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राहुल गांधी डायपर पहनने वाले बेबी : भाजपा

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए उन्हें 'डायपर बेबी'करार दिया। राहुल ने कहा था कि देश की जनता मोदी के 56 इंच के सीने को 5.6 इंच का कर देगी। भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राहुल ने जो डायपर पहन रखा है, उससे उन्हें बाहर निकलना है। उनकी टिप्पणी और उनका व्यवहार हमें याद दिलाता है कि वह अभी भी डायपर पहनने वाले बेबी हैं।"

राहुल की टिप्पणी पर सिंह ने कहा, "उनका (मोदी) 56 इंच का सीना आपकी (राहुल) दया से नहीं बना। यह देश के गरीबों, किसानों तथा मजदूरों के गर्व का परिणाम है।"जयपुर में राहुल ने कहा, "जनता खासकर गरीब और किसान आपके 56 इंच के सीने को छह महीने में 5.6 इंच का कर देगी। बस आप देखते रहिए।"

प्रशांत ने केजरीवाल को कपटी बेशर्म कहा

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आप से निकाले जा चुके नेता प्रशांत भूषण ने आज अरविंद केजरीवाल पर जम कर बरसते हुए उन्हें ‘बेशर्म ’ और ‘कपटी’ कहा। दरअसल, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने योगेन्द्र यादव के साथ इस मानवाधिकार कार्यकर्ता वकील के पार्टी में लौटने की स्थिति में ‘खुश’ होने की बात कही थी। भूषण ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बदसलूकी करने और अपने विधायकों से हमला कराने के बाद केजरीवाल उन्हें वापस चाहते हैं, ‘कपटी बेशर्म।’ आप के संस्थापक नेताओं में शामिल भूषण ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर संगठन में कई मुद्दों पर सवाल उठाए थे और केजरीवाल के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। इसमें विवादास्पद लोगों को टिकट दिया जाना भी शामिल है।

भूषण और योगेन्द्र ने फर्जी डिग्री के आरोपों में गिरफ्तार किए गए कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर को टिकट दिए जाने से भी पार्टी को आगाह किया था। उन्होंने 28 मार्च की विवादास्पद राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपने उपर हमला कराने का भी आरोप लगाया था। बाद में इन दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर अप्रैल में पार्टी से निकाल दिया गया। बाद में उन्होंने ‘स्वराज अभियान’ का गठन किया।


विचार : सच्चाई कुछ और तो नहीं ???

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भारत पाकिस्तान के शीर्ष नेता जब भी आपस में मिलते हैं तो सीमा पर तनाव कायम हो जाती है । चुंकी भारत के भाजपाई नेता तथा पाकिस्तानी नेता  इन दोनों  की राजनीति का   आधार एक दूसरे को गाली देते रहना और मंदिर-मस्जिद है । अतः लगता है की ये शीर्ष नेता लोग आपस में बातचीत  तो उकसावे को कायम रखने के लिए करते हों , लेकिन दिखावे के लिए दुनिया के सामने सौहार्द  की बात दिखाते हों ? अन्यथा क्यों शीर्ष नेताओं के आपस में बातचीत होते ही तनाव कायम हो जाता है ? यह पहेली कारगिलयुद्ध  से ही एक अबूझ पहेली है । 

यदि शीर्ष नेता आपस में सचमुच में सौहार्द की बात करते हैं और फिर भी सीमा पर ऐसा माहौल हो जाता है , तो सर्वप्रथम दोनों देश के शीर्ष नेता ऐसा   माहौल क्यों उत्पन्न होता है , इसके बारे में वार्तालाप क्यों नहीं करते ? और स्थायी तौर पर इसको कैसे रोका  जाय , इसका समाधान  क्यों नहीं निकालते ? दरअसल ऐसी स्थिति में दोनों ही देशों के नेता इसलिए सस्पेक्टेड हो जाते हैं , की कहीं अपनी अपनी  राजनितिक रोटियां को सेकने के लिए दोनों  देशों की आमजनता को सच्चाई से भटकाकर तो  नहीं रखना चाहते ? 

जिससे दोनों देशों की  जनता का जीवनोपयोगी मुद्दों से ध्यान भटककर मात्र एकदूसरे के प्रति नफ़रत का माहौल बना रहे , और इस नफ़रत की आग में दोनों देशों के नेता राजनीति की रोटी सेककर स्वयं मालामाल होते रहें । अन्यथा यदि सही तरह से दोनों देश की जनताओं के समक्ष सही बात  रखी जाय तो आज जैसे पड़ोसी देश भारत और नेपाल के बीच अच्छे सम्बन्ध  हैं , इसी तरह का सम्बन्ध भारत तथा पाकिस्तान के मध्य भी कायम हो सकता है । पिछली कटुता को भुला दोनोदेश की अधिकाँश  जनता एक दूसरे से गले अवश्य मिल लेंगे , लेकिन लगता है दोनों देशों की कुटिल राजनितिक इच्छाशक्ति ही इसमें सर्वाधिक बाधक है । 




आमोद शास्त्री , 
दिल्ली । 
मोब= 9818974495  & 9312017281

विशेष आलेख : भगवान जगन्नाथ की पालकी में उमड़े आस्थावान

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  • रथ को छूने के लिए मची रही होड़, पीले, नीले और काले रंग से सजा था रथ

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वाराणसी। कहते है भगवान की रथयात्रा को जिसने हाथ लगा दिया, उसे जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। शायद यही वजह है कि जब भगवान जगन्नाथ की पालकी सज-धजकर निकली तो सड़कों पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हर शख्स भगवाल जगन्नाथ के रथ को छूने को बेताब दिखा। पुरी शहर की गलियों में नौ दिन तक चलने वाली इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। जबकि धर्म की नगरी काशी में भी कुछ इसी अंदाज में नजारा दिखा। काशी के अस्सी में जिस वक्त भगवान जगन्नाथ की पालकी यात्रा निकली लोग सड़कों पर उतर गए। 

भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति को उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की छोटी मूर्तियों को रथ में ले जाया जाता है और धूम-धाम से इस रथ यात्रा का आरंभ होता है। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। रथयात्रा में जगन्नाथ को दशावतारों के रूप में पूजा जाता है, उनमें विष्णु, कृष्ण और वामन और बुद्ध हैं। रथ यात्रा में सबसे आगे भाई बलराम का रथ होता है। यह रथ नीले रंग का प्रमुखता के साथ प्रयोग करते हुए सजाया जाता है। इसके बाद बहन सुभद्रा का रथ होता है। इस रथ को काले रंग का प्रयोग करते हुए सजाया जाता है। इस रथ यात्रा को बडी-बडी रस्सियों से खींचते हुए ले जाया जाता है। रथ निकालने के पीछे मान्यता है कि भगवान भक्तों से मिलने के लिए मंदिर छोड़ कर आज के दिन शहर के सड़कों पर भ्रमण के लिए निकलते हैं। कहा जाता है कि सुभद्रा अपनी ससुराल से द्वारिका आई थीं। उन्होंने अपने दोनों भाइयों से नगर-दर्शन की इच्छा व्यक्त की। 

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बलराम और श्रीकृष्ण ने उन्हें एक रथ पर बैठा दिया। दोनों भाई भी अलग-अलग रथों पर सवार हो गए। सुभद्रा के रथ को बीच में रखा गया और फिर तीनों द्वारिकापुरी के दर्शन के लिए निकल पड़े। तब से ही ये रथयात्रा निकाली जा रही है। 200 साल पहले पुरी जगन्नाथ मंदिर के महंत अपने जीवन के आखिरी समय में काशी आ गए थे। उन्होंने जीवन भर सिर्फ भगवान का प्रसाद ही ग्रहण किया था। यहां आने के बाद भी उन्होंने इस सिलसिले को जारी रखा। वे प्रसाद न मिलने पर भूखे ही रह जाते थे। इसकी वजह से उनका स्वास्थ दिन पर दिन खराब होता चला गया। तब भगवान स्वयं यहां प्रकट हुए और उन्होंने अपने इस भक्त के लिए काशी में ही रहने का फैसला कर लिया। तब से यहां पर रथ यात्रा की परंपरा शुरू हो गई। 

हर साल बड़ी संख्या में भक्त यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। काशी में रथयात्रा की ये परम्परा पिछले कई दशकों से निभाई जा रही है। अपने धाम से पालकी पर सवार होकर भगवान रथ पर आते है और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ को पीले वस्त्र पसंद हैं, इसलिए इनका एक नाम पीतवास भी है। इनके रथ को पीले वस्त्रों से सजाया जाता है। देवी सुभद्रा का रथ काले और बलभद्र का रथ नीले रंग के वस्त्रों से सजाया जाता है। तीन दिन तक भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा यहीं रहते हैं। यहां तीन दिन तक इन मूर्तियों की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है।





(सुरेश गांधी)

देशभर में ईद की रौनक, सभी गले मिलकर लोगों को दी ईद की बधाई

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  • मस्जिदों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ी 
  • एक-दुसरे के घर पहुंचकर उठाया सेवईयों का लुत्फ 

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देशभर में ईद की रौनक देखी जा रही है। रमजान का महीना पूरा होने के इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और जवान, हर किसी के चेहरे पर त्योहार की खुशी नजर आ रही है। सभी गले मिलकर लोगों को ईद की बधाई देते देखे जा रहे हैं। सुबह ही अलग-अलग शहरों की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए नमाजियों की भारी भीड़ देखी गयी। पूरी अकीदत के साथं ईद उल फितर की नमाज अदा की गई। सभी ने एक-दुसरे को ईद-उल-फितर के मौके पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। नमाज के बाद लोगों को एक-दुसरे के घर जाकर सेवईया खाते देखा गया। यह त्योहार आपसी भाईचारे की भावना को मजबूत करने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को प्रेम, मित्रता एवं सद्भाव के मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है। 

ईद का त्योहार बलिदान और मिलकर खुशियां मनाने की भावना प्रदर्शित करता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद की अहले सुबह देशवासियों को इस पाक त्योहार की बधाई दी है। कहा, ईद-उल-फितर के खुशी के मौके पर, मैं अपने नागरिकों को, खासतौर पर सभी मुसलमान भाइयों-बहनों को बधाइयां और शुभकामनाएं देता हूं.’। यह पावन दिन हम सब में सदाशयता और करुणा की भावना का संचार करे। ईद-उल-फितर मनाने के उच्च आदर्श हमारे जीवन को शांति, समृद्धि और सौहार्द से लबरेज करें तथा हमें मानवता की भावना के साथ एकजुट करे। इस दिन हम अपने मतभेद भुलाएं। सद्भाव, एकजुटता और भाईचारे में ईद-उल-फितर हर आस्था के लोगों को एकजुट करे और हमारे महान देश की मिश्रित संस्कृति के प्रति हमारे गौरव को और मजबूत करे।’

बगदाद बम हमले में 40 लोगों की मौत

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इराक की राजधानी बगदाद में हुए एक बम हमले में 40 लोग मारे गए और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हमला शुक्रवार को विस्फोटकों से लदे एक ट्रक के माध्यम से किया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार एक सूत्र ने बताया, "क्षेत्र के शिया बहुल इलाके खान बानी साद के बाजार में शुक्रवार रात ट्रक बम में विस्फोट कर दिया गया।" सूत्र ने बताया कि विस्फोट में 40 लोगों की मौत हो गई। विस्फोट इतना भयानक था कि लोगों के शरीर के टुकड़े टुकड़े हो गए। घायलों को आनन फानन में पास के अस्पतालों में ले जाया गया। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

सूत्र ने बताया कि विस्फोट की चपेट में आकर इलाके में कई दुकानें और वाहन जल गए। सुरक्षा बलों ने और हमलों की आशंका के मद्देनजर इलाके की नाकेबंदी कर दी है। इराक में 2014 में सुरक्षा बलों और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (स्टेट) के बीच संघर्ष और रक्तपात के बाद से सुरक्षा हालात बदतर स्थिति में हैं।

लखनऊ पीजीआई में फिर शुरू होगा लिवर प्रत्यारोपण

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उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में एक बार फिर लिवर प्रत्यारोपण शुरू होने जा रहा है। 15 वर्ष बाद लिवर प्रत्यारोपण के लिए आधुनिक आपरेशन थिएटर व आईसीयू भी तैयार कर लिया गया है। लिवर प्रत्यारोपण प्रो. अभिषेक यादव की अगुवाई में किया जाएगा।पीजीआई में शुरुआती दौर में एक दो लिवर प्रत्यारोपण सफल होने के बाद नौ असफल हो गए थे। हाल ही में एक महिला का लिवर प्रत्यारोपण होने पर काफी विवाद भी हुआ था। इसके बाद संस्थान ने तय कर लिया था कि प्रत्यारोपण के लिए सुपर स्पेशियलिटी विभाग अलग से तैयार किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक उपकरण के अलावा अन्य सुविधाएं भी उच्चस्तरीय होगी।  विभाग में आईसीयू के अलावा अत्याधुनिक आपरेशन थिएटर भी बनकर तैयार हो गए हैं।

गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. राजन सक्सेना ने बताया कि विभिन्न संस्थानों में लिवर प्रत्यारोपण करने वाले प्रो. अभिषेक यादव की अगुवाई में अब लिवर प्रत्यारोपण दोबारा शुरू किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि अगले सप्ताह एक लिवर प्रत्यारोपण किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रो. अभिषेक के अलावा अन्य विशेषज्ञ व प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैनात कर दिया गया है। यह टीम नए सिरे गठित की गई है। प्रो. अभिषेक यादव ने बताया कि विश्व में लिवर प्रत्यारोपण की दर 70 से 80 फीसदी है। भारत में इसकी सफलता की दर और भी कम है।

गौर हरी दास जी की धर्मपत्नी ने बहुत कुछ सिखाया: कोंकणा सेन

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फीचर  फ़िल्म 'गौर हरी दास्ताँ -द फ्रीडम'फ़ाइल में कोंकणा सेन आज़ादी के गुमनाम नायक गौर हरी दास की पत्नी लक्ष्मी दास जी का चरित्र निभा रही है। कोंकणा को लक्ष्मी दास जी के किरदार से जुडी तमाम बारीकियों और जीवन शैली को खुद लक्ष्मी दास जी ने बताया है। सूत्रों ने बताया है कि लक्ष्मी दास जी सभी कॉस्ट्यूम ट्रायल के समय कोंकणा के साथ पूरे समय मौजूद थी।

आज के समय में जहाँ डिज़ाइनर और स्टाइलिश कॉस्ट्यूम के साथ किरदार को प्रभावशाली बनाये जाने की कोशिश की जाती है,वहीँ दूसरी और इस फ़िल्म में वास्तविकता को आधार बनाते हुए,कोंकणा के चरित्र को बखूबी दर्शाया गया है।कोंकणा ने भावुक होते हुए बताया कि स्क्रिप्ट पढ़ने के तुरंत बाद से ही वह लक्ष्मी दास जी से मिलने के लिए उत्सुक हो गयीं थी।लक्ष्मी दास जी ने उन्हें पूरा घर घुमाया,और अपनी हर आदत और नजरिया कोंकणा के साथ बांटा।यहाँ तक कि उनका किचन में बर्तन पकड़ने का अंदाज़ और अपने पति ले लिए चाय बनाने का तरीका तक उन्होंने बहुत गहनता से अध्ययन किया।इस संजीदा अभिनेत्री ने यह भी बताया कि उनका सबसे बड़ा गुण मृदुभाषिता है जो उन्होंने इस पूरी फ़िल्म के दौरान अपनी संवाद अदायगी में उपयोग की है।तीन दिनों तक कोंकणा के लक्ष्मीदास जी के घर बिताया गया समय बहुत दिलचस्प रहा।खादी और सूती कपड़ों से बनी साड़ियों का चयन इस किरदार को खूबसूरत रंग देने के लिए खुद लक्ष्मी दास जी ने किया है।

मिस्टर इंडिया मेलबोर्न में फहराएंगे तिरंगा

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लगातार चौथे वर्ष इंडियन फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबोर्न, भारतीय सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ोर शोर से मनाने के लिए तैयार है।मेलबोर्न में अगस्त माह में होने वाले इस फेस्टिवल की थीम समानता है। विद्या बालन एक बार फिर  इस फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण होंगी।सुपरस्टार, मिस्टर इंडिया अनिल कपूर,15 अगस्त को इस फ़ेस्टिवल में भारतीय तिरंगे को फहराएंगे।इस महोत्सव में मेलबोर्न की विशिष्ट शख्सियतें मौजूद रहेंगी।अनिल कपूर अपनी नयी फ़िल्म 'दिल धड़कने दो'और इंडियन सिनेमा की धड़कन माने जाने वाली फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया'प्रस्तुत करेंगे। 

इस महोत्सव के मास्टर स्ट्रोक सेक्शन में ऑस्ट्रेलियाई विभूति पॉल कॉक्स द्वारा भारत पर बनायीं गयी डाक्यूमेंट्री, सत्यजीत रॉय की चारुलता और फ़िल्म नायक प्रदर्शित की जायेगी।अनिल कपूर ने बताया कि भारतीय सिनेमा का विश्व के विभिन्न देशों में प्रतिनिधित्व् करना हमेशा से ही उनके लिए गौरव की बात रही है।और इसका महत्व तब और बढ़ जाता है जब आपको स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने देश के तिरंगे को फहराने का मौका मिलता है।अनिल मेलबोर्न में सिनेमा प्रेमियों से रुबरु होने के लिए बेहद उत्साहित है।

लालू का टमटम देगा बीजेपी के 160 रथों को टक्कर

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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टी ने अपनी कमर कस ली है.  प्रचार के लिए भारतीय जनता पार्टी के 160 आधुनिक रथों के मुकाबले लालू की पार्टी  राष्ट्रीय जनता दल (आरडेजी) प्रचार के लिए 1000 टमटम उतारेगी. इसका ऐलान  शुक्रवार को आरडेजी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने की. पटना के गांधी मैदान में आयोजित तुरहा समग्र जागरण मंच के आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने अंदाज में कहा, “बीजेपी के हाईटेक रथ का मुकाबला मेरा टमटम करेगा. बीजेपी ने 160 रथ चुनाव प्रचार के लिए उतारे हैं, इसके जवाब में आरडेजी 1000 टमटम चुनाव प्रचार में लगाएगा.”

लालू ने कहा, “उनका रथ पक्की सड़कों पर प्रचार करेगा जबकि मेरा टमटम कच्ची सड़कों से गांव-गांव और गली-गली तक पहुंचेगा.” लालू ने कहा कि सभी टमटम पर एक-एक नेता सवार रहेंगे और उस पर साउंड सिस्टम लगा रहेगा. उन्होंने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मौसम वैज्ञानिक बताते हुए कहा कि उनके जैसा मौसम वैज्ञानिक नहीं देखा. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शाह नागपुर से बिहार में आकर ढोंग कर रहे हैं. बीजेपी करोड़ों रुपये खर्च कर बिहार की सत्ता पर कब्जा जमाना चाहती है परंतु बिहार की जनता ऐसा नहीं होने देगी.

पाकिस्तान का लखवी के वॉयस सैंपल को सबूत मानने से इनकार

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आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखावा करने वाले पाकिस्तान लखवी के मामले पर असल चेहरा सामने आ गया है. अब पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के आरोपी लखीउर रहमान लखवी के वॉयस सैंपल को सबूत मानने से भी इनकार कर दिया है.

पाकिस्तान में मामले के एक शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि इस केस में लखवी के वॉयस सैंपल सबूत के तौर पर इस्तेमाल ही नहीं किए जा सकते क्योंकि पाकिस्तान में इसकी विश्वसनीयता को मानने संबंधी कोई कानून ही नहीं है. पिछले चार साल से मुम्बई हमले के मास्टरमांइड लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकवादी जकी उर रहमान लखवी की आवाज के नमूने हासिल करने के लिए अदालत में याचिका पर याचिका दायर करने वाली संघीय जांच एजेंसी-एफआईए ने यह दावा करते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि लखवी के खिलाफ मामले की सुनवाई में यह निरर्थक है.

एफआईए का अब कहना है कि भारतीय खुफिया एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई गई लखवी की मुम्बई हमले के हमलावरों से बातचीत की सीडी को सबूत के तौर पर नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है. अभियोजक ने बताया कि मौजूदा कानून इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के इस्तेमाल की अनुमति देता है, लेकिन यहां ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत यह प्रावधान हो कि आरोपी की आवाज के नमूने जबरन लिए जाए ताकि बाद में उसे उपलब्ध रिकार्डिंग से मिलाकर देखा जाए.

रूस के उफा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद लखवी की आवाज के नमूने के मसले ने तूल पकड़ लिया है. भारतीय पक्ष ने उस मुलाकात के दौरान लखवी की आवाज के नमूने को मौजूदा रिकार्डिंग से मिलाने का मुद्दा उठाया था. इसके बाद अभियोजन पक्ष के वकील मोहम्मद अजहर चौधरी ने कहा कि आवाज के नमूने हासिल करने का मसला अब बंद हो चुका है.



पाकिस्तान ने ईद के मौके भारत की मिठाई और बधाई लेने से किया इंकार

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भारत और पाकिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों के बीच इस बार ईद पर शनिवार को वाघा में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ और न ही दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे को बधाई दी। इसकी वजह जम्मू एवं कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से नियंत्रण रेखा पर जारी गोलीबारी और संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण दोनों देशों के रिश्तों में पैदा हुए तनाव को माना जा रहा है।

 एक अधिकारी ने बताया कि इस बार ईद के मद्देनजर वाघा सीमा पर भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा का निर्वहन नहीं हुआ।

इससे पहले यह परंपरा पिछले साल अक्टूबर में टूटी थी, लेकिन पिछले दो अवसरों पर दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ था। बीएसएफ के अमृतसर सेक्टर के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम.एफ. फारूकी ने कहा, ‘‘ईद पर शनिवार को दोनों ओर से मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ।’’

फारूकी ने कहा कि मिठाइयों के आदान-प्रदान का निर्णय दोनों ओर के सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों की बैठक में लिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन हमें उनकी (पाकिस्तान) तरफ से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला, जिसके बाद हमने भी इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाया।’’हालांकि इससे पहले इस साल 23 मार्च को पाकिस्तान रेंजर्स ने पाकिस्तान दिवस पर अपने भारतीय समकक्षों को मिठाइयां प्रदान की थीं।

कश्मीर में ईद की नमाज के बाद झड़प फिर लहराये गए पाकिस्तानी झंडे

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ईद की नमाज के बाद राज्य के अनंतनाग जिले और कई इलाकों में पथराव कर रहे युवकों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़प की घटनाएं हुईं और शहर के एक अंदरूनी इलाके में पाकिस्तानी ध्वज भी लहराए गए। पुलिस ने बताया कि इन घटनाओं में कोई भी घायल नहीं हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवकों के एक समूह ने ईद की नमाज के तुरंत बाद ही ईदगाह क्षेत्र में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मियों ने हमलावरों को खदेड़ा। 

अधिकारी ने बताया कि राज्य के कोठीबाग इलाके में भी पथराव की ऐसी ही घटनाएं हुई लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर स्थिति सामान्य कर ली। शहर के पुराने बरजुल्ला इलाके में पाकिस्तान के झंडे लहराए गए। उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के लाल चौक में हुए पथराव में करीब 50 युवा शामिल थे लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। 

अधिकारी ने बताया कि इन घटनाओं में कोई भी हताहत नहीं हुआ और राज्य के शेष इलाकों में ईद की नमाज शांति के साथ अदा की गई है। शुक्रवार को कुछ अलगाववादी तत्वों द्वारा पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और आईएस का क्षंडा लहराने के बाद कुछ युवकों और सुरक्षा कर्मियों के बीच झड़प भी हो गई थी। राज्य के नौहटटा इलाके में जामी मस्जिद में जुम्मे की नमाज खत्म होते ही युवकों के एक समूह ने विवादस्पद झंडे लहराए और अलगाववादियों तथा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। 

पहले दिन ही बजरंगी भाईजान ने 27 करोड़ की कमाई की

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बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान ने अपने प्रदर्शन के पहले दिन 27 करोड़ रुपये की शानदार कमाई की है। कबीर खान निर्देशित यह फिल्म ईद के अवसर पर 17 जुलाई को प्रदर्शित हुयी है। फिल्म न सिर्फ मल्टीप्लेक्स बल्कि सिंगल थियेटरों में भी धूम मचा रही है। 

फिल्म ने प्रदर्शन के पहले दिन 27 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म अगले दो-तीन दिन में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर लेगी। उल्लेखनीय है कि बजरंगी भाईजान में सलमान खान के अलावा करीना कपूर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी मुख्य भूमिका निभायी है। फिल्म का निर्माण सलमान खान ने किया है।

जगन्नाथ पुरी के रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 2 मरे, 14 जख्मी

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सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान जगन्नाथ की सदी की प्रथम नबकलेबर यात्रा शनिवार को यहां पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ निकली। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की नई मूर्तियों की नौ दिनों की यात्रा देखने के लिए पुरी आए हैं। यह यात्रा गुंडीचा मंदिर तक होगी और वहां से अपने अपने मूल स्थान पर लौटेगी। विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ की मूर्ति की झलक पाने के लिए सभी हलकों के लोग कल से शहर में हैं। श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। स्वरूप परिवर्तन के प्रतीक नबकलेबर के चलते 45 दिनों तक भगवान भीतर ही रहे। नबकलेवर 19 साल के अंतराल के बाद हुआ है।

देवी देवताओं का ‘नबा जौबन दर्शन ’ कल हुआ क्योंकि दो जून को स्नान पूर्णिमा पर महा स्नान के बाद वे अंसारा पिंडी में थे। उत्सवों के दौरान 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शरीक होने की उम्मीद है, वहीं पुलिस ने हवाई और तटीय निगरानी की व्यवस्था करने के अलावा करीब 10,000 पुलिसकर्मियों को तैनात कर सख्त सुरक्षा व्यवस्था की है।

पुलिस महानिरीक्षक एवं विशेष ड्यूटी अधिकारी सौमेंद्र के प्रियदर्शी ने बताया, ‘पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बखूबी तैयार है। कई वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती के अलावा, बल की 164 पलटनें रणनीतिक बिंदुओं पर तैनात की गई हैं। भगदड़ जैसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए एहतियात बरते गए हैं।’

मीनाक्षी के परिजनों से मिले केजरीवाल, देंगे 5 लाख मुआवजा की घोषणा

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आनंद पर्वत इलाके में बृहस्पतिवार शाम एक युवती पर चाकू से 35 बार ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी गई। बेटी को बचाने आई मां पर भी चाकू से कई बार वार किया गया। मृतका की पहचान मीनाक्षी (19) के रूप में हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पीड़िता के परिवार से मुलात की और उनके परिजनों को मुआवजा के तौर पर 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा -'मिनाक्षी का क़त्ल दिल दहलाने वाला है।

दिल्ली में कानून व्यवस्था हर दिन बिगड़ती जा रही है'। उन्होंने कहा- दिल्ली पुलिस सीधे प्रधानमंत्री जी के अंडर है। या तो प्रधानमंत्री जी कुछ करें और या फिर दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को सौंपे। पीड़ित परिवार का आरोप है कि वारदात को पड़ोस में रहने वाले सगे भाई और उसकी मां ने अंजाम दिया है। उनकी शिकायत पर आरोपी जयप्रकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके भाई इलू और मां शशि को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दोनों की भूमिका के बारे में पुलिस कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही है। वारदात में इस्तेमाल शामिल चाकू बरामद हो गया है। पुलिस को घटनास्थल से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मिली है। परिजनों का आरोप है कि कुछ दिन पहले भी आरोपियों ने मीनाक्षी पर हमला किया था। मीनाक्षी आनंद पर्वत स्थित पंजाबी बस्ती में रहती थी। परिवार में मां उषा के अलावा छोटा भाई और बीमार पिता है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। वह भी पंजाबी बस्ती में परिवार के साथ रहती है। मीनाक्षी 12वीं पास है। पुलिस के मुताबिक बृहस्पतिवार रात करीब पौने आठ बजे सूचना मिली कि एक युवती पर चाकू से हमला किया गया है। परिजन मीनाक्षी और उषा को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान मीनाक्षी ने दम तोड़ दिया। 

पीड़िता के शरीर में कितने घाव आए हैं, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलेगा। जांच में पता चला कि मीनाक्षी और उषा पर पड़ोस में रहने वाले युवक ने हमला किया है। आनंद पर्वत थाने में हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस की चार टीमों ने बृहस्पतिवार रात जय प्रकाश को दबोच लिया। दो साल पहले भी की थी शिकायत हिना ने बताया कि दो वर्ष पहले भी जयप्रकाश ने मीनाक्षी के साथ मारपीट की थी। जय प्रकाश और इलू ने उसके कपड़े फाड़ दिए थे। तेजाब फेंकने की धमकी दी थी। अक्टूबर 2013 में इस संबंध में आनंद पर्वत थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी गई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बजाए शांति भंग करने का कलंदरा बनाकर मामले को रफादफा कर दिया था। दौड़ाकर की हत्या मीनाक्षी की बड़ी बहन हिना ने बताया कि मीनाक्षी घर का सामान लाने के लिए कुछ दूरी पर स्थित परचून की दुकान तक गई थी। इस दौरान आरोपी जय प्रकाश उसके भाई इलू और मां शशि ने उसक रास्ता रोक लिया। 

शशि ने मीनाक्षी के बाल पकड़ लिए। उस पर दो बार चाकू से हमला किया। वह जैसे- तैसे खुद को छुड़ाकर घर के पास चीखती-पुकारती हुई भागते हुए आई। घर के ठीक सामने जय प्रकाश और इलू ने उसे पकड़ लिया। दोनों ने ताबड़तोड़ वार कर मीनाक्षी की हत्या कर दी। वे मीनाक्षी की मौत होने की पुष्टि होने तक उस पर चाकू से वार करते रहे। शोर सुनकर मां ऊषा घर के बाहर आई। उनकी पीठ पर भी आरोपियों ने चाकू से वार किया। मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति या गिरोह पर शंका जाहिर नहीं कर सकता। न तो मेरे पास रंगदारी के लिए कभी कोई फोन आया है। यह काम किसने और क्यों किया है, यह मेरी समझ से बाहर की बात है। पुलिस को इस मामले की तह में जाना चाहिए।  

भारत की जीडीपी 2030 तक 10 हजार अरब डॉलर पहुँचने की संभावना: नीति आयोग

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नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने विश्वास जताया है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। पनगढि़या ने कहा कि विकास आधारित नीतियों पर आगे बढ़ते रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 15 साल या उससे भी कम समय में 8,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है।

पनगढि़या ने छठे आर.के. तलवार स्मति व्याख्यान में कहा, 15 साल से भी कम समय में हमारी अर्थव्यवस्था में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं। तलवार को भारतीय स्टेट बैंक का सबसे सफल चेयरमैन माना जाता है। उन्होंने 1969 से 1976 तक बैंक का नेतृत्व किया था।

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित कई विश्लेषक यह अनुमान व्यक्त कर चुके हैं कि अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी 10,000 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। पनगढि़या ने कहा, वर्ष 2003-04 से 2012-13 के दशक के दौरान रुपये में आई वास्तविक मजबूती पर गौर किया जाये तो डॉलर के लिहाज से हमने सालाना 10 प्रतिशत की वद्धि हासिल की। इस रफ्तार से हम 2014-15 के दाम पर मौजूदा 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को अगले 15 साल अथवा इससे भी कम समय में 8,000 अरब डॉलर तक पहुंचा सकते हैं, इसके साथ ही हम दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था जापान से आगे निकल सकते हैं।

सरोगेट मदर्स को भी मिलेगा मैटरनिटी लीव

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दिल्ली हाई कोर्ट ने आज कहा कि सरकारी नौकरी कर रही महिला यदि किराए से मां बनती है तब भी वह मातृत्व अवकाश पाने की अधिकारी है और छुट्टी देने से मना करना मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह है.

न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि सिर्फ गर्भ धारण करने वाली स्त्री तक मातृत्व अवकाश को सीमित करना ‘‘विज्ञान द्वारा की गयी तरक्की की ओर से आंखें बंद करना होगा.’’

अदालत ने यह भी कहा कि मातृत्व शब्द में ऐसी स्थिति भी आएगी जब एक महिला गर्भधारण के लिए दूसरी महिला का सेवाएं लेती है. भले ही इस प्रक्रिया में महिला या उसके पुरूष साथी का ‘जेनेटिक तत्व’ इस्तेमाल हुआ हो या नहीं.

भारत 2020 तक होगा हिन्दू राष्ट्र: सिंघल

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2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की जीत को देश में एक क्रांति की शुरुआत करार देते हुए विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल ने शनिवार को कहा कि 2020 तक भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आरएसएस पदाधिकारियों की मौजूदगी में यहां एक समारोह में सिंघल ने कहा, ‘मैं साई बाबा के आश्रम में था जहां मुझे साई बाबा ने बताया कि 2020 तक पूरा देश हिन्दू हो जायेगा और 2030 तक पूरी दुनिया हिन्दू हो जायेगी। मैं महसूस करता हूं कि इस क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।’ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस जीत से 800 वषरे की दासता का अंत हो गया।

उन्होंने कहा, ‘यह एक छोटी क्रांति नहीं है। यह भारत तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि दुनिया के समक्ष एक नयी विचारधारा पेश करेगी।’ सिंघल यहां आरएसएस के पूर्व प्रमुख के एस सुदर्शन के जीवन एवं कार्यो पर एक पुस्तक के लोकपर्ण समारोह के दौरान बोल रहे थे। सुदर्शन का पिछले वर्ष निधन हो गया था।

सुषमा ने कहा कि सुदर्शन अपने आसपास सकारात्मक माहौल सृजित कर देते थे जिसके कारण कार्यकर्ता बिना भय के उनसे बात कर पाते थे और उनकी अच्छाई ने समर्थकों के बीच उन्हें संत का दर्जा प्रदान किया। सुषमा ने कहा, ‘सुदर्शनजी अपने आसपास ऐसा माहौल बना देते थे कि मैं उनसे खुलकर बात कर सकती थी। मैं महसूस करती हूं कि किसी व्यक्ति की अच्छाई उसके कारण उत्पन्न होने वाली सकरात्मक माहौल से मापी जाती है जो वह अपने आसपास सृजित करता है। अगर डर की भावना हो तब कोई भी कार्यकर्ता खुल कर बात नहीं कर सकता है। अगर डर की भावना नहीं हो, तक एक कार्यकर्ता खुलकर बोल सकता है। वह ऐसा ही माहौल सृजित करते थे।’ सुदर्शन को मातृ स्वरूप शख्सियत करार देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें देश के विकास के संदर्भ में वाजिब चिंता थी और भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए उन्होंने विकास के ‘स्वदेशी’ मॉडल की वकालत की।

उन्होंने कहा कि वह वैज्ञानिक ढंग से विकास के पक्षधर थे और देश के विकास के लिए उसका उपयोग करने के रास्ते तलाशते रहते थे। सुषमा ने कहा कि पिछले वर्ष उनका निधन ऐसे लोगों के लिए गहरा आघात था जो शोध और खोजों के लिए समय देते हैं। आरएसएस कार्यकर्ता बजरंगी लाल गुप्ता और सुदर्शन के छोटे भाई के एस रमेश के साथ सिंघल ने उनके प्रारंभिक जीवन का जिक्र किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि सुदर्शन स्वदेशी मॉडल की संभावना तलाशने पर जोर देते थे और शोध कार्य में लगे लोगों के प्रति उनके मन में गहरा सम्मान था। उन्होंने कहा कि सुदर्शन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान शोध कार्यो के बारे में मुझसे चर्चा किया करते थे।

ईरान परमाणु समझौता पूरी दुनिया को सुरक्षित बनाएगा : ओबामा

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अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि ममता की सरकार ने वर्ष 2011 में खूंखार माओवादी नेता किशनजी को मार गिराया था।

बनर्जी ने कल पश्चिम मिदनापुर जिले के बेलपहाड़ी में एक जनसभा में कहा, किशनजी को ढेर कर ममता बनर्जी सरकार ने साबित कर दिया कि भविष्य में जंगलमहल में अंतिम फैसला जनता करेगी। बेलपहाड़ी कभी माओवादियों के गढ़ रहे जंगलमहल क्षेत्र के बीचोंबीच स्थित है। बनर्जी, जो कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी हैं, ने कहा कि माओवादी नेता किशनजी और अन्य माओवादियों के दिन अब खत्म हो गये हैं और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जंगलमहल क्षेत्र में अंतिम फैसला जनता करे।

उन्होंने कहा, पहले लोग माओवादियों के आतंक के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते थे। समाचार पत्रों में प्राय: हत्याओं की खबरें छपी रहती थीं। आज यहां शांति है। पिछले चार साल में कोई माओवादी नहीं आया है और तब से विकास की ओर ध्यान केन्द्रित किया गया है। यह टिप्पणी मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में किए गए उस दावे के विपरीत है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि किशनजी को ‘पूर्व नियोजित ढंग’ से नहीं मारा गया था।
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