चालंग गांव में अफसरों और आला सियासी नेताओं के परिजनों ने नाम दर्ज हैं जमीनें, मुंबई की आदर्श सोसायटी की राह पर पनाश वैली
- पूर्व सीएम खंडूड़ी के परिजनों के नाम भी जमीन, दून के डीएम रहे चंद्रेश यादव के नाम दो प्लाट
- आईएएस सारंगी और राजेश भूषण भी शामिल, आईएफएस विनोद फोनिया ने भी खरीदी जमीन
देहरादून,6 अप्रैल(निस) । शहर का पनाश वैली प्रोजेक्ट जमीन की कथित गड़बड़ियों को लेकर खासा चर्चा में है। इस प्रोजेक्ट की अधिकांश जमीन पहाड़ की तलहटी के राजस्व गांव चालंग में ही है। इस गांव के राजस्व अभिलेखों की पड़ताल की पता चला कि यहां तो तमाम रसूखदारों ने जमीनें खरीदी हैं। भाजपा और कांग्रेस के आला सियासी नेताओं के परिजनों की जमीनें यहां है तो सत्ता में अपनी पकड़ के दौरान अफसरों ने भी खूब खरीददारी की। अहम बात यह है कि इन रसूखदारों से जमीन की रजिस्ट्री बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर कराई है। माना जा रहा है कि अगर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो तो यह घोटाला मुंबई के आदर्श सोसायटी घोटाले से कम साबित नहीं होगा। यूं तो सियासी लोगों के परिजनों और अफसरों के जमीन खरीदने से किसी कानून का उल्लघंन नहीं होता है। लेकिन अगर किसी विवादित प्रोजेक्ट में जमीन खरीदने वाले रसूखदारों की फेरहिस्त लंबी हो तो कहीं न कहीं शक की गुंजाइश तो बनती ही है। अहम बात यह भी है कि यह पनाश वैली प्रोजेक्ट पिछले कई सालों से बार-बार सुर्खियों में आता रहता है और कुछ दिन के हो-हल्ले के बाद प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हो जाता है। बताया जा रहा है कि विवाद शुरू होते ही प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ता सक्रिय हो जाते हैं और सत्ता पर काबिज लोगों की परिक्रमा शुरू कर देते हैं। फिर कुछ डील होती है और प्रोजेक्ट की जमीन प्रभावशाली और सत्ता में पकड़ रखने वाले लोगों के नाम बतौर खरीददार दर्ज हो जाती है। इसके बाद ही मामला ठंडा हो जाता है। इस प्रोजेक्ट को इस बार लंबा झटका मिलता दिख रहा है। जांच पर जांच हो रही हैं और एमडीडीए ने मानचित्र निलंबित करके प्रोजेक्ट का काम रुकवा दिया है। इस पनाश वैली प्रोजेक्ट वाले गांव चालंग के राजस्व अभिलेखों की पड़ताल की। अब तक की पड़ताल में एक चैकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सूबे में भाजपा की सरकार के रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी के दामाद और आईएएस अफसर राजेश भूषण के साथ ही उनकी एक रिश्तेदार देवयानी भूषण, कुमारी रीतू खंडूड़ी, आईएफएस अफसर विनोद फोनिया, उस वक्त के सबसे ताकतवर नौकरशाह प्रभात कुमार सारंगी, दीपाली फोनिया ने इसी चालंग गांव में जमीनें खरीदी हैं। इस सूची में देहरादून के जिलाधिकारी रहे व वर्तमान में सूचना महानिदेशक आईएएस अफसर चंद्रेश यादव का नाम भी शामिल है। कांग्रेस की बात करें तो आरती रावत और अनुपमा रावत ने भी इस चालंग गांव में जमीन खरीदी है। इस जमीन को खरीदने के बाद दीपाली फोनिया ने इसे बाद में बेच दिया। इसी तरह से आईएएस अफसर प्रभात सारंगी ने भी अपने नाबालिग पुत्र माधव सारंगी के नाम से खरीदी गई जमीन को बेच दिया है। बहरहाल, न्यूज वेट की अब तक की महज खसरों की पड़ताल से यही नाम सामने आए है। अन्य खातों में और दूसरे रसूखदारों के नाम शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इन नामों को देखकर ही अंदाज लगाया जा सकता है कि पनाश वैली के प्रबंध तंत्र की सत्ता के गलियारों में कितनी गहरी पकड़ है और क्यों बार-बार की जांच के बाद भी इस प्रोजेक्ट पर अब तक कोई सख्त एक्शन नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन मौजूदा जांच से बचने की जुगत में लगा हुआ है।
कौडियों के मोल खरीदी जमीन
चालंग गांव की जमीन बेशकीमती है। लेकिन इन रसूखदारों को कौड़ियों के मोल दी गई है। अगर बाजार मूल्य 25 से 30 लाख का रहा होगा तो रजिस्ट्री में इसकी कीमत दो से तीन लाख ही दर्शाई गई है। अगर इन जमीनों की रजिस्ट्री में इस्तेमाल किए स्टांप की ही जांच कर ली जाए तो साफ होगा कि किस तरह से जमीन को कौड़ियों के मोल बेच दिया गया। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि रजिस्ट्री के वक्त स्टांप शुल्क की गणना सर्किल रेट से की जाती है। बताया जा रहा है कि ये जमीनें बाजार मूल्य की बात को छोड़ भी दें तो सर्किल रेट से भी काफी कम कीमत पर बेची गई हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर विक्रेता की ऐसी कौन सी कमजोर नस दबी है, जिसकी वजह से इतने कम पैसे में जमीन दी गई है।
मास्टर प्लान में लैंड यूज चेंज
सूत्रों का कहना है कि चालंग गांव की तमाम जमीन का लैंड यूज देहरादून महायोजना 2005-2025 में परिवर्तित किया गया है। माना जा रहा है कि बिल्डर की सुविधा के लिहाज से ही मास्टर प्लान में बदलाव किया गया है। अगर रसूखदारों के नाम हुई रजिस्ट्री और लैंड यूज चेंज की तारीखों का मिलान किया जाए तो साफ दिखेगा कि कहीं न कहीं दाल में काला है।
ये हैं पनाश वैली के रसूखदार खरीददार
नाम खसरा संख्या कुल जमीन
राजेश भूषण 970 499 वर्ग मीटर
प्रभात सारंगी 193 499 वर्ग मीटर
राजेश भूषण 1029 502 वर्ग मीटर
देवयानी भूषण 502 वर्ग मीटर
विनोद फोनिया --- 337 वर्ग मीटर
रीतू खंडूड़ी 1029 335 वर्ग मीटर
माधव सारंगी 1034 335 वर्ग मीटर
माधव सारंगी 1034 167 वर्ग मीटर
दीपाली फोनिया ----- 335 वर्ग मीटर
आरती रावत 624 502 वर्ग मीटर
अनुपमा रावत 625 625 वर्ग मीटर
चंद्रेश यादव 872 220 वर्ग मीटर
चंद्रेश यादव 873 ख 220 वर्ग मीटर
(दीपाली फोनिया के साथ ही माधव सारंगी के नाम से खरीदे गए प्लाट बेच दिए गए हैं। खबर का श्रोत देहरादून राजस्व विभाग की वेबसाइट है। सभी आंकड़े इसी वेबसाइट से लिए गए हैं।)
वारदात के मास्टर माइंड की तलाश के बगैर मुकाम तक नहीं पहुंच सकती जांच, रूबी प्रकरणः हकीकत से कोसों दूर पुलिस
- महिला की अचानक खामोशी भी खड़े कर रही सवाल, किसके दबाव में जांच के नाम पर हो रही खानापूरी
- एक सप्ताह बाद भी एक कदम नहीं बढ़ सकी जांच
देहरादून,6 अप्रैल। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में घुसपैठ के मामले में पुलिस एक सप्ताह बाद भी वहीं खड़ी है, जहां पहले रोज थी। इस वारदात के मास्टर माइंड की तलाश भी अभी पूरी नहीं हो सकी है। फिर रूबी के तेवरों में आया बदलाव भी किसी बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है। इस अहम मामले में अकादमी की ओर से पहली एफआईआर 29 मार्च को दर्ज कराई गई थी। एक सप्ताह बाद में पुलिस के पास जांच के नाम पर इसी एफआईआर के तथ्य हैं। आरोपी महिला से चार दिन की पूछताछ में भी पुलिस कुछ ऐसा नहीं कर सकी, जिससे लगे कि जांच किसी मुकाम की ओर पहुंच रही है। पुलिस अभी तक यह भी पता नहीं लगा सकी है कि रूबी के अकादमी में रहने के पीछे असली मकसद क्या था और कौन-कौन लोग उसके मददगार थे। पुलिस ने बस अकादमी की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर ही रूबी को गिरफ्तार किया। पुलिस की कहानी अदालत को भी प्रभावित नहीं कर सकी। शायह यही वजह रही कि अदालत ने पुलिस की ओर से की गई रिमांड की मांग मंजूर करने की वजाय रूबी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब पुलिस नए सिरे से रिमांड की मांग कर रही है। जो पुलिस को मात्र चार दिन का मिला है। हां, इस एक सप्ताह में पुलिस को एक बड़ी सफलता रूबी के रुख को नरम करने के रूप में जरूर मिली। रूबी ने कोर्ट में सब कुछ पुलिस की कहानी के अनुसार ही दोहरा दिया। पहले उप निदेशक सौरभ जैन पर फर्जी आई कार्ड देने का आरोप लगाने वाली रूबी अब कह रही है कि कार्ड उसने खुद ही बनावाया है। पुलिस की इस कहानी में भी कोई दम नजर नहीं आ रहा है कि आईएएस न बन पाने की वजह से उसने फर्जी आईएएस बनने के लिए ऐसा किया। अगर ऐसा है तो पुलिस को इस बात का जवाब भी खोजना होगा कि आखिर अकादमी में अंदर रहने के पीछे उसका मकसद क्या था। जाहिर है कि पुलिस की जांच इस घटनाक्रम की हकीकत से अभी भी कोसों दूर नजर आ रही है। इस वारदात को अंजाम देने वाला मास्टर माइंट कौन है, इसका जवाब भी पुलिस को खोजने होगा। आखिर किसके कहने पर रूबी ने पहले सौरभ जैन का नाम लिया और फिर बाद में आधे आरोप खुद ही अपने मत्थे मढ़ लिए। माना जा रहा है कि यह केस पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इसमें एक तरफ एक संस्थान की साख को बट्टा लग रहा है तो दूसरी ओर ब्यूरोक्रेसी के आला अफसरों पर भी अंगुली उठ रही है। ऐसे में पुलिस के सामने इस वारदात की हकीकत जानने की बड़ी चुनौती है।
रूबी को किया जा रहा टार्चर, परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप
देहरादून। रूबी नामक महिला के कई परिजन आज देहरादून पहुंच गए हैं। इनका आरोप है कि पुलिस रूबी को लगातार टार्चर कर रही है। रूबी के मौसा वेदपाल ने आज कचहरी में आरोप लगाया कि आला अफसरों के इशारे पर रूबी को लगातार टार्चर किया जा रहा है। मानसिक रूप से परेशान रूबी ने खाना तक छोड़ दिया है। इसके बाद भी परिजनों को रूबी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। परिजनों ने कहा कि अगर रूबी की तहरीर पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो इसकी शिकायत दिल्ली तक की जाएगी।
रूबी को चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने के आदेश
- -मसूरी में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया रूबी चैधरी को
देहरादून,6 अप्रैल। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में छह माह तक फर्जी आईएएस बनकर रहने वाली रूबी चैधरी को सोमवार को मसूरी में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने रूबी को चार दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने के आदेश दिए हैं, साथ ही यह भी साफ कर दिया कि जितने दिन तक रूबी पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगी तब तक उसका अधिवक्ता उसके साथ रहेगा। सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एसआईटी व पुलिस टीम रूबी को लेकर मसूरी के सीजेएम अदालत में पहंुची। अदालत में रूबी को पुलिस कस्टडी में रिमांड पर लेने के लिए सरकारी व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के बीच में तीखी बहस हुई। सरकारी वकीलों का तर्क था कि रूबी से कई राज और दस्तावेज बरामद करने हंै, इसलिए उसे दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा जाए। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता का तर्क था कि इस मामले में पुलिस बड़े लोगों को बचाने के लिए सिर्फ रूबी को दबाव में लेने के लिए उसका पुलिस कस्टडी रिमांड चाहती है, जिससे कि वह पूछताछ के दौरान उन लोगांे के नाम न ले सकें जिन पर रूबी द्वारा आरोप लगाए गए हैं। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद रूबी को चार दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर तो भेजने के आदेश दे दिए लेकिन यह भी साफ कर दिया कि जितने दिन तक रूबी पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगी तब तक उसका अधिवक्ता उसके साथ रहेगा। अदालत से बाहर आने के बाद रूबी मीडिया के सामने चिल्ला उठी, उसका कहना था कि सौरभ जैन सर को अदालत में उसके सामने लाया जाए। रूबी ने चिल्लाकर यह भी कहा कि बड़े लोगों को बचाने के लिए पुलिस उस पर बयान बदलने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है। वहीं, रूबी के परिजन और रिश्तेदार दून की अदालत में जमा थे, लेकिन उसे मसूरी में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। रूबी के परिजनों और रिश्तेदारों का कहना था कि रूबी को फंसाने के लिए एक षड़यंत्र रचा गया है। रूबी के मौसा का कहना था कि रूबी बेकसूर है और उसे बेवजह फंसाया जा रहा है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि चूंकि मामले में उच्च पदों पर आसीन लोगों के नाम सामने आए हैं, इसलिए मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
भूरा मिला तो ली राहत की सांस, फिर भी नहीं बच सकी उत्तराखंड पुलिस का साख
- हुजूर ने दे रखी थी साहब पर कार्रवाई की चेतावनी, अचानक ही पंजाब पुलिस के हाथ आ गया भूरा
- सूबे की पुलिस छोड़ चुकी थी गिरफ्तारी की आस
देहरादून,6 अप्रैल। शातिर अपराधी अमित उर्फ भूरा की पंजाब में गिरफ्तारी के बाद कुछ लोगों ने भले ही राहत की सांस ली हो। लेकिन इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की साख पर बट्टा लग ही गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में हुजूर का क्या रुख रहता है। विगत 15 दिसंबर को भूरा के साथियों ने उत्तराखंड पुलिस पर हमला करके उसे न केवल छुड़ा लिया था, बल्कि पुलिस कर्मियों के पास से अत्याधुनिक हथियार भी छीन ले गए थे। इससे उत्तराखंड पुलिस के साथ ही सरकार की भी किरकिरी हुई। इस घटना के बेहद क्षुब्ध हुजूर ने एलान कर दिया कि अगर भूरा नहीं पकड़ा गया तो या तो वो नहीं या फिर मैं नहीं। इसके बाद भी पुलिस भूरा को पकड़ने की बात तो दूर उसकी परछाईं भी नहीं पा सकी। यह महज इत्तिफाक ही रहा है कि शनिवार को चार अप्रैल के अंक में न्यूज वेट ने हुजूर को उनके एलान की याद दिलाई और इसी रोज शाम को पंजाब पुलिस ने भूरा को पकड़ लिया। यह अलग बात है कि पंजाब पुलिस के हाथ भी भूरा अचानक ही आ गया। भूरा की पंजाब में गिरफ्तारी होने के बाद उत्तराखंड में भी कुछ लोगों ने राहत की सांस ली है। अहम बात यह भी है कि भले ही लोग राहत की सांस ले रहे हों। लेकिन इस गिरफ्तारी के बाद भी उत्तराखंड पुलिस की छवि पर लगा दाग साफ होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि यहां की पुलिस तो भूरा की तलाश तक बंद कर चुकी थी। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस का काम अब भूरा को बी वारंट के आधार पर देहरादून लाने तक ही सीमित रह गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में हुजूर का क्या रुख रहता है। हुजूर अपने एलान पर कायम रहते हैं या फिर अपनी सरकार की किरकिरी को भूल जाते हैं।
उत्तराखंड राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन ने अमूल की तर्ज पर तैयार की एक कार्ययोजना, मुंबई और दिल्ली में भी बिकेगा उत्तराखंड का आंचल
- रोजाना 1.65 लाख लीटर दूध का हो रहा उत्पादन, दूध, दही, मख्खन, पनीर, खीर, चीज हो रहा तैयार
देहरादून, 6 अप्रैल । उत्तराखंड में धाक जमाने के बाद अब यहां का प्रमुख उत्पाद आंचल अब दिल्ली और मुंबई की शान बनने जा रहा है। जल्द ही आंचल का दूध , मक्खन व अन्य उत्पादों की इन दोनों जगहों में बिक्री शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए फेडरेशन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। उत्तराखंड राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के चेयरमैन अर्जुन रौतेला बताया कि फेडरेशन ने इसके लिए विस्तृत योजना तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री से भी मंडियों में जगह आवंटन के लिए पत्र लिख दिया गया है। रौतेला ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड के 13 जिलों से फेडरेशन लगभग एक लाख पैसठ हजार लीटर दूध का उत्पादन और उसकी मार्केटिंग कर रहा है। इसमें एक लाख लीटर से अधिक कुमाऊं और बाकी दूध का उत्पादन गढ़वाल मंडल से किया जा रहा है। देहरादून, चमोली, नैनीताल और अल्मोड़ा में गो मूत्र शोधन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 13 जनपदों को 11 जिला सहकारी दुग्ध उत्पादन समितियों से जोड़ा गया है। रुद्रप्रयाग जिले को श्रीनगर सहकारी समिति और बागेश्वर जिले को अल्मोड़ा की सहकारी समिति से जोड़ा गया है। फेडरेशन के पास नौ प्लांट विभिन्न जिलों में लगे हैं। इनकी उत्पादन क्षमता 210 किलो लीटर रोजाना है। इसी तरह फेडरेशन के पास 44 चिलिंग प्लांट हैं। इनकी क्षमता 100 किलो लीटर रोजाना है। नैनीताल जिला सहकारी दुग्ध उत्पादन समिति को आईएसओ 9001 का प्रमाणपत्र मिला है। ऊधमसिंह नगर की समिति को भी यह प्रमाणपत्र जल्द ही मिलने वाला है। फेडरेशन का अपना चारा प्लांट भी है। इससे प्रदेशभर के पशुपालकों को गुणवत्ता वाला चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। रौतेला ने बताया कि डेयरी फेडरेशन का उत्पादन आंचल ब्रांड से प्रदेशभर में बेचा जा रहा है। यह ब्रांड बाजार में अपनी एक अलग जगह बना चुका है। फेडरेशन के प्रमुख उत्पाद दूध, दही, घी, मक्खन, पनीर के साथ ही छेना खीर लोगों की पसंद बन चुके हैं। इन उत्पादों की प्रदेश में खासी डिमांड है। उन्होंने बताया की बहुत समय से फेडरेशन इन उत्पादों को देश के अन्य महानगरों तक पहुचाने की योजना बना रहा था। अब इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। फेडरेशन ने तय किया है कि पहले चरण में दिल्ली और मुंबई महानगरों में आंचल ब्रांड की बिक्री कराने पर कार्य चल रहा है। इसके लिए फेडरेशन ने दस वर्षीय योजना तैयार की है। शासन से हरी झंडी मिलते ही इस पर तेजी से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों महानगरों में जगह आवंटन के लिए मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख कर आग्रह किया गया है। साथ ही डीलरशिप के लिए भी संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है। अमूल की तर्ज पर दस वर्षीय योजना तैयार की गई है। राज्य के बाहर के शहरों मार्केटिंग के लिए अलग से एक विंग बनाई जा रही है। इस पूरी योजना को शीघ्र ही डेयरी विकास विभाग के माध्यम से शासन के समक्ष रखा जाएगा। इस कार्ययोजना में कर्मियों के प्रशिक्षण के साथ ही बेहतर विपणन के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
नौ फीसदी बढ़ा दुग्ध उत्पादन
राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष अर्जुन रौतेला ने बताया कि इस समय राज्य के दुग्ध उत्पादकों को राज्य सरकार की और से चार रुपये प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसी वजह से राज्य में दूध का उत्पादन पहले की अपेक्षा नौ फीसदी तक बढ़ गया है।
रूद्रपुर नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी को पैनल्टी नोटिस, आयोग मेें उपस्थित न होने पर दिये सचिव नगर विकास को आदेश
देहरादून, 6 अप्रैल। उत्तराखंड सूचना आयोग ने धारा 4 के अन्तर्गत स्वयं प्रकाशित करने वाली सूचनायें न उपलब्ध कराने पर कड़ा रूख अपनाते हुये रूद्रपुर नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी को धारा 20(1) के अन्तर्गत 25 हजार तक की पैनल्टी लगाने का नोटिस दिया है। नोटिस पर आयोग में उपस्थित न होने पर कड़ा रूख अपनाते हुये सचिव नगर विकास को मुख्य नगर अधिकारी को उपस्थित कराने हेतु निर्देश दिये हैं। आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट नदीम उद्दीन द्वारा रूद्रपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी से सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनायें सी.डी. व डी.वी.डी मेें अपने सूचना प्रार्थना पत्र से मांगी थी। लेकिन लोक सूचना अधिकारी द्वारा यह सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी गयी। रूद्रपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा इन सूचनाओं के कम्प्यूटर में अपडेट व अभिरक्षित न होने के आधार पर सूचनायें उपलब्ध कराने से इंकार किया। नदीम द्वारा मुख्य नगर अधिकारी को प्रथम अपील की गयी लेकिन फिर भी सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी गयी। नदीम ने सूचनायें उपलब्ध न होने पर उत्तराखंड सूचना आयोग को द्वितीय अपील की। जिस पर सुनवाई में धारा 4(1) (बी) की स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनायें उपलब्ध न कराने पर कड़ा रूख अपनाते हुये मुख्य सूचना आयुक्त ने निगम के मुख्य नगर अधिकारी को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर इस सम्बन्ध मेें की गयी समस्त कार्यवाहियों की आख्या प्रस्तुत करने को आदेशित किया। आख्या प्रस्तुत न करने को नितान्त आपत्तिजनक मानते हुये मुख्य सूचना आयुक्त ने मुुख्य नगर अधिकारी को डीम्ड लोक सूचना अधिकारी घोषित करते हुये धारा 20(1) के अन्तर्गत 25 हजार तक की पैनल्टी की कार्यवाही पूर्ण करने का नोटिस दिया। मुख्य नगर अधिकारी न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुये औैर न ही लिखित स्पष्टीकरण ही प्रस्तुत किया गया। इस पर कड़ा रूख अपनाते हुये आयोग ने मुख्य नगर अधिकारी को 10 अप्रैल को आयोग मेें उपस्थित होेकर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस आदेश में सचिव नगर विकास उत्तराखंड शासन, सचिवालय देेहरादून को निर्देशित किया कि वह अपने स्तर से मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम रूद्रपुर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने हेतु निर्देशित करना सुनिश्चित करें। मुख्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अधिनियम की धारा 4(1) बी के अन्तर्गत सूचनाओं को न केवल मैनुअल के रूप में तैयार किया जाना है बल्कि इन्टरनेट के द्वारा प्रसारित भी किया जाता है। अतः यह कहना कि सूचना सी.डी. व डी.वी.डी में उपलब्ध नहीं है कहना आपत्तिजनक है। लोक प्राधिकारी का कर्तव्य है कि उपरोक्त को तैयार करके इन्टरनेट के माध्यम से प्रसारित भी करें तथा अध्यावधिक (अपडेट) भी करें।
केदारनाथ तक सड़क निर्माण शीघ्र होः महाराज
देहरादून, 6 अप्रैल (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी से मुलाकात कर केदारनाथ में शीघ्र सड़क निर्माण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय पूरी सड़क बह गई थी और अब चारधाम यात्रा शुरू होने में कम ही समय रह गया है ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए वह शीघ्र सड़क निर्माण करवायें। उन्होंने कहा कि वन टाइम में ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर वह शीघ्र ही केदारनाथ के मार्ग का निर्माण करवायें। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने बताया कि 14वें वित्त आयोग में उŸाराखण्ड को गत वर्ष की तुलना में जो कि 2014-15 में रूपया 3.38 लाख करोड़ मिला था की अपेक्षा 2015-16 में रूपया 5.24 लाख करोड़ मिले हैं जो कि 1.86 लाख करोड़ रूपये ज्यादा है। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएं सभी कार्यकत्र्ताओं को ज्ञापित करते हुए कहा कि निश्चित रूप से भाजपा एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर देश को विश्व गुरू बनायेगी।
धूमधाम से मना भाजपा का स्थापना दिवस समारोह
देहरादून, 6 अप्रैल (निस)। भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस समारोह पार्टी के प्रदेश कार्यालय में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद बची सिंह रावत ने जनसंघ से लेकर जनता पार्टी की सरकार व भाजपा की स्थापना तक के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कई संघर्षों के बाद आज यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के स्थापना दिवस पर भाजपा के प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि आज इस समुद्र के किनारे से स्पष्ट देख रहा हूं कि अंधेरा हटेगा, कोहरा छंटेगा, कमल खिलेगा। आज अटल की यह बात चरितार्थ हुई है। हम सब कार्यकर्ताओं को इस अवसर पर गर्व महसूस हो रहा है। स्थापना दिवस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने पार्टी के भावी कार्यक्रमों की जानकारी कार्यकर्ताओं को दी। उन्होंने कहा कि 35 वर्ष की युवा अवस्था में भाजपा ने जो मुकाम हासिल किया है देश व दुनिया में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है। इस छोटी सी आयु में भाजपा देश और विश्व की सबसे अधिक सदस्यता वाला राजनीतिक दल बन चुका है।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा के प्रदेश महामंत्री ज्ञान सिंह नेगी ने किया।
कार्यक्रम में प्रदेश मंत्री रजनी कुकरेती, सह सदस्यता प्रमुख महेंद्र भट्ट, भाजपा महानगर अध्यक्ष नीलम सहगल, ऋषिराज डबराल, कैलाश पंत, चुनाव संचालन समिति के प्रदेश अध्यक्ष दान सिंह रावत, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश सुमन ध्यानी, अभिमन्यु कुमार, डा. अशोक सक्सेना, उर्बादत्त भट्ट, सौरभ थपलियाल, अजेंद्र अजय, आदित्य चैहान, ब्रजलेश्स गुप्ता, कर्नल पीडी कुडियाल, प्रवीण सिंह दानू, अमित कपूर, गिरिराज उनियाल, दीपक उनियाल, अमर सिंह स्वेडिया, पुनीत मित्तल, सुनील उनियाल गाम, कल्याण सिंह, अनीता रावत, विशाल गुप्ता, ओमकार राठी, जनरैली आदि मौजूूद रहे।
लोकहित की नीतियों के क्रियान्वयन के लिए निष्ठा, विश्वसनीयता और ईमानदारी महत्वपूर्ण हैः राज्यपाल
देहरादून, 6 अप्रैल (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्णकांत पाल ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में ‘मध्यावधि सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम’ के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सम्बोधित किया। 15 से 18 वर्ष की सेवायें दे चुके इन अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी नीतियों को बनाने और धरातल पर उनके क्रियान्वयन के बीच आने वाले अन्तर को कम किया जाना जरूरी है तभी जनसामान्य में सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति विश्वसनीयता स्थापित हो सकती है। उन्होंने पारदर्शिता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आजकल नागरिक प्रत्येक कदम पर जानकारी चाहते हैं लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत जानकारी प्रदान किया जाना आवश्यक है। ‘‘लोकनीति‘‘ विषय पर आधारित सात सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों से राज्यपाल ने कहा कि देश की आवश्यकताओं के अनुरूप शासन-प्रशासन स्तर तथा संस्थागत एवं व्यक्तिगत रूप से निष्पक्षता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता तथा ईमानदारी के मूल्यों के साथ जनसेवा आवश्यक है। लोकसेवकों को जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए अनेक प्रेरक सुझाव देते हुए राज्यपाल ने कहा कि जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करके उनका विश्वास हासिल करने के लिए आवश्यक है कि समस्याओं के समाधान हेतु न्यूनतम लागत वाले अभिनव प्रयोगों को अपनाया जाए इससे जनता भी स्वयं को व्यवस्था से जुड़ा हुआ महसूस करेगी। राज्यपाल ने अनेक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करके लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार और जनता के बीच लोकसेवकों की भूमिका के महत्व का उल्लेख किया। राज्यपाल ने कहा कि 2050 में भारत की अनुमानित जनसंख्या 160 करोड़ होगी जिसमें लगभग 50 करोड़ युवाशक्ति मौजूद होगीे। देश के विकास के लिए, इस विशाल युवा समूह को ‘उत्पादक समूह’ में तब्दील करने के लिए जरूरी है कि उनकी ऊर्जा व शक्ति को रचनात्मक दिशा दी जाए। राज्यपाल ने कहा कि आज ‘हरित क्रांति’ को एक नया रूप देने का प्रयास आवश्यक है ताकि उत्पादन बढ़ सके। उन्होंने आवश्यकता के अनुरूप कृषि उत्पादकता बढ़ाये जाने के लिए कृषि में कौशल विकास कार्यक्रम पर ध्यान केन्द्रित किए जाने पर बल दिया। राज्यपाल ने जल की उपलब्धता को भविष्य के लिए चुनौती बताते हुए पर्यावरण के प्रति जनचेतना जागृत करने का भी सुझाव दिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्थान को विशेष स्मृति चिन्ह तथा संस्थान के पुस्तकालय हेतु कुछ पुस्तकें प्रदान की। संस्थान के निदेशक श्री राजीव कपूर द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। राज्यपाल के साथ उनके विशेष कार्याधिकारी एवं सचिव अरूण ढ़ौंडियाल भी मौजूद थे।
‘निशंक’ के उपन्यास ‘भागोंवाली’ का तमिल अनुवाद
देहरादून, 6 अप्रैल (निस)। सुप्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के उपन्यास ‘भागोंवाली’ के तमिल अनुवाद तथा कहानी संग्रह ‘अंतहीन’ के कन्नड़ अनुवाद का विमोचन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के0चन्द्रशेखर राव द्वारा इस माह किया जायेगा। डाॅ0 निशंक का साहित्य दक्षिण भारत के अनेक राज्यों में विस्तारित होता जा रहा है। एक ओर उनके साहित्य पर वहाँ शोध कार्य चल रहा है तो दूसरी ओर उनकी अनेक पुस्तकों का अनुवाद विभिन्न भाषाओं में किया जा रहा है। यह उनके साहित्य सृजन में एक नये अध्याय के रूप में जुड़ गया है।विगत दिवस दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा हैदराबाद के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय हिन्दी संगोष्ठी के दूसरे दिन सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कहानी संग्रह ‘टूटते दायरे’ के तेलगु अनुवाद ‘अन्धकारम् पई सम्मैटा डेब्बा’ का विमोचन विश्वविख्यात कला संग्राहक पद्मश्री जगदीश मित्तल द्वारा किया गया। वहीं दूसरी ओर उनके साहित्य पर अलग-अलग विश्वविद्यालयों में शोध कार्य भी किये जा रहे हैं। राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी द्वारा स्थापित की गयी दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा के इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में डाॅ0 निशंक के एक कहानी संग्रह ‘टूटते दायरे’ के तेलगु अनुवाद के विमोचन के साथ ही डाॅ0 निशंक के साहित्य पर भरपूर चर्चा हुई। विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध कला संग्राहक एवं कला समीक्षक पद्मश्री जगदीश मित्तल ने कहा कि हिन्दी में लिखी हुई डाॅ0 निशंक की इन उत्कृष्ट कहानियों को दक्षिण भारत में निश्चित रूप से पसन्द किया जा रहा है और वह लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहानियाँ सजीव हैं और किसी के भी अन्तस को छूने वाली हैं। ऐसी कहानियाँ समाज में जागरूकता के साथ-साथ संवेदनाओं को जिंदा रखती हैं। महात्मा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा (महाराष्ट्र) के अधिष्ठाता प्रो0 देवराज ने कहा कि किसी राजनैतिक व्यक्ति के अन्दर हिन्दी के प्रति पहली बार उन्होंने इतनी आग देखी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ निशंक एक साहित्यकार होने के नाते अत्यंत संवेदनशील हैं यही उनके साहित्य का प्रबल पक्ष भी है। उनकी रचनाएं व्यावहारिक और समाज में बदलाव की अगुवाई भी करती हैं। दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा चैन्नई की कुलसचिव प्रो0 निर्मला एस. मौर्य, आन्ध्र की लोकप्रिय पत्रिका भास्वर भारत के सम्पादक डाॅ0 राधेश्याम शुक्ल, बी.जे.आर. डिग्री काॅलेज हैदराबाद के विभागाध्यक्ष डाॅ0 घनश्याम, इफ्लू हैदराबाद के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ0 एम. बैंकटेश्वर, त्रिपुरा विश्वविद्यालय अगरतला के हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ0 मिलन जमातिया, मणिपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य डाॅ0 विजयलक्ष्मी, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो0 शकीला खानम एवं केन्द्रिय हिन्दी अकादमी के पूर्व सदस्य डाॅ0 योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ ने निशंक के साहित्य पर चर्चा करते हुए कहा कि राजनीति के टेढ़े-मेढे़े रास्तों से गुजरने और तमाम व्यवस्तताओं के बीच निशंक ने अपनी-रचनाधर्मिता को बुझने नहीं दिया, बल्कि वे अनवरत अपनी कहानियों, कविताओं और उपन्यास के माध्यम से अपने रचना संसार को विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित रखे हुए हैं। डाॅ0 निशंक के साहित्य पर हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं दो शोधार्थियों द्वारा शोध कार्य भी किये जा रहे हैं, जबकि डाॅ0 निशंक के साहित्य की तमाम विधाओं पर दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम निदेशक प्रो0 ऋषभदेव शर्मा के निर्देशन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं अनेकों भाषाओं की विदुषी डाॅ0 गुर्रमकोंडा नीरजा द्वारा डी0लिट् किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डाॅ0 निशंक की कवितायें आन्ध्र प्रदेश के हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में भी पढ़ाई जा रही हैं। ज्ञातव्य हो कि डाॅ0 निशंक के साहित्य का अनुवाद इससे भी पूर्व तेलगु, तमिल एवं मराठी में हो चुका है। मद्रास विश्वविद्यालय चेन्नई द्वारा कहानी संग्रह ‘खड़े हुए प्रश्न’ का तमिल अनुवाद ‘एन केलविक्कु एन्नाबाथिल’ एवं मराठी अनुवाद ‘प्रश्नांकित’ वर्ष 2008 में हो चुका था। इसके अतिरिक्त कहानी संग्रह ‘क्या नहीं हो सकता’ का मराठी अनुवाद ‘संगले शक्य आहे’ तथा ‘ए वतन तेरे लिए’ देशभक्ति काव्य संग्रह का तमिल अनुवाद ‘तायनाडे उनक्काड एवं तेलगु अनुवाद ‘जन्मभूमि’ वर्ष 2009 में हो चुका है, जिन्हें वहाँ खूब लोकप्रियता प्राप्त हुई है। उनके गीत विभिन्न भाषाओं में गाये जाते हैं और उनकी कहानियाँ का दक्षिण भारत की भाषाओं में नाट्य रूपान्तरण भी हुआ है।
रेल मन्त्री ने किया परमार्थ रेल वाटिका का उद्घाटन, गंगा आरती भीतर तक भिगो देती हैः रेल मन्त्री
देहरादून, 6 अप्रैल (निस)। रेल मन्त्री सुरेश प्रभु ने आज ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन द्वारा रेल विभाग की भूमि पर विकसित की गयी ‘परमार्थ रेल वाटिका’ का उद्घाटन किया। उन्होंने रेलवे स्टेशन के समीप एक बायोडायजेस्टर आधारित इको-फ्रेंडली टाॅयलेट काॅम्प्लेक्स की आधारशिला भी रखी। यह सभी कार्यक्रम रेल मन्त्री ने स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के मुख्य द्वार पर गंगा किनारे प्रतीक पूजन और प्रतीक शिलान्यास करके सम्पन्न किए। उन्होंने गंगा आरती में भी भाग लिया। रेल मन्त्री सुरेश प्रभु आज अपराह्नकाल हरिद्वार होते हुए स्वर्गाश्रम-ऋषिकेश पहुँचे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के संरक्षक स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंट की। उन्होंने गंगा आरती में भाग लिया, जहाँ उन्होंने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर परमार्थ निकेतन द्वारा विकसित ‘परमार्थ रेल वाटिका’ का प्रतीक उद्घाटन किया तथा रेलवे स्टेशन पर प्रस्तावित जैविक शौचालय का भी प्रतीक शिलान्यास सम्पन्न किया। इस अवसर पर विधायक ऋषिकेश प्रेम चन्द्र अग्रवाल, नगरपालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, डीआरएम मुरादाबाद सुधीर अग्रवाल, डिप्टी डीआरएम मनोज शर्मा, सीनियर डीसीएम चन्द्रिका प्रसाद, बीएचईएल के जनरल मैनेजर एस.के.अग्रवाल, फिक्की के एडवाईजर राकेश सूद, देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष राज कुमार अग्रवाल, एसडीएम यमकेश्वर श्री डी0 पी0 सिंह, आरपीएफ के सीनियर कमान्डेन्ट अजीत कुमार बर्णवाल के अलावा ऋषिकेश एवं स्वर्गाश्रम के व्यापार मण्डलों के प्रमुख तथा जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। गंगा आरती में आए देश-विदेश के गंगा प्रेमियोें, पर्यावरण प्रेमियों एवं धर्म प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए रेल मन्त्री ने कहा कि गंगा आरती वास्तव में भीतर तक भिगो देती है और इसमें भाग लेकर व्यक्ति का भाव स्नान स्वतः ही हो जाता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं गंगा स्वच्छता हेतु गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऋषिकेश रेलवे स्टेशन परिसर में खाली पड़े भूखण्ड पर विशाल पार्क बनवाकर परमार्थ निकेतन ने एक सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने स्टेशन परिसर में जैविक शौचालय के निर्माण को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे सम्पूर्ण देश में एक प्रेरक सन्देश जायेगा और लोग खाली पड़ी शासकीय जमीनों को लोकोपयोगी बनाने में सहयोग के लिए आगे आयेंगे। रेल मन्त्री ने जैविक शौचालय निर्माण में सहयोगी बनने हेतु बी.एच.ई.एल. एवं फिक्की को भी सराहा। इस अवसर पर श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अच्छे एवं स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण के लिए सरकारी हों या गैरसरकारी सभी जमीनों पर हरीतिमा संवर्द्धन बहुत आवश्यक है। खाली पड़े भूभागों को गन्दगी का ढेर बनने देने से हमें रोकना चाहिए और इसका सबसे सही उपाय उन भूखण्डों की साफ-सफाई एवं वृक्षारोपण आदि करके उन्हें आमजन के लिए उपयोगी बना देना है। जैविक शौचालय अभियान के लिए उन्होंने पहला श्रेय रक्षा मन्त्रालय के डी.आर.डी.ओ. को देते हुए कहा कि गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन पिछले कुछ वर्षों से डीआरडीओ, बीएचईएल एवं फिक्की आदि संस्थाओं के साथ काम करता आ रहा है। उन्होंने हरिद्वार एवं ऋषिकेश में जैविक शौचालयों के निर्माण में बीएचईएल द्वारा सहयोग की विशेष योजना पर प्रसन्नता जताई और बताया कि बीएचईएल के सहयोग से फिक्की, गंगा एक्शन परिवार एवं ग्लोबल इन्टरफेथ वाश एलायंस द्वारा निकट भविष्य में दोनों धार्मिक नगरों में दो दर्जन से अधिक जैविक शौचालयों का निर्माण कराया जायेगा, ताकि गंगा में मल-जल जाने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण में इससे भारी मदद मिलेगी। श्री स्वामी जी ने यह भी बताया कि अभी तो देश के रेल मन्त्री के हाथों ऋषिकेश से यह एक छोटी सी शुरुआत की जा रही है। भविष्य में ऋषिकेश के आस्थापथ, त्रिवेणीघाट, चारधाम बस स्टैण्ड तथा देवभूमि उत्तराखण्ड के चारों धामों के अलावा हेमकुण्ड तीर्थ एवं पिरान कलियर तीर्थ में जैविक शौचालय निर्माण की विस्तृत योजना गंगा एक्शन परिवार एवं जीवा द्वारा बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस काम में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा। इस मौके पर साध्वी आभा सरस्वती, साध्वी भगवती सरस्वती, स्वामिनी लक्ष्मी सरस्वती, राम अनन्त तिवारी, राम महेश मिश्र, विनीत कुमार, सुनील सिंघल सहित परमार्थ निकेतन परिवार के सभी कार्यकर्ता मौजूद थे। रेल मन्त्री को देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राज कुमार अग्रवाल, वसुधैव कुटुम्बकम्-नैतिक मानव समाज निर्माण संस्थान के अध्यक्ष पं0 राम अंजोर त्रिपाठी तथा ऋषिकेश के सामाजिक कार्यकर्ता श्री लल्लन राजभर ने विभिन्न महत्वपूर्ण रेलगाडि़यों को हरिद्वार के आगे ऋषिकेश तक पहुंचाने तथा रायवाला में ट्रेनों को रोकने हेतु अपने-अपने ज्ञापन दिए।