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पदक लौटाना राष्ट्र का अपमान : पर्रिकर

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नयी दिल्ली / चेन्नई 13 नवंबर, सरकार द्वारा अधिसूचित एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के विरोध में पूर्व सैनिकों का अपने पदक लौटाने का सिलसिला आज भी जारी रहने के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे राष्ट्र का अपमान करार दिया है। पूर्व सैनिक पिछले तीन दिन से देश भर में अलग अलग जगहों पर पदक लौटा रहे हैं और आज उन्होंने इंडिया गेट पर जाकर अपने पदक लौटाये। कुछ जगहों पर पूर्व सैनिकों ने अपने पदक जलाने का प्रयास भी किया है। इस बीच, श्री पर्रिकर ने आज चेन्नई में नौसेना के एक कार्यक्रम में कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध का अधिकार है लेकिन पदकों को लौटाना तथा उन्हें जलाना राष्ट्र का अपमान है। ये पदक उन्हें राष्ट्र के प्रति बलिदान के लिए दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि ओआरओपी का वादा सरकार ने नहीं किया था। यह चुनावी वादा था, जो भारतीय जनता पार्टी ने किया था और इसे पूरा किया गया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ओआरओपी की अधिसूचना पूर्व सैनिकों के विभिन्न संगठनों के साथ विचार- विमर्श के बाद की गई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गठित की गई कोशियारी समिति की रिपोर्ट के अनुच्छेद 6.4 में कहा गया है कि पेंशन की पांच वर्ष में समीक्षा स्वीकार्य प्रस्ताव है। पूर्व सैनिकों की शिकायत सुनने के लिए एक आयोग का गठन किया गया है और यदि किसी की कोई शिकायत है तो वह आयोग में अपनी बात कह सकता है।

सरकार ने पिछले सप्ताह ही ओआरओपी से संबंधित अधिसूचना जारी की थी लेकिन पूर्व सैनिकों ने इसे आधा अधूरा बताते हुए इसे मानने से इन्कार कर दिया था। पूर्व सैनिकों और सरकार के बीच मुख्य रूप से पेंशन की समीक्षा की अवधि को लेकर मतभेद है। सरकार ने हर पांच वर्ष में पेंशन की समीक्षा की घोषणा की है जबकि पूर्व सैनिक हर वर्ष पेंशन समीक्षा की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री के वादे पूरा करने का समय आ गया : जदयू

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पटना,13 नवम्बर, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने कहा है कि बिहार की जनता ने महागठबंधन के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार के विकास के लिए किये गए अपने वादों को पूरा करना चाहिए। जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने आज यहां कहा कि चुनावी कटुताओं को भूलते हुए और बिना विलम्ब किये मोदी सरकार बिहार के विकास के प्रति अपने दायित्वों को समझे और राज्य के विकास के लिए जो बड़ी-बड़ी घोषणाएं श्री मोदी ने की थी,उनके क्रियान्वयन की दिशा में कदम उठाये।उन्होंने कहा कि केंद्रीय अंशदान में कटौती और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की राशि में कटौती जैसे तमाम आर्थिक संकटों से बिहार को बचाने और राज्य के लोगों के दर्द को समझने की जरुरत है। 

श्री शर्मा ने कहा कि बिहार की जनता ने जिस प्रकार श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकसित बिहार के सपने को साकार करने के लिए अपना फैसला सुनाया है,उस जनभरोसे को कायम रखने के लिए केंद्र सरकार को भी अपनी भूमिका समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद की भावना केवल भाजपा शासित राज्यों तक ही सीमित न रहे बल्कि बिहार को भी उसका उचित हक मिलना चाहिए। 

विशेष आलेख : मासूम पर चली मंत्री की लात

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बच्चों को भगवान का एक रूप माना जाता है. किसी देश का भविष्य आगे बढ़कर बच्चे ही बनाते हैं. मध्यप्रदेश में मंत्री का एक भिखारी बच्चे को लात मारना देश के लिए काफी शर्मसार बात है. बीजेपी सरकार में पशुपालन मंत्री कुसुम महदले ने एक छोटे से बालक को इसलिए लात मारकर हटा दिया. क्योंकि वह बालक रास्ते में आकर मद्द के लिए एक रूपए मांग रहा था. 

एक महिला होकर आप ने इतना बड़ा कदम उठाया. आप भी किसी की मां होगीं. एक मां होकर दूसरे के बच्चे को लात से मारना कहा तक उचित है. मां शब्द ही अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. उसे बताने की जरूरत नही है. महिलाओं को उनके सहज स्वभाव और दया के लिए देवी का रूप माना जाता है. इतनी नफरत है गरीबों के बच्चों से. अपने ओहदे का भी लाज नही किया.

 इतने बड़े ओहदे पर बैठकर ऐसी हरकत करना शोभा नही देता. वो बच्चा आप के पास मदद के लिए आया था तो लात मारने की जगह उससे पूंछ सकती थी. आखिर इतनी क्या लाचारी है. जो पढ़ने-लिखने की उम्र में सड़कों पर भटककर भीख मांग रहे हो. ये उसकी लाचारी है, या किसी गिरोह का काम जो उससे भीख मंगवा रहा है. आप ने तो लात मारा ही और आप के साथ चल रहे सुरक्षा के जवान ने उसे फेंक दिया. 

 सरकार की तो किरकिरी करा दी आप ने. सरकार शिक्षा को लेकर तो बड़े बड़े दावे करती है. लेकिन जिसकी जमीनी हकीकत कुछ और है.  जनता ने लात अपने बच्चों को लात मरवाने के लिए आप को नही चुना है. उनका भविष्य अच्छे से बनाने के लिए चुना है. देश में  हर चौराहे पर भीख मांगते हुए बच्चे देखने को मिल जाएगे. जिनपर आगे चलकर देश का भविष्य निर्भर होता है.

 उनको लेकर सरकार को भी कुछ नही दिखता है. प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठे रहती है. देश में लगभग हजारों की संख्या में सड़कों पर मासूम बच्चों को भीख मांगते देखा जाता है. सिर्फ बड़े वादे करने से काम नही चलने वाला है. पूरा कर के दिखाना चाहिए. हो सकता है इन मासूमों को जबरजस्ती भीख मांगने पर मजबूर किया जा रहा हो. इनकी परिस्थिति तो देखनी ही चाहिए. घर वालों ने मजबूर किया है य किसी गिरोह ने. कही कोई घटना हो जाए तो वाह वाही लूटने सभी नेता आते हैं. सड़को से गुजरते वक्त क्या इनकी आखें बंद होती हैं.

 उन मासूमों का दर्द नही दिखाई पड़ता है. कहने को तो बहुत से एनजीओ भी है, जो इस पर कार्य कर रहे हैं. इसके बावजूद मासूम बच्चों के भीख मांगने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है. पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान के कार्यक्रम में गई मध्यप्रदेश की मंत्री कुसुम महदले ने तो ठान लिया की गंदगी के साथ गरीबों के बच्चों को साफ करो. तभी तो उस मासूम को लात से मारने में लगी पड़ी रही. इतनी घृणा न करों इन गरीबों से मोहतरमा. इन्ही के वोटों की बदौलत इस ओहदे का सफर तय किया है. इतनी vvip  हो गई हैं, कि मद्द मांगने वाले गरीबों को लात मारना शुरू कर देगें. ऊपर से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया पर ठीकरा फोड़ा है.

 कैमरे में कैद होने के बाद भी. शर्म आनी चाहिए आप को. इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश के राजनीतिक दल के साथ वहां कि आवाम को भी पूछना चाहिए कि ऐसी शर्मनाक हरकत करने वालों को सरकार में रहने का क्या औचित्य है?  त्रेतायुग में रावण ने अपने भाई विभीषण को लात मारकर लंका से बाहर भगा लिया था, और आज कलयुग में मंत्री साहिबा ने एक मासूम पर लात चलाई है. एक कहावत है, विनाशकाले विपरीत बुद्धि, जब विनाश का समय आता है तो बुद्धि काम करना बंद कर देती है. कुछ ऐसा ही हाल मध्यप्रदेश में देखने को मिला है. न आर्शीवाद के लिए हाथ, न करी उससे बात, बस चला दी उस मासूम पर अपनी लात.




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रवि श्रीवास्तव
लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार. 

विशेष आलेख : कांग्रेस के वरिष्ठों में भविष्य की चिंता

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कांग्रेस पार्टी का वर्तमान और भविष्य उसके वरिष्ठ नेताओं के लिए कई प्रकार के प्रश्नचिन्ह उपस्थित कर रहा है। कांग्रेस में अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय व्यतीत करने वाले नेताओं द्वारा गाहे बगाहे कहा जा रहा है कि कांग्रेस की कमान बहुत जल्दी विरासती पृष्ठभूमि से उपजे राजनेता राहुल गांधी को मिलने वाली है। इससे जहां कांग्रेस के कुछ ऐसे नेता तो प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं हैं, ऐसे नेता कांग्रेस में बहुत हैं, जो संक्षिप्त मार्ग से पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करने की लालसा रखते हैं, लेकिन जो नेता अपना राजनीतिक प्रभाव रखते हैं वे जरूर आत्म मंथन के दौर से गुजर रहे होंगे। क्योंकि इस प्रकार के राजनेता चापलूस वाली राजनीति को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। कांग्रेस की भावी राजनीति के बारे में यह भी कहा जाने लगा है कि जब राहुल गांधी के हाथों में कमान आएगी तब वे ही लोग कांग्रेस को चलाएंगे जो राहुल गांधी के आसपास रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस का भविष्य क्या होगा, इस पर आशंका के बादल उमड़ते दिखाई दे रहे हैं।

भारत की राजनीति में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आम जनता में अभी तक कोई छाप छोड़ पाने में असमर्थ ही प्रमाणित हुए हैं। इस बात को कांग्रेस के कई नेता दबे स्वर में स्वीकार कर रहे हैं। खुलकर बोल पाने का सामर्थ्य संभवत: बहुत कम कांग्रेसी नेताओं में हैं। इन बहुत कम में अगर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश का नाम शामिल किया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जयराम रमेश ने एक प्रकार से अपना दुखड़ा व्यक्त कर ही दिया। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में साठ वर्ष से ऊपर के नेताओं का जमाना चुक गया है। अब केवल राहुल गांधी जैसा चाहेंगे, वैसी ही कांग्रेस पार्टी बनेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में राहुल गांधी ही कांग्रेस में प्रमुख भूमिका में रहेंगे। यह बात जयराम रमेश ने इसलिए भी कही होगी कि उनको शायद कांग्रेस का भविष्य दिखाई देने लगा है। अगर यही सब कांग्रेस में दिखाई देगा तो यकीन के साथ कहा जा सकता है कि कांग्रेस में दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल, अशोक गहलौत, शीला दीक्षित, मोतीलाल बोरा, सलमान खुर्शीद आदि ऐसे अनेक नेताओं को या तो घर बैठना होगा या फिर उन्हें राहुल गाँधी की जी हजूरी करनी होगी। वैसे यह बात भी मानी जा रही है कि कांग्रेस में जो दिग्गज राजनेता हैं वे सभी समय के अनुसार चलने के लिए महारत हासिल किए हुए हैं। ऐसे में यह साफ कहा जा सकता है कि यह सभी नेता अपने आपको राहुल का विश्वास पात्र बनने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

वर्तमान में कांग्रेस के नेताओं के बारे में यह कहा जा सकता है कि तमाम खामियों के बाद भी राहुल गाँधी के बारे में वरिष्ठ नेता भी विरोधी राय नहीं निकाल सकते। किसी कारण से वह राहुल गांधी का विरोध कर भी देता है, तो उसका परिणाम भी उसे अच्छी प्रकार से मालूम है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में केवल जयराम रमेश ही साठ की अवस्था को पार कर गए हैं, बल्कि कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं, जो इस प्रकार उपेक्षा का दंश भोग रहे हैं। वास्तव में जयराम रमेश की बातों का मतलब निकाला जाए तो यह बात आसानी से समझ में आ सकती है कि कांग्रेस में अब केवल अनुभवहीन नेताओं की ही चलेगी, वरिष्ठ नेताओं को लगभग किनारे लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जिसका प्रत्यक्ष दर्शन राहुल गांधी की योजना के मुताबिक बहुत जल्दी ही राजनीतिक पटल पर दिखाई देगा।  

राहुल गांधी के बारे में यह बात सभी को मालूम है कि वे न तो लोकसभा चुनाव में अपना राजनीतिक अस्तित्व बचा पाए और न ही राज्यों के विधानसभा चुनावों में ही अपना राजनीतिक कौशल दिखा पाए। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को चिन्ता होना स्वाभाविक ही है। कांग्रेस में आज भी वरिष्ठों की इतनी लम्बी फौज है कि जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी कांग्रेस के साथ की और आज भी उसी के साथ खड़े दिखाई देते हैं। जयराम रमेश का यह कहना कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष कब बनेंगे, यह कांग्रेस में केवल सोनिया गांधी या राहुल गांधी ही बता सकते हैं। इसका अर्थ भी साफ है कि कांग्रेस में आज कोई नेता कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो, कांग्रेस में चलेगी केवल सोनिया और राहुल की ही। राहुल के बारे में एक बात पूरे देश ने मान ली है कि वे देश के महत्वपूर्ण अवसरों पर विदेश घूमने में मस्त रहते हैं। उन्हें देश के बारे में किसी प्रकार की चिन्ता तक नहीं रहती। देश में समस्या के समय भागने की राहुल गांधी की यह आदत राजनीतिक अपरिपक्वता का ही बोध कराता है। इन सब बातों से यह कहा जा सकता कि वर्तमान में कांग्रेस केवल एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। कहने को कांग्रेस भले ही बहुत बड़ा राजनीतिक संगठन हो लेकिन सत्य यही है कि यह बहुत बड़ा शब्द कांग्रेस में तो सोनिया और राहुल के सामने बौना ही दिखाई देता है।

वर्तमान में जिस प्रकार से राहुल गांधी को कांग्रेस में नंबर एक पर विराजमान किया जा रहा है, कमोवेश उस तरीके को लोकतांत्रिक कतई नहीं माना जा सकता। केवल सोनिया गांधी के संकेत पर किए जाने सारे निर्णयों से यही बात सामने आती है कि कांग्रेस में सांघिकता का अभाव है। वहां महत्वपूर्ण निर्णयों में संगठन की भूमिका का कोई महत्व नहीं है। ऐसे में आज जयराम रमेश ने मुंह खोला है, भविष्य में कांग्रेस का अन्य कोई वरिष्ठ नेता मुंह खोल दे तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।





सुरेश हिन्दुस्तानी 
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

व्यंग : रिटायरमेंट की पीड़ा ...!!

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मि. खिलाड़ी और लक्ष्मीधर दोनों की आंखों में आंसू थे। क्योंकि दोनों संयोग से एक ही दिन रिटायर हो गए या यूं कहें कि कर दिए गए। हालांकि रिटायर दोनों ही नहीं होना चाहते थे। बल्कि रिटायरमेंट का ख्याल भी दोनों को डरा देता था। मि. खिलाड़ी पिछले तीन साल से टीम में नहीं थे। हालांकि उन्हें भरोसा था कि एक न एक दिन टीम में उनकी वापसी हो जाएगी। मीडिया वाले उनसे अक्सर पूछते ... तो आप रिटायरमेंट कब हो रहे हैं ...  बदले में मुस्कुराते हुए उनका एक ही रटा – रटाया जवाब होता... अभी रिटायरमेंट का मेरा कोई इरादा नहीं है। अपने पूर्ववर्ती दूसरे कथित महान खिलाड़ियों की तरह मन  मारते हुए जब उन्होंने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की तो उनके साथ ही उनके लाखों चाहने वालों की आखों से भी आंसू निकल पड़े। अरे अभी उम्र ही क्या हुई थी... अभी तो पट्ठे के भीतर कई साल का क्रिकेट भरा था... वगैरह – वगैरह। 

एक रिटायरमेंट ने उन्हें गुमनामी की दुनिया से निकाल कर सुर्खियों में ला दिया था। कोई भी चैनल खोलो... एक ही दावा मि. खिलाड़ी का रिटायरमेंट के बाद का पहला एक्सक्लूसिव इंटरव्यू... फलां ने सिर्फ हमसे बात की। इससे मैं चकरा जाता हूं। अरे भईया ... रोज तो देख रहा हूं इंटरव्यू, फिर एक्सक्लूसिव कैसे हो गया। चैनल पर एंकर मि. खिलाड़ी से सवाल कर रहा है... रिटायरमेंट के बाद कैसा लग रहा है... आफ कोर्स ... मैं इंज्वाय कर रहा हूं...। क्या आपको अफसोस है कि आपको समय से पहले रिटायर कर दिया गया ... मि. खिलाड़ी इसका बड़ी चतुराई से गोलमोल जवाब दे रहा है... मानो कोई मंजा हुआ राजनीतिज्ञ हो... देखिए जब रिटायर हो ही गया... तो अब गड़े मुर्दे उखाड़ने का क्या फायदा...। सवाल... अब भविष्य का इरादा है... आफ कोर्स मैं नई पीढ़ी के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोल कर देश में खेल का विकास करुंगा। बातचीत के दौरान मि. खिलाड़ी के करियर व शानदार पारियों को महिमामंडित कर बार – बार दिखाया जा रहा है। 

दूसरी ओर लक्ष्मीधर की पीड़ा दूसरी है। जनाब जन्म से अंधे नाम नयनसुख वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए सिर्फ लक्ष्मीधर नाम लिए ही घूमते रहे। रहे तो पुलिस महकमे में होमगार्ड। साथी जवानों की तरह खाकी भी पहनते थे। लेकिन उन जैसों सी बेचारे की किस्मत कहां। पुलिस की नौकरी बजाते हुए एक तरह से दैनिक मजदूर ही बने रहे। लिहाजा उनके साथी जवान जहां चांदी कूटते रहे। हाथ गंदे करते रहने के बावजूद बेचारे के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लग पाया। कई बार नौकरी जाते – जाते बची। अधिकारी गीदड़ भभकी देते हुए चेतावनी देते रहते... जानता हूं ... तुम लोगों की तनख्वाह कम है इसलिए इस बार छोड़ रहा हूं... लेकिन अगली बार नहीं छोड़ूंगा। मि. खिलाड़ी की तरह ही एक दिन न चाहते हुए भी रिटायर कर दिए गए। जमा – पूंजी के नाम पर हाथ कुछ नहीं आया। कल्याण के मद में जो रकम कटती थी, उसकी वापसी के लिए भी अधिकारियों के दरवाजे – दरवाजे मत्था टेकते रहे। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। 

अब बेचारे की आंखों में आंसू है। बाल – बच्चे उलाहना दे रहे हैं कि जिदंगी भर खाकी पहन कर क्या किया। हर पहचान वाले से लक्ष्मीधर पूछता है... अब आगे की जिंदगी कैसे कटेगी। क्योंकि मुझे तो कोई पेंशन मिलेगा नही... न कोई जमा सर्विस ही मिली है। बुढ़ापे में भी चार पैसे कमाने के लिए लक्ष्मीधर ने कई लोगों से मुलाकात की। समय काटने का हवाला देते हुए कुछ काम देने की अपील की। बदले में चंद हजार रुपए के बदले 12 -12 घंटे की चौकीदारी के आफर ने उसे तोड़ कर रख दिया। लेकिन मि. खिलाड़ी की पीड़ा उससे कहीं ज्यादा गहरी है। भले ही कुछ साल खेल कर वह अकूत धन – संपित का मालिक बन गया हो। लेकिन उसका विषाद चेहरे पर साफ नजर आता है। इससे पहले अनेक महान  खिलाड़ियों को इस दौर से गुजरते देख चुका हूं। सचमुच बड़ी त्रासद स्थिति है यह किसी भी खेल प्रेमी के लिए। अपने पसंदीदा खिलाड़ी को इस तरह रोते – बिलखते देखना भला कौन चाहेगा।ऐसे में रिटायर होने वाले खिलाड़ियों के भले के लिए सरकार को तुरंत बूढ़े खिलाड़ियों की एक टीम बना देनी चाहिए। जिससे वे अवसाद से बच सके।




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तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

वरुण बडोला के साथ ‘‘लेते हैं खबर’

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दुनिया भर की उन ताजा-तरीन खबरों को व्यंग्यात्मक अंदाज में दिखाया जायेगा, नया शो ‘‘लेते हैं खबर‘‘ में। जिन पर हंगामा मचा है। अभिनेता वरुण बडोला के साथ आरंभ किया गया है। यह शो सप्ताह में दो बार दिखाया जाने वाला एक व्यंग्य है। 

होस्ट वरुण बडोला एक नये अवतार में नजर आयेंगे। वे उन न्यूज स्टोरीज की पड़ताल करेंगे, जो सुर्खियों में हैं और उन्हें दर्शकों के समक्ष एक अनूठे व हास्यास्प्रद अंदाज में प्रस्तुत करेंगे। यह शो दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोट-पोट करने का वादा करता है और साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि वे दुनिया भर की घटनाओं से जुड़े रहें। वरुण दर्शकों को ऑडियो एवं वीडियो क्लिप्स दिखायेंगे, जो कि खबर बना रहे हैं और चतुराई के साथ उन्हें व्यंग्य में तब्दील करेंगे। मनोरंजन के स्तर को बढ़ाने के लिये इस शो में अन्य दिलचस्प तत्व भी शामिल हैं, जैसे कि एक ‘‘आउटडोर कॉरेस्पांडेंट‘‘ और नकली ‘‘विषय के विशेषज्ञ‘‘, जोकि हास्यप्रद होस्ट का साथ देंगे।

तापसी ने दर्शकों को दिया दिवाली का तोहफा

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दिवाली के इस शुभ अवसर पर तापसी ने अपने दर्शकों को एक खास तोहफा दिया है। यह तोहफा कुछ और नहीं बल्कि एक शार्ट फिल्म है। तापसी के फैंस हमेशा से ही तापसी को नए अवतार में देखने के लिए उत्सुकः रहते हैं। अपने फैंस और दर्शकों से मिले स्नेह और प्यार के बदले में अपने फैंस को दिवाली के गिफ्ट के तौर यह शार्ट फिल्म की है। 

इस  शार्ट फिल्म में सामाजिक संदेश भी है जोकि आज ही युवा पीढ़ी को समझना बहुत ज़रूरी है। इस शार्ट का कांसेप्ट तापसी को बेहद पसंद आया था इसी लिए उन्होंने इस शार्ट फिल्म के लिए फ़ौरन  हामी भर दी थी। इस फिल्म में तापसी के साथ अमित साध भी हैं जोकि तापसी के पति का किरदार निभा रहे हैं। यह शार्ट फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई है और लोग सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस फिल्म की जमकर तारीफ कर रहे हैं। 

विशेष आलेख : भारत, भिखारी और भविष्य

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नुमाईश में खड़े उस बचपन पर लगभग हर रोज निगहबानी करता रहता हूं. सेल्फियों के जरिए लोगों द्वारा उनकी मासूमियत के संग चिपकी गरीबी को कैद होते हुए देखता हूं. नन्हे-नन्हे हाथ, जुबान पर कुछ निवालों की ख्वाहिश लिए भारत का विकास माने जाने वाले तमाम बच्चे आज अपने विकास की दरकार में दर-दर कहें या घर-घर भटकते हैं. दरअसल भारत का एक हिस्सा आधुनिकता को जान रहा है, पहचान रहा है और हां उसके साथ खुद को सेट करने की कोशिश भी कर रहा है. लेकिन उनका क्या जो आज भी लोगों में समृद्ध की हल्की सी निशानी देखकर हाथ पसार देते हैं. भारत भले ही उम्र के हिसाब से विकास की ओर बढ़ रहा हो. पर आज भी महज पांच,छह और सात साल के बच्चे भीख मांगते दिखते हैं. इन्हें देखकर जहन में सवाल ये खड़ा होता है कि विकास के सवाल में इन्हें क्यों नहीं शामिल किया जाता है. इन्हें उचित सुविधाएं मुहैया कराते हुए एक मॉडल बनाने की दिशा में प्रयास क्यों नहीं होता. कोई सुपर 30 इनके लिए काम क्यों नहीं करती. अजी इन्हें भी इंजीनियर बनाईये क्योंकि देश का ढ़ांचा इनके बगैर काफी कमजोर समझ आ रहा है. बगैर इन भविष्यों पर चिंतन के न ही डिजिटल ही पूरा होगा और न ही इंडिया ही सकारात्मक तौर पर परिभाषित किया जा सकेगा.

भारत में भीख मांगना अपराध की श्रेणी में रखा गया है. फिर देश की सड़कों पर लोगों के सामने इतने सारे हाथ कैसे उम्मीद की ख्वाहिश करते हैं. बहरहाल ये सारी बातें, लेख, बहस कई बार आयोजित की गईं. मंच सजे पर राजनीतिक जुबानों पर इनका जिक्र नहीं था. क्योंकि उन्होंने राजनीति का मतलब महज धर्म का बटवारा, जाति में मतभेद बनाए रखा है. लेकिन मुद्दा लाख टके का है. कभी भी उछालिए. उछलेगा भी और बिकेगा भी. लोग अफसोस भी जताएंगे. कुछ दिन के लिए नजर और नजरिया भी बदलेगा. चाट के ठेलों, समोसे की दुकानों से स्पेशली एक आध चीजें लेकर दान का दिखावा भी करेंगे. लेकिन क्या इस प्रयास से वे सुखी हो जाएंगे. क्या एक दिन जुबान में आपके द्वारा पैदा किया चट्खारा उन्हे धन्य कर जाएगा. शायद क्या बिलकुल भी नहीं.

गरीबी एक धंधा भी बन चुका है. इसमें बाकायदा कई दलाल शामिल हैं. जो अपहरण करते हैं और बच्चों को भीख मांगने की जगह बताते हैं. इसके इतर एक समूह ऐसा है जो मजबूरी, भुखमरी या इन दोनों का योग कर उसे गरीबी कहें के कारण भी हाथ पसारते हैं. अब करते हैं आंकड़ों की बात तो हर साल करीबन 44 हजार बच्चों के गायब होने की सूचना पुलिस के पास दर्ज होती है. जिसमें से एक चौथाई कभी नहीं मिलते हैं.

भारत में ज्यादातर बाल भिखारी अपनी मर्जी से भीख नहीं मांगते. वे संगठित माफिया के चंगुल में फंसकर भीख मांगने का काम करते हैं. वैसे तो पूरा भारत इस गिरफ्त में है लेकिन तमिलनाडु, केरल, बिहार, नई दिल्ली और ओडिशा में ये एक बड़ी समस्या बना हुआ है. लगभग हर बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वालों के साथ ऐसा ही होता है. इनके पास किताबों की बजाए कटोरा आ जाता है.  पर इसका कारण क्या है शायद ही इस बात को सरकार ने गंभीरता से लिया हो.

तमाम दावों के साथ काम करने के वादे भी हुए हैं. कई एनजीओ इन बच्चों के लिए कार्यरत् भी हैं लेकिन इन बाल भिखारियों की तादाद काफी ज्यादा है जिसके लिहाज से इंतजाम पर्याप्त नहीं है. कई एनजीओ जो की खुद के खर्च पर ऐसे बच्चों के लिए काम कर रहे हैं उनकी ओर राज्य क्या केंद्र भी निगहबानी करना तो छोड़िये जानना भी उचित नहीं समझती. जरूत है रवैया बदलने की. ताकि भारत असल में मजबूती के साथ खुद को विश्व के सामने पेश कर सके. नहीं तो भारत की पहचान के तौर पर एक स्याह सच बाल भिखारी के तौर पर जुड़ा रहेगा.



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हिमांशु तिवारी आत्मीय
08858250015

बिहार विशेष : हो गया नीतीश कुमार का बिहार

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बिहार विशेष : हो गया नीतीश कुमार का बिहार
आखिरकार बिहार की सत्‍ता मे बदलाव नही हुआ और राज्‍य के 34वें मुख्‍यमंत्री के रूप मे नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की कमान सम्‍भालेगें ।बिहार में महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया है और दिल्ली के बाद एक बार फिर बिहार में एनडीए को मुंह की खानी पड़ी है। इस हार से यह पता चलता है कि मोदी की लहर अब थम गयी है और बिहार की जनता ने मोदी को पूरी तरह से नकार दिया है।दिल्‍ली के बाद बिहार के लोगों ने भी मरेदी के पिजयी रथ को रोक दिया है जिसका हरीयाणा ,महाराष्‍ट्र और झारखण्‍ड के लोगों ने स्‍वागत किया था इस जीत ने जहां एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार में नीतीश का कोई विकल्प नहीं है, तो वहीं दूसरी तरफ इस जीत ने लालू को भी बिहार की सियासत में एक नई संजीवनी दे दी है। महागठबंधन की इस जीत का असर काफी दूर तक जाएगा।  इस हार से बीजेपी के लिए आने वाले दिनों में परेशानी और बढ़ेगी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के करिश्माई नेतृत्व पर सवाल उठेंगे।हार के बाद बीजेपी को सियासी हार का डबल
डोज मिल गया है।  इस चुनाव में हार के हाद बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान, बूथ मैनेजमेंट और रणनीति पर भी सवाल उठेंगे। बीजेपी ने बिहार में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना हर दांव चला। चुनाव के पहले बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली सब में सुधार का वादा किया। लेकिन जनता को बीजेपी के वादों पर एतबार नहीं रहा। बीजेपी ने जनता को जंगलराज से डराने की कोशिश की लेकिन जनता पर इसका उलटा असर हुआ। महिलाओं, मुसलमानों और पिछड़े तबके के लोगों ने नीतीश और लालू की जोड़ी पर पूरा भरोसा जताया। शायद ही किसी राज्‍य के चुनावों ने समूचे देश मे ऐसी हलचल और उत्‍सुकता पैदा की हो जितनी बिहार के 15वें विधान सभा चुनावों ने पैदा की है ।कई मायनों मे बिहार का ये चुनाव न केवल पिछले चुनावों से अलग था वरन देश के दूसरे राज्‍यों के विधान सभा चुनावों से भी अलग था ।भाजपा के लिये ये चुनाव कितना अहम था कि मोदी को बिहार मे दो दर्जन से अधिक चुनावी सभाऐं करनी पड़ी ।
                                    
देश के चुनावी इतिहास मे ये पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री ने राज्‍य के चुनावा मे इतनी सभाऐं की हों ।नीतीश की वापसी से ज्‍़यादा लालू यादव का बिहार की राजनीति मे दोबारा उदय इस चुनाप की अहम बात है ।नतीजे बता रहें हैं कि लालू आज भी बिहार चुनाव और राजनीति के लिए प्रासंगिक बने हुए हैं ।शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इस बार भाजपा या जदयू नही वरन लालू का राजद बिहार विधान सभा मे सबसे बड़ा दल बन कर उभरेगा । एसे समय में जब लगने लगा था कि लालू का राजनीतिक भविष्य अब संकट में है और यहां से मुख्यधारा की राजनीति में आना इतना आसान नहीं है, ऐसे में बिहार चुनाव ने लालू को राजनीतिक जीवनदान
दिया है। जो मुकाबला पहले मोदी बनाम नीतीश दिख रहा था वह आगे बढ़ने के साथ मोदी बनाम लालू हो गया था।चुनाव बाद नतीजों ने भी साबित कर दिया कि असल मुकाबला किसके बीच था । बिहार के सामाजिक ताने बाने और जातीय समीकरण के बीच इस चुनाव में बेशक लालू कहीं ज्यादा ताकत से उभर कर सामने आए हैं और हो सकता है कि भविष्‍य मे इसका खामियाजा नीतीश कुमार को ही भुगतना पड़े।लेकिन नतीजों के फौरन बाद लालू और राजद के बड़े नेताओं ने जिस तरह से नीतीश के नेतृत्‍व पर भरोसा जताया है उससे तो यही लगता है कि फिलहाल लालू के लोग चुनाव पूर्व हुये मुहावदे यानी नीतीश के पीछे चलने के लिये तैयार हैं ।लालू यादव ने साफ कर दिया है कि , नीतीश कुमार ही होंगे बिहार के सीएम।
                 
बिहार के नतीजे इस बार कई सवालों के जवाब देरहें हैं जो इससे पहले किसी चुनाव मे नही उठे थे ।नतीजों ने साफ कर दिया कि अक्‍सर चुनाव रैलियों मे भीड़ का आना और उसका उत्‍साह वोट मे नही तब्‍दील होता है ।बिहार मे प्रधानमंत्री की चुनावी रैलियों मे भीड़ तो उमड़ी लेकिन उसने उस पैमाने पर ईवीएम मे भाजपा का बटन दबाने से इंकार कर दिया ।बिहार की जनता ने ये भी जवाब दे दिया कि तमाम राज्‍यों मे अब केवल मुस्‍लिम वोटों का बंटवारा ही भाजपा की जीत का सूत्र नही बन सकता ।मीडिया प्रबंध और विज्ञापन वार से हवाई दावों के जरिये भी मैदान फतह नही किया जा सकता है ।ये कहने मे भी कोई संकोच नही कि बिहार जनता ने लालू यादव के उस जंगल राज्‍य के लिये उन्‍हें माफ कर दिया जिसके चलते वह एक दशक पहले कुर्सी से उतारे गये थे ।कहतें हैं कि सियासत मे वही कामयाब होता है जो हवा का रूख भांप कर सियासी चाल चले ,बिहार चुनाव मे आरजेडी सुप्रिमों ने ये काम बड़ी खूबी से किया ।भाजपा की करारी हार ने ये भी सवाल पैदा कर दिया कि क्‍या अब मोदी जी के काम पर सवाल खड़े हो रहे हैं ? जनता को उनके वादे ,मन की बात और तमाम घोषणऐं केवल कागजी लगने लगी है ।माना जा रहा है कि बिहार के नतीजों का देश की राजनीति पर खासा असर होगा ।बिहार का जनादेश उन मुद्दों का जनादेश है जो इस समय देश के सामने है । आने वाले सालों मे असम, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बंगाल में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों पर इसका साफ़ असर दिखेगा । सबसे बड़ा असर ये होगा कि भाजपा के विपक्ष में नए समीकरण बनेंगे। एनडीए के घटक दलों पर मोदी की पकड़ भी कमजोर पड़ सकती है ।नतीजों के फौरन बाद महाराष्‍ट्र मे भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने साफ कहा कि ये हार मरेदी की हार है और आज अगर महराष्‍ट्र मे चुनाव हो तो ऐसे ही नतीजे आयेगें ।यही नही शिवसेना ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार देश के राजनीतिक पटल पर भी उभर सकते हैं । बिहार के चुनाव देश का राजनीतिक एजेंडा भी तय करने वाला है। आरएसएस का दृष्टिकोण भी इस चुनावों के नतीजों से प्रभावित होगा। उदाहरण के लिए आरक्षण मुद्दे पर मोदी के एजेंडे को संघ को स्वीकार करना पड़ सकता है ।

चुनावों से ठीक पहले संघ ने आरक्षण नीति की समीक्षा करने की मांग की थी, जबकि बाद में मोदी ने चुनावी सभा में कहा था कि उनके जीते जी आरक्षण नहीं हटेगा।दरअसल, बिहार के नतीजों को देश की नब्ज टटोलने के रूप मे भी देखा जा रहा हैं कि पिछले डेढ़ साल में मोदी की स्वीकार्यता कितनी मजबूत हुई है।वह अब अपने राजनीतिक एजेंडे को अधिक आत्मविश्वास और शक्ति के साथ लागू करने की स्थिति में नही होंगे , उनके लिए चुनौतियां लंबे अरसे तक कम हो जाएंगी।पार्टी के भीतर मोदी के ख़िलाफ़ विद्रोह शुरू हो सकता है। उनकी निजीकरण की प्रक्रिया से पार्टी के बहुत से नेता दुखी हैं, ख़ुद बिहार के कई नेता मोदी के ख़िलाफ़ बयान दे चुके हैं।
                     
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत और भाजपा गठबंधन की हार के कई कारण हैं।महागठबंधन के लिए सबसे बड़ा फायदा हुआ नीतीश का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होना। ऐसे में लोगों को लालू के साथ गठबंधन के बावजूद नीतीश के भीतर लोगों का भरोसा बरकरार रहा।बिहार में छोटी जाति के लोगों ने महागठबंधन पर अपना भरोसा जताया। लोगों सामाजिक मुद्दों पर महागठबंधन का साथ देते हुए अपना वोट दिया। जिस तरह से नीतीश कुमार ने बिहार में पिछलें सालों में विकास किया उसने लोगों का मोह नीतीश से भंग नहीं होने दिया।वहीं अगर भाजपा गठबंधन की हार पर नजर डालें तो कई ऐसी वजहें हैं जिसके चलते बिहार में भाजपा गठबंधन की हार हुई है। इस चुनाव का सांप्रदायिकरण होना ही भाजपा गठबंधन के लिए खतरनाक साबित हुआवहीं भाजपा गठबंधन में सीटों का बंटवारा भी इस गठबंधन की हार की अहम वजह बना। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया। देखा जाए तो अगर भाजपा अपने बूते पर ज्यादा सीटें लड़ती तो मुमकिन था कि वह अधिक सीटें जीत पाती। बहरहाल इन छोटी-छोटी पार्टियों के चलते वोटों का बंटवारा हुआ जिसका भुगतान भी भाजपा को करना पड़ा। नेताओं के बिगड़े बोल, मोहन भागवत का आरक्षण पर दिया गया बयान और दादरी कांड को हवा ने भी अपनी भूमिका निभई  है। बतौर सीएम पहले भी नीतीश कुमार लोगों की पहली पसंद थे। यही कारण रहा कि नीतीश के नेतृत्व में महागठबंधन को चुनाव लड़ने का फायदा मिला। बीजेपी ने इस बार नीतीश कुमार को कमजोर समझने की जो गलती की है, उसकी वजह से पार्टी को खासा नुकसान हुआ है। पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के पैटर्न को फॉलो करते हुए भाजपा ने बिहार में भी अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया था। भाजपा की इसी रणनीति को नीतीश ने अपना चुनावी मुद्दा बनाकर बिहारी बनाम बाहरी के नारे पर चुनाव लड़ा। इसकी एवज में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने धुंआधार चुनावी रैलियां की। इन रैलियों में मोदी का प्रधानमंत्री होना तो कारगर रहा परन्तु अमित शाह को बाहरी मानकर बिहार की सरकार ने स्वीकार नहीं किया। बिहार जैसे राज्य में जहां आधी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती है, दाल की बढ़ती कीमतों ने खेल
कर दिया। मोदी के विकास का नारा यहां काम नहीं आया वरन महंगी होती दाल ने भाजपा के समर्थन में खड़े वोटरों को सोचने पर मजबूर कर दिया। मोदी की अगुवाई में भाजपा एक ऐसा संगठन बन गया है जहां हर फैसला आलाकमान के निर्देशों पर होता है। बिहार में भी यही हुआ। यहां स्थानीय मुद्दों और पार्टी के स्थानीय नेताओं की अवहेलना की गई। साथ ही शत्रुघ्न सिन्हा, लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ लोगों को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया। इस मुद्दे पर शत्रुघ्न सिन्हा और आर. के. सिंह जैसे लोगों ने सार्वजनिक तौर पर अपनी शिकायत भी जाहिर की। इन सभी बातों ने राज्य में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में मदद की । प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार तथा लालू प्रसाद यादव पर सीधे व्यक्तिगत हमले किए जिनका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा। यही उनके साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हुआ था ।

बीजेपी के सहयोगी दल एलजेपी, आरएलएसपी और हम ने पिछड़े तबके के वोट में सेंधमारी करने में नाकाम रही और ये वोट बैंक महागठबंधन की तरफ चला गया जो चुनाव में जीत हार में निर्णायक साबित हुआ।अब भाजपा मे जब हार के लिए सिरों पर ठीकरे फोड़ने वालों की तलाश की जाएगी तो पता चलेगा कि वह हार के लिये किासको गुनहगार मरनती है । बहरहाल शॉटगन से पहले ही घायल हो चुकी थी भाजपा, अब पहुंची कोमा में है।नीतीश कुमार सत्‍तर साल के बिहार मे जनता वरिवार के 14 वें सीएम होगें ।साल 2005 और 2010 के बाद एक बार फिर बिहार की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी है। नई सरकार से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। जिसपर खरा उतरना महागठबंधन की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी ।
                        





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** शाहिद नकवी **

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (14 नवम्बर)

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दो  दिवसीय स्व, दिलीप ट्राफी क्रिकेट स्पर्धा प्रारंभ
  • झाबुआ महाराजा ने किया षुभारंभ

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झाबुआ---स्थानीय उत्कृश्ट मेदान पर दिलीप ट्राफी का षुभारंभ झाबुआ नरेष महाराजा नरेन्द्रसिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर समारोह पूर्वक किया गया । इस अवसर पर मध्यप्रदेष ओलम्पिक संघ केे कोशाघ्यक्ष जीतू जिराती, टेनिस बाल क्रिकेट संघ के प्रदेष उपाध्यक्ष आलोक दुबे, युवराज कमलेन्द्रसिंह विषेश रूप  से उपस्थित थे । इस अवसर पर महाराजा नरेन्द्रसिंह ने अपने प्रेरक उदबोधन में उपस्थित खिलाडियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे मूलतः झाबुआ से ही जुडे हुए है ।इस आदिवासी अंचल में खेल प्रतिभाओं मे गजब की प्रतिभा है और कइ्र पुरस्कार यहां के युवा खिलाडियों ने प्राप्त किये है ।उन्होने इस जिले में एथेलिट्स एवं तिरंदाजी जैसे राश्ट्रीय खेलों में यहां की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये  यहां सुविधा युक्त प्रषिक्षण की व्यवस्था करने की बात कहीं तथा उनकी ओर से ऐसी प्रतिभाओं के लिये तन-मन एवं धन से सहयोग करने का वचन दुहराया । महाराजा नरेन्द्रसिंह ने आगे कहा कि क्रिकेट आज के युग में खेलधर्म बन चुका है । उन्होने क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के लिये भी युवाओं से आगे आने का आव्हान किया । इस  अवसर पर श्री जितू जिराती ने भी खिलाडियों को संबोधित करते हुए स्व.दिलीपसिहजी की स्मृति में आयोजित खेल स्पर्धा की सराहना करते हुए युवराज कमलेन्द्रसिंह की खेल के प्रति रूचि की प्रसंषा करते हुए महाराजा साहब के उत्साह एवं खेल के प्रति उनके उत्साह की प्रसंषा करते हुए आदिवासी अंचल में खेल से जोडने के महत्व के बारे में प्रकाष डाला । श्री जिराती ने कहा कि खेल से मन मस्तिश्क एवं षरीर निरोगी रहता है । झाबुआ जिले की प्रसंषा करते हुए उन्होने कहा कि यह अंचल पूरे विष्व में अपनी परंपराओं के लिये जाना जाता है । कार्यक्रम का संचालन आलोक दुबे ने किया । आयोजको ने बताया कि दो दिवसीय क्रिकेट स्पर्धा 18 सेक्टर में होरही है तथा इसमे जिले भर की करीब 32 टीमे भाग लेगी ।क्रिकेट स्पर्धा के आयोजन की प्रसंषा करते हुए उन्होने कहा कि इस से श्रेश्ठ प्रतिभाओं को आगे बढने के अवसर मिलेगें । झाबुआ महाराजा द्वारा खेलों के विकास के लिये किये जारहे प्रयासों की प्रसंषा करते हुए इस स्पर्धा के आयोजन के लिये बधाइ्रया दी । दो दिवसीय टेनिस बाल स्पर्धा में उपस्थित खिलाडियों का महाराजा नरेन्द्रसिंह एवं अतिथियों ने परिचय प्राप्त किया । इसके साथ ही टेनिस बाल क्रिकेट स्पर्धा प्रारंभ हुई 

पेंषनरोंु का दीपावली मिलन समारोह 17 को 

झाबुआ---आगामी 17 नवम्बर को  पेंषनर दीपावली मिलन समारोह आयोजन को लेकर जिला पेंषनर एसोसिएषन की विषेश बैठक पेंषन कार्यालय में जिला अध्यक्ष रतनसिंह राठौर की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में संरक्षक भेरूसिंह राठौर, महेषबुप्ता, बालमुकुन्दसिंह चैहान, राजेन्द्र सोनी, भारतसिंह तोमर, श्रीनाथसिंह, समीउद्दीन, पीडी रायपुरिया, पंडित महेन्द्र तिवारी, बाबुलाल अग्रवाल, पुश्पेन्द्र व्यास, जनार्दन षुक्ला सहित बडी संख्या में पेंषनर उपस्थित । सर्वानुमति से लिये गये निर्णय के अनुसार  संगठन के जिला अध्यक्ष रतनसिंह राठौर ने बताया कि 17 नवम्बर को दोपहर 1 बजे एम टू सभागृह में पेंषनरों का दीपावली मिलन समारोह  का आयोजन किया गया है । श्री राठौर ने सभी पेंषनर साथियों से 17 नवम्बर को एमटू में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है ।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रखी मुख्यमंत्री के सामने पांच मांगंे
  • कांग्रेस प्रत्याशी भूरिया के समर्थन में सिंधिया की थांदला, पेटलावद और रतलाम में विशाल चुनाव सभाएं

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झाबुआ---रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन में पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसदीय क्षेत्र के थांदला, पेटलावद एवं रतलाम में कांग्रेस की विशाल सभाओं को संबोधित किया। आपने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के सामने पांच मांगें रखते हुए कहा है कि राज्य सरकार सुखाग्रस्त हर गांव का सर्वे करावे, बिजली के बिल माफ करें, हर किसान की कर्ज वसुली माफ की जाए, खाद-बीज उचित मुल्य पर उपलब्ध कराए जाए तथा सूखाग्रस्त राहत का जल्द से जल्द वितरण कराया जाए। इन सभाओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया एवं तीनों विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया। पेटलावद की सभा में श्री सिधिंया ने कहा कि भाजपा नेता राजेन्द्र कांसवा के अवैध विस्फोटक भंडार में विस्फोट के कारण जो 100 व्यक्ति मृत हुए हैं उनकों सच्ची श्रद्वांजलि भाजपा को हराकर एवं कांग्रेस को जीताकर ही दी जा सकती है। आपने आरोप लगाया कि दो महीने के बाद भी ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेन्द्र कांसवा की गिरफतारी न होने से यह साफ है कि भाजपा सरकार उसको पूरा संरक्षण दे रही है। श्री सिंधिया ने कहा कि पेटलावद में जो हादसा हुआ है वैसा हादसा भारत तो दूर विश्व में कही नहीं हुआ। जब कांग्रेस नेता विस्फोट का समाचार सूनते ही पीडितों की मदद के लिए पेटलावद पहुंच गए थे तथा लोगों की मदद में लग गए थे वहीं भाजपा के लोग तमाशबीन बने खडे थे। मुख्यमंत्री 20 घंटे बाद पेटलावद पहंुचे थे। उन्होने राहत की मूल घोषणा में भी कई बार परिवर्तन किए और हालत यह है कि पीडितों को नाम मात्र राशि मिली है। आपने कहा कि भाजपा की चाल और चरित्र में जमीन आसमान का फर्क है जो घोषणाएं उनके द्वारा की गई है उन सब घोषणाओं से भाजपा की सरकार पलट चुकी है। किसानों को पचास प्रतिशत अधिक समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई थी इसके विपरीत बोनस ही बंद कर दिया गया, समर्थन मूल्य बडाने की बात तो दूर रही। कांग्रेस बसाती है जबकि भाजपा उजाडती है। कांग्रेस किसानों की रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रही है और आगे भी रहेगी। कांग्रेस का सिद्वांत है प्राण जाए पर वचन ना जाए जबकि भाजपा का नारा है वचन जाए लेकिन प्राण ना जाए। श्री भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिन घायलों को गुजरात के अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा उनको सही इलाज नहीं मिल पाया क्योंकि सरकार ने जरूरत के अनुसार धनराशि उपलब्ध नहीं कराई। श्री अरूण यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में शिवाए घोषणाओं के कुछ नही किया है। सूखा पीडितों के मुआवाजा वितरण में भी भारी पक्षपात किया गया है। मुख्यमंत्री के गृह जिले विदिशा में सबसे ज्यादा धनराशि दी गई है, जबकि रतलाम, थांदला व पेटलावद को मात्र 42 लाख रूपये दिये गए है। आपने आदिवासियों के पलायन की चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं है। आरक्षण को खत्म करने के प्रयास किए जा रहें है इससे आदिवासी एवं दलित युवाओं के लिए रोजगार मिलना कठिन हो जाएगा। कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जो योजनाएं और कानुन आदि बने थे उन्हें समाप्त करने अथवा कमजोर करने के प्रयास हो रहें है। इसका नतीजा यह है कि वंछित वर्ग सरकार की सुविधाओं से निरंतर वंछित होते जा रहा है। आपने कहा कि गरीबों का राशन भाजपा समर्थक दुकानदार बाजारों में उच्चे दाम पर बेच रहें है। राशन कार्ड की कोई मान्यता नहीं रह गई है। उपभोक्ताओं से तरह-तरह के दस्तावेज मंगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।

रात्रीकालीन टेनिसबाल क्रिकेट टुर्नमंेट का शुभारंभ

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पिटेाल - लबाना समाज के द्वारा 13 नवम्बर 2015 से 23 नवम्बर 2015 रात्रीकालिन टेनिस बाल टुर्नामेन्ट का षुभारम्भ झाबुआ जिले के पिटोल क्षेत्र रम्भापूर, सजेली, झायडा, भगोर, राणापूर, एवं जिले के कई छोटे बडे गाॅवों मे निवासरत लबाना समाज द्वारा अखिल भारतीय लबाना समाज के बेनर तले विषाल 10 दिवसीय रात्री कालीन टुर्नामेन्ट का आयोजन मध्यप्रदेष मे निवासरत सभी लबाना समाज के सहयोग से आयेजित किया जिसका विधिवत षुुभारम्भ दिप प्रजवलित कर समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष चन्दन नायक गुजरात मध्यप्रदेष के इकाईके अध्यक्ष बाबुसिह हाडा रम्भापूर पूर्व राष्टीय अध्यक्ष गणपतलाल दातला, राजस्थान एवं पिटोल आयोजन समिती श्री अभयसिंह खतेडीया राष्टीय उपाध्यक्ष जगदीष बडदवाल, डाॅ गजराजसिंह, सोहनसिंह कुण्डल राम्भापूर क्षेत्र के समाज प्रमुख प्रहलाद नायक तथा पिटोल क्षेत्र समाज प्रमुख देवीसिह नायक, कालिया के लक्षमण खतेडीया, भीमफलिया के प्रदिप कुण्डल के द्वारा षुूभारंभ किया गया।

ये है कार्यक्रम के मुख्य आर्कषणः-
लबाना समाज के राष्टीय प्रतिक के साथ समाज द्वारा प्रत्येक टीक के खिलाडीयों को आयोजन समिति द्वारा टीषर्ट प्रदान की जा रही है। इनाम का प्रथम पुरूस्कार 31 हजार नगद एवं ट्ाफी द्वितिय पुरूस्कार 16 हजार ट््रफी मेन आफ द सिरीज, बेस्ट बाॅलर, बेस्ट बेस्टमेन केा 3333 की नगद राषि एवं षिल्ड, प्रत्येक मेच मे मेनआफ द मेच की षिल्ड एवं अच्छे प्रदर्षन करने वाले खीलाडी को प्रोत्साहन राषि दी जायेगी। कार्यक्रम का उद्देष्य:- समाज के विकास मे युवा वर्ग को जोडने के लिये खेल कार्यक्रम का आयोजन किया इस कार्यक्रम के माध्यम से यूवाओं के खेल प्रतिभा को आंकना तथा प्रतिभावान खिलाडीयों को खेल कि दिषा मे आगे बढाना जिससे वह देष व समाज का नाम रोषन करें। इस माध्यम से सम्पूर्ण देष के 19 राज्यों के युवाओं को जोडना क्योंकी सम्पूर्ण भारत वर्ष मे 19 राज्यों मे लबाना समाज के लोग निवासरत है। समाज द्वारा युवाओं को आगे लाकर समाज हित, सामाजिक, धार्मिक एवं समाज की हर गतिविधियों मे अग्रणी भूमिका निभाने के लिये प्रेरित जहाॅ लबाना समाज के लोग षिक्षा के क्षेत्र मे आगे हैै। वही अब समाज के युवाओं के माध्यम से ओधोगिक क्षेत्र चिकित्सा क्षेत्र मे अग्रणी समाज को खेल मे आगे लाने के लिये पे्ररित किया जाते है। बिना खेल मेदान के हो रहा आयोजनः- पिटोल क्षेत्र 50 वर्षो से राजनेताओे व प्रषासन के वरिष्ठ अधिकारीयों से खेल मेदान कि मांग की जा रही है। परन्तु आज तक खेल मैदान नही मिला। ग्रामीणों से जब किसी भी राजनितिक पार्टीयों के नेताओं का सामना होता तो पिटोल के युवा खेल प्रेमीयों उनके सामने एक ही मांग होती है कि पिटोल मे एक अच्छा खेल मेदान दे दों। पर जब स्कुलो मे वार्षिकोत्सव होता है तो नेता घोषणा कर जाते भूमीपूजन हो जाता है। परन्तु खेल मेदान नही मिलता इसी विडम्बना कारण अखिल भारतीय लबाना समाज द्वारा श्री बाबूलाल मुलचन्द बडदवाल के खेत को समतल करके मैदान बनाया जिसमे चारों तरफ दुधिया रोषनी मे अन्र्तराष्टीय डे नाइट मेच की तरह लाईट लगायी गई मैदान के बीचों बीच एल ई डी लाईट की बाउडी बनायी गयी। जिससे मैदान का आकर्षण बढ गया । चार राज्यों की टीमे भाग ले रही है। इस टुर्नामेन्ट को 13.11.15 से 23.11.2015 तक इस टुर्नामेन्ट मे म.प्र., राजस्थान, गुजरात, एवं महाराष्ट की कुल 60 टीमें भाग ले रही है। जिससे समाज के लोग दूर दूर से मेच देखने आ रहे है। इस कार्यक्रम मे मुख्य बात यह है की इस कार्यक्रम पूर्णरूप से सामजिक हे जिसमे आर्थिक सहयोग केवल समाज के लोगों द्वारा लिया जा रहा है। एव सिर्फ लबाना समाज के युवाओं को किक्रेट खिलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के षुभारंभ पर कार्यक्रम पर कार्यक्रम की रूप रेखा पत्रकार भुपेन्द्र नायक द्वारा रखी गयी एवं कार्यक्रम का संचालन हरीष कुण्डल द्वारा किया गया। अतं मे आभार श्री अभय खतेडीया द्वारा किया गया।

21 वीं सदी का प्रगतिशील भारत पंडित नेहरू की देन है
  • पंडित नेहरू की 125 वीं जयंती पर जिला कांग्रेस द्वारा स्मरण श्रद्वांजलि

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झाबुआ---देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125 वीं जयंती पर आज जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में स्मरण श्रद्वांजलि का कार्यक्रम हुआ जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव एवं रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया एवं जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भारत के महान निर्माता को स्मरण करते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बोलते हुए श्री यादव ने कहा कि 21वीं सदी में भारत का जो स्वरूप आज दुनिया के सामने है वह पंडित नेहरू की ही देन है। भारत के औद्योगिकरण एवं नवनिर्माण की नींव पंडित नेहरू ने ही अपने प्रधानमंत्रीकाल में रखी थी। श्री भूरिया ने भारत के नवनिर्माण एवं समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में पंडित नेहरू के ऐतिहासिक योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि वे सारे राष्ट्र को एकजुट करके सबकी प्रगति के पक्षधर थे। उन्होने भारत के संविधान की मंशा के अनुसार वंचित वर्गो को समुन्नत वर्गों की बराबरी में खड़ा करने के लिए अविस्मरणीय काम किया था। कार्यक्रम का संचालन जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल मेहता ने किया एवं आभार वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश डोशी ने माना। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया, उपाध्यक्ष विजय पांडे, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, मोहन सिंह बुंदेला, कुलदीप सिंग डंग, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर, प्रवक्ता हर्ष भटट, आचार्य नामदेव, राजेन्द्र अग्निहोत्री, वीरेन्द्र मोदी, गोपाल शर्मा, जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, प्रकाश जैन, तेरसिंग, आलोक भटट, विनय भाबोर, बबलू कटारा, विशाल राठौर, इश्तियाख शेख, जहीर, आदि पदाधिकारी, गणमान्य एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्राईवेट व्यक्ति के विज्ञापन 7 दिन पूर्व एवं राष्ट्रीय दलों के विज्ञापन तीन दिन पहले सर्टिफिकेशन के लिये एम.सी.एम.सी. समिति के समक्ष प्रस्तुत करे
  • बिना प्री-सर्टिफिकेशन के प्रसारित विज्ञापन पर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है

झाबुआ---इलेक्ट्रानिक चैनल पर प्राईवेट व्यक्ति के विज्ञापन 7 दिन पूर्व एवं राष्ट्रीय दलों के विज्ञापन तीन दिन पहले सर्टिफिकेशन के लिये एम.सी.एम.सी. समिति के समक्ष प्रस्तुत करे। इलेक्ट्रानिक चैनल यदि बिना प्री सर्टिफिकेशन के विज्ञापन या राजनीतिक पार्टियों से संबंधी विज्ञापन प्रसारित करेगे, तो केबल एक्ट 1995 एवं पेड न्यूज के संबंध में निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी। पेड न्यूज समिति यह देखेगी कि चैनल पर सर्टिफाइड विज्ञापन ही प्रसारित हुआ है। समिति पेड न्यूज के संबंध में रिटर्निंग अधिकारी को रिपोर्ट करेगी। पेड न्यूज के संदेहास्पद मामले में अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय लेखों में डीआईपीआर और डीएवीपी की दरों के आधार पर काल्पनिक व्यय या प्रकाशित सामग्री पर वास्तविक व्यय को शामिल करने के लिए अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर नोटिस की प्रति व्यय प्रेक्षक को भी मार्क की जायेगी। पेड न्यूज के निर्धारित मामलों में समिति द्वारा आकलित काल्पनिक व्यय के संदर्भ में यह प्रत्येक अभ्यर्थी के बारे में दैनिक रिपोर्ट निर्धारित फार्मेट में प्रस्तुत की जावेगी। जिला एमसीएमसी में संदर्भ प्राप्त होने पर प्रकाशन/प्रसारण/सीधा प्रसारण/शिकायत की प्राप्ति के 96 घण्टों के भीतर रिटर्निग आफिसर अभ्यर्थी को नोटिस देगे कि क्यों नहीं यह व्यय निर्वाचन व्यय में शामिल किया जावे। संबधित अभ्यर्थी से एम.सी.एम.सी को नोटिस जारी होने के 48 घण्टे के अंदर जवाब न मिलने पर एम.सी.एम.सी का निर्णय अंतिम होगा। उक्त जानकारी आज 14 नवम्बर को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न पेड न्यूज समिति की बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता एम.सी.एम.सी कमेटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. अरूणा गुप्ता ने की। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अर्जुनसिंह डावर सहित एम.सी.एम.सी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

क्या है पेड न्यूज 
भारतीय प्रेस परिशद ने ऐसे समाचार अथवा ऐसा निर्वाचन विष्लेशण जिसके प्रकाषन और प्रसारण के लिए षुल्क का भुगतान किया गया है, को पेड न्यूज माना है। समाचार जिसमें उल्लेख किया गया हो कि इनके कारण प्रतिद्वंदी उम्मीदवार चुनाव मैदान से लगभग बाहर है। पत्रो में एक ही साइज के समाचार फोटो के साथ ऐसे स्थान पर प्रकाषित हो, जहां सामान्यतः विज्ञापन प्रकाषित होते है। कुछ समाचार पत्रो में एक ही ले आउट, फोन्ट और प्रिन्ट आउट तथा फोटो के समाचार अलग-अलग पृश्ठो पर छपे हो। भारतीय प्रेस परिशद की मार्गदर्षिका के अनुसार सभी प्रकाषनो को न्यूज को स्पश्ट रूप से सीमांकित किया जाना चाहिये तथा विज्ञापन से भिन्न होना चाहिये। ऐसे समाचार जो किसी उम्मीदवार के पक्ष में हो और उन पर किसी लेखक का नाम अंकित न हो। किसी समाचार पत्र में बैनर, हैडलाइन में प्रकाषित किया जाय कि अमुक पार्टी या उम्मीदवार इस बार चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा। इससे संबंधित विस्तृत समाचार उस पत्र में कहीं भी प्रकाषित न हुआ हो।

प्रशिक्षण में ई.वी.एम की बारिकिया बताई गई, पहले दिन का प्रशिक्षण संपन्न

jhabua news
झाबुआ---लोकसभा उप निर्वाचन 2015 के लिए शासकीय सेवको का द्वितीय प्रशिक्षण आज पहले दिन 14 नवम्बर को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ एवं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ उत्कृष्ट विद्यालय थांदला एवं पेटलावद में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में मास्टर टेªनर्स द्वारा मतदान दलों को ईवीएम मशीन से मतदान करवाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई एवं मतदान समाप्ति के बाद सामाग्री जमा करवाने की प्रक्रिया बताई गई।

मतदान के दिन माॅकपोल पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में करवाये
प्रशिक्षण में बताया गया कि लोकसभा उप निर्वाचन 2015 के लिए 21 नवम्बर को मतदान प्रातः 7 बजे से सायं 5.00 बजे तक होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान के 1 घण्टे पूर्व अर्थात प्रातः 6 बजे माॅकपोल पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में करवाये। यदि माॅकपोल नहीं होगा तो निर्वाचन प्रक्रिया भी संपन्न नहीं होगी। आयोग द्वारा निर्धारित कोड में मोबाईल एसएमएस अवश्य करे।

प्रेक्षक श्री सुलतानिया ने पोलिंग बुथ का निरीक्षण किया

झाबुआ---प्रेक्षक श्री सुलतानिया ने विगत 13 नवम्बर को विधानसभा क्षैत्र थांदला के पोलिंग बुथो का निरीक्षण किया एवं ग्राम टीमरवानी तथा ग्राम उदयपुरिया के मतदाताओं से चर्चा की मतदाताओं से पूछा कि आप को मतदाता पर्ची मिली या नहीं आपके यहाॅं वोटिंग किस तिथि को है प्रेक्षक के भ्रमण के समय उनके साथ एसडीएम एवं सहायक रिटर्निग अधिकारी थांदला श्री बालोदिया तहसीलदार सीईओ जनपद थांदला श्री वर्मा एवं खनिज अधिकारी श्री अली सहित शासकीय सेवक उपस्थित थे।

छेडछाड का प्रकरण पंजीबद्ध 
        
झाबुआ---फरियादिया ने बताया कि आरोपी दीपक पिता प्रभु सिसौदिया (राजपुत) निवासी धतुरिया का घर में घुसकर बुरी नीयत से फरि0 का हाथ पकडा तथा औरत बनाउंगा कहकर अश्लील हरकत की, चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 238/15, धारा 354, 452,506 भादवि व 3(1)11 एससी/एसटी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ---फरियादिया तालाबाई पति जालु सिंगाड, उम्र 45 वर्ष निवासी जामदा ने बताया कि भतीजी उम्र 16 वर्ष निवासी कल्लीपुरा को आरोपी सोनु पिता अमरू अमलियार निवासी कल्लीपुरा का मो0सा0 पर बैठाकर बहला-फुसलाकर कर पत्नी बनाने की नीयत सेे भगाकर ले गया। प्र्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 364/15, धारा 363,366 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत
        
झाबुआ---अज्ञात वाहन चालक तेज गति व लापरवाहीपूर्वक अपने वाहन को चलाकर लाया व अज्ञात व्यक्ति को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 698/15, धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (14 नवम्बर)

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवम्बर सोमवार को जनसम्पर्क विभाग के द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।‘‘विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्टूनों एवं व्यंग्य चित्रों का प्रभाव व महत्व’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी जालोरी गार्डन में दोपहर एक बजे से प्रारंभ होगी। सभी मीडियाबंधुओं से आग्रह है कि वे प्रेस संगोष्ठी में शामिल होकर अपने सुझावों से अवगत करा सकते है। 

मधुमेह के कारणो से अवगत हुए मीडियाकर्मी, प्रचार-प्रसार में सहयोग का आव्हान

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विश्व मधुमेह दिवस 14 नवम्बर को मीडिया कार्यशाला का आयोजन जिला अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक में किया गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीएल आर्य ने आयोजन के उद्धेश्यों को रेखांकित किया। सिविल सर्जन सह अधीक्षक डाॅ मंजू जैन ने मधुमेह (डायबिटीज) क्या है और इसके कारण, लक्ष्योें एवं उपचार की जानकारी दी। डाॅ आर्य ने मीडियाकर्मियों की मधुमेह से संबंधित जिज्ञासाआंे का समाधान किया। उन्होंने मीडियाकर्मियांे से आग्रह किया कि वे अपने लोकप्रिय न्यूज पेपर, चैनल के माध्यम से मधुमेह क्यों होता है, बचाव के उपाय और मधुमेह हो जाने पर शीघ्र चिकित्सक से सम्पर्क करने संबंधी संदेश आमजनों में अधिक से अधिक प्रचार-प्रचार कराने में योगदान दें। डाॅ केसी अहिरवार ने विश्व क्षय दिवस पर शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान बताया कि मधुमेह यह शरीर के लिए आवश्यक इंसुलिन का उत्पादन ना कर पाने के कारण रक्त में ग्लूकोस (शुगर) लेवल बढ़ने अथवा कम होने वाला रोग है। इसके प्रमुख कारण अनुवंशिकता (एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हो जाना) के अलावा अनियमित खान-पान और दिनचर्या प्रमुख है। मधुमेह के पहचान लक्षण के संबंध में उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जिन्हें ज्यादा प्यास लगाना, घावो का देर से भरना, बहुत ज्यादा थकावट होना, वजन में कमी, दृष्टि धुंधली होना तथा बार-बार बाथरूम जाना विशेषतः रात्रि में इत्यादि प्रमुख है। उन्होंने उपचार के संबंध में बताया कि उचित परामर्श अनुसार संतुलित आहार, नियमित व्यायाम व योगाभ्यास आवश्यकता पड़े तो इंसुलिन इंजेक्शन व अन्य दवाएं चिकित्सक के परामर्श से ली जा सकती है। कार्यशाला के दौरान अनेक नागरिकों का आधुनिक मशीन के माध्यम से मधुमेह का परीक्षण किया गया। मीडिया कार्यशाला को मेडिकल आफीसर डाॅ संजय खरे, डाॅ अहिरवार, डाॅ श्रीमती पांडे ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर सम्माननीय पत्रकारबंधुओं के अलावा मेडिकल आफीसर डाॅ निर्मला तिवारी समेत अन्य स्टाफ मौजूद था। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 नवम्बर)

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जो रह गया वह रह गया
  • नवजात चोरी, बिल्डर से ठगी मामले में खाली हाथ पुलिस 
  • पुराने होते मामलों को बिसराने की कला में माहिर दून पुलिस 

देहरादून, 14 नवंबर।  हालिया समय में एक के बाद एक आपराधिक मामलों में मिली सफलता पर अधिकारी अपने अधिनस्तों की पीठ थपथपाते नजर आए। कभी अपहर्ता तो कभी जमीनी फर्जीवाड़े के आरोपियों को दबोचने में कामयाबी मिलने पर मातहतों की हौसला आफजाई किया जाना अच्छी बात है। मगर पुराने जघन्य वारदात न सुलझने पर अधिकारी शायद ही मातहतों को डांट का घूंट पिलाते हों। द्रोणनगरी देहरादून को सभ्य लोगों का शहर भी कहा जाता है। इसकी बानगी देखने को भी मिलती रही है। वहीं बाहरी बदमाशों ने दून को पनाह स्थली के तौर पर भी अपनाया हुआ है। कभी बिहार का कुख्यात सुपारी किलर शंभू पकड़ा जाता है तो कभी बैंक लूट का वांछित आरोपी सेलाकुई से दबोचा जाता है। निवास सत्यापन के नाम पर आम लोगों पर गैर जरूरी दबाव बनाती पुलिस कार्यशैली की पोल साल 2013 में आमवाला में ठेकेदार संजय नागर की दिन दहाड़े हत्या के बाद खुल गई थी। पता चला कि यूपी के कुख्यात बदमाश अमित जो कि हत्या के एक मामले में जेल में बंद था, अदालत से पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया और रायपुर क्षेत्र में संजय नागर नाम से रहते हुए ठेकेदारी का काम करने लगा था। दिशा से न भटकते हुए मुद्दे की बात पर लौटें तो भले ही हालिया बीती समय पुलिस ने कुछ बड़े खुलासे किए हों, मगर अपराधियों ने भी दो कदम आगे रहते हुए कुछ ऐसी घटनाएं अंजाम दी हैं जिन्हंे सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट सकते हैं। साल 2013 मंे दून महिला अस्पताल से रूबी नाम की महिला का बालक चोरी हुआ था। बच्चा चोरी की दूसरी बड़ी घटना यहां इस साल अक्टूबर में प्रेमनगर अस्पताल में घटित हुई है। अस्पताल की विभागीय जांच भले ही अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दे, मगर जिस मां के कलेजे का टुकड़ा चोरी हुआ है, उनके पल-पल कैसे बीतते हांेगे। इन दोनों प्रकरणों में पुलिस सिर्फ दावों तक ही सीमित रही है। उधर बीती रविवार को ईडी बनकर आए गिरोह ने रेसकोर्स में बिल्डर से छापेमारी के नाम पर 2१ लाख के गहने और नगदी की ठगी की थी। सीसीटीवी कैमरों, मोबाइल सर्विलांस समेत अनेकों बिंदुओं पर काम कर चुकी पुलिस के हाथ यहां भी खाली बने हुए हैं।

आपराधिक मामलों में पुलिस रही खाली हाथ 
1- मसूरी में दुआ बहनों की हत्या। 
2- राजपुर में पुजारी और उसके साथी की हत्या।
3- मसूरी में ही आईटीबीपी कैंपस के निकट दुकान में पुष्पा नामक महिला की हत्या।
4- नेहरू कालोनी में वैज्ञानिक की हत्या। 
5- ऋषिकेश-दून रोड पर युवती और युवक की हत्या।
6- पटेलनगर में महिला राजेश शर्मा की हत्या।
7- तेगबहादुर रोड पर नीरू सैनी की हत्या। 
8- आईटी पार्क के समीप प्रापर्टी डीलर कुनाल की हत्या। 
9- आईआईपीएम एडमिशन हैड अमित शाह की गुमशुदगी का मामला। 
10- कुठाल गेट पर महिला का शव मिलना। 
11- कैंट क्षेत्र में महिला की सिर कटी निर्वस्त्र लाश मिलना। 

पुलिस ताकती रही, चोर मौज उड़ा ले गए , चोरों की चकरी में उलझे दूनवासी 
  • दीपावली पर कड़े सुरक्षा प्रबंध के दावे रहे धरे के धरे , पूरा हफ्ता सक्रिय रहे चोर, लाखों का माल उड़ाया 

देहरादून, 14 नवंबर । पुलिस अधिकारी दीपावली पर्व के मद्देनजर कड़ी चैकसी के दावे करते रह गए। दूसरी तरफ चोर गिरोह ने इस पूरे हफ्ते जमकर मौज उड़ाया। जहां मन किया वहां बंद मकान दुकान के ताले चटखाकर माल लेकर चंपत हो गए। अधिकारियों की ओर से चैकसी बरतने के आदेशों पर थाना-चैकी पुलिस सिर्फ खानापूर्ति करती दिखी। इधर पिछले कुछ दिनों से यातायात में सुधार के नाम पर अधिकारी थाना पुलिस को पाठ पढ़ाने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं, नतीजा चोरियां बढने के रूप में सामने आ रहा है। इस हफ्ते राज्य स्थापना दिवस, दीपावली, भाई दूज के त्यौहार रहे। पूर्व का इतिहास गवाह है कि त्यौहारी सीजन में आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसके मद्देनजर पुलिस ने सीमाओं की बैरियरों और अंदरूनी चैकिंग प्वाइंटों पर भले ही जवानों की गश्त में इजाफा कर दिया हो, मगर दुकानों-मकानों के ताले टूटने की घटनाएं फिर भी हुईं। चोरियों की बात करें तो सात नवंबर से शुरू हुआ सिलसिला तेरह नवंबर तक लगातार चला। चोरों ने मानों मनमुताबिक जहां चाहे वहां पहुंचकर घटनाएं अंजाम दी हैं। सात नवंबर- हर्रावाला सिद्धपुरम निवासी प्रभाकर उनियाल के घर का ताला टूटा। आठ नवंबर- सहसपुर में जमनीपुर निवासी सत्यप्रकाश के मकान में चोरी। दस नवंबर- कालसी में हरिपुर चैराहा स्थित दून ज्वैलर्स का शटर तोडकर चोरी। दस नवंबर- रायपुर में कंडोली निवासी महिला के बंद मकान में चोरी। बारह नवंबर- कांवली रोड बीएसएनएल विद्युतखंड कार्यालय में चोरी। 
तेरह नवंबर- कैंट पुलिस क्षेत्र के गोविंदगढ़ निवासी सीमा काला के मकान में चोरी। 

गोविंदगढ़ के बंद मकान में चोरी, पिछला दरवाजा तोडकर घुसे चोर
  • निजी जॉब कर रही महिला कुछ देर के लिए गई थीं बाजार 

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। राजधानी में सक्रिय चोर गिरोह की ओर से लगातार पुलिस को चुनौती प्रदान की जा रही है। हालांकि पुलिस का दावा कि जल्द ही शातिर चोर गिरोह से खुलासा किया जाएगा। पुलिस के दावों के बीच कैंट क्षेत्र में और एक बंद मकान में चोरी की खबर है। प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह ने बताया कि महिला कुछ देर के लिए बाजार गई थी, इस बीच चोरों ने घर में चोरी अंजाम दी। पुलिस ने जल्द मामले का खुलासा करने की उम्मीद जताई है। पुलिस के अनुसार गोविंदगढ़ के शांतिविहार निवासी सीमा काला प्राइवेट जॉब करती हैं। कल देर शाम वह परिवार संग कुछ देर के लिए बाहर गई थीं। घर लौटने पर मुख्य दरवाजे का ताला खोलकर भीतर प्रवेश किया तो कमरा अस्त व्यस्त देखकर परिवार के होश उड़ गए। आलमारी खुली पड़ी थी। चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पाया कि चोरों ने मकान के पिछले हिस्से के दरवाजे को धक्का देकर तोडकर भीतर प्रवेश किया। तहरीर के अनुसार चार हजार नगद और चेन, पाजेब, बिछुए, अंगूठी आदि सोने के जेवर चोरी में गए हैं। मौका मुआयना के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि जिस अंदाज में चोरी की गई, उसमें किसी जानकार का भी हाथ हो सकता है। 

फर्जी फोटो लगाकर बेच दी दूसरे की जमीन, आठ लोगों पर षडयंत्र-धोखाधड़ी की धाराओं में केस 

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। देहरादून में जमीनी फर्जीवाड़े के मामले अब भी जारी हैं। एसआईटी के गठन के बाद अनेकों ऐसे मामलों में आरोपियों की धरपकड़ के बाद भी फर्जीवाड़ा करने वालों के हौसले नहीं डिग सके हैं। पटेलनगर क्षेत्र में एक जमीन पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जमीन मालिक की ओर से आठ लोगों पर षडयंत्र और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस के अनुसार टर्नर रोड निवासी राजेश कुमार आहलुवालिया की ओर से माजरा स्थित अपनी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे अन्य को बेचने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में पुलिस ने कारबारी निवासी महेंद्र सिंह, प्रेमनगर निवासी इंद्रपाल शर्मा, झिबारेड़ी निवासी नरेश कुमार, केहरी गांव निवासी रवि शर्मा, पटेलनगर निवासी जितेंद्र, करनपुर निवासी दीपक, बड़ोवाला निवासी राजकुमार और सहारनपुर निवासी पप्पू पर फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया है। राजेश कुमार ने महेंद्र व इंद्रपाल पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के आरोप भी लगाए हैं। पुलिस के अनुसार राजेश कुमार की माजरा स्थित जमीन के फर्जी दस्तावेजों में किसी अन्य की फोटो लगाकर जमीन आगे विक्रय कर दी गई। राजेश कुमार ने जमीन बेचने-खरीदने वालांे पर षडयंत्र रचकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। 

नवजात शिशु सबसे बड़ा वीवीआईपी: रावत

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देहरादून, 14 नवंबर(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पं0 जवाहर लाल नेहरू पहले व्यक्ति थे जिन्होने दुनिया के लोगो का ध्यान बच्चो की ओर आकर्षित किया, बच्चो की दुनिया को पुरस्कृत किया। पं0 नेहरू बच्चो के स्वाभाविक स्वभाव व भाषा को समझते थे इसी लिये वे चाचा नेहरू कहलाये। केन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में बाल दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नवजात शिशु हमारे लिये सबसे बडा वी.वी.आई.पी है, उत्तराखण्ड बच्चो की केयरिंग सोसाइटी के रूप में आगे बढ़ रहा है नवजात शिशु की उचित परवरिस के लिये समाज को भी इस महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व से जोडेने का हमारा प्रयास है। उन्होने कहा कि बच्चे हमारा भविष्य है बच्चों को बेहतर परवरिस के लिये हमने बाल कल्याण के साथ महिला कल्याण भी जोड़ा है, मातृ कल्याण बाल कल्याण का केन्द्र बिन्दु है। उन्होने कहा कि हमे अपने पास पडोस के बच्चो के सर्वागीण विकास की ओर भी ध्यान देना होगा इसके लिये धन की नही प्यार की आवश्यकता है। उन्होने अविभावको का आहवान किया कि वे अपने तनाव की छाया बच्चो पर न पडने दे बच्चो का स्वाभाविक व प्राकृतिक रूप से खेलते हुए स्वतः विकास हो इसके लिये यह जरूरी है। उन्होने कहा कि छोटे बच्चो के कंधे से बस्ते का बोझ भी कम से कम हो इसके लिये शिक्षाविदो को सोचना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे बच्चो को अपने पड़ोस में ही अच्छी गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुलभ हो इसके लिये प्रत्येक ब्लाॅक में प्रयोग के तौर पर 5-5 माॅडल स्कूल खोले जा रहे है। इन स्कूलो में सभी आवश्यक सुविधाये भी मुहैया करायी जायेगी। इन स्कूलो को आंगनबाडी से भी जोडा जा रहा है ताकि उन्हे माॅ की गोद की तरह प्यार के साथ शिक्षा भी मिल सके। बच्चो को न्यूट्रेशन की समय पर व्यव्स्था हो इसके लिये भोजन माताओं को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चो को उनके अधिकार मिले इसके लिये खिलती कलियां व पालना योजना शुरू की गई है इसके लिये लाइसेंस भी जारी किये जायेंगे इसमें भी सभी का सहयोग जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा आंगनबाडी केन्द्रो पर आयोजित विभिन्न आयु वर्ग के बच्चो के हेल्दी बेबी शो प्रतियोगिता के विजेता बच्चो को प्रशस्ति पत्र वितरित करने के साथ ही हाईस्कूल में प्रथम आने वाली मेधावी छात्राओं को टेबलेट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किशोरियों एवं छात्राओं को साइकिल का भी वितरण किया। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी उन्होने सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राधा रतूडी ने महिला कल्याण एवं बाल विकास के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में वन विकास निगम के अध्यक्ष हरीश धामी, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा बिजय लक्ष्मी गुसाई, अपर सचिव बिम्मी सचदेवा सहित महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, छात्र-छात्रायें एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आदि मौजूद थी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजपुर रोड स्थित राजीव गांधी भवन में आयोजित कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया तथा इस अवसर पर नेहरू वार्ड तक आयोजित की गई सहिष्णुता एवं सद्भावना पदयात्रा में भी शामिल हुए। 

आज से खुलेंगे द्वार

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। सैलानियों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के द्वार आज से खुल जाएंगे। इसके लिए रिजर्व की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार सैलानी चीला की तर्ज पर रानीपुर रेंज में भी गुलदार, चीतल व हाथी के दीदार कर सकेंगे। पिछले साल भी यहां जानवरों का दीदार करने बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे थे। पार्क खुलने के साथ ही पार्क प्रशासन राजाजी टाइगर रिजर्व की वेबसाइट पर प्रचार-प्रसार करेंगे।

सीएम ने पं. नेहरू को दी श्रद्धाजंलि

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में आयोजित कार्यक्रम में पं0 जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर श्री रावत ने कहा कि प. नेहरू को बच्चों से विशेष लगाव था, जिस कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू बुलाते थे। उन्होंने कहा कि उनकी जयंती को देश-विदेश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बच्चों से कहा है कि वे अपने गुरूजनों व माता-पिता का सदैव सम्मान करें। लक्ष्य निर्धारित कर, मेहनत करें, ताकि जीवन में आगे बढ़ सकें। इसके अलावा उन्होने गांधी पार्क के समीप स्थित पं0 नेहरू की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि दी। 

धनराशि स्वीकृत 

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। शासन ने उत्तरकाशी में मिनी औद्योगिक आस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए २०७ लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के अधीन उत्तरकाशी में गवाण व डुण्डा में मिनी औद्योगिक आस्थानों का निर्माण किया गया है। इनमें अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना की जा सके। इसके लिए विभाग की ओर से अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए धनराशि की मांग की जा रही थी। इस संबंध में अपर सचिव डा.आर, राजेश कुमार की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

जदोई पर्व मनाया

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। जौनसार बावर के करीब आधा दर्जन गांवों में गत दिवस जदोई पर्व मनाया गया। लोगों ने घरों में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। जदोई पर्व पंजिया, ददऊ, लुवाठा, बंसार, चापनू, अमराया में मनाया गया। पर्व के अवसर पर लोगों ने सामूहिक रूप से पंचायती आगन में पारम्परिक वेशभूषा में हारूल नृत्य किया और एक दूसरे के घर पहुंच कर पर्व के अवसर पर बनने वाले व्यंजनों का स्वाद चखा। 

वाहन समेत शातिर चोर गिरफ्तार 
  • छह बार पहले भेजा जा चुका है सलाखों के पीछे

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। कैंट पुलिस ने चंद घंटो में शातिर युवक को चोरी गई एक्टिवा के साथ गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह का कहना कि महिला ने दुपहिया चोरी की शिकायत दी, जिसके बाद बिंदाल पुलिस को चोर की तलाश में लगाया गया। टीम ने सुरागकसी करते हुए चोर का पता लगाया। पुलिस के अनुसार कौलागढ़ रोड निवासी गीता शर्मा ने बीती रोज अपने घर के सामने खड़ी अपनी एक्टिवा चोरी की शिकायत दी थी। पुलिस ने वाहन चोरों की तलाश में सुरागकसी शुरू कर दी। इस दौरान मुखबिर से मिली सूचना के बाद पुलिस ने यमुना कालोनी के समीप से ईदगाह निवासी दीपक गुप्ता पुत्र नरेश गुप्ता को दुपहिया के साथ गिरफ्तार किया। बरामद दुपहिया गीता शर्मा की थी, जो कि दीपक ने शुक्रवार सुबह उसके घर के बाहर से चोरी की थी। कैंट कोतवाली निरीक्षक राजेश शाह ने बताया कि आरोपी पूर्व में भी वाहन चोरी व अन्य आपराधिक मामले अंजाम दे चुका है। कैंट कोतवाली में ही अलग-अलग वर्षों में उस पर छह मुकदमें पहले दर्ज हैं। 

घर में घुसकर महिलाओं पर जानलेवा हमला 

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। पुरानी रंजिश में सहारनपुर के रहने वाले एक परिवार ने विकासनगर निवासी एक परिवार की महिलाओं पर जानलेवा हमला किया। हालांकि पड़ोसियों के मौके पर समय से पहुंचने पर हमलावर अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके। मगर इतनी देर में हमलावर महिलाओं संग बुरी तरह मारपीट कर चुके थे। इस संबंध में मंडी चैक निवासी अशरफ की ओर से सहारनपुर निवासी शाजेब, ओरंगजेब, शारून, फैसल, मशरूख आदि पर मारपीट, धमकाने और सामान तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि उक्त लोगों ने घर मंे घुसकर परिवार की महिलाओं से गाली-गलौज की और विरोध करने पर महिलाओं से मारपीट की गई। 

चाकू की नोक पर रूपए लूटे 

देहरादून, 14 नवंबर(निस)। चाकू की नोक पर युवक से रूपए लूट लिए गए। इस आश्य की शिकायत पीडि़त की ओर से ऋषिकेश पुलिस में दी गई है। पुलिस का कहना कि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार शामली निवासी राजू पुत्र करम का कहना कि बीती रोज वह अपने दोस्त संग ऋषिकेश स्थित बैराज पुल के निकट मौजूद था। इस दौरान किसी बात को लेकर राजू और उसके दोस्त सचिन के बीच बहस हो गई। पीडि़त युवक ने सचिन पर मारपीट, गाली-गलौज और चाकू से हमला करते हुए धारदार हथियार का भय दिखाकर रूपए और सिम लूटने का आरोप लगाया है।

भाकपा-माले राज्य समिति की एक दिवसीय बैठक संपन्न

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  • बिहार विधानसभा चुनाव पर पार्टी ने की समीक्षा, पार्टी संगठन के विस्तार व मजबूतीकरण पर जोर
  • मोदी सरकार द्वारा संरक्षित संघ परिवार द्वारा चलाये जा रहे सांप्रदायिक घृणा के खिलाफ 1-6 दिसंबर को वाम दलों का संयुक्त विरोध

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पटना 14 नवंबर 2015, , भाकपा-माले की एक दिवसीय राज्य स्थायी समिति की बैठक आज पार्टी राज्य कार्यालय में संपन्न हो गयी. बैठक में पार्टी राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, अमर, केंद्रीय कमिटी सदस्य रामजतन शर्मा,  मीना तिवारी, केडी यादव, शशि यादव, सरोज चैबे, रामेश्वर प्रसाद, काॅ. महानंद, जवाहर लाल सिंह, इंद्रजीत चैरसिया, आर एन ठाकुर, संतोष सहर, जितेन्द्र, मनोहर, राजाराम सहित कई नेताओं ने भाग लिया.

बैठक में चुनाव की समीक्षा करते हुए कहा गया है कि  इस बार वामपंथ का संयुक्त 4 प्रतिशत वोट पाना जिसके साथ तीन सीटों पर विजय जुड़ी है, इस बात की पुष्टि करता है कि वामपंथ ही दो ध्रुवों में बंटे बिहार में एकमात्र भरोसेमंद और संभावनामय तीसरी शक्ति है. ग्रामीण गरीबों का ठोस समर्थन, युवाओं की जोशीली और गतिशील भूमिका और किसानों एवं महिलाओं की बढ़ी हुई भागीदारी ने भाकपा-माले को बुनियादी शक्ति और ऊर्जा प्रदान की. 

भाकपा-माले ने कहा है कि नई सरकार को उसके द्वारा चुनाव पूर्व किये गये वादों को पूरा करने के साथ-साथ बिहार  वामपंथी पाटियों द्वारा जारी संयुक्त वाम अपील में सूत्रबद्ध की गई वैकल्पिक दिशा और प्राथमिकताओं पर आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसमें रोजगार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, युवाओं एवं महिलाओं के लिये अवसर और अधिकार, और सभी लोगों, खासकर बिहारी समाज के कमजोर तबकों के लिये बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार एवं न्याय पर सुस्पष्ट रूप से केन्द्रित किया गया है.

बैठक में इस बात पर भी राय बनी कि जेल में राजनीतिक पूर्वाग्रहों के चलते बंद कर दिए गए माले नेताओं की रिहाई के लिए आंदोलन चलाया जाएगा. विदित है कि दरौली से माले उम्मीदवार काॅ. सत्यदेव राम, जो चुनाव जीत गये हैं; जीरादेई से पार्टी उम्मीदवार काम्. अमरजीत कुशवाहा और अगिआंव से पार्टी उम्मीदवार काॅ. मनोज मंजिल को फर्जी मुकमदों में चुनाव के ठीक पहले जेल में डाल दिया गया है. इनकी रिहाई के लिए संघर्ष तेज होगा.

वाम दलों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर संघ परिवार द्वारा चलाये जा रहे सांप्रदायिक घृणा अभियान के खिलाफ 1 से 6 दिसंबर के बीच राज्य के विभिन्न केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. इसे लेकर जल्द ही वाम दलों की बैठक बुलायी जाएगी. बैठक में संगठन को और व्यापक व धारदार बनाने पर भी बातचीत हुयी. विधायक दल नेता का चुनाव कुछ दिनों में कर लिया जाएगा.

राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, सोनिया और राहुल ने नेहरू को श्रद्धांजलि दी

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नयी दिल्ली.14 नवम्ब, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी,उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को आज उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की । श्री मुखर्जी और श्री अंसारी ने शांतिवन जाकर पंडित नेहरू को श्रद्धासुमन अर्पित किये। 

ब्रिटेन की यात्रा पर गये श्री मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने अपना संपूर्ण जीवन देश को स्वतंत्रता दिलाने और पहले प्रधानमंत्री के रूप में भारत का नेतृत्व करने में ही लगा दिया था। श्री मोदी ने कहा , “ उनकी जयंती के अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ” इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शांतिवन जाकर पं.नेहरू को श्रद्धासुमन अर्पित किये । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पं.नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की ।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का समय : मोदी

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लंदन 14 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस के आतंकवादी हमलों के परिप्रेक्ष्य में सभी मानवतावादी देशों तथा संगठनों का आह्वान करते हुए आज कहा कि सभी पक्षों को एकजुट होकर इन हमलों की निंदा करनी चाहिए और आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए । श्री मोदी ने ब्रिटेन यात्रा के आखिरी दिन लंदन में टेम्स नदी के किनारे 12वीं सदी के प्रसिद्ध दार्शनिक बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा, 'संयुक्त राष्ट्र को 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए ताकि सभी ये जान सकें कि कौन-कौन आतंकवाद के समर्थन में हैं और कौन विरोध में खड़े हैं। ” श्री मोदी ने कहा कि बसवेश्वर (1134-1168) के विचार और मूल्य लोगों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में ही महिलाओं के सशक्तिकरण की अलख जगायी थी । 

भारतीय प्रधानमंत्री को ‘मैग्नाकार्टा’ की एक प्रति भेंट की गयी है। उन्होंने ‘मैग्नाकार्टा’ का उललेख करते हुए बताया कि इस महान दस्तावेज में जिन अधिकारों और सिद्धांतों की बात की गयी है, उन सभी अधिकारों और सिद्धांतों को बसवेश्वर बहुत पहले ही लिख गये। बसवेश्वर को लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का पैरोकार बताते हुए श्री मोदी ने कहा,“ जब भी हम नागरिकों के समानता के अधिकार की बात करते हैं तो सबसे पहले अब्राहम लिंकन का नाम याद आता है लेकिन बसवेश्वर ने 700 वर्ष पहले ही इन सिद्धातों की स्थापना की थी। ” महान भारतीय दार्शनिक की प्रतिमा की स्थापना को भारत के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों को लोकतांत्रिक सिद्धातों के प्रति आकर्षित भी करेगी। बसवेश्वर ने अछूताें के प्रति अपनाये जाने वाले भेदभावपूर्ण रवैये का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां समय समय पर कई समाज सुधारक सामने आये। इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ नीरज पाटिल भी उपस्थित थे।

कोई नही करेगा हिंदी साहित्यक सम्मान वापस : रामनाईक

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इटावा 14 नंबवर , देश मे एक के बाद वापस हो रहे साहित्यक सम्मानो पर कटाक्ष करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज कहा इटावा हिंदी सेवा निधि की ओर से दिया जा रहा सम्मान ना तो वापस होगा और ना ही कोई चेक वापस करेगा । राज्यपाल यहां इस्लामिया इंटर कॉलेज में इटावा हिन्दी सेवा निधि के 23वें वार्षिक अधिवेशन एवं हिन्दी सेवी सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।श्री नाईक ने कहा उन्हें भरोसा है कि यह सम्मान कोई भी वापस नहीं करेगा । उन्होने कहा कि अब न्यायालयों में हिन्दी का प्रयोग होने लगा है। हिन्दी जन-जन की भाषा है। उत्तर प्रदेश में हिन्दी को काफी बढ़ावा मिला है। सरकार ने भी हिन्दी को राष्ट्र भाषा मान लिया है। 

उन्होंने कहा कि न्यायालयों में अंग्रेजी के निर्णय लोगों के समझ में नहीं आते थे, जबसे न्यायालयों में हिन्दी का प्रयोग हुआ है तब से लोगों को बढ़ी राहत मिलेगी। देश को जोड़ने में जो मापदंड होते हैं उसमें हिन्दी सबसे ताकतवर है। हिन्दी जितनी विकसित होगी उतना देश मजबूत होगा। तकनीक के क्षेत्र में भी हिन्दी का प्रयोग होना चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लंदन में हिन्दी में भाषण दिया, उसका असर यह हुआ कि लंदन के प्रधानमंत्री को भी कहना पड़ा अच्छे दिन आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, बिहार, हरियाणा, उत्तराचंल में हिन्दी को बढ़ावा मिला है। 

अशोक सिंघल की हालत गंभीर, मेदांता में पुन: भर्ती

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नई दिल्ली, 14 नवम्बर, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल की स्थिति गम्भीर बनी हुई है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आज यहां बताया कि श्री सिंह गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं। उन्हें कल देर रात्रि गुड़गांव के मेदांता मेडीसिटी अस्पताल में पुनः भर्ती कराना पड़ा। डाक्टरों के अनुसार, श्री सिंह की हालत लगातार गंभीर बनी हुई है। श्री बंसल ने बताया कि विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश सिंहल, महामंत्री श्री चंपत राय एवं मंत्री राजेन्द्र पंकज सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार मेदांता में बने हुए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री रामलाल सहित अनेक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री सिंहल का हालचाल जानने मेदांता पहुंचे। श्री सिंहल की गंभीर हालत को देखते हुए विहिप द्वारा 16 नवम्बर से दिल्ली के बिड़ला मन्दिर में आयोजित किये जाने वाले अठारह दिवसीय विशाल चतुर्वेद स्वाहाकार यज्ञ तथा विहिप के दीपावली मंगल मिलन कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है।

झारखंड स्थापना दिवस पर कल आयोजित होंगे कई कार्यक्रम

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रांची,14 नवम्बर, झारखंड के कल 16वें स्थापना दिवस को समारोहपूर्वक मनाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं । इस दिन को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई कार्यक्रम और योजनायें बनायी हैं। मुख्यमंत्री रघुबर दास कल कई नयी योजनाओं की शुरुआत करेंगे ।श्री दास राज्य सरकार की बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत से जुडे पत्र और सहमति पत्र संबंधितों को कल ही जारी करेंगे । मुख्य समारोह यहां मोराबादी में बिरसा मुंडा फुटबाल स्टेडियम में आयोजित किया जायेगा जहां राज्यपाल द्रौपदी मुरमू मुख्य अतिथि होंगे। इस मौके पर श्री दास और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले श्री दास कोकर जायेंगे जहां वह भगवान बिरसा मुंडा की समाधि पर पुष्पांजलि देंगे । मुख्यमंत्री बिरसा चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री दास कल कई मोबाइल अप्लीकेशन की शुरुआत करेंगे, इनमें एम संवाद, गारबेज मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम, क्राइम इन्फारमेशन सिस्टम, झारखंड ब्लड डोनर सिस्टम, प्लान्टेशन मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम आदि की शुरुआत करेंगे । इसके अलावा मुख्यमंत्री पेयजल से जुड़ी कई परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे । रांची में शाम को कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे जिनमें पुलिस विभाग की प्रस्तुति अहम होगी ।

36 माह में बनकर तैयार हो जायेगा विधानसभा भवन : रघुवर

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रांची 14 नवम्बर,  झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि राज्य विधानसभा का नया भवन अगले 36 माह में बनकर तैयार हो जायेगा। श्री दास ने कहा कि नये भवन में विधायकों के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा । उन्होंने बताया कि नये विधानसभा भवन की निर्माण लागत करीब 370 करोड़ रूपये है । 

उल्लेखनीय है कि हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एसईसी) द्वारा उपलब्ध कराये गये किराये के आवास से झारखंड विधानसभा का संचालन हो रहा है। 

पूरे देश में मनाना है बिहार की जीत जैसा जश्न : राहुल गांधी

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नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर,  कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की भारी जीत पर बिहार के मतदाताओं तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए आज कहा कि जिन ताकतों को टक्कर देकर यह जीत हासिल की गयी है वही काम अब पूरे देश में करना है। श्री गांधी ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती के समापन पर यहां आयोजित ‘नेहरू स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि उनके संघर्ष से बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा जनता दल यू और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई है।

संघ परिवार की विचारधारा पर महागठबंधन की जीत को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा “बिहार की बधाई आप लोगों को, आपने नीतीश जी और लालू जी के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की सोच को टक्कर दी और उसे हरा दिया और यही काम हम अब पूरे देश में करने वाले हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जाति और धर्म का माहौल बना रही है तथा हिंसा को बढ़ावा दे रही है लेकिन नेहरू जी ने देश में धर्मनिरपेक्षता का ऐसा बीजारोपण किया है कि उसकी नींव हिल नहीं सकती है और धर्म तथा बांटने वाली राजनीति उस पर पनप नहीं सकती। कांग्रेस सभी को जगह देकर और साथ लेकर चलना चाहती है।
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