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NCR मसौदे के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली, 31 जुलाई,  राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मसौदे के आने के बाद हो रही उथल-पुथल के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सोमवार को प्रकाशित सूची के आधार पर किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक-प्रतिरोधक कार्रवाई नहीं की जा सकती। महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल द्वारा मामले की गंभीरता का उल्लेख करने के बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंग्टन फली नरीमन की खंडपीठ ने कहा, "जो प्रकाशित हुआ है वह संपूर्ण एनआरसी मसौदा है। यह किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई का आधार नहीं बन सकता।"एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि एनआरसी मसौदा जनता के लिए सात अगस्त तक उपलब्ध रहेगा, जिससे वे सितंबर के अंत तक अपने दावे और आपत्तियां दायर कर सकें।

राहुल गांधी ने अस्पताल में करुणानिधि से मुलाकात की

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चेन्नई, 31 जुलाई, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को यहां कावेरी अस्पताल में द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि से मुलाकात की। गांधी ने चिकित्सकों के साथ ही उनके बेटे और द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन से करुणानिधि के स्वास्थ्य की जानकारी ली। गांधी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, "मैं यहां आकर करुणानिधि को देखना और उनके साथ खड़ा होना चाहता था। मैंने उनसे मुलाकात की। वह ठीक हैं।"गांधी ने कहा कि "94 वर्षीय करुणानिधि में तमिलनाडु की आत्मा बसी है। वह एक मजबूत इंसान हैं। उनकी हालस स्थिर है।"कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, "उनके (करुणानिधि) साथ हमारे लंबे समय से रिश्ते रहे हैं। सोनिया जी ने करुणानिधि के परिवार को शुभकामनाएं व आदर भेजा है।"पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि 13 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हमेशा अजेय रहे हैं। रक्तचाप में गिरावट आने के बाद करुणानिधि को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

यमुना में बाढ़ की स्थिति, अधिक लोग सुरक्षित जगह पहुंचाए गए

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नई दिल्ली, 31 जुलाई, खतरे के निशान को पार कर चुका यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और मंगलवार को यह 206.03 मीटर तक पहुंच गया। बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है क्योंकि जलस्तर बढ़ रहा है और स्थिति गंभीर है। कुछ लोग दूसरी जगह जाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।"केंद्रीय जल आयोग ने अपने पूर्वानुमान में शाम तक जलस्तर में कमी आने की बात कही है। अधिकारी ने कहा, "नदी का प्रवाह स्थिर है, लेकिन अधिक बारिश इस प्रवाह को प्रभावित कर सकती है। हम इस पर करीबी नजर रखे हुए हैं।"दिल्ली में 1978 में सबसे खराब बाढ़ देखी गई जब नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.49 मीटर पर पहुंच गया था।

वनडे में पदार्पण करने वाली 27वीं टीम बनेगा नेपाल

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय का दर्जा पाने वाली सबसे नयी टीम नेपाल अपना पहला वनडे कल एम्सटेलवीन में नीदरलैंड के खिलाफ खेलेगी। इसके साथ ही नेपाल वनडे में पदार्पण करने वाली दुनिया की 27वीं टीम बन जाएगी।  इस साल आयरलैंड और अफगानिस्तान ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था जबकि उपमहाद्वीप की टीम नेपाल को हाल में आईसीसी ने वनडे का दर्जा मिला था।  नेपाल का पहला मैच उस नीदरलैंड से है जिसने 1996 विश्व कप में अपना पहला वनडे खेला था।  नेपाल की टीम में पारस खड़का के रूप में अच्छे बल्लेबाज हैं। वह टीम के कप्तान भी है। लेग स्पिनर संदीप लेमिचाने इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने वाले पहले नेपाली खिलाड़ी बने थे। 

साइना, श्रीकांत विश्व चैम्पियनशिप के अगले दौर में

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नांजिंग (चीन) , 31 जुलाई, शीर्ष वरीयता प्राप्त भारत की साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत अपने अपने मुकाबले जीतकर बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप के अगले दौर में पहुंच गए ।  विश्व चैम्पियनशिप में रजत और कांस्य पदक विजेता साइना ने तुर्की की आलिये देमिरबैग को दूसरे दौर में 21 . 17, 21 . 8 से हराया । अब उसका सामना 2013 की चैम्पियन थाईलैंड की रेचानोक इंतानोन से होगा । ओलंपिक पदक विजेता साइना को पहले दौर में बाय मिला था । पांचवीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने आयरलैंड के एनहात एंगुयेन को 21 . 15, 21 . 16 से शिकस्त दी ।  भारत के एच एस प्रणय, समीर वर्मा और बी साई प्रणीत भी अगले दौर में पहुंच गए हैं । साइ प्रणीत को कोरिया के सोन वान हो पर वाकओवर मिला था । पिछले सत्र में चार खिताब जीतने वाले श्रीकांत का सामना स्पेन के पाबलो एबियन से होगा । वहीं प्रणीत स्पेन के ही लुईस एनरिक पेनालवेर से खेलेंगे। सात्विक साइराज रांकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा ने 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी के मार्क लैम्स्फस और इसाबेल हर्टरिच को 10 . 21, 21 . 17, 21 . 18 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई ।  अब उनका सामना सातवीं वरीयता प्राप्त मलेशिया के गोह सून हुआत और शेवोन जैमी लाइ से होगा ।  रूस ओपन रजत पदक विजेता रोहन कपूर और कुहू गर्ग को छठी वरीयता प्राप्त इंग्लैंड के क्रिस एडकाक और गैब्रयेले एडकाक ने मिश्रित युगल मुकाबले में 21 . 12, 21 . 12 से मात दी । पुरूष युगल में अर्जुन एम आर और रामचंद्रन श्लोक को पहले दौर में मलेशिया के ओंग यू सिन और तियू ई यि ने 21 . 14, 21 . 15 से हराया ।  प्रणव जेरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी को इंडोनेशिया के 12वीं वरीयता प्राप्त हफीज फैजल और ग्लोरिया एमैन्युअेले विजाजा ने 21 . 16, 21 . 6 से हराया ।  तरूणा कोना और सौरभ शर्मा भी पहले दौर में हांगकांग के ओर चिन चुंग और तांग चुन मैन से 20 . 22, 21 . 18, 17 . 21 से हार गए । 

प्रत्यर्पण मामले पर सुनवाई के लिये माल्या ब्रिटेन की अदालत में पेश

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लंदन, 31 जुलाई, मुश्किलों में घिरे शराब कारोबारी विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण के लिये चल रही सुनवाई में समापन दलीलों के लिये आज वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। वह भारत में धोखाधड़ी के आरोपों में वांछित हैं। किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व मालिक माल्या ने धोखाधड़ी और तकरीबन 9000 करोड़ रुपये के धन शोधन के आरोपों में प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को चुनौती दी है। वह पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हैं। वह अपने पुत्र सिद्धार्थ के साथ अदालत पहुंचे। माल्या ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतत: अदालत फैसला करेगी।’’  गत 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बल मिला था जब जज आरबथनॉट ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय अधिकारियों ने जो साक्ष्य सौंपे हैं, वो मामले में स्वीकार्य होंगे। सीबीआई ने ब्रिटेन की अदालत को ढेर सारे दस्तावेज सौंपे थे, जिनमें आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी के बत्रा के खिलाफ साजिश का मामला भी शामिल है। बत्रा का अदालत में मामले में नये ‘खलनायक’ के तौर पर उल्लेख किया गया है। भारतीय अधिकारियों ने साजिश का जो मामला पेश किया है, उसके अनुसार बत्रा ने कथित तौर पर माल्या से साठगांठ कर अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलायंस को बिना उचित सावधानी बरते कुछ ऋण की मंजूरी दिलाई। अगर न्यायाधीश भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो अलग प्रत्यर्पण कार्यवाही में ब्रिटेन के गृह मंत्री को दो महीने के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर करना होगा। हालांकि, दोनों पक्षों के पास मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के खिलाफ ब्रिटेन में ऊपरी अदालतों में अपील दायर करने का मौका होगा। माल्या के बचाव दल का नेतृत्व बैरिस्टर क्लेयर मांटगोमरी कर रहे हैं। उन्होंने माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया है और ब्रिटेन के कारा विशेषज्ञ डॉ. एलन मिशेल की तरफ से लिखित सामग्री सौंपी है, जिसमें आर्थर रोड स्थित मुंबई के केंद्रीय कारागार की बैरक संख्या 12 की कुछ तस्वीरों को चुनौती दी गई है। अगर माल्या का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण होता है तो माल्या को उसी जेल में रखा जाएगा। बैरिस्टर मार्क समर्स के नेतृत्व वाली सीपीएस टीम ने अतिरिक्त सामग्री को भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सूचना की ‘आलोचना का प्रयास’ करार दिया है। माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर मुकदमा पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में शुरू हुआ था। इसका लक्ष्य माल्या के खिलाफ पहली नजर में धोखाधड़ी का मामला बनाना है। माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़ने के बाद से ब्रिटेन में बसे हैं।

NRC की वजह से देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा : ममता बनर्जी

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज आरोप लगाया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद राजनैतिक उद्देश्यों से की गई ताकि लोगों को बांटा जा सके।  उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बनर्जी ने यहां एक सम्मेलन में कहा, ‘‘एनआरसी राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। वे (भाजपा) लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा।’’  असम में रह रहे असली भारतीय नागरिकों की पहचान के लिये उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही व्यापक कवायद के तहत अंतिम मसौदा सूची में 40 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है। इस मुद्दे की गूंज संसद के दोनों सदनों में सुनाई पड़ी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वह इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं करे क्योंकि सूची उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रकाशित की गई है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी की मसौदा सूची में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

भाजपा ने असम में अनर्थ कर अपना मकसद साध लिया : मायावती

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लखनऊ, 31 जुलाई, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि 'भाजपा शासित असम राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के प्रकाशन के बाद 40 लाख से ज्यादा धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता लगभग खत्म कर दी गई है।  यह अनर्थ है, इससे बीजेपी एंड कंपनी ने अपनी स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य पूरा कर लिया है।'  मायावती ने  कहा कि असम में बरसों से रहने के बावजूद अगर वे लोग अपनी नागरिकता के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि उन लोगों से उनकी नागरिकता ही छीन ली जाए और उन्हें देश से बाहर निकालने का जुल्म ढाया जाए। उन्होंने कहा, "नागरिकता छिनने से प्रभावित लोगों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं तथा भाषाई अल्पसंख्यकों में बांग्ला बोलने वाले गैरमुस्लिम बंगाली हैं। इसीलिए बंगाल में भी इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ने वाला है। बीजेपी एंड कंपनी इसका फायदा लेने का प्रयास कर रही है।"बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की संकीर्ण विभाजनकारी नीतियों के कारण असम में आज ऐसा अनर्थ परिणाम आया है। 31 दिसंबर को अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद यह देश के लिए एक ऐसा उन्माद व सरदर्द बनकर उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत ही मुश्किल होगा। मायावती ने कहा कि असम के एनआरसी मामले में भाजपा खुद को पूरी तरह मासूम व निर्दोष बनने का प्रयास कर रही है और बड़ी चालाकी से इस मामले में सब कुछ न्यायालय पर थोप रही है। यही भाजपा है, जिसकी केंद्र व राज्य सरकारें पवित्र संविधान व न्यायालय के आदेशों की कितनी अवहेलना कर रही है, यह सारा देश देख रहा है।

उन्होंने कहा कि ताजा मामला न्यायाधीशों की नियुक्ति व ताजमहल को संरक्षित रखने का है, जिसके संबंध में उच्चतम न्यायालय को बार-बार भाजपा सरकारों को फटकार लगानी पड़ रही है। बसपा प्रमुख ने कहा, "बीजेपी व आरएसएस एंड कंपनी पूरे देश में खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गो व धार्मिक अल्पसंख्यकों को हर प्रकार से अपनी संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी नीति का शिकार बनाने का अभियान जारी रखे हुई है। इस कंपनी के शासन से कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश की जनता त्रस्त है।"मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में खासकर मुसलमानों के खिलाफ इनका जातिवादी, धार्मिक द्वेषपूर्ण व राजनीति के साथ-साथ सरकारी मशीनरी का भी घोर दुरुपयोग करना लगातार जारी है। इनके लोगों के खिलाफ धड़ल्ले से गैंगेस्टर व अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई करके इन्हें जेल भेजा जा रहा है, जबकि वास्तविक अपराधियों को जातिगत व धार्मिक आधार पर छोड़ दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों पर देश के खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को भरोसा कतई भी नहीं करना चाहिए कि वे उनके हित व कल्याण की रत्तीभर भी परवाह करेगी। अब लोकसभा के चुनावी वर्ष में तो ये और भी ज्यादा इन पर जुल्म-ज्यादती करेगी। इसके साथ-साथ यह भी स्पष्ट है कि इन वर्गों के मामले में भाजपा वाले जो कहते हैं, करते ठीक उसका उल्टा हैं।

विशेष आलेख : देश देख रहा है

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आज राजनीति केवल राज करने अथवा सत्ता हासिल करने मात्र की नीति बन कर रह गई है उसका राज्य या फिर उसके नागरिकों के उत्थान से कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि आज राजनीति का एकमात्र उद्देश्य अपनी सत्ता और वोट बैंक की सुरक्षा सुनिश्चित करना रह गया है न कि राज्य और उसके नागरिकों की सुरक्षा। कम से कम असम में एनआरसी ड्राफ्ट जारी होने के बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया तो इसी बात को सिद्ध कर रही है। चाहे तृणमूल कांग्रेस हो या सपा, जद-एस, तेलुगु देसम या फिर आम आदमी पार्टी। "विनाश काले विपरीत बुद्धि:"  शायद इसी कारण यह सभी विपक्षी दल इस  बात को भी नहीं समझ पा रहे कि देश की सुरक्षा से जुड़े ऐसे गंभीर मुद्दे पर इस प्रकार अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकना भविष्य में उन्हें ही भारी पड़ने वाला है। क्योंकि वे यह नहीं समझ पा रहे कि इस प्रकार की बयानबाजी करके ये देश को केवल यह दर्शा रहे हैं कि अपने स्वार्थों को हासिल करने के लिए ये लोग देश की सुरक्षा को भी ताक में रख सकते हैं। क्योंकि आज जो काँग्रेस असम में एनआरसी का विरोध कर रही है वो सत्ता में रहते हुए पूरे देश में ही एनआरसी जैसी व्यवस्था चाहती थी। जी हाँ 2009 में, यूपीए के शासन काल में उनकी सरकार में तत्कालीन गृहमंत्री चिदंबरम ने देश में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए इसी प्रकार की एक व्यवस्था की सिफारिश भी की थी। उन्होंने एनआरसी के ही समान एनपीआर अर्थात राष्ट्रीय जनसंख्या रिजिस्टर की कल्पना करते हुए 2011 तक देश के हर नागरिक को एक बहु उद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र दिए जाने का सुझाव दिया था ताकि देश में होने वाली आतंकवादी घटनाओं पर लगाम लग सके।

यही नहीं इसी कांग्रेस ने 2004 में राज्य में 1.2 करोड़ अवैध बांग्लादेशी होने का अनुमान लगाया था। वह भी तब जब आज की तरह भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ नहीं हुई थी।  लेकिन खुद उनके द्वारा घुसपैठियों की समस्या को स्वीकार करने के बावजूद आज उन लोगों के अधिकारों की बात करना जो कि इस देश का नागरिक होने के लिए जरूरी दस्तावेज भी नहीं दे पाए, उनका यह आचरण न तो इस देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी के नाते उचित है और न ही इस देश के एक जिम्मेदार विपक्षी दल के नाते। क्योंकि क्या ये अपने इस व्यवहार से यह नहीं जता रहे कि इन संदिग्ध 40 लाख लोगों के अधिकारों के लिए, जो कि इस देश के नागरिक हैं भी कि नहीं, यह ही नहीं पता,  इन सभी विपक्षी दलों का वोट बैंक हैं ? यह समस्या देश की सुरक्षा की नजर से बहुत ही  गंभीर है  क्योंकि इस बात का अंदेशा है कि नौकरशाही के भ्रष्ट आचरण के चलते ये लोग बड़ी आसानी से अपने लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज हासिल कर चुके हों। शर्म का विषय है कि हमारे राजनैतिक दल इस देश के  2.89 करोड़ लोगों के अधिकारों से ज्यादा चिंतित गैर कानूनी रूप से रह रहे  40 लाख लोगों के अधिकारों के  लिए हैं। ममता बैनर्जी ने तो दो कदम आगे बढ़ते हुए देश में गृहयुद्ध तक का खतरा जता दिया है ।

अभी कुछ दिनों पहले सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने भी एक कार्यक्रम में  असम में बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर बयान दिया था जो इस बात को पुख्ता करता है कि यह मुद्दा राजनैतिक नहीं देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। खास तौर पर तब जब असम में बाहरी लोगों का आकर बसने का इतिहास बहुत पुराना हो। 1947  से भी पहले से। लेकिन यह सरकारों की नाकामी ही कही जाएगी कि 1947 के विभाजन के बाद फिर 1971 में बांग्लादेश बनने की स्थिति में भी और आज तक भारी संख्या में बांग्लादेशियों का असम में गैरकानूनी तरीके से आने का सिलसिला लगातार जारी है। यही कारण है कि इस घुसपैठ से असम के मूलनिवासियों में असुरक्षा की भावना जागृत हुई जिसने 1980 के दशक में एक जन आक्रोश और फिर जन आन्दोलन का रूप ले लिया। खास तौर पर तब जब बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आने वाले लोगों को राज्य की मतदाता सूची में स्थान दे दिया गया। आंदोलन कारियों का कहना था कि राज्य की जनसंख्या का 31-34% गैर कानूनी रूप से आए लोगों का है। उन्होंने केन्द्र से मांग की कि बाहरी लोगों को असम में आने से रोकने के लिए सीमाओं को सील किया जाए और उनकी पहचान कर मतदाता सूची में से उनके नाम हटाए।  आज जो राहुल एनआरसी का विरोध कर रहे हैं वे शायद यह भूल रहे हैं कि उनके पिता, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने 15 अगस्त 1985 को आन्दोलन करने वाले नेताओं के साथ असम समझौता किया था जिसके तहत यह तय किया गया था कि 1971 के बाद जो लोग असम में आए थे उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। इसके बाद समझौते के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन करके विधानसभा चुनाव कराए गए थे।

इसे सत्ता का स्वार्थ ही कहा जाएगा कि जिस असम गण परिषद के नेता प्रफुल्ल कुमार महंत इसी आन्दोलन की लहरों पर सवार हो कर दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। जो प्रफुल्ल कुमार महंत आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले मुख्य संगठन आल असम स्टूडेन्ट यूनियन के अध्यक्ष भी थे वो भी राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पाए। और इसे क्या कहा जाए कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है और उसके आदेश पर उसकी निगरानी में एनआरसी बनता है तो विपक्षी दल एकजुट तो होते हैं लेकिन देश के हितों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि अपने अपने हितों की रक्षा के लिए। वे एक तो होते हैं लेकिन देश की सुरक्षा को लेकर नहीं बल्कि अपनी राजनैतिक सत्ता की सुरक्षा को लेकर। और अगर वे समझते हैं कि देश की जनता मूर्ख है, तो वे नादान हैं क्योंकि देश लगातार सालों से उन्हें देख रहा है। देश देख रहा है कि जब बात इस देश के नागरिकों और गैर कानूनी रूप से यहाँ रहने वालों के हितों में से एक के हितों को चुनने की बारी आती है तो इन्हें गैर कानूनी रूप से रहने वालों की चिंता सताती है। देश देख रहा है कि इन घुसपैठियों को यह  "शरणार्थी"कह कर इनके "मानवाधिकारों"की दुहाई दे रहे हैं लेकिन  अपने ही देश में  शरणार्थी बनने को मजबूर कश्मीरी पंडितों का नाम भी आज तक अपनी जुबान पर नहीं लाए। 

देश देख रहा है कि इन्हें कश्मीर में सेना के जवानों पर पत्थर बरसा कर देशद्रोह के आचरण में लिप्त युवक  "भटके हुए नौजवान"दिखते हैं और इनके मानवाधिकार इन्हें सताने लगते हैं लेकिन  देश सेवा में घायल और शहीद होते सैनिकों और उनके परिवारों के कोई अधिकार इन्हें दिखाई नहीं देते? देश देख रहा है कि ये लोग विपक्ष में रहते हुए सरकार के विरोध करने और देश का विरोध करने के अन्तर को भूल गए हैं। काश की यह विपक्षी दल देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपने आचरण से विपक्ष की गरिमा को उस ऊंचाई पर ले जाते कि देश की जनता पिछले चुनावों में दिए अपने फैसले पर दोबारा सोचने के मजबूर होती लेकिन उनका आज का आचरण तो देश की जनता को अपना फैसला दोहराने के लिए ही प्रेरित कर रहा है।



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--डॉ नीलम महेंद्र--

आलेख : भाजपा चुनावी लक्ष्य: हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत और दुश्मनी का माहौल बनाना?

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  • (पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों तक का नाम एनआरसी (National Register of Citizens) की लिस्ट में नहीं है।)
भाजपा की केन्द्र सरकार हर वो हथकंण्डा अपनाना चाहती है। जिसके जरिये चुनावी समर को जीता जा सके।
कुछ उदाहरण:
1. देश के खजाने से कॉर्पोरेट्स को हजारों अरब रुपये लुटा दिये गये!
2. विज्ञापन के नाम पर हजारों करोड़ रुपये मीडिया हाऊसों में बांट दिया गये!
3. मुसलमानों के घरों में पति-पत्नी को एक दूसरे का दुश्मन बनाने के लिये तीन तलाक विधेयक लाया जा रहा है!
4. ओबीसी, अजा एवं अजजा के आरक्षण को परोक्ष रूप से समाप्त करने के लिये रोस्टर प्रणाली जैसे नये-नये हथकंडे अपनाये जा रहे हैं!
5. आदिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ में यह घोषणा की गयी कि कि भारत में आदिवासी रहते ही नहीं!
6. संयुक्त राष्ट्र संघ में डॉ. अम्बेड़कर की जयंती मानाने की सहमति नहीं दी गयी।
7. अब एनआरसी (National Register of Citizens) के नाम पर देश में रह रहे सम्मानित मुसलमान नागरिकों को विदेशी और शरणार्थी घोषित किया जाकार अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है।
8. बताया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों का नाम तक एनआरसी (National Register of Citizens) की लिस्ट में नहीं है।
9. जिसका कानूनी अर्थ यही है कि पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्य भारत के नागरिक नहीं, बल्कि भारत में शरणार्थी/विदेशी हैं।
10. ऐसे में कल्पना करना सहज है कि कितने सारे लोगों को जानबूझकर शरणार्थी/विदेशी घोषित करके मतदान से वंचित किया जाना भाजपा सरकार का मकसद है।

निंदा और भर्त्सना: हक रक्षक दल (HRD) के देशभर में सेवारत करोड़ों समर्थक और सदस्यों की ओर से हक रक्षक दल द्वारा केंद्र सरकार की इस संविधान विरोधी नीति की कड़े शब्दों में निंदा और भर्त्सना की जाती है। साथ ही देश के शांतिप्रिय तथा इंसाफ पसंद लोगों से आह्वान एवं अनुरोध किया जाता है कि चौकन्ने और सावधान रहें, क्योंकि संघ के इशारे पर संचालित सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा देश के माहौल को बिगाड़ने हेतु लोगों को गुमराह करने के लिये नये-नये तरीके ईजाद किये जाकार लागू किये जा रहे हैं।

सवाल: इन हालातों में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा चुनावी लक्ष्य हासिल करने के लिये हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत और दुश्मनी का माहौल बनाना चाहती है? बेशक देश टुकड़े-टुकड़े ही क्यों न हो जायें और बेशक इस कारण संविधान की चीथड़े ही क्यों न करने पड़ें?

निर्णय का वक्त: अत: देश के 90 फीसदी वंचित/MOST (Minority+OBC+SC+Tribals) समुदायों को जातिगत एवं धार्मिक भावनाओं से ऊपर उठकर निर्णल लेने का वक्त आ गया है, जबकि संघ और भाजपा से जुड़े किसी भी व्यक्ति को जातिगत आधार पर एक भी वोट नहीं दें। बेशक ऐसा व्यक्ति हमारे परिवार का सदस्य ही क्यों न हो? अन्यथा इस एक छोटी सी गलती की सजा हमारी आने वाली पीढियों को भुगतनी पड़ेगी।



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डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल
 (HRD) सामाजिक संगठन
संपर्क : 9875066111

बिहार : नाला और रोड का निर्माण हो: प्रियंका मार्टिन

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  • आखिर कबतक जलभराव स्थित में अल्पसंख्यक ईसाई रहेंगे?
  • सी.एम.साहब को मालूम न पंचायत और न निगम के प्रतिनिधि कर पा रहे हैं काम
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पटना (आर्यावर्त डेस्क) .जब जन प्रतिनिधि ही उदासीन हो जाए तो विकास की बात करने कहां और किसके पास जाए? कुछ ऐसी ही मिलीजुली खबर है.कई दशक से अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक लोग मरियम टोला में रहते हैं.जलनिकासी व जर्जर रोड से परेशान हैं. मरियम टोला के अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि प्रारंभ में यह क्षेत्र गवई रहने के कारण दीघा ग्राम पंचायत का अंग था.यहां पर बिना समुचित विकास किए ही दीघा ग्राम पंचायत को भंग कर पटना नगर निगम के अधीन कर दिया गया.न पंचायत न ही निगम से मरियम टोला की समस्या का समाधान हो सका है. कहने को है कि यह क्षेत्र पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर -1 है.परंतु सभी वार्डों  में फिसड्डी है.इसके कारण लोग परेशान हैं.स्थिति बहुत ही भयावह हैं.बरसात के अलावे दिनों में भी नाला का अभाव के कारण रोड पर पानी बहता रहता है. बरसात के दिनों में रोड के साथ घरों में भी जलभराव हो जाता है.इसी स्थिति में जीना पर रहा है. घर में पानी व बाहर में पानी रहने से लोग आजिज हो गये हैं.सर्वाधिक बच्चे और महिलाएं परेशान हैं. इस संदर्भ में माननीय विधायक संजीव चौरसिया जी से बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने मिलकर मरियम टोला की समस्या अंत करने का आग्रह किया है.वहीं वार्ड नम्बर -1 की वार्ड पार्षद छठिया देवी के पास निगम के द्वारा फंड रिलिज नहीं करने के कारण समस्या विकराल रूप ले रखा है. सामाजिक कार्यनेत्री प्रियंका मार्टिन ने सी.एम.नीतीश कुमार से आग्रह की है कि मरियम टोला की  समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाएं.

बिहार बंद की तैयारी पूरी, आकस्मिक सेवाएं बंद से रहेंगी मुक्त.

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  • बिहार की जनता से बिहार बंद को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान
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पटना 1 अगस्त, वाम दलों द्वारा आहूत 2 अगस्त के बिहार बंद की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बंद को राजद, हम, लोजस, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों, जनसंगठनों, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं, आशाकर्मियों, टेंपो चालकों, दलित-गरीबों, छात्र-नौजवानों, मजदूर-किसानों सहित राज्य के सभी न्याय व अमन चैन पसंद जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है. मुजफ्फरपुर की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इसको लेकर कल पूरा बिहार सड़कों पर उतरेगा और केंद्र की मोदी व बिहार की नीतीश सरकार से जवाब मांगेगा. उन्होंने कहा कि जब सत्ता ही महिलाओं के बर्बर दमन व उत्पीड़न को प्रश्रय दे रही है तब महिलाओं के लिए समाज मंे कहां कोई जगह बच जाती है? उन्होंने कहा कि सरकार की तो पूरी कोशिश मामले को रफा-दफा करने की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कल के बिहार बंद में जनता को आक्रोश दिखेगा. उन्होंने कहा कि बंद से आकस्मिक सेवाओं को पूरी तरह मुक्त रखा गया है. बंद समर्थक इसका ख्याल रखेंगे. बिहार बंद के समर्थन में आज पटना सहित राज्य के विभिन्न जिला केंद्रों पर मशाल जुलूस निकला और बंद को सफल बनाने की अपील की गई.

बंद के समर्थन में पटना में प्रचार जुलूस
बंद के समर्थन में आज वाम दलों की प्रचार गाड़ी दिन भर पटना की सड़कों पर दौड़ते रही और कई जगहों पर नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया गया. पटना जंक्शन, पटना विश्वविद्यालय, मगध महिला काॅलेज, सचिवालय, चितकोहरा, दीघा, दिनकर गोलंबर, बोरिंग रोड चैराहा, कंकड़बाग टेंपो स्टैंड, कारगिल चैक, गोलघर, आशियाना, जीपीओ आदि स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया. इन नुक्कड़ सभाओं को भाकपा-माले के मनीष कुमार सिंह, ज्ञान मिश्रा व अजय कुमार; सीर्पीाअ के सुशील कुमार, उमाराज, नीरज कुमार; सीपीआईएम के शंकर साह, देवेन्द्र तथा एसयूसीआईसी के सुमन कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया. इन वक्ताओं ने अपने संबोधन में बिहार बंद को सफल बनाने की अपील की.

गांधी मैदान के दक्षिणी गेट से निकलेगा मुख्य जत्था
बिहार बंद का मुख्य जुलूस कल 11 बजे गांधी मैदान के दक्षिणी गेट (रामगुलाम चैक) से निकलेगा. जिसको वाम दलों के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ महिला संगठनों व अन्य दलित अधिकार संगठनों व विपक्षी पार्टियों के नेता नेतृत्व देंगे.

जनसंगठनों के नेताओं ने बंद को सफल बनाने की अपील की
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव, राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे; आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार, ऐक्टू के नेता आरएन ठाकुर व रणविजय कुमार, किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव व राज्य सचिव रामाधार सिंह, इंसाफ मंच के अनवर हुसैन, गर्दनीबाग झुग्गी बचाओ पर्यावरण बचाओ मोर्चा के मुंर्तजा अली, खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास आदि नेताओं ने कल के बिहार को सफल बनाने की अपील की है.

दुमका : नक्सलियों के कैम्प को तबाह करने वाले पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने किया पुरस्कृत

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  • पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे दो हार्डकोर नक्सली, डीजीपी ने कहा ताला दा गिरोह को जंगल से बाहर निकलने के लिये बाध्य होना होगा।  
police-man-honored-in-dumkaदुमका (अमरेन्द्र सुमन) संताल परगना प्रमण्डल को नक्सलवाद से मुक्त कराने का निर्णय लिया गया है। सशस्त्र बलों की भूमिका इसमें सर्वोपरि है। मिशन 200 व मिशन 500 के तहत नक्सलियों के द्वारा बाधित इलाकों को उनसे मुक्त कराया सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। इसके तहत नक्सलियों की सम्पत्ति को जब्त किया जा रहा है। सरकार ने आत्मसमर्पण की नीति को बहुत ही आकर्षक बनाया है। ट्राय जंक्शन के सारे जगहों पर कैम्प लगाए जा रहे हैं। एसएसबी कैंप विजयपुर दुमका के सभा कक्ष में डीजीपी झारखण्ड डी के पाण्डेय ने एक सम्मान समारोह के दौरान उपरोक्त बातें कही। एसएसबी कैंप विजयपुर दुमका के सभा कक्ष में आयोजित सम्मान समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा, राँची अनुराग गुप्ता पुलिस महानिरीक्षक पुलिस महानिरीक्षक आशीष बत्रा, पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ साकेत कुमार, पुलिस महानिरीक्षक एसएसबी  संजय कुमार डीआईजी एसएसबी सुमित जोशी, एस पी दुमका किशोर कौशल व समादेष्टा एसएसबी परीक्षित की उपस्थिति में पुलिस महानिदेशक, झार,खण्ड डी के पांडेय ने कहा कि संताल परगना में अशांति फैलाने वाले ताला दा गिरोह को जंगल से बाहर निकलना होगा। संविधान, जनतंत्र व लोकतंत्र से जुड़कर माओवादी विकास के पथ पर आवें, उनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा गोलियों से विकास नहीं सत्यानाश होता हैं। डीजीपी डी के पाण्डेय ने कहा दिसम्बर 2018 तक संपूर्ण झारखण्ड को नक्सलवाद से मुक्त करा लिया जाएगा। पुलिस ने इसके लिये व्यापक योजना बना रखी हैं। पुलिस पदाधिकारियों की टीम दिन-रात इस समस्या के हल में लगे हुए हैं। निर्माण कार्यों में लगे बड़े-बड़े ठेकेदारों, संवेदकों से अपील करते हुए डीजीपी ने कहा कि वे सरकार व व्यवस्था के अंग हैं। उनके नहीं रहने से निर्माण कार्य संभव नहीं है। माओवादियों/ नक्सलियों को लेवी देना वे पूरी तरह बंद कर दें। यदि लेवी की वसूली की जाती है तो पुलिस को इसकी पूरी सूचना दें ताकि आॅपरेशन के तहत माओवादियों/ नक्सलियों को धर-दबोचा जा सके। डीजीपी ने कहा कि किसी भी हालत में नक्सलवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। जो भी उचित समझा जाएगा उनके विरुद्ध अभियान चलाकर मुँहतोड़ जबाव दिया जाएगा। विजयपुर स्थित एसएसबी की 35 बी बटालियन के सभाकक्ष में जंगल, पहाड़ के दुर्गम इलाके में हुए मुठभेड़ में शामिल पदाधिकारियों व  कर्मियों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।       एस पी किशोर कौशल सहित समादेष्टा एसएसबी-35 बटालियन परीक्षित, स0 कमा0 एसएसबी नरपत सिंह, सअनि-योगेश्वर उराँव, गोपीकान्दर थाना, दुमका जिलाबल, एचसी-प्रदीप कुमार, एसएसबी के एच सी-भीम सिंह, एसएसबी आरक्षी-असीम टोप्पो, आरक्षी-संदीप कुमार, आरक्षी-धर्मेन्द्र कुमार, आरक्षी-जसमुद्दीन शेख, आरक्षी-गणेश सिंह राणा, आरक्षी-अमरेन्द्र सिंह, स0अ0नि0-योगेश्वर उराँव, गोपीकान्दर थाना, दुमका जिलाबल, एचसी-प्रदीप कुमार, एचसी-भीम सिंह, एचसी-सुनील कुमार सिंह, आरक्षी-धर्मेन्द्र कुमार, आरक्षी-दुलाल गोराई, आरक्षी-श्यामनारायण ठाकुर, आरक्षी-अमरेन्द्र सिंह, आरक्षी गणेश सिंह राणा, आरक्षी-असीम टोप्पो, आरक्षी-मुस्ताक अहमद बोकदा, आरक्षी-येगेन्द्र कुमार, आरक्षी-श्याम सिंह मेड़, आरक्षी-हरीश राम, आरक्षी-कदम अभय, आरक्षी-जुटार सिंह, आरक्षी सोनू कुमार, आरक्षी-भोषले हर्षद, आरक्षी-अब्दुल रहमान, आरक्षी-संदीप कुमार, आरक्षी-केनाराम हलधर, आरक्षी-आलोक राय एवं  आरक्षी-जसमुद्दीन शेख आरक्षी-केनाराम हलधर को डीजीपी ने प्रशस्ति पत्र व राशि से सम्मानित किया।   मालूम हो, गोपीकान्दर थाना क्षेत्र अन्तर्गत कछुआकान्दर के दुर्गम इलाके में कैम्प कर रहे नक्सलियों की सूचना पर वरीय पदाधिकारियों के दिशा-निर्देश पर 28 जुलाई को आसिस्टेन्ट कमाण्डेण्ट एसएसबी-35 वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नरपत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल के द्वारा कछुआकान्दर जंगल में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा था कि इसी बीच सहायक कमाण्डेण्ट एसएसबी-35 बटालियन, नरपत सिंह के नेतृत्व वाली अभियान टीम को देखते ही हार्डकोर नक्सलियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी गई। जान की परवाह किये बिना पुलिस टीम ने अदम्य उत्साह, साहस व हौसला का परिचय देते हुए जवाबी कार्रवाई की जाने लगी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई के बाद सर्च अभियान चलाया गया। सर्च अभियान के दौरान घटनास्थल पर 02 (दो) नक्सलियों के शव, एसएलआर, मैगजीन, हैण्ड ग्रेनेड, गोलियाँ, खोखा, नक्सली साहित्य व अन्य सामान बरामद किया गया।

मधुबनी : पंचयत सचिव के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 01, अगस्त,श्री गंगा प्रसाद, तत्कालीन पंचायत सचिव-सह-सदस्य सचिव,पंचायत केवटना,प्रखंड-घोघरडीहा वत्र्तमान-लखनौर द्वारा श्री जय प्रकाष यादव के नियोजन में स्नातक परीक्षा में प्राप्त अंक 376 को बदलकर 576 अंक अंकित करते हुए नियोजन किया गया। मामले की सुनवाई माननीय लोकायुक्त,बिहार,पटना के कार्यालय में की गयी एवं माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा सुनवाई के क्रम में नियोजन ईकाई पर अनुषासनिक/आपराधिक कार्रवाई किये जाने हेतु दिये गये निदेष के आलोक में मामले की सम्यक समीक्षोपरांत उक्त अनियमितता/फर्जीवाड़ा के लिए नियोजन ईकाई,ग्राम पंचायत-केवटना,प्रखंड-घोघरडीहा  के तत्कालीन पंचायत सदस्य सचिव-सह-पंचायत सचिव श्री गंगा प्रसाद को पूर्ण रूप से जिम्मेवार मानते हुए बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण,नियंत्रण एवं अपील) नियमावली,2005 के नियम(1)(क) एवं (ग) के आलोक में श्री गंगा प्रसाद,तत्कालीन पंचायत सचिव,ग्राम पंचायत-केवटना,प्रखंड-घोघरडीहा,वर्तमान-लखनौर प्रखंड को इस कार्यालय के आदेष ज्ञापांक 2427/जि0पं0,दिनांक 20.12.2016 के तत्कालीन प्रभाव से निलंबित करते हुए प्रपत्र ‘क‘ में आरोप का गठन कर ज्ञापांक-139 जि0पं0 दिनांक 02.02.17 द्वारा दिये गये निदेष के आलोक में विभागीय कार्यवाही संचालित की गयी। संचालन पदाधिकारी सह अपर समाहत्र्ता,मधुबनी के पत्र संख्या 223/रा0गो0दिनांक 04.070.17 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन आरोपी कर्मी यथा-श्री गंगा प्रसाद,तत्कालीन पंचायत सचिव-सह-सदस्य सचिव,पंचायत केवटना,प्रखंड-घोघरडीहा वत्र्तमान लखनौर के विरूद्ध वर्ष 2005 के षिक्षक नियोजन के मेधा सूची में अपलेखन(छेड़-छाड़) कर गलत मेधा सूची तैयार कर षिक्षक के रूप में नियोजित किये जाने का आरोप प्रमाणित पाया गया।  संचालन पदाधिकारी -सह-अपर समाहत्र्ता,मधुबनी के पत्र संख्या-223/रा0गो0 दिनांक 04.07.2017 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के समीक्षोपरांत आदेष निर्गत की तिथि से श्री गंगा प्रसाद,तत्कालीन पंचायत सचिव-सह-सदस्य सचिव पंचायत-केवटना,प्रखंड-घोघरडीहा वत्र्तमान लखनौर को निलंबन मुक्त करते हुए श्री गंगा प्रसाद का पदस्थापन मधेपुर प्रखंड में किया गया है। साथ ही श्री प्रसाद को आदेष दिया गया कि आदेष प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर अपना प्रभार सौंपकर नवपदस्थापन प्रखंड में योगदान करना सुनिष्चित करेें। साथ ही उपरोक्त बरती गयी प्रमाणित अनियमितता के लिए दो वर्षो के लिए प्रोन्नति पर रोक एवं संचायात्मक प्रभाव से एक वेतनवृद्धि पर रोक की कार्रवाई की गयी है।

बिहार बंद की पूर्व संध्या पर पटना सहित पूरे राज्य में मशाल जुलूस

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mashal-julus-by-cpi-ml-in-patnaपटना (आर्यावर्त डेस्क) 1 अगस्त, वाम दलों द्वारा आहूत 2 अगस्त के बिहार बंद की पूर्व संध्या पर राजधानी पटना सहित राज्य के प्रमुख जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला गया. पटना में जीपीओ गोलंबर से मशाल जुलूस निकला और स्टेशन गोलंबर होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क तक पहुंचा जहां एक सभा आयोजित हुई. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कल के बिहार बंद को सफल बनोन की अपील की. मशाल जुलूस में भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीआईएम, एसयूसीआईसी, आरएसपी और फारवर्ड ब्लाॅक के नेता कार्यकर्ता शामिल थे. मुख्य रूप से माले के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई के जानकी पासवान, सीपीआईएम के गणेश प्रसाद सिंह, ऐपवा की सरोज चैबे, बिहार महिला समाज की निवेदिता झा, रवीन्द्र नाथ राय, एसयूसीआईसी के सुमन कुमार, माले के अभ्युदय आदि नेता मशाल जुलूस में शामिल थे. इन नेताओं के अलावा आइसा-इनौस, एआइएसफ-एआईवाईएफ, एसएफआई-डीवाईएफआई, एआईडीएसओ-एआईडीवाईओ, आशाकर्मी, आंगनबाड़ी, टेंपो यूनियन के नेता, सांस्कृतिक संगठन कोरस आदि संगठनों के नेता कार्यकर्ता मशाल जुलूस में शािमल थे. संगठन के नेताओं ने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना से आज पूरा बिहार शर्मसार है. ऐपवा और अन्य महिला संगठनों ने इस विषय पर शुरूआती दिनों से ही पहलकदमी ले रखी है. उन संघर्षों का ही नतीजा है कि आज इस मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार हुई है. लेकिन इतना भर से काम नहीं चलने वाला है. हमारी मांग है कि पटना उच्च न्यायालय के निर्देशन में मुजफ्फरपुर सहित सभी अल्पावासों, रिमांड होमों की जांच कराई जाए, टाटा इंस्ट्च्यिूट आफ सोशल साइंस की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा व भाजपा कोटे से मंत्री सुरेश शर्मा को बर्खास्त किया जाए और चंद्रशेखर वर्मा को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. नेताओं ने बिहार के छात्र-युवाओं, महिलाओं, दलित-गरीबों और न्यायप्रिय नागरिकों से बिहार बंद को सक्रिय समर्थन देने की अपील की है ताकि मुजफ्फरपुर यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके और बिहार को शर्मसार होने से बचाया जा सके.

दुमका : स्तनपान के महत्व व प्रचार प्रसार तथा जागरूकता हेतु डीसी ने किया प्रचार रथ को रवाना

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्वस्तनपान सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर स्तनपान के महत्व के प्रचार प्रसार एवं जागरूकता हेतु जिला समाज कल्याण कार्यालय दुमका द्वारा तैयार प्रचार रथ को दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बच्चे को स्तन पान कराने से बच्चे स्वस्थ रहते है। उन्होंने कहा कि मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है। उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो कि भविष्य में उसे कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता रथ का उद्देश्य जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों के बीच स्तनपान से संबंधित प्रचार प्रसार एवं जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त वरुण रंजन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, संबंधित विभाग के कर्मी उपस्थित थे।

बिहार : रक्तवीर सुनील सिंह का 16वां रक्तदान

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  • घर और बाहर वाले मिलकर शिल्पी की जान बचा लिए
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पटना (आर्यावर्त डेस्क) : आजकल लोग समझने लगे हैं कि रक्तदान ही महादान है.इस समझ को साकार किया है शिल्पी कुमारी के घर और बाहर वालों ने मिलकर. कहा जाता है कि रक्त तो सबके पास होता है लेकिन हर कोई रक्तवीर नहीं बन जाते.आज का दिन बहुत ही खास रहा. पारस हिमगिरी में 4 यूनिट रक्त को पूरा कर दिया गया. शिल्पी कुमारी जिनका प्लेटलेट्स 4000 हो गया था,जो मात्र न के बराबर जिंदा थीं. इसके पहले उनके घर वालों की तरफ से 5 यूनिट रक्त उपलब्ध कराया गया था. आज फिर उन्हें रक्त की जरूरत आ पड़ी, तो हमारे भाइयो ने आज उनके लिए रक्तदान किया.हमारे तीन रक्तवीर भाइयों ने आज इनकी जिंदगी बचाने में कामयाब हुए .रक्तवीर चन्दन कुमार का पहला रक्तदान था.सुनील सिंह जी का 16वाँ रक्तदान और हमारे छोटे भाई रविभूषण का 9वाँ रक्तदान है. चार दिनों से जूझ रहे प्रमोद जी के लिए राजीव रंजन जी ने आज अपना पहला रक्तदान किया.रणवीर पटेल चारों रक्तवीर भाइयों को जगत जनन्नी संस्थान की तरफ से शत शत नमन है.

बिहार : तेज प्रताप यादव ने प्रदर्शनी शिविर में पर्यटन स्थलों की तस्वीर का किया अवलोकन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) श्रावणी मेला के अवसर पर सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रदर्शनी शिविर लगाया गया है। यह प्रदर्शनी शिविर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है। रेड कार्पेट बिछाकर श्रद्धालुओं का स्वागत इस प्रदर्शनी शिविर में किया जा रहा है। दरअसल  इस प्रदर्शनी शिविर में राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की तस्वीरों के साथ-साथ मुख्य रूप से दुमका के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की तस्वीर लगायी गयी हैं जो श्रद्धालुओं काफी पसंद आ रहा है। बड़ी तादाद में श्रद्धालु प्रदर्शनी शिविर पहुँचकर पर्यटन स्थलों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने प्रदर्शनी शिविर पहुँचकर सभी पर्यटन स्थलों की तस्वीर का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में यहाँ के पर्यटन स्थल का कोई जवाब नहीं, सभी पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा फौजदारी नाथ सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी शिविर में लगाये गए एक्सपेरिएंस जोन पहुँचकर वीआर बॉक्स के माध्यम से बाबा धाम एवम बासुकिनाथ धाम का दर्शन किया। एक्सपीरियंस जॉन के डायरेक्टर आकाश सिन्हा एवम अखोरी आंनद ने उन्हें विस्तारपूर्वक एक्सपीरियंस जॉन के बारे में बताया। दरअसल एक्सपीरियंस जॉन के माध्यम से एक जगह पर बैठे-बैठे  मंदिर परिसर, गर्भ ग्रह एवं मेला क्षेत्र की गतिविधि को महसूस किया जा सकता है।

दुमका : कुल 2,092 श्रद्धालुओं का निःशुल्क चिकित्सा

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2092-kanwariya-treatment-dumkaदुमका (अमरेन्द्र सुमन) राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2018 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न चिकित्सा शिविरों में दिन बुधवार (1 अगस्त 18) को कुल 2,092 श्रद्धालुओं का निःशुल्क चिकित्सा किया। जिनमें 20 सय्या वाले वातानुकूलित टेन्ट अस्पताल बासुकिनाथ 232, मुख्य प्रसासनिक शिविर 307, सामुदायि स्वास्थ्य केन्द्र जरमुण्डी 46, प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र तालझारी 24, स्वास्थ्य शिविर सहारा 33, राजस्व तहसील कचहरी बासुकिनाथ 135, रेलवे स्टेशन बासुकिनाथ 80, कांवरियां केम्प बोगली 40, कांवरियां केम्प मोतीहारा 35, कांवरियां केम्प सुखजोरा 21, बस स्टेण्ड बासुकिनाथ 33, सिंह द्वार बासुकिनाथ 265, स्वास्थ्य उपकेन्द्र बासुकिनाथ 35, स्वास्थ्य शिविर सिंह द्वार 358, मेडिकल मोबाईल यूनिट 72 रहा। साथ ही 767 वैक्सिन भी दिये गये।




बेगूसराय : बढ़ती आबादी,सिकुड़ता शहर।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) बेगूसराय नगर निगम की बदहाली लागातार बढ़ती ही जा रही है।ये बदहाली किसी एक कारण से नहीं है,यहाँ की आबादी दिन व दिन बढ़ती जा रही है और आदमियों के जरूरतों की कोई सीमा ही नहीं रह गई है।जमीन जितना था उताना ही आज भी है और कल भी रहेगी,मगर आबादी पर जैसे कोई अंकुश ही नहीं उसपर नए नए टेक्नोलॉजी के कारण आदमियों की जरुरत भी बढ़ती ही जा रही है।इस बढ़ते हुए जरुरतों की पूर्ति के लिये हर रोज कहीं न कहीं नये नये दुकान खुल रही है,मकान बन रहे हैं दुकानों के लिये,जिसके पास जितनी जमीन है उसी में दुकान के नाम पर छोटे छोटे कमरानुमा बनाकर अच्छा खासा अग्रिम राशि लेकर मकान बना दिया जाता है,और दुकान खोलने के लिये छोटे बड़े पूंजीपतियों को दे दिया जाता है।ये पूंजीपतियों को जो जगहें मिल जाती है इसी को लेकर अपना दुकान तो चलाने लग जाते हैं मगर अतिक्रमण करते है सड़कों का,दुकान के बाहर चौकी,बेंच आदि लगाकर सामान दुकान के बाहर भी सजा देते हैं,कुछ तो सड़क इस तरह कम हो जाते हैं बाकी बचे जगहों पर फेरीवाले अपना ठेला लगा देते हैं जिसके कारण सड़क सिमट कर रह जाती है और परेशानियों का सामना करना पड़ता है राह चलते राहगीरों को।सुबह से रात्रि के 10/11बजे तक तो इसकी नजारा देखते ही बनता है।मेन रोड खातोपुर,बिशनपुर होते हुए हर हर महादेव चौक,खातोपुर से N H 31 का भी यही हाल हर हर महादेव चौक तक रहता है।साथ ही कहचरी रोड से ट्रैफिक चौक तक आनेवाली सड़कों का भी हाल देखते ही बनता है।बेगूसराय की जमीन तो एकदम सिकुड़ती जा ही रही है साथ ही नगर के आस पास इलाकों का भी जमीन शहरी दुष्प्रभाव के कारण सिमटता जा रहा है।कारण सबको लालच दौलत कमाने की लग गई है तो व्यापार बढ़ रही है और जमीन सिमटती जा रही है।आनेवाले समयों में ऐसा प्रतीत होता है कि खेती के लिये जमीन ही नहीं रहे।ये बातें तो सामान्य दिनों की है अगर कोई पर्व त्योहार का दिन आ जाये तो फिर पैदल चलने वालों को जो कठिनायों का सामना करना पड़ता है इस बात से प्रशासन और नगर निगम आयुक्त सभी भली भाँती परिचित हैं।फिर भी इसका निदान किन्हीं के पास नहीं।अब बरसात के मौसम में जहाँ तहाँ सड़क का जीर्ण-शीर्ण हालात,पानी के बहाव का कोई साधन नहीं जहाँ तहाँ पानी का लग जाना,बाजार में गन्दगी रहना जहाँ तहाँ कूड़ा कर्कट का अम्बार गन्दगी और बदबू से भरा शहर ये बेगूसराय पता नही कब स्वच्छ भारत का हिस्सा बनेगा भी या नहीं ये कहना फिलहाल तो सम्भव ही नहीं है आगे क्या होगा कौन जाने।
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