Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74336 articles
Browse latest View live

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 19 सितंबर

$
0
0
कमाख्या हेतु तीर्थ यात्री अब 21 सितम्बर को रवाना होंगे

vidisha map
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत जिले के तीर्थ यात्री कमाख्या तीर्थ दर्शन हेतु अब 21 सितम्बर को रवाना होंगे और दर्शन उपरांत 26 सितम्बर को वापिस आएंगे। पूर्व में उक्त यात्रा बीस से पच्चीस सितम्बर के मध्य आयोजित की गई थी। तिथि में आंशिक परिवर्तन किया गया है अतः अब 21 सितम्बर को जिले के 175 तीर्थ यात्री कमाख्या तीर्थ दर्शन हेतु स्पेशल टेªन से रवाना होंगे और उनके साथ चार अनुरक्षक भी साथ जाएंगे।

भर्ती केम्प का आयोजन जारी

रीजनल टेªनिंग सेन्टर जवासा नीमच के द्वारा जिले में सुरक्षा जवान एवं सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती के लिए केम्पों का आयोजन विकासखण्ड स्तरों पर जारी है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक श्री देवेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि आजीविका मिशन के तहत आयोजित होने वाले उक्त भर्ती शिविरों के लिए बीस सितम्बर को जनपद पंचायत नटेरन में, 21 को विदिशा में, 22 को बासौदा में, 23 को ग्यारसपुर में और 24 को जनपद पंचायत लटेरी में उक्त शिविर का आयोजन किया गया है।  संस्थान के भर्ती अधिकारी श्री सुरेन्द्र कुमार पोटर के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार विदिशा जिले में 24 सितम्बर तक विकासखण्डों पर प्रातः दस बजे से सायं चार बजे तक भर्ती केम्प आयोजित किए जाएंगे। उक्त केम्पों में दसवीं पास या फेल, 20 से 35 वर्ष की आयु और 168 सेमी ऊंचाई के युवाजन सुरक्षा जवान हेतु तथा स्नातक कम्प्यूटर 21 से 35 वर्ष आयु, 170 सेमी ऊंचाई के युवाजन सुरक्षा अधिकारी हेतु भर्ती प्रक्रिया मंें स्वंय के दो फोटोग्राफ्स एवं आवश्यक दस्तावेंज लेकर शामिल हो सकते है।

स्वीप एवं आईटी गतिविधियों की समीक्षा 22 को

संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विकास नरवाल द्वारा जिला स्तरीय स्वीप एवं आईटी गतिविधियों की समीक्षा 22 सितम्बर को आहूत की है कि जानकारी देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केव्ही सिंह ने बताया कि श्री नरवाल प्रातः 11 बजे विदिशा आएंगे और सांय पांच बजे विदिशा से भोपाल के लिए रवाना होंगे। उक्त अवधि में श्री नरवाल द्वारा समीक्षा बैठक एवं स्थलों का जायजा लिया जाएगा। उक्त बैठक प्रातः 11 बजे से शुरू होगी। बैठक में संबंधितों को समुचित जानकारियों सहित उपस्थित होने के निर्देश प्रसारित किए गए है।

मीडिया सेल का गठन

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में अनुविभागीय अधिकारी नटेरन एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 148 शमशाबाद के लिए मीडिया सेल का गठन करने के आदेश जारी कर दिए है।मीडिया सेल का विधानसभा स्तर पर कार्यो के सम्पादन हेतु गठित मीडिया सेल का प्रभारी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतपाडाहाट के प्राचार्य श्री मनोज शर्मा को दायित्व सौेंपा गया है इसके अलावा तीन सहायक भी नियुक्त किए गए है उनमें नटेरन तहसील के सहायक ग्रेड तीन श्री देवेन्द्र श्रीवास्तव, प्राथमिक शाला नादिया के सहायक अध्यापक श्री अशोक नागले तथा ग्राम बिछिया के सहायक अध्यापक श्री तेजेस्वर धनवले शामिल है।

शिकायत प्रकोष्ठ का गठन

विधानसभा निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान प्राप्त होने वाली निर्वाचन संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 148 शमशाबाद में शिकायत प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया है। उक्त प्रकोष्ठ का प्रभार शमशाबाद तहसीलदार श्री हर्ष विक्रम सिंह को सौंपा गया है उनकी मदद के लिए तीन अन्य सहायक भी नियुक्त किए गए है। इसी प्रकार एमसीसी टीम भी गठित की गई है उक्त टीम का प्रभारी नटेरन जनपद पंचायत सीईओ श्री एसएन पांसे को बनाया गया है। 

विभागों को नवनिर्मित कम्पोजिट कलेक्टेªट भवन में कक्षो का आवंटन

कलेक्टर श्री केव्ही सिंह ने विवेकानंद चैराहा के समीप नवनिर्मित कम्पोजिट कलेक्टेªट भवन में विभिन्न विभागोें के लिए कक्षो के आवंटन का आदेश जारी कर दिया है। जिन विभागो को कक्षों का आवंटन किया गया है उन सभी को निर्देश प्रसारित किए गए है कि एक सप्ताह अवधि में नवीन आवंटित कक्षों में शासकीय कार्यो का सम्पादन करना सुनिश्चित करें। 

निर्वाचन प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केव्ही सिंह ने जिले की सभी पांचो विधानसभाओं में निर्वाचन प्रशिक्षण आहूत करने का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विभिन्न शाखाओं के नोडल अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमे मुख्य रूप से आरो निर्वाचन हेतु स्थापित किए जाने वाले कक्ष में शिकायत प्रकोष्ठ, व्यय एवं लेखा प्रकोष्ठ, सिंगल विण्डो, एमसीसी प्रकोष्ठ, मतगणना सामग्री वितरण स्थल, स्ट्रांग रूम शामिल है। प्रशिक्षण के लिए जिन दलो का गठन आरो स्तर पर किया जाना है कि नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके है और उन्हें नियत तिथि को प्रशिक्षण में शामिल होने के आदेश प्रसारित किए गए है। प्रशिक्षण हेतु जारी कार्यक्रम अनुसार आज बासौदा विधानसभा क्षेत्र के दलोे को प्रशिक्षित  किया गया है। बीस सितम्बर को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 148 शमशाबाद, 21 को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 146 कुरवाई, 23 को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 144 विदिशा और 24 सितम्बर को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 147 सिरोंज में ततसंबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार नियत तिथि को प्रातः दस से 11 बजे तक व्हीएम और मतदान दिवस के दायित्वों से सेक्टर आफीसर, पुलिस आफीसरों को मास्टर टेªनर्स, एडीएम, डीईओ, डिप्टी डीईओ द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। 11 से दोपहर दो बजे तक व्यय मानिटरिंग के द्वारा ईएमसी, एईओ, एटी, व्हीव्हीटी, व्हीएसटी, एफएस, एसएसटी, एलएमटी, डीईएमसी के सदस्यों को जिला कोषालय अधिकारी और सहायक कोषालय अधिकारी द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। दोपहर ढाई बजे से चार बजे तक सभी आरो, एआरओ और उनकी टीम को नाम निर्देशन चिन्हांे का वितरण एसडब्ल्यूएस, सुगम, सुविधा, समाधान से मास्टर टेªनर्स एडीएम और डिप्टी डीईओ द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। सायं चार  से पांच बजे तक आरो, एआरओ और उनकी टीम को पोस्टर वैलेट संबंधी अन्य जानकारी से काॅ-आपरेटिव बैंक के सीईओ श्री विनय प्रकाश सिंह, लोक सेवा गारंटी के जिला प्रबंधक श्री अमित अग्रवाल और निजामुद्दीन शेख के द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। सायं पांच बजे से छह बजे तक रिटर्निंग आफीसर और उनकी टीम से संबंधित अधिकारियों को निर्वाचन सामग्री वितरण एवं प्राप्ति से मास्टर टेªनर्स अपर कलेक्टर और डिप्टी डीईओ द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। सायं छह से सात बजे तक काउंटिग और वोटर टेबुलेशन से आरो, एआरओ की टीम को मास्टर टेªनर्स विनीता कास्बा और निजामुद्दीन शेख द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण 24 को

जिला मुख्यालय पर संबंधितों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम दोपहर एक बजे से सायं साढे छह बजे तक आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी जिला नोडल अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को चुनावी प्रक्रिया के दौरान नोडल के क्या-क्या दायित्व होते है से दोपहर ढाई बजे से साढे तीन बजे तक एमसीएमसी से सभी शासकीय अधिकारियों को तथा सायं चार से पांच बजे तक एमसीएमसी (पेड न्यूज) के नियंत्रण, बचाव और जांच परख तथा प्राप्त शिकायतों का निराकरण कैसे करें का प्रशिक्षण सभी आरओ और एआरओ को तथा साढे पांच से साढे छह बजे तक सभी माइक्रो आब्जर्वरांे को निर्वाचन के दौरान किन दायित्वों का निर्वहन करना है से अवगत कराया जाएगा। 

रिक्रूमेंट ड्राइव का आयोजन 25 को

जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से केवल पुरूषों के लिए 25 सितम्बर को रिक्रूमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया है। उक्त प्रक्रिया शासकीय आईटीआई विदिशा में प्रातः साढे दस बजे से शुरू होगी। जिला रोजगार अधिकारी श्री अख्तर वक्श खान ने बताया कि सुजुकी मोटर्स गुजरात के द्वारा डिप्लोमा अपरेंटस टेªनी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आहूत की है। इस हेतु शैक्षणिक योग्यता, तीन वर्षीय डिप्लोमा, मैकेनिकल, आटो मोबाइल, इलेक्ट्रिकल, टूल एण्ड डाई मेकर में साठ प्रतिशत या अधिक से उत्तीर्ण होना चाहिए और आयु सीमा 18 से 23 वर्ष के मध्य हो। कंपनी द्वारा वेतन भत्ता 19 हजार 167 रूपए प्रतिमाह देय होगा। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07592-232848 पर सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। 

आर्थिक मदद जारी 

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सड़क दुर्घटना के एक प्रकरण में  मृृतक के निकटतम परिजन को 15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी कर दी है। जारी आदेश में उल्लेख है कि विदिशा नगर केे पूरनपुरा निवासी श्री बलवीर की मृत्यु हो जाने पर मृतक की पत्नी श्रीमती दीपा को आर्थिक सहायता जारी की गई है।

पूर्णिया : सबौर मखाना-1 कोसी क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने में सक्षम : प्राचार्य

$
0
0
sabaor-makhana-purniya
पूर्णिया  (कुमार गौरव)  भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आत्मा, दरभंगा बिहार द्वारा प्रायोजित प्रशि़क्षण कार्यक्रम विषय : मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक के तकनीकी सत्र के पांचवें दिन के कार्यक्रम के साथ साथ समापन सह प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ पारसनाथ, सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय ने महाविद्यालय में चल रहे मखाना फसल पर विशेष अनुसंधान परियोजना की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय द्वारा विकसित प्रजाति सबौर मखाना-1 कोसी क्षेत्र के किसानों की आय दुगुनी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकती है। बढ़ती जनसंख्या एवं बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए बेकार पड़े जलजमाव क्षेत्र की उत्पादकता एवं लाभप्रदता में वृद्धि लाना भविष्य की मांग है। जिसके लिए मखाना उत्पादन तकनीक एवं मखाना सह मछलीपालन एक बेहतर विकल्प सिद्ध होगा। साथ ही युवाओं को आगे आने की बात कही। मुख्य वक्ता डाॅ विद्यानाथ झा प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा ने उपस्थित मखाना किसानों को मखाना के औषधीय एवं पोषण गुणों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशों में मखाना के बीज के बीजावरण से मधुमेह रोग के लिए औषधि बनाई जा रही है। जबकि यहां उसका उपयोग लावा बनाने के समय इंधन के रूप में कर लिया जाता है। उन्होंने मणिपुर की तर्ज पर मखाने की पत्तियां, डंठल विजांडाशन एवं फल के छिलके एवं एरील सदृश भागों का भी प्रयोग करने की अावश्यकता बताई। क्योंकि कई प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। बिहार में केवल इसके लावे का उपयोग किया जाता है और अन्य भागों को यूं ही छोड़ दिया जाता है। जो कहीं से भी उचित नहीं है। प्रशि़क्षण कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक मखाना वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार ने विगत पांच दिनों से चल रहे प्रशि़क्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस प्रशि़क्षण कार्यक्रम में दरभंगा जिले के कुल बीस मखाना उत्पादक किसान शामिल हुए। मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक विषय से संबंधित कुल बीस विषयों पर विभिन्न संस्थानों के डाॅ इंदु शेखर सिंह, वरीय वैज्ञानिक मृदा विज्ञान, मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा, डाॅ विद्यानाथ झा प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा, रविंद्र कुमार जलज, विषय वस्तु विशेषज्ञ, (मत्स्यपालन) कृषि विज्ञान केंद्र अररिया, मखाना वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार, डाॅ पारसनाथ, विभागाध्यक्ष, कीट विज्ञान, डाॅ पंकज कुमार यादव, मृदा वैज्ञानिक एवं डाॅ पारसनाथ  सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय कुल दस विषय के वैज्ञानिकों (साधनसेवियों) के द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशि़क्षण के दौरान आॅडियो विजुअल एड का बेहतर प्रयोग किया गया। जिसकी सहायता से मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक की विडियो फिल्म दिखाकर सार्वभौमिक जानकारी दी गई। प्रशि़क्षणोपरांत सभी प्रशिक्षणार्थियों के मूल्यांकण के लिए प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया। दरभंगा के किसान सुनील कुमार सहनी, राजन कुमार झा, श्रवण कुमार, हरदेव मुखिया, बिल्टु मुखिया, बुधन मुखिया, दिनेश मुखिया, रौदी मुखिया, कमलेश मुखिया समेत कुल बीस मखाना उत्पादक कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रशि़क्षणोपरांत अपने अनुभवों को भी बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन जेपी प्रसाद द्वारा किया गया।

दुमका : खाद्य सुरक्षा अधिनियम के किर्यान्वयन हेतु प्रमंडलस्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

$
0
0
workshop-on-food-security-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन), आयुक्त संपप्र, दुमका भगवान दास की अध्यक्षता में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के किर्यान्वयन हेतु इंडोर स्टेडियम, दुमका में प्रमंडल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन आयुक्त ने दीप प्रज्जवलित कर किया। आयुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को जन-जन तक पहुचाने के लिए इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। इस अधिनियम का उद्धेश्य जरुरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराना है। योग्य लाभुक इससे वंचित न रहे इस पर विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। अयोग्य लाभुक इस योजना के माध्यम से अनाज प्राप्त कर रहें हों तो उन्हें चिन्हित किया जाय। जिला प्रशासन के अधिकारी टीम बनाकर अयोग्य लोगों को चिन्हित करने का कार्य करें ताकि योग्य लोगों को सरकार की योजना का लाभ मिल सके। समाज के हर व्यक्ति को मिलकर इस अधिनियम को आगे बढ़ाने की जरुरत है। प्रमण्डल के सभी जिलों के उपायुक्तों को निदेश देते हुए आयुक्त ने कहा कि  कार्यशाला को जिलास्तर पर चलाया जाय ताकि अधिक से अधिक व्यक्ति जागरुक हो सकें। इसका लाभ ले सकें। उपायुक्त, दुमका मुकेश कुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्ेश्य योग्य व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँचाना है। जिला प्रशासन पूरी तत्परता से इसके क्रियान्वयन के लिए प्रयासरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के माध्यम से 83 प्रतिशत लोगों को अनाज दिया जा रहा है। हर महीने पूरे पारदर्शिता के साथ ससमय योग्य लाभुकों को खाद्य आपूर्ति कराना प्रशासन के लिये एक बड़ी चुनौती है। फिर भी जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिलास्तर, प्रखंडस्तर व ग्राम सभा के स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कमिटि बनाई गयी है। कमिटि को और भी ज्यादा असरदार बनाने की जरूरत है। कहा कि कई बार योग्य लाभुक अनाज से वंचित हो जाते हैं। संबंधित विभाग को समझने की जरूरत है कि पहले योग्य लाभुक को अनाज दिया जाय। अनाज से उन्हें वंचित न रखा जाए।  खाद्य सुरक्षा ही अधिनियम की प्राथमिकता है। कई बार नियम से ज्यादा नियत की जरूरत होती है। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि आधार संख्या के बुनियाद पर किसी भी योग्य व्यक्ति को खाद्य से वंचित नहीं रखा जा सकता है। अनाज वितरण के लिए आधार संख्या महत्वपूर्ण है लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण योग्य व्यक्ति को अनाज मिलना है। पीडीएस डीलर अनाज मुहैया कराने के बाद आॅपचारिकता पूरी करें। सरकार की सोच है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। उन्होंने कहा कि कई ऐसे योग्य लाभुक जिन्हें इस योजना के तहत अनाज नहीं मिल पा रहा है हमें इस विषय पर ध्यान देने की जरूरत है कि 83 प्रतिषत लोगों को अनाज देने के बावजूद भी आखिर कैसे योग्य लोगों को अनाज नहीं मिल पा रहा है। इससे यह साफ पता चलता है कि अयोग्य लाभुक इस योजना का लाभ ले रहे हैं। ग्राम सभा के स्तर पर बैठक कर अयोग्य लाभुकों को खाद्य सुरक्षा की सूची से हटाने की जरूरत है। साथ ही पीडीएस डीलर भी यह सुनिष्चित करें कि किसी भी अयोग्य लाभुक को अनाज ना मिले। अयोग्य लाभुक का ना सिर्फ सुची से नाम हटाया जाय बल्कि अखबार के माध्यम से ऐसे लोगों की पब्लिसिटी करायी जाय। अगर एक भी व्यक्ति के साथ न्याय नहीं हो रहा है तो हमें और भी कार्य करने की जरूरत है। कोई भी योग्य व्यक्ति सरकार के उद्धेष्य से सरकार की सोच से वंचित ना रहे इस दिषा में एक साझे प्रयास की जरूरत है। कार्यषाला को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य खाद्य आयोग रांची से आयी डाॅ0 रंजना कुमारी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले लाभ को समाज के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत है। सरकार के द्वारा चलायी जाने वाली सभी योजना जन कल्याण के लिए है तथा जबतक सभी योजनाओं का लाभ समाज के योग्य व्यक्ति को नहीं मिलेगा तबतक योजना सफल नहीं हो सकती है। जिलास्तर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का प्रचार प्रसार तथा इस योजना के तहत लाभ लेने की प्रक्रिया को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। असक्षम व्यक्ति यदि इस योजना के तहत लाभ ले रहे हैं तो इसकी सूचना आप गुप्त रुप से आयोग को दें। आयोग ऐसे व्यक्ति पर विधिसम्मत कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि आप सभी के सामुहिक प्रयास से ही कुपोषण को दूर किया जा सकता है। कुपोषण को दूर करने के लिए जिले में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय। अपने संबोधन में राज्य खाद्य आयोग रांची से आये हलधर महतो ने पाॅवर पाॅइंट प्रेजेंटेषन के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से संबंधित सभी विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक यदि पहुंचाना है तो इस तरह के कार्यषाला का आयोजन ग्रामस्तर पर करना होगा। कार्यषाला को संबोधित करते हुए सदस्य राज्य खाद्य आयोग रांची से आये रामकरण रंजन ने कहा कि कार्यषाला में उपस्थित जनप्रतिनिधि इस अधिनियम के बारे में जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करें। योग्य लाभुक को सरकार की योजना का लाभ लेने से कोई रोक नहीं सकता है। झारखंड से कुपोषण दूर करने की दिषा में विषेष रूप से कार्य करने की जरुरत है। कुपोषण से संबंधित परिचर्चा पंचायत स्तर पर व्यापक रुप से किया जाय। कार्यषाला में विभिन्न जिलों से आये अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित लोगों ने अपनी बात रखी तथा अपनी समस्याओं से अवगत कराया। 

बिहार : भूमि अधिकार पर संवाद 24 सितम्बर को

$
0
0
talk-on-land-right-on-24-september
डूमर(समेली). गैर सरकारी संस्था  प्रगति ग्रामीण विकास समिति की शाखा कार्यालय डूमर में है.उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से सटे स्थित है. समेली प्रखंड के प्रखंड समवन्यक राजकुमार भारती के अनुसार डूमर स्थित सामुदायिक भवन में  24 सितम्बर को 11 बजे पूर्वाह्न से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में भूमि अधिकार पर संवाद का आयोजन किया गया है. इसमें सरकारी स्तर पर लोगों को भूमि संबंधित अधिकार प्राप्त है उस पर खुलकर चर्चा होगी.वहीं किस तरह से आवासहीन भूमि अधिकार प्राप्त कर सकेंगे उस पर माननीय वक्तागण प्रकाश डालेंगे. बता दें कि राजगोपाल पी.व्ही.संस्थापक हैं एकता परिषद का.इस जन संगठन एकता परिषद व अन्य संगठनों ने  अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर,2017 से जन आंदोलन 2018 का ऐलान कर रखा है.इसमें  6 सूत्री मांग है.इस मांग में राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो शामिल है. इस पर विशेष चर्चा होगीं.लोगों को मध्य प्रदेश चलने का आह्वान किया जाएगा.देश-विदेश-प्रदेश से 25 हजार की संख्या में वंचित ग्वालियर पहुंच रहे हैं.केंद्र सरकार के समक्ष 6 सूत्री मांगों पर दबाव बनाने कटिहार जिले से भी 5 हजार लोग जाएंगे.

पूर्णिया : किसानों को एक ही पंजीकरण पर मिलेगी फसल क्षति, डीजल अनुदान व कृषि यंत्रों की अनुदान राशि

$
0
0
- जिले में कुल 2 लाख 20 किसानों में से 52 हजार 200 किसानों ने अपना निबंधन कराया है। इन किसानों में से 22 हजार 267 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए अपना निबंधन कराया है

one-registration-all-subsidy-for-farmer-bihar
पूर्णिया (कुमार गौरव)  किसानों को अनुदान देने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। अब किसानों को एक बार ही अपना निबंधन कृषि विभाग में कराना होगा। इसके बाद उन्हें सारी योजनाओं का लाभ स्वत: मिलता रहेगा। आमतौर पर किसानों को फसल क्षति, डीजल अनुदान व कृषि यंत्रों की खरीदारी पर सरकार के द्वारा अनुदान राशि दी जाती है। इसके लिए उन्हें पूर्व में अलग अलग निबंधन कराना होता था लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत किसानों को लाभ लेने के सिर्फ एक बार ही निबंधन कराना होगा। इसके लिए विभाग ने एक आदेश जारी कर सभी किसानों को विभाग द्वारा जारी किए गए बेवसाइट पर पंजीकरण कराने को कहा है। इसके लिए किसान सलाहकार व कृषि समन्वयकों के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। अबतक जिले में कुल 2 लाख 20 किसानों में से 52 हजार 200 किसानों ने अपना निबंधन कराया है। इन किसानों में से 22 हजार 267 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए अपना निबंधन कराया है। पंजीकृत किसान ही अब कृषि योजनाओं के लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे। आवेदन करते समय सबसे पहले अपना पंजीकरण संख्या अंकित करना होगा। ताकि कृषि योजनाओं के अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में भेजी जा सके। 

...कैसे हासिल करें पंजीकरण संख्या : 
जो किसान अपना ऑनलाइन पंजीयन कराना चाहते है उन्हें अपने नजदीक के किसी भी साइबर कैफे में जाकर कृषि विभाग के बेवसाइट krishi.bih.nic.in पर लॉग इन करना होगा। उसके बाद खुले बिहार कृषि विभाग के पेज पर दाहिने तरफ आए डीबीटी इन एग्रीकल्चर पर क्लिक करना होगा। उसके बाद एक पेज खुलेगा। जहां पर किसान पंजीकरण का ऑप्शन आएगा। वहां जाकर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा और किसानों से उनकी सभी जानकारियां भरने के लिए मिलेगा। सभी कालम भरने के बाद किसान का पंजीयन हो जाएगा। इसके साथ ही किसान के मोबाइल नंबर पर किसान पंजीकरण की संख्या व पासवर्ड ओटीपी के माध्यम से मिल जाएगा। जिसे किसान संभाल कर रखेंगे। 

...गलती सुधारने को मिलेगा एक सप्ताह का वक्त : 
वैसे किसान जो ऑनलाइन पंजीयन करा चुके हैं, लेकिन उनका बैंक खाता अथवा ब्यौरा में कोई गलती हो गई है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर सुधार सकते हैं। ध्यान रहे गलत ब्योरा देने पर अनुदान की राशि बैंक खाते में नहीं भेजी जाती है। प्रखंड से लेकर जिला कृषि कार्यालय द्वारा भी किसानों को समझाने के लिए किसान सलाहकार व कृषि समन्वयकों समेत प्रखंड कृषि पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 

...अनुदान का लाभ लेने वाले तीन साल बाद ही करेंगे आवेदन : 
किसानों को कृषि कार्य के लिए कई तरह के अनुदान दी जाती है। इसके लिए सरकार ने समय सीमा निर्धारित कर दी है। किसानों को लोहा से निर्मित बड़े मशीन जैसे कंबाइंड हार्वेस्टर छोटे ट्रैक्टर आदि पर अनुदान लेने के बाद किसानों को पांच साल के बाद ही दूसरी बार अनुदान दी जाएगी। वहीं छोटे मशीन की खरीदारी करने पर तीन साल बाद तथा प्लास्टिक निर्मित व छोटे कृषि यंत्रों पर दो साल बाद अनुदान लेने के लिए मान्य माना जाएगा। कृषि विभाग कृषि यंत्रों पर 50 हजार की राशि अनुदान के रूप में देता है। 

...पंजीकरण के आधार पर ही मिलेगा अनुदान : 
जिले में फिलहाल डीजल अनुदान की राशि ही किसानों को दी जा रही है। जिले के कुल 2 लाख 20 किसानों में से 52 हजार 200 किसानों ने अपना निबंधन कराया है। इन किसानों में से 22 हजार 267 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए अपना निबंधन कराया है। इस योजना की जानकारी किसानों को देने के लिए सभी कृषि सलाहकारों व प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिया गया है। सरकारी योजना का लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जिनका विभाग की वेबसाइट पर पंजीयन होगा। किसान किसी भी योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे। जिसमें उनका पंजीयन संख्या होना अनिवार्य होगा। : सुरेंद्र प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी, पूर्णिया।

बल्लभगढ़ में युवती के साथ सामूहिक बलात्कार

$
0
0
gang-rape-ballabhgadh
फरीदाबाद , 19 सितंबर,  हरियाणा के बल्लभगढ़ में सामूहिक बलात्कार की कथित घटना सामने आई है । मंगलवार की रात 20 साल की एक लड़की के साथ मारपीट कर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप है । फरीदाबाद के सेक्टर-3 में रहने वाली 20 साल की एक लड़की मंगलवार रात करीब 10 बजे अपने एक दोस्त के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर आईएमटी की तरफ घूमने गई थी । वहां आउटर बाईपास पर चार लोगों ने उनकी बाइक रुकवा ली और दोनों के साथ मारपीट की । मारपीट करने के बाद चारों ने युवती के दोस्त को रस्सियों से बांधकर जंगल में फेंक दिया और फिर सभी ने उसके साथ बारी-बारी बलात्कार किया । एसीपी बल्लभगढ़़ बलवीर सिंह की मानें तो उन्हें मंगलवार रात को सूचना मिली थी कि आईएमटी के पास एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना और मारपीट हुई है । पुलिस ने तुरंत इस संबंध में मामला दर्ज कर दो लोगों को राउंडअप किया है। पुलिस आयुक्त अमिताभ का कहना है कि पुलिस को इस मामले में बहुत अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा ।

हमने विभाजन से कुछ नहीं सीखा : नंदिता दास

$
0
0
we-never-learn-from-division-nandita-das
नयी दिल्ली, 19 सितंबर , बॉलीवुड में जीवनी आधारित फिल्मों की बाढ़ के बीच नंदिता दास को उम्मीद है कि उनकी फिल्म ‘मंटो’ अलग छाप छोड़ेगी। यह फिल्म मशहूर लघुकथा लेखक मंटो के उस दौर की कहानी कहती है जब सांप्रदायिक हिंसा चरम पर थी। बतौर निर्देशक नंदिता दास की यह दूसरी फिल्म है। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने सआदत हसन मंटो का किरदार निभाया है। फिल्म में वर्ष 1946 से शुरू लेखक के सबसे अधिक उथल-पुथल भरे एवं रचनात्मक दौर को दर्शाया गया है। यह पूछे जाने पर कि कलाकार बार-बार विभाजन पर ही बात क्यों करते हैं, इस पर नंदिता ने कहा, ‘‘आखिर हम इसे भूल क्यों नही पाये हैं। शायद हम इसे इसलिए नहीं भूल पाये हैं क्योंकि हमने इससे कुछ सीखा ही नहीं।’’  अभिनेत्री से निर्देशक बनीं नंदिता ने कहा कि वह मंटो की नजर से उथल-पुथल भरे उस इतिहास को देखने में अधिक रूचि रखती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘आज सांप्रदायिक हिंसा की वही घटनाएं हो रही हैं। तब जो लोग इससे जूझे थे और आज जो इससे जूझ रहे हैं : वो आम लोग हैं। सिरिल रेडक्लिफ ने एक रेखा खींच दी जो शायद एक गांव से होकर गुजरी और फिर सबकुछ तबाह हो गया।’’  मंटो की दो बेटियां नुसरत एवं नुजहत हाल में इस फिल्म को देखने के लिये इसके विशेष प्रीमियर पर मुंबई आयी थीं। नंदिता ने कहा कि यह उर्दू लेखक जनवरी 1948 में मुंबई छोड़ पाकिस्तान चला गया। उन्हें राष्ट्रीयता में नहीं बांटा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मंटो एक ऐसे लेखक हैं जो भारत और पाकिस्तान दोनों से संबंधित हैं। उन्हें राष्ट्रीयता में नहीं बांटें।’’  नंदिता ने कहा कि वह पड़ोसी देश में भी फिल्म को रिलीज होते देखना चाहती हैं। रसिका दुग्गल, ताहिर राज भसीन, दिव्या दत्ता, रणवीर शौरी और ऋषि कपूर अभिनीत यह फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज होगी।

बिहार : डॉन बोस्को स्कूल के निदेशक का निधन

$
0
0
don-basco-director-patna-died
पटना। कुर्जी मगध कॉलोनी में मातम का माहौल है.आज शिक्षाविद् राजकुमार द्विवेदी उर्फ अलोसियुस का निधन हो गया.वे करीब 73 वर्ष के थे.अपने पीछे पत्नी इग्नासिया अलोसियुस,पुत्र रोहित राज,पुत्री रेश्मी राज और रीमा राज को छोड़ गए. वस्तुत:पश्चिम चम्पारण के बगहा एक प्रखंड में स्थित चखनी के रहने वाले राजकुमार द्विवेदी हैं.1968 में नौकरी की तलाश में पटना आए.उस समय ईसाई मिशन के द्वारा फूड फोर वर्क कार्यक्रम से घर बनाया जा रहा था.उसमें मुंशी का कार्य किया. इसके बाद विख्यात कुर्जी होली फैमिली अस्पताल में कार्य किया.इस बीच उत्तर बिहार के ईसाइयों को समेटकर विकास के कार्यों में लगवाया. बताया जाता है कि यह सब लाइन छोड़कर दानापुर में डॉन बोस्को स्कूल खोल दिए.इस स्कूल के निदेशक बन गए.इनके बच्चे स्कूल के टीचर बन गए.पत्नी संत माइकल हाई स्कूल की टीचर बन गयीं.अभी रिटायर हैं. ईसाई धर्मरीति के अनुसार राजकुमार द्विवेदी को कुर्जी कब्रिस्तान में दफन होगा.इसके पूर्व प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में पार्थिव शरीर के साथ मिस्सा होगा. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने कहा है कि बहुत ही अच्छे इंसान को खो दिए हैं.कुर्जी अस्पताल में सीनियर कर्मी थे.इनको भगवान स्वर्ग देना.संदीप क्लोसन, अजय फ्रांसिस के साथ बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ईश्वर राजकुमार जी की आत्मा को शांति प्रदान करे एवँ उनके परिवार के सदस्यों को शक्ति प्रदान करे.

बिहार : आवेदनों की सेंचुरी पार के बाद ही कार्रवाई, यह कैसा सिस्टम है भाई?

$
0
0
system-in-block-bihar
कुर्सेला.जब कुर्सेला प्रखंड कार्यालय से दिव्यांग का कार्य नहीं बना तो वह जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, कटिहार चला गया.आज वह तिनपहिया वाहन प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा कर दिया.

सामाजिक सुरक्षा कोषांग में पावती देने का प्रावधान नहीं
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में दस्तुर नहीं है कि कोई आवेदक आवेदन दें तो उसको पावती दें.परंतु यहां पर दस्तुर नहीं है.यहां आवेदन प्राप्त करने का प्रमाण नहीं दिया जाता है.कुछ भी कर ले पर बड़ा बाबू  देते ही नहीं हैं. यहां तक द्वितीय पत्र पर भी हस्ताक्षर नहीं करते हैं.हस्ताक्षर करने की मांग करने पर बड़ा बाबू लाल हो जाते हैं.गुस्से में तनमना कर आवेदन ही वापस करने लगते हैं. अब आवेदक क्या करें? बिना पावती के ही आवेदन दे दिया जाता है.अब आपकी मर्जी है आवेदन भूला दो या काम बना दो. इस ओर कटिहार की डी.एम.साहिबा को देखना चाहिए कि किन-किन विभागों में पावती नहीं देने का प्रावधान कर्मियों ने बना रखा है.इस ओर  सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

क्या है मामला द्वियांग का
बल्थी महेशपुर मुसहरी,वार्ड नम्बर-8 में बिगो ऋषि और लीला देवी रहते हैं.इनके पुत्र हैं नन्दू कुमार ऋषि. नन्दू दिव्यांग हैं.90 प्रतिशत विकलांता हैं.जब 1999 में द्वितीय क्लास में पढ़ते थे.इसके बाद 1.1.2012 को नि:शक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृति की गयी.अभी नन्दू कुमार नौवीं कक्षा में पढ़ते हैं.व्हीलचेयर नहीं रहने के कारण वह पढ़ाई छोड़ दी है.वह कहता है कि व्हीलचेयर मिल जाएगा तो पढ़ाई जारी कर देगा.

सेंचुरी अप के बाद ही आवेदन पर कार्रवाई
कोषांग के प्रधान सहायक हैं रामाशीष पोद्दार.इनका कहना है कि यहां पर हमलोग आवेदनों का जिला स्तर पर संग्रह करते हैं.इसी तरह प्रखंड स्तर पर भी होता है.जिला स्तर पर 42 आवेदन संग्रहित है.बारसोई प्रखंड के बीडीओ साहब के पास 14 आवेदन है.इस तरह सेंचुरी अप होने के बाद आवेदन को पटना भेजा जाता है.किसी कम्पनी के द्वारा वाहन तैयार करने बाद  दिव्यांगों की मांग पूर्ण कर पाते हैं.

पूर्णिया : कभी भी ध्वस्त हो सकता है डगरूआ से पतरिंगा जाने वाली सड़क का पुल

$
0
0
- इसकी जर्जरता की खबर प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों को है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है
bridge-mey-colapsed-in-purnia
पूर्णिया : जिले में मुख्यमंत्री सेतु योजना अंतर्गत डगरुआ प्रखंड से पतरिंगा जाने वाले पथ पतरिंगा गांव के पास मनेन धार पर स्थित पुल का निर्माण कार्य 2008 में विधायक रुकनुद्दीन के समय में हुआ था। आज पुल पूरी तरह से जर्जर हालत में है। जबकि इससे रोजाना सैकड़ों वाहनों का आवाजाही होता है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुल इस कदर जर्जर हो चुका है कि किसी भी वक्त यह पुल ध्वस्त हो सकता है। हालांकि इसकी जर्जरता की खबर प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों को है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि धार में गहरा खाई भी है। अगर यह पुल ध्वस्त हो गया तो न जाने  कितना बड़ा हादसा हो जाए यह कहना मुश्किल है। क्योंकि इस इलाके का यह मुख्य मार्ग है। भारी भरकम वाहनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। समाज सेवक सरफराज आलम का कहना है कि इस पुल के दोनों छोर से मिट्टी व सड़क कट कर नदी में समा चुकी है और लोग जान जोखिम में डालकर अपने वाहनों को इस पुल से होकर पार करते हैं। खासकर बरसाती दिनों ताे स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है। अक्सर इस पुल पर ऑटोरिक्शा या फिर छोटे बड़े वाहनों को फंसना आम हो गया है और लोग घटना के शिकार भी हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसे दुरूस्त करने की दिशा में जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस इलाके के सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासनिक पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों से अविलंब पुल निर्माण की मांग की है।

बेगूसराय : बलिया N H 32 स्थित होटल मानसरोवर पर किया अपराधियों ने अंधाधुन्ध फायरिंग

$
0
0
firing-in-begusarai-nh
बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)  मंगलवार देर रात तकरीबन 10/10:30 के आसपास अज्ञात अपराधियों द्वारा लखमिनियाँ,छोटी बलिया, बेगूसराय N H 31 स्थित होटल मानसरोवर में हुए अचानक फायरिंग के दौरान एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। फायरिंग की आवाज सुनकर और घायल युवक को देखकर होटल में खाना खा रहे लोगों और आसपास के लोगों में अफरा तफरी मच गई और लोगो में व्याप्त हो गई दहशत। घटना की जानकारी मिलते ही बलिया थानाध्यक्ष सुनील कुमार अविलम्ब अपने दलबल के साथ पहुँचे घटना स्थल और हुए फायरिंग की जाँच पड़ताल में जुट गए,परन्तु कोई पुख्ता सुराग घटना की नहीं मिल पाई है,और पुलिस के घटना स्थल पर पहुंचने के पूर्व ही अपराधी फायरिंग के बाद होटल में घुसकर काफी तोड़ फोड़ भी किये और तोड़ फोड़ कर वहाँ से हो लिये फरार।इधर घायल युवक के परिजन को जब जानकारी मिली तो पूरे परिवार दौड़े घटनाआ स्थल होटल मानसरोवर जहाँ खाना खा रहे युवक को गोली लगी थी।युवक के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक का नाम पंकज कुमार साह पिता रामबाबू साह है।बताया जाता है कि पंकज मेडिकल की तैयारी कर रहा है,वह अपने साथियों के साथ होटल खाना खाने गया हुआ था।पंकज छोटी बलिया बाजार बेगूसराय का ही रहनेवाला है।जिसे फौरन इलाज हेतु स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया,जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद बेगूसराय सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।इधर फायरिंग के कारणों की कोई खास जानकारी तो उपलब्ध नहीं हो पाई है परन्तु लोगों के मुख से यह सुनने को आया कि यह दो गुटों के बीच की बर्चस्व की लड़ाई का अंजाम है,कुछेक लोगों के अनुसार होटल मालिक के साथ आपसी रंजिश का कारण है।वहाँ के लोगों के अनुसार यह भी जानकारी थानाध्यक्ष सुनील कुमार को मिली पूछताछ के दौरान की मानसरोवर होटल के पीछे बगीचे से लगभग 8/10 राउण्ड गोली चली जिसमें पंकज को दो गोली पैर में आकर लगी।इस घटना के बाद डी एस पी अंजनी कुमार घटनाआ स्थल पहुँचे और घटनाआ स्थल का निरीक्षण किये,निरीक्षण के दौरान उनके हाथ कुछ खाली खोखा ही हाथ लग पाई बाकी अपराधी तो पुलिस के पहुँचने से पहले ही फरार ही चुके थे,जैसा कि अक्सर होते आया है।घटना की जाँच में बलिया,बेगूसराय पुलिस पूरी तन्मयता से लगी हुई है। पुख्ता जानकारी पुलिस के हाथ लगते ही वारदात की पूरी जानकारी आप तमाम पाठकों के समक्ष होगी।बलिया थाना से पूछने पर प्राप्त जानकारी के अनुसार नयूज़ प्रेषित करने तक घटना की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है।कारण घायल पंकज कुमार इलाज के लिये बेगूसराय सदर अस्पताल आ गया है और होटल मालिक के तरफ से अभीतक कोई लिखित प्राथमिकी दर्ज हुई ही नहीं।यह बात थोड़ी पच नहीं रही है कि घायल पंकज इलाज के लिये बेगूसराय सादे अस्पताल आया है परन्तु होटल मालिक तो वहीं है,फिर अभीतक कोई प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुई मुद्दा विचारणीय है।मामला क्या है इसकी खुलासा तो अब पुलिस ही कर सकती है,देखना है कि इस फायरिंग घटना का खुलासा कबतक हो पाता है।

नीतीश कुमार ने अमित शाह से मुलाकात की

$
0
0
nitish-meet-amit-shah
नयी दिल्ली, 19 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते पर चर्चा की। कुमार ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ सम्मानजनक समझौते पर पहुंच गयी है लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि राज्य की कुल 40 सीटों में से उनकी पार्टी कितनी सीटों पर किस्मत आजमाएगी। राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि यह भी फैसला होना है कि जदयू कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि 2014 में नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा नीत राजग का हिस्सा नहीं थी। भाजपा ने तब 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था। राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को सात सीटें लड़ने के लिए मिली थीं और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थी। 2013 में राजग का साथ छोड़ने से पहले जदयू ने गठबंधन में रहते हुए भाजपा से अधिक सीटों पर किस्मत आजमाई थी। 

अयोध्या में जल्द बनना चाहिए राम मंदिर : भागवत

$
0
0
ram-mandir-must-build-mohan-bhagwat
नयी दिल्ली, 19 सितंबर,  आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए। संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘राम मन्दिर का निर्माण यथाशीघ्र होना चाहिए।’’  उन्होंने इस मुद्दे पर वार्ता का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय राम मन्दिर समिति को करना है जो राम मन्दिर के निर्माण के लिए अभियान की अगुवाई कर रही है। संघ प्रमुख ने कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम कि राम मंदिर के लिए अध्यादेश जारी किया जा सकता है क्योंकि वह सरकार के अंग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि क्या अध्यादेश जारी किया जा सकता है और इसे कानूनी चुनौती मिल सकती है..ऐसे मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए।

तीन तलाक का अध्यादेश ऐतिहासिक :अमित शाह

$
0
0
triple-talaq-historical-amit-shah
नयी दिल्ली, 19 सितंबर, तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि यह उन पार्टियों के लिए भी आत्ममंथन का विषय है जिन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए इतने दिनों तक मुस्लिम महिलाओं को यह पीड़ा झेलने के लिए बाध्य किया। अध्यादेश पर कैबिनेट की मुहर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए शाह ने ट्वीट किया कि जहां तक समानता एवं उनके मूलभूत संवैधानिक अधिकारों की बात है मुस्लिम महिलाएं समाज में सम्मान के साथ रह सकेंगी। उन्होंने इस फैसले को मुस्लिम महिलाओं की जीत बताया। उन्होंने भाजपा सरकार के इस निर्णय को ‘दृढ़ संकल्पित नये भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम बताया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह कानून लागू होने के बाद मुस्लिम महिलाएं समाज में गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सकेंगी। कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए शाह ने कहा, ‘‘यह अध्यादेश उनके लिए अपराधबोध एवं आत्ममंथन का मामला है क्योंकि उन्होंने वोट बैंक की अपनी राजनीति के चलते दशकों से चली आ रही इस कुरीति के कारण मुस्लिम महिलाओं को परेशान होने के लिए बाध्य कर रखा था।’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी जो एक बार में तीन तलाक कहकर मुस्लिम महिलाओं से वैवाहिक रिश्ता तोड़ने की प्रथा पर पाबंदी के लिए लाया गया है। प्रस्तावित अध्यादेश के तहत एक बार में तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ना गैरकानूनी होगा और इसमें तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल तक की कैद की सजा दी जा सकती है।

अफगान की अगुवाई वाली शांति प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध भारत : मोदी

$
0
0
India-committed-to-Afghan-led-peace-process
 नई दिल्ली 19 सितम्बर, भारत ने बुधवार को अफगानिस्तान सरकार की अगुवाई, नेतृत्व और स्वामित्व वाली शांति व सुलह प्रक्रिया के प्रति अपनी बचनबद्धता और समर्थन को दोहराया। दोनों देश कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग मजबूत करने के लिए सहमत हुए। दोनों देशों ने साथ ही क्षेत्र में समृद्धि, शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए अपने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साथियों के साथ और करीब से काम करने का निर्णय लिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सरकार द्वारा शांति और सुलह के लिए उठाए गए कदम के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने मोदी को अफगानिस्तान और इसके लोगों द्वारा आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करने के बारे में बताया। मोदी ने अफगानिस्तान में आतंकवादी हमले और हिंसा की निंदा की और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में वहां के लोगों और नेशनल डिफेंस फोर्स के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। उन्होंने अफगानिस्तान सरकार के लगातार संगठित, समावेशी और लोकतांत्रिक देश बने रहने और आर्थिक रूप से जीवंत देश बनने के प्रयास को समर्थन देने की भारत की 'अटल प्रतिबद्धता'दोहराई। दोनों नेताओं ने बहुमुखी भारत-अफगानिस्तान रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और द्विपक्षीय व्यापार के एक अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर जाने पर संतोष जाहिर किया।


सऊदी अरब ने हौती विद्रोहियों की मिसाइल मार गिराई

$
0
0
Saudi-Arabia-shoots-Hosni-mubarak-rebels-dead
रियाद 20 सितंबर, सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन सेना ने यमन की ओर से सीमावर्ती शहर जजान की ओर दागी गई मिसाइल को नष्ट कर दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गठबंधन सेना के प्रवक्ता कर्नल तुर्की अल मलीकी ने सऊदी प्रेस एजेंसी को कहा कि इस ताजा हमले से हौती विद्रोहियों द्वारा सऊदी अरब पर दागी गई मिसाइलों की संख्या बढ़कर 198 हो गई है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की वायुसेना ने मिसाइल रोककर उसे नष्ट कर दिया।

इमरान खान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

$
0
0

 Imran-Khan-Abu-Dhabis-Crown-Prince-discusses-bilateral-relations
दुबई 20 सितंबर, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और यूएई के सशस्त्रबल के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की गई। इसके साथ ही क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंतों पर चर्चा की। इमरान खान यूएई के दौरे पर बुधवार को अबू धाबी पहुंचे थे।





विशेष आलेख : कितना प्रभावी होगा हाथी-पंजे का साथ

$
0
0
मध्यप्रदेश में कांग्रेस इस बार वापसी के इरादे से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करती हुई दिखाई पड़ रही है, सूबे में पार्टी सभी बड़े नेताओं के जिम्मेदारी तय कर दी गयी है लेकिन शिवराज के मुकाबले पार्टी की तरफ से किसी को चेहरा धोषित नहीं किया गया है. लम्बे समय के बाद पार्टी की कमान एक ऐसे नेता के हाथों में है जो वरिष्ठ है और जो सभी गुटों को नाधने में सक्षम नजर आता है, प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद से कमलनाथ ज्यादातर समय भोपाल में ही बने रहे हैं इस दौरान उसका पूरा फोकस संगठन और गठबंधन पर रहा है. संगठन का काम तो उन्होंने पूरा कर लिया है लगभग सभी सांगठनिक नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं लेकिन गठबंधन का सवाल अभी भी बना हुआ है. कमलनाथ का सबसे ज्यादा जोर बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन पर रहा है शरुआत से ही वे बसपा से साथ गठबंधन को लेकर बहुत उतावले दिखाई पड़े हैं शायद उनकी इस अधीरता और मजबूरी को बसपा ने भांप लिया और अब वो अपनी शर्तों पर कांग्रेस के साथ मोल भाव की स्थिति में आ गयी है. मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन के सहारे अपने वापसी का रास्ता देख रही है उसे शायद एहसास हो गया है कि पिछले तीन चुनावों में उसकी हार एक एक प्रमुख वजह क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा वोट विभाजन रहा है. 

मध्यप्रदेश में यह शायद पहला चुनाव होगा जिसमें क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका को इतना महत्त्व दिया जा रहा है. परम्परागत रूप से यहां हमेशा से ही दो पार्टियों का वर्चस्व रहा है लेकिन इस बार क्षेत्रीय पार्टियों भी पूरी आक्रमकता के साथ अपने तेवर दिखा रही हैं. ऐसा मान जा रहा है कि किसी एक पार्टी के पक्ष में लहर ना होने के कारण इस बार हार-जीत तय करने में सपा, बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जैसे पार्टियों की अहम भूमिका रहने वाली है इधर आदिवासी संगठन “जयस” और आम आदमी पार्टी जैसे नये खिलाडी में मैदान में ताल ठोकते हुये नजर आ रहे हैं, आम आदमी पार्टी तो अपने बूते सरकार बनाने का दावा भी कर रही है.

लेकिन इन सबमें सबसे बड़ा खिलाड़ी बहुजन समाज पार्टी को माना जा रहा है, मध्यप्रदेश में 15 फीसदी से अधिक दलित आबादी है जो कि परम्परागत रूप से कांग्रेस के वोटबैंक रहे हैं लेकिन अब इसका एक बड़ा हिस्सा भाजपा और बसपा के हिस्से में जा चूका है. मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं जिसमें से वर्तमान में 27 सीट भाजपा के पास हैं. कांग्रेस एकबार फिर अपने इस पुराने वोट बैंक को साधना चाहती है इसी सन्दर्भ में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने यह बयान दिया था कि “अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी भी उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं”. लेकिन कांग्रेस ये भी समझ रही है कि दलित वोटरों को दोबरा साधने में उसे बसपा के मदद की जरूरत है पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि किस तरह से बसपा ने लगातार कांग्रेस की संभावित जीत वाली सीटों पर खेल बिगड़ने का काम किया है, बुन्देलखण्ड, विंध्य और ग्वालियर चंबल संभाग में बसपा का अच्छा प्रभाव माना जाता है. पिछले चार विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा के लगातार करीब सात प्रतिशत वोट शेयर बनाये रखा है, 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान उसे 6.29 फीसदी वोट मिले थे. जाहिर है मध्य प्रदेश में कांग्रेस की संभावनाओं को प्रभावित करने के लिये बसपा के पास पर्याप्त वोट बैंक है इसलिये इसबार कांग्रेस पहले से ही कोई जोखिम ना लेते हुये बसपा के साथ गठबंधन को आतुर नजर आ रही है.

लेकिन लम्बे समय से किये जा रहे प्रयासों के बावजूद दोनों पार्टियों में गठबंधन को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है और लगातार अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है बीच-बीच में बयानबाजी जरूर सामने आ जाती है जिसमें बसपा ये कहकर कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश करती है कि वो मध्य प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. कांग्रेस के साथ गठबंधन की चर्चाओं के बीच पिछले दिनों प्रदेश बसपा अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि “हम सभी सीटों पर तैयारी कर रहे हैं,प्रदेश भर में लगातार सभाएं हो रही हैं,बसपा की इस बार निर्णायक भूमिका होगी”.

जाहिर है दबाव कांग्रेस पर है क्योंकि इस समय उसे बसपा के साथ की ज्यादा जरूरत है विशेषकर उप्र की सीमा से लगे बुंदेलखंड, विंध्याचल और ग्वालियर-चंबल की सीटों पर . साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा को चार सीटें मिली थी जबकि 11 सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे और करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर वो तीसरे नंबर पर रही थी. इसलिये कांग्रेस अगर सत्ता में वापस लौटना चाहती है तो वो चाहकर कि इसमें बसपा की भूमिका से इनकार नहीं कर सकती है. अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वोट शेयर में बसपा के करीब सात प्रतिशत के करीब वोट शेयर को जोड़ दिया जाये तो फिर यह गठजोड़ भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. आंकड़े बताते हैं की अगर 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बसपा मिलकर चुनाव लड़ते तो वे करीब 131 सीटें जीत कर सरकार बना सकते थे इसी तरह से अगर दोनों पार्टियाँ 2013 में मिलकर चुनाव लड़तीं तो मुकाबला काफी करीबी हो सकता था.

मध्यप्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनाव के दौरान तीनों पार्टियों का वोट प्रतिशत 
 2003            2008                     2013
भाजपा 
45.50           37.64                     44.88
कांग्रेस 
31.61            32.39                    36.38
बसपा 
7.26               8.97                      6.29

अगर इस बार कांग्रेस और बीएसपी एकसाथ मिल कर चुनाव लड़े तो पंद्रह साल से सत्ता में बैठी भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है क्योंकि दोनों को मिलकर मिलने वाले कुल वोट भाजपा को मिलने वाले वोटों के बहुत करीब बैठते हैं. कांग्रेस को इस एहसास हो गया है कि भाजपा की सत्ता उखाड़ने की मुहिम में उसे बसपा का साथ ज़रूरी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने स्वीकार किया है कि कि “आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टीके साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने से कांग्रेस को मदद मिलेगी”.

चुनाव बहुत नजदीक हैं लेकिन कांग्रेस और बसपा के बीच अभी भी गठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है. अगर इन दोनों पार्टियों के बीच समझौता नहीं हुआ तो इसका सबसे ज्यादा नुक्सान कांग्रेस पार्टी को होगा और इससे भाजपा को बहुत राहत मिलेगी. कांग्रेस से जुड़े अखबार नेशनल हेराल्ड द्वारा मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर जुलाई माह में स्पीइक मीडिया नेटवर्क के जिस सर्वे प्रकाशित किया था उसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो कांग्रेस के लिये मध्यप्रदेश में भाजपा को  सत्ता से हटाना बहुत मुश्किल होगा.  कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बसपा लगातार कड़ा रुख अपनाये हुये है दरअसल पेंच इस बात पर अड़ा बुआ है कि बसपा चाहती है कि उसका मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्‍यों में कांग्रेस के साथ तालमेल हो जाये लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की इकाई विशेषकर सचिन पायलट का खेमा इसके लिये तैयार नहीं हैं इस सम्बन्ध में वे सावर्जनिक बयान भी दे चुके हैं कि राजस्थान में कांग्रेस को किसी गठबंधन की आवश्यकता नहीं है और  कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरना चाहिये. इधर बसपा यह कह क्र दबाव बना रही है कि वो या तो इन तीनों ही चुनावी राज्‍यों में कांग्रेस के साथ तालमेल करेगी, अन्‍यथा वह अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. 

एक दूसरा पेंच सीटों के बंटवारे को लेकर है इस सम्बन्ध में खुद मायावती ने बयान दिया है कि “कांग्रेस के साथ गठबंधन तभी होगा जब हमें सम्मानजनक सीटें मिलेंगी”. मध्यप्रदेश में कांग्रेस बसपा को 15 सीटें देना चाहती है लेकिन बसपा 30 सीटें मांग रही है. दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ भी गठबंधन के फिराक में है ऐसे में वो चाहकर भी बसपा को ज्यादा सीटें नहीं दे सकती है.  मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिये चुनाव लड़ रही है और जीत के लिये वो कोई कसर बाकि नहीं रखना चाहती, इसीलिये वोटों का बिखराव रोकना उसकी प्राथमिकता में शामिल है. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा अथवा नहीं अभी इस पर अभी तक फैसला नहीं हो सका है शायद अगले महीने तक इस संबंध में दोनों पार्टियां निर्णय पर पहुंच सकें कि मध्य प्रदेश में बसपा कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा अथवा नहीं. फैसला जो भी हो इसका असर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ना तय है.



congress-and-bsp-effect-in-mp-election

जावेद अनीस
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

पूर्णिया : 30 वर्ष पूर्व बनी कोसी विकलांग कल्याण संस्थान आज सरकारी मदद को तरस रही

$
0
0
- दिव्यांगों को कक्षा सात तक सामान्य शिक्षा के साथ साथ रोजगार परक शिक्षा देने के उद्देश्य से प्रखंड के गढ़बनैली स्थित हाजीनगर में आज से ठीक 30 वर्ष पूर्व कोसी विकलांग कल्याण संस्थान का उद्घाटन राजेंद्र कुमार वाजपेयी राज्य मंत्री कल्याण भारत सरकार के हाथों 18 जुलाई 1988 में किया गया था

kosi-viklang-kalyan-sansthaan-purnia
पूर्णिया (कुमार गौरव)  विकलांगता अभिशाप नहीं दुर्घटना है। जैसे नारे को साथ लिए सीमांचल के दिव्यांगों को कक्षा सात तक सामान्य शिक्षा के साथ साथ रोजगार परक शिक्षा देने के उद्देश्य से जिले के कसबा प्रखंड के गढ़बनैली स्थित हाजीनगर में आज से ठीक 30 वर्ष पूर्व कोसी विकलांग कल्याण संस्थान का उद्घाटन राजेंद्र कुमार वाजपेयी राज्य मंत्री कल्याण भारत सरकार के हाथों 18 जुलाई 1988 में किया गया था। लेकिन सरकारी उदासीनता एवं जनप्रतिनिधियों के कमजोर इच्छाशक्ति का शिकार बन दिव्यांग बच्चों का तकदीर बदलने वाली कोसी विकलांग संस्थान खुद दिव्यांग बनकर रह गई है। बता दें कि उस समय के तत्कालीन जिलाधिकारी राम सेवक शर्मा ने इस संस्थान की संभावनाओं को परखकर इसे अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य पूर्णिया के तीन सिनेमाघरों में चैरिटी शो के माध्यम से 80 हजार रुपए एकत्र करवाए थे। जिलाधिकारी के विशेष प्रयासों एवं एमएल आर्य कॉलेज कसबा के नेत्रहीन प्राध्यापक सह संस्थापक सचिव डॉ अनिल कुमार के अथक प्रयासों एवं मेहनत से कोशी विकलांग संस्थान 16 मार्च 1988 से विधिवत रूप से कार्य करना शुरू कर दिया। इस संस्थान में पूर्णिया प्रमंडल के अलावे कोसी प्रमंडल के 7 से 12 वर्ष के आयु वाले 20 नेत्रहीन तथा 15 मूक बधिर बच्चों को सामान्य शिक्षा के साथ साथ रोजगारपरक आवासीय शिक्षा दी जाने लगी। ध्यान रहे कि कोशी विकलांग संस्थान गढ़बनैली उस समय सूबे का तीसरा तथा कोशी प्रमंडल की पहली ऐसी संस्थान थी जो विकलांगों को सामान्य शिक्षा के साथ साथ रोजगारपरक सह आवासीय शिक्षा प्रदान करती थी। इस संस्थान में बने कक्षा पुस्तकालय, छात्रावास भवनों की जर्जर हालत इसके सुखद अतीत की याद दिलाती है। उस समय के तत्कालीन उप विकास आयुक्त अजीत कुमार की अध्यक्षता में 10 अगस्त 1986 को कसबा प्रखंड कार्यालय में बुद्धिजीवियों तथा प्रबुद्धजनों की एक बैठक हुई थी। ज्ञात हो कि इसी बैठक में हाजी कमालुद्दीन एवं नसीम फानी ने संस्था को 3 एकड़ जमीन दान में दी थी। वही संस्था के भवन निर्माण के लिए उस समय कसबा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मो गुलाम हुसैन ने काफी सहयोग किया था। साथ ही पूर्णिया लोकसभा की तत्कालीन लोकसभा सदस्य माधुरी सिंह ने भी संस्था को काफी सहयोग दिया। संस्था का निबंधन कराने के पश्चात प्रबंध समिति के मुख्य संरक्षक अध्यक्ष जिला पदाधिकारी को उपाध्यक्ष उप विकास आयुक्त समेत अनुमंडलाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी को तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी को सदस्य बनाया गया था। वहीं कोसी प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त ने जिसने विभागीय अनुमति प्रदान की थी। इसके बाद 11 फरवरी 1987 को तत्कालीन कोशी प्रमंडल आयुक्त एमके मंडल ने भवन निर्माण का शिलान्यास किया था। जबकि संस्थान चालू होने के बाद कल्याण विभाग ने दो दो किश्तों में 15-15 हजार रुपए दिए थे। अपेक्षित सरकारी सहयोग नहीं मिल पाने के कारण यह संस्था अक्टूबर 1998 से बंद है। हालांकि संस्थान के संस्थापक सचिव सह एमएल आर्य कॉलेज के समाजशास्त्र के नेत्रहीन प्राध्यापक डॉ अनिल कुमार ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर सहयोग की अपील की थी। इस पत्र के आलोक में बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के उत्तम वर्मा, निर्देशक समाज कल्याण के पत्रांक 10/संख्या/11/2007-944 में कहा गया कि प्रस्ताव के अनुशंसा पत्र में जिस राशि का प्रावधान किया गया है उस लागत राशि का 10 फीसदी खाते में नहीं रहने के कारण यह संस्थान बंद है। बकौल डॉ अनिल कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली संस्थान के कानूनों में बदलाव की जरूरत है या फिर सरकार खुद यह संस्थान चलाएं। श्री कुमार ने कहा कि एक तरफ सरकार कानून बनाकर शिक्षा को मौलिक अधिकार में शामिल कर 14 वर्षों तक के बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य बना दिया है। वहीं विकलांग बच्चे शिक्षा पाने के मौलिक अधिकार से वंचित हैं। फिलहाल मामला चाहे जो भी हो या फिर जिस कारणों से भी संस्थान बंद पड़ा हो लेकिन सीमांचल के तकरीबन चार लाख से ज्यादा दिव्यांग सामान्य शिक्षा से वंचित हैं।

पूर्णिया : नगरीकरण व आधुनिक मनोरंजन के साधन विकसित होने से मेले की परंपरा का हुआ क्षरण

$
0
0
- पूर्णिया और आसपास का क्षेत्र मूलत: ग्रामीण या फिर ग्राम्य पोषित क्षेत्र रहे हैं, यही प्रमुख कारण था कि यहां लोगों को अपनी जरूरत के सामान के लिए मेले का इंतजार करना पड़ता था
mela-culture-purnia-bihar
पूर्णिया  (कुमार गौरव)  पूर्णिया जिले की पहचान यहां पर लगने वाले मेले को लेकर भी है। इसलिए इसे मेलों का शहर भी कहा जाता है। पूर्णिया और आसपास का क्षेत्र मूलत: ग्रामीण या फिर ग्राम्य पोषित क्षेत्र रहे हैं। यही प्रमुख कारण था कि यहां लोगों को अपनी जरूरत के सामान के लिए मेले का इंतजार करना पड़ता था। मेले के थियेटर का लोग सालों भर इंतजार करते थे। मेले की अपनी अलग पहचान थी। लोग कई महीने पूर्व से ही मेले का इंतजार करते थे और फिर मेले से अपनी यादों को संजोकर ले जाते थे। जिसकी चर्चा अगले मेले तक होती रहती थी। यहां लगने वाले मेले पर रचनाकार और फिल्मकारों की नजर पड़ी तो उन्होंने अपने साहित्य में इसका जिक्र किया। राजकपूर और वहीदा रहमान अभिनीत फिल्म तीसरी कसम तो पूर्ण रूप से यहां के मेले पर आधारित है। नगरीकरण व आधुनिक मनोरंजन के साधन विकसित होने से मेले की परंपरा का क्षरण हुआ और मेलों के शहर में मेला अकेला पड़ रहा है। 

...विदेश तक इस मेले की थी चर्चा :
कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी और उपन्यास में चर्चा है। उनकी प्रसिद्ध रचना मारे गए गुलफाम और लाल पान की बेगम कहानी में गढ़बनैली मेले की चर्चा मिलती है। पूर्णिया और आसपास के जिले के क्षेत्रों में बड़े बड़े मेले लगते थे। फारबिसगंज का मेला इस इलाके का सबसे प्रसिद्ध मेले में से एक है। जिसमें नेपाल तक से लोग पहुंचते थे। इसमें लकड़ी, लोहे और घरेलू सामान बिकते थे। इस मेले का आकर्षण का केंद्र नाच था। जिसमें कठपुतली नाच और थियेटर भी लगते थे। जहां लोक संस्कृति की झलक मिलती थी। उसके बाद गढ़बनैली का मेला जिसका आज भी आयोजन होता है। इसी मेले का जिक्र रेणु की कहानी मारे गए गुलफाम में मिलता है। इसपर फिल्म तीसरी कसम बनी। यहां का प्रसिद्ध मेला गुलाबबाग का मेला है। इस मेले की भव्यता की कहानी आज भी लोगों की जुबां पर है। इस मेले में लगने वाला थियेटर काफी प्रसिद्ध था।

...वस्तुओं की खरीद और मनोरंजन का था साधन : 
दरअसल मेला लोगों के लिए मिलन स्थल के साथ आवश्यक वस्तुओं की खरीद, संस्कृति का आदान प्रदान के साथ मनोरंजन के साधन भी थे। इसके अलावा पर्व त्योहार पर भी मेला लगता है जो अब भी लग रहा है लेकिन उसके स्वरूप में बदलाव हो चुका है। 

...मनोरंजन के साधन बढ़ने से मेले की आवश्यकता हुई कम : 
गढ़बनैली मेला संचालक सह पूर्व सरपंच नवीन कुमार राय कहते हैं कि आधुनिक मनोरंजन के साधन के साथ ही मेला संस्कृति अब लुप्त होती जा रही है। अब मेले में मनोरंजन के नाम पर फूहड़ नृत्य ने जगह ले लिया है। मेला लोक संस्कृति को भी एक मंच देता था। शोधार्थी गोविंद कुमार का कहना है कि मेला के आयोजन की परंपरा बाजार विकसित होने के साथ खत्म होती गई। कृषि प्रधान समाज होने के कारण खास खास मौके पर ही किसान खरीदारी करते हैं। अन्य मौके पर वे अपने किसानी कर्म में लगे रहते थे इसलिए आवश्यक वस्तुओं की खरीद के साथ मनोरंजन का भी प्रमुख साधन था। नगरीकरण ने इस स्थिति को बदल दिया। लोगों के पास आवागमन के साधन भी सुलभ हैं जिस कारण बाजार उनकी पहुंच में है।
Viewing all 74336 articles
Browse latest View live




Latest Images