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चीनी सैनिक दे रहे हैं पाक सैनिकों को ट्रेनिंग

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भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि चीनी सैनिक जम्मू कश्मीर में भारत पाक सीमा के उस पार पाकिस्तानी सैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की खुफिया शाखा द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार राजौरी सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार चीनी सैनिक पाक सैनिकों को हथियार संबंधी तकनीकी का प्रशिक्षण देते हुए नजर आए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सैन्य कवायद पाकिस्तान के अग्रिम रक्षा ठिकानों पर किए जा रहे हैं जिनकी जिम्मेदारी वहां का सीमा प्रहरी बल—पाक रेंजर्स संभालता है। 
      
बीएसएफ द्वारा विश्लेषण की गयी इन प्राथमिक सूचना से यह भी पता चलता है कि श्रीगंगानगर सेक्टर के उस पार कुछ पाक सैन्य इकाइयों ने चौकियों पर अर्धसैनिक बल रेंजर्स का स्थान ले लिया है। बीएसएफ ने यह भी पाया कि पंजाब के अबोहर और गुरूदासपुर सेक्टरों के समीप निकट अतीत में पाकिस्तान ने नये पर्यवेक्षण टॉवर भी लगाए हैं। बल की खुफिया शाखा ने रिपोर्ट की है कि सीमा पर बातचीत के रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स भारतीय सैनिकों और संपत्तियों को निशाना बनाने के लिए रणनीतिक ठिकानों और चौकियों पर अचूक निशानेबाज तैनात करने की योजना बना रहे हैं।

बीएसएफ की खुफिया शाखा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण के आसपास पाकिस्तानी सेना के कमांडो के विशेष दस्ते भी तैनात किए गए हैं जो छापा मार सकते हैं और बॉर्डर एक्शन टीम द्वारा भारतीय क्षेत्र में हमला हो सकता है। खुफिया शाखा का यह भी कहना है कि पाकिस्तान के सियालकोट में आतंकवादियों के एक बहुत बड़े समूह का पता चला है जो जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान घुसपैठ करने की साजिश रच रहे हैं। उसे अंतरराष्ट्रीय सीमा या फिर नियंत्रण रेखा के समीप आतंकवादियों के लिए घुसपैठ के लिए कुद लॉन्च पैड का पता चला।
      
रिपोर्ट के अनुसार भारत पाकिस्तानी सीमा पिछले कुछ समय से शांत लेकिन तनावपूर्ण है। पिछले कुछ महीने में वहां ढेरों संघर्षविराम उल्लंघन हो चुके हैं। बीएसएफ की यह शाखा कहती है कि गुजरात के समीप सर क्रीक क्षेत्र में भारत पाकिस्तान सीमा के पास करीब 125 भारतीय नौकाओं और 155 मछुआरों को वर्तमान सीजन में पाकिस्तानी समुद्री प्रशासन ने पकड़ा था।

प्रधानमंत्री नहीं बनने का कोई दुख नहीं है : आडवाणी

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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नहीं बनने का उन्हें कोई दुख नहीं है, क्योंकि सभी दलों से उन्हें मिला सम्मान काफी है और वह इससे 'अभिभूत'हैं। आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा, 'देश का प्रधानमंत्री नहीं बनने का मुझे कोई दुख नहीं है। मुझे संसद में जो स्थान मिला और सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जो सम्मान मिला वह काफी है। सम्मान से मैं अभिभूत हूं। यह प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा है।'

87 वर्षीय वरिष्ठ नेता यहां पूर्व आईपीएस अधिकारी जेके सिन्हा द्वारा संचालित एक आवासीय विद्यालय का उद्घाटन करने आए थे। यह विद्यालय मुसहर समुदाय के लड़के-लड़कियों के लिए है, जो बिहार के सबसे पिछड़े समुदाय में आता है। आडवाणी जून 2013 तक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को गोवा में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया।

नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर पूर्व उपप्रधानमंत्री ने कहा कि अभी इस सरकार के शासन संभाले काफी कम समय हुआ है, इसलिए इसका आकलन करना उचित नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि यह सरकार अच्छा काम कर रही है और अभी तक इसने कोई भी 'आपत्तिजनक'काम नहीं किया है।

छत्तीसगढ़ नसबंदी : दवा में पाया गया चूहे मारने वाला केमिकल

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी कैंप में हुई महिलाओं की मौत के मामले में ऐंटिबायॉटिक दवा की शुरुआती जांच में चूहे मारने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल पाया गया है। नसबंदी कैंप में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को यही दवा दी गई थी। यही नहीं, दवा बनाने वाली कंपनी को 2 साल पहले ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था, मगर सरकार इससे अभी भी दवाएं खरीद रही थी।

ऐंटिबायॉटिक टैबलट सिप्रोफ्लॉक्सैसिन 500 की जांच में साफ हुआ है कि इसमें जिंक फॉस्फाइड मिला हुआ है। यह केमिकल चूहे मारने के जहर में इस्तेमाल होता है। इस दवा को रायपुर की फार्मासूटिकल कंपनी महावर फार्मा से गुरुवार को बरामद किया गया था। अब इस दवा को आगे की टेस्टिंग के लिए भेजा गया है।

बिलासपुर में डॉक्टर्स ने कहा कि नसबंदी कैंप में पीड़ित महिलाओं में जो लक्षण पाए गए हैं, जिंक फॉस्फाइड के असर से वैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं। सर्जरी के बाद महिलाओं ने सिर घूमने, उल्टियां आने और पेट में दर्द की शिकायत की थी। 13 महिलाओं की हृदय गति रुकने, किडनी फेल होने और सांस न लेने पाने की वजह से मौत हो गई थी।

अधिकारियों के मुताबिक अभी तक छापा मारकर इसी तरह की 43 लाख से ज्यादा टैबलट्स बरामद की गई हैं। कंपनी के परिसर में बड़ी मात्रा में जली हुई दवाइयां भी बरामद की गई हैं। इसरे साथ ही महावर फार्मा के डायरेक्टर रमेश महावर और उनके बेटे सुमित को रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को अरेस्ट कर लिया है।

इस कंपनी को 2 साल पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने साल 2012 में विधानसभा में कहा था कि इस कंपनी को नकली जेनरिक दवाएं बनाते पकड़ा गया है और इसके खिलाफ केस रजिस्टर किया गया है। मगर बावजूद इसके सरकारी हॉस्पिटलों में इस कंपनी की दवाइयां सप्लाई की जा रही थीं।

विश्व व्यापार मेले से ऍफ़ डी आई को मिलेगा बढ़ावा : मुखर्जी

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई है कि विश्व व्यापार मेले के आयोजन से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे, रक्षा, बीमा, उत्पादन क्षेत्र में जिस प्रकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा बढ़ाई गई है उससे भारत पर विदेशी निवेशकों का विश्वास और उत्साह बढ़ा है।

राष्ट्रपति शुक्रवार को प्रगति मैदान में 34वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह मेला दुनिया के बड़े उद्योग और व्यापार मेलों में से एक है और इस साल मेले में देश-विदेश से 20 लाख दर्शकों के आने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि मेले में दक्षिण अफ्रीका को भागीदार देश बनाया गया है और थाईलैंड फोकस देश है। वहीं दिल्ली को फोकस स्टेट का दर्जा दिया गया है। इस मौके पर उपराज्यपाल नजीब जंग, केंद्रीय सूक्ष्म व लद्यु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और वित्त राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, दक्षिण अफ्रीका की लद्यु उद्योग विकास उपमंत्री एलिजाबेथ, आइटीपीओ चेयरमैन रीटा मेनन आदि उपस्थित थीं।

छत्तीसगढ़ : पीड़ितों से मिले राहुल गांधी, कहा हादसे के लिये रमण सरकार जिम्मेदार

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में हाल में नसबंदी प्रभावित परिवारों के सदस्यों से भेंट की। राहुल सुबह नई दिल्ली से विमान के जरिये रायपुर पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से होते हुये बिलासपुर के लिये रवाना हुये थे। राहुल गांधी ने बिलासपुर के समीप अमसेना गांव में नसबंदी प्रभावित परिवार के सदस्यों से मिले जहां की चार महिलाओं की नसबंदी के बाद मौत हो गई थी। उन्होंने मृतक महिलाओं के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी। 
      
राहुल गांधी यहां से बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) पहुंचे और यहां भर्ती महिलाओं से भेट की। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता टी.एस. सिंहदेव भी है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, लोगों की बाते सुनकर दुख हुआ। इस हादसे के जिम्मेदार लापरवाही, नकली दवा है। जो कैंप चलाए गए सही तरीके से नहीं चलाए और बहुत लोगों को नुकसान पहुंचा है। जो कुछ भी हुआ उसके लिए सरकार जिम्मेदार है, सरकार जांच की बजाय नकली दवाओं को जलाने में लगी है।   


विशेष आलेख : स्वच्छ भारत का सपना और बच्चे

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स्वच्छता अभियान
भारत में स्वच्छता का नारा काफी पुराना है लेकिन अभी भी देश की एक बड़ी आबादी गंदगी के बीच अपना जीवन बिताने को मजबूर है। 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्वच्छता कवरेज 46.9 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत केवल 30.7 प्रतिशत है। अभी भी देश की 62 करोड़ 20 लाख की आबादी (राष्ट्रीय औसत 53.1 प्रतिशत) खुले में शौच करने को मजबूर हैं। राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय के उपयोग की दर 13.6 प्रतिशत, राजस्थान में 20 प्रतिशत, बिहार में 18.6 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 22 प्रतिशत है। भारत के केवल ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में शौचालयों का अभाव है। यहाँ सार्वजनिक शौचालय भी पर्याप्त संख्या में नही हैं, जिसकी वजह से हमारे शहरों में भी एक बड़ी आबादी खुले में शौच करने को मजबूर है। इसी तरह से देश में करीब 40 प्रतिशत लोगों को स्वच्छ पीने योग्य पानी उपलब्ध नही है। 
           
देश में साफ़-सफ़ाई की कमी एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि इसी से गम्भीर बीमारियाँ फैलती हैं जिसका असर सबसे ज्यादा बच्चों पर ही पड़ता है। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक,मानसिक विकास के लिए बाल स्वच्छता को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन दुर्भाग्य से भारत में 14 साल की उम्र समूह के बच्चों में से 20 फीसदी से अधिक बच्चे असुरक्षित पानी, अपर्याप्त स्वच्छता या अपर्याप्त सफाई के कारण या तो बीमार रहते हैं या मौत का शिकार हो जाते हैं। इसी तरह से सफाई के अभाव के कारण डायरिया  से होने वाली मौतों में 90 फीसदी पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं।
            
भारत सरकार द्वारा 1999 में “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम” शुरू किया गया था, जिसका मूल उद्देश्य ग्रामीण भारत में सम्पूर्ण स्वच्छता लाना और 2012 तक खुले में शौच को सिरे से खत्म करना था। इसमें घरों, विद्यालयों तथा आंगनबाडि़यों में स्वचछता सुविधाओं पर विशेष बल दिया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत स्थानीय स्तर पर यह पंचायतों की जिम्मेदारी दी गयी कि वे गांव के स्कूल,आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र एवं घरों में समग्र रूप से बच्चों को पेयजल, साफ-सफाई एवं स्वच्छता के साधन उपलब्ध कराएं लेकिन यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में असफल रहा। इस कार्यक्रम के असफल होने का मुख्य कारण यह था कि इस कार्यक्रम को बनाने से पहले ये सोचा गया था कि अगर लोगों को सुविधाऐं पंहुचा दी जाये तो लोग उसका उपयोग करेगें और समस्या समाप्त हो जायेगी, इसमें स्वच्छता व्यवहार में सुधार को नजरअंदाज किया गया था, इस वजह से हम देखते हैं कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम के तहत 1990 के दशक में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 90 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ लेकिन इस दौरान ग्रामिण क्षेत्र में शौचालय के उपयोग करने वालों के दर में केवल 1 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि हुई। 
          
इन्ही अनुभव को देखते हुए 1999 में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसमें सहभागिता और मांग आधारित दृष्टिकोण को अपनाया गया। समग्र स्वच्छता अभियान में ग्राम पंचायत एवं स्थानीय लोगों की सहभागिता एवं व्यवहार परिर्वतन पर जोर दिया गया। लेकिन इसमें हमें अभी तक आंशिक सफलता ही मिल सकी है। आज भी भारत में अस्वच्छता एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। 2011 की जनगणना के अनुसार, केवल 32.7 फीसदी घरों में ही शौचालयों की सुविधा उपलब्ध हो पायी है।
            
समग्र स्वच्छता अभियान में आंगनबाड़ी और स्कूलों के स्वच्छता और साफ सफाई को लेकर पंचायतीराज संस्थाओं की भूमिका की बात तो की गई है लेकिन इसका मुख्य फोकस पूरे गावं को लेकर है। इससे आंगनबाड़ी और स्कूलों में स्वच्छता और साफ सफाई को लेकर इन संस्थाओं की भूमिका उभर कर सामने नही आ पाती है। चूंकि स्थानीय निकायों के पास पूरे गावं की जिम्मेदारी है वहीँ हमारे समाज की मानसिकता है कि बच्चों से संबंधित मुद्दों और सेवाओं को उतनी प्राथमिकता नही दी जाती और इसकी तुलना में बड़ों से संबंधित मुद्दों और सेवाओं को तरजीह दी जाती है। 

इस चुनौती से पार पाने का एक तरीका यह हो सकता है कि स्कूलों एवं आंगनबाड़ीयों में जल एवं स्वच्छता संबंधी सेवाओं की योजना, निर्माण, परिचालन और निगरानी के लिए एक विशेष  कमेटी का गठन किया जाये जिसमें ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि, एस.एम.सी. से प्रतिनिधि, मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के प्रतिनिधि, अध्यापक तथा बच्चों खास कर लड़कियों का प्रतिनिधित्व शामिल हो। ऐसा होने से स्कूलों में स्वच्छता से संबंधित सेवाओं के क्रियान्वंयन एवं बच्चों में इसके अभ्यास को प्राथमिकता मिलेगी और इसके क्रियान्वंयन और मोनिटरिंग में आसानी होगी।
           
पिछले एक दशक के दौरान शालाओं में शौचालय निर्माण में वृद्धि देखने को मिली है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2013-14 में 80.57 प्रतिशत लड़कियों के स्कूलों में उनके लिए अलग शौचालय थे। जबकि 2012-13 में यह संख्या 69 प्रतिशत थी। लेकिन समस्या का समाधान केवल यही नहीं है कि टॉयलेट्स बना दिए जाएं, बल्कि इसके लिए पानी और मल-उत्सर्जन की एक प्रणाली विकसित किए जाने की भी जरूरत होती है। इनके अभाव में टॉयलेट भी किसी काम के नहीं रह जाते। लेकिन हम पाते हैं कि शौचालयों के संचालन और सुविधाओं के रखरखाव को लेकर अभी भी समस्या बनी हुई है, इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इस कारण शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे जानलेवा बीमारी का शिकार होते हैं। स्कूलों में शौचालयों के अपर्याप्त रखरखाव और जल और मल की उचित निकासी व्यवस्था न होने का सबसे ज्यादा प्रभाव छात्राओं पर पड़ता है। अधिकतर छात्राएं स्कूल की गंदे और अवरुद्ध शौचालयों का उपयोग करने की बजाय मूत्राशय में ही पेशाब को रोक कर रखती हैं। इस कारण से उन्हें न केवल शारीरिक समस्या से जूझना पड़ता है बल्कि कक्षा में भी पढ़ाई में उनकी एकाग्रता प्रभावित होती है। 
          
अगर हम साफ़-सफ़ाई की कमी को दूर कर लें तो  इससे ना केवल बच्चों के गन्दगी जनित बीमारियों से हो रही मौतों में कमी आएगी बल्कि उन्हें घरों, स्कलों एवं आंगनबाड़ीयों में शुद्ध पेयजल, शौचालय, एवं सफाई के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगें ,लेकिन अभी भी यह सपना  दूर की कौड़ी लगता है  । निश्चित रूप से हमें सभी बच्चों को स्वास्थ्य, शारीरिक और मानसिक विकास देने की दिशा में अभी लम्बा सफर तय करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती ( 2014 ) के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी । जिसके तहत 2019 तक स्वच्छ भारत निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया है, सरकार ने एक बार फिर एक साल  के भीतर देश के सभी शालाओं में बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालय उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया है। इसी कड़ी में इस साल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन बाल दिवस पर  14 नवम्बर को बाल दिवस के अवसर पर “बाल स्वच्छता मिशन” की गयी  इस मिशन के दौरान बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के बारे जागरूक किया जाएगा। 
             
लेकिन मसला सिर्फ जागरूकता का नहीं हैं बच्चों को सभी स्तरों  पर   साफ- सफाई उपलब्ध कराने के रास्ते में  आ रही रुकावटों को गंभीरता से दूर करने की भी जरूरत है ।  दूसरी तरफ जिस तरह से स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सवाल उठाये जा रहे और यह नेताओं और स्लेब्रेटीज के लिए महज मीडिया इवेंट और  फोटो खीचने – खिचवाने का अभियान बनता जा रहा है उससे “बाल स्वच्छता मिशन “ को लेकर भी आशंकायें स्वभाविक हैं ।
        
बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के बारे जागरूक करने के साथ साथ यह भी जरूरी है कि  घरों ,शालाओं , आंगनबाड़ीयों  और अन्य सावर्जनिक स्थानों में स्वच्छता, इसके सुचारू प्रबंधन , शौचालय ,और साफ पानी उपलब्ध कराने को लेकर ध्यान केन्द्रित किया जाए । जिससे बच्चों को उनके शारीरिक,मानसिक विकास के लिए साफ – सुथरा माहौल  मिल सके और वे गन्दगी और इससे उपजने वाली जानलेवा बीमारियों  से सुरक्षित रह सकें।








जावेद अनीस
(चरखा फीचर्स)

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (15 नवम्बर)

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17 नवम्बर को पूरे प्रदेश में तहसील मुख्यालयों का होगा घेराव

देहरादून,15 नवम्बर(निस)। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारियों अपनी मांगों को लेकर शनिवार को संयुक्त रूप से चन्दर रोड़ पर एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत का घेराव कर उन्हे ज्ञापन सौंपा। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारिया ने मुख्यमंत्री को को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि सभी चिन्हित राज्य आन्दोलकारियों को पेन्सन के दायरे में लेते हुए उन्हे राज्य निर्माण सेनानी घोषित किया जाए। मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि आन्दोलनकारियों के आश्रितों को रोजगार से जोड़ा जाये और चिन्हिकरण की प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न कराया जाये।  उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी संयुक्त सघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता निशीथ सकलानी ने कहा है कि जब तक राज्य आन्दोलनकारियों की मांगों पर शासनादेश नहीं हो जाता तब तक इसी प्रकार मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों का घेराव चलता रहेगा। श्री सकलानी ने कहा कि सभी चिन्हित राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों को पेन्सन दिये जाने व उन्हे राज्य निर्माण सेनानी घोषित किये जाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में सभी तहसील मुख्यालय पर 17 नवम्बर को 10 बजे प्रदर्षन करते हुए ज्ञापन दिया जायेगा। यदि उत्तराखण्ड सरकार ने फिर भी उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों की मांगे नहीं मानी तो राज्यव्यापी आन्दोलन के तहत पूरे प्रदेश में बन्द एवं चक्का जाम, आमरण अनशन एवं प्रदर्शनों के कार्यक्रम कर सरकार के खिलाफ जबरदस्त आन्दोलन चलाया जायेगा।। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी संयुक्त सघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता श्री सकलानी ने कहा कि ‘याचना नहीं अब रण होगा और संग्राम महा भीषण होगा।’ उन्होने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने खनन करके पूरे प्रदेश को खोद कर अपनी तिजोरियों भर ली हैं विधायकों, मंत्रियों व पूर्व मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार जमक र खर्च कर रही है लेकिन राज्य निर्माण आन्दोलन कारियों को सम्मान जनक पेन्सन देने में मुख्यमंत्री तरह-तरह के कुतर्क दे राज्य के प्रति उनके समर्पण नकार रहे हैं। आज मुख्यमंत्री हरीश रावत को आन्दोलनकारियों की मांगों से संबन्धित ज्ञापन सौंपने वालों में नन्दावल्लभ पाण्डे, निशीथ सकलानी, विपुल नौटियाल, प्रेम सिंह, सुनील जुयाल, वीर सिंह, विनोद असवाल, गोविन्द सिंह, सतेन्द्र नौगाई, वसुधा नेगी, कोकिला रौथाण, विश्म्वरी रावत, बीना भट्ट, पुष्पा रावत, रजनी कपरूवान, आशा, कीर्ति रावत आदि शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारियों को काम पर लौटने की अपील 

harish rawat
देहरादून,15 नवम्बर(निस)। एक स्थानीय कार्यक्रम में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सचिवालय में हड़ताल पर उच्च न्यायालय के निर्देश जनभावनाओं के अनुरूप हैं। कर्मचारी भी सरकार का अंग है। कर्मचारियों की वाजिब मांगो के लिए राज्य सरकार पहले से ही तत्पर है। ऐसे मे हड़ताल का रास्ता अपनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्मचारियों से अपील है कि काम पर लौटकर न्यायालय के साथ ही जनभावनाओं का भी सम्मान करें।

रौटरी को सौंपे सरकार को तीन स्कूल, आपदा के बाद पूरी तरह से हो गये थे तहस नहस

देहरादून,15 नवम्बर(निस)। आपदा के बाद राज्य के आपदाग्रस्त इलाकों को फिर से जीवन की आम धारा जोड़ने के लिए शुरू किए प्रयासों को रोटरी क्लब ने साकार कर दिखाया है। इसी कड़ी में रोटरी इण्डिया ने डालमिया फाउंडेशन के सहयोग से आपदाग्रस्त रूद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनि विकासखण्ड मंे बाल दिवस के अवसर पर तीन स्कूलों का पुर्ननिर्माण कर सरकार को सौंप दिया है। यह जानकारी देते हुए रोटरी क्लब के इंटरनेशनल डाईरेक्टर यशपाल दास ने बताया कि रोटरी क्लब द्वारा शुरू किया पुर्ननिर्माण का काम अब हकीकत में बदलने लगा है। इसी कड़ी में सबसे पहले रोटरी ने राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनि विकासखण्ड की कुजा, चमेली और बनियाडी ग्राम पंचायतों में पूरी तरह से तहस नहस हुए प्राथमिक स्कूलों का पुर्ननिर्माण किया गया। इसके साथ ही बाल दिवस के मौके पर इन स्कूलों को सरकार को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत फरवरी 2014 में की गयी थी और आठ महीने में इन स्कूलों को निर्माण पूरा कर ये स्कूल सरकार व जनता को समर्पित कर दिए गये हैं। इस अवसर पर वहां की विधायक शैलारानी रावत की अध्यक्षता में एक समारोह का आयोजन बीते रोज किया गया। उन्होंने बताय कि इन स्कूलों को निर्माण सीबीआरआई रूड़की के द्वारा तैयार किए गये डिजायन के अनुरूप बनाया गया है। इस डिजायन को सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा विभाग ने तैयार करवाया था और फिर विभाग की ओर से ही इसे हमें दिया गया। वर्तमान में जो स्कूल सरकार को सौंपे गये हैं उसमें दो कक्षाओं के साथ ही छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, बैठने के लिए कक्षाओं में फर्नीचर की व्यवस्था, स्कूल टीचरों के लिए भी बेहतरीन व्यवस्था की गयी है। अभी 6 और स्कूलों में निर्माण कार्य चल रहा है और आने वाले दिनों में 6 स्कूलों को परियोजना में शामिल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तरकाशी व रूद्रप्रयाग जिलों में कुल 175 स्कूलों के पुर्ननिर्माण का बीड़ा रोटरी ने उठाया है। जिसमें से 120 स्कूलों का आंशिक और 55 स्कूलों का पूरा निर्माण होना है। सभी स्कूल दुर्गम स्थानों पर हैं। कई स्कूल ऐसे स्थानों पर है जहां सड़क तो क्या बिजली और पानी भी नहीं है। इन स्कूलों को सौर उर्जा के माध्यम से रोशन किया जा रहा है। जो स्कूल निर्मित कर सरकार को सौंपे गये है ंउनमें भी बिजली की समस्या थी। वहां जनरेटर से काम किया गया और कठिन परिस्थितियों में रोटरी क्लब ने इन स्कूलों का निर्माण कराया। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसमें अपनी भूमिका निभाते हुए जमीन रोटरी क्लब को मुहैया कराई जबकि इसके निर्माण का पूरा खर्चा रोटरी क्लब कर रहा है। श्री दास ने बताया कि इस काम को करने से पहले रोटरी ने सरकार के साथ एक एमओयू साईन किया था। इसके बाद 70 से अधिक स्थानों का सर्वे कर तीन स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू कराया। साथ ही इस निर्माण से पहले कई पहलुओं पर जंाच की गयी। श्री दास ने बताय कि शीघ्र ही रोटरी कुछ और स्कूल सरकार को सौंप कर पुर्ननिर्माण में अपनी भूमिका को और मजबूत करेगी। इस अवसर पर कर्नल एक पटनायक समेत अन्य लोग मौजूद थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (15 नवम्बर)

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षहर को साफ सुथरा एवं गंदगी से मुक्त बनाने के लिये एक सिस्टम अपनाना होगा- दिलीपसिंह भूरिया 
  • संासद ने नगरपालिका के वार्डो में 2 करोड 2 लाख के विकास कार्यो का किया षिलान्यास

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झाबुआ --- नगरपालिका द्वारा 2 करोड 2 लाख के नगर विकास के कार्य शुरू किये गये है यह निष्चित ही नगर के लिये गौरव की बात है। कुछ माह पहले ही देष में चुनाव हुए और जनता ने भाजपा को आषीर्वाद दिया नरेन्द्र मोदेी प्रधानमंत्री बने और देष ने विकास की तरफ तेजी से अपनी करवट बदली है ।प्रधानमंत्री के रूप  ने नरेन्द्र मोदी ने जापान, अमेरिका की यात्रा करके देष का सम्मान बढाया तथा वहां जिस प्रकार की साफ सफाई एवं स्वच्छता है उसी तरह  की स्वच्छता हमारे देष में मे लागू करके तथा हिन्दुस्तान को गंदगी से मुक्त करने का संकल्प साकार करना शुरू किया है हमे भी अपने  देष, प्रदेष,जिले,षहर और गांव को साफ सुथरा बना कर महात्मागांधी के सपनों को साकार करना है । इसके लिये हमे अपने षहर को साफ सुथरा एवं गंदगी से मुक्त बनाने के लिये एक सिस्टम अपनाना होगा । बीमारियों के फैलने की एक वजह गंदगी भी होती है मच्छरों का प्रकोप बढता है लोग बुखार आदि से पीडित होते है । इसलिये जरूरी है कि अपने षहर अपने गांव के अस्पतालो, स्कूलों, छात्रावासों  को हम साफ सुथरा बना देवें ।घर की साफ सफाई करके कचरे को प्रतिदिन एक कण्टेनर मे डाल की आदत बनाई जावे ।जहां से नगरपालिका सभी दूर का कचरा एकत्रित करके इसे निष्चित स्थान पर डलवाये ताकि वह बिखरे नही । झाबुआ नगर की स्वच्छता के लिये नगरपालिका एवं नागरिकों को मिल कर काम करके स्वच्छ बना कर इसे आदर्ष षहर बनाने में हर व्यक्ति को योगदान देना पडेगा । नगरपालिका को नगर की स्वच्छता के लिये एक सिस्टम बनाना होगा । और नगर का हर आदमी इसका अनुकरण करें । नगर के हर पार्षद को अपने वार्ड,गली मोहल्ले की स्वच्छता एवं साफ सफाई की जिम्मेदारी लेकर प्रतिस्पर्धात्मक भावना से षहर को सुंदर बनाने में अपनी भूमिका निभाना पडेगी ।उन्हे अपने वार्ड को एवं नगर को इस तरह स्वच्छ एवं सुदर बनाना है ताकि दूसरे लोग भी यहां आकर उसका अनुकरण कर सकें । घर घर मे शौचालय निर्माण होना चाहिये ताकि सामूदायिक स्वच्छता एवं साफ सफाई बनी रह सकें ।नगरपालिका को नगर के विकास के लिये पानी की, गटरों  सडकों आदि की जनकल्याणकारी योजनायें बना कर नगर के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाना होगी । इस ष्षहर को आदर्ष षहर बनानेे के लिये पैसों की कमी आडे नही आने  दी जावेगी । सांसद एवं विधायक निधि का भी इसमें उपयोग किया जासकता है । नगरीय निकाय को षहर के  विकास के साथ ही नगर की स्वच्छता एवं संुदरता के लिये भी काम करना जरूरी है। उक्त उदबोधन सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने शनिवार को नगरपालिका झाबुआ द्वारा नगर के सभी वार्डो में 2 करोड 2 लाख के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यो के भूमि पूजन एवं षिलान्यास समारोह के अवसर पर  मुख्य अतिथि के रूप  में व्यक्त किये । नगरपालिका परिषद झाबुआ द्वारा आयोजित दीपावली मिलन एवं विभिन्न कार्यो के षिलान्यास के इस आयोजन मे मुख्य अतिथि दिलीपसिंह भूरिया विषेष अतिथि विधायक शांतिलाल बिलवाल, कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एम आर निंगवाल के अलावा नपा के सभी पार्षदगण, गणमान्य नागरिक, भाजपा के पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ताओं के अलावा मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे । अपने  अध्यक्षीय  उदबोान में शैलेष दुबे जिला भाजपाध्यक्ष ने कहा कि पूरे देष मे ंपार्षद से लेकर प्रधानमंत्री तक को देष की जनता ने आषीर्वाद दिया है । ऐसा मेंडेंट निष्चित ही चैकाने वाला है ।समाज के प्रति हमे गंभीर होकर  काम करना होगा ।जनता ह मे हमेषा समर्थन देने का तत्पर है । हमारे सांसद ने चयनीत लोगों का कोर ग्रुप बनाया है जिसकी प्रतिमाह बैठक होती है और किये गये कार्यो  एवं आगामी कार्यो की योजना एवं समीक्षा की जाती है । सांसंद दिलीपसिंह भूरिया का हमें  सतत मार्गदर्षन एवं निर्देष मिलने से हम जनसेवा में सतत काम करते रहते है । युवाओं को उनका मार्गदर्षन आगे बढने की प्रेरणा देता है ।नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया भी नगर विकास के लिये सतत लगे रहते है । 40 करोड की नल जल योजना स्वीकृत करवाई गई है उसकी प्रक्रिया सतत चल रही है । आदर्ष रोड के लिये भी कार्य प्रगति पर होकर आगामी 100 दिनों में झाबुआ नगर की सूरत बदल जायेगी ।षहर के नागरिकों द्वारा प्राप्त सुझावों का भी स्वागत होगा तथा जो कार्य अच्छे हुए उसकी प्रसंषा होना चाहिये तथा खराब काम यदि हो रहे तो उसकी जानकारी भी देना चाहिये ताकि नगर विकास की योजनाओं को सही  तरिके से चलाया जासकें ।राजनीति से उपर उठ कर धनसिंह बारिया ने नगर के सभी वार्डो में विकास कार्य एवं निर्माण कार्य चालू किये है ।ह मारे पार्षदगण भी काफी एक्टीव है वे खडे रह कर ठेकेदार से काम करवाते है । नगर के तालाब की सफाई में भी कई लोगों ने लीक से हट करअनुकरणीय कार्य कर तालाब की गंदगी हटाने में अपनी भूमिका निभाई है । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी अपने उदबोधन में नपा को नगर विकास के कार्य शुरू करने के लिये धन्यवाद देते हुएअध्यक्ष एवं समुची नगरपालिका के कर्मियों पार्षदों के कार्य की सराहना करते हुए पूरी मदद का भरोसा दिलाया । स्वागत भाषण देते हुए नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने कहा कि पिछले दो साल के कार्यकाल में 22 करोड 85 लाख 561 रूपये के निर्माण एवं विकास कार्य झाबुआ षहर में करवाये गये है तथा आज 2 करोड 2 लाख के नगर के वार्डो में  18 कार्य का भूमि पूजन एवं षिलान्यास सांसद दिलीपसिंह भूरिया के कर कमलों से हो रहा है ।जिसमें वार्ड 13 में भीलसेवा आश्रम के पास  12.57 लाख की लागत का सीसी रोड निर्माण, वार्ड 8 में 17.87 लाख कका नेहरूमार्ग का सीसी रोड, वार्ड 10 में 17.81 लाख की लागत का एरीगेषन कालोनी में सीसी रोड निर्माण, वार्ड 17 में16.26 लाख की जिला जैल के पीछे सामुदायिक भवन के पास मेनरोड तक सीसी रोड निर्माण, वार्ड 7 में 18.64 लाख की स्लाटर हाउस दुकानो का निर्माण, इसी वार्ड में नपा के पास12.64 लाख की बाउंडरी वाल का निर्माण, गोपेाल कालोनी में वरदान हास्पीटल से श्रमकार्यालय तक 4.57 लाख की लागत से सांसद निधि से डामरीकरण कार्य, इसी वार्ड में 5.93 लाख की लागत के सीसी रोड का निर्माण, नपा कार्यालय के प्रथम तल निर्माण के लिये 25.07 लाख का निर्माण कार्य, वार्ड 12 गोपाल कालोनेी में पानी टंकी के पास मेनरोड पर  2.90 लाख की लागत के सीसी रोड का निर्माण, इसी वार्ड में संजय सातक के घर से नाले तक 5.40 लाख की लागत की नाली निर्माण कार्य, वार्ड 7 में हनीफ वकील की दुकान से पुलिया तक 2.94 लाख की लागत का सीसी रोड निर्माण, इसी वार्ड में इसी के साथ ही 2.21 लाख की लागत की नालियों का निर्माण, वार्ड 10 बसंत कालोनी में8.37 लाख की लागत से नालियों का निर्माण, डायमंड कालोनी में 6.72 लाख की लागत से नाली निर्माण, वार्ड 2 में कृष्ण बिहारी मंदिर के पास 2.38 लाख से बाउंडरी वाल निर्माण तथा वार्ड 16 में सैयद आटो गैरेज से पटवारी के घर तक  8 लाख 97 हजार की लागत से सीसी रोड निर्माण का कार्य होगा । कार्यक्रम के अन्त में आभार प्रदर्षन नपा सीएमओ एमआर निंगवाल ने करते हुए सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

वरदान नर्सिंग होम में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन

झाबुआ--- गोपाल काॅलोनी स्थित वरदान नर्सिंग होम परिसर  में को दोपहर 3 बजे से 4ः30 बजे तक गुजरात केे विषेशज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीजो का निःशुल्क चिकित्सा परिक्षण किया गया इस शिविर में कमर रीड़ एवे जोड़ों को दर्द सबंधीत समस्या तथा मस्तिष्क संबधीत समस्याओ से ग्रस्त मरिजो ने अपना निःशुल्क परिक्षण कराया तथा इस शिविर में गुजरात से आए विशेषज्ञ डाॅ. मोनिष मल्होत्रा(न्यूरो सर्जन), डाॅ. सुरेष नायक (न्यूरो सर्जन), डाॅ. विरल मेहता (न्यूरो सर्जन), डाॅ. हेमंत माथुर (ओर्थोपेडिक सर्जन) एवं डाॅ. राकेष षाह (न्यूरो फिजीषियन) ने अपनी सेवाएंे दि शिविर के संयोजक डाॅ.विक्रांत भूरिया एवं डाॅ. शीना भूरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शिविर में विभिन्न बीमारीयों से ग्रसीत 120 मरीजो ने अपना परिक्षण कराकर उपचार कराया। उन्होने कहा कि ऐसे शिविर भविष्य में भी आयोजीत किए जाएंगे तथा अन्य रोगों से सम्बंधीत विशेषज्ञ चिकित्सको कि भी सेवा लि जावेगी इस हेतु कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस शिविर को सफल बनाने में जय मुनिया , आलोक भट्ट, नवल पण्दा, बबलू कटारा, रिंकू रूनवाल तथा वरदान नर्सिंग होम स्टाफ  का सराहनीय सहयोग रहा।   

एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड से नहीं होगा शिक्षा का सुधार

झाबुआ --- एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड से नहीं होगा शिक्षा का सुधार नही होगा इस हेतु शिक्षकों पर दबाव बनाना बिल्कुल गलत है मेरी स्वयं की राय है इस तरह की कार्यवाही बिल्कुल गलत है।यदि फोन एवं डेªस कोड से शिक्षा का सुधार होता है तो पुरे प्रदेश में सरकार लागु क्यो नहीं कर रही है केवल इन्दौर संभाग एवं झाबुआ जिले में ही क्यो, शिक्षा के सुधार हेतु शिक्षकों को पूरी सुरक्षा तथा राजनीति दबाव न डालने एवं समान कार्य समान वेतन देने से सुधार होगा। मैं  एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड के विरोध करती हूं। उक्त बात जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है सुश्री भूरिया ने कहा किजिले कुछ शिक्षक स्वयं ने समक्ष में आकर इस बात का विरोध किया है  सुश्री भूरिया ने कहा कि प्रदेश में संविदा अध्यापक/अतिथि शिक्षक को नाम मात्र का वेतन दिया जा रहा है उसमें परिवार का पालन करने में कठिनाईयां आ रही है संविदा शिक्षक अपना घरबार छोड अन्य स्थान पर नाममात्र के मानदेय पर अपनी सेवा दे रहा है, इतने मानदेय में एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड का पालन करना उसके लिए संभव नही होगा। यदि प्रशासन एवंशासन चाहता है तो उन्हे इस हेतु अलग से राशि उपलब्ध करावे। जहां तक डेस कोड का सवाल है वह केवल झाबुआ जिले में ही लागु किया गया है डेस कोड हेतु शासन पुलिस कर्मचारीयों की भांति वर्दी भत्ता दे। जिले में अनेक स्थानों मोबाईल आदी के टावर नेटवर्क भी उपलब्ध नहीं है अनेक पुराने शिक्षकों को ऐसे मोबाईल फोन का उपयोग करना नहीं आवेगा। ऐसे में अध्यापकों को परेशानी झेलना पडेगी। यदि एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड का पालन करना हो तो पहले नियमित शिक्षकों हेतु आवश्यक करनी चाहिए, केवल शिक्षकों को ही क्यों इसका पालन कराया जा रहा है अन्य कर्मचारी /अधिकारीयों को इसका पालन क्यो नहीं कराया जा रहा है। जब शिक्षक वर्ग इस हेतु तैयार नहीं है तो शासन प्रशासन को इस तरह का जबरन एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड लागू नहीं करना चाहिए यदि ऐसा है तो या तो पूरे प्रदेश में लागु होना चाहिए साथ ही मुझे आंक्षका है कही इन्दौर संभाग में भाजपा नेताओं ने प्रशासन के साथ मिलकर एंड्रायड फोन एवं डेªस कोड में अपना कमीशन तो नहीं ले रहे है इसकी भी इसकी भी आशंका है। जांच होना चाहिए। कलावती भूरिया ने कहा कि आप मे से ही कुछ शिक्षक जो कि कभी अपनी संस्थाओं में पढाई आदि का कार्य करने में रूची नहीं लेते है वे केवल अधिकारीयों एवं भाजपा नेताओं की चापलुसी करते है तथा वे भी अधिकारीयों को भी भ्रमित कर रहे है सुश्री  भूरिया ने ऐसे कर्मचारीयों को पहचान कर उन्हे सबक सिखाना का कहा। सुश्री भूरिया ने कहा कि वे शिक्षकों के इस विरोध में उनके साथ है तथा कलेक्टर एवं संभागायुक्त से मांग करते हुए कहा कि ऐसे तुगल्लकी आदेश तत्काल निरस्त करें अथवा कर्मचारीयों को इस हेतु विशेष भत्ता दिया जावे। इन्दौर संभाग के भाजपा के विधायक एवं सांसदों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए तथा मुख्यमंत्री से इस सबंध में चर्चा करना चाहिए तथा शिक्षकों की समस्या का निराकरण करना चाहिए।

जुआ खेलते हुए रंगे हाथों 6 आरोपी गिरफ्तार 

झाबूआ---पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि थाना थांदला पुलिस ने आरोपी नीरज पिता कृष्णचन्द्र सोनी, उम्र 46 वर्ष, शैलेन्द्र पिता लक्ष्मी नारायण नाई, उम्र 26 वर्ष, सुद्दाम पिता जैनूद्दीन मूसलमान, उम्र 21 वर्ष, अजय पिता अम्ब्रोच मेड़ा, उम्र 22 वर्ष, दीपक उर्फ टोबू पिता राजेश भाबर, अजीत पिता जोसफ, निवासीगण थांदला को अंबेडकर काॅलोनी में जुआ खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी ताश पत्तों से हार-जीत का जुआ खेल रहे थे। आरोपियों के कब्जे से 06 मोबाईल, 04 ताश की पत्ती, नगदी 24,570/-रूपये जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना थांदला में सभी 06 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर थाना थांदला में अपराध क्रमांक 531/14, धारा 3/4 जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

डाकन बता कर कि मारपीट
झाबूआ--- फरियादिया कुमारी मुन्ना पिता भावचन्द्र मुणिया, उम्र 20 वर्ष निवासी छोटी जुलवानिया ने बताया कि आरोपी कालिया पिता भूरचन्द्र मुणिया एवं अन्य-02 निवासीगण छोटा जुलवानिया के माॅं को डाकन होने की बात को लेकर घर के आंगन में आकर अश्लील गालियां देकर मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्र्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्र0 530/14, धारा 451,294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

शासकीय कार्य में बाधा पहुॅंचाने का अपराध कायम
झाबूआ--फरियादी बसू पिता जोखला परमार, उम्र 59 वर्ष निवासी झाबुआ ने बताया कि वह अपनी बीट में पौधे लगाने हेतु प्रचार-प्रसार करने गये थे। आरोपी चैकीदार नरसिंह पिता खुमसिंह ताहेड़ की औरत ने उसके आदमी को चैकीदार के पद से क्यों हटा दिया, कहकर लोहे की राड से मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 809/14, धारा 353,332 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फसल को लगाई आग हजारो का नूकसान
झाबूआ---फरियादिया सीताबाई पति भावचन्द्र डामोर, उम्र 45 वर्ष निवासी आमली ने बताया कि आरोपी भावचन्द्र पिता पूंजा एवं अन्य 01, निवासीगण जाकोट तलाई के द्वारा सके भाई की मक्का व मुूगफली की फसल में आग लगा दी, जिससे 12,000/-रूपये की मक्का व 3,000/-रूपये की मुूगफली जल गई। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रमांक 238/14, धारा 435,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

घायल कि इ्रलाज के दोरान मौत
झाबूआ--प्रदीप पिता मेसू भूरिया, उम्र 23 वर्ष, वार्ड बाई तैनात जिला चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि नानिया पिता रस्सु कटारा, उम्र 32 वर्ष निवासी हेड़ावा का एक्सीडेंट हो गया था। ईलाज के दौरान जिला चिकित्सालय झाबुआ में उसकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में मर्ग क्रमांक 43/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हिमाचल की विस्तृत खबर (15 नवम्बर)

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भाजपा नेताओं के ठियोग- हाटकोटी-रोहड़ू सडक़ की हालत सुधारने को लेकर किए जा रहे आंदोलन को एक राजनैतिक स्टंट करार दिया

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)। राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डा. सुभाष मंगलेट ने भाजपा नेताओं के ठियोग- हाटकोटी-रोहड़ू सडक़ की हालत सुधारने को लेकर किए जा रहे आंदोलन को एक राजनैतिक स्टंट करार दिया है।  उन्होंने कहा कि भाजपा इस मार्ग के निर्माण को लेकर लोगों को झूठ बोलकर गुमराह करने का प्रयास कर रही है। वास्तव में पूर्व धूमल सरकार ने अपने कार्यकाल में इस मार्ग की घोर उपेक्षा की और इसके निर्माण व सुधार की ओर कोई सार्थक व ठोस कदम नहीं उठाये।  डा. मंगलेट ने भाजपा पर क्षेत्रवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा ही हिमाचल को ऊपर-नीचे के क्षेत्रों में बांटा और विकास के मामलों में भेदभाव किया। उन्होंने कहा कि यही वजह रही कि रोहड़ू-हाटकोटी मार्ग जोकि वर्षा 2007 में तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने इसके सुधार के लिए करोड़ों का बजट उपलब्ध करवाया था जिससे इस क्षेत्र के लोगों एवं बागवानों को लाभ मिल सके, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा ने इस क्षेत्र के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया और हाटकोटी-रोहड़ू मार्ग की अनदेखी की गई। अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कभी भी इस क्षेत्र की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, इसलिए इन्हें इस मार्ग की उपेक्षा की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के सत्ता में आते ही प्रदेश में सभी क्षेत्रों के समान विकास को प्राथमिकता देते हुए हाटकोटी-रोहड़ू मार्ग के निर्माण को भी तरजीह दी गई और इस कार्य को आरम्भ करने के लिए पुन: निविदाएं आमंत्रित की हैं, और कार्य प्रगति पर है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि शिमला के ऊपरी क्षेत्र का यह मार्ग लोगों के लिए बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण है, जिसका निर्माण कार्य  करवाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता आज इस मार्ग को लेकर जो मगरमछी आंसू वहा रहे हैं, अगर सत्ता में रहते कुछ सार्थक प्रयास किया होता तो भाजपा की प्रदेष में यह हालत न होती। विकास के मामले में धूमल सरकार का दोहरा चेहरा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है, क्योंकि प्रदेशवासी उनकी कथनी और करनी को अच्छी तरह पहचानते है।

राज्यपाल ने किया टी-20 टूर्नामेंट का शुभारम्भ 

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)। राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह ने आज राज्यपाल-गप्, मुख्यमंत्री-गप्, बोर्ड चेयरमेन-गप् तथा प्रेस-गप् के बीच बिशप कॉटन स्कूल, शिमला में खेले जाने वाले टी-20 क्रिकेट टूर्नामेन्ट का शुभारम्भ किया। टूर्नामेन्ट का आयोजन हिमाचल प्रदेश खेल, संस्कृति एवं पर्यावरण एसोसियेशन ने किया है। श्रीमती उर्मिला सिंह ने एसोसियेशन को प्रतियोगिता के आयोजन के लिये बधाई दी तथा आशा जताई कि इस तरह के मुकाबले न केवल खिलाडिय़ों और दर्शकों का मनोरंजन करते हैं, बल्कि शांति और एकता का संदेश देने में कारगर सिद्ध होते हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता के माध्यम से एड्स जैसे रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयासों की भी सराहना की तथा कहा कि यह प्रयास स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देंगे। राज्यपाल ने मैच का टॅास करवाया। उद्योग मंत्री एवं मुख्यमंत्री- गप्  के कप्तान श्री मुकेश अग्निहोत्री ने टॉस जीता।  हि.प्र. युवा कांग्रेस तथा हि.प्र. खेल, संस्कृति एवं पर्यावरण एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री विक्रमादित्य सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल को स्मृति चिन्ह, शॉल और क्रिकेट किट भेंट की। उन्होंने टूर्नामेन्ट का ब्यौरा देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता शांति और एकता के साथ-साथ एड्स के प्रति जागरूकता का संदेश देने के लिए आयोजित की गई है। राज्यपाल- गप् का नेतृत्व नॉन प्लेईंग कैप्टन श्रीमती उर्मिला सिंह तथा प्लेईंग कैप्टन प्रधान सचिव, राजस्व श्री तरूण श्रीधर ने किया। मुख्यमंत्री- गप् के कैप्टन उद्योग मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। बोर्ड चेयरमैन- गप् और प्रेस- गप् टीमों का नेतृत्व क्रमश: हि.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुभाष मंगलेट और वरिष्ठ पत्रकार श्री विजय पुरी ने किया। कैबिनेट मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव, विधायक, विभिन्न बोर्डों के अध्यक्ष, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा पत्रकार अपनी-अपनी टीमों के लिए मैच खेल रहे हैं। मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा, राज्य सरकार के अधिकारी तथा पत्रकार इस अवसर पर उपस्थित थे।

नए संगठनात्मक जिलों का प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेज दिया, कांगड़ा को 4 तो मंडी को 3 भागों में बांटने का प्रस्ताव

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नए संगठनात्मक जिलों का प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेज दिया है। इसके तहत कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा को 4 और मंडी को 3 भागों में बांटने की वकालत की है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से चर्चा करने के बाद ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेजा है, ऐसे में वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे प्रभावी किया जाएगा। हालांकि कुछ पार्टी नेता ठाकुर सुखविंदर सिंह के उक्त प्रस्ताव का अंदरखाते विरोध भी कर चुके हैं लेकिन कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि यदि हाईकमान इस पर अपनी सहमति जताता है तो फिर उन्हें भी इस पर कोई एतराज नहीं होगा, ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में कांग्रेस हाईकमान इस बारे क्या निर्णय लेती है। गौर हो कि उक्त प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व राजस्व एवं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर सहित अन्यों पार्टी नेताओं से भी चर्चा कर चुके हैं। प्रदेश में सबसे बड़े जिला में कांगड़ा शुमार है। यहां पर विधानसभा की सबसे अधिक 15 सीटें हैं। वर्तमान में कांग्रेस का पूरे जिला का एक अध्यक्ष है, ऐसे में इतने बड़े जिला के अंतर्गत प्रभावी तरीके से पार्टी की गतिविधियां सुचारू रूप से चलाने में दिक्कतें आती हैं। इसी तरह कांगड़ा जिला के बाद मंडी जिला में सबसे अधिक 10 विधानसभा क्षेत्र हंै। यहां भी पार्टी को कांगड़ा की तरह संगठनात्मक गतिविधियों को धरातल तक पहुंचाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में पार्टी इन दोनों बड़े जिलों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती है और संगठनात्मक स्तर पर जिलों को मजबूती प्रदान करना चाहती है। इन सब पहलुओं को ध्यान में रख पार्टी उक्त कदम उठाने जा रही है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष ने संगठन को सशक्त व मजबूत करने के लिए बड़े जिलों को संगठनात्मक तौर से छोटे करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेजा गया है। बताते हैं कि पार्टी के सभी नेताओं की सहमति से ही उक्त निर्णय को अमलीजामा पहनाया जाएगा। 

शिमला की तर्ज पर संगठनात्मक विभाजन
जिला शिमला में कांग्रेस की 2 कमेटियां शहरी व ग्रामीण हैं। इन दोनों के अलग-अलग अध्यक्ष हैं। इसी तर्ज पर उक्त दोनों जिलों को भी अलग-अलग बांटने की योजना है ताकि पार्टी की गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकें।

सत्ता में भी कांगड़ा-मंडी का वर्चस्व
सत्ता में भी कांगड़ा और मंडी जिलों को सबसे अधिक स्थान मिला है। वर्तमान सरकार में कांगड़ा और मंडी जिला से 3-3 कैबिनेट मंत्री हैं। इनमें कांगड़ा से जीएस बाली, सुजान सिंह पठानिया व सुधीर शर्मा शामिल हैं। इसी तरह मंडी जिला से कौल सिंह ठाकुर, अनिल शर्मा और प्रकाश चौधरी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इसके साथ ही कांगड़ा और मंडी जिला में मुख्य संसदीय सचिव अलग से बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने किया नि:शुल्क 102 एम्बुलेंस सेवा का शुभारम्भ

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शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।  मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत नि:शुल्क 102 एम्बुलेंस सेवा को हरी झण्डी दिखाकर ‘जननी एक्सप्रेस-102’ का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों में एक नया अध्याय जुड़ गया है।डोडरा-क्वार और अन्य दूरदराज क्षेत्रों सहित प्रदेश में गर्भवती और धात्री महिलाओं तथा एक वर्ष की आयु तक के बीमार बच्चों को घर से अस्पताल तथा वापिस घर तक नि:शुल्क यातायात सुविधा उपलब्ध करने के लिए प्रथम चरण में 45 एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत जिला तथा क्षेत्रीय अस्पतालों सहित मुख्य प्रसव स्वास्थ्य केन्द्रों में 125 एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 42 के मुकाबले राज्य में 36 है और इसी तरह राष्ट्रीय प्रजनन दर 2.4 के मुकाबले प्रदेश में 1.7 है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा की सफलता के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है, जिसकी स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने में अह्म भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि 102 एम्बुलेंस सेवा नवजात शिशु और माता को अस्पताल से नि:शुल्क घर पहुंचाने में लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क सेवा संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करेगी और प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने में सहायक होगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हाल ही के सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश के स्वास्थ्य मानक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों से कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने केन्द्र से 261 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने में कामयाब रही है। उन्होंने आशा जताई कि केन्द्र सरकार राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाने में सहायता देगी, क्योंकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब लोगों के लिए आवश्यक 352 दवाइयों के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला में 6 करोड़ रुपये की लागत से केन्द्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। इसके अलावा, नर्सिंग कॉलेज पर 5 करोड़ रुपये, आईजीएमसी में ओपीडी ब्लॉक के निर्माण पर 56 करोड़ रुपये, कैथ लैब की कार्डियक यूनिट के सुदृढ़ीकरण पर  करोड़ रुपये तथा आईजीएमसी में ट्रॉमा सेंटर और गुर्दा इकाई प्रत्येक के लिए 3.5 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। श्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व केन्द्रीय सरकार और विशेषकर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री श्री गुलाम नवी आज़ाद का 190 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के साथ प्रदेश के लिए एक ही वित्त वर्ष में तीन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि 102 जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 6.15 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क 102 एम्बुलेंस ड्रॉप बैक सेवा से 108 एम्बुलेंस सेवा, जो इसी प्रकार की सेवा प्रदान कर रही है, का दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा तथा कमला नेहरू अस्पताल, शिमला प्रत्येक में 20 करोड़ रुपये व्यय कर 100 बिस्तरों वाले मातृ शिशु अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य अधोसंरचना की सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि प्रदेश में 71 विशेषज्ञ चिकित्सक और 457 चिकित्सकों के अलावा 700 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा पर हर महीने एक लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं और 102 एम्बुलेंस सेवा पर प्रतिमाह 41 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सेवाएं टॉल फ्री नम्बर 102 के माध्यम से उपलब्ध होंगी। इससे पूर्व, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री हंस राज शर्मा ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी, दूध उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्री चेत राम, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत चौधरी, विशेष सचिव स्वास्थ्य सेवाएं सुश्री नंदिता गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. आर.के. शर्मा, शिमला के उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

नड्डा की ताजपोशी ने बदले हिमाचल भाजपा के समीकरण 

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल में 1998 से 2003 तक व 2007 से 2012 तक पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की ओर से सताए गए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मोदी  के करीबी जगत प्रकाश नडडा को केंद्रीय सरकार में केबिनेट मंत्री बनाकर हिमाचल भाजपा में हावी परिवाद को खत्म करने का श्रीगणेश कर दिया है।ऐसा बीजेपी  के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का मानना है।हालांकि अभी कोई नतीजा निकालना बहुत जल्दी होगी। सूत्रों के मुताबिक नडडा के ताकतवर होने का सीधा मतलब हिमाचल भाजपा  में बड़ा  बदलाव माना जा रहा है। धूमल विरोधियों की माने तो हिमाचल भाजपा पर धूमल, उनके बेटों और रिश्तेदारों का कब्जा हो गया था। चाहे फिर रविंद्र सिंह रवि हो या गुलाब सिंह ठाकुर। अब तो  हमीरपुर से भाजपा के पूर्व दिग्गज जगदेव चंद के पुत्र  नरेंद्र ठाकुर  को भी रिश्तेदारी की डोर में बांध दिया गया है।कई लोग हिलोपा में चले गए । बताते है कि धूमल ने पार्टी में विरोधियों को हराने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी । चाहे वो शांता  हो या कोई और।पार्टी नेताओं की माने तो ये सब जानकारी मोदी को है।हालांकि मोदी की भी कई मामलों में धूमल को शह रही है। लेकिन लोकसभा चुनावों में पार्टी पर धूमल का ये परिवार वाद का वर्चस्व तबाह हो गया और मोदी की हवा में में हिमाचल से चारों सांसद जीत गए 1998 से2003 और  2007 से 2012 तक के भाजपा सरकार के कार्याकाल में नडडा को धूमल ने बहुत सताया था और वह रोते  हुए हिमाचल की राजनीति से बाहर हुए थे । नडडा ने  अपने संबंधों के  दम पर राष्ट्रीय राजनीति में अपना कद बढ़ाया। नडडा  के पास स्वास्थ्य विभाग था और  धूमल ने विनीत चौधरी को स्वास्थ्य सचिव लगाया था।विनीत चौधरी  के मार्फत धूमल ने नडडा को दबोच कर रखा था । इसी कार्याकाल में विनीत चौधरी में नडडा को बताया था किआईएएस अफसर क्या होता है।2007 से 2012 के कार्याकाल में नडडा को वन महकमे का मंत्री बनाया गय और अवय शुक्ला प्रधान सचिव  वन रहे। इस दौरान भी नडडा  को जमीन पर तारे दिखाए जाते रहे। बाद उन्हें  मजबूर होकर संगठन में जाना पड़ा।धूमल और उनके बेटों की राजनीतिक कैरियर में रोड़ा बने  नडडा को  प्रदेश की राजनीति से बेदखल करने के लिए कई गुल खिलाए गए।लेकिन नडडा के मंत्री बनने के बाद प्रदेश भाजपा में जिन्हें धूमल के बेहद करीबी माना जाता था वह नडडा के मंत्री बनने के बाद रात को ही पलटी मार गए और नडडा के पाले में जा पहुंचे।भाजपा के करीबी सूत्र बताते है कि बिंदल  तो पहले ही नडडा को आइने में उतार चुक थे और अब वो  सारे भाजपाइयों से कहते फिर रहे है कि  सोलन में उनके खिलाफ चल रहे  मामले अगर धूमल चाहते तो धूमल सरकार में खत्म हो गए होते । लेकिन धूमल ने अपने दांव चले और मामलों में खेल खेल दिया।वह धूमल के पाले से छिटक चुके है। इसके अलावा नूरपुर से  धूमल के बेहद करीबी नेता राकेश पठानिया भी नडडा से गले मिल आए है।ये  भ्ी पलटी मार चुके है।एक भाजपा  के नेता की माने तो एचपीसीए मामले में फंसे एचपीसीए के प्रवक्ता संजय शर्मा भी नडडा से मिल कर एचपीसीए कांड की पूरी कथा  सुना आए है।संजय शर्मा पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा  के भाई है। शिमला से भाजपा विधायक सुरेश भारदवाज भी नडडा के दरबार में जा आए है।हिलोपा के महारथी महेश्वर सिंह भी नडडा को वधाई दे आए है। उधर,नडडा के  मंत्री बनने से धूमल खेमे में मायूसी छाई हुई और सबकी नजर धूमल,रविंद्र सिंह रवि व उनके रिश्तेदारों पर लगी है कि वो  क्या  दांव खेलते है।बताते है कि शांता ने  भी अपने पते खोल दिए है।शांता का राजनीतिक केरियर आखिरी दौर में है लेकिन वो धूमल को सबक जरूर दिखाना चाहते है।ऐसे में धूमल चारों ओर से घेर दिए गए है।सबसे बड़ी मजे की बात है कि  जे पी नडडा और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बीच आपस में गाढ़ी यारी है।दोनों के रिश्ते जगजाहिर है। वीरभद्र सिंह जब कभी भाजपा की ओर से  संकट में घिरे उन्होंने नडडा का बेजा इस्तेमाल कर अपनी नैया पार  लगाई है  और नडडा को भी वीरभद्र सिंह मदद करते रहे है।अब धूमल और उनके बेटों के खिलाफ वीरभद्र सिंह  ने कई मामले अदालत में  पहुंचा दिए है ।ऐसे में इन मामलों में इन सबको सजा हो और ये पिता पुत्र दोनों चुनाव लडऩे की पात्रता खो दे इस तरह की गेम वीरभद्र सिंह व नडडा दोनों के लिए  सूट करती है।राजनीति के माहिरों की माने तों  दोनों खिलाड़ी  मंजे हुए तो हैं ही।गेम भी साफ है और वक्त व किस्मत भी साथ है। इसके अलावा सचिवालय में जो आईएएस अफसर वीरभद्र सिंह की नाक के नीचे धूमल की माला जपते रहते थे  उनकी सिटी  पिटी गुम हो गई है।

चार दिवसीय लवी मेला सम्पन्न, प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति के सरंक्षण के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि मेले और त्यौहार हिमाचल प्रदेश के लोगों के जीवन के अभिन्न अंग हैं। प्रदेश में अनेक मेले और त्यौहार आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समृद्ध परम्पराओं, रीति-रिवाजों और संस्कृति के परिचायक हैं। मुख्यमंत्री आज शिमला जिले के रामपुर में अन्तर्राष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि लवी मेला ऐतिहासिक होने के साथ तिब्बत के साथ व्यापार के लिए जाना जाता है और प्रदेश का सबसे पुराना मेला है। उन्होंने कहा कि रामपुर, तिब्बत और भारत के बीच पुराना व्यापारिक मार्ग था। लवी मेले को तिब्बत चीन तथा अन्य देशों के मध्य व्यापारिक मेले के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समृद्ध संस्कृति के सरंक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकारों के प्रयासों से रामपुर क्षेत्र में पिछले दशकों के दौरान तेजी से विकास हुआ है। सतलुज एवं अन्य नदियों पर अनेक परियोजनाएं स्थापित की गईं हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ऊर्जा उत्पादक राज्य है और सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में पैदा की जाने वाली बिजली का उपयोग राज्य में ही किया जाएगा और बिजली दूसरे राज्यों को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पैदा की जाने वाली बिजली को प्रदेश के लोगों तथा बड़े औद्योगिक घरानों को दिया जाएगा, जिससे वे प्रदेश में आएं और निवेश करें।मुख्यमंत्री ने कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री जवाहर लाल नेहरू को श्रेय देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश ने तीव्र प्रगति की है और राज्य के लोगों ने उन्हें छठी बार सेवा करने का अवसर दिया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि लोगों का कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य का समान एवं संतुलित विकास सुनिश्चित बनाया जा रहा है, क्योंकि वे लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटने में विश्वास नहीं रखते।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पीटीए अध्यापकों के कल्याण के लिए प्रयासरत है और उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में 15 कॉलेज खोले हैं और वे भी ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए हैं। ऐसा देखा गया है कि दूरदराज के क्षेत्रों में खोले गए शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों में लड़कियों की संख्या लडक़ों से अधिक है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे शिक्षा में महारत हासिल करें क्योंकि शिक्षा जीवन का बहुत बड़ा खजाना है। वीरभद्र सिंह ने रामपुर के चाती पुल का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण करने का आश्वासन दिया। उन्होंने स्नातकोत्तर सीमा कॉलेज रोहड़ू को 11000 रुपये देने की भी घोषणा कीमुख्यमंत्री ने लवी मेले के समापन की घोषणा भी की। वीरभद्र सिंह ने इसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता की और लवी मेला आयोजन समिति द्वारा निकाली गई स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने मेले के दैरान लगाई गई प्रदर्शनियों के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।मुख्य संसदीय सचिव श्री नंद लाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने रामपुर क्षेत्र के लिए करोड़ों की परियोजनाओं का लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।शिमला के उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और मेले के दौरान आयोजित गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया, पूर्व सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह, शिमला ग्रामीण जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्री के.एस. खाची, प्रधान सचिव ऊर्जा एवं हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एस.के.बी.एस. नेगी, हि.प्र.एसआईडीसी के उपाध्यक्ष श्री अतुल शर्मा, अध्यक्ष एपीएमसी कुल्लू एवं लाहौल स्पीति श्री उपेन्द्र मिश्रा, जिला परिषद अध्यक्ष श्री चन्द्रेश्वर प्रसाद, कैलाश फेडरेशन के अध्यक्ष श्री बृज लाल, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत प्रबन्ध निदेशक श्री पी.सी. नेगी, रामपुर खण्ड कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्री सतीश वर्मा, प्रधान महिला कांग्रेस श्रीमती चन्द्रप्रभा नेगी, पुलिस अधीक्षक श्री डी.डब्ल्यू नेगी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्य संसदीय सचिव ने अग्निकांड पर शोक व्यक्त किया

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।  मुख्य संसदीय सचिव कृषि श्री रोहित ठाकुर ने शिमला जिला के कोटखाई तहसील के कड़ैल गांव में अग्निकांड से श्री सत्यप्रकाश के मकान के क्षतिग्रस्त होने पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने प्रशासन को नुकसान का जायजा लेने तथा राहत मैनुअल के अनुसार शीघ्र राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

34वां भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आरम्भ

शिमला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।  भारत का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आज नई दिल्ली में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ आरम्भ हुआ। भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मेले का शुभारम्भ किया। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने समारोह की अध्यक्षता की। यह व्यापार मेला हर वर्ष नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित किया जाता है। हिमाचल प्रदेश के आवासीय आयुक्त श्री ए.पी. सिंह ने हिमाचल पेवेलियन का उद्घाटन किया, जिसमें विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा 25 विक्रय स्टॉल और प्रदेश के उद्यमियों द्वारा 20 डिस्पले विंडोज तथा 15 बिक्री काउंटर स्थापित किए गए हैं। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सक्रिय भागीदारी के लिए स्वयं सहायता समूहों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पेवेलियन में प्रदर्शित किए गए हिमाचली उत्पाद वास्तव में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अद्भुत हिमाचल का परिचय करवाते हैं। उन्होंने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय मेले में मुख्य रूप से जुड़े भारतीय व्यापार प्रोत्साहन संगठन ने इस साल ‘महिला उद्यमी’ थीम को उजागर किया है। हिमाचल पेवेलियन सही मायनों में थीम की उपयुक्तता को दर्शाता है क्योंकि मेले में भाग ले रहे अधिकांश स्वयं सहायता समूहों का प्रबंध स्वयं महिलाओं ने किया है। उद्योग विभाग के उप निदेशक श्री आर.आर.पटियाल, जो हिमाचल पेवेलियन के प्रभारी भी हैं, ने मेले की गतिविधियों विवरण देते हुए बताया कि इस अवसर पर 22 नवम्बर को हिमाचल दिवस मनाया जाएगा जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

दलाईलामा के कारण विख्यात है धर्मशाला विश्व पर्यटन मानचित्र पर- मनकोटिया
  • - 10 व 11 दिसम्बर को जुटेंगे विदेशी कलाकार
  • -दलाईलामा शांति नोबेल पुरस्कार की 25वीं बर्षगांठ पर आयोजित होगा अंतर्राष्ट्रीय हिमालयन फैस्टीवल
  • - 3 करोड़ रुपए व्यय किए जायेंगे मसरूर मंदिर पर

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धर्मशाला, 15  नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)। महामहिम दलाईलामा के प्रति आस्था के कारण धर्मशाला विश्व पर्यटन मानचित्र पर विख्यात है। कांगड़ा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि गौरवशाली समृद्ध परम्पराओं तथा दलाईलामा के प्रति असीम श्रद्धा और आस्था के कारण हर वर्ष लाखों पर्यटक व श्रद्धालु धर्मशाला का रूख करते हैं। यह उद्गार उपाध्यक्ष, पर्यटन निगम, मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने आज पर्यटन विभाग, हिमाचल सरकार, केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन और भारत-तिब्बत मैत्री संघ के संयुक्त तत्वावधान से आयोजित किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय हिमालयन फैस्टीवल की तैयारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में पर्यटन का विशेष महत्व है। पर्यटन के विकास व यहां के पर्यटन स्थलों के लिए प्रचार एवं प्रसार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामहिम दलाईलामा के शांति नोबेल पुरस्कार की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर धर्मशाला के मैक्लोडग़ंज स्थित टिप्पा में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिमालयन उत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव में भूटान, मंगोलिया, जापान, साऊथ कोरिया, रशीयन फैडरेशन के विदेशी सांस्कृतिक दलों के प्रदर्शन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं जबकि राज्य के कांगड़ा, चम्बा, लाहौल-स्पिति, कुल्लू, किन्नौर, शिमला, सिरमौर इत्यादि जिलों के लोक सांस्कृतिक दल इस उत्सव में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। मनकोटिया ने बताया कि केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन द्वारा टिप्पा के सौजन्य से तिब्बतियन संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंडियन कौंसिल फार कल्चर रिलेशनज़, नई दिल्ली को भी इस उत्सव में सांस्कृतिक दल भिजवाने के लिए सम्पर्क किया जा रहा है। जबकि सेना का बैंड भी इस उत्सव में मनमोहक स्वर लहरियां बिखेरेगा। उत्सव परिसर में टिप्पा के हस्तकरघा, हस्तशिल्प के अतिरिक्त पर्यटन विभाग, उद्यान, एचपीएमसी, आयुर्वेद के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के प्रदर्शनियों के लगभग 15 स्टॉल लगाए जायेंगे, जो पर्यटकों को हिमाचल की लोक सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू करवायेंगे। मनकोटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि दो दिवसीय इस अंतर्राष्ट्रीय हिमालयन उत्सव का शुभारंभ 10 दिसम्बर, 2014 को महामहिम दलाईलामा द्वारा किया जाएगा। मनकोटिया ने बताया कि इस उत्सव को व्यापक प्रचार देने के लिए सुन्दर रंगीन फलैक्स, फोल्डरों के अतिरिक्त समाचार-पत्रों तथा टीवी चैनलों को माध्यम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के महत्वपूर्ण पुरातन धरोहर मसरूर मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से उभारने के लिए 3 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर, 2014 को प्रात: 11 बजे टिप्पा हॉल, मैक्लोडग़ंज में आयोजित सैमीनार में विशेषज्ञ प्रो0 एनके सिंह द्वारा पुरातन धरोहर मसरूर मंदिर से संबंधित प्रेजेंटेशन प्रस्तुत जायेगा। मनकोटिया ने इस अवसर पर कहा कि मैक्लोडग़ंज तथा भागसू में शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए नए शौचालयों के निर्माण हेतु धन का प्रावधान करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस उत्सव की तैयारियों की आगामी समीक्षा बैठक 3 दिसम्बर को आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर हिमालयन उत्सव के प्रचार, यातायात व्यवस्था, दूरसंचार एवं पेयजल व्यवस्था, पार्किंग, आवास, सडक़ों की मुरम्मत, स्थानीय व विदेशी मीडिया, स्मृति चिन्ह् इत्यादि 20 से भी अधिक मदों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई। इस अवसर पर उपायुक्त, कांगड़ा सी0पॉलरासु, पुलिस अधीक्षक कपिल शर्मा, निदेशक पर्यटन विभाग मोहन चौहान, उप-निदेशक पर्यटन प्रभात चौधरी, केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन, भारत-तिब्बतियन मैत्री संघ के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त, होटल एसोसिएशन, टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त सुभाष नैहरियां, सत्यदेव, अनिल महाजन, औंकार नैहरिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जिला कांगड़ा में कार्यरत हैं 1013 सहकारी सभाएं-जगजीवन पाल

धर्मशाला, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   जिला कांगड़ा के राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सौजन्य से 39.61 करोड़ रुपए की लागत से समन्वित सहकारी विकास परियोजना का शुभारंभ किया जा रहा है। यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल ने 61वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समारोह गुग्गा सलोह में बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में कुल 1013 सहकारी सभाएं कार्यरत हैं जिसमें से 600 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं तथा 413 अन्य प्रकार की सहाकरी सभाएं कार्यरत हैं।उन्होंने बताया कि सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं वृत पालमपुर जिसमें पांच विकास खंड बैजनाथ, पंचरूखी, भेडू महादेव, भवारना व लंबागांव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस समय 300 सहकारी सभाएं पंजीकृत हैं जिसमें 192 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं तथा 108 अन्य विभिन्न प्रकार की सहकारी सभाएं पंजीकृत हैं जिसके 121700 सदस्य हैं। सहकारी सभाओं में कुल भागधन जमा 1462.07 लाख, अमानतें जमा 20177.10 लाख, कार्यशील पूंजी 27103.58 लाख, उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण 4861 लाख, खाद बीज आदि 23.84 लाख, कृषि व गैर कृषि ऋण वितरण 2369.23 लाख, कृषि व गैर कृषि ऋण की बसूली 2063.70 लाख, चाय विधायक एवं बिक्री 304900 किलोग्राम 436.96 लाख रुपए हैं। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की नाट्य इकाई द्वारा सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।  

कमलाह स्कूल में कर्नल पटियाल ने बांटे ईनाम, मनीशा ठाकुर को घोशित किया गया बैस्ट स्टूडेंट ऑफ द ईयर 

हमीरपुर,  15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   राजकीय माध्यमिक पाठशाला कमलाह के वार्शिक समारोह एवं बाल दिवस समारोह में प्रदेश कांग्रेस एक्स सर्विसमैन सैल के अध्यक्ष कर्नल धर्मेंद्र पटियाल ने मुख्य अतिथि के रूप में षिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों व अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के चरित्र निर्माण व उनकी ऑलराउंड डैवलेपमैंट पर जोर दें, ताकि ये बच्चे अच्छे नागरिक बनें तथा जीवन की हर चुनौती का बखूबी सामना करने में सक्षम हो सकें। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता का संदेश देते हुए कर्नल पटियाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत व दृढ़ निश्चय से जीवन में हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इससे पहले मुख्याध्यापक राकेश शर्मा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी तथा विभिन्न गतिविधियों व उपलब्धियों की जानकारी दी।   इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने मिडल और प्राइमरी विंग के मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। पुरस्कार पाने वालों में आठवीं में प्रथम रही किरण व द्वितीय स्थान हासिल करने वाली दीक्षा शामिल रहीं। अन्य मेधावी विद्यार्थियों में सातवीं कक्षा में क्रमश: प्रथम व द्वितीय रहे पल्लवी व सुशील, छठी में मनीषा व परमजीत, पांचवीं में अभिनव व कर्ण, चौथी में पायल व ऋषभ, तीसरी में पल्लवी व पायल, दूसरी में आशीष व आकाश और पहली कक्षा में अनमोल व स्वाति को भी पुरस्कार दिए गए। मिडल विंग में मनीषा ने बेस्ट स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब प्राप्त किया, जबकि परमजीत को हॉनेस्टी अवार्ड दिया गया। नेहरू सदन को सर्वश्रेष्ठ सदन घोषित किया गया। प्राइमरी विंग में शत-प्रतिशत उपस्थिति का पुरस्कार अमनदीप व शिवानी को मिला।   इस समारोह में मिडल तथा प्राइमरी विंग के शिक्षक, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। 

एपीएमसी की बैठक सम्पन्न

हमीरपुर, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   कृषि उपज मण्डी समिति (एपीएमसी) की बैठक आज मण्डी समिति अध्यक्ष प्रेम कौशल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति का अगस्त से सितम्बर, 2014 तक की आय-व्यय का अनुमोदन किया गया ।  यह जानकारी सचिव मण्डी समिति  अनिल चौहान ने दी ।  बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रेम क ौशल ने कहा कि मण्डियों को सुदृढ़ किया जाएगा ताकि किसान एवं बागवानों को पूर्ण लाभ अर्जित हो सके । उन्होंने कहा कि  उप-मण्डी समिति नादौन, हमीरपुर और जाहू में जो आढ़ती नियमानुसार काम नहीं कर रहे हैं उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि सब्जी मण्डियों और चैक पोस्टों में पारदर्शिता लाने के  लिये सी.सी.टी.वी. कै मरे स्थापित किए जाएंगे। 

आवश्यक वस्तुओं के भाव यथावत रहेंगेे - रोहन चंद ठाकुर

हमीरपुर, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   जिला दण्डाधिकारी, हमीरपुर, रोहन चन्द ठाकुर (भा0प्र0से0) ने पूर्व में जारी अधिसूचना की निरन्तरता में तथा हिमाचल प्रदेश जमाखोरी, मुनाफाखोरी निरोधक ओदश 1977 की धारा 3(।) ई के तहत आदेश जारी किये हैं कि जिला में पूर्व में जारी की गई अधिसूचना की अनुसूचि में दर्ज आवश्यक वस्तुओं के परचून भाव आगामी दो माह तक यथावत लागू रखने के आदेश जारी किये हैं। 

यमंत्री वीरभद्र सिंह का 20मु का ऊना दौरा रद्द
          
ऊना,  15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।       मू- कश्मीर के) ज यमंत्री श्री वीरभद्रविधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए जाने के कारण मु सिंह का 20 नवंबर को ऊना का एक दिवसीय दौरा रद्द हो गया है। उन्होंने इस दिन पंजावर में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारिता दिवस समारोह यातिथि शिरकत करनी थी लेकिन अब यह कार्यक्रम स्थगित हो गयामें बतौर मु है। यह जानकारी एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां दी।  

मध्यस्थता विवादों के समाधान का वैकल्पिक रूप-सीजेएम
  • मध्यस्थता पर आयोजित शिविर में बोले सीजेएम रणजीत सिंह

ऊना, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   :जिला न्यायालय परिसर, ऊना में जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा मध्यस्थता पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 100 से अधिक अधिवक्ताओं व स्थानीय लोगों ने भाग लिया। शिविर की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, ऊना रणजीत सिंह ने की।
इस अवसर पर उपस्थित अधिवक्ताओं व स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए सीजेएम ने कहा कि मध्यस्थता विवादों के समाधान का एक वैकल्पिक रूप है। यह प्रभावी तौर पर दो या दो से अधिक पक्षों के बीच विवादों को हल करने का एक सुगम एवं खर्च रहित प्रणाली है। उन्होने बताया कि मध्यस्थता के तहत हल होने वाले विवादों से जहां दोनों पक्ष समझौते के द्वारा विवाद को हल करने से अपनी जीत महसूस करते हैं तो वहीं आपस के संबंधों में भी सुधार होता है। शिविर में वरिष्ठ अधिवक्ता बरिन्द्र धरमाणी, मनोहर लाल सहजपाल तथा जिला न्यायवादी नरेश घई ने मध्यस्थता बारे लोगों को विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि मध्यस्थता समझौता कानून के तहत पूरी तरह से लागू करने योगय है। उन्होने बताया इससे लोगों के समय व धन की बचत होती है तथा अनावश्यक परेशानी से भी छुटकारा मिलता है।

कुलदीप कुमार 16 नवम्बर को चौकी मनियार स्कूल के वार्षिक समारोह में करेंगें शिरकत

ऊना,  15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।  राज्य वित आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक चिंतपूर्णी कुलदीप कुमार 16 नवम्बर को प्रात: 11 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, चौकी मनियार के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगें तथा स्कूल के अतिरिक्त कमरे का शिलान्यास भी करेंगें। यह जानकारी उनके निजी सचिव ने दी।

प्रेस दिवस पर संगोष्ठी आज

ऊना, 15 नवम्बर  (विजयेन्दर शर्मा)।   सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वाधान में रविवार 16 नवंबर को प्रात: 11 बजे बचत भवन में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसकी अध्यक्षता मीडिया विशेषज्ञ एवं एग्रो पैकेजिंग के पूर्व उपाध्यक्ष ओंकार शर्मा करेंगे। पुलिस अधीक्षक अनुपम शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने भारतीय प्रेस परिषद द्वारा सुझााए गए  विषय वसार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता: प्रेस की भूमिका  Þ पर प्रपत्र प्रस्तुत करेंगे , जिस पर मीडिया कर्मी चर्चा करेंगे। यह जानकारी डीपीआरओ गुरमीत बेदी ने आज यहां दी। उन्होंने सभी मीडिया कर्मियों से इस संगोष्ठी में भाग लेने का आग्रह किया है।

भाजपा विधायक रामकिशन पटेल ने दिया था इस्तीफा

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भोपाल । ‘छोटे चुनाव बड़ी झंझट’ लोकसभा, विधानसभा चुनाव हो और उसमें टिकट को लेकर मारामारी की बात गले उतरती है। नगर परिषद, नगर पालिका में अध्यक्ष एवं पार्षद पद दिलाने के लिये विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विधायकी छोडऩे की धमकी ही नहीं इस्तीफा तक दे दिया। अब बात केडर वेस पार्टी यानि भाजपा की आती है। अभी तक मीडिया में यह बात सामने नहीं आई है कि फलां पदाधिकारी ने नाराज होकर या अपने चहेते को पार्षद या नगर परिषद अध्यक्ष पद का टिकट न दिला पाने से संगठन में प्राप्त पद से स्तीफा दे दिया है। सूत्र बताते है कि पार्षद पद पर अभी कई पार्टी कार्यकर्ता विद्रोही रूप अपनाये हुये है और संभावना यही बनी है कि वे अपने जोर आजमाईस अवश्य करेंगे। 

रायसेन जिले के उदयपुरा नगर परिषद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नाम नाटकीय मोड के चलते बदल दिया गया। जानकारी के अनुसार भाजपा संगठन ने उदयपुरा नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर बृजगोपाल लोया का नाम फाईनल कर दिया था तथा उन्हें नाम निर्देशन पत्र जमा करने का कह दिया था। बृजगोपाल लोया के साथ क्षेत्रीय विधायक रामकिशन पटेल भाजपा के कार्यकर्ताओं सहित नाम निर्देशन पत्र जमा कराने गये थे। जातिवाद से ग्रसित विधायक रामकिशन पटेल ने पेंतरा बदला और पूर्व नगर परिषद के अध्यक्ष को नगर परिषद अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, मंत्री रामपाल सिंह के सामने मांग रखी कि केशव सिंह जो कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष थे को टिकट दिया जाये। जातिवाद का सहारा लिया। विधायक रामकिशन पटेल यह भूल गये कि विदिशा सांसद सुषमा स्वराज जाति के आधार पर सांसद नहीं बनी, उन्हें पार्टी का समर्थन था। भाजपा के छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता उनके साथ थे इसलिये सांसद चुनी गई। 

विधायक रामकिशन पटेल ने जिद पकड़ ली और तीनों नेताओं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन और मंत्री रामपाल सिंह को धमकी देते हुये विधायक पद से त्यागपत्र मुख्यमंत्री को दे दिया। सूत्र बताते है कि बृजगोपाल लोया ने नेताओं की बात मानते हुये नाम वापिस ले लिया परन्तु संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने विधायक रामकिशन पटेल को कह दिया कि देखते है कितने दिन विधायक रहते हो। 

यह तो हुई केडर वेस भाजपा की बात, अब बात करते है कांग्रेस की। सत्ता में न होते हुये भी रंग तो वही है ‘रस्सी जल गई, बल नहीं गया’ वाली कहावत चरितार्थ होती है। टिकट को लेकर कांग्रेस में भी मारामारी चल रही है और बड़े-बड़े पदाधिकारी टिकट बटवारें को लेकर बड़े-बड़े पद से त्याग पत्र दे रहे हैं। कांग्रेस में विधायक पद से तो नहीं परन्तु संगठन में प्राप्त पद से स्तीफा दे दिया है। कांग्रेस में सबसे पहले स्तीफा देने वालों में पहला नाम है प्रदेश उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल का, उन्होंने कहा कि इटारसी के नपा अध्यक्ष टिकट सुरेश पचौरी और शोभा ओझा ने मनमाने तरीके से वितरित किए हैं। पार्टी में पक्षपातपूर्ण तरीके से टिकट दिए जा रहे हैं, जिसके बाद ऐसी पार्टी में रहने का अब कोई मतलब ही नहीं रह जाता। 

इसी तरह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि जब पार्टी पदाधिकारी सुन ही नहीं रहे, तो पद पर रहने का क्या फायदा। पार्टी एक ओर कहती अपराधियों को टिकट नहीं देगी। दूसरी ओर कई उम्मीदवारों और उनके रिश्तेदारों को मैदान में उतार दिया है। जिन पर गंभीर अपराध दर्ज हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद गुड्डू ने भी आरोप लगाते हुये कहा कि पार्टी में दागियों और सिमी के सरगना सफदर नागौरी के रिश्तेदार को टिकट दिए जा रहे हैं, जबकि योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार। इसके बाद भी प्रदेश अध्यक्ष अरूण चौहान चुप बैठे है। 

सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का रहस्य - आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि-

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lokesh muniहर व्यक्ति सुखी एवं शांतिपूर्ण जीवन की चाह रखता है, लेकिन उसके प्रयास अपनी इस इच्छा के अनुरूप नहीं होते। यह एक सत्य है कि शरीर में जितने रोम होते हैं, उनसे भी अधिक होती हैं-इच्छाएं। ये इच्छाएं सागर की उछलती-मचलती तरंगों के समान होती हैं। मन-सागर में प्रतिक्षण उठने वाली लालसाएं वर्षा में बांस की तरह बढ़ती ही चली जाती हैं।  अनियंत्रित कामनाएं आदमी को भयंकर विपदाओं की जाज्वल्यमान भट्टी में फैंक देती है, वह प्रतिक्षण बेचैन, तनावग्रस्त, बड़ी बीमारियों का उत्पादन केन्द्र बनता देखा जा सकता है। वह विपुल आकांक्षाओं की सघन झाडि़यों में इस कदर उलझ जाता है कि निकलने का मार्ग ही नहीं सूझता। वह परिवार से कट जाता है, स्नेहिल रिश्तों के रस को नीरस कर देता है, समाज-राष्ट्र की हरी-भरी बगिया को लील देता है। न सुख से जी सकता है, न मर सकता है।

आज का आदमी ऐसा ही जीवन जी रहा है, वह भ्रम में जी रहा है। जो सुख शाश्वत नहीं है, उसके पीछे मृगमरीचिका की तरह भाग रहा है। धन-दौलत, जर, जमीन, जायदाद कब रहे हैं इस संसार में शाश्वत? पर आदमी मान बैठा कि सब कुछ मेरे साथ ही जाने वाला है। उसको नहीं मालूम की पूरी दुनिया पर विजय पाने वाला सिकन्दर भी मौत के बाद अपने साथ कुछ नहीं लेकर गया, खाली हाथ ही गया था। फिर क्यों वह परिग्रह,मूच्र्छा, आसक्ति, तेरे-मेरे के चक्रव्यूह से निकल नहीं पाता और स्वार्थों के दल-दल में फंसकर कई जन्म खो देता है। चाह सुख-शांति की, राह कामना-लालसाओं की, कैसे मिले सुख-शांति? क्या धांय-धांय धधकती तृष्णा की ज्वाला में शांति की शीतल बयार मिल सकती है? धधकते अंगारों की शैय्या पर या खटमल भरे खाट पर सुख की मीठी नींद आ सकती है? क्या कभी इच्छा-सुरसा का मुख भरा जा सकता है?  सुख-शांति का एकमात्र उपाय है-इच्छा विराम या इच्छाओं का नियंत्रण। जिसने इच्छाओं पर नियंत्रण करने का थोड़ा भी प्रयत्न किया, वह सुख के नंदन वन को पा गया।

आकांक्षाएं-कामनाएं वह दीमक है, जो सुखी और शांतिपूर्ण जीवन को खोखला कर देती है। कामना-वासना के भंवरजाल में फंसा मन, लहलहाती फसल पर भोले मृग की तरह इन्द्रिय विषयों की फसल पर झपट पड़ता है। आकर्षक-लुभावने विज्ञापनों के प्रलोभनों में फंसा तथा लिविंग स्टेंडर्ड जीवन स्तर के नाम की आड में आदमी ढ़ेर सारी अनावश्यक वस्तुओं को चाहने लगता है, जिनका न कहीं ओर है न छोर। एक समय में कुछ ही चीजों में इन्सान संतोष कर लेता था पर आज?...हर वस्तु को पाने की हर इन्सान में होड-सी लगी हुई है। बेतहाशा होड की अंधी दौड़ में आदमी इस कदर भागा जा रहा है कि न कहीं पूर्ण विराम है, न अर्ध-विराम। विपुल पदार्थ, विविध वैज्ञानिक सुविधाओं के बावजूद आज का इच्छा-पुरुष अशांत, क्लांत, दिग्भ्रांत और तनावपूर्ण जीवन जी रहा है। और भोग रहा है-बेचैनी से उत्पन्न प्राणलेवा बीमारियों की पीड़ा। भगवान महावीर का जीवन-दर्शन हमारे लिये आदर्श है,क्योंकि उन्होंने अपने अनुभव से यह जाना कि सोया हुआ आदमी संसार को सिर्फ भोगता है,देखता नहीं जबकि जागा हुआ आदमी संसार को भोगता नहीं, सिर्फ देखता है। भोगने और देखने की जीवनशैली ही महावीर की सम्पूर्ण जिन्दगी का व्याख्या सूत्र है। और यही व्याख्या सूत्र जन-जन की जीवनशैली बने, तभी आदमी समस्याओं से मुक्ति पाकर सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का हार्द पा सकता है। 

समस्याएं जीवन का अभिन्न अंग है जिसका अंत कभी नहीं हो सकता। एक समस्या जाती है तो दूसरी आ जाती है। यह जीवन की प्राकृतिक चक्रीय प्रक्रिया है। वर्तमान युग में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे किसी प्रकार की समस्या न हो। आप घर के स्वामी हैं, समाज एवं संस्था के संचालक हैं या किसी भी जनसमूह के प्रबंधक हैं एवं व्यवस्थापक हैं तो आपके सामने कठिनाइयों का आना अनिवार्य है। व्यक्ति चाहे अकेला हो या पारिवारिक, समस्याएं सभी के साथ आती है तो सारी समस्याओं का समाधान है अटल धैर्य। धैर्य के बल पर ही हमें समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। हमंे इस तथ्य एवं सच्चाई को मानना होगा कि जीवन में सदैव उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते लेकिन हमें किसी भी अनुकूल प्रतिकूल परिस्थितियों में अपना धैर्य एवं संतुलन नहीं खोना चाहिए। यह भी आवश्यक है कि जीवन के प्रति हमारा नजरिया भोगवादी न होकर संयममय हो।

जीवन तंत्र, समाज तंत्र व राष्ट्रतंत्र चलाने में अर्थ व पदार्थ अवश्य सार्थक भूमिका निभाते हैं पर जब अर्थ व पदार्थ मन-मस्तिष्क पर हावी हो जाते हैं, तब सारे तंत्र फेल हो जाते हैं। अर्थ व पदार्थ जीवन निर्वाह के साधन मात्र हैं, साध्य नहीं। गलती तब होती है जब उन्हें साध्य मान लिया जाता है। साध्य मान लेने पर शुरू होती है-अर्थ की अंधी दौड़ और अनाप-शनाप पदार्थों को येनकेन प्रकारेण पाने की जोड़-तोड़, अंधी दौड़ और जोड़तोड़ में आंखों पर जादुई पट्टी बंध जाती है, तब उसे न्याय-इन्साफ, धर्म-ईमान, रिश्ते-नाते, परिवार, समाज व राष्ट्र कुछ नहीं दीखता, दीखता है-केवल अर्थ, अर्थ और अर्थ....।

 मानव हम दो में सिमटता, सिकुड़ता जा रहा है फलतः मानवीय संबंध बुरी तरह से प्रभावित हो बिखर रहे हैं, परिवार टूट रहे हैं, स्नेहिल संबंधों में दरारें पड़ रही है, हम पिया - हमारा बैल पीया का मनोभाव भारतीय संस्कृतिके मूलभूत सिद्धांत-सदाचार, सद्भाव, शांति-समता, समरसता को खत्म करने पर तुले हुए हैं। मनुष्य स्वभावतः कामना बहुल होता है। एक लालसा-कामना अनेक लालसाओं की जननी बनती है।  जबकि छह फुट जमीन, शायद यही होती है-वास्तविक आवश्यकता। यह है कामनाओं की अंधी दौड़ की अंतिम परिणति। आकांक्षाओं से मूच्र्छित चेतन को जीवित करने के लिए सही समझ का संजीवन चाहिए। सुकरात का सुवचन है-‘‘ज्यों-ज्यों व्यक्ति इच्छाओं को कम करता है, देवताओं के समकक्ष हो जाता है। सुख, शांति और स्वास्थ्य का उपहार पा लेता है।






आचार्य लोकेश आश्रम, 
नई दिल्ली-60 
सम्पर्क सूत्रः 011-25732317, 9313833222,

स्मृति इरानी को छात्रों ने घेरा

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  • कहा, जल्द हो छात्रसंघ चुनाव की बहाली 

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वाराणसी: बनारस दौरे पर आयी मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी का बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के छात्रों ने जबरदस्त विरोध किया। महात्मा गांधी काशी वि‌द्यापीठ गेट के पास धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया और वहां पहुंचते ही उनका घेराव किया। छात्रों की मांग है कि विश्व विद्यालय छात्र संघ चुनाव का तत्काल बहाली हो। स्मृति इरानी महात्मा गांधी काशी वि‌द्यापीठ में आयोजित दो‌ दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंची थी। इसकी खबर जब आइसा के छात्र-छात्राओं को लगा तो वह विश्वविद्यालय के गेट पर पहुंच गए और परिसर में समारोह स्थल पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दोरान छात्रों व पुलिस के बीच जमकर झड़प्प भी हुई, लेकिन छात्र डटे रहे। जैसे ही स्मृति इरानी गेट के पास पहुंची छात्रों ने उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें घेर लिया। हालांकि पुलिस ने उन्हें हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ दिया और स्मृति को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय मे पिछले 15 सालों से भी अधिक समय से छात्र संघ पर प्रतिबंध लगा हुआ है। आइसा समेत कई छात्र संगठन विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। 

कुपोषण-भुखमरी समाज के लिए कलंक: पाटौदिया

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  • पोषण एवं स्वास्थ्य अधिकारों की बेहतरी विरसा मुण्डा जयन्ती पर कार्यशाला आयोजित 

malnutrition-national-shameभदोही। कुपोषण व भूखमरी समाज के लिए अभिशाप है। इससे निपटने के लिए समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा। यह बातें एकमा के पूर्व अध्यक्ष रवि पटौदिया ने कही। वह रविवार को शहीद अदिवासी नायक विरसा मुण्डा की जयन्ती पर धनवन्तिरि चिकित्सालय में आयोजित कार्यशाला में मुण्डा के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। कहा, एक ओर जहां देष मे शिषु मत्यु दर 67 प्रति हजार है, वहीं कुपोशण से मृत्यु दर 55 प्रतिषत है। देश मे जहां 43 प्रतिशत बच्चे अतिकुपोषित है। पोषण व स्वास्थ्य अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए चलाये जा रहे एकीक्र्रत बाल विकास कार्यक्रम और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की मध्यान्ह भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जमीनी हकीकत शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। बच्चो, किशोरियो और महिलाओं के मौलिक अधिकारों का बडे पैमाने पर हनन हो रहा है। उपरोक्त चुनौती के मद्देनजर पोषण व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर, जवाबदेह व पारदर्शी बनाना होगा। इस मौके पर वीडियो वालेन्टियर्स के राज्य समन्वयक अंशुमान सिंह, गोवा से आए मुजाहिद भाई, सोशल विजन के संजय श्रीवास्तव, विजेन्द्र विश्वात्मा, जन सहयोग मंच की उर्मिला देवी, दुर्गा देवी, गायत्री देवी, सुशीला देवी, शिवशंकर, सुमित्रा देवी, मुन्नी बेगम, बांकेलाल गौतम आदि ने अपनी बातें कही। अंत में जनसहयोग मंच के नन्हेलाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (16 नवम्बर)

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बाल दिवस पर बाल कवि सम्मेलन का आयोजन

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नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज शहर के टी पी वर्मा काॅलेज के सभागार में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू की जयन्ती के अवसर पर महात्मा गाँधी श्रेष्ठ जन समिति के तत्वावधान में बाल कवि सम्मेलन का आयोजन रविवार 16 नवम्बर को किया गया। जिसमंे बाल नृत्य कलाकारों, बाल हास्य कलाकारों, बाल कवियों व बाल वक्ताओं ने अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया। उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन एच एस डी ए भी के छात्रों ने किया। विशेष अतिथि के तौर पर  वाल्मीकिनगर के सांसद सतीशचन्द्र दूबे, विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद, सुनिल कुमार मुख्य पार्षद नगर परिषद और भूमि सुधार उपसमाहर्ता इस्तेयाक अली अंसारी ने किया। उपर्युक्त कार्यक्रम में नौ विद्यालयों के 15 बाल प्रतिभागियों ने अपने नृत्य प्रस्तुति से उपस्थित जनों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। जिसमें जामिया रहमानियां पब्लिक स्कूल की नजमा असगर, हैदराबाद सत्याग्रह दयानन्द आंग्लो वैदिक विद्यालय के काॅमेडी और कव्वाली की सामूहिक प्रस्तुति, संत जेवियर हाई स्कूल की सृष्टि कुमारी, संजीव कुमार, वेरा जायसवाल व साथी की डांडिया, सरस्वती विद्या मंदिर की पलक व साथी, स्वाति व साथियांे की सामूहिक प्रस्तुति, लोट्स पब्लिक स्कूल की प्रियांशी, रूचिका व साथियांे की प्रस्तुति, संत मेरिज स्कूल की सृष्टि और साथियों की प्रस्तुति, उच्च माध्यमीक (इण्टर स्तरीय) विद्यालय के विश्वजीत कुमार, कीड्स कैम्पस  की बच्चियों प्रीति, यशी, आर्या केजरीवाल, आकृति, रस्मित  कौर और के पी एम एकेडमी  के शुभम  श्रीवास्तव की नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित जनों को एकसूत्र में बांधे रखा। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता में बाल वक्ताओं ने अपने मुँह से जो उद्गार व्यक्त किये उससे उपस्थित जनों को कुछ क्षण ही सही बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। कीड्स कैम्पस के नादिर खाँ व हर्ष कश्यप, संत जेवियर हाई स्कूल की तनु पाण्डेय व सुगंध दूबे, संत मेरिज हाई स्कूल की सलोनी कुमारी व विशाल कुमार, जामिया रहमानिया पब्लिक स्कूल के अब्दुल रहीम व जियाउर्रहमान, दिल्ली पब्लिक स्कूल की अपर्णा कुमारी व अपेक्षा कुमारी, एच एस डी ए वी पब्लिक स्कूल की यशप्रीत कौर व अंजलि मिश्रा, सरस्वती विद्या मंदिर के सफल कुमार सिन्हा ने अपने ओजस्वी भाषण प्रस्तुति दी। इनके अलावे संत पौल्स समेत सभी वर्णित विद्यालयो के 32 बाल कवियांे ने अपनी काव्य प्रस्तुति की। जिसमें वीर, हास्य, व्यंग और राज-काज से संबंधित कविताओं के अलावे पंडित जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तित्व व कृतित्व से जुड़े कविता पाठ किये गये। आयोजकों में अवध किशोर सिन्हा और दिलीप कुमार मुख्य रहे जबकि कार्यक्रम का संचालन मुकुन्द मुरारी राम ने किया।

रेलगाडि़यों के विलम्ब से परिचालन, रेलवे पर सरकारी कार्य में व्यवधान का मामला 

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नरकटियागंज(पच) भारतीय रेल द्वारा यात्री हितों की अनदेखी का मामला कोई नई बात नहीं है। रेलवे सिर्फ अपनी मुनाफा को ध्यान में रखकर काम कर रहा है। जबकि रेलवे को अब अपना नजरिया बदलना होगा, अन्यथा अब सरकार निजीकरण की ओर अग्रसर है। जिस प्रकार भारत दूरसंचार विभाग को बदल कर भारत संचार निगम लिमिटेड कर दिया गया। उससे अलग हट कर सरकार रेलवे को निजी क्षेत्र में सौंपने का विचार कर सकती है। जिससे यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी लेकिन उनकी जेब पर कम्पनियों की निगाहें लगी रहेंगी। इसलिए रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी अपने भविष्य में नवागत रेलकर्मियों की सुविधा को ध्यान में रखकर यात्री हितों का ख्याल करे। किन्तु यात्रियों के हित को सरकार व रेलमंत्रालय ताख पर रखकर काम कर रही है। नरकटियागंज-गोरखपुर, नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखण्ड  पर सवारी गाडि़यों के परिचालन में इतना विलम्ब हो रहा है कि इसका बयान करना भी उचित प्रतीत नहीं होता। दिनांक 15 नवम्बर 2014 को 55042 नम्बर की सवारी गाड़ी जो नरकटियागंज से खुलकर सोनपुर जाती है यह गोरखपुर से 7 बजबर 20 मिनट पर नरकटियागंज पहुंचती है। यह गाड़ी लगभग आठ बजे बेतिया के लिए प्रस्थान की। लोगों को इस बात की जानकारी उस वक्त हुई जब रेलवे के किसी कर्मी ने शाम को जाने वाली सवारी गाड़ी के बारे में अपने सहकर्मी से पूछ-ताछ किया। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ त्रिपाठी गुट के पंातीय संयुक्त सचिव दिलीप कुमार ने रेल प्रशासन की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारियों और रेलयात्री के हितों का ख्याल करे। कई कर्मचारी ऐसे है जो अपने परिवार को बेतिया जिला मुख्यालय में रख कर जिला के विभिन्न प्रखण्ड मुख्यालयो में अपनी सेवा देते हैं। ऐसे में रेलवे अपनी सवारी गाडि़यों का परिचालन करीब 12 घंटे विलम्ब से कर रही है तो दैनिक रेल यात्रियों और कर्मचारियांे की परेशानी तथा सरकारी काम में व्यवधान का मामला तो रेलवे के उपर चलाया जा सकता हैं।

बिहार सरकार पहले सांख्यिकी कार्यकर्ताओं का मामला सुलझाएः सांसद
  • गठबंधन की सरकार के बाद की विकास योजनाए गिनाए नीतीशः विधान पार्षद

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नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज टी पी वर्मा काॅलेज परिसर में बिहार विधान परिषद के सदस्य लालबाबू प्रसाद ओर वाल्मीकिनगर सांसद सतीशचन्द्र दूबे ने संयुक्त प्रेस काॅन्फ्रेन्स किया। जिसमें विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद ने नीतीश कुमार के सम्पर्क यात्रा को छलावा बताया उन्होंने कहा कि बिहार का विकास गठबंधन की सरकार में हुआ। विगत 16 माह से बिहार का विकास अवरूद्ध हैं। श्री प्रसाद ने बताया कि स्वीस बैंक में जमा किये गये रूपये आधे लोगों ने निकाल लिया है। नीतीश और जीतन राम मांझी की सरकार ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया। मोदी सरकार की आलोचना करना उनका एक सूत्री कार्य रह गया है। सभी पेंशन योजनाए व छात्रवृति की राशि लाभुकों को अप्राप्त हैं। धनहा-बौंसी, चैतरवा-रतवल सड़क की हालत खास्ता है जिसके कारण धनहा का नवनिर्मित नदी पुल बेकार साबित हो रहा है। विधान पार्षद ने बताया कि कांटी थर्मल पावर जार्ज फर्नांडिस और भागलपुर कहलगांव विद्युत परियोजना अटल बिहारी बाजपेयी की देन है। बिहार के विकास कार्य आधे अधूरे पड़े हुए है। केन्द्र प्रदत्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में बिहार सरकार को आंधी आ  रही है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्तमान मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ एक मंच पर आने से डर रहे हैं। सांसद सतीश चन्द्र दूबे ने कहा कि जनता की मूलभूत समस्याओं से सरकार काफी दूर हैं। हमने जद यु के दोनो नेता को एक साथ मंच पर नहीं देखा। आगामी विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार विपक्ष में बैठने के काबिल रहेंगे भी या नही यह कहना मुश्किल है। बिहार के विकास की तुलनात्मक समीक्षा भाजपा शासीत प्रदेशों से करके देखे तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जद यु की हालत कांग्रेस से भी बदतर होगी। हालाकि दोनों वरीय नेताओं ने नरकटियागंज के विकास और लोगों की समस्याओं के बारे में मीडिया को कुछ नहीं बताया। पाण्डेय टोला के लोग जलजमाव को लेकर नारकीय स्थिति में है। शहर के लिए अलग विद्युत फीडर का नहीं बनना और नरकटियागंज को जिला बनाने की जनता की मांग के संबंध में कुछ नहीं कहा। हाँ सांसद सतीश चन्द्र दूबे ने बिहार के आन्दोलन रत सांख्यिकी कार्यकर्ताओं की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि सरकार आखिर कब तक उदासीनता बरतेगी।

भारतीय एकता व अखण्डता का विरोधी भारतीय नहीं: गुलाम साबिर

नरकटियागंज(पच) जनता दल राष्ट्रवादी के जिला अध्यक्ष महम्मद गुलाम साबिर ने हिन्दू एकता की बात करने वाले को कथित सेक्युलर साम्प्रदायिक घोषित कर रहे है, यह एक दुःखद पहलू है। उन्होंने कहा कि हाल ही में चनपटिया में बजरंग दल का जिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ। वहाँ दल के लोगों ने गर्व से कहो हम हिन्दू है का नारा लगाया क्या गर्व से कहो हिन्दुस्तानी है कहना गलत होगा। हम सभी पहले हिन्दुस्तानी है बाद में हिन्दू या मुसलमान हैै। यह विभिन्न संस्कृति वाला देश है। हमे गर्व है कि हम हिन्दूस्तानी है, एक प्रश्न में असदुद्दीन ओवैसी के बारे में उन्होने कहा कि हम किसी भी नेता का जो भारतीय एकता व अखण्डता का विरोध करते है उनकी निन्दा करते हैं, तुच्छ स्वार्थ की खातिर भारत व भारतीयों पर सांस्कृतिक हमला करने वालों की मजम्मत करते हैं। हिन्दू व मुसलमान की एकता की बात कर देश को विखण्ति करने वालों की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। महम्मद गुलाम साबिर ने कहा है कि हम सभी एक ही मातृभूमि की सन्तान है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 नवम्बर)

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नगर मे चला सफाई अभियान रसुखदारो ने थामी झाडू

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पारा--शनिवार को दोपहर केा अचानक नगर के गली मोहल्लो मे सभी दुर घूल के गूबार उठने लगे। मामला था देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनूसार 2 अक्टूबर से चलने वाले सफाई अभियान का। देश भर मे चल रहे सफाई अभियान के तहत दोपहर यहा पहूचे एसडीएम अम्बाराम पाटीदार व नायब तहसीलदार किरण गेहलोत ने नगर के सरपंच ओकार सिह डामोर सहीत नगर के कई रसुखदारो को लेकर बस स्टेण्ड सहीत नगर कि गली मोहल्लो मे पहूचकर आम नागरीको को साथ मे लेकर सफाई अभियान चलाया।बस स्टेण्ड से राजगढ रोड नयापूरा सदर बाजार गुजरी बाजार सिसोदीया पूरा बोरी रोड सभी दूर सडको पर अधिकारी द्वय सहीत नागरीको ने झाडु लगाई व करिब तिन चार ट्राली कचरा निकाला करिब तिन से चार घण्टे चले इस सफाई अभियान के दोरान सडक के किनारे लगी गुमटीयो व व्यवसाईयो को गुमटी हटाने के लिए कहा व सफाई न करने के लिए फटकार भी लगाई। गुजरी बाजार व सिसोदीयापूरा मे नागरीको कि मटन मार्केट हटाने कि शिकायत पर एसडीएम श्री पाटीदार ने सभी को कहा  कि वे अपने अपने घरो पर मटन कि दूकानो का संचालन करे साथ ही सरपंच को आवश्यक निदेश देते हूए कहा कि किसी कार्य मे कोई भी आदमी रोडा अटकाता हे अथवा दादागीरी करता हे तो उसके विरूद्ध सरकारी कार्य मे बाधा डालने की तत्काल एफआईआर दर्ज करवाए।साथ ही नगर के कई विवादीत मामलो का मोका भी अधिकारी द्वय ने देखा व आवश्यक कारवाही कि।सफाई अभियान के दोरान जहा कई रसुखदार झाडू लगारहे थे वही कई उनकी हंसी कर रहे थे तो कूछेक झाडू लगाने वालो को हाथ बांधे निर्देश दे रहे थे तो कूछ फोटो छाप लोगो ने झाडू पकड कर अपना फोटो निकलवाकर इति श्री करली।

स्कल व्यापारी संघ का सम्मेलन समपन्न, समाजिक क्षेत्र के विशिष्ठ व्यक्तीयो का किया सम्मान

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झाबुआ --- सकल व्यापारी संघ द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह स्थानीय शगुन गार्डन में संपन्न हुआ । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद दिलीपसिंह भूरिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे थे । व्यापारी संघ के विजय नायर, मनोहर सेठिया, नुरूद्दीन बोहरा, रमेष डोसी अतिथि थे । माता सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के पष्चात चिराग संतोष नाकोडा द्वारा राष्ट्रीय गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई । व्यापारी संघ के  मनीष व्यास,प्रवीण रूनवाल,राजेष शाह,भरत बाबेल, संतोष नाकोडा, पंकज मोगरा, प्रदीप रुनवाल,कमलेष पटेल,हरीष शाह, प्रवीण सुराणा, अषोक सकलेचा, कैलाष श्रीमाल, मनोज जैन, प्रेम प्रकाष कोठारी, अमीत जैन,प्रमोदभंडारी, आदि ने अतिथियों का स्वागत किया । संगठन के सचिव निर्मल अग्रवाल ने अपने प्रतिवेदन में संगठन द्वारा आयोजित सामाजिक धार्मिक एवं व्यापारिक गतिविधियों पर प्रकाष डाला । संरक्षक प्रदीप रूनवाल द्वारा स्वच्छता पर उदबोधन दिया गया । सामाजिक क्षेत्र में विषिष्ट कार्य करने के लिये आमंत्रित संगठनों के अध्यक्ष एवं सचिव,आजाद साहित्य परिषद आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट,राजगढनाका मित्र मंडल, राजवाडा मित्र मंडल, सर्वादय कला मंडल,नवनीत कला मंडल, राम सेवा समिति,जीव दया मंडल, रामषरणम, षिवगंगा, हनुमान टेकरी सेवा समिति,एवं मनकामेष्वर मंदिर के सरंक्षक नरोत्तमसिंह पंवार का सम्मान शाल श्रीफल से मुख्य अतिथि द्वारा किया गया । व्यापारी संगठन द्वारा चलाये जारहे अभियान मुक्तिधाम निर्माण में दान दाताओं द्वारा राषि दी गई उनका भी सम्मान किया गया ।इस अवसर पर सांसद दिलीपसिंह भूरिया से सांसद निधि से 8 लाख की घोषणा की तथा विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा विधायक निधि से 5 लाख 80 हजार की राषि मुक्तिधाम प्रयोजन के लिये प्रदान की । उनका भी सम्मान किया गया । बोहरा समाज बेंड इजी स्काउट के मुर्तजा बोहरा एवं सेक्टर प्रभारी अब्बास बोहरा का श्रेष्ठ कार्य करने के लिये सम्मान किया गया । संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र यादव ने अपने उदबोधन में मुक्तिधाम निर्माण के लिये और दानदाताओं को आगे आने की अपील करते हुए कार्यो की विवेचना की । कार्यक्रम में पधारे विषिष्ठ अतिथि दिलीपसिंह भूरिया सांसद एवं विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे द्वारा सकल व्यापारी संघ के कार्यो की सराहना करते हुए भविष्य में व्यापारी संघ द्वारा धार्मिक  जनसेवा एवं समाजिक क्ष्ेात्र में किये जाने वाले कार्यो के लिये पूरा सहयोग एवं मार्गदर्षन देने के लिये  आष्वस्त किया । कार्यक्रम का संचालन पंकज मोगरा ने किया । आभार कमलेष पटेल ने व्यक्त किया ।

आज से षुरू होगा श्री सत्यसाई सप्ताह 

झाबुआ --- श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा आज 17 नवम्बर से 23 नवंबर तक भगवान श्री सत्यसाई बाबा के 89 वे जन्मोत्सव पर सत्यसाई सप्ताह का आयोजन विवेकानंद कालोनी स्थित षरद पंतोजी के निवास सत्यधाम पर  मनाया जावेगा । श्रीसत्यसाई सेवा समिति के संयोजक राजेन्द्रकुमार सोनी एवं नगीनलाल पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार 17 नवम्बर को सायंकाल साढे सात बजे से प्रति दिन सत्यधाम पर  सर्व धर्म नाम संकीर्तन के अलावा भगवान श्री सत्यसाई बाबा के जीवन पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा प्रकाष डाला जावेगा । जन्मोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 23 नवम्बर को आयोजित होगा जिसमें प्रातः औमकारम सुप्रभातम, लक्ष्यार्चन, महानारायण सेवा, बाल विकास के बच्चों के द्वारा आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा सेवेा कार्य प्रमुख रूप से किये जावेगें । समिति के शरद पंतोजी, रामसिंह सिसौदिया, ओम प्रकाष नागर, गजानन यावले, संतोष यावले ने सभी साई भक्तों से  श्री सत्यसाई सप्ताह में प्रतिदिन आयोजित नाम संकीर्तन में सहभागी होकर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की है । 23 नवम्बर को श्री सत्यसाई बाबा का जन्मोत्सव भव्य पैमाने पर आयोजित होगा तथा सत्यधाम पर आकर्षक सजावट एवं झांकी बनाई जावेगी ।

पशु क्रूरता अधिनियम मे अपराध पंजीबद्ध 
झाबूआ--पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि ट्रक क्रमांक एमपी-14-एचजी-0911 का चालक अपने वाहन में क्रूरतापूर्वक पशुओं को ठूस-ठूस कर भरकर ले जा रहा था, जिसमें 07 गाय, 02 केडी व 42 केडे थे। इन पशुओं व ट्रक को जप्त किया गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 811/14, धारा 4,6,9 एवं 3 घ म0प्र0गौवंश प्रतिशेध अधिनियम 2004 व 11 घ पशु क्रूरता अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फुसला कर किया लडकी का अपहरण
झाबूआ--फरियादि लालसिंह पिता कालुजी राठौर, उम्र 37 वर्ष, निवासी कल्याणपुरा ने बताया कि उसकी लड़की निशा, उम्र 17 वर्ष कपडे सिलने का काम करती है, जो कपडे सिलने दुकान पर गई थी, उसकी पत्नी ने दुकान पर जाकर देखा तो निशा वहां पर नहीं थी, आसपास तलाश करने पर पता नहीं चला, संदेह है कि आरोपी राहुल पिता सुरेश घोड़ावत, निवासी कल्याणपुरा उसकी लडकी को बहला-फुसलाकर कहीं भगा कर ले गया है। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 285/14, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दूपट्टे से लगाई फांसी
झाबूआ---सज्जन सिंह पिता रामसिंह, उम्र 45 वर्ष, निवासी रंभापुर ने बताया कि श्रीमती उविबाई पति घनश्याम, उम्र 23 वर्ष, निवासी पिटोल दिनांक 14/11/2014 की रात्रि लगभग 10 बजे मायके छोडकर चले गये थे, उबिबाई ने गले में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 35/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर जांच में लिया गया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर)

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लोकगायक नेगी की आडियो सीडी ‘नंदा ध्याणै बिदै’ का विमोचन किया

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देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की नई आडियो सी.डी. ‘नंदा ध्याणै बिदै’ का विमोचन रविवार को देहरादून में एक सादे सामारोह में किया गया। प्रसिद्ध पर्वतारोही पद्मश्री लवराज सिंह धर्मसत्तू, जिन्होंने 5 बार ऐवरेस्ट फतह की है, ने सीडी का लोकार्पण किया। नंदा ध्याणै बिदै’ हिमालयन फिल्मस् की नई प्रस्तुति है। जिसमें नरेन्द्र सिंह नेगी ने नंदा देवी राजजात के ऊपर सात नए जागर गीत गाए हैं। इन जागर गीतों का शोध एवं संकलन प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ0 नंद किशोर हटवाल ने किया है। लवराज सिंह धर्मसत्तू ने कहा कि नंदा देवी राजजात आध्यात्म और साहसिक पर्यटन का एक अनूठा मिश्रण है। ये अपने आप में अद्भुत यात्रा है। मैं बचपन से ही गोपाल बाबू गोस्वामी एवं नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत सुन कर बड़ा हुआ। ये मेरे लिए बड़े सैभाग्य की बात है कि मुझे नेगी जी जैसे जमीन से जुड़े महान कलाकार की कृति का विमोचन का मौका मिला। इस एलबम के ‘जाण कबिलाश’ गीत में राजजात की तैयारी का दृश्य प्रस्तुत किया गया है। जबकि ‘बैठी गैयी नंदा’ गीत में ससुराल जाते समय नंदा का डोली में बैठने का श्रृंगारिक वर्णन है। एलबम में सुतोल के द्योसिंग देवता पर दो गीत हैं। ‘रतब्याणे की’ गीत उत्तराखण्ड में गाये जाने वाले जागरों में सुबह उठने का जागर गीत है। ‘पेटण बैठीग्ये’ गीत में नंदा का मायके से ससुराल जाने का मार्मिक एवं कारूणिक वर्णन है। ‘छ्वोड़ी पयाणू’ गीत में राजजात में होमकुण्ड पहुंचने तक के सभी पड़ाओं तथा बीच के चुनिंदा स्थलों का वर्णन किया गया है। सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ0 नंद किशोर हटवाल ने कहा कि ये सभी गीत नंदा देवी के जागरों पर आधारित हैं तथा प्रयास किया गया है कि यह धरोहर नई पीढ़ी तक पहुंचे। डाॅ0 हटवाल ने कहा कि इन जागरों को संग्रहीत करने तथा लोकप्रिय माध्यमों से समाज में पुनस्र्थापित करने की आवश्यकता है। यह छोटा सा प्रयास इसी कड़ी का एक हिस्सा है। लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा  कि मैंने दो हजार में नंदादेवी राजजात यात्रा की और उसी वर्ष इस यात्रा पर मेरा एक आडियो कैसेट संगीत प्रेमियों के बीच आया। सन् 2000 के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों ने नंदादेवी राजजात के ऊपर आडियो-वीडियो निकाले। मेरे चाहने वालों का लम्बे समय से आग्रह था कि मैं नंदादेवी राजजात पर कुछ नया गाऊं। कुछ समय पहले मैं डाॅ0 नंद किशोर हटवाल द्वारा संकलित जागर गीत देख रहा था। और मुझे लगा कि इन गीतों को गाये जाने की जरूरत है। उत्तराखण्ड के संगीत प्रेमी नरेन्द्र सिंह नेगी के नए एलबम का इंतजार लम्बे समय से कर रहे थे। ‘नंदा ध्याणै बिदै’ तीन साल के लम्बे इंतजार को खत्म करती है। इससे पहले 2011 में नेगी द्वारा रचित ‘अब कथगा खैल्यो’ ने संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रियता हासिल की थी। इस ऐलबम का ‘देरादूण वाला हूं’ गीत लोगों के सर चढ़ कर बोला। ‘नंदा ध्याणै बिदै’ की शूटिंग चल रही है और इसका वीडियो एक डाक्यूमेन्ट्री फिल्म के रूप में दिसम्बर के मध्य तक बाजार में उपलब्ध होगी। यह डाक्यूमेन्ट्री फिल्म नेगी के सात नए नंदा जागर गीतों के साथ शीघ्र आपके हाथों में होगी। इस मौके पर कई संस्कृति साधक व कलाप्रेमी मौजूद थे।

विकास की भेंट चढ गयी प्रदेश में कृषि की 54 लाख हेक्टेयर जम़ीन, खेत-खलिहानों की जगह रातों रात उग रहे हैं कंक्रीट के जंगल

देहरादून, 16 नवम्बर। प्रदेश में कृषि क्षेत्र लगातार सिमटा जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य बनने के समय 2001 में प्रदेश में 7 लाख 70 हजार हैक्टेयर कृषि क्षेत्र था। जो सिमट कर 2012 में 7 लाख 14 हजार हैक्टेयर रह गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लायन के कारण कृषि क्षेत्र में जहां लगातार कमीं आ रही है तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में खेतों की जगह कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं। विकास की आंधी के कारण प्रदेश में लगातार कृषि क्षेत्र सिमटा जा रहा है। वर्ष 2001 में जहां प्रदेश में कृषि क्षेत्र 7 लाख 70 हजार हेक्टेयर था। जो 2007-08 में 7 लाख 55 हजार हेक्टेयर रह गया। 2008-09 में 7 लाख 53 हजार, 2009-10 में 7 लाख 41 हजार, 2010-11 में 7 लाख 23 हजार और 2011-12 में यह 7 लाख 14 हेक्टेयर रह गया। प्रदेश में हर साल कृषि भूमि में कमी दर्ज की जा रही है, जो कि राज्य के लिए बहुत ही चिंताजनक है। कृषि क्षेत्र सिमटने के साथ ही फसलों का बुवाई क्षेत्र में सिमट रहा है। वर्ष 2011-12 में 6 लाख 61 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई की गयी थी। जोकि 2012-13 में 5 लाख 30 हजार हेक्टेयर रह गयी। जबकि 2013-14 में यह 4लाख 97 हजार हेक्टेयर ही रह गयी है। घटे कृषि क्षेत्र का मुख्य कारण पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को माना गया है। प्रदेश में 2010-11 के आंकड़ो के अनुसार 912650 जोतों के खेती हो रही थी। जिनमें से 829468 जोतें लुघ एवं सीमान्त कृषकों की हैं जो कुल जोतों का 91 प्रतिशत होता है। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रांे में पलायन के कारण हजारों की संख्या में जोतों की किसान गायब हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 56 प्रतिशत भाग पर्वतीय क्षेत्र मे अंतगर्त आता है। पर्वतीय क्षेत्रों में भोगौलिक कारणों से भी कृषि भूमि में कमी आ रही है। बादल फटने, अतिवृष्टि और भू-स्खलन से भी कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। बादल फटने से किसानों की पूरी की पूरी जोत ही खत्म हो जाती है। बादल फटने के कारण जोत की मिट्टी बह जाती है और यह भूमि दोबारा कृषि करने लायक ही नहीं रहती है। जिसके कारण भी पर्वतीय किसान कृषि से मुंह मोड़ रहे हैं। भौगोलिक कारणों से एक बार फसल चैपट हो जाने के कारण किसान की कमर टूट जाती है फिर वह दोबारा खेती करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है और पलायन कर जाता है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिकरण और लगातार आसमान छूते ज़मीन के भाव के कारण किसानों को कृषि से मोह भंग कर रहा है।

जोहार महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री, बदलते दौर में संस्कृति को संजोये रखना बहुत जरूरी: हरीश रावत

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देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में आयोजित पांचवे जोहार महोत्सव के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा वित्त मंत्री डा. श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। सांस्कृतिक मंच पर भोटिया समाज के कलाकारों द्वारा अपने पारम्परिक लोक-गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किये। मुख्यमंत्री को आयोजकों द्वारा अभिनन्दन पत्र एवं पंचाचूली के चित्र भेंट किये गये।   अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मनोहारी आयोजन के आयोजकों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बदलते दौर में संस्कृति को संजोये रखना बहुत जरूरी है। अपनी संस्कृति को संरक्षित एवं उसे नई पीढ़ी को रूबरू कराना हमारा दायित्व है। हमारी संस्कृति चाहे जो भी हो वह हमें संस्कारवान बनाती है। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड के ग्लेशयर, दर्रे, और बुग्याल हमारे उत्तराखण्ड ही नहीं अपितु पूरे विश्व की अमानत हैं। हजारों की संख्या में ऐसे पर्यटक हैं जो इनके दीदार करना चाहते हैं, लेकिन दुर्गम स्थलों पर होनें की वजह से पर्यटकों को पहुँचने में कठिनाई होती है। इसका ध्यान रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार जहाँ प्रकृति का खजाना बिखरा है। उसका दर्शन लाभ पर्यटकों को कराने के लिए हवाई सेवा शुरू करने जा रही है, ताकि पर्यटक हवाई सेवा के जरिए इन स्थानों तक पहुँच सकें। इससे पर्यटन के साथ ही रोजगार के अवसर भी सर्जित होंगे। इन क्षेत्रों के कुटीर उद्योगों के विकास के लिए सरकार प्रयासरत है। दूर-दराज के इलाकों में बनने वाले पशमिना, थुलमा एवं ऊनी उत्पादों के विपणन के लिए भी सरकार रणनीति तैयार कर रही है। इससे इन क्षेत्रों की महिलाऐं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। मुख्यमंत्री द्वारा जोहार जनमिलन केन्द्र में आधुनिकतम पुस्तकालय व्यवस्था एवं पुस्तकें क्रय करने हेतु पांच लाख की धनराशि किये जाने की घोषणा की। जोहार की धरती में ऐसे बेटे-बेटियां दिये हैं जिन्होनें प्रसाशनिक सेवा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित कर प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड की जोहार और शौका संस्कृति विलुप्त नहीं हो रही है, बल्कि यह विकसित होकर जगह-जगह अंकुरित हो रही है। इस समाज के लोग उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों के अलावा लखनऊ, बरेली, व दिल्ली जैसे महानगरों में भी हैं। इस प्रकार इसकी संस्कृतिक का जगह-जगह विस्तार होना शुभ संकेत है। उन्होनंें कहा कि धारचूला, मुनस्यारी के दुर्गम इलाके को पर्यटन पर लाने के लिए सरकार विशेष पर्यटन सर्किट तैयार कर रही है। इस क्षेत्र के लोगोें ने तिब्बत, चीन, नेपाल जैसे देशों में व्यापार कर प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान किया है। इस क्षेत्र की जडी-बूटियां विश्व प्रसिद्ध हैं तथा यहाँ सहासिक पर्यटन के विकास के लिए विशेष संस्थान भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी कमान पांच बार एवरेस्ट पर विजय हासिल करने वाले लवरेज सिंह को सौपें जाने की तैयारी है। उन्होनंे महिलाओं से कहा कि वह दुग्ध का व्यवसाय करें तथा छोटे-छोटे समूह बनाकर दुग्ध उत्पादन करें। प्रदेश सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चार रूपये प्रति लीटर प्रोत्साहन के रूप में दिये जाने की भी घोषणा की है। इसके अलावा महिलाऐं परम्परागत कुटीर उद्योगों के क्षेत्र में भी कार्य करें। उन्होनंे कहा कि पिथौरागढ़, धारचूला, मुनस्यारी के युवाओं ने स्वरोजगार के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। यदि वे किसी लघु उद्योगों के लिए काम करते हैं तो उन्हें दो साल तक करों में छूट दी जायेगी। श्री रावत ने कहा कि मिलम तक सडक पहुँचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं इसके साथ ही टनकपुर से जौलजीवी तक भी सड़क बनाये जाने की कवायद में सरकार जुटी है। उन्होनंे पुलिस महानिरीक्षक गणेश सिंह मर्तोलिया की तारिफ करते हुए कहा कि वे ला एण्ड आर्डर के साथ ही खलियासौन के पास मुनश्यारी नगर बनाने का प्रस्ताव उनके पास लेकर आयें ताकि इसे भी मूर्त रूप दिया जा सके। श्री रावत ने कहा कि पिछले दिनों सम्पन्न हुई हिमालयी कुम्भ नन्दा राजजात यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में पिथौरागढ़ के लोगों का विशेष योगदान है, जिसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होनंें कहा कि हल्द्वानी का भोटिया पडाव सबसे पुराना है। उन्होनें जिलाधिकारी दीपक रावत को निर्देश दिये कि इस क्षेत्र में रहने वाले बासिन्दों की नजूल भूमि फ्री होल्ड कराने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायें। उन्होनंे कहा कि पर्वतीय क्षेत्र का मोटा आनाज मंडुआ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पसन्द किया जाता है। मंडुआ के विकास एवं सवर्द्धन एवं बिक्री के लिए सराकर ने उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जिलों को मंडुआ जनपद के रूप में घोषित किया है। कार्यक्रम में वित्तमंत्री डा॰ श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयाग भट्ट, महेश शर्मा, नारायण पाल, खजान पाण्डे, संध्या डालाकोटी, राजेन्द्र नेगी, राम सिंह कैडा, हेमन्त बगडवाल, इकबाल भारती, केदार पलडिया, राहुल छिमवाल, के अलावा संस्था के अध्यक्ष देवेन्द्र धर्मसत्तू, सचिव भूपेन्द्र सिंह पांगती, संरक्षक डा॰ प्रहलाद सिंह मर्तोलिया, जोहर मिलन केन्द्र के संरक्षक गजेन्द्र सिंह पांगती, जोहार महासंघ के अध्यक्ष दुर्गा सिंह रावत, शौका महिला संघ की अध्यक्षा अनीता पांगती, हरीश धर्मसत्तू, राधा चैधरी, रघुवीर चैधरी, कमल पपनै, जगत सिंह पांगती, देवेन्द्रा ज्योति रावत, ध्रुव सिंह मर्तोलिया, तथा डीआईजी गणेश सिंह मर्तौलिया, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी सैंथिल अबुदई रामकृष्ण, सिटी मजिस्ट्रेट आरडी पालीवाल, एसडीएम हरबीर सिंह, के अलावा बडी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं दर्शक मौजूद थे।

19 साल बाद भी पहचान को तरसते पुलिस विभाग के उर्दू अनुवादक, 
  • पदनाम न होने से लटका प्रमोशन, विभाग के कर रहे हैं लिपिकि का काम

देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस विभाग में तैनात उर्दू अनुवाद पद नाम न मिलने से अपनी पहचान को तरस रहे हैं। प्रदेश के जिलों में पुलिस आॅफिसों में तैनात 62 उर्दू अनुवाद पद नाम न होने के कारण आज तक न तो प्रमोशन पा सकें हैं और न ही वेतन मंे बढोत्तरी मिली है। उत्तर प्रदेश में 1994 में सभी थानों मेें उर्दू अनुवादों की भर्ती हुई थी जिससे की उर्दू में भी पीडि़त शिकायत कर सकें। उत्तराखण्ड अलग बनने के बाद से 62 उर्दू अनुवाद प्रदेश के हिस्से में आये लेकिन पद नाम न होने के कारण आज भी यह उर्दू अनुवाद के नाम से ही जाने जाते हैै। प्रदेश बनने के साथ ही इन उर्दू अनुवादकों ने अपना पद नाम सहायक लिपिक देने की मांग की लेकिन प्रदेश को बने 13 साल बीत जाने के बाद भी उर्दू अनुवादकों को पद नाम नही मिल सका है। पुलिस विभाग मेें तैनात होने के कारण ये उर्दू अनुवाद हड़ताल या प्रदर्शन भी नही कर सकते हैं। इसलिए भी इनकी मांग फाईलों में ही धूल फांक रही है। सभी जिलों के पुलिस आॅफिसों में तैनात उर्दू अनुवादों से काम भी लिपिक का ही लिया जा रहा है। लेकिन पद नाम न होने से प्रमोशन मिलने में परेशानी हो रही है। अधिकारी अगर प्रमोशन देना भी चाहे तो किस पद पर प्रमोशन दे यह भी असमजस्य की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में इन उर्दू अनुवादों को सहायक लिपिक पद नाम देकर प्रमोशन भी दिया जा चुका है लेकिन उत्तराखण्ड में इनकी कोई सुध लेने वाला नही है। इस सम्बन्ध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कैबिनेट दर्जा प्राप्त विधायक फुरकान से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में भी उत्तर प्रदेश की तरह ही उर्दू अनुवादकों पद नाम दिया जाना चाहिए। जिससे की उनका प्रमोशन हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराकर उर्दू अनुवादकों की मांग का पूरा कराने की कोशिश की जायेगी।

जम्मू कश्मीर आपदा पीडि़तों को केन्द्र ने पहुंचाई भ्रसक मददः योगी आदित्यनाथ 

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देहरादून,16 नवम्बर(निस)। हरिद्वार के पीर प्रेमनाथ धाम आश्रम स्थित शिवमूर्ति गली धार्मिक आयोजन में शिरकत करने पहुंचे गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से समक्ष वार्ता करने के दौरान बताया कि केन्द्र सरकार बेहतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी नितियों में लगातार बदलाव ला रहे हैं। जम्मू कश्मीर आपदा पीडि़तों को राहत पहुंचाने में केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किये। आपदा प्रभावित क्षेत्रों मंे वृहद स्तर पर राहत सामग्री केन्द्र सरकार की कोशिशों के चलते पहुंचाई गई। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा काले धन मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार संजीदा है। कई नामों को खोला गया है और कई नामों को अभी खोला जायेगा। लगातार केन्द्र सरकार बेहतर कार्य कर रही है। पेट्रोल डीजल के दामों मंे लगातार कमी आई है। जनता का विश्वास बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सक्षम रूप से सरकार को चला रहे हैं। काले धन मुद्दे को लेकर सरकार बेहतर कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार समाप्त हो रहा है। पिछली सरकार के कार्यो पर बोलते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस ने लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया मात्र जनता को कोरे आश्वासन देकर छलने का काम कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी नीतियों मंे व्यापक बदलाव ला रहे हैं। सीमायें सुरक्षित हैं विदेशी आर्कमणों को रोकने के लिये सरकार सक्षम हैं। गंगा के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा अनेकों लाभकारी योजनायें गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिये लागू करायी जा रही है। गंगा हमारी संस्कृति की पहचान है। गंगा को निर्मल स्वच्छ रखने के लिये हमें स्वयं भी कार्य करने होगें। गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिये केन्द्र सरकार व्यापक स्तर पर ठोस नीतियां बना रही है। भाजपा का लगातार जनाधार बढ़ रहा है। अब लोगांे को महंगाई से राहत मिल गई है। भ्रष्टाचारों पर अंकुश लग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सशक्त रूप मंे देश को चलाने मंे सक्षम दिखाई पड़ रहे है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा 10 वर्र्षाे का कार्यकाल निराशाजनक रहा देश में विकास कार्य अवरूद्ध रहे भ्रष्टाचार महंगाई लगातार कांग्रेस के शासनकाल मंे रही। अब जमाखोरों महंगाई पेट्रोल डीजल के दामों मंे लगातार कमी हो रही है। जो कि जनता के लिये राहत की बात है।

यूटिलिटी खाई में गिरी, छह लोगों की मौत, 11 घायल
  • -कालसी क्षेत्र के पुनाह से विकासनगर की ओर आ रही थी यूटिलिटी
  • -गंभीर रूप से घायल चार लोगों को देहरादून रेफर किया गया 

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। कालसी क्षेत्र के पुनाह से विकासनगर की ओर आ रही एक ओवरलोडेड यूटिलिटी के खाई में गिरने से उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 10 लोग घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल चार लोगों को देहरादून रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे के करीब यूटिलिटी संख्या यूके-07के-1994 पुनाह से विकासनगर के लिए चली थी। पुनाह से कुछ ही दूरी पर अचानक यूटिलिटी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना के वक्त यूटिलिटी में 17 लोग सवार थे। यूटिलिटी के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। मृतकों में यूटिलिटी चालक बिजऊ निवासी देवी सिंह पुत्र अनंतराम, भालनू निवासी किशन सिंह पुत्र नैन सिंह, काहा निवासी मुन्ना सिंह तोमर पुत्र मोहर सिंह, काहा निवासी शीला देवी पत्नी सरदार सिंह, घोड़ा निवासी अशोकी देवी पत्नी विजयराम, पूरण सिंह पुत्र गुलाब सिंह शामिल हैं। घायलों में सुल्तान सिंह पुत्र मोहर सिंह, उजला देवी पत्नी नरेंद्र,  जेठू दास पुत्र चादून दास, उज्वला पुत्री सरदार सिंह, रीखाराम पुत्र शेर सिंह, मदन सिंह पुत्र धनिराम, तानिया पुत्र जेठू, कुंवर सिंह पुत्र गुमान सिंह, विजय सिंह पुत्र कन्हैया सिंह, चमो देवी पत्नी नारायण सिंह शामिल हैं। घायलों को उपचार के लिए इमरजेंसी सेवा-108 से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में भर्ती कराया गया है, जहां से कि गंभीर रूप से घायल उज्वला देवी, जेठू दास, रीखा राम व तानिया को को दून चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया है। दुर्घटना की सूचना पर आस-पास के ग्रामीण काफी संख्या में मौके पर पहुंचे और खाई से घायलों को निकालने में जुटे, ग्रामीणों द्वारा दुर्घटना की सूचना पुलिस और इमरजेंसी सेवा-108 को दी गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से घायलों और मृतकों के शवों को खाई से बाहर निकाला।  मृतकों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के पश्चात शवों का कालसी में यमुना नदी में सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दुर्घटना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्यपाल डा.  अजीज कुरैशी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस सड़क दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को घायलों का उचित उपचार करने के निर्देश दिये हैं। राज्य आपदाकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार यूटीलिटी में 17 लोग सवार थे, जिनमें 6 की मृत्यु हो गई और 11 घायल हो गये है। घायलों को पी0एच0सी0 विकासनगर में भर्ती किया गया है।  

प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में भारी अन्तरः अजय भट्ट

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार उसी राह पर चल रही है जिस पर उनकी पूर्ववर्ती केन्द्र की कांग्रेस सरकार चल रही थी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कई बार कटौती कर देश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने का बीड़ा उठाया है। वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में डीजल, इमारती लकड़ी व उपखनिजों की कीमतों पर वैट बढ़ाकर अहसास करा दिया है कि उनकी सरकार जनविरोधी ही है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में गुपचुप तरीके से विगत दिनों डीजल समेत उपखनिजों पर वैट 5 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 13.5 प्रतिशत कर दिया इससे आमजन की जेब पर सरकार ने कैंची चलाई जबकि सरकार ने अपनों को लालबत्तियाॅ रेवडि़यों की तरह बाॅटनें में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनों को लालबत्ती के साथ ही कैबिनेट स्तर की तमाम सुख-सुविधाओं से नवाजा है जिसमें महीनें में करोड़ों रूपये का खर्च जनता की कमाई से लुटाया जा रहा है सरकार का ध्यान इस ओर तो नहीं गया किन्तु वैट बढ़ाकर जनता की जेब पर अपनी लालबत्तियों के साथ ही महंगाई से भी कैंची चलाने का पूरा प्रबंध सरकार ने कर दिया। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनविरोधी है सरकार अपनों को खुश करने व अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनता पर किसी भी स्तर तक बोझ बढ़ा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आये दिन हड़तालों के कारण आमजन के कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में भारी अन्तर है सरकार आमजन को लुभाने के लिए कई प्रकार के मीठे-मीठे बोल बोलती है और उसमें भी अपना चेहरा चमकाने के लिए करोड़ों रूपये जनता का ही खर्च करती है किन्तु बाद में चुपचाप तरीके से अपने वायदे से ही हाथ पीछे खींच लेती है। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण गत दिनों माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि केदारनाथ में आपदा प्रभावितों क्षेत्रों में बैंक ऋणदाताओं के दो वर्ष का ब्याज वे मुख्यमंत्री राहत कोष से देंगे, किन्तु सरकार ने अपने इस फैसले से भी चुपचाप तरीके से पलटी मारकर अब दो वर्ष की जगह एक ही वित्तीय वर्ष के लिए बैंकों का ब्याज माफी का निर्णय लिया है। श्री भट्ट ने कहा कि आपदा पीडि़तों के साथ इससे भद्दा मजाक और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार आपदा पीडि़तों को अच्छे-अच्छे सपने दिखा रही है और अपना प्रचार कर अब चुपचुप तरीके से उनके कटे में नमक छिड़कने का कार्य कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि जहाॅ आपदा पीडि़तों को आपदा के डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया वहीं सरकार आपदा पीडि़तों को इस तरह छलकर हतोत्साहित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास यदि गुंजाइस नहीं है तो इस प्रकार के झूठे वायदे करना बंद करे अन्यथा जो पूर्व में कहा है उस वायदे को निभाये। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार को प्रदेश की कितनी चिंता है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 13वें वित्त आयोग में राज्य को मिली रू0 1200 करोड़ की धनराशि में से अभी तक का खर्च का ब्यौरा तक सरकार के पास उपलब्ध नहीं है इससे लगभग रू0 800 करोड़ से भी अधिक की धनराशि का लैप्स होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा यह सब सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है, क्योंकि प्रदेश के बजट और विकास कार्यों की चिंता सरकार को कतई नहीं है सरकार आये दिन अपने घर के झगड़ों को निपटाने और अपनी कुर्सी को सलामत रखने की चिंता में ही दिन बिता रही है, जिससे प्रदेश की जनता को चारों ओर से नुकसान उठाना पड़ रहा है।

हिमाचल की विस्तृत खबर (16 नवम्बर)

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कल्याणकारी योजनाओं से कमजोर वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान
  • प्रदेश में 3,04,921 पात्र व्यक्तिओं को प्रदान की जा रही है सामाजिक सुरक्षा पेंशन

शिमला, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   प्रदेश सरकार ने समाज के सभी वर्गों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है, विशेषकर कमज़ोर वर्गों के लिये अलग से योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं। सरकार ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्गों, अपंगों, अनाथों, महिलाओं, अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान को सुनिश्चित बनाया है, जिससे वे अन्य वर्गों के समकक्ष बन सके। 
प्रदेश सरकार द्वारा वे सभी व्यक्ति, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तथा जिनकी वार्षिक आय समस्त साधनों से 35 हजार से अधिक नहीं है, उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अधीन लाया गया है। इन्हें 550 रुपये प्रति माह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध व्यक्तियों को यह पेंशन 1000 रुपये प्रति माह की दर से प्रदान की जा रही है। सरकार द्वारा 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में गरीबी रेखा से नीचे चयनित परिवारों की विधवाओं को भी 550 रुपये प्रति माह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार अपंग व्यक्तियों को भी 550 रुपये प्रति माह विकलांग राहत भत्ता प्रदान किया जा रहा है तथा 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को 750 रुपये प्रतिमाह की दर से विकलांग राहत भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार कुष्ठ रोगियों को भी 550 रुपये की दर से कुष्ठ रोगी पुनर्वास भत्ता प्रदान कर रही है। वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा योजना से 304921 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के उपरांत 12 हजार अतिरिक्त पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत लाया है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014-15 में सामाजिक सुरक्षा पैंशन के लिए 21870.16 लाख रुपये की राशि का आवंटन किया है। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्यक्रम आरम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत इन वर्गों के व्यक्तियों जिनकी वार्षिक आय 35 हजार से कम हो तथा जिन्होंने आईटीआई तथा अन्य प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है, को स्वावलंबी बनाने के उददेश्य से सिलाई मशीन, औज़ार एवं उपकरण खरीदने के लिए 1500 रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है। योजना के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 7072 पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए 106.11 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के उददेश्य से अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सामान्य जाति के ऐसे युवक, युवतियों जिन्होंने अनुसूचित जाति की युवती/युवक से विवाह किया हो, को 50 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। योजना के अन्तर्गत गत वर्ष 96.75 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था जबकि इस वित्त वर्ष के दौरान 245 व्यक्तियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये बजट में 122.19 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित-जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गों के ऐसे आवासहीन व्यक्तियों को गृह निर्माण पर अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत इन वर्गों के ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रुपये से कम है, को गृह निर्माण के लिए 75 हजार रुपये की राशि तथा मुरम्मत के लिए 25 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। योजना के तहत इस वर्ष 2452 पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए 1840.54 लाख रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति बहुल ऐसे गांवों जहां इन वर्गों की जनसंख्या 40 प्रतिशत या इससे अधिक है, में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना आरम्भ की गई है। योजना के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक से दो गांवों का चयन किया जाता है तथा इन गांवों के विकास के लिए 10 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के लिए वर्ष 2014-15 में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों  जिनकी वार्षिक आय 60 हजार से कम है, को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण शुल्क के लिए 1200 रुपये प्रतिमाह तथा प्रशिक्षण के दौरान एक हजार रुपये प्रतिमाह की छात्रवृति प्रदान की जा रही है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर ऐसे प्रशिक्षणार्थियों को 6 माह के लिए सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में कंप्यूटर एप्लीकेशन में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है तथा इस अवधि के दौरान उन्हें 1500 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृति प्रदान की जा रही है। योजना के तहत इस वित्त वर्ष के दौरान 366.18 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर में सुधार लाने तथा स्कूल छोडऩे की प्रवृति को रोकने के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत 50-50 के अनुपात से छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में इस समय इस वर्ग की छात्राओं के लिए चार छात्रावासों तथा छात्रों के लिए तीन छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। इस वित्त वर्ष के दौरान इसके लिए 125.00 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा विकलांग बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के उददेश्य से पहली से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृतियां प्रदान की जा रही है।। इस योजना का लाभ 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले विद्यार्थी प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए आय सीमा में भी छूट दी गई है। योजना के लिए इस वित्त्स वर्ष के दौरान 96.71 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है। आर्थिक तौर पर कमजोर तथा विशेष वर्गों के कल्याण के लिये प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से इन वर्गो के लोगों के सामाजिक व आर्थिक स्तर में सकारात्मक परिवर्तन सामने आ रहे हैं और सरकार के प्रयास समाज के इन लक्षित समूहों को विकास की मुख्यधारा में जोडऩे में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। 

पर्यावरण संरक्षण में युवा नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका: राज्यपाल

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शिमला, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह ने आज यहां राजभवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान के अन्तर्गत सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के तत्वावधान में ऊर्जा संरक्षण बारे जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से आयोजित राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता की अध्यक्षता की। इस अवसर पर श्रीमती उर्मिला सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण समय की आवश्यकता है और युवा पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण का संदेश समाज में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के तेजी से हो रहे हस में कमी लाने के उद्देश्य से ऊर्जा संवद्र्धन इस अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। राज्यपाल ने कहा कि ऊर्जा से परिपूर्ण जीवनशैली तथा ऊर्जा बचाने के उपायों बारे स्कूली बच्चों को जागरूक बनाया जाना चाहिए, ताकि वे ऊर्जा सरंक्षण के संदेश को अपने घरों, आस-पड़ोस और समाज में पहुंचा सकें। ऊर्जा के संरक्षण से दैनिक जीवन में ऊर्जा पर होने वाले खर्चों में कमी आएगी। राज्यपाल ने राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत 1300 स्कूलों को शौचालय निर्माण के लिए अपनाने पर सतलुज जल विद्युत निगम के प्रयासों की सराहना की। इन स्कूलों में विशेषकर लड़कियों के लिए शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा। राज्यपाल ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्री अशोक शर्मा, ज्यूरी मैंबर्स, खण्ड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों तथा एसजेवीएनएल के कर्मचारियों को प्रतियोगिता के आयोजन में दिए गए महत्वपूर्ण सहयोग के लिए सम्मानित किया।श्रीमती सिंह ने चित्रकला प्रतियोगिता के विभिन्न वर्गों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। कनिष्ठ वर्ग में दयानंद पब्लिक स्कूल, शिमला के हेमपुष्प चौहान प्रतियोगिता के विजेता घोषित किए गए, जबकि दयांनंद पब्लिक स्कूल झाखड़ी के विजय प्रजापति दूसरे स्थान पर और इसी स्कूल के उदय ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे। वरिष्ठ वर्ग में डीएवी लक्कड़ बाजार शिमला के हितेष शर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया। डीएवी न्यू शिमला के शौर्य शर्मा ने द्वितीय और राजकीय उच्च विद्यालय मलोखर की प्रतिभा ने तृतीय स्थान पर रहीं। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों को क्रमश: 20 हजार रुपये, 15 हजार रुपये तथा 10 हजार रुपये के पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अलावा, 2500 रुपये के 20 सांत्वना पुरस्कार भी प्रतिभागियों को वितरित किए। प्रतियोगिता में प्रदेश के 14,238 विद्यालयों के 4 लाख 61 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें से कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग प्रत्येक में से 50 प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया। वरिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिता के लिए ‘ऊर्जा की कमी-सावधानी के साथ प्रयोग, ‘ऊर्जा बचाओ-धरती बचाओ’ तथा ‘बेहतर जीवन के लिए ऊर्जा उत्पादों के साथ बदलाव’, जबकि कनिष्ठ वर्ग प्रतियोगियों के लिए ‘कल के सुनहरे भविष्य के लिए आज ऊर्जा बचाओ’, ‘ऊर्जा बचाओ-प्रकृति बचाओ’ तथा ‘ऊर्जा का खर्च धन का खर्च’ विषय निर्धारित किए गए थे।  सतलुज जल विद्युत निगम के निदेशक श्री एन.एल. शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और जागरूकता अभियान के उद्देश्यों के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में सतलुज जल विद्युत निगम के योगदान का ब्यौरा दिया।प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्री अशोक शर्मा और हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड के वित्त एवं कार्मिक निदेशक श्री राजीव शर्मा ने भी इस अवसर पर विचार रखे।सतलुज जल विद्युत निगम तथा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में मीडिया की भूमिका को सराहा

शिमला, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हमेशा मीडिया को विशेष महत्व दिया है और पत्रकारों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए सरकार तत्पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मीडिया सामाजिक विषयों व आम लोगों की समस्याओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके अतिरिक्त मीडिया प्रदेश सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के बारे में फीडबैक देने की दिशा में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। श्री वीरभद्र सिंह राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आज सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा ‘सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता: प्रेस की भूमिका’ विषय पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मीडिया की लोगों में जानगरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है वहीं सरकार व जनता के बीच संवाद स्थापित करने में भी इसकी भूमिका अहम है। उन्होंने राज्य में मीडिया के तेजी से हुए विस्तार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने कार्य में स्वयं एक सीमा का निर्धारण करें और राष्ट्र की एकता को नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणियों से बचना चाहिए। यह पत्रकारों पर एक बड़ा उत्तरदायित्व है कि उनकी किसी भी टिप्पणी से समाज में कोई तनाव या भ्रांति उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि नैतिक पत्रकारिता और स्वस्थ लेखन का हमेशा ही लोगों स्वागत करते हैं।  मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आज की परिचर्चा से सामने आए सुझावों से मीडिया को और सुदृढ़ करने और भविष्य की रणनीति तैयार करने में सहायता मिलेगी।  उद्योग तथा सूचना एवं जन समपर्क मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया लोगों व सरकार के बीच सेतु के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मीडिया के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं और उनकी सभी जायज मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्व विचार करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देती आई और भविष्य में भी उन्हें भरपूर सहयोग दिया जाएगा।  जनसत्ता के कार्यकारी संपादक श्री ओम थानवी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है और भ्रष्टाचार व साम्प्रदायिकता दो मुख्य चुनौतियां देश के सामने हैं, जिन पर चर्चा तो बहुत होती है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं हो रहा है।  उन्होंने गत लोक सभा चुनाव में मीडिया की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया वास्तविक मामलों पर चुप्पी साधे रहा, जबकि मीडिया को चुनाव प्रचार अभियान के तौर-तरीकों को सर्वोच्च प्राथमिकता से उठाना चाहिए था। उनका कहना था कि अगर मीडिया समाज के मुद्दों को पूरी पारदर्शिता के साथ उजागर करने में विफल रहता है तो स्वयं मीडिया की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े होंगे।  श्री थानवी ने कहा कि पत्रकारों के लिए राष्ट्र व समाज हित सर्वोपरि होना चाहिए तथा मीडिया का यह कर्तव्य बनता है कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासन की खामियों को प्रमुखता से उठाएं जिसके लिए उन्हें किसी भी व्यक्ति के ओहदे की परवाह नहीं करनी चाहिए।  इससे पूर्व, वरिष्ठ पत्रकार श्री वेपा राव ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस वास्तव में मीडिया के लोगों के लिए आत्म विवेचन करने भविष्य की रणनीति निर्धारित करने का अवसर होता है। उन्होंने कहा कि मीडिया एक सामाजिक हथियार है, जिसका प्रयोग समाज की बेहतरी के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजता के अधिकार व सार्वजनिक मामलों के बीच एक मामूली अंतर है, और यह आवश्सक है कि मीडिया आम आदमी को निजता के अधिकारों को ठेस पहुंचाए बिना अपना कार्य करे। उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है, ऐसे में उच्च मूल्यों को बनाए रखने की जरूरत है और समुचित प्रशिक्षण के माध्यम से युवा पत्रकारों में सकारात्मक सोच पैदा करनी होगी ताकि वे अपने दायित्व का सही निर्वहन कर सकें। इस अवसर पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारों तथा पत्रकारिता एवं जन संचार के विद्यार्थियों ने भाग लिया और मीडिया से सम्बन्धित मामलों व चुनौतियों पर बहुमूल्य सुझाव दिए।

निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क श्री राकेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किय। 
  • राज्यपाल एकादश ने जीती क्रिकेट प्रतियोगिता

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शिमला, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि खेल आपसी एकता को बढ़ावा देते हैं जिन्हें राजनीति या किसी भी प्रकार के मतभेदों से दूर रखा जाना चाहिए। वह आज यहां बिशप कॉटन स्कूल में हिमाचल प्रदेश खेल, संस्कृति एवं पर्यावरण एसोसियेशन द्वारा आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसोसियेशन राजनीतिक दखल से हटकर प्रदेश में संस्कृति व खेल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर खेल अधोसंरचना सुविधाएं पंचायत स्तर तक स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नवोदित खिलाडिय़ों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान कर रही है तथा ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने विजेता टीम राज्यपाल एकादश को प्रतियोगिता जीतने पर बधाई  दी जिसका नेतृत्व श्री तरूण श्रीधर ने किया। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी टीमों के खिलाडिय़ों को पुरस्कार भी वितरित किए। इससे पूर्व, हिमाचल प्रदेश खेल संस्कृति व पर्यावरण संघ के अध्यक्ष श्री विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री का चैयरमेन बोर्ड एकादश तथा राज्यपाल एकादश के खिलाडिय़ों से परिचय करवाया। श्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रतियोगिता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नई टीमों ने अगले वर्ष इस प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की टीम ने भी प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजन में सहयोग के लिए बिशप कॉटन स्कूल के मुख्य अध्यापक श्री रॉबिन क्रिसटोफर का आभार व्यक्त किया। प्रतियोगिता में सर्वाधिक रन बनाने के लिए श्री अमनदीप गर्ग को मैन ऑफ दी सीरिज घोषित किया गया।  शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा और पत्रकार श्री पंकज राकटा को शतकीय पारी खेलने के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए।इससे पूर्व, फाइनल मैच में डा. सुभाष मंगलेट के नेतृत्व में चैयरमैन बोर्ड एकादश ने बेहतर खेल प्रदर्शन किया और बहुत कम अंतर से मैच हारे।  हि.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष श्री बी.बी.एल. बुटेल, उद्योग मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य संसदीय सचिव श्री इन्द्र दत्त लखनपाल, श्री विनय कुमार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री हर्ष महाजन, हिमुडा के उपाध्यक्ष श्री यशवंत छाजटा, विधायक बम्बर ठाकुर, श्री करनेश जंग, श्री पवन काजल, श्री राम कुमार एवं श्री मोहन लाल बराक्टा, मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, पुलिस महानिदेशक श्री संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव श्री सुभाष आहलुवालिया तथा प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व पत्रकार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की भेंट

शिमला, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से आज यहां केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने भेंट की तथा प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाने से सम्बन्धित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने श्री नड्डा को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभालने के लिए बधाई दी तथा सम्मानित किया। इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने भी पीटरहॉफ में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भेंट की और केन्द्रीय मंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी।

उपायुक्त ऊना 18 नवम्बर को राष्ट्रपति भवन में रेडक्रॉस मीटिंग में करेंगें शिरकत 
  • अभिषेक जैन सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर करेंगें हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व

ऊना, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   उपायुक्त ऊना अभिषेक जैन 18 नवम्बर को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रवण मुखर्जी के साथ होने वाली देश भर की रेडक्रॉस समिति की बैठक में हिमाचल प्रदेश से सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होंगें। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राजभवन शिमला से उपायुक्त ऊना को हिमाचल प्रदेश से सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल होने के लिए नामांकित किया गया है। इस बैठक में उपायुक्त ऊ ना हिमाचल प्रदेश सहित जिला ऊना में रेडक्रॉस समिति के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी रखेंगें तथा उन पर चर्चा करेंगें। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिला ऊना के लिए यह गर्व की बात है कि महामहिम राष्ट्रपति के साथ रेडका्रॅस समिति की होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला को पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का गौरवशाली अवसर मिला है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसी बैठक में हिमाचल प्रदेश से नामांकित गैर सरकारी सदस्यों में से बाल कल्याण शाखा की अध्यक्षा व उपायुक्त ऊना की धर्मपत्नि डॉ0 आरूषी जैन भी शामिल होंगी।

19 नवम्बर को नंगल सलांगडी में सुनी जाएगी पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों की समस्याएं

ऊना, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   19 नवम्बर, 2014 को प्रात: 11 बजे पंचायत घर नंगल सलांगडी में पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों की समस्याओं को सुना जाएगा। यह जानकारी देते हुए उपनिदेशक जिला सैनिक कल्याण, ऊना मेजर (से0नि0) रघबीर सिंह ने बताया कि इस दौरान बडसाला, धमान्दरी, बसाल, डठवाडा और चरोला के क्षेत्रों से संबंध रखने वाले पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों से जुडी समस्याओं को सुना जाएगा तथा मौके पर ही हल किया जाएगा। उन्होने इन क्षेत्रों से संबंध रखने वाले पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों से निर्धारित तिथि व स्थान पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आहवान किया है ताकि उनकी समस्याओं को सुना व हल किया जा सके।

लोअर पंडोगा में दी कानून की जानकारी

ऊना, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   :जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना द्वारा आज गांव पंडोगा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रणजीत सिंह ने की। इस अवसर पर सीजेएम ने उपस्थित ग्रामीणों को मुफत कानूनी सहायता बारे विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होने व्यक्ति के मौलिक कर्तव्यों व अधिकारों, लोक अदालतों व मध्यस्थता बारे भी जानकारी दी। शिविर में अधिवक्ता रमेश सारथी ने मोटर वाहन अधिनियम,अधिवक्ता अनीश जेपी शर्मा ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम व सूचना का अधिकार-2005 तथा अधिवक्ता सीमा शर्मा ने घरेलु हिंसा कानून बारे जानकारी दी। शिविर में लगभग 100 लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्थानीय पंचायत उप-प्रधान सन्तोख सिंह, पूर्व प्रधान राम प्रसाद, सचिव सहकारी सभा कमल देव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

प्रेस दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, जनमत तैयार करने में मीडिया की भूमिका अहम : ओंकार शर्मा

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ऊना, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   मीडिया विशेषज्ञ व एग्रो पैकेजिंग के पूर्व उपाध्यक्ष ओंकार शर्मा ने कहा है कि जनमत तैयार करने में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और चूंकि पत्रकार समाज के सचेतक और प्रहरी हैं इसलिए उनकी भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है । ओंकार शर्मा आज यहां बचत भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे । पुलिस अधीक्षक अनुपम शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने भारतीय प्रेस परिषद द्वारा सुझााए गए  विषय वसार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता: प्रेस की भूमिका  Þ पर प्रपत्र प्रस्तुत किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में ओंकार शर्मा ने कहा कि आज पत्रकारिता का फलक बिल्कुल बदल गया है और मीडिया सामाजिक सरोकारों के प्रति भी सजग है । उन्होंने कहा कि आम आदमी चूंकि खबरों पर भरोसा करता है इसलिए मीडिया का दायित्व और भी बढ़ जाता है । उन्होंने कहा कि पत्रकारों को निष्पक्ष और मर्यादित पत्रकारिता के दायित्व का निर्वहन करते हुए एक स्वस्थ और जागरूक समाज की परिकल्पना को साकार करना चाहिए।  उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट भी किया आई और पेड न्यूज की प्रवृति ने पत्रकारिता की साख को चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा  कि देश की आजादी और आजादी के लिए माहौल तैयार करने में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रखी , भले ही तब पत्रकारों को सैंसरशिप सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा पिछले दो दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए हैं और मीडिया का विस्तार भी हुआ है। साथ ही इंटरनेट ने पत्रकारिता के तेवर और परिभाषा भी बदली है। टिवटर, आरकुट और फेसबुक ने अभिव्यक्ति के नए सशक्त माध्यम के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि आज पलक झपकते ही समाचार एक जगह से दूसरी जगह संप्रेषित हो जाते हैं जबकि एक दशक पूर्व तक मीडिया कर्मियों को समाचार संप्रेषण में खासी मशक्कत करनी पड़ृती थी। 

मीडिया का हमारे जीवन पर इतना गहरा प्रभाव : एसपी 
                  
एसपी अनुपम शर्मा ने कहा कि आज आम आदमी की दिनचर्या की शुरूआत अखबार से होती है और अधिकांश लोगों की दिनचर्या का समापन रात को विभिन्न चैनलों पर प्रसारित खबरों से होता है। उन्होंने कहा  न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधानपालिका और पत्रकारिता लोकतंत्र के चार मजबूत स्तंभ हैं। इन सभी की अपनी-अपनी जिमेदारियां हैं। परंतु पत्रकारिता इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि ये बाकी तीनों पक्षों पर नजर रखती है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जो आम आदमी से जुड़ा है और समाज को मार्गदर्शन देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि मीडिया का हमारे जीवन पर इतना गहरा प्रभाव है कि वह हमारे समाज की दिशा व दशा तय करता है। उन्होंने कहा कि आज कोई भी क्षेत्र चाहे वो राजनीतिक हो या प्रशासनिक या फिर सार्वजनिक क्षेत्र, जवाबदेही से अछूता नहीं है और न ही कोई विषय आज के परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक परिवेश से दूर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा मीडिया को लोगों के जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि खबर भेजने में कुछ पलों की देरी भले ही हो जाए लेकिन तथ्यात्मक चूक की गुंजाईश नहीं रखनी चाहिए तथा तथ्यों की वास्तविक पुष्टि उपरांत ही आगामी कार्यवाही करनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि आज सूचना का युग है  और हर सार्वजनिक  मामले व क्षेत्र पर जनसाधारण की नजर है। ऐसे में पत्रकार को भी हर वक्त सजग और अपडेट रहना पड़ता है। पत्रकार को संवेदनशील, निर्भीक और अपने दायित्वों के प्रति सजग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता जिमेदारी एवं जवबदेही के बिना नहीं होती। मीडिया को तोड़ मरोड़ कर अथवा काल्पनिक रिर्पोंटिग से गुरेज करना चाहिए और किसी भी विषय अथवा समस्या पर केवल उन्हीं पहलुओं को जन साधारण को बताना चाहिए जो उसके अनुकूल एवं उपयुक्त हों। डीपीआरओ गुरमीत बेदी ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए कहा कि  जिस तरह सागर की कोई सीमा नहीं है, उसी तरह पत्रकारिता का फलक भी काफी व्यापक है और पत्रकार चूंकि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को जनमानस तक संप्रेषित करने का सशक्त माध्यम होने के साथ— साथ समाज के प्रहरी भी हैं, इसलिए उन्हें शक्ति के साथ संयम का भी परिचय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का दीपक और दर्पण है। उन्होंनेे कहा प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एंव जिम्मेदारियों  की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि भू-मंडलीकरण के इस दौर  में जिस तेजी से सूचना क्षेत्र में क्रांति आई है, उससे मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण तो हुई ही है, साथ ही मीडिया का दायित्व भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में सच्चाई, साहस, संयम , सूझबूझ ,स्पष्टता, स्थिरता और विश्वसनीयता का होना नितांत आवश्यक है। निष्प्क्ष व स्वतंत्र  पत्रकारिता के लिए ये सब मूल तत्व हैं। प्रेस क्लब के महासचिव जितेन्द्र कंवर ने कहा कि पत्रकारिता मानव समाज में चेतना एवं जागरूकता का संचार करने के साथ-साथ उसे मिल रही नई-नई चुनौतियां का सामना करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा  प्रिंट मीडिया एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया को समाज का प्रहरी और पथ-प्रदर्शक माना जाता है। पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एंव विधा है। पत्रकार राजीव भनोट ने कहा कि भू-मण्डलीकरण के इस दौर में जिस तेजी से सूचना क्षेत्र में नई क्रान्ति आई है , उससे मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण तो हुई ही है , साथ ही मीडिया का दायित्व भी बड़ा है । उन्होंने कहा कि निष्पक्षता ही प्रेस की सबसे बड़ी ताकत है और समय पर सूचना संप्रेषण ही सही मायनों में समाचार है। पत्रकार शशिभूषण पुरोहित  ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मीडिया का अंतिम लक्ष्य जन सामान्य तक सूचना का संप्रेषण और सही स्थिति से पाठक को अवगत करवाना होता है। उन्होंने कहा पहले पत्रकारिता मिशन थी लेकिन अब यह यह एक व्यवसाय हो गई है और इसे युवा एक प्रोफैशन के रूप में अपनाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया की ताकत बढऩा लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। पत्रकार रविन्द्र तेजपाल ने कहा कि पत्रकारिता को एक पक्ष को प्रसन्न एवं दूसरे को आहत करने वाला नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन देश में निष्पक्ष व स्वतन्त्र पत्रकारिता को नये आयाम देने के लिए भारतीय प्रेस परिषद का गठन किया गया था । 
                 
चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार ओपी धीमान, जेपी शर्मा व जोगिन्द्र आर्य ने भी भाग लिया।, प्रेस दिवस पर विनोद लखनपाल को श्रद्धांजलि दी

प्रेस दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में आज सभी भी स्वर्गीय विनोद लखनपाल जी भी बहुत याद आए और उनकी कमी खलती रही। विनोद लखनपाल जी प्रेस क्लब के सरंक्षक व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत संयुक्त निदेशक थे और हर वर्ष प्रेस दिवस पर वह भारतीय प्रेस परिषद द्वारा दिए गए विषय पर प्रपत्र प्रस्तुत करके चर्चा की शुरूआत करते थे और इस वर्ष उनका निधन हो गया था। प्रेस क्लब के महासचिव जितेन्द्र कंवर ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया और दो मिनट का मौन रखकर सभी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ओंकार शर्मा ने कहा कि लखनपाल जी के साथ उनके पारिवारिक संबंध थे और वह एक सफल जनसंपर्क व्यवसायी ही नहीं, अपितु मीडिया विश£ेशक भी थे।  प्रेस दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में  प्रेस क्लब बंगाणा के अध्यक्ष अनिल ठाकुर, महासचिव जोगिन्द्र देव आर्य, पत्रकार चंचल बाली,  शिवकुमार, मुनिन्द्र अरोड़ा राजू, जेपी शर्मा, विशाल स्याल, विशाल शर्मा, सोमनाथ मिन्टू,  मुनीष चब्बा, अमित शर्मा, राजन पुरी, विवेक शर्मा, राकेश मल्ही, गौरव , चंद्रमोहन, पूर्ण शर्मा, संदीप खड़वाल, विकास कौंडल, विनोद, सुखविन्द्र, हरप्रीत, सतविन्द्र लट्ठ, मनोज कुमार, दलजीत, अजय, नीना, सुखदेव, विपन, सहायक लोक संपर्क अधिकारी राजेश जसवाल, जनसंपर्क कर्मी प्रदीप कुमार, संजीव मारकर, बिंदर भारद्वाज सहित  प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

समाज सेवा का सशक्त माध्यम है पत्रकारिता : प्रदीप  ठाकुर

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हमीरपुर, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   अरण्यपाल प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन ही नहीं अपितु समाजसेवा का सशक्त माध्यम भी है, इसलिए मीडिया से हमेशा ही आम जनमानस की उम्मीद रहती है कि वह निष्पक्षता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ समाज की हू-ब-हू तस्वीर प्रस्तुत करे ताकि एक अच्छे समाज और सुदृढ़ राष्ट्र के निर्माण की परिकल्पना को साकार किया जा सके। अरण्यपाल प्रदीप ठाकुर आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य पर स्थानीय प्रेस रूम के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय प्रेस संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ साथ नैतिक दायित्वों का भी उल्लेख किया गया है तथा संविधान की अनुपालना से ही समाज तथा देश तरक्की की तरफ बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जनहित की सेवा में मीडिया एक सशक्त भूमिका का निर्वहन कर सकता है।  उन्होंने कहा कि मीडिया के कारण ही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पात्र लोगों तक पहुंचती है तथा मीडिया समाज निर्माण में अहम भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस अवसर पर परिचर्चा में भाग लेते हुए संवाददाता अजित दीवान, संजय शर्मा, कपिल बस्सी, रजनीश शर्मा  ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए मीडिया कर्मियों को जिम्मेदारी के साथ अपने कार्य का निर्वहन करना अत्यंत आवश्यक है तथा विकासात्मक रिपोर्टिंग ही जनहित का आधार है इस दिशा में मीडिया कर्मियों को प्रयास करना चाहिए। इसी तरह से संवाददाता राजीव चौहान, अश्वनी वालिया, सुरेश कुमार ने मीडिया की स्वतंत्रता और वर्तमान चुनौतियों के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी तथा कल्याणकारी योजनाओं एवं प्रशासनिक बैठकों की कवरेज को लेकर मीडिया की उपयोगिता के बारे में चर्चा की गई। वरिष्ठ संवाददाता संजय शर्मा ने कहा कि मीडिया ने सामाजिक परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है तथा मीडिया की गरिमा बनी रहे इस के लिए प्रयास करने चाहिए। सचिन भाटिया ने कहा कि मीडिया का स्वरूप बदल रहा है इस दृष्टि से आत्म मंथन अत्यंत जरूरी है। वासुदेव नंदन ने भी सार्वजिनक मामलों में पारदर्शिता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए गए।  इस अवसर पर दीपक शर्मा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस मीडिया की उपयोगिता को लेकर आत्ममंथन करने का अवसर है तथा इस तरह की कार्याशालाएं प्रत्येक माह जिला स्तर पर मीडिया कर्मियों को आयोजित करनी चाहिए जिसमें समाज के जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाए तथा किसी सामाजिक उत्थान के मुद्दे को आत्मसात करते हुए अपना पत्रकारीय धर्म निभाना अत्यंत जरूरी है। इससे पहले जिला लोक संपर्क अधिकारी विनय शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से प्रेस काउंसिल का गठन किया गया जिसने 16 नवंबर, 1966 से विधिवत कार्य आरंभ किया तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करती है। इस अवसर पर संवाददाता रविंद्र ठाकुर, गगन कुमार, मंगलेश, देशराज, वरिष्ठ छायाकार मोहिंद्र कुमार, कमल कुमार,महेंद्र कुमार, सत्तीश कुमार सहित सहायक लोक संपर्क अधिकारी मीना बेदी, सहायक रेडियो अभियंता टेक चंद गुलेरिया, तकनीकी सहायक विनोद कुमार, देवेंद भी उपस्थित थे।
                
राष्ट्रीय प्रैस दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

कुल्लू, 16 नवंबर  ( विजयेन्दर शर्मा )।   राष्ट्रीय प्रैस दिवस के उपलक्ष्य पर रविवार को परिधि गृह कुल्लू में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जिला मुख्यालय में कार्यरत प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े सभी पत्रकारों ने भाग लिया। संगोष्ठी के लिए प्रैस काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दिए गए विषय ‘सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता: प्रैस की भूमिका’ पर इन मीडिया कर्मियों ने विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर सभी मीडियाकर्मियों का स्वागत करते हुए जिला लोक संपर्क अधिकारी शेर सिंह शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता लाने में मीडिया बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसलिए मीडियाकर्मियों को इस दिशा में कार्य करना चाहिए। इस मौके पर प्रैस क्लब कुल्लू के अध्यक्ष धनेश गौतम ने कहा कि मीडियाकर्मियों को सच्चाई को उजागर करना चाहिए। सहायक लोक संपर्क अधिकारी अनिल गुलेरिया, वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी शर्मा, श्याम कुल्लवी, शंभू प्रकाश शर्मा और अन्य पत्रकारों ने भी उक्त विषय पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी में लगभग 60 मीडियाकर्मियों ने भाग लिया।

विशेष : महिला अधिकारों को लेकर एचआरएलएन की अनोखी पहल

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अब तक तेजाब फेंकने सहित सैकड़ों घटनाओं में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को दिला चुके है न्याय। इस कार्य में लाॅयर स्मृति कार्तिकेय, लॉ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी सहित दर्जनभर युवतिया है शामिल। दोनों सम्मानित हो चुकी है विभिन्न पुरस्कारों से 

इलाहाबाद युनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता कमल कृष्ण राय उर्फ केके राय व काॅलिन गांसाल्वेस क्रांति की प्रेरणा से गठित ह्यूमन राइट्स लाॅ नेटवर्क अब न सिर्फ समाज के दबे-कुचलों बल्कि विभिन्न घटनाओं में उत्पीड़न की शिकार महिला अधिकारों के लिए अग्रणी संगठन बन गया है। इनके अधिकारों के लिए लड़ने वाला यह संगठन अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय से भी न्याय दिलाने में बड़ी भूमिका अदा कर रही है। इसके लिए सीनियर अधिवक्ता केके राय के ही देखरेख में लाॅयर स्मृति कार्तिकेय, लॉ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी सहित दर्जनभर युवतिया समाज के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर इन दिनों न सिर्फ पीडि़त व उपेक्षित महिलाओं को न्याय दिलाने का बीडा उठाया है, बल्कि हाईकोर्ट से न्याय दिला भी रही है। ताजा मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर द्वारा सेंट्रल लाइब्रेरी में लड़कियों के प्रवेश पर लगाई गयी रोक को इलाहाबाद हाईकोर्ट आॅफ से वीसी को नोटिस भेजवाना है। हाईकोर्ट ने वीसी के आदेश को गैरकानूनी बताते हुए उन्हें नोटिस देकर 24 नवंबर तक जवाब मांगा है। इसके पहले चाहे वह प्रदेशभर में जगह-जगह महिलाओं पर तेज फेंकने का मामला रहा हो या उनके इलाज खर्च के लिए मुआवजा सहित आरोपियों को जेल भेजवाने का रहा हो या फिर विभिन्न जेलों में बंदी महिलाओं के उत्पीड़न का रहा हो या झाड़-फूंक के नाम पर पीडि़त महिलाओं का सभी को न्याय दिलाने में एचआरएलएन टीम सफल रहा। 

लाॅ प्रशिक्षु के रुप में अनुभव प्राप्त कर चुकी स्मृति कार्तिकेय ने जब डा राममनोहर लोहिया राष्टीय विधि विश्व विद्यालय से विधि की स्नातक की उपाधि लेकर एक अधिवक्ता के रुप में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल हुई तो वहां उनकी मुलाकात इलाहाबाद युनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता कमल कृष्ण राय उर्फ केके राय से हुई। फिर क्या मानों यही से उनके कैरियर को पंख लग गए। और एचआरएलएन के कर्ताधर्ता केके राय के सागिर्द में एक के बाद एक उपलब्धियों उनके कैरियर को बुलंदियों तक ले जाने में कारगर साबित होने लगे। भला क्यों नहीं उन्हें महिलाओं-बालिकाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा ह्यूमन राइट्स लाॅ नेटवर्क का जो मंच मिल गया। प्रदेशभर में करीब आधा दर्जन युवतियों पर तेजाब फेंकने के मामले में पीडि़तों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से न सिर्फ न्याय दिलवाया बल्कि आरोपियों को जेल भेजवाकर उनके इलाज की भी व्यवस्था कराई गयी। जेल में बंदी महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकार के लिए महिला डाक्टरों की व्यवस्था कराने के साथ ही दवा भी मुफत में उपलब्ध कराई गयी। इतना ही नहीं पैसे के अभाव में अस्पतालों के डाक्टरों द्वारा भगाए जाने पर प्रसव सड़क पर कराने को मजबूर पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर न सिर्फ उनके स्वास्थ्य अधिकारों की रक्षा की बल्कि दोषियों को दंडित कराने का काम भी न्यायालय से कराया। इसके अलावा झाड़-फूक जादू-टोना, भूत-प्रेत के नाम पर महिलाओं पर अत्याचार करने वाले ओझा-मौलवियों की भी गिरफतारी करवाकर घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज करवाया गया। अधिवक्ता के रुप में स्मृति कार्तिकेय व एक उभरती सख्सियत के रुप में चर्चित इलाहाबाद विश्व विद्यालय की विधि छात्रा व लाॅ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी ने साथ मिलकर तकरीबन 20 महत्वपूर्ण जनहित याचिका पीआईएल न सिर्फ दाखिल किया बल्कि महत्वपूर्ण आदेश भी प्राप्त कर संबंधितों को प्याय दिलाने का काम किया है। 

ताजा मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का है, जिन्होंने युनिवर्सिटी की छात्राओं को सेंट्रल लाइब्रेरी में जाने पर रोक लगा दी थी। इस हिटलरी फरमान को भी ह्यूमन लाॅ नेटवर्क की लाॅयर स्मृति कार्तिकेय व यूनिवर्सिटी आॅफ इलाहाबाद की लॉ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी ने चुनौती के रुप में लिया और पीआईएल दाखिल की। इस पीटिसन में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वीसी के आदेश को गैरकानूनी करार देते हुए उन्हें नोटिस दिया है। नोटिस में पूरे प्रकरण का जवाब मांगा गया है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने इस याचिका पर अगली सुनवाई की तिथि 24 नवंबर मुकम्मल भी कर दी है। यह आदेश चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड व जस्टिस पीकेएस बघेल की बेंच ने दी। याचिका पर सुनवाई के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में लिंग के आधार पर लड़कियों को न जाने देना गलत बताया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति पर छात्राओं के साथ लैंगिक भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए मौलाना आजाद सेंट्रल लाइब्रेरी में रोक लगाए जाने को गलत ठहराया गया था। याचिका में कहा गया था छात्राओं को भी छात्रों के समान शिक्षा पाने व लाइब्रेरी का लाभ लेने का कानूनी अधिकार है। वीसी ने लड़कियों को लाइब्रेरी में जाने से रोककर संविधान की खिल्ली उड़ाई है। याचिका के पक्ष में कोर्ट में ह्यूमन लाॅ नेटवर्क की लाॅयर स्मृति कार्तिकेय एवं लॉ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी, चार्ली प्रकाश, साक्षी सिंह, अभिजीत चटर्जी ने बहस की। बता दें, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कुलपति ले. जनरल जमीरुदीन शाह के लड़कियों के लाइब्रेरी में नो एंट्री के बयान की मेधावियों ने भी आलोचना की थी। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में मेडल पाए छात्रों ने शाह के बयान को गलत मानसिकता का परिचायक बताया गया था। कहा गया कि कुलपति का बयान काफी खेदजनक है। लड़कियों पर तो वैसे ही समाज के कितने कानून हैं। किताबों के पास जाने से रोकने की बात कतई जायज नहीं है। 

स्मृति कार्तिकेय को ऐसे ही मानवाधिकार सक्रियता के कारण फरवरी 2014 में दक्षिण अफ्रीका के मैके हाएस में सम्मानित किया गया। दीक्षा द्विवेदी आज स्वीडिस संस्था की छात्रवृत्ति मानवाधिकार के लिए पा रही है और और दोनों मार्च 2015 में बर्लिन में आयोजित अंतराष्टीय सम्मेलन में भाग लेने जा रही है। दीक्षा द्विवेदी न्यायपालिका के सहारे समाजसेवा भी जुटी है। इन्होंने कौशांबी के दो विकास खंडों के 35 गांवों का सर्वेक्षण कर बच्चों के कुपोषण पर जारी रपट ने बाल पुष्टाहार योजना व आंगनबाडी योजना जैसी बच्चों को कुपोषण से दूर करने की योजनाओं की असलियत का भी चिठ्ठा खोलकर पूरे प्रदेश को चैका दिया था। इस रपट के आधार पर दीक्षा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया था। दीक्षा पेंटिंग में डिप्लोमा के साथ-साथ 400 मीटर रिले दौड़ की धाविका व टेबिल टेनिस की खिलाड़ी भी रही है। इलाहाबाद विश्व विद्यालय की एक छात्रा को कैंपस के बाहर जब जलाने की कोशिश की गयी और पुलिस ने मामले में लीपापोती की तो उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर न सिर्फ छात्रा को न्याय दिलाया बल्कि सरकारी खर्चे पर इलाज भी करवाया। जौनपुर में तेजाब से जलाई गयी महिला को भी उन्होंने न्याय दिलाकर उसका घर बसवाया। इन दोनों की एक के बाद एक सफलता पर एचआरएलएन के कर्ताधर्ता एवं हाईकोर्ट के सिनियर अधिवक्ता केके राय ने प्रगति की कामना करते हुए बधाई दी है। 





(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख : बच्चों के बिना अधूरा है स्वच्छ भारत का सपना

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भारत में स्वच्छता का नारा काफी पुराना है लेकिन अभी भी देश की एक बड़ी आबादी गंदगी के बीच अपना जीवन बिताने को मजबूर है। 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्वच्छता कवरेज 46.9 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत केवल 30.7 प्रतिशत है। अभी भी देश की 62 करोड़ 20 लाख की आबादी (राष्ट्रीय औसत 53.1 प्रतिशत) खुले में शौच करने को मजबूर हैं। राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय के उपयोग की दर 13.6 प्रतिशत, राजस्थान में 20 प्रतिशत, बिहार में 18.6 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 22 प्रतिशत है। भारत के केवल ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में शौचालयों का अभाव है। यहाँ सार्वजनिक शौचालय भी पर्याप्त संख्या में नही हैं, जिसकी वजह से हमारे शहरों में भी एक बड़ी आबादी खुले में शौच करने को मजबूर है। इसी तरह से देश में करीब 40 प्रतिशत लोगों को स्वच्छ पीने योग्य पानी उपलब्ध नही है। 

देश में साफ़-सफ़ाई की कमी एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि इसी से गम्भीर बीमारियाँ फैलती हैं जिसका असर सबसे ज्यादा बच्चों पर ही पड़ता है। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक,मानसिक विकास के लिए बाल स्वच्छता को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन दुर्भाग्य से भारत में 14 साल की उम्र समूह के बच्चों में से 20 फीसदी से अधिक बच्चे असुरक्षित पानी, अपर्याप्त स्वच्छता या अपर्याप्त सफाई के कारण या तो बीमार रहते हैं या मौत का शिकार हो जाते हैं। इसी तरह से सफाई के अभाव के कारण डायरिया  से होने वाली मौतों में 90 फीसदी पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं।

स्वच्छता का सम्बन्ध शिक्षा से भी है, स्कूलों में शौचालय नहीं होने का असर बच्चों विशेषकर  बालिकाओं के शिक्षा पर पड़ता है। “डाइस रिर्पोट 2013-14” के अनुसार अभी भी देश के करीब बीस प्रतिशत प्राथमिक शालाओं में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नही है। 

भारत सरकार द्वारा 1999 में “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम” शुरू किया गया था, जिसका मूल उद्देश्य ग्रामीण भारत में सम्पूर्ण स्वच्छता लाना और 2012 तक खुले में शौच को सिरे से खत्म करना था। इसमें घरों, विद्यालयों तथा आंगनबाडि़यों में स्वचछता सुविधाओं पर विशेष बल दिया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत स्थानीय स्तर पर यह पंचायतों की जिम्मेदारी दी गयी कि वे गांव के स्कूल,आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र एवं घरों में समग्र रूप से बच्चों को पेयजल, साफ-सफाई एवं स्वच्छता के साधन उपलब्ध कराएं लेकिन यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में असफल रहा। इस कार्यक्रम के असफल होने का मुख्य कारण यह था कि इस कार्यक्रम को बनाने से पहले ये सोचा गया था कि अगर लोगों को सुविधाऐं पंहुचा दी जाये तो लोग उसका उपयोग करेगें और समस्या समाप्त हो जायेगी, इसमें स्वच्छता व्यवहार में सुधार को नजरअंदाज किया गया था, इस वजह से हम देखते हैं कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम के तहत 1990 के दशक में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 90 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ लेकिन इस दौरान ग्रामिण क्षेत्र में शौचालय के उपयोग करने वालों के दर में केवल 1 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि हुई। 

इन्ही अनुभव को देखते हुए 1999 में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसमें सहभागिता और मांग आधारित दृष्टिकोण को अपनाया गया। समग्र स्वच्छता अभियान में ग्राम पंचायत एवं स्थानीय लोगों की सहभागिता एवं व्यवहार परिर्वतन पर जोर दिया गया। लेकिन इसमें हमें अभी तक आंशिक सफलता ही मिल सकी है। आज भी भारत में अस्वच्छता एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। 2011 की जनगणना के अनुसार, केवल 32.7 फीसदी घरों में ही शौचालयों की सुविधा उपलब्ध हो पायी है।

समग्र स्वच्छता अभियान में आंगनबाड़ी और स्कूलों के स्वच्छता और साफ सफाई को लेकर पंचायतीराज संस्थाओं की भूमिका की बात तो की गई है लेकिन इसका मुख्य फोकस पूरे गावं को लेकर है। इससे आंगनबाड़ी और स्कूलों में स्वच्छता और साफ सफाई को लेकर इन संस्थाओं की भूमिका उभर कर सामने नही आ पाती है। चूंकि स्थानीय निकायों के पास पूरे गावं की जिम्मेदारी है वहीँ हमारे समाज की मानसिकता है कि बच्चों से संबंधित मुद्दों और सेवाओं को उतनी प्राथमिकता नही दी जाती और इसकी तुलना में बड़ों से संबंधित मुद्दों और सेवाओं को तरजीह दी जाती है। 

इस चुनौती से पार पाने का एक तरीका यह हो सकता है कि स्कूलों एवं आंगनबाड़ीयों में जल एवं स्वच्छता संबंधी सेवाओं की योजना, निर्माण, परिचालन और निगरानी के लिए एक विशेष  कमेटी का गठन किया जाये जिसमें ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि, एस.एम.सी. से प्रतिनिधि, मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के प्रतिनिधि, अध्यापक तथा बच्चों खास कर लड़कियों का प्रतिनिधित्व शामिल हो। ऐसा होने से स्कूलों में स्वच्छता से संबंधित सेवाओं के क्रियान्वंयन एवं बच्चों में इसके अभ्यास को प्राथमिकता मिलेगी और इसके क्रियान्वंयन और मोनिटरिंग में आसानी होगी।

पिछले एक दशक के दौरान शालाओं में शौचालय निर्माण में वृद्धि देखने को मिली है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2013-14 में 80.57 प्रतिशत लड़कियों के स्कूलों में उनके लिए अलग शौचालय थे। जबकि 2012-13 में यह संख्या 69 प्रतिशत थी। लेकिन समस्या का समाधान केवल यही नहीं है कि टॉयलेट्स बना दिए जाएं, बल्कि इसके लिए पानी और मल-उत्सर्जन की एक प्रणाली विकसित किए जाने की भी जरूरत होती है। इनके अभाव में टॉयलेट भी किसी काम के नहीं रह जाते। लेकिन हम पाते हैं कि शौचालयों के संचालन और सुविधाओं के रखरखाव को लेकर अभी भी समस्या बनी हुई है, इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इस कारण शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे जानलेवा बीमारी का शिकार होते हैं। स्कूलों में शौचालयों के अपर्याप्त रखरखाव और जल और मल की उचित निकासी व्यवस्था न होने का सबसे ज्यादा प्रभाव छात्राओं पर पड़ता है। अधिकतर छात्राएं स्कूल की गंदे और अवरुद्ध शौचालयों का उपयोग करने की बजाय मूत्राशय में ही पेशाब को रोक कर रखती हैं। इस कारण से उन्हें न केवल शारीरिक समस्या से जूझना पड़ता है बल्कि कक्षा में भी पढ़ाई में उनकी एकाग्रता प्रभावित होती है। 

अगर हम साफ़-सफ़ाई की कमी को दूर कर लें तो  इससे ना केवल बच्चों के गन्दगी जनित बीमारियों से हो रही मौतों में कमी आएगी बल्कि उन्हें घरों, स्कलों एवं आंगनबाड़ीयों में शुद्ध पेयजल, शौचालय, एवं सफाई के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगें ,लेकिन अभी भी यह सपना  दूर की कौड़ी लगता है  । निश्चित रूप से हमें सभी बच्चों को स्वास्थ्य, शारीरिक और मानसिक विकास देने की दिशा में अभी लम्बा सफर तय करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती ( 2014 ) के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी । जिसके तहत 2019 तक स्वच्छ भारत निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया है, सरकार ने एक बार फिर एक साल  के भीतर देश के सभी शालाओं में बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालय उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया है। इसी कड़ी में इस साल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन बाल दिवस पर  14 नवम्बर को बाल दिवस के अवसर पर “बाल स्वच्छता मिशन” की गयी  इस मिशन के दौरान बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के बारे जागरूक किया जाएगा। 

लेकिन मसला सिर्फ जागरूकता का नहीं हैं बच्चों को सभी स्तरों  पर   साफ- सफाई उपलब्ध कराने के रास्ते में  आ रही रुकावटों को गंभीरता से दूर करने की भी जरूरत है ।  दूसरी तरफ जिस तरह से स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सवाल उठाये जा रहे और यह नेताओं और स्लेब्रेटीज के लिए महज मीडिया इवेंट और  फोटो खीचने – खिचवाने का अभियान बनता जा रहा है उससे “बाल स्वच्छता मिशन “ को लेकर भी आशंकायें स्वभाविक हैं ।
बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के बारे जागरूक करने के साथ साथ यह भी जरूरी है कि  घरों ,शालाओं , आंगनबाड़ीयों  और अन्य सावर्जनिक स्थानों में स्वच्छता, इसके सुचारू प्रबंधन , शौचालय ,और साफ पानी उपलब्ध कराने को लेकर ध्यान केन्द्रित किया जाए । जिससे बच्चों को उनके शारीरिक,मानसिक विकास के लिए साफ – सुथरा माहौल  मिल सके और वे गन्दगी और इससे उपजने वाली जानलेवा बीमारियों  से सुरक्षित रह सकें  ।







javed anis

जावेद अनीस
भोपाल 

जी-20 ने काला धन वापसी मुद्दे पर भारत को दिया समर्थन

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कालेधन के मुद्दे पर भारत को जी-20 शिखर सम्मेलन में बड़ी सफलता मिली है। जी-20 ने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोरदार वकालत का समर्थन किया। शिखर सम्मेलन में इसके लिये सरकार की सोच पर ही आगे बढ़ते हुये पारदर्शिता और कर सूचनाओं के खुलासे पर जोर दिया गया। कर सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के वैश्विक मानदंडों का समर्थन करते हुए मोदी ने रविवार को कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले देशों समेत सभी देशों से संधियों  में की गई प्रतिबद्धताओं के अनुसार,  कर उद्देश्यों के लिए सूचनाएं मुहैया कराने को कहा।

मोदी ने जी20 के मंच पर कहा कि कर संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नए वैश्विक मानक विदेशों में जमा काले धन के बारे में जानकारी हासिल करने और उसे वापस लाने में कारगर होंगे। जी20 का दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 85 प्रतिशत हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूंजी और प्रौद्योगिकी की आवाजाही बढ़ने से कर अपवंचना तथा मुनाफा इधर-उधर करने की नई संभावनायें पैदा हुई हैं। दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दो दिन के यहां आयोजित शिखर सम्मेलन के बाद तीन पृष्ठ का वक्तव्य जारी किया गया।
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