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विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (28 फ़रवरी)

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समय सीमा में लक्ष्यपूर्ति कराना सुनिश्चित करें-कलेक्टर श्री ओझा 
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विदिषा। कलेक्टर एमबी ओझा ने बुधवार को टीएल बैठक में कहा कि जिले में पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है अतः अब अधिकारीगण विभागीय योजनाआंे के लक्ष्य पूर्ति की ओर विशेष ध्यान देते हुए प्रदेश स्तर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में जिले को अव्वल लाने का प्रयास करें।  

बीमारियों पर नियंत्रण
कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि गर्मियों में होने वाली मौसमी बीमारियों के नियंत्रण पर अभी से कार्य प्रारंभ किए जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक दवाईयां भण्डारित कराना और स्वास्थ्य विभाग का ग्रामीण अमला अपने मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें। 

रिकार्ड सौंपा गया
ग्राम पंचायत टीलाखेड़ी को विदिशा नगरपालिका की सीमा में शामिल करने के उपरांत ग्राम पंचायत में संधारित शासकीय परिसम्पत्ति एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेंज रिकार्ड नगरपालिका को सौंपने की कार्यवाही की जा चुकी है। नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा दस्तावेंजो का मिलान कार्य क्रियान्वित है। 

अवैध उत्खननकर्ताओं पर कार्यवाही
कलेक्टर श्री ओझा ने जिला खनिज अधिकारी को निर्देश दिए है कि जिले में जहां कही भी अवैध उत्खनन की जानकारी प्राप्त होती है तो अविलम्ब कार्यवाही करना सुनिश्चित करें और अवैध उत्खननकर्ताआंे पर अधिक से अधिक जुर्माना लगाएं। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति से जिन स्थलों से उत्खनन कार्य किया गया है का नाप-जोख राजस्व अधिकारियांे की उपस्थिति में कराएं। उन्होंने विभागीय अधिकारी से कहा कि आकस्मिक जांच पड़ताल सतत जारी रखें जिन क्षेत्रों में जांच कार्य हेतु दल रवाना होता है तो उसकी सूचना एसएमएस से मुझे देें। 

पेयजल
कलेक्टर श्री ओझा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी से कहा कि ग्रीष्मकाल के दौरान खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए अभी से तैयारियां कराना सुनिश्चित करंें। जो नलजल योजना बंद है उन्हें अविलम्ब क्रियाशील कराने की कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रो के हेण्डपंपो के संबंध में भी अपेक्षा व्यक्त की गई। कलेक्टर श्री ओझा ने विकासखण्डवार कंट्रोल रूम बनाने और हेण्डपंप मैकेनिकों के सम्पर्क सूत्र कार्य क्षेत्रों में प्रसारित कराने के निर्देश दिए। 

भूमि आरक्षित
अटल आश्रय योजना के हितग्राहियों को आवास शीघ्र मिले इसके लिए विदिशा तहसील के ग्राम गेंहू खेडी में 1.27 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण से प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई।  कलेक्टेªट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ चन्द्रमोहन मिश्र, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र समेत समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद थे।  

पीढि़ता ने मांगी शासन से आर्थिक मदद

विदिषा। मोहनगिरि निवासी एक महिला चार साल से कैंसर की बीमारी से परेषान है। शासन से मदद मांग चुकी लेकिन मदद न मिलने पर अब इलाज कराना नामुमकिन हो गया है।  मोहनगिरि निवासी पानबाई रजक पत्नी मन्नूलाल रजक चार साल से कैंसर से पीढि़त है और इस बीमारी से जूझ रहीं है। कई बार मन्नूलाल ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रषासन को आवेदन देकर कैंसर की बीमारी का इलाज कराने की गुहार लगाई लेकिन अभी तक शासन प्रषासन ने ध्यान नहीं दिया है। मन्नूलाल ने बताया कि मजदूरी कर परिवार का पेट पालता है और जैसे तैसे अभी तक इलाज कराते कराते 60 हजार रूपए खर्च हो गए। अब मन्नूलाल ने जल्द से आर्थिक मदद या इलाज की व्यवस्था कराने की मांग की है। 

बैंक कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपकर दी आंदोलन की चेतावनी

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विदिषा। भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों की मांगों पर शासन द्वारा विचार नहीं किए जाने पर अब हड़ताल और प्रदर्षन का रूख अख्तियार करना पड़ा है।  जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अनिल सक्सेना, प्रांतीय महासचिव जगदीष दीक्षित आदि ने आज मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि उनकी मांगों पर शासन विचार नहीं कर रही है लिहाजा 26 फरवरी से सभी कर्मचारी काली पटटी बांधकर कार्य करेंगे और विरोध प्रदर्षन करेंगे। 2 मार्च से 4 मार्च तक कलम बंद हड़ताल कर बैंकों का कार्य नहीं किया जाएगा। 5 और 7 मार्च को सामुहिक अवकाष लेकर जिला स्तर पर प्रदर्षन किया जाएगा। 12 मार्च को कर्मचारी भोपाल में प्रदर्षन करेंगे।

तीसरे चरण के परिणामों की घोषणा

विदिषा। तीसरे और अंतिम चरण के पंचायत चुनाव के परिणाम सामने आ जाने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदारों ने गठजोड़ करना शुरू कर दिया है। जिला पंचायत सदस्य की वार्ड 10 से ज्योति सोनू यादव, 11 से गोपाल जाटव, 12 से अकरम खान, 15 से माधवी संजीव माथुर, 16 से वीरसिंह यादव, 17 से ताहिर मोहम्मद उर्फ फूल मियां, 18 से माखनसिंह जादौन, 19 से शैलेन्द्र जैन चुनाव जीते है। पांच भाजपा समर्थित तो तीन कांग्रेस समर्थित सदस्य है। भाजपा के पास अब 12 सदस्य हो गए तो वहीं कांग्रेस के पास 7 सदस्य है।  नटेरन जनपद पंचायत के सदस्यों के परिणामों की अगर बात करें तो वार्ड 15 से लक्ष्मीनारायण गुर्जर, 18 से निरंजन रघुवंषी, 17 से यषपाल ठाकुर, 11 से दीपक शर्मा, मदनसिंह कुषवाह और उमा अहिरवार भी जनपद सदस्य का चुनाव जीते हैं। नटेरन जनपद सदस्य के ही 24 वार्ड से गोविंद, 8 से उमेष शर्मा, 11 से मुन्ना आर्य, 12 से अंगूरी बाई, 5 से कमलेष मेहर, 19 से बबीता हिम्मतसिंह, 3 से बब्लू मीणा और 10 से देषराज यादव भी सदस्य का चुनाव जीते हैं। 

60 हजार से ज्यादा किसानों के हुए पंजीयन

विदिषा। समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की पूरी तैयारी जिला प्रषासन के अधीनस्थ विभाग द्वारा की जा चुकी है। 60 हजार से ज्यादा किसानों के पंजीयन हो चुके हैं। समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज को खरीदा जाएगा ऐसे तो निर्देष शासन से आ चुके है और जहां तक पंजीयन का सवाल है खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और संबंधित सोसायटियों के जरिए अभी तक 60 हजार 244 किसानों के पंजीयन भी कर लिए गए है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल 15 हजार 931 नए किसानों के पंजीयन किए गए है जबकि ऐसे 1 हजार 484 किसानों के पंजीयन इसलिए निरस्त कर दिए गए है क्योंकि उनमें से कुछ तो मृत हो गए जबकि कुछ ने अपनी जमींन बेच दी थी।  खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी एमके श्रीवास्तव ने बताया कि 5 मार्च तक किसानों के पंजीयनों के सत्यापन और प्रविष्टि का कार्य जारी रहेगा। 18 मार्च से 19 मई तक समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जाना निर्धारित किया गया है। समर्थन मूल्य पर बोनस देने संबंधी अभी तक शासन से कोई निर्देष नहीं आए है। 

भाजपा ने बताया जनहितैषी बजट कांग्रेस ने जनविरोधी

विदिषा। जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुषील शर्मा एवं महिला नेता ज्योत्सना यादव ने प्रदेष सरकार द्वारा पेष बजट को आम आदमी और किसान विरोधी करार दिया। जिला महामंत्री आषीष भदौरिया ने बजट को जनविरोधी बताया।  वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेष टंडन ने सरकार के बजट को जनहितैषी बताते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट से सभी वर्ग के लोग लाभांवित होंगे और प्रदेष का विकास होना बताया। व्यापार महासंघ के महामंत्री घनष्याम बंसल ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उद्योगों के लिए राहत दी है। व्यापारी समाज को निराष किया है। अभ्यास पुस्तकें कर मुक्त कर व्यापारी समाज की वर्षो पुरानी मांग पूरी कर दी। 

सेन बने इंस्पेक्टर
   
विदिषा। एसआई राजकिषोर सेन को आज पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र चैधरी ने स्टार लगाकर इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति दी। इस मौके पर एएसपी रायसिंह नरवरिया भी मौजूद थे। 

रोजगार मेला कुरवाई में 27 को और 28 को गंजबासौदा में

विदिषा। जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को प्रायवेट कंपनियों में रोजगार मुहैया कराएं जाने के उद्धेश्य से रोजगार मेला का आयोजन सतत जारी है। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया है कि रोजगार मेला एवं कैरियर मार्गदर्शन शिविर 27 को तहसील प्रागंण कुरवाई में और 28 को संजय गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय गंजबासौदा में आयोजित किए गए है। उक्त रोजगार मेले नियत स्थल पर प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होंगे।  कलेक्टर एमबी ओझा ने रोजगार मेले का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश संबंधितों को दिए। उनके द्वारा रोजगार मेले के लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम बनाई गई है और उन्हें आवश्यक जबावदेंही सौंपी गई है इसके अलावा विभिन्न विभागों के द्वारा मेला स्थल पर योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।  कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि जिले की युवतियों को अधिक से अधिक रोजगार मेले के प्रयास किए जाएं। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि रोजगार मेलो में ऐसे युवक-युवतियाँ जो कम से कम पाँचवीं पास हो और उनकी आयु 18 से 35 वर्ष हो वे अपनी अंक सूची की छाया एवं मूल प्रतियाँ, अनुभव, राशन कार्ड या मूल निवासी अथवा अन्य पहचान पत्र, रोजगार कार्यालय का पंजीयन कार्ड के अलावा तीन पासपोर्ट साइज फोटो अपने साथ लाएं। रोजगार मेले में विभिन्न पदो पर योग्यतानुसार वेतन पर नियुक्तियाँ कंपनी के अधिकारियों द्वारा मौके पर प्रदाय की जाएगी। अब तक छह कंपनियों के द्वारा रोजगार मेलो में शामिल होने की सहमति दी जा चुकी है।

अधीक्षक निलंबित

विदिषा। शासकीय कार्यो में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर एमबी ओझा ने बालक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास बासौदा के अधीक्षक चैन सिंह चिढ़ार को निलंबित कर दिया हैं और छात्रावास का अतिरिक्त प्रभार तुलसीराम अहिरवार को सौंपा है। निलंबन काल में श्री चिढ़ार का मुख्यालय जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण कार्यालय होगा और उन्हें निलंबन काल में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। 

छात्रवृत्ति स्वीकृत

विदिषा। जिले की शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी जिन्हें शासन के दिशा निर्देशानुसार छात्रवृत्ति प्रदाय की जानी है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर विशेष शिविरों का आयोजन कर छात्रवृत्ति स्वीकृति की कार्यवाही सम्पन्न हुई है। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक ने बताया कि जिले की 33 संस्थाआंे के तीन हजार 916 विद्यार्थियों के लिए पांच करोड़ 27 लाख 29 हजार 844 रूपए की स्वीकृति प्रदाय की गई है। छात्रवृत्ति का वितरण विद्यार्थियों के बैंक खातो में सीधे जमा कराई जा रही है। आवास सहायता योजना के अंतर्गत 619 विद्यार्थियों को 75 लाख 87 हजार एक सौ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।  अब तक सम्पन्न हुए शिविरों में जिन महाविद्यालयों के प्रस्ताव प्राप्त नही हुए है उनमंे विदिशा की साकेत एमजीएम महाविद्यालय, गुरूदेव विद्यासागर महाविद्यालय, संजय गाँधी महाविद्यालय, वीरबीएड महाविद्यालय, नर्सिंग काॅलेज शामिल है। इसके अलावा  कन्या महाविद्यालय बासौदा, जवाहर लाल नेहरू बासौदा, डीपी यादव सिरोंज, केडीबीएम महाविद्यालय सिरोंज, शासकीय महाविद्यालय सिरोंज, कृषि महाविद्यालय सिरोंज, शासकीय पाॅलिटेक्निक सिरोंज और शासकीय महाविद्यालय लटेरी शामिल है। 

हर संभव संस्थागत प्रसव हो

विदिषा। आईसीडीएस सुदृढ़ीकरण एवं पोषण सुधार परियोजना के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आज बुधवार को जिला पंचायत में आयोजित की गई थी। विभाग के अधिकारी देवेन्द्र कुमार सुंदरियाल ने विभागीय ग्रामीण अमले से कहा कि हर संभव संस्थागत प्रसव हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं का चिन्हांकन पूर्व में किया जाए और उन्हें जो स्वस्थ्य सुविधाएं इस दौरान मुहैया कराई जाती है वे उन्हें दी जाएं। उन्होंने समय-समय पर गृह भेंट कर अपनी पंजी में अपडेट जानकारी अंकित करने की सलाह दी।  मास्टर टेªनर्स श्रीमती मधु सक्सेना ने प्रसव होने से पहले किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाए की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने गर्भवती माताआंे का समय समय पर चिकित्सकों से जांच पड़ताल कराने में मदद करने की अपेक्षा संबंधितों से व्यक्त की। विभाग के सहायक संचालक श्री विवेक शर्मा ने मैदानी कर्मचारियों को नवीन योजना इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोगिनी की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उक्त योजना के पात्र गर्भवती महिलाओं के प्रथम दो प्रसव तक छह हजार रूपए की सहायता राशि दो किश्तों में हितग्राही के बैंक खातो में जमा की जाएगी। 

खण्डवा (मध्यप्रदेश) की खबर (28 फ़रवरी)

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समाधान ऑन लाईन 3 मार्च को

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खण्डवा (28फरवरी,2015) - कलेक्टर कार्यालय खण्डवा से प्राप्त जानकारी अनुसार आगामी 3 मार्च 2015 मंगलवार को सायं 4 बजे से समाधान ऑन लाईन आयोजित की गई है। कलेक्टर खण्डवा द्वारा सभी कार्यालय प्रमुखों को 3 मार्च 2015 को दोपहर 3 बजे समय - सीमा में अपने विभाग से संबंधित योजनाओं, विभाग के कलेक्टर कार्यालय खण्डवा द्वारा प्रेषित की गई । पी.जी. उत्तर षिकायत शाखा में प्रस्तुत कर प्रतिवेदन सहित वीडियों कांफ्रेसिंग कक्ष कलेक्टोरेट खण्डवा में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने हेतु निर्देषित किया गया है। 

शांति समिति की बैठक 2 मार्च को 

खण्डवा (28फरवरी,2015) - शासकीय केलेण्डर के मान से 5 मार्च को होलिका दहन, 6 मार्च को धुलेंडी, और 10 मार्च को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। नगर दण्डाधिकारी शाष्वत शर्मा ने बताया कि सभी पर्व सद्भाव शांतिपूर्वक एवं सुव्यस्थित रूप से मनाया जाये इस उद्देष्य से 2 मार्च 2015 दिन सोमवार को शाम 4 बजे से कलेक्टोरेट सभागृह में शांति समिति बैठक का आयोजन किया जाएगा।

एस. एन. कॉलेज भौतिकशास्त्र विभाग में मनाया गया ‘‘विज्ञान दिवस‘‘

खण्डवा (28फरवरी,2015) - प्राचार्य श्री नीलकण्ठेष्वर स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय खण्डवा द्वारा बताया गया है कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप मंे मनाया जाता है। इस दिन नोबल पुरूस्कार तथा भारत रत्न से विभूषित महान वैज्ञानिक सर सी. वी. रमन द्वारा प्रसिद्ध ‘रमन प्रभाव‘ प्रतिपादित किया गया था। विज्ञान दिवस पर वैज्ञानिक सी. वी. रमन के साथ-साथ अन्य वैज्ञानिकों द्वारा किये गए विज्ञान के क्षेत्र मंे योगदान को याद कर वैज्ञानिकों का स्मरण किया जाता है। महाविद्यालय के भौतिकशास्त्र विभाग द्वारा इसी तारतम्य मंें ‘‘विज्ञान दिवस‘‘ का आयोजन किया गया। आयोजन मंे स्नातकोत्तर एम. एस. सी. के छात्र-छात्राओं द्वारा व्याख्यान दिए गए। छात्र रितेश तंवर ने सर सी. वी. रमन की बॉयोग्राफी प्रस्तुत की तथा छात्र कपिलदेव श्रीवास्तव ने भौतिकशास्त्र के विभिन्न सिद्धांतों को पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। छात्रा भवदीप कौर सवन्नी ने लेसर तकनीक, प्रिया शाक्य ने मिशन मार्स तथा दिक्षा लाड़ ने प्लासमा पर सेमिनार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. पुष्पलता केसरी तथा भौतिकशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश दुबे, विभाग के सभी सदस्य तथा महाविद्यालयीन छात्र-छात्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम मंे छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम का संचालन एम. एस. सी. की छात्रा सृजना मालवीय ने किया। तथा आभार छात्रा अभिलाषा श्रीवास्तव ने माना।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (28 फ़रवरी)

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सीएसपी, सूबेदार सहित दो आरक्षकों पर मामला दर्ज
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छतरपुर 28 फरवरी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी जेएस श्रीवास्तव की अदालत ने छतरपुर सीएसपी डीएस परिहार, सुबेदार और दो आरक्षकों के खिलाफ एक छात्र के साथ मारपीट करने के मामले में संज्ञान लेकर आईपीसी की धारा 323, 294, 452, 506वी के तहत मामला दर्ज किया है। पीडि़त छात्र शनि साहू निवासी बेनीगंज मुहल्लाा ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके पिता का पन्ना रोड पर पूजा रेस्टोरेंट है। दिनांक 12 अक्टूबर 2013 को साढ़े 7 बजे सुबह करीब जब वह सटई रोड स्थित विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन कर रहा था तभी एक पुलिस वाहन में सीएसपी डीएस परिहार, सूबेदार रंजीत सिंह सिकरवार, आरक्षक राजू वर्मा और महेंद्र अहिरवार उर्फ राणा आए। पुलिस बालों ने शनि से कहा कि उसके पिता रमेश ने पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है वह उनसे कहे कि इस याचिका को बापिस लें ले। शनि के मना करने पर पुलिस बालों ने उसकी लात-घूसों से मारपीट की और गाड़ी में बैठाकर ढावा ले गए जहां अश£ील गालियां देकर मारपीट की और पुन: शनि को गाड़ी में बैठाकर उसके निवास बेनीगंज मुहल्ला लाए। सीएसपी, सूबेदार और आरक्षक शनि के मकान के अंदर घुस गए। मकान में रखा सामान तोड़ दिया। घर की महिलाएं को भी गालियां दी और हाईकोट में दायर याचिका को बापिस लेने के लिए दबाव बनाने लगे। पुलिस ने घर में भी उसके साथ मारपीट की। पुलिस बाले उसे और उसके पिता को थाना सिविल लाइन ले गए जहां पर उसके पिता रमेश के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर दिया। जब इस घटना शिकायत शनि ने थाना सिविल लाइन में करने के लिए कहा तो पुलिस बालों ने उसे डरा-घमकाकर भगा दिया। परिवादी शनि साहू ने एसीजेएम जेएस श्रीवास्तव की अदालत में इस मामले के संबंध में इस्तगाशा पेश किया। शनि की ओर से एडवोकेट एसडी यादव ने अपनी सबूत पेश किए। न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए घटना को अंजाम देने वाले सीएसपी डीएस परिहार, सूबेदार रंजीत सिंह सिकरवार, आरक्षक राजू वर्मा और आरक्षक महेंद्र उर्फ राणा अहिरवार के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 294, 452, 506वी के तहत संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर दिया है। 

25 आरोपियों को 2 साल की कठोर कैद, 25 हजार का जुर्माना, अदालत के कर्मचारी को कार्यवाही करने में बांधा पहुंचाने का मामला 
बड़ामलहरा। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी नीरज सोनी की अदालत ने अदालत के कर्मचारी को शासकीय कार्य में बांधा डालने वाले 25 आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 353/34 में 2-2 साल की कठोर कैद के साथ 1-1 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि बिजावर अदालत में आदेशिका वाहन के पद पर पदस्थ देवीप्रसाद दिनांक 24 जून 2008 को एक मामले के संबंध में कब्जा बारंट की तामीलि कराने के लिए घुवारा गए हुए थे। देवीप्रसाद के साथ मौके पर पुलिसबल भी मौजूद था। देवीप्रसाद के द्वारा मौके पर जब कब्जा दिलाने की कार्यवाही की जा रही थी तभी रामसजीवन असाटी और उनके पुत्र दिनेश असाटी ने इस कार्यवाही के बारे में जानकारी दी गई और मकान का सारा सामान निकालकर बाहर रखवा दिया। करीब 4.45 बजे रामसजीवन और दिनेश असाटी करीब 200 लोगों को लेकर अदालत की शासकीय कार्यवाही में बांधा डालने लगे और रामगोपाल साहू और उनके साथियों ने बाहर रखा सामान मकान के अंदर रखने लगे। देवीप्रसाद और पुलिस द्वारा मना करने पर भी यह लोग नहीं माने और शासकीय कार्य में बांधा पहुंचाई। घटना की शिकायत भगवां थाने में करने पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया गया। शासन की ओर से एडीपीओ श्रीराम यादव ने पैरवी करते हुए अपना पक्ष रखा। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी नीरज सोनी की अदालत में मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी महेंद्र कुमार साहू, संतोष विश्वकर्मा, आनंदी साहू, जयराम असाटी, कोमल विश्वकर्मा, जगदीश राय, जनकराम उर्फ टाटा असाटी, रामगोपाल साहू, दिनेश असाटी, बिंदा पटेल, बिना साहू, निर्पत रैकवार, मोहन पटेल, रामसजीवन असाटी, भवनिया अहिरवार, राजेश सिरोतिया, लखन कुशवाहा, मगन अहिरवार, रमुआ पटेल, गोकुल कड़रिया, जगदीश घोषी, किशन साहू, चंद्रभान लोधी, पप्पू रैकवार, बंदू विश्वकर्मा सभी निवासी घुवारा को दोषी करार दिया। श्री सोनी की अदालत ने सभी 25 आरोपियों को आईपीसी की धारा 353/34 में दो-दो वर्ष की कठोर कैद के साथ 1-1 हजार की सजा सुनाई। 

विशेष : नैतिक प्रभाव से धर्म परिवर्तन की कोशिश में हर्ज क्या है

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर कहा है कि धार्मिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ कड़ाई से निपटा जाएगा। इस मामले में राजस्थान में संघ प्रमुख मोहन भागवत का मदर टेरेसा के कृतित्व को नीचा दिखाने वाले बयान का संदर्भ आ जाना लाजिमी है। प्रधानमंत्री के भाषण में इसके जिक्र में लोगों को यह ध्वनित होता सुनाई दे रहा है कि वे संघ प्रमुख के दबाव में आने को तैयार नहीं हैं। संघ प्रमुख और मोदी के बीच अघोषित रार उनके घर की कलह है जो अगर शांत न हुई तो आने वाले दिनों में उनकी सरकार को प्रभावित करने और देश में राजनीतिक संकट पैदा करने का कारण बन सकती है।

जहां तक मदर टेरेसा का सवाल है उन्होंने कुष्ठ रोगियों की जिस समर्पण भाव से सेवा की अगर उसके पीछे लोगों पर नैतिक प्रभाव डालकर उन्हें ईसाई बनने के लिए प्रेरित करने की मंशा रही है तो इसमें भी गलती क्या है। होना तो यह चाहिए कि विभिन्न धर्मों के ठेकेदार अपने धर्म की ताकत बढ़ाने के लिए इस मामले में आपस में होड़ करें। इससे मानवता का भला होगा। एक टीवी चैनल पर मोहन भागवत से सवाल भी किया गया था कि कुष्ठ रोगियों की सेवा संघ के लोग क्यों नहीं करते। संघ प्रमुख का जवाब था कि उनके संगठन के कई लोग इस तरह की सेवा में जुटे हैं लेकिन उनके नाम क्या हैं यह उन्होंने नहीं बताए और देश में लोगों को भी नहीं पता। हो सकता है कि संघ के किसी स्वयं सेवक ने छुटपुट किसी कुष्ठ रोगी की मदद की हो लेकिन मदर टेरेसा की तरह उसने अपना जीवन ही कुष्ठ रोगियों के लिए समर्पित कर दिया हो तो ऐसी ख्याति छिपी नहीं रहती। उस स्वयं सेवक को तो पूरा देश जान ही गया होता और यही नहीं देश ऐसी विलक्षण मानव सेवा के लिए उस स्वयं सेवक का महिमा मंडन करने में कोई कसर न छोड़ता।

कुष्ठ रोगियों की ही सेवा क्या बेहद कष्ट में जी रही मानवता के किसी भी हिस्से की सेवा करने का वैसा रिकार्ड संघ परिवार और हिंदू धर्म में नहीं है जिस तरह का समर्पण भाव ईसाई मिशनरी दिखाते हैं। इस मामले में पहला सवाल तो यह है कि धर्म क्या है। यह किसी समाज की जीवन पद्धति बाद में है पहले हर धर्म दुखी पीडि़त मानवता का उद्धार करने और समर्थ लोगों में सेवा भाव पैदा करने के लिए समर्पित होता है। इसके लिए एक बेहतर समाज व्यवस्था होनी चाहिए। सच्चा धर्म समूची मानवता को संबोधित होता है इसीलिए कहा जाता है कि हर धर्म की बुनियादी बातें एक जैसी हैं। अगर कोई धर्म इस अपेक्षा के अनुरूप है तो उसे पूरी दुनिया को उसके सिद्धांतों के मुताबिक गढऩे का प्रयास करना ही चाहिए। राजनीतिक विचारधारा हो या धार्मिक विचारधारा अगर वे सार्वभौम मानवता के लिए हैं तो उनमें यह गुण जरूर मौजूद होंगे और साथ ही उनके मानने वालों में दुनिया को अपने सिद्धांतों के नक्शे में ढालने का जज्बा भी होगा। भारत में भी बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने सारी दुनिया को तथागत बुद्ध की शिक्षाएं मानने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की। सम्राट अशोक ने अपनी पुत्री संघमित्रा और पुत्र महेंद्र को श्रीलंका में लोगों को बौद्ध धर्म का अनुयायी बनाने के लिए भेजा था बल्कि दुनिया का पहला मिशनरी धर्म तो बौद्ध धर्म ही था। ऐसा कई विद्वानों का मानना है इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि भारत में धर्म को मानने वाले लोगों ने दूसरों को अपना धर्म मानने के लिए तैयार करने की कभी कोई कोशिश नहीं की। मुश्किल यह है कि बहुत लोगों को यह बुरा लग सकता है लेकिन सही बात यह है कि जो धर्म अपनी दुनिया से बाहर जाने को डरता है उसमें जरूर ही कोई न कोई खोट होगा जिससे वह दुनिया को मुंह दिखाने से कतराता हो। इस कारण दूसरे लोग हिंदू धर्म के लोगों को अपने धर्म में दीक्षित करने का प्रयास क्यों कर रहे हैं इस पर विधवा विलाप करने की कोई जरूरत नहीं है। सही विचारों की रोशनी को दुनिया भर में फैलाना एक पवित्र कर्तव्य है। जब आप ही इस कर्तव्य का निर्वाह नहीं करेंगे तो दूसरे तो इस कर्तव्य का पालन कर ही रहे होंगे। ऐसे में आपके लोग अगर उनकी तरफ चले जाएंगे तो आपका वर्चस्व घटने की समस्या पैदा होगी और कुछ नहीं। होना तो यह चाहिए कि अपने गिरेबान में झांक कर संघ परिवार यह देखे कि वे कौन से दोष हैं जिनकी वजह से सनातन धर्म का विस्तार करने की हिम्मत हम लोग नहीं जुटा पाते। उन दोषों को दूर करके हम भी दुनिया की दूसरी कौमों को ईश्वर के अद्भुद ज्ञान से लाभान्वित करने की कोशिश करें ताकि हम पर से स्वार्थी होने की तोहमत न लग सके।

जो लोग अभावग्रस्त हैं या किसी व्याधि से पीडि़त हैं उन्हें राहत पहुंचाना ही सबसे बड़ा धर्म है। मंदिरों और मठों में इसीलिए अरबों खरबों की संपत्ति लगाई गई है और इसी कारण लोग इनमें प्रसाद के साथ रुपया भी चढ़ाते हैं कि कोई हिंदू परिवार अभावग्रस्त न रहे। गरीब से गरीब परिवार की भी भूख शांत करने की गारंटी रहे और गरीब से गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा हासिल करने से वंचित न रह जाएं जिसके पास पैसे नहीं हैं उसे धार्मिक खाते की जायदाद और संपत्ति से जीवन के संकट के समय कितना भी महंगा इलाज सुनिश्चित किया जाए। परहित सरिस धर्म नहीं भाई इस सूत्र वाक्य में विश्वास करने वाले हिंदू धर्म के सन्यासी और साध्वियां राजसुख की तलाश करने की बजाय ईसाई ननों की तरह अपने आपको ऐसे लोगों की सेवा के लिए समर्पित करें पर लगता है कि सनातन धर्म का ठेकेदार उन लोगों को समझ लिया गया है जिन्हें केवल निजी वैभव से सरोकार है। यहां अकूत संपत्ति वाले मंदिर और मठों के कर्ताधर्ताओं को अभावग्रस्त लोगों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाना कबूल नहीं है। इसके बावजूद भी वे यह चाहते हैं कि अगर गरीब अपने होशियार बच्चों को शिक्षा दिलाना चाहता है तो वे उसकी कोई मदद नहीं करेंगे लेकिन अगर कोई दूसरा मदद करेगा तो उसे भी नहीं करने देंगे। धर्म से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन है। अगर हम किसी का जीवन बचाने का उद्यम नहीं कर सकते तो हमारे अंदर यह भावना तो रहना चाहिए कि उसका जीवन बेवजह समाप्त न हो। अगर कोई उसका जीवन बचा ले और उससे प्रभावित होकर वह अपना धर्म बदल ले तो जमीन आसमान पर उठाना अमानवीय सा लगता है।

धर्म परिवर्तन का विरोध केवल तब है जब वह जोरजबरदस्ती से कराया जाए। जहां तक जीवन पद्धति का सवाल है जो पुरखों से विरासत में मिली है उससे गरिमामय जीवन जीने का सुख हासिल कर रहे हर व्यक्ति को मोह होता है। जीवन पद्धति के इस मोह के नाते सवर्ण समुदाय के हम जैसे बहुत सारे लोग जो धर्म में बहुत कमियां भी देखते हैं फिर भी कितने भी प्रलोभन के बावजूद धर्म बदलने को तैयार नहीं हो सकते लेकिन जिन्हें अपमानित जिंदगी जीनी पड़ रही हो वे अगर कहीं और सम्मान व सुïिवधा मिलने की वजह से चले जाते हैं तो यह स्वाभाविक ही है। अगर सनातन धर्म के क्षरण को रोकने की इतनी ही चिंता है तो प्रयास यह होना चाहिए कि इस धर्म का कोई सदस्य इसमें रहते हुए अपने साथ भेदभाव महसूस न करे और जिनकी जिंदगी की गाड़ी पटरी से उतर गई है उन्हें इस धर्म के संचालकों से पूर्ण संरक्षण मिले। साथ ही अगर सनातन धर्म की शिक्षाएं मानव मात्र की भलाई के लिए हैं तो इस धर्म का भी प्रचार-प्रसार अन्य धर्मों की तरह दुनिया के दूसरे देशों में किया जाए। जो सिद्धांत व मान्यताएं इसमें बाधक प्रतीत हो रही हों उनका निराकरण करके सनातन धर्म को इस आवश्यकता के अनुरूप ढालने का काम हो।

हिंदुओं में तो व्यापक परिवर्तन तब नहीं हो पाया जब हुकूमतें तक इसके लिए जोर लगाए हुए थीं तो अब क्या होगा। वही बात यहां फिर दोहरानी होगी कि पुरखों की जीवन पद्धति से मुंह मोडऩा आसान नहीं है और इस नाते तमाम हिंदू पीढ़ी दर पीढ़ी अपने धर्म से चिपके रहेंगे। साथ ही अपने धर्म की संकुचित शिक्षाएं जो इसको व्यापक करने में बाधक हैं उनकी आलोचना भी करते रहेंगे ताकि एक दिन ऐसा कि उनमें सुधार हो सके। ऐसे लोगों को गाली बनाकर सेकुलर का नाम देने से हकीकत को नकारना सूचना संचार और विस्फोट के इस युग में संभव नहीं है।









liveaaryaavart dot com

के पी सिंह 
ओरई 

यातना मुक्त आर्दर्श ग्राम के निर्माण के उद्देश्य से होली महोत्सव कार्यक्रम

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डोमचाॅचः स्वयं सेवी संस्था संग्राम व मानवाधिकार जन निगरानी समिति व नव दलित आंदोलन के संयुक्त तत्वाधान में मसनोडीह पंचायत के सुदुर्वर्ती पंचायत जियोरायडीह में जनजातिय समुदाय बिरहोरों के बीच यातना मुक्त आर्दर्श ग्राम के निर्माण के उद्देश्य से होली महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वरुप आमंत्रित कोडरमा एल डी एम श्री शुशील कुमार सिन्हा ने कहा कि हमें आज इन लोगों के बीच आने का मौका मिला यहाॅ के माहौल को देख कर ये नही लग रहा है कि ये बिरहोर है। हमने तो सुना था कि ये जंगल में रहने वाले लोग जैसे तैसे रहत होगें पर याहाॅ आ कर हमें लग रहा है कि ये सुस्था के प्रयास से बहुत बदल गये है। फिर भी हम मानते है कि जितना ईनका विकास होना चाहिए था नही हुआ है। और आज जनजातिय समुदाय हाशिये पर खडा है ईस समुदाय के विकास के लिए हम लगातार प्रयास रत्त है। और ईसके विकास के लिए हम काम करेगें। वही प्रखण्ड विकास पदाधिकार श्री नारायण राम ने पुरे बिरहोर कालोनी का घुम कर जायजा लिये और बिरहोरों को समाज की मुख्य धारा से जोडने हेतु विकास के लिए उन्हे कृषि से जोडने और गाॅव में रोजगार दिलाने की बात कही उन्होने कहा कि यहाॅ के बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए हम लगातार प्रयास करेगें। 

वही कायक्रम को सम्बोंधित करते हुए प्रखण्ड प्रमुख शालिनी गुप्ता ने कहा कि हम पुर्व संे ही जनजातिय समुदाय के लिए संवेदनशीन रहे है। और जहाॅ तक जियोरायडीह में विकास की बात है तो हम यहाॅ के ग्रामिणों को विश्वास दिलाते है कि ईनके विकास के लिए हर सम्भव प्रयास करेगें। बैंक आफ ईडिया सिनयिर मैनेजर सुनिल सिन्हा ने सम्बोधित करते हुए वहा कि यहाॅ के बच्चों को कम्प्युटर सिखने के लिए बैक द्वारा एक कम्प्युटर दिया जायेगा। और यहाॅ के बच्चों को तकनिकी शिक्षा दी जायेगी। कार्यक्रम में ग्रामिण मनोज बिरहोर व प्रदीप बिरहोर द्वारा सभी अधिकारी को माॅग पत्र सौपा गया। जिसमें गाॅव के जरुरतो की ओर घ्यान आकृष्ठ कराया गया। कार्यक्रम को समाज सेवी बसंत मेहता, महेश एकेडमी के प्राचार्य सुनिल सिन्हा, व बैक आफ ईडिया बी सी रामकृष्ण मेहता, सुमन कुमार मंेहता, ने सम्बोंधित किया वही कार्यक्रम का संचालन संस्था के ओंकार विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम में सुरेश बिरहोर,सुमा बिरोरनी बिल्टु बिरहोंर, सकुन बिरहोरनी, नीतु बिरहोरनी, आशीष कुमार, क्रंति बिरहोरनी, रिंकी बिरहोरनी, वंदना चंद्रवंशी, विनती विश्वकर्मा, रिेन्द्र बिरहोर,के साथ सैकडो लोग उपस्थित थें। धन्यवाद ज्ञापन आशीष कुमार ने किया।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (01 मार्च)

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विधायक की हैसियत से आवाम से मिलने का अभ्यास तक करने लगे नेता जी

नरकटियागंज(पच) कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम, जब जब आएगा चुनाव का वक्त तेरा पीछा करेंगे जब तक न हो जाओ तंग। इसलिए अपने छुटभैयों के साथ जनता से दूर रहने वाले कतिपय नेता इन दिनों फील्डिंग करने का मूड बना चुके है। चुनाव लड़ने को आतुर कभी बेतिया, कभी वाल्मीकिनगर और कभी मोतिहारी से अपने को उम्मीद्वार बनने की चर्चा कराते रहे नेताजी इनदिनों नरकटियागंज का रूख किये हुए है। वे इन दिनों नरकटियागंज में अपनी उम्मीद्वारी को लेकर आश्वस्त है। वे वैसे लोगों को साथ लेकर चल रहे है, जिनकी समाज में अपनी राजनैतिक छाप नहीं है। इन दिनों कई लोग स्वयं को जनता का हितैषी बताकर नववर्ष, मकर संक्रान्ति, बसंत पंचमी और होली की शुभकामनाओं के फ्लेक्स बोर्ड साथ चैक चैराहो पर नजर आ रहे हैं। जिन्हे कतिपय स्वार्थी तत्व तो पहचान लेते है, लेकिन आवाम से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं हैं। आप नामक राजनीतिक संगठन में भी काफी दिनों से झाड़ू ढोने वालों ने पुराने झाड़ू को भूलकर नई झाड़ू को हाथ में थाम लिया है। चुनाव नजदीक है इसलिए अधिकांश नेता स्वयं को आगामी विधायक की हैसियत से आवाम से मिलने का अभ्यास तक करने लगे हैं। अब करीब करीब सभी नेता ठेका पद्धति के प्यारे होते दिखने लगे है। पलट इसके जनता मतदान ठेका पद्धति के विरूद्ध करती दिख रहीे हैं। अगर बात गलत लगे तो दिल्ली विधान सभा चुनाव का उदाहरण लिया जा सकता है। लौट के बुद्धू घर को आए वाली कहावत को चरितार्थ करते नज़र आए एक वरीय नेता, जिन्होंने नरकटियागंज में एक बैठक की। जनता ऐसे नेताओ से अब दूर ही रहना चाहती है जो समाज के छुटभैये को लेकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने का प्रयास कर रहे है।

रूढ़ीवाद प्रगति में बाधक, शिक्षा के प्रति मुस्लिम समाज बदले नजरिया: खाँ

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नरकटियागंज(पचं.) कंजरवेटिव (रूढ़ीवादी) विचारधारा से अलग हटकर समाज में अपनी अलग पहचान बनाए मुस्लिम समाज। महिला शिक्षा पर जोर देते हुए श्री खाँ ने कहा कि हमारा समाज पहले महिलाओं व लड़कियों को शिक्षा के लिए घर से बाहर निकाले। उन्होंने पर्दा प्रथा पर करारा चोट किया और कहा कि इससे हमारा समाज पीछे जा रहा है। प्रखण्ड के बरवा बरौली में मौलाना आजाद पब्लिक स्कूल के नये भवन में स्थानांतरीत करने के कार्यक्रम के मौका पर उपर्युक्त विचार व्यक्त करते हुए प्रधान शिक्षक सोहैब खाँ ने समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया। कार्यक्रम की शुरूआत पाक कुरआन की तिलावत से प्रारंभ हुआ जिसे हाफीज रहीमुद्दीन ने पेश किया। रिजवान अहमद नामक चैथी कक्षा में पढने वाले बच्चे ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि अब्दुल हई ने कहा कि समाज को दिशा देने के लिए रवीन्द्र नाथ टैगोर ने एकला चलो का गीत लिखा और अलग चले तो उनकी पहचान बनी ठिक उसी प्रकार डाॅ हाजी एम एकराम ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर शिक्षण संस्थान खोलकर एक मिसाल कायम किया हैं। आयोजित समारोह में नुरूज्जमा हसन, डाॅ.प्रो.सफल कुमार मिश्र समेत अन्य ने संबोधित किया। समारोह में हाजी डाॅ. एम एकराम, डाॅ. जहूर एकराम, मुखिया एहसान अली अंसारी समेत अन्य शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन मसहूर शायर कमरूज्ज्मा क़मर ने किया।

सिविल सर्जन ने की राजनीति भुगतेगी जनता, ठाकुर बनेंगे प्रभारी
  • मुआवजा मिलेगा 120000 रूपये स्पीडी ट्रायल के द्वारा होगी सजा: एसपी

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नरकटियागंज(पचं.) नरकटियागंज सरकारी अस्पताल में स्थित मनीष की जेनेरिक दवा की दूकान का कर्मचारी जावेद अख्तर की मौत के बाद उत्पन्न स्थिति कों नियंत्रण में करने बाद नरकटियागंज में डीएम और एसपी के पत्रकार सम्मेलन में यह घोषणा की गयी कि मृतक के परिजनांे को 120000 रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। शहर में बिचौलियों की बढ़ती हेंकड़ी पर कोई कदम उठाने की बात किसी पदाधिकारी ने नहीं की। एसपी ने कहा कि स्पीडी ट्रायल द्वारा सजा दिलाई जाएगी। सरकारी नौकरी की मांग मृतक के पिता नसीम अख्तर ने की, तो डीएम लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि नौकरी देना सरकार का फैसला हो सकता है। प्रशासन इसके अलावे जो बन पड़ेगा वह सुविधा मंुहैया करा सकती है। उसके बाद सिविल सर्जन डाॅ.गोपाल कृष्ण ने सरकारी अस्पताल का दौरा किया और हालात को देख डाॅ चन्द्रभूषण को तत्काल चनपटिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर दिया। नरकटियागंज के बुद्धिजीवियांे व विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे नेताओं ने कहा कि नरकटियागंज में एक गलती करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ.चन्द्रभूषण का स्थानान्तरण कर दिया गया। जबकि परिवार नियोजन में पहले से दोषी डाॅ. डी एन ठाकुर और सिकटा में लेखापाल की हत्या में उनकी भूमिका के उपरान्त उन्हे नरकटियागंज में स्थानांतरित किया गया। अब उनकी नरकटियागंज में उनकी प्रभारी के रूप में ताजपोशी कर जो संदेश सिविल सर्जन ने किया है उसका शहर के लोगों को शीघ्र अंदाजा लग जाएगा। डाॅ.चन्द्रभूषण के आने पहले और उसके जाने के बाद हालात से आवाम शीघ्र जान जाएगी कि अस्पताल के प्रशासन और सिविल सर्जन मामले को सुलझाना चाहते है या आवाम को परेशान करना चाहते है।

बजट गरीब विरोधी, कर्मचारी विरोधी और कारपोरेट पक्षी बजट : भाकपा

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय सरकार के 2015-16 के बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि यह बजट गरीब विरोधी, कर्मचारी विरोधी और कारपोरेट पक्षी बजट है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेष 2015-16 के आम बजट ने नरेन्द्र मोदी सरकार के कारपोरेट पक्षी चरित्र को उजागर करता है। 
आज यहां जारी अपने बयान में राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय सरकार के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बजट में देष की गरीब जनता के साथ घोर अन्याय किया गया है। समाज के कमजोर वर्गों की योजनाओं के लिए आवंटित राषि में कटौती करके मोदी सरकार ने गरीब विरोधी अपने चरित्र को प्रकट कर दिया है। सामाजिक क्षेत्रों की योजनाओं के लिए आवंटित राषि पिछले साल के बजट की तुलना में कम कर दी गई है। जैसे स्कूली षिक्षा पर होने वाले खर्च के लिए आवंटित राषि में 23ःए उच्च षिक्षा में 3ःए महिलाओं के लिए योजनाओं पर 25ःए बच्चों की योजनाओं पर 56ःए ग्रामीण विकास पर 10ःए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर 16ःए एड्स नियंत्रण पर 22ः की कटौती की गई है।
उसी तरह अनुसूचित जाति उप योजना तथा अनुसूचित जनजाति उपयोजना की आवंटित राषि को क्रमषः  43,206 करोड़ से घटाकर, 30,851 करोड़ रु॰ ओर 26,714 करोड़ रु॰ से घटाकर 19,980 करोड़ रु॰ कर दिया गया है। इन्दिरा आवास योजना की राषि घटाकर 18,000 करोड़ रु॰ से 10,000 करोड़ कर दी गई है। बुढ़ों, विधवाओं और शारीरिक रुप से अपंग लोगों को मिलने वाली पेंषन राषि को घटाकर 10,000 करोड़ रु॰ से 9,000 करोड़ रु॰ कर दी गई है।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देष के गरीबों के साथ क्रूर अत्याचार किया है। बजट में सेवा कर 14 प्रतिषत तक बढ़ा दिया गया है। उसी तरह उत्पाद कर में वृद्धि की गई है। नई कर वृद्धि से आम लोगों की परेषानियाँ बढ़ेगी। बजट से बाहर पेट्रोल में 3.10 रु॰ प्रति लीटर तथा डीजल के दाम में 3.09 रु॰ प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। इस सबका असर महंगाई के रूप में आम जनता पर पड़ेगा। 
दूसरी ओर बजट में कारपोरेट घरानों को काफी रियायत दी गई है। बजट में कारपोरेट को प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये की छूट दी गई है। यह छूट 4 वर्षों के लिए है यानी अगले लोकसभा चुनाव तक कारपोरेट को यह छूट मिलती रहेगी। मध्य वर्ग को भी इस बजट से घोर निराषा हुई है। क्योंकि सेवा कर में वृद्धि की गई है और व्यक्तिगत आयकर की सीमा में कोई रियायत नहीं दी गई है। बिहार को सीमान्घ्र एवं तेलंगाना की तरह विषेष पैकेज की घोषणा तो की गई है। लेकिन यह नहीं कहा गया है कि कितनी राषि दी जायेगी और किस रूप में दी जायेगी। केन्द्र सरकार की यह घोषणा आगामी विधान सभा चुनाव के दृष्टि में रखकर की गई है।

'अन्धविश्वास और सामाजिक कुरीति निवारण हेतु जागृति अभियान'

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गुड़गाँव मे “तथास्तु-भवः” संस्था  द्वारा “संत, संस्कृति एवं संस्कार”नामक युग परिवर्तन मुहिम का प्रथम बीजा रोपण हुआ | युवा संत मुनि जयंतकुमार के सान्निध्य मे आयोजित होने वाले इस सेमिनार मे युवाओं को शक्तिशाली, संस्कारी और संस्कृति के प्रति जागरूक बनाने सहित संत समुदाय मे बढ़ते बहुरूपियों की पहचान का प्रकाश डाला गया | युवाओं को आत्मनिर्भर, स्वास्थ्य एवं विकसित बनाने के इस अथक योगदान को पूरा करने के लिए भिन्न-भिन्न क्षेत्रो कि जानी-मानी हस्तियाँ ने जैसे फिल्म क्षेत्र से निशा कोठारी जी, साहित्य क्षेत्र से श्री शशिकांत जी, मीडिया क्षेत्र से श्री आर सी रैना जी (दिशा टीवी ) एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिती मे दीप प्रज्ज्वलन हुआ | 

मुनि जयंत कुमार का मानना है की "संस्कृति और संस्कार"से कोई भटक जाता है तो रास्ता दिखाने वाला एक संत होता है पर आज जिस तरह के प्रकरण सामन आए है इससे लगता है संत ही संस्कृति से दूर हो रहे है ऐसे संत तभी आगे आते है जब भक्तो के द्वारा आत्म विवेक का प्रयोग नही किया जाता है | देश में 60% युवा है उनके अन्दर शक्ति का कूट खजाना है लेकिन जरूरत है उसको नयी दिशा देने की, संस्कारो से परिष्कृत करने की इसके लिए युवा नशा मुक्त एवं अपराध मुक्त रहे यह जरूरी है. केंद्र सरकार से ये भावी अपील की गयी की बिना राजस्व का मोह किए हुये सम्पूर्ण देश मे नशीले वस्तुवो   का पूरी तरह रोक लगाए। संप्रद्यकिता फैलाने वाले के प्रति केंद्र एवं राज्य सरकारे कठोर कदम उठाए। "तथास्तुभवः"संस्था का मत है, भारत की संस्कृति भाईचारे की है सौहार्दपूर्ण वातावरण की है जो लोग अपने बयानों और अभियानों के द्वारा साम्प्रदायिक द्वेष फ़ैलाने का कार्य करते है उनके लिए मोदी जी को कठोर कदम उठाना चाहिए |




अशोक कुमार निर्भय 
वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 
समाचार संपादक रिलेशन ऑफ़ इंडिया न्यूज़ 

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (01 मार्च)

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कृषि मंत्री श्री बिसेन ने किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ
balaghat news
राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के दूसरे चरण में आज 01 मार्च 2015 को जिले में भी शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को पोलियो निरोधक दवा की खुराक पिलाई गई। म.प्र. शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने जिला चिकित्सालय में नवजात शिशुओं को पोलियो निरोधक दवा की खुराक पिलाकर इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. पंडया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. परेश उपलप एवं अन्य चिकित्सकगण मौजूद थे। पल्स पोलियो अभियान के द्वितीय चरण में आज 01 मार्च को टीकाकरण केन्द्रों पर दवा पिलाई गई। रेल्वे स्टेशन एवं बस स्टेंड में भी दवा पिलाने की व्यवस्था की गई थी। जो बच्चे किसी कारण से आज दवा पीने से वंचित रह जायेंगें उन्हें 02 एवं 03 मार्च को घर-घर जाकर दवा पिलाई जायेगी। 

असनानी ग्रुप ने गरीब बच्चों के लिए एक पूर्ण बाल विकास कार्यक्रम- द लर्निंग ट्रेन

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भोपाल 2015, शहर के प्रतिष्ठित असनानी ग्रुप ने शिक्षा और रियल एस्टेट फर्म के रूप में अपनी शुरूआत की, लेकिन इसके अलावा ग्रुप का ध्यान सामाजिक गतिविधियों की तरफ है। इसी के तहत ग्रुप ने एक अनोखी पहल- द लर्निंग ट्रेन शुरू की है। निगमित सामाजिक दायित्वों की पूर्ति के लिए असनानी ग्रुप ने यह पहल की है, जिसका उद्देश्य समाज का विकास और उत्थान है। इसके तहत अपने विभिन्न निर्माण स्थलों पर काम कर रहे मजदूरों के बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी ग्रुप ने ली है।  ग्रुप के निदेशक दिपेश असनानी ने अपनी साईट्स के आस-पास बिना किसी सुरक्षा और देखभाल के इधर-उधर घूम रहे बच्चों के हितों के लिए यह फैसला किया है। द लर्निंग ट्रेन का उद्देश्य इन बच्चों के बचपन से बिना समझौता किए उनको बेहतर भविष्य प्रदान करना है। 

लर्निंग ट्रेन पहल के तहत  इस तरह के बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने और उनकी देखभाल करने का लक्ष्य है, जब उनके माता-पिता काम में व्यस्त रहेंगे। कुछ शिक्षकों की नियुक्ति के साथ यह सुनिश्चित किया गया है, कि किसी भी हाल में इन बच्चों की शिक्षा में बाधा न उत्पन्न हो। हाउसिंग सोसायटी से कुछ महिलाएं स्वंयसेवक के रूप में इस कार्यक्रम में काम करने काे सहमत हो गईं हैं। मुख्य उद्देश्य बच्चों को बुनियादी व्यवहार, जीवन के शिष्टाचार सिखाने के साथ पढ़ने व लिखने के लिए बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है।

बच्चों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाला बुनियादी पूरक आहार की आपूर्ति लर्निंग ट्रेन का महत्वपूण ध्येय है। बच्चों के सर्वश्रेष्ठ मानसिक और शारीरिक विकास  के तहत उनको पौष्टिक आहार नि:शुल्क मिड डे मील के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। नि:शुल्क यूनिफॉर्म पेंसिल, स्लेट, चॉक, कॉपी आदि भी बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी, जो साईट्स में इधर-उधर घूमते हैं। अनुशासन को महत्व देने के लिए वर्ष में एक बार ग्रुप द्वारा यूनिफॉर्म्स को स्पांसर किया जाएगा।

बच्चे दयनीय परिस्थतियों में घूमते हैं, जिससे वो आसानी से कई बीमारियों और संक्रमणों की चपेट में आ सकते हैं। इस कारण लर्निंग ट्रेन एम्स के सहयोग से चिकित्सा शिविरों का आयोजन करेगा। बच्चों को नाटक, कविता और नृत्य सिखाया जाएगा। उनको स्वतंत्रता दिवस, गणेश चतुर्थी, गणतंत्र दिवस और कई उत्सवों में शामिल किया जाएगा। उनके मनोरंजन के लिए विभिन्न खेलों का आयोजन भी किया जाएगा।

 ग्रुप के निदेशक ने कहा कि ग्रुप के लिए काम कर रहे मजदूरों के बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए द लर्निंग ट्रेन की शुरूआत की गई है। ग्रुप का उद्देश्य उन्हें बेहतर व्यक्तित्व के रूप में विकसित करना है, जो समाज के विकास में योगदान करे। साथ ही वो अपने प्रगति-पथ का खुद ही निर्धारण करें और अपना भविष्य संवारें।

आप में अंदरूनी कलह, योगेंद्र यादव ने सफाई दी

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आम आदमी पार्टी की कलह अब सतह पर आ गई है। पार्टी में अरविंद केजरीवाल के दो पदों पर काबिज होने और पार्टी के देश भर में विस्तार करने को लेकर दो गुट बन गए हैं। पार्टी के आंतरिंक लोकपाल ने अरविंद के दो पदों पर रहने को लेकर सवाल उठाया। है। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी के विस्तार को लेकर अरविंद और मनीष सिसोदिया से ठन गई है।

एक अखबार के मुताबिक 26 फरवरी को हुई आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने चिट्ठी लिखकर पार्टी की कार्यप्रणाली और चंदे लेने के तौर तरीकों पर सवाल उठाया था। पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास की चिट्ठी ने भी नए विवादों को जन्म दिया है। 25 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और संसदीय कार्यसमिति को भेजी चिट्ठी में भी पार्टी में लोकतंत्र को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। इसमें पार्टी में चल रही गुटबाजी और अंदरूनी कलह का मसला उठाया गया है। रामदास ने कहा है कि पार्टी की टॉप लीडरशिप में संवादहीनता बनी हुई है।

आज योंगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली में बड़ी जीत के बाद अब वक्त है काम करने का। देश को हमसे बहुत उम्मीदें हैं। छोटी गलतियों को लेकर लोगों की उम्मीदों को ध्वस्त ना करें। पिछले दो दिन से मीडिया में मेरे और प्रशांत भूषण के बारे में खबरें हैं। आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं, साजिशें रची जा रही हैं। ऐसी खबरों पर मैं कभी हंसता हूं तो कभी दुखी हो जाता हूं। जिसने भी ऐसी स्टोरी चलाई है वो उसके दिमाग की उपज है। बड़ी जीत के बाद अब जरूरत काम करने की है।

इससे पहले पार्टी में मतभेदों की खबर के बीच योगेंद्र यादव ने कहा था कि उनके और केजरीवाल के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि आंतरिक लोकपाल की तरफ से जो मुद्दे उठाए गए हैं वो पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाता है। पार्टी के आंतरिक लोकपाल रामदास के पत्र पर योगेंद्र ने कहा कि उनके लेटर पर पार्टी ही कोई फैसला लेगी क्योकि वह पार्टी के सदस्य नहीं हैं। केजरीवाल सीएम रहते पार्टी के संयोजक के पद पर भी रह सकते हैं, क्योंकि वह पार्टी का लोकप्रिय चेहरा हैं और पार्टी को उनकी ज़रूरत है।

भूमि अधिग्रहण के खिलाफ नीतीश रखेंगे एक दिन का उपवास

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर आज प्रहार करते हुए कहा कि वह भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक उपवास रखने की अपील करते हैं. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जदयू कार्यकर्ताओं की राज्यव्यापी रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए बीजेपी के बारे में कहा कि उस पार्टी का सिद्धांत है कि चुनाव में वादे निभाने के लिए नहीं तोडने के लिए किए जाते हैं.

केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने पर लोकसभा चुनाव पूर्व बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तथा योग गुरू बाबा रामदेव के द्वारा किए गए वादे से जुडे आडियो टेप सुनाते हुए नीतीश ने कहा कि कालेधन को सौ दिनों के भीतर वापस लाने तथा उसके वापस आने से 15-20 लाख हर गरीब को यूं ही मिल जाने तथा करदाता वेतनभोगी को 5-10 प्रतिशत मिल जाने वादा किया गया था. उन्होंने कहा कि इसी लुभावने वादे के कारण गरीब और नौकरी पेशा लोगों को उक्त राशि मिलने का भरोसा था पर प्रधानमंत्री अब कह रहे हैं उनकी सरकार को पता ही नहीं कि विदेशों में कितना कालाधन जमा है तो चुनाव में यह बात कही क्यों की.

नीतीश ने आरोप लगाया कि बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उसे चुनावी भाषण और ‘जुमला’ बता रहे हैं और यह कह रहे हैं कि यह सबको पता था ऐसा किया जाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा ‘जनता तो झांसे में आ गयी. सबके मन में लड्डू फूट रहे थे कि कमल :बीजेपी का चुनाव चिन्ह: का बटन 15 से 20 लाख रूपये पा लो, अब सभी ढूंढ रहे हैं.’

नीतीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी के लोग कालेधन से मिलने वाली राशि को लोगों तक पहुंचा देने और मिल जाने की बात किया करते थे, पर अब वे भविष्य की बात कर रहे हैं इसके लिए कानून बनाएंगे और सजा दिलवाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ऐसा जरूर करे पर उसने जो वादे किए उसे वे चुनावी ‘जुमला’ बताकर बचकर नहीं निकल सकते क्योंकि उनके द्वारा जो भी वादे किए गए हैं उस पर कोई यकीन नहीं करेगा.

नीतीश ने आरोप लगाया कि जिस ‘जनधन’ योजना के तहत 12.5 करोड खाता खुलने का दावा किया जा रहा है उसमें से अधिकांश में राशि है ही नहीं. 15 से 20 लाख रूपये गरीबों को देने में समय लगता है तो कम से कम गरीबों के बैंक खातों में 10-15 हजार रूपये भी जमा करके ‘बोहनी’ कर देते. उन्होंने इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान भी बीजेपी द्वारा न जाने क्या-क्या वादे किए जाएंगे.

नीतीश ने कहा कि इसी प्रकार से लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने किसानों को उनकी फसल के लागत मूल्य का डेढ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का वादा किया था पर इस साल मुश्किल से इसमें तीन प्रतिशत की वृद्धि की गयी जो कि पूर्व की तुलना में उससे भी कम है तथा जिन राज्यों ने किसानों को बोनस देने का एलान किया उन्हें हतोत्साहित करने का फरमान जारी किया गया. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण बिल को ‘काला कानून’ बताते हुए कहा कि संसद की बैठक का भी इंतजार नहीं किया और अध्यादेश ले आए जो किसानों के साथ अन्याय है.

नीतीश ने कहा कि 2013 में कानून बना, संशोधन हुआ और संशोधन कर मुआवजे को बढाया गया था पर बीजेपी उसका श्रेय स्वयं ले रही थी और अब सत्ता में आने पर उसे बदलने के लिए तुरंत अध्यादेश ले आयी. नीतीश ने कहा कि कानून में प्रावधान किया गया था कि जब तक 80 प्रतिशत किसानों की सहमति नहीं होगी भूअधिग्रहण नहीं किया जाएगा. जमीन का मुआवजा तो दिया ही जाएगा सामाजिक प्रभाव का आंकलन किया जाएगा. उन्होंने बीजेपी पर वोट लिया और सत्ता में आने के बाद किसानों से किए वादे को भूल जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब निजी कापरेरेट घरानों, कल-कारखानों और निजी संस्थानों के लिए जमीन का अधिग्रहण होगा जिसके लिए किसान से सहमति की जरूरत नहीं है और न ही सामाजिक प्रभाव के आंकलन की व्यवस्था की गयी है.

नीतीश ने इस अध्यादेश के खिलाफ तथा फसल के लागत मूल्य का डेढ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का वादे होने के खिलाफ पूरे बिहार में एक दिन का सांकेतिक उपवास रखे जाने की अपील करते हुए कहा कि जदयू के किसान प्रकोष्ठ ग्रामीण अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने के बारे में जनसंपर्क और जनजागरण अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से बेरोजगार युवाओं से चुनाव के समय वादे किए गए थे पर रोजगार के नए अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं और जो नियुक्तियां होनी थीं उस पर भी रोक लगा दी गयी है.

नीतीश ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के मद्देनजर बिहार को हो रहे पांच साल में 50 से 60 हजार रूपये के तुलनात्मक घाटे को उन्हें केंद्र के समक्ष उठाया है. उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा के कारण एक वर्ष में 2014-15 की तुलना में वर्ष 2015-16 में करीब 15 हजार करोड रूपये का घाटा होने वाला है पर बीजेपी लोगों के बीच में खूब मिला-खूब मिला का प्रचार कर रही है. नीतीश ने कहा कि सरकार में होने के कारण हमारा दायित्व बनता है और हमने इसको लेकर सर्वदलीय बैठक की पहल का प्रस्ताव दिया है.

नीतीश ने दावा किया कि जेटली ने बिहार की राशि में कटौती का विरोध करने पर केंद्र ने आंध्र प्रदेश के तर्ज पर बिहार को विशेष सहायता देने की घोषणा की है. मगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की उनकी मांग अभी भी अपनी जगह कायम है और जब तक निवेशकों को छूट नहीं मिलेगी तब तक यह लडाई जारी रहेगी. लोकसभा में कल पेश किए गए आम बजट का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि इसमें आम आदमी, किसान और गरीबों की नहीं बल्कि कापरेरेट घरानों की चिंता की गयी है जबकि लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी का नारा था अच्छे दिन आएंगे. लोग पूछते हैं, ‘‘कब आएंगे, मैं कहता हूं कि जिनकी :पूंजीपतियों: सरकार है उनके लिए अच्छे दिन आ गए तथा जिनके नहीं आए वे चेत जायें.’

नीतीश ने कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत के 10-12 खरबपतियों की संपत्तियों में 82460 हजार करोड रूपये का इजाफा हुआ है जिसमें एक की संपत्ति में तो 16740 करोड रूपये का इजाफा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का ‘गेम प्लान’ था कि मांझी सरकार गलतियां करती रहे और इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में वह बाजी मार जाएं.

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की आज सरकार बनने पर उन्हें शुभकामना देते हुए नीतीश ने आरोप लगाया कि वहां के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता (नरेंद्र मोदी) ने कश्मीर के लोगों से कहा था कि कब तक बाप-बेटे (फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला) और बाप-बेटी (मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती) के चक्कर में रहने के बजाय बीजेपी को वोट दें और आज उन्हीं के साथ आज सरकार बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय भी ऐसी ही बातंे की जाएंगी पर लोगों को उनके झांसे में नहीं आना है.

रैली को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आम बजट में गरीबों, किसानों और आमजनों की अनदेखी करने तथा उसमें पूंजीपतियों का बताया. रैली को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह तथा बिहार के कई अन्य मंत्रियों तथा पार्टी नेताओं ने भी संबोधित किया.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 मार्च)

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जिला भाजपा की विषेष एवं महत्वपूर्ण बैठक भगोर में आज 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज 2 मार्च सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय विषेष बैठक का आयोजन भगोर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में प्रातः 11 बजे से किया गया है । बैठक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण होकर इसमें सांसद दिलीपसिंह भूरिया, जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, जिले के विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, कलसिंह भाबर, शांतिलाल बिलवाल द्वारा सभी मण्डलों के अध्यक्ष एवं महामंत्रीगण,  सदस्यता अभियान के सभी प्रभारियों, सभी विस्तारकों, आजीवन सहयोग निधि के सभी मंडल प्रभारी, आगामी जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष निर्वाचन के लिये नियुक्त किये गये सभी मंडल प्रभारियों एवं पयैवेक्षकों , सभी मोर्चा के जिलाध्यक्षों को विषेष मार्गदर्षन प्रदान करेगें तथा पार्टी के रीति नीति आदि के बारे मेे विस्तार से जानकारी देगें । श्री सुराणा ने भारतीय जनता पार्टी के सभी अपेक्षित पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे आज 2 मार्च सोमवार को नियत समय प्रातः 11 बजे अनिवार्य रूप  से भगोर स्थित हनुमान मंदिर में आयोजित जिला भाजपा की इस महत्वपूर्ण बैठक में सहभागिता करें ।

भगोरिया में भाजपा ने चलाया सदस्यता महाअभियान- 600 नये सदस्य बनाये 

jhabua news
झाबुआ---रविवार को भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल झाबुआ द्वारा स्थानीय बस स्टेंड स्थित फव्वारा चैक पर स्टाल लगा कर  सदस्यता महाअभियान चलाया गया । नगर मंडल अध्यक्ष़्ा गोपालसिंह पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को झाबुआ मे भगोरिया पर्व होने के कारण हजारों की संख्या में गा्रमीण वनवासियों के आने के कारण भाजपा का महासदस्यता अभियान के तहत विषेष अभियान चलाया जाकर करीब 600 नये सदस्य बनाये गये । श्री पंवार ने बताया कि अभी तक झाबुआ नगर भाजपा  मंडल नेे 6500 से अधिक सदस्य बना लिये है तथा साढे तीन हजार सदस्य बनाने के पत्रक नगर भाजपा मंडल के पास सक्रिय सदस्यों ने जमा कर दिये है । आज चलाये गये सदस्यता महाअभियान के अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, प्रदेष कार्यसमिति सदस्य दोलत भावसार, प्रदेष अजजा महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, नगर महामंत्री कीर्ति भावसार, शांतिलाल पालिवाल, बाबुदादा अग्रवाल, नगर महामंत्री बबलू सकलेचा, उपाध्यक्ष पण्डित महेन्द्र तिवारी, अमीत, विषाल शर्मा, मुकेष अजनार, दिनेष बैरागी, पिटोल मंडल अध्यक्ष मेजियाकटारा सहित बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

सात हजार से ज्यादा की अवैध शराब जप्त, आरोपी गिरफ्तार
    
झाबूआ--- थाना मेघनगर पुलिस के द्वारा आरोपी हिम्मतसिंह अन्य 01 निवासीगण मेघनगर के कब्जे से 85 बोतल बियर व 35 क्वाटर देशी प्लेन शराब, कीमती 7105/-रूपये की जप्त की गई। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 40/15, धारा 34(1) आबकारी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गया।

बाहर खडी मोटर सायकल की चोरी 
           
फरियादी नईम दिन पिता मोहम्मद शेख उम्र 35 वर्ष निवासी बामनिया ने बताया कि अज्ञात आरोपी ने उसकी बिना नंबर की पल्सर मोसा0 आफिस के बाहर खडी की थी अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया, कीमती 30,000/-रू0। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 77/15, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

'ओके में धोखे'का संगीतमय मुहूर्त

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म्याऊ म्यूजिक कंपनी की प्रथम फिल्म "ओके में धोखे"का संगीतमय मुहूर्त 23  फ़रवरी 2015  को मुंबई अँधेरी (पश्चिम) स्थित ज़िप ट्रैक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में संपन्न हुआ।  संगीतकार बाबा जागीरदार ने अहमद सिद्दीकी के लिखे दो गाने गायक गूफी और नीता अधिकारी के स्वर में संगीतबद्द किये. फिल्म के कथाकार अवं निर्देशक उत्पल एस. चौधरी, पटकथाकार अहमद सिद्दीकी और छायाकार बिशन यादव हैं. फिल्म में मुख्य जोड़ी सपन कृष्णा तथा मिलन सिंह की है. अन्य कलाकारों और टेक्नीशियन का चयन करके फिल्म की शूटिंग मध्य मार्च में आरम्भ होगी।  



अशोक कुमार निर्भय 
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 
समाचार संपादक रिलेशन ऑफ़ इंडिया न्यूज़ 
9210043206 

विशेष आलेख : सियासी गतिरोध में उलझा बिहार का विकास

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nitish manjhi
पिछले दिनों बिहार जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की सियासी रस्साकशी में उलझा रहा। नीतिष कुमार इस लड़ाई में बाजी मारकर एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार के बाद 17 मई 2014 को हार की नैतिक जिम्मेदारी लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था। नीतिष ने पद छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी को अपना उत्तराधिकारी के रूप में चुना था। दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद एक ओर जहां नीतीष कुमार के कंधों पर अधूरे पड़े वादों को पूरा करने का बोझ है वहीं दूसरी ओर इसी वर्ष राज्य में होने वाले विधान सभा चुनाव में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने की जिम्मेदारी भी मुह बाएं खड़ी है। बिहार में जारी सियासी गतिरोध का असर विकास के कामों पर भी देखने को मिला।
              
ताजा मामला पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के गया जिले की ग्राम पंचायत सरवा में सामने आया है जहां सरवा से धनावा गांव नदी तक सड़क की मंजूरी मिलने के बाद भी सरकारी आदेशो की अधिकारियों के द्वारा अवहेलना की जा रही है । बरसों बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण संभव नहीं हुआ है। ऐसे में कठिनाइयों का सामना कर रहे गांव वाले कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते रहे हैं। लेकिन सड़क निर्माण का सपना अधूरा ही रह गया। कच्ची सड़क होने के कारण लोग कई बार हादसों का शिकार हो चुके हैं। सबसे ज़्यादा परेशानी वर्षा के समय होती है। भुक्तभोगियों का कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा उदासीन रवैया अपनाने के कारण भारी परेशानी हो रही है। सड़क निर्माण शुरू ना होने से न तो गांव के बच्चे नियमित स्कूल जा पा रहे हैं और न ही चिकित्सा सुविधा ठीक से उपलब्ध हो पा रही है। इस सिलसिले में ग्रामीणों ने राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार ज्ञापन भी सौंपा लेकिन सड़क निर्माण के लिए धन अवमुक्त होने के बावजूद इंच भर काम शुरू नहीं हो पाया है।
          
गया जिले की ग्राम पंचायत सरवा में सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं के अभाव में लोगों को लम्बे समय से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । समय समय पर यहां के लोगों ने सरकार का ध्यान इस मसले पर दिलाया है लेकिन आज तक इसका नतीजा सिफर ही रहा है। जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों को उम्मीद बंधी थी कि मुख्यमंत्री अपने गृह जि़ले के विकास पर अवश्य ध्यान देंगे और ग्राम पंचायत सरवा के भी अच्छे दिन आएंगे। उन्हें उम्मीद थी कि पटना से चली विकास की हवा इस गांव के लोगों के लिए भी वरदान साबित होगी। लेकिन समय बीतने के साथ उनकी उम्मीदें भी धूमिल होती चली गईं। 
          
गौरतलब है कि जीतन राम माझी के मुख्यमंत्री काल में भी सरकारी विभाग ने इस इलाके की भारी उपेक्षा की। इस क्षेत्र में सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के बावजूद आज तक ढेला भर काम शुरू नहीं हो सका है। जून 2013 में जर्जर सड़क को लेकर स्थानीय लोगों ने एक ज्ञापन जिला योजना पदाधिकारी को सौंपा था जिसके बाद निराकरण न होने पर लोगों ने जिला उपविकास आयुक्त को भी आवेदन दिया। प्रखंड विकास अधिकारी के आदेश के बाद बाराचट्टी प्रखंड के जूनियर इंजीनियर द्वारा सड़क निर्माण का खाका तैयार किया गया। जिसमे निर्माण की लागत 81,64000 रुपये बताई गई। इसका एक इस्टीमेट बनाकर जिला उपविकास आयुक्त  को सौपा गया था जिसकी एक प्रति विधान सभा सदस्य ज्योति माझी को भी उपलब्ध करवाते हुए उनसे सड़क निर्माण की अनुशंसा की गयी लेकिन आज तक यहाँ सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गाँव की सड़क के निर्माण की स्वीकृति को 2 वर्ष हो गए हैं लेकिन अब तक निर्माण शुरू नहीं हुआ है। कच्ची सड़क पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि प्रसूताओं को इलाज के लिए ले जाने में बेहद तकलीफ होती है। बच्चे भी नियमित स्कूल नहीं पा जा पाते हैं। गांव में केवल प्राथमिक विद्यालय है। आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को मुख्यालय भेजना पड़ता है लेकिन सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के ना होने से कई बच्चे स्कूल नहीं पा जाते।  
          
एक ओर सरकारें शिक्षा अधिकार को लागू करने, सांसदों से गांवों को गोद लेने और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों में काम करने के बड़े बड़े दावे करती हैं लेकिन आज भी बिहार के ऐसे कई इलाके हैं जो स्वीकृति मिलने के बाद भी सड़क निर्माण की बांट जोहते नजर आ रहे हैं। स्थानीय निवासी मोहम्मद नियाज अहमद का कहना है कि-‘‘कच्ची सड़क अब पूरी तरह उखड़ चुकी है और उस पर चलना भी मुश्किल हो गया है। हर रोज बीमार ग्रामीणों को इस सड़क की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस परेशानी से तंग आकर ग्रामीणों ने  सरकार के सामने  आर पार की लडाई लड़ने का एलान किया है। अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार की सरकार को आगामी चुनावों में एक बड़े वोट बैंक से हाथ धोना पड़ सकता है। बिहार सरकार को चाहिए कि राज्य में आचार संहिता लगने से पहले वह विकास के कामों को गति दे। जनता को विकास चाहिए, वादों से बात नहीं बनेगी। इसका ताजा उदाहरण अभी हाल ही दिल्ली में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव हैं। जनता जब वोट की षक्ल में अपना लेती है तो बड़े बड़े राजनेताओं को भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ता है। याद रहे कि सड़क देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। यह गति, संरचना और विकास के प्रतिरूप को प्रभावित करती है। इसलिए, इस क्षेत्र का विकास भारत के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। भारत में विश्व के सबसे बड़े सड़क नेटवर्कों में से एक नेटवर्क है जो 3.314 मिलियन किलोमीटर लम्बा है और इसमें एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, बड़े जिलों की सड़कें, अन्य जिला सड़कें और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। ग्रामीण सड़कें लगभग 26,50,000 किलो मीटर लम्बी हैं जो गांवों को अपनी सामाजिक जरूरतों जैसे कि अपने कृषि उत्पादों को आस पास के बाजारों में ले जाने के लिए अन्य सड़कों तक पहुंच प्रदान करती हैं। ऐसे में इसकी अनदेखी देश के विकास में बाधक बन सकती है। जिसे दूर करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। 





हेजाज़ अहमद
(चरखा फीचर्स)

रक्षा मंत्रालय में भी सेंधमारी हुई थी: सूत्र

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बीते दिनों सरकारी मंत्रालयों में हुई सेंधमारी और जासूसी की जाँच के बाद हाल ही में पिछले साल रक्षा मंत्रालय में भी जासूसी होने की खबरे सामने आई है. खबर के अनुसार पिछले साल तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एटंनी की जासूसी हुई थी. बता दे कि पिछले साल तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एटंनी और तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह के बीच एक अहम मीटिंग हुई थी. ख़बर है कि उस मीटिंग के दौरान हुई बातचीत एक भेदिए के कारण लीक हो गई थी और वो जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हाथ भी लग गई थी.

यह खबर सामने आने के बाद मंत्रालय में हड़कम्प मच गया है. क्यों कि तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी का ऑफिस देश के सबसे सुरक्षित दफ्तरों में से एक था और वहां हुई मीटिंग में सेना के ऑपरेशन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दो पर बात हुई थी. इसमें सेना के जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन से जुड़ी जानकारियां भी थीं. ऐसे में ये जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हाथ लगाना भारत को नुकसान पहुंचा सकता है.

गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रक्षा मंत्री के दफ्तर में जासूसी का यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले फरवरी 2012 में भी रक्षा मंत्री के दफ्तर में जासूसी का मामला सामने आया था, जिसकी जांच के आदेश दिए गए थे.

जगमोहन डालमिया बने BCCI के अध्यक्ष, अनुराग ठाकुर सेक्रेटरी

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 भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सालाना बैठक में जगमोहन डालमिया सर्वसम्मति से नए अध्यक्ष चुने गए। हिमाचल क्रिकेट संघ के प्रमुख और हमीरपुर से बीजेपी के सांसद अनुराग ठाकुर बीसीसीआई सचिव चुने गए हैं, जबकि सी के खन्ना और टीसी मैथ्यूज उपाध्यक्ष चुने गए हैं। झारखंड क्रिकेट संघ के प्रमुख अमिताभ चौधरी और हरियाणा के अनिरुद्ध चौधरी क्रमश: जॉइंट सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष चुने गए। 

वरिष्ठ प्रशासक जगमोहन डालमिया का लगभग एक दशक बाद एक बार फिर बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना रविवार को ही तय हो गया था। डालमिया एन श्रीनिवासन गुट की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष डालमिया शीर्ष पद के प्रबल दावेदार थे, क्योंकि किसी और नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। अध्यक्ष पद के लिए किसी दूसरे उम्मीदवार ने नामांकन भी नहीं कराया था।

पूर्व अध्यक्ष शरद पवार मैदान में उतरना चाहते थे लेकिन उन्हें पूर्वी क्षेत्र से कोई प्रस्तावक नहीं मिला। पूर्व क्षेत्र की सभी छह यूनिट श्रीनिवासन गुट की समर्थक हैं। बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि इस बार पूर्वी क्षेत्र की बारी थी और डालमिया के पास पूर्व से प्रस्तावक और अनुमोदनकर्ता दोनों थे। 

हिंदू, खान स्टार्स की फिल्में न देखें: साध्वी प्राची

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विश्व हिंदू परिष्द (वीएचपी) की नेत्री साध्वी प्राची एक बार फिर अपने विवादित बयान से सुर्खियों में हैं। साध्वी ने हिंदुओं से तीनों खान स्टार्स ( शाहरुख, सलमान, आमिर) की फिल्मों का बहिष्कार करने को कहा है। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को किसी भारतीय लड़की से शादी कर घर बसा लेने की भी सलाह दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देहरादून में विश्व हिंदू परिषद की बैठक में साध्वी ने देश के हिंदुओं को यह राय दी। उन्होंने कहा, 'तीनों खान लव जिहाद को बढ़ावा देते हैं, हमारे बच्चे उनसे सही संस्कार नहीं सीख रहे हैं।'साध्वी ने अपील की कि हिंदू इन तीनों के पोस्टर्स अपनी दीवारों पर भी न लगाए। 

साध्वी ने कहा कि लव जिहाद अंतर-धर्म शादी का रूप नहीं है बल्कि यह आपराधिक इरादों के साथ किसी की आस्था को जबर्दस्ती बदलने के साथ जुड़ा हुआ मामला है। हिंदू संगठन इसे बर्दाशत नहीं करेंगे। इतना कुछ कहने के बाद साध्वी ने अपना निशाना राहुल गांधी पर मोड़ लिया और कहा, 'राहुल की मां और बहन की बढ़ती चिंता यह है कि वो कहां 'खो'गए हैं। उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए, शादी करें और घर बसा लें।' 

साध्वी प्राची ने हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात भी की। प्राची ने कहा कि हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घट रही है। अन्य धर्मों से संतुलन बनाए रखने के लिए उन्हें ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे। गौरतलब है कि बीजेपी नेता और उन्नाव से पार्टी सांसद साक्षी महाराज ने भी हाल ही में हिदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से संबंधित बयान दिया था। साक्षी ने कहा था कि अगर एक हिंदू के 4 बच्चे होंगे तो 1 देश की सेवा करेगा, एक देश की सुरक्षा करेगा, एक आरएसएस जॉइन करेगा और एक माता-पिता की देखभाल करेगा। हालांकि, बाद में बीजेपी ने साक्षी के इस बयान से खुद को अलग कर लिया था।

लोकसभा में मुफ्ती के विवादास्पद बयान पर हंगामा

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जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के विवादित बयान पर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने प्रधानमंत्री से बयान की मांग करते हुए सदन से वॉक आउट किया. जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में सफाई देते हुए कहा बीजेपी का मुफ्ती के इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है. 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के ठीक बाद पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने रविवार को विवादित बयान देकर जम्मू-कश्मीर में सफल चुनाव के पीछे सीमा पार का हाथ बता दिया था, वहीं बयान पर सफाई देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा  'हमारी सरकार और बीजेपी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के उस बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनावों के निर्विघ्न रूप से संपन्न होने का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को दिया है. मैं यह बयान प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करके और उनकी सहमति के बाद दे रहा हूं.'उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव कराने का श्रेय चुनाव आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्यों के लोगों को जाता है.

इससे पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों और सीमा पार के लोगों ने विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाया. उनके इस बयान के तुरंत बाद सत्ता में उसकी साझेदार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बात की खिलाफत की. बीजेपी ने कहा कि चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों के प्रयास के कारण ही ऐसा संभव हो सका. जबकि सरकार की ओर से गृहमंत्री ने सोमवार को रुख स्पष्ट किया.



4 मार्च को होगी AAP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

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दिल्ली में सत्ता मिलते ही आम आदमी पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टियों के ढर्रे पर चलती नजर आ रही है. अरविंद केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की इच्छा का आरोप झेल रहे योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर इस बाबत गाज गिर सकती है. 'आप'नेता संजय सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बयान से कार्यकर्ताओं में निराशा फैलती है. 4 मार्च को राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनईसी) की बैठक में इस बाबत फैसला किया जाएगा.' 


संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मुहिम सही नहीं है. वरिष्ठ नेताओं को पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए. चिट्ठी लीक किए जाने पर संजय सिंह ने कहा कि ये सब सही नहीं है. पार्टी लोगों के बीच मजाक बनती जा रही है. 'आप'की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 4 मार्च को होनी है. बैठक में पार्टी के 21 वोटिंग मेंबर शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के भीतर मचे घमासान के चलते योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर गिर सकती है. योगेंद्र यादव ने कहा कि 'आप'में संकट की खबरें गढ़ी जा रही हैं, हमारे खिलाफ आरोप मढ़े जा रहे हैं और साजिश रची जा रही हैं. ये सभी खबरें काल्पिनक हैं. पार्टी नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ 'आप अनुशासन कमेटी'में शिकायत की है.

संजय सिंह ने कहा कि जो लोग केजरीवाल को संयोजक पद से हटाना चाहते हैं, उन्हें कार्यकर्ताओं की भावना का ख्याल नहीं है. जबकि योगेंद्र यादव ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें बड़ी जीत दी है. हम अपनी छोटी हरकतों से अपने आपको और इस आशा को छोटा न होने दें. प्रशांत भूषण ने अपनी चिट्ठी में कहा कि पार्टी को एक व्यक्ति पर केंद्रित नहीं होना चाहिए. पार्टी में फंडिंग को लेकर भी बात करना जरूरी है.

AAP के आतंरिक लोकपाल एडमिरल रामदास ने भी चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की. रामदास ने केजरीवाल के सीएम बनने के बाद उनके संयोजक पद पर रहने पर भी सवाल उठाए.




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