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कविता : आत्म-महत्व

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कविता 

1. ■ तुम ऐसी कैसे हो सकती हो? ■

तुम कल भी
माँ थी किसी की,
किसी की थी बहन, बेटी और पत्नी
और आज भी हो

पूजता आ रहा हूँ मैं तुम्हें
दुर्गा, काली, सीता के रूप में
और आराध्य रही हो तुम
सावित्री, भामती, लक्ष्मीबाई के रूप में भी

तुम भले ही
ना जा सकी
ज्ञान प्राप्त करने किसी वट वृक्ष के नीचे
ना छोड़ सकी
कभी उस मकान को
जिसे तुमने ही घर बनाया
ना त्याग सकी
अपने पति और नवजात शिशु को

मगर यह क्या?
अब तो बदल जायेगा
इसका भी अभिप्राय
तुम्हें भी नहीं दी जायेगी वो संज्ञा
क्योंकि हो ना हो
कहीं ना कहीं इसके लिए दोषी हो तुम स्वंय

अरे शादी हुई थी हमारी
बंध गए थे सात जन्म के लिए एक पवित्र बंधन में
तुम्हारे देखे हुए सारे सपने हो गए थे अब हमारे
और पूरा करना था हमें इसे मिलकर

पढ़ाया भी तुम्हें मैंने
तुमने जहाँ तक पढ़ना चाहा,
बारहवीं से एमबीए तक की पढ़ाई
कहाँ है आजकल इतना सुलभ

ऑफिस से लेकर घर तक
साहब से मेम साहब तक
सबके काम किए मैंने
क्योंकि जुटाने थे मुझे पैसे
सिर्फ तुम्हारे लिए
तुम्हारे फीस के लिए
ताकि तुम हो सको सफल
पूरे हो वो सपने
जिसे देखे थे सिर्फ तुमने

सफल हो गई हो आज तुम
हो गई हो किसी बड़ी मल्टी नेशनल कम्पनी की मालकिन
तो क्या बदल गए रिश्ते ?
तो क्या टूट गया वो सात जन्मों का बंधन ?

अगर नहीं तो
तुम यह कैसे कह सकती हो की
तुम नहीं हो मेरे बराबरी के,
नहीं है तुम्हारी कोई हैसियत

कहीं तुम्हारे कहने का तात्पर्य
यह तो नहीं
की एक चपरासी ने की है कोई बड़ी गलती
अपनी पत्नी को पढ़ा- लिखाकर

खैर जो भी हो
तुम ऐसी कैसे हो सकती हो?

2. ■ आत्म-महत्व ■

मैंने कहा
कोई बात नहीं
वो रहती थी

वो रहती थी
कहाँ और कैसे ?
यह भी महत्व का
विषय नहीं

वो रहती थी
एक सुधि पाठक
जो आपके लिए काफी है

अब कर दें उत्सर्ग
अपनी जिज्ञासा का
हटा लें अपना स्वत्व

सुराग तो मिलने चाहिए आपको
इस रहस्य के बाद
जो अब नहीं है कोई रहस्य

क्या आप स्वंय को
मेरे जैसा ही बुद्धिमान
तो नहीं समझ रहे ?

एक लेखक की शब्दावली में
कोई शब्द नहीं से
अधिक आवश्यक है
आत्म-महत्व
बशर्ते किया गया हो
लेखकीय धर्म का निर्वहन
बिना किसी पूर्वाग्रह के।

3. ■ अब मौसम बदलेगा ■

कैसा होता है
अकेलापन का स्वाद?
कैसे समझा जा सकता है
एकांतवास को?

ओह! देखो ना
मुझे खीच रही है यह जिंदगी
इस शून्य आकाश में
सूर्य के एकांतवास को जानने के लिए
दर्पण के फ्रेम के अंदर
प्रतिबिंब के एकांतवास को जानने के लिए
हार मांस से बने मनुष्य के
शरीर में हृदय का एकांतवास
जानने के लिए

निधोक चला जा रहा हूँ मैं
एक गली की तरफ
हो रही है बर्फ की बारिश
अलग हो रहा है वहाँ से
बहुतेरे छोटी सड़क
मगर यह क्या?
सड़क के बीचोबीच
हर ओर से दर्पण से सजा हुआ
वही भूलभुलैया वाला घर
जिसे अपने बालपन में देखा था किसी सिनेमा में

भूल जायेंगे मेरे पाँव
टहलने के धुन
और नहीं सुन पाऊँगा मैं
इस संकीर्ण नस से
शरीर में रक्त संचरण की बुदबुदाहट

वैसे कोई बात नहीं
मुझे पता है घर वापस जाने का एक और मार्ग
स्मृति दर्पण के माध्यम से

निकला था जो कारवाँ
अब वो कहीं खो गया था
रेगिस्तान के धूल में
जैसे वही उसका ठौर हो
अब एक ऊँट चालक
वाहक है एकांतवास का

कैसा होता है
वियोजन का स्वाद?
अस्पष्ट हो गए हैं सभी अक्षर अब
मन्दिर के बाहर बैठे किसी दिव्यांग की विवशता की तरह
जो चीख़ चीख़ कर बता रहा है कि अब मौसम बदलेगा।

4. ■ स्वर्ग द्वार ■

सारा शहर
हो गया है निःशब्द
जैसे किसी तूफान के आने से पहले
सम्पूर्ण परिवेश ने
साध ली हो कोई चुप्पी

मध्यरात्रि के चादर से
पूरी तरह ढ़क गई अब यह धरती
और मेरे मन के अथाह सागर में
ज्वार भांटा के उथल पुथल को देख
हो रहा है प्रतीत
जैसे आज पुर्णिमा की रात हो

अब आ गया उनका आदेश
जिनको ना तो मना किया जा सकता है और ना ही अनसुना
क्योंकि
यह मध्यरात्रि में मुझे नींद से जगाने का कोई प्रयास नहीं है
जैसा कि तुम करती रही हो आज तक

सुनो ना, अब मैं जाऊंगा
जाने दो मुझे
दिन तो कब का बीत चुका
अब तो चले गए होंगे पशु-पक्षी भी अपने रैनबसेरा में

सम्भव है तुम नहीं समझ सकी होगी
क्योंकि तुम पिछले तीन पहर से ऐसे ही मेरे से लिपटे हुए
एकटक सिर्फ मुझे ही देख रही हो
मगर यह भी सत्य है प्रिय
अब मेरे पास बचे हैं रात के कुछ पहर

मैंने तो काट लिया ईश्वर के बोए हुए सारे फसल
निराशा और मृत्यु इस धरती पर है किसी बन्द कमरे के अंधेरे की तरह
उल्लू की बोली को समझना
कहाँ होता है आसान
मैं तो बस आज तक समझता आया हूँ तुम्हारे मुस्कुराते होंठ और आखँ से गिरते हुए आंसुओं को

कोई बात नहीं
तुम चिंता ना करो
मैं तुम्हारी राह देखूँगा
अब दे दो मुझे अनुमति
तभी मुझे मिल सकती है
प्रेम और भय से मुक्ति
इस स्वर्ग द्वार में प्रवेश के बाद भी।

5. ■ उचित बात ■

किसने कहा तुम्हें?
छोड़ो भी तुम!
अब तुम बन्द कर दो
लल्लो चप्पो में रहना
और सीख जाओ सही को सही
गलत को गलत कहना

मैं कभी नहीं मान सकता
तुम्हें प्रगतिशील
क्योंकि
आज तक तुम कर रहे हो
उस तूफान के थमने का इन्तजार

इसे भी मैं कैसे कह दूँ
उचित?
जब अभी भी तुम्हारी टकटकी
बता रही है
तुम कितने दहशत में हो उस तूफान के भय से

देखो उस वृक्ष को
जो परम्परा को निभाते हुए
आज स्वंय बन गया है एक तूफान
जिसके भय से कांप रहा है धरती और आकाश दोनों

जब कुछ सीखना है
तो देख लो उस पक्षी को
जो बन चुका है आज आधुनिकता का पर्याय
उड़ रहा है तूफान के अंदर भी

रात होने से
भले ही रुक जाए
यह उड़ान
मगर तूफान के भय से रुक जाना
सही नहीं है।

क्योंकि तुम्हे स्थापित करना है एक साम्य
परम्परा, प्रगतिशीलता और
आधुनिकता के मध्य
इसलिए तुम्हे बनना होगा उस बगीचें का फूल
जिससे होकर गुजरा है यह तूफान।




लेखक : पंकज झा 
टाटा स्टील लिमिटेड मे विधुत अभियन्ता 
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मुझे चोर कहकर राहुल पूरे समुदाय की छवि खराब कर रहे : मोदी

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अकलुज 17 अप्रैल, ‘‘सभी मोदी चोर क्यों है’’ बयान को लेकर राहुल गांधी को घेरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बयान देकर उस पिछड़े समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की है जिससे वह ताल्लुक रखते हैं। मोदी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार की ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ की आलोचना की और दावा किया कि राकांपा प्रमुख माधा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी मैदान से इसलिए ‘‘भाग’’ गए क्योंकि उन्हें अपनी हार का अहसास हो गया था। मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों का कहना है कि समाज में सभी मोदी चोर हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने मेरी पिछड़ी जाति को अपशब्द कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बार तो उन्होंने सीमाएं ही लांघ दीं और पूरे पिछड़े समुदाय को अपशब्द कह डाले।’’ 


राहुल गांधी ने हाल ही में कथित तौर पर कहा था, ‘‘मेरा एक प्रश्न है। सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों होता है, भले ही वह नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो और नरेंद्र मोदी हो? हमें नहीं पता कि ऐसे और कितने मोदी आएंगे।’’  मोदी ने गांधी की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘‘नामदार’ ने पहले ‘चौकीदार चोर है’ कहा था। अब वे एक पिछड़े समुदाय (मोदी समुदाय) की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछड़े समुदाय से होने के कारण मैं इस पीड़ा का आदी हो गया हूं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पिछड़े समुदाय की मेरी पृष्ठभूमि को लेकर कई वर्षों से मेरा अपमान करती आई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस प्रकार के हमलों का आदी हो गया हूं। अब वे मुझे बदनाम करते हुए पूरे समुदाय की छवि खराब कर रहे हैं। यदि आप पूरे समुदाय को अपमानित करने की कोशिश करते हैं तो मैं यह नहीं सहूंगा। मुझे चोर कह कर पूरे पिछड़े समुदाय को यह तमगा क्यों दिया जाए।’’

सागर जिले में मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतरा

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जबलपुर 17 अप्रैल, मध्यप्रदेश में सागर जिले में मकरोनिया रेलवे स्टेशन के पास कोयले से लदी मालगाड़ी का एक डिब्बे के बुधवार सुबह पटरी से उतरने से रेल यातायात बाधित हुआ और कुछ ट्रेनों को रद्द तक करना पड़ा है। जबलपुर रेल मंडल प्रबंधक (डीआरएम) मनोज कुमार ने पीटीआई भाषा को बताया कि मालगाड़ी का डिब्बा सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर पटरी से उतर गया। इससे अपलाइन का रेल यातायात बाधित हुआ। उन्होंने कहा कि डाऊन लाइन चालू होने से ट्रेनों को फिलहाल डाउन लाइन से निकाला जा रहा है। डीआरएम ने कहा कि इस वजह से दमोह-बीना और बीना-दमोह पैसेंजर ट्रेन :51885, 51886: रद्द कर दी गई जबकि बिलासपुर- भोपाल एक्सप्रेस :18236: और भोपाल-बिलासपुर :18235: को क्रमश: मझगंवा फाटक और बीना स्टेशन पर आगे की यात्रा के लिये रद्द किया गया है।

शिंदे ने कहा-यह मेरा आखिरी चुनाव

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सोलापुर 17 अप्रैल, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और महाराष्ट्र की सोलापुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि यह उनका अंतिम चुनाव है। 77 वर्षीय शिंदे का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार लिंगायत साधु जयसिद्देश्वर स्वामी और वंचित बहुजन अगाड़ी के प्रकाश आम्बेडकर से है। यहां बृहस्पतिवार को वोट डाले जायेंगे। मंगलवार को चुनाव प्रचार के अंत में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मेरा आखिरी चुनाव होगा। मैंने कभी सार्वजनिक तौर पर यह नहीं कहा, पर अब कह रहा हूं। मैं भविष्य में लोकसभा अथवा विधानसभा का चुनाव नहीं लडूंगा।  शिंदे पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार में गृहमंत्री रह चुके है। वह 2003 से 2004 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे और नवम्बर 2004 से जनवरी 2006 तक आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहे।

खामोश हैं योगी और मायावती के ट्विटर हैण्डल

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लखनउ 17 अप्रैल, चुनावी मौसम में हर रोज आक्रामक रहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती के ट्विटर हैण्डल खामोश हो गये हैं । चुनाव आयोग ने दोनों ही नेताओं पर चुनाव प्रचार को लेकर क्रमश: 72 घंटे और 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है । चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अली-बजरंगबली भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके प्रचार अभियान पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा रखा है। मंगलवार सुबह छह बजे से योगी पर लगे प्रतिबंध की शुरुआत हुई है । इस प्रतिबंध की वजह से योगी ना तो रैली कर सकते हैं, ना राजनीतिक बैठक और ना चुनाव से जुड़ी कोई बयानबाजी कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें सोशल मीडिया के इस्तेमाल से भी रोक रखा है ।मायावती ने गत सात अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में चुनावी रैली के दौरान खासकर मुस्लिम समुदाय से वोट मांगा, जिसे आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सोमवार को किसी भी चुनावी गतिविधि में शामिल होने पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया । मायावती के ट्विटर हैण्डल पर प्रतिबंध से पहले 14 अप्रैल को रात नौ बजकर आठ मिनट पर अंतिम टिप्पणी है। यह टिप्पणी उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी पर की है ।

मायावती ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी द्वारा वोटरों को धमकाने के बाद अब यूपी के सीएम द्वारा भी सभा के दौरान काले झंडे/बैनर दिखाए जाने पर 'जिन्दगी भर बेरोजगार रह जाने'की खुली धमकी बीजेपी का अहंकार ही नहीं बल्कि इनका घोर जनविरोधी रवैया है, जिसे चुनाव में परास्त करने की जरूरत है । योगी के ट्विटर पर 15 अप्रैल को रात नौ बजकर 43 मिनट पर टिप्पणी की गयी है । इसमें उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने दो वर्षों में 64 हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान कर न केवल किसान भाइयों के जीवन में गुणात्मक सुधार किया है बल्कि 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने के आदरणीय प्रधानमंत्री जी के स्वप्न को साकार करने की दिशा में कदम उठाए हैं जिससे उनके जीवन में खुशहाली आयी है।' भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने 'भाषा'से कहा, 'हम लोग चुनाव आचार संहिता का पालन करने वाले लोग हैं । आयोग के निर्देश का अनुपालन कर रहे हैं।' भाजपा के ही एक अन्य नेता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने 'भाषा'से बातचीत में कहा, 'प्रदेश अध्यक्ष :महेन्द्र नाथ पाण्डेय: ने चुनाव आयोग से पुनर्विचार करने को कहा था .... मुख्यमंत्री जी ने भी जो बात कही, किसी धर्म के नाम पर कोई अपील नहीं की।'

बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा ने मायावती पर प्रतिबंध को अनुचित एवं असंवैधानिक करार देते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अली और बजरंगबली की बात करके लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का भरपूर प्रयास किया... लेकिन लोगों को गुमराह होने से बचाने के लिए चुनाव आचार संहिता का पूरा ध्यान रखते हुए मायावती को मजबूरी में अपनी एक चुनावी जनसभा में ये बताना पडा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दो धर्मों के बीच नफरत पैदा करके इस चुनाव को जीतना चाहते हैं। ' आयोग ने सपा नेता आजम खां और केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी पर भी प्रतिबंध लगाया है। मेनका गांधी के ट्विटर पर आखिरी पोस्ट 15 अप्रैल सुबह चार बजकर 54 मिनट की है, जिसमें उन्होंने कहा है, 'सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र की लम्भुआ विधानसभा के रामगढ़, पतिपुर, प्रतापपुर, सोनावां, नारायणपुर, नरहरपुर आदि जगहों पर सभाएं की और आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किये गये विकास कार्यों से अवगत कराया । एक बार फिर से नरेंद्र मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान किया।'


अखिलेश गुरूवार को करेंगे नामांकन

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आजमगढ (उत्तर प्रदेश) 17 अप्रैल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरूवार को आजमगढ लोकसभा सीट से अपना नामांकन करेंगे। सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने बुधवार को बताया कि नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा अध्यक्ष एक जनसभा को सम्बोधित करेंगे। अखिलेश के नामांकन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी मौजूद रहेंगे। यादव ने बताया कि अखिलेश यादव 11 बजे वाराणसी हवाई अड्डे से हेलीकाप्टर द्धारा पुलिस लाइन परिसर पहुचेंगे। वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करने पुलिस लाइन से सीधे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचेंगे। नामांकन के बाद वह नगर के बैठौली बाईपास पर जनसभा को सम्बोधित करेंगे और फिर वाराणसी रवाना हो जायेंगे।

'कलंक'को लेकर व्यावसायिक दबाव है: वरुण धवन

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bussiness-pressure-for-kalank-says-varunनयी दिल्ली 17 अप्रैल, अभिनेता वरुण धवन अपनी कम और अधिक बजट की फिल्मों के बीच संतुलन बरकरार रखने के लिये जाने जाते हैं लेकिन उनका कहना है 'कलंक'जैसी सितारों से सजी फिल्म को लेकर व्यावसायिक दबाव है। वरुण की पिछली दो फिल्में 'अक्टूबर'और 'सुई धागा'कम बजट की थीं। लेकिन 'कलंक'को लेकर बहुत कुछ दांव पर लगा है, जिसे उन्होंने अब तक की अपनी सबसे महंगी फिल्म बताया है। वरुण ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, "मेरी पिछली दो फिल्में काफी कम बजट की थीं, उनकी पहुंच बहुत अधिक थी। वित्तीय आधार पर उन फिल्मों को लेकर बहुत अधिक दबाव नहीं था। लेकिन इस फिल्म को लेकर व्यावसायिक दबाव है। इसे लेकर मैंने बहुत तैयारी की है और मैं दबाव में हूं।"  उन्होंने कहा, "इस फिल्म पर बहुत सी निगाहें टिकी हैं क्योंकि यह बड़े कलाकारों से सजी फिल्म है। यह सभी पहलू मुझे चिंतित कर रहे हैं। हर कोई इसे देखने जा रहा है और मैं इसमें और अच्छा करना चाहता था। असफलता का डर मुझे चिंतित करता है।"  निर्देशक अभिषेक वर्मन की इस फिल्म में वरुण के अलावा आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, संजय दत्त, माधुरी दीक्षित नेने और कुणाल खेमू अभिनय करते नजर आएंगे। फिल्म 17 अप्रैल को रिलीज हो गई।

अगस्त में आएगा सलमान रुश्दी का नया उपन्यास

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नयी दिल्ली 17 अप्रैल, मशहूर लेखक सलमान रुश्दी की नयी पुस्तक स्पेनिश उपन्यास ‘डॉन क्विक्जोट’ से प्रेरित है। रूश्दी के उपन्यास में एक ऐसे उम्रदराज सेल्समैन की कहानी है, जिसे एक टीवी स्टार से प्यार हो जाता है। पेंग्विन रेंडम हाउस इंडिया ने रूश्दी के उपन्यास ‘क्विचोटे’ का अधिकार हासिल किया है और अगस्त में हामिश हेमिल्टन इमप्रिंट के तहत इसका प्रकाशन होगा।पुस्तक के प्रकाशक ने कहा है कि ‘क्विचोटे’ में पिता-पुत्र के संबंध, भाई-बहन के बीच होने वाले झगड़े, नस्लवाद और साइबर जासूसी आदि पर भी प्रकाश डाला गया है। रुश्दी मिडनाइट चिल्ड्रेन सहित 13 उपन्यासों के लेखक है। मिडनाइट चिल्ड्रेन के लिए रुश्दी को मैन बुकर प्राइज भी मिल चुका है। इसके अलावा लघु कहानियों का एक संग्रह भी वह लिख चुके हैं।


जुमले ही ले डूबेंगे मोदी सरकार को: गहलोत

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जयपुर 17 अप्रैल,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को ‘‘जुमले वाली सरकार’’ बताते हुए बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में उसकी विदाई तय है। गहलोत ने यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लोग धीरे-धीरे समझ गए हैं और जुमले ही मोदी सरकार को ले डूबेंगे। गहलोत ने कहा, ‘‘ये जुमले उनको ले डूबेंगे ... इस मोदी सरकार को ले डूबने का एक बड़ा कारण तो यह होगा कि इसने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया। दूसरा बड़ा कारण जुमलेबाजी रहेगी। सब लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं कि यह जुमले वाली सरकार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कोई सुशासन नहीं दिया केवल जुमलेबाजी की और अब इनकी विदाई तय है। यात्राएं हो रही हैं। आप देखना कि इन चुनावों में इनका सफाया हो जाएगा।’’ जोधपुर सीट से भाजपा के प्रत्यशी व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के ‘‘सरकारी अधिकारियों को उल्टा लटकाने’’ संबंधी कथित बयान की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्हें शेखावत से ऐसी उम्मीद नहीं थी। गहलोत ने कहा, 'अभी तो जनता उनकी जो केंद्र में सरकार है उसको उलटा लटकाने जा रही है।'  मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव में दुबारा उतरे मोदी सरकार के चारों मंत्री संकट में हैं और उन्हें हार सामने नजर आ रही है।

पूर्णिया : मतदान कर्मियों ने क्लस्टर सेंटर पर दिया योगदान, मतदान सामग्री ले चले मतदान कराने बूथ

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता)  : चुनाव की हर गतिविधियों पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। उक्त बातें अमौर प्रखंड के सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह बीडीओ रघुनंदन आनंद ने कही। बीडीओ ने बताया कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा के निर्देश पर अमौर प्रखंड मुख्यालय में विधान सभा स्तरीय कलस्टर सेंटर बनाया गया है। जहां मंगलवार को मतदान कर्मियों ने पहुंचकर योगदान दिया है और क्लस्टर सेंटर में मतदान कर्मियों के बीच नियुक्ति पत्र, वोटर लिस्ट, अमिट स्याही, स्ट्रेचरी व नन स्ट्रेचरी पैकेट, मॉक पोल बक्सा एवं अन्य मतदान सामग्री शिविर लगाकर वितरण किया गया है। सभी मतदान कर्मियों को संबंधित बूथ पर वाहन से रवाना कर दिया गया है। इवीएम मशीन एवं वीवीपैट जिला से पीसीसीपी के माध्यम से मतदान केंद्रों पर भेजा रहा है। बीडीओ श्री आनंद ने बताया कि पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड क्षेत्र, किशनगंज लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आता है जहां 18 अप्रैल को द्वितीय चरण में लोकसभा चुनाव होना है। प्रखंड में चुनाव की सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस प्रखंड में 174 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 16 सामान्य मतदान केंद्र, 80 संवेदनशील मतदान केंद्र एवं 78 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जहां प्रखंड क्षेत्र के 1,75,750 मतदाता मतदान करेंगे। इसमें 92,992  पुरूष मतदाता एवं 82754 महिला मतदाता मतदान करेंगे। इसके अलावे प्रखंड क्षेत्र 775 नए मतदाता एवं 742 दिव्यांग मतदाता भी इस बार मतदान करेंगे जो वयस्क होने के बाद भी लंबी अवधि से मताधिकार से वंचित थे। प्रखंड मुख्यालय स्थित मतदान केंद्र संख्या 86, आदर्श मध्य विद्यालय अमौर को पीक बूथ बनाया गया। जहां सभी मतदान कर्मी महिला होंगे। प्रखंड क्षेत्र में लोकसभा चुनाव भयमुक्त, निश्पक्ष व शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए बीएमपी की दो कंपनी, आरपीएसएफ की एक कंपनी एवं पुलिस बल की तैनाती की जा रही है और चुनाव की हर गतिविधियों पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 अप्रैल

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इछावर और विदिशा विधानसभा के गढ तोडे हैं अब विदिशा लोकसभा की बारी हैः शैलेन्द्र पटेल

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विदिशाः विदिशा-रायसेन लोकसभा प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल सुबह 10 बजे विदिशा होते हुए कार्यकर्ता बैठक में शामिल होने गुलाबगंज, अटारीखेजडा और हाॅसुआ पहुॅचे। सेक्टर, मंडलम और ब्लाक अध्यक्षगण ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल विधायक शशांक भार्गव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी का स्वागत कर मतदान केन्द्र के कार्यकर्ताओं से परिचय करवाया।  ग्राम हाॅसुआ में कार्यकर्ता बैठक को संबोधित करते हुए प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल ने कहा कि वे पिछले कई वर्षो से सक्रिय से जनता की सेवा कर रहें है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा कर 2008 में इछावर विधानसभा क्षेत्र से मौका दिया था। तब इछावर भाजपा के मजबूत गढ के रूप में जाना जाता था, लगातार 30 वर्षो से इछावर भाजपा के कब्जे में रहा लेकिन कार्यकर्ताओं के परिश्रम से हमने भाजपा के मजबूत गढ को तोडा था। इसी प्रकार विदिशा विधानसभा पिछले 46 से भाजपा के गढ के रूप जाना जाता था। यहाॅ के विधायक शशांक भार्गव जी की निरंतर सक्रियता और कार्यकर्ताओं की मैदानी एकजुटता से हमने यहाॅ भी कांग्रेस पार्टी की जीत का परचम फहराया है। अब बारी विदिशा लोकसभा की है। विधायक भार्गव जी और हम सब मिलकर भाजपा के 35 वर्ष पुराने गढ को तोडकर इस बार कांग्रेस को जीत दिलायेगें। हर कार्यकर्ता आज से ही अपने आपको शैलेन्द्र पटेल समझकर 12 मई तक मैदान में जुट जाए, 23 मई के बाद आपकी सेवा मेरी जिम्मेदारी रहेगी।  विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि पिछले 35 वर्षो से जीत रहे भाजपा सांसदों ने विदिशा को विकास से दूर रखा है। पिछले 10 वर्षो से हमारा प्रतिनिधित्व कर रही विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज विदिशा क्षेत्र से 10 सौगात भी नही गिना सकती है। क्षेत्र की जनता 10 सालों तक सांसद कार्यालय ही ढॅूढती रही। इस बार ऐसा प्रत्याशी है जो क्षेत्र का है किसान का बेटा है अपने बेटे का साथ दें।  जिला कंाग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि सभी कार्यकर्ता आज से ही एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जी-जान से जुट जाऐं और बता दें कि क्षेत्र की जनता अपने साथ हुए धोखे का बदला लेना चाहती है। यह प्रत्याशी की नहीं विचारधारा की लडाई गांधी के अनुयाई गोडसे की विचारधारा को जड से खत्म करने का संकल्प लें।  विदिशा ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी अध्यक्ष वीरेन्द्र पीतलिया के बडे भाई का निधन हो जाने के कारण विदिशा के कार्यालय का उद्धघाटन एवं कार्यकर्ता मीटिंग का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था, ग्राम हाॅसुआ कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने 2 मिनिट का मौन रखकर श्री विजय कुमार पीतलिया को श्रद्धांजली दी।  इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि रणधीरसिंह ठाकुर, राकेश कटारे, बसंत जैन, मनोज कपूर, आनंदप्रताप सिंह, मयंक तेनुगुरिया, शैलेन्द्र बिट्टू भदौरिया, नंदकिशोर शर्मा, अजय कटारे, सुरेन्द्र भदौरिया, अनुज लोधी, दीवान किरार, मोहरसिंह रघुवंशी, नरेन्द्र रघुवंशी, गौरव दांगी, अशरफ खान, शिवचरण शर्मा, संतोष गुर्जर, सुजीत देवलिया, रिंकू शर्मा, बसीम खान, शिवराज पिपरोदिया सहित अनेकों कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

नगरपालिका की अदूरदर्शितापूर्ण विकास नीति से जनता परेशान- भार्गव

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विदिशाः- विधायक भार्गव ने आज 10 वें दिन शहर के मूलभूत सुविधाओं से वंचित करैयाखेड़ा क्षेत्र की विभिन्न गलियों में आम नागरिकों से भेंटकर मूलभूत सुविधाओं की उपेक्षा के शिकार शहर विदिशा के नागरिकों से समस्याओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की, उन्होंने कहा कि नगरपालिका अदूरदर्शी विकास नीति का परिणाम है, कि नगरवासियों के हित में कोई भी कार्य समय पर पूर्ण नहीं होने से आम जनता को भारी असुविधाओं का सामना करना पड रहा है, उन्होंने कहा कि मैं 10 दिन से विभिन्न वार्डाें में गया। मैने देखा कि किसी भी वार्ड में व्यवस्थित कार्य नहीं हो रहे, ऐसा प्रतीत होता है, कि मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराये जाने के लिये जिम्मेदार संस्था नगरपालिका परिषद विदिशा शहर के विकास पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही। नगरपालिका के लिये जनता को होने वाली असुविधा से कोई मतलब नहीं है। आम नागरिकों को कोई यह बताने वाला नहीं है, कि कार्य कब प्रारंभ होगा अथवा जो थोड़े बहुत कार्य चल रहे है, वे कब पूर्ण होंगे। अधिकांश निर्माण कार्य अपूर्ण है, लोग पानी के लिये, स्ट्रीट लाईट, सफाई कार्य के लिये परेशान है, लेकिन भाजपा शासित नगरपालिका मानो कुॅभकर्णी नींद सो गई है। नगरपालिका अगर जिम्मेदारी का निर्वाहन कुशलतापूर्वक करती, तो निश्चित ही आज विदिशा की तस्वीर कुछ और होती। आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को किश्ते नही मिल रही, हितग्राही नगरपालिका के चक्कर काट-काट कर परेशान है, उन्होंने नगरपालिका की भूमिका की आलोचना करते हुये अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कुशलतापूर्वक किये जाने का अनुरोध किया, जिससे कि आमनागरिको को समस्याओं से छुटकारा मिल सके।  इस संबंध में उन्होंने मुख्य नगरपालिका अधिकारी विदिशा को पत्र लिखकर पेयजल हेतु टेंकर के प्वाइंट बनाने, स्ट्रीट लाईट, साफ-सफाई के कार्योें के साथ ही आवश्यक निर्माण कार्योें हेतु यथाशीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। भ्रमण के दौरान  सुरेंद्र भदोरिया, वृजेन्द्र वर्मा पार्षद, रामस्वरूप शर्मा, संतोष गौड़, देवेंद्र शर्मा, डालचंद साहू, कालूराम मीना, राजकुमार डिडोत, माद्योसिंह अहिरवार, श्रीवास्तवजी, राधेलाल कुशवाह, मोहन शर्मा, कमलेश प्रजापति, योगेश सेन, मनोज कुशवाह, भोलाराम अहिरवार आदि उपस्थित रहे। दिनंाक 18.04.19 को पी.एच.ई. मैकनिकल से करैयाखेडा रोड होते हुये आचार्य काॅलोनी, तमोरिया एवं राजाभैया काॅलोनी में विधायक भार्गव द्वारा समस्याओं के संबंध में प्रातः 6.30 बजे से उक्त क्षेत्र में वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ जनसंपर्क पर रहेगे।

पूर्णिया : चुनावी ड्यूटी में अमौर जा रही बस हुई अनियंत्रित, बाल बाल बचे मतदान कर्मी

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता): जिले के डगरुआ थाना क्षेत्र के बेलगच्छी पंचायत अंतर्गत गंडवास गांव के समीप एनएच 31 सड़क किनारे पानी भरा एक गड्ढे में मतदान कर्मी से भड़ा एक बस अनियंत्रित होकर जा घुसा। हालांकि बड़ा हादसा होने से बच गया और सभी मतदान कर्मी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना के संबंध में बस संख्या बीआर 11-9418 के ड्राइवर बमबम झा ने बताया कि पूर्णिया रंगभूमि मैदान से कुल 20 मतदान कर्मियों को लेकर अमौर जा रहे थे इसी क्रम में गंडवास के पास बस के आगे अचानक गाय का एक बच्चा आ गया। जिसकी जान बचाने के चक्कर में संतुलन बिगड़ गया था। उन्होंने अपनी  सूझबूझ से गाड़ी को पलटने से बचा लिया और बस को सीधे सड़क से नीचे खेत में जाने दिया। गड्ढे में पानी होने के कारण बस अपने आप रूक गई और बड़ा हादसा होने से बच गया। जिससे बस पलटी खाने से बच गई। सभी मतदान कर्मी सुरक्षित हैं। वहीं घटना की सूचना पाते ही डगरुआ थाना एसआई ब्रजकिशोर बैजू दल बल के साथ पहुंचे तथा सभी मतदान कर्मियों को दूसरे वाहन से अमौर भेजा। पुलिस ने बताया कि सभी मतदान कर्मी सुरक्षित हैं।

बेगुसराय : एक माँ ने दी तीन बच्चों (पुत्रों) को जन्म

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर में सोमवार के रात्रि में जगदीशपुर गांव निवासी सुजीत राम की पत्नी सरिता देवी ने एक साथ बारी-बारी से तीन स्वस्थ पुत्रों को जन्म दिया।उक्त तीनों बच्चों का वजन क्रमशः 885, 775 एवं 475 ग्राम के थे। इसकी जानकारी पीएचसी के डॉक्टर अशोक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि तीनों बच्चे पूर्णरूप से स्वस्थ है।तीन बच्चों का एक साथ जन्म लेने की जानकारी मिलते ही उनके परिवार एवं ग्रामीणों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। उक्त बच्चे को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गयी। तीन स्वस्थ बच्चों का एक साथ जन्म लेने की बात पुरे प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

बेगुसराय : पूर्व सैनिक संघ ने किया सैनिक पुत्र आईएएस गौरव को सम्मानित

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) बेगूसराय जिला पूर्व सैनिक संघ के मीडिया प्रभारी भवेश कुमार भारतीय ने समाचार प्रेषित कर बताया कि आज 16 Apr को पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष कैप्टन रामकृष्ण पाठक के नेतृत्व में सचिव राजाराम पोद्दार कोषाध्यक्ष कैप्टन अरुण सिंह, अभय कुमार एवं वयोवृद्ध वेटरन आदरणीय सीताराम बाबू सहित अन्य पूर्व सैनिकों ने आज सैनिक पुत्र बेगुसराय रामदीरी निवासी गौरव जी की उपलब्धि पर उनके घर जाकर के उनको बधाई दिया एवं युवा IAS गौरव जी को बुके देकर सम्मानित किया । इस गौरव के क्षण पर खुशी जताते हुए संघ के अध्यक्ष ने कहा आज सचमुच हमारा संघ परिवार फूला नहीं समा रहा है । हमारे संघ परिवार में एक आईएएस पैदा लिया । यह बताते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है कि सिर्फ गौरव जी सैनिक पुत्र ही नहीं सैनिक पौत्र भी हैं । इनके दादा जी भी सेना में कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, इनके दादा जी का सैनिक संघ परिवार से काफी लगाव रहा है ।और आज भी ये सैनिक परिवार को पाकर गदगद हो जाते हैं ।  वयोवृद्ध वेटरन श्री सीताराम बाबु ने विशेष तौर पर गौरव जी को बधाई दिया । साथ ही सैनिक संघ के सचिव, कोषाध्यक्ष ने इस सफलता पर कहा यह रामदीरी की उपलब्धि ही नहीं यह सैनिक संघ बेगूसराय की भी उपलब्धि है कि आज हमारा एक युवा पुत्र भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुआ । सभी पूर्व सैनिकों ने गौरव जी को काफी सराहा और दिल से इस अनुपम उपलब्धि के लिये आभार प्रकट किया व धन्यवाद दिया।

पूर्णिया : अगर अभी तक सीएम होते तो दलितों की स्थिति बदल देते : जीतन

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) भवानीपुर प्रखंड स्थित बलदेव उच्च विद्यालय के क्रीड़ा मैदान में महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी पप्पू सिंह के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर मुझे सीएम बनाया था। जब वह सीएम थे तो चीफ सेक्रेटरी से लेकर चपरासी तक नीतीश का आदमी था, काम करने कहां देता था। काम करने वाले दलित के बच्चे को कान पकड़कर बाहर कर दिया। अगर सीएम रहते तो दलितों की स्थिति बदल देते। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने मेरे काम काज की प्रशंसा की थी। हम हटाने के सवाल पर खुली बहस चाहते हैं। फैसला आपके हाथों में है। 18 को उदय सिंह को वोट देकर बदला लेना है। उक्त बातें पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने मंगलवार को भवानीपुर में महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही। पूर्व सीएम श्री मांझी ने दावा किया कि प्रथम चरण के चुनाव में चारों सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है। श्री मांझी ने कहा कि नीतीश के बहकावे में नहीं आए। आज दलितों पर बड़ा संकट है। यह भीमराव अंबेडकर का संविधान ही था कि आज आपके सामने जीतनराम मांझी भाषण दे रहा है। लेकिन आज भारत का संविधान खतरे में है। संविधान और आरक्षण को बचाना है तो महागठबंधन को जिताना होगा। राहुल गांधी को पीएम बनाना है तो उदय सिंह को जिताना होगा। सभी दलितों का कर्तव्य है कि भाजपा की सरकार नहीं बल्कि महागठबंधन की सरकार बने। अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो पलटू राम को दो महीने में चलता कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नरसंहार में दलित आरोपी हो तो उसे फांसी की सजा होती है और अगर अन्य हो तो रिहा हो जाता है। इसकी वजह यह है कि न्यायपालिका में आरक्षण नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वह दलितों के नाम पर दलितों का ही शोषण करते हैं। सभा को संबोधित करते हुए प्रत्याशी उदय सिंह ने कहा कि बीते 05 वर्षों में पूर्णिया हारा है। 18 को अपने आप को जीताएं, सबको साथ लेकर चलने का वादा करता हूं। 

पूर्णिया : ...देश में एक विचारधारा की लड़ाई चल रही है : मुकेश सहनी

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) देश में वर्तमान समय में एक विचारधारा की लड़ाई चल रही है। जिसमे एक तरफ झूठ का ढिंढोरा पीटने वाली आरएसएस की गोद में बैठी सरकार है तो दूसरी तरफ जनता की ताकत है। यहां एक तरफ संविधान एवं आरक्षण बचाने की बात कही जा रही है तो दूसरी तरफ गरीबों के हक छिनने वाली सरकार है। उक्त बातें सन ऑफ मल्लाह सह विशाल इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कही। भवानीपुर बलदेव उच्च विद्यालय क्रीड़ा मैदान में महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के पक्ष में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार वर्ष 2014 के अपने सभी वादों को भुला दिया। किए गए वादों में उन्होंने एक प्रतिशत भी काम नहीं किया है। सवालिया लहजे में उन्होंने जनता से पूछा कि क्या दो करोड़ लोगों को इनके सरकार के द्वारा रोजगार मुहैया कराया गया? क्या यहां की जनता के खाते में पंद्रह लाख रुपया आया? क्या यह सरकार अच्छे दिन लाने का काम किया? जवाब में मौजदू लोगों ने नहीं कहते हुए अपना हाथ उठाया। मौजूद जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के पिछड़ों, गरीबों, दलितों एवं किसानों को छलने का काम किया गया है। जिसका जवाब यहां की जनता अवश्य देगी। उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से महागठबंधन प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील की। मौके पर कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी उदय सिंह, विशाल इंसान पार्टी के अमर कुमार सिंह, शंभु सिंह, ध्रुव कुमार सिंह, संयोगिता सिंह, कसबा विधायक आफाक आलम संजय समदर्शी, मकुनी मंडल सहित दर्जनों कार्यकर्ता एवं गठबंधन के दर्जनों नेता मौजूद थे।

बिहार : पहले चायवाला और चौकीदार बन गए मोदी : राबरी देवी

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पटना,16 अप्रैल।पहले चायवाला बना और चौकीदार बन गए हैं नरेन्द्र दामोदर मोदी. इस समय कौन है भारत के प्रधानमंत्री? बच्चों को पता ही नहीं चल रहा है. इसका जवाब बच्चे कहकर पिंड छुड़ा रहे है कि वह 2014 में चायवाला था और 2019 में चौकीदार बन गया है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जमकर  मोदी की पोल खोली. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी ने कहा कि यह सच्चाई है कि जबतक विधान सभा का चुनाव लड़े,तबतक गुजरात विधान सभा चुनाव और विधान सभा में नरेंद्र मोदी जी ने कभी चायवाला नहीं बताया. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका बाल्यावस्था की तस्वीर मिल जाएगी. एक भी चायवाला की तस्वीर नहीं है.इस पर शोध करने की जरूरत है.

 15 सालों तक सीएम रहे मोदी
गुजरात में तीन बार मोदी जी विधान सभा चुनावी दंगल में उतरे.मगर उस दरम्यान खुद को चाय बेचने वाले के रूप में प्रस्तुत नहीं किए.जब उनको प्रधानमंत्री के रूप में प्रेजेंट किया गया.तब जाकर नारा बुलंद करने लगे.2014 में  लोकसभा का चुनाव के समय से चाय बेचने वाले के रूप में खुद को प्रस्तुत किया. इसी लुभावने नारे में भोले भाले मतदाताओं के मतहरण कर लिए. 

2014 में चायवाला और  2019 में चौकीदार बन गया
पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी जी मुद्धे पर चुनाव लड़े.उनका अलग राष्ट्रधर्म है। हमलोग चाहते है कि जनधन वाले लोगों के खाते में 15 लाख रू. देने का वादा किए थे.उनके खाते में रकम डाले. कथन को मगर पूरा नहीं करें और 15 लाख रू. नहीं दिए. गरीबों की थाली में प्रोटीनयुक्त आहार मिले.युवकों को रोजगार दें. वादा 2014 में करके विजयी हुए और सत्ता भोग करते रहे. चायवाला से चौकीदार बनने वाले 2019 में 15 लाख का जिक्र नहीं कर रहे हैं. अब तो यह साफ हो गया है कि जुबलाबाजों की सरकार है साबित हो गया. इनके झासा में नहीं आना है.जुमलेबाजों के बाजू को कमजोर करना ही है. घोषण- पत्र के अनुसार ही मतदान करना है.

लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्रों में जनता के असली मुददे गायब - राजेन्द्र सिंह

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आज तो भारत में ’सत्यमेव जयते, को झूठमेव जयते’ में बदल दिया है, ऐसा काम राजनेता ही करने में सफल हो रहे है। जिन दलों ने अभी तक अपने घोषणा पत्र जारी किये है, उनके घोषणा पत्र में भी गंगा के वास्तविक मुद्धों के ऊपर कोई ठोस कार्ययोजना या दृष्टि नहीं दिखायी दे रही है। गंगा के वास्तविक मुद्धे घोषणा पत्रों से गायब है।
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भोपाला। 17वी लोकसभा के चुनाव के परिपेक्ष्य में अधिकांश राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र जारी हो गये है, सभी राजनैतिक दलों के घोषणा पत्रों में पेयजल, सिंचाई, नदी संरक्षण, गंगा पुर्नजीवन जैसे विषयों पर आधी-अधूरी बाते दिखायी दे रही है, भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जल जीवन मिशन की शुरूआत करने की घोषणा की है जिसके तहत जल शक्ति मंत्रालय का निर्माण किया जायेगा, यह मंत्रालय देश के अलग-अलग हिस्सों में बडी नदियों को जोडने के कार्यक्रम को आगे बढ़ायेगा। हम सब जानते है कि नदीजोड परियोजना पूरे दुनिया में अंधिकाश जगहों पर असफल रही है जिसके कई वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय कारण है। जो योजना नदीजोड परियोजना देश के हित में नहीं है बल्कि नदियों को पुर्नजीवित करने की योजना प्रारम्भ करनी चाहिए। भाजपा ने भी 2024 तक हर घर नल का पानी उपलब्ध कराने का वादा अपने घोषणापत्र में किया है। हम जानते है कि इस देश के 350 से अधिक जिले सूखाग्रस्त है जल संकटग्रस्त क्षेत्रों राज्यों में बढोत्तरी होती जा रही है, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता निरन्तर कठिन होती जा रही है ऐसे में बिना किसी तैयारी के यह वादा अव्यवहारिक है पानी की उपलब्धता में स्थिरता बनाये रखने के लिए विशेष रूप से ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज की बात कही गयी है लेकिन यह कैसे होगा लेकिन यह कैसे होगा, इसके लिए क्या ढांचा उपलब्ध होगा संसाधनों की उपलब्धता कहां से होगी। केन्द्र एवं राज्यों की क्या भूमिका होगी यह सब बाते है कही भी घोषणापत्र में दिखायी नहीं देती, जिससे लगता है कि सरकार बिना किसी तैयारी देश के सभी घरो को नल से जल उपलब्ध कराने का ख्याली वादा कर रही है। पार्टी के द्वारा गंगा की अविरलता के सवाल को सुनिश्चित करने के लिए कोई अपना दृष्टि पत्र जारी नहीं किया है सिर्फ निर्मल एवं अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता को बताया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गंगा एवं शुद्ध पेयजल के मुद्धे पर सिर्फ सतही बाते की है कोई व्यापक कार्ययोजना घोषणापत्र में नहीं दिखायी है। कांग्रेस सभी के लिए पेयजल उपलब्धता का वादा करती है और इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाना का वादा कर रही है। 

मंत्रालय बनाने से पानी के संकट का समाधान नहीं होगा बल्कि पूरे भारत में जल साक्षरता के मिशन के लागू करने का कार्य करना होगा बिना जल साक्षरता के व्यापक अभियान एवं जन सहभागिता के अभाव में जल संरक्षण की मुहिम पूरी नहीं हो सकती है ना ही हर घर को नल सेजल दिया जा सकता है। देश की 90 प्रतिशत छोटी नदियां सूख गयी है बडी नदियां न्यूनतम प्रवाह में बह रही है नदियों के जलस्तर बढाने के लिए भूगर्भीय जल के स्तर को नीचे जाने से रोकना होगा। जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के व्यापक उपाय करने होगे, सभी राजनैतिक दल सिर्फआधी-अधूरी बातों से जल एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्धे पर अपनी प्रतिबद्धता दिखाकर जनता के वोट लेना चाहते है। जनता जागरूक होने की आवश्यकता है। जल जन जोडो अभियान द्वारा देश भर में जनता घोषणा पत्र को जारी किया जा रहा है अब तक कई राज्यों जारी किया जा चुका है जैसे- दिल्ली, कर्नाटक, आंध्रा, तेलगंना, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, केरल आदि में घोषणा पत्र जारी किया जा चुका है। जल जन जोडो अभियान देश भर के सभी राज्यों में जनता के मुद्धों को लेकर भारत की जनता का घोषणा पत्र जारी कर रहा है इस चुनाव में असली मुद्धे गायब है सिर्फ चुनाव जीतने के लिए वादे किये जा रहे है। पहले चुनावों में बूथ लूटे जाते थे आज सम्पूर्ण चुनाव घोषणा पत्रों और मीडिया में लोक लुभावने वादे करके लूटा जा रहा है, जिसका जीता-जागता उदाहरण है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में गंगा की अविरलता, निर्मलता के लिए खूब वादे किये गये थे, उन वादों के आधार पर अपार जन समर्थन प्राप्त किया और सत्ता में आये और बाद में घोषणा पत्र में किये गये वास्तविक वादे भूल गये। लोकसभा चुनाव 2019 में गंगा मां की सेहत के लिए अब आवश्यक वादे नहीं किये जा रहे है, क्योंकि अब गंगा मां के नाम पर वोट नहीं बटोरे जा सकते, मतदाता को एक बार ही मूर्ख बनाया जा सकता है। चुनाव आयोग को घोषणा पत्रों में किये गये वादो को वास्तविक रूप से लागू करने के लिए कानून बनाया जानाचाहिए। विधानसभा चुनाव 2018 किसान कर्ज मुक्ति नहीं बल्कि कर्ज माफी का मुद्दा बना रहा। 

2019 का चुनाव भी ऐसा ही हो रहा है। पर्यावरण बिगाड़ने वाले वोट खरीदेंगे, पानी व हवा को दूषित करने वाले वोट खरीदने वालों का सहयोग करेगे। जलवायु परिवर्तन से बेमौसम बरसात होने के कारण मिट्टी कटकर बहती रहेगी। जिसका प्रभाव हमारी धरती पर बाढ़-सुखाड़ लेकर आता रहेगा। बाढ़-अकाल (सूखा) राहत के नाम पर भारत का खजाना खाली होता रहेगा। सरकारों के चहेते राहतकोष, जलवायु प्रबंधन के नाम पर योजना बनाते रहेंगे और अपना स्वार्थ सिद्ध करते रहेंगे। सरकारे ‘नमामि गंगे जैसी भ्रष्टाचारयुक्त योजनाएं बनाती रहेंगी। राजनैतिक दलों के घोषणापत्र दिखावा करके वोट लेने वाला भ्रमजाल फैलाते रहेंगे। जो जितना ज्यादा झूठ सफाई से बोलेगा, वही उतनी ही वोटों की कमाई अपने लिए कर लेगा। आज तो भारत में ’सत्यमेव जयते, को झूठमेव जयते’ में बदल दिया है, ऐसा काम राजनेता ही करने में सफल हो रहे है। जिन दलों ने अभी तक अपने घोषणा पत्र जारी किये है, उनके घोषणा पत्र में भी गंगा के वास्तविक मुद्धों के ऊपर कोई ठोस कार्ययोजना या दृष्टि नहीं दिखायी दे रही है। गंगा के वास्तविक मुद्धे घोषणा पत्रों से गायब है। जनता घोषणा पत्र को आज भोपाल के गांधी भवन में जारी किया गया इस अवसर पर जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, जल जन जोड़ो के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मनीष राजपूत, मध्य प्रदेश की राज्य समन्वयक आभा शर्मा उपस्थित रहे। 

बिहार : एक समारोह में विनिता विक्टर सम्मानित

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मां-बाप और ईसाइयों का गर्व है विनिता विक्टर पर
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पटना,16 अप्रैल।दीघा थाना क्षेत्र में है कुर्जी बालूपर। कुर्जी बालूपर में रहते हैं विक्टर फ्रांसिस। धुरधंर कैथोलिक कलाकार हैं। 50 सेे अधिक नाटक,सीरियल,लघु फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। उनकी सुपुत्री हैं विनिता विक्टर। अभी-अभी बैंक की सर्विस में सलेक्ट हुई हैं। वे बैंक ऑफ इंडिया में सर्विस करेंगी। इनको एक समारोह में सम्मानित किया गया है। यह सम्मान समारोह एस.के.मेमोरिएल हॉल, पटना में किया गया। इस संवाददाता से विक्टर फ्रांसिस ने कहा कि विनिता की मां का नाम अनिता विक्टर है। वे भी लेखिका हैं। दोनों के दो बच्चे हैं। एक लड़का और लड़की हैं। लड़का एक मल्टी नेशनल कम्पनी में इंजीनियर के पोस्ट पर कार्यरत हैं हैदराबाद में। वह तीन वर्षों से कार्यरत हैं। उसकी बहन विनिता 22 साल की है। बहुत जल्द ही बैंक ऑफ इंडिया की पटना में क्लर्क का कार्यभार संभाल लेगीं। नोट्रेडेम से मैट्रिक और संत माइकल हाई स्कूल से आई.ए.उर्तीण हैं। पटना विमेंस कॉलेज से बी.कॉम. करने के बाद फिलवक्त पटना विश्वविघालय (इग्नु) से एम.कॉम.कर रही हैं। कैरियर प्लानर से बैंक की तैयारी की हैं। यह बोरिंग रोड,पटना में स्थित है। बैंक की परीक्षा  दिसंबर  2018 में हुई और मार्च 2019 में रिजल्ट आई है। उसमें विनिता विक्टर सफल रहीं।

पूर्णिया : चुनावी प्रक्रिया पूरी, बूथों पर भेजे गए मतदान कर्मी

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : बायसी में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम कर लिया गया है। अनुमंडल मुख्यालय में मतदान कर्मी नियत समय पर मतदान केंद्रों पर पहुंचने के लिए चुनाव सामग्रियों के साथ प्रस्थान किया। इसके लिए प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में विभिन्न कोषांगों के लिए अलग अलग टेबल लगाए गए। सुविधा की दृष्टि से पोलिंग कर्मियों को चुनाव सामग्रियों के साथ वाहन भी आवंटित कर दिया गया और उसी वाहन के साथ सभी कर्मियों को बूथ पर भेजा गया। पोलिंग बूथ कर्मियों से कहा गया कि सभी अपने अपने बूथ पर बने रहेंगे और कभी भी प्रशासन की ओर से बूथ का निरीक्षण किया जा सकता है। बायसी विधानसभा अंतर्गत दो प्रखंड आते हैं। यहां पर कुल 261 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। डगरूआ प्रखंड में 1 से 134 बूथ नंबर तक मतदान केंद्र है और बायसी में 135 से 261 तक बूथों की संख्या है। बायसी में कुल 127 बूथ हैं। सभी बूथों पर शौचालय, पेयजल, रैंप एवं बिजली की व्यवस्था कर दी गई है और कुछ मतदान कर्मियों को रिजर्व में रखा गया है। रिजर्व में रहे मतदान कर्मियों से कहा गया है कि वह प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में ही विश्राम करेंगे और उसकी आवश्यकता कभी भी हो सकती है। अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से डगरूआ और बायसी के सभी मतदान कर्मियों के पीठासीन पदाधिकारी को मैपिंग करने का निर्देश दे दिया गया है। मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पंकज, प्रखंड विकास पदाधिकारी आकिल अंजुम, अंचल पदाधिकारी प्रवीण कुमार वत्स एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भगवान झा मौजूद थे। 
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