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मुझ से लड़ने की ताकत नहीं है तो अब मां को गाली दे रहे हैं : मोदी

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छतरपुर, 24 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीति में उनकी मां को बीच में लाने पर कांग्रेस को लताड़ लगाते हुए कहा कि कांग्रेस में मोदी से लड़ने की ताकत नहीं है तो अब मोदी की मां को गाली दे रहे हैं। मोदी ने लोगों से सवाल किया कि क्या मोदी की मां का अपमान करने से उनकी जमानतें बची रहेगीं। दरअसल कांग्रेस नेता राजबब्बर ने हाल ही में इन्दौर में प्रधानमंत्री की मां :हीराबेन: की उम्र की तुलना डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत से की थी। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये भाजपा के प्रचार के दौरान छतरपुर में शनिवार को आमसभा में मोदी ने कांग्रेस पर गरजते हुए कहा, ‘‘जब कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं रहा तो वह तेरी मां- मेरी मां करने लगे। वह मोदी की मां को गाली दे रहे हैं। मोदी की मां को राजनीति का ‘र’ भी नहीं मालूम है। वह घर में बैठकर पूजा पाठ कर रहीं हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘उनमें मोदी से लड़ने की ताकत नहीं है। पिछले 17 साल से सीना तान के एक-एक मौके पर उनको चुनौती देता आया हूं और उनको पराजित कर रहा हूं। यहां तक पहुंच गये कि मां को घसीट लाते हैं। यहां भी जो चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार हैं वह भी अपनी राजनीति में मां बहन को नहीं लाते होगें।’’ प्रधानमंत्री ने जनता से अपील की कि इनको ऐसा जवाब दें ताकि फिर कोई किसी की मां को राजनीति के बीच में न ला सके। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे चुनाव की तारीख निकट आ रही है भाजपा में जहां उत्साह है, वहीं कांग्रेस को अपने उम्मीदवारों की जमानतें जब्त होने की चिंता हो रही है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जातिवाद, तेरा-मेरा, और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति के कारण जनता ने मध्य प्रदेश में 15 वर्ष पहले उसे सत्ता से बाहर कर दिया। उन्होंने कांग्रेस के लोगों की तरफ संकेत करते हुए कहा कि राजशाही मानसिकता में पैदा हुए लोगों का दिमाग कंफ्यूज है और उनकी पार्टी फ्यूज है। मोदी ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि मैडम, रिमोट कंट्रोल से सरकार नहीं चलती। उन्होंने कहा, ‘‘1.25 करोड़ देशवासी मेरा हाईकमान है। ये कोई रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार नहीं है।’’

बिहार में 15 फीसदी औद्योगिक विकास दर का लक्ष्य : मंत्री

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नई दिल्ली, 24 नवंबर, बिहार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में निवेश का बेहतर माहौल है और सालाना औद्योगिक विकास दर 15 फीसदी प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उद्योग मंत्री यहां प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2018 में बिहार दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने मेले में फीता काटकर बिहार पैविलियन का उद्घाटन किया और दीप प्रज्ज्वलित बिहार दिवस समारोह का शुभारंभ किया। सिंह ने सभी स्टॉल पर जाकर बिहार के स्टार्ट-अप एवं कला-संस्कृति की प्रदर्शनी का मुआयना करने के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उद्योग मंत्री ने कहा कि इस बार आइआइटीएफ-2018 का थीम 'भारत में ग्रामीण उद्योग'रखा गया है, जिसके अनुसार, बिहार पवेलियन को सजाया-संवारा गया है। उन्होंने कहा, "पवेलियन में मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिग, सिक्की आर्ट, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें स्वयं सहायता समूह के कार्यो का निरुपण किया गया है। इसके अलावा हैंडलूम सिल्क के स्टॉल भी हैं।"

बिहार पवेलियन में मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट का लाइट डेमो मंडप का मुख्य आकर्षण है। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार राज्य के समावेशी आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "राज्य में निवेश का वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक पहलें की गई हैं और 15 प्रतिशत वार्षिक औद्योगिक विकास दर लक्षित किया गया है।"उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उत्पादकता नीति एवं 'मेक इन इंडिया'पहल के अनुरूप राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंे द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार देश में सबसे तेजी से विकास कर रहे राज्यों में शुमार है और वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक की अवधि मंे बिहार के जीएसडीपी में लगातार 10.5 प्रतिशत सालाना दर से वृद्धि हुई है। सिंह ने कहा, "बिहार में पिछले कुल वर्षो में आर्थिक बदलाव की रफ्तार व पैमाने में प्रगति हुई है, जो सरकार द्वारा शुरू की गई व्यापक घरेलू सुधार कार्यक्रम का परिणाम है। इसमें सार्वजनिक वित्त का प्रबंधन, बुनियादी ढांचा निर्माण और कानून-व्यवस्था में सुधार सबसे महत्वपूर्ण है। इन बदलावों से राज्य मंे निजी निवेश और अधिक से अधिक अद्योग प्रतिबद्धता के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण हुआ है।"

उन्होंने कहा कि वर्तमान औद्योगिक नीति के माध्यम से राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र में अधिकतम निवेश करने के लिए कार्यक्रम चलाए गए हैं, जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, छोटी मशीनरी उत्पादन, आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण, वस्त्र, प्लास्टिक एवं रबर, अक्षर ऊर्जा, चमड़ा एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र शामिल हैं। सिंह ने कहा, "बिहार सरकार ने बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 लागू किया है, जिसके तहत अभी तक राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद से 880 प्रस्ताव अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें 12,265.96 करोड़ रुपये की राशि के निवेश का प्रस्ताव हैं। वितीय प्रोत्साहन क्लियरेंस के लिए 243 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 201 प्रस्ताव पर सहमति दी गई है। इनमें 1855.24 करोड़ रुपये की प्रस्तावित पूंजी निवेश है।"सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2017 लागू किया है, जिसके तहत अब तक 5,442 आवेदन पत्र ऑन-लाइन प्राप्त हुए हैं। सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री अनुजाति/जनजाति उद्यमी योजना का शुभारंभ किया है जिसके तहत 18,575 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 425 को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

नीतीश की अयोध्या मुद्दे पर चुप्पी एक तीर से दो निशाना : मांझी

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पटना 25 नवंबर 2018,अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की चर्चा के बीच हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर एक बड़ा सवाल पूछते हुए कहा कि  उनकी चुप्पी से यह साबित होता है कि भाजपा द्वारा प्रायोजित अयोध्या राम मंदिर निर्माण का वह कहीं ना कहीं समर्थन करती है ? पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि क्या वो राम मंदिर के निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के पक्ष में हैं? पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर बीजेपी देश को जलाने की साजिश रच रहे हैं और  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन धारण किए हुए हैं । श्री मांझी ने कहा कि  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने के लिए कब तक खामोश रहेंगे। श्री मांझी ने कहा कि आज  पूरे देश में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ी हुई है उसके बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की खामोशी से अल्पसंख्यक समाज को भी उनकी नियति पर संदेह होने लगा है | उन्हें यह लगने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी से ही प्यार है अल्पसंख्यक हितों से उन्हें कोई लेना देना नहीं नहीं तो वह इस मुद्दे पर खुलकर सामने क्यों नहीं आते कि वह क्या चाहते हैं | उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तीर से दो निशाना साधने के फेर में लगे हुए हैं उनकी मानसा से यह स्पष्ट होता है कि वह राष्ट्रहित से ज्यादा अपने हित के प्रति जागरूक दिखाई दे रहे हैं उन्हें अल्पसंख्यक हितों के साथ साथ राष्ट्रहित से कोई लेना देना नहीं | पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश पर करारा वार करते हुए कहा कि नीतीश जी कुर्सी आएगी जाएगी पर इतिहास आपको इस काम के लिए हमेशा काले अध्याय के तौर पर याद रखेगा। माँझी ने कहा कि मंदिर मस्जिद का मामला कोर्ट में लंबित है ऐसी स्थिति में न्यायालय पर किसी तरह का दबाव बनाना देश के संविधान के लिए ख़तरा है।कोर्ट से फ़ैसला जिन के पक्ष में आता है उस पक्ष को ही मंदिर बनाने का अधिकार होगा, कोर्ट के फ़ैसले के बीच इस मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करना संविधान के ऊपर उंगली उठाने के बराबर है। जीतन राम माँझी ने मंदिर मामले पर भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश के युवा रोज़गार चाहते हैं |   देश और राज्य में दलित उत्पीड़न में चौगुना बढोतरी हुई है | इन  सभी गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अब मंदिर मुद्दे को तूल दिया जा रहा है | जिससे सामाजिक और आर्थिक विषमता आएगी | सही मायने में  अगर देश का विकास भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी चाहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में विकास की राजनीति करें न कि मंदिर की |

बिहार : आसमाँ भी झुकता है श्रवण और नीना की जिंदादिल जोड़ी के सामने

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झुकता है आसमां झुकाने वाला चाहिये :  सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान लो तो एक दिन ज़रूर मिलती है कुछ ऐसी ही कहानी है डॉक्टर श्रवण कुमार और समाजसेवी नीना मोटानी की 
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पटना में एक समय बच्चों से जुड़ी इलाज के बेहतर तकनीकी सुविधाओं का अभाव था मुश्किलें बहुत थी लेकिन इस दम्पति के हौंसले ने वो कर दिखाया जो जिसको नामुमकिन माना जाता था तीन दशकों से बाल चिकित्सा में अपना अमुल्य योगदान दे रहे डॉक्टर श्रवण के लिये राहें कभी आसान नहीं थी एक समृद्ध परिवारिक पृष्ठभूमी से सम्बंध रखने होने के बावजूद  स्वभाव से स्वाभिमानी इस  दम्पति की  विशेषता को दर्शाता है परिवार से कोई आर्थिक सहयोग लिये बिना ही लगातार बेहतरीन सुविधायें मरीजों के लिये उपलब्ध करते रहे जब बिहार में तकनीकी तौर बच्चों के इलाज के लिये उचित सुविधा का गम्भीर अभाव की स्थिति थी  तो डॉक्टर श्रवण ने बेहतरीन चिकित्सा सुविधा को लाने का संकल्प लिया कठिनाइयों का बहुत सामना करना पड़ा जिसमें अक्सर ऐसी परिस्थितिया भी बनी जब बारी बारी दोनों को लगातार कई रातों को बच्चों के इलाज के लिये जागना पड़ा वो समय ऐसा था जब उनके पास क्लिनिक में पूर्णकालिक कर्मचारी रखने में सक्षम नहीं थे लेकिन अपने हौंसले को कभी झुकने नहीं दिया धीरे धीरे ये सफर अब ऐसे मुकाम पर पहुँच चुका है आज जब भी बेहतरीन नवजात शिशु के इलाज की बात हो तो इनका क्लिनिक लोगों की पहली पसंद होती है लोगों आश्चर्य तब होता है जब लोग ये जानते की नीना मोटानी  पेशे से डॉक्टर नहीं है उनकी सेवाभाव ने उन्हें समाज प्रतिष्ठित व्यक्तिव  बना दिया निजी जीवन में भी डॉक्टर श्रवण कुमार और नीना मोटानी की जीवनशैली बहुत पॉपुलर है खुशदिल मिजाज स्वभाव जिंदगी को हर पल मुस्कुराते हुये जीने की जिद्द ही उन्हें भीड़ से अलग इंसान बनाती है जिनकी तरह हर कोई बनना चाहता है अपने डांस करने के शौक को उन्होंने इस तरह अपनाया की लोग उन्हें बिहार की "नच बलिये "जोड़ी कहते है किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण इस जोड़ी का पर्फौर्मन्स ही होता है "जिंदगी तो सबको मिलती है लेकिन जीते यँहा सिर्फ जिंदादिल ही है "

विशेष : प्रकृति एवं पर्यावरण की उपेक्षा क्यों?

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विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस प्रति वर्ष पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए २६ नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण से जुडी हुई है। इसके संतुलन एवं संरक्षण के सन्दर्भ में पूरा विश्व चिन्तित है।  पर्यावरण चिन्ता की घनघोर निराशाओं के बीच एक बड़ा प्रश्न है कि कहां खो गया वह आदमी जो स्वयं को कटवाकर भी वृक्षों को काटने से रोकता था? गोचरभूमि का एक टुकड़ा भी किसी को हथियाने नहीं देता था। जिसके लिये जल की एक बूंद भी जीवन जितनी कीमती थी। कत्लखानों में कटती गायों की निरीह आहें जिसे बेचैन कर देती थी। जो वन्य पशु-पक्षियों को खदेड़कर अपनी बस्तियां बनाने का बौना स्वार्थ नहीं पालता था। अपने प्रति आदमी की असावधानी, उपेक्षा, संवेदनहीनता और स्वार्थी चेतना को देखकर प्रकृति ने उसके द्वारा किये गये शोषण के विरुद्ध विद्रोह किया है, तभी बार-बार भूकम्प, चक्रावत, बाढ़, सुखा, अकाल जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। आज पृथ्वी विनाशकारी हासिए पर खड़ी है। सचमुच आदमी को जागना होगा। जागकर फिर एक बार अपने भीतर उस खोए हुए आदमी को ढूंढना है जो सच में खोया नहीं है, अपने लक्ष्य से सिर्फ भटक गया है। यह भटकाव पर्यावरण के लिये गंभीर खतरे का कारण बना है। 

मानवीय क्रियाकलापों की वजह से पृथ्वी पर बहुत सारे प्राकृतिक संसाधनों का विनाश हुआ है। इसी सन्दर्भ को ध्यान में रखते हुए बहुत सारी सरकारों एवं देशांे नें इनकी रक्षा एवं उचित दोहन के सन्दर्भ में अनेकों समझौते संपन्न किये हैं। इस तरह के समझौते यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका के देशों में 1910 के दशक से शुरू हुए हैं। इसी तरह के अनेकों समझौते जैसे- क्योटो प्रोटोकाल,मांट्रियल प्रोटोकाल और रिओ सम्मलेन बहुराष्ट्रीय समझौतों की श्रेणी में आते हैं। वर्तमान में यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी में पर्यावरण मुद्दों के सन्दर्भ में नए-नए मानक अपनाए जा रहे हैं जैसे- पारिस्थितिक कर और पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत सारे कार्यकारी कदम एवं उनके विनाश की गतियों को कम करने से जुड़े मानक आदि। लेकिन इन सबके बावजूद पर्यावरण विनाश की स्थितियां विकराल रूप से बढ़ रही है। निरंतर बढ़ रही जनसंख्या के कारण नई कृषि तकनीक, औद्योगिकरण और नगरीयकरण के कारण लोगों के जीवन स्तर में काफी परिर्वतन हो रहें हैं। मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिकाधिक प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा हैं। मनुष्य प्रकृति के साथ अनेक वर्षाें से छेड़छाड़ कर रहा हैं, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा हैं। इसे देखने के लिए हमें ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। धरती पर बढ़ रही बंजर भूमि, फैलते रेगिस्तान, जंगलों का विनाश, लुप्त होते पेड़-पौधे और जीव जंतु, दूषित होता पानी, शहरों में प्रदूषित हवा और हर साल बढ़ते बाढ़ एवं सूखा, ग्लोबल वार्मिंग, वैश्विक तापमान वृद्धि, ग्लेशियर पिघलना, ओजोन का क्षतिग्रस्त होना आदि इस बात का सबूत हैं कि, हम धरती और पर्यावरण की सही तरीकें से देखभाल नहीं कर रहें। आज पुरे भारत वर्ष में पर्यावरण के सम्मुख गंभीर स्थितियां बनी हुई है। प्लास्टिक का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान हो रहा हैं, क्योंकि प्लास्टिक न तो नष्ट होती है और न ही सड़ती है। एक शोध के मुताबिक प्लास्टिक 500 से 700 सालों के बाद नष्ट होना प्रारम्भ होता है। प्लास्टिक को पूरी तरह से नष्ट होने में 1000 साल लग जाते हैं। इसका अर्थ ये हैं कि, अभी तक जितना भी प्लास्टिक बना वो आज तक नष्ट नहीं हुआ है। 

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मनुष्य जब प्रकृति का स्वामी बन जाता है तो वह उसके साथ कसाई जैसा व्यवहार करने लग जाता है। पश्चिम की सभ्यता की उपलब्धियां और उसके आधार पर दुनिया पर उसका आर्थिक साम्राज्य उन देशों के लिए भी अनुकरणीय बन गया जिनकी लूट-खसोट से वे वैभवशाली बने। प्रकृति के भण्डार सीमित हैं और यदि उनका दोहन पुनर्जनन की क्षमता से अधिकमात्रा में किया जाए तो ये भण्डार खाली हो जाएंगे। जल, जंगल और जमीन का एक-दूसरे के घनिष्ट संबंध है। भोगवादी सभ्यता जंगलों को उद्योग व निर्माण सामग्री का भण्डार मानती है। वास्तव में वन तो जिंदा प्राणियों का एक समुदाय है जिसमें पेड़, पौधे, लताएं, कन्द-मूल, पशु-पक्षी और कई जीवधारी शामिल हैं। इनका अस्तित्व एक-दूसरे पर निर्भर है। औद्योगिक सभ्यता ने इस समुदाय को नष्ट कर दिया, वन लुप्त हो गए। इसका प्रभाव जल स्त्रोतों पर पड़ा। वन वर्षा की बूंदों की मार अपने हरित कवच के ऊपर झेलकर एक ओर तो मिट्टी का कटाव रोकते हैं और उसका संरक्षण करते हैं। पत्तियों को सड़ाकर नई मिट्टी का निर्माण करते हैं और दूसरी ओर स्पंज की तरह पानी को चूसकर जड़ों में पहुंचाते हैं, वहीं पानी का शुद्धिकरण और संचय करते हैं, फिर धीरे-धीरे इस पानी को छोड़कर नदियों के प्रवाह को सुस्थिर रखते हैं। इसीलिए मुहावरा बना है कि ‘जंगल नदियों की मां है।’ 

हमारे शास्त्रों में ‘संतोषं परमं सुखं’ का मुहावरा आया है। इसलिए विकास की परिभाषा यह है कि विकास वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति और समाज स्थायी सुख, शांति और संतोष का उपयोग करते हैं। वहां प्राकृतिक संसाधनों को क्षरण नहीं होता बल्कि उनकी वृद्धि होती रहती है। दूसरा, जिससे एक व्यक्ति या समूह का लाभ होता है, उसे दूसरों की क्षति न हो, विकास के कारण समाज में असंतुलन पैदा नहीं होना चाहिएा। असंतुलन असंतोष की जननी है। इन स्थितियों में आज की भोगवादी सभ्यता को प्राथमिकताओं-बाहुल्य के स्थान पर सादगी और संयम को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। सौभाग्य से भारतीय संस्कृति में सादगी और संयम का पालन करने वाले ही समाज में पूज्य और सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति माने जाते रहे हैं। महात्मा गांधी ने भारतीय संस्कृति के इस संदर्भ को स्वयं अपने आचरण द्वारा पुनः जीवित कर सारी दुनिया को राह बता दी। उन्होंने कहा-‘प्रकृति के पास हर एक की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है लेकिन किसी एक के भी लोभ लालच को संतुष्ट करने के लिए कुछ नहीं हैं।’ निश्चित रूप से कई वस्तुएं ऐसी होगी जिनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता इसके विकल्प ढूंढने होंगे। 

इधर भारत सरकार का नारा है ‘सबका साथ, सबका विकास’, यह नारा जितना लुभावना है उतना ही भ्रामक एवं विडम्बनापूर्ण भी है। यह सही है कि आम आदमी की जरूरतें चरम अवस्था में पहुंच चुकी हैं। हम उन जरूरतों को पूरा करने के लिए विकास की कीमत पर्यावरण के विनाश से चुकाने जा रहे हैं। पर्यावरण का बढ़ता संकट कितना गंभीर हो सकता है, इसको नजरअंदाज करते हुए सरकार राजनीतिक लाभ के लिये कोरे विकास की बात कर रही है, जिसमें विनाश की आशंकाएं ज्यादा हंै। विकास और पर्यावरण साथ-साथ चलने चाहिएं लेकिन यह चल ही नहीं रहे हैं, इसमें सरकारों के नकारापन के ही संकेत दिखाई देते हैं। जिस तरीके से देश को विकास की ऊंचाई पर खड़ा करने की बात कही जा रही है और इसके लिए औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, उससे तो लगता है कि प्रकृति, प्राकृतिक संसाधनों एवं विविधतापूर्ण जीवन का अक्षयकोष कहलाने वाला देश भविष्य में राख का कटोरा बन जाएगा। हरियाली उजड़ती जा रही है और पहाड़ नग्न हो चुके हैं। नदियों का जल सूख रहा है, कृषि भूमि लोहे एवं सीमेन्ट, कंकरीट का जंगल बनता जा रहा है। महानगरों के इर्द-गिर्द बहुमंजिले इमारतों एवं शॉपिंग मॉल के अम्बार लग रहे हैं। उद्योगों को जमीन देने से कृषि भूमि लगातार घटती जा रही है। नये-नये उद्योगों की स्थापना से नदियों का जल दूषित हो रहा है, निर्धारित सीमा-रेखाओं का अतिक्रमण धरती पर जीवन के लिये घातक साबित हो रहा है। महानगरों का हश्र आप देख चुके हैं। अगर अनियोजित विकास ऐसे ही होता रहा तो दिल्ली, मुम्बई, कोलकता में सांस लेना जटिल हो जायेगा। 

इस देश में विकास के नाम पर वनवासियों, आदिवासियों के हितों की बलि देकर व्यावसायिक हितों को बढ़ावा दिया गया। खनन के नाम पर जगह-जगह आदिवासियों से जल, जंगल और जमीन को छीना गया। कौन नहीं जानता कि ओडिशा का नियमागिरी पर्वत उजाड़ने का प्रयास किया गया। आदिवासियों के प्रति सरकार तथा मुख्यधारा के समाज के लोगों का नजरिया कभी संतोषजनक नहीं रहा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अक्सर आदिवासी उत्थान और उन्नयन की चर्चाएं करते हैं और वे इस समुदाय के विकास के लिए तत्पर भी हैं। क्योंकि वे समझते हैं कि आदिवासियों का हित केवल आदिवासी समुदाय का हित नहीं है प्रत्युतः सम्पूर्ण देश, पर्यावरण व समाज के कल्याण का मुद्दा है जिस पर व्यवस्था से जुड़े तथा स्वतन्त्र नागरिकों को बहुत गम्भीरता से सोचना चाहिए। विकास के लिये पर्यावरण की उपेक्षा गंभीर स्थिति है। सरकार की नीतियां एवं मनुष्य की वर्तमान जीवन-पद्धति के अनेक तौर-तरीके भविष्य में सुरक्षित जीवन की संभावनाओं को नष्ट कर रहे हैं और इस जीती-जागती दुनिया को इतना बदल रहे हैं कि वहां जीवन का अस्तित्व ही कठिन हो जायेगा। प्रकृति एवं पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिये बुनियादी बदलाव जरूरी है और वह बदलाव सरकार की नीतियों के साथ जीवनशैली में भी आना जरूरी है। 




(ललित गर्ग)
बी-380, निर्माण विहार, 
दूसरा माला दिल्ली-110092
मो, 9811051133

बिहार : येसु ख्रीस्त को राजाओं का राजा घोषित करने के लिए सड़क पर उतरेंगे भक्तगण

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पटना,25 नवम्बर।ईसाई समुदाय के अनुसार आज 34 वां और अंतिम सामान्य रविवार है.इसका समापन रविवार को 25 नवम्बर को हो रहा है. 'क्राइस्ट द किंग'का उद्घोषणा करने भक्तगण सड़क पर उतरेंगे.  अब से कुछ ही घंटे बाद नवज्योति निकेतन,कुर्जी से ढाई बजे से    यूख्रीस्तीय यात्रा प्रारंभ होगी.लगभग सारी तैयारियां कर ली गई है.पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 ए के वार्ड पार्षद दिनेश चौधरी और वार्ड नम्बर-22 बी की वार्ड पार्षद पति निलेश के सहयोग से हवा के द्वारा की सफाई करायी गई.इसमें नीरज कुमार का भी योगदान है. पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसुजा,येसु समाजी के नेतृत्व में यूख्रीस्तीय यात्रा निकलेगी.इसमें येसु ख्रीस्त को राजाओं का राजा का उद्घोषित होगा.इसमें हजारों की संख्या में भक्तगण सड़क पर उतरेंगे.कुछ जगहों पर वेदी बनाया गया है.वहां पर देश-विदेश-प्रदेश में अमन कायम रहे को लेकर प्रार्थना की जाएगी.इस यात्रा की समापन कुर्जी पल्ली में होगी.यहीं पर महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसुजा मिस्सा पूजा करेंगे. बताते चले कि इस धार्मिक यात्रा में सभी सम्प्रदाय के लोग भक्तिपूर्ण ढंग से शिरकत करेंगे.जिला पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है.कई दर्जन स्वमंसेवकों से सहयोग लिया जा रहा है. कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित रेमंड केरोबिन का  कार्यकाल में पहली बार यात्रा हो रही है.इसको स्मरणीय बनाने का प्रयास हो रहा है. 

बिहार : साठ साल का ख्रीस्त राजा हाई स्कूल

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बेतिया, 25 नवम्बर।ख्रीस्त राजा हाई स्कूल यानी के. आर.उच्च विघालय की स्थापना  येसु समाजियों द्वारा 1927 में किया गया। विघालय का परिसर 27 एकड़ में फैला हुआ है। यह परिसर एक अमेरिकी महिला द्वारा भेट की गयी है। अब तक के.आर.हाई स्कूल से लगभग बीस हजार मैट्रिक पास कर चुके हैं। 2010 में सीनियर   सेक्रेडरी आरंभ हुआ। यह विद्यालय अल्पसंख्यक मान्यता प्राप्त है.यह      गैरसरकारी है और वेतन सरकार देती है। नियुक्ति का अधिकार विद्यालय प्रबंधन समिति करती है। समिति के सचिव रेक्टर फादर जोसेफ हैं। फादर क्रिस्टोफोर प्राचार्य हैं। इसे 1998 से यह सहशिक्षा बनाया गया है। अभी भी बिहार में स्कूल का गौरव प्राप्त है.2500 छात्रों पर 100 से अधिक शिक्षक व स्टाफ है। यह बिहार का दून स्कूल है। 1998 मे छात्रवास बन्द हो गया है। मनोज बाजपेयी जैसी हस्ती यही की देन है। के. आर. का मतलब ख्रीस्त राजा है जिसका आज 25 नवम्बर को पर्व है। फलत: आज  वार्षिक दिवस  है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 25 नवंबर

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महाजन ने किया शहर में संघन जनसंपर्क 

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सीहेार। विधानसभा क्षेत्र सीहोर के निर्दलीय प्रत्याशी सन्नी महाजन ने रविवार को शहर के प्रमुख मांर्गो से आपका सेवक आपके द्वार जुलूस निकाल कर जनसंपर्क किया। छावनी क्षेत्र के हर घर दुकान पर पहुंचकर महाजन ने नागरिकों से मुलाकात की। महाजन ने जनता के बीच कहाँ कि आप ही तो मेरी ताक़त हो,जनसंपर्क के दौरान अनेक स्थानों पर नागरिको ने महाजन का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। महाजन ने माता बहनों बुजूर्गो का आशिर्वाद लिया। इस दौरान सौभना महाजन के साथ अनेक महिलाओं ने चाबी का बटन दबाने की अपील मतदाताओं के घर पहुंच कर की। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थकगण शामिल रहे। 

आज डॉ अम्बेडकर पार्क में मनाया जागएा संविधान दिवस 

सीहेार। डॉ अम्बेडकर समाज कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष नरेंद्र खंगराले द्वारा बताया गया की आज सोमवार सुबह आठ बजे डॉ अम्बेडकर पार्क में संविधान दिवस  मनाया जाएगा। इस मौके पर खंगराने ने बताया की डॉ बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा बनाया गया देश के सर्वश्रेष्ठ संविधान की पूजा की जाएगी। सम्मानीय शहर वासियों से अपील है की अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाए । 

झुग्गी झोंपड़ी कांग्रेस नेता नरेंद्र खंगराले ने शेलेंद्र पटेल के पक्ष में डोडी में किया जनसंपर्क 

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सीहेार। जिला कांग्रेस कमेटी सीहेार झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष तथा विधायक प्रतिनिधि नरेंद्र खंगराले ने साथियों सहित ईछावर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी शेलेंद्र पटेल के पक्ष में ग्राम डोडी में ग्रामीण मतदाताओं के बीच जनसंपर्क किया। इस दौरान भारी संख्या में युवा ग्रामीण महिला पुरूष उपास्थित थे। इस मौके पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता दर्शन सिंह वर्मा, के यू कुरैशी राम सिंह मालवीय, गुलाब सिंह मालवीय, जमना प्रसाद मालवीय, सुरेश सिलावट, राम सिंह अहिरवार गिरधारी लाल अहिरवार, फूल सिंह अहिरवार,ग्राम झरखेड़ा से चंम्पा लाल जाटव, विष्णू प्रसाद जाटव, हरि प्रसाद जाटव, ग्राम पाटन के कमला बाई अहिरवार, पार्वती अहिरवार, गंगा बाई अहिरवार आदि लोग शामिल रहे। 

आज शाम 5 बजे से थम जायेगा चुनावी शोर गुल

विधानसभा निर्वाचन का चुनावी शोर गुल मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व आज शाम 5 बजे से थम जायेगा। इस अवधि के बाद चुनाव लड रहे उम्मीदवार या राजनैतिक दल अपने चुनावी प्रचार के लिए न तो जुलूस एवं आम सभायें आयोजित कर सकेंगे और न ही लाउड स्पीकर का उपयोग कर सकेंगे। इन 48 घंटों के दौरान उम्मीदवार केवल घर-घर जाकर ही मतदाताओं से संपर्क कर सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक मतदान के बंद होने के ठीक पूर्व के अड़तालीस घंटों के दौरान सार्वजनिक सभाओं, लाउड़स्पीकर और जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा। इस कालावधि के दौरान उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचन के संबंध में कोई जूलूस एवं सार्वजनिक सभा आयोजित नहीं की जा सकेगी, न ही इस तरह की किसी सभा या जुलूस में वो शामिल हो सकेगा या संबोधित कर सकेगा। चल चित्र-यंत्र टेलीविजन या अन्य इसी प्रकार के यंत्र या उपकरणों के माध्यम से भी निर्वाचन संबंधी मामले का जनसाधारण को प्रदर्शन इस दौरान प्रतिबंधित रहेगा। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदान समाप्त होने के पूर्व के 48 घंटों के दौरान उम्मीदवारों या राजनैतिक दलों द्वारा जनसाधारण को आकर्षित करने की दृष्टि से किसी संगीत गोष्ठी या अन्य मनोरंजन आमोद-प्रमोद का आयोजन करके अथवा आयोजन की व्यवस्था करके निर्वाचन संबंधी मामले का प्रचार नहीं किया जा सकेगा। आयोग ने चेतावनी भी दी है कि यदि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन किसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो उसके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी और उसे दो वर्ष के कारावास या जुर्माने की अथवा दोनों की सजा से एक साथ दण्डित किया जा सकेगा। 

26 नवम्बर को शाम 05 बजे से मतदान केन्द्रों की 200 मीटर की परिधि में लागू होगी धारा 144

विधानसभा निर्वाचन के दौरान मतदान केन्द्रों पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा निष्पक्ष चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा जिले के विधानसभा क्षेत्र बुधनी-156, आष्‍टा-157, इछावर-158 एवं सीहोर-159 के अंतर्गत आने वाले समस्त मतदान केन्द्रों की 200 मीटर की परिधि में धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत निषोधात्मक आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी यह आदेश जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले समस्त मतदान केन्द्रों की 200 मीटर तक की सीमा क्षेत्र में प्रभावी होगा। यह आदेश मतदान दिवस 28 नवम्बर को 48 घण्टे पहले से अर्थात 26 नवम्बर को प्रातः 07 बजे से मतदान समाप्ति के आगामी 24 घण्टे तक अर्थात 29 नवम्बर को शाम 05 बजे तक कुल 72 घण्टे के लिए लागू रहेगा। जारी आदेश के तहत निर्धारित अवधि में मतदान स्थलों के 200 मीटर की परिधि में कोई भी व्यक्ति स्थानीय परिशांति भंग करने के उद्देश्य से पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के समूह को न तो एकत्रित करेगा, न ही क्षेत्र में जुलूस निकालेगा, न ही नारेबाजी करेगा और न ही ऐसा पर्चा आदि वितरित करेगा जिससे अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व अर्थात 26 नवम्बर को शाम 05 बजे के पश्चात किसी भी प्रकार से किया जाने वाला चुनाव प्रचार, रैली, ध्वनि विस्तारक यंत्र, नुक्कड़ सभाएं तथा आम सभाएं पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। इस अवधि में अभ्यार्थियों द्वारा किया जाने वाला डोर टू डोर केम्पेनिंग प्रतिबंध की परिधि में नहीं होगा अर्थात डोर टू डोर केम्पेनिंग पूर्ण शांतिपूर्ण तरीके से किया जा सकता है। 

आज शाम 5 बजे से मतदान समाप्ति तक बन्द रहेंगी मदिरा दुकाने

विधानसभा चुनाव 28 नवम्बर को होने वाले मतदान को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा 26 नवम्बर 2018 की शाम 5 बजे से 28 नवम्बर 2018 को मतदान समाप्ति तक सम्पूर्ण दिवस के लिए शुष्क दिवस घोषित किया गया है। इस अवधि में जिले में संचालित समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों से मदिरा का विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रखने के साथ ही होटल, रेस्टोरेन्ट, कल्ब और मदिरा बेचने-परोसने वाले अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा किसी भी व्यक्ति को मदिरा बेचने, परौसने की अनुमति नही होगी। उत्पादन ईकाईयो में निर्यात एवं परिवहन पूर्ण रूप से बन्द रहेगा।

जिले में ठहरने वालों की जानकारियाँ थानों में देनी होगी

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने सराय अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के सभी होटल, लॉज, सरॉय, धर्मशाला के मालिकों एवं प्रबंधकों को आदेशित किया है कि उनके संस्थानों में ठहरने वालो की दैनिक जानकारी संबंधित थाना प्रभारी एवं अनुविभागीय/कार्यपालिका दण्डाधिकारी को लिखित में प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान बाहर से आने वाले व्यक्तियों में आसामाजिक तत्व जिले में घुसपैठ कर सकते है जिससे शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो सकता है। शांति व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है, जो जिले में 13 दिसम्बर तक प्रभावशील होगा। संबंधितों को प्रतिदिन आगामी दिवस की सायं पांच बजे तक ठहरने वालों की जानकारियाँ प्रस्तुत करनी होगी। 

श्रमिकों के लिये मतदान दिवस पर सवैतनिक अवकाश, प्रावधान का उल्‍लंघन करने वाले नियोजक पर होगी कार्यवाही

 मध्यप्रदेश में श्रम आयुक्त ने विधानसभा चुनाव के दौरान 28 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिये श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश दिये जाने के निर्देश जारी किये हैं। श्रम आयुक्‍त के निर्देशानुसार जारी परिपत्र में कहा गया है कि जिले के समस्त विधानसभा क्षेत्र में आने वाले कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपकरण में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह दैनिक मजदूर हो अथवा आकस्मिक श्रेणी का श्रमिक हो, उसे मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिये सवैतनिक अवकाश दिया जाये। परिपत्र में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 135-ख का भी उल्लेख किया गया है। ऐसा श्रमिक, जो ऐसे उद्योग या स्थापना में कार्यरत है, जो उस विधानसभा क्षेत्र से बाहर है, जहाँ आम निर्वाचन हो रहे हैं, उस श्रमिक को भी मतदान में भाग लेने के लिये सवैतनिक अवकाश की पात्रता होगी। निर्देशित किया गया है कि यदि किसी नियोजक द्वारा प्रावधान का उल्‍लंघन किया जाता है  तो उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना या एक माह का कारावास अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह कार्यवाही भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 188 के अन्‍तर्गत की जाएगी।

आज मनाया जाएगा संविधान दिवस

भारत सरकार द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने निर्देश जिला प्रशासन को दिये गए है। अपर कलेक्टर श्री वी.के.चतुर्वेदी ने बताया कि आज 26 नवंबर को समस्त शासकीय कार्यालयों/शासकीय संस्थानों में भारत संविधान उद्देशिका पढ़ी जाएगी। शिक्षण संस्थानों में संविधान की जागरुकता के लिए निबंध/वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं भाषण आदि का आयोजन किया जाएगा।

बच्चों की जिद के आगे झुके माता पिता कहा वोट देने जरुर जाएंगें, ब्ल्यू बर्ड स्कूल के 228 बच्चों के पत्रों का माता पिता ने दिया जवाब 

सीहोर। बच्चों की जिद के आगे झुके माता पिता ने कहा कि हम वोट देने जरुर जाएंगें, यह बात ब्ल्यू बर्ड स्कूल के विद्यार्थियों को माता पिता ने पत्र के जवाब में कही है। मतदाता जागरुकता अभियान के अंर्तगत गत दिवस ब्ल्यू बर्ड स्कूल की कक्षा 6 से लेकर कक्षा 10 के 228 विद्यार्थियों ने अपने अपने माता पिता को पत्र लिख कर वोट डालने का आग्रह किया पत्रों को ग्रीटिंग का रुप देकर बच्चों ने आर्कषक डिजाइन में भारतीय लोकतंत्र में वोट की महिमा का वर्णन करते हुए लिखा कि वोट देना हमारा कर्तव्य है सारे काम छोड़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी वोट रुपी आहुति अवश्य प्रदान करें, बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को मूर्त रुप देते हुए भारतीय तिरंगें के साथ वोट डालने का आग्रह किया गया था ब्ल्यू बर्ड स्कूल के पचामा परिसर में आयोजित इस पत्र लेखन प्रतियोगिता के उपरांत बच्चे यह पत्र अपने अपने घर लेकर गए जहां उनके द्वारा अपने अपने माता पिता को पत्र दिखाकर उन्हें वोट डालने का आग्रह किया जिस पर माता पिता ने 28 नवम्बर को वोट अवश्य डालने का संकल्प हस्ताक्षर कर लिया। ब्ल्यू बर्ड स्कूल चेयरमेन बसंत दासवानी ने बताया कि मतदाता जागरुकता अभियान के अंर्तगत नर्सरी से कक्षा दसवीं तक के अभिभावकों से मतदान अवश्य करने का आग्रह किया गया है।

आलेख : घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए क्यों ज़रूरी है वेतनभोगी अवकाश?

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25 नवंबर को महिला हिंसा को समाप्त करने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य पर, सरकारी सेवायें प्रदान कर रहे श्रमिक यूनियनों ने एक अभियान को आरंभ किया जिसकी मुख्य मांग है: घरेलू हिंसा से प्रताड़ित महिला को वेतनभोगी अवकाश मिले जो उसको न्याय दिलवाने में सहायक होगा. स्वास्थ्य को वोट अभियान और आशा परिवार से जुड़ीं महिला अधिकार कार्यकर्ता शोभा शुक्ला ने कहा कि हिंसा और हर प्रकार के शोषण को समाप्त करने के लिए, श्रम कानून और नीतियों में जो बदलाव ज़रूरी हैं, उनमें यह मांग शामिल है.

पब्लिक सर्विसेज इंटरनेशनल की क्षेत्रीय सचिव केट लयपिन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर #metoo ‘मीटू’ अभियान से, विशेषकर कि उच्च उद्योग में, यौन हिंसा के मुद्दे उजागर हुए हैं, परन्तु रोज़गार देने वालों की भूमिका और श्रम कानून में जो बदलाव होने चाहिए जिससे कि कार्यस्थल महिलाओं के लिए सुरक्षित हो, उनको उतना ध्यान नहीं मिला. यदि कार्यस्थल पर प्रभावकारी नीतियां लागू हों और श्रम कानून मज़बूत हो तो कार्यस्थल पर शोषण पर भी रोग लगेगी और प्रताड़ित महिलाओं को सहायता भी मिलेगी. घरेलू हिंसा से प्रताड़ित महिलाओं को यदि वेतनभोगी अवकाश मिलेगा तो वह बिना नौकरी खोने के डर के ज़रूरी कार्यों पर ध्यान दे पाएंगी जैसे कि कानूनी और चिकित्सकीय मदद लेना, रहने की व्यवस्था करना, नया बैंक खाता खुलवाना आदि. यदि हिंसा और शोषण के क्रमिक चक्र को तोड़ना है तो यह ज़रूरी है कि सभी ज़रूरी मदद के साथ-साथ, प्रताड़ित महिला को वेतनभोगी अवकाश भी मिले.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व में हर 3 में से 1 महिला को किसी-न-किसी प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया में हिंसक रिश्ते से निजात पाने में महिला को डॉलर 18,000 का आर्थिक खर्च और 141 घंटे का औसतन समय लगाना पड़ता है. न्यू जीलैंड दुनिया का दूसरा देश है जहाँ इस साल से घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को वेतनभोगी अवकाश मिलेगा. फिलिपीन्स ने यह अधिकार 14 साल पहले प्रदान किया था जब उसने 2004 में महिलाओं और बच्चों पर हिंसा के खिलाफ अधिनियम पारित किया था.

वेतनभोगी अवकाश का प्रावधान इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाइजेशन (आईएलओ) के एक मौसौदे में भी शामिल है (कार्यस्थल पर महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ हिंसा और शोषण पर आईएलओ कन्वेंशन और सुझाव). यूनियन का मानना है कि वेतनभोगी अवकाश के प्रावधान को पारित करना चाहिए परन्तु उन्हें भय है कि कुछ सरकारें और रोज़गार देने वालों के प्रतिनिधि इसको कमज़ोर बना सकते हैं. पब्लिक सर्विसेज लेबर स्वतंत्र कॉन्फ़ेडरेशन की महासचिव एनी एन्रिकेज़ गेरोन ने कहा कि यह अविश्वसनीय लगता है कि कुछ सरकारें और रोज़गार देने वाले प्रतिनिधि हिंसा और शोषण को रोकने के लिए पूरा प्रयास करने से कतरा रहे हैं. हम लोगों को शंका है कि वेतनभोगी अवकाश जैसे ज़रूरी प्रावधान को आईएलओ के मौसौदे में कमज़ोर बनाया जा सकता है. हम सबका प्रयास रहेगा कि हिंसा और शोषण पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए ज़रूरी सभी कदम उठाये जाएँ.

#hearmetoo #हिअर-मी-टू
पब्लिक सर्विसेज इंटरनेशनल ने 25 नवम्बर को घरेलू हिंसा को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर #हिअर-मी-टू पर केन्द्रित अभियान टूलकिट भी ज़ारी की है जिससे कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को ज़रूरी मदद के साथ-साथ वेतनभोगी अवकाश भी मिले.




शोभा शुक्ला, सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)
(शोभा शुक्ला स्वास्थ्य और महिला अधिकार मुद्दों पर निरंतर लिखती रही हैं और सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस) की प्रधान संपादिका हैं. 

दुनिया रंग बिरंगी : चायवाले का बिजनेस मॉडल

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विजय सिंह ,आर्यावर्त डेस्क ,बेंगलुरु , 25 नवंबर,2018, अक्सर जब हम किसी चाय की दुकान पर जाते हैं तो चाय वाले को छोटा ही समझते, हैं और छोटा ही क्यों ,हम तो उन्हें कम पढ़े लिखे, अनपढ़ या गंवार तक समझने से परहेज नहीं करते. अब वातानुकूलित दफ्तरों में काम करने ,कार पर चलने और संभ्रांत जीवन जीने की शैली ने हमें ऐसे ही आवरण से घेर रखा है पर कई दफ़ा दावं उल्टा भी पड़ जाता है.ऐसा ही एक वाकया मुंबई में हुआ. पिछले दिनों अपने व्यस्ततम दिनचर्या से फुर्सत के कुछ पल निकाल कर एक मीडिया कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी जुहू चौपाटी में सागर की लहरों के संग शाम बिताने पहुंची.चौपाटी पहुंचते ही उन्हें चाय की तलब हुई .उन्होंने एक चाय वाले से एक कप चाय ली और खुल्ले नहीं होने की वजह से 500 रुपये का नोट उसे थमाया. चाय वाले ने तुरंत खुल्ले नहीं होने का राग अलापा.अब कोई समाधान होता न देख उन्होंने चाय वाले से 5 सिगरेट देने को कहा,अतिरिक्त आय होती देख चाय वाले ने तुरंत भीतरी जेब में हाथ डाला और 100-100 रूपये के कई नोट निकाले. अधिकारी  ने उससे पूछा -"जब तुम्हारे पास इतने सारे खुल्ले नोट थे ,तो तुमने पहले इंकार क्यों किया ? बस एक गर्वीले मुस्कान के साथ उसने जवाब दिया- "मैडम,700 रूपया हफ्ता देना पड़ता है,इसलिए नकद रुपये छुपा कर रखता हूँ.मेरा इस "बीच"पर प्रतिदिन का 1500- 2000 रुपये की कमाई है.इंसान बिज़नेस में शिफ्ट करता रहेगा तो डूब जायेगा. आज चाय,कल चना,परसों पाव भाजी बेचेगा तो सक्सेस कैसे मिलेगा.एक ही चीज करो और लगे रहो.सब्र और शांति नहीं होगा जिसके पास, वह बिजनेस नहीं कर पायेगा.सब्र रखने का और शांति कमाने का.अपने स्पीड से जाने का.चाय हो या कपडा,बिज़नेस तो बिज़नेस है.."हर्षमिश्रित स्तब्ध अधिकारी  सोचने लगी--- "यार, मैंने तो चाय के लिए 500 रुपये का खुल्ला भर माँगा था...".ये तो पूरा बिज़नेस मॉडल ही समझा गया.

* यह एक सच्ची घटना है और इसका किसी अन्य "चायवाला "या राजनीति से कोई
सम्बन्ध नहीं है.

समस्तीपुर : किसानो के साथ चीनी मिल से आए हुए ईख प्रवंधको की बैठक

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समस्तीपुर (आर्यावर्त डेस्क) आज दिनांक -25.11.18 को समस्तीपुर प्रखंड के लगुनिया रघुकंठ  पंचायत भवन परिसर में ईख उत्पादक किसानो के साथ चीनी मिल से आए हुए ईख प्रवंधको की एक महत्वपूर्ण बैठक व किसान संगोष्ठी  संपन्न हुई l  ईख विकास हेतु आयोजित इस संगोष्ठी में ईख की रोपाई से कटाई तक चर्चा हुई l  आधुनिक तरीके से ईख की खेती पर बल दिया गया तथा ईख में लगने वाले रोग और बचाव की जानकारी किसानो को दी गई l  बैठक-सह-किसान संगोष्ठी की अध्यक्षता शम्भू प्रसाद राय (कार्यपालक उपाध्यक्ष 'ईख'), संचालन टी. के. मंडल (वरीय ईख प्रबंधक )  तथा धन्यवाद् ज्ञापन मणिभूषण सिंह (क्षेत्रीय  प्रभारी )  ने की l  किसान संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन समस्तीपुर केंद्रीय सहकारिता बैंक के अध्यक्ष-सह -समस्तीपुर जिला राजद अध्यक्ष विनोद कुमार राय ने "दीप प्रज्वलित "  करके किया l  मौके पर उपरोक्त लोगो के अलावे रतन कुमार चौधरी, निशांत कुमार , रत्नेश्वर झा , राकेश कुमार महतो , अरुण कुमार चौधरी , अरुण राय, यशवंत कुमार , राजन कुमार , मधुमंगल ईश्वर , विशाल चौधरी , चिरंजीव कुमार चौधरी , सत्यम झा , ओमप्रकाश यादव , कृष्ण कुमार , नवीन कुमार सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे l

बेगूसराय : पद्मश्री डॉ० उषाकिरण खान को मिला भूपेंद्र देव कोसी सम्मान

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) , डॉ० भूपेन्द्र देव फाउंडेशन,बेगूसराय के तत्वाधान में आज दिनांक 25 नवम्बर 2018 को बी एम पी 8 के मंजू वर्मा सभागार में पुण्यतिथि सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।इस आयोजन के मुख्य अतिथि भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति,महापौर उपेन्द्र प्रसाद सिंह,विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार "अमर"सम्मानित वरिष्ठ कवियत्री श्रीमती मुकुल लाल, कार्यक्रम अध्यक्ष श्री सीताराम प्रभंजन,शुरुआती दौर के मंच संचालक फ़िल्म अभिनेता सुन्दरम सा और पूरे कार्यक्रम के संचालक हिन्दी फ़िल्म-जट जटिन के संवाद लेखक,निर्माता,अभिनेता डॉ० अनिल पतंग ने किया।मंच का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।प्रमुख वक्ता के रुप में कुलपति, पूर्व व प्रथम नगर महापौर आलोक अग्रवाल,महापौर उपेन्द्र प्रसाद सिंह, अशोक कुमार "अमर"वॉलीवुड अभिनेता अमिय अमित कश्यप आदि थे।इन सब के बाद विशिष्ट वक्ता के रुप में सम्मानित होनेबाली डॉ० उषाकिरण खान जिन्हें शॉल,प्रशस्ति-पत्र तथा प्रतीक चिन्ह  देकर सम्मानित मिसेज शेखर सावंत द्वारा किया गया।सम्मान समारोह के बाद कवि सम्मेलन का भी आयोजन द्वितीय सत्र में हुआ,कवि सम्मेलन सत्र का मंच संचालन कवि प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा ने किया।आगन्तुक कवियों में खगड़िया,पटना,भागलपुर आदि कई जगहों से गणमान्य कविगण मंच की गरिमा को बढ़ाये।कवि किंकर जी,सचिदानंद पाठक,प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा,रामा मौसम,अमरेन्द्र कुमार "अमर",दीपक सिन्हा, मुकुल लाल,ललन लालित्य,सीताराम प्रभंजन आदि कई गणमान्य कवि मौजूद रहे।इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ० भूपेन्द्र देव फाउंडेशन के संस्थापक,श्री शेखर सावंत जी अपने पिता के पुण्य तिथि के मार्मिक अवसर पर स्मृति शेष डॉ० भूपेन्द्र देव के पुण्यतिथि पर सम्मान,सांस्कृतिक कार्यक्रम,कवि सम्मेलन के साथ साथ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्री शेखर सावंत ने अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

पद्मश्री डॉ० उषाकिरण खान एक नजर में:- 
जन्म:- लहेरियासराय,दरभंगा,बिहार 
शिक्षा:- एम ए , पी एच डी 
हिन्दी रचनायें:- विवश विक्रमादित्य,दूब-धान,कासवन, गीली पांक,जनम अवधि, घर से घर तक,जलधार, संकलित कहानियाँ (कहानी संग्रह) फागुन के बाद,सीमांत कथा,रतनारे नयन,पानी पर लकीर, सिरजनहार,अगन हिण्डोला (उपन्यास) कहाँ गए मेरे उगना,हीरा डोम (नाटक) डैडी बदल गए हैं,नानी की कहानी,सात भाई और चम्पा,चिड़ियाँ आदि साहित्य के क्षेत्र में एक क्रांति का नाम है उषाकिरण खान। 

स्व० प्रो० डॉ० भूपेन्द्र देव पर एक नज़र:- 
(जीवन काल- 15 जनवरी 1934 से 22 नवम्बर 1990) भूतपूर्व विश्वविद्यालय प्रोफेसर (अंग्रेजी विभाग) पी जी सेंटर,जी डी कॉलेज,बेगूसराय  भूतपूर्व कैप्टन,39 बिहार बटालियन (एन सी सी) जी डी कॉलेज बेगूसराय। 

कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जाफर शरीफ का निधन

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बेंगलुरु 25 नवंबर,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री सी के जाफर शरीफ का रविवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हाे गया। वह 85 वर्ष के थे। श्री शरीफ के परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उनकी पत्नी और एक पुत्र का पहले ही निधन हो चुका है। श्री शरीफ 23 नवंबर को मस्जिद में नमाज अदा करने जा रहे थे तभी कार में बैठने के दौरान अचानक वह गिर पड़े थे। उन्हें तत्काल फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें पेस मेकर भी लगाया गया था।  अस्पताल सूत्रों ने बताया कि श्री शरीफ ने आज दोपहर बाद आखिरी सांसें लीं। 

शोपियां मुठभेड़ में छह आतंकवादी ढ़ेर, जवान शहीद

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श्रीनगर 25 नवंबर, जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को तड़के घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में छह आतंकवादी मारे गये जबकि एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया। अाधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मारे गये छह आतंकवादियों में से चार के शव बरामद कर लिये गये हैं। फिलहाल अभियान जारी है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल, राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने शाेपियां के कपरान में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना पर संयुक्त तलाश अभियान शुरु किया था। सुरक्षा बल इलाके की घेराबंदी कर रहे थे तभी पहले से छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से उन पर गोलीबारी शुरु कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरु हो गयी। भीषण मुठभेड़ में छह आतंकवादी मारे गये जबकि इस दौरान सेना के दो जवान भी घायल हो गये। घायलों में प्रांतीय सेना के जवान नाजिर अहमद ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ दिया। शोपियां में अफवाह को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। किसी प्रकार के प्रदर्शन को रोकने के लिए घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों काे तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों के हाथों शुक्रवार से दूसरी बड़ी सफलता हाथ लगी है। इससे पूर्व अनंतनाग में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो शीर्ष कमांडरों समेत छह आतंकवादी मारे गये थे।

कृत्रिम बारिश दिल्ली के वायु प्रदूषण का समाधान नहीं : राजीवन

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नयी दिल्ली 25 नवंबर, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अलग राय जाहिर करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमईएस) के सचिव एम राजीवन ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों (एनसीआर) में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश के विकल्प से साफ इंकार किया है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बादल के सहारे बारिश कराने की केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक परियोजना को मंजूरी प्रदान की है। भारतीय प्रौद्याेगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर,ने कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक परियोजना तैयार की है।  डाॅ. राजीवन ने यूनीवार्ता से कहा,“सर्दियों के इस मौसम में वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली में यह परियोजना बहुत कारगर नहीं है। कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया के लिए, हमें कुछ गतिविधियों के साथ पर्याप्त मात्रा में बादलों की आवश्यकता होती है। इस मौसम में, इस तरह के बादलों को हासिल करना बहुत मुश्किल है।” उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश कराना अब भी एकदम सही विज्ञान नहीं है, हालांकि 1960 के दशक के बाद से भारत इसका निरंतर अभ्यास कर रहा है। उन्होंने कहा,“हम यह समझ नहीं पाये हैं कि कृत्रिम बारिश (या क्लाउड बीजिंग) बनाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है और यहां तक कि यदि इसका प्रदर्शन हुया तो इसकी सफलता दर क्या है।” उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में इस प्रक्रिया में सुधार हुआ है। उन्होंने हालांकि, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और उसके सहयोगियों की विशेषज्ञता को नजरअंदाज करते हुए बाहरी संस्थान को इसमें शामिल करने के पर्यावरण मंत्रालय के कदम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

डाॅ. राजीवन ने कहा कि अन्य देशों में कृत्रिम बारिश की सफलता दर बहुत कम है। यहां तक कि यदि कुछ बारिश में सफलता हासिल हुई तो वायु प्रदूषण से राहत महज एक से दो दिनों तक ही रही होगी। चूंकि प्रदूषण के स्रोत हमेशा प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं, इसलिए वायु प्रदूषण के स्तर फिर से उच्च स्तर प्राप्त कर लेता है।
उन्होंने कहा, “यह एक कारगर समाधान नहीं है। दिल्ली के वायु प्रदूषण और उत्सर्जन को कम करने के लिए हमें दीर्घकालिक और सतत कार्य योजना की आवश्यकता है।” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली वायु गुणवत्ता सेवा (सफर) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता में खतरनाक स्तरों पर गिरावट आ रही है, जिसमें समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) काफी खराब स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। अगले कुछ दिनों के लिए भविष्यवाणी भी उत्साहजनक नहीं है। इस विषय पर एक श्वेत पत्र तैयार करने के लिए, एमईएस ने क्लाउड बीजिंग पर दो साल का कार्यक्रम शुरू किया है। पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान वर्तमान में महाराष्ट्र के सोलापुर में अवलोकन अभियान चला रहा है। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय बादलों, एयरोसोल और ट्रेस गैसों के वायुमंडलीय माप और अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय सुविधा विकसित करने के लिए एक विमान खरीद रहा है। यह परियोजना अंतिम चरण में है और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अगले महीने तक निविदा जारी करेगा। वर्ष 2020 के अंत तक विमान प्राप्त करने की उम्मीद होगी।

तेलंगाना में भाजपा ही एक मात्र विकल्प : अमित शाह

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हैदराबाद 25 नवंबर, तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी की कम उपस्थिति के बावजूद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और राज्य में विपक्षी कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए केवल भाजपा ही विकल्प है। राज्य में सात दिसंबर को विधानसभा की 119 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं।  श्री शाह ने आज एक दिन में चार स्थानों पर चुनावी दौरा किया और वारंगल जिले के परकला में अंगदी में पहली जनसभा को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव (केसीआर) की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने परिवार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए समय से पहले विधानसभा भंग कराने की सिफारिश की थी। श्री शाह ने कहा “पहले ये माना जा रहा था कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव अगले वर्ष 2019 में लोक सभा चुनाव के साथ हो सकते हैं लेकिन यह समझ नहीं आया कि मुख्यमंत्री ने क्यों पहले चुनाव को कराने की सिफारिश की। यह अपने परिवार के लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में स्थापित करने का प्रयास है।”

उन्होंने कहा कि केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार ने राजस्व अधिशेष वाले राज्य को दो लाख करोड़ रुपये के कर्ज में फंसा दिया है और यहां राजकोषीय घाटा लगभग पांच प्रतिशत है जो देश में सबसे अधिक है। भाजपा अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए टीआरएस सरकार और कांग्रेस की जमकर आलोचना करते हुए कहा दोनों पार्टियां राज्य में ‘मजलिस’ दबाव के कारण स्वछंद शासन नहीं कर सकी और केवल भाजपा ही राज्य में बिना किसी भेदभाव के लोगों की सेवा कर सकती है। श्री शाह ने कहा “तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया है लेकिन उच्चतम न्यायालय ने पहले ही आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा निर्धारित कर रखी है अौर ऐसे में उनका प्रस्ताव असंवैधानिक है। हम धर्म के आधार पर आरक्षण देने के खिलाफ है। हम आश्वासन दिलाना चाहते हैं कि ऐसा नहीं होगा। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने तेलंगाना को काफी अधिक फंड दिया है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में कांग्रेस ने 16596 करोड़ रुपये दिये थे और दूसरी ओर भाजपा सरकार ने 1.15 लाख करोड़ तेलंगाना के लिए दिये जो कांग्रस के नेतृत्व वाली संयुक्त गठबंधन सरकार से सात गुना अधिक है।इससे पहले भाजपा अध्यक्ष ने वारंगल में रानी रुद्रमा और राजा प्रताप रूद्र को श्रद्धांजलि अर्पित की।  राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभाअाें को संबोधित करेंगे।

सरकार रहे ना रहे राम मंदिर तो जरूर बनेगा : उद्धव ठाकरे

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अयोध्या 25 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राम मंदिर का इस्तेमाल जुमले के तौर पर किये जाने का आरोप लगाते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार रहे या ना रहे मंदिर का निर्माण हर हाल में किया जाएगा। राम की नगरी अयोध्या में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में श्री ठाकरे ने आरोप लगाया कि राम मंदिर का नाम लगभग हर चुनाव में इस्तेमाल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंदिर निर्माण के अपने वादे से मुकर रही है। प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि अगर मामला अदालत के पास ही जाना है तो चुनाव प्रचार के दौरान उसे इस्तेमाल ना करें और बता दे “ भाइयों और बहनों हमें माफ करो। यह भी हमारा एक चुनावी जुमला था। भगवान के लिये हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें, यही कहने मैं यहां आया हूं। ” भाजपा से सवाल करते हुए उन्होंने कहा “ जब आप चुनाव के दौरान प्रचार करते हो, तब आप की निगाह सभी संभावित संवैधानिक विकल्पों पर होती है लेकिन यह दुर्भाग्य है कि पिछले साढ़े चार सालों के कार्यकाल में आपने यहां कुछ नहीं किया । अब लोग कहने लगे हैं भाई यह तो चुनावी जुमला था। ” श्री ठाकरे ने कहा “ मैं भारतीय जनता पार्टी सरकार से पूछना चाहता हूं, राम मंदिर निर्माण की दिशा में आपके पास कितने विकल्प हैं, क्या विमुद्रीकरण पर फैसला लेने के लिए आप अदालत की शरण में गए थे जो अब आप राम मंदिर निर्माण के लिए अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हो। सरकार बहुत शक्तिशाली है मगर बहुसंख्यक समाज की उम्मीदों पर विफल साबित हुई है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार मंदिर निर्माण नहीं कराती है तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है मगर मंदिर हर हाल में बनेगा। उन्होंने कहा “ चुनाव के दौरान लोग राम-राम कहते हैं और चुनाव होने के बाद चैन की नींद सो जाते हैं। देश इंतजार कर रहा है कि राम मंदिर कब बनेगा आप अध्यादेश लाइए हम आपका समर्थन करने के लिए तैयार हैं। ”

धर्मसभा में किन्नर तथा मुस्लिम रामभक्त भी शामिल

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अयोध्या 25 नवम्बर, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ओर से रविवार को यहां आयोजित धर्मसभा में किन्नर तथा मुस्लिम रामभक्त भी शामिल हुए और अयोध्या नगरी जय श्रीराम के नारों से राम मय हो गयी। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित बड़ा भक्तमाल की बगिया में विशाल धर्मसभा शुरू हुई जिसमें सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए है। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अयोध्या के चारों तरफ बैरीकेटिंग लगा कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गयी है। छोटे एवं बड़े वाहनों को अयोध्या में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। सभी रामभक्त पैदल चलकर धर्मसभा की तरफ जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि रामभक्तों काे भी पुलिस तलाशी लेने के उपरान्त ही प्रवेश दिया जा रहा है। प्रदेश के 48 जिलों से रामभक्त अयोध्या पहुंच चुके हैं। इन रामभक्तों के ऊपर मुस्लिम समुदाय के बबलू खान, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, शशिकान्त दास समेत कई साधु-संतों द्वारा फूलों की वर्षा की गयी।

रामभक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने धर्मसभा के आयोजनों में आने वाले वाहनों के लिये दस जगह पार्किंग की व्यवस्था की है। लखनऊ, बाराबंकी, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर एवं आजमगढ़, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर एवं श्रावस्ती, गोरखपुर से आने वाले वाहनों के लिये महर्षि विद्यापीठ और वहां पर खाली मैदान, रामसेवकपुरम्, रघुवर रेस्टोरेंट के पास, अयोध्या मेयर का खाली पार्क, विवेक सृष्टि पार्किंग, रामकथा पार्क के सामने, बिजली घर, साकेत हाईवे पुल के पश्चिम तरफ, साकेत हाईवे पुल के पूर्वी तरफ, साकेत पेट्रोल पम्प के पीछे खाली मैदान के लिये पार्किंग बनाया गया है। धर्मसभा में दूरदराज से संत-धर्माचार्य मंच में मौजूद रहे। इस अवसर पर लक्ष्मण किला के महन्त मैथिली रमण शरण, पुजारी सत्येन्द्र दास, गुरू सदन के महन्त सियाकिशोर शरण, श्रीरामवल्भकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, महन्त नारायणाचारी, म. सीताराम त्यागी, म. रामप्रकाश दास, स्वामी छविराम दास, म. जयराम दास, स्वामी दिलीप दास त्यागी, म. बृजमोहन दास, म. रामानन्द दास, म. अवध किशोर शरण, महन्त रामलोचन शरण, म. अंजनी शरण, म. अर्जुन दास, म. केशवदास, म. परशुराम दास, जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य, भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ जायसवाल आदि मौजूद हैं और अभी और संत-धर्माचार्यों के आने की संभावना है। इस धर्मसभा में किन्नर समाज के कई लोग भी पहुंच कर मंदिर बनाने की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के राम भक्त भी धर्म सभा में पहुंचे। विहिप ने दावा किया है कि इस धर्मसभा में अब तक करीब एक लाख रामभक्त प्रदेश के विभिन्न जिलों से आ चुके हैं और रामभक्तों का आना अभी भी जारी है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग दो लाख रामभक्त सभा में पहुंचेंगे।

जनता को भाजपा से ही अपेक्षा : मोदी

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जबलपुर, 25 नवंबर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जनता को काम करने वाले से ही अपेक्षा होती है और इसलिए सभी को भारतीय जनता पार्टी से ही अपेक्षाएं हैं। श्री मोदी आज मध्यप्रदेश के जबलपुर में प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों शाहपुरा से पार्टी प्रत्याशी ओमप्रकाश धुर्वे, जबलपुर उत्तर से शरद जैन, नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल और विजयराघोगढ़ से संजय पाठक समेत पाटन, जबलपुर कैंट, जबलपुर पश्चिम, बरगी, पनागर, सिहोरा और गोटेगांव से पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि परिवार में भी जो बेटा काम करता है, उसी से अपेक्षाएं होती हैं। जनता को भी आज भाजपा से ही अपेक्षा है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि 'निठल्लों'से कोई अपेक्षा नहीं रखता। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि जो काम करता है, उससे गलती भी होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव में भाजपा ने पाई-पाई का हिसाब दिया है। प्रदेश की जनता की एक गलती उन्हें दोबारा 55 साल के कुशासन की भेंट चढ़ा देगी।  उन्होंने मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की जम कर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जबलपुर को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में बड़ा केंद्र बनाया जाएगा।  प्रदेश में चुनाव प्रचार कल समाप्त हो जाएगा। मतदान 28 नवंबर को होगा। चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।

बिहार : पटना में यूख्रीस्तीय यात्रा संपन्न

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पटना,25 नवम्बर। आज पटना में यूख्रीस्तीय यात्रा संपन्न हो गयी। इससे पूर्व ईसाई समुदाय अपने घरों से निकले और सीधे सेवा केन्द्र पहुंच गए। ढाई बजे से यूख्रीस्तीय यात्रा शुरू हुई। आओ हम गावें, राजा ख्रीस्त की गावें, येसु ख्रीस्त राजा,तेरा राज्य आवे,तेरा राज्य आवे,येसु ख्रीस्त राजा।। यहां पर पुरोहित ने भक्तों को आर्शीवाद दिए। यहां से निकलकर यात्रा मैन रोड पर आ गयी। सब मिलकर गाओ प्रभु की महिमा। ईश भजन में लय हो जाओ।। राजाओं के राजा येसु आल्लेलूइया प्रभुओं का प्रभु येसु आल्लेलूइया। राजा येसु जय बोलो,प्यारो राजा येसु जय बोलो, जय बोलो, जय बोलो,जय बोलो,जय बोलो, जय बालो। हम बोले प्रभु येसु नाम,जय येसु जय नाम। दयानिधान प्रभु येसु नाम,जय येसु जय नाम।। तेरे गीत गाऊं,तेरे संग रहूं मैं, पाऊं मैं जीवन का आनंद तुझमें प्रभु। मेरे दिल में बसने वाले प्रभु,मुझे तेरे जैसा बना आदि गीत गाएं गए।

शांति,प्रेम और खुशहाली के लिए प्रार्थना
पटना के डीनरी के विभिन्न पल्लियों से करीब सात हजार ख्रीस्तीय भक्तों ने ईसा मसीह के प्रति अपनी भक्ति एवं विश्वास की उद्घोषणा करने हेतु यूख्रीस्तीय यात्रा आयोजित की गयी। ख्रीस्तीय मान्यता है कि रोटी के रूप में प्रभु येसु ख्रीस्त उपस्थित रहते हैं। उसी को बाइज्जत लेकर चल रहे थे पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा। उनके सहयोगी फादर प्रेम रहे। इस यात्रा में ईसाई समुदाय ने विश्व भर के परिवारों में शांति,प्रेम और खुशहाली के लिए प्रार्थना के लिए प्रार्थना की। 

रोटी के रूप में प्रभु येसु ख्रीस्त
इस तरह की धार्मिक यात्रा में रोटी के रूप में प्रभु येसु ख्रीस्त को बहुत ही सम्मान दिया जाता है,कारण कि येसु ख्रीस्त ही राजाओं का राजा है। इस साल प्रथम परमप्रसाद ग्रहण करने वाले बच्चों ने सफेद पोशाक पहनकर आए थे। श्रीमती ग्रेसी आल्फ्रेड और ग्रेसी टुडू के नेतृत्व में पवित्र साक्रामेंत के आगे पुष्प बिखेरती रहीं। बच्चों ने प्रभु येसु ख्रीस्त की आरती भी उतारी। सभी बच्चे अनुशासित ढंग से कर्तव्य निभाया।

प्रेरितों की रानी ईश-मंदिर
सेवा केन्द्र से चलकर भक्तगण प्रेरितों की रानी ईश-मंदिर परिसर में पहुंचे। महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने लोगों को पवित्र साक्रामेंत की आशीष दी। इसके बाद फादर ग्रेगरी गोम्स ने भक्तगण को पारिवारिक जीवन में प्रार्थना के महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि आज विष्व भर में ख्रीस्तीय विश्वास के सामने भौतिकवाद, उपभोक्तवाद आदि की तरह कई चुनौतियां सामने है। इन चुनौतियों के सामने झुकने के बदले डटकर सामना करने का आह्वान किया। ईसा और उनकी शिक्षा पर अडिग विश्वास ही इन चुनौतियों को पार कर आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। फादर ग्रेगरी ने कहा कि आज लोगों को स्वतंत्रता,भाईचारा और न्याय की जरूरत है। इस ओर कार्य करने पर बल दिया।

कुर्जी पल्ली के प्रधान पुरोहित चमके
यहां के प्रधान पुरोहित फादर रेमंड केरोबिन के नेतृत्व में बड़े ही शानदार ढंग से धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। इनको सहायता करने में अनेक स्वयंसेवक,संस्था,संगठन,जन प्रतिनिधियों आगे रहे। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर- 22 ए के वार्ड पार्षद दिनेश कुमार चैधरी, वार्ड नम्बर-22 बी की पार्षद सुचित्रा सिंह के पति निलेश प्रसाद, यूथ कांग्रेस के नीरज कुमार, अल्पसंख्यक मोर्चा बीजेपी के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह, सुशील लोबो आदि सक्रिय योगदान दिए। 
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