हरियाणा और एनसीआर तक फैला खनन का जाल, प्रदेश से बाहर रेता-बजरी की आपूर्ति पर रोक लगे तो अवैध खनन पर लगे अंकुश
- अरावली से खनन पर रोक से उत्तराखंड आ रहे खनन कारोबारी
- सूबे में खुद का कारोबार पनपाने को मुंहमांगी कीमतें देने को तैयार
- निजी नाप की भूमि पर चुगान के पट्टे देकर किया जा रहा खेल
देहरादून,24 मार्च । उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर मचा वबाल यूं ही नहीं है। यहां से हो रहे खनन की सप्लाई हरियाणा और एनसीआर तक हो रही है। हरियाणा की अरावली पहाड़ी से खनन पर रोक के बाद वहां के खनन कारोबारी उत्तराखंड का रुख कर चुके हैं। ऐसे में प्रतिष्पर्धा बढ़ी है और उसी अनुपात में प्रभावशाली लोगों की काली कमाई भी। ऐसे में इस अवैध खनन पर तब तक अंकुश नहीं लगाया जा सकता, जब तक कि खनन सामिग्री के प्रदेश के बाहर जाने पर रोक न लगाई जाए। पिछले चार वर्षों से प्रदेश में अवैध खनन के कारोबार में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके पीछे प्रमुख कारण हरियाणा में अरावली की पहाड़ी क्षेत्र में खनन पर उच्चतम न्यायालय की ओर से लगाई गई रोक को ही माना जा रहा है। अरावली की वादियों में खनन एवं स्टोन क्रेशर का कारोबार बहुत बड़ा था। यहां से खनन सामिग्री की आपूर्ति गुड़गांव, दिल्ली एवं एनसीआर तक के क्षेत्र को की जाती थी। उच्चतम न्यायालय की रोक के कारण इस क्षेत्र में खनन पर पूरी तरह से पावंदी लग गई और इस कारोबार से जुड़े लोग परेशान हो गए। इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय वर्ष 2010 में खनन की अनुमति देने से पूर्व ईआईए (खनन से होने वाले पर्यावरणीय असर) कराए जाने का आदेश पारित कर दिया था। इसी कारण उत्तरखंड सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खनन का कार्य बंद हो गया। सभी प्रदेशों में चूंकि बड़े-बड़े खनन लाटों में ईआईए की प्रक्रिया अभी चल ही रही है और पर्यावरण स्वीकृति केंद्र सरकार से नहीं मिली है। एक तरफ खनन बंद है तो दूसरी तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री में बूम आया हुआ। अन हालात में खनन कारोबारियों की निगाहें उत्तराखंड की ओर लगी। क्योंकि इस उत्तराखंड में निजी नाप की जमीन वालों के चुगान के पट्टे देकर खनन का काम चलाया जा रहा था। इसके बाद काले कारोबारियों ने सरकार के लालची अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ की और छोटे छोटे खनन के पट्टे स्वीकृत कराए। इन्हीं पट्टों के रवन्नो की आड़ में प्रदेश में “रात के अँधेरे में अवैध खनन का कारोबार” खूब फल-फूल रहा है। इन्हीं कारणों से दूसरे प्रदेशों के खनन कारोबारी उत्तराखंड में घुसने के लिए मुंहमांगी कीमत देने को तैयार थे। सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों ने राजनेताओं से सांठ-गाँठ कर इस अवसर का लाभ उठाने की तैयारी कर ली। बिसात इस प्रकार बिछाई गई कि खनन पट्टे की फाइल कितनी भी साफ सुथरी क्यों ना हो जब तक आका का हुक्म न हो वह टेबल से हिल नहीं पाएगी। सभी महत्वपूर्ण टेबल्स पर चुन-चुन कर अधिकारी बैठाए। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी छांट कर तैनात किए गए। फिर काली कमाई के रेट भी बढ़ा दिए गए। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के क्रशर व्यवसाइयों ने राज्य में घुसने के लिए मुंहमांगी कीमत अदा की। अब मुंहमांगी कीमत अदा करने के बाद ये कारोबारी यहां छोटे पट्टों की आड़ में जमकर अवैध खनन कर रहे हैं और अपने प्रदेशों में सप्लाई कर रहे हैं।
टास्क फोर्स बनी कमाई का जरिए अवैध खनन को लेकर ज्यादा हो-हल्ला हुआ तो तत्कालीन बहुगुणा सरकार ने एक एंटी इल्लीगल माइनिंग टास्क फोर्स का गठन डीआईजी संजय गुंज्याल की अध्यक्षता किया। यह टास्क फोर्स तो प्रदेश के आकाओं के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। गुंज्याल मेहनत कर अवैध खनन के कारोबारियों को पकड़कर उन पर करोड़ों का जुर्माना कर रहे हैं। लेकिन सरकार में बैठे एक उच्च अधिकारी अर्थदंड कुछ लाख तक ही सीमित कर देता है। इस रहनुमायत का क्या नजराना लिया जा रहा होगा इसे आसानी से समझा जा सकता है। इस प्रकार ये तो समझा ही जा सकता है की इस काले कारोबार की गिरफ्त में पूरा का पूरा सरकारी तंत्र लिप्त है. जिसकी जानकारी वैसे तो अनोपचारिक रूप से तो सभी के पास है पर आज तक किसी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.
रात में ही निरस्त कर दिए आदेश एक ही परिवार के दो लोगों को दे दिया था लालबत्ती का तोहफा
- यहां सियासत की खातिर संविधान का उड़ रहा मखौल
- चुनाव आयोग से हो सकता था सरकार पर कड़ा एक्शन
देहरादून,24 मार्च । पिछले कुछ समय से बेपरवाह अंदाज में काम कर रही सूबे की कांग्रेसी सरकार ने इस बार तो चुनाव आचार संहिता को ही ठेंगे पर रख दिया। सरकार ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करके दो लोगों को लालबत्ती के तोहफे दे दिए हैं। बाद में समझ में आया कि ये क्या कर दिया तो देररात दोनों ही आदेश निरस्त कर दिए गए। इस समय भगवानपुर विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग ने पूरे हरिद्वार जिले में आचार संहिता लागू कर रखी है। इसके तहत सरकार या फिर सरकारी मशीनरी कोई ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके। इस दौरान किसी सरकारी दायित्व पद पर लोगों का मनोनयन भी नहीं किया जा सकता। लेकिन सरकार ने इसकी परवाह किए बगैर दो लोगों को सरकारी दायित्व देने का आदेश जारी कर दिया। इसके तहत स्व. सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को राज्य महिला कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष और उनके चाचा सत्यपाल राज्य समाज कल्याण परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है। अहम बात यह भी है कि दोनों को राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। अहम बात यह है कि ममता को सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है तो सत्यपाल ने बतौर निर्दलीय उपचुनाव में अपना पर्चा दाखिल कर रखा है। सरकार अपने इस कदम से क्या सियासी मुनाफा हासिल करना चाहती है, यह तो सरकार ही जाने। लेकिन इस सरकार के इस कदम से साफ दिख रहा है कि उसे संवैधानिक मर्यादाओं का जरा भी ख्याल नहीं है। विपक्षी दल भाजपा ने सरकार के इस कदम को संविधान के विपरीत बताते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर आचार संहिता उल्लघंन है। पार्टी इस मामले को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दे डाली। इसके बाद सरकार की समझ में आया कि इस बार फिर चूक हो गई तो देररात ही दोनों नियुक्तियों के आदेश निरस्त भी कर दिए गए।
पहले भी हुए नियमों के विपरीत काम
इससे पहले काबीना मंत्री हरीश दुर्गापाल को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में भी इसी तरह से कानून की धज्जियां उड़ाई जा चुकी हैं। दुर्गापाल हैं तो पुराने कांग्रेसी लेकिन 2012 का चुनाव को बतौर निर्दलीय जीते और कांग्रेस को समर्थन देकर मंत्री बने। पिछले दिनों एक भव्य आयोजन करके उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल किया गया। बाद में समझ में आया कि ऐसा करने से दुर्गापाल की विधायकी खत्म हो सकती है तो फिर बैकफुट पर आकर कहा गया कि उन्हें कांग्रेस की सदस्यता नहीं दी गई है।
पनाश वैलीः केवल बिल्डर के नाम नहीं नक्शा, कई निजी नाम भी प्रोजेक्ट के मानचित्र में शामिल
- जिलाधिकारी ने फिर भेजा एमडीडीए को खत
देहरादून,24 मार्च (निस)। पनाश वैली प्रोजेक्ट की जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई चैकाने वाली जानकारियां सामने आ रहीं हैं। अब पता चला है कि इस प्रोजेक्ट के नक्शे में कई निजी लोगों की जमीन भी शामिल है। इस बारे में जिलाधिकारी ने एमडीडीए को एक और खत भेजकर पूरी जानकारी मांगी है। पनाश वैली प्रोजेक्ट की जांच में रोजाना नए पहलू सामने आ रहे हैं। अब पता चला है कि इस प्रोजेक्ट का नक्शा पनाश वैली के नाम से स्वीकृत ही नहीं किया गया है। पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम एमडीडीए से स्वीकृत मानचित्र संख्या एल-0003ध् 11-12 के आधार पर चल रहा था। इस मानचित्र के आधार पर पनाश वैली प्रोजेक्ट को एमडीडीए से स्वीकृति का प्रचार भी किया गया। फिलवक्त डीएम की एक रिपोर्ट के आधार पर एमडीडीए ने इस मानचित्र को निलंबित करके निर्माण कार्य रुकवा दिया है। अब पता चल रहा है कि यह मानचित्र मैसर्स बीडी अग्रवाल प्रोजेक्ट व अन्य के नाम से स्वीकृत किया गया है। साफ जाहिर है कि मानचित्र स्वीकृत किए जाते वक्त प्रोजेक्ट की सारी जमीन पनाश वैली प्रोजेक्ट के नाम से नहीं थी। सूत्रों ने बताया कि इस गंभीर मामले में जिलाधिकारी की ओर से एमडीडीए को एक और खत लिखकर जानकारी मांगी है। नियमानुसार नक्शा या तो निजी व्यक्ति के नाम या फिर किसी बिल्डर के नाम ही पारित किया जा सकता है। अहम बात यह भी है कि राजस्व विभाग की जिस अनापत्ति को डीएम ने खारिज कर दिया है, उसमें भी बिल्डर का जिक्र नहीं है। उसमें भी लोगों के नाम से ही अनापत्ति दी गई है। सूत्रों ने बताया कि यह नई जानकारी भी राजस्व परिषद के अध्यक्ष को दी गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच की निगरानी खुद राजस्व परिषद के स्तर से की जा रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि राजस्व परिषद के अध्यक्ष का इस मामले में क्या रुख रहता है।
सोनिया तक पहुंचा जीटीएम का मामला
सिंगल टेंडर के आधार पर देहरादून के पुराने बस स्टैंड समेत कई बेशकीमती जमीन जीटीएम ग्रुप को देने का मामला कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी तक पहुंच गया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस मामले की पूरी पत्रावली सोनिया तक पहुंचा दी गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्षा की ओर से इस मामले में राज्य सरकार से जानकारी मांगी जा सकती है।
कांग्रेसियों का दिल्ली में धरना, केंद्र सरकार पर लगाया उत्तराखंड की उपेक्षा का आरोप
- मां गंगा की उपेक्षा बर्दाशत नही होगी - किशोर
देहरादून, 24 मार्च (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर सूबे के कांग्रेसियों ने आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस राज्य की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि हम मां गंगा की उपेक्षा को बर्दाशत नही होगी। हम सभी उत्तराखण्ड को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। श्री उपाध्याय ने कहा कि भाजपानीत सरकार राज्य से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर नही हो रही है। कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा उत्तराखण्ड की घोर उपेक्षा करते हुए केन्द्रीय योजनाओं में भारी कटौती की है, जिससे लगभग 2200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हमने शांतिपूर्ण ढंग से पीएम आवास पर सत्याग्रह उपवास करने की बात कही थी, लेकिन शायद मोदी जी को उत्तराखण्डवासियों से डर लगता है, जिस कारण उनके निर्देश पर दिल्ली पुलिस द्वारा अनुमति नही दी गई। मोदी को पता होना चाहिए कि उत्तराखण्डवासी बेहद ही संवेदनशील लोग होते है और वो किसी हिंसा में विश्वास नही करते है। मोदी जी को पता होना चाहिए कि उत्तराखण्डवासी सदैव से देश की रक्षा के लिए आगे रहे है। हमारा प्रदेश अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है। आपदा के कारण अन्य राज्यों से अधिक संवेदनशील है। ऐसे में हमारे राज्य को केन्द्र से अधिक सहायता की उम्मीद थी, लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा न करके, जो सहायता मिल रही थी, उन्हें भी समाप्त कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा पर्यावरणीय सेवाओं की एवज में ग्रीन बोनस की मांग की गई थी, लेकिन वो भी केन्द्र सरकार द्वारा अस्वीकार कर दी गई है। अर्द्धकुम्भ और ग्रामीण स्वच्छता मिशन जैसे कार्यक्रमों के लिए केन्न्द्र सरकार को शीघ्र ही बजट की व्यवस्था करनी चाहिए, जो अभी तक नही हुई है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा दिये गये प्रस्ताव की अवहेलना की गई है। इसके साथ ही विशेष औद्योगिक पैकेज न प्रदान किया जाना, दैवीय आपदा के प्रभावितों के लिए किसी भी तरह की आर्थिक सहायता न प्रदान करने, लोकसभा चुनाव में काले धन को वापस लाकर प्रत्येक नागरिक के खाते में 15 लाख रूपये डालने तथा प्रत्येक माह 25 हजार पेंशन देने व सभी करों मे छूट न दिये जाने, राज्य में केन्द्र सरकार के रूग्ण सार्वजनिक उपक्रमों के पुनर्जीवन पर कोई स्पष्ट दृष्टिकोण न होने, पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य के सापेक्ष कमी न होने, भूमि अधिग्रहण बिल को वापस न लेने तथा देवभूमि उत्तराखण्ड को केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की परिधि में न लाने हेतु उत्तराखण्ड के कांग्रेसजन सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे। श्री उपाध्याय ने कहा कि लगातार प्रत्येक महीने केन्द्र सरकार को याद दिलाने के लिए दिल्ली में इस तरह के कार्यक्रमों का आयेाजिन किया जायेगा। उन्हेांने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड को छोटा राज्य समझ कर उसकी उपेक्षा कर रही है। उत्तराखण्ड की उपेक्षा से जल सुरक्षा, अन्न सुरक्षा तथा सीमान्त प्रदेश होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा भी संकट में पड़ सकती है। यहां तक कि यदि केन्द्र सरकार की उपेक्षा के कारण उत्तराखण्ड के नौजवानों में असंतोष बढ़ा तो देश की सीमायें भी सुरक्षित नहीं रहेंगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह उपयुक्त समय है जब केन्द्र सरकार को दलगत व विद्वेष की राजनैतिक भावना से ऊपर उठकर देश हित में उत्तराखण्ड की सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शिल्पी अरोडा ने बताया कि कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद राज बब्बर, प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर सहित उत्तराखण्ड प्रदेश के अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा किया गया सत्याग्रह उपवास कार्यक्रम सफल रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को जागना होगा। मोदी जी को विदेशों की चिंता छोड़कर देश की चिंता करनी होगी। उत्तराखण्ड की चिता करनी होगी। हम उत्तराखण्ड की उपेक्षा बर्दाशत नही करेंगे। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद राज बब्बर, प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर, सभा सचिव एवं विधायक सरिता आर्य एवं ललित फस्र्वाण, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत, सरोजनी कैंतुरा, साकेत बहुुगुणा, राजेन्द्र शाह, भुवन कापड़ी, सहित जिला अध्यक्ष और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।
उत्तराखंड में रोक देंगे मोदी का रावण रथ
पीएम नरेंद्र मोदी पर पर पिछले दिनों तीखी टिप्पणी करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की जुबां आज फिर फिसल गई। पीएम आवास की ओर जाने से रोकने पर किशोर ने कहा कि मोदी उत्तराखंड की जनता से खौफ खाते हैं। इसीलिए जनता को वहां जाने से रोक दिया गया। किशोर यहीं तक नहीं रुके। आगे बोले मोदी को रावण की संज्ञा देते हुए कहा कि अहंकारी का विजय रथ उत्तराखंड में रोक दिया जाएगा।
भगवानपुर उप चुनाव के लिए नामांकन दाखिल, अंतिम समय में तय हुआ कांग्रेस प्रत्याशी
देहरादून,24 मार्च (निस)। भगवानपुर उपचुनाव के लिए आज कांग्रेस, भाजपा और उक्रांद के साथ ही एक निर्दलीय ने भी अपना नामांकन कराया। कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में अंतिम क्षणों तक असमंजस की स्थिति बनी रही। भाजपा प्रत्याशी राजपाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ कार्यकर्ताओं के साथ ही चार विधायक और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी थे। यूकेडी प्रत्याशी मनोज ने भी अपना नामांकन दाखिल कराया है। कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश भी अपने देवर सुबोध और कार्यकर्ताओं के साथ पहुंची समय पर कलक्ट्रेट पहुंची। लेकिन टिकट न पहुंचने से उन्हें इंतजार करना पड़ा। इस बीच निर्दल पर्चा दाखिल करने वाले कांग्रेसी नेता सत्यपाल ने कहा कि अगर टिकट उन्हें नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही मैदान में उतरेंगे। बाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और संजय कपूर हैलीकाप्टर से पहुंचे।
सीटू ने रि-डैब्लपमैन्ट प्लान का किया विरोध
देहरादून 24 मार्च,(निस)। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सीटू, अखिल भारतीय जनवादी नौजवान सभा (डी.वाई.एफ.आई.), स्टूडैन्ट्स फैडरेशन आफॅ इण्डिया (एस.एफ.आई.) ने संयुक्त रूप बयान जारी कहा कि एम.डी.डी.ए.द्वारा लोकल बस स्टैण्ड एवं इन्दिरा मार्केट में रि-डैब्लपमैन्ट प्लान के नाम पर निजी कम्पनियों को लाभ पहुॅचाने के उद्देश्य से की जा रही किसी भी कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जायेगा क्योंकि उक्त स्थान पर व्यवसायियों के साथ साथ संगठन एवं पार्टी कार्यालय भी स्थित हैं और प्रभाव उन पड़ेगा। वक्ताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुऐ कहा कि यदि एम,डी,डी,ए, रि-प्लान के नाम पर व्यवसायियों एवं आम जन के साथ घोखाधड़ी की गयी तो पार्टी व संगठन उनके साथ मिलकर आंदोलन को तेज करेगें। बैठक में सीटू के प्रान्तीय महामंत्री बीरेन्द्र भण्डारी, सीटू जिला सचिव लेखराज, पार्टी सचिव मण्डल सदस्य अनन्त आकाश, नौजवान सभा के गगन गर्ग, एस.एफ.आई. से अभिषेक भण्डारी , देवेन्द्र रावत आदि उपस्थित थे।
टीबी के जड़ से खात्मे का लिया संकल्प
देहरादून 24 मार्च,(निस)। विश्व टीबी दिवस के अवसर पर होटल शुभम, नगर निगम, देहरादून के पास फालतू लाइन, देहरादून में एक टीबी जागरूकता कार्यक्रम राज्य क्षय नियन्त्रण समिति चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. जीएस जोशी महानिदेशक, स्वास्थ्य महानिदेशालय उत्तराखण्ड थे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि अपर निदेशक, राष्ट्रीय कार्यक्रम डाॅ. अर्चना श्रीवास्तव थी। कार्यक्रम में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों एवं विभिन्न विभागों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं तथा एनसीसी, एनएसएस तथा स्काउट गाइड तथा विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। सर्वप्रथम डा0 अनुप डिमरीं, राज्य क्षय नियन्त्रण अधिकारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सरकारी व गैर सरकारी विभाग, निर्वाचित प्रतिनिधियों, तथा सभी प्रतिभागियों व मीडिया के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्हे टी॰बी॰ उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों एवं डाट्स की जानकारी दी जिसमें सभी लोगों को सक्रिय सहभागिता हेतु आग्रह किया गया। उन्होंने राज्य में क्षय नियन्त्रण से सम्बधित आकडे बताये तथा पूरे देश में राज्य की स्थित के बारे में अवगत कराया। उन्होने आरएनटीपीसी कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।
अपने सम्बोधन में डाॅ. आर.पी. पांडे अपर परियोजना निदेशक, राज्य एड्स नियंत्रण समिति, उत्तराखंड ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सरकारी व गैर सरकारी विभाग तथा अन्य उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए टीबी और एचआईवी की रोकथाम के बारे में अपने रखे। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर आशा व एएनएम कार्यकर्ताओं के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं का अधिक से अधिक संचालन करवाने पर जोर दिया। जिससे कार्यक्रम ग्रास रूट लेवल तक पंहुच सके। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. जीएस जोशी महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से जुडे हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मियों से टीबी रोकने के लिए अधिक से अधिक सहयोग व सहभागिता निभाने के लिए कहा। उन्होने सभी स्वास्थ्य विभाग से संम्बन्धित विभागों को आपस में मिल जुल कार्य करने की सलाह दी जिससे इस क्षेत्र में और अधिक सफलता पाई जा सके। उन्होने कहा कि राज्य में दवाइयों व अन्य संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होने टीबी जागरूकता कार्यक्रमों के अधिक से अधिक आयोजन कराने जिसमें डाट्स कार्यक्रम की मदद से स्कूलों, काॅलेजों, गैर सरकारी संगठनों, युवा संगठनों, एन.सी.सी., एन.एस.एस., महिला मंगल दल व स्वयं सहायता समूह के लोगों की सहभागिता अधिक से अधिक सहयोग एवं सहभागिता सुनिश्चित करने का आहवाहन किया। इससे पहले प्रातः 9ः30 स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. जीएस जोशी ने रैली को हरी झण्डी दिखा कर रैली को रवाना किया। इस दौरान महानिदेशक स्वयं भी रैली के साथ अंत तक मौजूद रहे और उन्होंने टीबी जागरूकता के प्रचार में एनसीसी कैड्स, स्काड्स-गाइड्स और छात्रों का उत्साहवर्धन किया। स्कूली रैली गांधी पार्क से होती हुए घण्टाघर से तहसील चैक होते हुए होटल शुभम, नगर निगम, देहरादून में समाप्त हुई। इस अवसर पर डा0 अभिषेक गुप्ता जिला क्षय अधिकारी, अनिल वर्मा, सुश्री हेम लता, सामाजिक कार्यकर्ता, नरेन्द्र शाह, सचिव भारत स्काउट गाईड, होप सामाजिक संस्था, स्नेह सामाजिक संस्था, एनसीसी, स्काउट, पीएसआई, यूनियन, डाॅ. मनु मैथ्युम, श्रीमती रिता मिश्रा, श्रीमती जगमाया, नेहा,गालिब हुसैन, प्रशान्त चैधरी, अनुप मंमगाई एवं अनिल सती आदि लोग शामिल थे।
रूद्रपुर व काशीपुर नगर निगमों के मुख्य नगर अधिकारी सूचना आयोग में तलब
- स्वतः प्रकाशित की जाने वाली सूचनाएं उपलब्ध न कराने पर आयोग सख्त
देहरादून 24 मार्च,(निस)। उत्तराखंड सूचना आयोग ने धारा 4 के अन्तर्गत स्वयं प्रकाशित करने वाली सूचनायें न उपलब्ध कराने पर कड़ा रूख अपनाते हुये उधमसिंह नगर जिले के दोनों निगमों के मुख्य नगर अधिकारियों को सूचना आयोग में तलब किया है। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा काशीपुर व रूद्रपुर नगर निगमों के लोक सूचना अधिकारियों से सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनायें सी.डी. व डी.वी.डी मेें अपने सूचना प्रार्थना पत्रों दि0 15 जनवरी 2014 से मांगी थी। लेकिन दोनों ही निगमों के लोक सूचना अधिकारियों द्वारा यह सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी गयी। रूद्रपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा इन सूचनाओं के कम्प्यूटर में अपडेट व अभिरक्षित न होने के आधार पर सूचनायें उपलब्ध कराने से इंकार किया है। नदीम द्वारा दोनों निगमों के मुख्य नगर अधिकारियों को प्रथम अपील की गयी लेकिन फिर भी सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी गयी। नदीम ने सूचनायें उपलब्ध न होने पर उत्तराखंड सूचना आयोग को द्वितीय अपील की। जिस पर नगर निगम रूद्रपुर से सम्बन्धित अपील में दि0 17 मार्च 2015 को तथा काशीपुर से सम्बन्धित अपील दि0 18 मार्च 2015 को सुनवाई हुई। इन दोनों ही अपीलों में धारा 4(1) (बी) की स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनायें उपलब्ध न कराने पर कड़ा रूख अपनाते हुये मुख्य सूचना आयुक्त एन.एस.नपलच्याल ने दोनों नगर निगमों के मुख्य नगर अधिकारियों को क्रमशः 25 व 26 मार्च को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर इस सम्बन्ध मेें की गयी समस्त कार्यवाहियों की आख्या प्रस्तुत करने को आदेशित किया है। इसके अतिरिक्त काशीपुर के सहायक नगर अधिकारी को धारा 20(1) के अन्तर्गत पैनल्टी लगाने का नोटिस भी जारी किया है। मुख्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अधिनियम की धारा 4(1) बी के अन्तर्गत सूचनाओं को न केवल मैनुअल के रूप में तैय्यार किया जाना है बल्कि इन्टरनेट के द्वारा प्रसारित भी किया जाता है। अतः यह कहना कि सूचना सी.डी. व डी.वी.डी में उपलब्ध नहीं है कहना आपत्तिजनक है। लोक प्राधिकारी का कर्तव्य है कि उपरोक्त को तैयार करके इन्टरनेट के माध्यम से प्रसारित भी करें तथा अध्यावधिक (अपडेट) भी करें। नदीम ने बताया कि धारा 4(1) (बी) के अन्तर्गत मैनुअल में सभी महत्वपूर्ण सूचनायें शामिल हैं। इसके अन्तर्गत उत्तराखंड सरकार ने 26 सितम्बर 2013 के शासनादेश से 11 प्रकार की अन्य सूचनायें भी प्रकाशित किया जाना अनिवार्य कर दिया हैै। यह सूचनायें इन्टरनेट पर उपलब्ध होने से सूचना प्रार्थना पत्रों से सूचनायें मांगे जाने में कमी आयेगी तथा निगम के कार्यों में पारदर्शिता आयेगी। धारा 4(1) (बी) की सूचनाओं में कार्य व कर्तव्य, अधिकारियों के कर्तव्य व अधिकार, कार्य हेतु तय सिद्धांत, नियम रेगुलेशन, कानून, दस्तावेज, अधिकारी, कर्मचारियों की डायरैक्ट्री, वेतन, आवंटित बजट, सब्सिडी कार्यक्रम, रियायतें व परमिट आदि की सूचनायें शामिल हैं जबकि उत्तराखंड सरकार के 26 सितम्बर 2013 के शासनादेश से जो सूचनायें प्रकाशित की जानी है इनमें बड़े निर्माण कार्य, सप्लाई, भूमि आंवटन, क्रय, रिक्त पद व ज्येष्ठता सूची, पदोन्नति, स्थायी, जाति प्रमाण पत्र, पी.पी.पी.मोड, समाज कल्याण विभाग की पेंशन व छात्रवृत्ति योजनाओं के लाभार्थियों सम्बन्धी सूचनायें शामिल है।