पूर्णिया : जिले के डगरुआ प्रखंड मुख्यालय में जाति निवास आय प्रमाण पत्र बनाने को ले मुख्यालय में लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब 2:30 बजे काउंटर को कर्मचारी बंद करने लगे और लोगों को वहां से जाने के लिए कहने लगे। जबकि 11 बजे काउंटर खुला ही था और 3 बजे से पहले बंद किया जाने लगा। दरअसल छोटे छोटे बच्चों के साथ आई दर्जनों महिला सुबह 8 बजे से ही कतारबद्ध थी। उधर जब उनका नंबर करीब आने लगा तो इस बीच काउंटर वाले कमरे से एक कर्मचारी बाहर निकला और बाहर में पूर्व से तैनात बिचौलियों से फॉर्म और रुपया लेकर पुनः अंदर प्रवेश कर गया। जिसे देखकर वहां पर उपस्थित दर्जनों महिला एवं उनके परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। उपस्थित आवेदक मो सरवर, राजू, सर्वानंद यादव ने बताया कि वे लोग एक महीने से बच्चों का जाति निवास बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। मथोर पंचायत के मटवेली गांव के निवासी राजकुमार साह पत्नी का निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई दिनों से परेशान हैं। उन्हें राशन कार्ड बनवाना है। 11 बजे काउंटर खुलता है और 1 बजे तक बंद कर दिया जाता है। इस दौरान महज 40 लोगों का आवेदन लिया जाता है।
...एक आवेदन पर लिया जाता है 200 रूपए नजराना :
प्रखंड कार्यालय के इस काउंटर का हाल यह है कि सिर्फ एक आवेदन को जमा करने के एवज में बिचौलिये 200 रूपए नजराना लेते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि यदि बिचौलिये को नजराना दिया जाता है तो आप कितना भी लेट क्यों न आ जाएं आपके आवेदन को जल्द ही निष्पादित कर दिया जाएगा। लेकिन यदि आपने नजराना नहीं दिया है तो बेशक कतारबद्ध होने के बाद भी आपका नंबर कब आएगा कहना मुश्किल है। काउंटर पर सुबह सुबह सिर्फ 40 लोगों का अावेदन लिया जाता है। इसके बाद वैसे लोगों का आवेदन बिचौलियों के माध्यम से लिया जाता है जो कि एक व्यक्ति का 200 रुपया नजराना लेते हैं। नूर सबा का कहना है कि वह आज भी आवेदन जमा नहीं कर पाई। इस प्रकार कई दिनों से वापस मायूस होकर अपने घर लौट रही हैं। नूर सबा का कहना है हमारे पास उतना रुपया नहीं है जो बिचौलियों को देकर जल्द बनवा लें। किसी तरह से घर से अनाज बेचकर अपने साथ किराया लेकर ब्लॉक आ रही हैं अब वह भी संभव नहीं है कैसे बनवाएंगे अपना निवास प्रमाण पत्र। वहां पर मौजूद महिलाओं के आक्रोश को देखकर साफ साफ पता चल रहा था कि किस कदर डगरुआ के कर्मचारियों द्वारा गरीबों का शोषण किया जा रहा है।
...प्रखंड कर्मियों की मिलीभगत से बिचौलियों की बल्ले बल्ले :
प्रखंड कार्यालय के काउंटर पर बदहाली कुछ इस कदर है कि बगैर बिचौलिये के आने वाले आवेदनों पर काफी पड़ताल की जाती है और यदि बिचौलिये के माध्यम से आवेदन प्राप्त होता है तो उसे निष्पादित करने में जरा भी वक्त नहीं लगता है। ऐसे में स्पष्ट है कि बिना प्रखंड कर्मियों व बिचौलिये की मिलीभगत के यह कार्य नहीं हो सकता है। बिना नजराना लिए जाति निवास आय बनवाने के लिए महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है। साफ लफ्जों में समझ लिया जाए कि किस कदर डगरुआ ब्लॉक में अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मिलीभगत से बिचौलियाें की बल्ले बल्ले हो रही है। वहीं कर्मचारियों से पूछे जाने पर बताया गया कि 40 से अधिक लोगों का आवेदन नहीं ले सकते हैं। जबकि दो काउंटर पर आवेदन लेने की सुविधा उपलब्ध है।
...सीओ ने लोगों को समझाया :
प्रखंड कार्यालय में हुए हंगामे को देखकर अंचलाधिकारी अबु आमिर मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर किसी तरह शांत किया। इस दौरान लोगों ने सीओ से अपनी समस्याएं गिनाई। जिसपर सीओ ने कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों को ससमय कार्य निष्पादन की सख्त हिदायत भी दी।