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केंद्र सरकार ने कोर्ट को सौंपे 627 खाताधारकों के नाम

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केंद्र ने आज काला धन मामले में जिनीवा के एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 भारतीयों के नामों की सूची उच्चतम न्यायालय के सामने पेश की। उच्चतम न्यायालय ने विशेष जांच दल से इस सूची की पड़ताल करने और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र द्वारा पेश की गयी सूची के सीलबंद लिफाफे को नहीं खोला और कहा कि इसे केवल विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा ही खोला जाएगा, जिसका गठन शीर्ष अदालत द्वारा किया गया है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही एसआईटी से नवंबर के अंत तक अपनी जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट सौंपने को भी कहा।

पीठ के समक्ष दस्तावेज पेश करते हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि खाताधारकों के बारे में ब्यौरा वर्ष 2006 का है जिसे फ्रांसीसी सरकार ने वर्ष 2011 में केंद्र सरकार को भेजा था। उन्होंने बताया कि जिनीवा में एचएसबीसी बैंक से आंकड़ें को चुरा लिया गया था जो बाद में फ्रांस पहुंच गए और वहां से सरकार को सूचना मिली। रोहतगी ने बताया कि सीलबंद लिफाफे में तीन दस्तावेज हैं, जिसमें सरकार का फ्रांसीसी सरकार के साथ हुआ पत्र व्यवहार, नामों की सूची और स्थिति रिपोर्ट शामिल है।

रोहतगी ने न्यायालय को यह भी सूचित किया कि कुछ लोगों ने स्वीकार कर लिया था कि उनके विदेशी बैंकों में खाते हैं और उन्होंने कर का भुगतान किया है। प्रधान न्यायाधीश के साथ ही न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई और मदन बी लोकुर की पीठ ने केंद्र को विदेशी राष्ट्रों के साथ विभिन्न संधियों के संबंध में अपनी शिकायत एसआईटी के समक्ष रखने की भी अनुमति दी। पीठ ने कहा कि एसआईटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज हैं और वे कोई सामान्य लोग नहीं हैं तथा वे काला धन मामले की जांच से उभरने वाले विभिन्न मुद्दों पर फैसला ले सकते हैं। 

पीठ ने कहा कि हम पूरी सूची एसआईटी को भेजेंगे और वह कानून के अनुसार आगे बढ़ सकती है। यह उन्हें देखना है कि आगे की जांच कैसे की जाए। इस बीच, शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एसआईटी को अतिरिक्त सूचना उपलब्ध कराने की अनुमति देने संबंधी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया और कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख तीन दिसंबर को इस पर विचार करेगी। केंद्र ने 27 अक्टूबर को अपने हलफनामे में डाबर इंडिया के प्रमोटर प्रदीप बर्मन, एक सर्राफा कारोबारी तथा गोवा के खान मालिकों सहित आठ नामों का खुलासा किया था, जिनके खिलाफ कथित रूप से काला धन रखने को लेकर अभियोजन की कार्रवाई शुरू की गयी थी। केंद्र ने कहा था कि जब तक प्रथम दृष्टया कुछ गलत होने की बात साबित नहीं हो जाती, सभी खाताधारकों के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता।

केंद्र के रुख को खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कल आदेश दिया था कि सरकार विदेशों में बैंक खाते रखने वाले सभी भारतीय खाताधारकों के नामों का खुलासा करे। सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दाखिल की गयी सूची में राजकोट निवासी सर्राफा कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढिया तथा गोवा स्थित खनन कंपनी टिम्बलो प्राइवेट लिमिटेड तथा इसके पांच निदेशकों के नाम सामने आए थे। हलफनामे में कहा गया था कि सरकार विदेशों में गैर कानूनी धन रखने वाले लोगों के नामों का खुलासा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि किसी भारतीय द्वारा विदेश में रखा जाने वाला हर खाता जरूरी नहीं कि गैरकानूनी हो और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के निजता के मौलिक अधिकार की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसे इस न्यायालय ने भी मान्यता दी है।

इसमें शीर्ष अदालत से अपने पूर्व के आदेश में भी संशोधन किए जाने की अपील की गयी जिसमें सरकार को उन विदेशी खाताधारकों के नामों का भी खुलासा करने को कहा गया था जिनके खिलाफ कालाधन रखने के संबंध में कोई सबूत नहीं पाया गया है। सरकार ने कहा था कि उसे अन्य देशों के साथ कर समझौते करने में समस्याएं आ सकती हैं। हलफनामे में कहा गया था कि सरकार की विदेशों में काला धन छुपाने वाले लोगों के नामों सहित सूचना छुपाने की कोई मंशा नहीं है लेकिन वह कुछ स्पष्टीकरण चाहती है जो सरकार को अन्य देशों के साथ समक्षौते करने में सक्षम बनाएंगे जिनके तहत विदेशों में जमा बेनामी धन संबंधी सूचना प्राप्त की जा सकती है।

हलफनामे में कहा गया था कि इन कर संधियों और समक्षौतों के तहत प्राप्त सूचना का खुलासा उन सभी मामलों में उचित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा जिनमें कर चोरी साबित हो चुकी है। मौजूदा सरकार की नीयत स्पष्ट और संदेह से परे है। हलफनामे में इसके साथ ही कहा गया कि सरकार विदेशों में जमा काले धन का पता लगाने की इच्छुक है और इसके लिए वह सभी राजनयिक और कानूनी साधनों का इस्तेमाल करेगी और साथ ही सूचना हासिल करने के लिए उन सभी जांच एजेंसियों की मदद ली जाएगी जो इसका पता लगाने में मदद कर सकती हैं।


दिल्ली में चुनाव का विकल्प चुन सकता है केन्द्र

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगर कोई दल या दलों का समूह सरकार बनाने की स्थिति में उभर कर नहीं आया तो केन्द्र यहां फिर से विधानसभा चुनवों के विकल्प पर आगे बढ़ने का फैसला कर सकता है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय दिल्ली में सरकार बनाने की संभावनाएं तलाश रहे यहां के उप राज्यपाल नजीब जंग के प्रयासों के बारे में रिपोर्ट की प्रतीक्षा करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सरकार नहीं बनती है तो हमारे पास चुनाव कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उप राज्यपाल के सुझाव के अनुरूप हम तुरंत निर्णय करेंगे।’ केन्द्र के इस उच्च पदाधिकारी ने कहा कि राजग सरकार या भाजपा ऐसा कुछ ‘अलोकतांत्रिक’’ करने के पक्ष में नहीं है जिससे जम्मू कश्मीर और झारखंड के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी (भाजपा) या सरकार की बदनामी हो। दिल्ली विधानसभा की तीन सीटों के लिए अगले महीने उप चुनाव होने हैं।

केन्द्र ने कल उच्चतम न्यायालय को बताया कि दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के उप राज्यपाल के प्रस्ताव को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है। शीर्ष अदालत ने केन्द्र और उप राज्यपाल को आड़े हाथ लेते हुए कल कहा था कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन हमेशा के लिए नहीं रह सकता है और उसने सवाल किया कि मामले को जल्दी निपटाने में वे क्यों असफल रहे। इस बीच उप-राज्यपाल नजीब जंग ने आज दिल्ली में सरकार गठन की संभावनाएं तलाशने के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित करने का निर्णय किया।

कल रात विदेश से लौटे जंग ने आज सुबह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली में राजनीतिक अनिश्चितता को समाप्त करने पर अंतिम फैसला करने से पहले सभी दलों को बुलाने के अपने प्रयास से अवगत कराया। चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद बहुमत से चार सीट पीछे रह गयी भाजपा ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद 28 सदस्यों वाली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के आठ सदस्यों के समर्थन से सरकार का गठन किया था। केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने 14 फरवरी को उस समय इस्तीफा दे दिया जब भाजपा और कांग्रेस के विरोध के कारण जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो सका। उसके बाद 17 फरवरी को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया जो अभी जारी है ।

उस समय केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी लेकिन जंग ने ऐसा नहीं करते हुए विधानसभा को निलंबित रखा। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज उप राज्यपाल से सर्वदलीय बैठक बुलाने तथा शाम तक अंतिम निर्णय लेने की मांग की है । केजरीवाल ने ट्वीट किया ‘हम मांग करते हैं कि उप राज्यपाल को आज सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए, शाम तक अंतिम निर्णय लेना चाहिए तथा उस बारे में कल अदालत को अवगत कराना चाहिए।’

गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाईयों के खिलाफ कार्रवाई हो: सुप्रीम कोर्ट

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गंगा की सफ़ाई के मामले में आज सरकार और उसके संस्थान सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर रहे। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण से आज कहा कि वह गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उनकी बिजली पानी की आपूर्ति बंद करे। कोर्ट ने गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को दंडित करने में 'विफल'रहने के लिए केंद्रीय और राज्यस्तीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी आड़े हाथ लिया।

न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने देश की 'जीवन रेखा'मानी जाने वाली गंगा नदी में प्रदूषण के मौजूदा स्तर पर गहरी चिंता व्यक्त की। न्यायालय ने ऐसी इकाइयों को बंद करने के लिए बाध्य करने सहित सभी तरह की कार्रवाई करने की छूट राष्ट्रीय हरित अधिकरण को दे दी। न्यायालय ने कहा कि अधिकरण को यह जिम्मेदारी देना जरूरी है क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसी औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे हैं।

न्यायालय ने प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों के आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आड़े हाथ लिया। न्यायाधीशों ने कहा, 'यह संस्थागत विफलता है और आपकी कहानी तो पूरी विफलता, निराशा और बर्बादी की कहानी है। आपको प्रदूषण करने वाली इकाईयों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। अगर यह काम आप पर छोड़ दिया गया तो इसे पूरा करने में और 50 साल लगेंगे।'शीर्ष अदालत ने कहा कि वह नदी में प्रवाहित होने वाले घरेलू कचरे से संबंधित मुद्दे की निगरानी करेगा जिसे संबंधित राज्यों की नगर पालिकाएं देख रही हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने की नयी टीम की घोषणा

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दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने अपनी नयी टीम की घोषणा की है. उपाध्याय को यह प्रभार संभाले हुए तीन माह से ज्यादा समय हो चुका है. केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श कर चुके उपाध्याय ने अपनी टीम में किसी भी विधायक को शामिल नहीं किया है. इसके बजाय, उन्होंने पाषर्दों को महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी हैं.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को महासचिव पद पर बनाए रखा गया है जबकि दो पाषर्दों- आशीष सूद और रेखा गुप्ता को भी इस पद पर नियुक्त किया गया है. पार्टी की संरचना में महासचिव के पद को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यदि पार्टी दिल्ली में सरकार बनाती है तो सभी बड़े सांगठनिक कार्य इन्हें करने होंगे.
दिल्ली भाजपा की नयी टीम की सूची कल देर रात जारी की गई थी.

उपाध्याय ने आठ नये उपाध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं. इनके नाम हैं- तिलक राज कटारी, रजनी अब्बी, विशाखा सैलानी, जय प्रकाश, शिखा राय, अभय वर्मा, किरण चड्डा और कुलजीत चहल. इसके साथ ही आठ नये सचिव भी नियुक्त किए गए हैं. नयी महिला शाखा की अध्यक्ष कमलजीत शेरावत को बनाया गया है. नकुल भारद्वाज को युवा शाखा का अध्यक्ष बनाया गया है. उपाध्याय की टीम में अमन सिन्हा, पूनम झा आजाद, हरीश खुराना, राजीव बारबरा और दीपिका शर्मा को प्रवक्ता बनाया गया है जबकि प्रवीण शंकर कपूर को नया मीडिया संयोजक बनाया गया है.

31 अक्टूबर को इंदिरा की पुण्यतिथि नहीं, पटेल की जयंती मनाएगी सरकार

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 31 अक्टूबर को अब तक हर साल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता रहा है। लेकिन, अब केंद्र सरकार इस दिन देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाएगी। दूरदर्शन ने इसके लिए कार्यक्रमों की सीरीज की योजना बनाई है, जिसमें पटेल के गुजरात स्थित पैतृक गांव करमसाद में आयोजित समारोह का कवरेज भी शामिल है। इसके लिए दूरदर्शन की संपादकीय टीम करमसाद भेज दी गई है। लौह पुरुष कहे जानेवाले सरदार पटेल की जीवन पर आधे घंटे की एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएगी।


दूरदर्शन की महानिदेशक अर्चना दत्त के अनुसार डॉक्यूमेंट्री में स्वतंत्रता संग्राम में पटेल के योगदान और आजादी के बाद उनके महती कार्यों पर रोशनी डाली जाएगी। इसके लिए फिल्म्स डिविजन के आर्काइव में रखे दुर्लभ फुटेज को खंगाला गया है, जबकि इतिहासकारों और शिक्षाविदों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिप्ट तैयार की है। स्क्रिप्ट में देश के इतिहास में पटेल के महत्व को रेखांकित किया गया है। डीडी ने प्राचर का एक विडियो भी तैयार किया है, जिसमें भारत के लिए पटेल की दूरदृष्टि की व्याख्या और राष्ट्रीय एकता दिवस के थीम को बताया गया है।

दत्त ने कहा, 'डॉक्यूमेंट्री और कार्यक्रम इन-हाउस तैयार किए जा रहे हैं। हम पटेल के गांव करमसाद में आयोजित होनेवाले समारोह के कवरेज के लिए डीडी न्यूज की टीम भेज दी है।'डीडी देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित होनेवाले एकता दौड़ ( रन फोर यूनिटी) को भी कवर करेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एकता दौड़ के जरिए लौह पुरुष के कुशल शासन और राष्ट्रीय एकता के संदेशों को फैलाया जाएगा। जावड़ेकर पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि सरदार पटेल के संदेशों से रूबरू करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करेंगे।

दरअसल, प्रतीकों की विरासत पर दावा ठोंकने का मोदी सरकार का यह ताजा प्रयास है। महीने की शुरुआत में मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान लॉन्च किया था। जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर को देशभर के स्कूलों तक इस अभियान का विस्तार किया जाएगा ताकि बच्चों में सफाई के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके। 31 अक्टूबर के लिए डीडी की इस पहल का साथ कई अन्य जन माध्यम भी देंगे, जिन्हें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में विज्ञापन के तौर पर देखा जा सकेगा।

कैग अपनी ऑडिट रिपोर्ट को सनसनी न बनाए : अरुण जेटली

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को अपनी ऑडिट रिपोर्ट के जरिए सनसनी फैलाने से बचना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा, ऑडिट रिपोर्ट के जरिए कैग को सनसनी फैलाने या हेडलाइंस बनाने से बचना चाहिए। जेटली के इस बयान के बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर उन्हें संवैधानिक संस्था के खिलाफ टिप्पणी करने से बचने की सलाह भी दी गई है। 

जेटली का बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यूपीए सरकार के दौरान कैग की कई रिपोर्ट पर खासा हंगामा होता रहा है। भाजपा तब विपक्ष में थी और कैग की कई रिपोर्ट पर उसने संसद में कामकाज में रुकावट डाली थी। हालांकि, तब यूपीए सरकार का रूख था कि ये सिर्फ सुर्खियां हैं, सचचाई नहीं। 2 जी घोटाले में कैग ने कहा था कि एक  लाख 76 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। यह आंकड़ा काफी बड़ा था। विपक्षी दल भाजपा ने इसे खूब जोर शोर से उठाया था।

शिवसेना के सरकार में फिलहाल शामिल होने की संभावना नहीं

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देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी भाजपा द्वारा नामित किए जाने के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भावी कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की लेकिन इस बात के संकेत नहीं है कि पार्टी भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में फिलहाल शामिल होगी।

एक शीर्ष भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है और शुक्रवार को नयी सरकार के शपथ लेने के बाद ही वार्ता होगी। फड़णवीस के कल भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दोनों ही दल सुलह की मुद्रा में हैं। शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोरे ने उद्धव के निवास मातोश्री के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है। उद्धवजी भाजपा की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल में शामिल हुआ जाए या नहीं, के विषय पर अंतिम निर्णय लेंगे।

नीलम ने वहां वरिष्ठ नेताओं सुभाष देसाई, अनिल देसाई और विनायक राउत के साथ बैठक में शिरकत की। सुभाष देसाई और अनिल देसाई दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ पर्दे के पीछे चल रही वार्ता में शामिल थे। जब एक शीर्ष केंद्रीय भाजपा नेता से पूछा गया कि क्या शिवसेना के सरकार में शामिल होने के सिलसिले में उसके साथ चर्चा में कोई उपलब्धि हासिल हुई है, उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह हो जाने के बाद ही आगे वार्ता होगी। उन्होंने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि शिवसेना के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है। हमारा पूरा ध्यान बस 31 अक्टूबर को भव्य और सफल बनाने पर है। हम उसके बाद ही वार्ता कर पायेंगे।

कल दोनों दलों ने सुलह के संकेत दिए थे। शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा, भाजपा और शिवसेना के रक्त समूह एक ही है। उन्होंने मीडिया की इन खबरों का खंडन किया कि शिवसेना दोनों पूर्व भगवा सहयोगियों के बीच एकजुटता के लिए उपमुख्यमंत्री और अहम विभागों की मांग जैसी शर्तें लगा रही है। भाजपा नेतृत्व इस बात पर जोर दे रहा है कि शिवसेना सरकार में शामिल हो जाए लेकिन, बिना किसी शर्त के। पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के नवनियुक्त प्रभारी महासचिव जे पी नडडा ने कहा, हम चाहते हैं कि शिवसेना हमारे साथ आए। यह हमारी इच्छा है। शीघ्र ही एक सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।

नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता सहित पांच अन्य पीडीपी में शामिल

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सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस के एक पूर्व वरिष्ठ नेता एवं जानेमाने चिकित्सक सहित छह व्यक्ति आज यहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में शामिल हो गए. पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जानेमाने राजनीतिक कार्यकर्ता एवं दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा विधानसभा क्षेत्र से आने वाले नेशनल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल अहद तानत्रे यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी में शामिल हो गए.’’

उन्होंने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष एवं सांसद महबूबा मुफ्ती ने तानत्रे का पार्टी में स्वागत किया. नेशनल कान्फ्रेंस के साथ 37 वषरें तक जुड़े रहे तानत्रे ने पार्टी में विभिन्न पदों पर काम किया. उनके साथ पार्टी नेता मोहम्मद अमीन खान और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी पार्टी में आ गए.

पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद की अध्यक्षता में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में चिकित्सक एवं सामाजिक कार्यकर्ता डा गज्जनफर अली पार्टी में शामिल हो गए. इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक गुलाम नबी भट, शिक्षाविद डा अब्दुल गनी, प्रोफेसर गुलजार अहमद वानी और पूर्व उप निदेशक :योजना: गुलाम कादिर चालू पीडीपी में शामिल हो गए. 

आधा काला धन भारत आ जाए तो विदेशी मुद्रा भंडार में 30 से 35 अरब डॉलर का इजाफा हो सकता है

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अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी मेरिल लिंच का दावा है कि सिर्फ स्विस बैंकों में ही जमा भारतीयों के काला धन का आधा हिस्सा भारत आ जाए तो देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 30 से 35 अरब डॉलर (1.8 से 2.1 लाख करोड़ रुपये) का इजाफा हो सकता है। इतनी रकम से मोदी सरकार की वर्ष 2022 तक सबको आवास देने के लिए दरकार दो लाख करोड़ रुपये का जुगाड़ हो सकता है। अगर आंकड़ों की ही बात करें तो वर्ष 2014-15 के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा बजट का पूरा इंतजाम इस रकम से किया जा सकता है। सर्व शिक्षा अभियान के सात साल का बजट (वर्ष 2014 में 28,635 करोड़) इस रकम से जुटाया जा सकता है।

मेरिल लिंच की रिपोर्ट ने माना है कि काला धन वापसी की राह में कानूनी दांवपेंच सबसे बड़ा रोड़ा हैं। दोहरा कराधान बचाव संधि जैसे तमाम कानूनी पेंच सुलझा लिए जाएं तो अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1998 से 2012 के बीच भारत से 186 अरब डॉलर (11.16 लाख करोड़ रुपये) से भी ज्यादा रकम चोरी छिपे स्विस बैंक में जमा की गई। लेकिन इससे काफी रकम अब इधर-उधर कर दी गई है। गहन अनुसंधान के आधार पर रिपोर्ट अनुमान लगाया गया है कि भारतीयों का करीब 200 अरब डॉलर (12 लाख करोड़ रुपये) का काला धन विभिन्न देशों के बैंकों में जमा पड़ा है। 

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के राघबेंद्र झा और डक नगुयेन ट्रुआंग ने मेरिल लिंच के लिए यह अध्ययन पेश किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि काले धन की वापसी से डॉलर के मुकाबले रुपये को भी मजबूती मिलेगी।

स्विट्जरलैंड में कर चोरी कोई संज्ञेय अपराध नहीं है। लिहाजा वह किसी के बैंकिंग खातों की जानकारी का खुलासा करने के पक्ष में नहीं है। एक वरिष्ठ स्विस अधिकारी का कहना है कि स्विस बैंकों में काला धन रखने वाले नाम और खाते सार्वजनिक करने को लेकर भारत से कुछ मतभेद हैं। हालांकि स्विट्जरलैंड के विदेश मामलों के विभाग में निदेशक और विधि सलाहकार वेलेंटिन जेलवेगर ने कहा है कि गैरकानूनी गतिविधियों के मामले में अगर किसी देश से औपचारिक तौर पर जांच का कोई अनुरोध मिलता है तो उनका देश तत्परता से कार्रवाई करेगा। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को मानते हुए स्विट्जरलैंड कर चोरी को अपराध बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 34 देशों के आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के बीच संधि के जरिये भी स्विट्जरलैंड कर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान पर राजी हुआ है।

आर्थिक विशेषज्ञों और जांच एजेंसियों का यह भी कहना है कि काले धन के जमाखोरों का नाम सामने लाकर बहुत कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे गैर कानूनी तरीके से धन उपार्जन पर अंकुश लगाया जा सके। यह राजनीतिक, नैतिक मूल्यों का मामला नहीं है, इसे विशुद्ध आर्थिक उपायों से हल किया जाना चाहिए। रियल एस्टेट सेक्टर में भ्रष्टाचार, टूजी स्पेक्ट्रम, अवैध खनन घोटाला, कोयला आवंटन घोटाला काले धन के हेरफेर का जीताजागता सुबूत हैं। आयात-निर्यात नीति, कर छूट व्यवस्था में भी बदलाव जरूरी है ताकि उद्योग अनुचित लाभ न ले सकें। सीबीडीटी की 2012 की रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि सरकार मुकदमे से छूट और कर चुकाने का प्रस्ताव देकर काले धन के आरोपियों को सामने लाने की एक कोशिश कर सकती है।

बीरभूम जाते नकवी समेत कुछ और BJP के नेता गिरफ्तार

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पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हिंसा के बाद वहां जाने की कोशिश कर रहे बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी को कुछ और नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। जिले के हिंसा प्रभावित मकरा गांव में निषेधाज्ञा लगा दी गई थी।

बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर बर्बर ताकतों के जरिए विपक्ष पर रोक लगाने की कोशिश और मकरा की घटना को दबाने का आरोप लगाया। इस गांव में सोमावार को राजनीतिक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।

पुलिस ने बताया कि बीजेपी नेताओं को तब गिरफ्तार किया गया जब वे सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर गांव में घुसने की कोशिश कर रहे थे। नकवी के साथ बीजेपी के राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा , पार्टी के सांसद कीर्ति आजाद और उदित राज को भी गिरफ्तार किया गया। ये सभी नकवी की अगुवाई वाली उस तीन सदस्यों वाली टीम का हिस्सा हैं जिसे स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्टी की तरफ से इस गांव में भेजा गया था।

1984 दंगा पीड़ितों के परिजनों को सरकार देगी पांच-पांच लाख रुपए

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 सरकार ने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों के 3,325 पीड़ितों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का फैसला किया है।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को दिया जाने वाला मुआवजा अब तक सरकार और अन्य एजेंसियों से समय समय पर मिली राशि के अलावा होगा। दंगा पीड़ित 3,325 लोगों में से 2,733 लोग सिर्फ दिल्ली में मारे गए थे, जबकि शेष पीड़ित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से थे।

नरेंद्र मोदी सरकार को पिछले तीन महीने में विभिन्न सिख संगठनों से कई ज्ञापन मिले थे और सरकार ने इंदिरा गांधी की 30वीं पुण्यतिथि से एक दिन पहले यह फैसला किया। अधिकारी ने बताया कि नए मुआवजे से सरकारी खजाने पर 166 करोड़ रूपए का भार आएगा तथा इस राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि अगले कुछ सप्ताहों में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दिए जाने के बाद सिख विरोधी दंगे हुए थे।

महाराष्ट्र में कल होगा देंवेद्र फड़नवीस सरकार का शपथ ग्रहण, शिवसेना करेगी बहिष्कार

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भाजपा नेता देंवेद्र फड़नवीस शुक्रवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा और देश की चर्चित हस्तियां शामिल होंगी, पर शिवसेना का कोई भी नेता मौजूद नहीं रहेगा। शिवसेना ने इस समारोह को बहिष्कार करने का फैसला किया है। 

 शिवसेना ने यह कदम भाजपा के उस फैसले के बाद उठाया, जिसके तहत भाजपा ने कहा है कि नई सरकार में शिवसेना के किसी भी नेता को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। एक दिन पहले शिवसेना ने भाजपा को ये संदेश भिजवाया था कि वह नई सरकार में शामिल होने को तैयार है, बशर्ते सरकार में उसके विधायकों को भी मंत्री पद मिले। करीब 10 मंत्रियों के भी शपथ की उम्मीद है। इसमें एकनाथ खड़से, सुधीर मुगंतीवार, विनोद तावड़े और पंकजा मुंडे के नाम संभावित है।

वानखेड़े स्टेडियम को शाही अंदाज से सजाया जा रहा है। मशहूर स्टेज डिजाइनर नितिन देसाई शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का स्मरण दिलाने वाला स्टेज तैयार करा रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए मायानगरी आए पर्यटकों को भी न्योता दिया गया है। वहीं भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि इसकी संभावना नहीं लगती कि शिवसेना के किसी मंत्री को शपथ दिलाई जाएगी। महाराष्ट्र में एक संभावित गठबंधन के लिए शिवसेना के साथ वार्ता सौहार्दपूर्ण महौल में जारी है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई परिणाम नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीद करती है कि इस संबंध में निर्णय जल्द हो जाएगा।

भाजपा 288 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, लेकिन उसके एक विधायक गोविंद राठौड़ का निधन हो गया। शिवसेना जब तक सरकार में शामिल नहीं हो जाती है, यह तकनीकी तौर पर एक अल्पमत की सरकार है, लेकिन 41 विधायकों वाले राकांपा की ओर से घोषित समर्थन भाजपा सरकार के लिए एक बचाव का काम करेगा। - See  

इंदिरा गांधी को शत शत नमन !!

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देश की तृतीय प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की आज पुण्य तिथि है. देश ने दिवंगत प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी 30वीं पुण्यतिथि कभी भूला नहीं जा सकता। इंदिरा प्रियदर्शिनी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद के एक राजनितिक परिवार में हुआ। इंदिरा गाँधी देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री हैं। इंदिरा गांधी को राजनीति विरासत में मिली थी वे सियासी उतार-चढ़ाव को बखूबी समझती थीं।

पिता जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनीं परन्तु राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। 1977 में देश की जनता ने उन्हें नकार दिया,  पर 1980  में फिर से  सत्ता में उनकी वापसी हुई। 1980 खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया। ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर उन्हें कई तरह की राजनीतिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। 31 अक्तूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन्हें गोली मार दी। दिल्ली के एम्स ले जाते समय उनका निधन हो गया।

अपने फौलादी व्यक्तित्व और सकारात्मक दृष्टिकोण की वजह से इंदिरा गाँधी की गिनती विश्व की सबसे ताकतवर महिलाओं में की जाती है। भारतीय राजनीति में उनके निर्णयों को मिसाल के तौर पर देखा जाता है। फौलादी व्यक्तित्व वाली इंदिरा गांधी को शत शत नमन। 

मोदी पटेल जयंती पर 'एकता दौड़'को हरी झंडी दिखाएंगे

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लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर शुक्रवार को होने वाली एकता के लिए दौड के मद्देनजर राजपथ के आसपास के सभी सरकारी कार्यालय और भवन आज दोपहर बाद दो बजे से कल सुबह साढे नौ बजे तक बंद रहेंगे। 

आधिकारिक जानकारी के अनुसार देश के पहले गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल की जयंती पर कल सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विजय चौक से एकता के लिए दौड़ का शुभारंभ करेंगे। इसे देखते हुए राजपथ के आस-पास के सभी सरकारी कार्यालयों और भवनों को आज दो बजे से कल सुबह साढे नौ बजे तक बंद रखा जायेगा। राष्ट्रपति भवन और संसद भवन स्थित सरकारी कार्यालय भी आजरात दस बजे से कल सुबह साढे नौ बजे तक बंद रहेंगे। 

सरदार पटेल की जयंती पर कल देश भर के प्रमुख शहरों में इस दौड़ के अलावा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस दौड़ में विशेष रूप से युवा और स्कूली छात्रों के साथ साथ बडी संख्या में लोग हिस्सा लेंगे।

दंगा पीड़ितों को मुआवजे पर चुनाव आयोग ने सफाई मांगी

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दिल्ली में उपचुनाव के बीच 1984 के दंगा पीड़ित सिखों को मुआवजा देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर तीन नवंबर तक जवाब देने को कहा है। 25 नवंबर को दिल्ली की तीन विधानसभा सीटों कृष्णानगर, महरौली और तुगलकाबाद में मतदान होना है। विपक्षी दलों का आरोप है कि फैसले के पीछे सरकार की असली मंशा मतदाताओं को प्रभावित करने की है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने पूछा है कि उपचुनाव के कारण चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद मुआवजा देने का फैसला कैसे किया गया? गृह मंत्रालय ने 1984 के दंगा पीड़ितों को अब तक मिले मुआवजे के अलावा पांच-पांच लाख रुपये देने का फैसला किया है। इससे दंगे में मारे गए 3325 लोगों के परिवारों को लाभ मिलेगा। गृह मंत्रालय ने हालांकि अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन, देखना है कि चुनाव आयोग के सामने अपने फैसले को सही ठहराने के लिए गृह मंत्रालय क्या दलील देता है?

फोन करने पर बीजेपी की सदस्यता मिलेगी : अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि शनिवार एक नवंबर से भाजपा का सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है और टोल फ्री नंबर पर फोन करने पर सदस्यता नंबर जारी हो जाएगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के भेल स्थित दशहरा मैदान में चल रहे दो दिवसीय कार्यकर्ता संकल्प अधिवेशन के अंतिम दिन आज शाह ने भाजपा के संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि एकमात्र भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो हर दो सालों में आंतरिक लोकतंत्र का अवलोकन करती है, संविधान के मुताबिक प्रत्येक साल सदस्यता अभियान चलाती है।

उन्होंने बताया कि नए सदस्यता अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी के द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सदस्यता अभियान आंतरिक चुनाव के लिए नहीं अपितु संगठन का विस्तार करने के लिए है। शाह ने कहा कि ऐसे गांवों, जातियों, बूथ क्षेत्रों में पार्टी को बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान शुरू किया जा रहा है जहां पार्टी एवं संगठन की पहुंच कम है। उन्होंने कहा कि हमें चार गुना ज्यादा सदस्य बनाकर पार्टी को संपूर्ण भारत में स्थापित करने का अभिनव कार्य करना है।उन्होंने बताया कि एक नवंबर को सदस्यता अभियान के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा जिस पर कॉल करने पर स्वत: सदस्यता नंबर जारी हो जाएगा। मध्य प्रदेश के लिए दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य पार्टी संगठन के समक्ष रखा गया है। शाह ने कहा कि देश में कई सालों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार भाजपा ने दी है और हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा एवं महाराष्ट्र के चुनाव में भाजपा को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया है। इन सभी परिणामों को देखते हुए यह कहना कतई अनुचित नहीं होगा कि देश की जनता भाजपा के साथ है।

शाह ने कहा कि भाजपा ने हमेशा गरीबों, समाज के असहाय व्यक्तियों एवं जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए काम किया है। एक बार जहां भाजपा की सरकार बनी है, वहां हमेशा के लिए भाजपा ने अपना स्थाई किला स्थापित कर लिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ इसके उदाहरण है और अब गोवा, हरियाणा और महाराष्ट्र भी इसी कड़ी में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की चर्चा करते हुए कहा कि आज से 11 साल पूर्व जब प्रदेश में आना होता था तो गुजरात से मध्य प्रदेश आने वाली सड़क में पड़ने वाले गड्ढों से पता चल जाता था कि मध्य प्रदेश आ गया। शाह ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने राज्य की ऐसी हालत कर दी थी कि पता ही नहीं चलता था कि गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चल रही सरकार ने महज कुछ सालों के शासन में प्रदेश की तस्वीर बदल दी है।

उमर अब्दुल्ला अपने पैतृक गढ़ गांदेरबल से चुनाव नहीं लड़ेंगे

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नेशनल कांफ्रेंस की ओर से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी होने के साथ ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सीटों के चुनाव को लेकर लगायी जा रही अटकलों पर विराम लग गया है। सूची के अनुसार उमर अपने पैतृक गढ़ गांदेरबल से नहीं बल्कि दो अन्य सीटों से चुनाव लड़ेंगे।

उमर ने 2008 में गांदेरबल से विधानसभा चुनाव जीते थे। पार्टी की ओर से शुक्रवार को जारी 22 उम्मीदवारों की सूची में उमर अब्दुल्ला का नाम श्रीनगर के सोनवार और बडगाम के बीरवाह सीट के लिए तय किया गया है।

नेकां ने एक बयान में कहा कि उमर की अध्यक्षता में हुई पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इन नामों की घोषणा हुई है। उमर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उमर के चाचा मुस्तफा कमाल को भी उनके पुराने सीट श्रीनगर के हजरतबल से हटा कर बारामुल्ला के गुलमर्ग भेज दिया गया है। कमाल 1987 और 1996 में हजरतबल सीट से चुनाव जीत चुके हैं।

हालांकि कमाल 2002 और 2008 चुनाव हार गए थे। लेकिन फारूख अब्दुल्ला द्वारा 2008 में हजरतबल सीट खाली करने के बाद हुए उपचुनाव में कमाल को इस सीट से जीत मिली थी। पार्टी ने पिछले साल कांग्रेस छोड़कर नेकां में शामिल हुए शेख इश्फाक जब्बार को गांदेरबल से टिकट दिया है। जब्बार कांग्रेस के पूर्व मंत्री शेख जब्बार के बेटे हैं।

कांग्रेस का गठबंधन तोडने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण: हेमंत सोरेन

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झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन तोडने के कांग्रेस के फैसले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया और भाजपा से कहा कि वह इस ‘‘भ्रम’’ में ना रहे कि झारखंड में वह महाराष्ट्र और हरियाणा जैसा प्रदर्शन दोहरा सकेगा. झामुमो के साथ गठबंधन तोडने की कांग्रेस की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, पार्टी का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सत्तारुढ गठबंधन में 14 महीने साथ रहने के बाद, कुछ महत्वकांक्षी नेता आगामी चुनाव में भाजपा को ‘बाईपास’ दे रहे हैं.’’     

सोरेन ने दावा किया, ‘‘लेकिन झामुमो भाजपा को सत्ता में नहीं आने देगी. हम खुद सभी 81 सीटों पर चुनाव लडेंगे और चुनाव के बाद बहुमत की सरकार बनाएंगे.’’ महाराष्ट्र और हरियाणा जैसा प्रदर्शन राज्य में दोहराने के भाजपा के दावों को ‘‘भ्रम’’ बताते हुए सोरेन ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राज्य को ‘‘लूटा’’ है और करीब नौ साल की सत्ता में राजनीतिक अस्थिरता के लिए भी वही जिम्मेदार है.

कांग्रेस पर राज्य में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाने का दोष मढते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने पिछले 14 महीने में जो किया है, वैसा किसी दूसरी सरकार ने नहीं किया. हमने प्रदर्शन का ग्राफ उंचा कर दिया है और अगले पांच साल में विकास दिखने लगेगा.’’

भाजपा का विशेष सदस्यता अभियान आज से होगी शुरू

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 'सशक्त भाजपा-सशक्त भारत, साथ आएं-देश बनाएं'के नारे के साथ बीजेपी आज से देशव्यापी हाईटेक सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय से शाम को इसका शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही पार्टी अपने पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की सदस्यता के नवीनीकरण का काम भी आरंभ करेगी जिसके तहत प्रधानमंत्री पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को एसएमएस संदेश भेजकर अपनी सदस्यता का नवीनीकरण कराएंगे और इसके बाद यही प्रक्रिया अमित शाह के लिए अपनाई जाएगी।

केंद्र में मोदी की अगुवायी में बहुमत सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा ने इस बार सदस्यता अभियान के लिए हाइटेक शैली को चुना है। इसके तहत कोई भी ऐसा व्यक्ति जो पार्टी का सदस्य बनने का इच्छुक है पार्टी की ओर से दिए गए टोल फ्री नंबर पर एसएमएस भेजकर सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। यह ऑनलाइन नंबर आज से चालू हो जाएगा। इस नंबर पर प्रेषित संदेश पार्टी की ओर से बनाए गए सदस्यता पंजीकरण बूथ पर सीधे पहुंच जाएगा और यहां से सदस्यता संबधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जांएगी। विदेशों में रह रहे भारतीय भी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं।

यह अभियान अगले वर्ष मार्च तक जारी रहेगा। पार्टी जम्मू कश्मीर और झारखंड में विधान सभा चुनावों के बाद अपना सदस्यता अभियान चलाएगी। पार्टी के इस व्यापक सदस्यता अभियान का मुख्य उद्देश्य समूचे देश में लोगों को अपने साथ जोड़कर अपना जनाधार और मजबूत बनाना है। पार्टी के संविधान के अनुसार, प्रत्येक सदस्य के लिए हर छह वर्ष बाद सदस्यता का नवीनीकरण कराना अनिवार्य बनाया गया है। इसके साथ ही पार्टी प्रति छह वर्ष में एक बार सदस्यता अभियान भी चलाती है। इस समय पार्टी के सदस्यों की अनुमानित संख्या करीब 3.25 करोड़ है।

सार्क सम्मेलन के दौरान नहीं होगी मोदी-शरीफ के बीच बैठक

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काठमांडू में होने वाले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच किसी भी बैठक की योजना को भारत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है और इसलिए इस पर चर्चा का मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस तरह की बैठक के लिए अनुरोध नहीं किया गया है और न ही ऐसा करने का हमारा इरादा है। सीमा पर गोलीबारी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध बिगड़ते ही जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात के बाद भारत ने विदेश सचिव स्तरीय वार्ता को रद्द कर दिया था। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अंतर्राष्ट्री समुदाय के हस्तक्षेप की लगातार मांग करता रहा है।
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