कैलास-मानसरोवर के उत्तराखंड के हिस्से में आने वाले मार्ग पर बिछा दिया गया सुविधाओं का जाल, केएमवीएन की नई व्यवस्थाओं से तीर्थयात्री खुश
- सालों बाद टीआरसी दिख रहे नए रूप में आगे भी पर्यटकों को मिलेगी सुविधाएं
देहरादून,19 जून। केंद्र सरकार ने कैलास-मानसरोवर की यात्रा के लिए नया मार्ग खोला तो उत्तराखंड सरकार ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। सरकार के निर्देश पर कुमाऊं मंडल विकास निगम ने कम समय में ही यात्रा मार्ग की तमाम व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद किया ही, पहली बार तमाम नई सुविधाएं भी दी हैं। तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे कुछ यात्री ऐसे में भी थे, जो पिछले सालों में भी आ चुके हैं। इस बार की व्यवस्थाओं को देखकर उन्हें खासा अचंभा हुआ। केएमवीएन का कहना है कि इन नई व्यवस्थाओं से पर्यटन व्यवसाय को भी खासा लाभ होगा। कैलास-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री अब तक उत्तराखंड वाले रास्ते का ही सालों से इस्तेमाल करते रहे हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर नाथूला दर्रे से ही यात्रा शुरू कराई गई है। उत्तराखंड सरकार की ओर से इस बारे में केंद्र से विरोध सा भी दर्ज कराया गया। लेकिन किसी ने इस विरोध पर किसी तरह की कोई तवज्जो नहीं दी। इसके बाद सरकार ने भी कुछ नया करने की ठानी। यात्रा मार्ग के लिए 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए और यात्रा का संचालन के वाले कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को यात्रा और भी सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया। निगम ने बेहद कम समय में ही यात्रा मार्ग के सभी गेस्ट हाउसों में कई सुविधाएं उपलब्ध करा दी। सालों बाद रंग-रोगन के साथ ही बेड आदि भी नए लगाकर गेस्ट हाउसों को चमका दिया गया। सारे गेस्ट हाउस एक ही तरह से तैयार किए गए हैं। इस बार यात्रियों के खाने की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। यात्रियों को स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी दिया जा रहा है। तीर्थयात्रियों के पड़ाव पर पहुंचते ही उन्हें गेस्ट हाउस में गर्म पानी देकर थकान दूर करने का इंतजाम किया गया है। फिर स्थानीय परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया जा रहा है। देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू कराया जा रहा है। इस बार यात्रियों के मूवमेंट के समय में भी कई पड़ावों से बदलाव किया गया है। ऐसा करके यात्रियों को अनावश्यक रूप से होने वाली थकान से बचाया जा रहा है। इस बार यात्रा के पहले दल में कई यात्री ऐसे भी जो पहले भी इस यात्रा पर आ चुके हैं। उनके लिए इस बार की व्यवस्थाएं आश्चर्य का विषय बन रही है। इसी तरह कुमाऊं के ही मूल निवासी एक वरिष्ठ आईएएस भी पहले दल में शामिल थे। यहां की व्यवस्थाओं पर उनका कहना है कि इतनी ऊंचाई और दुर्मग स्थानों पर इतनी सुविधाएं वाकई चैकाने वाली हैं। जाहिर है कि इस बार सरकार ने इस यात्रा पर फोकस किया तो व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो गईं हैं।
तीर्थयात्रियों को हरतरह की सुविधाएं दी जा रही है। एक-दो स्थानों पर समय बचाने के लिए छोटी गाड़ियों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसी तरह से अगर जरूरत महसूस हुई तो तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकाप्टर की भी व्यवस्था की जाएगी।
हरदा ने चार नए सहयोगियों का नाम किया तय, हाईकमान से भी लगवा चुके हैं मुहर, तीन मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर करने की तैयारी!
- एक कांग्रेसी मंत्री की कार्यशैली पर उठ रहे सवालात, किशोर की वजह से एक पीडीएफ मंत्री भी होंगे बाहर
- एक अन्य पीडीएफ कोटे के मंत्री पर भी लटकी तलवार, मुख्यमंत्री हरीश कर रहे हैं माकूल मौके का इंतजार
देहरादून,19 जून। अगर सबकुछ योजना के अनुसार ही चला तो जल्द ही हरीश कैबिनेट का एक नया रूप सामने आने वाला है। माना जा रहा है कि हरदा की मौजूदा कैबिनेट ने तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इनमें से एक कांग्रेसी और दो पीडीएफ कोटे के मंत्री है। कैबिनेट में एक पद पहले से ही खाली चल रहा है। ऐसे में चार नए मंत्रियों की ताजपोशी की तैयारी है। हरदा ने चारों नाम तय कर लिए हैं और हाईकमान से भी इस सूची पर मुहर लगवा ली है। कैबिनेट में फेरबदल की मांग लंबे समय से की जा रही है। बताया जा रहा है कि हरदा ने इसकी तैयारी भी कर ली है। लेकिन कोई न कोई मुद्दा उछल रहा है ऐसे में इस काम को अंजाम देने में देरी हो रही है। माना जा रहा है कि आपदा राहत राशि में कथित घोटाले का मामला शांत होते ही हरदा अपनी कैबिनेट का रि-शफल करने का मन बना चुके हैं। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट में एक पद सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद से ही खाली चल रहा है। मौजूदा मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड देखने के बाद सीएम ने तीन को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली है। इनमें से एक कांग्रेसी मंत्री हैं तो दो पीडीएफ कोटे से हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेसी मंत्री का कार्यप्रणाली से सरकार खुश नहीं है। कई मामलों में उनका नाम भी उछल चुका है। इतना ही नहीं, इन मंत्री महोदय ने खुद को केवल अपनी विधानसभा के क्षेत्र तक ही सीमित कर रखा है। इन्हें अपने प्रभार वाले जिले तक में जाने का वक्त नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को खुश करने के लिए पीडीएफ कोटे के एक मंत्री को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। वैसे भी कुछ मामलों को लेकर मंत्री जी चर्चा में आ चुके हैं। पीडीएफ कोटे के एक अन्य मंत्री जी अपने बड़बोलेपन को लेकर निशाने पर हैं। ये मंत्री कई मामलों में सीएम के आदेश को अपने अंदाज में न केवल टालते रहे हैं, बल्कि अजीब तर्क देकर सरकार के लिए परेशानी पैदा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि हरदा ने इस मामले में होमवर्क पूरा कर लिया है।
सब को साधने की तैयारी
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इस रि-शफल के जरिए हरदा की कोशिश सभी धड़ों को साधने की है। हरदा इस समय मिशन-2017 की तैयारी में लगे हैं और इसका असर इस रि-शफल सभी को शांत करने के रूप में सामने आ सकता है। बताया जा रहा है कि चार में कुमाऊं से दो और गढ़वाल से भी दो ही लोगों को शामिल करके क्षेत्रीय संतुलन बनाने की तैयारी है। इस मामले में बहुगुणा गुट को भी तरजीह मिलने के आसार हैं। सूत्रों का कहना है कि पीडीएफ कोटे से भले ही दो मंत्री बाहर किए जा रहे हों। लेकिन किसी नए को जगह मिलने की कोई संभावना नहीं हैं।
प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से मौसम खुशगवार
देहरादून,19 जून(निस)। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में गुरुवार की रात को हुई बारिश से मौसम खुशगवार हो गया। वहीं, सूबे के मैदानी क्षेत्रों में उमस के कारण लोगों की परेशानी बनी हुई है। शुक्रवार की सुबह प्रदेश की राजधानी दून में हल्के बादल छाए रहे किन्तु दोपहर बाद फिर से सुर्यदेव ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया। चमोली जिले में आधी रात के बाद शुरू हुई जोरदार बारिश शुक्रवार की सुबह तक जारी रही। इसके बाद मौसम साफ हो गया। बदरीनाध हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सुचारु हो गयी है। शुक्रवार को गोविंदघाट से 800 श्रद्धालु हेमकुंड के लिए रवाना हो गए। पौड़ी जनपद में कहीं बारिश तो कहीं बादल छाए हैं। जिला मुख्यालय पौडी़ में सुबह तेज बारिश हुई, वहीं कोटद्वार में आसमान में बादल छाए हुए हैं और लैंसडौन में सुबह से बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में गत रात को बारिश के बाद शुक्रवार की सुबह मौसम साफ हो गया। वहीं टिहरी में बादल छाए हैं और उत्तरकाशी में मौसम साफ है। देहरादून व हरिद्वार में बादल छाए हुए हैं। कुमाऊं में के काशीपुर में सुबह करीब नौ बजे बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। रामनगर में सुबह से बादल लगे हैं। वहीं नैनीताल शहर में सुबह बारिश के बाद घना कोहरा छाया हुआ है। अल्मोड़ा में भी सुबह से हल्की बूंदाबांदी हो रही है।
घर के आंगन मे ंसो रहे वृद्ध पर किया गुलदार ने हमला
देहरादून,19 जून(निस)। रायवाला क्षेत्र में गुलदार का आंतक जारी है। शुक्रवार को तड़के घर के आंगन में सो रहे एक वृद्ध पर गुलदार ने हमला कर उसे घायल कर दिया। वृद्ध को उपचार के लिए ऋषिकेश अस्पताल में पहंुचाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार वैदिक नगर रायवाला निवासी कीर्ति सिंह कुमाई (60 वर्ष) पुत्र भोलू सिंह रात को घर के आंगन मे सोए हुए थे। शुक्रवार तड़के करीब चार बजे अचानक गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। घर के सदस्यों और आसपास के लोगों के शोर मचाने पर गुलदार मौके से भाग निकला। सुचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने घायल वृद्ध को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचाया। जहां वृद्ध का उपचार जारी है। क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार के सक्रिय होने से लोगों में दहशत का माहौल है। विगत चार दिन पूर्व ही रायवाला के सत्यनारायण मंदिर के समीप ट्रक चालक को गुलदार ने मार दिया था। इसी तरह एक सप्ताह पूर्व गौहरी माफी गांव के समीप साधू को गुलदार ने निवाला बनाया था।
गंगा में डूबने से वृद्ध की मौत
ऋषिकेश,19 जून(निस)। तीर्थनगरी ऋषिकेश स्थित स्वर्गाश्रम में गीता भवन के समीप नाव घाट पर वृद्ध के गंगा में डूबने से उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे गीता भवन स्थित नाव घाट पर नहा रहे एक वृद्ध अचानक तेज बहाव की चपेट में आकर बहने लगा। जिससे आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों ने पुलिस की मदद से कुछ दूरी पर वृद्ध को बहार निकाला। जिन्हे तत्काल 108 आपात सेवा की मदद से उनहें ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक अभी तक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है।
सी.बी.आई. जांच की मांग संदेह उत्पन्न कर रही हैः शिल्पी
देहरादून, 19 जून(निस)। प्रदेश कांग्रेस की महामंत्री श्रीमती शिल्पी अरोरा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा जिस प्रकार से बार-बार सी.बी.आई. जांच की मांग की जा रही है, वह संदेह उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी गई है, तो भाजपा नेताओं को जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जिस प्रकार से हर मामले में सी.बी.आई. जांच की मांग करते है, उससे लगता है कि उनका सी.बी.आई. से गहरा लगाव है। केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से भाजपा नेताओं का प्रेम सी.बी.आई.के प्रति कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है। दूसरी तरफ श्रीमती अरोरा योग दिवस पर बयान देते हुए कहा कि योग के प्रचार-प्रसार से हमें कोई परेशानी है, योग के कारण भारत की पूरे विश्व में अलग पहचान है। इसे बनाये रखने के लिए हम सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। चिंता केवल इस बात की है कि कहीं इसका हश्र भी स्वच्छ भारत अभियान की तरह न हो जाय। जब 2 अक्टूबर को मोदी जी और उनकी पार्टी के लोगों ने स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर खूब फोटो खिचवाये और उसके बाद से गायब हो गये। तब से आज तक किसी भी भाजपा नेता को स्वच्छ भारत अभियान की याद नही आयी। कही योग के साथ भी भाजपा के नेता कुछ ऐसा न करे कि योग दिवस के बाद उसे भूल जाय। भाजपा के नेता योग दिवस के नाम पर देश की जनता का ध्यान बड़े मुद्दोे से भटकाने की कोशिश है। केन्द्र की भाजपा सरकार की जो नाकामियां रही है, उससे जनता और मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा योग दिवस का सहारा ले रही है।
मल्ला जोहार में गरारी का पट्टा टूटा, ग्रामीण फंसे, गोरी नदी पर रिलकोट-खिलांच के मध्य पुल नहीं होने से बढ़ी दुशवारिया
देहरादून, 19 जून(निस)। मुनस्यारी तहसील के मल्ला जोहार में गोरी नदी पर रिलकोट-खिलांच के मध्य बनी गरारी का पट्टा टूट गया। इस कारण नदी आर-पार जाने की आवाजाही बन्द हो गयी है। इस स्थान पर लगातार पुल निर्माण की मांग की जा रही है। आपदा के बाद पुल बह जाने के दो वर्ष बाद भी उत्तराखण्ड की सरकार इस जगह पर पुल नहीं बना पायी। भाजपा ने आज जिलाधिकारी के सम्मुख इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि हैली-काप्टर मे करोड़ो रूपये खर्च करने वाले मुख्यमन्त्री को इसका जबाब देना होगा। मल्ला जोहार के गोरी नदी पर रिलकोट-खिलांच के बीच बनी पुलिया वर्ष 2013 की भीषण आपदा में बह गयी थी। इस स्थान पर 10 लाख रूपये की लागत से गरारी जबरन बना दिया गया। जबकि खिलांच के ग्रामीण इस स्थान पर पुलिया निर्माण की मांग कर रहे थे। वर्ष 2014 तथा इस बार भी इस स्थान पर पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया। गरारी के निर्माण में की गई मनमानी और मानक विरूद्ध कार्य के कारण गरारी का पट्टा एक वर्ष में ही टूट गया है। जबकि इस गरारी का उपयोग बस वर्ष में केवल छः माह ही ग्रीष्म काल के दौरान होता है। उसके बावजूद गरारी का पट्टा टूट गया और टूटी हुई गरारी से ही ग्रामीण जान हथेली में रखकर आर-पार जा रहे है। मवेशियों और बकरियों को गोरी नदी पार कराकर ले जाने में ग्रामीण असफल हो चुके है। खिलांच के ग्रामीणों के सामने यह मुसीबत खड़ी हो गयी है कि वे अपने पालतू जानवरों को छोड़कर कहां जाये। मुख्यमन्त्री की विधान सभा का यह नजारा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। आपदा के बाद मुनस्यारी तहसील में दस करोड़ से अधिक की राशि पुर्ननिर्माण के नाम पर खर्च की जा चुकी है। इस राशि के उपयोग पर गम्भीर आरोप लगते रहे है। रिलकोट-खिलांच के मध्य गोरी नदी पर पुल बनाने के लिए क्यों आपदा की राशि नहीं दी गयी। यह सवाल आम लोगों के गले नहीं उतर रहा है। भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी से इस मामले की शिकायत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री की विधान सभा में आपदा के बाद दो वर्ष बीत जाने के बाद भी यह स्थिति है। आम जनता आपदा के बाद से परेशान है और आपदा के बजट पर लूट मची हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री अगर पुल नहीं बना सकते है तो उन्हें विधान सभा के पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। 15 दिन के भीतर प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक ने कोई कार्यवाही नहीं की तो मुनस्यारी में लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में तालाबन्दी की जायेगी।
21 जून को हर्षोल्लास के साथ सभी मनायें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवसः महाराज
देहरादून, 19 जून(निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी को उनके प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दिलवाने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि इस वर्श इसकी षुरूआत भारत ही नहीं अपितु समस्त विश्व में बड़े हर्षोल्लास के साथ हो रही है परन्तु उŸाराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बयान दिया है कि वह योग दिवस पर योग में सम्मिलित नहीं होंगे इसे दुर्भागयपूर्ण करार दिया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि उŸाराखण्ड देवभूमि है और इसका योग के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्राचीन काल से ही अनेक ऋषि, मुनि व योगियों ने वहां आकर योग और ध्यान किया। आज भी ध्यान और योग सीखने व करने के लिए देश से ही नहीं अपितु विदेशों से भी हजारो लाखो की संख्या में व्यक्ति आते हैं। यदि उŸाराखण्ड योग में सम्मिलित नहीं होगा तो यह उŸाराखण्ड का अपमान होगा। सदस्य भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने कहा कि जब श्रीमती अमृता रावत पर्यटन मंत्री थीं तब उन्होंने ऋषिकेश को योगा कैपीटल बनाने का प्रयास किया। महेश योगी के आश्रम (84 कुटी) में प्रसिद्ध गायक बीटलस भी आयें। श्रीमती अमृता रावत जी ने योग की अनिवार्य शिक्षा शिक्षण संस्थानों में लागू करवाने का प्रयास किया जिसे उŸाराखण्ड सरकार ने स्वीकार किया था। इसके विपरीत वहां की सरकार अब योग दिवस में सम्मिलित नहीं हो रही। योग में राजनीति आड़े नहीं आनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह योग के प्रशिक्षित शिक्षकों का शिक्षा क्षेत्र में समायोजन करे। उन्हांेने उŸाराखण्ड की सम्मानित जनता व संस्थाओं से अपील की कि वे 21 जून, 2015 को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनायें।
बैस्ट रिसर्च आॅफ द ईयर एण्ड इन्नोवेशन व चांसलर्स अवार्ड से सम्मानित होगाः राज्यपाल
- राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की द्वितीय त्रैमासिक बैठक ली
देहरादून, 19 जून(निस)। उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के प्रयासों को धरातल पर उतराने की दृष्टि से राज्यपाल व कुलाधिपति डा0 कृष्ण कांत पाल की अध्यक्षता में आज राजभवन में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की द्वितीय त्रैमासिक बैठक बुलाई गई थी। प्रथम तिमाही बैठक 03 मार्च को आहूत की गई थी जिसमें विश्वविद्यालयों के बुनियादी उद्देश्यों को दोहराया गया था। इस बैठक में, प्रथम बैठक में लिए गए निर्णयों पर विश्वविद्यालयों की प्रगति की समीक्षा के अलावा कुलपतियों द्वारा दी जा रही मासिक आख्या के कुछ प्रमुख बिन्दुओं पर भी चर्चा हुई। आज की बैठक में राज्यपाल ने ऐलान किया कि प्रत्येक वर्ष, किसी भी विषय पर प्रकाशित सबसे अच्छे शोधपत्र और अभिवन रचना(इन्नोवेशन) को राजभवन में ‘चांसलर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया जायेगा। सर्वश्रेष्ठ शोधार्थी को बीस हजार रूपये की नकद धनराशि दी जायेगी। उन्होंने कहा - अनुसंधान व शोध ऐसा हो जो उत्पादकता बढ़ाने के लिए अंगीकृत किया गया हो या पेटेंट के लिए प्रस्तुत किया गया हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह ‘अवार्ड’ उत्कृष्टता के मानकों को प्राप्त करने हेतु विश्वविद्यालय कर्मियों में उत्साह जागृत करेगा। वर्ष 2014 के श्रेष्ठ शोधपत्र व अनुसंधान और अभिनव प्रयोग को इसी वर्ष के अंत तक सम्मानित किया जायेगा। राज्य के युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए विश्वविद्यालयों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश-विदेश के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों की तरह हमें भी लगातार बदलते वैश्विक वातावरण के अनुकूल अपने संस्थानों को ढ़ालने का प्रयास करना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित किया जा सकता है, बशर्ते कि वह निवेश समाज सेवा के सिद्धान्तों पर आधारित हो न कि शिक्षा के व्यावसायीकरण के उद्देश्य से। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए निजी क्षेत्र की भूमिका को उनके सामाजिक दायित्वों के रूप में स्थापित किया जा सकता है। विदेशों के कई श्रेष्ठ, निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय, सामाजिक सेवा के अपने उत्तरदायित्वों को मजबूती से निभा रहे हैं। पाठ्यक्रमों को गुणवत्ता युक्त व विश्वव्यापी माँग के अनुरूप बनाने की दृष्टि से राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के कौशल को उद्योगों से जोड़कर रोजगार की गतिशीलता सुनिश्चित की जा सकती है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए आवश्यक है कि वह कौशल प्रशिक्षण से उच्च शिक्षा को जोड़कर देश के मानव संसाधन को सक्रिय ऊर्जा के रूप में विकसित करे। राज्यपाल ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षिक उत्कृष्टता केवल गुणवत्तापूर्ण, व्यापक और स्थिर वातावरण में प्राप्त हो सकती है जिसके लिए अनुश्रवण व निगरानी की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है। सतत् अनुश्रवण से अर्जित गुणवत्ता ही सदैव स्थिर रहती है। विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध कालेजों में गुणवत्ता तथा छात्रों के बेहतर प्रदर्शन के लिए भी सतत् निगरानी व्यवस्था को जरूरी मानते हुए अनुश्रवण के महत्व के दृष्टिगत शैक्षिक और प्रशासनिक आॅडिट के लिए तीन कुलपतियों की एक समिति गठित करने का निर्णय भी लिया गया। राज्यपाल ने सभी शिक्षण संस्थानों को रैगिंग फ्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में पुस्तकालय, अनुसंधान कार्यों का प्रकाशन, विज्ञान एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए प्रयोगाशालाओं आदि शिक्षा प्रदान करने से सम्बन्धित सभी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्घता के साथ ही खेल-कूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को चलाने के लिए भी उचित वातावरण को अच्छे शिक्षण संस्थान के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को पेशेवर व व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाने के लिये सही दिशा देने के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा इंसान तथा बेहतर नागरिक भी बनाना भी विश्वविद्यालयों का दायित्व है। प्रदेश में शैक्षिक संस्थाओं मंे स्वच्छता को नितान्त आवश्यक बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना चाहिए क्योंकि स्वच्छता का मंत्र विद्यार्थियों में अनुशासन और संगठनात्मक गुणों को जगाने में सहायक होता है। एक अस्त-व्यस्त और मलिन स्थान उसमें रहने वाले व्यक्तियों की संगठनात्मक क्षमता, अनुशासन और उत्तरदायित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में विगत बैठक में दिए गए अपने निर्देशों को पुनः दोहराते हुए चयनित गाँव के ग्रामीण समुदाय के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा इस दिशा में निरन्तर कार्य करने के निर्देश दिए। विगत बैठक में विश्वविद्यालयों में ‘सेंटर आॅफ एक्सीलेंस’ हेतु कुलपतियों को दिए गए निर्देशों की प्रगति की समीक्षा के दौरान कुलपतियों द्वारा प्रस्तुत कार्य योजनाओं से संतुष्ट राज्यपाल ने कहा कि सभी विशिष्ट पाठ्यक्रमों को रोजगार सृजन तथा दक्षता विकास से जोड़ा जाना ज्यादा व्यावहारिक होगा। उन्होंने युवाओं में कम्यूनिकेशन स्किल विकसित करने के लिए अंग्रेजी सहित अन्य विदेशी भाषाओं का ज्ञान दिये जाने पर भी बल दिया। कुलाधिपति व राज्यपाल ने कहा कि विश्व के 177 देशों द्वारा 21 जून को ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ से योग को अपनाने के निर्णय ने योग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें जागृत की हैं। ऐसे में योग के प्रशिक्षण के साथ ही अंग्रेजी व अन्य विदेशी भाषाओं का ज्ञान रोजगार के अवसरों के लिए बहुत उपयोगी होगा। राज्यपाल ने युवाओं के कौशल व दक्षता विकास के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं व अन्य स्रोतों से उपलब्ध धनराशि का यथासंभव सदुपयोग करने के लिए ठोस कार्य योजनाएं बनाने का भी सुझाव दिया। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार की संभावनाओं के दृष्टिगत साहसिक पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, औषधीय व ऐरोमैटिक प्लान्टस् की खेती से सम्बन्धित अल्प अवधि के पाठ्यक्रम चलाये जाने के लिए भी सम्बन्धित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सुझाव दिये गए। बैठक में दून वि.वि के कुलपति प्रो. वी. के. जैन, पंतनगर वि.वि. के कुलपति प्रो. मंगला प्रसाद, कुमायूँ वि.वि. के कुलपति प्रो. एच.एस.धामी, औद्यानिकी एवं वानिकी वि.वि के कुलपति प्रो. मैथ्यू प्रसाद, श्री देव सुमन व हे.न.ब.मेडिकल वि.वि के कुलपति डा0 रावत, मुक्त वि.वि के कुलपति प्रो. सुभाष धूलिया, संस्कृत वि.वि के कुलपति प्रो. महावीर प्रसाद,, आयुर्वैदिक वि.वि. के कुलपति प्रो. सत्येन्द्र कुमार तथा उ.तक.वि.वि के कुलपति प्रो. पी.के.गर्ग सहित राज्यपाल के सचिव, विधि परामर्शी, उत्तराखण्ड शासन के दोनों अपर मुख्य सचिव, कृषि, उच्च शिक्षा, चिकित्सा व तकनीकी शिक्षा आदि से सम्बन्धित प्रमुख सचिव, सचिव भी मौजूद थे।
बनते ही ढह गया लाखों रूपये का पुस्ता, खांखरा-खेड़ाखाल मोटरमार्ग पर किया जा रहा कार्य, मोटरमार्ग पर बिछाया डामर भी उखड़ा
रुद्रप्रयाग,19 जून(निस)। मोटरमार्गों के निर्माण में घटिया कार्य करने को लेकर आज तक लोक निर्माण विभाग ही सुर्खियों में रहा है, लेकिन अब इस कड़ी में एडीबी (आपदा) का नाम भी जुड़ गया है। डामरीकरण से लेकर पुस्तों के निर्माण में विभाग के ठेकेदार घोर अनियमितताएं बरत रहे हैं। मोटा पैंसा कमाने के चक्कर में विभागीय ठेकेदार कार्य में पचास प्रतिशत भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख रहे हैं। आलम यह है कि जितनी तेजी से मोटरमार्ग पर पुश्ता बनकर तैयार किया जा रहा है, उतनी ही तेजी से ढह भी रहा है। दरअसल, इन दिनों खांखरा-खेड़ाखाल 22 किमी मोटरमार्ग पर एडीबी (आपदा) रतूड़ा की ओर से सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा हैं। यह कार्य ग्यारह करोड़ में भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया है, जिसमें क्रैश बेरियर, डामरीकरण, पुस्तों, कलवट, क्षतिग्रस्त दीवार और काॅजवे का कार्य किया जाना है। अब तक कंपनी की ओर से एक करोड़ भी खर्च कर लिया गया है, जबकि कार्य के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। सिर्फ मार्ग पर दो सौ मीटर डामर बिछाया गया है और दो कलवट के अलावा एक-दो जगह पर ही पुस्तों का निर्माण किया गया है। ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह से सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कंपनी की ओर से जहां पर पुस्तों का निर्माण किया गया है, वह कार्य बेहद ही घटिया हुआ है। पुस्ता बनने के साथ ही ढह गया है। इस पुस्ते की लागत लाखों में थी। इसके साथ ही मार्ग पर दो सौ मीटर डामर बिछाया गया है, जोकि मानकों के तहत नहीं बिछाया गया है। जिससे यह बिछाने के साथ ही उखड़ने लगा है। ग्रामीण संदीप पंत, बुद्धिबल्लभ ममंगाई ने कहा कि एडीबी विभाग की ओर से मोटरमार्ग पर जिस कंपनी को कार्य सौंपा गया है, वह कार्य में अनियमितताएं बरत रहा है। वर्षों बाद मोटरमार्ग पर डामरीकरण व पुस्तों का कार्य किया जा रहा है, वह भी नियमों के तहत नहीं हो रहा है। बरसात से पूर्व ही कंपनी की ओर से निर्माणाधीन पुस्ते ढहने शुरू हो गये हैं, जिससे ग्रामीणों में विभाग और कंपनी के विरूद्ध आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द मोटरमार्ग पर किये जा रहे कार्यों की जांच की जाय। ठेकेदार का टेंडर निरस्त किया जाय और अन्य किसी कंपनी को कार्य सौंपा जाय, जिससे कार्य में गुणवत्ता बनी रहे। खांखरा-खेड़ाखाल मोटरमार्ग की दयनीय स्थिति बनी है। मार्ग पर एडीबी (आपदा) कार्य कर रही है, लेकिन कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत मुझे मिली थी, मैंने भी निर्माण कार्य की जांच की है। वाकई पुस्तों और डामरीकरण का कार्य घटिया है। बरसात से पहले ही पुस्ते ढह रहे हैं। मोटरमार्ग की जांच को लेकर जिलाधिकारी को कहा गया है।
राहुल के जन्मदिवस पर कांग्रेसियों ने किया रक्तदान
देहरादून, 19 जून(निस)। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय, देहरादून में कांग्रेसजनों द्वारा एक रक्तदान शिविर का आयेाजन किया गया। श्री महन्त इन्द्रेश चिकित्सालय देहरादून के चिकित्सकों की देख-रेख में आयेाजित रक्तदान शिविर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने रक्तदान कर शुभारम्भ किया । रक्तदान शिविर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित प्रदेश पदाधिकारियों, युवा कांग्रेस, एन.एस.यू.आई, महानगर कांग्रेस तथा महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। इससे पूर्व किशोर उपाध्याय ने रक्तदान का महत्व बताते हुए कहा कि रक्तदान जीवन दान देने जैसा है। समय पर रक्त की एक बूंद से किसी जरूरतमंद इंसान की जान बचाई जा सकती है। इस अवसर पर कांगे्रसजनों ने मिष्ठान वितरण कर अपने प्रिय नेता राहुल गांधी को जन्म दिन की बधाई दी। रक्तदान करने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, प्रदेश कांग्रेस कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष भुवन कापडी, प्रदेश एनएसयूआई अध्यक्ष श्याम ंिसह चैहान, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, प्रदेश सचिव दीप बोहरा, पूर्व प्रदेश सचिव अनिल नेगी, युवा कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष शिवेश बहुगुणा, प्रदेश संगठन सचिव अनिल गुप्ता, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश नेगी, निलय कुकरेती, कंचन रांगड, प्रवीण चैहान, दीपक बिष्ट, संदीप सिंह, संदीप शर्मा, स्वर्णिम राज भण्डारी, प्रकाश गिरि, विशाल मौर्य, माधव अग्रवाल सहित लगभग 60 लोगों कांग्रेसजनों ने रक्तदान किया। रक्तदान शिविर के सफल आयोजन में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत ंिसंह बिष्ट, शंकरचन्द रमोला, प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, सुरेन्द्र रांगड़, टीका राम पाण्डे, कमलेश रमन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
उत्तराखण्ड को देवी-देवताओं के लिए जाना जाता हैः सीएम
देहरादून, 19 जून(निस)। उत्तराखण्ड जहाॅ एक ओर देवी-देवताओं के लिए जाना जाता है वहीं दूसरी ओर यह क्षेत्र संस्कृत विद्वानो का अध्ययन केन्द्र रहा है यह विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कल्याणिका वेद वेदागं संस्कृत विद्यापीठम उदघाटन एवं लोकार्पण के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के समग्र विकास हेतु एवं उसके संरक्षण के लिए हमें ठोस पहल करनी होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक ऐसे आध्यामिक केन्द्र है जहाॅ पर संस्कृत विद्वानो ने आकर युवाओं को संस्कृत भाषा से जोड़ने का प्रयास किया और वेद-पुराणों में उल्लखित अनेक जनश्रुतियों को सार्थक सिद्व करने के लिए प्रेरित किया। हमारे चार वेदो में संस्कृत भाषा की अपनी विशिष्ट पहचान रही है हम सभी का प्रयास होगा कि इस पहचान को बनाये रखने के लिए संस्कृत भाषा के उन्ययन की पहल करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जहाॅ एक ओर पूरे विश्व में योग का महत्व बढ़ा है वहीं दूसरी ओर संस्कृत भाषा के लिए भी लोगो की जिज्ञासा और अधिक बढ़ गयी है। हमारे संस्कृत विद्वान कालीदास सहित अन्य विद्वानो के हिमालय क्षेत्र का बखान अपने ग्रन्थों में किया है। उन्होंने कहा कि आज जहाॅ एक ओर शिक्षा का स्तर काफी गिर गया है वहीं दूसरी ओर संस्कृत विद्या के प्रति युवाओं में नई चेतना का आगाध हुआ है। संस्कृत विद्या जहाॅ एक ओर हमारे संस्कारों को आगे बढ़ाने में सार्थक सिद्व होती है वहीं हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में इसके पठन से आत्मिक शान्ति मिलती है। प्रदेश में स्थित राजकीय संग्रहालयों में संस्कृत ग्रन्थों के संरक्षण के लिए ठोस पहल की जा रही है और शासन द्वारा संस्कृत विद्या से जुड़े पुरोहितों के लिए पेंशन दिये जाने का भी निणर्य लिया गया है ताकि इस विद्या से जुड़े लोग अपने आर्थिक मजबूती के लिए आगे बढ़ सके। विकासखण्ड लमगड़ा के डोल में स्थित यह आश्रम जहाॅ एक ओर हमें आध्यात्म की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है वही दूसरी ओर संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए भी कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संस्कृत भाषा को पूर्व में द्वितीय राजभाषा के रूप में जो स्थान दिया गया है वह एक सराहनीय पहल है हमें संस्कृत के पठन-पाठन करने वालो को मदद देनी होगी। प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत विद्यालयों को स्पेशल ग्राण्ड देकर उनको साधन सम्पन्न बनाने का काम किया गया है। संस्कृत हमारे प्रदेश में आजिविका का एक सशक्त साधन बन सकती है हमें सरकारोन्मुखी न बनकर समाजोन्मुखी बनने का प्रयास करना होगा ताकि हम संस्कृति की पताका फहराने में आगे बढ़ सके संस्कृत भाष पूरी भाषाओं की जननी है इसलिए हमें इस भाषा सम्मान देना होगा। इस अवसर पर उन्होंने कल्याणिका आश्रम में संग्रहालय बनाने के लिए 01 करोड़ रू0 देने की बात कही साथ ही कल्याणिका आश्रम से स्थानीय डोल ग्राम को जोड़ने के लिए रोपवे की स्वीकृति के साथ ही आश्रम के समीप नाले में तटबन्ध बनाकर उसे झील के रूप में विकसित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने संस्कृत विद्यालय को आगामी दो माह के अन्दर मान्यता दिलाने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुजंवाल ने कहा कि कल्याणिका आश्रम के संस्थापक स्वामी पूज्यपाद बाबा कल्याण दास के द्वारा जिस परिकल्पना के साथ इस आश्रम की स्थापना की गयी थी उसके परिणाम आज सामने आ रहे है हमें इस आश्रम के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कल्याणिका आश्रम के विकास सहित अन्य स्थानीय समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया जिस पर मुख्यमंत्री ने इसका एक रोडमैप तैयार कर प्रस्तुत करें ताकि उस पर अग्रिम कार्यवाही की जा सके। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल क्षेत्र के सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हमें अपने युवाओं में संस्कृत भाषा को बोलने के लिए चेतना जागृत करनी होगी युवाओं को संस्कृत का अच्छा ज्ञान हो इसका प्रयास करना होगा बिना देववाणी के देवभूमि की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती इसलिए हमें संस्कृत भाषा की ओर विशेष ध्यान देना होगा। नेता प्रतिपक्ष अजय भटट ने कहा कि हमें संस्कृत भाषा के व्यापक प्रचार सहित आज ग्रामीण क्षेत्रों में जो पुरोहित का कार्य करते है उनके उन्ययन के लिए हमें सोचना होगा ताकि यह भाषा जीवन्त रह सके। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि हमें इस तरह के रमणीक स्थलों को पर्यटन मानचित्र में लाकर पर्यटन सर्किल से जोड़ना होगा ताकि अधिकाधिक लोग यहाॅ पर आ सके। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे इस रमणीक स्थल के विकास के लिए अपने स्तर से पूरी कोशिश करेंगे साथ ही इस संस्कृति विद्यापीठ के लिए जो भी सम्भव हो उसको आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम में संसदीय सचिव मनोज तिवारी, पूर्व सासंद प्रदीप टम्टा, घनश्याम भटट सहित अन्य लोगो ने अपने विचार रखे। परमपूज्य कल्याण दास जी ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए युवाओं को स्वालम्बी बनाना होगा। उत्तराखण्ड में पुराने पहाड़ों को पुर्नजिवित करने के साथ यहाॅ पर युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकना हमारा प्रयास होगा। परमपूज्य बाबा जी ने संस्कृत भाषा के उन्ययन के लिए सबसे आगे आने की अपील की। इस अवसर पर पूज्य कपिलेश्वरानन्द , राजेन्द्र , सदानन्द , नवराज , कृष्ण चैन्तय , नारायण हरि , शिवमनाथ सरस्वती , प्रेम चैतन्य , स्वामी कबीरा , जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक के0एस0 नगन्याल, उपजिलाधिकारी इला गिरि, अनुसूचित जाति के उपाध्यक्ष राजेन्द्र बाराकोटी, ब्लाॅक प्रमुख श्रीमती कमला आर्या, जलागम प्रबन्धन के उपाध्यक्ष दिनेश कुजंवाल, पूर्व ब्लाॅक प्रमुख महेन्द्र मेर, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, केवल सती, तारा चन्द्र जोशी, दिवान सिंह बिष्ट, मनोज रावत, श्रीमती देवकी कुजंवाल, दिवान सतवाल, किरन बगडवाल, शिवराम आर्य, मोहन सिंह नगरकोटी, पान सिंह फत्र्याल, दुग्ध संघ के अध्यक्ष दीप डाॅगी, दीपक मलाड़ा, मनोज रावत सहित अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन स्वामी विश्वरूपानन्द जी ने किया।
अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी को रिहर्सल किया
हरिद्वार, 19 जून(निस)। अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस ज्यों ज्यों नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश भर में उत्साह देखने को मिल रहा है। अखिलविश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज में तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण का आज पूर्ण रिहर्सल किया गया। इसमें विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों में आए गायत्री साधक, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ, शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के कार्यकर्त्ताओं समेत दो हजार लोगों ने योगाभ्यास किया। शांतिकुुंज के संगीत विभाग के उद्गाताओं द्वारा सुमधुर संगीत के बीच पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का संचालन देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के योगाचार्य एवं छात्रों ने मिलकर किया। योग कार्यक्रमों का संचालन रामअवतार पाटीदार एवं गुलाम असकरी जैदी ने किया। विश्वयोग दिवस के उपलक्ष्य में बनी समिति के सदस्य कालीचरण शर्मा के अनुसार देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और शांतिकुंज मिलकर देश और विदेशों में 6.30 से 8.20 तक एक साथ दो लाख स्थानों पर योग आयोजन संपन्न करायेंगे। वहीं 21 जून को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के राजपथ पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कालीचरण शर्मा, बृजमोहन गौड़ सहित सौ लोगों का समूह भाग लेगा। वहीं प्रोफेसर प्रमोद भटनागर के नेतृत्व में दूसरा दल देहरादून के राजभवन में तथा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अन्य कार्यक्रम में अन्य दल भाग लेंगे। २२ जून को संपन्न होने वाले योग दिवस के मुख्य समापन आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में संपन्न होगा जिसमें गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या अध्यक्षता करेंगे। श्री शर्मा के अनुसार गायत्री परिवार यू एन द्वारा निर्धारित प्रोटोकल के साथ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा निर्देशित इस युग के महत्वपूर्ण योगाभ्यास प्रज्ञायोग को भी कराया जाएगा। साथ ही कल (आज) देहरादून जिले के हरिपुरकलाँ से लेकर शांतिकुंज तक योगा प्रचार रैली का आयोजन शांतिकुंज करेगा। विश्वभर में मुख्य कार्यक्रम के साथ ही रैली तथा वृक्षगंगा अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम कराने का भी अभिनव प्रयोग होगा। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि योग मानव मात्र के लिए है। यह एक दिन ही नहीं, जीवन भर रोज रोज करना चाहिए, योग जीवन का अंग बनना चाहिए। मंच संचालन शांतिकुंज के केदार प्रसाद दुबे ने किया। नरेन्द्र ठाकुर ने साधकों को प्रज्ञायोग कराया।
डाॅ. निशंक बताये कि क्या भाजपा नेताओं ने उनसे क्षमा मांग ली है - सुरेन्द्र कुमार
देहरादून 19 जून(निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि डाॅ. निशंक पहले भाजपा नेताओं से क्षमा मांगने के लिए कहे। क्योंकि कांगे्रस से पहले भाजपा के नेताओं द्वारा ही कुंभ घोटाले व भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाते रहे है, यहाॅ तक की उनको देश भ्रष्टतम मुख्यमंत्री बताया जाता था व इसलिए उनको हटाया गया था। वहीं उन्होंने क्षमा मांगने के लिए पहले अपने घर यानी भाजपा के लोगो से बोलना चाहिए। कांग्रेस तो केवल जनता को सच बता रही है। भाजपा नेता डाॅ. निशंक को नकारात्मक भूमिका से बाहर आकर राज्यहित में भी सोचना चाहिए। अपनी ऊर्जा व तकनीक का उपयोग को नरकंकाल ढूंढने के बजाय राज्यहित के मुद्दों पर दिल्ली मंे लगाये। राज्यहित के अनेक ऐसे मुद्दे है, जिन पर दिल्ली से निर्णय लिया जाना है। बेहतर होगा कि डाॅ. निशंक अपनी ऊर्जा का उपयोग दिल्ली में संसद के अंदर लगाये। प्रधानमंत्री के समक्ष राज्यहित से जुड़े मुद्दों को उठाये। उनके इस काम में हम भी सहयोग करेंगे। प्रदेश की जनकल्याणकारी सरकार द्वारा जिस प्रकार से जनहितकारी निर्णय लिये जा रहे है और जिस प्रकार से चारधाम यात्रा का सफल संचालन हो रहा है, उससे भाजपा नेता बौखला गये है।
शहीद सुबेदार वर्धन का दी अनुदान राशि
देहरादून 19 जून(निस)। 14 गढवाल राईफल, अल्फा कम्पनी मे प्लाटून कमाण्डर सूबेदार अजय वर्धन, जो 1 दिसम्बर 2014 को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सैक्टर में समुद्र तल से 13 हजार फिट की उचाई पर लाईन आफ कन्ट्रोल पर प्वाइंट न0 4053 आंतकवादियों से लोहा लेते हुए आतंकवादियों का खात्मा कर शहीद हो गये थे।उनके इस अदम्य साहस को सलाम करते हुए भारत सरकार द्वारा उन्हे मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से नवाजा गया था। इसी क्रम सैनिक कल्याण विभाग उत्तराखण्ड सरकार की और से सैनिक कल्याण निदेशालय कालिदास रोड देहरादून में सैनिक कल्याण मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने शहीद सुबेदार अजय वर्धन की धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी तोमर तथा माता जी हीरा देवी को एक मुश्त अनुदान राशि 10 लाख का चैक, वीरता पदक अनुदान राशि 20 लाख रू0 का चैक, वीरता पदक की वार्षिक राशि 2 लाख रू0 तथा आवासीय सहायता की राशि 2 लाख रू0 चैक प्रदान किया गया। इस अवसर पर शहीद सुबेदार अजय वर्धन को श्रदांजलि देते हुए दो मिनट का मौन भी रखा गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सैक्टर में समुद्र तल से 13 हजार फिट की उचाई पर शून्य डिग्री से नीचे के तापमान पर सुबेदार अजय वर्धन ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश की सीमाओं की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर कर दिये, ऐसे वीर सपूतों की माताओं को शत्-शत् नमन है, जिन्होने ऐसे वीरों को जन्म दिया। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड के अधिकतर नौजवान फौज की राह चुनते हैं, उनके लिए शहीद सुबेदार अजय वर्धन द्वारा देश के लिए दिया गया बलिदान प्रेरणाश्रोत है। इस अवसर पर निदेशक सैनिक कल्याण बिग्रेडियर ए.एन बहुगुणा, उप निदेशक कर्नल आर.के चन्द्र, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डी के कौशिक, सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पूर्व सैनिक उपस्थित थे।