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दिलीप कुमार 'पद्म विभूषण'से सम्मानित

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भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में शुमार दिलीप कुमार को आज यहां एक विशेष कार्यक्रम में पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया गया। खुद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिलीप कुमार को उनके घर जाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।

दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और कुछ अन्य को पद्म विभूषण से सम्मानित करने की घोषणा 26 जनवरी, 2015 के मौके पर की गई थी। लेकिन, जब अप्रैल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विजेताओं को पद्म पुस्कार प्रदान किए तो दिलीप कुमार राष्ट्रपति भवन में आयोजित उस विशेष कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए।



उत्तराखंड की विस्तृत खबर (13 दिसंबर)

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सूखते नौले.धारे के मुद्दे पर कार्यशाला 

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देहरादून। उत्तराखण्ड में पीने का पानी और सिंचाई का बड़ा स्रोत नौले.धारे और जलस्रोत रहे हैं पर जंगलों के अंधाधुंध कटान, कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते गाँव व शहर, अनियोजित व अंधाधुंध भूजल दोहन और मौसम परिवर्तन के चलते नौलों.धारों के अस्तित्त्व पर संकट मँडराने लगा है। साल.दर.साल पहाड़ों के भूजल स्तर की गिरावट से सैकड़ों नौले.धारे, चुपटौले समाप्त हो चुके हैं। और हजारों नौले.धारे संरक्षण की सुध न लिये जाने की वजह से बदहाल अवस्था में पहुँच गए हैं। नौलों.धारों के स्वरूप और बहाव में निरन्तर कमी की वजह से उत्तराखण्ड के गाँव पेयजल के अभूतपूर्व संकट में जूझ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नौलों.धारों के पुनर्जीवन के लिये दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। देहरादून में होने वाला यह आयोजन हिमोत्थानए टाटा ट्रस्ट,अर्घ्यम और श्स्प्रिंग इनिशीएटिवश् की ओर से हो रहा है। 15 व 16 दिसम्बर को होने वाले इस कार्यशाला में स्वयंसेवी संगठनों के जनप्रतिनिधियों वैज्ञानिकों और सरकारी प्रतिनिधियों की भागीदारी हो रही है। नौले.धारे के मुद्दे पर काम करने वाले संगठन श्स्प्रिंग इनिशीएटिवश् की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि उत्तराखण्ड की पानी सम्बन्धी अधिकांश जरूरतें नौले.धारे और प्राकृतिक जलस्रोत से ही पूरी होती हैं। अधिकांश गाँवों के वंचित तबकों के लिये पीने का पानी का इकलौता ज़रिया यही नौले.धारे, चुपटौले, बावड़ी और जलस्रोत ही हैं। भूजल में लगातार हो रहे गिरावट के कारण नौले.धारे से मिलने वाले पानी में भयानक रूप से कमी आ रही है। ज्यादातर नौले.धारे केवल मौसमी बनकर रह गए हैं। नौलों.धारों से सिंचाई करने वाले लोग बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि नौलों.धारों के संरक्षण की उत्तराखण्ड में ऐतिहासिक परम्परा रही है, लेकिन जल संरक्षण के परम्परागत तरीकों में संशोधन और संवर्धन की जरूरत हो गई है क्योंकि जलवायु परिवर्तन व दोहन के बोरवेल जैसी तकनीकों ने भूजल पर संकट पैदा किया है। जल संरक्षण के पहाड़ी परम्परागत तरीकों में नई जान डालने की जरूरत है। जल संरक्षण के पहाड़ी परम्परागत तरीकों में जलविज्ञान के नए ज्ञान को जोड़कर पहाड़ों के पानी पर आये जल.संकट से निजात पाया जा सकता है। और नौलों.धारों से घटते जल प्रवाह को रोका जा सकता है और भविष्य के लिये भी सुरक्षित किया जा सकता है। बयान के अनुसार नौलों.धारों के मुद्दों पर काम करने वाले संगठनों का सामुहिक मंच है ष्स्प्रिंग इनिशीएटिवष्। यह एक ऐसा मंच है जहाँ सामाजिक संगठन और सरकार मिलकर नौलों.धारों के सुधार पर काम करते हैं। नौलों.धारों के गाँव स्तर पर प्रबन्धन और बेहतरी के लिये लोगों से जुड़ने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखण्ड में हुए एक अध्ययन के आधार पर यह पाया गया है कि प्रदेश स्तर पर नौलों.धारों के संरक्षण के लिये एक प्राधिकरण ष्स्प्रिंगशेड प्रबन्धन अथॉरिटी की आवश्यकता है ताकि नौलों.धारों के मामले में निरन्तर हो रहे लापरवाही को रोका जा सके। और फुटकर प्रयासों की बजाय एक प्रदेशव्यापी नौलों .धारों के संरक्षण का अभियान चलाया जा सके। इसके लिये सम्बन्धित विभागों, पानी.पर्यावरण के काम में लगे कार्यकर्ताओं, समुदायों तथा वैज्ञानिक संस्थानों के बीच तालमेल की अत्यधिक आवश्यकता होगी जिसके लिये श्स्प्रिंग इनिशीएटिवश् कोशिश कर रहा है। उत्तराखण्ड में नौलों.धारों के संरक्षण के लिये कार्यशाला में ठोस रणनीति बनाने की कोशिश की जाएगी। नौलों.धारों पर आधारित पम्पिंग पेयजल योजनाओं की सफलता के लिये जरूरी है कि नौले.धारे, चुपटौले, बावड़ी और जलस्रोतों को सदानीरा बनाया जाये। नौलों.धारों के पुनर्जीवन में जनसहभागिता सुरक्षित किया जाये। उत्तराखण्ड की ज्यादातर नदियाँ किसी नौले.धारे या प्राकृतिक जलस्रोत से ही निकलती हैं। इनके सदानीरा बनाए रखने के लिये सबसे पहले नौलों.धारों के ही संरक्षण पर काम करना होगा। प्राकृतिक जलस्रोतोंए नौलों.धारों के संरक्षण के ऐतिहासिक साक्ष्य आज भी ताम्रपत्रों पर मिलते हैं। हमें जल.संरक्षण की ऐतिहासिक परम्पराओं को बचाना होगा और नौलों.धारों को संरक्षित करना होगा। ताकि खेती बेहतर हो सके और पेयजल सुनिश्चित हो सके। और नौलों.धारों के संरक्षण के सरकार के हर प्रयास में हर सम्भव सहयोग की कोशिश श्स्प्रिंग इनिशीएटिवश् करेगी। उत्तराखण्ड बहुत सारी नदियों का मायका है। ये नदियाँ मैदानों में उतरकर उत्तर भारत के करोड़ों की आबादी को पानी पिलाती हैं। इसीलिये विकास के बहुत सारे काम उत्तराखण्ड में नहीं किये जाते क्योंकि इससे नदियों के प्रवाह पर असर पड़ेगा। और मैदानी इलाकों में दिक्कत होगी। परम्परा से ही उत्तराखण्डी समाज नदियों और पानी के संरक्षण को सेवा मानकर करता रहा है। उत्तराखण्डी समाज के नदियों और पानी के संरक्षण की सेवा को ष्ईको सर्विसष् का दर्जा मिलना चाहिए। श्स्प्रिंग इनिशीएटिवश् के सहयोगी माँग करते हैं कि राज्य को पानी संरक्षण के काम के लिये ष्वाटर बोनसष् के रूप में केन्द्रीय प्रोत्साहन.राशि मिलनी चाहिए।

नारी निकेतन प्रकरण में पूर्व अधीक्षिका और एक टीचर गिरफ्तार

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देहरादून, 13 दिसम्बर। नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म के मामले में एसआइटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नारी निकेतन की पूर्व अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल और एक टीचर अनीता मंदोला को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। एसआइटी उनसे पूछताछ कर रही है। उल्लेखनीय है कि नारी निकेतन में संवासिनियों के यौन शोषण संबंधी शिकायत पर अपर जिलाधिकारी झरना कामठान ने जांच की तो इस तरह की गड़बडि़यां सामने आई। इसके बाद 24 नवंबर को राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी थी। देहरादून के एसपी सिंटी अजय सिंह टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि 16 नवंबर को नारी निकेतन में रह रही एक मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म और पता चलने पर उसका गर्भपात कराया गया। जांच टीम ने दूधली के जंगल से भू्रण भी बरामद कर लिया था। न्यायालय की अनुपति के बाद पुलिस ने भू्रण व पीडि़ता के डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे थे। प्रयोगशाला से मिलान रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें यह पुष्टि हुई है कि दूधली के जंगल से मिला भू्रण पीडि़ता संवासिनी का ही है, जिसे गर्भपात के बाद पहले नारी निकेतन और फिर दूधली के जंगल में दबाया गया था। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद दुष्कर्म के आरोप में पकड़े गए केयर टेकर मोहम्मद हासिम व होमगार्ड ललित बिष्ट और षड़यंत्र रचने के आरोप में दो क्राफ्ट टीचर, एक अटेडेंट व एक चैकीदार पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। आज इस मामले में एसआईटी ने नारी निकेतन की पूर्व अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल और एक टीचर अनीता मंदोला को उनके घर से गिरफ्तार किया है। अधिक्षिका पर सबूत नष्ट करने और लापरवाही बरतने का आरोप है। इस प्रकरण में अब तक आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। 

प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ की कार्यकारिणी ने ली शपथ

देहरादून, 13 दिसम्बर। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जीएमएस रोड स्थित सैफराॅन लीफ होटल में प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखण्ड की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुये। इस अवसर पर संघ के नवनिर्वाचित सदस्यों को शुभकामनाएं व बधाई देते हुये मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि दुनिया में भगवान के बाद सिर्फ चिकित्सक ही ऐसा इंसान है जिसकी पूजा होती है, इसलिये यह पद बहुत ही सम्मानित है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे कुछ अस्पतालों में क्षमता से अधिक बोझ पड़ा हुआ है। राज्य सरकार की कोशिश है कि इस अत्यधिक बोझ को कुछ कम किया जाये। इसके लिये लोग जुटाये जा रहे हैं। उन्होंने चिकित्सकों का दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिये आगे आने को कहा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जितना निवेश किया जा रहा है उसके अनुसार हमें परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में उपकरणों पर खर्च तो किया गया है लेकिन इनमें से बहुत से ऐसे उपकरण हैं जिनकी अभी तक एक बार भी प्रयोग नहीं किया गया है। हमें इन कमियों को दूर करना होगा। इसके लिये हमारे चिकित्सकों को आगे आना होगा। यदि हमारे चिकित्सक दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं तो सरकार भी उन्हें अतिरिक्त सुविधायें देने पर विचार कर सकती है। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अपने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूर-दराज के क्षेत्रों में कैम्प लगाकर मरीजों की इलाज किया जाना सुनिश्चित किया जाय। आँखों के आॅपरेशन के लिये भी कैम्प लगाये जायें। साथ ही उन्होंने राज्य के सभी सीएमओ को विकलांगों को दिये जाने उपकरणों के लिये चिन्हित करने को भी कहा।

मौजूदा कांग्रेस सरकार सबसे भ्रष्ट सरकारः खंडूड़ी

देहरादून, 13 दिसम्बर। पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी (सेवानिवृत्त) ने प्रेमनगर के निकट चाय बगान में स्मार्ट सिटी बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय सैन्य अकादमी समेत प्रदेश के तमाम सैन्य संस्थानों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस की वर्तमान सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताते हुए कहा कि राज्य इससे पहले इतनी बुरी स्थिति में कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि देहरादून में भीड़ लगातार बढ़ रही है। ग्रीन पैच कम हो रहे हैं, लगातार कम होती जमीन को देखते हुए चाय बागान स्मार्ट सिटी के लिए उचित नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से भी इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। इसके सामने आईएमए जैसा सामरिक महत्व का संस्थान है। स्मार्ट सिटी बनने में लंबा समय लगेगा, इस दौरान वहां बाहर के लोगों का आना-जाना भी होगा। इसे सुरक्षा की दृष्टि से भी देखे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि देहरादून को राजधानी बनाया जाता है तो इसके विस्तार के लिए भी जमीन की आवश्यकता है। ऐसे में सरकार का यह कदम किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार की कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान भ्रष्टाचार पर लगा है। प्रदेश में अवैध खनन जोरों पर है, शराब नीति गलत तरीके से लगाू की गई है। प्रदेश में असमानता व अराजकता बढ़ रही है। राज्य बनने के बाद उत्तराखंड इससे बुरी स्थिति में कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा सांसदों पर आरोप लगाती रही है। उन्होंने कहा कि आज तक किसी सांसद से प्रदेश की समस्याओं को लेकर न तो कोई वार्ता की और न कोई पत्र लिखा। प्रदेश हित में सैनिक स्कूल खोले जाने के संबंध में कदम उठाए गए थे, केंद्र को एक वर्ष तक सवालों के जवाब नहीं दिए गए। 

अच्छा होता कि जनहित के मुद्दों को खंडूड़ी पीएम के समक्ष रखतेः सुरेंद्र

देहरादून। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी के सवालों के जवाब में उलटे उनसे सवालों की झड़ी लगाकर सवाल कर डाले है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि जनहित के मुद्दों को सांसद बीसी खंडूड़ी पीएम के समक्ष रखते। यहां एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री कुमार ने कहा कि वह श्री खण्डूड़ी पूछना चाहते है कि क्या यह सच नहीं है कि सारंगी काण्ड के भ्रष्टाचार के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। क्या यह सच नही है, कि उन्होंने अपने एक मुख्यमंत्री को देश का भ्रष्टतम सरकार का मुखिया बताया था व उनके सहयोगी द्वारा इस बयान पर भाजपा के झण्डे फाड़े गये थे। क्या यह सच नही है कि वर्ष 2007-08 में मुख्यमंत्री बनते ही पहला पुण्य का काम सरकारी एजेंसियों से शराब का काम छीनकर पोंटी चड्डा के निजी हाथों को शराब व्यवसाय सौंपा गया था। जिनमें से एक नामधारी, जो भाजपा के राज्यमंत्री रहे है, जेल में है। क्या यह सच नही है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद डेढ़ वर्ष तक मुख्यमंत्री आवास केवल इस जिद के साथ कब्जाकर रखा गया, कि यमुना कालोनी में जब तक दो बंगलों को तोड़कर एक बंगला नही बनाया जायेंगा, तब तक आवास खाली नहीं करूंगा। क्या यह सच नही है कि प्रदेश भाजपा मुख्यालय में शराब सिंडिकेट से चुनाव के लिए आया धन चोरी हुआ था और शक की सुई उनके नजदीकियों की ओर घूमी थी। यह बात भी भाजपा द्वारा बनायी गई जांच समिति की रिपोर्ट में उजागर की गई थी। श्री कुमार ने कहा कि बेहतर होता कि सम्मानित श्री खण्डूड़ी राज्य के मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर अपनी चुप्पी तोड़ते और जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखते। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद भी हम उन्हें केन्द्र सरकार में मंत्री पद पर देखने की शुभकामनाएं देते हैं। 

भाकपा-माले की तीनदिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक पटना में आज से आरंभ

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  • देश के विभिन्न हिस्सों से भाग ले रहे हैं केंद्रीय नेता 
  • अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों, बिहार विधानसभा चुनाव, आने वाले विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों, सांगठनिक सम्मेलनों और पार्टी विस्तार के एजेंडे पर हो रही है बैठक

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पटना 13 दिसंबर 2015, भाकपा-माले की तीन दिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक आज से पटना के फुलवारी शरीफ के हरनीचक मोहल्ले में आरंभ हो गयी है. 59 सदस्यों वाली केंद्रीय कमिटी की बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से वरिष्ठ माले नेतागण भाग ले रहे हैं. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. स्वदेश भट्टाचार्य, बिहार राज्य के सचिव कुणाल, उत्तरप्रदेश के सचिव काॅ. रामजी राय, कविता कृष्णन, तमिलनाडु से कुमारस्वामी, वी शंकर, बांगर राव, उड़ीसा से युद्धिष्ठर महापात्रा, असम से रूबुल शर्मा, बंगाल से कार्तिक पाल, पार्थो घोष, राजस्थान से महेन्द्र चैधरी, दिल्ली से रवि राय, राजीव डिमरी, स्वप्न मुखर्जी, पंजाब से गुरूमीत सिंह, उत्तराखंड के राजा बहुगुणा, मीना तिवारी, कृष्णा अधिकारी, प्रभात कुमार चैधरी, प्रतिमा इंगपी, सरोज चैबे, अमर, धीरेन्द्र झा, षषि यादव, रामेष्वर प्रसाद, रामजतन शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद, आदि नेता भाग ले रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए कहा गया है कि इस चुनाव ने पूरे देश को आश्वस्त किया है. राष्ट्रीय राजनीति को बिहार चुनाव ने एक निर्णायक मुकाम पर ला खड़ा किया है। बिहार का फैसला देश में संघनित और विकसित होते भाजपा-विरोधी मिजाज की एक अभिव्यक्ति है। लेकिन बिहार चुनाव से कुछ भी सबके सिखने की बजाए भाजपा उलटा सबक ही ले रही है. भाजपा व संघ परिवार एक बार फिर से राम मंदिर को मुद्दा बनाकर देश में सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति खेलना चाहती है.  तो दूसरी ओर पिछले 26 नवंबर को संविधन दिवस के नाम पर देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मरिपेक्षता पर ही प्रश्न चिह्न खड़े कर दिये. संघ व भाजपा परिवार द्वारा देश के संविधान, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर लगातार हमला जारी है. हमें इसका जोरदार प्रतिरोध करना होगा.

2016 की शुरुआत में ही पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। केंद्रीय कमिटी में इसपर जोरदार अभियान चलाने पर बातचीत कर रही है. भाकपा-माले अन्य वाम दलों व लोकतांत्रिक ताकतों से एकता स्थापित करते हुए इन चुनावों में भाग लेगी. पार्टी की केंद्रीय कमिटी की बैठक में इस पर सहमति बनी कि पिछले एक साल में ताकतवर जनांदोलन, पहलकदमियाँ लेते हुए,पार्टी ने अगुवा कैडरों और समूची पार्टी कतारों को वैचारिक-राजनैतिक रूप से गोलबंद किया है और कठिन-कठोर सांगठनिक काम चलाने का कार्य किया है. इसी राजनैतिक इच्छाशक्ति और सांगठनिक ताकत का असर हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा है। केंद्रीय कमेटी ने 18 दिसंबर, जो कामरेड विनोद मिश्र 17 वीं बरसी का दिन है, के लिए एक संकल्प-पत्र किया है और और 18 दिसंबर से 15 फरवरी तक सीमाबद्ध सदस्यता विस्तार और नवीनीकरण अभियान चलाने का निर्णय किया है। पार्टी सदस्यता व ढांचे के विस्तार के अलावा जनसंगठन के मोर्चे के भी विस्तार की योजनायें ली जा रही हैं. खासकर ठेका-मानेदय कर्मियों, छात्र-नौजवानों की बड़ी संख्या को संगठन से जोड़ने का निर्णय लिया गया है. विभिन्न प्रदेशों के सम्मेलनों आदि विषय भी बैठक के एजेंडा में शामिल है.

बैठक में अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों खासकर हाल के दिनों में पश्चिमी ताकतों के संरक्षण में पल रहे खतरनाक आतंकी संगठन आइएसआइएस, पेरिस, बेरूत, बगदाद पर आतंकी हमला और नेपाल में मधेसी संकट व उसमें मोदी सरकार की दखलअंदाजी पर भी बातचीत की जाएगी.

तापी गैस पाइप लाइन के शिलान्यास समारोह का साक्षी बना भारत

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मैरी, तुर्कमेनिस्तान 13 दिसम्बर, दक्षिण एशिया में ऊर्जा संरक्षण की सुनिश्चितता के लिये महत्वाकांक्षी तुर्कमेनिस्तान -अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन परियोजना के आज ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में भारत प्रमुख साक्षी रहा। समारोह में मौजूद भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दीमुहामेदोव,अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परियोजना की वेल्डिंग प्रक्रिया का बटन दबाकर दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एक नये सहयोग का संकेत दिया। 

तापी गैस पाइपलाइन के जरिये एक दिन में नौ करोड़ स्टैंडर्ड घन मीटर गैस का परिवहन किया जा सकेगा। इससे भारत और पाकिस्तान प्रत्येक को तीन करोड़ 80 लाख स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस तथा शेष मात्रा अफगानिस्तान को आपूर्ति की जायेगी। 10 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाली 1800 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण कार्य तुर्कमेनिस्तान की सरकारी कंपनी तुर्कमेंगज करेगी। इस गैस पाइप लाइन परियोजना को वर्ष 2019 तक पूरे कर लिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। 

संसद आतंकवादी हमले की वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली 13 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद हमले के शहीदों को आज श्रद्धांजलि दी। 13 दिसम्बर,2001 में आज ही के दिन संसद पर हमला हुआ था। पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नजमा हेपतुल्ला,राज्यसभा के उप सभापति प्रोफेसर पी जे कुरियन, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इन शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए । श्रद्धांजलि देने वाले अन्य व्यक्तियों में संसद के कई वर्तमान और पूर्व सदस्य भी शामिल थे । लोकसभा के महासचिव अनूप मिश्र और राज्य सभा के महासचिव शमशेर के. शेरिफ तथा लोक सभा और राज्य सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए । इस अवसर पर भारतीय रेडक्रास सोसायटी ने संसद भवन में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसमें लोक सभा और राज्यसभा सचिवालयों तथा अन्य सहायक एजेन्सियों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में रक्‍तदान किया। 

गौरतलब है कि वर्ष 2001 में इसी दिन राज्य सभा सचिवालय के सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी; केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में कांस्टेबल कमलेश कुमारी, दिल्ली पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक नानक चन्द और रामपाल, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग में माली देशराज आतंकवादी हमले में संसद की रक्षा करते शहीद हो गये थे। ए.एन.आई. के कैमरामैन विक्रम सिंह बिष्ट जो इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उनका भी बाद में निधन हो गया था। जगदीश प्रसाद यादव, मातबर सिंह नेगी और कमलेश कुमारी को उनके निःस्वार्थ बलिदान के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया था और नानक चन्द, रामपाल, ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से अलंकृत किया गया था।

राष्ट्रपति ने अपने गुरु की स्म़ति में दिया व्याख्यान

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कोलकाता 14 दिसंबर,  राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज यहां अपने गुरु देवरंजन मुखर्जी की स्मृति में व्याख्यान देते हुए कहा कि जब तक देश में विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान स्थापित नहीं होंगे, तब तक भारत दुनिया के श्रेष्ठ देशों में शुमार नहीं हो सकता है। श्री मुखर्जी ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में देश में उच्च शिक्षा का काफी विस्तार हुआ है और आज अपने देश में 712 विश्वविद्यालय तथा 36000 से अधिक काॅलेज हैं, लेकिन हाल तक दुनिया में श्रेष्ठ 200 शैक्षणिक संस्थानों में एक भी भारतीय संस्थान की गिनती नहीं होती थी। श्री देवरंजन मुखर्जी ने राष्ट्रपति को विद्यासागर काॅलेज में चार वर्ष तक पढ़ाया था। श्री देवरंजन मुखर्जी बर्दवान विश्वविद्यालय तथा आसनसोल के विधानचंद्र कालेज में भी साहित्य के शिक्षक थे। 

राष्ट्रपति ने उनका स्मरण करते हुए कहा कि उस समय कालेजों में बहुत अच्छे शिक्षक होते थे। एक समय था जब प्राचीनकाल में तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, वल्लभी, सोमपुरा तथा उदन्तपुरी जैसे विख्यात विश्वविद्यालय होते थे। अब भारत को अपनी पुरानी गरिमा बहाल करनी है। उन्होंने कहा कि वह देश के कई केन्द्रीय विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के विजिटर के रूप में उनका स्तर बढ़ाने के लिए लगातार सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के प्रयासों से देश के दो शैक्षणिक संस्थान विश्व के 200 श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों की सूची में पहली बार आए हैं और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में और संस्थान इस सूची में आयेंगे।

पेरिस में न कोई जीता न कोई हारा: नरेंद्र मोदी

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नयी दिल्ली, 13 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते को ‘जलवायु न्याय’ की जीत बताते हुए आज कहा कि इसमें न किसी की जीत हुई है और न ही कोई हारा है। श्री मोदी ने ट्वीट किया, “पेरिस समझौते के परिणाम में न कोई हारा और न कोई जीता। जलवायु न्याय की जीत हुई है और हम सब दुनिया के भविष्य को हराभरा बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जलवायु सम्मेलन में लिये गये फैसले इस बात को दर्शाते हैं कि जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में विश्व नेताओं की सोच एक जैसी है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक चुनौती है लेकिन पेरिस समझौते से स्पष्ट है कि हर देश ने इस चुनौती से निपटने के लिये कदम बढ़ाये और सब मिलकर समाधान की दिशा में आगे बढ़े। उल्लेखनीय है कि पेरिस में कई दिनों के व्यापक विचार विमर्श के बाद 195 देशों ने ऐतिहासिक समझौते पर शनिवार को हस्ताक्षर किये। इसमें ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस तक रखना और स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को वित्तीय मदद शामिल है।

सरकारी योजनाओं में घोटाला करने वालो को बख्शा नही जायेगा : हजारी

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समस्तीपुर 13 दिसम्बर, बिहार के नगर विकास और आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने विकास में भ्रष्टाचार को बड़ी बाधा बताया और कहा कि सरकारी योजनाओं में घोटाला करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा । श्री हजारी यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिले के सोमनाहा स्थित बूढी गंडक नदी पर बने पुल धंसने की उच्चस्तरीय जांच कराने के बाद संवेदक और अभियंताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है । उन्होंने बताया कि सोमनाहा स्थित इस पुल का निर्माण नबार्ड योजना के तहत करीब 34 करोड़ रूपये की लागत से की गयी थी । निर्माण के बाद इस पुल का पिलर घोटालों के कारण धंस गया था जिसकी शिकायत पर उच्चस्तरीय जांच करायी गयी थी। 

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में गरीबों और आम लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये राज्य के प्रत्येक पंचायतों में जल मीनार का निर्माण कराया जायेगा । इससे पूर्व पूर्व जिले के सतमलपुर चौक पर आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि श्री हजारी ने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता जल कल्याणकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुचना है । उन्होंने कहा कि समस्तीपुर शहर के मगरदही घाट से धर्मपुर तक बाइपास का भी निर्माण कराया जायेगा । इसके अलावे समस्तीपुर जिले के जितबारपुर स्थित हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर मकान बनाये जायेंगें । समारोह को जदयू के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो0 शाहिद अहमद , जिला पार्षद मो0 अफरोज अहमद ,पूर्व सांसद 
अश्वमेध देवी , जदयू विधायक विद्यासागर निषाद , राजकुमार राय , अशोक कुमार मुन्ना और राजद विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहिन समेत अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया । 

अपराध नियंत्रण में नीतीश सरकार असफल : मांझी

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पटना 13 दिसंबर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राज्य में बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि मुंगेर में पार्टी के नगर अध्यक्ष की हत्या से एक बार फिर यह बात साबित हो गयी कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गयी है। श्री मांझी ने मुंगेर में पार्टी नेता की हत्या पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी है और नीतीश सरकार अपराध को नियंत्रण करने में असफल दिख रही है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद है। उन्होंने अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि इस घटना से पूरी पार्टी आहत है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे में कानून का राज होने का दावा करते हैं लेकिन उनके दावे से उलट अखबार प्रतिदिन लूट, डकैती, बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधिक खबरों से भरे रहते है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराध नियंत्रण की बात तो करती है , पर ये उनके बयान तक ही सीमित दिख रहा है। धरातल पर इसका उल्टा असर दिख रहा है। राजधानी पटना में बीती रात कार में युवती का बलात्कार हुआ। इस तरह की घटनाओं से जहां बिहार के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बिहार और बिहार के बाहर प्रदेश की छवि खराब हो रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार में मुंगेर जिले के बासुदेवपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में अपराध का विरोध करने पर कल सुंदरपुर गांव निवासी और दलित नेता मनोज कुमार रजक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । 

सर्वण एवं गरीब भूमिहीनों को तीन डिसमील भूखंड : मदन मोहन झा

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पटना 13 दिसम्बर, बिहार की नीतीश सरकार ने सर्वण एवं गरीब भूमिहीनों को तीन डिसमील भूखंड उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया है । राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा0 मदन मोहन झा ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद घोषणा की कि राज्य सरकार सर्वण एवं गरीब भूमिहीनों को तीन डिसमील भूखंड देगी । उन्होंने कहा कि यदि किसी जिले में सरकारी या गैर मजरूआ भूखंड नहीं है तो राज्य सरकार उस इलाके में जमीन खरीद कर ऐसे लोगों को उपलब्ध करायेगी । 

श्री झा ने कहा कि भूदान एवं गैर मजरूआ जमीन के लाखों एकड़ का पर्चा भूमिहीनों को दिया गया था लेकिन इनमें से अधिकांश लोगों को भूमि का स्वामित्व अभी तक नही मिल सका है । राज्य सरकार की ओर से शीघ्र ही विशेष अभियान चला कर भूमिहीनों के बीच पर्चा वितरित किये जाने के साथ ही जमीन का स्वामित्व दिलाया जायेगा । मंत्री ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां के गरीब किसानों एवं मजदूरों की समस्याओं की जानकारी मिलने पर शीघ्र कार्रवाई की जायेगी । राज्य सरकार किसानों एवं मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिये पूरी तरह से वचनबद्ध है और इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे है । 

ज्ञान भंडार को तीव्र गति से बढ़ाने की जरूरत : राज्यपाल

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पटना 13 दिसम्बर, बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविन्द ने वर्तमान दौर में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में विद्यार्थियों को अपने ज्ञान भंडार को तीव्र गति से बढ़ाने की जरूरत है। श्री कोविन्द ने स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में आयोजित नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के नवम दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, जिसमें इन्टरनेट से ज्ञान का भंडार किसी भी शिक्षार्थी के पास उपलब्ध है , इसलिए विद्यार्थियों को अपने ज्ञान के भंडार को निर्बाध बढ़ाते रहना चाहिए। इन्टरनेट से चन्द मिनट में ही सारी सूचनाएँ उपलब्ध हो जाती हैं लेकिन सूचनाओं की तत्काल संप्रेषणीयता एक कठिन चुनौती भी है। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को प्राप्त ज्ञान एवं सूचनाओं का परीक्षण करने के उपरान्त ही उनके सकारात्मक पक्ष को, अपने सम्बन्धित कार्यक्षेत्र में इस प्रकार लागू करना चाहिए ताकि वह कार्य समाज को सर्व समावेशी बनाने में सहायक सिद्ध हो सके। 

राज्यपाल ने कहा कि बिहार की धरती अनेक ख्यातिप्राप्त महापुरुषों एवं साहित्यकारों की जन्मभूमि रही है। इस राज्य में हिन्दुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों एवं सूफी पैगम्बरों के अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पवित्र स्थल अवस्थित हैं। नालन्दा एवं विक्रमशिला के प्राचीन विश्वविद्यालयों ने धर्म, दर्शन एवं साहित्य आदि के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया है। विश्व का प्रथम एवं प्राचीनतम गणराज्य भी इसी राज्य से विकसित हुआ। हमें अपनी इन सभी विरासतों को अक्षुण्ण रखने में अपना हर संभव प्रयास जारी रखना चाहिए तथा अपनी स्वतंत्र शोध, चिन्तन एवं बौद्धिक विकास के माध्यम से राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का भगीरथ प्रयत्न करना चाहिए। 

कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के कार्यो पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल समाज में शिक्षा की मुख्य धारा से अभिवंचित वर्गों को शिक्षा का अवसर उपलब्ध करा रहा है बल्कि यह उन शिक्षार्थियों को भी शिक्षा प्रदान कर रहा है, जो माध्यमिक स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त, पारम्परिक शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत प्रवेश नहीं लेकर किसी वृत्ति अथवा उपजीविका की प्राप्ति के लिए उच्च शिक्षा के एक शिक्षार्थी के रूप में ज्ञानार्जन के इच्छुक हैं। 

श्री कोविन्द ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पारम्परिक पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त व्यावसायिक एवं कौशल-विकास से सम्बन्धित अधिकाधिक पाठ्यक्रमों का भी संचालन होना चाहिए ताकि देश के होनहार युवक-युवतियों को नियोजन एवं स्वरोजगार के अवसर सुगमता से उपलब्ध हो सकें। दीक्षांत समारोह के दौरान नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 रासबिहारी प्रसाद सिंह ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में छात्राओं को शुल्क में विशेष रियायतें दिये जाने का परिणाम है कि आज उपाधियाँ प्राप्त करनेवाले शिक्षार्थियों में लगभग आधी छात्राएँ हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए जानेवाले नए पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 नागेश्वर राव ने दीक्षांत भाषण किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रो0 आर0 पी0 उपाध्याय ने किया। 

मोदी की पत्नी ने श्री मोदी के साथ दर्शन करने आने की मनोकामना की।

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जैसलमेर 13 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदा बेन ने आज अपने परिजनों के साथ जैसलमेर के विख्यात धार्मिक स्थल रामदेवरा पहुंच कर विशेष पूजा अर्चना की और अगली बार श्री मोदी के साथ दर्शन करने आने की मनोकामना की। जशोदा बेन के भाई कमलेश ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बाबा रामदेव के चमत्कारों के बारे में उन्होंने काफी सुन रखा था, इसलिए आज वह अपनी बहन व परिजनों के साथ रामदेवरा आये हैं तथा बाबा रामदेव के मन्दिर में यह मन्नत मांगी की वह अगली बार जब भी रामदेवरा आये तो उनकी बहन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साथ में हो तथा वे यहां एक जोड़े के रूप में दर्शन करके ही जाये। 

उधर जशोदा बेन के साथ आये गुजरात पुलिस के विशेष दस्ते ने जशोदा बेन को मीडिया से बात नहीं करने दी। आज सुबह जशोदा बेन अपने परिजनों एवं गांव के अन्य लोगों के साथ एक विशेष बस लेकर रामदेवरा पहुंची थी और उनके साथ गुजरात पुलिस की एक विशेष टीम भी थी।

एडहॉक भर्ती में भी दिया जायेगा आरक्षण : मुख्यमंत्री

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ग्वालियर , 13 दिसबर, मध्यप्रदेश में एडहॉक (तदर्थ) भर्ती में भी आरक्षण दिया जायेगा। जिन जिलों में अजाक्स को कार्यालय के लिये भवन नहीं मिले हैं, वहाँ भवनों की व्यवस्था करवाई जायेगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में बाबा साहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित समारोह एवं प्रांतीय अधिवेशन में कही। आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने कहा कि राज्य में आरक्षण कदापि समाप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अजाक्स के ज्ञापन में दर्शायी गईं अन्य माँगों को भी प्रदेश सरकार पूरा करेगी। अध्यक्षता केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहेब भारत माता के ऐसे सपूत थे जिन्होंने संविधान को राष्ट्रीय धर्म बनाया। प्रदेश सरकार डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर वर्तमान में देश में सर्वाधिक है। प्रदेश सरकार कटिबद्ध है कि इस विकास का फायदा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों तक भी समानता के साथ पहुँचे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रिक्त बेकलॉग के पदों की पूर्ति निर्धारित समयावधि में करवाई जायेगी। विभागीय पदोन्नति समितियों की बैठक कराकर आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों को पदोन्नति दिलाई जायेगी। इसकी समीक्षा मुख्य सचिव से करवाई जायेगी। वरिष्ठता के आधार पर भी पदोन्नति देने के नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जायेगा। वे स्वयं हर 6 माह में समीक्षा करेंगे। उन्होंने फील्ड पदस्थापना में भी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शासकीय सेवकों के हितों का ध्यान रखने की बात कही। श्री चौहान ने सफाईकर्मियों की नियुक्तियों में भी अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखने पर जोर दिया। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार के खर्चे पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 30 हजार बेटा-बेटियाँ शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सरकारी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के समय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों से फीस न माँगी जाए। फीस की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिये भी योजना का लाभ हर जरूरतमंद विद्यार्थी को दिये जाने पर सरकार विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने भू सुधार आयोग बनाया है। सरकार कटिबद्ध है कि हर जरूरतमंद के नाम आवास के लिये एक प्लॉट हो। 

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर देश के ऐसे महापुरूष थे, जिन्हें किसी सीमा और शब्दों में नहीं बाँधा जा सकता। बाबा साहेब ने देश और दुनिया को जितना दिया है उस पर हजार वर्ष भी अनुसंधान के लिये कम पड़ेंगे। केन्द्र तथा प्रदेश सरकार मिलकर बाबा साहेब के सपने को पूरा करने का काम कर रही है। महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा बनाए गए संविधान की वजह से ही उपेक्षित रहे वर्गों की युवा पीढ़ी भी विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान दे रही है। सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद ने बाबा साहेब को मानवता की रक्षा करने वाला महापुरूष बताया। अजाक्स के प्रांतीय अध्यक्ष श्री जे.एन. कंसोटिया ने भी संबोधित किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने आरक्षित वर्गों की प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया। श्री चौहान ने मौजूद जन-मानस को बाबा साहेब के जन्म-दिन 14 अप्रैल को महू में होने वाले महाकुंभ में आने का आमंत्रण दिया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत शासकीय व्यस्तताओं की वजह से समारोह में नहीं पहुँच सके। उन्होंने मोबाइल से जन-मानस को संबोधित किया। 

सऊदी में पहली बार निर्वाचित हुईं महिला प्रतिनिधि

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रियाद 13 दिसंबर, तरह-तरह की पाबंदियों के बावजूद सऊदी अरब के काउंसिल चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने वाली महिलाओं ने अब तक की मतगणनाा के अनुसार ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए पहली बार दो सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है। काउंसिल चुनाव के लिए कल मतदान हुआ था और आज मतगणना के बाद कुछ सीटों के लिए परिणाम की घोषणा की गयी । काउंसिल चुनाव में मक्का और अल-जॉफ सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने जीत का झंडा फहराया है। यह चुनाव इस मामले में ऐतिहासिक है क्योंकि इसमें पहली बार महिलाओं को चुनावी मैदान में खड़े होने और वोट देने का अधिकार मिला । 

महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई की पहली फतह इस्लाम के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल मक्का में हुई है, जहां के मदरिका जिले की एक सीट पर सलमा बिंत अल-ओतैबी ने जीत हासिल की है। इसी तरह उत्तरी इलाके अल जॉफ में हनूफ बिंत मुफरेह बिन अयाद अल-हाजिमी ने जीत का परचम लहराया है। इसके अलावा उत्तरी सीमावर्ती प्रांतों,दक्षिणी पश्चिमी प्रांत असीर और पूर्वी प्रांत के अल-अहसा जिले में परिणाम की घोषणा हुई है लेकिन इनमें से किसी भी जगह पर कोई महिला प्रत्याशी नहीं जीती है। 

चुनाव में दावेदारी पेश करने वाली महिलाओं और मतदाता के लिए अपना पंजीकरण कराने की इच्छुक महिलाओं के लिए राह आसान नहीं थी। चुनाव आयोग ने महिला प्रत्याशियों पर कई पांबदियां लगाने के बाद चुनाव में खड़े होने की इजाजत दी थी। उल्लेखनीय है कि कांउसिल की मात्र दो तिहाई सीटों के लिए यह चुनाव हुआ है। देश में पहले कांउसिल चुनाव 2005 में हुआ था और तब सिर्फ पुरूष ही इसके लिए खड़े हो सकते थे और वोट डाल सकते थे। दूसरी बार कांउसिल चुनाव 2011 में हुआ और तब ही तत्कालीन सुल्तान अब्दुल्ला ने ऐतिहासिक घोषणा की कि अगली बार इस चुनाव में महिलाओं को दावेदारी पेश करने का और वोट देने का अधिकार मिलेगा। 

लोहरदगा उपुचनाव के लिए मतदान 14 को, तैयारी पूरी

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लोहरदगा 13 दिसम्ब, झारखंड में लोहरदगा (सुरक्षित) विधानसभा उपचुनाव के लिए कल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे से लेकर तीन बजे दिन तक मतदान होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी और सह उपायुक्त मंजुनाथ भजनकरी ने आज यहां बताया कि कल होनेवाली मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। सभी 272 मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती की जायेगी। 

इस उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन समर्थक आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन की नीरू शांति भगत और झारखंड प्रजातांत्रिक के बंधू तिर्की समेत कल नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। उल्लेखनीय है कि आजसू विधायक कमल किशोर भगत को एक मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी। इस कारण लोहरदगा सुरक्षित विधानासभा क्षेत्र में उपचुनाव कराया जा रहा है। 

भारत पाक सीरीज की तमाम उम्मीदें समाप्त : शहरयार

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कराची, 13 दिसंबर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष शहरयार खान ने आखिरकार घोषणा कर दी कि भारत के साथ संभावित द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज को लेकर तमाम उम्मीदें समाप्त हो गई हैं। शहरयार ने रविवार को कहा “भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तरफ से हमें शनिवार की शाम तक कोई भी जवाब नहीं मिला इसलिए हम सीरीज को लेकर तमाम उम्मीदें अब समाप्त कर रहे हैं। इस संदर्भ में हम सोमवार तक आधिकारिक घोषणा कर देंगे।” उन्होंने कहा “हमने भारत के साथ खेलने को लेकर तमाम जरुरी प्रयास किये और आयोजन स्थल यूएई से हटाकर श्रीलंका कर दिया। हमारे सभी प्रयास बेकार साबित हुए और इससे विश्वभर के लाखों क्रिकेट प्रेमियों का दिल भी टूटा। पिछले वर्ष हमने बीसीसीआई के साथ सीरीज को लेकर अनुबंध भी किया था और हमने अपनी तरफ से पूरा प्रयास भी किया।” 

पीसीबी अध्यक्ष ने कहा “इस सीरीज के आयोजित नहीं हो पाने के लिए पाकिस्तान किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा। हम इस मुद्दे को आईसीसी के समक्ष उठाने पर विचार कर रहे हैं।” भारत और पाकिस्तान ने पिछले वर्ष एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था जिसके अनुसार दोनों देशों को वर्ष 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलनी थी लेकिन भारत सरकार ने इस पर अभी तक हामी नहीं भरी है। बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर और शहरयार दुबई में आईसीसी बैठक के दौरान सीरीज के लिए सहमत हो गए थे लेकिन बीसीसीआई ने इस सीरीज पर अंतिम फैसला सरकार पर छोड़ दिया था। बीसीसीआई को अब तक इस सीरीज के लिए मंजूरी नहीं मिली है। सीरीज के लिए 15 दिसंबर के आसपास की तारीख तय की गई थी जबकि 13 दिसंबर तक कोई घोषणा नहीं हो पाई है। 

आत्मघाती होगा ट्वंटी 20 विश्वकप का बहिष्कार : अकरम

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कराची, 13 दिसंबर, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को आगाह करते हुए कहा है कि भारत में अगले वर्ष आयोजित होने वाले ट्वंटी 20 विश्वकप का बहिष्कार करना बहुत बड़ा आत्मघाती कदम साबित होगा। स्विंग के सुल्तान कहे जाने वाले अकरम ने कहा “हां यह सच है कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज को लेकर भारत बहुत समय ले रहा है और इसपर जल्द से जल्द निर्णय ले लेना चाहिए। लेकिन इस बात को लेकर अगर पीसीबी अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले विश्वकप टूर्नामेंट का बहिष्कार करती है तो यह आत्मघाती साबित होगा।” 

अकरम ने कहा “विश्वकप में नहीं खेलने का सीधा प्रभाव हमारे खिलाड़ियों और हमारी क्रिकेट पर पड़ेगा। अगर भारत हमारे साथ नहीं खेलना चाहता है तो ठीक है, हम भी उनके साथ खेले बिना रह सकते हैं। हम चाहे खेलें या नहीं खेलें इससे आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है इसे समझ लेना चाहिए। अगर द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन होता है तो दोनों देशों के लिए यह अच्छा होगा।” 

पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज यूनुस खान ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज के आयोजन पर जोर दिया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज को अभी भारत सरकार की हां का इंतजार है और इसका भविष्य अधर में लटका हुआ है। इसी बीच अगले वर्ष होने वाले ट्वंटी 20 सीरीज में भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा गया है और 19 मार्च को दोनों प्रतिद्वंदी धर्मशाला में भिड़ेंगे। 

जाट समाज ने भाजपा सरकार को चेतावनी दी , आरक्षण लेकर रहेंगे

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भरतपुर 13 दिसंबर, राजस्थान के भरतपुर में आज जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने मिनी सचिवालय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुतले फूंकते हुए चेतावनी दी कि ओबीसी के आरक्षण से धौलपुर के जाटों को वंचित करना जाटो के साथ अन्याय है और वे अपना हक लेकर रहेंगे। ​भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने उच्च न्यायालय के माध्यम से ओबीसी के आरक्षण से वंचित कर भरतपुर धौलपुर के जाटों के साथ ​अन्याय किया है लेकिन जाट अपने हक़ को लेकर रहेंगे चाहे उसके लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ओबीसी में जाटों को आरक्षण नहीं दिया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा जिसमे नौबत खून खराबे तक पहुंचेगी। 

इससे पहले आरक्षण समिति ने मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं , सांसदों और विधायकों के पुतले फूंके। सैकड़ों की तादाद में जाट समाज के लोग पहले महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर इकट्ठे हुए और फिर वहां से रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार के दो साल पूरे होने के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। 

बायोस्कोप फिल्म फेस्टिवल : चांद-निजामी बंधुओं ने शमा बांधा

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  • बायोस्कोप ने क्षेत्रीय फिल्मों को दी प्रमुखता
  • शाकिर ख़ान ने पेश दिया सितार-वादन का परफॉरमेंस
  • म्यूज़िक कम्पोज़र इस्माइल दरबार भी हुए शामिल

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नई दिल्ली। बायोस्कोप फिल्म फेस्टिवल समारोह के समापन समारोह में चांद निजामी बंधु की कव्वाली व शाहनवाज़ अहमद के सितार वादन की धुन ने दर्शकों को झूमा दिया। चांद-निज़ामी बंधुओं द्वारा ‘गुनफाया, गुनफाया…’ की धुन पर तालियां बजती रहीं। कार्यक्रम में मशहूर कॉमेडियन शंभु शंकर की कॉमेडी पर भी खूब ठहाके लगे। इसके अलावा धुरी (पंजाब) डीपीएस के बच्चों ने भी कार्यक्रम पेश किया। इस मौके पर मशहूर म्यूज़िक कम्पोज़र इस्माइल दरबार, अभिनेत्री रामेश्वरी, लेखराज टंडन, फिल्म अभिनेता कंवलजीत समेत मनोरंजन जगत की बड़ी हस्तियां शामिल हुईं। संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में 11 दिसंबर से चल रहे इस फिल्म महोत्सव का शुभारंभ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया था।

इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक आलोक भारद्वाज ने कहा, ‘इस फिल्म महोत्सव की थीम ‘महिला सशक्तिकरण’ है और इस फिल्म फेस्टिवल में क्षेत्रीय भाषाओं की कई मशहूर फिल्मों को शामिल किया गया है जिसे देखने हरदिन हज़ारों की संख्या में लोग आ रहे हैं’। वहीं फेस्टिवल निदेशक ज्योति अरोड़ा ने कहा कि ये फिल्म फेस्टिवल एक सकारात्मक पहल है समाज में महिलाओं की दशा और दिशा को सुधारने का। वहीं, धुरी (पंजाब) दिल्ली पब्लिक स्कूल के महानिदेशक प्रो. एसएन कुलकर्णी ने कहा कि इस फेस्टिवल में नॉमिनेटेड 15 फिल्मों को अगले वर्ष पोलैंड में होने वाले फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाएगा। श्री कुलकर्णी ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को हमारे देश के अलावा विदेशों में ख्याति दिलवाना बायोस्कोप फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य है।

कार्यक्रम के समापन समारोह पर इस फेस्टिवल में चयनित विशिष्ट फिल्मों, बेस्ट डायरेक्टर्स, एक्टर्स, एक्ट्रेस, फीचर फिल्म्स, शॉर्ट फिल्म्स, बेस्ट डोक्यूमेंट्री को अवॉर्ड भी दिए गए। समापन समारोह के अवसर पर चौथी दुनिया के प्रबंध संपादक संतोष भारतीय, मगर ऑर्गेनिक की प्रमुख रीना भारतीय, मेडिटेशन गुरु व सेलिब्रेटिंग लाइफ फाउंडेशन की प्रमुख अर्चना दीदी समेत कई बड़ी हस्ती शामिल हुए। फिल्म महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली कमीशन फॉर वूमेन की चेयरपर्सन स्वाति मालिवाल, अनिल वाध्वा, हरभजन मान, रीना भारतीय, अनुश्री देवी समेत कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। वहीं निर्णायक मंडल में लेखराज टंडन, मालती सहाय, पंडित गौतम कौल, रामेश्वरी, कंवलजीत सिंह, अनीस बजमी, मिलिंद यूके, शिरीष दोभाल, विनिता गुप्ता, ओम गुप्ता, सविता राज आदि शामिल रहे।

विचार : भारत पकिस्तान सम्बन्ध, क्रिकेट से कूटनीति तक

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पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की बात प्रायः तय हो चुकी है। समय-सारणी भी घोषित हो चुकी है। ऐसा लग रहा है कि क्रिकेट खेलना दोनों देशों के बीच एक अव्यक्त मजबूरी बन गयी है जो समझ में नहीं आ रही।इधर, पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते बनाने के लिए क्रिकेट खेलने की बात हो रही है और उधर हमारे पड़ौसी देश के मन में कुछ और ही ‘प्लान’ पक रहा  है। सुना है इस बार पाक समर्थित आतंकियों ने नए साल में हमारे देश में कोई बड़ा धमाका करने की ठान लीहै। सूत्रों के अनुसार सीमा पार से घुसपैठ के जरिए भारत में घुस आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नएसाल के आसपास एक बड़े हमले की फिराक में हैं।माना जा रहा है कि खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरोको नए साल के आसपास पाक-समर्थित आतंकी हमले की साजिश की जानकारी मिली है। इसे देखते हुएआईबी ने आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। आईबी के मुताबिक आतंकी उत्तर भारत के 8 राज्यों मेंआतंकी हमले करने की योजना बना रहे हैं।आतंकी महत्वपूर्ण इमारतों, टूरिस्ट स्पॉटस और धार्मिकस्थलों को निशाना बना सकते हैं।साथ ही शॉपिंग मॉल, भीड़-भाड़ वाले इलाके, रेलवे स्टेशन और बसस्टेशनों पर भी हमले की आशंका जताई जा रही  है।

विडंबना देखिये,इधर,पाक से हमारे राजनीतिक मंजर का या आलम है और उधर हम इस देश के साथ क्रिकेट खेलने के लिए अधीर/उतावले हो रहे हैं। हमारे वीर सैनिकों की कुर्बानियों की तुलना में क्रिकेट काखेल अचानक कैसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया?यह विचारणीय है।हम पाक द्वारा समर्थित आतंकीहमलों: मुंबई आतंकी हमला 26/11,मुंबई बम ब्लास्ट12 मार्च,1993,भारतीय संसद पर हमला 13दिसंबर,2001,दिल्ली-सीरियल बम ब्लास्ट 29 अक्टूबर,2005,अक्षरधाम-मंदिर-हमला 24सितम्बर,2002  आदि को कैसे भूल गये?कारगिल युद्ध की पाक की नापाक साजिश को भी हमनेशायद अपनी यादाश्त से अब बाहर कर दिया है!हम भूल गये कि इन सारे हमलों में हमारे देश के हज़ारों-हजारों निर्दोष नागरिकों  और जांबाजों ने अपनी कीमती जानें गंवाई है।

माना जाता है कि क्रिकेट के  खेल से दोनों देशों के बीच दोस्ती के रिश्ते मज़बूत होंगे।बात यह नहीं,बातदूसरी है।दरअसल,इस खेल में खूब पैसा है, इसीलिए इस मुद्दे को बार-बार हवा दी जा रही है।अगरक्रिकेट-खेल से दोनों देशों को एक दूसरे के गले लगना होता तो कब के लग गए होते।कौन नहीं जानताकि इस पैसे-के-खेल में लोगों/दर्शकों का हित कम,दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों का भला अधिक होता है औरउनकी झोलियाँ भर जाती हैं।यह बात न कोई बताता है और न ही कोई समझता है। पहले पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी घटनाओं का अंत हो और फिर क्रिकेट का खेल हो।एक बारशान्ति स्थापित हो जाय तो बाद में गीत-संगीत और पुस्तक विमोचन आदि के कार्यक्रम भी हो सकते है।



shiven raina

शिवेन रैना 
Email: skraina123@gmail.com

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