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सेबी ने 92 कंपनियों पर अवैध तरीके से धन जुटाने के लिए कार्रवाई की

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अवैध तरीके से सामूहिक निवेश योजनाओं के तहत धन जुटाने संबंधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के काम में बाजार नियामक सेबी तेजी ला रहा है। सेबी ने 2015 में अभी तक 92 कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सेबी द्वारा इस तरह के कदम पहले भी उठाए जा चुके है. इन कंपनियों ने बाजार से आम जनता के 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जुटाई है। हालांकि, समझा जाता है कि इन कंपनियों द्वारा अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं एवं अनधिकृत सार्वजनिक निर्गमों से कहीं अधिक राशि जुटाई है. सेबी आम तौर पर खुद कंपनियों द्वारा किए गए खुलासों पर निर्भर होता है और इनमें से कई कंपनियों ने इस तरह के खुलासे नहीं किए हैं। बाजार सूत्रों के मुताबिक अभी भी ऐसे बहुत सारी कंपनियां है जो सेबी के नियामक को नजरअंदाज करते हुए बाजार से अवैध तरीके से पूंजी का निर्माण कर रही है.

साल 2015 में अभी तक चार महीनों में ही सेबी द्वारा पारित किए गए आदेशों के विश्लेषण से पता चलता है कि पूंजी बाजार नियामक ने इस तरह की 92 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है जिसमें से कम से कम 40 कंपनियां पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। इन 40 कंपनियों द्वारा अनुमानित 500 करोड़ रुपए धन जुटाए गए हैं, जबकि कुल 92 कंपनियों द्वारा करीब 2,011.60 करोड़ रुपए राशि जुटाई गई है। इस साल पारित 92 आदेशों में से कम से कम 71 आदेश उन कंपनियों के खिलाफ हैं जिन्होंने अनिवार्य नियामकीय कानूनों का अनुपालन किए बगैर डिबेंचर या तरजीही शेयरों जैसी प्रतिभूतियां जारी कर लोगों से धन जुटाए हैं। कुल मिलाकर इन कंपनियों द्वारा निवेशकों से अनुमानित 837 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं।



हम लोगों की सेवा के लिए आए हैं: नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां सत्ता के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए हैं. मोदी ने सांसदों को सिर्फ जनता पर विश्वास करने को कहा. मोदी ने कहा, "हम यहां सत्ता के लिए नहीं आए हैं. हम यहां देश की सेवा के लिए आए हैं."आप लोगों को जनता में विश्वास करना चाहिए.

मोदी ने कहा कि सरकार को जनता का आभार व्यक्त करना चाहिए कि जनता ने उन पर भरोसा किया और पूर्ण बहुमत के साथ हमारा चुनाव किया. मोदी ने सांसदों को बताया कि देश का गरीब इस सरकार से क्या चाहता है. "क्या सपना देखना बुरा है कि देश के प्रत्येक गरीब आदमी के पास खुद का मकान और शौचालय हो."उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में कहा कि देश में गरीबों और दलितों के जीवन को आसान बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने अपनी 'बेटी बचाओ'अभियान के बारे में भी चर्चा की और कहा कि यदि कोई मुस्लिम या दलित की बेटी अशिक्षित रह जाएगी, तो यह देश को आगे ले जाने की पूरी योजना की हार होगी. उन्होंने संसद के आगामी सत्र के बारे में भी चर्चा की और इस बारे में भी किस तरह से सांसद सरकारी नीतियों का बचाव कर सकते हैं.

मोदी पहले ही सासंदों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने और सरकार की विभिन्न नीतियों पर प्रतिक्रिया लेने को कह चुके हैं. प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ अपनी हाल ही में संपन्न हुई तीन देशों की यात्रा और यमन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने की सफलता पर भी चर्चा की. उन्होंने यमन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री वी.के.सिंह के प्रयासों की भी प्रशंसा की.

नसीम जैदी ने 20वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाला

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नसीम जैदी ने देश के 20वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाल लिया है. उन्होंने एच.एस. ब्रह्मा का स्थान लिया है. एक आधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गई है. एच.एस. ब्रह्मा अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद शनिवार को सेवानिवृत्त हुए हैं. पदभार संभालने के बाद जैदी ने कहा, "मैं खुद को विशेषाधिकृत और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त बेहतरीन संस्थानों में से एक का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है. मुझे मालूम है कि मेरे कंधों पर एक मुश्किल काम की जिम्मेदारी है."

उन्होंने कहा, "भारतीय निर्वाचन आयोग स्वतंत्रता, पारदर्शिता, पेशेवर, समग्रता के सिद्धातों पर आधारित कुशल चुनाव प्रबंधन के लिए एक रणनीतिक योजना तैयार करेगा."जैदी ने कहा कि वह चुनाव आयोग को बेहद पारदर्शी और सक्रिय संगठन बनाना चाहेंगे, जो कि नए सुझाव अपनाने और उन्हें अमल में लाने के लिए तैयार हो. उन्होंने कहा, "आयोग सुशासन के आधार पर अपने मार्गदर्शक सिद्धांत तैयार करेगा."इससे पहले जैदी अगस्त 2012 से चुनाव आयुक्त के पद पर थे.

समुद्र में यात्री जहाज डूबने से 700 लोगों के मारे जाने की आशंका

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लीबिया के पास भूमध्य सागर में एक बड़ी नाव डूबने से कम से कम 700 लोगों के मारे जाने की आशंका है। शनिवार रात लीबिया के तट से कुछ दूरी पर हुए इस हादसे में अबतक 28 लोगों को बचा लिया गया है। बताया जा रहा है कि मारे गए सभी लोग अबैध रुप से यूरोप जा रहे थे।

संयुक्त राष्ट्र के शर्णार्थी सिविर के अधिकारियों का कहना है कि बचाव और राहत कार्य के लिए इटली के कोस्ट गार्ड्स और इटली नौसेना के जहाजों को समंदर में उतारा गया है। दक्षिणी भूमध्यसागर में पिछले कई दशकों में हुई यह सबसे बड़ी दुर्घटना है। आशंका जताई जा रही है कि लोगों की भीड़ एक ओर होने से नाव का बैलेंस बिगड़ गया होगा। हालांकि मरने वालों की संख्या की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यात्रियों से भरा जहाज इतालवी द्वीप लम्पेदूसा से तकरीबन 180 किमी दूरी पर डूबा हैं। हादसा कल शनिवार की रात को हुआ है। कहा जा रहा है कि जहाज के एक हिस्सेन में काफी लोग इकट्ठा हो गए। जिससे जहाज के एक भाग में भार अधिक हो गया है और जहाज पलट गया है। साथ ही इस हादसे की जानकारी होते ही वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी कर दिया है. यात्रियों की तलाश में राहत कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। यात्रियों को बचाने की कोशिश में इटली के कोस्ट गार्ड्स और इटली नौसेना के जहाज समुद्र में उतारे गए हैं। जो कि यात्रियों की तलाश में जुटे हैं।

कर्मचारियों को पेंशन के लिए मिलेगा EPF और NPS चुनने का विकल्प

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संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जल्दी ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ईपीएफ स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में किसी एक को चुनने का विकल्प मिल सकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल अगले सप्ताह इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है. यह प्रस्ताव कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून 1952 में व्यापक संशोधन करने के लिये लाये जा रहे विधेयक का हिस्सा है. विधेयक में प्रस्तावित एक अन्य संशोधन के तहत केंद्र सरकार को मासिक आय की निश्चित सीमा के साथ कर्मचारियों द्वारा पीएफ में योगदान से छूट देने के लिये अधिकृत किया गया है. एक सूत्र ने बताया, विधेयक पर त्रिपक्षीय चर्चा पूरी हो गई है और केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये इस अगले सप्ताह रखा जाएगा.

सूत्र ने यह भी कहा कि योजना के क्रियान्वयन के लिये ईपीएफओ नियामकीय निकाय होगा क्योंकि ऐसे मामले हो सकते हैं जहां कर्मचारी न तो ईपीएफ चुनें और न ही एनपीएस को लें. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के अपने बजट भाषण में कर्मचारियों द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में चुनने का विकल्प देने के प्रस्ताव की घोषणा की थी. जेटली ने संसद में कहा था, ईपीएफ के संदर्भ में कर्मचारियों को दो विकल्प देने की जरूरत है. पहला, कर्मचारी ईपीएफ को अपना सकते हैं या एनपीएस को. अगर किसी कर्मचारी की मासिक तनख्वाह निश्चित सीमा से कम है तो ईपीएफओ में योगदान वैकल्पिक होना चाहिए लेकिन इसमें कंपनी का योगदान कम नहीं होगा.

विधेयक में एक अन्य संशोधन वेतन की परिभाषा में बदलाव से जुड़ा है. इसके तहत मूल वेतन में कर्मचारियों को दिये जाने वाला सभी भत्ते शामिल होंगे. इससे कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं का पीएफ योगदान बढ़ेगा लेकिन दूसरी तरफ कर्मचारियों के लिये बचत ज्यादा होगी. विधेयक के अनुसार वेतन का मतलब है कि सभी परिलब्धियां या पारितोषिक. इसमें वे भत्ते भी शामिल हैं जो कर्मचारियों को नकद मिलते हैं.

स्कीम के तहत ईपीएफ में कर्मचारियों का योगदान उनके मूल वेतन का 12 फीसदी होता है. इतना ही योगदान कंपनी का होता है. कंपनी के योगदान में से 3.67 फीसदी ईपीएफ में, 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना तथा 0.5 फीसदी एंप्लॉयज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में जाता है. मौजूदा समय में कुछ कपंनियां वेतन को कई भत्तों में बांट देती है, ताकि उनकी पीएफ जवाबदेही कम हो. संशोधन से इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा. कर्मचारियों के प्रतिनिधि वेतन को जोड़ने को पक्ष में हैं.

हालांकि ट्रेड यूनियनों ने कर्मचारियों को ईपीएफ और एनपीएस में चयन का विकल्प देने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि एनपीएस सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है बल्कि यह बचत योजना है. कर्मचारियों द्वारा पीएफ योगदान में छूट के बारे में उनका मानना है कि इससे अनिवार्य सामाजिक सुरक्षा दायरा कमजोर होगा.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (19 अप्रैल)

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बोलेरो सहीत अवेध षराब जब्त

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पिटोल---जिले के गुजरात राज्य से लगे सीमावर्ती क्षैत्रों से होकर गुजरात तस्करी की जा रही षराब की धरपकड के बाद व्यवसायियों में हडकम्प मचा हुआ है। वर्ष 2015-16 हेतु सीमावर्ती दुकानों के हुवे मंहगे ठेकों के बाद ठेकेदारों ने काम को अंजाम देना षुरु किया कि षुरुआती दौर में ही एक बार फिर जिले की पुलिस अधिक्षक कृष्णावेणी देसावातु के अवैद्य ष्षराब परिवहन को लेकर सख्त तेवर सामने आऐ नतीजा ..........षनिवार एवं रविवार की दरम्यानी रात पिटोल के चैकी प्रभारी एमएल भाटी नें अपनी टीम के साथ गुजरात बीयर भरकर जा रही एक बोलेरो जीप को पिछाकर धर दबोचा जिसमें 20 पेटी ब्लेक फोर्ट बीयर कीमत 19,200 एवं लगभग 4 लाख 50 हजार रु. कीमत की एक लाल कलर की बोलेरो न.जीजे 20/ए 7596 जप्त की इसके पुर्व दो दिन पुर्व झाबुआ पुलिस नें फुलमाल से एक हाईरेन्ज ष्षराब की एक ट्रक भी पकडी थी। चोकी प्रभारी भाटी के अनुसार उक्त वाहन को कालाखुंट रोड पर गिट्टी मषीन के पास पकडा। पुलिस को वाहन का पिछा करते देख वाहन चालक वाहन खडा कर अंधेरे का लाभ लेकर भाग निकला उस समय सुबह के 4ः30 बजे थे। षराब कहां से भरकर जा रही थी इस बात को लेकर पुलिस कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही है किन्तु सुत्रों की माने तो यह स्थानिय व्यवसायी के यहां से भरकर जा रही थी। पुलिस द्वारा जप्त बीयर के बेच न. 28/03/2015-3/172 से स्थिति स्पस्ट हो सकती है। उल्लेखनिय है कि उक्त बीयर सेल फोर एमपी के लिये थी किन्तु सेल फोर गुजरात जा रही थी। पुलिस ने वाहन जप्त कर धारा 34(2),36,46, आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। वाहन को पीछाकर पकडनें में प्रधान आरक्षक नीरजसिंह,षराफत हुसैन एवं आरक्षक लालसिंह, पारसिंह एवं सैनिक मथुर की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

भाजपा विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी बनने पर जिला भाजपा ने मनाया जष्न

jhabua news
झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी  अब विष्व का सबसे बडा राजनैतिक दल बन चुका है। भाजपा के पूरे देष में 10 करोड सदस्य बनने पर प्रदेष भाजपा के निर्देषानुसार स्थानीय राजगढ नाके पर जिला भाजपा द्वारा भव्य समारोह किया जाकर आतिषबाजी के साथ मिठाई का वितरण किया । स्थानीय राजगढ नाका पर भाजपा विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी बन जाने पर  जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, मनोहर सेठिया, मंडल अध्यक्षद्वय गोपालसिंह पंवार,मेजिया कटारा,विमल दाणी, सईदुल्लाखान, जुमनाबाखला, बबलू सकलेचा, संदीप कानूनगों, बिट्टू सिंगार, संजयषाह, दिलीप मकवाना, अर्पित कटकानी, कौषल सोनी, मनीष कानूनगों, अषोक त्रिवेदी, इरषाद, संतोष परमार, शांतिलाल पालिवाल, टुई पंवार, विवेक मेडा,भानू भूरिया, दौलत भावसार, मुकेष मेहता सहिब बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने उपस्थित करके भाजपा की इस उपलब्धि परखुषिया मनाई । जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी अभी तक विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी थी उसका रेकार्ड तोडते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीत शाह के कुषल नेतृत्व में भाजपा को विष्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी होने का गौरव प्राप्त हुआ है । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी भाजपा के सबसे बडे राजनैतिक दल बनने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा आज जन की आकांक्षाओं का केन्द्र बन चुका है तथा भाजपा सर्व जनहिताय,सर्व जन सुखाय की नीतियों के कारण देष को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाने में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रही है । नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने भी भाजपा के विष्व की सबसे पडी पार्टी बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे देष की राजनीति के लिये एक सकारात्मक कदम बताया ।

महायज्ञ एवं भंडारे के साथ सप्त दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का हुआ समापन
  • आत्मा का पोषण भगवान की कृपा से होता है- पूज्य श्रीकृष्णषरण देव जी

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झाबुआ---श्री तीर्थेन्द्र नगर पुराना हाउंसिंग बोर्ड कालोनी में सप्त दिवसीय  श्रीमद भागवत कथा रस प्रवाह कथा का आज महायज्ञ एवं भण्डारा प्रसादी के साथ समापन हुआ । सात दिनों तक पूज्य कथाव्यास डा. स्वामी श्री कृष्णषरणदेव जी महाराज के मुख से भगवान श्रीकृष्ण चरित्र पर बडे ही रोचक तरिके से शनिवार सायंकाल को सुदामा चरित्र एवं परिक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा का समापन हुआ । इस अवसर पर अंचल के प्रसिद्ध संत पूज्य रामदयालदास जी महाराज एवं संत मंडली भी कथा श्रवण हेतु पधारी तथा व्यास पीठ पर बिराजित स्वामी कृष्णषरणदास जी ने सभी संतों का शाल श्रीफल दक्षिणा एवं माल्यार्पण के साथ स्वागत किया । इस अवसर पर हिन्दु उत्सव समिति के ओपी राय, ओम प्रकाष शर्मा, दौलत भावसार, जितेन्द्र पटेल, श्रीमती चेतना पटेल, गोपालसिंह पंवार आदि द्वारा पूज्य स्वामीजी का स्वागत कर उन्हे प्रषस्ति प्रदान किया गया जिसमें हिन्दूधर्म जागरण में पूज्य स्वामीजी के धर्म जागरण कार्य की प्रसंषा की गई । वही रोटरी क्लब आजाद के डा. संतोषप्रधान, संजय कांठी, आदि ने भी पूज्य स्वामीजी को सम्मानपत्र अर्पित किया । स्वामीजी के कर कमलों से भागवत कथा में परोक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप  से सहयोग देने वाले सभी कार्यकर्ताओं का भी दुपट्टा डालकर तथा उपहार देकर सम्मानित किया गया । नगर के विभिन्न धार्मिक एवं समााजिक संगठनों की और से पूज्य स्वामीजी का स्वागत सम्मान किया गया । पूज्य स्वामीजी ने सुदामा चरित्र को प्रस्तुत करते हुए भगवान की लीलाओं का जीवन्त प्रस्तुतिकरण हर किसी को आल्हादित किया । उन्होने कहा कि जिस प्रकार शरीर  का पोषण भोजन से होता है उसी प्रकार आत्मा का पोषण भगवान की कृपा से होता है। परंपरा से चले आरहे ज्ञान के सम्यक प्रवाह को सम्प्रदाय कहते है । भागवत को श्री वललभ आचार्य ने साक्षात श्रीनाथजी का स्वरूप  माना है । सदगुरू समर्थ हो और षिष्य सुयोग्य हो तो  ब्रह्म संबंध होते ही खरा सोना बन जाता हे । भगवान को पाने का केवल एक ही तरीका है, और वह है प्यास । ईष्वर की प्राप्ति कोई अप्राप्त की प्राप्ति नही बल्कि नित्य प्राप्त की प्राप्ति है । दे हके रहते, देह से अलग हो जाना ही गुरूज्ञान श्रवण का सत्फल है । जो ’’ नही होना चाहिये’’ उसकी चाह पाल लेना ही दुख का कारण है । स्वामीजी ने आगे कहा कि भागवत का वक्ता श्रोत्रिय एवं ब्रह्मनिष्ठ होना चाहिये । जिसने ’’चाह’’ को मार दिया उसने अमीरी पा ली । कथा स्थल तीर्थेन्द्रधाम से भागवतजी की शोभायात्रा हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में निकाली गई । नगर के मुख्यमार्गो से होती हुइ्र्र भजन, गरबानृत्य करते हुए युवाओं एवं महिलाओं ने पूरे नगर को भक्तिमय कर दिया । नगर के हर चोराहों पर षीतल जल की व्यवस्था की गई थी । तथा आजाद चैक में श्रद्धालुओं द्वारा चल समारोह में शामील सभी श्रद्धालुओं को आईस्क्रिम भी खिलाया गया ।  मुख्य यजमान आरएस रघुवंषी एवं उनकी पत्नी द्वारा सिर पर भागवत जी को धारण कर  चल समारोह में चल रहे थे । रथ में बिराजित स्वामीजी सभी को  आषीर्वाद प्रदान कर रहे थे । चल समारोह का  समापन श्री गोवर्धननाथजी की हवेली में हुआ । खचाखच भरे गोवर्धननाथ मंदिर में स्वामीजी ने श्री वल्लभाचार्य भगवान की कथामृत का पान कराते हुए भजनों के माध्यम से पूरे मंदिर को गोवर्धननाथ मय कर दिया । पूज्य स्वामीजी का गोवर्धननाथ मंदिर के अधिकारी श्री त्रिवेदी द्वारा पुष्पमालाओं से स्वागत  अभिनंदन किया गया । भगवान के श्रीविग्रह की आरती में पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया आरती के पष्चात प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया । रविवार को पूज्य स्वामीजी की दीव्य उपस्थिति में कथास्थल पर महायज्ञ में मुख्य जजमान रघुवंषी परिवार द्वारा आहूतिया अर्पित की गई । यज्ञ के समापन के बाद  कथास्थल पर विषाल भंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें करीब 3000 से अधिक श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी प्राप्त की ।

नाटक मूषक पुराण का हुआ मंचन, बाल कलाकारों ने मोहा दर्शकों का मन 
  • जिंदगी भी रंगमंच की तरह होती है रिटेक का टाइम नहीं होता, लेकिन गलतियों से बहुत कुछ सीख सकते हो --- धनराजू एस.

झाबुआ---शनिवार को साजरंग के रंगक्रांति शिविर के बाल कलाकारों ने नाटक मूषक पुराण का मंचन किया . मंचन के दौरान इन बाल कलाकारों ने अपने हुनर का ऐसा प्रदर्शन किया कि हर कोई बस देखता ही रह गया । 25 दिन के अल्प समय में कुशल प्रशिक्षकों और शिविर के निर्देशक भूषण भट्ट ने इन बच्चों को बेहतरीन अभिनेता बना दिया । नाटक मूषक पुराण राबर्ट ब्राउनिंग की कविता दा पाइड पाइपर ऑफ हम्लिन  पर आधारित है । नाटक का लेखन ख्यात रंगकर्मी स्व. बीवी कारंत ने लिखा है । नाटक एक संदेश देता है कि कभी किसी कोई वादा करो तो उसे निभाओ । मंच पर कलाकारों के अभिनय ने ऐसा समां बाधा कि मौजूद दर्शक तालियां बजाएं बिना ना रह सके । नाटक कई दृश्यों ने दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया । नाटक खत्म होने के बाद जिला पंचायत सीईओ धनराजू एस ने कहा कि इन बच्चों ने मंच पर  मैजिक क्रिएट कर दिया । इसके लिए साज रंग की पूरी टीम बधाई की पात्र है । सीईओ धनराजू ने कहा कि जिंदगी भी रंगमंच की तरह होती है, रिटेक का समय नहीं होता , लेकिन गलतियों से अगली बार के लिए हम सीख सकते हैं । आज बच्चों ने जिस तरह से लाइव प्रस्तुति दी, उससे जादू सा हो गया । नाटक के साथ में रंगक्रांति शिविर के प्रतिभागियों ने तलवारबाजी, बुंदेलखंडी स्टिक फाइटिंग और डांस की प्रस्तुति भी दी । नृत्य निर्देशक विक्रम मोहन और आशीष पांडे द्वारा तैयार करवाए गए डांस ने सभी का मनमोह ले लिया । डांस के बीच और खत्म होने के बाद दर्शकों ने तालियों से जोरदार उत्साहवर्धन किया । कार्यक्रम में शिविर के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी लोगों को बताए  कि कैसे ये शिविर उनके व्यक्तिव विकास और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर रहा है । 18 अप्रैल को ही 1857 की क्रांति के महानायक तात्या टोपे का बलिदान दिवस था । कार्यक्रम में मौजूद लोगों, कलाकारों , संस्था के सदस्यों ने तात्या टोप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया । नाटक की लाइट डिजाईनिंग दिल्ली से आए कुमारदास और सप्तरथी मोहंता ने की । रूप सज्जा धर्मेन्द्र मालवीय, अंतिम मालवीय और पुनम अरोड़ा ने किया । कार्यक्रम का सफल संचालन वीरेन्द्र सिंह ठाकुर ने किया । नाटक मंचन के दौरान करीब 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे । 25 अप्रैल को संस्था द्वारा महानाट्य जो लड़े दीन के हेत का मंचन किया जा रहा है 

अवैध शराब के दो मामलो मे तिन आरोपियों को गिरफ्तार 
    
झाबुआ--- थाना कल्याणपुरा पुलिस के द्वारा आरोपी जामसिंह पिता रतना सिंगाड, उम्र 30 वर्ष एवं अन्य-01 निवासी नवापाडा के कब्जे से 01 पेटी बीयर प्रेसिडेंट कीमती 850/-रू0 की, आरोपी स्वामीनाथ पिता काशीनाथ, उम्र 44 वर्ष, निवासी मारूती नगर इंदौर, गुलाब सिंह पिता नानिया गुण्डिया, निवासी संदला के कब्जे से 48 क्वाटर अग्रेजी शराब व 05 पेटी देशी प्लेन शराब कीमती 16,000/-रूपये की जप्त की गई। शराब स्कूटी क्र0एम0पी0-45-एमएफ-6409 पर परिवहन की जा रही थी, अतः स्कूटी को भ्ी जप्त किया गया। सभी 3आरापियों को गिर0 किया गया। थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 77,78/2015, धारा 34-ए, 34(2)36 आबकारी एक्ट के पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये गये। 

सडक पर पडी मिली लाश

झाबुआ---मृतक नवेसिंह पिता रायला मेडा, उम्र 35 वर्ष निवासी सुरडिया की लाश रोड पर पडी मिली थी। शरीर पर कोई गंभीर चोंट के निशान नहीं थे। मर्ग क्र0 03/15 एवं शार्ट पीएम रिपोर्ट आने पर प्र्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 154/2015, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गुम इंसान का प्रकरण कायम 
   
झाबूआ--- फरियादिया बदलीबाई पति बाबू भूरिया, उम्र 36 वर्ष निवासी छोटी नल्दी ने बताया कि उसकी लडकी रेखा पिता बाबू भूरिया, उम्र 19 वर्ष निवासी नल्दी छोटी झाबुआ आयी थी, जो वापस घर नही आयी। आस-पास तलाश करने पर नहीं मिली। थाना कोतवाली झाबुआ में गुम इंसान क्र0 19/15 कायम कर विवेचना में लिया गया।

जहरीली दवाई पिने से मौत
    
झाबुआ---फरियादी बापू पिता किडिया डामोर, उम्र 40 वर्ष निवासी केसरिया ने बताया कि बादू पिता पंुजा डामोर, उम्र 35 वर्ष निवासी केसरिया की जहरीली दवाई पीने से ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्र0 14/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।     

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (19 अप्रैल)

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बच्चे गेट के बाहर, मास्साब टैक्सी के अंदर
  • -मजाक बनी सरकारी शिक्षा व्यवस्था
  • -हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शुरू नहीं बायोमैट्रिक्स व्यवस्था
  • -शिक्षकों के बच्चे पढ़ रहे पब्लिक स्कूलों मंे, एमडीएम ढ़ाबे बने प्राथमिक विद्यालय

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अभी पिछले दिनों पौड़ी जनपद के कल्जीखाल विकासखंड के एक स्कूल में एक वाकया देखने को मिला, हुआ ये कि जिले के जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक केएस रावत स्कूल खुलने के नियत समय यानी सात बजे एक स्कूल में पहुंच गए। वहां न गेट का ताला खुला था और न ही कमरों के ताले, बच्चे गेट से बाहर मास्टरनियों का इंतजार कर रहे थे। लिहाजा डीईओ साहब भी शिक्षिकाओं का इंतजार करने लगे,लेकिन एक घंटे यानी आठ बजे तक भी वे न पहुंची। आखिरकार डीईओ को स्कूल की प्रधानाध्यापिका और सहायक शिक्षिका के निलंबन की संस्तुति करनी पड़ी। मामला पौड़ी-कांसखेत-सतपुली प्रांतीय राजमार्ग संख्या-32 से लगे प्राथमिक विद्यालय बूंगा द्वितीय का है। बच्चों की अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद शिक्षिकाओं के लापरवाह रवैय्ये को देखते हुए डीईओ को इन दोनो शिक्षिकाओं को निलंबित करना पड़ा। बताया जा रहा है कि यह दोनो शिक्षिकाएं यहां से करीब 65 किमी दूर कोटद्वार से रोज इस अपने विद्यालय तक आवाजाही करती हैं। करें भी क्यों नहीं, इनके द्वारा अपने पाल्यों के बेहतर भविष्य की खातिर उन्हे कोटद्वार के पब्लिक स्कूलों में जो पढ़ाया जा रहा है। यह एक उदाहरण पके हुए चावल में एक दाने को आजमाने जैसा है, दरअसल समूचे सरकारी शिक्षा व्यवस्था का तंत्र पूरी तरह से चरमरा गया है। प्रदेशभर में सरकारी विद्यालय प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने का जरिया मात्र बन कर रह गए हैं। सीधे सीधे कहा जाए तो सरकारी स्कूल उस एमडीएम ढ़ाबे की तरह हो चुके हैं जिसमें दिन का भोजन निःशुल्क वितरित किया जाता है। हकीकत यह है कि गांवों में बेहद मुफलिसी में जीवन यापन कर रहे परिवारों के पाल्य इन स्कूलों में सिर्फ इसलिए प्रवेश ले रहे हैं या हाजिरी बजा रहे हैं कि उन्हे दिन का भरपेट दालभात मुफ्त में मिल सके। कोई एक डेढ़ दशक पूर्व देखने को मिलता था कि पहाड़ व तलहटियों में बसे नगर कस्बों के मुख्य चैराहों पर सुबह के समय दिहाड़ी की तलाश में बिहारी व नेपाली मजदूरों का जमावड़ा लगा रहता था, जबकि अब चैराहों व टैक्सी स्टैंडों पर सुबह के समय सरकारी मास्टरों का जमावड़ा भी देखा जा सकता है। देहरादून, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, कोटद्वार, श्रीनगर, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग आदि सभी शहरों से बड़ी संख्या में चलने वाली कथित ‘स्टाफ टैक्सियों‘ के जरिए सैकड़ों की संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएं हर रोज विद्यालयों तक आवाजाही कर रहे हैं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि देहरादून से यमकेश्वर, विकासनगर से चकराता, कोटद्वार से सतपुली व ज्वाल्पा देवी, पौड़ी से थलीसैण तक घंटों का सफर कर रोज स्कूल पहुंच रहे हैं। कई शिक्षक टैक्सी से एक सौ किमी से अधिक का सफर कर और उसके उपरांत कुछ किमी पैदल चलकर अपने स्कूलों तक पहुंच रहे हैं। जाहिर है इस आवाजाही में उनका तीन से पांच घंटे का समय जाया हो रहा है। ऐसे में अनेक शिक्षक जहां एक डेढ़ घंटे देर से स्कूल पहुंच रहे हैं वही तय समय से एक डेढ़ घंटा पहले ही स्कूल से वापसी भी कर रहे हैं। घंटों वाहन का सफर व उसके बाद पैदल चलने के बाद मास्साब कितने तरोताजा रह पाते होंगे, यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। जाहिर है मास्साब केवल हाजिरी बजाने को ही स्कूल पहुंच रहे हैं जिससे कि महीने के आखिरी में उनके बैक अकाउंट में दसियों हजार का इजाफा हो सके। इधर, हमारे एक पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा पुरुष व महिला शिक्षकों के लिए सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) स्वीकृत तक कर दी गई, जिससे वह शहरों में मंहगे पब्लिक स्कूलों में पढ़ रहे अपने पाल्यों की परीक्षा आदि तैयारियां करा सकें। भले ही इधर, सरकारी स्कूलों के बच्चें उन दिनों दाल भात खाकर बैरंग वापस अपने घरों को ही क्यों न लौटें। गौरतलब बात यह है कि करीब पचास हजार का मोटा वेतन लेने वाले मास्साब अपने बच्चों को उन स्कूलों में पढ़ा रहे हैं जिन स्कूलों के शिक्षकों को बामुश्किल दस पंद्रह हजार का मेहनताना मिल रहा है। साफ जाहिर है कि सरकारी मास्साब को अपनी शिक्षण व्यवस्था पर इतना यकीन नहीं रहा कि वे अपने पाल्यों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने की हिम्मत पैदा कर सकें। इधर, पिछले दिनों माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा सरकारी स्कूलों में मास्साब की कारस्तानियों की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए सभी विद्यालयों में बायोमैट्रिक्स पद्धति से उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया गया था। जिसके तहत स्कूल में दाखिल होने व स्कूल से जाने से पूर्व शिक्षकों को फिंगर प्रिंट के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करनी थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सुगबुगाहट नहीं सुनाइ दे रही है। मास्टरों की संख्या, राजनीति में उनके गहरे दखल, चुनाव प्रक्रिया में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि कोई भी सरकार न्यायालय के इस फैसले को लागू कर इस बिरादरी से पंगा लेने का जोखिम उठा सके। ऐसे में फिलहाल इस कारगर व्यवस्था के लागू होने की उम्मीदें न के बराबर ही हैं। और हां, कार्रवाई हो भी कैसे...  मंत्री, संतरी, बड़े पत्रकारों की पत्नियां, बेटे, बहू, बेटियां, भाई भी तो आड़े आ जाते हैं। कुल मिलाकर इस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद लगाना बेमानी से बढ़कर कुछ नहीं है। दबे कुचले लोगों की औलादों के भरोसे कुछ लोगों के बच्चों ने भविष्य में इस मुल्क के तारणहार की भूमिका में विराजमान जो होना है। रही बात एमडीएम ढ़ाबों के जरिए भविष्य की किरण तलाशने वाले अभागों की तो चुनावी रैली, धरना प्रदर्शन के लिए भी तो पव्वा अध्या पीकर हुडदंग मचाने वालों की भी तो सख्त जरूरत हैं इस विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को। 

भूस्खलन के समाधान के लिए निजी कंपनी की मदद

देहरादून,19 अप्रैल। बदरीनाथ हाइवे पर परेशानी का सबब बने भूस्खलन जोन के स्थाई समाधान के लिए अब राजमार्ग मंत्रालय ने निजी कंपनी की मदद ली है। इन भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए सर्वे का काम कर रही कंपनी ने भूस्खलन जोन में लामबगड़ समेत पांच जगहों पर भूमि टेस्टिंग सर्वे मशीन लगाई गई है। सीमा सड़क संगठन स्थाई ट्रीटमेंट से पहले भूस्खलन के कारण जानकर समाधान की दिशा में कदम उठाना चाहता है। साफ है कि इस वर्ष इन भूस्खलन जोन का स्थाई ट्रीटमेंट होने की उम्मीद फिलहाल नहीं है। बदरीनाथ हाइवे पर गौचर के कमेड़ा से बदरीनाथ तक दो दर्जन से अधिक भूस्खलन जोन हैं। इस मार्ग पर हल्की सी बारिश में भी भूधंसाव और भूस्खलन आम बात है। आए दिन हाइवे के अवरुद्ध होने से यात्रा पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता रहा है। सीमा सड़क संगठन दो दशक से उभरे इन भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की दिशा में कार्य नहीं कर पाया था। आपदा के बाद तो इन भूस्खलन जोन का आकार बढ़ गया है। भूस्खलन जोन में अस्थाई ट्रीटमेंट के नाम पर भी प्रतिवर्ष लाखों खर्च होते रहे हैं। बावजूद इसके राहगीरों के सिर पर खतरा बरकरार रहा। अब सीमा सड़क संगठन इन भूस्खलन जोनों के स्थाई समाधान के लिए निजी कंपनी कास्ता की मदद ले रहा है। कास्ता ने पागलनाला, लामबगड़, बेनाकुली सहित पांच जगहों पर मिट्टी टेस्टिंग मशीन लगाई गई है। कास्ता कंपनी पहले भूस्खलन के कारण और भूगर्भीय हलचल का अध्ययन कर रही है, ताकि ठोस कार्ययोजना के माध्यम से इन भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की दिशा में काम किया जा सके। अभी जिस गति से सर्वे का काम चल रहा है, उससे इन भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट में समय लग सकता है। जिससे इस वर्ष के यात्राकाल के दौरान राहगीरों को इन भूस्खलन जोनों पर मुसीबतों का सामना करना पड सकता है।

बदरीनाथ में आधारभूत सुविधाएं बहाल
बदरीनाथ धाम में बिजली, पानी और संचार से बहाल कर दी गई हैं। यात्रा का जायजा लेने के लिए डीएम और एसपी भी धाम पहुंचे। जिलाधिकारी अशोक कुमार व पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा गोपेश्वर स्पोट्र्स स्टेडियम से हेलीकॉप्टर में बदरीनाथ धाम पहुंचे। जिलाधिकारी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में बिजली, पानी, दूरसंचार की सुविधा बहाल कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग, दो हेलीपैडों से बर्फ पूरी तरह से हटा दी गई है। धाम में बर्फ को गलाने के लिए यूरिया का छिड़काव भी किया जा रहा है। उन्होंने मंदिर समिति, नगर पंचायत समेत अन्य सरकारी विभागों के यहां मौजूद कर्मचारियों निर्देश दिए कि युद्ध स्तर पर कार्य कर कपाट खुलने से पहले बदरीनाथ धाम में सभी व्यवस्थाएं चाक चैबंद करें जिससे कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो।

बदरीनाथ धाम मंे पूजा के लिए अग्रिम बुकिंग  शुरू
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे ही पूजा के लिये आनलाईन बुकिंग ने भी जोर पकड लिया है। आंकडों के अनुसार अब तक 37 लोग दो लाख की धनराशि जमा कर पूजाएं अग्रिम बुक करा चुके हैं। ये सभी पूजाएं कपाट खुलने के बाद के लिये बुक कराई गयी हैं। 26 अप्रैल को बदरीनाथ के कपाट खुलने के मौके पर पूजा के लिए सभी लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग की है। इनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, चेन्नई के यात्री शामिल हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के एक परिवार ने 30 हजार रुपये की विशेष पूजाएं केदारनाथ धाम के लिए बुक कराई हैं। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी अनुसार मंदिर समिति के ऋषिकेश, बदरीनाथ, श्रीनगर, केदारनाथ सहित अन्य धर्मशालाओं में भी अग्रिम बुकिंग की गई हैं। उन्होंने कहा कि अब तक सात हजार से अधिक लोग टेलीफोन, मेल, पत्र सहित अन्य माध्यमों से बदरीनाथ, केदारनाथ की यात्रा में मौसम, मार्ग व पूजा की जानकारी ले चुके हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाली यात्रा में श्रद्धालूओं की अच्छी तादाद रहेगी। बीती रात 11ः30 बजे उत्तराखंड के चमोली जिले में भूकंप के आने से किसी तरह के कोई जानमाल के नुक्सान की खबर तो नहीं लेकिन पांडूकेश्वर से बद्रीनाथ तक की सड़क के जगह-जगह बोल्डर आने से बाधित होने की खबर है

अब भी गंगोत्री-यमुनोत्री में पसरा है सन्नाटा

देहरादून,19 अप्रैल। अक्षय तृतीया के दिन 21 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने हैं, लेकिन अभी तक दोनों धाम में पसरा सन्नाटा नहीं टूटा है। दोनों धामों में अब भी अधिकांश दुकानें बंद हैं। देर तक हुई बर्फबारी के कारण बाजार में दुकानों के आगे से बर्फ के ढेर भी नहीं हटाए जा सके हैं। पूजा सामग्री की कुछ दुकानों को छोड़कर अधिकांश दुकानें अभी तैयार नहीं हो सकी हैं। वर्ष 2013 में जून माह बाढ़ के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में सीजनल व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ था। कपाट खुलने के महज डेढ़ माह बाद ही आपदा के कारण व्यापारियों को सामान वहीं छोड़कर वापस लौटना पड़ा था। पूर्व में दोनों धामों में यात्रियों की आमद का जो आंकड़ा चार लाख से ऊपर पहुंचता था। वर्ष 2014 में घटकर 58 हजार ही रहा। इस कारण धाम में पचास फीसदी दुकानें ही खुल सकी। उनमें भी बरसात शुरू होने तक कई व्यापारी वापस लौट गए थे। हालांकि इस बार यात्रियों के बड़ी तादाद में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन अभी तक दोनों धामों के बाजार में चहल पहल शुरू नहीं हो सकी है। जबकि वर्ष 2013 तक कपाट खुलने से पंद्रह दिन पहले ही गंगोत्री धाम व्यापारियों, साधुओं और तीर्थ पुरोहितों से गुलजार हो जाता था। वहीं जानकीचट्टी बाजार के साथ ही यमुनोत्री धाम तक यात्रा के लिए माहौल तैयार हो जाता था। पांच किमी के पैदल मार्ग में भी इस बार दुकानें तैयार नहीं हो सकी हैं। अब हालात यह है कि बाजार में व्यापारियों ने तैयारी तो की है, लेकिन उम्मीद है कि कपाट खुलने के दिन से ही व्यापारी अपना कारोबार जमाना शुरू करेंगे।

चारधाम यात्रा को लेकर सरकार के हवाई दावेः भट्ट

देहरादून,19अप्रैल(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने गंगोत्री धाम से लौटने के बाद कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित अधिकांश दावे हवाई किये हैं, दावों की अपेक्षा सरकार ने धरातल पर कोई भी कार्य नहीं किये। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा सुचारू रूप से चलनी चाहिए इसमें जितनी नैतिक जिम्मेदारी सरकार की है उतनी ही विपक्ष की भी। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार ने गंगोत्री धाम में कार्य करने के लिए रू0 6 करोड़ 26 लाख की भारी भरकम धनराशि मात्र 20 दिन पूर्व जारी की है, यदि यह कार्य तीन-चार माह पूर्व में दिये जाते तो वास्तविक स्थिति कुछ और होती पहले सरकार लगातार हवा में तीर मारकर आये दिन अपनों के ही झगड़ों को सुलझाने में व्यस्त रही और अब आनन-फानन में बंदरबाॅट कर लीपा-पोती करने का कार्य कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि गंगोत्री धाम में युद्ध स्तर पर कार्य किये जायं ताकि आने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और न ही उन्हें किसी प्रकार का धोखा हो तथा इससे पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में प्रदेश की छवि धूमिल होती है।

10 करोड़ सदस्यता पार होने पर भाइपाइयों ने मनाया जश्न

देहरादून, 19 अप्रैल (निस)। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता देश में 10 करोड़ पार होने की खुशी में कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाया गया। कार्यकर्ताओं द्वारा ढोल-दमाऊ के साथ आतिशबाजी की गई और मिठाइयां बांटी गईं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि 10 करोड़ की सदस्यता के साथ भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है। इससे पहले चीन की कम्युनिस्ट पार्टी 8 करोड़ 60 लाख की सदस्यता के साथ विश्व की सबसे बड़ी पार्टी थी। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में पार्टी का सदस्यता लक्ष्य 15 लाख पूर्ण होने की ओर है। देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की सफलता के प्रति जनता में असीम उत्साह को देखते हुए सदस्यता अभूतपूर्व हुई है। इस मौके पर सौरभ थपलियाल, खजान दास, विश्वास डाबर, उर्बादत्त भट्ट, नीलम सहगल, सत्यपाल वासन, शारदा गुप्ता, महेश्वर बहुगुणा, गोपाल पुरी, रहीस खान, रमजान अली, सतीश कपूार, रतन चैहान, सचिन गुप्ता, सीमा डोरा, अजय सिंघल आदि मौजूद रहे।    

बिहार : सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जयंती समारोह सम्पन्न

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पटना। दी बुद्धिस्ट सोसायटी आॅफ इण्डिया बिहार शाखा द्वारा सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जयंती आईकान पब्लिक स्कूल परिसर में मनायी गयी। समारोह का उद्घाटन संस्था के प्रदेष अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह बौद्ध ने दीप प्रज्वलित कर किया तत्पष्चात् सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के आदमकद चित्र पर उपस्थिति अतिथियों ने माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। उक्त अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री बौद्ध ने कहा कि भारतीय इतिहास में दैदीप्यमान सूर्य की भाँति दर्प महान सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने रणकौषल एवं बाहुबल द्वारा न सिर्फ सिकंदर के विष्व विजय  की मंषा को चकनाचूर किया वरन उसके सेनापति सिल्यूकस को अपनी बेटी देकर समझौता करने पर विवष किया। मौर्य वंष के संस्थापक चन्द्रगुप्त ने यह साबित कर दिया था कि सच्ची लगन एवं लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव से मनुष्य सबकुछ हासिल कर सकता है तभी तो चरवाहे के रूप में जीवन की शुरूआत करने वाले चन्द्रगुप्त कालान्तर में जम्बूद्वीप के शासक बने। 

मुख्य अतिथि ब्रजकिषोर सिंह कुषवाहा ने कहा कि उचित षिक्षा एवं मार्ग दर्षन से किसी भी ऊचाई पर पहुँचा जा सकता है यह हमें चन्द्रगुप्त मौर्य की जीवनी से देखने को मिलती है जिन्हें चाणक्य जैसा ज्ञानी गुरू का साहचर्य मिला। समारोह को सम्बोधित करते हुए गौतम बुद्ध विहार के सचिव डी॰एन॰ सिंह आजाद ने सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के जीवन पर विस्तृत प्रकाष डालते हुए कहा कि ‘‘भारत का इतिहास इस बात की गवाही देता है कि जब-जब यहाॅ के शासक निरंकुष हुए तब तब कोई न कोई प्रतापषाली राजा उसके शमन के लिए जनता के बीच से पैदा हुआ, उन्हीं में से एक सम्राट चन्द्रगुप्त भी थे जिन्होने धनानन्द के आतंक से भारत को मुक्ति दिलायी। समारोह को आईकान पब्लिक स्कूल के निदेषक मुकेष कुमार, भंते ज्ञान कृति, रिकंू कुमार, मो॰ फिरोज खान, वीणा देवी आदि ने भी सम्बोधित कर अपनी श्रद्धांजली व्यक्त की।

वामपंथी राजनीति के धुरी हैं सीताराम येचुरी

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वामपंथी राजनीति के धुरी माने जाने वाले सीताराम येचुरी का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)पार्टी के आधार स्तंभ को मजबूती देने में अहम योगदान रहा है और अपनी इसी राजनीतिक ताकत की बदौलत आज वह पार्टी के पांचवें महासचिव निर्वाचित हुये हैं। श्री येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को तत्कालीन मद्रास (अब चेन्नई )में तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। श्री सर्वेश्वर सोमायाजी येचुरी और श्रीमती कलपक्कम येचुरी के पुत्र श्री येचुरी ने नयी दिल्ली के प्रेसीडेंट्स इस्टेट स्कूल में अध्ययन किया था और सेंट्रल हायर सेकेंडरी बोर्ड की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहले स्थान पर रहे थे। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की स्नातकोत्तर उपाधि ली। बाद में श्री येचुरी जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से ही अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे थे तो उन्हें इसी दौरान आपातकाल के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और उनका शोध कार्य बीच में ही खत्म हो गया।

श्री येचुरी ने 1974 में स्टूडेंट्स् फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के साथ जुड़कर अपनी राजनीतिक करियर की शुरूआत की। इसके एक साल बाद वह माकपा में शामिल हो गये। वर्ष 1975 में देश के आपातकाल के दौरान उन्हें उस समय गिरफ्तार कर लिया गया , जब वह जेएनयू के छात्र थे। इससे पहले वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये कुछ समय तक भूमिगत भी रहे। आपातकाल की समाप्ति के बाद वह जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुये। श्री येचुरी 1978 में एसएफआई के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष् बने। वर्ष 1984 में उन्होंने एसएफआई छोड़ दी और 1985 में माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बने। वह 1988 में माकपा के केंद्रीय सचिव और 1992 में 14वें कांग्रेस में पोलित ब्यूरो सदस्य के रूप में निर्वाचित हुये। जुलाई 2005 में श्री येचुरी पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिये सदस्य चुने गये।

राजनीति से इतर भी कई क्षेत्रों में श्री येचुरी ने अपनी पहचान साबित की है। उन्हाेंने प्रमुख राष्ट्रीय अंग्रेजी समाचारपत्र हिन्दुस्तान टाइम्स में काॅलम भी लिखे हैं। उन्होंने कई किताबें भी लिखीं, जिनमें . व्हाट इज दिस हिन्दू राष्ट्र, सोशलिज्म इन 21 सेंचुरी, कम्युनिलजज्म वर्सेस सेक्यूलरिज्म और घृणा की राजनीति(हिन्दी) जैसी किताबें प्रमुख हैं। उन्होंने पीपुल्स डायरी ऑफ फ्रीडम, द ग्रेट रेवाल्ट: एक लेफ्ट एप्राइसल और ग्लोबल इकानॉमिक क्राइसिस: ए मार्क्ससिस्ट पर्सपियोटिव जैसी किताबों का संपादन भी किया। श्री येचुरी ने पत्रकार सीमा चिश्ती से विवाह किया है जो इन दिनों बीबीसी की दिल्ली संपादक हैं। सीमा उनकी दूसरी पत्नी हैं । श्री येचुरी की पहली पत्नी से एक पुत्र और एक पुत्री है।

जनमत के अपमान के लिए देश से माफी मांगे राहुल-भाजपा

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चुनाव प्रचार के लिए पैसा लेने के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान की तीखी आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज कहा कि श्री गांधी ने सबसे बडे जनमत का अपमान किया है इसलिए उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी की नियमित ब्रीफ्रिंग में कहा कि श्री गांधी ने किसान मजदूर रैली में यह कहकर लोकतंत्र का अपमान किया है कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए उद्यागपतियों से पैसा लिया था। यह बयान झूठ है और भाजपा इसके लिए उनकी भर्त्सना करती है। 

उन्होंने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर कांग्रेस के विरोध पर कहा कि कानून में जो भी संशोधन किए गए हैं वह किसानों के हित में हैं। कांग्रेस जिन मुद्दों को लेकर इसका विरोध कर रही है वह सिर्फ दुष्प्रचार और झूठ है तथा कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पत्रिका में भी कहा था कि ‘राजनीति हम भी करते हैं’।  श्री प्रसाद ने कहा कि किसी भी दल को किसानों के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून यदि बेहतर था तो कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसे लागू करने से इनकार क्यों कर दिया था। कांग्रेस का यह आरोप गलत है कि अधिनियम पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। उनका कहना था कि इसी अधिनियम में की गई व्यवस्था की वजह से किसान को भूमि अधिग्रहण के बदले चार गुना अधिक मुआवजा मिल रहा है।

किसानों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को दे रही है सरकार - सोनिया,राहुल

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किसानों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को दे रही है सरकार - सोनिया,राहुल
कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान और गरीब विरोधी करार देते हुए आज आरोप लगाया कि वह किसानों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है और इसीलिए भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर कर रही है । पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध करने का संकल्प जताया और कहा कि वह किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी और उनकी आवाज बनेगी। कांग्रेस ने यहां रामलीला मैदान में एक बड़ी किसान खेत मजदूर रैली आयोजित कर मोदी सरकार द्वारा जारी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तथा उसकी कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रखने का एलान किया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और दो माह के अवकाश के बाद लौटे उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी कथनी और करनी में भारी फर्क है और वह किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर इसे चंद उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में निजी कंपनियों के हित में बदलाव किए हैं। भाजपा दावा करती है कि इससे विकास, सिंचाई और रोजगार मिलेगा लेकिन वह उनसे पूछना चाहती हैं कि क्या 2013 के कानून में ये प्रावधान नहीं थे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमीन बेचना चाहते हैं या नहीं, यह देखे बिना सरकार निजी कंपनियों के लिए ही भूमि का अधिग्रहण करना चाहती है श्री राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि श्री मोदी उद्योगपतियों का कर्जा उतारने के लिए किसानों की जमीन छीनकर उन्हें दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि श्री मोदी ने चुनाव जीतने के लिए प्रचार के दौरान उद्योगपतियों से हजारों करोड़ रुपये का कर्जा लिया था, जो गुजरात माॅडल के प्रचार पर खर्च हुआ। उन्होंने उद्योगपतियों को विश्वास दिलाया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बन गये तो जिस तरह गुजरात में किसानों से जमीन ले लेते हैें, उसी तरह देश भर में जमीन लेकर उद्योगपतियों को दे देंगे। उन्होंने कहा कि अब वह भूमि अधिग्रहण कानून और किसानों को कमजाेर कर उनकी जमीन उद्योगपति दोस्तों को देकर उनका कर्ज चुकाना चाहते हैं। 

वाराणसी : दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में सत्याग्रह

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  • कनहर बांध परियोजना के चलते विस्थापित हो रहे परिवारों को बचाने के लिए आन्दोलनरत है काशी के स्वयंसेवी संगठन 
  • आन्दोलनकारी महिलाओं पर पुलिस-पीएसी द्वारा लाठीचार्ज करने का आरोप 
  • कमिश्नर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पत्र, उच्चस्तरीय जांच की मांग 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )। कनहर बांध परियोजना के चलते सैकड़ों परिवारों का न सिर्फ रहन-सहन बल्कि रोजी-रोटी सब छीन गया है। इस परियोजना से प्रभावित बड़ी संख्या में गरीब मजदूर विस्थापित होने के विवश है। उनके विस्थापन को लेकर काशी के स्वयंसेवी संगठन लगातार आंदोलन कर रहे है, लेकिन रविवार को परियोजना से संबंधित अधिकारियों ने आंदोलनकारियों की आवाज को लाठी के बल पर दबाने का प्रयास किया। इससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने काशी स्थित वरुनापुल लाल बहादुर शास्त्री घाट के पास सत्याग्रह की। साझा संस्कृति मंच द्वारा आयोजित सत्याग्रह सभा में वक्ताओं ने कहा, सोनभद्र के दुद्धी तहसील स्थित अमवार गांव में प्रस्तावित बांध योजना 1976 में बनी थी। तभी से आस पास के लगभग 100 से अधिक गांवों के आदिवासी अपने अस्तित्व का संघर्ष कर रहें हैं। सरकार के अनुसार, सिंचाई परियोजना के नाम पर बनने वाले इस बांध के डूब क्षेत्र में केवल 15 गांव आने हैं। जबकि वास्तविक स्थित इससे अलग है सरकारी आंकड़े में गाँव अमवार के ही प्राथमिक विद्यालय को ही डूब क्षेत्र से बाहर बताया गया है, जो कि बांध के प्रस्तावित नींव निर्माण स्थल से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है। कहा, एनजीटी द्वारा काम रोकने के आदेश के बावजूद शासन ने काम नही रोका है और बड़ी बड़ी मशीनों के प्रयोग से पहाड़ो का काटना जारी है। प्रस्तावित बांध से प्रभावित होने वाले ऐसे लोगों की संख्या भी अच्छीखासी है जो पास के ही रेनूकुट में बने रिहंद बांध से पहले ही उजड़ चुके हैं। 27 करोंड़ की लागत से 1976 में प्रारंभ कनहर बाँध परियोजना अब 2300 करोंड़ रूपये की हो गयी है जिसे बनाना वर्तमान सरकार के सम्मान की बात हो गयी है क्योंकि निजी औद्योगिक घरानों के साथ सरकार ने इस बांध के सम्बन्ध में समझौते किये हैं। 

कहा, इस परियोजना में विस्थापित होने वाले झारखंड, छत्तीसगढ़ और यूपी के सैकड़ो परिवार शामिल है। अपनी मांग को लेकर ये लोग विगत 4 महीने से धरने पर बैठे  है। विगत 14 अप्रैल को सुबह 6 बजे बाँध स्थल पर अम्बेडकर जयंती मनाने के लिए जब भीड़ जुटी तो प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही की। बहुसंख्यक रूप से महिलाओं की भागीदारी के साथ चल रहे इस प्रदर्शन पर स्थानीय कोतवाल के नेतृत्व में बर्बर लाठीचार्ज किया गया। तब से लगातार लगभग प्रतिदिन निहत्थे आन्दोलनकारियों पर पुलिस और पीएसी द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा है। आस पास के गाँवों में घरो में घुस कर पुलिसिया तांडव जारी है। सैकड़ो लोगो का पता नही चल पा रहा है किसी को भी यहाँ तक कि मीडिया के लोगों को भी 2 किलोमीटर क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नही है जिससे धरनास्थल पर प्रशासन की मनमानी का सही पता नही चल पा रहा है। 

सभा में वक्ताओं ने कनहर में चल रहे विस्थापन से प्रभावित लोगों के शांतिपूर्ण आंदोलन को प्रशासन द्वारा बलपूर्वक दबाने की कोशिश को जघन्य और बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की और कहा कि प्रशासन को सबके सामने वास्तविक स्थिति से अवगत करना चाहिए बातचीत से आन्दोलन का समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए न कि इस प्रकार  दमनात्मक रवैया अपनाना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि अनियोजित विकास के नाम पर लोगो पुनर्वासित करना और जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण करना किसान, आदिवासी और भूमिहीनों के लिए अत्यंत कष्टकारी है विकास की ऐसी नीतियों की पुनर्विवेचना होनी चाहिए. बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुचाने के लिए विभिन्न सरकारों द्वारा जल जंगल और जमीन पर से मूल निवासियों को जबरिया हटा कर इन प्राकृतिक संसाधनों पर उद्योगपतियों को काबिज करा रही है जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकें। सभा में निर्णय लिया गया कि मंच द्वारा गठित कुछ अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक दल शीघ्र ही इस पूरे क्षेत्र का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। बैठक के बाद पदयात्रा करते हुए लोग मंडलायुक आवास पहुचे और माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र सौंपा। 

सभा में प्रो सोमनाथ त्रिपाठी, प्रो, महेश विक्रम सिंह, डा आनंद प्रकाश तिवारी, वल्लभाचार्य पाण्डेय, गिर्संत कुमार, दिलीप दिली, धनजंय त्रिपाठी, डा नीता चैबे, जगन्नाथ कुशवाहा, चिंतामणि सेठ, लक्ष्मण प्रसाद, राम जनम भाई, राजेंद्र चैधरी, अनूप श्रमिक, प्रदीप सिंह, प्रेमनाथ सोनकर, मुकेश झंझरवाला, अमित यादव, गणेश कुमार गौतम, शिवमूर्त राजभर, विनोद कुमार, रितेश, हेमंत कुमार, दयाशंकर पटेल आदि मौजूद रहे। 

संसद के बजट सत्र में सोनिया पर टिप्पणी से बवाल, गिरिराज ने जताया खेद

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संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हंगामे के साथ शुरू हुआ हुआ है। सत्र शुरू होते ही कांग्रेस ने गिरिराज सिंह द्वारा सोनिया गांधी पर किए कमेंट पर हंगामा शुरू कर दिया। मंत्रियों और बीजेपी नेताओं की बयानबाजियों का कांग्रेस ने संसद में जोरदार विरोध किया।

कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री गिरिराज ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के रंग को लेकर भद्दी टिप्पणी की है जो कतई स्वीकार नहीं की जा सकती है। जवाब में सरकार की ओर से वैंकेया ने कहा कि सरकार में कोई भी इस तरह की टिप्पणी को स्वीकार नहीं करता। सिंधिया ने कहा कि देश में बीजेपी के सासंद और उनके साथी दल अशोभनीय टिप्पणी करते हैं।

पहले संजय राउत उसके बाद केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की थी। पूरे देश की महिलाओं का अपमान किया गया। उनकी टिप्पणी नाइजीरियन के भी खिलाफ है। संसद और मंत्री का त्यागपत्र मांगा जाए और पीएम जवाब दें। हालांकि हंगामे के बाद गिरिराज सिंह ने अपने बयान के लिए खेद जताया। इस बीच लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जोरदार विरोध जाताया कि जब भी वो बोलने के लिए खड़े होते हैं तो माइक बंद कर दिए जाते हैं।

भूमि अधिग्रहण विधेयक पर लोकसभा में अध्यादेश पेश

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भूमि अधिग्रहण विधेयक पर लाए गए अध्यादेश को संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने सोमवार को लोकसभा में पेश किया। हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अध्यादेश को वापस लेने की मांग की। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। 

अध्यादेश की घोषणा तीन अप्रैल को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की थी। इससे पूर्व पिछले साल दिसंबर में अध्यादेश की घोषणा की गई थी।

हाफिज ने भारत को दुश्मन नंबर 1 कहा

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लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। हाफिज ने कहा है कि भारत उसका नंबर वन दुश्मन है। उसने खुलेआम धमकी दी है कि उसका अगला निशाना भारत है।

हाफिज ने ये बातें पाकिस्तान के पेशावर में एक रैली में कही हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एक पाकिस्तानी चैनल में दिए इंटरव्यू में भी उसने भारत के खिलाफ बोला था। उसने बताया था कि पाकिस्तान कश्मीर में जेहादियों की मदद कर रहा है।

हाफिज का कहना है कि जेहाद के जरिए ही कश्मीर को आजाद कराया जा सकता है। इससे पहले हाफिज सईद ने श्रीनगर में भारत विरोधी रैली करने वाले और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाले गद्दार मसरत आलम का खुलकर समर्थन किया था।

अनुशासन समिति पर प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल

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आम आदमी पार्टी के बागी नेता प्रशांत भूषण ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। अपने जवाब में भूषण ने पार्टी की अनुशासन समिति पर ही सवाल खड़े किए हैं। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण समेत पार्टी चार बागी नेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया गया था।

प्रशांत भूषण ने कारण बताओ नोटिस के जवाब में अनुशासन समिति के गठन पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने पार्टी को लिखे पत्र में पकंज गुप्ता को संबोधित करते हुए लिखा है, ये गौर करने लायक है कि आप पंकज गुप्ता,आशीष खेतान और दिनेश वाघेला ने मुझे नोटिस भेजा है ये दर्शाते हुए कि आप राष्ट्रीय अनुशासनात्मक समिति में हैं। मैं ये नहीं जानता कि किसने यह समिति कब और कैसे बनाई है।

प्रशांत ने आगे पूछा है कि आपने संजय और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर मार्च 10 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। जिसमें आपलोगों ने मुझ पर और योगेंद्र पर कई आरोप लगाये थे, जिसका जिक्र आप ने अपने नोटिस में भी किया है। आशीष खेतान ने भी मुझ पर कई आरोप लगाये और बाद में खेद जताया। आप सभी उस पर जज बनना चाहते हैं जिस पर आप सभी ने आरोप लगाये हैं।

राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर सरकार की प्रशंसा की

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हुर्रियत नेता मसर्रत आलम की गिरफ्तारी को लेकर कश्मीर घाटी में प्रदर्शन के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर कडाई से कार्रवाई करने के लिए आज जम्मू कश्मीर सरकार की प्रशंसा की. राजनाथ ने कहा कि भारत विरोधी किसी भी गतिविधि को देश की धरती पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

राजनाथ अपने गृह जनपद में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे. आलम का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि एक अलगाववादी नेता, जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और जिन्होंने कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की, अब फिर जेल में है. पाकिस्तान के संघषर्विराम के उल्लंघन पर कडी कार्रवाई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की तारीफ करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जब हमारे पांच जवान शहीद हुए तो मैंने सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर घटना की जानकारी ली.’’

गृह मंत्री ने कहा कि एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान को सफेद झंडे दिखाये. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारी से पूछा कि इसका मतलब क्या है. अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि हम मामले को बातचीत कर शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं. मैंने फिर पूछा कि कितनी बार आपने झंडे दिखाये तो उन्होंने बताया कि 16 बार.’’ राजनाथ ने कहा कि जब हमारे जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी तो पाकिस्तान को मामला सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने को कहना पडा.

एटमी हमलों में भी जंग लड़ने वाला जहाज हुआ लॉन्च

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7, 300 टन वजन वाले देश के सबसे बड़े और आधुनिक जंगी जहाज विशाखापट्टनम को सोमवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान लॉन्च कर दिया गया। इस जहाज को सोमवार को पहली बार समुद्र में उतारा गया है। इस जहाज को भारतीय नौसेना में 2018 में शामिल किया जाएगा। तब इसका नाम आईएनएस विशाखापट्टनम हो जाएगा। 

जंगी जहाज विशाखापट्टनम एटमी, बायोलॉजिकल (जैविक) और केमिकल (रासायनिक) युद्ध के माहौल में भी दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है। नेवल डिजाइन के डायरेक्टर जनरल रियर एडमिरल एके सक्सेना के मुताबिक, 'टोटल एटमॉसफियर कंट्रोल सिस्टम (टीएसी) की वजह से इस जहाज के भीतर आने वाली हवा एटमी, केमिकल और बायोलॉजिकल फिल्टर्स से गुजरती है। जहाज के सिर्फ मशीन वाले सेक्शन में ऐसे फिल्टर्स नहीं लगाए गए हैं।'जंग के दौरान मशीन वाले सेक्शन में जाने से पहले नौसैनिकों को खास तौर पर तैयार मास्क पहनने पड़ेंगे। इसी श्रेणी के बाकी तीन युद्धपोतों को हर दो साल के अंतराल पर नेवी को सौंपा जाएगा।

विशाखापट्टनम जमीन से हवा में मार करने वाली 32 'बराक 8'मिसाइलों से लैस है। विशाखापट्टनम में इजरायली ‘मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार’ (MF-STAR) सिस्टम लगा है। यह रडार पोत के कंट्रोल रूम में तैनात नेवी अफसरों को हमले के लिए सटीक जानकारी मुहैया कराएगा। इस जंगी जहाज पर एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जाएगी।

- विशाखापट्टनम 127 मिलीमीटर गन से लैस है। इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। 
-विशाखापट्टनम का सोनार सिस्टम अलग और अत्याधुनिक है। यह धनुष के आकार का है। 
-विशाखापट्टनम की एक और बड़ी खूबी यह है कि बेहद खराब मौसम के दौरान भी इस पर नौसेना के हेलिकॉप्टर लैंड कर सकेंगे और उन्हें क्षतिग्रस्त होने से भी बचाया जा सकेगा। 
-इस युद्धपोत पर शिप डाटा नेटवर्क नाम का एक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा, जो लड़ाई के दौरान एक ही जगह पर सारा डाटा उपलब्ध कराएगा। इसे नेवी इन्फॉर्मेशन हाईवे कह रही है, क्योंकि एक ही जगह बैठकर नेवी के अफसर अपने टारगेट को नष्ट करने की रणनीति बना सकेंगे। 
-इस जहाज 65 फीसदी हिस्सा भारत में बना हुआ है। जहाज पर लगे कई हथियार देश में ही तैयार हुए हैं।
आईएनएस कोलकाता से अलग 

विशाखापट्टनम और आईएनएस कोलकाता, दोनों एक ही श्रेणी के जंगी जहाज हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर है। हालांकि, दोनों में ही यूक्रेन के बने ‘जोरया गैस टर्बाइन्स’ लगे हैं। जबकि आईएनएस कोलकाता में 76 एमएम वाली सुपर रैपिड गन्स लगी हैं। विशाखापट्टनम श्रेणी के तीन और जंगी जहाज नौसेना के लिए तैयार कराए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 29,340 करोड़ रुपए है। विशाखापट्टनम के अलावा पोरबंदर और मर्मज्ञ समेत तीन अन्य जहाज तैयार किए जा रहे हैं। चौथे जहाज के नाम पर विचार किया जा रहा है और इसे राष्ट्रपति फाइनल करेंगे।

2G मामले में सीबीआई ने नई प्राथमिकी दर्ज करने के लिये न्यायालय से इजाजत मांगी

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केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 2जी स्पेट्रम प्रकरण में कथित हस्तक्षेप की घटना की जांच के लिये नई प्राथमिकी दर्ज करने की आज उच्चतम न्यायालय से अनुमति मांगी। इस मामले में मौजूदा आरोपी ने एक कंपनी के एक व्यक्ति विशेष की भूमिका पर पर्दा डालने का प्रयास किया था।

प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले को 30 अप्रैल के लिये सूचीबद्ध कर दिया है। इससे पहले, सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने इस संबंध में संक्षिप्त दलील पेश की। वेणुगोपाल ने 2जी स्पेट्रम घोटाले की जांच में हुयी प्रगति का एक अंश पढा और फिर सीलबंद लिफाफे में नई रिपोर्ट न्यायालय में पेश की। उन्होंने कहा कि जांच एजेन्सी को एक आडियो टेप भी उपलब्ध कराया गया है जिसकी सत्यता की पुष्टि कर ली गयी है कि संबंधित व्यक्ति कंपनी से जुडा है जिसने रिश्वत देने का प्रयास किया है।

वेणुगोपाल ने कहा कि इस घटना में कथित रूप से संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ अनेक मामले बनते हैं। इनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 193 (झूठे साक्ष्य पेश करना), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 465 (जालसाजी), 467 (कीमती प्रतिभूतियों की जालसाजी) और 486 (नकली चिन्हों के साथ माल बेचना) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये अतिरिक्त प्राथमिकी 2जी प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ पहले से ही चल रहे मुकदमों से इतर होंगे।

वेणुगोपाल ने ऑडियो रिकार्डिग का जिक्र करते हुये कहा कि ये सारे व्यक्ति पहले से ही स्पेक्ट्रम प्रकरण में आरोपी है। न्यायालय ने सीबीआई से जानना चाहा कि क्या जिन व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जानी है उनके पक्ष सुने बगैर ही उसे उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की इजाजत दे सकता है। वेणुगोपाल ने कहा, हम मौजूदा आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे जांच के लिये नयी प्राथमिकी दर्ज करना चाहते हैं।

अच्छे दिन लाने वाली सरकार नाकाम रही: राहुल गांधी

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लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अच्छे दिन लाने वाली सरकार नाकाम रही। उन्होंने कहा कि पिछली एनडीए सरकार के दौरान भी कृषि विकास काफी कम रहा। राहुल गांधी ने नितिन गडकरी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने मन की बात कर दी। राहुल ने कहा, विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोई कह रहा है कि 106 लाख हेक्टेयर खेती पर फसल का नुकसान हुआ है तो कोई 180 के आंकड़े दे रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के बयान को कृषि मंत्रालय ही गलत बता रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी को राहुल गांधी ने सुझाव देते हुए कहा कि पीएम को लोगों के खेत में जाकर असल नुकसान का जायजा लेना चाहिए। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री  मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कि आपकी सरकार बड़े लोगों की सरकार है, सूट-बूट की सरकार है। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर को मोदी सरकार ने नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी राजनीति का गणित समझते हैं, लेकिन किसान की गणित नहीं।

राहुल ने कहा कि 67 प्रतिशत जनता के बारे में पीएम मोदी क्यों नहीं सोच रहे हैं। उन्हें क्यों नाराज कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि हथियारों की बात होती है, लड़ाकू विमान की बात होती है, लेकिन किसानों की बात नहीं। उन्होंने कहा कि जमीनों की कीमत बढ़ती जा रही है और बीजेपी सरकार उद्योगपतियों के इशारे पर जमीन लेना चाहती है।

 प्रधानमंत्री मोदी को सुझाव देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में 60 प्रतिशत किसान मजदूर हैं, अगर पीएम मोदी अपना पाला बदल लें तो उन्हें काफी फायदा होगा। उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि किसान और मजदूर शक्ति को चोट पहुंचाकर सरकार ठीक नहीं कर रही है। राहुल ने कहा कि देश की शक्ति किसानों के हाथ में, मजदूरों के हाथ में है।
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