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ओबामा के सहारे वोट मांग रहे हैं मोदी : कांग्रेस

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ओबामा के सहारे वोट मांग रहे हैं मोदी ..कांग्रेस
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज आरोप लगाया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा का इस्तेमाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताों से कहा कि श्री मोदी और दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी ओबामा के पीछे छिपते हुए नजर आ रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओबामा का सहारा लेकर वोट मांगे जा रहे हैं। उन्होंने इसे डूबते को तिनके का सहारा बताया और कहा कि यह हताश प्रधानमंत्री की वोट के लिए हताश कोशिश है। 

दिल्ली के कडकडडूमा क्षेत्र में आज हुई भाजपा रैली के श्री मोदी के भाषण को उन्होंने .झूठ का पुलिंदा. बताया और कहा कि .अच्छे दिन. लच्छेदार भाषा से नहीं बल्कि अच्छे काम करने से आते हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के भारणों की भाषा लच्छेदार है लेकिन उनमें नीरसता है। उनका कहना था कि पहले भाजपा दिल्ली में अभी चुनाव कराने के पक्ष में नहीं थी लेकिन फिर श्री मोदी के नेतृत्व में चुनाव कराने का निर्णय लिया। रामलीला मैदान की श्री मोदी की रैली असफल हुई तो इरादा बदला गया और बाहर से श्रीमती बेदी को लाकर चुनाव लडने का निर्णय लिया गया। 
    
श्री सुरजेवाला ने झुग्गी की जगह पर पक्का मकान बनाने के श्री मोदी के वादे पर कहा कि यह वादा वही मोदी कर रहे है जिनके शासन में दिसम्बर की कडकडाती ठंड में रंगपुरी की झुग्गियां तोडी गई थीं। यमुना किनारे बनी झुग्गियों में रहने वालों को कोसो दूर बवाना में बसाया गया।

जनता परिवार के विलय से नीतीश का वजूद होगा खत्म : मंगल पांडेय

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भारतीय जनता पार्टी .भाजपा.के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने आज कहा कि  जनता दल यूनाईटेड :जदयू: के नेता नीतीश कुमार अब अप्रासंगिक हो गये हैं और जनता परिवार के विलय के बाद उनका वजूद ही समाप्त हो जायेगा। श्री पांडेय ने यहां कहा कि साल के अंत में होने वाले विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी की सीधी लड़ाई लालू प्रसाद एंड कंपनी से होगी। ऐसे में पार्टी के लिए श्री कुमार कोई मुद्दा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता दल परिवार के विलय को लेकर इस समय जो स्थिति बन रही है उससे यह लगता है कि राजदशजदयू के विलय के बाद जदयू दो भाग में बंट जायेगा।इसके बाद बिहार की राजनीति से नीतीश कुमार की कहानी खत्म हो जायेगी। 
भाजपा नेता ने कहा कि श्री कुमार ने जनादेश का अपमान कर लालू प्रसाद यादव से हाथ मिला लिया है और बिहार को फिर से जंगल राज की ओर धकेलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग किसी भी हाल में जंगलराज की वापसी नहीं चाहते हैं और श्री कुमार इस बात को समझ भी रहे हैं. इसलिए वह पिंर से तिकड़म लगाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन छह दलों और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह से अंतिम बात करने की चर्चा हो रही है. उनमें फूट के बीज अंकुरित हो चुके है।  दरअसल यह सब बिहार की जनता को भरमाने और उन्हें धोखे में रखने की चाल है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाने में जुटे बड़े और छोटे भाई दूर की कौड़ी ख्ोल रहे हैं। उन्होने कहा कि जहां नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर गड़ाये हुये है वहीं लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी मीसा भारती को उप मुख्यमंत्री बनाने की फिराक में है।

पाकिस्तान के अस्तित्व की रक्षा के लिए आतंकवाद का खात्मा जरूरी

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज कहा कि पाकिस्तान के अस्तित्व की रक्षा के लिए आतंकवाद का खात्मा जरूरी है और जब तक आखिरी आतंकवादी खत्म नही हो जाता हम चैन से नहीं बैठ सकते. श्री शरीफ ने यह बात लाहौर के पुलिस ट्रेंनिंग स्कूल के दीक्षान्त समारोह की परेड को संबोधित करते समय कही. उन्होंने कहा कि पुलिस बल की संख्या में तुरंत वृदि्ध होनी चाहिए और पुलिस र्कमियों को नवीनतम हथियार उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक सेना के साथ है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्य योजना के अन्तर्गत आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है ।

भोजपुरी भाषा को उसका गौरव और सम्मान हासिल हो : शिवपाल

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उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सरकार भोजपुरी भाषा को उसका गौरव और सम्मान दिलाने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी.सपा. की सरकारी सभी भाषाों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को उसका गौरव और सम्मान दिलाने में सरकार कोई कोर कसर नही छोडेगी। श्री यादव आज भोजपुरी फिल्म.. नहले पे दहला.. के मुहुर्त के अवसर पर कहा कि इस फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश लखनऊ के विभिन्न लोकेशन पर होनी है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार का हमेशा  प्रयास रहेगा कि भोजपुरी को उसका गौरव और सम्मान हासिल हो। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदी और भोजपुरी सहित सभी भाषाों को सम्मान मिलने से राज्य का नाम पूरे देश में होगा। 
     
इस मौके पर  अभिनेता रवि किशन ने कहा कि उन्हे उनके ब डों का मार्गर्दशन मिलता रहा है।  इस वजह से वे  यह मुकाम हासिल कर सके।उन्होंने कहा कि अभी पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश में ऐसी कई प्रतिभाएं हैं जो सामने नहीं आ सकी हैं। एक बार यहां फिल्म सिटी बन जाए तो उन प्रतिभाों को भी आगे आने का मौका मिलेगा।उन्होंने खुशी जताई कि एक भोजपुरी फिलम का मुहुर्त एक पांच सितारा होटल में हो रहा है। फिल्म .नहले पे दहला . के निर्माता धीरेन्द्र चौबे ने बतायाकि फिल्म की शूटिंग एक मार्च से उत्तर प्रदेश में लखनऊ और इटावा में होगी। 
     
उन्होंने बतायाकि इस फिल्म में भोजपुरी फिल्मों के दो सुपरस्टार रवि किशन और पवन सिंह से एक सादे पर्दे पर नजर आयेंगे। इन दोनों ने इससे पहले फिल्म  .बाजीगर. में काम किया था जो सुपरहिट रही थी। इस फिल्म में यह जोडी एक बार फिर  धमाल मचाएगी। फिल्म का निर्देशन अरविंद चौबे करेंगे। इस फिल्म में इन दोनों के अलावा मोनलीशा.तनुश्री और अनारा गुप्ता के साथ अन्य कलाकार काम कर रहे हैं।

जनता केंद्र के साथ काम करने वाली सरकार दिल्ली में चुने : नरेन्द्र मोदी

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आप पर कड़ा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पार्टी को जनता की पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया और दिल्ली की जनता से अरविंद केजरीवाल की पार्टी को वोट देने की भूल न दोहराने को कहा।

एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एक साल पहले जिन लोगों ने सपना दिखाया था, उन्हीं लोगों ने आपकी (जनता की) पीठ में छुरा घोंपा, सपनों को चूर चूर कर दिया। दिल्ली की जनता ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली को बर्बाद करने वालों को नहीं बख्शा। विधानसभा चुनाव में भी जनता दिल्ली को बर्बाद करने वालों को कभी पसंद नहीं करेगी।

दिल्ली में एक ईमानदार और विकासोन्मुखी सरकार देने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्वास व्यक्त किया कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव में जनता सपनों को तोड़ने, भ्रम फैलाने एवं प्रदेश को बर्बाद करने वालों को नकारते हुए पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार के पक्ष में जनादेश देगी। आम आदमी पार्टी एवं उसके नेता अरविंद केजरीवाल का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि एक पार्टी, जिसके पिछले लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक लोगों की जमानतें जब्त हुई, उस पार्टी को आप भलीभांति जानते हैं, फिर भी वह पार्टी लोगों को भ्रमित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

आप पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि एक आध बार झूठ चल जाता है, लेकिन बार बार लोगों की आंखों में धूल झोंककर सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती। किरण बेदी के नेतृत्व में भाजपा को दो तिहाई बहुमत देने की लोगों से अपील करते हुए मोदी ने कहा कि दिल्ली को स्थिर सरकार चाहिए। दिल्ली को सरकार चलाने का तर्जुबा वाले लोग चाहिए। किरण बेदी में वह अनुभव है जो दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

दुनिया में हिन्दुस्तान की छवि मजबूत होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक साल के बुरे दिन (दिल्ली में) गए। कुछ लोगों ने एक साल बर्बाद करने का काम किया है। दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार दें, दिल्ली भी विकास के तीव्र पथ पर आगे बढे़गी। राजधानी के कड़कड़डूमा इलाके में आयोजित इस चुनावी रैली में करीब आधे घंटे के अपने भाषण में मोदी ने कहा दिल्ली की जनता से कहा कि वह मतदान अवश्य करें, यह दायित्व और जिम्मेदारी है, दिल्ली में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाएं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनाव है लेकिन इस चुनाव में कौन विधायक बनेगा, कौन नहीं, कौन मुख्यमंत्री बनेगा, कौन नहीं। किसकी सरकार बनेगी, किसकी नहीं। इतने तक ही सीमित नहीं है। यह चुनाव दुनिया में हिन्दुस्तान की छवि कैसी हो, दुनिया हिन्दुस्तान को किस रूप में देखे, इससे संबंधित है।
    
उन्होंने कहा कि दुनिया हिन्दुस्तान को किस रूप में देखती है, उसे समझने के लिए दिल्ली से बढ़कर कोई और जगह नहीं हो सकती क्योंकि दिल्ली की हर घटना का पूरे भारत पर प्रभाव पड़ता है। इस चुनाव को उस रूप में देखा जाए कि हम पूरे विश्व में दिल्ली को किस रूप में प्रस्तुत करने जा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि मैं दिल्ली को मुसीबतों से बाहर निकालने आया हूं। मुझे सिर्फ साउथ ब्लाक में बैठने का स्थान देना काफी नहीं है। आप मुझे दिल्ली के गली मोहल्ले में काम करने का मौका दें। आप ऐसे लोगों को जिताएं जिनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकूं। इसके लिए आपसे आर्शिवाद मांगने आया हूं। 
दिल्ली की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में पीने के पानी की समस्या हमने देखी है। पहले केंद्र में कांग्रेस की सरकार और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार होने पर भी दिल्ली में पीने के पानी की समस्या रही। लेकिन केंद्र और हरियाणा दोनों स्थानों पर भाजपा सरकार बनने पर हरियाणा ने दिल्ली को पानी देना शुरू किया। यह प्रदर्शित करता है कि अगर अच्छी सोच वाले लोगों की सरकार बने तब अच्छे फैसले लिए जाते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। मैं बयानबाजी कम करता हूं। लेकिन ऐसे कदम उठा रहा हूं कि इस पर नकेल लग रही है। इस सिलसिले में उन्होंने गैस सब्सिडी का पैसा सीधे लोगों के खातों में जमा करने, गरीबों का बैंकों में खाता खोलने और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं का जिक्र किया।

आप पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि गरीबों की सेवा केवल नारेबाजी ने नहीं होती है बल्कि एक के बाद एक कदम उठाने और सफलतापूर्वक समयसीमा के भीतर इन्हें लागू करने से होती है ताकि गरीबों को लाभ प्राप्त हो सके। केंद्र में भाजपा सरकार को गरीबों के लिए और गरीबों को समर्पित करार देते हुए उन्होंने कहा कि जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे तब 2022 तक गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने का उनका इरादा है। मोदी ने कहा कि देश के गरीबों को सम्मान के साथ अवसर मिलना चाहिए और इसकी शुरुआत दिल्ली से करना चाहते हैं। यमुनाजी दिल्ली की शान बन सकती हैं लेकिन आज इनकी क्या हालत है। हम इसे बदलना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने ठान लिया है, मुझे इसके लिए आपका आशीर्वाद चाहिए। मुझे दिल्ली के लोगों के जीवन को नई दिशा देनी है, गरीबों का कल्याण एवं यहां नौजवानों को रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि हमारी 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम आयु की है। ऐसे युवा देश दुनिया की तस्वीर बदल सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के बारे में आप की आलोचना का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अगर ओबामा की यात्रा के संदर्भ में थोड़ी सी चूक हुई होती और यह केवल 26 जनवरी के कार्यक्रम तक की सीमित रहती, तो हमारे विरोधी हमें बदनाम करने में कोइ कोर कसर नहीं छोड़ते। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि जिस तरह से लोगों ने केंद्र में 30 साल बाद पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाई है, उसी तरह से दिल्ली में भी पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाएं। सभा को संबोधित करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा जो कहती है, वह करती है, जबकि कांग्रेस सरकार का शासन घोटालों से भरा रहा और आम आदमी पार्टी ने अपनी बातों से हमेशा पीछे हटने का काम किया।


तृणमूल कांगे्रस को तोडने के लिये षड्यंत्र रच रही भाजपा : ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पर्टी.भाजपा. पर तृणमूल कांगे्रस को विभाजित करनें का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि भगवा पार्टी तृणमूल के वरिष्ठ नेताों को डरा धमका रही है ।सुश्री बनर्जी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताों के साथ आज आपात बैठक बुलाई थी जिसमें शारदा चिट फंड घोटाला मामले में पार्टी नेता मुकुल राय से कल सीबीआई द्वारा की गयी पूछताछ के बाद इस मामले से निबटने के लिये आगे की रणनीति तैयार की जाने थी। 
    
इस बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे. सुश्री बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता स्थित अपने आवास में आयोजित इस बैठक के दौरान कहा कि भाजपा हमारी पार्टी में फूट डालने की रणनीति अपना रही है तथा मुकुल राय और शुभेन्दु अधिकारी जैसे नेताों को शारदा घोटाले में फंसा कर नेताों में डर पैदा कर रही है। सुश्री बनर्जी का यह बयान सीबीआई द्वारा श्री राय से पूछताछ करने के एक दिन बाद आया है। उन्होंने कहा ..मुकुल से कहा जा रहा है कि वह या तो तृणमूल में फूट डालवाएं अथवा जेल जाएं जबकि शुभेन्दु से कहा जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो जाएं अथवा जेल जाएं। सुश्री बनर्जी ने कहा ..मैं भी जेल जा सकती हूं लेकिन मुझे इसका कोई भय नहीं है। उन्होनें शारदा घोटाले की सीबीआई जांच को भाजपा का ..राजनीतिक षड्यंत्र .. करार दिया.

बिहार : मोकामा की महारानी मां मरियम तीर्थ यात्रा रविवार को

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  • राजधानी से 40 बसों का कारवां, विधायक और प्राचार्य रवाना करेंगे

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पटना। मां मरियम तीर्थ यात्रा रविवार को है। राजधानी पटना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु तीर्थ यात्रा में शामिल होने जाएंगे। पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया भाई धर्मेंद्र के द्वारा लगभग 40 बसों की व्यवस्था कर दी गयी है। अव्वल मोकामा की महारानी मां मरियम तीर्थ यात्रा में शिरकत करने जाने वाले श्रद्धालु मुंगेरी ग्राम (कुर्जी) मोड़ के पास जमा होंगे। इसके बाद झारखंड विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि जौर्ज जोसेफ ग्लेनस्टोन और संत माइकल हाई स्कूल के प्राचार्य फादर पीटर अरोग्यस्वामी के द्वारा बसों की कारवां को रवानगी की जाएगी। इस अवसर की आंखों देखी विवरण क्लारेंस हेनरी पेश करेंगे। रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे से 40 बसों का कारवां जाना शुरू हो जाएगा।

बताते चले कि प्रत्येक साल मोकामा में मां मरियम तीर्थ यात्रा आयोजित की जाती है। सूबे के ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु शिरकत करते हैं। एक तरह से ग्रामीण और शहरी श्रद्धालुओं का मिलन स्थल बन जाता है। अपने स्तर से श्रद्धालु भाग लेते हैं। कुछ नौजवानों के द्वारा पदयात्रा करके तीर्थ स्थल में पहुंचा जाता है। कुर्जी पल्ली में संचालित नवयुवक संघ के 35 सदस्य पदयात्रा करके तीर्थ यात्रा में शामिल होंगे। पप्पू राणा के नेतृत्व में पदयात्रियों ने पालकी बनाया है। इसमें मां मरियम की प्रतिमा विराजमान है। इसे चार लोग कंधा लगाकर आगे की ओर बढ़ते हैं। 

यह भी बताते चले कि मोकामा चर्च में 23 से 31 जनवरी तक नवदिवसीय प्रार्थना और मिस्सा पूजा आयोजित की गई। प्रत्येक दिन अपराह्न 4 बजे से प्रार्थना शुरू की जाती। इसके बाद मिस्सा पूजा के मध्य में परमप्रसाद वितरण किया जाता था। नवदिवसीय धार्मिक कार्यक्रम का समापन शनिवार को हो गया। रविवार 1 फरवरी को सुबह 6 बजे से पहला यूख्रीस्तीय समारोह होगा। फादर ह्नदयराज के द्वारा संचालित चंगाई प्रार्थना एवं मिस्सा पूजा 9 बजे से प्रारंभ। 1 बजे से मां मरियम की भव्य शोभा यात्रा आयोजित की जाएगी। इसमें कुर्जी पल्ली की पालकी में सवार मां मरियम को भी शोभा यात्रा में शामिल की जाएगी। इसके बाद 2 बजे से पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा येसु समाजी के नेतृत्व में महासमारोही यूख्रीस्तीय मिस्सा पूजा की जाएगी।  


आलोक कुमार
बिहार 

आलेख : समाज को दिशा देती हैं हिंसा मुक्त फिल्में

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कहते हैं भारतीय फिल्मों का समाज जीवन पर गहरा असर होता है, आज कई युवा तो केवल फिल्मों से आकर्षित होकर उसकी तरफ कदम बढ़ाने को आतुर दिखाई देते हैं। केवल चमक दमक और हिंसा मुक्त फिल्में ही आज समाज के सामने दिखाई जा रही हैं, जो समाजानुकूल नहीं कही जा सकतीं। वर्तमान में कई फिल्मों में अश्लील भाषा तक प्रयोग में लाई जा रही है। इसके अलावा सबसे असहनीय बात तो यह है कि कई फिल्में भारतीय संस्कृति से अलग एक नई राह का ताना बाना खड़ा करने में ही अपना ध्यान लगा रही हैं। वास्तव में भारतीय फिल्मों में आज भारत कहीं भी दिखाई नहीं देता, इसके विपरीत पश्चिमी आवरण में लिपटी हुई यह फिल्में कैसे भारत का निर्माण कर रही हैं। यह अब दिखने लगा है। यह बात सही है कि फिल्मों में आतंकी गतिविधियों का फिल्मांकन भी किया जा रहा है, और नए नए तरीके अपनाकर युवतियों को दिखाया जा रहा है, इस कारण समाज में आतंक और युवतियों के प्रति सहज लगाव की भावना विकसित हो रही है। मुझे याद आता है कि भारत की कुछ फिल्मों में तो लड़कियों के पटाने के तरीके बताए गए हैं।

एक बार की बात है कि मैंने एक पत्रिका में पढ़ा था कि एक चोर ने बिलकुल फिल्मी अंदाज में लूट को अंजाम दिया, साथ ही पत्रिका में एक अंगे्रजी फिल्म की संक्षिप्त पटकथा भी प्रकाशित की थी। बिलकुल वही तरीका था, जैसा चोर ने अपनाया था। इस प्रकार की फिल्में निश्चित रूप से समाज को गलत राह पर ले जाने का कार्य ही करतीं हैं। एक प्रकार से दिशाहीन समाज बनाने वाली यह फिल्में किसी भी प्रकार से समाज हितैषी नहीं कही जा सकतीं। वास्तव में फिल्मों का निर्माण समाज की भलाई के लिए ही होना चाहिए। इसे लेकर केन्द्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड के नए अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने गंभीर चिन्ता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में कई ऐसे लोग शामिल हो जाते थे जिन्हें पता ही नहीं रहता था कि नियमावली क्या है। इसके अलावा सौ में से केवल दस या बारह लोग ही फिल्म लाइन से संबंध रखते थे। बाकी सभी अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते जगह प्राप्त करने में सफल हो जाते थे। ऐसे में सेंसर बोर्ड के सदस्यों से क्या अपेक्षा की जा सकती है।

केन्द्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड के नए अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि फिल्मों को साफ सुथरा बनाने के लिए वे दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। ऐसा कहने से यह तो लगने लगा है कि केन्द्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड से देश को जो आशा और सुधार की अपेक्षा है, वह अब पूरी हो सकेगी। हम जानते हैं कि वर्तमान में देश की युवा पीढ़ी पर फिल्मों का गहरा असर है, इसी कारण से युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित सी होती हुई सी दिखाई देती है। संस्कारों के नाम पर फिल्मों में नंगापन दिखाया जा रहा है। लेकिन यह संस्कार नहीं है, यह तो भारत को विनाश के कगार पर ले जाने का एक कुसंस्कार ही कहा जाएगा। वास्तव फिल्म निर्माताओं को सबसे पहले इस बात का आभास होना चाहिए कि भारत क्या है, और भारतीयता क्या है? लेकिन आज की फिल्मों को देखकर सहसा यह सवाल मन में उभरता दिखाई देता है कि क्या आज की फिल्मों में जो दिखाया जा रहा है वह भारत का दर्शन कराने वाला है या फिर भारत को समाप्त करने वाला कदम है? मुझे इस बात पर एक बार की घटना स्मरण में आती है 'एक बार मैं एक परिवार में गया, वहां दीवार पर कुछ फिल्मी चित्रों को देखा, साथ ही दो धार्मिक चित्र भी लगे थे। उस परिवार का सात या आठ वर्ष का बालक मेरे पास आया, मैंने अचानक ही उस बालक से पूछ लिया कि बताओ यह किसका चित्र है, तो बालक ने उत्तर दिया 'अंकल जी यह माधुरी दीक्षित, यह गोविन्दा और यह दिव्या भारती का है, जैसे ही राम और कृष्ण के चित्रों की बारी आई तो वह चुप रह गया। मैंने फिर भी पूछ ही लिया कि यह चित्र किसके हैं तो बालक ने उत्तर दिया कि अंकल जी इसके बारे में मुझे नहीं पता।Ó वास्तव में यही सत्यता है आज हमारे समाज की। फिल्मों के कारण ही आज की पीढ़ी हमारे आदर्शों से दूर होती जा रही है। आधुनिकता के नाम पर समाज में जो बुराई पनप रही है, वह भारतीयता के नाम पर कलंक ही है। इसके अलावा आजकल एक और बुराई देखने में आ रही है कि फिल्मों के माध्यम से कई लोग हिंसक गतिविधियों में संलिप्त होते जा रहे हैं। कई फिल्मों में देखा गया है कि हिंसा करने के नए नए तरीके प्रयोग में लाए जा रहे हैं, गालियों और बंदूकों का प्रयोग किया जा रहा है। इस सबके लिए नए नए प्रयोगों का सहारा लिया जा रहा है।  प्राय: देखने में आता है कि फिल्मों में जो बुराई है उसको समाज बहुत जल्दी ही अपने जीवन का हिस्सा बना लेता है, लेकिन कुछ फिल्में जो अच्छी भी कही जा सकती हैं, समाज उनसे कुछ भी सीखने का प्रयास करता दिखाई नहीं देता। हालांकि अच्छी फिल्में गिनी चुनी ही हैं। इसमें जितना दोष फिल्म बनाने वालों का है, उतना ही दोष हमारे समाज का भी है। समाज के जागरुक नागरिकों को ऐसी फिल्मों को सिरे से खारिज करना चाहिए। कहा जाता है कि फिल्म निर्माता वैसी ही फिल्म बनाता है जैसी समाज चाहता है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने जिस प्रकार के संकेत दिए हैं, वह प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा है कि अब फिल्मों में न तो गालियां सुनने को मिलेंगी और नहीं बंदूकों की आवाज। साफ सुथरी फिल्मों का निर्माण किया जाएगा। जिससे समाज कुछ सीख सके।






---सुरेश हिन्दुस्थानी---
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

राजनीति : एक दूसरे के प्रति नरम हो रही सपा और बसपा

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भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार उत्तरप्रदेश में पक रही राजनीतिक सौहार्द की नई खिचड़ी को लेकर अन्दर ही अन्दर चौकन्ने हो रहे हैं। इसको लेकर भाजपा की कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया या गतिविधि दिल्ली विधानसभा चुनाव के घमासान में पूरा ध्यान लगा होने की वजह से सामने नहीं आ रही लेकिन इस चुनाव से फुर्सत पाते ही भाजपा में काउन्टर सरगर्मी देखने को मिल सकती है। यह सौहार्द सपा और बसपा के बीच खामोशी से आकार ले रहा है जो इसलिये अप्रत्याशित है कि दोनों पार्टियों में अभी तक कुत्ता और बिल्ली जैसा बैर रहा है। 

जनता दल परिवार के महाविलय की प्रक्रिया लालू व नीतीश के सम्बन्धों में फिर से आयी खटास की वजह से खटाई में पडऩे लगी है जिससे भाजपा को सबसे ज्यादा सुकून मिल रहा है। जनता दल परिवार के बीच कई जटिलतायें हैं। जिसकी वजह से सैद्धांतिक सहमति के बावजूद शुरू से ही निष्पक्ष प्रेक्षक इनमें विलय के प्रस्ताव को बहुत व्यवहारिक नहीं मान रहे। इसके बावजूद मोदी की छा जाने वाली कुशलता से महाकाय होती जा रही भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों में उसकी चुनौती का मुकाबला करने के लिये एकजुट होने की भावना में कोई कमी नहीं आयी है। जनता दल परिवार में भले ही विलय न हो लेकिन इस मामले में किसी भी दल के पक्ष द्रोही होने की संभावना फिलहाल में नहीं है। उक्त अंडरस्टैंडिंग को विस्तार देने के लिये बसपा, बीजू जद व तृणमूल कांग्रेस को भी टटोला जा रहा है। यहां तक कि कांग्रेस में भी इस मामले में राष्ट्रीय पार्टी के गुरूर को भूलकर स्थितियों से समझौता करने की मन:स्थिति बन चुकी है। 

बाढ़ के समय की इस स्वत:स्फूर्त एकता ने राजनीति में कई नई संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं। पश्चिमी बंगाल में अभी तक शत्रुता की हद तक प्रतिद्वंद्वी वाम दलों व तृणमूल कांग्रेस का नई स्थितियों में भाजपा को रोकने के लिये एक मंच पर आने का संकेत दुनिया के आठवें आश्चर्य के रूप में पहले ही सामने आ चुका है। गत वर्ष लखनऊ में हुए समाजवादी पार्टी के सम्मेलन की एक हलचल भी इस संदर्भ में गौरतलब है। मुलायम सिंह यादव ने जब सम्मेलन में भाषण करते हुए दिवंगत बीजू पटनायक का आभार मण्डल आयोग की रिपोर्ट सबसे पहले लागू करने के उनके द्वारा व्यक्त निश्चय का सर्वप्रथम समर्थन करने के लिये जताया तो लोगों को बड़ा अटपटा लगा। कुछ लोगों ने माना कि नेताजी बहक गये हैं क्योंकि कोई ऐसा संदर्भ नहीं था जिसमें बीजू पटनायक का स्मरण करने का प्रश्न उनके भाषण के तारतम्य में आ रहा हो लेकिन मुलायम सिंह ढाई घर की शतरंजी चाल के माहिर हैं। वे कोई बात खाली पीले में नहीं करते और कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना लगाने में तो उन्हें महारत हासिल है। उन्होंने बीजू पटनायक के अपने प्रति लगाव को बहुत ही कैलकुलेटिव ढंग से उक्त सम्मेलन के माध्यम से दर्शाया था ताकि नवीन पटनायक पर भविष्य में उन्हें अपनी ओर खींचने के लिये कमंद फेेंक सकेें। 

गौरतलब है कि मोदी के खिलाफ महामोर्चा बनाने का बीड़ा सबसे पहले बिहार में उठाया गया जब जद यू, राजद व कांग्रेस ने मिलकर उपचुनाव लडऩे का फैसला किया और भाजपा को नियंत्रित करने की मंशा नतीजे में इस प्रयोग से काफी हद तक फलित हुई। इसके बाद यह सिलसिला आगे बढ़ाने का उत्साह छलकने लगा। सबसे पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने यह पेशकश की कि बिहार में हम लोगों की तरह उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा को भी एकजुट होने का प्रयास करना चाहिये। आशंका यह थी कि इस पर न सपा की प्रतिक्रिया सहज होगी और न बसपा की लेकिन इसके विपरीत सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने सकारात्मक प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि वे तैयार हैं बशर्ते लालूजी मायावती को रजामंद कर लें। हालांकि मायावती ने उस समय यह प्रस्ताव बहुत ही कटुतापूर्ण तरीके से नकार दिया था जिससे लगा था कि सपा और बसपा को फिर नजदीक लाने का अध्याय खुलना शायद संभव नहीं रह गया है लेकिन  सपा के महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ठीक ही कहते हैं कि राजनीति में कोई भी समीकरण असंभव नहीं होता। उक्त प्रसंग के कुछ ही महीनों बाद लालू की तुक्के में की गयी पेशकश रंग लाती नजर आयी। सपा के सहयोगी दल कांग्रेस ने विधान परिषद चुनाव में उसकी सहमति से अपने बचे हुए वोटों को बसपा के लिये ट्रांसफर कर दिया। सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद के बीच बनी अंडरस्टैंडिंग ने ऐसा गुल खिलाया कि इन पार्टियों में सेंध लगाकर इनके 10 वोट झटक लेने के बावजूद भाजपा अपने दूसरे उम्मीदवार को जिताने में नाकामयाब रही जबकि यह उसके लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। नतीजतन भाजपा को इसमें भारी फजीहत झेलनी पड़ी। इसी के बाद प्रोफेसर रामगोपाल का बयान आया कि बसपा और हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। मीराबाई गेस्ट हाउस में हुए मामूली विवाद के कारण हम अलग हो गये थे लेकिन इससे यह नहीं माना जा सकता कि हमारे बीच फिर कोई समीकरण बनने की गुंजाइश नहीं रही है। राजनीतिक प्रेक्षकों को उनके इस बयान पर मायावती की ओर से उग्र प्रतिक्रिया आने का इंतजार था क्योंकि जून 1995 के मीराबाई गेस्ट हाउस कांड  की तल्खी उनकी जुबान पर लंबा वक्त गुजर जाने के बाद कभी मिटी  नहीं थी और इस नाते उक्त प्रसंग को हल्का साबित करने की किसी कोशिश पर वे चुप रह जायें ऐसा माना ही नहीं जा सकता था। पर मायावती ने इस बार सारे अनुमानों को धता बताकर रामगोपाल यादव की बात पर कोई प्रतिक्रिया देने में संयम बरता। जिसे उनमें बदलाव के एक बहुत बड़े लक्षण के रूप में लक्ष्य किया जा रहा है।
इस बीच मायावती ने धड़ाधड़ अपनी पार्टी के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने का अभियान सा छेड़ दिया है। आशंका यह थी कि बसपा से छिटके इन नेताओं को चारा डालकर सपा वक्त का फायदा उठाने की कोशिश करेगी लेकिन सपा ऐसा कुछ करने के मूड में नहीं दिखती जो मायावती को निश्चित रूप से बहुत आश्वस्तकारी लगा होगा। सपा के इस कदम में निहित सद्भावना संदेश को मायावती के सर्विलांस में दर्ज किया गया है यानि दोनों के बीच नये सम्बन्धों की पटकथा अव्यक्त तौर पर बुनी जा रही है। 

हालांकि 2017 का विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियां मिलकर लड़ें यह संभावना फिलहाल बहुत दूर की कौड़ी लगती है। दोनों में से किसी पार्टी के नेता में इतनी त्याग भावना नहीं है कि भाजपा को चेयर रेस से बाहर करने के लिये प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर अपना दावा आसानी से छोड़ सकेें लेकिन भाजपा के मजबूत उम्मीदवारों को घेरने के लिये दोनों में रणनीतिक समझदारी बन सकती है। यह हो सकता है कि वे आपसी अंडरस्टैंडिंग से भाजपा के सारे महारथियों को विधानसभा चुनाव में नथकर रखने की व्यूह रचना अन्दर खाने रचें ताकि भाजपा मुकुट विहीन नजर आने लगे। कांग्रेस व रालोद भी मजबूरी में उनकी व्यूह रचना का उपकरण बनने को तैयार हो जायेंगे। 

उत्तरप्रदेश में ध्रुवीकरण के नये आयाम और नये चित्र के उभरने की परिस्थितियां बन रही हैं जो बेहद रोचक हैं। तय है कि भाजपा के खेमे को भी इसका अंदाजा होगा लेकिन जैसा कि पहले कहा जा चुका है कि बेचैनी के बावजूद उसकी जवाबी कार्रवाई के लिये दिल्ली विधानसभा के चुनाव का शोर शराबा खत्म होने का इंतजार करना पड़ेगा। 




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के पी सिंह 
ओरई 

विशेष आलेख : भौगोलिक जटिलताओं से जूझती महिलायें

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केंद्र की मोदी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रत्येक मोर्चे पर वचनबद्ध नज़र आ रही है। इसके लिए बाक़ायदा कई योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसकी झलक न केवल राजपथ पर देखने को मिली जहां सेना के तीनों अंगों की महिला टुकड़ी ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया बल्कि बीटिंग रिट्रीट में राष्ट्रीय ध्वज को उतारने का सम्मान भी महिला अधिकारी को प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं विश्व के सबसे शक्तिशाली राजनेता अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गार्ड ऑफ़ ऑनर देने वाली टुकड़ी का नेतृत्व भी एक महिला के हाथ में थी। केंद्र की ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’’ योजना महिलाओं के प्रति उसकी संवेदनशीलता को उजागर करता है। देश की इस आधी आबादी के उत्थान और उसके उचित सम्मान के प्रति केंद्र सरकार की गंभीरता सराहनीय पहल है। वास्तव में देखा जाये तो आज भी हमारे देश में महिलाओं को समाज में वह स्थान प्राप्त नहीं है जिसकी वह हक़दार है। बात चाहे कामकाजी महिलाओं की हो अथवा घर परिवार को संभालने वाली गृहणी की। सभी की दशा लगभग एक ही जैसी नज़र आती है। शहरों में मीडिया की गहमागहमी के कारण महिलाओं की स्थिति का भले ही आसानी से पता चल जाता हो परंतु ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर देश के दूर दराज़ के इलाक़ों में महिलाओं की स्थिति और भी दयनीय है। खून जमा देने वाली ठंड और प्राकृतिक संसाधनों से वंचित लद्दाख में महिलाओं की स्थिति का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है. 
             
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जम्मू एवं कष्मीर के लद्दाख को कुदरत ने बेमिसाल खुबसूरती से नवाज़ा है। आंखे जहां जाती है बस इसकी खुबसूरती को देखकर ठहर जाती हैं। लद्दाख में बहती सुंदर और स्वच्छ झीलें, आसमान छूते पहाड़ की चोटियां और आकर्शक मठ हर किसी को सम्मोहित करते हैं। लद्दाख की खुबसूरती को देखकर कोई भी कह सकता है कि धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो वह यहीं ह,ै यहीं है। एक ओर कुदरत ने जहां लद्दाख को बेमिसाल खुबसूरती बख्षी है तो वहीं दूसरी ओर यहां की भौगोलिक स्थिति इतनी जटिल बना दी है कि यहां जिंदगी गुजारना किसी चुनौती से कम नहीं। लद्दाख क्षेत्र के अंर्तगत दो जिले आते हैं लेह और कारगिल। कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी के कारण लद्दाख छह महीने पूरी दुनिया से लगभग कट जाता है। भौगोलिक स्थिति अत्यंत जटिल होने की वजह से यहां की महिलाओं ने उसी परिस्थितिनुसार अपने आप को ढ़ाल लिया है और वह साल भर अलग अलग स्रोतों से परिवार के लिए आजीविका जुटाने में लगी रहती हैं। विशेषकर कड़ाके की ठंड और बर्फबारी कें सख्त छह महीने गुजर जाने के बाद वह बाकी के छह महीने परिवार के लिए आजीविका जुटाने में स्वयं को व्यस्त रखती हैं। यंू तो आजीविका का कोई विशेष साधन यहां नहीं हैं लेकिन गर्मी के दिनों में खेती-बाड़ी और दूसरे माध्यमों से यहां की महिलाएं अपने परिवार की आजीविका का बंदोबस्त करती है ताकि ठंड और बर्फबारी के सख्त मौसम में भी परिवार का आसानी से गुज़ारा चल सके। स्थानीय सब्जियों के अलावा यहां प्याज, आलू, मटर, खीरा और सरसों की खेती की जाती है। महिलाएं खेती-बाड़ी का काम अकेले नहीं करती हैं बल्कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अंजाम देती हैं। खेतों में उगने वाली सब्जियों को यह महिलाए स्थानीय लोगों, राश्ट्रीय राजमार्ग पर काम करने वाले मजदूरों और विक्रेताओं को बेचती हैं। इसके अलावा यह महिलाएं सरसों के बीज से तेल निकाल कर उसे स्थानीय बाजार में बेचती हैं। इससे होने वाले मुनाफे को स्वयं सहायता समूह के खाते में जमा किया जाता है और आपातकालीन स्थिति में इस मुनाफे के पैसे का इस्तेमाल समूह की कोई भी महिला सदस्य कर सकती है। इस बारे में समूह से जुड़ी एक सदस्या लडोल (35) कहती हैं कि- ‘‘हम लोग पहले तक कुछ सब्जिया बेचकर पैसे की बचत कर लिया करते थे मगर पिछले कुछ सालों से पानी की कमी की वजह से अब इतनी सब्जि़यों की पैदावार नहीं हो पाती है कि इसे बेचा जा सके। अब हम सिर्फ अपने परिवार के खर्चे लायक ही सब्जी उगा पाते हैं।’’ 
             
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क्षेत्र में पानी के नियमित स्रोत के अभाव में खेतों में सिंचाई की समस्या एक विकराल रूप लेती जा रही है। यह सब ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है और इसके दुश्परिणाम पिछले कुछ दषकों से क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि-‘‘राजा के षासन के दौरान हमारे पूर्वजों ने पानी की समस्या से निपटने के लिए एक बांध का निर्माण किया था। पाइप को पानी के प्राकृतिक स्रोतों से जोड़कर इन बांधों को भरा जाता था जो संकट के समय काम आता था। इस पानी का इस्तेमाल गांव के हर एक खेत की सिंचाई में होता है। राजा ने खेतों को बारी से बारी से पानी देने की व्यवस्था बनाई थी जो आज तक चली आ रही है। इसी व्यवस्थानुसार खेतों को बारी-बारी पानी दिया जाता है। इस व्यवस्था ने पानी के लिए हमें लंबी दूरी चलने के अतिरिक्त तनाब से बचने में भी हमारी मदद की। लेकिन पानी के संकट ने हाल वर्शों में विकराल रूप लिया है।’‘ हालांकी लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, कारगिल द्वारा हाल में जलाषय को पुनर्निर्मित किया गया है। गर्मी के मौसम में इन जलाषयों को भरने में काफी समय लगता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र की महिलाओं को रोजमर्रा की जिंदगी गुजारने में कितनी परेषानियां आती होंगी। हैनिसकोट गांव में पानी की कमी का असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। क्योंकि महिलाओं को कम पानी से खेतों की सिंचाई में बहुत मेहनत लगती है। पानी की कमी की वजह से पैदावार भी अच्छी नहीं हो पा रही है। इस बारे में तेस्वांग डोल्कर (28) कहती हैं कि यहां महिलाएं सुबह से ही खेतों में काम करना षुरू कर देती हैं। रोजाना 6 से 8 घंटे काम करने के बाद अपने परिवार के लिए भोजन का इंतेजाम करती हैं और बड़ी मेहनत और लगन से अपने स्वयं सहायता समूह को चला रही हैं। इन लोगों के पास अपने लिए बिल्कुल समय नहीं हैं। इससे इन्हें षारीरिक तनाव हो रहा है जिसका सीधा असर इनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। जिसकी वजह से यह लोग अपनी उम्र से ज्यादा लगने लगी हैं।’’ यहां पानी की समस्या के बारे में स्थानीय निवासी रिगजीन दोरजे कहती हैं कि- ‘‘पिछले छह दषकों से क्षेत्र में होने वाली बर्फबारी में काफी गिरावट आयी है। जिसका सीधा असर क्षेत्र में सिंचाई के लिए प्राकृतिक जल संसाधनों से प्राप्त जल की कमी के रूप में देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जब वह छोटी थीं तो यहां 4-5 फीट बर्फ देखने को मिलती थी जिसकी मात्रा घटकर अब बहुत कम रह गयी है।’’ 
             
सिंधु नदी के किनारे स्थित दारचिक गांव के एक छोटे से समुदाय से ताल्लुक रखने वाली तेसरिंग यंगज़ैन अपने अनुभव को साझा करते हुए कहती है कि-‘‘जल संसाधन हर साल सूखते जा रहे हैं। यह एक आने वाले बड़े खतरे का अंदेषा है क्योंकि यहां के लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन कृर्शि है।’’ इस बारे में गांव के मुखिया की पत्नी ताषी दावा का कहना है कि-‘‘ पिछले तीस से चालीस वर्शों में कृर्शि के लिए उत्पादक क्षेत्र दस कनाल से घटकर पांच कनाल रह गया है। वह आने वाली पीढ़ी को लेकर चिंतित हैं कि जल संसाधनों के पूरी तरह सूखने के बाद आने वाली पीढ़ी किस तरह इन समस्याओं से निपटेेगी।’’ जुलाई 2014 में एक क्षेत्रीय समाचार में प्रकाषित एक रिपोर्ट के अनुसार कारगिल विषेशकर दक्षिणी क्षेत्र के ज्यादातर गांव नदियों में अपर्याप्त पानी न होने की वजह से सूखे से बुरी तरह प्रभावित हुए। जिसकी वजह से किसानों ने पूरे सीजन की फसल को खो दिया जिसका प्रतिकूल असर उनकी पहले से अनिष्चित आर्थिक स्थिति पर पड़ा। कम कृर्शि उपज का सीधा प्रभाव समुदाय के लोगों के पोशण, स्वास्थ्य और आजीविका पर साफ तौर से देखने को मिला। कम पैदावार के चलते यहां की महिलाएं अपनी परवाह किए बगैर अपने परिवार के लिए अनाज का बंदोबस्त करने में व्यस्त रहती हैं। खेतों में कड़ी मेहनत और कम मात्रा में पोशक आहार मिलने की वजह से इसका प्रतिकूल असर इनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस क्षेत्र के ज्यादातर पुरूश या तो मजदूर हैं या फिर कोई काम नहीं करते। क्षेत्र में जब भी सूखे के हालात पैदा होते हैं तो यहां के पुरूश वर्ग जम्मू, श्रीनगर, हिमाचल प्रदेष या फिर चंडीगढ़ काम की तलाष के लिए यहां से पलायन कर जाते हैं। इसके विपरीत बर्फबारी और सर्दी के सख्त मौसम के अलावा तमाम चनौतीपूर्ण स्थितियों में भी यहां की महिलाएं अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर यहीं रहती हैं और साथ में उन पर परिवार का अतिरिक्त भार भी होता है। 
             
विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण नाइमोनान्यी ग्लेषियर का पिघलना है। जिसकी वजह से सिंधु नदी के लगभग 59,149 वर्ग किमी जलग्रह क्षेत्र पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सिंधु नदी का ज्यादा जलग्रह क्षेत्र लद्दाख में आता है। एक प्रमुख अध्ययन के मुताबिक पिछले 30 सालों (1976-2006) में यह ग्लेषियर प्रतिवर्श 5 मीटर की दर से सिकुड़कर, कुल 155 मीटर सिकुड़ गया है। इसकी वजह से भविश्य में यहां के लोगों को बारिष और बर्फबारी के मौसम में बदलाव, सूखा और बादल का फटना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर ही पड़ेगा क्योंकि महिलाएं ही पुरूशों के मुकाबले मौसम के बदलते मिजाज और इसके हिसाब से लगने वाली फसल पद्धति के बारे में कम जानकारी रखती है। लद्दाख में तो खासतौर से इसका सीधा असर महिलाओं पर ही पड़ेगा क्योंकि यहां पुरूशों के मुकाबले महिलाएं ही आजीविका जुटाने में लगी हुई हैं। 1988 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन के आंकड़े एकत्रित करने और लोगो में जागरूकता फैलाने के मकसद से अंतर-सरकारी पैनल की स्थापना की गई थी। इसके अनुसार-जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्र के लिए वहां की पीढि़यों, आयवर्ग, व्यवसाय और लिंग के आधार वितरित किया गया है। जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्य नीति भी, जलवायु परिवर्तन की दिशा में एक लिंग संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता का उल्लेख करती है। ऐसे अत्यंत भौगोलिक जटिल स्थिति वाले लद्दाख में भी महिलाओं को मौसम के बदलते मिजाज के प्रति जागरूक करने की जरूरत है ताकि वह भी हर चुनौती पूर्ण मौसम में अपने लिए आजीविका के साधन जुटा सकें। 





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चेतना वर्मा
(चरखा फीचर्स)

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (01 फ़रवरी)

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भाजपा की मजबूती से होगा नरकटियागंज का चतुर्दिक विकासः रश्मि

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पच) आगामी चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी के लोग व जनप्रतिनिधि आम लोगों के बीच पहुँचने लगे है। इसी क्रम में नरकटियागंज की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा अपने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से मिलने उनके घर तक पहुँचने लगी है। अपने क्षेत्र ही नहीं कहीं भी बेहिचक बेखौफ पहुँच जाने का जज्बा रखने वाली विधायक को उनके कार्यकर्ताओं ने बाॅडी गार्ड रखने की सलाह दी। इसपर विधायक रश्मि वर्मा ने कहा हम आमलोगांे के प्रतिनिधि है तो उनसे खौफ कैसा? शनिवार को मुख्य बाजार वार्ड संख्या 15 निवासी भाजपा के नेता राजीव कुमार जायसवाल उर्फ राजू जायसवाल के निवास पर रश्मि वर्मा शाम को पहुँची और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की और उनसे मुलाकात की और पार्टी को मजबूत बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान हमारे पार्टी से है। इसलिए सभी प्रकार के वैमनस्य को भूलकर हमे पार्टी के लिए काम करना है। विधायक के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता राजीव जायसवाल ने की। जिसमें प्रकाश कुमार गुप्ता, भरत शर्मा, बच्चा पंडित, अजीत सर्राफ, फूलपती देवी, राकेश कुमार, राजेश कुमार बैठा, उपेन्द्र वर्मा, कृष्णा प्रसाद देवीलाल, रामेश्वर सर्राफ उर्फ मुन्ना सर्राफ, दिनेश तिवारी, संजय जायसवाल, मदन तिवारी, मेंहीलाल प्रसाद, तारकेश्वर राम तुफानी एवं मोहन ठाकुर समेत अन्य शामिल हुए।

टेम्पू लूट की घटना में चालक के रिश्तेदार घायल, एक को धर दबोचा

नरकटियागंज(पच) स्थानीय पकड़ी ढाला के एक टैम्पू चालक जीतेन्द्र सहनी के साथ शुक्रवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में एक चोर को कृष्णा ने भागने के दौरान धर दबोचां। जीतेन्द्र के परिजनों ने बताया कि देर शाम जीतेन्द्र की आॅटो को इरशाद नामक व्यक्ति ने अपरे सहयोगियों के साथ रिजर्व कराकर लौरिया रोड में ले गया और सिसवा फाॅल नामक जगह पर उसके हाथ पाँव बाँध कर टैम्पू लेकर चले गये। उस दौरान आॅटो चोरों ने जीतेन्द्र की आॅटो कों लौरिया के रास्ते कैथवलिया होते हुए बेतिया जाने वाली रोड की ओर घूमा दिया। उधर भभटा के मुखिया सिसवा फाॅल के रास्ते गुजरे तो जीतेन्द्र की हालत को देखा, उन्होंने उसे बंधन मुक्त कराया और अपनी सेलफोन से जीतेन्द्र के घरवालों से बात कराई। जीतेन्द्र के पिता ने बेतिया गाड़ी लेकर गये ब्रजेश को घटना बताया। ब्रजेश ने कृष्णा के साथ अपनी बोलेरो संयोग से कैथवलिया से लौरिया रोड में  मोड दिया। संयोगवश  टैम्पू लेकर चोर उसी रास्ते गुजर रहे थे, उसी दरम्यान उन लोगों की भीडन्त हो गयी। बुजेश और कृष्णा दोनो ने एक एक चोर को धर दबोचा और तीन फरार हो गये।  बाद में ब्रजेश को एक ने गोली मार दिया और चंगुल से फरार हुआ । जबकि कृष्णा के चंगुल में फंसा इरसाद भाग नहीं सका। दोनो मिलकर पहले उसकी पिटाई किये और चनपटिया पुलिस को सांैप दिए। चनपटिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ब्रजेश का इलाज हुआ, जहां के चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज वास्ते  बेतिया रेफर कर दियां। एसपी बेतिया सौरभ कुमार शाह ने बताया कि उसकी निशानदेही पर जगह जगह छापामारी जारी है। शीघ्र ही उनके गिरोह और  अन्य साथियों  को पुलिस धर दबोचेगी।

नरेंद्र मोदी मई में चीन के दौरे पर जाएंगे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई महीने में चीन दौरे पर जाएंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बीजिंग में भारतीय समुदाय से मिलने के बाद भारतीय मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री के दौरे की तारीखों का ऐलान रविवार को किया जाएगा. सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों के बीच मानसरोवर यात्रा का नया रास्ता मुख्य मुद्दा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के अपने पहले दौरे पर रविवार को कहा कि भारत विवादित सीमा मुद्दे के ‘जल्द समाधान’ के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने एशियाई सदी में कार्योन्मुखी अवधारणा के साथ चीन-भारत संबंधों की नई शुरूआत के लिए छह सूत्री ‘मॉडल’ प्रस्तावित किया.

चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचीं सुषमा ने भारत-चीन मीडिया फोरम को संबोधित करते हुए प्रस्तावित किया कि दोनों देशों को कार्योन्मुखी रुख, व्यापक आधार वाले द्विपक्षीय रिश्ते, सामान्य, क्षेत्रीय और वैश्विक हितों को साथ लेकर चलना चाहिए और सहयोग के नए क्षेत्रों के विकास, रणनीति संपर्क के विस्तार के साथ ‘एशियाई सदी’ का परिचय कराने के लिए समान आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए. यह रेखांकित करते हुए कि उनकी यात्रा भारत में निर्णायक जनमत के साथ नई सरकार आने के मद्देनजर हो रही है, सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने युवा, जोश से भरी और उद्यमशील पीढ़ी की आकांक्षा को आगे बढ़ाया है.

उन्होंने कहा, ‘पिछले आठ महीने का रिकॉर्ड इस बात का सबूत है कि मेरे देश में तेजी से बदलाव जारी है जो आधुनिकता की हमारी यात्रा को तेज करेगा.’ सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहले ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ तीन बैठकें और प्रधानमंत्री ली केकियांग से एक बार मुलाकात कर चुके हैं. चीन के साथ भारत के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए सुषमा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत द्वारा आमंत्रित की जाने वाली पहली विदेशी हस्ती थे.

देश का निर्माण संघर्ष और समर्पण से होता है न कि नारों से : सोनिया

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दिल्ली में चुनाव प्रचार में जुटे सभी पार्टियां के प्रमुख अपनी  प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए अब चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। भाजपा की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव की कमान संभाल ली है, तो कांग्रेस की तरफ से सोनिया और राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां शनिवार से प्रचार में जुट गए हैं। वहीं सोनिया गांधी की आज यह पहली रैली है। जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसके पहले रोड शो कर चुके हैं।

दिल्ली के बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री काले धन को विदेशों से वापस लाने की बात करते थे। उनके उस वादे का क्या हुआ? आपके खाते में अभी तक कितने पैसे आए हैं? कहां है वो कदम जिससे महंगाई कम होने वाली थी। शीला दीक्षित ने दिल्ली की विकास किया था। उसके बाद दिल्ली में कोई विकास नहीं हुआ। राष्ट्रपति शासन में भी भाजपा अपनी मनमानी कर रही है। मोदी राज में भ्रष्टाचारियों को खुली छूट मिल गई है। भूमि अधिग्रहण बिल हम लेकर आए थे, ताकि कोई भी मनमानी तरीके से भूमिक का अधिग्रहण न करे सके। इसके साथ यह सरकार खाद्यान्न बिल के साथ भी छेड़छाड कर रही है। प्रधानमंत्री ने देश से झूठा वादा किया। देश के साथ धोखा किया।

सोनिया गांधी ने कहा कि गरीबों की स्थिति को सुधारने के लिए कांग्रेस सरकार ने बहुत अधिक काम किया था। लेकिन यह सरकार उसको कमजोर करने की कोशिश कर रही है। सनिया गांधी ने कहा कि देश नारों से नहीं चलता है। देश का निर्माण तो लगन, संघर्ष और समर्पण से होता है और यह बातें केवल कांग्रेस में हैं।
सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी पर करारा वार किया। सोनिया ने कहा कि एक पार्टी तो केवल लोगों को झूठ बोलकर बहकाती है, तो दूसरी पार्टी केवल धरना-प्रदर्शन करती है।
सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी को अपनी जिम्मेदारी छोड़ कर भागने वाला कहा तो भाजपा पर ये कहते हुए निशाना साधा कि उसके शासन में महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ा है। यहीं नहीं, उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के 15 साल से शासन की उपलब्धियां निगाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने शहर को मेट्रो, फ्लाईओवर और चौड़ी चौड़ी सड़कें दीं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर काला धन वापस लाने का वादा न निभाने का भी आरोप लगाया।

नए सिरे से 84 के दंगों की जांच एसआईटी कर सकती है

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दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के 30 साल बाद संबंधित मामलों की नए सिरे से जांच किए जाने की संभावना है। सरकार द्वारा इस संबंध में नियुक्त की गयी एक समिति ने दंगों की फिर से जांच करने के लिए विशेष जांच दल गठित करने की सिफारिश की है। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करार दिया है।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवत्त) न्यायमूर्ति जीपी माथुर की अध्यक्षता में गठित समिति ने पिछले सप्ताह गह मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी है और 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के  सिख विरोधी दंगों की एसआईटी से नए सिरे से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सरकार ने न्यायमूर्ति माथुर समिति को 23 दिसंबर 2014 को नियुक्त किया था जिसका काम एसआईटी से सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच की संभावनाओं का पता लगाना था। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इस संबंध में एक आदेश सात फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आने की संभावना है। इन दंगों में 3325 लोगों में से अकेले दिल्ली में 2733 लोग मारे गए थे जबकि बाकी लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में मारे गए थे।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस संबंध में कहा, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाताओं को लुभाने की नौटंकी है। अकाली दल नेता और दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मंजीत सिंह जी के ने इसका स्वागत किया और कहा कि जल्द से जल्द एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।

गृह मंत्री के पास एक प्रतिनिधिमंडल लेकर जाने वाले मंजीत सिंह ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया था कि न्याय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकाली दल लंबे समय से 1984 के दंगों में न्याय की मांग करता रहा है और अब हम प्रधानमंत्री के शुक्रगुजार हैं कि जिन्होंने इस कमेटी को बनाया। मैं समझता हूं कि अब सरकार को समय बर्बाद नहीं करना चाहिए और एसआईटी का गठन करना चाहिए ताकि न्याय हो सके क्योंकि इसमें 30 साल की देरी हो चुकी है।

भाजपा ने पूर्व में सभी सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच किए जाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति नानावटी आयोग ने पुलिस द्वारा बंद किए गए 241 मामलों में से केवल चार को ही फिर से खोलने की सिफारिश की थी लेकिन भाजपा अन्य सभी 237 मामलों की फिर से जांच करवाना चाहती थी। तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि न्यायमूर्ति माथुर समिति ने कितने सिख विरोधी दंगा मामलों को फिर से खोले जाने की सिफारिश की है। 241 संबंधित मामलों में से केवल चार को फिर से खोला गया और सीबीआई ने फिर से जांच की। दो मामलों में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया और एक मामले में एक पूर्व विधायक समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया गया।

10 दिसंबर 2014 को सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के परिजनों को पांच लाख रूपये अतिरिक्त मुआवजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। दंगा पीड़ितों के परिजनों को यह मुआवजा उस राशि के अतिरिक्त होगा जो वे सरकार और अन्य एजेंसियों से पहले हासिल कर चुके हैं। नए मुआवजे से सरकारी खजाने पर 166 करोड़ रूपये का बोझ पड़ेगा।


‘मिग-21′ विमान जामनगर में दुर्घटनाग्रस्त

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भारतीय वायुसेना का एक और विमान शनिवार को गुजरात के जामनगर में दुर्घनाग्रस्त हो गया है। हालांकि ‘फ्लाइंग कॉफिन’ के नाम से मशहूर हो चुके मिग-21 विमान का पायलट सुरक्षित निकलने में कामयाब रहा।

इस दुर्घटना की पुष्टि वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी कर दी गई है। बताया जाता है कि जामनगर के हवाई ठिकाने से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एक हफ्ते के दौरान यह दूसरा मिग हादसा है। इससे पहले सेना का बॉम्बर हवाई जहाज मिग-27 भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

आपको बता दें कि पिछले ही इसी इफ्ते मिग-27 विमान ने जोधपुर के हवाई ठिकाने से बाड़मेर की उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान बाड़मेर के निकट महाबार गांव के पास गिरा था जिसमें पायलट सुरक्षित निकलने में कामयाब रहा।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (01 फ़रवरी)

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हरीष रावत का एक साल का कार्यकाल पूरा, मुख्यमंत्री को संगठन और सरकार में साधना होगा संतुलन

harish rawat
देहरादून, 01 फरवरी(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। पहले वर्ष की बात करें तो बड़े सियासी तूफान के साथ उन्होंने सत्ता के मुखिया की कुर्सी संभाली। अपने खांटी अंदाज, लंबे अनुभव और काम की तेज रफतार से उन्होंने शुरूआती महीनों में ही उम्मीद जगा दी कि सूबे को अब काम पर विश्वास करने वाला सीएम मिल गया है। क्या वे इस पर कायम रह पायेंगे वहीं सियासी उतार-चढ़ाव या गुणा-भाग की बात करें तो कार्यकाल के इस दूसरे वर्ष में उनकी राह आसान है। बावजूद इसके, चुनौतियों अभी कम नहीं हुई हैं। उन्हें चुनौतियां का पहाड़ इस वर्ष भी नापना होगा।  पार्टी के भीतर और बाहर की सियासी चुनौतियों के साथ जनता की अपेक्षाओं को खरा उतरकर विकास व जन कल्याण को गति देने मामले इनमें शामिल है। साफ है कि अपने दो टूक जवाब से उन्होंने पीडीएफ, सरकार में कांग्रेसियों को दायित्व और मंत्रिमंडल में कांग्रेसी विधायकों को एडजस्ट करने के मसलों पर उठी ज्वाला पर फिलहाल, पानी फेर दिया है, लेकिन सरकार व संगठन के भीतर शोले अभी भी धधक रहे हैं। एक चिंगारी मिलते ही यह फिर से भड़क सकते हैं। निवर्तमान मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने लैटर बम फोड़ इस बाबत संकेत भी दे दिए हैं। नौकरशाही पर नकेल और सरकार कामकाज में तेजी उनके लिए इस वर्ष भी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस मुद्दे पर वह विपक्ष और अपने सहयोगियों के निशाने पर रहे हैं। इसे लेकर जनता में भी सरकार की छवि खराब हो रही है। अब देखना होगा कि इस चुनौती से वह कैसे पार पाते हैं। आपदा पुनर्वास, पुनर्निर्माण व चारधाम यात्रा के साथ ही अगले साल होने वाले अद्र्घकुंभ की तैयारियों की दृष्टि से भी मुख्यमंत्री के लिए यह साल अहम है। विवादों को न्यौता दिए बिना पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों को गति, चारधाम यात्रा का सफल संचालन और अद्र्घकुंभ के लिए पुख्ता प्रबंध बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। उत्तरकाशी में इको सेंसिटिव जोन और सूबे के अधर में लटके पावर प्रोजेक्ट सहित केंद्र से जुड़े अन्य कई अहम मामलों में भी उन्हें मोदी सरकार के सामने उत्तराखंड की पैरवी पूरी तत्परता व सियासी चतुराई से करनी होगी। इन सबसे अलग एक चुनौती उनके सामने भविष्य से जुड़ी भी होगी। उन्हें मिशन-2017 में अपने काम और कुशल प्रबंधन के दम पर सरकार व संगठन को साधे रखते हुए  कांग्रेस के लिए मजबूत जमीन भी तैयार करनी होगी। 

विद्युत लाइन टूटने से गन्ने के खेत में लगी आग

देहरादून, 01 फरवरी(निस)। रामनगर के ग्राम कानियां एक गन्ने के खेत में विद्युत लाइन टूटकर गिरने से आग लग गई। आग में करीब तीन एकड़ में लगा लाखों रुपये का गन्ना जल गया। ग्राम तल्ला कानियां निवासी धाराबल्लभ पांडे के गन्ने खेत में विद्युत लाइन टूटकर गिरने से आग लग गई। सूचना पर पहुंचे तत्काल दमकलकर्मियों ने काफी मुश्किलों के बाद आग पर काबू किया। पीडि़त किसान धाराबल्लभ ने बताया कि करीब तीन एकड़ में लगी गन्ने की फसल आग में जलकर खाक हो गई। आग बुझाने की कोशिश में भी काफी फसल का नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आग से करीब ढाई लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। 

नैनीताल राजभवन का निरीक्षण कर देहरादून लौटे राज्यपाल

देहरादून, 01 फरवरी(निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने रविवार को प्रथम बार राजभवन नैनीताल पहुॅच कर वहॉ के ऐतिहासिक राजभवन में चल रहे पुनरोद्धार सम्बंधी कार्यो का जायजा लिया। भारत सरकार की जे.एन.यू.आर.एम. योजना के अन्तर्गत चल रहे मरम्मत कार्यो की विस्तृत जानकारी हेतु राज्यपाल ने कार्यदायी संस्था-लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ एवं स्थानीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक लेकर कार्यो की समीक्षा की। उत्तराखण्ड का राज्यपाल बनने के बाद प्रथम बार राजभवन नैनीताल पहुॅचे राज्यपाल ने राजभवन नैनीताल के मरम्मतध्पुनर्निर्माण सम्बंधी कार्यो हेतु भारत सरकार एवं राज्य सरकार से अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष चल रहे कार्यो में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐतिहासिक इमारत की भव्यता बनाये रखना जरूरी है। उन्होंने राजभवन तथा गोल्फ ग्राउण्ड के साथ ही गोल्फ ग्राउण्ड के भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का भी निरीक्षण किया। इसी दौरान राज्यपाल द्वारा कुमायूॅ मण्डल की कानून व्यवस्था के विषय में भी सम्बंधित से जानकारी ली। मीडिया प्रतिनिधियों से हुई वार्ता के दौरान राज्यपाल ने कहा कि राज्य के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की कठिनाईयों को समझने के लिए वे स्वयं भ्रमण करेगें ताकि राज्य में हो रहे विकास का लाभ अन्तिम छोर के अन्तिम व्यक्ति तक पहुॅच सके। उन्होनें पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को धरातल पर लाने के लिए नई गतिविधियों के संचालन की योजना बनाने, राज्य में उच्च शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के साथ ही युवाओं की प्रतिभा को कौशल एवं दक्षता विकास से जोडने की बात भी कही। उन्होनें राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव का श्रेय राज्य की जागरूक नागरिकों को दिया। बताते चले कि राज्यपाल ने रविवार को परेड ग्राउण्ड में साइकिल रैली का शुभारंभ करने के बाद नैनीताल के लिए प्रस्थान किया था। नैनीताल पहुॅचने पर कुमायूॅ मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, एस.एस.पी. सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों व नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा उनका स्वागत किया गया। राजभवन नैनीताल में राज्यपाल से उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गणों, जन प्रतिनिधिया,ें कुलपति सहित अनेक गणमान्य महानुभावों तथा विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल के साथ उनके विशेष कार्याधिकारी एवं सचिव अरूण ढौडियाल, शहरी विकास सचिव डी.एस.गब्र्याल तथा परिसहाय डा0 वाई.एस.रावत भी मौजूद थे। नैनीताल राजभवन का निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल नैनीताल से वापस राजभवन देहरादून लौटे।

टाइगर की संख्या में इजाफे का श्रेय लेने में जुटे अधिकारी व नेता

देहरादून, 01 फरवरी(निस)। उत्तराखंड में टाइगर की संख्या में इजाफा हुआ तो अधिकारियों से लेकर नेता इसका श्रेय लेने में जुट गए। हकीकत यह है कि टाइगर की सुरक्षा के लिए न तो अधिकारी गंभीर हैं और न जिम्मेदार जनप्रतिनिधि। रसियाबड़ के जिस क्षेत्र में टाइगर का मूवमेंट है वहां तो वन विभाग ने जंगल सफारी पर रोक लगा दी। वहीं सैकड़ों मवेशियों के साथ बिना परमिट के रहे गुर्जर को जंगल में हुड़दंग मचाने की खुली छूट दे रखी है। हरिद्वार वन प्रभाग की रसियाबड़ रेंज के नालोवाला क्षेत्र काफी समय से तीन टाइगर का मूवमेंट है। टाइगर के मूवमेंट पर किसी तरह का असर न पड़े इसके लिए वन विभाग ने टाइगर वाले क्षेत्र में जंगल सफारी पर रोक लगा दी थी। इसी क्षेत्र में 25 गुर्जरों के परिवार बिना अनुमति के रह रहे हैं। इन वन गुर्जरों के पास सैंकड़ों की संख्या में मवेशी हैं। गुर्जरों की संख्या अधिक होने का असर सीधे टाइगर के मूवमेंट पर पड़ रहा है। यहां तक कि जंगल में हुड़दंग मचाने के लिए गुर्जर परिवारों ने अवैध रूप से बिजली के कनेक्शन भी लिए हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को टाइगर के मूवमेंट पर पड़ रहे, इस असर से कोई लेनादेना नहीं है। डीएफओ हरिद्वार से जब इस मामले में पूछा तो डीएफओ ने टाइगर वाले क्षेत्र में बिना अनुमति के गुर्जर परिवारों की रहने की बात तो स्वीकारी। बिना अनुमति के रह रहे गुर्जरों के न हटाने के सवाल पर डीएफओ ने कहा कि गुर्जरों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुछ बातें ऐसी होती है जो बताई नहीं जाती। वहीं वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने संरक्षित क्षेत्र रसियाबड़ के टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्र में वन गुर्जरों के रहने पर अनभिज्ञता जताई। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल का कहना है कि टाइगर वाले क्षेत्र में अगर वन गुर्जर रह रहे हैं तो मामला संवेदनशील है। अभी तक यह मेरे संज्ञान में नहीं था। जल्द ही टाइगर वाले क्षेत्र से वन गुर्जरों को हटाया जाएगा।

जांच के बाद भी अधिकारी मौन
उप प्रभागीय वनाधिकारी डीपी वर्मा ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर 25 नवंबर 2014 को संरक्षित क्षेत्र रसियाबड़ में बिना अनुमति के रहे रहे वन गुर्जर परिवारों की जांच की। अपनी जांच रिपोर्ट में उप प्रभागीय वनाधिकारी डीपी वर्मा ने लिखा था कि संरक्षित क्षेत्र रसियाबाड़ में वन गुर्जरों के 25 परिवार बिना अनुमति के रह रहे हैं। नालोवाला सात-ए में तक मुस्तफा नाम के गुर्जर ने बिजली की लाइन से बिजली का कनेक्शन भी लिया है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा था कि बिना परमिट धारी गुर्जर लगातार बढ़ रहे हैं। चरान चुगान व पेड़ों की लॉपिंग के कारण बारहसिंघों के प्राकृत वास स्थल प्रभावित हो रहे हैं। गुर्जरों के मवेशियों से वन्य प्राणियों पर जानलेवा बीमारियों का प्रकोप होने की प्रबल संभावना है। इस लिए वन गुर्जरों पर कार्रवाई की जानी जरूरी है।

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 फ़रवरी)

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टीकमगढ़ में ई-पंजीयन एवं ई-स्टांपिंग से लोगों को हुआ लाभ, पारदर्शी एवं अधिक सुरक्षित व्यवस्था से पक्षकार हैं खुश

tikamgarh map
टीकमगढ़, एक फरवरी 2015। जिला पंजीयक श्री बी.पी. रावत ने बताया है कि टीकमगढ़ में ई-स्टाम्पिंग एवं ई-पंजीयन व्यवस्था से लोगों को लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि इससे लोगों का समय बच रहा है तथा प्रक्रिया पारदर्शी होने से लोगों के साथ धोखाघड़ी की आशंका नगण्य हो गई है। उल्लेखनीय है कि 15 दिसम्बर से म.प्र. के 5 जिलों में यह व्यवस्था शुरू ह¨ गई है। यह जिले हैं- उज्जैन, सीह¨र, टीकमगढ़, बालाघाट अ©र अनूपपुर। जिला पंजीयक श्री रावत ने बताया है कि टीकमगढ़ में 15 दिसंबर 2014 से 30 जनवरी 2015 तक 269 पक्षकारों ने ई-पंजीयन के माध्यम से संपत्ति का पंजीयन कराया है। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को चार पक्षकारों ने ई-पंजीयन के माध्यम से अपनी संपत्ति का पंजीयन कराया है। इनमें श्रीमती भगवती पत्नी परमलाल राय निवासी जतारा, लाखन तनय नंदकिशोर यादव निवासी अनंतपुरा तथा श्रीमती हीरादेवी पत्नी लक्ष्मीप्रसाद यादव निवासी कुण्डेश्वर शामिल हंै। जिला पंजीयक श्री रावत ने बताया है कि एक अगस्त 2014 से उज्जैन, सीहोर, बालाघाट, अनूपपुर के साथ-साथ टीकमगढ़ जिले में भी ई-पंजीयन जिसे ’’ संपदा ’’ नाम दिया गया है का पायलेट प्रारंभ हुआ। तब से लेकर 29 नवंबर 2014 तक साॅफ्टवेयर के माध्यम से मैनुअल पंजीयन के साथ-साथ ई-पंजीयन भी किया गया। उन्होंने बताया कि इन पांच पायलेट जिलों में ई-पंजीयन के कार्य की स्थिति मंे टीकमगढ़ अग्रणी रहा तथा सर्वाधिक दस्तावेजों का ई-पंजीयन भी टीकमगढ़ जिले द्वारा किया गया। श्री रावत ने बताया कि घर बैठे संपत्ति का मूल्यांकन कर पाने के कारण जिले में पक्षकार ई-पंजीयन को काफी पसंद कर रहे हैं। इससे दस्तावेजों का त्वरित निराकरण कर पक्षकरों को प्रदान करने से समय की बचत होती जिससे पक्षकार को लाभ होता है। साथ ही फर्जी दस्तावेजो पर प्रभावी नियंत्रण रहता है। श्री रावत ने बताया कि इससे सुविधापूर्ण व त्वरितगति से पंजीयन दस्तावेजों की खोज की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इससे भौतिक स्टाम्पों से मुक्ति एवं सत्यप्रतिलिपि प्राप्ति में सुगमता हो गई है।

पारदर्शिता एवं शुचिता बढ़ी है
जिला पंजीयक श्री रावत ने बताया है कि प्रदेश सरकार के हर स्तर पर पारदर्शिता एवं शुचिता बढ़ाने की दिशा में यह और एक कदम है। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी को पादरर्शिता एवं शुचिता के साथ ही सुरक्षा भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पंजीबद्ध दस्तावेज पक्षकार को मिलने में विलंब हो जाता था। नवीन प्रक्रिया में पंजीयन के तत्काल पश्चात दस्तावेज प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में कोई भी व्यक्ति घर बैठे सुविधा पूर्वक अपनी सम्पति का मूल्यांकन कर सकता है तथा उस पर देय स्टाम्प शुल्क की जानकारी भी प्राप्त कर सकता है, पंजीबद्ध दस्तावेजो की खोज (जानकारी) वेबसाइट पर प्राप्त कर सकता है। पूर्व में एक संपत्ति का विक्रय पुनः हो जाता था। नवीन प्रक्रिया के अंतर्गत संपत्ति के एक बार विक्रय के पश्चात उसी व्यक्ति द्वारा पुनः नहीं किया जा सकता है। टीकमगढ़ स्थित पंजीयन कार्यालय में आज रजिस्ट्री कराने आये पक्षकार श्रीमती भगवती पत्नी श्री परमलाल राय ने बताया कि ई-स्टाम्प प्रक्रिया में ई-स्टाम्प साॅफ्टवेयर से बड़ी सावधानी पूर्वक जनरेट किया जाता है जिसका कोई विकल्प तैयार नहीं किया जा सकता है और न ही इस व्यवस्था के अंतर्गत जनरेट स्टाम्प को संदेहास्पद एवं अविश्वसनीय समझा जा सकता है। इस पक्षकारों को सुविधा हुई है। इसी क्रम मंे पक्षकार श्री लाखन तनय नंदकिशोर यादव ने बताया कि इसमें व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार दस्तावेज के पंजीयन हेतु अपना स्लाॅट बुक करा सकता है। इस प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के पंजीयन की संभावना नगण्य है तथा दस्तावेज के पंजीयन की संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान किसी भी फर्जी गतिविधि को किये जाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर सजा का भी प्रावधान किया गया है इससे पक्षकारों को लाभ हो रहा है। श्री रावत बताया कि ई-पंजीयन व्यवस्था में दस्तावेज¨ं का आॅनलाइन पंजीयन किया जाता है। साथ ही आम ल¨ग¨ं क¨ अब स्टाम्प वेण्डर¨ं एवं क¨षालय से प्रिंटेड स्टाम्प प्राप्त करने के लिए भटकना नहीं पड़ता। इन्टरनेट बेंकिंग से या सर्विस प्र¨वाईडर के माध्यम से किसी भी कार्य के लिए ई-स्टाम्प प्राप्त कर कार्य सम्पन्न करवाया जा सकता है। इससे कहीं भी स्टाम्प की कमी भी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सम्पत्ति पर बैंक द्वारा दिये गये ल¨न के भार की जानकारी भी आनलाईन उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की जा रही है। ई-पंजीयन व्यवस्था में ऐसे दस्तावेज¨ं का ई-पंजीयन करवाया जाना अनिवार्य है, ज¨ रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में आते हैं। शेष दस्तावेज¨ं का ई-पंजीयन ऐच्छिक ह¨गा।

मतदान के 48 घंटे पूर्व बंद रहेंगी मदिरा दूकानें 

टीकमगढ़, एक फरवरी 2015। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा ने जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014-15 के द्वितीय चरण के मतदान हेतु 3 फरवरी को दोपहर 3 बजे से 5 फरवरी 2015 तक एवं तृतीय चरण के मतदान हेतु 20 फरवरी 2015 की दोपहर 3 बजे से 22 फरवरी 2015 तक संबंधित क्षेत्र की मदिरा दुकानों को बंद करते हुये शुष्क दिवस घोषित किया है। तदनुसार त्रि-स्तरीय पंचातय निर्वाचन 2014-15 के द्वितीय चरण में जतारा एवं पलेरा जनपद क्षेत्रों की दिगौड़ा, मोहनगढ़, गोर, बम्हौरीबराना, जतारा, लारखुर्द, लिधौरा, मुहारा, पलेरा, बखतपुरा, मैदवारा, स्यावनी, उपरारा, कनेरा, बम्हौरीकलां, बराना, सिमराखुद, कछौरा, बेला, आलमपुरा, चंदेरा, विशानपुरा, पैतपुरा, धूरा, वि.म. जतारा, वि.म. पलेरा तथा वि.म.दिगौड़ा मदिरा दूकाने निर्धारित अवधि में बंद रहेंगी। इसी प्रकार तृतीय चरण में टीकमगढ़ एवं बल्देवगढ़ जनपद क्षेत्रों की टीकमगढ़ नं. 1, पुरानी टेहरी, टीकमगढ़ नं. 2, अनंतपुरा, कारी, मबई, मजना, सरकनपुर, बाबरी, बल्देवगढ़, बड़ागांव, बुड़ेरा, खरगापुर, देरी, गुना, हटा, खरीला, कुड़ाली, ककरवाहा, पचेर, खिरिया, पठा, अस्तौन, वि.म.टीकमगढ़, वि.म. खरगापुर तथा वि.म. बड़ागांव मदिरा दूकानें निर्धारित अवधि में बंद रहेंगी। ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन की तिथि में परिवर्तन कर द्वितीय चरण का मतदान 5 फरवरी 2015 तथा तृतीय चरण का मतदान 22 फरवरी 2015 का समय प्रातः 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक नियत किया गया है।

जोनल अधिकारियों की बैठक आज  

टीकमगढ़, एक फरवरी 2015। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2014-15 के द्वितीय चरण के लिये विकासखंड जतारा एवं पलेरा में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन कराने हेतु जोनल अधिकारी नियुक्त किये गये है। इन जोनल अधिकारियों ने उनको आबंटित जोनो का भ्रमण कर लिया है। इस संबंध में एक समीक्षा बैठक 2 फरवरी, 2015 को प्रातः 11 बजे से संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। सभी संबंधितों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित समय पर अद्यतन जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित रहें ।

मतदान के दिन अवकाष घोषित

टीकमगढ़, एक फरवरी 2015। त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत द्वितीय चरण में जिले के जतारा एवं पलेरा विकासखण्ड में 5 फरवरी एवं तृतीय चरण में टीकमगढ़ एवं बल्देवगढ़ विकासखण्ड में 22 फरवरी 2015 को सम्पन्न होने वाले मतदान के लिये संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। मतदान दिवस के दिन मतदाता प्रातः 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 फ़रवरी)

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एस0पी0-11 सुपर कास ने गैल वायर्स एकादश की टीम को 183 रनों से हराया 
         
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झाबूआ--- एस0पी0-11 टीम(सुपर कास)की कप्तान पुलिस अधीक्षक, जिला झाबुआ श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि आज गैल काॅलोनी परिसर में स्थित खेल मैदान में एस0पी0-11(सुपर कास) एवं गैल वायर्स एकादश की क्रिकेट टीम का दोपहर में रोचक मुकाबला हुआ। एस0पी0-11 टीम(सुपर कास) टीम की कप्तान श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने टाॅस जीता एवं पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। एस0पी0-11 टीम(सुपर कास) की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 04 विकेट के नुकसान पर 253 रन बताये। गैल वायर्स एकादश को जीत हेतु 254 रनों की आवश्यकता थी। एस0पी0-11 टीम(सुपर कास) की टीम के खिलाड़ी पुष्पेन्द्र भूरिया ने नाबाद 147 रन, सुदर्शन खरे ने 75 रन बनाये। पुष्पेन्द्र भूरिया एवं सुदर्शन खरे ने कई शानदार चैके एवं छक्के लगाये। गैल वायर्स एकादश को एस0पी0-11 टीम(सुपर कास) टीम ने 70 रन पर आॅल आउट कर दिया। एस0पी0-11(सुपर कास) के खिलाड़ी रतन ने 03, सुशील ने 02, सुदर्शन खरे ने 02, पुष्पेन्द्र ने 02 एवं जे0पी0 ने 01 विकेट लिया। इस प्रकार एस0पी0-11 टीम(सुपर कास) टीम ने गैल वायर्स एकदश को 183 रनों से पराजित किया। इससे पूर्व प्रातः धार डेवियल्स एवं सुपर स्टार-11 का रोचक मुकाबला हुआ था, जिसमें कि धार डेवियल्स टीम विजयी रही। अगले रविवार दिनांक 8/2/2015 को प्रातः 8ः30 बजे सुपर स्टार-11 एवं गैल वायर्स एकादश एवं दोपहर में धार डेवियल्स एवं गैल वायर्स एकादश के बीच मैच खेला जावेगा। एस0पी0-11(सुपर कास) टीम की कप्तान पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने इस सफलता पर अपनी टीम को बधाई दी है।

सृष्टि निर्माता भगवान विष्वकर्मा की जयंती मनाई गई 

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झाबुआ---सृष्टि के निर्माता एवं औजार धारक सभी कारीगरों के आराध्य देव भगवान श्री विष्वकर्मा जी की जन्म जयन्ती रविवार माघ शुक्ल त्रयोदषी को बडी ही श्रद्धा एवं भक्ति भावना के साथ मनाई गई । स्थानीय  दक्षिणमुखी कालिका माता मंदिर  में भगवान विष्वकर्माजी की प्रतिमा की विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ कालिका माता मंदिर के पूजारी राजेन्द्र गिरी गोस्वामी ने पूजा सम्पन्न करवाई । भगवान विष्वकर्मा की जयन्ती के अवसर पर सुतार, लोहार, राजमिस्त्री, बढई, सुनार, मेकेनिकल कार्यो से जुडे लोगों ने भगवान की पूजा आराधना कर पुष्पांजलि अर्पित की । इस अवसर पर गोवर्धनभाई मिस्त्री, षिवनारायणजी, मुकेष शर्मा, पिंटू शर्मा, राजेन्द्र कुमार सोनी, संजय सोनी, आदि ने विष्वकर्माजी की विधि विधान से पूजा अर्चना की ।श्री गोवर्धनभाई मिस्त्री के मार्गदर्षन में मनाई गई विष्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रातःकाल भगवान का पंचामृत आदि से अभिषेक किया गया तथा उनकी जयंती पर पूजा आराधना की गई एवं महाआरती उतारी गई। श्री मिस्त्री ने सभी कारीगरों को विष्व निर्माता भगवान विष्वकर्मा की जयंती पर बधाईया दी है।

मोहनखेड़ा में वार्षिक ध्वजारोहण आयोजन सम्पन्न

झाबूआ---राजगढ़ शत्रुंजयावतार मोहनखेड़ा में प्रतिष्ठा महोत्सव की वार्षिक वर्षगांठ माघ सुदी 13 आज 1 फरवरी 2015 रविवार को प्रातः सभी मंदिरों के शिखर पर प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती प.पू. मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. एवं परम विदूषी शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्री जी म.सा., सरलमना साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में मंदिरों पर ध्वजारोहण होगा साथ ही जय तलेहटी पर स्थित जिनालय एवं गुरु मंदिर पर भी प्रतिष्ठा महोत्सव वर्षगांठ निमित्त ध्वजारोहण किया गया । ध्वजारोहण के दौरान मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. ने मंत्रोच्चार किये ध्वजारोहण की विधि विधिकारक आनंदीलाल धारीवाल एवं हंसमुख भाई ने सम्पन्न करवायी । सर्व प्रथम जय तलेटी पर सुगंधीलालजी, वीरेन्द्रकुमार जी, संजयकुमार जी सराफ परिवार द्वारा ध्वजा फहरायी गयी । उसके पश्चात् श्री शंत्रुजयावतार श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के समस्त जिन मंदिर, गुरु मंदिरों के शिखर पर अष्टप्रकारी पूजा विधि के साथ वार्षिक ध्वजा चढाई गई । ध्वजारोहण के पश्चात् प्रभुजी एवं दादा गुरुदेव की आरती की गई ।

लूर्द की माता मरियम ग्रोटो पर्व भक्तिपूर्वक मनाया गया

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झाबुआ---षहर के माधौपुरा स्थित लूर्द की माता मरियम का ग्रोटो पर्व भक्तिपूर्वक मनाया गया। समारोह के मुख्य याजक फादर पीटर कटारा प्रेशितालय झाबुआ ने अपने प्रवचन में कहा कि आधा अधूरा विष्वास से मनुश्य भटक जाता है। आजकल मनुश्य में धर्मो की नही धार्मिकता की कमी हो गई है , इसलिये दुख, अषांति, भेदभाव, घ्रृणा, प्रतिषोध कई प्रकार के विकार आ गये है। अगर आप प्रार्थना के साथ ईष्वर और मां मरियम में अटूट विष्वास रखेंगे तो सारी कमियां दूर हो जायेगी। खराब परिस्थिति में आपका दोस्त आपका साथ छोड देगा, आपका परिवार व रिष्तेदार आपका साथ छोड देगा किन्तु ईष्वर पर भरोसा रखकर उसके सानिध्य में रहोंगे तो आप भावसागर पार कर जाओंगे। उन्होंने कहा कि मां मरियम की मध्यस्तथा से ईष्वर से अगिनत वरदान व आषीश प्राप्त कर अपने जीवन को सार्थक बना सकते है। पारिवारिक प्रार्थना घर मंे अतिआवष्यक है बच्चों का टीवी सीरियल से दूर रखें नही तो बच्चे आप से दूर हो जायेंगे तब आप रोओंगे, पछताओंगे लेकिन तब कुछ हाथ नही आयेगा। समारोह के दौरान मिस्सा पूजा में कैथोलिक डायसिस के चासंलर फादर पीटर खराडी, फादर स्टीफन वीटी पीआरओ, फादर अंतोन कटारा, फादर सोनू वसुनिया, फादर प्रताप बारिया, फादर निरंजन ने भाग लिया। बाईबिल पाठ का वाचन मास्टर मार्टिन डामोर एवं श्रीमती रोजी डामोर ने किया जबकि सुसमाचार का वाचन फादर प्रताप बारिया ने किया। इस अवसर पर जेरोम वाखला एवं उनकी टीम ने सुमधुर गीतों द्वारा समारोह को भक्तिमय बनाया। लघु ख्रीस्तीय समुदाय के समाजजनों ने समस्त कार्यक्रम को संपादित किया। उक्त जानकारी कैथोलिक डायसिस के मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने दी।

इन्दौर पब्लिक स्कूल ने आरंभ किया ‘बंधन दिवस-बाॅन्ड डे’
  • कैरियर मार्गदर्षन, चित्रकला प्रतियोगिता एवं काव्यगोष्ठी आयोजित की गई

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झाबुआ---- इन्दौर पब्लिक स्कुल द्वारा 1 फरवरी, 15 को वृंदावन गार्डन टाउन हाॅल झाबुआ में एक विषेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विद्यार्थी एवं उनके पालकों के लिए विभिन्न गतिविधियाॅं रखीं गई, मौका था ‘बंधन दिवस-बाॅंन्ड डे’ मनाने का । इन्दौर से आए काउंसिलिंग एक्सपर्ट पंकज भट्ट ने बताया कि 1 फरवरी 2015 से एक विषेष दिवस ‘बाॅंन्ड डे’ का शुभारंभ होने जा रहा है जिसे हर वर्ष मनाया जाएगा । उद्देष्य होगा अभिभावक एवं बच्चे तथा षिक्षक एवं विद्यार्थी के मध्य प्रेम तथा जिम्मेदारी के बंधन के महत्व को बढ़ाना। इसी तारतम्य में विद्यार्थियों के लिए एक चित्र कला एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवं एक कैरियर सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें साइकोमेट्रिक टेस्ट भी लिया गया जिसमंे विद्यार्थियों को अपने एप्टिट्यूट, रुचि एवं व्यक्तित्व के अनुसार अपना भविष्य बनाने में सहायता मिल सके। अभिभावकों के लिए पैरंेटिंग पर एक व्याख्यान हुआ जिसमें श्री पंकज भट्ट ने बच्चों की परवरिष में आने वाली विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान की बारीकियोें पर प्रकाष डाला। उन्होंने आधुनिक षिक्षा का महत्व समझाते हुए, वीडियो प्रेसेन्टेषन द्वारा षिक्षण के नए एवं रोचक तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा पढ़ाई बच्चे के लिए बोझ न बने इसके लिए चित्रों की अभिव्यक्ति , संगीत एवं खेल का अध्ययन के साथ समावेष बेहद ही जरूरी है। क्योंकि विद्यालय एवं अभिभावकों की जिम्मेदारी छात्रों के बौद्धिक ,भौतिक समुचित विकास व्यक्तिगत विकास की होती है। श्री पंकज भट्ट ने यहां महसूस किया कि लोगों के माईंड सेट इस तरह है कि 12 वीं के बाद छात्र को आगे पढ़ाई हेतु इन्दौर या अन्य महानगर का रूख करना होता है । जबकि यही वह समय है जिस समय मजबूत बुनियाद रखी जाती है । उन्होनंे बताया कि आज से 28 वर्ष पूर्व श्री अचल चैधरीजी ने ही इन्दौर में मध्यम वर्गीय परिवारों हेतु एक पब्लिक स्कूल स्थापित किया था जो आज इन्दौर के एजुकेषनल हब बनने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। उसी तारतम्य में श्री चैधरी ने झाबुआ जिले के लोगों के लिये उच्च स्तर की षिक्षा हेतु एक सीबीएसई स्कूल झाबुआ में स्थापित किया है जो आने वाले समय में आईपीएस इन्दौर की तरह ही एक विस्तृत रूप में काॅलेज षिक्षा भी प्रदान करेगा । जहाँ वीडियो क्लासेस, स्वीमिंग-पूल, स्केटिंग, स्पोटर््स, म्युजिक, डांस, आदि गतिविधियोें के साथ-साथ टीचर्स टेªनिंग एवं पेरैंट्स टेªनिंग के नियमित कार्यक्रम मौजूद हंै। अब इन्दौर पब्लिक स्कूल झाबुआ वह सारी सुविधाऐं एवं षिक्षा झाबुआ शहर में उपलब्ध करवा रहा है तो झाबुआ के विद्यार्थियों को किसी महानगर का मुंह ताकने की जरूरत नही रहेगी । आय.पी.एस. संस्थान मे केजी से पीजी तक सिर्फ षिक्षा नही देता बल्कि बेहतर प्लेसमेंट के साथ समुचित जीवन का भरोसा भी देता है। पंकज भट्ट ने कॅरियर चुनाव में अति उपयोगी सिनियर छात्रों के लिये एक साईको मेट्रिक टेस्ट भी आयोजित किया जिससे विद्यार्थियों को अपने कॅरियर विकल्प का चुनाव करने में बहुत सहायता प्राप्त होती है एवं वे यह चुनाव अपने एप्टिट्यूट के अनुसार कर पाते हैं। कार्यक्रम में अभिभावकांे ने षिक्षा एवं कॅरियर से जुड़े कई प्रष्न किये जिनका उत्तर उन्हे तत्काल दिया गया। उन्होंने बताया छात्रो की प्रतिभा को प्रोत्साहन मिल सके इसी उद्धेष्य से आई.पी.एस. झाबुआ द्वारा यहां चित्र कला एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम में भावनाओं की अभिव्यक्ति को सुर देने के लिए नगर के वरिष्ठ कविजन श्री मनोज जैन, श्री गणेष उपाध्याय, श्री विरेन्द्र मोदी एवं श्री पी. ड़ी रायपुरिया को आमंत्रित किया गया था जिनकी रचनाओं को सुन लोग भावविभोर हो गए। इसी कड़ी में इन्दौर पब्लिक स्कूल के बच्चों ने एक बेहद ही भावुक नाट्य भी प्रस्तुत किया जिसे प्राचार्या महोदय सुश्री मीनू निगम ने खुद तैयार कराया था। स्कूल के प्रबंधन अधिकारी विकास सक्सेना ने बताया कि इस तरह कि गतिविधियाॅं लगातार विद्यालय में आयोजित की जाती हैं ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यक्तित्व को निखारने का मौका मिल सके। आई पी एस झाबुआ की श्रीमति दिप्ती चैरे, श्रीमति कल्पना चैधरी, कु. नेहा वर्मा, श्रीमति शुभा गुप्ता एवं श्रीमति डेजी भूरीया द्वारा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं का चयन किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के खेल, संगीत एवं कला विभाग के दिनेष डामोर, मुकेष बुंदेला एवं श्रृद्धा जैन द्वारा चयनित विजेताओं तथा सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री मनीष जी व्यास, श्री दिनेष सक्सेना, एवं श्री यषवंत भंडारी द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए, एवं आभार आई. पी. एस. झाबुआ की प्राचार्या सुश्री मीनू निगम ने व्यक्त किया।   

मारपीट के 02 अपराध पंजीबद्ध 
         
झाबूआ---फरियादी कालु पिता मदिया वसुनिया उम्र 40 वर्ष, निवासी मेघनगर ने बताया कि अज्ञात 02 आरोपी ग्राम डूंडका के उसको तेरी दुकान पर बहुत देर से खडाकर रखा है कहकर अश्लील गालिया दी व जान से मारने की धमकी देकर गर्म तेल फेंकने पर उसके उपर गिर गया। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 19/15, धारा 324,294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादिया पेमा बाई पति सेमान डामोर उम्र 35 वर्ष निवासी बालवासा ने बताया कि आरोपी रामसिंह पिता विरका पारगी निवासी बालवासा ने उसकी बकरी उसके खेत के सेडे पर चर रही थी की आरोपी ने पत्थर मारा, जिससे बकरी मर गयी व उसको अश्लील गालिया देकर जान से मारने की धमकी दी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रमांक 11/15, धारा 429,294,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जहरीली दवाई पिने से मौत
         
झाबुआ--- फरियादी पेमा पिता फत्तु सिंगाडिया उम्र 50 वर्ष निवासी बिसोली ने बताया कि मृतक रालु पिता फत्तु सिंगाडिया उम्र 35 वर्ष निवासी बिसोली की जहरीली दवाई पिने से मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्रमांक 4/15 धारा 174 जाफौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया।

चीन को भारत-अमेरिका के अच्छे संबंधों से कोई खतरा नहीं : ओबामा

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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन को भरोसा दिलाया है कि उसे भारत और अमेरिका के अच्छे संबंधों से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन साथ ही चीन को चेतावनी भी दी कि वह समुद्री मामलों पर वियतनाम या फिलीपींस जैसे छोटे देशों को न डराए।

उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर भारत की अपनी दूसरी अभूतपूर्व यात्रा को लेकर चीन की प्रतिक्रिया पर पहली बार टिप्पणी करते हुए कहा, मैंने जब सुना कि चीन सरकार ने इस प्रकार के बयान दिए हैं, तो मुझे हैरानी हुई... भारत के साथ हमारे अच्छे संबंधों के कारण चीन को डरने की कोई जरूरत नहीं है। ओबामा ने नवंबर में की गई चीन की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने चीनी समक्षक शी चिनफिंग के साथ सफल बैठकें की हैं।

चीन की सरकारी मीडिया ने ओबामा की भारत की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत को प्रतिद्वंद्वता के उस जाल में नहीं फंसना चाहिए, जो पश्चिम ने अमेरिका की 'एशिया की धुरी'रणनीति के समर्थन में बिछाया है, जिसका मकसद मुख्य रूप से चीन के उदय को रोकना है।

बीजेपी के विज्ञापन की चुनाव आयोग से 'आप'शिकायत करेगी

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बीजेपी ने नया विज्ञापन जारी किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) चीफ केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए लिखा है कि एक साल पहले आपका उपद्रवी गोत्र गणतंत्र दिवस में भी व्यवधान डालने को तैयार था और इस बार आप वीआईपी पास मांगने लगे। अरविंद केजरीवाल ने गोत्र शब्द का इस्तेमाल करने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका गोत्र अग्रवाल है  और बीजेपी ने पूरे अग्रवाल समाज को उपद्रवी करार दिया है। केजरीवाल ने बीजेपी पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत चुनाव आयोग करने की बात कही है। हालांकि, 'आप'के आरोप के जवाब में बीजेपी ने उस पर ही जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगा दिया है और उसने भी चुनाव आयोग से शिकायत की बात कही है।

बीजेपी ने इस विवाद में सफाई देते हुए कहा कि एक राजनीतिक बयान को आधार बनाकार 'आप'जाति का कार्ड खेल रही है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'हमार प्रचार अभियान एक पार्टी की अराजकतावादी सोच के खिलाफ है। 'आप'चुनाव को धर्म और जाति से जोड़ने की राजनीति कर रही है।'बीजेपी ने 'उपद्रवी गोत्र'को अग्रवाल समाज से जोड़ने के 'आप'के खिलाप चुनाव आयोग से शिकायत करने का ऐलान किया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि 10 मिनट के भीतर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से शिकायत के लिए जाएगा।

बीजेपी ने अपने ताजा विज्ञापन में गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर साल 2014 में अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई टिप्पणी पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि उस दौरान दिल्ली के सीएम होने के बावजूद धरना दे रहे अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया था कि उनके धरने की वजह से गणतंत्र दिवस की तैयारियों पर असर पड़ रहा है, तो उन्होंने गणतंत्र दिवस को खास लोगों का पर्व करार दिया था।

बीजेपी ने विज्ञापन में लिखा है, 'पहले तो आप मुख्यमंत्री होते हुए भी धरने पर जा बैठे और फिर कहा कि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम गणतंत्र दिवस समारोह में उपद्रव करेंगे। हे आंदोलनकारी! देश के करोड़ों लोग गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व मानते हैं और आपका उपद्रवी गोत्र इसमें भी व्यवधान डालने को तैयार था। और इस बार पलटी खाते हुए वीआईपी पास मांगा और नहीं मिला तो नाराजगी जाहिर की।'
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