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तीन महानगरों के डिज़ाइनर आएंगे तापसी के साथ​

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तापसी की वेडिंग फैक्ट्री के बारे मे हाल ही में आ रही खबर के अनुसार तापसी अपनी इस फैक्ट्री को हर दिन नयी और खूबसूरत रंगत देती जा रहीं है।तापसी बॉलीवुड को बिलॉग करती है और इसलिए वो हर तरह के ट्रेंड और ट्रेडिशन की बारीकियों को जानती है। इसलिए अब वह वेडिंग्स प्लान करते समय उन्हें बॉलीवुड फील देने में जुट गयीं है।इस सिलसिले में तापसी पहले देश भर में घूमकर कुछ चुनिंदा वेडिंग स्पॉट्स को भी चुन चुकी हैं। अब तापसी इसी क्रम में एक कदम और आगे बढाते हुए डोर टू डोर डिज़ाइनर सर्विस भी देने जा रही है।

दरअसल तापसी पन्नू दिल्ली, कोलकाता और मुम्बई के कुछ डिज़ाइनर्स को अपने साथ लेने की प्लानिंग कर रही हैं जिससे उनके क्लाइंट्स को एक शानदार और भव्य शादी का अनुभव कराया जा सके। सूत्रो का कहना है कि इस बारे में कुछ एक्सपर्ट डिज़ाइनर्स से बात हो चुकी है और उन्होंने तापसी को अपने नए लांच कलेक्शन को दिखाने के लिए आमंत्रित भी किया है।उम्मीद है कि जल्द ही उनके साथ टाई अप हो जायेगा।

विशेष आलेख : क्रिकेट बहाने फिर एक बार...

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हाल ही में तीन युवा क्रिकेटरों को स्पाट फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया गया है लेकिन इससे क्रिकेट के पीछे होने वाले सट्टे को क्लीन चिट नहीं मिल जाती। कुछ ही दिन पहले क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के शीर्ष पदाधिकारियों व आईपीएल की टीमों के प्रायोजकों पर सट्टेबाजी की वजह से कार्रवाई हुई थी। ललित मोदी ने भी कहा है कि क्रिकेट में प्रति वर्ष दस हजार करोड़ रुपए का सट्टा होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि क्रिकेट में होने वाले सट्टे की वजह से ही दाऊद इब्राहीम इतना बड़ा डान बन गया है कि उसकी भारत जैसे शक्तिशाली देश से टकरा जाने की जुर्रत हो गई। भले ही वह कह रहा हो कि 1993 के मुंबई में सीरियल बम विस्फोटों की आतंकवादी वारदातों में उसका हाथ नहीं था लेकिन भारत सरकार की जांच एजेंसियों ने इन बम विस्फोटों के पीछे उसी को सबसे बड़ा मास्टर माइंड माना है और जांच एजेंसियों पर विश्वास न किया जाए इसका कोई कारण नहीं है। फिर क्या वजह है कि जिस क्रिकेट की वजह से हमारी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है जिसकी वजह से हमारी नैतिक व्यवस्था छिन्नभिन्न हो गई है और जिसकी वजह से जुआ जैसी कुरीति समाज में जहर की तरह तीव्रता से फैल रही है। हम उससे पिंड नहीं छुड़ाना चाहते।

यह विडंबना भारत की प्राचीन संस्कृति का ढिंढोरा पीटने वाली और उस संस्कृति को फिर से देश में पुर्नप्रतिष्ठापित करने वाली पार्टी की सरकार के कार्यकाल में भी तमाम उन नीतियों के बारे में फिर से विचार न होने के कारण गहरा जाती है जो हमारे लिए भीषण रूप से अनर्र्थकारी साबित हो रही हैं। आज ग्रीस से लेकर चीन और आस्ट्रेलिया तक में जो आर्थिक झंझावात आया है और उसके पहले साइप्रस में जो वित्तीय संकट पैदा हुआ था उन सबके पीछे यह बात सामने आई है कि व्यापार को बढ़ाने के नाम पर नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को रुकावट मानकर पूरी तरह तिलांजलि देना मानव समाज के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। कोई देश कितना भी बड़ा क्यों न हो लेकिन व्यापार के नाम पर अराजक तांडव को अपनाकर वह ऐसे भंवर में फंस गया है जिसमें उसकी आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था में कोई अस्थिरता नहीं रही है। दूसरी ओर जिन देशों ने सभ्यता के उत्कर्ष के कई पायदान मूल्यों पर आधारित समाज को समृद्ध करते हुए तय किए हैं वे मानसिक गुलामी के अधीन होकर फैशन व तरक्की याफ्ता कहलाने की लोलुपता में इनकी अनर्थकारी योजनाओं को सिर माथे लेने की तत्परता दिखा रहे हैं। उनके सामने एक बड़ा प्रश्नचिह्नï पैदा हो रहा है। आखिर भारत जैसे देश में सत्ता परिवर्तन के बाद कम से कम इस मामले में तो व्यापक परिवर्तन होना ही चाहिए था।

दुनिया के साथ चलने के नाम पर पश्चिम की तमाम बुराइयों का अंधे होकर अनुकरण करना इस समय तो जरूरी नहीं होना चाहिए। आप अपनी संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं और पश्चिम की विकृतियों के अंधड़ से खुद को बचाना चाहते हैं यह बात साबित कैसे हो। इसके लिए तो प्रतिरोध का प्रदर्शन अनिवार्य रूप से करना ही होगा। इस प्रदर्शन की शुरूआत क्रिकेट जैसे बेईमानी के खेल को नमस्ते कहकर की जा सकती है। इसके बाद सामाजिक मान्यताओं से लेकर व्यापार तक में हमें अपनी परंपरागत प्रतिबद्धताओं के अनुरूप मानक गढऩे और उन पर खुद चलने के साथ-साथ दुनिया को चलाने का संकल्प चरितार्थ करके दिखाना होगा। हम जैसे लोग चाहते हैं कि क्रिकेट और अंग्रेजी भाषा के सम्मोहन जैसी भारतीय समाज की मानसिक दुर्बलताओं को लगातार कोंचें ताकि ऐसी स्थिति पैदा हो कि अपने हित अनहित के तराजू से दुनिया के चलने को तौलने की सलाहियत इस समाज में पैदा हो सके और जो चीज हमारे समाज के लिए फायदेमंद नहीं है उसे झटक देने की जुर्रत इस समाज में आ सके।



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के  पी  सिंह
ओरई 

मध्य प्रदेश में डायरिया से हर वर्ष 28 हजार बच्चों की मौत

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मध्य प्रदेश में डायरिया जैसी बीमारियों से हर वर्ष 28 हजार बच्चों की मौत होती है। यह जानकारी सोमवार को इंदौर में आयोजित एक मीडिया कार्यशाला में दी गई। इस कार्यशाला में मौजूद विशेषज्ञों का अभिमत था कि मौतों के इस आंकड़े को आगामी वर्षो में आमजन में जागृति लाकर नियंत्रित किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया गया कि समाज में व्याप्त भ्रांतियों और गलत धारणाओं के कारण राज्य में हर साल पांच वर्ष की आयु तक के 28 हजार बच्चे डायरिया जैसी बीमारियों के चलते मौत का शिकार बन जाते हैं। 

राज्य में 27 जुलाई से आठ अगस्त तक चलने वाले डायरिया नियंत्रण पखवाड़े की शुरुआत के मौके पर हुई इस कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक फेज अहमद किदवई ने कहा कि आम तौर पर डायरिया को सामान्य बीमारी मान लिया जाता है, मगर समय पर ध्यान न देने से वह जान लेवा बन जाती है। इन मौतों को साधारण उपायों से रोका जा सकता है। जागृति लाने के लिए यह पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

इस मौके पर यूनिसेफ की स्वास्थ्य विशेषज्ञ वंदना भाटिया ने बताया कि बच्चों को साफ पानी पिलाने, ओआरएस घोल देने और जिंक की गोली देने जैसे सामान्य उपाय से बच्चों का स्वस्थ्य रखा जा सकता है। इतना ही नहीं, दस्त लगने पर खाना पीना देना बंद करना और स्तनपान न कराना नुकसानदायक होता है। 

यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कहा कि समाज में जागरूकता लाना जरूरी है, तभी बच्चों की असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. शरद पंडित ने तैयारियों का ब्योरा दिया। 

कलाम का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया

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पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर मंगलवार को नई दिल्ली लाया गया। वायु सेना का विशेष विमान उनका शव लेकर पालम स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा। कलाम के आवास 10-राजाजी मार्ग पर लोग अपराह्न् चार बजे से लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे पाएंगे। हालांकि पहले इस तरह की सूचना थी कि उन्हें अपराह्न् तीन बजे से श्रद्धांजलि दी जा सकेगी।

इससे पहले रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने बताया, "कलाम का पार्थिव शरीर यहां से एक विशेष बग्घी में उनके आवास पर ले जाया जाएगा।"सितांशु कर ने ट्वीट कर बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की अंत्येष्टि तमिलनाडु स्थित उनके पैतृक गांव में होगी। उन्होंने लिखा, "पूर्व राष्ट्रपति की अंत्येष्टि तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित उनके पैतृक गांव में होगी।"

पूर्व राष्ट्रपति कलाम का सोमवार देर शाम 7.45 बजे एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह शिलांग स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों को 'लिवबल प्लैनट'विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और वह गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें बेतानी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

परिजन रामेश्वरम में चाहते हैं कलाम की अंत्येष्टि

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पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम की अंत्येष्टि संभवत: उनके पैतृक गांव रामेश्वर में होगी, जैसी कि उनके परिजनों की इच्छा है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कलाम के परिजन चाहते हैं कि उनकी अंत्येष्टि उनके पैतृक गांव में ही हो। कलाम के एक करीबी रिश्तेदार ए.पी.जे.एम.के. शेख सलीम ने बताया, "बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और आम लोग रामेश्वरम स्थित कलाम के घर में एकत्रित हुए हैं।" सलीम पूर्व राष्ट्रपति के भाई ए.पी.जे.एम. मरैकयर के बेटे हैं।

अधिकारी ने मंगलवार को बताया, "केंद्र सरकार सामान्यत: इस तरह के मामलों में परिजनों की इच्छाओं पर सकारात्मक विचार करेगी। सरकार ने हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर किस तारीख को रामेश्वरम पहुंचेगा।"रामेश्वरम चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर है और रामेश्वरम जिले के अंतर्गत आता है। 'मिसाइल मैन'कलाम का जन्म रामेश्वर में हुआ था और बचपन बेहद गरीबी में बीता था।

अधिकारी के अनुसार, यह सामान्य बात है कि केंद्र सरकार अंत्येष्टि के संबंध में परिजनों की इच्छा का ख्याल रखती है। सलीम ने कहा कि कलाम के परिजन उनकी अंत्येष्टि के लिए संभावित जगह पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति कलाम का निधन सोमवार शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में हुआ। सलीम ने कहा, "कलाम सभी के लिए अच्छे शिक्षक थे। उन्होंने मानवीय और पारिवारिक मूल्य सिखाए। मैंने उनकी कुछ परियोजनाओं में पांच वर्षो तक काम किया।"उन्होंने बताया कि कलाम के रामेश्वरम स्थित आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।

याकूब की याचिका पर न्यायाधीशों में मतभेद

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मृत्युदंड का सामना कर रहे याकूब मेमन की याचिका पर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच मतभेद देखने को मिला। याकूब को वर्ष 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के लिए दोषी ठहराया गया है और उसे 30 जुलाई को मृत्युदंड दिया जाना है। याकूब ने याचिका में अपने मृत्युदंड को चुनौती दी है और सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश से मामले की सुनवाई के लिए एक अलग उचित पीठ बनाने का अनुरोध किया है। याकूब की याचिका पर यह मतभेद न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के बीच उभरकर सामने आया।

न्यायमूर्ति दवे ने वर्ष 1993 से लेकर 21 जुलाई, 2015 को याकूब द्वारा सुधारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका दायर किए जाने तक की न्यायिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए याकूब की ताजातरीन याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति कुरियन ने याकूब की सुधारात्मक याचिका खारिज करने वाली पीठ की संरचना को लेकर ही खामी का जिक्र किया और टाडा अदालत द्वारा मेमन को फांसी देने के लिए 30 अप्रैल को जारी मृत्यु वारंट को अमल में लाने पर रोक लगा दी। याकूब को 30 जुलाई को नागपुर में फांसी दी जानी है।

न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा कि मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के अनुरूप गठित पीठ के समक्ष नए सिरे से होनी चाहिए। न्यायाधीशों ने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के पास भेज दिया।

कलाम के सम्मान में लोकसभा 2 दिनों तक स्थगित

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पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के सम्मान में मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई। कलाम का सोमवार को मेघालय में निधन हो गया था। लोकसभा की बैठक मंगलवार सुबह जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कलाम के नाम शोक संदेश पढ़ा। उन्होंने कहा कि कलाम देश के असली रत्न थे और एक मेधावी राजनेता थे।

इसके बाद सदन में उपस्थित सभी सदस्यों ने खड़े होकर कलाम के सम्मान में कुछ क्षण मौन रखा और अध्यक्ष ने दो दिनों के लिए सदन स्थगित करने की घोषणा की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा भी सदन में मौजूद थे।

'कलाम की अंत्येष्टि रामेश्वरम में होगी'

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पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अंत्येष्टि उनके परिजनों की इच्छा अनुसार तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम में उनके गृहनगर में होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने मंगलवार को घोषणा की, "अंत्येष्टि रामेश्वरम में होगी।" 'मिसाइल मैन'के नाम से मशहूर कलाम का सोमवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में निधन हो गया। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग में एक व्याख्यान देते समय अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह वायुसेना के विशेष विमान से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लाया गया।

तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कलाम की अंत्येष्टि उनके गृहनगर में होने की पुष्टि की। कलाम के भाई के पोते ए.पी.जे.ए.के. शेख सलीम ने बताया, "बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और आम लोग रामेश्वरम स्थित कलाम के घर पर एकत्रित हुए हैं।" रामेश्वरम चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर है और यह रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत आता है। कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और बचपन बेहद गरीबी में बीता था।

रामेश्वरम के एक अधिकारी के अनुसार, प्रशासन अंत्येष्टि के लिए जरूरी इंतजाम कर रहा है, क्योंकि कलाम को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हजारों लोगों के जुटने की संभावना है। परिजन उनकी अंत्येष्टि के लिए संभावित जगह पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। सलीम ने कहा कि कलाम का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर तक रामेश्वरम पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा, "लोग शाम तक उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दे पाएंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया जाएगा। हमारी उन्हें गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक करने की योजना है।"

शरीफ ने कलाम के निधन पर शोक जताया

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मंगलवार को जारी मीडिया रपट से यह जानकारी प्राप्त हुई। 'रेडियो पाकिस्तान'के मुताबिक, शरीफ ने कलाम की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कलाम को अपने देश के लिए किए गए सराहनीय कार्यो के लिए याद किया जाएगा। कलाम को सोमवार को शिलांग में दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया।

बिहार में कलाम के नाम पर होगा किशनगंज कृषि महाविद्यालय का नाम

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बिहार के किशनगंज कृषि महाविद्यालय का नाम अब डॉ़ कलाम कृषि महाविद्यालय होगा। इसकी घोषणा मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। कलाम के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली रवाना होने से पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, "पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्घांजलि के तौर पर सरकार का एक छोटा-सा प्रयास है कि किशनगंज कृषि महाविद्यालय का नाम डॉ़ कलाम कृषि महाविद्यालय किया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "मेरे अनुरोध पर वे कई बार बिहार आकर हमें मार्गदर्शन देते रहे। नालंदा विश्वविद्यालय को वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।"उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मंगलवार को किशनगंज कृषि महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन के प्रथम चरण का उद्घाटन करने वाले थे। परंतु कलाम के निधन के बाद उन्होंने यह कार्यक्रम रद्द कर दिया। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (28 जुलाई)

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आदिवासी बहुल ग्राम भिलाई के राहुल कांजले के प्रयोग को अपनायेगा देश
  • राखी पर बहन को शौचालय का उपहार देने के प्रयास पर मिली सराहना   

sehore news
जनपद पंचायत नसरूल्लागंज की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत भिलाई के राहुल कांजले ने घर में शौचालय का निर्माण न होने से स्वास्थ्य एवं सामाजिक कठिनाईयो को देख कर  अपने घर मे शौचालय बनाने का प्रयास शुरू कर दिया। उसने ठान लिया कि आने वाले रक्षाबंधन पर वह श्रम करके शौचालय का निर्माण कर बहन योगेश्वरी को उपहार के रूप मे देगा एवं खुले मे शौच की प्रथा से अपने परिवार को मुक्ति दिलायेगा। जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन विकास बाघाडे ने बताया की राहुल के निश्चय के बारे मे जब प्रशासन को पता चला तो उसे शौचालय निर्माण के लिए प्रयोग मे आने वाली आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी गई जिससे राहुल और उसकी बहन ने मिलकर आपसी श्रमदान से शौचालय का निर्माण किया गया। 4 जुलाई 2015 को लिये गये संकल्प को राहुल ने कुछ ही सप्ताह मे पूर्ण किया और जब राज्य स्तर पर राहुल के प्रयास की  चर्चा हुई तो हरदा जिले मे इसे बडे स्तर पर भाईयो के माध्यम से घरेलू शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन के रूप मे अपनाया गया जिससे हरदा जिले को अभूत पूर्व सफलता मिली और 26 जुलाई 2015 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम मे हरदा जिले के प्रयास को सराहा। मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदिवासी बाहुल्य ग्राम भिलाई के इस भाई को सम्मानित करने तथा सीहोर जिले के लिए स्वच्छता ब्राण्ड एम्बेस्डर बनाने पर विचार कर रही है। जिसने देश को स्वच्छता के प्रयास मे बढावा देने के लिए एक अनुपम विचार दिया। राहुल ने बताया की बहन को रक्षाबंधन उपहार के रूप में स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सम्मान की इकाई शौचालय भी दी जा सकती है।  

संकट की इस घडी में सरकार आपके साथ है . मुख्यमंत्री श्री चैहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान आज सीहोर जिले  के बाढ प्रभावित षहर नसरूल्लांगज पहुंचे जहां उन्होने जे.पी.मार्केट मोमिन मोहल्ला बजंरग कुटी एंव वृद्वावन कालौनी के रहवासियों से उनके ही क्षेत्र में पहुंचकर बाढ में हुई क्षति की जानकारी प्राप्त कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि संकट की इस घडी में सरकार आपके साथ है। मुख्यंमत्री श्री चैहान बाढ में बहे 13 वर्षीय बालक रेहान तथा सडक दुर्घटना में मृतक षानुखान के निवास पर पहुंचे जहां उन्होने परिजनों से षोक संवेदना व्यक्त कर सांत्वना प्रदान की। 

राहत राषि में वृद्वि
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने राहत राषि में वृद्वि करते हुए प्रकृति आपदा में मृतक के परिजनों को राहत राषि डेढ लाख रूप्ये से बढाकर चार  लाख रूपये की गई है साथ ही पूर्णत क्षति ग्रस्त हुए कच्चे अथवा पक्के मकान हेतु 95 हजार रूपए की राहत राषि प्रदान की जाएगी

कोई भी पीडित व्यक्ति छूटे ना
मुख्यंमत्री ने इस आपदा की घडी में कलेक्टर द्वारा की गई त्वरित कार्यवाहियों की सराहना रखते हुए कहा कि एक बार और सघन सर्वे किया जाए ताकि कोई भी बाढ पीडित राहत से न छूटे । मुख्यमंत्री बुदनी के पास ग्राम होलीपुरा भी पहुंचे जहां उन्होने गत दिवस दिवंगत मौनी बाबा को श्रृद्वासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर प्रदेष के राजस्व एंव पुनर्वास तथा जिले के प्रभारी मंत्री रामपालसिह,ं मार्कफेड के अध्यक्ष रमाकांत भार्गव, म.प्र. वेयर के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिहं राजपूत, वन विभाग के पूर्व अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद षमार्, जिला भाजपा अध्यक्ष रघुनाथ सिहं भाटी, नगर परिषद अध्यक्ष अनीता लखेरा, रवि मालवीय, लखन यादव, आजाद सिहं राजपूत सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण, कलेक्टर डां.सुदाम खाडे, एसपी श्री मनीष कपूरिया तथा अन्य षासकीय सेवक तथा बडी संख्या में स्थानीयजन उपस्थित थे।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (28 जुलाई)

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राज्यपाल व मुख्यमंत्री सहित समूचे प्रदेश ने डाॅ. कलाम के निधन पर किया दुःख व्यक्त 

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देहरादून, 28 जुलाई (निस) । उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं का देश के विकास में बेहतर उपयोग हो इसके लिए वे प्रयासरत रहते थे, ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय सुविधाओं के विकास के लिए उन्होंने योजना का वीजन दिया था। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने कहा कि भारत रत्न डाॅ. कलाम ने देश को रक्षा के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करने के साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता।उन्होंने कहा कि जब वे मेघालय के राज्यपाल थे उस दौरान डाॅ0 कलाम दो बार शिलांग आये थे। अप्रैल, 2015 में  देहरादून प्रवास के दौरान भी राजभवन में ठहरे थे। डाॅ0 कलाम ने अपने आटोग्राफ सहित कई पुस्तकें उन्हें भेंट की थी। डाॅ0 कलाम वास्तव में सिम्पल मैन विद ग्रट सोल थे। उन्होंने कहा कि वे हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्पद बने रहेंगे। उनके निधन से हमने एक महान व्यक्ति को खोया है। वहीं ंआप पार्टी ने मिसाइल मैन व देश के राष्ट्रपति के रूप में मशहूर दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर मंगलवार को आप पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने कार्यालय मेंे श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है। आप कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व राष्ट्रपति स्व. अबुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर आप पार्टी के वक्ताओं ने स्व. कलाम के निधन को देश की अपूर्णीय क्षति बताया। पार्टी कार्यकर्ताेओं द्वारा यह सकंल्प लिया गया कि आप पार्टी उनके अधूरे सपनों को पूरा करेगी। इस मौके पर रणवीर चैधरी, समीर मुंडेपी, सुनीता सिंह, कमल देवरानी, पी.सी.थपलियाल सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। देश के पूर्व राष्ट्रपति तथा विश्व के महान वैज्ञानिक डा0 एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर वित्त मंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में डा0 हृदयेश ने कहा है कि स्वर्गीय कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि वे एक महान वैज्ञानिक थे। उनके अनुसंधान एवं अन्वेषण को हमेशा देश याद रखेगा। उनके निधन से जो अपूर्णनीय क्षति हुई है, उसकी निकट भविष्य में भरपाई सम्भव नहीं है। डा0 कलाम वैज्ञानिक के साथ ही एक उच्च कोटि के शिक्षक होने के साथ ही कवि एवं लेखक भी थे। बच्चों से उन्हें विशेष स्नेह था। उनके इस आकस्मिक निधन पर हम सभी शोक संतृप्त हैं तथा स्वर्गीय कलाम को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें। स्वर्गीय डा0 कलाम के निधन पर श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, राजस्व मंत्री यशपाल आर्य,संसदीय सचिव एवं विधायक सरिता आर्या, अध्यक्ष जिला पंचायत सुमित्रा प्रसाद, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयाग दत्त भटट, सदस्य मलिन बस्ती सुधार खजान पाण्डे, अध्यक्ष मण्डी सुमित हृदयेश, उपाध्यक्ष जलागम दिनेश कुंजवाल, उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक जन कल्याण समिति तारादत्त पाण्डे, उपाध्यक्ष महिला आयोग अमिता लोहनी, ब्लाक प्रमुख भोला दत्त भटट, सतीश नैनवाल, मेयर जोगेन्द्र पाल सिह रौतेला ने भी शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की।

कांग्रेस के घोषणापत्र पर 52 प्रतिशत घोषणाओं पर ही अमल हुआ अब तक
  •  -घोषणा पत्र क्रियान्यवन समिति की बैठक में हुआ मंथन

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देहरादून, 28 जुलाई (निस) । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र के क्रियान्वयन को लेकर घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में और मुख्यमंत्रीहरीश रावत की उपस्थिति में आयोजित की गई। बैठक में पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र-2012 में उल्लिखित एक-एक बिन्दु पर विस्तार से चर्चा की गई तथा घोषणा पत्र के अनुरूप सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी दी गई। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित घोषणा पत्र मंें उल्लिखित वादों पर अब तक की गई कार्रवाई से बैठक को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक पार्टी घोषणा पत्र-2012 में उल्लिखित 52 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं पर अमल किया जा चुका है तथा अन्य पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पार्टी घोषणा पत्र में किये गये वादों पर शतप्रतिशत कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस घोषणा पत्र के अनुरूप महिला, दलित, अल्पसंख्यक, गरीब, सिसान, पूर्व सैनिक सभी के कल्याण के लिए कार्य किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस घोषणा पत्र में विकास के केन्द्र बिन्दु में उत्तराखण्ड राज्य के अंतिम छोर पर बसे व्यक्ति को रखा गया है, उस अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाई जायेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बैठक में उपस्थित होने के लिए मुख्यमंत्री एवं सभी मंत्रियों व संसदीय सचिवों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कांग्रेस संगठन ने अपने घोषणा पत्र में जनता से जो वादे किये थे हमारी सरकार उन वादों को पूरा करेगी। 

महिला आयोग नही कर रहा पीडि़ता की सुनवाई

देहरादून, 28 जुलाई (निस) । एक पुलिस अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीडि़त युवती पिछले पांच दिनों से महिला आयोग के कार्यालय में धरने पर बैठी हुई है लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। युवती द्वारा अपने मामले की पुनः जांच और आयोग के सचिव की बर्खास्तगी की मांग की जा रही है। हल्द्वानी निवासी युवती ने वहां के तत्कालीन पुलिस अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी जिस पर शिकायत के बाद उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीडि़ता का कहना है कि अब तक आयोग में उसे एक बार भी नहीं बुलाया गया और उसके बयान लिये बिनाही रिपोर्ट तैयार कर दी। यदि वह इस मामले में कार्यवाही की जानकारी लेने के लिए आरटीआई लगायी तो उसे पता चला कि आयोग ने एक पक्षीय कार्यवाही कर रिपोर्ट फाइनल कर दी है। जिस पर वह आयोग के कार्यालय पहंुच गयी। पीडि़ता का कहना है कि जब उसने आयोग की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से वार्ता की तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जतायी और सचिव से बात करने को कहा। युवती का आरोप है कि जब उसने सचिव से बात की तो उन्होंने उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और वहां सेजाने को कहा लेकिन पीडि़ता ने वहां पर हंगामा खड़ा कर दिया और वहीं धरना दे कर बैठ गयी। मंगलवार को पीडि़ता के धरने को पांच दिन हो गये हैं लेकिन कोई भी उसकी सुध नहीं ले रहा है। युवती का आरोप है कि महिला आयोग ने दबाव में आ कर एक पक्षीय कार्यवाही की है। युवती का कहना है कि उसके प्रकरण की फाईल पुनः खुलवा कर जांच की जाये और सचिव को बर्खास्त किया जाये।

काली फीते बांधकर विरोध जताया

देहरादून, 28 जुलाई (निस) । उत्तराखण्ड सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने अपनी लम्बित मांगों को लेकर अपने आंदोलन के तहत काली फीते बांध कर कार्य किया जा रहा है। संघ के बैनर तले लम्बित मांगों पर दूसरे चरण के आंदोलन के तहत समीक्षा अधिकारियों द्वारा काले फीते बांध कर विरोध दर्ज कराते हुए कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि अगस्त 2014 में संघ की मांगों पर उच्च स्तरीय बैठक में हुए समझौते में सैद्धांतिक सहमति दी चुकी ह,ै लेकिन इस पर अपेक्षित क्रियान्वयन नहीं हुआ है। जिस कारण अब संघ ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन के पहले चरण में संघ के सदस्यों व पदाधिकारियों ने अधिकारियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। दूसरे चरण में 27 जुलाई से 01 अगस्त तक समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी तथा कम्प्यूटर सहायक मुख्यमंत्री के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए काली फीती बांध कर विरोध दर्ज कराने हुए कार्य किया जा रहा है। इसके बाद सात अगस्त को सभी समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी तथा कम्प्यूटर सहायक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।

रूद्रपुर सिडकुल जमीन का घोटाला आबकारी से भी बड़ा घोटालाः महाराज
  • -सतपाल महाराज ने राज्यपाल से भेंट कर की घोटाले की सीबीआई जांच की मांग

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देहरादून, 28 जुलाई (निस) । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सदस्य भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने आज राज्यपाल से भेंट कर उनसे सिडकुल घोटाले की जांच की मांग की। उन्होंने बताया कि यह घोटाला आबकारी से भी बड़ा है, इसमें 280 करोड़ से भी ज्यादा बड़े का घोटाला हुआ है। रूद्रपुर सिडकुल घोटाले में सिडकुल के लिए जमीन पन्तनगर विश्वविद्यालय से ली गई और इसे टाटा व उसकी 72 सहायक कंपनियों को 125 रूपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से दिया गया। 975.44 एकड़ भूमि मात्र 125 रूपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से दे दी गई जिसमें स्टाम्प ड्यूटी की भी चोरी की गई। रूद्रपुर सिडकुल के लिए प्रस्ताव तो 2006 से ही तैयार हो रहे थे परन्तु 2013 में भी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सिडकुल स्थापना की घोषणा की तब भी जमीन 125 रूपये प्रति वर्गमीटर के भाव टाटा और उसकी सहायक कंपनियों को अधिकार नहीं होने के बावजूद जमीन दे दी गई। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है और जिसकी सी.बी.आई. जांच आवश्यक है। उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि वह स्वयं संज्ञान लेते हुए इसकी सी.बी.आई. जांच करवाएं। महाराज ने कहा कि राज्यपाल से चीनी घोटाले व आपदा राहत घोटाले की सी.बी.आई. जांच की मांग की और अनुरोध किया है कि वह मुख्यमंत्री हरीश रावत, सचिव मौ0 शाहिद, उनके सलाहकार रणजीत रावत व हरपाल सिंह रावत के मोबाइल डिटेल सुरक्षित रखे और इनकी जांच करें की कौन-कौन से बड़े नेता दोषी हैं जिनको रूपया जाता था यह फोन की काॅल डिटेल से साबित हो जायेगा। सतपाल महाराज ने मिसाइल मैन एवं पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए.पी.जे. अबुल कलाम के देहांत पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा वह सच्चे राष्ट्र भक्त एवं विकास की सोच वाले महान व्यक्तित्व थे, उनके निधन पर पूरा देश शोक संतप्त है। महाराज ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब वह रक्षा समिति के अध्यक्ष थे तब यह सवाल आया कि हमारी सारी मिसाइलों के नाम अग्नि, त्रिशूल और आकाश हैं, इस पर कलाम ने कहा था कि जो जमीन, आसमान व जल तीनों में ही संचालित हो सकती है वो त्रिशूल है, जो आग बरसाये वो अग्नि तथा जो आकाश में मार करे वो आकाश है। उन्होंने ही जय जवान, जय किसान व जय विज्ञान का नारा देश को दिया था।

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन पर कांग्रेस ने पारित किया शोक प्रस्ताव

देहरादून, 28 जुलाई (निस) । कांग्रेस भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डा. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई व शोक प्रस्ताव पारित किया गया। श्रद्धांजलि सभा में सीएम हरीश रावत, पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय समेत तमाम कांग्रेस नेता शामिल हुए। भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के आकस्मिक निधन पर शोक प्रकट करते हुए शोक प्रस्ताव पारित किया गया कि आज भारत ने एक महान नागरिक तथा विश्व के एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है। वे महान वैज्ञानिक एवं मानवतावादी थे। 30 वर्ष की उम्र में उनकी योग्यता को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी ने उन्हें वायुयान एवं मिसाइल तकनीक का निदेशक नियुक्त कर उनकी योग्यता को सम्मान देने का कार्य किया था। वे उस समय सबसे कम उम्र के इस तरह के प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रम के देश के प्रथम नवयुवक थे, वे गीता एवं कुरान के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान थे। हम उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, मुख्यमंत्री हरीश रावत, काबिना मंत्री प्रीतम सिंह, डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश, दिनेश अग्रवाल, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह नेगी, विधायक राजकुमार, उमेश शर्मा, सरिता आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, अनिल गुप्ता, सुरेन्द्र ंिसह रांगड़, दीप बोहरा, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष रामंिसह सैनी, सदस्य सचिव याकूब सिद्धिकी, सदस्य सुन्दरलाल मुयाल, अमरजीत सिंह, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, विशाल मौर्य आदि पदाधिकारियों ने कलाम के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

गुलदार को किया गोशाला में बंद

उत्तरकाशी, 28 जुलाई (निस) । कुत्ते के पीछे दौड़ते हुए घर तक पहुंचे एक गुलदार को महिला ने गोशाला में बंद कर दिया। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। अभी गुलदार को बेहोश करने के लिए ट्रेंकुलाईज टीम का इंतजार किया जा रहा है। डुंडा ब्लाक के जिनेथ गांव में गत रात करीब दस बजे संजय अवस्थी के कुत्ते के पीछे एक गुलदार पड़ा। इस पर कुत्ता जान बचाने को गोशाला में घुस गया। इस गोशाला में मवेशी नहीं थे। तभी संजय की मां कुंती देवी ने गुलदार को भी कुत्ते के पीछे गोशाला में घुसते देखा तो उसने बाहर के कुंडा लगा दिया। गोशाला में गुलदार को बंद करने की सूचना पर उत्तरकाशी वन प्रभाग की धरासू रेंज के कर्मी दोपहर मौके पर पहुंचे। इस कर्मचारियों के पास गुलदार को बेहोश करने के लिए ट्रेंकुलाईज गन तक नहीं है। ऐसे में अब गुलदार को बेहोश करने वाली टीम का इंतजार किया जा रहा है। जेनेथ गांव उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 47 किलोमीटर दूर है। ऐसे में देर रात तक वहां टीम पहुचने की संभावना है। 

ट्रक खाई में गिरा एक की मौत,एक घायल

नई टिहरी, 28 जुलाई (निस) । ऋषिकेश- गंगोत्री हाईवे पर ताछला के पास ट्रक के खाई में गिरने से क्लीनर की मौत हो गई, जबकि चालक बुरी तरह घायल हो गया। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को खाई से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घायल को उपचार के लिए नरेंद्रनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया है। मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश से उत्तरकाशी की तरफ ईंट और सरिया लेकर जा रहा ट्रक संख्या यूके श७-सीसी-0532 सुबह करीब छह बजे ताछला के पास खाई में जा गिरा। इस दौरान ट्रक में सवार क्लीनर दीपक (19 वर्ष) निवासी उत्तरकाशी की ट्रक के नीचे दबकर मौत हो गई। दुर्घटना में ट्रक चालक कुशल पाल सिंह (40 वर्ष) निवासी उत्तरकाशी बुरी तरह घायल हो गया। स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद मौके पर पहंुची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से राहत बचाव कर मृतक और घायल को खाई से बाहर निकाला।  कुशलपाल सिंह को सुमन अस्पताल नरेंद्रनगर में भर्ती कराया गया है। नरेंद्रनगर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने बताया कि हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया। 

सेब ग्रेट के सेब का पूरा लाभ नही

उत्तरकाशी, 28 जुलाई (निस) । सेब के काश्तकारों को सी ग्रेड के सेब का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण बिचैलिए किसानों से औने-पौने दामों में सेब खरीद रहे। उधर उद्यान अधिकारी ने कहा कि सरकार ने सी ग्रेड के सेब का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है तथा सेब को खरीदने के लिए जल्द ही उद्यान विभाग मोबाइल केंद्र खोलेगा। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में सेब उत्पादन के लिए खास स्थान है। यहां तीन श्रेणी के सेब की पैदावार होती है। ए और बी श्रेणी के सेब की तुड़वाई 15 अगस्त के बाद शुरू होती है, लेकिन सी ग्रेड के सेब की तुड़वाई 15 जुलाई से शुरू हो जाती है। बाजार में इस समय सी ग्रेड का सेब 50 से 70 रुपये किलो के बीच बिक रहा है, लेकिन किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। बिचैलिए काश्तकारों से पांच-छह रुपये प्रति किलो हिसाब से सेब खरीद रहे हैं। सेब उत्पादक जय भगवान सिंह ने बताया कि इसी समय बाजार में केवल सी ग्रेड का सेब है। जो 50 से 70 रुपये के बीच बिक रहा है, लेकिन ठेकेदार सेब खरीद रहे हैं वे बेहद ही कम दाम में खरीद रहे हैं। 15 अगस्त के बाद ए और बी ग्रेड का सेब बाजार में आ जाएगा। इसके बाद केवल ए व बी ग्रेड के सेब की मांग होगी तथा सी ग्रेड का सेब का कोई खदीददार भी नहीं होगा। वहीं इस मामले में जब उद्यान अधिकारी एनके यादव से बात की गई तो एनके यादव ने बताया कि काश्तकारों की इस परेशानी को देखते हुए जल्द ही उद्यान विभाग मोबाइल केंद्र खोलेगा। काश्तकारों से सी ग्रेड का सेब सात रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा।

चार मोटर मार्गो के निर्माण को हरी झंडी

गोपेश्वर, 28 जुलाई (निस) । कर्णप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत वर्षाे से लंबित चार मोटर मार्गाे के निर्माण को शासन ने हरी झंडी दी है। सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद अब इन मोटर मार्गाे के आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है। इन मोटर मार्गाे के निर्माण से कर्णप्रयाग विधानसभा के कई गांवों को यातायात सुविधा का लाभ मिलेगा। शासन से कर्णप्रयाग विधानसभा के गैरसैंण विकासखंड के बाटाधार देवस्थान रोहिड़ा मोटर मार्ग पर चार किमी सड़क निर्माण के लिए 61.60 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है।  बगोली जैंटाकोटी ग्वालखेत पैखेली बेनीताल मोटर मार्ग के 10 किमी निर्माण के लिए 94.40 लाख, सिमली बेनीताल जंगलचट्टी मोटर मार्ग पर आठ किमी निर्माण के लिए 59 लाख, भटोली खगेली कंडवालगांव मोटर मार्ग पर पांच किमी निर्माण के लिए 118 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। इसके अलावा उत्तराखंड आंदोलनकारी बाबा मोहन उत्तराखंडी की याद में बेनीताल में उनके नाम से शहीद पार्क निर्माण के लिए भी 13.13 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। साथ ही नगर क्षेत्र गैरसैंण में भूमिगत नाला निर्माण के लिए 123.97 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। गौरतलब है कि इन मोटर मार्गाे के निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय जनता लंबे समय से आंदोलन कर रही थी। कर्णप्रयाग के विधायक डॉ.अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने कहा कि सरकार चमोली जिले के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

लोकभारती से प्रकाशित रंग राची का साहित्य अकादमी में हुआ लोकार्पण

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  • मीराँ स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैः नामवर सिंह
  • ‘रंग राची’ घी का लड्डू हैःविश्वनाथ त्रिपाठी
  • इस उपन्यास में इतिहास के साथ न्याय हुआ हैः सत्यनारायण समदानी

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नई दिल्ली/ मीराँबाई की संघर्ष-यात्रा को केन्द्र में रखकर लिखे गए उपन्यास ‘रंग राची’ का लोकार्पण साहित्य अकादमी सभागार, मंडी हाउस में किया गया। यह उपन्यास लोकभारती प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। इस मौके पर अपने अध्यक्षीय आशीर्वचन में वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह ने कहा कि, ‘हिन्दी में बहुत कवयित्रियां हुई हैं लेकिन जो स्थान मीराँ ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीराँ स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं। इस बेहतरीन उपन्यास के लिए मैं राजकमल प्रकाशन समूह व लेखक सुधाकर अदीब को शुभकामनाएं देता हूं।’

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्वनाथ त्रिपाठी ने इस उपन्यास की प्रशंसा करते हुए कहा कि, “यह बहुत ही पठनीय उपन्यास है। इस उपन्यास की खास बात यह है कि इसमें एक साथ पाठकों को शोध, निबंध, विचार सबका अनुभव होगा। मीराँ की कविता की गहराई को सुधाकर जी ने बहुत ही गहराई से समझा है। इनका उपन्यास घी का लड्डू है और यही इसकी सार्थकता भी है।“ 

मीरायन पत्रिका के संपादक सत्य नारायण समदानी ने मीरा के जीवन के ऐतिहासिक पक्ष को रेखांकित करते हुए मीरा से जुड़ी हुई कई भ्रांतियों को दूर किया। इस उपन्यास को मीरा के जीवन चरित का प्रमाणिक पुस्तक बताते हुए समदानी जी ने कहा कि मीरा मूलतः एक भक्त थीं। सुधारकर अदीब ने इस उपन्यास को लिखते समय इतिहास के साथ के न्याय किया है।

कवयित्री अनामिका ने उपन्यास के पात्रों के बीच के संबंधों के प्रस्तुतिकरण की ओर श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि, ‘एक रुपवति, गुणवति व विलक्षण स्त्री का अपने ससुर, पति, देवर सहित तमाम संबंधों में जीवंतता प्रदान करना मुश्किल काम है। सुधाकर जी ने अपने इस उपन्यास में इस युग के नजरिए से उस युग की बात की है। राष्ट्र निर्माण की भूमिका में स्त्रियों के योगदान को इस उपन्यास में सही तरीके से प्रस्तुत किया गया है। तथ्यों का संयोजन बेहतरीन है।’

प्रसिद्ध कथाकार चन्द्रकांता ने इस उपन्यास पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, रंग राची मीराबाई के जीवन का बहुआयामी दस्तावेज़ है। यह नियति से निर्वाण की कथा है। यहाँ मीरा की जन्मभूमि राजस्थान के रजवाड़ों की शौर्य गाथाएँ भी हैं और सत्ता के लिए रचे गए षड्यंत्र भी। सोलहवीं शती के मेवाड़ के जीवन्त इतिहास के केन्द्र में है कृष्ण प्रेम की दीवानी स्वतंत्र चेता, स्वाभिमानी रूढि भंजक अन्याय का प्रतिरोध करती, सर्वहित कामी स्त्री, जो पारिवारिक-सामाजिक प्रताड़ना सहती भी अपने कर्म-पथ से विचलित नही हुई। लेखक, मीरा की आन्तरिकता की हलचलों और द्वंद्वों को संवेदी स्वर दे कर पाठक के मन में संवेदना का उत्खनन करने में सफल हुआ है। वास्तविक चरित्रों, घटनाओं, उपकथाओं में सोलहवीं सदी का मेवाड़ जीवित हो उठा है और शोषक व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष करती मीराबांई आज की संघर्षचेता स्त्री के साथ खड़ी नज़र आती हैं!

मीरा के जीवन संघर्ष पर रौशनी डालते हुए ‘रंग राची’ के लेखक सुधाकर अदीब ने कहा कि, ‘मीराँ ने स्त्रियों के संघर्ष के लिए जो सिद्धांत निर्मित किये उन पर सबसे पहले वे ही चलीं। कृष्ण नाम संकीर्तन के सहारे मीराँ ने भारत के दीन-दुखियारे समाज को उसी तरह एक सूत्र में पिरोने का काम किया जैसा कि उस भक्ति आंदोलन के युग में दूसरे सन्त करते आये थे। जो कार्य दक्षिण भारत में रामानुज कर चुके थे और जो कार्य रामानन्द ने उत्तर भारत में किया। जो कार्य कबीर, रैदास, चैतन्य और नरसिंह मेहता सरीखे अनेक संत एवं कविगण अपने-अपने तरीकों से करते आये थे, वही कार्य संत मीराँ ने अपने तरीके से किया। दूसरे भक्त-सन्त जनसमर्थक थे और जनसाधारण में से ही आये थे। अतः सामन्ती व्यवस्था के वैभव और विभेद के प्रति उनके मन अरुचि होना नितांत स्वाभाविक बात थी। जबकि मीराँ तो स्वयं ही सामन्ती व्यवस्था का अंग थीं। यदि चाहतीं तो वह भोग-विलासमय जीवन अपना सकती थीं। पर नहीं। वह बालपन से कृष्णार्पिता थीं। अतः उन्होंने वैभव पथ को त्यागकर साधना पथ को अपनाया। पुरुषप्रधान समाज में एक तथाकथित अबला स्त्री होकर भी उन्होंने उस निर्मम व्यवस्था का सात्विक विरोध किया जो कृष्ण के वास्तविक गोप-समुदाय से उनके मिलन में बाधक थी।’

दरअसल मीराँ का चरित्र स्त्री स्वतंत्रता और मुक्ति का सजीव उदाहरण है। उन्होने जीवनपरयन्त तात्कालिन सामन्ती प्रथा को खुली चुनौती दी। वह अपने अपूर्व धैर्य के साथ उन तमाम कुप्रथाओं का सामना करती रहीं जो स्त्रियों को लौह कपाटों के पीछे ढ़केलने और उसे पत्थर की दीवारों की बन्दिनी बनाकर रखने, पति के अवसान के बाद जीते जी जलाकर सती कर देने, न मानने पर स्त्री का मानसिक और दैहिक शोषण करने की पाशविक प्रवृत्तियों थीं। मीराँ का सत्याग्रह अपने युग का अनूठा एकाकी आंदोलन था जिसकी वही अवधारक थीं, वही जनक थीं और वहीं संचालक। मीराँ ने स्त्रियों के संघर्ष के लिए जो सिद्धांत निर्मित किये उन पर सबसे पहले वे ही चलीं। कार्यक्रम का संचालन अनुज ने किया व धन्यवाद ज्ञापन राजकमल समूह के निदेशक अशोक महेश्वरी ने किया। इस मौके पर साहित्य जगत के सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्तिथ हुए।

मध्य प्रदेश : पुराने अतिथि शिक्षको को ही मिलेगी प्राथमिकता।

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भोपाल - सरकारी स्कूलो में अतिथि शिक्षको की नियुक्ति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 16 जुलाई को आदेश जारी कर दिये है। स्कूल शिक्षा विभाग की अपर सचिव कलावती उइके ने आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया है कि पूर्व में  राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त द्वारा 17 जून 2013 को जारी आदेश और 23 नवंबर 2010 को जारी विभागीय समसंख्यक आदेश के अनुसार आदेश की कंडिका 6(अ) मे विगत सत्र में कार्यरत पुराने अतिथि शिक्षको  को प्रथम वरीयता व प्राथमिकता दिये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। । 

आदेश के अनुसार ही प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी स्तर तक के सरकारी स्कूलो में पुराने अतिथि शिक्षको की नियुक्ति की जाये। अतिथि शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय महामंत्री व प्रवक्ता आशीष जैन ने जानकारी देते हुये वताया कि पूर्व में जारी आदेश के अनुसार विगत सत्र में कार्यरत पुराने अतिथि शिक्षको को प्रथम वरीयता व प्राथमिकता दिये जाने का आग्रह किया है। उन्होने कहा कि प्रदेश भर में प्रधानाध्यापको व संकुल प्राचार्यो के दवारा पुराने अतिथि शिक्षको को नही रखने की जानकारी प्राप्त हुई है। उन प्राचार्यो व प्रधानाध्यापको के खिलाप संगठन आदोलन करेगा।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (28 जुलाई)

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अंतिम दिन 149 अभ्यर्थियों ने नाम नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए

विदिशा नगरपालिका आम निर्वाचन 2015 के लिए नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की आज अंतिम तिथि 28 जुलाई को 149 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र संबंधित सहायक रिटर्निंग आफीसर के समक्ष दाखिल किए है। जिसमें से अध्यक्ष पद हेतु चार ने और पार्षद पद के लिए 145 अभ्यर्थियों के द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए है। सहायक रिटर्निंग आफीसर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए अंतिम दिन रवि प्रकाश ने (इंडियन नेशनल कांग्रेस) से, मुकेश टण्डन ने (भारतीय जनता पार्टी) से तथा निर्दलीय अभ्यर्थी नारायण सिंह और नितिन ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। ज्ञातव्य हो कि अध्यक्ष पद हेतु कुल आठ अभ्यर्थियों के द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए है जिनमें देवचंद कुशवाह (कम्युनिष्ट पार्टी आफ इंडिया), नीतेश राजा यादव (भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रंस), महेन्द्र यादव (इंडियन नेशनल कांग्रेंस) और सुनील कुमार यादव (बसपा) के द्वारा पूर्व में नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए गए है। वार्ड एक से दस तक के सहायक रिटर्निंग आफीसर श्री चन्द्रमोहन मिश्र के समक्ष पार्षद पद हेतु नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए है। तदानुसार वार्ड-एक कमल सिंह और अमृता ने, वार्ड-दो ने ममता कुशवाह, वार्ड-तीन से संदीप, मोहन, महेन्द्र सिंह और रामकृष्ण ने, वार्ड-चार से संगीता, वार्ड-पांच से पानबाई और रामवती ने, वार्ड-छह से अनिल कुमार जैन, कृष्ण कुमार गुप्ता, रविन्द्र कुमार, विनोद कुमार जैन और अविनाश, वार्ड-सात से गजेन्द्र भगोरिया, राजेन्द्र राठौर  और रामबाबू सेन ने, वार्ड-आठ से शांतिबाई, शकुन बाई और सुनीता बाई ने, वार्ड-नौ से अमित कुमार, सुरेश मालवीय और श्रीकांत ने, वार्ड-दस से यतीन्द्र, धर्मेन्द्र कुमार सिंघल, राधेश्याम और अनिल कुमार ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। वार्ड-11 से 20 तक के सहायक रिटर्निंग आफीसर श्री आरपी अहिरवार के समक्ष जिन अभ्यर्थियों ने पार्षद पद हेतु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया है। उनमें वार्ड-11 से सुनील सेन, राजेन्द्र कुमार और अशोक मालवीय, वार्ड-12 से स्वाति और परवीन बी ने, वार्ड-13 से आशा ने, वार्ड-14 से सचिन, गिरजेश, शब्बीर अहमद, रवीन्द्र और अरविन्द साहू ने, वार्ड-15 से अनीता/प्रदीप कुमार, माया यादव, गायत्री शर्मा और अनीता/महेन्द्र कुमार ने, वार्ड-16 से पवन और महेश ने, वार्ड-17 से विनीता, सरला देवी, तबस्सम वानो और शायरा बानो ने, वार्ड-18 से कृष्णाबाई, रानू, रक्षा सक्सेना और शांति ने, वार्ड-19 से राजेश कुमार और दौलत सिंह कुशवाह ने, वार्ड-20 से प्रियंका अहिरवार, मिश्रीबाई, ममता देवी और पिंकी ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। वार्ड-21 से 30 तक के सहायक रिटर्निंग आफीसर श्री मनोज कुमार वर्मा के समक्ष जिन अभ्यर्थियों ने पार्षद पद हेतु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया है। उनमें वार्ड-21 से अरूण, रवि, प्रदीप, सुमित कुमार जैन, महेश, महेन्द्र कुमार और मनीष चैकसे ने, वार्ड-22 से धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, खूबचंद, भागचंद, राधेचरण, रतनबाई और डालचंद ने, वार्ड-23 से वीरेन्द्र कुमार, महेन्द्र कुमार जैन, जमना, संजीव और अवधेश ने, वार्ड-24 से महेन्द्र, धर्मेन्द्र सक्सेना, पंकज, अभिनंदन जोशी और नितिन ने, वार्ड-25 से रजनी ने, वार्ड-26 से ज्योति, इन्दु चन्द्रवंशी, रीना मिश्रा ने, वार्ड-27 से मधु, ज्ञानबाई, शबनम, भावना स्नेहा, सरताज बी और सुरेखा ने, वार्ड-28 से शैलेन्द्र कुमार, सुनील, रूचि, अमित कुमार, दीपक कुमार और अनिल ने, वार्ड-29 से दुर्गाबाई, कृष्णाबाई, रोशनी और सीमा ने, वार्ड-30 से मालती बाई, पिंकी अहिरवार, बृजबाला और बबीता दांगी ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। वार्ड-31 से 39 तक के सहायक रिटर्निंग आफीसर श्री आरडीएस अग्निवंशी के समक्ष जिन अभ्यर्थियों ने पार्षद पद हेतु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया है। उनमें वार्ड-31 से राधाबाई, ललिताबाई, प्रीति गुर्जर ने, वार्ड-32 से महेन्द्र सिंह रघुवंशी, भूरा सिंह, संतोष कुमार, संजीव और कल्याण सिंह ने, वार्ड-33 से श्रीमती अरूणा मांझी, पर्वत सिंह और लीलाबाई ने, वार्ड-34 से ब्रजेश सिंह वर्मा, रामप्रसाद, विनोद, उमाशंकर, प्रियंका ने, वार्ड-35 से बवीता, शीलाबाई, नमिता लोधी, अनिता बाई जोगी, रेखा सेन, बवीता, बृजबाला और राजकुमारी ने, वार्ड-36 से रामप्रकाश कुशवाह, मोहित चैबे, महेन्द्र, राधेलाल कुशवाह, सुनील, रविन्द्र सिंह तोमर और मनोज कुमार जैन ने, वार्ड-37 से कृष्णा देवी, लक्ष्मी देवी और उर्मिला देवी ने, वार्ड-38 से राजेन्द्र ने, वार्ड-39 से बतीबाई ने, नीलम, मालती, गायत्री सेन, सुनीता और उमा बाई ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है।

संवीक्षा आज
प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 29 जुलाई की प्रातः 10.30 बजे से प्रारंभ होगी। अभ्यर्थिता से नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख 31 जुलाई की दोपहर तीन बजे तक का समय नियत किया गया है। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करना और निर्वाचन प्रतीको का आवंटन कार्य 31 जुलाई को ही अभ्यर्थिता से नाम वापसी के ठीक बाद प्रारंभ होगा। मतदान 12 अगस्त बुधवार की प्रातः सात बजे से अपरान्ह पांच बजे तक का समय नियत किया गया है। मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 16 अगस्त रविवार की प्रातः नौ बजे से प्रारंभ होगी।

मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी

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पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम आजाद का गत दिवस आकस्मिक निधन हो जाने पर आज कलेक्टर श्री एमबी ओझा सहित अन्य जिलाधिकारियों और कर्मचारियों ने दो मिनिट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी। कलेक्टेªट प्रागंण में इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया, जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र और विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार मौजूद थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (28 जुलाई)

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मिसाईल मैन डा. अब्दूल कलाम को भाजपा ने दी श्रद्धांजलि 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक, भारत रत्न, मिसाईलमैन डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के दुःखद निधन पर शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है। जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, विधायक कलसिंह भाबर, जिला महामंत्री राजू डामोर, प्रवीण सुराणा,भाजपा नेता विजय नायर,प्रदेष कार्यसमिति सदस्य दौलत भावसार, जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र कुमार सोनी, नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार सहित पूरे जिले के मंडल अध्यक्षो, सभी मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों, महामंत्रियों ने गहरी संवेदनाए व्यक्त की है । ृजिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. कलाम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देष ने एक महान युगदृष्टा खो दिया है। मिसाईल मैन डाॅ. कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक अच्छे प्रषासक भी थे। डाॅ. कलाम एक सच्चे राष्ट्रभक्त और विज्ञान षिक्षा नैतिकता के दुर्लभ संयोजक थे। विधायक सुश्री निर्मला भूरिया ने डाॅ. कलाम के निधन को संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि मिसाईलमैन के नाम से विख्यात डाॅ. कलाम एक ऐसे महापुरूष थे, जिनके पास भारत के विकास को लेकर व्यापक दृष्टि और सोच थी। विधायक शांतिलाल बिलवाल ने डा. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जीवन ही हम सभी के लिये एक सन्देष हे । रामेष्वरम मे एक गरीब परिवार के अब्दूल कलाम ने अखबार बेच कर जीवन की शुरूवात की और काम के साथ ही उन्होने षिक्षा के प्रति भावना के अनुकरणीय काम किया और महान वैज्ञानिक बनने के साथ ही देष के सर्वोच्च पद तक पहूंचने वाले वे सच्चे भारतीय थे । उनका अकस्मात हमस ब के बीच से चले जाना एक घटना है । विधायक कलसिंह भाबर ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका निधन पूरे देष के लिये एक अपुरणीय क्षति है । हम सभी को उनके बताये मार्ग पर चल कर देष को समृद्ध बनाने की दिषा में काम करना है । उनके कार्यो को शत शत नमन करते हुए उन्हे श्रद्धाजंलि देता हूं । चाहे वे हमारे बीच अब नही रहे हो परन्तु उनके विचार आज भी हमारे साथ है । नगरपालिका अध्यक्ष घनसिंह बारिया ने पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक, भारत रत्न, मिसाईलमैन डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है।

मिसाईल मेन के निधन पर कांग्रेस ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि 

झाबुआ---देष के 11 वें राष्ट्रपति एवं भारत रत्न  डा. अब्दूल कलाम के आकस्मिक निधन से समुचे देष में शोक की लहर व्याप्त हो गई है । मिसाईलमेन के नाम से जाने जाने वाले तािा अपने पूरे जीवन को देष के नाम समर्पित करने वाले डा. कलाम को जिला कांग्रेस ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है । पूर्व केन्द्रीय मंत्री, पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने  अपने शोक सन्देष में कहा कि सरल एवं सहज व्यक्तित्व के धनि डाक्टर कलाम जब झाबुआ जिले में आये थे रतनजोत प्रोजेक्ट एवं विकलांग केन्द्र का उदघाटन भी किया था तथा जिले की भौगोलिक स्थित से रूबरू हुए थे । देष को परमाणु क्षेत्र  एवं उन्नत देष बनाने के लिये हमेषा बनाने में प्रयास रत रहे थे । उन्होने अपना सारा जीवन  देष सेवा में समर्पित कर दिया ।उनके निधन से देष ने महान वैज्ञानिक एवं देषभक्त खो दिया है । जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे सपूत बिरले ेही पेदा होते है ।उनके निधन से अपुरणीय क्षति हुई है ।जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से देष ने एक महान सपूत खो दिया है ।पूर्व जिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेषचन्द्र जेैन,षांतिलाल पडियार, कां्रग्रेस नेता वीरसिंह भूरिया ,हनुमंतसिंह डाबडी,डाबडी,प्रकाषंरांका, जोरावरसिंह,रूपसिंह डामोर, चन्द्रवीरसिंह राठौर, राजेष भटृ, आषीष भूरिया, जितेन्द्र अग्निहौत्री, हेमचंद डामोर, प्रवक्ता हर्ष भटृ आचार्य नाम देव आदि ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की है ।

आज से साई मंदिर पर त्रिदिवसीय गुरूपूर्णिमोत्सव का शुभारंभ, महोत्सव की सभी तैयारिया पूर्ण 

झाबुआ---गुरूपूर्णिमा महोत्सव को लेकर आज 29 जुलाई से श्री षिरडी बाबा मंदिर पर विषाल भंडारा एवं गुरूपूर्णिमोत्सव के कार्यक्रम की षुरूवात हो रही हेै । युवा साई सेवा समिति के  दिलीप कुषवाह ने जानकारी देते हुए कहा कि त्रि दिवसीय उत्सव को लेकर तैयारियों का क्रम अन्तिम चरण में चल रहा है । पूरे मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया जारहा हे वही बारिष के मौसम के चलते  मंदिर परिसर में टाईल्स ब्लाक लगाये गये है ताकि दर्षनार्थियों को किसीभी प्रकार की परेषानी नही हो । निधौरित कार्यक्रमानुसार प्रातः साई बाबा के प्रातः अभिषक आरती के बाद प्रातः 10 बजे से मेघनगर के पण्डित बिट्ठल महाराज द्वारा श्री सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया है । इसके बाद आरती एवं महाप्रसादी का वितरण किया जावेगा । वही दिन भर आध्यात्मिक भजन आदि के कार्यक्रम होगें व रात्री में 8 बजे से मंदिर में संगीतमय बजरंगबाण का पाठ किया जावेगा । आत 29 जुलाई को त्रिदिवसीय साई महोत्सव को लेकर मंदिर से प्रचार रथ को भी हरी झण्डी दिखाकर बिदा किया किया जावेगा । युवा साई समिति ने नगर की धर्मप्राण जनता से त्रि दिवसीय आयोजन में सपरिवार पधार कर धर्म लाभ लिये जाने की अपील की है ।

जनसुनवाई में आवेदको की समस्याओं का विडियोकांफ्रेस से हुआ निराकरण

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झाबुआ----शासन के निर्देशानुसार मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में आवेदकों की समस्याओं का निराकरण डिप्टी कलेक्टर पुरूषोत्तम कुमार ने विडियो कांफ्रेस के माध्यम से किया। आवेदक विडियो क्राफ्रेस हाल में उपस्थित हुए एवं झाबुआ के विडियोंकांफ्रेस हाॅल में आवेदकों की समस्याएं सुनी एवं अधिकारियों को निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिये।

जनसुनवाई में इनकी सुनी गई समस्याएं
जनसुनवाई में अन्य ब्लाको से आये आवेदको के आवेदन डिप्टी कलेक्टर श्री ं पुरूषोत्तम कुमार ने लिये। आवेदन निराकरण के लिये संबंधित विभागों को आॅनलाइन भेज दिये गये है। बदिया पिता कालु निवासी ग्राम कोटडा तहसील झाबुआ ने ग्रेवल रोड बारिया फलिया ग्राम कोटडा में सी.सी.रोड निर्माण एवं गोडाउन निर्माण में किये गये टेªक्टर कार्य का भुगतान करवाने के लिए आवेदन किया। तेरसिंह पिता टिहिया राठौर निवासी ग्राम मोरडूॅंगरा ब्लाक मेघनगर ने पुत्र कष्मीर का इलाज करवाने के लिए आर्थिक सहायता के लिए आवेदन दिया। बालू पिता धुलिया निवासी पिलियाखदान ने स्कूल के षिक्षक अजय सिंगाड द्वारा उसके पुत्र विजय के साथ मारपीट करने की षिकायत की। नानसिंग पिता गलाल निवासी ग्राम मोहनपुरा तहसील झाबुआ ने षासकीय तालाब जो कि वर्ष 2014 में बना है । दरार पडने की षिकायत की एवं तालाब फूटने से घर व खेत में बोई गई फसल के नुकसान होने की आषंका जताई। बिया डावर ब्लाक रामा के ग्रामीणों ने तालाब फूट जाने से हुई फसल नुकसानी का मुआवजा दिलवाने के लिए आवेदन दिया। रानापुर के जनपद के विडियों कांफ्रेस हाॅल में कविता पति प्रकाष रोहित कालोनी रानापुर ने नसबंदी आपरेषन फेल हो जाने पर आर्थिक सहायता के लिए आवेदन दिया। बीएमओ रानापुर ने प्रकरण तैयार कर षासन को भेजने के लिए आष्वस्त किया।

जिले में अब तक कुल 563.6 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज

झाबुआ---सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ श्री पाटीदार ने बताया कि जिले में वर्शा काल प्रारंभ होने से आज दिनांक तक कुल 563.6 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जबकि गत वर्श इस अवधि तक 237.9 मि.मी. औसत वर्शा हुई थी। जिले में विगत 24 घण्टों के  दौरान औसत 84.0 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में 83.0 मि.मी., पेटलावद तहसील में 100.0 मि.मी., थांदला में 102.6 मि.मी., रानापुर में 60.0 मि.मी, मेघनगर में 85.0 मि.मी एवं रामा विकासखण्ड में 62.0 मिमी वर्शा दर्ज की गई है।

मारपीट के तीन अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी लुणसिंह पिता अम्बाराम चारेल, उम्र 25 वर्ष निवासी  लालपुरा ने बताया कि कैलाष पिता वाला चारेल, निवासी लालपुरा ने उधारी के पैसे मांगने की बात को लेकर फरि0 के पिता के साथ मारपीट की व अष्लील गालिया देकर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 296/2015, धारा 294,323,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादिया मीराबाई पति हिन्दु भील, उम्र 30 वर्ष निवासी  खाखरापाडा ने बताया कि आरोपी कैलाष पिता जालू मोरी, निवासी खाखरापाडा ने घर के पडोस में कडे हटाने की बात को लेकर पत्थर से मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 297/2015, धारा 294,336,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादिया दिनेष पिता कमला मेंडा, उम्र 30 वर्ष निवासी  खेड़ा ने बताया कि आरोपी अपसिंह पिता चेतन भाबर, निवासी खेड़ा ने लडके सुभाष उम्र 12 वर्ष को ढोर निकालने को लेकर अष्लील गालिया देकर लकडी से मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अप0क्र0 139/2015, धारा 294,323,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी छगन पिता भीला मेंडा, उम्र 40 वर्ष निवासी गडवाडी ने बताया कि मारूती कार क्र0 एम0पी0-04-सीबी0-9662 के चालक ने अपने वाहन को तेज गति व लापरवाही पूर्वक चलाकर लाया व सूमा भूरिया की मो0सा0 को टक्कर मार दी। जिससे सूमा व जामसिंह निवासी गडवाडी को चांेट आयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 496/2015, धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


पटना उच्च न्यायालय ने ‘बढ़ चला बिहार’कार्यक्रम से प्रचार करने पर रोक

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  • विपक्ष ने सत्ताधारियों के द्वारा सरकारी धन को दलगत हित में लगाने का आरोप
  • नागरिक अधिकार मंच के न्यासी श्री शिव प्रकाश राय के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, पटना में एक याचिका दायर

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गया। बिहार में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित आदेशों का धज्जियां उड़ाया जा रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से आदेश जारी किया है कि सरकारी विज्ञापनों में विनिर्दिष्ट स्थितियों और व्यक्तियों को छोड़कर किसी के चेहरे का विज्ञापन नहीं किया जाएगा। जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। ‘बढ़ चला बिहार’ कार्यक्रम में सीएम बिहार के चेहरे को चमकाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच माननीय पटना उच्च न्यायालय ने ‘बढ़ चला बिहार’कार्यक्रम से प्रचार करने पर रोक लगा दिया है। पटना उच्च न्यायालय ने आकड़ा इकट्ठा करने पर रोक नहीं लगाया है। माननीय न्यायालय ने सरकार के द्वारा आकड़ा संग्रह करने को बकवास करार दिया है। इस तरह के फैसले से सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड को जोर का झटका लगा है। इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में बयानबाजी तेज है। सत्ताधारी ने 10 सालों के आकड़ों को संग्रह करने वाला कार्यक्रम करार दिया है। नए सिरे से कार्यक्रम तय करने की तैयारी। वहीं विपक्ष ने सत्ताधारियों के द्वारा सरकारी धन को दलगत हित में लगाने का आरोप लगाया है। अगली सुनवाई 4 हफ्ता के बाद  होगी।

माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के संबंध में नागरिक अधिकार मंच के न्यासी श्री शिव प्रकाश राय के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, पटना में एक याचिका दायर की गई है जिस पर सुनवाई जारी है। इस याचिका में ‘बढ़ चला बिहार’ योजना में पब्लिक मनी के भारी दुरूपयोग करने का आरोप लगाया गया है।  बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित ‘बढ़ चला बिहार’ कार्यक्रम परोक्ष रूप से आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का चुनाव प्रचार अभियान है, जिसमें आम जनता के हजारों करोड़ रुपए के दुरूपयोग की योजना प्रायोजित है। नागरिक अधिकार मंच के न्यासी श्री शिव प्रकाश राय के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, पटना में एक याचिका दायर की गई है।याचिकाकर्ता के माननीय पटना उच्च न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता दीनू कुमार हैं। विद्वान अधिवक्ता ने सभी तथ्यों को माननीय न्यायालय के समक्ष रखा है। जिसपर गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए माननीय न्यायालय के द्वारा बिहार सरकार के संबंधित अधिकारियों को कल ही इससे जुड़े प्राक्कलन और सम्पूर्ण खर्चे के हिसाब के साथ न्यायालय में हाजिर होने को कहा गया है।

बताते चले कि चुनाव आयोग ने बिहार विधान सभा के चुनाव के मद्देनजर ‘बढ़ चला बिहार’कार्यक्रम पर रोक लगा दिया गया। चुनाव आयोग के आदेश से क्षेत्र में भ्रमण करने वाले वाहनों को बेक टू पवेलियन कर दिया गया। वाहनों को सुरक्षित वाले क्षेत्र में रखने के लिए प्रत्येक दिन हजार रू.व्यय किया गया। वाहनों को फिर से दुल्हन की तरह सजाकर चुनाव खत्म होने के बाद क्षेत्र में भेजा गया। 



आलोक कुमार
पटना 

राज्य स्तरीय मनरेगा व सोशल आॅडिट कार्यशाला सम्पन्न

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लखनऊ 28 जुलाई। पैक्स कार्यक्रम व उपवन के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश के 17 जनपदों में आयेजित हुए सोशल आॅडिट के तथ्यों व परिणामों को लेकर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन होटल गोल्डन ट्यूलिप, हुसैनगंज, लखनऊ में किया गया। इस कार्यशाला में 17 जनपदों के 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में सोशल आॅडिट विभाग के उपायुक्त उमेश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि निश्चित तौर पर पैक्स कार्यक्रम एवं उपवन द्वारा किये गये सोशल आॅडिट का परिणाम अनुकरणीय है। हमें मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है जिससे समाज में व्याप्त अवरूवस्था को जल्द ही व्यवस्थित तौर पर सही दिशा दिया जा सके। इसी क्रम में भारत सरकार के परामर्शदाता गुरमीत सिंह ने कहा कि मनरेगा में सरकार द्वारा कराये जा रहे कार्योंं को सही मायनों में व्यवस्थित करने का सशक्त माध्यम सोशल आॅडिट है जिससे उसकी विकृतियों को दूर कर सकारात्मक सोच के साथ उसमें स्थायित्व लाया जा सके।

सहभागी शिक्षण केन्द्र के निदेशक अशोक भाई ने मनरेगा के लिए की गई सोशल आॅडिट की प्लानिंग की बुनियादी जानकारी को साझा करते हुए कहा कि केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की सोशल आॅडिट आज की आवश्यकता है। कार्यक्रमों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए आम जनता की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है जो कि तभी मुमकिन है जब आम जन को मुद्दे तथा उससे जुड़े प्रावधानों व क्रियाकलापों की जानकारी हो जिससे सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित हो सके। वहीं पैक्स कार्यक्रम के राष्ट्रीय समन्वयक राजपाल ने बताया कि इस सोशल आॅडिट की शुरूआत इसलिए की गई ताकि कार्यक्रम क्रियान्वयन क्षेत्र में मनरेगा के मुद्दे से जुड़ी समस्याओं के लेकर बड़े मंच पर एक फोरम का निर्माण हो जो कि समुदाय में निहित चुनौतियों व समस्याओं पर कार्य कर सके।

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उपवन के अशोक कुमार ने 17 जिलों में आयेाजित हुए सोशल आॅडिट की समीक्षा को सभी प्रतिभागियों के मध्य साझा किया जिसमें उन्होंने सरकार की तरफ से हुए प्रयासों, क्षेत्र स्तर पर सहयोगी संस्थाओं द्वारा किये गये प्रयासों, अवसरों, चुनौतियों सहित कुछ तथ्यों को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने बताया कि अभियान के अन्तर्गत कुल 32 पंचायतों में सोशल आॅडिट की प्रक्रिया की पहल की गई जिसमें उपवन द्वारा मात्र 11 पंचायतों में सफल तौर पर प्रकिया को पूरा किया गया। ये पंचायतें वाराणसी, महाराजगंज, श्रावस्ती, हाथरस व मऊ जनपदों की थीं।

उक्त सोशल आॅडिट प्रक्रिया के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु निकल कर आये जिनमें मजदूरी के भुगतान में विलम्भ, किये गये कार्यों को स्वीकृत बजट व खर्च का विवरण न देना, जाॅब कार्ड का नवीनीकरण न किया जाना, कार्यक्रम स्थल पर सुविधाओं का आभाव तथा मास्टर रोल पर फर्जी नाम पाये गये वहीं  कार्य की गुणवत्ता के मानकों की अवहेलना खुल कर की गई है तथा कार्यों के आवंटन में भेदभाव को भी देखा गया है। वहीं उन्होंने सोशल आॅडिट के दौरान जिन चुनौतियों का सामना किया उनमें कार्यदायी संस्था व अधिकारियों की उदासीनता तथा गांव वालों में आपसी मतभेद व लोगों में अविश्वास का भाव परिलक्षित हुआ। कई जगहों पर प्रक्रिया के दौरान जो मुद्दे उठाये गये उसे मौके पर समाधान कर दिया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पैक्स कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक प्रशान्त अंचल ने कहा कि निश्चित तौर पर सोशल आॅडिट की तमाम सफलताओं, चुनौतियों व उपलब्धियों के बीच जनपद बहराइच, श्रावस्ती, संत कबीरनगर आदि में योजना अच्छी तरह से बनाई गई तथा उसे विभागीय अधिकारियों से साथ साझा किया गया जो निश्चित ही सोशल आॅडिट के परिणाम के रूप में हम देख सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में सबके प्रति आभार व्यक्त करते हुए राज्य कार्यक्रम अधिकारी नितेश मिश्रा ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों को अमली-जामा पहनाने तथा उसे सही तरीके से क्रियान्वित करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ लोगों की भागीदारी होना आवश्यक है।

पूरे श्रीलंका में 2016 तक मुफ्त वाई-फाई

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श्रीलंका सरकार और बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के बीच हुए एक करार के तहत मार्च 2016 तक पूरे श्रीलंका में मुफ्त वाई-फाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। यह जानकारी एक मीडिया रपट से मिली। श्रीलंका के डेली मिरर की रपट के मुताबिक, यह सेवा गूगल लून के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके तहत आकाश में स्थित बैलूनों के जरिए विशाल क्षेत्र में इंटरनेट उपलब्ध कराया जाता है।

सरकार ने यह समझौता रक्षा राज्य मंत्री रुवान विजयवर्धने और सिलिकॉन वैली के उद्यमी दुनिया में सबसे धनी श्रीलंकाई चमथ पलिहापिटिया के बीच हुई चर्चा के बाद किया है। पलिहापिटिया और कई अन्य मंत्री उसके बाद राष्ट्रपति मैत्रीपला सिरिसेना से मिले और उनके सामने नई प्रौद्योगिकी पर एक रपट रखी।

राष्ट्रपति ने परियोजना पर तुरंत मंजूरी दी और उसके बाद मंगलवार को कोलंबो में प्रधानमंत्री आवास पर सरकारी एजेंसी इंफोर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्न ोलॉजी एजेंसी (आईसीटीए) और गूगल के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

याकूब की याचिका पर सुनवाई नई पीठ करेगी

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मृत्युदंड का सामना कर रहे याकूब मेमन की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर नए सिरे से सुनवाई होगी, जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू बुधवार को एक नई पीठ का गठन करेंगे। याकूब को वर्ष 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के लिए दोषी ठहराया गया है और उसे 30 जुलाई को फांसी दी जानी है। उसने अपनी यचिका में मृत्युदंड को चुनौती देने के साथ ही मृत्यु वारंट को भी इस आधार पर रद्द करने का अनुरोध किया है कि उसने अपने बचाव से संबंधित सभी कानूनी विकल्प अपना नहीं पाए थे कि इसके पहले ही मृत्यु वारंट जारी कर दिया गया।

याकूब की याचिका पर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद सामने आने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दत्तू ने मामले की सुनवाई के लिए एक अलग पीठ बनाने की घोषणा की। इससे पहले महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश को इस मुद्दे पर दो न्यायाधीशों के बीच मतभेद के बारे में बताया। वहीं, याकूब की ओर से न्यायालय में पेश वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दत्तू से गुरुवार को अपने मुवक्किल को होने जा रही फांसी पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

न्यायालय ने हालांकि याकूब को फांसी दिए जाने पर रोक लगाने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया। न्यायालय में मंगलवार को याकूब की याचिका पर मतभेद न्यायमूर्ति दवे और न्यायमूर्ति जोसेफ के बीच उभरकर सामने आया। न्यायमूर्ति दवे ने वर्ष 1993 से लेकर 21 जुलाई, 2015 को याकूब द्वारा सुधारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका दायर किए जाने तक की न्यायिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए याकूब की ताजातरीन याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति कुरियन ने याकूब की सुधारात्मक याचिका खारिज करने वाली पीठ की संरचना को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए और टाडा अदालत द्वारा मेमन को फांसी देने के लिए 30 अप्रैल को जारी मृत्यु वारंट को अमल में लाने पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा कि मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के अनुरूप गठित पीठ के समक्ष नए सिरे से होनी चाहिए। न्यायाधीशों ने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के पास भेज दिया।
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