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पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (21 नवम्बर)

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चुनाव की वीडियो कान्फ्रेंसिंग आज

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पन्ना 21 नवंबर 14/वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री आर. परसुराम नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। बैठक कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र में 22 नवंबर को दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। बैठक में ईव्हीएम से मतदान, कानून और व्यवस्था, शिकायतों के निराकरण, मतदाता जागरूकता अभियान की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 

सेक्टर आफीसर तैनात 

पन्ना 21 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव पन्ना में दो चरणों में मतदान होगा। अध्यक्ष तथा पार्षद पदों के लिए एक साथ मतदान कराया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने 16 सेक्टर आफीसर तैनात किए हैं। नगर परिषद पवई में सेक्टर क्र. 1 में डी.के जैन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन तथा सेक्टर क्र. 2 में महेन्द्र द्विवेदी जिला शिक्षा अधिकारी को तैनात किया गया है। नगर परिषद अमानगंज में सेक्टर क्र. 1 में विमल श्रीवास्तव एसडीओ जल संसाधन तथा सेक्टर क्र. 2 में वी.डी. कोरी सहायक यंत्री आरईएस को तैनात किया गया है। नगर परिषद ककरहटी में सेक्टर क्र. 1 में सी.एन. गुप्ता महाप्रबंधक प्रधानमंत्री सडक तथा सेक्टर क्र. 2 में शरद विसेन कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल को तैनात किया गया है। नगर परिषद देवेन्द्रनगर में सेक्टर क्र. 1 में बी.एल. कुरील उप संचालक कृषि आत्मा परियोजना तथा सेक्टर क्र. 2 में आर.एस. देशवाली कार्यपालन यंत्री ग्रा.यां.से. तथा अजयगढ में सेक्टर क्र. 1 में अशोक विश्वकर्ता परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा सेक्टर क्र. 2 में डी.एम. मिश्रा एसडीओ जल संसाधन को तैनात किया गया है। नगर पालिका पन्ना में 6 सेक्टर आफीसर तैनात किए गए हैं। सेक्टर क्र. 1 में अशोक चतुर्वेदी अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सेक्टर क्र. 2 में के.के. मिश्रा संलग्न अधिकारी जल संसाधन, सेक्टर क्र. 3 में प्रकाश धौलाखण्डी परियोजना समन्वयक तेजस्विनी, सेक्टर क्र. 4 में जे.एस. बराच एसडीओ वन, सेक्टर क्र. 5 मंे आर.एस. सोंलकी उप संचालक कृषि एवं सेक्टर क्र. 6 में के.के. मिश्रा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण को तैनात किया गया है। 

मतदान दलों को सम्पूर्ण सामग्री प्रदान के बाद ही रवाना करें-कलेक्टर

पन्ना 21 नवंबर 14/नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के अन्तर्गत रिटर्निंग आफीसर स्तर पर मतदान दलों को सामग्री दी जाकर रवाना किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आर.के. मिश्रा द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान दलों के लिए जो सामग्री निर्धारित की गई है वह सामग्री कपडे थेले में लगाकर दी जाएगी। थेले में समस्त सामग्री है इसका सत्यापन भी कराना आवश्यक होगा। सामग्री प्रबंधन के नोडल अधिकारी इस बात का सत्यापन करेंगे कि आयोग द्वारा निर्धारित मात्रा में समस्त सामग्री, फार्म आदि थेले में रखी गई है। इस बात की सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही मतदान दलों को सामग्री का वितरण किया जाएगा। नगर परिषद स्तर पर सामग्री प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त नही किए गए हो तो रिटर्निंग आफीसर इसकी व्यवस्था कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। 

मतदान केन्द्रों में ठण्ड के बचाव के उपाय किए जाए

पन्ना 21 नवंबर 14/नगरीय निकाय निर्वाचन ठण्ड के मौसम में सम्पन्न होने जा रहे हैं। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देशित किया गया है कि यदि ठण्ड का प्रकोप अधिक हो तो मतदान केन्द्रों पर ठण्ड से बचने के उपाय किए जाएं। सभी मतदान दल अपने साथ गर्म कपडे रखें। अधिक ठण्ड होने पर मतदान केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार अलाओ की भी व्यवस्था की जाए जिससे मतदान दलों को किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पडे। 

पैरा लीगल वालेन्टियर्स प्रशिक्षण 23 को

पन्ना 21 नवंबर 14/पैरा लीगल वालेन्टियर्स प्रशिक्षण का आयोजन ग्रामीण अंचल के व्यक्तियों एवं छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 23 नवंबर को प्रातः 11 बजे से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय परिसर में आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण का शुभारंभ माननीय जिला न्यायाधीश द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं उद्घाटन भाषण के साथ होगा। प्रशिक्षण में अधिनियम एवं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की जानकारी अधिवक्ता जे.के. राव तेलंग अध्यक्ष अधिवक्ता संघ द्वारा दी जाएगी। विवाह अधिनियम एवं मोटर दुर्घटना दावा संबंधी नियमों की जानकारी श्री डी.पी. मिश्रा अपर जिला न्यायाधीश देंगे। राजस्व अधिनियम की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा मीडिएशन प्रक्रिया संबंधी जानकारी अधिवक्ता अवधेश प्रताप सिंह द्वारा दी जाएगी।इसी प्रकार एफआईआर एवं थाने से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा दी जाएगी। यातायात संबंधी नियमों की जानकारी यातायात थाना प्रभारी द्वारा देने के साथ ग्रामीण अंचल के व्यक्तियों एवं छात्रों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जिला जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा दी जाएगी। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर नालसा एवं सालसा द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी एवं समापन उद्बोधन प्रस्तुत किया जाएगा। 

जिला न्यायालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम आज

पन्ना 21 नवंबर 14/स्वच्छ न्यायालय अभियान कार्ययोजना 2014 के अनुपालन में जिला न्यायालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन 22 नवंबर को अपरांह 3.30 बजे से किया जाएगा। कार्यक्रम के अन्तर्गत न्यायालय परिसर पन्ना में विशेष सफाई अभियान चलाकर सफाई की जाएगी। इस संबंध में प्रथम सत्र न्यायाधीश एवं प्रभारी अधिकारी स्वच्छ न्यायालय अभियान श्री डी.पी. मिश्रा द्वारा बताया गया कि जिला न्यायालय द्वारा आयोजित स्वच्छ न्यायालय अभियान के कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं इस पुनीत कार्यक्रम के माध्यम से जिला न्यायालय परिसर में सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके। 

निर्वाचन प्रेक्षक श्री कनेरिया द्वारा किया गया निरीक्षण

पन्ना 21 नवंबर 14/नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के लिए नियुक्त पवई, अमानगंज एवं ककरहटी के प्रेक्षक श्री आर.एस. कनेरिया द्वारा अमानगंज नगर परिषद पहुंचकर निरीक्षण किया गया। उन्होंने स्ट्रांग रूम, मतगणना स्थल तथा मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्वाचन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराएं। सभी तरह की तैयारियां अभी से कर ली जाए। आवश्यकतानुसार रिजर्व दल वाहन आदि की व्यवस्था कर ली जाए। जिससे सम्पूर्ण निर्वाचन निर्भिग्न सम्पन्न कराया जा सके। 

आंगनवाडी केन्द्र में साफ सफाई एवं हांथ धुलाई सम्पन्न

पन्ना 21 नवंबर 14/आंगनवाडी चलो अभियान के अंतिम दिन आंगनवाडी केन्द्रों मंे हांथ धुलाई बाल स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पवई जनपद के हथकुरी सेक्टर आंगनवाडी केन्द्र गणेशगंज के आस पास साफ सफाई करने के साथ हांथ धुलाई कराई गई। इस अवसर पर पर्यवेक्षक श्रीमती करूणा अवस्थी ने साफ सफाई एवं स्वच्छता बनाए रखने से होने वाले लाभ की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीणों को साफ सफाई बनाए रखने के लिए सभी महिलाओं को प्रेरित किया। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (21 नवम्बर)

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अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को उच्चशिक्षा के लिए विदेश भेजा जायेगा-आदिमजाति मंत्री
  • मंत्री ने नौढि़या बालक छात्रावास का लोकार्पण किया

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सीधी 21 नवम्बर 2014     आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री एवं प्रभारी मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने आज सीधी जिले के ग्राम नौढि़या में एक करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से निर्मित पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास एवं बाउन्ड्रीबाल का लोकार्पण किया। उन्होंने 25 लाख रूपए की लागत से निर्मित बी.आर.सी.भवन और गोपालदास मंदिर के पास पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में 40 लाख रूपए की लागत से निर्मित बाउन्ड्रीबाल लोकार्पित की। इस अवसर पर सांसद श्रीमती रीती पाठक, विधायक श्री केदारनाथ शुक्ल,धौहनी क्षेत्र के विधायक श्री कुंवर सिंह टेकाम,वरिष्ठ समाज सेवी श्री के.के.तिवारी,अध्यक्ष नगर पालिका देवेन्द्र सिंह, सरपंच,प्रभारी कलेक्टर मोहित बुन्दास, पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिका जिन्दल,एस.डी.एम.जे.पी.यादव,सहायक आयुक्त एल.आर.मीना, सी.एम.एच.ओ. के.के. शुक्ला, नायब तहसीलदार आशीष अग्रवाल सहित जन प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधीक्षक, शिक्षक-शिक्षिकायें तथा छात्र उपस्थित थे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आदिवासी छात्र-छात्राओं के सुनहरे भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रदेश सरकार ने अपार अवसर पैदा किये हैं आवश्यकता है तो अपनी पात्रता विकसित करने की। इसके लिए छात्र-छात्रायें मन लगाकर पढ़ें, पढ़ने की ललक पैदा करें। प्रदेश सरकार पालक पावड़े बिछाये उनका इंतजार कर रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की छात्र-छात्रायें दसवीं एवं बारहवीं कक्षा में मेरिट में आयें उन्हें आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. तथा उच्च स्तरीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी के लिए दक्षिण भारत एवं दिल्ली के उच्चस्तरीय कोचिंग सेंटर में भेजा जायेगा। पढ़ना छात्रों को है। छात्रों को डाक्टर एवं इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए विदेश भेजा जायेगा। प्रदेश में यह पहला अवसर है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग को विकसित एवं अग्रिम पंक्ति में ले जाने के लिए कृत संकल्पित है और अनेक योजनायें प्रारंभ की है। प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए पैसे की कमी कभी आड़े नहीं आयेगी। छात्र पढ़ें पैसे सरकार देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी आदिवासी छात्रावासों के लिए गुणवत्तापूर्ण सामग्री खरीदने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। सामग्री क्रय करने में किसी भी प्रकार की बेईमानी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि बालक एवं कन्या छात्रावास में छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए पुस्तकालय बनाकर उसमें दैनिक समाचार-पत्र एवं पत्रिकायें, कलर टी.वी. तथा कम्प्यूटर स्थापित किया जाये। मंत्री ने कन्या छात्रावास में कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि आगामी वित्तीय वर्ष में शत-प्रतिशत छात्रावासों एवं स्कूलों में बाउन्ड्रीबाल के साथ ही महिला सुरक्षा गार्डों की भर्ती की जायेगी। सांसद श्रीमती रीती पाठक ने कहा कि आदिवासी वर्ग के लोग जब तक पढ़ें-लिखे नहीं होंगे हम सच्चे मायनो में विकसित नहीं कहे जा सकते। प्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने में इनका भी योगदान आवश्यक है। अतः अनुसूचित जाति एवं जन जाति वर्ग की बेटे-बेटियां उच्च शिक्षा ग्रहण करें। देश में मध्यप्रदेश राज्य ही ऐसा राज्य है है जहाॅ इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए अवसर पैदा किये गये हैं। पढ़ने के साथ ही कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों से उनकी प्रतिभा को निखारकर रोजगार दिलाने मे मदद की जायेगी। जबलपुर से सिंगरौली को इन्डस्ट्रियल कारीडोर बनाया जा रहा है। यहाॅ प्रारंभ होने वाली औद्योगिक इकाईयों में 50 प्रतिशत स्थानीय युवा को रोजगार दिया जायेगा। सांसद ने आदिवासी वर्ग के पालकों से भी अपील की कि  वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलायें, बेटे-बेटियों की शादी शीघ्र न करें उन्हें पढ़ने दें इससे सभ्य समाज का निर्माण होने के साथ ही उनके व्यक्तित्व का निखार आयेगा। समाज मे प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उच्च स्तरीय नौकरी मिलेगी। विधायक केदारनाथ शुक्ल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के 68 वर्ष पश्चात  सरकार के लाख प्रयत्नों के बाद भी यदि आदिवासी समाज पिछड़ा है तो उसका मूल कारण अशिक्षा ही है। अतः अब समय आ गया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोग अपने बेटे-बेटियों को पढ़ाने के लिए आगे आयें। अपने बच्चों को शत-प्रतिशत स्कूल भेजे ताकि उनके व्यक्तित्व का विकास हो, वे उच्च अधिकारी बनें, संपन्न बनें। मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को पढ़ाने के लिए छात्रावास, कोचिंग सेन्टर एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी हैं। आगामी दिनों में भारत विश्वगुरू बनने जा रहा है। अमेरिका के कम्प्यूटर क्षेत्र में भारत का डंका बज रहा है। इसका मूल कारण शिक्षा ही है। उन्होंने कहा कि हजारों लोगों के बीच में शिक्षित व्यक्ति अलग ही दिख जाता है। अतः आदिवासी छात्र-छात्रायें पढ़े वे पढ़ने के लिए इच्छा जागृति करें तभी उनके सुनहरे भविष्य का निर्माण होगा। विधायक श्री शुक्ल ने छात्रावास में पुस्तकालय, टी.वी. एवं कम्प्यूटर लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए प्रदेश सरकार ने निःशुल्क किताबें, गणवेश, साइकिल, छात्रवृत्ति एवं शिष्यवृत्ति, उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए विदेश में पढ़ने की सुविधा, गांव की बेटी योजना जैसी अनेक योजनायें प्रारंभ की है आवश्यकता है तो इनका लाभ लेने की। सहायक आयुक्त मीना ने मंच का संचालन कर विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का शुभारंभ किया

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सीधी 21 नवम्बर 2014     आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने आज सीधी के मड़रिया के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मड़रिया के लोगों को इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल आने से मुक्ति मिलेगी। बुखार, सर्दी, जुखाम तथा अन्य बीमारियों का इलाज शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही हो जायेगा। इस मौके पर सांसद श्रीमती रीती पाठक, विधायक श्री केदारनाथ शुक्ल,धौहनी क्षेत्र के विधायक श्री कुंवर सिंह टेकाम,वरिष्ठ समाज सेवी श्री के.के.तिवारी,अध्यक्ष नगर पालिका देवेन्द्र सिंह, सरपंच,प्रभारी कलेक्टर मोहित बुन्दास, पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिका जिन्दल, एस.डी.एम.जे.पी.यादव,सहायक आयुक्त एल.आर.मीना, सी.एम.एच.ओ. के.के. शुक्ला, नायब तहसीलदार आशीष अग्रवाल सहित जन प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधीक्षक, शिक्षक-शिक्षिकायें तथा छात्र उपस्थित थे। सांसद रीती पाठक ने कहा कि उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इसी कड़ी में आज शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का शुभारंभ किया गया है। विधायक केदारनाथ शुक्ल ने कहा कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ होने से स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैय्या होने लगेगी। साधारण बीमारियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक एक नियमित चिकित्सक और शाम 4 बजे से 8 बजे तक अंशकालीन चिकित्सक बीमारों का इलाज करेंगे। आगे चलकर प्रसव की सुविधा विकसित की जायेगी। यहाॅ पर बच्चों का टीकाकरण भी किया जायेगा। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (21 नवम्बर)

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निर्वाचन प्रेक्षक श्री बी.के. शर्मा ने एम.सी.एम.सी कक्ष का किया भ्रमण
  • निर्वाचन संबंधी गतिविधियों की ली जानकारी

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टीकमगढ़, 21 नवंबर 2014। नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के दौरान टीकमगढ़ जिले के    निर्वाचन प्रेक्षक श्री बी.के. शर्मा ने आज एम.सी.एम.सी. कक्ष का अवलोकन किया तथा इलेक्ट्राॅनिक एवं पिं्रट मीडिया की माॅनीटरिंग की प्रक्रिया देखी। श्री शर्मा ने स्थानीय कंट्रोल रूम का भी अवलोकन किया तथा प्राप्त शिकायतों की भी जानकारी ली। इस अवसर पर लोक सेवा गांरटी के जिला प्रबंधक तथा प्रेक्षक श्री शर्मा ने लाईजनिंग आफीसर श्री के.आर.झा     जिला एम.सी.एम.सी. की नोडल अधिकारी एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी सुश्री शैफाली तिवारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। श्री शर्मा ने आज टीकमगढ़ में निर्वाचन संबंधी गतिविधियां की जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान स्ट्राँग रूम, मतदान केंद्र तथा मतगणना केंद्र का अवलोकन किया तथा स्थानीय मतदाताओं से मतदान पर्ची एवं अन्य जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्वाचन व्यय माॅनीटरिंग की भी प्रक्रिया देखी। श्री शर्मा स्थानीय सर्किट हाऊस में कक्ष क्र. पांच में रूके हैं। श्री शर्मा का मो. नं. 9406970139 है। श्री शर्मा निर्वाचन के दौरान जिले में नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखंेगे। यदि कोई व्यक्ति निर्वाचन से संबंधित कोई जानकारी या सूचना देना चाहता है तो वह श्री शर्मा को मोबाईल पर या व्यक्तिगत रूप से मिलकर जानकारी दे सकता है। श्री शर्मा प्रतिदिन प्रातः 10 से 11 बजे तक लोगों से सर्किट हाऊस में मिलेंगे। श्री शर्मा के लाईजनिंग आफीसर श्री काशीराम झाॅ होंगे जिनका मोबाईल नं. 9425168400 हैै। 

निर्वाचन प्रेक्षक श्री कौल ने किया कारी क्षेत्र का भ्रमण , निर्वाचन संबंधी गतिविधियों की ली जानकारी

टीकमगढ़, 21 नवंबर 2014। नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के दौरान निर्वाचन संबंधी गतिविधियों की जानकारी लेने निर्वाचन प्रेक्षक श्री राजेश कौल जिले में लगातार निर्वाचन गतिविधियों का अवलोकन कर रहे है एवं लोगों से इस संबंध में जानकारी तथा सुझाव भी प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में आज श्री कौल ने कारी क्षेत्र का भ्रमण किया तथा उन्होंने इस दौरान स्ट्राँग रूम, मतदान केंद्र तथा मतगणना केंद्र का अवलोकन किया तथा स्थानीय मतदाताओं से मतदान पर्ची एवं अन्य जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कारी क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों का अवलोकन किया। श्री कौल स्थानीय सर्किट हाऊस में कक्ष क्र. एक में रूके हैं। श्री कौल का मो.नं. 08964020674 है। श्री कौल निर्वाचन के दौरान जिले में नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखंेगे। यदि कोई व्यक्ति निर्वाचन से संबंधित कोई जानकारी या सूचना देना चाहता है तो वह श्री कौल को मोबाईल पर या व्यक्तिगत रूप से मिलकर जानकारी दे सकता है। श्री कौल के लाईजनिंग आफीसर श्री मनीष जैन होंगे जिनका मोबाईल नं. 08461061156 हैै।

निर्वाचन हेतु मतदान दलों का द्वितीय रेन्डेमाइजेषन सम्पन्न, प्रेक्षक की उपस्थिति में हुआ रेन्डेमाजेशन

टीकमगढ़, 21 नवंबर 2014। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के लिये आज स्थानीय एन.आई.सी. कक्ष में जिले में 235 मतदान केंद्रों के लिये रिजर्व सहित 296 मतदान दलों के लिये कर्मचारियों का द्वितीय रेन्डेमाइजेशन किया गया। इस अवसर पर निर्वाचन प्रेक्षक श्री बी.के. शर्मा, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

अतिरिक्त ई.वी.एम. का रेन्डेमाइजेषन आज

टीकमगढ़, 21 नवंबर 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि नगरीय निकाय के आम निर्वाचन 2014 हेतु ई.वी.एम. मशीनों के रिजर्व (अतिरिक्त) मशीनों का रेंडेमाईजेशन ई.वी.एम. साफ्टवेयर के माध्यम से 21.11.2014 को प्रातः 9 बजे से जिला सूचना केंद्र (एनआईसी) संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर टीकमगढ़ में किया जायेगा। इस अवसर पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहेंगे। 

सामग्री वितरण एवं प्राप्ति दलों का प्रशिक्षण आज 

टीकमगढ़, 21 नवंबर 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा ने बताया है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के लिये विभिन्न स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी संबंधित कर्मचारी प्रशिक्षण को गंभीरता से लें। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रशिक्षण में अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी। इसी क्रम में शनिवार 22 नवंबर को निर्वाचन के दौरान सामग्री वितरण एवं सामग्राी प्राप्ति दलों का प्रशिक्षण होगा। यह प्रशिक्षण शा.उत्कृष्ट.उ.मा.वि. निवाड़ी, शा.उ.मा.वि. जतारा तथा शा.उ.मा.वि. क्र-2 टीकमगढ़ में प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगा। शनिवार 22 नवंबर को ही मतगणना कार्य में संलग्न कर्मचारियों का प्रशिक्षण होगा। यह प्रशिक्षण शा.उ.मा.वि. क्र. 2 टीकमगढ़ में अपराह्न 3 बजे से प्रारंभ होगा। रविवार 23 नवंबर को टीकमगढ़, कारी, बड़ागांव, बल्देवगढ़ तथा खरगापुर क्षेत्र के मतदान दलों का तृतीय प्रशिक्षण शा.उ.मा.वि. क्र-2 टीकमगढ़ में प्रातः 10.30 से होगा। सोमवार 24 नवंबर 2014 को जतारा, पलेरा तथा लिधौरा क्षेत्र के मतदान दलों का तृतीय प्रशिक्षण शा.उ.मा.वि. जतारा में प्रातः 10.30 बजे से होगा। इसी क्रम में मंगलवार 25 नवंबर को निवाड़ी, तरीचरकलां, पृथ्वीपुर तथा जेरोन क्षेत्र के मतदान दलों का तृतीय प्रशिक्षण शा.उ.मा.वि. निवाड़ी में प्रातः 10.30 बजे से होगा।     

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे बराक ओबामा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को आने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया, जिसे अमेरिकी नेता ने स्वीकार कर लिया है। पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी है। मोदी ने ट्वीट किया, 'इस गणतंत्र दिवस, हमें एक दोस्त के यहां होने की उम्मीद है..राष्ट्रपति ओबामा को मुख्य अतिथि के तौर पर समारोह की शोभा बढ़ाने का न्यौता दिया है।'यह पहला मौका होगा, जब अमेरिका का कोई राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेगा।

वहीं ओबामा द्वारा यह न्यौता मंजूर किए जाने की पुष्टि करते हुए राष्ट्रपति की यात्रा पर प्रेस सचिव ने एक बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के न्यौते पर राष्ट्रपति नई दिल्ली में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने जनवरी 2015 में भारत जाएंगे।''यह पहला मौका होगा जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का गौरव मिलेगा, जो भारतीय संविधान के लागू होने का पर्व है।'उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी को मजबूत करने और इसका विस्तार करने के लिए प्रधानमंत्री और भारतीय अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे।'

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने सितंबर महीने में अमेरिकी दौरे के दौरान व्हाइट हाउस में लगातार दो दिन राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात थी। इस दौरान भी उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत आने का न्यौता दिया था। वहीं इस महीने के शुरू में मोदी म्यांमार में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में ओबामा से मिले थे। ओबामा मोदी को 'ए मैन ऑफ एक्शन'कहकर उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।

एक तिहाई महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार : विश्व स्वास्थ्य संगठन

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के शुक्रवार को प्रकाशित सिलसिलेवार रिसर्च के मुताबिक घरेलू हिंसा को रोकने की मौजूदा कोशिशें अपर्याप्त हैं क्योंकि दुनिया भर की एक तिहाई महिलाओं का फिजिकल हरैशमेंट होता है। 10 करोड़ से 14 करोड़ महिलाएं खतना से पीड़ित हैं और करीब 7 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले अक्सर उनकी मर्जी के खिलाफ कर दी जाती है।

रिसर्च में कहा गया है कि करीब 7 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन काल में रेप का शिकार होने के जोखिम का सामना करती हैं। संघर्ष और मानवीय संकट के दौरान होने वाली हिंसा का पीड़िताओं के फिजिकल व मेंटल हेल्थ पर गंभीर असर पड़ता है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन की प्रफेसर शेरलोट वाट्स ने बताया कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को जादू की कोई छड़ी खत्म नहीं कर सकती है।

नाइजीरिया में बोका हराम के हमले में 45 लोगों की मौत

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नाइजीरिया के अशांत उत्तर-पूर्वी प्रांत में संदिग्ध बोको हराम विद्रोहियों के हमले में कम-से-कम 45 लोगों की मौत हो गई। माफा स्थानीय सरकार के कार्यवाहक अध्यक्ष शेटिमा लावान ने गुरुवार को बताया कि यह हमला बुधवार को बोर्नो राज्य के माफा क्षेत्र में अजाया कुरा गांव में हुआ।

गांव के प्रमुख मल्लम बुलामा ने बताया कि हमलों के खत्म होने के बाद 45 शव मिले हैं। माफा, बोर्नो राज्य की राजधानी से सड़क मार्ग से लगभग 50 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और आसपास के क्षेत्रों में इस्लामी विद्रोही अक्सर हमला करते रहते हैं।

कालाधन विश्व शांति में खलल पैदा कर सकता है : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया है कि कालाधन विश्व शांति और सद्भाव को अस्थिर कर सकता है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक देशों का यह दायित्व बनता है कि वे इस बुराई से मिलकर लड़ें, क्योंकि इसका असर केवल किसी देश विशेष तक सीमित नहीं रहता है। जी-20 बैठक में भाग लेने के स्वदेश लौटने के एक दिन बाद मोदी ने एक ब्लॉग लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत ने कालेधन के होने और उसको वापस लेने के मुद्दे को विश्व समुदाय के समक्ष प्रमुखता के साथ रखा।

मोदी ने कहा है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि विश्व समुदाय ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है, क्योंकि यह ऐसा मुद्दा है, जिसका असर किसी एक देश विशेष तक सीमित नहीं रहता है। उन्होंने आगाह किया, कालेधन का खतरा विश्व शांति और सौहार्द में खलल डाल सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, कालेधन के साथ आतंकवाद, मनी लांड्रिंग और मादक पदार्थों की तस्कारी का खतरा भी जुड़ा है।

अमीरों को सस्ते सिलेंडर मिलने पर लग सकती है रोक

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कुकिंग गैस सब्सिडी को तर्कसंगत करने की कोशिश कर रही है। जेटली ने इस बात के साफ संकेत दिए कि इस कवायद के बाद देश में कुकिंग गैस सब्सिडी का लाभ केवल जरूरतमंद लोगों को ही मिलेगा। दिलचस्प है कि अभी सरकार साल भर में 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर दे रही है। वर्तमान समय में दिल्ली में सब्सिडी वाला सिलेंडर 417 रुपए और बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 865 रुपए में मिल रहा है। 

सरकार इंश्योंरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश का दायरा बढ़ाने जा रही है। जेटली ने कहा कि शीतकालीन सत्र में सरकार इस आशय से विधेयक लाने की तैयारी में है। इसके अलावा सरकार कोयला के ई-ऑक्शन के लिए भी विधेयक लाने की तैयारी में है। एक मीडिया हाउस कॉन्क्लेव पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश में क्रेडिट ऑफटेक उम्मीद के मुताबिक नहीं चल रहा है और यह चिन्ता का विषय है।

कॉन्क्लेव पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टार्गेट पूरा कर लेगी लेकिन इनडायरेक्ट टैक्स सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। जेटली ने कहा कि घरेलू निवेश इस साल कमजोर रहने के कारण सरकार के लिए विदेशी निवेश से बड़ी उम्मीद के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रेलवे और डिफेंस क्षेत्र में विदेशी निवेश को जेटली ने सरकार की प्राथमिकता बताया।

छत्तीसगढ़ में वायुसेना के हेलीकाप्टर पर नक्सल हमला

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छत्तीसगढ़ में सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सर्चिंग कर रहे विभिन्न सुरक्षाबलों के जवानों पर नक्सलियों ने घात लगाकर फायरिंग की, जिसमें सात जवान घायल हो गए। जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। कुछ नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। घायलों को लेने गए वायुसेना के हेलिकॉप्टर पर भी नक्सलियों ने गोली दागी जिससे उस पर तैनात एक गनर जख्मी हो गया। देर रात मुठभेड़ जारी थी।

पिछले दो दिन से चिंतागुफा इलाके में सीआरपीएफ, कोबरा व जिला बल के जवानों का सर्चिंग ऑपरेशन चल रहा है। शुक्रवार को दोपहर बाद जवान जब तुंगेमड़का के जंगलों में पहुंचे तो घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। घायल जवानों को लेने एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर गरुण गया था। हेलिकॉप्टर पर भी नक्सलियों ने फायरिंग की। इससे हेलिकॉप्टर में बैठे जवान मुकेश तिवारी को गोली लग गई।

बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा इलाके में नक्सलियों द्वारा लगाए गए बम को निष्क्रिय करने के दौरान तीन जवान घायल हो गए। सीआरपीएफ और जिला बल के जवान सर्चिंग पर निकले थे। शुक्रवार शाम सड़क पर लगे बम को निष्क्रिय करने के दौरान यह घटना हुई।

हिंदू 800 साल बाद दिल्ली पर शासन करने आए हैं : अशोक सिंघल

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लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत से अभिभूत विहिप ने दावा किया कि दिल्ली में 800 साल बाद 'गौरवशाली हिंदू'शासन करने आए हैं। साथ ही, स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य बनाए जाने की भी मांग की। विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने राजधानी दिल्ली में आज से शुरू हुए तीन दिवसीय विश्व हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा, 'आने वाले समय में कई और चीजें अनिवार्य की जाएंगी।'

हालांकि, सिंघल ने भाजपा की चुनावी जीत का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया, पर उन्होंने कहा कि दिल्ली पर पृथ्वीराज चौहान के शासन के 800 साल बाद गौरवान्वित हिंदुओं का राजधानी में शासन आया है। सिंघल राम जन्म भूमि आंदोलन में एक अहम चेहरा थे। गौरतलब है कि चौहान को मुसलमानों के शासन से पहले अंतिम हिंदू शासक माना जाता है और इसके बाद अंग्रेजों ने 1947 में स्वतंत्रता मिलने तक राज किया।

केंद्रीय विद्यालय स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में जर्मन की जगह संस्कृत लागू किए जाने के विवाद पर सिंघल ने कहा कि प्राचीन भारतीय भाषा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुओं को एक साथ आना चाहिए और दुनिया को मूल्यों पर आधारित नेतृत्व को दिखाना चाहिए। लेकिन यह किसी चीज या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होना चाहिए। पर भारतीय मूल्यों को ध्यान में रखना चाहिए जो दुनिया के लिए शिक्षक रहा है।

भागवत ने हिंदुओं से मजबूत और निडर होने को कहा ताकि दुनिया की बुराई की कामना करने वाला कोई व्यक्ति हर एक इंसान के कल्याण को लक्षित काम को नहीं रोक सकें। इस मौके पर मौजूद तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने कहा कि बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म 'आध्यात्मिक रूप से भाई'हैं तथा उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अहिंसा और धार्मिक सदभाव का प्राचीन हिंदू मूल्य दुनिया में सौहार्द को फैलाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

श्रीनिवासन बीसीसीआइ अध्यक्ष पद पर बहाली के लिये पहुंचे न्यायालय की शरण में

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बीसीसीआइ के पूर्व अध्‍यक्ष एन श्रीनिवासन अपने पद पर फिर से बहाली को लेकर कोर्ट की शरण में पहुंच गये हैं. उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर फिर से बहाल किया जाये.

श्रीनिवासन ने न्यायालय में दाखिल अपनी अर्जी में दावा किया है कि आईपीएल-6 प्रकरण में न्यायमूर्ति मुकल मुद्गल समिति की रिपोर्ट में उनके खिलाफ आपत्तिजनक कुछ नहीं है. इसी के साथ, इंडिया सीमेन्ट्स ने भी न्यायालय से कंपनी के खिलाफ ऐसा कोई भी प्रतिकूल आदेश नहीं देने का अनुरोध किया है जिससे चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी रद्द होने की नौबत आ जाये. श्रीनिवासन इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.

श्रीनिवासन, जिन्होंने समिति की अंतिम रिपोर्ट पर एक हलफनामे में अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं, ने कहा है कि उनका मानना है कि रिपोर्ट के निष्कर्ष में उनके खिलाफ लगाये गये सारे आरोपों के प्रति उनके इस नजरिये को सही ठहराया है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप ह्यपूरी तरह झूठे, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित थे. बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष ने समिति के इस निष्कर्ष को चुनौती दी है कि उन्होंने तथा बोर्ड के चार अन्य अधिकारियों ने व्यक्ति-3 (खिलाडी) के कदाचार की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा है कि तत्कालीन अध्यक्ष ने इस मसले पर गौर किया था और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिये उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग या जांच प्रभावित करने के आरोपों से बरी कर दिया गया है. रिपोर्ट में व्यक्ति-3 से संबंधित मामूली घटना के बारे में टिप्पणी की गयी है जो आपत्तिजनक नहीं है. उन्होंने न्यायालय से अनुरोध कया है कि उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने की अनुमति दी जाये जिससे वह लगभग एक साल से अलग हैं.

चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स ने एक अलग हलफनामे में दलील दी है कि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन, जिन्हें रिपोर्ट में दोषी ठहराया गया है, किसी भी तरह से कंपनी से संबद्ध नहीं है. इस कंपनी ने अनुरोध किया है कि इंडिया सीमेन्ट्स के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल आदेश के सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के लिये ही नहीं बल्कि समूची लीग, क्रिकेट खिलाडियों और आईपीएल से जुडे लोगों पर भी हानिकारक प्रभाव डालेगा.

आलेख : लोक-अदालत मे विद्युत बिलों पर छूट की पात्रता: प्रष्नचिन्हित

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इस वर्ष दिसम्बर 2014 मे आयोजित होने वाली नेषनल लोक-अदालत मे अधिक से अधिक प्रकरणों के निपटारे की योजना प्रत्येक जिला स्तर पर बन रही हैं। गत वर्ष बिजली बिलों के बकायादार उपभोक्ताओं को 50 प्रतिषत तक की छूट मिलने के साथ लोक-अदालत मे विवाद को समाप्त किया जाता रहा है। परन्तु इस वर्ष की लोक-अदालत के लिये मध्य प्रदेष की विद्युत वितरण कम्पनियों ने यह नियम निर्धारित किये हैं कि विद्युत अधिनियम की धारा 126 व 135 के तहत सिर्फ बिजली चोरी के प्रकरणों मे घरेलू और कृषि कनेक्षन एवं गैर-घरेलू के 5 किलोवाॅट तक तथा औद्यौगिक कनेक्षन के 10 एच.पी. तक के उपभोक्ताओं को कुछ शर्तों के साथ 40 प्रतिषत तक की छूट बिलों के भुगतान मे प्रदान की जायेगी। परन्तु इसके विपरीत, ऐसे अन्य उपभोक्ता जिनका बिलों की राषि पर किसी भी प्रकार का विवाद है, उन्हे किसी भी प्रकार की छूट लोक-अदालत मे नहीं दी जायेगी। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव एवं विद्युत वितरण कम्पनियों के मध्य विभागीय रिव्यू बैठक मे लिये गये निर्णय से यह प्रकट होता है कि बिजली चोरी करने पर सुविधा मिलेगी और बिल राषि से पीडि़त अन्य किसी उपभोक्ता की कोई सुनवाई नही होगी। चर्चा की विषय वस्तु भी यही है।   
विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा बनाई गई इस नीति से दो प्रकार के संदेष मिलते हैं - एक तो यह कि बिजली चोरी के कारण प्रदाय किये गये बिलों की राषि मे छूट की सुविधायें परोसी जा रहीं हैं। परन्तु इस नियम से न्याय मिलने मे समानता की कसौटी का संतुलन नहीं दिख रहा है। देखने मे आ रहा है कि विद्युत बिभाग के ऐसे उपभोक्ता भी हैं जो बिजली कार्यालय के बार-बार चक्कर लगा कर फरियाद कर रहे हैं कि उन्हें प्राप्त हो रहे बिल गलत हैं, जितनी विद्युत खपत बिलों मे दर्षाई गई है उस हिसाब से उनके यहां बिजली की खपत ही नहीं है। वे प्रत्येक माह अपने बिलों मे विद्युत खपत व राषि मे कटौती करने की भीख सी मांगते हुये विद्युत कार्यालयों मे देखे जा सकते हैं। ऐसे भी उपभोक्ता हैं, जिनके मीटर या तो खराब पड़े हैं या वास्तविक और सही खपत को प्रदर्षित नहीं कर पा रहे हैं अथवा जिनके मीटर तो ठीक हैं और सही विद्युत खपत भी दर्षा रहे हैं, परन्तु उन्हें आंकलित खपत के आधार पर बिल प्रेषित हो रहे हैं। यदि उपभोक्ता आंकलित बिल की राषि का भुगतान कर भी दे तो अगले महिने मे ही 50-100 यूनिट की बढ़ौत्तरी करते हुये उसे पुनः आंकलित खपत का बिल दे दिया जाता है। हजारों उपभोक्ता इस प्रक्रिया से परेषान हैं। परन्तु बड़े मजे की बात तो यह है कि इन्हें लोक अदालत मे किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाना है। यह कैसी बिडम्बना है ? यह तो ऐसे हुआ कि चोरी करो और इनाम पाओ एवं यदि नियम, हिसाब किताब की बात कही तो कोई लाभ नहीं दिया जायेगा। परन्तु यह कहना भी गलत नही होगा कि ऐसे भी अनेकों उपभोक्ता हैं जो जानबूझकर विद्युत बिलों का भुगतान कई-कई महिने इस कारण से भी नहीं करते हैं क्यों कि जब लोक अदालत का समय आयेगा तो 50 प्रतिषत की छूट मिलने के इन्तजार मे बने रहते हैं। इसका परिणाम बीते समय मे यह भी हुआ कि विद्युत कम्पनियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगी और बिलों की बसूली मे कमी आ गई। सच तो यह है कि विद्युत उपभोक्ताओं को भी बिलों की राषि का भुगतान नियमित रूप से करना चाहिये और बिलों के ऐरियर्स से सम्बन्धित यदि विवाद है तो वे न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। 
समय की आवष्यकता के साथ विद्युत कम्पनियों को यह सोचना होगा कि ग्रामीण अंचल मे ऐसे अनेकों-अनेक व्यक्ति हैं, जिनके घरों मे पिछले 5-10 साल से न तो बिजली सप्लाई हो रही है, न ही मीटर लगा है, न ही विद्युत लाईन है और डी.पी. भी नहीं है, फिर भी उन्हें बिजली के बिल पहुंच रहे हैं। उनके बिलों की राषियां 50-50 हजार रूपये से भी अधिक की हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के लिये भी लोक अदालत मे विद्युत कम्पनियों ने कोई छूट नहीं दी है। ग्राम भरसूला (जिला दतिया मध्य-प्रदेष) का निवासी लखनसिंह रावत का कहना है कि वर्ष 2006 मे उसने अपने विद्युत कनेक्षन की समस्त राषि 10,361/- रूपये जमा करते हुये कनेक्षन काटने का निवेदन किया था और तब मकान मे से मीटर भी निकाल लिया गया था। वह गत 8 वर्षों से अपने खेत के कुंआ पर बने कमरे मे निवास कर रहा है तथा गांव के मकान मे न तो कनेक्षन है न ही मीटर लगा है और अचानक 8 वर्ष बाद उसे 43,764/- रूपये की बसूली का बिल थमा दिया गया। इसी तरह इसी जिला मे तहसील बसई के ग्रामीण क्षेत्र के अनेकों पीडि़त ग्रामवासी परेषान होकर भटक रहे हैं, जिन्हें 50 हजार और एक लाख रूपये तक के बिलों की बसूली के नोटिस पहुंचे हैं। जब कि उनका कहना है कि गांव मे न तो विद्युत लाईन है, न ही डी.पी. लगी है, न ही मीटर लगा है, न ही बिजली सप्लाई है और बिजली की बिलिंग फिर भी हो रही है। परन्तु लोक अदालत मे इनकी भी कोई सुनवाई नहीं होगी। स्थानीय जिला एवं तहसील स्तर पर पदस्थ बिजली बिभाग के इन्जीनियर भी बेचारों की स्थिति मे हैं और वे स्वयं भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के कारण बसूली के टारगेट की पूर्ति के कारण टेन्षन मे रहने को मजबूर हैं। उपभोक्ताओं की पीड़ा से वे भी अवगत हैं। विद्युत वितरण कम्पनी के नीति निर्धारण अधिकारी अपने विभागीय कागजी हिसाब किताब और टारगेट बना कर बसूलने योग्य बिलों की राषियों की आऊटस्टैण्डिग कुछ भी लाखों करोड़ों रूपये मे प्रदर्षित करते रहें, लेकिन उन्हें जमीनी हकीकत को समझना होगा। व्यवसाय का एक सामान्य नियम है कि माल सप्लाई करो और भुगतान बसूल करो। परन्तु यदि यह होगा कि बिजली की सप्लाई भी नहीं करेंगे, उपभोक्ता को संतुष्ट भी नहीं करेंगे, बिल भी भेजेंगे और लोक अदालत मे छूट भी नहीं देंगे। इससे तो आम उपभोक्ता और जनता को न तो न्याय मिल पावेगा और न ही बिजली विभाग के प्रति विष्वसनीयता स्थापित हो पावेगी।  
हमें यह ध्यान रखना होगा कि देष के प्रत्येक नागरिक के लिये बिजली की आवष्यकता अब ठीक उसी तरह से है, जिस तरह आम नागरिक को भोजन और पानी की जरूरत होती है। गरीबी की रेखा से नीचे वाला व्यक्ति भले ही बिजली के बिना अपना जीवन-यापन कर भी ले परन्तु देष का निम्न-मध्यम वर्ग का व्यक्ति बिजली के बिना नहीं रह सकता है और बिलों के निर्धारण के लिये बनाये गये टैरिफ के आधार पर राषि के भुगतान करने मे भी वह सक्षम नहीं है। बाजार मे बिकने वाला माल यदि सस्ता होगा तो उपभोक्ता अपनी आर्थिक क्षमता के आधार पर उसे खरीद भी सकेगा और लाभ का टर्न-ओवर भी बढ़ेगा। परन्तु इसके बिपरीत जब माल की कीमत उपभोक्ता की क्रय क्षमता से अधिक होगी, तब वह चोरी करने को मजबूर हो जायेगा। देष का आम व्यक्ति ईमानदारी से रहना चाहता है और प्रथम दृष्टि मे ईमानदारी से बिलों का भुगतान भी करना चाहता है, वह अपने लेन-देन के संव्यवहार मे पारदर्षिता भी चाहता है। लेकिन वह इस बात से भी संतुष्ट होना चाहता है कि बिजली की वास्तविक खपत के आधार पर उसे सही बिल दिया जा रहा है। यह देखने मे आ रहा है कि उपभोक्ता की विष्वसनीयता बिल राषि और विद्युत खपत के आंकलन के प्रति शनैः-शनैः समाप्त हो रही है और यहीं से विवाद प्रारम्भ होता है। सम्पूर्ण देष मे बिजली की खपत और बिल की राषि पर आम उपभोक्ता असंतुष्ट एवं असहमत होता हुआ दिखता है। इसका स्पष्ट तात्पर्य यह है कि देष के बिजली विभाग और उपभोक्ताओं के बीच मे संव्यवहार की पारदर्षिता नहीं है, संसूचनाओं का अभाव है और उपभोक्ता की फरियाद को सुनने के लिये विद्युत विभागों मे नियमित रूप से कोई फलदाई खिड़की नहीं है। जब कि इसके साथ-साथ विद्युत उपभोक्ता को विद्युत कार्यालय मे बड़ी नकारात्मक और हेय दृष्टि से देखा जाता है। कम से कम यह कार्य तो बन्द होना चाहिये कि बिजली चोरी के कारण विद्युत कम्पनियों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ की भारपाई हेतु बसूली का टारगेट उन नियमित विद्युत उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जावे, जो बिलों का भुगतान अपनी खपत के आधार पर नियमित रूप से करना चाहते हैं।  
 






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लेखक- राजेन्द्र तिवारी, 
अभिभाषक, छोटा बाजार दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738
नोट:- लेखक एक वरिष्ठ अभिभाषक एवं राजनीतिक, सामाजिक विषयों के समालोचक हैं। 

बीएचयू में संघर्ष जारी, 45 गिरफतार

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  • जगह-जगह प्रशासनिक अधिकारियों का पुतला फंूकने के साथ ही चला ईट-पत्थर व फेंके गए पेट्रोल बम 
  • घंटेभर बाद पहुंची पुलिस ने बीड़ला छात्रावास से की छात्रों की गिरफतारी 

violance in bhu
वाराणसी। शुक्रवार को दुसरे दिन भी बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय परिसर अशांत रहा। अफरातफरी माहौल के बीच पुलिस छापा मारकर 45 से अधिक छात्रों को गिरफतार करने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक हिरासत में लिए गए सभी छात्र उपद्रवी है। इस गिरफतारी के विरोध में छात्र नेताओं ने कई स्थानों पर प्रशासनिक अधिकारियों का न सिर्फ पुतला फंूका बल्कि पुलिस व छात्रों के बीच हवाई फायरिंग के साथ ही दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ, पेट्रोल बम फेंके गए और आमने-सामने लाठियों से भी एक-दूसरे पर जोरआजमाइस किया गया। इस सबके चलते 100 से अधिक छात्रों घायल होने की खबर है। इधर, बुद्धजीवियों ने कहा है कि अराजकता के बल छात्रसंघ की बदहाली नहीं जानी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएं। 

गुरुवार की घटना से आक्रोशित छात्रों की टोली आज सुबह से सड़कों पर लाठी-डंडे के साथ प्रशासनिक
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अधिकारियों के पुतले हाथ में लेकर नारेबाजी करते हुए दिखने लगी थी। इन छात्रों का जहां मौका मिला पुतले को आग के हवाले कर दिया। छात्रों के इस हरकत को देख पुलिस भी मुस्तैद हो गयी और जब इन छात्रों को रोकने की कोशिश किया तो भिड़ंत हो गयी। फिर दोनों तरफ से ईट-पत्थर चलने लगे। लाठियां भी बरसाई गयी। इसी दौरान परिसर में छात्रों का दो गुट इस बात को लेकर भिड़ गया कि छात्रसंघ की बहाली हो या न हो। बिड़ला-सी और ब्रोचा हॉस्टलों के छात्रों में जबरदस्त मारपीट की गयी। मौके पर आगजनी भी की। इस दौरान छात्रों द्वारा पेट्रोल बम फेंके जाने और पुलिस के गोली चलाने की भी सूचना है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों का इशारा मिलते ही परिसर में मौजूद पुलिस ने पूरी मुस्तैदी व चैकसी के बीच बिड़ला छात्रावास में छापा मारकर 45 से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया। कहा जा सकता है कि छात्रसंघ की बहाली को लेकर छात्रों का दो गुट हो गया है। पढाकू गुट इस उपद्रव के खिलाफ है। मतलब दो छात्रावासों के बीच का संघर्ष कक्षाओं और संकायों तक फैल रहा है। परिसर का माहौल तनावपूर्ण है। प्रशासन परिसर में कार्रवाई के लिए अतिरिक्‍त फोर्स का इंतजाम किया है। छात्रों के भारी विरोध को देखते हुए विश्व विद्यालय प्रशासन ने पहले ही छात्रसंघ का चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है। खबर है कि बीएचयू छात्र संघ बहाली को लेकर फैली आग अब दूसरे कॉलेजों तक भी पहुंचने लगी है। हरिशचंद्र डिग्री कॉलेज के छात्र पुलिस लाठीचार्ज और हमले के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। छात्र नेताओं ने बीएचयू वीसी राजीव संगल का मैदागिन चैराहे के पास पुतला फूंका। गोदौलिया में शिवसेना के लोगों ने केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन राजनीति के तहत छात्रों को आपस में लड़ा रही है। कैंपस में रबर की गोलियां दागे गए। बीएचयू के एक प्रोफेसर ने गोली भी चलाई। इससे एक छात्र घायल हो गया। उन्होंने वीसी को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की, वरना आंदोलन को और तेज किया जाएगा। 



(सुरेश गांधी)

बिहार : संविदा पर बहाल ‘ए’ श्रेणी की नर्सेंस हड़ताल पर पटना और गया के अस्पतालों पर असर

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  • सरकार के द्वारा पहल नहीं

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गया। संविदा पर बहाल ‘ए’ श्रेणी की नर्सेंस हड़ताल पर है। पटना में 20 नवम्बर से और गया में 21 नवम्बर से हड़ताल पर हैं। फिर से हड़ताल पर चले जाने को विवश होने वाली नर्सेंस का कहना है कि सरकार ने केवल इंटरव्यू देने का आश्वासन देकर 12 सितम्बर से जारी हड़ताल को समाप्त कराने में सफल हुई थी। मगर वादाखिलाफी कर सरकार ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा ही करवा दी। इस पर आयोग ने मनमर्जी के अनुसार रिजल्ट प्रकाशित कर दर्जनों नर्सेंस को नौकरी से ही बाहर जाने की राह ही दिखा दी है। इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने को बाध्य हो गए। 

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बिहार ‘ए’ ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन एवं बिहार ‘ए’ अनुबंध परिचारिका संद्य की महामंत्री विथीका विश्वास और महासचिव प्रमिला कुमारी ने कहा कि हमलोग बिहार परिचारिका निबंधन परिषद के द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्र्तीण होने वाली नर्सेंस हैं। बिहार ‘ए’ ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन एवं बिहार ‘ए’ अनुबंध परिचारिका संद्य के बैनर तले 12 सितम्बर से हड़ताल शुरू की गयी।इसमें पटना,गया, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर आदि जिले की नर्सेंस शामिल थीं। इस हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी थीं। इसके कारण 5 मरीजों की अकाल मौत हो गयी। इसके आलोक में स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने आश्वासन दिए कि संविदा पर बहाल 6758 जीएनएम नर्सों का साक्षात्कार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा लिया जाएगा। इसके बाद स्थायी नियुक्ति पत्र निर्गत कर दिया जाएगा। 

प्रधान सचिव दीपक कुमार ने आश्वासन दिए कि सभी संविदा पर कार्यरत नर्सों को स्थायी नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। कोई भी वंचित नहीं होगी। राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा इंटरव्यू होगा। इंटरव्यू का मतलब है कि उनके कागजातों का सत्यापन करना है। स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना के अंतर्गत बिहार परिचारिका श्रेणी-‘ए’ (विज्ञापन संख्या- 04040114)। इसके तहत ही परिचारिकाओं की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 23 सितंबर को हुआ। पूजा को ध्यान में रखकर दो चरणों में साक्षात्कार किया गया। प्रथम चरण 23 से 29 सितंबर और द्वितीय चरण आठ से 10 अक्टूबर तक साक्षात्कार किया गया। संविदा पर बहाल 6758 जीएनएम नर्सों को साक्षात्कार लेकर स्थायी पत्र निर्गत कर दिया जाएगा। 

संविदा में बहाल नर्सों का कहना है कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने साक्षात्कार के बदले में परीक्षा ले ली। इसमें सैकड़ों लोगों को फेल करार दिया। हंगामा करने के बाद भी 150 नर्सों की नौकरी पर तलवार चला दी गयी है। इसके खिलाफ पटना में 20 नवम्बर से और गया में 21 नवम्बर से नर्सेंस हड़ताल पर चली गयी हैं। अभी तक सरकार के द्वारा पहल नहीं की जा रही है। 


आलोक कुमार
बिहार 

विशेष आलेख : राॅकस्टार के मंच पर मोदी का जलवा, मेक इन इंडिया सुपरहिट

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म्यांमार में पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन (ईएएस) और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय मीडिया को खूब लुभाया, लेकिन जब यही लोकप्रियता विदेशी मीडिया और लोगों में भी दिखाई दे तो यह किसी नवनिर्वाचित नेता की वैश्विक मंच पर राॅक स्टार की पहचान नहीं तो और क्या कहेंगे। इंग्लैंड के गाजिर्यन में छपी दिलचस्प टिप्पणी मोदी की लोकप्रियता में चार चांद लगाने के लिए काफी है, जिसमें कहा गया है कि सबसे बड़े लोकतंत्र के नए प्रधानमंत्री के रूप में इस 64 साल के व्यक्ति में कुछ ऐसा जज्बा है, जिसकी दुनियाभर के नेतागण गुणगान सप्ताह भर करते दिखा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने खुद भारत को उभरता सुपर पावर कहा तो ओबामा ने एक्शन मैन की उपाधि दे डाली। कहा जा सकता है कि मोदी का मेक इंडिया भारत ही नहीं सात समुंदर पार भी हिट हो चला है। इसके सार्थक परिणाम अब दिखने भी लगा है। 

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सात समंदर पार विश्व की आर्थिक राजधानी ऑस्ट्रेलिया के सिडनी-ऑलफांसो एरेना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दहाड़ भारत के विकास में कितना कारगर होगी, यह तो वक्त बतायेगा। लेकिन लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव व नीतिश सहित कांग्रेसियों की पैंट अभी से ढिली हो चली है। ममता बनर्जी को अपने सारे गिले-शिकवे भुलभालकर सोनिया गांधी से मुलाकात करनी पड़ रही है। मतलब मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का खौफ इन सबों की नींद उड़ा दी है। इन्हें अपना वजूद बनाएं रखने की चिंता खाएं जा रही है। तभी तो पटना में लालू व नीतिश ने मोदी पर हमला बोलते हुए एनआरआई करार दिया तो अखिलेश काशी में मिनी सीएमओं की स्थापना व काशी को संवारने की दुहाई दी तो मुलायम ने हार का ठिकरा अपने जाबांज विधायकों के माफिया गठजोड़ों के बजाए लैपटाप वितरण को ही लोकसभा चुनाव को हार का कारण बता डाला तो सलमान खुर्शीद अपनी भीड़ जुटाने की संस्कृति को भूल कहा किराए पर भारतीयों को ले जाया गया है विदेश की सैर कराने व ताली बजवाने के लिए। फिलवक्त इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट द्वारा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करने के लिए इच्छुक है और सामाजिक सुरक्षा, कैदियों की अदला-बदली, मादक पदार्थों के व्यापार पर लगाम लगाने तथा पर्यटन, कला एवं संस्कति को बढ़ाने की वचनवद्धता दुहराई तो यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि नहीं तो और क्या है। 

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यहां जिक्र करना जरुरी यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हर विदेश की तरह आस्टेलिया-म्यांमार यात्रा भी सफल है। इस यात्रा से स्पष्ट हो गया है कि एक तरफ ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एबाॅट भारत के साथ मौजूदा 15 अरब डालर सालाना का व्यवसाय ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने को आतुर है तो मोदी की मंशा है कि ऑस्ट्रेलिया उनके मेक इन इंडिया में भरपूर सहयोग करें। ऑस्ट्रेलिया हिन्द महासागर में भारत की ताकत बढ़ता देखना चाहता है, जबकि भारत आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, मादक पदार्थो के अवैध व्यापार पर लगाम तथा सीमा संबंधी जरुरतों में दोनों देशों की भागीदारी। हालांकि इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर दोनों में समझौते भी हुए है। कहा जा सकता है कि आगामी दिनों में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंध में प्रगाढ़ता आने के साथ ही कौशल निर्माण, सैन्य सुरक्षा व उर्जा जैसे क्षेत्र में मजबूती आयेगी। इन सबके बीच खटकाने वाली बात यह है कि सौदागर के रुप में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मोदी से एक हाथ आगे निकल गए है। कहा जा सकता है कि भारत और चीन की टक्कर सीमा पर ही नहीं बल्कि विदेशी जमीन पर भी दिखा। खासकर उस वक्त जब नरेन्द्र मोदी आस्ट्रेलिया की सरजमी पर मोदी अलग-अलग सार्वजनिक काय्रक्रमों व खास मुलाकामों में मशगूल थे तो जिनपिंग चुपचाप आस्ट्रेलिया के साथ बिजनेस डील में लगे थे और फ्री ट्रेड समझौता के तहत अगले 4 से 11 सालों में टैक्स घटवाने में वह सफल भी रहे। हालांकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया में चीन को पूरी टक्कर दी। अगर जिनपिंग ने ऑस्ट्रेलिया के संसद को संबोधित किया तो मोदी ने भी वहां के निवासियों का दिल जीतने में सफल रहे। व्यापार मामले में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का भी ऐसा ही डील साल के आखिर तक होना है और अगर ऐसा हुआ तो मोदी जिनपिंग से ज्यादा पीछे नहीं रहेगे लेकिन शुरुवाती दौर में चीन ने तो बाजी मार ही ली है। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि मोदी को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि टोनी एबाॅट उनके अकेले भाई है। टोनी एबाॅट ने अगर मोदी के साथ तस्वीरें खिचवाई तो मार्निंग वाॅक के दौरान डेविड कैमरान के साथ भी फोटो खिचवाकर यह बताने की कोशिश किया कि इंटरनेशनल नेता के रुप में उनके और भी भाई है। जहां तक विदेशी जमीन पर भारत व चीन की मुकाबले की बात है तो दोनों की चुनौतियां व दिक्कते अलग-अलग है। चीन पहले से उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा काम रहा है। ऐसे में अचानक भारत के लिए इंटरनेशनल में खिलाड़ी बनना आसान नहीं है। इसके लिए भारत को संयम व संघर्ष का लंबा रास्ता तय करना होगा। 

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ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह मोदी का स्वागत हुआ है और नएं संबंध बनाएं है उससे दुनिया में भारत के अच्छे दिनों की उम्मीद जगी है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व व्यापार की दुनिया में चीन एक बहुत बड़ा नाम है। भारत को चीन से आगे निकलने में अभी बहुत कछ करना है, लेकिन कहा जा सकता है कि मोदी की अगुवाई में शुरुवात हो चुकी है। चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सबसे अहम मुक्त व्यापार समझौते के तहत ऑस्ट्रेलियाई किसानों, वाइन उत्पादकों और डेयरी उत्पादों के उत्पादकों को चीन के बाजार तक पहुंच बनाना आसान हो जाएगा। अगले चार से 11 वर्ष में इन क्षेत्रों में टैक्स पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे। ऑस्ट्रेलियाई वाइन उत्पादक 30 प्रतिशत तक टैक्स देने के बावजूद हर वर्ष 20 करोड़ डॉलर की वाइन चीन को निर्यात करते हैं। टैक्स छूट के बाद इसमें भारी इजाफा होने की संभावना है। इसके बदले चीन को ऑस्ट्रेलिया में निवेश रुकावटों से निजात मिलेगी। यहां जिक्र करना जरुरी है कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी मूल के लोगों की संख्या भारतीय मूल के लोगों से बहुत अधिक है। ऑस्ट्रेलिया ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की कुल दो करोड़ 35 लाख लोगों की आबादी में चीनी मूल के लोगों की संख्या 1.8 प्रतिशत, जबकि भारतीय मूल के लोगों की संख्या 1.6 प्रतिशत है। मतलब चीन निवेश के लिए ऑस्ट्रेलिया के बाजार को आजमाना चाह रहा है और जिनपिंग की इस यात्रा में उसे कुछ हदतक यह सफलता हासिल भी हुई। ऐसे में अब मोदी को इस यात्रा में कितने सफल होंगे अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। फिलवक्त मोदी और टोनी एबॉट के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद जिन पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए उसमें शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करने की इच्छा के साथ साल के अंत तक निर्यात शुरु करने और सामाजिक सुरक्षा, कैदियों की अदला-बदली, मादक पदार्थों के व्यापार पर लगाम लगाने तथा पर्यटन, कला एवं संस्कति को बढ़ाने की वचनवद्धता दुहराई तो यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। यह उपलब्धि भारत के लोगों की उत्थान को लेकर जगी आशाओं को पूरा करने के लिए कौशल विकास, हर परिवार को घर, बिजली आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधा, ऐसी उर्जा जो हमारे ग्लेशियरों को नहीं पिघलाए, परमाणु उर्जा और व्यवहार्य व रहने योग्य शहर बनाने में ऑस्ट्रेलिया भागीदार बन सकता है। 2015 में ऑस्ट्रेलिया में मेक इन इंडिया शो का आयोजन, अगले वर्ष फरवरी तक सिडनी में भारत का सांस्कृतिक केंद्र खोलने सहित सामाजिक सुरक्षा का समक्षौता बेहद महत्वपूर्ण है जो विशेष रूप से सेवा क्षेत्र से जुड़ा है। इसके अलावा सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग क्षेत्रीय शांति, विभिन्न देशों के बीच अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा। ऑस्ट्रेलिया, भारत के साथ उर्जा, सुरक्षा के अलावा इंटेलिजेंस, सैन्य सहयोग, आतंकवाद के विरूद्ध सहयोग और द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास में सहयोग से दोनों देशों में अधिक रोजगार और समृद्धि आयेगी।  

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जी-20 की जीडीपी में 2018 तक कम से कम दो प्रतिशत तक अतिरिक्त वृद्धि का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पेश किया गया। इसमें कहा गया-दो प्रतिशत की वृद्धि से वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2000 अरब डॉलर जुड़ जाएंगे और करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। बड़ी बात तो यह है कि विश्व की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के नेता वृहद आर्थिक नीतियों में समन्वय लाने पर एकमत हुए हैं ताकि विकास में सहयोग मिल सके और समावेशी विकास संभव हो सके। इससे असमानता और गरीबी उन्मूलन में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा भारत के परिप्रेक्ष्य में और घरेलू प्राथमिकताओं के मद्देनजर कर चोरी और काला धन का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण रहा, जिसमें एक अहम राजकोषीय वचनबद्धता की गई कि लाभ पर कर उन देशों में ही लगना चाहिए जहां आर्थिक गतिविधियां की जा रही हैं और जहां मूल्यवर्धन किया जाता रहा है। लेकिन बात तब बनेगी जब काले धन संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी लाई जाएगी। फिरहाल इस प्रस्ताव से यह उम्मीद जगती है कि साल 2015 तक कोई न कोई ऐसा वैश्विक राजकोषीय ढांचा तैयार हो जाएगा जो बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) की कार्ययोजना के तहत विद्यमान अंतरराष्ट्रीय कर नियमों में सुधार कर पाएगा। क्योंकि भारत के पूरे तंत्र में कैंसर की तरह फैले भ्रष्टाचार और इसकी उपज काले धन पर अंकुश लगाना है तो कुछ इसी तरह के फैसले लेने ही पड़ेगे, जिसमें मोदी सफल होते दिखाई दे रहे है। कहा जा सकता है कि करचोरी और काले धन पर अंकुश लगाने संबंधी जी-20 की प्रतिबद्धता सराहनीय है। इसके अलावा मोदी द्वारा म्यांमार में जुटे सभी राष्टाध्यक्षों के बीच अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के नियमों का पालन करने कराने के जिक्र में चीन की मनमानी पर रोक की बात कही गयी, जो काफी सराहनीय है तो है ही जी-20 सम्मेलन में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति से भारतीय प्रधानमंत्री ने बता दिया है कि वह बहुपक्षीय मंचों पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हैं। 

मोदी ने सीधे तो नहीं पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए दुनिया को बताने की कोशिश भी किया कि उन देशों को अलग-थलग करना होगा जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। धर्म और आतंकवाद को जोड़ने के सभी प्रयासों को विफल करना होगा। इंटरनेट के जरिए भर्ती, फिरौती वसूली, हथियारों की तस्करी के जरिए आतंकवाद पैर फैला रहा है। सभी देशों को मिलकर इसके खिलाफ कदम उठाने होंगे। चीन का उल्लेख किए बिना मोदी ने यह बताने की कोशिश किया कि प्रशांत और हिंद महासागर दोनों देशों की जीवन रेखा है। भारत और आस्ट्रेलिया भागीदार बनकर इस क्षेत्र की सुरक्षा को बेहतर कर सकता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे में कूटनीति के अलावा क्रिकेट भी चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में अगले वर्ष आयोजित होने वाले क्रिकेट वर्ल्डकप भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला होने की भी उन्होंने हामी भरवा ली। जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। यह ठीक है कि भारतीय नेतृत्व के लिए सभी देशों की यात्रा करना संभव नहीं, लेकिन यह भी अजीब है कि आस्ट्रेलिया सरीखे महत्वपूर्ण देश की अनदेखी कर दी जाए। इस संदर्भ में यह भी ध्यान रहे कि मोदी के पहले तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पिछले 16 वर्षो में पड़ोसी देश नेपाल का भी दौरा नहीं किया था। यह संयोग ही है कि चंद दिनों बाद मोदी फिर से नेपाल में होंगे। इस बार वह दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। नेपाल और आस्ट्रेलिया के उदाहरण यही सवाल खड़ा करते हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि संप्रग शासन के वक्त विदेश नीति संबंधी प्राथमिकताएं कुछ धुंधली पड़ गई थीं? 

भारत के संदर्भ में आस्ट्रेलिया का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि वहां सक्षम भारतीयों की अच्छी-खासी आबादी है और वह भारत के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान दे सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्टेलिया में रह रहे भारतीय मूल के लोगों का जैसा उत्साहवर्धन किया वह उनके साथ-साथ भारत के लिए भी लाभकारी है। उनकी फिजी यात्र के संदर्भ में भी यह खास तौर पर देखा जाना चाहिए कि वह एक ऐसे देश जा रहे हैं जहां करीब 37 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है। इस देश में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यात्र दशकों बाद हो रही है। यह संभवतः पहली बार है जब भारत सरकार विदेश में बसे भारतीय मूल के लोगों से अपने लगाव को रेखांकित करने के साथ उन्हें पर्याप्त महत्ता दे रही है। यह काम अन्य देशों और यहां तक कि दुनिया भर में बसे भारतीय मूल के लोगों के संदर्भ में किया जाना चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा जो धन स्वदेश भेजा जाता है वह अर्थव्यवस्था को एक बड़ी ताकत प्रदान करता है। मोदी की विदेश नीति का मूल्यांकन होना अभी शेष है, लेकिन इससे इन्कार नहीं कि उन्होंने उसे कुछ नए आयाम प्रदान किए हैं और उसके उल्लेखनीय नतीजे मिलने के बारे में उम्मीद की जा सकती है। आश्चर्य है कि भारत में कुछ विरोधी दलों को नरेंद्र मोदी का विदेश दौरा रास नहीं आ रहा है। कई राजनीतिक दलों ने मोदी के म्यांमार और आस्ट्रेलिया दौरे में खोट निकाल ली है। क्या उस वक्त भी प्रधानमंत्री की आलोचना करना जरूरी है जब वह विदेश यात्रा पर हों? आखिर यह काम उनकी स्वदेश वापसी पर क्यों नहीं हो सकता? यानी कुल मिलाकर देखा जाएं तो मोदी की शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर हुई विदेश यात्राएं न सिर्फ आर्थिक प्रगति बल्कि ढ़ाचागत बदलाव लाने की दृष्टि से प्रेरित तो है ही वैश्विक आर्थिक परिवेश का भी योगदान दिखता है। 21वीं सदी में वैश्विक व द्विपक्षीय संबंधों की प्राथमिकताएं नए सिरे से तय हो रही है। ऐसे में राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ रक्षा, वित और विदेश मंत्रियों के लिए जरुरी हो गया है कि वे कुशल व्यापारिक दूत की भांति वैश्विक मंच पर उपस्थिति दर्ज कराकर विदेशी निवेश को बढ़ावा दें, आतंकवाद विरोधी पहल में भागदार बने, जलवायु पािवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक के मोर्चे पर कूटनयिक व नीतिगत बातचीत में देशहित को ध्यान में रखकर संधि-समझौता करें। यानी विदेश नीति का क्षेत्र अब बेहतर अर्थव्यवस्था व विकास है, जिसमें प्रधानमंत्री सफल होते दिखाई पड़ रहे है। 

इतना ही नहीं मोदी ने म्यांमार में पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन (ईएएस) और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय मीडिया को खूब लुभाया, लेकिन जब यही लोकप्रियता विदेशी मीडिया और लोगों में भी दिखाई दे तो यह किसी नवनिर्वाचित नेता की वैश्विक मंच पर राॅक स्टार की पहचान नही ंतो और क्या कहेंगे। इंग्लैंड के गाजिर्यन में छपी दिलचस्प टिप्पणी मोदी की लोकप्रियता में चार चांद लगाने के लिए काफी है, जिसमें कहा गया है कि सबसे बड़े लोकतंत्र के नए प्रधानमंत्री के रूप में इस 64 साल के व्यक्ति में कुछ ऐसा जज्बा है, जिसकी दुनियाभर के नेतागण गुणगान सप्ताह भर करते दिखा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने खुद भारत को उभरता सुपर पावर कहा है। साथ में भरोसा भी दिया कि अगर सब ठीक रहा तो ऑस्ट्रेलिया जल्द उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ भारत को यूरेनियम का निर्यात शुरू कर देगा। अब देखना है कि मोदी व जिनपिंग में कौन ऑस्ट्रेलिया के साथ मजबूत रिश्ता बनाने में सफल होगा। कहा जा सकता है चीन की ऑस्ट्रेलिया निवेश का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन भारत को अभी इंतजार करना होगा। क्योंकि यूरेनियम निर्यात का भरोसा तो मिला है, लेकिन इसके लिए काफी प्रयास करने होंगे। मोदी व टोनी के बीच हुए समझौते के तहत साल के अंत तक भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के साथ ही यूरेनियम निर्यात का करार होने से आयात-निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा दोनों देशों ने सितम्बर में एक-दुसरे को वर्क और हरवे बीजा देने की भी सहमति हो जाने के बाद नागरिकों की आवाजाही आसान हो जायेगा। 

मोदी का मानना है कि छोटे-मोटे बातों को लेकर पड़ोसियों से पंगा ठीक नहीं। दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए पड़ोसियों का साथ मिले कामयाबी संभव नहीं। भारत में नासूर बनता जा रहा आतंकवाद, रोज-रोज पाकिस्तानी सेनाओं का सीजफायर उल्लंघन व चीन के अतिक्रमण को करारा जवाब तभी संभव है जब विश्व की महाशक्तियां साथ हो। असलहा-औजारों से लैस हो और अंतर्राष्टीय स्तर पर झूठे बातों का बहाना बनाकर भारत की छबि को कोई बट्टा न लगा सके और भारत का सिर पूरी दुनिया में उंचा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयासरत भी है। यह तभी संभव है जब भारत आर्थिक व रोजगार के मोर्चे पर बेहतर व सुदृढ़ हो। बेशक मोदी के इस फौलादी विचारों को एक के बाद पंख लगते ही जा रहे है। पहले भूटान, नेपाल, जापान, अमेरिका और अब म्यांमार का दिल जीतने के बाद आसियान सहित पूर्वी एसियाई देशों से निवेश व कारोबार के साथ-साथ ठप पड़ी पूर्व की योजनाओं को त्वरित गति से पूरा करने की सहमति बन गयी। मतलब 12वें आसियान-भारत शिखर वार्ता में छा गए है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। बड़ी बात तो यह है कि अब सात समुंदर पार भी मोदी का मेक इन इंडिया कंसेप्ट हिट हो गया है, तो बराक ओबामा मोदी की तारीफ करते फिर रहे है। यहां तक कि मोदी को ओबामा ने यू आर एक्शन मैन आफ इंडिया की संज्ञा दे डाली तो खाद्य खुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण के मुद्दे पर सहमती बनाते हुए प्रतिबंध हटा ली है, जो भारत के लिए अच्छी खबर है। 

जहां तक विदेश नीति की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की धमक अब पूरी दुनिया में दिखाई दे रही है, लेकिन सही मायने में जमीन पर ये धमक भारत के विकास में कितना काम आयेगी, रोजगार व इकोनामिक ग्रोथ में कितना बढ़ावा देगी व हमारी रणनीतियां कितनी मजबूत होगी यह तो वक्त बतायेगा। लेकिन शिखर सम्मेलन में मौजूद हर राष्ट्राध्यक्ष जिस तरह उनके काम की सराहना करते दिख रहा है, उससे तो कहा जा सकता है कूटनीतिक व राजनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री मोदी की ग्लोबल छबि पूरी दुनियाभर में डिमांड बन गयी है। थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने मोदी को समर्थन देते हुए उनकी अवधारणा को वह अपने देश में भी लागू करने की बात कह रहे है। तभी तो एक झटके में न सिर्फ सभी राष्ट्राध्यक्ष द्विपक्षीय मामलों में भारत के रिश्ते मजबूत हों गए बल्कि 2015 तक आसियान देशों और भारत के बीच व्यापार 100 विलियन डालर विनिवेश के साथ भारत-म्यांमार-थाइलैंड को जोड़ने वाले 3200 किमी लंबे हाईवे के निर्माण में तेजी लाने की सहमति बनी। यहां यह बता देना जरुरी है कि पड़ोसी देश होने के बावजूद इंफाल व मांडले के बीच बस सेवा शुरु होने का सपना ही देखा जा रहा था। पिछले पांच सालों से सड़क की बात की जा रही है, लेकिन अभी तक अमली-जामा नहीं पहनाया जा सका। जबकि दोनों शहरों के बी मात्र 500 किमी की दूरी है। यही हाल हवाई यात्रा का भी है। भारत से सीधे म्यांमार नहीं पहुंचा जा सकता। मलेशिया, सिंगापुर या थाइलैंड के जरिए ही पहुंचना पड़ता है, इंडियन एअरलाइंस सप्ताह में सिर्फ दो ही दिन उड़ान भरती है। वह भी दिल्ली नहीं कोलकाता से जाना पड़ता है। शायद इसीलिए मोदी मयांमार के राष्टपति से मुलाकात के दौरान सांस्कृतिक व वाणिज्यिक संबंध बढ़ाने के साथ ही यातायात संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। इतना ही नहीं शिखर सम्मेलन में बड़े ही सधे अंदाज में प्रतिद्वंदी देश का नाम लिए बगैर मोदी ने आतंकवाद को धर्म से दूर रखने की वकालत तक कर डाली। मोदी ने भारत आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के संबंध में पूर्वी एशिया सम्मेलन की घोषणा का पूरी तन्मयता से समर्थन किया। और दो टूक में बता दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खतरों के खिलाफ भी साथ होना चाहिए। आज आतंकवाद और उग्रवाद की चुनौतियां बढ़ रही हैं। नशे और हथियारों की तस्करी और मनी लॉन्डरिंग का इनसे करीब का संबंध है। 

यहां जिक्र करना जरुरी है कि भारत में आर्थिक विकास, औद्योगिकरण, वाणिज्य, कनेक्टिविटी तथा कारोबार का एक नया युग शुरु हो चुका है। विश्व को आज मजबूत भारत-आसियान साझेदारी की जरुरत है। तेजी से विकसित होता भारत और आसियान एक-दूसरे के महत्वर्पूण साझीदार हो सकते है। व्यापार की राजधानी म्यांमार, थाईलैंड-मलेसिया, साउथ कोरिया, फिजी आदि देशों राष्ट्राध्यक्षों ने मेक इंडिया की सराहना कर विनिवेश पर भी अपनी इच्छा जताई है। भारत की उर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की तरह आस्ट्रेलिया का भी यूरेनियम यानी परमाणु समझौता की हरी झंडी मिल ही गयी है, जिसे मोदी की बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है। बतौर पीएम मोदी की पहली धमक जापान में दिखी। जापान ने भारत में करीब 35 अरब डालर निवेश के साथ ही भारत के स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट में मदद का भरोसा भी दिया। मोदी की काशी को क्योटो की तर्ज पर स्मार्ट बनाने का काम शुरु भी हो चुका है। मोदी की विदेश नीति का अहम् पड़ाव रहा अमेरिका, जहां मोदी का जादू सिर चढ़कर बोला। अमेरिका में एडिसन सुभाष से लेकर निवेशकों ने मोदी की बातों को गौर से सुनी और निवेश की इच्छा भी जताई। दोनों देशों के बीच कई समझौते भी हुए। भारत और अमेरिका ने रक्षा समझौते को अगले 10 साल तक बढ़ाने की सहमति भी जताई तो अमेरिका ने भारत के साथ 20 हजार करोड़ से भी ज्यादा रक्षा सौदे करने की इच्छा भी जाहिर कर चुका है। व्यक्तिगत तौर मादी व ओबामा के बीच दोस्ती की जो झलक दिखी उससेएक नयी उम्मीद भी जगी है। मोदी ने उस देश के मन को भी मोहने की कोशिश की जो भारत का पड़ोसी है लेकिन सामरिक और आर्थिक तौर पर भारत का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी है। यह मोदी की ही करिश्मा है कि अमेरिका के ओबामा ने खाद्य सुरक्षा मामले में सहमति बन गयी और प्रतिबंध हटा लिया गया। ओबामा को समझ में आ गया कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश के लिए खाद्य सुरक्षा वास्तव में एक जमीनी हकीकत है, क्योंकि कोई भी सरकार भारत में हो, वह खाद्यान्न के मामले में अपने नागरिकों को पूरी तरह बाजार के हवाले नहीं कर सकती। अब खाद्यान्न सुरक्षा के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण पर सहमति बन गई है। जाहिर है कि इससे विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सुगमता करार के कार्यान्वयन को लेकर बना गतिरोध दूर हो गया है। असल में भारत में खाद्यान्न सुरक्षा कितनी जरूरी है, यह इसी से समझा जा सकता है कि आज भी देश में पांच वर्ष की उम्र के साढ़े छह करोड़ बच्चे भुखमरी व कुपोषण की चपेट में हैं। एक सर्वे के अनुसार भारत में कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 21.30 करोड़ है। हालांकि हमारे यहां खेतीवाली जमीन का रकबा 17 करोड़ हेक्टेयर है और आंकड़े बताते हैं कि खाान्न के उत्पादन में किसी प्रकार की कोई कमी भी नहीं है, फिर भी विडंबना है कि करोड़ों लोग भूख के शिकार हैं। 

इसके अलावा मोदी ने चीन के राष्टपति का अपनी सरजमी पर भव्य स्वागत भी किया लेकिन यह मोदी की कूटनीति एकतरफा नहीं रही बल्कि ग्लोबल लीडर के तौर पर उभर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की चालबाजी पर नकेल कसने की कोशिशे भी जारी रखी। सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद नेपाल दौरा इसी कोशिश की एक कड़ी भी है। चीन के नजदीक जाने के बाद मोदी ने नेपाल की सड़क से संसद तक हर किसी को नेपाल के विकास में साझीदार बनने का भरोसा भी दिलाया। आर्थिक मदद का एलान भी किया। मोदी ने वियतनाम से भी दोस्ती गांठने शुरु कर दी है। समुद्र से तेलों के उत्खनन के लिए भारत व बियतनाम के बीच समझौतों पर दस्तखत भी किए। यह खनन उसी समुद्र के हिस्से पर होगा, जिस पर चीन अपना दावा करता रहा है। मोदी देश की विकास व विस्तार को उसी तर्ज पर कर रहे है जिससे देश के विकास की रफतार आगे बढने के साथ ही दुश्मनों को करारा जवाब मिलता रहे। म्यांमार इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर में मेदवेदेव ने भारत-रूस रिश्तों की प्रगाढ़ता के लिए मोदी को करीबी और मूल्यवान साझेदार बता रहे है तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उन्हें कर्मठ व्यक्ति मैन ऑफ ऐक्शन बता डाला। यह सब मोदी का करिश्मा ही कहा जा सकता है। उन्हें भरोसा है कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। बात भी सही है क्योंकि वर्तमान में दोनों देशों की संघीय इकाइयों-राज्यों और क्षेत्रों के और अधिक सहयोग की जरूरत है। जुलाई में ब्राजील में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन के साथ अपनी पहली मुलाकात में मोदी ने परमाणु, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की वकालत की थी। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हो गए हैं तो यह अपने आप में एक बड़ी बात है। मोदी ने थाइलैंड और मलेशिया के साथ व्यापारिक और कूटनीतिक मुद्दे उठाकर थाइलैंड के प्रधानमंत्री को भारत आने का न्योता दिया तो भारत में निवेश की संभावना ऐसे ही बढ़ गयी है। इसके बाद मोदी आज ही आस्ट्रेलिया के लिए रवाना हा जायेंगे। वैसे भी दक्षिण प्रांत सागर में 13 देशों का समूह संयुक्त राष्ट्र संध का बड़ा वोट बैंक है। इस वोट बैंक को भी मोदी अपना मुरीद बनाने में सफल रहे, जो संयुक्त राष्ट्र परिषद में भारत की सदस्यता वाले सुप्त एजेंडे के वक्त काम आयेगा। 

मोदी पिछली सरकारों की विफलता को भलीभांति समझ रहे है, वह समझ रहे है कि अगर रिश्ते अच्छे रहे तो 3200 किमी भारत-म्यांमार कब का बन चुका होता। इन सबके बावजूद मोदी ने न सिर्फ अच्छे रिश्ते बनाने में सफल हो गए बल्कि थाइलैंड में संस्कृत सम्मेलन और पूर्वी एशिया के 10 देशों को बौध सर्किट से जोड़ने के लिए उन्हें राजी भी कर लिया है। माना जा रहा है भारत-म्यांमार राजमार्ग 2017 तक हरहाल में बनकर तैयार हो जायेगा। कलादान मल्टीमाॅडल ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट का भी अब पूर्ण होना लगभग तय माना जा रहा है, जबकि इस प्रोजेक्ट को 2014 में ही पूर्ण होना था। इस काम में भी अब तेजी आयेगी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पूर्वी एसिया में उर्जा का भंडज्ञर है। व्यापार की असीम संभावनाएं है। यूरोप से 15 गुना बड़ा यह इलाका दुनिया की अर्थव्यवस्था का राजधानी कहा जाता है। मोदी की यह पहल जरुर भारत के मेक इन इंडिया के लिए कारगर साबित होगी। एपेक में भी यह तय हुआ कि एसिया में चीन और अमेरिका सन्य प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री का अगला पड़ाव फीजी है जहां 42 प्रतिशत भारतीय है। इस इलाके में अमेरिका, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के असर को चीन ने निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए काफी कम जरुर किया है फिर भी मोदी यहां से कुछ नया ही करने वाले है। आस्ट्रेलिया ने भारत को यूरेनियम की आपूर्ति के लिए प्रशासनिक प्रबंध अगले साल की पहली छमाही तक देने की बात कही है। दोनों देशों ने सितम्बर में यहां आस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री टाॅनी एबाॅट यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु करार पर दस्तखत किए थे। ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री नीक क्लेग ने दक्षिण एसिया में इस वर्ष अनुमानित बेहतर आर्थिक वृद्धि, रोजगार व निवेश में वृद्धि का श्रेय मोदी को ही दिया है। इस साल भी यह वृद्धि 6 प्रतिशत से अधिक रहने की बात कही गयी है। इस लिहाज से पूर्वी एसिया तथा प्रशांत क्षेत्र के बाद यह दुसरा तीब्र वृद्धि वाला क्षेत्र बन जायेगा। 

अधिकांश मामलों में सभी देश अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही द्विपक्षीय या बहुपक्षीय संबधों को स्थापित करने निर्णय लेते है लेकिन आस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है। ये देश उन्हीं देश के साथ खड़ा होता है जिसके साथ अमेरिका होता है। वैसे आस्ट्रेलिया भी भारत और अमेरिका के साथ उसी तरह का त्रिपक्षीय संवाद चाहता है जिस तरह भारत-जापान-अमेरिका के बीच है। लेकिन भारत और चीन के कडुवाहट को समझते हुए वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता जिससे उसके सामने किसी तरह की कठिनाई आड़े आ रही हो। चूकि जापान और अमेरिका भारत से मित्रता के लिए बेताब है तो आस्ट्रेलिया की भी झिंझक अब खत्म हो रही है। जो भी हो भू रणनीतिक एवं आर्थिक लिहाज से भारत की एसिया प्रशांत नीति की अहम् कड़ी है। इसलिए उसके बगैर भारत की एक्ट-इस्ट नीति समर्थ और पूर्णफलदायी नहीं हो पायेगी। आस्ट्रेलिया के साथ दुनियाभर के व्यापार के साझीदार के रुप में पांचवा स्थान है लेकिन भारतीय निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2016 के आखिर तक इसके 40 लाख विलियन डालर होने की उम्मीद है जबकि 2013 में 17 विलियन डालर था। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच उर्जा सुरक्षा सहयोग की सहमति पहले ही बन चुकी थी इसे मोदी ने और मजबूत कर दिया है। इस दृष्टि से दोनों देशों के सहयोग क्षेत्र कोयला, एलएनजी, नवीकरण्ीय एवं यूरेनियम, लौह, अयस्क, तांबा, स्वर्ण आदि होंगे। इसके अतिरिक्त दोनों देश घटते जल संसाधनों और नदी बेसिन प्रबंधन की चुनौतियों का सामाना करने के लिए साझा रणनीति तय करेंगे। उद्यम क्षेत्र में सहयोग के साथ दोनों देश संयुक्त रुप से युवा कौशल विकास पर साक्षा प्रयास करने के लिए वचनबद्धता दोहराई है। इस लिहाज से आस्ट्रेलिया का न्यू कोलंबो प्लान भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।  

एक तरफ जहां म्यांमार का भारत के साथ कारोबार और आर्थिक जुड़ाव काफी कम है वही चीन के साथ कई गुना अधिक है। इसका बड़ा उदाहरण खुद म्यांमार की राजधानी नेपीटो शहर है जिसे खड़ा करने में चीन की सबसे अधिक भूमिका रही है। म्यांमार में सबसे अधिक विदेशी निवेश इंफ्रास्टक्चर सेक्टर में हो रहा है और इसमें प्रभुत्व चीन की कंपनियों का है, सड़क, एअरपोर्ट, इमारतें बनाने से लेकर पुल, बांध बनाने तक। यहीं हाल तेल और प्राकृतिक गैस के मामले में है। चीन के अलावा यहां अमेरिका, रुस, कोरिया, मलेशिया, थाइलैंड और ब्रिटेन की कंपनियों की भरमार है। लेकिन बगल में मौजूद भारत की नुमांइदगी गिनी-चुनी कंपनिया ही करती है। मसलन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में टाटा मोटर्स तो तेल और प्राकृतिक गैस में एस्सार। ऐसी दशा में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का सपना देख रहे प्रधानमंत्री मोदी को पता है कि अगर भारत को आगे बढ़ाना है तो उन बाजारों में भी भारत और उसकी कंपनियों को प्रवेश कराना होगा जिसमें विकास की संभावनाएं काफी अधिक है। ऐसे बाजारों में म्यांमार प्रमुख है, जो बाकी दुनिया के लिए धीरे-धीरे खुल रहा है और इंफ्रास्टक्चर से लेकर तेल, प्राकृतिक गैस और पर्यटन के क्षेत्र में यहां संभावनाएं अधिक है। इसी के मद्देनजर म्यांमार के राष्टपति ने जैसे ही मोदी को द्विपक्षीय वार्ता के लिए अगले साल म्यांमार आने का न्योता दिया उन्होंने तुरंत उसे लपक लिया। मोदी बेहतर संबंधों की जमीन भी तैयार करने में लग गए है। जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। आर्थिक तौर पर नजदीकी संस्कृति और सड़क दोनों के जरिए आती है, इसका अहसास है मोदी को। इसलिए वो एक तरफ जहां अगले म्यांमार दौरे में एतिहासिक मंदिरों वाले शहर बगान में जाने की योजना बना चुके है तो भारत, म्यांमार और थाइलैंड के बीच प्रस्तावित सड़क परियोजनाओं को भी गति देने की कोशिश के साथ भारत-म्यांमार संबंधों को नयी उंचाई पर ले जाने की कवायद में जुटे है। 







(सुरेश गांधी)

झारखण्ड विधानसभा चुनाव में बड़ी घटना को अंजाम देने की चल रही थी योजना

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  • पुलिस की गिरफत में आया नक्सली शंभूनाथ देहरी से पूछताछ होगी। 
  • घटनास्थल से पुलिस ने बरामद किया भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री। 
  • साथ में नक्सली साहित्य सहित वर्दी, बर्तन व दवाईयाँ। 

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विधानसभा चुनाव-2014 में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के मकसद से उप राजधानी दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के सीतासाल गाँव में गोेपनीय तरीके से चल रहे नक्सलियों के एक बड़े कैंप को ( 21 नवम्बर की सुबह 8 से 10 बजे के बीच) पुलिस ने जहाँ एक ओर ध्वस्त कर दिया, वहीं दूसरी ओर पुलिस व नक्सलियों के बीच तकरीबन दौ सौ राउण्ड गोलियाँ चली। पुलिस के मारक हमले से नक्सली के पैर उखड़ गए तथा वे भागने में सफल हो गए। इस दौरान 30-35 वर्षीय हार्डकोर नक्सली शंभूनाथ देहरी पुलिस की गिरफत में आ गया। दुमका एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू ने जानकारी देते हुए कहा  हार्डकोर नक्सली शंभूनाथ देहरी का इस चुनावी माहौल में पकड़ा जाना दुमका पुलिस के लिये एक बड़ी सफलता है।  पुलिस की गिरफत में आ चुके हार्डकोर नक्सली शंभूनाथ देहरी से पूछताछ जारी है। शिकारीपाड़ा में लगातार कैम्प कर रहे आला अधिकारियों के बीच जिले के एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू ने घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, प्रखण्ड मुख्यालय से 25-30 कि0मी0 की दूरी पर बाॅंसपहाड़ी पंचायत के ग्राम सीतासाल में 30-35 की संख्या में नक्सलियों द्वारा नामालूम समय से एक बड़े कैम्प को संचालित किया जा रहा था। यह कैम्प किसी बड़ी घटना को अंजाम तक पहुँचाने की तैयारी में था। एस0पी0 के अनुसार एस0 एस0 बी0, आई0 आर0 बी, झारखण्ड जगुआर व जिला पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में अभियान चला कर नक्सलियों का सामना किया गया तथा उनके कैम्प घ्वस्त कर दिये गए। 

पुलिस कप्तान के अनुसार नक्सलियों ने तकरीबन एक सौ राउण्ड गोलियाँ चलाई जबकि पुलिस की ओर से भी जबावी कार्रवाई के तहत लगभग इतीे ही राउण्ड गोलियाँ चलाई गई। नक्सलियो के कैम्प सेे भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित पुलिस वर्दी, नक्सली साहित्य, बर्तन तथा दवाईयाँ बरामद की गई। विदित हो झारखण्ड विधानसभा चुनाव-2014 कुल 5 चरणों में सम्पन्न होना है। पाँचवें व अंतिम चरण में संताल परगना प्रमण्डल के तमाम छः जिलों- दुमका, गोड्डा, देवघर, पाकुड़, साहेबगंज व जामताड़ा में चुनाव 20 दिसम्बर को होने तय हैं। 24 अप्रैल को संपन्न लोकसभा चुनाव-2014 में नक्सलियों ने इसी प्रखण्ड के पलासी-सरसाजोल के बीच एक बड़ी घटना को अंजाम दिया था। नक्सलियों ने मतदान कार्य सम्पन्न करवाकर लौट रहे पोलिंग व पुलिस पार्टी पर जबर्दस्त फायरिंग करते हुए कुल 8 लोगों की हत्या कर डाली जिसमें पाँच पुलिसकर्मी सहित तीन पोलिंग पार्टी के सदस्य थे। नक्सलियों के विरुद्ध लगातार सघन अभियान व एलआरपी के परिणामस्वरुप एक बड़े हार्डकोर नक्सली नेता प्रवील दा उर्फ प्रवीर दा की गिरफतारी संभव हुई थी। 

दुमका, पाकुड़ व गिरिडीह में पुलिसकर्मियों की हत्या, आग्नेयशास्त्रों की लूट, उँची लेवी वसूली व सड़क निर्माण कम्पनियों की गाडि़यों को आग के हवाले कर देने जैसे तकरीबन 30 बड़ी-बड़ी घटनाओं व पाकुड़ एस0पी0 अमरजीत बलिहार की 02 जूलाई 2013 को हुई हत्या का मुख्य अभियुक्त हार्डकोर नक्सली व स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा को उप राजधानी दुमका के रामगढ़ प्रखण्ड के हरवाडंगाल से 26-27 सितम्बर 2014 की रात्रि धर-दबोच लिया गया था। पूर्वोत्तर बिहार-पूर्वोत्तर झारखण्ड के स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा उर्फ प्रवीर दा, उर्फ सनोत दा उर्फ हिरेन्द्र दा उर्फ अमृत उर्फ मारंग दा को एसएसबी व आईआरबी के सहयोग से दुमका पुलिस की टाक्स फोर्स ने धर-दबोचा था। बिहार के जमुई से लेकर भागलपुर व झारखण्ड के संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न जिलों में दहशत व आतंक का पर्याय रहा तथा दुमका व पाकुड़ के इलाकों में वर्ष 2008 से उसके पकड़े जाने तक लगातार नक्सली घटनाओं को अंजाम तक पहुँचाता रहा नक्सली नेता प्रवील दा की गिरफतारी से वर्षों से अशांत संताल परगना क्षेत्र में शांति बहाली की फिजां लौट आई। नक्सली नेता प्रवील दा की गिरफतारी से दस्ते के अन्य सदस्यों का मनोबल काफी गिर गया। 

नक्सलियों के खौफ से आम जनता को काफी राहत महसूस हुई। डीआईजी (संताल परगना प्रक्षेत्र) प्रिया दूबे के कार्यकाल में पाकुड़ के एस0पी0 अमरजीत बलिहार की हत्या स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा ने ही की थी। हार्डकोर माओवादी प्रवील दा उर्फ प्रवीर दा की गिरफतारी से पुलिस ने भी राहत की सांस ली। एस0पी0 दफतर में 28 सितम्बर 2014 को पत्रकारों से बात करते हुए डीआईजी (संताल परगना प्रक्षेत्र) दुमका प्रिया दूबे ने कहा गुप्त सूचना के आधार पर एस0पी0 दुमका अनूप टी मैथ्यू के कुशल नेतृत्व व निर्देशन में एसएसबी-आईआरबी के सहयोग से डीएसपी (मु0) पीताम्बर खैरवार, थाना प्रभारी काठीकुण्ड नयन सुख डाडेल, थाना प्रभारी दुमका (नगर) देवव्रत पोद्दार, अवर निरीक्षक सचिन दास, रामदेव बानरा, स0अ0नि0 जीतू तिग्गा, तकनीकी शाखा के संतोष कुमार सिंह, महिला पुलिसकर्मी पूजा कुमारी, नगर थाना, दुमका जिला एस0ए0टी0 सशस्त्र बल आईआरबी रामगढ़, एसएसबी (45 वीं बटालियन) व अन्य के सहयोग से उप राजधानी दुमका के रामगढ़ प्रखण्ड के हड़वाडंगाल गाँव से हार्डकोर नक्सली नेता प्रवील दा को गिरफतार किया गया। एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू ने कहा पूर्वोत्तर बिहार-पूर्वोत्तर झारखण्ड के स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा वर्ष 1992 में अशोक जी (रिजन सदस्य) के नेतृत्व में भाकपा माओवादी में शामिल हुआ था। वर्ष 2001-02 में गिरफतार नक्सली नेता सबजोन का सदस्य बना था। 

वर्ष 2003 के नवम्बर-दिसम्बर से कंचन यादव, रमेश, बद्री राय, मनोज देहरी, फिलमन किस्कु, मनोहर गृहि के साथ हार्डकोर नक्सली नेता प्रवील दा ने पार्टी का विस्तार किया था। वर्ष 2006 में बसकियाँ पहाड़ में प्रयाग दा, अनल दा, विजय दा की उपस्थिति में 06-08 लोगों को शामिल कर एक हथियार बंद दस्ता बनाया था। तब से आज तक दुमका जिला में धटित विभिन्न घटनाओं को वह अंजाम देता रहा। एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू ने कहा वर्ष 1993 में धनबाद के टुण्डी थानान्तर्गत समलाल मुर्मू की हत्या के आरोप में पहली मर्तबा प्रवील दा 10 माह तक जेल में रहा था। पुलिस अधीक्षक दुमका अनूप टी0 मैथ्यू के नेतृत्व में काठीकुण्ड थानान्तर्गत लकड़ाफैला जंगल से एक इन्साॅस रायफल की मैगजीन, एक .303 रायफल व मैगजीन (पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद उनसे लूटा गया हथियार) बरामद किया गया। एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू ने जानकारी देते हुए कहा दुमका जिला के विभिन्न प्रखण्डों में तकरीबन 22 अलग-अलग बड़ी वारदातों सहित पाकुड़ जिला में 05 वारदातों व गिरिडीह में कई नक्सली घटनाओं का अभियुक्त रहा है प्रवील दा। विदित हो पिछले 02 जूलाई 2013 को दुमका-पाकुड़ मार्ग पर दुमका से तकरीबन 25 कि0मी0 की दूरी पर जमुनी-शिवतल्ला में दुमका से पाकुड़ जाने के क्रम में पाकुड़ एस0पी0 अमरजीत बलिहार की हत्या कर दी गई थी। इस कांड का माॅनिटरिंग नक्सली नेता प्रवील दा खुद कर रहा था। इसके अलावा वर्ष 2008 में दो-दो थानेदारों सहित अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी भी प्रवील दा रहा है। 

डीआईजी (संताल परगना प्रक्षेत्र) प्रिया दूबे के अनुसार आसन्न विधानसभा चुनाव में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की रणनीति भी प्रवील दा द्वारा बनाई जा रही थी। प्रवील दा की गिरफतारी से एक बड़ी वारदात को रोक पाने में पुलिस कामयाब रही। पुलिस के समक्ष अपने स्वीकारोक्ति बयान में प्रवील दा ने कबूल किया कि वर्ष 2008 में शिकारीपाड़ा के पोखरिया में पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान तत्कालीन थानेदार शमशाद अंसारी व अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या में वह शामिल था। वर्ष 2009 के विधान सभा चुनाव में पुलिस पार्टी पर हमला कर जहाँ एक ओर एक चैकीदार की हत्या में यह शामिल था वहीं पुलिस पार्टी से एक इन्सास रायफल भी लूटी गई थी। वर्ष 2010 में काठीकुण्ड थानान्तर्गत तालपहाड़ी जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में थाना प्रभारी जामा सतानन्द सिंह की हत्या में यह मुख्य अभियुक्त था। वर्ष 2013 में पुलिस अधीक्षक पाकुड़ के काफिले पर हमला तथा एस0पी0 अमरजीत बलिहार सहित 05 पुलिसकर्मियो की हत्या कर प्रवील दा ने हथियार लूट लिये थे। 24 अप्रैल 2014 को शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के पलासी-सरसाजोल के बीच लैण्ड माइन्स विस्फोट कर प्रवील दा के दस्ते ने 3 मतदान कर्मियों सहित पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी के 5 सदस्यों की हत्या कर दी थी तथा पुलिसकर्मियों के हथियार लूट लिये थे। एस0पी0 अनूप टी0 मैथ्यू के अनुसार पूर्वोत्त्र बिहार-पूर्वोत्तर झारखण्ड के स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा उर्फ प्रवीर दा, उर्फ सनोत दा उर्फ हिरेन्द्र दा उर्फ अमृत उर्फ मारंग दा गिरिडीह जिलान्तर्गत पीरटांड़ थाना क्षेत्र के बरवाडीह गाँव का रहने वाला है। 39 वर्षीय प्रवील दा 16-17 वर्ष की उम्र में ही नक्सली संगठन से जुड़ गया था। मात्र पाँचवीं पास स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा में संगठन को खड़ा करने, उसे प्रशिक्षित करने व उसके विस्तार में गजब की महारत हासिल है। 

गुरिल्ला युद्ध में भी यह काफी दक्ष है। अमरापाड़ा में स्थित पेेनम कोल माइन्स क्षेत्र में विस्थापितों की आवाज रही सिस्टर बाॅलसा जाॅन एवं पैनम कोल माईन्स (अमरापाड़ा, पाकुड़) के कार्यकारी निदेशक पी0 के0 शरण की हत्या में भी प्रवील दा की महती भूमिका रही थी। सड़क निर्माण कम्पनी जेवीआर के कई महंगे डंफरों सहित अन्य वाहनों को आग के हवाले प्रवील दा के दस्ते ने ही किया था। एसपी अनूप टी0 मैथ्यू ने कहा प्रवील दा के दस्ते में 25 से 30 सदस्य शामिल हैं जिनके पास 3 ए0के0-47 तथा 8 इन्साॅस रायफल मौजूद है। एसपी अनूप टी0 मैथ्यू ने प्रवील दा को नक्सली मूवमेंट का इनसाॅयक्लोपेडिया कहा है। संताल परगना के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है प्रवील दाः- संताल परगना प्रमण्डल सहित जमुई, गिरिडीह व भागलपुर में  अपनी दहशत का पताका फहरा रहा स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा संताल परगना प्रमण्डल के तमाम जंगली-पहाड़ी क्षेत्रों का बड़ा जानकार रहा है। 26-27 की रात्रि दुमका पुलिस के हत्थे चढ़ा नक्सली नेता के विषय में पूरी तहकीकात के बाद पुलिस का उपरोक्त आशय की जानकारी प्राप्त हो पायी है। डीआईजी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में एसपी अनूप टी0 मैथ्यू ने कहा प्रवील दा को दुमका व संताल परगना प्रमण्डल के अन्य जिलों के पहाड़ व जंगली इलाकों का खासा ज्ञान है। घटनाओं को अंजाम देने, हथियारों की लूट व पुलिसकर्मियो की हत्या में पूरी सर्तकर्ता बरतती रही है प्रवील दा के दस्ते ने। पिछले कई वर्षों से पुलिस की आँखों में धूल झोकने रहने के बाद अंततः गिरफतार हुए स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य प्रवील दा के उपर दबाब बनाने के बाद पुलिस को कई अन्य अनसुलझे प्रश्नों का हल प्राप्त हो सकता है।




अमरेन्द्र सुमन
दुमका, झारखण्ड

सिविल डिफेन्स फायर मॉकड्रिल का प्रदर्शन

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भोपाल। भारत सरकार गृह मंत्रालय सिविल डिफेन्स के सहयोग से अग्नि दुर्घटना और उससे बचाव का लाइव डेमोस्ट्रेशन पुलिस कंट्रोल रूम के पीछे होमगार्ड लाइन, जहांगीराबाद में दिया गया ! जिसमे रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने पर आग बुझाने का प्रदर्शन कर  सुरक्षा के लिए तरीकों की जानकारी दी। इस मॉक ड्रिल में दिखाया गया कि किसी भवन या बहुमंजिला इमारत में आग लगने की स्थिति में कैसे बचकर निकला जा सकता है। जान-माल की रक्षा की जा सकती है और ऐसी दुर्घटनाओं में घायलों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने फर्स्ट एड की जानकारी दी गई। इसके अलावा गैस सिलेंडर, बिजली अथवा अन्य प्रकार से किसी भवन में लगी आग पर कैसे काबू पाया जा सकता है। आग से बचने के टिप्स एवं सूझ-बूझ से आग बुझाने एवं आग से बच निकलने के तरीकों की जानकारी दी। फायर डेमोस्ट्रेशन लेफ्टिनेंट  कर्नल नितिन देशपांड्ये ,नगर निगम भोपाल फायर ऑफिसर साजिद अली एवं सिविल डिफेन्स  ऑफिसर दीपक सिंह ठाकुर  द्वारा  दिया गया

इस प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि प्रकृति ने हमें हवा, पानी, आग सभी प्राकृतिक वस्तुओं से नवाजा है। जब लापरवाही की जाती है तो यही जान-माल के लिए विनाशकारी साबित होता है। अतः इनसे सावधानी अत्यंत जरूरी है।  सिविल डिफेन्स डिस्ट्रिक कमांडेंटएस.एस. कुशवाह  ने जोर दिया कि  महिलाओं को प्राथमिक सहायता व आग से बचाव की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे सुरक्षित रह सकें।

कंपनी कमांडेंट एसडी पिल्लई ने बताया कि, वर्कशॉप के दौरान बाढ़ के समय में खुद और अपने पड़ोसियों को बचाने, किसी भी तरह की आपदा में फर्स्ट एड देने और घरेलू समान से राहत कार्य की उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान दिया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस जीवंत प्रदर्शन द्वारा  अग्नि शमन एवं अग्नि सुरक्षा के जो उपाय बताए गए हैं, वह जीवन में कभी भी काम आ सकते हे ! सात दिवसीय प्रशिक्षण का समापन कल रविवार को होगा !

मंगलयान 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों की लिस्ट में शामिल

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टाइम मैगजीन ने भारत के सफल मंगलयान को 2014 के बेहतरीन आविष्कारों की सूची में नामांकित किया है। टाइम ने मंगलयान के बारे में लिखा है, "यह तकनीक भारत को आने वाले समय में अंतरिक्ष में आगे रखेगी। कोई भी पहली बार में मंगल पर सफलता नहीं पा सका है। न ही अमेरिका, न रूस और न ही यूरोपियन देश। 24 सितंबर को यह भारत ने कर दिखाया।"

टाइम ने लिखा कि जैसे ही मंगलयान ऑर्बिट लाल ग्रह के कक्षा में स्थापित हुआ, उसी समय भारत अपने प्रतिद्वंद्वी एशियाई देशों से आगे निकल गया। टाइम ने मंगलयान को सुपरमार्ट स्पेसक्राफ्ट कहा है। टाइम ने 2014 के सबसे अच्छे आविष्कारों की लिस्ट में मंगलयान को रखा गया है। इस लिस्ट की शुरुआत में टाइम ने 'मेकिंग द वर्ल्ड बेटर, स्मार्टर एंड इन सम केसेस- अ लिटल मोर फन'वाक्य का जिक्र किया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) द्वारा विकसित किए मंगलयान पर 450 करोड़ रुपए का खर्च आया था। इस फिल्म का खर्च ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली हॉलीवुड मूवी 'ग्रैविटी'से भी काफी कम है।

'टाइम'ने कहा कि मंगलयान पर जो पांच उपकरण लगाए गए हैं, उनके माध्यम से मंगल ग्रह पर मिथेन का आकलन करने और उसकी सतह की बनावट के बारे में जानकारी जुटायी जाएगी। पत्रिका ने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे भारत को अंतर-ग्रहीय अभियान में पांव पसारने में मदद मिलेगी, जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विशेष तौर पर विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी बात होगी।

इस सूची में दो भारतीयों के आविष्कार भी शामिल हैं, जो अलग-थलग रखे जाने वाले कैदियों को योग करने के लिए स्थान उपलब्ध कराने और बच्चों के लिए खिलौना टैबलेट से जुड़ा है। वन पर्यावरणविद् नलिनी नादकर्णी ने ओरेगन में स्नेक रिवर सुधार संस्थान के साथ 'ब्लू रूम'तैयार किया, जो अलग-थलग रखे जाने वाले कैदियों के लिए है, जिन्हें दिन में 23 घंटे दीवारों के अलावा कुछ और देखने को नहीं मिलता है।

गूगल के पूर्व इंजीनियर प्रमोद शर्मा ने 'ओस्मो'नामक खिलौना टैबलेट तैयार किया है। इस सूची में शामिल अन्य आविष्कारों में लाकहीड मार्टिन की ओर से तैयार रिएक्टर और एप्पल स्मार्ट वाच, माइक्रोसॉफ्ट सर्फेस प्रो 3 शामिल हैं।

नवाज शरीफ ने ओबामा से कश्मीर मुद्दा उठाने का आग्रह किया

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा से कश्मीर मुद्दे को भारतीय नेतृत्व के समक्ष उठाने का आग्रह किया है, जब वह (ओबामा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर अगले साल जनवरी में भारत की यात्रा पर जाएंगे। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि शरीफ के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ओबामा ने स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान तथा क्षेत्र में साझा हितों को मजबूत करने के लिए अमेरिका और पाकिस्तान के प्रयासों पर चर्चा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दक्षिण-एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ आतंकवाद और चरमपंथ से मुकाबले के लिए अपनी प्रतिबद्धता फिर दोहराई। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच अहम संबंधों और द्विपक्षीय संबंधों को दिशा देने के लिए रूपरेखा (फ्रेमवर्क) के प्रति अमेरिका-पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता की महत्ता पर प्रतिबद्धता जताई। रणनीतिक वार्ता का अगला और वर्ष 2015 की शुरूआत में हो सकता है।

व्हाइट हाउस ने कहा, दोनों नेताओं ने आतंकवाद और चरमपंथ से मुकाबले और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बयान में कहा गया, राष्ट्रपति ने नई अफगान सरकार के साथ पाकिस्तान के सुधरे संबंधों का भी स्वागत किया। उधर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्यालय के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन किया और उन्हें अपनी आगामी भारत यात्रा के बारे में अवगत कराया। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों एवं क्षेत्रीय स्थिति के बारे में चर्चा हुई।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रपति ओबामा ने शरीफ को जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए अपने दौरे के बारे में अवगत कराया। बातचीत के दौरान शरीफ ने ओबामा को पिछले साल वाशिंगटन में पाकिस्तान आने के लिए दिए गए न्योते की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग अमेरिकी राष्ट्रपति का निकट भविष्य में अपने देश में स्वागत करने की उम्मीद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति (बराक ओबामा) ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि वह शीघ्र ही किसी तारीख पर तब दौरा करेंगे, जब देश में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (22 नवम्बर)

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प्रषिक्षण में अनुपस्थिति पर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी निलंबित

छतरपुर/21 नवम्बर/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने अनुविभागीय कार्यालय छतरपुर में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री जगभान सिंह को नगरीय निकाय निर्वाचन के तहत आयोजित मतदान दलों के प्रषिक्षण में अनुपस्थित रहने पर निलंबित कर दिया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र चैकसे ने बताया कि श्री जगभान सिंह की ड्यूटी हरपालपुर नगरीय निकाय के चुनाव में पीठासीन अधिकारी के रूप में लगाई गई थी। नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2014 हेतु मतदान दलों का प्रषिक्षण 18 नवम्बर को षासकीय पाॅलीटेक्निक महाविद्यालय, नौगांव में आयोजित किया गया था। उक्त प्रषिक्षण में श्री सिंह को अनुपस्थित होने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।  

कलेक्टर ने लवकुषनगर में नगरीय निकाय निर्वाचन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया

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छतरपुर/21 नवम्बर/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने आज लवकुषनगर में पहुंचकर नगरीय निकाय निर्वाचन की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां षासकीय उत्कृष्ट उ0मा0 विद्यालय, लवकुषनगर में बनाये गये स्ट्रांग रूम एवं मतगणना कक्षों की व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उपस्थित अधिकारियों को आवष्यक निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम में ईव्हीएम व्यवस्थित तरीके से रखी जायें एवं मतगणना कक्ष की व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे। उन्होंने यहां उपस्थित लवकुषनगर नगर पंचायत के रिटर्निंग अधिकारी श्री हेम करण धुर्वे से नगरीय निकाय के मतदान केंद्रों की व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुये आवष्यक निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि लवकुषनगर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 4 में मतदान केंद्र क्रमांक 4 एवं 5 को वल्नरेबल मतदान केंद्रों की श्रेणी में षामिल किया जाये। इन मतदान केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की जाये, जिससे मतदाताओं को मतदान करने में कोई कठिनाई न हो। उल्लेखनीय है कि जिले के 5 नगरीय निकायों छतरपुर, हरपालपुर, बारीगढ़, सटई एवं राजनगर में 28 नवम्बर को एवं षेष नगरीय निकायों में 2 दिसम्बर को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक मतदान सम्पन्न होगा। 28 नवम्बर को होने वाले मतदान की गणना 4 दिसम्बर को तथा 2 दिसम्बर को होने वाले मतदान की मतगणना 6 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे से संबंधित नगरीय निकाय के लिये स्थापित मतगणना केंद्र पर सम्पन्न होगी।   

लवकुषनगर क्षेत्र में नहर निर्माण के कार्य में लायें तेजी: कलेक्टर

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छतरपुर/21 नवम्बर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर द्वारा तहसील कार्यालय लवकुषनगर में आज जल संसाधन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने लवकुषनगर क्षेत्र में सिंहपुर बांध से निकाली जा रही नहर के कार्य में तेजी लाने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि नहर बनने में आ रही समस्याओं का निराकरण षीघ्रता से किया जाये। उन्होंने निर्देष दिये कि नहर निर्माण के लिये भू-अर्जन एवं अवार्ड पारित करने की कार्यवाही समय सीमा में कर ली जाये। उन्होंने कहा कि इसी तरह माइनर कैनाल के लिये भी कार्य में तेजी लायी जाये। यदि सीमांकन के प्रकरण लंबित हैं तो पहले सीमांकन की कार्यवाही तेजी से की जाये। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नहर के लिये अपनी भूमि की सहमति नहीं देता है तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होंने यहां उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को नहर निर्माण की पूरी जानकारी रखने के निर्देष दिये, ताकि कार्य में तेजी आ सके। बैठक में अधीक्षण यंत्री श्री अभय जैन, कार्यपालन यंत्री श्री युवराज वाकरे, एसडीएम श्री हेम करण धुर्वे, एसडीओ जल संसाधन श्री मिश्रा एवं हेमंत गुप्ता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। 

जाति प्रमाण पत्र जारी करने के कार्य में लायें तेजी
कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने आज लवकुषनगर में तहसील कार्यालय स्थित लोक सेवा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लोक सेवा केंद्र के कर्मचारियों को जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में तेजी से कार्यवाही करने के निर्देष दिये। यहां जानकारी मिली कि लोक सेवा केंद्र में अब तक साढ़े 4 हजार आवेदन आये हैं जिनमें से 4 हजार 1 सौ जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने यहां लोगों की समस्यायें भी सुनीं।  

मतगणनाकर्मियों का प्रषिक्षण अब 26 को होगा

छतरपुर/21 नवम्बर/नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत मतगणनाकर्मियों का प्रथम प्रषिक्षण 23 नवम्बर को होना था, किंतु अपरिहार्य कारणों से प्रषिक्षण की तिथि में परिवर्तन कर अब 26 नवम्बर निर्धारित की गई है। प्रषिक्षण का स्थान व समय पूर्ववत् रहेगा।    
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