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कोयला घोटाला मामले में सीबीआई ने मधु कोड़ा की जमानत के आग्रह का किया विरोध

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सीबीआई ने आज एक विशेष अदालत में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सात अन्य के जमानत संबंधी आग्रह का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इन लोगों ने एक कोयला ब्लॉक के आवंटन में आरोपी कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड का पक्ष लेने के लिए साजिश रची और अपने पद का दुरुपयोग किया।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर को बताया कि कोड़ा के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु एवं पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता हैं और राजनीतिज्ञ तथा लोकसेवक होने की वजह से वे लोग मामले के गवाहों को फुसला सकते हैं।

वरिष्ठ लोक अभियोजक वी के शर्मा ने अदालत को बताया अभियोजन का मामला मौखिक गवाही पर आधारित है। लोक सेवक और राजनीतिज्ञ बहुत प्रभावशाली लोग हैं और उनकी यह बात कि उन्हें पहले गिरफ्तार नहीं किया गया, यह दर्शाती है कि वे बहुत प्रभावशाली हैं। शर्मा ने अदालत को यह भी बताया कि गुप्ता ने जांच समिति की सिफारिशों के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को गुमराह किया था और उन दिनों गुप्ता ही जांच समिति के अध्यक्ष थे।

कोड़ा और अन्य के जमानत संबंधी आग्रह का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक आर एस चीमा ने कहा कि मामले में गवाहों को फुसलाया जा सकता है। कोड़ा, बसु, गुप्ता, लोकसेवक बिपिन बिहारी सिंह और बसंत कुमार भट्टाचार्य, कोलकाता स्थित विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लि (वीआईएसयूएल) के निदेशक वैभव तुलस्यान, चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान और कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी आज अदालत में पेश हुए। इन सभी के खिलाफ सम्मन जारी किया गया था।

यह मामला झारखंड के राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक का वीआईएसयूएल को आवंटन किए जाने में कथित अनियमितताओं का है। आठों आरोपी अदालत में पेश हुए और उनके अधिवक्ताओं ने उनकी ओर से जमानत के अलग अलग आवेदन प्रस्तुत किए। जमानत का आग्रह करते हुए कोड़ा के वकील ने अदालत को बताया कि जांच समिति वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश पहले ही कर चुकी थी और इससे कोड़ा का कोई लेनादेना नहीं था। उनके वकील ने तर्क दिया कि कोड़ा ने जांच के दौरान सहयोग किया और सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था इसलिए उन्हें अब न्यायिक हिरासत में भेजने की कोई जरूरत नहीं है।

अन्य सात आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ने इसी तरह तर्क दिया कि उनके मुवक्किलों ने जांच में सहयोग किया और ऐसा कोई आरोप नहीं है कि वे सबूतों से छेड़छाड़ करें या गवाहों को फुसलाएं। जमानत के आग्रहों पर तर्क सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश आज दोपहर तीन बजे तक सुरक्षित रख लिया।



पाक बोट मामला: सरकार जारी करेगी सबूत'

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पाकिस्तानी नौका मुद्दे पर तटरक्षक बल के डीआईजी बीके लोशाली के दावे मच रहे बवाल के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अपने पहले के बयान पर कायम है। पर्रिकर ने कहा कि वह दिल्ली पहुंचने पर इस मामले पर सारे सबूत सामने रखेंगे। इस बीच रक्षा मंत्रालय ने डीआईजी लोशाली को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनसे इस पूरे मामले पर जवाब मांगा गया है।

बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इस मामले पर स्पष्ट बयान दे चुका है। हम अभी भी इस पर कायम हैं। डीआईजी लोशाली की टिप्पणियों पर पर्रिकर ने कहा कि यह अनुशासनहीनता का मामला है। हम जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे।

पर्रिकर ने कहा, 'देशभर में 15 से 16 लाख कर्मचारी हैं। अगर कोई गलत बयान देता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।'उन्होंने कहा कि अगर कोई गलत बयान देता है तो उनके पास इस मामले की जांच करवाना ही एकमात्र विकल्प है। दूसरी तरफ डीआईजी लोशाली के सरकार के दावे के उलट बयान को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने रक्षा मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह बताएं कि नौका को उड़ाना बड़ा पाप था या देश से झूठ बोलना। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में कहा, 'रक्षा मंत्री क्या नौका को उड़ाना बड़ा पाप था या देश से झूठ बोलना? अगर वे वास्तव में आतंकवादी थे तो उन्हें उड़ाने के लिए शर्मिंदा क्यों होना चाहिए।'

लोशाली ने कथित रूप से कहा है कि तट रक्षक बल ने ही 31 दिसंबर 2014 की रात पाकिस्तानी नौका को उड़ाया था। यह बात सरकार के उस रुख के विपरीत है जिसमें कहा गया था कि विस्फोट के लिए चालक दल के सदस्य जिम्मेदार थे। अब तक रक्षा मंत्रालय, रक्षा मंत्री और तट रक्षक यह कहते रहे हैं कि 31 दिसंबर की रात को गुजरात में पोरबंदर तट से करीब 365 किलोमीटर दूर भारतीय तटरक्षक जहाज द्वारा पीछा किए जाने के बाद यह नौका के चालक दल के सदस्य थे, जिन्होंने नौका में आग लगा दी थी या जो विस्फोट के लिए जिम्मेदार थे ,जिसके कारण नौका नष्ट हुई थी।

दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण कायम हो- उमेश तिवारी

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टोंकों-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने आज दिनांक- 18.02.15 को कलेक्टेªट कार्यालय सीधी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कलेक्टेªट कार्यालय परिसर के प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना एवं धरने में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग को गैरकानूनी बताते हुये दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण कायम किये जाने की मांग की है। आगे श्री तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में दोहरी व्यवस्था न तो संवैधानिक है, न ही नैतिक है। इसी कारण कानून की नजर समानता की है। लेकिन सीधी में इसके विपरीत स्थिति है तभी तो आम एवं खास की नीति चलाई जा रही है। श्री तिवारी ने कहा कि किसानों द्वारा अपनी भूमि की लूट तथा अन्याय, अत्याचार के खिलाफ इंसाफ हेतु कलेक्टेªट कार्यालय परिसर में धरने की अनुमति चाही गयी तो गोपदबनास एस0डी0एम0 महोदय जो आज अन्य के साथ स्वतः धरने पर बैठे थे उन्होंने लम्बे, चैड़ें कानून का हवाला देते हुये अनुमति नहीं प्रदान की और कहा कि कलेक्टर एवं जिला मजिस्टेªट सीधी के आदेश क्रमांक- 779/आर0डी0एम0/2013 सीधी दिनांक- 18.12.2013 से कलेक्टेªट कार्यालय परिसर सीधी को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा- 18 के अन्तर्गत प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाकर किसी व्यक्ति के द्वारा यदि उपरोक्तानुसार ऐसी कोई कार्यवाही की जाती है तो म0प्र0 कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा- 15(1), (2) एवं (16) के अन्तर्गत दण्डनीय होगा। 

श्री तिवारी ने कहा कि हालांकि अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ भाजपा नेताओं द्वारा की गई मारपीट की हम घोर निंदा करते हैं तथा गुण्डागर्दी के विरूद्ध कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल का समर्थन भी करते हैं तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी अपील है कि जिनका आचरण ठीक नहीं है उन्हें भी अपने आचरण एवं व्यवहार को ठीक करने की जरूरत है। श्री तिवारी ने कहा कि इस बात की खुशी है कि कम से कम जब अपने ऊपर बीता तो अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आंदोलन जैसे अस्त्र को जिसे संविधान में प्रतिकार हेतु प्रदान किया गया है उसका महत्व समझ में आया। श्री तिवारी ने आशा की है कि कलेक्टेªट कार्यालय परिसर को जनता को अपनी बात रखने के लिये, शान्ति पूर्वक धरने एवं प्रदर्शन के प्रतिबंध से अलग किया जायेगा। 

भोपाल में युवा कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच हिंसक झड़प

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व्यापम घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, हालात इतने बेकाबू हो गए की पुलिस को इसे काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.  युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता विधानसभा का धेराव करने निकले थे पर पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया.  बीते दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शामिल बताया था. इसके बाद से ही मध्यप्रदेश प्रदेश में व्यापम घोटाले पर सियायत तेज हो गई है.

दिग्विजय सिंह ने नयी एक्सेल सीट जारी की जिसमें 48 जगहों पर शिवराज का नाम है. मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले ने नया मोड़ लिया है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भोपाल मे पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया है कि व्यापम घोटाले मे पेश की गयी एक्सेल सीट मे बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गयी है.

इस सीट मे से 48 जगहों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम था जिसे हटाकर उस जगह पर मिनिस्टर और उमा भारती लिखा गया. दिग्विजय सिंह द्वारा पेश की गयी इस सीट मे मिनिस्टर 01, मिनिस्टर 02 और मिनिस्टर 03 और मिनिस्टर 04 लिखा था जिसे हटाया गया.

दिग्विजय सिंह का दावा है कि वास्तविक सीट यही है जिसे उन्होंने एसआईटी के सामने रखा है और शपथ पत्र देकर रखा है. दिग्विजय सिंह का कहना है इसी सीट के आधार पर पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत को गिरफ्तार किया गया इसलिए शिवराज को गिरफ्तार किया जाये और वह इस्तीफा दें. दिग्विजय ने कहा की वक़्त आने पर बता देंगें ये एक्सेल सीट कहां से निकली गयी है.

मध्यप्रदेश में  नौकरियों की बन्दरबांट की गई. मध्य प्रदेश का भर्ती घोटाला दरअसल दो हिस्सों में बंटा हुआ है. पहला तो ये कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी प्रवेश परीक्षाओं में धांधली हुई. वहीं दूसरा सरकारी नौकरियों के लिए हुई परीक्षाओं में भी गड़बड़ी करके नाकाबिल लोगों को नौकरी दी गई. पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को फिलहाल शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया लेकिन इस बार का चुनाव हार चुके शर्मा पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं के फर्जीवाड़े का भी आरोप है.

सचिन के प्रशंसक क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान सचिन के साथ डिनर कर सकते हैं

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सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट को अलविदा कहे लगभग 15 महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन न अभी तक उनका अंदाज़ बदला है, न उनके फैन्स का उन्हें लेकर नशा कम हुआ है. आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के दौरान सिडनी के एक नामी रेस्तरां ने सचिन के साथ डिनर के आयोजन का प्रस्ताव भेजा, तो इसके लिए फैन्स का तांता लग गया है, जबकि यह डिनर कतई सस्ता नहीं है, क्योंकि इसके लिए आपको 3,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर या लगभग डेढ़ लाख रुपये की रकम अदा करनी होगी...

इस खास डिनर का हिस्सा बनने का मौका सिर्फ 60 लोगों को मिल पाएगा, लेकिन ज़्यादातर सीट बुक हो चुकी हैं... डिनर के लिए आठ लोगों को एक टेबल के गिर्द बैठने का मौका मिलेगा, और इस दौरान शानदार वाइन के साथ मीठा भी परोसा जाएगा... इस एक्सक्लूसिव डिनर के दौरान एक आयोजक सचिन को सभी मेहमानों से मिलाएगा... यानि, स्वादिष्ट खाने के साथ क्रिकेट की बातें हो सकेंगी, और सचिन इंटरव्यू की तरह सवालों के जवाब भी देंगे... सचिन की टेबल पर बैठे करीब दर्जन-भर लोग इस मौके पर ज़ाहिर तौर पर सेल्फी लेना भी नहीं भूलेंगे...

सचिन तेंदुलकर इस मौके पर अपने चाहने वालों को ऑटोग्राफ भी देंगे, और उनकी ऑटोबायोग्राफी भी बांटी जाएगी... कार्यक्रम से इकट्ठा होने वाली रकम सचिन के फाउंडेशन के काम आएगी... डिनर का आयोजन भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के बाद 26 फरवरी को किया जाएगा, और माना जा रहा है कि ऐसे ही एक और डिनर का आयोजन वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के आसपास अगले महीने भी किया जा सकेगा..

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (18 फ़रवरी)

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जिले में अभी तक किसी भी मरीज में नहीं पाया गया स्वाइन फ्लू 
  • कलेक्टर ने बैठक में दी जानकारी 

chhatarpur news
छतरपुर/18 फरवरी/जिले में अभी तक किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू नहीं पाया गया है। जिला चिकित्सालय में अभी तक स्वाइन फ्लू के संदिग्ध 2 हजार 954 मरीजों का परीक्षण किया गया। इन मरीजों में से किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि  नहीं हुयी है। यह जानकारी कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने सीएमएचओ कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दी। उन्होंने कहा कि मिषन अस्पताल से रेफर किये गये स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की जांच जिला अस्पताल में की गई थी, उनमें भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि लोग स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक रहें। स्वाइन फ्लू की जानकारी रखना ही इसका बचाव है। स्वाइन फ्लू के संबंध में सूचना देने हेतु जिला अस्पताल में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है एवं स्वाइन फ्लू के उपचार के लिये जिले में सभी व्यवस्थायें पूरी कर ली गयी हैं। उन्होंने स्वाइन फ्लू के प्रति सावधानी रखने के लिये बैठक के माध्यम से लोगों से अपील की। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. विनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि लोग स्वाइन फ्लू फैलने की अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिये कुछ सावधानियां जरूरी है। खांसते-छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें या कोहनी का सहारा लें। किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को छूने से पहले साबुन से हाथ धोयें। संक्रमण होने पर भीड़-भाड़ से दूर रहें एवं भरपूर नींद लें। अधिक मात्रा में पानी पियें। संक्रमण होने पर घर पर आराम करें। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। ए-श्रेणी के मरीजों में हल्का बुखार, खांसी, गले में खराष, षरीर में दर्द व उल्टी-दस्त के लक्षण देखने को मिलतें हैं। इसी तरह बी-श्रेणी के मरीजों में श्रेणी ए के साथ-साथ तेज बुखार एवं गले में तीव्र खराष के लक्षण मिलते हैं। श्रेणी सी के मरीजों में श्रेणी ए और बी श्रेणी के लक्षणों के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, उनींदापन, निम्न रक्तचाप, थूक के साथ खून आना, नीले नाखून, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षण पाये जाने पर षासकीय अथवा निर्धारित चिकित्सा केंद्र में जाकर परामर्ष लिया जा सकता है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की उप संचालक डा. सीमा भटनागर, सिविल सर्जन डा. आर एस त्रिपाठी, स्वाइन फ्लू के नोडल अधिकारी डा. विजय पथौरिया सहित अन्य चिकित्सक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रदेष का समाजसेवी संगठन बनेगा - ललित ष्षाक्यवार
  • आज मुझे स्वतंत्रता संग्राम सैनानी का सम्मान करने पर गौरव प्राप्त हुआ है - डा0 मसूद अख्तर

chhatarpur news
छतरपुर:-जिला के बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री प्रताप सिंह (नन्हेराजा) के 96 वें बर्ष पर गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रान्तीय समिति व्दारा आयोजित अभिनंदन एवं सम्मान समारोह मे जिला कलेक्टर डा0 मसूद अख्तर ने कहा कि आज मुझे स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री प्रताप सिंह नन्हेराजा का सम्मान करने पर गौरव प्राप्त हो रहा है । देष की आजादी के लिए अपनी कुर्वानी देने वाले एवं आजादी की लड़ाई लड़ने वालो देष भक्तो के कारण ही आज हम आजाद है । हमें उनके बलिदान को याद करते है जो आज हमारी बीच है उनका हम सम्मान करते है । इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्री ललित ष्षाक्यवार ने कहा कि मुझे आज आजादी दिलाने वालो का आषीर्वाद मिला उसका मैं परमपिता का आभारी हॅू । ईष्वर की कृपा है कि इतनी लंबी उम्र पाने बाले श्री प्रताप सिंह का प्रताप बरकरार है , देष के आजादी के सिपाही का प्रत्येक भारतवासी ऋणी है हम उनके योगदान के कारण ही आज स्वतंत्रता के बीच जीवन व्यतीत कर रहे है ।  छतरपुर जिला प्रषासन की ओर से जिला कलेक्टर डा0 मसूद अक्तर एवं जिला पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार ने बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री प्रताप सिंह (नन्हेराजा) के 96 वें बर्ष पर फूलों की माला पहनाकर एवं ष्षालश्रीफल के साथ सम्मान किया । इस अवसर पर गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रान्तीय समिति व्दारा आयोजित अभिनंदन एवं सम्मान में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अभिलाषा धीरेन्द्र षिवहरे, श्री नन्हेराजा बुन्देला, ब्लाक अध्यक्ष, श्री राजेष षिवहरे , ने भी सम्मान किया । पे्रस क्लब  के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने सममान समारोह में पधारे जिला प्रषासनिक अधिकारियों एवॅ उपस्थित अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया । जन सम्पर्क विभाग के उप संचालक श्री लक्ष्मण सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह का सम्मान किया । गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के पदाधिाकरी श्री कौषल किषोर रिछारिया श्री लक्ष्मी प्रसाद बबेले, कमलेष जाटव श्री कपिल मिश्रा खेमचन्द्र अनंदा , ने अतिथिओं को स्वागत किया । पुलिस अधीक्षक श्री ललित ष्षाक्यवार जी ने कहा कि गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रदेष का समाजसेवी संगठन बनेगा -उन्होने संतोष गंगेले की सामाजिक कार्यो की सराहना की है । बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री प्रताप सिंह (नन्हेराजा) के 96 वें बर्ष पर गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रान्तीय समिति व्दारा आयोजित अभिनंदन एवं सम्मान में छतरपुर जिला के बरिष्ठ पत्रकार संपादक डा0 रज्जब खाॅ, नवोदय विद्यालय मध्य ्रपदेष के सेवानिवृत उप संचालक श्री हेमकुमार दीक्षित, सरनाई महाविद्यालय के प्रार्चाय श्री एल एन रावत, समासेवी श्री रमाषंकर मिश्रा, सहित अनेक बक्ताओं ने अपने अपने बिचार रखे, नौगाॅव नगर के अधिकारी, कर्मचारी राजनेता, अधिबक्ता एवं पत्रकार साथी उपस्थित रहे ।  महाराज प्रताप सिंह के छोटे पुत्र श्री पदम प्रताप सिंह ने जिला कलेक्टर डा0 मसूद अक्खर, जिला पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री हेमन्त सिंह सिसोदिया, का स्वागत एवं सम्मान किया । नौगाॅव प्रेस क्लब श्री कमल सिंह यादव , राजीव तिवारी,, मुमताज खान, बजीर मुन्ना ने भी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी का स्वागत किया । प्रदेष अध्यक्ष संतोष गंगले ने सभी का आभार व्यक्त किया । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (18 फ़रवरी)

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मेगजी अमलियार के पक्ष में भाजपा ने निकाली विषाल रैली

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झाबुआ---त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याषियों को गा्रमीण क्षेत्रों में जबरजस्त समर्थन प्राप्त हो रहा है । जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 के भाजपा समर्थित प्रत्याषी मेगजी अमलियार के समर्थन में कल्याणपुरा हाट बाजार में विषाल रैली निकाली जाकर भाजपा समर्थित प्रत्याषियों के पक्ष में  जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा, गोविन्द चैहान  सहित मंडल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने प्रचार प्रसार कर मेगजी अमलियार को प्रचण्ड मतों से विजयी बनाने का आव्हान किया । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने गा्रमीणों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र में तथा राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकारे है ऐसे में जिला पंचायत पर भी भाजपा के सदस्य होने से केन्द्र  व प्रदेष सरकार की योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया जासकता है । कांग्रेस के शासन काल में भाई भतीजावाद के साथ ही भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है तथा नरेन्द्रमोदीजी एवं षिवराजसिंह ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिये ढेरों योजनायें एवं कार्यक्रम बनाये है उसे पूरा करने में आपका वोट एक विकास का मार्ग प्रषस्त करेगा । इस अवसर पर जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा ने भी संबोधित करते हुए गा्रमीण मतदाताओं को भाजपा समर्थित प्रत्याषियों को जीता कर जिला पंचायत में भाजपा का बोर्ड बनाने में सहयोग करने की अपील की ।

पेंशनर संघ एवं वरिष्ठ नागरिक फोरम  का चिकित्सा षिविर 23 फरवरी को

झाबुआ---वरिष्ठ नागरिक फोरम एवं जिला पेंषनर एसोसिएषन झाबुआ के संयुक्त तत्वावधान में स्वाईन फ्ल्यु  से बचाव के लिये होम्योपैथिक औषधियों का वितरण डा. सी एल वर्मा जिला आयुर्वेद अधिकारी एवं डा. कैलाष पाटीदार शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी झाबुआ के मार्गदर्षन में 23 फरवरी  सोमवार को प्रातः 11-30 बजे एकलव्य भवन थांदला गेट झाबुआ पर आयोजित षिविर में किया जावेगा । सम्रसत नागरिकों से अनुरोध किया गया है इस जानलेवा बीमारी स्वाईन फ्ल्यु  से अपने व अपने परिवार की सुरक्षा के लिये अधिक से अधिक संख्या में पधार कर औषधि का लाभ लेवें । संगठन के जिलाध्यक्ष भेरूसिंह राठौर के अनुसार षिविर में औषधि का निषुल्क वितरण किया जावेगा यह दवाई बचाव के लिये काफी कारगर है।

पूर्व विधायकद्वय जेवियर मेड़ा व वालसिंह मेड़ा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेष कांग्रेस ने जारी किया शो-काज नोटिस

झाबुआ---प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अरूण यादव के निर्देशानुसार प्रदेश संगठन के महामंत्री चन्द्रिका प्रसाद द्विवेदी ने त्रिस्तरीय पंचायती निर्वाचन में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के विरोध में कार्यकर तथा भाजपा नेताओं के सम्पर्क में रहकर खुले रूप से कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने तथा जिला कांग्रेस एवं जिला प्रभारी द्वारा कंाग्रेस समर्थीत उम्मीदवारों की घोषित की गई अधिकृत सूची को नकारते हुए स्थानीय समाचार पत्रों एवं मीडिया चेनलों में फर्जी तरिके से अपने स्तर से ही सूची जारी करके अपने प्रत्याशियों को जिला पंचायत चुनाव में खड़े करना एवं पार्टी के विरूध्द अनर्गल वक्तव्य जारी कर प्रेस वार्ता में पार्टी की छबि को धुमील करने का कृत्य किया है । पार्टी विरोधी कार्य को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने काफी गम्भीरता से लिया तथा झाबुआ व पेटलावद के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा एवं वालसिंह मेड़ा को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए समयावधि में स्पष्टीकरण मांगा है। जारी किये गये शो काज नोटिस में यह भी कहा गया है कि उक्त दोनों विधायकों द्वारा संतोषजनक जवाब प्राप्त न होने की स्थिति में दोनो पूर्व विधायकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। कारण बताओें नोटिस की एक प्रतिलिपी जिला कांग्रेस को प्राप्त हुई है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने जारी किये गये शो काज नोटिस की प्राप्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि निर्धारित समय सीमा में इन दोनो पूर्व विधायकों द्वारा प्रदेश कांग्रेस को संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता तब तक जिला कांग्रेस अपनी प्रतिक्रिया देना उचित नहीं मानती। किन्तु उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अधिकृत प्रत्याशियों के सामने बागी प्रत्याशियों की चुनौतियों से संगठन प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता।

अवैध शराब जप्त  दस आरोपी गिरफ्तार 
    
झाबूआ---थाना कालीदेवी पुलिस के द्वारा आरोपी सुरसिंह पिता दल्ला डिंडोर, उम्र 35 वर्ष निवासी झिरी के कब्जे से 20 क्वाटर देशी प्लेन शराब कीमती 800/-रूपये, थाना कोतवाली झाबुआ पुलिस के द्वारा आरोपी शिवकुमार पिता मदनलाल, उम्र 34 वर्ष निवासी पिटोल के कब्जे से 12 बाॅटल ब्लेक फोर्ट कंपनी की शराब कीमती 750/-रूपये, आरोपी मानसिंह पिता भूरा निनामा, उम्र 34 वर्ष निवासी ढोचका के कब्जे से 45 क्वाटर देशी प्लेन शराब किमती 1,440/-रूपये, आरोपी लक्ष्मण पिता सकरा राठौर, उम्र 28 वर्ष निवासी कलमोडा के कब्जे से 34 क्वाटर देशी प्लेन शराब किमती 1,360/-रूपये,   की जप्त की गई। थाना कोतवाली झाबुआ पुलिस के द्वारा आरोपी दिलीप पिता गोविन्दसिंह चैहान उम्र 20 वर्ष निवासी झाबुआ के कब्जे से 25 क्वाटर दुबारा प्लेन शराब कीमती 875/-रूपये की, आरोपी सीताराम पिता शंकरलाल राठौर उम्र 30 वर्ष निवासी झाबुआ के अवैध कब्जे से 22 क्वाटर दुबारा प्लेन शराब कीमती 700 रू0 की, आरोपी कालु पिता टेहिया भुरिया उम्र 55 वर्ष निवासी बडी ढेकल के कब्जे से 21 क्वाटर दुबारा प्लेन शराब कीमती 735 रू0 की, आरोपी तातरिया पिता कालु गणावा उम्र 32 वर्ष निवासी गोपालपुरा के अवैध कब्जे से 20 क्वाटर दुबारा प्लेन शराब कीमती 600/- रू0 की, आरोपी विजय पिता लालु मेडा उम्र 33 वर्ष निवासी कयडावद छोटी के कब्जे से 24 बोतल बियर शराब कीमती 1120 रू0 की जप्त की गई। पुलिस थाना रानापुर द्वारा आरोपी पन्धु पिता कालिया डामोर उम्र 35 वर्ष निवासी लम्बेला के कब्जे से 10 लीटर कच्ची शराब कीमती 400/- रू0 की जप्त की गई।इन प्रकरणों में अपराध क्रमांक 21,104,105,106, 107,108,109,110,111,41/15 धारा 34-ए आबकारी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गया।

नाबालिग का अपहरण  
          
झाबूआ---फरियादी कृपालसिंह पिता दिलावर सिंह जाति मोहनिया, उम्र 42 वर्ष निवासी उमरकोट ने बताया कि उसकी लडकी प्रियांजली, उम्र 16 वर्ष, कक्षा 11 वीं घर से स्कूल जाने का कहकर निकली, जो वापस घर नहीं आयी। संदेही कांतीलाल पिता श्यामा सिर्वी निवासी पालेडी बहला-फुसला कर भगा ले जाने की संभावना व्यक्त की। प्र्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्र0 22/15, धारा 363 भादवि 7/8 लै0अ0 सें बा0 संर0 अधिनियम 2012 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नहीं पहुँचा वि॰वि॰ का कोई अधिकारी, आंदोलन तेज करने की चेतावनी।

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  • दरभंगा हाउस में ए॰आई॰एस॰एफ॰ की 30 घंटे की भूख हड़ताल शुरू छात्रों के अतिरिक्त शिक्षक और कर्मियों ने भी आंदोलनकारी छात्रों से जतायी सहानुभूति, नहीं पहुँचा वि॰वि॰ का कोई अधिकारी, चरणबद्ध आंदोलन तेज करने की चेतावनी।


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दरभंगा हाउस, दरभंगा हाउस में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के छात्रों द्वारा 30 घंटे का भूख हड़ताल आज 10 बजे से शुरू हुआ। दरभंगा हाउस परिसर में स्वच्छ पेयजल, टायलेट, नियमित साफ-सफाई की सुनिश्चितता, कैंपस प्लेसमेंट, रिक्त स्थानों पर शिक्षक-कर्मियों की बहाली, सुव्यवस्थित एवं आधुनिकीकृत पुस्तकालय, छात्र संघ चुनाव एवं एम॰जे॰एम॰सी॰ में लैब को लेकर भूख हड़ताल पर ए॰आई॰एस॰एफ॰ के पाँच छात्र बैठे हैं। भूख हड़ताल का आह्वान संगठन की दरभंगा हाउस इकाई ने किया। भूख हड़ताल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार, पी॰यू॰ अध्यक्ष संदीप कुमार सुरेन्द्र, राज्य पार्षद राकेश प्रसाद, वि॰वि॰ कार्यकारिणी सदस्य राजीव रंजन एवं दरभंगा हाउस इकाई के उपाध्यक्ष विकास कुमार शामिल हैं। भूख हड़ताल स्थल पर पटना वि॰वि॰ के वरीय शिक्षक प्रो॰ नवल किशोर चैधरी, प्रो॰ चंद्रमा सिंह, प्रो॰ आशा सिंह, प्रो॰ डेजी नारायण, कुमुदनी सिन्हा, कर्मचारी नेता एवं सिनेट सदस्य रघुराम शर्मा ने छात्रों की माँगों को जायज बताया। वहीं भूख हड़हाल पर देर शाम तक कोई अधिकारी नहीं पहुँचा। छात्रों ने रात में वहीं रहते हुए 30 घंटे तक जारी रख कल शाम 4 बजे तक भूख हड़ताल जारी रखने का एलान किया।

इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा ने कहा कि वि॰वि॰ प्रशासन ने संवेदनहीनता की तमाम हदों को पार कर छात्रों को भूख हड़ताल के लिए विवश किया है। तत्काल यदि कुलपति मसले को संज्ञान मंे नहीं लेते हैं तो चरणबद्ध आंदोलन तेज किया जाएगा। सभा को संबोधित करते हुए पी॰यू॰ सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि विगत 2 फरवरी को छात्र सम्मेलन में ही इन सवालों पर कार्रवाई का आग्रह वि॰वि॰ से की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह छात्रों को आंदोलन तेज करने हेतु विवश कर रहा है। जिस परिसर में हजारों छात्र छात्राएँ प्रतिदिन आते हैं वहाँ मूलभूत सुविधाएँ इतने बदहाल स्थिति में है यह हैरत अंगेज ही नहीं शर्मनाक भी है। भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के बीच पहुँच दरभंगा हाउस प्रभारी प्रभाकर झा ने कहा कि आपके आंदोलन का संज्ञान लेते हुए डी॰एस॰डब्लू॰ ने फोन कर जानकारी मांगी है। जिसके जवाब में आपके जायज बताते हुए वि॰वि॰ को पत्र भेजा गया है।

आंदोलनकारी छात्रों के समर्थन में सी॰पी॰आई॰ के जिला सचिव रामलला सिंह भी पहुँच यथाशीघ्र वि॰वि॰ प्रशासन से वार्ता कर भूख हड़ताल समाप्त कराने की मांगी की। मौके पर संगठन के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अकाश गौरव, जिलाध्यक्ष महेश कुमार, जिला सचिव रूपेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रणय, पी॰यू॰ उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, सह सचिव शहनाज अख्तरी, वि॰वि॰ सचिव मेंडल सदस्य भोलू कुमार, दरभंगा हाउस अध्यक्ष अजिताभ श्रीवास्तव, लाॅ कौलेज सचिव अमित कुमार सिंह, सायंस काॅलेज सचिव जयनारायण, शिवम प्रेरणा, अवकाश कुमार, इन्द्रभूषण, मिन्नू कुमारी, सुशील सिंह, राकेश पासवान, आशुतोष, नरेन्द्र, चंदन, अविनाश सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।

हिमाचल की विस्तृत खबर (18 फ़रवरी)

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हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त है हिमाचल: डा. (कर्नल) शांडिल

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शिमला, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)।  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा  कि हिमाचल प्रदेश हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त है तथा प्रदेश में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 के प्रावधानों का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया गया है।डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज नई दिल्ली में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 के प्रभावी कार्यन्वयन के माध्यम से हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के पूर्ण उन्मूलन के विषय पर आयोजित राज्यों के मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेते हुए यह जानकारी दी। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चन्द गहलोत ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार अधिनियम के पुनर्वास के प्रावधानों को लागू करने के प्रति कृतसंकल्प है और पूर्व में इस अमानवीय तथा अस्वच्छ कार्य करने को बाध्य परिवारों का समुचित वित्तीय सहायता प्रदान करके पुनर्वास किया जा चुका है व उनके आश्रितों को भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। इन परिवारों के प्रभावित सदस्यों को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए हर महीने तीन हजार रुपये का वजीफा प्रदान किया जा रहा है।डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने यह भी अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार ने अधिनियम के प्रभावी कार्यन्वयन के लिए राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की है ताकि प्रभावित परिवार एवं उनके आश्रित आजीविका उपार्जन के लिए समुचित प्रशिक्षण एवं पुनर्वास सुविधाएं प्राप्त कर सकें।

मुख्यमंत्री ने की देवताओं के नजराने में 10 प्रतिशत बढ़ौतरी की घोषणा

मण्डी, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मण्डी में भाग लेने वाले देवताओं के नजराने में इस वर्ष से 10 प्रतिशत की बढ़ौतरी करने की घोषणा की।मुख्यमंत्री मण्डी शहर के पड्डल मैदान में शिवरात्रि महोत्सव के उद्घाटन समारोह के अवसर पर उपस्थित भारी जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर मण्डी जिले के लोगों को शिवरात्रि महोत्सव की बधाई दी। उन्होंने जिले के विभिन्न भागों से महोत्सव में शामिल होने आए देवताओं का स्वागत भी किया।श्री वीरभद्र सिंह ने मेले में भारी संख्या में लोगों की सहभागिता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आशा जताई कि मण्डी वासी अपनी परम्पराओं का इसी तरह सवंद्र्धन करते हुए अपनी समृद्ध संस्कृति एवं रीति-रिवाजों को सहेजते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने मूल्यों एवं रीति-रिवाजों को जीवंत रखने वाले समाज ही समृद्ध होते हैं। मुख्यमंत्री ने पड्डल मैदान के सुधार एवं सौंन्दर्यकरण के लिए 1.30 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मण्डी के समीप ट्रैफिक रोटरी के निर्माण के लिए 1.25 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने सेन मोहल्ले के लिए सम्पर्क मार्ग बनाने के लिए 25 लाख रुपये की धन राशि प्रदान करने की घोषणा की। वीरभद्र सिंह ने कहा कि नेरचौक में ईएसआईसी अस्पताल भवन के निर्माण पर 600 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जा चुकी है और यदि केन्द्रीय श्रम मंत्रालय अस्पताल आरम्भ करने में असमर्थ है तो इसे राज्य सरकार को सौंप देना चाहिए। प्रदेश सरकार इसे अपने वित्तीय साधनों से चलाने का प्रयास करेगी।मुख्यमंत्री ने विश्व भर में महोत्सव के सीधे प्रसारण के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शिवरात्रि महोत्सव समिति द्वारा प्रकाशित ऐतिहासिक शिवरात्रि उत्सव की स्मारिका का भी विमोचन किया।श्री वीरभद्र सिंह ने विभिन्न सरकारी विभागों, निजी क्षेत्र के उपक्रमों, भारत सरकार के उपक्रमों, स्वयं सहायता समूहों एवं वाणिज्यिक संगठनों इत्यादि द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी शुभारम्भ किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने सेरी मंच पर आयोजित सरस मेले का भी शुभारम्भ किया। इस मेले में विभिन्न प्रदेशों के व्यापारियों द्वारा आकर्षक हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। इससे पूर्व उपायुक्त श्री संदीप कदम, जो शिवरात्रि मेला समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा मेले के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि इस बार मेलेमें 164 देवी-देवता भाग ले रहे हैं तथा महोत्सव का सोशल मीडिया के माध्यम से विश्व भर में सीधा प्रसारण किया जा रहा है। इस अवसर पर विभिन्न पाठशालाओं के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ने किया मण्डी में अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारम्भ

मण्डी, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज मण्डी में सप्ताह भर चलने वाले अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंनेे क्षेत्र के प्रमुख देवता राज माधो राव की पूजा अर्चना करने के उपरान्त उपायुक्त कार्यालय से पड्डल मैदान के लिए निकाली गई शोभा यात्रा में भाग लिया। शोभा यात्रा में सुसज्जित पालकियों पर विराजमान सैंकड़ों देवी-देवताओं के पारम्परिक संगीत की धुनों के मध्य शामिल होने के साथ-साथ बैंड दलों, श्रद्धालुओं, पुलिस बल व गृह रक्षक के जवानों सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।  इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने मण्डी शहर व इसके साथ लगती बस्तियों के लिए बनने वाली 82.19 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजना का शिलान्यास किया। तेजी से बढ़ रहे इस शहर में लोगों को इस योजना के आरम्भ होने से पर्याप्त मात्रा में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होने से क्षेत्र के लोगों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। परियोजना के लिए पानी उहल नदी से उठाया जाएगा, जो व्यास नदी की सहायक नदी है। इस योजना से मण्डी शहर की वर्ष 2046 तक पेयजल जरूरत पूरी होगी और इससे एक लाख 78 हजार से अधिक जनसंख्या लाभान्वित होगी। इस योजना के आरम्भ होने से लोगों को 24 घण्टे पेयजल आपूर्ति उपलब्ध होगी। श्री वीरभद्र सिंह ने मण्डी स्थित पुराने विक्टोरिया पुल के नजदीक 20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पुल का भी शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने 3 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित समखेतर स्थित 33/11 के.वी. विद्युत उप-केन्द्र का शुभारम्भ किया। उन्होंने भ्यूली में महिला पुलिस थाने का भी शुभारम्भ किया। यह प्रदेश में खुलने वाला तीसरा महिला पुलिस थाना है। इससे पहले शिमला व धर्मशाला में महिला पुलिस थाने खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने 2.14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिला परिषद कार्यालय का शुभारम्भ किया और भ्यूली में जिला पंचायत अधिकारी कार्यालय का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने कांगनी में 16.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले देव सदन का शिलान्यास किया। इससे शिवरात्रि महोत्सव के दौरान भारी संख्या में आने वाले देवलु लाभान्वित होंगे। 

मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण के प्रवास के दौरान जिला को दीं करोड़ों रुपए की सोगातें- सुधीर

कांगड़ा, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)।  शहरी विकास एवं आवास तथा नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने शीतकालीन प्रवास के दूसरे चरण में 12 फरवरी से 17 फरवरी तक जिला कांगड़ा के पांच विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर इन क्षेत्रों में अनेक नई योजनाओं की घोषणा की तथा करोड़ों रुपए की विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण किए। 

जिला ऊना में स्वाईन फलू का अभी तक कोई मामला नहीं, दवाओं व मास्क का पर्याप्त स्टॉक मौजूद: डीसी
     
ऊना, , 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)।  ऊना जिला में स्वाईन फलू का अभी तक कोई पुष्ट या संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है और प्रशासन किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। जिला में स्वाईन फलू की दवाईयों व मास्क का समुचित स्टॉक उपलब्ध है। यह जानकारी डीसी अभिषेक जैन ने आज यहां स्वाईन फलू से निपटने की तैयारियों को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में दी। उन्होंने कहा कि जिला में सीएमओ की अध्यक्षता में रेपिड रेस्पोंस टीम गठित कर दी गई है और जिला अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड भी स्थापित किया गया है। डीसी ने बैठक में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर कोई संदिग्ध मामला उनके सामने आता है तो तुरंत सैंपल लेकर शिमला जांच के लिए पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वाईन फलू के लक्षणों बारे जागरूक करने के लिए पंचायतों तक वार्ड स्तर पर जागरूकता कमेटियां गठित की जाएं। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, पटवारखानों व ग्राम संभाओं सहित सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाकर स्वाइन फलू के लक्षणों व उपचार बारे जन-साधारण को जागरुक करें। इसके अलावा जनरल ओपीडी, बच्चों के डाक्टर, मैडिकल स्पेशलिस्ट और ईएनटी जहां पर ज्यादातर रोगी आते हैं, वहां भी लोगों को जागरुक करने के लिए पोस्टर लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि जिला मुयालय पर रोगी का सैंपल लेने की सुविधा है, जो जांच के लिए शिमला भेजा जाएगा और जांच रिपोर्ट से रोगी को भी अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्दी, जुकाम, तेज बुखार, गले में तीखी खराश, निरंतर दर्द, लगातार नाक बहने, तेज सिर दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्ष्णों पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर दिखाएं और डॉक्टरों का परामर्श लें। डीसी ने बताया कि इन संभावित लक्ष्णों को लेकर लोग 01975-226064, 273036, 284022 और 01976-260274 व 241319 दूरभाष नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. टीसी महंत, जिला प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. निखिल, एसएमओ डॉ. अशोक दड़ौच सहित जिला के सभी खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे। 

जिला में केबल के खराब सिग्रल पर तलख हुए डीसी

ऊना, , 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। डीसी अभिषेक जैन ने जिला में कई जगहों पर केबल के माध्यम से दिखाए जा रहे चैनलों के खराब सिग्रल पर अपनी गहरी नाराजगी केबल ऑप्रेटरों से जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर केबल ऑप्रेटर लगातार खराब सेवाएं देंगे तो उनके लाइसेंस निरस्त किये जा सकते हैं। आज यहां केबल टेलीविज़न रेगुलेशन एक्ट की अनुपालना के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी ने इस बात का भी कड़ा संज्ञान लिया कि जिला में केबल ऑप्रेटर डीडी स्पोर्ट्स का प्रसारण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तुरन्त प्रभाव से इसका प्रसारण सुनिश्चित करने के निर्देश केबल ऑप्रेटरों को दिये। डीसी अभिषेक जैन ने कहा कि केबल टेलीविज़न रेगुलेशन एक्ट संशोधित अधिनियम-2000 के तहत प्रत्येक केबल ऑप्रेटर के लिए कम से कम दो राष्ट्रीय चैनलों- डीडी नेशनल व डीडी न्यूज और एक प्रादेशिक चैनल का प्रसारण किया जाना अनिवार्य बनाया गया है। इसके अलावा केबल के माध्यम से निर्धारित चैनलों का सिग्नल एकदम साफ होना चाहिए ताकि दर्शक स्पष्ट तौर पर इन चैनलों को देखकर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि केबल के खराब प्रसारण के कारण लोग अब केबल कनैक्शन लेने की बजाय ज्यादा दाम चुकाकर डिश लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे केबल व्यवसाय पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। डीसी ने सभी केबल ऑप्रेटरों को शिकायत रजिस्टर मेंनटेन करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि खराब प्रसारण को लेकर मिलने वाली उपभोक्ता की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही हो। उन्होंने केबल ऑप्रेटरों से किसी भी ऐसे कार्यक्रम का प्रसारण न करने को कहा, जिससे किसी वर्ग अथवा समुदाय की भावना को ठेस पहुंचती हो और सार्वजनिक व्यवस्था पर कुप्रभाव पड़ता हो। डीसी ने केबल ऑप्रेटरों को यह भी निर्देश दिये कि वे प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, उपलब्धियों व लिपियों को दर्शाती दस्तावेजी फिल्मों को अपने केबल के माध्यम से दिखाना सुनिश्चित करें ताकि आम आदमी तक इनकी जानकारी पहुंच सके। डीसी ने केबल आप्रेटरों की बैठक में न आने वाले केबल ऑप्रेटरों को नोटिस जारी करने के निर्देश भी जारी किये। इस अवसर पर जिला स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य डीएसपी सुरेन्द्र शर्मा, सिस्टर वालसा, प्रो. मीता, प्रो. सुनील और सदस्य सचिव डीपीआरओ गुरमीत बेदी सहित जिला के विभिन्न भागों से आए केबल आपे्रटर उपस्थित थे। 
              
ब महिलाओं की आवाज उठाएंगी सर्तकता कमेटियां
  • जिला प्रशासन ने घेरलू हिंसा के खिलाफ आरंभ किया अभियान
  • टौणी देवी की कढियार में आयोजित किया गया जागरूकता अभियान

हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। जिला प्रशासन ने घरेलू हिंसा के खिलाफ चुप्पी तोड़ो के बाद अब आवाज उठाओ अभियान का आंरभ किया गया है। इस अभियान की शुरूआत टौणी देवी ब्लाक के कढियार से की गई। अभियान के शुभारंभ पर उहल, पौंहच पंचायतों की सर्तकता कमेटियां भी गठित की गई हैं। राज्य में यह पहली मर्तबा है कि किसी जिला में इस तरह की कमेटियां ग्रामीण स्तर पर गठित करने का सिलसिला आरंभ किया गया है इन कमेटियों में महिला मंडल, जन प्रतिनिधि तथा युवतियों को प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है ताकि यह कमेटियां अपने अपने गांवों में घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठा सकें और पीडि़त महिलाओं की मदद कर सकें। आवाज उठाओ अभियान का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन ने गत जून माह में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को जागरूक करने के लिए चुप्पी तोड़ा अभियान आरंभ किया गया था इसमें पंचायत तथा ब्लाक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं इस अभियान को पूरे महिलाओं ने खूब सराहा गया है।  इसी कड़ी में महिलाओं को जागरूक करने के पश्चात अब जिला प्रशासन ने बुधवार को आवाज उठाओ अभियान आंरभ किया गया है। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि आवाज उठाओ अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में वालंटियर सतर्कता कमेटियां गठित की जा रही हैं  इन कमेटियों की प्रतिमाह नियमित बैठकें भी आयोजित की जाएंगी तथा जिला स्तर पर सर्तकता कमेटियों के कामकाज की समीक्षा भी की जाएगी। इसके अतिरिक्त सर्तकर्ता कमेटियों के पदाधिकारियों को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इस के लिए विकास खंड अधिकारियों तथा सीडीपीओ को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। इस अवसर पर सीडीपीओ कुलदीप चौहान ने भी विस्तार से घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान की गई तथा महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया इसके अतिरिक्त विकास खंड अधिकारी डा चंदेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए गए। इस अवसर पर पंचायत प्रधान नर्वदा ठाकुर, उपप्रधान अमी चंद,वार्ड पंच बिहारी लाल, सोमा देवी, जगमोहन सिंह, उपप्रधान धर्म सिंह, कमला देवी, सुषमा देवी, गीता देवी, पौहंच की उपप्रधान होशियार सिंह, वार्ड पंच वरीकां देवी, रीता देवी, सगरो देवी सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

घरेलू  हिंसा मुक्त होगा समाज हमारा का खूब गूंजा नारा

हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। टौणी देवी ब्लाक कढियार में सहयोग आपका, संकल्प हमारा, घरेलू हिंसा मुक्त हो समाज हमारा का नारा खूब गूंजा तथा महिलाओं ने घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाजा उठाने का संकल्प भी लिया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा आरंभ किए गए जागरूकता अभियान में लघु नाटिका तथा गीत संगीत के माध्यम से घरेलू हिंसा पर खुलकर तंज कसे तथा महिलाओं को घरेलू हिंसा से निपटने के लिए आगे आने का आह्वान भी किया गया। हमीरपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला हैं जहां पर जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर घरेलू हिंसा के खिलाफ मिशन मोड में अभियान आरंभ किया गया है इसमें पंपलेंट इत्यादि महिलाओं को वितरित किए गए हैं जिसमें घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जागरूकता कार्यशाला में महिलाओं ने जिला प्रशासन के साथ सीधा संवाद कायम कर अपने अपने क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की गई तथा इस अभियान में बढ़चढ़ हिस्सा लेने का भरोसा भी जिला प्रशासन को दिलाया गया है। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि घरेलू हिंसा की स्थिति में निकटतम सर्तकता समितियों से संपर्क करने के साथ साथ गंभीर परिस्थिति में निकटतम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व निकटतम आश्रय गृह में संपर्क करने का प्रावधान किया गया है।

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिये जिला प्रशासन तैयार 

हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाईन फ्लू से निपटने के लिये बराबर नज़र रखी हुई है लोगों को घबराने की आवश्यकता  नहीं है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्दी जुकाम आदि से ग्रस्त रोगियों के लक्ष्णों की गहनता से जांच की जा रही है तांकि समय पर पता लगाया जा सके कि सामान्य फ्लू है अथवा स्वाइन फ्लू जिससे रोगी का तुरन्त उपचार किया जा सके। यह जानकारी  अतिरिक्त उपायुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए दी । उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सर्दी जुकाम को सामान्य ने लें,क्योंकि सर्दी जुकाम और स्वाइन फ्लू के लक्षण लगभग मिलते जुलते होते हैं। उन्होंने फ्लू और स्वाइन फ्लू के भेद बताते हुए बताया कि सामान्य फ्लू में सर्दी, जुकाम और हल्का बुखार, गले में हल्की खराश, नाक बुंद, शरीर दर्द, सामान्य ठण्ड, दवा की जरूरत नहीं जबकि स्वाइन फ्लू की स्थिति में  सर्दी-जुकाम और तेज बुखार, गले की तीखी खराश, निरन्तर दर्द, लगातार नाक बहना, शरीर दर्द, तेज सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत हो तो ऐसे लक्ष्यणें की स्थिति में तुरन्त समीप के स्वास्थ्य केन्द्र जाकर डॉक्टर परामर्श लेना सुनिश्चित करें । अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला में सभी शैक्षणिक एवं प्रशिक्षणिक संस्थानों के मुखियों को निर्देश दिये हैं कि संस्थानों  में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर पूरी सर्तकता रखें । उन्होंने कहा है कि किस विद्यार्थी को सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षण दिखाई देते हुए हैं तो उसे तुरन्त अवकाश दें और स्वास्थ्य उपचार के लिये चिकित्सक के सम्पर्क में लाएं।  

आगामी वितवर्ष में एससी उप योजना के तहत पूंजीगत कार्यों हेतु 16.39 करोड रूपये का बजट प्रस्तावित-डीसी

ऊना, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। उपायुक्त अभिषेक जैन ने बताया कि जिला ऊना में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत आगामी वित वर्ष के दौरान पूंजीगत कार्यों के लिए 16.39 करोड रूपये का बजट प्रस्तावित है जो चालू वित वर्ष के आबंटित बजट से 20 प्रतिशत अधिक होगा। उपायुक्त  आज बचत भवन में अनुसूचित जाति उप योजना  की जिला स्तरीय समीक्षा एवं कार्यान्वयन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त ने बताया कि चालू वित वर्ष के दौरान अनुसूचित जाति उप योजना के अन्तर्गत राज्य योजना के तहत 31 दिसम्बर, 2014 तक लगभग 71 करोड रूपये जबकि विशेष केन्द्रीय सहायता योजना के तहत लगभग 15 लाख रूपये की राशि व्यय किए जा चुकी है। उन्होने बताया कि चालू वित वर्ष के दौरान अनुसूचित जाति उप योजना के अन्तर्गत राज्य योजना के तहत जिला में आईपीएच विभाग के माध्यम से लगभग 50 करोड रूपये, ग्रामीण विकास विभाग एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 4-4 करोड, स्वां नदी बाढ़ प्रौजेक्ट के तहत पांच करोड, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग विभाग के माध्यम से लगभग पौने 4 करोड, स्वास्थ्य व शिक्षा पर लगभग डेढ़-डेढ़ करोड रूपये की राशि व्यय की जा चुकी है।  उन्होने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति उप योजना के तहत आबंटित बजट का शत प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति उप योजना के तहत किए गए विकास कार्यों पर साईन बोर्ड लगाना भी सुनिश्चित करें ताकि इस योजना के तहत किए गए विभिन्न विकास कार्यों को पहचाना जा सके। अभिषेेक जैन ने बैठक में उपस्थित सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह एससी सब प्लान योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण भी करें जबकि कल्याण विभाग के अधिकारियों को विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को भी समय-समय पर चैक करने के निर्देश भी दिए। बैठक में जिला कल्याण अधिकारी शशी बिजलवान सहित लोक निर्माण, आईपीएच, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन, बिजली बोर्ड, कृषि, बागवानी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, स्वां प्रौजेक्ट सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

स्थानीय  कलाकारों की स्क्रीनिंग 25 फरवरी को 

हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। चार दिवसीय राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव सुजानपुर टीहरा में सांस्कृतिक संध्याओं की प्रतिष्ठा और गरिमा के दृष्टिगत जनता को उनकी रूचि के अनुसार बेहतर से बेहतर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक देखने को मिलेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के  लिये स्थानीय कलाकारों को अधिक से अधिक मौका दिया जाएगा। स्थानीय कलाकारों की स्क्रीनिंग 25 फरवरी को प्रात: 11 बजे बचत भवन, हमीरपुर में आयोजित होगी।  यह जानकारी एडीसी हिमांशु शेखर चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिये जिन स्थानीय कलाकारों से जो आवेदन प्राप्त हुए हैं उन्हें स्क्रीनिंग में भाग लेने के लिये अलग से सूचित नहीं किया जा रहा है और स्क्रीनिक में आने वाले कलाकारों को दैनिक भत्ता व आने-जाने का किराया नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सक्रीनिंग के दौरान सांस्कृतिक दल को अपना पंजीकरण-पत्र साथ लाएं । 

होली उत्सव फूड कार्नर स्टालों के लिये स्थान आवंटन 26 फरवरी को

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हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। चार दिवसीय राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव सुजानपुर टीहरा में आने वाली जनता को विभिन्न प्रकार के  लजतदार पकवानों का आनन्द लेने के लिये फूड कॉर्नर सुविधा उपलब्ध होगी। यह जानकारी एसडीएम, सुजानपुर बलवान चंद  ने दी। उन्होंने होली उत्सव के दौरान इच्छुक पार्टीयों द्वारा फूड कॉर्नर के स्टाल स्थापित करने के लिये स्थान आवंटन नीलमी में भाग लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा फूड कार्नर के लिये स्थान आवंटन नीलमी 26 फरवरी को  10 बजे सुजानपुर चौगान में होगी।  उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए फूड कार्नर की स्थापना सिवरेज सिस्टम के साथ होगी। 

फल्स पोलियो अभियान को सफल बनाएं 

हमीरपुर, 18 फरवरी  (विजयेन्दर शर्मा)। उप निदेशक, उच्चतर शिक्षा, सोमदत्त सांख्यान ने  जिला के समस्त राजीय वरिष्ठ माध्यमिक  व उच्च पाठशालाओं के मुखियों को निर्देश दिये हैं कि 22 फरवरी को पल्स पोलियों अभियान को सफल बनाने के लिये बच्चों को प्रार्थना सभा में संदेश दे कि वह अपने आस-पड़ोस के 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 22 फरवरी को अपने समीप स्वास्थ्य केन्द्र पर लेकर जाएं और पोलियों ड्राप्स पिलाएं । उन्होंने कहा है कि विस्तृत जानकारी कार्यालय की बैवसाईट पर उपलब्ध है। 

AAP के विदेशी चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं: केंद्र सरकार

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केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के विदेशी चंदे की जांच की गई और उसमें कानून का कहीं भी उल्लंघन नहीं पाया गया। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ ने गृह मंत्रालय को इस मामले में अपनी ताजा जानकारी के साथ रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने को कहा है।

खंडपीठ ने 'आप'की ओर से पूर्व में और वर्तमान में कानून का उल्लंघन कर जुटाए गए विदेशी धन की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। ये जनहित याचिका वकील एम. एल. शर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य 'आप'नेताओं के खिलाफ दायर की है। याचिकाकर्ता वकील ने कहा है कि 'आप'ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट-फेरा) का उल्लंघन कर विदेशों से धन हासिल किया है।

केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में सरकार ने मुद्दे की जांच कराई और स्थिति रिपोर्ट पेश की और 'आप'के खिलाफ कुछ भी नहीं पाया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की गई, कुछ भी नहीं पाया गया। गौरतलब है कि हाल ही में आप स्वयंसेवी एक्शन मार्च (आवाम) ने आरोप लगाया कि पार्टी ने दिल्ली के स्लम में पंजीकृत कंपनियों से चार समान किश्तों पर 2 करोड़ रुपये लिए। इन कंपनियों के निदेशक समान हैं। आवाम में शामिल स्वयंसेवी पिछले साल अगस्त में आप से अलग हुए थे।

आवाम के सदस्यों ने दावा किया कि 5 अप्रैल 2014 को चार फर्जी कंपनियों ने रात के समय आप को चेक के माध्यम से 50-50 लाख रुपये का चंदा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कंपनियों ने 2 साल तक कोई लाभ नहीं कमाने के बावजूद चंदा दिया गया। शर्मा ने दावा किया कि दुबई एवं अन्य देशों से दिल्ली में खास तौर से मुस्लिम समुदाय को फोन आए और आप को समर्थन देने का आग्रह किया गया। याचिका में कहा गया है कि आप अब विदेशों से, खास तौर से मुस्लिम आतंकवादियों से फर्जी चेक के साथ ही साथ दुबई एवं अन्य देशों से दिल्ली को किए गए फोन के जरिए चंदा हासिल कर रहा है।

यद्यपि आप ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट से चंदा लेने वाले सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की जांच करने के लिए एसआईटी गठित करने का अनुरोध किया था। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

मधु कोड़ा समेत 8 को मिली ज़मानत

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कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच कर रही विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत 8 लोगों को ज़मानत दे दी है.

ज़मानत पाने वालों में पूर्व कोयला सचिव एससी गुप्ता और झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बासु भी शामिल हैं. सीबीआई ने कहा था कि पूर्व कोयला सचिव गुप्ता ने कोयला खदान आवंटन में प्रधानमंत्री कार्यालय को 'ग़लत जानकारी'दी थी.

धवार को सीबीआई ने अदालत के आदेशानुसार बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की केस डायरी और क्राइम फ़ाइल्स एक सीलबंद लिफ़ाफ़े में अदालत को सौंपी. इस मामले में उद्योगपति कुमारमंगलम बिड़ला भी अभियुक्त हैं. बुधवार की सुनवाई में सीबीआई ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ज़मानत का विरोध करते हुए कहा था कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

केजरीवाल सरकार ट्रैफिक पुलिस पर कंट्रोल चाहती है

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब राष्ट्रीय राजधानी में यातायात की स्थिति सुधारने के लिए यातायात पुलिस को अपने अधिकार में लाने की कोशिश करेगी। माना जा रहा है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने भी पुलिस को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बेजोड़ कोशिशें की थीं, लेकिन उनका 15 साल लंबा कार्यकाल होने के बावजूद वह कामयाब नहीं हो सकीं। 

पुलिस केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधीन आती है। केजरीवाल सरकार में परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, हम ट्रैफिक पुलिस को दिल्ली सरकार के दायरे में लाने की कोशिश करेंगे। दिल्ली के ट्रैफिक संकट को सरकार की प्राथमिकताओं में रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कदम से शहर में बेहतर यातायात प्रबंधन में मदद मिलेगी।

गोपाल राय ने कहा, मैंने ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें हम ट्रैफिक समस्या के प्रबंध के उपायों पर चर्चा करेंगे।

गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में अपीलों पर सुनवाई शुरू

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गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर  बुधवार को सुनवाई शुरू की. इनमें से कुछ दोषियों को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई है.

साल 2011 में विशेष अदालत ने 31 लोगों को दोषी ठहराया था. उनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई गई थी जबकि अन्य को नरसंहार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. साबरमती एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे 59 यात्रियों की तब मौत हो गई थी जब 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन के निकट ट्रेन के एस-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी.

निचली अदालत ने 63 आरोपियों को बरी कर दिया था. बाद में उच्च न्यायालय में कई अपील दायर की गई थी. जो दोषी पाए गए हैं उन्होंने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की है जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी है. कुछ अपील मृतकों के रिश्तेदारों ने दायर की है. न्यायमूर्ति अनंत दवे और न्यायमूर्ति जी आर उधवानी की पीठ ने इन अपीलों पर आज से सुनवाई शुरू की.

प्रिया पिल्लै शपथ पत्र दें तो एलओसी वापस ले ली जाएगी: सरकार

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सरकार ने आज दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि ग्रीनपीस इंडिया की एक्टिविस्ट प्रिया पिल्लै के खिलाफ लुक आउट सकरुलर को वापस ले लिया जाएगा बशर्ते वह एक शपथ पत्र दें कि वह देश में कथित उल्लंघनों के खिलाफ ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष गवाही नहीं देंगी. यह बात अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत में सुनवाई के दौरान कही. इस दौरान जैन और पिल्लै के वकील के बीच तीखा वाक्युद्ध हुआ. 37 वर्षीय पिल्लै ने शपथ पत्र देने से इंकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने आज मुझसे लिखित में शपथ पत्र देने को कहा कि मैं उल्लंघन के बारे में नहीं बोलूंगी और अगर मैं इस तरह का शपथ पत्र देती हूं तब मुझे इस देश को छोड़कर जाने या विदेश जाने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन मैंने शपथ पत्र देने से मना कर दिया.’’ शपथ पत्र देने से इंकार करने का कारण बताते हुए पिल्लै ने कहा, ‘‘क्योंकि मैंने मुंह बंद करने का आदेश मानने से इंकार कर दिया. इस देश का नागरिक होने के नाते मुझे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने, बोलने, संविधान के भीतर साफ तौर पर अपनी राय रखने का अधिकार है.’’

पिल्लै ने ब्रिटिश सांसदों के समक्ष मध्य प्रदेश के महान में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों पर प्रजेंटेशन देने के लिए लंदन जाने की अनुमति मांगी है. उन्होंने दावा किया कि यह कारण था कि उन्हें 11 जनवरी को आईजीआई हवाई अड्डे पर एक उड़ान से उतार लिया गया.

नरेन्द्र मोदी लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं: प्रद्युत बोरा

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असम में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रद्युत बोरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बोरा का कहना है कि नरेंद्र मोदी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा में भी अब लोकतंत्र नहीं रह गया है। बोरा ने भाजपा से 2004 में नाता जोड़ा था।

प्रद्युत बोरा ने प्रधानमंत्री पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाते हुए भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रांरभिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बोरा ने अध्यक्ष अमित शाह को लिखे गए अपने पांच पृष्ठों के लंबे इस्तीफा पत्र में मोदी और शाह दोनों पर देश और पार्टी की लोकतांत्रिक परंपरा को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता को बहुत तेजी से प्रधानमंत्री कार्यालय में कें द्रित किया जा रहा है और किसी भी कैबिनेट मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय के अधिकारी या सांसद को मोदी की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न उठाने का साहस नहीं है। 

बोरा ने 2004 में भाजपा से नाता जोड़ा था। उन्होंने शाह पर आरोप लगाया कि वे बहुत ही केंद्रित होकर और व्यक्तिगत होकर निर्णय लेते हैं जिससे पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ताओं का बड़ा हिस्सा अलग थलग हो गया है। उन्होंने दावा कि भाजपा पूर्व कांग्रेसी नेता डॉ. हिंमत विश्व शर्मा को पार्टी में लाने की कोशिश कर रही है जो वस्तुत असम के सबसे भ्रष्ट नेता हैं।
जब कोई नेता पार्टी छोड़ता है, तो तरह-तरह के इल्जाम लगाता है। क्या बोरा भी तो किसी अन्य पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। बोरा का कहना है कि इस समय देश को एक अलग तरह के राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। या तो बीजेपी वैसी बने या लोग विकल्प तलाश लेंगे। मुझे आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और असम गण परिषद की असम इकाइयों से प्रस्ताव मिले थे, लेकिन मैं उनके साथ नहीं जाना चाहता हूं।

विशेष आलेख : यूपी में आजम जैसी सुविधा दुसरों को क्यों नहीं?

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जी हां, यूपी सरकार का दोहरा चरित्र या यूं कहें मंत्री व बाहुबलियों के लिए कुछ और जबकि आम आदमी के लिए कुछ और है। यह तो बहुत पहले से ही जगजाहिर है, लेकिन ताजा मामला ने व्यवस्था की ही पूरी पोल खोल कर दी है। सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां की निजी संस्था को लीज पर दी जाने वाली जमीन की कीमत मात्र 100 रुपये प्रति वर्ष है, जबकि अन्य के लिए कोई सीमा ही नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि जिस जमीन या भवन का सालिना किराया 100 रुपये है उसी भूमि और भवन के लिए वार्षिक शुल्क 1000 गुणा अधिक देने वालों को क्यों नहीं दी जा सकती। जबकि उक्त संस्था शिक्षा समेत हर कार्य के लिए बेहतर क्वालिटी देने का दावा की है। फिलहाल मामला लोकायुक्त के पास है औा उन्होंने उच्चस्तरीय जांचकर कार्यवाही की बात कहीं है, अब देखना है इस जंगलराज सरकार में कार्यवाही पर अमल कब तक हो पाता है 

azam khan
मामला मौलाना जौहर अली शोध संस्थान, रामपुर का है। इस संस्थान के कर्ताधर्ता यूपी सराकर के कैबिनेट मंत्री आजम खां है। अल्पसंख्यक विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधीन मौलाना जौहर अली शोध संस्थान, रामपुर को आजम खा द्वारा संचालित एक निजी संस्था मौलाना जौहर अली ट्रस्ट, जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट में पंजीकृत एक संस्था है, को रामपुर शहर के बीचोंबीच लगभग 1500 वर्ग गज जमीन अगले 30 सालों तक के लिए लीज पर दी गयी है। वित्तीय वर्ष 2005-2006 से अब तक कुल 983 लाख रुपये जौहर अली ट्रस्ट को सरकार द्वारा दिया जा चुका है। खास बात यह है कि यह भूमि और भवन 30 सालों की लीज पर मात्र 100 रुपये के वार्षिक किराये पर इस शर्त पर दी गयी है कि इस शोध संस्थान में रामपुर की लड़कियों को शिक्षा दी जायेगी। बेशक आज के बदलते दौर में अगर लड़कियों को शिक्षा की बात कही जा रही है या विश्व विद्यालय खोले जा रहे है, तो सराहनीय है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर इस तरह की सुविधाएं अन्य इलाकों या यूं कहें जिलों के स्वयंसेवी संस्थाओं की दी जाय तो रामपुर ही क्यों पूरे उत्तर प्रदेश में लड़कियों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है, जो नहीं किया जा रहा। कुछ इसी तरह की भावनाओं के साथ पीपल्स फोरम नामक एक ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओं ने सचिव अल्पसंख्यक आयोग से मांग की है कि अगर कुछ इसी तरह की सहूलियतें उन्हें भी मिलें तो वे न सिर्फ उस शुल्क दर से एक हजार गुना यानी एक लाख रुपया सालिना देंगे, बल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल का निर्माण कर बेहतर शिक्षा भी देंगे। 

लेकिन इतनी कम दर पर शायद आजम खां कैबिनेट मंत्री न होते तो उन्हें भी नहीं दिया जा सकता था, लेकिन इस वक्त वह सरकार में सर्वेसर्वा है तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। फिरहाल पीपल्स फोरम नामक संस्था चाहती है कि उक्त शोध संस्थान की भूमि और भवन सामाजिक कार्यों हेतु उन्हें दी जाय। जहां श्री आजम खान की निजी संस्था इस लीज के बदले 100 रुपये प्रति वर्ष दे रही है। वह उसी भूमि और भवन के लिए श्री खान द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक शुल्क से 1000 (एक हजार) गुणा अधिक अर्थात 1,00,000 रुपये प्रति वर्ष के वार्षिक शुल्क देंगे। जितनी अच्छी शिक्षा आजम की संस्था द्वारा दी जायेगी, उससे कहीं बेहतर शिक्षा कम दर या शुल्क में पीपल्स फोरम द्वारा दी जायेगी। जितना अधिक सामाजिक और सार्वजनिक लाभ जौहर अली ट्रस्ट को यह भूमि और भवन देने से मिलेगा, उससे कहीं बहुत ज्यादा पीपल्स फोरम यह भूमि और भवन प्राप्त कर के समाज को देगा। इन तथ्यों के आधार पर पीपल्स फोरम ने एक लाख रुपये वार्षिक शुल्क पर उक्त शोध संस्थान 30 वर्ष या जितनी अवधि उचित समझी जाए, उतनी अवधि के लिए उक्त शोध संस्थान की भूमि और भवन दी जाय। चूंकि पीपल्स फोरम में अन्य लोगों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ नूतन ठाकुर भी हैं, और इसके अलावा इससे कई अन्य सदस्य भी जुड़ें है। 

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डाॅ नूतन ठाकुर के पति अमिताभ ठाकुर का कहना है कि वह अलग से इस शोध संस्थान को लीज पर प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव बना कर शासन को प्रस्तुत कर चुके हैं। उनका मानना है कि यदि कोई संस्था दूसरी संस्था से एक हजार गुणा अधिक शुल्क सरकार को दे रही हो और अधिक बेहतर सामाजिक योगदान की बात रख रही हो, तो निश्चित रूप से उसके जैसा विवेकवान और राजकीय हित में प्रतिबद्ध व्यक्ति द्वारा शासकीय हित में पहली संस्था से हुए करार को निरस्त कर तत्काल राजकोष में उससे अधिक शुल्क देने वाले और उससे अधिक सामाजिक योगदान देने वाली संस्था को ही सरकार की भूमि और भवन दिया जाना चाहिए। भले ही उस पहली संस्था से सरकार का कोई व्यक्तिगत लगाव ही क्यों न हो, क्योंकि प्रदेश के मंत्री के रूप में उनकी प्रतिबधता निश्चित रूप से स्वयं द्वारा संचालित मौलाना जौहर अली ट्रस्ट से कई गुणा अधिक प्रदेश की जनता और प्रदेश के हित के प्रति जवाबदेही है। इस बाबत श्री ठाकुर ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेंजकर पीपल्स फोरम द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूर कर लीज की जमीन उसे ही दिए जाने की मांग की है। देखा जाय तो अमिताभ ठाकुर के इस बात में दम है, क्योंकि पीपल्स फोरम ने न सिर्फ हजार गुणा अधिक शुल्क देने की बात कही है बल्कि आजम खान के ट्रस्ट द्वारा आम जनता को दी जाने वाली सुविधा से कहीं बेहतर सुविधा देने व उनसे कम धनराशि में रामपुर की बच्चियों को कई गुणा बेहतर शिक्षा देने की बात कहीं है। इससे सरकार के राजकोष को 99,900 रुपये प्रति वर्ष अधिक प्राप्त तो होगा ही लड़कियों को बेहतर व आधुनिक शिक्षा भी मिल सकेगी।  

हालांकि इस गंभीर मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार या संबंधित विभाग भले ही अभी तक कुछ नहीं किया लेकिन लोकायुक्त शिकायत मिलने पर सजग जरुर हो गए है। लोकायुक्त ने भी माना है कि कहीं न कहीं गड़बड़ी जरुर है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने सरकारी मौलाना अली जौहर शोध संस्थान, रामपुर को आजम खान की संस्था मौलाना जौहर अली ट्रस्ट को लीज पर दिए जाने के परिवाद में लोकायुक्त जस्टिस एन के मल्होत्रा से मिल कर शीघ्र जांच करने का अनुरोध किया। लोकायुक्त द्वारा शीघ्र ही जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। लोकायुक्त ने उन्हें बताया कि अब उनके सचिव छुट्टी से वापस आ गए हैं और वे अब इस परिवाद में कार्यवाही शुरू करेंगे। परिवाद में बिना किसी नियम, शर्त और प्रक्रिया के अल्प संख्यक विभाग के शोध संस्थान रामपुर की 1500 वर्गगज बेशकीमती भूमि और 9.83 करोड़ में बने सरकारी भवन को मंत्री की निजी संस्था को 100 रुपये के वार्षिक शुल्क पर 30 सालों दिए जाने को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौरभ गांगुली, सुभाष घई और कुशाभाई ठाकरे ट्रस्ट मामलों में प्रतिपादित सिद्धांतों के खिलाफ बताया गया है। साथ ही इसे हितों का टकराव बताते हुए पद का सीधा दुरुपयोग बताते हुए इस आवंटन को निरस्त करने और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की है। 






liveaaryaavart dot com

सुरेश गांधी 
लेखक आज तक टीवी न्यूज चैनल से संबंद्ध है 

चांदीपुर में पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण

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भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एक प्रायोगिक रेंज से, स्वदेश में विकसित और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का आज सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। सतह से सतह पर वार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक की है। यह परीक्षण सेना द्वारा किए जा रहे प्रायोगिक परीक्षण का हिस्सा था।

मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण सचल प्रक्षेपक की मदद से इन्टीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 से सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर किया गया। 350 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली पृथ्वी-2 अपने साथ 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है। इसे संचालक शक्ति देने के लिए इसमें दो तरल प्रणोदन इंजन लगे हैं।

आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण ‘स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड’ ने किया और यह पूरी तरह सफल रहा। एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा कि मिसाइल को उत्पादन भंडार से चुना गया था। प्रशिक्षण अभ्‍यास के तहत प्रक्षेपण की सभी गतिविधियों को विशेष तौर पर गठित एसएफसी ने अंजाम दिया और इनकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही थी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत के एसएफसी में वर्ष 2003 में शामिल की गई पृथ्वी-2 ऐसी पहली मिसाइल है, जिसका विकास डीआरडीओ ने भारत के प्रतिष्ठित आईजीएमडीपी (एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम) के तहत किया है और इस समय यह एक प्रमाणित तकनीक है।

विशेष : प्रधानमंत्री के बयान से संघ को क्या संदेश मिला

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भाजपा को केेंद्र में स्पष्ट बहुमत मिलने और कट्टरवादी छवि के बावजूद नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता स्थापित हो जाने से हिंदू संगठनों का मनोबल बौरा जाने की हद तक बढ़ गया था और उन्होंने एकदम संयम को तिलांजलि देकर विवादित हरकतों का ऐसा तूफान खड़ा किया कि भारत सारी दुनिया के निशाने पर आ गया। यह दूसरी बात है कि विश्व बिरादरी के पहाड़ के नीचे खड़े होने के बाद नरेंद्र मोदी को अपनी सीमाओं का अहसास हो जाने से गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनाई गई नीतियों में बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी कारण उन्हें संघ प्रमुख को कई बार कहना पड़ा कि वे उनकी सरकार के मजबूती से पैर जमाने तक इस वानर सेना को वे काबू में रखने में सहायता करें। ऊपरी तौर पर संघ प्रमुख ने भले ही उनका सहयोग किया हो लेकिन जिस तरह की बयानबाजी उन्होंने खुद जारी रखी उससे उन्मादी हिंदू संगठनों को लगातार बल मिलता रहा। हालत यह हो गई कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जिनका मोदी ने पलक पांवड़े बिछाकर दिल्ली में स्वागत किया था इस मुद्दे पर उनकी फजीहत करने से अपने को रोक नहीं सके। नई दिल्ली से रवाना होने के पहले सीरी फोर्ट आडीटोरियम में चुनिंदा लोगों की सभा में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत में धार्मिक टकराव बढ़ा तो वह अपने को प्रगति की लीक पर बहुत दिनों तक कायम नहीं रख पाएगा। 

जब ओबामा के इस भाषण को भाजपा समर्थित हिंदू संगठनों की गतिविधियों से जोड़ा गया तो भारत से नए नवेले संबंधों में दरार पैदा होने की बन रही आशंका को टालने के लिए अमेरिका ने यह स्पष्टीकरण दिया कि राष्ट्रपति के उक्त बयान को भाजपा के संदर्भ में नहींदेखा जाना चाहिए। इससे मोदी को थोड़ी-बहुत तसल्ली मिली ही थी कि अगले दिन ब्रेक फास्ट प्रेयर के भाषण में ओबामा ने फिर यह कहकर उनकी सरकार की साख पर गोला दाग दिया कि अगर महात्मा गांधी इस समय जीवित होते तो भारत में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के कारण उन्हें गहरा सदमा लग गया होता। दिल्ली की हार के साथ ओबामा के बयान का यह आघात मोदी को पस्त करने वाला साबित हुआ है। इसी कारण मोदी ने आनन-फानन में दिल्ली में चर्च में हुई चोरी की घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर को तलब किया और उन्हें चर्च व गिरजाघरों की पूरी हिफाजत करने के निर्देश दिए। जैसे इतना ही काफी नहीं था। इसके बाद ईसाइयों के एक कार्यक्रम में पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल ईसाइयों समेत देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी सुरक्षा के बारे में आश्वस्त किया बल्कि यह कहने में भी गुरेज नहीं किया कि अगर धार्मिक उन्माद और हिंसा फैलाने की कोशिश की गई तो उनकी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

नरेंद्र मोदी की फतह के बाद भारत को रातोंरात हिंदू राष्ट्र बना देने की गली-गली में घोषणा करते घूम रहे संघ परिवार और उनसे प्रेरित संगठनों के बुद्धिहीन नेताओं के लिए प्रधानमंत्री का यह बयान तमाचा की तरह है। गणतंत्र दिवस के दौरान जारी किए गए संविधान की प्रस्तावना के विज्ञापन में जानबूझकर दिखाई गई बाजीगरी से संघ परिवार को शायद यह भ्रम हो गया था कि धर्मनिरपेक्ष संविधान को उनका महाबली चुटकियों में बदल डालने में सक्षम है। दिक्कत यह है कि पूरा संघ परिवार इतिहास में जी रहा है। मध्यकाल का वह भारत आज के समय में आप्रासंगिक हो चुका है। आज नई संरचना का भारत है। ठीक उसी तरह जैसे पंद्रहवीं शताब्दी के पहले के अमेरिका और वर्तमान अमेरिका का अंतर। आज बाबी जिंदल कहते हैं कि उन्हें भारतीय मूल का अमेरिकन न कहकर सिर्फ अमेरिकन कहा जाए जबकि अमेरिकी नागरिक के तौर पर उनका रूपांतरण कई पीढिय़ों पुराना नहीं है। सिर्फ एक पीढ़ी पहले यानी उनके पिता अमेरिका चले गए थे और उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली थी। आज अमेरिकन समाज के अधिकांश अगुवा ऐसे ही हैं जिनका मूल अमेरिकन से कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद वे अमेरिकन प्राइड की बात मजबूती से कहते हैं और उन्होंने राष्ट्रवाद की नई परिभाषा को गढ़ा है। दुनिया भर में हर देश का वर्तमान महत्वपूर्ण हो गया है और देश की दिशा उसी के आधार पर तय हो रही है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो स्वाभाविक तौर पर उनकी दुनिया संकुचित थी। उनके कार्यकाल में गुजरात में हुए मुसलमानों के दमन से उन्हें उस समाज का हीरो बनने का मौका मिला जो रामराज का कायल है यानी जिसमें वर्ण व्यवस्था का अनुशासन अनुलंघनीय रहा है। 

यह मोदी की बहुत बड़ी सफलता थी लेकिन राष्ट्रीय नेता की भूमिका में आने और उसके बाद मजबूत विश्व नेता के रूप में खुद को तराशने की जद्दोजहद के बीच मोदी के सोच का फलक व्यापक हुआ है और नजरिया भी काफी कुछ बदल गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर वे जिस तरह के जज्बाती थे प्रधानमंत्री के तौर पर वैश्विक वास्तविकताओं का दीदार करने और समझने के बाद उनके वह तेवर बरकरार नहीं रह गए हैं। गुजरात से दिल्ली आने तक की उथल-पुथल में वे देश की कई सामाजिक वास्तविकताओं से भी परिचित हुए हैं जिसमें यह भी है कि हिंदू राष्ट्र के स्थापित होने के माने उनके लिए क्या हो सकते हैं। धर्म को बहाल करने के लिए हिंदू राष्ट्र बनने पर हो सकता है कि उनकी बलि चढऩा अपरिहार्य हो जाए। दूसरे वे यह भी जानते हैं कि विश्व नेता की मान्यता उनके राजनीतिक अस्तित्व के लिए इस देश में कितनी मूल्यवान हैं। रूढि़वादी ताकतों का अपने प्रति मोहभंग का खतरा टालने के लिए विश्व नेता के रूप में स्वीकार्यता से उन्हें काफी मदद मिल सकती है इसलिए वे यह हैसियत हिंदू संगठनों के उत्पात के कारण गंवाने का जोखिम कभी भी मोल नहीं ले सकते।

मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के तत्काल बाद यह आभास कराया था कि वे राज्यों में वर्चस्व कायम किए ताकतों के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करेंगे। कांग्रेस के सर्वग्राही सत्तावाद की तुलना में उनकी शैली दूसरे तरीके की होगी और वे आदर्श संघवाद को अपनी सरकार के तौरतरीकों में निभाएंगे लेकिन आठ महीने बाद ही उन्होंने यह लबादा उतार फेेंका है। सबसे पहले उनका दुराव समानधर्मी यानी हिंदूवाद का अनुसरण करने वाली क्षेत्रीय ताकतों से शुरू हुआ है। शिवसेना के साथ उनके बढ़ते मतभेदों के निहितार्थ को इसी रूप में देखा जाना चाहिए। वे महाराष्ट्र में अब शरद यादव के साथ पींगें बढ़ा रहे हैं जिन्हें प्रमुख बैकवर्ड लीडर माना जाता है। संघ परिवार मुस्लिम परस्ती की वजह से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह से भारी खार खाए हुए है। अभी तक उसे उत्तर प्रदेश में अपने लिए कोई गुंजायश नजर नहीं आ रही थी जिससे मुलायम सिंह के साथ संबंध सुधारना उसकी मजबूरी हो गया था लेकिन जब से लोक सभा चुनाव में पार्टी को भारी सफलता मिली है हिंदूवादी संगठन मुलायम सिंह को सबसे बड़ा वर्गशत्रु मान रहे हैं। दूसरी ओर मोदी ने मुलायम सिंह से भी निजी दोस्ताना में नई गर्मजोशी भरने के लिए उनके पौत्र के तिलक समारोह में आने की इच्छा जता डाली है। मुलायम सिंह भी बैकवर्ड नेता हैं। नरेंद्र मोदी संघ परिवार और हिंदू एजेंडे से अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए जो नया तानाबाना बुन रहे हैं उससे भी पता चल जाता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जब उन्होंने ऊंची चोटी से देश के सामाजिक भूगोल का विहंगावलोकन किया तो किस तरह की नई चेतना से वे लैस हो चुके हैं जिसका कड़वा स्वाद संघ परिवार के रूढि़वादी नेतृत्व को आने वाले दिनों में और ज्यादा चखना पड़ सकता है।

प्रधानमंत्री के ताजा रुख पर संघ परिवार की कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है क्योंकि पूरा संघ परिवार फिलहाल उनमें दिखी अप्रत्याशित बदलाव की झलक से फिलहाल स्तब्ध होगा। दूसरी ओर इस बीच एक घटना और हुई है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के कानपुर प्रवास के दौरान मुस्लिम उलेमाओं ने उनसे मिलने की इच्छा प्रकट की। पहले तो उन्होंने मुस्लिम उलेमाओं के अनुरोध को अनदेखा कर दिया था पर जब यह मामला मीडिया में आ गया तो संघ प्रमुख दबाव में आ गए। इसके बावजूद वह स्वयं उलेमाओं से नहीं मिले। उन्होंने संघ में अल्पसंख्यक मामले देख रहे इंद्रेश को यह जिम्मा सौंप दिया। इस मुलाकात में संघ को बेनकाब करने के लिए उलेमाओं ने छह सवाल पेश कर दिए जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह था कि संघ का हिंदू राष्ट्र का खाका क्या है। अगर वह हिंदू धर्मग्रंथों पर आधारित है तो इसका मतलब है कि दलितों का मंदिरों में प्रवेश फिर वर्जित करना पड़ेगा। अगर संघ का हिंदू राष्ट्र इससे अलग है तो इसका मतलब होगा कि हिंदू धर्म में धार्मिक संस्कृति नहीं है। इंद्रेश इसका जवाब नहीं दे सके। मीडिया में भी इसे लेकर संघ की काफी किरकिरी हुई है। हिंदू धर्म शास्त्रों के आधार पर कल्पित हिंदू राष्ट्र में दलितों की ही नहीं समूचे शूद्र समुदाय की हैसियत दोयम दर्जे की हो सकती है। इस कारण इस सवाल का जवाब तो खुद मोदी साहब भी संघ प्रमुख से जानना चाहेंगे।





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के पी सिंह 
ओरई 

आर्यावर्त विशेष : इस जीत के मायने !!

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दिल्ली ने मोदी के साथ चलने से इनकार कर दिया है और अगले पांच सालों तक ‘अरविन्द केजरीवाल'पर अपना भरोसा जताया है। अंधाधुंध विज्ञापन, चुनावी मैनेजमेंट, संघ, भाजपा व केंद्र सरकार की पूरी ताकत और सब से बढ़ कर मोदी का जादू नाकाम साबित हुआ है। दिल्ली ने एक बार फिर चौकाया है और सारे अनुमानों को गलत साबित करते हुए “आम आदमी पार्टी” को प्रचंड बहुमत दिया है। भाजपा का लगभग सफाया हो गया है और कांग्रेस को दिल्ली की राजनीति में मुक्ति मिल गयी है। प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की अपराजेय छवि पहली बार खंडित हुई है और उनके अजेय होने के मिथ को धक्का लगा है। “मोदी ब्रांड” के सामने अरविन्द केजरीवाल ने अपने 49 दिनों के शासनकाल को पेश किया था और जनता ने इस पर मोहर लगा दिया है। बहुत ही मामूली संसाधन, टूटे हुए भरोसे और मीडिया के एक बड़े हिस्से की बेरुखी के बावजूद “आप” को यह सफलता हासिल हुई है। 

साल 2014 भाजपा के लिए अब तक का सबसे अच्छा साल रहा, इस दौरान उसने केंद्र में जबरदस्त बहुमत के बाद कई राज्यों में अपना झंडा गाड़ा, वहीँ 2014 “आप” के लिए बहुत बुरा साबित हुआ, इस दौरान उन्होंने एक के बाद एक कई गलतियां की और अपने आप को कुछ ज्यादा ही आंक लिया। दिल्ली चुनाव 2015 का पहला चुनाव था जिसमें यह तय होने वाला था कि भाजपा के लिए 2014 का सुनहरा सफ़र जारी रहने वाला है या इसमें “आप” की ब्रेक लगेगी, इस “हाई प्रोफाइल” चुनाव में जहाँ, एक तरफ “आप” का भविष्य दावं पर था तो दूसरी तरफ बीजेपी ने बहुत ही बचकाने तरीके से दिल्ली जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य में अपने स्टार प्रधानमंत्री को ही दावं पर लगा रखा था और इसे अपनी प्रतिष्ठा और नाक का सवाल बना लिया था, दूसरी तरफ लगभग चुकी हुई मान ली गयी “आप पार्टी” ने जबरदस्त वापसी करते हुए अपनी खोयी हुई जमीन को दूबारा हासिल किया है, “दिया” और “तूफ़ान” की लडाई में “दिये” की जीत हुई है। फिलहाल यह कहावत गलत साबित हो गया है कि राजनीति दूसरा मौका नहीं देती।

“आप” के उभार के बाद दिल्ली के पिछले तीन चुनावों के नतीजे चौकाने वाले रहे हैं, पिछली बार 2013 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ साथ दिल्ली में जो विधान सभा के चुनाव हुए थे, उसमें अपने पहले ही प्रयास में “आप” एक बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आई और पंद्रह साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को पछाड़ते हुए दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। अरविन्द केजरीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बड़े फासले से हरा  दिया था, अब दो साल से भी काम वक्फे के दौरान दिल्ली की जनता ने आप जैसी नयी पार्टी को दूबारा मौका दिया है और इस बार रही सही कसर भी पूरी कर दी गयी है। दिल्ली चुनाव नतीजों की इसलिए भी अहमियत है क्योंकि इससे भारतीय लोकतंत्र में लगातार कमजोर होते जा रहे विपक्ष और लोकतान्त्रिक शक्तियों में जैसे जान आ गयी है, यह तथ्य भी  उजागर हो गया कि अगर गंभीर विकल्प हो तो भाजपा की बढ़त को चुनौती दी जा सकती है,  पिछले आठ महीनों के दौरान जिन राज्यों में भाजपा की जीत हुई है वहां कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के खिलाफ गुस्सा था और वोटिंग सत्ता के खिलाफ हुई थी। 

जीत की पटकथा 
यह साबित हुआ कि चुनाव केवल मैनेजमेंट और पैसे के बल पर नहीं जीता जा सकता है। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐसा चुनाव लड़ा जैसे वह हमेशा से चुनाव ही लड़ती आ रही हो, “आप” और केजरीवाल ने वही रणनीति अपनाई जो मोदी और उनकी टीम ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनाया था। अरविन्द केजरीवाल का पूरा ऐटिटूड लोकसभा चुनाव के दौरान “अच्छे दिनों” का भरोसा दिलाते वाले मोदी जैसा नज़र आया वहीँ बीजेपी ने कांग्रेसनुमा चुनाव लड़ा और पूरे अभियान के दौरान मोदी व भाजपा अपने आप को दोहराते हुए नजर आये। किरण बेदी जैसे बाहरी व्यक्ति को सी.एम. कैंडिडेट बनाना एक बड़ी गलती साबित हुई, ऐसा लगा जैसे उन्हें पार्टी और जनता पर थोपने की कोशिश की जा रही है, वे अरविन्द केजरीवाल के सामने “लोकसभा चुनाव के राहुल गाँधी” की तरह नजर आ रही थीं। लेकिन यह एक इकलौती भूल नहीं थी, बीजेपी का पूरा चुनाव प्रचार अभियान नकारात्मक था, वह पूरी तरह से कंफ्यूज थी और इसका असर पार्टी के रणनीति पर भी नज़र आया, भाजपा लगातार अपनी रणनीति भी बदलती रही, शुरू में मोदी ब्रांड को सामने लाया गया, फिर किरण बेदी को मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा का सीएम प्रत्याशी बना दिया गया, किरण बेदी जब बेअसर दिखने लगीं तो उन्होंने अपनी रणनीति फिर बदली और एक बार फोकस ‘बेदी से मोदी’ की ओर शिफ्ट कर दिया गया। भाजपा दिल्ली की स्थानीय ईकाई तो चुनाव लड़ ही नहीं रही थी वह इस पूरे खेल के दर्शक की तरह  नज़र आ रही थी, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी किये गये कार्टून विज्ञापनों ने भी उलटे  बीजेपी को ही नुकसान पहुँचाया। रामजादे, हरामजादे, घर वापसी, लव जिहाद के शोर का भी गलत असर डाला ही है। सबसे बड़ा बवंडर यह हुआ कि भाजपा ने दिल्ली जैसे एक केंद्र-शासित  सूबे में मोदी और शाह की जोड़ी के पूरी साख को ही दावं पर लगा दिया, यहाँ तक कि बड़ी संख्या में सांसदों और केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल के मंत्रियों को इस अभियान झोंक दिया गया था। आखरी सात दिनों में 250 रैलियाँ की गयी। संघ परिवार ने भी अपना पूरा जोर लगा दिया था । 

इन्हीं गलतियों ने हासिये पर चले गये केजरीवाल और उनकी पार्टी को न सिर्फ चुनाव के केंद्र में ला दिया, बल्कि उन्हें एक ऐसे संभावनाओं से भरे नेता के तौर पर पेश कर दिया है जो विकल्हीनता के इस दौर में और अपराजित मोदी को चुनौती दे सकता, अरविन्द के पीछे पूरी “आप” एकजुटता के साथ खड़ी थी, उनका पूरा चुनाव अभियान पूरी तरह से सकारात्मक था और इस दौरान उन्होंने मुद्दों को सामने रखा। “आप” ने इस दौरान राजनीति के तौर–तरीकों को भी सीख लिया है।

आम आदमी पार्टी ने शुरू में इस बात के लिए पूरा जोर लगा दिया था कि यह चुनाव किसी भी तरह से मोदी बनाम केजरीवाल न होने पाए, इसके लिए तो उन्होंने बाकायदा अपने वेबसाइट पर मोदी और केजरीवाल की एक साथ तस्वीर भी लगायी थी और इसमें “दिल्ली की आवाज: मोदी फॉर पीएम, अरविन्द फॉर सीएम” का स्लोगन भी लगाया था। भाजपा के पास मुख्यमंत्री के लिए कोई चेहरा नहीं है। इसी रणनीति के तहत “आप” ने अपनी साइट पर मोदी की तारीफ वाला पोस्टर डाल दिया था, शायद पार्टी यह मैसेज देना चाहती थी कि केंद्र में मोदी तो प्रधानमंत्री बन ही चुके हैं, लेकिन दिल्ली में भाजपा के पास केजरीवाल के टक्कर का कोई नेता नहीं हैं, इसलिए यहां केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

इस प्रचंड हार के बाद क्या अब भाजपा और केंद्र सरकार  में सब कुछ वैसा ही चलेगा जैसा पिछले सात–आठ माह से चल रहा था? या पार्टी और सरकार अन्दर से कुछ दूसरी आवाजें भी सुनने को मिलेगी और पार्टी व सरकार ने अन्दर से लोकतांत्रीकरण की मांग उठेगी ? एक संभावना यह भी है कि भाजपा की शीर्ष जोड़ी इससे सीख लेते हुए और मजबूत हो जाए।

कुछ भी हो लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद से भारत में विपक्ष की राजनीति को मोदी ब्रांड के बरअक्स जिस एक अदद चेहरे की तलाश थी वह केजरीवाल में पा ली गयी है। अभी पुराने जमीन और तरीकों पर राजनीति कर रहे शिवसेना सहित बाकी विपक्ष के नेता केजरीवाल के जीत का जिस तरीके से स्वागत कर रहे हैं, उसके संकेत बहुत साफ़ है, केजरीवाल वह चेहरा  बन सकते हैं जो विपक्ष कि राजनीति के केंद्र में हो। उनकी जुझारू, निडर, ईमानदारी और एक आंदोलनकारी की छवि आने वाले दिनों में संसदीय राजनीति में विकल्प की राजनीति केंद्र बन सकती है, इस चुनाव के साथ एक और ख़ास बात यह रही है कि “आम आदमी पार्टी” ने लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के साथ चले गये महत्वाकांक्षी मध्य वर्ग को एक बार फिर अपने साथ लाने में कामयाब हुई है। यही वर्ग मोदी की ताकत रहा है और यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रोपगंडा और जनमत बनाने में इस वर्ग बड़ी भूमिका होती है।

किसका विकल्प

नयी नवेली पार्टी “आप” का सफर बहुत उतार–चढाव वाला रहा है, इसने लगातार गलतियां की हैं लेकिन इस पार्टी ने अपनी गलतियों को स्वीकार है और इनसे सीख कर आगे बढ़ी है, पिछली बार अचानक दिल्ली में सत्ता पाने के बाद इन्होने अपने आपको ज्यादा आकं लिया था और बहुत ही अपरिपक्वता का परिचय देते हुए एक झटके से देश की सत्ता हासिल करने का ख्वाब पाल लिया था। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस कि डूबती नैय्या को देखते हुए केजरीवाल ने  बिना किसी ठोस आधार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया और सीधे गुजरात पहुँच गये और वहां मोदी और उनके तथाकथित “गुजरात विकास माडल” को चुनौती देने चले गये, “आप” ने बिना किसी संगठन के एक ही झटके में लोकसभा चुनाव में चार सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे, खुद केजरीवाल मोदी के खिलाफ और उनके मित्र कुमार विश्वास राहुल गाँधी के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन पार्टी का अपने गढ़ दिल्ली में ही पत्ता साफ़ हो गया, हालांकि उसे वहां 31 से 34 प्रतिशत फीसीदी वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव के बाद बीच में केजरीवाल ने दोबारा दिल्ली में सरकार बनाने का असफल प्रयास भी किया था। इसके बाद पार्टी की कलह तब  खुल कर सामने आ गयी जब मनीष सिसोदिया ने योगेन्द्र यादव पर पार्टी नेतृत्व को भटकाने का आरोप लगाया, लोग जितने तेजी के साथ पार्टी के साथ जुड़े थे उतने ही तेजी के साथ पार्टी छोड़ कर जाने भी लगे। सियासत में इतने कम समय में और ताकत के साथ वापसी करना निसन्देह एक बड़ी उपलब्धि है । 

“आप” के सामने चुनौतियां भी कम नहीं है, एक तो उसे उम्मीदों पर खरा उतरना है तो दूसरी तरह अपने दावे के मुताबिक पूरी राजनीतिक जमात में सब से अलग नज़र आते रहना है, उन्होंने जाने-अजनाने पूरे पोलिटिकल डिसकोर्से बदलने कि जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले ली है उसे पूरी करना भी बहुत मुश्किल नज़र आता है। फिलहाल आम आदमी पार्टी के सामने एक और बड़ा संकट अरविन्द केजरीवाल के करिश्मे पर ही पूरी निर्भरता ही है, “आप” का सिंगल फेस पार्टी के रूप में ही उभार उसके दूसरी जमातो से अलग होने हे दावे से मेल नहीं खाता है, इस बाद कि भी पूरी संभावना है कि कहीं अरविन्द केजरीवाल "आप"की सीमा न बन बैठें,  दरअसल “आप” एक आईडिया है, व्यक्ति नहीं , यह ध्यान रखना होगा कि कहीं केजरीवाल “आप” की आईडिया से बड़े ना हो जायें। शांति भूषन जैसे उसके संस्थापक सदस्यों की चिंता जताते रहे हैं कि “केजरीवाल से “आप” की अवधारणा को नुक्सान हुआ है”। आप से ही जुड़े लोग  पार्टी में लोकतंत्र ना होने कि शिकायत भी करते रहे हैं। योगेंद यादव ने आंतरिक लोकतंत्र को लेकर सवाल था। केजरीवाल द्वारा पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के सुझावों को नहीं सुनने की शिकायत की थी तो पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया उलटे उनपर हमला बोलते  हुए कहा था “योगेन्द्र यादव पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं तथा पार्टी के अंदरूनी मामलों को सार्वजनिक कर पार्टी को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं”। 

देश के स्तर पर अपने को एक विकल्प के रूप में पेश करने से पहले पार्टी को अपने इन अंतर्विरोधों से पार पाते हुए पार्टी संगठन का जाल बिछाना होगा, इसके साथ ही दिल्ली में केजरीवाल सरकार को अच्छा काम करके दिखाना होगा। अभी यह साबित करना बाकी है कि वे लोग विरोध की राजनीति के साथ–साथ सरकार भी चला सकते हैं। केजरीवाल और उनकी "आप"भाजपा और संघ-परिवार पोषित बहुसंख्यक राष्ट्रवाद और इसके खतरों का विकल्प नहीं बन सकती है, हाँ वे कांग्रेस का एक विकल्प जरूर बन सकते है बशर्ते वह अपनी हड़बड़ी पर काबू बनाये रखें, अपनी कथनी और करनी में ज्यादा फर्क ना आने दें, अपने आप व्यक्ति आधारित पार्टी बनने से बचा ले जाये और विकास व गवेर्नेंस का एक नया  माडल पेश कर सकें, एक ऐसे समय में जब देश का विपक्ष पस्त है और अपनी पस्ती में मस्त है, दिल्ली कि जनता ने “आम आदमी पार्टी” के पास संभावनाओं का खुला आसमान है। 

लोकतंत्र में प्रखर विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। पिछले आठ महीनों से घर वापसी, लव जिहाद, हेट स्पीच, अल्पसंख्यकों के इबादतगाहों पर हुए हमलों, हिन्दू राष्ट्र और गोडसे की परस्तिश में उठी आवाजों, चार बच्चे पैदा करने के सुझावों के दरमियान विपक्ष कहीं नज़र नहीं आया है, “आम आदमी पार्टी” को कांग्रेस और किस्मत ने बड़ा मौका दिया है, दिल्ली में सत्तारूढ़ होने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि देश का असली विपक्ष तो अब दिल्ली विधान सभा में बैठेगा, वे नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के नाक के नीचे सत्ता वापस आकर “आप” ने खोया हुआ आत्मविश्वास वापस पा लिय है।
  
दिल्ली के इस चुनाव से देश की राजनीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसने सियासत को नयी दिशा देने का मौका जरूर दिया है, दिल्ली नतीजे से  मोदी सरकार का लम्बा हनीमून पीरियड खत्म हो गया है, यह भाजपा के लिए इस बात की  चेतावनी भी हैं कि सिर्फ चेहरे और बातों से ज्यादा समय तक काम नहीं चलाया जा सकता है और ना ही विकास का मुखौटा लगाकर दकियानूसी और भेदभाव के ऐजेंडे को ही लागू लगाया जा सकता है, हालाँकि यह भाजपा के लिए सब कुछ खत्म हो जाने जैसा भी नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में ना चाहते हुए भी मोदी और केजरी सरकार की तुलना लाजिमी है, मोदी सरकार को हर रोज इस चुनोती से जूझना होगा, इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, जीत के बाद अपने पहले भाषण में अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस के हार के पीछे अहंकार का आ जाना बताया और इस दौरान सभी अपने पत्नी व परिवार के सदस्यों से परिचय कराते हुए  अपनी इस सफलता में उनके योग्यदान को भी रेखांकित किया , अरविन्द केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के लिए 14  फरवरी को चुना है इसका भी भाजपा संघ परिवार के  पूरी राजनीतिक दर्शन  के बरक्स प्रतीकात्मक महत्त्व है । “आप” के पास ज्यादा कुछ खोने को  नहीं है लेकिन आने वाले दिनों में मोदी और उनकी पार्टी की पूरी साख निशाने पर रहनी वाली है। धन, बल ,जाति, धर्म, अस्मिता, नफरतों बनाम अस्तित्व की लड़ाई में अस्तित्व की हुई इस जीत से लोकतंत्र मजबूत हुआ है और प्रतिरोध की ताकतों को बल मिला है।







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जावेद अनीस 
संपर्क : Javed4media@gmail.com

आप जल्द ही बिजली सब्सिडी पर फैसला लेगी

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दिल्ली की 'आप'सरकार ने आज कहा कि वह सब्सिडी देकर बिजली उपभोक्ताओं को शीघ्र राहत प्रदान करेगी. बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली बिजली विनियामक आयोग (डीईआरसी) के अधिकारियों के साथ आज एक बैठक की और ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने बिजली अधिकारियों को सूचित कर दिया कि बिजली के शुल्क में तब तक वृद्धि नहीं की जानी चाहिए जब तक कि बिजली कंपनियों का कैग से ऑडिट पूरा नहीं हो जाता है.


एक वक्तव्य में यहां बताया गया, ‘‘बिजली के लिए सब्सिडी देने पर सरकार शीघ्र फैसला करेगी.’’ जैन ने कहा कि आप सरकार दिल्लीवासियों को सस्ती दरों पर चौबीस घंटे बिजली प्रदान करने का प्रयास करेगी. 'आप'ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बिजली के शुल्क को 50 फीसदी तक कम करने का वादा किया था.
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