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नाबालिग बेटी के साथ पिता ने की यौन हिंसा

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मछलीपट्टनम, 10 अक्टूबर,नगर में एक पिता ने अपनी साढ़े चार साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर यौन हिंसा की। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस उपाधीक्षक वी पोतुराजू ने बताया कि बच्ची ने शरीर में बहुत दर्द होने और अपने साथ हुई घटना की शिकायत मां से की जिसके बाद बच्ची की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह घटना शनिवार को हुई। शिकायत के मुताबिक पुरुष जो कि एक स्कूल शिक्षक है, ने बच्ची को स्कूल जाने के दौरान चॉकलेट दी और बाद में उसके साथ यौन हिंसा की। डीसीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है।  उन्होंने बताया कि बच्ची को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी स्थिति स्थिर है। बच्ची के अलावा दंपति का नौ साल का एक बेटा भी है।

चलते ट्रक में महिला से सामूहिक दुष्कर्म

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मथुरा, 10 अक्टूबर, उत्तर प्रदेश के मथुरा में मंगलवार को राजमार्ग पर पांच-छह युवकों द्वारा चलते ट्रक में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं है। पुलिस के अनुसार मंगलवार को एक युवक इटावा के बकेवर कस्बे से हरियाणा के गुरुग्राम जाने के लिए अपने परिवार के साथ एक ट्रक में सवार हुआ था। रात में चालक ने कुछ सवारियों को देख ट्रक फरह के निकट रोका तो पांच-छह युवक उसके केबिन में चढ़ आए। उन्होंने ट्रक में चढ़ते ही दंपति व बच्चों को धमकाना शुरु कर दिया। इसके बाद उन्होंने महिला के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि पति ने विरोध किया तो उससे मारपीट की गयी। ड्राइवर को हथियार के बल पर काबू किया गया। फिर उन लोगों ने चलते ट्रक में ही महिला के साथ दुष्कर्म किया और रिफाइनरी थाना क्षेत्र में ट्रक रुकवाकर उतर गए। बदहवास चालक ने राजमार्ग पर कोसीकलां कस्बे में पहुंचकर ट्रक को थाने पर लगा दिया और मामले के बारे में बताया। पीड़ित परिवार ने पुलिस को बताया है कि बदमाश युवक उनके दो मोबाइल फोन व सात हजार रुपए भी छीन ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर महिला का चिकित्सकीय जांच करायी है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया, ‘‘मामले की जांच जारी है लेकिन अभी तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा है।’’ 

तुषार मेहता भारत के सॉलिसिटर जनरल नियुक्त

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर,केंद्र सरकार ने वरिष्ठ वकील तुषार मेहता को बुधवार को भारत का सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया । यह देश में विधि अधिकारी का दूसरा सबसे बड़ा पद है। यह पद करीब एक साल से खाली पड़ा था। मेहता फिलहाल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हैं। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने वरिष्ठ वकील मेहता की सॉलिसिटर जनरल के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से 30 जून 2020 तक के लिए है। अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया देश का शीर्ष विधि अधिकारी होता है। पिछले साल अक्टूबर में रंजीत कुमार के इस्तीफा देने के बाद से सॉलिसिटर जनरल का पद खाली पड़ा था।

‘मी टू’ अभियान ने तूल पकड़ी,

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अकबर और अभिनेता आलोक नाथ के साथ नए नाम भी निशाने पर आए
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नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर, भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान ने बुधवार को और भी तूल पकड़ी और कई महिलाओं ने अपने अनुभवों का सार्वजनिक तौर पर साझा किया जबकि केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और अभिनेता आलोक नाथ के साथ नए नाम भी इसके निशाने पर आए। कांग्रेस भी इस चर्चा में शामिल हो गई। उसने मांग की कि केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर यौन उत्पीड़न के आरोपों पर संतोषजनक स्पष्टीकरण दें या तत्काल इस्तीफा दें। मोदी सरकार अब भी इसपर खामोशी बनाए है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से आज संवाददाता सम्मेलन में जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एस जयपाल रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि तीन और पत्रकारों ने अकबर के खिलाफ आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब उनके साथ काम कर चुकी वरिष्ठ पत्रकारों ने उनपर गंभीर आरोप लगाया है तो वह पद पर कैसे बने रह सकते हैं। मामले की जांच कराई जाए।’’ गायक कैलाश खेर, रघु दीक्षित, कमेंटेटर सुहेल सेठ और महिला कॉमिक स्टार अदिति मित्तल भी आज ‘मी टू’ की चपेट में आए, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि किसी के भी खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि आमतौर पर महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं। मेनका गांधी ने एक समाचार चैनल को कहा, ‘‘ ताकतवर पदों पर बैठे पुरूष अक्सर ऐसा करते हैं। यह बात मीडिया, राजनीति और यहां तक कि कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों पर भी लागू होती है।’’ सज्जन पुरुष के तौर पर पहचाने वाले बॉलीवुड के बाबू जी उर्फ आलोक नाथ जो पहले से ही यौन शोषण के आरोपों में घिरे हैं उनपर आज अदाकार संध्या मृदुल ने भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। नाथ ने टेलीफिल्म में मृदुल के पिता का किरदार निभाया था। इसमें दिवंगत रीमा लागू उनकी मां बनी थीं। इसकी शूटिंग कोडैकनाल में हुई थी। मृदुल ने लिखा है कि एक दिन जब शूटिंग जल्दी समाप्त हो गयी और टीम रात को खाना खाने गयी तो सीनियर कलाकार ने बहुत ज्यादा शराब पी ली और वहां से चीजें बिगड़ गयीं। अदाकारा ने लिखा, ‘‘उन्होंने जोर दिया कि मैं उनके साथ बैठूं लेकिन मैं बहुत असहज हो गयी। मेरे साथी कलाकारों ने समझा कि क्या हो रहा है और उन्होंने वहां से मुझे निकाला।’’  उन्होंने यह भी बताया कि होटल लौटने के कुछ समय बाद नाथ नशे की हालत में कमरे तक पहुंच गये। मृदुल ने दरवाजा बंद करने की कोशिश की लेकिन नाथ ने धक्का दिया और मेरी तरफ आने लगे। उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि मैं तुम्हें चाहता हूं, तुम मेरी हो।

हेली अब भी ट्रंप के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं

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वाशिंगटन, 10 अक्टूबर, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत पद से निक्की हेली के अचानक इस्तीफे के बाद उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार इस बात को लेकर भी अटकलें लगायी जा रही हैं कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए अब भी चुनौतियां पेश कर सकती हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार हेली ने मंगलवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की और साथ राष्ट्रपति ट्रंप को यह आश्वासन भी दिया कि 2020 में उनकी उम्मीदवारी को चुनौती देने की उनकी कोई योजना नहीं है। ओवल आफिस में राष्ट्रपति के पास बैठीं भारतीय मूल की अमेरिकी नेता ने कहा कि वह 2020 के राष्ट्रपति पद के चुनाव की होड़ में नहीं हैं।  उन्होंने कहा कि वह वादा कर सकती हैं कि ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार करेंगी और अगले चुनाव में राष्ट्रपति का समर्थन करने को उत्सुक हैं। समाचार पत्र ने कहा कि उनके बयान से संकेत मिलता है कि वह ट्रंप के लिए राजनीतिक चुनौतियां पेश कर सकती हैं। हेली (46) ने खुद का राजनीतिक ब्रांड तैयार किया है और उनके आगे लंबा संभावित करियर है। न्यूयार्क टाइम्स ने कहा कि हेली के इस्तीफे के साथ ही ट्रंप प्रशासन में कुछ चर्चित महिलाओं में से एक की विदाई है। समाचार पत्र ने कहा कि हेली राष्ट्रपति की लगातार आलोचक रही हैं। इसके बाद भी ट्रंप ने चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद संयुक्त राष्ट्र पद के लिए उन्होंने नामित किया।

खालिदा के बेटे को उम्रकैद, 19 लोगों को सजा ए मौत

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ढाका, 10 अक्टूबर,बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या की साजिश में भूमिका के लिए विपक्षी बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया के भगोड़े बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तारिक रहमान को उम्रकैद और पूर्व गृहमंत्री सहित 19 अन्य को फांसी की सजा सुनाई।  बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री (तत्कालीन विपक्षी नेता) हसीना को लक्ष्य बनाते हुए यह हमला 21 अगस्त, 2004 को अवामी लीग की एक रैली पर उस समय किया गया था जब हजारों समर्थकों के सामने वह अपना भाषण खत्म करने वाली थी। हसीना इस हमले में बच गईं थीं लेकिन उनकी सुनने की क्षमता को कुछ नुकसान हुआ था। उनकी पार्टी की महिला मोर्चा प्रमुख और पूर्व अध्यक्ष जिल्लुर रहमान की पत्नी इवी रहमान की इस विस्फोट में मौत हो गई थी। विशेष अदालत के न्यायाधीश शाहिद नुरूद्दीन ने पूर्व कनिष्ठ गृह मंत्री लुत्फोजमां बाबर, पूर्व उपशिक्षा मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू तथा सेना के कई पूर्व खुफिया अधिकारियों सहित 19 लोगों को मौत की सजा सुनाई। रहमान तथा 18 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। ग्यारह अन्य को विभिन्न अवधि की कारावास की सजा दी गई। कुल 49 में से 31 दोषी अदालत में मौजूद थे जबकि 51 वर्षीय रहमान सहित अन्य न्याय का सामना करने से बचने के लिए विदेश भाग गये हैं। रहमान अब बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं क्योंकि उनकी मां भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल के कारावास की सजा काट रही हैं। रहमान पर उनकी गैरमौजूदगी में मुकदमा चला और अदालत ने उन्हें एक ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया था। वह फिलहाल लंदन में हैं जहां माना जा रहा है कि उन्होंने शरण मांगी है। हालांकि ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी आव्रजन स्थिति के बारे में बताने से इनकार कर दिया है।

भ्रष्टाचार मामले में फरवरी में जिया के जेल जाने के बाद रहमान निर्वासन में रहकर मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी का नेतृत्व करते रहे। जिया को इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया। इस मामले में रहमान, दो पूर्व मंत्रियों और तत्कालीन बीएनपी नीत गठबंधन सरकार के पूर्व पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों सहित 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था। न्यायाधीश ने मुख्य रूप से हसीना पर निशाना लगाने के लिए किये गये हमले की पृष्ठभूमि, मंशा और परिणाम पर 12 बिन्दु में टिप्पणियां कीं। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमले की मंशा शेख हसीना सहित अवामी लीग नेतृत्व को खत्म करने की थी।’’  अदालत ने 18 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी।  जांच में पाया गया कि रहमान समेत बीएनपी नीत सरकार के प्रभावी धड़े ने आतंकवादी संगठन हरकतुल जिहाद अल इस्लामी के आतंकवादियों से यह हमला कराने की योजना बनाई थी और हमले को प्रायोजित किया था। फैसले पर टिप्पणी करते हुए बीएनपी महासचिव फखरूल इस्लाम आलमगीर ने गहरी हताशा जताई और कहा कि यह ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’’ फैसला है। हालांकि विधि मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी रहमान मौत की सजा के हकदार हैं। उनके कैबिनेट सहयोगी और सत्तारूढ अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने समान विचार रखते हुए कहा, ‘‘हम फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।’’  हक ने कहा, ‘‘पूरे फैसले की प्रति मिलने के बाद हम उनकी (रहमान) कम सजा को चुनौती देने के लिए कदम उठा सकते हैं।’’ गृह मंत्री असदुजमां खान कमाल ने फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, “हम भगोड़े दोषियों को वापस लाने के लिए कदम उठा रहे हैं।”  मृत्युदंड की सजा पाने वालों पर एक एक लाख टके का अर्थदंड भी लगाया गया है। अनिवार्य समीक्षा के बाद उच्च न्यायालय को उनकी फांसी की सजा की पुष्टि करनी होगी। उम्रकैद की सजा पाने वाली अन्य राजनीतिक व्यक्तियों में पूर्व प्रधानमंत्री जिया के तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार हारिस चौधरी और पूर्व बीएनपी सांसद काजी शाह मोफजल हुसैन काइकोबाद शामिल हैं।  यह फैसला दिसंबर में प्रस्तावित संसदीय चुनावों से पहले आया है।जिया की पार्टी ने 2014 चुनावों का बहिष्कार किया था।

सुल्तान जोहोर कप में आस्ट्रेलिया को हराकर भारत सेमीफाइनल में

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जोहोर बारू (मलेशिया), दस अक्टूबर, भारतीय जूनियर पुरूष हाकी टीम ने बुधवार को यहां मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया को 5-4 से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज की और साथ ही सुल्तान जोहोर कप के सेमीफाइनल में भी अपनी जगह पक्की की। इस जीत से भारत अपने पूल में भी शीर्ष पर रहा।  भारत ने खेल में दबदबे वाला प्रदर्शन किया। भले ही वे शुरू में पेनल्टी कार्नर का फायदा नहीं उठा पाये लेकिन गुरसाहिबजीत सिंह ने पांचवें मिनट में मैदानी गोल करके भारत को 1-0 से बढ़त दिलायी।  टीम ने इस अच्छी शुरुआत के बाद आगे भी दबदबा बनाये रखा तथा 11वें, 14वें और 15वें मिनट में गोल करके 4-0 की मजबूत बढ़त हासिल कर ली। ये गोल क्रमश: हसप्रीत सिंह, मनदीप मोर और विष्णुकांत सिंह ने किये। पहले क्वार्टर में चार गोल गंवाना मौजूदा चैंपियन के लिये करारा झटका था।  भारतीय रक्षापंक्ति ने हालांकि दूसरे क्वार्टर में लचर प्रदर्शन किया। आस्ट्रेलिया ने 18वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल दागा। उसकी तरफ से पहला गोल करने वाले डैमन स्टीफन्स ने ही 35वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर दूसरा गोल भी किया। आस्ट्रेलिया ने जल्द ही तीसरा गोल भी कर दिया। शैलेंद्र लाकड़ा ने 43वें मिनट में भारत की बढ़त 5-3 कर दी। भारतीय टीम पर अंतिम क्षणों में गोल बचाने के लिये काफी दबाव था और ऐसे में 59वें मिनट में उसने पेनल्टी स्ट्रोक गंवा दिया। स्टीफन्स ने इस पर भी गोल करने में गलती नहीं की। भारत ने अंतिम क्षणों में हालांकि अच्छा बचाव किया और आस्ट्रेलिया को बराबरी का गोल नहीं करने दिया। भारत अपना पांचवां मैच 12 अक्टूबर को ब्रिटेन के खिलाफ खेलेगा। 

रुपये सर्वकालिक निम्न स्तर से उबरा, 18 पैसे की तेजी से 74.21 पर पहुंचा

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मुंबई, 10 अक्टूबर,प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के कमजोर पड़ने से रुपये में छह कारोबारी सत्रों से चली आ रही गिरावट बुधवार को थम गई और यह 18 पैसे मजबूत हो कर 74.21 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ। अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया मजबूती के साथ 74.18 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। प्रमुख विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने और निर्यातकों की ओर से डालर की ताजा बिकवाली बढ़ने से एक समय रुपया प्रति डालर 74.05 तक मजबूत हो गया था। बाद में रुपये का लाभ कुछ कम हुआ यह पिछले बंद की तुलना में 18 पैसे की तेजी के साथ 74.21 रुपये प्रति डॉलर पर टिका।  मंगलवार को रुपया 33 पैसे की गिरावट के साथ 74.39 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ था। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी लौटने से भी कारोबारी धारणा में तेजी आई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 461.42 अंक अथवा 1.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 34,760.89 अंक पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि त्यौहारी मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा 11 अक्टूबर को सरकारी बांडों की खरीद के जरिये वित्तीय प्रणाली में 12,000 करोड़ रुपये डालने के फैसले के कारण रुपये में सुधार को मदद मिली। एफबीआईएल ने बुधवार के लिए संदर्भ दर 74.1316 रुपये प्रति डॉलर, 85.2637 रुपये प्रति यूरो और 97.6284 रुपये प्रति पौंड निर्धारित की थी।

विशेष : लोकतांत्रिक मूल्यों को मान देने वाले महानायक जेपी

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स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत की राजनीति में जिन महान नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभायीं, उनमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण का नाम प्रमुख है। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान वे ब्रिटिश शासकों की हिरासत में रहे, तो दशकों बाद आजाद हिंदुस्तान की सरकार ने उन्हें आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया। देश और देश की जनता के उत्थान के लिए समर्पित जेपी ने हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों को मान दिया। आजादी के बाद वे बड़े-बड़े पद हासिल कर सकते थे, पर उन्होंने गांधीवादी आदर्शों के अनुरूप जीना चुना। जब उन्हें लगा कि सत्ता निरंकुशता और भ्रष्टाचार से ग्रस्त हो रही है, तो वे फिर कूद पड़े संघर्ष के मैदान में। उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया और इसी संघर्ष की आग में तपकर कुंदन की तरह दमकते हुए समाज के सामने आदर्श बने। वर्तमान राजनीति में उनके आदर्शों को प्रतिष्ठापित करने एवं उन्हें बार-बार याद करने बड़ी जरूरत है। 

जयप्रकाश नारायण ने त्याग एवं संघर्षमय जीवन के कारण मृत्यु से पहले ही प्रातः स्मरणीय बन गये थे। अपने जीवन में संतों जैसा प्रभामंडल केवल दो नेताओं ने प्राप्त किया। एक महात्मा गांधी थे तो दूसरे जयप्रकाश नारायण। इसलिए जब सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद वे 1974 में ‘सिंहासन खाली करो जनता आती है’ के नारे के साथ वे मैदान में उतरे तो सारा देश उनके पीछे चल पड़ा, जैसे किसी संत महात्मा के पीछे चल रहा हो। 11 अक्टूबर, 1902 को जन्मे जयप्रकाश नारायण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें ‘लोकनायक’ के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल ‘लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी उनके नाम पर है। लोकनायक जयप्रकाशजी की समस्त जीवन यात्रा संघर्ष तथा साधना से भरपूर रही। उसमें अनेक पड़ाव आए, उन्होंने भारतीय राजनीति को ही नहीं बल्कि आम जनजीवन को एक नई दिशा दी, नए मानक गढ़े। जैसे- भौतिकवाद से अध्यात्म, राजनीति से सामाजिक कार्य तथा जबरन सामाजिक सुधार से व्यक्तिगत दिमागों में परिवर्तन। वे विदेशी सत्ता से देशी सत्ता, देशी सत्ता से व्यवस्था, व्यवस्था से व्यक्ति में परिवर्तन और व्यक्ति में परिवर्तन से नैतिकता के पक्षधर थे। वे समूचे भारत में ग्राम स्वराज्य का सपना देखते थे और उसे आकार देने के लिए अथक प्रयत्न भी किए। उनका संपूर्ण जीवन भारतीय समाज की समस्याओं के समाधानों के लिए प्रकट हुआ, एक अवतार की तरह, एक मसीहा की तरह। वे भारतीय राजनीति में सत्ता की कीचड़ में केवल सेवा के कमल कहलाने में विश्वास रखते थे। उन्होंने भारतीय समाज के लिए बहुत कुछ किया लेकिन सार्वजनिक जीवन में जिन मूल्यों की स्थापना वे करना चाहते थे, वे मूल्य बहुत हद तक देश की राजनीतिक पार्टियों को स्वीकार्य नहीं थे। क्योंकि ये मूल्य राजनीति के तत्कालीन ढांचे को चुनौती देने के साथ-साथ स्वार्थ एवं पदलोलुपता की स्थितियों को समाप्त करने के पक्षधर थे, राष्ट्रीयता की भावना एवं नैतिकता की स्थापना उनका लक्ष्य था, राजनीति को वे सेवा का माध्यम बनाना चाहते थे।

लोकनायक जयप्रकाशजी की जीवन की विशेषताएं और उनके व्यक्तित्व के आदर्श कुछ विलक्षण और अद्भुत हैं जिनके कारण से वे भारतीय राजनीति के नायकों में अलग स्थान रखते हैं। जालियांवाला बाग नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश शैली के स्कूलों से पढ़ाई छोड़कर बिहार विद्यापीठ से उच्च शिक्षा पूरी की। 1948 में आचार्य नरेंद्र देव के साथ मिलकर ऑल इंडिया कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की। बाद में वे चुनावी राजनीति से अलग होकर विनोबा भावे के भूदान आंदालन से जुड़ गये। आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन कर केंद्र में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनवाने में निर्णायक भूमिका निभायी। लोकनायक जयप्रकाशजी का सबसे बड़ा आदर्श था जिसने भारतीय जनजीवन को गहराई से प्रेरित किया, वह था कि उनमें सत्ता की लिप्सा नहीं थी, मोह नहीं था, वे खुद को सत्ता से दूर रखकर देशहित में सहमति की तलाश करते रहे और यही एक देशभक्त की त्रासदी भी रही थी। वे कुशल राजनीतिज्ञ भले ही न हो किन्तु राजनीति की उन्नत दिशाओं के पक्षधर थे, प्रेरणास्रोत थे। वे देश की राजनीति की भावी दिशाओं को बड़ी गहराई से महसूस करते थे। यही कारण है कि राजनीति में शुचिता एवं पवित्रता की निरंतर वकालत करते रहे। महात्मा गांधी जयप्रकाश की साहस और देशभक्ति के प्रशंसक थे। उनका हजारीबाग जेल से भागना काफी चर्चित रहा और इसके कारण से वे असंख्य युवकों के सम्राट बन चुके थे। वे अत्यंत भावुक थे लेकिन महान क्रांतिकारी भी थे। वे संयम, अनुशासन और मर्यादा के पक्षधर थे। इसलिए कभी भी मर्यादा की सीमा का उल्लंघन नहीं किया। विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने अपना अध्ययन नहीं छोड़ा और आर्थिक तंगी ने भी उनका मनोबल नहीं तोड़ा। यह उनके किसी भी कार्य की प्रतिबद्धता को ही निरूपित करता था, उनके दृढ़ विश्वास को परिलक्षित करता है। 

जयप्रकाश नारायण भारतीय राजनीति के लिये प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनके विचार को आधार बनाकर राजनीति की विसंगतियों को दूर किया जा सकता है। क्योंकि उनका मानना था कि एक लोकतांत्रिक सरकार लोगों का प्रतिनिधित्व करती है और इसके कुछ सिद्धांत होते हैं, जिसके अनुरूप वह कार्य करती है। भारत सरकार किसी को गद्दार नहीं करार दे सकती, जब तक पूरी कानूनी प्रक्रिया से ये साबित न हो जाये कि वह गद्दार है। जब देश में राजनीतिक हालात बेकाबू हो रहे थे तब उनका कहना था कि देश के नेता जनता के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। नेतृत्व करना नेताओं का काम है, लेकिन उनमें से ज्यादातर इतने डरपोक हैं कि अलोकप्रिय नीतियों पर वे सच्चाई बयान नहीं कर सकते हैं और अगर ऐसे हालात पैदा हुए, तो जनता के आक्रोश का सामना नहीं कर सकते हैं।  जयप्रकाश नारायण की रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं, बल्कि लोगों द्वारा सत्ता के नियंत्रण में थी। वे अहिंसा के समर्थक थे, इसलिये उन्होंने कहा कि एक हिंसक क्रांति हमेशा किसी न किसी तरह की तानाशाही लेकर आयी है। क्रांति के बाद धीरे-धीरे एक नया विशेषाधिकार-प्राप्त शासकों एवं शोषकों का वर्ग खड़ा हो जाता है, लोग एक बार फिर जिसके अधीन हो जाते हैं। मैंने जयप्रकाश नारायण को नहीं देखा लेकिन उनकी प्रेरणाएं मेरे पारिवारिक परिवेश की आधारभित्ति रही है। मेरी माताजी स्व. सत्यभामा गर्ग उनकी अनन्य सेविका थी। राजस्थान में होने वाले जेपी के कार्यक्रमों को वे संचालित किया करती थी, उनके व्यक्तिगत व्यवस्था में जुड़े होने के कारण उनके आदर्श एवं प्रेरणाएं हमारे परिवार का हिस्सा थे। मेरे आध्यात्मिक गुरु आचार्य श्री तुलसी के जीवन से जुड़ेे एक बड़े विरोधपूर्ण वातावरण के समाधान में भी जयप्रकाश का अमूल्य योगदान है। उनकी चर्चित पुस्तक अग्निपरीक्षा को लेकर जब देश भर में दंगें भड़के, तो जेपी के आह्वान से ही शांत हुए। जेपी के कहने पर आचार्य तुलसी ने अपनी यह पुस्तक भी वापस ले ली। 
जयप्रकाश नारायण को 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने ‘सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आन्दोलन चलाया। लोकनायक ने कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल हैं-राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। सम्पूर्ण क्रांति की तपिश इतनी भयानक थी कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। जयप्रकाश नारायण की हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। लालमुनि चैबे, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान या फिर सुशील मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे। देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जेपी यानी जयप्रकाश नारायण का नाम देश के ऐसे शख्स के रूप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों, दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश की दिशा तय की थी। उनका नाम लेते ही एक साथ उनके बारे में लोगों के मन में कई छवियां उभरती हैं। लोकनायक के शब्द को असलियत में चरितार्थ करने वाले जयप्रकाश नारायण अत्यंत समर्पित जननायक और मानवतावादी चिंतक तो थे ही इसके साथ-साथ उनकी छवि अत्यंत शालीन और मर्यादित सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति की भी है। उनका समाजवाद का नारा आज भी हर तरफ गूंज रहा है। भले ही उनके नारे पर राजनीति करने वाले उनके सिद्धान्तों को भूल रहे हों, क्योंकि उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का नारा एवं आन्दोलन जिन उद्देश्यों एवं बुराइयों को समाप्त करने के लिये किया था, वे सारी बुराइयां इन राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं में व्याप्त है। सम्पूर्ण क्रान्ति के आह्वान में उन्होंने कहा था कि ‘भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना, शिक्षा में क्रांति लाना, आदि ऐसी चीजें हैं जो आज की व्यवस्था से पूरी नहीं हो सकतीं क्योंकि वे इस व्यवस्था की ही उपज हैं। वे तभी पूरी हो सकती हैं जब सम्पूर्ण व्यवस्था बदल दी जाए और सम्पूर्ण व्यवस्था के परिवर्तन के लिए क्रान्ति, ’सम्पूर्ण क्रान्ति’ आवश्यक है।’ इसलिये आज एक नयी सम्पूर्ण क्रांति की जरूरत है। यह क्रांति व्यक्ति सुधार से प्रारंभ होकर व्यवस्था सुधार पर केन्द्रित हो। कुर्सी पर कोई भी बैठे, लेकिन मूल्य प्रतिष्ठापित होने जरूरी है। ऐसा करके ही हम एक महान् लोकनायक को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे। 



(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
संपर्क :  9811051133

उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार से कहा - हमें बताएं कि राफेल पर कैसे फैसला किया

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नई दिल्ली 10 अक्टूबर, राफेल करार के मुद्दे पर जारी राजनीतिक विवाद के बीच उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मोदी सरकार से कहा कि वह फ्रांस सरकार के साथ हुए राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया का विवरण सीलबंद लिफाफे में 29 अक्टूबर तक पेश करे। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उसे इसकी कीमत और तकनीकी विवरण के बारे में जानकारी नहीं चाहिए। इस बीच, सरकार ने राफेल करार के मुद्दे पर दायर जनहित याचिकाएं खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि वे ‘‘राजनीतिक याचिकाएं’’ हैं। दो याचिकाओं में दी गई दलीलों को ‘‘अपर्याप्त’’ करार देते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह केन्द्र को औपचारिक नोटिस जारी नहीं कर रही है क्योंकि उसने दो वकीलों द्वारा अलग-अलग दायर जनहित याचिकाओं में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर विचार नहीं किया है। न्यायालय इस मामले में अब 31 अक्टूबर को आगे विचार करेगा। शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के बीच मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह करार पर ऐतराज जताने वाले नौकरशाहों को ‘‘दंडित’’ करके और ‘‘मदद करने वाले अधिकारियों’’ को इनाम देकर राफेल समझौते की प्रक्रिया में ‘‘जोड़तोड़’’ कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दशॉ एविएशन से राफेल विमान खरीदने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को सही ठहराने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के निर्णय के बारे में पूछा है। यह बहुत ही आसान है.. (कि) प्रधानमंत्री ने फैसला किया।’’  उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री के निर्णय को सही ठहराने की प्रक्रिया का अभी पता लगाया जा रहा है। परंतु काम आरंभ हो चुका है।’’  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसी संदर्भ में रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) आज रात फ्रांस के लिए रवाना हो रही हैं।’’ सीतारमण फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रही हैं। इस यात्रा की शुरुआत कल से होगी।


राहुल ने राजस्थान के बीकानेर में अपनी रैली में एक बार फिर राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और केंद्र सरकार पर देश के 10-15 बड़े उद्योगपतियों के लिए ही काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने इस आरोप को दोहराया कि राफेल करार से जुड़े ऑफसेट अनुबंध से अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने पहले भी धौलपुर, भरतपुर और दौसा जिलों में ऐसे ही आरोप लगाए थे। मोदी सरकार और रिलायंस ने राहुल के आरोपों को नकारा है।  बहरहाल, इस मामले पर सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने केन्द्र से पूछा कि यदि वह राफेल लड़ाकू विमानों के तकनीकी विवरण और कीमतों के बगैर ही निर्णय लेने की प्रक्रिया का विवरण मांगे तो क्या होगा। केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस सौदे का विवरण राष्ट्रहित और रक्षा सामान खरीद की प्रक्रिया में शामिल दूसरे मुद्दों के मद्देनजर किसी को भी दिखाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि राफेल सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और ऐसे मुद्दों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है। केन्द्र ने इन जनहित याचिकाओं का विरोध करते हुये उन्हें खारिज करने का अनुरोध किया और कहा कि सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई हैं। न्यायालय राफेल विमान सौदे को लेकर दायर कई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में राफेल सौदे के ब्योरे और संप्रग और राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान सौदे की तुलनात्मक कीमतों का विवरण सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस बीच, कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संबंध में दायर अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है। अधिवक्ता विनीत ढांडा ने अपनी याचिका में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिये 58,000 करोड़ रूपए के भारत और फ्रांस की कंपनी दशॉ एविएशन के बीच हुये समझौते को लेकर हाल ही में उठे विवाद पर विराम लगाने के लिये न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी एक याचिका दायर कर राफेल सौदे पर रोक लगाने और भारत तथा फ्रांस सरकार के बीच हुआ समझौता रद्द करने का अनुरोध किया है। उन्होंने याचिका में कहा है कि यह सौदा ‘भ्रष्टाचार का नतीजा’ है और संसद ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है । इसके अलावा, आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी एक याचिका शीर्ष अदालत में दायर कर रखी है जिसमें इस सौदे की न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

जम्मू एवं कश्मीर में शोध छात्र सहित 2 आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर 11 अक्टूबर, जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में एक पीएचडी छात्र सहित दो कश्मीरी आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ शटगुंड गांव में हुई। हालांकि, पुलिस ने आतंकवादियों की शिनाख्त की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पीएचडी छात्र व हिजबुल कमांडर मनान बशीर वानी जनवरी में आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था। वह एक अन्य कश्मीरी आतंकवादी के साथ मुठभेड़ में मारा गया। वानी कुपवाड़ा के लोलाब इलाके का रहने वाला था।इलाके में जैसे ही मुठभेड़ की खबर फैली, वैसे ही मुठभेड़ स्थल के पास प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सरक्षाबलों व प्रदर्शनकारियों की इस झड़प में एक लड़का घायल हो गया। एक अधिकारी ने कहा कि पैर में गोली लगने से घायल लड़के को श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर क्षेत्र के सभी शैक्षिक संस्थानों और जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं।बांदीपोरा, बारामुला, पुलवामा और श्रीनगर जिलों के डिग्री कॉलेजों भी बंद कर दिया गया है।एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलवामा जिले में गुरुवार को हुई एक अलग घटना में आतंकवादियों ने करीमाबाद गांव में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) बिलाल अहमद को गोली मारकर घायल कर दिया। उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बिहार में महिला सहित 2 लोगों की हत्या

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समस्तीपुर, 11 अक्टूबर बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र में बुधवार की रात अज्ञात अपराधियों ने एक महिला सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, कल्याणपुरा गांव निवासी सौरभ कुमार राय (28) का अंदौर गांव की रहने वाली 38 वर्षीय महिला के साथ अवैध संबंध का शक था। बुधवार की रात सौरभ अंदौर गांव में महिला के यहां ठहरा हुआ था। इसी बीच रात में इन दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मोहिउद्दीननगर के थाना प्रभारी इकबाल अहमद खान ने गुरुवार को बताया कि स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला का अन्य लोगों के साथ भी संबंध था। वारदात को इन्हीं संबंधों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सौरभ पहले से ही विवाहित है। पुलिस यह जानकारी जुटा रही है कि कहीं दोनों ने विवाह तो नहीं कर लिया था। पुलिस का कहना है कि दोनों का पहले से ही संदिग्ध चरित्र रहा है। कुछ महीने पहले ही दोनों को शराब के अवैध कारोबार में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस हर कोण से मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

छग : तितली चक्रवात के कारण 2 रेलगाड़ी रद्द

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रायपुर 11 अक्टूबर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रायपुर रेल मंडल से होकर ओडिशा की ओर जाने वाली दो रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है। रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ प्रचार-प्रसार निरीक्षक शिव कुमार पंवार ने बताया कि तितली चक्रवात के मद्देनजर पूर्व तटीय रेलवे से संबंधित कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। पंवार ने बताया कि 11 अक्टूबर को विशाखापट्टनम से रायपुर आने वाली 58528 विशाखापट्टनम-रायपुर पैसेंजर रद्द रहेगी। 12 अक्टूबर को रायपुर से विशाखापट्टनम जाने वाली 58527 रायपुर-विशाखापट्टनम पैसेंजर रद्द रहेगी।

अदालत ने स्वयंभू संत रामपाल को हत्या के मामलों में दोषी ठहराया

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चंडीगढ़ 11 अक्टूबर, हरियाणा की हिसार अदालत ने गुरुवार को हत्या के दो मामलों में स्वयंभू संत रामपाल को दोषी ठहराया। वह नवंबर 2014 से जेल में बंद है। इस मामले में सजा का फैसला 16 और 17 अक्टूबर को सुनाया जाएगा। विवादास्पद बाबा के खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं। इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस व उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे। इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था। रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है। वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था। रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी।

आप विधायक के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश

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नयी दिल्ली 11 अक्टूबर, दिल्ली की एक अदालत ने 2016 में गोविंदपुरी इलाके में दंगा करने और एक महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाने के आरोप में गुरूवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिनेश मोहनिया के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि ‘आप’ के नेता और उनके सहयोगी योवन शर्मा पर मुकदमा चलाने के लिए ‘‘प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य’’ है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पीड़ितों के बयानों पर विचार करते हुए अभी यह मानने का मेरे पास कोई कारण नहीं है कि आरोप बेबुनियाद हैं।’’  पुलिस के मुताबिक, मार्च 2016 में दोनों आरोपी अपने समर्थकों के साथ दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में एक शख्स के घर में दाखिल हो गए, उस पर हमला किया और परिवार की एक महिला सदस्य की मर्यादा को ठेस पहुंचाई। अदालत ने आईपीसी की धारा 452, 323, 354 और 147 के तहत मोहनिया के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश दिए।


पीडीपी के पूर्व नेता विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस में शामिल

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता विक्रमादित्य सिंह गुरुवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो गए। सिह पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता करण सिह के बेटे हैं। वह कांग्रेस के महासचिवों अंबिका सोनी और गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। जम्मू एवं कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य सिह ने अक्टूबर 2017 में महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी को छोड़ दिया था।

राफेल सौदा : राहुल ने मोदी को 'भ्रष्ट'कहा, भाजपा ने किया खारिज

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नई दिल्ली 11 अक्टूबर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांसीसी वेबसाइट मीडियापार्ट की रिपोर्ट के आधार पर 'भ्रष्ट'बताया और उनसे पद छोड़ने की मांग की। रिपोर्ट में कहा गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक खास निजी रक्षा कंपनी को इसमें शामिल करना 'अनिवार्य व बाध्यकारी'शर्त रखी गई थी। मीडियापार्ट के हवाले से कही गई बात का जवाब न देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और झूठ फैलाने का आरोप लगाया। यानी फ्रांसीसी न्यूज पोर्टल की बात लोगों के सामने रखना भाजपा की नजर में झूठ फैलाना है। फ्रांसीसी न्यूज पोर्टल मीडियापार्ट ने कहा है कि ऑफसेट पार्टनर के रूप में दसॉ एविएशन को रिलायंस डिफेंस का नाम 'बाध्यकारी'के तौर पर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल, 2015 में इस सौदे की घोषणा की थी। फ्रांसीसी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट देखने के बाद राहुल ने यहां एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारत के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं।" राहुल ने मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के साथ ही तंज कसते हुए इस मामले पर उनकी चुप्पी को 'गगनभेदी चुप्पी'बताया और कहा कि ताजा रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री को अवश्य ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार के आरोप सीधे उन पर लग रहे हैं और प्रधानमंत्री चुप हैं। अगर वह आरोपों पर जवाब नहीं दे सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।"


राहुल ने फ्रांसीसी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के कुछ अंश भी पढ़े, जिसमें बुधवार को दसॉ के मुख्य संचालन अधिकारी लोइक सेगालेन के हवाले से कहा गया है कि भारतीय निजी संस्था का चयन करना लड़ाकू विमान खरीदने के लिए एक 'मुआवजा (कम्पनसेशन)'था। राहुल ने पूछा, "किस चीज के लिए मुआवजा दिया जा रहा था?" उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्त के पॉकेट में 30,000 करोड़ रुपये डाल दिए। ये जनता के पैसे थे। यह भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? राहुल ने कहा, "इससे पहले, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति (फ्रांस्वा ओलांद) ने खुलासा किया था कि भारत के प्रधानमंत्री ने उनसे रिलायंस को राफेल बनाने का ठेका दिए जाने के लिए कहा था। अब दसॉ के दूसरे सबसे बड़े कार्यकारी भी यही बात कर रहे हैं।" कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं। और, अब वह कंपनी, जिसने यह ठेका दिया, उसके वरिष्ठ कार्यकारी कह रहे हैं कि भारत के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं।"



राहुल ने राफेल विमान सौदा मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से न कराए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा, "यह प्रधानमंत्री के खिलाफ सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है। ये जांच से भी भाग रहे हैं।" यह जिक्र किए जाने पर कि दसॉ ने दोहराया है कि 'उसने बिना किसी दबाव के भारत के रिलायंस समूह के साथ साझेदारी की है', राहुल ने कहा कि जेट विनिर्माता के पास बड़ा कांट्रेक्ट है और वह वही कहेगा जो भारत सरकार उसे कहने के लिए कहेगी। जिस कंपनी ने कभी कोई विमान बनाया ही नहीं, जिसे कोई अनुभव ही नहीं है, उसके साथ कोई बिना दबाव के साझेदारी करने की सोच भी कैसे सकता है। मीडियापार्ट की रिपोर्ट आने के बाद, दसॉ एविएशन ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसने 'भारत के रिलायंस समूह के साथ बिना दबाव में साझेदारी की है।' राहुल गांधी ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के फ्रांस दौरे को लेकर भी सवाल उठाए और आरोप लगाते हुए कहा, "मामले को छुपाने के लिए महान प्रयास शुरू हो चुके हैं। सौदे को न्यायोचित दिखाने के लिए रक्षामंत्री को फ्रांस व हमारे रक्षा मंत्रालय के बीच हुई काल्पनिक बैठक को सच साबित करने की कवायद चल रही है। उन्होंने कहा कि देश को जल्द ही 'मोदी के झूठ'के बारे में पता चल जाएगा। जो भ्रष्टाचार से लड़ने का वादा कर सत्ता में आए थे, खुद भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं। कोई जवाब नहीं सूझ रहा तो सच बोलने वालों को कोसने में लगे हैं।



राफेल सौदे में अनियमितताओं की शिकायत लेकर कांग्रेस विशेष व फोरेंसिक ऑडिट के लिए दो बार भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के पास जा चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस ने सौदे से संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने और जांच की मांग लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग का भी रुख किया था। पार्टी लगातार इस मामले में जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर अड़ी हुई है। इन आरोपों पर भाजपा ने राहुल पर राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया। भाजपा पात्रा संबित पात्रा ने कहा कि पूरा गांधी परिवार 'भ्रष्ट'है। उन्होंने साथ ही कहा, "वह राफेल पर झूठ बोलकर अपना राजनीतिक करियर आगे बढ़ाना चाह रहे हैं।" पात्रा ने राहुल को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्ट कहे जाने का सबूत पेश करने की चुनौती भी दी। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है, इसलिए बात को दाएं-बाएं घुमा रही है।

तुगलकाबाद जीआईएस 400/220/66 केवी क्षमता के बिजली स्टेशन की शुरुवात

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नई दिल्ली। लार्सन एंड टुब्रो की पीटी एंड डी आईसी ने दिल्ली के तुगलकाबाद में एक महत्वपूर्ण 400/220/66 केवी जीआईएस सबस्टेशन को निष्पादित और चालू करके बिजली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सूची में एक और मील का पत्थर जोड़ा। कंपनी के अधिकारी पी के महापात्र ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें इसका निर्माण और संचालन करने वाली कंपनी के  प्रतिनिधिमंडल ने उत्कृष्ट गुणवत्ता कार्यों के लिए हमारी परियोजना टीम की सराहना की है। उन्होंने बताया कि इस मील का पत्थर हासिल करने के लिए 2000 एमवीए सबस्टेशन की कमीशन को सक्षम करने के लिए जो कि पावरग्रिड की प्रतिष्ठित और सबसे बड़ी जीआईएस परियोजना में से एक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा घोषित 15 अक्टूबर से बंद होने के लिए दिल्ली के सबसे बड़े बिजली जनरेटर, दक्षिण दिल्ली और बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (एनटीपीसी) में बिजली की मांग को कम करने, ग्रिड को मजबूत करने, ग्रिड को मजबूत करने, ग्रिड को मजबूत करनेके लिए इसका निर्माण आवशयक था। उन्होंने बताया कि एक कठोर क्षमता मूल्यांकन के बाद और फास्ट ट्रैक परियोजना निष्पादन के लिए इसके प्रशंसनीय वैश्विक रिकॉर्ड की ताकत के बाद ईपीसी अनुबंध एल एंड टी को दिया गया था। एल एंड टी ने कड़े सुरक्षा और गुणवत्ता मानदंडों को रेखांकित करने वाले 17 महीनों में संविदात्मक अनुसूची से एक महीने पहले एचवी टेस्ट पूरा किया है। जिसने परियोजना को कई स्वीकृतियां जीतीं। इस महत्वपूर्ण सबस्टेशन में 52 बायस शामिल हैं जिनमें 400 केवी जीआईएस के लिए 15 बे, 220 केवी जीआईएस के लिए 24 बायस , 66 केवी जीआईएस के लिए 13  बायस  , 4 नोस 500 एमवीए 400/220 केवी ट्रांसफार्मर, 2 नंबर 160 एमवीए 220/66 केवी ट्रांसफार्मर और 1 नो 125 एमवीएआर रिएक्टर शामिल हैं। सबस्टेशन के शुरुवात के बाद, दिल्ली के वायु के लगभग 11% पीएम 2.5 के स्तर में कमी आएगी बीटीपीएस नीचे आ रही है जो दिल्ली की हवा में प्रदूषण का प्रमुख कारक है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 11 अक्टूबर

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अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध 

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कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने निर्वाचन कार्य के सुचारू रूप से संपादन के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की आवश्यकता तथा निर्वाचन के महत्व को देखते हुए सभी प्रकार के अवकाश पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगी हुई है वह जिला जिला निर्वाचन कार्यालय में आवदेन प्रस्तुत करेंगे एवं जिन कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में नहीं लगी है उन्हें केवल दो दिवस तक का अवकाश चाहिए, जो कि मतदान दिवस से अलग हो, के प्रकरणों में वह अपने-अपने मुख्यालय के अनुविभागीय अधिकारी एवं रिटर्निंग ऑफिसर को आवेदन प्रस्तुत करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील है। 

अल्पसंख्यक पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर

अल्पसंख्यक पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति योजना वर्ष 2018-19 के लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर कर दी गई है। सहायक संचालक पिछड़ावर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण ने जानकारी देते हुये बताया कि नवीन एवं नवीनीकरण प्रकरणों के विद्यार्थी 31 अक्टूबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक प्रीमेट्रिक छात्रवृति योजना भारत सरकार कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा संचालित की जा रही है।

समस्त विभाग प्रमुख निर्माण कार्यों से संबंधित जानकारी तत्काल दें- कलेक्टर

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने निर्वाचन 2018 को लेकर समस्त जिला प्रमुखों को निर्देश दिये हैं कि वह अपने-अपने विभाग के अधिनस्थ किये जा रहे एवं आगामी किये जाने वाले निर्माण कार्यों से संबंधित जानकारी तत्काल जिला निर्वाचन कार्यालय को भेजना सुनिश्चत करें। 

एसीएबीसी प्रशिक्षण हेतु कृषि विषय के युवाओं से आवेदन आमंत्रित 

केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा नाबार्ड की सहभागिता से एग्री क्लीनिक एण्ड एग्री-बिजनेस सेन्टर स्थापनार्थ प्रशिक्षण का आयोजन नोडल प्रशिक्षण संस्थान उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप) में किया जा रहा है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योग व्यवसाय स्थापित करने में रूचि रखने वाले युवाओं का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जायेगा। आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता कृषि विषय में हायर सेकन्डरी उत्तीर्ण है। कृषि विषय में उच्च शिक्षित स्नातक अथवा  स्नातकोत्तर युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। दो माह के निःशुल्क रहवासीय प्रशिक्षण पष्चात एग्री क्लीनिक, एग्री बिजनेस सेन्टर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग या अन्य कृषि आधारित व्यवसाय हेतु नाबार्ड पुनर्वित्तपोषित योजनांतर्गत बैंकों के माध्यम से 20 लाख रूपये तक ऋण की सुविधा है। आवेदन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर निर्धारित की गई है। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 11 अक्टूबर

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क्षेत्र में धान का रकबा अधिक होने के कारण कंाग्रेस नेता शषंाक भार्गव ने खरीदी केन्द्रों का विसतार करने की मांग प्रषासन से की।

विदिशाः सरकार द्वारा इसी माह में धान की खरीदी करने की तारीख निष्चित कर दी है। लेकिन विदिषा तहसील में धान का रकबा अधिक होने के कारण खरीदी केन्द्रों का विस्तार करना आवष्यक है। इसी संदर्भ में पत्र के माध्यम से कांग्रेस नेता शषांक भार्गव के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने कलेक्टर महोदय से मुलाकात की। मांग करने वालों में दीवान किरार, लालू लोधी, अजयसिंह, सौरभ, रामस्वरूप शर्मा, रवि कपूर सहित अन्य कांग्रेसी उपस्थित रहें। 

दस लाख से अधिक की राशि जप्त होने पर आयकर विभाग करेगा कार्यवाही

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विधानसभा निर्वाचन 2018 की अवधि के दरम्यिान आमजन पचास हजार रूपए तक की नगद राशि अपने साथ सुगमता से लाना ले जाना कर सकेगे। इससे अधिक की राशि ले जाने पर संबंधितों के पास वैध दस्तावेंज साथ रखना अनिवार्य होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई लेखा माॅनिटरिंग समिति की बैठक में आयकर विभाग, सेलटैक्स विभाग, बैंकर्स, पोस्ट आफिस और रेल्वे के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में बताया गया कि पचास हजार से अधिक नगद राशि ले जाने पर परिवहनकर्ता के पास उस राशि के स्वाामित्व स्त्रोत तथा गंतव्य स्थान के संबंध में दस्तावेंज होना आवश्यक है। आकस्मिक जांच पड़ताल के दौरान यदि एफएसटी द्वारा पूछताछ करने पर दस्तावेंज उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। आयकर विभाग के प्रावधानो के तहत दो लाख से अधिक की राशि का नगद लेनदेन नही किया जा सकता है कि जानकारी केन्द्रीय आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि दस लाख से अधिक की नगद राशि जप्त होने पर समीप के थाने में उक्त राशि जमा करा दी जाएगी तथा आयकर विभाग को सूचित किया जाएगा इसके पश्चात् आयकर विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में बताया गया कि उद्योग व्यवसाय में पचास हजार से अधिक मूल्य के माल के परिवहन के संबंध में वाणिज्यिकर विभाग के प्रावधानों से अवगत कराया गया जिसमें मुख्य रूप से ई-वे बिल और परिवहन संबंधी दस्तावेंज साथ रखने होंगे। किसानों को मंडी में विक्रय किए गए माल के भुगतान के रूप में प्राप्त पचास हजार रूपए से अधिक की नगद राशि ले जाने के लिए भुगतान पत्रक साथ रखना होगा।  लीड़ बैंक आफीसर ने बताया कि ऐसे खाते जिनमें विगत चार पांच माह से कोई लेनदेन नही हुआ है और अचानक दो लाख या इससे अधिक की राशि जमा कराई जाती है अथवा निकाली जाती है तो इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी। इसी प्रकार दस लाख से अधिक की राशि जमा करने अथवा निकालने पर पूर्व उल्लेखित कार्यवाही क्रियान्वित की जाएगी।  दस लाख से अधिक की सिंगल ट्रांजेक्शन पर जांच अनिवार्यतः की जाएगी। जिला कोषालय अधिकारी ने विशेष प्रकरणो को दूरभाष पर आयकर अधिकारी को सूचित करने हेतु निर्धारित मापदण्डों के साथ-साथ एफएसटी, एसएसटी दलों के द्वारा सम्पादित होने वाली कार्यवाही से अवगत कराया जाएगा।  इसी प्रकार रेल्वे स्टेशनों पर भी जांच पडताल के लिए विशेष बल जीआरपी को दिए गए है ताकि रेल्वे परिसर में किसी भी व्यक्ति पर शक हो तो जीआरपी त्वरित प्राथमिक रूप से जांच पड़ताल का कार्य कर सकें। बैठक में फार्म हाउस, होटल, हवाला करने वालो की सघन जांच पड़ताल करने हेतु पृथक से कार्य योजना क्रियान्वित करने पर सहमति व्यक्त की गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने संबंधितों से कहा कि जांच पड़ताल के दौरान अनावश्यक रूप से व्यक्ति परेशान ना हो का ध्यान रखा जाए। जिन पर किसी भी प्रकार का शक हो तो उसका समाधान होने के उपरांत ही उन्हें आगे की ओर रवाना किया जाए। उन्होंने सूचना तंत्रो के माध्यम से प्राप्त होने वाली जानकारी पर त्वरित कार्यवाही करने पर बल दिया है। उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ डाॅ पंकज जैन, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संदीप अष्ठाना, जिला कोषालय अधिकारी श्री एके परिहार भी मौजूद थे।  

पेम्पलेट, पोस्टर, पर्चे आदि प्रिन्ट सामग्री पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम और पता देना जरूरी

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशानुसार पम्पलेट्स, पोस्टर्स, पर्चे आदि प्रचार अथवा प्रिन्टिग सामग्री पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम, पता एवं संख्या लिखा जाना अनिवार्य है। प्रकाशित सामग्री की प्रतियां निर्वाचन कार्यालय में भी जमा की जाएगी।  प्र्रिन्ट सामग्री में संख्या में अंकित करनी होगी। उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही की जाएगी कि जानकारी आज अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने प्रकाशको एवं मुद्रकों की बैठक मंे दी। इस दौरान संबंधितों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों की जानकारी व प्रतियां उपलब्ध कराई गई और उनसे अपेक्षा व्यक्त की गई कि वे दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करें। सभी प्रकाशकों एवं मुद्रकों से कहा गया कि मुद्रित एवं प्रकाशित सामग्री के आधार पर खर्चा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। कोई भी प्रकाशक एवं मुद्रक ऐसी सामग्री प्रकाशित नही करेंगे जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता हो। समाज में घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री किसी भी हाल में प्रकाशित नही की जाए।

निर्वाचन संबंधी शिकायते टेलीफोन पर दर्ज होगी

विधानसभा निर्वाचन 2018 के दरम्यिान निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन संबंधी शिकायतों की त्वरित प्राप्ति के लिए हर स्तर पर प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। आमजन निर्वाचन संबंधी अपनी शिकायते राज्य स्तरीय टोल फ्री नम्बर 1950 के अलावा विदिशा जिले में जिला स्तरीय शिकायत प्रकोष्ठ का दूरभाष क्रमंाक नम्बर 07592-233302 अथवा जिला मुख्यालय पर क्रियाशील टोल फ्री नम्बर 18002337017 है। उक्त तीनों टेलीफोन नम्बरों में से किसी एक पर चैबीस घंटे सातो दिनों में कभी भी दर्ज करा सकते है।

ईसीआई का लोगो बनाकर मतदाता जागरूकता का संदेश दिया

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विदिशा जिले में मतदाता जागरूकता के लिए स्वीप गतिविधियों के माध्यम से हर रोज नवाचार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। गुरूवार को विदिशा जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के प्रागंण में विद्यार्थियों द्वारा ईसीआई का लोगो (चिन्ह) बनाकर मतदाता जागरूकता का संदेश दिया है। जिला पंचायत के सीईओ और स्वीप के नोडल अधिकारी डाॅ पंकज जैन ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को मतदाता जागरूकता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम स्थल पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा एवं उत्कृष्ट विद्यालय के गुरूजन और विद्यार्थी मौजूद थे।
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