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पूर्णिया : लोग प्रखंड कर्मियों के रवैये से भड़के, सीओ के हस्ताक्षेप के बाद हुए शांत

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पूर्णिया : जिले के डगरुआ प्रखंड मुख्यालय में जाति निवास आय प्रमाण पत्र बनाने को ले मुख्यालय में लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब 2:30 बजे काउंटर को कर्मचारी बंद करने लगे और लोगों को वहां से जाने के लिए कहने लगे। जबकि 11 बजे काउंटर खुला ही था और 3 बजे से पहले बंद किया जाने लगा। दरअसल छोटे छोटे बच्चों के साथ आई दर्जनों महिला सुबह 8 बजे से ही कतारबद्ध थी। उधर जब उनका नंबर करीब आने लगा तो इस बीच काउंटर वाले कमरे से एक कर्मचारी बाहर निकला और बाहर में पूर्व से तैनात बिचौलियों से फॉर्म और रुपया लेकर पुनः अंदर प्रवेश कर गया। जिसे देखकर वहां पर उपस्थित दर्जनों महिला एवं उनके परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। उपस्थित आवेदक मो सरवर, राजू, सर्वानंद यादव ने बताया कि वे लोग एक महीने से बच्चों का जाति निवास बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। मथोर पंचायत के मटवेली गांव के निवासी राजकुमार साह पत्नी का निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई दिनों से परेशान हैं। उन्हें राशन कार्ड बनवाना है। 11 बजे काउंटर खुलता है और 1 बजे तक बंद कर दिया जाता है। इस दौरान महज 40 लोगों का आवेदन लिया जाता है। 

...एक आवेदन पर लिया जाता है 200 रूपए नजराना : 
प्रखंड कार्यालय के इस काउंटर का हाल यह है कि सिर्फ एक आवेदन को जमा करने के एवज में बिचौलिये 200 रूपए नजराना लेते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि यदि बिचौलिये को नजराना दिया जाता है तो आप कितना भी लेट क्यों न आ जाएं आपके आवेदन को जल्द ही निष्पादित कर दिया जाएगा। लेकिन यदि आपने नजराना नहीं दिया है तो बेशक कतारबद्ध होने के बाद भी आपका नंबर कब आएगा कहना मुश्किल है। काउंटर पर सुबह सुबह सिर्फ 40 लोगों का अावेदन लिया जाता है। इसके बाद वैसे लोगों का आवेदन बिचौलियों के माध्यम से लिया जाता है जो कि एक व्यक्ति का 200 रुपया नजराना लेते हैं। नूर सबा का कहना है कि वह आज भी आवेदन जमा नहीं कर पाई। इस प्रकार कई दिनों से वापस मायूस होकर अपने घर लौट रही हैं। नूर सबा का कहना है हमारे पास उतना रुपया नहीं है जो बिचौलियों को देकर जल्द बनवा लें। किसी तरह से घर से अनाज बेचकर अपने साथ किराया लेकर ब्लॉक आ रही हैं अब वह भी संभव नहीं है कैसे बनवाएंगे अपना निवास प्रमाण पत्र। वहां पर मौजूद महिलाओं के आक्रोश को देखकर साफ साफ पता चल रहा था कि किस कदर डगरुआ के कर्मचारियों द्वारा गरीबों का शोषण किया जा रहा है। 

...प्रखंड कर्मियों की मिलीभगत से बिचौलियों की बल्ले बल्ले : 
प्रखंड कार्यालय के काउंटर पर बदहाली कुछ इस कदर है कि बगैर बिचौलिये के आने वाले आवेदनों पर काफी पड़ताल की जाती है और यदि बिचौलिये के माध्यम से आवेदन प्राप्त होता है तो उसे निष्पादित करने में जरा भी वक्त नहीं लगता है। ऐसे में स्पष्ट है कि बिना प्रखंड कर्मियों व बिचौलिये की मिलीभगत के यह कार्य नहीं हो सकता है। बिना नजराना लिए जाति निवास आय बनवाने के लिए महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है। साफ लफ्जों में समझ लिया जाए कि किस कदर डगरुआ ब्लॉक में अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मिलीभगत से बिचौलियाें की बल्ले बल्ले हो रही है। वहीं कर्मचारियों से पूछे जाने पर बताया गया कि 40 से अधिक लोगों का आवेदन नहीं ले सकते हैं। जबकि दो काउंटर पर आवेदन लेने की सुविधा उपलब्ध है। 

...सीओ ने लोगों को समझाया : 
प्रखंड कार्यालय में हुए हंगामे को देखकर अंचलाधिकारी अबु आमिर मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर किसी तरह शांत किया। इस दौरान लोगों ने सीओ से अपनी समस्याएं गिनाई। जिसपर सीओ ने कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों को ससमय कार्य निष्पादन की सख्त हिदायत भी दी।

दुमका : छात्र जीवन में खेलकूद का महत्वपूर्ण स्थान : कुलपति

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) पढ़ाई के साथ - साथ खेलकूद का छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां छात्रों में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। साहिबगंज महाविद्यालय के छात्र - छात्राएं काफी अनुशासित और प्रतिभावान हैं। दिन शुक्रवार (12.10.2018) को साहिबगंज महाविद्यालय के नंदन भवन में आयोजित अंतर कॉलेज खो - खो टूर्नामेंट के समापन समारोह के दौरान सिदो कान्हु मुर्मू विश्विद्यालय दुमका के कुलपति प्रो (डॉ)  मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि कही। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा की विश्वविद्यालय के सभी छात्र ही हमारे 'कुल'के सदस्य हैं। कुलपति उस कुल का मुखिया होता है। उन्होंने कहा कि अतीत को याद रखना भी जरूरी है और उसे भूलना भी। विश्विद्यालय अब नए कलेवर में काम कर रही है। सिस्टम को दुरुस्त करने की कवायद चल रही है। छात्रों के साथ हर - हाल में न्याय होगा। सभी सेशन को अपडेट किया जा रहा है। 3 साल की डिग्री को करने में पहले पांच साल लगता था लेकिन अब मात्र तीन वर्षों में ही स्नातक की डिग्री छात्रों को दी जा रही है। यह एक ऐतिहासिक प्रयास है। विद्यार्थी जीवन अहम होता है। यह मौका जीवन में दोबारा नहीं आता है। इसका पूरा लाभ और आनंद लें। यहां के छात्रों में प्रतिभाएं कूट - कूट कर भरी है। शिक्षकों और छात्रों को डायनामिक बनने की जरूरत है। छात्र अपनी सोच को सकारात्मक रखें। खुद पर विश्वास करें। यही विश्वास आपको एक दिन ऊंचाई पर ले जाएगा। अपने लक्ष्य के प्रति सजग और तत्पर रहें। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।  कुलपति ने कहा कि शिक्षक का काम केवल पढ़ाना ही नहीं है बल्कि देश और समाज की दशा बदलना भी है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। शिक्षा के माध्यम से ही राष्ट्र और समाज की बेहतर रचना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक देश का भाग्य क्लास रूम में लिखा जाता है। कॉलेज कैंपस छात्रों के जीवन का भाग्य विधाता है। 

जॉब फेयर के माध्यम से छात्रों को दी जाएगी नौकरी
कुलपति ने कहा कि छात्र पूरी तन्मयता के साथ अपनी पढ़ाई करें, नौकरी की चिंता नहीं। विश्व विद्यालय प्रशासन उन्हें समय - समय पर जॉब फेयर के माध्यम से प्लेसमेंट कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों देवघर कॉलेज में 540 बच्चों को जॉब फेयर के माध्यम से विभिन्न कम्पनियों में नौकरी दी गयी। साहिबगंज कॉलेज विश्विद्यालय का सबसे प्रीमियर कॉलेज है। इस महाविद्यालय में भी शीघ्र ही जॉब फेयर लगाकर यहां पढ़ने वाले छात्रों को रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों के लिए स्किल डेवेलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा ताकि किसी भी इंटरव्यू में छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सके। कुलपति का स्वागत करते हुए साहिबगंज कॉलेज के प्राचार्य डॉ सिकन्दर प्रसाद यादव ने कहा कि शिक्षकों, कर्मियों और छात्रों के समेकित प्रयास से यह महाविद्यालय निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि साहिबगंज महाविद्यालय एसकेएमयू का संभवतः पहला कॉलेज है जिसने रूसा की राशि का शत -प्रतिशत उपयोग किया है। बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस के मामले में भी यह कॉलेज नजीर है। साहिबगंज कॉलेज विश्विद्यालय का नम्बर 1 कॉलेज बने इसके लिए महाविद्यालय प्रशासन प्रयासरत है। प्राचार्य ने कुलपति को बुके, पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। मौके पर विश्वविद्यालय के खेल पदाधिकारी व सिंडीकेट सदस्य डॉ रंजीत कुमार सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुलपति का इस महाविद्यालय में आगमन एक सुखद और ऐतिहासिक पल है। कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। झारखण्ड में एसकेएमयू की अब एक विशिष्ट पहचान बन गयी है। डॉ रंजीत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी महाविद्यालयों में खेल -कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों  को सुचारू रुप से संचालित करने के लिए कृतसंकल्पित है। 2018 के विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स कैलेंडर में कुश्ती को स्थान दिया गया है। जो काबिलेतारीफ है। इससे परंपरागत खेलों के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ेगा।
       
इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति ने दीप प्रजवलित कर किया। कपटी का स्वागत महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर एनसीसी कैडेटों और एनएसएस के वोलेंटियर्स ने करतल ध्वनि से किया। छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया। महाविद्यालय के खेल पदाधिकारी डेविड यादव ने खेलकूद का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मौके पर कुलपति ने रूसा की राशि से नूरे ई-लाइब्रेरी और कैंपस में लगे स्ट्रीट लाइट का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय परिसर स्थित एसबीआई के डिजिटल बैंकिंग का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्टेट बैंक के आरबीओ पाकुड़ के मुख्य प्रबंधक डीके पाल व ब्रांच मैनेजर ने भी संबोधित किया।

कुलपति ने इन्हें किया सम्मानित: 
खो-खो अंतर कॉलेज टूर्नामेंट प्रतियोगिता में बालक और बालिका ग्रुप में साहिबगंज कॉलेज विजयी रहा। वहीं, महिला वर्ग में देवघर कॉलेज देवघर उपविजेता रही। जबकि , पुरुष वर्ग में बीएसके कॉलेज बरहरवा की टीम रही। खो-खो प्रतियोगिता में बालक वर्ग ने साहिबगंज महाविद्यालय के सुमन कुमार एवं बालिका वर्ग में देवघर कॉलेज की मयूरी गुप्ता को बेस्ट प्लेयर का अवार्ड कुलपति ने दिया। सभी विजयी टीमों और प्रतिभागियों को कुलपति ने शील्ड और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।  वहीं, राज्य स्तर पर वाद - विवाद प्रतियोगिता में अव्वल स्थान प्राप्त करने पर साहिबगंज कॉलेज की कल्याणी कुमारी, निबंध प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली अनामिका कुमारी को कुलपति ने पुरुष्कृत किया। इसके अलावे  कुश्ती प्रतियोगिता में 70 किलोग्राम वजन वाले वर्ग में अंगद कुमार यादव तथा विश्वविद्यालय स्तर पर वाद -विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आने पर नौशीन प्रवीण को कुलपति ने सम्मानित किया। मंच संचालन डॉ हरि प्रकाश झा कर रहे थे। जबकि, धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनिल कुमार ने किया। अंत मे राष्ट्रगान से कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस अवसर पर डॉ बीडी द्वारी, डॉ वकील पोद्दार, डॉ मीरा चौधरी, डॉ राधा सिंह, डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, प्रो राजीव कुमार सिंह, डॉ दीपक कुमार दिनकर, डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉ सिदाम सिंह मुंडा, डर राहुल कुमार संतोष, डेविड यादव, डॉ रूपा, प्रो नितिन कुमार, प्रो चंद्रशेखर, प्रो प्रसंजीत दास, प्रो प्रशांत भारती सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कॉलेजकर्मी और छात्र - छात्राएं मौजूद थे।

मधुबनी : जिला स्तरीय कर्मशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिला पदाधिकारी ने किया उद्घाटन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) :  जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा शुक्रवार को नवोदय विद्यालय,रांटी के बहुउद्देषीय भवन में रबी अभियान 2018 के अंतर्गत जिला स्तरीय कर्मषाला-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम वत्र्तमान में कम वर्षा के कारण प्रभावित खरीफ फसल के सर्वेक्षण हेतु सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी/कृषि समन्वयक/किसान सलाहकार को जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया। तत्पष्चात रबी अभियान के अवसर पर जिला स्तरीय कर्मषाल-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित किसानों/कृषि एवं कृषि से संबंधित विभागों के पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को जलवायु परिवत्र्तन के मद्देनजर रखते हुए जैविक खेती करने हेतु प्रेरित किया गया। जिससे शुद्ध सब्जी एवं अन्य फसल प्राप्त करने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा तथा मृदा की सुरक्षा एवं मानव और पषु का स्वास्थ्य अच्छा हो सके।

जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा बताया गया कि मिथिला के उत्पादित जैविक मखाना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की दिषा में कार्रवाई की जाये। जिससे कृषि रोडमैप के लक्ष्य प्रत्येक भारतीय के थाली में बिहार का एक व्यंजन की प्राप्ति की जा सकें। किसानों की आमदनी में बृद्धि करने हेतु विभिन्न फसलों के फसल चक्र को अपनाकर अच्छी आमदनी प्राप्त किया जा सकता है। महिलाओं के खाद्यान्न सुरक्षा की दिषा में कार्रवाई करने हेतु भी प्रेरित किया गया। तथा मसरूम उत्पादन को लेकर महिला सषक्तीकरण पर विषेष जोर देने की आवष्यकता है। जिला पदाधिकारी,मधुबनी द्वारा कृषि रोडमैप के लक्ष्य को शत-प्रतिषत धरातल पर उतारने हेतु सभी पदाधिकारियों/प्रसार कर्मियों को निदेष दिया गया। जिला कृषि पदाधिकारी,मधुबनी,श्री सुधीर कुमार द्वारा सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी/सभी कृषि समन्वयक/किसान सलाहकार/बी0टी0एम0/ए0टी0एम0 तथा कार्यपालक सहायक एवं प्रगतिशील कृषकों को संबोधित करते हुए रबी मौसम 2018 में कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। तथा अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को निदेष दिया कि योजनाओं का क्रियान्वयन क्लस्टर में शत-प्रतिषत कराना सुनिष्चित करें। इस अवसर पर सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी/कृषि समन्वयक/किसान सलाहकार एवं सभी प्रमुख किसान उपस्थित थे।

एक्सक्लूसिव : और अब टाटा मोटर्स में "मी टू"

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बैंगलोर (आर्यावर्त डेस्क), 12  अक्टूबर ,2018 नाना पाटेकर ,सुभाष घई, आलोक नाथ , कैलाश खेर आदि फिल्म हस्तियों के बाद  जाने माने पत्रकार और वर्त्तमान केंद्रीय मंत्री  एम् जे अकबर  पर "मी टू "की  आंच पहुँचने के बाद अब विश्व प्रसिद्ध देशी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन समूह प्रमुख सुरेश रंगराजन पर "मी टू"की तपिश ने दस्तक दी है. सुरेश पर एक महिला पत्रकार ने शोषण का आरोप लगाया है. टाटा मोटर्स प्रबंधन ने ट्वीट के माध्यम से मामले की जांच आतंरिक समिति से कराने एवं जांच पूरी होने तक सुरेश रंगराजन को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर जाने के आदेश की जानकारी दी है. सुरेश टाटा मोटर्स के मुंबई मुख्यालय से कार्य संचालित करते हैं.

जमशेदपुर : सुनील भास्करन - स्टील से जहाज पर

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बैंगलोर (आर्यावर्त डेस्क) , 12 अक्टूबर ,2018 विगत पांच महीनों से रिक्त पड़े हवाई सेवा प्रदाता कंपनी  "एयर एशिया"के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर टाटा स्टील ,जमशेदपुर  के कॉर्पोरेट अफेयर्स उपाध्यक्ष सुनील भास्करण की ताजपोशी तय की गयी है. सूचनानुसार 15 नवंबर से भास्करण अपना नया कार्य भार संभाल लेंगे. टाटा घराना और मलेशिया की संयुक्त विमानन कंपनी उद्यम एयर एशिया में काफी समय से उसके प्रबंधकीय स्वरुप को बदलने और कार्य विस्तार की चर्चा जोरों पर थी. टाटा एयर एशिया के देशी व्यापार के लिए उत्तरदायी होगी.

दो दशक के बाद फुटबाल के मैदान में भिड़ेंगे भारत और चीन

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सुजोऊ (चीन), 12 अक्टूबर,भारतीय फुटबाल टीम 21 साल के बाद शनिवार को चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलेगी जिसमें हाल की खराब फार्म के बावजूद घरेलू टीम जीत की प्रबल दावेदार होगी। भारतीय टीम चीन में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रही है, हालांकि सीनियर टीमें बीते समय में 17 बार एक दूसरे से भिड़ चुकी हैं। चीन सात बार भारत में खेला था, ये सभी मैच आमंत्रण टूर्नामेंट नेहरू कप में हुए थे। भारत को 17 मुकाबलों में से एक में भी जीत नहीं मिली जबकि चीन ने 12 मौकों पर फतह हासिल की।  पांच मैच ड्रा रहे थे। भारत और चीन की सीनियर टीमें पिछली बार 1997 नेहरू कप में कोच्चि में एक दूसरे से भिड़ीं थी जिसमें ‘रेड ड्रैगन्स’ ने 2-1 से जीत दर्ज की थी।  भारतीय टीम एक भी फीफा विश्व कप में जगह नहीं बना सकी है जबकि चीन ने 2002 में ऐसा किया था जिसमें वह अपने सभी तीनों मैच गंवाकर ग्रुप चरण से बाहर हो गयी थी।  वैश्विक मंच पर चीन का इतना दबदबा नहीं है लेकिन एशिया में वह मजबूत फुटबाल देशों में शुमार रहा है। एशिया में टीम लगातार शीर्ष 10 में और विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 में शामिल रहती है।  अभी चीन फीफा रैंकिंग में 76वें और एशिया में सातवें स्थान पर काबिज है।

चीन एशियाई कप में 11 बार खेल चुकी है जो महाद्वीपीय देशों का शीर्ष टूर्नामेंट है और इसमें वह दो बार उप विजेता और कई बार तीसरे स्थान पर रह चुकी है।  वहीं दूसरी ओर भारत एशिया कप में सिर्फ तीन बार (1964 में उप विजेता, 1984 और 2011 में) खेला है और हाल में उसने लंबे समय के बाद फीफा रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह बनायी। देश की टीम अभी फीफा रैंकिंग में 97वें और एशिया में 15वें स्थान पर शामिल है। भारत के लिये चीन से खेलना साहसिक कदम है क्योंकि एशियाई कप या विश्व कप क्वालीफायर को छोड़ दें तो टीम हाल के दिनों में महाद्वीप की शीर्ष टीम के खिलाफ नहीं खेली है। यह मैच दोनों टीमों के बीच फीफा अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों की विंडो के समय के दौरान खेला जायेगा जो अगले साल जनवरी में एएफसी एशिया कप की तैयारियों के लिये अहमियत रखता है। इससे भारत की प्रगति का सही अंदाजा लगेगा। भारतीय कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से वाकिफ हैं कि चीन इस क्षेत्र की बड़ी टीम है। उनकी टीम काफी मजबूत होगी। वे आक्रामक फुटबाल खेलना चाहेंगे और गेंद पर भी कब्जा रखना चाहेंगे। हम इस मैच में जीत के इरादे से उतरेंगे। लेकिन अगर हम हारते भी हैं तो भी हम सकारात्मक पहलू ढूंढने का प्रयास करेंगे।’’ 

राहुल, मेनका ने मी टू‘ अभियान का किया समर्थन

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बॉलीवुड दिग्गजों ने भी खुल कर व्यक्त किए अपने विचार
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नयी दिल्ली/मुंबई, 12 अक्टूबर,देश में चल रहे ‘मी टू‘ अभियान का शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जमकर समर्थन किया। वहीं शुक्रवार को साजिद खान, लव रंजन जैसे बॉलीवुड के बड़े नाम निशाने पर आए। साथ ही अक्षय कुमार, फरहान अख्तर और अजय देवगन ने ‘मी टू’ अभियान के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति महिलाओं के साथ सम्मान और मर्यादा के साथ पेश आए। मुझे इसकी खुशी है कि जो ऐसा नहीं करते हैं उनके लिए दायरा सिकुड़ रहा है।'  उन्होंने कहा, 'बदलाव लाने के लिए सच को ऊंची आवाज में बोलना होगा।'  वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय विधि विशेषज्ञों की समिति बनाने की योजना बना रहा है जो ‘मीटू’ अभियान में सामने आए यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखेंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हैं।

दोनों ही मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर लगे आरोपों पर खुलकर कुछ नहीं कहा। मेनका गांधी ने कहा,‘‘मैं उन सब पर विश्वास करती हूं। मैं प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हूं। मैं एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव भेज रही हूं । इसमें वरिष्ठ न्यायिक एवं कानूनी अधिकारी सदस्य होंगे । यह कमेटी मी टू अभियान के तहत आये सभी मसलों को देखेगी।’’  राहुल ने तो अकबर को लेकर कुछ नहीं बोला लेकिन पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री को लगेगा कि उनकी ‘सल्तनत’ खतरे में है तो वह अकबर को हटाने से नहीं हिचकेंगे। गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी जी और नैतिकता साथ नहीं चल सकते। नैतिकता के आधार पर वह अकबर को नहीं हटाएंगे, लेकिन अगर उन्हें लगेगा कि उनके वोटबैंक को नुकसान हो रहा है तो वह अकबर को बर्खास्त कर देंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी को लगेगा कि उनकी सल्तनत खतरे में है तो वह अकबर का सिर कलम कर देंगे।’’ गोहिल ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘‘मी टू’’ अभियान से जुड़े सवालों को टाला नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी की महिलाओं के मुद्दों पर क्या राय है।

टिकाऊ विकास लक्ष्य को हासिल करने में NHRC की भूमिका महत्वपूर्ण : मोदी

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर, गरीब, वंचित, शोषित, समाज के दबे-कुचले व्यक्ति की गरिमा को बनाये रखने में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि टिकाऊ विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आज सरकार जो भी प्रयास कर रही है, उसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की भूमिका महत्वपूर्ण है। एनएचआरसी के 25वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मानव अधिकारों के प्रति इसी समर्पण ने देश को 70 के दशक में बहुत बड़े संकट से उबारा था। ’’ उन्होंने कहा कि आपातकाल के उस काले कालखंड में जीवन का अधिकार भी छीन लिया गया था, बाकी अधिकारों की तो बात ही क्या थी। लेकिन भारतीयों ने मानवाधिकारों को अपने प्रयत्नों से फिर हासिल किया ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 वर्षों की यह बहुत बड़ी उपलब्धि रही है कि इस दौरान गरीब, वंचित, शोषित, समाज के दबे-कुचले व्यक्ति की गरिमा को, उसके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए गंभीर प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बीते 4 वर्षों में जो भी कदम उठाए गए हैं, जो योजनाएं बनी हैं, उनका लक्ष्य यही है और हासिल भी यही है ।’’ मोदी ने कहा कि सरकार का ध्यान इस बात पर रहा है कि सामान्य लोगों की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति उसकी जेब की शक्ति से नहीं, बल्कि सिर्फ भारतीय होने भर से ही स्वभाविक रूप से हो जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सेवा का माध्यम मानती है। सबको कमाई, सबको पढ़ाई, सबको दवाई और सबकी सुनवाई के लक्ष्य के साथ ऐसे अनेक काम हुए हैं, जिससे करोड़ों भारतीय भीषण गरीबी से बाहर निकल रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश बहुत तेज़ गति से मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी व्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है । उन्होंने कहा कि गरीब को खुले आसमान के नीचे, मौसम के थपेड़े सहने पड़े, ये भी तो उसके अधिकार का हनन ही है। इस स्थिति से उसको बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर बेघर-गरीब को आवास देने का अभियान चल रहा है।

मोदी ने कहा कि अब तक सवा करोड़ से अधिक भाई-बहनों को घर का अधिकार मिल भी चुका है । शौचालय न होने की मजबूरी में, जो अपमान वो गरीब भीतर ही भीतर महसूस करता था, वो किसी को बताता नहीं था। उन्होंने कहा कि विशेषतौर पर लाखों बहन-बेटियों के सम्मान से जीने के अधिकार का हनन तो था ही बल्कि जीने के अधिकार को लेकर भी गंभीर प्रश्न था । उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के अधिकार को बढ़ाने वाला दिव्यांग लोगों के अधिकार संबंधी कानून हो, उनके लिए नौकरियों में आरक्षण बढ़ाना हो या फिर ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा वाला विधेयक हो....ये मानवाधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का ही उदाहरण है । प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय पाने के अधिकार को और मजबूत करने के लिए सरकार ई अदालतों की संख्या बढ़ा रही है, राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड को सशक्त बना रही है । मुकदमों से संबंधित जानकारियां, फैसलों से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन होने से न्याय प्रक्रिया में और तेजी आई है और लंबित मामलों की संख्या में कमी हुई है । उन्होंने इस बारे में लोगों से सुझाव देने को कहा और जोर दिया कि देश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, उनके अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरपल प्रतिबद्ध है।

मेनका ने मीटू मामलों के लिए विधि विशेषज्ञों की समिति बनाने का प्रस्ताव दिया

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नयी दिल्ली 12 अक्टूबर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय विधि विशेषज्ञों की समिति बनाने की योजना बना रहा है जो ‘मीटू’ अभियान में सामने आए यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखेंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हैं। गांधी ने कहा कि और महिलाओं को आगे आना चाहिए और अपने अनुभव साझा करने चाहिए। उन्होंने दिए एक साक्षात्कार में कहा,‘‘मैं उन सब पर विश्वास करती हूं। मैं प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हूं।’’  गांधी ने हालांकि अपने सहयोगी एम जे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की। अकबर के साथ काम करने वाली अनेक महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाएं हैं। यौन उत्पीड़न के आरोप विदेश राज्य मंत्री के अलावा फिल्म निर्देशक साजिद खान, अभिनेता आलोक नाथ पर भी हैं और नामों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है। गांधी ने कहा, ‘‘मी टू अभियान के तहत सामने आये मामलों की पड़ताल के लिए मैं एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव पेश कर रही हूं जिसमें वरिष्ठ न्यायिक और विधि क्षेत्र के लोग शामिल होंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘एक महिला को इस तरह आगे आने में काफी हिम्मत दिखानी पड़ती है। इतने बड़े मामले पिछले 25 वर्ष से दबे हुए थे।प्रश्न यह है कि इतने वर्ष बीत चुके है ऐसे में वे यह सब साबित कैसे कर पाएंगी कि....उन्हें गालियां दी गईं, उन्हें छुआ गया, नोंचा गया, उनके कपड़े खींचे गए...’’  उन्होंने कहा, ‘‘पहली चीज जो करनी चाहिए वह यह है कि इन राक्षसों के नाम सामने लाकर उन्हें शर्मसार करना चाहिए। नाम सामने लाने और शर्मसार करने से महिलाओं ने जो दर्द सहा है, वह कुछ कम होगा और दूर तक इसका असर दिखेगा।’’  उन्होंने कहा कि अगला कदम एक समिति बनाना है जो महिलाओं की बात सुने। गांधी ने कहा कि महिलांए शी बॉक्स के जरिए www.shebox.nic.in शिकायत कर सकती है।यहां किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत एमआईएन-डब्ल्यूसीडी@एनआईसीडॉटइन में भी दर्ज कराई जा सकती है। मंत्रालय प्रत्येक मामलों को बारीकी से देखेगा।

जम्मू एवं कश्मीर निकाय चुनाव : शुरुआती चार घंटों में सांबा में 35 फीसदी मतदान

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जम्मू/श्रीनगर 13 अक्टूबर, जम्मू एवं कश्मीर में शनिवार को नगर निकाय चुनाव के तीसरे चरण के मतदान जारी हैं। जम्मू के सांबा जिले में मतदान के शुरुआती चार घंटों में लगभग 35 फीसदी मतदान हुआ है जबकि कश्मीर घाटी में मतदान प्रतिशत बहुत कम है। वहीं घाटी के पुलवामा और बांदीपोरा जिलों में कुछ उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए वहीं अन्य वार्डो में किसी ने उम्मीदवारी पेश नहीं की। अनंतनाग जिले में मतदान प्रतिशत 1.50 फीसदी रहा, वहीं श्रीनगर में 0.4 फीसदी और बारामूला में 11 फीसदी मतदान हुआ। सीमा पर स्थित उड़ी में मतदाता बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जम्मू के सांबा और घाटी के श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला, पुलवामा और बांदीपोरा जिलों में मतदान सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक होंगे तीसरे चरण के चुनाव में 96 वार्डो में 365 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव अधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में चुनावकर्मियों सहित अतिरिक्त कर्मी तैनात किए गए हैं। राज्य के मुख्य निवाचन अधिकारी (सीईओ) शालीन काबरा ने कहा कि पहले दो चरण में कुल मतदान प्रतिशत 47.2 फीसदी रहा था। पहले चरण का चुनाव आठ अक्टूबर जबकि दूसरे चरण का चुनाव 10 अक्टूबर को हुआ था। काबरा ने कहा कि निष्पक्ष चुनवा के लिए पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर बेसिक मिनिमम फैसिलिटीज (बीएमएफ) सुनिश्चित की गई है। काबरा ने कहा, "डिप्टी कमिश्नर सभी संवेदनशील स्थानों की वीडियोग्राफी करा रहे हैं। राज्य में 13 साल के बाद चार चरणों में निकाय चुनाव हो रहे हैं। चौथे और अंतिम चरण का चुनाव 16 अक्टूबर को होगा।

गुवाहाटी विस्फोट में 4 घायल

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गुवाहाटी 13 अक्टूबर, सम की राजधानी शहर गुवाहाटी में शनिवार को विस्फोट में चार लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना शहर में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले पान बाजार क्षेत्र में हुई जहां प्रसिद्ध सुखेश्वर मंदिर के साथ-साथ उच्च न्यायालय की इमारत, उपायुक्त कार्यालय और कई अन्य महत्वपूर्ण इमारतें हैं।गुवाहाटी के पुलिस सह आयुक्त दिगंता बारा ने कहा, "विस्फोट में चार लोगों को मामूली चोटें आई हैं। उन्हें महेंद्र मोहन चौधरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।" उन्होंने बम विस्फोट की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है।

बिहार में युवक की पीट-पीटकर हत्या, 2 गिरफ्तार

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मुजफ्फरपुर 13 अक्टूबर, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, धर्मपुर सुस्ता गांव निवासी राहुल कुमार का अपने ही गांव में दूसरी जाति की लड़की से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक, राहुल शुक्रवार रात अपनी कथित प्रेमिका से मिलने के उसके घर गया था, जिसकी भनक लड़की के परिजनों को लग गई।आरोप है कि लड़की के परिजनों ने राहुल को पकड़ लिया और चोर-चोर का शोर मचाकर अन्य ग्रामीणों को इकट्ठा कर उसकी जमकर पिटाई कर दी। अत्यधिक पिटाई के कारण उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। पूर्वी मुजफ्फरपुर के पुलिस अधीक्षक गौरव पांडेय ने शनिवार को बताया कि पुलिस प्रत्येक कोण से मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले में दो लोगों रविंद्र राय व धर्मेद्र राय को गिरफ्तार कर लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोग गुस्से में हैं।

जम्मू एवं कश्मीर मुठभेड़ में 2 आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर 13 अक्टूबर, जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि बाबगुंड गांव में हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी की पहचान शबीर अहमद डार के रूप में हुई है, जो सम्बुरा गांव का रहने वाला था। मुठभेड़ में एक अन्य आंतकवादी गंभीर रूप से घायल हुआ लेकिन वह सुरक्षाबलों के चंगुल से बचने में कामयाब रहा। उसकी पहचान शोकत अहमद के रूप में हुई है, जो पुलवामा के मुरान गांव से है। घायल अवस्था में फरार हो जाने के बाद अज्ञात लोगों ने उसे श्रीनगर के एस.एम.एच.एस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। एहतियात के मद्देनजर प्रशासन ने पुलवामा में कर्फ्यू लगा दिया है।

जल्द सबरीमाला पहुंचूंगी : तृप्ति देसाई

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तिरुवनंतपुरम 13 अक्टूबर,केरल के सबरीमाला मंदिर में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 10 से 50 आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के आदेश का कड़ा विरोध होने के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने शनिवार को कहा कि वे अभी भी मंदिर जाने के लिए दृढ़ हैं। मुंबई में मलयालम टीवी चैनल पर बात करते हुए देसाई ने कहा, "सर्वोच्च न्यायाल ने महिलाओं के मूल अधिकारों के समर्थन में आदेश दिया है तो वे जल्द ही सबरीमाला मंदिर जाने की अपनी तिथि घोषित करेंगी।" मुंबई की हाजी अली दरगाह समेत कई तीर्थस्थलों के दरवाजे महिलाओं के लिए खोलने में तृप्ति देसाई ने प्रमुख भूमिका निभाई है। पुणे की भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और कार्यकर्ता देसाई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई के अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि देसाई को भगवान अयप्पा के मंदिर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को चुनौती नहीं देनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के विरोध में तिरुवनंतपुरम से अलप्पुझा तक रैली की अगुआई करने वाले पिल्लई ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, "सभी की भलाई के लिए उन्हें हजारों श्रद्धालुओं की भावनाओं को चुनौती नहीं देनी चाहिए।" मंदिर के द्वार नियमित मासिक पूजा के लिए 18 अक्टूबर को खुलेंगे।



आतंकवाद विकास और समृद्धि के लिए जबरदस्त खतरा: सुषमा

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दुशांबे 12 अक्टूबर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद विकास और सृमद्धि के लिए जबरदस्त खतरा है और उन्होंने पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझने और आपस में सहयोग करने की अपील की है।स्वराज ने 50 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा(सीपीईसी) के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि संपर्क की सभी पहल संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, विचार विमर्श, सुशासन, पारदर्शिता,व्यवहार्यता और निरंतरता के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए। भारत ने सीपीईसी परियोजनाओं का विरोध किया है और चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है। स्वराज एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आईं हैं। उन्होंने कहा,‘‘आतंकवाद विकास और समृद्धि के हमारे साझा लक्ष्यों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’’ विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मौजूदगी में कहा कि चूंकि आतंकवाद पैर पसार रहा है तो सरकारों को अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझनी चाहिए और एक दूसरे से सहयोग करना चाहिए। स्वराज ने कहा, ‘‘हम सब को वैश्वीकरण से लाभ हुआ है। हमें अपना व्यापार और निवेश सहयोग आगे बढ़ाना चाहिए। हम खुले, स्थाई अंतरराष्ट्रीय व्यापार तंत्र का समर्थन करते हैं जो विश्व व्यापार संगठन की केन्द्रीयता पर आधारित हो।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने क्विंगदाओ में एससीओ सम्मेलन में शामिल नेताओं की युवाओं को कट्टरपंथ में धकेलने के खिलाफ अपील का खुलकर समर्थन किया था। साथ ही उन्होंने ‘एससीओ शांति मिशन 2018’ के सफलता पूर्वक संपन्न होने के लिए अपने सहयोगियों को बधाई दी। यह पहली बार है जब भारत ने इन आतंकवाद विरोधी अभ्यासों में हिस्सा लिया है। 


विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उस शांति प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान की अगुवाई में, अफगानिस्तान का और अफगानिस्तान नियंत्रित हो, और जो अफगानिस्तान को शांतिपूर्ण, सुरक्षित,स्थाई, समग्र और आर्थिक रूप से जीवंत देश के रूप में सामने लाए। उन्होंने कहा, ‘‘इस परिप्रेक्ष्य में हम क्विंगदाओ सम्मेलन से इतर एससीओ-अफगानिस्तान कॉन्टैक्ट ग्रुप के प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हैं। हमें अगले वर्ष भारत में एससीओ-अफगानिस्तान कॉन्टैक्ट ग्रुप की बैठक अफगानिस्तान के साथ मिल कर करने में प्रसन्नता होगी।’’ उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्प के क्षेत्र में एससीओ में मिल कर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत संपर्क बढ़ाने के एससीओ सदस्यों की इच्छा को साझा करता है। संपर्क की सभी पहल संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, विचार विमर्श, सुशासन, पारदर्शिता,व्यवहार्यता और निरंतरतता के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए।’’ जून 2017 में भारत का एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद यह सीएचजी की दूसरी बैठक है।


'मीटू' : महिला ने बीसीसीआई सीईओ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए

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नई दिल्ली 13 अक्टूबर, देश में इस समय आग की तरह फैल रही 'मीटू'मुहीम की लपटें अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) तक पहुंच गई हैं। एक महिला लेखक ने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। 2016 में बीसीसीआई में आने से पहले जौहरी डिस्कवरी नेटवर्क एशिया पैसिफिक (दक्षिण एशिया) के कार्यकारी उपाध्यक्ष थे। उन पर महिला लेखक ने नौकरी देने के बदले फायदा उठाने के इल्जाम लगाए हैं। महिला लेखक हरनिद्ध कौर ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कुछ स्क्रीनशॉट्स जारी किए हैं जिनमें उन्होंने आपबीती लिखी है। महिला ने जौहरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उन्होंने अपने घर ले गए जहां उन्होंने महिला से कहा कि यह उनके इंटरव्यू का आखिरी हिस्सा है।कौर के ट्वीटर हैंडल पर जारी स्क्रीनशॉट्स के मुताबिक, "राहुल जौहरी मौजूदा समय में बीसीसीअई के सीईओ। राहुल मेरे पुराने कलीग थे। हमारी मुलाकात राज के घर में पार्टी के दौरान हुई थी। इसके बाद वह काफी आगे चले गए। उन्होंने एक बड़ा मीडिया व्यापार खड़ा किया और कई अन्य रास्तों से वह आगे निकल गए.. इस दौरान राहुल मेरे टच में थे।" 

उन्होंने लिखा है कि एक होटल में संभावित नौकरी के मौके पर बात करते हुए, वह अचानक उठे और कौर से अपने घर चलने को कहा। वह उनकी पत्नी को जानती थी क्योंकि कौर उनसे पहले मिल चुकी थीं। जब दोनों राहुल के घर पहुंचे तो उन्होंने घर की चाभी निकाली तब कौर ने उनसे कहा कि उन्होंने कौर के यह क्यों नहीं बताया कि उनकी पत्नी घर पर नहीं है। घर में घुसकर कौर ने पानी मांगा। वो पानी लेकर आए लेकिन उन्होंने पैंट नहीं पहना था और इसके बाद राहुल ने कौर को शारीरीक तौर पर प्रताड़ित किया। कौर ने लिखा, "अभी तक मैं इस बुरे हादसे का बोझ उठाते फिर रही हूं और इसके लिए अपने आप को दोष दे रही हूं। मैं इस बात से हैरान हूं कि क्या मैंने ऐसा प्रतीत किया कि मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है, मुझे नहीं लगता, लेकिन इन सब से मेरे दिमाग में असमंजस की स्थिति बन गई। उन्होंने लिखा, "काफी वर्षो तक मैंने अपने आप से कहा, मैंने यह बुरा किया.. लेकिन सच्चाई यह है कि ये सब काफी अचानक हो गया और इस तरह से किया गया कि मुझे यह तक समझने का मौका नहीं मिला की क्या चल रहा है।" क्रिकेट जगत में मीटू का यह तीसरा वाकया है। इससे पहले अर्जुन राणातुंगा और लसिथ मलिंगा पर भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं।

विशेष आलेख : केवल पुरुषों को दोष देने से काम नहीं चलेगा।

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पुरानी यादें हमेशा हसीन और खूबसूरत नहीं होती। मी टू कैम्पेन के जरिए आज जब देश में कुछ महिलाएं अपनी जिंदगी के पुराने अनुभव साझा कर रही हैं तो यह पल निश्चित ही कुछ पुरुषों के लिए उनकी नींदें उड़ाने वाले साबित हो रहे होंगे और कुछ अपनी सांसें थाम कर बैठे होंगे। इतिहास वर्तमान पर कैसे हावी हो जाता है मी टू से बेहतर उदाहरण शायद इसका कोई और नहीं हो सकता। दरअसल इसकी शुरुआत 2006 में तराना बुरके नाम की एक 45 वर्षीय अफ्रीकन- अमेरिकन सामाजिक कार्यकर्ता ने की थी जब एक 13 साल की लड़की ने उन्हें बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उसकी मां के एक मित्र ने उसका यौन शोषण किया। तब तराना बुरके यह समझ नहीं पा रही थीं कि वे इस बच्ची से क्या बोलें। लेकिन वो उस पल को नहीं भुला पाईं, जब वे कहना चाह रही थीं , "मी टू", यानी "मैं भी", लेकिन हिम्मत नहीं कर पाईं। शायद इसीलिए उन्होंने इसी नाम से एक आंदोलन की शुरुआत की जिसके लिए वे 2017 में "टाइम परसन आफ द ईयर"सम्मान से सम्मानित भी की गईं। हालांकि मी टू की शुरुआत 12 साल पहले हुई थी लेकिन इसने सुर्खियाँ बटोरी 2017 में जब 80 से अधिक महिलाओं ने हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वाइंस्टीन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जिसके परिणामस्वरूप 25 मई 2018 को वे गिरफ्तार कर लिए गए। और अब भारत में मी टू की शुरुआत करने का श्रेय पूर्व अभिनेत्री तनुश्री दत्ता को जाता है जिन्होंने 10 साल पुरानी एक घटना के लिए नाना पाटेकर पर यौन प्रताड़ना के आरोप लगाकर उन्हें कठघड़े में खड़ा कर दिया। इसके बाद तो "मी टू"के तहत रोज नए नाम सामने आने लगे। पूर्व पत्रकार और वर्तमान केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर, अभिनेता आलोक नाथ, रजत कपूर, गायक कैलाश खेर, फिल्म प्रोड्यूसर विकास बहल, लेखक चेतन भगत, गुरसिमरन खंभा, फेहरिस्त काफी लम्बी है।

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मी टू सभ्य समाज की उस पोल को खोल रहा है जहाँ एक सफल महिला, एक सफल और ताकतवर पुरुष पर आरोप लगा कर अपनी सफलता अथवा असफलता का श्रेय मी टू को दे रही है। यानी अगर वो आज सफल है तो इस "सफलता"के लिए उसे "बहुत समझौते"करने पड़े। और अगर वो आज असफल है, तो इसलिए क्योंकि उसने अपने संघर्ष के दिनों में "किसी प्रकार के समझौते"करने से मना कर दिया था। यह बात सही है कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है और एक महिला को अपने लिए किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। लेकिन यह संघर्ष इसलिए नहीं होता कि ईश्वर ने उसे पुरुष के मुकाबले शारीरिक रूप से कमजोर बनाकर उसके साथ नाइंसाफी की है बल्कि इसलिए होता है कि पुरुष स्त्री के बारे में उसके शरीर से ऊपर उठकर कभी सोच ही नहीं पाता। लेकिन इसका पूरा दोष पुरुषों पर ही मढ़ दिया जाए तो यह पुरुष जाति के साथ भी नाइंसाफी ही होगी क्योंकि काफी हद तक महिला जाति स्वयं इसकी जिम्मेदार है। इसलिए नहीं कि हर महिला ऐसा सोचती हैं कि वे केवल अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर सफल नहीं हो सकतीं किन्तु इसलिए कि जो महिलाएँ बिना प्रतिभा के सफलता की सीढ़ियाँ आसानी से चढ़ जाती हैं वो इन्हें हताश कर देती हैं।

इसलिए नहीं कि एक भौतिक देह जीत जाती है बल्कि इसलिए कि एक बौद्धिक क्षमता हार जाती है।
इसलिए नहीं कि शारीरिक आकर्षण जीत जाता है बल्कि इसलिए कि हुनर और कौशल हार जाते हैं।
इसलिए नहीं कि योग्यता दिखाई नहीं देती बल्कि इसलिए कि देह से दृष्टि हट नहीं पाती।

आज जब मी टू के जरिए अनेक महिलाएं आगे आकर समाज का चेहरा बेनकाब कर रही हैं तो काफी हद तक कटघड़े में वे खुद भी हैं। क्योंकि सबसे पहली बात तो यह है कि आज इतने सालों बाद सोशल मीडिया पर जो "सच"कहा जा रहा है उससे किसे क्या हासिल होगा? अगर न्याय की बात करें तो सोशल मीडिया का बयान कोई सुबूत नहीं होता जो इन्हें न्याय दिला पाए या फिर आरोपी को कानूनी सज़ा। हाँ आरोपी को मीडिया ट्रायल और उससे उपजी मानसिक और सामाजिक प्रतिष्ठा की हानि की पीड़ा जरूर दी जा सकती है। लेकिन क्या ये महिलाएं जो सालों पहले अपने साथ हुए यौन अपराध और बलात्कार पर तब चुप रहीं इनका यह आचरण उचित है? नहीं, ये तब भी गलत थी और आज भी गलत हैं। क्योंकि कल जब उनके साथ किसी ने गलत आचरण किया था उनके पास दो रास्ते थे। उसके खिलाफ आवाज उठाने का या चुप रहने का, तब वो चुप रहीं। आज भी उनके पास दो रास्ते थे, चुप रहने का या फिर मी टू की आवाज़ में आवाज़ मिलाने का, और उन्होंने अपनी आवाज उठाई। वो आज भी गलत हैं। क्योंकि सालों तक एक मुद्दे पर चुप रहने के बजाय अगर वो सही समय पर आवाज उठा लेतीं तो यह सिर्फ उनकी अपने लिए लड़ाई नहीं होती बल्कि हजारों लड़कियों के उस स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ाई होती जो उन पुरुषों को दोबारा किसी और लड़की या महिला के साथ दुराचार करने से रोक देता लेकिन इनके चुप रहने ने उन पुरुषों का हौसला बढ़ा दिया। उस समय उनकी आवाज इस समाज में एक मधुर बदलाव ला सकती थी लेकिन आज जब वो आवाज़ उठा रही हैं तो वो केवल शोर बनकर सामने आ रही हैं। वो कल भी स्वार्थी थीं, वो आज भी स्वार्थी हैं। कल वो अपने भविष्य को संवारने के लिए चुप थीं आज शायद अपना वर्तमान संवारने के लिए बोल रही हैं। यहाँ यह समझना जरूरी है कि यह नहीं कहा जा रहा ये महिलाएँ गलत बोल रही हैं बल्कि यह कहा जा रहा है कि गलत समय पर पर बोल रही हैं। अगर सही समय पर ये आवाजें उठ गई होती तो शायद हमारे समाज का चेहरा आज इतना बदसूरत नहीं दिखाई देता। केवल पुरुषों को दोष देने से काम नहीं चलेगा। गीता में भी कहा गया है कि अन्याय सहना सबसे बड़ा अपराध है।



--डॉ नीलम महेंद्र--

बेगूसराय : जिला बेगूसराय में नौ देवियों का सम्मान समारोह।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) बेगूसराय को मिथिला का नाभि स्थल कहा जाता है और मिथिला की अनगिनत स्वर्णिम इतिहास रहा है।भौगोलिक बनावट के कारण सिमरिया तट का उत्तरी किनारा मिथिला तो दक्षिणी किनारा मगध जिसका नाम है सिमरिया।साथ ही पूर्व की ओर बढ़ने पर कर्ण का क्षेत्र अंग प्रदेश का भी मिलान स्थल है सिमरिया।(हिन्दी में सीमा,मागधी और अंग तथा मिथिला भाषा मे अरिया दोनो को मिला दिया बन गया सिमरिया) बेगूसराय को मिथिला,मगध और अंग का संगम स्थल होने का गौरव प्राप्त है।बेगूसराय के आंगन में जब दिनकर का जन्म होता है तब रश्मिरथी की रचना हो जाती है।बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबू जब बेगूसराय को कर्म स्थली बनाते हैं तो बेगूसराय औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो जाता है।अनेक उपलब्धि को अपने सीने में संजोए बेगूसराय बुलन्दी से आज भी खड़ा है।

श्रीरामजानकी फ़िल्म के संस्थापक श्री रजनीकान्त बताते हैं कि कार्यक्रम के सूत्रधार प्रभाकर जी का 10 दिन पूर्व फोन आया।कुशल क्षेम की सामान्य शिष्टाचार से जब बात आगे बढ़ी तो उन्होंने कहा कि मेरे मन में एक विचार आया है।विचार यह कि नवरात्र के समय बेगूसराय की बेटियां जो विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर समाज में प्रेरक बनी हैं क्यों न उन्हें "नौ देवी सम्मान"से सम्मानित किया जाय?सच पूछिए तो यह प्रेरक सुझाव सुन मेरा मन हर्षित हो गया।बात आगे बढ़ी और इस विषय को लेकर 2 दिन के अंदर अभिभावक तुल्य बेगूसराय निगम के मेयर उपेंद्र बाबू की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।उस बैठक में सर्वश्री-भूमिपाल जी,उप मेयर राजीव रंजन जी,अमिय जी,नितेश जी उपस्थित थे।बैठक में उपेंद्र बाबू का सुझाव था कि नौ देवी चयन में कोशिश कीजिये कि ऐसी महिलाओं का चयन हो जो विभिन विधा से आयें।चयन समिति द्वारा दर्जनो नाम सुझाये गए जिसमें 09 देवी को चुनना कठिन था।ऐसा इसलिय क्योंकि बेगूसराय में असंख्य महिलायें हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है और प्रेरणा की स्त्रोत बनी है।कार्यक्रम के अनुसार 09 देवियों को ही चुनाव होना था क्योंकि कार्यक्रम का शीर्षक ही नौ देवी सम्मान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र में माँ के नौ रूप की आराधना होती है।वैसे मिथिला के धार्मिक महत्व व उसके मान्यताओं पर गौर करें तो शक्ति का केंद्र ही मिथिला है।इसके प्रमाण भी है।कौन नही जानता है कि जगत को देने वाले श्री राम अवध से चलकर मिथिला में शक्ति  मांगने आये थे और वह शक्ति माता सीता थी।यही नही बल्कि  बिष्नु अवतार राम जिनके कानो में वेद की ऋचाएं गूंजती थी और जब मिथिला आये तो वहाँ की महिलाओं ने उन्हें रस भड़ी गाली सुनाई थी।

आयोजन का उद्देश्य-
निश्चितरूप से 14 अक्टूबर को बेगूसराय में नौ देवियों का सम्मान समाज में महिलाओं के प्रति एक नजीर पेश करेगा।इस प्रकार के आयोजन से प्रेरणा लेकर असंख्य महिलाएं ऊर्जान्वित महसूस करेंगी खुद में  जो जीवन में संघर्ष और अभाव को बाधा मानकर थक हार कर बैठ जाती हैं,संघर्ष करना छोड़ देती है उनके लिये यह कार्यक्रम बहुत बड़ा मायने रखता है। 09 महिलाओं को चुनना किसी चुनौती से कम नही था,यह चयन समिति महसूस करती है।बेगूसराय में असंख्य महिलाओं ने प्रेरक काम किया है जिन्हें इस वर्ष शामिल नही किया गया,वे भी आयोजन समिति की नजर में हैं।यह प्रथम वर्ष है।शुरुआत की जा चुकी है और बेगूसराय की मिट्टी में एक ऐसा भी  शख्सियत है जो जब किसी कार्यक्रम को शुरू करता है तो वह परम्परा गत अनन्तकाल तक चलता है। समस्त बेगूसराय के नागरिकों से निवेदन है कि दिनांक 14 अक्टूबर को इस अभिनव और प्रेरक नौ देवी सम्मान समारोह में अवश्य अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर यश का भागी बनें।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 13 अक्टूबर

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निर्वाचन अवधि में राजनैतिक विज्ञापनों का अधिप्रमाणन अनिवार्यतः
जिला मुख्यालय और विधानसभा स्तर पर गठित एमसीएमसी पैड न्यूज पर रखेगी निगरानी
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निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2018 के दरम्यिान अभ्यर्थियों के द्वारा इलेक्ट्राॅनिक, सोशल मीडिया एवं प्रिन्ट मीडिया में प्रचार-प्रसार के लिए आयोग द्वारा दिशा निर्देश निर्धारित किए गए है। संबंधित क्षेत्र में अभ्यर्थियों द्वारा विज्ञापनों को प्रसारित कराने के पहले जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं माॅनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) से विज्ञापन अभिप्रमाणन की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा जिला मुख्यालय के साथ-साथ विधानसभा स्तर पर एक-एक एमसीएमसी समिति का गठन किया गया है। जो स्थानीय केबल के माध्यम से प्रसारित होेने वाले राजनैतिक विज्ञापनों पर नजर रखेगी। राजनीतिक प्रकृति का कोई विज्ञापन जिसे अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, प्रिन्ट/इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में प्रसारित कराना चाहते हो को सक्षम स्तर से अधिप्रमाणन कराया जाना अनिवार्य है। इसके लिए किसी भी प्रकार की बिलम्बता ना हो इस हेतु भी विधानसभा स्तरीय एमसीएमसी आवेदनों की पूर्तिया जिला स्तरीय एमसीएमसी को उपलब्ध कराएंगी। ताकि संबंधितों को प्रसारण हेतु अभिप्रमाणन की अनुमतियुक्त प्रति नियत अवधि मंे प्राप्त हो सकें।  जिला मुख्यालय के साथ-साथ विधानसभा स्तर पर गठित एमसीएमसी समिति के संचालन हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दायित्व सौंपे गए है और स्थानीय केबल के माध्यम से प्रसारित होेने वाले कार्यक्रमों पर नजर रखने हेतु एमसीएमसी कक्षो में टीव्ही की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। एमसीएमसी मुख्यतः प्रिन्ट मीडिया के अंतर्गत समाचार पत्र, पत्रिकाएं, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया तहत आडियों जिसमें रेडियो, एफएम पर विजुअल मीडिया में शामिल टेलीविजन, केबल नेटवर्क, सिनेमा, मोबाइल/फोन, वीडियो वैन, इन्टरनेट, सोशल मीडिया अंतर्गत वीकीपीडिया, ट्विटर, यू-टयूब, फेसबुक और एप्स पर नजर रखी जाएगी। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करते समय संबंधित अभ्यर्थियों को फार्म 26 में शपथ पत्र में सोशल मीडिया की जानकारी अंकित करनी होगी जिसमें दूरभाष, मोबाइल नम्बर, ईमेल आईडी और स्वंय का सोशल मीडिया एकाउंट हो तो उसका उल्लेख करना अनिवार्य है। राजनीतिक विज्ञापनों का अधिप्रमाणन, राजनीतिक दलों अभ्यर्थियों के कार्यालयोें में कार्यरत सोशल मीडिया टीम को भुगतान व्यय की राशि अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोडी जाएगी इसी प्रकार इंटरनेट कंपनी एवं बेवसाइट को किया गया भुगतान व्यय भी जोडा जाएगा। इसी प्रकार ई-पेपर में दिए गए विज्ञापनों का अधिप्रमाणन आवश्यक है। सोशल मीडिया में प्रकाशित सामग्री एमसीएमसी के दायरे में मान्य की गई है। केबल टीव्ही (विनियम) अधिनियम 1995 की धारा 6 में यह उपबंधित है कि कोई भी व्यक्ति केबल सेवा द्वारा किसी विज्ञापन का प्रसारण या पुनः प्रसारण नही करेगा जब तक कि ऐसे विज्ञापन विहित विज्ञापन सहिता के अनुरूप न हो। सर्वोच्च न्यायालय में अपने 13 अपै्रल 2014 के एक आदेश में निर्देश दिए है कि पुनः उपनियम (3) में यह उपलब्ध है कि ऐसे किसी भी विज्ञापन की अनुमति नही दी जाएगी जिसका विषणपूर्ण रूप से या मुख्य रूप से धार्मिक या राजनैतिक प्रकृति का है विज्ञापनों को किसी धर्म या राजनैतिक लक्ष्य की ओर निर्दिष्ट नही होना चाहिए। प्रत्येक रजिस्ट्रीकृत राष्ट्रीय और राज्यीय राजनैतिक दल तथा निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थी जो टीव्ही चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी कराने के इच्छुक है उन्होंने विज्ञापन प्रसारण तिथि से तीन दिन पहले तथा गैर रजिस्ट्रीकृत राजनैतिक दलों के मामले में किसी अन्य व्यक्ति को विज्ञापन प्रसारण तारीख से कम से कम सात दिन पहले आवेदन एमसीएमसी को निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा। ऐसे आवेदन निर्धारित प्रारूप में दो प्रतियांे में जमा किए जाएंगे। जिसमें आवेदन अनुलग्नक-27 में किया जाएगा व एमसीएमसी द्वारा 24 मंे अनुलग्नक-28 प्रमाणिकरण जारी किया जाएगा। यदि आवेदन दोपहर 12 बजे के पूर्व प्रस्तुत होता है तो उसी दिन तथा अवधि उपरांत प्राप्त होने वालो को दूसरे दिन, एफएम, आकाशवाणी निर्वाचन आयोग द्वारा आकाशवाणी एवं एफएम रेडियो पर प्रसारित स्पाट एवं जिंगल के लिए अनुप्रमाणन भी अनिवार्य होगा। आयोग ने ततसंबंध में आठ जून 2010 केा जारी आदेश में प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशित सरोगेट विज्ञापन अर्थात खरीदी गई खबरों की निगरानी हेतु निर्देश जारी किए है। इसके तहत आरपीएफ 1951 की धारा 127ए को वर्णित प्रिन्टेड पेम्पलेट, हेण्डबिल अन्य दस्तावेंज होते है इस प्रकार खरीदी गई खबरे (अखबारों की) अन्य दस्तावेंजों की श्रेणी में शामिल है। निर्वाचन आयोग ने एमसीएमसी को प्रिन्ट मीडिया में किसी भी रूप में प्रकाशित विज्ञापनों, जिसमें खबरो के रूप में सरोगेट विज्ञापन भी शामिल है का ध्यानपूर्वक अनुवीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया है। जहां कही भी आवश्यकता हो तो अभ्यर्थी, राजनैतिक दलों को संबंधित आरो के माध्यम से नोटिस 96 घंटे में जारी किए जाएंगे। संबंधित अभ्यर्थी से 48 घंटे मेें जबाब देय होगा। 48 घंटे में यदि जबाव प्राप्त नही होता है तो जिला स्तरीय एमसीएमसी अगले 48 घंटे में निर्णय लेगी जो अंतिम होगा। यदि जिला स्तरीय एमसीएमसी का निर्णय अभ्यर्थी को मान्य नही है तो वह निर्णय के 48 घंटे के अन्दर जिला एमसीएमसी को सूचित करते हुए राज्य स्तरीय एमसीएमसी को अपील कर सकता है। विज्ञापन की डीएव्हीपी दरे एवं स्थानीय अखबारों की विज्ञापन दरो का आंकलन कर व्यय आयोग के दिशा अनुसार राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों के खातों में जोडे जाने हेतु लेखा व्यय प्रकोष्ठ को पत्राचार किया जाएगा। 

मुख,गला कैंसर एंव थायरायड रोगनिदान षिविर 14 अक्टूबर को

विदिषां सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 14अक्टूबर कोसुबह11  बजे से मुख,गला कैंसर एंव थायरायड रोग से पीड.ीत मरीजों की जांच एंव चिकित्सा परामर्ष एप्पल हाॅस्पिटल इंदौर के डा. नितिन तोमर एमएस ईएनटी दृारा की जायेगी। सेवा भारती के सचिव राजीव भार्गव ने इस षिविर में मुख एंव गले के कैंसर के वो सभी मरीज लाभ ले सकते हैं जिनके जीभ,तालू , जबडे की हडडी,गाल एंव गले स्वर यंत्र में कैंसर की संभावना हो,जो तम्बाखू एंव गुटके का सेवन एंव धूम्रपान करते हें षिविर का लाभ अवषय लें। गले में घंेघारोग से ग्रसित मरीज एंव थायरायड ग्रंथि की विभिन्न समस्याओं का निदान भी इस षिविर में किया जायेगा। मरीजों का पंजीयन14 अक्टूबर रविवार को सुबह 10बजे से 11 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। विदिषा से बाहर के मरीज अपना पंजीयन मोबाइ्रल नं.9827720892 पर करा सकते हैं। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 13 अक्टूबर

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नेताओं की सदबुद्धी,जनता की समृद्धि  के लिए शुरू हुई संग्रामपुर में रामकथा 

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सीहोर। ग्राम संग्रामपुर स्थित मरी माता मंदिर परिसर में शनिवार से रामकथा भी प्रारंभ की गई है। महाराणा प्रताप युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान सिंह बाघेला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के द्वारा पंडित बैरागी का व्यास गादी पर फूल मालाओं से स्वागत सम्मान किया। राजनीतिक दलों की शुद्धी और जनप्रतिनिधियों की सदबुद्धि जनता की समृद्धि के निमित यजमानों ने यज्ञ में आहुतियां दी। संगीमय रामकथा के दौरान कथा वाचक पंडित संतोष बैरागी ने रामायाण के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों के बिगड़ते आचार विचार और प्रशासक अधिकारियों कर्मचारियों की बड़ती धनकी लत सहित जनता की सुस्ती से देश में उत्पन्न होने वाले संकटों से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। महाराणा प्रताप युवा संगठन के द्वारा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,गौ हत्या पूर्ण रूप से बंद कानून, आर्थिक आधार पर आरक्षण, एससी-एसटी बिल  निष्क्रिय करने,कश्मीर से धारा ३७० हटाई जाने, कश्मीरी पङ्क्षडतों को कशमीर में बसाने,सहित अन्य मांगों को पूरा करने के लिए सदबुद्धि समृद्धि यज्ञ के साथ श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में कचनारिया, महोडिय़ा, रामखेड़ी, खारपा,लासुडिय़ा, संग्रामपुर, मूलड़ा, सेमली, काहिरी सहित एक दर्जन से अधिक गांवों के श्रद्धालु पहुंच रहे है।

पार्वती अजनाल संगम पर पहुंचेगी चुनरी यात्रा आज 

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सीहोर। रविवार को विशाल चुनरी यात्रा प्रसिद्ध सिद्धतीर्थ स्थल मां पार्वती अजनाल नदी संगम देहरी घाट पहुंचेगी। माता रानी जगदंबा को श्रद्धालु ११० मीटर की चुनरी अर्पित करेंगे। चुनरी यात्रा पार्वती नदी के उद्गम स्थल से मोहनधाम सरकार के सानिध्य में श्रद्धालु के द्वारा शुरू की गई थी।  चुनरी यात्रा के प्रभारी मुरलीधर शर्मा ने बताया की श्रद्धालुओं के द्वारा बीते चैत्रमास से हीं क्रामिक रूप से चुनरी यात्रा का शुभारंभ पार्वती के उद्गम स्थल से कर दिया था। चुनरी यात्रा में क्षेत्र के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल  है माता रानी के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुगण शनिवार को ग्राम खमलाय तक पहुंचे है। रविवार को चुनरी यात्रा खमलाय से ग्राम सुखलिया,डोडी, बेरछा, बमुलिया होते हुए पार्वती अजनाल नदी संगम स्थल पर पहुंचेगी। यह पर माता रानी को विधिवत पूजा अर्चना कर चुनरी अर्पित की जाएगी। चुनरी यात्रा आयोजन समिति के मांगीलाल पटेल, द्वारका प्रसाद, अरविंद मेवाड़ा, धमेंद्र मेवाड़ा, अजब सिंह, सुनील मेवाड़ा आदि ने श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की है। 

प्रिंटिंग प्रेस मालिकों एवं मुद्रकों को दिया निर्वाचन संबंधी प्रशिक्षण
पेम्पलेट, पोस्टर, पर्चे पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम और पता अनिवार्य
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कलेक्टर एवं जिला निवाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन को लेकर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेहताब सिंह गुर्जर ने प्रटिंग प्रेस मालिकों एवं मुद्रकों की बैठक ली। बैठक में व्यय समिति की नोडल अधिकारी श्रीमती आरती शर्मा श्री अमन पस्तौर ने बताया कि प्रटिंग प्रेस मालिकों एवं मुद्रकों को निर्देशित किया कि   निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रचार के लिए छपवाए जाने वाले बैनर, पोस्टर और पम्पलेट के संबंध में लोक अधिनियम प्रतिनिधित्व की धारा 127 ए में किए प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया है। आचार संहिता के दौरान पम्पलेट्स, पोस्टर्स, पर्चे आदि प्रचार प्रिन्टिग सामग्री पर अभ्याथी का नाम तथा मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम, पता व संख्या लिखा जाना अनिवार्य है। मुद्रक द्वारा घोषणा अभ्यार्थी का घोषण्रा पत्र एवं 2 गवाहों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। उक्त घोषणा पत्र चार प्रतियों में जिला निर्वाचन कार्यालय या संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य होगा। छपाई का आर्डर प्राप्त होने के तीन दिवस के भीतर ही घोषणा पत्र कार्यालय को भेजने की प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी। मुद्रक या प्रकाशक द्वारा प्रिंटिंग संबंधी कोई नगद राशि नहीं ली जायेगी। इसका भुगतान चैक या ऑनलाईन माध्यम लिया जा सकता है। 

निर्देशों का पालन न होने पर होगी छह माह की सजा
सभी प्रकाशकों एवं मुद्रकों निर्देशित किया गया है कि मुद्रित एवं प्रकाशित सामग्री के आधार पर खर्चा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। कोई भी प्रकाशक एवं मुद्रक ऐसी सामग्री प्रकाशित नही करेंगे जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता हो। समाज में घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री किसी भी हाल में प्रकाशित नहीं की जाए। निर्देशों का पालन न होने की दशा में 6 माह की सजा या 2 हजार रुपये अर्थदण्ड अथवा दोनों ही हो सकते हैं। साथ ही मुद्रक का प्रेस लायसेंस निरस्त करने के साथ अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेहताब सिंह गुर्जर, व्यय समिति की नोडल अधिकारी श्रीमती आरती शर्मा सहित प्रटिंग प्रेस एवं मुद्रक उपस्थित थे। 

बिना किसी भय के अपने मताधिकार का प्रयोग करें, निष्पक्ष एवं नैतिक मतदान में सहयोग दें - कलेक्टर

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने उक्त अधिनियमों के परिप्रेक्ष्य में जिला सीहारे के जनसामान्य को निर्वाचन संबंधी प्रावधानों से अवगत कराते हुए अपील की है कि बिना किसी जाति, धर्म, सम्प्रदाय से प्रभावित हुए एवं बिना किसी भय, प्रभाव, रिश्वत, प्रलोभन के अपने मताधिकार का प्रयोग करें एवं निष्पक्ष, पारदर्शी एवं नैतिक मतदान में अपना सहयोग प्रदान करें।

मतदाता जागरुकता को लेकर निकाली साईकिल रैली साईकिल रैली में नैतिक मतदान की दिशा में दिया जन-जन को संदेश निष्पक्ष मतदान करने की दिलाई शपथ
  
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कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला स्तरीय मतदाता जागरुकता अभियान प्रभारी श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में मतदाता जागरुकता रैली निकाली गई। इस दौरान सभी वर्गों के मतदाताओं को जागरुक किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने उपस्थित विद्यार्थियों को कहा कि आप में से अनेक ऐसे बच्चे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे वह अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें, शेष बच्चे जो अभी कम आयु के हैं वे सभी अपने परिजनों व अन्य नागरिकों को वोट डालने के लिये प्रेरित करें। हमें शत-प्रतिशत मतदान करना है। इसी प्रकार जागरुकता अभियान के आईकान श्री पंकज सुबीर ने कहा कि बच्चे मतदान कराने में बड़ी भागीदारी निभा सकते हैं। रैली के समापन स्थल बाल विहार मैदान पर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी उपस्थितजनों को निष्पक्ष मतदान करने की शपथ दिलाई गई। साथ ही गत दिवस आयोजित हुई वॉल पेटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। 
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