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हर हफ्ते 14 लाख लोग शहरों की ओर पलायन करते हैं : संरा प्रमुख

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संयुक्त राष्ट्र, 31 अक्टूबर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ पर कहा कि विश्व भर में प्रत्येक सप्ताह 14 लाख लोग शहरों की ओर पलायन करते हैं और इतनी बड़ी संख्या में पलायन प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदा का खतरा बढ़ा सकता है। गुतारेस ने बुधवार को ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ पर अपने संदेश में जोर दिया कि जोखिम आपदा में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक सप्ताह 14 लाख लोग पलायन कर शहर जाते हैं। इतना तेज शहरीकरण स्थानीय क्षमताओं पर और बोझ डालेगा। साथ ही, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदाओं का जोखिम भी बढ़ा सकता है। लेकिन जोखिमों को आपदाओं में नहीं बदलना चाहिए। इसका जवाब तूफान, बाढ़, भूकंप, महामारी और आर्थिक संकट से बचाव वाला निर्माण हो।’’  इसके लिए उन्होंने बैंकाक, जोहानिसबर्ग आदि का उदाहरण भी दिया।


भाकपा ने पूछा, महात्मा गांधी की बड़ी प्रतिमा क्यों नहीं गई

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हैदराबाद, 31 अक्टूबर, दिग्गज कम्युनिस्ट नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी ने सवाल किया कि भाजपा ने महात्मा गांधी की कोई ज्यादा बड़ी प्रतिमा क्यों नहीं बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित किया है। रेड्डी ने कहा कि पटेल के लिए बनाये गये स्मारक पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि गुजरात में पैदा हुए देश के राष्ट्रपिता के लिए कोई बड़ी प्रतिमा बनाने का विचार क्यों नहीं किया गया। भाकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा महात्मा गांधी की धर्मनिरपेक्षता पसंद नहीं करते हैं, यही कारण है कि उन्होंने उनकी प्रतिमा बनाने पर विचार नहीं किया। इसके बजाय वे पटेल के लिए गये जिनके पास दक्षिणपंथी विचार थे। रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा पटेल की विरासत ‘‘हड़पने’’ का प्रयास कर रही है। उन्होंने  कहा,‘‘हमें सरदार पटेल की प्रतिमा को लेकर कोई आपत्ति नहीं हैं। उनके (पटेल के) लिए पूरे सम्मान के साथ, हमारा मानना है कि महात्मा गांधी भारतीय राजनीति के...भारतीय लोगों के सबसे कद्दावर नेता हैं...वह राष्ट्र पिता हैं।’’  उन्होंने कहा,‘‘महात्मा गांधी की प्रतिमा और बड़ी होनी चाहिए, वह किसी और की तुलना में उच्चतम स्तर के नेता हैं।’’  उन्होंने रेखांकित किया कि गांधी की हत्या के बाद पटेल ने कुछ समय के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। रेड्डी ने कहा, ‘‘भले वे कांग्रेस से उन्हें ‘छीनने’ की कोशिश करें, वह (पटेल) भाजपा या संघ परिवार के नेता कभी नहीं हो सकते हैं।’’ 

किसानों को कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला : पायलट

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जयपुर, 31 अक्टूबर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने किसानों को कर्जमाफी व महिला सुरक्षा को लेकर बुधवार को फिर राज्य की वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधा। पायलट ने लगातार ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा तो की लेकिन वास्तव में यह कर्ज माफ नहीं हुआ। पायलट ने ट्वीट में कहा,'बैंकों ने पहले तो कुछ किसानों का 10-12,000 रुपये का कर्ज माफ किया लेकिन बाद में वे उन्हें डिफाल्टर बताकर रबी की फसल के लिए कृषिऋण नहीं दे रहे हैं। सरकारी लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।’  पायलट ने राज्य सरकार पर एक और आरोप बच्चियों की सुरक्षा को लेकर लगाया है। पायलट ने कहा,'सरकार मासूमों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल है। एक रिपोर्ट के अनुसार कोटा में हर 6 दिन में किसी मासूम के साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म होता है। यह हाल पूरे प्रदेश का है।'पायलट ने केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक के बीच जारी खींचतान पर कहा है कि ‘भाजपा सरकार धारा सात के जरिए केंद्रीय बैंक पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है। इससे न सिर्फ आरबीआई की स्वायत्तता मजाक बनकर रह जाएगी बल्कि यह ऐसा काला कदम होगा जिससे सरकार को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की अनुमति मिलगी।'

प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की

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केवड़िया :गुजरात:, 31 अक्टूबर, धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को भारत के शाश्वत अस्तित्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि सरदार पटेल ने सैकड़ों रियासतों का विलय कर और देश का एकीकरण करके इसे तोड़ने की साजिश को परास्त करने का काम किया ।  सरदार पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर उनकी 182 फुट ऊंची प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है ।’’ उन्होंने कहा कि आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति पास है। देश के विकास के लिए यही एक रास्ता है, जिसको लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार पटेल देकर गए हैं । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है।’’ उन्होंने जोर दिया कि करोड़ों भारतीयों की तरह उनके मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान अवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है ।

देश के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि जिस कमज़ोरी पर दुनिया उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘ उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वह भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को यह याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा ।’’  मोदी ने कहा कि सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब देश साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया । प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने संकल्प न लिया होता, तो आज गिर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए वीज़ा लेना पड़ता। उनका संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वह समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है । उन्होंने कहा कि सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासियों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सरकार की जन कल्याण योजनाओं का जिक्र किया । इसमें गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने, शौचालयों का निर्माण, हर बेघर को पक्का घर, गांव-गांव में बिजली सुविधा मुहैया कराने की पहल शामिल है । उन्होंने प्रतिमा के निर्माण में शामिल कामगारों, शिल्पकारों तथा शिल्पकार राम सुतार की टीम को धन्यवाद दिया ।  उल्लेखनीय है कि यह प्रतिमा अमेरिका में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से करीब दो गुनी ऊंची है और गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट नामक छोटे द्वीप पर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन से ज्यादा सीमेंट, 18,500 टन री-एंफोंर्समेंट स्टील, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसा का इस्तेमाल हुआ है। गुजरात के राज्यपाल ओ. पी. कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण के दौरान मौजूद थे।

बिहार में प्रशिक्षु कांस्टेबल के यौन उत्पीड़न का आरोपी पुलिस निरीक्षक निलंबित

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पटना, 31 अक्टूबर, बिहार की राजधानी पटना में बिहार सैन्य बल (बीएमपी)- पांच के कार्यालय में एक महिला कांस्टेबल के यौन उत्पीड़न के आरोप में बुधवार को एक पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, आरोप है कि बीएमपी-पांच में सूबेदार (पुलिस निरीक्षक रैंक के अधिकारी) के पद पर तैनात शंभू शरण राठौर ने बुधवार को एक प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल के साथ एक कमरे का दरवाजा बंद कर अश्लील हरकत की। पीड़िता किसी तरह उस कमरे का दरवाजा खोलकर वहां से भाग निकली। इस घटना के बाद पीड़िता सहित कई प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल बीएमपी-पांच के कमांडेंट रंजीत मिश्रा के कार्यालय पहुंची और उन्होंने जमकर हंगामा किया तथा आरोपी की गिरतारी की मांग की। कमांडेंट ने पूरे मामले की जांच की बात कही। कमांडेंट मिश्रा ने बताया कि घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है, जिससे आरोपी के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि आरोपी सूबेदार को निलंबित कर दिया गया है तथा पूरे मामले की जांच की जा रही है।

'कांग्रेसमैन'पटेल सांप्रदायिकता के प्रति सहिष्णु नहीं थे : राहुल गांधी

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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर,कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को 'कांग्रेसमैन'सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वह 'ढृढ़ इच्छाशक्ति'से भरे व्यक्ति थे और 'कट्टरता या सांप्रदायिकता के प्रति सहिष्णुता नहीं'थे। राहुल ने कहा, "सरदार पटेल एक देशभक्त थे, जिन्होंने स्वतंत्र, संगठित और धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़ाई लड़ी।"राहुल ने कहा, "ढृढ़ इच्छाशक्ति और करुणा से भरा हुआ एक व्यक्ति। वह हृदय से कांग्रेसी थे, जो कट्टरता और संप्रदायिकता के प्रति सहिष्णु नहीं थे।"पटेल का जन्म गुजरात को नाडियाड में 31 अक्टूबर, 1875 को हुआ था। वह देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। पटेल को देश के लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 31 अक्टूबर

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अंधे कत्ल का पर्दाफास : महिला का प्रेमी निकला महिला का हत्यारा, 
सारंगी चैकी के प्रतापपाड़ा में नग्न अवस्था मे मिली थी महिला की लाश ---
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झाबुआ । अंधे कत्ल का पर्दाफाश, अवैध संबंधों के चलते हुई हत्या, महिला का प्रेमी माड़िया नामक युवक ही निकला हत्यारा, 27 अक्टूबर को मिली थी महिला की सर कुचली लाश, महिला के 4 वर्षीय बालक की भी गला घोंटकर की हत्या, सारंगी चैकी क्षेत्र के प्रतापपाड़ा में हुई थी हत्या, आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने शुरू की जांच। खुलासा करने में एसपी महेश चंद्र जेन, पेटलावद एसडीओपी स्टेला सुलिया, चैकी प्रभारी अंजलि श्रीवास्तव उपस्थित थे। पुलिस अधिक्षक महेश चंद्र जेन ने बताया कि दिनांक 27.10.18 के 11ः00 बजे चैकी प्रभारी सांरगी को सूचना मिली थी कि ग्राम प्रतापपाड़ा के पास निर्जन स्थान में पुलिया के नीचे एक महिला की निर्वस्त्र लाश पड़ी है, सूचना मिलते ही चैकी प्रभारी सांरगी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुये मौके के लिये रवाना हुई। एक महिला की निर्वस्त्र लाश मिलने की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी पेटलावद, एसडीओपी पेटलावद सुश्री स्टेला सुलिया एवं पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री महेश चंद जैन भी उप पुलिस अधीक्षक परिवीक्षा सुश्री पूजा शर्मा को लेकर मौके के लिये रवाना हुये एवं एसडीओपी थांदला श्री एम.एस.गवली तथा एफएसएल अधिकारी को भी मौके पर पहुंचने के लिये निर्देशित किया। मौके पर एक महिला, उम्र लगभग 30-35 वर्ष की लाश पुलिया के पाईप के अंदर निर्वस्त्र अवस्था में उलटी पड़ी थी। समक्ष पंचान महिला की मर्यादा का ध्यान रखते हुए उसे शाल से ढककर पाईप के अंदर से बाहर निकाला एवं मृतिका की लाश का पंचायतनामा बनाया, लाश के फोटोग्राफ्स करवाये, मृतिका के दाहिने हाथ पर पुनीबेन जयंतीभाई लिखा था तथा आसपास के ग्रामीणों को मृतिका के चहरे को दिखाकर पहचान करवाने की कोशिश की, परन्तु किसी ने पहचानने से इंकार किया।  आसपास के थानों तथा विशेषकर गुजरात राज्य के जिलों में मृतिका की शिनाख्तगी हेतु ई-मेल एवं वाट्स अप किये। घटनास्थल की परिस्थितियों से प्रथमदृष्टया हत्या कर, साक्ष्य छिपाने का अपराध पाये जाने से थाना पेटलावद में धारा 302,201 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पेटलावद सुश्री स्टेला सुलिया के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर, अज्ञात मृतिका की शिनाख्तगी एवं आरोपियान की पतारसी हेतु लगाया। घटनास्थल के आसपास एक बार पुनः बारीकी से तलाश करने पर एक छोटी-सी पर्ची पर कांती डामोर का नाम एवं मोबाइल नंबर लिखा मिला, जब कांती डामोर का पता कर उसे मृतिका का फोटो दिखाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि मृतिका का नाम पूनम उर्फ पुनी है। पिछली राखी के समय मेरी पत्नी मर गई थी तो मुझे दूसरी औरत लाना थी तो मेरे भाई कलजी ने मुझे कहा कि एक औरत है, फिर कलजी और संजय सिसौदिया ने मुझे मड़िया से मिलवाया और मड़िया ने पुनीबाई को मेरी औरत बनने के लिये साथ कर दिया परंतु मैंने उससे आधार कार्ड पूछा तो उसने मना कर दिया कि मेरे पास आधार कार्ड नहीं है तो फिर मैंने कलजी एवं संजू के सामने मड़िया को पुनी को वापस कर दिया और मड़िया पुनी को अपने साथ लेकर चला गया।  कांतीलाल की जानकारी पर से जब मड़िया को पकड़कर चैकी सारंगी लाकर उससे पूछताछ की तो पहले तो उसने कुछ नहीं बताया परंतु बाद में टीम द्वारा लगातार घंटों की पूछताछ के बाद मड़िया ने जो बताया, वह बड़ा ही दर्दनाक था। मड़िया ने बताया कि दो वर्ष पहले मैं अहमदाबाद में काम करने गया था, वहाँ पर मेरा पुनी बैन से संबंध हो गया, तब से मैं व पुनी बैन एक दूसरे के संपर्क में थे। बाद में पुनी बाई अपने पति से झगड़ा करके अपने 4 साल के बच्चे को लेकर मेरे पास आ गई परंतु मेरे घर में पहले से औरत थी, इस कारण कि मैं दूसरी औरत रखूंगा तो मेरी ससुराल वाले मेरे साथ मारपीट करेंगे तो मैंने अपने राखी डोरा के साले गुड्डु के घर पर पुनी को रख दिया परंतु पुनी वहां से भागकर फिर मेरे पास आ गई, तभी मुझे पता चला कि कांती डामोर को औरत लाना है, तो मैंने कलजी एवं संजय सिसौदिया के बताने पर पुनी को कांती डामोर के साथ भेज दिया परन्तु पुनी वहॉ भी नहीं रहना चाहती थी तो कांती वापस पुनी को मेरे पास छोड़ गया और पुनी मेरे साथ जाने की जिद्द करने लगी परन्तु घर पर मेरी पहले से ही एक औरत थी कि इस कारण मैंने पुनी को प्रतापपाड़ा के पास सुनसान में गला घोट दिया और फिर उसके सभी कपड़े निकालकर लाश को पुलिया के पाइप के अंदर रख दिया और जब देखा कि पुनी की सांस चल रही है, तो उसके सिर में जोर से पत्थर मार दिया, जिससे वह मर गई थी। उसके बाद पुनी के छोटे लड़के को भी गला दबाकर मार डाला और लड़के को अपनी मोटर सायकल पर बिठाकर ग्राम धावड़दा-गुणावद के बीच में पुलिया के अंदर पाइप में रख दिया तथा लड़के के भी सभी कपड़े उतार लिये ताकि उसकी पहचान नहीं हो सके। पुलिस द्वारा आरोपी मड़िया के मेमोरेण्डम पर से बालक की लाश बरामद की गई है। आरोपी से पूछताछ जारी है।  मृतिका की पहचान पुनी पति श्री देशला उर्फ रमेश पचाया, उम्र 35 वर्ष, निवासी एकधड़ी, थाना आम्बुआ जिला अलिराजपुर के रूप में हुई। मृतिका की शादी 15 वर्ष पूर्व रमेश के साथ हुई थी। मृतिका का शव एवं उसके बच्चे का शव, मृतिका के पति रमेश एवं भाई जयंती को सौंपा गया। अज्ञात महिला की अंधी हत्या का खुलासा करने में एस.डी.ओ.पी.पेटलावद सुश्री स्टेला सुलिया, उप पुलिस अधीक्षक परिवीक्षा सुश्री पूजा शर्मा, थाना प्रभारी पेटलावद निरीक्षक नरेन्द्र वाजपेयी, चैकी प्रभारी सारंगी उनि अंजली श्रीवास्तव, उनि नरेश निनामा, सउनि गोवर्धन मकवान, प्र.आर. दिग्विजय सिंह प्र.आर सफीउद्दीन, आर. नुरसिंह, नंदकिशोर, राकेश, आर. चालक मोतीराम, सैनिक नाथुसिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

एकता के सन्देष को  लेकर दौडा झाबुआ
अटल इरादों और लौह इच्छाशक्ति के कारण ही सरदार को लौह पुुरुष कहा जाता है-ओम प्रकाष शर्मासरदार पटेल ही देष के असरदार नेता थे - विधायक शांतिलाल बिलवाल
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झाबुआ ।  भारतीय जनता पार्टी खेल प्रकोष्ठ द्वारा  बुधवार 31 अक्तुबर को विधानसभा मुख्यालय झाबुआ पर रन फार यूनिटी अर्थात एकता के लिये दौड का आयोजन स्थानीय  विजयस्तंभ चैराहे से विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा द्वारा झण्डी दिखा कर किया गया ।पूरे  विधानसभा क्षेत्र से बडी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता पदाधिकारियों एवं नगर के गणमान्य जनों ने इस एकता दौड मे ं सहभागिता की । एकता दौड बस स्टेंड, थांदला गंेट, चन्द्रशेखर आजाद मार्ग, आजाद चैक तक पहूंची जहां शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर विधायक बिलवाल, जिला भाजपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा,सहित भाजपा के पदाधिकारियों ने माल्यार्पण किया । खेल प्रकोष्ठ के संयोजक गोलू उपाध्याय एवं राजा ठाकुर के संयोजन में उक्त मेराथन दौड  मनोकामना चैराहा से होकर राजवाडा चैक पहूंची जहां जिला भाजपाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने एकता के लिये दौड के विषय में बताया कि आज ही के दिन देश के लौहपुरूष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती होने तथा आज ही के दिन सरदार सरोवर बांध के किनारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 182 मीटर उंची सरकार वल्लम भाई पटेल की स्टेच्यू आफ यूनिटी का उदघाटन किया जारहा है। सरदार पटेल को  स्मरण करने तथा उनके बताये मार्गो के संकल्प एवं संदेश के लिये उक्त एकता के लिये दौड का आयोजन  किया गया है ।, श्री शर्मा ने कहा कि पटेल इस देश के पहले गृहमंत्री थे। कहा जाता है कि उनसे बेहतर नेता और प्रशासक बहुत कम होते हैं। पटेल की तुलना जर्मनी के एकीकरण के सूत्रधार बिस्मार्क से की जाती है। ना बिस्मार्क ने कभी मूल्यों से समझौता किया और ना सरदार पटेल ने। देश जब स्वतंत्र हुआ तो 562 रियासतें थीं। पटेल ने इन्हें एक सूत्र में पिरोया और वो काम कर दिखाया जिसकी उस वक्त कल्पना भी कठिन थी। अटल इरादों और लौह इच्छाशक्ति के कारण ही उन्हें लौह पुुरुष कहा जाता है। इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने अपने संबोधन में सरदार पटेल को देश का एक मात्र असरदार नेता बताते हुए कहा कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ। पिता का नाम झावेर भाई और माता का नाम लाडबा पटेल था। माता-पिता की चैथी संतान वल्लभ भाई कुशाग्र बुद्धि के थे। उनकी रुचि भी पढ़ाई में ही ज्यादा रही। लॉ डिग्री हासिल करने के बाद वो वकालात करने लगे। सरदार कितने मेधावी थे इसका अनुमान इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि 1910 में वो पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए और लॉ का कोर्स उन्होंने आधे वक्त में ही पूरा कर लिया। इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला। इसके बाद वो भारत लौट आए। 1947 में भारत को आजादी तो मिली लेकिन बिखरी हुई। देश में कुल 562 रियासतें थीं। कुछ बेहद छोटी तो कुछ बड़ी। ज्यादातर राजा भारत में विलय के लिए तैयार थे। लेकिन, कुछ ऐसे भी थे जो स्वतंत्र रहना चाहते थे। यानी ये देश की एकता के लिए खतरा थे। सरदार ने इन्हें बुलाया और समझाया। वो मानने के लिए तैयार नहीं हुए तो पटेल ने सैन्य शक्ति का इस्तेमाल किया। आज एकता के सूत्र में बंधे भारत के लिए देश सरदार पटेल का ही ऋणी है। कहा जाता है कि एक बार उनसे किसी अंग्रेज ने इस बारे में पूछा तो सरदार पटेल ने कहा- मेरा भारत बिखरने के लिए नहीं बना। मुख्य वक्ता दौलत भावसार ने भी अपने  विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने जो स्वर्णीम इतिहास रचा उसके लिये देश उनका ऋणी रहेगा । देश की अखण्डता एवं एकता के लिये  उन्होने  कई देसी रियासतों विशेषकर हैदराबाद एवं कश्मीर की रियासत को भारत मे विलीनीकरण के लिये तेयार किया । वे स्वतंत्र भारत के निर्माता थं, महात्मा गांधी के बाद यदि दुसरा कोई व्यक्तित्व देश के एकीकरण के लिये याद किया जावेगा तो वह थे सरदार वल्लभभाई पटेल । उनहोने कहा कि आजादी के बाद सरदार को  पिछली सरकारों ने भ्रुला दिया था किन्तु केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल को जो सम्मान दिया गया , उनकी विश्व की सबसेबडी प्रतिमा गुजरात के सरदार सरोवर पर स्थापित करके उसे तीर्थ बनाया गया है । श्री भावसार ने कहा कि हमस ब को मिल कर देश की अखंण्डता के लिये काम करना है। इस अवसर पर गोलू उपाध्याय ने भी उपने विचार व्यक्त करते हुए उन्हे एकात्मकता का प्रतिक बताया । एकता के लिये आयोजित दौड में बडी संख्या में महिलाओं ने भी सहभागिता की । श्रीमती मीना चैहान, मयूरी चैहान, लीला ब्रजवासी, रंजना शाक्यवाल,साधना कुमावत, ओपी राय, प्रवीण सुराणा, मेगजी अमलीयार, ईरशाद कुर्रेशी, भूपेंश सिंगोड, बबलु सकलेचा, कल्याणसिंह डामोर, राजेन्द्र सोनी,महेन्द्र राठौरिया, अंकुर पाठक, डा. अरविन्द दांतला, नंदलाल रेड्डी, राकेश शर्मा,गेंदाला बामनका, सुनील परमार, राजा ठाकुर, नाना राठौर अर्पित कटकानी, अमरू, हेमेन्द्र राठौर, अवि भावसार, हरू भूरिया, विवके मेडा, शैलेन्द्र सोलंकी, कांतिलाल प्रजापत, दिलीप नलवाया सहित बडी संख्या में युवकों एवं पदाधिकारियों ने दौड मे भागीदारी की । कार्यक्रम के अंत मे आभार बबलू सकलेचा ने व्यक्त किया ।

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने  स्वति वाचन कर राहूंल का किया स्वागत

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झाबुआ । राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहूल गांधी के 29 अक्तुबर को झाबुआ आगमन पर जिला कांग्रेस प्रवक्ताद्वय  आचार्य नामदेव एवं हर्ष भट्ट ने उनका स्वागत करते हुए मंत्रोच्चार के साथ कांग्रेस पार्टी की प्रदेश मे विजय की कामना के साथ स्वति वाचन कर राहूंल गांधी  को देश की सर्वोत्कृष्ठ राजनीति में सफलता प्राप्त करने के लिये आशीर्वचन प्रदान किये । उनके आगमन के अवसर पर 2 मिनट से अधिक समय तक चले वैदिक मंत्रोच्चार किया गया और स्वयं राहूल गांधी भाव विभोर होकर प्रसन्न मुद्रा में दोनों प्रवक्ताओ ं श्री आचार्य एवं श्री भट्ट का अभिवादन स्वीकार किया । राहूल जी के साथ चल रहे सांसद कांतिलाल भूरिया ने दोनों प्रवक्ताओं का परिचय कराया तो उन्होने पार्टी में  पण्डितों की सहभागिता को भी सराहना की तथा जिला कांग्रेस के इस तरह के कार्यो की प्रसंशा की ।

स्‍वतंत्र भारत के निर्माण में इंदिरा गांधी, लौह पुरूष सरदार पटेल का योगदान रहा बेमिसाल

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झाबुआ। भारत के महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व.इंदिरा गांधी की 34वी पूण्‍यतिथि एकता दिवस के रूप में आज जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर मनाई गई साथ ही सरदार वल्‍लभ भई पटेल के जन्‍मदिवस पर उन्‍हें स्‍मरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्‍य रूप से जिला पंचायत अध्‍यक्ष सुश्री कलावती भूरिया उपस्थित थी। सर्वप्रथम मुख्‍य अतिथि द्वारा दीप प्रज्‍वलित कर इंदिरा जी एवं सरदार पटेल जी के चित्र पर माल्‍यार्पण कर उन्‍हें अपनी पुष्‍पांजलि अर्पित की। तत्पश्‍चात उपस्थित कांग्रेस नेता एवं गणमान्‍य नागरिकों द्वारा भी इंदिराजी एवं पटेल जी के चित्रों पर पुष्‍प अर्पित किए गए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री कलावती भूरिया ने कहा कि सरदार पटेल एवं इदिरा गांधी हमारे देश के दो ऐसे महान व्‍यक्तित्‍व है जिन्‍होने स्‍वतंत्र भारत के निर्माण में बेमिसाल योगदान दिया है। जहां सरदार पटेल ने लोह पुरूष के रूप में देश की अखंडता और उसके आत्‍मसम्‍मान के लिए ऐतिहासिक योगदान दिया है। वहीं इंदिरा गांधी ने देश को आत्‍मनिर्भर और सशक्‍त राष्‍ट्र के रूप में खडा करने के लिए अस्‍मरणीय भूमिका निभाई है। सुश्री भूरिया ने आगे कहा कि देश की इन महान विभूतियों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इंदिरा गांधी जिसे प्रियदर्शनी के नाम से भी जाना जाता है उन्‍होने देश की एकता व अखंडता के लिए अपने प्राण तक न्‍योछावर कर दिए। इन दोनो महान विभूतियों के द्वारा किए गए कार्य को देश कभी भूल नहीं सकता। उन्‍होने राष्‍ट्र के विकास के लिए सर्वहारा वर्ग का उत्‍थान एवं देश की उन्‍नति तथा देश को विकासशील राष्‍ट्र बनाने में उनकी भूमिका अग्रणी रहीं है। हमें आत्‍मसंकल्‍प ले कर उनके बताए रास्‍तों पर चलना है साथ ही उन्‍होने कांग्रेस संगठन की एकता के लिए जो कार्य किए है उसे भी हमें पूरी ईमानदारी से सतत् बनाए रखना है। इस अवसर पर थांदला ब्‍लॉक कांग्रेस अध्‍यक्ष गेंदाल डामोर ने कहा कि इंदिरा गांधी हरित क्रांति की जन‍क थी। उन्‍होने आमजनों एवं किसानों की खुशहाली के लिए अनेक योजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जिससे देश की जनता को लाभ हुआ। किंतु आज परिस्थितियां अलग है। वर्तमान में केन्‍द्र व राज्‍य की सरकारे जो नीतियां बना रही है उसका लाभ संबंधित वर्गों को नहीं मिल पा रहा है। उन्‍होने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि वे एक सच्‍चे लोह पुरूष एवं स्‍वतंत्रता सेनानी थे। इस अवसर पर शहर कांग्रेस कार्यवाहक अध्‍यक्ष गौरव सक्‍सेना ने अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि दोनों का व्‍यक्तित्‍व राष्‍ट्रीय एकता के लिए समर्पित था। इनका बलिदान देशवासियों के लिए सदैव मार्गदर्शक का कार्य करता रहेगा राणापुर ब्‍लॉक कांग्रेस अध्‍यक्ष कैलाश डामोर ने इंदिरा जी एवं लोह पुरूष के बलिदानों को याद करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। इस अवसर पर दोनो दिवंगत नेताओं को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर नगर पालिका अध्‍यक्ष मनुबेन डोडियार, पूर्व पार्षद सायरा बानो, कांग्रेस नेता गोपाल शर्मा, नाथुभाई ठेकेदार, मानसिंह मेडा, सुरेश समीर, मंशुरी जी, कलजी भाई, जितेन्‍द्र शाह, प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट, राजेश डामोर, सहित कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

’इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस एव सरदार पटेल के जन्म जयन्तीमनाई’ 

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मेघनगर । देश के पूर्व प्रधानमंत्री एव विख नेता के रूप में विख्यात इंडरा गांधी का 34 का शहीद दिवस एव सरदार पटेल को 143 की जन्म जयंती पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया के कार्यलय पर उनकी तसवीर पर मल्लियापन कर उन्हें स्वमरण किया इस अवसर पर पूर्व विधायक वीरसिंह जी भूरिया ने कहा कि दोनों नेताओं ने राष्ट्र के निर्माण एव देश को अपना जीवन समर्पित कर दिया श्री मति गांधी विषम परिस्थितियों में देश मे अददोष रचना की कर्यो को अंजाम देके राष्ट्री निर्माण में अहम भूमिका निभाई एव राष्ट्री को परमाणु सम्पन्न बनाकर विश्व के अग्रणी देशो की कतार खड़ा किया है इसी प्रकार सरदार  पटेल देश को एकता सूत्र में बाधा तथा देशी रियासतों का भारत मे विलय कर के एक मजबूत भारत बनाया इस अवसर पर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष श्री यामीन शेख ,मेहबूब सुलेमान, विक्की डोडियार ,राणजी गणावा, समसु डामोर, अली असगर बोहरा,युथ कांग्रेस आईटीसेल जिला उपाध्यक्ष शाहरुख खान, अरुण ओहरी ,रोशन बारिया युथ कांग्रेस ,बहादुर हटिला ,अर्जुन डामोर ,अनेक कार्यकताओ उपस्थित थे ।

श्रावक श्रविकाएं उपधान तप कर लौटे .तप अनुमोदन हेतू सामायिक एवं चोैवीसी  का आयोजन हुआ ।                                                  
झाबुआ । झाबुआ से मोहनखेड़ा म्यूजीयम पर पूज्य आचार्य श्री जयानन्द सुरिजी म.सा .की पावन निश्रा मेँ आयोजित उपधान तप में भाग लेकर तपस्वी शाश्वत मेहता , राजेन्द्र रूनवाल ,संस्कार मेहता,  श्रीमती स्वाति संघवी, श्रीमती संगीता राठौेर, श्रीमती प्रभा संघवी ,श्रीमती विमलाबेन राठोर, श्रीमती प्रेरणा मेहता, श्रीमती कविता मेहता,श्रीमती बिन्दू भंडारी,  श्रीमती ताराबेन देयडा, श्रीमती श्वेता सकलेचा, नगर में लौटे ।  तप अनुमोदनार्थ  धर्मचन्द मेहता एवं सुनीलजी संघवी परिवार की ओर से बुधवार 31 अक्तुबरको दोपहर 2 से 3 बजे तक सामायिक एवम् चैवीसी श्री ऋषभदेव बावन जीनालय’ पर रखी गई । इस अवसर पर बडी संख्या में महिला परिषद् , महिला मण्डल ,बहू मण्डल,  सामायिकी मण्डल ,आदि सभी महिलाए बालिकाएं उपस्थित रही ।

पूण्य सम्राट जयंतसेनसुरिष्वरजी की 19 वी पुण्य तिथि पर आयोजन
श्री संघ प्रवक्ता डा. प्रदीप संघवी ने संयुक्त जानकारी देते हुए बताया कि .स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय मे पुण्य सम्राट पूज्य जयंत सेन सुरीजी की 19 वी पुण्य तिथि परआज बुधवार को कई आयोजन हुए ।श्री संघवी के अनुसार प्रातः 8 बजे पूण्य सम्राट की संगीतमय अष्ट प्रकारी पूजन के लाभार्थी - अर्हम संघवी  के प्रथम जन्मदिन  पर अर्पित सुनील संघवी परिवार की और से श्री आदिनाथ राजेन्द्र जयंत संगीत मंडल, ओ.एल जैन सा. द्वारा पढ़ाई गयी । रात्रि मे नवकार मंत्र जाप और गुरु गुण इक्कीसा का पाठ किया गया। पश्चात भक्तो द्वारा गुरुदेव की आरती उतारी गयी ।

मतदाता जागरूकता अभियान के तहत किसानो ने मतदाता जागरूकता रैली निकाली
        
झाबुआ । विधानसभा चुनाव-2018 में शत-प्रतिषत मतदान के लिए जिले में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत मतदाताओं को विभिन्न कार्यक्रमों रैली, तथा प्रचार रथों के माध्यम से मताधिकार का महत्व बताते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों तथा मतदान केन्द्रों पर ईवीएम तथा वीवीपैट का प्रदर्षन कर मतदाताओं को मतदान करने की प्रक्रिया से भी अवगत कराया जा रहा है। जिले मे मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत आज किसानो ने मतदाता जागरूकता रैली निकाल कर मतदाताओ को मतदान करने के लिये जागरूक किया।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर राष्ट्रीय एकता दौड का हुआ आयोजन
       
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झाबुआ । राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय एकता दौड का आयोजन किया गया। एकता दौड राजवाडा चैक से प्रारंभ होकर नेहरू मार्ग, कालिका माता मंदिर, आॅफिसर्स काॅलोनी, राजगड नाका होते हुए यातायात गार्डन, पुलिस लाईन झाबुआ पर संपन्न हुई। राष्ट्रीय एकता दौड मे छात्र-छात्राओ, नवआरक्षक, वन प्रषिक्षु गार्ड एवं होमगार्ड ने सहभागिता की।

राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो को सुगम, सुविधा, समाधान एवं सीविजल एप का दिया गया प्रषिक्षण
रैली व सभा की आॅनलाइन आवेदन से भी मिलेगी अनुमति   
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झाबुआ । विधान सभा चुनाव 2018 के दौरान राजनीतिक दलों को सभा या रैली की अनुमति लेने रिटर्निंग आॅफीसर के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। अब संबंधित दल निर्वाचन आयोग की पोर्टल पर आॅनलाइन आवेदन कर अनुमति ले सकेंगे। इस दौरान कोई मैनुअल तौर पर फाॅर्म जमा करने रिटर्निंग आॅफीसर कार्यालय जाता है और आवेदन जमा करने से पहले कोई अन्य के द्वारा कोई आॅनलाइन आवेदन करता है तो स्थान आवंटन की प्राथमिकता पहले आवेदन करने वाली पार्टी को दी जाएगी। विधानसभा चुनाव को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए इस बार सभा, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित समस्याओं का समाधान आॅनलाइन किया जाएगा। वाहनों का अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आॅनलाइन होगी। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने सुगम, सुविधा और समाधान तीन एप बनाए हैं, जिनका उपयोग निर्वाचन में किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान आचार संहिता उल्लंघन संबंधी षिकायते सीविजल एप पर की जा सकेगी। इस संबंध मे आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो को सुगम, सुविधा, समाधान एवं सीविजल एप का प्रषिक्षण दिया गया। प्रषिक्षण मे बताया गया कि सुगम एप के माध्यम से प्रत्याशियों के अधिग्रहित वाहनों की जानकारी निर्वाचन अधिकारियों को रहेगी। इसमें परिवहन विभाग की वेबसाइट से वाहन का नंबर, मालिक का नाम और पता लेकर नोटिस देते हुए उनका अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें कितना पेट्रोल, डीजल भराया इसकी भी जानकारी रहेगी। सुविधा एप के माध्यम से चुनाव में रैली, सभा, रोड, शो, नुक्कड़ नाटक, वाहन, जुलूस आदि की अनुमति लेने के लिए प्रत्याशी और राजनीतिक दल इस एप पर आवेदन कर अनुमति ले सकेंगे। हालांकि मैन्युअल परमिशन भी आॅफिस जाकर ले सकेंगे। आवेदन में समय दर्ज होगा। इसके आधार पर पहले आओ, पहले पाओ के हिसाब से अनुमति दी जाएगी। समाधान एप के माध्यम से राजनीतिक दलों द्वारा की गई शिकायतों की माॅनीटरिंग की जायेगी। राजनीतिक दल या प्रत्याशी मुख्य चुनाव आयुक्त से लेकर जिला प्रशासन तक को शिकायत दर्ज करा सकेंगे। चुनाव आयोग को लेकर 24 घंटे से पांच दिन में आॅनलाइन ही उक्त शिकायत का जवाब देना होगा।

सी-विजिल एप्प से आम नागरिक भी कर सकते हैं आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन-2018 में जागरूक नागरिकों के लिए आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए सीविजल मोबाइल एंड्रायड एप्प का निर्माण किया गया है। जिसके तहत जागरूक नागरिक आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की सीधी रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से भेज सकता है। जिसके आधार पर कार्यवाही हेतु बनाई गई उड़नदस्ता टीमों के द्वारा उसका समय सीमा में रिपोर्टिंग किया जाकर संबंधित क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी द्वारा साक्ष्य आधारित समय सीमा में शिकायत पर निर्णय लेने में यह एकीकृत आईटी एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। इसमें शिकायत रजिस्टर्ड होने पर एक शिकायत की यूनिक आईडी नागरिकध्शिकायतकर्ता हेतु जनरेट होगी, जिसके माध्यम से वह अपनी शिकायत की स्थिति का भी पता कर सकेगा। इस एप्प के माध्यम से सिर्फ आदर्श आचरण संहिता से संबंधित शिकायत ही दर्ज की जा सकेंगी। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा वीडियो,फोटो के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाएगी। सुविधा, सुगम एवं समाधान एप्प के तहत विभिन्न प्रकार के आवेदन जो अभ्यर्थी या राजनैतिक दल द्वारा दिए जाएंगे उनका निराकरण समय सीमा में किया जाएगा।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर राष्ट्रीय एकता के लिये कलेक्टर ने दिलाई षपथ 
       
झाबुआ । जिले मे आज राष्ट्रीय एकता दिवस एवं राष्ट्रीय संकल्प दिवस के अवसर पर षासकीय कार्यालयो मे षासकीय सेवको को राष्ट्रीय एकता की षपथ दिलाई गई। कलेक्टर कार्यालय मे कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने सभी को राष्ट्रीय एकता की षपथ दिलाई। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, एडीएम श्री एसपीएस चैहान सहित कलेक्टर कार्यालय परिसर के कार्यालयो के जिला अधिकारी एवं षासकीय सेवक उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस 01 नवम्बर को मनाया जाएगा कलेक्टर कार्यालय परिसर मे होगा आयोजन    

झाबुआ । म.प्र. शासन के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी 01 नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाया जाएगा। झाबुआ जिले मे 01 नवम्बर 2018 को कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित गार्डन मे किया जाएगा। 01 नवंबर को प्रातः 9 बजे कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय गान होगा। तत्पष्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का समापन मध्यप्रदेषगान के साथ होगा। स्थापना दिवस के अवसर पर सभी शासकीय भवनों में रोशनी भी की जाएगी।

आयोडीन सप्ताह अंतर्गत आयोडीन नमक का उपयोग करने हेतु ग्रामीणो को दिलाई गई षपथ
        
झाबुआ । राष्ट्रीय आयोडिन सप्ताह अंतर्गत आयोडीन की अल्पता से होने वाले विकारो के निवारण कार्यक्रम के तहत 21 अक्टूबर 2018 से 30 अक्टूबर 2018 तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोडिन सप्ताह का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये जिसमे विकासखण्ड मेघनगर में उत्कृष्ट विद्यालय में रैली का आयोजन किया जाकर विद्यार्थीयों द्वारा आयोडीन नमक का उपयोग करने एवं ग्राम की जनता को आयोडिन युक्त नमक का उपयोग करने हेतु शपथ दिलाई गई। जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वसुधा विकास संस्था के जिला समन्वयक श्री अरूण कुमार शर्मा द्वारा आयोडिन युक्त नमक के उपयोग एवं उससे होने वाले फायदों के बारे में प्रजेन्टेेशन के माध्ययम से अवगत कराया गया तथा साथ ही वन्या प्लस नमक जो कि आयरन एवं आयोडिन युक्ता नमक हैं का उपयोग करने हेतु सलाह दी गई। कार्यशाला में नमक में आयोडिन एवं आयरन की उपलब्धिता साबित करने हेतु आयोडिन/आयरन टेस्ट किट के माध्याम से वन्या प्लस नमक का परीक्षण कर विधि से भी अवगत कराया गया।  कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.एस. चैहान, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निसार खांन पठान, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री आर.आर. खन्ना, एन.सी.डी. जिला नोडल अधिकारी श्री जितेन्द्र बामनिया, प्रशिक्षक श्री के. एस. राठौर, आशा प्रशिक्षक सुश्री प्राची तिवारी, एनसीडी डाटा एण्ट्री ऑपरेटर प्रवीण यादव तथा आशा कार्यकर्ता विकासखण्ड पेटलावद, रामा उपस्थित थें। कार्यशाला के समापन उपरान्त हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया जिसके तहत् प्रत्येाक अधिकारी/कर्मचारी/कार्यकर्ता द्वारा आयोडिन युक्त नमक का स्वयं उपयोग करने एवं अन्य जनता को उपयोग करने हेतु प्रेरित करने संबंधी शपथ ग्रहण की गई।

नाम निर्देषन की तैयारियो के संबंध मे राजनैतिक दलो एवं मीडिया प्रतिनिधियो की बैठक संपन्न
        
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना की अध्यक्षता मे आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो एवं मीडिया प्रतिनिधियो की बैठक संपन्न हुई। बैठक मे कलेक्टर श्री सक्सेना ने राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो एवं मीडिया प्रतिनिधियो को निर्वाचन की अधिसूचना के प्रकाशन से लेकर नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त करने, प्राप्त नाम-निर्देशन पत्रों की संवीक्षा, नाम वापसी और चुनाव चिन्ह के आवंटन की प्रक्रिया के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी। साथ ही निर्वाचन नियमों और आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने के लिए गठित एसएसटी और एफएसटी दलों को अधिक सक्रिय करने और इन दलों को प्रत्येक संवेदनशील क्षेत्रों में भी तैनात करने के संबंध मे जानकारी दी। उन्होंने उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय लेखे के निरीक्षण के संबंध मे बताते हुए व्यय प्रेक्षक के मोबाइल नंबर भी मीडिया प्रतिनिधियो को उपलब्ध करवाये एवं उन्होने बताया कि 2 नवंबर से ही व्यय लेखा संबंधी कार्यवाही प्रारंभ हो जायेगी। उम्मीदवारों को चुनावी प्रक्रिया के दौरान कम से कम तीन बार अपने निर्वाचन व्यय लेखा को परीक्षण के लिए व्यय प्रेक्षक एवं व्यय मॉनीटरिंग सेल के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। बैठक मे पुलिस अधीक्षक श्री महेषचंद्र जैन ने वीवीएसटी एवं फ्लाइंग स्काॅट द्वारा की जा रही कार्यवाहियो से भी मीडिया प्रतिनिधियो को अवगत कराया। कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने मीडिया प्रतिनिधियो द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी सूचनाओ के प्रेषण के लिये सराहना की। बैठक मे राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

संयुक्त संचालक लोक षिक्षण इंदौर श्री मनीष वर्मा द्वारा चुनाव के संबंध मे ली गई बैठक

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झाबुआ । विगत 30 अक्टूबर को झाबुआ प्रवास पर आये संयुक्त संचालक लोक षिक्षण इंदौर श्री मनीष वर्मा ने अकादमिक षिक्षक प्रषिक्षण केंद्र झाबुआ मे जिले के डीडीओ संकुल प्राचार्य बीईओ बीआरसी सीएसी की बैठक आयोजित कर चुनाव तैयारियो के संबंध मे विस्तृत समीक्षा की एवं विभागीय गतिविधियो की समीक्षा करते हुए सभी उपस्थित षासकीय सेवको को निर्देषित किया कि निर्वाचन आयोग के कार्य प्राथमिकता से करे एवं आयोग द्वारा जारी आदर्ष आचरण संहिता का अक्षरषः पालन करना सुनिष्चित करे।

2 नवंबर से लिये जायेंगे नाम-निर्देषन पत्र
       
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना के बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार रिटर्निंग आॅफिसरों द्वारा झाबुआ, थंादला एवं पेटलावद मे अभ्यर्थियो से नाम निर्देषन पत्र प्राप्त करने का कार्य 2 नवंबर से 9 नवंबर तक प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। नाम-निर्देषन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 9 नवम्बर 2018 है। नाम-निर्देष पत्रों की संवीक्षा 12 नवम्बर 2018 को की जावेगी। अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापसी की अंतिम तिथि 14 नवम्बर 2018 है। मतदान 28 नवम्बर 2018 को होगा और मतगणना 11 दिसम्बर 2018 को की जावेंगी। निर्वाचन आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के दौरान जिन दिशा निर्देेशों का पालन करना होगा के संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने बताया कि अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन पत्र की कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी, शपथ पत्र का अद्यतन फार्म 26 प्रदाय किए जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का 25 सितम्बर 2018 को जारी आदेशानुसार अभ्यर्थियो को स्वंय पर चल रहे आपराधिक प्रकरणों एवं दोषसिद्वि के प्रकरणों की घोषणा एवं प्रकाशन कराया जाने के संबंध में प्रारूप सी-1, सी-2 एवं सी-3 की प्रतियां भी उपलब्ध/प्रदाय करवाई जायेगी। नाम निर्देशन पत्र की प्रस्तुति के समय अभ्यर्थियों द्वारा ली जाने वाली शपथ के बारे में बताया जाएगा। निर्वाचन व्यय हेतु शेडो रजिस्टर प्रदाय किए जाएंगे। निर्वाचन से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश की प्रतियां भी अभ्यर्थियों को प्रदाय की जाऐंगी। रिटर्निंग आफीसर द्वारा तैयार की जाने वाली चैक लिस्ट भी अभ्यर्थियो को प्रदाय की जायेगी। भविष्य में उपर्युक्त प्रपत्रों के प्रारूपों में आयोग द्वारा यदि संशोधन किया जाता है तो तदानुसार संशोधित प्रारूप दिया जाऐगा।

प्रत्याशी ने यदि स्टार प्रचारक के साथ यात्रा की तो आधा खर्च निर्वाचन व्यय में जुडेगा
       
झाबुआ । विधानसभा निर्वाचन के दौरान उम्मीदवारों को चुनाव खर्च के मामले में बेहद सतर्क रहना होगा। निर्वाचन व्यय पर आयोग और विभिन्न टीमों की लगातार निगरानी रहेगी। उम्मीदवारों की चुनाव प्रचार संबंधी हर गतिविधियाँ वीडियोग्राफी के जरिए कैमरे में दर्ज होगी इसी कड़ी में चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों के स्टार प्रचारकों का दौरा, रैली, सभाओं पर भी विशेष निगाह रखी जायेगी। यदि उम्मीदवार स्टार प्रचारक के साथ यात्रा करता है तो 50 प्रतिशत यात्रा खर्च प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जायेगा। यदि उम्मीदवार स्टार प्रचारक के साथ पंडाल सभा करता है और सभा में अपने नाम के साथ उसका फोटो या पोस्टर प्रदर्शित करते हैं तो सभा का खर्च भी प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जायेगा। स्टार प्रचारक के साथ यात्रा खर्च में उन्हीं को छूट मिलेगी, जो परिचारक, सुरक्षा एवं चिकित्सा कर्मी, प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया का कोई प्रतिनिधि, कोई व्यक्ति या दल का सदस्य जो चुनाव क्षेत्र का प्रत्याशी तथा प्रत्याशी के चुनाव अभियान में सम्मिलित नहीं है।

सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में 28 नवम्बर क¨ रहेगा सामान्य अवकाश 'जीएडी ने जारी की अधिसूचना

झाबुआ । मध्यप्रदेश में विधानसभा आम चुनाव-2018 में बुधवार, 28 नवम्बर क¨ मतदान दिवस के दिन सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने अधिसूचना जारी की है। सार्वजनिक अवकाश निग¨शिएबल इन्स्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत रहेगा।

चुनाव मे लगे प्रचार-प्रसार के वाहनों में अनुमति पत्र चिपकाना होगा       
         
झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेष विधानसभा निर्वाचन 2018 की घोषणा की जा चुकी है। चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान यह देखने में आता है कि जो वाहन चुनाव प्रचार-प्रसार में लगे हैं उनके कारण कभी-कभी टैªफिक अवरूद्ध हो जाता है। जिससे आम जनता को असुविधा का सामना करना पडता है। इस व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत निर्देष दिए कि विधानसभा निर्वाचन 2018 की समाप्ति तक जो वाहन जिला झाबुआ में चुनाव प्रचार-प्रसार में उपयोग में लिए जाएं, उन्हें विहित प्राधिकारी (एडीएम/एसडीएम) से अनुमति प्राप्त करनी होगी। अनुमति पत्र दो भागों में होगा, जिसका एक भाग वाहन स्वामी को हमेषा वाहन के साथ रखना होगा एवं दूसरा भाग वाहन के विण्डो स्क्रीन पर चिपकाना होगा।

सी-विजिल एप से कर सकेंगे आमजन शिकायत

झाबुआ । आम नागरिक अब निर्वाचन के दरम्यान आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत सी-विजिल एप पर दर्ज करवा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव की निगरानी के लिए इस एप को लाॅन्च किया गया है। इस एप के जरिए कोई भी व्यक्ति गोपनीय तरीके से निर्वाचन प्रक्रिया को दूषित करने वाली गतिविधियों, आचार संहिता का उल्लंघन संबंधी फोटो/वीडियो भेजकर शिकायत कर सकेगा। इसमें पहचान भी गोपनीय रहेगी। यह एप केवल आचार संहिता अवधि तक ही सक्रिय रहेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने जिले के आमजनों से अपील की है कि आचार संहिता के दौरान इस तरह का प्रकरण पाए जाने पर बने इस एप पर अपनी शिकायत दर्ज जरूर करवाएं।

कोलाहल अधिनियम के तहत रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रो पर रहेगा प्रतिबंध

झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने बताया कि कोलाहल अधिनियम के तहत रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रो पर प्रतिबंध है इसका सख्ती से पालन करवाया जाऐगा। बैठक मे बताया गया कि जिले मे विधानसभा निर्वाचन के लिये राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के दिनांक से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक आदर्ष संहिता लागू रहेगी। सभी आचार संहिता का पालन करे एवं अपने क्षेत्र मे पालन करवाना सुनिष्चित करे।

सार्वजनिक स्थानों पर अस्त्र/शस्त्र लेकर चलने अथवा प्रदर्शन पर पाबंदी

झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने बताया कि झाबुआ जिले में सुरक्षा और चुनावों के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के अस्त्र/शस्त्र लेकर चलने या इनके सार्वजनिक प्रदर्शन पर पाबंदी रहेगी।  कोई व्यक्ति बंदूक, विस्फोटक सामग्री, किसी भी प्रकार का आग्नेय शस्त्र तथा प्राणघातक धारदार हथियार जैसे तलवार, फरसा, बल्लम, भाला, छुरी, कटार, गुप्ती एवं घातक पदार्थो को न तो साथ लेकर चलेगा और न उनका सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शन करेगा। आगन्तुको के स्वागत, उत्सव एवं समारोह मे किये जाने वाले हवाई फायर भी वर्जित रहेंगे। वैध अनुज्ञप्तिधारी को छोडकर कोई भी व्यक्ति न तो बारूद एवं पटाखो का संग्रहण करेगा न उनका निर्माण करेगा और न ही उनका उपयोग करेगा। कोई भी राजनैतिक दल या व्यक्ति सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति तथा पुलिस को पूर्व सूचना दिये बिना कोई जुलूस नही निकालेगा। कोई भी राजनैतिक दल या व्यक्ति सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना तथा पुलिस को पूर्व सूचना दिये बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर न तो किसी आमसभा का आयोजन करेगा और न ही इस हेतु टेंट, षामियाना इत्यादि लगायेगा। कोई भी व्यक्ति वैध अनुमति के बिना अस्त्र-षस्त्र का परिवहन नही करेगा। इनमे लोहे के सरिये, हाॅकी स्टिक, लोहे की जंजीरे, पाईप, एयरगन इत्यदि भी सम्मिलित है। यह आदेष सुरक्षा एवं चुनाव व्यवस्था आदि के लिये कर्तव्य पालन के समय लगे सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, नगर सैनिक बल आदि पर तथा विषिष्ट व्यक्तियो, अधिकारियो एवं उम्मीदवारो की सुरक्षा हेतु लगाये पुलिस एवं अन्य षासकीय बल पर प्रभावषील नही होगा। सिक्ख धर्म के अनुयायियो एवं विवाह समारोह के समय दूल्हे द्वारा धारण की गई कटार पर प्रभावषील नही होगा।

संवैतनिक अवकाश की सुविधा
       
झाबुआ । विधानसभा निर्वाचन-2018 में मतदान के दिन 28 नवम्बर को किसी भी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रय या किसी अन्य स्थापना में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मतदान करने के लिए सवैतनिक अवकाश की सुविधा प्रदान की जावेगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना द्वारा बताया गया है कि उक्ताशय के निर्देश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 में निहित प्रावधानों के मुताबिक लागू रहेंगे। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मतदान के दिन दैनिक, आकस्मिक कर्मी है, को मतदान दिवस के लिये मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश प्रदान किया जायेगा। अवकाश अवधि में उसका वेतन/भत्ता नहीं काटा जायेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यवसाय स्वामी (नियोक्ता) को जुर्माने से दंडित किया जायेगा। यह आदेश ऐसे निर्वाचकों पर लागू नहीं होंगे जिनकी अनुपस्थिति में नियोजन में कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है।

निर्वाचन कंट्रोल रूम नं. 07392-245666 मे कोई भी कर सकेगा शिकायत
  • आदर्ष आचार संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित
  • व्हाट्सएप नंबर 9977261380 पर भी कर सकेंगे षिकायत
झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेष के निर्देषानुसार विधानसभा निर्वाचन 2018 को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिये आदर्ष आचार संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पुलिस कंट्रोल रूम मे जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। झाबुआ जिले मे आदर्ष आचार संहिता के पालन हेतु राजनैतिक पार्टी/प्रत्याषी/आमजन दूरभाष क्रमांक 07392-245666 एवं व्हाट्सएप नंबर 9977261380 पर आदर्ष आचार संहिता के उल्लंघन की कोई भी षिकायत की जा सकती है। जिसमे जिला प्रशासन तत्काल कार्यवाही करेगा।यह कंट्रोल रूम 24 घण्टे कार्य करेगा। विधानसभा निर्वाचन 2018 से संबंधित शिकायतों को आयोग तक पहुंचाने के लिए 1950 टोल फ्री नंबर जारी किया है। जिसमें विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2018 से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकती है। आम लोग निर्वाचन से संबंधित किसी भी विषय पर निर्वाचन आयोग के टोल फ्री नंबर 1950 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

निर्वाचन व्यय में नामांकन के पहले तैयार प्रचार सामग्री का खर्च भी जुडेगा
 
झाबुआ । विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे ऐसे प्रत्याशी जिन्होंने अपनी प्रचार सामग्री नामांकन की तिथि से पहले से तैयार करा लिये है उन्हें उसका खर्च भी निर्वाचन व्यय में जोडना होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के निर्वाचन व्ययों के लेखों के संबंध में स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्यय लेखों के रजिस्टर का रख-रखाव करते समय उन सभी खर्च के लिए भी उत्तरदायी होगा, जो उसने पूर्व में सामग्री तैयार करने में व्यय की है तथा जिसका वास्तविक उपयोग वह नामांकन अवधि समाप्त होने पर करता है। उल्लेखनीय है कि आयोग के ध्यान में यह लाया गया कि कुछ मामलों में नामांकन दाखिल करने से पहले ही भावी उम्मीदवार को पहले से तैयार की गई प्रचार सामग्री प्राप्त हो जाती है। इस प्रकार के खर्चों के लेखे संबंधी प्रश्न भी उठाए गये हैं। पूर्व में कुछ अभ्यर्थियों ने अपने निर्वाचन व्ययों के लेखों से उन मदों पर उपगत व्यय इस बहाने हटा दिया कि केवल नामांकन दाखिल करने के दिन उपगत व्यय के लिए ही लेखा देना होता है।

विज्ञापनों के सम्बन्ध में आयोग ने जारी किए दिशा-निर्देश

झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन अवधि के दौरान प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों को प्रभावशील कर लागू किया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन में आदर्श आचार संहिता को सर्वोपरि मान्य किया गया है। आयोग ने कहा है कि समाचार के माध्यमों से प्रकाशित-प्रसारित करने के पूर्व विज्ञापनों के मामले में यह सुनिश्चित किया जाए की उनमें नैतिकता एवं शिष्टता हो तथा किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आघात ना पहुंचे। आयोग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए है कि ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नही किया जाए जो किसी भी जाति, धर्म, रंग, पंथ और राष्ट्रीयता का उपहास करता हो। ऐसा विज्ञापन जो संविधान के किसी भी उपबंध के विरूद्ध हो, प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार अपराध करने, हिंसा करने या लोगों को भडकाने की प्रवृत्ति रखता हो, किसी भी प्रकार की अश्लीलता दर्शाता हो, राष्ट्रीय समप्रतीक का अनादर करता हो, नारी के लिए किसी भी प्रकार से अपमानजनक हो या उपहास करता हो, दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराईयों से लाभ उठाता हो आदि से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।

अभ्यर्थी को नामांकन के कम से कम एक दिन पहले खोलना होगा पृथक से बैंक खाता

झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन व्यय अनुरक्षण हेतु पृथक से बैंक खाता खोलना होगा तथा नाम-निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के साथ इसकी लिखित सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी । निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्वाचन व्यय का सही-सही लेखा रखने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को एक अलग बैंक खाता खोलना होगा। अभ्यर्थी यह बैंक खाता नाम-निर्देशन पत्र दाखिल करने के कम से कम एक दिन पहले अनिवार्य रूप से खोलना होगा और नामांकन दाखिल करते समय इस बैंक खाते की खाता संख्या संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को लिखित में देना होगी। आयोग के मुताबिक यदि अभ्यर्थी ने बैंक खाता नहीं खोला है अथवा बैंक खाता संख्या की सूचना नहीं दी है तो रिटर्निंग अधिकारी आयोग के अनुदेशों का अनुपालन करने के लिए ऐसे प्रत्येक अभ्यर्थी को नोटिस जारी करेंगे । निर्वाचन आयोग के निर्देशों में कहा गया है कि निर्वाचन व्यय के उद्देश्य से बैंक खाता या तो अभ्यर्थी के नाम से या उसके निर्वाचन अभिकत्र्ता के साथ संयुक्त नाम से खोला जा सकता है ।  लेकिन यह बैंक खाता अभ्यर्थी के परिवार के किसी सदस्य या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त नाम से नहीं खोला जा सकेगा जो अभ्यर्थी का निर्वाचन अभिकत्र्ता नहीं है। निर्वाचन व्यय के लिए खोला जाने वाला खाता अभ्यर्थी द्वारा राज्य में कहीं भी खोला जा सकेगा। खाता राष्ट्रीयकृत, निजी अथवा सहकारी बैंक या डाकघरों में भी खोला जा सकता है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी के विद्यमान खाते का उपयोग निर्वाचन व्यय के प्रयोजन के लिए नहीं किया जा सकेगा। निर्वाचन व्यय के प्रयोजन के उद्देश्य से उसे पृथक से बैंक खाता खोलना ही होगा । निर्वाचन आयोग ने निर्देशों में कहा है कि अभ्यर्थी द्वारा सभी निर्वाचन व्यय पृथक से खोले गये बैंक खाते से ही किये जायेंगे। अभ्यर्थी को निर्वाचन कार्यों पर उपगत किये जाने वाले सभी व्यय अभ्यर्थी की अपनी निधि सहित, निधि का स्त्रोत चाहे जो भी हो इस बैंक खाते में ही डालना होगा । अभ्यर्थी चाहे तो आयोग द्वारा तय की गई चुनाव खर्च की सीमा के बराबर पूरी राशि एक साथ इस बैंक खाते में जमा कर सकता है । आयोग के मुताबिक अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्ययों का भुगतान निर्वाचन के उद्देश्य से खोले गये खाते से रेखांकित एकाउंट पेई चेक या ड्राफ्ट अथवा आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही कर सकता है। अभ्यर्थी द्वारा पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति अथवा फर्म को व्यय के किसी मद के लिए अदा की जाने वाली रकम 20 हजार रूपये से अधिक नहीं है तो ऐसे व्यय का भुगतान वह नगद राशि के रूप में भी कर सकेगा। लेकिन उसे इस राशि का भुगतान भी निर्वाचन व्यय के उद्देश्य से पृथक से खोले गये बैंक खाते से निकालने के बाद ही किया जा सकेगा। आयोग ने कहा है कि अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन के परिणामों की घोषणा के तीस दिनों की अवधि के भीतर दाखिल किये जाने वाले निर्वाचन व्यय लेखे के साथ इस बैंक खाते की विवरणी की स्व-प्रमाणित प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नामांकन से पहले यदि अलग से बैंक खाता नहीं खोला गया है या बिना इस बैंक खाते में जमा किये कोई अन्य राशि खर्च की गई है तो यह माना जायेगा कि अभ्यर्थी ने अपेक्षित रीति के अनुसार खाते का रखरखाव नहीं किया है।

हवाई अड्डों पर भी रखी जायेगी नजर जांच की पूरी प्रक्रिया का संपादन सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में होगा

झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन वाले राज्यों में चार्टर्ड विमानों, हेलीकॉप्टरों एवं वाणिज्यिक विमानों के माध्यम से अनाधिकृत रूप से अस्त्र-शस्त्र, निषिद्ध वस्तुओं अथवा बड़ी मात्रा में नकदी एवं बहुमूल्य धातुओं के परिवहन पर रोक लगाने के उद्देश्य से हवाई यात्रा करने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिये हैं । आयोग ने कहा कि मतदान वाले राज्यों में चुनावी प्रक्रिया के समय हवाई अड्डे पर यात्रियों व सामानों की तलाशी तथा जांच संबंधी सभी नियमों व पद्धतियों का बिना किसी अपवाद के कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए । आयोग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) को निर्वाचन वाले राज्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा संबंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी को चार्टर विमान या हेलीकॉप्टर की यात्रा योजना के बारे में कम से कम आधे घंटे पहले सूचित करना होगा । निर्वाचन आयोग के मुताबिक चुनाव वाले राज्यों में वाणिज्यिक एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले और उतरने वाले सभी निजी विमानों या हेलीकॉप्टरों का एटीसी (विमान यातायात नियंत्रण) द्वारा रिकार्ड रखा जायेगा तथा इसकी सूचना की एक प्रति संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा उस जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी । आयोग के निर्देशों के मुताबिक निजी या चार्टर विमान अथवा कामर्शियल फ्लाईट या हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों के हाथ में ले जाये जाने वाले सामान सहित पूरे सामान की जांच हवाई अड्डे पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अथवा राज्य या केन्द्र शासित राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बिना किसी छूट के पूरी जांच करनी होगी । आयोग के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों को जांच में 10 लाख रूपये की नगदी अथवा एक किलो सोना या इससे अधिक मूल्य का सोना-चांदी, हीरा जवाहरात पाये जाने पर आयकर विभाग को तुरंत सूचित करना होगा । सूचना प्राप्त होने पर आयकर विभाग द्वारा आयकर नियमों के अनुरूप सत्यापन किया जायेगा और सत्यापन के दौरान संतोषजनक स्पष्टीकरण न दिये जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी । इस तरह की बहुमूल्य धातु या नगदी की मुक्ति के पहले आयकर विभाग को निर्वाचन आयोग, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचित करना होगा । आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा बल और आयकर विभाग को हवाई अड्डे पर यात्रियों की जांच, बहुमूल्य धातुओं या नकदी की खोज से लेकर जब्ती अथवा मुक्त करने तक का पूरी प्रक्रिया का संपादन सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में करना होगा ।

सभी अनुमतियों के लिए सुविधा पोर्टल पर कर सकते है ऑनलाइन आवेदन    
   
झाबुआ । विधानसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों को सभा के लिये मैदान की अनुमति लेने, रैली निकलवाने, हेलीपैड के लिये अनुमति लेने के लिये अब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पडे़गी। सभी अनुमतियों के लिये अब आयोग द्वारा बनाये गये सुविधा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के मद्देनजर किसी भी कार्य की अनुमति लेने के लिये राजनैतिक दलों के लिये पहले आओ पहले पाओ की सुविधा दी है। इसके तहत जो पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे पहले अनुमति दी जायेगी। इसके लिये सुविधा एप पर 72 घंटे पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उपलब्धता अनुसार उन्हें अनुमति दी जायेगी। विधानसभा चुनाव को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिये इस बार आम सभायें, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित समस्याओं का समाधान भी ऑनलाइन किया जायेगा। चुनाव आयोग के विशेष साफ्टवेयर के द्वारा चुनाव में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निगरानी की जायेगी। वाहनों के अधिग्रहण करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की जायेगी। निर्वाचन कार्य के लिये निर्वाचन आयोग ने “सुगम, सुविधा एवं समाधान“ नामक तीन एप बनाये हैं, जिनसे उक्त सभी कार्य सम्पन्न किये जायेंगे। 

समस्त देषी/विदेषी मदिरा दुकाने मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व से बंद रहेगी
    
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने विधानसभा निर्वाचन 2018 के परिपे्रक्ष्य मे जिले की समस्त देषी/विदेषी मदिरा दुकानो को मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व अर्थात दिनांक 26 नवंबर 2018 को सायं 5 बजे से 28 नवंबर 2018 को मतदान समाप्ति तक बंद रखी जायेगी। इसी प्रकार दिनांक 11 दिसंबर 2018 को मतगणना के दिन झाबुआ जिले की समस्त देषी/विदेषी मदिरा की दुकाने बंद रखी जाने के संबंध मे आदेष जारी किया है। जारी आदेषानुसार उक्त अवधि मे होटल, ढाबो, रेस्टोरंेट मे किसी भी व्यक्ति को मदिरा बेचने, परोसने की अनुमति नही रहेगी एवं मदिरा के व्यक्तिगत भण्डारण तथा गैर लायसेंस प्राप्त परिसर मे मदिरा के भण्डारण पर पूर्ण रोक रहेगी।

चुनाव के प्रत्येक पेम्पलेट या पोस्टर पर मुद्रक तथा प्रकाषक का नाम तथा पता अंकित होना अनिवार्य है-कलेक्टर      
        
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव से संबंधित प्रचार प्रसार के लिये अभ्यर्थी/राजनैतिक दल द्वारा प्रिंट करवाये जाने वाले प्रत्येक पेम्पलेट या पोस्टर पर मुद्रक तथा प्रकाषक का नाम तथा पता अंकित होना अनिवार्य है तथा दस्तावेज के छापने के पष्चात यथोचित समय मे इसकी एक प्रति जिसमे प्रकाषक की पहचान की घोषणा हो। दस्तावेज की प्रतिलिपि के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी या जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां यह छापा हो, उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। कोई भी व्यक्ति कोई भी ऐसी चुनावी पेम्पलेट या पोस्टर जिस पर मुद्रक एवं प्रकाषक का नाम नही हो, ना तो प्रकाषित कर सकता है, ना ही मुद्रण और प्रकाषन का कारण बन सकता है। यदि इस प्रावधान का उल्लंघन होता है तो यह दंडनीय होगा जो कि छः माह तक की जेल एवं 2500 रूपये तक के अर्थदंड से दंडित किया जाएगा अथवा दोनो से दंडनीय होगा।

पांच दिन पहले प्राप्त होगी फोटो वोटर स्लिप मतदाताओं की सहूलियत हेतु निर्वाचन आयोग के आदेश

झाबुआ । मतदाताओं की सहूलियत हेतु निर्वाचन आयोग सदैव प्रयासरत रहता है इसी क्रम में आगामी विधानसभा निर्वाचन में मतदाताओं की सहूलियत हेतु मतदान दिवस के कम से कम पांच दिन पूर्व फोटोयुक्त (जहां निर्वाचक नामावली में दर्ज हो) मतदाता पर्ची वितरित करने के भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए है। फोटोयुक्त मतदाता पर्ची के वितरण हेतु संबंधित रिटर्निंग अधिकारी कार्यक्रम बनाकर ससमय राजनैतिक दलों, मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के बूथ लेबल एजेन्ट (बीएलए अगर नियुक्त हो) को बताएंगे। इस पर्ची में मान्यता जिस पोलिंग बूथ में रजिस्टर है। उसकी जानकारी, निर्वाचक नामावली में क्रम संख्या की जानकारी आगे अंकित की जाएगी।

स्टार प्रचारको की अनुमति के लिये राजनैतिक दलो को अधिसूचना
जारी होने के 7 दिन के अंदर आवेदन प्रस्तुत करना होगा
झाबुआ । विधानसभा निर्वाचन 2018 हेतु सभी राजनैतिक दलो को उच्चतम न्यायालय के आदेष अनुसार चुनाव घोषणा पत्र की 3 प्रतियां, घोषणा पत्र जारी करने के 3 दिनो के भीतर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को देना होगी। स्टार प्रचारको की अनुमति के लिये राजनैतिक दलो को अधिसूचना जारी होने के 7 दिन के अंदर आवेदन प्रस्तुत करना होगा। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो एवं राज्य दलो के लिये स्टार प्रचारको की संख्या 40 निर्धारित है। अन्य दलो के लिये स्टार प्रचारको की संख्या 20 निर्धारित की गई है।

शासकीय आवास का बकाया संबंधी जानकारी देने अलग से नहीं देना होगा शपथ पत्र

झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों को आवास संबंधी देयताओं की जानकारी देने के लिए नामांकन पत्र के साथ अब अलग से शपथ पत्र नहीं प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग ने इस बारे में शपथ पत्र में दी जाने वाली जानकारी को फार्म-26 में ही समाहित कर दिया है। अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय आवास संबंधी देयताओं की जानकारी फार्म-26 के भाग-अ के बिन्दु क्रमांक-8 में दी जा सकेगी।

उडन दस्ते, रिष्वत देने और लेने वालो दोनो के विरूद्ध मामले
दर्ज करने के संबंध मे स्थानीय भाषा मे उद्घोषणा करेंगे-कलेक्टर
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने बताया कि प्रत्येक उडन दस्ता अपने वाहन पर लगाई गई सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से अपने क्षेत्राधिकार मे स्थानीय भाषा मे उद्घोषणा करेगे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ख के अनुसार कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिये उत्प्रेरित करने के उद्देष्य से नकद या वस्तु रूप मे कोई पारितोष देता है, या लेता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दंडनीय होगा। इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ग के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक, या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट लगाने की धमकी देता है वह एक भी वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दंडनीय होगा। उडन दस्ते, रिष्वत देने वालो और लेने वालो दोनो के विरूद्ध मामले दर्ज करने के लिये और ऐसे लोगो के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये गठित किये गये है जो निर्वाचको को डराने और धमकाने मे लिप्त है। सभी नागरिको से एतदद्वारा अनुरोध किया गया है कि वे कोई रिष्वत लेने से परहेज करे और यदि कोई व्यक्ति कोई रिष्वत की पेषकष करता है या उसे रिष्वत और निर्वाचको को डराने/धमकाने के मामलो की जानकारी है तो उन्हे षिकायत प्राप्त करने के प्रकोष्ठ के टोल फ्री नंबर 07392-245666 एवं 1950 पर सूचित करे।

सभा या रैली सक्षम अधिकारी की बिना अनुमति से नहीं की जायेगी

झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने एक आदेश जारी कर कहा है कि जिले में कोई भी सभा या रैली सक्षम अधिकारी की बिना अनुमति से नहीं की जायेगी। जिले में विधानसभा निर्वाचन सम्पन्न होने तक इस तरह की रैली या सभाओं की अनुमति जारी करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन पत्र प्राप्त होने के क्रम के अनुरूप अनुमति जारी की जाएगी। इसी प्रकार अभ्यर्थी एवं उनके समर्थकों को चुनाव प्रचार हेतु वाहन के उपयोग की अनुमति संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं एक से अधिक क्षेत्रान्तर्गत होने पर संबंधित अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी से प्राप्त की जायेगी। वाहन की प्राप्त गई अनुमति प्रचार वाहन के आगे कॉच पर लगाना अनिवार्य होगा। सभी राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं व्यक्तियों को प्रचार हेतु हेलीकाफ्टर के लिए हैलीपेडनिर्माण, हैलीकाप्टर उतारने की अनुमति संबंधित अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लेना अनिवार्य होगी। इससे संबंधित समस्त अभिलेख निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संधारित किये जायेंगे।

विधानसभा निर्वाचन के लिए स्टार प्रचारकों, राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों एवं अभ्यर्थियों को अलग-अलग रंग के पेपर में मिलेगी वाहन की अनुमति

झाबुआ । विधानसभा चुनाव-2018 के दौरान स्टार प्रचारकों, मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों व अभ्यर्थियों को वाहन की अनुमति के लिए अलग-अलग रंग के कागज में स्वीकृति पत्र प्रदान किए जायेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राज्य स्तर पर स्टार प्रचारकों को हल्के गुलाबी रंग के पेपर में अनुमति जारी की जायेगी। इसी तरह राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को वाहन की अनुमति हल्के नीले रंग के पेपर में मिलेगी। रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा अभ्यर्थियों को वाहन की अनुमति पीले रंग के पेपर में दी जायेगी। जिला स्तर पर राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को वाहन की अनुमति हल्के हरे रंग के पेपर में जारी की जायेगी। इसी प्रकार अभ्यर्थियों के अभिकर्ताओं (एजेण्ट) के लिए वाहन की अनुमति सफेद रंग के पेपर में दी जायेगी।

चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के जरिये व¨ट डाल सकेंगे कर्मचारी

झाबुआ । भारत निर्वाचन आय¨ग ने चुनाव डयूटी पर तैनात अमले क¨ मतदान की सुविधा प्रदान किये जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। चुनाव डयूटी पर तैनात वे सभी ल¨ग ज¨ उस स्थान पर मतदान नहीं कर सकते जहाँ मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं, उन्हें डाक मत पत्र अथवा चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र/ईडीसी (इलेक्शन डयूटी सर्टिफिकेट) के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। यदि किसी कर्मचारी की चुनाव डयूटी उसी चुनाव क्षेत्र में लगती है जहाँ का वह मतदाता है त¨ उसे चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। इस सुविधा से वह चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से उसी मतदान केन्द्र में मतदान कर सकेंगे जहाँ उन्हें डयूटी के लिये तैनात किया गया है। यदि किसी कर्मचारी की चुनाव डयूटी उस चुनाव क्षेत्र में लगती है जहाँ का वह मतदाता नहीं है त¨ उसे डाक मत पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। मतदान दल¨ं में शामिल सभी कर्मचारी सेक्टर आॅफिसर, ज¨नल आॅफिसर, रिटर्निंग आॅफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर, डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन आॅफिसर, डिप्टी इलेक्शन आॅफिसर, कंट्र¨ल रूम एवं चुनाव संबंधी कार्य में तैनात सभी कर्मचारी, सभी पुलिसकर्मी, ह¨मगार्ड, चुनाव डयूटी में संलग्न सभी वाहन¨ं के ड्रायवर, क्लीनर, हेल्पर इस सुविधा के पात्र ह¨ंगे। यदि वे चुनाव डयूटी के कारण उस मतदान केन्द्र में मतदान नहीं कर सकते जहाँ मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं त¨ उन्हें डाक मत पत्र अथवा चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। डाकमत पत्र सुविधा का लाभ निर्वाचन कार्य में संलग्न कर्मचारी उन्हे दिये जाने वाले प्रथम दौर के प्रशिक्षण के दौरान निर्धारित प्रपत्र में आवेदन भरकर उठा सकते है। साथ ही वे दिये गये निर्धारित प्रपत्र में वोटिंग कर उसे द्वितीय प्रशिक्षण के दौरान बनाये गये सुविधा केन्द्र का उपयोग करते हुए अपना मत अंकित करते हुए संबंधित लिफाफे को रखे गये सुविधा बाक्स में डाल सकते है या इन्हे डाकघर के माध्यम से भी भेज सकते है। मतगणना के दिन तक प्राप्त प्रत्येक डाक मतपत्र को गणना में सम्मिलित किया जायेगा।

विशेष : श्रीराम मंदिर: आखिरी विकल्प ‘कारसेवा’ या ‘अध्यादेश’?

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 देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर पिछले 69 साल से संग्राम छिड़ा है। सियासी बहस के बीच हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में तारीख पर तारीख का दांव चला जा रहा है। खासकर 29 अक्टूबर की तारीख लोगों के मन में घर कर गयी थी कि कांग्रेस द्वारा अटकाएं जा रहे सारे रोेड़े खत्म होने के बाद फैसले की घड़ी मुहाने पर है। लेकिन सुनवाई मात्र 3 मिनट में ही टल गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने अब इस मामले के लिए जनवरी, 2019 की तारीख तय की है। यानी अब यह मामला करीब 3 महीने बाद ही कोर्ट में उठेगा, वह फैसले के लिए नहीं बल्कि सुनवाई हो या नहीं की अगली तारीख के लिए? ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है एक आंतकवादी को न्याय देने के लिए सप्रीमकोर्ट का दरवाजा आधी रात को खुल सकता है तो 100 करोड हिन्दुओं की आस्था से जुड़े श्रीराम मंदिर की सुनवाई पर तारीख पर तारीख कब तक? क्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश चलेगा, या आंदोलन या अध्यादेश?  
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फिरहाल, जिस तरह से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने अयोध्या में विवादित जमीन से जुड़े मुकदमे में मात्र तीन मिनट में अगली तारीख तय की है उससे तो साफ है कि उनके रहते यह फैसला जल्दी नहीं होने वाला। माननीय चीफ जस्टिस किस पृष्ठभूमि व विचारधारा से जुड़े है इस पर बहस करना निर्रथक है, लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है उन्होंने वहीं किया जो कांग्रेस चाहती थी। यानी देश चुनाव की दहलीज पर होगा और अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई का काम आगे बढ़ाएगा। जबकि सच तो यह है कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़े इस मसले को जल्द से जल्द सप्रीम कोर्ट को सुलझाना चाहिए। उच्च न्यायालय के 2010 में आएं निर्णय पर अपील यदि आज 8 साल बाद भी तारीखों के इंतजार में है तो वह कानून के राज को मानने वालों के भरोसे को डिगाती है और उन लोगों के हौसले बढ़ाती है जो कानून की परवाह नहीं करते हैं। या यूं कहें कोर्ट के इसी लेटलतीफी से आजिज आकर लोग कानून को अपने हाथ में लेने को मजबूर होते हैं।  

शायद यही वजह भी है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर अब हर सख्स यही चाहता है कि सरकार अध्यादेश लाएं, कानून बनाकर मंदिर निर्माण हों। क्योंकि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से जिस तरह कहा गया कि यह संबंधित पीठ ही तय करेगी कि मामले की सुनवाई जनवरी, फरवरी, मार्च या अप्रैल में कब होगी उससे तो यही लगा कि इस विवाद का जल्द समाधान प्राथमिकता में ही नहीं। परिणाम यह है कि एक तरफ इस आदेश के बाद संतों के एक बड़े वर्ग और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े महंतों ने इस वर्ष 6 दिसंबर से अयोध्या में मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी है। संत समाज का कहना है कि वो मंदिर निर्माण का काम शुरू कर देंगे, सरकार रोकना चाहती है तो रोके। दुसरी तरफ कांग्रेस समेत अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले अखिलेश यादव की पार्टी कहती है कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। भाजपा इस पेशोपेश में है कि अब होगा क्या? यहां बताना यह जरुरी है कि भाजपा को वही करना पड़ेगा जो हिन्दू समाज चाहता है, क्योंकि इतनी बड़ी बहुमत मोदी को सिर्फ और सिर्फ मंदिर के नाम पर ही मिला है। लोगों को अब भी उम्मींद है अगर इतने प्रचंड बहुमत के बाद भी मोदी कार्यकाल में मंदिर नहीं बना तो फिर कभी नहीं? 

देखा जाय तो संतों का आह्वान सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार के लिए यह बहुत मुश्किल होगा कि संतों को रोकने के लिए वे किसी भी प्रकार का बल प्रयोग करें। इससे भाजपा को अपने समर्थकों के बीच खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। क्योंकि वह ऐलान कर चुका है राम के लिए इंतजार कर रहे देश को मोदी सरकार कब लायेगी अध्यादेश? हालांकि मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह को जब भी मौका मिलता है वे यह कहने से नहीं चुकते कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होकर रहेगा। अब देश के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का सब्र की सीमा टूट चुकी है। इसके लिए जो करना होगा किया जायेगा। कुछ ऐसा ही विहिप, बजरंग दल और साधु संत भी कहते फिर रहे है। मतलब साफ है 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार पर घर के अंदर से भी चैतरफा दबाव बनता जा रहा है कि वो राम मंदिर के निर्माण के लिए सदन में क़ानून लाए और अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। खुद आरएसएस के विजयदशमी कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा था, राम मंदिर के लिए कानून बनाना चाहिए। ये सीधे तौर पर इशारा था कि संघ और भाजपा के समर्थकों और राम के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार को सदन में राम मंदिर के लिए क़ानून लाना चाहिए। 

कहा जा सकता है मोदी सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए दबाव कम नहीं है। ज़मीन पर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को जवाब देने से लेकर खुद को मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध दिखाना भाजपा के लिए ज़रूरी होता जा रहा है। दूसरी ओर संतों ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है कि मंदिर निर्माण में देरी वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। संतों का कहना है कि क्या भाजपा मंदिर निर्माण का अपना वादा भूल गई है और क्यों सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतज़ार का बयान पार्टी की ओर से बार-बार दिया जा रहा है। सुनवाई टलने के बाद अयोध्या के संतों ने भी पूछा कि बार-बार क्यों सुनवाई टल रही है। संत समाज की इस घोषणा को संघ प्रमुख के आज के भाषण से एक तरह की वैधता मिल गई है। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि वो राम मंदिर के लिए कोर्ट के फैसले का इंतज़ार नहीं करना चाहता और सरकार इसके लिए क़ानून लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। ऐसी स्थिति में भाजपा के पास अब एक ही रास्ता बचता नज़र आ रहा है और वो यह है कि राम मंदिर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्थापित करने के लिए मोदी सरकार सदन के आगामी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर के विधेयक को रखे। इससे भाजपा को लाभ भी है। पहला तो यह कि सरकार लोगों के बीच चुनाव से ठीक पहले यह स्थापित करने में सफल होगी कि उनकी मंशा राम मंदिर के प्रति क्या है? वो अपने मतदाताओं को बता सकेगी कि कम से कम भाजपा और मोदी अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। दूसरा लाभ यह है कि विपक्ष के लिए यह एक सहज स्थिति नहीं होगी। विपक्ष इसपर टूटेगा। कांग्रेस के लिए यह आसान नहीं होगा कि वो राम मंदिर पर प्रस्ताव का विरोध करके अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की पूरी कोशिशों को मिट्टी में मिला दे। इससे विपक्ष में बिखराव भी होगा और सपा बसपा जैसी पार्टियों के वोटबैंक में भी सेंध लगेगी। 

बता दें, संतों और मतदाताओं के बीच संदेश देने के लिए चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार के सामने यह एक अहम और अंतिम मौका है। जनवरी से प्रयाग में शुरू हो रहे कुंभ के दौरान भी सरकार को संत समाज के सामने मंदिर के प्रति अपनी जवाबदेही स्पष्ट करनी होगी। मोदी सरकार के लिए आगामी शीतकालीन सत्र इस सरकार का अंतिम सत्र होगा। इसके बाद का बजट सत्र एक मध्यावधि बजट के साथ समाप्त हो जाएगा और देश आम चुनाव में लग जाएगा। चुनाव से ठीक पहले अपने मतदाताओं के बीच राम मंदिर के लिए विश्वास जताना सरकार के लिए ज़रूरी है। देखना यह है कि सरकार इस विश्वास को जताने के लिए किस सीमा तक जाती है। गौरतलब है कि अयोध्या मामले में कुल 19 हजार दस्तावेज हैं। इन तमाम दस्तावेजों को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया गया है। इसके साथ ही अदालती बहस की कॉपी (प्लीडिंग) पेश की गई है। इन्हीं दस्तावेजों में अयोध्या मामले का पूरा लेखा जोखा है। इन दस्तावेजों में 90,000 पन्नों में गवाहियां दर्ज है। ये पाली, फारसी, संस्कृत, अरबी सहित 7 भाषाओं में थे, जिन्हें अंग्रेजी में अनुवाद कर कोर्ट में पेश किया गया है। दरअसल अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर हैं। इनमें 8 याचिकाएं मुस्लिम पक्षकारों की ओर से और 6 हिंदू पक्षकारों की तरफ से हैं। जबकि दोनों समुदायों की ओर से 6-6 पक्षकार हैं। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दायर की गई अपील सभी हिंदू पक्षकारों के खिलाफ है। जबकि वहीं हिंदू पक्षकारों की अपील ज्यादातर हिंदू पक्षकारों के खिलाफ हैं। पहला पक्ष- मस्जिद के अंदर विराजमान भगवान राम, जिनके पैरोकार विश्व हिंदू परीषद है। दूसरा पक्ष- सनातन हिंदुओं की संस्था निर्मोही अखाड़ा, जो सवा सौ साल से इस स्थान पर मंदिर बनाने की कानूनी लड़ाई लड़ रही है। तीसरा पक्ष-सुन्नी वक्फ बोर्ड है, जिसमें कुछ स्थानीय मुस्लिम है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी और वसीम रिजवी की याचिका समेत कुल 32 याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिकाएं भी शामिल थी। 

न्यायालय की साख का सवाल 
आज यदि सरकार या न्यायालय या खुद कोर्ट सर्वे करवाएं तो देश की बहुसंख्यक जनता धर्म की दीवारों से परे उठकर यही कहेगी शीघ्र अयोध्या में मंदिर बने, लेकिन शांति से। ऐसे में सवाल यही है इसे करेगा कौन? जवाब यही होगा न्यायालय, क्योंकि उसकी बात हर कोई मानने के लिए बाध्य होगा। लेकिन अफसोस है कि जो मामला पूरे देश के लिए गहन दिलचस्पी का है उसमें फैसले की घड़ी और दूर खिसकती जाएं। किसी मामले में जरूरत से ज्यादा देर हो तो उसे अंधेर ही कहा जाता है। निश्चित तौर पर आज की तारीख में यह जिम्मा हमारे न्यायालय का है। उसे ही तय करना है कि देश उस संविधान से चले जिसे हमारे पूर्वजों ने बड़ी मेहनत से बनाया है। हमारा संविधान महज कागजों का पुलंदा नहीं हैं। वह आज 230 करोउ़ भारतीयों की आवाज है। यह संविधान भले धर्म निरपेक्ष है लेकिन उसी में हम सबकी धार्मिक स्तंत्रता की गारंटी है। ऐसे में हमारे न्यायालय को ही तय करना है कि उसकी गरिमा आम जनमानस में कैसे बनी रहें। बेहतर हो, न्यायालय जितना जल्द हो सके, इस विवाद पर निर्णय दें, और फिर उसे उतनी शीघ्रता-दृढ़ता से लागू करवाएं। निपटारे में देरी के चलते लोगों की बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन व्यग्र हो गए लोग यह ध्यान रखें तो बेहतर कि जब कोई मामला सबसे बड़ी अदालत के समक्ष हो तब उस पर कानून बनाने की अपनी कठिनाइयां हैं। एक तो विपक्ष के सहयोग के बिना ऐसा कोई कानून बनना संभव नहीं जो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे और यदि वह बन भी जाए तो उसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। इससे मामला वहीं पहुंचेगा जहां अटका है। इसके साथ ही इसके लिए भी कोशिश होनी चाहिए कि अयोध्या विवाद का समाधान आपसी सहमति से निकल आए। यदि ऐसी कोई कोशिश ईमानदारी से हो सके तो अयोध्या मामले की सुनवाई टलने को एक अवसर में तब्दील किया जा सकता है। अच्छा होगा कि वे लोग आगे आएं जो यह चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सद्भाव का नया अध्याय लिखे।  
इस मामले में कब क्या हुआ 
गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद मामले में विवादित स्थल पर मूर्ति देखे जाने के बाद 1949 में पहली बार मामला कोर्ट पहुंचा। पिछले 69 सालों से लंबित यह मामला फैजाबाद की निचली अदालत से होते हुए पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यह सुनवाई राम जन्मभूमि पर 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर होनी थी, लेकिन जनवरी 2019 तक के लिए टल गया है। 27 सितंबर को इस्माइल फारूकी बनाम भारतीय संघ, 1994 के मामले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की तीन जज की बेंच के फैसले बाद, राम जन्मभूमि विवाद के मामले में पहली बार सुनवाई की तिथि 29 अक्टूबर तय थी। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की तीन जज की बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2ः1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए. इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। 1528 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया। 1949 में बाबरी मस्जिद में भगवान राम की मूर्ति देखी गई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों के प्रतिनिधि कोर्ट चले गए, और विवादित स्थल पर ताला लगा दिया गया। 1959 में निर्मोही अखाड़ा की ओर से विवादित स्थल के स्थानांतरण के लिए अर्जी दी थी। 1961 में यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने भी बाबरी मस्जिद स्थल के मालिकाना हक के लिए अपील दायर की थी। 1986 में विवादित स्थल को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। 1986 में ही बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया गया। 1989 में विहिंप ने राजीव गांधी सरकार की इजाजत के बाद बाबरी के पास राम मंदिर का शिलांयास किया। 

1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने देशव्यापी रथयात्रा की शुरुआत की। 1991 में रथयात्रा की लहर से बीजेपी यूपी की सत्ता में आई। इसी साल मंदिर निर्माण के लिए देशभर के लिए इंटें भेजी गई। 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या पहुंचकर हजारों की संख्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का विध्वंस कर दिया था। इसके बाद कई स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे हुए। पुलिस द्वारा लाठी चार्ज और फायरिंग में कई लोगों की मौत हो गई। जल्दबाजी में एक अस्थाई राम मंदिर बनाया गया। प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने मस्जिद के पुनर्निर्माण का वादा किया। 16 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच के लिए एमएस लिब्रहान आयोग का गठन किया गया। 1994 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में बाबरी मस्जिद विध्वंस से संबंधित केस चलना शुरू हुआ। 4 मई, 2001 को स्पेशल जज एसके शुक्ला ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 13 नेताओं से साजिश का आरोप हटा दिया। 1 जनवरी, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने  अयोध्या विभाग शुरू किया। इसका काम विवाद को सुलझाने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों से बातचीत करना था। 1 अप्रैल 2002 को अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी। 5 मार्च 2003 को इलाहबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अयोध्या में खुदाई का निर्देश दिया, ताकि मंदिर या मस्जिद का प्रमाण मिल सके। 22 अगस्त, 2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई के बाद इलाहबाद हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश किया। इसमें कहा गया कि मस्जिद के नीचे 10वीं सदी के मंदिर के अवशेष प्रमाण मिले हैं। मुस्लिमों में इसे लेकर अलग-अलग मत थे। इस रिपोर्ट को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने चैलेंज किया। सितंबर 2003 में एक अदालत ने फैसला दिया कि मस्जिद के विध्वंस को उकसाने वाले सात हिंदू नेताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाए। जुलाई 2009ः लिब्रहान आयोग ने गठन के 17 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी। 26 जुलाई, 2010 को इस मामले की सुनवाई कर रही इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने फैसला सुरक्षित किया और सभी पक्षों को आपस में इसका हल निकाले की सलाह दी. लेकिन कोई आगे नहीं आया। 

28 सितंबर 2010ः सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का मार्ग प्रशस्त किया। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसके तहत विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा दिया गया। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला। 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। 21 मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही। 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया। 9 नवंबर 2017ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बड़ा बयान दिया था। रिजवी ने कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनना चाहिए, वहां से दूर हटके मस्जिद का निर्माण किया जाए। 16 नवंबर 2017 को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश की, उन्होंने कई पक्षों से मुलाकात की। 5 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने 8 फरवरी तक सभी दस्तावेजों को पूरा करने के लिए कहा। 8 फरवरी 2018 को सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नियमित सुनवाई करने की अपील की। लेकिन पीठ ने उनकी अपील खारिज कर दी। 14 मार्च 2018 को वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कोर्ट से मांग की कि साल 1994 के इस्माइल फारूकी बनाम भारतीय संघ के फैसले को पुर्नविचार के लिए बड़ी बेंच के पास भेजा जाए। 20 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव धवन की अपील पर फैसला सुरक्षित रखा। 27 सितंबर 2018 को कोर्ट ने इस्माइल फारूकी बनाम भारतीय संघ के 1994 का फैसला, जिसमें कहा गया था कि ’मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं’ को बड़ी बेंच को भेजने से इनकार करते हुए कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला सिर्फ भूमि आधिग्रहण के केस में ही लागू होगा। 



--सुरेश गांधी--

विचार : कैसा समाज बनाएंगे हम?

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  • क्या कानून की जवाबदेही केवल देश के संविधान के ही प्रति है?
  • क्या सभ्यता और नैतिकता के प्रति कानून जवाबदेह नहीं है ?

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क्या ऐसा भी हो सकता है कि एक व्यक्ति का आचरण कानून के दायरे में तो आता हो लेकिन नैतिकता के नहीं? दरअसल माननीय न्यायालय के हाल के कुछ आदेशों ने ऐसा ही कुछ सोचने के लिए विवश कर दिया। धारा 497 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल के निर्णय को ही लें। निर्णय का सार यह है कि, "व्यभिचार अब अपराध की श्रेणी में नहीं है।""व्यभिचार", अर्थात परस्त्रीगमन, जिसे आप दुराचार, यानी बुरा आचरण, दुष्ट आचरण, अनैतिक आचरण कुछ भी कह सकते हैं लेकिन एक गैर कानूनी आचरण कतई नहीं ! क्योंकि कोर्ट का मानना है कि स्त्री पति की संपत्ति नहीं है। विवाह के बाद महिला की "सेक्सुअल चॉइस"को रोका नहीं जा सकता है। जिसके कारण धारा 497 असंवैधानिक भी है। इसलिए औपनिवेशिक काल के इस लगभग 150 साल पुराने कानून का अब कोई ओचित्य नहीं है। न्यायालय के इस ताजा फैसले के अनुसार,आपसी सहमति से विवाह नामक संस्था के बाहर, दो वयस्कों के बीच का सम्बंध अब "अपराध"नहीं है लेकिन तलाक का आधार अब भी है। आधुनिक परिप्रेक्ष्य में दिए गए कोर्ट के इस आदेश ने भारत जैसे देश में बड़ी ही विचित्र स्थिति उत्पन्न कर दी है।

क्योंकि "विवाह", यह भारतीय संस्कृति में वेस्टर्न कल्चर की तरह जीवन में घटित होने वाली एक घटना मात्र नहीं है और न ही यह केवल एक स्त्री और पुरूष के बीच अपनी अपनी शाररिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने का साधन है । सनातन परंपरा में यह एक संस्कार है। जीवन के चार पुरुषार्थों को हासिल करने की एक आध्यात्मिक साधना जिसे पति पत्नी एक साथ मिलकर पूर्ण करते हैं। यह एक ऐसा पवित्र बंधन है जो तीन स्तंभों पर टिका है, रति, धर्म और प्रजा(संतान)। जीवन के चार आश्रमों ‘ब्रह्मचर्य गृहस्थ वानप्रस्थ एवं सन्यास’, में से एक महत्वपूर्ण आश्रम ‘गृहस्थ’, जिसका लक्ष्य शेष आश्रमों के साधकों के प्रति अपने दायित्वों का एक दूसरे के साथ मिलकर निर्वाह करना एवं संतानोत्पत्ति के द्वारा एक ‘श्रेष्ठ’ नई पीढ़ी को तैयार करना एवं पितृ ऋण को चुकाना होता है। सनातन संस्कृति में यह सभी संस्कार या कर्म जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करने का मार्ग होते हैं। क्योंकि जब हम मोक्ष की राह ,"धर्म अर्थ काम मोक्ष"इन चार पुरुषार्थों की बात करते हैं तो यह समझना बेहद आवश्यक होता है कि यहां धर्म का अर्थ रेलीजिन न होकर "धार्यते इति धर्म:", अर्थात धारण करके योग्य आचरण या व्यवहार है। और इसलिए यहाँ धर्म केवल इन चार पुरुषार्थों में से एक पुरूषार्थ न होकर चारों पुरुषार्थों का मूल है । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए धर्म का पालन जीवन के हर क्षेत्र में आवश्यक है। अतः धर्म (आचरण ) धर्मयुक्त हो, अर्थ यानी पैसा भी धर्म युक्त हो, और काम अर्थात कामवासना की पूर्ति भी धर्म युक्त हो तभी मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इस प्रकार से विवाह (वि, वाह ) अर्थात एक ऐसा बंधन होता जिसमें स्त्री पुरूष दोनों मिलकर सृष्टि के प्रति अपनी विशेष जिम्मेदारियों का वहन करते हैं।

लेकिन इस सबसे परे जब आज कोर्ट यह आदेश सुनता है कि आपसी रजामंदी से दो वयस्कों द्वारा किया जाने वाला एक कृत्य जो दुनिया की किसी भी सभ्यता में "नैतिक"कतई नहीं कहा जा सकता अब अवैध नहीं है, इसे क्या कहा जाए ? 
माननीय न्यायालय की स्मृति में विश्व के वे देश आए जहाँ व्यभिचार अपराध नहीं है लेकिन उनकी स्मृति में हमारे शास्त्र नहीं आए जो इस अपराध के लिए स्त्री और पुरूष दोनों को बराबर का दोषी भी मानते हैं और दोनों ही के लिए कठोर सजा और प्रायश्चित का प्रावधान भी देते हैं। क्योंकि हमारी अनेक पुरातन कथाओं से यह स्पष्ट होता है कि इस प्रकार के अनैतिक आचरण का दंड देवताओं और भगवान को भी भोगना पड़ता है, प्रायश्चित करना पड़ता है। अपने अनैतिक आचरण के कारण इंद्र देव को गौतम ऋषि के श्राप का सामना करना पड़ा था, विष्णु भगवान को पत्थर बनना पड़ा था, और जगत पिता होने के बावजूद ब्रह्मा की पूजा नहीं की जाती । इन कथाओं से एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की गई है कि इस सृष्टि में सर्व शक्तिमान भी कुछ नियमों से बंधे हैं और नैतिकता का पालन उन्हें भी करना पढता है नहीं तो दंड उन्हें भी दिया जाता है ,प्रायश्चित वे भी करते हैं ।

माननीय न्यायालय की स्मृति में ब्रिटिश मुख्य न्यायाधीश जॉन हॉल्ट का 1707 का वो कथन भी नहीं आया जिसमें उन्होंने व्यभिचार को हत्या के बाद सबसे गंभीर अपराध बताया था। हाँ, चाहे पुरुष करे या स्त्री, ये अपराध है और बहुत गंभीर अपराध है। क्योंकि इसका परिणाम केवल दो लोगों के जीवन पर नहीं पूरे परिवार के आस्तित्व पर पड़ता है ( कोर्ट ने इसे तलाक का आधार मानकर स्वयं इस बात को स्वीकार किया है )। जिसका असर बच्चों के व्यक्तित्व पर पड़ता है। ऐसे टूटे परिवारों के बच्चे कल कैसे वयस्क बनेंगें और कैसा समाज बनाएंगे ?  तो इन सब तथ्यों की अनदेखी करते हुए जब हमारे न्यायालय इस प्रकार के मामलों में त्वरित फैसले सुनाते हैं ( धारा 497, केस 2017 की दिसंबर में दर्ज हुआ , फैसला सितम्बर 2018, सबरीमाला केस 2006 में दर्ज हुआ , फैसला 2018 और शनिशिंगणापुर केस जनवरी 2016 में  दर्ज हुआ, फैसला अप्रैल 2016 के द्वारा महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे देते हैं ) लेकिन राममंदिर मुद्दे की सुनवाई टल जाती है तो देश का आम आदमी बहुत कुछ सोचने के लिए विवश हो जाता है।



--डॉ नीलम महेंद्र--

उत्तर प्रदेश : किशोरी से दुष्कर्म करने वाले को दस साल कैद

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बांदा (उत्तर प्रदेश), एक नवंबर, जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी युवक को दस साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) साकेत बिहारी दीपक की अदालत ने बुधवार को उक्त सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष ने बताया कि 21 अक्टूबर 2013 को नगर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत में चारा काट रही 14 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोप सिद्ध हो जाने पर दोषी युवक रवि निषाद को दस साल की कैद और पचास हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी है। अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया।

जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर, एक नवंबर, जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ बृहस्पतिवार को हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के खानसाहिब इलाके के जागू में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने एक अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आतंकवादियों ने खोजी दल पर गोलियां चलाईं। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसके साथ ही दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी मारे गए। उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद मिले हैं।

गूगल के कर्मचारियों की वॉकआउट की योजना

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सैन फ्रांसिस्को, 1 नवंबर, गूगल के लगभग 1,500 कर्मचारियों ने गुरुवार को दुनियाभर में कंपनी के कार्यालयों से वॉकआउट की योजना बनाई है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद उसका इस्तीफा लेकर नौ करोड़ डॉलर का पैकेज देने से गुस्साए कर्मचारियों ने वॉकआउट का फैसला किया है। इससे पहले गूगल ने पिछले सप्ताह बताया था कि कंपनी ने 2016 के बाद से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों में 48 लोगों को बर्खास्त किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 1,500 से अधिक लोगों ने दुनियाभर की दो दर्जन कंपनियों के कार्यालय से वॉकआउट की योजना बनाई। इनमें से अधिकतर महिलाएं हैं। गूगल के यूट्यूब की प्रॉडक्ट मार्किटिंग मैनेजर क्लेयर स्टैप्लेटन (33) ने कहा, "हम यह महसूस होना नहीं चाहते कि हम असमान है और हमारा सम्मान नहीं किया जाता।"गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने पिछले सप्ताह अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा थै कि कंपनी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों पर सख्ती से काम कर रही है। यह पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स में उस रिपोर्ट के जारी होने के बाद लिखा गया, जिसमें कहा गया था कि एंड्रॉयड के संस्थापक एंडी रुबिन पर उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद कंपनी से उनको चलता कर देने पर भी उन्हें नौ करोड़ डॉलर का पैकेज दिया गया।

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला : मुख्य आरोपी को पटियाला जेल भेजा

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भागलपुर, 1 नवंबर, बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रयगृह में यौन उत्पीड़न के मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बुधवार आधी रात को भागलपुर जेल से पंजाब के पटियाला जेल भेज दिया गया। पटियाला भेजे जाने के पूर्व जेल के चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। भागलपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भागलपुर जेल में बंद ठाकुर को बुधवार की रात करीब 12 बजे आम्रपाली एक्सप्रेस (कटिहार-अमृतसर) से पटियाला भेज दिया गया है। यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में एक थाना प्रभारी सहित 12 पुलिसकर्मी को भी साथ मुजफ्फरपुर भेजा गया है। इससे पहले ठाकुर को भागलपुर जेल से नवगछिया रेलवे स्टेशन लाया गया था। इधर, नवगछिया रेलवे स्टेशन पर ठाकुर ने पत्रकारों से खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि आवासगृह में रह रही सभी लड़कियां उनकी बेटियों के समान थी। इस मामले में उन्हें फंसाया गया है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर आश्रयगृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर जेल से पटियाला जेल स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति मदन बी़ लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने ठाकुर को पंजाब के उच्च सुरक्षा वाले जेल में भेजे जाने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रयगृह में रहने वाली लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामला प्रकाश में आने के बाद ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इन्हें मुजफ्फरपुर से भागलपुर जेल स्थानांतरित किया गया था। इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।

राजन 'चार्ली'की 'नमस्ते बिहार' 2 नवंबर को रिलीज होगी

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पटना, 1 नवंबर, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से 'चार्ली चैपलिन-2'का खिताब पाने वाले अभिनेता राजन कुमार 'चार्ली'की बतौर निर्माता पहली हिंदी फिल्म 'नमस्ते बिहार'दो नवंबर को देशभर में रिलीज होगी। ओमकार फिल्म एंड टेलीविजन प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म के निर्माता राजन कुमार और निर्देशक लक्ष्मण.एस सिन्हा हैं। राजन ने बताया, "फिल्म की कहानी एक गुमराह, निडर और बेबाक युवक डब्ल्यू (राजन कुमार) से शुरू होती है। उसकी मुलाकात एक अखबार 'नमस्ते बिहार'की क्राइम रिपोर्टर रेशमी सिन्हा ( भूमिका कलिता) से होती है।"उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर यह फिल्म एक अखबार और सच्चे पत्रकार की कहानी है, जो सच्चाई के लिए कुछ भी करते हैं। यह फिल्म एक्शन से भरपूर एक संगीतमय, सामाजिक व रोमांटिक फिल्म है।"

'जीरो'में शाहरुख ने खुद को ही मात दे दी : आमिर खान

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मुंबई, 1 नवंबर, सुपरस्टार आमिर खान ने शाहरुख की आगामी फिल्म 'जीरो'का ट्रेलर देखने के बाद कहा कि इस फिल्म में शाहरुख एकदम छा गए हैं। आनंद एल. राय द्वारा निर्देशित फिल्म में शाहरुख एक बौने की भूमिका में हैं। इसमें अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ भी हैं। फिल्म की स्पेशल ट्रेलर स्क्रीनिंग बुधवार को हुई, जिसमें आमिर मुख्य मेहमानों में से एक थे। उन्होंने ट्विटर पर फिल्म की टीम और कलाकारों की प्रशंसा की। आमिर ने ट्वीट कर कहा, "मैंने 'जीरो'का ट्रेलर देखा। सिर्फ एक शब्द..बेहतरीन! आनंद एल राय को धन्यवाद। कैटरीना शानदार हैं। अनुष्का शर्मा अविश्वसनीय हैं! शाहरुख आपने खुद को ही मात दे दी। फिल्म देखने के लिए बेताब हूं।"शाहरुख ने शुक्रवार सुबह आमिर के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'ठग की तरफ से हग।"यह फिल्म दिसंबर में रिलीज होगी।


विशेष : कारोबारी मोर्चे पर ऊंची छलांग का अर्थ

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01.11. 2018
माननीय महोदय
प्रस्तुत पत्र के साथ मेरा लेख  कारोबारी मोर्चे पर ऊंची छलांग का अर्थ विषयक आपको प्रेषित कर निवेदन है कि इसे आप अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें। 
लेख के संक्षिप्तीकरण के लिये आप स्वतंत्र है। प्रकाशित अंक की एक प्रति अवश्य भिजवाएँ।


आभार !

आपका

(ललित गर्ग)

संलग्न: उपरोक्तानुसार




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ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी सहूलियत के मोर्चे पर भारत ने लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की इस रैंकिंग 2019 में भारत 23 पायदान की छलांग के साथ 77वें स्थान पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा ‘मिनिमम गवर्नमेंट टू मैक्सिमम गवर्नेस’ के मंत्र पर अमल और लंबित सुधारों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों से देश की रैंकिंग में यह सुधार आया है। इस मामले में पिछले साल भारत 100वें स्थान पर था। भारत की रैंक में सुधार का मतलब यह है कि इससे दुनियाभर में निवेशकों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक संदेश जाएगा। निश्चित ही यह देश के लिये आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से एक शुभ सूचना है, एक नयी रोशनी है एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक एवं व्यापारिक प्रयोगों एवं नीतियों की सफलता एवं प्रासंगिकता पर मोहर है, उपयोगिता का एक तगमा है, जिससे लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदि उत्साहित हो तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है। जो भी हो, रेटिंग सुधरना सबके लिए अच्छी खबर है। सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि माहौल सुधरने का लाभ सभी सेक्टर्स यानी बड़ी कम्पनियों के साथ मझौली एवं छोटी कम्पनियों एवं व्यापारियों को मिले।

कारोबारी सुगमता सूचकांक में उछाल विभिन्न विभागों के सतत प्रयासों का परिणाम है। सुधार की मानसिकता और दृष्टि में परिवर्तन से हमें यह सफलता हासिल हुई है। यह इसलिए और भी महत्वपूर्ण है कि इससे हम और सुधारवादी कदम उठाने के लिए प्रेरित होंगे। भावी सुधार इस बात पर निर्भर करेंगे कि हम आज भी जिन क्षेत्रों में पिछडे़ है, उनमें सुधार कर पाते हैं या नहीं? भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका उसके बढ़ते मार्केट की हो सकती है। इस दृष्टि से भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने में कारोबारी सुगमता सूचकांक में उछाल की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। विश्व बैंक की यह रैंकिंग विश्व समुदाय को भारत की ओर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगा। यह एक सुखद संयोग है कि विश्व बैंक के निष्कर्ष ने मोदी सरकार की नीतियों पर ठीक उस समय मुहर लगाई जब एक अमेरिकी संस्था के सर्वेक्षण से यह सामने आया कि तमाम चुनौतियों के बाद भी भारतीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता न केवल कायम है, बल्कि उसमें वृद्धि भी हो रही है।
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नोटबंदी और जीएसटी से लगे घावों को भरने के लिये सरकार के द्वारा हर दिन प्रयत्न किये जा रहे हंै। घोर विरोध, नोटबंदी एवं जीएसटी के घावों को मोदी गहराई से महसूस कर रहे हंै, ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले से सक्षम और भरोसेमंद बताने वाली रैंकिंग मोदी सरकार के साथ-साथ उद्योग-व्यापार जगत के लिए भी एक खुशखबरी है। दक्षिण एशियाई देशों में भारत को सबसे ऊंची रैंकिंग मिली है। पिछले तीन वषों में भारत ने इसमें 65 पायदान की अनूठी छलांग लगाई है। भारत के आकार और जटिलता वाले कुछ ही देशों को ऐसी सफलता मिली है। इस सूचकांक में सुधार ‘मेक इन इंडिया’ के लिए इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि व्यापार के लिए माहौल बनाने में धारणा का अहम योगदान होता है। इसके लिए लागू किए गए सुधार दर्शाते हैं कि हमने व्यापार के लिए स्वयं को उदार बनाया है, परिवर्तनवादी बने हैं। आज देश बिजली, छोटे निवेशकों के संरक्षण और ऋण सुविधा के पैमाने पर शीर्ष 25 देशों में शामिल हो गया है। इसी तरह निर्माण परमिट और विदेशी व्यापार के मामले में चोटी के 80 देशों में से एक है। यह बड़ी उपलब्धि रातोंरात हासिल नहीं हुई है। इसके पीछे केन्द्र सरकार, कई एजेंसियों की चार वर्षों की कड़ी मेहनत है जिससे ऐसा सुधारवादी माहौल बना है। हम अपने देश में भले ही नोटबंदी एवं जीएसटी को लेकर विरोधाभासी हो लेकिन इन आर्थिक सुधारों का विदेशों में व्यापक स्वागत हुआ है और माना गया है कि पहले नोटबंदी के द्वारा आर्थिक अनियमितताओं और फिर जीएसटी के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का काम किया गया। चूंकि विपक्ष इन दोनों फैसलों को लेकर ही सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ था इसलिए अब उसके समक्ष यह कहकर खीझने के अलावा और कोई उपाय नहीं कि विश्व बैंक का ताजा आकलन कोई मायने नहीं रखता। हकीकत यह है कि इस आकलन की अपनी एक अहमियत है और वे अंतरराष्ट्रीय उद्योग-व्यापार जगत एवं निवेशकों के रुख-रवैये को प्रभावित भी करती हैं। आने वाले समय में  भारत का व्यापार इससे निश्चित रूप से प्रभावित होगा। 
पिछले चार वर्षाें में हमने जो सीखा है वह यह है कि भारत में आमूलचूल बदलाव लाना तब संभव है जब हम उसके लिए पूरे मन, माहौल एवं मनोयोग से कार्य करते हैं। जब हमने इन प्रयासों को शुरू किया तो कुछ लोग ही इनकी सफलता को लेकर आश्वस्त थे कि विश्व बैंक की सूची में भारत की स्थिति में सुधार हो सकता है। हम न केवल 65 पायदान ऊपर चढ़े हैं, बल्कि हमने अपने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा की है। भारत ने सुशासन की ओर कदम बढ़ाए हैं। अच्छी नीतियां बन रही हैं और अच्छी राजनीति हो रही है। कारोबारी सुगमता को लेकर शीर्ष देशों में स्थान बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें आवश्यक सुधारों को लागू करने के लिए उनमें और गति लाने और इसी भावना से कार्य करते रहने की आवश्यकता है। कम-से-कम भारत की अर्थ व्यवस्था को यदि मजबूती मिलती है जो उस पर तो सर्वसम्मति बननी चाहिए, ऐसे विषयों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी में उत्साह का संचार होना चाहिए, उसका तो स्वागत होना ही चाहिए। यह किसी पार्टी को नहीं, देश को सुदृढ़ बनाने का उपक्रम है। इस पर संकीर्णता एवं स्वार्थ की राजनीति को कैसे जायज माना जासकता है? नये आर्थिक सुधारों, कालेधन एवं भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिये मोदी ने जो भी नयी आर्थिक व्यवस्थाएं लागू की है, उसके लिये उन्होंने पहले सर्वसम्मति बनायी, सबकी सलाह से फैसले हुए हैं तो अब उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं तो इसमें सभी को खुश होना चाहिए। यह अकेली भाजपा की खुशी नहीं हैं। कुछ भी हो ऐसे निर्णय साहस से ही लिये जाते हैं और इस साहस के लिये मोदी की प्रशंसा हुई है और हो रही है। 

नरेन्द्र मोदी का आर्थिक दृष्टिकोण एवं नीतियां एक व्यापक परिवर्तन की आहट है। उनकी विदेश यात्राएं एवं भारत में उनके नये-नये प्रयोग एवं निर्णय नये भारत को निर्मित कर रहे हैं, विश्व बैंक ने भी इन स्थितियों को महसूस किया है, मोदी की संकल्प शक्ति को पहचाना है, तभी वे रेटिंग एवं रैंकिंग दे रहे हैं। मोदी देश को जिन दिशाओं की ओर अग्रसर कर रहे हैं, उससे राजनीति एवं व्यवस्था में व्यापक सुधार देखा जा रहा है। आर्थिक क्षेत्र में हलचल हो रही है, नयी फिजाएं बनने लगी है। निश्चित रूप से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण शेयर मार्केट से लेकर कमोटिडी मार्केट तक विदेशी कंपनियों को बेहतर रिटर्न भारत से ही मिल सकता है, इस बात पर दुनिया में एक अनुकूल वातावरण बनने लगा है, सभी की नजरें भारत पर टिकी है। यही कारण है कि वे भारत को काफी तवज्जो दे रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंक पर भारत की स्थिति में एक बार फिर सुधार से विश्वास के नये दीप जले हैं। आर्थिक सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है जो ऐसा माहौल सुनिश्चित करेगी जिससे उद्योगों, निवेश और अवसरों को प्रोत्साहन मिले और भारत शक्तिशाली बनकर उभर सके। 

विश्व बैंक ने भारत को रैंकिग देते हुए क्या दृष्टिकोण अपनाया, यह महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन जिन आधारों पर इस तरह की रैंकिंग मिलती है, हमें अपने वे आधार मजबूत करने चाहिए। जिनमें कर्ज लेने की सुगम व्यवस्था, कर अदा करने की सरल प्रक्रिया, बैंकों की ऋण देने की इच्छाशक्ति, उद्योग चालू करने की प्रक्रिया, नये व्यापारियों के लिये कम-से-कम कानूनी व्यवधान एवं व्यापार सुगम बनाने के कदम आदि पर हमें गंभीरता से आगे बढ़ना चाहिए। यह रैंकिंग भारत को आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से एक नया मुकाम देगी। इसके लिये भारत सरकार को जमीनी स्तर पर व्यापार सुगम बनाने के कदम उठाने चाहिए। छोटे उद्योगों के दर्द को दूर करने की जरूरत है। नये व्यापारिक उद्यमों को प्रोत्साहन दे, स्टार्टअप केवल कागजों में न होकर जमीन पर आकार ले, मेकिंग इंडिया कोरा उद्घोष न रहे बल्कि दुनिया में इसका परचम फहराये। बहुत सारे लोग जितनी मेहनत से नर्क में जीते हैं, उससे आधे में वे स्वर्ग में जी सकते हैं, यही मोदी का आर्थिक दर्शन है और यही मोदी के आर्थिक सुधारों का प्रयोजन है और उसी पर विश्व बैंक ने भी मोहर लगायी है। प्रेषकः


(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
संपर्क :  22727486, 9811051133

बिहार : दीघा मुसहरी में शराब भट्टी चलवाने के आरोप में थानाध्यक्ष को निलम्बित किया गया था

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दीघा थाना क्षेत्र में बदस्तूर जारी है शराब चुलाने का धंधा, पुलिस ने रामजीचक नहर मुसहरी से पांच को उठाया
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पटना। दीघा थाना क्षेत्र में बदस्तूर जारी है शराब चुलाने का धंधा।वृहस्पतिवार को दीघा थाना पुलिस  रामजीचक नहर मुसहरी में धावा बोलकर पांच धंधेबाजों को उठा लिया। इनमें चार महिलाएं हैं। पांच बच्चों की मां फूलन देवी को पुलिस ने धड़ दबौच ली। फतुहा में रहने वाली बहन के घर आयी थीं।मुसहरी में वैवाहिक संबंध बनाने आयी थीं बताते चले कि दीघा मुसहरी में शराब भट्टी चलाने वालों पर कार्रवाही नहीं करने के आरोप में एसएसपी मनु महाराज ने थानाध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह को निलम्बित कर दिया था।नए थानाध्यक्ष भी शराब बंदी को पालन करवाने में अक्षम साबित हो रहे हैं।इन पर कार्रवाई संभव है। हिरासत में लिए गए महिलाओं ने कहा कि हमलोग रामजीचक नहर मुसहरी में रहते हैं। पुल व सड़क निर्माण से हमलोग विस्थापित हो गए हैं।बिहार सरकार के द्वारा विस्थापित करने के पूर्व पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गयी।उसी तरह प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी के पूर्व रोजगार की वैकल्पित व्यवस्था नहीं की गयी।  वहीं रामजीचक नहर मुसहरी के लोगों का कहना है कि मखदुमपुर दीघा में बेधड़क अंग्रेजी शराब बेची जा रही है। एक कॉल पर अंग्रेजी शराब ठिकाना पर पहुंचा दी जाती है। साढ़े चार सौ वाली शराब की कीमत आठ सौ से ऊपर बेची जाती है।  

मधुबनी : जोखिम सूचित आपातकालीन पूर्व तैयारी योजना विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) :अपर समाहर्ता, मधुबनी, श्री दुर्गानंद झा की अध्यक्षता में गुरूवार को समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में बिहार सेवा समिति,मधुबनी एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान मंे जोखिम सूचित आपातकालीन पूर्व तैयारी (रिस्क इनफोम्र्ड इमरजेंसी प्रीपेयर्डनेस प्लानिंग) हेतु योजना विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मंे जिला आपूर्ति पदाधिकारी,मधुबनी, श्री अषोक त्रिपाठी, जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी, श्री सुजीत कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी,मधुबनी, श्री राम कुमार, प्रभारी पदाधिकारी,आपदा प्रबंधन,श्री अरविंद झा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, रहिका, श्रीमती किरण देवी, अनुमण्डल पदाधिकारी,बेनीपट्टी, श्री मुकेष रंजन, अनुमंडल पदाधिकारी,जयनगर, श्री शंकर शरण ओमी, समेत  भूमि सुधार उप समाहर्ता, फुलपरास, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, सहायक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, श्री रमण प्रसाद, प्रधान लिपिक, जिला आपदा प्रबंधन शाखा, मधुबनी, बिहार सेवा समिति के श्री विनोद कुमार, कमल कामत, संजीव कुमार एवं अमित रंजन उपस्थित थे।  इस अवसर पर श्री घनश्याम मिश्र, प्रोजेक्ट मैनेजर, यूनिसेफ द्वारा जोखिम सूचित आपातकालीन पूर्व तैयारी (रिस्क इनफोम्र्ड इमरजेंसी प्रीपेयर्डनेस प्लानिंग) हेतु योजना के संदर्भ में विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त सेटेलाईट फोन को जिला पदाधिकारी, मधुबनी से प्राप्त निदेष के आलोक में अपर समाहत्र्ता,मधुबनी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी,झंझारपुर तथा बेनीपट्टी को एक-एक सेटेलाईट फोन हस्तगत कराया गया। इसके संचालन संबंधी प्रशिक्षण जिला आपदा प्रबंधन शाखा, मधुबनी  के कर्मी श्री सत्यजीत ठाकुर द्वारा दिया गया।

राजनितिक हलचल (झाबुआ) - राहुल द्वारा मंच से नाम लेने पर उम्मीदवार मान रहे हे अपना टिकिट पक्का

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झाबुआ (अनिल श्रीवास्तव)।मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश मे दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार का अभियान आरंभ करने से पहले वे उज्जैन पहुचे व बाबा महाकाल के दर्शन कर पुजा अर्चना की। भोले बाबा से आर्शीवाद लेने के पश्चात श्री गांधी ने चुनाव प्रचार का आगाज किया। बाद मे वे दोपहर के पश्चात झाबुआ पहुचे जहा एक विशाल आम सभा को संबोधित किया। अपनी विशिष्ठ भाषण शेली से पहचाने जाने वाले राहुल गांधी ने यहा लीक से हट कर गंभीर शेली मे भाषण दिया। राजनितक गलीयारो मे यह उनका अभी तक का सर्वश्रेष्ठ मंजा हुआ भाषण माना जा रहा हे। हालांकी यहा उनके दिए भाषण कि विवेचना करना मेरा मकसद नही हे। मे यहा बात कर रहा हु उनके झाबुआ आने कंे बाद समुचे आदिवासी अंचल मे बने नए कांग्रेसी राजनितिक समीकरण करण की।

सोमवार को झाबुआ के कालेज मेदान पर कांग्रेस की विशाल आम सभा को संबोधित करने से पहले राहुल गांधी ने मंच से समुचे अंचल के कांग्रेसी नेताओ मे से कुछ प्रमुख नेताओ के नाम लिए जो जिले कि कांग्रेस की अंदरुनी राजनिति मे हलचल मचा गई। गली मोहल्लो व चोराहो पर यह चर्चा का विषय हो गया कि जिन लोगो के नाम मंच से राहुल गांधी ने लिए वे सभी अपने अपने क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकिट के दावेदार हे। कही ऐसा तो नही जिन लोगो के नाम राहुल ने मंच से लिए वो ही नाम आगामी निर्वाचन मे कांग्रेस पार्टी के घोषित प्रत्याशी हे। या क्षेत्रीय क्षत्रप सांसद कांतीलाल भुरिया द्वारा पार्टी से नाराज लागो को साधने कि कवायद भर हे। क्योकि जिले के जिन नेताओ के नाम राहुल ने मंच से लिए थे वे सभी मंचासीन भी थे। यह सामान्य बात थी व मंचीय परंपरा भी। जीन नेताओ के नाम लिए गए उन मे से एक दो नेताओ को छोड दे तो ज्यादातर वही नेता हे जो आगामी विधानसभा निर्वाचन मे किसी न किसी सिट से अपनी दावेदारी कर रहे हे। जो नाम मंच बोले गए वो लिस्ट भी जिले के किसी मंचासीन नेता ने ही राहुल गांधी को उपलब्ध करवाई होगी। अपने आरंभीक भाषण मे राहुल गांधी द्वारा मंच से इन नेताओ के नाम का लेना ही अंचल मे बडे वृहद रुप मे देखा जा रहा हे। ऐसा माना जा रहा हे कि आगामी चुनाव के संभावित कांग्रेसी उमीदवार यही पांच लोग हे। सुत्रो कि बात करे तो अति उत्साहित इन नेताओ ने भी अपनी उमीदवारी तय मान कर अपनी राजनितिक बिसात बिछाना शुरु कर दी व अंदरुनी तोर पर अपना प्रचार आरंभ कर दिया हे।

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अविभाजित झाबुआ जिले के आदिवासी अंचल कि जीन पांच महत्वपुर्ण कांग्रेस की गढ माने जाने वाली विधानसभा सीट की बात करे तो यह पांच विधान सभा क्षेत्र हे अलिराजपुर,जोबट,झाबुआ,थांदला व पेटलावद हे। इन विधानसभा सीटो के जिन जिन नेताओ के नाम राहुल गांधी ने मंच बोले हे वे सभी वर्तमान विधानसभा चुनवा मे कांग्रेस के टिकिट के दावेदार हे। श्री गांधी ने मंच से अलीराजपुर का नाम लिया वह महेश पटेल हे। महेश पटेल पुर्व विधायक वेस्ता रावत के पुत्र हे। व लगातार अलिराजपुर विधानसभा से दावेदारी कर रहे हे। दुसरा नाम जोबट की श्रीमति सुलोचना रावत का नाम लिया । श्रीमति रावत जोबट विधानसभा सिट की प्रमुख दावेदार हे व यही से पुर्व मे भी विधायक रह चुकि हे। तिसरा नाम सुश्री कलावती भुरिया का लिया जोकि 15 वर्षो से जिला पंचायत अध्यक्ष हे जिले कि राजनिति मे इनकी अच्छी पकड हे। झाबुआ व अलिराजपुर दोनो जगह से दावेदारी कर रही हे। चोथा नाम डा विकां्रत भुरिया का हे। पेशे चिकित्सक डाक्टर विकं्रात भुरिया जिले आदिवासी जन चेतना रेली निकाल कर घर घर पहुचने का प्रयास कर चुके हे व झाबुआ विधान सभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही पांचवा नाम विरसिह भुरिया का हे जोकि पुर्व मे थांदला विधानसभा क्षेत्र विधायक रह चुके हे व वर्तमान मे भी इसी सीट से अपनी दावेदारी कर रहे हे। छटवा नाम जेवियर मेडा का हे जोकि झाबुआ के पुर्व विधायक हे व वर्तमान मे झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही  सांतवा नाम वालसिह मेडा का हे जो कि पेटलावद विधानसभा के पुव्र विधायक हे व वर्तमान मे भी यही से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही कुछ लोग ओर भी हे जो कि अंचल मे कांग्रेस मे अलग अलग जगहो से अपनी दावेदारी कर रहे हे वे मंच से अपना नाम नही लिए जाने को सामान्य रुप से देख रहे हे। वे अपने टिकट मीलने के प्रति पुर्णतया आश्वस्त हे। 

सन् 2003 तक यह सभी विधानसभा सीट कांग्रेस कि परंपरागत गढ मानी जाती थी । 2003 के बाद सभी जगह पर भाजपा के प्रत्याशी काबिज हुए व 2008 मे पुनः झाबुआ थांदला व पेटलावद विधानसभा पर कांग्रेस ने अपना परचम फहराया । 2013 फिर से तीनो ही जगह पर भाजपा ने अपनी पुनः वापसी की।इसके बाद जिले पिछले 15 वर्षो से कभी सत्ता मे तो कभी बाहर होकर हांसीये पर पडी कांग्रेस एक बार फिर से राहुल गांधी कि परिर्वतन रेली व सभा के बाद नई उर्जा व उमंग के साथ भाजपा से दो दो हाथ करने कि पुरी तेयारी मे हे। बावजुद इसके असल मे पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार कोन होगा इसका पता तो उम्मीदवारो की नाम वापसी व पार्टी द्वारा घोषीत अधिकृत उम्मीदवार को बी फार्म दिए जाने पर ही चलेगा। 

मधुबनी : मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लक्ष्य प्राप्ति में बिहार में चौथे स्थान पर मधुबनी

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31 अक्टूबर तक  लक्ष्य 1995 के विरूद्ध कुल 2072 आवेदन हुए प्राप्त
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मधुबनी:मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत आवेदन प्राप्ति की धीमी गति को लेकर जिला पदाधिकारी,मधुबनी द्वारा दिनांक 29.10.2018(सोमवार) को समीक्षा बैठक में काफी नाराजगी व्यक्त की गयी थी।  तत्पश्चात जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा विकास मित्रों एवं समन्वयकों के माध्यम से आवेदनों की प्राप्ति में तेजी लाने का निदेश दिया गया एवं प्राप्त हो रहे प्रतिवेदनों के आधार पर सूक्ष्मतापूर्वक माॅनिटरिंग की गयी। जिसके फलस्वरूप मधुबनी जिला निर्धारित लक्ष्य 1995 के विरूद्ध बुधवार (31 अक्टूबर) के रात्रि 12ः00 बजे तक कुल 2072 आवेदन प्राप्त किया गया। आवेदन प्राप्ति के मुताबिक मधुबनी जिला लक्ष्य प्राप्ति में राज्य में चौथे स्थान पर रहा।  जिसमें बेनीपट्टी प्रखंड में 139, बिस्फी 80, हरलाखी 89, मधवापुर 44, बासोपट्टी 78,जयनगर 118, लदनियां 66, अंधराठाढ़ी 105, झंझारपुर 136, लखनौर 100, मधेपुर 134, बाबूबरही 94, कलुआही 43, खजौली 34, पंडौल 72, रहिका 146, राजनगर 84, घोघरडीहा 127, खुटौना 156, लौकही 124 तथा फुलपरास से अबतक 103 कुल 2072 आवेदन प्राप्त होने की जानकारी जिला परिवहन कार्यालय,मधुबनी द्वारा दी गयी है।  जिसमें एस.सी. के कुल-1202,एस.टी. के 33 तथा ई.बी.सी. कोटि के कुल 837 आवेदन प्राप्त किया गया है। जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी श्री सुजीत कुमार ने बताया कि कर्मियों के मेहनत के फलस्वरूप मधुबनी जिला को लक्ष्य प्राप्ति में चौथा स्थान प्राप्त हो पाया है।
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