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विशेष आलेख : डकैतों का मीडिया इंटरव्यू : मलखान से निर्भय तक

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आज बदनामशुदा अपराधियों के इंटरव्यू छापने से भी मीडिया को परहेज नहीं है क्योंकि भले ही उनके महिमा मंडित होने की वजह से समाज का भीषण अहित होता हो लेकिन उनका इंटरव्यू सेलेबिल होता है और व्यवसायिक पत्रकारिता के दौर में खबर को प्रमुखता देने का मानक यही है कि उसमें ग्राहक को आकर्षित करने की क्षमता कितनी है लेकिन जब पंजाब और जम्मू कश्मीर का आतंकवाद नहीं आया था जिसकी धमक अपने-अपने राज्यों तक सीमित नहीं रही बल्कि देश की राजधानी और शीर्ष सत्ता केेंद्रों को भी इस आतंकवाद ने अपनी चपेट में लेने का दुस्साहस किया तब तक क्राइम की इवेंट के रूप में राष्ट्रीय स्तर तक चंबल के डकैतों से जुड़ी समाचार कथाओं की न्यूज वैल्यू सबसे ज्यादा मानी जाती थी। इसके बावजूद उस समय डकैतों के इंटरव्यू करने का फैसला लेना किसी पत्रकार के लिए इतना आसान नहीं था। इस फैसले पर पहुंचने के पहले उसे धर्मसंकट और ऊहापोह की घाटी से होकर गुजरना पड़ता था। 

कानून के मुजरिमों को नायक के रूप में पेश करने की तोहमत अपने ऊपर मढ़ी जाने का खतरा पत्रकारों के नैतिक साहस को डिगा देता था। इसके बावजूद चंबल के डकैतों पर मुझे जीने दो जैसी हृदय स्पर्शी फिल्म बनी और मूल तौर पर सुदूर पंजाब के रूमानी लेखक होते हुए भी कृश्न चंदर ने चंबल की पहली महिला डकैत पुतली बाई पर चंबल की चमेली के नाम से बहुत ही मार्मिक उपन्यास लिखा था यानी साहित्य में भी चंबल के डकैत पूरी सहानुभूति के साथ उपस्थित थे। वजह यह थी कि कानून की निगाह में भले ही वे मुजरिम हों पर समाज जानता था कि उत्पीडऩ और अन्याय के भुक्तभोगी वे लोग डकैत बनते हैं जो नेकी में समाज के किसी भी इंसान से बहुत ऊपर हैं लेकिन जिन्हें हथियार उठाने के लिए मजबूर किया गया है। अपने बारे में लोगों का यह विश्वास न टूटे। खुद को बागी कहने वाले चंबल के डकैत इसे लेकर अपनी करनी में पूरी तरह सतर्क भी रहते थे। इसी वजह से पुराने दौर में चंबल के किसी डकैत ने कभी किसी महिला, बच्चे और गरीब को नहींसताया।

इसी कारण यह माना जाता था कि डकैतों के मामले में वे नहीं असल अपराधी वह व्यवस्था है जो उत्पीड़कों के आगे नतमस्तक हो जाती है। नतीजतन डकैतों के इंटरव्यू छापना दूसरे पहलू से पत्रकारों को नैतिक कर्तव्य की पूर्ति के लिए आवश्यक भी लगता था। वैचारिक और भावनात्मक जद्दोजहद के उस दौर को इस पंक्ति के लेखक ने किशोर अवस्था से शुरू की गई अपनी पत्रकारिता की शुरूआत में काफी शिद्दत से महसूस किया। चंबल के डकैतों में मैंने पहला साक्षात्कार मलखान सिंह से लिया जो कि छविराम के समकालीन सक्रिय थे। मलखान सिंह आज भी जिंदा हैं और समर्पण के बाद वे अच्छे खासे नेता भी बन गए हैं लेकिन उस समय वे चंबल के पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड डकैत सरगना थे जिन पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। उस समय की मार्केट वैल्यू के हिसाब से वह इनाम आज के एक करोड़ रुपए से भी अधिक का माना जा सकता है। जाहिर है कि ऐसे डकैत से मुलाकात हो पाना आसान बात नहीं थी। 

करंट के संवाददाता के रूप में आलोक तोमर और ग्वालियर में पदस्थ एक एजेंसी के बड़े पत्रकार के साथ मलखान सिंह के गांव बिलाव के पास बीहड़ों में जब हमने उससे भेंट की तो यह बेहद रोमांचक तर्जुबा था। हालांकि हमारी मुलाकात की जानकारी उस समय भिंड के एसपी रहे विजय रमन को पहले से थी। उन दिनों छविराम के समर्पण की भूमिका बन रही थी जो बाद में हुआ नहीं। वे चाहते थे कि उसी तर्ज पर मलखान को भी समर्पण के लिए रजामंद करने को कुछ सूत्र मिल जाएं इसलिए वे हमारे अंजाने में हम लोगों का इस्तेमाल इसके लिए करने का विचार बनाए हुए थे। उन दिनों मेरी और आलोक की शिक्षा पूरी नहीं हुई थी। यह भी था कि देश के अग्र गन्य पत्रकारों में शुमार हुए स्व. आलोक तोमर उन दिनों सिर्फ कविताएं लिखते थे और बेहद कम उम्र होते हुए भी उन्होंने उस समय तक हरिवंश राय बच्चन से लेकर धर्मवीर भारती तक को अपना प्रशंसक बना लिया था। बहरहाल आलोक तोमर उन दिनों मेरी वजह से पत्रकारिता की ओर आकर्षित हो रहे थे और किसी को पता नहीं था कि आगे चलकर वे कितनी चोटियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में छुएंगे। 

इस भेंट के बाद जहां एक ओर डकैतों के मानवीय पक्ष को गहनता से देखने की दृष्टि हम लोगों में मजबूत हुई वहीं एक दूसरा पक्ष भी हम लोगों ने जाना जो असल डकैत था। डकैतों को खाना मुहैया कराने से लेकर उनके हथियार और गोला बारूद तक की व्यवस्था करने वाला शरणदाता के नाम से अपराध शास्त्र में परिभाषित किया जाने वाला यह तबका डकैत समस्या में ऐसी अमरबेल बन गया था कि जब तक यह अमरबेल समूल नष्ट न होती तब तक इस समस्या का अंत संभव नहीं था। कई सफेदपोश लोग इसमें शामिल थे जो बेहद खूंखार भी थे और जिनका रहस्योद्घाटन करना अपने को जान जोखिम में डालने का काम था लेकिन पत्रकारिता उन दिनों सरफरोशी की तमन्ना का ही दूसरा नाम कहा जाता था इसलिए मलखान सिंह मिलने के बाद जहां मुझे बहुत मासूम लगे वहीं मैंने इस जरूरत को महसूस किया कि शरणदाताओं की इस शैतान नस्ल की नाक में नकेल डालने के लिए किसी भी सीमा तक जाना होगा। 

इसी के बाद फीचर एजेंसी संवाद परिक्रमा के माध्यम से 1981 में चंडीगढ़ के मशहूर दैनिक ट्रिब्यून में डकैतों को हथियार कौन देता है शीर्षक से मेरी एक समाचार कथा प्रकाशित हुई जिसे लगभग छह महीने बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी संडे मैगजीन के लिए कवर स्टोरी बनाया। इस समाचार कथा ने तहलका मचा दिया क्योंकि इसमें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हथियारों की दुकान चलाने वाले प्रभावशाली सिंडीकेट की डकैतों को गोला बारूद की सप्लाई करने की करतूत सप्रमाण उजागर हुई। इस सिंडीकेट की जड़ें सत्ता में बहुत गहरी थीं। साथ ही मध्य प्रदेश के कई बड़े पुलिस अफसर भी इसमें शामिल थे। मेरी स्टोरी छपने के बाद विजय रमन ने मुख्यमंत्री आवास तक के निर्देशों की परवाह न करते हुए सिंडीकेट के सरगना की न केवल भिंड जिले की दुकानें सीज कर दीं बल्कि कानपुर और इटावा आदि शहरों में भी उसकी दुकानों पर उन्होंने ताबड़तोड़ छापे डाले। इस सिंडीकेट ने मुझे सबक सिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन मेरी उक्त कथा इतनी प्रभावी साबित हुई कि उसी के कारण 1982 और 1983 के ऐतिहासिक दस्यु समर्पण की भूमिका तैयार हुई। साथ ही विजय रमन को उक्त कार्रवाइयों की वजह से मध्य प्रदेश के उत्तरी छोर से सीधे दक्षिणी छोर पर स्थानांतरित कर दिया गया और उनके अन्यायपूर्ण तबादले का मामला मध्य प्रदेश विधान सभा से लेकर दिल्ली तक में जमकर गूंजा।
1983 के बाद चंबल के डकैतों के बारे में धारणाएं काफी हद तक बदलीं। 

इसके बाद के दौर के ज्यादातर डकैत आपराधिक मानसिकता के लोग थे नतीजतन उनकी वारदातों में भी गुणात्मक अंतर आया। उन्होंने महिलाओं बच्चों किसी को भी न बख्शने का ट्रेंड अपना लिया। समाज भी इन खलनायकों से त्राहि त्राहि कर उठा। ऐसे में सरकार का दबाव पुलिस पर इनके सफाए के लिए बढ़ा तो पुलिस बेहद सक्रिय हो गई। इस दौर में भी रामआसरे उर्फ फक्कड़ ऐसे डकैत सरगना थे जिनको लोग अलग नजरों से देखते थे। 1991 तक बीहड़ में रहते हुए भी एक तरह से उन्होंने साधु जैसा व्रत ले लिया था। उनसे कई दंत कथाएं जुड़ गई थीं इसलिए मैंने फक्कड़ से सीधी मुलाकात का तानाबाना बुनना शुरू किया। रामपुरा थाने के मिर्जापुरा गांव के पास बरसाती रात में मेरी फक्कड़ से मुलाकात होनी थी। उसी समय सामने मध्य प्रदेश के एक गांव में किसी का कत्ल हो गया और मध्य प्रदेश पुलिस व एसएएïफ का भारी दस्ता उस गांव पर धावा बोलने पहुंच गया। फक्कड़ गिरोह समेत यह देखकर खिसक गए लेकिन रात बारह बजे से सुबह पांच बजे तक का वह समय किस तरह निविड़ बीहड़ों में इन पंक्तियों के लेखक ने काटा यह अनिर्वचनीय है। 

दूसरी बार इस दुर्लभ माने जाने वाले डकैत से सीधे साक्षात्कार का प्रयास 1994 में मैंने फिर किया और इस बार कामयाब रहा। कुछ ही समय पहले उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था रहे मुकुल गोयल उस समय जालौन के एसएसपी थे। इटावा जिले की सरहद में फक्कड़ से मेरी भेंट हुई और दिलचस्प बात यह रही कि फक्कड़ ने उस समय मुझे बताया कि मेरा हृदय परिवर्तन हो चुका है। मैं खूनखराबे की इस जिंदगी को नमस्कार करके समर्पण करना चाहता हूं ताकि शांति से भगवान का भजन कर सकूं। मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर अभी तक कोई भरोसा नहीं था लेकिन डीआईजी बीएल यादव व जालौन के एसएसपी मुकुल गोयल के बारे में मैंने जो सुना है उससे मैं समझता हूं कि अगर मैं इनके सामने हथियार डालूं तो मुझसे कोई दगा नहीं होगा। फक्कड़ के इस मंतव्य को मैंने बीहड़ से लौटकर दोनों पुलिस अफसरों को बताया लेकिन दोनों पुलिस अफसरों ने साफ कह दिया कि समर्पण कराने वे खुद फक्कड़ के सामने नहीं जाएंगे। हां अगर उसे समर्पण करना है तो वह उनके क्षेत्र के किसी थाने में कर दे। उसका एनकाउंटर नहीं होगा और न ही कोई उत्पीडऩ किया जाएगा। यह वायदा हम लोग करते हैं। जाहिर है कि इसके बाद समर्पण की बात आगे नहीं बढ़ी। उत्तर प्रदेश में दूसरे जो पुलिस अफसर आए उन पर फक्कड़ ने यकीन नहीं किया और सन् 2004 में उसने मध्य प्रदेश में जाकर समर्पण कर दिया। डकैतों से तीसरा मेरा इंटरव्यू निर्भय गुर्जर से हुआ। 

सन् 2004 में दो बार मैंने अपने इलेक्ट्रानिक चैनल के मित्रों के साथ उससे मुलाकात की। निर्भय गुर्जर ने भी समर्पण की इच्छा व्यक्त की थी लेकिन वह चाहता था कि इसके लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में समारोह हो। उस समय संयोग से दस्यु उन्मूलन के उत्तर प्रदेश के प्रभारी आईजी फिर बीएल यादव थे। एक बार बीएल यादव ने अपना पुराना रुख दोहराया। अगर निर्भय गुर्जर मुख्यमंत्री को बुलाने की जिद पर न अड़ा होता तो आज उसकी जिंदगी सलामत होती। फक्कड़ की तरह ही निर्भय गुर्जर के संदर्भ में भी बीएल यादव ने कहा था कि उसे जानी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा लेकिन उसको समर्पण किसी थाने में ही करना होगा लेकिन असली मुद्दा यही है कि डकैतों, माफियाओं व इसी तरह के अन्य बड़े अपराधियों का साक्षात्कार लेकर मीडिया को उन्हें हीरो बनने का अवसर देना कितना उचित है और कितना अनुचित है। मैं सिर्फ यही कहूंगा कि जब पहली बार मलखान सिंह का इंटरव्यू हम लोगों ने किया था तब हम लोग जितने निष्पाप थे निर्भय गुर्जर के इंटरव्यू तक आते आते हमारी स्थिति वह नहीं रही। हम भी कहीं न कहीं व्यवसायिक पत्रकारिता की गुमराह गलियों में भटकने से अपने को नहीं रोक पाए।




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के  पी  सिंह 
ओरई 

मान न मान सौ करोड़ के क्लब में चौथा खान....

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irfan khan
फ़िल्म पीकू की ज़बरदस्त सफलता के बाद फ़िल्म उद्योग के चेहरे पर इरफ़ान खान को लेकर ख़ुशी की लहर साफ़ देखने को मिल रही है और यह कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या सलमान, शाहरुख़ और आमिर के बाद सौ करोड के जादुई आंकड़े को छूने वाला इंडस्ट्री को एक और खान इरफान खान के रूप में मिल गया है ! जहाँ एक ओर बादशाह खान ने अपने रोमांटिक अंदाज़ से, सलमान खान ने अपने एक्शन स्टाइल से और आमिर ने अपने परफेक्शन से दर्शकों को सिनेमा हॉल तक आने के लिए मजबूर किया है, वहीँ इरफ़ान खान ने अपनी सीधी साधी परन्तु विलक्षण और रूहानी शैली से अपने हुनर के दम पर दर्शकों के दिलों- दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी है।  

टीवी के छोटे पर्दे से लेकर हॉलीवुड की बड़ी फिल्मों में अपने निराले अंदाज़ और अभिनय शैली से उन्होंने अपनी एक अलग छवी बनायीं है। फ़िल्म विश्लेषकों ने आज के इस इरफान को हांथो हाँथ लिया है और उनके काम की दिल खोलकर तारीफ़ की है और शायद यही कारण है कि सामान्य सा  दिखने वाला यह खान आज बॉलीवुड की टॉप सुन्दरियों के साथ रूपेहेले परदे पर एक अलग ही केमिस्ट्री निभाता नज़र आता है।पिछले तीन दशकों से इस खान ने अपने अभिनय के हर रंग में  दर्शकों को रंगते हुए बहुत वाह- वाही लूटी है। कितने ही स्थापित बॉलीवुड दिग्गज कलाकार हॉलीवुड में एंट्री पाने के लिए लालायित रहते है लेकिन इरफ़ान ने तो हॉलीवुड इंडस्ट्री  को ही अपना दूसरा घर बना लिया है।  पीकू की सफलता के जश्न के साथ साथ यह गहरी आँखों वाला खान अपनी आने वाली हॉलीवुड फिल्म्स जुरासिक वर्ल्ड और इंफेरनो को लेकर भी  बेहद उत्साहित है।

बिहार : 1 अणे मार्ग में रहते हैं जीतन राम मांझी

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  • यहाँ पर रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को फल-सब्जी खाना मना है
  • आम-लीची की रखवाली में 24 पुलिसकर्मी तैनात

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पटना। सूबे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रशासन के द्वारा 24 पुलिसकर्मी भेजे गए हैं। जो एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास में लगे आम-लीची की रखवाली करेंगे। इस बयान से राजनीतिक क्षेत्र में भूचाल पैदा हो गया। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि इस बाबत जानकारी नहीं है। अगर पूर्व मुख्यमंत्री आम खाना चाहते हैं तो खरीदकर आम खाने को दे देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का सामूहिक प्रयास
फिलवक्त 1 अणे मार्ग में स्थित मुख्यमंत्री निवास में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रहते हैं। 1988 से 1 अणे मार्ग को मुख्यमंत्री का निवास स्थान घोषित कर दिया गया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी धर्मपत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने 1990 से 2005 तक निवास किए। सत्ता से बेदखल होने के बाद लालू-राबड़ी ने 6 माह तक खुट्टा गाड़कर रहे। इन 15 सालों में गौशाला और बगान तैयार कर दिए। 35 आम का पेड़ लगाएं। 15 लीची का पेड़ भी लगाएं। इसके अलावे 10 अमरूद्ध और 8 कटहल का पेड़ भी लगाएं। इसके अलावे केला,पपीता,शरीफा आदि का भी पेड़ लगाएं। जब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मुख्यमंत्री निवास छोड़ रही थीं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि आम भेज दीजिएगा। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आम पेड़ में मधुवा लग गया है। बाद में कहा कि जरूर ही आम भेज देंगे। 

जब नैतिकता की दुहाई देकर मुख्यमंत्री बनाया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक सभा में भारी पराजय के बाद नैतिकता की दुहाई देकर 1 अणे मार्ग को अलविदा कहे थे। उनके प्रयास से ही जीतन राम मांझी, मुख्यमंत्री बने। जब जीतन राम मांझी कठपुतली मुख्यमंत्री न बनकर स्व विवेक से कार्य करने लगे, तो उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी। पूर्व मुख्यमंत्री का मकान निर्माण नहीं होने के कारण फरवरी 2015 से जीतन राम मांझी 1 अणे मार्ग पर जमे हुए हैं। मुख्यमंत्री का निवास से जीतन राम मांझी का मोहभंग नहीं हो रहा है। वहाँ से हटाने में सरकार असफल है। यह भी कहा जाता है कि जबतक मुख्यमंत्री की कुर्सी में जीतन राम मांझी विराजमान थे,तबतक मुख्यमंत्री के निवास में होने वाली सब्जी और फल सेवन करने के हकदार थे। जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बन गए वहाँ की सब्जी और फल का उपयोग नहीं कर सकते। अगर करते हैं तो सरकारी मापदंड के अनुसार समान का दाम देना पड़ेगा। जो सरकारी खजाने में जमा होगा। 

सरकार ने 8 सब इंस्पेक्टर और 16 जवान भेजा
सर्वविदित है कि सूबे के महामहिम राज्यपाल,माननीय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के निवास स्थान संवेदनशील स्थानों में सर्वोपरि है। काफी संख्या में पुलिस जवान तैनात रहते हैं। ऐसे में यकायक 1 अणे मार्ग में 24 पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया। इनमें 8 सब इंस्पेक्टर और 16 जवान हैं।इसने चार शिफ्टों में कार्य लिया जा रहा है। रात 10-7 बजे तक राकेश कुमार और युगेश पंडित कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री निवास में 100 पेड़ है। 4 पेड़ की रखवाली में 1 पुलिसकर्मी बहाल हैं। 

1456 लोगों की रखवाली में 1 पुलिसकर्मी
इस प्रदेश का दुर्भाग्य है। 1 पुलिसकर्मी के जिम्मे 1456 लोग हैं। वीआईपी की सुरक्षा में 3664 पुलिसकर्मी लगे हुए हैं। 853 थाने में पुलिस बल की संख्या पर्याप्त है। इस समय 70 हजार की संख्या में 24 घंटे कार्यरत रहने वाले बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक हड़ताल में हैं। सीएम नीतीश कुमार ने 2 जून की रोटी जुगाड़ करने वालों को 6 जून 2013 को दैनिक भत्ता 300 रूपए कर दिए।इनको पूर्व सीएम के द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी की गयी थी। जो सीएम नीतीश कुमार नहीं दे रहे हैं। बिहार में 702 मर्डर,104 डकैती,357 लूट,1696 अपहरण,14 फिरौती,233 बलात्कार आदि सदृश्य अपराध हुआ है। इस ओर सरकार कदम नहीं उठा रही है। वहीं एक महादलित मुसहर समुदाय के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को 1 अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है।

अब सवाल उठता है कौन खाएंगा दशहरी आम
सूबे में सितम्बर-अक्टूबर माह में चुनाव होने जा रहा है। प्रदेश के लोग मतदान करेंगे। नयी सरकार गठित होगी। कौन मुख्यमंत्री बनते हैं? यह भविष्य के गर्भ में है। तब जाकर पता चला कि कौन खाएंगा 1 अणे मार्ग का दशहरी आम। फिलवक्त दीघा के आम के बगान में मालदह आम के रसिक आकर आम खरीदने लगे हैं। इस समय मालदह आम के स्वाद चख लेने वाले लोग दीघा के बगान में आकर पेड़ से आम तुड़वाकर ले जा रहे हैं। 5 किलोग्राम की कीमत 400 सौ रूपए है। एक किलोग्राम में 4 आम चढ़ता है। 1 आम 30 रूपए में मिल रहा है। 



आलोक कुमार
पटना 


छतरपुऱ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जून)

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कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची 15 दिवस के अंदर जारी करें-कलेक्टर
  • जिला स्तरीय संयुक्त परामर्ष दात्री समिति की बैठक सम्पन्न

छतरपुऱ/ 04 जून/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय संयुक्त परामर्ष दात्री समिति की बैठक में अधिकारियों को निर्देष दिये कि वे अपने विभाग के कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची 15 दिवस के अंदर जारी करें। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की जिला स्तर से होने वाली पदोन्नति, क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान की कार्यवाही एक माह के अंदर पूर्ण कर ली जाये। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने हर तीन माह में नियमित रूप से संयुक्त परामर्ष दात्री समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि अगली बैठक के पूर्व सभी संबंधित विभागों के अधिकारी अपने विभाग की संयुक्त परामर्ष दात्री समिति की बैठक आयोजित कर लें। उन्होंने तहसील स्तर पर भी संयुक्त परामर्ष दात्री समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देष दिये। बैठक में उन्होंने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के सुझावों एवं समस्याओं को ध्यान पूर्वक सुनकर आवष्यक कार्यवाही का आष्वासन दिया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री एससी गंगवानी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नीता राठौर, जिला षिक्षा अधिकारी श्री एसएन तिवारी, पीओ डूडा श्री निरंकार पाठक, कार्यपालन यंत्री विद्युत वितरण कम्पनी श्री एसएन मिश्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

कृषि क्रांति रथ से दी जा रही खेती की नई तकनीकों की जानकारी
  • कलेक्टर ने मझगुवांकलां में पहुंचकर की लाभ उठाने की अपील

chatarpur news
छतरपुऱ/ 04 जून/कृषि महोत्सव 2015 के तहत जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में कृषि क्रांति रथों का भ्रमण जारी है। इसी क्रम में बिजावर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मझगुवांकलां में पहंुचकर कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने कृषि क्रांति रथ के माध्यम से दी जारी रही खेती की नई तकनीकों की जानकारी का लाभ उठाने के लिये लोगों से अपील की। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने कहा कि राज्य षासन की मंषा है कि खेती को लाभ का धंधा बनाया जाये। इसी उद्देष्य से कृषि महोत्सव के तहत गांव-गांव में कृषि क्रांति रथ के माध्यम से खेती की नई और आधुनिक तकनीकों की जानकारी  किसानों तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों को उपयोग में लाकर फसलों की उपज कई गुना बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि खेती में किस तरह की खाद, बीज एवं कीटनाषको ंका प्रयोग किया जाना है, इसकी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि क्रांति रथ के माध्यम से दी जा रही है। उन्होंने इस अवसर पर अन्नदान भी किया। उन्होंने लोगों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण भी किया। कृषि क्रांति रथ के साथ कृषि, पषुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी, राजस्व आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहकर लोगों को विभिन्न तरह की जानकारी दे रहे हैं। कृषि क्रांति रथ के द्वारा ग्राम मझगुवांकलां में पहुंचने के पूर्व ग्राम पलकोहां एवं खरयानी में भी किसानों को जानकारी दी गई। कृषि क्रांति रथ द्वारा एक दिन में तीन ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है। इसके माध्यम से भजन मंडली द्वारा षासन की योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। ग्राम मझगुवांकलां में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. अख्तर के अलावा एसडीएम बिजावर श्री अनुराग वर्मा, तहसीलदार श्री आरआर चडार, सीईओ जनपद श्री पीएल पटेल, एसडीओ कृषि श्री जेपी षर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं प्रगतिषील कृषक श्री सौरभ भटनागर तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद थे।

मैगी में नहीं मिलाते MSG: नेस्ले

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देश के कई राज्यों में मैगी पर रोक लगाने के बाद नेस्ले  के ग्लोबल सीईओ पॉल बुल्के ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुरक्षा और गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता है। मैगी में कुछ भी हानिकारक नहीं है। मैगी पूरी तरह सुरक्षित है।

केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने बाजार से मैगी ब्रांड के नौ तरह के इंस्टैंट नूडल वापस लेने का आदेश दिया। एफएसएसएआई ने मैगी ब्रांड के नौ तरह के नूडल को खाने के लिए असुरक्षित और खतरनाक पाया और नेस्ले से कहा कि वह तुरंत प्रभाव से इनका उत्पादन, आयात और बिक्री रोके। बुल्के ने प्रेस वार्ता में कहा, हमने मैगी के 1000 नमूनों की जांच की है। सारे नमूने बताते हैं कि मैगी सुरक्षित है। भारत में टेस्ट के तरीकों की भी हम जांच कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैगी में हम एमएसजी को नहीं मिलाते।  हम फिलहाल बाजार से मैगी को हटा रहे हैं, क्योंकि माहौल सही नहीं है। लोगों में भम्र की स्थिति बनी हुई है। हम भ्रम को मिटाने के लिए हर तरह का प्रयास करेंगे। बुल्के ने कहा, हम अपने उत्पादों के लिए दुनिया में एक ही स्टैंडर्ड का पालन करते हैं। मैगी के मामले में भी हम ऐसा ही करते रहे हैं। हम मैगी को जल्द बाजार में वापस लाएंगे।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (05 जून)

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फाइनल मुकाबले मंें पीबीआर को ग्यारह रन से पछाड़कर, आलोक वर्मा टेनिस बाॅल क्रिकेट ट्राॅफी पर आरडीबी ने जमाया कब्जा
  • जाॅनी मैन आॅफ द मैच 

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के मैदान पर खेले जा रहे आलोक वर्मा टेनिस बाॅल क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच पीबीआर और आरडीबी के बीच गुरूवार की अपराह्न करीब 04 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ हुआ। फाइनल मैच में टाॅस के लिए दोनों टीम के कप्तान गुडडू बाबा (पीबीआर) और रवि कुमार जायसवाल (आरडीबी) मैदान में उतरे, आरडीबी के रवि कुमार जायसवाल ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। रवि कुमार जायसवाल ने बताया कि उसने सभी टाॅस जीता है और सभी मैच भी जीते है। पहले बल्लेबाजी करते हुए आरडीबी के बल्लेबाजों ने निर्धारित 16 ओवर में 4 विकेट खोकर 120 रन बनाया। उसके बल्लेबाज जाॅनी ने शानदार 4 छक्के और 4 चैके की मदद से 47 रन बनाए। उसके बाद मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरी पीबीआर के बल्लेबाजों ने बहुत बुरी शुरूआत की 33 रन पर पीबीआर ने अपने 6 महत्वपूर्ण विकेट गँवा दिया। फिर नाईट वाच मैन खिलाडि़यों ने टीम को ख्ंिाचा और नौ विकेट पर पीबीआर 79 रन बना सकी। आरडीबी के ओर से राकेश कुमार, सुनिल कुमार और राजू ने शानदार गंेदबाजी का प्रदर्शन किया और पीबीआर को घुटने टेकने का मजबूर कर दिया। बावजूद इसके पीबीआर के खिललाडि़यों का परिश्रम रंग लाता दिखा लेकिन पीबीआर के खिलाड़ी 109 रन ही बना सके। फाइनल मैच में निर्णायक की भूमिका बिल्लू सोनी व जिम्मी सोनी ने निभाई। फाइनल मैच तक खेलने वाले आरडीबी के खिलाड़ी महम्मद हासिम ने पूरे प्रतियोगिता के दौरान सेमीफाइनल में 29 गेंद खेलकर शानदार 78 रन बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। इतना ही नहीं जाॅनी के शानदार प्रदर्शन के लिए उसे मैन आॅफ द मैच चुना गया। उपर्युक्त अवसर पर विधायक ने कहा कि यह क्षेत्र खेलकूद और कला संस्कृति की विभिन्न विधाओं में सम्पन्न है। अभी इस क्षेत्र के युवा व किशोर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है। आलोक वर्मा टेनिस बाॅल क्रिकेट प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा ने कहा कि यह मंच खेल का मंच है, कोई राजनीतिक मंच नहीं इसमें सभी दल के खेल प्रेमी शामिल है। नरकटियागंज में विधायक की पहल पर क्षेत्रीय युवाआंे में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एस आई एस का रिक्रूटमेन्ट सेन्टर खोला जाएगा। श्री सिन्हा ने विजेता टीम आरडीबी के कप्तान रवि कुमार जायसवाल को आलोक वर्मा क्रिकेट प्रतियोगिता का विजेता ट्राॅफी के साथ 25000 (पच्चीस हजार) रूपये और उपविजेता टीम पीबीआर के कप्तान बाबा को उपविजेता ट्राॅफी के साथ 15000 (पंद्रह हजार) रूपये का चेक प्रदान किया। आयोजक टाउन क्लब की सराहना आगत अतिथियांे ने की जबकि अतिथियांे का स्वागत विधायक नरकटियागंज रश्मि वर्मा ने किया। विशिष्ट अतिथियों में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विनय बिहारी, विधान पार्षद संजय मयूख, पश्चिम चम्पारण बेतिया के ए एस पी अभिायन राजेश कुमार, एसडीपीओं अमन कुमार एवं अन्य अतिथियांें में वर्मा प्रसाद, थानाध्यक्ष शिकारपुर हरिश्चन्द्र ठाकुर, राजकीय रेल थानाध्यक्ष विकास कुमार, मेहीलाल प्रसाद, केदार प्रसाद, हंकार मणि तिवारी, विजय श्रीवास्तव, सत्येन्द्र शरण एवं अजीत सर्राफ मुख्य रूप से दिखे।

महिला जख्मी

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के ब्लाॅक रोड बरवा निवासी अनिरूद्ध प्रसाद यादव की पत्नी सुगंधी देवी उम्र करीब 43 वर्ष के घायल होने की खबर है। इस बावत शिकारपुर पुलिस के निर्देश पर उसका इलाज सरकारी अस्पताल में किया गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। चिकित्सा सूत्रों के अनुसार पीडि़ता सुगंधी देवी के दाहिने आँख के उपर सूजन और नाम पर जख्म के निशान पाए गये है।

विवाहिता ने छत से कूदकर किया आत्म हत्या का प्रयास

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) शिकारपुर थानाक्षेत्र के बरवा-बरौली पंचायत के अन्तर्गत उसी गाँव की सोहैल अहमद की पुत्री सबिहा ने गुरूवार अपने मायके की छत से कूदकर जान देने की कोशिश की। इस बावत बताया जाता है कि करीब चार वर्ष पूर्व उसकी शादी देवराज के बसवरिया गाँव में शेख साबिर मास्टर के बेटे के साथ सम्पन्न हुुई थी। विवाह के उपरान्त सबिहा को एक बेटी भी है। अलबत्ता मियाँ-बीवी की आपसी तकरार इस कदर बढी कि दोनों एक दूसरे से करीब एक वर्ष से अलग रहने लगे। दोनो के परिवार वालों ने सुलह का असफल प्रयास किया। जिसके बाद यह तय हो गया कि सबीहा अपने मायके से ससुराल जाने को तैयार नही ंथी। अचानक गुरूवार को छत से कूद गई, घायलावस्था मंे जब सबीहा के पिता महम्मद सोहैल अहमद, भाई मिसबाहुल हक, मामा शेख भोला गद्दी उसे लेकर अस्पताल जा रहे थे कि अचानक गाँव के स्कूल के पास सबिहा के ननदोई(पति के बहनोई) शौकत अली व उसके रिश्तेदार उसकी गाड़ी रोककर मारपीट करने लगे और इलाज के लिए उसे (सबीहा को) जबरन लेकर चले गये, जिसकी सूुचना उसके पति व ससुराल वालों को नहीं है। इस बावत जब शिकारपुर थानाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ठाकुर से पूछताछ की गई तो उन्होने अनभिज्ञता जताई। हालाकि गुरूवार को सोहैल अहमद व अन्य शिकारपुर थाना का चक्कर लगाते दिखंे।

जरूरत हुई तो केजरीवाल सरकार को और पुलिस अफसर देंगे : नीतीश कुमार

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी सरकार की तारीफ की है. साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल के अच्छे काम-काज में केंद्र द्वारा बाधा डालने का आरोप भी लगाया. दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के लिए बिहार से अफसरों की दिल्ली में नियुक्ति पर नीतीश ने कहा कि हम दिल्ली सरकार को अपने अफसर भेजे हैं और जरूरत पड़ी तो वो और अफसर भेजेंगे. 

नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो केंद्र की मदद करते हैं और केजरीवाल अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए हम उनकी मदद कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो और अधिकारी हम दिल्ली सरकार को भेजेंगे. नीतीश कुमार ने केंद्र पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि दिल्‍ली के मामले में केंद्र सरकार अधिकारियों की कमी की बात कहती है लेकिन केंद्रीय मंत्री अपने निजी अधिकारियों के रूप में बिहार से ही अधिकारी ले जाते हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिहार से छह पुलिस अफसर बुलाए हैं, जिसको लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में तनातनी जारी है.

मैगी नूडल्स खाने के लिहाज से सुरक्षित : नेस्ले

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नेस्ले इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने शुक्रवार को कहा कि मैगी नूडल्स खाने के लिहाज से सुरक्षित है। नेस्ले के सीईओ पॉल बुलक ने यहां मीडिया से कहा, "मैगी नूडल्स उत्पाद खाने के लिहाज से सुरक्षित हैं।" उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता अब सभी हितधारकों से भ्रम दूर करने का वादा करना है। हमने महसूस किया है कि उपभोक्ताओं का विश्वास डगमगाया है, इसलिए हमने उत्पाद बाजार से वापस ले लिया है।"


पॉल ने कहा, "हमने जो जांच कराईं, उसमें कोई सीसा नहीं मिला। इसलिए प्रशासन ने जांच के जो तरीके अपनाए हैं, हम उसके बारे में उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।"नेस्ले इंडिया कंपनी ने शुक्रवार सुबह कहा कि मैगी नूडल्स की देशव्यापी जांच में तय सीमा से अधिक सीसा पाए जाने के बाद पूरे देश से मैगी नूडल्स वापस ले रही है।



कंपनी ने एक बयान में कहा, "मैगी नूडल्स पूरी तरह सुरक्षित हैं और भारत में 30 वर्षो से अधिक समय से भरोसेमंद है। हमारे उपभोक्ताओं का भरोसा और हमारे उत्पाद की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।"कुछ राज्य सरकारों ने अगले 15 से 30 दिनों के लिए मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी है।

विश्व नम्बर एक चेन को हराकर कश्यप सेमीफाइनल में

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भारत के पारूपल्ली कश्यप विश्व के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त बैडमिंटन स्टार चीन के चेन लोंग को शुक्रवार को हराते हुए 800,000 डॉलर इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। वर्ष 2014 में आयोजित ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में एकल स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाले कश्यप ने क्वार्टर फाइनल में मौजूदा विश्व चैम्पियन चेन को 14-21, 21-17, 21-14 से हराया।

कश्यप और चेन के बीच यह नौवीं भिड़ंत थी। इससे पहले सात बार चेन विजयी रहे थे। दो मौकों पर कश्यप को जीत मिली है।

मलाला पर जानलेवा हमलावर करने वाले जेल में नहीं है

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पाकिस्तान के खुफिया सूत्रों से एक खबर लीक हुई है। इसके मुताबिक मलाला पर जानलेवा हमला करने वाले 10 तालिबानी आतंकियों में से अब दो ही जेल में है। जबकि बाकी आठ को तो सजा के फौरन बाद ही गुपचुप तरीके से छोड़ दिया गया था।

अप्रैल में पाकिस्तानी कोर्ट ने मलाला युसूफजई पर हमला करने वाले और उस षड्यंत्र में शामिल होने वाले 10 तालिबानी आतंकियों को 25 साल जेल की सजा सुनाई थी। मलाला ने लड़कियों की शिक्षा अनिवार्य करने के लिए आवाज उठाई थी। इसी के बाद उस पर हमला हुआ था। डेली मेल अखबार के मुताबिक सजा सुनाए जाने के फौरन बाद ही आठ लोगों को रिहा कर दिया गया था। पाकिस्तानी खुफिया विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये पूरा अभियान इतना गुप्त रखा गया था ताकि मीडिया में किसी तरह का हल्ला न मचे।

पाकिस्तानी अधिकारी के अनुसार उस समय पाकिस्तान पर पूरी दुनिया से मलाला के हमलावरों को सजा देने की मांग का दबाव था। इससे बचने के लिए दस लोगों पर मुकदमा चलाया गया और सजा सुनाने के लिए कुछ ही घंटों बाद चुपके से आठ लोगों को छोड़ भी दिया गया। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि इन आठ लोगों के खिलाफ तो कोई सुबूत ही नहीं थे। मीडिया को भी गलत सूचना दी गई।

रॉबर्ड वाड्रा से जुड़े पुराने मामलों की भी जांच होगी: मनोहर लाल खट्टर

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हरियाणा सरकार कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े पुराने मामलों की भी फाइल खोलने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को गुडगांव में कहा कि कॉमर्सियल कॉलोनियों के लिए पिछली सरकार द्वारा दिए गए लाइसेंसों में वॉड्रा-डीएलएफ डील सहित अगर आवश्यक हुआ तो पुराने के मामलों की भी जांच होगी. मुख्यमंत्री गुरुवार को गुड़गांव के सेक्टर-83 में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. रैली में खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री कर्णदेव काम्बोज भी मौजूद थे.

खट्टर ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में कम्‍पार्टमेंट श्रेणी में आने वाले छात्रों को जून में विशेष क्‍लास दी जाएगी. ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा जिन अध्यापकों की उपस्‍थिति 50 फीसदी से कम होने पर सख्‍त कार्रवाई की जाएगी. सरकार के निर्णय के अनुसार राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल गठित करने के निर्णय को विपक्ष द्वारा गलत बताया जाने पर भी मुख्‍यमंत्री ने अपनी बात रखी.

मैगी नूडल्स में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं पाई गई: ममता बनर्जी

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मैगी में सीसा और ‘एमएसजी’ की मात्र अधिक पाए जाने के मद्देनजर विभिन्न राज्यों द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में मैगी नूडल्स के प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद उसमें कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं पाई गई. इससे पहले आज बिहार ने मैगी पर पाबंदी लगा दी है. झारखंड में इस मामले को लेकर शाम तक कुछ ठोस निर्णय लेने की उम्मीद जतायी जा रही है. नेस्ले ने आज कहा कि मैगी पर ‘बेबुनियाद भ्रम’ की वजह से वह भारतीय बाजार से इस उत्पाद को हटा रही है.

नेस्ले ने कहा है कि निराधार भ्रम की वजह से उपभोक्ताओं का भरोसा हिला है. हालांकि, कंपनी का अभी भी मानना है कि उसके नूडल्स खाने के लिये पूरी तरह सुरक्षित हैं. मैगी नूडल्स पर दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात और अन्य राज्यों में प्रतिबंध लगाए जाने के मद्देनजर नेस्ले के वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी :सीईओ: पॉल बुल्के स्थिति का जायजा लेने स्विटजरलैंड से दिल्ली पहुंचे हैं. बुल्के ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘हमें लग रहा है कि बेबुनियाद वजहों से भ्रम पैदा हुआ जिससे उपभोक्ताओं का भरोसा हिला है.’’ जिस वक्त यह संवाददाता सम्मेलन चल रहा था, लगभग उसी समय केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियमाक एफएसएसएआई ने मैगी की सभी नौ किस्मों को मानव के खाने के लिए असुरक्षित और खतरनाक करार देते हुए इन्हें बाजार से वापस लेने का आदेश दिया.

तेलंगाना सरकार लोकप्रिय ब्राण्ड मैगी नूडल्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पहले मैगी के नमूनों की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य सुरेश चंदा ने बताया कि हम रिपोर्ट,नमूनों के विश्लेषण: की प्रतीक्षा कर रहे हैं. पहली रिपोर्ट सोमवार आठ जून को आनी है.’’  उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में रिपोर्टोंपर विचार करने के बाद उचित कदम उठाएगी. वह मीडिया में प्रकाशित उन रपटों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे, जिनमें कहा गया है कि राज्य में मैगी नूडल्स की बिक्री पर अस्थायी रुप से प्रतिबंध लगाया गया है.

बिहार में मैगी पर एक महीने के लिए रोक

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बिहार सरकार ने शुक्रवार को मैगी नूडल्स पर एक महीने की रोक लगा दी है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। बिहार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त आनंद किशोर ने मीडिया को यहां बताया कि राज्य सरकार ने मैगी नूडल्स के 16 नमूनों की जांच के नतीजे प्राप्त करने के बाद यह फैसला किया है। इन नमूनों को कोलकाता के प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। 

उन्होंने कहा, "प्रतिबंध की अवधि में मैगी न तो दुकानों या मॉलों में बेची जाएगी और न ही रखी जाएगी।"किशोर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी अगले तीन दिनों में राज्यभर से मैगी के नमूने इकट्ठे करेंगे।

राजद-जद(यू) गठबंधन तय : शरद यादव

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जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के साथ गठबंधन 'तय एवं सुनिश्चित'है। शरद यादव ने राजधानी पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तीन घंटे चली मुलाकात के बाद मीडिया को बताया, "जद(यू) और राजद के बीच गठबंधन तय एवं सुनिश्चित है। लेकिन मैं इस गठबंधन की तारीख नहीं बता सकता।"

जद(यू) अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेदों की अफवाहों को खारिज कर दिया। शरद ने दिल्ली रवाना होने से पूर्व कहा, "गठबंधन जल्द अंतिम रूप लेगा और अन्य मुद्दों पर बात जारी रहेगी।"

उन्होंने कहा कि वह जद(यू), राजद और कांग्रेस में एक मजबूत (चुनाव पूर्व) गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं। यादव ने कहा, "बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत धर्मनिरपेक्ष गठबंधन मौजूदा समय की मांग है।"

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (05 जून)

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कहां गए सीएम राहत कोष के 460 करोड़, पूर्व सीएम निशंक ने कहा, सरकार जारी करे श्वेत पत्र
  • पांचों सांसद राष्ट्रपति और पीएम से करेंगे सीबीआई जांच की मांग
  • कुंभ और स्टुर्जिया की बात करके सीएम कर रहे कोर्ट की अवमानना

देहरादून,5 अप्रैल (निस)। हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक आज राज्य सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत के लिए आया 460 करोड़ रुपया आखिर गया गया। आपदा राहत के लिए केंद्र और अन्य संस्थाओं से मिले पैसे पर सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। भाजपा कार्यालय में मीडिया से रूबरू निशंक आक्रोषित नजर आए। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही कह रही है कि आपदा राहत के दौरान सरकार संजीद नहीं थी। इसी वजह से तमाम लोगों की मौत हुई। अब कैग ने भी भाजपा के इन आरोपों को सच साबित कर दिया है। भाजपा के पांचों सांसद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलकर तत्कालीन सीएम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने और मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे। निशंक ने कहा कि आपदा राहत राशि में भारी घोटाला किया गया है। सीएम राहत कोष में आए 460 करोड़ रुपये का सरकार के पास कोई हिसाब नहीं है। पैसे की खुर्द-बुर्द करने के इरादे से ही सरकार ने पांच करोड़ रुपये तक के काम बगैर टेंडर के ही करने का आदेश जारी किया है। कैग के लगातार मांगने के बाद भी सरकार 15 मार्च-2014 तक के पैसे का लेखाजोखा नहीं दिया। यह भी यह साबित करता है कि बड़ा घोटाला किया गया है। इसी तरह केदारनाथ में प्री-फेब्रिकेटिड हट का निर्माण करके भी घोटाला किया जा रहा है। इन हटों का निर्माण पर्यावरण के लिए भी घातक है। इन हालात में सरकार को पूरी राहत राशि पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। सरकार को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि आपदा राहत के नाम पर हेलीकाप्टर कंपनियों को कितने करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। निशंक ने कहा कि सीएम बार-बार कुंभ और स्टुर्जिया मामले का जिक्र कर रहे हैं। इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट तक स्थिति साफ कर चुका है। इसके बाद भी सीएम इस तरह की बात करके कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस की पिछली सरकार के समय में हुए 56 घोटालों में से 24 में जांच आयोग रिपोर्ट दे चुका है। लेकिन सरकार कोई एक्शन लेने को तैयार नहीं है।

केंद्र को देंगे केदारधाम पर रिपोर्ट
डा. निशंक ने कहा कि वे तीसरी बार केदारधाम जा रहे हैं। सरकार वहां तमाम तैयारियां मुकम्मल होने की बात कर रही है। भाजपा मौके पर जाकर वहां आने वाले तीर्थयात्रियों से बात करके हकीकत जानने की कोशिश करेगी। इसके बाद केदारधाम पर एक पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी।

देवताओं के श्राप के भय से उमड़ रहे प्रवासी, सामूहिक पूजा-अर्चन का चल रहा है दौर, -एकाएक कई गुना हुई पहाड़ की आबादी
  • -चंद दिनों में फिर सूने हो जाएंगे पहाड़ के चैबारे
  • -रिवर्स माइग्रेश की बात अभी तक तो जुमला मात्र

देहरादून,5 जून। सीएम हरीश रावत का दावा है कि अगले पांच सालों में ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी जाएंगी या पैदा हो जाएंगी कि पहाड़ से रुखसत हो चुके पहाड़ी रिवर्स माइग्रेशन कर वापस पहाड़ को लौटने लगेंगे। इस दावे के सच होने के संकेत तो अभी दूर दूर तक नजर नहीं आ रहे। लेकिन इन दिनों पहाड के गांव प्रवासियों की भीड से गुलजार अवश्य हो रखे हैं। दरअसल, इसके पीछे गांवों में हो रही देवी देवताओं की सामूहिक पूजा अर्चना मुख्य कारण है। बडे से बडे अवसरों पर पहाड का रुख करने से हिचकने वाले प्रवासियों को देवी देवताओं के कोपभाजन का भय पहाड आने को मजबूर कर रहा है। हालांकि बडी संख्या में पहाड आ रहे प्रवासियों के चलते गांवों में पेयजल व यातायात की व्यवस्था पर जबरदस्त दबाव बढ़ने से अव्यवस्थाएं भी पनपने लगी हैं। इन दिनों पहाड के द्वार माने जाने वाले कोटद्वार, ऋषिकेश, रामनगर, टनकपुर आदि स्थानों पर स्थित बस अड्डों पर जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है। अप्रत्याशित रूप से महानगरों में प्रवास कर रहे पहाडियों के गांव कूच करने से बढी भीड के कारण यातायात की व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं। वह भी तक जब कि करीब पच्चीस फीसदी प्रवासी सार्वजनिक परिवहन के बजाए अपने निजी वाहनों के जरिए पहाड पहुंच रहे हैं। प्रवासियों के इतनी बडी तादात में पहाड लौटने के कारणों की जब पडताल की गई तो पता चला कि इसका मुख्य कारण गांवों में आयोजित हो रही देवी देवताओं की सामुहिक पूजा अर्चना है। गढवाल मंडल मुख्यालय पौडी से देवप्रयाग जाने वाले मार्ग पर स्थित एक गांव में स्थाई रूप से मात्र चार बुजुर्ग ही रहते हैं। लेकिन इन दिनों गांव में मेले जैसा माहौल हो रखा है। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने आए कुशलानंद आदि ने बताया कि गांव लौटने के लिए उनके पास समय नहीं था। लेकिन सामूहिक पूजा के चलते उन्हे हर हाल में आना पडा। वहीं पौडी जिले में ही पलायन से सर्वाधिक प्रभावित मनियारस्यूं पश्चिमी पट्टी की थनगढ घाटी के अलासू, सिलवाड आदि गांवों में भी इन दिनों रौनक लौट आई है। जबकि यह गांव भौतिक रूप से मानवविहीन हो चुके हैं। इसी प्रकार पहाड में सैकडों गांव ऐसे हैं जहां वर्ष भर वीरानी के बीच बंदर व सूअरों का साम्राज्य रहता है वहां इन दिनों प्रवासियों का कोलाहल गूंज रहा है। 

पंचायत घरों में रहने को मजबूर प्रवासी
अनेक प्रवासी ऐसे हैं जो स्थाई रूप से महानगरों में सैटल हो चुके हैं। इन परिवारों द्वारा दशकों तक गांवों में पुश्तैनी घरों की देखभाल तक नहीं की गई, नतीजनत उनके आशियाने पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में दर्जनों ऐसे परिवार भी हैं जो पंचायत घरों या गांव में ही किसी अन्य परिवार के मकानों में रात गुजारने को मजबूर हैं। वहीं पेयजल की किल्लत से जूझ रहे पहाड के गांवों में प्रवासियों की बेतहाशा आमद ने पेयजल की किल्लत में कई गुना इजाफा कर दिया है। गांवों के निकट स्थित प्राकृतिक जलस्रोतों में चैबीसों घंटे लगी भीड इस बात की तस्दीक कर रही है। 

यह रिवर्स माइग्रेशन के संकेत नहीं
बेबाक रूप से कहा जा सकता है कि अधिकांश प्रवासी नाक भौं सिकोडकर गांव पहुंच रहे हैं, वह भी देवी देवताओं के श्राप के भय मात्र से। अन्यथा पहाड से पलायन कर चुके प्रवासियों की बातों से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि वह खुशी खुशी गांव आए हों। पौडी जिले की दूरस्थ वीरोंखाल व पोखडा विकासखंड से ताल्लुक रखने वाले व वर्तमान में दिल्ली में बस चुके सुरेशचंद्र, देवेंद्र सिंह, रामरतन आदि का साफ कहना है कि पहाड में पानी, स्वास्थ्य, परिवहन व शिक्षा का स्तर ऐसा नहीं है कि वापस लौटा जाए। वह हैरानी जताते हैं कि सरकार पांच साल में ऐसा क्या कर लेगी कि हालात शून्य से शिखर पर पहुंच जाएं। ऐसे में फिलहाल रिवर्स माइग्रेशन की बात एक जुमला ही प्रतीत हो रही है।

हुजूर! गनर दिया है या भेदिया, दहशत के साए में आईटीआई एक्टिविस्ट भूपेंद्र का परिवार
  • शाम होते ही वापस चला जाता है सरकारी गनर, फोन करने पर रात में दफ्तर बुलाते हैं अफसर
  • गांधी पार्क पर परिवार समेत धरने की तैयारी, राष्ट्रपति से भी करेगी सुरक्षा दिलाने की मांग

देहरादून, 5 जून । आपदा राहत राशि में घोटाले को सामने लाने वाले आईटीआई एक्टिविस्ट भूपेंद्र का परिवार इन दिनों दहशत के साए में जी रहा है। सरकार की ओर से दिया गया गनर सुरक्षा की बजाय परिवार की जासूसी करने में दिलचस्पी ले रहा है। पुलिस अफसरों से रात को किसी बात की शिकायत की जाए तो वे दफ्तर आने का फरमान सुना रहे हैं। इन हालात में भूपेंद्र ने राष्ट्रपति से सुरक्षा की गुहार लगाने का फैसला किया है। मामले का खुलासा होने के बाद बाइक सवार लोगों ने भूपेंद्र को घेरकर धमकियां दी। मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो सरकार ने भूपेंद्र को सुरक्षा के नाम पर एक गनर दे दिया। अब इस गनर के कारनामों से भूपेंद्र और भी परेशान हैं। भूपेंद्र का कहना है कि इसकी गतिविधियां ऐसी हैं कि मानो इसे मेरे और मेरे परिवार की जासूसी के लिए ही भेजा गया है। रात को आठ बजे तक यह गनर वापस चला जाता है। इस मामले में पुलिस के आला अफसरों से बात की गई तो उनका कहना है कि गनर को रोकने का जिम्मेदारी आपकी (भूपेंद्र) की ही है। अब वो शाम को ही चला जाता है तो क्या किया जा सकता है। मामला यहीं तक नहीं हैं। भूपेंद्र ने बताया कि एक रोज गनर के जाने के बाद फिर धमकी जैसा मामला लगा तो उन्होंने आला अफसर को फिर फोन किया। इस पर उधर से कहा गया है कि दफ्तर आ जाओ, फिर दिखवाते हैं कि मामला क्या है। भूपेंद्र का कहना है कि एक तरफ धमकी मिल रही है और दूसरी तरफ उसे रात में ही अकेले दफ्तर बुलाया जा रहा है। पूरा परिवार इस समय दहशत के साए में जी रहा है। भूपेंद्र का कहना है कि अगर अफसरों का यही रुख रहा तो वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति के गुहार लगाएगा। और गांधी पार्क पर अनशन करेगा।

किशोर ने इस तरह जोड़े तार
आपादा राहता राशि घोटाले मामले में कांग्रेस यह मुद्दा भाजपा के पाले में खिसकाने की कोशिश में लगी है। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने इस मामले के तार नए सिरे से जोड़ने की कोशिश की है। किशोर का कहना है कि आईटीआई लगाने वाले भूपेंद्र, सूचना आयुक्त अनिल शर्मा और अनिल को आयुक्त बनाने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री (नाम नहीं लिया लेकिन इशारा निशंक की ओर) के संबंधों की जांच होनी चाहिए। इसी से खुलासा हो जाएगा कि एक स्थिर सरकार को किस तरह से अस्थिर करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसे साबित करने के लिए इन तीनों के फोन की काल डिटेल निकलवाई जानी चाहिए।

डंडा चला तो रुकी पैकारी, तृप्ति ने दर्ज कराया अफसर को धमकी देने के खिलाफ रिपोर्ट
  • शराब पकड़ने पर सहायक आयुक्त को मिली धमकी, एक पखवाड़े से पुलिस दर्ज नहीं कर रही थी रिपोर्ट
  • ऋषिकेश में फिलहाल रुकी है शराब की अवैध बिक्री

देहरादून, 5 जून । ऋषिकेश शहर में कई स्थानों से शराब पकड़ने वाले सहायक आबकारी आयुक्त को इस धंधे में लगे लोगों ने दफ्तर में घुसकर धमकियां दी। अफसर ने रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश तो पुलिस ने तमाम बहाने बना दिए और शराब बिकती रही। अब आईपीएस अफसर तृप्ति भट्ट ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी शराब की बिक्री भी बंद हो गई। ऋषिकेश में पूरी तरह से पाबंदी के बाद भी शहर में तमाम स्थानों पर देशी शराब की खुलेआम बिक्री होती है। ये देशी शराब रायवाला और आसपास के शराब ठेकों से लाकर लोगों को दी जाती है और यही लोग इसकी बिक्री करते हैं। आबकारी विभाग की बोलचाल में इस बिक्री को पैकारी नाम दिया गया है। पिछले दिनों आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम के सहायक आयुक्त विवेक सोनकिया ने ऋषिकेश में कई स्थानों पर छापामार कर तीन रोज में दर्जनों पेटी देशी शराब पकड़ी। इससे इस धंधे में लगे लोग बौखला गए और सोनकिया को दफ्तर में ही आकर जमकर धमकाया। बताया जा रहा है कि धमकी देने वालों को विभाग के ही कुछ अहम लोगों का संरक्षण मिला हुआ है। इसके बाद सहायक आयुक्त ने कोतवाली जाकर इस मामले की एफआईआर दर्ज कराने को तहरीर दी। इस पर कोतवाली पुलिस ने तमाम बहाने बनाकर एफआईआर दर्ज नहीं की। सहायक आयुक्त कुछ नहीं कर सके। नतीजा यह रहा कि शराब फिर से बिकना शुरू हो गई। इसके बाद भी सहायक आयुक्त ने छापामारी बंद नहीं की। पिछले दिनों कथित रूप से अवैध खनन को रोकने के मामले में विकासनगर से हटाई गई महिला आईपीएस तृप्ति भट्ट ने इस कोतवाली का कार्यभार संभाला। इसके बाद सहायक आयुक्त ने एक बार फिर एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की। इस बार किसी की पैरोकारी काम नहीं आई तृप्ति ने सहायक आयुक्त की तहरीर पर पटना निवासी भान सिंह और राजीव उर्फ पुजारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है। बताया जा रहा है कि ये दोनों ही लोग शराब के अवैध कारोबार में लंबे समय से लिप्त हैं। पुजारी तो कई बार ठेका भी लेने की कोशिश कर चुका है। अब एफआईआर दर्ज होने के बाद शराब की अवैध बिक्री करने वालों के हौंसले कुछ पस्त होते दिख रहे हैं। ऋषिकेश शहर में इस समय पैकारी से बिकने वाली शराब लगभग बंद सी हो चुकी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ऋषिकेश में पैकारी का यह धंधा आखिर कब तक बंद रहता है।

जीवन प्रकृति के सान्निध्य में सुरक्षितरू पाल, राज्यपाल से राजभवन में किया पौधरोपण

देहरादून,5 जून (निस)। राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा कि प्रकृति के सान्निध्य में ही मानव जीवन सर्वाधिक सुरक्षित है। आज इस अवसर पर हम सबको ‘पेड लगाओ-पेड बचाओं’ को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर भावी पीढी के लिए ‘स्वच्छ हवा-पानी’ स्वच्छ पर्यावरण जैसी अनमोल विरासत की व्यवस्था सुनिश्चित करने का संकल्प लेना होगा।  राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा की भावना हमारे दैनिक जीवन की सहज क्रियाओं में शामिल होनी जरूरी है। वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। वृक्षों से पर्यावरण की रक्षा होती है। प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि हम ‘वृक्ष पूजन’ जैसी अपनी उन परम्पराओं और संस्कृति को जीवित रखें जिनकी बदौलत हम सदियों से अपने पर्यावरण को बचाते आए हैं।  राज्यपाल ने आज राजभवन में कपूर का पौधा रोपकर ‘पेड लगाओ, पेड बचाओ’ का आह्वान किया और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया।

गर्मी से लोगों का बुरा हाल

देहरादून,5 जून (निस)।  चार दिन से आसमान पर बादल छाने के बाद भी बारिश नहीं होने से जनता को गर्मी से निजात नहीं मिल पा रही है। हालांकि दिन की अपेक्षा रात का तापमान कम होने से रात को जनता को राहत मिल रही है लेकिन दिन के समय काफी गर्मी होने से जनता को गर्म हवाओं से निजात नहीं मिल रही है। कल भी सांयकाल आसमान पर छाये बादलो से उम्मीद बनी थी कि शायद इन्द्रदेव प्रसन्न होकर कुछ बूंदे गिरायेंगे लेकिन कल भी बादल बिना बरसे ही हवा के साथ उड गये। वहीं मौसम विभाग की भविष्यवाणी कि इस वर्ष बारिश कम मात्रा मे होगी से किसानों की चिन्ताएं बछ गई हैं। गौरतलब है कि विगत मार्च और अप्रैल माह में हुई बेमोशम बरसात से किसानों की फसलों की तबाही से किसान अभी उबर भी नहीं पाये थे कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी से उनकी चिन्ताएं और भी बढ गई हैं। 

खैरालिंग मेला आज से शुरू, जात की तैय्यारियों में जुटा असवालस्यूं का जनमानस..!

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पौड़ी जिला मुख्यालय से लगभग 37 किमी. दूरी पर विकास खंड कल्जीखाल के मुंडनेश्वर में लगने वाला पौराणिक खैरालिंग का मेला षुक्रवार जून से प्रारम्भ हो गया है. असवाल जाति के थोकदारों की सरहद पर जुटने वाले इस मेले में पूर्व में हजारों हजार स्थानीय जनमानस जुटता था लेकिन विगत कुछ सालों से इसमें लगातार गिरावट आ रही है.  यहाँ हजारों की संख्या में लोग शिब लिंग में अपनी भेंट देकर माँ काली से आशीर्वाद मांगते थे. पूर्व में यहाँ बलि प्रथा थी जिसमें भैंसे व बकरे काटे जाते थे. लेकिन अब यह लगभग समाप्त हो गई है. जनश्रुतियों लोकगीतों व वेदपुराणों में खैरालिंग का वृहद् बर्णन मिल जाता है. किंवदंतियों के आधार पर जो इसके महातम से जुडी कथा है वह यह है कि आज से लगभग 300 बर्ष पूर्व जब गढवाल में कहीं सडकें नहीं पहुंची थी तब साल भर के लिए नमक तेल लेने लोग सिद्धवली कोटद्वार के पास ढाकर लेने जाया करते थे ताकि साल छ माह के लिए गुड नमक और तेल लाया जा सके. असवालस्यूं थैर गॉव का 80 बर्षीय बुजुर्ग माडू थैरवाल भी  जिद करके ढाकर लेने पहुंचा. वहां से नमक तेल गुड का बोझा लेकर ढाकरियों की टोली दुगडडा, गुमखाल होती हुई बौन्साल से जब सकनौली गॉव की धार के पास रुकी तब माडू थैरवाल को शौच जाने की शिकायत सी हुई. नमक का बोझा वहीँ छोडकर माडू थैरवाल शौच गए लेकिन कहीं उन्हें पानी नहीं मिला मजबूरी में बोझ वैसे ही उठाकर घर चलने को तैयार हो गए, उन्होंने बोझा उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन बोझा हिला तक न सके. साथियों ने भी काफी मेहनत की लेकिन बोझे ने हिलने का नाम नहीं लिया. आखिर बोझा खोला गया और उसमें लिंग रुपी एक पत्थर निकला उसे बाहर निकालते ही बोझा हल्का हुआ और माडू थैरवाल घर को चल दिए. कहा तो यह जाता है कि रात को थैरवालों की देवी काली ने आकाशवाणी की कि वो पत्थर नहीं साक्षात शिब हैं अतरू उस स्थान पर ही उन्हें स्थापित करो.  कुछ का ये भी कहते हैं कि रात काली माँ माडू थैरवाल के सपने में आई और उन्होंने दूसरी सुबह पंचायत बुलाकर सारी जानकारी दी तब सभी बंधू-बांधव दूसरी सुबह उस स्थान में पहुंचे जहाँ वह लिंग (लोडी) फैंकी गई थी. सकनौली गॉव के उनियाल पंडितों से उस जगह मंदिर स्थापित करने की इजाजत लेने के बाद उन्हें ही वहां का पुजारी बनाया गया. कहा जाता है कि नगर मिर्चोडा गॉव के असवाल थोकदार को जब इस बात का पता लगा तो उन्होंने नाराजगी जताई कि थोकदार होने के बाद भी उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई. तत्कालीन समय में अपने कुल पुरोहित नैनवाल व चमोली वंशजों से सलाह  मशविरा करने के पश्चात यह तय हुआ कि देवता के लिए शास्त्र सम्मत कोई ऐसा स्थान ढूंढा जाय जहाँ वे स्वेच्छा से रह सकें. उसी रात्रि असवाल थोकदार भंधौ असवाल के सपने में काली आई और उन्होंने उन्हें सचेत किया कि शिबलिंग अपनी थाती माटी में ऐसी जगह लाकर स्थापित करो जहाँ से सम्पूर्ण क्षेत्र जहाँ जहाँ भी मेरी नजर जायेगी तुम्हारी विजय पताका वहां तक पहुंचेगी. हुआ यही आखिर शास्त्र सम्मत बातों को देखते हुए जहाँ वर्तमान में मंदिर है वहां देवस्थापना की गई जोकि पुराने मंदिर से लगभग डेढ किमी. दूरी पर है. जनश्रुतियों व लोकगीतों में जो कहानी सामने आती है उससे पता चलता है कि असवाल जाति  ने तत्पश्चात अपना साम्राज्य विस्तार नगर से लेकर कोटद्वार नजीबाबाद के स्यालबूंगा किले तक किया और राज्य विस्तार के बाद भान्धौ असवाल ने महाबगढ व लंगूर गढ का भी अधिपत्य ले लिया जिसे कालांतर में गोरखा जाति ने सन 1804 में हस्तगत किया. तब से काली माँ असवाल जाति की कुल देवी बनी और हर बर्ष मुंडनेश्वर स्थान में खैरालिंग का मेला लगता है. विगत 25-26 बर्ष पूर्व आपसी अहम के टकराव में नैल गॉव पंडितों व मिर्चोडा गॉव के असवाल ठाकुरों में बेवजह के विवाद से कई साल केश चला तब से लेकर निरंतर कुछ न कुछ ऐसा होता ही रहा कि मेले का स्वरुप बदलने लगा और धीरे धीरे चैन्दकोट, तल्ला मनियारस्यूं, खातस्यूं,नादलस्यूं, सितोंनस्यूं, गगवाडस्यूं इत्यादि से आने वाली हजारों की संख्या में श्रधालुओं की भीड में निरंतर कटौती होती गई, बिजाल संस्था के प्रयास से यहाँ बलि प्रथा बंद करने के तत्कालीन पशुपालन बोर्ड की उपाध्यक्ष सरिता नेगी द्वारा प्रयास किये भी गए तब भी आपसी टकराव से इस मेले में सिर्फ खलल ही नहीं पडा बल्कि दर्जनों लोगों पर मुकदमें दर्ज हुआ जिसका हश्र यह हुआ कि मेले में जाने की प्रबल इच्छा होने के बाद भी लोग यह सोचकर साहस नहीं जुटा पाते कि हो न हो कहीं फिर कोई अनर्थ हो. फलस्वरूप इसका स्वरुप दिनोदिन घटता जा रहा है जो चिंता का बिषय है।

काश!चेक की जगह दो आंसू टपका देते सीएम, युवा किसान ने लौटाया मुआवजा राशि का चेक
  • लाखों की फसल के नुकसान का मुआवजा महज डेढ़ हजार रुपये

देहरादून,5 जून (निस)। बाजपुर (ऊधमसिंह नगर) क्षेत्र के एक युवा किसान ने फसलों के नष्ट होने के मुआवजे के रूप में भेजे डेढ़ हजार रुपये के चेक को लौटा दिया। युवा ने दर्द भरी आवाज में कहा कि इस मामूली राशि का चेक भिजवाने की बजाय सीएम अगर दो आंसू टपका देते तो ज्यादा संतोष होता। ग्राम विक्रमपुर के एक प्रदीप सिंह को गत दिवस नष्ट फसलों के मुआवजे के रूप में महज 1500 रुपये का चेक भिजवाया गया था। प्रदीप के फार्म हाउस पर पहुंचे तहसील कर्मियों को उस समय बगलें झांकनी पडी जबकि किसान ने उस चेक को लेने से इंकार कर दिया। प्रदीप सिंह ने कहा कि फसलें नष्ट होने से किसानों को लाखों लाख रुपयों का नुकसान हुआ है। बीज बोने से लेकर सिंचाई के लिए डीजल से लेकर उर्वकों तक में लगाया गया पैसा आपदा की भेंट चढ़ गया। प्रदेश सरकार को था चाहिए कि वह किसानों को हुए नुकसान का असलियत में जायजा लेती और उसी अनुपात में मुआवजा देती। लाखों के नुकसान के बाद महज 1500 रुपये का चेक किसानों से साथ मजाक नहीं तो क्या है। युवा किसा ने भरे गले से कहा कि बेहतर होता कि मुख्यमंत्री हरीश रावत किसानों को हुए इस नुकसान पर मात्र दो आंसू टपका देते हाथ तो भी किसान भारी नुकसान के इस दर्द को सह लेते।  इसके बाद प्रदीप ने सीएम धन्यवाद कहकर चेक लौटा दिए।

दिल्ली को मिली पहली चालक रहित ट्रेन

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दिल्ली मेट्रो को कोरिया स्थित निर्माता की ओर से पहली चालक रहित ट्रेन आज प्राप्त हुई जिसमें कई आधुनिक विशेषताओं को शामिल किया गया है.इस नई ट्रेन को दिल्ली मेट्रो के अगले साल के अंत से परिचालन शुरू में आने वाले तीसरे चरण के खंडों में इस्तेमाल किया जायेगा. छह डिब्बों वाली इस ट्रेन को समुद्र के जरिये भारत भेजा गया और यह गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची.इसे विशेष तौर पर बनाये गये ट्रॉलरों के जरिये सड़क मार्ग से दिल्ली लाया गया.

दिल्ली मेट्रो रेल कापरेरेशन ने कहा कि हुंदई रोटेम की ऐसी कुल 20 ट्रेनों का सैट इस साल के अंत तक दक्षिण कोरिया के चंगवान में बनाया जायेगा. शेष 61 ट्रेनों का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स के बेंगलूरू स्थित संयंत्र में किया जायेगा. इन ट्रेनों का परिचालन 58 किमी लंबे मजलिस पार्क-शिव विहार (लाइन सात) और 38 किमी से अधिक लंबे जनकपुरी (पश्चिम) और बाटनिकल गार्डन (लाइन आठ) गलियारों पर तीसरे चरण में किया जायेगा. इन दोनों खंडों का परिचालन 2016 के अंत में शुरू होने की संभावना है.

दिल्ली मेट्रो की इन नई ट्रेनों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और पर्यावरण अनुकूल उन्नयन को शामिल किया गया है.यात्रियों की सुविधाएं बढाने के लिए कई अतिरिक्त विशेषताओं को भी शामिल किया गया है. दिल्ली मेट्रो ने बताया कि उन्हें 95 किमी प्रति घंटे की गति से परिचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी परिचालन गति 85 किमी प्रति घंटे होगी. डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इन ट्रेनों के परिचालन के लिए चालकों को तैनात किया जायेगा. उन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जायेगा और बिना चालक के ट्रेन परिचालन होगा.

प्रत्येक कोच में 380 यात्री आ सकेंगे जिससे छह कोच वाली ट्रेन में 2280 यात्री प्रत्येक ट्रेन में सफर कर सकेंगे.छह कोच वाली ट्रेन में 40 अधिक यात्री आ सकेंगे क्योंकि ऐसी ट्रेनों में ड्राइवर कैब की जरूरत नहीं होगी.

कश्मीर समस्या का हल धारा 370 की समाप्ति से ही संभव: शंकराचार्य

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ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आज कहा कि केंद्र यदि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म कर आबादी के संतुलन का नुस्खा अपनाते हुए वहां कश्मीरी पंडितों को बसाये तो प्रदेश में राष्ट्र विरोधियों की गतिविधियों पर अंकुश लग जायेगा.

यहां संवाददाताओं से बातचीत में बदरीनाथ के शंकराचार्य ने कहा, ‘‘देश में जहां-जहां जनसंख्या संतुलित है, वहां उपद्रव नहीं होते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे पंजाब में हिन्दू और सिखों की बराबर आबादी होने से दोनों को एक दूसरे की जरूरत है अत: झगड़े को जगह नहीं मिलती.कश्मीर में देश के लचर कानून की वजह से वहां देश विरोधियों के हौसले बुलंद होते हैं और वहां उनपर अंकुश लगाने का एकमात्र तरीका है कश्मीरी पंडितों को वहां फिर से बसाया जाये.’’ उन्होंने देश में हिन्दू और मुसलिम दोनों के लिये एक समान कानून को जरूरी बताते हुए कहा कि इससे दोनों समुदायों की जनसंख्या में संतुलन बना रहेगा.

शंकराचार्य ने हालांकि, हिन्दुओं द्वारा चार संतानों की उत्पत्ति के बारे में अकसर दिए जाने वाले बयानों को घटिया बताते हुए कहा, ‘‘चार बच्चों से देश में हिन्दू-मुसलमान जनसंख्या संतुलित नहीं हो सकती.इसके लिये देश के कानून में परिवर्तन जरूरी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दुओं को हिन्दू धर्म के बारे में पता ही नहीं है जबकि मुसलमानों में बच्चा-बच्चा अपने धर्म की गहन जानकारी रखता है क्योंकि मदरसों और ईसाई स्कूलों में बकायदा धार्मिक शिक्षा दी जाती है.’’

शंकराचार्य ने कहा, ‘‘हिन्दुओं के बच्चे धर्म निरपेक्षता की आड़ में धार्मिक ज्ञान से वंचित रह जाते हैं.’’ विश्व भर के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों को गीता बांटने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री अपने देश के बालकों के हाथों में गीता क्यों नहीं देते? उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर बहुत बार कांग्रेसी होने का आरोप लगता रहा है, लेकिन मैं सिर्फ अपने देश के संदर्भ में विचार करता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश के नेता चाहते हैं कि शंकराचार्य को देश का नेता न माना जाये क्योंकि इससे उनके हिन्दू कार्ड को खतरा पैदा हो जाता है.’’ शंकराचार्य ने मातृसदन के अनशनरत स्वामी शिवानन्द को खनन विरोधी बताया और कहा कि वह केवल खनन को रोकना चाहते हैं जबकि हम गंगा की सेवा और रक्षा के लिये संघषर्रत हैं .हमें गंगा की अविरल धारा चाहिये.

कम बारिश होने पर सरकार किसानों को बिजली, बीज पर सब्सिडी देगी

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केंद्र सरकार कम बारिश की स्थिति में बिजली, डीजल और बीज पर सब्सिडी देगी। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने शुक्रवार को यह बात कही। कृषि मंत्री ने हालांकि, कम बारिश होने पर स्थिति से निपटने में उम्मीद जतायी। ज्ञात हो कि मौसम विभाग ने इस बार कम बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने बारिश का अपना अनुमान 93 प्रतिशत से घटाकर 88 फीसदी कर दिया है।

उन्होंने कहा,‘ हम सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए पिछले साल की तरह डीजल, बिजली व बीज पर सब्सिडी की पेशकश करेंगे।’ सिंह ने आज यहां भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। विभाग ने इसी सप्ताह कहा था कि इस साल मानसून कमजोर रहने का अनुमान है। इससे सूखे की आशंका गहरा गई है।

बैठक में बिजली, जल संसाधन, ग्रामीण विकास, खाद्य व उर्वरक मंत्रालयों के अधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि सरकार सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कमजोर मानसून की स्थिति से निपटने के लिए हर विभाग में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र 10 रपये प्रति लीटर की डीजल सब्सिडी इस साल भी जारी रख सकता है।

वहीं विभिन्न योजनाओं के तहत बीजों पर सब्सिडी 50 प्रतिशत तक हो सकती है। इसी तरह किसानों को सिंचाई के लिए नि:शुल्क बिजली दी जा सकती है। इसी सप्ताह सिंह ने कहा था कि केंद्र 580 जिलों के लिए आपात योजना के साथ तैयार है। वह हालात से निपटने के लिए राज्यों व कृषि शोध संस्थानों के साथ संपर्क में है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (05 जून)

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प्रभारी मंत्री ने तैयारियों और कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया
  • डेढ़ सौ करोड की लागत के कार्यो का होगा लोकार्पण एवं शिलान्यास 

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान आठ जून को विदिशा आएंगे और माधवगंज चैराहे पर आयोजित कार्यक्रम मंे लगभग डेढ़ सौ करोड की लागत के निर्माण कार्यो का लोकार्पण/शिलान्यास करेंगे। प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत ने शुक्रवार को विदिशा के सर्किट हाउस में तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की मंशा है कि विदिशा जिला स्वच्छ और सुन्दरता के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उन ही निर्माण कार्यो के शिलान्यास को शामिल किया जाए जिनकी तमाम प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और शिलान्यास दिवस से ही कार्य प्रारंभ हो जाए। लगभग 120 करोड़ की लागत के कार्यो का शिलान्यास किया जाना है के संबंध में उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय सीमा में हो ताकि नगरवासियों को उनका लाभ शीघ्र मिल सकें। प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने विदिशा के विभिन्न वार्डो मेें जलापूर्ति के लिए पानी टेंकरों की संख्या बढाने के निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने कार्यक्रम आयोजन स्थल माधवगंज चैराहा का भी निरीक्षण किया और वहां की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में विचार विमर्श कर संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंडाल के ऊपर जो बिजली के तार है उनका पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किया जाए ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित ना हो सकें। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा, कुरवाई विधायक श्री वीर सिंह पंवार, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, पूर्व विधायक द्वय श्री हरीसिंह रघुवंशी और श्री गुरूचरण सिंह, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन, श्री संदीप सिंह डोंगर, ग्यारसपुर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

मौके पर अनेक हितग्राही लाभांवित हुए

विदिशा नगरपालिका क्षेत्र के वार्डवासियों की मूलभूत समस्याओं के निदान हेतु प्रत्येक सप्ताह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरो में स्वास्थ्य उपचार केम्प भी लगाए जा रहे है। जिसमें चिकित्सकगण मौजूद रहकर मरीजो के स्वास्थ्य का परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाईयां प्रदाय कर रहे है। बडी बजरिया जय काम्पलेक्स पर आज ततसंबंधी शिविर का आयोजन किया गया था। जिसे सम्बोधित करते हुए विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार ने कहा कि शिविर का मुख्य उद्धेश्य स्थानीय नागरिकों की मूलभूत समस्याओं से अवगत होकर उनका निराकरण करना है साथ ही वार्ड अंतर्गत निवासरत व्यक्ति किसी घातक बीमारी से पीडि़त तो नही है का भी पता लगाना है। इन शिविरो में नगरपालिका की विभिन्न शाखाओं के अधिकारी के साथ-साथ राजस्व अमला, खाद्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहकर वार्डवासियों की समस्यायुक्त आवेदनों पर कार्यवाही कर उनका निदान करते है। इस शिविर में पहली बार पुलिस जन संवाद का भी स्टाॅल लगाया गया था। कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि स्टाॅल के माध्यम से नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों को आवश्यक जानकारी दी जाती है ताकि वार्ड में कही कोई अप्रिय घटना होने की संभावना हो तो समिति के सदस्यों के माध्यम से अविलम्ब प्राप्त हो सकें। समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि निकाय क्षेत्र मंे क्रियान्वित शासकीय योजनाओं का लाभ संबंधित हितग्राहियों को मोैेके पर दिलाया जाना के अलावा वार्डवासियों की छोटी-बडी, व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं से अवगत होकर उनका निराकरण कराने का प्रयास इन शिविरों के माध्यम से किया जा रहा है। 

अनेक हितग्राही लाभांवित हुए
शिविर स्थल पर अनेक हितग्राहियों को राशन कार्ड प्रदाय किए गए वही कामकाजी महिलाओें को योजनाओं से लाभांवित कराए जाने के लिए परिचय कार्ड प्रदाय किए गए। प्रतीक स्वरूप कामकाजी महिला श्रीमती कमलाबाई को अतिथियों को द्वारा कार्ड प्रदाय किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की पेंशन के लिए प्राप्त आवेदनों का मौके पर निराकरण किया गया जिसमेें वृद्धावस्था, बहु-निःशक्त और राष्ट्रीय परिवार सहायता से हितग्राहियों को लाभंावित किया गया। उपखण्ड अधिकारी श्री अहिरवार ने बताया कि आज सम्पन्न हुए शिविर में 450 मरीजों का उपचार किया गया है वही एपीएल के 55 कार्ड जारी किए गए है जबकि बीपीएल सूची में नाम जोड़ने के 50 आवेदन प्राप्त हुए है जिनका परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्ड जारी करने की कार्यवाही सम्पादित की जाएगी। वार्डवासियों के द्वारा पेयजल समस्यायुक्त, पेंशन एवं टैक्स संबंधी क्रमशः दो-दो और अन्य 12 आवेदन प्राप्त हुए है जिन पर समय सीमा में कार्यवाही कर आवेदको को भी की गई कार्यवाही से अवगत कराया जाएगा। शिविर स्थल पर तहसीलदार श्री रविशंकर राय, नायब तहसीलदार सुश्री कल्पना कुशवाह, पूर्व वार्ड पार्षद श्री दीपक तिवारी, श्री संदीप सिंह डोंगर और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 

जिपं की प्रथम सामान्य बैठक सम्पन्न

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जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी की अध्यक्षता में जिपं की प्रथम सामान्य बैठक शुक्रवार को सम्पन्न हुई। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई इस बैठक में उपाध्यक्ष श्रीमती गुड्डीबाई अहिरवार, शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा, कुरवाई विधायक श्री वीर सिंह पंवार, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, सिरोंज विधायक श्री गोवर्धन उपाध्याय समेत अन्य सदस्यगण और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो के विकास में जिला पंचायत की अहम भूमिका है। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे टीम वर्क की भावना से कार्य कर जिले के विकास की गति को बढाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सदस्यों द्वारा चाही गई जानकारियां समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि उनका अध्ययन कर सम्मानीय सदस्यगण क्षेत्र में विस्तृत जानकारी दे सकें। इसी प्रकार उन्होंने सदस्यों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों पर सर्वोच्च प्राथमिकता से कार्य सम्पन्न कराने की समझाईंश अधिकारियों को दी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चन्द्रमोहन मिश्र ने कहा कि सदस्यों द्वारा समय-समय पर जो जानकारी चाही जाएगी वह संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा अविलम्ब उपलब्ध करायी जाएगी का आश्वासन उन्होंने दिया। बैठक में समस्त विभागोें में चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारियां पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई। इससे पहले समग्र स्वच्छता अभियान सहित विभिन्न प्रकार की बीमा योजनाओं की अद्यतन प्रगति से सदस्यों को अवगत कराया गया। बैठक में पंचायतो के लिए मार्गदर्शिका ‘‘पंचायत दर्पण’’, नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण साहित्य ‘‘पंचायत दर्शिका’’ के अलावा शिक्षा, कृषि, पीएचई, पीडब्ल्यूडी और आरईएस विभागों से संबंधित फोल्डरो का वितरण किया गया।

प्रकृति से खिलवाड़ ठीक नहीं है - इन्दिरा शर्मा

विदिषा-05 जून 2015/विष्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था अजन्ता ललित कला एवं समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित एक कार्यषाला में संस्था की अध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा शर्मा ने कहा कि आज के भौतिकवाद और विकास की अंधी दौड़ में हम स्वस्थ्य पर्यावरण का नुकसान कर रहे हैं। प्रकृति से खिलवाड़ करते हुए आरसीसी के वेतहासा निर्माण को विकास कहते हैं, जो विनाष का भी पर्याय है। वृक्षों की भारी कटाई, नदियों के निारे ईट भट्टों और आवासों के निर्माण कर पर्यावरण चेतना को शून्य कर रहे हैं। इस अवसर पर संस्था के सचिव अधिवक्ता कृष्ण बल्देव भट्ट ने प्राकृतिक वातावरण के दिली सुकून का अनुभव कराते हुए कहा कि हर विषम परिस्थिति में प्रकृति की गोद में इंसान अपने आपको तरोताजा महसूस करता है। हमें प्रकृति के गगनभेदी रहस्यों को आत्मसात करना होगा। वहीं पर्यावरण विद कृषि विषेषज्ञ जयप्रकाष शर्मा ने कहा कि देष का पर्यावरण सही तौर पर गांव में पलता है, इसीलिए देष के सबसे बड़े चिपको आंदोलन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रही। महिलाएं आज भी स्वस्थ्य पर्यावरण की संवाहक है। आज यदि देष की सभी आधुनिक महिलाएं एक साथ हो जाएं तो भारत के समृद्ध पर्यावरण की नई परिभाषा गढ़ सकती है। इस अवसर पर संस्था के कलाकार मनोज नामदेव एवं नटराज कला मण्डल ने पर्यावरण संरक्षण गीत की प्रस्तुति की। आभार अनुरोध राय ने व्यक्त किया। 

संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले अतिथि शिक्षकों को शिक्षा विभाग में स्थायित्व प्रदान करे सरकार।

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भोपाल  - अतिथि शिक्षक प्रदेष भर में विभिन्न माॅगो को लेकर मुख्यमंत्री,षिक्षा मंत्री,राज्य षिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव स्कूल षिक्षा विभाग के नाम 1 जून 2015 से लेकर 15 जून 2015 तक ब्लाॅक,तहसील जिला स्तर पर ज्ञापन सौपेगे। प्रवक्ता आषीष जेन ने वताया कि प्रदेष में अतिथि षिक्षक विगत 8 वर्षो से निरंतर षोषित है। यद्यपि अतिथि षिक्षको के हित में संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 में वोनस अंको का लाभ दिये जाने का प्रावधान सेद्धान्तिक रूप से राजस्थान में विधार्थी मित्र एवं उत्तरप्रदेष में षिक्षा मित्रो की तुलना में बेहतर नही है। साथ ही अतिथि षिक्षक प्रदेष सरकार के दिये जा रहे वोनस अंको से संतुष्ठ नही है। अतिथि षिक्षको ने संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले षिक्षा विभाग में स्थायित्व प्रदान करने की माग की है। साथ ही डी.एड/बी.एड. प्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर अध्यापक वनाने, अप्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को अनुभव के आधार पर संविदा षाला षिक्षक वनाकर प्रषिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन करने ,अतिथि षिक्षको को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य मानने , अतिथि षिक्षको को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान करने, अतिथि षिक्षको की सेवाये बारह माह लेने सहित छ सूत्रीय माॅगो को लेकर प्रदेष भर में ज्ञापन सौपकर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर षीघ्र निराकरण करने की माॅग सरकार से करेगें। अतिथि षिक्षको ने सभी माॅगे जायज वताते हुये कहा कि इन्हे पूर्ण करने में सरकार भोतिक व व्यवहारिक रूप से सक्षम है। सभी  माॅगे गुरूजी व अनुदेषको की भाॅति है। तथा इन्हे पूर्ण करने में अलग से कोई गाइड लाइन की जरूरत नही है। 

प्रमुख माॅगे - 
1. अतिथि षिक्षको को संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले षिक्षा विभाग में स्थायित्व  प्रदान किया जाये। 
2.  डी.एड/बी.एड. प्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर अध्यापक वनाया जायें। बिना किसी परीक्षा के।                    
3. अप्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को अनुभव के आधार पर संविदा षाला षिक्षक वनाया जायें तथा प्रषिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जाये। 
4.  अतिथि षिक्षको को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य   माना जाये। 
5.  अतिथि षिक्षको को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान की जाये। 
6.  अतिथि षिक्षको की सेवाये बारह माह ली जाये , उनके पद को रिक्त न माना   जाये। 
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