Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live

कच्चा तेल पाँच साल के निचले स्तर पर

$
0
0
petrolium-price-on-lowest-in-5years
अमेरिका समेत अन्य देशों में बढ़ते उत्पादन के दबाव में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आज कच्चा तेल की कीमत पाँच साल से ज्यादा के न्यूनतम स्तर 65.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयी। शुरूआती कारोबार में आज लंदन का ब्रेंट क्रूड सितंबर 2009 के बाद के निचले स्तर 65.29 डॉलर प्रति बैरल तक उतर गया। हालाँकि बाद में थोड़ा सँभलते हुये यह दो सेंट की तेजी के साथ 66.21 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ गया। इससे पहले सोमवार को ब्रेंट में 4.2 प्रतिशत यानि 2.79 डॉलर की गिरावट रही जो इस साल की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं अमेरिकी क्रूड भी 23 सेंट की तेजी के साथ 63.28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गया। 

नार्वे की ब्रॉकरेज कंपनी डीएनबी मार्केट्स का कहना है कि अगले साल के आरंभ में कच्चा तेल 50 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे उतर सकता है। इस बीच तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक उत्पादन नहीं घटाने के अपने फैसले पर कायम है।

बिहार : सरपंच के घर संचालित मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़

$
0
0
gun-factory-found-in-sarpanch-home-bihar
बिहार में भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के बड़ी मकंदपुर गांव के सरपंच के घर छापेमारी कर पुलिस ने अवैध मिनीगन फैक्ट्ररी का भंडाफोड़ किया है।  नवगछिया के पुलिस अधीक्षक शेखर कुमार ने आज यहां बताया कि जिले के नारायणपुर प्रखंड से सटे पसराहा क्षेत्र में कुछ अपराधियों के साथ पकड़े गये सरपंच सुमन चौधरी के बयान पर पुलिस ने स्पेशल टॉस्क फोर्स .एसटीएफ.की मदद से बड़ी मकंदपुर गांव स्थित उसके घर पर छापेमारी की। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान वहां अवैध रूप से चल रहे मिनीगन फैक्ट्ररी को जब्त कर लिया गया। 

श्री कुमार ने बताया कि इस दौरान चार रायफल . छह देशी कट्टा . तीन पिस्टल .चार अद्र्धनिर्मित कट्टा . 20 मैगजीन . 60 जिंदा गोलियां सहित हथ्ियार बनाने का कई औजार भी बरामद किया गया  है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सरपंच के खिलाफ कई मामले भागलपुर के अलावे खगडि़या और मुंगेर जिलों में र्दज है .जिसकी जांच करायी जा रही है । पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरपंच के घर से जब्त मिनीगन फैक्ट्ररी में तैयार हथियारों की आपूर्ति बिहार के बाहर भी की जाती थी।

तेल की घटी कीमतों का फायदा उपभोक्ताों को मिले: कांग्रेस

$
0
0
mallikarjuna kharge
कांग्रेस ने आज संसद में मांग की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की घटी की कीमतों का फायदा उपभोक्ताों को मिलना चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 140 डालर प्रति बैरल से घटकर 65 से 70 डालर तक पहुंच गयी है लेकिन इसका फायदा उपभोक्ताों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब पेट्रोल और डीजल को बाजार आधारित कर दिया गया है तो फिर इनकी कीमतों में कमी क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह पिछले शुक्रवार को इस मुद्दे को उठाना चाहते थे लेकिन हंगामे के कारण वह ऐसा नहीं कर सके। सरकार ने दो दिसंबर को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढाने की घोषणा की थी। पेट्रोल पर यह 2.25 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर बढाया गया। हालांकि इसका बोझ उपभोक्ताों पर नहीं पडेगा। 

श्री खडगे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की घटी कीमतों का फायदा उपभोक्ताों को देने के बजाय सरकार अपना घाटा कम करने पर लगी है जो अच्छी बात नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस बारे में सदन में बयान देना चाहिए। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी श्री खडगे की मांग का र्समथन करते हुए कहा कि सरकार ने संसद को विश्वास में लिए बिना यह फैसला किया है।

श्रीमती गांधी कल जम्मू में चुनावी रैली को करेंगी संबोधित

$
0
0
sonia-will-address-election-rally-in-jammu
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जम्मू. कश्मीर विधानसभा चुनाव के चौथे और पांचवें चरण के लिए कल यहां एक चुनावी रैली को सम्बोधित करेंगी। पार्टी सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्रीमती गांधी दोपहर में एम ए स्टेडियम में साम्बा. कठुआ. राजौरी और जम्मू जिलों से चुनाव लडने वाले पार्टी प्रत्याशियों के र्समथन में एम ए स्टेडियम में एक रैली को सम्बोधित करेंगी। इससे पहले श्रीमती गांधी श्रीनगर में शानगुस निर्वाचन क्षेत्र में सुबह एक रैली को सम्बोधित करेंगी। 

श्रीमती गांधी ने 21 नवम्बर को बांदीपोरा और 25 नवम्बर को रामबन निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के र्समथन में प्रचार किया और रैलियों को सम्बोधित किया था। इस बीच. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भी जम्मू में चुनावी सभा को संबोधित करने की संभावना है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (09 दिसम्बर)

$
0
0
जनसुनवाई कार्यक्रम में 95 आवेदन प्राप्त हुए, मौके पर 20 आवेदनों का निराकरण

vidisha map
कलेक्टर श्री एमबी ओझा के मार्गदर्शन में मंगलवार को आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू भदौरिया को 95 आवेदकों ने अपने आवेदन प्रस्तुत किए। जिसमें अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने मौके पर 20 आवेदनों का निराकरण कराया। शेष आवेदनों को संबंधित विभागोे के लिए प्रेषित किए गए है और उन्हें समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश अपर कलेक्टर द्वारा दिए गए। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर श्री राजीवनंदन श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एमसी श्रीवास्तव, तहसीलदार श्री रविशंकर राय एवं अधीक्षक श्री खेमचंद अहिरवार के अलावा अन्य विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे। 

योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत नजर रखे-कलेक्टर श्री ओझा
  • राजस्व अधिकारियों की बैठक सम्पन्न

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने सोमवार को जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों की बैठक आहूत कर उनसे कहा कि वे कार्य क्षेत्रों में क्रियान्वित शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों पर सतत नजर रखें। इसी प्रकार की अपेक्षा उन्होंने आंगनबाडी केन्द्रों, स्कूलों के संचालन के संबंध में व्यक्त की। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि अनुविभाग क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियो एवं अधीनस्थ अमले की उपस्थिति सुनिश्चित हों इसके लिए जिला स्तर की तर्ज पर क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था क्रियान्वित करें। उन्होंने सीमांकन, आविवादित बंटवारे के प्रकरण लंबित ना रखने की सलाह दी। कलेक्टर श्री ओझा ने राजस्व अधिकारियों के सुझाव पर जिले की ऐसी तहसील जिनमें खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पदस्थ नही है अथवा अवकाश पर है उन क्षेत्रों के नायब तहसीलदारो को उक्त चार्ज देने पर सहमति व्यक्त की। कलेक्टर श्री ओझा ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत सत्यापन और अपग्रेडेशन कार्य साथ-साथ करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि समुचित जानकारियां समग्र पोर्टल पर अंकित की जानी है इसलिए इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से समय सीमा में कराया जाना सुनिश्चित हों। अनुविभाग क्षेत्र के ऐसे हितग्राही जिन्हें खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रतापर्चियां जारी की जा रही है। उनके पास गैस कनेक्शन है कि नही का सत्यापन कार्य शीघ्र कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे हितग्राही जिनके पास गैस कनेक्शन है उन्हें नियमानुसार केरोसिन का वितरण नही किया जाए और जारी आदेश से हितग्राहियों को भी अवगत कराया जाए। कलेक्टर श्री ओझा ने जाति प्रमाण पत्र हेेतु की गई अब तक कार्यवाही की भी समीक्षा इस दौरान की। उन्होंने कहा कि अनुविभागीय अधिकारी अपने स्तर पर इस प्रकार के प्रकरण लंबित ना रखें। उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण की भी समय-समय पर समीक्षा करने का सुझाव दिया। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि जिले में दस गांव नक्शाविहिन है जिनके नक्शे बनाएं जाने की कार्यवाही अधीक्षक भू-अभिलेख के द्वारा की जा रही है। इसी प्रकार जीर्णशीर्ण नक्शो का दुरूस्तीकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने बालिका छात्रावासो में बाउण्ड्रीवाल बनाए जाने पर जोर दिया। इसके अलावा उचित मूल्य दुकानो के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सामग्री एवं स्टाॅक की जानकारी दीवारो पर प्रदर्शित की जाए की जांच पड़ताल करने की सलाह दी। जिला पंचायत के सीईओ श्री मिश्रा ने इस अवसर पर राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे भ्रमण के दौरान अन्य योजनाओं के साथ-साथ स्कूलों मंे अध्यापन कार्य समय पर हो रहा है कि नही का भी परीक्षण करें वही स्कूली विद्यार्थियों को वितरित किया जाने वाला मध्यान्ह भोजन और दूध वितरण की क्वालिटी का भी आकस्मिक निरीक्षण करें। 

मानव अधिकार आयोग स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस 10 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के मित्र श्री अतुल शाह ने जानकारी देते हुए बताया है कि 10 दिसम्बर बुधवार को प्रातः 11 बजे से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा के सभागृह में वृद्धजनों के अधिकार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री एमबी ओझा होंगे और अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी करेंगे। विशिष्ट वक्ता के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी श्री मोहनबाबू अग्रवाल मौजूद रहेंगे।

प्राप्त दावे आपत्तियों का होगा निराकरण

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले में सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना वर्ष 2011 के किए गए सर्वे की ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन उपरांत प्राप्त होने वाले दावे आपत्तियों के निराकरण के लिए समय सीमा तय की है। कलेक्टर श्री ओझा द्वारा जारी निर्देशों में समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारो, नायब तहसीलदारो, जनपदो के सीईओ और निकायो के अधिकारियों से कहा गया है कि सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना वर्ष 2011 में किए गए सर्वे के ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन 10 दिसम्बर को करना सुनिश्चित करें और प्रकाशित सूची सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कराया जाने का कार्य करें। इसके पश्चात् दावे आपत्तियां प्राप्ति की कार्यवाही प्रारंभ हो जाएगी। दावे आपत्तियां आठ जनवरी 2015 तक प्राप्त की जाएगी। यह कार्य ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार निकाय क्षेत्रो में संबंधितों के द्वारा उक्त कार्यवाही की जाएगी। प्राप्त दावे आपत्तियों के निराकरण 30 जनवरी तक किया जाएगा। निराकरण के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्राधिकृत किए गए है। सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना वर्ष 2011 की ड्राफ्ट सूची का अंतिम प्रकाशन सात फरवरी 2015 को किया जाएगा। 

अपील
जिला स्तर पर अपील प्राप्ति के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है जिसके अनुसार (ड्राफ्ट सूची प्रकाशन से 65वें दिवस और उसके पूर्व तक) जिला स्तर पर अपील प्रस्तुत करने एवं प्राप्त करने की समय सीमा तय की गई है तदानुसार 12 फरवरी तक अपील प्राप्त एवं प्रस्तुत की जा सकती है। जिला स्तर पर दावे आपत्तियों के निराकरण के अपील प्रकरण प्राप्ति के लिए संबंधित एसडीएम या कलेक्टर द्वारा नियुक्त अधिकारी प्राधिकृत होंगे। प्राप्त अपीलो का निराकरण के लिए अंतिम तिथि 27 फरवरी निर्धारित की गई है। अपीलो के निराकरण उपरांत अंतिम सूची में कोई परिवर्तन होता है तो उसे अंतिम सूची के साथ परिशिष्ट के रूप में जारी किया जाएगा।

विशेष आलेख : सांप्रदायिकता विरोधी राजनीति के चैंपियन का रुख मुलायम क्यों

$
0
0
नरेंद्र मोदी और भाजपा का विरोध सपा के लिए केवल जवानी जमाखर्च तक सीमित रह गया है। यह बात सोमवार को राज्य सभा में साध्वी निरंजन ज्योति के मुद्दे पर उसके रुख से और ज्यादा जाहिर हो गई। कांग्रेस चाहती थी कि अभी गतिरोध कुछ और चले। हालांकि कांग्रेस ने भी निरंजन ज्योति को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग छोड़ दी थी पर कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही थी कि उनके बयान के लिए सदन उनके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास करे। समाजवादी पार्टी को अचानक संसद की उच्च परंपराएं याद आ गईं जिसकी वजह से उसने कांग्रेस के रुख से किनारा कर लिया। कांग्रेस ने देखा कि सपा के पैंतरे से उसकी भद पिट सकती है तो कांग्रेस ने भी राज्य सभा के उप सभापति के बयान पर संतोष जाहिर कर मामले का पटाक्षेप करने में ही अपनी इज्जत समझी।

समाजवादी पार्टी के नेताओं का जो इतिहास रहा है उसे देखते हुए संसदीय मर्यादा की उसके द्वारा बात करना कुछ हजम नहीं होता। मुलायम सिंह के समय उत्तर प्रदेश विधान सभा में संसदीय मर्यादा को तोडऩे का रिकार्ड कायम हुआ। उनके सहयोगियों ने सदन में बाहुबल का ऐसा जौहर दिखाया कि तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी तक लहूलुहान हो गए। समाजवादी पार्टी के एक विधान सभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा का स्मरण हो उठता है जिन्होंने कहा था कि वह अध्यक्ष बाद में हैं समाजवादी पार्टी के सदस्य पहले इसलिए पार्टी के हित उनके लिए सर्वोपरि हैं। अध्यक्ष की पीठ पर आसीन होने के बाद माना जाता है कि वह नेता अपने को दलीय संकीर्णता से ऊपर करके नियमों के तहत सदन के संचालन की जिम्मेदारी निभाता है लेकिन मुलायम सिंह ने जानबूझकर ऐसा अध्यक्ष बनवाया था जिसे अपनी पीठ की मर्यादा का कोई भान नहीं था। मुलायम सिंह की इसके लिए उस समय बहुत आलोचना भी हुई लेकिन वे विचलित नहीं हुए। लोक सभा में भी कई प्रसंग ऐसे हैं जो समाजवादी पार्टी के उद्दत रवैए को जाहिर करते हैं। इस कारण अगर मोदी सरकार पर तीखा हमला करने से बचने के लिए समाजवादी पार्टी संसदीय मर्यादा की आड़ लेती है तो उसकी नीयत पर संशय हो उठता है भले ही उसका ऐसा करना सैद्धांतिक रूप से उचित हो। इसी कारण मुलायम सिंह जनता दल परिवार की एकजुटता का जो प्रयास कर रहे हैं उसके निशाने पर सांप्रदायिकता या मोदी और भाजपा है। ऐसा मानना प्रवंचना होगी।

दरअसल समाजवादी पार्टी ने कई महीने पहले फिलहाल केेंद्र से अच्छे रिश्ते बनाए रखकर उत्तर प्रदेश में सहूलियत के साथ अपनी सरकार चलाने का मंसूबा बांध लिया था। राज्यपाल ने संघ के निर्देश पर अखिलेश सरकार के खिलाफ उसे उकसाने के लिए कई कठोर बयान दिए जिसका आजम खां सहित कुछ मंत्रियों ने तुर्की ब तुर्की जवाब भी देने की कोशिश की लेकिन जब उन्हें यह समझ में आ गया कि मुलायम सिंह इस मामले में सब्र बनाए रखने के पक्षधर हैं तो वे शांत हो गए। अखिलेश ने राज्यपाल के बारे में पूछे गए हर सवाल पर अपने को बहुत ही कूल बनाए रखा। इसके अलावा जब तक राज्य में उप चुनाव नहीं हुए तब तक अखिलेश ने उनसे मिलने का प्रयास करने के बावजूद केेंद्रीय बिजली राज्य मंत्री पीयूष गोयल को समय नहीं दिया। साथ ही राज्य के विद्युत संकट का ठीकरा केेंद्र पर फोड़ते रहे लेकिन अब वे खुद दिल्ली जाकर पीयूष गोयल के यहां हाजिरी बजा चुके हैं। योजना आयोग को खत्म करने के मुद्दे पर भी न केवल उन्होंने ममता बनर्जी का अनुकरण करने से परहेज किया बल्कि बहुत हद तक उन्होंने अन्य विपक्षी मुख्यमंत्रियों से भिन्न मोदी के ही रुख का समर्थन किया। मुलायम सिंह शुरुआती दौर में जिस तरह से भाजपा का उग्र विरोध करते रहे हैं उसे देखते हुए अनुमान यह लगाया जा रहा था कि सांप्रदायिकता विरोधी राजनीति के चैंपियन की अपनी छवि बरकरार रखने के लिए वे अपने बेटे को ममता बनर्जी की तरह ही प्रधानमंत्री के सम्मेलन में न जाकर किसी मंत्री को भेज देने के लिए कह देंगे लेकिन यह मधुर संबंध बनाए रखने की ही नीति का तकाजा था कि उन्होंने अखिलेश से ऐसा कुछ नहीं कहा।

स्पष्ट है कि मुलायम सिंह जिस फ्रंट को बनाने की कसरत कर रहे हैं उसके निशाने पर कोई और ही है। वे उत्तर प्रदेश में निर्विघ्न राजनीति करने के लिए मायावती के अस्तित्व का सफाया चाहते हैं। नए फ्रंट के बहाने मायावती को आप्रासंगिक बनाने की अपनी योजना में वे काफी हद तक कारगर हो रहे हैं। उप चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार खड़े न करके मायावती ने जो गलती की उससे समाजवादी पार्टी का हित काफी हद तक सधा है। हालांकि लोक सभा चुनाव के परिणाम आने के तत्काल बाद मुलायम सिंह वाकई में बदहवासी में थे और उन्होंने लालू यादव के मायावती को भाजपा विरोधी गठजोड़ में शामिल कर भाजपा के सशक्त प्रतिकार के सुझाव पर सकारात्मक रुख दिखाया था। उस समय तो वे अपने बेटे को मुख्यमंत्री या पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष में से किसी एक पद से हटाकर डैमेज कंट्रोल करने की फिक्र में भी थे लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। अवसरवादिता की राजनीति में मुलायम सिंह का कोई सानी नहीं है। अगर इसे तारीफ में कहा जाए तो मुलायम सिंह से ज्यादा दूरदर्शी राजनीतिज्ञ उत्तर प्रदेश में तो छोडि़ए देश में भी बहुत कम हैं इसलिए उनके नए फ्रंट बनाने के असली मंतव्य को इन्हीं संदर्भों में परखे जाने की जरूरत है।






live aaryaavart dot com

के पी सिंह 
ओरई

किशोरी संग बलातकार मामले में 7 साल की सजा

$
0
0
rapist-get-punished
भदोही। चार साल पहले किशोरी के साथ बलातकार के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी को सात साल की सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त सजा होगी। इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 के तहत दो वर्ष की सश्रम सजा सुनाई है। मुकदमें की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्याम सूरत पांडेय ने बताया कि भदोही के सर्रोई दुलुमदासपुर निवासी 13 वर्षीय किशोरी के साथ गांव के ही बीरु उर्फ शाहआलम पुत्र स्वर्गीय बदरेआलम ने 10 अगस्त 2011 को रात्रि आठ बजे जबरदस्ती पकड बलात्कार की थी। इस मामलें में पीडि़ता के भाई संजय कुमार चैरसिया ने आईपीसी की धारा 376 के तहत नामजद रपट दर्ज कराई थी। 

पीडि़ता द्वारा बताया गया कि वह उस दिन बाजार में सब्जी लेने गयी थी। सब्ली लेकर वह घर लौट रही थी। रास्ते में आरोपी ने उसे पकड़ लिया। शोर मचाने पर मुंह दबाकर जबरन बलात्कार किया। इसके बाद वह घटना की जानकारी अपनी मां को दी। मां ने सूचना पुलिस को दी। काफी हीलाहवाली के बाद पुलिस ने 26 अगस्त को आरोपी के खिलाफ नामजद रपट दर्ज की। इस मामलें में सभी गवाहों को परिक्षित कराया गया। मामले की सुनवाई के बाद अपर जिला मजिस्टेट संजय शंकर पांडेय ने सजा सुनाई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि पीडि़ता के पास स्वयं के बयान के सिवाय दुसरा अन्य साक्ष्य नहीं था। शायद इसीलिए सजा कम हुई है। 

विशेष : साध्वी पर हमले से पहले अपने गिरेबां में झाके विपक्षी

$
0
0
जी हां, साध्वी की जबान फिसली तो सियासी घमासान छिड़ गया पर सवाल तो यह है क्या हंगामा करने से पहले अपने गिरेबां में झाककर यह देखने की कोशिश किया कि उसके सांसद-मंत्री चाहे वह लालू प्रसाद यादव रहे हो, मुलायम सिंह यादव रहे हो, ममता बनर्जी रही हो या उनके सांसद तापस पाल रहे हो या फिर कांग्रेसी दिग्गज द्विग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, बेनी प्रसाद वर्मा, मणिशंकर अरूयर, श्रीप्रकाश जायसवाल सहित न जाने कौन-कौन, जिन्होंने सारी सीमाएं लांघकर किस तरह बदजुबानी बातें या बोल बोलते आएं है। मतलब हर पार्टी में बदजुबानी बयानों की यह परंपरा रही है। कभी माफी मांगी गयी तो कभी जरुरत ही नहीं समझी गयी 

rahul gandhi protest
बात सिर्फ कैबिनेट मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की ही नही,ं गाली-गलौज की इजाजत किसी को भी नहीं होनी चाहिए और ना ही यह किसी संविधान या संस्कार में है। लेकिन सवाल यह है कि जिस बदजुबानी बात को लेकर समूचा विपक्ष साध्वी की बदजुबानी के लिए इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा। देश की विकास व अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएं रखने में रुकावट पैदा कर संसद का कामकाज ठप कर रखा। क्या वे लोग हंगामा करने से पहले अपने गिरेबां में झाककर यह देखने की कोशिश किया कि उसके सांसद-मंत्री चाहे वह लालू प्रसाद यादव रहे हो, मुलायम सिंह यादव रहे हो, ममता बनर्जी रही हो या उनके सांसद तापस पाल रहे हो या फिर कांग्रेसी दिग्गज द्विग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, बेनी प्रसाद वर्मा, श्रीप्रकाश जायसवाल सहित न जाने कौन-कौन, जिन्होंने सारी सीमाएं लांघकर किस तरह बदजुबानी बातें या बोल बोलते आएं है। मतलब हर पार्टी में बदजुबानी बयानों की यह परंपरा रही है। कभी माफी मांगी गयी तो कभी जरुरत ही नहीं समझी गयी। कहा जा सकता है राजनीति में ऐसे बयान नएं नहीं है, हंगामा बढ़ा तो जिस तरह बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी के लिए ओछी शब्दों के प्रयोग पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को माफी मांगनी पड़ी और सारा कामकाज यथावत हो गया ठीक उसी तरह साध्वी के बदजुबानी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माफी मांगते हुए देश के विकास में कामकाज शुरु करने की दरख्वास की और उसके बाद भी अडंगा या यूं कहे गतिरोध जारी है तो सवाल खड़ा होना या उंगलियां उठना भी लाजिमी है। साध्वी के पक्ष में सड़क पर उतरे लोग अगर यह कह रहे है कि विपक्ष सिर्फ इसलिए विरोध कर रहा है कि वह दलित है, छोटी जाति निषाद समाज से है, महिला है, तो जरुर इसमें कुछ न कुछ सच्चाई झलकती दिख रही है। 

sadhvi niranjan jyoti
दरअसल दिल्ली में चुनाव की आहट आई तो बयानों की बौखलाहट साथ लाई। साध्वी राजनीति में नई नही, लेकिन दिल्ली में नयी जरुर है। मंत्री पद नया-नया मिला है, शब्दों पर पहरा किसका, वैसे भी मंत्री के जुबान  पर पहरा बैठाने की हिम्मत किसे। जो पहले बयान ने नहीं किया वह कसक उनकी माफी के बाद यह बयान जिसमें उन्होंने कहा, दिल्ली में रामजोदों की सरकार बनेगी या इस देश में चाहे ईसाई हो या मुसलमान, जो है वह राम के संतान है जो नहीं मानते वह देश को भी नहीं मानेंगे, पूरी कर दी। इस बयान में तुगबंदी का विस्तार था। राजनीति में ऐसे बयान नए नहीं है लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वह मोदी सरकार में मंत्री है, सदन की गरिमा है। हंगामा बढ़ा तो पीएम से लेकर वैंकटइया नायूडा तक ने क्षमा मांग ली, फिर भी समूचा विपक्ष इस्तीफे की मांग अड़ा रहा। निर्जिव पड़ा विपक्ष में मानों जैसे जान आ गई। राहुल गांधी से लेकर हर कोई साध्वी के इस्तीफें की दुहाई देता रहा। हर बातों को ताख पर रखकर कमोवेश संसद में काम के नाम पर सन्नाटा रहा। सदन की कार्रवाई हंगामें में डूबी रही, पर ये हंगामा उतना नहीं चूभता जितना सांसद साध्वी की बदजुबानी। गतिरोध बढ़ा तो साध्वी समर्थकों ने जातिवादी कार्ड खेलते हुए दलित का रुप दे दिया। कहा गया विपक्ष अपवनी खामी-घोटालों को छिपाने के लिए यह सब कर रही है। वह नहीं चाहती की कोई दलित या फूलन देवी सरीका पिछड़ा राजनीति में आएं। मुद्दा हाथ से चला न जाएं इसलिए मायावती तक को आगे आकर कहना पड़ा साध्वी दलित नहीं पिछड़ी जाति से आती है। 

सभी पार्टिया आज साध्वी निरंजन ज्योति के इस्तीफे के लिए एकजूट है, पर अच्छा तो होता यह एकजुटता महज राजनीतिक विरोध जोड़कर शर्मिंदा करती पूर्व के दिए सभी नेताओं के बदजुबानी के लिए होती। क्योंकि अभी तक तो एक ही फलसफा नजर आता है, हम तालिब-ए-सोहरत है हमें नब्ज से क्या काम, बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा। फिर भी सवाल मुंह बाएं जहां तहां खड़ा है आखिर साध्वी ने तो इस तरह के कई बार बदजुबानी बोली, लेकिन शायद तब वह सांसद नहीं रही इसीलिए किसी ने विरोध करने की कोशिश नहीं की। गिरीराज सिंह ने जब एक वर्ग को देश छोड़ देने की धमकी जैसे न जानें कितनी आपतित्त्जनक बयान दी। हंगामा करने से पहले राहुल गांधी भूल गए कि कबीना मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी को निम्न सहित राक्षस आदि न जाने कैसे-कैसे अपशब्द कहा, तब बीजेपी विपक्ष में थी इस्तीफा मांगा कुछ नहीं हुआ। हालांकि इसके लिए मनमोहन सिंह ने संसद से माफी जरुर मांगी। सलमान खुर्शीद ने लक्ष्मण रेखा की सारे हदें पार कर नरेन्द्र मोदी को वो शब्द कहा जो बर्दाश्त योग्य नहीं था। न नेताओं की जुबान ठहरती है न शर्मिंदगी। श्रीप्रकाश जायसवाल ने तो आधी आबादी पर बदजुबानी हमला बोल सबकों चैका दिया। 

राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु द्विग्विजय सिंह ने तो महिला को सौं टका टंच माल कहते हुए न जाने क्या-क्या कह डाला। इस बयान भी बवाल-हंगामा मचा था पर कुछ नहीं हुआ। बात आई गयी खत्म हो गई। सारे बदजुबानी भूलभालकर सदन में अटल जी ने कहा यह हमारी परंपरा रही है यह हमारी प्रकृति रही है यह पंरपरा बनी रहे यह प्रकृति बना रहे सत्ता का खेल तो चलेगा सरकारें आयेगी जायेगी पार्टियां बनेगी बिगड़ेगी मगर ये देश रहना चाहिए इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए। नेता सायद एक हो जाता है सियासत में गड़े मुर्दे भी उखड जाते है। माना कि एक स्तीफें से संसद की कार्रवाई दुबारा चलने लगेगी। पर क्या इस स्तीफे के बाद किसी राजनेता की जबान कभी नहीं लड़खड़ायेगी। क्या तरीका है, नेता संयम का मर्म समझे, मिसाल बनें। कानूनी-कायदों के चलते लालू यादव अब सांसद नहीं बन सकते। लेकिन बयानों में साम्प्रदायिकता की जहर उगलना उनका आदत रहा। तमाम हंगामों के बाद भी किसी ने सबक नहीं लिया। भाजपा व तृण मूल कांग्रेस के बीच काफी तनातनी है। ममता बनर्जी ने जो बुदजुबानी बोली वह किसी को अच्छा नहीं लग सकता, लेकिन कुछ नहीं और उनके पार्टी के ही सांसद तापश पाल ने एक हाथ आगे बढ़कर बदजुबानी की सारी सीमाएं लांघ दी। सवाल पूछने पर ममता ने खेद जरुर जताया लेकिन कहा गलती हो गयी लेकिन क्या इसके लिए मैं उनकों मार डालू। ममता ने जब खेद जताया तो दूसरे दिन तपश ने यहां तक कह डाला कि सारे विपक्ष की हत्या कर दूं। 

ये छिंटाकसी, बड़बोलापन, ये बदजुबानी, धीेरे धीरे सियासत का चरित्र बनता जा रहा है। यहां अपनी गलती, अपनी कमीज की फिक्र किसी को नहीं यहां चिंता इस बात की है सामने वाले की कमीज हमसे कहीं ज्यादा न सफेद रह जाएं। धर्म जीने की राह दिखाता है, धर्म जीने का तरीका सिखाता है, लेकिन जब धर्म राजनीति में घुलती है तो नेताओं की बदजुबानी सिर चढ़कर बोलता, कटीली हो जाती है। संवैधानिक पदों की गरिमा तार-तार होती रही। हैदराबाद के असउद्दीन ओबेसी या उनके भाई अकबर ओबेसी ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आया, कहा 15 मिनट में सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों को पलभर में तबाह कर दूं। हालांकि इसके लिए उसे जेल जाना पड़ा। ये सच है कि राजनीति में दांव-पेंच, सह-मात का खेल चलता है लेकिन जब वह समाज की सोच को प्रभावित करने की तरफ बढ़ जाएं तो खतरनाक होता है। राजनीति की गंदी बात तो यह है कि इसकी कोई जाति नहीं होती, लेकिन ये अगर दिखने लग जाएं तो गलत है देश, समाज व संविधान के लिए। आज लालू, नीतिश, मुलायम, शरद अलग-अलग पार्टियों में होते हुए भी एक मंच, एक मोर्चे के निर्माण में जुटे है। गलत बयानी में भी एक मोर्चे पर एक-दुसरे से बहुत अलग थे। हां एक वक्त था जब एक दुसरे पर ही ये तीर छोड़ते थे, पर आज निशाना बदल चुका है। मुुलायम ने कहा लड़के है गलती हो जाती है। बिहार के सीएम मांझी ने कहा- 5 लाख दलित जुट जाएंगे तो विरोधि‍यों की अर्थी गंगा में बह जाएं। अनिल बसू ने ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत ऐसी टिप्पणी की जिसे कहना मुश्किल है। देवगौड़ा के बेटे की बदजुबानी कही नहीं जा सकती। सपा में तो बदजुबानी बोलने वालों की लंबी फेहरिस्त है चाहे वह आजम खां हो या अन्य ए क्या कहते फिर रहे है उसे दुहराया नहीं जा सकता। इन्होंने कुत्ता बिल्ली नहीं बल्कि देश के सीमा पर तैनात जवानों को ही मजहबी दिवार में बांट दिया। मतलब राम के नाम पर जुबान फिसली तो संसद में हड़ताल हो गई. लेकिन क्या पहले किसी नेता ने कभी गंदी बात बोली ही नहीं? राम के नाम पर राजनीति कोई नई नहीं है। लेकिन राम के नाम पर आजकल संसद में हड़ताल है। 

मोदी सरकार में राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक सभा में रामजादों से तुकबंदी कर गाली दे दी। एक तो साध्वी, वो भी सांसद और ऊपर से मंत्री। फिलहाल बात जो भी हो सियासत की बात करें तो यह बदजुबानी भी भाजपा वालों के लिए अच्छे दिन आ गए है की ओर इशारा कर रही है। कहावत हैं कि वही खूँटी हार उगलती है जिसने बुरे दिनों में हार लील लिया था। नल-दमयंती की इस कथा से प्रेरणा तो बीजेपी को मिली ही होगी। आजकल उसके तो अच्छे दिन आ ही गए हैं। कांग्रेस अपने वार से उसे घायल नहीं कर रही बल्कि उसे कम से कम दस साल तक सत्ता में बने रहने का आशिर्वाद दे रही है। कांग्रेस ने साध्वी निरंजन ज्योति के मामले में जिस तरह संसद को बाधित किया इससे यह मेसेज तो गया ही कि साध्वी दलित हैं, निषाद-मांझी अथवा मल्लाह जाति की हैं तथा गांव से आती हैं। अब इसका असर यह पड़ा कि यूपी में वही निषाद जाति जो कल तक मुलायम चच्चा की सपा के साथ थी अचानक बीजेपी की तरफ शिफ्ट होता दिखने लगी। दूसरे, साध्वी का दलित होना एक अलग दबंग दलित नेता की छवि दे रहा है जो कल तक मायावती के पास इंटैक्ट था। तीसरे, उनकी ग्रामीण पृष्ठभूमि का होना गांव के लोगों को पसंद आ रहा है। यानी नरेंद्र मोदी ने राजनीति में घृणास्पद बयान देने वाली नेत्री को हीरो बना दिया और कांग्रेस अब पूँछ पकड़ कर रो रही है। साध्वी निरंजन ज्योति निषाद की छवि फूलन देवी जैसी बनती जा रही है। बसपा के लिए भी इस दलित की बेटी का उभरना खतरनाक है। और चैधरी चरण सिंह की किसानी पृष्ठभूमि को अगर बीजेपी ले उड़ी तो बाकी की राजनीतिक पार्टियां क्या बाबा जी का ठुल्लू पकड़ कर बैठेंगी। राजनेताओं द्वारा किसी को बदजुबानी बोलना पहली बार तो हुआ नहीं है। राजनेता तो बोलते ही रहते हैं। उन्हें गंभीरता से लेता ही कौन है! उमर अब्दुल्ला जब सरे आम कहते हैं कि मोदी की सभा में जाने वाले बास्टर्ड हैं तो क्या वे कश्मीरी अवाम को हरामजादा नहीं बोल रहे थे? फिरहाल इस बदजुबानी बयानों पर तो रोक लगना ही चाहिए। 





(सुरेश गांधी )

श्रीनिवासन ने कहा, 'BCCI का चुनाव लड़ने दो, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से दूर रहूंगा

$
0
0
Srinivasan-to-Supreme-court-Will-stay-away-from-IPL-till-panel-decision
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के निर्वासित प्रमुख एन. श्रीनिवासन ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि अगर वह इस पद पर दोबारा चुने जाते हैं तो वह उन्हें तथा उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स को लेकर जारी हितों के टकराव से जुड़े सवाल पर प्रस्तापित समिति का फैसला आने तक वह आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से दूर रहेंगे। बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायाधीश एफएमआई कालीफुल्ला की खंडपीठ को बताया कि श्रीनिवासन आईपीएल की गवर्निग काउंसिल और आईपीएल से जुड़ी बीसीसीआई की बैठकों से खुद को दूर रखेंगे।

श्रीनिवासन की ओर से न्यायालय में पेश होते हुए सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि अगर न्यायालय बीसीसीआई चुनावों की अनुमति देता है और अगर 'मैं (श्रीनिवासन) उसमें अध्यक्ष पद के लिए खड़ा होता हूं और जीतता हूं तो फिर मैं गवर्निग काउंसिल से दूर रहूंगा। साथ ही मैं आईपीएल से जुड़ी सभी बैठक से दूरी बनाए रखूंगा'उल्लेखनीय है कि बिहार क्रिकेट संघ की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर से श्रीनिवासन को बर्खास्त करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सीएसके के मालिक तथा देश में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था का प्रमुख होने के नाते श्रीनिवासन और सीएसके के हितों के टकराने के काफी आसार हैं।

अब खुदकुशी की कोशिश करना नहीं है अपराध

$
0
0
government-decriminalizes-attempt-to-commit-suicide-removes-section
आत्महत्या करने का प्रयास करना अब अपराध की श्रेणी से हट जाएगा। विधि आयोग की सिफारिश पर मोदी सरकार ने आईपीसी की धारा 309 (आत्महत्या की कोशिश) को खत्म करने का फैसला किया है। अभी तक धारा 309 के तहत आत्महत्या की कोशिश पर एक साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बुधवार को संसद में इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि 18 राज्य और 4 केंद्र शासित क्षेत्र धारा 309 को खत्म करने के पक्ष में हैं।

गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राज्यों की राय पर केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इस धारा को आईपीसी से हटा दिया जाए।

दुनिया का आठवां सबसे खतरनाक देश है पाकिस्तान

$
0
0
pakistan-world-most-dangerous-country-in-the-world
अमेरिका में स्थित एक इंटेलिजेंस थिंक टैंक द्वारा दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की एक लिस्ट तैयार कि गई है. इस लिस्ट में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को आठवां स्थान मिला है. लिस्ट में इराक को दुनिया का सबसे खतरनाक देश माना गया है क्योंकि यहां आईएसआईएस नामक आतंकी संगठनों ने क्रूरता की सारी हदों को पार कर रखा है. इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम शामिल किए जाने का मुख्य कारण यह है कि यहां तालिबान के हक्कानी नेटवर्क से लेकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान समेत कई छोटे बड़े आतंकी संगठनों का आतंक है. इसमें सबसे खास बात तो यह है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी माना गया है.

इस लिस्ट में अफगानिस्तान को चौथे नंबर पर रखा गया है, जो तालिबान और अलक़ायदा के खतरों से जूझ रहा है. पाकिस्तान के अलावा दक्षिण एशिया का यह दूसरा देश है, जिसे इंटेल सेंटर ने ‘कंट्री थ्रेट इंडेक्स’ (खतरनाक देशों की सूची) में शुमार किया है. इंटेल सेंटर अमेरिका की एक कंपनी है, जो खुफिया एजेंसियों के लिए काम करती है. संस्था दवारा तैयार किए गए इस लिस्ट में कुल 45 देशों को शामिल किया गया है. इस लिस्ट में नाइजीरिया दूसरे नंबर पर, सोमालिया तीसरे नंबर पर, यमन पांचवे नंबर पर, सीरिया छठे नंबर पर, लीबिया सातवें नंबर पर, मिस्त्र नौवें नंबर पर और केन्या दसवें नंबर पर है. इन खतरनाक देशों की रैंकिंग का आधार वहां उस देश में आतंकवादियों और विद्रोहियों से खतरा, आतंकवादी वारदात, वहां की स्थिति, तस्वीर, वीडियो और पिछले तीस दिनों में मारे गए लोगों की तादाद को बनाया गया है. 

भारत-पाक संबंधों पर मुशर्रफ, कहा समान शर्तों पर दोस्‍ती मुमकिन

$
0
0
friendship-with-india-only-possible-on-equal-terms-says-pervez-musharraf
एक बार फिर से पाक के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है. मुशर्रफ का कहना है कि आत्मसम्मान की बलि देकर भारत से दोस्ती संभव नहीं है. दोनों देशों के बीच दोस्ती समान शर्तों पर ही संभव है. मुशर्रफ ने यह भी कहा कि लोगों को उनके बारे में गलत अवधारणा है कि वह भारत से दोस्ती नहीं चाहते. जबकि उनके ही कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते अच्छे रहे हैं.

पाक के एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में मुशर्रफ ने कहा, 'मेरे नेतृत्व में दोनों देश कश्मीर, सर क्रीक और पानी मसले से जुड़े अहम विवाद को खत्म करने के करीब पहुंच गए थे.'साक्षात्कार के दौरान जब मुशर्रफ से करगिल ऑपरेशन का मास्टरमाइंड होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह बात मानी लेकिन यह इशारा किया कि भारत ने भी बांग्लादेश के गठन में भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा, 'भारत ने ऐसे सैन्य ऑपरेशन किए इसलिए करगिल हुआ.'

परवेज मुशर्रफ ने कहा कि भविष्य में भारत और पाक के बीच दोस्ती संभव है लेकिन इसके लिए भारत को सीजफायर तोड़ना बंद करना होगा. सीजफायर तोड़ने का आरोप भारत पर मढ़ते हुए मुशर्रफ ने कहा कि दोनों देशों में दोस्ती हो सकती है लेकिन भारत बार-बार सीजफायर का उल्लंघन करे, हमारे सैनिकों की हत्या करे और ब्लूचिस्तान में आतंकवाद की फंडिंग करता रहे तो ऐसे में रिश्ते नहीं सुधर सकते. उन्होंने कहा कि मोदी के पीएम रहते हुए भी संबंध अच्छे हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान भारत के सामने झुकनेवाला नहीं है.

1993 मुंबई ब्लास्ट आरोपी याकूब मेमन की फांसी पर रोक बढ़ी

$
0
0
1993-mumbai-serial-blasts-case-supreme-court-extends-stay-on-execution-of-yakub-memon
सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में मृत्युदंड पाने वाले एकमात्र अपराधी याकूब अब्दुल रजाक मेमन की फांसी पर रोक बुधवार को बढ़ा दी और मौत की सजा की समीक्षा की मांग संबंधी उसकी याचिका पर महाराष्ट्र के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और सीबीआई से जवाब तलब किया।  खुली अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस एआर दवे की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि मेमन की फांसी पर इस समीक्षा याचिका के लंबित रहने के दौरान रोक लगी रहेगी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जनवरी, 2015 की तारीख तय की। शीर्ष अदालत ने कहा, 'हम नोटिस जारी कर रहे हैं।'इस पीठ में जस्टिस दवे के अलावा जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ हैं। 

मेमन के वकील ने कहा कि न तो निचली अदालत ने और न ही शीर्ष अदालत ने उसे फांसी के फंदे पर भेजने के खास कारण बताए हैं। मेमन ने अपने वकील के माध्यम से कहा, 'मेरी दोषसिद्धि कई आरोपियों की उन स्वीकरोक्ति पर आधारित है जिनसे वे पलट गए थे। समीक्षा की मांग वाले फैसले में उन तथ्यों एवं सबूतों का उल्लेख नहीं है जिससे पता चलता हो कि मैंने आतंकवादी गतिविधियों में हिस्सा लिया।'मेमन के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि इस कांड में पूरा फैसला सुनाए जाने से पहले ही उनके मुवक्किल को टाडा अदालत ने दोषी ठहराकर मौत की सजा सुना दी, अतएव उसकी दोषसिद्धि वैध नहीं है। पहले इन समीक्षा याचिकाओं पर चैंबर्स में ही निर्णय होता था लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने फैसला दिया कि यदि मृत्युदंड के विरुद्ध ऐसे अनुरोध आते हैं तो उस पर खुली अदालत में सुनवाई हो। शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को मेमन के अनुरोध पर महाराष्ट्र सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया था। 

मेमन ने मृत्युदंड के विरुद्ध अपनी समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने मेमन की फांसी पर स्थगन लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दो जून को व्यवस्था दी थी कि लंबी न्यायिक प्रक्रिया के दौरान सलाखों के पीछे गुजारे गए साल मृत्युदंड को कम कर उसे उम्रकैद में बदलने का आधार नहीं हो सकते और ऐसे कैदियों की समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई होनी चाहिए।  मेमन ने इसी फैसले का फायदा उठाते हुए अपने मामले की सुनवाई खुली अदालत में करने की मांग की। मेमन मौत की सजा सुनाए गया ऐसा तीसरा व्यक्ति है जो अपनी समीक्षा याचिका की खुली अदालत में सुनवाई की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

सत्‍यार्थी और मलाला को आज मिलेगा शांति का नोबेल पुरस्‍कार

$
0
0
kailash-satyarthi-malala-yousafzai-to-receive-nobel-prize-today
भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई समेत 11 हस्तियों को आज इस साल के नोबेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम और नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आज नोबेल विजेताओं को नोबेल पदक, नोबेल डिप्लोमा और उनकी पुरस्कार राशि की पुष्टि करने वाले पत्र दिए जाएंगे। 60 वर्षीय सत्यार्थी और 17 साल की मलाला यूसुफजई को ओस्लो में सम्मानित किया जाएगा और दोनों नोबेल शांति पुरस्कार की 11 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे। दूसरे क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेताओं को स्टॉकहोम में सम्मानित किया जाएगा
    
सत्यार्थी अपनी पत्नी सुमेधा, बेटे, बहू और बेटी के साथ कल ओस्लो पहुंचे। आज फ्रांस के पैट्रिक मोदियानो को नोबेल साहित्य पुरस्कार, अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ-कीफ एवं नॉर्वे की पति-पत्नी की जोडी एडवर्ड और मे-ब्रिट मोजर को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार, जापानी वैज्ञानिकों इसामू अकासाकी एवं हिरोशी अमानो और जापानी मूल के अमेरिकी शुजी नाकामुरा को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा।

वहीं अमेरिका के एरिक बेटजिग एवं विलियम मोएरनर एवं जर्मनी के स्टीफन हेल को रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जबकि फ्रांस के ज्यां तिरोले को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। ओस्लो में सम्राट हेराल्ड वी और महारानी सोन्जा, नॉर्वे सरकार, नॉर्वे की संसद स्टॉर्टिंग के प्रतिनिधि और आमंत्रित अतिथियों की मौजूदगी में नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी के प्रमुख नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान करेंगे।

भाजपा में एक ही बोलते हैं, वही निर्णय लेते हैं : राहुल गांधी

$
0
0
all-powers-concentrated-in-narendra-modi-says-rahul-gandhi
नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वाजपेयी सरकार समेत पिछली सरकारों के विपरीत अब सारी ताकतें एक ही व्यक्ति के हाथों में केंद्रित हैं, जो बिना किसी चर्चा के निर्णय लेता है। राहुल गांधी ने केरल प्रदेश कांग्रेस समिति की कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा में केवल मोदी बोलते हैं। वह ही निर्णय लेते हैं। यह भाजपा सरकार नहीं बल्कि मोदी सरकार है। केवल मोदी का महत्व है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कांग्रेस हमेशा ही लोगों को अधिकारसंपन्न बनाने के पक्ष में रही है। उन्होंने कहा कि जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पहली भाजपा नीत सरकार थी, तब भी स्थिति भिन्न थी।

उन्होंने कहा, वाजपेयी सरकार के साथ हमारे कुछ मुद्दे थे। हम उसकी विचारधारा में यकीन नहीं करते थे, लेकिन वह अपने सहयोगियों की बातें सुनते थे। अब कोई भी यहां तक कि पार्टी मंच पर भी अपना मुंह नहीं खोल सकता। वे हमें संसद में चुप रहने को कहते हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसी पार्टी है जिसे सत्ता हासिल करने के लिए अवसरवादी नीतियों पर चलने में कोई परेशानी नहीं है। कुछ समय पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लंदन में एक सम्मेलन के दौरान यह कबूला था। उन्होंने कहा कि संप्रग शासन के हर जनोन्मुखी फैसले पिछले छह माह में शिथिल कर दिए गए हैं। वर्तमान सरकार जनविरोधी नीतियों पर चल रही है और उसे दो या तीन औद्योगिक घरानों के हितों के संवर्धन में दिलचस्पी है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस जनता द्वारा सरकार को दिए गए जनादेश का सम्मान करती है, लेकिन अब लोग पूछने लगे कि उसने (सरकार ने) पिछले छह माह में उनके लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि बदलते घटनाक्रम ने कांग्रेस को जनता को अपने साथ लाने और उनके लिए दरवाजे खोलने का अवसर प्रदान किया है। राहुल गांधी ने पार्टी की केरल इकाई और उसकी सांगठनिक ताकत की सराहना करते हुए कहा कि उसने आगामी नगर निकाय और विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने का मौका दिया है। मुख्य विपक्षी माकपा अपने आतंरिक कलह की वजह से लाभ शायद ही कोई लाभ उठा पाए।

चैंपियंस ट्रॉफी : भारत ने 28 साल बाद नीदरलैंड्स को हराया

$
0
0
india-wins-against-netherlands-in-champions-trophy
कलिंगा स्टेडियम में खेली जा रही चैंपियंस ट्रॉफी में लगातार दो हार के बाद भारतीय हॉकी टीम ने अपने अंतिम पूल मैच में नीदरलैंड्स को 3-2 से हरा दिया। इस टूर्नामेंट में ये भारत की पहली जीत है। भारत ने 28 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी में नीदरलैंड्स को हराया है। इससे पहले भारत को जर्मनी और अर्जेटीना से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम बगैर कोई मैच जीते ही क्वार्टर फाइनल दौर का रुख करेगी लेकिन भारतीय टीम ने मजबूत नीदरलैंड्स को हराकर इस संभावना को खत्म कर दिया।

भारत की ओर से एसवी सुनील (33वें मिनट), मनप्रीत सिंह (47वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह (49वें मिनट) ने गोल किया जबकि नीदरलैंड्स की ओर से मिंक वेरदेन ने 36वें और 58वें मिनट में दो गोल किए। शुरूआत के दो क्वार्टर गोलरहित निकल जाने के बाद भारत ने 33वें मिनट में उस समय पहली सफलता हासिल की, जब गुरजिंदर सिंह के एक लम्बे और तेज पास पर एसवी सुनील ने डिफ्लेक्शन के जरिए गोल किया। डच टीम ने इसके खिलाफ रेफरल मांगा लेकिन उसे नकार दिया गया।

नीदरलैंड्स ने पहला गोल खाने के बाद हमला तेज कर दिया। 34वें और 35वें मिनट में उसे दो पेनाल्टी कार्नर मिले। पहला प्रयास नाकाम करने के प्रयास में गुरजिंदर सिंह डच टीम को दूसरा पेनाल्टी कार्नर दे बैठे। इस पर मिंक ने कोई गलती नहीं की और अपनी टीम को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। तीसरे क्वार्टर की समाप्ति तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। चौथा क्वार्टर शुरू होने के साथ ही भारत ने तेजी से हमला किया। दानिश मुज्तबा ने 47वें मिनट में डच टीम के गोलपोस्ट पर दो हमले किए। पहला हमला बेकार गया लेकिन दूसरे प्रयास में दानिश के पास को मनप्रीत सफलतापूर्वक रोकने में सफल रहे। मनप्रीत ने बिना कोई गलती किए गेंद को गोलपोस्ट में डालकर अपनी टीम को 2-1 से आगे कर दिया।

भारत ने ये सफलता हासिल करने के दो मिनट बाद 49वें मिनट में एक बार फिर डच गोलपोस्ट पर हमला किया। अपने इस प्रयास के दौरान भारतीय टीम ने सफलतापूर्वक पेनाल्टी कार्नर हासिल किया। इस पर रुपिंदर ने कोई गलती नहीं करते हुए भारत को 3-1 से आगे कर दिया। इसके बाद 57वें और 58वें मिनट में दो पेनाल्टी कार्नर मिले। पहला प्रयास तो नाकाम रहा लेकिन दूसरे प्रयास में मिंक भारतीय गोलकीपर और उपकप्तान पीआर श्रीजेश के दाईं ओर से अपनी टीम के लिए दूसरा गोल किया। आखिरकार भारत ने 1986 के बाद पहली बार नीदरलैंड्स जैसी मजबूत टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में हराया जो था। नीदरलैंड्स और भारत के बीच ये अब तक का 13वां मैच था। नीदरलैंड्स ने आठ मैच जीते हैं जबकि भारत ने तीन में जीत हासिल की है। दो मैच ड्रॉ रहे हैं।

सीहोर की पहली प्रमाणित ISO ग्राम पंचायत और आंगनबाड़ी केंद्र थूनाकलां

$
0
0
ist-iso-certified-panchayat-sehore
सीहोर ! कार्य की गुणवत्ता, समय पर यथोचित सेवा प्रदान करने के साथ ही कार्यालय की साफ-सफाई, रिकार्ड का व्यवस्थितिकरण एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता आदि पर ध्यान देते हुए स्मार्ट ऑफिस विथ स्मार्ट वर्क संस्कृति को बढ़ावा  दिए जाने हेतु ग्राम पंचायत और आंगनबाड़ी केंद्र थूनाकलां सचिव श्री घनश्याम मेवाड़ा एवं आगनवाड़ी की श्रीमती राधा मेवाड़ा को जिला पंचायत अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान जी एवं सीईओ डॉ. रामाराव भोंसले द्वारा प्रमाण ISO पत्र प्रदान किया गया

सीहोर की पहली प्रमाणित ISO ग्राम पंचायत और आंगनबाड़ी केंद्र थूनाकलां की  इस उप्लब्दी पर,कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ,विधायक सुरेश राय ,विधायक शैलेन्द्र वर्मा सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, मेवाड़ा समाज के अध्यक्ष केदार सिंह मंडलोई ,उपाध्यक्ष फूल सिंह मेवाड़ा ,सचिव दीपक सिंह ठाकुर सहित  अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बधाई शुभ कामनाये दी गई !

अच्छे दिन'के कोई संकेत नहीं मिले : विपक्ष

$
0
0
opposition-says-no-sign-of-achche-din
अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारकों के कमजोर पड़ने, वृद्धिदर में गिरावट और कल्याण योजनाओं में आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने बुधवार को कहा कि सरकार के छह महीने के कार्यकाल में 'अच्छे दिन'के कोई संकेत नहीं मिले है और अर्थव्यवस्था के प्रति भरोसा कम हुआ है। सत्तारूढ़ भाजपा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की दिशा में पिछले छह महीने में क्रांतिकारी कदम उठाये गए हैं जिसने देश-दुनिया में निर्णायक छाप छोड़ी है।

2014-15 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों (सामान्य) पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने कहा, 'नई सरकार को आए छह महीने हो गए, लेकिन अच्छे दिन के संकेत नहीं हैं।'उन्होंने कहा कि कर वसूली में गिरावट दर्ज की गई है, अप्रत्यक्ष कर संग्रहण घटा है। व्यापार घाटा कम करने में सरकार को कोई सफलता नहीं मिली है। गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) लगातार बढ़ती जा रही हैं। आर्थिक पुनर्गठन की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।

मोइली ने कहा कि जापान, चीन जैसे देशों ने ब्याज दर को कम किया लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। यह सरकार गरीबों के प्रति असंवेदनशील है। योजना आयोग को मजबूत बनाने की बजाए उसे समाप्त करने की पहल की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले छह महीने में अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ी है और स्थिति खराब हुई है। उधर भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था की दिशा में पिछले छह महीने में क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं जिसकी देश-दुनिया में निर्णायक छाप पड़ी है और भरोसा कायम हुआ है।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (10 दिसम्बर)

$
0
0
सदस्यता महा अभियान को लेकर भाजपाई पदाधिकारियों की इन्दौर में होगी कार्यषाला
  • 15 दिसम्बर को सभी सबंधितों को भाग लेने की अपील की गई 

jhabua map
झाबुआ --- भारतीय जनता पार्टी सदस्यता महा अभियान के जिला प्रभारी विजय नायर एवं सहप्रभारी हेमंत भटृ ने बताया कि  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीत षाह  की मंषानुसार भारतीय जनता पार्टी को विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी बनाने के लिये पूरे देष में भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है उसी के अनुसार जिले में भी भाजपा का सदस्यता महाअभियान चलाया जारहा है । उन्होने बताया कि वर्तमान में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की विष्व में सबसे अधिक सदस्य संख्या है और इस  रेकार्ड को ध्वस्त करते हुए भाजपा को विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी बनाने के लिये टोल फ्री नम्बर 18002662020 पर मिस्ड काल करके कोई भी व्यक्ति भाजपा की सदस्यता प्राप्त कर सकता है । इसके लिये  जिले के नागरिकों से अपील की गई है कि वे भाजपा के सदस्य बनने के लिये इस टोल फ्री नम्बर का उपयोग करे तथा देष एवं प्रदेष को तेजी से विकास पथ पर ले जाने वाली भाजपा के सदस्य बन कर देष के नवनिर्माण में भागीदार बने । श्री नायर एवं भटृ ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा के सक्रिय सदस्यों को भी 100-100 नये सदस्य बनाना  अनिवार्य होगा । देष तथा प्रदेष में चल रहे भाजपा के सदस्यता के इस महा अभियान को लेकर आगामी 15 दिसम्बर सोमवार को इन्दौर मे भाजपा सदज्ञस्यता अभियान के लिये एक विषेष कार्यषाला का आयोजन किया गया जिसमें  जिले के सभी पदाधिकारियों, जिले में  निवासरत प्रदेष स्तरीय पदाधिकारियों, जिले के सभी मंडलों के अध्यक्ष एवं महामंत्रीगणों, जिला सदस्यता अभियान के प्रभारी एवं सह प्रभारी, मंडलों के सदस्यता अभियान के प्रभारी, मंडला ें के सदस्यता अभियान के विस्तारकों, सभी मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों  को इस विषेष बैठक में अनिवार्य रूप  से भाग लेना है । इस कार्यषाला में प्रदेष भाजपा संगठन के विभिन्न पदाधिकारियों  द्वारा वृहद मार्गदर्षन प्रदान कर भाजपा के सदस्यता अभियान को समयसीमा में  पूरा करने के टिप्स दिये जावेगें । श्री नायर एवं श्री भटृ ने सभी संबधितों को अनिवार्य रूप  से 15 दिसम्बर को इन्दौर में आयोजित इस सदस्यता अभियान की बृहद कार्यषाला में सहभागी होने का अनुरोघ किया है । उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने दी ।

नगरीय निकायों मे 8 से 14 दिसबंर तक चल रहा है स्वच्छता एवं सदस्यता अभियान

झाबुआ--- भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार  मध्यप्रदेष में भारतीय जनता पार्टी सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पूरे जिले में  नगरीय निकायों में  आओ बनाये मध्यप्रदेष अभियान के तहत 8 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत समग्र स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम चलाया जा रहा है । जिले की नगरपालिका झाबुआ, नगरपरिषद मेघनगर, रानापुर,थांदला, एवं पेटलावद में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं  पदाधिकारियों द्वारा प्रातः 10 से 11 बजे तक एक एक घण्टें नगर स्वच्छता अभियान जोर शोर से चलाया जारहा है । आगामी 14 दिसम्बर को इसके समापन अवसर पर भाजपा के पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता नगर स्वच्छता अभियान में  अपनी सेवायें देकर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगें । श्री दुबे के अनुसार  स्वच्छता अभियान प्रतिदिन प्रातः 10 से 11 बजे तक चलाये जाने के बाद भाजपा के सभी पदाधिकारी गण 11 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक  भाजपा के महासदस्यता अभियान के तहत घर घर जाकर भाजपा के सदस्य बनाने का कार्य करेगें । तथा जिले में दिये गये लक्ष्य से अधिक नये सदस्य बनाने की उपलब्धि हांसील करेगें । उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने दी ।

एडवीन के खिलाफ कार्रवाही के लिये भाजपा ने पुलिस अधीक्षक को सौपा ज्ञापन 

झाबुआ --- भारतीय जनता पार्टी जिला झाबुआ के अध्यक्ष शैलेष दुबे ने प्रतिनिधि मंडल के साथ बुधवार को  पुलिस अधीक्षक झाबुआ को एडवीन पिता ओल्डंस निवासी झाबुआ द्वारा साम्प्रदायिक सदभाव को समाप्त करने एवं आय टी धाराओं का दुरूपयोग करने को लेकर ज्ञापन सोैपा गया जिसमे उल्लेखित किया गया कि सोष्यल मीडिया की साईट पर एडवीन द्वारा एक समाचार लोड किया गया है कि कामरेड एडवीन ओल्डंस पर कोर्ट परिसर में बन्दूक और चाकुंओं से जानलेवा हमला  किया गया, इस हमले में  उनके बाये हाथ के बाजु मे गोली एवं बाये हाथ की कलाई में दो चाकू लगे है  जिसके कारण  हास्पीटल में जिंदगी और मौेत के बीच संघर्ष कर रहे है । इस हमले में उन्होने जानबुझ कर राजेन्द्र यादव, मनीष यादव, कलसिंह भूरिया उसके दो भांजे, रामजी मिश्रा, शर्मा,तिवारी ,परमार, रावत और अन्य 6 जनों के शामील होने और पुरा षढयंत्र एसडी सिंग द्वारा रचे जाने की झुठी खबर लोड की गई है। जिला भाजपा अध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक को इस प्रकार झुठे एवं मनगंढत समाचार सोष्यल मीडिया पर लोड करने के एडवीन के कृत्यों पर आपत्ती लेते हुए ज्ञापन में कहा है कि राजेन्द्र यादव सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष तथा आरएसएस के स्वयं सेवक है । वे विष्वहिन्दू परिषद के अध्यक्ष भी रहे है तथा वर्तमान में वें गा्रम भारती षिक्षण समिति झाबुआ आलीराजपुर के सचिव हैे, वही मनीष यादव भाजपा  के पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष रहे है तथा पूर्व नपा उपाध्यक्ष भी रहे है। श्री दुबे ने एसपी को सौपे पत्र के अनुसार एडवीन से श्री यादव द्वारा उधारी वसूली का वाद दायर किया गया तथा एडवीन उन्हे 10 अक्तुबर को धौंस भी दे चुके है कि वे यादव एवं उसके परिवार को झुठे केस में फंसा देगें जिसकी लिखित सूचना श्री यादव ने पुलिस थाना झाबुआ में उसी दिन 10 अक्तुबर को दे दी थी । ज्ञापन के अनुसार एडवीन ने मनीष यादव के खिलाफ झुठी रिपोर्ट 13 अक्तुबर को भी की है । एडवीन व्यापारियों एवं नागरिकों से उधार लेकर चैक देता है तथा मांग करने पर झुठी रिपोर्ट करने का आदी है। इनके खिलाफ झुठे चैक देने तथा अन्य कई आपराधिक धाराओं में झाबुआ,धार,इन्दौर,दाहोद, मनावर के न्यायालय में प्रकरण भी चल रहे है । यही नही एडवीन द्वारा आम नागरिकों के अलावा शासकीय कर्मचारियों, पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध भी झुठी षिकायते कई बार की गई है । 9 दिसम्बर को जिस घटना के बारे में उल्लेख किया है उसमें भी कई पुलिस कर्मचारियों के नाम एडवीन ने झुठे लिखवाये है । 13 एवं 14 अक्तुबर को सोष्यल साईड पर एडवीन ने आरएसएस के स्वयं सेवकों को गुण्डा बताकर सामाजिक विद्वेष फैलाने का प्रयास किया है । ज्ञापन के अनुसार चूंकि राजेन्द्र यादव व मनीष यादव सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों से जुडे हुए है तथा इस प्रकार झुठी रिपोर्ट बार बार लिखाने पर कभी भी झाबुआ षहर का साम्प्रदायिक सौहार्द्र खराब हो सकता है । भाजपा जिलाध्यक्ष ने एसपी से एडवीन के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है ।

एल.पी.जी कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं की जानकारी समग्र पोर्टल पर दर्ज होगी
  • उपभोक्ता अपने डिस्ट्री ब्यूटर से फार्म प्राप्त कर दे जानकारी

झाबुआ ---शासन के निर्देशानुसार समग्र पोर्टल पर दर्ज परिवारों के पास घरेलू एलपीजी गैस कनेक्शन है ऐसे परिवारों की जानकारी समग्र पोर्टल पर परिवार के डाटा में प्रविष्टि की जाना है। जिले के समस्त घरेलू एल.पी.जी.कनेक्शन धारियों का नाम परिवार की समग्र आई.डी.सदस्य आई.डी, उपभोक्ता क्रमांक गैस एजेंसी का नाम सिंगल बाॅटल कनेक्शन/ डबल बाॅटल कनेक्शन तथा गैस एजेंसी का कोड क्रमांक की जानकारी गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र में उपभोक्ताओं से प्राप्त कर पोर्टल पर आॅनलाइन दर्ज की जाना है। इस सबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री खान ने सभी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर, सहायक आपूर्ति अधिकारी एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों की बैठक आयोजित कर आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में बताया कि एलपीजी कनेक्शनधारियों को निर्धारित प्रपत्र की प्रतिया गैस कनेक्शन संख्या के मान से उपलब्घ कराना है। डिस्ट्रीब्यूटर उपभोक्ताओं से प्राप्त प्रपत्र सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को सौपे। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा संबंधित उपभोक्ता की समग्र परिवार आई.डी.में कनेक्शन संबंधी जानकारी की प्रविष्टि समग्र पोर्टल पर दर्ज कराई जाएगी। इस हेतु पम्पलेट एवं फ्लेक्स आदि के माध्यम से प्राचार-प्रसार किया जावें तथा इस कार्य के लिये ऐजेन्सी के कार्यालय पर नियमित रूप से एक कर्मचारी की ड्यूटि लगाई जावे।

राज्य बीमारी सहायता के लाभ हेतु कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दे

झाबुआ ---केंसर, हृदय एवं कीडनी के गंभीर रोगो के इलाज के लिये सहायता पाने के लिये राज्य बीमारी सहायता योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही जनसुनवाई में मंगलवार को एवं अन्य दिनों में सीधे कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर को आवेदन करे। कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर से संपर्क नहीं होने पर कलेक्टर महोदय के स्टेनो को आवेदन दे। कलेक्टर कार्यालय से प्रकरण सीएमएचओ को जाएगा। सीएमएचओ कार्यालय को कार्यवाही पूर्ण करने के लिए 3 दिवस का समय दिया जाएगा। राज्य बीमारी सहायता की प्रगति कम होने की वजह से कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने जिले में यह नई व्यवस्था  लागू की है। म.प्र. राज्य बीमारी सहायत एवं मुख्यमंत्री हृदय उपचार योजना के लाभ के लिए योजना में सरलीकरण किया गया है। अब राज्य बीमारी सहायता के लिए पात्र हितग्राही को चिन्हित बीमारियों के लिए राशि रूपये 2.00 लाख तक की सकल सीमा के अन्तर्गत परिवार के सदस्यों को भी आवश्यकता होने पर योजना का लाभ दिया जा सकेगा। 2 लाख तक के उपचार के लिए हितग्राहि को पहले भोपाल ही इलाज करवाना होता था। अब संभाग के राज्य बीमारी सहायता निधि एवं मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना के रोगियों को सीधे निजी क्षेत्र के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में उपचार हेतु भेज सकेगे।

राज्य बीमारी सहायता के लिए चिन्हित चिकित्सालय
शासन द्वारा योजना का लाभ लेनेके लिए सरलीकरण किया गया हैं योजना में कैसंर, हृदयरोग, किडनी प्रत्यारोपण,ब्रेन सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, इत्यादि बीमारियों के इलाज के लिए सहायता दी जाती हैं योजना में पहले सिर्फ भोपाल के चिन्हित अस्पताल में इलाज का प्रावधान था, किन्तु अब भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन इत्यादि शहरों के निजी अस्पतालों में इलाज के लिए सहायता का प्रावधान किया गया है। जिसमें चिरायु हेल्थ मेडीकेयर प्रा.लिमिटेड भोपाल, गोकुलदास हास्पिटल इन्दौर, राजश्री हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर इंदौर , ग्रेटर कैलाश हास्पिटल लिमिटेड इंन्दौर, राजस आई एवं रेटिना सेन्टर इन्दौर, अरिहंत हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर इन्दौर, यूनिक सुपर स्पशेलिटी अस्पताल इन्दौर, भण्डारी हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर इंदौर, सिनर्जी हास्पिटल इन्दौर, सी.आर.गार्डी हास्पिटल सूरासा उज्जैन इत्यादि निजी अस्पतालों में हितग्राहि अपना इलाज करवा सकते हैं

समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से समेकित छात्रवृति योजना का क्रियान्वयन
  •  कक्षा 9 वीं, 10वी, रेमेडियल टींचिंग की समीक्षा 12 दिसम्बर को

झाबुआ ---समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से समेकित छात्रवृति योजना का क्रियान्वयन एवं 9 वी, 10 वी, की रेमेडियल टीचिंग की समीक्षा के लिए 12 दिसम्बर 2014 को प्रातः 10.00 बजे से कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई है। बैठक में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक ज.शि. केन्द्र, प्राचार्य शा.उ.मा.वि./हा.स्कूल एवं एम आईएस. काॅआर्डीनेटर को उपस्थित रहने के निर्देश गये है। 13 दिसम्बर को सुबह 9.00 बजे से समेकित छात्रवृति की समीक्षा/प्रशिक्षण जिले के प्रत्येक संकुल केन्द्र स्तर पर की जावेगी इसमें प्राचार्य संकुल केन्द्र जनशिक्षक प्रशिक्षण देगे एवं समीक्षा करेगे। संकुल के समस्त प्राचार्य हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय, समस्त प्रधानपाठक शा.प्रा.वि./मा.वि., समस्त संस्था प्रमुख अशा. विद्यालय अपने संकुल केन्द्र पर प्रशिक्षण प्राप्त करेगे। बी.आर.सी.सी एवं एस.आई.एस काॅर्डीनेटर आवश्यकतानुसार भ्रमण कर प्रशिक्षण की गुणवता एवं सभी की सहभागिता सुनिश्चित करेगे।

वृद्धजनो को बताये उनके अधिकार, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम संपन्न

झाबुआ --- आज अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर वृद्र्धोजनों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम स्थानीय कैथोलिक मिशन स्कूल के हाॅल में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि एसडीपीओ श्रीमती रचना भदौरिया ने कहा कि वरिष्ठ नागरिको के लिए जागरूकता का यह आयोजन है, मानव होने के कारण हमें जो अधिकार है, उनके संरक्षण करने के लिए मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। मानव अधिकार संरक्षण दिवस 10 दिसम्बर 1950 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा द्योषित किया गया। भारत में 1993 में मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया। वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों का हनन अब अधिक होने लगा है। इसी कारण वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। इसी वजह से आज इस दिवस को मनाया जा रहा है। पुलिस विभाग में भी वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक पुलिस थाने में रजिस्टर रखे जायेगे। हर पुलिस थाने में वरिष्ठजनों के अधिकारों के संरक्षण के लिए समिति गठित हो रही है। जो बच्चे माता-पिता की देखभाल एवं भरण-पोषण नहीं करते उनको 6 वर्ष तक का कारावास हो सकता है। कार्यक्रम को श्री अशोक जैन, श्री ओमप्रकाश शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मानव अधिकार आयोग के जिला संयोजक श्री प्रदीप रूनवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के उद्देश्य को बताया कार्यक्रम का संचालन भारती सोनी ने किया। आभार प्रदर्शन आयोग मित्र श्री मनोज जैन ने किया।

महिला प्रताड़ना का मामला पंजीबद्ध 

झाबूआ---फरियादी श्रीमती बेना पति राजू खराडी, उम्र 30 वर्ष निवासी तलावपाड़ा ने बताया कि आरोपी राजू पिता नामलिया खराडी, टिरू पिता छगन सारेल, काना पिता धनजी सारेल, निवासीगण तलावपाड़ा के द्वारा फरियादिया को तुझे घर में नहीं रखेगें कहकर मारपीट कर आये दिन प्रताडि़त कर कहते तु घर से निकल जा हम दुसरी औरत लायेगें कहकर प्रताडि़त किया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 506/14, धारा 498-क, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मानवाधिकार दिवस के अवसर पर प्रारंभ हुआ एआईएसऍफ़ का सदस्यता अभियान

$
0
0
aisf-news-bihar
पटना आज दिनांक 10.12.2014. राष्ट्रीय मानवाधिकार के अवसर पर आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध ने तीन दिवसीय सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय लिया। जहाँ आज खजाँची रोड, पटना चैराहे पर सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक तक सदस्यता अभियान चलाया गया। सदस्यता अभियान के दौरान छात्रों मंे काफी उत्साह और छात्रों की ढेर सारी समस्याएँ भी शामिल किया गया। इस मौके पर तीन दिवसीय सदस्यता अभियान का उद्घाटन आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के महानगर उपाध्यक्ष अनुराग कुमार, सह सचिव आशुतोष कुमार ने किया। आज लगभग 500 नये सदस्य बने।

इस मौके पर उपस्थित पटना जिला सचिव रूपेश सिंह, उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र शुक्ला, सचिवमंडल सदस्य राहुल कुमार, आमिर, अजीत कुमार सोनी, विकाश कुमार, धनंजय कुमार, अवनीश कुमार सहित दर्जनों छात्र शामिल थे।
Viewing all 74342 articles
Browse latest View live




Latest Images