपये था। इसी तरह, मोटर वाहन कर से 6,656 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे कुमारस्वामी ने विधायकों से कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गईं योजनाओं को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट कुल 2,13,734 करोड़ रुपये का है।

अन्नभाग्य (चावल) योजना के तहत, मुफ्त वितरण के लिए चावल की मात्रा प्रति माह 7 किलोग्राम से घटाकर 5 किलोग्राम कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इजरायल मोड के आधार पर कृषि विकास के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करता हूं। हम कृषि और सेवाओं के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"आंध्र प्रदेश की तर्ज पर उच्च पैदावार और बेहतर कीमत के लिए बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। शिक्षा के लिए 26,581 करोड़, जल संसाधन के लिए 18,142 करोड़, शहरी विकास के लिए 17,727 करोड़, ऊर्जा के लिए 14,499 करोड़, सामाजिक कल्याण के लिए 14,123 करोड़ और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के लिए 10,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

दिल्ली के नौकरशाह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को नहीं मान रहे : सिसोदिया

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नई दिल्ली, 5 जुलाई, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति करने के अधिकार को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को वरिष्ठ नौकरशाहों द्वारा मानने से इनकार करना न्यायालय की अवमानना के समान है। यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि सरकार अब इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है। उन्होंने कहा, "मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि सेवा विभाग अदालत के आदेश का पालन नहीं करेगा। इससे अधिकारियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, अगर वे आदेश का पालन नहीं करेंगे। अदालत के आदेश के बाद भी, उप राज्यपाल सेवा विभाग की फाइल को देखने के लिए अगर जोर डालते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी।"उन्होंने कहा, "हम इस पर अपने वकीलों से बात कर रहे हैं कि क्या किया जा सकता है।"आप नेता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, केंद्र सरकार का राजधानी के सेवा विभाग (सर्विस डिपार्टमेंट) पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा, "लेकिन इसके बावजूद अधिकारी कह रहें हैं कि गृह मंत्रालय के पहले के आदेश को खारिज नहीं किया गया है, इसलिए वे लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करेंगे। अगर सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ आदेश दिया है, तो इसे पालन नहीं करने का कोई रास्ता नहीं है।" 

सिसोदिया ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद भी उप राज्यपाल ने सेवा विभाग की फाइलों पर हस्ताक्षर किए जो कि खुले तौर पर न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने केंद्र और उप राज्यपाल से सहयोग का आग्रह करते हुए कहा, "मैं विश्वास करता हूं कि उप राज्यपाल (अदालत के) आदेश का उल्लंघन नहीं करेंगे।"अधिकारियों के निर्णय को दुभाग्र्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है और अगर अधिकारी अदालत के आदेश का पालन नहीं करेंगे तो लोकतंत्र कैसे काम करेगा। सिसोदिया ने कहा, "अगर अदालत का आदेश, खासकर संवैधानिक पीठ के आदेश का खुले तौर पर उल्लंघन होगा तो देश अराजकता की स्थिति में पहुंच जाएगा। तब कानून कहां रहेगा?"उन्होंने कहा, "दो वर्ष पहले, उच्च न्यायालय ने हमारे खिलाफ फैसला सुनाया था। तब भी हमने कहा था कि हम आदलत के आदेश का पालन और सम्मान करेंगे।"
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