Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live

बेगूसराय : कवि सम्मेलन रहा अधूरा और रही कविता अधूरी।मानव को बाँटे मानव ये कैसी माया नगरी।

$
0
0
kavi-sammelan-begusaray
बेगूसराय (अरुण कुमार) अभिव्यक्ति  की स्वतंत्रता पर हमले हुए गणेश दत्त कॉलेज बेगूसराय के परीक्षा भवन में । आज गणेश दत्त महाविद्यालय छात्र संघ के द्वारा  कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।  इस मौके पर  बेगूसराय के  एएसपी (अभियान)  अमृतेश कुमार,  कवि सच्चिदानंद पाठक  ,अशांत भोला मुकुल लाल ,दीनानाथ सुमित्र राहुल शिवाय प्रवीण प्रियदर्शी , राम कृष्ण,  रंजना सिंह, कैलाश झा किंकर एवं कई छात्र युवा कवि सहित  कॉलेज के प्रिंसिपल , प्राध्यापक  एवं  सैकड़ों की संख्या में उपस्थित  छात्रगण  मौजूद थे कार्यक्रम ने जब गति पकड़ ली और  कविता पाठ के लिए  रामकृष्ण को बुलाया गया,  तो  वहां पर उपस्थित  तथाकथित  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता  जोर-जोर से चिल्लाने लगे वामपंथी  को बुला लाया है  इसको कविता नहीं पढ़ने देंगे। यह राम कृष्ण सही आदमी नहीं है। रामकृष्ण जी मंच से उतर गए कार्यक्रम रुक गया।  लेकिन एएसपी अमृतेश जी अपनी सूझबूझ से फिर से कार्यक्रम को शुरू करवाया और अपने उपस्थिति को अमलीजामा भी  पहनाया । तत्पश्चात जब  करीब 15 कवि के बाद बारी कविता पाठ के लिये ललन लालित्य को माइक पर आमंत्रित किया गया।और जब लालित्य माइक की ओर बढ़े तो फिर से वही आवाज आई ।कि देखो फिर एक बामपंथी मंच पर जा रहा है। जब  लालन लालित्य ने माइक थामी  तो साफ साफ शब्दों में कहा संचालक महोदय, सही कदम के नाम पर सही कार्यक्रम का खून किया जा रहा है, अतिथि को बेइज्जत किया जा रहा है ।अगर राम कृष्ण जी को कविता पढ़ने से रोका जा रहा है तो हम भी कविता नहीं पढेंगें। इसलिए पहले रामकृष्ण जी को कविता पढ़वाया जाय।तब जाकर हम कविता पढ़ेंगे। इतना सुनते ही दो दर्जन पुलिस ,जिसको  कॉलेज के प्राचार्य के  निवेदन पर  बुलाया गया था जिस के हवाले अमृतेश जी कार्यक्रम छोड़कर आवश्यक काम से गए थे उस प्रशासनिक व्यवस्था  की धज्जी उड़ाते हुए तथाकथित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र संघ के नेता  ने हंगामा शुरू कर दिया,माहौल को गाली गलोच करके खराब कर दिया,वहां पर बैठे लोग सकते में आ गए,आनन फानन में मंचासीन अतिथि भी  समय रहते निकल जाना ही उचित समझा।प्राचार्य एवं प्राध्यापक लगातार लोगों को आग्रह करते रहे लेकिन किसी की एक ना चली,एक अपूर्ण कवि सम्मेलन की खतरनाक समाप्ति हुई।

असम में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार

$
0
0
gang-rape-in-assam
नगांव (असम), 29 अगस्त, असम के नगांव जिले में एक महिला को कथित रूप से अगवा करके उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। इसके बाद उसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोड़ दिया गया। नगांव के पुलिस अधीक्षक एस रॉय ने पत्रकारों को बताया कि महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि कल शाम वह अपने एक दोस्त के साथ बाइक पर जा रही थी। वे गोलाघाट जिले में जा रहे थे। रॉय ने बताया कि उसने आरोप लगाया कि रास्ते में चार लोगों ने उन्हें रोक लिया और उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठा कर ले गए। चार अपहरणकर्ताओं ने कलोंग नदी के पास अमानी में उसके साथ बलात्कार किया। उसे एनएच 37 पर पेट्रोल पंप के पास छोड़ दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक तेल टैंकर के चालक ने उसे देखा और पुलिस को इक्तला दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को नगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। रॉय ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

लड़कियों की गलती से होते हैं अपराध : जैन मुनि

$
0
0
girls-cause-crime-jain-muni
सीकर, 29 अगस्त, जैन मुनी विश्रांत सागर ने विवादित बयान देते हुए देश भर की लड़कियों को सामग्री बताया है और उन्हें संयमित रहने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि लड़कियों के खिलाफ अपराध की घटनाओं में 95 फीसदी गलती लड़कियों की होती है। सीकर जिला मुख्यलय पर चातुर्मास कर रहे जैन मुनि विश्रांत सागर ने आज पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय में लड़कियों को बेहद संभल कर चलने की जरुरत है क्योंकि लड़कियों को अपने पीहर पक्ष और ससुराल पक्ष दोनों की इज्ज्ज बचा कर रखनी है । यही नहीं जैन मुनि ने लड़कियों को सामग्री बताया । उन्होंने कहा की आज के समय में लड़कियों को पाश्चात्य संस्क्रति के बहकावे में नही आकर, संस्कार के साथ शिक्षा ग्रहण करनी चाहिये।

पुणे अदालत ने पुलिस से गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को वापस घर भेजने को कहा

$
0
0
pune-court-sent-home-arrest-hr-worker
पुणे, 29 अगस्त, स्थानीय अदालत ने यहां पुलिस को गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को उनके घर वापस भेजने का निर्देश दिया। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया था कि उन्हें छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाए। एक अधिकारी ने कहा कि पुणे जिला अदालत के जिला एवं सत्र न्ययाधीश के डी वदाने ने पुणे पुलिस को वरवर राव, वेरनन गोंसाल्विज, अरूण फरेरा को उनके घर वापस भेजने का आदेश दिया जहां उन्हें ‘नजरबंद’ रखा जाएगा। सहायक पुलिस आयुक्त और जांच अधिकारी शिवाजी पवार ने कहा कि सभी आरोपियों को उनके शहर भेजने के इंतजाम किये जाएंगे।उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां अदालत से उन्हें पुणे के एक अतिथि गृह में नजरबंद रखने की अनुमति देने अनुरोध किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत के स्पष्ट निर्देशों के कारण, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उन्हें नजरबंद रखने के लिए उनके शहर वापस भेजा जाए।’’  उन्होंने कहा कि तीनों कार्यकर्ताओं को कल उनके शहर वापस भेजा जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया कि कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के संबंध में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाए।

सिंधु जल संधि पर भारत, पाकिस्तान की वार्ता शुरू

$
0
0
indo-pak-talk-on-sindhu-water
लाहौर, 29 अगस्त, भारत और पाकिस्तान ने आज यहां सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा शुरू की। प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ लेने के बाद से यह पहली द्विपक्षीय बातचीत है। राष्ट्रीय इंजीनियरिंग सर्विसेस पाकिस्तान में दो दिन की बैठक का पहला दौर शुरू हुआ। पाकिस्तान और भारत के जल आयुक्तों को साल में दो बार मुलाकात करनी होनी है। लेकिन पाकिस्तान समय पर बैठकों को लेकर दिक्कतों का सामना कर रहा है। वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व जल आयुक्त पी के सक्सेना की अगुवाई में भारतीय जल आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल कर रहा है वहीं पाकिस्तान की ओर से उनके आयुक्त सैयद मेहर अली शाह और उनका प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है। बातचीत के दौरान दोनों देश अपनी रिपोर्ट रख सकते हैं। बैठक के बाद संयुक्त अधिसूचना जारी की जाएगी। कल शाह और अतिरिक्त आयुक्त शहराज जमील ने सक्सेना की अगुवाई वाले नौ सदस्यीय भारतीय दल की अगवानी की। पाकिस्तान-भारत के स्थाई सिंधु आयोग की पिछली बैठक मार्च में नयी दिल्ली में हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पानी के प्रवाह और इस्तेमाल किये जा रहे पानी की मात्रा का ब्योरा साझा किया था।

मोदी सरकार में लोगों के मौलिक अधिकार पर ‘सीधा हमला’ हो रहा है : कांग्रेस

$
0
0
modi-government-thrash-fundamental-rights
नयी दिल्ली, 29 अगस्त, कांग्रेस ने वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर आज सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार में लोगों के मौलिक अधिकार एवं लोकतंत्र पर ‘सीधा’ हमला हो रहा है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि यह सरकार मानती है कि लोगों को विरोधी विचार रखने का अधिकार नहीं होना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा में यही फर्क है कि हम विरोधी विचार को स्वीकारते हैं। लेकिन इस सरकार का मानना है कि आपको विरोधी विचार रखने का अधिकार नहीं है।’’  उन्होंने कहा कि इस सरकार में पिछले चार वर्षों में लोगों के मौलिक अधिकार और लोकतंत्र पर ‘सीधा हमला’ हो रहा है।  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास जो भी पुख्ता सबूत हैं उनको न्यायालय के समक्ष रखना चाहिए।’’ 

शीर्ष राजनीतिज्ञ थे निशाने पर,सबूतों के आधार पर की गयी गिरफ्तारियां : महाराष्ट्र पुलिस

$
0
0
top-politician-on-target-maharashtra-police
पुणे (महाराष्ट्र), 29 अगस्त, माओवादियों से संबंध के आरोप में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुणे पुलिस ने आज कहा कि उसके पास ऐसे ‘‘साक्ष्य’’ हैं, जिनसे पता चलता है कि ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की साजिश थी। पुलिस ने यह भी दावा किया कि सबूत से पता चलता है कि गिरफ्तार लोगों के कश्मीरी अलगाववादियों से संबंध थे। पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) शिवाजीराव बोडखे ने ऐसे साक्ष्य होने का भी दावा किया जिससे पता चलता है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के तार कश्मीरी अलगाववादियों से जुड़े थे। पुणे पुलिस ने कल कई राज्यों में प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी की और उनमें से पांच को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कवि वरवर राव को हैदराबाद, वर्नोन गॉन्जैल्विस और अरुण फेरेरा को मुंबई, ट्रेड यूनियन नेता एवं वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ नाम के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में दलितों एवं अगड़ी जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की जांच के सिलसिले में पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की।

पुलिस अधिकारी ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि माओवादियों ने ‘एल्गार परिषद’ के लिए पैसे दिए थे। बोडखे ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक व्यवस्था के प्रति घोर असहनशीलता दिखाई है। उन्होंने दावा किया कि इकट्ठा किए गए कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की साजिश थी।  जेसीपी ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों से लैपटॉप और पेन ड्राइव जब्त किए हैं।  पुलिस उपायुक्त शिरीष सरदेशपांडे ने कहा,‘‘इकट्टा किये गये कुछ सबूतों से पता चलता है कि उनकी साजिश ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की थी। उन्होंने कहा कि कुछ सबूत से पता चलता है कि वे (गिरफ्तार लोग) अन्य गैरकानूनी संगठनों के साथ मिले हुए हो सकते है। उन्होंने कहा कि अन्य जानकारियों जैसे धनराशि का प्रावधान, युवाओं और छात्रों को कट्टरपंथी बनाने में इन शहरी नक्सलियों को दी गई जिम्मेदारियों, हथियारों के प्रावधान और अन्य जानकारियां, सीपीआई माओवादी की केन्द्रीय समिति के वरिष्ठ कामरेड से प्रशिक्षण जैसी अन्य जानकारियां भी ‘‘सबूत’’ में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुम्बई, ठाणे, रांची,हैदराबाद, नयी दिल्ली और फरीदाबाद समेत कुल नौ स्थानों पर छापे की कार्रवाई की गई। हार्ड डिस्क,लैपटॉप, मेमोरी कार्ड,मोबाइल फोन और अन्य ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज इन स्थानों से बरामद किये गये थे। पुणे पुलिस राव, गॉन्जैल्विस और फेरेरा को कल रात यहां लेकर आई और आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया। कुछ प्रबुद्ध लोगों ने आज उच्चतम न्यायालय का रुख किया और इन गिरफ्तारियों को चुनौती दी। उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखा जाएगा। 

असहमति लोकतंत्र का ‘सेफ्टी वाल्व’ है : उच्चतम न्यायालय

$
0
0
disagree-democracy-safety-valve-sc
नयी दिल्ली, 29 अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक घर में नजरबंद रखने का आज आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि असहमति लोकतंत्र का ‘‘सेफ्टी वाल्व’’ है। कार्यकर्ताओं वरवर राव, वेरनन गोंसाल्विज, अरूण फरेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को राहत देते हुए शीर्ष अदालत ने उनकी तरफ से राहत की मांग करने वाली इतिहासकार रोमिला थापर तथा चार अन्य याचिकाकर्ताओं के इस मामले से संबंध को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार के विरोध पर विचार नहीं किया।  महाराष्ट्र पुलिस ने इन सभी को पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में भड़की हिंसा के मामले में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने भीमा-कोरेगांव घटना के करीब नौ महीने बाद इन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर महाराष्ट्र पुलिस से सवाल किये। पीठ ने खचाखच भरे अदालतीकक्ष में कहा, ‘‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह फट जायेगा।’’ राज्य सरकार की दलीलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा, ‘‘यह (गिरफ्तारी) वृहद मुद्दा है। उनकी (याचिकाकर्ताओं की) समस्या असहमति को दबाना है।’’  पीठ ने सवाल किया, ‘‘भीमा-कोरेगांव के नौ महीने बाद, आप गये और इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।’’ पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की इस दलील पर गंभीर रूप से संज्ञान लिया कि उनकी गिरफ्तारी प्राथमिकी के अनुरूप हुई। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी करके याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की इस दलील पर विचार किया कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को नजरबंद रखा जाए।  सिंघवी ने कहा कि दो उच्च न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के बाद दो गिरफ्तार व्यक्ति सुधा और गौतम फिलहाल नजरबंद हैं जबकि तीन अन्य ट्रांजिट रिमांड पर हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिम उपाय के तहत, पांचों को ‘‘अपने अपने घर में नजरबंद’’ रखा जाए। पीठ ने उनका यह अनुरोध मान लिया। सिंघवी ने कहा कि इन पांच में से किसी भी व्यक्ति को भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर नागरिकों को इस तरह से गिरफ्तार किया जाएगा तो यह ‘‘लोकतंत्र का अंत’’ होगा। सिंघवी के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन, इंदिरा जयसिंह, दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण और वृंदा ग्रोवर ने इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया। याचिकाकर्ताओं में प्रभात पटनायक और देविका जैन भी शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इस याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाते हुये कहा कि मामले से सरोकार नहीं रखने वाले, उन कार्यकर्ताओं के लिये राहत नहीं मांग सकते जो पहले ही उच्च न्यायालयों में याचिका दायर कर चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने कल देशव्यापी कार्रवाई करके हैदराबाद से तेलुगू कवि वरवर राव को गिरफ्तार किया था जबकि वेरनन गोंसाल्विज और अरूण फरेरा को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह पुलिस ने ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को हरियाणा के फरीदाबाद और सिविल लिबर्टी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नयी दिल्ली से गिरफ्तार किया था। पीठ ने राज्य सरकार से याचिका पर जवाब देने को कहा तथा याचिकाकर्ताओं को अगर हो तो प्रत्युत्तर दायर करने की आजादी दी। इस मामले में अब छह सितंबर को आगे सुनवाई होगी।

कश्मीर मुद्दे के हल के लिये प्रस्ताव तैयार कर रही है इमरान खान की सरकार

$
0
0
pakistan-preparation-for-indian-talk-on-kashmir
इस्लामाबाद, 29 अगस्त, पाकिस्तान की एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार कश्मीर मुद्दे के हल के लिये एक प्रस्ताव तैयार कर रही है। मंत्री ने इस प्रस्ताव के मसौदे को ‘‘विवाद सुलझाने के लिये आदर्श’’ करार दिया है। मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने एक टेलीविजन वार्ता कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव का विवरण नहीं दिया। मजारी ने इस हफ्ते के शुरू में एक उर्दू भाषा के समाचार चैनल के एंकर को बताया, ‘‘हम एक हफ्ते के अंतर प्रस्ताव तैयार कर लेंगे और पक्षकारों के बीच इसे वितरित कर देंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘संघर्ष समाधान के लिये आदर्श’’ यह प्रस्ताव कैबिनेट और प्रधानमंत्री खान के समक्ष भी पेश किया जाएगा। पाकिस्तान में ताकतवर सेना के करीबी मानी जाने वाली मजारी ने कहा, ‘‘अगर मसौदा मंजूर होता है तो हम इस पर आगे बढ़ेंगे।’’ पाकिस्तान में नीतिगत फैसलों पर सेना का अच्छा खासा प्रभाव रहता है। मसौदे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि यह, ‘‘लगभग तैयार है।’’ पिछले महीने जीत के मौके पर दिए गए अपने भाषण में खान ने भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की इच्छा जाहिर की थी और कहा था कि उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों पक्षों के नेता कश्मीर समेत सभी विवादों को बातचीत के जरिये हल करें। 

अमेरिकी डालर के समक्ष रुपया की शीर्ष गिरावट, 70.59 रुपये प्रति डालर पर हुआ बंद

$
0
0
rupees-fall-on-heighest
मुंबई, 29 अगस्त, अमेरिकी डालर के समक्ष भारतीय रुपया आज अब तक के नये निम्न स्तर पर चला गया। तेल आयातक कंपनियों की मासांत डॉलर मांग और विदेशी कोषों की धन निकासी से रुपया आज 49 पैसे अथवा 0.70 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 70.59 रुपये प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर बंद हुआ। यह 13 अगस्त के बाद रुपये में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता है। इस दिन रुपया 110 पैसे अथवा 1.6 प्रतिशत टूटा था। इससे पूर्व रुपया सोमवार को 70.16 रुपये के निचले स्तर पर बंद हुआ था। आपूर्ति संबंधी चिंताओं के चलते कच्चे तेल की कीमतों के कई महीनों के उच्च स्तर को छू जाने के साथ चालू खाते का घाटा बढ़ते जाने जैसी खबरों के कारण रुपये में बड़ी गिरावट आई। दिन के कारोबार में एक समय यह 70.65 रुपये के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक नीचे चला गया था। आनंद राठी शेयर एवं स्टॉक ब्रोकर के शोध विश्लेषक रुशभ मारू ने कहा, "बाजार की नजर अब शुक्रवार को जारी होने वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर होगी। निकट समय में रुपये का दायरा 70.20 से 70.75 रुपये के बीच है।"इस साल अभी तक रुपये में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है जिसके कारण यह एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया है। अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में आज रुपया 70.32 रुपये पर कमजोर खुला और दोपहर के कारोबार में बिकवाली के दबाव में 70.65 रुपये के सर्वकालिक निम्न स्तर को छू गया। अंत में यह 49 पैसे अथवा 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 70.59 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। फाइनेंशल बेंचमार्क्स इंडिया प्रा लि (एमबीआईएल) ने इस बीच डालर-रुपये की संदर्भ दर 70.5046 रुपये प्रति डॉलर और यूरो के लिए 82.3376 रुपये प्रति यूरो निर्धारित की थी। अन्तरमुद्रा कारोबार में पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में गिरावट आई।

भारतीय महिला हाकी टीम 20 साल में पहली बार एशियाड फाइनल में

$
0
0
indian-women-after-20-years-in-final
जकार्ता, 29 अगस्त, भारतीय महिला हाकी टीम ने आज यहां कड़े मुकाबले में तीन बार की चैम्पियन चीन को 1-0 से हराकर 20 साल में पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश किया। गुरजीत कौर के 52वें मिनट में पेनल्टी कार्नर से किये गये गोल ने दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा किया क्योंकि इस सेमीफाइनल मुकाबले में आक्रामक और तेज तर्रार खेल की कमी दिखी। लेकिन यह प्रदर्शन भारत को 1998 बैंकाक एशियाई खेलों के बाद फाइनल में पहुंचाने के लिये काफी रहा। भारत ने पहली और एकमात्र बार खिताब 1982 में जीता था जब महिला हाकी ने एशियाई खेलों में पदार्पण किया था। भारत का सामना अब फाइनल में जापान से होगा जिसने दूसरे सेमीफाइनल में पांच बार के चैम्पियन दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर उलटफेर किया। भारत और चीन दोनों टीमें इस मैच के दौरान मैदान में मौके बनाने में असफल रहीं। भारतीय कोच सोर्ड मारिने ने कहा, ‘‘टीम निश्चित रूप से पहले हाफ में अपनी काबिलियत के अनुसार नहीं खेल सकी। लेकिन दूसरे हाफ में उन्होंने थोड़ा सुधार किया और मैं इन लड़कियों के लिये काफी खुश हूं। मुझे पता है कि इन्होंने यहां पहुंचने के लिये कितनी कड़ी मेहनत की है। इस टूर्नामेंट के लिये उन्होंने काफी मेहनत की है। जापान के खिलाफ मुकाबला चुनौतीपूर्ण होगा लेकिन टीम इसके लिये तैयार है।’’ 

भारत ने पहला पेनल्टी कार्नर आठवें मिनट में ही हासिल कर लिया लेकिन गुरजीत कौर के शाट का गोलकीपर ने शानदार बचाव किया। पहले क्वार्टर में भारत ने गोल करने के चार मौके जुटाये लेकिन इन्हें गोल में तब्दील करने में असफल रहा। 13वें मिनट में टीम गोल करने के करीब आ गयी थी लेकिन गोलमुख पर खड़ी नवजोत गोलकीपर को छका नहीं सकी। चीन ने दूसरे क्वार्टर के शुरू होते ही 18वें मिनट में पेनल्टी कार्नर प्राप्त किया लेकिन जिजिया ओऊ का डिफ्लेक्शन शाट निशाना चूक गया। दोनों टीमों का खेल तेज नहीं था, हालांकि चीन थोड़ी ज्यादा चुस्त दिखी। फिर भारत ने 29वें मिनट में मिला लेकिन मोनिका का गुरजीत से लिया गया पास लक्ष्य को नहीं भेद सका। नेहा गोयल को नीरस क्वार्टर के दौरान हरा कार्ड दिखाया गया जिसमें हांग लि को पीला कार्ड दिखाया गया। भारत को तीसरे क्वार्टर के शुरू में ही पेनल्टी कार्नर मिल गया लेकिन गुरजीत 39वें मिनट में ज्यादा कुछ नहीं कर सकी और यह शाट वाइड चला गया। दो मिनट बाद एक और मौका भारत ने गंवा दिया जब गुरजीत के शाट में उतना दम नहीं दिखा और इसे चीन की गोलकीपर द्वारा रोक लिया गया। रीना खोकर ने तीसरे क्वार्टर में रिवर्स हिट लगाया लेकिन यह निशाना चूक गया।  अंतिम क्वार्टर में भारत ने तीन कार्नर हासिल किये। तीसरे प्रयास में अंतत: गुरजीत का शाट गोलकीपर को छकाकर नेट के अंदर ऊपर की ओर टकराया और भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा। चीन ने इसके बाद बराबरी करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय टीम ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर तक नजरबंद रखा जाए : उच्चतम न्यायालय

$
0
0
court-order-house-arrest-for-arrest-worker
नई दिल्ली, 29 अगस्त,  सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर को अगली सुनवाई होने तक उनके घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य लोगों की ओर से मंगलवार को की गई गिरफ्तारी को चुनौती देते दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें नजरबंद रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कार्रवाई पर निराशाजनक विचार जाहिर करते हुए कहा,"असहमति ही लोकतंत्र का सुरक्षा वाल्व है। अगर यह नहीं होगा तो प्रेसर कुकर फट जाएगा।"उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा से जुड़े कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी घटना के नौ महीने बाद ह़ुई है।वकील प्रशांत भूषण ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। हैदराबाद में वरवर राव, दिल्ली में गौतम नवलखा, हरियाणा में सुधा भारद्वाज और महाराष्ट्र में अरुण फरेरा और वेरनोन गोंजैल्वस को मंगलवार को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को पुणे लाया जाना था लेकिन अब उनको उनके ही घरों में नजरबंद रखा जाएगा।

राफेल पर कांग्रेस के अरोप झूठे, राजग सौदा बेहतर : जेटली

$
0
0
rafel-deal-by-nda-better-jaitely
नई दिल्ली, 29 अगस्त,केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया और कहा कि विमान के साथ लगने वाले हथियारों और भारत केंद्रित अनुकूलन के साथ विमान की कीमत संप्रग सरकार द्वारा तस किए गए सौदे से कम से कम 20 फीसदी कम है। उन्होंने एक ब्लॉगपोस्ट में कांग्रेस पर इस सौदे में करीब एक दशक की देरी का आरोप लगाया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे के तथ्यों से वाकिफ नहीं हैं। जेटली ने कहा, "क्या राहुल गांधी विमान की कीमत से अवगत हैं, जिसे 2007 में एल1 बोली में तय किया गया था? क्या वह इस बात से अवगत हैं कि इसमें एक वृद्धि उपबंध था, जिसके कारण 2015 में जब राजग ने सौदा तय किया, तब दामों में वृद्धि हो होनी थी? क्या प्रत्येक विमान की आपूर्ति तक वृद्धि उपबंध के कारण कीमतों में वृद्धि जारी नहीं रहेगी? क्या इस अवधि के दौरान रुपये और यूरो के बीच विनिमय दर में काफी अंतर के बारे में सोचा गया?"उन्होंने कहा, "क्या राहुल गांधी उस बात को खारिज कर सकते हैं, जिसमें मूल विमान में भारत केंद्रित अनुकूलन, हथियार जैसे अन्य सामान लगाने पर मूल विमान की कीमत संप्रग द्वारा तय की गई कीमत, राजग की अधिक हितकारी मूल्य की तुलना में कम से कम 20 फीसदी अधिक हो जाती।"पिछले साल मनोहर पर्रिकर के पद छोड़ने के बाद करीब सात महीने तक रक्षामंत्री का पद संभाल चुके वित्तमंत्री ने रेखांकित किया कि बिना हथियार के एक लड़ाकू विमान केवल उड़ने वाला उपकरण है, जिसका लड़ाई की स्थिति में कोई उद्देशय नहीं हो सकता।

जेटली ने कहा, "क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस बात से इनकार कर सकते हैं कि कुल अनुबंधित लागत में मूल विमान के साथ हथियार, भारतीय अनुकूलन, भविष्य में आपूर्ति और रखरखाव जैसी अतिरिक्त चीजें शामिल करने के बाद राजग का सौदा 2007 के एल1 प्रस्ताव से बेहतर हो गया है?"उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लड़ाकू विमानों के लिए अधिक राशि भुगतान करने, एक उद्योगपति का पक्ष लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के हितों के साथ समझौता करने को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ झूठा अभियान चला रखा है। जेटली ने कहा, "ये सभी मुद्दे केवल और केवल झूठ पर आधारित हैं। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके जिम्मेदार राजनेताओं से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि वे रक्षा लेनदेन पर जनता के बीच जाने से पहले तथ्यों की जांच कर लें।"उन्होंने कहा, "कीमत और प्रक्रिया पर गांधी और कांग्रेस द्वारा बोले गए सभी तथ्य पूरी तरह झूठे हैं।"उन्होंने कहा कि भारतीय अनुकूलन के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति भारत को उड़ने की स्थिति में की जाएगी और भारत में इन 36 विमानों के विनिर्माण की सुविधा नहीं है। मंत्री ने कहा, "संप्रग एक ऐसी सरकार थी, जो निर्णय लेने की निर्बलता से जूझ रही थी। क्या आप मानेंगे कि एक दशक से ज्यादा की देरी केवल और केवल संप्रग सरकार की अक्षमता और हिचकिचाहट की वजह से हुई?"जेटली ने कहा, "क्या इस देरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता नहीं किया? क्या हमारी सेनाओं को लक्ष्य की पहचान कर और हमला करने के लिए मध्यम बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों की आवश्यकता नहीं है, विशेषकर उस स्थिति में जब हमारे दोनों पड़ोसी इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा चुके हैं?"जेटली ने सवाल किया, "क्या संप्रग की तरफ से यह विलंब और उसके बाद खरीद को टाल देना उस घटनाक्रम पर आधारित था, जो इसके पहले 155 मिमी के बोफोर्स तोप की खरीद जैसे लेनदेन में देखने को मिली थी?"मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे से जुड़े तथ्यों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "कैसे गांधी ने अप्रैल व मई में दिल्ली और कर्नाटक में प्रत्येक विमान की कीमत 700 करोड़ रुपये बताई थी? संसद में उन्होंने कीमत घटाकर 520 करोड़ प्रति विमान कर दी, रायपुर में उन्होंने इसे बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये कर दिया। जयपुर में उन्होंने एक ही भाषण में 520 और 540 करोड़ रुपये कीमत बताया था।"उन्होंने पूछा, "सच का केवल एक रूप होता है और झूठ के कई। क्या ये आरोप राफेल की खरीद से जुड़े तथ्यों की जांच किए बिना लगाए गए हैं।"

आरबीआई रपट के बाद क्या मोदी माफी मांगेंगे : कांग्रेस

$
0
0
will-modi-take-excuse-after-rbi-statement-congress
नई दिल्ली, 29 अगस्त,  कांग्रेस ने बुधवार को नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला, और कहा कि आरबीआई की रपट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नोटबंदी एक भयानक आपदा थी। इसके साथ ही कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "आरबीआई की रपट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नोटबंदी मोदी निर्मित भयानक आपदा थी! 99.30 प्रतिशत विमुद्रित धन वापस आ गया! मोदी ने 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में लंबे-चौड़े दावे किए थे कि व्यवस्था में तीन लाख करोड़ रुपये वापस आ रहे हैं! मोदीजी, क्या आप इस झूठ के लिए अब माफी मांगेंगे?"आरबीआई ने बुधवार को घोषणा की कि 2017-18 की उसकी रपट के अनुसार, अमान्य किए गए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पाया गया कि आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी के समय चलन में रहे विमुद्रित 15.41 लाख करोड़ रुपये में से 15.31 लाख करोड़ रुपये यानी 99.3 प्रतिशत मुद्रा बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गई है।

राहुल गांधी का हमला निराधार : अनिल अंबानी

$
0
0
rahul-gandhi-attack-baseless-anil-ambani
मुंबई, 29 अगस्त, रिलायंस समूह के अध्यक्ष, अनिल अंबानी ने बुधवार को यहां कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वियों और निहित स्वार्थी लोगों ने राफेल सौदा मामले में उनके खिलाफ आरोप लगाने के लिए भ्रमित कर दिया है। अंबानी ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने गांधी को इस संबंध में पत्र लिखा है और अपने खिलाफ लगातार निराधार हमले के लिए अपनी निजी नाराजगी जाहिर की है। अंबानी ने कहा, "मैंने इन हमलों को निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।"

2019 चुनाव से पहले गैर भाजपा नेता जेल भेजे जाएंगे : लालू

$
0
0
before-2019-election-every-non-bjp-leader-will-be-in-jail-lalu-yadav
रांची, 29 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश को आपातकाल की ओर धकेलने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सभी गैर भाजपा नेताओं को जेल भेजने की योजना बनाई है। समर्पण के लिए निजी विमान से यहां अदालत पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "नरेंद्र मोदी देश को आपातकाल की ओर धकेल रहे हैं। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है और झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपा नेताओं को जेल भेजने की योजना बनाई गई है।"झारखंड उच्च न्यायालय ने 24 सितंबर को उन्हें 30 अगस्त तक समर्पण करने का निर्देश दिया था। विपक्षी एकता के सवाल पर लालू ने कहा कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, "हम सही वक्त पर अपना प्रधानमंत्री चुनेंगे।"इससे पहले पटना में उन्होंने मोदी सरकार पर आपातकाल लागू करने का रास्ता तैयार करने का आरोप लगाया। लालू ने मीडिया से कहा, "मोदी डरे हुए हैं कि उनकी हत्या कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री की तरफ से इस तरह की बात शोभा नहीं देती। कुछ वामपंथी कार्यकर्ताओं को मोदी के लिए संदिग्ध खतरे के रूप में गिरफ्तार किया गया है। यह लोगों के अधिकारों पर हमला है।"राजद नेता ने आरोप लगाया कि बिहार में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा, "कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। यहां केवल अराजकता है। राज्य में हत्या, दुष्कर्म, लूट, उगाही और अपहरण की खबरों के बिना मुश्किल से कोई दिन गुजरता है।"

विशेष : संथारा आत्महत्या नहीं, आत्म समाधि की मिसाल है

$
0
0
santhara-custom-in-jain
जैन धर्म के छोटे-से आम्नाय तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठतम मुनि श्री सुमेरमलजी सुदर्शन का इनदिनों दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में संथारा यानी समाधिमरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान असंख्य लोगों के लिये कोतुहल का विषय बना हुआ है। मृत्यु के इस महामहोत्सव के साक्षात्कार के लिये असंख्य श्रद्धालुजन देश के विभिन्न भागों से पहुंच रहे हैं। अनेक राजनेता, समाजसेवी, पत्रकार, साहित्यकार भी दर्शनार्थ पहुंच कर अमरत्व की इस अनूठी एवं विलक्षण यात्रा से लाभान्वित हो रहे हैं। जैसाकि सर्वविदित है कि जैन धर्म में अनगिनत सदियों से संथारे की परम्परा चली आ रही है और वर्तमान में भी समाधिमरण की यह अनूठी परम्परा पूरी तरह से जीवित और जीवन्त बनी हुई है। जैन धर्म के नियमानुसार ली जाने वाले संथारा व संलेखना समाधि की गौरवमयी आध्यात्मिक परम्परा है, जिसे  धुंधलाने के प्रयास होते रहे हैं और इसे कानूनी मसला भी बनाया जाता रहा है। लोगों में सहज जिज्ञासा है कि संथारा आखिर क्या है? जैन धर्म के मृत्यु महोत्सव एवं कलात्मक मृत्यु को समझना न केवल जैन धर्मावलम्बियों के लिये बल्कि आम जनता के लिये उपयोगी है। यह मृत्यु की अनूठी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके उज्ज्वल इतिहास एवं महत्व को समझते हुए भूदान आन्दोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे ने भी अपनाया था। 

मुनि सुमेरमलजी सुदर्शन ने नब्बे वर्ष की आयु में अपने जीवन ही नहीं, बल्कि अपनी मृत्यु को भी सार्थक करने के लिये संथारा की कामना की, उनकी उत्कृष्ट भावना को देखते हुए आचार्य श्री महाश्रमण ने इसकी स्वीकृति प्रदत्त की और उन्हें 26 अगस्त 2018 को सांय संथारा दिला दिया गया। मुनिश्री का सम्पूर्ण जीवन भगवान महावीर के आदर्शों पर गतिमान रहा है। आप एक प्रतिष्ठित जैन संत हैं। जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, साहित्य-सृजन, संस्कृति-उद्धार के उपक्रमों से एक नया इतिहास बनाया है। एक सफल साहित्यकार, प्रवक्ता, साधक एवं प्रवचनकार के रूप में न केवल जैन समाज बल्कि सम्पूर्ण अध्यात्म-जगत में सुनाम अर्जित किया है। विशाल आगम साहित्य आलेखन कर उन्होंने साहित्य जगत में एक नई पहचान बनाई है। ग्यारह हजार से अधिक ऐतिहासिक एवं दुर्लभ पांडुलिपियों, कलाकृतियों को सुरक्षित, संरक्षित और व्यवस्थित करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जैन आगमों के सम्पादन-लेखन-संरक्षण के ऐतिहासिक कार्य में आपका सम्पूर्ण जीवन, श्रम, शक्ति नियोजित रही है। अनेक विशेषताओं एवं विलक्षणओं के धनी मुनिश्री को ही आचार्य श्री महाश्रमण के आचार्य पदाभिषेक के अवसर पर सम्पूर्ण समाज की ओर से पछेवड़ी यानी आचार्य आदर ओढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सुप्रतिष्ठित जैन विद्या पाठ्यक्रम को तैयार कर भावीपीढ़ी के संस्कार निर्माण के महान् कार्य को भी आपने अंजाम दिया है। ऐसे महान् साधक, तपस्वी एवं कर्मयौद्धा संत का संथारा भी एक नया इतिहास निर्मित कर रहा है। 
श्रमण संस्कृति की अति प्राचीन और अहम धारा जैन धर्म की परम्परा में संलेखना और संथारा को सदैव बहुत उच्च साहसिक त्याग का प्रतीक माना गया है। जैन समाज में यह पुरानी प्रथा है कि जब किसी तपस्वी व्यक्ति को लगता है कि वह मृत्यु के द्वार पर खड़ा है तो वह स्वयं अन्न-जल त्याग देता है। जैन शास्त्रों में इस तरह की मृत्यु को संथारा कहा जाता है। इसे जीवन की अंतिम साधना के रूप में स्थान प्रदान किया है। अंतिम समय की आहट सुन कर सब कुछ त्यागकर मृत्यु को भी सहर्ष गले लगाने के लिए तैयार हो जाना वास्तव में बड़ी हिम्मत का काम है। जैन परम्परा में इसे वीरों का कृत्य माना जाता है। यहां वर्धमान से महावीर बनाने की यात्रा भी त्याग, उत्सर्ग और अपार सहनशीलता का ही दूसरा नाम है। यह समझना भूल है कि संथारा लेने वाले व्यक्ति का अन्न-जल जानबूझकर या जबरदस्ती बंद करा दिया जाता है। संथारा स्व-प्रेरणा से लिया गया निर्णय है। यह मृत्यु का महोत्सव है, न कि आत्महत्या। जैन धर्म-दर्शन-शास्त्रों के विद्वानों का मानना है कि आज के दौर की तरह वेंटिलेटर पर दुनिया से दूर रहकर और मुंह मोड़कर मौत का इंतजार करने से बेहतर है संथारा प्रथा। यहाँ धैर्यपूर्वक अंतिम समय तक जीवन को पूरे आदर और समझदारी के साथ जीने की कला का नाम है संथारा। यह आत्महत्या नहीं, आत्म समाधि की मिसाल है और समाधि को जैन धर्म ही नहीं, भारतीय संस्कृति में गहन मान्यता दी गई है। मरते समय कौन नहीं चाहेगा कि मेरे मुख से प्रभु-नाम निकले? गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में एक चैपाई लिखी है, ‘कोटि-कोटि मुनि जतन कराहिं। अन्त राम कहि आवत नाहिं’ बस इसी मंगल भावना का साकार रूप सल्लेखना अथवा संथारा है जिसमें अहिंसा अपनी पराकाष्ठा पर होती है और सारे व्रत अत्यन्त निर्मल हो जाते हैं। आज जबकि सर्वत्र यही देखने में आता है कि कोई भी मनुष्य मरना नहीं चाहता। ‘सव्वे जीवा वि इच्छन्ति, जीविउे न मरिज्जिऊं’ जिजीविषा हर प्राणी की एक मौलिक मनोवृत्ति है। मौत का फंदा जब गले में पड़ता है तो अंतिम क्षण तक वह चाहता है कि कोई मुझे किसी भी कीमत पर बचा ले। मगर मौत एक शाश्वत नियति है जिसे टाला नहीं जाता। मौत का भय जन्म के साथ ही शुरू हो जाता है। भयभीत मन तृष्णा को विस्तार देता है, इसलिए वह पदार्थों का संग्रह करता है। साथ ही उपभोग के साथ व्यय की चिंता भी सताती है। मौत महत्वाकांक्षाओं के अधूरे रह जाने का संकेत है। मृत्यु मोहावृत्त मन के लिए दुखदायी है, क्योंकि मृत्यु शय्या पर पड़ा व्यक्ति का भविष्य कैसा होगा? यह न सोचकर शेष रहे कामों पर पश्चाताप के आंसू बहाता है। संग्रहीत और संरक्षित सुविधाओं का भोग पूरा नहीं कर सका, इसका दुख सालता है। पदार्थ, व्यक्ति और दौलत में अटका मन देह पिंजरे से निकलता हुआ भी बहुत कष्ट पाता है। इन स्थितियों के बीच संथारा मृत्यृ को आनन्दमय एवं महोत्सवमय बनाने की प्रक्रिया है। 

संथारा जैन धर्म की आगमसम्मत प्राचीन तप-आराधना है। बारह प्रकार के तप में प्रथम अनशन तप का एक भेद संथारा है। संथारा शब्द के साथ ही संलेखना शब्द का प्रयोग भी मिलता है। यूँ बोल-चाल में संलेखना और संथारा शब्दों का प्रयोग प्रायः एक ही अर्थ में कर दिया जाता है, लेकिन दोनों शब्दों में अन्तर है। संलेखना संथारा ग्रहण करने की पूर्व अवस्था है। संलेखना का अर्थ होता है, सभी सांसारिक वस्तुओं और सम्बन्धों का विसर्जन। विसर्जन के बाद ज्ञात-अज्ञात समस्त पापों और दोषों की आलोचना करके, सभी जीवों से क्षमायाचना करके तपस्या व आत्म-साधना में लीन होना संथारा है। संथारे की सम्पूर्ति को समाधिमरण या पंडितमरण कहा जाता है। संथारा ग्रहण करने के बाद साधक न इस लोक की इच्छा करता है और न ही परलोक की। वह न जीने इच्छा रखता है और न ही मरने की। समस्त इच्छाओं और कामनाओं से परे होकर आत्मभाव एवं आत्मगुणों में लीन होना संथारा है। इस प्रकार संथारा जीवन और मरण, दोनों को सार्थक करने की अन्तिम आराधना है। किस तरह इस मृत्यु की इस दुख परम्परा को संथारे के माध्यम से छिन्न किया जा सकता है, और किस तरह से इस आदर्श परम्परा के माध्यम से जीवन के प्रति विवेकी नजरिया अपनाएं, झूठी मान्यता का त्याग करें, आत्म लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सतत अभ्यास, जागृत चिंतन, पैनी सुरक्षा एवं गहरे आत्मविश्वास के साथ प्रस्थान करें- यही संथारे का मूल ध्येय है।  
संथारा बंधन मुक्ति का उपक्रम है। बंधन एक ऐसा शब्द है जो मनुष्य मन की विविध कोणों से विश्लेषण करता है। बंधन यदि विकास से जुड़ता है तो यह अनुशासन, मर्यादा, आत्मनियंत्रण बनकर उन सभी इच्छाओं को, असत् विचारों को, लक्ष्यहीन कर्मों को लक्ष्मणरेखा देता है, जिनका परिणाम सदा दुखदायी, भयावह और अशांति देने वाला बनता है। बंधन स्वयं द्वारा अर्जित संस्कार है, उसकी स्वीकृति में यदि हम जगे हुए हैं, हमारी निर्णय-बुद्धि स्फूर्त है, इसकी सीमाओं पर सजग पहरी बिठा रखा है तो यह बंधन भी मुक्ति के पथ पर साधना का एक अनूठा चरण हैं। जैन परम्परा में बंधन संसार-वृद्धि का कारण है और मोक्ष संसार चक्र से छूट जाने का मुक्ति-द्वार। एक तपती धूप, दूसरा सघन शीतल छांव। मनुष्य बंधता है अपने आवेगों से, कषायों से, संकल्पों-विकल्पों से। कषाय-चेतना क्रोध, मान, माया और लोभ से यूं जकड़ जाती है कि क्षमा, विनम्रता, ऋजुता, संतोष जैसे विधायक गुणों की सत्ता ही नहीं टिकती। न उसमें सम्यक्त्वबोध होता है, न आत्म-विकास की अभीप्सा जागती है, न वह संपूर्ण चाहों से संन्यस्त हो पाता है और न ही रागद्वेष के भावों का विजेता। मुनिश्री सुमेरमलजी सुदर्शन का संथारा निश्चित ही सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का निमित्त बनेगा एवं उन्हें भी अमरत्व प्राप्त होगा, यही विश्वास है। प्रेषक



(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
फोनः 22727486, 9811051133

मधुबनी : निर्वाचक सूची का विषेष संक्षिप्त पनुरीक्षण कार्यक्रम बैठक

$
0
0
meeting-for-electoral-system-madhubanii
मधुबनी ,अगस्त 18, जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी,मधुबनी की अध्यक्षता में गुरूवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में 01.01.2019 के आधार पर निर्वाचक सूची का विषेष संक्षिप्त पनुरीक्षण कार्यक्रम की तैयारी हेतु सभी ई.आर.ओ/ए.ई.आर.ओ. के साथ समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री दुर्गानंद झा,अपर समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री अजय कुमार सिंह,उप विकास आयुक्त,मधुबनी, श्री विनोद कुमार,उप-निर्वाचन पदाधिकारी,मधुबनी, श्री विमल कुमार मंडल,अनुमंडल पदाधिकारी,झंझारपुर, श्री मुकेष रंजन,अनुमंडल पदाधिकारी,बेनीपट्टी, श्री शंकर शरण ओमी,अनुमंडल पदाधिकारी,जयनगर समेत सभी ई.आर.ओ एवं ए.ई.आर.ओ. उपस्थित थे। बैठक मे जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा  दिनांक 01.09.18 को निर्वाचक सूची का प्रारूप प्रकाषन तथा दिनांक 01.09.2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक दावों और आपत्ति देने यथा-नाम जोड़ने/हटाने एवं शुद्ध करने के लिए सभी मतदान केन्द्रों एवं सभी ई.आर.ओ एवं ए.ई.आर.ओ कार्यालयों में संपर्क करने एवं इसे सुनिष्चित कराने हेतु सभी ई.आर.ओ एवं ए.ई.आर.ओ को निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 16 सितंबर को निःषक्तजनों को निर्वाचक सूची में पंजीकृत करने के लिए विषेष अभियान दिवस निर्धारित किया गया है। जिसमें सभी बी.एल.ओ.,ई.आर.ओ. एवं सभी ए.ई.आर.ओ. सक्रिय रहकर निःषक्जनों की पहचान कर उनका नाम निर्वाचक सूची में जोड़ने का कार्य करेंगे। इस क्रम में यह भी निदेष दिया गया कि इसी पुनरीक्षण के आधार पर तैयार निर्वाचक सूची से लोकसभा का निर्वाचन किया जाना है। इसलिए इस कार्य को गंभीरतापूर्वक करने का निदेष दिया गया। पुनरीक्षण अवधि में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किये गये निर्वाचक सूची प्रेक्षक-सह-आयुक्त दरभंगा प्रमंडल,दरभंगा के द्वारा तीन बार क्षेत्रभ्रमण कर उक्त कार्यो का जायेजा लेंगे। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के स्तर पर राजनीतिक दलों की बैठक करने उवं उनसे सहयोग प्राप्त करने का निदेष दिया गया। सभी मतदान केन्द्रों पर बी.एल.ए. की नियुक्ति शीघ्र सुनिष्चित करने का निदेष दिया गया। साथ ही निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के स्तर से प्रत्येक सात दिन पर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की बैठक सुनिष्चित करने का निदेष दिया गया,ताकि निर्वाचक सूची की शुद्धता सुनिष्चित की जा सकें। प्रत्येक 10 से 15 मतदान केन्द्रों के लिए एक पर्यवेक्षीय पदाधिकारी की नियुक्ति करने का निदेष दिया गया। साथ ही निदेष दिया गया कि वे संपूर्ण पुनरीक्षण अवधि में (बी.एल.ओ.) के प्रतिदिन के कार्यो का सघन अनुश्रवण सुनिष्चित करेंगे।

सफल और किफायती रहा इस साल का हज : नकवी

$
0
0
better-haz-naqvi
नयी दिल्ली, 30 अगस्त, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि इस साल का हज बहुत सफल रहा और सब्सिडी खत्म होने के बावजूद हाजियों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ा। नकवी ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इस साल का हज बहुत सफल रहा। बिचौलियों पर अंकुश लगाने और चीजों को दुरुस्त करने की वजह से सब्सिडी के बिना भी हज-2018 को महंगा नहीं होने दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि साल 2017 में सब्सिडी होने के बावजूद 1,24,828 हाजियों के लिए हवाई किराये के तौर पर 1030 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन साल 2018 में 1,28,702 हाजियों के लिए 973 करोड़ रुपये दिए गए ।’’ मंत्री ने कहा कि भारतीय हाजियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस साल 1308 महिलाएं ‘मेहरम’ (पुरुष अभिभावक) के बिना हज पर गई थीं और उनके रहने तथा सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। नकवी ने कहा कि निजी टूर ऑपरेटरों पर भी सख्ती की गई थी जिसके फलस्वरूप वहां भी पारदर्शिता देखने को मिली। मंत्री ने कहा, ‘‘लोगों की गुमशुदगी को रोकने लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया था जिससे काफी मदद मिली। पिछले साल 400 लोगों की गुमशुदगी की बात सामने आई थी। इस साल सिर्फ 37 लोग गुमशुदा हुए और उनका भी पता लगा लिया गया।’’ 

दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत : जेटली

$
0
0
india-may-be-5th-economy-jaitey
नयी दिल्ली, 30 अगस्त, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत अगले साल ब्रिटेन को पछ़ाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।  उन्होंने यहां कहा, ‘‘इस साल आकार के लिहाज से हमने फ्रांस को पीछे छोड़ा है। अगले साल हम ब्रिटेन को पीछ़े छोड़ देंगे। इस तरह हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’  वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि की रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा कि भारत में अगले 10 से 20 साल में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में आने की क्षमता है। 
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live




Latest Images