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स्नैपडील ने शून्य कमीशन वाले मोबाइल आधारित बाजार शाॅपो की शुरूआत करने की घोषणा की।

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snap-deal-launchनई दिल्ली,: एक खुले बाजार के तौर आॅनलाइन बाजार स्नैपडील ने एक शून्य कमीशन वाले मोबाइल आधारित बाजार शाॅपो की शुरूआत करने की घोषणा की। शाॅपो के उपाध्यक्ष संदीप कोमारवेल्ली ने जानकारी देते हुए कहा हैं, ’’ई-काॅमर्स क्षेत्र भारत में जबरदस्त तेज गति से आगे बढ़ रहा है और यह उद्योग ई-काॅमर्स के खुले और मुक्त माॅडलों की दिषा में कदम बढ़ा रहा है। शाॅपो का लक्ष्य एक ऐसा प्लेटफाॅर्म विकसित करना है जो लाखों छोटे कारोबारियों, घरेलू उद्यमियों, कलाकारों, विक्रेताओं को सबसे आसान तरीके से अपनी आॅनलाइन दुकान तैयार करने और अपने कारोबार का विस्तार करने में मदद कर सके। शाॅपो की सूचीबद्धता की प्रक्र्रिया भी बहुत आसान है। कोई भी एक बटन पर क्लिक कर विक्रेता बन सकता है और अपने उत्पाद बेचना शुरू कर सकते हैं। इस प्लेटफाॅर्म के जरिये संभावित खरीदारों से सीधे बात कर सकते हैं और आपस में मिलकर लेनदेन और डिलिवरी का सुविधाजनक माध्यम भी तय कर सकते हैं। 

शाॅपो आसपास और दूरदराज के क्षेत्रों में मौजूद विक्रेताओं के पास मौजूद उत्पादों की  श्रृंखला का पता लगाने में मदद करता है। चैट के जरिये मूल विचार खरीदारों को अधिक जानकारी जुटाने में सक्षम बनाना, उचित कीमत पर चीजें हासिल करने के लिए मोलभाव करने का मौका देना और असल जिंदगी की तरह लेनदेन और डिलिवरी की जगह और माध्यम तय करने का मौका देना है। 

शाॅपो पेश करते हुए स्नैपडील के सह-संस्थापन एवं सीईओ कुणाल बहल ने कहा, ’’हम देश में सबसे प्रभावी डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र विकसित कर रहे हैं। इसके साथ ही उपभोक्ताओं और विक्रेताओं के लिए इस अनुभव को सुविधाजनक, कुशल और उन दोनों के लिए लाभदायक बनाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। देश  में ई-काॅमर्स क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने का एक प्रमुख उपकरण मोबाइल है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने एक मोबाइल आधारित ओपेन मार्केटप्लेस शाॅपो की शुरूआत की जिससे कारोबारों के साथ लोगों को भी तुरंत ही इंटरनेट की आक्ति का इस्तेमाल करने का मौका मिले और वह भी बगैर किसी लागत के। हम इस पेशकश को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं और हमें भरोसा है कि शाॅपो भारत के डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र में एक आयाम जोड़ेगा। हमारा लक्ष्य अगले 1 साल में 10 लाख आॅनलाइन दुकानों की शुरूआत करने का है।’’

मूल रूप से छोटे और मध्यम आकार के कारोबारों से मिलकर बना खुदरा क्षेत्र की भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 13 फीसदी से भी अधिक है। हालांकि इस बाजार का एक बड़ा हिस्सा बंटा हुआ और असंगठित है। पैकेजिंग के नियम, वितरण लाॅजिस्टिक, मार्केटिंग के नए माध्यमों की उचित जानकारी की कमी और पर्याप्त संसाधनों की कमी जैसी बाधाओं के चलते उनकी वृद्धि और पहुंच सीमित हो जाती है। स्नैपडील अपने डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र के जरिये छोटे और मध्यम उद्यमों को इन चुनौतियों से उबारने में मदद करने के प्रति ध्यान देती रही है। इसी प्रयास को अगले चरण पर ले जाते हुए  अपने मार्केटप्लेस प्लेटफाॅर्म के जरिये पूरे देश के खरीदारों और विक्रेताओं के बीच सीधे बातचीत करने का मौका देगा।

यादव, भूषण पार्टी में लौटें तो खुशी होगी : केजरीवाल

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यदि पार्टी से निष्कासित नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण वापस पार्टी में आते हैं तो उन्हें खुशी होगी। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने समाचार चैनल 'इंडिया टुडे'से कहा, "अगर ऐसा हुआ तो बहुत अच्छा होगा। उनकी वापसी पार्टी के लिए अच्छा होगा।"केजरीवाल ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया कि उनका तानाशाही रवैया दोनों की वापसी में अड़चन बना हुआ है।

आप के संस्थापक सदस्यों और केजरीवाल समर्थकों के बीच दो महीने तक चली जुबानी जंग के बाद योगेंद्र और भूषण दोनों को कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अप्रैल में पार्टी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद से ही यादव और भूषण पार्टी में आवाज उठाने वालों को दबाने के लिए केजरीवाल पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधते रहे हैं। दोनों नेताओं ने बाद में 'स्वराज अभियान'की भी शुरुआत की।

बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकता है

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बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में पांच चरणों में कराया जा सकता है। राज्य में 2010 में पिछला चुनाव छह चरणों में हुआ था।  चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि आयोग सितंबर में राज्य में चुनाव नहीं कराना चाहता क्योंकि उस समय राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की आशंका रहती है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। 

बिहार में कड़ी राजनीतिक टक्कर के अनुमान की वजह से चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी। आयोग के एक अधिकारी ने बताया, हमने 22 अप्रैल को बिहार चुनाव के लिए अपना काम शुरू किया था। हमारी टीमों ने मई तक राज्य का एक दौरा कर लिया था। हम इस चुनाव में पैसे के इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखना चाहते हैं। चुनाव आयोग की एक अन्य टीम बुधवार को तैयारियों की समीक्षा करने बिहार के दूसरे दौरे पर गई है।

अधिकारी के मुताबिक, अंतिम मतदाता सूचियां 31 जुलाई को प्रकाशित की जाएंगी और इसके बाद आयोग अगस्त के पहले सप्ताह में राज्य का दौरा करेगा। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग सितंबर में राज्य में चुनाव नहीं कराना चाहता क्योंकि उस समय राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की आशंका रहती है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में पांच चरणों में कराया जा सकता है। राज्य में 2010 में पिछला चुनाव छह चरणों में हुआ था।

केजरीवाल सरकार ने नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा योजना को मंजूरी दी

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आप सरकार ने आज ‘‘घर से अस्पताल’’ योजना को मंजूरी दे दी ताकि राष्ट्रीय राजधानी में नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा मुहैया कराई जा सके.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया. योजना को केंद्रीकृत दुर्घटना और ट्रॉमा सेवाओं (कैट्स) के माध्यम से लोगों को मुहैया कराया जाएगा. इस योजना के तहत 110 नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी. इसके अलावा एक नया और अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘100 मूल जीवन रक्षक एंबुलेंस और दस उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस होंगे. नये एंबुलेंसों के लिए अतिरिक्त मानव शक्ति के साथ ही वर्तमान 155 एंबुलेंसों और नियंत्रण कक्ष में मानव संसाधन की कमी का भी ख्याल किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि आपातकाल में नि:शुल्क कैट्स सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी.

व्यापमं घोटाला में सीबीआई ने 3 नई प्राथमिकी दर्ज की

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मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को तीन नई प्राथमिकी दर्ज की। इसमें नम्रता डामोर की संदिग्ध मौत का मामला भी शामिल है, जिसे सीबीआई ने हत्या मान लिया है। इस तरह व्यापमं घोटाले में सीबीआई द्वारा अब तक दर्ज कुल प्राथमिकियों की संख्या आठ हो गई है। व्यापमं घोटाले में नम्रता डामोर की मौत का मामला सबसे सनसनीखेज रहा है।  सीबीआई सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नम्रता की केस डायरी सीबीआई के पास आ गई थी और शुक्रवार को नम्रता की मौत को हादसा नहीं हत्या मानते हुए सीबीआई ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 

सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा पीएमटी (प्री मेडीकल टेस्ट) 2010 को लेकर दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पीएमटी के मामले में कुल 12 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।  पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के समीप शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। वह इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से जबलपुर जा रही थीं। सूत्रों के अनुसार, शव मिलने के 22 दिनों बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख्त की थी। तब पोस्टमार्टम में मौत की वजह मुंह, नाक व गला दबाना बताया गया था और पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया था, मगर बाद में दूसरी जांच के बाद दिसंबर 2012 में हादसा करार देते हुए प्रकरण का खत्म कर दिया गया।

नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने हाल ही में मीडिया के सामने खुलासा किया कि नम्रता की मौत हादसा नहीं थी, बल्कि नाक, मुंह दबाकर उनकी हत्या की गई थी। इसके बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। इसी मद्देनजर सीबीआई ने डामोर सहित पांच संदिग्ध मौतों का ब्यौरा पुलिस से मांगा था। ज्ञात हो कि सीबीआई ने व्यापमं मामले में मंगलवार को पांच प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें 160 लोगों को आरोपी बनाया गया था। शुक्रवार को तीन नई प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस तरह आठ प्राथमिकी में 172 आरोपी बनाए जा चुके हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं मामले की जांच नौ जुलाई को सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने पिछले सोमवार भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई अब तक मामले की जांच कर रहे एसटीएफ और जिलास्तरीय पुलिस की एसआईटी के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी है। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे हैं।  सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ ने व्यापमं घेटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। 21 सौ आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 12 सौ आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है। मामले का खुलासा जुलाई 2013 में हुआ था, फिर जांच का जिम्मा अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंपा गया था। उच्च न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी गठित की थी। 

अर्थव्यवस्था विकास की लंबी पारी के लिए तैयार : जयंत सिन्हा

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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को यहां कहा कि अर्थव्यवस्था की अभी जो स्थिति है, उसके मुताबिक देश विकास की एक लंबी पारी के लिए तैयार है। सरकारी बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, "हम समझते हैं कि अर्थव्यवस्था विकास की एक लंबी पारी के लिए तैयार है। हमारी सोच निवेशोन्मुख है। हमने महंगाई कम कर दी है। बिना महंगाई वाले विकास से हम उतार-चढ़ाव के चक्र से बच जाएंगे।" सिन्हा ने सम्मेलन में कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गत महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कहा है कि सरकारी बैंकों में समुचित पूंजी निवेश किया गया है, लेकिन उन्हें भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए अतिक्ति पूंजी की जरूरत होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मौजूदा कारोबारी साल में बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए बजट में 7,940 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर में सरकारी बैंकों को अनुमति दी थी कि वे चरणबद्ध तरीके से सरकारी हिस्सेदारी 52 फीसदी तक घटाते हुए बाजार से 1,60,000 करोड़ रुपये तक जुटा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, सरकारी बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए 2018 तक 2,40,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की जरूरत होगी।

बिहार को मिलेगा विशेष पैकेज का तोहफा : राधामोहन सिंह

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने यहां शुक्रवार को कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार पीछे नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इसी महीने बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी। हाजीपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले 14 महीने में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बिहार के विकास के लिए जितना कुछ किया है संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार 10 वर्षो में नहीं कर सकी थी।" 

बिहार को विशेष पैकेज से संबंधित एक प्रश्न पर उन्होंने कहा, "आंध्र प्रदेश की तर्ज पर इसी महीने बिहार को विशेष पैकेज का तोहफा मिलने वाला है।"सिंह ने कहा कि बिहार के लोग अब पविर्तन चाहते हैं, जिसका संदेश बिहार विधान परिषद चुनाव के परिणाम से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली इस क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी रैली साबित होगी।  उन्होंने कहा कि भाजपा के बढ़ते प्रभाव से सभी अन्य दल घबराए हुए हैं। 

यादव सिंह के जरिए सीबीआई करेगी सत्ता-अधिकारियों की भ्रष्टाचारी गठजोड़ का खुलासा

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यूपी में भ्रष्टाचार व घोटाले का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड यादव सिंह की काली कमाई का भांडा आईटी के तत्कालीन महानिदेशक जांच कृष्णा सैनी की टीम पहले ही खुलासा कर चुकी है। अब उसके साथ मिलकर करोड़ों-अरबों कमाने करने वाले सत्ताधारी नेताओं का खुलासा सीबीआई करेगी। शायद यही वजह है कि जैसे ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीबीआई जांच का फरमान सुनाया सता के शीर्ष नेताओं के चेहरों पर हवाईया उड़ने लगी। हालांकि इस हजार करोड़ी को बचाने एवं अनदेशी को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव एवं अखिलेश यादव एंड कंपनी की पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है। सीबीआई की जांच से अब राजनेता और अधिकारियों का भ्रष्टाचारी गठजोड़ उजागर होगा 

जी हां, यादव सिंह के भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच से न सिर्फ उसकी काली कमाई और भ्रष्टाचार का सच सामने आएगा बल्कि कई सालों से नोएडा में प्लॉट आवंटन और ठेकों के नाम पर अरबों के वारे न्यारे करने वाले कई नामी राजनेताओं, उनके करीबियों और बड़े अफसरों पर भी जांच का शिकंजा कसेगा। आतंक एवं दहशत के बीच घूट-घूट कर जी रही यूपी की जनता को मालूम पड़ेगा कि किस तरह यादव सिंह के जरिए सत्ता में बैठे लोगों ने उसके हिस्से की लाखों करोड़ों की संपत्ति को अपने आंगन की शोभा बना रखी है। जनता जानेगी कि किस तरह इन बाहुबलि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आवाज उठाने पर मुलायम-अखिलेश एंड कंपनी बलातकार, गुंडाएक्ट व जिलाबद जैसे फर्जी मुकदमें दर्ज करा जिंदा जलाकर मार डालती है या माफियाओं से घर-गृहस्थी लूटवा लेती है। मतलब साफ है पूरे प्रदेश में अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों की स्थापित हो चुकी समानान्तर सरकार को सीबीआइ बेनकाब करेगी। खुलासा होगा जायेगी कि हकीकत जानने के बावजूद सपा सरकार किस तरह भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण देती है। हालांकि सत्ता पर काबिज इन भ्रष्ट अधिकारियों एवं नेताओं के रहते जांच प्रभावित हो सकती है, लेकिन जनता को सीबीआई पर भरोसा है िकवह इनके पदों की धौंस एवं बनरघुड़की से विचलित नहीं होगी। 

यहां जिक्र करना जरुरी है कि जब 24 फरवरी 2015 को केंद्र ने पत्र लिखकर यादव सिंह से जुड़े समस्त दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा था तो राज्य सरकार ने ऐसा न कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की न सिर्फ अवहेलना की थी, बल्कि फर्जी तरीके से न्यायिक आयोग बनाकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी की और न्यायालय को गुमराह भी किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर देश-विदेश में काले धन की जांच को लेकर गठित एसआईटी को यादव से जुड़े सारे प्रपत्र सौंपने के मामले में अपना गला फसता देख ठंड़े बस्ते में डाल दिया। सरकार के इन्हीं हरकतों को न्यायालय ने माना कि इसमें बड़े राजनीतिक आकाओं का संरक्षण है। तभी तो यादव सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई करने के बजाय फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। इतना ही नहीं यादव सिंह को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे का चीफ इंजीनियर बना दिया गया। हालांकि हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अखिलेश यादव सरकार के पुरजोर विरोध के बावजूद यादव सिंह केस की जांच सीबीआई को सौंपनें के साथ ही कथित नियम विरुद्ध प्रमोशन से लेकर उसके परिवारीजनों के नाम पर जमा की गई काली कमाई के साथ ही उसकी सरपरस्ती करने वाले नेताओं और नौकरशाहों की भी जांच के आदेश दिए हैं। खास बात यह है कि जांच की व्यापकता को देखते हुए कोर्ट ने विवेचना पूरी करने के लिए कोई समय सीमा नहीं तय की है। उल्लेखनीय है क 28 नवंबर, 2014 को इनकम टैक्स विभाग ने यादव सिंह के कई ठेकानों पर छापा मारकर 900 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की थी। भारी दवाब के बाद सरकार ने 8 दिसंबर, 2014 को यादव को निलंबित कर दिया था। फिरहाल यादव सिंह के खिलाफ कई ऐसे साक्ष्य हैं जो प्रथमदृष्टया साबित करते है कि यादव की पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के नाम बहुत काली सम्पत्ति बनाई गई है। इससे संबंधित अधिकारियोंएवं नेताओं की जान हलक में अटक गई है। कई नौकरशाहों और कुछ राजनेताओं की नींद उड़ गयी है। 

यादव सिंह का सपा सरकार में कितना रसूख है कि सपा सरकार के सत्तारूढ़ होने के ठीक एक माह बाद ही 21 अप्रैल 2012 को यमुना नदी के डूब क्षेत्र में सिंचाई विभाग की जमीन पर अतिक्रमण की जांच आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नोएडा के तत्कालीन डीएम एमकेएस सुंदरम द्वारा अतिक्रमण की जांच और चार मई 2012 को सिंचाई विभाग की जांच रिपोर्ट, जिसमें डूब क्षेत्र के 124.437 हेक्टेयर भू-भाग पर 319 फार्म हाउस बने होने का उल्लेख था, को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आयकर विभाग ने जब यादव सिंह के ठिकानों पर छापा मारकर अकूत संपत्ति का खुलासा किया तब भी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई में ढुलमुल रवैया अख्तियार किए रही। जानकारों का कहना है कि यादव सिंह के कार्यकाल में करीब 4200 करोड़ रुपये के ठेकों की बंदरबांट हुई थी। ठेकेदारों ने अपनी मनमर्जी से ठेके प्राप्त किए थे। इतना ही नहीं यादव सिंह के कार्यकाल में बनी सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल भी किया गया था। ठेकेदारों ने अधिक कमीशन के चक्कर में नियमों को ताक पर रख दिया था। कहना गलत न होगा कि जैसे-जैसे सीबीआई जांच की आंच बढ़ेगी, दायरे में कई बड़ी सियासी हस्तियां भी आएंगी। 

आरोप है कि यादव सिंह ने नोएडा के 350 कीमती प्लाटों को अपने करीबियों की मदद से मात्र 750 करोड़ रुपये में बेच दिया। यादव सिंह का रसूख इससे भी पता चलता है कि छापे के दौरान ही कृष्णा सैनी को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय से अटैच कर दिया गया। आयकर महकमे में मीडिया पर अघोषित सेंसरशिप आज तक लागू है। यादव सिंह, उनकी पत्नी व उनके अन्य साझीदारों के दिल्ली, नोएडा व गाजियाबाद के बीस ठिकानों पर 26 से 29 नवम्बर 2014 तक चली जांच में क्या मिला, कितना मिला? सील किये गए बैंक लॉकरों के खुलने पर उनमें क्या और कितना मिला? इन सारे सवालों के जवाब आज तक नहीं मिल पाए हैं। अब हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच होने पर यह उम्मीद है कि सवाल जवाबों की अपनी मंजिल पा सकेंगे। जांच के आदेश से प्राधिकरण अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मच गई है। खास तौर पर उन अधिकारियों-कर्मचारियों में जो वर्ष 2002 से 2014 के बीच यादव सिंह के करीबी रहे। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई अब इन 12 वर्षो में यादव सिंह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति से जुड़ी फाइलों की जांच करेगी। 

यहां जिक्र करना जरुरी है कि सीबीआई जांच को केंद्र सरकार भी अपने फायदे के लिए प्रभावित करा सकती है, क्योंकि राज्यसभा में अपने आर्डिनेंस लाने के लिए सपा पर यह कर दवाब बनायेगी कि जान तभी बचेगी जब हमें समर्थन मिलेगा। ऐसे हालात पर हाईकोर्ट के साथ-साथ जागरुक जनता व याचिकाकर्ता को भी सजग रहना होगा। क्योंकि यादव सिंह मामले में राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न होना यह साबित करता है कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है। हालांकि इसके पहले भी मुजफ्फरनगर दंगा प्रकरण में सरकार को घेरते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार दंगों को रोकने में नाकाम रही है। शिक्षक भर्ती मामले में भी कोर्ट फटकार लगा चुकी है। 92 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए सरकार से पूछा है कि बिना टीईटी पास कैसे शिक्षक बना दिया। 

अवैध खनन के मामले में भी हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। देखा जाय तो सपा सरकार को पिछले तीन सालों में कोर्ट ने फैसलों और काम-काज के तरीकों पर खूब डांटा है। यादव सिंह के मामले में सीबीआई जांच की आंच सरकार के मुखिया पर न पड़े इसके लिए हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने सलमान खुर्शीद से लेकर राज्य महाधिवक्ता को खड़ा कर दिया। सरकार सुप्रीम कोर्ट तक गई, लेकिन बात नहीं बनी। कोर्ट से बचने के लिए सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग भी बनवा दिया ताकि सीबीआई या किसी और एजेंसी से यादव सिंह की जांच न करानी पड़े। कहा जा सकता है प्रदेश में व्याप्त सरकारी लूट का खुलासा न हो, शासन सत्ता द्वारा जनमानस में भय बना रहे, लोग असुरक्षित महसूस करें और सरकार के खिलाफ आवाज न उठाएं इसके लिए सरकार ने समस-समय पर फर्जीवाडों, बाहुबलियों, भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए भरपूर प्रयास किया। यह अलग बात है कि कुछ हत्याओं व लूटपाट के सिवाय अभी तक कुछ कर नहीं पाएं है। 






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(सुरेश गांधी)

इबोला से पश्चिमी अफ्रीका में 11 हजार मौतें : डब्ल्यूएचओ

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पश्चिमी अफ्रीका में जानलेवा इबोला से कुल 11,250 लोगों की मौत हुई। समचार एजेंसी तास की शुक्रवार की एक रपट के मुताबिक, बीमारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से अब तक इबोला के कुल 27,643 मामले सामने आए। इबोला से लाइबेरिया में सर्वाधिक 4,806 मौतें हुईं, जबकि कुल 10,666 मामले सामने आए। यहां औसत मृत्यु दर 50 फीसदी है। लाइबेरिया के बाद सिएरा लियोन में 3,947 तथा गिनी में 2,506 मौतें हुईं। इसके अलावा, माली, नाइजीरिया, सेनेगल, स्पेन, ब्रिटेन तथा अमेरिका में भी इबोला के मामले सामने आए।

इबोला एक गंभीर बीमारी है, जो प्राय: जानलेवा होती है। इस बीमारी का विषाणु जंगली जानवरों से मानवों में प्रवेश करता है, जिसके बाद यह मानवों से मानवों में प्रसारित होता है। बीमारी की शुरुआत में ही लक्षण के अनुसार इलाज से जीवित रहने की संभावना में सुधार होता है।

शिवराज को किसी अदालत ने नहीं दी है क्लीनचिट : कांग्रेस

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कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसी भी न्यायालय ने क्लीनचिट नहीं दी है, फिर भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रचारित कर रही है कि शिवराज को अदालत से क्लीनचिट मिली हुई है। विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता जिस तरह अपनी मर्जी से न्यायालय के आदेशों की व्याख्या कर रहे हैं, इसका अधिकार उन्हें नहीं है। कांग्रेस ने दावा किया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसी भी न्यायालय ने क्लीनचिट नहीं दी है, भाजपा 'सफेद झूठ'प्रचारित कर रही है। पार्टी ने कहा कि न्यायालय को इस पर संज्ञान में लेना चाहिए। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि न्यायालय ने व्यापमं मामले में न तो शिवराज को क्लीनचिट दी है और न ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व व्हिसलब्लोअर प्रशांत पांडे की एक्सेलशीट को गलत ठहराया है। इसके बावजूद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान से लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तक शिवराज को क्लीनचिट मिलने का प्रचार कर रहे हैं। 

मिश्रा ने आगे कहा, "हम उच्च न्यायालय से अपील करते हैं कि वह फैसलों की भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही व्याख्या को संज्ञान में ले।"उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार अदालत की अवमानना कर रही है, कांग्रेस जल्द ही भाजपा के इस रवैए के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में न्यायिक और प्रशासनिक प्रबंधन की समानांतर व्यवस्था चल रही है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के प्रदेश बंद को लेकर निर्देश दिए थे कि 'इस बंद के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन न हो सके तथा बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसक गतिविधि न हो और अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए'। 

मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने इस आदेश का पालन किया, मगर अफसोस है कि राज्य के महाधिवक्ता के.एस. बाधवा ने अपने लेटरपैड पर न्यायालय के आदेश की व्याख्या भाजपा और सरकार की सुविधा के अनुसार कर दी। उन्होंने कहा, "इतना ही नहीं, उन्होंने समानांतर न्यायिक व्यवस्था संचालित करते हुए सीधे जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिख दिए। यह गंभीर अपराध है।" 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (17 जुलाई)

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समय सीमा में गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने के सख्त निर्देश - प्रभारी मंत्री

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प्रदेश के राजस्व एवं पुनर्वास तथा सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री ठाकुर रामपाल सिंह आज नसरूल्लागंज पहुंचे जहां उन्होंने संपूर्ण जिले में 50 लाख रूपये की लागत से अधिक के विकास कार्याें की समीक्षा की। बैठक में प्रमुखतः जलसंसाधन विभाग, पीडव्ल्यूडी, आरईएस, कृषि सहित 9 विभागों में चल रहे 50 से अधिक कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य समय सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर को कहा कि वे सात दिवस में क्षेत्र की 42 सडकों का संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण करवाकर प्रतिवेदन दे तथा कृषकों को फसल बीमा का प्रीमियम जमा करने हेतु प्रोत्साहित भी करें। बैठक में श्री गुरूप्रसाद शर्मा, श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, श्री रधुनाथ भाटी, श्री रवि मालवीय, श्री लखन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे, एसपी       श्री मनीष कपूरिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

प्रभारी मंत्री पहुंचे माॅं विजयासन दरबार 
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प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह एक दिवसीय बुदनी विधान सभा प्रवास के दौरान प्रसिद्ध माॅ विजयासन दरवार सलकनपुर पहुंचे और माॅ विजयासन की पूजा अर्चना की तथा माता के चरणों मे सर झुकाकर अल्पवर्षा से जुझ रहे किसानों कि समस्या हल करने की प्रार्थना की कि इन दिनो अल्पवर्षा के कारण किसान परेषान है। ऐसे में ईष्वर से अराधना ही एक मात्र साधन हैं कि वे इस जटिल समस्या से निजात दिलाए। प्रभारी मंत्री के साथ स्थानीय जन प्रतिनिधि प्रमुख रुप से उपस्थित थे।

प्रभारी मंत्री को सुनाया अतिक्रमण का दुखडा
इन दिनों नगर को स्र्माट सीटी बनाने के लिए अतिक्रमण अभियान चल रहा हैं इसकी षिकायत प्रभारी मंत्री से की। प्रभारी मंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देष दिये कि लोगो को बेरोजगार न करे जिनके अतिक्रमण हटा रहे है, उनको वैकल्पित व्यवस्था में कही बैठा दे जिससे कि बे अपना व्यवसाय चला सके। प्रभारी मंत्री द्वारा अतिक्रमण अभियान रोकने या अतिक्रमण नही हटाने के निर्देष नही दिये गये। भाजपा नेता बन्टी पटवा ने डीपी के पास  अतिक्रमण मे रखा टप नही हटाने का अनुरोध प्रभारी मंत्री से किया था। एसडीएम थाना प्रभारी तहसीलदार टीआई ने बताया कि सभी के अतिक्रमण हटा दिये ये टप विघुत मंडल के टासफार्मरो के बीच मे रखा है। इस लिए चैराहे पर सडक निर्माण नही हो रहा है। टप और डीपी हटाना अनिवार्य है। 

जिले के किसानों को समसामयिक सलाह

विगत दिनों में वर्षा के सामान्य न रहने के कारण सोयाबीन फसल की वानस्पतिक वृद्धि प्रभावित हुई है। विकासखण्ड सीहोर व बुदनी में गत सप्ताह हुई वर्षा के चलते सोयाबीन की फसल संतोषजनक है, वहीं पर्याप्त वर्षा न होने के कारण धान रोपाई का कार्य प्रभावित हुआ है। विकासखण्ड नसरूल्लागंज, इछावर व आष्टा में गत लगभग 20 दिनों में नगण्य वर्षा दर्ज की गयी है। इछावर व आष्टा विकासखण्ड में सोयाबीन बुवाई का कार्य 15 जून से 25 जून तक पूर्ण किया गया है, जबकि नसरूल्लागंज विकासखण्ड के अधिकांष भाग में बुवाई का कार्य 25 जून के आसपास पूर्ण किया गया है। इछावर व आष्टा विकासखण्ड में जिन किसान द्वारा खडी फसल में यूरिया अथवा डी.ए.पी. का उपयोग किया गया है तथा खेतों में पर्याप्त नमी न होने के कारण  फसल की वानस्पतिक वृद्धि प्रभावित हो रही है। भ्रमण के दौरान देखा गया कि जिन किसान द्वारा खरपतवारनाषी दवाईयों का इस्तेमाल अनुषंसित से कम पानी की मात्रा के साथ किया गया है, उन खेतों में भी फसल की वृद्वि प्रभावित हुई है। कृषि विज्ञान केन्द्र सेवनियां के कार्यक्रम समन्वयक श्री जे. के. कनौजिया ने बताया कि गत दिनों में वर्षा न होने, तापमान की अधिकता व खेतों में नमी की कमी के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हो रही है। वर्तमान दषा में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा सलाह दी जाती है कि सोयाबीन की खडी फसल में वर्षा न होने तक यूरिया, डी. ए. पी. अथवा अन्य रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें। खेतों में पर्याप्त नमी न होने पर खरपतवारनाषी दवाईयाॅ असर कारक नही होती हैं। अतः खरपतवारनाषी दवाईयों का भी उपयोग प्रभावकारी नही होगा, बल्कि यह फसल की वानस्पतिक वृद्धि पर विपरीत प्रभाव डालता है। आगामी सप्ताह में पर्याप्त वर्षा की सम्भावना है। अतः सम्भव होने पर सोयाबीन फसल में जीवन रक्षक सिंचाई स्प्रिंकलर अथवा अन्य पद्धति से किया जाना लाभकारी होगा। खरपतवारों का प्रबन्धन व मिट्टी में नमी के संरक्षण हेतु निंदाई, कुल्फा, बैल डोरा आदि गतिविधियाॅ सम्पादित करते रहें। पर्याप्त वर्षा होने के उपरान्त 2 प्रतिषत डी. ए. पी. अथवा यूरिया के घोल का छिडकाव सोयाबीन, मूॅग, उडद, मक्का, अरहर फसलों में अवष्य करें, जिससे फसल की वानस्पतिक वृद्धि को बेहतर किया जा सकता है। विकासखण्ड नसरूल्लागंज में जहाॅ सोयाबीन की बुवाई 25 जून के उपरान्त की गयी है तथा वर्षा न होने के कारण यदि फसल नष्ट हो चुकी है। वहाॅ किसान भाईयों को सलाह है कि खेत की बखरनी कर मूॅग फसल की बुवाई हेतु तैयारी करें। मूॅग बुवाई हेतु ग्रीष्मकाल में बोई गयी किस्में  जैसे - पी. डी. एम. -139, हम - 12 आदि का उपयोग किया जा सकता है। बुवाई पूर्व फफूॅदनाषक दवाईयों से बीज उपचार किया जाना नितांत आवष्यक है। अतः कार्बेन्डाजिम 2 ग्रा. या कार्बोक्सिन $ थायरम की 3 ग्रा. मात्रा प्रति किग्रा. बीज को उपचारित करें। पर्याप्त सिंचाई साधनों की उपलब्धता होने पर धान की रोपाई का कार्य जारी रखें।अरहर, मक्का, मूंग व उडद जैसी फसलों में निंदाई कर नीदा को पलवार के रूप में उपयोग करें। अधिक जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र के दूरभाष नम्बर (07561 - 281834 या 9926980176, 9425661514, 9893470882, 9165655613) से संपर्क कर सकते है।

देश की धरोहर राजनीतिक आधार पर नहीं बांटी जा सकती : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश की धरोहर सभी के लिए समान है और इसे राजनीतिक संबद्धताओं के आधार नहीं बांटा जा सकता। मोदी ने यह बात कांग्रेस नेता गिरधारी लाल डोगरा के स्वर्ण जयंती समारोह पर कही, जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के ससुर हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, "देश की धरोहर सबके लिए समान है और इसे राजनीतिक विचारधारा के आधार पर नहीं बांटा जा सकता।" उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता ने यह सोचे बिना कि वह किस विचारधारा की पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, देश के लिए काम किया। 

मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेता को इंसान की अच्छी समझ रही होगी और इसी वजह से उन्होंने अरुण जेटली को अपना दामाद चुना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का दामाद होने के बावजूद जेटली की अपनी राजनीतिक मान्यता है और उन्होंने कभी भी अपने ससुर की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल नहीं किया। मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा, "अन्यथा हम सभी को पता है कि आजकल किस दामाद के कारण उनके ससुराल वालों को शर्मिदगी उठानी पड़ रही है।"उन्होंने इस दौरान मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद दी और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 जुलाई)

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संविधान में किसी भी राज्य के मंत्रिमंडल में सीएम समेत न्यूनतम 12 मंत्री की अनिवार्यता तो संविधान सम्मत नहीं उत्तराखण्ड का मंत्रिमंडल !
  • उत्तराखंड में सीएम समेत महज 11 मंत्री ही हैं कैबिनेट में, सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद अब तक खाली है एक पद
  • 11 मंत्रियों की कैबिनेट के फैसले किए जा सकते हैं चेलेंज

देहरादून,17 जुलाई। संविधान के अनुसार किसी भी राज्य की कैबिनेट में मुख्यमंत्री को मिलाकर न्यूनतम 12 मंत्री होना अनिवार्य हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में मुख्यमंत्री को मिलाकर केवल 11 मंत्री ही हैं। ऐसे में इस कैबिनेट की संवैधानिकता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। कानून के जानकारों का मानना है कि राज्य कैबिनेट संविधान सम्मत नहीं हैं और सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद इस कैबिनेट में लिए गए फैसलों को न्यायलय में चुनौती दी जा सकती है। 2003 में संविधान में 91वां संशोधन किया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार या फिर किसी भी राज्य सरकार में मंत्रियों की संख्या दोनों सदनों के कुल सदस्यों का अधिकतम 15 फीसदी हो सकता है। इसमें प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल है। यह संशोधन के संविधान का धारा 164 (ए) में किया गया है। इसी संशोधन में लिखा गया है कि बशर्ते राज्य में मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री समेत 12 से कम न हो। अब बात उत्तराखंड की। राज्य में विधान परिषद नहीं है और राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या 70 है। इसका 15 फीसदी साढ़े दस ही हुआ। लेकिन संविधान की इसी धारा में प्रावधान है कि मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री को मिलाकर 12 से कम नहीं हो सकती है। इसी प्रावधान के तहत राज्य कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री रहते हैं। बस सवाल यहीं खड़ा हो रहा है। काबीना मंत्री सुरेंद्र राकेश के जीवित रहते कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या संविधान के अनुरूप 12 ही थी। अपनी बीमारी की वजह से स्व. सुरेंद्र राकेश भले ही कैबिनेट की कई बैठकों में शामिल नहीं हो सके। लेकिन कैबिनेट पूरी तरह से संविधान के अनुसार ही रही। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद किसी नए मंत्री को कैबिनेट में शामिल न करने से हरीश कैबिनेट की संवैधानिकता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। कहा जा रहा है कि कैबिनेट संविधान सम्मत नहीं है। पिछले लगभग आठ माह से राज्य कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत महज 11 मंत्री ही शामिल हैं। जबकि संविधान का धारा 164 (ए) के अनुसार कैबिनेट में सीएम समेत न्यूनतम 12 मंत्री होना अनिवार्य हैं। एक मंत्री की मौत के बाद राज्य कैबिनेट की तमाम बैठकें हो चुकी हैं और इनमें तमाम अहम फैसले भी लिए गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि अगर कैबिनेट ही संविधान सम्मत नहीं है तो उसके फैसलों को कैसे संवैधानिक माना जा सकता है। इस मामले में कानून के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्रियों वाली कैबिनेट की बैठक में लिए गए तमाम फैसलों को किसी भी दशा में संविधान सम्मत नहीं माना जा सकता है। इन्हें अदालत में चेलेंज किया जा सकता है।

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संविधान की धारा 164 (ए) के अनुसार किसी भा राज्य की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री होना अनिवार्य है। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में सीएम समेत 11 मंत्री ही हैं। ऐसे में इसे संविधान सम्मत नहीं माना जा सकता है। 11 मंत्रियों वाली कैबिनेट के फैसलों को चेलेंज भी किया जा सकता है। :  नदीमुद्दीन, विधि विशेषज्ञ

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हां, कैबिनेट में एक पद रिक्त है। उचित समय पर हाईकमान के निर्देश पर इसे भरा जाएगा। रही बात संविधान की तो उसकी व्याख्या करने में मैं खुद को समक्ष नहीं मानता हूं। : सुरेंद्र कुमार, सीएम के मीडिया को-आर्डिनेटर





96 विकासखण्डों में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के माध्यम से हुआ सघन वृक्षारोपण हरेला कार्यक्रम
  • हिमालयी क्षेत्र का देष एवं पर्यावरण की रक्षा में विषेश योगदान: किषोर 

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देहरादून 17 जुलाई(निस)। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड विषेशकर हिमालयी क्षेत्र का देष एवं पर्यावरण की रक्षा में विषेश योगदान रहा है तथा उत्तराखण्ड ने देष एवं विष्व के पर्यावरण की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिस प्रकार लगातार हरियाली कम होती जा रही है उसकी रक्षा के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन आवष्यक हैं तथा वृक्षा रोपण वृहद स्तर पर किया जाना चाहिए। विष्व पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ देवभूमि की धरती 600 लाख लोगों को जीवन देने का काम कर रही है। पर्यावरण की रक्षा में उत्तराखण्ड के महत्व को अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया जाता रहा है। वृक्षा रोपण के रूप में हरेला मनाने की परम्परा के मुख्यमंत्री श्री हरीष रावत के प्रयासों को मजबूती प्रदान करना हम सबका नैतिक कर्तव्य भी बन जाता है। हरेला उत्सव प्रदेषभर के सभी 96 विकासखण्डों में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के माध्यम सघन वृक्षारोपण हरेला कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा एकदूसरे को हरेला की षुभकामनाएं दी गई। वहीं हरेला कार्यक्रम के तहत प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय के नेतृत्व में देहरादून जनपद के विकासखण्ड सहसपुर के ग्राम बंसीवाला ग्राम पंचायत झाझरा क्षेत्र में प्रातः सैकडों कांग्रेसजनों द्वारा व्यापक वृक्षारोपण किया गया।  इस अवसर पर  उपाध्याय ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्राम पंचायतों, वन पंचायतों, स्थानीय निकायों व वन विभाग के सहयोग से एक नया अभियान षुरूआत की है, जिसके अन्तर्गत गाजर घास, लैन्टीना घास के उन्मूलन का वृहद् स्तर पर अभियान चलाया जायेगा तथा उसके स्थान पर फलदार वृक्षों का रोपण किया जायेगा। हमें संगठन के माध्यम से गांववासियों विषेशकर महिलाओं एवं नौजवानों के सहयेाग से गांवों एवं षहरों में सघन वृक्षा रोपण कर 10 वर्श तक पेड़ों की रक्षा सुनिष्चित की जायेगी। हिमालयी राज्य होने के कारण यहां के जनमानस का वृक्षों के प्रति विषेश श्रद्धा एवं आदर का भाव रहा है। आज समय की मांग है कि हम सबको मिलकर पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ हिमालय की रक्षा के लिए आगे आना होगा। वृक्षा रोपण कार्यक्रम में प्रदेष कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोषी, प्रदेष कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र षाह, महामंत्री आर्येन्द्र षर्मा, यामीन अंसारी, आईटी प्रकोश्ठ के अमरजीत ंिसह, सचिव अष्वनी कुमार, संगठन सचिव अनिल गुप्ता, अनिल रावत, विकास षर्मा, ब्लाक अध्यक्ष मेघ सिंह, ब्लाक प्रमुख रंजीता तोमर, सुरेन्द्र सिंह तोमर, जिला पंचयत सदस्य संजय कुमार, पिंकी देवी, मीरा देवी, कमलेष कुमारी, दुर्गा बहादुर थापा आदि सैकडों कार्यकर्ता षामिल थे। 

हरेला कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण से गया पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण का संदेश: मुख्यमंत्री

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देहरादून 17 जुलाई(निस)। अगर हमें संतुलित व आर्थिक रूप से सक्षम उŸाराखण्ड बनाना है तो फलदार व चारा प्रजाति के पेड़ लगाने होंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को गोरखा मिलिट्री इंटर कालेज में हरेला के अवसर पर वृक्षारोपण करते हुए कहा कि इस बार हरेला पर जिस तरह से व्यापक जन अभियान द्वारा राज्य में बड़ी संख्या में उत्साह के साथ पेड़ लगाए गए हैं, उससे पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण का संदेश गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अभी तक बाहर से लाए गए चीड़ आदि के वृक्षों को महत्व दिया गया है। परंतु हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े स्थानीय वृक्षों पर ध्यान नहीं दिया गया है। हमने ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना में हमारे पारम्परिक व स्थानीय प्राकृतिक परिवेश के अनुकूल पेडों को अधिक महत्व दिया है। सीएम ने वन विभाग से अपेक्षा की कि वनों के बाहरी क्षेत्रों में मेहर का सघन रोपण किया जाए। इससे एक ‘मेहर वृक्ष’ का बफर जोन विकसित होगा और जंगली जानवरों के गांवों व खेतों में नुकसान पहुंचाने की समस्या भी कम होगी। सीएम ने कहा कि मंडुवा के साथ ही ‘जौ’ को भी अभियान के तौर पर लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आम की एक प्रजाति ऐसी पायी जाती है, जो कि डायबिटीक मरीजों के लिए सही होती है। वन विभाग पार्कोे के कुछ हिस्सों में ऐसे आम की प्रजातियों का सघन वृक्षारोपण करें। कुछ जोन महुआ के वृक्षारोपण के लिए भी किया जाए। महुआ ऐसी जगहों पर लगाएं जाएं जहा आम, सरसो व सागवान के पेड़ हैं। इससे मौनपालन क्षेत्र विकसित करने में सहायता मिलेगी। नदी घाटियों में डिग्रेडेबल फोरेस्ट में चूरा वृक्ष लगाए जाएं। देहरादून में रिस्पना व बिंदाल नदियों के किनारे वन विभाग एमडीडीए के साथ जगह जगह फूलों वाले पौधे लगाकर फ्लावर जोन विकसित करे। सीएम ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं में आयरन व आयोडिन की कमी है। राज्य सरकार ने महिलाओं को मण्डुवा, काला सोयाबिन व आयोडिनयुक्त नमक उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना में ऐसे पेड़ लगाने पर बल दिया जा रहा है जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होंगे। इन पेड़ों का आर्थिकी के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी पक्ष भी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहीद गौतम गुरूंग को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गोरखा इंटर कालेज की अपनी गौरव गाथा रही है। आशा है कि यहां के छात्र छात्राएं इस परम्परा को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि कम्पीटीटीव एक्सीलेंस के जमाने में प्रथम में प्रथम आना ही सफलता का पैमाना है। इसके लिए विद्यार्थियों को मेहनत से जुट जाना चाहिए। सीएम ने कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली बच्चों का आह्वान किया कि अपने घरों में अमरूद का पेड़ जरूर लगाएं। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोरखा मिलिट्री इंटर कालेज के प्रत्येक बच्चे को अमरूद का पौधा उपलब्ध करवाया जाए। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि सांस्कृतिक पर्व हरेला को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की मुख्यमंत्री श्री रावत की पहल आज एक जन अभियान के रूप में दिख रही है। इससे हरित, निर्मल, स्वस्थ व स्वावलम्बी उŸाराखण्ड का निर्माण होगा। इसके माध्यम से पूरे विश्व में संदेश गया है। मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने टीकम सिंह, महंतराम, राधेसिंह, बचन सिंह, सिकंदर सिंह सहित ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना के अनेक लाभार्थियों को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि की एफडी वितरित कीं। इस अवसर पर विधायक प्रो.जीतराम, मालचंद, पूर्व विधायक जोतसिंह गुनसोला, पीसीसीएफ श्रीकांत चंदोला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यालय के प्राचार्य, अध्यापक सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद थे। 

तीन लोगों की बह जाने से मृत्यु पर मुख्यमंत्री शोकाकुल

देहरादून 17 जुलाई(निस)। गुरूवार देर सायं जनपद देहरादून के कालसी तहसील के अन्तर्गत ग्राम सरहड़ी के पास नाला पार करते समय हुई दुर्घटना पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुःख व्यक्त किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने दुर्घटना में मृत व्यक्तियों की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को दुर्घटना में मृत लोगों के परिजनों को अनुमन्य अहेतुक राशि शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये हैं।  ज्ञातव्य है कि गुरूवार देर सायं जनपद देहरादून के कालसी तहसील के अन्तर्गत ग्राम सरहड़ी के पास सरहड़ी नाला पार करते समय तीन लोगों की बह जाने से मृत्यु हो गई। मृतकों में 28 वर्षीय श्रीमती गुन्नीदेवी पत्नी श्री घन्ना, 32 वर्षीय श्री घन्ना सिंह पुत्र श्री केमू तथा 33 वर्षीय श्रीमती कम्मोदेवी सभी ग्राम सरहड़ी के निवासी थे। 

राज्यपाल व सीएम ने दी ‘ईद-उल-फितर’ की बधाई 

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को ने ‘ईद-उल-फितर’ के मौके पर बधाई एवं शुभकामनायें दी हंै।  रमजान के पाक महीने की समाप्ति पर मनाये जाने वाले खुशी के इस पर्व के अवसर पर अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि ‘‘ईद-उल-फितर के इस मुबारक अवसर पर राज्य के सभी नागरिकों विशेषतः मुस्लिम समुदाय को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि करूणा, त्याग, आपसी भाई-चारे तथा अमन-चैन के लिए सभी बुराइयों से दूर रहने की नसीहत देने वाला खुशियों का यह त्यौहार, मानवीय मूल्यों के लिए समर्पण तथा सहनशीलता के प्रति हमारे विश्वास को मजबूत करके समाज में समरसता व परस्पर प्रेम की भावना को और अधिक सुदृढ़ करेगा।’ उन्होंने कहा कि मेरा सभी सम्पन्न लोगों से आह्वान है कि दीन-दुखियों तथा साधन विहीन, लाचार लोगों की उदार हृदय से मदद करने के लिए आगे आकर इस पर्व की खुशियों को और बढ़ायें। 

स्वामी वेद भारती के पार्थिव शरीर को जल समाधी

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। ध्यान योग के लिए व्याख्यात डॉ. स्वामीराम के परम शिष्य ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती को बैरागी कैंप में संत समाज की ओर से जल समाधी दी गई। 84 वर्षीय वेदभारती का निधन 14 जुलाई को हिमालयन हॉस्पिटल में हुआ था।  उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धालुओं व अनुयायिओं के दर्शनार्थ ऋषिकेश स्थित स्वामी राम साधक ग्राम में रखा गया था। सुबह 10 बजे साधक ग्राम से महा समाधी यात्रा हरिद्वार के लिए निकली। उनके अंतिम दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में अनुयायी यहां पंहुचे। हरिद्वार में बैरागी कैंप में संतों ने उन्हें जल समाधी दी। ध्यान योग के लिए विख्यात संत महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती स्वामी राम साधक ग्राम और स्वामी राम आश्रम साधना मंदिर के संस्थापक थे। विश्वभर में 56 देशों में उनके ध्यान केंद्र की शाखाएं संचालित होती हैं। देहरादून में जन्मे वेद भारती एक मूर्धन्य विद्वान थे। उन्होंने पारम्परिक रूप से वैदिक शिक्षा हासिल की थी। वह एचआईएचटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी रहे। हॉलैंड के विश्वविद्यालय ने उन्हें डीलिट की उपाधि दी थी। उन्होंने 1962 से 1968 तक मिनेसोठा विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफ़ेसर भी सेवाएं दी। 17 भाषाओँ पर अधिकार रखने वाले स्वामी वेद भारती जीवनकाल में 35 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। वह सन 1969 में स्वामी राम के संपर्क में आए थे। चार दिसम्बर 1992 में उन्होंने सन्यास की दीक्षा ली थी। 

ट्रेन से कटकर युवक की मौत

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। ट्रेन से कटकर एक युवक की मौत हो गई। मृतक के पास मिले आइकार्ड के आधार पर उसकी शिनाख्त हो गई है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक असाम का रहने वाला था। पुलिस से थाने के माध्यम से उसके परिजनों से संपर्क किया है।
शुक्रवार सुबह 6 बजे के लगभग रायवाला क्षेत्र के वन प्रभार के लोग गस्त पर थे। तभी उन्होंने रेलवे ट्रैक पर एक युवक का शव देखा। युवक की दाहिनी टांग कटी हुई थी। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस के अनुसार युवक ने धारीदार नीले-लाल रंग की टीशर्ट पहनी हुई थी। कपड़ो में रखे पहचान पत्र से उसकी शिनाख्त हो पायी। मृतक की जेब से मिले ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, सरु पत्थर, आसाम के पहचान पत्र के आधार पर उसकी शिनाख्त की गई। आई कार्ड में उसका परिचय अनिल बास्की निवासी जोनाकिपत्थर, नोजान पुलिस स्टेशन सरुपत्थर, असाम दर्ज है। युवक की उम्र 28 वर्ष के आसपास है। पुलिस ने युवके के निवास स्थान वाले थाने के माध्यम से उसके परिजनों से संपर्क किया है।

सूबे में बारिश फिर कहर बरपाने पर आमादा

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। प्रदेश में हो रही बारिश फिर से कहर बरपाने पर आमादा दिख रही है। खराब मौसम के चलते केदारनाथ यात्रियों को प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड में रोक हुआ है। फिलहाल, हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है। अब तक हेलीकॉप्टर से 18 यात्री केदारनाथ पहुंचे। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड यात्रा सुचारू है। शुक्रवार की सुबह हेंमकुंड के लिए 250 यात्री गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हुए बदरीनाथ हाईवे शाम को चमोली में कुहेड़ के पास मलबा आने करीब तीन घंटे बंद रहा। इस दौरान यात्रियों की नंदप्रयाग संपर्क मार्ग से आवाजाही कराई गई। वहीं, उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत पर हो रहे भूस्खलन को देखते हुए प्रशासन ने ताबांखणी सुरंग से लगे बाहरी मार्ग पर आवाजाही रोक लगा दी है। साथ ही जिला प्रशासन ने भूस्खलन के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच राज्य के अधिकांश हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश का सिलसिला शुक्रवार सुबह रुक गया, लेकिन कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। वहीं, मौसम विभाग द्वाराआज भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

70 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष टर्नओवर वाले निर्माता ही करेंगे दवाओं की आपूर्ति

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। नई दवा खरीद नीति के तहत अब सरकारी अस्पतालों में सिर्फ वही औषधि निर्माता दवाओं की आपूर्ति कर सकेंगे, जिनकी विगत तीन वर्षाे का औसत टर्नओवर कम से कम 70 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगा। सरकारी अस्पतालों व औषधालयों के लिए दवा खरीद की नई नीति लागू की है। नई नीति के मुताबिक दवाओं की खरीद सिर्फ उन्हीं फर्माे से की जाएगी, जिनके पास डीजीओए (रक्षा मंत्रालय) का अनुमोदन व गुड लेबोरेटरी प्रेक्टिसेस का पंजीकरण प्रमाण पत्र होगा। निर्माता फार्माे को अपनी इकाई में स्थापित लैब से औषधि के उत्तम मानक कोटि का प्रमाण पत्र भी अनिवार्य रूप से देना होगा। साथ ही दवा उत्पादन व विक्रय का तीन वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र भी औषधि नियंत्रक से प्रमाणित कराना होगा। आपूर्ति की जाने वाली दवाएं उसके निर्माण तिथि से तीन माह से अधिक पुरानी नहीं होंगी। दवा के प्रत्येक लेबल, पेटी व अन्य पैकिंग प्रदर्शन पर यूकेजी सप्लाई नॉट फॉर सेलश् अंकित करना अनिवार्य होगा। आयातित दवाओं व वैक्सीनों की सुरक्षित अवधि 50 फीसद स्वीकार होगी। नई नीति के अनुसार 2012 में लागू आवश्यक औषधि सूची में शामिल दवाओं, सर्जिकल सामग्री व नैदानिक सामग्री की ही निविदा की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित 103 दवाओं को छोड़कर शेष समस्त दवाओं के टेंडर कराए जाएंगे। हीमोफीलिया, एनटी रेबीज व एनटी स्नेक आदि दवाओं के लिए एक बार टेंडर कराने पर यदि कोई निर्माता कंपनी टेंडर में भाग नहीं लेती, तो इन दवाओं की महत्ता को देखते हुए ईएसआई की निर्धारित दरों पर शासन के अनुमोदन के बाद ही खरीद की जाएगी। नई नीति में कोटेशन के जरिए दवाओं की खरीद पर रोक लगाई गई है। आपदा, दुर्घटना जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में केंद्र व राज्य सरकारों के दवा निर्माता उपक्रमों से न्यूनतम दर पर दवाओं की खरीद की जा सकेगी, मगर इस प्रकार की खरीद के लिए एक स्तर के ऊपर के अधिकारी का औचित्य के साथ अनुमोदन लेना भी जरूरी होगा।

बोलेरो खाई में गिरने से दो की मौत, छह घायल

अल्मोड़ा, 17 जुलाई (निस)। अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ की ओर जा रही बोलेरो के खाई में गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए। मौके पर पहंुची प्रशासन व पुलिस की टीम ने राहत बचाव कर घायलों को बाहर निकालकर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हादसा सुबह करीब छह बजे चितई मंदिर के पास हुआ। पिथौरागढ मार्ग पर बोलेरो संख्या यूके-05-टीए-1339 अनियंत्रित होकर करीब 70 मीटर गहरी खाई में गिर गई। घायलों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे व उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन और पुलिस को दी। मौके पर पहंुची टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से राहत बचाव कर मृतकों और घायलों को खाई से बाहर निकाला। दुर्घटना में बागेश्वर निवासी रमेश चंद्र उम्र 30 वर्ष पुत्र देवीदत्त, लाल सिंह डिकरी उम्र 38 वर्ष पुत्र भीम सिंह निवासी धारचुला की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में घायल छह लोगों को ग्रामीणों व पुलिस की मदद से खाई से निकालकर अस्पताल पहुचाया गया है। 

बादल फटने से खेत बहे

रानीखेत, 17 जुलाई (निस)। अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक के भगवान गांव में देर रात बादल फट गया। इससे करीब पांच सौ नाली से ज्यादा खेत बह गए। मिली जानकारी के अनुसार, बीती देर रात करीब दो बजे भारी बारिश के चलते अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक के भगवान गांव में बादल फट गया। इससे कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन क्षेत्र के पांच सौ नाली से ज्यादा खेत बह गए। वहीं, उफनाए बरसाती नालों की वजह से पांच मकान खतरे की जद में आ गए हैं। भूस्खलन के चलते भुजन-रिची-बिलेख रोड बाधित हो गई है। वहीं, एसडीएम रानीखेत के निर्देश पर तहसील टीम गांव के लिए रवाना हो गई है।

नौनिहालों से ढुलवाया फर्नीचर 

धारचूला, 17 जुलाई (निस)। विद्यालयों में बच्चे पढ़ने जाते हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। विद्यालय में बच्चों को पढ़ने के स्थान पर अन्य कार्यों में लगा दिया जाए तो यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ही है। ऐसा ही हो रहा है तहसील के दूरस्थ राजकीय इंटर कालेज राथी में। जहां पर छात्रों से फर्नीचर ढुलवाया जा रहा है। जिसे लेकर अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। अभिभावकों ने बच्चों से 5 किमी दूर से फर्नीचर ढुलवाए जाने को उत्पीड़न बताते हुए इसकी जांच की मांग की है। रांथी राइंका के लिए इस समय फर्नीचर की आपूर्ति हो रही है। इसके लिए एक एजेंसी को ठेका दिया गया है। ठेका लेने वाली एजेंसी को फर्नीचर जिसमें कुर्सी, मेज, अलमारी आदि सामान विद्यालय तक पहुंचाना था। ठेके लेने वाली एजेंसी द्वारा फर्नीचर विद्यालय से पांच किमी दूर सड़क किनारे तक पहुंचा दिया गया। उसके बाद एजेंसी ने सुध भी नहीं ली। बरसात का मौसम होने से फर्नीचर खराब होते देख अब फर्नीचर विद्यालय के बच्चे ढोकर विद्यालय पहुंचा रहे हैं। एजेंसी द्वारा जिस स्थान पर फर्नीचर रखा गया है, वहां से विद्यालय पांच किमी की चढ़ाई पर स्थित है। विद्यालय पहुंचे बच्चे ढलान उतर कर फिर तीखी चढ़ाई चढ़कर फर्नीचर विद्यालय पहुंचा रहे हैं। इस पर अभिभावकों ने गहरा रोष जताया है। इसकी शिकायत खंड शिक्षाधिकारी से लेकर मुख्य शिक्षाधिकारी तक भेज दी है। बच्चों से फर्नीचर ढुलवाने के कारणों की जांच की मांग की है। 

महिला यात्री यमुना में बही

उत्तरकाशी, 17 जुलाई (निस)। लगातार बारिश से लोगों की जान का जोखिम भी बढ़ता जा रहा है। यमुनोत्री धाम में आई एक महिला यात्री पांव फिसलने से यमुना में बह गई। उसका शव यमुनोत्री से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर गरुड़ गंगा से बरामद कर लिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के झाला गांव की कृष्णा देवी पत्नी किशन सिंह गांव के लोगों के दल के साथ यमुनोत्री धाम आई हुई थी। सुबह करीब पौने आठ बजे वह यमुना में नहा रही थी। तभी यमुना के तेज बहाव की चपेट में आने से वह बह गई। सूचना पर पुलिस उसकी तलाश में जुटी रही। बाद में उसका शव घटना स्थल से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर गरुड़ गंगा से बरामद हुआ। घटना के बाद झाला गांव में शोक की लहर दौड गयी।

राइंका गंगोलीहाट में वाणिज्य की पढ़ाई बंद

गंगोलीहाट, 17 जुलाई (निस)। राइंका गंगोलीहाट में वाणिज्य की पढ़ाई बंद हो गई है। शिक्षा विभाग के मानको के चलते वाणिज्य के एकमात्र शिक्षक को सरप्लस घोषित कर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया है। जिससे विद्यालय में वाणिज्य की पढ़ाई कर 26 विद्यार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। तहसील मुख्यालय स्थित राइका गंगोलीहाट में 35 वर्षाे से वाणिज्य की पढ़ाई कराई जा रही थी। विद्यालय से पढ़ाई करने वाले तमाम विद्यार्थी आज बड़े-बडे़ पदों पर सेवाएं कर रहे हैं, इस वर्ष विद्यालय में वाणिज्य विषय के एकमात्र शिक्षक को शिक्षा विभाग ने सरप्लस घोषित कर दिया है। शिक्षक को सरप्लस घोषित करने के साथ ही उन्हें दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित भी कर दिया है। इससे विद्यालय में वाणिज्य विषय की पढ़ाई बंद हो गई है। विद्यालय में इस विषय की पढ़ाई कर रहे 26 विद्यार्थी अब अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। इस समस्या से परेशान अभिभावकों ने पीटीए अध्यक्ष श्यामचरण उप्रेती की अध्यक्षता में बैठक की। बैठक में वक्ताओं ने शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि यह फैसला छात्र विरोधी है। इससे विद्यार्थियों के समक्ष पठन-पाठन की समस्या पैदा हो गई है। अभिभावकों ने विद्यालय में अविलंब वाणिज्य की पढ़ाई शुरू नहीं कराए जाने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

एक सप्ताह से बिजली गुल

बागेश्वर, 17 जुलाई (निस)। रवाईखाल में ट्रांसफार्मर फुंक जाने से गत एक सप्ताह से बिजली नहीं है, जिस कारण उपभोक्ताओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली के अभाव में बैंक, अस्पताल व आधार केंद्र में कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को कई बार सूचित करने के उपरांत भी पावर कॉरपोरेशन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र रवाईखाल की विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।

सुरंग में विस्फोट की अपवाह से हड़कंप

कपकोट, 17 जुलाई (निस)। उत्तर भारत हाइड्रो पावर कारपोरेशन की जल विद्युत परियोजना के तहत बनाई गई सुरंग नंबर-तीन के फट जाने की अफवाह से डोटिला गांव में हड़कंप मच गया। लोग घरों का सामान उठाकर बाहर निकल आए। बाद में पता चला कि सुरंग से हल्का रिसाव हो रहा था जिसे कुछ लोगों ने टनल फटने की अफवाह में तब्दील कर दिया। गत वर्ष भी टनल फटने के कारण गांव में काफी नुकसान हुआ था तथा लोगों के घरों में पानी भर गया था। इसी आशंका से लोग घरों से बाहर निकल आए। बाद में विधायक ललित फस्र्वाण, एसडीएम केएस टोलिया, तहसीलदार मदन सिंह बिरोडिया व एसओ सत्यप्रकाश रायपा ने गांव का निरीक्षण किया तथा विद्युत कंपनी को निर्देश दिए कि वह टनलों के आसपास रहने वाले परिवारों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराए। 

वन अनुसंधान संस्थान मे मनाया गया वन महोत्सव

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देहरादून, 17 जुलाई (निस)।वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा वैज्ञानिक छात्रावास न्यू फोरेस्ट में हरीतिका पर्व श्वन महोत्सवश् मनाया गया। इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के महानिदेशक डा0 अश्विनी कुमार ने लीची और आम के पौधे रोपण किये । मुख्य अतिथि ने कहा कि वन महोत्सव के महत्व को बढ़ाने के लिए हमारी वन निर्देशिका-1952  में भी यह विदित था की देश के हर संस्थान, स्कूल, कालोनी, पार्क और बगीचे में बहुत संख्या में पेड़ लागाया जाऐ।  इस अवसर पर लीची (लीची चाईनेन्सिस) व आम (मेंगीफेरा इंडिका ) के पौधो का चयन वन महोत्सव के अन्र्तगत किया गया क्योंकी कि देहरादून में विकास होने के कारण लीची व आम के पेडों की संख्या मे लगभग 60ः  प्रतिशत की कमी आयी हैं। वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा0 सविता, ने इस अवसर पर कहा कि जानवर और इन्सानो के बीच की लड़ाई को फलदार पौधो के वनीकरण के द्वारा कम किया जा सकता है इन पौधो के द्वारा बन्दर और इन्सानो के बीच की लड़ाई को कम किया जा सकेगा तथा पेडों की संख्या मे भी वृद्धि  होगी इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने यह भी कहा की यह संस्थान वानिकी से जुडा संस्थान है औरो की अपेक्षा हमारा दायित्व ही नही अपितु नैतिक जिम्मेदारी भी बनती हैं कि हम इन फलदार वृक्षो की घटती संख्या को बढाये तथा वनो के विकास के लिए समाज के हर वर्ग को वानिकी से जोडे व फलदार पेडो को लागने का यह प्रयास देहरादून के लोगो को करना चाहिए ताकि इनकी घटती हुई संख्या को रोका जा सके। इस अवसर पर आईसीएफआरई के समस्त अधिकारी,वैज्ञानिक व एफआरआई के सभी अधिकारी, वैज्ञानिक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (17 जुलाई)

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अशोक नगर मे सेन चैराहा पर स्थापित सेन महाराज की प्रतिमा खण्डित किये जाने वालो के विरूद्ध कार्यवाही एवं पुनः स्थापित किये जाने हेतु आर्थि सहायता की मांग

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म.प्र. युवा समाज संगठन के प्रयास से नगर पालिका परिषद् अशोक नगर द्वारा सेन महाराज की प्रतिमा स्थापित कर 22 अक्टूबर 2009 को विधिवज अनावरण किया गया था। परंतु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा 14.07.2015 को सेन महाराज की प्रतिमा को खण्डित कर दिया गया है। जिससे संपूर्ण सेन समाज में रोष व्याप्त है। जिसकी शिकायत स्थानीय थाने में की जा चुकी है। परन्तु स्थानीय प्रशासन शुस्त नजर आ रहा है। माननीय महोदय यह हमारी आस्था का विषय है जिसमें लापरवाही वर्दाशत नहीं की जावेगी एवं हम प्रांत व्यापी आंदोलन करने पर विवश होगे। अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि प्रतिमा खंडित करने वाले आसामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे एवं खंडित प्रतिमा की जगह सेन महाराज की नई प्रतिमा स्थापित करने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करानें की कृप ा करें। 

कश्मीर में पाकिस्तान व IS के झंडे लहराए

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जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और युवाओं के एक समूह में झड़प हो गई और इस दौरान कुछ अलगाववादी तत्वों ने पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआईएस के झंडे लहराए। अधिकारियों ने बताया कि शहर के नोहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद युवाओं के एक समूह ने विवादित झंडा लहराया और अलगाववादी समर्थक और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए।

 पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों ने बताया कि युवकों ने नोहट्टा चौक से खनयार चौक की ओर जाने से पहले तिरंगे में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि हालांकि वहां पर मौजूद पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों की बड़ी टुकड़ी ने उन्हें रोक दिया जिससे झडप हो गयी और अंतिम खबर मिलने तक यह जारी थी। अधिकारियों ने बताया कि किसी के चोटिल होने की सूचना नहीं है।


ऊंची जाति का व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता : गिरिराज सिंह

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केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने यहां शुक्रवार को कहा कि उनके विचार से आगामी विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में कोई ऊंची जाति का व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बन सकता और न बनना चाहता है। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार लालू के संगत में रहने के कारण अनाप-शनाप बोल रहे हैं। उन्होंने दोनों नेताओं पर बिहार में जातीय राजनीति करने और जाति के नाम पर समाज में घृणा पैदा करने का आरोप लगाया। 

उन्होंने कहा, "ऊंची जाति के लोग समाज में समरसता पैदा करने की कोशिश में लगे हैं, इस कारण लोगों को ऊंची जातियों की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली अभूतपूर्व होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नरेन्द्र मोदी को अन्य पिछड़े वर्ग से आने वाले पहले प्रधानमंत्री बताए जाने के बाद लालू और नीतीश ने शाह की आलोचना करते हुए कहा था कि एच़ डी़ देवगौडा अन्य पिछड़ी जाति से आने वाले पहले प्रधानमंत्री थे।

हैंडलूम को औपचारिक ड्रेस बनाने का प्रयास करें : यूजीसी

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से दीक्षांत समारोह जैसे मौकों पर औपचारिक वस्त्र के रूप में हैंडलूम वस्त्रों पर विचार करने को कहा है। यह निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हथकरघा को पुनर्जीवित करने की अपील के बाद जारी किया गया है। कुलपतियों को 15 जुलाई को लिखे पत्र में यूजीसी के सचिव जसपाल एस.संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हथकरघा को पुनर्जीवित करने तथा बुनकरों की कमाई में सुधार लाने पर जोर दिया है। 

संधु ने कहा कि हथकरघा वस्त्र न केवल समृद्ध भारतीय संस्कृति व विरासत का अभिन्न अंग है, बल्कि यह लाखों ग्रामीण लोगों को आजीविका भी प्रदान करता है।  पत्र में कहा गया है, "औपचारिक वस्त्र के रूप में हथकरघा वस्त्र न केवल भारतीय होने के अहसास पर गर्व पैदा करेगा, बल्कि यह गर्मी व उमस भरे मौसम में आरामदायक भी होगा।"

संधु ने कहा, "सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया जाता है कि वे दीक्षांत समारोह जैसे विशेष समारोहों पर औपचारिक वस्त्र के रूप में हथकरघा के इस्तेमाल पर विचार करें। यह अपने विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के संज्ञान में भी लाएं।"

तत्काल टिकट लेते समय पहचान पत्र की शर्त हटाने का फैसला

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रेल मंत्रालय ने तत्काल टिकटों की खरीद से जुड़े कुछ नियमों में संशोधन करने का फैसला किया है। संशोधित नियमों के अंतर्गत कम्प्यूटराइजड आरक्षण करते समय अथवा टिकट खिड़की पर बुकिंग के समय अथवा इंटरनेट के जरिए तत्काल टिकट की बुकिंग के समय पहचान के प्रमाण की फोटोकापी देने अथवा उसका नंबर देने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार तत्काल योजना के अंतर्गत यदि टिकट बुक किया गया है तो किसी एक यात्री को यात्रा के दौरान इनमें से पहचान का कोई एक प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, ऐसा नहीं करने पर उस टिकट पर बुक किए गए सभी यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाएगा और उनसे शुल्क वसूला जाएगा। 

इन पहचान पत्रों में से कोई एक प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना होगा- 1. भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर फोटो पहचान पत्र। 2. पासपोर्ट। 3. आयकर विभाग द्वारा जारी पैनकार्ड। 4. आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस। 5. केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा जारी क्रम संख्या के साथ पहचान पत्र की फोटो कापी। 6. मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र। 7. राष्ट्रीकृत बैंक की फोटो के साथ पासबुक। 8. लेमिनेटेड फोटो के साथ बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड। 9. आधार कार्ड। 10. राज्य/केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जिला प्रशासनों, स्थानीय निकायों तथा पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र।

यह संशोधन 1 सितम्बर, 2015 से लागू होंगे। लोगों पर इन्हें लागू करने संबंधी अधिसूचना की तारीख अलग से जारी की जाएगी। वर्तमान निर्देशों के अनुसार तत्काल टिकट पर यात्रा करने के लिए पीआरएस केन्द्र से टिकट की बुकिंग करते समय यात्री को उस पहचान पत्र की प्रति देनी होती है जिसे यात्रा में वह अपने साथ रखेगा। इस पहचान पत्र की संख्या टिकट और रिजर्वेशन चार्ट पर दी होती है। 

यात्रा के दौरान यात्री को पहचान का मौलिक सबूत लेकर चलना होता है। जिसे नहीं रखने पर बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाता है और फलस्वरूप उनसे शुल्क लिया जाता है यदि यात्री ने इंटरनेट के जरिए बुकिंग की है तो बुकिंग के समय उसे पहचान पत्र की संख्या और उसका प्रकार बताना होता है। तथा साथ ही उसी पहचान पत्र को यात्रा के दौरान लेकर चलना होता है। ऐसा नहीं करने पर सभी को बेटिकट यात्रा करते हुए माना जाता है और फलस्वरूप शुल्क लिया जाता है। इन प्रवधानों में संशोधन किया गया है।

नम्रता, अक्षय मौत की सीबीआई जांच शुरू, 5 प्राथमिकी दर्ज

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मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को नम्रता डामोर और पत्रकार अक्षय सिंह की मौत की जांच अपने हाथ में ले ली। सीबीआई ने नम्रता डामोर की संदिग्ध मौत को हत्या मानते हुए प्रकरण दर्ज किया। पत्रकार अक्षय सिंह की मौत की केस डायरी भी सीबीआई के पास पहुंच गई है। सीबीआई ने शुक्रवार को व्यापमं घोटाले में पांच प्राथमिकी दर्ज की। पांच नई प्राथमिकी के बाद इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी की संख्या अब 10 हो गई है। सीबीआई द्वारा प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद भाजपा ने गुलाब सिंह किरार को पार्टी से निलंबित कर दिया है। 

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नम्रता की केस डायरी सीबीआई के पास आ गई थी और शुक्रवार को नम्रता की मौत को हत्या मानते हुए सीबीआई ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा पीएमटी (प्री मेडिकल टेस्ट) 2010 को लेकर दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पीएमटी के मामले में कुल 12 को आरोपी बनाया गया है। इस बीच झाबुआ के पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने आईएएनएस को बताया कि मृत पत्रकार अक्षय सिंह की केस डायरी सीबीआई को भेज दी गई है। अक्षय सिंह की झाबुआ के मेघनगर में नम्रता डामोर प्रकरण पर रपट तैयार करते समय रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध किया था। सीबीआई ने पांच मौतों को संदिग्ध मानते हुए पुलिस से ब्योरा मांगा था। व्यापमं घोटाले में नम्रता डामोर की मौत का मामला सबसे सनसनीखेज रहा है। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव सात जनवरी 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के समीप शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। वह इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से जबलपुर जा रही थी।  सूत्रों के अनुसार, शव मिलने के 22 दिनों बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख्त की थी। तब पोस्टमार्टम में मौत की वजह मुंह, नाक व गला दबाना बताया गया था और पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया था। बाद में दूसरी जांच में दिसंबर 2012 में इस मामले को हादसा करार देते हुए प्रकरण खत्म कर दिया गया।

नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने इसी माह (जुलाई 2015) मीडिया के सामने खुलासा किया कि नम्रता की मौत हादसा नहीं था, बल्कि नाक, मुंह दबाकर उसकी हत्या की गई थी। इसके बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार देर शाम सीबीआई ने पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती 2013, पीएमटी 2009 में हुई गड़बड़ियों को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की। व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में आयोजित आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियां हुई थीं। इस मामले में एसटीएफ ने 18 लोगों को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने भी इन सभी पर प्रकरण दर्ज किया है। इसी तरह पीएमटी 2009 के मामले में 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

सीबीआई ने मंगलवार को पांच प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें 160 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब पांच और प्राथमिकी दर्ज हो गई है। इस तरह 10 प्राथमिकी में 200 से ज्यादा आरोपी बनाए जा चुके हैं। इस बीच, भाजपा ने गुलाब सिंह किरार को पार्टी से निलंबित कर दिया है। किरार के खिलाफ सीबीआई ने मंगलवार को प्रकरण दर्ज किया था। किरार पर एसटीएफ भी पहले प्रकरण दर्ज कर चुका है। किरार का बेटा भी आरोपी है, और दोनों फरार चल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं मामला सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने 13 जुलाई को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी। सीबीआई अब तक जांच कर रहे एसटीएफ और जिलास्तरीय पुलिस की एसआईटी के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी है। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे हैं। 

सूत्रों के अनुसार, अभी तक जांच कर रहे एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 2100 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 1200 आरोपियों के चालान भी पेश कर चुका है। व्यापमं घोटाले का खुलासा जुलाई 2013 में हुआ था। जांच का जिम्मा अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंपा गया। उच्च न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी बनाई। अब मामला सीबीआई के पास है। 

भूमि विधेयक पारित नहीं होने देंगे : राहुल

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी भूमि अधिग्रहण विधेयक को संसद से किसी भी हालत में पारित नहीं होने देगी। यहां कांग्रेस के एक सम्मेलन के दौरान राहुल ने कहा, "हम (कांग्रेस) सरकार को किसानों की एक इंच जमीन का अधिग्रहण नहीं करने देंगे और न ही संसद से भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित होने दिया जाएगा।" संसद का मॉनसून सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। राजस्थान में लगातार दूसरे दिन राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "पहली बार हमें एक ऐसी सरकार मिली है, जो एक के बाद एक मुद्दे देकर विपक्ष की मदद कर रही है।"

मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "छह महीने में देश के लोग, खासकर गरीब व किसान 56 इंच के सीने को 5.6 इंच में बदल देंगे। बस आप देखते जाइए।"राहुल ने पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी मुद्दे पर वसुंधरा राजे की निंदा करते हुए राजस्थान सरकार को ललित मोदी के रिमोट कंट्रोल वाली सरकार करार दिया।  ब्रिटिश राज का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "बीते 100 साल से अधिक समय पहले लंदन में एक रिमोट था, जो यहां की सरकार को नियंत्रित करता था। अब एक बार फिर यहां की एक सरकार रिमोट से नियंत्रित हो रही है।"राहुल ने कहा, "राजस्थान में वसुंधरा राजे या भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं, बल्कि ललित मोदी की सरकार है।"

उन्होंने कहा, "वे (वसुंधरा व ललित मोदी) कारोबारी साझेदार हैं। एक वांछित भगोड़े की मदद करके उन्होंने देश के कानून का उल्लंघन किया है।"राहुल ने कहा, "मध्य प्रदेश में हर जगह घोटाले और मुद्दे ही मुद्दे हैं। मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले वाली सरकार, छत्तीसगढ़ में चावल व नमक घोटाले वाली सरकार और महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे के इशारे पर चलने वाली सरकार है।"उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री सीनियर मोदी आप चुप क्यों हैं? जूनियर मोदी (ललित) को देश में वापस लाइए। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वह इन सारे मामलों को भूल गए हैं।"

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की प्रशंसा करते हुए राहुल ने कहा, "हमारी सरकार सभी लोगों को मुफ्त में दवाएं दे रही थी, जबकि भाजपा की मौजूदा सरकार अस्पतालों को ही बंद करने में लगी है।"राहुल ने गुरुवार को यहां से 400 किलोमीटर दूर हनुमानगढ़ जिले में किसानों व जनता के अन्य नुमाइंदों से मुलाकात की और कहा कि कांग्रेस उनके हितों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ी है।
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