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साइबर कानून की धारा 66 ए को निरस्त किए जाने के बावजूद असीमित नहीं आत्माभिव्यक्ति स्वतंत्रता

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भारतवर्ष के सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधक बनने वाले सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम अर्थात्त साइबर कानून २००८ की विवादास्पद धारा 66 ए को निरस्त कर दिए जाने के पश्चात सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों में प्रसन्नता,उत्साह और विजेता का भाव प्रदर्शित हो रहा है। यह कानून सोशल नेटवर्किंग साईट, वेबसाइटों पर तथाकथित अपमानजनक सामग्री डालने पर पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति देता था। साइबर कानून अर्थात आईटी ऐक्ट की धारा 66 ए को निरस्त कर दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर ‌टिप्पथणी करने के मामले में पुलिस अब आनन-फानन गिरफ्तारी नहीं कर सकेगी। धारा 66 ए में पुलिस-शासन के लिए मजे की बात यह थी कि इस धारा में यह बात सुस्पष्ट और परिभाषित नहीं थी कि किन आधारों पर किसी टिप्पणी या विचार को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा? यह चीज न तो टिप्पणी या विचार व्यक्त करने वालों को स्पष्ट थी, न ही पुलिस-प्रशासन को। यह बात पूर्णरुपेण सरकारी एजेंसियों के विवेक पर निर्भर करता था कि वेबसाइट और सोशल मीडिया पर डाले गए किसी संदेश को वे अपराध घोषित कर दें। आमतौर पर विभिन्न सरकारों ने इसका दुरुपयोग अपने राजनीतिक हितों को साधने और अपने खिलाफ उठे असहमति और विरोध के स्वरों को कुचलने के लिए किया। पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र जम्मू-कश्मीर, केरल, उत्तरप्रदेश से लेकर गोवा आदि में विभिन्न पार्टियों की सरकारों द्वारा जब-तब धारा 66ए के अंतर्गत लोगों की गिरफ्तारी और मुकदमा चलाना इस बात के उदाहरण हैं कि कोई भी सरकार या राजनीतिक दल इसके दुरुपयोग में पीछे नहीं रहा। कुछ मामलों में तो फेसबुक पर किसी के द्वारा की गई पोस्ट को सिर्फ पसंद अर्थात लाइक करने पर भी गिरफ्तारी हो गई। उत्तरप्रदेश जैसे राज्य तो इस मामले में कुख्यात रहे कि मात्र दो वर्ष में ही यहाँ लगभग 400 मुकदमे इस धारा के तहत दर्ज किए गए। संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गाहे-बगाहे सरकारें विभिन्न तरीकों से दबाने की कोशिश करती हैं, और कोई भी राजनीतिक दल इससे परे नही है। सोशल मिडिया में सक्रिय लोगों का कहना है कि साइबर कानून की धारा 66 ए को देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित करना भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर जनता के ढहते विश्वास को बचाने और बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटना है। अपने फैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को और भी संवैधानिक सुदृढता प्रदान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि साइबर कानून की धारा 66ए संवि धान के अनुच्छेद 19(2) के अनुरूप नहीं है। सोच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आधारभूत बताते हुए सर्वोच्च न्ययालय की पीठ ने कहा, 'साइबर कानून की धारा 66 ए से लोगों की जानकारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार स्पष्ट तौर पर प्रभावित होता है।'इसे अस्पष्ट बताते हुए कहा कि किसी एक व्यक्ति के लिए जो बात अपमानजनक हो सकती है, वह दूसरे के लिए नहीं भी हो सकती है। 

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का प्रभाव नेटवर्किंग साईट ट्विटर, फेसबुक आदि पर पर स्पष्ट नजर आ रहा है। इस कानून के हटने के बाद यद्यपि लोगों की प्रसन्नता सोशल मीडिया में देखी जा रही है और अब पूर्व से लिखने की अधिक स्वतंत्रता भले ही मिल गई है तथापि  इसका अर्थ कतई यह नहीं है कि आप जो चाहें उल्टा-सीधा लिख सकते हैं और आप पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। इसलिए अगर आप जोश में आकर कुछ भी लिखने का मन बना रहे हैं तो अभी भी जोखिम को समझते हुए और अन्य कानूनों के दायरे में रहकर ही लिखें। अधिकांश मामलों में तर्क यह दिया जाता है कि हमें इस तरह के कानून की कोई जानकारी नहीं थी लेकिन यह कोई सुरक्षित बचाव नहीं है। विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित अर्थात अनलिमिटेड नहीं है, वरन यह कानून और संविधान के दायरे में है। उदाहरणतः साइबर कानून की धारा 66 ए को निरस्त कर दिए जाने के दूसरे ही दिन चेन्नई की न्यायालय ने कर्नाटक के श्रीनाथ नंबूदरी के द्वारा अपनी एक सहकर्मी को अश्लील और आपत्तिजनक ईमेल भेजे जाने मामले में अब दोष साबित हो जाने पर उसे एक साल जेल में बिताने की सजा सुनायी । सीबी-सीआईडी ने दिसम्बर 2011 में नंबूदरी के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसमें आईटी ऐक्ट की धारा 66ए भी (आपत्तिजनक और खतरनाक संदेश भेजने) भी शामिल थी। पुलिस के मुताबिक नंबूदरी सिरुसेरी स्थित टीसीएस में बतौर सॉफ्टवेयर इंजिनियर काम करता था, जो अपनी एक सहकर्मी के प्रति आकर्षित हो गया। परन्तु जब उसके सहकर्मी ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो नंबूदरी ने अप्रैल 2011 से उसे कई आपत्तिजनक और अपमानजनक ईमेल भेजने प्रारंभ कर दिए। एक बार जब वह महिला आधिकारिक काम से अमेरिका गई तो नंबूदरी ने उसके बारे में अश्लील कंटेंट कंपनी के हेड को ईमेल कर दिया। नंबूदरी ने फोटोशॉप टूल की मदद से महिला की नग्न तस्वीर उसके भाई को भेज दी। चेन्नई लौटने के बाद महिला ने इस पूरे मामले की शिकायत सीबीसीआईडी की आईटी शाखा में कराई। इसके बाद पुलिस ने नंबूदरी के खिलाफ मामला दर्ज किया। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आईटी ऐक्ट की धारा 66ए को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिए जाने के बाद न्यायालय अदालत शायद श्रीनाथ को आरोपमुक्त घोषित करते हुए बरी कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विशेष सरकारी वकील मैरी जयंती ने कहा, 'नंबूदरी इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लगातार उसे परेशान करता रहा। न्यायालय ने आईटी ऐक्ट की धारा 67 (ई माध्यम से किसी आपत्तिजनक कंटेंट को प्रसारित या प्रकाशित करना), 506 (ii) (जान से मारने या चोट पहुंचाने की धमकी), और 509 (महिलाओं के सम्मान को चोट पहुंचाता कोई शब्द कहना या कोई अभद्र इशारा करना) इसके साथ ही तमिलनाडु राज्य महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम 1998, के तहत अपराधी माना।

सर्वोच्च न्यायालय ने 66A को अस्पष्ट बताते हुए इसे रद कर भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में वृद्धि किया है लेकिन अन्य कानून जैसे एक्ट ऑफ डिफेमेशन, आई पीसी की धारा 499, सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने पर लगने वाली धारा 153 A, धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर लगने वाली धारा 295A, और सी आर पी सी 95A, अश्लीलता से संबंधित धारा 292 अभी अपनी जगह मौजूद हैं। कंटेप्ट ऑफ कोर्ट और पार्लियामेंटरी प्रिवेलेज के प्रावधान भी जारी हैं। इसके साथ ही भारतीय संविधान का 19 (1) (1) भी आपकी उलूल जुलूल हरकतों और कलम पर पाबंदी के लिए पूर्व से ही उपस्थित हैं। इसके तहत विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर 6 तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। साथ ही मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 भी आपके गलत इरादों पर लगाम लगाने के लिए खड़ी है। 

महाराष्ट्र की दो लड़कियों के साथ ही कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी आदि ऐसे लोग हैं, जो  इस कानून के तहत जेल की हवा खा चुके हैं।सोशल मीडिया में कमेंट की वजह से मुम्बई की दो छात्राओं की गिरफ्तारी के बाद साइबर कानून की धारा 66 ए को चुनौती दी गई थी। श्रेया सिंघल नामक छात्रा व सामाजिक कार्यकर्तृ ने एक याचिका दायर कर रखी थी । इस मामले में याचिकाकर्ता एक एनजीओ, मानवाधिकार संगठन और एक कानून की विद्यार्थिनी थी। इन याचिकाओं पर याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर इस कानून के दुरुपयोग का इल्जाम लगाया था। याचिकाकर्ताओं का दावा यह भी था कि यह कानून अभिव्यक्ति के उनके मूल अधिकार का उल्लंघन करता है।66 ए के मामले पर लम्बी सुनवाई के बाद 27 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता श्रेया सिंघल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

सर्वोच्च न्यायालय के जज जस्टिस जे चेलमेष्वर,आर एफ नरीमन की पीठ ने इन याचिकाओं के सुनवाई के दौरान कई बार इस धारा पर सवाल उठाए थे। वहीं केन्द्र सरकार एक्ट को बनाए रखने की वकालत करती आ रही थी। केन्द्र ने न्यायालय में कहा था कि इस एक्ट का इस्तेमाल गंभीर मामलों में ही किया जाएगा। 2014 में केन्द्र ने राज्यों को एडवाइज़री जारी कर कहा था कि ऐसे मामलों में बड़े पुलिस अफसरों की इजाजत के बगैर कार्रवाई न की जाए।

हालाँकि सरकार ने इस याचिका के विरोध में कहा है कि यह एक्ट वैसे लोगों के लिए है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक चीजें पोस्ट कर शान्ति को खतरा पहुँचाना चाहते हैं। सरकार ने न्यायालय में इस एक्ट के बचाव में यह दलील दी कि क्योंकि इंटरनेट की पहुँचअब बहुत व्यापक हो चुकी है इसलिए इस माध्यम पर टीवी और प्रिण्ट माध्यम के मुकाबले ज्यादा नियमन होना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने याचिकाकर्ता श्रेया सिंघल की याचिका पर फैसला सुनाते समय कहा है कि,” धारा को समाप्त करना होगा क्योकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगने वाले न्यायसम्मत प्रतिबंधों के बहुत आगे चली गई है। बहस, सलाह और भड़काने में अंतर होता है। बहस और सलाह लोगों को नाराज करती हो उन्हें रोका नहीं जा सकता। विचारों से फैले गुस्से को कानून व्यवस्था से जोड़कर नहीं देखा जाए।“ न्यायालय में फैसला सुनाते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा कि यह धारा (66 ए) साफ तौर पर संविधान में बताए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को प्रभावित करता है। इसको असंवैधानिक ठहराने का आधार बताते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रावधान में इस्तेमाल 'चिढ़ाने वाला', 'असहज करने वाला'और 'बेहद अपमानजनक'जैसे शब्द अस्पष्ट हैं क्योंकि कानून लागू करने वाली एजेंसी और अपराधी के लिए अपराध के तत्वों को जानना कठिन है। बेंच ने ब्रिटेन की अलग-अलग अदालतों के दो फैसलों का भी उल्लेख किया, जो अलग-अलग निष्कर्षों पर पहुँची कि सवालों के घेरे में आई सामग्री अपमानजनक थी या बेहद अपमानजनक थी। पीठ ने कहा, एक ही सामग्री को देखने के बाद जब न्यायिक तौर पर प्रशिक्षित मस्तिष्क अलग-अलग निष्कर्षों पर पहुँच सकता है तो कानून लागू करने वाली एजेंसियों और दूसरों के लिए इस बात पर फैसला करना कितना कठिन होता होगा कि क्या अपमानजनक है और क्या बेहद अपमानजनक है। न्यायालय पीठ ने कहा, कोई चीज किसी एक व्यक्ति के लिए अपमानजनक हो सकती है तो दूसरे के लिए हो सकता है कि वह अपमानजनक नहीं हो। सुनवाई के दौरान राष्ट्रिय जनतांत्रिक गठबन्धन सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन को खारिज कर दिया कि इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कुछ प्रक्रियाएं निर्धारित की जा सकती हैं कि विवादों और सवालों के घेरे में आए कानून का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। 

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का एक महत्वपूर्ण संदेश यह भी झलकता है कि कार्यपालिका और विधायिका अपने विभिन्न क्रियाकलापों से देश की जनता के भरोसे को जब-तब तोड़ती रहती है,परन्तु जनता के मूलभूत अधिकारों में छेड़छाड़ से न्यायालय कोई समझौता नहीं करेगा। अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 19 के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की व्यापक जनहितकारी व्याख्या करते हुए इसमें असहमति का अधिकार और जानने का अधिकार भी शामिल होने को दोहराया है। इंटरनेट के आने के बाद सोशल मीडिया ने आम जनता की सहमति- असहमति, अर्थात समर्थन-विरोध और जानने के अधिकारों को नई धार देकर समाज की एक कमी को पूर्ण करने कार्य किया है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से लोकतंत्र के मन्दिर कहे जाने वाली हमारी विधायिका या संसद पर भी एक प्रश्नवाचक चिह्न लगा है। संसद का काम है कि राष्ट्रहित में कानून बनाए और कानून बनाने में उसकी विभिन्न धाराओं-पक्षों पर विस्तार से चर्चा करे, परन्तु विगत कुछ दशकों का इतिहास इस बात का साक्षी है कि अनेक कानून आनन-फानन में पूरी तरह से विचार-विमर्श किए बिना ही पारित कर दी गए । सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2008 में भी अन्य विभिन्न संशोधनों के साथ धारा 66ए को शामिल किए जाने की प्रक्रिया लोकसभा में आधे घंटे से कम समय में पूरी कर ली गई। फिर दूसरे ही दिन राज्यसभा में भी इसे बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया। इस तरह से बने कानूनों का चरित्र कई बार जनविरोधी और राष्ट्रहित विरोधी होता है। आशा है कि हमारे देश की विधायिकाएं इस फैसले से कुछ सबक अवश्य लेंगी, वर्ना उनके द्वारा बनाये गये, पारित किए गए जनता से सम्बंधित कानून अर्थात अधिनियम इसी तरह विवादों , सवालों और न्यायालयों के घेरे में आती रहेंगी ।

भारतवर्ष का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष, सहिष्णु और उदार समाज की गारंटी देता है। संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मनुष्य का एक सार्वभौमिक और प्राकृतिक अधिकार है और लोकतंत्र, सहिष्णुता में विश्वास रखने वालों का कहना है कि कोई भी राज्य और धर्म इस अधिकार को छीन नहीं सकता। परन्तु यह भी सत्य है कि राष्ट्र में शान्ति, सुरक्षा, अस्मिता और विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए देश में इससे सम्बंधित अधिनियम होने अत्यंत आवश्यक हैं ताकि किसी की राष्ट्रीय , धार्मिक, सामाजिक भावना आहत न हो और न किसी की निजता का ही उल्लंधन हो।


-अशोक “प्रवृद्ध”
गुमला 

बिहार में अब डॉक्टर 70 की उम्र में होंगे रिटायर

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 बिहार के सरकारी चिकित्सकों की सेवा अवधि 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया गया है। 


गुरुवार को राजधानी के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के स्थापना दिवस समारोह में नीतीश ने कहा कि चिकित्सक की उम्र जितनी बढ़ती है, अनुभव भी उतना ही बढ़ता है। मरीज अनुभवी चिकित्सक से इलाज कराने में अधिक संतुष्ट होते हैं। समारोह का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने मंच पर बैठे प्रधान सचिव को डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने और संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों की सेवा नियमित करने की दिशा में कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। कहा कि 31 करोड़ रुपये से एनएमसीएच में ट्रॉमा सेंटर सह इमरजेंसी का निर्माण किया जायेगा। 

उन्होंने नालंदा मेडिकल कॉलेज में 200 सीट की क्षमता वाले नवनिर्मित गल्र्स हॉस्टल एवं अस्पताल में बने नर्सिंग स्कूल भवन का उद्घाटन किया। कहा कि एनएमसी में एमबीबीएस के लिए पहले 50 सीट पर नामांकन होता था। इसे बढ़ाकर सौ किया अब 250 करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने कॉलेज की ओवर ऑल टॉपर अंजलि कुमारी, एमबीबीएस के 11 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, 26 को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। मौके पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी 150 करोड़ की इन योजनाओं का किया शिलान्यास भी किया।

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार आठ अप्रैल को होगा

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मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार 8 अप्रैल को हो सकता है. सूत्रों की मानें तो मोदी कैबिनेट में होने वाले इस विस्तार में जहां 4 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है वहीं इस मौके पर दो मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है.

तीन राज्य मंत्रियों का प्रमोशन भी संभव है. इनमें राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राजीव प्रताप रूडी और मनोज सिन्हा को केबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.  बिहार के बक्सर से सासंद अश्विनी चौबे को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया जाअगा. बिहार में चुनाव के मद्देनजर सरकार का यह बड़ा फैसला है.

सूत्रों के अनुसार मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में जहां पीडीपी की महबूबा मुफ्ती समेत शिवसेना के अनिल देसाई को शामिल किए जाने की संभावना है वहीं मोदी कैबिनेट से केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला समेत दो मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला को राज्यपाल बनाया जा सकता है.

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (02 अप्रैल)

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एलबीएस की साख पर लगा दिया बट्टा, नौकरी का झांसा देकर रखा एक महिला को महीनों रखा अकादमी में
  • शक के दायरे में आए अकादमी के अपर निदेशक, कथित तौर से फरार महिला ने लगाए गंभीर आरोप
  • 20 लाख में तय की थी लाइब्रेरी में डीडी की नौकरी, एसडीएम का फर्जी आईकार्ड किया गया था जारी
  • गार्ड के कमरे में रहने का वसूला गया किराया

देहरादून,2 अप्रैल। एलबीएस अकादमी में महीनों रहने के बाद बाहर की गई महिला पर जासूसी से लेकर अन्य गंभीर आरोप तक लगाए जा रहे थे। अब महिला ने जुबां खोली तो पता चला कि सारा खेल अकादमी में नौकरी देने के नाम पर बीस लाख रुपये वसूलने का था। इस खेल के लिए अफसरों ने अकादमी की साख तक को दांव लगा दिया। इस मामले में सीधे तौर पर शक के दायरे में अकादमी के अपर निदेशक सौरभ जैन आ रहे हैं। मामले की गंभीरता से जांच हो तो कई और अफसरों की लिप्तता का भी खुलासा हो सकता है।  रूबी चैधरी नामक एक महिला के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में रहने और अचानक ही गायब होने का मामला पिछले दो रोज से सुर्खियों में हैं। पुलिस इस महिला को तलाशने की बात कर रही थी। एक न्यूज चैनल ने इस रूबी को देहरादून में ही तलाश कर लिया। न्यूज चैनल से लाइव बातचीत में इस महिला ने न केवल एलबीएस अकादमी के अपर निदेशक सौरभ जैन पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि दून पुलिस को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। इस महिला ने बताया कि एलबीएस के अपर निदेशक से उसकी मुलाकात दिल्ली में एक कार्यक्रम में हुई। इस अफसर ने एलबीएस में डिप्टी डायरेक्टर (लाइब्रेरी) के पद पर नौकरी देने का सौदा 20 लाख में किया। दो बार में पांच लाख रुपये देने के बाद उसे अकादमी में बुलाया गया। वहां उसे देवसिंह नाम के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी को आवंटित कमरे में रहने को कहा गया। बकौल रूबी चैधरी अपर निदेशक ने उसके नाम से एसडीएम का परिचय पत्र बनाकर दिया। उसने कई बार आपत्ति की कि उसे तो लाइब्रेरी में नौकरी मिलनी है तो एसडीएम का आईकार्ड क्यों बनाया गया है। इस पर कहा गया है कि लाइब्रेरी वाला पद जल्द ही खाली हो रहा है। तब तक अकादमी में रहने के लिए इसी कार्ड का सहारा लो। रूबी ने बताया कि देवसिंह नामक कर्मी उससे हर माह 1500 रुपये कमरे के किराए के रूप में लेता था। पिछली साल 29 सितंबर को वह पहली बार अकादमी में गई थी। उसके बाद कई बार आना-जाना हुआ और लंबे समय तक वह अकादमी में ही रही। राष्ट्रपति का कार्यक्रम हुआ तो उसे पूरी यूनिफार्म में आने को कहा गया। उस वक्त राष्ट्रपति के साथ ग्रुप फोटो में वह भी शामिल है। रूबी ने कहा कि 29 मार्च को उसे अकादमी से जाने को कहा गया, क्योंकि राष्ट्रपति को दौरे की तैयारियां शुरू हो रही थीं। बकौल रूबी उसके अकादमी से जाने के बाद उसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। और अब उसे ही फंसाने की साजिश रची जा रही है। रूबी का कहना है कि यह बात ठीक है कि उसने रिश्वत देकर नौकरी लेने की कोशिश की है। लेकिन आज से जमाने में लोग ऐसे ही काम करवा रहे हैं। महिला ने इस बात की जानकारी होने से इंकार किया कि उसकी तरह से ही कुछ अन्य लोग भी अकादमी में रह रहे हैं। रूबी ने बताया कि मसूरी पुलिस के साथ ही दून के एसपी सिटी अजय सिंह उसके साथ लगातार फोन पर बात कर रहे हैं। रूबी ने कहा कि बड़े अफसरों को बचाने के लिए उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस ने अभी तक उससे कोई पूछताछ तक नहीं की है। बार-बार फोन पर कहा जा रहा है कि जल्द ही मसूरी पुलिस उससे पूछताछ करेगी। रूबी के इस खुलासे से एलबीएस अकादमी के साथ ही दून पुलिस में भी हड़कंप मचा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस का जांच का रुख क्या रहता है और एलबीएस की साख को दांव पर लगाने वालों पर किस हद तक शिकंजा कसता है।

दून पुलिस की हरकत से अंजान डीजीपी सिद्धू
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ अफसर इस महिला की खोज की बात करते रहे तो दूसरी तरफ दून पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने विधानसभा के सामने स्थित एक गेस्ट हाउस में रूबी के रुकने की व्यवस्था की। आलम यह है कि पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू भी इस महिला के बारे में कोई भी जानकारी होने से इंकार करते रहे।

कहीं फर्जी अफसर बनाने का रैकेट तो नहीं
इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद यह आशंका भी जताई जा रही है कि आईएएस अफसरों को ट्रेनिंग देने वाले इस ख्यातिलब्ध लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण संस्थान में फर्जी अफसर बनाने वाला कोई रैकेट तो सक्रिय नहीं है। जिस तरह से रूबी को बकायदा एसडीएम का आई कार्ड जारी किया गया, उससे इस आशंका को और बल मिल रहा है। कहा जा रहा है कि कहीं पैसों का खेल करके किसी को आईएएस बनाकर न भेज दिया गया हो।

एसएसपी बनने को बेताब आईपीएस, बढ़ते अपराधें से दून एवं हरिद्वार में बदलाव के संकेत
  • एसटीएफ को भी मिलेगा नया प्रभारी

देहरादून,2 अप्रैल। पुलिस प्रशासन में अब फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो रही है। कई जनपदों में अपराधों की आई बाढ़ के बाद कुछ कप्तानों को बदलने की तैयारी की है। हरिद्वार एवं देहरादून जिलों में पिछले कुछ महीनों से संगीन अपराधें के कारण कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। दून में एसएसपी के पद पर डीआईजी स्तर के अधिकारी की तैनाती से भी आईपीएस अफसरों की एक लाबी असंतुष्ट नजर आ रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही दून के एसएसपी की विदाई कर दी जाएगी। सरकार के लिए हरिद्वार एवं देहरादून जनपदों में कानून-व्यवस्था एक चुनौती बन गई है। दोनों जनपद बेहद महत्वपूर्ण हैं और कानून व्यवस्था की सबसे बुरी स्थिति इन्हीं दो जनपदों में हैं। हरिद्वार में जहां दिनदहाडे़ लूट, चोरियां, हत्याएं हो रही हैं तो वहीं राजधनी देहरादून मे भी हत्या कर शवों को फेंक कर भाग जाना सबसे अधिक सुगम हो रहा है। चोरियों की स्थिति तो यह है कि अब खुद पुलिसकर्मियों ने भी इसकी गिनती करना बंद कर दिया है। सरकार भी कानून व्यवस्था के इस खस्ताहाल से चिंतित है और इन दोनों जनपदों के एसएसपी को हटाने के साथ ही दूसरे जनपदों में भी नए प्रभारियों की तैनाती की तैयारी की जा रही है। राजधानी होने के नात दून में कानून व्यवस्था चाक-चैबंद होनी चाहिए। लेकिन सबसे बुरे हाल इसी जनपद में हैं। विडंबना तो यह है कि ताबड़तोड़ अपराधों के बावजूद भी एसएसपी पुष्पक ज्योति अब तक ऐसा कोई कारनामा कर पाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं जो दून की जनता को राहत दे सके। उस पर उनके पुलिस उप-महानिरीक्षक पद पर प्रोन्नती के बावजूद एसएसपी पद पर बने रहने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर पर आईपीएस अफसरों की वह लाबी बेहद असंतुष्ट है जो देहरादून के कप्तान की कुर्सी पर अपनी ताजपोशी की प्रतीक्षा में हैं। आईपीएस अफसरों की इस नाराजगी का आभास शासन को हो चुका है और अब दून में जल्द ही नए एसएसपी की तैनाती की तैयारियां की जा रही हैं। दून में नए एसएसपी की तैनाती को लेकर सरकार भले ही प्रोन्नति को कारण बता सकती है। लेकिन सही बात तो यह है कि खुद सरकार के कुछ नुमाइंदे दून की कानून व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी अफसरों की ‘रिशफलिंग’ का काम तेजी से चल रहा है। कल ही आईजी जीएन गोस्वामी एवं डीआईजी एपी अंशुमन के विभाग बदले गए हैं। इसी क्रम में अब प्रदेश के कुछ जनपदों की भी बारी आने वाली है। सूत्र बताते हैं कि दून एवं हरिद्वार के लिए एसएसपी के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। माना जा रहा है कि इस फेरबदल में एसटीएफ को भी नया एसएसपी मिलेगा। कहा जा रहा है सरकार छोटे जनपदों में किसी भी प्रकार के बदलाव के पक्ष में नहीं है।

देहरादून के आई बैंक को मिला दुनिया के सबसे कम उम्र के नेत्रदाता का नाम, अब आंखों से जिंदा रहेगा नन्हें अर्जुन का नाम
  • जन्म के सातवें दिन ही दुनिया से हो गया था रुखसत, आठ साल बाद पूरी हो सकी अर्जुन के मां-बाप की मांग

देहरादून, 2 अप्रैल। अर्जुन भले की इस दुनिया में महज सात दिन ही रहा। लेकिन उसके मां-बाप की एक पहल ने आज उसका नाम अमर सा कर दिया। जब किसी को अपनी आंखों में रोशनी की जरूरत होगी तो उसे अर्जुन के पास ही जाना होगा। इस तरह अर्जुन अब इस दुनिया में आंखों से जिंदा रहेगा। अभी दो रोज पहले ही सरकार ने दून के गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में स्थापित सूबे के पहले आईबैंक का नाम अर्जुन रखने का फैसला किया। शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि यह अर्जुन कौन हैं। आइए हम बताते हैं इस अर्जुन की कहानी। 
ऊधमसिंह नगर के गदरपुर शहर निवासी व्यापारी संदीप चावला और रीना चावला के घर आज से आठ साल पहले 4 मई-2007 को एक शिशु का जन्म हुआ। पूरे परिवार ने खुशियां मनाईं और इस शिशु को नाम दिया गया अर्जुन। जन्म के दो-तीन रोज बाद ही पता चला है कि अर्जुन किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित है। पहले शहर में इलाज कराया कोई फायदा न होने पर अर्जुन को उसके मां-बाप बरेली ले गए। वहां भी डाक्टरों ने कहा कि इसका इलाज उनके पास संभव नहीं है। 11 मई को बरेली से लौटते वक्त रास्ते में ही अर्जुन की मौत हो गई। मां-बाप ने तत्काल ही बच्चे की आंखें दान करने का फैसला ले लिया। उन्होंने सोचा कि अर्जुन को किसी न किसी रूप में जीवित रखने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता। कई जगह संपर्क करने के बाद दंपति को पंतनगर स्थित नेत्रदान केंद्र के बारे में पता चला। वहां बात की उन्हें तत्काल ही रुद्रपुर जिला चिकित्सालय पहुंचने को कहा गया। दंपति अर्जुन के शव को लेकर वहां पहुंचे तो डा. इला सिंघल और डा. उदय शंकर ने सर्जरी करके अर्जुन की आंख से कार्निया को सुरक्षित निकाला और दिल्ली के वेणु नेत्र चिकित्सालय भेज दिया। इसके बाद चावला दंपति से अर्जुन के नाम को जिंदा रखने की मुहिम शुरू की। सबसे पहले लिम्का बुक आफ रिकार्डस ने अर्जुन का नाम सबसे कम उम्र के अंग दान दाता के रूप में अंकित किया। इंडिया बुक रिकार्ड में भी अर्जुन का नाम दर्ज है।
इसके बाद चावला दंपति ने अर्जुन के नाम से आईबैंक का नाम रखने की मुहिम शुरू की। 2007 के बाद से सभी मुख्यमंत्रियों से इस बारे में मिलकर अपनी गुहार लगाई। लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी एक पखवाड़े पहले ही कुछ लोगों ने चावसा दंपति का बात मुख्यमंत्री हरीश रावत से करवाई। सीएम ने इस पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। अब विभागीय प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने सूबे के पहले आई बैंक का नाम अर्जुन रखने के बारे में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। भले ही अब अर्जुन इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उसका नाम अमर हो गया है।

एक और हाउसिंग ग्रुप पर निगाहें तिरछी इस ग्रुप के सभी प्रोजेक्ट की जांच का उच्च स्तरीय आदेश
  • गोल्डन फारेस्ट जमीन कब्जाने की आशंका, पनाश वैली को नहीं मिलती दिख रही राहत

देहरादून,2 अप्रैल (निस)। करोड़ों की लागत वाले पनाश वैली प्रोजेक्ट को तो फिलवक्त कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। अलबत्ता एक और हाउसिंग प्रोजेक्ट सरकार की निगाहें तिरछी होती दिख रही है। इस ग्रुप के सभी प्रोजेक्ट्स की जांच अदंरखाने चल रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बारे में औपचारिक आदेश जारी हो सकते हैं। पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच आगे बढ़ने के साथ ही इस प्रोजेक्ट पर संकट और गहराता जा रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी इस प्रोजेक्ट की जांच आगे बढ रही है। अबलत्ता अब जांच की रफ्तार धीमी जरूर हो गई है। इस प्रोजेक्ट का प्रबंधन जिला प्रसाशन की ओर से जारी एनओसी निरस्त करने और एमडीडीए की ओर से मानचित्र निलंबित करने के आदेशों के खिलाफ स्थगनादेश हासिल करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट तक की शरण ले चुका है। हाईकोर्ट ने फौरी तौर पर तो कोई राहत नहीं दी है। लेकिन संबंधित पक्षों से जवाब जरूर मांगा है। अब सरकारी मशीनरी तमाम सबूतों के साथ नैनीताल हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करके अब तक की गई कार्रवाई को जायज ठहराने की तैयारी में है। इस बीच सरकारी तंत्र की निगाहें एक और बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट की ओर घूम गई है। इस ग्रुप के शहर में दो स्थानों पर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस ग्रुप का पहाड़ में एक बेहतरीन रिसोर्ट भी है। सूत्रों ने बताया कि सरकारी तंत्र को पता है कि इस ग्रुप ने देहरादून में समय-समय पर तैनात रहे राजस्व अफसरों की मदद से गोल्डन फारेस्ट की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस प्रोजेक्ट ने अपनी खुद की जमीन में ही गोल्डन फारेस्ट की जमीन को भी शामिल करके बहुमंजिला अपार्टमेंट बनाकर बेचे जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि इसकी भनक मिलते ही इस हाउसिंग प्रोजेक्ट की कुंडली भी खंगाली जा रही है। अगर पहली नजर में कुछ गड़बड़ी मिली तो पूरे प्रोजेक्ट ही गहन जांच का औपचारिक आदेश जारी किया जा सकता है। इस समय देहरादून शहर में चल रहे विभिन्न आवासीय प्रोजेक्ट पर पहले से ही तमाम तरह की अनियमितताएं बरतने के आरोप लगते रहे हैं। ये रसूखदार लोग किसी न किसी तरह से मामले को दाखिल दफ्तर करने में सफल होते रहे हैं। पनाश वैली मामले में पहले तो लगा कि कुछ हो हल्ला मचने के बाद सब शांत हो जाएगा। लेकिन जांच में मामला बेहद गंभीर मिलने के संकेत सामने आए तो सरकारी सिस्टम की सक्रियता बढ़ रही है। माना जा रहा है कि पनाश वैली से सबक लेकर ही सरकारी तंत्र अब दूसरे प्रोजेक्ट की ओर निगाहें जमा रहा है।

अपनों के लिए 1995 की यूपी की महायोजना के आधार पर जमीन को माना आवासीय, मुफ्त में बदल दिया भू-उपयोग
  • लाखों से राजस्व को सरकार को लगा दिया गया चूना, एक हिस्से से वसूला शुल्क दो बड़ा हिस्सा किया फ्री
  • सहस्त्रधारा रोड पर प्राइम लोकेशन पर है जमीन, साढ़े पांच हेक्टेयर भूमि पर पहले से है बाउंड्रवाल

देहरादून,2 अप्रैल। राजधानी देहरादून में  जमीनों का गोरखधंधा है कि जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब ऐसे ही एक मामले में अफसरों ने साढ़े पांच हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग कृषि से आवासीय कर दिया। इतना ही नहीं सवा दो हेक्टेयर जमीन से भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क वसूला गया। लेकिन  अपनों को फायदा पहुँचाने के लिए सवा तीन हेक्टेयर जमीन को यूपी के समय के एक आदेश को  आधार बनाकर बगैर परिवर्तन शुल्क वसूल किए ही कृषि से आवासीय बना दिया गया है। सहस्त्रधारा रोड पर प्राइम लोकेशन में साढ़े पांच हेक्टेयर जमीन पर वर्तमान में  केवल बाउंड्रीवाल बनी हुई है। राजस्व अभिलेखों के अनुसार यह जमीन मौजा आमवाला उपरला परगना परवादून सदर में आती है। इसका खसरा नंबर 2 से 5, 7 से 29, 55 से 58 और 60 से 66 तक है। हालाँकि ये खसरे  नंबर पुराने हैं। लेकिन अब ये नए खसरे में नंबर बदल चुके हैं। इतना ही नहीं  इस पूरी जमीन का भू-उपयोग बदल दिया गया है। पहले यह जमीन कृषि में दर्ज थी। अब आवास विभाग के सचिव ने इसे आवासीय में बदल दिया है। इस शासनादेश में कहा गया है कि पुराने खसरा नंबर 2 से 9 तक का रकबा 21190 वर्ग मीटर (लगभग सवा दो हेक्टेयर) का भू-उपयोग परिवर्तन कृषि से आवासीय करने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में निम्न महायोजना से उच्च महायोजना में परिवर्तन के बारे में जारी शासनादेश के अनुसार भू-स्वामी से परिवर्तन शुल्क जमा कराया जाए। यहां तक तो लगता है कि मामला केवल प्रभाव में या फिर किसी ओर वजह से महज भू-उपयोग परिवर्तन का है। लेकिन इसी आदेश का पैरा तीन तमाम संदेह पैदा कर रहा है। इसमें कहा गया है कि शेष जमीन (आदेश में पुराने खसरा नंबरों का उल्लेख किया गया है) को 1995 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के समय में एक अधिसूचना के तहत कृषि से आवासीय में परिवर्तित किया जा चुका है। इस 32960 वर्ग मीटर (लगभग सवा तीन हेक्टेयर) को देहरादून की महायोजना 2005-2025 में फिर से आवासीय दर्शा दिया गया है। इस महायोजना के बारे में मिली आपत्तियों से भी साफ हो रहा है कि यह जमीन पहले से ही आवासीय थी। इस नई महायोजना में कृषि भूमि दर्शाया जाना त्रुटिपूर्ण या फिर महज एक विसंगति है। ऐसे में इस जमीन को कृषि से आवासीय में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाती है। ये भू-उपयोग परिवर्तन त्रुटि सुधार है। ऐसे में इस मामले में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का प्रश्न ही नहीं उठता। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर यूपी के समय ही महायोजना के आधार पर ही आज भी भू-उपयोग तय किया जाना है तो फिर महायोजना 2005-2025 की जरूरत ही क्या है। पूरी महायोजना में ऐसे सैकड़ों मामले होंगे, जिनमें यूपी की महायोजना में भू-उपयोग कुछ और होगा दून की महायोजना में कुछ और। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या राज्य गठन के 15 साल बाद भी यूपी की महायोजना से तय किया जाएगा कि किस जमीन का भू-उपयोग क्या है। जाहिरा तौर पर इसका सवाल न ही होगा। क्योंकि अगर ऐसा किया जाएगा तो मौजूदा महायोजना की अहमियत ही क्या रह जाएगी। लेकिन इस खास मामले में यूपी की महायोजना को आधार मानकर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगा दी गई है।

स्वराजगार बढ़ाने में आगे आये नाबार्ड: हरीश रावत

harish rawat
देहरादून, 02 अप्रैल,(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर राज्य अतिथि गृह में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सी.पी.मोहन एवं अन्य अधिकारियों ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नाबार्ड चारधाम यात्रा मार्गो पर स्माॅल मार्केट बनाने में सहयोग करे। इसके साथ ही स्कूल, अस्पताल आदि सरकारी भवन बनाये, जिसके लिए राज्य सरकार भूमि उपलब्ध करायेगी। प्रदेश में छोटी-छोटी औद्योगिकी इकाईयों की स्थापना में मदद करें। कम से कम एक हजार लोगो के लिये विजनेस सेंटर स्थापित करने में मददगार हो, जो स्वयं सहायता समूह के विस्तार के रूप में पहचान बना सकें। नाबार्ड राज्य सरकार के साथ मिलकर पुल और सड़क निर्माण के कार्य में भी आगे आये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नाबार्ड इन सभी बिन्दुओं पर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर, राज्य सरकार को भेजे। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के साथ इस माह के द्वितीय सप्ताह में पुनः उच्च स्तरीय बैठक की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बजट 2015-16 में राज्य सरकार द्वारा जनहित में महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गई है। इन योजनाओं में क्रियान्वयन में भी नाबार्ड सहभागी बने। उन्होंने कहा कि मेरा गांव मेरी सड़क योजना, मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए शुरू की दीवार सुरक्षा योजना, पशुपालन कालेज स्थापना, चाल-खाल योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार करना आदि में नाबार्ड सहभागी की तरह कार्य करे। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 02 व 25 मेगावाट तक की लघु बिजली परियोजनाआंे के लिए अलग से नीति बनायी गयी है। इन परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए भी नाबार्ड आगे आये। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सी.पी.मोहन ने बताया कि नाबार्ड उत्तराखण्ड के विकास में सहभागी बनना चाहता है। इसके लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग दिया जायेगा। श्री मोहन ने कहा कि नाबार्ड नये क्षेत्रों को चिन्हित कर उनके समग्र विकास के लिए कार्ययोजना बना रहा है। इसके लिए अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठन पर जोर दिया गया है। इस अवसर पर नाबार्ड के डी.जी.एम.ए.के.पाडरी, वी.के.बिष्ट, आर.पी.सिंह, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।

सर्विस निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण होगा: राधा रतूड़ी

देहरादून, 02 अप्रैल,(निस)। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार वर्तमान में सर्विस निर्वाचक नामावलियों का 01 जनवरी, 2015 की अर्हता तिथि के आधार पर नए सिरे से गहन पुनरीक्षण किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि सर्विस निर्वाचक नामावली में नियमानुसार नाम सम्मिलित करवाए जाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 15 मार्च,2015 तक प्रारूप संख्या-2, 2। एवं 3 में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि नियत की गई थी। उन्होंने बताया कि पूर्व नियत कार्यक्रम में संशोधन करते हुए आयोग द्वारा सर्विस निर्वाचक नामावली में नियमानुसार नाम सम्मिलित कराए जाने हेतु अब 16 अप्रैल 2015 तक नियत प्रारूपों पर आवेदन करने हेतु तिथि निर्धारित की गई है। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित गढवाल राईफल्स लैन्सडौन, एस.एस.बी श्रीनगर-रानीखेत, आई.टी.बी.पी सीमाद्वार देहरादून, कुमांयू रेजीमेंट रानीखेत एवं बी.ई.जी. रूडकी तथा देश के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सेनाओं एवं अभिलेखों आदि के अन्तर्गत तैनात उत्तराखण्ड के सैन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों, विदेश सेवा में तैनात प्रवासी भारतीय नागरिकों से अपील की हैं कि वह उत्तराखण्ड राज्य की सर्विस निर्वाचक नामावली में अपना नाम सम्मिलित करवाने के लिए उक्त प्रारूप पर निर्धारित तिथि तक अपना आवेदन पत्र अनिर्वायतः प्रस्तुत कर लें।

संस्कृत भाषा को दुनिया व जनज न तक पहुंचे विद्वान करें उपाय: राज्यपाल
  • संस्कृत को है उत्तराखण्ड की दूसरी राजभाषा का दर्जा

देहरादून, 02 अप्रैल,(निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने संस्कृत भाषा की समृद्धता से दुनिया के अधिक से अधिक लोगों को परिचित कराने में संस्कृत विश्वविद्यालय की सक्रियता सुनिश्चित करने की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण निर्देश व सुझाव दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि इंटरनेट व कम्प्यूटर के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में तेजी लाने की दृष्टि से एक विशेष साफ्टवेयर विकसित किया जाना चाहिए। संस्कृत को उत्तराखण्ड की दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया है ऐसे में संस्कृत विश्वविद्यालय का यह दायित्व है  कि वह इसके उन्नयन के लिए हरसंभव प्रयास करे। विश्वविद्यालय द्वारा, बहुमूल्य प्राचीन संस्कृत साहित्य के ‘डिजिटलाइजेशन’ जैसे महत्वपूर्ण कार्य को प्रारम्भ किया जाए। इसके लिए एक समयबद्ध कार्य योजना यथाशीघ्र बनाने के साथ ही कम्प्यूटर व इंटरनेट जैसे आधुनिक संचार तंत्र पर संस्कृत साहित्य की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर भी ध्यान केन्द्रित हो। इससे दुनिया के उन बहुत से लोगों को सुविधा होगी जो संस्कृत के प्रति जागरूक और जिज्ञासु हंै। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की है कि ‘डिजिटलाइजेशन’ कार्य के अलावा संस्कृत साहित्य व पुस्तकों का हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में अनुवाद का कार्य भी समानान्तर रूप से शुरू किया जाए। संस्कृत पढ़ रहे लोगों को अन्य भाषाओं की श्रेष्ठ पुस्तकों में निहित ज्ञान से लाभान्वित करने की दृष्टि से राज्यपाल ने कहा कि कुछ विश्वविख्यात लेखकों की पुस्तकों का चयन करके उन्हें संस्कृत में अनूदित करने का कार्य भी विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि इन सभी प्रयासों से संस्कृत भाषा साहित्य को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी। संचार क्रान्ति के इस आधुनिक युग में संस्कृत के संरक्षण, संवर्धन और उपयोगिता सिद्ध करने का यह एक बेहतर तरीका हो सकता है। 

बीएडीपी का मामला गृह मंत्रालय पहंुचा, गृह मन्त्री ने जांच के बाद कार्यवाही का दिया आष्वासन
  • सांसद अजय टम्टा के पत्र के बाद हुई कार्यवाही

देहरादूऩ, 02 अप्रैल(निस)। पिथौरागढ़ जिले के चार विकासखण्डों में वित्तीय वर्श 2014-15 के बीएडीपी बजट आवंटन में बरती गयी गम्भीर अनियमित्ताओं की जांच का मामला गृह मन्त्री राजनाथ सिंह तक पहंुच गयी है। क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा के पत्र पर गृह मन्त्री ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के बाद समुचित कार्यवाही करने का आष्वासन दिया है। गृह मन्त्रालय मामला पहुंच जाने के बाद बीएडीपी से सम्बन्धित चार विकासखण्डों में हलचल मच गयी है। अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र प्रमुखों की भूमिकाओं की जांच की सम्भावना प्रबल हो गयी है। क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा के हवाले से भाजपा जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने बताया कि वित्तीय वर्श 2014-15 में जिले के मूनाकोट, कनालीछीना, मुनस्यारी और धारचूला विकास खण्डों में बीएडीपी के बजट आवंटन में मानकों का खुला उलंघन किया गया है। इस मामले को लेकर 04 फरवरी, 2015 को चारों विकास खण्डों के ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के साथ ही भाजपा मण्डल अध्यक्षों ने प्रधानमन्त्री, सांसद, मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को षिकायती पत्र सौपा था। इस पत्र का संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा ने 28 फरवरी, 2015 को गृह मन्त्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर बीएडीपी में हुई मनमानी की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का आग्रह किया था। 18 मार्च, 2015 को गृह मन्त्री राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सांसद को लिखित पत्र में इस बात की जानकारी दी है कि इस प्रकरण की जांच के बाद उचित कार्यवाही की जायेगी। जिला प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार के स्पश्ट गाइड लाईन के अनुसार भारत की सीमा से लगे गांवों में पलायन रोकने और रोजगार सृजन करने के लिए बीएडीपी की योजना का धन सीमा से लगे गांवों में ही खर्च किया जाना है। इसके लिए अन्तर्राश्ट्रीय सीमा के जीरो प्वाइन्ट को केन्द्र माना गया है। उक्त वित्तीय वर्श में चारों विकास खण्डों में कांग्रेस के क्षेत्र प्रमुखों ने राजनीतिक लाभ के लिए उक्त गाइड लाईन का खुला उलंघन कर अन्तर्राश्ट्रीय सीमा से 30-40 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायतों को बीएडीपी का बजट दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि उदारहरण के लिए धारचूला विकासखण्ड में ग्राम जिप्ती तथा मूनाकोट विकासखण्ड में झूलाघाट ग्राम पंचायत नेपाल से जुड़ा हुआ है। इन दोनों ग्राम पंचायतों को बीएडीपी में एक रूपया भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा  कि इस प्रकार की धांधली चारों विकासखण्डों में की गयी है। उन्होंने कहा कि 17 विभागों द्वारा प्रस्ताव दिये जाने के बाद भी बीएडीपी का धन इन विभागों को नहीं दिया गया। केवल विकासखण्ड कार्यालय और जिला पंचायत को  बीएडीपी का धन दिया गया है। ताकि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ठेके दिये जा सके। उन्होंने कहा कि बीएडीपी के कार्य में धन आवंटन तथा कार्यदायी संस्था के चयन में नियम विरूद्ध कार्य हुआ है। भारत सरकार से बजट के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग भी की गयी है। गृह मन्त्री के पत्र के बाद यह स्पश्ट हो गया है कि बीएडीपी मामले की जांच जल्द ही पूरी हो जायेगी और नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी और क्षेत्र प्रमुखों के खिलाफ उचित कार्यवाही होगी। 

सोनिया पर अभद्र टिप्पणी पर भड़के कांग्रेसी, गिरिराज सिह का किया पुतला दहन 

देहरादूऩ, 02 अप्रैल(निस)उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केन्द्रीय मंत्री गिरराज सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सेानिया गांधी पर की गई अभद्र टिप्पणी की कड़े शब्देां में निन्दा करते हुए आज देहरादून के एस्ले हाॅल चैक पर गिरराज सिंह का पुतला दहन किया गया। गुरूवार दोपहर भारी संख्या में कांग्रेसजन एस्लेहाॅल चैक पर एकत्र हुए तथा उन्हेांने गिरराज सिंह मुर्दाबाद, केन्द्र सरकार मुर्दाबाद के नारे के साथ केन्द्रीय मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया। कंाग्रेसजनों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा सोनिया गांधी पर की गई अभद्र टिप्पणी भाजपा के मानसिक दिवालियेपन का परिचायक है कि भाजपा के लोग सत्ता में आते ही अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं इसीलिए ऐसी अनर्गल एवं अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। कांग्रेसजनों ने कहा कि ऐसा बयान केन्द्रीय मंत्री की विक्षिप्त मानसिकता का परिचायक है तथा उन्हें मंत्रिमण्डल से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा गिरिराज ने न केवल सोनिया गांधी का अपमान किया है बल्कि समस्त भारतीय नारियों का भी अपमान किया है। वहीं महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती कमलेश रमन के नेतृत्व में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी केन्द्रीय मंत्री गिरराज सिंह का पुतला दहन किया। पुतला दहन करने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट, प्रदेश कार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्र शाह, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, प्रदेष सचिव ममता गुरूंग, सदस्यता प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, महिला महानगर अध्यक्ष, कमलेष रमन, प्रदेष सचिव दीप बोहरा, धर्मसिह पंवार, टीका राम पाण्डे, कुंवर सिंह यादव, सावित्री थापा, पार्शद अर्जुन सोनकर, अषोक कोहली, चरणजीत कौषल, महावीर खरोला, अमरजीत सिंह, युवा कांग्रेस प्रवक्ता विजय पाल रावत, टिहरी लोकसभा अध्यक्ष षिवेष बहुगुणा, एनएसयूआई अध्यक्ष ष्याम सिंह चैहान, एनएसयूआई के प्रदेष सचिव दीपक बिश्ट, कुलदीप कुमार, श्रवण राजौरिया, सोमवती, राम बाबू, पायल बहल, अनिल रावत, सत्येन्द्र सिंह पंवार पुश्पा देवी, राधिका षर्मा, सोमवती, बाला षर्मा, माया देवी, बचन डुगरियाल, संगीता देवी, अधीर चमोली, श्रवण राजौरिया, मो0 फैजल, बीना साही, गुरनाम ंिसह राठौर, देवेन्द्र राणा, जगदीष रांगड, विपिन कुमार राज मंसूरी, षकील अहमद, अल्का षर्मा, मंजू, मधु सेमवाल, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, जयावती, सुधा शुक्ला, रीना सिंघल, सुमित्रा देवी, सोमवती, रूबि देवी, कृष्णादेवी, सिमरन कौर, कान्ता गर्ग, साहीन प्रवीन, सुनीता धारिया, माल्ती, जयंती, राज कुमारी क्षेत्री, सुषीला देसाई, गोपाल सिंह रावत, देव कमार षर्मा, बिट्टू रावत, मंजू देवी, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे। 

केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए ‘स्टिंग एपलिकेशन’ लाएगी

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आम आदमी को भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम बनाने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक मोबाइल एप विकसित कर रही है जो गोपनीय तरीके से स्टिंग वीडियो और ऑडियो रिकार्ड कर सकता है और सुरक्षित सर्वर पर डाटा को ट्रांसफर कर सकता है.

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार एक मोबाइल एप विकसित कर रही है जो उपयोग करने वालों को गोपनीय तरीके से वीडियो और ऑडियो को रिकॉर्ड करने में सहायक होगा और जिस व्यक्ति की रिकॉर्डिंग की जा रही है उसे पता भी नहीं चलेगा कि उसकी रिकॉर्डिंग की जा रही है. परियोजना से जुड़े उच्चपदस्थ एक सूत्र ने कहा, ‘‘जैसे ही उपयोगकर्ता इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके रिकॉर्डिंग शुरू करेगा फोन का स्क्रीन डार्क हो जाएगा और लगेगा कि फोन बंद हो गया है.’’ यह एप न सिर्फ स्टिंग को गोपनीय तरीके से रिकॉर्ड करेगा बल्कि क्लिप की रिकॉर्डिंग के दौरान अगर फोन क्षतिग्रस्त हो जाता है तो यह डाटा को ट्रांसमिट कर देगा.

अधिकारी ने कहा, ‘‘इंटरनेट कनेक्शन के साथ सभी स्मार्टफोन को सरकार के सुरक्षित सर्वर से इस एप्लिकेशन के जरिए जोड़ दिया जाएगा. जब उपयोगकर्ता कोई वीडियो या ऑडियो रिकॉर्ड करेगा तो यह स्वत: सरकार के सर्वर में स्टोर हो जाएगा. अगर मोबाइल क्षतिग्रस्त होता है तो डाटा नष्ट नहीं होगा.’’

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (02 अप्रैल)

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भाजपा जिला कार्यसमिति की बैठक में सदस्यता एवं आजीवन सहयोग निधि को लेकर हुई चर्चा 
  • मंडलवार समीक्षा की गई, अप्रेल अंत तक चलेगा सदस्यता अभियान 

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झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय कार्यसमिति की बैठक गुरूवार को एक नीजि गार्डन में आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि सांसद एवं प्रदेष भाजपा उपाध्यक्ष दिलीपसिंह भूरिया विषेष अतिथि प्रदेष अजजा मोर्चे के प्रदेषाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह पटेल, थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने की  वही थांदला विधायक कलसिंह भाबर, झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल,  जिला उपाध्यक्ष मनोहर सेठिया, पुरूषोत्तम प्रजापति, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा राजू डामोर, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, कमलेष दांतला  के द्वारा पण्डित ष्यामा प्रसाद मुकर्जी एवं दिनदयाल उपाध्याय के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर सांसद भूरिया द्वारा जिले की 4 जनपदों मे निर्वाचित जनपद अध्यक्षों एवं सरपंचों एवं जिला पंचायत के भाजपा समर्थित विजयी जिला प्रतिनिधियों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया । इस अवसर पर जिला आजीवन सहयोग निधि के जिला प्रभारी कमलेष दांतला एवं सदस्यता महाभियान के जिला प्रभारी विजय नायर द्वारा जिले में आजीवन सहयोग निधि तथा महा सदस्यता अभियान में मंडलवार उपलब्धि की समीक्षा की । स्वागत भाषण देते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने जिले में त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव के साथ ही आजीवन सहयोग निधि एवं सदस्यता महाभियान मेें जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कडी मेहनत के साथ लक्ष्य की और पहूंचने की जानकारी देते हुए कहा कि अभी एक माह का समय और हमे मिला है और अप्रेल अंत तक जिले को 1.50 लाख का सदस्यता का लक्ष्य पूरा करने के लिये मेहनत करना है ।साथ ही उन्होने आजीवन सदस्यता अभियान की भी मंडलवार उपलब्धि की जानकारी देते हुए प्राप्त शेष राषि का तत्काल जमा करवाने का आव्हान किया । उन्होने पूर्णकालिक अजय कुष्वाह द्वारा जिले में सदस्यता अभियान को लेकर किये गये प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया ।तथा अब एक मोबाईल से 20 सदस्य बनाये जाने के बारे में हुई व्यवस्था के बारे में भी बताया ।उन्होने बताया कि भाजपा अब विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी बन चुकी है तथा प्रदेष ने भी अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है । हमे भी अपने जिले के लक्ष्य को समयावधि पूर्व ही जिम्मेवारी के साथ पूरा करना है । प््रादेष भाजपा अजजा मोर्चे के  गजेन्द्रसिंह पटेल एवं प्रदेष के सदस्यता अभियान के सहप्रभारी ने  अपने संबोधन में भाजपा की सदस्यता अभियान की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देष में अभी तक 8 करोड 95 लाख भाजपा के सदस्य बनाये जाचुके है । और भाजपा केन्द्रीय निकाय ने अवधि एक माह और बढा दी है । उन्होने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेष दोनों में भाजपा की ही सरकार है इसलिये सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जनसामान्य को पहूंचाने में हमारी जिम्मवारी बढ गई है । उन्होने कहा कि आगामी 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर जिला स्तर से लेकर गा्रम एवं षहरी केन्द्र तक इस दिवस को मनाना है तथा लोगों को एकत्रित करके भाजपा की रीति नीती के बारे में जानकारी देना है । हमे एकात्म मानवतावाद के ध्येय को लेकर गा्रम एवं षहरी केन्द्रों तक जाकर इस दिन कार्यक्रम आयोजित करना है । वही 14 अप्रेल को बाबा साहेब आम्बेडकर की जयन्ती को समरसता दिवस के रूप में मंडल स्तर तक आयोजित करना है । उन्होने कहा कि सदस्यता अभियान में महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है और आगामी समय में संगठन में भी 33 प्रतिषत तक महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित होना है ।उन्होने बताया कि भाजपा का ही अनुकरण करते हुए ही कांग्रेस ने भी इसी प्रकार का सदस्यता अभियान शुरू किया है । सषक्त भाजपा बनाने के लिये कार्यकर्ताओं को पूरे मनोवेग से काम करना होगा । संासद दिलीपसिंह भूरिया ने अपने प्रेरक उदबोधन में सदस्यता अभियान को सक्रियता से पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 10 माह की अवधि में ही अनेको कल्याणकारी एवं जनहितैषी योजनाओं को लागू किया है । जनधन योजना गैस सबसीडी आदि के बारे में विस्तार से बोलते हुए उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार का भूमि अधिग्रहण कानून किसानों के हित सरंक्षण को देखते हुए ही बनाया है । गा्रमों में अस्पताल, स्कूल तालाब आदि के लिये जमीन का सरकार अधिग्रहण करती है तो यह जनता की भलाई के कार्यो की ही है ।उन्होने कहा कि भाजपा के सदसयता अभियान में प्राणपण से जुट कर कार्य को पूरा करके अपने जिले एवं प्रदेष को आगे का स्थान दिलाना है ।उन्होने कहा कि भाजपा विकास के लिये लड रही है और जनज न की भलाई एवं कल्याण के साथ ही आदिवासियों के सर्वागिण विकास के लिये हम कैसे काम करे इस पर भी विचार करना जरूरी है ।हम सत्ताधारी पार्टी के लोग है और गरीबों व शोषित वर्गो के विकास के लिये हमे अपनी सकारात्मक भूमिका निभाना है । बैठक में पिछले दिनों भाजपा पदाधिकारियों के साथ हुई घटना तथा पुलिस विभाग की भूमिका को लेकर सभी ने एक मत से अपना आक्रोष भी व्यक्त किया तथा पुलिस प्रषासन की कार्यवाही को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की । बैठक में  हेमंत भटृ, भंवरसिंह बिलवाल,संगीता सोनी, विष्वास सोनी,ष्यामा ताहेड,दुर्गा पडियार, ज्योति बामनिया, बहादूर भाबर, देवलीष्यामा ताहेड, मेगजी अमलीयार, गोपालसिंह पंवार,सहित जिले के सभी मंडल अध्यक्ष, पदाधिकारी, मोर्चा प्रकोष्ठो के अध्यक्ष सदस्य उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन प्रवीण सुराणा ने किया तथा आभार राजू डामोर ने माना ।

पष्चिम मुखी हनुमान मंदिर पर तीन दिवसीय जन्मोत्सव समारोह आज से होगा
  • आमंत्रण पत्र का किया लोकार्पण 

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झाबुआ ---नगर एवं अंचल के एक मात्र पष्चिमीमुखी हनुमान मंदिर पर प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी  त्रि दिवसीय अनुमान जयन्ती महोत्सव धुमधाम से मनाये जाने को लेकर नगर के गणमान्य नागरिकों एवं मीडिया प्रमुखों की बैठक सर्कीट हाउस स्थित पष्चिम मुखी हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित कर आमन्त्रण पत्र के लोकार्पण का आयोजन किया गया । इस अवसर पर षिवगंगा के प्रमुख महेष शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, यषवंत भंडारी, अजय रामावत, मोहनलाल माहेष्वरी, हरिीााई पटेल, बाबुलाल अग्रवाल अतिथि के रूप  में उपस्थित थे तथा सामूहिक रूप  से आमंत्रण पत्र का लोकार्पण किया । इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे ने कहा कि चाहे आकार में यह मन्दिर छोटा जरूर है कि किन्तु यह अलौकिक एवं चमत्कारिक स्थल है । जहां सभी दूर हनुमानजी की प्रतिमाये दक्षिण मुखी होती है वही नगर में यह मंदिर पष्चित मुखी होकर काफी प्रसिद्ध एवं चमत्कारिक स्थान के रूप में जाना जाता है । श्री दुबे ने कहा कि समिति बडा ही सराहनीय कार्य कर रही है तथा उनकी पूरी मदद इस कार्यक्रम में मिलती रहेगी । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी हनुमान जयंती  आयोजन की प्रसंषा करते हुए  जिले भर में हनुमानजी के प्रति गा्रमीण जनता में पिछले कुछ बरसों में आई आस्था के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि आज हर गांव में हनुमान जयन्ती पर कुछ न कुछ छोटा बडा आयोजन जरूर होने लगा है यह सब धर्म जागरण का प्रभाव है । उन्होने जिले में षिवगंगा अभियान के तहत स्थापित किये गये षिव लिंगों का जिक्र करते हुए कहा कि षिवगंगा ने समाजोत्थान के साथ ही धर्म जागरण का कार्य करके एक नई इबारत लिखी है । षिवगंगा प्रमुख महेष शर्मा ने अपने उदबोधन में हनुमानजी  को महाषक्ति निरूपित करते हुए कहा कि जो राष्ट्र मे जन्मता है वही राष्ट्र पुरूष होतात है । उन्होने कहा कि महापुरूषो को पूजने की परम्परा के जहत जिस भक्ति भावना से पूजा की जाती है वह विचारों के परिवर्तन का द्योतक है । उन्होने बच्चों में हनुमानजी के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिये आवष्यकता बताते हुए कहा कि हनुमानजी को उनकी शक्ति का भास श्रीराम एवं जामवंत जी ने कराया तो वे तत्पर हुए और राम काज को पूरा करने में अपनी भूमिका निभाई। भक्ति किसी को भी जोडने की प्रक्रिया है जो प्रकिया में जुड गया वह भक्त होता है और जो विभक्त हो गया तो उसके टूकड हो गये इसलिये अब हमे एक होने की आवष्यकता है । जुडने की अलग ही ताकत होती है। मन से मन को जोडना ही भक्ति है प्रारंभ से पूर्णता की ओर जोडना भी भक्ति है । कार्यक्रम का संचालन करते हुए यषवंत भंडारी ने भी हनुमानजी के चमत्कारिक स्वरूप के बारे में अपने विचार व्यक्त किये । त्रिदिवसीय आयोजन में  आज 3 अप्रेल को रात्री 8 बजे से श्री हनुमान चालिसा के 108 पाठ के साथ चमेली के तेल से हनुमानजी का अभिषेक किया जावेगा । 4 अप्रेन हनुमान जयंती पर प्रातः 6 बजे जन्मोत्सव की महाआरती होगी व सायंकाल 8 बजे से बजरंगबाण पाठ होगें । 5 अप्रेल को प्रातः 8 बजे से  मारूती यज्ञ एवं महाआरती के साथ ही दोपहर 12-10 से महाप्रसादी भंडारे का आयोजन होगा । इस अवसर पर दिनेष भिडे, राधेष्याम पटेल  लंकेष, देवेंद्र पंचाल महेष राठौर, सचिन बेरागी, आलोक ,जितेन्द्रषाह हेमेन्द्र पंवार, सहित बडी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे । स्नेह भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।

20 लाख की लागत के सीसी रोड का किया भूमि पूजन

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झाबुआ---नगर के वार्ड क्रमांक 13 किषनपुरी में नगरपालिका द्वारा 20 लाख की लागत से निर्मित किये जाने वाले सीसी रोड का भूमि पूजन गुरूवार को  विधायक शांतिलाल बिलवाल,जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया द्वारा भूमिपूजन का गेतू चला कर कार्य का श्रीगणेष करके किया गया । नेषनल हाईवे आदर्ष रोड से  फिल्टर प्लांट कडकनाथ फार्म 20 लाख की लागत के 300 मीटर लम्बे सी सी रोड के भूमि पूजन के अवसर पर विजय नायर,  मेजिया कटारा, सईदुल्लाखान पार्षद, संजय षाह, बबलु सकलेख नरेन्द्र सिंह पंवारष् विवके मेडा पुरण पालीवाल, शांतिलाल पालिवाल, नंदलाल रेड्डह, दिनेष बैरागी, अजय गणावा, संजय बारिया, जगदीष राठौर, ललीत मोहनिया, राूमसिंह भूरिष चिंटू हिहोर  जयदेव दवण्डे, डा हितेष अत्रे, विक्की भाबर सहित बडी संख्या में वार्डवासी उपस्थित थे ।

प्रषासन के आदेष के बाद भी कत्लखाने एवं मांस विक्रय चालू रहने की निंदा की 

झाबुआ---प्रदेष सरकार द्वारा महावीर जयन्ती सहित प्रदेष भर में 12 विभिन्न त्यौहारों पर प्रदेष भर मे कत्ल खाने बंद रखे जाने के प्रसारित निर्देषों के पालन में 17 मार्च को जिला कलेक्टर ने नगर सहित पूरे जिले में  राम नवमी एवं महावीर जयन्ती को कत्लखाने बंद करने के आदेष प्रषासकीय तौर पर जारी करने के बाद भी इस आदेष की अवहेलना की गई तथा झाबुआ नगर में ही नगरपालिका के पास कत्लखानों में मांस की दुकाने चालू रही तथा कतलखाने भी बंद नही रहे । इसे लेकर जैन सोष्यलग्रुप मैत्री ने इस कृत्य की घोर निंदा करते हुए अपना आक्रोष व्यक्त किया ।मैत्री संघ के अध्यक्ष मनोज बाबेल,सदस्यगण नीरज गादिया,जय भंडारी, रिंकू रुनवाल,संजय गांधी एवं नीतिन मोदी गौर पोरवाल भरत बाबेल,षालीन धारीवाल,दीपक चैधरी आदि ने इस कृत्य की धोर निंदा करते हुए प्रषासन से इस और कार्यवाही करने का अनुरोध किया है ।

बाल हनुमान को 1111 लड्डूओं का भोग अर्पित होगा 

झाबुआ ---स्थानीय बाल हनुमान मंदिर पानी की टंकी के सामने हनुमान जयन्ती के पावन अवसर पर 4 अप्रेल को पुरी आस्था के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया जावेगा मंदिर समिति के अनुसार प्रातः 6-30 बजे महाआरती की जावेगी तथा प्रातः 5 बजे से महिला मंडल द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया जावेगा तथा आरती के समय बाल हनुमानजी को 1111 लड्डूओं का नैवेद्या अर्पण किया जावेगा ।

तीन दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव आज से, 5 अप्रेल को होगा महाआरती एवं महाप्रसादी का भव्य आयोजन

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झाबुआ---स्थानीय हनुमान टेकरी पर श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति द्वारा तीन दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव शुक्रवार से भव्य रूप से मनाया जाएगा। जिसकी व्यापक तैयारियां समिति द्वारा पूर्ण कर ली गई है। समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रण-पत्र भी दिए जा चुके है। इसके साथ ही गुरूवार को मंदिर पर भी संपूर्ण तैयारियां पूर्ण की गई। 5 अप्रेल को मंदिर में महाआरती एवं महाप्रसादी का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति के जीवन पडियार ने बताया कि समिति द्वारा तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन 3 अप्रेल से किया जाएगा। निर्धारित किए गए कार्यक्रमों के अनुसार 3 अप्रेल को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक अखंड श्री राम-नामजी का जाप सत्त 12 घंटे तक भक्तजनों द्वारा किया जाएगा। शाम को शिव पुराणजी पर आधारित प्रश्न-मंच प्रतियोगिता आयोजित होगी। रात्रि में प्रसिद्ध कथा वाचक पं. अनिरूद्धजी मुरारी द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। रात्रि में जागरण भी किया जाएगा। इसी प्रकार 4 अप्रेल को सुबह 6 बजे जन्मोत्सव आरती होगी। इसके पश्चात् सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। भक्तजनों द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर दिनभर में लगभग 1008 बार सामूहिक रूप से श्री हनुमान चालीसाजी का पाठ किया जाएगा। शाम को भजनों पर आधारित डांस प्रतियोगिता रखी गई है। रात्रि 8 बजे से उज्जैन से आई पार्टी द्वारा भजनों की समधुर प्रस्तुतियां दी जाएगी। यह कार्यक्रम देर रात तक चलेगा।

महाआरती एवं महाप्रसादी का होगा आयोजन
5 अप्रेल को हनुमान जयंती मनाते हुए सुबह 8 बजे पंच कुंडीय मारूति यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में होगा। दोपहर सवां 12 बजे महाआरती की जाएगी। इसके पश्चात् महाप्रसादी (भंडारे) का भव्य आयोजन किया जाएगा, जो शाम लगभग 5 बजे तक चलेगा। समिति द्वारा तीन दिवसीय महोत्सव धूमधाम से मनाए जाने हेतु पूर्व तैयारियां शुरू कर दी गई है।

समिति ने की अपील
समिति के अध्यक्ष प्रेमअदीपसिंह पंवार, राकेश झरबड़े, पल्लूसिंह चैहान, गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, महेश नागर, सुभाष गिधवानी, विवेक दुबे, दिनेश चैहान, सुधीर कुश्वाह, अशौक चोहान, अरूण भावसार, सुशील सिसौदिया, प्रदीप सोनी, लक्ष्मीनारायण सोनी, संजय खंडेलवाल, किर्ती देवल, रूक्मणी वर्मा, सीमा चैहान आदि ने तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने की अपील जिलेवासियों से की है।

साज रंग की डांस वर्कशॉप में मशहूर कोरियग्राफर विक्रम मोहन सीखाएंगे बैले और सालसा.

झाबुआ--- भारत के मशहूर कोरियोग्राफर विक्रम मोहन झाबुआ में साज रंग की डांस वर्कशॉप में डांस सीखाएंगे । विक्रम मोहन के देश ही नहीं विदेशों में कई शिष्य हैं जो अपने गुरू का नाम रोशन कर रहे हैं । विक्रम मोहन दिल्ली के रहने वाले  हैं । जहां वे वॉक्स-पॉप  स्टूडियो डांस स्टूडियो संचालित करते हैं । विक्रम मोहन के शिष्य डांस इंडिया डांस, इंडियास् गोट टेलैंट, बुगी-वुगी जैसे डांस रियलटी शो में अपनी हुनर का लोहा मनावा चुका हैं । विक्रम मोहन को वेस्टर्न डांस जैसे बैले, जैज,मार्डन डांस, सालसा,टैंगो, चाचा, कंटेम्परैरी आदि में महारथ हासिल है । विक्रम मोहन सोनी टीवी के लिए डांस-डांस कार्यक्रम भी बना चुके हैं । इसके साथ उन्हें साल 2007 में बेस्ट थियटर कोरियोग्राफर का महिन्द्रा अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है । डांस की इस वर्कशॉप में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी साजरंग कार्यालय संपर्क कर सकते हैं । डांस की वर्क शॉप में भाग लेने की 10 साल से ऊपर के सभी भाग ले सकते हैं । काम-काजी महिलाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी रहेगी ।

चार हजार की अवैध शराब जब्त आरोपी गिरफ्तार 
   
झाबुआ--- थाना थांदला पुलिस के द्वारा आरोपी रवि पिता सोहन भाबर, उम्र 32 वर्ष निवासी अम्बेडकर नगर के कब्जे से 15 क्वाटर प्लेन अंग्रेजी 03 बीयर कीमती 4,115 रूपये की जप्त की गई। प्रकरण में थाना थांदला मंे अपराध क्रमांक 86/15 धारा 34-ए आबकारी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिय गया।

सर्प दंश से मोत
        
झाबुआ---फरियादी मिकेल पिता बदिया मेडा, उम्र 35 वर्ष निवासी रामपुरा ने बताया कि रजिला पति मिकेल मेडा, उम्र 34 वर्ष निवासी रामपुरा अपने घर के पिछे लकडी लेने गयी थी। अचानक दाहिने पैर पर संाप के काटने से मृत्यु हो गयी। थाना मेघनगर में मर्ग क्र0 06/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पशु क्रुरता अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध, ट्रक मे पांच गाय व दस केडे मृत

झाबुआ---मुखबिर की सचूना के आधार पर आरोपियों के कब्जे से 24 गाय, जिसमें 05 गाये मृत अवस्था में व 10 केडे, ट्रक क्र0 एमएच-18-एम-6942 में परिवहन करते जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 67/14, धारा 427 भादवि एवं 4,6,9 म0प्र0 गौवंश अधि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हिमाचल की विस्तृत खबर (02 अप्रैल)

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प्रदेश सरकार प्रभावित किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाएगी:मुख्यमंत्री 

virbhadra singh
शिमला,02 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश सरकार ने उन किसानों और बागवानों, जिन्होंने बागवानी मिशन की प्रारम्भिक अवस्था के अन्तर्गत भारी भरकम ऋण लिए थे, को राहत प्रदान करने का बड़ा फैसला लिया है। सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके बचाव में आई है और उन प्रभावित किसानों, जिन्होंने पूर्व में पॉलीहाउस निर्माण करने के लिए पहले ही सहायता प्राप्त की है और पुन: पॉलीहाउस लगाने के इच्छुक हैं, को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।  मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज कहा कि जो किसान 4000 वर्गमीटर तक के पॉलीहाउस का निर्माण करना चाहते हैं, सरकार उन्हें इसके लिए विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में यह अनुदान 50 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन किसानों और बागवानों के लिए यह एक और मौका है, जिन्होंने पहले ऋण का लाभ प्राप्त किया था। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा के उपरांत सरकार ने उन सभी किसानों को जो योजना के अन्तर्गत प्रभावित हुए हैं, की मांग पर रोपण सामग्री पर भी 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, बागवानी विभाग की मिशन के अन्तर्गत एकीकृत बागवानी विकास सहित सभी योजनाएं एवं गतिविधियों से प्रभावित किसानों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित किसानों की प्रमाणिकता और उन्हें सहायता आबंटन के तौर-तरीकों तथा उन्हें दिवालियापन से बचाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। यह भी निर्णय लिया गया है कि बागवानी विभाग प्रभावित किसानों के प्रमाणीकरण और उन्हें सहायता आबंटन के तौर-तरीकों के लिए 15 दिनों के भीतर विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करेगा। यह कहना न्याय संगत होगा कि बागवानी मिशन 2003-04 के अन्तर्गत पॉलीहाउस निर्माण के लिए 50 प्रतिशत सहायता प्रदान करने का प्रावधान था। चंद किसानों और बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के बावजूद अन्य अनेकों किसानों ने इनसे प्रेरित होकर तकनीक को अपनाया और पॉलीहाउस स्थापित करके उच्च मूल्यों की फसलों की पैदावार आरम्भ की। इन किसानों ने बड़े पैमाने पर फूल की खेती को अपनाया और सब्जियों का उत्पादन भी शुरू किया। हालांकि योजना के अन्तर्गत पॉलीहाउस स्थापित करने के लिए वे केवल 50 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर रहे थे और किसानों ने रोपण सामग्री जिस पर प्रति वर्गमीटर 800 से 1000 रुपये के करीब खर्च आना था, के लिए बैंकों से बड़े ऋणों का प्रबन्ध किया।  बागवानी मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने कहा कि बहुत से किसानों और बागवानों के पॉलीहाउस की तकनीक नई थी। इन किसानों ने बैंकों से भारी ऋण लिए लेकिन किसानों को इससे अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो सके और उन्हें भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा, जिसके चलते किसान ऋण की अदायगी की स्थिति में नहीं थे। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग को आवश्यक बैठकें आयोजित करके मामले पर शीघ्र कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने इस दिशा में उठाए गए कदमों की समीक्षा करने और कृत कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। किसानों की सहायता के लिए सरकार उनके ऋणों की मूल राशि पर ब्याज अथवा दंड ब्याज को समाप्त करने के लिए बैंकों के साथ बैठकें आयोजित कर वन टाईम सेटलमेंट की संभावनाओं को तलाशेगी। विभिन्न किसानों संघों से उन्हें नुकसान की भरपाई एवं राहत प्रदान करने सम्बन्धी प्राप्त प्रस्तावों की जांच के उपरांत विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।

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दशहरा मैदान में लगातार छटवें दिन भी जारी रहा अतिथि शिक्षको का महाआदोलन ।

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भोपाल - म.प्र में प्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहै डेढ़ लाख अतिथि शिक्षको ने सरकार के खिलाप मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भर से आये अतिथि शिक्षको  ने  टी.टी. नगर दशहरा मैदान में लगातार छटवें दिन भी आदोलन किया। नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षक  28 मार्च 2014 से दशहरा मैदान में अनिष्चितकालीन धरना पर बैठै हुये है। धरने पर बैठै अतिथि शिक्षको ने बताया कि दिल्ली राजस्थान उत्तर प्रदेश सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित कर चुकी है। लेकिन म.प्र. में अतिथि शिक्षकोँ के साथ दोहरा वर्ताव हो रहा है। 

अन्य राज्यो की तरह ही म.प्र. सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित क्यो नही करती ।  सीहोर जिले के बुधनी से आये अतिथि शिक्षक  रामरतन सिह ने वताया कि राज्य सरकार के लिये यह शोभनीय नहीं है कि अतिथि शिक्षकों को मनरेगा की मजदूरी दर से भी कम पारिश्रमिक मिले और अपने चपरासी को तो 11 हजार से अधिक का वेतन दे एवं बच्चों का भविष्य निर्माण करने वाले उच्च शिक्षित अतिथि शिक्षकों को 2500, 3500 और 4500 रूपये माहवार में ही टरका रही है। यह तो अतिथि शिक्षकों से बेगार कराने जैसी शर्मनाक स्थिति है। अतिथि शिक्षको ने बताया कि जब तक सरकार नियमितीकरण का आदेश नही देती तब तक आदोलन जारी रहेगा। 






बिहार : प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर में 6 पुरूष और 6 महिलाओं का पैर धोया गया

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  • तीन घटनाओं का रस्म अदायगी पूरा किया गया पवित्र वृहस्पतिवार 
  • डेनिस सान्तनु साह के घर पर हुआ अंतिम व्यालू 

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पटना। ‘मैंने गुरू और प्रभु होकर भी धोये पैर तुम्हारे, तुने भी है धोना सबके जो है भाई तुम्हारे‘ मधुर गीत के बीच में 6 पुरूष और 6 महिलाओं का पैर धोया गया।संत माइकल उच्च विघालय के सामने स्थित प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के परिसर में 6 हजार की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जाॅनसन केलकत, फादर अनिल मिंज,फादर सुशील साह ने मिलकर 12 शिष्यों का पैर धोया। पुराना और नया विधान में उल्लेख है कि ईसा मसीह के 12 शिष्य पुरूष थे। महिला शिष्या होने के बाद भी ईसा ने पुरूष को ही शिष्य माना और पैर धोया और अंतिम व्यालू का भोजन साथ में किया। यहीं लोग धर्मप्रचारक बने। जो ईसा के द्वारा पुरोहिताभिषेक भी किए गए। 

मौके पर प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जाॅनसन केलकत ने कहा कि आज बहुत महत्वपूर्ण दिन है। ईसा मसीह ने दीनहीन बनकर 12 शिष्यों का पैर धोए। उनसे अपेक्षा किए कि जिस प्रकार हम कर रहे हैं, उसी तरह संसारभर के लोगों के साथ किया करों। 12 शिष्यों को पुरोहित के रूप में पदोन्नत किए। जिसे पुरोहिताभिषेक कहा जाता है। 12 शिष्यों के साथ भोजन करके परमप्रसाद की स्थापना किए। यदुवंशी नगर,अल्पना रोड में स्थित एस.वी.पी.काॅनोनी में रहने वाले डेनिस सान्तनु साह के घर पर अंतिम व्यालू का भोजन किया गया।ईसा मसीह के प्रतिनिधित्व करने वाले शिष्य हैं, जिनका पैर इस साल धोया गया। सर्वश्री जेवियर लूईस, जय प्रकाश, राज कुमार, क्लारेंस हेनरी, रोबिन जोसेफ, रंजित बेनेडिक्ट और सुश्री सिस्टर वीणा,सिस्टर सोनिया,सिस्टर रेनेटा,सिस्टर अर्पणा,सिस्टर कैथरिन और सिस्टर सुरभि का पैर धोया गया। इस बीच मिस्सा पूजा के मध्य में श्रद्धालुओं के बीच में परमप्रसाद वितरण किया गया। मिस्सा खत्म होने के बाद श्रद्धालुगण देर रात तक परमप्रसाद के आराधना किए। मोहल्ला के अनुसार बांट परमप्रसाद का आराधना किया गया। 

आलोक कुमार 
बिहार 

बिहार : इस साल का अंतिम क्रूस रास्ता को खास बनाकर पेश करेंगे

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  • गुड फ्राइडे के अवसर पर उपवास और परहेज

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पटना। आज गुड फ्राइडे है। आज ही ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाकर मार डाला गया था।इसको लेकर संपूण संसार में मातम है।खासकर ईसाई समुदाय और अन्य लोग गमगीन है।आज के दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दिया गया है। ईसा मसीह के शहादत दिवस गुड फ्राइडे के अवसर परः राजधानी के कई हिस्से में गुड फ्राइडे के अवसर पर अनेकानेक कार्यक्रम होने वाला है। माता कलीसिया के आदेश पर आज तमाम ईसाई समुदाय उपवास और परहेज रखेंगे। आदेश के अनुसार सयाने लोग उपवास करेंगे। वहीं बुजुर्ग और बच्चे परहेज रखेंगे।धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के बाद संध्या समय में उपवास और परहेज तोड़ा जाएगा। 

ईसा मसीह के दुखभोग पर जीवंत झांकीः पहली बार चर्च परिसर के बाहर से क्रूस रास्ता शुरू की जाएगी। कुर्जी पल्ली के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालु लोयला उच्च विघालय में एकत्रित होंगे। सुबह साढ़े पांच बजे से लघु प्रार्थना शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद ईसा मसीह के दुखभोग पर जीवंत झांकी निकाली जाएगी। इस झांकी को देखने के लिए श्रद्धालु रोड पर आगवानी करने के लिए खड़ा रहेंगे। झांकी के अंत में लोग झांकी में मिलते ही चले जाएंगे। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर में पहुंचकर झांकी 14 मुकाम में तब्दील हो जाएगी। यहां पर सुबह साढे़ छह बजे से 14 मुकाम शुरू होगा। इसके बाद दोपहर साढे़ तीन बजे से धर्मविधि शुरू होगी। सेक्रेट हार्ट चर्च,पाटलिपुत्र में तीन बजे से, नोट्रडेम एकेडमी में साढे़ चार बजे से , आईजीआईएमएस में चार बजे से,एक्सटीटीआई में तीन बजे से और संत मेरी , एजी काॅलोनी में भी तीन बजे से धार्मिक कार्यक्रम शुरू होगा। अपने-अपने चर्च में आयोजित धर्मविधि में शामिल होंगे। 

सलीब पर लटके ईसा के उत्पन्न घाव पर करेंगे चुम्बनः चालीस दिनों तक दुख तकलीफ सहने वाले ईसा मसीह। इसके बाद साजिश के तहत महायाजकों के द्वारा सलीब पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया। सिर पर कांटों का ताज पहनाया। दोनों पैरों को  और हाथसलीब लीबसमापन के बाद घर जाकर श्रद्धालु उपवास और परहेज तोड़ेंगे। सद्भावना प्रार्थना सभाः बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक सिसिल साह ने बताया कि 11 बजे से सद्भावना प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। एंग्लो-इंडियन समुदाय के द्वारा कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल में और सेक्रेट हार्ट चर्च,पाटलिपुत्र के लोगों के द्वारा चर्च में रक्तदान कार्यक्रम आयोजित किया जाएंगा। 



आलोक कुमार
बिहार 

विशेष आलेख : वे ही अर्जुन वे ही बान !!!

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पुरुष नहीं, समय होत बलवान, भीलन लूटी गोपिका वे ही अर्जुन वे ही बान। कहने का मतलब है कि जब समय साथ नहीं देता तो व्यक्ति का सारा पराक्रम पुरुषार्थ और पुन्य निरर्थक हो जाते हैं। प्रतीकवादी इस देश में धारणाओं का फलक संकुचित होना स्वाभाविक है। सामाजिक प्रगति के इतिहास की वैज्ञानिक व्याख्या के सिद्धांत के तहत अर्जुन जैसे महापराक्रमी की असहायता के संदर्भ पर यह निष्कर्ष प्रतिपादित होता है कि व्यक्तियों का इतिहास की दिशा निर्धारित करने में कोई मोल नहीं है। भौतिक परिस्थितियां ही अंततोगत्वा निर्णायक होती हैं।

डा. मनमोहन सिंह को जब सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने का फैसला लिया तो उनके जहन में सिर्फ राजनीतिक तौर पर निरापद व्यक्ति का वरण करने की प्राथमिकता नहीं थी लेकिन ऐेसे ही पूर्वाग्रह की वजह से तब राजनीतिक प्रेक्षक कह रहे थे कि डा. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला सोनिया गांधी ने इसलिए किया है ताकि एक-दो साल में जब वे अपने पुत्र राहुल गांधी को अच्छी तरह स्थापित कर लेंगी उस समय मनमोहन सिंह आसानी राहुल गांधी के लिए सिंहासन छोड़कर नेपथ्य में चले जाएंगे जबकि दूसरे नेताओं पर भरोसा करने के मामले में पूरी तरह जोखिम है लेकिन हुआ क्या? मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी ने न केवल पहली पारी पूरी करने दी बल्कि दूसरी पारी के लिए भी उन्हीं को बरकरार रखा। उच्चतम न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध जनप्रतिनिधियों के बारे में किए गए एतिहासिक फैसले को नाकाम करने के लिए मनमोहन सरकार द्वारा प्रस्तावित ïिवधेयक को जब राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से फाड़ डाला तब फिर एक बार मनमोहन सिंह को लेकर अफवाहों का बवंडर उठा। कहा गया था कि मनमोहन सिंह को खलनायक साबित कर पवेलियन भेजने की भूमिका तैयार हो चुकी है और चुनाव के पहले पाप के भरे घड़े को फोडऩे वाले अवतार के रूप में राहुल गांधी को सत्ता हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह दूसरी बात है कि इस अफवाह का गुब्बारा भी पिचक गया और चौदहवीं लोकसभा का चुनाव परिणाम कांग्रेस के खिलाफ आने के पहले तक सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद से टस से मस करने की कोई चेष्टा नहीं दिखाई।
इससे यह साबित होता है कि सोनिया गांधी द्वारा मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का निश्चय तात्कालिक या तदर्थ फैसला नहीं था। अर्थ जगत की तब की अंतर्राष्ट्रीय हलचलों के बीच देश को मजबूती से स्थापित करने के लिए राजनेता की बजाय सरकार में पेशेवर और विशेषज्ञ नेतृत्व इतिहास की जरूरत थी और वैश्विक मंदी के झंझावतों में भारत की आर्थिक प्रगति का जहाज मनमोहन सिंह ने कप्तान के रूप में जिस तरह से गतिमान रखा उससे उन पर सोनिया गांधी द्वारा किया गया यकीन देश के हित की दृष्टि से खरा साबित हुआ। दूसरी बात जो मनमोहन सिंह के वरण की वजह बनी वह थी काजल की कोठरी में निर्मल छवि के नेतृत्व की तलाश। राजनीतिज्ञों की साख के दिवालिएपन के उस दौर में सोनिया गांधी अपने दो दिग्गज स्वयंभू वफादारों पर भरोसा नहीं कर सकीं तो यह स्वाभाविक ही था क्योंकि जहां अर्जुन सिंह की कमीज भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से बुरी तरह मटमैली थी वहीं नारायण दत्त तिवारी की छवि को उनके रंगीन मिजाजी के किस्से तार-तार कर चुके थे। ऐसे में डा. मनमोहन सिंह को आगे लाकर सोनिया गांधी ने बहुुत दूरी की कौड़ी फेेंकी और इसीलिए भाषण देने व प्रेस कांफ्रेंस करने में तमाम कमजोरियों के बावजूद मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को दूसरी बार फिर सरकार बनाने का मौका मिला। भले ही उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के किस्सों की जबरदस्त गूंज रही हो लेकिन विरोधी भी यह कहते रहे कि उन्हें मनमोहन सिंह की नीयत पर कोई संदेह नहीं है और उनकी इस छवि ने संप्रग सरकार के लिए निश्चित रूप से रक्षा कवच का काम किया। आलोचक बस यह कहते रहे कि आश्चर्य इस बात का है कि स्वयं ईमानदार होते हुए भी मनमोहन सिंह ने अपनी नाक के नीचे पनपते घोर भ्रष्टाचार को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की।

इसी बीच हाल में मनमोहन सिंह के खिलाफ सीबीआई की अदालत ने कोल ब्लाक आवंटन में हुई धांधली को लेकर समन जारी कर दिया था। फिलहाल उच्चतम न्यायालय ने इस समन को रोक दिया है लेकिन तकनीकी तौर पर तो उनकी ईमानदारी संदेह के घेरे में आ ही गई है। उड़ीसा के जिस तालवीर-2 कोल ब्लाक को सन् 2005 में बिड़ला की कंपनी हिंडालको के नाम आवंटित किया गया था उसके फैसले में अनियमितताएं पाई गईं और यह धांधली जिस समय हुई कोयला विभाग खुद मनमोहन सिंह के पास था। ईमानदार नेतृत्व के राज में बेईमानी को इतना बढ़ावा ऐसे उदाहरण वर्तमान केवल मनमोहन सिंह ही नहीं हैं। ममता बनर्जी कहती थीं कि उनके पास सामान के रूप में झोले के अलावा कुछ नहीं है। आज भी वे टायर की चप्पलें पहनकर मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभा रही हैं लेकिन शारदा चिट फंड कंपनी घोटाला में संलिप्त तृणमूल नेताओं को उनका पूरा संरक्षण प्राप्त था। आज यह बात छिपी नहीं रह गई। जन लोकपाल के लिए सारे देश में मनमोहन सरकार के खिलाफ तूफान खड़ा कर देने वाले अरविंद केजरीवाल ने कुर्सी पर जमते ही अपनी पार्टी के लोकपाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया। पिछले एक महीने से भी कम समय में पार्टी पर अपनी निरंकुश सत्ता स्थापित करने के लिए उन्होंने निर्लज्जता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। यह जानते हुए भी कि भ्रष्टाचार के वायरस निरंकुशता के प्रदूषण में ही सबसे ज्यादा फलते-फूलते हैं।

जनमानस के लिए मोहभंग का कारण साबित हो रहीं यह परिघटनाएं अचानक नहीं हैं बशर्ते लोग इस विज्ञान से परिचित हों कि कौन से कारकों की प्रवृत्ति क्या होती है और उनकी तार्किक परिणति के नियम क्या हैं। अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टार की फिल्मों के सम्मोहक प्रभाव से ग्रस्त और अवतारवाद की धार्मिक गाथाओं में जीने वाले भोलेभाले भारतीय जनमानस की फंतासी की दुनिया में एक विश्वास छाया रहता है कि ईमानदार आदमी के कुर्सी पर बैठते ही पाप की दुनिया चुटकियों में खत्म हो जाएगी और इस फंतासी की वजह से वह हमेशा ठगा जाता है। वह भूल जाता है कि अपराजेय धनुर्धर अर्जुन तो निमित मात्र हैं, परिस्थितियों के आगे उनके भी अमोघ अस्त्र भौंथरे साबित हो जाते हैं।

मनमोहन सिंह से लगाकर शुरू में बेदाग नजर आने वाले तमाम उक्त नेता जिन परिस्थितियों के दास थे क्या उनके रहते वे अपनी ईमानदारी का हस्तक्षेप व्यवस्था पर दर्ज कराने में सक्षम हो सकते थे। इसी कड़ी में प्रसंग अटल जी का। उन्हें भारत रत्न से नवाजने का फैसला उन नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया जिनके राजधर्म को अटल जी ने अप्रत्यक्ष शब्दों में गर्हित घोषित कर दिया था। क्या अटल जी को भारत रत्न देकर राजकाज की अपनी गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल की शैली का नरेंद्र मोदी ने प्रायश्चित किया है। ऐसा सोचना नादानी होगी। अटल जी ने किसी समय मोदी को यह नसीहत की होगी कि वे राजधर्म का पालन करें लेकिन वे जिन परिस्थितियों के दास थे उनके अधीन रहते हुए अंततोगत्वा उनका रास्ता मोदी से अलग था यह निष्कर्ष पूरी तरह प्रवंचना पूर्ण है। अटल जी का सक्रिय राजनीतिक जीवन के समय अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व रहा है और वर्ग चेतना व व्यक्ति चेतना के बीच की द्वंद्वात्मकता भी इतिहास की विविधता का एक दिलचस्प पहलू है। इसी के तहत पहली बार केेंद्र में मंत्री बनते ही अटल जी ने इंडियन एक्सप्रेस में आरएसएस को चढ़ाने वाला एक लेख लिख डाला था। लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के परिणामों पर संघ विभोर था और उस समय अयोध्या आंदोलन के बारे में उसे अटल जी की असहमतिकारक टिप्पणी बहुत बेसुरी लगी होगी। डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार कहा था कि अटल जी एक प्रतियोगी के तौर पर किसी के भी विनाश के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। अटल जी के कोप की शक्ति का एक नमूना लालकृष्ण आडवाणी और गोविंदाचार्य का भस्मीभूत होना है। यह दोनों संघ के दुलारे थे लेकिन अटल जी के आगे संघ ने इनका बचाव करने से हाथ खींच लिया। समय-समय पर संघ को भी कोंचने से न छोडऩे वाले अटल जी संघ की मजबूरी भी रहे तो इसकी क्या वजह हो सकती है। दरअसल अटल जी संघ के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सबसे बड़े निमित साबित हुए और इसका संज्ञान संघ को शुरू से ही था। अटल जी का प्रधानमंत्री के रूप में मिलीजुली सरकार का कार्यकाल ही संघ के लिए सेंध साबित हुआ जिससे उसने कट्टर हिंदुत्व को सत्ता के दुर्ग में प्रवेश कराने की सुरंग बनाई। फिर मोदी अटल जी की कड़वी नसीहत भूलकर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित क्यों न करें।

किसी अर्जुन के पराक्रम पर आंख मूंदकर विश्वास करने की बजाय भौतिक परिस्थितियों को समझने और उन्हें बदलकर क्रांतिकारी लक्ष्य हासिल करने की दृष्टि भारतीय जनमानस में पता नहीं कब पनपेगी। जब यह होगा सार्थक बदलाव की शुरूआत तभी संभव हो पाएगी।





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के पी सिंह 
ओरई 

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए राज्यों को 6 माह का और समय मिला

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केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं करने वाली राज्य सरकारों को इसे लागू करने के लिए 6 माह का समय और दिया गया है. श्री पासवान ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि अभी तक देश में 11 राज्यों में ही खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में लागू हुए कानून को एक वर्ष में सभी राज्यों में लागू होना था लेकिन कई राज्य सरकारों ने इसे लागू नहीं किया है. 

उन्होंने बताया कि इसे लागू करने के लिए एक साल बाद 6 माह का समय दिया गया था और अब इतना ही समय और बढाया गया है. उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में देश के अन्य राज्य भी खाद्य सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस समय सीमा में यह कानून लागू नहीं करने वाली राज्य सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई तो नहीं की जाएगी लेकिन यह कानून लागू नहीं होने पर राज्य के लोंगों को दो रुपये किलो गेंहू तथा तीन रुपये किलोग्राम चावल के हिसाब से अनाज नही मिलेगा. 

उन्होंने कहा कि ऐसे राज्यों को चार रुपये किलोग्राम गेंहूं तथा 6 रुपये किलोग्राम की दर से चावल मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में यह कानून लागू हो गया है वहां एपीएल एवं बीपीएल श्रेणियां समाप्त हो जाती है तथा सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले सभी परिवारों को इसका लाभ मिलेगा.


आलेख : कर्म करने में स्वतंत्र है मनुष्य

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geeta-darshan
मनुष्य कर्म करने में स्वतंत्र है, परन्तु मनुष्य से इतर जीव-जन्तु कर्म करने में स्वतंत्र नहीं हैंl उनको जैसे-तैसे जीवन  यापन करना पड़ता है,उसमे किसी प्रकार के परिवर्तन का वे विचार नहीं कर सकतेlइस कारण वे यम (परमात्मा की नियन्त्रण शक्ति) के अधीन समझे जाते हैं lवैदिक ग्रन्थों के अनुसार मनुष्य के पथ-प्रदर्शन के लिए उसे वेद ज्ञान ईश्वरीय नियम से प्राप्त होता हैlयह ज्ञान ऐसा नहीं जैसा कि गाय के गले में रस्सा डालकर ग्वाला उसे कहीं ले जाएl यह प्रेरणारूप ही हैl इसे मानना या न मानना मनुष्य के अपने अधिकार में है परन्तु अपने स्वतन्त्रता से किए कर्म का फल वह भोगता हैl श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है-

न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत l
कार्यते ह्यवशः कर्म सर्वः प्रकृतिजैर्गुनैः l l
-श्रीमद्भगवद्गीता 3-5

अर्थात- मनुष्य एक क्षण के लिए भी कर्म के बिना नहीं रह सकताl वह प्रकृति (जिसमें उसका संयोग हुआ है) के गुणों से विवश हो कर्म करता हैl वैदिक मीमांसा भी यही हैl इसके साथ हि श्रीमद्भगवद्गीता में यह भी कहा है-

दूरेण ह्यवरं कर्म बुद्धियोगाद्धनंजय l
बुद्धौ शरणमन्विच्छ कृपणाः फलहेतवः ll 
-श्रीमद्भगवद्गीता 2-49

अर्थात- बुद्धि के योग (सहाय) से किया कर्म अत्यन्त दूर है (सामान्य) कर्म सेl अतः बुद्धि की शरण को ग्रहण करो क्योंकि फल से प्रेरित हो किया कर्म अत्यन्त हीन हैl अभिप्राय यह है कि कर्म किए बिना कोई नहीं रह सकताl इस कारण सोच-विचारकर कर्म करना चाहिएlफल (विषयों) की प्रेरणा से किया कर्म बहुत ही हीन फल वाला होता हैl प्रह्लाद को पूर्वजन्म के संस्कारों के अधीन जन्म-मरण,कर्म फल की मीमांसा का ज्ञान हो गयाl हिरण्यकशिपु के मरने के बाद वह राजा भी बना,परन्तु प्रेरणा का स्रोत अर्थात वेद के विद्वानों को वह अपने देश में ला नहीं सकाl दैत्यों का पुरोहित शुक्राचार्य कहलाता थाl शुक्राचार्य एक पद का नाम है,यह किसी व्यक्ति का नाम नहींlजो कर्म की महिमा को तो जानता है,परन्तु कर्म-अकर्म में भेद करने के लिए बुद्धि का प्रयोग नहीं कर सकता अथवा परमात्मा और उसके ज्ञान की प्रेरणा की अवहेलना करता है, ऐसा आचार्य मिथ्या पथ-प्रदर्शन ही करता हैl ऐसे ही थे दैत्यों के आचार्य शुक्राचार्यl परमात्मा ने मनुष्य के पथ-प्रदर्शन के लिए उसे बुद्धि दी हैlअतः कर्म अथवा कर्म बतलाने वाले किसी भी ग्रन्थ की परख सदा बुद्धि से होती रहे तो मनुष्य भटक भी जाए, परन्तु अन्त में सत्य मार्ग पा ही जाता हैl इसी कारण वैदिक विद्वानों ने कहा है कि वेदार्थ भी तर्क से सिद्ध होने चाहिएlसदा अर्थों को तर्क की कसौटी पर कसते रहने वाला कभी भूल भी करता है तो अपनी भूल को सुधारने का मार्ग सदैव खुला रखता है lप्रह्लाद ने पिता के विरूद्ध विद्रोह तो किया परन्तु पिता को मिथ्या प्ररेणा देने वाले शुक्राचार्य को अपना पुरोहित बनाए रखाlइसका परिणाम यह हुआ कि प्रह्लाद का पुत्र विरोचन पुनः अनीश्वरवादी हो गयाlविरोचन का पुत्र बलि हुआlबलि का पुत्र बाण हुआlबाण महान असुर थाl महाभारत में कहा है-

बलेश्च प्रथितः पुत्रो बानो नाम महासुरः l
- महाभारत आदि पर्व 65-20

इसका कारण उनके संस्कार ही थेl कश्यप-दिति वंश को शुक्राचार्य गुरु मिल गयेlशुक्राचार्य भौतिकवादी था, वह सब कुछ प्रकृति से ही, स्वभाववश उत्पन्न हुआ मानता था lहिरण्यकशिपु शुक्राचार्य का शिष्य था जो नास्तिक और साथ ही दुष्ट प्रकृति का व्यक्ति हुआlअनीश्वरवादी अथवा वे ईश्वरवादी, जो दिखावे के लिए ही परमात्मा को मानते हैं, वे ही प्रकृति से दुष्ट हो सकते हैंl फिर भी यह आवश्यक नहीं कि अनीश्वरवादी अधर्माचरण करने वाला ही होlयद्यपि परमात्मा को स्वीकार न करने वाले जब वैभव सम्पन्न होते हैं तो कर्तव्याकर्तव्य में भेद भूल जाते हैं lकारण यह है कि कर्तव्य का  पालन करने में कुछ उद्देश्य नहीं रह जाता lजब तक मनुष्य हीन और दीन रहता है तब तक वह अपने से बलशाली सांसारिक जीवों से भयभीत दूसरों के साथ धर्मयुक्त व्यवहार रखता है परन्तु जब वह सांसारिक वैभव से युक्त हो स्वयं बलवान बन जाता है तब उसका अनीश्वरवादी होना उसे उलटे मार्ग पर ले जाने में सफल हो जाता हैl ठीक यही बात हिरण्यकशिपु के साथ हुई थी l वह शक्ति से युक्त होकर जब प्रचण्ड बल का स्वामी हुआ तो फिर उसे कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध कराने वाला कोई नहीं थाl परमात्मा नहीं, तो वेद भी नहीं, वेद नहीं तो उसमे वर्णित श्रेष्ठ व्यवहार भी नहीं lबलशाली होने पर परमात्मा तथा कर्मफल और पुनर्जन्म के ही विचार हैं, जो मनुष्य को सन्मार्ग पर आरूढ़ रख सकते हैं अर्थात आस्तिक्य (आस्तिकता) शक्तिशाली मनुष्यों को धर्मयुक्त मार्ग पर आरूढ़ रहने में सहायक होता है l

यही बात प्रह्लाद के सन्तान के साथ हुई थी lप्रहलाद अपने पूर्वजन्म के कर्मफलों से तथा गर्भावस्था में माँ से सुने नारद मुनि के उपदेशों से, परमात्मा पर अगाध विश्वास रखने वाला हो गया था lप्रह्लाद की सन्तान विरोचन और बलि तो कुछ ठीक मार्गों पर चलते रहे परन्तु बाण पुनः नास्तिक हो गयाl विरोचन ने आदित्यो के राजा इन्द्र पर आक्रमण कर दिया था lइन्द्र ने विरोचन को अपने प्रासाद में घुसने तक नहीं दिया lविरोचन के आक्रमण का कारण यही था कि लक्ष्मी जो दैत्यों की कन्या थी, दैत्यों का देश छोड़कर आदित्यों के पास चली गई थी l वहाँ उसका विवाह विष्णु से हो गया l इससे चिढकर विरोचन ने आदित्यों पर आक्रमण कर दिया l विरोचन पराजित हुआ तो शुक्राचार्य ने विरोचन और उसके पुत्र बलि को शक्ति-संचय करने की राय दी lबलि ने शक्ति-संचय कर देवलोक पर आक्रमण कर दिया lतब तक आदित्य आलस्य एवं प्रमादवश दुर्बल हो चुके थे lइस कारण बलि के देवलोक पर आक्रमण करने के कारण इन्द्रादि आदित्यों को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा lकहा जाता है कि बलि ने तीनों लोकों में राज्य स्थापित कर  उन लोगों का दोहन आरम्भ कर दिया थाl इसका अभिप्राय यह हुआ कि समाज में ब्राह्मण,क्षत्रिय तथा वैश्य ही उपजाऊ कार्य करते हैं और बलि ने समाज के इन तीनों अंगों पर अपना आधिपत्य कर लिया था l इनका अर्जित पूर्ण धन लेकर वह यज्ञों में दान कर देता था lआदित्यों में एक अति ओजस्वी और चतुर कुमार था वामनl उसने आदित्यों का राज्य बलि से वापस लेने के लिए एक योजना बनायी और बलि के यज्ञ में जा पहुँचाlउसके ओजस्वी स्वरुप को देख बलि अत्यन्त प्रभावित हुआl बलि यज्ञ में वामन को दक्षिणा देने लगा तो वामन ने कहा कि वह धन-दौलत, रजत, स्वर्ण इत्यादि नहीं लेना चाहताlये वस्तुएँ उसके उपयोग की नहीं हैंl वह तो तीन पग भूमि माँगता हैlयज्ञ में दान देने को वचनबद्ध जब बलि तैयार हुआ तो वामन ने तीनों वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य) की मुक्ति माँग लीl इसे ही पुराणों में तीन पग भूमि कहा हैlजैसे भूमि सब सम्पति का उद्गम स्थान है, इसी प्रकार समाज का पूर्ण धन इन तीनों वर्णों की उपज ही हैlबलि इस दान के देने में हिचकिचाहट करने लगा परन्तु दिए वचन का उसने पालन किया और भूमण्डल के तीनों वर्ण स्वतंत्र हो अपने कर्मों का स्वयं भोग करने लगेl यह भारतीय परम्परा में लिखी इतिहास है और आज के इतिहास की भाषा में यह आदि वैदिक काल की कथा हैlकारण यह ही कि कश्यप इत्यादि अमैथुनीय सृष्टि के जीव थे और बलि कश्यप की चौथी पीढ़ी में ही हुआ थाl उस समय तक लगभग दो सौ वर्ष ही सृष्टि को हुए व्यतीत हुए होंगेlअतः तब तक वैदिक काल ही चल रहा थाl फिर भी सब के सब व्यक्ति वेद विचार को स्वीकार नहीं करते थेlवामन ने भी दान माँगने में चतुराई का प्रयोग किया थाlसामान्य भाषा में इसे छलना कहा जा सकता हैl इस प्रकार स्पष्ट है कि वैदिक काल में भी मनुष्य वैदिक शिक्षा को अस्वीकार करने वाले हुए थेl

यह इस कारण कि मनुष्य कार्य करने में स्वतंत्र है और कार्य पर नियन्त्रण बुद्धि द्वारा ही हो सकता हैl पुनर्जन्म के कर्मफल से सबकी बुद्धि समान नहीं होतीlअतः आदि काल से ही दो प्रकार की प्रवृत्तियों के मनुष्य चले आते है- दैवी और आसुरीl इसका वैदिक काल के होने अथवा न होने से सम्बन्ध नहीं हैlधर्म का सम्बन्ध पूर्वजन्म के संस्कारों एवं शिक्षा-दीक्षा से होता हैlवेदों की भाषा को जानने और वेदार्थ को ठीक समझने से आचरण के ठीक होने का सम्बन्ध नहीं हैlआचरण तो संस्कारों के अधीन चलता हैl





-अशोक “प्रवृद्ध”

भारत ओलंपिक 2024 के लिए कर सकता है दावेदारी

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केंद्र सरकार और राष्ट्रीय ओलंपिक इकाई ने देश में खेल के विकास और ओलंपिक 2024 की संभावित दावेदारी पर चर्चा के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थामस बाक को इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

वर्ष 2013 में आईओसी अध्यक्ष का पद संभालने वाले बाक को यहां प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। वैकल्पिक तौर पर बैठक के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय की गई है। आईओसी अध्यक्ष बनने के बाद बाक की यह पहली भारत यात्रा होगी। जर्मनी के तलवारबाजी के पूर्व ओलंपियन बाक को स्विट्जरलैंड के लुसाने में आईओसी मुख्यालय में खेल सचिव अजित शरण और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने निमंत्रण सौंपा।

बाक के आज आईओए के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करने की भी उम्मीद है। आईओए सूत्रों ने कहा कि सरकार बाक को यह बताना चाहता है कि वह 2024 ओलंपिक खेलों की दावेदारी को लेकर इच्छुक है लेकिन फिलहाल औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं देना चाहता। इस संबंध में कोई सरकारी अधिकारी औपचारिक जानकारी देने को तैयार नहीं है।

शोरूम के चेंजिंग रूम में स्मृति ईरानी को दिखा खुफिया कैमरा

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मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने गोवा के फैब इंडिया की दुकान में एक कैमरा देखा। ये कैमरा चेंजिंग रूम के बाहर लगाया गया था और इसका लेंस चेंजिंग रूम की ओर था। इसके बाद उन्होंने लोकल एमएलए माइकल लोबो को फोन किया और जो वहां पुलिस लेकर आ गए। इसके बाद एमएलए की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई। घटना गोवा के कलंगूट बीच की है।

जानकारी के मुताबिक, गोवा में छुट्टियां मनाने गईं स्मृति ईरानी जब फैब इंडिया के शोरूम में शॉपिंग के लिए गई, तो वहां के चेंजिग रूम का इस्तेमाल करने जा रही थीं, तभी उन्हें वहां पर कैमरा होने का शक हुआ। जब देखा तो चेंजिंग रूप के बाहर एक कैमरा लगा हुआ था। इसके बाद उन्होंने वहां से कैमरा बरामद किया और इसकी खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।

कांग्रेस ने 60 साल में किसानों के लिए कुछ नहीं किया: अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के दुनिया की सबसे पार्टी बनने का श्रेय कार्यकर्ताओं को देते हुये सदस्यों की संख्या दस करोड़ तक पहुंचाने का आहवान किया। शाह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का उदघाटन करते हुये भाजपा के दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने की जानकारी दी, जिसका सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही पार्टी दस करोड़ सदस्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी वित्त मंत्री अरुण जेटली और बाकी नेताओं की उपस्थित में शाह ने मोदी सरकार के कामकाज की जमकर सराहना करते हुये कहा कि सरकार का दस महीने का शासन भ्रष्टाचार मुक्त रहा है और आम आदमी खासतौर से किसानों के हितों की रक्षा के लिये अनेक कदम उठाये हैं। उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध कर रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुये कहा कि इस पार्टी ने साठ साल के शासन में किसानों के लिये कुछ नहीं किया।

शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाने का आहवान करते हुये भरोसा जताया कि इस बार भाजपा अपने दम पर सरकार बनायेगी। उन्होंने कहा कि यह सही है पिछली बार भाजपा और जनता दल यू के गठबंधन ने मिलकर चुनाव जीता था राज्य जंगल राज से विकास के रास्ते पर लाया गया था लेकिन जदयू ने जैसे ही नाता तोडा उसी दिन से वहां पर फिर से जंगलराज शुरू हो गया। उन्होंने इसे जंगलराज दो बताया। नीतीश सरकार को कटघरे में खडा करते हुये उन्होंने कहा कि वह हताश निराश और दिशाहीन है। भाजपा पर ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं, जो दोष उसमे हैं ही नही। सरकार के कामकाज को लेकर आम लोगों में भारी असंतोष है और वे भाजपा को आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।

मोदी सरकार की दस महीनों की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये शाह ने कहा कि वह भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने में सफल रही है और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिये ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान घोटाले पर घोटाले हो रहे थे और पारदर्शिता नाम की कोई चीज नही थी। टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन में एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये तथा कोयला खदान आवंटन में एक लाख 86 हजार करोड रुपये का घोटाला हुआ था और कांग्रेस के सभी बड़े नेता इन घोटालों को मानने के लिये तैयार नही थे, बल्कि उसके नेता कपिल सिब्बल इसे जीरो लॉस (कोई नुकसान नही) बता रहे थे। उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने मात्र 20 कोयला खदानों की नीलामी की है और उनसे सरकार को दो लाख करोड रुपये मिले हैं, जो नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अनुमानों से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि इसमे से अधिकांश राशि पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को जायेगी, जो पश्चिम क्षेत्र की तुलना में पिछडे हैं।

शाह ने भाजपा पर विपक्ष के किसान विरोधी होने के आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता गांव गरीब किसान और मजदूर है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने विश्व व्यापार सेगठन में भारतीय किसानों के हितों के साथ समझौता किया, जिससे किसानों को 2016 तक उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता। इसके उलट भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को एक बार फिर विश्व व्यापार संगठनन में उठाया और उसे स्पष्ट कर दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों के हितो की बलि नही दी जायेगी। कांग्रेस पर भूमि अधिग्रहण में किसानों के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा पिछले साठ साल गलत तरीके से किसानों की जमीन ले रही थी और उन्हें न्याय नही मिल रहा था। अलबत्ता मोदी सरकार ने पुराने कानून में नौ संशोधन  किये हैं और इससे किसानों के हितों पर आंच नही आयेगी।

मजदूरों के लिये लागू की गई पेंशन और बीमा पालिसी की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि वे प्रति मात्र दो सौ से ढाई सौ रूपये जमाकर पांच हजार रुपये तक का पेंशन का लाभ ले सकते हैं और यह लाभ असंगठित क्ष्रेत्र के चालीस करोड मजदूरों को ही नही बल्कि उनकी पत्नी और बच्चों को भी मिलेगा। शाह ने कार्यकर्ताओं से सरकार द्वारा शुरू की गई अनेक योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में मदद करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता जनधन योजना,कौशल विकास कार्यक्रम, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वचछता अभियान और नमामि गंगे जैसी योजनाओं का लाभ पहुंचाने घर घर जायें।  
 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि वह हाल ही में पार्टी से जुड़ने वाले सभी सदस्यों को प्रशिक्षित करेगी। भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि 15 लाख सदस्यों को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ''प्रशिक्षण द्वारा नए सदस्यों को पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता बनाया जाएगा।'' उल्लेखनीय है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में एतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद व्यापक रूप से सदस्यता अभियान शुरू किया था, जिसके बाद पार्टी ने अपने सदस्यों की संख्या 8.67 करोड़ हो जाने का दावा किया है। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बीते सप्ताह ट्वीट कर कहा था कि अकेले उत्तर प्रदेश में पार्टी के सदस्यों की संख्या 1.47 करोड़ हो गई है और इसके साथ ही भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी सदस्य संख्या वाली पार्टी बन गई है। ज्ञात रहे कि पहले यह खिताब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नाम था।

भाजपा तीन महीने में जनता का खोया विश्वास जीता : रघुवर दास

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में एक के बाद एक नौ सरकारें बदलने के कारण विकास की मध्यम गति की बात स्वीकार करते हुए आधारभूत संरचना के निर्माण की वचनबद्धता दोहराई और दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रथम तीन माह में ही राज्य की जनता का खोया विश्वास वापस जीतने में सफलता प्राप्त की है.

मुख्यमंत्री ने यहां कल दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण के बाद से जिस प्रकार यहां अल्प समय में नौ सरकारें बदलीं और बार बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया उससे जन आकांक्षाओं पर सरकारें खरी नहीं उतर सकीं और धीरे-धीरे लोगों का सरकार पर से विश्वास ही उठ गया. दास ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘किसी भी राज्य, देश या शासन का मुख्य आधार उसकी जनता होती है और सरकार के प्रति जनता का विश्वास ही उसे विकास के लिए प्रेरित करता है. यदि यह कडी टूट जाए तो कोई कार्य नहीं हो सकता है. मेरी सरकार ने तीन माह के अपने सुशासन से राज्य की जनता का खोया विश्वास वापस जीतने में सफलता प्राप्त की है.’’   

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार ने पिछले वर्ष 28 दिसंबर को सत्ता संभालने के बाद तीन माह के सुशासन से सरकार के प्रति लोगों का खोया हुआ विश्वास पुन: प्राप्त किया है. झारखंड में राजनीतक अस्थिरता ही एक मात्र समस्या नहीं रही है, राज्य को सुचारु रुप से चलाने के लिए अत्याधुनिक आधारभूत संरचना, बिजली, सडकों और किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था का होना भी आवश्यक है जो अबतक नहीं बन सकी. उन्होंने कहा कि राज्य में अत्याधुनिक आधारभूत संरचना खडा करने के लिए उनकी सरकार ने कमर कस ली है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुशासन स्थापित करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी जरुरतें गरीबों और वंचितों तक पहुंचाना भी जरुरी है.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘झारखंड में 42 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहे हैं मेरी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन लोगों का जीवनस्तर उंचा हो. इसके लिए सरकारी योजनाओं को सुदृढ किया जायेगा और आवश्यक होने पर नई योजनाएं भी शुरु की जायेंगी.’’  दास ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासियों की बडी संख्या निवास करती है और उनके साथ यहां वर्षों से नाइंसाफी हुई है जिसे अब हर हाल में रोका जायेगा.

राज्य के निर्माण के बाद विगत चौदह वर्षों में राज्य में नई राजधानी और विधानसभा भवन तक नहीं बन पाने के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नई सरकार पूरी उर्जा से जुटी है और बहुत शीघ्र राज्य के नये विधानसभा भवन का शिलान्यास किया जायेगा तथा अगले तीन वर्षों के भीतर इनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. नई राजधानी का शिलान्यास भी इस वर्ष के अंत तक कर लिया जायेगा.’’  

झारखंड के गठन के चौदह वषो’ के बाद भी यहां नई राजधानी का निर्माण नहीं हो सका है और राज्य का सचिवालय और विधानसभा हेवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (एचईसी) से किराये पर लिये गये भवनों में ही अबतक काम कर रहे हैं. झारखंड में ग्रेटर रांची के निर्माण के लिए शहर से 15 किलोमीटर दूर सुकरहुट्टू गांव में केंद्र की तत्कालीन वाजपेयी सरकार में उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने राज्य निर्माण के ठीक दो वर्ष बाद 15 नवंबर, 2002 को आधारशिला रखी थी, लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना को कभी भी पंख नहीं लग सके.

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (03 अप्रैल)

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा षीघ्र बनेगी ऋशिकेष-कर्णप्रयाग रेल लाइन: सतपाल महाराज

देहरादून: 3 अप्रैल, 2015: पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि आज बेंगलूरू में प्रारम्भ हुई भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उनसे उŸाराखण्ड की जीवन रेखा ऋशिकेष से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन षीघ्र बनवाने का अनुरोध किया उन्होंने कहा कि यह लाइन सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है और इसका षीघ्र निर्माण होना चाहिए जिस पर प्रधानमंत्री जी ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए कहा कि उक्त रेल लाइन का निर्माण षीघ्र ही होगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे बताया कि उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री जी से 21 जून को अन्तर्राश्ट्रीय योग दिवस पर योग के अनिवार्य प्रषिक्षण व प्रषिक्षित योग प्रषिक्षकों की भर्ती के लिए भी कहा जिस पर मा0 प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वह संयुक्त राश्ट्र संघ को इसके लिए प्रस्ताव देंगे जिससे सभी सदस्य देषों में योग का प्रषिक्षण अनिवार्य किया जाये। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में सामाजिक असंतुलन है जिसे दूर किया जाना चाहिए जिससे वहां का संतुलित और सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि ऋशिकेष से कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण करते हुए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पहाड़ों में जहां खेत हैं वहां स्टेषन का निर्माण न कर उससे थोड़ा आगे-पीछे बंजर भूमि पर किया जाना चाहिए क्योंकि पहाड़ में खेती की जगह पहले ही कम है ऐसे में उपजाऊ भूमि पर स्टेषन का निर्माण ठीक नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि देवभूमि में रेल लाइन निर्माण होने से पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले रक्षा कर्मियों को भी उनके पोस्टिंग स्थल से घर तक तथा घर से पोस्टिंग स्थल तक पहुंचने में तो पैसे व समय की बचत होगी ही साथ ही राज्य में पर्यटन व आर्थिक स्थिति में भी सुधार आयेगा।

यूकेडी ने मुख्य सूचना आयुक्तों के चयन पर उठाये सवालिया निषान

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)। पिछले 15 सालों से उत्तराखण्ड में परिपार्टी चली आ रही है कि मुख्य सूचना आयूक्त के पद पर षासन से रिटायर्ड मुख्य सचिव को ही बनाया गया है, जिससे लगातार सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 कानून की धज्जियां उडायी जा रही हैं। उन्होने कहा कि  देखने में आया है कि षासन स्तर पर लगी आरटीआइ में अपीलार्थी को कभी भी न्याय नहीं मिला है और मुख्य सूचना आयुक्तों द्वारा लगभग षासन का पक्ष लेते हुए पाया गया है जो कि आरटीआइ की मूल अवधारणा के खिलाफ है। संज्ञान में लाना है कि यह कानून केन्द्र सरकार द्वारा केवल इस लिए बनाया गया था कि षासन स्तर अथवा किसी भी अन्य स्तर पर हो रही कार्यप्रणाली में पारदर्षिता लायी जाये तथा कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा सके जिससे भ्रश्टाचार पर अकूंष लगाया जा सके। इस कानून की मूल अवधारणा के तहत आम आदमी को यह अधिकारी दिया गया है कि वह यह जान सके कि उसके विकास के लिए जो कार्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं उसकी पत्रावलियां के बारें में वह जान सके तथा उन पत्रावलियों का विषलेशण कर सही गलत का मूल्यांकन कर सके। परन्तु बडे दुर्भाग्य के साथ कहना पड रहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में सूचना आयोग में बहुत ज्यादा पारदर्षिता नही बर्ती जा रही है अतः यह आवष्यक हो गया है कि भविश्य में जब भी मुख्य सूचना आयूक्त के पद को भरा जाये तो इस पद पर षासन स्तर से न लेकर सूचना आयूक्तों में से ही किसी योग्य व्यक्ति अथवा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अथवा वरिश्ठ अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता जिन्हें इस कानून का सही अनुभव हो, को ही मूख्य सूचना आयुक्त के पद बैठाया जाये ताकि इस कानून की अवधारणा के तहत कार्यप्रणाली में सूधार आ सके तथा पारदर्षिता लायी जा सके जिससे आम नागरिक को नयाय के साथ साथ सही जानकारी प्राप्त हो सके।

पेट्रोल पंप का निर्माण रुकवाया, अनुराग चैक पर पंप निर्माण को लेकर भाजपाइयों ने काटा हंगामा
  • खाले की जमीन पर निर्माण करवाने का आरोप, पंप स्वामी के पास सभी विभागों की एनओसी
  • अब गुरुवार को संयुक्त बैठक में होगा फैसला, इंडियन आयल कारपोरेशन की खुलना है पंप

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)। अनुराग चैक पर बन रहे एक पेट्रोल पंप के निर्माण को भाजपाइयों ने हंगामा करके रुकवा दिया। पंप स्वामी का कहना है कि निर्माण के लिए सभी विभागों की एनओसी ली जा चुकी है। इसके बाद भी बेवजह परेशान किया जा रहा है। बाद में तय किया गया कि अब इस मामले में सभी विभागों की एक संयुक्त बैठक में पंप निर्माण के बारे में अंतिम फैसला किया जाएगा। अनुराग चैक पर इन दिनों एक पेट्रोल पंप की खोलने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। आज दोपहर भाजपा की राष्ट्रीय वित्त समिति के सदस्य अमित कपूर और क्षेत्रीय पार्षद अमिता बिष्ट अन्य भाजपाइयों के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा करके काम रुकवा दिया। इन लोगों का कहना था कि यह निर्माण खाले की जमीन पर कराया जा रहा है। इसके लिए खाला बंद किया जा रहा है। इससे इस इलाके में जल भराव की समस्या खड़ी हो जाएगी। भाजपा नेता कपूर ने कहा कि इस खाले में पानी बल्लूपुर चैक इलाके से आ रहा है और शास्त्री नगर के खाले में जा रहा है। दूसरी और पंप स्वामी का कहना था कि इस पंप के निर्माण के लिए सभी विभागों की एनओसी ले ली गई है। यह जमीन पूरी तरह से संक्रमणीय अधिकार वाली है। जिलाधिकारी की ओर से सभी विभागों से एनओसी लेकर पंप के पक्ष में विस्तृत एनओसी जारी की गई है। जिस खाले की बात की जा रही है,उसके पानी से पंप की जमीन में कटाव हो रहा है। वह अपने खर्चे पर ही इसका काम भी करने को तैयार है। नगर निगम और एमडीडीए ने भी इस बारे में अनुमति दे दी गई है। इसके बाद भी बेवजह परेशान किया जा रहा है। बाद में तय किया गया कि गुरुवार को नगर निगम, जल निगम और एमडीडीए के अफसरों के साथ एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसी में सभी विभागों की राय लेकर पंप निर्माण के बारे में अंतिम फैसला किया जाएगा।

ससुराल में एसडीएम ही समझते थे लोग, मुजफ्फर नगर के डीएम ने रूबी के पिता से की पूछताछ

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)। एलबीएस प्रकरण को लेकर चर्चा में आई रूबी नामक महिला को उसके ससुराल में लोग एसडीएम ही समझते थे। उसकी शादी के दौरान वहां गांव में सुरक्षा के लिए पुलिस भी तैनात की गई थी मेरठ जिले के भावनपुर से मिली जानकारी के अनुसार रूबी चैधरी दो माह तक भावनपुर क्षेत्र गंगासागर कालोनी में रही। कालोनी के मकान संख्या एफ-83 निवासी करनपाल सिंह के साले वीरेंद्र मलिक से उसकी 21 फरवरी को शादी हुई है। विवाह से कई हफ्ते पहले से सी रूबी और वीरेंद्र गंगासागर कालोनी में आकर रहने लगे थे। रूबी ने शादी का हवाला देते हुए घर पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिसकर्मियों को चैबीसों घंटे तैनात करने के निर्देश दिए थे और मजे की बात है कि उसकी शादी के दौरान पुलिस तैनात भी रही थी। इस मामले में रूबी चैधरी के रिश्तेदार करनपाल सिंह का कहना है कि सभी आरोप गलत हैं। अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन नामक व्यक्ति ने रूबी की नौकरी ने नाम पर भारी रकम वसूल की है। इधर मुजफ्फर नगर में शाहपुर के गांव कुटबी में रहने वाले रूबी के पिता सत्यवीर सिंह ने बताया कि वे खुद अपनी बेटी को तीन दिन पहले मसूरी अकादमी में छोड़कर आए थे। मामला सामने आने के बाद मुजफ्फरनगर ने जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने उन्हें बुलाया और रूबी के मामले में जानकारी की। उन्होंने डीएम को पूरी घटना से अवगत करा दिया है।

32 पेटी देशी शराब पकड़ी, ड्राई एरिया ऋषिकेश में की जानी थी सप्लाई

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)। आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम ने रानीपोखरी से ड्राई एरिया ऋषिकेश ले जाई जा रही 32 पेटी देशी शराब पकड़ी है। टीम ने घेराबंदी की तो अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर शराब की पेटियों से भरी सेंट्रो कार छोड़कर फरार हो गए। आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम के सहायक आयुक्त विवेक सोनकिया को सूचना मिली कि रानीपोखरी से देशी शराब की एक खेप ऋषिकेश की ओर ले जाई जा रही है। इस सूचना पर सहायक आयुक्त अपनी गाड़ी से ही एक मुख्य आरक्षी और एक आरक्षी के साथ रानीपोखरी पहुंचे और सेंट्रो कार संख्या यूपी 07एलध् 6673 का पीछा शुरू कर दिया। तस्करों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने गाड़ी को भगाना शुरू कर दिया। इसी बीच सहायक आयुक्त ने अपने मोबाइल से ही पुलिस की हेल्पलाइन 100 नंबर पर फोन करके इस गाड़ी के बारे में सूचना वायरलैस पर फ्लैस करा दी। इसके चलते पुलिस एलर्ट हो गई और नाकाबंदी कर दी। बताया जा रहा है कि इस कार को पायलट कर रही एक अन्य गाड़ी में सवार लोग खुद तो फरार हो गए और सेंट्रो के चालक को भी सूचना दे दी। इसके बाद तस्कर कार को सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गए। आबकारी टीम ने गाड़ी की तलाशी ली तो इसमें देशी शराब की 32 पेटियां बरामद की गईं। सहायक आयुक्त ने बताया कि यह शराब किसी ठेके की ही है और इस ड्राई एरिया ऋषिकेश में सप्लाई के लिए ले जाया जा रहा था।

पनाश वैली जांच प्रकरण, सही थे तो हाईकोर्ट से क्यों भागे, हाउसिंग प्रोजेक्ट ने अप्रत्याशित रूप से वापस ली अपनी याचिका
  • जांच प्रभावित करने की जुगत में कुछ अफसर, अब सियासी नेताओं में भी फैल रही है बेचैनी

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)। जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए पनाश वैली के प्रबंधन ने अपनी याचिका को अप्रत्याशित रूप से वापस ले लिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर सब कुछ ठीक है तो फिर पनाश वैली प्रबंधन ने आखिर ऐसा किया क्यों। इस मामले में एक नया पहलू यह भी सामने आ रहा है कि इस प्रोजेक्ट को बचाने की पैरवी एक बार फिर तेज हो गई है। पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट में सरकारी और गोल्डन फारेस्ट की जमीन शामिल होने के मामले की जांच शुरू होने के बाद कुछ तथ्य मिलने पर देहरादून के जिलाधिकारी ने इस प्रोजेक्ट को जारी एनओसी निरस्त कर दी थी। इसी निरस्तीकरण के आदेश के आधार पर एमडीडीए ने प्रोजेक्ट का मानचित्र निलंबित करके काम रुकवा दिया था। पनाश वैली प्रबंधन ने डीएम के निरस्तीकरण के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने खुद ही जवाब तैयार किया और हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी की ओर से तैयार किए गए जवाब की भनक पनाश वैली के प्रबंधन को भी लग गई। इस मामले की सुनवाई के बीच ही अचानक ही पनाश वैली के वकील ने अपनी याचिका वापस ले ली। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पनाश वैली ने ऐसा किया क्यों। अगर पनाश वैली प्रबंधन के सभी कागजात अपनी जगह सही और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं की गई तो हाईकोर्ट से याचिका वापस क्यों ले ली गई। इधर, सूत्रों का दावा है कि इस प्रोजेक्ट की पैरोकारी एक बार फिर से तेज हो गई है। कुछ खास अफसरों के साथ ही सियासी नेताओं का भी इस पनाश वैली प्रोजेक्ट से खासा मोह है। अब तक तो उच्च स्तर से इस प्रकरण की मानीटरिंग होने की वजह से किसी पैरोकार की चल नहीं पाई। अब ये लोग नए सिरे से पनाश वैली को बचाने की कवायद में जुट गए हैं।

तो लीक हो गया डीएम का जवाब!
बताया जा रहा है कि देहरादून के जिलाधिकारी की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल करने के लिए जो जवाब तैयार किया गया था, उसके कई बिंदुओं पर पनाश वैली प्रोजेक्ट और भी बुरी तरह से घिर रहा है। सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन में बैठे पनाश वैली के मददगारों ने जानकारी पनाश वैली के प्रबंधन को भी दे दी थी। माना जा रहा है कि इसी वजह से पनाश वैली ने अपनी याचिका वापस लेने में ही भलाई समझी।  अगर यकीनी तौर पर ऐसा ही तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन और प्रशासन में इस प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ताओं की पकड़ किस हद तक है।

पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य में निजी पूंजी निवेश पर सरकार करेगी विचारः सीएम

देेहरादून, 3 अप्रैल (निस)।  मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह बीजापुर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर कतिपय महत्वपूर्ण निर्णय लिय गए। इनमें से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश, महिला सशक्तिकरण के लिए रोजगार परक शिक्षा और चिन्ह्ति वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने की दिशा में ठोस पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार अनेक प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने के पक्ष में है। इनमें निःशुल्क भूमि, नियत अवधि हेतु बिजली एवं पानी को निःशुल्क रूप से उपलब्ध कराना इत्यादि शामिल है। उन्होंने कहा कि इस हेतु राज्य सरकार पीपीपी सिद्वांत पर एक नीति बनाकर योजना की रूप रेखा तैयार करने के पक्ष में हैं। राज्य सरकार की यह अपेक्षा है कि देहरादून, मसूरी एवं नैनीताल में स्थित विख्यात पब्लिक स्कूल उपरोक्त योजना में प्रतिभाग करे। साथ ही निजी क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल समूह, पर्वतीय क्षेत्र में नर्सिंग होम की स्थापना करेंगे। उपरोक्त सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य सरकार इन विद्यालयों में निर्धारित मानक तक राज्य सरकार के कार्मियों के बच्चों को प्रवेश प्रदान करेगी ताकि राज्य कर्मी दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में सेवा अर्पित करने में संकोच न करें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इसी तरह से नर्सिंग के क्षेत्र में जहां शिक्षण संस्थाओं को खोला जायेगा। उन संस्थाओं में प्रवेश हेतु स्थानीय क्षेत्र (बंजबीउमदज ंतमं) के विद्यार्थियों को एक निर्धारित मात्रा तक आरक्षण प्रदान करने हेतु राज्य सरकार विचार कर रही हैं। शीघ्र इस विषय पर नीति बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित आईटीआई को महिला ड्राईविंग स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा, जहां पर आटोमोबाइल इंजीनियरिंग के प्रारम्भिक ज्ञान के साथ साथ ड्राईविंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है। इससे महिलाओं के क्षमता विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढेंगे। इसी क्रम में मैदानी क्षेत्र में दोनो मण्डलों में महिला एवं पुरूषों हेतु ड्राईविंग स्कूलों को विकसित किया जायेगा। यह पूर्ण प्रयास तकनीकि शिक्षा, क्षमता विकास एवं परिवहन विभाग के साथ समन्वय बनाकर किया जायेगा। उन्हांेने कहा कि चिन्ह्ति वन ग्रामांे को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के विषय पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पूर्ण प्रकरण का परीक्षण कर मा. उच्चतम न्यायालय से वांछित अनुमति प्राप्त करने का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। इस हेतु प्रारंभिक अभ्यास राजस्व विभाग द्वारा किया जायेगा एवं वन विभाग के सहयोग से सम्पूर्ण प्रस्ताव की रूप रेखा तैयार की जायेगी।  चिन्ह्ति वन ग्रामों में अवस्थापना सुविधा प्रदान करने हेतु (यथा बिजली, शौचालयों का निर्माण इत्यादि) उत्पन्न होने वाले विधिक कठिनाइयों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति (जिसमें वन, राजस्व तथा अवस्थापना शाखा के विभागों तथा न्याय विभाग सहित) अध्ययन कर वांछित  मार्ग दर्शन प्राप्त करने हेतु प्रकरण महाधिवक्ता को प्रस्तुत की जायेगी। बैठक में मुख्य सचिव एन. रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, सचिव मुख्यमंत्री मो. शाहिद, महानिदेशक शिक्षा डी. सैंथिल पांडियन सहित शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

मिशन-2017: प्रदेशभर के कालेजों में हो रहे कार्यक्रमों सीएम हरीश रावत खुद कर रहे शिरकत, युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने की मुहिम पर सरकार
  • युवाओं को लुभाने की हो रही हरसंभव कोशिश
  • घोषणाओं की झड़ी लगा रहे मुख्यमंत्री हरीश
  • काबीना मंत्रियों को भी दी गई है हिदायत

देहरादून,3 अप्रैल । सूबे की कांग्रेस सरकार अभी से ही मिशन 2017 में जुट गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने की मुहिम शुरू कर दी है। इस बारे में काबीना मंत्रियों को भी हिदायत दे दी गई है। इसी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों खुद भी कालेजों के वार्षिकोत्सव में न केवल शिरकत रहे हैं, बल्कि युवाओं को लुभाने वाली घोषणाओं की झड़ी भी लगा रहे हैं। यूं तो विधानसभा के चुनाव में अभी लगभग दो साल का वक्त बाकी है। लेकिन सरकार ने मिशन-2017 को फतह करने की रणनीति पर अभी से काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस सरकार का वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट भी चुनावी तैयारियों का ही एक अंग माना जा रहा है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आगामी विधानसभा के चुनाव के लिए तैयार की गई रणनीति में यह भी तय किया गया है कि प्रदेश का युवा वर्ग कांग्रेस की ओर रुख करे। लोकसभा चुनाव में यह युवा वर्ग पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में झुक गया था। माना जा रहा है कि अगर युवा वर्ग को अपनी ओर मोड़ने में सफलता मिलती है तो मिशन-2017 की राह आसान हो सकती है। बताया जा रहा है कि सीएम हरीश रावत का युवाओं के प्रति अचानक उमड़ा प्रेम इसी सियासी रणनीति का नतीजा है। पिछले एक पखवाड़े पर नजर डालें तो सीएम हरीश रावत ने औसतन रोजाना ही प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में जाकर कालेजों के सालाना जलसों या फिर अन्य कार्यक्रमों में सीधी शिरकर की है। सीएम इन कार्यक्रमों में युवाओं के लिए लुभावनी घोषणाएं कर रहे हैं। कहीं उच्च शिक्षा का स्तर उठाने की बात हो रही है तो कहीं शिक्षा को रोजगार से जोड़ने का वायदा किया जा रहा है। कहीं स्कूल या कालेजों में नए विषयों की पढ़ाई को मंजूरी दी जा रही है तो कहीं कालेजों के कायाकल्प की बात की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि सीएम ने अपने सहयोगी मंत्रियों को भी इस बारे में हिदायत दे रखी है। साफ कह दिया गया है कि युवाओं के किसी भी कार्यक्रम को न छोड़ा जाए। युवाओं के बीच पैठ बनाने के लिए उनके कार्यक्रमों में न केवल हिस्सेदारी की जाए, बल्कि यह भी समझाने की कोशिश की जाए कि कांग्रेस सरकार उनकी किसी भी समस्या के समाधान को तत्पर है। बहरहाल, सरकार की यह मुहिम कितनी कारगर साबित होती है, इसका अंदाजा अभी लगा पाना संभव नहीं दिख रहा है। लेकिन एक बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि कांग्रेस सरकार का फोकस इस समय पूरी तरह से प्रदेश की युवा पीढ़ी पर ही हो गया है।

इंदिरा की है यह रणनीति
बताया जा रहा है कि सरकार का फोकस युवाओं पर करने की रणनीति सरकार में दो नंबर की हैसियत वाली काबीना मंत्री डा. श्रीमती इंदिरा ह्रदयेश ने तैयार की है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर से मिले फीड बैक के बाद इंदिरा ने इस मुद्दे पर सीएम हरीश रावत से मुलाकात की और कहा कि मिशन-2017 को फतह करने के लिए युवाओं को कांग्रेस की ओर मोड़ने की दिशा में काम करने की जरूरत है। बताया जा रहा है कि इंदिरा ने सलाह दी है कि युवा पीढ़ी में भी महिलाओं पर ज्यादा फोकस किया जाए। क्योंकि महिलाएं अगर एक बार कुछ तय कर लेती हैं तो उसे बदल पाना बेहद ही मुश्किल होता है। माना जा रहा है कि अगर इंदिरा की इस राय पर काम किया गया तो आने वाले समय में सरकार का फोकस सूबे की युवा महिलाओं के कल्याण पर हो सकता है।

लाल बहादुर शास्त्री आईएएस प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी मामले की तह तक पहुंचेगी पुलिस ?
  • मामला इतना सरल नहीं जितना दिखाया जा रहा
  • कुछ गहरे राज दफन हैं इस विख्यात संस्थान में
  • दून से दिल्ली तक के महकमों में मचा है हड़कंप

देहरादून,3 अप्रैल।  लाल बहादुर शास्त्री आईएएस प्रशिक्षण अकादमी में घुसपैठ का यह मामला इतना सरल नहीं है, जितना कि दिखाने की कोशिश की जा रही है। इस विख्यात संस्थान की साख दांव पर लगा दी गई है और अब मामले को साधारण बताने की दिशा में काम किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि तमाम वारदातों को खोलने में नाकाम रहने उत्तराखंड पुलिस इस अहम प्रकरण की रहस्यमय परतों को खोलने में कामयाब हो जाएगी। माना जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो किसी बड़े खेल का परदाफाश हो सकता है। मसूरी थाने में अकादमी की ओर से दर्ज कराए गए एक मुकदमे में इस प्रकरण को महज घुसपैठ का ही बताया गया है। कथित आरोपी महिला रूबी ने इस मामले को रिश्वत लेकर नौकरी दिलाने की घटना की ओर मोड़ने की कोशिश की है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह मामला महज इतना ही साधारण है या फिर इसके पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है। पुलिस की अब तक की जांच से भी यही लग रहा है कि इसे बेहद हल्के ढंग से लिया जा रहा है। महिला रूबी तीन रोज से पुलिस के अघोषित पहरे में ही है। इसके बाद भी मीडिया में हल्ला मचने के बाद ही उसके बयान दर्ज किए गए। तीन रोज तक पुलिस क्या करती रही, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। एक तरफ यह महिला रूबी तीन रोज तक पुलिस के संपर्क में रही तो दूसरी ओर पुलिस के मुखिया बीएस सिद्धू यही कहते रहे कि महिला की तलाश की जा रही है। पुलिस प्रमुख का यह रुख भी तमाम सवालात खड़े कर रहा है। अहम बात यह भी है कि पुलिस अपनी जांच में महिला के आरोपों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। अकादमी के उप निदेशक सौरभ जैन पर लगाए गए सीधे आरोपों पर पुलिस का कोई ध्यान नहीं जा रहा है। महिला एफआईआर दर्ज करना चाहती है तो पुलिस उसकी तहरीर लेने को ही तैयार नहीं है। ऐसे में जांच कब और किस मुकाम पर पहुंचेगी, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है। अब महिला ने एक और खुलासा किया है कि जुबां बंद रखने के लिए पांच करोड़ रुपये का आफर दिया जा रहा है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या राज है, जिसे छिपाने के लिए पांच करोड़ रुपये तक देने को कोई तैयार हो रहा है।

कहीं फर्जी आईएएस बनाने का धंधा तो नहीं
इस मामले में एक आशंका यह भी फैल रही है कि कहीं इस संस्थान में फर्जी आईएएस बनाने का धंधा तो नहीं चल रहा है। महिला को दिए गए आईकार्ड में उसे एसडीएम बताया गया है। फिर महिला ने अपनी फेसबुक आईडी में भी खुद को आईएएस बताया है और अकादमी में ट्रेनिंग की बात भी की। उसका अकादमी में आना-जाना और रहना अब साबित होता जा रहा है। यानि लोगों को उसके आईएएस होने पर आसानी से शक नहीं हो सकता। हो सकता है कि इसकी आड़ में लोगों से ठगी भी की जाती है। इस बात की क्या गारंटी है कि इसी तरह से कुछ और लोगों का भी आना-जाना अकादमी में हो और इसी तरह के आईकार्ड के आधार पर बाहर की दुनिया में लोग आईएएस बनकर घूम रहे हों।

संदेह को घेरे में एटीआई नैनीताल भी
रूबी के पास जो आई कार्ड मिला है, उसे उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, नैनीताल की ओर से जारी करना दर्शाया गया है। पहली बात तो यह है कि नैनीताल में इस तरह का कोई आयोग ही नहीं है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग केंद्रीय सेवा आईएएस के लिए लोगों का चयन भी नहीं करता है। जाहिर है कि यह आई कार्ड ऐसे व्यक्ति ने बनाया है जो इन तथ्यों से पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। अहम बात यह भी है कि इसी आईकार्ड के आधार पर रूबी कुछ माह तक प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी (एटीआई) नैनीताल में भी रही है। ऐसे में एटीआई की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

राज्य के चहंुमुखी विकास को सार्थक प्रारंम्भिक शिक्षा जरूरीः त्रिवेंद्र 

देहरादून,3 अप्रैल(निस)। देव भूमि विकास संस्थान के तत्वावधान में ‘‘उत्तराखण्ड प्राथमिक शिक्षा आज-कल’’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल के कुलपति डाॅ0 जवाहर लाल कौल, विकास भारती के संस्थापक पद्मश्री अशोक भगत, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड के पूर्व निदेशक नन्द नन्दन पाण्डेय व बलूनी क्लासेस के चेयरमैन डाॅ0 नवीन बल ूनी ने प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार के संबंध में अपने विचार रखे।    इस गोष्ठी का आयोजन देव भूमि विकास संस्थान के संरक्षक और पूर्व मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा किया गया। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 से अब तक शिक्षा का बजट लगभग दोगुना होने व विद्यालयों व शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ने के बावजूद भी छात्रों की सख्या वर्ष दर वर्ष कम होती जा रही है। जहां देश के कुल बजट का लगभग 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च होता है वहीं प्रदेश में कुल बजट का लगभग 18 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाता है, फिर भी शिक्षा के स्तर में प्रदेश का स्थान देश में 17वां है। लगभग 4600 से अधिक विद्यालय ऐसे हैं जहां 20 से कम छात्र हैं, लेकिन वहां 13500 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। लगभग 250 से अधिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या शून्य है और वहां भी 400 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य में 20387 विद्यालय व 48553 शासकीय पदों के उपरान्त भी शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। प्रति छात्र 15540 रूपये प्रति वर्ष सरकार द्वारा खर्च किये जाते हैं। प्रारम्भिक शिक्षा में भाषा व गणित विषय के शिक्षण पर जोर देना चाहिये व साथ ही शिक्षण कार्य में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसा मानना है बलूनी क्लासेस के चेयरमैन डाॅ0 नवीन बलूनी का। कम छात्रों वाले विद्यालयों को सामूहिक कर निकट के स्थान पर आवासीय विद्यालयों में परिवर्तित करना भी उनके विचार से उपयुक्त होगा।
   विद्यालयी शिक्षा के पूर्व निदेशक नन्द नन्दन पाण्डेय के अनुसार शिक्षा चिंतन की विषय वस्तु है जिसे प्रशासन की जगह शिक्षाविदों के दर्शन द्वारा संचालित किया जाना चाहिये। उन्होंने शिक्षा तंत्र बदलने के स्थान पर नमूने के तौर पर सामूहिक आवासीय विद्यालय स्थापित करने पर जोर दिया। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल ने पुरातन व नवीन शिक्षा पद्धतियों के सर्वोत्तम पक्षों के समम्मिश्रण से ऐसी समसामायिक शिक्षा पद्यति जिसका आधार संस्कार व मातृभाषा हो, को अपनाये जान पर बल दिया। विकास भारती के संस्थापक पद्मश्री अशोक भगत नेे विद्यालयी शिक्षा को रोचक व आनन्दायी बनाने की दिशा में कार्य करते हुए शिक्षा परक रोजगार की वकालत की। उनके अनुसार ऐसी शिक्षा में छात्र काम करते हुए शिक्षा ग्रहण करता है। साथ ही सभी जिम्मेदारी सरकार पर न छोड़ते हुए समाज को भी सार्थक शिक्षा के प्रति जिम्मेदार रहने का आह्वान किया। केन्द्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल के कुलपति डाॅ0 जवाहर लाल कौल ने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक स्थिति से विभिन्नताओं से भरा राज्य है, इसलिए हमें शिक्षा पद्धति को स्थानीय परिस्थितियों के सापेक्ष बनाना होगा। जिसे दूरगामी दृष्टि से देखकर बनाया जाना चाहिये। बच्चों को भविष्य की पूंजी समक्षकर हमें शिक्षा नीति में बदलाव करना होगा। प्रारंम्भिकशिक्षा को सार्थक बनायेे बिना पलायन को भी रोक पाना मुश्किल है। संस्थान के संरक्षक त्रिवेन्द्र्र सिंह रावत द्वारा देहरादून सचिवालय के सामने पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजपुर रोड के प्रधानाध्यापक हुकुम सिंह उनियाल के प्रयासों की सराहना की गयी। जिन्होनें अपने भगीरथ प्रयासों से जर्जर किराये के विद्यालय भवन में छात्रों की संख्या 4 से 122 तक ले गये व अपने स्तर से ही सभी छात्रों के लिये विद्यालय में ही निःशुल्क आवासीय व्यवस्था प्रारम्भ की। मेयर विनोद चमोली ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में अपना आदर्श अपने प्रारम्भिक शिक्षक घनानन्द को बताते हुए कहा कि सार्थक प्रारम्भिक शिक्षा के द्वारा ही बच्चों को संस्कारवान बनाया जा सकता है।

रमसा कर्मियों का प्रदर्शन, मानव संसाधन मंत्री का पुतला फूंका  

देहरादून,3 अप्रैल(निस)। रसमा कर्मियों ने उनकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर बहाल किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और लैंसडाउन चैक पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला फूंका।  रमसाकर्मी शुक्रवार को लैंसडाउन चैक पर एकत्रित हुए और गत 31 मार्च को 1256 कर्मियों की सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर उन्हें बहाल करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी रमसा कर्मियों द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला फूंका गया। रमसा कार्मिक संघ का कहना था कि प्रदेश में कार्यरत 1256 रमसा कर्मचारियों की सेवा 31 मार्च को समाप्त कर दी गई, जिस कारण उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। कर्मियों का कहना था कि उन्हें शीघ्र बहाल किया जाए।  रमसा कर्मियों का कहना था कि केन्द्र सरकार द्वारा बजट में कटौती करने से उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के 1256 कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाकर जो दुस्साहस किया गया है उसकी जितनी निंदा की ेजाये वह कम है। सरकार के इस निर्णय के चलते उन सभी कर्मचारियों जो कि पिछले तीन वर्षों से राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यालयों में अपनी सेवायें दे रहे थे, उन्हें आज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संगठन का कहना है कि अब आर-पार की लडाई लड़ी जायेगी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार की ओर से इस दिशा में ठोस कार्यवाही न होने पर आंदोलन तेज किया जायेगा। पुतला फूंकने वालों में राजेश, साहब सिंह, सोहन सिंह, घिया राम, सुल्तान सिंह, मयंक सिंह, तेजपाल, ज्योति, नरेश कुमार, दिल बाहादुर, मनोज कुमार आदि शामिल रहे।  

भाजपा की सद्भावना रैली आयोजित 

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देहरादून,3 अप्रैल(निस)। भाजपा प्रत्याशी राजपाल सिंह के समर्थन में आयोजित सामाजिक सद्भावना रैली में उमडे जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि वह रैली में पहंुचे मुस्लिम समुदाय के लोगो का शुक्रिया अदा करते है साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूब चुकी है। जनता मुख्यमंत्री को सबक सिखायेगी। भगवानपुर विधानसभा उप-चुनाव में सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होगा। 2017 में राज्य की जनता कांग्रेस सरकार को उखाड फेकेगी। सभा को सम्बोधित करते हुए दलित समाज के नेता एंव सांसद उदित राज ने कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसमें दलितो का हित सुरक्षित है। दलितों के आरक्षण को बचाने का काम भी भाजपा ने ही किया है। बीडी इन्टर काॅलेज ग्राउंड में आयोजित सामाजिक सद्भावना रैली में बतौर मुख्यअतिथि सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एंव हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने रावत सरकार को भ्रष्टाचार की जननी बताया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने घोटालों के रिकार्ड कायम कर दिये है। कांग्रेस की सरकार के संरक्षण में राकेश परिवार ने भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता पर जुल्मसितम किये और सरकार को लूटने का काम किया। उन्होंने कहा कि बेगुनाहों को राकेश परिवार ने जेल भिजवाया। इस क्षेत्र की जनता कांग्रेस सरकार के संरक्षण में कार्य कर रहे राकेश परिवार के जुल्म-सितम से तंग आ चुकी है और भाजपा की ओर देख रही है। उन्होंने रैली में पहुंची मुस्लिम समाज की भीड को देख कर उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि भाजपा मुस्लिमों को पूरा सम्मान देती है और क्षेत्र की जनता को किसी तरह की दिक्कत नही आने दी जायेगी। अब राकेश परिवार को अंत हो चुका है और इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत निश्चित है। दलित नेता एंव भाजपा सांसद उदित राज ने कहा कि दलितों, पिछड़ो का हित मात्र भाजपा में सुरक्षित है। भाजपा ने दलितों का हमेशा सम्मान किया है। उन्होंने कहा जब दलितों के आरक्षण को छीना जा रहा था तो उसको बचाने का कार्य भी भाजपा ने ही किया था। रैली को भाजपा के दर्जनो नेताओं ने सम्बोधित किया। क्षेत्र के सैकडो लोगो ने दूसरो दलों को छोड कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर रानीपुर विधायक आदेश चैहान, अमन त्यागी, ज्वालापुर विधायक चन्द्रशेखर, लक्सर विधाय, चुनाव संरक्षक डा. रामपाल, चुनाव संयोजक श्यामवीर सैनी, मंडल अध्यक्ष योगेश त्यागी, देशराज कर्णवाल, कुंवर नागेश्वर,रविन्द्र पनियाला, सुरेन्द्र चेयरमैन, नरेश धीमान, अरविन्द गौतम, रमेश भटेजा, अश्वनी कौशिक, ऋषिपाल बालियान, राकेश अग्रवाल, गौरव गोयल, राजकुमार कसाना, गौरव शर्मा, चैधरी प्रवीन कुमार, शिवराज सिंह चैहान, चै. कुलबीर सिंह, अशोक सैनी, संदीप चैधरी, शिव कुमार, भजन लाल, राकेश, संजय सैनी, प्रमोद कुमार, आजाद सिंह, चैधरी जसवीर सिंह, सुन्दर सिंह आदि मौजूद रहे। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 अप्रैल)

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पूर्व सांसद गुफरान-ए-आजम के निधन पर भूरिया ने किया शोक व्यक्त

झाबुआ ---प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने पार्टी के वरिष्ठ कांगे्रस नेता, पूर्व सांसद गुफरान-ए-आजम के असमायिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है तथा दिवंगत आत्मा को चिरशांति और शोक संतप्त परिजनों को इस गहन दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। श्री भूरिया ने कहा कि श्री आजम मुस्लिम समुदाय तथा पार्टी के जाने माने कद्दावर नेता और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे, अपने क्षेत्र में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई थी। उन्होंने कहा कि श्री आजम के निधन से काग्रेंस पार्टी को क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति होना संभव नहीं है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया पूर्वजिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेषचन्द्र जैन(पप्पू भैया) एंव ष्षांतिलाल पडियार डा विका्रन्त भूरिया प्रवक्ता हर्ष भटट आचार्य नामदेव आदि ने भी उनके असमायिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।

श्रीभूरिया द्वारा प्रदेषवासियो को हनुमांन जयंती के पावन अवसर पर बधाई दी

झाबुआ- पूर्वप्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने प्रदेषवासियांे को हनुमांन जयंती के पावन अवसर पर बधाई देते हुए कहाकि  का यह त्योहार हमारी प्रचीन मान्य परंपराओं को आपसी भाईचारा ,परस्पर प्रेम एवं वर्गभेद को मिटाने वाला आपसी एकता का पर्व है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने भी बधाई देते हुए कहाकि यह पर्व एक-दूसरे के प्रति प्रेम एवं स्नेह की भावनाओ को जार्गत करता है। पूर्वजिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं समाजसेवी सुरेषचन्द्र जैन(पप्पू भैया) एंव षांतिलाल पडियार ने भी जिले वासियों को हनुमांन जयंती के पावन अवसर पर बधाई देते हुए कहाकि यह पर्व आपके जीवन में उल्लास एवं सोहार्द का वातावरण निर्मित करे ऐसी ष्षुभकामना करते हें।जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहा कि हम सब मिलकर अपने-अपने बेर को भूलाकर पूराक्षेत्र भाईचारे की भावना से सराबोर रहे तथा आपके जीवन मे भगवान हनुमांनजी की अनुपम कृपा से सुख व सम्रद्धि मे निंरतर वृद्धि होती हे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी इस अवसर पर अपनी ओर से जिले वासियों को हनुमांन जयंती के पावन अवसर पर षुभकामनाएॅं दी।

किसानों के हितों के लिए कांगे्रस  पूरे देश में करेगी संघर्ष, ओलापीडि़त किसानों का दर्द उनका ही नहीं, बल्कि
इंसानियत को भी कुरेदता है: सोनिया गांधी

झाबुआ---अभा कांगे्रस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने गुरूवार को नीमच जिले के मनासा, मालाखेड़ा, मोरवन और काडारना सहित विभिन्न ग्रामों में दौरा किया और प्रदेश में गत् दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों के हाल जाने। अपनी फसल की बर्बादी से रोते-बिलखते किसानों ने जब श्रीमती गांधी को अपनी बर्बादी की दास्तां सुनाई तो वे भी द्रवित हुए बिना नहीं रह सकी। श्रीमती गांधी ने इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में मौजूद नागरिकों, किसानों, महिलाओं और नौजवानों को अपने विभिन्न संक्षिप्त संबोधनों में कहा कि म.प्र. के किसानों की फसलों की बर्बादी को देखकर मुझे अत्यंत पीड़ा हुई है, उनके हर दर्द में कांगे्रस पार्टी साथ थी, है और रहेगी। श्रीमती गांधी ने विमानतल से लगभग 45 किलोमीटर लंबे मार्ग पर रोड शो किया। श्रीमती गांधी ने कहा कि मुझे तो आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि प्रदेश में कई किसानों ने आत्महत्याएं तक कर ली है और राज्य सरकार फिर भी खामोश है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया भूमि अधिग्रहण बिल किसानों का हितैषी न होकर पूंजीपतियों को और अधिक अमीर बनाने वाला है। वर्ष 2013 में यूपीए सरकार जिस भूमि अधिग्रहण बिल को किसानों के हित में लेकर आई थी, उसे मोदी सरकार ने पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों के हितों में परिवर्तित कर दिया है। श्रीमती गांधी ने म.प्र. सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि प्रदेश की शिवराज सरकार ने मुआवजा राशि वितरण मंे भ्रष्टाचार और भेदभाव वरता तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा। नीमच जिले से प्रस्थान करने के पूर्व श्रीमती गांधी ने अस्थाई तौर पर बनाये गये हेलीपेड पर भी पत्रकारों से चर्चा करने के दौरान पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मोदी सरकार में काबिज मंत्री गिरीराजसिंह द्वारा उनके विरूद्व की गई ओछी टिप्पणियों को लेकर पहले तो यह कहा कि उन्होंने कहा क्या है, फिर वे मुस्करा दी, उसके बाद बोली कि गिरीराजसिंह की टिप्पणियों से उनकी सरकार, पार्टी, उसकी विचारधारा और उनकी संस्कृति सहित नारी शक्ति के प्रति सम्मान क्या होना चाहिए, वह चरित्र उजागर होता है। सुबह 10.25 बजे नीमच विमानतल पर श्रीमती गांधी का विमान उतरा, वहां पर प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष अरूण यादव, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह, नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे, पूर्व सांसदगण बालकवि बैरागी, कांतिलाल भूरिया, रामेश्वर नीखरा और मीनाक्षी नटराजन, विधायक हरदीपसिंह डंग, रामकिसन दोगने और जीतू पटवारी, महिला कांगे्रस की अध्यक्ष मांडवी चैहान, युवा कांगे्रस अध्यक्ष कुणाल चैधरी, मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा एंव झाबुआ जिला सेवादल संगठक राजेष भट्ट सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नेताओं ने उनकी अगुवाई की।उक्त जानकारी जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटृ ने दी ।

पंचायतों के प्रतिनिधियों की विषेष बैठक का हुआ आयोजन, सरपंच संघ का हुआ गठन
  • भाजपा के तीन सरपंचो ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की 

झाबुआ---जिला कांग्रेस कमेटी के निर्देषानुसार शुक्रवार को झाबुआ जनपद पंचायत  के जनपद सदस्यों एवं सरपंचों, उप सरपंचों  की विषेष बैठक का आयोजन जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रातः 11 बजे से  किया गया। इस बैठक के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया थी, विषेष अतिििा जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला सेवादल संगठक राजेष भटृ, जिला महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहौत्री एवं प्रवक्ता हर्ष भटृ थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष मानसिंह मेडा ने की । सर्वप्रथम बैठक को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस महामंत्री हेमचंद डामोर ने इस बैठक की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बैठक में गा्रमीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटोती, बिजली बिलो मे भारी वृद्धि, पीने के पानी एवं हेंड पंप पर चर्चा, बेमौसम आंधी व वर्षा से फसलों के नुकसान पर चर्चा तथा बीमा फसल मुआवजा के संबंध में चर्चा, मनरेगा का पैसा नही मिलने ,सरपंच संघ के गठन पर चर्चा, सदस्यता अभियान पर चर्चा, सरपंचों को शासन से वित्तिय अधिकार दिलानें पर चर्चा आदि मुद्दो पर विस्तृत रूप  से चर्चा के लिये सभी जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांगें गये । सर्वप्रथम सभी नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधियों को हार फुल से जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया । इस बैठक में सभी सरपंचों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया तथा जनपद स्तर एवं जिला पंचायत स्तर एवं शसनस्तर पर इन समस्याओं का त्वरित निराकरण करने की बात कहीं । सभी सरपंचों ने कहा कि जो विकास कांग्रेस सरकार मे हुए थे वे विकास अब कहीं भी नही दिख रहे है जो भी काम हुए है कांग्रेस की  जनपद एवं जिला पंचायत के माध्यम से ही हुए है । उन्होने आषा की कि जिला पंचायत के सभी कार्य पूरे होगें तथा हमस ब मिल कर कांग्रेस संगठन के बैनर तले जनता की लडाई लडेगें । उक्त बैठक को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने सभी नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए उनके द्वारा बताये गये कार्यो को पूरा करने भरोसा दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस हमारी माई बाप है, हमने इसी के बैनर तले अनेक इस क्षेत्र की भ्लाई के लिये अनेक योजनायें बना कर क्रियान्वित किया है किन्तु जब से प्रदेष में भाजपा की सरकार बनी है इस क्षेत्र का विकास रूक सा गया है । आप और हमस ब मिल कर इस लडाई को लडना है तथा जनता से कियो गये वादों को पूरी इमानदारी से निभाना है । सुश्री भूरिया ने कहा कि  कुछ संगठन के लोग भा्रतिया फैला कर भाजपा से मिल कर कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हुए है उन्हे सबक सिखाना है तथा उनके बहकावे मे नही आना है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने सभी सरपंचों से  इस बैठक में खुल कर अपनी समस्या रखने पर उनकी प्रसंषा करते हुए कहा कि हमस ब मिल कर आपकी समस्याओं को हल करने का भरसक प्रयास करेगें  आपकी लडाई हमारी लडाई है हमस ब मिल कर शासन और प्रषासन से  इस क्षेत्र के विकास के लिये सतत संघर्ष करते रहेगें । उन्होने सदस्यता अभियान पर जोर देते हुए कहा कि आप जल्द से जल्द अपने क्षेत्र से अधिक से अधिक संख्या में कांग्रेस के सदस्य बनावेे कांग्रेस सगठन को मजबुत बनाने में योगदान दे सकें । जिला सेवादल संगठन राजेष भटृ ने इस महती बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि  कांग्रेस ने हमे बहुत कुछ दिया है  सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर उनके दुखदर्दो को समझाना होगा ।षंकरसिंह भूरिया पूर्व जनपद अध्यक्ष ने सरपंचों  के वित्तिय अधिकार को लेकर कहा कि प्रदेष सरकार ने इनके अधिकारों को कम कर दिया है, उसकी लडाई कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं सरपंचों को एकजूट होकर लडनी होगी । जिला महामंत्री जितेन्द्र अग्निहौत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि तालाब के गहरी करण के कार्यो को शीघ्र प्रारंभ करने के लिये कलावती भूरिया का ध्यान आकर्षित किया । ब्लाक कांग्रेस मानसिंह मेडा ने कहा कि यह लडाई हमसब की लडाई है । नकली कांग्रेसियों से भी सावधान रहने की बात भी उन्होने कही । कार्यक्रम का संचालन हेमचंद डामोर ने किया एवं आभार भेरूभाई भूरिया सरपंच पिपलीपाडा ने व्यक्त किया ।इस अवसर पर  भोयरा के सरपंच वरमा कटारा, कल्याणपुरा के सरपंच शंकर हटिला, एवं जनपद सदस्य पेमा भाबर बावडी ने भाजपा छोड कर कांग्रेस की विधिवत रूप  से सदस्यता ग्रहण की । जिला कांग्रेस की ओर से उनका पुष्पहारों से स्वागत  किया । इस अवसर पर सरपंच संघ का भी गठन किया गया । सर्वसममति से आम्बाखोदरा के सरपंच तोलिया भाबोंर को अध्यक्ष बनाया गया व गुलाब बाई भाबोर नवापाडा एवं भूरा पति भेरूभाई एवं श्रीमती खिमा अनसिंह भाबोंर को उपाध्यक्ष, कुबेरसिंह संदला को कोषाध्यक्ष एवं वरसिंह डामोर,धुमसिंह डामोर, रेमा जवसिंह बारिया  कैलाष डामोर पाना पति नाना डामोर को महामंत्री बनाया गया । इनका भी स्वागत किया गया । इस अवसर पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटृ,  हेमचंद डामोर खुमान निनामा,खीमा अनसिंह, वर्मा कटारा  बहादूर बिलवाल, वज्जा बुडिया, जवसिंह बारिया बापू वाकला कैलाष डामोर  आदि उपस्थित थे ।

ईश्वर ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए

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झाबुआ---शांति व प्रेम के देवता येसु मसीह के प्राणों के त्याग का पर्व गुड फ्राईडे पर्व  दोपहर तडके स्थानीय न्यू केथोलिक मिशन स्कूल अंग्रेजी माध्यम में दोपहर 1 बजे से क्रुस मार्ग का आरंभ हुआ, समाज के लोगों द्वारा अपने पापों को याद करते हुए क्षमा पूर्ण हृदय व घुटने टेके आंखों में आंसु लिए उन क्षणों को याद किया जब येसु मसीह जो कि बेगुनाह थे वे अपने प्राणों को न्यौछावर कर रहे थे, वह भी उनके लिए जिनकी उन्होने मदद की थी। धीरे धरे पहले कुु्रस मार्ग से चोदहवें विश्राम तक समाज के अनुयायियों ने प्रभु येसु का क्रुस उठाया व प्रार्थना की और उस समय को याद किया जैसा ईसा मसीह ने अपनी क्रुस यात्रा के दौरान किया था और कलवारी पहाडी की ओर बढे थे। पुरा समाज इस यात्रा के दौरान नतमस्तक हो कर जिस प्रकार येसु ने कोडों की मार कांटों का मुकूट, क्रुस का भार, बार बार यात्रा के दौरान गिरना, उन पर थुंका जाना, अपशब्द कहा जाना सहा होगा वह भी इस पानी मनुष्यों के लिए इस क्रुस याऋा का संदेश यह था कि मनुष्यों को अपने पापों का प्रायश्चित अपने जीवन में ही कर लेना चाहिए। कु्रस यात्रा का आरंभ अलग अलग दलों द्वारा किया गया।

किया कडवा पानी वितरित
वैभव खराडी ने जानकारी देते हुए बताया कि मिस्सा बलिदान के पश्चात समुदाय के लोगों द्वारा कडवें पानी का सेवन कर धार्मिक लाभ लिया गया।  कडवें पानी की व्यवस्था माता मरियम समिति द्वारा की गई। आगे की जानकारी देते हुए बताया कि जब प्रभु येसु के क्रुस पर अंतिम समय में उनकों प्यास लगी तब सैनिकों द्वारा सरकंडे में खटटी अंगुरी पिलाई गई उसी क्षण की याद करते हुए समाज के धर्मावलंबियों द्वारा कडवें पानी का सेवन किया जाता है।

हनुमान जंयति के पुर्व निकला चल समारोह

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पिटोल - प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष पिटोल मे हनुमान जयंति के उपलक्ष्य मे तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन के तहत दिनांक 2 अप्रेल को षाम 4 बजे स्थानिय इन्दौर अहमदाबाद हाइवें पर पहाडी पर हनुमानजी मंदीर से विषाल चल समारोह निकला चल समारोह हनुमान गढी से निकल कर पिटोल नगर मे प्रवेष किया जिसमे बडी संख्या मे सभी समाज के लोग षामील हुए। जगह जगह चल समारोह का स्वागत किया गया जिसमें स्थानिय राधाकृष्ण मंदीर पर नवयुवक मण्डल द्वारा चल समारोह मे षामील लोगो के लिये आईस्क्रीम की व्यवस्था की गई इसके पश्चात सदर बाजार मे अरूण कुमार पाटीदार, षैलेष पाटीदार, राजेष पाटीदार, परिवार ने चल समारोह मे षामिल लोगों को षितल पेय कोल्डींगस पिलाया। वही नगर में जहाॅ से चल समारोह गुजरा सभी समाज के लोगों ने स्वागत किया। फिर स्थानीय आजाद चोक पर डीजे एवं ताषे पर युवा युवक जमकर थिरके तथा धार्मिक भजनों पर हर कोई थिरकने लगा। इस नगर भ्रमण के पश्चात षाम 7ः30 पर वापस हनुमान मंदीर पहुचा षाम आरती के बाद प्रसाद वितरण के बाद जुलुस का समापन हुआ।

श्री वाडी हनुमान मंदिर में धूमधाम से मनेगी हनुमान जयंति फरियाली खिचडी का होगा वितरण

झाबुआ---प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर नगर के मध्य स्थित चमत्कारिक श्री वाडी हनुमान मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हनुमान जयंति महोत्सव आज धूमधाम व श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया जायेगा। हनुमान जन्मोत्सव को लेकर षुक्रवार को ही संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई । मंदिर पुजारी नित्यप्रकाष चैहान व व्यवस्थापक गोपाल नीमा, प्रवीण चैहान, अषोक सिन्हा, मनोज सोनी आदि ने बताया कि हनुमान जयंति को लेकर मंदिर मंे भगवान की प्रतिमा का विषेश श्रृंगार कर पूरे मंदिर में आकर्शक विद्युत सज्जा की गई है। आज प्रातः 4 अप्रैल को षनिवार को सुबह 6 बजे जन्मोत्सव आरती होगी। हनुमान जयंति के दिन षाम को आरती के पष्चात मंदिर में दर्षनार्थ हेतु आने वाले भक्तगणों के लिये 3 क्विंटल से अधिक फरियाली खिचडी का वितरण किया जायेगा जो देर रात्रि तक जारी रहेगी। उन्होंने नगर की धर्मप्रेमी जनता से अपील कर मंदिर में दर्षनाथे हेतु पधारने व प्रसादी ग्रहण करने की अपील की है। 

जैन सोष्यल ग्रुप व वैष्य महासम्मेलन द्वारा प्याऊ का शुभारंभ

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झाबुआ---जैन सोष्यल ग्रुप के सचिव पंकज मोगरा ने जानकारी देते हुए बताया कि बस स्टेण्ड पर यात्रियों की भारी आवाजावी बनी रहती है । भीषण गर्मी में कंठ की प्यास बुझाने के लिए शीतल व शुद्ध जल प्याऊ का शुभारंभ ग्रुप के अध्यक्ष अभय रूनवाल, उपाध्यक्ष सुनीता बाबेल, कैलाष श्रीमाल व संतोष नाकोड़ा वैष्य महासम्मेलन के जिला अध्यक्ष निर्मल अग्रवाल, युवा इकाई जिलाध्यक्ष संजय शाह, जिला प्रभारी प्रवीण रूनवाल, द्वारा किया गया । इस अवसर पर भरत बाबेल, अंतिम जैन, शषिकांत छाजेड़, आषीष जैन, मनोज कटकानी, राजेष मेहता, उल्लास जैन, संजय मेहता ,कांतिलाल पगारिया, अमीत जैन, नीरज गादिया, मनोज बाबेल, संजय गांधी, जय भंडारी, कमलेष कोठारी, नितिन साकी, विकास शाह, प्रदीप जैन आदि उपस्थित थे ।

रंगपुरा पुनर्वास केन्द्र में मनाई गई महावीर जयंती 

झाबुआ---दिगंबर जैन समाज ने महावीर जयंती के अवसर पर श्री 1008 शांतिनाथ गिदबंर जैन मंदिर में प्रभातफेरी प्रक्षाल पूजन के साथ प्रारंभ हुआ । इसके बाद श्रीजी का रथ मुख्यमार्गो से होता हुआ नसीया जी तक पूर्ण हर्षोल्लास के साथ ले जाया गया । दोपहर  3 बजे महावीर महिला मंडल द्वारा रंगपुरा पुनर्वास केन्द्र में बच्चों के बीच महावीर जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया । दीप प्रज्वलन के साथ भाषण व भजन का कार्यक्रम रखा गया  । महिला मंडल की अध्यक्ष बेबीराजा मोदी, कोषाध्यक्ष आषा मिण्डा, पुष्पाषाह, निर्मला पंचोली द्वारा अपने विचार रखे गये । जयमाला कोठारी व भूमिका डोसी द्वारा भजन गाये गये । कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेन्द्र मोदी ने की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भानुलाल ष्षाह एवं राजेन्द्र पंचोली व पुनर्वास केन्द्र प्रभारी शैलेन्द्रसिंह राठौर रहे । संचालन एवं आभार निलम जैन ने किया । अंत मे महिला मंडल द्वारा भोजन कराया गया तथर कीट दिये गये ।

पेंशनर संघ की त्रैमासिक बैठक मे कई बिन्दूओं पर हुई चर्चा, जिला संगठन के चुनाव 15 मई को होगें 

झाबुआ---पेंषनर एसोसिएषन जिला शाखा झाबुआ की त्रैमासिक बैठक गुरूवार 2 अप्रेल को एकलव्य भवन स्थित पेंषनर कार्यालय में आयोजित हुई । संगठन के अध्यक्ष भेरुसिंह राठौर द्वारा प्रांताध्यक्ष से प्राप्त परिपत्र का वाचन कर सभी को जानकारी दी गई । प्रांतीय सब कमेटी में अपने स्वयं के व्यय से जाने के लिये कन्हैेयालाल गहेलोत, बी वी त्रिवेदी, जेन्द्रबैरागी श्रीमती मुन्नीदेवी बाजपेयी, कुंता सोनी द्वारा सहमति ली गई । इनके नाम प्रांतीय सचिव को भेजे जावेगें । प्रांतीय चुनाव में लगातार 3 साल तक जिन संस्थाओं ने अंधदान दिया है उन्हे ही मतदान की पात्रता रहेगी । इस बारे में भी प्रस्ताव प्रांताध्यक्ष को भेजा गया । वर्तमान में सारांषिकरण के संबंध में जो आदेष जारी हुए है, उनसे कई पेंषनर की उनकी ़क्षमता से अधिक राषि काटी जारही है । अतः निर्णय लिया गया कि नियमों ने संषोधन कर पूर्वानुसार नियम 10 वर्ष की पेंषन या 70 वर्ष की आयु  जो भी पूर्ववर्ती हो लागू किये जाने की मांग करने का निर्णय लिया गया । प्रभावित पेंषनर्स से इस संबंध में आवष्यक जानकारी निर्धारित प्रारूप  पर प्रांताध्यक्ष को भेजी जावे । इस संबंध में वाद लगाये जाने पर उचित सहयोग देने का प्रस्ताव पारित हुआ । बैठक में चिकित्सा भत्ते के संबंध में प्रांताध्यक्ष द्वारा योजना बना कर षासन को भेजी गई है । इस संबंध में षासन से कोई निर्देष प्राप्त होने पर भविश्य मे विचार किया जावेगा । वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल पूर्ण होने से 15 मई 2015 को चुनाव कराने का निर्णय लिया गया । इस संबंध में 30 अप्रेल तक जो सदस्य वार्षिक शुल्क जमा करेगें उन्हे मतदान में भाग लेने की पात्रता रहेगी । मतदाता सूची वार्डवाईज तैयार करते के लिये रतनसिंह राठौर जयेन्द्र बैरागी, सुभाष दुबे, बीएल साकी का नाम प्रस्तावित किया गया । बैठक में 32 माह के एरीयर के संबंध में उच्चन्यायालय में 22 अप्रेल 2015 को आगामी तिथि नियत होने की जानकारी सदस्यों को दी गई । साथ ही प्रतिमाह सेवा निवृत होने वाले कर्मचारियों का सममान कलेक्टोरेट में पूर्वानुसार किये जाने के लिये एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से भेट करेगा ,के बारे में भी निर्णय लिया गया । बैठक में एससी पाठक, भेरूसिंह राठौर, बीएल साकी, पीडी रायपुरिया, एमसी गुप्ता, रतनसिंह राठौर, केएन गुप्ता छगनलाल व्यास, भारतसिंह तोमर, बालमुकुंदसिंह चैहान,प्रकाष चैहान आदि बडी संख्या में पेंषनर उपस्थित थे ।

12 अप्रेल से श्रीमदभागवत कथा का होगा अभिनव आयोजन, बैठक आयोजित कर रूपरेखा की गई तय
  • पोस्टर्स एवं आमंत्रण पत्रिका का किया विमाचन 

झाबुआ ---नगर की धर्मधरा पर ज्ञान एवं भक्ति की गंगा प्रवाहित होने का क्रम सतत जारी है । इसी कडी में आगामी 12 अप्रेल से नगर के पूरानी हाउंसिंग बोर्ड कालोनी में तीर्थेनद्र नगर में सप्तदिवसीय श्रीमद भागवत कथा का अभिनव आयोजन होगा । नगर के एक नीजी गार्डन में  श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा समिति की बैठक का आयोजन गुरूवार को किया गया । ठा. सुरेन्द्रसिंह रघुवंषी  एवं परिवार की ओर से आयोजित की जाने वाले भागवत कथा में कथा व्यास डा. स्वामी श्रीकृष्णषरणदेवजी महाराज के मुखारविंद से  श्री मदभागवत कथा में ज्ञान गंगा प्रवाहित की जावेगी । आयोजित बैठक में सप्तदिवसीय भागवत कथा के इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिये नगर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अमूल्य एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिये । राधेष्याम परमार ने भागवत कथा का संक्षिप्त ब्यौरा देते हुए कहा कि भागवत में लिखी बातों को यदि जीवन मे उतार लिया जावे तो जीवन धन्य हो जावेगा । हनुमान टेकरी सेवा समिति के श्री गजेन्द्रसिंह चंद्रांवत ने कहा कि समिति पूरी तरीके से भागवत सप्ताह की व्यवस्था में पूरी तरह से साथ है । रोटरी क्लब  आजाद के  संजय कांठी ने कहा कि भागवत सप्ताह मनाने की तेयारिया तीन माह से चल रही है जिसे अब गति मिली है ।पूर्व कोषालय अधिकारी ओंकारलाल कटारिया ने कहा कि भागवत से बढा कोई ग्रंथ नही है इसकी एक एक बात में सच्चाई का समावेष  है ।राठौर समाज के कन्हैयालाल राठौर ने कहा कि भागवत की तैयारिया ऐतिहािसक होना चाहिये एक एक पहलू पर विषेष ध्यान रखना चाहिये । सर्व ब्रा्रह्मण समाज की श्रीमती सुषीला भटृ ने भजन सुनाकर आनंदित किया एवं महिला मंडल की ओर से बैठक व्यवस्था का जिम्मा सम्हाला ।श्री सत्यसाई समिति के सौभाग्यसिंह चैहान ने भागवत कथा को मृत्य का ग्रंथ बताते हुए निर्भिक होकर राजा परीक्षित द्वारा मृत्यु के अंगीकार करने के बारे में बताते हुए समिति द्वारा कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया । सकल व्यापारी संघ के सचिव निर्मल अग्रवाल ने कहा कि यह आयोजन नगर के लिये गौरव का विषय है, सभी समाज एक जूट होकर इसे सफल बनायेगें । जैन समाज के डा. संतोष प्रधान ने कहा कि भागवत का एक एक शब्द जीवन मे उतार कर आध्यात्म एवं भक्ति का माहौल बनाना है ।संचालन करते हुए नीरजसिंह राठौर ने कार्यक्रम को नगर के लिये गौरव की बात बताते हुए कहा कि पहली बार चद्दर वाले विषेष डोम मे  श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जारही है तथा पूरे परिसर मे कूलर एवं पंखों की व्यवस्था के कारण किसी को भी कथा श्रवण में परेषानी नही होगी । राजवाडा मित्र मंडल के जितेन्द्र पटेल ने भी कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिये विभिन्न समितियों के गठन की आवष्यकता बताई । कार्यक्रम के मुख्य यजमान कनिष्ठ यंत्री एसएस रघुवंषी विद्युत मंडल मेघनगर के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नगर के लिये सभी समाजसेवी का जुटना गौरव का विषय है । भागवत सप्ताह कार्यक्रम में  नगर के सभी समाज का एक ही जाजम पर बैठना अपने आप मेंअनुकरणीय है । श्री रघुवंषी ने खुले मन से उपस्थित सभी गणमान्यों का अभिनंदन भी किया ।

पोस्टर्स एवं आमंत्रण पत्र का किया विमोचन
श्रीमदभागवत ज्ञान गंगा समिति द्वारा बनाये गये पोस्टर्स एवं आमंत्रण पत्रिका का गुरूवार को विमाचेन किया गया  ।यह सभी प्रचार के मुख्य स्त्रोत होते है,नगर के सभी मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थानों पर इन्हे लगा कर श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया जावेगा । पोस्टर एवं आमंत्रण पत्र का विमोचन आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय रामावत, हनुमान टेकरी सेवा समिति के जीवन पडियार, मुख्य यजमान एसएस रघुवंषी, रोटरी आजाद के संजय कांठी, राठौर समाज के कन्हैयालाल राठौर, पूर्व कोषालय अधिकारी ओ एल कटारिया,सत्यसाई समिति के सौभाग्यसिंह चैहान, व्यापारी संघ के सचिव निर्मल अग्रवाल, सर्व बा्रह्मण महिला इकाई की अध्यक्ष श्रीमती सुषीला भटृ, भाजपा नगरमंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार ने किया । इस अवसर पर भाजपा नेता दौलत भावसार, मोहनलाल माहेष्वर, निरंजनसिंह चैहान,श्रीकिषन माहेष्वरी, श्री चंदेल, सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के 150 प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

सात दिनों तक बहेगी ज्ञान गंगा -
श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा समिति के प्रचार प्रभारी हर्ष भटृ एवं राजेन्द्र सोनी ने बताया कि तीर्थेन्द्र नगर पुरानी हाउंसिंग बोर्ड पर 12 से 19 अप्रेल तक भागवत कथा ज्ञान गंगा बहेगी । डा. स्वामी श्री कृष्णषरण देव जी के मुखारबिन्द से संगीतमय भागवत कथा का आयोजन होगा । 12 अप्रेल को प्रातः 8 बजे भागवत पूजन एवं मूल पारायण प्रारंभ होगा , प्रातः 9 बजे अम्बे माता मंदिर से कलष एवं शोभायात्रा निकाली जावेगी । प्रतिदिन  दोपहर 3 बजे से भागवत कथा का आयोजन  किया जाना सुनिष्चित किया है । इस दौरान विषेष प्रसंगों की तेयारिया भी शुरू हो गई है जिसमें 15 अप्रेल को श्रीकृष्ण प्राकट्य एवं नंद महोत्सव, 16 अप्रेल को गोवर्धन पूजा एवं अननकूट महोत्सव, 17 अप्रेल को श्री कृष्ण रूकमणी विवाह एवं फुलो की होली, 18 अप्रेल को श्री सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष एवं 19 अप्रेल को हवन एवं पूर्णाहूति के साथ प्रातः 9 बजे से विषाल भंडारे का आयोजन किया जावेगा । आयोजन समिति ने उक्त भागवत कथा में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने की अपील की है । समिति के नीरजसिंह राठौर के अनुसार आगामी बैठक 7 अप्रेल मंगलवार को कथास्थल पर सांयकाल 7 बजे आयोजित होगी । आभार प्रदर्षन अजय रामावत ने किया ।

1 हजार से अधिक भक्तों ने किया अखंड श्री राम नामजी का जाप, 12 घंटे तक सत्त चला जाप

झाबुआ---स्थानीय हनुमान टेकरी पर श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव की शुरूआत शुक्रवार से हो चुकी है। प्रथम दिन मंदिर में भक्तजनों द्वारा अखंड श्री राम-नामजी का जाप किया गया। प्रातः 6 से शाम 6 बजे तक सत्त चले इस जाप में 1 हजार से भी अधिक भक्तजनों ने शामिल होकर जाप कर आत्म शांति प्राप्त की। यह जानकारी देते हुए श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति के जीवन पडियार ने बताया कि समिति द्वारा तीन दिवसीय महोत्सव के आयोजन के क्रम मे प्रथम दिन यह आयोजन हुआ। प्रातः 6 से 7 बजे के बीच 74, 7 से 8 बजे के बीच 80, 8 से 9 बजे के बीच 90, 9 से 10 बजे के बीच 62, 10 से 11 बजे के बीच 62, 11 से 12 बजे के बीच 46, 12 से 1 बजे के बीच 43 एवं 1 से 2 बजे के मध्य 46 इस प्रकार इस अवधि तक कुल 523 भक्तजनों ने हिस्सा लेकर शांत वातावरण में राम-नामजी कं जाप किए। इसके बाद के समय में शाम 6 बजे तक भी अनेक भक्तजनों ने राम-नामजी का जाप कर सुख-शांित की अनुभूति की। शाम को शिव पुराणजी पर आधारित प्रश्न-मंच प्रतियोगिता आयोजित हुई। रात्रि में प्रसिद्ध कथा वाचक पं. अनिरूद्धजी मुरारी द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई एवं समिति सदस्यों द्वारा रात्रि जागरण किया गया।

आज एवं कल ये होंगे कार्यक्रम
4 अप्रेल को सुबह 6 बजे जन्मोत्सव आरती होगी। इसके पश्चात् सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। भक्तजनों द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर दिनभर में लगभग 1008 बार सामूहिक रूप से श्री हनुमान चालीसाजी का पाठ किया जाएगा। शाम को भजनों पर आधारित डांस प्रतियोगिता रखी गई है। रात्रि 8 बजे से उज्जैन से आई पार्टी द्वारा भजनों की समधुर प्रस्तुतियां दी जाएगी। यह कार्यक्रम देर रात तक चलेगा। 5 अप्रेल को हनुमान जयंती मनाते हुए सुबह 8 बजे पंच कुंडीय मारूति यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में होगा। दोपहर सवां 12 बजे महाआरती की जाएगी। इसके पश्चात् महाप्रसादी (भंडारे) का भव्य आयोजन किया जाएगा, जो शाम लगभग 5 बजे तक चलेगा। समिति द्वारा तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने की अपील जिलेवासियों से की गई हे। 

शोच करने गई लडकी का किया अपहरण 
       
झाबुआ--- फरियादी पांगला पिता खुमान कटारा उम्र 40 वर्ष निवासी वटठा ने बताया कि उसकी लडकी शोच जाने का कहकर गयी थी, वापस नही आयी, आसपास रिश्तेदारो में तलाश करने पर सिपडा पिता फतिया ने बताया कि लडकी को आरोपी दीपला पिता खिमजी डामोर, निवासी वटठा जबरन अपनी मो0सा0 पर बिठाकर अपहरण कर ले गया। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रमांक 75/15, धारा 363,366 भादवि एवं 3/4 ले.अप.बा.सं.अधि. 2012 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छेडछाड का अपराध पंजीबद्ध 
        
झाबुआ---फरियादिया ने बताया कि वह अपने घर पर थी, आरोपी भीलसिंह पिता अपसिंह सिंगाडिया निवासी माकनकुई ने घर में घुसकर बुरी नीयत से हाथ पकडकर दूसरे कमरे में ले जाने लगा व छाती दबाई, चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना झाबुआ में अपराध क्रमांक 239/15, धारा 354,452 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सर्प दंश से मोत

झाबुआ---फरियादी जोगी पिता भुरा भुरिया उम्र 40 वर्ष निवासी देवीगढ ने बताया कि जेनु पिता जोगी उम्र 13 वर्ष निवासी देवीगढ को दाहिने पैर की उंगली में साप काट लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। थाना थांदला में प्रकरण क्रमांक 20/15, धारा 174 जाफौ0 कायम कर विवेचना में लिया गया। 

हिमाचल की विस्तृत खबर (03 अप्रैल)

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मंत्री के गनमैन ने गोली मारी

शिमला,03 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को राज्य के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के एक निजी सुरक्षा अधिकारी पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से राज्य की राजधानी में एक व्यक्ति पर कथित रूप से गोली चलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। यह जानकारी पुलिस ने दी है। गनमैन पंकज शर्मा के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। उस पर गुरुवार की शाम सरकार संचालित होटेल हॉलीडे होम में गोली चलाने का आरोप है। शिमला के होटल होलीडे होम में देर रात हिमाचल के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के निजी सुरक्षा अधिकारी की दबंगई देखने को मिली। पीएसओ ने यहां होटल में पार्टी कर रहे दो युवकों पर गोलियां चला दी।दोनों युवक जख्मी हो गए हैं। और उन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां इनकी हालत स्थित बनी हुई है। पुलिस ने मंत्री के पीएसओ को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है। अधिकृत सूत्रों ने कहा कि विवाद वाहन की पार्किंग को लेकर था। जिस समय गोली चली, उस समय मंत्री भी होटेल में मौजूद थे। उधर, शहर की ज्यादातर दुकानें भी इस के विरोध में बंद रखी गई हैं।शहर में देर रात हुई इस सनसनीखेज घटना से हर कोई सकते हैं। बताया जा रहा है कि होटल में पार्टी चल रही थी। इसी दौरान युवकों की पीएसओ के साथ बहस हो गई। बाद में गोलियां चली जिससे माहौल तनाव में बदल गया। मंत्री के चालक राकेश कुमार पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। 

विश्व हिन्दू परिषद की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक कल से चंडीगढ़ में

शिमला,03 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। विश्व हिन्दू परिषद की विशेष संपर्क विभाग की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक कल से चंडीगढ़ में। डॉ प्रवीण तोगडिय़ा समेत 150 से ज्यादा राष्ट्रिय व राज्य स्तर के वीएचपी पदाधिकारी जुटेंगे। हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के साथ बैठक का होगा शुभारम्भ। कल विश्व हिन्दू परिषद के विशेष संपर्क विभाग की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक चंडीगढ़ में अग्रसेन भवन सैक्टर-30 में शाम 4 बजे से शुरू होगी। बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण भाई तोगडिय़ा समेत राष्ट्रिय व राज्य स्तर के 150 के लगभग पदाधिकारी भाग लेंगे। संगठन के प्रचार प्रमुख अमितोष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की कल विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल ने हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ रखा है तथा बैठक की शुरुवात चालीसा के पाठ से शुरू होगी। बैठक का समापन 5-अप्रैल को होगा।

लॉरेट इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मसी ने किया दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन 

धर्मशाला,03 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। लॉरेट इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मसी कथोग, ज्वालजी मे दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन डिपार्टमेंट ऑफ साइन्स एवं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, गवर्मेंट ऑफ इंडिया द्वारा "नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रिसेंट एडवांसमेण्ट इन हर्बल मैडिसिन एंड हर्बल ड्रूग टेक्नालजी "का आयोजन किया गया ! इस अधिवेशन के मुख्यअतिथि श्री पुश्पेंद्र राजपूत (संभागीय आयुक्त जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश), डीएसपी देहरा रीणु शर्मा और इंस्टीट्यूट के संस्थापक डा शिव राज सिंह ने दीप प्रजलित कर के अधिवेशन को शुरू किया ! इस अधिवेशन मे विभिन्न राज्यों के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने से हिस्सा लिया ! अधिवेशन का  मुख्य उद्देश्य प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों के साथ औषधि अनुसंधान के बारे मे रूबरू करना है  ! इसमें विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों द्वारा जानकारी उपलप्ब्ध करवाई गई ! जिस मे जड़ी बूटी संबन्धी औषधि विकास, औषधि व्यवसाय की नयी तकनीकों के बारे मे चर्चा की गई, साथ साथ इस अधिवेशन मे औषधि विज्ञान को गुणवत्तापूर्ण बनाने के बारे मे प्रतिनिधियों को सुझाभ भी दिये गए! ड़ा विक्रम सिंह चीफ साइंटिस्ट - सीएसआरआई पालमपुर  ने प्रतिनिधियों को हर्बल और न्यूट्रासेऊटिकल की नयी तकनीकों और भविष्य के उज्ज्वल क्षेत्र के बारे मे अव्गत कराया! ड़ा सी पी कश्यप ने सभी प्रतिनिधियों के सामने स्थानीय औषधियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल के क्षेत्रों में लोगों द्वारा उगाई जाने वाली स्थानीय औषधियां अन्य क्षेत्रों से लाई जाने वाली औषधियों के मुकाबले ज्यादा प्रभावी होती हैं और हिमालय में औषधीय जड़ी-बूटियों की बड़ी संख्या में प्रजातियां विद्यमान हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर है।  डा प्रवीण कुमार शर्मा , एसोशिएट प्रोफेसर टांडा मेडिकल कॉलेज ने भी डबल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों पर अपनी बात रखी। कॉलेज के निदेशक डा रन सिंह और प्रधानाचार्य डा एम एस आशावत ने यह जानकारी दी ! अधिवेशन के दौरान डा विनय पंडित, डा धर्मेंद्र कुमार, राजेंद्र अवस्थी, अमित शर्मा, पुनीत कुमार राय, शम्मी जिंदल, शिव कुमार, मनीष मजूमदार , दुर्गादास अनघोरे, प्रवीण कुमार, नितिन गुप्ता , अंकज, रोहित भाटिया, अर्चना कुमारी, रीणु राणा, देव राज, पृतिभा, काम्या जिंदल, आरती, मोहित शर्मा ने पूरी निष्ठा से अपनी जीमेदारी को वहन किया।

गिरीराज सिंह की टिप्पणी निंदनीय

giriraj singh
धर्मशाला,03 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता वी के शर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के मंत्री गिरीराज सिंह ने जो अभद्र टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के खिलाफ की है वह निंदनीय है। यू ंतो भाजपा बड़े अनुशासन की बात करती है लेकिन मोदी सरकार के मंत्री बयानबाजी में दिन प्रतिदिन निरंकुश होते जा रहे हैं। यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि हैरानी इस बात की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने बड़बोले नेताओं पर अंकुश लगाने और उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने पर असमर्थ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिरीराज सिंह ने सारी हदें पार कर सोनिया गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करके घटिया मानसिकता का परिचय दिया है। इन नेताओं के मन में नारी की इज्जत क्या है यह गिरीराज सिंह ने बता दिया है। बिलासपुर कांग्रेस न्यायालय के उस निर्णय का भी स्वागत करती है जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। 
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