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नरकटियागंज (बिहार) की खबर (27 मार्च)

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प्राथमिक शिक्षकों का धरना सम्पन्न, चरणबद्ध आन्दोंलन का बिगुल फँूका

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय प्रखण्ड कार्यालय पर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में नरकटियागंज अंचल के शिक्षकों ने पूरे शहर मंे प्रदर्शन किया और प्रखण्ड कार्यालय पहुँचकर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन दिया। पूरी दुनिया को शिक्षक एकता का पाठ पढाने वाले एवं शिक्षक संघ की परिकल्पना को साकार करने का गौरव बिहार को प्राप्त है, ऐसा मानना है बिहार रज्य प्राथमिक शिक्षक संघ का। बिहार मंे नियोजित शिक्षकांे को वेतनमान देने और केन्द्रीय शिक्षकांे की भाँति वेतनमान, एवं सेवाशर्त के मुताबिक प्रोन्नति व स्थानांतरण की मांग को लेकर चरणबद्ध आन्दोंलन की धमकी देते हुए साढे तीन लाख प्राथमिक शिक्षकों का आह्वान बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया है। प्रथम चरण मंे प्रखण्ड कार्यालय पर धरना दिया गया और ज्ञापन अधिकारी को सौंपा। इस धरना में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं टीईटी एसटीइटी शिक्षक संघ के साथ अन्य सभी शिक्षक संघांे का संयुक्त आन्दोलन है। जिसके दूसरे चरण मंे 7-8 अप्रील 2015 को विधायक और विधान परिषद् सदस्य के आवास पर धरना देने और विधानमण्डलांे में उनकी आवाज उठाने, 11 अप्रील 2015 को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियांें के कार्यालय के समक्ष विराट प्रदर्शन करनें और ज्ञापन देने का काम किया जाएगा। इतना होने के बावजूद यदि सरकार की कुम्भकर्णी निन्द्रा नहीं टूटी तो 15 अप्रील 2015 से दो दो प्रमण्डल के शिक्षक विधान सभा के समक्ष क्रमवार भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उसके बाद भी यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो स्कूल बन्द करो और जेल भरो आन्दोलन किया जाएगा।

अतिक्रमण हटाओ अभियान गरीबों के साथ अन्याय, सब्जी विक्रेताओं ने प्रशासन से किया शिकायत 

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के विभिन्न मार्गो से अतिक्रमण हटाओं अभियान के तीसरे दिन प्रशासन का चला डंडा और गरीबों के टूटे चुल्हे और अमीरों का कलेजा हुुआ ठंढ़ा। गौरतलब है कि गरीबों की दूकाने हटा दी गई और उस जगह बन गया टैम्पू स्टैण्ड। इस बावत अंचल अधिकारी सुनिल कुमार सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब तक स्टैण्ड की व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक उन्हें नहीं हटाया जा सकता। अतिक्रमण हटाओं अभियान उस वक्त अपने उद्देश्यांे से भटकता दिखा जहाँ जमीन का कागजात रहते हुए किसी के ईशारे पर कामरेड स्व. भगन महतों के पुत्र के घर को ध्वस्त कर दिया गया। उनके पुत्र व पुत्रवधू ने अपनी जमीन के कागजात दिखाया तो उनकी बात किसी एक ने नहीं सुनी। इसी प्रकार पोखरा चैक पर एक दूकान को छोड़ टून्ना सिंह नामक व्यक्ति की सीढ़ी तोड़ने पर उत्पन्न विवाद पर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि एक घंटा में वह अतिक्रमण हटा दिया जाएगा लेकिन दोनो आज भी प्रशासन को मानांे चिढा रहे हैं। शुक्रवार को जब प्रशासन का लश्कर मनोहर आॅटो सर्विस के पास पहुँचा तो अतिक्रमण की बात पर एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि अपने कागजात दिखाए। ऐसी बात किसी गरीब के साथ नहीं की गयी। इससे प्रतीत होता है कि प्रशासन का दोहरा मानदण्ड गरीबों के साथ पूर्णतः अन्याय है। यही वजह है कि बाजार मंे एसडीओ के साथ प्रशासनिक अमले से सब्जी विक्रेताओं ने शिकायत दर्ज कराया हालाकि कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (27 मार्च)

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सहस्त्रधारा रोड पर आशाराम आश्रम के पास थी गोल्डन फारेस्ट की जमीन. लो ढाई सौ बीघा जमीन और गायब
  • दून में थम नहीं रहा जमीनों की हेराफेरी का धंधा
  • एक बिल्डर की जांच के दौरान हुई इसका खुलासा
  • एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में जिला प्रशासन

देहरादून, 27 मार्च  (राजेन्द्र जोषी)।राजधानी देहरादून में आबादी बढ़ने के साथ ही जमीनों की हेराफेरी बढ़ती जा रही है। रोजाना ठगी के मामले तो सामने आ रही हैं, सरकारी और गोल्डन फारेस्ट की जमीनों को भी अफसरों की मिली भगत से खुर्द-बर्द किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में सहस्त्रधारा रोड पर गोल्डन फारेस्ट की ढाई सौ बीघा जमीन गायब होने की जानकारी राजस्व प्रशासन को मिली है। बताया जा रहा है कि इस जमीन को हड़पने वाले के खिलाफ जल्द ही पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि बिल्डर पर ग्राम समाज और गोल्डन फारेस्ट की जमीन कब्जाने के मामले में उच्च स्तरीय जांच चल रही है। इसी जांच के दौरान राजस्व महकमे की टीम को पता चला कि ढाई सौ बीघा जमीन और भी खुर्द-बर्द कर दी गई है। बताया जा रहा है कि यह जमीन सहस्त्रधारा रोड स्थित संत आशाराम आश्रम के पास थी। यह जमीन गोल्डन फारेस्ट की थी और इस पर सरकार का स्वामित्व था। बताया जा रहा है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति ने कुछ समय पहले राजस्व अफसरों और कर्मियों की मदद से इस जमीन को अपने व अपने कुछ अन्य लोगों के नाम दर्ज करवा लिया है। यह जमीन बेशकीमती है और राजस्व विभाग ने जल्द ही कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो इस जमीन को बेचकर अरबों रुपये कमा लिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस जमीन पर कब्जा करने वाला प्रभावशाली व्यक्ति फर्जी कागजात के मामले में एक बार जेल भी जा चुका है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले के सामने आने के बाद से राजस्व विभाग में भी हड़पंक मचा है। मामले की पूरी पड़ताल की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि किस राजस्व अफसर की तैनाती के समय में इस जमीन को हड़पने का खेल किया जा रहा है। सूत्रों ने दावा किया कि जल्द ही इस मामले में जमीन को हड़पने वाले और उसके मददगार रहे राजस्व महकमे के अफसरों के साथ ही कर्मियों के खिलाफ भी पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

क्या है गोल्डन फारेस्ट
90 के दशक में गोल्डन फारेस्ट के नाम से बाजार में आई फाइनेंस कंपनी ने देशभर में अरबों का घोटाला किया। लोगों से जमीन दिलवाने के नाम पर पैसे जमा करवाए गए। बाद में इस कंपनी के कर्ताधर्ता फरार हो गए। तमाम स्तरों पर मुकदमेबाजी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश से वर्ष 2006 में गोल्डन फारेस्ट की देशभर की जमीनों को सीधे राज्य सरकारों के अधीन कर दिया। देहरादून में भी हजारों एकड़ जमीन इसी गोल्डन फारेस्ट के नाम से है और इस पर सरकार का कब्जा है। लेकिन प्रभावशाली लोग राजस्व अफसरों की मिलीभगत से अपने या अपने किसी चहेते के नाम करवा रहे हैं। दून शहर का शायद ही कोई हिस्सा ऐसा हो जहां पर इस गोल्डन फारेस्ट की जमीन न हो। कई स्थानों पर यह जमीन लोगों की निजी जमीन के पास ही है। इन जमीनों की प्लाटिंग करते वक्त गोल्डन फारेस्ट की जमीन को भी अपना बताकर लोगों को बेचा जा रहा है।

लंबी खिंच रही पनाश वैली की जांच
कुछ दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच की गति बेहद धीमी हो गई है। कुछ दिनों तक तो राजस्व विभाग ने रोजाना नए-नए खुलासे किए। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रोजेक्ट को दी गई अनापत्ति को निरस्त कर दिया। बाद में एमडीडीए ने भी इस प्रोजेक्ट का मानचित्र निरस्त करके निर्माण पर रोक लगा दी। एमडीडीए ने डीएम को पत्र भेजकर जिन खसरा नंबरों की जानकारी मांगी थी। उसका कोई जवाब जिला प्रशासन की ओर से एमडीडीए को नहीं भेजा गया है। चर्चा है कि प्रोजेक्ट को उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के लोग ऊपर तक पैरोकारी कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि जांच की गति धीमी कर दी गई है।

फल-फूल रहा पैकारी का धंधा, शहरों में तमाम स्थानों पर खुले आम बिक रही अंग्रेजी और देशी शराब
  • जानकर भी आबकारी विभाग ने फेर रखी हैं अपनी आंखें
  • राजस्व बढ़ाने के नाम पर विभाग ने दे रखी है पूरी छूट
  • यदा-कदा छापामार टीम कुछ स्थानों पर दे रही है दबिश

देहरादून, 27 मार्च । देहरादून शहर और आसपास के इलाकों में अंग्रेजी और देशी शराब की कई स्थानों पर खुले आम बिक्री हो रही है। अहम बात यह है कि यह शराब अवैध नहीं है। लेकिन बिक्री गैर कानूनी तरीके से हो रही है। कहीं दुकानों पर तो कहीं खुले आसमान के नीच ही इस तरह से शराब बेची जा रही है। आबकारी विभाग की भाषा में इस तरह की बिक्री को पैकारी कहा जाता है। आबकारी विभाग ने इस ओर से अपनी आंखें मूद ली है। यह भी कहा जा सकता है कि महकमे के संरक्षण में ही पैकारी का यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। शहर की कई बस्तियों के साथ ही ग्रामीण अंचलों में पैकारी का धंधा तेजी से पनप रहा है। शराब ठेकेदार खुद ही इन तयशुदा स्थानों पर बिक्री करने वाले की मांग के अनुरूप शराब की पेटियां भिजवा रहे हैं। बेचने वाले का प्रति बोतल, अद्धा और क्वाटर कमीशन तय है। कई स्थानों पर तो शराब की पेटियां खुले स्थान पर ही रख दी जाती है। बेचने वाले दूर बैठते हैं। मयकशी के शौकीन इन लोगों के पास जाकर कीमत अदा करते हैं और दूर रखी पेटी से अदा की गई कीमत वाली शराब लेकर निकल जाते हैं। ऐसा करने की वजह यह है कि अगर आबकारी विभाग की छापामार टीम वहां आ भी जाए तो कोई पकड़ में न आए। खास बात यह भी है कि पैकारी की शराब के रेट और लाइसेंसी दुकानों से बिक रही शराब के रेट में कई फर्क नहीं होता है। अब जब बाजार की कीमत पर ही घर के पास शराब मिल रही है तो किसी को खरीदने में क्या दिक्कत हो सकती है। इस धंधे का एक अहम पहलू यह भी अगर कभी शराब पकड़ भी ली जाती है तो ठेकेदार बिक्री करने वालों से उस शराब की कीमत नहीं वसूलता है। यानि कि माल पकड़ने की स्थिति में घाटा ठेकेदार का ही होगा और बेचने वाले को जरा भी नुकसान नहीं होगा। बेइमानी के धंधे में इतनी ईमानदारी है कि ठेकेदार बेचने वाले की वाली पर यकीन कर लेता है कि उतनी शराब आबकारी विभाग की टीम उठा ले गई होगी। वैसे भी ठेकेदारों को पता चल ही जाता है कि विभाग की प्रवर्तन टीम ने किस स्थान से कितनी पेटी या फिर कितनी बोतल शराब पकड़ी है। वैसे इस धंधे को विभाग खुद भी बढ़ावा दे रहा है। बताया जा रहा है कि राजस्व बढ़ाने के इरादे से विभाग विभिन्न स्थानों पर पर खुलने वाली दुकानों की नीलामी राशि बढ़ा देता तो बढ़ा देता है। लेकिन उस स्थान पर शराब की उतनी बिक्री होती ही नहीं है। ऐसे में अगर ठेकेदार इस तरह से शराब की बिक्री नहीं करवाएगा तो उसे घाटा होगा और विभाग को राजस्व भी नहीं मिलेगा। शायद यही वजह है कि विभाग के अफसर भी इस ओर से आंखें मूदें हुए हैं। आबकारी विभाग के प्रवर्तन दल को भी पता होता है कि किस स्थान पर छापामारी करनी है और कहां से आंखें बंद करके निकाल जाना है।

पुलिस से भी होती है सैटिंग
इस पैकारी का धंधा करने वाले ठेकेदारों को पुलिस महकमे से भी सैटिंग करनी होती है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आबकारी विभाग भले ही अपनी आंखें बंद कर ले लेकिन उस इलाके की पुलिस छोड़ने वाली नहीं है। यही वजह है कि ठेकेदार सारी सैटिंग करने के बाद ही पैकारी का धंधा शुरू करता है।

ड्राई एरिया में भी पैकारी
सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे ड्राई एरिया में भी पैकारी के धंधे से शराब की बिक्री की जाती है। मयकशी के शौकीन लोगों के पता है कि ड्राइ एरिया में किन स्थानों से शराब मिल सकती है। हां, इन इलाकों में कीमत थोड़ी ज्यादा चुकानी होती है।

मासूमों का भी हो रहा इस्तेमाल
सूत्रों ने बताया कि धंधा करने वालों ने मासूम बच्चों को भी इससे जोड़ लिया है। खास तौर पर रेलवे लाइनों के किनारों और ड्राई एरिया में बच्चों से शराब बिकवाई जा रही है। बच्चे जेब में पौव्वा डालकर घूमते हैं और ग्राहक को देखते ही पैसे लेकर उन्हें थमा देते हैं।

जंबो जेट प्रदेश कमेटी के बाद भी कांग्रेसियों में असंतोष, अध्यक्ष की बे-बसी से कार्यकर्ताओं में भी फैली हताषा

देहरादून, 27 मार्च । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस जंबो जेट प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा से असमंजस में हैं। किसी का कद घटा दिया गया है तो किसी की लालबत्ती की आस को तोड़ दिया गया है। कोई समझ ही नहीं पा रहा है कि आखिर उसे किसने लूटा और किसकी रहवरी में कोई कसर रह गई। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी जिस अंदाज में घोषित की गई, उससे साफ लगा कि पार्टी में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष भले ही किशोर उपाध्याय है। लेकिन कमेटी में उन्हीं लोगों को जगह मिली जिन्हें हुजूर ने मंजूरी दी। दबी जुबान से कार्यकर्ता यहां तक कह रहे हैं कि अब पार्टी का नाम हुजूर कांग्रेस रख दिया जाना चाहिए। दरअसल, इस कार्यकारिणी को लेकर वरिष्ठ लोगों में खासा रोष देखा जा रहा है। किसी को अपना कद घटने का मलाला है तो किसी को लग रहा है कि इस कमेटी में नाम डालकर सरकारी दायित्व मिलने का रास्ता बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ लोगों को हुजूर की ओर से सरकारी दायित्व देने का आश्वासन दिया गया था। महीनों से ये लोग हुजूर की नजरें इनायत होने का बे-सब्री से इंतजार कर रहे थे। अब अचानक संगठन की सूची में अपना नाम देखकर इनके होश फाख्ता हो गए। साफ लग रहा है कि अब लालबत्ती की गाड़ी तो मिलने से रही। पूर्व में कांग्रेस सरकार में दर्जा मंत्री मनीष नागपाल ने तो पद ही न स्वीकारने की बात करके अपने आक्रोश को जहजाहिर कर दिया है। बताया जा रहा है कि नागपाल ने अपने इस फैसले के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को एक खत भी लिख दिया है। कहा जा रहा है कि पूर्व सांसद डा.महेंद्र सिंह पाल और श्रीमती संतोष चैहान का नाम भी नागपाल वाली लिस्ट में जुड़ सकता है। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों को भी हुजूर की ओर से ही लालबत्ती देने का आश्वासन दिया गया था। डा. पाल तो प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में भी शामिल रहे हैं। उस वक्त अध्यक्ष का न देने की भरपाई लालबत्ती और सरकारी ओहदा देने से करने का आश्वासन मिला था। अब नई लिस्ट में डा. पाल को प्रदेश उपाध्यक्ष का दर्जा दे दिया गया है। इस कार्यकारिणी को लेकर उपजे विवाद के और भी गहराने के आसार है। खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे लोग यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि उनके साथ राहजनी किसने की और कौन उनकी रहवरी नहीं कर पाया। गत दिवस प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक वरिष्ठ से इस बारे मं  बात की गई। उन्होंने कार्यकर्ताओं की मनोदशा को व्यक्त करते हुए एक शेर पढ़ाकृतू इधर-उधर की बात न कर ये बता काफिल क्यों लुटा, मुझे राहजनों से नहीं गिला, हां तेरी रहवरी पर मलाल है।

तो राजीव जैन बनेंगे महानगर अध्यक्ष! 
सूत्रों ने बताया मुख्यमंत्री हरीश रावत के मीडिया एडवाइजर राजीव जैन को देहरादून महानगर इकाई का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस बारे में पूरा प्लान तैयार है और उनकी राह में रोड़ा बन सकने वालों को प्रदेश इकाई में एडजस्ट कर दिया गया है। इस बारे में न्यूज वेट ने राजीव जैन से पूछा तो उनका कहना था कि भई ये कांग्रेस है, यहां कब क्या हो जाए कहा नही जा सकता।

हलद्वानी आदर्ष महाविद्यालय को व्यवसायिक षिक्षा से जोड़ा जायेगाः हरीष रावत

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हल्द्वानी, 27 मार्च, (निस)। राजकीय महिला महाविद्यालय हल्द्वानी को आदर्श महिला महाविद्यालय बनाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोडेगी। इस महाविद्यालय को महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए व्यवसायिक शिक्षा से जोडा जायेगा, ताकि यहाँ से अध्ययन कर समाज में सेवा करने जाने वाली छात्राएं व्यवसायिक हुनर के साथ अपना व अपने परिवार का आर्थिक विकास भी कर सके। यह विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नवाबी रोड स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव एवं मेधावी छात्रा सम्मान समारोह में व्यक्त किये। श्री रावत ने उच्च शिक्षा निदेशक बीसी मैलकानी तथा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य जीएस बिष्ट को निर्देश दिये कि वे व्यवसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करें तथा आगामी सत्र से अन्य विषयों के साथ ही व्यवसायिक शिक्षा भी इस महाविद्यालय में प्रारम्भ करें। महिला महाविद्यालय के लिए किसी भी प्रकार के वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होनंें कहा कि प्रदेश सरकार में आगामी वित्तीय वर्ष में हल्द्वानी महिला डिग्री कालेज के लिए पृथक से बजट प्राविधान किया है। श्री रावत ने कहा कि श्रेष्ठ एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा की दिशा में हम प्रयासरत हैं। इस दिशा में सरकारी प्रयासों में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं शिक्षा विशेषज्ञों को भी सहयोग करना होगा। प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालय से लेकर महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, पाॅलिटेक्निक, आईटीआई के जरिए दी जा रही शिक्षा में सरकार के सहयोग का भी जिक्र किया। उन्होनेें कहा कि हमारे जमाने में शिक्षा अभावों में होती थी, लेकिन आज हमारे प्रदेश में शिक्षा के अच्छे व सुन्दर भवन, प्रयोगशालाएं तथा ई-ऐजुकेशन की व्यवस्था है। आज के विद्यार्थी ई-ऐजुकेशन के माध्यम से पूरेे विश्व से जुडे हैं। हमारा प्रयास है कि हम प्रदेश में अच्छी शिक्षा एवं संस्कारवान छात्र-छात्राएं तैयार करें, ताकि वे प्रदेश व राष्ट्र सेवा में आगे आयें। श्री रावत ने कहा कि हल्द्वानी का राजकीय महिला महाविद्यालय इन्दिरा प्रियदर्शनी कालेज आॅफ कामर्स के नाम से जाना जायेगा। इसके लिए सरकार ने सैद्धान्तिक सहमति दे दी है। इसमें बीकाम एवं एमकाम की कक्षाओं के अलावा संगीत, चित्रकला, कम्प्यूटर, व्यायाम शिक्षा, आदि विषय भी शामिल किये जायेंगे, वहीं महाविद्यालय में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए स्टेडियम भी बनाया जायेगा। श्री रावत ने हल्द्वानी स्थित आर्य ललित कन्या इण्टर कालेज में आगामी सत्र से काॅमर्स विषय प्रारम्भ किये जाने की भी घोषणा की। अध्यक्षीय सम्बोधन में उच्चशिक्षा मंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड को शिक्षा के हब के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। उन्होनंे कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को एक्सीलेन्सिी की दिशा में काम करने को कहा गया है। हमारे विश्वविद्यालय कामर्स, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, जडी-बूटी, आयुर्वेंद पर आधारित विज्ञान, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन जैसे विषयों पर कार्य करेंगे। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। डा0 हृदयेश ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में उच्च शिक्षा के लिए 178.56 करोड के बजट का प्राविधान किया गया है।कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में श्रम मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, अध्यक्ष आपदा प्रबन्ध प्रयाग भट्ट, सदस्य मलिन बस्ती समिति खजान पाण्डे, अध्यक्ष मण्डी सुमित हृदयेश, पूर्व विधायक नारायण पाल सहित बडी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
फोटो संलग्न

21 माह बाद भी बलुवाकोट में खतरा बरकरार, 20 परिवारों के घरों की सुरक्षा का सवाल
  • भाजपा ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

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धारचूला, 27 मार्च। वर्श 2013 की आपदा की विनाषकारी तस्वीर अभी भी नहीं बदली है। 21 माह बाद भी बलुवाकोट के 20 परिवारों के घरों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है। बाजार के मध्य से बहने वाले नाले से हो रहे कटाव को रोकने के लिए अभी तक कोई इन्तजाम नहीं किया गया। इस नाले से बाढ़ सुरक्षा कार्य को भी खतरा होने की सम्भावना है। भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इन परिवारों की सुध लेने की मांग की। 16-17 जून 2013 की भयानक आपदा ने नदी किनारें स्थित बलुवाकोट की तस्वीर बदल दी थी। 21 माह बाद भी सरकार इस कस्बे को सुरक्षित रखने का इन्तजाम नहीं कर पायी है। बलुवाकोट बाजार के मध्य में बहने वाले नाले के पानी से लगातार भूकटाव हो रहा है। इससे जमीन भी धस गयी है। इसके आस-पास के 20 परिवार भी आवासीय घरों को खतरा पैदा हो गया है। इन परिवारों द्वारा लगातार प्रषासन और सरकार को पत्र व्यवहार किया जा रहा है। अभी तक सरकार ने इन आपदा प्रभावितों की सुध नहीं ली है। इस नाले को पक्का बनाये जाने और भूकटाव और धसाव को रोके जाने के लिए सुरक्षा दीवार बनाये जाने की मांग की जा रही है। अभी तक सरकार ने आपदा प्रभावितों की इस मांग को अनुसुनी कर दी है। मुख्यमन्त्री विधान सभा में बलुवाकोट की तरह कई गांवों के सैकड़ो परिवार आज भी खतरे में जी रहे है। लाखों रूपये की लागत से बने इनके आवासीय भवन खतरे में आ जाने के कारण इन परिवारों की रात की नींद उड चुकी है। भाजपा ब्लाक प्रभारी जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेष के राज्यपाल को पत्र भेजकर इन परिवारों की दास्ता भेजी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री की विधान सभा में आपदा प्रभावितों के घरों को बचाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं हो रहे है। देहरादून में बैठकर मुख्यमन्त्री सफेद झूठ बोल रहे है। विधान सभा की वास्तविक तस्वीर के सामने आ जाने से मुख्यमन्त्री की पुर्ननिर्माण के दावे की पोल खुल गयी है। 

आप की बैठक के बाहर धरने पर बैठे योगेंद्र यादव

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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले हंगामे, नारेबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मीटिंग के लिए गए योगेंद्र यादव और प्रशांत के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। केजरीवाल समर्थक पोस्टर बैनर लिए खड़े थे और नारेबाजी कर रहे थे। इसमें लिखा था, गद्दारों को पार्टी से बाहर करो। यहां तक कि योगेंद्र के साथ धक्कामुक्की की गई और अपशब्द भी कहे गए। योगेंद्र को बैठक के लिए अंदर तक नहीं जाने दिया गया। इस पर योगेंद्र बाहर ही कुछ समर्थकों के साथ धरने पर बैठक गए। उनके साथ प्रो. आनंद कुमार भी धरने पर बैठे हैं। इस बैठक में केजरीवाल गुट ने पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास को आने से मना कर दिया गया है। इसकी वजह ये बताई गई है कि वो पार्टी के सदस्य और राष्ट्रीय परिषद में नहीं है। इसे लेकर योगेंद्र ने गहरी निराशा जाहिर की है।

योगेंद्र ने कहा कि पार्टी में जो रहा है वो बेहद निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। सदस्यों को बैठक में शामिल होने नहीं दिया जा रहा है। मैं यहां तब तक खड़ा रहूंगा जब तक कि आखिरी सदस्य को मीटिंग के लिए प्रवेश नहीं करने दिया जाता। मुझे आज ही एडमिरल रामदास का पत्र मिला है जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी महासचिव ने उन्हें बैठक में ना आने को कहा है। आप में आज आर-पार का दिन है। शुक्रवार को पार्टी में एक और स्टिंग बम फूटने के बाद से खुद पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल घिर गए हैं। इन्हीं चुनौतियों के बीच आज पार्टी की अहम बैठक है। बैठक की अध्यक्षता केजरीवाल करेंगे और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर

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प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव समेत 4 नेताओं को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। कापसहेड़ा में हुई आम आदमी पार्टी की नैशनल काउंसिल की मीटिंग में इन दोनों नेताओं के साथ अजीत झा और प्रफेसर आनंद कुमार की भी छुट्टी कर दी गई है।


भारी हंगामे के बीच शुरू हुई मीटिंग में सबसे पहले आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल का भाषण हुआ। केजरीवाल के भाषण के बाद मीटिंग की अध्यक्षता गोपाल राय ने की और मनीष सिसोदिया ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजीत झा और प्रफेसर आनंद कुमार को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पास हो गया और इन चारों नेताओं को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।

पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल करीब 40 मिनट के भाषण के बाद वह सचिवालय के लिए निकल गए। इसके तुरंत बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी मीटिंग से बाहर आ गए। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में बाउंसर्स की मदद से लोगों को पीटा गया और घटीसा गया।

योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल के भाषण के दौरान गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। उन्होंने कहा, 'इसका विरोध हुआ, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रमजान चौधरी ने आवाज उठाई, मगर बाउंसर्स की मदद से उन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। उनकी हड्डी में चोट आई है।'यादव ने कहा कि कई लोगों को वोट देने का मौका नहीं मिला और बोगस वोटिंग भी हुई। जिन्होंने हमारे पक्ष में वोट किया, वे जख्मी हुए पड़े हैं।

प्रशांत भूषण ने कहा कि कल के टेप में जिस तरह से लात मारकर निकालने की बात सुनने में आई थी, उसी तरह से पूरा इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा कि अंदर बाउंसर्स हैं, गुंडे हैं और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के भाषण के बीच में ही गद्दारों को बार करो जैसे नारे लगने लगे हैं। उन्होंने कहा, 'पूरी स्क्रिप्ट पहले से तय थी। विधायक आज गुंडे बने हुए थे।'

मीटिंग शुरू होने से परहले योंगेंद्र यादव ने परिषद के कुछ सदस्यों को 'भीतर आने की अनुमति नहीं देने'का दावा किया और वह परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। इस बीच बैठक परिसर के भीतर और आस पास बडी संख्या में एकत्र हुए पार्टी स्वयंसेवकों के एक बडे वर्ग ने यादव के खिलाफ लगातार नारेबाजी की।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (28 मार्च)

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त्रिवेंद्र ने दिवाकर को दल में शामिल करने पर ऐतराज जताया 
  • -एकता के नाम पर इस तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगाः त्रिवेंद्र

देहरादून, 28 मार्च (निस)। यूकेडी नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि कुछ लोगों को यूकेडी की एकता रास नहीं आ रही है। उन्होंने पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट को दल में शामिल करने पर कड़ा ऐतराज जताया है। पंवार का कहना है कि दिवाकर भट्ट को दल में शामिल करने से पूर्व न उन्हें विश्वास में लिया गया है और न ही काशी सिंह ऐरी को विश्वास में लिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता एकता के नाम पर इस तरह की अराजकता को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे लोगों को किसी भी स्थिति में दल में वापस नहीं लिया जाएगा। यहां एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि लगभग दो साल बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। जनता को एक बेहतर विकल्प मिले इसी को ध्यान में रखते हुए यूकेडी के दो बड़े धड़ों ने हाथ मिलाया। राज्य गठन के चैदह साल बाद भी जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय दलों की सरकारें इस दौरान राज्य में रही हैं। दोनों की दलों की सरकारों ने प्रदेश की जनता के साथ छल और फरेब किया है। उन्होंने कहा कि भावी राजनीति को लेकर उनके और काशी सिंह ऐरी के बीच एक राय बनी थी कि अब किसी भी स्थिति में कांग्रेस व भाजपा को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा। दल न सरकार में शामिल होगा और न ही बाहर से समर्थन दिया जाएगा। पार्टी बहुमत के आधार पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी तो जनादेश का सम्मान करते हुए विपक्ष में बैठेगी। उन्होंने कहा कि यह भी समझौता हुआ था कि पार्टी के संयुक्त अधिवेशन तक दोनों की धड़ों का अपना-अपना असित्व बना रहेगा। अधिवेशन के लिए मुझे दोनों धड़ों का संयोजक बनाया गया था। यह भी तय हुआ था कि दल में किसी को भी लेने से पहले आपस में एक राय बनाई जाएगी, उसके बाद ही किसी को दल में लिया जाएगा। दोनों धड़ों के बीच बनी इस सहमति के बाद भी लगता है कि कुछ लोगों को दल की एकता व मजबूती रास नहीं आ रही है। इसी वजह से अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता को कुछ नेताओं ने 22 मार्च को फिर साबित किया कि जब उनकी और काशी सिंह ऐरी की अनुपस्थिति में दिवाकर भट्ट को फिर पार्टी में शामिल करने की घोषणा की गई। पार्टी का संयोजक होने के नाते उनसे एक बार भी नहीं पूछा गया। जो लोग पार्टी के सर्वेसर्वा इस समय हैं  के बिना उनकी उपस्थिति व सहमति के कैसे किसी को पार्टी में लिया जा सकता है। इस वापसी का दावा भी अपने आप को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष करने वाले एक व्यक्ति ने किया। यह आज तक किसी की   समझ में नहीं आया कि जब वह व्यक्ति पार्टी के दो धड़ों में से किसी के भी साथ नहीं हैं तो फिर वे हैं किस उक्रांद के कार्यकारी अध्यक्ष। जो व्यक्ति पार्टी में है ही नहीं वह कैसे किसी को पार्टी में ले सकता है और कैसे आजीवन पार्टी से निष्कासित व्यक्ति का निष्कासन रद्द कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की राजनीतिक अराजकताओं के कारण ही दल को कई बार टूट का सामना करना पड़ा है। दल की मजबूती की प्रक्रिया अभी ठीक से शुरु भी नहीं हुई है कि कुछ लोग छल-कपट और शह-मात के खेल में जुट गए हैं, जो पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता एकता के नाम पर इस तरह की अराजकता को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे लोगों को किसी भी स्थिति में दल में वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांगेस-भाजपा से हमेशा दूरी बनाए रखने के निर्णय के तहत ही यूकेडी पी ने भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव में गुरमेल सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।

महिला से चेन लूट का प्रयास

देहरादून, 28 मार्च (निस)। राजपुर रोड स्थित पुलिस कप्तान निवास से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर आरटीओ क्षेत्र में सुबह मार्निंग वाक पर निकली एक महिला की चेन झपटने का असफल प्रयास किया गया। महिला के शोर मचाने पर चेन लुटेरा मौके से फरार हो गया। वहीं पीडिता का आरोप है कि जब मामले की जानकारी पुलिस को दी गई तो लापरवाह रवैया अपनाया गया। मिली जानकारी के अनुसार दिलाराम बाजार निवासी मीरा पाण्डे उम्र 45 वर्ष रोज की तरह शनिवार को भी सुबह 5.25 पर मार्निंग वाक पर गयी थी। जब वह आरटीओ के समीप पहंुची तो पीछे से काले कपड़े पहने हुए युवक आया और उसने चेन लूटने का प्रयास करते हुए उनके गले पर झपट्टा मारा। बताया जा रहा है कि इस झपटे की वजह से मीरा पाण्डे जमीन पर जा गिरी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला के गिर जाने के बाद भी लूटेरा उनकी कान की बाली छीनने का प्रयास कर रहा था। किन्तु महिला के शोर मचाने पर वह वहां लोगों के पहुंचने पर लूटेरा मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि जब इस वारदात की जानकारी कंट्रोल रूम को दी गयी तो वहां मौजूद कर्मियो ने उन्हंे डालनवाला थाने जाने की सलाह दी। लोगों का कहना है कि अगर कंट्रोल रूम इस मामले को गम्भीरता से लेता तो शायद बदमाश पुलिस गिरफ्त में होता।

पलायन रोकने को आजीविका के संसाधनों को बढ़ाना होगाः सीएम

देहरादून, 28 मार्च (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि समृद्धशाली व खुशहाल प्रदेश के निर्माण के लिए एकजुट होकर गरीबी को हटाना हमारी प्राथमिकता है। पलायन को रोकने के लिए आजीविका के संसाधनों को बढ़ाना होगा। जिलासू अब नये विकास केन्द्र के रूप में अवतरित हुआ है, जो इस क्षेत्र के विकास में काफी कारगर सिद्ध होगा। शनिवार को जिलासू में आयोजित नवसृजित तहसील के उद्घाटन तथा रू. 719.90 लाख धनराशि की लागत से निर्मित गार्डर मोटर सेतु के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें इस राज्य को समृद्धशाली बनाने के लिए गाॅवों से गरीबी को हटाना होगा। इसके लिए पलायन को रोकने के लिए गाॅव में आजीविका के संसाधनों को बढाने की आवश्यकता है। आज हर गाॅव मोटरमार्ग से जुड़ने जा रहा है, लोगों को अपने उत्पादन को बढ़ाना चाहिए, जिसका विपणन नजदीकी बाजार में हो सके। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार इस वर्ष 700 नई सड़कों पर काम शुरू करने जा रही है, जिससे ग्रामीणों को अपने उत्पादों को नजदीकी बाजार में विपणन करने में सुविधा होगी। गाॅव के सर्वागींण विकास के लिए सरकार द्वारा कई विकासपरक योजनायें संचालित की जा रही हैं। गाॅव केे गरीब तबके के लोगों तक लाभ पहंुचे यह हमारी मंशा है। उन्होंने कहा सरकार बीस हजार नवयुवकों को सरकारी नौकरी देने की योजना बना रही है, तथा जिलासू की तर्ज पर अगले पाॅच वर्षों की कार्य योजना के अन्तर्गत सौ नये मिनी नगरों की योजना बना रही है। उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि फलोत्पादन, दुग्ध के क्षेत्र में कार्य करने वालों को बोनस के रूप में प्रोत्साहित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग एक दर्जन घोषणायें करते हुये कहा कि कालेश्वर में अलकनन्दा नदी में सिल्ट को हटाने, कालेश्वर में बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण, कालेश्वर में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जिलाधिकारी को डीपीआर तैयार करने, लंगासू में 33 केवी का विद्युत उपकेन्द्र, सेमी-उतरौं मोटरमार्ग को राजमार्ग से जोड़ने, सोनला में मोटर पुल निर्माण की घोषणा के साथ मोनिका तथा बमौथ मे मिनी स्टेडि़यम की स्थापना, जिलासू सिंचाई लिफ्ट योजना, उतरौं में एएनएम सेन्टर, देवली बगड़ में चैक डैम तथा पोखरी के सुमी गाॅव में स्वर्गीय बासुदेव चैहान की स्मृति में आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने शीघ्र ही सरकार का लक्ष्य हैं कि प्रत्येक थाने में एक महिला इंस्पेक्टर तथा एक हजार महिला कान्सटेबल की भर्ती, पीआरड़ी में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबी से लड़ने के लिए गाॅव की स्थिति में बदलाव लाने की जरूरत है तथा पिछड़ेपन को हटाने पर बल दिया। उन्होंने गाॅव मे चाल-खाल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि पानी का मापन कर उसका भी बोनस दिया जायेगा तथा फलदार वृक्षों के उत्पादन पर तीन साल में 400 रू. बोनस प्रति वृक्ष दिया जायेगा। उन्होंने कहा सरकार की योजना है कि जन्म से विकलांग को 500 रू. पेंशन दी जायेगी तथा बोनौं को भी अब पेंशन का प्रावधान किया गया है, जिसमें बौनी लड़की को लड़के से ड़ेढ़ गुना ज्यादा पेंशन दी जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुरोहितों, 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को पेंशन योजना से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। 65 वर्ष से ऊपर के वृद्ध तथा 60 वर्ष से अधिक की वृद्धा को राज्य की रोड़वेज बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी मुहैया कराये जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कृषि, शिक्षा, रोजगार तथा जल पर विशेष बल देते हुए कहा कि हमें अपने गाॅव तथा गरीबों को समृद्धशाली बनाने के लिए इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की ओर विशेष जोर देना होगा। इस अवसर पर शिक्षा एवं पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, उपाध्यक्ष विधानसभा/विधायक कर्णप्रयाग डा0 अनुसूया प्रसाद मैखुरी, विधायक बद्रीनाथ/उपाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्रम राजेन्द्र सिंह भण्ड़ारी, पृथ्वीपाल सिंह चैहान पूर्व एमएलसी, अध्यक्षा जिलापंचायत मुन्नी देवी शाह सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गोपेश्वर पहुॅचकर राजकीय स्नातकोत्तर गोपेश्वर के छात्रसंघ समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अगले वर्ष श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कालेज कैम्पस प्रारम्भ कराने, रिक्त पदों पर प्रवक्ताओं की नियुक्ति किये जाने, बालिका छात्रावास के लिए 25 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृति किये जाने के साथ ही छात्राओं के लिए एक बहुउद्देशीय हाॅल का निर्माण कराये जाने की घोषणा की। साथ ही प्रेस क्लब भवन के ऊपर से हाई टेंशन लाइन को हटाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दो करोड़ रूपये गोपेश्वर में पार्किंग स्थलों के विकास के लिए दिय। उन्होंने कहा कि गोपेश्वर में व्यापार भवन निर्माण हेतु लागत का 40 प्रतिशत सरकार तथा 30-30 प्रतिशत स्थानीय विधायक व व्यापारियों द्वारा खर्च किये जाने की शर्त पर धन उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प कला को प्रोत्साहित करने के लिए निपुण महिला हस्तशिल्पियों को मास्टर क्राफ्ट वूमेन के रूप में तैनात करने की घोषणा की जो अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष नन्दन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को महाविद्यालय की समस्याओं से अवगत कराया तथा एक माॅग पत्र सौंपते हुए महाविद्यालय में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कालेज कैम्पस खोलने, रिक्त प्रवक्ताओं के पदों पर भर्ती, अधूरे पड़े बालिका छात्रावास के निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराने, छात्रावासों की मरम्मत कराने, अध्यापकों की आवासीय व्यवस्था, आॅडि़टारियम का निर्माण, वाणिज्य, कला, बी.एड़ के पीजी भवन के निर्माण की माॅग रखी जबकि क्षेत्रीय विधायक ने अगले शिक्षा सत्र से महाविद्यालय में बीसीए व एमसीए पाठ्यक्रमों को शुरू करने की माॅग की। वार्षिकोत्सव समारोह में शिक्षा व पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, पूर्व एमएलसी एवं अध्यक्ष कृषि उद्यान एवं वितरण पृथ्वीपाल सिंह चैहान, क्षेत्रीय विधायक राजेन्द्र सिंह भण्ड़ारी, उपाध्यक्ष जिला पंचायत लखपत तथा छात्रसंघ के पदाधिकारी मौजूद रहे।

गुलदार के आतंक से गढ़ी कैंट क्षेत्र के लोग भयभीत 

देहरादून, 28 मार्च (निस)। । गढ़ी कैंट क्षेत्र में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुलदार के आबादी क्षेत्र में दिखने से स्थानीय लोगों लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है। टपकेश्वर कॉलोनी में उत्तराखंण्ड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत विजेंद्र सिंह तडि़याल के आवास पर बीती रात गुलदार बैठा नजर आया।   इसकी जानकारी स्थानिय लोगो ने भाजपा के श्रीदेव सुमन नगर मंडल उपाध्यक्ष देवेन्द्र पाल सिंह को दी। जिस पर देवेन्द्र पाल सिंह ने इसकी पूरी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी तथा क्षेत्र में पिंजरे लगाने की मांग की। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुलदार ने पालतू बिल्ली का शिकार किया है जिसके खून के निशान वहां पर मौजूद दिखे। वन विभाग के अधिकारियों ने आज क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। देवेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि घटना के दो दिन बीत जाने के बाद वन विभाग मौके पर आया, जबकी लगातार तीन दिन से तेंदुआ एक ही जगह पर आ रहा है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से क्षेत्र में कॉम्बिंग करने एवं पिंजरे लगाने की मांग की है। उनकी मांग पर वन विभाग ने टपकेशवर कॉलोनी में पिंजरा लगा दिया गया। वन विभाग ने तेंदुए के आतंक से सहमे लोगो से क्षेत्र में चैकसी बरतने की सलाह दी। देवेन्द्र पाल सिंह ने लोगांे से अपील की है सभी लोग सावधानी बरतें तथा अपने घर के बाहर की लाइट रात में जलाकर रखें। रात मंे विशेष सावधानी बरतें। /

नंगे पांव यात्रा करते हैं श्रद्धालु, भगवान तुंगनाथ की 25 वर्षों बाद देवरा यात्रा का आगाज 

देहरादून, 28 मार्च (निस)। । 25 वर्षों बाद आयोजित तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की देवरा यात्रा ने शनिवार को जिला मुख्यालय के विभिन्न वार्डों का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। श्रद्धालुओं ने भी पुष्प-अक्षत्रों से डोली का भव्य स्वागत कर मनोतियां मांगी। मालूम हो कि नारी-सतेरा मंदिर में विराजमान भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 25 वर्षों बाद मंदिर समिति नौजुला के तत्वावधान में 14 दिसम्बर से देवरा यात्रा पर निकली है। छह माह की देवरा यात्रा के दौरान भगवान तुंगनाथ चार दिशाओं का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीष देंगे। अभी तक पूरब और उत्तर दिशा की यात्रा पूर्ण हो गई है। जबकि अभी दक्षिण दिशा की यात्रा चल रही है। इसके बाद पश्चिम दिशा की यात्रा संपंन होगी। यात्रा संपंन होने के बाद भगवान तुंगनाथ के मंदिर नारी सतेरा में बन्याथ का आयोजन किया जाएगा। 28 मई को नारी सतेरा मंदिर में कुंड खातिर का आयोजन होगा। जिसके बाद बन्याथ यज्ञ शुरू हो जाएगी। इस दौरान छह जून को विशाल जल कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा और सात जून को पूर्णाहुति के साथ बन्याथ का समापन होगा। विदित हो कि भगवान तुंगनाथ के तीन ही मंदिर स्थित हैं। पहला मंदिर चोपता तुंगनाथ, दूसरा चोपता फलासी और और तृतीय मंदिर नारी सेतरा में विराजमान है। इन तीनों मंदिरों में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान तुंगनाथ को तृतीय केदार के रूप में भी पूजा जाता है। देवरा यात्रा क्षेत्र की खुशहाली के लिये प्रत्येक 12 वर्षों बाद आयोजित होती है। पूरी यात्रा के दौरान देवरा यात्रा में साथ चलने वाले श्रद्धालु नंगे पैर रहते हैं। अभी तक भगवान तुंगनाथ की डोली ने लगभग दो सौ से अधिक गांवों का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीष दे दिया है। शनिवार को भ्रमण के दौरान भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने बेलनी, संगम बाजार सहित अन्य तोकों में श्रद्धालुओं को आशीष दिया। श्रद्धालुओं ने भी जगह-जगह पूजा-अर्चना कर मनोतियां मांगी। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रबल सिंह नेगी, गोपाल सिंह रावत, राममोहन सिंह, विक्रम सिंह रावत, आनंद सिंह रौथाण, महिपाल सिंह, शिशुपाल सिंह, रवि प्रसाद मलवाल, रामकृष्ण मलवाल, संरक्षक रमेश प्रसाद सेमवाल, संजय दत्त सेमवाल, युद्धवीर सिंह नेगी, खिताब सिंह रावत, सुरेन्द्र सिंह रावत सुरी सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।

एक और फतह की ओर सीएम, मगर आहिस्ता-आहिस्ता, हरीश की पहल पर एफएल-टू नीति को मंजूरी
  • मूल रूप में सामने आने में लगेगा एक माह और
harish rawat
देहरादून, 28 मार्च (राजेन्द्र जोशी) ।कैबिनेट सहयोगियों और मीडिया के विरोध के बाद भी सीएम हरीश रावत ने हार नहीं मानी। नतीजा यह रहा कि वे फतह की ओर बढ़ रहे हैं। मगर आहिस्ता-आहिस्ता। सीएम बनने के बाद से ही हरीश रावत अपने अंदाज में काम कर रहे हैं। एक बार जो ठान लिया, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। ताजा मामला एफएल-टू का ही ले लें। पिछली कैबिनेट में इस प्रस्ताव को सहयोगी मंत्रियों की असहमति की वजह से मंजूरी नहीं मिल सकी थी। सीएम ने इस प्रस्ताव की बारीरियां जांचने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक कमेटी के पास भेज दिया। इसी बीच मीडिया में इस नई नीति की खामियों को उजागर किया जाने लगा। सीएम ने इसका जवाब समाचार पत्रों में नई नीति की खूबियों के बारे में विज्ञापन देकर दिया। सदन में भाजपा ने इस विषय पर घेराबंदी की तो संसदीय कार्यमंत्री से यह कहलवा दिया गया कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर अप्रत्याशित रूप से मौन साध गया। शुक्रवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में सीएम ने इस नई नीति को मंजूरी दिलवा ही ली। इस मामले में उन्होंने आहिस्ता-आहिस्ता मंजिल की ओर बढ़ने का निर्णय लिया है। मंजूरी मिलने के बाद भी खुद अपनी अध्यक्षता वाली कैबिनेट की सब कमेटी को यह नई नीति दी गई है। यह कमेटी एक माह तक इसकी समीक्षा करेगी। नई नीति 15 अप्रैल से लागू होगी और 30 अप्रैल तक एफएल-टू लाइसेंसी के रूप में गढ़वाल में जीएमवीएन और कुमाऊं में केएमवीएन काम करेंगे। इस बीच सब कमेटी की रिपोर्ट भी आ जाएगी और एक मई से एफएल-टू के लाइसेंस उन्हीं लोगों को दे दिए जाएंगे, जिनके लिए इस नई नीति को लागू किया गया है। सीएम ने इसे पिछले साल जून में लागू करने की कोशिश की थी। भारी विरोध के बाद उन्होंने इसे रोक दिया था। अलबत्ता अंदरखाने प्रयास जारी रहे। अब एक साल बाद सीएम का यह ड्रीम प्रोजेक्ट आखिरकार अमल में आ ही जायेगा।  

अब केदारनाथ में मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट

देहरादून, 28 मार्च (निस)। केदारनाथ में भी अब हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिल सकेगी। जिला प्रशासन ने बीएसएनएल की मदद से केदारनाथ और सोनप्रयाग में अत्याधुनिक संचार उपकरण आई-डीआर लगाने का निर्णय लिया है। 24 अप्रैल से शुरू हो रही यात्रा के दौरान संचार सेवा बेहतर बनाने के लिए इस बार केदारनाथ और सोनप्रयाग में हाई स्पीड आई-डीआर उपकरण लगाया जा रहा है। यह उपकरण तेज इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराएगा। डीएम डॉ. राघव लंगर का कहना है कि आई-डीआर लगने से बेहतर संचार तंत्र उपलब्ध होने से बॉयोमैट्रिक्स पंजीकरण में दिक्कत नहीं होगी। उपकरण को खरीदने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है। यात्रा के दौरान धाम से देहरादून नियमित कनेक्टिविटी भी होगी। बीएसएनएल ने रुद्रप्रयाग से लेकर गुप्तकाशी तक मोबाइल थ्री जी सेवा शुरू कर दी है। 15 अप्रैल तक फाटा को भी इस सेवा से जोड़ा जाएगा। दूसरी ओर बर्फबारी से क्षतिग्रस्त लिनचैली में मोबाइल टावर के निरीक्षण के लिए जल्द टीम जाएगी। रिपोर्ट के बाद इस टावर की मरम्मत 15 अप्रैल तक कर दी जाएगी। इस मोबाइल टावर को अपग्रेड भी किया जाएगा, जिससे पूरे पैदल मार्ग पर सिग्नल बने रहे।

यह है आई-डीआर
आई-डीआर वी-सेट का विस्तृत रूप है। यह सीधे सेटेलाइट से कनेक्ट होता है। इस उपकरण का उपयोग दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट की हाई स्पीड के लिए किया जाता है। उपकरण प्रति सेकंड 2 मेगा बीट्स का आदान-प्रदान करता है। वहीं एक सीमित क्षेत्र में वाई-फाई सुविधा भी प्राप्त होती है। इस उपकरण की लागत करीब 31.5 लाख रुपये है। जबकि इसका वार्षिक खर्चा करीब 29 लाख रुपये है।

विशेष आलेख : कुशलता से बदल जाती है किस्मत

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kashmir handloom
जम्मू-कश्मीर की नई नवेली सरकार के काम करने का अंदाज़ ही निराला है। वह एक क़दम आगे बढ़ाती है तो उसकी सहयोगी भाजपा उसे दो क़दम पीछे खींचने पर मजबूर कर देती है। सत्ता चलाने का अनुभव रखने वाले मुख्यमंत्री से राज्य की जनता को काफी अपेक्षा थी। आशा की जा रही थी कि उनके द्वारा लिए गए प्रत्येक फैसले में विकास का एजेंडा छुपा होगा। परन्तु हमारा आज़ाद और लोकतांत्रिक देश इसी दुनिया के नक््शे पर आबाद है जहां विभिन्न प्रकार के प्राणी विचरण करते हैं और इन्हीं में सर्वश्रेष्ठ प्राणी मनुष्य भी है। जिसमें किसी को रोज़ी-रोटी की चिंता है तो किसी को कार और कोठी की चाहत, किसी को अपनी इज़्ज़त की रक्षा की चिंता है तो किसी को दूसरों की इज़्ज़त को तार-तार करने का नशा, किसी की जि़ंदगी ऐशो आराम से गुज़र  रही है तो कोई मुसीबतों के पहाड़ में दब कर जी रहा है, कोई अपनी कमाई पर गर्व करता है तो कोई दूसरों की जमा-पूंजी पर नज़र गड़ाए रखता है, किसी का जीवन कठिनाइयों के बीच गुज़रता है तो किसी के लिए सफलता के द्वार आसानी से खुल जाते हैं। ऊँच-नीच है, छुआछात है, कहीं समुदाय का टुकड़ा तो कहीं देश का टुकड़ा, राज्य, जिला, तहसील, पंचायतों के बटवारे हैं, कहीं आज़ादियां हैं तो कहीं गुलामों की जि़न्दगी, कहीं शादियां हैं तो कहीं मातम। संक्षेप में किसी न किसी रूप में जीवन का चक्र चलता ही रहता है। प्रकृति के बनाये धरती पर, सभी जीवन में अपने अपने किरदार को अदा कर रहे हैं। परंतु सभी को एक दूसरे से आगे निकलने की चिंता सताती रहती है। इन्हीं में कुछ ऐसे भी हैं जो अपने अधिकारों से अनजान हैं। यह सब इसलिए क्यूंकि यह अपने ही घर में बंधक जैसा जीवन गुज़ारने को मजबूर हैं। 
          
ऐसा उदाहरण जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल जाता है। जहां के निवासियों को जि़न्दगी गुज़ारने की चिंता है, बनाने की नहीं। जीवन में रौशनी, एहसास, अच्छी सोच और अपने अधिकारों के प्रति सचेत केवल शिक्षा से ही प्राप्त हो सकती है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की बहुत कमी है। इस वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली की एक गैर सरकारी संस्था चरखा की ओर से राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र बीकानेर के बज्जूू में कार्यरत उरमुल ट्रस्ट के कामकाज को क़रीब से देखने का अवसर प्राप्त हुआ। रेगिस्तान और दूर-दूर फैली आबादी के बीच उरमुल का कार्य आश्चर्यजनक था। उरमुल की स्थापना 1972 में हुई थी। उत्तर राजस्थान मिल्क लिमिटेड (उरमुल) में तब से लेकर आज तक बहुत सारे उतार चढ़ाव आते रहे हैं। बहुत सारी कठिनाइयों के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में इस संस्था को सफलता भी प्राप्त हुई है। जिनमे बालिका शिक्षा, आंगनबाड़ी सेंटर, जिन क्षेत्रों में स्कूलों की आवश्यकता थी वहां स्कूल की स्थापना और सामाजिक तथा भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार रोज़गार उत्त्पन्न कराना इस संस्था की प्रमुख उपलब्धि रही है। इस संस्था ने ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़ा जो हाथ से काम करने वाले पारम्परिक पेशे में निपुण थे। परन्तु बटवारे और विस्थापन के कारण यह कला धीरे धीरे विलुप्त हो रही थी। उरमुल सीमांत ने ऐसे लोगों को फिर से इस पेशे को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इनके तैयार सामानों को बाजार में बेचने का जि़म्मा उठाया और उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इस परंपरागत पेशे से जुडी एक महिला मोहिनी के अनुसार- ‘‘मैं विशुद्ध रूप से ग्रामीण महिला हूं परंतु जबसे हम उर्मुल से जुड़ेे हैं हमारे जीवन की दशा और दिशा ही बदल गई। हमारे काम के कारण वर्ष 2014 में मुझे हिंदी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के हाथों पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है जो मेरे लिए गर्व की बात है। यदि आप शिक्षा के साथ साथ किसी परंपरागत कला में निपुण हैं तो बाजार आप को स्वयं ढूंढेगी न कि आप को बाजार तलाशने होंगे।’’ एक अन्य महिला निशा चैहान के अनुसार वर्तमान में उरमुल सीमांत 192 आंगनबाड़ी केंद्रों की जि़म्मेदारी के अतिरिक्त कुछ क्षेत्रों के स्कूलों की साफ-सफाई का जि़म्मा भी उठा रही है।        
            
राजस्थान के बीकानेर के अपने दौरे के दौरान मुझे भी उरमुल नेटवर्क की संस्थाओं में कार्यरत अनुभवी लोगों के अलावा यहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करने का मौका मिला। इस छोटे से दौरे में सारी जानकारियां प्राप्त करना मुश्किल था। परन्तु उनके विकास के कार्यों का अवलोकन एक नया अनुभव था। इस क्षेत्र में किये जा रहे परंपरागत दस्तकारी के काम को देखकर पुंछ की मंडी तहसील के अड़ाई गांव की विलुप्त हो चुकी दस्तकारी याद आ गई। यहां भी कभी दस्तकारी का काम बड़े पैमाने पर हुआ करता था मगर तैयार सामान के लिए बाज़ार उपलब्ध न होने की वजह से यह कला विलुप्त होती चली गई। यहां के दस्तकार लोइ, चश्म बुलबुल, सादा कंबल, शरीदार लोई, प्रत्मि लोई, दोहरी लोई, किनारीदार, पितावा, नमाज़ पढ़ने वाली चादर, पट्टूू, कोट, शेरवानी, बास्केट, टोपी और गर्म कपडे आदि तैयार करते थे और यह सब शुद्ध देसी भेड़ों की ऊन से तैयार था।  इनसे तैयार कपड़े बहुत ही गर्म और आरामदायक होते थे। बच्चे भेड़ों को चराया करते थे और महिलाएं प्राप्त ऊनों को चरखा पर काता करती थीं। तानां और पीटा तैयार करने के बाद उनकी लोइयां बनाई जाती थीं। यही कारण था कि पूरे पुंछ जि़ले से लोग इस गांव में लोइयां बनवाने आते थे। लोइयां बनाने की मशीन को खड्डी कहते थे। इसे लगाने के लिए घर के अंदर एक जगह ढाई अथवा दो फीट गड्ढा खोद कर सेट कर दिया जाता था। पैरों के पास चार ब्रेक होते हैं, इनके ऊपर डंडे भी चार होते हैं, चार-चार खंजी, एक हत्था, एक कंगी, चार-चार रेंकडी, 6 रस्सियाँ, एक तहरयानी, गार्डयेंक, नाल, टोंक, कोहरा, शेठ की रस्सी, तसरी, अंडला इत्यादि इससे जुडी सामग्री हुआ करती थी। आज से दस ग्यारह वर्ष पूर्व इस गांव में दुकान अर्थात खड्डी थी। इस कार्य से तकरीबन 300 लोगों को रोज़गार मिला हुआ था। 

लेकिन वर्त्तमान में इस काम से जुड़ा कोई नहीं हैं। हालांकि इससे जुड़े दो परिवार  अब भी यहां मौजूद हैं। इस हुनर के ख़त्म होने की सबसे बड़ी वजह नई पीढ़ी का इस तकनीक से जुड़ाव नहीं होना है। साथ ही साथ इसके लिए उचित मार्केट का अभाव होना है। कुछ वर्ष पूर्व इस हुनर को बचाने के लिए स्थानीय कारीगरों ने एक सोसाइटी की स्थापना भी की थी ताकि लोग इससे जुड़कर रोज़गार प्राप्त करते हुए इसका संरक्षण भी कर सकें। परंतु वह सोसाइटी भी चंद रसूखदारों के हाथों सिमट कर रह गई। अभी ज़रूरत इस बात की है कि इस परंपरागत हुनर को नई तकनीक के साथ जोड़ दिया जाये और शिक्षित नौजवानों को इस काम के प्रति जागरूक किया जाये। इन युवाओं को कम ब्याज पर क़र्ज मुहैया कराया जाये। ताकि खोई हुई विरासत को पुनः स्थापित कर बेरोज़गारी को दूर किया जा सके। वर्तमान की राजनीति ने जम्मू-कश्मीर का महज़ इस्तेमाल किया है। इस राज्य की पहचान कभी अमन-शांति, भाईचारा और हुनरमंदी के लिए पूरी दुनिया में होती थी न कि झगडे की सियासत से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुनरमंदी पर अधिक ज़ोर दे रहे हैं। परन्तु राज्य का हैंडीक्राफ्ट विभाग आज भी सिर्फ एक विशेष बात का हवाला देकर न केवल शांत हो जाता है बल्कि दूसरों को भी समझाने का प्रयास करता है कि हुनरमंदी और कशीदाकारी का अच्छा काम केवल श्रीनगर और उसके आसपास ही होता है। पुंछ के निवासी सरहद पर बसे होने और गोलाबारी के कारण लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से टूट गए हैं। लेकिन यह मत भूलिए कि सीमा पर केवल पुंछ या श्रीनगर आबाद नहीं है बल्कि बीकानेर और राजस्थान भी बसा है। जब वहां कि किसी महिला को उसके परंपरागत कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा सकता है तो जम्मू-कश्मीर के हुनरमंदों को क्यूं नहीं? इस राज्य की पहचान केवल झंडे और जेल से नहीं अपितु दस्तकारी और फनकारी से ही होती है। कश्मीर, जम्मू और लद्दाख तीनों की पहचान उसके परंपरागत हुनर से दुनिया में है और यही इसकी वास्तविक पहचान है। इसलिए राज्य और केंद्र सरकार को चाहिए कि इसकी पहचान को दोबारा बहाल करने के लिए गंभीर प्रयास करे।  






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मो. रियाज़ मलिक
(चरखा फीचर्स)

आप में दो फाड़ तय, केजरीवाल का होगा अलग पार्टी

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जी हां, तमाम उठापटक के बाद अब तय हो चला है कि आम आदमी पार्टी में विभाजन होगा। अरविन्द केजरीवाल अलग पार्टी बनायेंगे। इसका खुलासा पार्टी के ही सक्रिय कार्यकर्ता उमेश सिंह द्वारा जारी आडियों स्टिंग में खुद कजरीवाल ने दे दी है। जिसमें स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि उनका आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं है 

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आम आदमी की बात करने वाले अरविन्द केजरीवाल का अब आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं है। केजरीवाल अब 67 विधायकों को लेकर अलग पार्टी बनायेंगे। योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण न सिर्फ घटिया व कमीना है बल्कि अगर ये दुसरे पार्टी में होते तो इनके पीछे लात मारकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया होता। जी हां यह हम नहीं अरविन्द केजरीवाल स्वयं कह रहे है। उनका एक और स्टिंग सामने आया है, जिसमें वह गाली-गलौज से लेकर वह बाते कह रहे है जो उनके मुंह से कदापि शोभा नहीं देता। मतलब साफ है राष्टीय दल भाजपा व कांग्रेस को घेरने निकले अरविन्द केजरीवाल का भी हश्र वही होने वाला है, जो प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय बीपी सिंह यानी जनता दल, जनता पार्टी और न जाने कौन-कौन सी पार्टी या यूं कहे जनता परिवार। 

हालांकि जनता परिवार में अभी खींचतान ही सामने आया है, लेकिन इतना तय हो चला है कि सत्ता लोलुपता व पद लालसा की इच्छा रखने वाले ये लोग बाते तो आर्दशिवादिता, सुचिता व स्वराज की तो करते है लेकिन अंदर से कुछ और है। मकसद सिर्फ येनकेन-प्रकारेण सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर बने रहना है। जरुरत पड़ी तो अब सत्ता का ख्वाब पाले लोग खाना मुफत की बाते करने में देर नहीं लगायेंगे। इसलिए जागों जनता जागों अभी कुछ नहीं बिगड़ा है। सबक सिखाओं जो तुम्हें छल रहा है बता तो हम एक बार धोखा खा सकते है बार-बार नहीं,, जय हो। दुसरी ओर दुसरे गुट की अगुवाई कर रहे आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल तानाशाह प्रवृत्ति के शख्स हैं। वह मायावती-मुलायम के पद चिन्हों पर पार्टी सुप्रीमों बनना चाहते है। वह चाहते है कि चह जो चाहे वही पार्टी में हो और वही जनता भी सोंचे। 

अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों को पार्टी में नहीं देखना चाहते। हालांकि कुछ लोग कमेंट के तौर पर कह रहे है यह सब दिल्ली की जनता का ध्यान भटकाने के लिए है। दिल्ली की जनता को फ्री वाई फाइ, सीसीटीवी, 200 स्कूल, 20 कॉलेज और ढेर सारे वादे भुलाने के लिये यह नौटंकी तो नही रची गयी है ? आप के दो टुकड़े कर दो, पाच साल तक दिल्ली वाले मांगे तो कभी उस आप के पास, कभी उस आप के पास टरका कर फूटबाल बना दो? वादे गये हवा मे, मौज करो बाद मे फिर मूर्ख बना देंगे? दिल्ली वाले तो तैयार ही बेठे होंगे, इस बार मुफत खाना का नारा दे देंगे। क्योंकि उमेश कुमार से बातचीत में केजरीवाल ने आनंद कुमार, अजीत झा, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे नेताओं को चाटुकार बताते हुए कमीना आदि कह दिया है। जबकि उमेश कुमार केजरीवाल से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ मिलकर काम करने की बात कह रहे है। 




---सुरेश गांधी---

गायक दिलबर और जाॅनी का जलवा

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गायक दिलबर और जाॅनी ने आज बॉलीवुड के उन प्लेबैक सिंगर्स में अपना नाम लिखवा लिया है, जिन्होंने अपनी एंट्री के साथ ही धमाका किया है। उनकी अलबम ‘कैश’ के कई . गाने की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। उसके कई हिट गीत ने उन्हें बेस्ट सिंगर अवॉर्ड दिलवाए हैं। अब जल्द ही उनकी नई अलबम ‘नच दिखा कुडिये’ बाजार में आने वाली है,जबकि अलबम के ‘नच दिखा कुडिये’ गीत यू टयूब पर खासा पसंद किया जा रहे है। दिलबर  व जाॅनी कहते है कि ‘अलबम‘नच दिखा कुडिये’ मंे संगीत का भरपूर खजाना के साथ एक दम अलग किस्म के गाने है। जिसे युवाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, इसमें भगडा डांस के अलावा हर प्रकार के गीत है,जिस श्रोता छूमने को मजबूर हो जाएंगें।

अलबम का गीत ‘तेरे दे मुंडा मरदा फिरे’ पर बना विडियों अभिनेता राहुल राय व माॅडल नेहा पर विडियो निर्देशक जानित सिंह ने बखूबी से फिल्माया है। अलबम को एमी ग्रुप व डीजे ने मिलकर तैयार किया है। देश विदेश में सैकडो शो करने वाले दिलबर और जाॅनी का कहना है कि ‘गायन हमारे लिए एक पैशन है। हमने क्लासिकल म्यूजिक भी सीखा है। ऊपर वाले की मेहरबानी है कि किसी फिल्म के लिए गाया गया मेरा पहला ही गाना सुपर हिट हो गया है। कई अवॉर्ड मिल गए। इसका फायदा यह हुआ कि मुझे बहुत सारे म्यूजिक डायरेक्टर्स अपनी फिल्मों में गाने का चांस दे रहे हैं। 


(प्रेमबाबू शर्मा)

विशेष : पाकिस्तान दिवस पर भारत का विरोध क्यों?

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वास्तव में पाकिस्तान विश्व का एक ऐसा देश है जिसका जन्म ही भारत के विरोध तथा भारत के विभाजन के साथ हुआ। वर्तमान में पाकिस्तान भले ही इस बात को भूल गया हो कि हमारा जन्म ही भारत से हुआ है, लेकिन भारत आज भी पाकिस्तान को समृद्धि के मार्ग पर लाने का प्रयास करता दिखाई देता है। हम जानते हैं कि पाकिस्तान का कोई भी कार्यक्रम हो उसमें भारत का विरोध नहीं होगा तो वह कार्यक्रम सफल नहीं माना जाता है, उसके पीछे निहितार्थ यही है कि वर्तमान में पाकिस्तान के मानस में कट्टरवादिता का जितना जहर है वह सब भारत के विरोध के लिए ही है। जबकि भारत हमेशा से ही पाकिस्तान की नाजायज हरकतों को भी एक बड़े भाई की तरह माफ करता दिखाई देता है।

अभी हाल ही में पाकिस्तान के उच्चायोग द्वारा किये गए पाकिस्तान समारोह में जिस प्रकार का दृश्य देखा गया, उसमें पाकिस्तान का उत्सव कम, भारत का विरोध ज्यादा देखा गया। एक तो पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित द्वारा भारत विरोधी कार्य करने वाले हुरियत के नेताओं को आमंत्रण दिया, दूसरे उस कार्यक्रम को पूरी तरह से भारत के विरोध पर आधारित कर दिया। कार्यक्रम के समय आतंकी नेता यासीन मलिक ने तो यह कहकर एक बार फिर से भारत विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है कि कश्मीर के लोग भारत के नागरिक नहीं हैं, उनके बारे में यह तय किया जाना है कि वह किसके नागरिक हैं। यह कथन निश्चित ही अलगाव की भाषा ही कहा जाएगा, इससे बढ़कर यह प्रथम दृष्टया राष्ट्रविरोधी भी है। पूरा विश्व इस सत्य को जानता है कि संवैधानिक दृष्टि से कश्मीर आज भी भारत का अभिन्न अंग है।

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित का झुकाव कई बार अलगाववादियोंं की ओर दिखाई दे चुका है। इस मामले पर भारत ने हमेशा ही कठोर रवैया अपनाया है। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व होने वाली सचिव स्तर की वार्ता को मात्र इसी एक कारण के चलते भारत ने रद्द कर दिया था। इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया।

अलगाववादी ताकतें हमेशा से ही भारत में उसी प्रकार की गतिविधियों को संचालित करती आई है, जो भारतीय समाज के लिए विरोधी हैं। अब सवाल यह भी आता है कि खुलेआम भारत विरोधी गतिविधि में संलग्न रहने वाले इन नेताओं से पाकिस्तान को इतना लगाव क्यों हैं? वर्तमान में पाकिस्तान मुंह में राम बगल में छुरी वाली कहावत को ही चरितार्थ कर रहा है। पाकिस्तान ने हमेशा से ही आतंकी और अलगाववादी ताकतों का समर्थन किया है, इससे बढ़कर वह हमेशा ही कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों का समर्थन करता हुआ दिखाई दिया। हम जानते हैं कि कश्मीर में अलगाववादी नेताओं ने वहां की जनता को गुमराह किया। कश्मीर में शांति व्यवस्था काश्म करने वाली सेना पर पथराव कराने में इन्हीं शक्तियों का हाथ कई बार प्रमाणित हो चुका है। इतना ही नहीं यह शक्तियां कश्मीर की जनता में हमेशा ही यह भ्रम फैलाने का काम करती हैं कि हम भारत के नागरिक नहीं हैं, हम सभी पाकिस्तान के समर्थक हैं।

अलगाववादी नेताओं का यह कृत्य निश्चित ही भारत विरोधी तो है ही, साथ ही असंवैधानिक भी। क्योंकि संविधान के अनुसार कश्मीर भारत का हिस्सा है। इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनावों ने तो यह स्पष्ट भी कर दिया है कि कश्मीर की जनता अब भारत की मूल धारा से जुडऩा चाहती है। उसके पीछे अनेक कारण हो सकते हैं। परंतु सबसे मुख्य कारण यह माना जाता है कि वर्तमान में पाकिस्तान के हालात बहुत ही खराब हैं। आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की व्यवस्था चरमरा गई है। कश्मीर की जनता आज इस सत्य को भी जान चुकी है कि कश्मीर के विकास में अगर कोई रुकावट है तो उसके लिए पाकिस्तान और उसके समर्थक पूरी तरह से दोषी हैं। कश्मीर की जनता को भारत की सरकार और सेना हितैषी लगने लगी है। उल्लेखनीय है कि जब कश्मीर में प्रलयंकारी बाढ़ के हालात निर्मित हो गए थे, तब उनके सहयोग के लिए न तो पाकिस्तान ने कोई दरियादिली दिखाई और न ही उसके समर्थक अलगाववादी ताकतों ने। इस गंभीर संकट के समय अलगाववादी नेता कहीं खो गए थे, या फिर सुरक्षित स्थान पर जाकर जम गए। विरोध सहने के बाद भी भारतीय सेनाओं ने बिना किसी पक्षपात के उनकी ऐसे मदद की जैसे ये लोग उनके अपने ही हों। मात्र इसी कारण से कश्मीर की जनता की दशा और दिशा आज बदली हुई है। जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।

पाकिस्तान दिवस पर जिस प्रकार से पाकिस्तान उच्चसयुक्त में कार्यक्रम किया गया, उसकी जितनी निन्दा की जाए उतनी कम ही होगी, क्योंकि वह कार्यक्रम पूरी तरह से भारत के विरोध पर ही आधारित था। इस कार्यक्रम को लेकर कांगे्रस की मानसिकता देखकर पता चलता है कि वह ऐसे संवेदनशील प्रकरण पर भी राजनीति करके सरकार पर दोषारोपण कर रही है। कांगे्रस नेता मनीष तिवारी पाकिस्तान दिवस पर हुए कार्यक्रम में शामिल होने पर विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के पीछे ही पड़ गए, और उनसे इस्तीफा मांगने लगे। विदेश राज्य मंत्री का कार्यक्रम में शामिल होना तो सरकारी परंपरा का हिस्सा माना जा सकता है, जैसा कि पूर्व की सरकारों के समय से होता आया है। लेकिन वी के सिंह ने एक बात तो अच्छी की कि वे नाखुश वाले अंदाज में कुछ ही समय में कार्यक्रम छोड़कर चले आए। इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण सवाल तो यह आता है कि कांगे्रस नेता मणिशंकर अय्यर उस कार्यक्रम में किस हैसियत से गए और अगर गए हैं तो कांगे्रस अय्यर पर इस प्रकार के सवाल क्यों नहीं उठा रही? वर्तमान में कांगे्रस में यही खराबी है, उनके लोगों ने किया तो अच्छा, दूसरा कोई वही काम करे तो वह गलत, ऐसा क्यों? क्या कांगे्रस के पास इस बात का जवाब है।





सुरेश हिन्दुस्थानी
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर एक बनने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी साइना

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भारतीय बैडमिंटन सुपर स्टार सायना नेहवाल ने आज दोहरा इतिहास रच दिया। सायना पहली बार दुनिया की नम्बर एक खिलाड़ी बनने के साथ-साथ पहली बार इंडिया ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गईं। सायना दो लाख 75 हजार डालर के योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट में शनिवार को अपना सेमीफाइनल शुरू होने से पहले ही दुनिया की नम्बर एक खिलाड़ी बन गई थीं। सायना ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न सेमीफाइनल में जापान की युई हाशिमोतो को 44 मिनट में 21-15,21-11 से पीटकर मनाया। ‘नम्बर वन’ सायना का अब खिताब के लिए तीसरी सीड थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन से मुकाबला होगा जिन्होंने दूसरी सीड और विश्व चैम्पियन स्पेन की कैरोलिना मारिन को एक घंटे 24 मिनट के संघर्ष में 21-19, 21-23,22-20 से हराकर सायना के नम्बर वन बनने का रास्ता साफ कर दिया।

सायना का सेमीफाइनल शुरू होने से पहले ही भारतीय खेल प्रेमियों में उस समय खुशी की लहर दौड गई जब उन्हें यह पता चला कि कैरोलिना अपना सेमीफाइनल हार चुकी हैं और सायना नम्बर वन बन गई हैं1 यह पहला मौका है जब कोई भारतीय महिला खिलाडी विश्व रैकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंची है1 सायना टूर्नामेंट शुरू होने से पहले दूसरे स्थान पर थीं और यह माना जा रहा था कि उनका फाइनल में कैरोलिना से मुकाबला होगा जिनसे वह आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में हार गई थीं1 यदि कैरोलिना अपना सेमीफाइनल जीत भी जातीं और सायना फाइनल मे पहुंच जातीं तो भी भारतीय खिलाडी का “नम्बर वन” बनना तय था1 भारतीय क्रिकेट टीम के सिडनी में विश्वकप सेमीफाइनल मे आस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार से निराश भारतीय खेल प्रेमियों को सायना की उपलिब्ध ने मुस्कराने का मौका दे दिया है1 सायना दिसम्बर 2010 मे डेनमार्क की टाइन बौन के नम्बर वन बनने के बाद शीर्ष रैकिंग पर पहुंचने वाली पहली गैर चीनी खिलाडी बनी हैं

सायना और हाशिमोतो का इससे पहले एक बार 2013 के इंडिया ओपन में ही मुकाबला हुआ था तब जापानी खिलाड़ी ने तीन गेमों में सायना को हराकर दूसरे दौर में ही बाहर कर दिया था। लेकिन इस बार हाशिमोतो भारतीय चैम्पियन के सामने कोई चुनौती नहीं पेश कर सकीं और लगातार गेमों में समर्पण कर गईं। पहले गेम में 8-8 अंकों तक बराबरी का मुकाबला चलने के बाद सायना ने लगातार तीन अंक लेकर 11-8 की बढ़त बनाई और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 18-12 की मजबूत बढ़त बनाने के बाद यह गेम 21-15 पर समाप्त कर दिया। दूसरे गेम में तो सायना के सामने कोई चुनौती नहीं थी। दर्शकों के शोर से गूंज रहे सीरी फोर्ट स्टेडियम में सायना ने 3-2 की बढ़त के बाद लगातार नौ अंक बटोरकर हाशिमोतो को ध्वस्त कर दिया। सायना ने जैसे ही यह गेम 21-11 पर समाप्त किया,पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सायना के सामने पहली बार इंडिया ओपन में चैम्पियन बनने के रास्ते में अब विश्व की आठवें नम्बर की खिडाड़ी इंतानोन की चुनौती की चुनौती होगी जिनके खिलाफ सायना का 5-3 का करियर रिकार्ड है। 

आप की घटना पार्टी का आंतरिक मामला-अन्ना हजारे

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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुए बवाल पर कहा है कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इस पचड़े में मैं क्यों पडूं। आप की यहां हुई राष्ट्रीय परिषद की हंगामेदार बैठक में पार्टी संस्थापक सदस्यों- योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ ही प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया। इसे लेकर दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये। श्री यादव और श्री भूषण ने कहा कि बैठक में उनके समर्थकों के साथ मारपीट की गई जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। 

आप की बैठक में हुई घटना पर श्री अन्ना हजारे से जब पूछ गया- तो उन्होंने कहा कि यह आप का अंदरूनी मामला है, मुझे इस पचड़े में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है। यह मेरी समझ से परे है। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इस मामले पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल के खिलाफ जो भी आवाज उठायेगा उसका यही अंजाम होगा। उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा। कांग्रेस ने भी आप राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घटना को निंदनीय बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो सबसे बड़ा नुकसान दिल्ली का होगा। उन्होंने कहा कि आप को पार्टी में अनुशासन बनाकर दिल्ली के लोगों के साथ किए गए वायदों पर काम करना चाहिए और यही हमारी चिंता है। कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आप में जो आज उसके सदस्यों के साथ हो रहा है जनता कल वही उनके साथ करेगी। 

नेविगेशन सेटेलाइट सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित

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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी(इसरो) ने सफलता की एक और कहानी लिखते हुए देश के चौथे नेविगेशन सेटेलाइट आई आर एन एस एस 1डी को आज सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा मे स्थापित करा दिया। इसरो के बेहद भरोसेमंद ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पी एस एल वी सी 27 ने अपनी इस 29वीं उडान में शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक हजार चार सौ पच्चीस किलोग्र्राम वजन वाले उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया। 44 मीटर लंबे तथा चार स्तरीय इस विशाल प्रक्षेपण यान ने 320 टन के वजन के साथ जब उडान भरी तो इसकी तेज गर्जना से पृथ्वी में कुछ समय के लिए कंपन हुआ और नरंगी लपटे छोडते हुए यह यान गंतव्य की ओर कूच कर गया। प्रक्षेपण के 20 मिनट के पश्चात नेविगेशन सेटेलाइट पी एस एल वी से अलग होकर कक्षा में स्थापित हो गया1 मिशन कंट्रोल रूम से पूरा नजारा देख कर इसरो के प्रमुख किरण कुमार खुशी से उछल पडे और उन्होंने अपने साथी वैज्ञानिकों को गले लगा कर और हाथ मिला कर यह खुशियां साझा की। 

बेहद उत्साहित श्री कुमार ने कहा ‘‘ यह मेरा पहला प्रक्षेपण था। यह अभियान सटीक रहा तथा पीएसएलवी के प्रक्षेपण ने प्रमाणित किया है कि हम एक युग में प्रवेश कर गए हैं1” यह उपग्रह देश में उपग्रह आधारित नेविगेशन तंत्र को आगे बढाने में मदद करेगा1 यह उपग्रह नेविगेशन, ट्रैकिंग तथा मैपिंग सेवा प्रदान करेगा1 इसरो से जूडे एक सूत्र ने बताया कि यह उपग्रह भारतीय क्षेत्र में मौजूद किसी भी व्यक्ति को अपनी भौगोलिक स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा1 उन्होंने कहा “ एक बार ये चारों उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंच जाए फिर पृथ्वी पर एक रिसीवर का इस्तेमाल करके आप स्वतंत्ररूप से उस स्थान का पता लगा सकते हो जिस जगह पर आप हैं1 आप अक्षांस देशांतर तथा ऊंचाई के आधार पर भी अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं।” इसरो के प्रमुख ने अपने साथी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रक्षेपण पहले नौ मार्च को होना था लेकिन कुछ तकनीकी गडबडी के चलते इसकी तारीख बदलनी पडी1 उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्रिमंडल को इसरो पर भरोसा करने तथा इसके सामाजिक लाभों को पहचानने के लिए आभार व्यक्त किया

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केजरीवाल ने दी थी इस्तीफे की धमकी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय परिषद की आज हुयी बैठक में संस्थापक सदस्यों योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाये जाने से ठीक पहले दोनों पर “ पार्टी विरोधी ” गतिविधयों में शामिल होने का आरोप लगाकर इस्तीफे की धमकी दे दी थी। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि श्री केजरीवाल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में करीब एक घंटे तक भाषण दिया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की पिछले साल हुयी बैठक के बाद आगे का वृत्तांत अपने संबोधन में बताया । भाषण में उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोडने, पिछले साल आम चुनावों में पार्टी की दुर्गति और इस वर्ष विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय का ब्योरा दिया। 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया इसके तुरंत बाद श्री केजरीवाल ने श्री यादव और श्री भूषण पर तेजी से प्रहार करने शुरू कर दिए और सदस्यों से “ उन्हे या इन दोनों को चुनने ” के लिए कहा। श्री केजरीवाल ने अपने भाषण में जोरदार ढंग से यह बात कही कि श्री भूषण और उनके पिता शांतिभूषण और श्री यादव ने इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने के लिए हर संभव प्रयास किये1 उन्होंने कहा “ जब पूरी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही थी तो ये तीनों पार्टी की हार कैसे हो ,इसमें जुटे हुये थे1” पार्टी से निकाले गये श्री यादव ने संवाददाताअें से बातचीत में यह आरोप लगाया था कि बैठक के दौरान हंगामा होने पर श्री केजरीवाल ‘ मूक दर्शक ” बने रहे। 

उनका यह भी आरोप था कि राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के साथ खिलाये पिलाये गये “ बाउंसरों” ने मारपीट भी की1 श्री यादव ने कहा “श्री केजरीवाल ने करीब एक घंटे तक नाटकीय भाषण दिया और उनका मकसद हमारे ऊपर आरोप लगाना था1 हम दोनों को नहीं हटाये जाने पर उन्होंने इस्तीफे की धमकी भी दी थी1 शांतिभूषण का नाम लिए बगैर उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाये गये1” श्री केजरीवाल अपना भाषण खत्म करने के बाद बैठक से यह कह कर चले गये कि उन्हें एक जरूरी बैठक में जाना है और वे दोपहर बाद फिर बैठक में लौटे1 इस दौरान श्री भूषण, श्री यादव,प्रो. आनंद कुमार और श्री अजित झा को बैठक में भरी हंगामे के बीच राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया

राहुल अवकाश से जल्द लौट आएंगे-सोनिया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही छुट्टी पूरी करके लौट रहे हैं। श्रीमती गांधी ने इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में यह नहीं बताया कि श्री गांधी कहां छुट्टी बिता रहे हैं और कब तक लौटेगें लेकिन बताया कि उनकी छुट्टियां पूरी हो रही है और वह जल्द ही लौट आएंगे। इससे पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पार्टी उपाध्यक्ष जल्द ही लौट आएंगे। श्री गांधी फरवरी से अवकाश पर हैं लेकिन यह नहीं बताया गया है कि वह कहां छुट्टियां मना रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि उनके पुत्र और अमेठी संसदीय क्षेत्र से सांसद राहुल गांधी अवकाश से शीघ्र ही लौटेंगे। श्रीमती गांधी ने अमेठी जिले में जायस क्षेत्र के पुरेन्दुन्दीपुर गांव में ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहा कि श्री राहुल गांधी शीघ्र ही लौटेंगे ओर अमेठी क्षेत्र के लोगों से मिलेंगे।इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से भी संक्षिप्त बातचीत में कहा कि अमेठी सिर्फ श्री राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र नहीं हैं,यह गांधी परिवार का स्थान है।गांधी परिवार अमेठी और यहां के लोगों को अपना समझता है। उन्होंने कहा “ हम किसी शर्त पर अमेठी को नहीं छोडेंगे।यहां के लोग हमारे परिवार की तरह हैं1,,उन्होंने श्री राहुल गांधी के गायब हो जाने संबंधी अमेठी क्षेत्र में हाल ही लगाये गये पोस्टरों पर कुछ नहीं कहा। श्रीमती गांधी ने कहा कि नये भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस अपना संघर्ष जारी रखेगी। इससे पहले आज श्रीमती गांधी ने रायबरेली और अमेठी जिले के बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीडित किसानों मिलकर उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिलवाने में मदद करने का आश्वासन दिया।उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वह बात करेंगी।वह हाल ही बछरावां में हुई ट्रेन दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों से उनके घर जाकर मिलीं और उन्हें सांत्वना दी। श्रीमती गांधी शाम को नयी दिल्ली रवाना हो गयीं। 

नीमच (मध्यप्रदेश) की खबर (28 मार्च)

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एनडीए सरकार सोची—समझी साजिश के तहत किसानों की जमीन कोडियों के दाम में हडपकर व्यापारियों को लाभ पहुंचाना चाह​ती है
  • गांव गाव चलो, घर—घर चलो अभियान के दौरान किसानों से रूबरू हुए किसान नेता

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नीमच। एनडीए सरकार सोची—समझी साजिश के तहत किसानों की जमीन कोडियों के दाम में हडपकर व्यापारियों को लाभ पहुंचाना चाह​ती है। केंद्र से लेकर प्रदेश में भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इस सरकार ने अच्छे दिन आने का दावा किया था, लेकिन दावों की पोल कुछ ही दिनों में खुल गई है। प्रधानमंत्री हवा—हवाई बातें कर जनता को बेवकूफ बना रहे है। न तो महंगाई कम हुई और न ही विकास दर बढी है। कांग्रेस सरकार ने नींव​ विकास की रखी थी, उसे भी पूरा नहीं किया जा रहा है। यह बात कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंडी अध्यक्ष उमरावसिंह गुर्जर ने गांव—गांव चलो, घरघर चलो अभियान के दौरान शनिवार को ग्राम भाटखेडा, केलूखेडा, बामनिया, चम्पी गांवों में किसानों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण 2003 की यूपीए सरकार द्वारा बनाया गया था वह सही था। जबकि मोदी सरकार ने इस अधिनियम में छेडछाड कर किसान विरोधी बना दिया है। भूमि अधिग्रहण में कई किसान के विरोध में प्रावधान कर दिए गए है। इस कारण से अब किसान की जमीन सरकार जबरदस्ती छिनकर उद्योगपतियों देती है तो किसान न्यायालय में नहीं जा सकता है। इस पर केंद्र सरकार को पुर्न विचार करना चाहिए। इस बात को किसान को विस्तार से गांव—गांव जाकर घर—घर जाकर समझाया गया। अभियान के दौरान युवाओं मध्यप्रदेश की भाजपा शासन के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं उनकी पत्नी व्यापमं घोटाले में शामिल होने के मुख्य तथ्य एवं आधार भी किसानों को बताए और कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण ही आज मध्यप्रदेश का युवा बैरोजगार होकर बर्बाद हो गया है। इस मौके पर कांग्रेस नेता नाथूसिंह राठौर, नीमच विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष हरगोविंद दीवान भी मौजूद थे।

प्रेम, सदभाव, प्रगति का प्रमुख आधार है—  राजरत्नविजय

नीमच 28 मार्च। जहां आपस में प्रेम सदभाव होता है वह प्रगति का प्रमुख आधार है। प्रेम से रहने पर प्रसिदिध आती है। प्रसिदिध नहीं मिले तो कोई बात नहीं, किन्तु सिदिध मिलना आवश्यक है। उक्त् अमृत उदगार मुनि परवर श्री राजरत्न विजयजी महाराज ने कही। वे आराधना भवन पुस्तक बाजार में आयम्बिल ओली आराधना उजमणा नवान्हिका प्रभु महोत्सव के अंतर्गत 28 मार्च को प्रातः 9 बजे आयोजित धर्मसभा में उपस्ािित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। धार्मिक नवान्हिका महोत्सव पू. पन्यास श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. के पावन मार्गदर्षन एवं निश्रा में मनाया जा रहा है।  अमृत महोत्सव की धर्मसभा में मुनिराज ने कहा कि विनय विवेक, प्रसन्न मन, निरोगी शरीर, सिदिध सुख सभी पुण्य से मिलते है। धन के साथ विवेक मिलने धर्म का पुण्य मिलता है। वर्तमान में शील सदाचार का पतन हो गया है। सदाचार रहेगा तो धर्म रहेगा। अच्छे खानदान में जन्मे है हम अपने शील की रक्षा करें तो सदाचार बढेगा। मानव जीवन में पहला सुख निरोगी काया है। ​शील का पालन जहां है, वहां संस्कार हमेशा रहता है। परमात्मा की भक्ति्  कीचिंत परेशानी, कीचिंत प्रसन्नता मिलती है। मन प्रसन्न है तो शरीर स्वस्थ्य रहता है। महापुरूषों की वाणी सुख का मार्ग बताती है। वर्तमान शील सदाचार का पतन प्रगतिशील राष्ट्र के लिए चिंता का विषय है। मनीश्री ने कहा कि भोजन झूठा नहीं छोडना चाहिए और झूठे मुंह बोलना भी नहीं चाहिए। महोत्सव की श्रृंखला में रात्रि आठ बजे जैन भवन में विभिन्न भजन प्रस्तुति किए गए। जिसमें समाजन बडी संख्या में सहभागी बने।

108 पाश्वनाथ  महापूजन में उमडे श्रद्दालु

नीमच। श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा.एवं मुनिप्रवर श्री राजरत्नविजयजी म.सा. की पावन निश्रा एवं मार्गदर्षन में श्री जैन ष्वेताम्बर भीडभंजन पाष्र्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सानिध्य में सगरावत परिवार द्वारा पिता भंवरलाल माता वज्जीबाई द्वारा जीवन में सुकृतों की अनुमोदनार्थ आयम्बिल ओली आराधना उजमण नवान्हिका प्रभु भक्ति महोत्सव की श्रृंखला में शनिवार को सिद्धपद की आराधना, भक्तामर, जैन भवन में देवबंदन श्री 108 पाष्र्वनाथ महापूजन मुकेषकुमार राकेषकुमार आंचलिया परिवार द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर प्रभू पाश्र्व की भावे करू वंदना सहित विभिन्न भजन प्रस्तुत किए गए। मंदिर में पूजा में श्रीफल एवं नेवेद से और 108 दीपक, रांगोली सजाई गई। इस अवसर पर सैकडों महिलाएं उत्साह के साथ उपस्थित थी। विधिकारक नागेश जैन ने मंत्रोच्चार एवं भजनों के साथ पूजा—अर्चना करवाई गई। 

मीठे रस से भरियोडी जिनवाणी लागे......
  • जैन विद्या संस्कार प्रषिक्षण षिविर का समापन

नीमच। दिगम्बर जैन समाज नीमच के तत्वावधान में 8 दिवसीय जैन विद्या धार्मिक संस्कार षिक्षण षिविर 22 से 28 मार्च तक जैन मंदिर में उत्साह के साथ नित्य आयोजित किया गया। समाज सचिव प्रमोद गोधा ने बताया कि संस्कार सागर धार्मिक पत्रिका इन्दौर के सम्पादक ब्रम्हचारी जिनेष मलैया, ब्रह्मचारी राजेष भैया, दिनेष भैया के मार्गदर्षन में समाज के करीब 250 विद्यार्थी नित्य षिविर में मार्गदर्षन एवं दिगम्बर जैन महिला मण्डल के सहयोग से संस्कार के षिक्षण का ज्ञान अर्जित किया। शिविर में विभिन्न धार्मिक प्रतियोगिताओं के विजेता—उपविजेताओं को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया। शिविर में उल्लेखनीय योगदान देने वाले समाजबंधुओं का भी सम्मान किया गया। शिविर में कक्षाएवं बच्चों के नैतिक धार्मिक संस्कारों की षिक्षा का ज्ञान प्रदान किया गया। धार्मिक प्रष्न मंच की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। षिविर में दिगम्बर जैन महिला मण्डल की सभी सदस्याओं का योगदान उल्लेखनीय रहा। षिविर में पूजन अभिषेक षांतिधारा में पी.सी.जैन ने सहयोग किया। षिविर में 4 से 80 वर्ष आयु वर्ग के सभी समाजबंधु उत्साह से केसरिया परिधानों में भाग लिया।
इस अवसर पर उपस्थित समाजजन एवं शिविरार्थियों द्वारा जिनवाणी ग्रंथ पूजन स्थापना की गई। सभी ने सुख—समृदिध के लिए परिक्रमा भी लगाई गई। शिविर में मीठे रस से भरियोडी जीणवाणी लागे, गुरू वाणी लागे, यहां वहां, जहां तहां, मत पूछो अपनी जिनवाणी मां, दादा का दरबार सुहाना, भक्तों का भी आना जाना लगा रहता है। आदि भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में श्रीमति बसंतीदेवी, श्रीमति संगीता विजय सरावली, उषा कमल विनायिका, राजेश रेणू रारा, निर्मल जैन, सुभाष मिथिलेस, मधु कमल सर्राफ, राजेंद्र जैन, मनोरमा विनायिका, निर्मल विमल कासलीवाल सहित बडी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। बच्चों ने प्रति सप्ताह में एक दिन पूजा का संकल्प लिया और अनाश्चयक वस्तु त्याग का संकल्प भी लिया। 

महोत्सव में आज श्री सिदधचक्र महापूजन आज

नीमच। श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा.एवं मुनिप्रवर श्री राजरत्नविजयजी म.सा. की पावन निश्रा एवं मार्गदर्षन में श्री जैन ष्वेताम्बर भीडभंजन पाष्र्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सानिध्य में सगरावत परिवार द्वारा पिता भंवरलाल माता वज्जीबाई द्वारा जीवन में सुकृतों की अनुमोदनार्थ आयम्बिल ओली आराधना उजमण नवान्हिका प्रभु भक्ति महोत्सव की श्रृंखला में आज 29 मार्च रविवार को आचार्च पद की आराधना, भक्ताम्बर पूर्वाचारियों की प्रभाववक्ता पर सुबह नौ बजे आराधना भवन में अमृत प्रवचन, देववंदन, आयम्बिल, जैन भवन में सिदधचक्र महापूजन, मनीष विमलकुमार मालू नीमच, श्रीमति फतेहकुंवर कमलचंद, कल्पना प्रवीण, गितिशा, रीतिका चौरडिया परिवार इंदौर द्वारा करवाई जाएगी। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (28 मार्च)

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प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने  छिपरी में की तैयारियांे की समीक्षा 

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टीकमगढ़, 28 मार्च 2015। म.प्र. शासन के परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक सेवा प्रबंधन, जनशिकायत निवारण विभाग एवं प्रभारी मंत्री जिला टीकमगढ़ श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने आज दोपहर ग्राम छिपरी में आयोजित होने वाले विशाल धार्मिक आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि आयोजन की व्यवस्थायें एकदम चुस्त-दुरूस्त रहे। सभी तैयारियां समय पर पूर्ण हों। ज्ञातव्य है कि ग्राम छिपरी में 19 से 27 अप्रैल 2015 तक विशाल धार्मिक आयोजन किया जायेगा।  श्री ठाकुर ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर का बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक सभागम में लोग आनंद के साथ शामिल हो सकें इस हेतु हर स्तर पर बेहतर तैयारियों की जरूरत है। आपने कहा इस कार्यक्रम के सफल आयोजन से प्रदेश की प्रतिष्ठा देश में बढ़े इस हेतु हमें प्रयास करना चाहिये। उन्होंने कहा आयोजन की तैयारियों में सभी लगन और मेहनत से कार्य करें जिससे सभी तैयारियां समय पर पूर्ण हो सकंे। इस अवसर पर कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने अब तक की गई तैयारियांें के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों के बारे में एस.पी श्री अनुराग शर्मा ने बताया। बैठक में जिला पचंायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनय द्विवेदी, अपर कलेक्टर श्री शिवपाल सिंह, एस.डी.एम. जतारा श्री वी.के. पांडे, ए.एस.ई. विद्युत मंडल श्री एस.के. शर्मा, ई.ई.पी.एच.ई. श्री महेन्द्र सिंह, आई.ई.एस. श्री जे.पी. रोहित एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

परिवहन कार्यालय अवकाश के दिनों भी खुला रहेगा

टीकमगढ़, 28 मार्च 2015। जिला परिवहन अधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा सभी वाहन स्वामियों को सूचित किया गया है कि वे अपने वाहनों का कर अवकाश के दिनों में भी कार्यालय में जमा कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि जिला परिवहन कार्यालय 31 मार्च 2015 तक अवकाश के दिनों में भी खुला रहेगा।

तम्बाकू नियंत्रण हेतु कार्यशाला 30 को 

टीकमगढ़, 28 मार्च 2015। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनय द्विवेदी ने बताया है कि तम्बाकू नियंत्रण कानून के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 30 मार्च को किया जायेगा। जिसमें समस्त विभागों के जिला प्रमुख भाग लेंगे साथ ही संबंधित विभागों से खंड स्तरीय शासकीय सेवक एवं अशासकीय संस्थाओं को भी आमंत्रित किया गया है।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (28 मार्च)

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उद्यान क्षेत्र के गांव का हितसंरक्षण जारूरी-मंत्री सुश्री मेहदेले
  • उद्यान के साथ पन्ना तक पर्यटकों को भेजा जाए-मंत्री सुश्री मेहदेले

panna news
पन्ना 28 मार्च 15/पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से गुरजने वाले राष्ट्रीय राज्य मार्ग 75 से लगा हुआ पाण्डवफाल प्राकृतिक रमणीय प्रपात है। इस प्रपात की ऊंचाई 75 मीटर है। यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए नवीन सीढिया बनाई गई हैं। 15 लाख रूपये की लागत से 294 सीढिया बनाई गई है। इन सीढियों का आज नाम पट्टिका का अनावरण कर सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पशुपालन, पीएचई, ग्रामोद्योग, मछली पालन, विधि एवं विधायी कार्य द्वारा किया गया। इस स्थान का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ जुडा रहा है। इस स्थान पर चन्द्रशेखर आजाद ने शरण ली थी। यहां पर स्थापित चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर मंत्री सुश्री मेहदेले के साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने पुष्प अर्पित किए।  इस अवसर पर उन्होंने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्यान क्षेत्र के गांवों में निवास कर रहे लोंगों का उद्यान द्वारा ध्यान रखा जाए उनकी हितों का संरक्षण हो तभी वन्य जीवों का संरक्षण संभव है। बहुमूल्य हीरा उगलने वाली जिले की बहुत सारी भूमि राष्ट्रीय उद्यान में चली गई है। जिले की उथली हीरा खदानों के साथ-साथ पत्थर खदानें भी उद्यान से प्रभावित हो गई हैं जिससे यहां के लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। बाजारों की रौनक चली गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में पर्यटक आते हैं यहां आने वाले पर्यटक पन्ना नगर तक पहुंचने लगे तो लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जिले में और भी कई स्थान है जहां पर्यटकों को ले जाया जा सकता है। उन्होंने बराछ, जरधोवा, धुधुवा, बृहस्पतिकुण्ड, कौआसेह आदि को विकसित कर पर्यटकों को घुमाया जाए। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न स्थानों पर शैलचित्र तथा चूने की विशिष्ट स्टेलागमाइट, स्टेलाकटाइट उपलब्ध हैं। इनके चित्र तैयार कराकर इनका प्रचार प्रसार किया जाए। कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने कहा कि पन्ना जिले की पहचान हीरा एवं राष्ट्रीय उद्यान के नाम दुनियाभर में स्थापित है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए हमें अपनी सोच को बदलकर राष्ट्रीय उद्यान को विकास में सहायक मानने की बनानी होगी। तभी राष्ट्रीय उद्यान और जिले का विकास हो सकेगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने कहा कि इस स्थान का पौराणिक कथा से जुडा हुआ है। इसके अलावा इस स्थान को आजादी की लडाई से चन्द्रशेखर आजाद के कारण जुड गया है। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहन लाल कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज सिंह यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष सतानन्द गौतम आदि ने अपने विचार रखे। पूर्व सांसद एवं विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के केमाशन, धुधुवा क्षेत्र से किया जाए जिससे पन्ना जिले में पर्यटन को बढावा मिले। इस अवसर पर क्षेत्र संचालक राष्ट्रीय उद्यान आर. श्रीनिवास मूर्ति द्वारा बताया गया कि यह स्थान 12 महीने पर्यटकों के लिए खुला रहता है। केवल सप्ताह में बुधवार को दोपहर बाद बन्द रखा जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार बृजेन्द्र गर्ग के साथ पर्यटन क्षेत्र से जुडे व्यवसायी श्री बिन्नी राजा आदि उपस्थित रहे। 
समाचार क्रमांक 142-512

मंत्री सुश्री मेहदेले ने 92 व्यक्तियों को दी उपचार सहायता

पन्ना 28 मार्च 15/सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पशुपालन, पीएचई, ग्रामोद्योग, मछली पालन, विधि एवं विधायी कार्य ने स्वैच्छानुदान मद से 92 जरूरतमंदों को उपचार के लिए सहायता राशि दी है। उनकी अनुशंसा पर कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने यह राशि मंजूर की है। उन्होंने संबंधित तहसीलदारों कोे सहायता राशि के तत्काल वितरण के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी हितग्राहियों से संबंधित तहसील कार्यालय में बैंक खाते की जानकारी देकर सहायता तत्काल प्राप्त करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार श्री गोकुल दास कुंजवन को 8 हजार, संदीप जैन गैसाबाद को 10 हजार, उमाशंकर गुप्ता पन्ना को 10 हजार तथा उमेश निगम अजयगढ को 10 हजार रूपये की सहायता राशि उपचार कराने के लिए दी गई है। मंत्री सुश्री मेहदेले ने अनिल साहू पन्ना, करूणा अवस्थी पन्ना, बृजेश साहू पन्ना, मोनू सेन पन्ना, राजू साहू पन्ना, रामकुमार साहू पन्ना, श्रीमती सकुंतला मोहनपुरवा, अंकित पाठक पन्ना, रसीद बेग पन्ना, श्रीमती हसीना बेगम मोहनपुरवा, पुष्पा सिंह मोहनपुरवा, पुष्पा वर्मन जगात चैकी, अनिल रजक पन्ना, फूलचन्द्र हरिजन पन्ना तथा राजेश कुमार गुप्ता पन्ना को उपचार के लिए 5-5 हजार रूपये की सहायता राशि मंजूर की है। उपचार के लिए श्री योगेश कुशवाहा पन्ना, मनीष साहू पन्ना, श्रीमती रूकमणि वर्मन जगात चैकी, कीरत सिंह यादव कल्याणपुर, छोटे लाल लोधी सुनहरा, गोविन्द सिंह पन्ना, कन्हैया लाल यादव जगात चैकी, सुरेश कोरी पन्ना, सविता यादव पन्ना, रामलखन गुप्ता पन्ना तथा श्रीमती रानी सिंह बल्दूपुरवा को 3-3 हजार रूपये की सहायता राशि मंजूर की गई है। श्रीमती कमता लोध बल्दूपुरवा, श्री इन्द्रपाल मोहनपुरवा, नन्द किशोर मोहनपुरवा, बृजमोहन रैकवार मोहनपुरवा, मुकेश खरे पन्ना, श्रीमती कुसुम जैन पन्ना, श्रीमती सुशीला मण्डल उडकी, मुकेश कुशवाहा सारंगपुर तथा राजा भैया यादव को 3-3 हजार रूपये की सहायता राशि मंजूर की गई है। मंत्री सुश्री मेहदेले ने श्रीमती मुन्नी खान पन्ना, श्याम अहिरवार अजयगढ, रोशनलाल कोरी अजयगढ, श्रीमती प्रभा बनौली, राकेश यादव मुटवा, शिवप्रसाद बल्देवपुरवा, कमल कुमार तिवारी सिरस्वाहा, श्रीमती सुनेना खातून पन्ना, श्रीमती कुसमा गौड रमखिरिया तथा मन्नू कुशवाहा पन्ना को 2-2 हजार रूपये की सहायता राशि मंजूर की है। इसी प्रकार सलीम खान पन्ना, श्यामसुन्दर पन्ना, भगवान दास लोध हीरापुर, राजाराम जौहरी हीरापुर, श्रीमती गेंदिया हीरापुर, घन्सू साहू हीरापुर, भगवानदास अहिरवार हरदी, कुसमा लोधी मडरका, श्रीमती गिन्नी माली सिंहपुर, सुरेश सिंहपुर, श्रीमती सुशीला पाल छतैनी, श्रीमती गेंदारानी सिंहपुर, भान सिंहपुर तथा रामप्रकाश बडेरा को 2-2 हजार रूपये की उपचार सहायत मंजूर की गई है। इसी प्रकार महीपाल सिंह धरमपुर, उमाप्रसाद तिवारी बरहोकुदकपुर, श्रीमती रसीदा खातून बरोली, रहमतुनीशा बरोली, आलीया खातून बरोली, रतमाना खातून बरोली, श्रीमती रक्षा तिवारी पिष्टा, श्रीमती चम्पा तिवारी पिष्टा, रामरतन पाल रामनई, चन्दन पिष्टा, अच्छे लाल अहिरवार पिष्टा तथा श्रीमती चिन्ता बाई पटेल कुलुवा को उपचार के लिए 2-2 हजार रूपये की सहायता दी गई है। उपचार के लिए रामकुुमार बख्तरी, श्रीमती सकुंतला बडेरा, अच्छे लाल अहिरवार भापतपुर कुर्मियान, महेश पटेल भापतरपुर कुर्मियान, बालादीन कोंदर भापतपुर कुर्मियान तथा फिरूआ अहिरवार भापतपुर कुर्मियान को 2-2 हजार रूपये की सहायता राशि दी गई है। 
समाचार क्रमांक 143-513

शाहनगर में अन्त्योदय मेला 30 मार्च को

पन्ना 28 मार्च 15/शाहनगर तथा पवई विकासखण्ड के पात्र हितग्राहियों को शासन की विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी कार्यक्रमों से लाभान्वित करने के लिए शाहनगर में 30 मार्च को अन्त्योदय मेले का आयोजन किया जा रहा है। अन्त्योदय मेले में मुख्य अतिथि के रूप में पवई विधायक मुकेश नायक उपस्थित रहेंगे। इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने बताया कि मेले के लिए एसडीएम शाहनगर तथा एसडीएम पवई को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विभिन्न विकास योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों का चिन्हांकन करके उन्हें मेले में लाभान्वित कराएं। ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से मेले की तिथियों की जानकारी आमजनता तक पहुंचाएं। अन्य विभागों के अधिकारी भी विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को मेले में उपस्थित कराकर उन्हें योजनाओं का लाभ दें। विभागीय योजनाओं की जानकारी देने तथा प्रचार-प्रसार के लिए भी मेले का उपयोग करें। उन्होंने एसडीएम शाहनगर तथा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शाहनगर को मेले के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। 
समाचार क्रमांक 144-514

विशेष आलेख : बेरोज़गार युवा दरबदर क्यूँ?

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एक ओर जहां सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं तैयार कर बेरोज़गारी पर काबू पाने की बात करती है वहीं दूसरी ओर विडंबना यह है कि यही राजनितिक दल इसे सिर्फ एक मुद्दा बनाकर वोट हासिल करते हैं। इतना ही नहीं युवाओं को अच्छे दिनों का सपना भी दिखाते हैं। लेकिन बेरोज़गारी दूर करने का कोई विकल्प नहीं सुझाती हैं अथवा यूं कहा जाये कि वह बेरोज़गारी दूर करने के प्रति गंभीर नहीं होते हैं। अच्छे दिनों के इंतेज़ार में कितने ही नौजवान ऐसे हैं जो नौकरी पाने की अनिवार्य उम्र सीमा को पार कर चुके हैं। ऐसे में क्यूँ न हो कि यह बेरोज़गार युवा सरकार के बेबुनियाद दावों को नज़रअंदाज़ करके स्वरोज़गार शुरू करें और बचे हुए क़ीमती समय का सदुपयोग करते हुए जीवन को समृद्ध बनाने के लिए अपने घरों और आसपास के शहरों में स्वरोज़गार समूह की स्थापना करें। ऐसा करने से कम पैसों के साथ अपनी आर्थिक स्थिति को उन्नत बना सकते हैं। इसका सर्वश्रेष्ठ उदहारण राजस्थान के बीकानेर से तकरीबन 100 किमी की दूरी पर स्थित बज्जू गांव है। जहां उर्मुल नाम की एक गैर सरकारी संस्था विभिन्न योजनाएं चला रही हैं और उस सूखी एवं बंजर धरती को हरियाली में परिवर्तित करने में प्रयासरत है। इसके काम का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कृषि के क्षेत्र में कई प्रयोग करता रहा है। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण की रक्षा के लिए यह संस्था सरकार के साथ मिलकर पेड़ लगाने के लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है। इसके साथ ही संस्था के सदस्यों द्वारा गया गीत ‘‘मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनाएंगे’’ अर्थात इस रेगिस्तान को स्वर्ग में परिवर्तित कर देंगे, से इनके कार्य और उद्देश्य स्पष्ट हो जाते हैं। 
                 
परंतु अफ़सोस की बात यह है कि जम्मू-कश्मीर को प्रकृति ने अपार सुंदरता प्रदान करने के साथ साथ उपजाऊ मिट्टी, भरपूर मात्रा में जल अनुकूल वातावरण और जंगल जैसी नेमतों से नवाज़ा है। यह वही धरती है जिसकी सुंदरता से प्रभावित होकर मुग़ल बादशाह जहांगीर ने इसे धरती का स्वर्ग की संज्ञा दी थी। इतना ही नहीं इसकी अनुपम सुंदरता के कारण इसे एशिया का स्विटज़रलैंड भी कहा जाता है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि इसी स्वर्ग के रहने वाले युवाओं का जीवन नर्क क्यूँ बना हुआ है? क्यूँ यहाँ के नौजवानों के जीवन में अच्छे दिन नहीं आ रहे हैं? उनके लिए सुनहरे दिन कब आएंगे इसका अंदाज़ा लगाना बहुत ही कठिन है। राज्य में बनी मिलीजुली सरकार से जनता को उमीदें थीं विशेषकर युवाओं को आशा थी कि नई सरकार के आने से रोज़गार मिलेगा परंतु जिस प्रकार से सरकार के अंदर खींचतान बनी हुई है उससे निराशा उत्पन्न हुई है। निराशा बाढ़ पीडि़तों को भी हुई है, जो नई सरकार से उचित पुनर्वास की आस लगाए हुए थे। याद रहे कि पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर में आई प्रलयंकारी बाढ़ में ज़बरदस्त नुक्सान हुआ था। करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हुई थी, कई जाने चली गई थी और पूरी की पूरी फसल तबाह हो गई थी। राज्य की जनता विशेषकर नौजवानों को आशा थी कि आर्थिक रूप से टूट चुके उनके परिवार को नई सरकार से रोज़गार के रूप में स्थाई सहायता मिलेगी।  
             
2011 के एक सर्वे के अनुसार जम्मू-कश्मीर में बेरोज़गारों की कुल संख्या 6 लाख़ बताई गई थी। वर्त्तमान में यह संख्या 7 लाख से भी ऊपर पहुंच चुकी है। शिक्षित बेरोज़गारों की भी एक बड़ी संख्या राज्य में मौजूद है। सर्वे के अनुसार राज्य में स्नातक पास युवाओं की संख्या 29034 है, जबकि कश्मीर क्षेत्र में 46703 युवा 12 वीं पास हैं वहीं जम्मू में 27212 युवा 12 वीं पास हैं। कश्मीर घाटी में इंजीनियरिंग में स्नातक पास 4500 युवा हैं जबकि इसी विषय में डिप्लोमा धारकों की संख्या 8500 है। 6980 युवा कला विषय से जबकि 4094 युवा साइंस से स्नातक डिग्री के साथ रोज़गार का इंतेज़ार कर रहे हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि जिस नौकरी के लिए अनिवार्य योग्यता 12 वीं होती है उसके लिए पोस्ट ग्रेजुवेट युवा भी आवेदन करते है ताकि किसी प्रकार से नौकरी प्राप्त हो जाये। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वर्त्तमान में राज्य सरकार बेरोज़गारी की दर को कम करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही हैै। मुख्यमंत्री स्वयं इसे खत्म करना अपनी सरकार की प्राथमिकता बता चुके हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर राज्य के लाखों बेरोज़गार नौजवान कब तक सरकार से नौकरी की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं केंद्र की ओर से अच्छे दिन आने और विकास के वादे भी किये गए थे, लेकिन यह भी पूरा होते नज़र नहीं आ रहा है।
           
रोज़गार की कमी का सबसे नकारात्मक प्रभाव राज्य की सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं पर हो रहा है। जहां शिक्षा की कमी एक प्रमुख कारण भी रहा है। सीमापार से आये दिन होने वाली गोलाबारी यहां की नई पीढ़ी की शिक्षा व्यवस्था में सबसे बड़ी रुकावट बन जाती है। उदाहरण के लिए सीमावर्ती जिला पुंछ के किरनी गांव की बात की जाये तो वहां बहुत कम ऐसे युवा हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार इस गांव में आजतक केवल एक व्यक्ति ने ही स्नातक से आगे तक की शिक्षा प्राप्त की है। जबकि आज के दौर में स्नातक अथवा उससे अधिक तक की शिक्षा प्राप्त नौजवान के लिए ही नौकरी के दरवाज़े खुले हैं। लेकिन वह बच्चे जो गोलाबारी के साये में जीवन बसर कर रहे हैं, जहां हर पल गोली और बारूद के बीच मौत की आहट सुनाई देती हो ऐसे में कोई बेहतर शिक्षा की कल्पना कैसे कर सकता है। यही कारण है कि यहां के युवा अन्य क्षेत्रों के युवाओं की अपेक्षा कम पढ़ेे लिखे होते हैं और जीवनयापन के लिए दूसरे राज्यों में छोटी नौकरियां करते हैं। कई नौजवान खाड़ी देशों में भवन निर्माण जैसे खतरनाक काम में लगे हुए हैं, जिसमे कई बार उनकी जान जोखिम में आ जाती है।
             
बात की जाये सरकारी योजनाओं की तो हार्टिकल्चर, एग्रीकल्चर और वाटरशेड जैसे विभिन्न विभागों में किसानों की मदद के लिए योजनाओं की भरमार है। इसी सिलसिले में पिछले दिनों राज्य स्तर की कार्यकारी समिति ने नेशनल लाइफ स्टॉक मिशन और ग्रास लैंड डेवलपमेंट एक्शन प्लान 2014-15 के लिए 16.95 करोड़ रुपए मंज़ूर किए और राज्य की जनता को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर भी गौर किया गया। ज्ञात रहे कि इस योजना के अंतर्गत सरकार पशुधन की स्थिति को सुधारने का काम करेगी। जिसमें पोल्ट्री और दूध की पैदावार बढ़ाने और जानवरों के चारा की कमी को दूर कर, किसानों को पशुधन की उपयोगिता और पालने के तरीके की ट्रेनिंग देगी। इसके अतिरिक्त विभाग पशुओं को टीका लगाने पर पारिश्रमिक भी अदा करती है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि सरकार की ओर से बेरोज़गार युवाओं के रोज़गार के लिए अनगिनत योजनाएं हैं जिनका इस्तेमाल वह घर बैठे कर सकते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में विशेष योगदान दे सकते हैं। लगातार कम होते सरकारी नौकरियों के अवसर ने युवाओं को मायूस किया है लेकिन आय के दूसरे साधन के द्वार भी खुले हैं जिसका सदुपयोग उनके जीवन को रौशन बना सकता है। 






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अनीस उल हक 
(चरखा फीचर्स)

एंड टीवी पर दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स

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हिंदी मनोरंजन चैनल एंड टीवी पर 30 मार्च से प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9.00 बजे एक नये मनोरंजक शो-दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स   का प्रसारण प्रारंभ होने जा रहा है। दिल्ली कहानी बेसड इस शो अपने विशिष्ट चरित्रों के सुंदर संयोजन को जीवंत बनायेगा। इस कहानी के सभी चरित्र जिंदादिल और एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा हैं। सिनेविस्टा द्वारा निर्मित और अनुजा चैहान द्वारा लिखित लोकप्रिय किताब दोज प्राइसी ठाकुर गर्ल्स पर आधारित दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स एक हलका-फुलका  शो है। यह वर्तमान समाज का प्रतिबिंब है शो की कहानी सेवानिवृत्त जज एनएल ठाकुर और उनकी पत्नी तथा उनकी पांच बेटियों अंजी (सारा आफरीन खान), बिन्नी (शिल्पा रायजादा), डब्बू (सुकृति खांडपाल), चंदू (मोनिका  शर्मा) और इशू (मीरा देओस्थली) के इर्दगिर्द घूमती है। सभी बहनें एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत विचारों के बाद भी किस तरह एक साथ रहती हैं, परिस्थितियों से निपटती हैं और उनके रोमांच कैसे दिलचस्प कहानी को अंजाम देते हैं, देखना बहुत रुचिकर होगा।जज की भूमिका अनंग देसाई और उनकी पत्नी की भूमिका सुप्रिया पिलगांवकर निभा रही हैं।  

सुकृति खांडपाल उर्फ डब्बू ने कहा, ‘‘मैंने अपने कॅरियर में अभी तक जो किरदार निभाये हैं, उन सभी से मेरा चरित्र बिल्कुल अलग है। डब्बू एक आदर्श लड़की है, जिसे कुत्तों से बहुत प्यार है। वह सपनों और सच्चे प्यार में यकीन करती है और अपनी जिंदगी में एक परफेक्ट मैन की तलाश में है। यह शो आधुनिक है और वर्तमान समय के अनुरूप है। इसमें एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत बहनों के बीच के संबंधों को दिखाया गया है।‘‘ सारा खान उर्फ अंजी ने बताया, ‘‘मैं शो में एक परफेक्शनिस्ट बनी हूं। अंजी सभी बहनों में फैशन को लेकर सबसे ज्यादा सजग है। वह फैमिली डिनर के लिए भी अपने लुक को लेकर बहुत चूजी है। वह सब कुछ ब्रांडेड पहनती है। मैं असल जिंदगी में इससे बिल्कुल भिन्न हूं, लेकिन अंजी का किरदार निभाना काफी मनोरंजक रहा। मुझे उम्मीद है कि दर्शक समान उत्साह के साथ शो से जुड़ेंगे।‘‘ इस शो की शूटिंग दिल्ली के मुख्य स्थानों रेड फोर्ट, इंडिया गेट, दिल्ली हाट, द इंडिया हैबिटैट सेंटर और कनाॅट प्लेस में की गई है। 




अशोक कुमार  निर्भय 
वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 
संपर्क : 9210043206 

आलेख : फूटने लगा 'आप का गुब्बारा

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aap crisis
वर्तमान में आम आदमी पार्टी में जिस प्रकार के स्वर उभर रहे हैं, उससे ऐसा तो लगता ही है कि कहीं न कहीं इस पार्टी में भी सत्ता का स्वाद पाने के लिए स्वार्थ जाग्रत होता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्ली की सत्ता प्राप्त करने से पूर्व जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी में यारों वाली दोस्ती दिखाई देती थी, अब वह दोस्ती, दुश्मनी में बदलने की ओर जाती हुई दिखाई देने लगी हैं। आम आदमी पार्टी के लिए सब कुछ माने जाने वाले अरविन्द केजरीवाल और उनके समर्थक जैसे मन में आता है, पार्टी को चलाने का प्रयास करते हैं। आसानी से नहीं तो जबरदस्ती। सभी इस बात से परिचित हैं कि अरविन्द केजरीवाल ने अपने बचपन के चार दोस्तों को लेकर इस पार्टी को स्थापित किया था। वर्तमान में यही चार दोस्त ही पूरी पार्टी कर रीति नीति का निर्धारण करते हुए दिखाई देते हैं। प्रशांत भूषण ने तो अब यह बात खुलेआम रूप से कहना शुरू कर दी है कि पार्टी में केवल केजरीवाल की ही चलती है।

प्राय: कहा जाता है कि कड़ी मेहनत के बाद जो सफलता प्राप्त होती है, वह लम्बे समय तक रहती है। इसके अलावा जिस व्यक्ति या संगठन को छोटे मार्ग या सरलतम मार्ग से बहुत जल्दी बहुत बड़ी सफलता मिल जाए तो अनुभवहीनता का संत्राश भी दिखाई देता है। आम आदमी पार्टी की सरकार को अनुभवहीनों की सरकार माना जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जाएगी। आज अरविन्द केजरीवाल के चारों दोस्त अनुभवहीनों की तरह बचपन जैसे खेल खेलकर ही दिल्ली की सत्ता का संचालन करते दिखाई दे रहे हैं। संभवत: इनको इस बात की जानकारी नहीं है कि राजनीतिक दल के संचालन और सत्ता चलाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

भारत की राजनीति में एक गुब्बारे की तरह उदित हुई आम आदमी पार्टी अपनी सफलता को पचाने का सामथ्र्य रखने में नाकाम साबित होती दिख रही है। सारे अनुमानों को गलत सिद्ध करते हुए दिल्ली में आप पार्टी को सफलता प्राप्त हुई। इस सफलता से आम आदमी पार्टी के नेताओं में खुशी के साथ एक विशेष प्रकार का भय भी दिखाई दे रहा था। वह डर दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं का था। अपेक्षा से अधिक किए गए वादे भी आज सरकार की जान का दुश्मन बन कर उभरे हैं। दिल्ली की जनता ने तात्कालिक परिणाम की अपेक्षा में अरविन्द केजरीवाल को एक गुब्बारे की भांति फुला दिया। इस गुब्बारे में जितनी हवा भरे जाने की क्षमता थी, उससे दुगुनी हवा जनता ने भर दी। इस सफलता के लिए आम आदमी पार्टी को एक और अरविन्द केजरीवाल की तलाश करना थी, कहने का तात्पर्य वैसा ही नेता एक और बनाने का काम करना था, लेकिन वैसा नेता नहीं बनाया, केवल केजरीवाल पर ही पूरी पार्टी का दारोमदार तय कर दिया। केजरीवाल के दोस्त पार्टी का विकेन्द्रीकरण करने के खिलाफ हैं, तत्पश्चात आज जो भी दृश्य दिखाई दे रहा है, यह उसी का परिणाम है।

भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में तेजी से उभरी आम आदमी पार्टी का यही हश्र होना था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ही आप के भीतर फूट के बीज पड़ गए थे और अब इसकी परणिति देश के सामने है। पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी में घमासान का जो दौर चल रहा है, उसने यह साफ कर दिया है कि पार्टी में शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई आप को रसातल में ही ले जाएगी। राजनैतिक विचार और संस्कार के जन्म लेने वाले राजनैतिक दल से यही उम्मीद की जा सकती है। बहरहाल आप में वर्चस्व की लड़ाई अब नर्णायक मोड़ पर है। पार्टी संस्थापकों में शामिल प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जाने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि, योगेंद्र यादव ने अपने व प्रशांत भूषण के इस्तीफे की बात को झूठ करार देते हुए चुनौती दी है कि यदि किसी के पास इस्तीफे की प्रति है तो उसे सार्वजनिक करे। यादव ने इस दावे को भी हास्यास्पद बताया कि उन्होंने और भूषण ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देने के लिए केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने का कोई प्रस्ताव रखा था। केजरीवाल और यादव व भूषण समर्थक अब आमने-सामने हैं और पार्टी स्तर पर हुए सुलह के प्रयास भी विफल हो गए हैं। जिस तरह के हालात बने हैं उसकी परिणति राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में साफ़ दिखाई दिया, योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषन को पार्टी से बाहर कर दिया, अब ऐसा भी लगने लगा है कि आम आदमी पार्टी में बहुत बड़ी टूटन हो सकती है. पार्टी ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को भले ही पीएसी से निकाल दिया हो, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी इस्तीफा देने को मजबूर किया हो लेकिन दोनों इस दौरान पार्टी का असली चेहरा उजागर करने में कामयाब जरूर हो गए हैं।

गैर सरकारी संगठनों के गठजोड़ से अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी के कर्ता धर्ता अभी भी पार्टी को एनजीओ की तरह चला रहे हैं। आप के नेता दिल्ली की सत्ता हासिल करने के बाद भी यह नहीं समझ पाए कि राजनैतिक दल और एनजीओ के चरित्र और कार्यशैली में बहुत फर्क होता है। राजनैतिक दलों का अपना आंतरिक लोकतंत्र होता है और उन्हें अनुशासन के दायरे में रहते हुए दल की रीति-नीति के तहत काम करना होता है। यही नहीं कार्यकर्ताओं को दल का जनाधार बनाने के लिए संघर्ष के लम्बे दौर से गुजरना पड़ता है। आम आदमी पार्टी में तो हर कोई अपनी ढपली बजा रहा है और हरेक अपना राग सुना रहा है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हों या योगेन्द्र यादव या फिर प्रशांत भूषण, वर्चस्व की लड़ाई में यह भी भूल गए हैं कि उनके इस कदम से उन मतदाताओं के विश्वास को ठेस पहुंचेगी जिन्होंने उन्हें दिल्ली की सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। देश और राजनैतिक हालात को बदलने की वकालत करने वाली आम आदमी पार्टी अपनी ही उलझनों से बाहर नहीं आ पा रही है, ऐसे में उससे दिल्ली की सरकार चलाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।





सुरेश हिन्दुस्थानी
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815
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