पिछले 27 साल से फरार रहे अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को सीबीआई अधिकारियों के नेतृत्व वाला एक संयुक्त दल आज तड़के इंडोनेशिया से भारत ले आया, ताकि उसके खिलाफ दिल्ली और मुंबई में दर्ज हत्या, रंगदारी और नशीले पदार्थों की तस्करी के 70 से ज्यादा मामलों में मुकदमा चलाया जा सके। भारत के सबसे अधिक वांछित अपराधियों में से एक छोटा राजन (55) का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है। पालम तकनीकी क्षेत्र में विमान के उतरने के कुछ ही समय बाद राजन को सीधे सीबीआई के मुख्यालय ले जाया गया। अवरोधकों से घिरे सीबीआई मुख्यालय में अधिकारियों के एक दल ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है।
एक संक्षिप्त बयान में सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि राजन को सफलतापूर्वक इंडोनेशिया से भारत ले आया गया है। उन्होंने कहा, वह सीबीआई-इंटरपोल की हिरासत में है। कानूनी औपचारिकताएं चल रही हैं। राजन के भारत पहुंचने के बाद काफी गहमागहमी रही क्योंकि मीडिया की भारी मौजूदगी की संभावना को ध्यान में रखते हुए सीबीआई उसे मीडियाकर्मियों की नजरों से बचाकर ले जाने में सफल रही। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते राजन को दिल्ली की अदालत में ले जाए जाने की संभावना नहीं है। इसके बजाय उसकी रिमांड के लिए एक मजिस्ट्रेट को सीबीआई मुख्यालय लाया जाएगा। सूत्रों ने यह भी कहा कि उसकी अनिवार्य चिकित्सा जांच भी की जाएगी।
छोटा राजन को राष्ट्रीय राजधानी में रखे जाने की संभावना है, जहां विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारी उससे उसके उन दावों के बारे में पूछताछ करेंगे जिनमें वह अपने पास भारत के सर्वाधिक वांछित (मोस्ट वांटेड) आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के ठिकाने के संबंध में और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ दाउद के रिश्तों के संबंध में कई अन्य साक्ष्य होने की बात कहता रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को दाउद और उसके सहयोगियों की गतिविधियों के बारे में कथित तौर पर सूचित करने वाले राजन को भारतीय वायुसेना के गल्फस्ट्रीम-3 विमान में इंडोनेशिया के बाली से यहां लाया गया।
राजन ने बाली में मीडिया को बताया था कि वह भारत लौटने को लेकर खुश है। उसने इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया था कि उसकी गिरफ्तारी एक योजना का हिस्सा है, क्योंकि उसे दाऊद इब्राहिम के गुर्गों से धमकियां मिल रही है। राजन के भारत पहुंचने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने अंडरवर्ल्ड डॉन संबंधी सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने की अचानक घोषणा की, क्योंकि एजेंसी को ऐसे मामलों से निपटने में महारत हासिल है। मुंबई सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की, जब कुछ ही दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दावे कर रहे थे कि राजन को केवल मुंबई लाया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार के अचानक यू टर्न लेने से मुंबंई में पुलिस प्रतिष्ठान में कई लोगों की त्यौरियां तन गई है क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्वयं आर्थर रोड जेल के भीतर डायलसिस की सुविधा के साथ एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का आदेश दिया था। राजन को डायलसिस कराना पड़ता है क्योंकि उसकी दोनों गुर्दे सुचारू रूप से काम नहीं करते हैं। राजन ने उसे मुंबई जेल में रखे जाने की योजनाओं पर इस आशंका के चलते आपत्ति व्यक्त की थी कि दाऊद उसे वहां निशाना बना सकता है।
राजन ने बाली में संवाददाताओं को बताया था मुंबई पुलिस के कुछ लोगों के दाऊद के साथ संपर्क हैं। उसने आरोप लगाया था, मुंबई पुलिस ने मुझ पर बहुत अत्याचार किए हैं। जब तक सीबीआई महाराष्ट्र के मामलों को अपने हाथ में लेने की औपचारिकताएं पूरी नहीं कर लेती, तब तक राजन को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की हिरासत में रखा जाएगा, जिसने राजन के खिलाफ छह मामले दर्ज किए हैं। राजन को इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर 25 अक्टूबर को बाली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह ऑस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया लौटा ही था। बाली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को, पास के एक पर्वत पर स्थित ज्वालामुखी से राख और गुबार निकलने के कारण बंद कर दिया गया था, जिसके चलते राजन का प्रत्यर्पण एक दिन के लिए टल गया था।
राजन को लेकर आ रहे विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद, इंडोनेशिया में भारत के राजदूत गुरजीत सिंह ने ट्वीट किया, छोटा राजन को सफलतापूर्वक भारत भेज दिया गया। बाली हवाई अड्डे के बंद होने के कारण हो रही देरी समाप्त हुई। सहयोग के लिए इंडोनेशिया का शुक्रिया। राजन हत्या, रंगदारी, तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी सहित 75 से ज्यादा मामलों में वांछित है।
मुंबई पुलिस के पास उसके खिलाफ लगभग 70 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 20 मामले हत्या के हैं। चार मामले आतंकी एवं विध्वंसक गतिविधियां (रोकथाम) कानून के, एक मामला आतंकवाद रोकथाम कानून का और 20 से ज्यादा मामले कठोर कानून महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के पास राजन के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं। एक समय पर राजन भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का करीबी सहयोगी था, लेकिन वर्ष 1993 के मुंबई विस्फोटों की साजिश से पहले ये दोनों अलग हो गए थे। वर्ष 2000 में दाऊद के गुर्गों ने बैंकॉक के एक होटल में राजन का पता लगा लिया था और उस पर जानलेवा हमला किया था, लेकिन वह होटल की पहली मंजिल से कूदकर नाटकीय ढंग से बच निकलने में सफल रहा था। राजन वर्ष 1988 में भारत से भागकर दुबई चला गया था।