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आलेख : प्रसन्नता से हम हर पल एक नया जन्म ले सकते हैं

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एक आदर्श एवं संतुलित इंसान की सर्वोपरि प्राथमिकता है उसका हंसता हुआ चेहरा एवं मुस्कराती हुई जीवनशैली। हंसते रहना एक दैवी गुण है, जिस पर अमीरों की सुविधाएं न्यौछावर की जा सकती हैं। हंसने की आदत चित्त को हल्का बनाती है और शरीर को निरोग, दीर्घजीवी एवं सुंदर बनने की सुविधा उत्पन्न करती है। एक खुशनुमा इंसान की सबसे बड़ी जरूरत एवं सबसे बड़ा उपहार यही हो सकता है कि उसका प्रसन्न रहना, मुस्कराते रहना और हंसने की आदत को अपने स्वभाव का अंग बना लेना। प्रसन्नता के संग हम हर पल एक नया जन्म ले सकते हैं, हर पल एक नई शुरुआत हो सकती है। इसी सन्दर्भ में दलाई लामा का मार्मिक कथन है कि प्रसन्नता अपने आप नहीं मिलती। यह आपके अपने कर्मों से ही आती है।’ एक प्रसन्न मनुष्य सुखी होता है और वह संस्कृति व सभ्यता को अपने कर्मों से जीवंत रखता है और एक नये इतिहास का सृजन करता है। 

खूबसूरत बनने के लिए किसी ब्यूटी पार्लर में जाकर चेहरे को सुंदर बनाने की आवश्यकता नहीं। चेहरे को सुंदर बनाने का सर्वोत्तम उपाय है-मुस्कुराना। मुस्कान वह टाॅनिक है जो न केवल शारीरिक अपितु मानसिक सुस्ती को दूर कर तन व मन दोनों में स्फूर्ति का संचार करती है। मिनटों की मुस्कान घंटों की थकान को दूर करती है। 
महापुरुषों के चेहरे पर हमें सदैव अभिनव क्रांति, सौम्यता व प्रसन्नता के दर्शन होते हैं। मुस्कराती तस्वीर सभी को प्रिय लगती है। यही वजह है कि फोटोग्राफर फोटो खींचने से पूर्व कहता है-‘सर, स्माईल प्लीज!’ मुस्कराने से तस्वीर सुंदर आती है।

चेहरा दिल का दर्पण है। आपका चेहरा यदि गुलाब के फूल-सा हंसता-खिलता है इसका मतलब आपके हृदय में भी प्रसन्नता का निर्झर बह रहा है। आंतरिक प्रसन्नता अवश्य बाह्य जगत में प्रकट होगी। हंसते खिलते चेहरे में चुम्बक-सा आकर्षण होता है। मुस्कुराती आंखें बरबस सभी का ध्यान आकर्षित कर लेती हैं। मुस्कान बेगानों को अपना बनाती है। एक कहावत है ‘सौ दवा एक हवा, सौ हवा एक मुस्कान’। जैसे मुस्कुराता फूल सबका मन मोह लेता है उसी प्रकार हंसता चेहरा सबका प्यारा होता है।  

हम उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करें और सद्प्रवृतियों का चिंतन करें। ऐसा करते हुए हमें जो बहुमूल्य रत्न उपलब्ध होगा वह प्रसन्नता ही है। हम सर्वथा निर्धन और अक्षम होते हुए भी इस बहुमूल्य रत्न को उपहार में देने में सक्षम होंगे और यह ऐसा उपहार होगा जो हमें भी समृद्ध बनाएगा और पाने वाले के जीवन को भी सुखी और समृद्ध करेगा। इसके माध्यम से हम कुछ भी करने में सक्षम हो सकते है, चाहे वह हमारी सोच हो, चाहे हमारा जीवन हो या हमारे सपने हों, सब सच हो सकता है। आप जो चाहे कर सकते हैं। आप अनंत ब्रह्मांड की तरह अनंत संभावनाओं से परिपूर्ण बन सकते हैं। बेन्जामिन की उक्ति भी मार्मिक है कि हँसमुख चेहरा रोगी के लिये उतना ही लाभकर है जितना कि स्वस्थ ऋतु। जिस व्यक्ति के भीतर दिल से निकली सच्ची प्रसन्नता विराजमान रहती है उसका लोक व्यवहार उत्कृष्ट होता है। जीवन में हर ओर प्रसन्नताएं व्याप्त हैं, लेकिन लोग उनको अपने अंतस में प्रवेश नहीं करने देते। जो खुशी होने की और प्रसन्न होने की शक्ति को पहचान जाते हैं। वे छोटी-छोटी बातों में खुशियां-प्रसन्नताएं तलाश कर अपने जीवन को खुशहाल बना लेते हैं। यही नहीं ऐसे व्यक्ति आध्यात्मिक व नैतिक रूप से बल्किम आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी सशक्त हो जाते हैं।

प्रसन्नता जीवन का प्राणतत्व है, प्रसन्नता के साथ किया गया भोजन अमृत के रूप में परिवर्तित होता है। प्रसन्नता के साथ ली गई दवा विशेष लाभ देती दिखती है। जो सुख-शांति लाखों रुपए खर्च करके प्राप्त नहीं की जा सकती वह प्रसन्नता से सहज सुलभ हो जाती है। जो आनन्द हिल स्टेशनों की यात्रा करके नहीं मिलता और मधुशाला में पहंुंचकर भी नहीं मिलता वह भीतरी पवित्रता से होने वाले प्रसन्न भाव से मिलता है।

एक संत के विषय में यह प्रसिद्ध था कि जो उनके पास जाता है, प्रसन्न होकर लौटता है। वे सहज में आनंदित, सुखी एवं संतुलित जीवन के सूत्र बता देते। उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई थी। एक धनी व्यक्ति एकाएक सुखी और प्रसन्न होने की चाह लेकर उनके पास गया और जल्दी से उतावलेपन से प्रसन्न रहने की विधि पूछने लगा। संत ने उसकी बात अनसुनी करते हुए एक पेड़ के नीचे बैठे चिडि़यों को दाना चुगाते रहे। चिडि़यों की प्रसन्नता के साथ संत अपने को जोड़कर आनंदविभोर हो रहे थे। संत के इसी स्थिति को देखकर धनी व्यक्ति अपना धैर्य कायम नहीं रख पा रहा था और अधिक उतावलेपन से संत से सुखी और बनने का सूत्र बताने का आग्रह करने लगा। संत अपने काम में आनंदित हो रहा था।

अमीर आदमी उतावला हो रहा था, उसने पुनः संत से प्रसन्न रहने का रहस्य पूछा। अधिक आग्रह पर संत ने अलमस्ती से कहा-दुनिया में प्रसन्न होने का एक ही तरीका है-दूसरे को देना। देने में जो आनंद है, जो सुख है वह और किसी चीज में नहीं है। तुम चाहो तो अपनी अमीरी जरूरतमंदों को लुटाकर स्वयं आनंदित रहने वालों में अग्रणी हो सकते हो। ग्रोचो मार्क्स ने स्वयं को प्रसन्न रखने का रहस्य उद्घाटित करते हुए कहा है कि हर सुबह जब मैं अपनी आंखें खोलता हूं तो अपने आप से कहता हूं कि आज मुझमें स्वयं को खुश या उदास रखने का सामथ्र्य है न कि घटनाओं में, मैं इस बात को चुन सकता हूं कि यह क्या होगी, कल तो जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, मेरे पास केवल एक दिन है, आज तथा मैं दिन भर प्रसन्न रहूंगा।’ हर व्यक्ति ऐसी ही सोच से अपने हर दिन को खुशनुमा बना सकता है। ऐसे ही सही तरीके से जीने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी की राहों को जगमगा लेता है और जो जीवन जीने का ढंग नहीं जानते उनका जीवन भारभूत बन जाता है। प्रश्न है परिवार एवं समाज में कैसे जीएं? इस प्रश्न का पहला उत्तर यह हो सकता है कि प्रसन्नता के साथ जीएं, क्योंकि प्रसन्नता से स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और परस्परता भी बढ़ती है। इस गुण के अभाव में 90 प्रतिशत व्यक्ति असफल हो जाते हैं। प्रसन्नता ही वैवाहिक जीवन की सफलता का आधार है और इसी से आध्यात्मिक उन्नति भी संभव है। आंतरिक प्रसन्नता के लिए किन्हीं बाहरी साधनों की आवश्यकता नहीं होती। बड़े-बड़े राजा-महाराजा, सेठ-साहूकारों के समीप सुख-सुविधाओं के प्रचुर साधन होते हुए भी वे दुखी रहते हैं, क्योंकि प्रसन्नचित्त व्यक्ति एक झोपड़ी में भी सुखी रह सकता है और चिंतित व्यक्ति राजमहल में भी दुखी। प्रसन्न मन ही अपनी आत्मा को देख सकता है, पहचान सकता है एवं उस परमात्मा का साक्षात्कार कर सकता है। 

हर व्यक्ति के जीवन में अच्छाई और बुराई दोनों होती हैं। अच्छाई को देखकर उसका प्रशंसा करना, प्रोत्साहित करना प्रमोद भाव है। इससे सद्गुणों का विकास होता है। आत्म प्रशंसा सुनकर व्यक्ति को जो तृप्ति मिलती है वह घी-दूध से भी नहीं मिलती। जहां कहीं ऐसी अनुकूलता नहीं बन पाती, वहां जीवन में सफलता संदिग्ध हो जाती है। हेलन केलर ने सटीक कहा है कि बेशक दुनिया में तकलीफों की कमी नहीं है, लेकिन इन तकलीफों से पार पाने के रास्ते भी कम नहीं हैं। प्रसन्नता भी एक ऐसा ही रास्ता है जो जिन्दगी को सुगम बनाती है। एक चीनी कहावत है कि व्यक्ति को एक घंटे की खुशी के लिए झपकी लेनी चाहिए। एक दिन की खुशी के लिए पिकनिक पर जाना चाहिए और जिंदगी-भर की खुशी के लिए किसी अनजान व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। खुशी व्यक्ति की आंतरिक रूप से मजबूत रखती है।

ब्रिटेन का बहुत बड़ा हास्यकार था-ग्रेमाल्डी। वह बीमार हो गया। डाॅक्टर के पास जाकर बोला, ‘डाॅक्टर! मेरी चिकित्सा करो। मैं बहुत दुःखी हूं। मैं बहुत खिन्न हूं। मैं मानसिक व्यथाओं से घिरा हुआ हूं, पीडि़त हूं।’ डाॅक्टर ने उसका परीक्षण किया। कुछेक प्रश्न पूछे। अंत में डाॅक्टर ने कहा, ‘मैंने तुम्हारी बीमारी का मूल पकड़ लिया है। मैं तुम्हें कोई दवा नहीं दूंगा। मेरा एक परामर्श मानो, तुम स्वस्थ हो जाओगे। तुम एक सप्ताह अपने देश के प्रसिद्ध हास्यकार ग्रेमाल्डी के पास रहो। तुम निरोग हो जाओगे। तुम्हारी मानसिक ग्रंथियां समाप्त हो जाएगी।’
डाॅक्टर का परामर्श सुनकर ग्रेमाल्डी रो पड़ा। उसने कहा, ‘दुनिया को हंसाने वाला, दुनिया को स्वस्थ करने वाला, दुनिया को सुखी बनाने वाला मैं ही हूं ग्रेमाल्डी। पर मैं स्वयं कितना दुखी हूं?’

दुनिया को हंसाने वाला ग्रेमाल्डी ही नहीं, बडे़-से-बडे़ धर्मगुरु, योगाचार्य, शिक्षाशास्त्री, वैज्ञानिक, डाक्टर, इंजीनियर, न्यायाधीश, ज्ञानी और व्यापारी- सभी के जीवन में विरोधाभास देखने को मिलता है। हर व्यक्ति  को अपनी थाली खाली प्रतीत होती है तथा दूसरों की थाली में अधिक चिकनाहट अनुभव होता है। ‘दूरस्था पर्वता रम्याः‘ दूर से पर्वत मनोरम प्रतीत होता है, पर निकट पहुंचने पर उसका आकर्षण खत्म हो जाता है। कुछ लोग अपने जीवन से व्यर्थ ही असन्तुष्ट और दुःखी प्रतीत होते हैं, प्रायः उन्हें दूसरों केे जीवन में अधिक सुख-शांति और प्रसन्नता का दर्शन होता है, पर जब उनकी अंतरंग स्थिति से परिचित होते हैं तो स्वयं के अज्ञान पर हंसने लगते हैं। किसी महापुरुष का यह कथन कि ‘आपकी मुस्कुराहट आपके चेहरे पर भगवान के हस्ताक्षर हैं। उसको क्रोध करके अथवा आंसुओं से धोने की कोशिश मत करिए- एक ऐसा मंत्र है जो जीवन को सफल एवं सार्थक बनाता है।





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(ललित गर्ग)
आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

नंदिता सिंघा की इंटरनेशनल फिल्म ‘मेगा कॉर्प’ में सर बेन किंग्सले

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हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता एवम् गांधी का किरदार निभाने वाले सर बेन किंग्सले’ ने बिजनेस वुमन व फिल्मकार नंदिता सिंघा की तीसरी फिल्म ‘मेगा कॉर्प’ में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए हामी भर दी हैं।वह इसमें एक बड़ी फार्मासिटीकल कंपनी के मालिक का रोल अदा करेंगे जो बड़ा ही क्रूर है और हिटलर की तरह पूरी दुनिया में एकछत्र राज करना चाहता है।  मेडिकल क्राइम से जुड़ी सच्ची घटना पर बनने जा रही यह फिल्म अंग्रेजी भाषा की इंटरनेशनल प्रोजेक्ट  होगी।

सन् 1962 में एक बड़ा मेडिकल हादसा पूरी दुनिया की नजर में आया था। एक फार्मासिटिकल कंपनी  दवाइयों को बाजार में लाने से पहले  नाम्बिया के गरीब नीग्रो पर परिक्षण करता था जिससे उनकी जान पर खतरा बना रहता था मगर गरीबी की मार से बेचारे मजबूर थे। एक बार दवाइयों के साइड इफेक्ट होने के बावजूद  बाजार में उपलब्ध कर दिया गया था जिसके दुष्प्रभाव से कई जाने चली गयी थी। बाद में इस मेडिकल स्कैम का जाँच पड़ताल शुरू हुआ और एक खोजी पत्रकार ने इसका पर्दाफाश किया था।

 इस फिल्म में भी नंदिता सिंघा एक निर्भीक साहसी कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार की चैलेंजिंग भूमिका को परदे पर पेश करेंगी। और इस भूमिका के लिए ऋतिक रोशन या देव पटेल से संपर्क किया जा रहा है।  इससे पहले नंदिता की 2 फिल्में मिड डे और जे रिटर्न की शूटिंग शुरू कर चुकी हैं जो मुम्बई के एक अंग्रेजी अखबार के क्राइम रिपोर्टर जे डे की हत्या पर आधारित है। नंदिता सिंघा ने बड़ी बड़ी कंपनियों की इंटरनेशनल मार्केट के लिए चार सौ के ऊपर विज्ञापन फिल्में बनायीं हैं जिसके लिए उन्हें एशिया पेसिफिक अवार्ड मिला है ।इनकी कंपनी ‘टोटल डिवाइस प्रेजेटंेशन लिमिटेड’ भारत के अलावा सिंगापूर, मलेशिया, दुबई, लंदन में बिजनेस की दुनिया में अच्छा नाम कमा रही है।

डिजिटल इंडिया वीक की शुरुआत आज प्रधानमन्त्री करेंगे

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केंद्र की राजग सरकार बड़े पैमाने पर डिजिटल इंडिया को बढावा देने की तैयारी कर रही है।इसके लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया वीक लॉन्च करेंगे। डिजिटल इंडिया वीक की लॉचिंग के दौरान 10 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे, जिनमें विभिन्न राज्यों के आईटी मंत्री, आईटी पेशेवर और छात्र शामिल होंगे। इसके अलावा डिजिटल इंडिया वीक की लॉचिंग के दौरान कई बडे देसी विदेशी उद्योगपति और सीईओ भी मौजूद रहेंगे।

बताया गया है कि इस दौरान अरबों रुपये के निवेश समझौते भी होंगे। आज लांचिंग के दौरान प्रधानमंत्री विभिन्न शहरों में वाई फाई की सुविधा को भी लांच करेंगे। इस मौके पर विभिन्न एप्स जैसे ई लॉकर, ई हॉस्पिटल, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल आदि भी प्रधानमंत्री लॉन्च करेंगे। डिजिटल इंडिया वीक के दौरान सप्ताह भर विभिन्न राज्यों में डिजिटल इंडिया को बढावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजि किए जाएंगे।

पेट्रोल और डीजल हुआ सस्ता

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के मद्देनजर घरेलू स्तर पर पेट्रोल 31 पैसे प्रति लीटर और डीजल 71 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। घटी हुयी कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएगी।

देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) ने कहा है कि कीमतें कम किये जाने के बाद दिल्ली में पेट्रोल (वैट सहित) 66.62 रुपये प्रति लीटर और डीजल 5०.22 रुपये प्रति लीटर हो जायेगा। 

मई से लगातार तीन बार में पेट्रोल के दाम कुल 7.73 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ने के बाद इसमें 31 पैसे की कटौती की गयी है जबकि डीजल की कीमत मई में दो बार 5.08 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी के बाद 16 जून को 1.35 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी थी।

व्यापमं घोटाला : सीबीआई जांच के लिए कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय पहुंची

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मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग प्रदेश सरकार द्वारा खारिज कर दिए जाने पर कांग्रेस ने एक जनहित याचिका दायर कर यही मांग सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रख दी है। पार्टी ने मंगलवार को कहा कि उसे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) पर भरोसा नहीं है।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है कि एसआईटी सफल नहीं हुई है, इसीलिए इस मामले का संज्ञान लें। 

व्यापमं में मेडिकल, इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले और नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हुई धांधली की आंच राज्यपाल व मुख्यमंत्री से लेकर कई बड़े नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापारियों पर आई है। एफआईआर दर्ज होने पर राज्यपाल को अदालत से 'महामहिम'होने का लाभ लेना पड़ा है। वर्ष 2013 से लेकर अब तक इस घोटाले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें राज्यपाल रामनरेश यादव के पुत्र शैलेश यादव की मौत भी शामिल है। 25 मई 2015 को शैलेश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के माल एवेन्यू इलाके स्थित अपने पिता के घर पर संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे।

दिग्विजय सिंह ने कहा, "हम सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे, और आग्रह करेंगे कि वह इस मामले में एक निगरानी समिति का गठन करें।"उन्होंने कहा, "न केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बल्कि उनका पूरा दफ्तर इस घोटाले में शामिल है। हमने एसआईटी को एक फोन नंबर भी दिया है, जिसका ताल्लुक मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह से है।"उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस के पास इतने बड़े घोटाले की जांच के लिए न तो संख्याबल है और न ही क्षमता है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है।"दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि देश में पिछले कुछ वर्षो में दाखिले से संबंधित जितने भी घोटाले हुए हैं, उन सबकी जड़ मध्य प्रदेश में ही है, इसलिए इस राज्य को घोटालों की राजधानी कहा जाने लगा है। उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि हर साल 1,000 फर्जी दाखिले होते हैं, इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।"

आईटी क्षेत्र में प्रगति के लिए बंगाल प्रतिबद्ध : ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनका राज्य सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्पादों और सेवाओं की उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है। नदिया जिले के कल्याणी में पहले भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की आधारशिला रखने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, "हमारा राज्य सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों और सेवाओं जैसे बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिग (बीपीओ), नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिग (केपीओ), ज्ञान आधारित निर्यात, एनीमेशन और कई अन्य क्षेत्रों की उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है।"

उन्होंने कहा, "आईआईआईटी हमारे राज्य की प्रतिभाओं को शिक्षा के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा और भविष्य के लिए अधिक योग्य और तकनीकी रूप से कुशल श्रमशक्ति तैयार करेगा। आईआईआईटी के अलावा कल्याणी में एम्स और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान भी स्थापित किया जाएगा, जिससे कल्याणी को बंगाल में आधुनिक शिक्षा में प्रमुख स्थान मिलेगा।"

ललित मोदी के आरोप बेबुनियाद : वरुण गाँधी

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बीजेपी के युवा नेता वरुण गांधी ने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के आरोपों को खारिज किया है. सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी ने स्पष्ट किया कि मैंने ललित मोदी से किसी तरह की मदद की बात नहीं की. उनके आरोप बेबुनियाद है.

सूत्रों के मुताबिक वरुण गांधी की लंदन में एक बार ललित मोदी से उनके आवास पर मुलाकात हुई थी. दोनों के बीच मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड ने करवाई थी. मुलाकात से पहले बीजेपी सांसद ललित मोदी को जानते भी नहीं थे और उस मुलाकात के बाद वरुण गांधी, ललित मोदी के संपर्क में नहीं है.

गौरतलब है कि मंगलवार की रात को किए गए अपने ताजा ट्वीट में ललित मोदी ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाया है कि वरुण गांधी ने मामलों के निपटारे के लिए कांग्रेस के साथ मध्यस्थता की बात कही थी.

इंडोनेशिया विमान दुर्घटना के मृतकों की संख्या 141 हुई

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इंडोनेशियाई सैन्य माल वाहक विमान हक्र्युलीस सी-130 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में मरने वालों की संख्या 141 हो गई है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, सैन्य माल वाहक विमान मेडन शहर में मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। विमान उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त होकर उत्तरी सुमात्रा की राजधानी मेडन में एक रिहायशी इलाके में गिर गया था।

आईएमएफ का कर्ज नहीं चुका पाया ग्रीस

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यूरोपीय देश ग्रीस अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कर्ज नहीं चुका पाया, जिसकी मियाद भारतीय समयानुसार मंगलवार देर रात समाप्त हो गई। आईएमएफ ने इसकी पुष्टि कर दी है कि ग्रीस पर अब भी 1.5 अरब यूरो (1.7 डॉलर) का कर्ज बकाया है। ग्रीस को स्थानीय समयानुसार मंगलवार शाम छह बजे तक आईएमएफ का कर्ज चुकाना था, जिसमें वह नाकाम रहा।इस बीच, ग्रीस ने कर्ज चुकाने के लिए आईएमएफ से अतिरिक्त समय की मांग की है। ग्रीस के उप प्रधानमंत्री यानिस ड्रैगासाकिस ने मंगलवार शाम कहा कि उनका देश इस संबंध में यूरोपीय समूह के देशों के साथ बुधवार को प्रस्तावित वार्ता में एक नया प्रस्ताव पेश करेगा। इससे पहले इस संबंध में यूरोपीय समूह के देशों की आपात टेलीकांफ्रेंसिंग मंगलवार शाम हुई थी, जो बेनतीजा रही।

उधर, आईएमएफ के संचार निदेशक गेरी राइस ने ग्रीस को बकायादार (डिफॉल्टर) घोषित करते हुए एक बयान में कहा, "आईएमएफ को ग्रीस से करीब 1.5 अरब डॉलर बकाया नहीं मिला है। हमने अपने कार्यकारी बोर्ड को इस बारे में बता दिया है और कहा कि बकाये का भुगतान किए बगैर ग्रीस को और अधिक वित्तीय मदद नहीं दी जा सकती।"उन्होंने कहा, "मैं इसकी भी पुष्टि करता हूं कि ग्रीस की ओर से कर्ज चुकाने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में ग्रीस का अनुरोध निर्धारित समय में आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।"

इससे पहले ग्रीस के वित्त मंत्री यानिस वारोफाकिस ने कहा था कि उनका देश कर्ज नहीं चुकाएगा। हालांकि प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने 'बेल आउट पैकेज'की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था, ताकि उनका देश तकनीकी रूप से 'डिफॉल्टर'घोषित होने से बच जाए। लेकिन यूरोपीय संघ के देशों ने सिप्रास के इस अनुरोध को खारिज कर दिया था। ग्रीस की इस साल फरवरी में यूरोपीय संघ, यूरोप के केंद्रीय बैंक व आईएमएफ के साथ बातचीत हुई थी, जिसमें 'बेलआउट पैकेज'की अवधि चार माह के लिए बढ़ाने पर सहमति हुई थी और जिसकी अवधि मंगलवार यानी 30 जून को समाप्त हो गई।

इस बीच, ग्रीस के बैंकों में बंदी सोमवार से ही जारी है। आईएमएफ के नए प्रस्ताव पर पांच जुलाई को जनमत संग्रह होना है, जिसे ग्रीस की वामपंथी सरकार पहले ही कर्ज के बहाने उस पर थोपी जाने वाली 'शर्मनाक शर्त'करार दे चुकी है। सरकार ने लोगों से इसके खिलाफ मतदान करने की अपील है। वहीं, पश्चिमी देशों और ग्रीस की विपक्षी पार्टियों ने चेताया है कि यदि जनमत-संग्रह में आईएमएफ के प्रस्तावों के खिलाफ वोट डाला जाता है तो ग्रीस की यूरोपीय संघ की सदस्यता पर संकट आ सकता है।

निवेश के लिए भारत सही जगह नहीं: मूडीज

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 भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंगलवार को मूडीज की तरफ से जारी रिपोर्ट ने केंद्र सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। रिपोर्ट में देश की मौजूदा ग्रामीण स्थिति को बहुत खराब बताया गया है। निवेश के लिहाज से भारत को बीएएए 3 की रेटिंग दी गई है। इसका मतलब है कि भारत निवेश के लिए सही जगह नहीं है। हालांकि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को अब भी संभावनाओं वाला माना है।

मूडीज की 'इनसाइड इंडिया रिपोर्ट'ने साफ तौर पर कहा है कि मोदी सरकार आर्थिक सुधार को लेकर अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ रही है, जो कुछ हद तक निराशा पैदा करता है। एक सर्वे के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में नीतिगत जड़ता की स्थिति से निराशा का माहौल बन रहा है। सर्वे में भाग लेने वाले आधे लोगों ने माना है कि सुधार की गति का मंद होना आर्थिक विकास की राह में सबसे बड़ी अड़चन है। बहुदलीय व्यवस्था और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र की वजह से कई बार नीतियों को लेकर त्वरित फैसला लेने में दिक्कत आती है, जबकि कई नीतियां भारत को मजबूत करने वाली हैं।

इसमें भारत की आर्थिक विकास दर के 7.5 फीसदी रहने के पुराने अनुमान को अभी भी बनाए रखा गया है। यह भी कहा गया है कि समूह 20 देशों में भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बना रहेगा। मूडीज ने कई अन्य एजेंसियों की तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उत्पन्न संकट की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मांग लगातार घट रही है। इसका मतलब है कि वहां आमदनी घट रही है। यह स्थिति चालू वर्ष के दौरान भी बनी रहेगी। अगर मानसून सामान्य नहीं रहता है तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

सर्वे में शामिल 47 फीसदी ने सुधार की गति के धीमी होने को देश की अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती माना है। जबकि 38 फीसदी लोगों ने ढांचागत समस्याओं को दूसरी सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है। वहीं, एक अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। एजेंसी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है। फिच ने इससे पहले भारत की रफ्तार आठ फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था।

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना

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वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार को यहां से 1,200 से अधिक श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ। यह कश्मीर घाटी में दुर्गम चढ़ाई कर बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा। जम्मू एवं कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री चौधरी लाल सिंह ने यहां भगवती नगर यात्री निवास से झंडी दिखाकर 1,280 श्रद्धालुओं से भरे 34 वाहनों के काफिले को घाटी की ओर रवाना किया। यह यात्रा औपचारिक तौर पर गुरुवार से शुरू होने जा रही है, जो 59 दिनों तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालु 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचेंगे।

श्रद्धालु दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम तथा उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्गो से पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। इस बार यात्रा के लिए बालटाल और नुनवान (पहलगाम) में दो आधार शिविर बनाए गए हैं, जहां से श्रद्धालु पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए चढ़ाई शुरू करेंगे। अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के मद्देनजर सेना, केंद्रीय अर्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।

बिहार में स्कूल निदेशक की हत्या के मामले में 6 गिरफ्तार

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बिहार में नालंदा जिले के एक निजी स्कूल के निदेशक की पीट-पीटकर हत्या कर देने के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। बिहारशरीफ के पुलिस उपाधीक्षक (विधि-व्यवस्था) संजय कुमार ने बुधवार को बताया कि टीवी फुटेज के आधार पर की गई जांच के बाद नीरपुर गांव स्थित देवेन्द्र पब्लिक स्कूल के निदेशक देवेन्द्र प्रसाद की हत्या के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि रविवार को स्कूल के नजदीक स्कूल छात्रावास में रहने वाले दो छात्रों रवि कुमार और सागर कुमार के शव बरामद होने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा था और निदेशक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी तथा लोगों ने स्कूल बसों और भवन में आग लगा दी थी। इस मामले को लेकर नालंदा थाना में हत्या की एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस घटना के बाद निदेशक के परिजनों ने पूरे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि निदेशक की पुलिसकर्मियों के सामने पीट-पीटकर हत्या की गई।

दुष्कर्म के मामले में विवाह पर समझौता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

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सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि दुष्कर्म के मामले में विवाह पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने निचली अदालत के एक फैसले को चुनौती देने वाली मध्य प्रदेश सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें दुष्कर्मी को विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लेने पर मामले से बरी कर दिया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि दुष्कर्म के आरोपी तथा पीड़िता के बीच विवाह के नाम पर समझौता वास्तव में महिलाओं के सम्मान से समझौता है। साथ ही यह इस तरह के समझौते कराने वाले पक्ष की असंवेदनशीलता का भी परिचायक है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर वह उदार रवैया नहीं अपना सकता। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस बारे में निचली अदालत का फैसला उसकी भारी भूल व असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जिसने विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लिए जाने के बाद दुष्कर्मी को मामले से बरी कर दिया।

मोदी सरकार ने सत्ता के लिए मुद्दों और मूल्यों को गुडबाय कह दिया: गोविंदाचार्य

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा से जुड़े रहे गोविंदाचार्य ने विवादों में घिरे मंत्रियों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला है। गोविंदाचार्य ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू को दिए गए इंटरव्यू में कहा, ऐसे मंत्रियों का समर्थन कर केंद्र सरकार राजनीतिक ईमानदारी को खत्म कर रही है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार सत्ता केंद्रित हो गई है। सत्ता के लिए मोदी सरकार ने मुद्दों और मूल्यों को गुडबाय कह दिया है।

भाजपा के पूर्व महासचिव ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये सरकार सत्ता के लिए है, न कि जनता के लिए। वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज समेत विवादों में घिरे नेताओं को बचाने पर गोविंदाचार्य ने कहा है कि मोदी को एक सरकार से ज्यादा अपनी साख और विश्वसनीयता के बारे में सोचना चाहिए।

इससे पहले भी जब गोविंदाचार्य से पूछा गया था कि क्या विदेश मंत्री और राजस्थान की मुख्यमंत्री को आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर इस्तीफा दे देना चाहिए तो उन्होंने कहा था, जिस तरह से आडवाणी ने, लाल बहादुर शास्त्री ने, शरद यादव ने ऐसा किया, उन्हें भी करना चाहिए। इससे पार्टी और सरकार की छवि में सुधार होगा। अगर वे इस मामले में कानूनी लड़ाई के बारे में सोच रहीं हैं तो मुद्दा बना रहेगा, जैसा कि बोफोर्स मामले में हुआ।


नरकटियागंज (बिहार) की खबर (01 जुलाई)

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नरकटियागंज व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ सोमवार को होगा
  • क्षेत्र के लोग 06 जुलाई 2015 से न्यायिक कार्य के लिए नहीं जाएँगे बेतिया

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय अनुमण्डल की स्थापना के 25 वर्ष होने को है, उसके बाद से नरकटियागंज में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की मांग लगातार जारी रही। करीब ढाई दशक के संघर्ष के बाद अब नरकटियागंज मंे व्यवहार न्यायालय के कार्यरत होने की संभावना प्रबल हो गयी है। न्यायिक सूत्रों के अनुसार पटना हाई कोर्ट के पश्चिम चम्पारण प्रभारी न्यायाधीश के आने की संभावना बढ़ी है और 06 जुलाई 2015 को व्यवहार न्यायालय के उद्घाटन की सूचना मिली है। न्यायालय परिसर में कैदी वार्ड बनकर तैयार हो गया है, न्यायाधीशगण के रहने के लिए एक कमरा भी बनकर तैयार हो गया है। विधिज्ञ संघ के सचिव जहाँगीर आलम खाँ ने बताया कि अब क्षेत्रीय लोगांें को बेतिया जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नरकटियागंज व आसपास के लोंगों को न्यायिक कार्यों के लिए पूरा दिन बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। सुदूर थरूहट और दूर-दराज के अन्य लोगों को सामान्य दिनांे की भाँति नरकटियागंज आना जाना रहेगा और उसी में न्यायिक कार्याें का निपटारा भी हो जाएगा। विभागीय सूत्रों की माने तो इस आशय का पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को प्राप्त हो चुका है।

मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने किया नरकटियागंज का दौरा

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) पश्चिम चम्पारण जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने मंगलवार को नरकटियागंज सरकारी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे समाजकल्याण और परिवार कल्याण की योजनाओं की समीक्षा की, स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियांे और चिकित्सकांे को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं मंे कोताही बरतने वालांे को सख्त हिदायत भी दी गयी। उसके बाद मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. धीरेन्द्र नाथ ठाकुर से मुलाकात की और अस्पताल प्रशासन पर विशेष नज़र रखने की हिदायत दी।

एक सप्ताह बाद भी नही दर्ज हुई प्राथमिकी

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) शिकारपुर थाना के पचमवा गाँव मंे बुधवार को हुई उभय पक्षीय घटना मंे शिकारपुर थाना में एक पक्षीय मामला दर्ज किया है। इस बावत बताया जाता है कि पचमवा के तस्लीम गद्दी ने खेत मंे भैंस चराने के मामले में भीखू गद्दी, शमसुल हक, रूबैदा महाबली, मनरमी और ईदा ने विकलांग तस्लीम की पिटाई कर दी। विकलांग तस्लीम जब शिकारपुर थाना पहुँचा तो उसने एक आवेदन दिया और वह आवेदन भीड़ में कही खो गया है। जबकि दूसरे पक्ष की ईदा खातून ने जब शिकारपुर थाना में आवेदन दिया तो पुलिस ने उसकी प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दिया है। शिकारपुर थानाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ठाकुर ने विकलांग तस्लीम को देखकर कहा कि आपके आवेदन को ढूँढवा कर उसपर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल तस्लीम शिकारपुर पुलिस से प्राथमिकी दर्ज कराने की गंुहार लगाया है।

सुअरछाप गाँव में लौरिया पुलिस पर हमला कर, दबंगों ने आरोपियों को छुडा़या

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) विलम्ब से मिली खबर के अनुसार गुरूवार की शाम लौरिया पुलिस की जीप पर सुअरछाप गाँव के दबंगांे ने धावा बोलकर पुलिस जीप को क्षतिग्रस्त किया और गिरफ्तार व्यक्तियों को छुड़ा लिया, जिसमें कई पुलिसकर्मियांे को चोटे आई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार लौरिया से सदल बल लौरिया के अनिल कुमार सुअर छाप पहुँचे गाँव के बाहर पुलिस गाड़ी को लगा दिया और निजी गाड़ी से आरोपियों के घर पहुँच कर उन्हे धर दबोचा। अनिल कुमार ने ग्रामीणों से बताया कि यदि पुलिस की सरकारी गाड़ी से आते तो आरोपी भाग जाते इसलिए निजी गाड़ी का सहारा लिया गया। वहाँ घटना स्थल से अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के मोबाईल पर कनीय पुलिस पदाधिकारी ने जब दिशा निर्देश मांगा तो एसडीपीओं ने कहा कि इतनी जल्दी गिरफ्तारी की आवश्यकता क्या थी। पुलिस के एक कत्र्तव्यनिष्ठ कनीय अधिकारी अब वहाँ रहना नहीं चाहता। अनुमण्डल में सच को कहीं जगह मिलती नहीं दिख रही। झुठे का है बोलबाला और सच्चे का मुँह काला वाली कहावत चरितार्थ होता नज़र आ रहा है, अबला गरीब की सुनने वाला कोई नहीं है। मिली खबर के अनुसार अनिता देवी उर्फ मुअली की जमीन को गाँव के ही दबंगांे ने येनकेन प्रकारेण लिखा लिया है। उसके विरोध में मुअली ने लौरिया थाना काण्ड संख्या 106/15 दफा 511,373 भादवी के तहत दर्ज किया है। गाँव के दबंगांे की इस धृष्टता के बाद से अन्य लोग दहशत में है। सूत्र बताते है कि वरीय अधिकारियों के मेल में आकर पुलिस के कनीय अधिकारी व बल पर दबंगो ने हमला बोलकर गिरफ्तार लोगों को छुड़ा लिया और एस पी बेतिया को कानों कान खबर तक नहीं होने दी। इस बावत एसडीपीओ नरकटियागंज अमन कुमार ने बताया कि पुलिस की सरकारी गाड़ी क्षतिग्रस्त करने के मामले की जानकारी उन्हें नहीं दी गयी है। किन्तु यदि मामले में गड़बड़ी है तो सभी नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी शीघ्र कराई जाएगी।

बिहार : आरंभ में बेघरों के घर की सीढ़ी पर उदय नारायण चैधरी चढ़े

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  • अब बिहार विधान सभा की सीढ़ी पर चढ़ते हैं श्री चैधरी
  • बेघरों के घर से लोकार्पण 3 जुलाई को दिल्ली में

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गया। राजधानी पटना में 1975 में प्रलयकारी बाढ़ आयी थी। तब तिनका जोड़-जोड़कर झोपड़ी बनाने वाले लोगों का आशियाना ही ध्वस्त हो गया। बिहार सरकार ने सुधि ली। गैर मजरूआ भूमि पर एक-एक कमरे वाले मकान बना बनाने का निश्चय किया। बिहार सरकार ने बेघरों के घर के निर्माण करने की जिम्मेवारी बिहार राज्य आवास बोर्ड को सौंपा। देखते ही देखते राजेन्द्र नगर, मंदिरी स्थित चीना कोठी और नेहरू नगर में मकान बनकर तैयार हो गया। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता फादर फिलिप मंथरा, उदय नारायण चैधरी आदि का योगदान उल्लेखनीय है।इस बीच बिहार राज्य आवास बोर्ड ने गरीबों के बीच में मकानों का पर्चा सही ढंग से वितरण कर दिया। दुर्भाग्य से गरीबों को कब्जा वितरित मकान पर नहीं हो सका।आज भी ‘पर्चा में मेरे हाथ और मकान किसी और के साथ’ का मामला बरकरार है।

जी हाँ, प्रारंभ में मंदिरी स्थित चीना कोठी में निर्मित बेघरों के घर में सामाजिक कार्यकर्ता उदय नारायण चैधरी रहते थे। उन्होंने ‘प्रयास’ग्रामीण विकास समिति बनाया। बेघरों के घर में रहकर सामाजिक कार्य करने लगे। बेघर मुसहरों को जमीन और घर दिलवाने की मुहिम में जुट गए।मुसहरों के बीच कार्य करते समय बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाने में अहम भूमिका अदा किए।‘प्रयास’ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गया जिले में शानदार कार्य होने लगा।संस्था में कार्य करते-करते राजनीति की धरती पर पांव जमाना शुरू कर दिए।संस्था को अलविदा कहकर चुनावी समर में कदम बढ़ाया।राजद के टिकट पर उदय नारायण चैधरी चुनाव लड़े। इसमें फतह होने के बाद सूबे के कारा मंत्री बने। कतिपय कारणों से कारा मंत्री के पद से इस्तीफा दें दिए। इसके बाद राजद से हटकर जदयू में शामिल हो गए। जदयू ने उदय नारायण चैधरी को बिहार विधान सभा के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी कर दिया। लगातार दो बार बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी बनाकर रिकाॅड कायम किए। 

इस बीच बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी की अधिकृत जीवनी पर आधारित बेघरों के घर से बुक लिपीबद्ध किए हैं नरेन्द्र पाठक। संपादक नरेन्द्र पाठक द्वारा लिखित बेघरों के घर से का लोकार्पण 3 जुलाई 2015 को 2 बजे अपराह्न से नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में होने जा रहा है। इसका लोकार्पण प्रख्यात गांधीवादी और युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत डाॅ. एस.एन.सुब्बाराव (भाई जी) निदेशक-राष्ट्रीय युवा योजना के करकमलों से संपन्न होगा। समारोह की अध्यक्षता डाॅ. राधा बहन भट्ट, अध्यक्ष ,गांधी शांति प्रतिष्ठान करेंगी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कुलदीप नैय्यर पूर्व सांसद एवं प्रसिद्ध चिंतक-विचारक व पत्रकार होंगे। मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी अग्निवेश ,अध्यक्ष , बंधुआ मुक्ति मोर्चा, पवन के. वर्मा, सांसद व पूर्व राजनयिक,राजगोपाल पी.व्ही., संस्थापक, एकता परिषद होंगे। 

संपादक नरेन्द्र पाठक द्वारा लिखित बेघरों के घर में संपादक का कहना है कि उदय जी ने जिस सत्य का साक्षात्कार किया और उससे यह निष्कर्ष निकला कि अछूत की समस्या का समाधान अछूत जातियों की सांस्कृतिक उन्नति में निहित हैं इसकी शुरूआत उन्होंने पाठशाला के करीब लाकर और दारू के अड्डों से दूर ले जाकर की। 

वे यही चाहते थे कि दलित जातियाँ इतिहास से भी अपने सवालों के जवाब ढूँढ़े कि 10 जनों के लिए 200 बीघा जमीन और 560 जनों के लिए 9 कट्ठा ही क्यों? यह 9 कट्ठा भी चकबैरिया के मुसहरों को विरासत में नहीं मिली। इसके लिए लम्बी लड़ाई लड़ी गई। छोटे दायरे में लड़ी गई ये लड़ाइयाँ इतिहास में दर्ज होने लायक नहीं है, क्योंकि ये किसी राजा-रानी के द्वारा नहीं लड़ी गई। एक दलित यह लड़ाई अपनी तरह की मुसहर जातियों के लिए वासभूमि दिलाने, राशन कार्ड और नागरिकता दिलाने के बाद सुअर के बाड़ों से निकालकर उन्हें स्कूल भेजने के लिए लड़ता रहा। मध्यकाल में अनेक सूबेदारों की उन लड़ाइयों को हम इतिहास के पाठयक्रम में पढ़ते हैं, जिसके मूल में कोई परायी महिला अथवा जागीदारी रही है, उसे हम क्यों पढ़ते हैं, यह कभी नहीं बताया गया । लेकिन जो काम उदयजी ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया, वह काम दलित जीवन के भी सबसे निचले पायदान पर खड़े महादलितों की विजय में, उनकी मुक्ति में मील का पत्थर बनेगा। 

संसदीय चुनाव लड़ेंगे महिंदा राजपक्षे

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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने 17 अगस्त को होने वाला संसदीय चुनाव लड़ने की घोषणा बुधवार को की। समाचार पत्र 'डेली मिरर'की रपट के अनुसार, राजपक्षे ने अपने गृह नगर तंगाल्ले में एक भारी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव लड़ने के लिए समर्थकों की ओर से किया गया आग्रह वह नहीं टाल सके। उन्होंने कहा, "चुनाव लड़ने को लेकर लोगों का अनुरोध मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता था। इसलिए मैं चुनाव लड़ूंगा और विकास परियोजनाएं एवं देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने की कोशिश जारी रखूंगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वह पूर्व में की गई अपनी गलतियां सुधारेंगे और अधिक संवेदनशील तरीके से लोगों के साथ जुड़ेंगे। राजपक्षे श्रीलंका के छठे राष्ट्रपति हैं। उन्होंने नवंबर 2005 से जनवरी 2015 तक राष्ट्रपति के रूप में देश का नेतृत्व किया था। 2015 के चुनाव में मैत्रीपाला सिरिसेना से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कुर्सी के बगैर नहीं रह सकते नीतीश : मांझी

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कुर्सी के बिना नहीं रह सकते, वे छटपटाने लगते हैं। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में मांझी ने कहा, "जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब नीतीश पानी बिन मछली की तरह छटपटाने लगे थे। इसके बाद उन्होंने मुझे साजिश करके मुख्यमंत्री पद से हटा दिया।" 

उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री काल में मैंने जो भी फैसले लिए थे, पहले तो नीतीश ने उन्हें रद्द कर दिए और अब अपने फायदे के लिए उन्हें दोबारा से लागू करने में जुटे हुए हैं।" उन्होंने अनुमान जताया कि विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश इन फैसलों को एक बार फिर रद्द कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों को 13 महीने का वेतन देना और ठेकेदारी में आरक्षण देने का निर्णय उनकी (मांझी) सरकार ने लिए थे, लेकिन इन आदेशों को वर्तमान सरकार ने निरस्त कर दिया था। अब फिर से इसे मंत्रिपरिषद् से मंजूरी दी जा रही है।

मांझी ने पटना में निर्माणाधीन संग्रहालय निर्माण में भी अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने भी माना है कि इस निर्माण में आवश्यकता से अधिक राशि खर्च की जा रही है। 

नेहरू के विकिपीडिया पेज में सरकार ने की छेड़छाड़ : कांग्रेस

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कांग्रेस ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विकिपीडिया पेज में छेड़छाड़ करने और उनसे संबंधित जानकारी बदलने का आरोप लगाया। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता तथा कांग्रेस नेता मोतीलाल नेहरू से संबंधित विकिपीडिया पृष्ठों से छेड़छाड़ की गई और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें बदलाव एक सरकारी इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस के जरिए राष्ट्रीय सूचना केंद्र से किया गया।"

उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जवाब मांगा। उन्होंने कहा, "क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका जवाब देंगे कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा कांग्रेस नेताओं से संबंधित विकिपीडिया पृष्ठों की जानकारी किस प्रकार एक सरकारी आईपी एड्रेस के जरिए बदली गई?"

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मंंत्रिमंडल ने मंजूरी दी

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देश में सभी गाँवों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई याेजना को आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि मंत्रालय के इस योजना से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 

सरकार ने इस वर्ष के बजट में इस योजना को शुरु करने की घोषणा की थी और इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए का शुरुआती प्रावधान किया था। इस योजना से जुड़ी परियाेजनाओं के लिए राज्यों के कृषि विभाग माॅडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे। योजना के तहत 75 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देगी और बाकी 25 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को वहन करना होगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री देश में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बहु आयामी रणनीति बनाने पर जोर देते रहे है। 

हाल ही में कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण विकास तथा वित्त मंत्रालय और उनकी आयोग के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक में उन्होंने सिंचाई क्षेत्र के लिए त्वरित निर्णय लेने आवश्यकता बतायी थी आैर कहा था कि इसके लिए विभिन्न स्तरों पर व्यापक विचार विमर्शन की प्रक्रिया भी अपनाई जानी चाहिए।
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