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2016 में भारत की विकास दर चीन को पछाड़ देगी: आईएमएफ

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विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जाहिर किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा सुधार पर ध्यान दिए जाने के कारण अगले कारोबारी साल में भारत की विकास दर 7.5-8 फीसदी रहेगी। ये अनुमान मंगलवार को दोनों संस्थानों ने अलग-अलग जारी की गई अपनी रपट में दिए है। विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस और आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य जारी किए। दोनों संस्थानों के मुताबिक निवेश केंद्रित विकास और तेल मूल्य में गिरावट का लाभ भारत को मिलेगा।

आईएमएफ ने कहा है कि चीन की विकास दर इस साल घटकर 6.8 फीसदी और अगले साल 6.3 फीसदी रहेगी। वहीं भारत की विकास दर गत वर्ष 7.2 फीसदी से बढ़कर इस साल 7.5 फीसदी रहेगी। विश्व बैंक के मुताबिक 2016-18 के दौरान निवेश वृद्धि दर 12 फीसदी रहेगी और इसके कारण देश की विकास दर 2015-16 में 7.5 फीसदी और 2017-18 में आठ फीसदी तक पहुंच सकती है।

गत सप्ताह वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जहां भारतीय परिदृश्य को स्थिर से बेहतर कर 'सकारात्मक'कर दिया वहीं एक अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने स्थिर परिदृश्य को बरकरार रखा। इसी तरह समृद्ध देशों के थिंक टैंक ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट ने कहा कि भारत की विकास दर बढ़ेगी, वहीं एशियाई विकास बैंक ने भी कहा कि देश की विकास दर 2015-16 में 7.8 फीसदी तथा 2016-17 में 8.2 फीसदी रहेगी।

तेल मूल्य घटने के संदर्भ में विश्व बैंक ने भारत को सलाह दिया है कि यह प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए उत्पादकता बढ़ाने और टिकाऊ विकास के लिए ढांचागत सुधार करने का एक अवसर है। बैंक ने कहा है कि भारत में चुनाव बाद माहौल में आई सरगर्मी और तेल की कम कीमत संरचनागत सुधार करने का एक अवसर है। विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए मुख्य अर्थशास्त्री मार्टिन रामा ने कहा है कि सस्ता तेल ऊर्जा कीमतें सुसंगत करने, सब्सिडी के वित्तीय बोझ को कम करने और पर्यावरणीय टिकाऊपन में योगदान करने का एक अवसर है।

निर्यात पर चिंता जताते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि क्षेत्र का निर्यात प्रदर्शन चिंताजनक है। गत वर्ष शानदार प्रदर्शन करने के बाद निर्यात अब घट रहा है। 2014 के अंत तक क्षेत्र की निर्यात विकास दर लगभग शून्य हो गई। रुपये की मजबूती का उल्लेख करते हुए आईएमएफ ने कहा है कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अलग भारत की मुद्रा में वास्तविक प्रभाव के संदर्भ में करीब 10 फीसदी मजबूती आई है। दोनों ही संस्थानों ने कहा कि भारत में महंगाई नियंत्रण में रहेगी। आईएमएफ ने कहा है कि भारत में महंगाई दर 2015 में लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ ने कहा कि अगले साल थोड़ी सुधार होगी। उसने कहा है कि समग्र तौर पर वैश्विक विकास दर 2015 में 3.5 फीसदी और 2016 में 3.8 फीसदी रह सकती है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (14 अप्रैल)

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डाॅ अम्बेड़कर के बताए मार्ग का हम अनुसरण कर सच्ची श्रद्धांजलि दें- परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह

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भारत रत्न डाॅ भीमराव अम्बेड़कर ने दुनिया का सबसे अच्छा संविधान रचा है। उन्होंने समरसता का जो पाठ सिखाया है उसका हम सब अनुसरण, पालन कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। यह बात प्रदेश के परिवहन, विज्ञान और टेक्नोलाॅजी, लोक सेवा प्रबंधन, जन शिकायत निवारण विभाग मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने विदिशा में अम्बेड़कर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। परिवहन मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान अभूतपूर्व निर्णय लेकर बाबा साहब अम्बेड़कर की जन्म स्थली महू में उनके नाम से विश्वविद्यालय की आधार शिला रखी है। इस विश्वविद्यालय में संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेड़कर को जानने का और अधिक अवसर मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेड़कर के सामाजिक उत्थान के बताए गए रास्तों का राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गाे में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की भांति मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गो के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफल हो इसके लिए पृथक से कोचिंग, अध्यापन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने इस दौरान संत रविदास धर्मशाला के निर्माण हेतु शेष राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। राज्यसभा सदस्य श्री चैधरी मुनव्वर सलीम ने कहा कि प्रजातंत्र को जीवित रखने के लिए संविधान रचियता डाॅ भीमराव अम्बेड़कर ने जो मत देेने का अधिकार दिया है वह सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा मंत्र है। उनका सम्पूर्ण जीवन दर्द, मर्म और विपदाग्रस्त रहा है। वे जीवन भर कठिनाईयों का सामना करते हुए आने वाले भारत के निर्माण के लिए सदैव चिन्तित रहे। उनके बताए मार्ग पर हम सब चलकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने महू को धर्मस्थली मंे परिवर्तित करने का जो बीड़ा उठाया है वह अनुकरणीय कदम है। उन्होंने सामाजिक एकता को बल देने के लिए जो मार्गदर्शन दिया है उसका हम भलीभांति अध्ययन कर आत्मसात करें। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि संविधान रचियता डाॅ भीमराव अम्बेड़कर महान पुरूष थे। उनसे प्रेरणा पाकर हम सब अपने जीवन में सुधार ला सकते है। श्री टण्डन ने संत रविदास समिति के द्वारा अम्बेड़कर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के प्रति साधुवाद व्यक्त करते हुए कहा कि स्थानीय विधायक श्री कल्याण दांगी की हार्दिक इच्छा है कि जिस पीतल मील चैराहे पर बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित की गई वह चैराहा विदिशा नगर का सबसे अच्छा चैराहा बनें। इसके सौंदर्यीकरण एवं पुर्नद्धार के लिए पृथक से कार्ययोजना बनाई जाएगी। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, पूर्व विधायक श्री गुरूचरण सिंह, श्री अरविन्द श्रीवास्तव, श्री मनोज कपूर ने भी सम्बोधित किया। इससे पहले अतिथियों का समिति के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत सत्कार किया गया। पीतल मील चैराहे पर आयोजित कार्यक्रम स्थल पर संत शिरोमणी रविदास समाज संघ के पदाधिकारीगण, श्री छोटेलाल संभरवाल, श्री विनोद अहिरवार, समिति के संरक्षक श्री जीएल अहिरवार, कोषाध्यक्ष श्री राकेश कुमार अहिरवार के अलावा विदिशा कृषि उपज मंडी अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश संभरवाल, ग्यारसपुर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा, श्री संदीप सिंह डोंगर, श्री रामनारायण विश्वकर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री हुकुमचंद ने और आगंतुक अतिथियों के प्रति आभार श्री शिवराज सिंह सूर्यवंशी ने व्यक्त किया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (14 अप्रैल)

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बाबा साहेब आम्बेडकर को जिला कांग्रेस ने किया स्मरण
  • बैठक आयोजित कर 19 अप्रेल को महारैली में शामील होने की अपील की 

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झाबुआ---जिला काग्रेंस कमेटी द्वारा संविधान निर्माता डा. बी आर आम्बेडकर की 124 जयंती धुमधाम से मनाई गई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया,विषेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया,युवानेता विक्रंात भूरिया एवं पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री महेता ने की । इस अवसिर पर अतिथियों द्वारा डा अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया । सभी उपस्थितों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की । इस अवसर पर श्री भूरिया ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर भारतीय विष्धिवेत्त के साथ ही बहुजन राजनैतिक नेता बौद्ध पुनरोत्थानवादी थे । पूरा देष उन्हे बाबा साहब के नाम से संबोधित करते है । उन्होने सारा जीवन हिन्दूधर्म की चतुर्वण प्रणाली  और समाज में सर्वव्यापी जाति व्यवस्था के विरू0 संघर्ष में बिता दिया । वे सच्चे हिन्दूस्तानी व सच्चे सपूत थे । देष को मुख्यधारा मे जोडने में उनका योगदान हमेषा याद रहेगा । कलावती भूरिया ने इस अवसर पर कहा कि उन्होने संविधान निर्माण में महान योगदान दिया है  ।उनके बताये मार्गो पर चल कर सर्वधर्म एकता व विकास में अपना योगदान देना होगा तथा समाज सेवा एवं देष सेवा में जुटना होगा । जिला कांग्रेस अध्यक्ष मेहता ने कहा कि गरीब परिवार में जन्मे अम्बेडकर  का प्रारंभिक जीवन काफी संघर्ष मय रहा तथा अपनी प्रखर बुद्धि से कानून की षिक्षा प्राप्त की । कई सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिये कई आन्दोलन चलाये । इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहेब देष की सेवा में जो योगदान दिया वे सर्दव याद किया जावेगा ।  इस अवसर पर जिला कांग्रेस की विषेष बैठक भी आयोजित की गई । जिसकी अध्यक्ष श्री मेहता ने की । इस बैठक मे मुख्यरूप  से 19 अप्रेल को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली किसान खेत मजदूर महारैली में  अपने अपने ब्लाक से  अधिक से अधिक संख्या में पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता को लेकर अपनी व्यवस्था से दिल्ली पहूंचने की निर्देष भी दिया गया । साथ ही सदस्यता अभियान के लिये  समयसीमा में सदस्यता अभियान प्राथमिकता के आधार पर चला कर लक्ष्य को पूरा करने पर भी जोर दिया गया । सभी उपस्थित जनों से सर्वसम्मति से  स्थानीय प्रदेषस्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर की समस्यायें एवं भाजपा की जन विरोधि नीतियों के विरोध में  एवं भूमि अधिग्रहण अध्याधेष का विरोध, व्यापम महाघोटाला, जिला स्तर पर बिगडती हुई कानून व्यवस्था, बिजली पापनी सडक बेराजगारी की समस्या, किसान विरोघी नीतियों से किसानों को हो रही परेषानिया,मनरेगा में भ्रष्टाचार आदि समस्याओं को लेकर  जिला स्तर पर विषाल आन्दोलन करने का भी निर्णय लिया बगया जिसमे राष्टीय एवं प्रादेषिक स्तर के नेताओं को भी  बुला कर आन्दोलन को षरीक होने की अपील की गई । इसके लिये श्री भूरिया को जिम्मेवारी सौपी गई । श्री भूरियाजी ने इस अवसर पर कहा कि सोनियाजी के नेतृत्व में 19 अप्रेल को एक बहुत बडा आंदोलन हो रहा है हमे जिले से अधिक से अधिक संख्या में  कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ रैली मे शामील होकर सफल बनाना है । सोनिया जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज को बुलंद करना है ।  इस अवसर पर विक्रांत  भूरिया, आषीष भूरिया, चन्दूलाल पडियार, मानसिंह मेंडा, चन्द्रवीरसिंह ,वीरसिंह भूरिया, हर्ष भट्ट,आचार्य नामदेव, अलीमुददीन फैयद, विजय पाण्डे गेण्डाल डामार, रूपसिंह डामोर, यामीनषेख, आदि ने भी अपने अपने विचार रखे ।कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्रप्रसाद अग्निहौत्री ने किया आभार जिला कांग्रेस महामंत्री हेमचंद डामोर ने माना । इस अवसर पर गोपालसोनी,विजय व विनय भाबर, श्रीमती सारदा अमरसिंह बेबी बारिया, पारसिंह डिंडोर, सलेल पठान दीतू डामोर, बहादूर अमलियार आदि जिला कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

तर्क से परिस्थिति को जीता जा सकता है, व्यक्ति को नहीं - स्वामी कृष्णषरण देव
  • भागवत कथा के तीसरे दिन भी वृदंावन सी अनुभूति रही, जयघोष से गुंज उठा पाण्डाल

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झाबुआ---अंहकार या मिथ्या ममत्व का नारा ही अनंत सत्ता का आविष्कार है । अपने व्यवहार को मधुर बनाए बिना जीवन नर्क हो जावेगा । अपने शत्रु को हजार अवसर दीजिये कि वह आपका मित्र बन जाये मगर अपने मित्र को एक भी अवसर न दें कि वह आपका षत्रु बने । सादा खाओं, सादा पहनों आफत न सिर पर आऐगी और चार दिन की जिंदगी  आराम से कट जाएगी । प्रेम दिल से करों, जुबान से नहीं और क्रोध जुबान से करों दिल से नही । परिपक्वता का लक्षण बडी बाते कहना नही है बल्कि छोटी बाते समझाना है । तर्क से परिस्थिति को जीता जा सकता है, व्यक्ति को नहीं । जिंदगी  दरिया की तरह है, कुछ लोग इसमें से मोती खोज लाते हे । कुछ मछलिया पकडते है और कुछ केवल गीली टांगे लिये लौट आते है । उक्त सारगर्भित बाते श्री तीर्थेन्द्र नगर स्थित श्री मदभागवत महा कथा में पूज्य स्वामी  डाॅ0 कृष्णषरण देवजी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही । श्री मदभागवत कथा के तीसरे दिन  श्री मदभागवत कथा के रहस्य को बताते हुए स्वामीजी ने कहा कि  आज का पूरा आनंद उठाईये, क्योकि बीता हुआ कल लौट नही सकता और आने वाले कल का कोइ्र भरोसा नही । भूल करना गलत नही है, दुहराना गलत है । प्रतिकूल समय में हमें खतम करने के लिये नही आता बल्कि हमारी छिपी हुई क्षमताओं को उजागर करने के लिये आता हैै । क्रोध के कारण की अपेक्षा क्रोध का परिणाम भंयकर होता है । प्रार्थना इस तरह करों मानों सब कुछ प्रभु पर निर्भर हो और कर्म इस तरह करों मानो सब कुछ स्वयं पर निर्भर हो । उन्होने आगे कहा कि भूतकाल अनुभव है, वर्तमान प्रयोगषाला है और भविष्य स्वर्णिम स्वप्न है । अनुभवों का प्रायोगित उपयोग कीजिये ताकि आषाएॅं साकार हो सकें । स्वामी देवजी ने आगे कहा कि जो स्वभाव में सुखी है वह अभाव में भी सुखी रह सकता हे । प्रभू के प्रति अहोभाव व्यक्त करनूे से मानव का आध्यात्मिक उन्नयन होता है । जिसके जीवन में दृढ. विष्वास की प्रतिष्ठा हो गई वह सच्चे अर्थो में सिद्ध हो गया । प्रहलाद जी प्रभु चरणों में दृढ विष्वास के सर्वोत्तम आचार्य है। स्वामीजी ने विभिन्न दृष्टांतों के माध्यम से जीवन रहस्य को बताते हुए मानव मात्र से प्रेम करने का आवहान करते हुए कहा कि शांतचित्त में हमेषा परमात्मा बिराजित रहते है और इस आत्म स्वरूप  परमात्मा को पाने का सरल एवं सर्वोत्तम उपाय कीर्तन ही है । श्री मदभागवत कथा में बडी संख्या में श्रद्धालुजनों का जमावडा हो रहा है । इस अवसर पर जिला भाजपाध्यक्ष शेलेष दुबे, भंडार अध्यक्ष  विजय नायर, भाजपा महामंत्री प्रवीण सुराणा, पार्षद सईदुल्लाखान, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया  आदि ने मंच पर जाकर स्वामीजी का पुष्पमालाओं से स्वागत किया । श्री मदभागवत ज्ञान गंगा समिति द्वारा आयोजित  इस पावन कथा में  बुधवार को पूज्य स्वामीजी के मुखारबिन्द से श्री कृष्णजन्मोत्सव  एवं नंद महोत्सव का अभिनव आयोजन होगा ।

5 करोड 29 लाख की लागत से नगर के तालाबों का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक बिलवाल एवं नपा अध्यक्ष बारिया के प्रयासों को मिली साकारता 

झाबुआ---विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया के प्रयासों ने झाबुआ नगर के तीनों तालाबों के विकास के लिये शासन स्तर से  5 करोड 29 लाख 18 हजार रूपये की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है । विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया के अनुसार प्रदेष सरकार ने झील एवं जलाषय संरक्षण योजना मद में  नगर के बहादूर सागर एवं छोटो तालाब के सौंदर्यी करण के लिये उक्तराषि  की मंजूरी प्रदान कर दी है । बहादूर सागर-छोटा तालाब का सरंक्षण एवं सौंदर्यीकरण के नाम से इस योजना के तहत बहादूर सागर एवं छोटा तालाब  की पाल के अन्दर की तरफ पिचिंग कार्य किया जावेगा तथा जहां जहां आवष्यकता होगी  रिटेंनिंग वाल का निर्माण किया जावेगा ताकि  तालाब के पानी में गंदगी  नही आसके । वही पूरे तालाब मे स्टोन पिचिंग कार्य होगा तथा जरूरत के अनुसार फेंसीग कार्य भी किया जावेगा । दोनों तालाबों के किराने बस्ती के ड्रेनेज एवं गंदे पानी की निकासी के लिये बडी पाईप लाइ्रन के माध्यम से रामकूले नाले तक गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जावेगी । दोनों तालाबों के किनारों पर  करीब 8000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में लायटिंग ,पाथ एवं लेंड स्केटिंग याने हरी घास का बगीचा  विकासित किया जावेगा ताकि पैदल घुमने वालों को इसका लाभ मिल सकेगा । विधायक एवं नपा अध्यक्ष के प्रयासों ने बहादूर सागर पर घाट का निर्माण किया जावेगा ।  5 करोड 29 लाख 18 हजार की शासन से स्वीकृत इस राषि में 75 प्रतिषत अंष राज्यषासन का एवं 25 प्रतिषत नगरपालिका का रहेगा । श्री बिलवाल एवं श्री बारिया के संयुक्त प्रयासों के कारण  नगर के  तालाबों के सौदंर्यीकरण की दिषा में एक नया अध्याय जुडेगा तथा झाबुआ नगर अपने अनुठी संुदरता के लिये अन्य स्थानों के लिये माडल बनने जारहा है ।

पावन पुरोहिताभिशेक गरिमामय वातावरण में संपन्न, पांच युवकों ने लिया आजीवन ब्रहमचर्य का व्रत

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झाबुआ---कैथोलिक डायसिस झाबुआ के चर्च डुंगरीपाडा में पांच युवकों का पावन पुरोहिताभिशेक गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। उदयपुर धर्मप्रांत के बिषप डाॅ. देवप्रसाद गणावा ने पांच हजार समाजजनों की उपस्थिति में युवकों का अभिशेक किया। नवयुवकों में उपयाजक राजेष सारेल ( झारनी), जामू कटारा ग्राम नवापाडा  ( हेडावा ) राकेष बारिया ग्राम गोयका ( राजस्थान) प्रदीप भाबोर ग्राम छोटी धामनी एवं महेष नगेसिया ने अभिशेक ग्रहण किया। अभिशेक समारोह के मुख्य याजक एवं बिषप डाॅ. देवप्रसाद गणावा ने कहा कि अब से आप माता, पिता, भाई, बहन एवं रिष्तेदारों के नही हो किन्तु ईष्वर के बनकर मनुश्य मात्र की सेवा करना आपका लक्ष्य होगा। आप ईष्वर को समर्पित हो चुके हो, उन्होंने कहा कि किसी भी डिग्री को प्राप्त करने के लिये 5 वर्श या अधिक से अधिक 7 वर्श लगते है किन्तु आप पांचो भाईयों को 15 वर्श का प्रषिक्षण भिन्न भिन्न स्थानों से दिया गया है।  इस अवसर पर मुख्य याजक बिषप गणावा के साथ उदयपुर के पूर्व बिषप जोसफ पतालिल, उदयपुर की वीजी फादर अन्द्रु भूरिया, झाबुआ डायसिस के वीजी फादर पीटर खराडी, कैथोलिक चर्च के संचालक फादर हाबिल लाकरा के साथ 120 अन्य पुरोहितों ने समारोह में भाग लिया। पावन पुरोहिताभिशेक के प्रवक्ता प्रो. दिनेष कटारा ने बताया कि समारोह में उदयपुर, झाबुआ एवं इंदौर डायसिस के पुरोहितों ने मिस्सा पूजा व समारोह में भाग लिया। पांच युवकों का जीवन परिचय प्रोफसेर अरूण कटारा ने दिया। मिस्सा पूजा में बाईबिल पाठ का वाचन जेमाल डामोर एवं दिलीप कटारा ने किया। पुरोहिताभिशेक समाारोह को सफल बनाने के लिये फादर हाबिल लाकरा, फादर पीटर रिबेलो, फादर बसंत ऐका, बहादुर कटारा, बर्नाड कटारा, माईकल खडिया, विनसेंट डामोर, दिनेष गेंदाल डामोर, ज्योति कामलिया, षांतु डामोर, जोसफ, सबु कामलिया के अलावा प्रभुदासी सिस्टर, माउंट फोर्ट स्कूल व माता मरियम समिति, पल्ली परिशद के सदस्यों ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन विलियम कटारा व अरूण कटारा ने किया, आभार फादर हाबील लाकरा ने माना। उक्त जानकारी कैथोलिक डायसिस झाबुआ मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने दी।

सर्व ब्राहमण समाज की बैठक संपन्न, परषुराम जयंति महोत्सव मनाने को लेकर लिये निर्णय

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झाबुआ---आगामी परषुराम जयंति के उपलक्ष्य में रविवार षाम को बैठक युवा संगठन के तत्वाधान में स्थानीय जगदीष मंदिर में आयोजित की गई जिसमें बडी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। बैठक में सर्वप्रथम महिला इकाई द्वारा विप्रजनों के आराध्य देव परषुरामजी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। बैठक का संचालन संगठन के अष्विन षर्मा द्वारा किया। गत वर्श का आय - व्यय का ब्यौरा संगठन के पपिष पानेरी द्वारा प्रस्तुत किया गया। संगठन के मीडिया प्रभारी अमित षर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार भी युवा संगठन तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिन 19 अप्रैल को षाम 5 बजे वाहन से निवेदन यात्रा और रात्रि 8 बजे ब्राहमण कवियों का एवं समाज की प्रतिभाओं का सम्मारोह व कवि सम्मेलन होगा। दिनांक 20 अप्रैल को रात्रि 8 बजे से बजरंग बाण पंडित महेष पांडेजी एवं मंडली द्वारा एवं दिनांक 21 अप्रैल को सुबह 11 बजे निःषुल्क यज्ञोनपवित संस्कार एवं  सायं 5 बजे भगवान परषुरामजी की भव्य षोभायात्रा एवं रात्रि में श्री परषुरामजी की आरती एवं समाजजनों के भोजन का आयोजन किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम को समाज के वरिश्ठजनों ने सहमति प्रदान की। समाजजनों ने भव्य षोभायात्रा में पुरूशों के लिये ड्रेस कोड, सफेद धोती या कुर्ता पजामा एवं महिला इकाई द्वारा पीली या लाल साडी पहनने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया। बैठक में उपस्थित समाजजनों ने अपनी अपनी सहयोग राषि की घोशणा भी की। वही समाज के वरिश्ठ रमेषचंद्र उपाध्याय ने कहा कि युवा वर्ग बहुत अच्छा कार्य कर रहा है अतः समाज के लोग इनका पूरा उत्साहवर्द्धन करें और अधिक से अधिक संख्या में आकर महोत्सव में भाग लें। युवा संगठन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को देखते हुए सहभोज में डिस्पोजल का उपयोग न करने का निर्णय लिया जिसकी समाज ने सराहना की। बैठक के अंत में आभार प्रदर्षन युवा संगठन के सुनील षर्मा ने माना।

बलात्कार अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ--- फरियादिया ने बताया कि वह अपने घर से मामा के यहाॅ जाने के लिए मोरडंूडिया बस स्टेण्ड पर खडी थी, आरोपी मो0सा0 लेकर आया व उसको उसके मामा के यहाॅ छोडने का कहकर मो0सा0 पर बिठा कर अपने घर ले गया व एक रात उसके घर रखा, बाद जोबट ले गया व औरत बनाने की नीयत से जबरन बलात्कार किया फरियादिया मौका देखकर अपने मामा के यहाॅ खण्डाला भाग कर आयी व मामा को घटना की बात बतायी। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 145/15, धारा 366, 376,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का प्रकरण पंजीबद्ध 
       
झाबुआ---आरोपी सुनिता पति हाकरू रावत, राकेश पिता पांगला रावत, निवासीगण मोरडुुंगरा के द्वारा संगीता पति राकेश रावत, उम्र 24 वर्ष, निवासी भोरडंुगरा के पिताजी से पैसे की लेन-देन की बात को लेकर मारपीट कर परेशान करते थे, जिससे तंग आकर मृतिका ने रेल के सामने आकर आत्महत्या कर ली। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 75/15, धारा 306,498-क,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 अप्रैल)

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हरीश रावत में छिपा वो हरदा आखिर गया कहाँ  !

देहरादून, 14 अपै्रल।  भले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत हैं लेकिन वो हरीश रावत नहीं जो तीन दशक पहले का हरदा हुआ करता था वो हरदा कहाँ गया यह समझ नहीं आ रहा किसी भी उत्तराखंडी को जिसने हरीश रावत को तीन या चार दशक पूर्व देखा होगा.आज के हरीश रावत व उस समय के हरदा में बहुत अंतर नजर आता है. वो हरदा जो इंदिरा संजय और राजीव गांधी के जमाने में हुआ करता था उसी  रावत को आज ढूंढ रहा है उत्तराखंड, उस हरदा को ढूंड रहा है हर वो उत्तराखंड वासी जो सीमांत क्षेत्रों की संचार व्यवस्था के लिए धारचूला के शिष्टमंडल के साथ तत्कालीन संचार मंत्री बसंत साठे जैसे दिग्गज नेता से भिड गया था, उस रावत को ढूंढ रहा है उत्तराखंड जिसमें उसको हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री वाई.एस. परमार की छवि दिखाई देती थी..आखिर कहाँ गया वो हरीश रावत.. आज का हरीश रावत दिन में 18 से 20 घंटे तक काम करने के बाद भी आखिर क्यों जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है. एक जमाने में बिजेन्द्र पॉल जैसे आईएएस अधिकारी को अपनी उँगलियों पर नाचने वाले हरदा राज्य की भ्रष्ट व कामचोर अधिकारियों की फौज के सामने आखिर क्यों निराश नजर आ रहे हैं यह किसी की समझ में नहीं आ रहा वहीँ चर्चा है कि नकारे, कामचोर व भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी राज्य की ब्यूरोक्रेसी व खनन व अन्य व्यवसाय में लिप्त राज्य के अधिकांश मंत्रियों व विधायकों के कारण ही मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने आप में शक्ति का पुंज तो जरुर नजर आते हैं लेकिन अकेले दम पर, जिनके ऊपर उनकी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का जिम्मा था वे सब अपनी ही विधानसभा तक सीमित होकर रह गए हैं. यही कारण है कई बार वे झुंझला कर यहाँ तक कह देते है जो प्रधान नहीं बन सकते थे वे आज मंत्री व विधायक बन बैठे हैं और को पटवारी और तहसीलदार नहीं बन सकते थे वे आज सचिव व प्रमुख सचिव तक बन बैठे हैं. उनकी इस झुंझलाहट का अर्थ बिलकुल साफ है कि ना तो उनके अनुसार मंत्रिमंडल से सदस्य ही काम कर पा रहे हैं और न ब्यूरोक्रेसी ही. आज राज्यवासी हरदा का वो मिजाज नहीं देख पा रहे हैं जो वे आज से चार दशक पहले देखा करते थे, उनके साथ कई दशकों तक काम करने वाले कई लोगों का कहना  है या तो वे अब बुढा गये हैं, या फैसले लेने में थोडा दबाव महसूस कर रहे हैं नहीं वरना तो पुराने रावत जी तो अभी तक सेंचुरी जड़ चुके होते, इनका यह भी कहना है कि देहरादून और हल्द्वानी मंथन शिविरों में इतनी फजीहत होने के बाद भी इन लोगों की समझ में नहीं आ रहा है तो मुख्य मंत्री भी क्या कर सकते हैं क्योंकि हर मंत्री को जिलों का प्रभार दिया है सब की डयूटी लगी है, लेकिन सब सीनियर नेता हैं, किसी कुछ कहेंगे तो नया गुट खडा हो जाता है, इन्ही सब दबावों के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत फिर भी पार्टी के घोषणा पत्र व पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने पर लगे हैं. कुल मिलाकर हरदा का वो मिजाज सामने नहीं आ  पा रहा है जिसका प्रदेश की जनता को इंतजार है.

नंदा राजजात पर डाक्यूमेन्ट्री फिल्म ‘‘नन्दा ध्याणै बिदै’’ का विमोचन

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देहरादून, 14 अपै्रल(निस)।  सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों से सुसज्जित डाक्युमेन्ट्री फिल्म ‘‘नन्दा ध्याणै बिदै’’ का विमोचन आज मंगलवार 14 अप्रैल को गढ़वाल श्रीनगर में एक समारोह में किया गया। डाक्यूमेंन्टी का विमोचन सुप्रसिद्व रंगकर्मी विमल बहुगुणा ने किया। ‘नन्दा ध्याणै बिदै’ हिमालयन फिल्मस की एक नयी प्रस्तुति है। इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नरेन्द्र सिंह नेगी ने नन्दा राजजात पर सात नये जागर गीत गाये हैं। प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल के संकलन से लिये गये ये गीत मां नन्दा के मायके से ससुराल तक की यात्रा का मार्मिक विवरण प्रस्तुत करते हैं। युवा फिल्मकार गोविन्द नेगी, चन्द्रशेखर चैहान व हरीश भट्ट ने नन्दा देवी राजजात 2014 का नौटी से होमकुण्ड तक की सम्पूर्ण यात्रा का फिल्मांकन किया है। ‘नन्दा ध्याणै बिदै’ का आॅडियो पिछले वर्ष नवम्बर को बाजार में आया और संस्कृतिप्रेमियों  और संगीत प्रेमियों ने इसे खूब सराहा। विमोचन समारोह में रंगकर्मी विमल बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए ऐसे प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक संचार माध्यमों के साथ ही आज इंटरनेट के जरिये सोशल मीडिया माध्यमों से भी इस तरह के प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाने के प्रयास होने चाहिए। नन्दा राजजात उत्तराखण्ड की एक अनोखी सांस्कृतिक एवं सामाजिक यात्रा है। नन्दा देवी की वार्षिक यात्रायें भी होती हैं। आज के समय में इन यात्राओं को पर्यटन से भी जोडे़ जाने की आवश्यकता है। लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि हमारा प्रयास मां नन्दा के समस्त जागर गीतों का डिजिटल डाक्युमेन्टेशन करने का है। इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नन्दा के विदाई गीत हैं। डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल जी के संकलन से हम विषय वार नन्दा के जागर गीत को संस्कृतिप्रेमियों के बीच में लाएंगे। वर्ष 2000 में नरेन्द्र सिंह नेगी का राजजात के दो आॅडियो कैसेट्स बाजार में आये। ‘नन्दा ध्याणै बिदै’ नेगी द्वारा नन्दा देवी के जागर गीतों पर दूसरी प्रस्तुति है। लगभग 15 वर्ष पूर्व आये आॅडियो कैसेट्स को संगीत प्रेमियों ने सराहा और अपने चाहने वालों के लगातार आग्रह पर लोकगायक नेगी ने इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नये नन्दा जागर गीत गाये हैं। सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल ने इस अवसर पर कहा कि नन्दा देवी पर आधारित इस फिल्म में यात्रा के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित किया गया है। तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों से आने वाली उप यात्राएं, जो कि मुख्य यात्रा में शामिल होते हुए आगे बढ़तीं हैं, का भी समावेश किया गया है। हिमालयन फिल्मस के मोहन लखेड़ा ने इस अवसर पर कहा कि नन्दा राजजात के गीतों का डिजिटल डाक्युमेन्टेशन कम्पनी की एक प्रमुखता में है। इसी कड़ी में हम नन्दा देवी राजजात पर बनी पुरानी फिल्मों/फोटो का भी संग्रह कर रहे हैं। हमें आशा है कि यह डाक्युमेन्ट्री फिल्म के द्वारा हमारी युवा पीढ़ी इस एतिहासिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व साहसिक यात्रा को समझने का जरिया बनेगी। हिमालयन फिल्मस उत्तराखण्ड के लोकसंस्कृति, कला एवं भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वर्ष 2008 से लगातार प्रयासरत है। विगत 7 वर्षों में कम्पनी ने क्षेत्रीय भाषा में 19 वीडियो एलबम, 8 फिल्में, 15 आॅडियो सी.डी. एवं 10 धार्मिक डाक्युमेन्ट्री फिल्म बनाकर बाजार में अपनी शाख बनाई है। गणेश कुखशाल ‘गणी’ ने समारोह का संचालन किया। इस मौके पर हरीश भट्ट, चन्द्रशेखर चैहान, गोविन्द नेगी, पवन ममगई आदि मौजूद रहे।

यात्रियों के ठहरने को बनाई गई 29 हटों में 13 बर्फ से हो गईं क्षतिग्रस्त, हे केदारनाथ ! कैसे होगी चारधाम यात्रा
  • बदरीनाथ धाम में भी हालात बेहद खराब, नहीं उतर सका अफसरों का हेलीकाप्टर
  • दोनों धामों में बर्फ ने किया भारी नुकसान, यात्रा मार्गों की हालत में भी नहीं सुधार

देहरादून, 14 अप्रैल । केदारनाथ में राज्य सरकार द्वारा बनाईं गईं 29 प्री फेब्रिकेटेड हट में से 13 हट बर्फ की वजह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। बहुगुणा के मुख्यमंत्रित्वकाल में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने दावा किया था कि सुनामी या भारी बर्फवारी के बाद भी ये प्री फेब्रीकेटेड हट पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी। लेकिन केदारनाथ से जैसे-जैसे बर्फ हटाई जा रही है। इस दावे की हकीकत सामने आ रही है। सूत्रों ने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए लाखों रुपये की लागत से इन हटों को बनाया गया था। एक हट में छह तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की जानी थी। अब तक हटाई कई बर्फ से साफ हो गया है कि इनमें से 13 हट पूरी तरह से और कई अन्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है। हो सकता है कि पूरी बर्फ हटने पर पता चला कि कई और हट भी रहने लायक नहीं रह गई हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग खुलने में हो रही देरी के चलते जिला प्रशासन ने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर जमीनी हकीकत का निरीक्षण कर माना कि समय कम है और काम ज्यादा है। बदरीनाथ में शीतकाल में हिमखंडों से भारी नुकसान पहुंचा है। बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे डीएम ओर एसपी भी आर्मी के हेलीपैड में चॉपर नहीं उतार सके। लिहाजा उन्हें माणा में आर्मी के हेलीपैड में चॉपर उतारना पड़ा। जिलाधिकारी अशोक कुमार, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर गोपेश्वर से चॉपर से बदरीनाथ पहुंचे। वहीं अन्य विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों को गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ पहुंचाया गया। बदरीनाथ में आर्मी हैलीपैड पर बर्फ जमी होने के कारण प्रशासन का हेलीकॉप्टर माणा के पास सेना कैंप में बनाए गए हेलीपैड पर लैंड कराया गया। जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी चार किमी की दूरी पैदल तय कर बदरीनाथ पहुंचे। प्रशासन ने बदरीनाथ धाम में डिप्टी कलक्टर शैलेंद्र नेगी, पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा को तैनात कर नियमित रूप से यात्रा तैयारियों की मॉनीरिंग का जिम्मा सौंपा है।  धाम में गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर से ऊर्जा निगम, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम, नगर पंचायत बदरीनाथ, श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को भी लाया गया। प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को देवदर्शनी के पास हेलीपैड से तत्काल बर्फ हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बिजली, पानी, पैदल मार्ग सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुचारु करने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि बदरीनाथ में मंदिर से लगे यात्री लाइन के शेड व नगर में दुकानों, घरों को बर्फ से क्षति पहुंची है। वहीं बिजली लाइन को भारी क्षति पहुंची है। दूसरी ओर मंदिर समिति के कर्मचारी व कार्यकर्ता श्रीबदरीनाथ धाम के परिक्रमा स्थल से बर्फ हटाने के काम में जुटे हैं। परिक्रमा स्थल में 10 फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। समिति द्वारा सिंहद्वार के सामने मंदिर के मुख्य द्वार तक बर्फ हटाने में सफलता भी हासिल कर दी गई है।

दफ्तरों से बाबा साहब की तस्वीर गायब, कांग्रेस सरकार के समय में भी नहीं दिखी संविधान निर्माता की फोटो
  • पहले सभी सरकारी कार्यालयों में थी तस्वीर

देहरादून, 14 अप्रैल।  कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भले ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम को लेकर भाजपा से पूरे देश में दो-दो हाथ करने को तैयार हो। लेकिन सूबे की कांग्रेसी सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। आज अंबेडकर जयंती भले ही कार्यक्रमों का आयोजन करके बाबा साहब को याद किया जाए। लेकिन सूबे के किसी भी सरकारी दफ्तर में बाबा साहब को कोई तस्वीर आजकल दिखाई नहीं दे रही है। बाबा साहब को अपना बताने के लिए इस समय कांग्रेस और भाजपा के बीच घमासान मचा है। भले ही इसके बीच असली खेल वोटों की सियासत का हो। लेकिन कांग्रेस शुरू से ही बाबा साहब को अपनी विरासत मानती रही है। कांग्रेस ने पूरे सालभर तक बाबा साहब की याद में कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी की है। इसकी कमान खुद सोनिया गांधी से संभाल रखी है। दूसरी तरफ भाजपा की केंद्र सरकार कांग्रेस से बाबा साहब का नाम छीनने की जुगत में है। इसके लिए केंद्र ने बाबा साहब की याद में कई योजनाओं का घोषणा की है। लेकिन सूबे की कांग्रेसी सरकार बाबा साहब की ओर से बेपरवाह है। कुछ समय पहले तक सभी सरकारी दफ्तरों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ ही बाबा साहब की तस्वीर भी दिखाई देती थी। अब ये तस्वीरें सरकारी दफ्तरों से गायब है। सूबे में शायद ही कोई ऐसा दफ्तर हो जहां बाबा साहब की तस्वीर लगी है। हां, राष्ट्रपति की तस्वीर के साथ ही सूबे के राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तस्वीरें जरूर शोभा बढ़ा रही है। सरकारी मशीनरी इस मामले में कोई देरी नहीं करती है। पहले सीएम बदले तो सभी दफ्तरों से पूर्व सीएम की जगह हरीश रावत की तस्वीर लगा दी गई। बाद में कुरैशी की यहां से विदाई हुई तो नए राज्यपाल की तस्वीर सरकारी दफ्तरों में लगा दी गई। इस दौरान भी किसी को बाबा साहब की याद नहीं आई।

उत्तराखण्ड में बिजली अन्य राज्यों से अभी भी सस्ती: सुरेन्द्र कुमार
  • चार धाम यात्रा पर राजनीति से बचे भाजपा  

देहरादून, 14 अप्रैल(निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा नेताओं के विद्युत मूल्य व चारधाम यात्रा पर किए जा रहे दुष्प्रचार का आकड़ों के साथ करारा जवाब देते हुए बकायदा भाजपा शासनकाल 2009 व पूरे देश के अन्दर विद्युत मूल्य का तुलनात्मक विवरण दिया, भाजपा नेताओं को भाजपा शासित हरियाणा, गुजरात, पंजाब सहित हिमाचल, उत्तरप्रदेश व दिल्ली के विद्युत मूल्य पर भी अपना घ्यान देने व प्रर्दशन करने  की सलाह दी है। भाजपा की केन्द्र सरकार के झूठे वादों से जनता का ध्यान हटाने के लिए अब नाटक उनके काम नही आने वाला है। उन्होने कहा कि पूरे देश में उत्तराखण्ड़ में विद्युत मूल्य आज भी सबसे कम हैं तथा भाजपा ने 2009 में विद्युत मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि की थी, अभी मात्र 7.13 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं, आकड़ें जारी करते हुए बताया कि उत्तराखण्ड़ में विद्युत मूल्य 100 यूनिट तक 2.40 रुपये, गुजरात में 100 यूनिट पर 3.60 रुपये, हिमाचल में 100 यूनिट में 3.50 रुपये, हरियाणा में 100 यूनिट पे 4.90 रुपये, उत्तरप्रदेश में 100 यूनिट पे 4.00 रुपये, पंजाब में में 100 यूनिट पे 4.56 रुपये, दिल्ली में 100 यूनिट पे 4.00 रुपये, व 200 यूनिट पर उत्तराखण्ड़ में 2.90 रुपये, गुजरात में 4.40 रुपये, हिमाचल में 4.40 रुपये, हरियाणा में 4.90 रुपये, उत्तरप्रदेश 4.00 रुपये, पंजाब 4.02 रुपये है। उन्होने यह भी बताया कि उत्तराखण्ड़ में घरेलू, कर्मशियल व उद्योंगो का विद्युत मूल्य भी सबसे कम है। उन्होनेे यह भी दावा कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में 21 घटें आपूर्ति की जा रही है जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। वहीं उन्होने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा भेजे पत्र को भी प्रेस को जारी करते हुए बताया कि अध्यक्ष जी ने चारधाम यात्रा पर राज्यहित में यात्रियों के उत्साहवर्धन के लिए उनका आग्रहः माननें पर उनका आभार प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि सिरोबगड़ व लामबगड़ में समय-समय पर आने वाले मलवे से बद्रीनाथ यात्रा सन् 2000 से पाॅच सौ बार बाधित हुई है। कुछ मामलों में तो सड़क घंटों-घंटो व कई दिनों तक बंद रही हैं। इस एक वर्ष के अन्दर ऐसा क्या परिवर्तन आ गया या आ जाना चाहिए कि लामबगड़ व सिरोबगड़ में अब भू-स्खलन होगा ही नहीं, मेरा वादा है कि अब सिरोबगड़ में यदि बड़ी बाधा आती है तो यात्रा रुकेगी नहीं। बल्कि वैकल्पिक मार्ग इस हेतू तैयार किया जा रहा है। लामबगड़ में इस वर्ष यान्त्रिक संसाधन व मैन-पावर बढ़ाने के साथ-साथ अलकनंदा में चकडाम भी बनाये गये है। अगले दो सालों के अन्दर टर्नल बना दी जायेगी, इस हेतू आवश्यक कदम उठा लिये गये है। सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड़ तक निर्माण के बहुत चुनौतीपूर्ण कार्यो को पूरा कर दिया गया है। गौरीकुण्ड़ से केदारनाथ धाम तक पहले से ज्यादा सुविधापूर्ण और सुधरी हुई सुरक्षित स्थिति है। श्री रावत ने कहा कि चारों धामों में यात्रा को प्रारम्भ करने में लगे हुये लोगों का उत्याहवर्धन हम सभी राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं व मीडिया का कर्तव्य है। हमारे हजारों भाई-बहन के धड़कते हुये दिल जोर-सोर से यात्रा प्रारम्भ होने की प्रतिक्षा कर रहें है। यह तभी सम्भव होगा जब हम एकजुट होकर सुरक्षित व शुभम उत्साही उत्तराखण्ड़ का संदेश उन भाई बहनों को देगें जिनके मन और मस्तिष्क में अभी भी जून, 2013 की भयावह टूटते दरकते उत्तराखण्ड़ के चित्र समाये है। उन्होने यह भी कहा कि यात्रा चारधाम यात्राओं को ले के राजनीति करने से बचा जाना चाहिए, जिससें की हमारी अर्थ व्यवस्था बाधित न हो।  

आस्ट्रिया के राजदूत श्री बर्नार्ड रैबैट्ज ने की हरीष रावत से भेंट

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देहरादून, 14 अप्रैल(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर अतिथि गृह मे आस्ट्रिया के राजदूत श्री बर्नार्ड रैबैट्ज ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत से चर्चा के दौरान आस्ट्रिया के राजदूत श्री बर्नार्ड ने बताया कि वे उत्तराखण्ड भ्रमण पर थे। इस दौरान उन्होंने यहां के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता काफी प्रभावित करने वाली है। प्रदेश में पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में विकास की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि आस्ट्रिया में भी पर्वतीय भूभाग है, जो उत्तराखण्ड से काफी मिलता जुलता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश मंे पर्यटन, शिक्षा, आई.टी. एवं उद्योग क्षेत्र में निवेश के लिए नीतियां बनायी गई है। उन्होंने कहा कि यदि आस्ट्रिया प्रदेश में निवेश का इच्छुक हो, तो राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल उद्योग स्थापित किये जाय, जिससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय स्तर पर भी बिजली परियोजनाएं बन सके, इसके लिए नीति बनायी गई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आस्ट्रिया यदि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को तकनीक आधारित किसी उद्योग में प्रशिक्षण देना चाहे, तो सरकार उसका स्वागत करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए अच्छा वातावरण तैयार किया गया है। देश-विदेश के उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग के लिए आकर्षित किया जा रहा है। इसके लिये सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था भी अमल में लायी गयी है। इस अवसर पर प्रभारी सचिव गृह विनोद शर्मा, प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन आर.मीनाक्षी सुन्दरम, महानिदेशक सूचना चन्द्रेश कुमार, मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक राजीव जैन, जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे। 

जलविद्युत परियोजनाओं के लिए हिमालयी राज्यों के लिए बने एक से नियमः हरीष रावत

देहरादून, 14 अप्रैल(निस)। बीजापुर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य में विद्युत परियोजनाओं के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में पूरी मजबूती से हमने अपना पक्ष रखा है। उŸाराखण्ड में जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर एक मिथक सा बना दिया गया है। यह कैसे हो सकता है कि उŸाराखण्ड के लिए अलग तर्क व नियम हो जबकि हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर सहित शेष भारत के लिए अलग नियम हो। जो नियम उŸाराखण्ड के लिए बनाया जाएगा वही पूरे भारत के लिए होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने उŸाराखण्ड को पर्यावरण की टेस्ट भूमि बना दिया है उनसे विनम्रता के साथ कहना चाहेंगे कि देश दुनिया को अमूल्य पर्यावरण सेवाएं देने वाले उŸाराखण्ड में पर्यावरण की रक्षा में योगदान बड़े-बड़े शहरों में रहने वालों का नहीं बल्कि यहां के गांवों में रहने वाले हमारे भाई बहिनों का है। चारधाम यात्रा के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे लोग काम कर रहे हैं। 7-8 फीट की बर्फ में काम करने वालों को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। केवल छिद्रान्वेषण करके लगातार काम कर रहे हमारे लोगों का मनोबल कम नहीं किया जाना चाहिए। हमने वैकल्पिक प्लान भी तैयार कर रखे हैं। चारधाम यात्रा को लेकर हमने पूरी तैयारियां कर रखी हैं। जिस दिन कपाट खुलेंगे उसी दिन से यात्रा भी प्रारम्भ हो जाएगी। सरकारी आयोजनों में कटौति के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य इस समय भीषण कृषि संकट जूझ रहा है। हम अपने किसान भाईयों को हर सम्भव राहत पहुंचाना चाहते हैं। केंद्र से भी मदद का अनुरोध किया गया है यद्यपि उन्होंने राहत के मानकों को शिथिल नहीं किया है जिससे राहत राशि पर्याप्त नहीं होगी। इसलिए राज्य सरकार अपने स्तर पर काश्तकारों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए कोई कमी नहीं रखेगी। हमारी कोशिश है कि किसानों को इतनी मदद तो मिल ही जाए कि वे अपनी अगली फसल की तैयारी कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली दरें विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित की जाती है न कि राज्य सरकार द्वारा। वैसे अभी भी हमारे यहां बिजली दरें महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा से काफी कम है। भगवानपुर विधानसभा उपनिर्वाचन के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपना काम किया है और पूरा भरोसा है कि जनता अपना आर्शीवाद हमे देगी। 

अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ की वार्षिक आम सभा

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  • एम्ब्रोस पैट्रिक अध्यक्ष, एस.के.लॉरेंस सचिव और विक्टर जेरमी कोषाध्यक्ष चुने गए

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पटना। गैर सरकारी संस्था अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ की वार्षिक आम सभा में कार्यकारिणी समिति के सदस्यों का चुनाव हुआ। पहले एस.के.लाॅरेंस अध्यक्ष थे और एम्ब्रोस पैट्रिक सचिव थे। इसमें बदलाव आया है। एम्ब्रोस पैट्रिक अध्यक्ष, रिचर्ड रंजन तथा इग्नासिउस हेम्ब्रम उपाध्यक्ष, एस.के.लॉरेंस सचिव, रंजित कुमार तथा करुणा के. डेविड सहायक सचिव, विक्टर जेरमी कोषाध्यक्ष और ,आल्बर्ट जौन संयुक्त कोषाध्यक्ष चुने गए। विजय कुमार पॉल,अभिषेक पैट्रिक, एग्नेस जेरमी,रोजी युजिन तथा एम अन्थोनी कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में चुने गए।

अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के अध्यक्ष एस.के.लॉरेंस ने संघ के द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों तथा धार्मिक कार्य में संघ के सदस्यों तथा ईसाई समुदाय द्वारा किए गए सहयोग तथा संस्था के गायक मंडली द्वारा चालीसा के दौरान मुसीबत नामक भजन,गायन एवं प्रार्थना करने में सौ प्रतिशत सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही यह विश्वास जताया कि भविष्य में और भी ज्यादा लोगों का आर्थिक एवं अन्य तरह का सहयोग इस संघ को प्राप्त होगा। ताकि यह संस्था और ज्यादा अपने समाज के लिए कार्य कर सके। 

संघ के सचिव एम्ब्रोस पैट्रिक ने उपस्थित सदस्यों से आग्रह किया कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस संघ से जोड़ने में सहयोग करें। उन्होंने इस संघ से जुड़ने के लिए नए सदस्यों को धन्यवाद दिया। साथ ही यह जानकारी दी गई कि इस संघ के द्वारा अपने समाज के लोगों तथा चर्चों के लिए किये जा रहे साकारात्मक कार्यों पर महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने संघ की प्रशंसा करते हुए तथा तरक्की की कामना करते हुए पैरिश तथा पैरिश के लोगों को इस संघ को सहयोग करने की कामना करते हुए एक पत्र दिया है। संघ द्वारा अबतक किये गए मुख्य-मुख्य कार्यों का विवरण निम्नलिखित है। जेरमी विक्टर कोषाध्यक्ष द्वारा पेश किए गए वार्षिक आय व्यय का ब्यौरा तथा सचिव द्वारा पेश किए गए वार्षिक रिपोर्ट को सर्व सम्मति से पारित किया गया।

अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के कार्य उपलब्धि पर अध्यक्ष एस.के.लाॅरेंस कहते हैं कि हमलोगों ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मुलाकात कर बिहारी ईसाइयों को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में उपाध्यक्ष पद पर मनोनयन करने की मांग की है। अल्पसंख्यक मुसलमानों की तरह ही ईसाई समुदाय को ईसा मसीह की कर्मभूमि जेरूसलम की यात्रा हेतु अनुदान देने की मांग की है।गरीब विद्यार्थियों को किताब या कापी खरीदकर दिया गया। बेहद गरीब एवं लाचार ,असमर्थ बुजूर्गों को इलाज हेतु मदद के तौर पर फि़लहाल पांच सौ रूप्ए की सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।सुनियोजित तरीके से चर्चों तथा ईसाइयों पर हुए आक्रमण एवं ‘घर वापसी ‘के नाम पर  ईसाइयों पर दबाव बनाने के खिलाफ जागरूकता हेतु संघ के अध्यक्ष द्वारा लिखे गए ‘रो रहा है सृष्टिकर्ता हमारा‘ नामक लेख की लगभग डेढ़ हजार प्रति  मोकामा यात्रा के दौरान  तथा पटना में बांटी गई। संघ द्वारा ईसाई छात्र एवं छात्राओं को छात्रवृति दिलाने के लिए सम्बंधित आवेदन पत्र उपलब्ध कराकर तथा भरवाकर सम्बंधित कार्यालय में जमा कराया गया। प्रसन्नता की बात है कि पिछली बार संस्था के सहयोग से भेजे गए आवेदनों पर विद्यार्थियों को छात्रवृति प्राप्त हो रही है।



आलोक कुमार
बिहार 

गया : आखिर कबतक दवा फेंकने वाले प्रकरण पर से पर्दा उठेगा ?

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गया। कहां से तू लाया और किधर फेंक कर तू चला गया। इसका अभी तक उद्भेदन नहीं हो सका है? आखिर वह बंदा कौन है? घोर अंधेरे में आते हैं और चुपके से सुनसान जगहों पर जानलेवा बीमारियों से रक्षण करने वाली दवाईयों को फेंककर निकल जाते हैं। अभी तक दवाई फेंकना पहेली ही बंद करके रह गया है। सबसे पहले दवाई फेंकने की खबर पटना जिले के धनरूआ प्रखंड से आयी।कोई चुपके से आकर नदवां पंचायत के एक काॅलेज परिसर के बगल में जानलेवा बीमारियों से रक्षण करने वाली दवाईयों को फेंककर चले गए।जब उदयीमान भगवान भास्कर अंधेरे को चिरकर विराजमान हुए तो दिन के उजाले में तहलका मच गया।शक की सूई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ के उप स्वास्थ्य केन्द्र,नदवां के ए.एन.एम. पर चला गया।एकतरफा चर्चा होने लगी कि ए.एन.एम. ने गरीबों के बीच में दवा वितरण न करके दवा को काॅलेज परिसर के बगल में थ्रो कर दी हैं। भगवान को धन्यवाद कि बिना सोचे समझे अधिकारियों ने ए.एन.एम.को निलम्बित नहीं किए। पर ए.एन.एम.के पास लगातार टेलिफोन गनगनाने लगे। यह तुने क्या कर दिया? संपूर्ण मसले से अनभिज्ञ ए.एन.एम.दिनभर हलकान और परेशान रही। आरोपी की तरह यह सवाल पूछा जा रहा कि क्या आपने कर दिया? हां, इस बाबत किसी तरह की जानकारी ए.एन.एम.को नहीं थी। 

लगे हाथ यहां के लोकल लोगों ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,पटना को समुचित जानकारी दे डालें। दवाई फेंकने प्रकरण को तब राजधानी में बैठे सिविल सर्जन ने समुचित जांच करवाने का आदेश निर्गत कर दिया। अभी जांच जारी है। इस बीच अज्ञात लोगों ने कम से कम चार बार दवाई फेंक कर चलते बने। यहां पर जो दवा फेंकी गयी थी। वह किसी सरकारी अस्पतालों और केन्द्रों में वितरित करने वाली दवाई है।दवाखाने में बिक्री करने वाली भी दवा शामिल है। कुछ दवाईयों की सेवन अवधि समाप्त हो गयी थी। कुछ की सेवन अवधि 2016 में समाप्ति होनी थी। चिकित्सकों को मिलने वाली नमूना दवाई भी थी। अभी दवा फेंकने वाले प्रकरण पर से पर्दा उठा ही नहीं था कि गया जिले के फल्गू नदी के किनारे दवाई फेंक देने से सनसनी फैल गयी। लगभग पटना जिले की तरह ही दवाई को फेंक दी गयी थी। यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी होने के कारण किसी ए.एन.एम.पर गाज नहीं गिरी। इस पर सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने जांच करने का आदेश दे दिया है। अब देखना है कि पटना और गया जिले में फेंकी गयी दवाईयों पर से कबतक पर्दा उठ पा रहा है।एक ही लोग पटना और गया में दवाई फेंक रहे हैं। 



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : अखंड भारत को खंड-खंड में विभाजित करने का प्रयास

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संवैधानिक प्रावधान के अनुसार लोक सभा और विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों को प्रतिनिधित्व मिले

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गया। आज डाक्टर भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश  के महू नामक स्थान में हुआ था। 1924 से 1935 तक हिन्दु धर्म में सुधार लाने के लिए सक्रिय हुए। इस बीच 1927 में छुआछुत के खिलाफ मैदान में कूदे। 1935 में हिन्दु धर्म से मोहभंग करने की घोषणा किए। अन्त में 14 अक्टूबर 1956 में हिन्दू धर्म से नाता तोड़कर बोध धर्म को अंगीकार कर लिए। भारतीय संविधान के निर्माता डाक्टर भीम अम्बेडकर को देश के प्रथम कानून मंत्री बनने को गौरव प्राप्त है। 
आज देशभर में डाक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की 125 वीं जयंती मनायी जा रही है। उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प ले रहे हैं। इसमें राजनीतिक दल और गैर सरकारी संस्था पीछे नहीं रहे। खोजबीन से पता चलता है कि देश और प्रदेश में छुआछुत बरकरार है। भारतीय संविधान को किनारे रखकर अखंड भारत को खंड-खंड में विभाजित करने का प्रयास चल रहा है। केन्द्र में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही अल्पसंख्यकों पर प्रहार होने लगा है। लव जिहाद,घर वापसी,अधिक बच्चों को पैदा करने, गौ हत्या पर प्रतिबंध, स्वयं को असुरक्षित महसूस करते ईसाई समुदाय के लोग कांपते नजर आ रहे हैं। संविधान को सामने रखकर शपथ ग्रहण करने वाले मंत्री से संतरी अनर्गल बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब तो संवैधानिक अधिकार को भी छीनने की कोशिश की जा रही है। बहक गए नेताओं के द्वारा व्यक्तिगत हमला भी होने लगा है। माननीय पोप के द्वारा ईसाई समुदाय की मदर टेरेसा को ‘धन्य’घोषित किया गया है। इनके द्वारा किए गए सेवाकार्य को महत्वहीन करने का प्रयास किया गया। इसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर अभद्र टिप्पणी की गयी। 

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व संयोजक सिसिल साह ने कहा कि आज जरूरत है कि बाबा साहब के पद चिन्हों पर चला जाए। भारतीय संविधान में दिए गए अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए। धर्म परिवर्तन के नाम पर ईसाई समुदाय को जलील करना बंद किया जाए। धर्म परिवर्तन तो दिल से उत्पन्न होता है। वह किसी को लालच देकर धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। श्री साह ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों में जनसंख्या की हिसाब से द्वितीय स्थान पर ईसाई समुदाय हैं। इनके साथ दोयम दर्जें का व्यवहार किया जाता है। लोक सभा और विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है। इसे अमल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सर्वें करके देखना चाहिए कि जिस विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों को मनोनीत नहीं किया गया है। उसे मनोनीत करना चाहिए ताकि संविधान में किए प्रावधानों की रक्षा हो सके।




आलोक कुमार
बिहार 

सनी लियोनी के इवेन्ट मैनेजर हीरो बने फिल्म ‘प्लेजर’ से

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मशहूर हॉट स्टार सनी लियोनी की किस्मत है कि उन्होंने कम ही समय में अपने एक स्थापित हीरोईन लिया। रागिनी एम एम एस ,जिस्म 2 के बाद हाल मे रीलिज एक पहली लीला में उनके काम की तारीॅ हो रही है, उसकी बढती ख्याति के फायदा उनके इवेन्ट मैनेजर पियूष आनंद को भी मिला । उनको बतौर हीरो निर्माता निर्देशक सी पी सिंह ने मौका दिया  फिल्म ‘प्लेजर’ मंे। 

‘साईं बाबा फिल्म्स 97’ के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन सी पी सिंह और ब्रह्मानंद, नवोदित नायक हैं पियूष आनंद और लीना विश्वकर्मा, साथ हैं प्रीत चैधरी, आकांक्षा सिंह और स्नेहल, संगीत मैनाक नंदी का है, कहानी का कांसेप्ट सी पी सिंह, कैमरा कमल लोखंडवाला  है, इ पी हैं रविश आनंद और मिनी शर्मा, एसोसिएट निर्माता हैं मदनपाल शर्मा मोरादाबाद। फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन ब्लेस्सफिल्म्स एंड पीआर में किया गया है, फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है। ‘साईं बाबा फिल्म्स97’ ने पियूष आनंद को तीन फिल्मो के लिए साइन किया है।  

विशेष आलेख : महानता नापने की विचित्र कसौटियां

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इस देश में किसी को महानता का दर्जा देने और उसके योगदान के वजन को मापने की कसौटियां विचित्र हैं। विचित्र इस मामले में कि जो सार्वभौम कसौटियां हैं यहां उनसे इतर आधार पर मूल्यांकन होता है। संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर के संदर्भ में देखें तो ऐसी ही कसौटियों के कारण उनको शुरूआत में बिल्कुल भी सम्मान नहीं दिया गया जबकि आज प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में इस बात की होड़ लगी है कि उनमें से कौन अंबेडकरवादी विचारधारा के ज्यादा नजदीक है।

डा. अंबेडकर 6 दिसंबर 1956 को महायात्रा पर निकल गए थे। उस समय भी उनका कृतित्व उतना ही उजागर था जितना आज उजागर है लेकिन कई सालों तक उन्हें आदर के साथ स्मरण करना तो दूर खलनायक के बतौर प्रस्तुत किया जाता रहा। कांशीराम ने जब उनका नाम लेकर राजनीतिक ताकत खड़ी करने का प्रयास किया तो आरंभ में उन्हें बहुत सफलता नहीं मिली। पहले उन्होंने डीएसफोर बनाई इसके बाद 1984 में अपनी पार्टी का नाम बहुजन समाज पार्टी कर दिया। लगभग एक दशक के संघर्ष के बाद भी उन्हें कोई सफलता हासिल नहीं हुई। कांशीराम की सक्रियता के शुरूआती दौर में मुख्य धारा के समाज में उनके भाषणों की वजह से बाबा साहब अंबेडकर के प्रति नफरत और गहराती रही। 1988 में नारायण दत्त तिवारी सरकार ने उत्तर प्रदेश में चौदह वर्षों से अवरुद्ध स्थानीय निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया। यह वो दौर था जब राम जन्मभूमि आंदोलन गरमाया हुआ था। नारायण दत्त तिवारी के पहले वीर बहादुर सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों का नया कीर्तिमान स्थापित हो चुका था। इसी दौर में मलयाना और हाशिमपुरा जैसे कुख्यात नरसंहारों को अंजाम दिया गया। पूरे प्रदेश में एक नए धु्रवीकरण की पृष्ठभूमि तैयार हुई। जबरदस्त राजनीतिक तपिश के इस दौर में जब मुसलमानों के बीच कांग्रेस का किरदार भी बहुत संदिग्ध हो चुका था स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए कांशीराम ने जिस रणनीति का तानाबाना बुना वह बेहद कामयाब रहा। कांशीराम का वोट आम चुनावों में ग्रामीण इलाकों में जमकर लूटा जाता था लेकिन शहरी क्षेत्रों में एक सीमा से ज्यादा जोरजबरदस्ती की गुंजायश नहीं थी। उस पर कांशीराम ने ज्यादातर नगर पालिकाओं नगर पंचायतों में मुसलमानों को उम्मीदवार बनाया क्योंकि मुसलमानों की संख्या मुख्य रूप से शहरों में ही अधिक है। कांशीराम की इस सियासी कीमियागीरी का शानदार नतीजा उनकी पार्टी के पक्ष में निकला। 1988 के स्थानीय निकाय चुनाव में बसपा की एक चौंकाने वाली राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित हो गई। कांशीराम की इमेज जोइंट किलर की बन गई क्योंकि चुनाव नतीजों ने यह साफ दिखा दिया कि उस समय महाबली समझी जाने वाली कांग्रेस पार्टी के अंदर उन्होंने उत्तर प्रदेश में कितनी बड़ी सेंध लगा दी है। दूरदर्शी राजनीतिज्ञ उसी समय यह आंकलन करने लगे थे कि बसपा का यह उभार कांग्रेस जैसी व्यापक पार्टी को कुछ ही सालों में घुन की तरह खा लेगा। इसके बाद 1989 के लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव में कांशीराम की पार्टी ने प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्शाई जिससे हलचल मच गई। सामाजिक न्याय का एजेंडा चतुर राजनीतिज्ञों की निगाह में सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया और इसी परिवेश में वीपी सिंह ने 1990 में जब बाबा साहब अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न घोषित किया और उनकी जयंती पर सरकारी अवकाश तय कर दिया तो उनके पुनर्मूल्यांकन का सिलसिला चल पड़ा। अंबेडकर के प्रति अश्रद्धा दिखाने में सभी राजनीतिक दलों को जोखिम महसूस होने लगी और जिन दलों की अंबेडकर वाद में कोई आस्था नहीं थी वे भी ऊपरी तौर पर अंबेडकर के प्रति आस्था दिखाने का पाखंड करने लगे।

इसके बावजूद अंबेडकर का मूल्यांकन दलितों के मसीहा की परिधि तक सीमित रहा। दूसरी ओर बाबा साहब के नाम पर गोष्ठियों के आयोजन का सिलसिला जैसे-जैसे बढ़ा और ज्यों-ज्यों दूसरे लोग भी उनके नाम पर कुछ कहने के लिए उनके विचारों की पुस्तकेें पढऩे लगे वैसे-वैसे अंबेडकर की एक नई तस्वीर सामने आने लगी। इस तस्वीर में अंबेडकर किसी वर्ग विशेष के हितों तक सीमित चिंतक की बजाय मानवाधिकार के चैंपियन के रूप में दिखने लगे। आजादी के पहले अपने लेखों में अंबेडकर ने कई स्थापित धारणाओं का खंडन किया। जैसे कि वामपंथी मानते हैं कि व्यक्ति एक आर्थिक जंतु है और उसकी आर्थिक हैसियत बदलने से उसका निजी प्रभाव भी बदल जाता है। इसके विपरीत अंबेडकर ने कहा कि अगर सामाजिक स्थितियां अनुकूल न हों तो यह सिद्धांत एकदम बेमानी है। उन्होंने देश का उदाहरण देकर कहा कि यहां बड़े-बड़े धनाढ्य लोग नंगे बदन रहने वाले साधुओं के इशारे पर नाचते हैं। धन वैभव विहीन साधुओं को जो सम्मान हासिल होता है वह न किसी सेठ को हासिल हो पाता है न राजा को। अंबेडकर ने यह भी चेताया कि सिर्फ राजनीतिक सुधारों से ही सामाजिक भेदभाव का उन्मूलन हो सकता है यह भी एक मिथ्या धारणा है। उन्होंने दलित समाज की स्थिति के भुक्तभोगी होने के नाते नई क्रांति के लिए सामाजिक बदलाव को सर्वोपरि प्राथमिकता दी। इस लिहाज से देखें तो दलितों को उनके मानवाधिकार दिलाने के लिए उनकी लड़ाई एक व्यापक लक्ष्य की कार्यनीति का आवश्यक अंग था न कि साध्य। अगर उनका साध्य सिर्फ दलितों का सशक्तिकरण करना होता तो वे दलितों को उकसाते कि वे उन पर अत्याचार करने वाले सवर्णों से बदला लेने के लिए सत्ता पर कब्जा करने को संघर्ष छेड़ें। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। उनके माध्यम से बदलाव के जितने भी सामाजिक प्रयास हुए उनमें एक ही लक्ष्य था जातिगत वर्चस्व को गौण कर देना। अनुसूचित जातियों जनजातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था सीमित समय के लिए करने पर उनका जोर इस भावना से था कि जब प्रशासन के वर्जित क्षेत्र में उनकी पैठ होगी तो उनकी उपेक्षा संभव नहीं रह जाएगी और धीरे-धीरे सवर्णों के लिए जातिगत सर्वोच्चता अर्थहीन हो जाएगी। उन्होंने संविधान के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के लिए मौलिक अधिकारों की गारंटी के कदम से भी समता पर आधारित व्यवस्था के निर्माण की उम्मीद संजोई थी।

दुर्भाग्य से डा. अंबेडकर के न रह जाने के बाद सामाजिक सुधार के नाम पर सोशल इंजीनियरिंग के टोटके तो बहुत हुए लेकिन स्थितियां कुछ ऐसी बनीं जिससे नई व्यवस्था का भी स्वार्थ जाति व्यवस्था को बनाए रखने में निहित हो गया। यहां तक कि उनकी मानस संतान कही जाने वाली बसपा जैसी पार्टी भी जाति व्यवस्था के पुनर्जीवन का उत्प्रेरक बन गई। इस प्रतिक्रांति के कई अनिष्टकारी परिणाम सामने आ रहे हैं। कानून के शासन में पुरानी सामाजिक व्यवस्था की मजबूती सबसे बड़ी बाधा बन गई है। अहम पदों पर बैठे लोगों का माइंड सेट पहले से बहुत ज्यादा जातिवादी हो गया है जिसकी वजह से उनसे सिद्धांत पर आधारित प्रशासन चलाने या न्याय करने की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं की जा सकती। बाबा साहब अंबेडकर ने महात्मा गांधी द्वारा वर्ण व्यवस्था को श्रम विभाजन कहे जाने पर घोर आपत्ति जताते हुए इसे श्रमिकों का विभाजन बताया था। यह बात आज सिद्ध हो रही है। अब बात केवल सवर्णों की वर्चस्व भावना की नहीं रह गई जहां पिछड़ों की सत्ता है वहां जिस जाति का मुख्यमंत्री है वह सारे पिछड़ों का सशक्तिकरण करने की बजाय उनके हितों को भी अपनी जाति के सशक्तिकरण पर बलिदान कर रहा है। दलितों के मामले में भी यही अनुभव देखने को मिल रहा है। कोई भी आधुनिक राष्ट्र सार्वभौम सिद्धांतों पर काम किए बिना आगे नहीं जा सकता। दूसरी ओर जाति व्यवस्था ने सार्वभौम प्रतिमानों की गुंजायश ही समाप्त कर दी है। ऐसे में अंबेडकर आज फिर बहुत प्रासंगिक हैं। देश के आधुनिकीकरण के लिए जरूरत केवल आर्थिक तरक्की और विधाई प्रयसों की नहीं है। इसके पहले सामाजिक क्रांति या सामाजिक बदलाव पर पर्याप्त होमवर्क होना बहुत जरूरी हो गया है।

बात शुरू हुई थी एकांगी कसौटियों की। यह सिर्फ संयोग नहीं है कि जो लोग सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध रहे हर दृष्टिकोण से उनका नैतिक स्तर दूसरों से बहुत ऊंचा रहा है। डा. अंबेडकर पर भले ही यह आरोप लगाए जाते हों कि वे अंग्रेजों के एजेंट थे लेकिन हकीकत यह है कि जिस समय उनका निर्वाण हुआ अपार संपत्ति होने की बजाय उस समय उन पर कर्जा निकला था। हर देश और समाज में उसे अच्छा आदमी माना जाता है जो पैसे के मामले में ईमानदार हो और चरित्र के मामले में भी जिस पर कोई दाग न हो। इस देश में भी कहने के लिए तो लोग यही कहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि गौतम बुद्ध से लेकर डा. अंबेडकर और आगे तक की परंपरा में अच्छे आदमियों की कसौटी में वहीं लोग सबसे खरे निकले जिन्होंने जातिगत भेदभाव का प्रतिरोध किया लेकिन उन्हें ईमानदारी और चरित्र में उच्चतम होने के बावजूद अपयश का भागी होना पड़ा जबकि अगर उसने सामाजिक यथास्थितिवाद को पोषित रखा तो वह ईमानदारी चरित्र आदि में कितना भी ढीला क्यों न हो लेकिन वह विशिष्ट सम्मान का अधिकारी बना रहता है। सुव्यवस्था कायम रखने के लिए नैतिकता के सार्वभौम सिद्धांतों का अनुशीलन करने वाले व्यक्तित्वों का समर्थन होना चाहिए। अगर भारतीय समाज उल्टी गंगा बहाना जारी रखेगा तो उसके दुर्भाग्य का अंत कभी नहीं होगा। फिलहाल तो यही हो रहा है। चुनाव के पहले मोदी अपनी जनसभाओं में कहते हैं कि वे जिस समाज और वर्ग से आए हैं उसका कोई आदमी देश के सर्वोच्च कुर्सी का दावेदार बन सका यह चमत्कार हुआ है तो केवल डा. अंबेडकर के बनाए संविधान की वजह से लेकिन सत्ता में आने के बाद वे डा. अंबेडकर का नाम तक लेने में डरने लगते हैं और उन्हीं कर्मकांडों को पोषित करने वाली व्यवस्थाओं व क्रियाओं को समर्थन देने लगते हैं जिसकी वजह से उन जैसे वंचित समाज के गुदड़ी के लाल पहले कभी आगे बढऩे का अवसर हासिल नहीं कर पाते थे।




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के पी सिंह 
ओरई 

विशेष आलेख : हिन्दुस्तान के रूह को तलाशती फिल्म “धरम संकट में”

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भारत एक धर्मान्ध देश है,यहाँ धार्मिक जीवन को बहुत गंभीरता से स्वीकार किया जाता है, लेकिन भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत विविधतापूर्ण एकता है, यह जमीन अलग अलग सामाजिक समूहों, संस्कृतियों और सभ्यताओं की संगम स्थाली रही है, और यही इस देश की ताकत भी रही है. आजादी और बंटवारे के जख्म के बाद इन विविधताओं को साधने के लिए सेकुलरिज्म को एक ऐसे जीवन शैली के रूप में स्वीकार किया गया जहाँ विभिन्न पंथों के लोग समानता,स्वतंत्रता,सहिष्णुता और सहअस्तित्व जैसे मूल्यों के आधार पर एक साथ रह सकें. हमारे संविधान के अनुसार राज्य का कोई धर्म नहीं है, हम राज्य को कुछ हद तक धर्मनिरपेक्ष बनाने मे कामयाब तो हो गये थे लेकिन एक ऐसा पंथनिरपेक्ष समाज बनाने में असफल साबित हुए हैं जहाँ निजी स्तर पर भले ही कोई किसी भी मजहब को मानता हो लेकिन सावर्जनिक जीवन में सभी एक समान नागरिक हों. समाज में असहिष्णुता दिनों-दिन बढती ही जा रही है ,मजहब और उससे जुड़े मसलों पर क्रिटिकल होकर बात करना मुश्किल होता जा रहा है. चिंता की बात है इधर हमारे राज्य का चरित्र भी बहुसंख्यकवादी होता जा रहा है, कलां,साहित्य,खान पान पर पाबंदियां थोपी जा रही हैं.

पिछले वर्षों में धर्म जैसे संवेदनशील विषय पर 'ओह माय गॉड'और 'पीके'जैसी फिल्में आई हैं और कामयाब भी रही हैं, “धर्म संकट में” भी उसी मिजाज़ की फिल्म है, हालांकि इन दोनों फिल्मों की तरह यह फिल्म उतनी प्रभावशाली नहीं बन पड़ी है, लेकिन फिल्म का विषय बहुत ही संवेदनशील विषय पर आधारित है. शायद यही वजह है कि रिलीज होने से पहले ही इसे विवादों का सामना करना पड़ा था. पहले तो इस फिल्म के एक पोस्टर को लेकर विवाद हुआ था और विवाद के बाद इस पोस्टर को बदल दिया गया था. इसके बाद खबरें आयीं कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) द्वारा फिल्म के सर्टिफिकेशन के लिए होने वाली स्क्रीनिंग के दौरान हिंदू व मुस्लिम धर्मगुरुओं को बाकायदा आमंत्रित किया गया और उनकी सलाह के आधार पर फिल्म में कांट छांट भी की गई। उल्लेखनीय है सेंसर बोर्ड द्वारा किसी फिल्म को मंजूरी देने से पहले धर्मगुरुओं की सलाह लेने का अपनी तरह का यह पहला मामला है।यह घटना बताती है कि कैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बंदिशें गहरी होती जा रही हैं,देश की  संविधानिक संस्थायें कानून से ज्यादा लोगों की भावनाओं को तरजीह देने लगी हैं. 

फिल्म 'धर्म संकट में' 2010 में आयी ब्रिटिश कामेडी फिल्म 'द इन्फिडेल'का ऑफिशियल हिन्दी वर्जन है. 'द इन्फिडेल'एक ब्रिटिस मुस्लिम महमूद नासिर की कहानी थी जिसे बाद में पता चलता है कि दरअसल वह एक यहूदी परिवार में पैदा हुआ था जिसे दो सप्ताह के उम्र में एक मुस्लिम पैरेंटस द्वारा गोंद ले लिया गया था, दिलचस्प तथ्य यह है कि इस फिल्म को ईरान सहित कई मुस्लिम देशों में रिलीज किया गया था लेकिन इजरायल में इसे नहीं दिखाया गया. 

फिल्म 'धर्म संकट में'का  बैकग्राउंड अहमदाबाद शहर है जहाँ बारह साल पहले मजहब के नाम पर भयंकर मार-काट हुयी थी, कहानी केटरिंग का धंधा करने वाले धरमपाल त्रिवेदी (परेश रावल) के इर्दगिर्द घूमती है, जो अपनी पत्नी और एक बेटे व बेटी के साथ रह रहा है, वह ज्यादा धार्मिक नहीं है, और धार्मिक कर्मकांडों,अंधविश्वास का विरोध करता रहता है, लेकिन आम मध्यवर्ग की तरह मुसलमानों के ख़िलाफ़ पूर्वाग्रह से ग्रस्त रहता है, अपनी मां की मौत के बाद उसे पता चलता है कि असल में वह एक मुस्लिम मां-बाप का बेटा है जिसे एक हिन्दू परिवार द्वारा गोद लिया गया है,उसका बायोलॉजिकल पिता भी अभी जिंदा है और सेनेटोरियम में है, पूरी फिल्म इस बात के इर्द गिर्द घूमती है कि कैसे एक बेटे को उसके पिता से मिलने के बीच मजहब दीवार बनकर खड़ी हो जाती है, और वही दूसरी तरफ उस पर अपने बेटे की शादी उसकी पसंद की लड़की से करवाने के लिए एक पाखंडी धर्मगुरु नीलानंद बाबा (नसीरुद्दीन शाह) का भक्त और एक “अच्छा हिन्दू” बननें के दबाव रहता है। पूरी फिल्म में धर्मपाल इसी धर्म संकट में फंस खुद को कभी एक तो कभी दूसरे पाले में साबित करने की कोशिश में लगा रहता है.

अपने पहले घंटे में फिल्म  बांधती है, इसके बाद फिल्म अपने ट्रैक से भटक जाती है, कई मुद्दों को एक साथ समेटने की हड़बड़ी साफ़ दिखती है, जैसे फिल्म में धार्मिक आधार पर अलग बसाहटों,दो समुदायों के बीच परस्पर अविश्वास,धार्मिक अलगाव के मसले को छूकर निकल जाती है, और अंत में उपदेशात्मक क्लाईमेक्स बहुत निराश करती है. 

इन सब के बावजूद कुछ ऐसी बातें है जो फिल्म को ख़ास बनाते हैं जैसे धरमपाल त्रिवेदी जब अपने मुस्लिम पड़ोसी (अन्नू कपूर) से इस्लाम के बारे में सीखता है तो फिल्म के नॉन-मुस्लिम दर्शक भी ऐसी बातें सीखते हैं जिससे इस्लाम के बारे में उनकी गलत-फहमियां कुछ हद तक दूर हो सकती है,जिस तरह से इस बहुधर्मी देश में लोगों को एक दूसरे के धर्मों और संस्कृतियों के बारे में जानकारियाँ सीमित होती जा रही हैं उससे यह जरूरी हो जाता है कि इस नुस्खे को आजमाया जाए कि कैसे मनोरंजक तरीके से दर्शकों को दूसरों के बारे में जानकारियां बढें और गलतफहमियाँ दूर हों.
   
विचार के स्तर पर फिल्‍म 'धर्म संकट में'बहुत ही अच्छी है, यह  मुस्लिम समाज में बैठे, असुरक्षा की भावना तथा हिन्दू समाज के इस्लामोफोबिया और उससे उपजे अविश्वाश को सामने लाती है. सिनेमा की अपनी  भाषा होती है, एक मुश्किल विषय को  पूरी तरह से सिनेमा की भाषा में रूपांतरित न कर पाना इस फिल्म की सीमा है, लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि हमें इस तरह की मुख्यधारा की फिल्मों की जरूरत है और इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे इनकी आवाजें ज्यादा कानों तक पहुच सकें.




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जावेद अनीस
ई मेल : Javed4media@mail.com

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (15 अप्रैल)

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उचक्के ने 15000 पंद्रह हजार उडाया

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के वार्ड नम्बर 14 स्थित नीलम देवी की चाय दूकान पर चाय पी कर उचक्के एक मजदूर का बैग उड़ा लिया। इस बावत बताया गया कि बैरिया-तरहरवा निवासी मुन्ना बैग रखकर चापाकल के पास दाँत साफ कर रहा था। इसी दौरान तीन उचक्कों ने बैग उड़ा लिया, जिसमें 15000 पंद्रह हजार रूपये थे। जब पीडि़त शिकारपुर थाना पहुँचा तो उसे यह कहकर टरका दिया गया कि आप किसी को पहचानते हैं नहीं तो किस पर केस कीजिएगा। बेचारा मायूस होकर लौट गया। घटनास्थल पर लोगांे ने बताया कि तीनों नेपाली की तरह दिख रहे थे और पहली बार नजर आए।

सब्जी विक्रेता महिला ने लगाई एसडीओ से फरियाद

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज की सन्ध्या देवी आज एसडीओ के जनता दरबार में यह फरियाद लेकर गई कि सब्जी बाजार मंे सभी लोग अपनी दूकान लगा रहे है और अतिक्रमण के नाम पर उनकी दूकान हटा दी गयी है। जिससे उसके परिवार के समक्ष भूखमरी के हालात उत्पन्न हो गये है। उसने मांग किया है कि उसे फिर से पूर्व की भाँति खुदरा दूकान लगाने की अनुमति दी जाए । इसपर अधिकारी ने कहा कि वे कहीं दूकान लगाए किन्तु वहाँ नहीं लगाए, जहाँ पहले लगाती थी। इस आशय की जानकारी देते हुए आवेदिका के पति कृष्णमोहन प्रसाद ने बताया कि व्यक्ति विशेष के इशारे पर कमजोर वर्ग की महिला खुदरा विक्रेता को तंग व तबाह किया जा रहा है।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (15 अप्रैल)

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प्रभारी कलेक्टर ने दूसरे दिन भी किया गेहूं खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण
  • अम्बेडकर जयंती पर आयोजित ग्राम सभाओं का भी लिया जायजा

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छतरपुर/15 अप्रैल/बेमौसम बारिस को ध्यान में रखते हुये जिले के प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह ने लगातार दूसरे दिन गेहूं खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने निवारी, गढ़ीमलहरा, मनकारी, टटम एवं लवकुषनगर के गेहूं खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। प्रभारी कलेक्टर ग्राम पंचायत मनकारी एवं टटम में अम्बेडकर जयंती पर आयोजित की गई ग्राम सभाओं में भी षामिल हुये। प्रभारी कलेक्टर डाॅ. सिंह ने समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण करते हुये केन्द्र प्रभारियों को निर्देषित करते हुये कहा कि बेमौसम बारिस को ध्यान में रखते हुये गेहूं को खुले में न रखें। गेहूं के भण्डारण के लिये गोदामों या खरीदी केन्द्र के कक्षों में जगह उपलब्ध है तो तत्काल गेहूं का सुरक्षित भण्डारण कराया जाये। उन्होंने कहा कि यदि गेहूं रखने के पर्याप्त  इंतजाम न हों तो उसका परिवहन तत्काल कराया जाये। किसी भी स्थिति में गेहूं बर्षा के कारण भींगकर खराब नहीं होना चाहिये। यदि इस कार्य में किसी भी कर्मचारी की लापरवाही सामने आयी तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। प्रभारी कलेक्टर सबसे पहले निवारी के गेहूं खरीदी केन्द्र पर पहुंचे, जहां कोई भी समस्या नजर नहीं आयी। इसके बाद उन्होंने गढ़ीमलहरा में दो खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। यहां खुले में गेहूं रखे होने के कारण गोदामों में रखवाने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि यहां गेहूं भण्डारण के लिये पर्याप्त जगह होने के बाद भी गेहूं खुले में रखा है जो बेहत चिंता की बात है। उन्होंने केन्द्र प्रभारी पर इसके लिये नाराजगी भी व्यक्त की। मनकारी में उन्होंने बारदाना खुले में रखा होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि बारदाना भींग जायेगा तो गेहूं खरीदी का कार्य प्रभावित होगा। लवकुषनगर मण्डी में बनाये गये गेहूं खरीदी केन्द्रों पर कोई समस्या देखने को नहीं मिली। उन्होंने केन्द्र प्रभारियों को निर्देषित किया कि पहले ऐसे गेहूं का परिवहन करायें जो खुले में रखा हुआ है।  प्रभारी कलेक्टर डाॅ. सिंह ने ग्राम पंचायत भवन मनकारी एवं टटम में ग्रामीणों को ग्रामसभा के माध्यम से षासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने भ्रमण के दौरान जनपद पंचायत कार्यालय लवकुषनगर, ग्राम पंचायत  हरद्वार, उमरया, ज्यौराहा, दिदवारा आदि का जायजा लिया एवं संबंधितों को आवष्यक निर्देष दिये। भ्रमण के दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी बीके सिंह, सीईओ जनपद पंचायत लवकुषनगर, राजनगर एवं नौगांव षामिल हुये।

प्रभारी मंत्री 17 अप्रैल को छतरपुर आयेंगे, जिला योजना समिति की लेंगे बैठक

छतरपुर/15 अप्रैल/जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा 17 अप्रैल को प्रातः 8 बजे दतिया से प्रस्थान कर प्रातः 10.35 बजे छतरपुर जिले के ग्राम धमौरा आयेंगे। प्रभारी मंत्री यहां नवनिर्मित पंचायत भवन का लोकार्पण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार का षुभारंभ करेंगे। प्रभारी मंत्री प्रातः 10.50 बजे धमौरा से छतरपुर के लिये प्रस्थान करेंगे। प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला योजना समिति की बैठक लेंगे। प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह  ने बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को नियत समय पर जानकारी के साथ उपस्थित रहने के निर्देष दिये हैं। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (15 अप्रैल)

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समितियों के गठन कार्यवाही स्थगित

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जिला पंचायत की स्थाई समितियों के गठन हेतु नियुक्त अपर कलेक्टर एवं पीठासीन अधिकारी श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने बताया है कि जिला पंचायत की स्थायी समितियों के गठन हेतु नौ अपै्रल गुरूवार को सम्मिलन में कृषि एवं शिक्षा समिति के गठन कार्यवाही के विरूद्व न्यायालय आयुक्त भोपाल संभाग में अपील दायर होने के कारण शेष स्थायी समितियों के गठन हेतु पूर्व जारी तिथि 16 अपै्रल के सम्मिलन को आगामी सूचना पर्यन्त तक पीठासीन अधिकारी द्वारा स्थगित किया गया है।

जिला स्तरीय सलाहकार समिति का गठन 

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत नवीन जिला स्तरीय सलाहकार समिति के गठन आदेश जारी कर दिए है। यह समिति दो वर्ष तक प्रभावशील रहेगी। राज्य स्तरीय निर्देशो के परिपालन में जिले में गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीकी (लिंग चयन प्रतिषेध) की प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होंगे। समिति की नोड्ल अधिकारी डाॅ हंसा शाह होगी। समिति में पांच सदस्य भी नामांकित किए गए है जिसमें सिविल सर्जन सह अधीक्षक डाॅ मंजू जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ एमके जैन, रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ संजय जैन, जिला अभियोजन अधिकारी श्री सत्यप्रकाश वर्मा और जिला जनसम्पर्क अधिकारी श्री बीडी अहरवाल को शामिल किया गया है।

ओला पीडि़त कृषको के लिए 16 करोड़ से अधिक की राशि जारी 

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले की जिन तहसीलो में विगत दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों की फसले क्षतिग्रस्त हुई थी। उन्हें सर्वे के उपरांत आरबीसी के प्रावधानो के अंतर्गत कुल 16 करोड़ 19 लाख तीस हजार 62 रूपए की तात्कालिक सहायता के आदेश जारी कर दिए है। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार प्राकृतिक आपदा में तात्कालिक सहायता की राशि तहसीलदारों को पुर्नवंटित की गई है कि जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने बताया कि तहसीलवार तहसीलदारों को आवंटित राशि तदानुसार विदिशा को 71 लाख 70 हजार 745, गुलाबगंज को तीन लाख 47 हजार चार सौ, लटेरी को पांच करोड़ 54 लाख 26 हजार 230 रूपए, नटेरन को दो करोड़ 55 लाख 95 हजार 275 रूपए, ग्यारसपुर को एक करोड़ 12 लाख 60 हजार 697 रूपए, शमशाबाद को तीन करोड़ 21 लाख 29 हजार 715 रूपए और सिरोंज तहसीलदार को तीन करोड़ रूपए की राशि पुर्नवंटित की गई है। संबंधित तहसीलदारों को निर्देश जारी किए गए है कि जिला कोषालय, उप कोषालयों में बिल प्रस्तुत कर ई-पेमेन्ट द्वारा पीडि़त कृषकों के खातो में राशि शीघ्र जमा कराई जाए और कि गई कार्यवाही तथा व्यय का ब्यौरा एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार कर जिला कार्यालय को अविलम्ब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

जनता परिवार के 6 दलों का विलय, नये दल के अध्यक्ष मुलायम सिंह होंगे

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जनता परिवार के छह दलों ने विलय का फैसला किया है। आज इन दलों के बीच मुलायम सिंह यादव के आवास पर बैठक हुई। जदयू के राष्ट्रीय शरद यादव ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि छह दलों की आज बैठक में आम सहमति से प्रस्ताव बना है। शरद यादव ने कहा कि इन दलों ने सर्वसम्मत्ति से फैसला लिया है कि नये दल के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे। सभी दलों ने मुलायम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। मुलायम सिंह इस नये दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही संसदीय दल के भी अध्यक्ष होंगे। नई समिति में छह लोग होंगे।

एच डी देवगौड़ा, लालू प्रसाद, शरद यादव और रामगोपाल यादव सहित छह सदस्यीय समिति पार्टी के नाम और ध्वज जैसे मुद्दों का फैसला करेगी। नये दल के नाम, झंडे आदि पर फैसला यह समिति करेगी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस अवसर पर कहा कि न तो उनके मन में और न ही बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के मन कोई अहंकार है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा की हवा निकालेंगे। इस अवसर नीतीश कुमार ने कहा कि यह जनता परिवार के सभी सदस्यों को एकजुट करने की पहल है और हम इसमें सफल हुए हैं। उन्होंने इस पहल के लिए मुलायम सिंह को धन्यवाद दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने भी संबोधित किया और इस पहल को एक अहम कदम बताया। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने पुत्र अभय चौटाला ने भी इसे देश की जरूरत बताते हुए कहा कि इस धर्मनिरपेक्ष दल मजबूत होंगे। इस अवसर पर मुलायम सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार देश की पहली सरकार है जो विपक्षी दलों की राय नहीं लेती है। मुलायम ने कहा कि इस अहंकार शासन को समाप्त करना जरूरी है। मुलायम ने कहा कि अब हम एकजुट होकर भाजपा का सामना करेंगे।

मुलायम ने कहा कि भाजपा अपने वादों पर खरे नहीं उतरी है। सरकार ने कोई काम नहीं किया है। मुलायम ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की अहम भूमिका होती है, ऐसे में मीडिया वालों को इस नये दल के संदेशों को जनता तक पहुंचाना चाहिए। जिन दलों का विलय हुआ है, उनमें सपा, राजद, जदयू, जेडीएस, आइएनएलडी और कमल मोरारका की पार्टी शामिल हैं।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (15 अप्रैल)

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भगवानपुर उप चुनाव: रिकॉर्ड मतदान के बाद विजय भी रिकॉर्ड मतों से, जीता कांग्रेस ने उप-चुनाव
  • भाजपाई नहीं रोक सके मुख्यमंत्री हरीश का विजय रथ, रिकॉर्ड  36 हजार 909 वोटों से की कांग्रेस ने विजय हासिल, हरदा की रणनीति के आगे भाजपाई पस्त
  • नतीजे ने तमाम कयासों को बता दी धता, हवा में ही उड़ गए भाजपा के तमाम दावे

harish rawat
देहरादून,15 अप्रैल। डोईवाला उप चुनाव  के बाद  स्वयं की धारचूला सेट पर उप चुनाव और अब भगवानपुर उप चुनाव के नतीजे से साफ कर दिया है कि सूबे में हरीश रावत के विजय रथ को रोकना संभव नहीं है। मतदान के बाद भाजपा नेताओं के बड़े-बड़े दावे पूरी तरह से हवाई साबित हुए हैं। हरीश ने विरोधियों को यह जता दिया है कि उत्तराखंड की सियासत में विपक्षी हो या फिर अपने किसी की दाल गलने वाली नहीं है। होगा वही जो हरीश की मर्जी होगी। इस उप चुनाव को लेकर शुरू से माहौल बेहद गर्म रहा। पहले तो कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान मचा। लेकिन सियासत के मंझे खिलाड़ी हरीश रावत ने ऐसा तान-बाना बुना कि टिकट आखिरकार ममता राकेश की झोली में ही गया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने हरीश को फ्री हैंड छोड़ दिया था। हां, यह शर्त जरूर जोड़ दी थी कि भगवानपुर सीट कांग्रेस के खाते में ही जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि हरीश ने हाईकमान की इस शर्त को तत्काल स्वीकार कर लिया। इसके बाद हरीश ने सियासत की बिसात पर अपने मोहरे बिछाने शुरू कर दिए। कांग्रेस के बगावत करके चुनाव लड़ने पर आमादा पुराने कांग्रेसी सत्यपाल सिंह को पहले लालबत्ती का तोहफा दिया और फिर उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव का ओहदा भी थमा दिया। पहले तो सत्यपाल सिंह ने ना-नुकुर की। लेकिन अंत में हुआ वही जो हरीश चाहते थे। नतीजा यह रहा कि सत्यपाल सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। इसके बाद हरीश ने अपने काबीना मंत्रियों और खास सिपहसालारों को मैदान में उतार दिया। कांग्रेसियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने परिजनों का डेरा भी भगवानपुर में ही जमा दिया। इससे कांग्रेस को खासी बढ़त मिली दिखी। अचानक भाजपा भी खासी सक्रिय हो गई। भाजपाई दिग्गज हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने भगवानपुर का मोर्चा संभाल लिया। निशंक की इस मुहिम से कांग्रेस को झटका सा लगता दिखा तो हरीश खुद ही मैदान में उतर गए। चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में हरीश ने भगवानपुर में ही डेरा जमा लिया और निशंक को सियासी चालों का जमकर काट किया। इसके बाद भी लग यही रहा था कि कांग्रेस को भाजपा को कड़ी टक्कर मिल रही है। आज नतीजा आया तो साफ दिखा कि भाजपा उत्तराखंड में हरीश रावत के विजय रथ को नहीं रोक पा रही है। भाजपा नेताओं के जीत के तमाम दावे महज हवाई ही साबित हुए। हरीश ने फिर से साबित कर दिया है कि उत्तराखंड में उनसे मुकाबला करना किसी के बस की बात नहीं है।

भारी मार्जिन से जीतीं ममता राकेष
भगवानपुर सीट के उप चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी ममता राकेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राजपाल सिंह को 36,909 मतों के भारी अंतर सं पराजित किया। ममता को इस उप चुनाव में 59,205 वोट मिले और भाजपा के सत्यपाल को महज 22,296 मतों से ही संतोष करना पड़ा। 501 वोटरों ने किसी को भी वोट के लायक नहीं समझा और नोटा का बटन दबाया। इस जीत के बाद ममता ने कहा कि पार्टी और सरकार के सहयोग से स्व. पति सुरेंद्र राकेश के अधूरे कामों को आगे बढ़ाया जाएगा।

दिल्ली से आए नेता भी नहीं बचा सके भाजपा की लाज
लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने के दो माह बाद ही उत्तराखंड में तीन विस सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस जीत के बाद कांग्रेस ने प्रचार किया कि मोदी लहर की हवा निकल गई है। इस हार को भाजपा हाईकमान ने बेहद गंभीरता से लिया। पहले तो यहां के दिग्गजों की क्लास ली गई। फिर मोदी कैबिनेट में भी किसी को नहीं लिया गया। भाजपा ने इस उप चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया था। बताया जा रहा है कि मोदी के एक नजदीकी नेता ने यहां डेरा जमा लिया था। हरिद्वार के नेताओं को समझा दिया गया था कि अगर किसी तरह की गुटबाजी नजर आई तो खैर नहीं। इसके बाद हरिद्वार जिले के सभी नेता इस उप चुनाव में जुट गए। लेकिन हरीश की रणनीति के आगे उनकी एक न चल सकी।

इस जीत से और बढ़ेगा हरीश का कद
इस उप चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम हरीश का सियासी कद हाईकमान की नजरों में तो और बढ़ेगा ही, उत्तराखंड में भी उनका विरोध करने वालों के स्वर धीमे होने के आसार है। पिछले कुछ माह की कार्यकलापों पर नजर डालें तो साफ होगा कि हरीश अपने अंदाज में ही काम कर रहे है। सत्ता को अपने हिसाब से चला रहे हैं तो संगठन में भी उनकी मर्जी के बगैर कोई काम नहीं हो रहा। इसका ताजा उदाहरण कांग्रेसी नेताओं और विधायकों की चारधाम यात्रा के मामले में प्रदेश अध्यक्ष को अपने कदम वापस खींचने पड़े। अब इस जीत के बाद हरीश का कद और भी बढ़ने की बता सियासी गलियारों में की जा रही है।

चुनाव परिणाम पर निशंक बोले
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव में भले ही कांग्रेस पार्टी 36 हजार 909 वोटों से भाजपा से जीती हो परंतु हारने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का सन् 2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट बैंक दोगुने से ज्यादा बढा है। इसकी वजह यह रही कि हरिद्वार के सांसद और पूर्व रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने को इस चुनाव में पूरी तरह से झोंक दिया। और जिससे भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया। जिस कारण मुख्यमंत्री हरीश  रावत समेत पूरी सरकार और प्रदेश कांग्रेस को इस चुनाव में एक साथ उतरना पडा और मुख्यमंत्री को भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के गलीकूंचों तक की खाक छाननी पडी।

सूबे मंे बड़ा कौन? मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव या पुलिस अधिकारी
  • सीएम और प्रमुख सचिव के आदेश भी फेंके रद्दी मंे, पांच साल से एक पिता मांग रहा पुत्र की हत्या में न्याय

देहरादून,15 अप्रैल। एक बड़ा सवाल राजधानी देहरादून में कानून व्यवस्था को लेकर है। सवाल यह है कि आखिर प्रदेश में बड़ा कौन है। मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव या पिफर मलाइ्रदार कुर्सियांे पर बैठे पुलिस अधिकारी। कानून व्यवस्थाओं से लिहाज से देखा जाए तो पुलिस अधिकारियों से बड़ा पद कोई नहीं है क्योंकि जनपद का पुलिस महमका प्रमुख सचिव तो क्या मुख्यमंत्री के आदेशों को रद्दी की टोकरी के हवाले कर देने में भी पीछे नहीं है। ऐसा वाकई मंे दून पुलिस ने कर दिखाया है। एक दुखियारे पिता ने अपने पुत्र की हत्या के मामले में सीएम से लेकर प्रमुख सचिव तक गुहार लगाई। दोनों की तरफ से दून पुलिस के लिए लिखित तौर पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी पारित किए गए,लेकिन क्या मजाल की दून पुलिस ने सीएम और प्रमुख सचिव गृह के आदेशों की तामील की हो। तय है कम से कम देहरादून के लिहाज से तो जनपद के पुलिस अधिकारी ही प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव गृह पर भारी हैं, जो इनके किसी आदेश को तवज्जो नहीं देते। मामला एक स्कूली छात्र की संदिग्ध मौत से जुड़ा हुआ है। बद्रीश काॅलोनी निवासी चंद्रमनी उनियाल का पुत्र 21 फरवरी 2011 को रोज की ही तरह एसजीआरआर रेसकोर्स अपने स्कूल के लिए निकला था। कक्षा सातवीं का 11 वर्षीय छात्र प्रवीण उनियाल स्कूल पहुंचा लेकिन स्कूल से उसे कुछ लोगों ने बाहर बुलाया और बुरी तरह से उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। इस दौरान प्रवीण उनियाल को गंभीर चोटें आई। हमला करने के बाद हमलावर वहां से भाग निकले। कुछ लोगों ने प्रवीण को वाहन में डाल कर उसे सीएमआई पहुंचाया। रास्ते मंे ही प्रवीन ने अपने पिता को अपने उपर हुए हमले के बारे में बताया। इधर सीएमआई पहुंचने पर चिकित्सकों ने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया। पूरे परिवार पर प्रवीण की अकस्मात मौत वज्रपात की तरह गिर पड़ी। चिकित्सकों के अनुसार प्रवीण के पेट पर गंभीर चोटें आई थीं जिससे उसके लीवर पर प्रभाव पड़ा था और रक्तस्राव के कारण उसने दम तोड़ दिया। अब सवाल यह उठा कि प्रवीण पर हमला करने वाले लोग कौन थे और उस पर हमला क्यों किया गया। यह सवाल आज तक प्रवीण के पिता चंद्रमणी उनियाल तलाश रहे हैं और इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए दून पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। किंतु व्यवस्थाएं ही ऐसी हैं कि उन्हंे एक थाने से दूसरे थाने भगाया जा रहा है। पांच साल बाद भी एक पिता को उसके पुत्र की हत्या का कारण एवं न्याय नहीं मिल पाया है, जिसके पीछे सीध्ेा तौर पर स्थानीय पुलिस की लापरवाही ही है। ऐसा नहीं है कि चंदमणी उनियाल ने पुलिस की किसी चैखट पर दस्तक न दी हो, हर दरवाजे से वह निराश लौट कर प्रमुख सचिव गृह के पास पहुंचे। प्रमुख सचिव गृह ने उनकी व्यथा पर इंसानियत का परिचय दिया और 27 अक्टूबर 2014 को दून के एसएसपी को तत्काल इस संबंध मंें मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए, किंतु एसएसपी स्तर पर इन आदेशों को नकार दिया गया। आदेशेंा के संबंध में चंद्रमणी उनियाल 10 नवंबर 2014 को एसएसपी से मिले लेकिन कोइ्र परिणाम नहीं निकला। यहां न्याय नहीं मिला तो श्री उनियाल ने सीएम दरबार में गुहार लगाई, यहां से भी एसएसपी को 24 मार्च 2015 को एफआईआर दर्ज करने के आदेश पारित हुए लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। यानी की यह साबित हो गया कि कम से कम जनपद देहरादून में एसएसपी प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव गृह से भी कहीं बड़े हैं। प्रवीण उनियाल की हत्या के मामले में लीपापोती का प्रयास तो पहले दिन से ही शुरू हो गया था। पीडि़त परिवार को कोतवाली पुलिस एवं नेहरू काॅलोनी चक्कर कटवाती रही आज तक यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर घटना स्थल किसके क्षेत्र का है। तकनीकी तौर पर मामला कोतवाली पुलिस को दर्ज करना चाहिए, लेकिन यहां भी पुलिस कई तकनीकी कमियां बता रही है। पुलिस का कहना है कि मृतक का पोस्टमार्टम ही नहीं कराया गया। हालांकि यह तर्क गले नहीं उतरता, एक तो एफआईआर ही दर्ज नहीं की जा रही है उस पर परिजनों के शक के आधर पर पांच साल तक पुलिस ने एक भी संदिग्ध से पूछताछ तक नहीं की है। परिस्थितियां साफ दर्शाती हैं कि पुलिस कहीं न कहीं किसी को तो बचाने का प्रयास कर रही ही रही है। सवाल फिर भी यह खड़ा होता है कि आखिर सूबे के अंदर सीएम और प्रमुख सचिव के आदेशेंा की कोई अहमियत है या नहीं।

अफसरों की कमी से जूझ रहे राज्य को केन्द्र गये अधिकारियों के वापस आने से बंधी उम्मीद

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। राज्य में अफसरों की बेहद कमी से जूझ रही सरकार को अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद जागी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद अब कुछ अफसर अपने मूल कैडर में उत्तराखंड आने को तैयार हो गए हैं। एक आईएएस अफसर ने राज्य में अपनी ज्वाइनिंग दे दी है। जल्द ही तीन और वरिष्ठ आईएएस अफसरों के उत्तराखंड आने की संभावना है। यूं तो उत्तराखंड में आईएएस अफसरों का कैडर 108 का है। लेकिन इस समय महज 76 अफसर ही राज्य के पास हैं। इनमें से ही तमाम अफसर राज्य में आने की बजाय केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इन अफसरों का मानना है कि उत्तराखंड में काम करने का माहौल ठीक नहीं है। शायद यही वजह है कि अधिकांश अफसर प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी यहां आने को तैयर नहीं है। सरकार इस दिशा में लंबे समय से काम कर रही है। सरकार की कोशिशें अब कुछ रंग लाती दिख रही है। कुछ अफसर अपने मूल कैडर उत्तराखंड में आने को तैयार हो गए हैं। एक वरिष्ठ आईएएस अफसर आनंद बर्धन ने विगत दिवस उत्तराखंड में ज्वाइनिंग दे दी है। इन्हें जल्द ही विभाग आवंटित कर दिया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आईएएस अफसर शत्रुघन सिंह, मनीषा पंवार और भूपेंद्र कौर औलख भी यहां आने की तैयारी में है। हालांकि शत्रुघन सिंह के बारे में सूचना है कि वो उत्तराखंड आने के लिए अभी पूरी तरह से मन नहीं बना सके हैं। माना जा रहा है कि अगर शत्रुघन सिंह यहां आते हैं तो मौजूदा मुख्य सचिव एन रविशंकर के रिटायर होते ही उन्हें मुख्य सचिव ग्रेड में पदोन्नित मिल सकती है।

सीएस ने मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों से बैठक की 

देहरादून, आजखबर। मुख्य सचिव एन.रवि शंकर ने बुधवार को सचिवालय में मोबाइल संचार टावर के बारे में सेवा प्रदाता कम्पनियों के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होेने कहा कि टावर लगाने के लिए निर्धारित मानकों का पालन सभी मोबाइल कम्पनियां करें। यदि कहीं कोई व्यवहारिक कठिनाई है तो जिला प्रशासन के समन्वय से हल करें। मुख्य सचिव ने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिये कि टास्क फोर्स बनाकर दो हफ्ते में समस्या का समाधान करें। यह भी देखना होगा कि संचार टावर लगाने के लिए निर्धारित मानकों का पालन हों। बैठक में प्रमुख सचिव कृषि एम.रामास्वामी, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, कमिश्नर कुमांऊ अवनीन्द्र नयाल, सचिव आईटी दीपक कुमार, वीसी एमडीडीए आर मीनाक्षी सुन्दरम, सीजीएम बीएसएनएल एस पी शुक्ल, जीएम सूर्यकांत सहित निजी दूर संचार कम्पनियों के अधिकारी उपस्थित थे।

वन व वन्यजीवों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी जरूरीः सीएम 

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। वन व वन्यजीवों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। लोगों तक यह संदेश जाना चाहिए कि वन संरक्षण की गतिविधियां स्थानीय निवासियों के हित में ही है। सचिवालय में उŸाराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वन सरंक्षण से जुड़े हमारे तंत्र को वनों के आसपास रह रही आबादी के प्रति भी संवेदनशील रूख अपनाना होगा। स्थानीय लोगों को साथ लेकर ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकता है। हिंसक वन्यजीवों के हमले से मृत्यु पर मुआवजे को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रूपए करने के साथ ही घायल का मुआवजा भी दोगुना कर दिया जाए। संरक्षित वन क्षेत्रों के चारों ओर इको सेंसीटीव जोन को राज्य की केबिनेट की मंजूरी के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगलों व जंगलों के आसपास रह रहे लोगों तक जनसुविधाएं कैसे उपलब्ध करवाई जा सकती है, इसकी कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। वनों को प्रदेश की आर्थिकी व लोगों के जीविकोपार्जन का साधन बनाना होगा। स्थानीय युवाओं को नेचर गाईड के तौर पर प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों में बाढ़ से आए पानी से जंगलों को भी नुकसान होता है। इसलिए हिमाचल व छŸाीसगढ़ की भांति ही यहां भी नदियों को वन क्षेत्र से बाहर रखा जाना चाहिए। ताकि यहां नदियों को अपने प्राकृतिक प्रवाह में रखते हुए नदियों के किनारों की सुरक्षा व प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके। स्नो लैपर्ड के साथ ही कस्तूरी मृग व मोनाल के संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से बाहर अनेक गांवों का पुनर्वास किया जाना है। इसके लिए एक माह में अध्ययन कर लिया जाए कि पुनर्वास के लिए हमारे पास कितनी भूमि उपलब्ध है और इसके लिए लैंड बैंक भी बनाया जाए। जो गांव पुनर्वास के लिए तैयार हैं उनका पुनर्वास का काम प्राथमिकता से किया जाए। इनमें तैडि़या, चुकम, सुंदरखाल शामिल हैं। कीडा़ जड़ी के संबंध में कुछ विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि कीड़ाजड़ी की निकासी से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है, परंतु इसमें बाहरी तत्वों के हस्तक्षेप को प्रभावी तरीके से रोका जाए। टाईगर रिजर्व में एसटीएफ का गठन शीघ्र करने, कार्बेट टाईगर रिजर्व में कोटद्वार की ओर से प्रारम्भ किए जा रहे मार्ग पर स्थानीय सहभागिता से पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने, चीला-मोतीचूर कोरीडोर में आने वाले खाण्ड गांव का पुनर्वास जल्द करने, लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग को वन विभाग के माध्यम से बनवाने का भी निर्णय किया गया। कालागढ़ टाईगर रिजर्व के अंतर्गत वन भूमि पर स्थित सिंचाई विभाग कालोनी कालागढ़ के विस्थापन के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश की अनुपालना के संबंध में तय किया गया कि मा0सर्वोच्च न्यायालय को राज्य के सीमित विŸाीय संसाधनों की स्थिति से अवगत कराते हुए आवश्यक धनराशि केंद्र सरकार से उपलब्ध करवाने के लिए अनुरोध किया जाए। कार्बेट रिजर्व पार्क के लिए श्री बृजेंद्र सिंह को 3 वर्षों के लिए व श्री राजीव मेहता को राजाजी पार्क के लिए 1 वर्ष के लिए अवैतनिक वन्यजीव प्रतिपालक बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया। राजाजी नेशनल पार्क में गौहरी रैंज के अंतर्गत चैरासी कुटिया क्षेत्र को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किए जाने, कार्बेट टाईगर रिजर्व की दक्षिणी सीमा में टाईगर सफारी की स्थापना किए जाने, राजाजी पार्क के तहत 132 केवी डबल सर्किट विद्युत लाईन के टावर की ऊंचाई बढ़ाए जाने, राजाजी नेशनल पार्क की चीला रेंज में हाथी सफारी पार्क आरम्भ किए जाने की सहमति भी बोर्ड द्वारा दी गई।
बोर्ड की बैठक में श्री बृजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन व सातताल, नैनीताल में बटर फ्लाई गार्डन को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तांतरण के अनेक प्रकरणों को भी मंजूरी दी गई। इनमें राजाजी नेशनल पार्क से होकर हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाईन का विद्युतीकरण, रोशनाबाद मे हरिद्वार विकास प्राधिकरण की इन्द्रलोक आवासीय योजना भाग-2 को अनापत्ती, मंसूरी वन्य जीव विहार के अन्तगर्त नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्वीकृति, विनोग वन्यजीव विहार के अन्र्तगत केमल बैक जोन व कम्पनी गार्डन जोन मे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लंाट, जनपद चमोली के अन्तर्गत हापला-गुडम-नौली मोटर मार्ग का विस्तार, फांटा ब्यूंग 76 मेगावाट जलविद्युत परियोजना, लातातपोवन जल विद्युत परियोजना, तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना, भ्यूंडार जल विद्युत परियोजना, खीरो गंगा लघु जल विद्युत परियोजना, सिंगोली-भटवाडी जल विद्युत परियोजना के लिए वन भूमि हंस्तांतरण को स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त गंगोत्री मे हेलीपेड स्थापना सहित अनेक सामरिक महत्व के कार्याे के लिए भी वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई। कुछ स्थनों पर उप खनिज चुगान की अनुमति राज्य वन्य जीव बोर्ड द्वारा दी गई। बैठक में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक ललित फर्सवाण, मालचन्द, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डीवीएस खाती, प्रमुख सचिव वन डा. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, बोर्ड के सदस्य बृजेन्द्र सिंह, पीटर स्मेटाचेक, अनूप शाह, राजीव मेहता सहित अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।

भगवानपुर की जीत कांग्रेस सरकार के विकास कार्यों पर जनता की मुहरः किशोर

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि यह जीत भगवानपुर की जनता के फैसले की जीत है। कांग्रेस पार्टी इस विजय को बहुत ही विनम्रता पूर्वक स्वीकार करती है तथा इस जीत के लिए भगवानपुर की जनता को धन्यवाद देती है। उन्होंने कहा कि भगवानपुर की जीत उत्तराखण्ड की कांग्रेस नीत सरकार द्वारा भगवानपुर और अन्य क्षेत्रों में कराये जा रहे विकास कार्यों पर जनता की मुहर है। श्री उपाध्याय ने कहा कि इस सीट पर कांग्रेस की जीत से कांग्रेस पार्टी अपने बूते पर पूर्ण बहुमत की संख्या पर पहुंची है, इसलिए अब कांग्रेस पार्टी तथा सरकार की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं। कांग्रेस पार्टी तथा हमारी सरकार जनता द्वारा अर्जित इस विश्वास को अपनी नीतियों तथा विकास कार्यों के माध्यम से और मजबूती प्रदान करेगी तथा भगवानपुर के साथ-साथ राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्ण जिम्मेदारी एवं समर्पित भाव से कार्य करेगी। भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम घोषित होने पर कांग्रेसजनों द्वारा प्रदेश कार्यालय में मिष्ठान वितरण किया तथा आतिशाबाजी की गई। इस अवसर पर प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, डाॅ0 आनन्द सुमन ंिसह, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सदस्यता सह प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, टीका राम पाण्डे, धर्मसिह पंवार, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, ललित जोशी, अमरजीत सिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मंजूर अहमद बेग, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, डोईवाला नगर अध्यक्ष राजवीर ंिसह, सुलेमान अली, नासिर, अधीर चमोली, टी.सी. भारती, विशाल मौर्य, मुन्शी राम, सोमवती, शरीफ अहमद बेग, अनुराधा तिवारी, लाखीराम बिजलवाण, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे। 

रूबी को किया सीजीएम अदालत में पेश

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। प्रदेश भर में सनसनी फैलाने वाले बहुचर्चित फर्जी आई एस प्रकरण की आरोपी रूबी चैधरी को पुलिस ने बुधवार को सीजीएम अदालत में पेश किया। अदालत में 164 के तहत रूबी चैधरी के बयान दर्ज किए गए। देश के सर्वोच्च प्रशासनिक मशीनरी तैयार करने वाली एल बी एस अकादमी में फर्जी तरीके से प्रवेश व 6 माह तक रहने के मामले में गिरफ्तार रूबी चैधरी को बुधवार को पुलिस द्वारा अदालत में पेश किया गया।  जहंा धारा 164 के तहत मजिस्टेªट के सामने उसके बयान कलमबद्ध किये गये। इस मौके पर रूबी को रिमान्ड पर लेकर जांच करने वाली एस आई टी टीम भी मौजूद रही। रूबी से एक पत्र भी लिखवा कर उनके राईटिंग का नमूना लिया गया।  जिससे उसकी हस्तलिपि की जांच की जा सके। उल्लेखनीय है कि इस हाई प्रोफाइल मामले में रूबी चैधरी द्वारा मीडिया के सामने अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन पर नौकरी लगवाने के लिए 5 लाख की रिश्वत लेने और इस मामले में मुंह न खोलने के लिए 5 करोड़ रूपये देने की पेशकश के आरोप लगाये गये थे। रूबी चैधरी व उसके परिजन पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए अकादमी के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही न करने के आरोप लगाते रहे है। रूबी अपने बयानों से न पलटे तथा एस आई टी द्वारा जमा किये गये सबूतों की पुष्टि के मद्दे नजर रूबी चैधरी ने यह164 के बयान अत्यन्त महत्व रखते हैंे। जिसके आधार पर ही अब अकादमी के अधिकारियों से पूछताछ की जायेगी।

सड़क दुर्घटना में घायल छात्रा की मौत

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। बाईक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दून में शिक्षा ग्रहण कर रही एक छात्रा की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। छात्रा के परिजनों को सूचना दे दी गयी है। मिली जानकारी के अनुसार प्रेमनगर क्षेत्र के पेट्रोलियम यूनिवर्सटी  में बीटेक कर रही एक छात्रा नरेशा जतिन पटेल निवासी अहमदाबाद बीती शाम अपने एक परिचित युवक लवनीत के सगं बाइक से जा रही थी। इस दौरान बारिश होने के कारण फिसलन से उनकी बाइक सड़क पर रपट गयी।  इससे छात्रा गम्भीर रूप से घायल हो गयी। आस पास के लोगों ने घायल छात्रा को सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया। जहंा उपचार के दौरान छात्रा की मौत हो गयी। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

यातायात सुरक्षा नियमांे का पालन कराने में पेट्रोल यूनिट की अहम भूमिकाः पुलिस कप्तान

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। सिटी पेट्रोल यूनिट के एक साल पूरा होने के मौके पर पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने कहा कि यातायात सुरक्षा नियमों के पालन और अपराधों की रोकथाम में सिटी पेट्रोल यूनिट ने अहम् भूमिका निभाई है। यूनिट की तत्परता के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में काफी सुधार आया है। बुधवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता मंे पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने कहा कि सिटी पेट्रोल यूनिट के गठन को एक साल पूरा हो गया है। यूनिट की उपलब्धियंा गिनाते हुए उन्होने बताया कि इस यूनिट के कारण कई जघन्य अपराधों को होने से रोकने व अपराधियों को पकड़ने में मदद मिली है। उन्होने बताया कि सिटी पेट्रोल यूनिट का गठन 1 अप्रैल 2014 को देहरादून में किया गया था। इस युनिट के गठन का उद्देश्य देहरादून में यातायात प्रबन्धन और अपराध, कानून व्यवस्था एंव सड़क दुर्घटनाओं पर अकंुश लगाने के लिये किया गया है। उन्होने बताया कि जनपद देहरादून में इस समय इस यूनिट में 1निरीक्षक 28 उपनिरीक्षक (पुरूष) 1उपनिरीक्षक (महिला) 25 कांस्टेबल (पुरूष) व 2 महिला कांस्टेबल तैनात किये गये है। जो कि विभिन्न क्षेत्रोंमें तैनात रहते है। उन्होने बताया कि सिटी पेट्रोल यूनिट को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है, जिसमें पिस्टल,पेपर स्पे्र, टार्च, एल्कोमीटर, दस्ताने,यूटिलिटी बेल्ट, वायलेस सेट, वीडियो कैमरा आदि शामिल है। उनका कहना था कि सिटी पेट्रोल यूनिट ने अपने गठन के एक साल के दौरान 98,123 चालान करते हुए 1 करोड़ 23 हजार पांच सौ की राजस्व राशी वसूल की है। उन्होने बताया कि इसके अलावा सिटी पेट्रोलयूनिट ने कई सराहनीय कामों में भी सहयोग किया है। उन्होने 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक उनके द्वारा किये गये कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि इस यूनिट द्वारा शराब तस्करों को भी पकड़ने, बच्चे के अपरहण कर्ता को दबोचने, कई दुर्घटना ग्रस्त लोगों को 108 की मदद से उपचार कराने व नकली नोट गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करने जैसे सराहनीय कार्य किये गये है।

विदेशी शराब की दुकानों का आवंटन, एक भी महिला के नाम नहीं खुली पर्ची, पुरूषों की पौबारह 

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। रूद्रप्रयाग के जिला अधिकारी डाॅ राघव लंगर की अध्यक्षता में कलक्टेªट सभागार में जिले की नौ विदेशी मदिरा की दुकानों रुद्र्रप्रयाग, ऊखीमठ, मयाली, खांकरा, विजयनगर, सतेराखाल, तिलवाडा, नगरासू व बसुकेदार के ठेकों के आंवटन के लिये लाॅटरी सम्पन्न हुई। जिससे वर्ष 2015-16 में 17 करोड़ 85 लाख 71 हजार 520 रूपये का राजस्व प्राप्त होगा। जिले की इन नौ विदेशी मदिरा की दुकानों के लिये कुल 1591 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 273 महिलाएं सम्मिलित थी। रुद्रप्रयाग विदेशी मदिरा की दुकान के लिये मात्र एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ। आवेदक बलबीर सिंह को रुद्रप्रयाग की विदेशी मदिरा की दुकान आवंटित की गई। लाॅटरी प्रक्रिया के माध्यम से ऊखीमठ की दुकान के लिये मोहन लाल, मयाली के लिये मोहन प्रसाद, विजयनगर के लिये कलम सिंह, सतेराखाल के लिये सच्चिदानंद, तिलवाड़ा के लिये संजय, खांकरा के लिये मातबर सिंह, नगरासू के लिये आशीष कुमार शुक्ला व बसुकेदार की दुकान के लिए भानु प्रसाद के नाम लाॅटरी खुली। जिले की नौ दुकानों के लिये कुल 1591 आवेदनकर्ताओं ने आवेदन किया था। जिसमें रुद्रप्रयाग के लिये एक, ऊखीमठ 248, मयाली 242, खांकरा 32, विजयनगर 284, सतेराखाल 45, तिलवाडा 285, नगरासू 233 व बसुकेदार की दुकान के लिये 221 लोगों ने आवेदन किया था। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह, अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल, उप जिलाधिकारी सदर सीएस चैहान, जिला आबकारी अधिकारी आंेकार सिंह सहित आबकारी कर्मचारी एवं आवेदनकर्ता उपस्थित थे।

संज्ञान में आएगा तोे होगी जांचः एसएसपी

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। प्रवीण उनियाल की संदिग्ध् मौत से संबंध्ति मामले पर एसएसपी पुष्पक ज्योति ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। उन्हांेने कहा कि हर मामले में तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाता है और किसी छात्रा की संदिग्ध् मौत पर जांच न हुई हो ऐसा संभव नहीं है। चूंकि मामला पांच साल पुराना है और यह संभव नहीं है कि इस प्रकरण में शिकायत किए जाने के बावजूद भी जांच नकी गयी हो। हालांकि एसएसपी ने कहा कि उनके पास यदि यह मामला आता है तो वह अपने स्तर पर इस मामले को देखेंगे। मृतक छात्रा के पिता चंदमणी उनियाल द्वारा मुख्यमंत्राी एवं प्रमुख सचिव गृह के आदेशों पर भी एसएसपी ने अनभिज्ञता जताई और कहा कि ऐसा कोई पत्रा उनके पास नहीं आया है। दूसरी तरपफ छात्रा के पिता का दावा है कि उन्होंने उक्त दोनों पत्रा पुलिस कार्यालय को उपलब्ध् कराए हैं।

अधिकारियों पर रहम, एसओ पर गिरी गाज, प्रवीण कोश्यारी केा एसओ चकराता का प्रभार
  • घटना होने पर ही जाते हैं अधिकारी चकराता, किस गिरोह का है हाथ, पुलिस टीमें जांच में जुटीं

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। चकराता लूट कांड में भले ही पुलिस किसी अपराधी को नहीं दबोच पाई है लेकिन पुलिस अधिकारियों ने एसओ पर जरूर गाज गिरा दी है। चकराता थाना प्रभारी मुकेश थलेड़ी को तत्काल प्रभाव से लाईन हाजिर कर दिया है। उनके स्थान पर प्रवीण कोश्यारी को थाना चकराता का प्रभारी बना कर भेजा गया है। उधर इस मामले की जांच अभी भी एसओजी के ही भरोसे पर है। एसओजी ने जांच शुरू कर दी है हालंाकि कोई खास सपफलता अब तक हाथ नहीं लग पाई है। एसओजी एवं पुलिस की दूसरी टीमें चकराता में ही डेरा जमाए हैं। बता दें कि चकराता की शांत वादियों में मंगलवार रात तीन बदमाशेंा ने सरकारी ठेकेदार एवं कांग्रेसी नेता पंकज जैन के घर पर घुस कर लूटपाट की थी। विरोध करने पर बदमाशों ने पंकज जैन सहित उनकी पत्नी एवं पुत्री को घायल कर दिया था और लाखों के जेवरात व नगदी लेकर फरार हो गए थे। घटना के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है, हालांकि अब तक पुलिस बदमाशों के बारे में सुराग नहीं जुटा पाई है। बदमाशांे की तलाश करने के लिए मंगलवार रात से ही पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी के साथ ही बार्डर को भी सील कर दिया गया था, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद भी तीनों बदमाशों को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। फिलहाल तो एसओजी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह काम किसी पारंगत गिरोह का है या फिर रंजिशन इस घटना को अंजाम दिया गया है। एसओजी एवं अन्य पुलिस टीमें लगातार ऐसे लोगों का रिकार्ड खंगाल रही है जो इस प्रकार की घटनाओं से पूर्व मंे जुड़े हुए हैं। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि कुछ गिरोहों को चिन्हित किया गया है, हालांकि अभी पुख्ता तौर पर अभी किसी गिरोह की पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चकराता थाना प्रभारी को लाईन हाजिर कर दिया गया है। कुछ दिन पूर्व ही एसएसपी ने अपराध समीक्षा बैठक में साफ निर्देश दिए थे कि संगीन अपराधों की श्रेणी में थानेदारों केा खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यहां यह भी हैरान कर देने वाला है कि इस प्रकार की संगीन वारदातों के बाद क्षेत्राधिकारियांे पर क्यों कार्रवाई नहीं की जाती? लाईन हाजिर किए गए थाना प्रभारी मुकेश थलेड़ी के स्थान पर प्रवीण कोश्यारी को चकराता का नया थाना प्रभारी बनाया गया है। श्री कोश्यारी इससे पूर्व सहसपुर एवं नेहरू काॅलोनी में भी रह चुके हैं। उधर चकराता में हुई लोमहर्षक लूट की वारदात के बाद अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही लूट में शामिल बदमाशांे केा दबोच लिया जाएगा। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं लूटपाट के दौरान घायल हुए परिवार के सदस्यांे की हालत में अब सुधार हो रहा है।

नहीं थम रहे दहेज उत्पीड़न के मामले

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। कोतवाली कोतवाली में दहेज उत्पीड़न के मामले में विवाहिता की ओर से पति समेत अन्य ससुरालियों के खिलापफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। ससुरालियांे के खिलापफ इस महिला ने आरोप लगाए है ंकि ससुरालियों द्वारा न केवल उसका दहेज को लेकर उत्पीड़न किया गया है बल्कि उसके मारपीट करते हुए दहेज में नगदी एवं सामान लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्रतारी नहीं हो पाई है। दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोतवाली पुलिस को दी गयी शिकायत में श्रीमती सोनिया सूरी ने बताया कि उसका विवाह विकासनगर निवासी रजत सूरी के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद से ही उसके ससुराली उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे थे और दहेज में नगदी एवं अन्य सामान लाने के लिए उस पर दबाव डालने लगे थे। सोनिया ने इस बारे मेें अपने परिजनों केा बताया तो उन्होंने भी दहेज की इस मांग को पूरा करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी। इंकार मिलने के बाद ससुराली उस पर अत्याचार करने लगे जिस पर श्रीमती सोनिया अपने पति का घर छोड़ कर अपने पिता के पास घर आने के लिए विवश हो गयी। महिला का आरोप है कि ससुरालियांे को समझाने गए उसके माता-पिता के साथ भी इन लोगों के द्वारा मारपीट की गयी। सोनिया की शिकायत पर पति सहित तीन लोगों के खिलापफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

सड़क दुर्घटना में बुजुर्ग की मौत

देहरादून,15 अप्रैल (निस)। डोईवाला थाना क्षेत्रा थानो रोड पर कल शाम एक बुजुर्ग की स्कूटी से गिरकर मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग नशे में था और अनियंत्रित होकर उनकी स्कूटी गडढे में जा गिरी जिससे उनके सिर में चोर्टें आइं। वहीं से गुजरते कुछ लोगों ने रास्ते में उन्हें मृत देख कर पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के कपडों की तलाशी ली जिस पर मृतक की शिनाख्त 52वर्षीय भगवान सिंह पुत्रा बलबीर सिंह निवासी रामनगर डांडा डोईवाला के तौर पर की गयी। डांडा रोड भूमिया मंदिर के पास ही भगवान सिंह की स्कूटी भी मिली है। पुलिस ने हिट एंड रन की संभावनाओं से इंकार किया है और कहा है कि भगवान सिंह खुद ही अनियंत्रित होकर गिरा। मृतक के कंध्े पर रगड़ एवं सिर पर चोटों के निशान मिले है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

विशेष : टूट की संभावनाओं के जनता परिवार का विलय

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जी हां, ऐलान के पहले पार्टी के नाम, झंडा, चिन्ह पर सहमति नहीं बन पायी। बने भी कैसे जब शुरुवात में ही वजूद व अस्तित्व पर हमला हो रहा हो तो आगे क्या होने वाला है यह मजबूरी के नाव पर सवार लालू भले ही ना समझे पर नीतिश बखूबी समझ रहे है। क्योंकि बिहार में होने वाले चुनाव की तारीख का भले ही अता-पता नहीं लेकिन लालू प्रसाद यादव का जंगलराज मुद्दा अभी से बन गया है। जो भी हो इतना तो पक्का हो चला है कि जनता दल से टूटकर अलग हुईं पार्टियों में मुलायम को होने वाले 2017 सपा का अस्तित्व बचा रहे इसकी चिंता है तो लालू यादव को अपने परिवार की। दोनों का कुनबा सही सलामत रहे इसके लिए कल तक फूटी आंख नहीं सुहाने वाले आज एक-दूसरे पर प्यार छलका रहे है 

janta pariwar unite
काफी मान-मनौउअल के बीच जनता परिवार के विलय से मजबूत विपक्ष तो बन गया, लेकिन जिस मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए ये एकजुट हुए है वह आगे भी जारी रहेगा इसकी संभावनाएं बहुत कम है। वजह यह है कि ऐलान के पहले पार्टी के नाम, झंडा, चिन्ह पर सहमति नहीं बन पायी। बने भी कैसे जब शुरुवात में ही वजूद व अस्तित्व पर हमला हो रहा हो तो आगे क्या होने वाला है यह मजबूरी के नाव पर सवार लालू भले ही ना समझे पर नीतिश बखूबी समझ रहे है। क्योंकि बिहार में होने वाले चुनाव की तारीख का भले ही अता-पता नहीं लेकिन लालू प्रसाद यादव का जंगलराज मुद्दा अभी से बन गया है। जो भी हो इतना तो पक्का हो चला है कि जनता दल से टूटकर अलग हुईं पार्टियां सपा, आरजेडी, जेडीयू, आईएनएलडी, जेडीएस, एसजेपी का जो समझौता हुआ है वह जनता परिवार के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार को वजूद व जलवा बना रहे इसके लिए हुआ है। फूटी आंख नहीं सुहाने वाले लालू-मुलायम, नीतिश-शरद आदि अब एक-दूसरे को प्यार भरी नजरों से सिर्फ इसलिए देख रहे हैं, क्योंकि सियासत में तमाम इन नेताओं के उदय के बाद यह पहला मौका है जब वे हासिए पर जाते दिख रहे है। दिल्ली में केजरीवाल की सफलता के बाद थोड़ी इनमें जान आई तो नजाकत भाप विलय को अमलीजामा पहना दी। अब सभी एक-दूसरे के बाहों में बाहें डालकर चलने की शपथ ले रहे हैं। यह मोदी का खौफ नहीं तो और क्या है? वह मोदी जिसमें कुछ करने की करिश्मा है, जिसे देश उम्मीद से देखता है, जिसमें कुछ नया करने की क्षमता है। 

अगर जनता दल परिवार के नेताओं को यह लगता है कि वे इस तरह से केंद्र सरकार को घेरकर अपनी एकजुटता के औचित्य को सही साबित करेंगे तो यह उनकी ख्याली पुलाव के सिवाय कुछ भी नहीं। उनकी इस एकजुटता की सार्थकता तब होती जब वह अपनी रीति-नीति के साथ जनता को बिजली, पानी सड़क, सुरक्षा जैसे कुछ विशेष मसलों को लेकर जनता की भलाई की बात करते। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने ऐलान किया कि नए दल के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे। वे ही पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष होंगे। ऐसे में विलय के बावजूद सब कुछ ठीक चलेगा, इसकी गारंटी नहीं लग रही। इसका एक संकेत तो यही लगता है कि बैठक में नई पार्टी का नाम, झंडा तय नहीं हो सका। छह लोगों की एक समिति बनाई गई, जो संगठन के नीतियों और अन्य मुद्दों पर फैसला करेगी। यह कमेटी विलय करने वाले अध्यक्षों की होगी। लालू यादव कह रहे है नई पार्टी बीजेपी का हवा निकाल देगी। उधर, सपा के कुछ नेताओं को लगता है कि आरजेडी और जेडीयू से हाथ मिलाने से उत्तर प्रदेश में सपा को कोई फायदा नहीं होगा। इस साल के आखिर में बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने की बात भी सपा के कुछ नेताओं को नहीं भा रही है। सपा के नेता दबी जुबान से कह रहे हैं कि अब उन्‍हें बिहार की राजनीति के मजबूत क्षत्रपों- लालू यादव और नीतीश कुमार- के हिसाब से फैसले लेने होंगे। सपा के कई नेता इस बात को लेकर भी फिक्रमंद हैं कि अगर आगे चलकर बनने जा रही यह नई पार्टी टूटी तो उन्हें अपनी पहचान वापस पाने में मुश्किल आ सकती है। विलय के विरोधी सपा के नेताओं का कहना है कि दो दशक से ज्यादा लंबे संघर्ष के बाद उनकी पार्टी ने अपनी पहचान बनाई है। अक्टूबर, 1992 में सपा वजूद में आई थी। 

फिरहाल जिस तरह मोदी के कार्यकाल को असफल व जनता को दिए वादों को झूठा करार देकर ये क्षत्रप मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे है वह विपक्ष की भूमिका अदा करने तक तो ठीक है मगर यह काम वह संसद के भीतर भी कर सकते थे। मतलब साफ है इन क्षत्रपों की दिलचस्पी संसद में नहीं बल्कि बाहर हो हल्ला मचाकर अपने वजूद को बचाएं रखने की है। वजह भी साफ है अगर वाकई जनता मोदी के कामकाज से नाखुश होती तो हाल के संपंन चुनावों में उनका कबका बैंड बजा चुकी होती, पर ऐसा नहीं है। महाराष्ट्र व हरियाणा में भरपूर समर्थन देंकर सत्ता की चाभी सौंपने वाली जनता अब झारखंड व जम्मू-कश्मीर में भी सत्ता की कुर्सी पर बैठा ही दिया। जिस दिल्ली की परिणाम को लेकर ये लोग इतरा रहे है वह बीजेपी की चूक का नतीजा है न कि मोदी के कामकाज का। पटना में जिस तरह अमित साह की सफल रैली हुई उससे कहा जा सकता है मोदी का विजय रथ अब बिहार और उत्तर प्रदेश में भी नहीं थमने वाली। लालू यादव, मुलायम सिंह यादव और नीतीश कुमार मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने से पहले यह देखें कि उत्तर प्रदेश में खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। फर्जी मुकदमें दर्ज कर घर-गृहस्थी लूटे जा रहे है। बलात्कारियों को खुलेआम न सिर्फ वकालत की जा रही है बल्कि कानूनी संरक्षण भी दिया जा रहा। अच्छा तो यह होता कि वह रचनात्मक विपक्ष के रुप में अपनी भूमिका के प्रति जनता में भरोसा जताकर उनका विश्वास जितती। वोट बैंक की राजनीति से उपर उठकर राजनीति के नएं विकल्प खोजती। सारे नियम-कानून-कायदे ताक पर रखकर जनता को लूटने में व्यस्त लालफीताशाही पर नकेल कसने के बजाएं मुलायम सिंह अब दिल्ली पर कब्जा करने की दुहाई दे रहे तो कभी चुनाव न लड़ने की हाईकोर्ट आदेश के बावजूद लालू यादव भी उनके साथ कदमताल करते नजर आ रहे है। 

कहा जा सकता है जनता दल या समाजवादी परिवार अपनी एका से ज्यादा बिखराव के लिए जाना जाता रहा है। यहां जनता परिवार शब्द का जिक्र करना जरुरी इसलिए है कि कही न कहीं इसके पीछे कांग्रेस के दौर की परिस्थितियां थी जब जनता पार्टी बनी थी, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। जनता परिवार के नाम पर इन छत्रपों को देखें तो नीतिश को छोड़ देते इसमें सबकों अपने कुनबे को ही बचाने की चिंता है। बात अगर मुलायम सिंह यादव की जाएं तो वह अपने पूरे कुनबा जिसमें रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव अखिलेश यादव, डिम्पल यादव, धर्मेन्द्र यादव अक्षय यादव, तेजप्रताप यादव का हो या लालू प्रसाद यादव जिसमें राबड़ी देवी, मिसा भारती, एचडी देवगौड़ा व उनके बेटे कुमार स्वामी, दुष्यंत चोटाला, ओमप्रकाश चोटाला, अजय चोटाला, हरि चोटाला, द्विग्विजय चोटाला को हो या फिर इनके परिवारों की महिलाएं सियासत साधने में लगी है। कहा जा सकता है कि यह जनता का परिवार नहीं नेताओं का परिवार है। इन परिवारों के नेता बार-बार इसलिए बिखरते रहे, क्योंकि नीतियों से अधिक इन्होंने अपने निजी स्वार्थो को महत्व दिया। मतलब साफ है सभी हारे बारी-बारी लेकिन मोदी है इन पर भारी। मुलायम, शरद यादव, लालू यादव जैसे कई बड़े नेताओं ने कई मोर्चा बनाया और मुंह की खानी पड़ी। वह सिर्फ अपने ही स्टेट में प्रभाव बनाने में मशगूल रहे। उनकी दूसरे राज्यों में विस्तार करने की महत्वाकांक्षा कभी दिखी ही नहीं। 

जनता दल परिवार के नेताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए सकारात्मक राजनीति का परिचय दें। इस मामले में केवल पंथनिरपेक्षता की दुहाई देने से बात नहीं बनने वाली। इसलिए और भी नहीं, क्योंकि इन दलों की पंथनिरपेक्षता की नीति बेहद दोषपूर्ण है और उसके चलते समाज में प्रतिक्रिया स्वरूप ध्रुवीकरण होता है। वे इससे परिचित भी हैं, लेकिन खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं। खुद को पंथनिरपेक्ष करार देने भर से कोई ऐसा नहीं हो जाता। इसी तरह किसानों, मजदूरों के हितों के नाम पर घिसी-पिटी राजनीति करने का भी कोई मतलब नहीं। जनता दल परिवार के बिखरे नेताओं के एक मंच पर आने और मिलकर राजनीति करने के संकेत देने का तभी कोई मतलब है जब यह एका ठोस नीतियों और सिद्धांतों के आधार पर हो। जनता परिवार की छह पार्टियों का साथ आना इन पार्टियों के लिए कितना फायदेमंद होगा, इस पर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन यह तय है कि आम जनता में इस प्रयोग को लेकर कोई उत्साह नहीं होगा। जनता परिवार के इतिहास में लोग जितनी तेजी से मिलते हैं, उससे दोगुनी तेजी से छिटक जाते हैं। जनता पार्टी से टूटी पार्टियों में भाजपा ही एकमात्र स्थायी पार्टी रही है, उसके अलावा कितनी पार्टियां बनीं, कब विलय हुआ, फिर कब टूट हुई, यह इतिहास राजनीति शास्त्र के पारंगत पंडित भी ठीक से नहीं बता सकते। इसलिए इस नए प्रयोग के स्थायित्व को लेकर संदेह लाजमी है। ऐसा इसलिए भी है कि फिलहाल जनता परिवार की जो स्थिति है, वह अपेक्षाकृत स्थायी है। तमाम बड़े नेताओं ने अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र चुन लिए हैं और उनकी दूसरे राज्यों में विस्तार करने की महत्वाकांक्षा खत्म सी हो गई है। उनका मुख्य ध्यान अपने राज्य पर ही होता है। देखा जाय तो जनता परिवार के इन दलों का असर 5 राज्यों में हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में ये सत्ता में हैं। लोकसभा में 15 और राज्यसभा में इनके 30 सांसद हैं। इन दलों के पास कुल 424 विधायक हैं। यानी देश में तीसरी इनकी बड़ी संख्या है। जबकि देश भर में भाजपा के 1029 विधायक और कांग्रेस के 941 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में सपा 5 सीट सांसद, 15 राज्यसभा, बिहार में राजद 4 सांसद 1 राज्यसभा, जदयू 2 सांसद, 12 राज्यसभा, आईएनएलडी हरियाणा में 2 सांसद, 1 राज्यसभा, जेडीएस कर्नाटक में 2 सांसद 1 राज्यसभा यानी कुल 5 राज्य 15 सांसद 30 राज्यसभा सांसद, 424 विधायक है। जनता परिवार के इन पांच प्रमुख दलों के 30 राज्यसभा सदस्य बड़ी ताकत हैं। ये सांसद अगर राज्यसभा में तृणमूल के 12, वाम मोर्चे के 11 और बीजद के 7 सदस्यों से हाथ मिला लें तो इनकी संख्या 60 हो जाती है। ये राज्यसभा में कोई भी बिल रोक सकते हैं। 





(सुरेश गांधी)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (15 अप्रैल)

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झाबुआ जिला भाजपा का प्रतिनिधिमंडल ने जिले के प्रभारी मंत्री से भेंटकर संगठन में पक्षपात नीति से उन्हें अवगत कराया

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झाबुआ---जिले के प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य का तीन दिवसीय भ्रमण के दौरान आज बुधवार को स्थानीय सर्किट हाउस पर जिले से आये हजारों कार्यकर्ता ने जिले में चल रही पक्षपात नीति एवं भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने वाले निर्दलीय विधायक एवं उनके समर्थकों को जिला भाजपा कोर ग्रुप एवं जिला प्रबंध समिति में महत्व दिये जाने के खिलाफ प्रभारी मंत्री के सामने जमकर आक्रोष व्यक्त किया। वही कोर ग्रुप एवं प्रबंध समिति में अपेक्षित पदाधिकारियों को नही बुलाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उक्त प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व प्रदेष भाजपा कार्यकारिणी सदस्य दौलत भावसार, सीसीबी बैंक चेयरमेन गौरसिंह वसुनिया, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह मोटापाला, प्रदेष अजजा मोर्चा के महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, पूर्व जिला महामंत्री ओमप्रकाष षर्मा, फकीरचंद्र राठौर, जिला पंचायत सदस्य मेेगजी अमलियार, कमलेष मचार, राजेष वसुनिया, नगर पंचायत अध्यक्ष थांदला श्रीमती सुनिता वसावा, झाबुआ नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती चेतना जितेन्द्र पटेल, युवा मोर्च प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य दिलीप कुषवाह, किसान मोर्चा के प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य महेन्द्रसिंह बापू, ईष्वरलाल पाटीदार, संजय श्रीवास, लक्ष्मणसिंह नायक, सीसीबी बैंक उपाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह बोडायता आदि के नेतृत्व में उक्त प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर जिला भाजपा में चल रही पक्षपात नीति से अवगत कराकर भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता से साथ समानता का व्यवहार करने का अपना पक्ष रखा। प्रभारी मंत्री से उक्त प्रतिनिधि मंडल ने इस अवसर पर यह भी मांग की जिले कोर ग्रुप एवं जिला प्रबंध समिति में हमारे लोगो को लेकर महत्व दिया जायें। वही प्रतिनिधिमंडल में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारी के साथ उपस्थित कार्यकर्ताओं ने प्रभारी मंत्री से पुरजोर मांगी की है कि सीसीबी बैंक में आगामी माह में होने वाले चुनाव गौरसिंह वसुनिया के नेतृत्व में लडा जायें इसकी पुरजोर मांग उठाई गई। वही उक्त प्रतिनिधि मंडल ने इस बात से भी अवगत कराया कि जिला भाजपा संगठन ने गुटीय राजनैतिक आधार पर जिला पंचायत चुनाव में अन्य गुट से जुडे कार्यकर्ताओं को दायित्व देने में उपेक्षा की गई। प्रभारी मंत्री से भेंट करने के पूर्व जिलेभर से उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं को गौरसिंह वसुनिया, दौलत भावसार, सुरेन्द्रसिंह मोटापाला, फकीरचंद्र राठौर, ओमप्रकाष षर्मान ने संबोधित किया।

कुण्डली में शनि, दिगाम में मनी और जीवन में दुष्मनी दुखदायक होते है, भागवत कथा में धुमधाम से मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव
  • जीवन्त झांकियों से वातावरण बना ब्रजमय 

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झाबुआ---एक बार दही को मथकर  माखन निकाल लिया जाए फिर चाहे उसे दूध या छाछ में डाल भी दो तो उपर तेैरता रहेगा । इसी तरह  आत्मा परमात्मा की एकता और देह संसार की नष्वरता का अच्छी तरह अनुभव हो जाए फिर चाहे संसार में रहे चाहे वन में  । समाज में जीयो पवित्र प्रतिष्ठा के साथ और आध्यात्म में जियों ब्रह्मनिष्ठा के साथ । संसार से अलग नही रहना है, संसार मे अलग रहना है । जिस गांठ को एक दिन खुलना है, उसे बहुत कस कर मत बांधों । ’’था’’ की स्मृति ’’है’’ का आश्रय ’’हूं’’ का अभियान दन तीनों को बोध में बाधा जानों । अगर कुए में मीठे पानी का स्त्रोत नही है तो उपर से कितनी भी शकर डालने पर वह मीठा नही हो सकता । स्वभाव का परिवर्तन ही आध्यात्म का उद्देष्य है । उक्त प्रेरणा दायी प्रवचन तीर्थेन्द्रधाम में आयोजित हो रही सप्त दिवसीय श्री मदभागवत कथा के  चैथे दिन पूज्य स्वामी  श्रीकृष्णषरणम देवजी महाराज उज्जैन  ने व्यक्त किये ।भागवत कथा सुनने के लिये दिन ब दिन श्रद्धालुओं की भीड बढती जारही है । आज खचाखच भरे पाण्डाल में धर्मसभा में श्री कृष्ण प्राकट्य एवं नंद महोत्सव पर पूरा कथा परिसर ब्रजधाम में तब्दिल हो गया था । सैकडो की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के जन्मोत्सव की खुषिया मनाई । भागवत कथा कहते हुए पूज्य स्वामीजी ने कहा कि कपडे को सफेद नही करना पडता, सफेद तो वह है ही बस मैल हटाते जाओ । बुरा मार्ग छोड दो स्वतः अच्छे मार्ग पर आ जाओगें । व्यक्ति का संस्कार ही उसका संसार होता है । जैसे संस्कार होते है वैसे ही आकार में संसार आकारित होता है । संत तो कडछी की तरह होते है जो प्रेरणा देकर सम्पन्नों  का धन विपन्नों की सेवा में लगवा देते है । खुषी के लिये काम करोगें तो खुषी नही मिलेगी लेकिन खुष होकर काम करोगें तो खुषी और सफलता दोनों ही मिलेगी । पूज्य स्वामीजी ने आगे कहा कि अगर आप गुलाब  की तरह दुनिया को बागीचें में खिलना और महकना चाहते है तो कांटांे के साथ  सामंजस्य  बैठाना सीखना पडेगा । कुण्डली में शनि, दिगाम में मनी और जीवन में दुष्मनी दुखदायक होते है । उन्होने आगे कहा कि षिष्य दुर्लभ है, गुरू नही । सेवक दुर्लभ है, सेव्य नही, जिज्ञासु दुर्लभ है, ज्ञान नही । भक्त दुर्लभ है भगवान नही । ईष्वर जब देना शुरु करता है तो छप्पर फाड के देता है और जब लेना शुरू करता है तो थप्पड मारके लेता है । संषय करके बर्बाद होने की अपनेक्षा विष्वास रख करी लुट जाना अधिक श्रेयस्कर हे । स्थानीय तीर्थेन्द्रधाम पर पूज्य स्वामीजी की कथा केदौरान श्रीकृष्ण का प्राकट्य महोत्सव बडे आनंद एवं धुमधाम से मनाया गया । नंद घर आनन्द भयो की ध्वति से पाण्डाल गुंज उठा । गुरूवार को कथा में भगवान की बाल लीलाओं के वर्णन के साथ गोवर्धन पूजा महोत्सव तथा छप्पनभोग की झांकी का दर्षन होगा ।

प्रभारी मंत्री भी कथा श्रवण हेतु हुए शरीक
झाबुआ भ्रमण पर आये जिला प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य ने मंगलवार को भागवत कथा में षामील होकर कथा का श्रवण किया । पूज्य स्वामीजी ने व्यासपीठ से मंत्री श्री आर्य, जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे, विधासक कलसिंह भाबर, शांतिलाल बिलवाल, कल्याणसिंह डामोर, आदि का सम्मान कर आषीर्वाद प्रदान किये । मंत्रीजी आरती में षामील हुए तथा व्यासपीठ को नमन किया ।

हर कार्य में भगवान को चैबीसों घण्टे साक्षी बनाना चाहिये - पूत्य देवजी महाराज
  • पत्रकारवार्ता में जीवन के गुढ रहस्यों को बताया 

झाबुआ---स्थानीय तीर्थेन्द्रधाम श्रीमदभागवत कथा स्थल पर श्रीमद भागवत कथा मर्मज्ञ उा. स्वामी श्री कृष्णषरण देवजी महाराज  ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मानव को अपने जीवन को प्रकृर्ति की सेवा में विनियोग करना चाहिये । षास्त्रों के अनुसार सौ हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से लुटाओं के तहत अपनी आमदनी की दषांष का दान समाज सेवा में देना चाहिये ।  मंदिर से पूजा षुरू करके  इसे विष्वव्यापी बनाना चाहिये । भगवान को सिर्फ मंदिर तक सीमित नही रखे किन्तु सेवा कार्यो के माध्यम से उसे जनज न तक प्रतिस्थापित किया जावे । हमारे हर कार्य में भगवान को चैबीसों घण्टे साक्षी बनाना चाहिये । स्वामी जी ने आगे कहा कि पूण्यों का प्रकाषन करना पूण्यों का नाष करता हे इसी तरह पापों का प्रकाषन करना भी पापों का नाष करता हे । मन को नीचे से उपर तक ले जाने तथा भगवान भक्ति में ले जाने के  लिये गुरुजनों के मंत्र-मंत्रणा का साधन उपयोग में लेना होगा ।  उन्होने कहा कि परमात्मा की पैदा की गई चिजों को उन्हे अर्पण करने की बजाय तुलसी, बिल्वपत्र आदि  के वृक्षों  को लगाना होगा । आज सभी संकल्प लेवे कि वृक्ष लगा कर पर्यावरण के उद्देष्य को पूरा करेगें ।  मनु द्वारा बताये गये 10 लक्षण ही धर्म हे ।  आज  अवसादग्रस्तता बढ रही है  राम कृष्ण बुद्ध गौतम  को हम लोग आज तक नही समझ पाये है ।  ग्रंथों में घर मे रखने की बजाय उनका अध्ययन होना चाहिये । रामचरित्र मानस में हर समस्या का निदान निहीत है । किसी की बद्दुआ नही लेना चाहिये ये बडा असर करती है । इन्द्रियों पर नियंत्रण होना चाहिये । षिक्षा के बारे में उनका कहना था कि आज की षिक्षा में संवेदना नही है । मानव को का्रेध का अभिनय चाहे करना पडे किन्तु का्रेध से हमेषा परहेज करना चाहिये ।  श्री राधिका जी पांच प्रकृर्तियों में एक है  । इस अवसर नगर के मीडिया का स्वामीजी ने प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान भी किया । स्वामीजी के जीवन पर संजय कांठी ने विस्तार से जानकारी दी ।

बाबा साहेब अम्बेडकर प्रखर राष्ट्रवादी थे--एसपी कृष्णावेणी देसावतु
  • किया एक दिवसीय अम्बेडकर व्याख्यान माला का आयोजन

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झाबुआ---बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर की 124 वीं जन्म जयंती के अवसर पर स्थानीय पैलेस गार्डन में  मंगलवार की रात को आधुनिक भारत के निर्माण में बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के योगदान विषय पर पत्रकार बंधुओं की ओर एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेष सरकार के केबिनेट मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य थी । विषेष अतिथि के रूप  में  विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलेक्टर बी. चन्द्रषेखर, पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतू, एडवोकेट दिनेष सक्सेना, नागपुर से पधारे चेतन वासनिक एवं डी डी वासनिक  उपस्थित थे वही कार्यक्रम में  सीईओ धनराजू एस,डा. विक्रांत भूरिया, डीएसपी सुंदरसिंह कनेष, एसडीएम अंबाराम पाटीदार श्री किषोरजी सहित बडी संख्या में प्रबुद्ध वर्ग एवं एवं प्रेस एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथी उपस्थित । बाबा साहेब आम्बेडकर के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण के साथ व्याख्यानमाला का  कार्यक्रम अतिथियों के स्वागत के साथ शुरू हुआ । व्याख्यान माला में  मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य ने  संबोधित करते हुए कहा कि राजनैतिक व्यक्ति होने से हम लोगों को सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक स्तर पर काम करते हुए विचारों को पहूंचाने का काम करना होता है । बाबा साहेब आम्बेडकर जेैसा व्यक्तित्व बिरला ही होता है जिसने अभावों में रहते हुए भी तत्समय की व्यवस्थाओं से जुझते हुए अपना अलग मुकाम हांसील किया । उन्होने किन विषम परिस्थितियों में संविधान निर्माण जेसा कार्य किया इस बात का ईतिहास साक्षी है । झाबुआ में बाबा साहेब की विषाल प्रतिमा का स्थापित होना इस आदिवासी अंचल के लिये गौरव की बात है ।बाबा साहेब को यातनाओं को झेलने के बाद भी देष के संविधान लिखने का अवसर प्राप्त हुआ । प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान लिख कर  सम्पूर्ण समाज  पटल तक अपनी छाप छोडी है देष  को आधुनिक भारत के रूप  में औद्योगिक,विज्ञान क्षेत्र में आगे आने का श्रेय भी उन्हे ही जाता है । श्री आर्य ने कहा कि संविधान में  कार्यपालिका संविधान के दायरे में  काम करती है विधायिका एवं न्यायपालिका के लिये भी संविधान में प्रावधान करके विष्व के सर्वश्रेष्ठ प्रजातंत्र के रूप में देष को प्रतिस्थापित किया है । श्री आर्य ने कहा कि बाबा साहब ने हर वर्ग के लिये संविधान मे ं प्रावधान किये है। उन्होने सांसद द्वारा नगर में वाचनालय के लिये सांसद निधि से दी गई 10 लाख की रकम के समुचित उपयोग करने तथा अधिक से अधिक साहित्य के अध्ययन की बात कहीं ।मुख्यमंत्री द्वारा महू में विष्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा का भी उन्होने स्वागत किया । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी अपने उदबोधन में पत्रकारों को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ बताते हुए आधुनिक भारत में दलित, गरीब एवं पिछडे तबकों के विकास के लिये संविधान में बाबा साहब द्वारा किये गये प्रावधानों पर जानकारी दी । एडवोकेट दिनेष सक्सेना ने अपने व्याख्यान में उदाहरणों के माध्यम से  बाबा साहब द्वारा संविधान निर्माण किये जाने के इतिहास की जानकारी देते हुए कहा कि संविधान निर्माण मे 5 सदस्यों की समिति की 128 बैठके हुई और काफी विचार मंथन के बाद संविधान को अन्तिम रूप दिया जासका ।उन्होने 5 मौलिक अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधानके तहत व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका ब्रह्मा, विष्णु एवं महेष की तरह है जो अपने अपने कार्य करते है ।1949 में संविधान तेयार हुआ और इसे लागू किया गया । बाबा साहब ने बडे वैचारिक मंथन के बाद ही देष के संविधान का निर्माण किया उनका निष्चित ही आधुनिक भारत के निर्माण में महान योगदान है । कलेक्टर बी चन्द्रषेखर ने अपने वैचारिक उदबोधन में  इस आयोजन को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यदि आम्बुडकर नही होते तो आधुनिक भारत का क्या यह स्वरूप होता ? देष की आजादी के लिये जो लोग षहीद उन्हे उन्हे क्या ऐसे आजाद भारत की कल्पना थी ? तत्समय की स्थितियो परिस्थितियों का जिक्र  करते हुए उनबने कहा कि उस समय दलित वर्ग की यह स्थिति थी कि उन्हे पीछे झाडू लटका कर चलना पडता था ताकि उनके कदमों के निषान छु जाने से कोई अपवित्र न हो जाये । उन्होने मनुवाद का उल्लेख करते हुए इसे समाज में वर्ग भेद का परिचायक बताते हुए तुसलीदास की चैपाई ढोल गंवार,षुद्र पशु नारी का उल्लेख करते हुए ऐसे पिछडे एवं दलित वर्ग की पीडा एवं उनके साथ हो रहे छुआछूत के बारे में बताते हुए  नारी एवं दलितों के प्रति उच्चवर्ण वर्ग के शोषण का बडे ही रोचक तरिके से वर्णन किया । कलेक्टर चन्द्रषेखर के अनुसार आम्बेडकर को इतिहास के पन्नों से हटाकर देखें तो संविधान दुसरा कोई ओर लिखता तो क्या वर्तमान संविधान जेसा होता ? कदापि नही ।हम सभी तथा अजजा अजा पिछडे वर्गो का सौभाग्य है कि हमे आम्बेडकर जैेसा संविधान निर्माता मिला । उन्होने भगवान के अस्तित्व को नकारते हुए कहा कि भगवान की कल्पना केवल चमत्कार से है । डा. आम्बेडकर ने संविधान लिखने का जो चमतकार किया उससे बडा कोइ्र चमत्कार हो ही नही सकता ।उन्होने हरेक की जिंदगी की बेहतरी के लिये आधुनिक भारत की कल्पनाओं को साकार किया है । कलेकटर ने आगे कहा कि मानवीय मूल्यों के लिये जीवन भर उन्होने संघर्ष किया । केवल संविधान लिखने तक उनका कर्तव्य सीमित नही था । पडौसी देष पाकिस्तान के संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक बार टूटन जेसे हालात के कारण देष दो भागों में बटा है । भारत के संविधान की मुकाबला कोई भी देष नही कर सकता । सामाजिक, आर्थिक राजनैतिक सभी मामलें संविधान की मर्यादा में निपटते है । यदि हम संविधान को हटा कर देखे तो आधुनिक भारत के विकास की कल्पना नही कर सकते है । श्री चंद्रषेखर ने आगे कहा कि बाबा साहेब ने हिन्दु कोड बिल हिन्दु विरोधी बताया जाता था  जबकि हिन्दु कोड बिल में महिलाओं के अधिकारों को लेकर काफी प्रावधान किये है । उन्होने मनुस्मृति जलाये जाने की घटना का जिक्र करते हुए  हमारे संविधान में सभी को बोलने एवं अपने विचार व्यक्त करने की आजादी मिली है । उन्होने इतिहास का अध्ययन करने और याद रखते हुए आगे बढने का आव्हान किया । कलेक्टर ने समता के मूल्य आधार, जाति व्यवस्था श्रम विभाजन आदि पर भी बेवाक होकर अपने विचार व्यक्त किये । उन्होने कहा कि उन्हाने अध्ययन किया और सिर्फ आम्बेडकर ही उन्हे समझ में आये । उन्होने सभी से आम्बेडकर को अध्ययन करने का भी आव्हान किया । प्ुाुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतू ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा इतिहास भूतकाल का वर्णन होता है वह वर्तमान एवं भविष्य की प्रेरणा भी देता हे । आजादी के बाद देष के संविधान की आवष्यकता  महसूस होने की बात कहते हुए उन्होने कहा कि बाबा साहब का बनाया संविधान काफी प्रभावषाली है । उन्होने कार्यपालिका व्यवस्था विधायिका एवं न्यायपालिका व्यवस्था का प्रावधान किया जो आज भी लागू है । भीमराव आम्बेडकर वर्ग विषेष के नही होकर वे प्रखर राष्ट्रवादी  थे  उनके विचार किसी समुदाय विषेष के नही होकर सभी के विकास के लिये हे ।वे प्रेक्टिकल थे समाज की सच्चाई को जानते थे आर्थिक व सामाजिक विषमता के बाद भी उनके ही प्रयासों के कारण प्रजातंत्र आगे भी जिन्दा रहेगा ।हम सभी को संकल्प लेना होगा  िकइस विषमता को समाप्त कर प्रगतिषील बनाने में अपनी भूमिका निभायेगें । इस अवसर परश्नागपुर से पधारे चेतन  वासनिक ने बाबा साहेब के विपरित परिस्थितियों के जन्म होने तथा अभावों के साथ आगे बढने की ऐतिहासिक जानकारी देते हुए  विपरित परिस्थितियों  संविधान निर्माण में उनकी भूमिकाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी । वही डीडी वासनिक ने अपने प्रेरक उदबोधन में हिन्दू महासभा द्वारा बाबा साहब के विरोध, चातुर्वर्ण , मनु की व्यवस्था तथा अंग्रेजी व्यवस्था के विरोध के बारे में ऐतिहािसक जानकारी दी ।डा आम्बेडकर उस वंचित तबके  के अछूत होने से उन्हे हर कदम पर परेषानिया झेलना पडी ।गुलामों से भी बदतर इस वर्ग की स्थिति का वर्णन करते हुए संविधान निर्माण में उनकी भूमिका एवं देष से छूआ छूत के निर्मूलन एवं बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बारे में विस्तार से बताया । कार्यक्रम मे हरिष यादव ,अहद खान, हेमेन्द्र पंवार , महेष राठोर, अमित शर्मा ईकबाल हुसेन, आफताब कुरेषी, बी के सिह, आदि के साथ बडी संख्या मे समाजजन उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन आलोक कुमार द्विवेदी ने किया आभार प्रदर्षन राजेन्द्र सोनी द्वारा किया गया।

डाॅ. अम्बेडकर की संवैधानिक व्यवस्था की वजह से ही मै मंत्री हूॅ--प्रभारी मंत्री आर्य 

झाबुआ---डाॅ.भीमराव अम्बेडकर की 124 वी जयंती के अवसर पर स्थानीय अम्बेडकर पार्क झाबुआ में जिले के प्रभारी मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य ने पार्क मै स्थापित अष्टधातु की आदमकद मूर्ति का आज 14 अप्रैल को अनावरण किया। एवं आयोजित समारोह में अम्बेडकर जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो व्यवस्था डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में की है, उसकी वजह से ही मैं मंत्री हूॅ। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में देश के विकास के लिए व्यवस्थाएॅ दी तभी देश आगे बढ़ा है। समाज एवं देश का विकास हुआ है। समाज के सभी वर्गो से मेरा आहवान है कि शोषित पीडित वर्ग पर अत्याचार ना हो, उनका सामाजिक आर्थिक शोषण ना हो ऐसे प्रयास करे एवं उनके उत्थान के लिए आगे बढकर कार्य करे। समाज के हर वर्ग के व्यक्ति की संरचना एक जैसी है सभी का खून लाल है, सभी एक जैसे ही अनाज से अपना पोषण करते है। समाज में छुआछुत की भावना नहीं होना चाहिए समाज में वर्ग व्यवस्था मानव निर्मित है। प्रकृतिने सिर्फ पुरूष और महिला दो ही वर्ग बनाये है, जो कि समाज की प्रगति के लिए अनिवार्य है। सामाजिक क्षेत्र के उत्थान के लिए सभी मिलकर प्रयास करे ताकि प्रदेश व देश की प्रगति हो और संसार में हमारे देश का नाम हो। राजनीतिक पार्टी कोई भी हो उद्देश्य बस सामाजिक आर्थिक उत्थान ही होना चाहिए। सांसद लोकसभा क्षेत्र रतलाम श्री दिलीप सिंह भूरिया ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने संविधान सभा के निर्माण के समय कहा था कि भारत में सबसे अच्छा लेखक डाॅ. भीमराव अम्बेडकर है, हमारे देश में जन्मे इस महापुरूष के द्वारा लिखे गये संविधान के कानूनो पर चलकर देश प्रगति कर रहा है। बाबा साहेब के विचारो को फैलाकर जन-जन तक पहुॅचाएॅ और सामाजिक समरसता स्थापित करे। झाबुआ जिले में समरसता लाना है, तो आदिवासी जिले में शराब पर पाबंदी लगाना चाहिए क्योकि बाबा साहब का यह सपना नही था। बाबा साहब द्वारा शेडयूल्ड क्षेत्रो के लिए बनाई गयी नीतिया आदिवासी क्षेत्रो में शत-प्रतिशत लागू होना चाहिए। जिले में वाचनालय बनना चाहिए आदिवासी धर्मशाला एवं वाचनालय बनाने के लिए सांसद श्री भूरिया ने 50 लाख रूपये देने की घोषणा मंच से की। लोगो से आहवान किया कि मूर्ति स्थापित हुई है। हर साल अम्बेडकर जी की जयंती एवं पुण्य तिथि पर ऐसे आयोजन होते रहे ऐसा सभी संकल्प ले और हर वर्ष इस तरह समाज के विकास के लिए बाबा साहेब के विचारो को जिले में प्रसारित करे एवं अनुसरण करे। समारोह में पूर्व सांसद श्री कांतिलाल भूरिया, विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, नगरपालिका परिषद अध्यक्ष श्री धनसिह बारिया, डी.डी.वाष्निक समाज सेवी के.सी.चैधरी पूर्व मंत्री म.प्र. शासन एम.एल फूलपगारे ने भी डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और उनकी दिखाई राह पर चलने का आहवान किया। स्वागत भाषण जयभीम जाग्रति समिति के अध्यक्ष श्री आर डी जर्रा ने किया। समारोह में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावतु, डीएफओ श्री ओ.पी.उचाडिया, सीईओ जिला पंचायत श्री धनराजू एस. एडीसनल एसपी संुदरसिंह कनेश सहित जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक एवं नागरिकगण उपास्थित थे।

ग्रीष्मकाल में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करे-- प्रभारी मंत्री श्री आर्य
  • जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक संपन्न

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झाबुआ---कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज 15 अप्रैल को जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक जिले के प्रभारी मंत्री एवं श्रम मंत्री म.प्र.शासन श्री अंतरसिंह आर्य ने ली। बैठक में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने मंत्री श्री आर्य का स्वागत करते हुए बैठक की कार्यवाही प्रारंभ की गई। बैठक में ग्रीष्मकाल में पेयजल उपलब्घता स्वास्थ्य सेवाएं उर्वरक की उपलब्घता एवं  गेहूॅ उपार्जन की समीक्षा की गइ्र एवं आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, थांदला श्री कलसिंह भाभर, एस.पी. श्रीमती कृष्णावेणी देसावतु डीएफओ श्री उचाडिया एडीसनल एसपी श्री सुन्दरसिंह कनेश सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पेयजल की समस्या वाले गाॅवो में आवश्यकतानुसार टेंकर से पेयजल परिवहन करवाने के लिए प्रभारी मंत्री श्री आर्य ने ई.ई.पीएचई को निर्देशित किया। मेघनगर में प्रति दिन 3 लाख लीटर पानी देने की व्यवस्था करवाने के लिए निर्देशित किया। खवासा गाॅव में जल संसाधन विभाग और पीएचई विभाग के समन्वय से पेयजल की उपलब्घता सुनिश्चित करे। झाबुआ शहर में पेयतल उपलब्ध करवाने वाले स्टापडेम की गाद निकलवाने एवं स्टापडेम में धमोई तालाब से पानी लाते समय रास्ते में सिंचाई करने वाली किसानो की मोटरे जप्त करने के लिए एसडीएम को कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव की समीक्षा के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिले में 626 गाॅव एण्डेमिक है जिसमें 320 गाॅव हाईरिस्क क्षेत्र है इन गाॅवों में दवाई का छिडकाव करवाने के निर्देश प्रभारी मंत्री ने दिये। बेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत से समन्वय करके गाॅवों में बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्थाएॅ की जाये। मलेरिया अधिकारी स्वयं जाकर सचिवो के साथ जनपद स्तर की बैठकों में जाकर समन्वय स्थापित करे। गेहूॅ उपार्जन के लिए जिन किसानो ने पंजीयन करवाया था एवं जिन किसानो का गेहूॅ 1450 रू. प्रति क्ंिवटल की दर से कम में खरीदा गया है। उसकी जानकारी देने एवं मण्डीयों में ऐसे गेहूॅ की सेम्पल सिडिंग की प्रक्रिया की जाॅच करने के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया। खरीदी केन्द्रो पर उर्वरक रखवाने तथा उर्वरक उठाव के लिए खरीदी केन्द्र पर उर्वरक की उपलब्धता संबंधी बोर्ड लगवाने तथा माईंिकग करवाने के निर्देश कृषि अधिकारी को दिये। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देश दिये कि छात्रवृति भुगतान सतर्कता से करे, अपात्र व्यक्ति को भुगतान ना हो तथा पात्र व्यक्ति छूटे नहीं यह सुनिश्चित करे। बैठक में एमपीईबी के डी.ईने बताया कि जिले के 100 से अधिक आबादी वाले 1288 फलियों को विद्युतीकृत किया जाएगा। इसके लिए 1288 फलियों में सर्वे कार्य किया जा रहा है। प्रभारी मंत्री ने सर्वे कार्य लाईनमेन की उपस्थिति में करवाने के निर्देश दिये। प्रभारी मंत्री ने बैठक में निर्देशित किया कि मौसम के अचानक बदलाव से बीमारियों का प्रकोप हो सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तैयारी रखे आगामी माह में जनदर्शन कार्यक्रम हो सकता है। सभी जिला अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि विभाग की योजनाओं का ग्रामीण स्तर पर ठीक ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। मुख्यमंत्री जी एवं प्रभारी मंत्री जी का जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान शिकायत प्राप्त होने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। जनदर्शन कार्यक्रम में सभी जिला अधिकारी भी उपस्थित रहेगे। जनदर्शन कार्यक्रम को गंभीरता से ले। पी.एच.ई विभाग के ई.ई. को निर्देशित किया कि फिल्ड का भ्रमण करे एवं जल समस्या का समाधान करे। सिंगलफेज का भण्डारण रखे। ताकि हेण्डपम्प का जल स्तर गिरने पर आवश्यकतानुसार उपयोग कर ग्रामीणो को पेयजल उपलब्घ करवाया जा सके।

समेकित छात्रवृति की समीक्षा बैठक आज 16 अप्रैल को

झाबुआ---समेकित छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत रजिस्ट्रेशन व बिल जनरेट करने का कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण लाभांवित छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया है। इस संबंध में 16 अप्रैल 2015 को प्रातः 10.00 बजे कलेक्टर सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में प्राचार्य/संकुल प्राचार्य जो आहरण संवितरण अधिकारी है तथा मैंपिंग के विरूद्ध 90 प्रतिशत से कम स्वीकृति का कार्य किया है बुलाया गया है। बैठक में वर्ष 2013-14 में जारी छात्रवृत्ति एवं शेष रहे विद्यार्थियों की कोडवार जानकारी अस्वच्छता धंधा छात्रवृत्ति की जानकारी के साथ संबंधित प्राचार्य संकुल प्राचार्य को स्वयं उपस्थित होने के लिए आदेशित किया गया है।

विद्युत उपभोक्ता समस्या निवारण शिविर 18 अप्रैल को

झाबुआ---कार्यपालन यंत्री कार्यालय परिसर झाबुआ में 18 अप्रैल को प्रातः 11 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक विद्युत उपभोक्ता समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जावेगा। शिविर में उपभोक्ताओं के विद्युत बिलो से संबंधित समस्याओं/शिकायतों का निराकरण किया जायेगा। शिविर में प्राप्त समस्त आवेदन पत्रो का निराकरण उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम इन्दौर द्वारा किया जावेगा।

फर्जी डिग्री से चिकित्सा करने का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी डाॅ0 कमलेश पिता सी0एल0परस्ते, उम्र 43 वर्ष निवासी थांदला ने बताया कि आरोपी कैलाश पिता नारायण प्रजापति निवासी गुमानपुरा जिला धार हाल मुकाम खवासा ने बिना किसी वैध डिग्री के फर्जी तरीके से निजी क्लिनिक पर नायब तहसीलदार व टीम द्वारा मरीजों का ईलाज करते पकड़ा गया। प्र्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 99/14, धारा 24 आयुर्विज्ञान अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जहरीली दवाई पिने से मोत
       
झाबुआ---फरियादी हिरा पिता गल्लाजी गामड़, उम्र 55 वर्ष निवासी धतुरिया ने बताया कि मृतक नरसिंह पिता गल्लाजी गामड, उम्र 50 वर्ष निवासी धतुरिया की कपास में डालने की जहरीली दवाई पिने से मृत्यु हो गयी। थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 14/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हिमाचल की विस्तृत खबर (15 अप्रैल)

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प्रदेश में आरम्भ किया जाएगा एलईडी प्रोत्साहन कार्यक्रम: मुख्यमंत्री -प्रदेश में आरम्भ किया जाएगा एलईडी प्रोत्साहन कार्यक्रम: मुख्यमंत्री 

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चंबा, 15 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) ।  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऊर्जा के संरक्षण के लिए प्रदेश में एलईडी प्रोत्साहन कार्यक्रम आरम्भ किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य से आधे से भी कम कीमत पर तीन एलईडी बल्ब दिए जाएंगे। उपभोक्ताओं को आरम्भ में प्रति एलईडी बल्ब के लिए 10 रुपये देने होंगे और इसके पश्चात उपभोक्ताओं से उनके बिजली बिलों में 10 रुपये प्रति बल्ब प्रतिमाह वसूले जाएंगे। वीरभद्र सिंह ने आज चम्बा जिला के ऐतिहासिक चम्बा चैगान में 68वें हिमाचल दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के उपरान्त अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 दिसम्बर, 2012 से प्रदेश में वर्तमान सरकार के सत्तासीन होने से आज तक प्रदेश सरकार ने राज्य के सन्तुलित और समग्र विकास पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि सर्व कल्याण-समग्र विकास प्रदेश सरकार का ध्येय है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पहली अप्रैल, 2015 से दैनिक भोगियों की दिहाड़ी बढ़ाकर 180 रुपये की गई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2015 को 7 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले दैनिक भोगियों और 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबन्ध कर्मियों को नियमित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2015 को 8 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले सभी अंशकालिक कर्मियों को दैनिक भोगी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन सभी दैनिक भोगी, अशंकालिक कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायकों और मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना के अन्तर्गत लाने का निर्णय लिया है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों में अशंकालिक जलवाहकों के मानदेय को 1300 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रमिकों की दिहाड़ी को 150 रुपये से बढ़ाकर 180 रुपये किया है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि 15 अप्रैल का दिन खुशी के साथ-साथ आत्मचिंतन करने का दिन भी है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर इस दिन हम अपने प्रदेश का जन्म दिवस मनाते हैं, साथ ही इसकी विकासात्मक यात्रा पर भी विचार करते हैं। हिमाचल प्रदेश ने अपने वजूद में आने से अब तक अतुलनीय और अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रदेश के विकासात्मक मानक जैसे प्रतिव्यक्ति आय, राज्य सकल घरेलू उत्पाद, साक्षरता दर एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़ इत्यादि के क्षेत्रों में इस अवधि में प्रदेश में हुई प्रगति के गवाह हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय 1,04,943 रुपये है, जोकि वर्ष 1948 में मात्र 240 रुपये थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जन का कल्याण प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3,04,921 बुजुर्ग, विधवा और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा गत दो वर्षों में सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 450 रुपये से बढ़ाकर 550 रुपये प्रतिमाह किया गया और वर्तमान वित्त वर्ष में इसे बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इसी तरह 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को उनकी आय के अनपेक्ष 1100 रुपये प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पैशन प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पैंशन के 58,534 मामले स्वीकृत किए गए हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की शतप्रतिशत आबादी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य उपदान योजना के अन्तर्गत 4796 उचित मूल्य की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से तीन दालें, दो खाद्य तेल और आयोडीनयुक्त नमक उपदान दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। गत दो वर्षों में योजना के अन्तर्गत 457 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। वर्तमान वित्त वर्ष के लिए इस योजना के अन्तर्गत 210 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया हैै। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनने एवं उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए टॉल फ्री उपभोक्ता हैल्पलाईन आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को डिजि़टल राशन कार्ड वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण के लिए डॉ. वाईएस परमार किसान स्वरोजगार योजना आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों-बागवानों को पॉलीहाऊस लगाने के लिए 85 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्त वर्ष में 2 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को पॉली हाऊस के अंतर्गत लाने के लिए 30 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप उठाऊ सिंचाई योजनाओं के निर्माण और व्यक्तिगत या किसानों द्वारा सामुहिक तौर पर सिंचाई उद्देश्य से ट्यूबवैल लगाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को रहने के लिए घर उपलब्ध करवाने के लिए वर्तमान वित्त वर्ष में राजीव आवास योजना, इंदिरा आवास योजना और अन्य आवासीय योजनाओं के अंतर्गत 10 हजार गृहों का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए 75 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है। श्री वीरभद्र ंिसंह ने कहा कि प्रदेश्न सरकार राज्य के सभी बाल-बालिकाओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों के दौरान प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 719 नये स्कूल खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए हैं और 14 नये डिग्री महाविद्यालय खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके घरद्वार के नजदीक बेहतर एवं विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नाहन, चम्बा और हमीरपुर में 189-189 करोड़ रुपये की लागत से तीन नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गत दो वर्षों में 50 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों में लगभग 730 चिकित्सकों के अतिरिक्त 200 पेरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पेरामेडिकल स्टाफ के 500 पद भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सडक़ क्षेत्र को हमेशा उचित प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 33 हजार 737 किलोमीटर का सडक़ नेटवर्क है, जो राज्य के गठन के समय केवल 228 किलोमीटर था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गठन के समय 331 शिक्षण संस्थान थे, जिनकी संख्या आज बढक़र 15 हजार 500 हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कुल 3243 पंचायतों में से 3117 पंचायतें पहले ही सडक़ों से जोड़ी जा चुकी हैं और शेष पंचायतों को सडक़ नेटवर्क से जोडऩे का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश द्वारा नाबार्ड से मिलने वाले फण्ड का बेहतर इस्तेमाल किया गया है और 2 हजार करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त कर 2381 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए 632 किलोमीटर लंबाई के पांच नए राष्ट्रीय राजमार्ग मनाली-सारचू, सम्धु-ग्रामफू, पुराना मटौर से मैकलोडगंज, कटोरी बंगला से भरमौर और अम्ब से मुबारकपुर स्वीकृत किये गये हैं। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध एवं विकसित राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ललित कलाओं के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए शीघ्र ही एक ललित कलाएं महाविद्यालय खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पंचायत राज संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य बजट से वर्ष 2015-16 में पंचायतों के लिए 109 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त पंचायतों को वर्तमान वित्त वर्ष में 14वें वित्त आयोग के अनुशंसाओं के अनुरूप 195 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में पंचायत सहायकों के 400 पद भरे जाएंगे, ताकि प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक कर्मचारी अवश्य हो। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को उन्नत किस्म की बागवानी फसलों के अंतर्गत लाया जाएगा। बागवानी में संरक्षित खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाऊस लगाने के लिए प्रदान की जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 85 प्रतिशत किया गया है। फलदार फसलों विशेषकर सेब को ओला वृष्टि से बचाने के दृष्टिगत एंटी हेलनेट पर दिए जाने वाले उपदान को बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्बा में निर्माणाधीन बस स्टैण्ड एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने चम्बा के प्राचीन मंदिरों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार लक्ष्मी नारायण मंदिर के सुदृढ़ीकरण में सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी नारायण बोर्ड को पुन: गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित हैं अथवा निर्मित की जा रही है, उस क्षेत्र को युवाओं एवं अन्य लोगों को परियोजनाओं में रोजगार देने में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए अपनी भूमि दान करने वाले लोगों का इन परियोजनाओं में रोजगार प्राप्त करने में प्रथम अधिकार है।वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड और उत्तर पूर्वी राज्यों को विशेष श्रेणी राज्यों में रखा गया था और केंद्रीय वित्तीय सहायता के मामले में विशेष दर्जा प्रदान किया गया था। लेकिन अब योजना आयोग का स्थान नीति आयोग द्वारा ले लिया गया है और हिमाचल प्रदेश को प्रदान किए गए विशेष श्रेणी राज्य के दर्जे पर अभी संशय बरकरार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति कमजोर नहीं है, जैसा कि विपक्ष के कुछ सदस्य सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकासात्मक गतिविधियों को अमलीजामा पहनाने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने लोगों से भाजपा के झूठे दावों के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगो को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि चम्बा का प्राचीन राजभवन एक धरोहर भवन है और इसके संरक्षण पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके जीर्णाेद्धार कार्य के लिए 4.50 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने पुलिस लाईन के नज़दीक पार्किंग स्थल के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करने की भी घोषणा की। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कटोरी बंगला से भरमौर सडक़ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है और इसका समुचित मरम्मत ओर रख-रखाव सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जिले की सभी ग्रामीण सडक़ों की मरम्मत और जीर्णोद्धार का कार्य युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ई-विधान आरंभ करने के लिए विधानसभा के दल को नागरिक सेवा अवार्ड प्रदान किया। उन्होंने अभिनेत्री कंगना रणौत को प्रेरणा स्त्रोत सम्मान से नवाज़ा, जिसे कंगना की ओर से उनके माता-पिता ने प्राप्त किया।उन्होंने बाबा फरीद स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय पंजाब के कुलपति डॉ. राज बहादुर और नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. राणा को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए ‘हिमाचल गौरव’ पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों, परेड में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने 10वीं एवं 12वीं की स्कूल बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को नेटबुक भी वितरित कीं। 

68 वर्षों में हिमाचल ने छुई हैं विकास की नई बुलंदियां- सुधीर शर्मा
 
धर्मशाला, 15 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) ।    हिमाचल प्रदेश ने अपने अस्तित्व में आने के पश्चात 68 वर्षों में विकास की नई बुलंदियों को छुआ है और अन्य पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में अग्रणी, श्रेष्ठ और सर्वोत्तम स्थान पाया है। यह उद्गार शहरी विकास एवं आवास तथा नगर नियोजन मंत्री, सुधीर शर्मा ने आज 68वें हिमाचल दिवस के जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व विकास की यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। इस अवसर पर उन्होंने परेड का निरीक्षण किया तथा शानदार मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी कैडेट्स, स्कॉऊट एंड गाईड तथा स्कूली बच्चों ने भाग लिया। इससे पूर्व शहरी विकास मंत्री ने शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धाजंलि दी तथा माल्यार्पण किया। श्री सुधीर शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिमाचल के विकास की धारा को गति देने के लिए प्रदेश के कल्याण की संकल्पना को मूर्तरूप देने, श्रेष्ठ पहाड़ी राज्य के गौरव को बढ़ाने तथा प्रदेश के समुचित उत्थान के लिए सभी वर्गों का आपसी सहयोग अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार को सत्ता संभाले अभी अल्पावधि ही हुई है, सरकार ने इस अवधि में विभिन्न क्षेत्रों में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं तथा इन जन कल्याणकारी निर्णयों से प्रदेश के विकास को नई दिशा व गति मिली है और सब वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। शहरी विकास मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य बजट से पंचायतों को 109 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। इसके अलावा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 195 करोड़ रुपये भी जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों के दौरान राज्य में 719 नए स्कूल खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए तथा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 14 नए महाविद्यालय खोले गए। उन्होंने मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एकल महिलाओं तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों की सामान्य स्वास्थ्य देखभाल एवं गम्भीर बीमारी के उपचार के लिए यह योजना आरम्भ की गई है तथा इसके लिए कोई आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने प्रदेश की सडक़ों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में सडक़ निर्माण पर विशेष प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश के गठन के समय राज्य में सडक़ों की कुल लम्बाई केवल 228 किलोमीटर थी, जो आज बढक़र 33,737 किलोमीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 3243 पंचायतों में से 3117 पंचायतों को पहले ही सडक़ों से जोड़ा जा चुका है, जबकि शेष पंचायतों को सडक़ों से जोडऩे का कार्य प्रगति पर है। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सतत पर्यटन विकास के प्रति वचनबद्ध है। जिला में धार्मिक, साहसिक पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेंकों नई योजनाओं को आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित, विश्वसनीय तथा आरामदेह परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा 510 नई बसों की खरीद की गई है तथा जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के अन्तर्गत 800 और नई बसें शीघ्र खरीदी जा रही हैं। उन्होंने जिला कांगड़ा के विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि जिला में महात्मा गांधी ग्रामीण सुनिश्चित रोजगार योजना के अंतर्गत ग्रामीण विकास योजनाओं पर 160 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। मनरेगा के तहत जिला में गत वर्ष के दौरान 7161 लाख रूपये की राशि व्यय करके 236063 जॉब कार्डधारकों को रोजग़ार उपलब्ध करवाया गया जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हुई है। श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने शीतकालीन प्रवास के दौरान जिला कांगड़ा में दो नए डिग्री कॉलेज खोलने तथा जिला की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों बीसियों स्कूलों को स्तरोन्नत करने के अतिरिक्त 281.64 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाली आईटीआई शाहपुर के छात्रावास तथा 5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले राजकीय डिग्री कॉलेज खुंडिया और 22 करोड़ की संभावित लागत से निर्मित होने वाले नगरोटा सूरियां के बंदूगली में राजकीय महाविद्यालय की आधारशिला रखी जबकि हरिपुर गुलेर में 10.14 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित चन्द्रधर गुलेरी डिग्री कॉलेज भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने डाडासीबा में 3.7 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भी उद्घाटन किया। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की परेड में जिला कांगड़ा के भाग लेने वाले पारस कुमार, विनीत राणा, शुभम कुमार, कार्तिक वत्स, अभिनव सिंह व बॉवी शर्मा 6 एनसीसी कैडेट्स को प्रशस्ति पत्र व 3-3 हजार रुपए के नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले शिक्षण संस्थानों को 5-5 हजार रुपए अपनी ऐच्छिक निधि से देने की घोषणा की। इस अवसर पर रैडक्रॉस सोसायटी धर्मशाला द्वारा अक्षम लोगों को व्हील चैयर व श्रवण यंत्र भी बांटे गए तथा लक्की ड्रॉ भी निकाले गए। 

स्वच्छ भारत मिशन के तहत अव्वल रही पाठशाएं मंत्री द्वारा सम्मानित

हमीरपुर, 15 अप्रैल हिमाचल दिवस के अवसर पर जिला में स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण ) के तहत गठित समितियों द्वारा  निर्धारित माप दण्डों के आधार पर  जिला तथा खण्ड स्तर पर चयनितर राजकीय वरिष्ठ पाठशालाओं को स्कूल स्वच्छता पुरस्कार 2014-15 (बुधवार) को पुलिस ग्राउंड ( हमीरपुर)  में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल द्वारा वितरित किए गये । यह पुरस्कार राशि स्कूल के विकास पर व्यय की जाएगी। जिला स्तर पर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में विकास खण्ड हमीरपुर के तहत राजकीय उच्च पाठशाला ससान को प्रथम पुरस्कार  रूप में 50 हजार रूपये , माध्यमिक पाठशालाओं में विकास खण्ड नादौन की राजकीय माध्यमिक पाठशाला बेला तथा विकास खण्ड हमीरपुर की राजकीय माध्यमिक पाठशाला डल्याहू के प्रथम रहने पर 25- 25 हजार रूपये,  और प्राथमिक पाठशाओं में विकास खण्ड बिझड़ी  की राजकीय प्राथमिक पाठशाला देशण कोडरा और सुजानपुर बलाक की बनाल के प्रथम आने पर उन्हें 25-25 हजार रूपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई। स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण ) के तहत खण्ड स्तर पर प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले राजकीय उच्च पाठशालाओं तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं को क्रमश: 20 हजार और 10 हजार रूपये की राशि से सम्मानित किया गया । विकास खण्ड हमीरपुर में राजकी उच्च पाठशाला चौकी जम्वाला प्रथम, तथा बरालड़ी द्वितीय , विकास खण्ड भोरंज में राजकीय उच्च पाठशाला भोरंज प्रथम तथा जाहू द्वितीय, विकास खण्ड बिझड़ी में रावमापा दान्दडू प्रथम तथा राउपा0 वल्याह द्वितीय,  विकास खण्ड नादौन की रावमापा चौडू तथा रावमापा कश्मीर को द्वितीय तथा विकास खण्ड सुजानपुर  की राउपा बनाल प्रथम तथा राउपा कनेरड द्वितीय और विकास खण्ड वमसन की राउपा समीरपुर प्रथम और राउपा लोहाखर द्वितीय स्थान से सम्मानित किए गये। खण्ड स्तर पर प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली राजकीय माध्यमिक पाठशाओं में विकास खण्ड हमीरपुर की नेरी प्रथम रोपा द्वितीय, विकास खण्ड बिझड़ी की बरोटी प्रथम तथा चकमोह द्वितीय, विकास खण्ड नादौन की मनसाई प्रथम तथा जीवाणी द्वितीय , विकास खण्ड सुजानपुर की री प्रथम तथा धैल द्वितीय, विकास खण्ड वमसन की दाड़ी प्रथम और डाडू को द्वितीय स्थान ग्रहण करने पर क्रमश: 20 हजार और 10 हजार रूपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किए गया। जिला में राजकीय प्रथामिक पाठशालाओं में स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण ) के तहत प्रथम तथा द्वितीय स्थान पर रही पाठशालाओं को विवरण इस प्रकार से है जिन्हेंं क्रमश: 20 हजार और 10 हजार रूपये की राशि से मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया: विकास खण्ड हमीरपुर के अमरोह प्रथम और गलोट ,ितीय, भोरंज की बडियाणा प्रथम और बडैहर द्वितीय, भोरंज की बरोटी प्रथम और घुमारवीं द्वितीय, नादौन की जीहण प्रथम और बेला द्वितीय, तथा सुजानपुर की खिड़की प्रथम व टिक्कर द्वितीय और विकास खण्ड वमयन की करसोह प्रथम और लोहाखर ने द्वितीय पुस्कार प्राप्त किया । 
           
दस हजार गरीबों को गृह निर्माण के लिए अनुदान : शांडिल              
  • हमीरपुर में हर्षोल्लास से मनाया हिमाचल दिवस
हमीरपुर 15 अप्रैल 68वें हिमाचल दिवस के उपलक्ष्य पर जिला स्तरीय समारोह  पुलिस ग्राऊंड, दोसड़का (हमीरपुर) के खेल मैदान में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शाण्डिल  ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, होमगार्ड, स्काउट एण्ड गाइड की टुकडिय़ों ने भाग लिया।  पुलिस उपनिरीक्षक कुलदीप सिंह ने परेड का नेतृत्व किया। इस अवसर पर अपने सबोधन में कर्नल धनी राम शाण्डिल ने लोगों को हिमाचल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए  कहा कि हिमाचल के विकास और निर्माण में अमूल्य सहयोग देने वाले महापुरूषों  की कुर्बानियों से हमें सामाजिक एकता एवं अखण्डता बनाये रखने का संकल्प लेना होगा।  इस अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा आकर्षक एवं मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये तथा मुख्यातिथि द्वारा बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। शांडिल ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान राजीव आवास योजना, इंदिरा आवास योजना तथा अन्य आवास योजनाओं के अंतर्गत 75 करोड़ रुपये की लागत से 10 हजार घरों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला के राज्य उपदान योजना के अंतर्गत प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 4796 उचित मूल्य दूकानों के माध्यम से तीन दालें, दो खाद्य तेल तथा आयोडीन नमक उपदानयुक्त दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। गत दो वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 457 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बेहतर कार्यान्वयन के लिए 14 करोड़ रुपये की ई-पी.डी.एस. परियोजना आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र निवासियों को डिजिटल राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान डॉ. वाई.एस. परमार किसान स्वरोजग़ार योजना के अंतर्गत 2 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को पॉलीहाउस के अंतर्गत लाने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल के समान एवं संतुलित विकास तथा लोगों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। लोगों के स्वच्छ, कारगर, जवाबदेह एवं पारदर्शी प्रशासन प्रदान करना सरकार का मुख्य उददेश्य है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य आगामी वर्षों में हिमाचल को पूर्णत: विकसित राज्य बनाना है। इस अवसर पर मुख्य संसदीय इंद्र दत्त लखनपाल, केसीसीबी के उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, अनुसचित जाति प्रदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुरेश कुमार, यूनिवर्सटी रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य सुनील शर्मा, केसीसीबी के निदेशक अनिल वर्मा, कांग्रेस के प्रवक्ता दीपक शर्मा, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष राकेश रानी, महासचिव राजेश चौधरी, महासचिव अजय शर्मा, शहरी इकाई के अध्यक्ष मनोज शर्मा, उपाध्यक्ष सुमन भारती, पार्षद मनोरमा लखनपाल, पार्षद राधा रानी, मनोनीत पार्षद अश्वनी शर्मा, मनोनीत पार्षद राजेश मान्हा, वयोवृद्व कांग्रेस नेता मुंशी राम धीमान, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित परिवार कमेटी के अध्यक्ष पुरूतोषम कालिया, कांग्रेस नेता शहंशाह, सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष चेतन लखनपाल सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

ऊना में सुजान सिंह पठानिया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया
  • स्वां तटीयकरण से ऊना जिला के किसानों की जिंदगी में आयेगी खुशहाली
himachal news
ऊना, 15 अप्रैल हिमाचल दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के मैदान में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में कृषि, बहुउदेश्यीय परियोजना एवं ऊर्जा तथा गैर पारंपरिक स्रोत मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पुलिस, होमगार्ड, महिला होमगार्ड , एनसीसी और स्काऊट एंड गाइड की टुकडिय़ों ने भव्य मार्चपास्ट प्रस्तुत किया। मार्च पास्ट का नेतृत्व सब इंसपैक्टर  धर्मपाल  ने किया। स्कूली विद्यार्थियों ने इस अवसर पर  प्रदेश की गौरवपूर्ण सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते लोकनृत्य प्रस्तुत किए। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री सुजान सिंह पठानिया ने जिलावासियों को 68वें हिमाचल दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा आज ही के दिन 15 अप्रैल 1948 को लगभग 30 रियासतों  के विलय के साथ हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ था और 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक नया सुनहरा पन्ना जुड़ा जब इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और इसे भारत का अठारहवाँ राज्य बना दिया गया। कृषि मंत्री ने कहा मुयमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले सवा दो साल हुए हैं। कांग्रेस सरकार ने इस अवधि में विभिन्न क्षेत्रों में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आम आदमी का कल्याण सरकार की नीति व नियोजन का केंद्र बिन्दु रहा है। प्रदेश में 3 लाख से अधिक वृद्धजनों, विधवाओं तथा शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को गत दो वर्षों में 450 रुपये से बढ़ाकर 550 रुपये किया गया था, वर्तमान वित्तीय वर्ष से इसे बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह किया गया है। अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़े वर्गों तथा अल्पसंयक समुदायों के कल्याण व विकास के लिए 1503 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। कृषि मंत्री ने कहा वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान डॉ. वाई.एस. परमार किसान स्वरोजग़ार योजना के अंतर्गत 2 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को पॉलीहाउस के अंतर्गत लाने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 8,500 हेक्टेयर क्षेत्र को टपक/फव्वारा सिंचाई प्रणाली के के अंतर्गत लाने के लिए राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत चार वर्ष की अवधि में 154 करोड़ रुपय खर्च किए जाएंगे।   श्री पठानिया ने कहा सरकार द्वारा मुयमंत्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर सुरक्षा योजना नामक एक नई योजना आरंभ की गई है, जिसके तहत किसानों व खेतीहर मज़दूरों को मृत्यु अथवा स्थाई रूप से अपंगता की स्थिति में डेढ़ लाख रुपये तथा आंशिक रूप से अपंग होने की स्थिति में 50 हजार रुपये का बीमा छत्र प्रदान किया जा रहा है। श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा प्रदेश सरकार ऊर्जा संरक्षण के लिए एल.ई.डी. प्रोत्साहन कार्यक्रम आरंभ करने जा रही है जिसके अन्तर्गत प्रत्येक घरेलू उपभोक्ताओं को बाजार भाव से आधी कीमत से भी कम लागत पर 3 एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध करवाए जाएंगे। उपभोक्ताओं को इसके लिए आरंभ में केवल 10 रुपये प्रति बल्ब देने होंगे तथा शेष राशि 10 रुपये प्रति बल्ब प्रतिमाह की दर से आने वाले बिजली के बिलों के माध्यम से वसूली जाएगी। 
     
922 करोड़ से चैनेलाईज हो रही स्वां, किसान होंगे खुशहाल
                       
ऊना जिला का उल्लेख करते हुए श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा प्रथम सितंबर, 1972 को जिला का दर्जा पाने के बाद  से लेकर आज तक इसने प्रगति के नये सोपान तय किये हैं। कृषि हो या बागवानी, शिक्षा हो या स्वास्थय, औद्योगिक विकास हो या सडक़ नेटवर्क, पेयजल सुविधाओं की बात हो या दुग्ध उत्पादन की, ऊना हर मोर्चे पर आगे है। श्रीभ् सुजान सिंह पठानिया ने कहा प्रदेश में सवा दो साल पहले कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ऊना जिला को कई बेशकीमती तोहफे मिले हैं। इसे सबसे बड़ी सौगात स्वां नदी के तटीकरण के रूप में मिली है।  922 करोड़ 48 लाख रूपए लागत से जिला में पूरी स्वां चैनेलाईज होने जा रही है। उन्होंने कहा इस परियोजना के क्रियान्वयन से ऊना जिला देश का पहला ऐसा जिला बनने का गौरव हासिल करेगा जिसकी सभी खड्डें चेनेलाईज हो जायेंगी। इस परियोजना के तहत दौलतपुर से गगरेट पुल तक स्वां नदी के दोनों किनारों व दौलतपुर पुल से संतोषगढ़ पुल तक स्वां नदी को मिलने वाली सभी 73 खड्डों में तटबंध लगाये जायेंगे। परियोजना के अंतर्गत 7164 हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से बचाया जाएगा और इससे जिला के किसानों की जिंदगी में खुशहाली के नए दौर का सूत्रपात होगा। श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा  ऊना जिला के रामपुर में 500 करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला इंडियन ऑयल डिपो खुलने जा रहा है। इससे प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि होगी और सैंकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा ऊना जिला को एक अन्य बड़ा तोहफा ट्रिपल आईटी के रूप में मिला है। 122 करोड़ रूपए की लागत से देश का 12वां और हिमाचल प्रदेश का पहला भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान ऊना जिला के सलोह में खुलने जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार द्वारा जिला के पंडोगा में 112 करोड़ की लागत से नया औद्योगिक क्षेत्र मंजूर किया गया है जिसका माननीय मुयमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी जल्दी ही शिलान्यास करने वाले हैं।  उन्होंने कहा जि़ला में टाहलीवाल के अलावा मैहतपुर, गगरेट तथा अंब बड़ी तेजी से औद्योगिक क्षेत्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं । श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा ऊना जिला में उद्योगों को बिजली की सुचारू आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है। जिला में 16 करोड़ की लागत से गोंदपुर, संतोषगढ़ व चक्कसराय में 33केवी के 3 विद्युत सब स्टेशन निर्मित किए जा रहे हैं। जिला में 33केवी की 247 किलोमीटर एचटी लाईन बिछाई गई है। जिला के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में 32 करोड़ की लागत से 132/33 केवी उपकेन्द्र स्थापित किया गया है । जिला में 99.87 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। जिला में विद्युत आपूर्ति के सुदृढ़ीकरण पर चालू वित्त वर्ष के दौरान 17 करोड़ 80 लाख रूपए खर्च किए जायेंगे। श्रीभ्पठानिया ने कहा  कृषि के क्षेत्र में भी ऊना जिला नई ऊंचाईयां छू रहा है। जिला में गत वर्ष के दौरान खाद्यान्नों का 1 लाख 30 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ जबकि जिला के किसानों ने 95 हजार मीट्रिक टन सब्जी व 10 हजार मीट्रिक टन आलू पैदा करके जिला की आर्थिकी को समृद्ध किया। किसानों की सुविधा के लिए जिला के भदसाली में साढ़े तीन करोड़ की लागत से सब्जी मंडी निर्मित की जा रही है । उन्होंने कहा जिला के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में साढ़े 45 करोड़ रूपए की बहुउदेश्यीय परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। इसमें पार्किंग सहित सभी आधारभूत सुविधाएं श्रद्धालुओं को उपलब्ध होंगी। 

संपूर्ण स्वच्छता के लिए गोंदपुर बुला, फतेहपुर व तियूडी स्कूल जिला में अव्वल
श्री सुजान सिंह पठानिया ने इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला में विभिन्न प्राईमरी, मिडल, हाई व सीनियर सकैंडरी स्कूलों को ब्लाक व जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कारों से नवाजा। गोंदपुर बुला प्राईमरी स्कूल, फतेहपुर मिडल स्कूल व हाई स्कूल तियूडी को जिला में प्रथम रहने पर 50- 50 हजार रूपए के चैक व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रामदास मलांगढ़ व रामनाथ शर्मा , जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र धर्माणी, डीसी अभिषेक जैन, एसपी अनुपम शर्मा, प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य सतपाल रायजादा, मार्केंटिंग बोर्ड के चेयरमैन शिव कुमार सैणी, ऊना ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हजारी लाल, हरोली ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, खादी बोर्ड के निदेशक सतीश बिट्टू, हथकरघा व हस्तशिल्प निगम के निदेशक राकेश दत्ता, एएसपी वीरेन्द्र ठाकुर, डीएसपी सुरेन्द्र शर्मा, एसडीएम धनवीर ठाकुर, सहायक आयुक्त चेतना खड़वाल, एसई आईपीएच एनके त्रिवेदी, जिला परिषद उपाध्यक्ष अवतार सिंह , कांग्रेस नेता बोध राज, कामरेड जगतराम, राकेश कैलाश, रविन्द्र फौजी, विवेक शर्मा , एचपीएसआईडीसी के निदेशक व जिला के तमाम अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

भोपाल में जन्मी दिव्या एम पटवा को राष्ट्रीय पुरस्कार

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भारत भवन में 17 से 26 अप्रेल तक लगेगी 28वी राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी
  • - ‘दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा आयोजित कला के इस महाकुंभ में पुरस्कृत होंगे चुनिंदा 18 कलाकार
  • - उद्घाटन दिवस को 17 लाख रुपये के 8  राष्ट्रीय और 10 प्रायोजन पुरस्कारों का होगा वितरण

divya-awardedभारत भवन में षुक्रवार, 17 से 26 अप्रेल तक भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के ‘दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र’ (साउथ सेंट्रल झोन कल्चरल सेंटर), नागपुर की 28वी राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि केंद्र पिछले 27 वर्षों से राष्ट्रीय कला प्रदर्षनी का आयोजन कर रहा है।  इस दर्षनीय और वृहद राष्ट्रीय प्रदर्षनी में विभिन्न विधाओं की कला अभिव्यक्ति जैसे पेन्टिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर, टेराकोटा, ड्राइंग, फोटो, मिक्स मीडिया आदि की श्रेष्ठ कलाकृतियां देखी जा सकेंगी। उद्घाटन दिवस, 17 अप्रैल सायं 6 बजे दो श्रेणियों में 18 कलाकारों को कुल 17 लाख रुपये के राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए जायेंगे जिनका चयन ख्यातिप्राप्त कलाकारों -सर्वश्री रघु राय, जतिन दास और लक्ष्मा गौड़ द्वारा किया गया है।
      
मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर के निदेषक डाॅ. पीयूष कुमार और प्रदर्षनी के मुख्य समन्वयक और ‘ललित कला अकादमी’ के पूर्व अध्यक्ष श्री के.आर. सुब्बन्ना ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि संस्कृति विभाग, मप्र और भारत भवन न्यास द्वारा संयोजित इस प्रदर्षनी में पष्चिम बंगाल के श्री अखिलचंद्र दास (स्कारपियन), चंडीगढ़ के श्री भीम मल्होत्रा (लाॅस्ट इन पास्ट), तेलंगाना के श्री चिप्पा सुधाकर (ब्लाइण्डर्स) और दिल्ली के श्री राधाकृष्ण राव (रावण -मेकिंग आॅफ एफिजीस्) को सीनियर केटेगिरी में दो-दो लाख रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जायेगा। भोपाल में जन्मी और वर्तमान में मध्यप्रदेष के रतलाम षहर की रहवासी सुश्री दिव्या एम. पटवा को जूनियर केटेगिरी में ‘डेलीब्रेटली सायलेंस’ षीर्षक उनकी ग्राफिक्स पेन्टिंग हेतु एक लाख रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस वर्ग में महाराष्ट्र के श्री मंगेष हरिष्चंद्र कापसे (माई सेल्फ विद द मेट्रो सिटी), आंध्रप्रदेष के श्री सुमन्ता चैधुरी (माई कालोनी) और पंजाब के श्री विषाल भटनागर (सेल्फ एप्रिसिएषन विद द मिरर) को भी एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा। ज्ञातव्य है कि उक्त पुरस्कारों को राष्ट्रीय पुरस्कार का दर्जा प्राप्त है जो कलाकार को उनके जीवन में एक ही बार दिया जाता है।
      
इसके अलावा दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा देष के 10 युवा कलाकारों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण देने के उद्देष्य से प्रत्येक कलाकार को 50-50 हजार रुपए का अनुदान भी दिया जायेगा ताकि वे एक वर्ष के दौरान देष के किसी भी स्थान पर अपनी एकल प्रदर्षनी आयोजित कर सकें। प्रायोजन पुरस्कार (स्पाॅन्सरषिप अवाॅर्ड) पाने वालों में उत्तरप्रदेष के श्री योगेन्द्र कुमार मौर्य (ग्लोबल एनवायरमेंटल एंड क्राइसिस), श्री संतूकुमार चैबे (रिलेषन), सुश्री नेहा जायसवाल (सफर), सुश्री सोनल वाष्र्णय (फोटो षूट), गुजरात के श्री रीतेष महादेव उमाटे (अनटायटल), श्री अवधेष ताम्रकार (स्टोरी आॅफ मांडू), उत्तराखंड के श्री अतुल दीक्षित (प्रिंट पार्टनर), बिहार के श्री अभिजीत कुमार पाठक (अनटायटल), दिल्ली के श्री लक्ष्मण प्रसाद (द ओपाक कन्वर्षेषन) और छत्तीसगढ़ की सुश्री विजया (अनरीड सेन्टेन्सेस) हैं। 
      
दोपहर 12 से रात 8 बजे तक आयोजित इस दस दिवसीय प्रदर्षनी में देष के ख्याति प्राप्त कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है जिनमें अमूर्त कलाकार एवं ‘काला घोड़ा फेस्टिवल’ की निदेषक’ ब्रिन्दा मिल्लर, दिल्ली की कला इतिहासकार डाॅ. अल्का पांडे, जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल की निदेषक नमिता गोखले, कलाकार एवं क्यूरेटर श्री सुरेष जयराम, अमूर्त कलाकार सुश्री कविता जायसवाल, ‘टेकआॅन आर्ट’ पत्रिका की संपादक भावना कक्कर, प्रख्यात फोटोग्राफर एवं अध्यक्ष चंडीगढ़ ‘ललित कला अकादमी’ श्री दीवान मन्ना, प्रख्यात षिक्षाषास्त्री प्रो. षर्मिष्ठा पांजा, कला समीक्षक सुश्री पूनम गोयल तथा ग्राफिक एवं बुक डिजाइनर गुंजन एहलावत आदि प्रमुख विद्वान होंगे। देष की सबसे बड़ी कला प्रदर्षनियों में प्रमुख इस 28वीं राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी में ललित कला अकादमी, दिल्ली, प्रकाषन विभाग, दिल्ली तथा पंचकुला, चंडीगढ़ के आधार प्रकाषन की कला विषयक पुस्तकों की प्रदर्षनी भी लगाई जा रही है। साथ ही 18 से 26 अप्रेल तक दोपहर 3 बजे से प्रदर्षनकारी कलाओं के ख्यातिप्राप्त कलाकारों पर केन्द्रित उत्कृष्ट कला फिल्मों का प्रदर्षन भी किया जायेगा। इसी तारतम्य में 17 से 26 अप्रेल के दरम्यान षाम 6 से रात्रि 8 बजे तक कला सम्बंधी पावर पाइंट प्रस्तुति भी होगी जिनमें केंद्र को देष के 1695 कलाकारों से पुरस्कार हेतु प्राप्त सभी 5085 कलाकृतियों को देखा जा सकेगा।
      
उल्लेखनीय है कि इस वृहद कला प्रदर्षनी में षामिल पेन्टिंग्स, स्कल्पचर्स, फोटोग्राफ्स आदि देष भर से प्राप्त 5085 प्रविष्ठियों से चयनित किए गए हैं, जिन्हें दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा गत अगस्त 2014 में आमंत्रित किया गया था। वरिष्ठ कलाकारों द्वारा चयनित 226 कलाकृतियों में 214 कलाकृतियों को प्रदर्षनी में षामिल किया गया है, जो मूल रूप से केंद्र को प्राप्त हुईं।

मसर्रत को तुरंत गिरफ्तार करो: राजनाथ सिंह

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पांच साल के अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी को श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक जनसभा करने की इजाजत दी. इस जनसभा में पिछले महीने जेल से रिहा हुए मसर्रत आलम सहित गिलानी के समर्थकों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए और पाकिस्तानी झंडे लहराए.

सर्दी का मौसम दिल्ली में बिताने के बाद यहां लौटे गिलानी को आलम की अगुवाई में निकाले गए एक जुलूस में हवाई अड्डे से उनके आवास तक ले जाया गया. इस बीच, आलम के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मसर्रत के इस रवैया से केंद्र सरकार नाराज है और उसने इस मामले पर कार्रवाई को कहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन कर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से बात की है और उन्हें मसर्रत को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा है. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आलम को गिरफ्तार किया जा सकता है. जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की गठबंधन सहयोगी भाजपा ने इस घटना पर कडी प्रतिक्रिया जाहिर की. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि राज्य सरकार से कहा गया है कि कानून तोडने वालों पर वह कार्रवाई करे.      

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि यदि इस घटना से वह इतनी ही चिंतित है तो उसे गठबंधन तोड देना चाहिए. पीडीपी-भाजपा के पिछले महीने राज्य की सत्ता में आने के तुरंत बाद रिहा हुए आलम ने श्रीनगर हवाई अड्डे से हैदरपुरा स्थित गिलानी के आवास तक मार्च की अगुवाई की.      
हुर्रियत कांफ्रेंस से अलग होने के बाद सभी पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी पार्टियों के साथ अपना संगठन बनाने वाले गिलानी ने आत्म-निर्णय के अधिकार की बात की और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में उनके भाषण का सीधा प्रसारण किया गया. हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा, ‘‘यह (गिलानी के भाषण का प्रसारण) पीओके में एक अर्ध-सरकारी संगठन के साथ की गई व्यवस्था से हुआ.’’ उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब पाकिस्तान और गिलानी के समर्थन के साथ-साथ 45 साल के मसर्रत आलम के समर्थन में भी नारे लगाए जाने लगे.  
संवाददाताओं से बातचीत में आलम ने इन बातों को नकारा कि वह गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल हो रहा है. पाकिस्तानी झंडे लहराने वाले नौजवानों के एक समूह की ओर इशारा करते हुए आलम ने कहा, ‘‘हम तो बस कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को बढावा दे रहे हैं. उनके हौसले को देखिए.’’ साल 2010 में गर्मी के मौसम में श्रीनगर में हुए प्रदर्शन के बाद गिलानी की यह पहली जनसभा थी. साल 2010 के प्रदर्शन में 100 से ज्यादा नौजवान मारे गए थे. पूरे प्रदर्शन में आलम ने अहम भूमिका निभाई थी और हडतालों के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम जारी किया करता था.      
हुर्रियत के झंडों के अलावा कुछ समर्थकों के हाथों में पाकिस्तानी झंडे भी देखे गए. उन्होंने पाकिस्तान समर्थक और आजादी समर्थक नारे भी लगाए. जनसभा को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीमा विवाद नहीं है बल्कि राज्य के एक करोड लोगों का मुद्दा है. गिलानी ने कहा, ‘‘हम यथास्थिति स्वीकार नहीं करेंगे और आत्म-निर्णय का अधिकार हासिल करने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा. हम शिमला समझौता या लाहौर घोषणा-पत्र स्वीकार नहीं करेंगे.’’  
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