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बिहार : नन्हें हाथों से क्रिसमस बाबा को पेपर पर उखेड़ा

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पटना। ईसाई बहुल्य क्षेत्रों में धीरे-धीरे क्रिसमस पर्व का माहौल बनना शुरू हो गया है। कुर्जी पल्ली पुरोहित फादर अगस्टीन हेम्ब्रोम और फादर अनिल मिंज के संयोजकत्व में कैरोल गायन शुरू कर दिया गया है। इनको कुर्जी पल्ली गीत मंडली का सहयोग मिल रहा है। सिस्टर शीतल, अमूल्य रिचर्ड आदि भक्ति गीत गा रहे हैं। वहीं रविवार को कुर्जी पैरिश चर्च,दीघा में संत विन्सेन्ट डी पौल सोसायटी के क्वीन आॅफ दी अपोस्टाॅल्स काॅन्फेंस (एस.वी.पी.) क्रिसमस चित्रांकन,2014 प्रतियोगिता आयोजित की गयी। 

दीद्या थानान्तर्गत कोठिया मोहल्ला में कैरोल गायन 12 दिसम्बर से शुरू कर दिया गया है। जो 19 दिसम्बर तक चलेगा। मखदुमपुर मोहल्ला में 13 दिसम्बर से शुरू होकर 16 दिसम्बर को समाप्त हो जाएगा। फेयर फिल्ड काॅलोनी, मरियम टोला और मगध काॅलोनी में 15 दिसम्बर को शुरू और 18 दिसम्बर को खत्म होगा। बांसकोठी, गंगा विहार और बालूपर 16 दिसम्बर से शुरू होगा और 19 दिसम्बर को अंत होगा। शिवाजी नगर में 17 दिसम्बर को शुरू और 19 दिसम्बर को अंत होगा। 20 दिसम्बर को आर्च बिशप हाउस, संत जोसेफ काॅन्वेंट,संत जेवियर,आविल काॅन्वेंट, कार्मेल काॅन्वेंट, कार्मेल ज्वाला,कार्मेल विकास,सी.आई.सी. काॅन्वेंट, संता पौल्स स्कूल,एस.सी.एन.प्रोविंशिएलेट और संत मेरीज स्कूल,एल.सी.टी.घाट प्रथम दल और द्वितीय दल कुर्जी होली फैमिली हाॅस्टिपल, नोट्रेडम, लोयोला हाई स्कूल,नवज्योति निकतन, प्रेरणा, सेवा केन्द्र, डाॅन बोस्को, सेक्रेट हार्ट,आर.एस.सी.जे. काॅन्वेंट, संत कैरेंस, दोमनिक सावियों और आई.जी.आई.एम.एस. में भक्ति गीत गाएंगे। 

एक दल में दर्जनों की संख्या में गीत मंडली के गायक रहते हैं। नन्हा बालक को टोकरी में रखा जाता है। आया येसु राजा,आज जगत में आया, सब मिल गाओ,खुशिया मनाओं, येयु राजा आया...। खुशी मनाओ, गाओ रे जन्मा येसु राजा,जन्मा है येसु राजा...। गीत गाते हुए घर में प्रवेश करते हैं। वहां पर प्रार्थना की जाती है। ईश्वर को चालू वर्ष के लिए धन्यवाद दिया जाता है। आने वाले न्यू ईयर की शुभकामनाएं दी जाती है। 

क्रिसमस चित्रांकन,2014 प्रतियोगिता के आयोजक सुशील लोबो ने कहा कि इस प्रतियोगिता में 116 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिए। आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता में गौशाला, क्रिसमस ट्री और सांता क्लाॅस बनाना था। इसके आलोक में ईसाई बच्चे-बच्चियों ने मनपंसद चुनाव करके क्रिसमस बाबा को ही पेपर पर उखेड़ा। प्रथम,द्वितीय और तृतीय द्योषित प्रतिभागियों को 21 दिसम्बर को पुरस्कृत किया जाएगा।



आलोक कुमार
बिहार 

विशेष आलेख : स्वराज,स्वच्छता और नशामुक्ति की ओर बढ़ते युवा

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भारतीय राजनीति ने २०१४ में जो करवट ली वह सदियों से पीड़ित भारत की संस्कृति को नया आयाम दिया.मुग़लों की इस्लामियत और अंग्रेजों की ईसाइयत की  दासता में दुर्गति को प्राप्त करता यह देश १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी के नाम पर सत्ता हस्तानान्तरन के उपरान्त भारत की तक़दीर नेहरुवियन दासता में कैद हो गयी.भारत के मान सम्मान इसके संस्कार और संस्कृति को नेहरुवियन दासता में मार्क्स-मुल्ला और मैकाले की ज़मातों ने जो दुर्गति किया उसकी क्षति पूर्ति निकट के भविष्य में संभव नही है?

१९४७ से २०१४ के कालखंड का अधिकाँश भाग मार्क्स-मुल्ला और मैकाले की ज़मातों से भारत की बहुसंख्यक आवादी त्रस्त रही. अंग्रेजो ने फूट डालो की राजनीति चलाई तो नेहरुवियनो ने वोट की घिनौनी राजनीति से भारत के बहुसंख्यक समाज को लड़ाता और बिखराता रहा. साल २०१४ के चुनावों में जो निर्णय भारत के जनता ने दिया उसे देखकर इंग्लैंड के प्रसिद्ध अखवार “द गार्जियन” ने १८ मई २०१४ को अपने रविवासरीय सम्पादकीय India: another tryst with destiny नामक शीर्षक से लिखता है ---Today, 18 May 2014, may well go down in history as the day when Britain finally left India. पत्र १९४७ से २०१४ तक के कालखंडो को इंग्लैंड का ही सत्ता का स्वरूप माना. 

मोटे तौर पर देखें तो महात्मा गांधी के सपनो की भारत की शुरुयात २०१४ के आम चुनाव के उपरान्त केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार के बाद शुरू होती है. पूर्ण स्वराज की महात्मा गांधी की परिकल्पना को श्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया यह बात “द गार्जियन” के १८ मई २०१४ के अंक से स्पष्ट होता है. विश्व में सर्वाधिक युवाओं का देश अपने लोकतंत्र को इस अंजाम पर पहुचाया की आज उसे गर्व है की २०१४ में भारत माता को स्वराज दिला पाया. लोकतंत्र के प्रति देश के युवाओं के थिरकते कदम ने नेहरुवियन दासता के मार्क्स-मुल्ला और मैकाले की ज़मातों को धुल चटा महात्मा बुद्ध के अहिंसा के सिद्धांत को आत्मसात कर विश्व के युवाओं को नया सन्देश देकर पूर्ण भारतीय स्वराज्य को प्राप्त किया है.

अब तक नेहरुवियन दासता में मार्क्स-मुल्ला और मैकाले की ज़मातों ने इस देश की छवि गंदगी का देश के रूप में निर्मित कर रखा था.हमारी संस्कार में ये विसंगति भरी गयी की साफ़ सफाई करना सरकार का काम है.हम करोड़ों की लागत से अपने लिए भवन तो बना सकते किन्तु सैकड़ों रूपये खर्च कर हम जल निकासी या गंदगी विसर्जन का कोई ठोस उपाय नहीं कर सकते ये तो सरकार का काम है .अबतक नेहरुवियन विरासतों को ढ़ोने बाले सरकारों की इसी दोहन प्रक्रिया ने इस देश के पवित्र नदिओं को गंदे नाले में बदल दिया.आज भारत की सनातन संस्कार और संस्कृति से कटे होने का दुष्परिणाम है की पर्यावरण का पूर्ण दोहन किया गया और आज देश विनाश के इस मुकाम पर खड़ा है . 

भारत कृषि प्रधान देश है और हमारी आवादी का एक बड़ा भाग नेहरुवियन नीति के कारण गरीवी रेखा से निचे जीवन वसर करने को मजबूर है. ऐसे में यदि उन परिवारों को साफ़ सफाई के प्रति जागरूक नही किया गया तो उनके बीच बिमारिओ का प्रसार होना उनके जीवन को तहस-नहस कर डालेगी.एक गरीव आदमी के घर जब कोई बीमार, वह भी यदि कमाऊ व्यक्ति बीमार पड़े तो उस परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ता है . ऐसे में देश के प्रधानसेवक का सफाई के प्रति किया गया आह्वान गरिवों के लिए जादू की छड़ी से कम नहीं है. सफाई के द्वारा हम और हमारा समाज काफी हद तक बीमारी से अपने आपको बचा सकते हैं.स्वच्छ वातावरण हमें स्वच्छ प्रवृति की ओर ले जाता है.स्वच्छता देव्त्व के निकट होते है और इसके माध्यम से हम अपने मन को भी और अपने समाज को भी एक नए मुकाम पर ले जा सकते हैं.

आज एकबार फिर भारत के प्रधान सेवक ने अपने मन की बात के माध्यम से जो सामाजिक सन्देश दिया वह १२५ करोड़ देशवासियो के हित से जुडा था.भारत के युवाओं के थिरकते कदम जो नशा की ओर अग्रसर था उसे एकबार ठिठकने को मजबूर कर देगी.जिस तरह से उन्होंने भारत के युवाओं ही नही अभिभावकों के मन को भी झंझोड़ा वह प्रशंसनीय है. मन की बात ने साबित कर दिया की वह १२५ करोड़ भारतीयों का आवाज है उनका दर्द देश का दर्द है.इस विशाल परिवार के प्रधानसेवक के नाते इस विध्वंसकारी सामाजिक दुर्गुण से अपने युवाओं को बाहर निकालने का अथक प्रयास उनका कर्तव्य है . मन की बात में प्रधानसेवक के नाते जिस आत्मीयता और अपनत्व की बात उन्होंने की वह लोगों के दिलो को छू गयी. नशा पर प्रधानमन्त्री की सवेदनशिलता आज हर उस माता-पिता को एक शुकून देती होगी जिनके लाडले इसके शिकार बन गए.

नशा से किस तरह अपना समाज पीड़ित है आप इससे अंदाजा लगा सकते है की भारत के राज्यों में आधुन्किता और विकास का नया आयाम गढ़ने बाले राज्य पंजाब जहाँ के हर ४ युवा में १ नशे के गिरफ्फ्त है.वहां की लगभग ६५ फीसदी परिवार नशे के कारण पीड़ित है. पंजाब के एक शहर के एक युवा का कहना है.-- “There were 40 of us in the same class in school. Only 10 of us, including me, are alive today. All the others died doing smack and prescription drugs,”किस तरह आज पंजाब नशे के दलदल में डूबा है .अगर पंजाब के जेलों पर ध्यान दे तो स्पष्ट है की अधिकाँश कैदी नशे के व्यापार में पकडे गये है. This is a state where 30 percent of all jail inmates have been arrested under the Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act and the DGP has kicked up a political storm by saying it is impossible for him to control the flow of drugs into his prisons.आज विकास की नयी इमारत बनाने बाला राज्य पंजाब किस तरह नशे के कारण विनास का श्मशान बनता जा रहा है.

उन्होंने अपने मन की बात में देश के युवाओं से आह्वान किया आप जिस नशे के लत में अपने जीवन को ले जाते है उसे खरीदने में जो आप पैसा खर्च करते है उसी पैसे से अपने देश के सीमा पर तैनात ज़वान दुश्मनों की गोली का शिकार होतें है.देश के युवा यदि अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर ले तो इसमें संदेह नही की वो इस दलदल में कभी फंसे? उन्होंने माता-पिता से भी आह्वान किया की वे अपने बच्चो के प्रति संवेदनशील बने उन्हें अकेला छोड़ने के बजाय उनकी समस्याओं पर गंभीरता से प्रेम से आत्मीय भाव से सोचे.नशा आज एक सायको-सोशियो समस्या है.समाज को इसके प्रति जागरूक होना होगा.देश की सरकारे भी इस अति संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर है. आज मिडिया और चलचित्रों ने भी नशे के इस व्यापार को बढ़ावा दिया. हुक्का बार से लेकर रेव पार्टियो की चकाचौंध में मिडिया और सिनेमा इस देश के युवाओं को मौत के गर्त में धकेला है.

आज देश के प्रधानसेवक ने जब इस अति गंभीर सामाजिक कोढ़ पर प्रहार किया तो इस देश के नेहरुवियन संस्कृति के दलालों की चीखे सुनाई पड़ने लगी. मीडिया में नेहरुवियन संस्कृति के दलालों ने चीखना शुरू किया कि आधा घंटा का बक्त सिर्फ नशा पर जाया करना कहाँ तक बुद्धिमानी है और नशे से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा महगाई और वेरोजगारी है जिस पर प्रधान मंत्री को बोलना चाहिए? नेहरुवियन संस्कृति के दलालों की बुधि पर तरस आती है जब हमारे युवा नशे की गिरफ्त में होंगे तो रोजगार किनके लिए और विकास किसके लिए . कभी उस माता-पिता से मिलो जिनकी संताने नशा की भेंट चढ़ गयी उनके लिए रोजगार क्या मायने रखता है.अपनी संस्कृति में ये विश्वास है की – पूत कपूत तो का धन संचय पूत सपूत तो का धन संचय.ऐसे में नशा के प्रति देश के प्रधानसेवक का यह सोच जो उन्होंने ३ डी यानी डार्कनेस, डिस्ट्रक्शन, डिवस्टेशन की बात की.आज के परिस्थिति के लिए समीचीन है और आज तक जो मुद्दा देश के एनजीओ के हाथो बंधी रही उसे खुले माहौल में लाने का एक अत्यंत सार्थक प्रयास श्री मोदी जी ने किया है.उनके आह्वान पर आज भारत के पुरुषार्थी युवा स्वराज्य, स्वच्छता और नशामुक्ति के प्रति नयी सोच निर्मित कर सशक्त भारत का निर्माण करने की कदम बढ़ा चुकी है.




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संजय कुमार आज़ाद
 रांची-834002  
फोन-09431162589  
ईमेल-azad4sk@gamil.com 

विशेष आलेख : दीवानगी कुर्सी की।

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एक बार फिर से कुर्सी का स्वयंवर सज चुका है। ये कुर्सी का स्वंयवर दो राज्य जम्मू कश्मीर और झारखण्ड के लिए है। दोनों राज्यों के सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है। राष्ट्रीय पार्टी के साथ- साथ क्षेत्रीय दलों ने भी इस दीवानगी में अपनी कमर कस रखी है। दोनो राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे है। आरोपों और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। विधान सभा चुनाव जीत राजनीतिक दलों में इस कुर्सी को पाने की लालसा बढ़ती जा रही है। होना भी चाहिये आखिर इस पर बैठने का अहसास ही अलग है। देश के दो बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के अलावा राज्य स्तरीय पार्टी ने भी अपना दम दिखा रही है। सभी दल अपने-अपने मुद्दे लेकर इस स्वयंवर में उतर रहे गए हैं । देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, घोटालों और मंहगाई ने एक तरफ कांग्रेस की साख गिराई। जिसकी भरपाई लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अभी तक झेल रही है। 

हाल में महाराष्ट्र और हरियाणा राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस गच्चा खा चुकी है। कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए सोचने पर मजबूर है। वही दूसरी तरफ लोकसभा के चुनाव में पूर्ण बहुमत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने हाल में हुए महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में अपना दबदबा कायम रखा है। और अब अपने कदम झारखण्ड और जम्मू कश्मीर की ओर अग्रसर कर रही है। जीत की तैयारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धडल्ले से दोनों राज्यों में अपनी रैलिया जारी रखे है। अपनी रैली के सम्बोधन में मोदी कांग्रेस पर निशाना साधने में जरा सा नही चूकते हैं। मोदी की रैली ने राजौरी जिले में अब तक हुई राजनीतिक रैलियों में सबका रिकार्ड तोड़ दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी। यह पहली बार ही हुआ है। 

इससे पहले जिले में आयोजित होने वाली जनसभाओं में कभी भी दस हजार से ऊपर लोगों की भीड़ जमा नहीं हो पाई थी। ऐसा लगता है आम चुनाव से लेकर अभी तक मोदी लहर का पूरा असर है। जिसे देखते हुए एक बार फिर कांग्रेस लोकसभा के चुनाव की तरह फिर से कह रही है कि मोदी की कोई लहर नही है। कांग्रेस ने श्रीनगर में आज हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को ‘बेअसर’ करार देते हुए कहा कि उनके भाषण में कोई तालमेल नहीं था सिर्फ एक ‘कोरा प्रचार’ किया गया था।  बात कुछ भी हो लेकिन कांग्रेस कुछ हताश नज़र आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस की साख बचाने में जुटे हैं। अपनी हर रैली में नरेंद्र मोदी पर हमला करने में जरा सा परहेज नही करते है। काला धन वापस लाने का मुद्दे को कांग्रेस ने अपना ऐजेण्डा बना लिया है। सही भी है भाजपा ने वादा तो किया था। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नही दिखा। जिससे लगे कि कालाधन वापस आ जाएगा। बड़ी बाते तो बहुत की जाती हैं पर उसे पूरा करने की जरूरत होती है। धीरे-धीरे 6 महीने बीत गए और धीरे धीरे 5 साल बीत जाएगें। फिर आने वाले चुनाव में कालाधन का मुद्दा क्या प्रमुखता से उठेगा ?


नतीजा कुछ भी आये पर ये स्वयंवर देखने लायक होगा। किसको मिलता है ये सौभाग्य और अपनी दीवानगी की सारी हदें पार कर इस कुर्सी को कौन हांसिल करेगा। आने वाले दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे ही बताएगें । 





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रवि श्रीवास्तव
लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार
माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय 
से पत्रकारिता में परास्नातक किया है।
फिलहाल एक टीवी न्यूज़ ऐजेंसी से जुड़े है।

विशेष आलेख : दस्तारबंदी और मुस्लिम समुदाय में नेतृत्व को लेकर कुछ सवाल

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पिछले दिनों  दिल्ली हाईकोर्ट ने इमाम अहमद बुख़ारी द्वारा अपने पुत्र को नायब इमाम नामित करने के लिए किये जा रहे ‘दस्तारबंदी’ समारोह पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि वे जो कुछ करने जा रहे हैं उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और इस आयोजन का मतलब नायब इमाम की नियुक्ति नहीं है। इस सम्बन्ध में याचिकाकर्ताओं और सरकार द्वारा दलील दी गयी थी कि चूंकि जामा मस्जिद वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है इसलिए इसका उत्तराधिकारी इमाम नहीं तय कर सकते, यह वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी है। हालांकि यह अंतिम फैसला नहीं है इस मामले में आगे भी सुनवाई होनी है, जो की 28 जनवरी को होने वाली है जिसमें कोर्ट द्वारा सभी पक्षों को नोटिस भेजकर हलफनामा दायर कर अपना-अपना पक्ष रखने को कहा गया है। कुल मिलकर कर इस फैसले का सार यह है कि बुखारी 22 नवंबर को होने वाली दस्तारबंदी का आयोजन तो कर सकते हैं लेकिन फिलहाल इसकी कानूनी मान्यता नहीं होगी इस बारे में स्थिति 28 जनवरी को होने वाली सुनवाई में ही साफ हो पायेगी।

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब पिछले दिनों जामा मस्जिद के विवादास्पद “शाही इमाम” सैयद अहमद बुखारी द्वारा अपने उन्नीस वर्षीय बेटे सैयद शाबान बुखारी को अपना जांनशीन बनाने की घोषणा करते हुए कहा गया था कि 22 नवंबर 2014 को दस्तारबंदी की रस्म के साथ उन्हें नायब इमाम घोषित किया जाएगा। विवाद और गहराया जब बुखारी ने बात का खुलासा किया कि इस दस्तारबंदी रस्म में शामिल होने वाले मेहमानों की उनकी सूची में भारत के प्रधानमंत्री का नाम शामिल नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इसमें बुलाया गया है, सैयद अहमद बुखारी का कहना था कि ‘चूंकि यह उनका निजी कार्यक्रम है और वे किसे दावत में न्यौता भेजेंगे और किसे नहीं यह उनका अपना निर्णय है।‘ जैसा कि अपेक्षित था बुखारी के इस निर्णय को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ और इस बहाने सैयद अहमद बुखारी एक बार फिर सुर्खियों में आ गये। 

यह वही जामा मस्जिद है जहाँ 1947 में जब दिल्ली के मुसलमान बड़ी संख्या में पाकिस्तान जा रहे थे, तब देश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद ने इसकी प्राचीर से मुसलमानों को संबोधित किया था, उनके इस भाषण का लोगों पर बहुत गहरा असर हुआ और बड़ी तादाद में मुसलमान जो पाकिस्तान जाने के लिए अपना सामान बाँध कर तैयार थे उन्होंने हिन्दुस्तान को चुन लिया। उनके इस मशहूर भाषण के शब्द कुछ इस प्रकार हैं- "जामा मस्जिद की ऊंची मीनारें तुमसे पूछ रही हैं कि जा रहे हो...कल तक तुम यमुना के तट पर वजू किया करते थे और आज तुम यहाँ रहने से डर रहे हो। याद रखो कि तुम्हारे ख़ून में दिल्ली बसी है। तुम समय के इस झटके से डर रहे हो...वापस आओ यह तुम्हारा घर है, तुम्हारा देश”।

लेकिन आज इसी जामा मस्जिद से एक दूसरी तरह की आवाज निकल रही है दरअसल इमाम बुखारी अपनी इस कवायद से भारतीय मुसलामानों को गुमराह करना चाहते थे, इसमें फिरकापरस्ती की बू आती है। इस विवाद को पैदा करने के पीछे उनका असली मकसद तो खुद को नरेंद्र मोदी के बरक्स मुसलमानों के नेता के तौर पर पेश करना था, लेकिन उनका यह दावं पूरी तरह फेल रहा, मुस्लिम समुदाय द्वारा इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुयी। दस्तारबंदी में भारतीय प्रधानमंत्री की जगह पाकिस्तान के प्रधनमंत्री को बुलाये जाने को लेकर उनकी मंशी पर सवाल उठाया गया और भारत के प्रधानमंत्री नामक संस्था के अपमान को लेकर उनकी आलोचना की गयी। 

“शाह” तो कब के खत्म हो गये लेकिन “शाही इमाम” के दस्तारबंदी का चलन अब भी कायम है। दरअसल बुखारी खानदान ने जामा मस्जिद के इमामत जैसे विशुद्ध धार्मिक मसले को सियासी और खानदानी बना रखा है, दिल्ली के जामा मस्जिद इंडो- इस्लामिक वास्तुशिल्प का शानदार नमूना है, मुस्लिम समुदाय के लिए इसका धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही देश के दूसरे समुदायों का राष्ट्रीय धरोहर के रूप में इससे लगाव जगजाहिर है। जामा मस्जिद के एतिहासिक महत्त्व और देश के सियासी दलों और मीडिया के नजरों में बसे होने के कारण इसके इमाम भारत के मुसलमानों के इमाम होने का भी भ्रम फैलाते रहते है, जबकि हकीकत यह है कि उनका प्रभाव जामा मस्जिद के आस पास के इलाकों में भी नहीं है। उनकी मौकापरस्ती तो जग जाहिर है, ऐसा कोई भी दल नहीं बचा है जिसके पक्ष में उनके द्वारा फ़तवा न जारी किया गया हो। 

हमारे मुल्क में धर्म और जाति के नाम पर राजनीति का फार्मूला हिट है, एक ऐसे दौर में जब बहुसंख्यक समुदाय के कट्टरवादी संगठनों का सबसे प्रिय जुमला “पाकिस्तान भेज देंगें” हो गया हो, सैयद अहमद बुखारी का पाकिस्तान प्रधानमंत्री के प्रति उमड़ा प्रेम कई सवाल खड़े करता है, क्या वे ऐसे संगठनों द्वारा लगाये गए आग को हवा दे रहे थे जिसकी आंच पर रोटियाँ सेंकी जा सके। दोनों तरफ के कट्टरपंथी तंजीमों का इतिहास रहा है कि वे पहले अपने अपने समुदायों की एक दूसरे को लेकर डर की मनोग्रन्थी को उभरती हैं फिर इसी के बल पर उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास करती हैं, इसके लिए वे परोक्ष–अपरोक्ष रूप एक दूसरे की भरपूर मदद करती भी नज़र आती हैं।

शाही इमाम जैसे मजहबी लीडरान और उनके सियासी परस्तार भारतीय मुसलमानों के मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं, ये समुदाय में सामाजिक तरक्की को नापसंद करते हैं ताकि लोग जागरूक ना हो सकें और इन्हें अपने हिसाब से हांका जा सके। देश के बंटवारे के बाद जिन्ना के पाकिस्तान को नकारते हुए भारत को अपना मादरे वतन चुनने वाले मुसलमानों ने  मज़हब के नाम पर बने किसी सियासी जामत के साथ जाना पसंद नहीं किया, बल्कि उन्होंने यहाँ के मुख्यधारा के सियासी पार्टियों के लीडरान को ही अपना लीडर माना लेकिन यह बड़ी विडम्बना है कि मुख्यधारा के राजनीति ने जाने–अनजाने उनपर शाही इमाम जैसे मजहबी लीडरान को बार–बार थोपने की कोशिश की है। इस दौरान इन्हें एक ऐसा वोट बैंक समझ लिया गया है जिसके सियासी हित मज़हबी लीडर को सौप दिए गये हैं, इसके नतीजे में हम देखते हैं कि देश के अन्य समुदायों की तरह इस समुदाय की तरफ से नागरिकों अधिकारों को लेकर  मांग निकल कर सामने नहीं आ पाते हैं लेकिन भावनात्मक और मज़हबी मसला आने यह बहुत आसानी से सड़कों पर आ जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो मुस्लिम समुदाय को धार्मिक पहचान से परे एक नागरिक के रूप से ढलने का उतना मौका नहीं मिल पाया है और इसका मुख्य कारण समुदाय में गैर–मजहबी कयादत (नेतृत्व) का ना उभर पाना है।

2006 में सच्चर कमेटी द्वारा जारी रिपोर्ट आई थी जिसने खुलासा किया था कि प्रमुख मानव विकास सूचकांकों में मुस्लिम समुदाय काफी पीछे है। ना केवल उनकी आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति दयनीय है बल्कि वे व्यापार, रोजगार, सरकारी नौकरियों और सियासी प्रतिनिधित्व के मामले में भी काफी पीछे हैं। हाल ही में सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों के अमल की हक़ीक़त को जानने के लिए गठित प्रोफ़ेसर अमिताभ कुंडू कमेटी की रिपोर्ट आई है,जिसके अनुसार सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों को लागू करने की गंभीर कोशिश नहीं की गयी है, स्कीम वगेरह तो बनाए गये  लेकिन जो नतीजा हासिल होने चाहिए थे वे नहीं हुए हैं, कुछ मोर्चों में राहत है लेकिन उन्हें उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता। कुंडू कमेटी ने सुझाव दिया कि अत्यंत पिछड़ी मुसलमान जातियों(अजलाफ) को ओबीसी कोटे के दायरे में रखा जाए। इसी तरह मुस्लिम दलितों (अरजाल) को ओबीसी से एससी कोटे में डाला जाए। कुंडू कमेटी की यह सिफारिश बहुत महत्वपूर्ण सिफारिश है, दरअसल मुस्लिम समुदाय को एक ही चश्मे से देखने की प्रवृति हावी है, इस नजरिये को बदलने की जरूरत है। उच्च वर्ग के मुसलमान तबकों के सामने पसमंदा यानि पिछड़े -दलित मुसलमानों की स्थिति बदतर है, इस भेद को ध्यान रखकर ही विकास और कल्याण की योजनाएं, कार्यक्रम और नीतियां बनायीं जानी चाहिए।

बीते दिनों हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हैदराबाद तक सीमित असादुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम ने दो सीटें जीत कर अपना खाता खोला है,पार्टी पांच सीटों पर दूसरे नंबर और नौ सीटों पर तीसरे स्थान पर रही। इस पार्टी की  छवि एक सांप्रदायिक पार्टी की है, इसके नेताओं पर आये दिन भड़काऊ बयान देने के आरोप  लगते रहते हैं, अगर यह नतीजे एमआईएम जैसे मजहबी जमात का मुसलमानों के मसीहा बनने की दिशा में सन्देश हैं तो इसे खतरनाक संकेत माना जाना चाहिए। भारत में इंडोनेशिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है, पूरी दुनिया में कट्टरवाद के उभार के बावजूद भारतीय मुसलमान अपने आप को रेडिकल होने से बचाये हुए है । लेकिन पिछले दिनों जैसी खबरें आ रही हैं उससे प्रतीत होता है कि अब वे आईएसआईएस और अलकायदा जैसे जिहादी संगठनों के निशाने पर है।

हिंदुस्तान की जम्हूरियत की मजबूती और अमनों-चैन के लिए जरूरी है कि अकलियतों में असुरक्षा की भावना को बढ़ाने/ भुनाने की राजनीति बंद हो, मज़हबी लीडरशिप को उन पर थोपने की जगह सियासी जमातें गैर-मजहबी नेतृत्व को बढ़ावा देते हुए उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दें जिससे समुदाय इनसे पिंड छुड़ा सके और अपने वास्तविक समस्यायों को हल करने के लिए राजनीति को एक औजार के तौर पर इस्तेमाल करना सीख सके।
यह मुल्क पहले भी धर्म और बटवारे के राजनीति के सुरंग से गुजर चूका है और हम सब भारतीयों ने इसकी बड़ी कीमत चुकाई है, देश की सियासत को मजहब से दूर रखना होगा वर्ना इस बार तो हमारे पास कोई मौलाना आजाद और महात्मा गाँधी भी नहीं हैं उनकी जगह तो तोगड़िया और बुखारी जैसे लोग कब का ले चुके हैं ।





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जावेद अनीस 
भोपाल 
ईमेल : anisjaved@gmail.com

मदन मित्रा की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद से TMC सासंदों का वॉकआउट

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शारदा घोटाले में पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर जारी टीएमसी का विरोध सोमवार को दिल्ली तक पहुंच गया। मदन मित्रा की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। टीएमसी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट भी किया।

उन्होंने हाथों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती देने वाले पोस्टर अपने हाथों में थाम रखे थे। टीएमसी ने आरोप लगाया है कि सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। टीएमसी ने ये भी आरोप लगाया है कि सहारा की डायरी में शाह को पैसा दिए जाने का ज़िक्र है। इस आधार पर वह शाह के खिलाफ जांच की मांग कर रही है। मदन मित्रा को शारदा चिट फंड घोटाले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। टीएमसी का आरोप है कि मित्रा की गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव के चलते हुई है।

दक्षिण अफ्रीका की रोलीन ने जीता विश्व सुंदरी का खिताब

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दक्षिण अफ्रीका की सुंदरी रोलीन स्ट्रॉस को आज इस साल के मिस वर्ल्ड खिताब से नवाजा गया, जबकि भारत की कोयल राणा टॉप 10 सुंदरियों में ही अपना स्थान बना सकीं। लंदन में हुई इस प्रतियोगिता में मिस हंगरी एदिना कुलसर दूसरे और मिस अमेरिका एलिजाबेथ सैफरिट तीसरे स्थान पर रहीं। इस सौंदर्य प्रतियोगिता के आज के प्रसारण को करोड़ों दर्शकों ने देखा।

आखिरी बार भारत की प्रियंका चोपड़ा ने साल 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। जयपुर में पैदा हुईं 21 वर्षीय कोयल शीर्ष 10 सुंदरियों में शामिल हुईं, लेकिन आखिरी पांच में जगह नहीं बना सकीं। फाल्गुनी एंड शेन पीकॉक गाउन पहनीं कोयल ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिजाइनर का उप खिताब जीता। उन्होंने 'ब्यूटी विथ ए परपज़'का खिताब भी कीनिया, गुयाना, ब्राजील और इंडोनेशिया की सुंदरियों के साथ साझा किया।

इस कार्यक्रम के बाद कोयल ने कहा, 'मैं इस शानदार सफर के दौरान मिले सहयोग के लिए मिस इंडिया आर्गनाइजेशन, अपने परिवार और दोस्तों की बहुत आभारी हूं। यह एक अद्भुत अनुभव रहा।'

झारखंड में बाप.बेटे की सरकार ने तिजोरीभरने का काम किया है : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि झारखंड में बापशबेटे की सरकार ने अपनी तिजोरी भरने का काम किया है जबकि सरकार की तिजोरी पर गरीबो का हक है ।  श्री मोदी ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी की एक विशाल चुनावी सभा में कहा कि गठबंधन की सरकारो में लूट की होड़ लगी रहती है इसलिये प्रदेश में भाजपा की बहुमत की सरकार बनाये तथा राज्य को गरीबी  हिंसा से मुक्त कराये 1 उन्होंने कहा कि कंधे पर बंदूक से नहीं बल्कि कंधे पर हल से प्रदेश में हरियाली आयेगी और समस्या का समाधान होगा 1 बैलेट में ए के 47 से ज्यादा ताकत है और ए के 47 पर उंगली दबने से किसी की जान जाती है जबकि ईवीएम मशीन पर उंगली दबने से लोगों की जिन्दगी संवरती है । 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पूरी जिन्दगी जनता की भलाई के लिये है और वह गरीबो का भला करना चाहते है तथा प्रत्येक गांव मे सुविधा उपलब्ध कराना चाहते है लेकिन इसके लिये जनता उन्हें ताकत दे और भाजपा को दो तिहाई बहुमत से जीत दिलाये 1 उन्होंने कहा कि बेटा गलती करता है तो मॉ सजा देती है क्योकि इससे सुधरने का मौका मिलता है इसलिये आप भी झारखंड को लूटने वाले को सजा दे और राज्य मे स्थिर सरकार बनाये.

बिहार : नक्सलियों ने चार महादलितों की हत्या की, एक घायल

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बिहार में अरवल जिले की सीमा से लगे पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के खिरी मोड़ थाना क्षेत्र के भैंसासुर आहर के निकट कल रात भारत की कम्युनिस्ट पार्टी :माओवादी: के उग्रवादियों ने चार महादलितों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा एक अन्य को घायल कर दिया. अरवल के पुलिस उपाधीक्षक संजय भारती ने आज यहां बताया कि जिले की सीमा से लगे खिरी मोड़ थाना के सीमा ब्रस्रपुर गांव के निकट भैंसासुर आहर में कई दिनों से इसी थाना के मुगला गांव के बिंद जाति के कुछ लोग मछली मार रहे थें 1 उन्होंने बताया कि माओवादियों ने इन लोगों को आहर से मछली मारने से मना किया था .लेकिन उनलोगों ने उनकी बात नहीं मानी.
      
श्री भारती ने बताया कि इसी को लेकर कल देर रात हथियारबंद माओवादियों ने भैंसासुर आहर के निकट मछली का जाल लगाये बिंद जाति के चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तथा एक अन्य को गंभीर रुप से घायल कर दिया 1 उन्होंने बताया कि मृतकों में मनीष बिंद :25: . र्जनादन बिंद :20: . उदय बिंद :35: और राम प्रवेश बिंद: 50: शामिल है । पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि नक्सलियों के हमले में रजनी बिंद गंभीर रुप से घायल हो गया जिसे इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज अस्पताल भेजा गया है । शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है । पुलिस माओवादियों के गिरफतारी के लिए छापेमारी कर रही है।

भाजपा साजिश के तहत खेल रही है धर्मांतरण का खेल शतारिक

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पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी :राकांपा: के सांसद तारिक अनवर ने आज कहा कि देश की जनता का ध्यान मुद्दों से हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत धर्मांतरण का नया खेल खेल रही है । श्री अनवर ने दिल्ली रवाना होने से पूर्व यहां संवाददाताों से बातचीत में कहा कि श्री मोदी के सत्ता में आने के छह माह बाद भी लोकसभा चुनाव के दौरान किये गये वादे को सरकार अभी तक पूरा नहीं कर सकी है । आम लोगों का ध्यान चुनावी वादों से हटाने के उद्देश्य से भाजपा और उसके तमाम बड़े नेता देश में धर्मांतरण का नया खेल शुरु कर दिया है जो लोकतंत्र के लिए घातक है ।  राकांपा सांसद ने कहा कि धर्मांतरण का यह नया खेल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सोची समझी साजिश है । उन्होंने कहा कि इसी तरह का खेल श्री मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में गुजरात में भी खेला गया था और वहां धर्म के आधार पर लोगों का धुर्वीकरण किया गया था। इसी फार्मूला के आधार पर मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार धर्मांतरण की बात कर रही है ।

श्री अनवर ने कहा कि चुनाव के समय श्री मोदी ने सत्ता में आने पर सौ दिन में कालेधन की वापसी का वायदा किया था और कहा था कि हर गरीबों के खाते में 15श।5 लाख रुपये जमा कराये जायेंगे। कालेधन की वापसी की बात तो दूर केन्द्र सरकार आरोपियों का नाम तक नहीं बता रही है । राकांपा सांसद ने कहा कि इसी तरह बेरोजगार नौजवानों को भी नौकरी देने का वादा किया गया था और उसे भी अबतक पूरा करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया है । बेरोजगारी को लेकर देश के नौजवानों में खासा बेचैनी है और इससे भी इनका ध्यान हटाने के इरादे से धर्म परिवर्तन की बातें की जा रही है । देश में विकास नहीं हो रहा है और जनता अपने को ठगा सा महसूस कर रही है । 

श्री अनवर ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जहां गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाये जाने की वकालत की है वहीं भाजपा के कुछ नेता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड्से को राष्ट्रभक्त बता रहे है । उन्होंने कहा कि यह सब एकता और अखंडता वाले भारत के लिए खतरनाक संकेत है । भाजपा के नेता कट्टरपंथी की भाषा का इस्तेमाल कर रहे है । राकांपा सांसद ने आरोप लगाया कि सबका साथ और सबका विकास का नारा देकर सत्ता में आये श्री मोदी के शासनकाल के दौरान साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा है । मोदी का यह नारा खोखला साबित हो रहा है । उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को मुख्य धारा से अलग कर दिया गया है और ऐसे में देश में कैसे एकता और सद्भावना का माहौल कायम हो पायेगा

बंदूकधारियोंने सिडनी के एक कैफे में कई लोगों का बंधक बनाया

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बंदूधकारियों ने आस्ट्रेलिया के सिडनी में एक लोकप्रिय कैफे में कई लोगों को आज  बंधक बना लिया।आशंका जतायी जा रही है कि बंदूकधारी खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक संगठन.आईएस.के र्समथक हैं। इस घटना से 26नवंबर 2008 को मुंबई में हुये आतंकवादी हमले का भयावह दृश्य उपास्थ्ित हो जाता है। प्रधानमंत्री टोनी एबट ने स्थिति से निपटने के लिये  कैबिनेट की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की  बैठक बुलाई।श्री एबट ने इस घटना को राजनीति से प्ररेक होने की आशंका जाहिर की है।उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि पूरी तरह से मुस्तैद और प्रशिक्षित सुरक्षा बल स्थिति से शीघ्र ही अच्छी तरह से निपट लेगे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बंदूकधारियोंने  शहर के बीचो.बीच मार्टिन प्लेस स्थित लिंड्ट कैफे में  कम से कम 30नागरिकों और कैफे के करीब 10 र्कमचारियों को बंधक बना लिया।इस इलाके में रिर्जव  बैंक आफ आस्ट्रेलिया और देश के दो बडे  बैंकों का मुख्यालय भी है।आसपास के भवनों और इलाकों को खाली कर लिया गया है। घटना स्थल तक जाने वाले रास्तों को बंद करके पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर ली है। पुलिस उपायुक्त कैथरिन बुर्न ने बताया कि फिलहाल यह बताना मुश्किल है कि कैफे के अंदर बंधक बनाये गये लोगों की वास्तविक संख्या क्या है।लेकिन आशंका है कि बंदूकधारियोंके कब्जे में कम से कम 40लोग हैं। 

इस बीच श्री एबट ने कहा है कि ऐसे संकेत मिले हैं कि यह घटना राजनीति से प्रेरित है।उन्होंने केनबेरा मेंपत्रकारोंसे कहा...यह बेहद विचलित करने वाली घटना है।मैं समझ सकता हूं कि नागरिकों की चिंता और घबराहट से पूरी तरह वाकिफ हूं।...उन्होंने लोगों से धार्य एवं शान्ति बरतने को कहा। संपादक. शेष पूर्व प्रेषित से जोड़ ले। 

भागलपुर : महाजाल से खतरे में पड़ा डॉल्फिन का अस्तित्व

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बिहार में भागलपुर जिला के करीब साठ किलोमीटर के गंगा नदी के क्षेत्र में जल दस्युों की मदद से प्रतिबंधित जालके डाले जाने के चलते राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का अस्तित्व खतरे में दिखाई पड़ रहा है। विलुप्त प्राणी की श्रेणी में आने वाले गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये राज्य सरकार द्वारा जिले के सुल्तानगंज से कहलगांव तक 60 किलोमीटर के गंगा के क्षेत्र को डॉल्फिन अभयारण्य के रूप में घोषित कर इस जलीय जीव के शिकार पर रोक लगायी गयी है लेकिन पिछले कुछ समय में गंगा नदी में मछली पकड़ने के लिये प्रतिबंधित जाल के डाले जाने से आम मछलियों के साथशसाथ डॉल्फिन भी फंस जाती हैं और बाद में उसकी मौत हो जाती है । गंगा एवं अन्य नदियों में प्रतिबंधित जाल के डाले जाने का धंधा जल दस्युों के सहयोग से बदस्तूर जारी है । ऐसे धंधे से जहां एक ओर छोटे मछुआरों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही हैं वहीं दूसरी तरफ आए दिन डॉल्फिन की अकाल मौत हो रही है। विगत एक दिसम्बर को जिले के खरीक प्रखंड के राघोपुर दियारा के निकट डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र में एक डॉल्पिंन प्रतिबंधित जाल में फंसी और बाद में उसकी मौत हो गयी। साढे़ पांच फुट की लम्बाई वाले इस डॉल्फिन का वजन 67 किलोग्राम था।

 स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर भागलपुर के वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मृत डॉल्फिन को अपने कब्जे में लिया। इससे पूर्व भी अभयारण्य क्षेत्र के कहलगांव. सुल्तानगंज और भागलपुर के निकट भी प्रतिबंधित जाल में फंसने की वजह से कई डॉल्फिनों की मौतें हो चुकी हैं। बावजूद इसके संबंधित विभाग के इस दिशा में काई ठोस उपाय नहीं किया है। इसके चलते गांगेय डॉल्फिन की अकाल मौत में इजाफा होता जा रहा है। वन एवं पर्यावरण विभाग के स्थानीय रेंज पदाधिकारी विद्यापति सिन्हा का कहना है कि डॉल्फिन मीठे पानी का बहुत नाजुक जीव है और पूरी तरह से संरक्षित भी है। यह एक स्तनधारी जलीय जीव है जो बड़ी मछली की तरह  दिखती है। उन्होंने बताया कि स्थानीय भाषा में इसको सोंस के नाम से भी जाना जाता है और इसके सरंक्षण के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में डॉल्फिन टास्क फोर्स का गठन किया है। तब से कई योजनाएं चल रही है। इधर डॉल्पिंन संरक्षण पर कार्य कर रहे जलीय वैज्ञानिक डा. सुनील चौधरी का कहना है कि आए दिन डॉल्फिन की हो रही मौत से हमारी चिंताएं बढ़ी है  क्योंकि इसके संरक्षण की दिशा में ठोस पहल नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि गंगा में जल माफिया का राज है और इससे गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र भी प्रभावित है जिस कारण इस क्षेत्र में विचरण करने वाले डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरे की संभावना प्रबल होती जा रही है।

श्री चौधरी ने कहा कि इस जलीय जीव के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिये सरकारी स्तर पर किये जा रहे उपायों के साथ साथ आम नागरिकों की भी सहभागिता जरूरी है। एक र्सवेक्षण के मुताबिक बड़ी मछली की तरह दिखने वाले इस जीव की अस्सी प्रजातियों में से चार प्रजातियां समुद्री है । समुद्री डॉल्फिन की चार प्रजातियों में एक चीन में पायी जाती थी जो वर्ष 2006 में विलुप्त हो चुकी है जबकि भारत में बिहार के भागलपुर जिले में सुल्तानगंज से कहलगांव तक के गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र में 234 डॉल्पिंनें पायी गयी है जो पहले की अपेक्षा कापंी अधिक है। बहरहाल गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र में गंगा में विचरण करने वाले डॉल्फिनों को हो रही मौतों से जलीय वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों में क्षोभ देखा जा रहा है।

ललित नारायण हत्याकांड में सजा 18 दिसम्बर को

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बहुचर्चित ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड मामले में चारों दोषियों को दिल्ली की एक अदालत 18 दिसंबर को सजा सुनायेगी। कडकडडूमा स्थित अदालत के जिला जज विनोद गोयल ने आठ दिसंबर को इस मामाले में चारों आरोपियों आनंदमार्ग अनुयायी..गोपाल जी. रंजन दि्ववेदी . संतोषानंद अवधूत और सुदेवानंद अवधूत को 302 ..हत्या..और 120 बी.. आपराधिक षडयंत्र.. तथा 326 और 326 के तहत दोषी करार दिया 1 अदालत ने उन्हें विस्फोटक कानून के तहत भी दोषी ठहराया।  इस मामले के एक अन्य आरोपी की मृत्यु हो चुकी है । 

अदालत ने दोषियों को क्या सजा दी जाये इस पर दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद सजा सुनाने की तिथि 18 दिसंबर तय की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दोषियों को फांसी की सजा दी जाये नहीं इसका निर्णय अदालत पर छोड दिया। बचाव पक्ष के वकीलों ने दोषियों की अधिक उम्र को देखते हुये नरमी बरतने की अपील की। 

पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा बिहार के समस्तीपुर जिले में 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर .मुजफफरपुर ब्राडगेज रेलवे लाइन का उद्घाटन करने गए थे जहां वह एक बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे 1 उन्हें दानापुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती  कराया गया था जहां अगले दिन उनकी मृत्यु  हो गयी थी। इस घटना में दो और व्यक्ति मारे गए थे जबकि सात घायल हुए थे। इस मामले में 200 लोगों की गवाही हुई 1 इसमें 161 अभियोजन पक्ष के और 40 बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए।

विचार के आधार पर धर्म परिवर्तन जायज : नाईक

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धर्मान्तरण को लेकर आये सियासी उबाल के बीच उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज धर्म परिवर्तन को जायज ठहराते हुये तर्क दिया है कि संविधान में किसी भी व्यक्ति विशेष को अपना धर्म चुनने का हक है। यहां पंडित मदन मोहन मालवीय के पैतृक निवास के र्दशन करने के बाद श्री नाईक ने कहा कि विचारों के आधार पर धर्म परिवर्तन गलत नही है। किसी भी व्यक्ति को अपना धर्म चुनने और उसके पालन का हक है। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर ने भी अपना धर्म बदला था। नेताों को ऐसे मसलों पर राजनीति करने से बाज आना चाहिये।

इससे पहले राज्यपाल ने चौक स्थित भारती भवन पुस्तकालय के 125 वर्ष पूरे करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत क रते हुये कहा कि पुस्तकों से कल्पना शक्ति को बढावा मिलता है। किताबों में रूचि रखने वाला व्यक्ति समाज और राष्ट्र के विकास में अहम योगदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों में जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी दुर्लभ पुस्तकों को माइक्रो फिल्मिंग के माध्यम ठीक कराया जायेगा। इसके लिये केन्द्र और राज्य सरकार से समन्वय बनाकर उचित व्यवस्था की जायेगी। गौरतलब है कि हाल ही में श्री नाईक ने अयोध्या में राम मंदिर के जल्द निर्माण की वकालत की थी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (15 दिसम्बर)

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कलेक्टर द्वारा प्रतिभा पर्व मूल्यांकन का जायजा

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले में जारी प्रतिभा पर्व मूल्यांकन का जायजा शैक्षणिक संस्थाओं में पहुंचकर स्कूली विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर लिया। इस अवसर पर उनके साथ जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा, विदिशा जनपद पंचायत के सीईओ श्री उपेन्द्र सिंह सेंगर, डीपीसी श्री विनोद कुमार चैधरी भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री ओझा ने ग्राम कुंआखेड़ी के प्राथमिक और माध्यमिक शाला मंे पहुंचकर स्कूली विद्यार्थियों से उनके अध्यापन कार्यो के संबंध में पूछताछ की और प्रतिभा पर्व मूल्यांकन परीक्षा के संबंध में जानकारी हासिल की। यहां उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपनी हेण्ड रायटिंग सुधारने के लिए हर रोज कापी में तीन से चार पेज जरूर लिखे। कक्षा आठवीं के विद्यार्थी शिवराज से पहाडा और अशोक एवं सविता से अपने नाम अंग्रेजी भाषा में लिखवाए। 

मध्यान्ह भोजन चखा
कलेक्टर श्री ओझा और जिपं सीईओ श्री मिश्रा ने शैक्षणिक संस्थानों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का भी जायजा लिया। उन दोनो के द्वारा बच्चों को परोसी जाने वाली खीर व पूडी को खाकर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया। उन्होने बच्चों से कहा कि खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोए वही अध्यापकों से कहा कि भोजन परोसने के बाद बच्चों को ईश्वरीय स्तुति हेतु अभिप्रेरित करें। उन्होंने मध्यान्ह भोजन में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता में कमी ना हो का विशेष ध्यान रखते हुए साफ सफाई के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। ग्राम ठर्र में पहुंचकर स्थानीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल में भी प्रतिभा पर्व मूल्यांकन का भी जायजा लिया। यहां विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने के निर्देश उन्होंने गुरूजनों को दिए।

विशेष ग्रामसभा में शामिल हुए कलेक्टर

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सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना वर्ष 2011 में किए गए सर्वे के ड्राफ्ट लिस्ट के प्रकाशन, दावे आपत्तियों के दाखिले प्राप्ति हेतु आज 15 दिसम्बर को जिले में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया है। ग्राम ठर्र की विशेष ग्रामसभाओं की कार्यवाही में कलेक्टर श्री एमबी ओझा और जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्रा भी शामिल हुए। कलेक्टर श्री ओझा ने ग्रामसभा में शामिल ग्रामवासियों से कहा कि वे शासन के इस महत्वपूर्ण कार्य में अपना पूरा सहयोग ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा ही तय करेगी कि गांव में पहले कितने बीपीएल परिवार थे और पिछले कई वर्षो से शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर कितने परिवार बीपीएल की पात्रता से ऊपर उठे है। उन्होंने सुपात्रों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने में भी सहयोग करने की समझाईंश दी। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि गांव का कोई गरीब छूटे ना और अमीर जुडे़ ना का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने नामांतरण एवं सीमाकंन के प्रकरणों के संबंध में भी पूछताछ की। श्री ओझा ने कहा कि गांव में छोटे-छोटे मनमुटावों से बडे़-बडे़ नुकसान हो जाते है। गांव की एकता और शांति के लिए आपसी सौहार्द्र वातावरण बनाने में सब बढ़ चढ़कर भाग लें ताकि गांव विवादहीन रहें। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि गांव का विकास कैसे हो, कौन-कौन से कार्य अति आवश्यक है पर आपसी सहमति से कार्य किए जाए। उन्होंने गांव में स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आपसी तालमेल से सफाई अभियान चलाए इसके लिए सप्ताह में स्वेच्छानुसार दिन भी तय कर सकते है। उन्होंने गांव को नशामुक्ति से निजात दिलाने की पहल करने का भी आग्रह ग्रामवासियों से किया। कलेक्टर श्री ओझा ने ग्रामवासियों से कहा कि वे शासकीय योजनाओं की जानकारी अवश्य रखें ताकि वे जान सकें गांव के किस व्यक्ति को किस योजना के तहत लाभ दिलाया जा सकता है। उन्होंने गांव के विकास हेतु प्राप्त मांग पत्र पर शीघ्र कार्यवाही कराए जाने का आश्वासन दिया। जिला पंचायत के सीईओ श्री मिश्रा ने सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के उद्धेश्य, ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन उपरांत की जाने वाली कार्यवाही, दावे आपत्तियां संग्रहित करने के तरीके इत्यादि के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इस अवसर पर विदिशा जनपद पंचायत के सीईओ श्री उपेन्द्र सिंह सेंगर, जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी, पंचायत प्रतिनिधि एवं ग्रामवासी मौजूद थे। 

मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर शीघ्र अमल हो-कलेक्टर श्री ओझा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने विदिशा जिले के भ्रमण के दौरान की गई घोषणाओं पर अब तक हुई कार्यवाही की बिन्दुवार अद्यतन स्थिति की समीक्षा आज कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने टीएल बैठक के दौरान की। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन मंे संबंधित विभाग को कही कोई दिक्कत होती है तो अविलम्ब जानकारी में लाए ताकि संबंधित विभाग प्रमुख को पत्र के माध्यम से उस समस्या से अवगत कराया जा सकें। मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को तीन चरण में विभक्त किया गया है। वर्षानुसार 2005-08, 2008-13 और 2013 से अब तक की गई घोषणाओं की अद्यतन स्थिति आॅन लाइन अपडेट करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि टीम वर्क की भावना से कार्य कर मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को शीघ्रतिशीघ्र पूरा कराया जाए। 

संज्ञान में लाएं
विभिन्न अखबारो में प्रकाशित होने वाली विभागीय कार्यो की गतिविधियों को संबंधित विभाग के अधिकारी संज्ञान में लाए और अधीनस्थ अमले से इसकी जानकारी, कार्यवाही इत्यादि की जानकारी प्राप्त कर वरिष्ठ अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराएं। बैठक में डीपीसी ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के कार्यो हेतु पूर्व में आहरण की गई राशि 58 करोड़ रूपए का समायोजन किया जा चुका है। जिले की 548 शालाओं मंे शौचालयों की मांग शैक्षणिक संस्थाओ के प्रभारियों द्वारा की गई है जिनके निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही क्रियान्वित है वही वर्ष 2014-15 मेंे नवीन 777 स्कूलो के भवन निर्माण के साथ-साथ उनमें शौचालय निर्माण का भी प्रावधान किया गया है। जिले के 361 निजी स्कूलों को प्रदाय की जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि के संबंध में की गई कार्यवाही से भी अवगत कराया गया। बैठक में बतलाया गया कि नवीन कृषि उपज मंडी में बैंकों की शाखा खुलने एवं एटीएम की स्थापना कराई जानी है इसके लिए मंडी सचिव ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के शाखा प्रबंधकों से सम्पर्क किया है तो उनके द्वारा निःशुल्क भूमि की मांग की गई है जो संभव नही है। ततसंबंध में को-आॅपरेटिव बंैक से पत्राचार जारी है। 

डिजीटल नक्शा एवं अभिलेख
विदिशा जिले की नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र की भूमि का आधुनिक तकनीकी से सर्वे कर डिजीटल नक्शा एवं अभिलेख तैयार किए जाएंगे। उक्त कार्य हैदराबाद की सतारा इन्फ्रेस्टेªक्चर मैनेजमेंट सर्विस प्रायवेट लिमिटेड के द्वारा किया जाएगा। कंपनी के प्रतिनिधि ने टीएल बैठक के दौरान संस्था के माध्यम से किए जाने वाले कार्यो की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रथम चरण के तहत जीपीएस मशीन से कंट्रोल पाइंट निर्धारित किए जाएंगे। प्रत्येक 16-16 किलोमीटर की दूरी पर कंट्रोल पाइंट के पत्थर लगाए जाएंगे। जिले में उक्त कार्य के लिए कंपनी के तीन सौ कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। डिजीटल मेप तैयार करने की कार्यवाही 25 दिसम्बर से शुरू होगी। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि संस्था अपने कर्मचारियों को परिचय पत्र प्रदाय करें और संबंधित क्षेत्र में कार्य प्रारंभ करने के पूर्व स्थानीय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी से सम्पर्क करना सुनिश्चित करें।

कन्डम वाहन जप्त होंगे

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने टीएल बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में विदिशा नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री आरपी मिश्रा ने बताया है कि विदिशा शहर के विभिन्न सड़कों तथा सार्वजनिक स्थलांे पर लम्बे समय से पडे़ जीर्ण-शीर्ण वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही 18 दिसम्बर गुरूवार को की जाएगी। इन वाहनो को जप्तीे उपरांत पुलिस लाइन में रखा जाएगा। मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री मिश्रा ने कन्डम वाहन मालिको से आग्रह किया है कि वे कार्यवाही पूर्व अपने वाहनों को सार्वजनिक स्थलों से स्वंय हटवा कर अपनी भूमि क्षेत्र में रख सकते है।

 कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन

वार्ड नं0-35 ब्लाक कालोनी राजीवनगर क्षेत्र में शिवमंदिर के पास भारतीय युवा पार्टी के जिला महामंत्री श्री श्यामसुन्दर शर्मा जी एवं भाजपा जिलाध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी एवं युवा मोर्चा के अध्यक्ष श्री दीपक तिवारी जी का स्वागत किया गया एवं कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया गया। युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री दीपक तिवारी जी के नेतृत्व में राजीवनगर, ब्लाक कालोनी में महा सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक शाक्य, वरिष्ठ कार्यकर्ता मोहन यादव जी, नोबत किरार, दौलत सिंह कुशवाह आदि कई कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहें और माननीय नवनिर्वाचित को-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्याम सुन्दर शर्मा जी का स्वागत किया गया। ठाकुर सिंह बघेेल, कमलेश जी राय, जुगल किशोर जी राय, सोनू यादव, नन्दन सेन, चिन्टू कुशवाह, अरूण कुशवाह के अलावा अनेक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।

पेट्रोल की कीमत घटाए सरकार : शकील अहमद

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कांग्रेस ने देश में पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप घटाने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव एवं प्रवक्ता शकील अहमद ने आज यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी हुई है लेकिन देश मेंउसके अनुरूप पेट्रोल की कीमतें नहीं घटाई गई हैं। 
    
उन्होंने कहा कि 2008 में बाजार में कच्चे तेल की कीमत 6321 रुपए प्रति बैरल थी और देश में पेट्रोल की कीमत 50.62 रुपए प्रति लीटर थी लेकिन इस समय कच्चे तेल की कीमत 39।5 रुपए प्रति बैरल होने के बावजूद पेट्रोल की कीमत 63.13 रुपए प्रति लीटर है। श्री अहमद ने कहा कि कच्चे तेल की कीमते 2008 के मुकाबले आधा होने पर देश में पेट्रोल की कीमत उस समयेसे बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि हाल में पेट्रोल पर सरकार ने उत्पाद शुल्क लगाया है और कहा है कि उपभोक्ताों पर इसका बोझ नहीं डालकर इसे तेल कंपनियों से लिया जा रहा है लेकिन वास्तव में तेल कंपनियां तो उपभोक्ताों से ही पैसा वसूलती हैं। 
    
प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा कीमतों के अनुसार पेट्रोल के दाम 31 से 32 रुपए प्रति लीटर होने चाहिए। इसकी वर्तमान कीमत 63.13 रुपए रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कीमतों में तुरंत कमी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को जनता को अधिक से अधिक सहुलियत देनी चाहिए।

मधुबनी गोलीकांड रिपोर्ट में तथ्यों को नजरअंदाज किया : भाकपा

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी .भाकपा. ने मधुबनी गोलीकांड की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि इस रिपोर्ट मेंघटना के जुड़े तथ्यों को जहां नजरअंदाज किया गया हैं वहीं दोषी प्रशासन एवं पुलिस का बचाव किया गया है। भाकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने यहां कहा कि रिपोर्ट मेंघटना के जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज करके न्याय मांगने वालों को न्याय नहीं दिया गया है। साथ ही घटना में अनुचित रूप से फंसाये गये लोगों को न्याय नहीं दिया गया है । उन्होंने कहा कि आयोग ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि मृत युवक की सिरकटी लाश का दावा करने वाले क्षेमा देवी को लाश नहीं साैंपना प्रशासन की गलती थी। इस सच्चाई को स्वीकार करने और प्रशासन को दोषी मानते हुए भी आयोग ने प्रशासन को दंडित करने की बात नहीं की है । 

श्री सिंह ने कहा कि सरकटी लाश के लिए दावा करने वाले परिजनों को प्रशासन ने शव नहीं सौंपा जिसके कारण जनआक्र ोश फूट पड़ा।अत: यह स्वत:स्फूर्त जनआक्रोश था जो किसी राजनीतिक दल द्वारा संगठित नहीं था। न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया है और राजनीतिक दलों की संलिप्ता इस आंदोलन में करार दी है जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने पूरे रिपोर्ट को तथ्यों से परे करार दिया और राज्य सरकार से इसकी पुन: समीक्षा करने की मांग की। सतीश राम 19।0 वार्ता 

श्री सिंह ने कहा है कि अगर उस युवक की लाश को प्रशासन उसके दावेदार को नहीं देने की भूल नहीं की होती तो लोगों में गुस्सा नहीं फूटता और पुलिस को गोली चलाने की नौबत ही नहीं आती 1 उन्होंने सरकार से मांग की कि न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट तथ्यों से परे है .सरकार इस आयोग की रिपोर्ट की पुन: समीक्षा करें.

पेट्रोल डीजल दो-दो रूपये प्रति लीटर सस्ता

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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बाद तेल विपणन कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में दो-दो रूपये प्रति लीटर कमी कर दी है। नई कीमतें आज मध्यरात्रि से लागू हो जाएंगी। अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ॉयल की तरफ से आज जारी बयान के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में दो-दो प्रति लीटर(कर मिलाकर) कमी की गई है। अन्य राज्यों में वहां के करों के अनुसार से यह कमी होगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 18 अक्टूबर को डीजल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया था जिसके बाद से डीजल के दाम चौथी बार कम किये गए हैं। दिल्ली में अब एक लीटर डीजल 50 रूपये 51 पैसे का मिलेगा। पेट्रोल के दाम जून 2012 में ही नियंत्रणमुक्त कर दिये गए थे। इस वर्ष अगस्त के बाद से पेट्रोल की कीमत में यह आठवीं बार कमी होगी और दिल्ली में पेट्रोल अब 61 रूपये 33 पैसे प्रति लीटर मिलेगा। इससे पहले कंपनियों ने एक दिसंबर को डीजल और पेट्रोल की कीमतों में क्रमश: 9। और 84 पैसे प्रति लीटर की कमी की थी।

इंडियन ॉयल के कार्यकारी निदेशक .कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस. ने कहा कि पिछली बार दाम घटाने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में लगातार गिरावट के रूख और डॉलर के मुकाबले रूपये के मजबूत होने से भी घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी की गई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत और डॉलर की तुलना में रूपये की स्थिति की निगरानी की जा रही है। इन कारकों के मद्देनजर ही अगली बार पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय होंगी। डीजल को नियंत्रणमुक्त किये जाने के बाद से दिल्ली में इसकी कीमतें पांच रूपये 10 पैसे प्रति लीटर कम हो चुकी हैं। इस साल 18 अक्टूबर को जब डीजल को नियंत्रणमुक्त किया गया था उस समय इसकी कीमत 58 रूपये 97 पैसे से घटाकर 55 रूपये 60 पैसे प्रति लीटर की गई थी। इस वर्ष अगस्त से दामों की तुलना की जाए तो डीजल आठ रूपये 46 पैसे प्रति लीटर घट चुका है। 

इस वर्ष अगस्त से डीजल के दाम में 11 रूपये 18 पैसे प्रति लीटर की कमी हो चुकी है। पिछले एक माह के दौरान सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में भी बढोतरी की है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की गिरावट की तुलना में दोनों ईंधनों के दाम नहीं घटे हैं। सरकार ने 02 दिसंबर को पेट्रोल पर 2.25 रूपये और डीजल पर एक रूपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क बढा दिया था। इससे पहले 12 नवंबर को डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में डेढ..डेढ रूपये प्रति लीटर की बढोतरी की गई थी। हालांकि उत्पाद शुल्क में इस बढोतरी का उपभोक्ताों पर असर नहीं पडा था क्यों कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम कम हुए थे। शुल्क बढाने की वजह से वैश्विक स्तर पर मूल्यों में आयी गिरावट का लाभ उपभोक्ताों को नहीं मिल पाया था।

भारत में तेज दर से विकास करने की क्षमता : जेटली

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वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी होने के बावजूद भारत तेज दर से विकास करने की क्षमता रखता है । श्री जेटली ने यहां अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में यह बात कही. 

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किल हालात से गुजर रही है लेकिन भारत विशेष तौर पर विनिर्माण तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र में तेज दर से विकास करने की क्षमता रखता है । श्री जेटली ने कहा कि वंचित तबके के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएंस चलायी गयीं हैं जो सही तरीके से काम कर रही हैं.

आनन्द ने पहली बार जीता लंदन क्लासिक खिताब

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भारत के सुपर ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनन्द ने विश्व चैम्पियनशिप में मिली हार के झटके से उबरते हुए ब्रिटेन के ग्रैंडमास्टर माइकल एडम्स को हराकर पहली बार लंदन क्लासिक शतरंज खिताब जीत लिया। पांच बार के विश्व चैम्पियन रह चुके आनन्द ने छह खिलाडियों के इस राउंड रोबिन टूर्नामेंट में पहली चार बाजियां ड्रा खेलीं थी। उन्हें खिताब जीतने के लिए एडम्स के खिलाफ जीत की जरूरत थी। और उन्होंने ब्रिटिश ग्रैंडमास्टर को शिकस्त देकर लंदन क्लासिक जीतने का अपना सपना पूरा कर लिया। 

फुटबाल जैसी स्केरिंग वाले इस टूर्नामेंट में आनन्द ने कुल सात अंक हासिल किए। टूर्नामेंट में बाजी जीतने पर तीन अंक और ड्रा पर एक अंक मिलता था। आनन्द के रूस के ब्लादिमीर क्रै मनिक और अनीश गिरी के बराबर समान अंक रहे लेकिन बेहतर टाई.ब्रेक के आधार पर आनन्द खिताब ले उडे।

सिडनी संकट खत्म, बंदूकधारी समेत 2 के मौत की खबर

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित लिंट कैफे में बंधक संकट खत्म हो गया है। सोमवार आधी रात कमांडो ऑपरेशन के जरिए इसे अंजाम दिया गया। कैफे में बंधक बनाकर रखे गए दो भारतीय नागरिकों समेत सभी लोगों को छुड़ा लिया गया है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक इस ऑपरेशन में दो की मौत हुई है। इसमें एक इस बंधक कांड को अंजाम देने वाला बंदूकधारी ईरानी शरणार्थी शेख हारून बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बंधक को हारून ने ही मारा। इस ऑपरेशन में 3 बंधक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि न्यू साउथ वेल्स (NSW) पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

सिडनी के लिंट कैफे में बंधक संकट के करीब 16 घंटे बाद भारतीय समयानुसार रात करीब पौने नौ बजे अचानक गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। इसके बाद कुछ बंधक बदहवासी में भागते हुए बाहर निकले। न्यू साथ वेल्स पुलिस के कमांडो भी कैफे के अंदर घुसते हुए दिखे। करीब आधे घंटे में इस ऑपरेशन को अंजाम दे दिया गया। ऑपरेशन के बाद बम होने की आशंका में रोबॉट के जरिए कैफे की तलाशी ली गई।

ऑपरेशन शुरू होते ही ऐंबुलेंस की कई गाड़ियां कैफे के बाहर पहुंच गई थीं। ऑपरेशन के बाद कुछ घायल लोगों को सुरक्षाकर्मी स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकालते देखे गए। कुछ सुरक्षाकर्मी घायलों को गोद में उठाकर ऐंबुलेंस की ओर दौड़कर पहुंच रहे थे।

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