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समीक्षात्मक आलेख : "हैदर के बहाने"

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सियासत बहुत बेरहम हो सकती है, कभी कभी यह ऐसा जख्म देती है कि वह नासूर बन जाता है, ऐसा नासूर जिसे कई पीढ़ियाँ ढ़ोने को अभिशप्त होती हैं, आगे चलकर यही सियासत इस नासूर पर बार-बार चोट भी करती जाती है ताकि यह भर ना सके और वे इसकी आंच पर अपनी रोटियां सेकते हुए सदियाँ बिता सकें। 1947 के बंटवारे ने इन उपमहादीप को कई ऐसे नासूर दिए हैं जिसने कई सभ्यताओं-संस्कृतियों और पहचानों को बाँट कर अलग कर दिया है जैसे पंजाब, बंगाल और कश्मीर भी। इस दौरान कश्मीर भारत और पाकिस्तान के लिए अपने-अपने राष्ट्रवाद के प्रदर्शन का अखाड़ा सा बन गया है। पार्टिशन से पहले एक रहे यह दोनों पड़ोसी मुल्क कश्मीर को लेकर दो जंग भी लड़ चुके हैं, छिटपुट संघर्ष तो बहुत आम है। आज कश्मीरी फौजी सायों और दहशत के संगिनियों में रहने को मजबूर कर दिए गये हैं। खुनी सियासत के इस खेल में अब तो लहू भी जम चूका है। आखिर “जन्नत” जहन्नम कैसे बन गया, वजह कुछ भी हो कश्मीर के जहन्नम बनने की सबसे ज्यादा कीमत कश्मीरियो ने ही चुकाई है,सभी कश्मीरियों ने। 

ऐसी कोई फिल्म याद नहीं आती है जो कश्मीर को इतने संवदेनशीलता के साथ प्रस्तुत करती हो लेकिन शेक्सपियर प्रेमी फ़िल्म डायरेक्टर विशाल भारद्वाज अपनी नयी फिल्म 'हैदर'में कश्मीर और “जन्नत के बाशिंदों” के दर्द को बहुत ही संवेदनशीलता के साथ उकेरने में कामयाब रहे है। इसी बात को लेकर आज दोनों मुल्कों में हंगामा बरपा है, दरअसल भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों में कश्मीर पर खुल कर और अलग नजरिये से बात करना “टैबू” माना जाता है। पाकिस्तान में तो 'हैदर'रिलीज़ ही नहीं हो पायी क्योंकि वहां के सेंसर बोर्ड का मानना है कि फिल्म में कश्मीर को लेकर कुछ विवादास्पद बातें हैं और उन्हें इसके कहानी के कुछ हिस्सों पर एतराज़ है। इधर भारत में भी ‘हैदर’ को तारीफ के साथ साथ विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है,सोशल मीडिया में इसको लेकर काफी विरोध हो रहा है।

लेकिन 'हैदर'कोई कश्मीर पर बनी फिल्म नहीं है और ना ही इसके मेकर ऐसा कोई दावा करते हैं,यह तो शेक्सपियर के मशहूर नाटक “हैमलेट” पर आधारित हैं, विशाल खुद कहते हैं कि ‘मैं 'हैमलेट'को कश्मीर में बनाना चाहता था लेकिन मेरी फिल्म में एक तरह से कश्मीर ही 'हैमलेट'बन गया है’। इससे पहले भी विशाल भारद्वाज “मैकबेथ” और “ओथेले” जैसी शेक्सपियर की रचनाओं पर 'मक़बूल'और 'ओंकारा'जैसी फिल्में बना चुके हैं। लेकिन इस बार उन्होंने “हैमलेट” को 'हैदर'बनाने के लिए ज्यादा यथार्थवादी और संवदेनशील कैनवास को चुना। एक फिल्मकार के लिए 'हैमलेट'और कश्मीर को एक साथ चुनना दो नावों की सवारी की तरह है, लेकिन फिल्म मेकिंग भी रचनाकर्म होता हैं और फिल्म मेकिंग जैसे बाजार पर निर्भर एरिया में दो नावों पर सवारी के लिए हिम्मत और काबलियत दोनों की जरूरत पड़ती है।

“हैदर” इंसानी फितरतों-मोहब्बत,फरेब,नफरत,बदला,पछतावा और “जन्नत के बाशिंदों” की कहानी है। यह 1990 दशक के कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म है, मुख़्तसर कहानी यू है कि अलीगढ़ में पढ़ रहे हैदर मीर यानी शाहिद कपूर को अपने घर कश्मीर लौटना पड़ता है क्योंकि उसके पिता डॉक्टर हिलाल मीर (नरेंद्र झा) द्वारा एक आतंकवादी का अपने घर में ऑपरेशन करने की वजह से उन्हें आर्मी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इसके बाद से ही डॉक्टर हिलाल लापता हो जाते हैं। हैदर उन्हें ढूढने के लिए निकल पड़ता हैं। इस दौरान हैदर पर पहाड़ टूट पड़ता है जब उसे अपने पिता के मौत के असली वजह का पता चलता है, उसका दुख और क्रोध तब और बढ़ जाता है जब उसे मालूम होता है कि उसकी मां ग़जाला मीर (तब्बू) और उसके चाचा खुर्रम मीर (केके मेनन) के बीच संबंध है। प्रतिशोध की आग में “हैदर” कवि से हत्यारा बन जाता है।

सभी कलाकारों का अभिनय लाजवाब है, तब्बू ने ग़जाला के किरदार को शिद्दत से जिया है, वे अपने किरदार में आये उतार चढाव में बहुत आसानी से उतर जाती हैं इस दौरान उनके चेहरे का भाव देखते ही बनता है। वही शाहिद कपूर ने अभी तक का अपना बेस्ट दिया है, “बिस्मिल” गाने मे वो बेमिसाल रहे हैं, इरफान खान थोड़े से समय के लिए परदे पर आते हैं और महफ़िल लूट ले जाते हैं, एक–आध दृश्यों में उनकी भावप्रणय आंखे और संवाद अदायगी जादू सा जगा देती है। विशाल भारद्वाज निर्देशक के रूप में बेहतरीन रहे हैं। उन्होंने दो नावों की सवारी बखूबी निभाई है, उनकी देखरेख में सिनेमा का मिलन जब शेक्सपियर और कश्मीर के साथ होता है तो इस माध्यम की ताकत देखते ही बनती है।  

फिल्म के स्क्रिप्टराइटर बशरत पीर हैं जो कि खुद एक कश्मीरी हैं, उन्होंने कश्मीर के दर्द पर “कफ्र्यू नाइट” जैसी किताब लिखी है, शायद उन्हीं की वजह से फिल्म इतनी संवदेनशील बन पड़ी है। हैदर में ख़ामोशी का भी बहुत ही ख़ूबसूरती से उपयोग किया गया है, यहाँ तक कि बेक ग्राउंड म्यूजिक भी बहुत धीमा है।

गुलजार और विशाल की जोड़ी ने उर्दू के नामी शायर “फैज अहमद फैज” की "हम देखेंगे",“कफस (पिंजरा)उदास है यारो”और "आज के नाम"जैसी नज्मों की पंक्तियों को भी फिल्म का हिस्सा बनाया है, फैज़ यहाँ भी रेलेवेंट है और फिल्म में इसका खास असर भी होता है। फिल्म में कश्मीर की खूबसरत और बर्फीली वादियाँ भी हैं लेकिन इन्हें खून से सनी और आतंक व खौफ के साए में देख कर हमारे दिलो दिमाग पर अजीब सी सिहरन तारी हो जाती है, दर्द और दहशत भी खूबसूरती का लिबास ओढ़े हुए मालूम पड़ते हैं। खूबसरत कश्मीर “क़ैदख़ाना"सा लगता है।ऐसे लगता है कि इसकी खूबसूरती ही इसके गले का फंदा बन गयी है। फिल्म हमें  कश्मीर की रुह तक ले जाती है, इसमें खूबसूरती और शोकगीत एक साथ हैं। फिल्म में झेलम भी है लेकिन वो भी गायब कश्मीरियों को ढूढती हुई उदास दिखाई पड़ती है। 

हैदर अपने शुरुआत में ही एलान कर देती है कि वह "जिंदगी की तरफ"है। केवल एक परिवार की कहानी होने के बावजूद, यह कश्मीर से लापता और विस्थापित हुए लोगों की बात करती है।  फिल्म में ‘अफस्पा’ (आर्मड फोर्सेज स्पेशल पॉवर एक्ट) भी सवाल उठाया गया है और व्यंग्य में इसे “चुस्पा’, कहा गया गया है।  

फिल्म का बयान है कि कश्मीर हाथियों (भारत और पाकिस्तान) की लड़ाई में पिस रही घास है।  एक दृश्य में एक जवान लड़का अपने घर के अन्दर तब तक नही घुसता है जब तक कि उसकी तलाशी न हो जाये। अस्तित्व की इसी लड़ाई में कश्मीरी युवाओ का प्रतीक हैदर सवाल पूछता फिरता है कि “मैं हू या मैं नहीं हू”। अंत में ‘हैदर’ अपने चाचा खुर्रम की “नजरों के फरेब” का बदला लेने के लिए रिवॉल्वर उठाता तो है मगर गोली नहीं चलाता, वह माँ के पक्ष को चुनता है जो कहती है कि “इन्तक़ाम से सिर्फ़ इन्तक़ाम पैदा होता है”।

देश के बाकी हिस्सों में कश्मीरियों को किस नज़र से देखा जाता यह याद दिलाने कि जरूरत नहीं है, पिछले ही दिनों मध्य प्रदेश के उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय के परिसर और वी.सी. कार्यालय में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा और तोड़फोड़ किया है, विश्वविद्यालय के कुलपति का बस इतना ही दोष था कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आयी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की मदद की अपील की थी। वी.सी. जवाहरलाल कौल जो कि खुद “कश्मीरी पंडित” हैं इस बदसलूकी से इतना आहत हुए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा,वे कुछ दिनों तक आईसीयू में भी रहे, यह है कश्मीरियों को लेकर हमारी संवदेना जो विकराल प्राकृतिक आपदा के समय भी नहीं पसीजती। डंडे के बल और अविश्वास के छाए में राष्ट्र निर्माण नहीं होता है, राष्ट्रनिर्माण तो आपसी हितों के सांझा होने से होता है, शेष भारत को अपने गिरेबान में भी झांकना होगा, क्या हमने “कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगें” के नारे लगाने के अलावा ऐसी कोई गंभीर कोशिश की है जिससे कश्मीर और कश्मीरियों के विश्वास और कुर्बत को जीता जा सके और हमारे हित साँझा हो सकें। उलटे हम में से कुछ तो अलगाववादियों की तरह उन्हें पंडित और मुसलमान कश्मीरियों में बाँटने की कोशिश में नज़र आते हैं।

मैं ना तो कभी कश्मीर गया हूँ और ना ही शेक्सपियर का “हैमलेट” पढ़ा है, लेकिन इस फिल्म ने जहां इन दोनों से मेरा तआरुफ़ बहुत करीब से कराया है वहीँ हमारे वक्त में कश्मीरी होने के दर्द से भी मुड भेड़ कराया है, अपने सौ-दो सौ करोड़ क्लब की अनाप–सनाप फिल्मों पर इतराते वाले बालीवुड में हैदर बनाना बड़े हिम्मत का काम है। हमारी फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों को ऐसे फिल्मों पर भी इतराने के लिए समय निकलना चाहिए।




(जावेद अनीस)

आर्यन पावर और जे.पी. पावर परियोजना के प्रभावितों ने की मालिकाना हक की घोषणा।

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  • भू-अर्जन के नए कानून (2013) के तहत निरस्त हो गई है वर्षो पहले की भू-अधिग्रहण प्रक्रिया।

dharna धरना
टोंकों-रोकों-ठोकों क्रांतिकारी मोर्चा, समाजवादी विचारधारा, साम्यवादी विचारधार तथा जन आंदोलनों के साथियों द्वारा सीधी कलेक्टट में आर्यन पावर परियोजना तथा जे.पी. पावर परियोजना के प्रभावित सैकडों किसानों के साथ 1 जनवरी 2014 से लागू भू-अर्जन पुनर्वास और पुर्नस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के तहत वर्षो पहले भू-अधिग्रहित की गई उनकी संपत्ति पर फिर से मालिकाना हक प्रप्त हो जाने की तथा भू-अर्जन प्रक्रिया निरस्त हो जाने की घोषण की। 

टोंकों-रोकों-ठोकों क्रांतिकारी मोर्चा के श्री उमेश तिवारी, समाजवादी जनपरिषद के श्री अजय खरे रीवा तथा किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल सहडोल की उपस्थिति में आर्यन पावर परियोजना के प्रभावित भुमका एवं मूसामूडी गांव के जिन आदिवासी और अन्य किसानों की बहुफसलीय जमीन वर्ष 2009 में बहुत कम मूआवजा बना कर जबरन भू- अधिग्रहित की गई थी, उन्होंने अपने व्यक्तिगत आवेदन पत्र बडी तादात में एकत्रित हो कर धरना स्थल पर आये कलेक्टर के प्रतिनिधि डिप्टी कलेक्टर को सुपुर्द कर पावती प्राप्त की। 

में0 आर्यन पावर परियोजना के प्रभावितों ने अपने व्यक्तिगत आवेदनों के द्वारा यह मांग की गई है कि नये कानून के प्रभावसील होने से 01.01.2014 से उनका मालिकाना हक प्राप्त हो गया है अतः म.प्र. सरकार एवं जिला प्रशासन का यह कर्तव्य बनता है  कि वह किसानों का नाम खसरें में अंकित कर इनके नाम से ऋणपुस्तिका जारी करें। किसानों ने ग्राम सभा के फर्जीवाड़े के दोसियांेें के विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की। जे.पी. पावर परियोजना निगरी द्वारा गोपद नदी मे बांध बनाने से टिकरी, निधपुरी, महखोर, भुमका के किसानों की भूमि डूब में आ गई है। जिस कारण बांध को ध्वस्त किया जाए।

चेतावानी धरने को संवोधित करते हुए टोंकों-रोकों-ठोकों क्रांतिकारी मोर्चा  के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा की आज इस बात का ऐलान किया जाता है कि देश भर में किये गये जन संघर्षो के चलते मजबूर होकर देश की संसद ने अग्रेजों के समय के भू-अर्जन कानून को रद्द कर नया भू-अर्जन कानून 2013 मंजूर किया है उसे उपयोग में लाकर सभी विस्थापित/प्रभावित अपना अधिकार ले लें। मोदी सरकार को यह चेतावनी है कि किसानों के पक्ष में लाए गए इस कानून में किसी प्रकार का संसोधन करने की कोसिस न करे। श्री तिवारी ने कहा कि किसान विरोधी ताकतो द्वारा आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा जिसमें सीधी जिले का प्रशासन भी सहभागी, है तभी तो कलेक्टट परिषर में किसानों के प्रवेश  पर प्रतिवंध लगाता है। फिर भी किसानों का संघर्ष सतत जारी था, है और रहेगा, जमीन, हडपने वाली ताकतों को मुहतोड जबाब देने के लिए  किसानों ने कमर कस ली है। समाजवादी जन परिषद के नेता श्री अजय खरे ने कहा कि विस्थापन मौत जैसे होता है इस लिए मौत का मुआवजा कैसे लिया जा सकता है। जमीन अधिग्रहण से उस गांव के मानव पीढी की मौत तो होती ही है पीढियों से चली आ रही मानव संस्कृति की भी मौत होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुख्य मंत्री छलिया, कपटी, लबरा है। सभा को संबोधित करते हुए किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल सहडोल ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट को रोकने में शासन, प्रशासन, पुलिस का दमन सहना पडता है। जेल जाना पडता है। इतने प्रतिकूल स्थिति में लडाई हम तभी जीत सकते है जब हम विके न, डरे न  एकजुट होकर हम लडेंगे तो अवश्य जीतेगें। आज का यह चेतावनी धरना 25 तारीख से भुमका से 40 कि. मी. की पैदल यात्रा करके दिया जा रहा है। चेतावानी धरना में किसानों के समर्थन में अपने विचार राखने वाली यह भी थे- श्री रवी शेषर सिंगरौली, श्री निवास साकेत जिलाध्यक्ष बि.एस. पी. सीधी, पंकज सिंह आम आदमी  पार्टी, का. रामलल्लू गुप्ता सिंगरौली, का. लालमणि त्रिपाठी भा.क.पा. रीवा, रामेश्वर गुप्ता मनगवाॅ, आर.एम.पी. मिश्रा सिंगरौली, का. बद्री मिश्रा भा.क.पा. माले , का. सुन्दर सिंह मा.क.पा. सीधी प्रभात वर्मा सुखई प्रसाद अटल, लोकनाथ सोनी, शिवकुमार सिंह, पंकज द्विवेदी, सालिक द्विवेदी आदि । 

विशेष आलेख : झारखंड के दिन बहुरेंगे?

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भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में छोटे राज्यों की कल्पना साकार इसलिए हो पाई थी की इससे लोगो का जीवनस्तर में सुधार होगा.विकास के पथ पर हर नागरिक अपना योगदान देते हुए भय, भूख, भ्रष्टाचार, वेरोजगारी, आर्थिक असमानता, विषमता से मुक्त हो समाज के हर वर्ग की बराबर भागीदारी से सामान अवसर सदियों की विषमता को पाटने में सहायक होगा. किन्तु झारखंड बिहार से अलग होने के बाद भी आज उसी मुकाम पर जहां वर्ष २००० से पूर्व था .अपने १४ साल के अल्पायु में यह राज्य जिस कुपोषण से जूझ रहा है उससे निजात पाने का एक मौका फिर मिला.

इन १४ साल में यह छोटे से राज्य एक तरफ नक्सल उग्रवाद से त्रस्त है तो दुसरे तरफ नेता नौकरशाह की मिलीभगत राज्य के खजाने लुटने में मस्त रहा है तभी तो सारे प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद यह राज्य आज ३४८६८ करोड़ रूपये के क़र्ज़ में डूबा है, यहाँ भ्रष्टाचार का आलम यह है की अल्प समय में ही इस सुवे के २८ नेताओं के घर छापे पड़े १० नेता और ३३२ सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में जेल की शोभा बढ़ा रहा है. अपराध को देखा जाय तो इन १४ सालों में राज्य १८७५२ हत्या, ८१४९ लूटकांड ५०५४ डकैती और नक्सली हमले में १५०० लोग मारे गए,महिला अपराधो में भी यह राज्य अब्बल रहा तभी तो इन कालखंडो में ९५८८ बलात्कार के मामले दर्ज किये गये.उपरोक्त आंकड़ो पर ध्यान दे तो स्पष्ट होता है की यह छोटे से राज्य ने अपराध, लुट, भ्रष्टाचार,हत्या आदि असामाजिक गतिविधिओ में काफी प्रगति की है.

व्यवश्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को झारखंड के सामाजिक विकास की जिम्मेदारी दी गयी उसने इस राज्य के आम नागरिको के साथ धोका कर यहाँ असमाजिक तत्वों का विकास किया है.प्रजातंत्र ने एकबार फिर इस राज्य के लोगों को मौका दिया है हमें विकास का रास्ता चुनना है विनाश का, राज्य में अबतक जिस प्रकार की खंडित जनादेश रहा उसका भरपूर फायदा यहाँ के असामाजिक तत्वों ने उठाया, ये असामाजिक तत्व इसबार फिर इस फिराक में रहेंगे की किसी प्रकार इस बार भी खंडित जनादेश मिले ताकि यह राज्य उनके लिए स्वर्ग बना रहे .

झारखंड के गावों में रोजगार के तमाम साधन उपलब्ध हो सकते है यदि उनके बेहतर प्रबंधन के इमानदार प्रयास होते तो पलायन को रोका जा सकता था.किन्तु दलालों के आगे नतमस्तक यहाँ की सत्ता कभी यहाँ के भोले भाले नागरिकों की सुध लेने का प्रयास नही किया है.फलत: यहाँ के लगभग २.२१ करोड़ लोग स्वच्छ पानी के लिए तरसते है.यहाँ की ७५ फीसदी खेत सिचाई सुविधा से महरूम है जिसके कारण यहाँ के निवासी पलायन को और मेट्रो सिटी में बिकने को मजबूर है . बुनियादी सुबिधायों के अभाव में यहाँ यहाँ की महिलाए मानव तस्करों के चंगुल में आसानी से फसकर अपना जीवन नरक बना रही है, इस राज्य के ८१ विधान सभा में २४ विधान सभा क्षेत्र पर नक्सली और उग्रवादिओं का वर्चस्व है जो यहाँ के नेताओं की मिलीभगत और नौकरशाहों के वरदहस्त से नक्सल और उग्रवादी गुट इन गावों में विकास की बुनियादी चीजे तैयार नहीं होने देता है राज्य का खंडित जनादेश इन राज्यद्रोहियो के लिए बरदान होता है ऐसे में इसबार भी इन अपराधी प्रवृतियो का अथक प्रयास होगा की राज्य में खंडित जनादेश ही हो. 

यह बिडम्बना ही है की खनिजो का खज़ाना रखने बाला यह राज्य अपने नागरिको को आज भी भूख से मरते देख रहा है साल २००१ से अबतल लगभग ४६००० बच्चे कुपोषण के कारण यहाँ मौत के मुंह में समा गये.जिस तरह की राजनीति इस छोटे से राज्य में चली वह इस राज्य के लिए बदनुमा दाग है हर राजनितिक दल जिसे भी सत्ता का स्वाद मिला उसने सिर्फ अपनी कुर्सी के लिए काम किया . कोयला तस्करी से गौ तस्करी में डुबा झारखंड आज जिस मुकाम पर है उसके लिए हम नागरिक भी जिम्मेवार हैं किन्तु जोड़तोड़ की राजनीति में यहाँ के मतदाता छले जाते है. अबतक छला जा रहा यह राज्य इसबार पांच चरणों में होने बाले चुनाव में यहाँ के मतदाता झारखंड की दशा बदलने के लिए घर से बाहर निकालेंगे और इसबार पूर्ण जनादेश देगे ताकि झारखंड के दिन बहुरेंगे.






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संजय कुमार आजाद 
ईमेल- azad4sk@gmail.com  
फोन--09431162589

बिहार‬ के तीन सांसदों को मिला इनाम, नीतीश के आलोचक का भी रखा ध्यान

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पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का पहला विस्तार रविवार को हुआ। लालू की बेटी और पत्नी को पराजित करने वाले नेताओं को जहां इस विस्तार में पूरा सम्मान दिया गया वहीं नमो की गुणगान करने वाले को भी मोदी अपने कैबिनेट में स्थान दिया है। नमो के कैबिनेट में बिहार से तीन लोगों को शामिल किया गया है। 
जिनमें:-

1. राजीव प्रताप रूडी:बिहार के सारण से 16 वीं लोकसभा में भाजपा के युवा सांसद राजीव प्रताप रूडी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। रूडी ने सारण सीट से लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को हराया था। मंत्री बनाकर बीजेपी ने उन्हें राबड़ी देवी को हराने का ईनाम दिया है। उनके पास वाजपेयी सरकार में भी नागरिक उड्डयन मंत्री के तौर पर काम करने का अनुभव है। 

2. गिरिराज सिह:बिहार में विधानसभा चुनाव 2०15 के मद्देनजर राज्य का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कैबिनेट में शामिल। नवादा से सांसद गिरिराज मोदी के धुर समर्थक और नीतीश के जबर्दस्त आलोचक हैं। लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान गिरिराज सिह ने मोदी के पक्ष में बेहद गर्मजोशी से प्रचार किया था। वह अपने हिदूवादी रुख के कारण भी जाने जाते हैं। 

3. रामकृपाल यादव: आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के भरोसेमंद साथियों में शामिल रहे रामकृपाल यादव ने भी आम चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा था। रामकृपाल 16 वीं लोकसभा में बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के बड़ी बेटी मीसा भारती को चुनाव मैदान में शिकस्त दी। आरजेडी टिकट पर पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से चौदहवीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।

आलेख : मोदी सरकार में ही सेंसेक्स होगा 60000 के पार

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प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों का मुरीद शेयर बाजार लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है । जहाँ घरेलू निवेशकों में विश्वास और उत्साह साफ़ झलक रहा है वहीँ विदेशी निवेशकों को भी लुभाने में सरकार पूरी तरह सफल दिख रही है। दुनियाभर के निवेशकों का एक कुनबा भारत में उठाये जा रहे आर्थिक तरक्की के कदमों की ओर नज़र गड़ाये हुए है। प्रधानमंत्री का जन-धन  योजना हो या 'मेक इन इंडिया'का नारा दोनों ही सही मायने में क्रांतिकारी कदम है। रेटिंग एजेंसीज भी भारत की रेटिंग अपग्रेड करने लगी है जो साफ़ तौर पर सेंसेक्स में मजबूती का संकेत है। 

सितम्बर में खाद्य कीमतों में गिरावट से थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति यानि महंगाई दर में जबरदस्त गिरावट आई है जो पिछले पांच साल का न्यूनतम स्तर है। महंगाई कम होने से रिज़र्व बैंक के लिए भी ब्याज दरों में कटौती का रास्ता आसान हो गया है। यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि औद्योगिक वृद्धि को रफ़्तार देने के लिए ब्याज दरों का कम होना बहुत जरूरी है। ब्याज दरों में कटौती से बाजार को एक नई ऊर्जा मिलेगी। 

हालाँकि सितम्बर में व्यापर घाटे में हुई बढ़ोतरी ने सरकार के सामने चुनौती पेश कर दिया है। हाल के दिनों में सोने का आयत बढ़ने से व्यापर घाटा 14.2 अरब डॉलर पर पहुँच गया है जो पिछले 18 माह का उच्चतम स्तर है। ज्ञात हो कि आयत और निर्यात में अंतर को व्यापर घाटा कहा जाता है।

सेंसेक्स में  पिछले तिमाही (जुलाई - सितम्बर ) में लगभग 4.80% वृद्धि दर्ज की गयी है। यह बताने की जरूरत नहीं है की यह तिमाही पूर्ण रूप से इसी सरकार का कार्यकाल है। अगर सेंसेक्स में इसी रफ़्तार से तिमाही दर तिमाही ग्रोथ जारी रहा तो मोदी सरकार में ही सेंसेक्स होगा 60000 के पार। हालाँकि यह जरूरी नहीं है की सेंसेक्स में हर तिमाही 4.80% की वृद्धि हो पर औसतन इसकी संभावना है। 

बाजार को समझने और परखने वाले ज्यादातर लोगों का मानना है और उम्मीद भी है की आने वाला समय शेयर बाजार के लिए अच्छा रहने वाला है। तमाम शेयर ब्रोकिंग कम्पनीज में आयी नौकरी की बाढ़ से भी संकेत साफ़ है की मार्केट की मलाई खाने 
के लिए तैयार रहिये।

बाजार में ऐसी तेजी देख हैरान होने की जरूरत नहीं है। पूर्व में अमेरिकी सूचकांक डाओ जोंस में भी ऐसी शानदार तेजी देखने को मिल चुकी है।  डाओ जोंस अस्सी के दशक में ऐतिहासिक तेजी का गवाह रह चूका है। वर्ष 1982 में 769 के स्तर से वर्ष 1987 में 2742 का स्तर इस सूचकांक में देखने को मिला था जो पांच वर्ष की अवधि में 3.6 गुणा वृद्धि थी। वहीँ डाओ जोंस वर्ष 1990 में 2344 से वर्ष 2000 में 11750 हो गया था जो दस साल अवधि में 5 गुणा बढ़ोतरी है।

आखिर में मैं यह स्पष्ट करना  चाहता हूँ कि ये सिर्फ आंकड़ों पर आधारित अनुमान है हकीकत इससे अलग हो सकता है। हालाँकि भविष्य कोई देख नहीं सकता पर संभावनाओं को नाकारा  भी नहीं जा सकता है।





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(राजीव कुमार)

माथुर होंगे यूपी में भाजपा के खेवनहार, बनाएं गए प्रभारी, जल्द जुटोंगे 2017 के मिशन पर

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  • हालांकि यूपी की मानिटरिंग समय-समय पर अमित साह खुद करेंगे 

सांसद के लड़के प्रभारी बनकर भोलीभाली जनता को लूटने के साथ ही माफियाओं की सांठगांठ व अपने हित-नातेदारों व स्वजातियों के जरिए आम जनमानस में खौंफ पैदा कर धन बटोरने में ही अपनी बहादुरी समझ रहे है, जो मोदी के साथ-साथ पार्टी की साख में भी बट्टा लगा रहे है। जिसका खामियाजा चुनाव में पार्टी भुगत सकती है  

om mathur
महाराष्ट्र व हरियाणा की सफलता के बाद अब भाजपा ने अपनी पूरी निगाहें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर टिका दी है। मकसद है ऐनकेन प्रकारेण सत्ता की कुर्सी हासिल करना। इसके लिए पार्टी ने विधानसभा 2017 की तैयारी अभी से शुरु कर दी है। इसके लिए महाराष्ट्र प्रभारी ओमप्रकाश माथुर को यूपी का चुनाव प्रभारी बनाया है। पार्टी को विश्वास है कि पार्टी के थिंक टैंक कहे जाने वाले श्री माथुर 12 सालों से सत्ता सुख से दूर पार्टी को इसबार फिर से सत्ता का स्वाद चखने को मिलेगा। हालांकि इसके लिए फायरब्रांड हिन्दुत्व छबि वाले आदित्यनाथ को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, लेकिन उपचुनाव में हार के बाद पार्टी को आभास हो गया कि यह कार्ड अंदर ही अंदर तो चल सकता है, लेकिन खुलकर हिन्दू मानसिकता वालों को एकजूट नहीं किया जा सकता। इसीलिए निर्णय बदलना पड़ा। 

पार्टी सूत्रों की मानें तो श्री माथुर अमित शाह की तरह मोदी के ही करीबी है। और अमित साह के विचारों से तालमेल रखते है। चूकि अमित साह लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी के प्रभारी थे और यहां के रग-रग से वाकिब भी। शायद इसीलिए उन्होंने ओपी माथुर को अपना स्थान दिया है। वैसे मानिटरिंग वह खुद करते रहेंगे। यहां जिक्र करना जरुरी है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी की सुनामी के आगे मायावती की हाथी बिदकती नजर आई तो मुलायम की सायकिल का नट-बोल्ट ढीला हो गया। कांग्रेस के पंजे का तो पोर-पोर दुखने लगा। मतलब लोकसभा के 80 सीटों में 73 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया। उस सुनामी के लहर के मलबों को ठीकठाक कर उपचुनाव में मुलायम ने अपने तीन-तिकड़म से कुछ सीटे हासिल कर सायकिल के नट-बोल्ट को तो कसा, लेकिन असलियत सब जानते है कि चुनाव में मायावती के भाग न लेने का ही उन्हें फायदा मिला। इसी लाभ को मुलायमयह बताने की कोशिश कर रहे है कि यूपी में मोदी की सुनामी खत्म हो गयी है, थोड़ी-बहुत हवा चल रही है उस पर भी काबू पा लिया जायेगा। लेकिन मोदी के नुमाइंदे महाराष्ट्र व हरियाणा की सफलता के बाद मान रहे है कि सुनामी का जलवा अभी कायम है। उस जलवे को कायम करने के लिए इस बार अमित शाह ने महाराष्ट्र  के प्रभारी ओमप्रकाश माथुर के हाथों कमान सौंपी है। 

भाजपा का मानना है कि में 2017 के विधानसभा चुनाव में 12 सालों से सत्ता से दूर रही पार्टी को श्री माथुर ही खेवनहार हो सकते है, क्योंकि फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ के बूते सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। माना जा रहा है श्री माथुर पार्टी को सत्ता दिलाने में सफल हो सकते है। हालांकि खाटी जनसंघी माथुर कितना अपने मिशन में सफल हो पायेंगे, यह तो वक्त ही बतायेगा, लेकिन माया-मुलायम को मोदी के सुनामी में रौंद पाना इतना आसान भी नहीं होगा, क्योंकि लहर में जीते भाजपाई सांसद पार्टी का कम अपना वजूद व कुबेर कोठरी भरने में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी दिखा रहे है। सांसद के लड़के प्रभारी बनकर भोलीभाली जनता को लूट रहे है। माफियाओं की सांठगांठ व अपने हित नातेदारों व स्वजातियों के जरिए आम जनमानस में खौंफ पैदा कर धन बटोरने में ही अपनी बहादुरी समझ रहे है। जो मोदी के साथ-साथ पार्टी की साख में भी बट्टा लगा रहे है। जिसका खामियाजा चुनाव में पार्टी भुगत सकती है। 

श्री माथुर से जुड़े लोगों की मानें तो वह यूपी में भी महाराष्ट्र में अपनाए गए फारमूले पर ही काम करेंगे। क्योंकि देश के सर्वाधिक विधानसभा सीटों वाले यूपी राज्य की सत्ता में वापसी भाजपा तथा संघ की वरीयता वाली सूची में है। श्री माथुर का प्रयास होगा कि वह जीताउ प्रत्याशियों को अभी से हरी झंडी देकर उन्हें तैयारियों में उतारा जाएं। जिताउ प्रत्याशी चाहे वह बाहुबल वाला हो या धनबल या फिर किसी अन्य पार्टी का उसे वह पूरी तवज्जों मिलना बताया जा रहा है। श्री माथुर की खासियत है कि उन्हें जिस भी सूबे में लगाया गया या पार्टी ने कोई जिम्मेदारी सौंपी इसमें वह शत-प्रतिशत खरा उतरे है। पार्टी में उनकी पहचान थिंक टैंक के रुप में बन चुकी है। गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्य इसके उदाहरण है। हालांकि महाराष्ट्र में वह पार्टी का एकछत्र जलवा तो नहीं बना पाएं लेकिन कहा जा रहा है कि उन्हीं के दम व सोच के बूते पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। क्योंकि भाजपा का शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद श्री माथुर ने कांग्रेस तथा एनसीपी के कई मजबूत उम्मीदवारों को अपनी लिस्ट में शामिल कर टिकट दिलाया और जिताया भी। गठबंधन टूटते ही इन दोनों दलों से आएं 75 से अधिक प्रत्याशियों को माथुर के ही कहने पर टिकट मिला था और उनमें से आधे से अधिक विजयी बने। कुछ ऐसा ही वह यूपी में भी करने वाले है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो 2017 के चुनाव में जब भाजपा व सपा के बीच टक्कर होगी तो इसका सीधे लाभ मायावती को मिलेगा, क्योंकि मुस्लिम मतों में सपा की कोई अच्छी साख नहीं है, उपचुनाव में तो योगी आदित्यनाथ के डाॅयलाग से चिढ़कर सपा को वोटिंग कर दिया था, क्योंकि कांग्रेस का उस वक्त कोई वजूद नहीं था। श्री माथुर राजस्थान के बेदाल पाली के निवासी है और अविवाहित भी है। वह आरएसएस के साथ-साथ मोदी के खासमखास है। 





(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख : बाढ़ के बाद बेबस हुए लोग

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हरियाणा और महाराश्ट्र के विधानसभा चुनावों के बाद अब जम्मू एवं कष्मीर राज्य में भी सियासी पारा अपने चरम पर है। निर्वाचन आयोग ने राज्य में 5 चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर 25 नवम्बर को मतदान होगा। सीमावर्ती जि़ले पुंछ में भी सियासी पारा अपने चरम पर है। राज्य में विधान सभा चुनाव के ऐलान के बाद जि़ले के सभी राजनेताओं ने जनता से लोक लुभावन वाले वादे करने षुरू कर दिये हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि बाढ़ के कारण जि़ले में जो ज़बरदस्त तबाही और बर्बादी हुई थी, उस समय इन असहज लोगों की मदद के लिए कोई आगे क्यों नहीं आया?  जि़ले में आई बाढ़ ने मंडी तहसील के सलोनियां में भी ज़बरदस्त तबाही मचाई। इस बाढ़ में न जाने कितने लोग घायल हुए और न जाने कितनों ने अपने घर-बार खोए। सलोनिया गांव में तकरीबन दो किलोमीटर ज़मीन खिसकने सेे आठ घर पूरी तरह बर्बाद हो गए और कुछ घर आंषिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। गांव के स्थानीय निवासी षौकत हुसैन (24) के पिता गुलाम हुसैन और उनके चचा मोहम्मद षफी अपनी ज़मीन में से पानी को निकाल रहे थे कि अचानक पहाड़ के उपरी हिस्से से ज़मीन खिसक गई और दोनों की मौत हो गयी। पिता और चचा की मृत्यू के बाद परिवार की जि़म्मेदारी षौकत हुसैन के कंधो पर आ गयी है। षौकत हुसैन 12 वीं कक्षा के छात्र हैं और अब पढ़ाई के साथ साथ मज़दूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। षौकत हुसैन के परिवार में 16 सदस्य हैं जिनमें उनकी 6 बहने और अपने दो बच्चे हैं। यह सभी षिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पिता के देहांत के बाद यह अपनी आगे की पढ़ाई कर पाएंगे या नहीं, कहना मुष्किल है। उन्होंने आगे बताया कि मैं मज़दूरी करके रोज़ाना 2 सौ रूपये प्रतिदिन कमाता हंू। मुझे समझ में नहीं आ पा रहा है कि मैं 2 सौ रूपये में अपने इतने बड़े परिवार का भरण शोशण कैसे करूं।

घरों के पूर्ण या आंषिक रूप बर्बाद हो जाने के बाद इस गांव के प्रभावित लोगों के पास रहने का कोई ठिकाना नहीं बचा हैं। बाढ़ की वजह से जि़ले में कुल 818 पक्के घर जबकि 8,412 कच्चे घरों को पूर्ण या आंषिक से नुकसान पहुंचा है। सर्दी का मौसम आने को हैं ऐसे में इस गांव के लोगों के पास सर पर छत का कोई साया नहीं है। सलोनियां के लोगों को बाढ़ के बाद तहसीलदार मंडी ने टैंट तो दिए मगर टैंट गाड़ने के लिए खंबे नहीं दिए। लिहाज़ा गांव के लोगों को टैंट का भी कोई खास फायदा नहीं हुआ। इस बारे में गांव के स्थानीय निवासी अब्दुल हमीद (56) का कहना है कि सरकार ने किसी भी किस्म का मुआवज़ा अभी तक हम लोगों को पूर्ण या आंषिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए नहीं दिया है। हम लोगों के पास दोबारा घर के निर्माण के लिए लकड़ी का बंदोबस्त भी नहीं है और न ही हम दोबारा लकड़ी खरीदकर मकान का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि आठ मकान इस गांव में ऐसे हैं जोकि पूरी तरह गिर गए हैं और हर मकान को दोबारा निर्माण करने के लिए तकरीबन 5 लाख रूपये जबकि अस्थायी मकान के निर्माण के लिए दो लाख की ज़रूरत है। ऐसे में समझ में नहीं आ रहा है कि जिन लोगों के सर पर छत का साया नहीं है वह सर्दी और बर्फबारी के मौसम में कैसे रहेंगे। सर्दी के मौसम से पहले लोगों को सर पर छत, कंबल, गर्म कपड़े और दूसरी बुनियादी सुविधाओं की सख्त ज़रूरत है। सरकार को इस ओर संजीदगी से ध्यान देने की ज़रूरत है। 
            
बाढ़ के बाद इस गांव में लोगों को आजीविका के साधन जुटाना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस गांव के ज़्यादातर लोगों का पेषा खेतीबाड़ी या मजदूरी है। बाढ़ ने खेती-बाड़ी को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। लिहाज़ा खेती-बाड़ी के बर्बाद होने से लोगों के पास आजीविका का कोई दूसरा साधन नहीं बचा हैं। लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि वह अपने सर पर छत के साए का इंतेज़ाम करें या पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी का। बाढ़ के बाद अभिभावकों को अपने बच्चों को पालना, उनकी पढ़ाई-लिखाई और उनके लिए आजीविका के साधन जुटाना एक बड़ी चुनौती हो गया है। बाढ़ से क्षति के बारे में गांव के स्थानीय निवासी  गुलाम हुसैन कहते हैं कि इस गांव में कोई भी परिवार ऐसा नहीं हैं जो बाढ़ के प्रकोप से बच पाया हो। उन्होंने बताया कि बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान छात्र-छात्राओं को हुआ है क्योंकि घरों के पूर्ण या आंषिक रूप से क्षतिग्रस्त होने से बच्चों का भविश्य अंधकार में डूब गया है। उन्होंने आगे बताया कि गांव के हर परिवार का कुछ न कुछ नुकसान ज़रूर हुआ है। किसी का घर क्षतिग्रस्त हुआ, किसी की खेती बाड़ी बर्बाद हुई, किसी की जान गई तो किसी को षारीरिक रूप से नुकसान पहुंचा है। इस बारे में गांव के एक और स्थानीय निवासी गुलाम दीन कहते हैं कि सलोनियां में बाढ़ की वजह के बाद बिजली की हालत काफी खस्ताहाल हो गयी है। बाढ़ से पहले बिजली के दीदार तो हो जाते थे लेकिन अब वह भी नहीं होते। बिजली की खस्ताहाली की वजह से बच्चे रात को पढ़ नहीं पाते हैं। 
           
इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों को ऐसे प्रत्याषी को सत्ता की कमान सौंपनी होगी जो बाढ़ के बाद जि़ले में हुए नुकसान की भरपाई के साथ-साथ जि़ले के चहुमूखी विकास की बात करे। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि चुनाव के बाद पुंछ का विकास होगा या नहीं, लेकिन फिलहाल तो उम्मीद की किरन के साथ यहां के लोग जिंदगी के सफर में आगे बढ़ रहे हैं। 





live aaryaavart dot com

इमरान अली
(चरखा फीचर्स)

भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए ग्राम रगोली में हुई बाल सभा-बच्चों ने हुनर दिखायें

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chhatarpur news
छतरपुर - जिला  की जन पद पंचायत नौगाॅव के ग्राम रगोली जो कि बीहड़ क्षेत्रों में गिना जाता है पिछले दिनों-षनिवार को  ष्षाासकीय हाई स्कूल रगोली में कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को एकत्रित कर संस्था में बाल सभा का आयोजन किया गया । बाल सभा में गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के साथ साथ बच्चों को महापुरूषों की जीवनी व अनुभव के बाद  किताबी ज्ञान के अतिरिक्त नैतिक षिक्षा, व्यवहारिक षिक्षा  पर अपना व्याख्यान दिया । बाल सभा में उपस्थित सैकड़ों की तादाद में बालक/बालिकाओं ने इस आयोजन की सराहना करते हुये अपने जीवन का संकल्प में बदलने का बचन दिया । इस बला सभा में गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने बच्चों को षिक्षा ग्रहण करने केलिए नियम व संयम के बारे में विस्तार से जानकारियाॅ दी  ।  साथ ही सामाजिक कार्यो के साथ साथ घर परिवार, समाज व देष प्रेम के गुण बताऐं । 

हाई स्कूल रगोली में अध्ययनरत बच्चों में मानवेन्द्र सिंह राजपतू, सुमित राजपूत, रेषमा वानो, सुधा अहिरवार, अजय बरार , अजय प्रताप नापित, उर्मिला अहिरवार, भारत राजपूत, सपना राय, दिनेष अहिरवार योगेन्द्र श्रीवास, भगवत अहिरवार, मीरा अहिरवार,संध्या गुप्ता, मेघा , माया, प्रषाॅत, मनोज , जय सिंह, महेष नीरज, लाल सिंह, नीलम, आरती, रूवी, आराधना नापित, ज्योंति नामदेव, रोषनी , जमीला, सवीना, आरती ने अपने अपने हुनर के माध्यम से लोकगीत, चित्रकला, बाल सभा में गायन , कविताओं का पाठ पढ़ा ।  अस अवसर पर कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को अध्ययन कराने वाले षिक्षक श्री सुरेन्द्र तिवारी प्रार्चाय, श्री योगेष बरोलिया, श्री प्रमोद मिश्रा , श्री प्रदीप पाठक, श्री अनिल नायक, श्री लीला धर राय, माध्यमिक विभाग के प्राचार्य श्री जी. एल. अहिरवार श्री प्रेम चन्द्र दीक्षित, श्री मलखान सिंह नापित, श्री राजेन्द्र अनुरागी ने संस्था के बाल सभा आयोजन में व्याख्यान देने के लिए गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले का आभार व्यक्त किया । 
स्मरण रहे कि गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले सन् 2007 से ग्रामों में जाकर बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को बचाने  केलिए बाल सभायें कराते है तथा समय समय पर प्रजातंत्र की रक्षा केलिए मतदान करने की प्रेरणा देते आ रहे है । 

आलेख : विकास तो बहाना, छिड़ी है सत्ता की जंग

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modi and development
मोदी द्वारा पूर्वी यूपी के बंद पड़े 16 बैंकों को जिंदा करने के लिए दी गयी 2375 करोड़ का पैकेज कश्मीर की बाढ़ राहत व हुदहुद के तुफान राहत से कई गुना अधिक है। इस तरह से मोदी ने एक तीर से दो निशाना साधा। एक तो उन्होंने खाद-बीज के लिए मदद न मिलने से त्रस्त किसानों सहित मझोले तबके के कारोबारियों, जिनकी मदद के अभाव में कल-कारखाने एक-एक कर बंद हो रहे थे, उनको ऋण मुहैया कराने का भरोसा देकर दिल जीत लिया, वहीं दूसरी ओर इस बैंक पर काफी दिनों से कब्जा जमाए दल विशेष व परिवारवाद को भी निशाने पर लिया। साथ ही सैफई महोत्सव का नाम लिए बगैर यूपी सरकार का असल चेहरा सामने लाने की कोशिश किया कि सिर्फ पश्चिम भाग को विकसित करने नही पूर्वी छोर का भी विकास जरूरी है। यानी यूपी को लेकर मोदी सजग तो है ही, उन्होंने काशी से विकास की शुरुवात कर पूर्वांचल के रास्ते होते हुए यूपी की सपा सरकार को निशाने पर ले ली है। मोदी के खौफ का ही असर है कि जैसे ही मोदी ने व्यापार सुविधा केन्द्र के लिए जमीन न मिलने की बात कह यूपी सरकार पर बुनकरों के साथ उपेक्षा का तोहमत मढ़ा, पलटवार जवाब में अखिलेश को बताना पड़ा कि यदि वहां जमीन नहीं चाहिए तो बता दें जहां कहें जमीन उपलब्ध करा दूं। मुलायम का थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश मोदी के खौफ का एक बानगी भर है। 

इसे मोदी का खौफ नहीं तो और क्या कहेंगे, जब देश के सबसे बड़ा सूबा यूपी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को थर्ड फ्रंट के लिए हाथ-पांव मारना पड़ रहा है। सत्ता की चाबूक न होने पर विपक्ष की भूमिका चुपचाप तमाशा देखने वाली मायावती को थर्ड फ्रंट में शामिल हो-न हो की चिंता खाएं जा रही है। बुनकर सुविधा केन्द्र के लिए उपयुक्त जमीन की उपलब्धता न होने पर मोदी द्वारा सवाल खड़ा करने पर आनन-फानन में सफाई देकर सीएम अखिलेश द्वारा कहा जा रहा है च्वाइस बता दें दुसारी जमीन उपलब्ध करा दूंगा। मतलब साफ है नेताओं के बीच छिड़ी यह जंग में कौन किससे डर रहा है यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन कहा जा सकता है विधानसभा चुनाव 2017 की विसात अभी से बिछने लगी है। उपचुनाव में सफलता से इतराएं अखिलेश सरकार अपनी नामाकियों को छिपाने के लिए ताबड़तोड़ प्रशासनिक अधिकारियों का हेरफेर, प्रमोशन व दागी मंत्रियों की लालबत्ती छिनने में व्यस्त है तो इस नजाकत को भाप अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आएं मोदी बुनकरों के लिए 150 करोड़ की लागत व्यापार सुविधा केन्द्र की आधारशिला रखने के साथ ही पूर्वांचल के बंद पड़े 16 बैंकों में जान फूंकने के लिए 2375 करोड़ का देने की घोषणा कर यह बताने की कोशिश किया हम जनता से किए गए वादों को भूले नहीं। पूर्वांचल क्या हम पूरे यूपी का विकास करना चाहते है, बशर्ते यहां हमारी योजनाएं सही-सही लागू तो हो। बेशक मोदी की यह दर्द यूपी ही नहीं झारखंड, बिहार, उड़ीसा और असम तक लोग सुनेंगे। देश के उत्तरी हिस्से को पश्चिमी भारत के बराबर लाने के संकल्प को पूरा करने के लिए ही मोदी ने काशी को अपना क्षेत्र बनाया और सत्ता पाने का सेहरा यूपी की जनता को देते हुए कह रहे है मैं आभारी हूं, मुझे जो प्यार मिला है वह कर्ज की तरह है और सूद समेत ब्याज लौटाने की कोशिश विकास योजनाओं के साथ कर रहा हूं, ताकि आपका सहयोग आगे भी मिलता रहे। 

कहा जा सकता है मोदी काशी के बहाने यूपी विधानसभा का रोडमैप अभी से तैयार करने में जुट गए है। जयापुर गांव के गोद लेने के दौरान लोगों जातिवाद-सम्प्रदायवाद से उपर उठकर गांव की जन्मदिन मनाने की बात कहकर मानवता का पाठ पढ़ाया तो बुनकर व्यापार केन्द्र के बहाने अल्पसंख्यकों को रिझाने व मिनी पीएमओं हाउस में अपार सफलता का श्रेय कार्यकर्ताओं को देकर उनमें उत्साह भरने की कोशिश, विकास कायो में यूपी सरकार और विपक्ष को राजनीति न करने की नसीहत, इसकी चीख-चीख कर गवाही दे रहे है। भला क्यों नहीं, मोदी अच्छी तरह जानते है कि अगर वह आज इस मुकाम पर है तो यूपी का बड़ा योगदान है। आगे भी यह योगदान बना रहे इसके लिए ध्यान देना ही होगा। गंगा निर्मलीकरण, सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण, काशी सहित पूरे उत्तर प्रदेश के विकास सहित अन्य योजनाओं को मूर्तरुप देने के उनके वायदे तभी पूरे हो पायेंगे जब यूपी में भाजपा की सरकार होगी। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि सब कुछ सरकारें और खासकर केंद्र सरकार नहीं कर सकती। संघीय ढांचे वाली व्यवस्था में केंद्र सरकार के काम करने की अपनी सीमाएं हैं। जब तक राज्य सरकारें, उनका प्रशासनिक तंत्र और स्थानीय निकाय केंद्र सरकार के साथ कदम मिलाकर नहीं चलते तब तक उस अभीष्ट की पूर्ति होने वाली नहीं है जिसके बारे में प्रधानमंत्री पहले दिन से ही बातें कर रहे हैं। 

हालांकि लोकसभा चुनाव बाद गृह क्षेत्र बड़ोदरा को छोड़ना और काशी को अपनाने के दौरान ही उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में फतह की विसात बिछा दी थी। लेकिन उपचुनाव में हार के बाद उन्हें आभास हो गया कि अगर देरी हुई तो परिस्थितियां उनके विपरीत होते देर नहीं लगेगी, सो जैसे ही उन्हें मौका मिला अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के बहाने काशी पहुंच गए। जनता का विश्वास जीतने के लिए कई परियोजनाओं का शिलान्यास व घोषणा कर डाली। 150 करोड़ की लागत से बुनकरों के लिए व्यापार सुविधा केंद्र और हस्तशिल्प संग्रहालय व पूर्वांचल के बंद पड़े 16 से भी अधिक सहकारी बैंकों को उबारने के 2,375 करोड़ का पैकेज देकर यह बताने की कोशिश किया कि वह अपने वायदे को भुले नहीं है। इस तरह से मोदी ने एक तीर से दो निशाना साधा। एक तो उन्होंने खाद-बीज के लिए मदद न मिलने से त्रस्त किसानों को खुशी देते हुए उनका दिल जीत लिया, वहीं दूसरी ओर इस बैंक पर काफी दिनों से कब्जा जमाए दल विशेष व परिवारवाद को भी निशाने पर लिया। साथ ही सैफई महोत्सव का नाम लिए बगैर यूपी सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा, सिर्फ पश्चिम भाग को विकसित करने से कुछ नहीं होगा। पूर्वी छोर का भी विकास जरूरी है। साथ ही सरकार पर बुनकरों की उपेक्षा का आरोप लगाकर अखिलेश सरकार की यह कर खिंचाई किया कि सुविधा केन्द्र के लिए जगह नहीं दी, जिसके चलते इसका निर्माण शहर से दूर हो रहा है। कहा विकास के किसी भी काम में राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि हम सभी समाज का विकास करना चाहते हैं। केंद्र सरकार के सामने एक चुनौती यह भी है कि सभी राज्य सरकारें किस तरह उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। मौजूदा राजनीतिक माहौल में यह चुनौती इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि यह किसी से छिपा नहीं कि किस तरह विकास और जनकल्याण के मामले में भी दलगत राजनीतिक मतभेद एक बड़ी बाधा बनकर खड़े हो जाते हैं। अक्सर राज्य सरकारें केंद्र का सहयोग करने से केवल इसलिए इन्कार करती हैं, क्योंकि उसकी बागडोर किसी अन्य दल के हाथ में होती है। कई बार इसलिए विरोध के लिए विरोध के रास्ते पर चल निकला जाता है ताकि किसी घोषणा, कार्यक्रम का श्रेय केंद्र सरकार के खाते में न चला जाए। राजनीतिक दलों के ऐसे रुख-रवैये को रोकने का काम आम जनता को करना चाहिए। हालांकि नजाकत भाप पलटवार जवाब में सीएम अखिलेश यादव ने सफाई दी कि उन्होंने जमीन देने से मना नहीं किया है, मोदी जहां चाहेंगे, वहां जमीन देंगे। 

इन बयानों के बाद दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। यह अलग बात है मोदी ने सपा मुखिया व उनके बेटे पर परोक्ष हमला तो नहीं बोला लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान गुजरात माडल की जिस तरह खिल्ली उड़ाई गई, मोदी का मतलब ‘माडल आफ डिवाइडिंग इंडिया’ बताया गया, गुजरात दंगे का जिक्र व आजम खां द्वारा उलूल-जुलूल बयान मोदी को चिढ़ाने के लिए काफी है और मौका मिलने पर भला वह क्यों अवसर खोने देंगे। इसके लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं में विश्वास दिलाया कि वो काशी की जनता का ऋण ब्याज सहित चुकाएंगे। कार्यकर्ताओं ने जो पसीना बहाया है, उसी का परिणाम है कि आज मोदी की चहुंओर जय-जयकार हो रही है। यह पूरा श्रेय काशी की जनता को जाता है। मेरी सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों व असहायों को समर्पित है। सरकार ने देश के 32 लाख असहायों व गरीबों को एक-एक हजार रुपये मासिक पेंशन प्रतिमाह देने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना का लाभ आम जनमानस को मिलने लगा है। बैंकों में अब तक पांच हजार करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर सरकार, खाताधारक को एक लाख रुपये बीमा का लाभ देगी। जहां तक विपक्षियों द्वारा यह कहकर चुटकी ली जा रही है कि एक गांव नहीं उन्हें तो देश ना सही तो बनारस के हर गांव को गोद को लेकर विकास करना चाहिए। विपक्ष के इस चुटकी को शायद मोदी पहले से जानते थे, इसीलिए जयापुर में कहा, मैंने नहीं, आपने मुझे गोद लिया है। मैं बड़ी-बड़ी बातों में नहीं, बड़ा काम करने में विश्वास करता हूं। हम सांसद, सीएम, पीएम भले ही बन जाएं, किंतु जो संस्कार या ज्ञान गांव के बड़े-बुजुर्गो से सीखने को मिल जाता है, वह अफसरों या बाबुओं के बीच बैठकर सीखने को नहीं मिलता। बेशक उनका यह अंदाज बनारस के लोगों के साथ-साथ सारे देश के लोगों को भाया होगा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लोकसभा में जलवा दिखाने के बाद अब यूपी की सरकार पर मोदी की निगाहे है। शायद इसीलिए सम्मेलन में पूरे यूपी में नंबर वन बनने का पाठ कार्यकर्ताओं को पढ़ाया। और इसी सर्तकता से पता चलता है कि मोदी से लोग कितना खौफ में है। 

वैसे भी मोदी ने यह कहकर जनता के भरोसे को जीतनें में सफल रहे कि, यूपी सरकार की उपेक्षा व अनदेखी के चलते उनकी योजनाएं मूर्तरुप नहीं ले पा रही। यह बिल्कुल सही बात है, राज्य सरकार केवल इस कारण केंद्र के कार्यक्रमों में सहयोग करने से इन्कार करता है कि उसकी कमान विरोधी राजनीतिक दल के हाथ में है। मौजूदा परिस्थितियों में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का गांव होने के बावजूद जयापुर तब तक आदर्श रूप में विकसित नहीं हो सकता जब तक उत्तर प्रदेश की सपा सरकार इस योजना के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण न प्रदर्शित करे। भले ही राजनीतिक मतभेदों के कारण फिलहाल आदर्श ग्राम विकास योजना पर सही तरह से अमल में संदेह नजर आ रहा हो, लेकिन जब जनप्रतिनिधि और आम जन गांवों की हालत सुधारने के लिए जुटेंगे तो संदेह के बादल स्वतः छंट जाएंगे। जब सांसद गांवों को चिन्हित कर उनके विकास की ईमानदारी से चिंता करेंगे तो वे समस्याएं सतह पर आएंगी ही जिनसे हमारे गांवों को जूझना पड़ रहा है। केंद्र सरकार गांवों में सीधे दखल नहीं दे सकती और उसे देना भी नहीं चाहिए, लेकिन सांसद अपने गांव-क्षेत्र के विकास के लिए जिलाधिकारी से लेकर अन्य शीर्ष अधिकारियों के पास जा सकता है और जरूरी कामों को करवा सकता है। 




(सुरेश गांधी)

आलेख : कश्मीर पर भारत को घेरने आये पाकिस्तानी आपस में ही लड़ पड़े

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  • मैडिसन स्क्वायर पर भारत की जयकार के बाद लंदन में पाकिस्तान का 'मिलियन मार्च'चीत्कार

कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने चले पाकिस्तान का बहुप्रचारित मिलियन मार्च बुरी तरह नाकाम रहा. लंदन की सड़कों पर पाकिस्तानी गुट आपस में ही भिड़ गये, एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की, प्लास्टिक की बोतलें फेंकी और कश्मीर का रोना रोकर लौट गये. 26 अक्तूबर 2014 को पाकिस्तान ने 26 लंदन में 'मिलियन मार्च'का आयोजन किया था. इसकी अगुवाई पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री रहे बैरिस्टर सुल्तान मेहमूद चौधरी और बिलावल भुट्टो कर रहे थे. कहां तो इस रैली में एक मिलियन से ज्यादा लोगों को जुटाने की बात की गयी थी, लेकिन वहां बमुश्किल महज दो हजार लोग ही जुट पाये. उस पर भी सब आपस में गुत्थमगुत्था हो गये. रैली में आये इमरान खान समर्थकों ने बिलावल भुट्टो पर प्लास्टिक की बोतलें फेंकी और 'भाग बिल्लो भाग'के नारे लगाये.

दरअसल नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना के हाथों करारी मात खाने और संयुक्त राष्ट्र के इस मामले में दखल देने से इनकार के बाद बौखलाया पाकिस्तान अब ब्रिटेन और ब्रशेल्स के रास्ते भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है. इस मार्च के जरिये पाकिस्तान दुनिया का ध्यान जम्मू-कश्मीर मसले की ओर नये सिरे से आकर्षित करना तो चाहता ही है, साथ ही वह अपने कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की स्थिति मजबूत करने के लिए भी इस मुद्दे को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. ब्रिटेन की रैली नाकाम होने के बाद भी अब पाकिस्तान ब्रशेल्स में भी इसी तरह के मार्च का आयोजन करने की तैयारी कर रहा है. ब्रशेल्स यूरोपियन यूनियन का मुख्यालय है और यहां कश्मीर में मानवाधिकार हनन का सवाल उठाकर पाकिस्तान यूरोपीय देशों की जनता को बरगलाना चाहता है. वैसे तो पाकिस्तान कश्मीर मसले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश लगातार करता रहा है, लेकिन ये ताजा कोशिशें हाल के वर्षों में उसके द्वारा की गयी कोशिशों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और बड़ी हैं.

भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नयी सरकार ने पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की मंशा से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था. इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान से खुलेमन से बातचीत करने की तिथि भी तय कर दी. लेकिन इससे ठीक पहले पाकिस्तान ने नयी दिल्ली में कश्मीर के अलगाववादियों से मुलाकात कर यह जतला दिया कि उसकी नीयत कतई साफ नहीं है. भारत की कोई और पहले की सरकार रही होती तो शायद इस बात का उतना बुरा नहीं मानती. पर विशाल बहुमत से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चुनकर आयी भारतीय जनता पार्टी की नयी भारत सरकार ने इस मामले पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए पाकिस्तान से निर्धारित बातचीत रद्द कर दी. पाकिस्तान को इससे बड़ा झटका लगा. पहली बार देश को लगा कि अब केन्द्र में एक खुद्दार और ताकतवर सरकार है. देश भर में मोदी के इस निर्णय से लोगों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी. पर पाक भी कहां मानने वाला था. उसने बातचीत के लिए भारत पर दबाव बनाने और अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान आकर्षित करने के लिए जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम तोड़ते हुए वहां और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी. और उल्टे भारत पर गोलीबारी करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी उठाया और दखल देने की अपील भी की. पर उसकी उम्मीदों के विपरीत न तो संयुक्त राष्ट्र ने और न ही किसी अन्य देश ने उसका समर्थन किया.

इसके बाद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलाबारी तेज हो गयी. शायद पाक को ये लग रहा होगा कि पहले की तरह उसकी इस गोलाबारी से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान कश्मीर मसले की ओर खिंचेगा और भारत पर वार्ता शुरू करने का दबाव बनेगा. उसको ये भी उम्मीद रही होगी कि पहले की तरह भारत का जवाब सीमित और रक्षात्मक होगा. पर हुआ इसके उलट. भारत ने आक्रामक होकर जवाब दिया. भारत के करारे वार से पाकिस्तान को भारी क्षति हुई तो उसने सैन्य अभियान के महानिदेशकों की दोनों देशों के बाच स्थापित तंत्र के माध्यम से गोलीबारी रोकने और बातचीत करने की अपील की. लेकिन भारत ने साफ कह दिया कि जबतक वह अपनी तरफ से गोलाबारी बंद नहीं करता, उसे जवाब मिलता रहेगा. आखिरकार पाकिस्तानी गोलाबारी बंद तो नहीं हुई है, पर काफी कम जरूर हो गयी है. पाक को मालूम है कि वह भारत को सीधे युद्ध में कभी नहीं हरा सकता. इसीलिए वह भारत में आतंकवाद और प्रॉक्सी वार को बढ़ावा देता रहा है. पर इसमें भी उसे दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है. एक तो पाकिस्तान आज खुद के पैदा किये आतंकवादियों का आतंक खुद झेलने को मजबूर है. दूसरे ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में शरण लेकर रहने और उसकी सरज़मीं पर मारे जाने के बाद दुनिया में उसकी साख भी मिट्टी में मिल चुकी है. दरअसल पाकिस्तान एक तरफ तो अमरीका के नेतृत्व वाले आतंकवाद विरोधी गठबंधन में शामिल होकर उसका आर्थिक, सैनिक और रणनीतिक लाभ भी उठाता रहा और साथ ही उसकी आंख में धूल झोंकते हुए अपने ही घर में लादेन जैसे आतंकियों को प्रश्रय भी देता रहा. पर उसके इस दोगले चरित्र को अब दुनिया देख चुकी है. अभी हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और भारत में करगिल घुसपैठ के मास्टरमाइंड जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में साफ मान लिया कि उसका देश भारत में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है.

आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान का चेहरा इस कदर बेनकाब हो चुका है कि जब कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने अमरीका और ब्रिटेन से भी दखल देने की गुहार लगायी तो दोनों देशों ने इस मामले में दखल देने से न सिर्फ साफ मना कर दिया, बल्कि यह भी कह दिया कि अब इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. इसीलिए अब वह ब्रिटेन और ब्रशेल्स के रास्ते कश्मीर मामले को हवा देने की कोशिश में लगा है. लंदन में मिलियन मार्च आयोजित करने की पाकिस्तान की कोशिशों का भारत ने कड़ा विरोध किया था. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिटेन सरकार से इस मसले पर आधिकारिक रूप से आपत्ति जतायी थी. लेकिन ब्रिटेन की सरकार ने उनके देश में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर इस मार्च को रोकने से इनकार कर दिया. दऱअसल इस आयोजन के पीछे उसकी मंशा कश्मीर मसले पर दुनिया का ध्यान खींचने और भारत पर वार्ता हेतु दबाव बनाने के साथ ही अमरीका के मैडिसन स्क्वायर पर मोदी के स्वागत समारोह से भारत को मिली विश्व प्रतिष्ठा को धूमिल करने की भी थी, पर रैली में उसकी खुद की प्रतिष्ठा खाक में मिल गयी. पाक एक मिलियन लोगों को जुटाने में तो कामयाब नहीं हुआ, पर उसने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर दुनिया का ध्यान खींचने की एक और नापाक कोशिश जरूर की है. रैली के बाद ब्रिटिश सरकार को एक ज्ञापन देकर कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया गया और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत वहां जनमत संग्रह कराने की मांग भी की गयी. इसलिए अब पाकिस्तान की ऐसी हरकतों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जवाब देने के लिए भारत को कूटनीतिक और सामाजिक सक्रियता बढ़ानी होगी. जब भारतवंशी लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के लिए अमरीका के मैडिसन स्क्वायर पर ऐतिहासिक जनसभा का आयोजन कर सकते हैं, तो पिछले कई दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका और इस क्षेत्र में लगातार अस्थिरता फैलाने की उसकी नापाक हरकतों को उजागर करने के लिए गोलबंद होकर आवाज भी उठा सकते हैं. लेकिन इसकी पहल भारत सरकार को करनी होगी. मैडिसन स्क्वायर पर भारत को मिली विश्व प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मिलियन मार्च आयोजित करने जा रहे पाक के नापाक मंसूबों को विफल करने और उसे बेनकाब करने के लिए भारत और भारतवंशियों को एकजुट होकर जवाब देना होगा. 





onkareshwar pandey

ओंकारेश्वर पांडेय
(लेखक 'घाटी में आतंक और कारगिल'पुस्तक के लेखक 
और वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे editoronkar@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

आलेख : कार्यकर्ता करें तो गद्दारी , नेता करें तो राजनीति....!!

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modi amit shah uddhav thakrey
कुछ साल पहले मेरे शहर के कारपोरेशन चुनाव में  दो  दिग्गज उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर हुई। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों उम्मीदवारों ने एक - दूसरे की सात पीढ़ियों का उद्धार तो किया ही, कार्यकर्ताओं व समर्थकों के बीच मार - कुटाई और थाना - पुलिस का भी लंबा दौर चला। संयोग से चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ दिन बाद ही विजयी उम्मीदवार की बेटी की शादी थी। कमाल देखिए कि चुनाव के दौरान की तमाम कटुता को परे रख कर उन्होंने अपने उस विरोधी उम्मीदवार को न सिर्फ प्रेम पूर्वक आमंत्रित किया, बल्कि पराजित उम्मीदवार खुशी - खुशी उसमें शामिल भी हुए। वैवाहिक समारोह में दोनों गले मिले और फोटो खिंचवाई। यह दृश्य देख कर दोनों ओर के समर्थक हैरान रह गए। दोनों खेमे से सवाल उठा ... यह क्या नेताजी। 

चुनाव प्रचार के दौरान लड़ाई - झगड़े हमने सहे, थाने - अदालत का चक्कर हम झेल रहे हैं, और आप दोनों गले मिल कर फोटो खिंचवा रहे हैं। नेताओं ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया... समझा करो... यही राजनीति है...। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा व शिवसेना की कभी रार तो कभी मनुहार वाली स्थिति भी कुछ एेसी ही है। चुनाव से पहले साथ थे, लेकिन चुनाव के दौरान अलग हो गए, और अब फिर जरूरत आन पड़ी तो एक बार फिर  फिर गले मिलने को आतुर...। चलन के मुताबिक  समझना मुश्किल कि साथ हैं या नहीं। परिस्थितयों के मद्देनजर बेशक उच्च स्तर पर सब कुछ सहज रूप से निपट जाए, लेकिन दोनों पार्टियों के निचले स्तर पर कायम कटुता क्या इतनी जल्दी दूर हो पाएगी। हालांकि राजनीति में यह रिवाज कोई नया नहीं है। कार्यकर्ता करें तो गद्दारी और नेता करें तो राजनीति वाला यह  खेल अमूमन कमोबेश हर राज्य में खेला जाता रहा है। बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की जब 70 के दशक में विमान हादसे में मौत हुई, तो शोक जताने पहुंचने वालों में सबसे अग्रणी स्व. चंद्रशेखर थे। 

जो उस समय संसद में इंदिरा गांधी की नीतियों के कटु आलोचक थे। इसी तरह कभी बिहार के लालू प्रसाद यादव और नीतिश कुमार की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता सुर्खियों में रहा करती थी। हालांकि इस दौरान  तबियत बिगड़ने या बच्चों की शादी में दोनों की गले मिलते हुए तस्वीरें अखबारों में  प्रमुखता से प्रकाशित होती थी। समय का फेर देखिए कि अब दोनों फिर साथ हैं। इतिहास गवाह है कि 90 के दशक में केंद्र में जब संयुक्त मोर्चे की सरकार थी, और देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने नवपरिणिता प्रियंका गांधी और रावर्ट वढेरा को दिल्ली में रहने के लिए एक शानदार बंगला उपहार में दिया था। यद्यपि उस दौर में कुछ और लोगों को बंगले उपहार में मिले थे या फिर आवंटन की तिथि बढ़ाई गई थी। पश्चिम बंगाल की बात करें तो कभी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु औऱ  विरोधी नेत्री के तौर पर ममता बनर्जी एक दूसरे को कोसने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देती थी। विरोधियों के मुद्दों में ज्योति बसु के बेटे चंदन बसु की कथित अकूत संपत्ति का मसला जरूर शामिल रहता था।  लेकिन बताया जाता है कि ज्योति बसु के बेटे चंदन बसु जब भी दिल्ली जाते थे, वे ममता बनर्जी से जरूर मिलते थे। कहते हैं दोनों के बीच  किताबों का आदान प्रदान भी होता था। लेकिन मसले का चिंतनीय पक्ष  यह है कि राजनीति के उच्च स्तर पर प्रचलित यह कथित सौहार्द्र् निचले स्तर पर कतई अपेक्षित नहीं है। निचले स्तर पर यदि कोई कार्यकर्ता विरोधी खेमे के किसी आदमी से बात भी कर लें तो झट उसे गद्दार करार दे दिया जाता है। उसे काली सूची में डालने से भी गुरेज नहीं किया जाता। पश्चिम बंगाल में ही कम्युनिस्ट राज में यदि दक्षिणपंथी दलों का कोई कार्यकर्ता कम्युनिस्टों से बात करता भी देख लिया जाता तो उसे झट तरबूज कांग्रेस की उपाधि दे दी जाती। तरबूज कांग्रेस यानी ऊपर से हरा लेकिन अंदर से लाल। यहां हरे रंग से आशय कांग्रेस या टीएमसी जबकि लाल रंग कम्युनिस्टों का प्रतीक है। सवाल उठता है कि सत्ता के लिए कभी भी लड़ने - झगड़ने और मौका पड़ते ही फिर गले मि्लने की यह अवसरवादिता क्या राजनीति में उचित कही जा सकती है। बेशक राजनेता  इसे राजनीतिक दांव - पेंच, समय की मांग या फिर मुद्दा आधारित समर्थन की संज्ञा दे, वैचारिक विरोध और सौहार्द्र पूर्ण राजनीति की दलीलें पेश करें। लेकिन सच्चाई यही है कि  उच्च स्तर पर होने वाले इन फैसलों के बाद  निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को काफी कुछ झेलना पड़ता है। दो दलों के बीच कायम कटुता शीर्ष स्तर पर जितनी जल्दी दूर हो या कर ली जाती है, निचले पायदान में स्थिति बिल्कुल विपरीत होती है। कार्यकर्ता और समर्थक इसका खामियाजा लंबे समय तक भुगतते रहते हैं। 






तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।

उत्तराखंड : नहीं थम पा रही गांवों से पलायन की गति

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  • पलायन को रोकने के लिए ठोस नीति नहीं बना पाई सरकार 

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देहरादून, 10  नवम्बर। राज्य गठन के बाद भी पहाड़ के गांवों से पलायन की गति कम नहीं हो पाई है।  पलायन कम होने के बजाए पिछले चैदह वर्षों में और तेजी से बढ़ा है। पहाड़ के गांवों से लोग सुख-सुविधाओं और रोजगार के अभाव में तेजी से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं जिस कारण गांव खाली होते जा रहे हैं। गांव खाली होने से घर खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। सरकार को पहाड़ के उजड़ते गांवों और बंजर होते खेतों की कोई चिंता नहीं है। गांवों से पलायन को रोकने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है।   

  राज्य गठन को चैदह वर्ष होने को हैं, उसके बावजूद उत्तराखंड के गांवों के विकास के लिए कोई ईमानदार पहल नहीं हुईं। गांवों में पानी, स्वास्थ्य, ईंधन, बिजली, सड़क, संचार, शिक्षा, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। पेयजल किल्लत के चलते कई गांवों में लोगों को आज भी आधा से दो किमी दूर से पानी ढोना पड़ता है। पेयजल समस्या के कारण लोग पशुओं को बेच रहे हैं, जिस कारण पहाड़ के गांवों में दुग्ध उत्पादन सिमटता जा रहा है। अधिकांश गांवों में अभी भी ईंधन का जरिया लकड़ी है, लोग लकड़ी जलाकर भोजन बनाते हैं। वन विभाग की सख्ती के चलते ग्रामीणजनों को वनों से लकड़ी भी नहीं मिल पा रही है, जिस कारण लोगों के लिए खाना बनाना मुश्किल होता जा रहा है। पहाड़ों में सिंचाई का कोई साधन नहीं है, सिंचाई पूर्ण रूप से इंद्र देव की कृपा पर निर्भर है।  सिंचाई साधनों के अभाव में लोग खेती-बाड़ी छोड़ने को मजबूर हैं, जिस कारण खेत बंजर होते जा रहे हैं। पहाड़ के कई गांवों का अभी विद्युतीकरण नहीं हो पाया है, जिस कारण लोगों को जिंदगी अंधेरे में काटनी पड़ती है। पहाड़ के 70 प्रतिशत गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं, जिस कारण लोगों को कई किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। जिन गांवों के लिए सड़कें स्वीकृत हुई भी हैं उनमें से कई गांवों में वन भूमि आड़े आने से सड़कों का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। 

ज्यादातर गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। मरीज को इलाज के लिए कुर्सी या चारपाई पर कई किमी की पैदल दूरी तय कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। समय पर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से कई बार मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है। ग्रामीण इलाकों में जो अस्पताल हैं भी उनमें चिकित्सकों का टोटा बना हुआ है। स्कूल हैं तो उनमें शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिस कारण बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सुख सुविधाओं के अभाव में पहाड़ के गांवों से लोग तेजी से पलायन कर रहे हैं, जिस कारण गांव खाली हो रहे हैं। गांवों में रोजगार के साधनों का अभाव बना हुआ है, पहाड़ के युवा रोजगार की तलाश में तेजी से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। युवाओं के पलायन के कारण पहाड़ के अधिकांश घरों में बजुर्ग लोग ही रह गए हैं। जिन खेतों में कभी फसल लहलाती थी वह बंजर हो गए हैं। पलायन के कारण ज्यादातर घर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। सरकार गांवों के विकास की न कोई नीति बना पाई है और नहीं  पलायन को रोकने के प्रति गंभीर है। उद्योग मैदानी जिलों तक ही सीमित रह गए हैं। गांवों में रोजगार के साधन सृजित करने में निति निर्माता दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यदि सरकार का गांवों के विकास के प्रति यही उदासीन रवैया रहा तो गांवों का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। 

मुख्य मार्र्गों की हालत खतरनाक बनी होने के कारण यहां से निकलने वाले यात्रियों को जोखिम भरा सफर तय करना पड़ता है। लोनिवि बदहाल मार्गांे के रखरखाव के प्रति उदासीन बना हुआ है। जौनसार क्षेत्र के साहिया-क्वानू-मीनस, साहिया-समाल्टा-पानुवा, साहिया-हइया, अलसी-ककाड़ी, नराया-लोरली, कोरूवा-क्वाराना आदि मार्गांे की हालत लंबे समय से रखरखाव के अभाव में खस्ताहाल बनी हुई है। कमोवेष यही हालत राज्य के चार धामों की ओर जाने वाले मोटर मार्गों की भी है जो आपदा की त्रासदी के डेढ़ वर्ष से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद आज भी अच्छी हालत में नहीं आ पाये हैं, ज्यादातर मार्गांे के किनारे न सुरक्षा दीवारें हैं और न ही पैराफिट, ऐसे में इन मार्गांे पर सफर करते हुए डर लगता है। मार्गों पर पड़े पत्थरों के ऊपर आए दिनों दुपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं। जगह-जगह पर मलबा पड़ा हुआ है। सड़क पर पड़ा मलबा दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है 



(राजेन्द्र जोशी)

विशेष आलेख : झारखंड में अबकी बार मज़बूत सरकार !

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अटल बिहारी वाजपाई के नेतृत्व में केंद्र की तत्कालीन एनडीए सरकार ने १५ नबम्बर २००० झारखण्ड का गठन कर धरती आवा भगवान् बिरसा के सपनो को साकार करने का सफल प्रयास किया था.१४ साल के अल्प समय में ही झारखंड की राजनीति ने अनेक मिसाल कायम की ये मिसाल झारखंड के जनता की भलाई के लिए नही अपितु राजनीति लुटेरों ने झारखंड की मलाई को लुटने के लिए किया था.प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह राज्य इन काल खंडो में दोहन का जो रूप देखा वह खंडित जनादेश का वीभत्स चेहरा रहा है. 

चौदह साल के राजनीति सफ़र में यह छोटा सा राज्य  ९ सरकार और ३ बार राष्ट्रपति शासन को झेल चूका.यहाँ निर्दलीय विधायक भी मुख्यमंत्री पद को प्राप्त कर अपने किये कार्यों के लिए भगवान् बिरसा मुंडा कारागार की शोभा बढ़ा चुकें हैं.इस राज्य को नौकरशाहों और राजनीति के सिपाहसलारों ने जमकर लुटा और राज्य का नेतृत्व गठबंधन की राजनीति का रोना रोकर विकास को विनाश में बदलता रहा है.जल जंगल और जमीन का इस १४ साल में जो दोहन हुआ उसका पांच फीसदी भी यदि यहाँ के मूल निवासिओं की भलाई में किया गया होता तो अन्न के अभाव में यहाँ के निवासी ज़िन्दगी से हाथ नही धोता ? यह राज्य आज भी विकास से कोसो दूर है. भारत का रुर माना जाने बाला यह राज्य अबतक लुट खसोट का ही शिकार बनती आई है.

एकबार फिर यहाँ के लोगों को मौका मिल रहा है है इसबार एक मज़बूत सरकार के सपने को साकार करने के लिए यहाँ के नागरिकों को आगे आना होगा. इसबार चौथी विधानसभा के लिए चुनाव आयोग ने जो घोषणा की उसके तहत झारखंड के कुल ८१ विधान सभा क्षेत्र के लिए पांच चरणों में चुनाव होना निश्चित हुआ है, झारखंड के कुल २०७४७७६ मतदाता २४६६८ मतदान केन्द्रों पर अपना मतदान करेंगे. 

नक्सल प्रभावित इस छोटे से राज्य में पांच चरणों में होने बाले मतदान के तहत प्रथम चरण का मतदान २५ नबम्बर मंगलबार को होंगे--चतरा, गुमला, विशुनपुर, लोहरदग्गा, मनिका, लातेहार, पांकी, डाल्टेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर सहित कुल १३ सीटों के लिए मतदान होंगे. 

द्वितीय चरण के तहत ०२ दिसंबर १४ को बहडागोरा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, सराइकेला, चाईबासा, मझगाव, जगरनाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावा, तमार, तोरपा, खूंटी, माँडर, सिसई, सिमडेगा, कोलेविरा सहित कुल २० सीटों पर मतदान होना है.

तीसरे चरण के चुनाव जो ०९ दिसंबर को होना है वे हैं-कोडरमा, बरकाठा, बरही, बरकागाव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, धनबार, गोमिया, बेरमो, इचागढ, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके सहित १७ सीटों पर चुनाव होंगे. 

चतुर्थ चरण के चुनाव जो १४ दिसंबर को होंगे वे सिट हैं- मधुपुर, देवघर,बगोदर, जमुया, गाँडेय, गिरिडीह, डुमरी, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी और बगोदर सहित कुल १५ सीटों के लिए चुनाव होना है,

पंचम और आखिरी चरण जो २० दिसंबर को होना है वे सिट हैं- राजमहल, बोरियो, बरहट, लिट्टीपाड़ा,पाकुर, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामतारा, दुमका, जामा, जरमुंडी, सारठ, पोडैयाहाट, गोड्डा और महगामा सहित कुल १६ विधान सभा में मतदान होंगे. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से झारखंड में हेमंत सरकार तोहफों की बरसात कर रही थी उनपर आज लगाम लग गया, 

झारखंड में २००९ के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को १८ झारखंड मुक्ति मोर्चा को १८ कांग्रेस को १४ झारखंड विकास मोर्चा को ११ आजसू को ५ राजद ५ जदयू को २ एवं अन्य ८ विधायक हैं.लोकसभा में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है उससे उसका मनोवल बढ़ा हुआ है फलस्वरूप दुसरे दलों से नाता तोड़कर लोग भाजपा के शरण में जा रहें है वहीँ कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा दोनों की हालत कमोबेश एक जैसी है ,सत्ता सुख भोग रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना अस्तित्व बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है जिसका झलक झारखंड में हो रहे सरकारी घोषणाओं में दिख रहा है, 

लोकलुभावन घोषणाओं की चाशनी में हेमंत सरकार अपनी मिठास को बचाने के ज़द्दोजेहद में है. स्मरण हो की हेमंत सरकार के एक मंत्री योगेन्द्र साव पर जब नक्सली संगठन चलाने का आरोप लगा और पुख्ता सबूतों के बाद भी जिस नानुकर के बाद उसे बर्खास्त किया गया उसका जवाव तो जनता मांगेगी ही .चुनाव आयोग के घोषणा के बाद झारखंड में जिस राजीनीति माहौल की सरगर्मी बढ़ी है उसका प्रतिफल २३ दिसंबर २०१४ को ही निकलेगा की इसबार भी हरबार की तरह खंडित जनादेश यहाँ की जनता देती है या अबकी बार मज़बूत सरकार के सपनो को साकार करती है.  




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संजय कुमार आजाद
शीतल अपार्टमेन्ट निवारनपुर
रांची-८३४००२
Email-azad4sk@gamail.com
Phone-09431162589

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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शोकाॅज नोटिस देने के निर्देश खाद एवं पानी का संकट ना हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें

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कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने आज टीएल बैठक में अनुपस्थित जिला खेल अधिकारी को कारण बताओं पत्र जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संसाधन और कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिले के कृषको को समय पर खाद और पानी मिले संकट जैसी स्थिति उत्पन्न ना हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। संभागायुक्त द्वारा विगत दिनो आहूत की गई बैठक का पालन प्रतिवेदन शीघ्र प्रेषित करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा जिला अधिकारियों को दिए गए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि एक से सात नवम्बर तक जिले में स्वच्छ मध्यप्रदेश की थीम पर विभिन्न विभागों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसका पालन प्रतिवेदन मय फोटोग्राफ्स सहित जिला कार्यालय को शीघ्र उपलब्ध कराएं ताकि जिले की समुचित जानकारी बेवसाइट पर दर्ज की जा सकें। उन्होंने कहा कि विदिशा निकाय क्षेत्र में अभी आचार संहिता प्रभावशील नही है अतः निकाय में स्वच्छता संबंधी कार्यक्रमों का अधिक से अधिक आयोजन किया जाए और इन कार्यक्रमों में आमजनों को स्वच्छता के प्रति अभिप्रेरित किया जाए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि जिले में छात्रवृत्ति, विभिन्न प्रकार की पेंशने और खाद्य सुरक्षा के तहत पात्रता पर्चियां शत प्रतिशत वितरित की जा रही है उक्त तीनो कार्यक्रमों में इस बात का प्रमाण पत्र संबंधित विभागों के अधिकारियों से लिया जाए की जिले में एक भी सुपात्र हितग्राही वंचित नही है और उक्त उपलब्धि को बेवसाइट पर अंकित कराया जाए।

निलंबित के निर्देश
कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने विदिशा विकासखण्ड की प्राथमिक शाला कनारी  के सहायक शिक्षक श्री राम सिंह रघुवंशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश डीपीसी को दिए। ज्ञातव्य हो कि उक्त स्कूल के शिक्षकों की शिकायते प्राप्त होने और अन्य किसी शिक्षक से अध्यापन कार्य सम्पादित कराए जाने पर सहायक शिक्षक के खिलाफ उक्त कार्यवाही की गई है। 

स्टाॅक प्रदर्शन
कलेक्टर श्री ओझा ने जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले की समस्त शासकीय सार्वजनिक उचित मूल्य दुकानो पर स्टाॅक का प्रदर्शन किया जाए। इसके लिए बकायदा सूचना पटल तैयार कर उस पर दुकान में भण्डारित खाद्यान्न की मात्रा हर रोज अंकित की जाए। 

दल गठित
कलेक्टर श्री ओझा ने विदिशा जिले में संचालित निजी महाविद्यालयों के निरीक्षण हेतु अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक दल गठित किया है जिसमें नोड्ल काॅलेज शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सतीश जैन और प्रोफेसर रेखा श्रीवास्तव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति को उनके द्वारा निर्देश दिए गए है कि निजी महाविद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं और उच्च शिक्षा के निर्धारित मापदण्डो का परीक्षण कर शीघ्र रिपोर्ट प्रेषित करें। टीएल बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण से प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सीएम मिश्रा समेत समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

29 अभ्यर्थियों के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल

विदिशा जिले की चार निकायों के लिए अब तक 29 अभ्यर्थियों के द्वारा नामांक पत्र दाखिल किए गए है। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 12 नवम्बर है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जेपी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब तक पार्षद पद हेतु नगरपालिका बासौदा के लिए तीन पुरूष और पांच महिलाओं के द्वारा सिरोंज नगरपालिका परिषद के लिए छह पुरूष व पांच महिलाओं ने तथा नगर परिषद कुरवाई में पांच पुरूषो के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए गए है। जबकि अध्यक्ष पद हेतु पांच अभ्यर्थियों के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए गए है जिसमें नगरपालिका परिषद बासौदा में एक, सिरोंज नगरपालिका में तीन और लटेरी नगर परिषद में एक अभ्यर्थी द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किया गया है। 

तहसीलदार भारमुक्त

जिले से स्थानांतरित हुए तहसीलदारो को आज कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने भार मुक्त करने के आदेश जारी कर दिए है। तदानुसार बासौदा के अतिरिक्त तहसीलदार श्री नरेन्द्र बाबू यादव तथा नटेरन तहसीलदार श्रीमती अर्चना रावत को भार मुक्त किया गया है 

आंगनबाड़ी चलो अभियान का क्रियान्वयन जारी 

जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से आंगनबाडी चलो अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है जो 19 नवम्बर तक जारी रहेगा। एकीकृत बाल विकास परियोजना विदिशा (ग्रामीण) की परियोजना अधिकारी श्रीमती किरण कविश्वर ने परियोजना अंतर्गत अभियान के लक्ष्यो की प्राप्ति हेतु किए जा रहे प्रयासो के संबंध मंे बताया है कि आंगनबाडी चलो अभियान की मंशा से खासकर महिलाओं एवं बच्चो को अवगत कराया जा रहा है। आंगनबाडी चलो अभियान अंतर्गत परियोजना के समस्त केन्द्रो में खेलकूद, वजन, गोद भराई, स्वस्थ शिशु और श्रेष्ठ बालक बालिका एवं श्रेष्ठ माता इत्यादि विधाओं की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है इसके अलावा पोषण आहार बच्चो को अति आवश्यक है की मंशा से उनकी माताओं को अवगत कराया जा रहा है वही बच्चों में खेलो के माध्यम से स्वच्छता की जानकारी दी जा रही है। अभियान के दसवें दिन ग्राम सौंठिया एवं देवखजूरी में लोक संगीत तथा लौरी गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। 

कंट्रोल रूम क्रियाशील

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) श्री एमबी ओझा ने जिले की निकायो के निर्वाचन से संबंधित शिकायतों की त्वरित प्राप्ति के उद्वेश्य से जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष संचालित कराया है जिसका दूरभाष क्रमांक 07592-233302 है। आमजन निकाय निर्वाचन संबंधी शिकायते सीधे नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर बतला सकते है। जिला मुख्यालय पर बनाए गए नियंत्रण कक्ष सातो दिन 24 घंटे क्रियाशील रहेगा। जिला पंजीयक श्री एके सिंह को नियंत्रण कक्ष का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा चक्रानुक्रमानुसार अधिकारी, कर्मचारियों को तैनात किया गया है। शिकायत अनुवीक्षण, नियंत्रण कक्ष में प्राप्त संदेशो से कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को तत्काल अवगत कराया जाएगा, शिकायत अनुवीक्षण, नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों द्वारा उनके पास उपलब्ध जानकारी से संबंधित को भी अवगत कराया जाएगा। प्राप्त शिकायत, संदेशो को पंजी में अंकित करना अनिवार्य होगा। 

निकायवार वीडियो निगरानी दलो का गठन
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) श्री एमबी ओझा ने जिले की नगरीय निकायो में निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण सम्पन्न कराए जाने के उद्वेश्य से विभिन्न दलो का गठन किया है जिसमंे आदर्श आचारण संहिता के उल्लघंन और विभिन्न सार्वजनिक घटनाओं की वीडियोग्राफी कराने के लिए नगरीय निकायवार वीडियो निगरानी दलो का गठन किया है। सभी वीडियो निगरानी दल प्रेक्षक एवं संबंधित रिटर्निंग आफीसर के मार्गदर्शन में कार्यो को सम्पादित करेंगे। प्रत्येक निकाय के लिए गठित वीडियो निगरानी दल में तीन-तीन सदस्यो को शामिल किया गया है। 

स्थैतिक निगरानी दल
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) श्री एमबी ओझा ने जिले की जिन चार नगरीय निकायो में निर्वाचन प्रक्रिया क्रियान्वित है उनमें एक-एक एसएसटी (स्थैतिक निगरानी) दल गठित करने के आदेश जारी कर दिए है। प्रत्येक निकाय के दल में एक सीनियर पुलिस आफीसर सहित अन्य कर्मचारियों को शामिल किया गया है। दल निकाय क्षेत्र में सतत निगरानी कर अवैध शराब, संदेह हास्यपद वस्तुओं या शस्त्रों के अलावा नगदी की आवाजाही अपने क्षेत्र के चैक पोस्ट के माध्यम से सतत निगरानी रखेगा।  आदेश में उल्लेख है कि नगरीय निकाय बासौदा के एसएसटी दल का प्रभारी बासौदा के एसडीओ श्री आरजी शर्मा को बनाया गया है श्री शर्मा का मोबाइल नं 8728847270 है। इसी प्रकार कुरवाई में गठित एसएसटी का प्रभारी श्री विनोद दुबे को बनाया गया है जिनका मोबाइल नं 9926421001 है। सिरोंज एसएसटी का प्रभारी श्री एमए खाॅन को बनाया गया है श्री खाॅन को मोबाइल नं 9755816786 है। नगर परिषद लटेरी में गठित एसएसटी का प्रभारी अधिकारी श्री रघुवीर सहाय को बनाया गया है जिनका मोबाइल नं 9981496932 है। प्रत्येक निकाय के एसएसटी प्रभारी प्राप्त सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही करेंगे। 

राजगढ (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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स्थानीय निर्वाचन के मद्देनजर कंट्र्ोल रूम,हेल्प लाईन एवं षिकायत निवारण कक्ष स्थापित
  • कर्मचारियों,अधिकारियों कि की गई तैनाती

राजगढ 10 नवम्बर,2014   कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा द्वारा जिले में नगरीय निकायों/त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014-15 हेतु राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देषों के अनुक्रम में जिला स्तर पर महत्वपूर्ण सूचनाओं/घटनाओं की तत्काल जानकारी प्राप्त करने हेतु कार्यालय कलेक्टोरेट संयुक्त भवन राजगढ के कक्ष क्रमांक-13 में निर्वाचन कक्ष स्थापित किया गया है । इसमें हेल्प लाईन और चैबीस घंटे सातो दिन चालु रहने वाले इस कक्ष के दूरभाष क्रमांक 07372-255083 स्थापित किया गया है । काॅल सेंटर कक्ष का प्रभारी श्री कमलेष बोण्डे सहायक सांख्यिकी अधिकारी मो.नं. 9425443237 कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी को बनाया गया है । श्री सुरेन्द्र ष्षर्मा संरक्षण अधिकारी मो.नं. 9425443170 तथा श्री ष्षांतिलाल चन्द्रवंषी संरक्षण अधिकारी मो.नं. 9755291623 को सहायक के रूप में हेल्प लाईन एवं षिकायत निवारण के लिये नोडल अधिकारी श्री षिवकुमार ष्षर्मा जिला कार्यक्रम अधिकारी मो.नं. 9425047329 के मार्गदर्षन में काम करेंगे । कंट्र्ोल रूम प्रभारी के नियंत्रण में कार्य करने हेतु 3 चक्रों में 12 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है । तैनात सभी कर्मचारी निर्वाचन संबंधी इस कक्ष में जानकारी प्राप्त करेंगे । महत्वपूर्ण घटनाओं/प्रकरणों/सूचनाओं/षिकायतों को हेल्प लाईन एवं षिकायतों के निराकरण के नोडल अधिकारी श्री षिवकुमार ष्षर्मा के माध्यम से तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे । नियुक्त समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों को तत्काल अपनी उपस्थिति सुनिष्चित करने के निर्देष जिला दण्डाधिकारी द्वारा दिए गए हैं ।

नगरीय निकाय खुजनेर मतदाताओं को जागरूक करने माॅकपोल और  ढोल-ढमाके के साथ पर्ची वितरण

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राजगढ 10 नवम्बर,2014   नगरीय निकाय निर्वाचन के मद्देनजर खुजनेर नगरीय निकाय क्षेत्र में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्राथमिक विद्यालय कुलमीपुरा खुजनेर में माॅकपोल का आयोजन किया गया । इस मौके पर मास्टर ट्र्ेनर्स और मतदान दल के सदस्यों ने वार्ड क्रमांक एक व दो के मतदाताओं को ईवीएम से मतदान का प्रषिक्षण दिया और माॅकपोल कराया । माॅकपोल में उपस्थित महिला,पुरूष और युवा मतदाताओं को ईवीएम का प्रषिक्षण देते हुए खुजनेर नगरीय क्षेत्र के रिटर्निग आफीसर श्री आर.पी.अहिरवार ने अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग अवष्य करें । अपने पास-पडोस तथा परिवार के सभी मतदाता लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें । उन्होंने कहा कि मतदान हमारा अधिकार और नैतिक कर्तव्य भी है । माॅकपोल के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुलमीपुरा के विद्यार्थियों ने सभी षिक्षकों सहित आंगनवाडी कार्यकर्ता व किषोरी बालिकाओं ने वार्डो की गलियों में रैली निकालकर अनिवार्य व नैतिक मतदान के कर्तव्य का संदेष दिया । इस अवसर पर बीएलओ ने मतदाताओं को मतदान पर्ची का वितरण भी किया । रैली में सीएमओ श्री सक्सेना,बीआरसी समन्वयक श्री मालवीय,सेन्स टीम के संजीव सक्सेना,चंदासिंह तोमर,इंदर सिंह,जन षिक्षक रवि ष्षर्मा सहित विभिन्न विद्यालयों के षिक्षक तथा बीएलओ ने भागीदारी कर लोगों से मतदान के दिन मतदान की अपील की । राजगढ चैराहे पर मतदान बूथ बनाकर ईवीएम से माॅकपोल कराया गया । मुख्य बाजार में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री अहिरवार ने मतदाता पर्ची वितरित की । ढोल-ढमाके के साथ आयोजित मतदाता जागरूकता रैली में बडी संख्या में कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय मतदाता भी ष्षामिल हुए । रिटर्निग आफीसर श्री अहिरवार ने बताया कि आगामी 11 से 14 नवम्बर तक विभिन्न मतदान केन्द्रों पर इसी प्रकार माॅकपोल कराया जायेगा ।

कलेक्टर द्वारा जिला कार्यालय का निरीक्षण कार्यालय साफ-सुथरा रखने दी हिदायत

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राजगढ 10 नवम्बर,2014   कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा ने यहां जिला कार्यालय की विभिन्न ष्षाखाओं का आकस्मिक निरीक्षण किया । उन्होंने भू-अभिलेख रिकार्ड कक्ष एवं एसएलआर ष्षाखा के कर्मचारियों की बैठक व्यवस्था तथा साफ-सफाई के मद्देनजर कर्मचारियों को निर्देष दिए । उन्होंने द्वितीय षनिवार के दिन जिला कार्यालय के समस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालय की साफ-सफाई करने के निर्देष भी दिए ।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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नामांकन के चैथे दिन भरे गए 32 नामांकन पत्र 

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पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय के चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने का क्रम 5 नवंबर से आरंभ है। नामांकन पत्र भरने के चैथे दिन 10 नवंबर तक कुल 32 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। सभी नामांकन पत्र पार्षद पदों के लिए दाखिल किए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने बताया कि नगर पालिका पन्ना के वार्ड क्र. 4 से करूणा ने भाजपा प्रत्याशी, वार्ड क्र. 6 से हरिनारायण सेन इण्डियन नेशनल कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है। वार्ड क्र. 15 से श्रीमती फातिमा ने इण्डियन नेशनल कांग्रेस तथा वार्ड क्र.  17 से श्रीमती शहनाज बेगम ने इण्डियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। नगर परिषद अजयगढ में अध्यक्ष पद के लिए आज भी कोई नामांकन नही भरा गया है। यहां पार्षद पद के लिए वार्ड क्र. 2 से सन्नो तथा तारा देवी, वार्ड क्र. 3 से नजमा बेगम, वार्ड क्र. 4 से चन्द्रप्रकाश, वार्ड क्र. 6 से धर्मचन्द्र, वार्ड क्र. 8 से भागीरथ तथा वार्ड क्र. 10 से अनीता ने नामांकन पत्र दाखिल किए गए। नगर परिषद पवई में पार्षद पद के लिए वार्ड क्र. 9 से एक आवेदन पत्र नरेन्द्र कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल किया। नगर परिषद देवेन्द्रनगर में अध्यक्ष पद के लिए शंभू प्रसाद ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। यहां से पार्षद पद के लिए वार्ड क्र. 2 से अनीता वार्ड क्र. 3 से रहीसा, वार्ड क्र. 5 से किरण, राधा सिंह तथा सविता सिंह, वार्ड क्र. 9 से संगीता तथा रानी, वार्ड क्र. 12 से दिलीप सिंह तथा राजकुमार, वार्ड क्र. 13 से अनिल सिंह, वार्ड क्र. 14 से भागवत प्रसाद तथा वार्ड क्र. 15 से गुलजारी लाल ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। नगर परिषद ककरहटी में वार्ड क्र. 9 से जाबेद खान तथा सफीक तथा वार्ड क्र. 12 से विमला देवी ने नामांकन पत्र दाखिल किए। नगर परिषद अमानगंज में अध्यक्ष पद के लिए एक नामांकन पत्र प्राप्त हुआ। यहां पार्षद पद के लिए वार्ड क्र. 1 में एक, वार्ड क्र. 5 में एक, वार्ड क्र. 6 में एक नामांकन पत्र दाखिल किया गया है। नामांकन पत्र 12 नवंबर को दोपहर बाद 3 बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं। इनकी जांच 13 नवंबर को की जाएगी। नामांकन पत्र 15 नवंबर को दोपहर बाद 3 बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं।

वन अपराध नियंत्रण का दिया गया प्रशिक्षण

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पन्ना 10 नवंबर 14/वन अपराध नियंत्रण के लिए वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए 8 एवं 9 नवंबर को आयोजित कार्यशालाओ में उत्तर वन मण्डल के अजयगढ, पन्ना, धरमपुर, विश्रामगंज एवं देवेन्द्रनगर परिक्षेत्र के वन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस संबंध में वन मण्डलाधिकारी एस.के. गुप्ता ने बताया कि वन अपराधों पर नियंत्रण के संबंध में माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री. डी.आर. यादव तथा न्यायाधीश प्रथम श्रेणी अजयगढ श्री टी.पी. सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्हें वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत दर्ज अपराधिक प्रकरणों में विवेचना के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया।कार्यशाला में विभागीय योजनाओं की प्रगति की वन मण्डलाधिकारी द्वारा समीक्षा की गई। वन मण्डलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को वन समितियों तथा वन सुरक्षा समितियों को अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्हें विभागीय पुरस्कारों के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला में विभाग के अनुविभागीय अधिकारी तथा परिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित रहे। 

अधिकारी विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति पर ध्यान दें-कलेक्टर

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पन्ना 10 नवंबर 14/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने विभागीय योजनाओं की प्रगति तथा समय अवधि पत्रों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायतों के चुनाव होंगे। निर्वाचन की आदर्श आचरण संहिता लम्बे समय तक लागू रहेगी। सभी अधिकारी निर्वाचन कार्य के साथ साथ विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष ध्यान दें। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का मौके पर जायजा लें। नियमित रूप से भ्रमण करके योजनाओं को अमलीजामा पहनाएं। कलेक्टर ने बिना अनुमति मुख्यालय से बाहर रहने तथा बैठक से अनुपस्थित रहने पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी पन्ना को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गुनौर, पवई तथा शाहनगर की अनुपस्थिति पर नराजगी व्यक्त की। लंबित आवेदन पत्रों का निराकरण न करने तथा बैठक से लगातार अनुपस्थित रहने पर उप संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व को निर्देश पत्र देने के आदेश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जनसुनवाई तथा जनशिकायत निवारण प्रकोष्ठ के पत्रों के निराकरण पर तत्परता से कार्यवाही करें। इस संबंध में लगातार निर्देशों के बावजूद लंबित पत्रों के निराकरण की स्थिति में सुधार नही हो रहा है। कई आवेदन पत्र समुचित कार्यवाही होने के बावजूद केवल प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के कारण लंबित है। अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर आवेदन पत्रों का निराकरण करें। मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में भी प्रथम लेबल से चैथे लेबल तक बडी संख्या में पत्र लंबित है। इन पर कार्यवाही करके तत्काल प्रतिवेदन अंकित कराएं। कलेक्टर ने मध्यान्ह भोजन योजना, आंगनवाडी केन्द्रों से पोषण आहार के वितरण, शिशुओं के टीकाकरण, निःशुल्क दवा वितरण तथा स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। सभी अधिकारी निर्वाचन संबंधी उत्तरदायित्वों का ठीक से निर्वहन करें। चुनाव कार्य के लिए वाहन, कर्मचारी अन्य संसाधन तत्काल उपलब्ध कराएं। चुनाव की आदर्श आचरण संहिता का कठोरता से पालन करें। सभी अधिकारी और कर्मचारी चुनाव प्रचार तथा अन्य राजनैतिक गतिविधियों से दूर रहें। उन्होंने ईव्हीएम के संचालन, सम्पत्ति विरूपण अधिनियम तथा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के संबंध में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत चन्द्रशेखर शुक्ला तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।                    

खनिजों को अवैध परिवहन करने पर 14 लाख जुर्माना

पन्ना 10 नवंबर 14/जिलेभर में खनिज पदार्थो के अवैध उत्खनन तथा परिवहन पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर आर.के. मिश्रा द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग के संयुक्त दल द्वारा 9 वाहनों को खनिज पदार्थो का अवैध परिवहन करते हुए जप्त किया गया। इनमें अवैध रूप से फर्शी पत्थर, मार्बल, गिट्टी तथा रेत का परिवहन किया जा रहा था। वाहन मालिकों तथा चालकों के विरूद्ध मध्य प्रदेश गौण खनिज नियमावली 1996 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की गई। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी के.पी. दिनकर ने बताया कि सभी वाहनों के प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। कलेक्टर ने इन वाहनों पर कुल 14 लाख 32 हजार 720 रूपये का जुर्माना लगाया। वाहन क्रमांक एमपी-35 एम-1993 पर 14 हजार रूपये, वाहन क्रमांक एमपी-16 एच-1271 पर 8 लाख 56 हजार 800 रूपये, वाहन क्रमांक एमपी-35 एल-0787 पर एक लाख 36 हजार 920 रूपये जुर्माना लगाया गया। इसी तरह वाहन क्रमांक एमपी-35 एचए-0206 पर 63 हजार, वाहन क्रमांक एमपी-21-1375 पर 5 हजार रूपये, वाहन क्रमांक एमपी-35 एचए-0317 पर एक लाख 26 हजार रूपये, वाहन क्रमांक यूपी-90 टी-1493 पर 28 हजार रूपये, वाहन क्रमांक यूपी-63 टी-2752 पर 96 हजार 500 रूपये, वाहन क्रमांक यूपी-63 टी-3692 पर 13250 रूपये तथा वाहन क्रमांक यूपी-63 टी-2753 पर 93250 रूपये जुर्माना लगाया गया।                        

कार्यमुक्त करने से पहले लें अनापत्ति प्रमाण पत्र

पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव के लिए अधिकारियों तथा कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इन्हें इस संबंध में ड्यिूटी आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी ने कहा है कि सभी कार्यालय प्रमुख निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार ही अधीनस्थ अधिकारियों तथा कर्मचारियों का दिए गए मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें। यदि किसी अधिकारी और कर्मचारी को अन्य कार्य के लिए निर्धारित मुख्यालय से कार्यमुक्त किया जाता है तो इसके पूर्व जिला निर्वाचन कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र अधिवार्य रूप से प्राप्त करें। कार्यालय प्रमुखों को प्रेषित चुनाव ड्यिूटी के आदेश अधीनस्थ कर्मचारियों को तत्काल तामील कराकर उसकी सूचना जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रस्तुत करें। 

चुनाव प्रशिक्षण के लिए 150 मास्टर ट्रेनर तैनात

पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय तथा पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को दो चरणों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दोनों निकायों में नवीन इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतदान कराया जाएगा। मतदान तथा मतगणना की प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने 150 मास्टर ट्रेनर तैनात किए हैं। इस सभ मास्टर ट्रेनर को प्रथम चरण का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इन्हें दूसरे चरण का प्रशिक्षण 16 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना में दिया जाएगा। कलेक्टर ने सभी मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चुनाव प्रशिक्षण के प्रभारी अधिकारी प्राचार्य छत्रसाल महाविद्यालय डाॅ0 टी.आर. नायक को प्रशिक्षण के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। 

वोटिंग मशीनों को रेण्डमाईजेशन आज

पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय में अध्यक्ष तथा पार्षद पदों का मतदान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से कराया जाएगा। इसके लिए ईव्हीएम की प्रथम स्तर जांच पूरी कर ली गई है। इन मशीनों का प्रथम रेण्डमाईजेशन 11 नवंबर को शाम 4.30 बजे से कलेक्ट्रेट सभागार में किया जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी ने मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से रेण्डमाईजेशन में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। 

मतदाता पर्चियों का वितरण प्रारंभ

पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक मतदाता को मतदाता पर्ची देने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने बताया कि सभी नगरीय निकायों में पात्र मतदाताओं के नाम शामिल करके उन्हें आयोग के निर्देश के अनुसार मतदाता पर्ची प्रदान की जा रही है। मतदाता पर्ची में मतदाता का नाम, मतदाता क्रमांक तथा फोटो अंकित है। मतदान के पूर्व सभी मतदाताओं को मतदाता पर्ची प्रदान कर दी जाएगी। इसका वितरण बीएलओ के माध्यम से किया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए मतदाता पर्ची को मान्य किया गया है। मतदाता बीएलओ से प्राप्त मतदाता पर्ची सुरक्षित रूप से रखें। इसे निर्धारित मतदान दिवस में मतदान के लिए उपयोग करें। कलेक्टर ने सभी एसडीएम तथा तहसीलदारों को मतदान से पूर्व मतदाता पर्ची का शत प्रतिशत वितरण करने के निर्देश दिए हैं। 

शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन अब आॅनलाईन

पन्ना 10 नवंबर 14/शासन द्वारा शिक्षित बेरोजगारों के पंजीयन तथा पूर्व से प्राप्त पंजीयन के नवीनीकरण के लिए 2 नवंबर 2014 से आॅनलाईन सुविधा प्रारंभ की गई है। इस संबंध में जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि शिक्षित बेरोजगार जिला रोजगार कार्यालय में अपना पंजीयन कराने के साथ साथ आॅनलाईन आवेदन देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन कराने के लिए आवेदक वेबसाईड ूूूण्उचतवरहंतण्वतह पर आवेदन कर सकते हैं। अब आवेदकों को रोजगार पंजीयन की घर बैठे सुविधा प्राप्त हो गई है। 

प्रथम चरण का चुनाव प्रशिक्षण आज से

पन्ना 10 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैनात मतदान दल के सदस्यों को प्रथम चरण का प्रशिक्षण 11 नवंबर को दिया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए 33 मास्टर ट्रेनर तैनात कर दिए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने बताया कि नगरीय निकाय पन्ना के लिए मतदान दलों को प्रशिक्षण छत्रसाल महाविद्यालय कलाभवन तथा डाईट सभागार में दिया जाएगा। पवई में उत्कृष्ट विद्यालय, अमानगंज में उत्कृष्ट विद्यालय, गुनौर में उत्कृष्ट विद्यालय तथा अजयगढ में उत्कृष्ट विद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। मतदान दल के सदस्यों को नवीन ईव्हीएम के संचालन, मतपत्र लेखा, मतदान की प्रक्रिया तथा मतदान केन्द्र में आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में बिन्दुवार जानकारी दी जाएगी। कलेक्टर ने मतदान दल के सदस्यों को प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। जिन मतदान कर्मियों के नाम नगरीय निकाय की मतदाता सूची में शामिल हैं उन्हें मतदान का अवसर देने के लिए प्रशिक्षण के दौरान ही चुनाव ड्यिूटी, मतदाता पत्र प्रदान करने के लिए आवेदन पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने सभी एसडीएम तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को चुनाव प्रशिक्षण के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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निर्वाचन हेतु ई.व्ही.एम. का प्रथम रेन्डेमाइजेषन सम्पन्न, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 
ई.वी.एम. के बाॅक्स आवंटित

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टीकमगढ़, 10 नवंबर 2014। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2014  इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ई.व्ही.एम.) के माध्यम से सम्पन्न होगा । इसी क्रम में रविवार को प्रातः 10 बजे से एन.आई.सी. टीकमगढ़ में जिला स्तर पर ई.व्ही.एम. का प्रथम रेन्डेमाइजेशन सम्पन्न हुआ और जिले में नगरीय निकास निर्वाचन हेतु 235 मतदान केंद्रों के लिये दस प्रतिशत अतिरिक्त मशीनों सहित ई.व्ही.एम.बाॅक्स का आवंटन किया गया। स्थानीय सूचना केन्द्र में सम्पन्न प्रथम रेन्डेमाईजेशन की यह प्रक्रिया कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजनसमाज पार्टी, कम्यूनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी आदि मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कम्प्यूटर के माध्यम से सम्पन्न हुई। जिसमें अलग-अलग नगरीय निकायों के लिये ई.वी.एम. बाॅक्स आवंटित किये गये। इन ई.व्ही.एम. बाॅक्स के नम्बर भी राजनैतिक दलो को उपलब्ध कराये गये। इस अवसर कलेक्टर श्री शर्मा ने राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को अवगत कराया कि ई.व्ही.एम.का द्वितीय रेन्डेमाइजेशन 15 नवंबर 2014 को अभ्यर्थियों के समक्ष सम्पन्न होगा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

सांसद आदर्श ग्राम योजना में गोर ग्राम का चयन 

टीकमगढ़, 10 नवंबर 2014। कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने बताया है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में जनपद पंचायत जतारा के गोर ग्राम का चयन किया गया है। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी संबंधित अधिकारी ग्राम का भ्रमण कर वहाँ संचालित विभागीय योजनाओं की समीक्षा करें। आपने कहा सभी विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि ग्राम गोर में उनके विभाग से संबंधित योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्हांेने कहा जिला प्रमुख स्वयं इसकी समीक्षा करें। श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि अधिकारी ग्राम में जाकर सर्वे करें, वहां के नागरिकों के साथ बैठकर वहां उपलब्ध संसाधन, समस्या एवं समाधान का आंकलन करें तथा उसके अनुसार कार्रवाई करें। प्रत्येक विभाग वहां अपनी विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। आदर्श ग्राम में ग्राम वासियों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाना है तथा उनकी आदतों में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास किए जाने हैं। साथ की ग्रामवासियों की आर्थिक उन्नति के लिए प्रयास किए जाने हैं। ग्राम में फार्मर्स प्रड्यूसर ग्रुप बनाकर खेती के उत्थान के प्रयास किए जाने हैं। ग्राम के लिए माइक्रो लैबल योजना बनाएं तथा सभी के सहयोग से उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य करंे। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ग्राम में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाएं। 

आम सभा की अनुमति हेतु अधिकारी अधिकृत 

टीकमगढ़, 10 नवंबर 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा ने नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2014 के लिये प्रत्याशियों के द्वारा चनुाव प्रचार के लिये वाहन, आम सभा/रैली आदि के लिये अनुमति दिये जाने हेतु अधिकारियों को उनके अनुभाग क्षेत्र में आने वाली नगरीय निकायों के लिये अधिकृत किया है। तदनुसार अनुविभागीय मजिस्ट्रेट टीकमगढ़ को अनुभाग टीकमगढ़ के नगरीय निकाय के लिये, अनुविभागीय मजिस्ट्रेट बल्देवगढ़ को अनुभाग बल्देवगढ़ के नगरीय निकाय के लिये, अनुविभागीय मजिस्ट्रेट जतारा को अनुभाग जतारा के नगरीय निकाय के लिये तथा अनुविभागीय मजिस्ट्रेट निवाड़ी को अनुभाग निवाड़ी के नगरीय निकाय के लिये अनुमति हेतु अधिकृत किया है। उन्होंने बताया कि संबंधित अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अपने अनुभाग के अंतर्गत समस्त नगर परिषदों के प्रत्याशियों को उपरोक्तानुसार अनुमति प्रदाय करेंगे। साथ ही उपरोक्त अधिकारी अनुमति आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक, रिटर्निंग आफीसर एवं जिला निर्वाचन कार्यालय को भेजा जाना सुनिश्चित करेंगे।

होटल व धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी देना जरूरी

टीकमगढ़, 10 नवंबर 2014। नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2014 के दौरान जिले में होने जा रही निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान शांति व्यवस्था भंग ना हो इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये जिला दण्डाधिकारी श्री केदार शर्मा ने जिले की होटल, लाज, सराय, धर्मशाला में ठहरने वाले बाहर के व्यक्तियों की दैनिक जानकारी संबंधित थाना एवं संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को नियमित रूप से भेजे जाने के निर्देश जारी किये है । जिला दण्डाधिकारी श्री केदार शर्मा ने जारी आदेश में उल्लेख किया है कि जिले में निर्वाचन की प्रक्रिया 6 दिसंबर 2014 तक प्रचलित रहेगी। चुनाव के दौरान बाहर से आने वाले व्यक्तियों में असामाजिक तत्व भी जिले में घुसपैठ कर सकते हंै जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। अतः जिले में शांति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से सराय अधिनियम के अंतर्गत जिले के भीतर सभी सराय, धर्मशालाओं, होटल लाॅज के मालिकों/प्रबंधकों को आदेशित किया गया है कि वे अपने होटल, लाॅज, सराय, धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी संबंधित थाना प्रभारी को एवं संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी/कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित में प्रस्तुत करेंगे। ऐसी सूचना संबंधित अधिकारियों के पास अगले दिवस सायं 5 बजे तक पहुंच जानी चाहिए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा 6 दिसंबर 2014 तक प्रभावशील रहेगा।

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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जिला स्तरीय समिति का गठन

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सीधी 10 नवम्बर 2014     कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) सीधी ने नगर परिषद रामपुर नैकिन के आम निर्वाचन के दौरान प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया के संभावित दुरूपयोग पर नियंत्रण रखने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत सीधी बनाए गए हैं, जबकि तहसीलदार एवं सहायक रिटर्निंग आफीसर रामपुर नैकिन, मीडिया अधिकारी जिला पंचायत एवं श्री नंदलाल सिंह पत्रकार नवस्वदेश समिति के सदस्य बनाए गए हैं। जिला जनसम्पर्क अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे।

निर्वाचन प्रेक्षक का भ्रमण कार्यक्रम

सीधी 10 नवम्बर 2014     म0प्र0 राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर परिषद रामपुर नैकिन के आम निर्वाचन-2014 हेतु श्री योगेन्द्र द्विवेदी राज्य प्रशासनिक सेवा (सेवानिवृत्त) को प्रेक्षक नियुक्त किया गया है।उप जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) के मुताबिक निर्वाचन प्रेक्षक प्रथम चरण में 11 नवम्बर 2014 से 16 नवम्बर 2014 तक, द्वितीय चरण में 19 नवम्बर से 22 नवम्बर 2014 तक तथा तृतीय चरण में 27 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2014 तक भ्रमण पर रहेंगे। उक्त भ्रमण के दौरान प्रेक्षक विश्रामगृह रामपुर नैकिन में ठहरेंगे। उनका मोबाइल नम्बवर 9225325551 है।

एम.पी.डब्ल्यू.की वेतनवृद्धि रूकी

सीधी 10 नवम्बर 2014     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी ने मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में शिथिलता बरतने के कारण श्री राजेश कुमार पनिका एम.पी.डब्ल्यू. उप स्वास्थ्य केन्द्र पोड़ी की असंचयी प्रभाव से एक वेतनवृद्धि रोक दी है।           

नसबंदी आपरेशन कराने वालों की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि

सीधी 10 नवम्बर 2014     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने नसबंदी आपरेशन कराने वाले महिला-पुरूष हितग्राहियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि कर दी है। महिला नसबंदी में लेप्रोस्कोपी टीटी, टीटी (मिनीलैप) स्वीकारकर्ता को 1400 रूपए, प्रेरक/आशा को 200 रूपए एवं सर्जन को 150 रूपए, महिला नसबन्दी में ही प्रसव पश्चात-तुरंत/सात दिवस के अंदर स्वीकारकर्ता को 2200 रूपये, प्रेरक/आशा को 300 रूपए एवं सर्जन को 250 रूपए तथा पुरूष नसबंदी में स्वीकारकर्ता को 2000 रूपए, प्रेरक/आशा को 300 रूपए एवं सर्जन को 250 रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

शासी निकाय कार्यकारिणी की बैठक 12 नवम्बर को

सीधी 10 नवम्बर 2014    यहां कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में 12 नवम्बर 2014 को प्रातः 10.30 बजे से जिला रोगी कल्याण समिति की शासी निकाय कार्यकारिणी की बैठक रखी गई है।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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प्रेक्षक श्री एस सी षुक्ला का आगमन आज 

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छतरपुर/10 नवम्बर/राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा छतरपुर जिले के लिये नियुक्त किये गये प्रेक्षक श्री षरदचंद्र षुक्ला 11 नवम्बर को सतना से छतरपुर आयेंगे। प्रेक्षक श्री षुक्ला जिले के नगरीय निकायों का भ्रमण कर निर्वाचन कार्यों की समीक्षा करेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने प्रेक्षक के कार्य में सहयोग हेतु लायजनिंग अधिकारी के रूप में उपयंत्री राजेष गुप्ता तथा स्टेनोग्राफर जगदीष पाठक की ड्यूटी निर्धारित की है।   

आंगनबाड़ी चलो अभियान एवं बाल स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन जारी 

छतरपुर/10 नवम्बर/एकीकृत बाल विकास परियोजना छतरपुर शहरी अंतर्गत आंगनबाड़ी चलो अभियान एवं बाल स्वच्छता कार्यक्रम विगत 1 नवम्बर से समस्त अंागनबाडी केन्द्रों में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत रैली एवं खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करने के साथ ही प्रतिदिन निर्धारित कार्यक्रम अनुसार गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में 5 नवम्बर को आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमंाक 1 में श्रेष्ठ षिषु प्रतियोगिता का आयोजन परियोजना अधिकारी ममता वैद्य की उपस्थिति में किया गया। केन्द्र क्रमंाक 25 में रैली का आयोजन पर्यवेक्षक रष्मि राजौरिया की उपस्थिति में किया गया। परियोजना अधिकारी ममता वैद्य द्वारा बताया गया कि यह कार्यक्रम 19 नवम्बर तक आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य आंगनबाडी में पंजीयन हेतु शेष रह गये हितग्राहियों को अंागनबाडी से जोडने हेतु पंजीयन कराना एवं स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतों को समुदाय तक पहंुचाना है, साथ ही प्रतियोगिताओं के माध्यम से जन जागरूकता लाना एवं साफ सफाई व अच्छे स्वास्थ्य की परिकल्पना से लोगों को जागृत करना भी इसका ध्येय है, ताकि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। षैक्षणिक संस्थाओं में भी इस अवधि में निबंध, पंेटिग व क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।

लैंगिक उत्पीड़न समिति गठित करने के निर्देष

छतरपुर/10 नवम्बर/राज्य षासन द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत 10 अथवा इससे अधिक संख्या वाले प्रत्येक षासकीय कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति के गठन हेतु निर्देष जारी किये गये हैं। किन्हीं कारणोंवष अब तक जिन कार्यालयों में समिति गठित नहीं हो पायी है, वहां नियमानुसार तत्काल समिति गठित करने के निर्देष कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर द्वारा समस्त कार्यालय प्रमुखों को दिये गये हैं। 

बलात्कार के आरोपी को 10वर्ष की कैद
छतरपुर । द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशिकांता वैश्य की अदालय ने दुष्कृत्य करने वाले आरोपी एवं  रिपोर्ट करने पर धमकाने वाले पुत्र एवं पिता को दोषी करार दिया। आरोपी को 10-10वर्ष की कैद के साथ 5-5 हजार रूपए के जुर्माना की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि विवाहिता पीडि़ता ने पुलिस थाना खजुराहो में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि 11 मई 2013 को जब उसके पति बाहर गए हुए थे रात्रि में जब वह घर में सो रही थी रात्रि करीब 3 बजे गांव का सुरेश पुत्र लटकू पटेल निवासी खर्रोही घर के अंदर दीवाल फांदकर आ गया और उसके साथ जबरन बलात्कार किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी आरोपी सुरेश ने पीडि़ता को दी। पीडि़ता के पति के घर लौटने पर घटना के बारे में बताया। पीडि़ता अपने पति के साथ थाना खजुराहो रिपोर्ट दर्ज करने जा रही थी तभी रास्ते में शंकरगढ़ के पास आरोपी सुरेश पटेल और उसके पिता लटकू पटेल ने महिला और उसके पति को रोककर डरा- धमकाकर गांव बापिस ले गए बाद में मौका पाकर थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज करायी। खजुराहो थाना में पदस्थ तत्कालीन एएसआई एस.जे. खान ने आरोपीगणों को गिरफ्तार कर विवेचना उपरंात मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने आरोपी पिता-पुत्र को उक्त वारदात का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी सुरेश पटेल को आईपीसी की धारा 450, 376 (1) में 10-10वर्ष की कठोर कारावास के साथ 5-5 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के पिता लट्टू को फरियादियां को डराने-धमकाने के आरोप में आईपीसी की धारा 506बी में 5 माह की कठोर कैद एवं धारा 341 में 1 माह की कैद की सजा सुनाई।

अधिवक्ता के निधन पर हुई शोकसभा
छतरपुर। जिला न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत बजरंगनगर निवासी राजेंद्र सिंह कुशवाहा (राजावत)का  आज दु:खद निधन हो गया। राजावत लम्बी बीमारी से पीडि़त थे। राजेंद्र सिंह कुशवाहा के निधन पर जिला न्यायालय परिसर में न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तगणों द्वारा शोकसभा आयोजित की गयी।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (10 नवम्बर)

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नगर में मच्छरों से बढ रहा मलेरिया डेंगू को लेकर कांग्रेस ने नगरपालिका की भूमिका पर उठाये सवाल 
 आन्दोलन करने की दी चेतावनी 

झाबुआ --- जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी पूरे देष में  स्वच्छता एवं सामुदायिक स्वच्छता को लेकर ढोल पीट रहे है तथा लोगों एवं नगरीय संस्थाओं, समाज सेवी संस्थाओं का सामुदायिक स्वच्छता में ईमानदारी पूर्वक सहभागी होने की बात की जा रही है ं। वही नगर की भाजपा शासित नगरपालिका द्वारा नगर को गंदगी का ढेर बना रखा है तथा नगर की स्वच्छता एवं साफ सफाई की पूरी तरह अनदेखी के चलते नगर मे मच्छरों की तादात मे हो रही बढोत्तरी के कारण लोग डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार के कारण बीमार होने को बाध्य है। नगरपालिका परिषद के निर्वाचित पदाधिकारी एवं नगरपालिका षहर को नरक बनाने को तुली हुई है । नगर की साफ सफाई की व्यवस्था पूरी तरह पंगु हो चुकी है  तथा लोगों का ध्यान बांटने के लिये साफ सफाई के नाम पर तालाब सफाई जैसी नाटक बाजी की जारही है । उक्त आरोप जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया, नगर कांग्रेस अध्यक्ष बण्टू अग्निहोत्री, ्रब्लाक अध्यक्ष मानसिंह मेडा, कांग्रेस नेता आषीष भूरिया, राजेष भट जितेन्द्र अग्निहोत्री, हर्ष भटृ, आचार्य नामदेव, मनीष व्यास हेमचंद डामोर, सायरा बानो, शीला मकवाना, गौरव सक्सेना, युसुफ बागवान,, आदि ने अपने  बयान मे कहा कि नगर में ना तो  नालियों की सफाई की जारही है औ र ना ही सडकों से  गंदगी को हटाया जारहा है । नालियों के भरे रहने के कारण मच्छर इतने अधिक संख्या में पनप रहे कि कई लोग वायरल एवं मलेरिया डेगु आदि से पीडित होकर परेषानिया एवं कष्ट झेल रहे है । जिले का मलेरिया एवं स्वास्थ्य विभाग भी रजाई तान कर सो रहा है तथा गा्रमीण अंचलों में मलेरिया डेगू की चपेट मे कई गा्रमीण जन काल के गा्रस बन चुके है । मलेरिया विभाग एवं नगर पालिका द्वारा नगर की गटरों में कीटनाषक दवाईया डालने का काम ही बंद कर दिया गया है । नगरपालिका एवं स्वास्थ्य विभाग में मच्छर रोधी फोगिंग मषीने होने के बाद भी नगर में धुंआ करके मच्छरों के नियंत्रण के लिये काम ही बंद कर दिया गया है । गा्रमीण अंचलों मे सिर्फ एक ही चक्र मलेरिया डीडीटी का छिटकाव करने के बाद काम बंद कर दिया है । पूरा जिला जहां मलेरिया,डेगू बीमारी के कारण त्रस्त है वही नगर  के तालाबों में पनप रही गंदगी के कारण मच्छरों एवं लार्वा की पैदावार तेजी से हो रही है । गोपाल कालोनी की नालियों में हालात यह हो गये है कि कीडे रंेगते हुए घरों में घुस रहे है । हाउंसिंग बोर्ड विवेकानंद कालोनी के नाले की आज तक सफाई नही होने से गंदगी का अम्बार लगा हुआ है तथा मच्छरों के कारण लेागों को सुबह शाम अपने घरों के दरवाजे खिडकी बंद रखना पड रहे है । मछलीविभाग के तालाब का पानी सडचुका है तथा पूरे क्षेत्र में प्रदूषण बढ रहा है ।  कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि  नगरपालिका एवं जिले का स्वास्थ्य विभाग इस दिषा में पूरी तरह जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड करने को तुला हुआ है । पायराथ्रम कीटनाषक का छिटकाव का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है जिससे पूरा शहर  त्रस्त है । कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है  कि यदि नगर की नालियों की साफ सफाई के साथ ही नगर की नालियों, रामकुला नाला सहित सफाई नही करवाई गई तों  कांग्रेस पार्टी जंगी आन्दोलन करेगी तथा इस मुद्दे को लेकर जनहित याचिका भी लगाने में पीछे नही रहेगी ।

तीसरे  दिन भी बहादूर सागर से निकाली गई 20 ट्राली जल कुंभी सफाई अभियान में युवा वर्ग का मिल रहा सराहनीय सहयोग 

झाबुआ--- बहादूर सागर तालाब के तीसरे दिन भी राजगढ नाका मित्र मंडल, नगरपालिका परिषद, उर्स कमेटी एवं त्रिवेणी परिवार द्वारा संयुक्त रूप  से चलाये जारहे जलकुंभी हटाने एवं तालाब सफाई अभियान में काफी उत्साह दिखाई दिया । जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, पार्षद सईदुल्लाह खान, जितेन्द्रसिंह राठौर, जाकीर कुर्रेषी, बबलू सकलेचा के आव्हान पर नगर के उत्साही जनों द्वारा इस अभियान में स्वप्रेरित होकर  स्वच्छ झाबुआ- संुदर झाबुआ के  महामंत्र को साकार करने के लिये श्रमदान दिया जारहा है ।  दिन ब दिन सफाई अभियान का कारवा जुडता जारहा है और बडे तालाब में पसीना बहाने वाले श्रम को इन पदाधिकारियों द्वारा स्वयं सहभागी होकर अन्यों को भी प्रेरणा देकर अपने नगर की सुंदरता- अपने नगर की सफाई के महामंत्र को साकार किया जारहा है। सोमवार को प्रातः 9 बजे से  ही बडा तालाब से जलकुंभी निकालने का महाअभियान दर्जनों हाथों  के द्वारा सम्पन्न किया गया । सोमवार को जलकुंभी निकालने के इस अभियान में  20 ट्रेक्टर ट्राली जलकुंभी को तालाब से निकाला गया । इसमें जेसीबी  की मदद से 20 से अधिक ट्राली जलकुंभी आज फिर निकाली गई तथा नपा के ट्रेक्टर के द्वारा  इसे षहर के बाहर ट्रेचिंग गा्रउंड पर डलवाया गया है । नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया के अनुसार नगर की जनता एवं समाज सेवी संस्थाओं का भरपुर सहयोग मिल रहा है तथा बडे तालाब की गंदगी को साफ करने के इस महा अभियान में बच्चों  एवं युवाओं का भी भरपुर सहयोग मिल रहा है । तालाब सफाई के द्रुत गति से चल रहे इस कार्य में युवाओं की भूमिका निष्चित ही प्रेरणादायी होकर प्रसंषनीय सिद्ध हो रही है । जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे के अनुसार झाबुआ नगर की समाजसेवी संस्थाओं एवं उत्साही युवकों के द्वारा कारसेवा करके एक आदर्ष उदाहरण प्रस्तुत किया जारहा है ।  इस सफाई अभियान में अब तो आस पास के रहवासी भी निस्वार्थ भावना से  आगे आकर अपनी सेवायें देने में कोई कसर बाकी नही रख रहे है तथा सफाई कार्य में जुटे हुए लोगों के लिये चाय, ठण्डे पानी का इन्तजाम भी कर रहे है । जितेन्द्रसिंह राठौर ने आज पुनः नगर की जनता, सभी सामाजिक संस्थाओं एवं उत्साही जनों से अपील की है  कि पर्यावरण शुद्धि के लक्ष को लेकर चलाये जारहे बहादूर सागर तालाब के सफाई अभियान में प्रात: 9 बजे से अपनी स्वेच्छिक सेवायें देकर नगर की सुंदरता एवं आन बान के प्रतिक बहादूर सागर तालाब  के सफाई अभियान में सहभागी होकर इसे सफल बनानें मे मदद करे ।

पैलेस गार्डन में आज होगी श्रद्धांजलि सभा 

झाबुआ--- श्री राधाकृष्ण मंदिर के पूजारी महन्त तुलसीदास बैरागी के रविवार को असामयिक निधन पर पूरे नगर में शोक की लहर व्याप्त है । श्री बैरागी जो धार्मिक, सामाजिक, रचनात्मक, सांस्कृतिक एवं  जन सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ सेवा के कारण अपनी पहचान बना चुके थे ,के असामयिक  महाप्रयाण पर आज 11 नवम्बर को प्रातः 11 बजे से आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से  सर्वधर्म एवं सर्व समाज की और से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन स्थानीय पैलेस गार्डन पर किया गया है । संस्था के नीरजसिंह राठौर एवं राजेष नागर के अनुसार श्री बैरागी को स्मरण कर पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की जावेगा । नगर के सार्वजनिक गणेष मंडल, आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट, सर्वबा्रह्मण समाज, क्षेत्रीय समाज, मुस्लिम समाज, बोहरा समाज, षिवंगंगा, रोटरी क्लब, आजाद साहित्य परिषद सर्व जेन समाज, राजगढ नाका मित्र मंडल, थांदला गेट मित्र मंडल, राजवाडा मित्र मंडल, सत्यसाई समिति, संकल्प गं्रुप, गायत्री परिवार, बैरागी समाज, स्वर्णकार समाज, कलचुरी कलाल समाज सहित नगर के सभी समाज एवं समाज सेवी संस्थाओं द्वारा श्री बैरागी को आत्मीय श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पैलेस गार्डन पर उपस्थित रह ने की अपील की गई है ।

चोरी की सतत घटनाओं के विरोध में व्यापारी संघ आज सौपेगा ज्ञापन 

झाबुआ--- नगर में लगातार बढ रही चारियों की वारदातों एवं अपराधियों के दिन दहाडे बुलंद हौसंलों  के विरोध में सकल व्यापारी संघ द्वारा आज 11 नवम्बर मंगलवार को दोपहर एक बजे राजवाडा चैराहे पर एकत्रित होकर रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहूंच कर प्रषासन को इन घटनाओं के विरोध में ज्ञापन सौपेंगा । व्यापारी संघ  के अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, सचिव निर्मल अग्रवाल, संजय षाह, मनीष व्यास, ओम सोनी, प्रवीण रुनवाल, भरत बाबेल, कमलेष पटेल, पंकज मोगरा, राजेष शाह, प्रमोद भंडारी, लोकेन्द्र बाबेल, मनोज जैन आदि ने नगर के सभी व्यापारियों एवं सामाजिक संगठनों, नागरिकों से अनुरोध किया है कि निष्चित समय पर राजवाडा चैक पहूंच कर आन्दोलन को सफल बनावेगें ।

आज होगा महानाट्य जाणात राजा का मंचन

झाबुआ--- षिवाजी के जीवन चरीत्र पर आधारीत माहनाट्य जाणात राजा का जीवंत मंचन आज उत्कृष्ठ विद्यालय के मैदान पर दिनांक 11 नवम्बर को संाय 6 बजे से प्रारंभ होगा। माहनाट्य को लेकर सारी तैयारीयां अंतिम दौर मे है। इस माहनाट्य मे सन् 1630 का हिन्दुस्थान का चित्रण किया गया है जब सुनहार भारत आपसी फुट के कारण टुकडो मे बंट गया था। पूरा हिन्दुस्थान विदेषी शक्तियो के षिकजो मे था। दक्षिण भारत आदिलषाही तो उत्तर भारत मुलगषाही के अत्याचारो से ग्रस्त था। हिन्दु देवस्थान टूट रहे थे गांव  लुट रहे थे स्त्रियो का शील असुरक्षीत था ऐसे समय एक महान यौद्वा ने जन्म लिया जिसने निराषा मे डुबती जनता को स्वाभिमान से जीना सिखाया वर्षो बाद भारत मे हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की और उनका नाम था छत्रपति षिवाजी इनके ही जीवन चित्रण को लेकर उक्त माहनाट्य को करने का छोटा सा प्रयाष झाबुआ बाल विकास समिति द्वारा संचालित सरस्वती षिषु मंदिर के 180 भैया /बहनो ने वार्षिक् उत्सव के तारतम्य मे किया है। इस आयोजन मे सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालावा के उपाध्यक्ष डाॅ सुभाष गुप्ता इन्दौर, मंत्री श्री मोहन खण्डेलवाल उज्जैन, विभाग समन्वयक इन्दौर विभाग पंकज पंवार , प्रांतिय जनजाति षिक्षा प्रमुख कैलाष चैधरी , संस्कार केन्द्र सह प्रांत प्रमुख कमल गोटी , आरएसएस के प्रांत सेवा प्रमुख स्वनिल कुलकर्णी, विभाग प्रचारक विक्रम रघुवंषी, विहिप के प्रांत संगठन मंत्री सोहन सोलंकी आदि के साथ ही रतलाम झाबुआ सांसद दिलिपसिह भूरिया, झाबुआ  विधायक शांतिलाल बिलवाल, थांदला  कलसिह भूरिया , पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया उपस्थित रहेगे।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण
40 बाय 28 वर्ग फिट का मंच रायगढ के तीन मंजीला किले की विषाल प्रतिकृतिविद्यालय के ही भैया बहनो द्वार मंचन सेना के दृष्य जीवंत करने हेतु चार घोडे भी माहनाट्य मे शामिल होगे।अत्याधुनिक लाईट एवं साउण्ड संपूर्ण परिसर किले राजवाडे जैसा षिवाजी महाराज का भव्य राज्याभिषेक।

श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में तीन दीक्षार्थीयों की भागवती दीक्षा सम्पन्न
  • मुमुक्षु श्रेष्ठा बनी साध्वी श्री किर्तीरत्नाश्रीजी, मुमुक्षु मोनिका बनी साध्वी श्री कुसुमरत्नाश्रीजी,
  • मुमुक्षु गीता बनी साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्रीजी म.सा.

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राजगढ़ (मोहनखेड़ा) - 10 नवम्बर 2014 । श्री मोहनखेड़ातीर्थ पर विराजित दीक्षा महोत्सव में प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., प.पू. ज्योतिषसम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा, मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म.सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में दीक्षा महोत्सव के मुख्य दिन प्रातः 8ः30 बजे से दीक्षा महोत्सव प्रारम्भ हुआ । सांसारिक जीवन से अन्तिम बिदाई लेने के पश्चात् तीनों दीक्षार्थीयों को परिवार की आज्ञा के बाद साध्वीवृंद को परिवार द्वारा वोहराया गया था । वहां से गाजते - बाजते तीन सजी हुई बग्गीयों में वर्षीदान करते हुऐ दीक्षा महोत्सव स्थल श्री यतीन्द्रसूरि चैक लाया गया । यहां पर आचार्य श्री एवं मुनि मण्डल, साध्वीवृंद की निश्रा में दीक्षा की विधि समोशरण में विराजित प्रभु की चैमुखी प्रतिमा के समक्ष प्रारम्भ हुई । इस अवसर पर बड़ी संख्या में देश भर के गुरुभक्तों की उपस्थिति रही । क्रिया विधि के दौरान मुमुक्षु के परिवारों द्वारा आचार्यश्री को संयम जीवन के दौरान उपयोग में आने वाले (ओघें) रजोहरण वोहराया गया । आचार्यश्री ने उक्त रजोहरण पर अभिमंत्रित वासक्षेप डाल कर मुमुक्षु आत्माओं को प्रदान किये गये । रजोहरण हाथ में लेते ही मुमुक्षु कु. श्रेष्ठा, कु. मोनिका, कु. गीता खुशी से झुम उठी व दीक्षा स्थल पर नृत्य करने लगी । इसके बाद तीनों मुमुक्षुओं को वेश परिवर्तन के लिये ले जाया गया और तीनों मुमुक्षुओं के वेश परिवर्तन के पश्चात् दीक्षा स्थल पर पंचमुष्ठी केश लोचन वयोवृद्ध शासनज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्री जी म.सा. व सरलमना साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. द्वारा किया गया । आचार्यश्री ने कु. श्रेष्ठा को साध्वी श्री किर्तीरत्नाश्री जी म.सा., कु. मोनिका को साध्वी श्री कुसुमरत्नाश्री जी म.सा. तथा कु. गीता को साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्री जी म.सा. का नाम प्रदान किया । झालर बजाकर नाम की घोषणा राजगढ़ निवासी मनीष चाईस द्वारा की गई एवं तीनों नूतन साध्वीजी पर प्रथम वासक्षेप भी इस परिवार द्वारा किया गया । कु. श्रेष्ठा एवं कु. मोनिका शासनज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्री जी म.सा. के परिवार में शामिल हुई एवं कु. गीता सरलमना साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. के परिवार में जुड़ी । इस अवसर पर प.पू. ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. ने बताया कि इस तीन दीक्षाओं के साथ श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर अबतक 16 दीक्षाऐं हुई है । यह दीक्षा शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्री जी म.सा. के 91 वें जन्मदिवस के अवसर पर एक अनमोल उपहार के रुप  में मानी जा रही है । कार्यक्रम के दौरान साध्वी श्री के 91 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी संयम अनुमोदना भी श्री संघ एवं श्री आदिनाथ राजेन्द्र श्वे. पेढी (ट्रस्ट) के समस्त पदाधिकारियों द्वारा की गई । दीक्षा महोत्सव के पश्चात् कार्यक्रम स्थल पर तीनों मुमुक्षु परिवार के माता - पिता का ट्रस्ट मण्डल की और से बहुमान किया गया व दीक्षा से पूर्व तीनों मुमुक्षुओं को अंतिम तिलक की बिदाई श्री कमलचंदजी वेदमुथा भूति वालों के द्वारा दी गई । मुमुक्षुओं का बहुमान अभिनन्दन पत्र से ट्रस्ट मण्डल के पदाधिकारियों द्वारा किया गया । नूतन दीक्षित साध्वी जी को चादर उपधान तप के लाभार्थी शकुंतलादेवी पुखराजजी शाह अंशा ज्वेलर्स द्वारा, कामली रेवाचंदजी सागरमलजी वाणीगोता दासपा मैसुर निवासी द्वारा, महेन्द्रकुमारजी सम्पतराजी मुथा द्वारा मोक्ष दण्ड, पोपटलालजी लक्ष्मीचंदजी चैरडि़या मण्डार वालों द्वारा दण्डासन वोहराया गया । दोपहर में श्री भक्तामर महापूजन का भव्य आयोजन मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. साध्वीवृंद के साथ नूतन साध्वी जी की सानिध्यता में सम्पन्न हुई । आज प्रातः 7 बजे नूतन साध्वी जी के कंकु पगलिया का आयोजन रखा गया । उपधान पूर्णाहूति के अवसर पर लाभार्थी शकुंतलादेवी पुखराजजी शाह अंशा ज्वेलर्स परिवार के प्रकाशचंदजी एवं कांतिलाल जी शाह ने दीक्षा महोत्सव के दौरान दीक्षा स्थल पर सकल जैन श्री संघ को आमंत्रण देते हुऐ कहा कि 11 नवम्बर को प्रातः 8 बजे से समस्त उपधान तप के आराधको के साथ विशाल शौभायात्रा राजगढ़ नगर से होती हुई श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर धर्मसभा में परिवर्तित होगी एवं दोनों समय का स्वामीवात्सल्य भी तीर्थ पर लाभार्थी परिवार द्वारा रखा गया है दोपहर 3 बजे से मेंहदी वितरण एवं महिला सांझी का आयोजन आयोजित है । उपधान पूर्णाहूति एवं मोक्ष माला का कार्यक्रम 12 नवम्बर 2014 को तीर्थ परिसर में आयोजित होगा । प्रातः 9 बजे मोक्ष माला आरोहण विधि प्रारम्भ होगी।

समिति के सदस्य योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति धरातल पर भी देखे सांसद श्री भूरिया
  • जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक संपन्न

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झाबुआ,---जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक आज 10 नवम्बर को कलेक्टर कार्यालय के सभकक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता सांसद श्री दिलीप सिंह भूरिया ने की। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस.ने शासन की योजनाओं की प्रगति की जानकारी पावर पाईंट के माध्यम से प्रदान की। बैठक में विधायक थांदला श्री कलसिंह भाभर, पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, सहित जनपद पंचायतो के अध्यक्ष अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुन्दरसिंह कनेश एवं विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सांसद श्री भूरिया ने निर्देशित किया कि अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति को धरातल पर भी देखे। जितनी योजनाएं बनी वे फील्ड स्तर तक क्रियान्वित हो, ताकि जिले की सूरत एवं सीरत बदल पाये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया कि रोजगार गारंटी योजना में ग्राम पंचायत को विश्वास में लेकर ग्रामीणो को रोजगार देने का कार्य करे,यदि किसी कारणवंश रोजगार नहीं दे पातें है,तो योजना के नियमानुसार बेरोजगारी भत्ता दिलवाये। 2014-15 में 4111 इंदिरा आवास की राशि हितग्राही के खातों में जमा होगी बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि 2014 -15 में 4111 इंदिरा आवास की शासन द्वारा स्वीकृति दी गई है एवं इन आवासों को बनाने के लिए राशि राज्य सरकार द्वारा सीधे हितग्राही के खातों में डाली जाएगी।
मध्यान्ह भोजन योजना में भोजन ठीक से नहीं देने वाले समूहो को दण्ड दे स्कूली बच्चों को ठीक से मध्यान्ह भोजन नहीं देने वाले स्व सहायता समूहो के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के निर्देश सांसद श्री भूरिया ने संबंधित अधिकारियों को दिये एवं जनप्रतिनिधियों को भी मानीटरिंग करने के लिए कहा। बैठक में मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि स्कूली व्यवस्थाओं एवं मध्यान्ह भोजन योजना की मानीटरिंग के लिए यलों कार्ड (निरीक्षण)व्यवस्था लागू की गई है। बैठक में रोजगार गारंटी योजना पेंशन योजना, वाटर शेड योजना, प्रधानमंत्री सड़क, पेयजल योजना, स्व सहायता समूह, इंदिरा आवास योजना उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के संबंधित अधिकारी को सांसद श्री भूरिया ने निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्ग जो गारंटी अवधि में है, उन्हे रिपेयर करवाये। फ्लोराइड परियोजनांतर्गत पेयजल गुणवत्ता योजना से पेयजल ग्रामीण को जल्द से जल्द उपलब्घ करवाने, पेयजल की टेस्टिंग निरंतर करवाने के निर्देश ई.ई.पी.एच.ई को दिये। फ्लोराइड पेयजल योजना 15 मार्च 2015 तक पूर्ण करने के लिए ई.ई.पीएचई को निर्देश दिये। ग्रीष्मकाल में पेयजल की उपलब्घता के लिए कार्य योजना बनाने के लिए ई.ई.पीएचई एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिये। 8 टन से अधिक भार के वाहन प्रधानमंत्री सड़क से नहीं गुजरे यह सुनिश्चित करे बैठक में जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में बनी रोड पर से 8 टन से अधिक भार के वाहन नहीं गुजरे यह सुनिश्चित करे। यदि भारी वाहन पीएम सड़क से गुजरे तो पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग संयुक्त रूप से चालान बनाने की कार्यवाही करे। शौचालय निर्मित कर फोटो ग्राफ के साथ शासन को भेजे शौचालय निर्माण पर शासन द्वारा विशेष फोकस किया जा रहा है। अतः शौचालय हर घर में बने यह सुनिश्चित करे शौचालय बन जाने के बाद हितग्राही के साथ शौचालय निर्माण का फोटो शासन को भेजे ताकि निर्माण कार्य में फर्जी कार्य करने वाले ठेकेदार/एजेंसी के विरूद्ध शख्त कार्यवाही की जा सके। किसानो को सही गुणवत्ता के बीज उपलब्घ करवाने के लिए उप संचालक कृषि को निर्देश दिये। साथ ही मिर्च एवं सोयाबीन की फसल बर्बाद होने पर ंिचंता जाहिर की एवं ऐसे बीज विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश सांसद श्री भूरिया ने दिये। आवासीय विद्यालय जैसे माॅडल स्कूल,एकलब्य स्कूल, नवोदय विद्यालय शहर के करीब बनाये जाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया । शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शासन से पैकेज मांगा जाएगा बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले में शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शासन से पैकेज मांगा जाएगा एवं शिक्षकों को मिनीमम लर्निगं  स्तर तक पढाने योग्य प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि बच्चों को बेसिक शिक्षा दी जा सके। 37 हजार खाते अब तक जनधन योजना में खोले गये 51 हजार खाते और खोलने का लक्ष्य है बैठक में एलडीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 37 हजार से अधिक खाते योजना प्रारंभ होने से अब तक खोले जा चुके है। अभी 51 हजार खाते और इस योजना में खोले जाने का लक्ष्य है। ग्राम बरवेट में बैंक आॅफ बडौदा की ब्रांच खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। झाबुआ में 90 प्रतिशत लोगो को पात्रता पर्ची वितरित की गई है छूटे हुए लोगो से घोषणा पत्र भरवाकर प्रक्रिया करे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में पात्र हितग्राहियों में 90 प्रतिशत परिवारों को पात्रता पर्ची वितरित कर दी गई है। छूटे हुए लोगो को पात्रता पर्ची उपलब्घ करवाने के लिए विधायक जिम्मेदारी ले एवं सचिव एवं सेल्समेन के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न के लिए पात्रता पर्ची दिलवाये एवं अपात्र व्यक्तियों की पर्चिया निरस्त करवाये। सेल्समेन यदि बदमाशी करता है,तो उसे सेवा से पृथक करे। एक माह में छूटे हुए सभी पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची दिलवाने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिये। 24 करोड 35 लाख जिले में बिजली बिल बकाया शेष 17 करोड एक बत्ती कनेक्शन पर बकाया है बैठक में ई.ई.विद्युत मण्डल ने बताया कि जिले में 24 करोड 35 लाख रूपये बिजली व्यय का भुगतान वसूल करना शेष है एवं 17 करोड रूपये एक बत्ती कनेक्शन धारी उपभोक्ताओं पर शेष है सांसद श्री भूरिया ने सभी विधायकों को शेष बकाया की वसूली करवाने में सहयोग करने के लिए कहा। साथ ही सिंचाई के लिए बिजली किसानो को देने के लिए ई.ई. विद्युत मण्डल को निर्देश दिये।

प्रभारी मंत्री श्री आर्य जिले के भ्रमण पर

झाबुआ ---- अंतरसिंह आर्य मंत्री श्रम, पिछडा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त धुमक्कड एवं अर्द्ध धुमक्कड जाति म.प्र. शासन एवं प्रभारी मंत्री जिला झाबुआ 11 एवं 12 नवम्बर को जिले के भ्रमण पर रहेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री श्री आर्य 11 नवम्बर को भोपाल से प्रस्थान कर सायंकाल झाबुआ पहुंचेगे एवं रात्रि विश्राम करेगे। आगामी 12 नवम्बर को प्रातः 11 बजे जिला योजना समिति की बैठक में भाग लेगे। दोपहर 2 बजे प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र का शिलान्यास करेगे उसके बाद झाबुआ से अलीराजपुर के लिये प्रस्थान करेगे।

महिला खेलकूद प्रतियोगिता 11 व 12 नवम्बर को

झाबुआ ---खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा महिला खिलाडियों को प्रोत्साहन देने हेतु जिला स्तरीय महिला खेलकूद प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की जावेगी। प्रतियोगिता का प्रथम चरण  11 नवम्बर 2014 को खेल परिसर झाबुआ में बैडमिन्टन,टेबल टेनिस एवं शारदा विद्या मंदिर मैदान पर हैण्डबाल,बास्केटबाल खेलों का आयोजन किया जावेगा एवं द्वितीय चरण 12 नवम्बर 2014 को उत्कृष्ट विद्यालय पेटलावद में कबड्डी, खो-खो, व्हालीबाल, एथेलेटिक्स एवं तैराकी खेलो में आयोजित की जावेगी। महिला खेलकूद प्रतियोगिता में 25 वर्ष आयु वर्ग की कोई भी महिला खिलाडी भाग ले सकती है, चाहे वह अध्ययनरत हो या गैर अध्ययनरत,चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण निवासी भाग ले सकती है। जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत/खण्ड शिक्षा अधिकारी/ आयोजन प्रभारियों से सम्पर्क किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिये जिला खेल अधिकारी मो0 9425967562 एवं 12 नवम्बर 2014 हेतु प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय पेटलावद से सम्पर्क किया जा सकता है।

प्रेक्षक बोरीवाल मेघनगर के भ्रमण पर

झाबुआ ---मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के द्वारा श्री एम.एलबोरीवाल को मेघनगर नगरपरिषद निर्वाचन हेतु प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। प्रेक्षक 11 नवम्बर से 16 नवम्बर तक जिले में निर्वाचन क्षेत्र में प्रवास पर रहेगे एवं जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में रहेगे। जहां पर किसी भी अभ्यर्थी/जनप्रतिनिधि/मतदाता को कोई सुझाव/आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो प्रातः 9ः30 बजे से 10.00 तक सर्किट हाउस में प्रेक्षक महोदय से संपर्क कर सकते है। प्रेक्षक महोदय का मो न. 9425046901 है।

ग्राम तारखेडी में स्थिति सामान्य मलेरिया से नहीं हुई एक भी मौत
  • तारखेडी में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया

झाबुआ ---कलेक्टर  बी.चन्द्रशेखर के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. श्रीमती रजनी डावर बी.एम.ओ डाॅ. उर्मिला चैयल एवं मलेरिया कंसल्टेन्ट ने ग्राम तारखेडी का निरीक्षण किया एवं स्थिति का जायजा लिया। सी एमएचओं ने बताया कि ग्राम तारखेडी में स्थिति नियंत्रण में है। गाॅव में आसपास काफी गंदगी फैली हुई है। नालिया चैक है, जिससे घरों के सामने गड्डों में पानी एकत्रित हो रहा है, पानी में मच्छर के लावा भी पाये गये है। गाॅव में लोग मलेरिया बुखार से पीडित है। आसपास के गाॅवों में रेपीड फीवर सर्वे किया गया है। आसपास के गाॅवों में सतत निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य सेवको की 3 टीम गठित की गई है। जो कि गाॅवों में निरंतर भ्रमण कर रही है। कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर के निर्देशन में आसपास की सभी अवैधानिक क्लीनिकों को सील कर दिया गया है। सरपंच सचिवों को गाॅव की सफाई करवाने के लिए निर्देश दिये गये है। साथ ही ग्रामीणों को भी सफाई रखने के लिए समझाईश दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रजनी डावर ने बताया कि गाॅव में 29 अक्टूबर से 8 नवम्बर तक 5 व्यक्त्यिों की मौत हुई है। जिसमें से किसी की भी मृत्यु मलेरिया बुखार के कारण नहीं हुई है। 1. तारखेडी निवासी अंकिता पिता भंवरलाल उम्र 13 वर्ष बुखार के चलते धार में एक निजी चिकित्सालय में भर्ती थी जहां पर उसकी मृत्यु उल्टी-दस्त के कारण 8 नवम्बर को होना बताया गया है। 2. सुखराम पिता रामा उम्र 45 वर्ष लंबे समय से फेफडे संबंधी बीमारी से पीडित था एवं विगत 15-20 दिनों से ज्यादा तबीयत खराब होने से 3 नवम्बर को उसकी मृत्यु हो गई। 3. विष्णु पिता धुलिया उम्र 8 माह न्यूरालोजिक बीमारी से पिडित था उसको बार-बार झटके आ रहे थे ऐसा उसके परिजनो द्वारा बताया गया एवं विगत 8 नवम्बर को उसकी मृत्यु हो गई। 4. रामा पिता कोदा उम्र 70 वर्ष लंबे समय से श्वास संबंधी बीमारी से पीडित था एवं 29 अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई । 5. रामकन्या पति गिरधारी उम्र 45 वर्ष का सात दिन पहले इन्दौर में पेट का मेजर आॅपरेशन हुआ था। आॅपरेशन के बाद फैले इन्फेक्शन के कारण 3 नवम्बर को उसकी मृत्यु हुई है। ग्राम तारखेडी में आज 10 नवम्बर को शिविर आयोजित कर दोपहर तक 150 मरीजो की जाॅच की गई। जिसमें 96 बुखार पीडितों की ब्लड स्लाइड बनाई गई एवं जांच में पाये गये 11 मलेरिया बुखार से पीडित मरीजो को पेटलावद में भर्ती करवाया गया। एक 4 वर्षीय बालिका जिसको खून की कमी थी उसे जिला चिकित्सालय झाबुआ में भर्ती किया गया।

अज्ञात बदमाशो ने लडकी का किया अपहरण 

झाबूआ--- फरियादिया बदीबाई पति बाबू रावल उम्र 48 साल निवासी बावड़ी बड़ी एवं उसकी खेत पर से लकडि़यां लेकर घर आ रही थी कि रास्ते में 3-4 अज्ञात बदमाश मुंह पर कपड़ा बांधकर आये व फरियादिया की लड़की को जबरन पकड़ कर पास में रोड़ पर खड़ी मैक्स जीप में बैठाकर ले गये । चिल्लाने पर डराया धमकाया । फरियादिया  की  रिपोर्ट पर थाना झाबुआ में अज्ञात 3-4 बदमाशों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 796/2014 धारा 363,366 भा.द.वि. एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकांे का संरक्षण अधि. कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है ।

पेड पर फांसी लगाकर कि ईह लिला समाप्त

झाबूआ-- राधी पति जोगडि़या खडि़या उम्र 45 साल निवासी खेड़ा ने रिपोर्ट किया कि घटना दिनांक 09.11.2014 के दिन 03.00 बजे जोगडि़या पिता पंगला खडि़या उम्र 50 साल निवासी खेड़ा ने खाखरे के झाड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली मृतक जोगडि़या शराब का आदी था । उक्त घटना पर थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्रमांक 39/14 धारा 174 जा.फो. का कायम कर जांच में लिया गया है ।

सूने मकान से लाखो कि चैरी
       
झाबूआ---बिति मध्य अज्ञात बदमाश द्वारा फरियादी के घर रामकृष्ण नगर झाबुआ का ताला तोड़कर घर में घुसकर अलमारी में रखे सोने चांदी के जेवर एवं नगदी एक लाख रूपये कुल मश्रुका 4,19,000/-रूपये का चोरी कर ले गये फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना झाबुआ में अज्ञात बदमाश के विरूद्ध अपराध क्रमांक 793/2014 धारा 457,380 भा.द.वि. कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है ।  

दिवाल मे सेंध लगाकर कि चैरी
        
झाबूआ--- अज्ञात बदमाश द्वारा कस्बा रायपुरिया में स्थित फरियादी की दुकान की दीवाल खोदकर अन्दर घुसकर दुकान में गुल्लक में रखा नगदी 30,000/-रूपये व चांदी की सांकली कुल मश्रुका 47,000/-रूपये का चुराकर ले गया । फरियादी वसंत कुमार पिता बाबुलाल जैन मालवी उम्र 20 साल निवासी रायपुरिया की उक्त रिपोर्ट पर थाना रायपुरिया में अज्ञात बदमाश के विरूद्ध अपराध क्रमांक 266/2014 धारा 457,380 भा.द.वि. कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है ।

अस्पताल के बहार खडी तुफान चैरी   
     
झाबूआ---फरियादी रमेश पिता छीतरा नलवाया उम्र 33 साल निवासी गोभाबड़ी ने रिपोर्ट किया कि घटना दिनांक 8.11.14 को फरियादी अपनी तुफान जीप क्रं. एमपी-45-बीबी-0527 को अस्पताल के बाहर खड़ी कर अस्पताल के अंदर गया था , वापस आकर देखा तो गाड़ी नहीं थी , अज्ञात बदमाश फरियादी की गाड़ी तूफान जीप को चुराकर ले गया । फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना काकनवानी में अज्ञात बदमाश के विरूद्ध अपराध क्रमांक 229/2014 धारा 379 भा.द.वि. कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है ।
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