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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (09 मई)

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खुशियों की जगह करुण क्रंदन है लोकेश्वर के घर में 
  • -पुत्र की बारात से लौटते हुए हुआ हादसे का शिकार
  • -भतीजे और दामाद की भी हुई मौत
  • -ईद के बकरे से कम है इनसान की कीमत

देहरादून, 9 मई । पौड़ी जनपद के लैंसडौन तहसील के जाख तल्ला ढौंटियाल गांव के लोकेश्वर प्रसाद द्विवेदी के घर में  आज बहू के गृह प्रवेश का उल्लास होना था, लेकिन शायद नियति को यह मंजूर न था। आज लोकेश्वर के घर में मातम छाया हुआ है। जिन आंखों में विवाह संपन्न होने की खुशियों की चमक होनी थी आज उन आंखों में आंसुओं का सैलाब है। शुक्रवार को लोकेश्वर के पुत्र सुनील की बारात सतपुली तहसील के भेलासी गांव गई थी, जहां से वापस लौटते हुए बारात में शामिल एक जीप सतपुली-सिसल्डी मार्ग पर दुर्घटना का शिकार हो गई। दुर्घटना में न केवल लोकेश्वर की ही जान गई बल्कि उसके दामाद किशोरी लाल कोटनाला व भतीजे सुमन प्रकाश द्विवेदी भी असमय काल का ग्रास बन गए। इस घटना से खुशी के इस मौके पर गांव में मरघटी मातम पसर गया। शुक्रवार को जाख गांव के लोकेश्वर प्रसाद द्विवेदी के पुत्र की बारात भेलासी गांव आई थी, शाम चार बजे विवाह की तमाम औपचारिकताओं का समापन होने के बाद बारात हंसी खुशी वापस लौट रही थी। दूल्हे के पिता लोकेश्वर, चचेरा भाई सुमन व बहनोही किशोरी लाल व चार अन्य परिजन बारात को लौटाने की व्यवस्था में लगे हुए थे। सभी बारातियों को अलग अलग वाहनों में बिठाकर आखिर में दूल्हे के पिता व अन्य छह बाराती मैक्स जीप संख्या यूके12टीबी1115 में सवार हो वापस लौटने लगे। जीप गांव के कुछ ही किमी आगे बढ़ी थी कि सिसल्डी के समीप अनियंत्रित होकर करीब तीन सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। घटना में लोकेश्वर व सुमन प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि किशोरी लाल ने लैंसडौन कैंट अस्पताल में दम तोड़ दिया। जिस घर में आज दूल्हे दुल्हन के दोहरागमन की तैयारियां होनी थीं आज वहां तीन तीन अर्थियों को शमशान ले जाने की तैयारी चल रही है।

ईद के बकरे से कम कीमत है इनसान की
किसी भी दुर्घटना के तुरंत बाद सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों के लिए पचास हजार से एक लाख तक मुआवजे की घोषणा कर इतिश्री कर ली जाती है। लेकिन दुर्घटनाओं को रोकने में न सरकार की कोई दिलचस्पी है और न ही पुलिस व आरटीओ इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहाड़ की सर्पीली सड़कों का हर रोज इनसानी लहू से रंगने का सिलसिला आम हो चला है। पहाड़ की खतरनाक सड़कों पर बेहद गैरजिम्मेदार हाथों में  हजारों इनसानों की जानों का सट्टा खेला जा रहा है। गैरजिम्मेदार व नौसिखिए चालकों द्वारा नशा किए जाने से हादसों का ग्राफ लगातार चढ़ता जा रहा है। बारात आदि अवसरों पर हो रहे हादसों में अधिकांश मामलों में यह पाया जाता है कि चालक द्वारा शराब का सेवन किया गया था। सरकारें द्वारा तो मृतकों के परिजनों व घायलों को दिए जाने वाले मुआवजे के मानक तय कर इनसान की कीमत तय कर दी गई है। हर रोज होने वाले हादसों की खबरों को बेहद हल्के में लिया जा रहा है, मरहम के तौर पर मुआवजा राशि की घोषणा अथवा रस्मअदायगी के लिए मजिस्ट्रेटी जांच की कार्रवाई तक ही शासन प्रशासन सीमित है। लेकिन इनसानी लापरवाहियों से न जाने कितनी सुहागिनों की मांग का सिंदूर मिट रहा है, कितने बच्चे अनाथ हो रहे हैं या फिर कितने घरों के चिराग हमेशा हमेशा के लिए बुझ रहे हैं, यह तमाम सवाल गौण हो चुके हैं। उत्तराकाशी से लेकर चंपावत तक हर रोज एक न एक जीप हादसा हो रहा है। लेकिन शायद देहरादून में बैठके आका तो पहले ही पहाड़ी इनसानों की जान की कीमत लगा चुके हैं। ऐसे में उम्मीद करना बेमानी ही होगा।

बाजपुर से भी जुड़े हैं ढेंचा बीज घोटाले के तार, सियासी संरक्षण हासिल करने की कोशिश में शामिल लोग
  • हाईकोर्ट में 14 मई को होनी है मामले की सुनवाई, त्रिपाठी जांच आयोग पहले ही दे चुका अपनी रिपोर्ट

देहरादून, 9 मई (निस)। भाजपा शासनकाल में हुए कथित ढेंचा बीज घोटाले के तार इस बाजपुर शहर से भी जुड़े हुए हैं। इस घोटाले में कथित तौर पर लिप्त कुछ लोग सियासी संरक्षण हासिल करने की जुगत में हैं। लेकिन अभी हाल में ही हुए महिला आईएफएस पर हमले के बाद ऐसा कर पाना इन लोगों के लिए आसान नहीं होगा। इस मामले की सुनवाई नैनीताल उच्च न्यायालय में 14 मई को होनी है। यही वजह है कि इस घोटाले से पैसा कमाने वालों में हड़कंप मचा है।  सूत्रों ने बताया कि ढेंचा बीज घोटाले प्रकरण में पैसा लगाने के लिए बदनाम लोगों पर जांच एजेंसिओ की निगाहें एक बार फिर से तिरछी हो गईं हैं। इसकी वजह हाईकोर्ट में दाखिल की गई एक जनहित याचिका है। गौरतलब है कि ढेंचा बीज घोटाले के सच को सामने लाने के लिए हिमालयन चिपको फाउंडेशन संस्था के जयप्रकाश डबराल की ओर से उच्च न्यायलय में याचिका कर दी गई। इसमें कहा गया है कहा गया है कि ढेंचा बीजों की तत्कालीन बाजार दर 1538 रुपये प्रति कुंतल थी। लेकिन मिलीभगत करके इसका टेंडर 3849 रुपये प्रति कुंतल की दर पर किया गया। इतना ही नहीं इसी मिलीभगत के चलते बगैर मांग के ही इसकी खरीद मूल टेंडर से 60 फीसदी ज्यादा की गई। आरोप यह भी है कि टेंडर कृषि मुख्यालय से किया गया और बीज की सप्लाई सीधे जिलों में कर दी गई। इसके बाद भी बीज जिलों तक नहीं पहुंचा और महज कागजों में ही इसे किसानों को वितरित दिखा दिया गया। इसके बाद मिलीभगत से कथित आपूर्ति करने वाली फर्मों को कृषि विभाग ने करोड़ों का भुगतान कर दिया गया है। याची का आरोप है कि इस मामले में बड़े स्तर पर घपला किया गया। 2013 में सरकार की ओर से गठित त्रिपाठी आयोग ने पूरे मामले की जांच की। इसमें तमाम आरोप सही मिले पाए गए हैं। लेकिन सरकार ने अब तक किसी के भी खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। इस जनहित याचिका के चलते मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इससे इस घोटाले की परतें खुलने की संभावना बन गई है।  उच्च न्यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होनी है। इससे घोटाले में लिप्त लोगों में हड़कंप मचा है। अब तक ये लोग सियासी संरक्षण से बचते दिख रहे थे। लेकिन महिला आईएफएस कल्याणी पर हमले के बाद के हालात में ऐसा लग नहीं रहा है कि इन लोगों को इस बार कोई सियासी संरक्षण मिल पाएगा और जांच एजेंसिया इन पर किसी तरह का कोई रहम करेंगी। 

किशोर चाहते हैं कि केंद्र सरकार घोषित करे गैरसैंण को स्थायी उत्तराखंड की राजधानी, अपने “विचारक” की बात पर “विचार” करेंगे सीएम
सुलगते सवाल
  • किसके हाथ में हैं स्थायी राजधानी के चयन की बात
  • विस में प्रस्ताव पारित क्यों नहीं कर रही प्रदेश कांग्रेस
  • सरकार ने पार्टी अध्यक्ष की बात पर साध लिया मौन

देहरादून, 9 मई (निस)। इसमें कोई राय नहीं है कि सूबे को एक स्थायी राजधानी की जरूरत है। इस मुद्दे पर विवाद लंबे समय से चल रहा है। सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, हर सरकार इस मुद्दे पर सूबे की जनता को महज झुनझुना ही थमाती रही है। अब कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने इस मामले में गेंद केंद्र के पाले में डालने की कोशिश की है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने अंदाज में इस मुद्दे से पल्ला झाड़ते हुए किशोर को “विचारक” की संज्ञा दी है। अब ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या कांग्रेस सरकार के मुखिया अपनी पार्टी के “विचारक अध्यक्ष” के “विचार” पर कोई ध्यान देंगे। केंद्र की यूपीए सरकार ने वर्ष 2000 में इस उत्तराखंड राज्य का गठन किया। आनन-फानन में लिए गए राज्य बनाने के इस फैसले में कई अहम बिदुंओं पर विचार की जरूरत ही नहीं समझी गई। मसलन सूबे की राजधानी कहां होगी और यूपी-उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा कैसे होगा। तत्कालीन केंद्र सरकार की इस उदासीनता का खामियाजा इस प्रदेश की जनता आज तक भुगत रही है। उत्तराखंड की सीमा में आने वाली तमाम परिसंपत्तियों पर आज भी यूपी का ही कब्जा है। इसे राज्य सरकारों की लापरवाही ही कहा जाएगा कि इस दिशा में कोई सक्रिय पहल नहीं की गई। परिसंपत्तियों की बात को दरकिनार कर भी दें तो सबसे अहम मामला सूबे की स्थायी राजधानी का है। पहले सीएम नित्यानंद स्वामी के इसके लिए एक आयोग का गठन किया। लेकिन सियासी दबाव में इस आयोग को कुछ माह बाद ही ठेंगा दिखा दिया गया। बाद में एनडी तिवारी सीएम बने तो उन्होंने इस आयोग को फिर से जीवित कर दिया। आयोग चलता रहा और अध्यक्ष बदलते रहे। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद एक रिपोर्ट सरकार को दी गई। यह रिपोर्ट आज भी सरकारी फाइलों में कैद है। इस बीच गैरसैंण में कैबिनेट बैठक और फिर विधानसभा का सत्र आहूत करके कांग्रेस सरकार ने सूबे की जनता का मन टटोलने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के लगा कि इससे पहाड़ के वोट तो मिल सकते हैं। लेकिन मैदानी इलाकों में उसका सूपड़ा साफ हो सकता है। इसके बाद ही सरकार ने दोहरी नीति इस्तेमाल की। कहा गया कि पहाड़ में विधानभवन बनाया जाएगा। यह काम तेजी से हो भी रहा है तो दूसरी तरफ देहरादून में भी विधानभवन बनाया जा रहा है। जाहिर है कि सरकार के मुखिया न तो पहाड़ की जनता को छोड़ सकते हैं और न ही मैदान की जनता को। इसी लिहाज से स्थायी राजधानी के मुद्दे को दबाया जा रहा है। अब कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से सरकार की परेशानी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि किशोर ने केंद्र सरकार से गैरसैंण में राजधानी बनाने की मांग करके एक तीर से कई शिकार किए हैं। एक तो उनकी मंशा भाजपा पर हमले की है तो दूसरी तरफ वे सीएम से भी साफगोई की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन लगता है कि सियासत के मंझे खिलाड़ी हरीश इस खेल को समझ गए है। तभी तो उन्होंने कहा कि हमारे अध्यक्ष जी एक विचारक हैं। भले ही सीएम अध्यक्ष को विचारक कहकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश में है। लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होगा। सियासी व्यवस्था के तहत पार्टी अध्यक्ष की भूमिका मुख्यमंत्री से ऊपर होती है। अगर संगठन अध्यक्ष राजधानी गैरसैंण में बनाने की बात कर रहे हैं तो सीएम के लिए इस विचारक की बात को नजरअंदाज करने से संदेश यही जाएगा कि उत्तराखंड कांग्रेस में संगठन के मुखिया नहीं सरकार के मुखिया की बात ही सुनी जाएगी।

कोट---
कांग्रेस अध्यक्ष को यह पता होना चाहिए कि राजधानी के मामले में विधानसभा से प्रस्ताव या संकल्प पारित करके केंद्र सरकार को भेजना होता है। केंद्र सीधे ही कोई फैसला नहीं कर सकता। अगर राज्य विधानसभा से कोई संकल्प या प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाता है तो प्रदेश भाजपा उसका पुरजोर स्वागत करेगी। लेकिन कोरी बयानबाजी से कांग्रेस अध्यक्ष को बचना चाहिए।दृ अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष

छह माह में वाईफाई हो जाएगा जसपुर, शहर को दो जोन में बांटकर लगेंगे टॉवर
  • प्रदेश का पहला वाईफाई शहर होगा , विधायक शैलेंद्र की पहल पर काम शुरू

देहरादून, 9 मई (निस)। जसपुर नगर को वाईफाई से जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। टीम ने दो स्थानों का सर्वे कर छह माह में में वाई फाई सिस्टम लागू करने की बात कहीं है। इस काम के लिए डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल अपनी विधायक निधि से पैसा दे रहे हैं। दूरसंचार निगम की टीम ने जसपुर को दो जोन में बांटकर वाईफाई सिस्टम से जोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। डिवीजनल इंजीनियर राजीव चैहान ने बताया कि टीम ने सर्वे कर दो स्थानों का चयन किया है। उन्होंने बताया कि वाईफाई के लिए मोहल्ला भूपसिंह स्थित अखिलेश एवं नत्थासिंह में टॉवर लगाए जाएंगे। यह टावर पूरे नगर को कवर करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी सेटअप लगाने की तैयारी चल रही है। तकरीबन छह माह के भीतर नागरिकों को वाई फाई सेवा मुहैय्या करा दी जाएगी। गौरतलब है कि विधायक डा. शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने दो माह पहले नगर को वाई फाई सिस्टम से जोड़ने की बात कहीं थी। इसके लिए विधायक निधि से पूरा खर्च किया जाएगा। जसपुर वाईफाई से जुड़नेवाला प्रदेश का पहला नगर होगा। 

अवैध खनन से निकली रेता-बजरी अब तक नहीं जब्त, महिला अफसर कल्याणी पर हमले वाली रात निकाली हजारों टन रेता-बजरी
  • बाजपुर के ही एक स्टोन क्रशर पर ही बेचे जाने की सूचना, मुख्य आरोपी ने इसी क्रशर पर डालने का दिया था हुक्म
  • पुलिस ने इस माल को अब तक नहीं बनाया जांच का अंग

देहरादून, 9 मई (निस)। भारतीय वन सेवा की अधिकारी कल्याणी पर हमने वाली रात बाजपुर में जमकर अवैध खनन किया गया। बताया जा रहा है कि एक कांग्रेसी नेता ने खुद ही खड़े होकर अवैध खनन कराया और बाजपुर के पास ही एक स्टोन क्रशर पर अपने नाम से ही जमा करने का फरमान सुनाया था। इसी रात एक महिला आईएफएस हमले के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन अवैध खनन से निकाली गए रेता-बजरी को अब तक जब्त नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि सियासी दबाव में पुलिस ऐसा करने से कतरा रही है। 29 अप्रैल की रात जिला पंचायत सदस्य के इशारे पर पूरी रात नदियों का सीना चीर कर हजारों टन रेता-बजरी का खनन किया गया था। अवैध खनन रोकने आई महिला आईएफएस कल्याणी पर हमला करके उसे लगभग बंधक बनाने की स्थिति में रखा गया। बताया जा रहा है कि खनन कार्य के लिए पांच-छह जेसीबी और 50 से अधिक डंपरों को लगाया गया था। उस रोज अवैध खनन के निकली रेता और बजरी को बाजपुर के पास ही एक गांव में लगे स्टोन क्रशर पर उतारा गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह हजारों टन माल जिपं सदस्य के नाम ही जमा करवाया गया है। इस मामले में जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किन्दा समेत 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। देर से ही सही पुलिस ने सियासी रसूख वाले किन्दा को गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन पुलिस की निगाहें उस रात को अवैध खनन से निकले रेता-बजरी पर अब तक नहीं गई है। कानून के जानकारों का कहना है कि नियमानुसार तो इस माल को जब्त करके केस प्रापर्टी के तौर पर रखना चाहिए। अब पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है, यह बात आला अफसरों के लिए जांच और एक्शन का विषय हो सकती है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के रुख को भांपते हुए पुलिस ने किन्दा को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन एक अन्य बड़े सियासी नेता की वजह से स्टोन क्रशर से माल जब्त नहीं किया जा रहा है।

करोड़ों का मिल सकता है राजस्व
सूत्रों का कहना है कि अगर स्टोर क्रशर पर छापा मारा जाए तो अवैध खनन के रेता-बजरी के स्टाक से सरकार को कई करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर एक सौ ट्रकों और डंपरों से रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक माल ढोया गया है तो कितना माल स्टोर क्रशर पर डंप किया गया होगा। इसके बाद भी सरकारी सिस्टम इस दिशा में कोई काम करता नहीं दिख रहा है। शायद ऐसा करके स्टोन क्रशर स्वामी को कागजों में माल अपना दिखाने का मौका दिया जा रहा है।

एक और नेता आए मैदान में
बाजपुर स्थित सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एक सियासी नेता की छवि पर दाग लगने के बाद उनके विरोधी गुट के दूसरे नेता मैदान में आ गए हैं। इसी नेता के इशारे पर बंजारी गेट ने निकासी बंद कर दी गई है। अवैध खनन को लेकर ये नेता जी पहले भी खासी चर्चा में रह चुके हैं। एक मामले में तो मुख्यमंत्री के स्तर से इन्हें फटकार भी लग चुकी है। शायद यही वजह है कि ये वजनदार नेता जी अब बाजपुर के खनन पर अपना कब्जा करना चाहते हैं।

हुजूर ! इस मुनि व्यास की तपस्थली व्यासघाट की भी ले लो सुध, पर्यटन की असीम संभावानाओं के बाद उपेक्षित 
  • -गंगा का मुख्य घाट होने के बाद भी नहीं किसी का ध्यान, काली कमली की धर्मशाला भी धराशाही होने की स्थिति में

देहरादून, 9 मई (निस)। अलकनंदा और भागीरथी के संगल स्थल देवप्रयाग से मात्र 14 किमी दूर गंगा तट पर स्थित व्यासघाट बदहाली के दौर से गुजर रहा है। मुनिव्यास की तपस्थली रहे इस ऐतिहासिक स्थान को न तो तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जा सका है और न ही यहां पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने का कार्य किया जा सका है। एक जमाने में बद्रीनाथ के पैदल रास्ते पर स्थित इस स्थान पर बनाई गई काली कमली की धर्मशाला भी वक्त के थपेड़ों की मार झेलते झेलते धराशाही होने की कगार पर पहुंच चुकी है। पौड़ी जनपद के कोट विकासखंड में गंगा नदी के किनारे स्थित व्यासघाट का नामकरण इस स्थान पर मुनि व्यास द्वारा तप किए जाने के कारण ही प्रचलित हुआ था। एक जमाने में जब बद्रीनाथ और केदारनाथ के लिए श्रद्धालु पैदल ही यात्रा पर निकलते थे तो उस यात्रापथ का यह महत्वपूर्ण पड़ाव था। यहां जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी काली कमली की धर्मशाला इस बात का प्रमाण है कि इस मार्ग से किसी जमाने में तीर्थयात्री गुजरा करते थे। इस स्थान पर ही गैर ग्लेशिरीय उत्तरवाहिनी नारदगंगा अथवा नयार नदी भी गंगा में विलीन होती है। ऐसे में इस स्थान का धार्मिक महत्व भी किसी अन्य स्थान से कमतर नहीं है। वहीं इस स्थान से ठीक उपर करीब दो किमी पर प्रशिद्ध श्री डांडानागराजा का मंदिर भी स्थित है। लेकिन इतनी धार्मिक मान्यताएं समाहित करने के बावजूद अभी तक इस स्थान को धार्मिक पर्यटन के नक्शे में जगह नहीं मिल पाई है। बुजुर्गों का कहना है कि जब तक ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग का निर्माण नहीं हुआ था तब तक यहां खूब रौनक रहा करती थी। लेकिन राजमार्ग के निर्माण के बाद यह स्थान गुमानामी के अंधेरों में खो गया। धार्मिक पर्यटन के साथ ही इस स्थान पर पर्यटन व साहसिक पर्यटन की असीम संभावनाएं भी हैं। गौरतलब है कि देवप्रयाग-व्यासघाट-सतपुली मोटरमार्ग के निर्माण के बाद यह मार्ग ऋषिकेश-बद्रीनाथ व पौड़ी-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने का एकमात्र विकल्प बन चुका है। ऐसे में गंगा में एडवेंचर टूरिज्म के लिए आने वाले पर्यटकों को सीधे व्यासघाट होते हुए जिम कार्बेट राष्ट्रीय पार्क तक ले जाया जा सकता है। जिससे अनेक प्रकार की पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होना स्वाभाविक है। यही नहीं गंगा में राफ्टिंग की गतिविधियों का विस्तार कर उसे व्यासघाट से भी संचालित किया जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से व्यासघाट के लिए अभी तक पर्यटन विभाग द्वारा नाममात्र के लिए भी कोई कार्ययोजना भी नहीं बनाई जा सकी है। सबसे अहम यह है कि प्रदेश में प्रचलित पर्यटन स्थलों से इतर नए पड़ावों तक जाने की अभिलाषा रखने वाले पर्यटकों के लिए व्यासघाट जैसे डेस्टिनेशन काफी सुगम व मुफीद साबित हो सकते हैं। यदि पौड़ी जिले का पर्यटन विभाग इस दिशा में पहल करे तो लैंसडाउन आने वाले हजारों पर्यटकों में से अधिकांश को व्यासघाट में गंगा आधारित पर्यटन की ओर भी खींचा जा सकता है। इतना ही नहीं गंगा में रा्िफ्टंग के साथ नयार में कायकिंग के जरिए भी पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है।

चोरियों की रेलमपेल, पर्स लेकर भागता चोर दबोचा, चोरियां छिपा कर लाज बचा रही पटेलनगर पुलिस
  • वैडिंग प्वाईट से कार चुरा कर चंपत हुए वाहन चोर

देहरादून, 9 मई (निस)। महिला का पर्स लेकर भाग रहे एक युवक को आसपास के लोगों ने दबोच लिया। ध्ुनाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस के अनुसार पकड़ा गया युवक झपटमार है और पहले भी इस प्रकार छीना झपटी की घटनाओं को कर चुका है। पटेलनगर क्षेत्रा में इन दिनोें चोरियों एवं झपटमारी की बाढ आ रखी है। अध्किांश मामलों में पटेलनगर पुलिस शिकायतें ही दर्ज नहीं कर रही है और चोरियों की घटनाओं को छिपाने का प्रयास कर रही है, लेकिन पर्स छीनने की एक घटना में पटेलनगर पुलिस ने आम जनता द्वारा आरोपी को दबोचने के बाद तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार मोहिनी विहार निवासी श्रीमती प्रतिभा शाही शनि मंदिर में आ रखी थी। यहीं पर एक युवक ने उनका पर्स छीन लिया और भागने लगा। महिला द्वारा हल्ला मचाए जाने पर आसपास के लोगों ने युवक को घेर लिया और उसकी धुनाई कर डाली। युवक के पास से महिला का छीना हुआ बैग भी बरामद कर लिया गया। सूचना मिलने पर पटेलनगर पुलिस मौके पर पहुंची। युवक ने अपना नाम हल्द्वानी निवासी रोहन बताया। पुलिस रोहन का आपराध्कि रिकार्ड निकाल रही है। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। वहीं पटेलनगर में हो रही ताबड़तोड़ चोरियों को रोकने में पुलिस अब पूरी तरह से लाचार नजर आ रही है। लगातार हो रही इस प्रकार की चोरियों से निपटने के लिए चोरियों का छिपाना शुरू कर दिया है और शिकायतकर्ताओं को आश्वासन देकर थाने से ही वापस भगाया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों से इन चोरियांे की शिकायतें की जाने के बाद पटेलनगर पुलिस ने चोरी के दो मुकदमे दर्ज किए हैं।  उधर देहरादून। वाहन चोरेंा ने विवाह समारोह में आए एक मेहमान की कार चोरी कर ली। नेहरू काॅलोनी पुलिस को दी गयी शिकायत में करनपुर निवासी राकेश कुमार ने बताया कि वह सात मई को सेलीब्रेशन वैडिंग प्वाईंट में विवाह समारोह में आए थे। रात को वापस घर जाते समय उनकी कार पार्किग से गायब हो चुकी थी। आसपास के लोगों से कार के बारे में जानकारी जुटाई गयी लेकिन कार का कुछ पता नहीं लगा। ब

बलात्कार के आरोपों से मुकरी नाबालिग लड़की

देहरादून, 9 मई (निस)। प्रेम जाल में पफंसा कर एक नाबालिग लड़की का बलात्कार करने मामला केातवाली पटेलनगर में दर्ज किया गया है। लड़की की मां ने युवक व उसकी बुआ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि बाद में युवती द्वारा कोर्ट में इस प्रकार की किसी भी घटना के होने से इंकार कर दिया गया है। 
पटेलनगर पुलिस को दी गयी शिकायत में बडोवाला निवासी एक महिला ने बडोवाला निवासी एक युवक पर उसकी पुत्री का बलात्कार करने का आरोप लगाया है। पुलिस को दी गयी शिकायत में महिला ने बताया कि युवक लंबे समय से उसकी नाबालिग पुत्री के पीछे पड़ा हुआ था, जिसके लिए कई बार उसे डांटा भी गया था लेकिन वह लगातार लड़की को परेशान करता आ रहा है। आरोप है कि तीस अप्रैल को युवक लड़की के पास आया और उसे अपने साथ अपनी बुआ के घर डांडीपुर ले गया। यहां उसके साथ युवक ने बलात्कार किया और बाद में उसे वापस घर छोड़ दिया। लड़की के गायब रहने पर उसकी मां ने युवक के खिलाफ पटेलनगर कोतवाली में यह आरोप दर्ज कराए। वहंी बताया जा रहा है कि लड़की ने कोर्ट में इस प्रकार की किसी भी घटना के होने से इंकार कर दिया है और अपनी मां के आरोपों को गलत बताया है। पुलिस के अनुसार अभी लड़की का मेडिकल होना बाकी है।

चोर गिरोहों पर नकेल कसने में छूट रहे पसीने, चोरियां छिपा कर फजीहत बचा रही अब पुलिस

देहरादून, 9 मई (निस)। गर्मियांे का मौसम दस्तक है ताबड़तोड़ चोरियों की घटनाओं का। दून घाटी इस मौसम में चोरियों की घटनाओं से कभी बच नहीं पाई है। अध्किारियों द्वारा चोरियों की घटनाओं को लेकर खासतौर पर दिशा-निर्देश जारी करने के बाद भी लगातार हो रही चोरियों के कारण पुलिस की भी काफी फजीहत हो रही है। साथ ही लूट एवं झपटमारी के मामले भी बढ रहे हैं। सबसे चिंता की बात तो यह है कि बदमाश अब दिनदहाड़े घरांे मंे घुसने लगे हैं। घर के लोगों के काम पर चले जाने के बाद महिलाओं को घरों में अकेला देख लूटपाट करने वाला गिरोह सक्रिय हो रहा है जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। अब तक तो चोरियों की घटनाएं ही परेशान कर रही थीं लेकिन इध्र अब झपटमारी, टप्पेबाजी एवं लूट की वारदातें भी पुलिस व्यवस्थाओं को आईना दिखाने लगी हैं। प्रदेश की राजधानी दून में पुलिस को चोरी की घटनाओं से कभी राहत मिली ही नहीं लेकिन गर्मियांे का मौसम आने के साथ ही सारी भ्रांतियां दूर हो जाती हैं। खासतौर पर इसी मौसम में आपराधिक घटनाओं की ऐसी बाढ़ आती हैै कि उसे संभालना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों दून के लोग और यहां की पुलिस ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रही है। लगातार हो रही घटनाओं के बाद पुलिस भी चोरी चकारी की घटनाओं केा छिपा रही है और जब कुछ बदमाश पकड़े जाते हैं तो शिकायतंे दर्ज कर चंद घंटों में चोरियांे के खुलासे कर अपनी ही पीठ थपथपाने का श्रेय लेना भी नहीं भूलती। वर्तमान दौर में पटेलनगर, नेहरू काॅलोनी एवं डालनवाला में इस प्रकार की आपराधिक वारदातें बढ रही हैं। इस प्रकार की घटनाएं यदि प्रकाश में आती हैं तो सीध्े तौर पर पुलिस के लचर प्रदर्शन और और व्यवस्थाओं को ही जिम्मेदार माना जाता है। अध्किारी चाहे लाख चाक चैबंद व्यवस्थाओं के दावे करते रहें, लाख अपने थानेदारों को आदेश-निर्देश देते रहें लेकिन हालात तो जस के तस ही हैं। अकेले नेहरू काॅलोनी पटेलनगर, विकासनगर सहित दूसरे थाना क्षेत्रों में घरों में घुसकर चोरी की कई वारदातें हो चुकी हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस प्रकार की घटनाओं की भनक तक अड़ोस-पड़ोस के लोगों को नहीं लग पाती, और बदमाश आसानी से अपना काम कर निकल जाते हैं। अक्सर बैठकों में अधिकारी तमाम थाना क्षेत्रों में रात की गश्त पर खास ध्यान देने की बात करते हैं  लेकिन इन आदेशेंा का कोई खस असर दिखाई नहीं पड़ता। अध्किांश थाना क्षेत्रों में हकीकत तो यह है कि रात होने के साथ ही पुलिसवाले भी गायब होते चले जाते हैं। मुख्य मार्गो के अलावा न तो पुलिस की गश्त कहीं नजर आती है और न ही थानेदार ही गश्त करते देखे जाते हैं। हां, दावा जरूर किया जाता है कि रात्री गश्त की जा रही है। चोरी एवं लूटपाट की घटनाओं के बाद भी पुलिस ऐसे स्थानों पर नहंी दिखती जहां पूर्व में इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं। सब कुछ कागजों और थानों के पन्नों मंे ही दर्ज होने तक सीमित है। स्थितियां इस प्रकार की हो चुकी हैं कि पुलिस पर आम जन को अध्कि विश्वास नहीं रह गया है। यूं भी दून पुलिस अब अपराध् रोकने से अधिक जुलूसों एवं वीआईपी ड्यूटी में ही अपनी श्रेष्ठता साबित कर रही है। चोरियों से निपटने की कोई सूरते हाल फिलहाल नजर नहीं आ रही है। तमाम गिरोह अपनी हरकतों से दून वासियों का चैन उड़ाए हुए हैं और जनपद पुलिस निष्क्रिय नजर आ रही है।

कांग्रेस ने मनायी महाराणा प्रताप की जयंती

देहरादून 9 मई (निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मेवाड नरेश महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हेें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि वीरता और दृढ प्रण वाले महाराणा प्रताप को जानी जाने वाली मेवाड की शौर्य भूमि धन्य है। महाराणा प्रताप ने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान देकर इतिहास में अपना नाम अजर-अमर किया है। मेवाड पर विजय प्राप्ति के लिए अकबर ने कई प्रयास किये परन्तु महाराणा प्रताप ने उनकी अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप वीरता के अभिप्रायः थे उन्होंने मुगल साम्राज्य का विरोध किया तथा मुगल सरदार राजा मानसिंह की 80 हजार सेना का अकेले सामना किया था। इस अवसर पर प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी,, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, दीप बोरा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय ंिसंह, संजय किशोर, नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, डाॅ0 आनन्द सुमन सिंह, गोदावरी थापली, आई.टी. प्रकोष्ठ के संयोजक अमरजीत सिंह, सुरेश बाल्मीकि, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सदस्यता सह प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, टीका राम पाण्डे, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, अंजना वालिया, नईम कुरैशी अनुराधा तिवारी, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, सुलेमान अली, रोशनी गोदियाल, बाला शर्मा, सावित्री थापा, अधीर चमोली, टी.सी. भारती, पुष्पा देवी, मालती देवी, विशाल मौर्य, सोमवती, गुरनाम सिंह राठौर, पायल बहल, सत्येन्द्र चैधरी, अलका शर्मा, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।  
विधायक चुफाल कांग्रेस सरकार पर अक्रामक, फर्जी मुकदमों के खिलाफ 12 मई से जन आक्रोश यात्रा 
  • सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डूबाया

देहरादून 9 मई (निस)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल ने आज प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। चुफाल ने कहा कि शिक्षक, डाॅक्टरों की नियुक्ति तथा सड़क निर्माण की मांग कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें दर्ज करने वाली कांग्रेस सरकार को चैन से नहीं रहने दिया जायेगा। सरकार के खिलाफ 12 मई से डीडीहाट विधान सभा क्षेत्र में जन आक्रोश यात्रा निकाली जायेगी। यात्रा के माध्यम से सरकार के लोकतन्त्र के हत्या तथा सवैंधानिक अधिकारों के हनन के चरित्र को आम जनता तक पहुंचाया जायेगा। तिलढुकरी स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये विधायक चुफाल आज कांग्रेस सरकार पर अक्रामक दिखे। चुफाल ने कहा कि 22 दिसम्बर, 2014 को कनालीछीना में शिक्षक, चिकित्सकों की नियुक्ति, मोटर मार्गो का निर्माण, आपदा प्रभावितों की समस्या का समाधान, भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने की मांग को लेकर चक्काजाम किया गया था। कांग्रेस सरकार ने जनता के द्वारा उठायी गयी मांगों का समाधान करने की जगह विधायक चुफाल सहित एक दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्ज कर दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार तीन वर्षो से डीडीहाट विधान सभा के साथ सोतेला व्यवहार कर रही है। विधान सभा में शिक्षकों के पद भारी संख्या में रिक्त है जिस कारण स्कूलों में ताले लटके हुये है। 40 में से मात्र 10 चिकित्सक तैनात है। दस अस्पतालों में ताले लगे है। विधान सभा क्षेत्र के 34 सड़कों के निर्माण का मामला अधर में लटका हुआ है। नाप भूमि का मुआवजा तक नहीं दिया गया है। गोरी और काली नदी के किनारें बसे कस्बों और गांवों की सुरक्षा के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हो पा रहे है। आपदा प्रभावितों को मुआवजा देने में बंदरबाट की गयी है। पात्र आपदा प्रभावित आज भी मुआवजे से वंचित है। झूलाघाट में बाढ़ सुरक्षा का कार्य धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की फेल कांग्रेस सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने पर झूटे मुकदमें में फसाया जा रहा है। 12 मई को कनालीछीना से शुरू होने वाले जन आक्रोश यात्रा तीन दिनों तक डीडीहाट विधान सभा के गांव और कस्बों में जायेगी। यात्रा का समापन 14 मई को झूलाघाट में किया जायेगा। विधायक चुफाल ने कहा कि कांगे्रस की सरकार प्रदेश को कर्ज मंें डुबा रही है। 2012 में कांग्रेस के आने से पहले राज्य के ऊपर 21 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था जो तीन वर्षो में बढ़कर 32 हजार करोड़ रूपये पहंुच गया है। राज्य सरकार जन समस्याओं का समाधान करने की जगह 11 की जगह 35 केबिनेट मंन्त्री बना चुकी है। लाल बत्ती की फौज खड़ी कर आम जनता के टेक्स से जमा होने वाले राजकोष को इस तरह से लुटा रही है। इस राजकोष से शिक्षकों और डाॅक्टरों की नियुक्ति होनी चाहिए थी। विधायक चुफाल ने कहा कि राज्य सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है। अब इस सरकार को सत्ता में रहने पर अधिकार नही ंहै। पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावत, जिला सम्पर्क प्रमुख जगत मर्तोलिया, मनीष महर, गेहराज पाण्डेय, अनिल सिंह रौतेला आदि मौजूद थे।

बलुवाकोट का आर्युवैदिक अस्पताल बीमार, पंचकर्म यूनिट बंद, अस्पताल भवन जर्जर
  • मुख्यमन्त्री की विधान सभा की स्वास्थ्य की तस्वीर , भाजपा ने राज्यपाल से लगाई गुहार

देहरादून 9 मई (निस)। मुख्यमन्त्री की विधान सभा के एक मात्र पंचकर्म यूनिट वाले राजकीय आर्युवैदिक चिकित्सालय बलुवाकोट खुद ही बीमार चल रहा है। आर्युवैदिक अस्पताल का भवन 50 वर्ष बीत जाने के बाद जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। पंचकर्म के यन्त्र जंग खा रहे है। उप चुनाव में मुख्यमन्त्री द्वारा सीमान्त क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का आश्वासन दिया गया था। दस माह बाद भी इस पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है। भाजपा ने प्रदेश के राज्यपाल को पत्र भेजकर पंचकर्म यूनिट को पुनः शुरू करने की मांग उठाई। बलुवाकोट में स्थित आर्युवैदिक चिकित्सालय की स्थापना 1958 में की गयी। अस्पताल भवन का निर्माण 1965 में किया गया। जिले में बलुवाकोट आर्युवैदिक अस्पताल को पंचकर्म यूनिट के रूप में स्थापित किया गया। इस अस्पातल में दो चिकित्सक तैनात होते थे। जिसमें एक एमडी पद का होता था। आज इस अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक तैनात है। पंचकर्म और थैरेपी स्वास्थ्य सुविधा की आज पूरी दुनिया में मांग बढ़ती जा रही है। पंचकर्म यूनिट इस अस्पातल में बनी हुई है। जिसकी मशीनें जंग खा रही है। एमडी चिकित्सक तथा अस्पताल भवन के कक्ष सही स्थिति में नहीं होने के कारण पंचकर्म यूनिट बंद चल रहा है। इस आर्युवैदिक अस्पताल के पास सात नाली ग्यारह मुठ्ठी जमीन सरकारी दस्तावेज में दर्ज है। अतिक्रमण के कारण अब मात्र छः नाली जमीन ही शेष बची है। 50 वर्ष पूर्व बने अस्पातल भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है। मुख्य भवन के पांच कक्ष, चिकित्सक, फार्मसिस्ट, चतुर्थ कर्मी के लिए बने आवास टूट चुके है। वर्तमान में अस्पताल बीएडीपी मद से बनाये गये दो कमरों के भवन में चल रहा है। इस अस्तपाल से भारत ही नहीं नेपाल के रोगी भी आर्युवेद और पंचकर्म की विधि से स्वास्थ्य लाभ पाते थे। आज यह अस्पातल खुद ही बीमार हो चुका हैं। बलुवाकोट क्षेत्र की 15 हजार तथा नेपाल की 10 हजार की आबादी की निर्भता इस अस्पातल से है। मुख्यमन्त्री की विधान सभा में इस अस्पातल का कोई सुधलेवा नहीं है। उपचुनाव के वक्त इस अस्पातल की तस्वीर बदलने के दावे किये गये थे लेकिन एक भी दावा आज तक धरातल में नहीं उतरा। भाजपा के जिला सम्पर्क प्रमुख जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेश के राज्यपाल को पत्र भेजकर इस अस्पातल की स्थिति में सुधार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आर्युवेद के साथ इस स्थान पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण भी किया जाय। पंचकर्म यूनिट को पुनः चालू किया जाय। मर्तोलिया ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमन्त्री को अपनी विधान सभा की स्वास्थ्य समस्या से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। मुख्यमन्त्री केवल हैलीकाप्टर में घूमने की राजनीति कर रहे है। जनता का धन हैली में लुटाया जा रहा है, और जनता के लिए दवा और डाॅक्टर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। 

म्ंात्री के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा में घूमने जाने पर भाजपा को आपत्ति मांगा इस्तीफा

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देहरादून 9 मई (निस)। उत्तराखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट ने शनिवार को एक शिष्टमण्डल का नेतृत्व करते हुए राजभवन पहुँचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उत्तराखण्ड सरकार के मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल द्वारा औपचारिक अनुमति के बिना सात मई को अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पार कर नेपाल भ्रमण किए जाने पर आपत्ति करते हुए मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की गई है। शिष्टमंडल में शामिल भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने राज्यपाल को एक और ज्ञापन सौंपा जिसमें उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी वि.वि भरसार, पौड़ी में कुलसचिव(रजिस्ट्रार)  के पद पर की गई नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताते हुए नियुक्ति को निरस्त करने की माँग की गई है।     

हिमाचल की विस्तृत खबर (09 मई)

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मुख्यमंत्री ने तीन वित्तीय योजनाओं का किया शुभारम्भ

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शिमला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना व अटल पैंशन योजना का शुभारम्भ किया, जिनका शुभारम्भ आज  राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कलकत्ता से देश के 115 शहरों के लिए किया गया।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी.नड्डा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजनाएं वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को प्रभावी ढंग से पूरा में सहायक होंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष आरम्भ की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना का प्रभावी कार्यान्वयन कर वित्तीय समावेशन के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में योजना के अन्तर्गत 8.50 लाख नए बैंक खाते खोले गए और यह सुनिश्चित बनाया गया कि प्रत्येक घर से कम से कम एक बैंक खाता अवश्य हो। श्री वीरभद्र सिह ने कहा कि पूर्व में ग्रामीण क्षेत्रों में कोई बैंक नहीं थे और अधिकतम वित्तीय संस्थान व बैंक औद्योगिक घरानों द्वारा संचालित थे। उन्होंने कहा कि स्व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के प्रयासों से बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ और आज हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंक सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है, जब भारत ने स्वतंत्रता हासिल की और हिमाचल का गठन कांग्रेस के महान नेताओं पंडित ज्वाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल व स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के प्रयासों की बदौलत हुआ और उसके उपरान्त भारत में विकास को गति मिली और आज देश के 115 शहरों में लोगों के वित्तीय समावेशन से इन महत्वकांक्षी वित्तीय योजनाएं से देश की आर्थिकी को और बढ़ावा मिलेगा। हिमाचल प्रदेश भी उन राज्यों में से एक है, जहां आज इन महत्वकांक्षी योजनाओं का शुभारम्भ किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों को बीमा सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त उन्हें पैंशन भी प्रदान की जाएगी ताकि वे सम्मानपूर्व जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की एक अन्य योजना भारत सरकार द्वारा स्वावलम्बन योजना के नाम से वर्ष 2010 में आरम्भ की गई थी। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वित्त के बजट के दौरान इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी, ताकि योजना के अन्र्तगत मनरेगा, कृषि और बागवानी, दुकानों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं व असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि आंगनबाडी व मिड-डे-मील कार्यकर्ता भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन कामगारों के खातों में आगामी तीन वर्षों में 1000 रुपये प्रतिवर्ष का अंशदान करेगी, जिन्होंने इस योजना के अन्तर्गत वर्ष में कम से कम 1000 रुपये का अंशदान किया है।  श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में बैंकों का सुदृढ़ नेटवर्क है और 80 प्रतिशत बैंक शाखाएं ग्रामीण व दूर-दराज क्षेत्रों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों द्वारा विभिन्न बैंकों में 1.40 करोड़ खाते खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर वित्तीय साक्षरता को सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग वित्तीय व बैंक सेवाओं का लाभ उठा सके। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे विभिन्न वित्तीय सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आगे आएं। उन्होंने विभिन्न विभागों व संस्थानों से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं का प्रभावी कार्यन्वयन सुनिश्चित बनाएं ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आर्थिक प्रगति एक सतत प्रक्रिया है। कई बार विपणन नीतियों व आंतरिक कारणों से अर्थ-व्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता रहता है, परन्तु हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि भारतीय आर्थिकी इस प्रकार के उतार-चढ़ाव सहन करने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि जनवरी तक देश में 14.5 करोड़ खाता धारक थे। उन्होंने कहा कि बैंकों की रणनीति के कारण आज लक्ष्यों को गति मिली है और अब असंगठित क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेश 8.64 करोड़ रुपये है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 5.84 करोड़ रुपये है। उन्होंने आर्थिक क्रांति लाने की आवश्कता पर बल देते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें लोगों को प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना है।श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के तहत एक रुपये प्रमिमाह का प्रीमियम अदा कर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लोगों में आर्थिक स्वतंत्रता आएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के अन्तर्गत प्रति वर्ष 330 रुपये का प्रीमियम पर प्राकृतिक मृत्यु होने पर दो लाख रुपये के बीमा का प्रावधान है। बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर बीमा राशि उनके आश्रितों को प्रदान की जाएगी।मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर लाभार्थियों को पासबुक तथा आवश्यक प्रमाण पत्र भी वितरित किए।यूको बैंक के कार्यकारी निदेशक श्री चरण सिंह ने मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि बीमा योजना के अन्तर्गत अब तक 6.85 लाख लोग इस योजना से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यूको बैंक ने इसके लिए आज से ऑनलाईन पंजीकरण सुविधा आरम्भ कर दी है। सांसद श्री विरेन्द्र कश्यप, विधायक श्री सुरेश भारद्धाज तथा श्री अनिरूद्ध सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री हर्ष महाजन, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री आई.एस.नेगी, मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, यूको बैंक के डी.जी.एम. श्री ए.के.सिन्हा तथा यूको बैंक के महाप्रबन्धक श्री वी.के. श्रीवास्तव भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्यान्वित की जा रही अनेक योजनाएं

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शिमला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)। परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री जी.एस. बाली ने आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित कौशल विकास पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेते हुए कहा कि हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास करने तथा तकनीकी शिक्षा को व्यापक बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस कार्यशाला की अध्यक्षता कौशल विकास एवं उद्यम राज्य मंत्री श्री राजीव प्रताप रूडी ने की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को प्रदेश में एक मिशन के तहत चलाया जा रहा है और शीघ्र ही तकनीकी शिक्षा विभाग नए पाठ्यक्रम आरम्भ करेगा। श्री बाली ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में 234 आई.टी.आई. कार्यरत हैं, जिनमें 36 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में 98 सरकारी क्षेत्र में तथा 136 निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों के दौरान ही प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में ही 13 नए आई.टी.आई. खोले गए तथा आज प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सरकारी क्षेत्र में कम से कम एक आई.टी.आई. कार्यरत है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भविष्य में प्रदेश में 10 नए स्टेट ऑफ आर्ट आई.टी.आई. खोले जाएंगे, जिनमें आधुनिक पाठ्क्रम व सुविधाएं सुनिश्चित बनाई जाएगी।प्रदेश के लम्बित मामलों पर उल्लेख करते हुए श्री बाली ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि शिमला के समीप महिलाओं के लिए जो क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान खोला जा रहा है, उसकी भूमि संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई हैं तथा उन्होंने इसे केन्द्र से शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कांगड़ा जिले में खोले जा रहे एडवांस प्रशिक्षण संस्थान को शीघ्र खोलने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया।इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी, निदेशक तकनीकी शिक्षा श्री राजेश्वर गोयल, उप-निदेशक तकनीकी शिक्षा श्री दिवेन्द्र राणा तथा उद्योग एवं श्रम एवं रोजगार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री का राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण पर बल

शिमला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है कि वही सभ्यताएं जीवित रहती हैं, जिन्होंने अपनी परम्पराओं व रीति-रिवाजों का संरक्षण व सम्मान किया है। मुख्यमंत्री आज यहां ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में लला मेमे फांउडेशन लाहौल-स्पीति द्वारा आयोजित संास्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक साहित्य व लोक नाटक हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं, जो क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को परिलक्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि इन पर अनुसंधान करने व इनके ज्ञाता लोगों से सीख कर पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की समृ्द्ध संस्कृति व रीति-रिवाजों को तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदेश्य के दृष्टिगत संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि हम आधुनिक बदलाव के साथ चलें, परन्तु साथ ही हमारा यह दायित्व भी बनता है कि हमें अपनी समृद्ध रीति-रिवाज भावी पीढिय़ों के लिए संरक्षित करें।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वादकों व गायकों को भी सम्मानित किया और लला मेमे फांउडेशन को इस विशेष पहल के लिए बधाई दी।श्री वीरभद्र सिंह ने फांउडेशन को इस तरह की गतिविधियां संचालित करने के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।प्रो. चन्द्र मोहन परशेरा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को लाहौल-स्पीति की प्राचीन परम्पराओं के बारे जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का विषय ‘टर्निंग द बिल्ज ऑफ द म्यूजिकल लगेसी’ भी इसकी बानगी है। फांउडेशन के अध्यक्ष श्री मंगल चन्द मनेपा ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

दलाई लामा ने किया हिमाचल अभी.अभी को लांच

धर्मशाला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)।  श्री बालाजी मीडिया इनोवेशन्स प्राइवेट लिमिटेड की मल्टी मीडिया कंपनी की बहुप्रतीक्षित एप हिमाचल अभी.अभी और वेबसाइट ूूूआज शनिवार को सुबह 10 बजे आगाज हो गया। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने एक समारोह में हिमाचल अभी.अभी की यह एप लांच की और कार्यालय का उद्घाटन किया। वहीं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने हिमाचल अभी.अभी की वेबसाइट का शुभारंभ किया।  जाने माने पत्रकार अनल पत्रवाल  के प्रयासों से इसे मूर्तरूप दिया गया है।  हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के कांगड़ा नगर में श्री बालाजी अस्पताल परिसर में आयोजित एक समारोह में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुध जनों के अलावा राजनीति व पत्रकारिता जगत से जुड़ी हस्तियों ने भी शिरकत की। सूचना व क्रांति के इस दौर में मोबाइल हमारी आवश्यक जरूरतों में शुमार हो गया है और बड़े वर्ग तक पहुंचने का यह एक बेहतर माध्यम भी है। एप के लॉन्च होने के साथ ही एक क्लिक के माध्यम से प्रदेश व देश में होने वाली घटनाओं की जानकारी तुरंत लोगों को मिल जाए। इसी को देखते हुए हिमाचल अभी.अभी एक एप के माध्यम से देश व प्रदेश में होने वाली घटनाओं का बयौरा सबसे पहले लोगों तक पहुंचेगा। हिमाचल अभी.अभी की एप ऑनलाइन गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते हैं और वेबसाइट पर जाकर भी। एप पर ताजा समाचारों के बुलेटिनों के अलावा वीडियो के माध्यम से भी दिन भर 24 घंटे ताजा.तरीन समाचार लोगों को एक क्लिक पर उपलब्ध रहेंगे। प्रदेश व देश में घटने वाले किसी भी घटनाक्रम की जानकारीए जहां लोगों को बहुत देर बाद या फिर अगले दिन मिलती थी वहीं इस ऐप के जरिए समाचारों की सूचना कुछ ही पलों में लोगों तक पहुंचेगी। एक ओर जहां एप पर संक्षिप्त समाचार रहेंगे वहीं वेबसाइट पर यही समाचार विस्तृत रुप से देख सकते हैं। एप पर पहला बुलेटिन सुबह अभी.अभी नौ बजे प्रसारित होगाए 2 बजे दोपहर अभी.अभी तथा सायं साढ़े 9 बजे दिन भर बुलेटिन रहेगा। अंग्रेजी का बुलेटिन सांय 7ण्30 बजे प्रसारित होगा। इसके अलावा तुरंत घटित होने वाले समाचार अभी.अभी अलर्ट या ब्रेकिंग न्यूज के द्वारा लोगों तक पहुंचेगे। समाचारों की दुनिया से इतर कार्टून व मनोरंजन जगत से जुड़े समाचार व क्लिपिंग भी एप पर रहेंगी। वेबवाइट पर देश.प्रदेश के राजनीतिए कर्मचारीए बागवानीए नई तकनीकए काराबोर जगतए धर्म.संस्कृतिए साहित्यए करियरए लाइफस्टाइलए मनोरंजन से जुड़े समाचार उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही युवाओं के लिए रोजगार सूचनाएंए प्रॉपर्टी और मैट्रिमोनियल की जानकारी भी रहेगी।  समाचारों की दुनिया की बात करें तो पिछले कुछ समय में इस क्षेत्र में कई नए प्रयोग हुए हैं। हमारे आसपास दिन भर बहुत सी घटनाएं घटित होती हैंए इनमें से कुछ की जानकारी हमें उसी समय मिल जाती है तो कुछ का पता देर बाद चलता है। जमाना अभी.अभी का है तो आज के समाचारों के लिए कल तक का इंतजार क्यों करें।

दलाई लामा की अगले जन्म में महिला बनने की इच्छा

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धर्मशाला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)।  तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा है कि मैं अगले जन्म में महिला बनना चाहता हूं।  उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी की प्रस्तावित चीन यात्रा पर कहा कि अगर भारत व चीन के बीच रिश्ते मधुर होते हैं तो इसका कई देशों में सकारात्मक प्रभाव रहेगा। इनमें तिब्बत भी एक हैं।  हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा  नगर में शनिवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दलाईलामा कहा, आज दुनिया में धर्म के नाम पर झगड़े हो रहे हैं लेकिन ऐसे लोग धर्म का मूल उद्देश्य नहीं समझ पाए हैं। सभी धर्मो का केवल एक ही उद्देश्य है प्रेम, मैत्री व करुणा। अगर सभी इसे अपना लें व समझ लें तो दुनिया में शांति कायम हो सकती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज कई आपदाएं मानव निर्मित हैं, जिनसे नुकसान हो रहा है। पर्यावरण के प्रति मानव अभी कुछ जागरूक हुआ है लेकिन इस दिशा में और आगे बढऩे की जरूरत है। दलाईलामा ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मीडिया की अहम भूमिका है व मीडिया को भी इस महत्व को समझना होगा ताकि और बेहतर कार्य हो सकें। महात्मा गांधी के अङ्क्षहसा के सिद्धांत को सभी को अपनाना चाहिए।

अर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए लाभदायक सिद्व होगी नई योजनाएं: रासू

धर्मशाला, 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)। गरीबों के उत्थान के लिए सरकार सदैव नई-नई योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रयासरत रहती है ताकि समाज के सभी वर्ग स मान रूप से योजनाओं का लाभ उठा कर सुखी, स्वस्थ और आदर्श जीवन व्यतीत कर सके। यह उद्गार उपायुक्त कांगड़ा सी. पॉलरासू ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति हिमाचल प्रदेश के संयोजक, यूको बैंक द्वारा धर्मशाला के जिला परिषद हॉल में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना व अटल पैंशन योजना के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मु यातिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब लोगों के हित में अत्यंत लाभकारी सिद्व होगी। इसलिए अधिक से अधिक लोगों को इन योजनाओं से जुडऩा चाहिए ताकि गरीबी से जूझ रहे लोगों को जिन्दगी की परेशानी से कुछ राहत मिले। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में समस्त अधिकारियों का दायित्व बन जाता है कि वह सरकारी योजनाओं को तत्परता से प्रचारित करके गरीब व जरूरंतमद लोगों तक इसका लाभ पहुंचायें।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को प्रचारित करने के लिए व सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन हर स भव सहयोग देगा। यूको बैंक के सहायक महाप्रबंधक एसके बासा, अंचल प्रमुख, धर्मशाला अंचल ने मु यातिथि का स्वागत करते हुये उपस्थित जन समूह में जागरूकता लाने के लिए इन योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये तीनों योजनाएं समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्व होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति जो 18 से 50 वर्ष की आयु के बीच है मात्र 330/- रूपये वार्षिक प्रीमियम दे कर दो लाख रूपये के बीमे का हकदार बन सकता है, और दूसरी योजना, जोकि प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना के नाम से है, में 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच मात्र 12 रूपये वार्षिक प्रीमियम देकर दो लाख के दुर्घटना बीमे का कवर मिलेगा। जबकि दुर्घटना के दौरान विकलांगता की स्थिति में एक लाख रूपये का कवर मिलेगा। अगर दुर्घटना में व्यक्ति की दोनों आंखों की ज्योति चली जाती है, या फिर उसके हाथ और पैर बेकार हो जाते है तो भी दो लाख रूपये का कवर बीमाधारक को मिलेगा। अटल पैंशन योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु तक भागीदारी की जा सकती है। पैंशन की राशि कम से कम एक हजार ओर अधिक से अधिक पांच हजार तक होगी जो व्यक्ति विशेष द्वारा योगदान पर निर्भर करेगी।उन्होंने जानकारी देते हुये बताया कि जिला में इस समय इन योजनाओं के अन्तर्गत 50 हजार लोगों को शामिल किया जा चुका है। कार्यक्रम के आरंभ में मु यातिथि द्वारा दीप प्रवज्वलित किया गया तद्उपरांत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना व अटल पैंशन योजना के कलकता के शुभारंभ समारोह का सीधा प्रसारण प्रसारित किया गया। व प्रधानमंत्री केे भाषण के अंश भी प्रदर्शित किये गये। डिप्टी जोनल हैड यूको बैंक भानु मजूमदार ने मु यातिथि व अन्य आये हुये अतिथियों का धन्यवाद किया।    इस अवसर पर मु यातिथि सी. पॉलरासू द्वारा विभिन्न बैंकों के माध्यम से इन योजनाओं को अपनाने वाले बीमा धारकों को बीमे के प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये। इस समारोह में यूको बैंक प्रबंधक धर्मशाला केन्द्रीय तिब्तियन  सैकट्रीयेट ब्रॉच धर्मशाला, भगसूनाग, दाड़ी, गगल, मलां, वीरता, शाहपुर यूको बैंक क्षेत्रीय अधिकारी राजेश कुमार, वाईपी अवस्थी, वीएस ठाकुर, पंकज शर्मा, एसके सैहगल, वीएस साहोतरा, प्रबंधक श्रीमती स्नेह शर्मा के अतिरिक्त विभिन्न बैंकों के प्रबंधक, अधिकारी व कर्मचारियों के अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व स्थानीय बुद्विजीवी विशेष रूप से इस समारोह में उपस्थित थे।

डीसी कार्यालय में शीघ्र ही ई-फाइल प्रबन्धन प्रणाली व ई-फाइल वीडिंग शुरू होगी: अभिषेक जैन

ऊना , 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)।  उपायुक्त कार्यालय ऊना में शीघ्र ही ई-फाइल प्रबन्धन प्रणाली व ई-फाइल वीडिंग प्रणाली शुरू की जा रही है, जिसके माध्यम से कार्यालय में उपयोगी व वर्तमान रिकॉर्ड को ऑनलाइन सुरक्षित रखा जा सके तथा अनुपयोगी रिकॉर्ड को नष्ट किया जा सके। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना अभिषेक जैन ने बताया कि वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रशासनिक कार्य प्रणाली में पारदर्शिता, कार्य कुशलता व गतिशीलता लाने के लिए सरकारी कामकाज को कप्यूटराइज करके ऑनलाइन किया जा रहा है। इस प्रणाली के माध्यम से जहां एक ओर कार्य को अविलब निपटाने में सहायता मिलेगी वहीं दूसरी ओर आग्जनी व अन्य किसी प्राकृतिक कारण से रिकॉर्ड के नष्ट होने की आशंका के चलते रिकॉर्ड की एक अतिरिक्त प्रति लंबे समय तक सुरक्षित उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा कर्मचारी के अवकाश पर होने की स्थिति में भी अन्य कर्मचारी आसानी से फाइल ढंूढकर कार्य को त्वरित निपटा सकेंगे। जबकि ई-फाइल वीडिंग प्रणाली के माध्यम से कार्यालय के अनुपयोगी रिकॉर्ड को शीघ्र नष्ट किया जा सकेगा। उपायुक्त ने बताया कि कार्यालय के संबन्धित अधिकारियों को रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने के निर्देश दे दिये गये हैं। 

राजस्व रिकॉर्ड भी डिजीटलाइज्ड़ होगा
अभिषेक जैन ने बताया कि राष्ट्रीय भू अभिलेख कार्यक्रम के तहत जिला के राजस्व रिकॉर्ड को स्कैनिंग करके सॉट कापी के रूप में रखा जाएगा, जिस पर 20 लाख रूपये की राशि व्यय की जा रही है। उपायुक्त ने बताया कि इस संबन्ध में एनआईसी के अधिकारियों के साथ बैठक करके रूपरेखा तैयार कर ली गई है। कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में डीसी कार्यालय ऊना तथा तहसील कार्यालय हरोली के राजस्व रिकॉर्ड को डिजीटलाइज्ड़ किया जा रहा है और शीघ्र ही जिला के सभी कार्यालयों के रिकॉर्ड को डिजीटल कापी के रूप में ऑनलाइन किया जाएगा। इसके अलावा अगले चरण में कोर्ट ऑर्डर व जजमेंट की प्रतियां भी डिजीटज्ड़ की जाएंगी। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत लोगों को अक्स व मुसाबी इत्यादि महत्वपूर्ण राजस्व दस्तावेज तुरन्त हासिल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि कागजी दस्तावेज़ों को मौसम, नमी व रखरखाव के दौरान ज्यादा समय तक सुरक्षित रखना संभव नहीं है और कंप्यूटर में सॉट कापी के रूप में दस्तावेज़ अधिक समय तक सुरक्षित भी रहेंगे और लोगों को भी इन्हें तुरन्त उपलब्ध करवाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड इस तरह से डिजीटलाइज्ड़ किया जा रहा है कि इसे नाम, गांव व खसरा न. इत्यादि से भी सर्च किया जा सकेगा।

साडा के तहत बनेंगी खूबसूरत वर्षा शालिकाएं
उपायुक्त अभिषेक जैन ने बताया कि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के तहत से ऊना व चिंतपुर्णी में खूबसूरत वर्षा शालिकाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में साडा के तहत ऊना व चिंतपुर्णी ही क्षेत्र शामिल है। 

हरोली हलका शिक्षा हब की ओर अग्रसर-मुकेश अग्रिहोत्री
  • इंडस विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोले उद्योग मंत्री

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ऊना, , 09 मई  (विजयेन्दर शर्मा)।  उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के विस्तार के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकार ने पिछले दो वर्षों के दौरान प्रदेश भर में दो दर्जन से अधिक कॉलेज ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में स्थापित किए हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी बच्चा शिक्षा से महरूम न रहे। यह विचार उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने आज इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी बाथू के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए व्यक्त किए। उद्योग मन्त्री ने कहा कि आज शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ गुणवत्ता की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि युवाओं को आज के दौर की बेहतर शिक्षा सुनिश्चित हो सके। उद्योग मन्त्री ने कहा कि उन्होंने हरोली हल्के को एक शिक्षा हब के तौर विकसित करने के लिए प्रयास जारी है। उन्होने कहा कि हरोली हलके के लिए एक खवाब देखा था कि हरोली हल्के के गांव गांव में वकील, डाक्टर इंजीनियर बनाऐंगे और आज वह इस सत्यतता की तरफ बढ चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज हरोली हल्के में बाथू में विश्व विद्यालय, बढेरा में लॉ कॉलेज खूल चुका है जबकि सलोह में टिपल आईटी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरोली हल्के में मैडिकल कॉलेज की स्थापना के प्रयास किये जा रहे हंैं। इसके अतिरिक्त हल्के के कई संस्थानों में तकनीकि शिक्षा की पढ़ाई भी मुहैया करवाई जा रही है। 

राजनैतिक इच्छा शक्ति है कि एजुकेशन हब बना कर रहेंगे 
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि हरोली हल्के के ग्रामीण क्षेत्रों को शिक्षा हब के तौर पर विकसित करने के लिए पूरी राजनैतिक इच्छा शक्ति के साथ प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले इस हल्के की लडकियां दसवीं के बाद शिक्षा हासिल नहीं कर पाती थीं परन्तु आज हल्के के बीटन मेें खोले गए कॉलेज में 75 प्रतिशत शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। हलके में सीनियर सकैंडरी स्कूलों की संखया 5 से बढकर 32 हो गइ है। इसके अतिरिक्त बढेरा में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की गई है। 

ग्रामीण क्षेत्रों को नई सोच के साथ विकसित किया जा रहा है
उद्योग मन्त्री ने कहा कि हरोली हल्के ग्रामीण क्षेत्रों को नई सोच के साथ विकसित किया जा रहा है। हल्के के प्राचीन तालाबों का जीर्णाेदार कर इन्हें खुबसूरत ही नहीं बनाया जा रहा है बल्कि पिकनीक स्पॉट के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है। हल्के में पन्द्रह-पन्द्रह लाख रूपये की लागत से खूबसूरत मसूरी शैली के रेन शैल्टरों का निर्माण किया जा रहा है। हल्के के घालुबाल में चण्डीगढ की तर्ज पर खूबसूरत चौक का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाथू में कॉमन फैसलिटी सैंटर, लेबर हॉस्टल का निर्माण भी किया जा रहा है। हल्के में पेयजल की समस्या को हल करने के लिए बीत एरिया में 42 करोड़ रुपये की लागत से योजना का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 

इण्डस विवि कोर्सज को इण्डट्री के साथ जोड़े
उद्योग मन्त्री ने कहा कि इण्डस विवि अपने यहां चलाए जा रहे कोर्सज को रोजगार के साथ जोडऩे का प्रयास करे ताकि शिक्षा ग्रहण करने के बाद छात्रों को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने विवि के व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी बल दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए आकर्शित किया जा सके। 
सलोह मं ट्रिपल आईटी के लिए 60 एकड़ जमीन दी उद्योग मन्त्री ने कहा कि हल्के के सलोह में प्रतिष्ठित ट्रिपल आईटी की स्थापना के लिए 60 एकड़ जमीन भारत सरकार के नाम कर दी है तथा इस संबंध में अन्य सभी औपचारिकताओं को भी पूरा कर लिया गया है। उन्होंने खुशी जाहिर की कि ट्रिपल आईटी का पहला बैच एनआईटी हमीरपुर में बैठ गया  है।  उद्योग मंत्री ने समारोह में विश्वविद्यालय के बीबीए, बीसीए, एमबीए, एमफिल एवं बीटैक के 362 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल व डिग्री देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम मेें एनआईटी हमीरपुर के निदेशक डॉ0 रजनीश श्रीवास्तव, इंडस विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर कारथा, विवि के कुलपति डॉ रमन झा, जॉन केवील  विशेष तौर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपायुक्त ऊना अभिषेक जैन, एसडीएम हरोली धनवीर ठाकुर , हरोली ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, अशोक ठाकुर, पवन ठाकुर, विरेन्द्र मनकोटिया, राकेश दत्ता, सुभाष चन्द, धर्म सिंह, सुरेखा राणा, नच्छतर सिंह,  सतीश बिटटु सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (09 मई)

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मच्छर के प्रकोप से आमजन त्रस्त, फौगिंग मशीन बनी शोभा की वस्तु 

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज नगर परिषद् क्षेत्र में मच्छरांे का प्रकोप इतना बढ गया है कि लोगों का दफ्तर कौन कहे घरों में बैठना दूभर हो गया है। पूर्व सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के सांसद निधि से नप को मुहैया कराया गया फौगिंग मशीन नकारा साबित हो रहा है। अब एक जनप्रतिनिधि ने जो नगर पार्षद भी है ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि नगर परिषद् यह बताए कि फौगिंग मशीन से मच्छर रोधी दवा का छिड़काव कितनी बार व कहाँ-कहाँ किया गया हैै। शहर के अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएँ, व्यवसाई से लेकर आमजन मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से त्रस्त है किन्तु शासन, प्रशासन व नगर परिषद् का ध्यान इस ओर कभी नहीं गया। क्षेत्रीय सांसद व विधायक काफी कर्मठ है किन्तु जनहित में मच्छरांे के प्रकोप से बचाव के लिए कभी कोई दिशा निर्देश नगर परिषद् को नहीं दिया ताकि आमजन राहत महसूस कर सके। 

रोमांचक मैच में बिनवलिया को रामनगर नेपाली टोला ने 10 रन से किया पराजित
  • आलोक वर्मा टेनिस बाॅल 20-20 क्रिकेट प्रतियोगिता 

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नगर परिषद् के उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में पहली बार खेले जा रहे डे-नाईट 20-20 आलोक वर्मा टेनिस बाॅल क्रिकेट प्रतियोगिता में खेलते हुए नेपाली टोला रामनगर की टीम ने निर्धारित 15 ओवर में 4 विकेट खोकर 135 रन बनाया। उसके बाद बिनवलिया की टीम ने अच्छी शुरूआत नहीं की किन्तु प्रारंभिक जोड़ी के बाद में दो विकेट पर 99 रन बना कर मैच में वापस होती दिखी। किन्तु 99 रन पर ही उनके दो विकेट और गिरे। फिर विकेट गिरने का मानो सिलसिला चल पड़ा आखिरी ओवर में 6 बाॅल पर 12 रन बनाने थे किन्तु बिनवलिया के खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सके और अन्ततः नेपाली टोला की टीम 10 रन से मैच जीत गयी। निर्धारित 15 ओवर में सभी विकेट खोकर बिनवलिया की टीम 125 रन ही बना पाई। उल्लेखनीय है कि न्यु स्वदेशी सुगर मिल्स नरकटियागंज द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे है। डे-नाइट मैच का उत्साह खिलाडि़यों मे देखा जा रहा है। विशेषकर किशोर व युवा शाम से हाई स्कूल के मैदान में डट जाते है। कभी कभी समयाभाव में मैच को बीस की जगह पंद्रह ओवर का कर दिया जा रहा है। इस प्रकार के मैच का आनन्द विशेषकर व्यवसाई वर्ग उठा रहा है जो दिन भर दूकानदारी करता है और रात में टेनिस बाॅल क्रिकेट मैच का आनन्द लेता है। नेपाली टोला और बाबा इलेवन के बीच रविवार को सात बजे शाम मुकाबला होगा।

नियोजित शिक्षकों ने निकाला जुलूस, लगाए सरकार विरोधी नारे

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नियोजित शिक्षको ने अपने आन्दोलन के मद्देनजर एक जुलूस निकाला और नियमित शिक्षको के विरूद्ध नारेबाजी की। नियोजित शिक्षकांे के जुलूस मंे मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए गये। शहर के विभिन्न मार्ग से गुजरने के बाद शिक्षकों ने हाई स्कूल चैक पर एक नुक्कड सभा भी की। जिसमें सरकार की गलत नीतियों के विरूद्ध जमकर बयानबाजी की गई। सभी वक्ताआंे ने नियमित वेतनमान की मांग करते हुए अपनी हड़ताल जारी रखने और नियमित शिक्षकांे के हड़ताल से स्वयं को बाहर कर लेने को विश्वासघात करार दिया। शिक्षक नेताओं ने नीतीश सरकार की शिक्षा नीतियों को गलत ठहराते हुए समान काम के बदले समान वेतन और सुविधा की मांग की। आन्दोलन के क्रम में शिक्षक नेताआंे ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के पुतला दहन की घोषणा की। नियोजित शिक्षक नेताआंे की माने तो शिक्षक हड़ताल नियमित शिक्षकों के समर्थन के बिना भी जारी रहेगा। इतना ही नहीं सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों की मांग को मानना उसकी मजबूरी होगी।

जीएसटी में बदलाव इकनॉमी के लिए ठीक नहीं: मनमोहन सिंह

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि नए विधेयक में कई सारे बदलाव लाए गए हैं। यह विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। सिंह ने लंबे समय से अटके विधेयक पर कांग्रेस के रुख के संबंध में संवाददाताओं से कहा 'हम इसके विरोध में नहीं हैं। लेकिन इस विधेयक में कई नई बातें हैं जिन पर विचार करने की जरूरत है। इसलिए इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।' 

मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक के पक्ष में है लेकिन उन्होंने इसमें कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं हैं। सिंह की टिप्पणी महत्वपूर्ण है और इससे जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस के अंतिम रख की जानकारी मिलती है जो जीएसटी को 'अपना मानती'है 'लेकिन संसद में वह न सिर्फ इसकी सामग्री को लेकर बल्कि इस विधेयक को आगे बढ़ाने के तौर तरीकों पर भी विरोध कर रही है।' 

दोनों सदनों में सोमवार से बुधवार तक सिर्फ तीन दिन काम होगा। कांग्रेस के प्रवर समिति पर जोर डालने के बीच ऐसा लगता है कि विधेयक इस सत्र में पारित नहीं होगा। विधेयक कांग्रेस के वॉकआउट करने पर लोकसभा में बुधवार को पारित हो गया था हालांकि, सरकार ने अभी उम्मीद नहीं छोडी है कि सभी दल इस पर एकजुट होंगे। सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि सदन की रणनीति को अंजाम देने वाले कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि यदि इस बार विधेयक को एक प्रवर समिति के पास भेज दिया जाता है तो उन्होंने अगले सत्र में विधेयक को समर्थन देने की इच्छा जाहिर की है। 

सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और इसके उप नेता आनंद शर्मा से बात की है जिन्होंने अपना रुख साफ कर दिया है। राजग सरकार जो राज्य सभा में अल्पमत में है वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। सरकार सुरक्षित तरीके से सभी को लेकर आगे बढ़ने के विचार से आगे बढ़ रही है। एक मंत्री ने कहा 'सिर्फ अन्नाद्रमुक ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। कांग्रेस का विरोध विधेयक के बजाय विधेयक को आगे बढ़ाने के तरीके से है।' 

सरकार को द्रमुक, एसपी, बीएसपी, वाम और जेडीयू से इस मुद्दे पर समर्थन मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा आशंका है कि कांग्रेस वृहत्तर विपक्ष के मुद्दे को उठाती है तो इस विधेयक पर समर्थन हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। सोनिया गांधी के इस मुद्दे पर लोकसभा से वॉकआउट करने के बाद कांग्रस का राज्य सभा में विधेयक को समर्थन प्रदान करना या वाकआउट के जरिए इस विधेयक को पारित होने देने की संभावना नहीं है। एक मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री अरण जेटली इस विधेयक को आम सहमति से राज्य सभा में पारित कराने के इच्छुक हैं। इस बीच देश में आर्थिक सुधार शुरू करने वाले जाने-माने अर्थशास्त्री सिंह ने हाल ही में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा 'इससे वित्तीय घाटे पर दबाव पडेगा और हालात मुश्किल होंगे।'दो दौर की कटौती के बाद 30 जनवरी को वैश्विक रख के मद्देनजर पेट्रोल की कीमत 3.96 रपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 2.37 रपए प्रति लीटर बढ़ा दी गई। 

सोनिया गांधी ने साधा मोदी पर निशाना

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मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि विरोधियों को दबाया जा रहा है और अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सोनिया गांधी यहां प्रख्यात संपादक विनोद मेहता को जी के रेड्डी स्मारक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में बोल रही थीं। मेहता का हाल ही में निधन हुआ था। विनोद मेहता की पत्नी सुमिता ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। 

सोनिया गांधी ने कहा, 'मौजूदा माहौल में जब विरोध को दबाया जा रहा है, जब अल्पसंख्यक तेजी से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जब हमारे समाज का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना खतरे में है, हमें विनोद मेहता के कार्यों की कमी खल रही है। समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। 

सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक ऐसी सरकार चलाने का आरोप लगाया जो एक व्यक्ति द्वारा कुछ लोगों की है और कुछ लोगों के लिए चलायी जा रही है। सोनिया ने मेहता की निष्ठा, ईमानदारी और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि वह धार्मिक असिहष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा और समाजिक अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में कभी विफल नहीं रहे। मेहता को लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का प्रबल समर्थक बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिन चीजों को वह उचित मानते थे उसके लिए वह एक साहसी योद्धा भी थे और साथ ही बहुलवादी समाज के प्रबल समर्थक थे।

राहुल दो दिन के दौरे पर 18 को पहुंचेंगे अमेठी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आगामी 18 मई से दो दिन के दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी आयेंगे । छुटि्टयां बिताने के बाद श्री गांधी पहली बार अमेठी आ रहे हैं । वह हाल ही में अमेठी क्षेत्र में बस में लगी आग से हताहत लोगों से भी मिल सकते हैं । वह चौपाल लगाकर किसानों से मिलेंगे और उनके हालात जानेगें । कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि श्री गांधी अपने इस दो दिवसीय दौरे में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे ।

इससे पहले श्री गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड चुकी केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मति ईरानी आगामी 12 मई को अमेठी पहुंचेगी । वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी ।

व्यापम घोटाले में कांग्रेस ने सौंपे एसआईटी प्रमुख को दस्तावेजी सबूत

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प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मध्यप्रदेश के 6 निजी मेडीकल कालेजों द्वारा सरकारी कोटे की सीटें मेनेजमेंट कोटे से भर दिये जाने और उन कालेजों को पहुंचायी गई राहत में प्रदेश के प्रभावशाली नेता तथा परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में हुए कथित भ्रष्टाचार, बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति लिये बगैर स्वीकृत 198 परिवहन आरक्षकों की सीधी भर्ती के विरूद्व 332 परिवहन आरक्षकों के अवैधानिक तरीके से चयन में एक वरिष्ठ अधिकारी पर आरोप लगाते हुए प्रामाणिक दस्तावेज आज एसआईटी प्रमुख चंद्रेश भूषण को सौंपकर उनसे इस विषय में संज्ञान लेकर उचित व पारदर्शी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार अपने सभी आरोपों को दस्तावेजी प्रमाणों के साथ एसआईटी प्रमुख को सौंपे दस्तावेजों में मिश्रा ने कहा कि पीएमटी घोटाले से संबद्ध प्रदेश के 6 निजी मेडीकल कॉलेजों द्वारा सरकारी कोटे की सीटें मेनेजमेंट कोटे से भर दिये जाने और उसमें हुए करोड़ों रूपयों के भ्रष्टाचार के खुलासे और मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय की जांच रिपोर्ट 7 अक्टूबर, 2014 में भी अनियमितता/ भ्रष्टाचार स्वीकारे जाने के बावजूद भी एसटीएफ ने अब तक कौन सी दिखाई देने वाली कार्यवाही की है।

उन्होंने कहा कि यही नहीं इस गड़बड़ी के खिलाफ प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने भी इन निजी मेडीकल कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये थे, किंतु प्रदेश के प्रभावशाली नेता ने 6 सितम्बर, 2014 को जारी अपनी नोटशीट पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय कठोर कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर इस घोटाले पर सरकार की नीयत पर सवालिया निशान लगा दिया है।

सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत डेढ़ करोड़ लोगों को लाने का लक्ष्य-रघुवर

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा आज से आरंभ की गयी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत डेढ़ करोड़ लोगों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है । श्री दास ने अाज यहां आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना . प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और अटल पेंशन योजना की शुरूआत करते हुए कहा कि इन योजनाओ के लिए झारखंड में केवल एक दिन में 14 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया है । उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए इससे बेहतर योजनाऐं नहीं हो सकती थी । उन्होंने कहा कि इससे बेहतर क्या हो सकता है कि एक व्यक्ति साल में महज 12 रूपये देकर दो लाख रूपये का बीमा ले सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के 67 वर्षो के दौरान विभिन्न सरकारों ने कई सामाजिक सुरक्षा योजनाऐं शुरू की लेकिन यह पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने इन योजनाओं के लिए नीतियों की भी घोषणा की है जिससे लोगों को सुरक्षा दी जा सके । उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए ऐसी योजनाऐं काफी महत्वपूर्ण है और सभी लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकते है वे चाहे गरीब हो या मध्यम या फिर समाज के उपरी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हो । उन्होंने बैंककर्मियों से राज्य के सभी लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने का आह्वान किया है । उन्होंने बैंकों को योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए विशेष शिविर का आयोजन करने का सुझाव दिया ताकि योजना का लाभ समाज के सभी वर्गो तक पहुंच सके । उन्होंने योजना के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं से भी आगे आने का आह्वान किया ।

इस मौके पर राज्यपाल सैयद अहमद. केन्द्रीय इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर. भाजपा सांसद रामटहल चौधरी . रविन्द्र राय और बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बी.आर.अय्यर भी मौजूद थे ।

राष्ट्र के विकास में युवकों की अहम भूमिका हो सकती है : वरूण गांधी

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भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद वरूण गांधी ने कहा कि भारत के विकास में युवकों की सबसे बड़ी भूमिका हो सकती है। श्री गांधी प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी नामदार गोपाल कृष्ण गोखले के 150वें जन्म दिवस समारोह में भाग लेने के लिए यहां आये थे। श्री गांधी ने आम जीवन में युवकों की भूमिका- विषय पर अपने संबोधन पर कहा कि देश के सभी युवकों के दिमाग में यह बात रहनी चाहिए कि -मैं देश के लिए कुछ कर सकता हूँ- तभी देश को बदल कर हम एक विकसित देश बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है जिसमें किसानों और युवकों की समस्या पर जिक्र करते हुए कहा कि देश के युवक यदि चाहें तो किसानों की समस्या समेत अन्य समस्या को भी सुलझा सकते हैं।

उन्होंने कहा इसके लिए नेता होना जरूरी नहीं है, सामाजिक तौर पर भी किसानों और युवकों की समस्याओं पर आवाज उठायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के हित के लिए काम करने पर ही नेताओं को भी सम्मान मिलेगा। श्री गांधी ने चुनाव प्रणाली में सुधार की बात करते हुए कहा कि सभी लोगों को मतदान देना अनिवार्य कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता को अपना नेता उसके धनवान होने से नहीं चुनना चाहिए बल्कि ऐसे व्यक्ति को चुनें जिसने समाज के लिए कुछ काम किया हो। उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक के संबंध में कहा कि यह जनता और किसान के हित में है। श्री गांधी ने कहा कि हम चाहते हैं कि विदेशी निवेश देश मे आये लेकिन साथ ही देश के छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे उद्योग अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न कर युवकों की मदद कर सकते हैं।

उत्तराधिकारी जनता तय करती है. नेता नहीं : पप्पू यादव

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उत्तराधिकार के मुद्दे पर हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से छह साल के लिए निष्कासित किये गये सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर करारा प्रहार करते हुए आज कहा कि किसी भी पार्टी के नेता का उत्‍तराधिकारी जनता तय करती है और यह काम जनता को ही करने देना चाहिए। श्री यादव ने आज यहां हल-कुदाल-किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कि राजद सुप्रीमों लालू यादव यादव को उन्‍हें पार्टी से निष्‍कासित करने का हक नहीं है। लालू जी ने खुद ही कहा था कि पार्टी का विलय हो चुका है और पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारे बारे में कोई भी निर्णय का अधिकार केवल मुलायम सिंह को है। उन्होंने साफ किया कि अपने संबंध में वह 20 मई तक मुलायम सिंह यादव के फैसले का इंतजार करेंगे।

सांसद ने राजद प्रमुख के बेटों के व्‍यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह सब पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं का भी सम्‍मान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से कई बार लालू जी को पत्र लिखा था और उनके पुत्रों के व्‍यवहार को लेकर आपत्ति भी की थी। लेकिन उन्‍होंने इस ओर ध्‍यान नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह वंशवाद या परिवाद के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उत्‍तराधिकारी को चुनने का अधिकार जनता को है। श्री यादव ने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। शासन एवं प्रशासन में बिचौलिये और दलाल हावी हो गये हैं। जनता का सम्‍मान नहीं है। उनकी लड़ाई जनता के मान-सम्‍मान और अधिकार के लिए हैं। भूमि अधिग्रहण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जमीन के मालिक और उनके आश्रितों को नौकरी मिलनी चाहिए और उन्‍हें शेयर होल्‍डर बनाया जाना चाहिए।

फिजूलखर्ची की सीमाएं तोड़ रही भाजपा : प्रेमचंद्र मिश्रा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने तीन केन्द्रीय योजनाओं की शुरूआत करने आठ मंत्रियों काे आज बिहार भेजे जाने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनावी चाल बताया और कहा कि प्रचार पाने का लक्ष्य लेकर केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने फिजूलखर्ची की तमाम सीमाएं तोड़ दी है। श्री मिश्रा ने केन्द्रीय मंत्रियों की टीम में केन्द्रीय मंत्री निहाल चंद को शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि श्री निहाल चंद के खिलाफ राजस्थान के गंगानगर की अदालत में बलात्कार का मुकदमा चल रहा है और अदालत ने वहां के पुलिस अधीक्षक को उन्हें गिरफ्तार पेश करने का आदेश दे रखा है। ऐसे दागी नेता से योजना की शुरूआत कराना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने निहाल चंद को कानून की नजर में भगोड़ा बताया और भाजपा नेत़ृत्व से सवाल पूछा कि आखिर किस विशेषता के कारण उन्हें बिहार भेजा गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सच है कि प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वे किसी को भी अपने मंत्रि परिषद में जगह दे सकते हैं लेकिन आम जनता को यह सवाल खड़ा करने का अधिकार है कि वो पूछे कि आखिर बलात्कार के आरोपी एक शख्स जिसे न्यायालय ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश पुलिस कप्तान को दे रखा है . को बिहार में चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए तीन-तीन योजनाओं की शुरूआत करने की जिम्मेदारी क्यों दी गयी। क्या बिहार के लोगों को ऐसे ही दागी नेताओं से मोदी सरकार सौगात देंगी ।

विशेष आलेख : मंदबुद्धि के बच्चो के जीवन को संवारने की धुन

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आठ वर्श का पंकज, पहले न ठीक से बोल पाता था और न ही चल पाता था। पर अब तो पंकज लिखने लगा है, मन की बात कहता है और अपना नाम तक बता सकता है। ऐसी ही कहानी  कविता  की  है। स्कूल आते जाते अब वह भी अपने समाज को समझने लगी है। हमारे समाज में ऐसे कई बच्चे हैं जो न ठीक से बोल पाते हैं न ही कुछ समझ पाते हैं। मंद बुद्धि होने के चलते समाज में जहां इन्हें तिरस्कार झेलना पड़ता है वहीं इनके अपने परिवार वाले भी इनसे दूरी बनाकर चलने की कोशिश करते हैं। लेकिन समाज सेवा का संकल्प लिए हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं जो निस्वार्थ भाव से इनका जीवन संवारने में तल्लीनता के साथ लगे हुए हैं। ऐसे बच्चों की देख रेख निश्चित तौर पर कठिन काम है लेकिन शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये प्यार, समझ व धैर्य के साथ इनका जीवन संवारा जा सकता है ।
            
वर्तमान में मानसिक रूप से मंद बुध्दि बच्चों के लिए हरियाणा के झज्जर जि़ले के बहादुरगढ तहसील   में एक ऐसा स्कूल चल रहा है जो बच्चों को षिक्षा के माध्यम से इनके जीवन में नई जोत जला रहा है। पिछले 3 वर्षों से बहादुरगढ़ में मानसिक बच्चों के लिए कार्यरत संस्था बाबा रामदास एजुकेशन सोसाइटी अपने स्कूल आशा किरण में मंद बुद्धि  बच्चो के जीवन में ज्ञान की अलख जगा रही है। समाज के उपेक्षित विकलांग बच्चों के जीवन को षिक्षा के माध्यम से निखारने का काम यह संस्था  बखूबी कर रही है। बाबा रामदास एजुकेशन संस्था इन बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही उनके जीवन में बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मंद बुद्धि के बच्चो के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाने  की संस्था की मुहिम अब रंग जमाने लगी है। जहां पहले मंद बुद्धि बच्चे परिवार व समाज पर  बोझ समझे जाते थे वहीं अब इनकी दुनिया बदल रही है। पिछलेे साढ़े तीन  बरसों में 400  से अधिक मंद बुद्धि बच्चांे का जीवन  संवारा  जा चुका  है । संस्था उन परिवारों के लिए आशा और उम्मीद की किरण लेकर आई है जिनके घरों में मंदबुद्धि बच्चों के जन्म के बाद उनका पालन-पोषण एक गंभीर समस्या बनी हुई थी। प्राय देखने में आता है कि जिन परिवारों में ऐसे बच्चे जन्म लेते हैं उनमें से अधिकांश इसे ईश्वर का अभिशाप समझकर हमेशा अपने आपको कोसने के साथ-साथ ऐसे बच्चों को बहुत बड़ा बोझ मानते हैं। यह बात भी सच है कि ऐसे बच्चे न तो अपनी व्यथा किसी को बता सकते हैं और न ही कोई उन्हें अपनी बात आसानी से समझा सकता है लेकिन शिक्षा के जरिये इनके जीवन में बदलाव लाया जा सकता है जो इस संस्था ने बखूबी कर दिखाया है।
         
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बहादुरगढ़ में मंदबुद्धि बच्चों के लिए आशा किरण स्कूल एक मात्र ऐसा केंद्र बन चुका है जो मंदबुद्धि बच्चो का जीवन शिक्षा के जरिये संवार रहा है। तीन साल पहले शहर के कुछ बुद्धिजीवियों ने समाज के इन उपेक्षित बच्चों के लिए इस केंद्र की स्थापना की थी। तब से लेकर आज तक इस स्कूल के बच्चे हर जगह शानदार सफलता हासिल रहे हैं। वर्तमान में यहां पर 85  बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिन्हें न केवल संस्कार युक्त शिक्षा दी  जा रही है बल्कि समय - समय पर  आर्थिक मदद भी उपलब्ध की  जाती है। संस्था के सदस्यों ने बताया कि अधिकांश अभिवावक  खराब मानसिक हालत  वाले बच्चों को अपने साथ नहीं  रखना चाहते हैं लेकिन बाबा रामदास  सोसाइटी  मानसिक मंद बच्चों की देखरेख के लिए अलग तरह की  ट्रेनिंग देती है।  संस्था का मानना है कि मंद बुद्धि का होना एक अभिशाप नहीं बल्कि चुनौती है जिसे हर व्यक्ति हर परिवार और समाज को स्वीकारना  होगा। संस्था के ज़रिए बच्चों के लिए चलाया जा रहा नए तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम बच्चों के लालन पालन को मजबूत बनाता है ।
           
यह संस्था लगातार मानसिक विकलांग बच्चों को उनकी रुचि अनुसार आत्मनिर्भरता प्रदान करके उन्हें सामान्य बच्चों की तरह जीवन जीने का रास्ता दिखा रही है। बाबा रामदास एजुकेशन  वेलफेयर सोसाइटी के  आशा किरण स्कूल में कार्यरत कुसुमलता मदर टरेसा को अपना आदर्श मानती हैं । वह कहती हैं कि वह खुद अपने बच्चो को उतना समय नहीं दे पाती जितना समय और प्यार वह यहां पढ़ने वाले बच्चो को देती हैं । इनके साथ काम करने से दिल को सुकून मिलता है । यदि कोई  व्यक्ति  समाज कल्याण का काम कर रहा  है तो वह प्रशंसनीय है।  
           
समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बाबा रामदास एजुकेशन सोसाइटी का यह प्रयास प्रषंसनीय है। संस्था इस मुहिम में समाज के अंतिम छोर  पर खड़े आम आदमी का सहयोग चाहती है । संस्था  मंद बुद्धि  के बच्चो को  सुनने,  बोलने, पढने-लिखने,  तर्क-वितर्क करने, आत्मनिर्भर बनने आदि गुणों को फलीभूत करवा रही है। संस्था की हमेषा यह कोषिष रहती है कि वह बच्चों को इस योग्य बना दिया जाए कि वह यहां अर्जित ज्ञान को अपने दैनिक जीवन में उतार सकें। यहां पर बच्चों को हाॅस्टल सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है। 
            
संस्था का मुख्य उद्देश्य मंद बुद्धि बच्चों केे जीवन को संवारना है। संस्था का मिशन सांस्कृतिक धरोहर एवं आधुनिक शिक्षा का सामंजस्य कर मंद बुद्धि बच्चो को शिक्षा प्रदान करना है। शिक्षा से ही ऐसे बच्चो का सर्वागींण व्यक्तित्व विकास संभव है  जिससे वह समाज  का  एक अहम हिस्सा  बन सकते हैं । संस्था का मानना है कि मंद बुद्धि के छात्र अपनी क्षमता के अनुसार उद्देश्यपूर्ण दिशा में सीढी दर सीढ़ी अग्रसर हो ताकि वह समाज में अपनी मज़बूत पहचान बना सके। संस्था के सदस्यों  का कहना है कि आमतौर पर मंदबुद्धि के बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे बच्चे अपने अभिवावकों और समाज की बेरुखी के कारण शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। इसे देखते हुए आशा किरण स्कूल ने गांव गांव जाकर ऐसे बच्चो को ढूंढा  ताकि बच्चों को अनुकूल माहौल में शिक्षा प्रदान की जा सके।
          
मंदबुद्धि बच्चों को अपने साथ रखते हुए जहां उसके परिवार के लोग शुरुवात से कतराते रहे हैं वहीं आशा किरण स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं इन बच्चों को अपने घर परिवार का हिस्सा मानते हुए उनका जीवन संवारने में लगे हैं। यहां के सभी शिक्षक बच्चों को शिक्षा के साथ समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। संस्था का मानना है कि मंदबुद्धि का होना एक अभिशाप नहीं बल्कि चुनौती है जिसे हर व्यक्ति हर परिवार और समाज को स्वीकारना होगा। संस्था का नए तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम बच्चों  के लालन पालन को मजबूत बनाता है । इतना सब होने के बाद भी यह संस्था बिना किसी सरकारी मदद  के चल रही है। लेकिन प्रबंधन हमेशा इन बच्चों के लिए मददगार साबित हो रहा है। वहीं इन बच्चों के लिए अच्छी खबर यह है कि समाज के संवेदनशील लोग अपने चंदे से समाजसेवा के इस पुण्य में भागीदार बन मदद कर रहे हैं। स्कूल की सदस्य कुसुमलता कहती है उनकी संस्था का मिशन सांस्कृतिक धरोहर एवं आधुनिक शिक्षा का सामंजस्य कर मंदबुद्धि के बच्चो को शिक्षा प्रदान करना है। वह कहती हैं ‘यह स्कूल उन मातापिता के लिए एक मिसाल है जो मंदबुद्धि के बच्चों को अभिशाप समझकर उनकी सुध लेने से कतराते हैं लेकिन आज यहाँ दी जा रही शिक्षा का असर यह हुआ है कि ऐसे सभी अभिवावको को अपनी सोच बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। 





हर्षवर्धन पाण्डे 
(चरखा फीचर्स)

विशेष : गौरवशाली है भारत का इतिहास?

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किसी देश की वास्तविकता जानना हो तो उस देश के महापुरुषों का अध्ययन करने से हमें उस सच का पता चलता है, जो उस देश की मूल अवधारणा में समाहित होता है। लेकिन यह भारत का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि भारत के परम भक्त महाराणा प्रताप पर हमला करने वाले विदेशी आक्रमणकारी मुगल शासक अकबर को महान बताने की भूल की जाती है, इसी प्रकार हम सबके आराध्य भगवान श्रीराम की पावन भूमि को तहस नहस करने का साहस करने वाले बाबर का इस देश में सम्मान किया जाता है। विश्व के अनेक देशों ने स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद अपने पुराने स्वर्णिम रूप को फिर से ज़िंदा करके उसे राष्ट्रीय गौरव के रूप में मान्यता दी, लेकिन हमारे भारत में क्या हो रहा है, हम और हमारे देश के नीति निर्धारक माने जाने वाले नेता पश्चिम की धारा का अनुशरण करके नीतियां बनाने लगे. हम जानते हैं कि जो देश अपने पूर्वजों द्वारा बनाई राह से लज्जित होने लगे उस देश को समाप्त होने से दुनिया की कोइ ताकत नहीं रोक सकती. हम याद रखना होगा कि हमारा अतीत अत्यंत गौरवशाली है, उसी गौरव शाली राह पर चलकर ही हम पुनः विश्व गुरू के सिंहासन पर पदासीन हो सकते हैं. 

वास्तव में यह सत्य है कि वर्तमान में हम जो इतिहास पढ़ते हैं, वह भारत का इतिहास है ही नहीं। भारत के सच्चे इतिहास की जानकारी के लिए हमको अंगे्रजों और मुगलों के शासन से पूर्व की जानकारी प्राप्त करनी होगी, क्योंकि वास्तविकता में वही भारत का इतिहास है। उस काल में हमारा भारत देश इतना समृद्ध था कि सारे देश भारत से कुछ न कुछ सीखने की मंशा रखते थे। भारत पूरी तरह से हिन्दू राष्ट्र ही था। हिन्दू जीवन पद्धति को अंगीकार करने वाली यहां की संतति के पास विश्व को दिशा देने वाला ज्ञान विद्यमान था। यह बात अंगे्रज और मुगलों को अच्छी नहीं लगती थी। उन्होंने भारत को समाप्त करने के बारे में कई तरह के प्रयास किए, लेकिन अनेक बार उनके प्रयास असफल साबित हुए। परंतु ये विदेशी हमलावर एक चीज में जरूर सफल हो गए कि उन्होंने भारत के उन स्वर्णिम दस्तावेजों को ही नष्ट कर दिया, जिनके कारण भारत वैश्विक महाशक्ति के रूप में जाना जाता था। मुगल कालीन शासकों ने जहां आस्था केन्द्रों पर हमला करके उन्हें क्षतिग्रस्त किया, वहीं अंगे्रजों ने मानसिक गुलामी में जीने के लिए रास्ता तैयार किया। हम जानते हैं कि आज देश में जितने कानून और नियम चल रहे हैं, वे सभी अंग्रेजों के शासन काल के ही हैं। आज इन नियम कानूनों को पूरी तरह से बदलने की कार्यवाही की जानी चाहिए, क्यांकि हमें यह बात समझनी ही होगी कि अंगे्रजों द्वारा बनाए गए नियम भारत का भला कभी नहीं कर सकते।

भारत के बुद्धि कौशल के बारे में तो आज भी विश्व के अनेक देश चकित हैं। दुनिया का सबसे विकसित देश अमेरिका खुद भी इस बात को स्वीकार करता है कि अमेरिका में आज जो भी प्रगति दिखाई दे रही है, उसमें भारत की प्रतिभा का पूरा योगदान है। अमेरिका में हर क्षेत्र चाहे वह चिकित्सा के क्षेत्र में हो या वैज्ञानिक या फिर तकनीकी क्षेत्र ही क्यों न हो, हर क्षेत्र में भारत वंशियों का खासा दबदबा है। इी प्रकार विश्व के कई देश आज भी भारत की प्रतिभा के कायल हैं। इससे यह तो प्रमाणित हो ही जाता है कि बुद्धि के मामले में भारत आज भी विश्व के कई देशों से आगे है। वर्तमान में भारत का जो इतिहास पढऩे को मिलता है वह गुलामी का इतिहास ही है, क्योंकि यह सत्य है कि गुलामी के समय में वही बात इतिहास बन जाती जो उस समय का शासक चाहता है। इसके अलावा गुलामी के बाद का अतिहास भी भारत का इतिहास नहीं माना जा सकता, क्योंकि गुलामी के बाद देश में मुसलमानों प्रति तुष्टीकरण का खेल प्रारंभ हो गया था।  

इतिहास की सच्चाई को झुठलाने से हम उन प्रेरणा पुंजों को भी संदेह की दृष्टि से देखने लगते हैं। विडंबना यह रही कि हमारे गौरवशाली अतीत के बारे में सही जानकारी के पृष्ठ गायब कर दिए गए। विदेशी हमलावर चाहे अंग्रेज हों या मुगल, पठान हो, इन्होंने भारतीय संस्कृति और आस्था के स्थानों को नष्ट भ्रष्ट करने की कोशिश इसलिए की कि यदि हिन्दुओं की भावी पीढ़ी को सही इतिहास पढ़ाया गया तो उनके अंदर गौरव के भाव की चेतना जाग्रत होगी और इस भाव भूमि में देशभक्ति का प्रवाह तेज होगा। इससे क्रांति की स्थिति पैदा होकर भारत की युवा पीढ़ी गुलामी की जंजीरों को तोड़ देगी। अंग्रेज और विदेशी हमलावर मुगल पठानों की कार्रवाई में अंतर यह है कि मुस्लिम हमलावर मानबिंदुओं एवं श्रद्धा स्थानों को नष्ट करके यह मान लेते थे कि इससे भारत के राष्ट्रीय समाज अर्थात हिन्दू समाज का मनोबल टूटेगा। दूसरी ओर अंग्रेजों ने न्यायालयीन प्रक्रिया की नौटंकी करने के साथ इतिहास के गौरवशाली पन्नों को नष्ट करने की कोशिश की, जिससे भावी पीढ़ी में अपने अतीत के प्रति हीन भावना पैदा हो। गलत इतिहास पढ़ाने का बुरा प्रभाव यह हुआ कि नई पीढ़ी में पाश्चात्य संस्कृति के प्रति आकर्षण पैदा हुआ और अपने स्वयं के प्रति हीन भावना पैदा हुई। हजार वर्ष से अधिक की गुलामी के कारण हमें अपने स्वयं के प्रति हीन भावना पैदा हुई। दुर्भाग्य यह रहा कि भारत के राजनैतिक नेतृत्व में भी इतिहास को राजनैतिक चश्मे से देखा। करीब पांच दशक तक भारत पर शासन करने वाली कांग्रेस ने यह बताने की कोशिश की कि एक-दो नेताओं के कारण ही देश को आजादी मिली। राष्ट्रवादी नीतियों के प्रभाव में कमी आई और दलगत स्वार्थ के कारण वोटों पर राजनीति केंद्रित हो गई। दुर्भाग्य यह रहा कि हमारे अपनों ने भी उसी प्रकार की नीति अपनाई। अब भी हम इस सवाल से जूझ रहे हैं कि नेताजी सुभाष की मृत्यु की सच्चाई क्या है? उनके परिवार की जासूसी क्यों की गई? अब तो हालत यह है कि प्रेस कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू भी इतिहास की सच्चाई को विवाद में घसीटते हैं। इसी प्रकार अब गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने गांधीजी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शहीदे आजम भगतसिंह अंग्रेजों के गुनाहगार थे, इसलिए बापू ने उनका साथ नहीं दिया। इस टिप्पणी पर गहराई से विचार करें तो बात दूर तक जाएगी। गांधीजी ने क्रांतिकारियों का साथ केवल इसलिए नहीं दिया कि वे अंग्रेजों की दृष्टि में अपराधी थे। यदि तुषार गांधी की यह बात इतिहास की कसौटी पर सही है तो फिर गांधीजी के आजादी के लिए किए गए अभियान पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है। 





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सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी उत्तरप्रदेश  284001
संपर्क  : 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

आलेख : गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब का गठन क्यों किया गया।

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  • आजादी दिलाने अपने प्राणो की आहुँती देने बाले विधार्थी जी का जीवन परिचय

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गणेशशंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्टूबर, 1890[1] में अपने ननिहाल प्रयाग (आधुनिक इलाहाबाद) में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री जयनारायण था। पिता एक स्कूल में अध्यापक के पद पर नियुक्त थे और उर्दू तथा फ़ारसी ख़ूब जानते थे। गणेशशंकर विद्यार्थी की शिक्षा-दीक्षा मुंगावली (ग्वालियर) में हुई थी। पिता के समान ही इन्होंने भी उर्दू-फ़ारसी का अध्ययन किया।एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार तो थे ही, इसके साथ ही वे एक समाज-सेवी, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। भारत के 'स्वाधीनता संग्राम'में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा था। अपनी बेबाकी और अलग अंदाज से दूसरों के मुँह पर ताला लगाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। 

गणेशशंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी कलम की ताकत से अंग्रेज़ी शासन की नींव हिला दी थी। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जो कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसक समर्थकों और क्रांतिकारियों को समान रूप से देश की आज़ादी में सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहे।गणेशशंकर विद्यार्थी अपनी आर्थिक कठिनाइयों के कारण एण्ट्रेंस तक ही पढ़ सके। किन्तु उनका स्वतंत्र अध्ययन अनवरत चलता ही रहा। अपनी मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने पत्रकारिता के गुणों को खुद में भली प्रकार से सहेज लिया था। शुरु में गणेश शंकर जी को सफलता के अनुसार ही एक नौकरी भी मिली थी, लेकिन उनकी अंग्रेज़ अधिकारियों से नहीं पटी, जिस कारण उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी।

लोकप्रियता-
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं पर विद्यार्थी जी के विचार बड़े ही निर्भीक होते थे। विद्यार्थी जी ने देशी रियासतों की प्रजा पर किये गये अत्याचारों का भी तीव्र विरोध किया। गणेशशंकर विद्यार्थी कानपुर के लोकप्रिय नेता तथा पत्रकार, शैलीकार एवं निबन्ध लेखक रहे थे। यह अपनी अतुल देश भक्ति और अनुपम आत्मोसर्ग के लिए चिरस्मरणीय रहेंगे। विद्यार्थी जी ने प्रेमचन्द की तरह पहले उर्दू में लिखना प्रारम्भ किया था। उसके बाद हिन्दी में पत्रकारिता के माध्यम से वे आये और आजीवन पत्रकार रहे। उनके अधिकांश निबन्ध त्याग और बलिदान सम्बन्धी विषयों पर आधारित हैं। इसके अतिरिक्त वे एक बहुत अच्छे वक्ता भी थे।पत्रकारिता के साथ-साथ गणेशशंकर विद्यार्थी की साहित्यिक अभिरूचियाँ भी निखरती जा रही थीं। आपकी रचनायें 'सरस्वती', 'कर्मयोगी', 'स्वराज्य', 'हितवार्ता'में छपती रहीं। आपने ‘सरस्वती‘ में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के सहायक के रूप में काम किया था। हिन्दी में "शेखचिल्ली की कहानियाँ"आपकी देन है। "अभ्युदय"नामक पत्र जो कि इलाहाबाद से निकलता था, से भी विद्यार्थी जी जुड़े। 

गणेश शंकर विद्यार्थी ने अंततोगत्वा कानपुर लौटकर "प्रताप"अखबार की शुरूआत की। 'प्रताप'भारत की आज़ादी की लड़ाई का मुख-पत्र साबित हुआ। कानपुर का साहित्य समाज 'प्रताप'से जुड़ गया। क्रान्तिकारी विचारों व भारत की स्वतन्त्रता की अभिव्यक्ति का माध्यम बन गया था-प्रताप। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित गणेशशंकर विद्यार्थी 'जंग-ए-आज़ादी'के एक निष्ठावान सिपाही थे। महात्मा गाँधी उनके नेता और वे क्रान्तिकारियों के सहयोगी थे। सरदार भगत सिंह को 'प्रताप'से विद्यार्थी जी ने ही जोड़ा था। विद्यार्थी जी ने राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा प्रताप में छापी, क्रान्तिकारियों के विचार व लेख प्रताप में निरन्तर छपते रहते।अपने सहयोगियों एवं वरिष्ठजनों से सहयोग मार्गदर्शन का आश्वासन पाकर अंतत: विद्यार्थी जी ने 9 नवम्बर 1913 से ‘प्रताप’ नामक समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ कर दिया। 

इस समाचार पत्र के प्रथम अंक में ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि हम राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन, सामाजिक आर्थिक क्रांति, जातीय गौरव, साहित्यिक सांस्कृतिक विरासत के लिए, अपने हक अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे। विद्यार्थी जी ने अपने इस संकल्प को प्रताप में लिखे अग्रलेखों को अभिव्यक्त किया जिसके कारण अंग्रेजों ने उन्हें जेल भेजा, जुर्माना किया और 22 अगस्त 1918 में प्रताप में प्रकाशित नानक सिंह की ‘सौदा ए वतन’ नामक कविता से नाराज अंग्रेजों ने विद्यार्थी जी पर राजद्रोह का आरोप लगाया व ‘प्रताप’ का प्रकाशन बंद करवा दिया। आर्थिक संकट से जूझते विद्यार्थी जी ने किसी तरह व्यवस्था जुटाई तो 8 जुलाई 1918 को फिर प्रताप की शुरूआत हो गई। प्रताप के इस अंक में विद्यार्थी जी ने सरकार की दमनपूर्ण नीति की ऐसी जोरदार खिलाफत कर दी कि आम जनता प्रताप को आर्थिक सहयोग देने के लिए मुक्त हस्त से दान करने लगी। जनता के सहयोग से आर्थिक संकट हल हो जाने पर साप्ताहिक प्रताप का प्रकाशन 23 नवम्बर 1990 से दैनिक समाचार पत्र के रुप में किया जाने लगा। लगातार अंग्रेजों के विरोध में लिखने से प्रताप की पहचान सरकार विरोधी बन गई और तत्कालीन मजिस्टेट मि. स्ट्राइफ ने अपने हुक्मनामें में प्रताप को ‘बदनाम पत्र’ की संज्ञा देकर जमानत की राशि जप्त कर ली। अंग्रेजों का कोपभाजन बने विद्यार्थी जी को 23 जुलाई 1921, 16 अक्टूबर 1921 में भी जेल की सजा दी गई परन्तु उन्होंने सरकार के विरुद्ध कलम की धार को कम नहीं किया। 

जेलयात्रा के दौरान उनकी भेंट माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा नवीन, सहित अन्य साहित्यकारों से भी हुई।गणेशशंकर विद्यार्थी की मृत्यु कानपुर के हिन्दू-मुस्लिम दंगे में निस्सहायों को बचाते हुए 25 मार्च सन् 1931 ई. में हो गई। विद्यार्थी जी साम्प्रदायिकता की भेंट चढ़ गए थे। उनका शव अस्पताल की लाशों के मध्य पड़ा मिला। वह इतना फूल गया था कि, उसे पहचानना तक मुश्किल था। नम आँखों से 29 मार्च को विद्यार्थी जी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे साहित्यकार रहे, जिन्होंने देश में अपनी कलम से सुधार की क्रांति उत्पन्न की।




संतोष गंगेले 

बीस महीने में पहली बार रुपया पहुंचा 64 के पार पहुँचा

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बैंकों तथा तेल निर्यातकों की डॉलर लिवाली और सप्ताहांत पर डॉलर में आयी कमजोरी से बीते सप्ताह रुपये में बड़ी उथल-पुथल दर्ज की गयी और यह पिछले बीस महीने में पहली बार 64 रुपये प्रति डॉलर के पार पहुंच गया।
न्यूनतम वैकल्पिक कर(मैट) के लिए नोटिस के बाद से विदेशी निवेशकों के शेयर बाजार से निकासी करने से रूपये में गिरावट आयी है और डालर की मांग बढ गयी है। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज के अनुसार बीते सप्ताह कारोबारी दिवसों विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकासी की। आलोच्य सप्ताह के पहले कारोबारी दिवस रुपया पिछले स्तर पर स्थिर रहा लेकिन अगले सत्र में इसमें 11 पैसे की गिरावट दर्ज की गयी। तीसरे कारोबारी दिवस यह 70 पैसे फिसल कर 20 महीने के बाद 64.24 रुपये प्रति डॉलर पर लुढक गया।

हालाँकि आखिरी कारोबारी दिवस पर डॉलर की कमजोरी से यह 30 पैसे मजबूत हुआ जिससे यह सप्ताहांत पर 63.94 रूपये प्रति डालर पर टिका। अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार के डीलरो के अनुसार डालर की मांग बढने से बीते सप्ताह भारतीय मुद्रा दबाव में रही है। हालाँकि वैश्विक स्तर पर प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर पडने से रूपये को आखिरी दिन बल मिला और दबाव से उबरकर बढत बनाने में सफल रहा।

मोदी सरकार ने दी 11 महीने में दो लाख करोड़ से अधिक के रक्षा सौदों को मंजूरी

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वर्षों से अटके पड़े रक्षा सौदों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को रफ्तार देते हुए अपने 11 महीने के कार्यकाल में मोदी सरकार ने दो लाख करोड़ रूपये से अधिक के सौदों को मंजूरी देने के साथ ही रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन बढाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 से 49 फीसदी कर बड़ा नीतिगत कदम उठाया है जिन्हें सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
            
अरबों रूपये का बहुचर्चित राफाल लड़ाकू विमान सौदा भी लंबे समय से बातचीत में फंसा हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद पहल करते हुए संबंधित कंपनी के बजाय ये विमान सीधे फ्रांस सरकार से खरीदने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। लेकिन लंबे समय से वायुसेना के लिए परिवहन विमान खरीदने का मामला इस सरकार के 11 महीनों में आगे नहीं बढ पाया।

भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक एक पेंशन योजना लागू करने का पिछली सरकार में सैद्धांतिक निर्णय होने के बावजूद इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए नई खरीद नीति लाने की घोषणा की लेकिन अभी तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है।

अपनी महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया को धरातल पर लाने के लिए भी रक्षा क्षेत्र को बड़ा जरिया मान रही इस सरकार ने हजारों करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का देश में ही विनिर्माण करने का निर्णय लिया है।

जीएसटी विधेयक पर बढा तकरार, सुधार प्रयासों को लग सकता है तगड़ा झटका

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राज्यसभा में विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस के विरोध की वजह से अप्रत्यक्ष कर में आजादी के बाद के सबसे बडे़ सुधार और पूरे देश को एक बाजार बनाने के उद्देश्य से एक समान कर प्रणाली वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से जुडे संविधान संशोधन विधेयक के लटकने का खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा में यह विधेयक पारित हो चुका है और अब इसे सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाना है। लेकिन, केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की माँग कर रही कांग्रेस के विरोध की वजह से इसे सदन में पेश किये जाने की संभावना काफी कम दिख रही है। संसद का बजट सत्र अब समाप्त होने वाला है और राज्यसभा बुधवार तक ही चल सकेगी।

राज्यसभा की सोमवार की कार्यसूची में जीएसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक शामिल है। लेकिन, श्री गडकरी के इस्तीफे पर अड़ी कांग्रेस के विरोध की वजह से शुक्रवार को सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था और सोमवार को भी विपक्ष इस मुद्दे का उठायेगा। विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के दौरान भी कांग्रेस ने विरोध किया था, लेकिन बहुमत होने की वजह से सरकार इसे पारित कराने में सफल रही थी। कांग्रेस सदस्य लोकसभा से इसे पारित कराने के दौरान विरोध करते हुये विधेयक को स्थायी समिति को भेजे जाने की माँग करते हुये वाकआउट कर गये थे।

राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इसे पारित कराने के दौरान राज्यसभा में कम से कम आधे सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है और यदि कांग्रेस सदस्य वाकआऊट कर गये तो यह विधेयक पारित नहीं हो सकेगा।

शशि कपूर दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

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दिग्गज अभिनेता शशि कपूर को आज मुंबई के मशहूर पृथ्वी थिएटर में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बासठवें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तीन मई को दिए गए थे लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण शशि कपूर इसे ग्रहण करने दिल्ली नहीं जा सके थे। इस दौरान उनके फिल्मी कैरियर पर एक लघु फिल्म दिखायी गयी थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने शशि कपूर को यह सम्मान प्रदान किया।इस दौरान फिल्म जगत की कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थी।

पृथ्वी थिएटर की स्थापना शशि कपूर ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की याद में की थी। शशि कपूर को 2011 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उन्हें बतौर अभिनेता दो बार और बतौर निर्माता तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शशि कपूर ने हिन्दी फिल्मों के अलावा अमेरिकी और ब्रिटिश फिल्मों में भी काम किया। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाले कपूर खानदान के वह तीसरे सदस्य हैं। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर 1971 में और बड़े भाई राज कपूर 1987 में इस पुरस्कार से नवाजे गए थे।

बीमा योजना से करोड़ों लोगों को बेवकूफ बनाने की साजिश- जदयू

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जनता दल (यूनाइटेड)ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर बीमा योजना के जरिए देश के करोड़ों लोगों को उल्लू बनाने का आरोप लगाया और कहा कि धन-धन योजना के तहत अबतक खुले केवल पंद्रह करोड़ खातों से देश की सवा सौ करोड़ जनता का भला नहीं हो सकता।

जदयू प्रवक्ता डा़ निहोरा प्रसाद यादव ने आज कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जन-धन योजना से जोड़े गए बीमा योजना के द्वारा देश की गरीब जनता को उल्लू बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा है कि आम आदमी की प्राथमिक जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है। जनता के वोट से सत्ता में आने वाली देश की कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि वह पहले लोगों की इन प्रारम्भिक जरूरतों को पूरा करे।

जदयू नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार आम लोगों को जरूरत पूरा करने के बजाए बड़े पूंजीपतियों और कारपोरेट घरानों की हितैषी बनकर सबसे पहले गरीबों के सर से छत छीनने का ही काम किया। इंदिरा आवास योजना मद में राज्य को दिया जाने वाला बजट कम कर दिया। इसी प्रकार देश में खाद्य सुरक्षा कानून नहीं बन पाया। यही नहीं, गरीबों को रोजगार देने की दिशा में भी केंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (10 मई)

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रचनात्मक काम करने के लिए संकल्प-शक्ति का होना जरूरीः सीएम 

देहरादून,10 मई (निस)। रचनात्मक काम करने के लिए संकल्प-शक्ति का होना जरूरी है। स्व0 थानसिंह रावत जी हमारे उन्हीं नायकों में से थे जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में उल्लेखनीय योगदान दिया बल्कि आजादी के बाद देश व समाज को नई दिशा दिखाई। दून विश्वविद्यालय में नेस्टर एजुकेशन सोसायटी की वेबसाईट व सूचना पुस्तिका का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्व0 थानसिंह रावत ने सहकारिता के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र में परिवहन के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड में कुछ सड़कों का निर्माण स्थानीय लोगों के श्रमदान से हुआ है। श्रमदान का यह काम स्व0थानसिंह सहित कुछ अन्य हमारे महान नेताओं की प्रेरणा से किया गया। ऐसे नायकों के नाम पर सड़कों का नामकरण किया जाएगा। आज कोई इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकता है कि 40 किमी सड़क का निर्माण स्थानीय लोग श्रमदान से कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी सोच व बड़े सपने देखने के साथ ही छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देना जरूरी है। राज्य के विकास का पहला चरण उद्योग को समर्पित रहा। अब विकास के दूसरे चरण में खेती, शिक्षा व हस्तशिल्प को प्राथमिकता देनी होगी। उŸाराखण्ड में बड़ा परिवर्तन मण्डुवा, अखरोट, झिंगोरा, गहत, माल्टा, भुजैला, चैलाय आदि हमारे स्थानीय उत्पादों के माध्यम से ही हो सकता है। यदि हम अपने कृषि उत्पादों की सही माकेटिंग कर दें तो  गांवों की आर्थिकी में बड़ा बदलाव आ सकता है। पारम्परिक खानपान के समाप्त हो जाने से कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कोई मुख्यमंत्री ऐसा चमत्कारी नहीं हो सकता है कि सभी को सरकारी नौकरी दिला दे। हां यदि पूरी संकल्पशक्ति से खेती व हस्तशिल्प के लिए काम किया जाए तो हर हाथ को काम मिल सकता है। हमें अपने खेत खलिहानों को प्रोडक्शन हाउस में बदलना होगा। चाल-खाल के संवर्धन से जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना होगा। हमारे यहां शिक्षा के संस्थागत क्षेत्र में बड़ा  निवेश किया गया है। अब गुणात्मक परिवर्तन लाए जाने की जरूरत है। केबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में हमारी परम्पराओं व संस्कृति के पुनरूद्धार व ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए जो पहल की गई है, आने वाले वर्षों में उसका क्रांतिकारी सुखद परिणाम देखने को मिलेगा। पर्वतीय कृषि को बढ़ावा देने की मुख्यमंत्री की सोच उŸाराखण्ड की तरक्की की सोच है। नेस्टर एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से समाजसेवा का काम स्व0 थान सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर विधायक हेमेश खर्कवाल, सोसायटी के एमएस रावत, डा.एसएस रावत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

कम संख्या वाले समुदायों का विशेष ध्यान रखा जाता हैः रावत

देहरादून,10 मई (निस)। किसी भी आदर्श समाज में कम संख्या वाले समुदायों का विशेष ध्यान रखा जाता है। राज्य सरकार भी जातीय, धार्मिक, भाषायी, व्यावसायिक आधार पर अल्पसंख्यक समाजों के प्रति संवेदनशील है। मोहकमपुर खुर्द में दून मौर्य(मुराव) सभा द्वारा आयोजित सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जन्मोेत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य भवन के लिए 25 लाख रूपए की सहायता दो किश्तों में दिए जाने की घोषणा की।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने लोगों के दिलों को जोड़कर आदर प्राप्त किया। वे आज भी एक अच्छे शासक का उदाहरण हैं। अपने महापुरूषों के दिखाए मार्ग पर चलना हम सभी का दायित्व है। राज्य सरकार सर्वकल्याण के प्रतिबद्ध है। महिलाओं की आर्थिकी, शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। वृद्ध महिलाओं को टेक होम राशन की सुविधा, गर्भवती महिलाओं के राशन में बढ़ोतरी की गई है। सरकार का प्रयास है कि पीआरडी में कम से कम 25 प्रतिशत महिलाएं हों, एक हजार महिला कान्स्टेबल की भर्ती हो व प्रत्येक पुलिस स्टेशन पर एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर तैनात हो। राज्य सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को किसी ना किसी रूप में पेंशन उपलब्ध करवा रही है। बुजुर्गों के लिए हमारे बुजुर्ग हमारे तीर्थ योजना प्रारम्भ की गई है। मुख्यमंत्री ने नत्थनपुर में एक किमी सड़क निर्माण, नाली निर्माण व ट्यूबवैल की भी घोषणा की। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट, विधायक हेमेश खर्कवाल, गोकुल सिंह मौर्य, संदीप मौर्य सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।

महाराणा प्रताप के नाम पर राज्य सरकार एक अवार्ड प्रारम्भ करेगी

देहरादून,10 मई (निस)। महाराणा प्रताप के नाम पर राज्य सरकार एक अवार्ड प्रारम्भ करेगी। देहरादून स्थित आईएसबीटी में महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित की जाएगी। ननूरखेड़ा में महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन में महाराणा प्रताप जयंति पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्रीे श्री रावत ने कहा कि महाराणा प्रताप देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होंने आजादी के मूल्य से हमें परिचित कराया। उन्होंने आजादी के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया। महाराणा प्रताप पूरे देश के नायक हैं। वे हम सभी के गौरव हैं। हल्दीघाटी हमेशा वीरों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगी। उनका घोड़ा चेतक स्वामीभक्ति के लिए इतिहास में सदैव के लिए अमर हो गया। क्षत्रिय चेतना मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विधायक हेमेश खर्कवाल, आयोजक संस्था के मोहन सिंह पंवार, देवेंद्र सिंह पुण्डीर आदि मौजूद थे।

पुलिस ने अवैध खनन से लदा वाहन छोडा

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देहरादून,10 मई (निस)। डाकपत्थर खनन पट्टे पर सुबह चार बजे से बिना रवन्नों पर हो रहें अवैध खनन पर तो हद ही हो गयीं है, जहाॅ एक ओर कोतवाली विकासनगर में आयीं नयीं कोतवाली प्रभारी व एएसपी तृप्तीं भट्ट सीओ विकासनगर के संग अपनी नैतिक जिम्मेदारीयों के साथ पूरी ईमानदारी से अवैध खनन व खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने में लगीं हुयीं है तो वहीं दूसरी तरफ उनके अधीनस्थ कर्मी कोतवाली पुलिस का नाम पूरी तरह से डूबोने में लगें हुये हैं, जिसका शर्मनाक नजारा आज सुबह लगभग आधा दर्जन जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों के सामने साफ दिखाई दिया और वे गणमान्य लोग भी बोल ही उठें, की हाय रे पुलिस, तेरा भी जवाब नहीं ? विदित हो कि डाकपत्थर बैराज व अम्बाडी में अवैध खनन अपनी चरम सीमा पर है, सुबह सात बजें से पहलें और शाम को सात बजे के बाद से पूरी देर रात तक अवैध खनन धडल्ले के साथ जारी रहता है यदि सूत्रों की मानें तो इस दौरान बिना रवन्नों के ही उपखनिज का चुगान करवाया जाता है और रवन्ना काटें बिना ही एक निश्चित धनराशि पट्टा धारक वसूल करकें सीधें अपनी जेबो में डालते है जिस्से की उन्हें सरकार को राॅयल्टी का भुगतान नहीं करना पडता है, और इसी तरह सैकडो अवैध खनन से लदें वाहन इस पटटें के समीप गुजरतें है इन सैकडो वाहनों से नम्बर दो में अवैध खनन करवाये जाने के बाद जेब में आयी कुल आय का हिस्सा कईं भागो में बंट जाता है जिसमें जिम्मेंदारों का भी शेयर होता है और इस तरह से ये गोरखधंधा जारी रहता है। इसी कडी में आज सुबह लगभग 6 बजें अवैध गाडियों की आवाजाहीं की श्रंखला में एक तेज गति से बिना रवन्ने का अवैध खनन से लदा वाहन जा रहा था, जिसे डाकपत्थर बैराज में तैनात एक कथित पुलिस कर्मी ने रोक लिया और ड्राईवर के वाहन रोकने के साथ ही तत्काल उसके पीछे बाईक पर सवार होकर पीछे पीछे आ रहा उस वाहन का स्वामीं आता है और अपना मोबाइल निकालकर कथित पुलिस कर्मी से किसी की बात करवाता है जिसके बाद कथित पुलिस कर्मी उस अवैध खनन से लदें वाहन के रवन्नें को चैक किये बिना और अपनें एएसपी को सूचित किये बिना हीं छोड देता है जिसका नजारा वहाॅ पर मौके पर पहुॅचे मीडीया कर्मी तो देखते ही है साथ ही वहीं बैराज में टहलने पहुॅचे कुछ समाजसेवीं व जनप्रतिनिधि भी इस नजारे को देखकर दंग रह जाते है, और अनायास उनके मुॅह से निकल ही जाता है कि हाय रे पुलिस तेरा भी अजब गजब जलवा। अब देखने वाली बात ये होगी की कथित पुलिस कर्मी पर क्या कार्यवाहीं की जाती है ? या फिर इस मामलें में लीपा पोती कर इसे दबा दिया जाएगा। लेकिन ये तो मानना ही पडेगा कि चाहें कुछ भी हो जब तक एएसपी की अवैध खनन पर जारी कार्यवाहीं में उन्हीं के अधीनस्थ सेंध लगाते रहेंगे तो नाहीं तो यह अवैध खनन ही रूकने वाला है, और नाहीं इस प्रदेश का ही कुछ भला होने वाला है, क्योंकि जिन हाथों को इस प्रदेश को चलाने का जिम्मा मिला हुआ है वहीं हाथ चारो ओर से इसे लूट खसोट कर खाने में लगें हुये है। 

भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए किया हवन

देहरादून,10 मई (निस)। समाजवादी पार्टी की ओर से नेपाल और भारत में भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हवन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस हवन कार्यक्रम में सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनोद बड़थ्वाल भी शामिल हुए। इस मौके पर श्री बड़थ्वाल ने राज्य सरकार से मांग की कि वह नेपाल के भूकंप पीडि़तों की हरसंभव मदद करे।   सपा की ओर से आयोजित इस हवन    तपोवन रोड स्थित काली मंदिर में आयोजित इस हवन कार्यक्रम में अनेक सपा कार्यकर्ता शामिल हुए। हवन के माध्यम से ईश्वर से भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की कामना की गई। इस मौके पर सपा नेता विनोद बड़थ्वाल ने कहा कि भूकंप ने नेपाल को तहस-नहस कर दिया। हजारों लोग मारे गए, कई घायल हुए और हजारों की संख्या में लोग बेघर हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत से आग्रह किया कि इस सकंट की घड़ी में प्रदेश सरकार भूकंप पीडि़तों की हरसंभव मदद करे। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध अत्यंत प्रागढ़ हैं। राज्य में काफी संख्या में गोर्खाली समाज रहता है। कार्यक्रम के संयोजक पीएस गुरुंग ने कहा कि नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद युद्धस्तर पर की जाएगी। आचार्य थानेश्वर उपाध्याय द्वारा हवन संपन्न कराया गया। इस मौके पर गुलफाम अली, सुभाष पंवार, मोहब्बत सिंह थापा, आदित् त्यागी, विद्या डोभाल, सोनू क्षेत्री आदि मौजूद रहे।

फिक्की महिला आग्रेनाइजेशन का दल करेगा उत्तराखण्ड भ्रमणः शिल्पी

देहरादून,10 मई (निस)। रविवार को बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत से फिक्की महिला आग्रेनाइजेशन के सदस्य के तौर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव शल्पी अरोड़ा ने भेंट की। भेंट के दौरान श्रीमती अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि फिक्की महिला आग्रेनाइजेशन देश में महिला उद्यमियों का संगठन है। इस संगठन का एक दल हैदराबाद से आगामी दिनों में उत्तराखण्ड के तीन दिवसीय भ्रमण पर आ रहा है, जो यहा संचालित विकास योजनाओं से भी रूबरू होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाएं देश-विदेश में हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होेंने उत्तराखण्ड भ्रमण पर आ रहे दल को मुख्यमंत्री आवास पर चाय पर आमंत्रित किया। उन्होंने कहा राज्य सरकार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।

हापुड के बाद हल्द्वानी सबसे बडी मण्डी, हल्द्वानी मण्डी के विस्तार की हो रही पहल: डा. हृदयेष

देहरादून,10 मई (निस) । वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने बताया है कि हापुड के बाद हल्द्वानी सबसे बडी मण्डी है। जहाँ सब्जियों और फलों का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। वर्तमान में मण्डी 44 एकड क्षेत्रफल में फैली है। हल्द्वानी कुमायूं क्षेत्र का बहुत बड़ा व्यापारिक केंद्र है। जहाँ पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों के कृषकों द्वारा बिक्री हेतु फल व सब्जियां लायी जाती हैं। यहाँ से पर्वतीय क्षेत्र के उत्पाद दिल्ली, मुम्बई व अन्य प्रान्तों के साथ ही पाकिस्तान व बांग्लादेश को भी भेजे जाते हैं। डा0 हृदयेश ने बताया कि पर्वतीय जनपदों के कृषि उत्पादों के विपणन की व्यवस्था हेतु वर्ष 1982 में इस मण्डी की स्थापना की गयी थी। उन्होनें बताया कि इतना लम्बा समय गुजर जाने के पश्चात इस मण्डी के विस्तार की आवश्यकता महसूस की गयी है। उन्होेनंे बताया कि उनके द्वारा हल्द्वानी महानगर के लिए लगभग एक हजार करोड के मैगा प्रोजेक्ट प्रारभ्म किये गये हैं। इसी कडी में हल्द्वानी मण्डी के विस्तार की दिशा में भी पहल की गयी है। उन्होनें बताया कि नवीन मण्डी से सटे टीपी नगर से सटी वन विभाग की पच्चीस एकड जमीन में नयी मंडी स्थापित की जायेगी। उन्होनें बताया कि मण्डी बनने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है, केवल केन्द्र सरकार की सैद्धान्तिक स्वीकृति मिलना बाकी है। अध्यक्ष मण्डी समिति सुमित हृदयेश ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए बताया कि इस मण्डी में कोल्ड स्टोर के साथ ही फिश मार्किट व फूलों का बाजार भी होगा। शहर के ट्रासंपोर्ट नगर के पीछे मुक्त विश्वविद्यालय के पास नयी मण्डी बनेगी। वन विभाग की पच्चीस एकड भूमि में इस मण्डी का विस्तार होगा। प्रदेश सरकार से भूमि की पत्रावली फाइनल होने के बाद केंद्र सरकार को भूमि हस्तांतरण के लिए भेज दी गयी है। उन्होनें बताया कि वन विभाग की इस पच्चीस एकड भूमि में बनने वाली मण्डी के बदले कृषि उत्पादन मण्डी समिति ने मुनस्यारी के मटेला गांव में पचास एकड जमीन ली है। इस भूमि में मण्डी समिति द्वारा पौध रोपण किया जायेगा। वन विभाग ने पौध रोपण का आंकलन कर लिया है, इसमें छब्बीस लाख की लागत आयेगी। इसके अलावा 11.60 लाख रूपये भी मण्डी खर्च करेंगी। उन्होनें कहा कि नयी मण्डी बनने के बाद आढतियों के साथ ही शहर की आम जनता को भी लाभ पहुंचेगा। महानगर के विकास के साथ ही यह मण्डी कारोबारियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होनेें बताया कि वित्तमंत्री डा0 श्रीमती हृदयेश द्वारा इसके लिए अथक प्रयास किये गयें है। इसी का नतीजा है कि जल्द ही शहरवासियों को नया तौहफा मिलने जा रहा है। 

ऋषिकेश घूमने आई छात्रा गंगा में डूबी, गंगा में डूबी यूपी श्रम मंत्री की बेटी

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देहरादून,10 मई (निस)। अपने साथियों के साथ ऋषिकेश घूमने आई एक छात्रा रविवार की सुबह नहाते समय गंगा में डूब गयी। जिसकी सूचना तत्काल ही पुलिस को दी गयी। छात्रा को ढूंढ़ने के लिए जल पुलिस ने रैस्क्यू आॅपरेशन चलाया किन्तु छात्रा का देर शाम तक कुछ पता नहीं चल पाया था। समाचार लिखे जाने तक छात्रा को ढूंढ़ने के लिए जलपुलिस का रैस्क्यू आॅपरेशन जारी था। दुर्घटना सूचना मिलने पर छात्रा के परिजन भी मौके पर पहंुच गए थे। मिली जानकारी के अनुसार सुभारती मैडिकल काॅलेज मेरठ में एमबीबीएस में तृतीय वर्ष की पढाई कर रही छात्रा आतिफा 22 वर्ष शनिवार रात तीर्थनगरी ऋषिकेश के लक्ष्ममण झूला के राजस्व क्षेत्र फूल चट्टी में कैपिंग के लिए अपने 10 साथियों के साथ गयी हुई थी। रविवार की सुबह लगभग 9.30 पर वह अपने साथियों के साथ नहाने के लिए गंगा नदी में गयी। आतिफा का अचानक पैर फिसल गया और वह अनियंत्रित होकर नदी के तेज बहाव में बहने लगी। देखते ही देखते वह नदी के बहाव में वह साथियों की निगाहों से ओझल हो गयी। जिसकी सूचना उसके साथियों ने पुलिस को दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहंुची जल पुलिस की टीम ने रैस्क्यू आपरेशन चलाकर आतिफा की काफी तलाश की किन्तु देर शाम तक उसका कुछ पता नही चल पाया था। सूचना मिलने के बाद रविवार की दोपहर तक आतिफा के परिजन भी मौके पर पहंुच गए थे। बताया जा रहा है कि आतिफा उत्तरप्रदेश सरकार के श्रम मंत्री शाहिद मंजूर की बेटी है। समाचार लिखे जाने तक आतिफा को तलाश करने के लिए जलपुलिस का रैस्क्यू आॅरपेशन जारी था।

मैक्स भिलंगना में गिरी, पंाच लोगों की मौत, चार घायल, दो लापता
  • -सीएम हरीश रावत व क्षेत्रीय विधायक भीमलाल आर्य ने दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया 

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देहरादून,10 मई (निस)। चमियाला से घनसाली आ रही मैक्स के भिलंगना नदी में गिरने से उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए, दो लोग अभी लापता हैं। घायलों को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी में भर्ती कराया गया है, जहां से कि चार गंभीर रूप से घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और क्षेत्रीय विधायक भीमलाल आर्य ने दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिये कि दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए।   जानकारी के अनुसार रविवार को पूर्वाहन 11.15 बजे मैक्स संख्या यूके-09टीए-0174 चमियाला से घनसाली के लिए निकली थी, घनसाली में पुल के नजदीक गैस गोदाम के पास मैक्स अचानक अनियंत्रित होकर भिलंगना नदी में जा गिरी। इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए, दो लोग लापता है। दुर्घटना के वक्त मैक्स में 11 लोग सवार थे। स्थानीय लोगों द्वारा दुर्घटना की सूचना घनसाली थाना पुलिस और इमरजेंसी एबूंलेंस 108 को दी गई, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से नदी से दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव और घायलों को बाहर निकाला, दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी में भर्ती कराया गया है। मृतकों में आशा देवी पत्नी भगत दास उम्र (53 वर्ष) निवासी सरोड़ा ग्यारह गांव हिंदाव, नवीन पुत्र किशोरी लाल उम्र (18 वर्ष) निवासी बूढ़ाकेदार, अनीता पत्नी शांति लाल उम्र (31 वर्ष) निवासी भनेल्ड़ी शामिल हैं। मैक्स चालक मनोज पुत्र विक्रम सिंह निवासी चमियाला, उपेंद्र पुत्र भजन सिंह निवासी पैन्यूला, आर्यन पुत्र शांति लाल निवासी भनेल्ड़ी, भरत दास पुत्र कालीदास निवासी सरोड़ा, बलवीर सिंह पुत्र भोला सिंह निवासी गोनगढ़ और विजय पुत्र मोहन लाल निवासी बूढ़ाकेदार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए, घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी में भर्ती कराया गया, जहां से मैक्स चालक समेत चार गंभीर रूप से घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। लापता दो लोगों की तलाश जारी है, नदी में पानी अधिक होने के कारण लापता लोगों को ढूंढने में समय लग रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और क्षेत्रीय विधायक भीमलाल आर्य ने दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिये कि दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए। साथ ही दुर्घटना में घायल हुए लोगों का उपचार प्राथमिकता पर किया जाय।
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