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बिहार चुनाव परिणामों ने एक्जिट पोल को किया ध्वस्त

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नयी दिल्ली. पटना 08 नवम्बर, बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों ने मतदान के तुरंत बाद कराये गये विभिन्न सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) को एक बार फिर गलत साबित किया है। अधिकतर एक्जिट पोल में इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के अनुमान व्यक्त किया था। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से आखिरी चरण के मतदान के बाद अलग-अलग एजेंसियों और न्यूज चैनलों ने एक्जिट पोल के नतीजे जारी किये थे जिनमें से छह में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना जतायी गयी थी। वहीं पांच में राजग को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया था।

इंडिया टूडे - सिसेरो ने राजग को 122, महागठबंधन को 117 और अन्य को 06, न्यूज 24 - चाणक्य ने राजग को 155, महागठबंधन को 83 और अन्य को 05, आईबीएन-एक्सिस ने राजग को 120, महागठबंधन को 117 और अन्य को 06, प्लेटफॉर्म फॉर इलेक्शन एनेलेसिस एंड कम्युनिटी स्टडीज (पेस) ने राजग को 122, महागठबंधन को 112 और अन्य को 09 सीट मिलने का अनुमान लगाया था। 

वहीं एबीपी न्यूज - नीलसन ने महागठबंधन को 130, राजग को 108 और अन्य को 05, इंडिया टीवी - सी वोटर ने महागठबंधन 122, राजग 111 और अन्य को 10, न्यूज नेशन ने महागठबंधन को 122, राजग को 117 और अन्य को चार, न्यूज एक्स ने महागठबंधन को 135, स्थानीय आर्यन टीवी ने महागठबंधन को 124, राजग को 112 और अन्य को 07, कशिश न्यूज ने महागठबंधन को 130 राजग को 110 और अन्य को 03 सीटें मिलने की सम्भावना जतायी थी। 

अब तक अाए परिणामों और रुझानों के अनुसार महागठबंधन 175 से अधिक सीटें जीत रहा है जबकि राजग को करीब 60 सीटें मिल रही हैं। इस तरह इनमें से किसी भी एक्जिट पोल का अनुमान नतीजों के आस पास नहीं रहा है। 

बिहार चुनाव बता रहा है देश में है सशक्त विकल्प : नीतीश

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पटना 08 नवम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन को मिले प्रचंड बहुमत को राज्य के लोगों और उसके स्वाभिमान की जीत बताया और कहा कि इस नतीजे से देश के मिजाज का भी पता चलता है जो सशक्त विकल्प और विपक्ष की चाहत में है। श्री कुमार ने यहां अपने आवास पर राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार के चुनाव नतीजे का राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में भी अर्थ है । बिहार के चुनाव पर पूरे देश की नजर थी और जब पोस्टल बैलेट की गिनती में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को आगे बताया जा रहा था तो पूरे देश में लोगों की बेचैनी बढ़ गयी थी ,लेकिन जैसे ही महागठबंधन ने बढ़त बनायी लोगों में उल्लास बढ़ गया । उन्होंने कहा कि इससे लोगों की इच्छा का पता चलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में कोई नहीं चाहता है कि विपक्ष कमजोर रहे और सरकार निरंकुश होकर काम करे । उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव देश के मिजाज को बताता है कि लोग राष्ट्रीय स्तर पर भी सशक्त विकल्प और विपक्ष चाहते है।

श्री कुमार ने कहा कि देश में कट्टरपंथ हावी होता जा रहा है ।इसी वजह से असहिष्णुता को लेकर देश भर के ख्यातिप्राप्त लेखक , इतिहासकार , फिल्मकार , साहित्यकार , वैज्ञानिक और पत्रकार अपनी भावना प्रकट कर रहे है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के इस नतीजे के बाद अब बहुत सारे मुद्दो का समाधान होगा ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार चुनाव को लेकर लोग अनुमान लगा रहे थें कि  यहां कांटे की टक्कर होगी ,लेकिन नतीजों से साफ पता चलता है कि जनता का  मन पहले से ही उनकी सरकार के प्रति बना हुआ था । उन्होंने कहा कि चुनाव में  महागठबंध ने जिस एकजुटता के साथ काम किया, यह उसी का परिणाम है कि  उसे समाज के हर तबके का समर्थन मिला ।  श्री कुमार ने कहा कि उनके विरोधियों ने जिस तरह से आक्रामक प्रचार किया और जिस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न करने की कोशिश की ,उससे यह कयास  लगाया जा रहा था कि वोटों का ध्रुवीकरण होगा ,लेकिन उससे उलट परिणाम आया है । उन्होंने कहा कि इस बड़ी जीत को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते है और बिहार को आगे बढ़ाने को लेकर लोगों की उम्मीद को वह अच्छी तरह से समझ रहे है। वह लोगों को भरोसा दिलाना चाहते है कि वह उनकी उम्मीद के अनुरुप काम करेंगे । 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों ने चुनाव पूर्व या बाद में जो एकजुटता का परिचय दिया उसे लोगों ने पसंद किया और इसी के कारण इतना बड़ा जनादेश मिला है। महागठबंधन के नेता मिलकर काम करेंगे और लोगों की अपेक्षा पर खरा उतरेंगे । उन्होंने कहा कि विरोधियों ने चुनाव के समय  चाहे जो कुछ भी कहा हो उनके प्रति उनकी सरकार कोई दुर्भावना नहीं रखेगी और सकारात्मक सोच के साथ काम करेगी ।  श्री कुमार ने कहा कि बिहार में वह विपक्ष का सम्मान करेंगे और प्रमुख मसलों पर सर्वानुमति बनाने की कोशिश करेंगे । उन्होंने कहा कि भले ही विपक्ष के लोग ज्यादा सीट नहीं जीत सके हों ,लेकिन वह  उनका मजाक नहीं उड़ायेंगे । वह अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते है और आगे भी वह पूरी एकजुटता के साथ काम करेंगे ताकि सबका हौसला बुलंद हो । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान चाहे जो भी कहा हो ,लेकिन अब जनादेश आ गया है, वह अब केन्द्र से पूरा सहयोग कर काम करेंगे । उन्होंने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि उस पक्ष के लोग भी देश और बिहार की प्रगति के लिए सकारात्मक रवैया अपना कर चलेंगे । 

श्री कुमार ने कहा कि न्याय के साथ विकास के रास्ते पर उनकी सरकार चली है और आगे भी उसी पर चलेगी । महागठबंधन का जो साझा कार्यक्रम और उनका जो सात निश्चय है उसे वह लागू करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल के बारे में पूछे जाने के बाद कहा कि महागठबंधन के नेता आपस में बातचीत कर इस बारे में जल्द से जल्द फैसला करेंगे । इससे पहले तीनों पार्टियों के विधायक दल  की अलग-अलग बैठक होगी और उसके बाद एक संयुक्त बैठक होगी । राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार चुनाव के नतीजे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जनादेश बताया और कहा कि उन्हे विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि जल्द ही श्री मोदी को प्रधानमंत्री के पद से हटा कर  फिर से गुजरात भेज दिया जायेगा । उन्होंने श्री मोदी को संघ का प्रचारक और भाजपा को संघ का मुखौटा बताया और कहा कि अब वह दिल्ली की गद्दी से झंझट करने वाले है। श्री यादव ने कहा कि उन्होंने पहले कहा था कि बिहार में जीत के बाद वह दिल्ली पर चढ़ायी करेंगे , लेकिन अब इससे पहले वह बनारस लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) लेकर जायेंगे और वहां जाकर देखेंगे कि श्री मोदी ने  चुनाव के समय जो वादा किया था उसे उन्होंने कितना पूरा किया है। 

उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने बिहार के लोगों  को पहचानने की भूल की ,उन्हे लगा कि बिहार के लोग अनपढ़ है और वह उनके झांसे में आ जायेंगे , लेकिन वे नहीं जानते कि बिहार के लोग “ उड़ती चिड़ियां को भी हल्दी ” लगा देते है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह का उन्हें समर्थन मिल रहा था उसके कारण 190 सीट पर जीतने का उनका भरोसा कभी कम नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार के चुनाव में फूहड़ बातें की गयी उससे सभी को पीड़ा हुयी । लोगों ने इस चुनाव में कट्टरवाद के खिलाफ मतदान किया। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री चौधरी ने कहा कि चुनाव में श्री नीतीश कुमार के चेहरे और श्री लालू प्रसाद यादव , कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आक्रामक प्रचार के  कारण महागठबंधन को बड़ी जीत मिली है। उन्होंने कहा कि अब महागठबंधन की जिम्मेवारी बनती है कि वह जनता से किये गये वादो को पूरा करे और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरे । 

सभी दिग्गजों को एक मैदान में देखना सुखद : सचिन

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न्यूयार्क ,08 नवंबर, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की टीम को भले ही वार्न वारियर्स के हाथों पहले ही मुकाबले में छह विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी हो लेकिन उनका मानना है कि क्रिकेट को बढ़ावा देने की मुहिम के तहत अमेरिका में शुरू की गयी आल स्टार्स ट्वंटी 20 टूर्नामेंट में इतने दिग्गज क्रिकेटरों को एक साथ मैदान पर देखना वाकई सुखद अनुभूति है। टूर्नामेंट में विभिन्न देशों के 28 पूर्व दिग्गज क्रिकेटर आस्ट्रेलिया के पूर्व जादुई स्पिनर शेन वार्न की वार्न वारियर्स और रिकार्डों के बादशाह सचिन की सचिन ब्लास्टर्स की तरफ से खेल रहे हैं। भारतीय लीजेंड ने कहा कि टूर्नामेंट में शिरकत कर रहे सभी क्रिकेटर अपने अपने देशों के पूर्व धुरंधर खिलाड़ी रहे हैं। उनकी मैदान में एक साथ मौजूदगी वाकई रोमांचित करने वाली है।

सचिन उद्घाटन मुकाबले में उपस्थित दर्शकों की भारी संख्या और उनके समर्थन से भी काफी उत्साहित हैं। पहले मैच में भारी संख्या में मौजूद दर्शकों ने पूर्व क्रिकेटरों का स्वागत जोरदार तरीके से किया। कई दर्शकों ने चेहरे पर राष्ट्रीय धवज पेंट करा रखा था,अपने अपने देशों के प्रतिनिधित्व करने वाली टीशर्ट पहन रखी थी। उन्होंने अपने हाथों में अपने चहेते क्रिकेटरों के नाम के बैनर लिये थे। सचिन ने इस बारे में कहा,“ दर्शकों का भारी हुजूम उत्साह जनक है जिसके बाद इसका वार्षिक आयोजन कराया जा सकता है। दर्शकों की प्रतिक्रिया लाजवाब रही।”

दीवाली के मौके पर ह्युस्टन में होने वाले सीरीज के दूसरे मैच के बारे में सचिन ने कहा,“ हमने पहले मुकाबले में प्रतिस्पार्धत्मक खेल दिखाया और दर्शकों से हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हमें उम्मीद है कि दीवाली के मौके पर दूसरे मुकाबले में भी धमाकेदार प्रदर्शन करते हुये दर्शकों का मनोरंजन करेंगे।”  विजयी होने के बाद वार्न ने कहा ,“ खेल से संन्यास लेने के बाद मैदान में वापसी करना आसान नहीं होता हमने इसके लिये कड़ा अभ्यास किया था और मुझे खुशी है कि सभी दिग्गज खिलाड़ियों ने पुरानी लय में खेलते हुये प्रतिस्पर्धात्मक प्रदर्शन किया।”
सचिन की टीम में खेल रहे पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने सचिन की प्रशंसा करते हुये कहा“ सचिन एक महान खिलाड़ी होने के साथ साथ एक महान कप्तान हैं। बेसबाल जैसे खेल के लोकप्रिय देश अमेरिका में क्रिकेट को बढ़ावा देने की उनकी यह कोशिश वाकई सराहनीय है। ”

पहले मुकाबले में खिलाड़ियों के धामाकेदार प्रदर्शन के बाद उनके जल्द संन्यास ले लेने के सवाल पर सचिन ने कहा,“ हर निर्णय का एक समय होता है। लंबे समय तक खेलते हुये आपका शरीर थक जाता है और एक समय ऐसा आता है कि आप अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाते और आपको संन्यास लेने का निर्णय लेना पड़ता है।”

श्रीनिवासन पर बीसीसीआई एजीएम में आ सकता है बड़ा फैसला

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मुंबई, 08 नवंबर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) सोमवार को नये अध्यक्ष शशांक मनोहर के नेतृत्व में लंबे अर्से बाद अपनी आम वार्षिक बैठक(एजीएम) आयोजित करेगा जिसमें मौजूदा आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन के भविष्य पर बड़ा फैसला आ सकता है। दुविधा और टालमटोल के बाद मुंबई में सोमवार को एजीएम आयोजित की जाएगी जिसमें हितों के टकराव पर कड़े नियम के अलावा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन को लेकर बड़ा फैसला आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि मनोहर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में भारत के प्रतिनिधि और मौजूदा चेयरमैन श्रीनिवासन की मौजूदगी से खुश नहीं हैं। 

संभावना है कि एजीएम में श्रीनिवासन के आईसीसी में बने रहने पर निर्णय लिया जाएगा। भारतीय बोर्ड की छवि को सुधारने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये कमर कस चुके और कड़े कदम उठा रहे मनोहर श्रीनिवासन पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। श्रीनिवासन के विश्वस्त माने जाने वाले आईपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी सुंदर रमन के तीन नवंबर काे अपने पद से इस्तीफा देने के बाद ही इसके संकेत मिलना शुरू हो गये थे कि श्रीनिवासन के लिये भी आईसीसी में बने रहना अब आसान नहीं होगा। समझा जाता है कि मनोहर रमन की बीसीसीआई में उपस्थिति से खुश नहीं थे और उन्होंने रमन को एजीएम में उनके इस्तीफे की चर्चा करने के बजाय स्वत: ही पद छोड़ने का विकल्प दिया था। दरअसल 2013 आईपीएल भ्रष्टाचार मामले में रमन की भूमिका पर सबसे अधिक सवाल उठे थे लेकिन वह फिर भी इस पद पर बने रहने में कामयाब रहे।

संभावना यह भी जताई जा रही है कि बीसीसीआई वार्षिक बैठक में वर्ष 2016 के लिये मनोहर को नये चेयरमैन के यप में प्रस्तावित कर सकती है। श्रीनिवासन ने जून 2014 में आईसीसी चेयरमैन का पदभार संभाला था। आईपीएल छह में भ्रष्टाचार मामले में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के कारण हितों के टकराव और अपने दामाद गुरूनाथ मेयप्पन के सट्टेबाजी में संलिप्तता के कारण बीसीसीआई अध्यक्ष का पद गंवाने वाले श्रीनिवासन यदि आईसीसी से भी अपना पद गंवा देते हैं तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संस्था में उनका पूरी तरह पटाक्षेप हो जाएगा।

पुलिस उप निरीक्षक बनने वालीं पहली किन्नर प्रीतिका यशिनि

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चेन्नई 08 नवंबर, तमिलनाडु में 25 वर्षीय किन्नर के प्रीतिका यशिनि का पुलिस बनने का बचपन का सपना पूरा होने वाला है। वह पुलिस उप निरीक्षक बनने वालीं पहली किन्नर हैं, जो वर्दी में दिखेंगी। हालांकि यह सब इतना अासान नहीं था और इसके लिए याशिनि को लगभग पांच वर्ष तक इंतजार करना पड़ा जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इस पद के लिए उनके पक्ष में फैसला दिया। उच्च न्यायालय का यह फैसला पूरे किन्नर समाज का मनोबल बढ़ाने वाला है क्योंकि इससे उसे उसके साथ जुड़े सामाजिक कलंक से उबरने का मौका भी मिलेगा। उच्च न्यायालय के इस फैसले से याशिनि का आईपीएस अधिकारी बनने का उसका बचपन का सपना साकार होने वाला है और तमिलनाडु सरकार द्वारा उप निरीक्षक के पद पर उसकी नियुक्ति का रास्ता साफ होगा। न्यायालय ने भी राज्य पुलिस बल में किन्नरों आकर्षित करने के लिए आवश्यक परिवर्तन करने के लिए तमिलनाडु एकीकृत सेवा भर्ती बोर्ड काे निर्देश दिया है। न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस सेवा भर्ती बोर्ड काे भी निर्देश दिया है कि राज्य पुलिस बल में किन्नरों आकर्षित करने के लिए जरूरी प्रवधानों में आवश्यक परिवर्तन करे।

हालांकि तमिलनाडु सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं में किन्नरों को पढ़ने की छूट दी हुई है लेकिन सरकारी नौकरियों में उन्हें बहुत कम अवसर मिलता है। मदुरै में जिला पुलिस दैनिक भत्ते पर किन्नरों को होम गार्ड के पद पर रखा है लेकिन यह पहली बार होगा जब काेई किन्नर पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर अासीन होगा। यशिनी के आवेदन को पहले यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि अवेदन में तीसरे लिंग की कोई श्रेणी नहीं है। इसके साथ ही उन्हें ताे लिखित परीक्षा और न ही शारीरिक परीक्षा में किसी तरह की कोई छूट प्राप्त थी।याशिनी ने कहा कि वह काफी उत्सुक हैं कि उनके जरिये किन्नर समाज की नयी शुरूअात हो रही। अन्य पुलिस अधिकारियों की तरह प्रशिक्षण से गुजरना के बाद उन्हें पोस्टिंग मिल जाएगी। 

विकास नीतियों पर आगे भी चलेगा बिहार : उद्योग जगत

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नयी दिल्ली 08 नवंबर, बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन को मिली अप्रत्याशित जीत पर बधाई देते हुए उद्योग जगत ने आज कहा कि बिहार में बनने वाली नई सरकार विकास की नीतियों को आगे भी जारी रखेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष सुमित मजुमदार ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, “मुझे विश्वास है कि नई सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी और बिहार को औद्योगिक और आर्थिक विकास एवं समृद्धि के नये युग में ले जाएगी।”

सीआईआई के बिहार परिषद के अध्यक्ष एस. पी. सिन्हा ने कहा कि सीआईआई नयी सरकार के साथ कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचा, विनिर्माण और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम, सूचना-संचार तकनीक एवं गवर्नेंस, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कौशल विकास और बिजली एवं ऊर्जा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने महागठबंधन को बधाई देते हुए कहा, “श्री नीतीश की कार्यशैली ने आम लोगों के मर्म को छुआ है। उनके समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए किये गये कार्याें ने उन्हें बिहार में दुबारा सरकार बनाने का मौका दिया है। राज्य में निवेश बढ़ाने के साथ बड़ी परियोजनाओं के लिए उद्योग जगत नई सरकार के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है।”

स्वास्थ्य : देश में 1600 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर

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नयी दिल्ली 08 नवंबर, देश में 9.29 लाख डॉक्टर पंजीकृत हैं और अगर यह माना जाये कि इनमें से 80 फीसदी यानी 7.4 लाख डॉक्टर सक्रिय रूप से अपने पेशे में लगे हुए हैं तो इस आधार पर देश के कुल 1674 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के 31 मार्च 2014 के रिकॉर्ड के अनुसार देश में 1600 लोगों पर एक डॉक्टर की उपलब्धता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर की उपलब्धता होनी चाहिए। हालांकि देश के 6.77 लाख आयुर्वेदिक यूनानी-होमियोपैथी के डॉक्टरों को एलोपैथी डॉक्टरों की संख्या में जोड़ दिया जाए तो देश में 855 लोगों पर एक डॉक्टर का अनुपात हो जाएगा। 
सरकार ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए कई कदम उठाये हैं। एमडी तथा एमएस की पढाई के लिए शिक्षकों तथा छात्रों के 1:2 अनुपात को संशोधित करके 1:1 किया गया है। इसके अलावा एनेस्थेसियोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन, रेडियोथेरेपी, मेडिकल ओंकोलॉजी तथा सर्जिकल ओंकोलोजी विषयों में शिक्षकों तथा छात्रों के 1:3 के अनुपात को 1:1 किया गया है।

सरकार ने चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के साथ-साथ एमबीबीएस में सीटों को 150 से बढ़ाकर 250 कर दिया है। इसके साथ ही शिक्षकों के पुनर्नियोजन तथा उनके सेवामुक्त होने की आयु 65 से बढ़ाकर 70 साल की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सुधार लाने तथा मजबूत बनाने के लिए पीजी कोर्सों में सीटों को बढ़ाने के लिए केंद्र तथा राज्यों के राशि के अनुपात को 75:25 किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार जिलों में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए नये मेडिकल काॅलेज खोलने की योजना बना रही है। इसके लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के खर्चे के अनुपात 75:25 जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह 90:10 होगी। गैरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्य सभा में एक लिखित जवाब में कहा कि वर्तमान में देश में 56639 एमबीबीएस तथा 25346 सीटें उपलब्ध हैं।

नीतीश राजनीति के महानायक : शिव सेना

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नयी दिल्ली 08 नवंबर, शिवसेना ने बिहार में महागठबंधन की जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिये। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बिहार विधान सभा चुनाव परिणामों पर आज प्रतिक्रिया वयक्त करते हुए कहा कि यह चुनाव देश की राजनीतिक भविष्य के लिए टर्निंग प्वांट सिद्ध होगा।

श्री राउत ने श्री कुमार को राजनीतिक का महानायक बताते हुए कहा कि यह उनकी बहुत बड़़ी जीत है और वह राजनीतिक हीरो बनकर उभरे हैं। श्री राउत ने श्री मोदी पर परोक्ष रूप से निभाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस जब चुनाव हारती है तो उसकी जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष साेनिया गांधी की होती है उसी तरह भाजपा को स्वीकार करना चाहिए कि बिहार का परिणाम श्री मोदी की जिम्मेदारी है।

बिहार चुनाव : पूर्व मुख्यमंत्रियों के पांच पुत्रों में से तीन की जीत दो हारे

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पटना 08 नवम्बर (वार्ता) बिहार विधानसभा के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्रियों के पांच पुत्रों में से तीन ही चुनावी वैतरणी पार कर पाये । जनता दल यूनाईटेड के नेतृत्व वाले महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पुत्र तेज प्रताप यादव महुआ से तथा तेजस्वी यादव राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनावी दंगल में अपनी किस्मत अजमाने उतरे । चुनावी गणित की जानकारी नहीं होने के बावजूद श्री यादव के दोनों पुत्रों ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर देते हुए जीत दर्ज की । दोनों भाई राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में थे । 

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. दारोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय महागठबंधन के घटक राजद के टिकट से इस बार फिर परसा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी वैतरणी पार करने के इरादे से उतरे थे जिसमें उन्हें कामयाबी हाथ लगी । श्री राय को इस क्षेत्र से वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था । इससे पहले वह इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं ।

पूर्व मुख्यमंत्री डा.जगन्नाथ मिश्र के पुत्र एवं विधायक नीतीश मिश्रा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के टिकट पर इस बार झंझारपुर से चुनावी मैदान में उतरे । जदयू से पाला बदलकर भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे श्री मिश्र को राजद उम्मीदवार से करारी हार का सामना करना पड़ा । श्री मिश्र नीतीश सरकार में मंत्री भी रहे थे । 

पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी कुटुंबा :सुरक्षित: विधानसभा क्षेत्र से पहली बार अपनी राजनीतिक भविष्य की तलाश में उतरे थे लेकिन उन्हें भी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा है । 

बिहार में महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत, राजग की करारी हार

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पटना 09 नवम्बर,  बिहार विधानसभा चुनाव में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला जनता दल यूनाइटेड :जदयू:, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 का जादुई आंकड़ा पार करने के बाद अब दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए मजबूत कदम बढ़ा दिया है,  राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार बिहार विधानसभा की 243 में से 200 सीटों के घोषित परिणामों में से महागठबंधन ने 148 सीटें जीत ली है और अभी भी उसके 30 प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में बढ़त बनाये हुए है । इस चुनाव में राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आया है उसके 60 प्रत्याशी चुनाव जीत गये हैं जबकि 20 जीत के करीब हैं । इसी तरह महागठबंधन में शामिल जदयू 65 सीट जीत चुका है और उसके छह प्रत्याशी आगे चल रहे हैं । वहीं कांग्रेस ने इस चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 23 सीट जीत ली है और चार सीट पर उसके प्रत्याशी बढ़त बनाये हुए हैं । वही इस चुनाव में राजग को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है । राजग में शामिल भाजपा अब तक मात्र 43 सीट ही जीत पायी है और उसके 10 प्रत्याशी ही आगे चल रहे हैं। वहीं भाजपा की सहयोगी लोजपा ने दो सीट पर जीत हासिल की है और एक पर उसके प्रत्याशी आगे हैं जबकि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एक और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो सीट पर ही कब्जा जमाने में सफल रही है । 

इस बार के चुनाव में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने अपना खाता खोल लिया है उसके दो प्रत्याशी विजयी हुये है। वहीं निर्दलीय ने दो सीटों पर जीत हासिल की है जबकि दो सीटों पर आगे चल रहे है। महागठबंधन की इस बड़ी जीत में भी जदयू के नेता और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अपनी हार नहीं बचा सके । श्री चौधरी को हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 29 हजार 408 मत के भारी अंतर से पराजित किया । श्री चौधरी को 49981 मत मिले जबकि श्री मांझी को 79389 मत प्राप्त हुआ । दूसरी ओर श्री मांझी को मखदुमपुर सीट से हार का सामना करना पड़ा वहां उन्हे राजद के सुबेदार दास ने करीब 27 हजार मत के अंतर से पराजित किया ।

इसी तरह बिहार सरकार के मंत्री दामोदर रावत भी झाझा से चुनाव हार गये । श्री रावत को भाजपा के रविन्द्र यादव ने 22 हजार 171 मत के अंतर से पराजित किया है। भाजपा के श्री यादव को 65537 मत मिला जबकि श्री रावत को 43451 मत ही  मिला । केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के भाई और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी अलौली (सु) सीट से हार गये । श्री पारस को राजद के चंदन कुमार ने 24470 मतों के भारी अंतर से पराजित किया । श्री कुमार को 70519 जबकि श्री पारस को 46049 मत मिला ।  

वैशाली विधानसभा क्षेत्र से हम के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल भी चुनाव हार गये । श्री पटेल को जदयू के राज किशोर सिंह ने 31061 मतों के अंतर से पराजित किया । श्री सिंह को 79286 और श्री पटेल को 48225 मत मिला । इसी तरह शिवहर सीट से पूर्व सांसद और हम उम्मीदवार लवली आनंद भी चुनाव हार गयी है। उन्हें जद यू के मोहम्मद सरफुद्दीन ने मात्र 461 मत के अंतर से पराजित किया है। मो. सरफुद्दीन को 44576 वहीं श्रीमती आनंद को 44115 मत मिले है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी भी बेतिया से चुनाव हार गयी है। उन्हे कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने करीब 2320 मतों के अंतर से पराजित किया है। श्री तिवारी को 86786 मत मिला वहीं श्रीमती रेणु देवी को 64466 मत हासिल हुआ ।

हार में पहली बार चुनाव लड़ने आये सांसद असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन  (एआईएमआईएम), सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी , श्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी (सपा), सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी , पूर्व केन्द्रीय मंत्री नागमणि की समरस समाज पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट  पार्टी और राष्ट्रीय वादी कांग्रेस पार्टी समेत कई अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका । महागठबंधन ने समझौते के तहत राकांपा को तीन और सपा को भी चार सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था , लेकिन दोनों दलों ने इस अपना अपमान मानते हुए महागठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया । इसके बाद दोनों दल सांसद पप्पू  यादव की पार्टी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया ,लेकिन बीच चुनाव में ही राकांपा इससे अलग हो गयी ।  महागठबंधन की इस बड़ी जीत में भी जदयू के नेता और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अपनी हार नहीं बचा सके । श्री चौधरी को इमामगंज (सु) सीट से हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पराजित किया लेकिन श्री मांझी दूसरी ओर मखदुमपुर (सु) सीट से चुनाव हार गये। उन्हें राजद के सुबेदार दास ने पराजित किया । 

बिहार चुनाव : महागठबंधन की प्रचंड जीत में महिलाओं ने निभायी अहम भूमिका

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पटना 08 नवम्बर, बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली एतिहासिक जीत में महिलाओं की भागीदारी भी पुरूषों से किसी की मामले में कम नहीं रही। महागठबंधन की ओर चुनावी समर में उतरी कुल 25 महिलाओं में से 23 महिलाओं ने जीत दर्ज कर सफलता का परचम लहरा दिया। विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण और राजनीति में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने की बढ-चढकर दावा करने वाले सभी राजनीतिक दलों ने इस बार के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भरपूर उपेक्षा की थी लेकिन सीमित सीटें मिलने के बाद महिलाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि पर्याप्त अवसर मिलता तो वह पुरूषों के मुकाबले बेहतर परिणाम भी दे सकती थी। महागठबंधन की ओर 25 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है और इनमें 92 प्रतिशत महिलाओं ने अपने जबर्दस्त उपस्थिति दर्ज की है। महिला आरक्षण विधेयक के तहत महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की पुरजोर वकालत करने वाले दलों ने भी महिलाओं की इस बार कोई सुध नहीं ली और टिकट बंटवारे के समय चुप्पी साध ली । इस बार के चुनाव में कुल 272 महिला उम्मीदवार खड़ी हुई थी।इनमें 27 महिला निर्वाचित हुयी है । 

पिछले विधानसभा में 34 महिलाएं चुनकर आयीं थी । इनमें से 22 सतारूढ़ृ जदयू और 11 भाजपा के टिकट पर तथा एक निर्दलीय विजयी हुई थी । पिछले चुनाव में जदयू और भाजपा का गठबंधन था और उस चुनाव में जदयू ने 24 और भाजपा ने13 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। अकेले चुनाव लड़ी कांग्रेस ने 36 और राजद ने 10 सीट पर महिला प्रत्याशी खड़े किये थे। महिलाओं की हितैषी होने का बढ़-चढ़ कर दावा करने वाले महागठबंधन और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इस बार के चुनाव में टिकट बंटवारे में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को कोई खास तरजीह नही दी। इस बार जदयू ने पिछले चुनाव में जीती 13 महिला विधायकों जबकि भाजपा ने पांच महिला विधायकों का टिकट काट दिया है । पिछले चुनाव से यदि तुलना की जाये तो श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 37 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था लेकिन इस बार उनके नेतृत्व वाले गठबंधन से मात्र 25 महिला प्रत्याशी ही हैं । उधर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने भी 22 सीटों पर ही महिलाओं पर भरोसा कर उन्हें उम्मीदवार बनाया है ।

राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं में करीब आधी है बावजूद इसके किसी राजनीतिक दल या गठबंधन ने महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी देने में उनके साथ न्याय नहीं किया है । वर्ष 2015 में होने
वाले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो सभी पार्टियों द्वारा अब तक जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं की संख्या बहुत ही निराशाजनक है। किसी भी पार्टी में 10 प्रतिशत भी महिला उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिल सका। बिहार में सत्ताढ़ जनता दल यूनाइटेड ने दस महिलाओं को टिकट दिया जिनमें कल्याणपुर से रजिया खातून ,बाजपट्टी से रंजू गीता,बेलसंड से सुनीता सिंह,फुलपरास से गुलजार देवी, त्रिवेणीगंज से बीना भारती,रूपौली से बीमा भारती ,धमदाहा से लेसी सिंह,दरौंधा से पूर्व विधायक जगमातोद देवी की बहू कविता सिंह, चेरियाबरियारपुर से मंजू वर्मा और खगडि़या से पूर्व बाहुबली विधायक रणवीर यादव की पत्नी पूनम देवी यादव को चुनावी समर में उतारा । इनमें रजिया खातून को छोड़कर सभी नौ महिला निर्वाचित हुयी । महागठबंधन में शामिल जदयू की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल:राजदः ने भी 10 महिला उम्मीदवारो को टिकट दिया था ।इनमें मसौढ़ी से रेखा देवी, बाराचट्टी से समता देवी,रून्नीसैदपुर से मंगीता देवी, बिहपुर से सांसद बुलो मंडल की पत्नी वर्षा रानी,कटोरिया से स्वीटी सीमा हेमब्रम, पातेपुर से प्रेमा चौधरी,मोहिउद्दीन नगर से इजया यादव, नोखा से नोखा से पूर्व विधायक आनंद मोहन की पत्नी अनिता देवी ,अतरी से कुंती देवी और चकाई से सावित्री देवी शामिल है ।राजद के सीट पर उतरी सभी दस महिलाओं ने सता पर कब्जा जमा लिया ।

जदयू और राजद के साथ इस बार चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी ने पांच महिलाओं पर अपना भरोसा जताया। बेनीपट्टी से भावना झा, पूर्णिया से इंदू सिन्हा,कोढ़ा से कुमारी पूनम पासवान,बेगूसराय से अनिता भूषण और गोविंदपुर से बाहुबली विधायक कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव शामिल है। इनमें इंदु सिन्हा को छोड़कर सभी निर्वाचित हुयी । भारतीय जनता पार्टी:भाजपाः की ओर से 13 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा ।कटोरिया से निकी हेमब्रम, रोसड़ा से मंजू हजारी् बेतिया से रेणु देवी,समस्तीपुर से रेणु कुशवाहा,वारसिलीगंज से अरूणा देवी,दानापुर से आशा सिन्हा,बड़हरा से आशा देवी,रामनगर से भागीरथी देवी,नरकटियांगज से रेणु कुमारी ,परिहार से गायत्री देवी यादव, गायघाट से विधान पार्षद दिनेश सिंह की पत्नी और निवर्तमान विधायक वीणा देवी, जीरादेई से आशा देवी और गोविंदपुर से फूला देवी यादव ने चुनाव लड़ा। भाजपा के टिकट पर जो महिलायें निर्वाचित हुयी उनमें दानापुर से आशा सिन्हा ,रामनगर से भागीरथी देवी ,परिहार से गायत्री देवी और वारसिलीगंज से अरूणा देवी शामिल है ।

वोट हासिल करने की क्षमता खो चुके हैं पीएम मोदी : विदेशी अखबार

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बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को मिली करारी हार को वैश्विक मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'सबसे अहम घरेलू झटका'बताया है। इसके साथ ही इनमें कहा गया है कि यह हार दिखाती है कि वोट हासिल करने की उनकी क्षमता अब कम होती जा रही है। ब्रिटिश अखबार 'दि गार्जियन'ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिहार चुनाव जीतने में बीजेपी की नाकामी को इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि वोटरों पर मोदी की अपील अब कम होनी शुरू हो गई है।'अखबार ने कहा, 'भारत की सत्ताधारी पार्टी ने एक प्रांतीय चुनाव में हार मान ली है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र की वोट हासिल करने की क्षमता और उनकी राजनीतिक रणनीति की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था।'अखबार ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब मोदी इस हफ्ते ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले हैं।

'दि गार्जियन'ने लिखा, 'बिहार में बीजेपी की जीत मोदी के लिए सबसे अहम घरेलू झटका है, क्योंकि पिछले साल उभरती आर्थिक ताकत में हुए एक आम चुनाव में उन्हें शानदार जीत मिली थी। अपने चुनाव प्रचार में तेज विकास, आधुनिकीकरण एवं अवसर प्रदान करने के साथ-साथ रूढ़ीवादी सांस्कृतिक एवं सामाजिक मूल्यों के संरक्षण का वादा कर उन्होंने जीत हासिल की थी।'अखबार ने कहा, 'पिछले साल के चुनाव के दौरान मोदी ने अर्थव्यस्था को नई उंचाइयों तक ले जाने के जो भी वादे किए थे वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं।'बीबीसी ने लिखा, 'मोदी को पिछले साल के राष्ट्रीय चुनावों में एक शानदार जीत मिली थी, लेकिन यह चुनाव उनके आर्थिक कार्यक्रमों पर एक रायशुमारी के तौर पर देखा जा रहा था। यह हार एक बड़ा झटका है।'

वहीं पाकिस्तान के बड़े अखबार 'डॉन'ने कहा कि खानपान की आदतों पर भारत की पारंपरिक सहनशीलता की कीमत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाय पर राजनीति के खिलाफ बिहार चुनाव के नतीजे आए हैं। इसने उनके 'संकीर्ण राष्ट्रवाद'के खिलाफ विपक्षी एकता के एजेंडा को तय कर दिया है। 'दि न्यूज'ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिहार में बीजेपी की हार प्रधानमंत्री के लिए बड़ा झटका है जिन्होंने अपने प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इसके अलावा 'दि न्यूयॉर्क टाइम्स'ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आज उस वक्त करारा झटका लगा, जब जनसंख्या के मामले में भारत के तीसरे सबसे बड़े राज्य बिहार के वोटरों ने विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को खारिज कर दिया।

पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति भवन की ओर किया मार्च, मनाई काली दिवाली

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नयी दिल्ली, 11 नवंबर, सरकार द्वारा घोषित वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के विरोध में पूर्व सैनिकों ने आज यहां जंतर मंतर से राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया जिसे पुलिस ने रेल भवन के पास रोक दिया। इससे पहले जंतर मंतर पर कुछ पूर्व सैनिकों ने अपने पदक जलाने की कोशिक की जिसे उनके अन्य सहयोगियों ने रोक दिया तथा उसके बाद राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया गया।

स्क्वाड्रन लीडर ओ पी सिंह ने बताया कि कुछ पूर्व सैनिक मेडल को जलाने की कोशिक की लेकिन अन्य पूर्व सैनिकों ने उसे रोक दिया। उसके बाद राष्ट्रपति भवन तक मार्च करके अपने मेडल सीधे राष्ट्रपति को सौंपने का निर्णय लिया गया लेकिन पूर्व सैनिकोें को पुलिस ने रेल भवन के पास रोक दिया।

इस आंदोलन के प्रमुख मेजर जनरल (रिटायर) सतबीर सिंह ने ओआरओपी के वादे को पूरा नहीं करने पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओआरओपी मामले में हमारी मांगी पूरी नहीं हुई है इसलिए हम लोग काली दिवाली मना रहे हैं।

बिहार : उप मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार हैं तेजस्वी प्रसाद यादव

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पटना। राजद के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के सुपुत्र हैं तेजस्वी प्रसाद यादव। राघोपुर विधान सभा से निर्वाचित हुए हैं। पाँचवीं बार मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार के उप मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार हैं। वैसे तो बड़ी दीदी मीसा भारती और बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी उप मुख्यमंत्री की कतार में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मीसा भारती के संदर्भ में कहती हैं कि वह लोक सभा का चुनाव लड़ेगी। अगर ऐसा होता है तो बड़े-छोटे भाई आमने-सामने आ जाएंगे। संभावना है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को बनाने के बाद तेजप्रताप यादव को भी मंत्री बना दिया जाएगा। ऐसा करने से विपक्ष के द्वारा परिवारवाद का मसला उछाला जाएगा। 

अगर तेजस्वी प्रसाद यादव के वक्तव्य पर ध्यान देंगे तो पता चलेगा कि वे बहुत ही काम करने वाले हस्ति हैं। कहते हैं कि माता-पिता ने सहयोग देने का काम किया है। इसके कारण विधायक बन सके हैं। हमलोगों का विपक्षी मजाक उड़ाने का काम किया गया। पीएम मोदी कहते हैं कि लालू जी मीसा भारती और दोनों पुत्र को सेट करने की बात करके, गाली देने का काम किया है। पीएम को हमलोगों ने जवाब देने का काम किया। पार्टी ने टिकट देने का काम किया। हमलोग तो पहले से ही फील्ड पकड़े है और काम कर रहे हैं। इस चुनाव में मतदाताओं ने एनडीए को मुँह तोड़ जवाब देने का काम किया। 

पीएम के द्वारा लगातार जंगल राज करार देने का काम किया है। इसका सामना करने का काम किया। पिताजी ने तमाम गरीबों को आवाज देने का काम किया है। जब रेलमंत्री थे रेलवे को मुनाफा देने का काम किया। उस अवधि में कारखाना खोलने का काम किया। अब हमलोग मिलकर बिहार में विकास लाने का काम करेंगे। बताते चले कि बिहार विधान सभा चुनाव-2015 में महागठबंधन को 178 सीटें जीते हैं। राजद को 80,जदयू को 71 और काँग्रेस को 27 सीट प्राप्त है। निर्वाचित विधायकों की संख्या में से 5 विधायकों पर 1 मंत्री बनेंगे। राजद के हिस्से में 16,जदयू के हिस्से में 15 और काँग्रेस के हिस्से में 5 मंत्री आएंगे। मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 36 मंत्री बनेंगे। 

‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ के प्रतिभाओं सामने लाएंगे गजेन्द्र सिंह

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रिएलिटी शो सारेगामा से सुर्खियों में आए गजेन्द्र सिंह एक बार फिर बेहतरीन म्यूजिक टैलेंट रिएलिटी शोज ‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ का आगाज करने जा रहे है। जिसका निर्माण साईंबाबा टेलीफिल्म्स लिमिटेड के बैनरतले किया है। भारत के खालिस और खांटी टैलेन्ट को जिसके जरिए, कम्पनी का लक्ष्य है ऐसे उभरते हुए कलाकारों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और मेन्टॉरशिप प्रदान कराना।

‘आर्टिस्ट 4 फोर्टी’ उभरते हुए संगीत के सितारों को तराश कर एक बेहतरीन टैलेन्ट पूल का निर्माण कर रहा है जिसके तहत् बेहतरीन प्रशिक्षण संचरना इन कलाकारों की आवाज को न सिर्फ और सुरीला बनाएगी बल्कि, खासतौर से तैयार किए गए इस प्लेटफॉर्म पर उभरते कलाकारों की सर्वांगीण प्रतिभा कोे भी उभारा जाएगा जो इनके भविष्य की नींव साबित होगी।

अपनी पिछली प्रस्तुति, ‘इंडियाज रॉस्टार’के जरिए साईंबाबा टेलीफिल्म्स लिमिटेड ने प्रतिभाशाली और उत्कृष्ट कलाकारों को अपनेे साथ जोड़ा। ऐसे ही एक गायक हैं दर्शन रावल, जो इन दिनों जवां दिलों की धड़कन बने हुए हैं।अपने इसी नए प्लेटफॉर्म ‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ के जरिए कम्पनी ने हाल ही मे ंदर्शन रावल का नया गीत ‘इश्क चढ़ा है’लॉन्च किया। ‘इंडियाज रॉस्टार’केे बाद दर्शन का ये पहला आधिकारिक वीडियोे है जिसे कम्पनी ने रिलीज किया है।

दर्शन की तरह ही ‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ न ेरितुराज मोहंती, मोहित गौण, मनशील गुजराल, प्रदीप सिंह सरन, दिप्ति शर्मा, सूरज बिस्वास और मोहन राठौड़ को भी मेन टॉर्स के जरिए प्रशिक्षित कर अलग पीढ़ी के संगीत के महासितारो ंके तौर पर गढ़ा।

‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ ने हाल ही मे ंदेश के खांटी लोक कलाकारों को साधते हुए दूरदर्शन केे किसान चैनल पर प्रस्तुत किया हैै कार्यक्रम, फोक स्टार्स  ‘माटी के लाल’, जिसके सम्मानित जज हैं अन्नूकपूर और इला अरुण।
‘आर्टिस्ट4फोर्टी के बारेे मे बताते हुए गजेन्द्र सिंह का कहना ह कि, “हमें अपनी नई सोच ‘आर्टिस्ट4फोर्टी’ को लॉन्च करते हुए बेहद खुशी हो रही है।अपने इस नए टैलेन्ट मैनेजमेन्ट प्लेटफॉर्म के जरिए हम अथक प्रयास करेंगेे कि हमारे पास जितना भी तजुर्बा और समझ है, उसें आने वालेे इन कलाकारो केे साथ बांटें, जिससे ये रॉटैलन्ट, कल म्यूजिक इंडस्ट्री के चमकते सितारे बन सकें। 

अब इरफ़ान खान बेचेंगे मोबाइल फ़ोन

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इनदिनों इरफ़ान  खान बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के आलावा अन्य कार्य में भी दिलचस्पी ले रहे हैं । हाल ही में इरफ़ान खान ने नई इंडोर्समेंट डील साइन की है। यह इंडोर्समेंट भारत की मोबाइल निर्माता कंपनी लावा मोबाइल्स के साथ है। अब इर्र्फान मोबाइल फ़ोन बेचते हुए नज़र अाएंगे आएंगे। 

इससे पहले इरफ़ान प्रसिद्ध यूटुब चैनल ए आई बी के साथ म्यूजिक वीडियो शूट कर चुके है जिसकी युवकों ने बढ़ चढ़ कर प्रशंशा की है। सामाजिक कार्यो में हाथ बाटते हुए इरफ़ान ने राजस्थान के विशेष अभियान 'रिसर्जेंट राजस्थान'का चैहरा बने हैं। इस वर्ष में इरफ़ान का यह  पांचवा ब्रांड इंडोर्समेंट है। 

व्यंग : टूटा ख्वाब, क्या करें नवाज

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पाकिस्तान नाम तो सुना होगा. अपनी हरकत की वजह से तो विश्व में काफी नाम कमा चुका है. वैसे पाकिस्तान का मतलब देखा जाए तो होता है, ‘पाक+स्थान’  जिसमें पाक का मतलब साफ और स्थान जगह. लेकिन ये तो कुछ अलग ही है. कहते है नाम का काफी असर होता है. लेकिन यहां तो पूरा उल्टा है.  पाक-साफ रहने की जगह ये तो भारत को साफ करने के चक्कर में पड़ा है. दुनिया में अपनी साख तो पहले ही गिरा ही चुका है. अब भारत विरोधी एजेंडे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ खिलावन बनने अमेरिका पहुंचे थे. 

अरे शरीफ जी नाम का असर शायद आप पर भी नही हो रहा. बंटवारे के बाद भारत को अपना दुश्मन समझने वाले पाकिस्तान की नादानी पर विश्व हंसता है. आखिर भारत ने ऐसा क्या किया है ?  हमेशा कश्मीर का राग गाते रहते हो. पूरा पाकिस्तान तो आप से संभलता नही है. और उछल कूद मचा रहे हो.  अशांत बलूचिस्तान को देखो पहले. पाक के विरोध में नारे लगते है. शरीफ जी लोग चाहते हैं कि पड़ोसी उसके अच्छे होने चाहिए. आप को तो पड़ोसी नही भारत ने छोटे भाई का दर्जा दिया है. एक हिसाब से आप हो भी छोटे भाई की तरह.  जब घर परिवार का मसला कोई होता है तो उसे घर पर निपटाना चाहिए. किसी के सामने रोना रोने से कुछ नही होता. 

दुनिया के सामने मजाक का पात्र ही बनते हो.  अब खुद ही देख हो अमेरिका के दौरे पर भारत की शिकायते लेकर आप गए थे. नतीजा क्या मिला ? आप की सारी बातों को नकार दिया गया. कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की दखलन्दाजी मांगी जिसे शिरे से ओबामा ने नकार दिया. उन्होने साफ कह दिया कि जब तक भारत नही कहेगा अमेरिका इस मामले से दूर रहेगा.

 ऊपर से आतंकवाद को लेकर आप को नसीहत भी दी गई. आंतकवाद पर कार्रवाई करने को कहा. जिसे आप ने भी आश्वासन दिया कि इसके खिलाफ कार्रवाई करेगें. जिसे लेकर लश्कर ए तैयबा से भी खरी खोटी आप ने सुनी. ये सब देखकर लगता है आप का हाल तो आगे कुंआ पीछे खांई जैसा है. हो भी क्यों न?   जब बबूल का पेड़ लगाओगे तो आम कहां से होगा. 

बेइज्जती की हद तब हो गई जब अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने आप को नवाज कहकर सम्बोधित किया. साथ ही इस वार्ता के दौरान गुस्से में एक घूंसा टेबल पर मारा. पाक की हकीकत तो किसी से छिपी नही है. बेइजज्ती का दौर अभी खत्म नही हुआ था. 23 अक्टूबर शुक्रवार को वाशिंगटन के एक कार्यक्रम में जब आप बोलने पहुंचे, तो एक श्रोता ने 'बलूचिस्तान को आजाद करो और युद्ध अपराध बंद करो'के नारे लगाकर वहां भी आप की बोलती बंद कर दी।

यह पूरा वाक्या वाशिंगटन के थिंकटैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के कार्यक्रम में पेश आया। यहां तक उसने आप को अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का दोस्त कहा। उसने हाथ में बलूचिस्तान को आजाद करो का पोस्टर भी ले रखा था। हंगामे के बाद उस शख्स को सुरक्षाकर्मी सभा से बाहर ले गए। यहां तक कि आप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, विदेश मंत्री जॉन केरी से भेंट के दौरान  कश्मीर मुद्दे, सीमा पर गोलीबारी के साथ बलूचिस्तान में भारत की एजेंसियों की दखलंदाजी का आरोप लगाया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों की ओर से इसे कोई तवज्जो नहीं दी 

आप ने बलूचिस्तान में दखलंदाजी को लेकर कुछ दस्तावजे भी सौंपे थे, लेकिन अमेरिका ने इसकी पुष्टि तक करने से भी इनकार कर दिया.  किसी के बर्गालाये में आकर खुद अपने देश का नुकसान कर रहे हो. हर तरफ से भारत के खिलाफ आप को निराशा हाथ लगी है. और हमेशा लगेगी.  पाक ने तो विश्व में अपना दर्जा तो आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा रखा है. ये चुगली और उंगली करना छोड़ो. एक अच्छे पड़ोसी की तरह पेश आओ. वहां की आवाम को भी फायदा होगा. जब भारत से रिश्ते अच्छे होगें तो आप को और देश भी तवज्जो देना शुरू कर देगें. एक बार सब से कह दो कि आंतकवाद से लड़ने के लिए साथ देने को तो देखों आप के साथ कितने देश खड़े हो जाएगें.

 कहते हैं समाज में रहने के लिए समाज के तौर तरीके सीखने होते हैं. वैसे ही पाकिस्तान को आगे बढ़ाने के लिए सभी देशों के साथ की जरूरत है. आप तो केवल एक देश पर आश्रित हैं. जो कि अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है.  अब इतने भी नादान नही है कि अच्छा बुरा न सोच सकें. हमें आपस में लड़ाकर मजा कोई दूसरा उठाता है. खैर छोड़ो आप अमेरिका किसी के दबाव में तो नही चले गए थे. बात कुछ भी हो इतनी बेइज्जती शायद ही किसी पाक पीएम की हुई होगी. आप तो चल दिए थे शिकायतों का अंबार लेकर खिलावन बनने, नतीजा शून्य निकला.




liveaaryaavart dot com

रवि श्रीवास्तव,
स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, व्यंगकार, कहानीकार
ravi21dec1987@gmail.com

विशेष : प्रधानमंत्री को खुला खत जनसंख्या के अनुसार 100 फीसदी आरक्षण हो।

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  • आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया तो देश खण्ड—खण्ड हो जायेगा।

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श्री नरेन्द्र मोदी जी
प्रधानमंत्री
भारत सरकार, नयी दिल्ली।

विषय : आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया तो देश खण्ड—खण्ड हो जायेगा।

उपरोक्त विषय में और जनहित में हक रक्षक दल सामाजिक संगठन की ओर से आपको सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जाता है कि समाजशास्त्रियों के अनुमानों के अनुसार वर्तमान भारत में ब्राह्मणों की कुल जनसंख्या मात्र 2.5 से 3 फीसदी है। समस्त आर्यों की कुल जनसंख्या 10 से 12 फीसदी है। जबकि वर्तमान में 80 फीसदी से अधिक प्रशासनिक पदों पर आर्यों का कब्जा है। नीति—नियन्ता प्रशासनिक, शासकीय और न्यायिक पदों पर 95 से 99 फीसदी पदों पर आर्यों का कब्जा है। जिसके कारण शेष सम्पूर्ण अनार्य आबादी, आर्यों के ​शिकंजे में कैद है और अन्याय सहने को विवश है। आर्य राजनैतिक दलों का लोकतंत्र पर सम्पूर्ण कब्जा है।

आप जानते हैं कि भारत की जनसंख्या की जातिगत जनगणना हो चुकी है। आपकी सरकार के पास जातिगत आंकड़े भी तैयार हैं। फिर भी आपकी सरकार द्वारा आर्यों के हित में जातिगत जनसंख्या के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किये जा रहे हैं। जो सम्पूर्ण देशवासियों के साथ खुला अन्याय है।

कुछ समय पहले हक रक्षक दल की ओर से हमने राजस्थान के अजा, अजजा एवं ओबीसी के जनप्रतिनिधियों के नाम खुला खत लिखा था। जिसमें उनको साफ शब्दों में अवगत करवाया गया था कि देशभर में सवर्णों की कुल आबादी अधिकतम 12 फीसदी है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार गरीब सवर्ण, सवर्णों की कुल जनसंख्या का एक फीसदी से भी कम हैं। फिर भी संविधान को धता बतलाकर राजस्थान विधानसभा द्वारा गरीब सवर्णों को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का बिल पारित किया जा चुका है। लेकिन आर्यों के नेतृत्व वाली राजनेतिक पार्टियों के टिकिट पर निर्वाचित आरक्षित वर्गों के जनप्रतिनिधियों की जबान को सांप सूंघ गया। कोई कुछ नहीं बोला।

अब जबकि मात्र 2.5 से 3 फीसदी ब्राह्मणों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 15 फीसदी आरक्षण की मांग की जा रही है। आशंका है कि आपकी सरकार द्वारा कुछ समय बाद 2.5 से 3 फीसदी ब्राह्मणों को आर्थिक आधार पर 15 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का बिल भी संसद में पेश कर, पारित करवा दिया जायेगा।

यदि ऐसा हुआ तो सम्पूर्ण देश एक बार फिर से आर्य ब्राह्मणों का ​हमेशा को गुलाम हो जायेगा। अत: हक रक्षक दल सामाजिक संगठन की आप से खुली मांग है कि राजनैतिक, प्रशासनिक और शैक्षणिक सहित सभी क्षेत्रों में कम से कम अगले सौ साल के लिये सौ फीसदी आरक्षण लागू किया जावे। जिसके लिये प्रारम्भिक सुझाव—

1—जनसंख्या के जातिगत आंकड़े तुरन्त सार्वजनिक किये जावें।
2—सम्पूर्ण आबादी को समान परिस्थितियों के आधार पर 15 से 20 मिलते—जुलते नये वर्गों में विभाजित किया जावे।
3—देश की 98 फीसदी आबादी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में उनके वर्गों में आरक्षण प्रदान कर दिया जाये।
4—शेष 02 फीसदी आरक्षण कोटा सभी वर्गों के प्रथम श्रेणी में भर्ती होने वाले अफसरों की संतानों और उनके समकक्षों तथा पूंजीपतियों के लिये आरक्षित रक्षा जावे। और
5—सौ साल बाद संसद निश्चय करे कि आगे इस देश में आरक्षण जरूरी है या नहीं!

प्रधानमंत्री जी आपको देशहित में अवगत करवाया जाता है कि यदि आपकी सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर किसी को भी आरक्षण प्रदान करने के आरएसएस के षड़यंत्र को अमली जामा पहनाया गया तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और देश का विखण्डन भी हो सकता है। यदि ब्राह्मणों को आरक्षण प्रदान किया गया तो किसी भी सूरत में देश को मंजूर नहीं होगा।

अत: समय रहते आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करने सम्बन्धी असंवैधानिक बयानबाजी पर तत्काल पाबन्दी लगायी जावेगी आप से ऐसी अपेक्षा है।




liveaaryaavart dot com

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
राष्ट्रीय प्रमुख— हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान

फिल्म ‘‘मैं और चाल्र्स‘‘ में दमदार है किरदारः रणदीप हुडा

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चाल्र्स शोभराज की जीवन पर बनी फिल्म ‘‘मैं और चाल्र्स‘‘ के प्रमोशन के फिल्म की स्टार दिल्ली पहुंची। इस मौके पर फिल्म रणदीप हुडा, अभिनेत्री रिचा चड्ढ़ा, डायरेक्टर परवाल रमण, आदिल हुसैन, प्रोड्यूसर राहुल मित्रा और पूर्व पुलिस कमीश्नर अमोद कंठ उपस्थित थे। रणवीर फिल्म में चार्स का किरदार निभा रहे है,उनका कहना था कि यह किरदार में मेरे लिए एक चुनौती था।लेकिन किरदार दमदार है जिसे निभाते हुए मजा आ रहा है। फिल्म ‘‘मैं और चाल्र्स‘‘ पूरी तरह चाल्र्स शोभराज की जिंदगी पर आधारित फिल्म नहीं है। इस फिल्म में वहीं दिखाया गया है । फिल्म में अमोद कंठ का किरदार आदिल हुसैन निभा रहे हैं। 

फिल्म के बारें में विस्तार से बताते हुए डायरेक्टर परवाल रमण ने कहा ‘‘इस फिल्म को बनाने की घोषणा हमने 2008 में की थी। उस समय से हम इसके स्क्रीप्ट पर काम कर रहे थें। इस फिल्म को बनाने के दौरान हमे कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहाॅ तक की चाल्र्स शोभराज की तरफ से भी हमे नोटीस आया था। पर हमने पूरी मेहनत के साथ ये फिल्म बनाई है‘‘।‘‘ वहीं फिल्म में अपने किरदार के बारें में बतलाते हुए अभिनेता रणदीप हुडा ने कहा ‘‘इस किरदार को निभाना मेरे लिए काफी चैलेंजिंग रहा। मैने चाल्र्स शोभराज के किरदार में अपने आप को ढ़ालने के लिए उसके उपर काफी रिसर्च किया है। यहाॅ तक मैं और हमारी पूरी टीम चाल्र्स शोभराज से मिलने नेपाल जेल भी गये थें। हमने उनको अपनी फिल्म दिखाने का वादा भी किया‘‘। वहीं इस मौके पर चाल्र्स शोभराज केस पर विशष जानकारी देते हुए अमोद कंठ ने कहा ‘‘मैं इस फिल्म से किसी तरह से जुड़ा हुआ नहीं हॅू पर इस फिल्म के जरिये मै लोगों को ये समझाने की की कोशीश करना चाहता हॅू कि वो इस फिल्म को देखकर चाल्र्स शोभराज बनने की कोशीश ना करें। वो हीरो नहीं इस फिल्म का भी विलेन है और रियल लाईफ में भी वो विलेन हीं है‘‘।

भारत का पहला हवाई रेडियो मिर्ची टी 3

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रेडियो मिर्ची, भारतीय संगीत और मनोरंजन उद्योग में अपने कार्य का विस्तार करते हुए अब  भारत का पहला हवाई रेडियो, की स्थापना के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (पी) लिमिटेड (डीआईएएल) के साथ हाथ मिलाया है।

 रेडियो मिर्ची टी 3  चेक-इन काउंटर या सुरक्षा जांच या उड़ानों में देरी या बोर्डिंग गेट के लिए लंबी सैर के लिए कतार में इंतजार की बोरियत में लंबे समय से प्रतीक्षा कतारों बनें, यात्रियों रखेंगे ।

 भारत का पहला हवाई रेडियो, मिर्ची टी 3 के अनावरण, श्री प्रशांत पांडेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, ईएनआईएल, ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘हम मिर्ची टी 3 के लिए डायल के साथ भागीदार की है। रेडियो मिर्ची का मकसद यात्रियों के मूड तरक्की और यात्रा के लिए एक अधिक यादगार और मनोरंजक बनाना है।  

मिर्ची टी 3 के लांच के मौके पर शंकर-एहसान-लॉय ने कहा, ‘एक ब्रांड के नए रेडियो  को पेश करने के लिए बेहद खुश हॅू। हमने इस रेडियो फीड के लिए रेडियो मिर्ची के साथ हाथ मिलाया है। 

प्रभाकर राव ने कहा कि हवाई अड्डे रेडियो की अवधारणा प्रस्तुत करने में रेडियो मिर्ची के साथ साझेदारी करने के विचार का स्वागत किया।
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