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झारखंड में पांचवे चरण में 70.43 प्रतिशत मतदान

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झारखंड में पांचवे और अंतिम चरण में 16 विधानसभा क्षेत्रों में आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुल 3690069 मतदाताों में 70.43 प्रतिशत  मतदाताओंने अपने मताधिकार का प्रयोग करके  208 उम्मीदवारों के भाग्य को इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन मे बंद कर दिया। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी के जाजोरिया ने  यहां बताया कि राजमहल    बोरिया : अजजा :    बरहेट : अजजा : लिट्टीपाड़ा  : अजजा : महेशपुर  :अजजा : शिकारीपाड़ा: अजजा :    दुमका : अजजा :    जामा  : अजजा : नाला जामताड़ा    सारठ  पोरैयाहाट    गोड्डा और महगामा विधानसभा क्षेत्रों मेंआज  सुबह सात बजे से  मतदान शुरू हुआ और तीन बजे  शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया और इस दौरान 70.43 प्रतिशत मतदाताओंने मतदान किया। श्री जाजोरिया ने बताया कि इन 16 विधानसभा क्षेत्रों में  16 महिला उम्मीदवार समेत कुल 208 उम्मीदवार है । उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में भाजपा के 15    बसपा के 12  भाकपा के 04  माकपा के 06  कांग्रेस के 11  राष्ट्रवादी कांग्रेस के 02  झारखंड विकास मोर्चा ..प्रजातांत्रिक .. के 15  राजद के 06 और झामुमो के 16  उम्मीदवार है जबकि निर्दलीय 65 उम्मीवार है। इसबीच राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि आज का मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है । 

इन क्षेत्रों में आज जिन प्रमुख उम्मीदवार की किस्मत इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में बंद हुई उनमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन    झारंखड विधानसभा के अध्यक्ष शशांक शेख भोक्ता    पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू  पूर्व मंत्री नलिन सोरेन  पूर्व मंत्री सत्यानंद झा बाटुल अकील अख्तर  पूर्व  विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम  पूर्व उपमुख्यमंत्री स्ट्रीफन मरांडी  पूर्व मंत्री साईमन मरांडी  राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री लोबिन हेम्ब्रम  उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह  संजय प्रसाद यादव और राजेश रंजन शामिल है।  इन 16 विधानसभा क्षेत्रों में से नाला विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 19 उम्मीदवार है जबकि लिट्टीपाड़ा में सबसे कम आठ उम्मीदवार है । उन्होंने बताया कि कुल 4448 मतदान केन्द्रों में से अति संवेदनशील 833 तथा संवेदनशील 1496 मतदान केन्द्र थे 1 उन्होंने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिये लगभग  22240 मतदानक र्मियों को लगाया गया था तथा।6 सामान्य आब्र्जवर दस व्यय आब्र्जवर तीन पुलिस आब्र्जवर एक अवेयरनेस आब्र्जवर  तथा 1050 माइक्र ो आब्र्जवर  तैनात किए गये थे.

श्री जाजोरिया ने बताया कि राज्य में पहले चरण में 25 नवंबर को 13 विधानसभा क्षेत्रा में    दो दिसंबर को दूसरे चरण में 20 विधानसभा क्षेत्रों में    तीसरे चरण में नौ दिसंबर को 17 विधानसभा क्षेत्रों में तथा चौथे चरण 14 दिसंबर को 15 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था 1उन्होंने बताया कि राज्य में प्रथम चरण में 63.27 प्रतिशत  द्वितीय चरण में 68.01 प्रतिशत    तृतीय चरण में 63.09 प्रतिशत और चौथे चरण में 64.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। श्री जाजोरिया ने बताया कि राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सामान्य क्षेत्र है जबकि 28 अनुसूचित जनजाति और नौ अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित है । उन्होंने बताया कि राज्य का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र बोकारो है जहां कुल मतदाताओ की संख्या 492069 है जबकि सबसे छोटा क्षेत्र जगन्नाथपुर है जहां कुल मतदाताों की संख्या 159757 है । उन्होंने कहा कि राज्य में पांचो चरण में कुल 1136 उम्मीदवार है जिसमें पुरुष उम्मीदवार 1025 और महिला उम्मीदवार 111 है । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (20 दिसम्बर)

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भाजपाध्यक्ष ने पार्टी अनुषासनहिनता को लेकर नप थांदला  अध्यक्ष सहित  4 पार्षदों एवं 2 पार्टी नेताओं को जारी किया कारण बताओं सूचनापत्र 

झाबुआ --- भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे द्वारा नगर परिषद थांदला में अपनी ही पार्टी के उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता सोनी के विरूद्ध पार्टी व्हीप का उल्लंघन कर उनके विरूद्ध अविष्वास प्रस्ताव में मतदान करने तथा पार्टी अनुषासन का उल्लंघन करने के लिये नगरपरिषद की अध्यक्ष सहित 4 भाजपा पार्षदों एवं मंडल महामंत्री थांदला, विपणन सहकारी संस्था के अध्यक्ष सहित कुल 7 पार्टी के लेागों को कारण बताओं सूचना-पत्र जारी कर  सात दिवस के अंदर उनसे जवाब चाहा गया है । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने इस बारे में बताया कि  जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने नगरपरिषद थांदला की अध्यक्षा संगीता पूनमचंद वसावा, पार्षद माया सचिन सोलंकी, पार्षद सुनीता नटवर पंवार, पार्षद आषुका कमलेष लोढा, एवं पार्षद अर्जुन सोनी  को कारण बताओं सूचनापत्र जारी कर उल्लेखित किया है कि 26 नवम्बर का प्रातः 9 बजे सांसद निवास झाबुआ उपस्थित होने के लिये निर्देषित किया गया था लेकिन 26 नवंबर को आहूत किये गये नगरपरिषद के विषेष सत्र मे उपस्थित रह कर  पार्टी व्हीप तथा जिला कोर ग्रुप के निर्णय का उल्लंघन कर पार्टी के संविधान की धारा 25(ख व ग) के अंतर्गत कदाचरण कर घोर अनुषासनहिनता की है जिसके लिये पार्टी की सदस्यता से 6 वर्ष के लिये निष्कासित किया जासकता है । सूचनापत्र के अनुसार इनका यह कृत्य  अक्षम्य है । वही मार्केटिंग अध्यक्ष फकीरचंद राठौर एवं भाजपा नगरमंडल महामंत्री किषोर आचार्य को भी सूचना पत्र देकर आगामी 6 वर्ष के लिये पार्टी से पृथक करने का कारण बताओं नोटिस जारी किया है जिसके अनुसार इन दोनों के द्वारा नगरपरिषद थांदला के पार्षदों को पार्टी व्हीप नही मानने के लिये प्रेरित करने, पार्षदों को सांसद निवास पर बैठक में नही जाने के लिये उकसाने एवं दबाब बनाने, मतदान की प्रक्रिया में नगरपरिषद अध्यक्ष को मताधिकार नही होने के बावजूद भी प्रषासनिक अधिकारियों पर अध्यक्ष को मतदान कराने के लिये दबाव डालने का आरोप लगाते हुए घोर अनुषासनहिनता मानते हुए उनसे सात दिन में कारणबताओं सूचना पत्र का जवाब चाहा गया है। जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दुबे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेषाध्यक्ष नंदकुमार चैहान, प्रदेष संगठनमहामंत्री अरविंद मेनन, संभागीय संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ के निर्देषानुसार पार्टी व्हीप का उल्लंघन करने तथा अनुषासनहिनता के कारण इन सात पार्टी कार्यकर्ताओं,पदाधिकारियों,पार्षदों को  कारण बताओं सूचनापत्र जारी कर दिया गया है यदि समयावधि में ये संतोषजनक प्रत्युत्तर प्रस्तुत नही करेगें तो इनके विरूद्ध पार्टी विधान के अनुरुप प्रभावी कार्यवाही की जावेगी ।

स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष का निर्वाचन 27 दिसम्बर को 

झाबुआ --- श्री मेैढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के त्रिवार्षिक चुनाव को लेकर पूरे समाज में वातावरण उत्साह जनक बनता हुआ दिखाई देने लगा है । आगामी 27 दिसम्बर को समाज के अध्यक्षीय चुनाव को लेकर तैयारिया भी शुरू कर दी गई है । श्री मेढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष एडवोकेट बद्रीलाल सोनी  एवं सचिव नन्दकिषोर सोनी ने संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि समाज के अध्यक्ष पद के लिये  विगत 17 दिसम्बर को आम बैठक मे लिये गये निर्णय के अनुसार आगामी 27 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे से तुलसीगली स्थित खेडापति हनुमान मंदिर पर समाज के अध्यक्ष का समाज के संविधान के अनुसार निर्वाचन कार्य सम्पन्न होगा ।समाज के अध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया में भाग लेने वाले सदस्य का समाजषुल्क मंदिर आदि का कोइ्र बकाया शुल्क नही होना चाहिये। जिन सदस्यों से वार्षिक शुल्क की रकम प्राप्त नही हुई है वे 22 दिसम्बर तक समाज के कोषाध्यक्ष को जमा करा कर रसीद प्राप्त कर सकते है  ताकि 23 दिसम्बर को प्रकाषित होने वाली मतदाता सूची में उनके नाम शामील हो सकें । अध्यक्ष बद्रीलाल सोनी एवं सचिव नंद किषोर सोनी ने सभी समाजजनों से अनुरोध किया  कि वे निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेकर समाज उत्थान को आगे बढाने में सहयोग प्रदान करें ।

वेट टेक्स के विरोध में कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

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झाबुआ --- म0प्र0 सरकार द्वारा अपने ही कबीना मंत्रीयों के विरोध को दरकिनार कर पेट्रोल एवं डीजल के दामों में 4 प्रतिशत वेट बढाये जाने को लेकर जनविरोधी फैसला बनाते हुए कांग्रेस पार्टी ने आज प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर झाबुआ जिले के प्रभारी रवि जोशी के नेतृत्व में एवं कार्यवाहक जिलाध्यक्ष वीरसिंह भूरिया एवं जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया पूर्व विधायक जेवियर मेडा एवं युवा नेता डां विक्रान्त भूरिया की उपस्थिति में सैकडों लोगों की तादात में कलेक्टर कार्यालय में पहुंचकर नायाब तहसीलदार किरण गेहलोद को महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार सरकार के इस तुगलकी जनविरोधी फरमान से पेट्रोल एवं डीजल क्रमशः 2.50 रूपये प्रतिलिटर एवं डीजल 1.82 पैसे मंहगा हो गया है। प्रदेश में अब तक इन पर 27 प्रतिशत वेट टेक्स लगता था जो अब बढकर 31 प्रतिशत हो गया है। वही डीजल पर 23 प्रतिशत वेट लगता था जो बढकर 27 प्रतिशत हो गया ।जो कि भारत देश में सभी राज्यों से सर्वाधिक है।जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।सभी कांग्रेसजनों से महामहिम से मांग की है कि बढा हुआ वेट टेक्स वापस लिया जावे।जिससे कि आम गरीब जनता को इसका लाभ मिल सके।जिला कांग्रेस यह भी मांग की है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जो यह निर्णय लिया है वह जनविरोधी है यदि इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस पार्टी और बडा आन्दोलन करेगी। ज्ञापन का वाचन जिला सेवादल संगठक राजेश भटट ने किया एवं आभार ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष मानसिंह मेडा ने किया। इस अवसर पर जिला कांग्रेस महामंत्री हेमचन्द्र डामोर,यामिन शेख,जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर उपाध्यक्ष रूपसिंह डामोर,प्रवक्ता हर्ष भटट एवं नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश डामोर,केमता डामोर,मुईउद्वीन, कादिर शेख पेटलावद ,आन्नदीलाल पडियार पार्षद, अजहर हुसैन, महेश राठौर, धन्नु सरपंच गोपालपुरा सलेल पठान ,विनय भाभर ़ऋर्षी डोडियार, काना गुण्डिया पिटोल, कालूसिंह रेहन्दा,रमेश मेडा,कलसिंह कमार नरवलिया, कल्लीपुरासरपंच छगन डामोर सरपंच कयडावद, आदि अनेक लोग उपस्थित थे।

गौवश अधिनियम के दो अपराध पंजीबद्ध-आरोपी गिरफ्तार 
          
झाबूआ---फरियादी कालुसिंह पिता बाबू अरड, उम्र 28 वर्ष, निवासी गोविन्द पाडा ने बताया कि आरोपी शहजाद पिता ताज मोहम्मद पठान, उम्र 30 वर्ष एवं अन्य 01, निवासी ग्राम गोविन्दपाडा पिकअप वाहन बोलेरो क्र0 एम0पी0-43-जी 2236 में क्षमता से अधिक गाय बैल ठुंस-ठुंस कर ले जाते समय पलटी खिला दिया, जिससे गाय, बैलों को चोंट आई। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 519/14, धारा 279 भादवि एवं 4,6,9 गोवंश प्रति0 अधि0 11(घ) पशु क्रुर्रता अधि0 2004 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। वही फरियादी कालुसिंह पिता बाबू अरड, उम्र 28 वर्ष निवासी गोविन्द पाडा ने बताया कि आरोपी अबरार पिता सलीम, उम्र 23 वर्ष एवं अन्य 01, निवासीगण रतलाम पिकअप वाहन बोलेरो क्र0एम0पी0-04-जीए-2374 में क्षमता से अधिक 05 बैल ठुंस-ठुंस कर ले जा रहे थे। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 520/14, धारा 4,6,9 गोवंश प्रतिषेध अधि0, 11(घ) पशु क्रूरता अधि0 2004 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दवाई पिने से मोत
              
झाबूआ---फरियादी जगदीश पिता रतना डामोर, उम्र 30 वर्ष, निवासी पांचपिपलिया ने बताया कि माया पिता किशन खराडी, उम 10 वर्ष, निवासी पांचपिपलिया की अज्ञात दवाई पीने से ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में मर्ग क्रमांक 55/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

डकैती की योजना बनाते चार आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार, एक बारह बोर बंदूक व खाली खोखा सहीत फालिया गोफन जप्त 
         
झाबूआ--पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि थाना कालीदेवी में मुखबिर द्वारा यह सूचना दी गई थी कि आरोपी खेलसिंग पिता देवला मुणिया, उम्र 32 वर्ष, निवासी इमलीपाडा, मुकेश पिता गुलाबसिंग, उम्र 22 वर्ष, निवासी सदावा, लाखन पिता बादू वसुनिया, उम्र 25 वर्ष, निवासी सदावा, सुखराम पिता खुमसिंग हटीला, उम्र 25 वर्ष, निवासी मोहकमपुरा, खेलसिंग पिता हरसिंग निवासी सदावा, ग्राम झिरन्या में तुफान जीप के पास खडे होकर कस्बा कालीदेवी में डकैती डालने की योजना बना रहे हैं, डकैती डालने की योजना बनाने के बारे में वे आपस में बात कर रहे थे। मुखबिर की सूचना के आधार पर थाना कालीदेवी की पुलिस टीम ने गोपनीय रूप से दबिश दी। पुलिस टीम ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 02 फालिया, 01 गोफन, 01 बारह बोर बन्दूक, 01 खाली खोखा, एक खाली बीयर, एक भरी बीयर, एक लाठी जप्त कर गिरफ्तार किया, आरोपियों का एक साथी अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकला। प्र्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्र0 222/14, धारा 399,402 भादवि व 25,27 आम्र्स एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरार आरोपी के बारे में गिरफ्तार आरोपी ने जानकारी पुलिस टीम को दी है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम गठित की गई है, पुलिस टीम द्वारा फरार आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

विशेष : वास्तु, फेंग्सुई, ज्योतिष के नाम पर जारी है लूट

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गुवाहाटी के व्यवयासी भास्कर सरकार ने मुझे अपने ऑफिस, घर और बार कम रेस्टोरेंट का वास्तु देखने के लिए बुलाया था। मैंने उन्हें बार का वास्तु देखने से मना कर दिया क्योंकि मैं बार, शराब की दुकान, मांस-मछली की दुकानों आदि का वास्तु नहीं देखता। वे मुझे अपने ऑफिस और घर का वास्तु देखने के लिए ले गये। बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे बताया कि उनके एक दोस्त को अपने व्यवसाय में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। आखिर उन्होंने मुंबई से एक नामी फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को अपने घर व व्यावसायिक प्रतिष्ठान का वास्तु देखने के लिए बुलाया। उसने उन्हें मुंबई से गुवाहाटी तक का विमान का आने-जाने का किराया, फाईव स्टार होटल में ठहरने का खर्च देने के साथ ही फेंग्सुई की वस्तुएं लगाने व उनकी फीस के रूप में लगभग 5 लाख रुपये खर्च किये। मुंबई के तथाकथित फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को बुलाने से पूर्व उनके दोस्त का कारोबार घिस-पिटकर ही सही कुछ-कुछ चल रहा था। लेकिन तथाकथित फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को बुलाकर उनके बताये उपाय करने के सिर्फ 3 महीनों बाद ही उनका न सिर्फ पूरा कारोबार चौपट हो गया, अपितु उन्हें अपना मकान भी बेचना पड़ा।

उनकी बात सुनकर मुझे अरुणालच के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की याद आ गयी। दिवंगत दोरजी खांडू जब अरुणाचल के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री का नया बंगला बनवाया था। उक्त बंगले में प्रविष्ट होने के बाद से ही दिन ब दिन उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी। आखिर उन्होंने मुंबई से एक भारी-भरकम वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ को बुलवाया। उक्त विशेषज्ञ ने उनके बंगले में कई फेंग्शुई की वस्तुएं लगाने के साथ ही 40 पिरामिड भी लगा दिये। दो दिनों तक राजसी ठाटबाट से मुख्यमंत्री के बंगले का वास्तु देखने के बाद वे 15 लाख रुपयों की मोटी फीस लेकर मुंबई लौट गये। लेकिन मुख्यमंत्री की मुश्किलें कम होने के बजाय दिन ब दिन बढ़ती ही चली गयी और आखिर उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया। उनके बाद गामलिन मुख्यमंत्री बने, लेकिन 5 महीनों बाद ही उनकी भी सरकार गिर गयी। गामलिन के बाद नवाम टुकी मुख्यमंत्री बने। उन्हें भी नित नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। आखिर उन्होंने अपने ही मंत्रीमंडल के एक सहयोगी के जरिये मुझे मुख्यमंत्री आवास का वास्तु देखने के लिए बुलवाया। मैं जब वहाँ गया तो मुझे मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले में भयंकर वास्तु दोष होने की जानकारी मिली और मैंने उसमें संशोधन हेतु नक्शा बनाकर दे दिया। मेरे बताये अनुसार बंगले का वास्तु संशोधन करने के बाद मुख्यमंत्री टुकी की सरकार पर छाया संकट दूर हो गया और उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री का सम्मान भी मिला। इस बार विधानसभा के चुनावों में वे बिना प्रतिद्वंद्विता के ही चुनाव जीत चुके हैं। मैंने अब तक 14 हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क वास्तु सलाह दी है और वास्तु को व्यवसाय के बजाय अपना धर्म मानकर आजीवन काम करने के अपने संकल्प के अनुसार मैंने वास्तु देखने की एक पैसा भी फीस नहीं ली। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री आवास का वास्तु संशोधन करवाने के बाद अरुणाचल की सरकार पर छाया अस्थिरता का खतरा दूर हो चुका है।

मुख्यमंत्री के बंगले का वास्तु देखने के दौरान ही मुझे बंगले के प्रभारी ने मुंबई के तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ की गाथा सुनाई थी। संयोग से मैं सिद्धार्थ सरकार को जब यह वाकया बता रहा था तो उनके ड्राईवर ने मुझे बताया कि मुंबई से आये फेंग्सुई विशेषज्ञ को वे ही गुवाहाटी से अपनी गाड़ी में ईटानगर लेकर गये थे। वे उनके ठाटबाट देखकर दंग रह गये थे। उनके कहने पर साधारण ड्राईवर होते हुए भी उन्हें दो दिनों तक उस आलीशान होटल के सबसे महंगे कमरे में ठहराया गया था।

आज समूचे देश में मुंबईया वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ की तर्ज पर कुकुरमुत्तों की तरह हजारों तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ और तथाकथित ज्योतिषी पैदा हो गये हैं, जो देश की जनता को लूट रहे हैं। दरअसल प्रकृृति को केंद्र कर रचित वास्तु ही मनुष्य को सर्वसुख प्रदान करने वाली विद्या है और यह बिल्कुल सहज-सरल विद्या है, लेकिन तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई व्यापारियों ने इसे प्रचार के दम पर इतना क्लिष्ट बना दिया है कि लोग काफी दिग्भ्रमित हो गये हैं। फेंग्सुई तो पूरी तरह ठग विद्या है और इसका मनुष्य के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं होता। एकमात्र फेंग्सुई के सामान लगाकर लोगों से अनाप-शनाप पैसा लूटने की नियत से ही देश में फेंग्सुई का प्रचार किया जा रहा है। ज्योतिष के नाम पर भी लोगों को खुलकर लूटा जा रहा है, जबकि पत्थरों और तंत्र-मंत्र से किसी का भी भाग्य नहीं बदला जा सकता। प्रकृृति को केंद्र कर ही वास्तु शास्त्र रचा गया था और आप अगर प्रकृृति के अनुसार चलते हैं तो यह प्रकृृति आपको हर सुख प्रदान करती है, फिर आपको किसी फेंग्सुई और तंत्र-मंत्र की जरूरत नहीं पड़ती। प्रचार के दम पर वास्तु, फेंग्सुई और ज्योतिष के नाम पर चल रही लूट के कारण ही जब सिद्धार्थ सरकार के दोस्त की तरह लोगों की मुश्किलें कम होने के बजाय दिन ब दिन बढ़ती जाती है तो उनका इन विद्याओं पर से विश्वास उठ जाना ही स्वाभाविक है और यही देश की जनता की मुश्किलें और देश की समस्याओं में बढोत्तरी का प्रमुख कारण है। नि:स्वार्थ रूप से वास्तु का प्रचार कर देश की जनता को वास्तु के अनुसार घर बनाने के लिए प्रेरित करने से ही हम एक सुख, शांति, समृद्धिपूर्ण भारत का निर्माण कर सकते हैं।




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- राजकुमार झाँझरी
पत्रकार व नि:शुल्क वास्तु सलाहकार
संपादक, आगमन
संपादक, सम्मेलन समाचार
गुवाहाटी
मो.: 94350 10055



(लेखक विगत 20 सालों से वास्तु के जरिये पूर्वोत्तर के लोगों की नि:स्वार्थ रूप से सेवा कर रहे हैं तथा अब तक किसी से भी बिना किसी प्रकार का शुल्क लिये 15000 परिवारों को वास्तु सलाह दे चुके हैं। उनका मानना है कि चूंकि पूर्वोत्तर के राज्यों के लोग पूरी तरह वास्तु नियमों के विपरीत घरों का निर्माण करते हैं, इसी वजह से देश का समूचा पूर्वोत्तर भयंकर उग्रवाद तथा अशांति व पिछड़ेपन से ग्रस्त है। जब तक पूर्वोत्तर के लोग वास्तु के नियमानुसार गृह निर्माण नहीं करेंगे, तब तक यहाँ उग्रवाद का खात्मा तथा स्थाई सुख-शांति-समृद्धि असंभव है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वे विगत दो दशकों से लोगों को नि:शुल्क वास्तु सलाह देकर उन्हें प्रकृृति (वास्तु) के नियमानुसार गृह निर्माण करने के लिए प्रेरित करने के महान मिशन में जुटे हैं।)

विशेष आलेख : बीजेपी से घबराया अंडरव‌र्ल्ड डॉन ?

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दुनिया में खौफ पैदा करने वाला अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह डॉन दाउद इब्राहिम को भी अब डर लगने लगा है। लोगों के दिलों में डर पैदा करने वाले इस इंसान के दिल में डर का घर बस रहा है। ये डर किसी और ने नही भारतीय जनता पार्टी ने पैदा की है। जब से बीजेपी की सरकार बनी है। पाकिस्तान से दाउद को सौपने की बात हर बार कही गई है। भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाउद इब्राहिम पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर रह रहा है। एक समारोह में भाषण देते हुए ये बात केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था। साथ ही ये भी कहा कि दाउद को पनाह पाकिस्तान ने ही दी है। बीजेपी की तरफ से ये बयान कि जिस तरह से अमेरिका ने आतंकी ओसामा बिन लादेन को खत्म करने को लेकर मुहिम चलाई थी,  वैसे ही अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के खिलाफ मुहिम चलाकार सरकार उसे भारत लाने के लिए प्रयासरत है। 

दाउद को भारत को सौपने को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया किया था। हर तरफ से पाक पर दाउद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। 1993 में मुंबई में हुए धमाके के मुख्य आरोपी होने से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वांटेट आतंकवादियों की सूची में पहले नंबर पर है। भारत से दूर रहकर दाउद ने अपना साम्राज्य फैला रखा है। यूपीए के कार्यकाल में भी दाउद को लेकर पाक से बातचीत की गई थी। लेकिन पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नही आता।  अब एनडीए की सरकार में एक बार मुहिम तेज हो गई तो दाउद को भी डर लगने लगा। अपने डर को छुपाने के लिए अब बीजेपी के नेताओं को निशाना बना रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन को नवम्बर में एक अज्ञात काल से जान से मारने की धमकी मिली थी। उस कॉल में भाजपा नेता से कहा गया कि, आज कल ज्यादा बोलते हो। प्रधानमंत्री मोदी भी नही बचा पाएगें। इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये कॉल दुबई से आई थी।  शहनवाज हुसैन को ये धमकी पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में बोलने पर दी गई है। इस फोन कॉल में उनको गालियां भी दी गई और पार्टी छोड़ने को भी कहा है। 

इस पूरे मामले को अभी ज्यादा दिन नही बीते थे । कि दुबई से एक और भाजपा नेता के पास फोन आता है। इस बार ये फोन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को आया है। फिर से वही धमकी दी गई। इस धमकी के बाद भले ही उनकी सुरक्षा बढा दी गई है। सोचने वाली बात एक मंत्री को अंडरवर्ल्ड से धमकी दी जा रही है। वही पुरानी बाते कि मुसलमान होने के बाद मोदी के पक्ष में क्यों बोल रहे हो। बीजेपी पार्टी को छोड़ दो। दुनिया के नज़रों में डी कम्पनी से मशहूर दाउद खुद तो छिप के बैठा है । 2 महीनों के भीतर ये दूसरी बार हुआ है। कही डर की वजह से ये सब कुछ नही हो रहा है। दाउद को बीजेपी से बड़ा ख़तरा महसूस हो रहा है। कही ओसामा प्रकरण की कार्यवाही न भारत कर दे। इससे पहले की कुछ करे डी कम्पनी बीजेपी में अपना डर पैदा करना चाहती है क्या ? जो लगातार बीजेपी के नेताओं कों धमकी और पार्टी छोड़ने की बात कही जा रही है। हाल में हुए पेशावर में आर्मी स्कूल में बच्चों पर हुए आंतकी हमला काफी दुखदायी रहा।  

आतंक के खिलाफ सभी देश मिलकर लड़ भी रहे है। जिसमें वो पाकिस्तान काभी साथ चाह रहे है। इस आंतकी हमले से पाक आर्मी काफी गुस्से में है। पाक आर्मी अब हर तरह की कार्यवाही तालिबानी आतंकवादियों पर करना चाहती है। वैसे ही एक कार्यवाही दाउद पर भी कर सकती है। भारत सरकार ने साफ तौर पर अपनी मंशा जाहिर कर दी। दाउद और हाफिज सईद को भारत के हवाले पाक कर दे। भारत हर मुमकिन पाक की मद्द आतंकवादियों के विरूद्ध लड़ने में करेगा। अब सोचना पाक को है कि वह क्या चाहता है। इन्हें पाल कर अपना नुकसान करना चाहता है। या फिर अपनी नई छाप दुनिया को दिखाना चाहेगा। बात कुछ भी हो लेकिन धमकी भरे ये फोन कॉल्स देने का मतलब बीजेपी से डर शायद अंडरव‌र्ल्ड डॉन दूसरे मुल्क पर होते हुए घबरा गया ?






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रवि श्रीवास्तव
लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार
माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में परास्नातक किया है।
फिलहाल एक टीवी न्यूज़ ऐजेंसी से जुड़े है।

विशेष : अपवादों से घिरा 'हैप्पी'न्यू ईयर

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वर्ष का आखिरी दिन कितना बेसब्र होता है न। आँखें और जहन बार बार घड़ियों को वक़्त के लिए खंगालती हैं, सुईयों की स्थिति को तलाशती हैं। इसी उत्साह के बीच कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। मौज, मस्ती, नाच, गाना सच में यादगार बना देता है ,नये वर्ष के पहले दिन को। बहरहाल आधुनिकता उत्साह को कुछ फीसदी और बढ़ाने के लिए नये नये रास्ते खोलती ही रहती है। कभी हैप्पी न्यू ईयर के ग्रीटिंग्स, तो कभी एसएमएस के द्वारा। फिलवक्त तकनीकी अपने नये मुकाम पर है। जहाँ पर लगभग 'हर हाथ स्मार्ट फ़ोन, साथ साथ दुनिया'के मूलमंत्र को लोग भली भाँति समझ चुके हैं। और अनुसरण भी कर रहे हैं। ग्रीटिंग्स और एसएमएस का चलन पुराना समझा जाने लगा है। क्योंकि आज व्हाट्स एप, हाईक, लाइन जैसे आकर्षक मैसेंजर आसानी से प्लेस्टोर में अवेलेबल हैं। जिन्हें डाउनलोड कर के नेट के थ्रू आकर्षक रूप से नये वर्ष के स्टीकर, थ्री डी पिक्चर द्वारा बधाई संदेश भेजे जा सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इसमें फनी स्टीकर, बर्थडे कार्ड्स भी उपलब्ध हैं। जिनके द्वारा हम अपने किसी भी मित्र को विश कर सकते हैं।

निश्चित ही सुविधाओं ने हमारे जहन में अपने कदम जमाने शुरू कर दिए हैं। पर सुरक्षा के मानकों में हम आज भी बिफरे - बिफरे नजर आते हैं। दरअसल आधुनिकता ने कहीं न कहीं नये वर्ष के असल मायनों में भी परिवर्तन ला दिया है। अब आप सोंच रहे होंगे कैसे ? तो भई वो कुछ इस प्रकार कि आज न्यू ईयर पब, बार, क्लब की चकाचौंध और नशे को खुद में उतारना चाहता है। लड़खड़ाते क़दमों के साथ हर ख़ुशी का एहसास करना चाहता है। जिसमें अक्सर सुरक्षा के तमाम दावों की धज्जियाँ उड़ती हैं। ऊबर कांड चमकता है। इंसानियत शर्मसार होती है। वैसे ये सिर्फ न्यू ईयर की बात नहीं अपितु हर ख़ुशी को मनाने के तरीके के साथ जुड़ी हुई है। बस नए वर्ष में तादाद ज्यादा और वजह लगभग एक ही रहती है। इन सभी के बीच प्रश्न उठता है कि लगातार आपराधिक आकड़े बढ़ने के बावजूद हम कैसे हैप्पी न्यू ईयर कह देते हैं ? क्या वजह है जो हमारी आशाओं को जीवित रखती है ? क्या नये वर्ष में नई सीख सिर्फ बच्चों के लिए है , बड़े इससे इतर क्यों हैं ? क्यों नये वर्ष के साथ सुधारों में कोई एक पहल भी नहीं हो पातीए जबकि बुराइयों में ताँता लग जाया करता है ? ये प्रश्न लगभग हर वर्ष किसी न किसी के मन में उठते और वक़्त के साथ सो जाते हैं।

इसी बीच शराब और चकाचौंध में डूबी कुत्सित मानसिकताएं घिनौने दृश्यों की कल्पना करते हुए नये अपराध को गढ़ देती हैं। फिर हमारे पास शेष रहता है पछतावा, सुरक्षा में खामियाँ ढूढ़नाए वजहों की कल्पना करना आदि। जबकि नये वर्ष का वास्तविक उद्देश्य है कि फिर से नये उत्साह के साथ पुरानी गलतियों को त्यागकर अपने जीवन में आगे बढ़ना।

रही बात पुराने साल के जाने की और नए वर्ष के आने की तो ये अनवरत क्रम यूँ ही चलता रहेगा। कुछ साथ छूटेंगे और कुछ और समय के लिए बने रहेंगे। आने वाला नया साल केवल शब्दों में ही सुखमय शांतिमय उन्नतिशील बनकर न रह जाए। इसे साकार करने का प्रयास करें। बुरी आदतों को छोड़ दें। ख़ुशी को परिभाषित करने के लिए नये मार्ग न तलाशें। पुराने संकल्पों में जीवित संकल्प को तलाशकर अलग करें। और नये सिरे से अच्छाइयों की ओर शुरूवात करें। आखिरकार यही है नया वर्ष।





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---हिमांशु तिवारी---

विशेष आलेख : हौंसलों से मिलती है मंजिल

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आधुनिकता और विकास के इस दौर में मनुश्य की जिंदगी में किसी भी तरह की सुविधाओं की कमी नहीं है। तरक्की की मंजिलों को तय करते करते मनुश्य आज सितारों तक पहुंचने का हौंसला रखने लगा है। मनुश्य आज बड़े पैमाने पर विकास करने की सोच भी रखता है। यह सच है कि आज के दौर में इंसान बहुत विकास कर चुका है। लेकिन इस सच्चाई को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए कि आज भी हमारे देष और समाज में बहुत से लोग बेरोजगारी और लक्ष्यविहीन जीवन बसर कर रहे हैं और इनमें अधिकांष संख्या नौजवानों की है। इसके चलते युवाओं के हौंसलों में कमी होती जा रही है और वह हीन भावना का षिकार हो रहे हैं। आज की नई पीढ़ी किसी चुनौती को स्वीकार करने और उससे लड़ने की बजाये हताशा में आत्महत्या जैसी संगीन अपराध की ओर क़दम बढ़ाने लगी है। ज़रा सी परेशानी आई नहीं कि मौत को गले लगा लिया। नेशनल क्राइम ब्यूरो के एक आंकड़े के अनुसार भारत में हर साल आत्महत्या करने वालों की एक बड़ी संख्या युवाओं की है। परीक्षा में असफल होना, नौकरी नहीं मिलना, आतंरिक कलह और यहाँ तक कि मनचाही बात के पूरा नहीं हो पाने की स्थिति में लोग अपनी इहलीला समाप्त कर लेते हैं। यह स्थिति काफी चिंताजनक हैं। भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा ऐसा देश है जहाँ सर्वाधिक आत्महत्याएं होती हैं। आंकड़ेे बताते हैं कि अधिकतर मामलों में उन समस्याओं की वजह से जान दी गई जिसका समाधान बहुत ही सरल था। वास्तव में आज कल युवाओं की सोच कुछ इस तरह की हो गयी है कि यदि वह किसी काम में थोड़ी मुष्किल या नाकामी को देखते हैं तो एक दम उस काम में अपने आप को नाकाम समझने लगते हैं। जब मनुश्य असफल होता है तो वह षायद यह भी भूल जाता है कि भगवान ने इस धरती पर मनुश्य को एक ऐसे प्राणी के रूप में पैदा किया है जो अपनी समझ से हर समस्या का समाधान खोजने में सक्षम है। जब मनुश्य असफल होता है तो सबसे पहले उसके आत्मविष्वास में कमी आती है और इसके बाद वह मनुश्य कोई दूसरा काम करने में भी सक्षम नहीं हो पाता।

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एक ओर हिम्मत और हौंसले की कमी के षिकार युवाओं को देखकर आंखे नम हो जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ मनुश्य ऐसे भी हैं जो तमाम असफलताओं से सीखते हुए जिंदगी में आगे बढ़ते रहते हैं और एक न एक दिन उन्हें अपनी मंजिल मिल ही जाती है। इन्हीं में से एक नाम जम्मू एवं कष्मीर के पुंछ जिले की तहसील मेंढ़र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर गांव नटरोल सिनखट्टा के रहने वाले रियाज अहमद का है। भगवान ने इंसान को देखने के लिए दो आंखे, सुनने के लिए दो कान, स्वाद लेने के लिए जबान, काम करने के लिए दो हाथ और चलने के लिए दो टांगे दी हैं। बावजूद इसके इस दुनिया में आज भी ऐसे लोगों की एक बड़ी तादाद है जो भगवान के दिए इन अनमोल तोहफों में से किसी एक से वंचित है। रियाज अहमद भी बचपन से ही अपने दोनों बाजुओ से वंचित है। बावजूद इसके उन्होंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी और अपने क्षेत्र में दूसरों के लिए मिसाल बन गए। 
           
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रियाज वर्तमान में एक स्कूल में अध्यापक हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1982 को हुआ था। पांचवी तक की षिक्षा उन्होंने प्राईमरी स्कूल नट्रोल से जबकि 8 वीं तक की पढाई उन्होंने मीडिल स्कूल छंगा से पूर्ण की। मैट्रिक और बारहवीं की पढ़ाई रियाज़ ने गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल छत्राल से प्राप्त की। छत्राल का यह स्कूल रियाज के घर सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ वह रोज पैदल जाया करते थे। रियाज ने बताया कि ‘‘10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में उन्होंने सहायता के लिए राइटर रखा हुआ था क्योंकि बाज़ूू नहीं होने के कारण स्वयं लिख नहीं सकते थे। 2001 में उन्होंने 12 वीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की। उसके बाद तकरीबन 7 सालों तक घर बैठे रहे क्योंकि आगे की षिक्षा ग्रहण करने के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं था। बीते दिनों को याद करते हुए रियाज़ बताते हैं कि मैंने इन सात सालों में घर पर ही रहकर कुछ किताबें पढ़ी। 2003 में षादी कर ली और अब दो बच्चों का बाप हूँ। 2008 में अध्यापक नियुक्ति में मेरा नाम आ गया और तब से अब तक मैं इस कार्य को अंजाम दे रहा हूँ। मैं अपने छात्रों का भविश्य बड़ी मेहनत और लगन से संवारने का प्रयास करता हूँ। उन्होंने बताया कि मुझे उम्मीद है कि दोनों बांहों के न हाने के बावजूद भी मैं दोनों पैरों से ही देष का भविश्य लिखने में कामयाब रहूँगा।’’ 
             
रियाज अहमद को अध्यापक की नौकरी करते हुए छह साल हो गए हैं। उनकी इच्छा बचपन से ही एक अध्यापक बनने की थी। रियाज जिस स्कूल में पढ़ाते हैं उसमें बच्चों की संख्या 25 है। उन्होंने बताया कि-‘‘ मैं अपने छात्रों को एक मेज पर किताब रखकर पढ़ाता हूँ। रियाज से जब उनकी कामयाबी का राज जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि इसके पीछे दो राज हैं, एक मेरी मेहनत और दूसरी मेरी घर वालों की मेरे लिए मदद। मेरे पिता एक सेवानिवृत्त जोनल शिक्षा अधिकारी हैं। उन्होंने ही पहली बार मेरे पांव की उंगलियों में कलम थमाई थी और मुझसे कुछ षब्द लिखवाए थे और यह कहा था कि तुम पैरों से ही लिखोगे। प्रतिदिन अभ्यास करते करते मैंने पांव से लिखना षुरू कर दिया और आज भी इसी तरह लिखता हूँ। इस तरह मेरी कामयाबी में मेरे पिता की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।’’ रियाज आज न केवल इलाक़े के लोगों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं बल्कि वह ऐसे लोगों के लिए भी सीख बन गए हैं जो ज़रा सी नाकामी पर थक हार कर बैठ जाते हैं। उनकी जिंदगी से एक सीख मिलती है और वह यह कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, बस हौंसला होने की जरूरत है, मंजिल खुद ब खुद मिल जाती है। 








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हामिद शाह हाशमी
(चरखा फीचर्स)

विशेष : राजेश खन्ना पर किताब "कुछ तो लोग कहेंगे"से ......

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स्टारडम एक मृग-तृष्णा की तरह था। वो सुनहरा सा, चमकता हुआ, बेहद क़रीब नज़र आता, मगर राजेश खन्ना जितना उसके पीछे भागते, वो और भी दूर होता चला जाता। ये दौड़ राजेश खन्ना को हताश करती जा रही थी। ऐसे हालात में वो अपने आसपास एक दीवार सी खड़ी कर लेते थे। किसी को अपने क़रीब नहीं आने देते थे। डिंपल की क़रीबी रहीं एक मशहूर फिल्म पत्रकार ने उन दिनों में डिंपल की हालत बयां करते हुए लिखा, ‘डिंपल की आंखों में अब इंतज़ार की एक उदास चाहत रहती थी। वो चाहती थीं कि राजेश खन्ना उनके साथ वक़्त बिताएं। राजेश उनके पास नहीं होते थे तो उन्हें पाने की चाहत और बढ़ती जाती थी।’

डिंपल ने एक लंबा इंटरव्यू  देकर अपने दिल का हाल सुनाया था। इस इंटरव्यू के आधार पर आशीर्वाद (राजेश खन्ना का बंगला) में गुज़रते डिंपल के दिन-रात की कहानी सामने आई थी, ‘देर शाम जब राजेश खन्ना लौटते तो डिंपल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। अक्सर अपने मास्टर बेडरूम के बाहर टेरेस पर दोनों साथ-साथ बैठते। राजेश खन्ना ना जाने किस गहरी सोच में डूबे हुए, एक के बाद एक सिगरेट खत्म करते जाते थे। ऐसा लगता था जैसे कोई ग़म उन्हें खाए जा रहा है।’

परी-कथाओं जैसी शादी के बाद, डिंपल राजेश की पत्नी तो बन गई थी लेकिन इस शादी में वो बराबर की भागीदार शायद नहीं बनी थीं। पल-पल गिनती डिंपल इस उम्मीद में उनके साथ बैठी रहतीं कि ना जाने कब काका कुछ बोल पड़ें। शायद वो उनसे पूछें कि वो कैसी हैं? ...उनका दिन कैसा बीता? या उन्हें बताएं कि वो ख़ुद किस तनाव से गुज़र रहे हैं? कौनसा ग़म उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रहा है? लेकिन राजेश कुछ नहीं बोलते। बस गहरी सोच में खोए, सिगरेट पर सिगरेट फूंकते रहते। दोनों में बातें अब बहुत कम होती थीं। अब इनके बीच एक नया रिश्ता बन गया था...गहरी खामोशी का रिश्ता।  

आखिरकार अपनी सिगरेट को ऐश-ट्रे में डालते हुए वो डिंपल की तरफ़ देखते। इन पलों में डिंपल की उम्मीदें बढ़ जातीं कि अब शायद वो लम्हा आ गया जब उन दोनों में दिल की कोई बात होगी। शायद वो कुछ बताएं। मगर राजेश खन्ना बस इतना ही पूछते, ‘बच्चों ने आज क्या किया?’

राजेश खन्ना के ढलते करियर का बोझ तले, उनकी शादी पिसने लगी थी। इन्हीं मुद्दों को लेकर अब दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए थे। फिल्म मैगज़ीन्स में राजेश-डिंपल की निजी ज़िंदगी को लेकर तरह-तरह की बातें छप रही थीं। एक तरह से इनके निजी रिश्ते का मीडिया ट्रायल हो रहा था। एक लेख में तो ये तक छपा कि राजेश ने डिंपल की पिटाई तक कर दी है। ऐसी ख़बरें पहले से ही उलझे हुए राजेश-डिपल के रिश्ते पर और ज़्यादा दबाव डाल रही थीं। आख़िरकार खबर आई कि राजेश खन्ना के बर्ताव से तंग आकर, डिंपल ने आशीर्वाद छोड़ दिया है और अपने पिता के घर चली गई हैं। डिंपल ने बताया, ‘फिर मैंने पापा के घर वापस जाने की ग़लती कर दी। मैंने जाते वक़्त ये सोचा तक नहीं कि वो आख़िरी जगह है जहां मुझे जाना चाहिए था, ख़ासतौर पर उस वक़्त जब मेरे और काका के बीच बहुत ज़्यादा गलतफहमियां थीं। मैं ट्विंकल को अपने साथ ले गई और काका के साथ बातचीत करने तक से इंकार कर दिया। यही नहीं मैंने तो तलाक़ के कागज़ात भी तैयार करवा लिए।’

ये मुद्दा मीडिया में ख़ूब चर्चा में रहा। क़यास ये भी लगाए जा रहे थे कि डिंपल फिल्मों में वापसी करना चाहती हैं और दोनों के बीच लगातार होते झगड़ों की वजह भी यही है। डिंपल अपने पिता के घर थीं और राजेश एक महीने की आउटडोर शूटिंग के लिए कश्मीर चले गए। एक महीने तक डिंपल इस नाज़ुक रिश्ते की उलझनों में उलझती रहीं, घुटती रहीं। इसके बाद डिंपल आशीर्वाद में वापस लौट आईं। उनके और राजेश के रिश्ते में तो ज़्यादा कुछ नहीं बदला, लेकिन इस घटना के बाद डिंपल ने ख़ुद को बदलने और हालात से समझौता करने का फैसला कर लिया। 

किसी भी रिश्ते की उलझन सुलझाने के लिए सबसे ज़रूरी होता है- बात करना, अपने दिल का हाल बयां करना। मगर ये राजेश खन्ना का मज़बूत पक्ष कभी नहीं था। डिंपल ने तो राजेश खन्ना के साथ अपने रिश्ते का ग़ुबार अपने इंटरव्यूज़ में निकाल दिया था। मगर राजेश ने कभी इस तरह खुलकर कुछ नहीं कहा। अपने रिश्तों के बारे में बात करते हुए सालों बाद राजेश खन्ना ने अपनी ग़लती क़बूलते हुए माना कि उस दौर में उन्होंने अपने चारों तरफ़ एक दीवार सी खींच ली थी। वो डिंपल के साथ अपने मन की कोई बात नहीं बांटते थे। इस बर्ताव ने  उनके रिश्ते को बहुत नुकसान पहुंचाया। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘अगर मैं अपने आपको उसके (डिंपल) हवाले कर देता तो वो शायद सब संभाल पाती। लेकिन मैं अपने आप में सिमट गया। 14 महीनों के लिए मैंने अपने आसपास एक दीवार बना ली, लोगों पर विश्वास करना छोड़ दिया, नई फिल्में साइन करना छोड़ दीं. हर दिन मेरा आत्मविश्वास जैसे कम होता जा रहा था। उन दिनों में लगातार फ़िक्र में डूबा रहता था... और आत्महत्या के बारे में सोचता रहता था...’ 

राजेश खन्ना अपने आसपास के लोगों से कटते गए। अगर अंजू महेन्द्रू उनकी कामयाबी नहीं संभाल पाई थीं, तो डिंपल उनकी नाकामी नहीं संभाल सकीं। बाद में दिए इंटरव्यू में डिंपल नें क़बूल किया कि उनकी शादी एक स्वांग थी, लेकिन इस बात को स्वीकार करने में उन्हें कई साल लग गए। शायद दिल ही दिल में वो ये मान चुकी थीं कि राजेश के लिए वो सही पत्नी नहीं बन सकतीं। अपने इसी इंटरव्यू में डिंपल ने कहा था, ‘काका को मुमताज़ से शादी करनी चाहिए थी। वो उनके लिए सही हमसफ़र होतीं...’




------जारी 

पाकिस्तान में चार सजायाफ्ताों को आज दी जा सकती है फांसी

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पाकिस्तान में फांसी की सजा पाये चार लोगो को संभवत: आज फांसी दी जा सकती है।पंजाब प्रांत में फैसलाबाद की जिला अदालत को फांसी दिये जाने संबंधी आदेशपत्र .डेथवारंट. भेजे जा चुके हैं। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिन चार लोगों को फांसी दी जानी है उनमें अखलास अहमद उर्फ रोसी. गुलाम सरवर. जुबैर अहमद और रशीद महमूद शामिल हैं। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर हुये प्राणघातक हमले के मामले में दोषी पाये जाने पर इन्हें फांसी की सजा दी गई है। 
    
रिपोर्ट के मुताबिक इन चारों को कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्रीय जेल में स्थानांतरित किया गया है।जेल की ओर जाने वाली सभी सडकों पर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले वर्ष 2009 में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर हमले के मास्टरमाइंड अकील उर्फ डा.उस्मान और पूर्व राष्ट्रपति जनरल .सेवानिवृत्त.  परवेज मुशर्रफ पर जानलेवा हमला का प्रयास करने के दोषी अरशद महमूद को गत शुक्रवार को फांसी दे दी गई थी। 

बीमा और कोयला क्षेंत्र में सुधार के लिए सरकार ला सकती है अध्यादेश

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वर्तमान सत्र में राज्यसभा में गतिरोध की वजह से बीमा  कोयला ब्लाको और कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयको के पारित नहीं होने की स्थिति में सरकार वैश्विक स्तर पर निवेशको का विश्वास जीतने के लिए अध्यादेश का सहारा ले सकती है। संसद के शीतकालीन सत्र के अब केवल दो ही दिन बचे हैं और धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा को लेकर सत्ता तथा विपक्ष के अपने अपने रूख पर अडे रहने के कारण यह गतिरोध आसानी से दूर होता नहीं दिख रहा है। गतिरोध के चलते लोकसभा से पारित कई महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में पेश ही नहीं किये जा सके हैं। इसलिए इनके राज्यसभा में पारित होने की संभावना लगभग समाप्त हो चुकी है। इस बीच अधिकारियों ने कहा है कि यदि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढाने से जुडा बीमा संशोधन विध्ोयक और कोयला ब्लॉकों के आवंटन से जुडा विधेयक संसद से पारित नहीं होता है तो मोदी सरकार इसके लिए अध्यादेश का सहारा ले सकती है। 

शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयको के राज्यसभा से पारित नहीं होने पर  निवेशको के मन में आर्थिक सुधार को लेकर मोदी सरकार की क्षमताों पर सवाल उठ सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार तक यदि बीमा संसोधन विधेयक और कोयला को निजी क्षेत्रों के लिए खोलने से जुड़ा विधेयक पारित नहीं होगा तो सरकार इनके लिए अध्यादेश ला सकती है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अध्यादेश का मार्ग हमेशा खुला रहता है. लेकिन इस संबंध में सरकार को निर्णय लेना होता है। संसद के वर्तमान सत्र की शेष अवधि के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जा सकता है।

 अध्यादेश को संसद के अगले सत्र के शुरू होने पर छह सप्ताह के भीतर पारित करना होता है। फरवरी में अब संसद का बजट सत्र होगा और अध्यादेश लाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी की भी जरूरत होती है। शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले ऐसी उम्मीद जतायी जा रही थी कि मोदी सरकार बीमा संशोधन विधेयक और कोयला ब्लाकों से जुडे विधेयको को आसानी से पारित करा लेगी क्योंकि इसके लिए आमतौर पर सहमति बनती दिख रही थी। बीमा संशोधन विधेयक पर प्रवर समिति की रिपोर्ट भी मिल चुकी है और उसने भी इसमें 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वकालत की है। इस बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अध्यादेश लाने या सुंयक्त अधिवेशन बुलाने का उल्लेख किये बगैर कहा है कि राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर संविधान में इस तरह के तौर तरीको से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान है और जरूरत पडने पर सरकार उसका उपयोग कर सकती है। 

राज्यसभा में धर्मांतरण के मुद्दे पर जारी गतिरोध के कारण बीते पूरे सप्ताह कामकाज नहीं हो सका। हालांकि सदन ने शुक्रवार को मजबूरीवश सरकारी खर्च की मंजूरी के लिए पूरक अनुदान मांगों को पारित करने की औपचारिकता जरूर निभायी। संक्षिप्त चर्चा के बाद इन को मंजूरी दे दी गयी।     उंपरी सदन में अब तक की 19 बैठकों में से 35 घंटे 38 मिनट का समय बर्बाद हुआ और इसके कामकाज का प्रतिशत महज 68 फीसदी रहा है। इसके उलट लोकसभा में इस दौरान कामकाज का प्रतिशत 105 रहा और उसने 17 विधेयक पारित किये जबकि राज्यसभा में केवल 11 विधेयक ही पारित हो सके।

गुटबाजी के कारण कई बार अकादमी पुरस्कार से महरूम रहे थे शाह

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इस वर्षा साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक रमेश चन्द्र शाह  को साहित्य में गुटबाजी और विचारधारा के कारण अब तक  कुल छह बार इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया था। अल्मोडा में 1937 में जन्मे श्री शाह ने भोपाल से टेलीफोन पर यूनीवार्ता को बताया मैं छह बार इस पुरस्कार की देहरी से लौट चूका हूं।चार बार मेरे उपन्यास तथा एक बार मेरी आलोचना की पुस्तक बोलने के विरूद्ध और एक बार मेरी डायरी भी इस पुरस्कार के लिए नामित हुई थी लेकिन अब जाकर सातवीं बार में मुझे यह पुरस्कार मिला. उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता उन्हें संगीतज्ञ बनाना चाहते थे पर प्रेमचंद और टालस्टाय को पढकर वह लेखक बन गए 1साहित्य में गुटबाजी और विचारधारा के कारण उन्हें पुरस्कार मिलने में हुई देरी से संबंधित प्रश्न के जवाब में श्री शाह ने कहा सभी जगह गुटबाजियां हैं .सभी भाषाों में होंगी पर हिन्दी में कुछ अधिक है ।हिन्दी में विचारधारा का भी प्रभाव है।मेरे मामले में गुटबाजियों ने भी काम किया होगा .नहीं तो छहश बार मेरी किताबें पुरस्कार की दौड में थीं. मेरा पहला उपन्यास गोबर गणेश भी अंतिम सूची में था।हर बार निर्णायक मुझको खुद बताते थे कि उन्होंने मेरी किताब को पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया है 

 यह पूछे जाने पर कि क्या आपको नहीं लगता कि गोबर गणेश या फिर छायावाद कि प्रासंगिकता पर आपको अकादमी पुरस्कार मिलना चाहिए था श्री शाह ने कहा ..गोबर गणेश उनका सबसे अधिक पढा गया उपन्यास है और सबसे अधिक प्रशंसा भी उसे मिली लेकिन मेरा हर उपन्यास पिछले से अलग और िभन्न तथा आगे भी है। उन्होंने कहा विनायक उपन्यास पर  पुरस्कार मिलने से मैं संतुष्ट हं क्योंकि यह गोबर गणेश का ही विस्तार है ,उस उपन्यास का नायक भी विनायक ही था।यह विनायक आज बदली हुई परिस्थितियों का ही नायक है और उस विनायक का विस्तार भी. लिखने की प्रेरणा किस तरह मिलने संबंधी प्रश्न के जवाब में श्री शाह ने बताया कि मेरे पिता गेट बजाते थे और मुझे भी संगीत सिखाना चाहते थे .वह तीसरी या चौथी जमात पढते थ्ो 1 मेरे घर में कोई साहित्यिक परिवेश नहीं था पर वह रद्दी में से दो किताबें मेरे लिए लाए थे जिसमे से एक प्रेमचंद की रंगभूमि और दूसरी टालस्टाय की पुस्तक रिसरेक्सन थी.शायद इसने मेरे जीवन पर प्रभाव डाला.

श्री शाह ने बताया जैनेन्द्र अज्ञेय और मुक्बिोध से भी उन्हें बहुत प्रेरणा मिली .एक बार मुक्तिबोध ने मेरी एक कविता खुद सुनायी जो किसी पत्रिका में उन्होंने पढी थी और उन्हें याद थी।उनके मुह से अपनी कविता सुनना मुझे बहुत अच्छा लगा ,लेकिन मैं अज्ञेय जी के बहुत निकट  रहा. वह मुझे बहुत मानते थे और उन्होंने मुझसे कहा था  कि तुम क्रिसमस की छुट्टियां मेरे साथ बिताओ तो मैं हर साल उनके साथ क्रिसमस में दिल्ली में रहता था। भूमंडलीकारण और मीडिया तथा बाजार के कारण लेखकों की चुनौती अधिक बढने के सवाल पर श्री शाह ने कहा कि लेखकों के लिए हर दौर में चुनौती अधिक रही पर समाज में उनकी भूमिका शून्य नहीं हो जाती .उनकी भूमिका बनी रहेगी. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बहुत दिनों के बाद देश में बदलाव आया है और यह बदलाव आना ही चाहिए था अन्यथा एक ही परिवार और एक ही राजनीति से कुछ ठहराव सा लोग महसूस करने लगे थे. अब लोगों को उम्मीद है देखिये कितना अच्छा क्या होता है इंतजार करना चाहिए. श्री शाह भोपाल के हमीदिया कालेज में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत होकर भोपाल में ही बस गए हैं .उन्हें पदमश्री .व्यास सम्मान और कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं 1उनकी कुल 50 से अधिक किताबें हैं।

विपक्ष राज्यसभा चलने दें, सरकार धर्मान्तरण पर चर्चा को तैयार : वेंकैया

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संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में कार्यवाही ठप्प किये हुए विपक्ष से आज अपील की कि वह धर्मान्तरण के मुद्दे पर चर्चा करे और अपने विचारों को प्रकट करे लेकिन जनहित में सदन में प्रतिरोध उत्पन्न न करें. श्री नायडू ने यहां संवाददाताों से कहा कि वह विपक्षी दलों से अपील करते हैं कि वे जनहित में राज्यसभा में कामकाज होने दें 1 उन्होंने कहा कि विपक्ष किसी भी मुद्दे पर बहस कर सकता है ।चर्चा के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. लेकिन सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नही है । 

उन्होंने धर्मान्तरण के मुद्दे पर सफाई दी कि अगर लोग स्वेच्छा से धर्मान्तरण कर रहे हैं तो उसमें क्या किया जा सकता है लेकिन अगर बल पूर्वक ऐसा हो रहा है तो राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकारें आवश्यक कार्रवाई में सक्षम नहीं हैं तो केन्द्रीय कानून की जरूरत है । केन्द्र सरकार ने एक देशव्यापी कानून बनाने का प्रस्ताव किया है लेकिन विपक्ष इस पर भी सकारात्मक नहीं है .

रूस को कोई भी देश भयभीत और अलग थलग नहीं कर सकता : पुतिन

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के मामले में अपने देश पर लगाये जाने वाले प्रतिबंधों के परिप्रेक्ष्य में कहा है कि कोई भी देश रूस को भयभीत और अलग थलग नहीं कर सकता है। राजधानी मास्को में श्री पुतिन ने कल कहा..कोई अन्य देश हमें भयभीत नहीं कर सकता है और न ही हमें बंधन में बांध सकता है या अलग थलग कर सकता है। अभी तक ऐसा कोई नहीं कर सका है और न ही आगे भी कर पायेगा।.. 

उन्होंने कहा कि रूस को हालांकि कुछ मुश्किलों से गुजरने के लिए और संप्रभुता .स्थिरता और समाजिक एकता पर आने वाले खतरों का समुचित जवाब देने के लिए जरूर  ही तैयार रहना होगा. उल्लेखनीय है कि रूस पर यूरोपीय संघ और पश्चिमी देशों ने कई तरह के आर्थिक और आवागमन पर प्रतिबंध लगाये हैं।

विदेशी निवेशकों ने इस माह किया 14 हजार करोड से अधिक का निवेश

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सरकार के आर्थिक सुधार एजेंडे को लागू करने के लिए किये जा रहे प्रयासों से उत्साहित विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार में इस माह अबतक 14000 करोड रूपये से अधिक का निवेश किया। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड.सेबी. के आंकडों के अनुसार विदेशी निवेशक इस वर्ष कुल 2.6 लाख करोड रूपये का निवेश कर चुके हैं। एक से 19 दिसंबर के बीच उन्होंने 3430 करोड रूपये के शेयरों की लिवाली की जबकि उनका रिण बाजार में निवेश 10808 करोड रूपये का रहा जिससे उनका कुल निवेश 14239 करोड रूपये पर पहुंच गया। 

विशेषज्ञों की मानें तो ऊंची रिटर्न का लाभ उठाने के उद्देश्य से इस दौरान निवेशकों के मुख्य आर्कषण का केंद्र रिण बाजार रहा जहां उन्होंने जमकर निवेश किया। अधिकांश निवेशकों का मानना है कि भारतीय रिण बाजार लघु एवं दीर्घ दोनों ही अवधि के निवेश के लिए बेहतर गंतव्य है। आंकडों के अनुसार इस वर्ष अबतक विदेशी निवेशकों का इक्विटी बाजार में शुद्ध निवेश 99450 करोड रूपये जबकि रिण बाजार में 1.59 करोड रूपये रहा जिससे उनका कुल निवेश 2.6 लाख करोड रूपये पर पहुंच गया। 

गौरतलब है कि दो दशक पूर्व 1992 में निवेश की अनुमति मिलने के बाद से शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का सकल शुद्ध निवेश बढकर आठ लाख करोड रूपये जबकि रिण बाजार 2.63 लाख करोड रूपये हो गया है जिससे भारतीय बाजार में उनका अबतक का कुल निवेश 10.5 लाख करोड रूपये पर पहुंच गया।

झारखंड में अब अच्छे दिन आने वाले है : रघुवर दास

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने आज कहा कि झारखंड में अब अच्छे दिन आने वाले है। राज्य की जनता ने 14 वर्ष के बाद नरेन्द्र मोदी की विकास और सुशासन की सरकार बनाने की अपील पर मतदान किया है तथा भाजपा को बहुमत देने का काम किया है। श्री दास ने आज यहां .यूनीवार्ता. से बातचीत में कहा कि विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद आ रहे सभी रुझानो से यह संकेत मिलता है कि प्रदेश में भाजपा की बहुमत की सरकार बनेगी और राज्य में सुशासन और विकास का काम शुरु होगा 1 उन्होंने कहा कि देश की जनता ने श्री मोदी के सुशासन और विकास के एजेंडा को पसंद किया है और एक के बाद दूसरे प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है। 
     
श्री दास ने कहा कि देश में पहले वोट बैंक  और विभाजन की राजनीति होती थी तथा जाति  धर्म एवं सम्प्रदाय के नाम पर लोग वोट करते थे लेकिन अब विकास के नाम पर मतदान हो रहा है। श्री मोदी ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि सुशासन और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जा सकता है और जीत हासिल की जा सकती है। उन्होंने झारखंड की जनता को भारी संख्या में मतदान करने के लिये बधाई देते हुये कहा कि राज्य मे बनने वाली भाजपा की सरकार प्रदेश के लोगों के लिये खुशहाली लायेगी।

पूर्व मंत्री नेपोलियन डी एम के छोडकर भाजपा में हुए शामिल

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तमिल अभिनेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डी नेपोलियन आज द्रविड मुनेत्र कषगम.डीएमके. छोडकर भारतीय जनता पार्टी.भाजपा. में शामिल हो गये। श्री नेपोलियन. द्रविड पार्टियों द्वारा शासित प्रदेशों में भाजपा के आधार को मजबूत करने के लिये प्रयासरत.पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुये. श्री नेपोलियन ने बताया कि वह डीएमके पार्टी में आंतरिक अनुशासन की कमी से असंतुष्ट थे 1 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुये श्री नेपोलियन ने बताया कि वह देश और राज्य के विकास और श्री मोदी के हाथों को मजबूत करने के लिये भाजपा में शामिल हुये हैं.

ज्ञातव्य है कि श्री नेपोलियन श्री शाह के दो दिवसीय राज्य दौरे के दौरान भाजपा में शामिल होने वाले तीसरे विशिष्ट व्यक्ति हैं। संगीतकार इलेयाराजा के भाई संगीत  निर्देशक गंगई अमरान और कोरियोग्राफर गायत्री रघुराम कल भाजपा में शामिल हुये थे.

संथालपरगना में महिलाओंने पुरुषो से अधिक मतदान किया

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झारखंड में पांचवे और अंतिम चरण में संथालपरगना के 16 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाों ने पुरुषो से अधिक मतदान किया है । राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के जाजोरिया ने आज यहां बताया कि इन 16 विधानसभा क्षेत्रों में कल  73.14 प्रतिशत मतदाताों ने मतदान किया जिनमें महिलाों ने 73.66 प्रतिशत तथा पुरुषो ने 72.66 प्रतिशत मतदान किया. उन्होंने बताया कि राजमहल में 72.33 प्रतिशत    बोरियो : अजजा : में 67.80 .बरहेट : अजजा : में 72.87 लिट्टीपाड़ा  : अजजा : 75.86  पाकुड़ में 80.60 महेशपुर  :अजजा : में 79.80 शिकारीपाड़ा: अजजा : में 76.04    दुमका :अजजा : में 68.90     जामा  : अजजा : 71.42    जरमुंडी में 73.61. नाला में 80.30    जामताड़ा में 78.33    सारठ में 76.72    पोरैयाहाट में 68.20    गोड्डा में 65.74 और महगामा विधानसभा क्षेत्र में 65.23 प्रतिशत मतदान हुआ.

 उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2009 के विधानसभा चुनाव के समय 62 प्रतिशत मतदान हुआ था।उन्होंने बताया कि राज्य में प्रथम चरण में 13 विधानसभा क्षेत्रों में 25 नवंबर को 63.27 प्रतिशत    द्वितीय चरण में 20 विधानसभा क्षेत्रों में दो दिसंबर को 68.01 प्रतिशत    तृतीय चरण में 17 विधानसभा क्षेत्रों में नौ दिसंबर को 63.96 और चौथे चरण में 15 विधानसभा क्षेत्रों में 14 दिसंबर को 64 .63 प्रतिशत मतदान हुआ 1राज्य के इन 81 विधानसभा क्षेत्रों में 23 दिसंबर को मतगणना होगी.

हिंदुों का धर्मांतरण नहीं होना चाहिए . तोगडिया

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विश्व हिंदू परिषद .विहिप. के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने आज कहा कि हिंदुों का धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। श्री तोंगडिया ने यहां विहिप की ओर से भोपाल और होशंगाबाद संभाग के हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुों की आबादी अब काफी कम हो गयी है। इसे और कम नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कभी पूरे विश्व में हिंदू समुदाय के लोग थे  लेकिन अब इनकी संख्या एक सौ करोड के आसपास ही रह गयी है। धर्मांतरण के मुद्दे को बहुत ज्यादा नहीं छेडते हुए श्री तोगडिया ने कहा कि अब हिंदुों का धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कथित ..लव जेहाद.. का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि विहिप हिंदुों के भोजन  शिक्षा  स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में काम करने का इरादा रखती है और आने वाले समय में इस पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। उन्होंने मुजफफरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर छेडछाड की घटनाों के कारण यह स्थिति बनी  लेकिन उसे दूसरा रंग दे दिया गया। समारोह को राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को विहिप के अन्य नेताों ने भी संबोधित किया और अधिकांश का भाषण धर्मांतरण पर केंदि्रत रहा।

भारत से बातचीत के लिए गंभीर प्रयासों की जरूरत : पाकिस्तान

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पाकिस्तान ने आज कहा कि भारत से बंद बातचीत को फिर शुरू करने के लिये गंभीर प्रयासों की जरूरत है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने .विकास. लोकतंत्र और शांति. पर क्षेत्रीय वार्ता के बाद संवाददाताों से कहा कि भारत और पाकिस्तान के संबंध विश्व के जटिलतम संबंधों मं एक है. मगर सामान्यीकरण के प्रयासों और बातचीत के बावजूद इसे अविश्वास और विद्वेष से ही पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि हम या तो आपसी अविश्वास और विद्वेष में फंसे रह सकते हैं या सतत बातचीत और गंभीर प्रयासों से आपसी विवादों और मतभेदों को सुलझा सकते हैं। 
     
उन्होंने कहा कि व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग. दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था में सार्थक बदलाव ला सकता है. मगर इस क्षेत्रीय सहयोग और एकता के लिए दक्षिण एशियाई देशों में सकारात्मक राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों की जरूरत है।

संघ के घर वापसी कार्यक्रम पर रोक की माकपा की मांग

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धर्मांतरण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठनों पर निशाना साधते हुए माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने संघ के कथित .घर वापसी. कार्यक्रम पर रोक लगाने की आज मांग की। पार्टी पोलित ब्यूरो की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा कि संघ के कथित .घर वापसी. कार्यक्रम पर मौजूदा कानूनों के प्रावधानों के तहत रोक लगायी जानी चाहिए। बयान में कहा गया है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और संघ के बयान विरोधाभासी हैं। 

माकपा ने कहा है ..संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्मांतरण को सही ठहराते हुए इसे घर वापसी की संज्ञा दी है। आगरा में कराये गए धर्मांतरण से यह बात सामने आ गई है कि वहां धर्मांतरण के लिए किस प्रकार से प्रलोभन दिया गया था।. पोलित ब्यूरो के अनुसार. भाजपा और संघ के नेता जबर्दस्ती धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. जबकि इसके लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है. क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म और पेशे की आजादी है। जबरन धर्मांतरण का मुद्दा भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के दायरे में आता है। इसलिए नये कानून की आवश्यकता नहीं है।

सोनिया की सेहत बेहतर, अभी डाक्टरों की निगरानी में रहेंगी

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सेहत में अब काफी सुधार है और वह बेहतर महसूस कर रही हैं. श्रीमती गांधी को तीन दिन पहले श्वसन संबंधी संक्रमण के उपचार के लिए सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के वक्ष औषधि विभाग के अध्यक्ष डा. अरूप कुमार बासु ने श्रीमती गांधी के ताजा मेडिकल बुलेटिन में बताया कि वह बेहतर महसूस कर रही है । उनकी सेहत स्थिर है । उन्होंने श्वसन संबंधी कयी व्यायाम बिना किसी समस्या के किये हैं.

डा.बासु ने कहा कि श्रीमती गांधी एक दिन उनकी निगरानी में और रहेंगी. उनकी रिपोटा6 की कल सुबह समीक्षा की जाएगी.
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