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दो भारतीय पत्रकारों ने हासिल की अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फेलोशिप

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नयी दिल्ली.15 दिसम्बर, भारत की युवा पत्रकार स्वागता यादावर और डिंसा सचान ने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रकारों के लिए दी जाने वाली ‘यूरेकअलर्ट फेलोशिप 2016’ के लिए चुना गया है। अंग्रेजी पत्रिका ‘द वीक’की स्वास्थ्य संवाददाता स्वागता यादावर को स्वास्थ्य के मुद्दे पर प्रभावशाली कवरेज और दिल्ली आधारित फ्रीलांसर डिंसा सचान को विज्ञान एवं समाज पर बेहतरीन लेखन के लिए इस फेलोशिप के लिए चुना गया है। इसके अलावा चीन की बोरान झांग और कुई झेंग ने यह फेलोशिप हासिल की है। इन चारों को 20 आवेदनकर्ताओं में से चुना गया है। वर्ष 2004 में शुरु की गई इस फेलोशिप में पहली बार इतनी संख्या में आवेदन आए थे। 

गैर लाभकारी संगठन अमेरिकन एसोसिएशन फोर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस द्वारा संचालित ऑनलाइन विज्ञान समाचार सेवा यूरेकअलर्ट की एडिटोरियल कंटेंट स्ट्रैटजी के निदेशक ब्रायन लिन ने कहा, “यूरेकअलर्ट 2016 फेलो इस कार्यक्रम को सही मायने में मूर्त रूप देते है। यह फेलोशिप उभरती अर्थव्यवस्थाओं के उन संवाददाताओं को प्रेरित करने के लिए शुरु की गई है जो विज्ञान पत्रकारिता में काफी उन्नति कर रहे है, मीडिया के परिदृश्य को बदल रहे है और समाज की सेवा कर रहे हैं।” 

दूसरे वर्ष यूरेकअलर्ट फेलोशिप भारत के पत्रकार को दी गई है। मुंबई की पत्रकार स्वागता ने जबरन कन्या भ्रूण हत्या, टीबी की ऐसी बीमारी जिस पर दवाइयों का भी असर नहीं होता और बिना जानकारी के अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं के गर्भाशय को निकालने पर बीमा घोटाले जैसे मुद्दे को अपनी लेखनी के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से उठाया है। 

पेट्रोल 50 पैसे, डीजल 46 पैसे सस्ता

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नयी दिल्ली 15 दिसंबर,  अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गत एक पखवाड़े में आयी भारी गिरावट से तेल विपणन कंपनियों ने आज पेट्रोल 50 पैसे तथा डीजल 46 पैसे प्रति लीटर सस्ता कर दिया। नयी दरें आज आधी रात से लागू हो जायेंगी। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने आज बताया कि दिल्ली में वैट समेत पेट्रोल की नयी कीमत 59.98 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल की नयी कीमत 46.09 रुपये प्रति लीटर होगी। पेट्रोल तथा डीजल के दाम में लगातार दूसरी बार कटौती की गयी है। इससे पहले 30 नवंबर को हुई समीक्षा में पेट्रोल के दाम दिल्ली में 58 पैसे घटाकर 60.48 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के 25 पैसे घटाकर 46.55 रुपये प्रति लीटर किया गया था। ताजा कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम साढ़े सात महीने बाद 60 रुपये से नीचे आये हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार तथा भारतीय बास्केट में पिछले पखवाड़े के दौरान कच्चा तेल के दाम में 10 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के बीच बाजार विश्लेषकों को कम से कम तीन से चार रुपये प्रति लीटर की कटौती की उम्मीद थी, लेकिन तेल विपणन कंपनियों ने अंतर्राष्ट्रीय गिरावट का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है।

इंडियन ऑयल ने जारी बयान में कहा “पेट्रोल तथा डीजल के अंतर्राष्ट्रीय उत्पाद का मौजूदा स्तर तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में बदलाव से कीमतों में कमी आयी है जिसका लाभ इस मूल्य समीक्षा के जरिये ग्राहकों को दिया जा रहा है।”  उल्लेखनीय है कि तेल विपणन कंपनियाँ हर पखवाड़े पेट्रोल तथा डीजल के खुदरा मूल्य की समीक्षा करती हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये के विनिमय दर के आधार पर अगले पखवाड़े के लिए घरेलू बाजार की नयी कीमत तय करती हैं। कटौती के बाद देश के चारों महानगरों में पेट्रोल के दाम (रुपये प्रति लीटर) इस प्रकार होंगे - 

महानगर---------पुरानी कीमत--------नयी कीमत 
दिल्ली-----------60.48------------59.98 
कोलकाता--------65.93------------65.53 
मुंबई------------67.55------------67.04 
चेन्नई-----------60.80------------60.28 

डीजल की कीमत (रुपये प्रति लीटर) 
महानगर---------पुरानी कीमत--------नयी कीमत 
दिल्ली-----------46.55------------46.09 
कोलकाता--------50.10------------49.70 
मुंबई------------53.78------------53.28 
चेन्नई-----------47.77------------47.28 

गरीब विरोधी हैं जीएसटी में बाधा डालने वाले: जेटली

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नयी दिल्ली, 15 दिसंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश से गरीबी मिटाने का एक ही तरीका है कि अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़े और जो जीएसटी जैसे सुधारवादी विधेयकों को रोक रहे हैं वे देश में गरीबी को बनाये रखना चाहते हैं। श्री जेटली ने लोकसभा में चालू वित्त वर्ष की अनुदान मांगों और 2012-13 की अतिरिक्त मांगों पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 1991 के बाद देश की संसद ने कभी भी अर्थव्यवस्था में सुधारों से संबंधित विधेयकों को नहीं रोका है लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि जीएसटी जैसे विधेयकों के रास्ते में राेड़े अटकाये जा रहे हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे देश से गरीबी का उन्मूलन नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी सभी दलों की सामूहिक बुद्धिमता का नतीजा था। दो-दो वित्त मंत्रियों ने उसे मंजूर किया था लेकिन अब इस पर शर्तें थोपी जा रही हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे देश का नुकसान कर रहे है। जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था में एक से डेढ़ प्रतिशत की तेजी आने का अनुमान है। अगर इसे लागू किया जाता है, बेहतर मॉनसून रहता है और दूसरे सेक्टरों में भी तेजी आती है तो अर्थव्यवस्था में आठ से नाै प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य संभव है।

श्री जेटली ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। एक समय था जब 10-12 साल में संकट की स्थिति आती थी लेकिन आज कम समय में आ रही हैं क्योंकि हर देश की अर्थव्यवस्था दूसरे देश से जुड़ी है। अमेरिका में व्याज दर में बदलाव होता है या चीन अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिये जरूरी है कि हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत हो कि वह ऐसे झटकों को सह सके। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की माने तो वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति मंद हो गयी है। पता नहीं यह स्थिति कब तक रहेगी। क्या एक-डेढ़ साल पहले कोई यह अनुमान लगा सकता था कि तेल की कीमतें क्या होंगी। दुनिया में तेल, उपभोक्ता वस्तुओं और खाद्यन्न की कीमतों में कमी आयी है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुछ-कुछ सुधार हुआ है, यूरोप में मंदी है और रूस, ब्राजील और चीन में भी हालात ठीक नहीं हैं। हमारे लिये यह संतोष की बात है कि इस स्थिति में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की विकास दर सबसे ज्यादा है। 

श्री जेटली ने कहा कि दूसरे देशों में मंदी के कारण भारत का आयात और निर्यात घटा है। लगातार दो बार मॉनसून कम रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि अगले वर्ष इंद्रदेव हम पर उतने ही मेहरबान रहेंगे जितने पिछली सरकार पर थे। उन्होंने कहा कि देश में निजी निवेश कम हो रहा है और ऐसे में अर्थव्यवस्था की गति को बनाये रखने के लिए यह जरूरी है कि सरकारी निवेश और विदेशी निवेश बढ़े। निवेश नहीं आयेगा तो उद्योग धंधे नहीं लगेंगे, रोजगार पैदा नहीं होंगे, ढांचागत सुविधाओं का विकास नहीं होगा और राजस्व नहीं आयेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को आज एक अवसर के रूप में देख रही है और यही वजह है कि पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत एफडीआई बढ़ा है। यह देश को तय करना है कि हमें निवेश लाने के लिए नीतियां बनानी हैं या उसे रोकने के लिए आंदोलन करना है।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बजट में कटौती के आरोप को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। चौदहवें वित्त आयाेग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी गयी है। इससे राज्यों को एक लाख 59 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे। यह सही है कि कुछ केंद्रीय योजनाओं को राज्यों के हवाले किया गया है। नीति आयोग में मुख्यमंत्रियों ने इस पर कुछ सिफारिशें की हैं जिन पर विचार किया जा रहा है। अधिक पैसा मिलने से राज्य भी गरीबी उन्मूलन और ढांचागत सुविधाओं पर अधिक खर्च कर सकेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि तेल के दामों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयी कमी से हुयी आय को व्यापक जनहित में खर्च किया जा रहा है। इसका कुछ हिस्सा उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है और कुछ हिस्सा तेल कंपनियों दिया जा रहा है ताकि वे अपने नुकसान की भरपायी कर सकें और नयी पाइपलाइनें बनायें। पेट्रोल और डीजल पर लगाये गये उपकर से मिलने वाली राशि को देश में सड़कों और ग्रामीण सड़कों के विकास पर खर्च किया जा रहा है। 

विशेष आलेख : पर्यावरण व जल संरक्षण को समर्पित संघर्षशील रमेेश गोयल

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  • पर्यावरण व जल संरक्षण को समर्पित प्रतिष्ठित आयकर व्यवसायी तथा वरिष्ठ नागरिक ‘जल स्टार अवार्ड‘, ‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’ तथा सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’ से सम्मानित   


water-and-lifeवरिष्ठ नागरिक, प्रतिष्ठित आयकर व्यवसायी रमेश गोयल आज एक नाम बन गया है जल बचत अभियान का, पर्याय है जल संरक्षण कार्य का, मिशन है जल सम्बन्धी जन जागरण का। अखबारों में जल संकट के लेख पढते पढते सोचा कि इस संभावित भयावह स्थिति से बचाने में देश व समाज के लिए ‘‘मैं क्या कर सकता हूं‘‘ और 2008 में 60 वर्ष की आयु में लग गए ‘जल बचत जागरूकता अभियान‘‘ में। देश की लगभग 250 शिक्षण संस्थाओं व अन्य कार्यक्रमों में जा जा कर लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों व जनता को प्रत्यक्ष रूप से तथा 35-40 लाख लोगों को टीवी, दूरदर्शन, रेडियो व समाचार पत्रों के माध्यम से जल बचत हेतु प्रेरित कर चुके हैं। 2.5 लाख विज्ञप्तियां विद्यार्थियों व संस्थाओं के माध्यम से उनके परिवारों मे वितरित कर चुके हैं। 2ग3 फुट के 700 से अधिक जल बचत प्रेरक बैनर शिक्षण संस्थानों, मन्दिरों व सार्वजनिक स्थानों पर लगवा चुके हैं और निरन्तर लगवाये जा रहे हैं ।

जल बचत की इतनी धुन सवार हुई कि जल चालीसा लिख दी, जिसके प्रथम संस्करण का विमोचन हरियाणा के मुख्यमन्त्री द्वारा 24/4/2012 को किया गया था। छः संस्करणों में अब तक 30 हजार प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। फेसबुक पर ग्रुप शेयरिंग के माध्यम से 5 लाख से अधिक लोगों को ’जल चालीसा’ भेजी है और हजारों लोगों को ई-मेल की है। दूरदर्शन केन्द्र हिसार पर जुलाई 2010 व मई 2012 में जल संरक्षण पर 30-30 मिनट की रिकार्डिग व एम एम रेडियो 90.4 पर 22 मार्च जल दिवस पर 2010 से 2015 तक हर वर्ष लाईव परिचर्चा के अतिरिक्त अनेक बार विभिन्न विषयों, पर्यावरण, उर्जा बचत, योग, स्वच्छता, पौधारोपण आदि विषयों पर लाईव चर्चा। डीडी न्यूज ने गुडन्यूज इंडिया कार्यक्रम में 23 व 24 अगस्त 2015 को तथा डीडी किसान चैनल ने 21-22 अगस्त 2015 इस मिशन व जल चालीसा पर चर्चा की थी। जल चालीसा फेसबुक ूूूण्ंिबमइववाण्बवउध् तंउमेीहवलंसेते तथा ल्ंीववए हववहसमए लवनजनइम आदि पर रमेश गोयल वाटर कंजरवेशन में देख सकते हैं। इंडिया वाटर पोर्टल के हिन्दी संस्करण में जल चालीसा प्रकाशित हैं। चालीसा का पोस्टर दिल्ली पुस्तक मेले में लगा जिसकी बहुत प्रशंसा हुई। गायन (आडियो) भी उपलब्ध है। उनके द्वारा लिखी ‘‘बिन पानी सब सून‘‘ पुस्तक का विमोचन 8 मई, 2010 को हरियाणा के राज्यपाल श्री जगननाथ पहाडि.या द्वारा किया गया। 6000 प्रतियां प्रकाशित।

’जल ही जीवन है‘ को मिशन मान रहे श्री गोयल जल बचत जागरूकता प्रचार के लिए हर समय व हर स्थान पर पहुंचने को तत्पर रहते हैं। उनकी इसी लग्न व निष्ठा के फलस्वरूप ही उन्हें दिसम्बर 2011 में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की सात सदस्यीय जिला सलाहकार कमेटी का एक मात्र गैर सरकारी सदस्य मनोनीत किया गया तथा अप्रैल 2013 से अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद् द्वारा उन्हें राष्ट्रीय संयोजक पर्यावरण तथा 1-4-15 से राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण मनोनीत किया है। नैशनल बार एसोसिएशन आफ इंडिया ने उन्हंे 1-4-13 से जिलाध्यक्ष मनोनीत किया। दैनिक भास्कर समाचारपत्र समूह द्वारा चण्डीगढ़ में 15/4/2011 को हरियाणा राज्य के लिए जल स्टार अवार्ड 2011 तथा 15 अगस्त 2011 को जिला प्रशासन और सितम्बर 2011 में ह. प्रा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा व अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा जल संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है। मई 2015 में हरियाणा की सामाजिक संस्था अखिल भारतीय प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा ‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। अक्तुबर 2015 में राजस्थान की प्रतिष्ठित संस्था प्राइम टाइम इंडिया द्वारा सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’ दिया गया। 

हरियाणा व दिल्ली में ही घुम घुम कर जल बचत सन्देश नहीं देते बल्कि गोहाटी जाते हुए दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस हो या चेन्नई जाते दुरेन्तो एक्सप्रैस या उज्जैन के लिए उज्जैई एक्सप्रैस, वाराणसी शिवगंगा हो या दिल्ली-सिरसा किसान एक्सप्रैस, गोहाटी-दिल्ली हवाई यात्रा हो या चेन्नई-दिल्ली, जल बचत विज्ञप्तियां व जल चालीसा बांटने में श्री गोयल कभी भी नहीं चूकते। हरियाणा व दिल्ली के स्कूल कालिजों में ही नहीं रामेश्वरम् गए वहां भी होली आइसलैंड मैट्रीकुलेशन स्कूल तथा केन्दीय विद्यालय के विद्यार्थियों को जल बचत की अनिवार्यता बताने पहंुच गए। उज्जैन (म.प्र.), वाराणसी (उ0प्र), उदयपुर, नाथद्वारा (राजस्थान) गए निजी कार्य से पहुंच गए स्कूलों में। किसी भी संस्था के आयोजन में जब भी बोलते हैं जल की महता व बचत की चर्चा अवश्य करते हैं। हरियाणा में अनेक स्थानों पर भागवत कथा मंच से जल की महता बताते बताते रामेश्वर व उज्जैन में भी कथा मंच से 8 सितम्बर 2013 व 4 सितम्बर 2014 को हजारों लोगों को जल बर्बाद न करने का सन्देश दे आए। जल बचत की आवश्यकता व उपाय बताते हुए कहा कि पीने के पानी की समस्या को समझना अधिक आवश्यक है क्योंकि समुद्र का पानी खारा है जिससे नमक बनाया जा सकता है परन्तु प्यास नहीं बुझाई जा सकती। छोटे छोटे उदाहरणों के साथ वे बताते हैं कि हम कैसे अपने दैनिक जीवन में पानी बर्बाद करते हैं और उसे कैसे बचाया जा सकता है तथा इसकी आवश्यकता क्यों है। जल विद्युत बचत विज्ञप्तियां व जल चालीसा भी वितरित की। 

सितम्बर 2013 में कन्याकुमारी जाते हुए दिल्ली में एक दिन रूके श्री गोयल ने शालीमार बाग एपी ब्लाक स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा डिस्टिक्ट पार्क में भारतीय योग संस्थान के साधकों को भी जल की महता व बचत की आवश्यकता बताई। 27 अप्रैल 2013 को भारत विकास परिषद् की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने आए दिल्ली के पीतमपुरा स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क व बी डी ब्लाक में जल बचत सम्बन्धी सैंकड़ों विज्ञप्तियां वितरित की और लोगों को जल बचत के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों को जल चालीसा भेंट की और अगले दिन पूरे देश के प्रान्तीय पदाधिकारियों की बैठक में जल चालीसा वितरित की। इस प्रकार देश के सभी भागों में जल चालीसा पहुंचाई गई। नवम्बर दिसम्बर 2014 में शालीमार बाग दिल्ली के अनेक प्राईवेट व राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थीयों को जल महत्व समझाया। जल बचत अभियान अधीन जुलाई 2013 में जल मित्र योजना का शुभारम्भ। ं उपायुक्त सिरसा सहित जिला के सभी अधिकारी जल मित्र बने हैं। देश व दुनिया में जल बचत सन्देश देने के लिए ूूूण्ेंअमूंजमतेंअमसपमिण्बवउ तंउमेीहवलंसेते/तंउमेीण्हवलंसण्52  वैवसाइट लांच की है।

दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान टाईम्स, दी ट्रिब्यून, दैनिक भास्कर, दैनिक पलपल, पंजाब केसरी, आज समाज, नायक भारती दिल्ली, टाइम्स आफ इंडिया चण्डीगढ़, पावन संसार दिल्ली किन्तु परन्तु, दैनिक समरघोष, सच्ची परत, में विशेष आलेख प्रकाशित हुए हैं। जल बचत व पर्यावरण उनका मिशन व जीवन लक्ष्य है और वे निरन्तर प्रयासरत रहते हैं कि प्रतिदिन अधिकाधिक लोगों को जल की महता, कमी के कारण, बचत की आवश्यकता व उपाय के बारे में बता सकें। 

23/10/1948 को  सिरसा के एक अति साधारण वैश्य परिवार में जन्मे श्री रमेश गोयल ने बाल्यकाल से ही संघर्षशील जीवन व द्ढ़ संकल्प के सहारे कला, वाणिज्य व विधि स्नातक शिक्षा स्वयंपाठी व पत्राचार के माध्यम से पूर्ण की। श्री गोयल आयकर बार एसोसिएशन सिरसा के कई बार सचिव व अध्यक्ष रहे हैं। 1968-69 में नगर में नेताजी सुभाष बोस की प्रतिमा लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले श्री गोयल ह.प्रा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन के शाखा कोषाध्यक्ष, सचिव, प्रधान व 4 वर्ष प्रान्तीय संयुक्त मंत्री रहे। 1983 से ंप्रान्तीय उपाध्यक्ष हैं। अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद् सिरसा शाखा के संस्थापक अध्यक्ष, प्रान्तीय उपाध्यक्ष व अध्यक्ष रहे तथा 2006-07 से केन्द्रीय टीम में हैं और 1/4/2013 से दो वर्ष राष्ट्रीय पर्यावरण संयोजक रहे तथा 1/4/2015 से राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण हैं। महाराजा अग्रसेन मैडिकल कालिज, अग्रोहा के आजीवन सदस्य हैं। 3 वर्ष कार्यकारिणी सदस्य रहे। श्री गोयल की कविता, लेख, लघुकथा आदि रचनाएं व व्यवसायिक लेख, प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तरीय विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।

स्थानीय, प्रान्तीय व राष्ट्रीय स्तर की अनेक सामाजिक, धार्मिक व व्यवसायिक संगठनो में सक्र्रिय सदस्य व पदाधिकारी हैं। बाल्यकाल से ही संघर्षशील जीवन के साथ आगे बढ़ते हुए समाज व देश के लिए कुछ विशेष करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं और ‘निज पर शासन फिर अनुशासन‘ तथा दृढ संकल्प, निष्ठा व लगन के साथ आय अर्जन हेतु विभिन्न कार्य व अध्ययन साथ साथ करते हुए आगे बढ़ते रहे हैं और आज एक सफल व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पूरे क्षेत्र में प्रतिष्ठित व परिचित हैं।

व्यंगय : स्वर्ग लोग में आरक्षण की आग

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हे प्रभु विनती सुन लो. देश में सामान्य वर्ग के लोग अपनी अर्ज लेकर रोज मंदिर में जाते है. खूब पूजा अर्चना कर रहे हैं. कभी इस मंदिर तो कभी उस मंदिर. बात ही कुछ ऐसी है. आखिर पुत्र प्राप्ति की लालसा ही कुछ ऐसी है. जिसके लिए लोग कुछ भी करने को तैयार थे. इतनी पूजा को देख भगवान असमंजस में पड़ गए थे. उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था. क्या करें कैसे अपने भक्तों की लाज रखें ? ये संकट देख नटखट नारद को सुझाव के लिए बुलाया गया. सारे देवताओं का दरबार लगा. जिसमें चिंता का विषय पृथ्वी वासी लोग बने थे. दरबार में लोगों की पुकार की आवाजें आ रही थी. तभी सब देवताओं ने सामान्य वर्ग के एक भक्त की पुकार सुनी. वो पुकार पुत्र प्राप्ति की थी.
  
दरबार में एक बालक को बुलाया गया. उससे कहा गया कि पृथ्वी पर जाओ और  भक्त की मनोकामना पूरी करो. उस बालक ने पूछा हे प्रभु हमे जिससे यहां भेज रहे हो वो कौन है. किस वर्ग से तालुक रखते है. अरे वो मेरा भक्त है. जाति, वर्ग से क्या मतलब है. नही प्रभु मुझे बताओ तभी मैं जाऊंगा. बालक की जिद के आगे भगवान ने कहा भाई सामान्य वर्ग में जन्म ले रहे हो और क्या चाहिए. हसंता खेलता परिवार है.  बालक ने मना कर दिया. मुझे नही जाना है. मै ऊपर स्वर्ग में ही सही हूं. ईश्वर के बहुत पूछनें पर बालक ने कहा मुझे इस देश में आरक्षण वर्ग के यहां जन्म चाहिए. क्योंकि उनके यहां आरक्षण मिलता है. जहां आप मुझे भेज रहे हैं उस वर्ग में आरक्षण नही हैं. पूरी जिंदगी मेहनत से घिस जाएगी .

कोई फायदा नही है. मुझे नही जाना. भगवान की सभा में एक बालक के विरोध ने तो बवाल मचा दिया. अब हर बालक सामान्य वर्ग में जन्म लेने को मना कर रहा था.  भगवान के यहां तो ये बड़ा धर्मसंकट पैदा हो गया. एक तरफ भक्त की पुकार थी तो दूसरी तरफ स्वर्ग में बालकों की जिद. भगवान ने एक बच्चे की जिद आखिर मान ली. उसे आरक्षण वर्ग में जन्म के लिए भेज दिया. उस बालक ने जन्म तो ले लिया. लेकिन वो बहुत गरीब परिवार में था. जिससे आरक्षण का कोई लाभ उसे नही मिल पा रहा था. रोज कुआं खोदना और पानी पीने वाला काम था. भगवान को लगा कि संकट शायद टल गया है. लेकिन क्या पता कि एक नए संकट ने जन्म लिया था. अब फिर से वही समस्या अब आरक्षण वर्ग के घर में भी जन्म लेने पर बच्चे मना कर रहे थे. ईश्वर ने फिर दरबार लगाया. 

गुस्से में पूछां अब क्या समस्या है. बच्चों ने अपनी फरमाइश रख दी. मुझे जन्म अब आरक्षण के उस वर्ग में देना जो पूरी तरह से सम्पन्न हो. उनको आरक्षण का बहुत फायदा मिलता है. तभी जिंदगी सुकून से गुजरेगी. ईश्वर को गुस्सा आ रहा था. ये कौन आरक्षण कौन सी समस्या है. जो हम देवताओं को परेशान कर रखा है. बड़ी उलझन के बाद नारद मुनि को धरती से आरक्षण के बारे में पता लगाने को भेजा. पूरी खबर पता कर नटखट नारद मुनि सभा में पहुंचे. उन्होने कहा हे प्रभु इस देश में अब काफी उलझने बढ़ रही है. 

आरक्षण को लेकर लोग रोज सड़को पर विरोध कर रहे हैं. और यहां के बच्चे इसलिए दूसरे वर्ग में नही जा रहे है क्यों कि आरक्षण वर्ग में पढ़ने नौकरी में पाने में आसानी होती है. दूसरे वर्ग की अपेक्षा में इस वर्ग में बहुत फायदा है. मुनि नारद ये तो घोर समस्या है. जी प्रभु कुछ करो. अरे नारद मैने तो मनुष्य बनाया था. धरती पर खुद इन लोगों ने अपने को अलग कर लिया.  मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा. क्या करें? ये आरक्षण ने तो हमारे यहां भी अपने पैर फैला लिया है. कही स्वर्ग में भी इसकी शुरूआत न हो जाए ?  और इसी तरह यहां का हाल न हो जाए. इसलिए आज से इस देश को सिर्फ हम देवता देख सकें ऐसा नियम बनाओ. 

जन्म लेने से पहले वाले बालक को इससे दूर रखा जाए. इस देश की आरक्षण की इस समस्या से मनुष्यों को खुद निपटने दो. हमें अपने यहां बात को फैलने से रोकना होगा. जैसी आप की इच्छा प्रभु. इतना कहकर नारद मुनि वहां से चलते बने और सभा समाप्ति की घोषणा हो गई.




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रवि श्रीवास्तव
9452500016, 9718895616
लेखक, कवि, कहानीकार, व्यंगकार
ravi21dec1987@gmail.com

बिहार : 20 मई, 2015 से लापता हैं बैजू और लक्खी

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  • आखिरकार 7 माह गुजर जाने के बाद 15 दिसम्बर को आवेदन जमा 

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पटना। दीघा थाने में तैनात सिपाही का कहना है कि यह गुमशुदगी का मामला है। आवेदन दीजिए और थानाध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस तरह 7 माह के गुजर जाने के बाद 15 दिसम्बर को दीघा थाना में आवेदन जमा हो सका।

दीघा मुसहरी से 2 बच्चे रहस्यमय ढंग से लापताः पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर 1  में दीघा मुसहरी है। यहाँ पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। पटना-दीघा रेलखंड पर चलनी वाली शहीद गाड़ी आयी। हमेशा की तरह पटना चलकर दीघा हॉल्ट पर आकर रूकी। यहाँ पर बच्चे खेल रहे थे। एक अज्ञात व्यक्ति गाड़ी पर से उतरा और बच्चों को चॉकलेट खिलाया और अधिक चॉकलेट खिलाने के बहाने बनाकर बच्चों को साथ लेकर चल दिया। संपूर्ण मामला यह है कि 20 मई 2015 को 10 बजकर 30 मिनट का समय होगा। हर रोज की तरह पटना घाट से दीघा हॉल्ट तक शहीद गाड़ी चलती है। दीघा हॉल्ट पर आकर गाड़ी रूकती है और उस गाड़ी से अनजान व्यक्ति उतरता है। वहाँ पर अनेक बच्चे खेलते हैं। उन्हीं बच्चों में बैजू और लक्खी भी शामिल थे। 

दुर्भाग्य से स्व. नन्की मांझी और रिंकु देवी के पुत्र लक्खी कुमार (4 साल) और मारूति मांझी और सुनीता देवी के पुत्र बैजू कुमार (7 साल) नामक बच्चे चॉकलेट लेने के चक्कर में पड़ गए। वह अनजान व्यक्ति चॉकलेट बच्चों को थमा दिया और दोनों खाने लगे। अनजान व्यक्ति ने और अधिक चॉकलेट खिलाने का बहाना बनाकर बच्चों को साथ लेते चला गया। लापता बैजू कुमार की माँ सुनीता देवी कहती हैं कि शाम को रद्दी कागज आदि चुनकर आए थे। तभी बताया कि दो बच्चे लापता हो गए हैं। उसमें आपका भी सुपृत्र शामिल हैं। इधर दूसरा लापता बैजू कुमार की माँ रिंकु देवी की सुपुत्र की खोज कर रही थी। नहीं मिलने पर दीघा थाना में सूचना देने गए। क्षेत्र के विकास मित्र सुधीर कुमार मांझी ने दीघा थाना में लिखकर आवेदन पेश किया। दीघा थाना ने एफआईआर के नकल नहीं दिए। इसके कारण खोजने में दिक्कत हो रही है। 

बच्चों के बारे में जानकारी आज 3 दिनों के बाद भी नहीं मिली। इधर माँ-बाप और उधर बच्चे बिलबिला रहे हैं। बच्चों के परिजनों के द्वारा इस गर्मी की परवाह किए बिना ही बच्चों को खोज रहे हैं। किसी तरह की सुराग मिलते ही परिजन दौड़ लगाने को बाध्य हो रहे हैं। कुछ बच्चों ने बताया कि राजीव नगर में बच्चों को बांधकर रखा गया है। जबतक लोग पहुँचते बच्चों को अन्यत्र ले लिया गया। आलोक कुमार को मो.9939003721 पर सूचित कर दें।

बिहार : बहुत मुश्किल में है जीवनः सुनीता देवी

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पटना। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ0राजेन्द्र प्रसाद के जिले छपरा की रहने वाली है सुनीता देवी।पाटलिपुत्र स्टेशन के समीप टेशलाल वर्मा नगर में सुनीता देवी की शादी हुई। दोनों दम्पति से तीन बच्चे हैं। 2 लड़के और 1 लड़की है। पति और पत्नी मजदूरी कर करते हैं। इसी के बल पर जीविकोपार्जन करते हैं। इस समय सुनीता देवी मुश्किल से जीवन बीता रही हैं। एक तरफ पूर्व मध्य रेलवे द्वारा मोटी दीवार खड़ी कर दी गयी है। तो दूसरी ओर ऊपरी पुल निर्माण हो रहा है। इन दोनों के बीच में झोपड़ी बनाकर सपरिवार सुनीता देवी रहती हैं। 

 अभी सिमेंट की बोरी पर खड़ी है सुनीता देवी। कहती है कि जो ऊपरी पुल बन रहा है। उससे झोपड़ी को नुकसान हो रहा है। जो चापाकल गाढ़ा गया था। उसे जेसीबी से नष्ट कर दिया जा रहा है। जो अलग से शौचालय निर्माण किया गया है। वह ढाह दिया गया है। पेयजल और शौचालय की दिक्कत है। पटना जिले के डीएम से आग्रह की हैं कि हमलोगों को उचित जगह में पुनर्वास करने की कोशिश की जाए। 

बिहार : कुर्जी-बालूपर रहते हैं विक्टर फ्रांसिस

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पटना। कुर्जी-बालूपर रहते हैं विक्टर फ्रांसिस। कई दशक से सिस्टर और फादर लोगों के साथ मिलकर कार्य करते हैं। उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा से वंशीभूत होकर सिस्टर और फादरों को केन्द्र पर रखकर पुरोहिताई पर भी एक फिल्म करने में सफल रहे। वह एनडीसीसी की प्रस्तुति थी। 

इसके बाद विक्टर फ्रांसिस पीछे नहीं मुड़े। कहते हैं कि सिगनीस इंडिया के लिए प्रोजेक्ट लिखते वक्त धार्मिक बुलाहट पर फिल्म निर्माण करने की प्रेरणा मिली। आगे कहते हैं कि मैंने एक प्रयास किया.......! इसमें कितना सफल और असफल हूँ यह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चल पाएगा। आप फिल्म देंखे और निर्णय लें। अगर जरा भी सफल हूँ तो इसका पूरा श्रेय अपने कलाकारों एवं तकनीशियनों को देना चाहता हूँ। 

जीजस प्रोडक्सन्स, पटना एवं अन्तरराष्ट्रीय फिल्म सिनेमा एवं टेलीविजन की संस्था सिगनीस इंडिया के अनुदान से निर्मित टेलीफिल्म ‘अनंत जीवन’ निर्माता/निर्देशक विक्टर फ्रांसिस हैं। अबतक जीजस प्रोडक्सन्स की 22वीं प्रस्तुति ‘अनंत जीवन’है। जल्द ही ‘विश्वास’की अगली प्रस्तुति होगी। 

पमेश्वर का प्रबंध ( सीरियल वो0 1-2, मूल्य 100.00 रू0), परमेश्वर का प्रबंध ( सीरियल वो0 3-4, मूल्य 100.00 रू0), येसु के चत्मकार (सीरियल, मूल्य 100.00 रू0), बिशप्स रोजरी ( सीरियल, मूल्य 100.00 रू0) सलीब पर कुर्बान ( डाक्यूड्रामा, मूल्य 100.00 रू0),देखा सांता क्लाॅज आया (टेलीफिल्म,मूल्य 70.00 रू0),नदी मिली सागर में (टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0),फैंशन (टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0), हैप्पी क्रिसमस(वीडियो एलबम,मूल्य 30.00 रू0),फर्ज (टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0),रिश्ते(टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0),सलीब और हम(टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0),विकलांगता अभिशाप नहीं (टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0) और शक(टेलीफिल्म,मूल्य 100.00 रू0) जीजस प्रोडक्सन्स, पटना और सिगनीस की प्रस्तुति है। 

बिहार : माँ मरियम तीर्थ यात्रा 7 फरवरी को मोकामा में

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  • पूर्व मुखिया भाई धर्मेन्द्र करेंगे वाहन की व्यवस्था

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पटना। एक सीएम नीतीश कुमार, एक डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, 2 पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, एक मंत्री तेज प्रताप यादव, एक विधायक रामानंद यादव,एक झारखंड विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के मनोनीत एमएलए जीजे गोलस्टेन, एक बिहार विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत पूर्व एमएलए जौर्ज आल्फ्रेड रोजारियो,अखिल एक भारतीय काँग्रेस कमिटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी,बिहार एक प्रदेश काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष -सह-मंत्री अशोक चैधरी, एक पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा,एक फादर , एक कुर्जी पल्ली परिषद के सदस्य क्लारेंस हेनरी और एक पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत यकये पूर्व मुखिया भाई धर्मेन्द्र। सभी राजनैतिक और धार्मिक नेताओं के बीच में माता मरियम विराजमान हैं। इन लोगों ने क्रिसमस और न्यू ईयर की बधाई दी है। 

बिहार : तृतीय रविवार, ‘आशा’ की मोमबत्ती

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पटना। आज आगमन काल का तृतीय रविवार है। 29 नवम्बर को आगमन काल का प्रथम रविवार था। उस दिन ‘आशा’ की मोमबत्ती जली। 6 दिसम्बर को आगमन काल का द्वितीय रविवार था। उस दिन ‘प्यार’की मोमबत्ती जली। 13 दिसम्बर को आगमन काल का तृतीय रविवार है। आज ‘खुशी ’की मोमबत्ती जली। इस दिन को अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ,पटना ने भुनाया। नवज्योति निकेतन में ‘क्रिसमस’ से संबंधित ख्रीस्त जयंती मिलन समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में ईसाई समुदाय उपस्थित हुए। अभी-अभी सीएम नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ, पटना के अध्यक्ष एम्ब्रोस पैट्रिक को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। एक तरफ चहक रहे थे तो दूसरी तरफ तकलीफ में थे। मुख्य अतिथि अब्दुल गफूर, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री समय पर आए नहीं। इनके गैरहाजिरी में ख्रीस्त जयंती समारोह शुरू कर दिया गया। 

जीजस एंड मेरी एकेडमी की प्राचार्य पुष्पा पैट्रिक की देखरेख में संचालित कार्यक्रम में ईसा मसीह के जन्म लेने के वृतांत की झांकी तथा क्रिसमस का कैरोल गीत प्रस्तुत की गयी। भारतीय स्टेट बैंक कर्मी यास्मिन द्वारा पेश किए गए नृत्य के कार्यक्रमों से दर्शकों को प्रशंसा करने को मजबूर कर दिया। इस कार्यक्रम का संचालन असिंस्टेंट प्रिंसिपल पूजा शर्मा, करूणा कमल डेविड तथा रिचर्ड रंजन ने अपने आकर्षक तथा प्रभावपूर्ण शब्दों से किया। अपने स्वरों से दर्शकों को बांधने में सफल रहीं। 

मौके पर संत माइकल उच्च विघालय में कार्यरत शिक्षक डोनाल्ड लौरेंस को केन्द्रीय सरकार द्वारा बिहार के उत्तम शिक्षक के रूप में सम्मानित होने वाले को संघ ने भी सम्मानित किया। पूर्व की तरह ही कर्मठ तथा समाज के प्रति समर्पित महिलाएं करूणा कमल डेविड, पुष्पा पाॅल, रेजीना बारा, अनीता आल्बर्ट, अजिता कुजूर तथा समर्पित प्रतिभा संपन्न युवाओं शैलेश अंथोनी, माइकल नीरज जोसेफ, अपेंद्र राना, अमन पौल तथा आशीष जौर्ज को उनके विशेष सकारात्मक गुणों, सेवा भावना एवं उपलब्धियों की वजह से अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ की तरफ से सम्मानित किया गया। इनको उपहार और प्रशस्ति पत्र दिया गया। 

अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ, पटना के सचिव एस0के0 लौरेंस ने आगत अतिथियों को क्रिसमस की बधाई देते हुए कहा कि अगर हम सभी प्रभु ईसा मसीह के जन्म लेने के उद्देश्य तथा उनके सिद्धांतों पर चलने का कार्य करें, तो विश्व में सभी लोगों का जीवन सार्थक हो जाएगा। फिर तो विश्व में हर तरफ शांति,प्रेम,भाईचारा का माहौल बन जाएगा। इस दौरान अपने संबोधन में संघ के अध्यक्ष और बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एम्ब्रोस पैट्रिक ने कहा कि प्रभु येसु महान हैं। वे हमारे मुक्तिदाता हैं। उनका जन्म तो साधारण सा गौशाला में हुआ। परन्तु वे हमारे हद्य में भी जन्म लिया है। आज दुनिया को उनके बताए सीख को अमल करना चाहिए। एक-दूसरे को प्यार करो जैसे प्रभु ने किया है। युवा सदस्य अभिषेक पैट्रिक ने धन्यवाद दिया। 

विशेष : क्या मिशनरी दाता हैं और लोकधर्मी गिड़गिड़ाते हैं?

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  • सलाहकार के स्वरूप में है पल्ली परिषद, परिषद के पदेन अध्यक्ष मुहर लगाते हैं चर्च के हित में ‘हाँ’ और नहीं तो ‘ना’

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पटना। यह ज्वलंत सवाल है। क्या मिशनरी दाता हैं और लोकधर्मी गिड़गिड़ाते हैं? अगर मिशनरी दाता नहीं रहते तो आज पल्ली के बच्चे उच्च से उच्चतर स्थानों पर विराजमान रहते हैं। मिशनरी स्कूलों में बच्चों के नामांकन समय में पल्ली पुरोहित और स्कूल के प्राचार्य के समक्ष गिड़गिड़ाते नहीं रहते। वहीं नर्सेंज ट्रेनिंग सेंटर में साउथ इंडियन को नर्सिंग में और साउथ बिहार को ए.एन.एम में ट्रेनिंग देते नहीं रहते। इस दिशा में पल्ली परिषद नपुंसक साबित हुई है। लोकधर्मियों द्वारा निर्मित संस्था और अन्य लोगों द्वारा बवाल करने से स्कूलों में नामांकन करने और ट्रेनिंग में लोकल को रियायत मिलनी शुरू हो गयी है। वहीं बवाल करने वाले मिशनरियों के कोपभाजन बन जाते हैं। 

‘वाटिकन-2’नामक दस्तावेज में निहित है लोकधर्मियों का अधिकारःरोम में पोप रहते हैं। पोप द्वारा आहुत बैठक में ‘वाटिकन-2’नामक दस्तावेज तैयार किया गया है। इस दस्तावेज में याजक और लोकधर्मियों के बीच की दूरी कम और लोकधर्मियों पर आश्रित चर्च बनाने पर बल दिया गया। ऐसा प्रतीत होता था कि मिशनरी दाता हैं और लोकधर्मी कुछ पाने के लिए गिड़गिड़ाते हंै। इस मसले को कम करने के लिए लोकधर्मियों को मिलाकर ‘पल्ली परिषद’गठन हो। यह हरेक पल्ली में गठित हो। इसका स्वरूप सलाहकार के रूप में रखा गया। पल्ली पुरोहित को पल्ली परिषद केवल सलाह दे सकता है। इसे मानने और इंकार करने का अधिकार पल्ली परिषद के पदेन अध्यक्ष -सह -पल्ली पुरोहित का होगा। इस समय कुर्जी पल्ली में देखने को मिल रहा है कि पल्ली परिषद के सदस्य निर्णय लेकर निर्णय को कार्यान्वित करने में सफल हो रहे हैं। इसका मतलब ‘चर्च’से संबंधित निर्णय लेने में पल्ली पुरोहित की स्वीकृति ‘हाँ’ में और लोकधर्मियों के हित में निर्णय ‘ना’ में होता है। 

धर्मभीरू बनाने से विकास से कोसों दूरः याजक द्वारा ईसाई समुदाय को धर्मभीरू बनाया जाता है। जबकि ईसाई समुदाय को विकास की चाहत है। महज कुछेक लोगों के द्वारा वाहन खरीदने से ही ईसाई समुदाय को धनवान नहीं समझ लेना चाहिए। अपने कार्यरत स्थल से कर्ज लेकर वाहन खरीदते और घर निर्माण करते हैं। अगर सर्वे किया जाएगा तो पता चलेगा कि कर्ज लेकर घर चलाने की नौबत है। 

आज भी ईसाई परिवार भूमिहीन हैंः अनेकों परिवार भूमिहीन हैं। इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे लोगों को संत विन्सेंट डी पौल समाज के जिम्मे छोड़ दिया जाता है। जो सर्वाग्रीण विकास करने की ओर कदम उठाता ही नहीं है। एक तरह से कह सकते हैं कि ईसाई समुदाय के अंदर भी गरीबों की फौज विराजमान है। यह समझा जाता है कि याजकों का ढाल पल्ली परिषद और संत विन्सेंट डी पौल समाज है। 

हक रक्षक दल द्वारा अनार्य विचार क्रान्ति अभियान शुरू

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हक रक्षक दल (एचआरडी) के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'के नेतृत्व में 13 दिसम्बर को औपचारिक रूप से 'अनार्य—विचार—क्रान्ति'अभियान की सफल शुरूआत की गयी। सभा के मंच पर मेहतर जाति के एक व्यक्ति हाथ से हक रक्षक दल के राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा ओक से पानी पीकर छुआछूत मिटाने की ऐतिहासिक शुरूआत की गयी। पूर्वी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में यह अपने आप में बड़ी घटना है।

हिण्डौन—करौली रोड पर स्थित गांव रीठोली में आयोजित 'अनार्य जनजागरण सभा'में मुस्लिम अल्पसंख्यक, ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्गों के अनेक जाति समूहों के लोगों द्वारा सक्रिय रूप से भाग लिया गया। अनार्य जनजागरण सभा में शामिल सभी आयु समूह के समर्पित स्त्री—पुरुषों ने लगातार छह घंटे तक अनार्य—विचार—क्रान्ति के बारे में उत्सुकता से जानकारी प्राप्त की। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित लेखक और हक रक्षक दल के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने अनार्य जनजागरण सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि—

—हजारों साल पहले भारत में मध्य—एशिया से व्यापार करने के म​कसद से आर्य भारत में आये, जिन्हें वर्तमान में ब्राह्मण, बणिया और ठाकुर के नाम से जाना जाता है। कुल आबादी में मात्र 10 फीसदी होकर भी आर्य आज भी अपने आप को आर्यश्रृेष्ठ, भू—देव अर्थात् साक्षात ईश्वर और मानवों में श्रृेष्ठ समझते हैं। आर्य भारत की शेष 90 फीसदी आबादी को हीन, कमतर, अछूत मानकर हेय दृष्टि से देखते हैं। शेष समस्त शोषित लोग आर्यों के अनेक प्रकार के अत्याचारों के शिकार हैं। इन सभी शोषित, वंचित और आर्यों के अन्याय की शिकार जातियों, वर्गों और सम्प्रदायों को हक रक्षक दल द्वारा अनार्य की श्रेणी में रखकर इनके अधिकारों की रक्षा और अनार्यों को हरक्षेत्र में समान भागीदारी के लिये एकजुट करने के लिये 13 दिसम्बर, 2015 को औपचारिक रूप से 'अनार्य—विचार—क्रान्ति'अभियान की शुरूआत की गयी।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया किे विदेशी मूल के आर्यों द्वारा हजारों सालों से भारत के अनार्यों से अमानवीय व्यवहार किया जाता रहा है। अनार्यों को पढने की और सम्पति रखनी की आजादी नहीं दी गयी। अनार्यों को सामाजिक व्यवस्था में निचले पायदान पर स्थापित कर दिया गया।

—आर्यों ने धर्म के नाम पर, झूठ, पाखण्ड, अन्धविश्वास, अन्धश्रृद्धा और ब्राह्मणवाद को बढावा दिया गया। धर्म की आड़ में अनार्यों को हजारों जातियों में विभाजित करके ऊंच—नीच, छुआछूत और घृणा तथा अनेक सामाजिक कुरूतियों तथा बुराईयों को जन्म दिया गया।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि आर्यों द्वारा हजारों सालों तक अनार्यों का धार्मिक, मानसिक, शारीरिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक शोषण किया गया। इसी वजह से वंचित, दमित, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी वर्गों के उत्थान, संरक्षण और देश के सभी संसाधनों, प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार में समान भागीदारी प्रदान करने के लिये संविधान में अनेक प्रकार के प्रावधान किये गये। इसके बावजूद भी सम्पूर्ण व्यवस्था पर आज भी ​आर्यों का वर्चस्व है। अनार्य आज भी भारत में दोयम दर्जे के नागरिक हैं।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि वर्तमान में अनार्यों के खिलाफ अन्याय और अत्याचार चरम पर है। अनार्य वर्गों के लोग आर्यों के अन्याय, भेदभाव और विद्वेष के तंग होकर आत्महत्या करने तक को विवश हो रहे हैं।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि न्यायपालिका, सरकार और प्रशासन के नीति—नियन्ता पदों पर केवल आर्यों का कब्जा है। इस कारण आर्यों ने संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था को मजाक बनाकर रखा हुआ है। आज भी देश में छुआछूत तथा ऊंचनीच का वातावरण मौजूद है।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और संघ से सम्बद्ध संगठनों द्वारा देशभर में साम्प्रदायितका, असहिष्णुता और कट्टरता को बढावा दिया जा रहा है तथा पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के विरुद्ध सार्वजनिक रूप से भेदभाव, हिंसा, अत्याचार, बलात्कार, जिन्दा जलाने जैसी अमानवीय घटनाओं को बढावा दिया जा रहा है। जिससे अनार्यों में भय और आतंक का वातावरण निर्मित हो रहा है।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों सहित, सभी जनप्रतिनिधि, जनता के प्रतिनिधि नहीं होकर धनप्रतिनिधि या दलप्रतिनिधि बन बैठे हैंं। आम अनार्यों के दु:ख—दर्द की किसी जनप्रतिनिधि को कोई परवाह नहीं है।

—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि देशभर में आरक्षित वर्गों की डेढ दर्जन से अधिक जातियों और जनजातियों को मीणा—मीना, मांझी—माझी, हड़वा—हडवा, कोरी—कोली, जैसे निराधार और असंगत विवादों में उलझाकर तंग किया जा रहा है।
—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के हाई कोर्ट में अजा एवं अजजा वर्गों का आज तक एक भी जज नियुक्त नहीं किया गया। न्यायपालिका में अनार्यों को आरक्षण नहीं होने के कारण, न्यायपालिका के मार्फत आरक्षण व्ययवस्था को तहस—नहस किया जा रहा है।
—डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने बताया कि आरक्षित वर्गों के जनप्रतिनिधि आर्यों के नेतृत्व वाले राजनैतिक दलों के प्रमुखों के भय के चलते अपने वंचित वर्गों की समस्याओं के प्रति मौन रहकर समस्याओं को बढाने का काम कर रहे हैं।

अनार्य—जनजागरण—सभा में हक रक्षक दल के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'की सभी बातों का खुलकर समर्थन किया गया। सभा के दौरान डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'ने सभा में आर्यों के तिरस्कार और छुआछूत की सर्वाधिक शिकार मेहतर जाति के घनश्याम बाल्मीकि को ससम्मान सभा के मंच पर आमंत्रिक किया गया। डॉ. निरंकुश ने कहा कि आर्यों के दुश्चक्र के कारण अनार्य भी मेहतर जाति के साथ हजारों सालों से छुआछूत का अमानवीय व्यवहार करते हैं। अत: अनार्य—विचार—क्रान्ति की औचारिक रूप से शुरूआत करते हुए डॉ. निरंकुश ने सभा के मंच पर बैठकर और दोनों हाथों की ओक/अंजलि बनाकर घनश्याम बाल्मीकि के हाथों पानी पीकर छुआछूत के समापन की शुरूआत की। जिसका सभा द्वारा ताली बजाकर और खड़े होकर स्वागत और समर्थन किया गया। आशा की जा सकती है कि हक रक्षक दल का यह कदम देशभर में छुआछूत समाप्ति और अनार्य—विचार—क्रान्ति की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। अनार्य—जनजागरण—सभा में हक रक्षक दल के अनेक राज्यों और राजस्थान के अनेक संभागों और जिलों के पदाधिकारियों तथा स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों ने बढचढकर भाग लिया और हक रक्षक दल के अनार्य—विचार—क्रान्ति अभियान  को  खुलकर समर्थन व्यक्त किया। 


उषा राजोतिया, 
राजस्थान प्रदेश सचिव, 
हक रक्षक दल सामाजिक संगठन

विशेष आलेख : बहकायें नहीं बताएं 'पॉर्न'का मतलब

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काफी पहले की बात है शायद उस शब्द से मैं रूबरू नहीं था लेकिन अखबारों की खबर में इंटरनेट के माध्यम से उस शब्द को सर्च करने का जिक्र था. साथ ही आरोप भी. अब आप को भी निश्चित ही जिज्ञासा होगी, भई ऐसी क्या नई चीज है..फिर क्या सिस्टम में सर्च कर लिया. जो खुला उसने मुंह को खुला का खुला रख दिया. पीछे पिता जी ने झड़ाम से थप्पड़ जड़ा कि ये क्या देख रहे हो. जमकर पिटाई हुई. तब समझ नहीं आया कि गलत क्या था. लेकिन आज जान रहा हूं कि चरित्र हनन के लिए काफी है. शर्म और बेशर्म से जुड़ा है ये शब्द. हालांकि मैं इस पर कोई राय नहीं रख सकता. शायद तमाम जुबाने मुझको गुनहगार बना दें. लेकिन शेयर इट से दूसरे के मोबाइल में ज्यादातर यही जमा होती हैं. नेट के लंबे इस्तेमाल में ये भी शामिल है. गलती से ही सही. 

कम उम्र हो या हम उम्र, सब जानते हैं इस शब्द के बारे में. अब इसमें ये तो लिखा नहीं जा सकता कि जो चरित्र हैं वे सभी काल्पनिक हैं, अगर कोई देख लेता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा. मतलब तो यही हुआ कि जिसको नहीं पता उसको पता चल जाए कि फलां-फलां में फलां-फलां होता है. लेकिन एग्जाम्पल तैयार न करे. क्योंकि दुनिया नाम के साथ बलात्कार और दूसरे के साथ बलात्कारी चिपका देगी. अजी हम भी चिपकाएंगे. 

फिलवक्त तो आम फिल्मों के देखने का मतलब भी इस शब्द से रूबरू होना है. हेट स्टोरी हो या क्या कूल है हम- 2 का पोस्टर. ये न्यूज वाले क्या क्या नुुस्खे और मॉल फंक्शन का हुई शिकार करके परिचित कराते हैं. तब तो कोई एंकर नहीं कहता कि गौर से देखिए इन दुनियावालों को ये....देख रहे हैं. अजी सबको पता हैै कि एक्स की अधिकता मिया खलीफा समेत सनी लियोनी के विभिन्न रूपों के दर्शन कराती है. हां हाल ही में एक फिल्म का एक गाना आधुनिकता में पल रहे तमाम लड़को को थिएटर में सीटी मारने पर मजबूर कर गया. वैसे सुना आपने भी होगा कि कुंडी न खटकाओ राजा, सीधे अंदर आओ राजा. अब इसकी संदर्भ सहित व्याख्या करने के बाद दिल, दिमाग सब इसी शब्द के इर्द गिर्द घूमता है. नहीं आपको अगर कुछ और समझ आ रहा है तो आप भी विकल्प के तौर पर बता सकते हैं. तो परिचय किसने कराया, आरोपी कौन हुआ. आपत्ति है तो पहले आम जो रोजमर्रा वल्गैरिटी पेश करते हैं उन्हें रूकवा दीजिए. फिर आगे पहल करिए. 

बच्चे आज सीख नहीं सिखा रहे हैं. हर तीन लोगों को ही नहीं बल्कि कई सारे जान पहचान के दोस्तों को सर्च करने की जानकारी दे रहे हैं. जिसके लिए बाकायदा नेट कैफे, चायना मोबाइल विद इंटरनेट फैैसिलिटी एविलेबल है. हां नेट पैक भी लगभग दस से बीस रूपये में मिल जाता है. अब आप किस तरह से रोक लगा सकते हैं. मान लीजिए ये नहीं भी हैं तो घर पर टीवी तो है. गंदी बात सरीखे गाने तो हैं. खुद ब खुद ही सीख जाएंगे. 

बहरहाल ये तो था सीखना, सिखाना. जिसमें प्राथमिक से लेकर काफी गहराई तक जाने की कोशिश की है. अब रही रोकने, छिपाने की बात तो मुझे तो संभव नहीं लगता. क्योंकि सिखाने वाले आप ही हैं. हो सकता है सीधे तौर पर नहीं बल्कि आधुनिकता की तमाम तस्वीरों के द्वारा. अगर कुछ सिखाना ही है तो उसके बारे में दायरा बढ़ाते हुए जानकारी दीजिए. पति और पत्नि के बीच उस शब्द को सीमित कीजिए. वरना आप पॉर्न शब्द को ढ़कोसला और बेशर्मी बनाए रह जाएंगे. आरोप प्रत्यारोप की जंग में धीरे धीरे तमाम बहाने खुद ब खुद ही तलाश होते चले जाएंगे. 




liveaaryaavart dot com

हिमांशु तिवारी आत्मीय 
08858250015

पेट्रोल-डीजल उत्पाद शुल्क बढाने पर विपक्ष ने बोला सरकार पर हल्ला

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नयी दिल्ली 16 दिसम्बर, समूचे विपक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कई गुना नीचे आने के बावजूद इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचाने तथा अपना खजाना भरने के लिए उत्पाद शुल्क बढाने के लिए आज सरकार पर राज्यसभा में जबरदस्त हल्ला बोला, उधर सरकार ने यह कहकर अपना बचाव किया कि यह वृद्धि विकास कार्यों तथा वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए की गयी है। कार्यवाही शुरू होते ही सभी सदस्यों को पूरक कार्यसूची की प्रति बांटी गयी जिसमें पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढाने की अनुमति मांगने का विषय शामिल था। लगभग समूचे विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया और सरकार से इसका कारण बताने को कहा। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत नीचे आ गये हैं और सरकार इसका फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा रही है। 

उन्होंने कहा कि जो पूरक कार्यसूची सदस्यों को दी गयी है उसमें सरकार पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क में सातवीं बार बढोतरी की अनुमति मांग रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 111 डालर प्रति बैरल था जो अब घटकर 35 डालर प्रति बैरल पर आ गया है। पिछले वर्ष देश में पेट्रोल की कीमत 71 रूपये थी जो अभी भी 65 रूपये हैं। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने कच्चे तेल के दाम गिरने से 88 अरब डालर की बचत की है। सरकार दामों में गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं काे न पहुंचाकर उलटा उस पर बोझ बढा रही है। उन्होंने कहा कि अनुपूरक मांगों में विदेश मंत्रालय का बजट दो हजार करोड रूपये बढाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के लिए किया जा रहा है। कांग्रेसी नेता ने सरकार से पेट्रोल डीजल उत्पाद शुल्क में बढोतरी का औचित्य बताने को कहा।

स्वास्थ्य : 18 को लॉच होगा ‘नो योर मेडिसिन’ कैंपेन विडियो

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  • इस कैंपेन को मिल रहा है अभिनेताओं का साथ
  • नई दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में होगा आयोजन 

swasth-bharat-abhiyanनई दिल्ली/16.12.15, देश में स्वास्थ्य चिंतन को बढावा देने के लिए शुरू स्वस्थ भारत अभियान अपना नया कैंपेन शुरू करने जा रहा है। इस कैंपेन का नाम है ‘नो योर मेडिसिन’ अर्थात् अपनी दवा को जानिए। 18 दिसंबर को स्वस्थ भारत ट्रस्ट स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत् ‘नो योर मेडिसिन’ शॉर्ट फिल्म (कैंपेन विडियो) जनहित में जारी करने जा रहा है। इस विडियो में बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों ने काम किया है। बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर सुनील अग्रवाल ने इसे निर्देशित किया है वहीं बॉलीवुड में ख्यातिप्राप्त एडिटर बल्लु सलुजा ने एडिट किया है। पुनीत वशिष्ठ व संचिता बनर्जी अभिनित इस लघु फिल्म में यह बताने की कोशिश की गयी है कि आम लोगों को दवा के बारे में मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। 

किसने क्या कहा
स्वस्थ भारत अभियान द्वारा जनहित में जारी इस विडियो के माध्यम से हम देश-दुनिया को दवाइयों के बढ़ते साइड अफेक्ट के बारे में जागरूक करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि लोग दवा खाते समय विशेष सावधानी बरतें। डॉक्टर व मरीज के बीच एक हेल्थी संवाद सुनिश्चित हो। अतः हम चाहते हैं कि आप अपनी दवा को जानिए। : सुनील अग्रवाल, निर्देशक, नो योर मेडिसिन

स्वस्थ भारत अभियान की यह पहल सराहनीय है। इस तरह फिल्में बनती रहनी चाहिए। इससे लोगों के बीच स्वास्थ्य-जागरूकता बढ़ेगी।– बल्लु सलुजा, फिल्म एडिटर, नो योर मेडिसन

स्वस्थ भारत ट्रस्ट की यह पहल स्वागत योग्य है। इस फिल्म में काम करके मुझे बहुत सुकुन मिला। इस फिल्म से हम समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। स्वास्थ्य हमारा सबसे बड़ा धन है, इसे बचाना जरूरी है। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से अपनी दवा को जानना जरूरी है। अपनी दवाइयों को जरूर जानिए।- संचिता बनर्जी,अभिनेत्री

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इस फिल्म को बनाने के पीछे की सोच यही रही है कि लोगों के बीच मजबूती के साथ यह संदेश प्रेषित किया जा सके कि दवाइयों को जानना कितना जरूरी है। गलत दवा व दवा का गलत प्रयोग हमें और बीमार बना देता है।–संजय बडोनी, अभिनेता

वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को लेकर लोग सजग हो रहे हैं। नो योर मेडिसन के माध्यम से हम यह कहना चाहते हैं कि आप जो दवा ले रहे हैं, उसे चिकित्सक व फार्मासिस्ट के मार्गदर्शन में ही लें। दवा का संबंध सीधे आपके स्वास्थ्य से है। -एवरेस्टर नरिन्दर सिंह, ब्रांड एम्बेसडर, स्वस्थ भारत अभियान

दवा आज जरूरत बन गयी है, किसी न किसी रूप में दवा से हमारा वास्ता पड़ ही जाता है। ऐसे में जरूरत है कि हम अपनी दवाइयों को जानें। दवा कब लेनी है, कैसे लेनी हैं, कितनी मात्रा में लेनी है, इसकी समझ विकसित हो। - डॉ. सागर, गीतकार, बॉलीवुड  

स्वस्थ भारत अभियान एक परिचय
सभी भारतीयों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। भारतीय में स्वास्थ्य चिंतन की अवधारणा को विकसित करना। स्वस्थ भारत का निर्माण करना जहाँ सभी लोग सभी के लिए सोचते हों। जहां पर समष्टि का भाव प्रबल हो और व्यवष्टि का भाव न्यून।

हमसे नहीं, हमारे विचारों से मिलिए 
जब दिल को चोट लगती है तो एक आह निकलती है। यह आह एक चिंगारी को जन्म देता है और चिंगारी कब आग का रूप धारण कर लेती है मालूम ही नहीं चलता। 22 जून 2012 को पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह के दिल पर दवा माफियाओं ने एक ऐसी ही चोट पहुंचायी थी। उनके मुंह से आह की आवाज आयी थी और आज वह आह रूपी चिंगारी ‘स्वस्थ भारत अभियान’ के रूप में आग की तरह फैल रही है। 

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देश के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे रावणों का संहार करने के लिए ही स्वस्थ भारत अभियान की शुरूआत हुई है। इस अभियान को गति देने के लिए www.swasthbharat.in वेबसाइट 2 अक्टूबर, 2014 को मुंबई के प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में देश को समर्पित की गयी, तब से स्वास्थ्य समाचार-विचार-समाधान पर हम बात कर रहे हैं। हमारा सूत्र वाक्य है-स्वस्थ भारत विकसित भारत। तो आइए हम सब मिलकर भारत को स्वस्थ बनाने का संकल्प लें ताकि हमारा हिन्दुस्तान पूरी तरह स्वस्थ होकर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सके। 
दरअसल स्वास्थ्य कोई वस्तु नहीं है। यह एक भाव है। जब आप स्वस्थ होते हैं तब आप परोपकारी होते हैं। सामाजिक होते हैं। क्रय-विक्रय से इतर आनंद की राह प्रशस्त करता है आपका स्वास्थ्य।

क्या है स्वस्थ भारत अभियान?
‘स्वस्थ भारत अभियान’ हिन्दुस्तान को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। हिन्दुस्तान में स्वास्थ्य चिंतन का बहुत अभाव है, इसी अभाव को प्रभाव में बदलने की एक कोशिश है स्वस्थ भारत अभियान।

क्या है कंट्रोल एम.एम.आर.पी?
एम.एम.आर.पी. यानी कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस कैंपेन पिछले तीन वर्षों से चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि दवाइयों में मची लूट को रोका जाए।

क्या है जेनरिक लाएं पैसा बचाएं कैंपेन
भारत दुनिया के बड़े जेनरिक दवा उत्पादकों में से एक है। बावजूद इसके भारत की गरीब जनता को ब्रांड के नाम पर महंगी दवाइयों खिलाने की साजिश रची जा रही है। इस दिशा में जेनरिक मेडिसिन यानी ब्रांड रहित दवा के प्रसार करना हमारा ध्येय है ताकि लोगों को सस्ती दवाइयां मिल सकें। ध्यान रहे जेनरिक दवाइयों के नामों को लेकर बहुत गलतफहमियां है, जिसे दूर करना जरूरी है। यह काम सरकार कर सकती है। सरकार पर इस बावत दबाव डालना बहुत जरूरी है।

बिहार : माले की तीनदिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक संपन्न

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  • बिहार के जनादेश के आलोक में राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ‘लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ’ अभियान चलाने का निर्णय
  • तमिलनाडु-पांडिचेरी बाढ़ हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर युद्ध स्तर पर राहत अभियान चलाये सरकार
  • प्रिकाॅल के 8 मजदूरों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ 1 से 15 फरवरी तक चलेगा प्रिकाॅल साॅलिडरिटी अभियान
  • बिहार में अपराध की बढ़ती घटनायें चिंताजनक, न्याय के सवाल पर चलेगा हस्ताक्षर अभियान

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पटना 16 दिसंबर 2015, भाकपा-माले की तीन दिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक पटना के हरनीचक में 13-15 दिसंबर तक चली. बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले और प्रस्ताव लिये गये. देश के विभिन्न हिस्सों से केंद्रीय कमिटी के सदस्यों ने बैठक में हिस्सेदारी की. भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी ने बिहार चुनाव के ऐतिहासिक जनादेश पर बिहार की जनता, वाम व पार्टी कतारेां को बधाई है. इस चुनाव ने पूरे देश को आश्वस्त करते हुए राष्ट्रीय राजनीति कोे एक निर्णायक मुकाम पर ला खड़ा किया है। बिहार का फैसला देश में संघनित और विकसित होते भाजपा-विरोधी मिजाज की एक अभिव्यक्ति है। लेकिन बिहार चुनाव से कुछ भी सबके सिखने की बजाए भाजपा उलटा ही सबक ही ले रही है. भाजपा व संघ परिवार एक बार फिर से राम मंदिर को मुद्दा बनाकर देश में सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति खेलना चाहती है और संविधान की बुनियाद, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर हमला कर रही है. बिहार जनादेश के आलोक में भाकपा-माले ने व्यापक स्तर पर ‘लोकतंत्र-बचाओ, देश बचाओ’ अभियान चलाने का निर्णय किया है.

तमिलनाडु व पंाडिचेरी में भयानक बाढ़ हादसे पर केंद्र व राज्य सरकार की उदासीनता पर केंद्रीय कमिटी ने गहरी चिंता व्यक्त की है. पर्यावरण को लगातार नष्ट करने तथा गलत नीतियों की वजह से इस तरह की प्रलंयकारी घटनायें घट रही है. केंदीय कमिटी ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और युद्ध स्तर पर पुनर्वास व राहत अभियान चलाने की मांग की है. भाकपा-माले ने भी अपनी पहलकदमी पर पूरे देश में बाढ़ पीडि़तों के सहायतार्थ राहत अभियान चलाया है. जनसहयोग, विधायकों के एक महीने के वेतन और पूर्व विधायकों के पेंशन को जोड़कर 10 लाख रुपये का सहयोग बाढ़ पीडि़तों को भेजी गयी है.

तमिलनाडु के कोयम्बटूर में प्रिकोल के 8 मजदूरों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा मोदी सरकार के नेतृत्व में चल रहे कारपोरेट पूंजी के हमले का सबसे घृणित उदाहरण है. यह सजा प्रिकाॅल के मैनेजर की दुखद मृत्यु को हत्या करार देते हुए दिया गया है. पाटी के पोलित ब्यूरो सदस्य व ऐक्टू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार स्वामी सहित अन्य नेताओं को बाइज्जत बरी किये जाने के बावजूद 8 मजदूर साथियों यह सजा सुनाई गयी है. मजदरू आंदोलन के संदर्भ में यह सबसे कठोर व अन्यायपूर्ण फैसला है. प्रिकाॅल के पीउि़तों के न्याय के सवाल पर पार्टी ने मजदूर व न्यायपसंद नागरिकों के बीच देशव्यापी प्रिकाॅल साॅलिडरीटी अभियान चलाने का निर्णय किया है. यह अभियान 1 से 15 फरवरी तक चलेगा. ऐसे कठोर हमले झेलने के बावजूद प्रिकाॅल के मजदूरों ने चेन्नई व पांडिचेरी बाढ़ पीडि़तों के सहायतार्थ 5 लाख रु. का सहयोग किया है.

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद आनेवाले राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी माले अन्य वाम दलों व लोकतांत्रिक शक्तियों के साथ मिलकर भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ नए विकल्प के निर्माण पर जोर देगी. 2016 की शुरुआत में ही पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। केंद्रीय कमिटी इसपर जोरदार अभियान चलायेगी और चुनाव में कारगर हस्तक्षेप किया जाएगा

बैठक में अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों खासकर खतरनाक आतंकी संगठन आइएसआइएसक की बर्बर कार्रवाइयों; पेरिस, बेरूत, बगदाद पर आतंकी हमले और नेपाल में मधेसी संकट व उसमें मोदी सरकार की दखलअंदाजी पर भी बातचीत हुई. केंद्रीय कमिटी ने आइएसआइएस द्वारा अंजाम दी जा रही घटनाओं की निंदा की है, लेकिन यह भी कहा है कि पश्चिम दुनिया आइएसआइएस को खत्म करने के नाम पर सीरिया पर निर्मम तरीके से बमबारी कर रही है. पश्चिमी दुनिया ने इराक व अफगानिस्तान की घटनाओं से कुछ भी नहीं सिखा. पश्चिम एशिया में सता परिवर्तन व हस्तक्षेप की अमरीकी नीति का केंद्रीय कमिटी विरोध करती है और भारत सरकार से इस युद्ध अभियान से पूरी तरह अलग रहने की मांग करती है. भयानक भूकंप से उबर रहे नेपाल की अविवेकपूर्ण नाकेबंदी की भी केंद्रीय कमिटी ने निंदा की, जिसके चलते तेल और अन्य जरूरी सामान रोक दिये गए हैं। नेपाली गणतन्त्र को मधेसी लोगों के वास्तविक और लोकतान्त्रिा हितों को संबोधित करना चाहिए और भारत को तमाम तरह की दखलंदाजी और दबंगई हर हाल में बंद करनी चाहिए। असम-त्रिपुरा के गर्वनरों द्वारा दिए गए गैर जिम्मेवारा संविधान विरोधी बयान की तीखी भत्र्सना करते हुए केंद्रीय कमिटी ने इन लोगों को उनके पदों से हटाने की मांग की.

हरियाणा में दलित उत्पीड़न की घटना की निरंतरता में अब पंजाब में भी इस प्रकार की घटना सामने आयी है. दलित विरोधी बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जैसे लोगों पर कार्रवाई न करने की वजह से ही ये घटनायें लगातार बढ़ रही हैं. हरियाणा के पंचायत चुनाव के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती है. केंद्रीय कमिटी ने इसकी निंदा की.बिहार में हाल के दिनों में बढ़ती अपराध की घटनायें चिंताजनक है. बिहार में पार्टी ने जेल में बंद माले विधायक काॅ. सत्यदेव राम, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा व मनोज मंजिल की रिहाई़; टाडा बंदियों की रिहाई, कोबरापोस्ट पर संझान लेने व रणवीर सरगनों को दंड देते हुए जनसंहार पीडि़तों के न्याय के सवाल पर हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय किया गया.

59 सदस्यों वाली केंद्रीय कमिटी की बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से वरिष्ठ माले नेताओं ने भाग लिया. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. स्वदेश भट्टाचार्य, बिहार राज्य के सचिव कुणाल, उत्तरप्रदेश के सचिव काॅ. रामजी राय, कविता कृष्णन, तमिलनाडु से कुमारस्वामी, वी शंकर, बांगर राव, उड़ीसा से युद्धिष्ठर महापात्रा, असम से रूबुल शर्मा, बंगाल से कार्तिक पाल, पार्थो घोष, राजस्थान से महेन्द्र चैधरी, दिल्ली से रवि राय, राजीव डिमरी, स्वप्न मुखर्जी, पंजाब से गुरूमीत सिंह, उत्तराखंड के राजा बहुगुणा, केडी यादव, रामेश्वर प्रसाद, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, कृष्णा अधिकारी, प्रभात कुमार चैधरी, प्रतिमा इंगपी, सरोज चैबे, रामजतन शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद आदि नेताओं ने भाग लिया.

आतंकवाद से निपटने के लिये युद्ध ही एकमात्र विकल्प नहीं: सुषमा

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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर,  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिये भारत अन्य देशों की तरह युद्ध को ही एकमात्र विकल्प नहीं मानता है और पड़ोसी देश से बातचीत के जरिये इसका रास्ता निकाला जा सकता है। श्रीमती स्वराज ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिये युद्ध अकेला रास्ता नहीं है। हमने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करके इस समस्या को सुलझाने के लिये नयी पहल की है। हम चाहते हैं कि बातचीत से ही रास्ता निकले और देश पर से आतंकवाद का साया हट जाये। 

उन्होंने बताया कि दाेनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बैंकॉक में हुई बैठक में बातचीत आतंकवाद पर हुई और उसमें पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। इसलिये बैंकॉक में केवल आतंकवाद पर ही बात हुई। कोई भी बातचीत भरोसे पर ही चलती है। जब हमने तय किया है कि कोई तीसरा देश हमारी मध्यस्थता नहीं करेगा तो बातचीत दोनों देशों के बीच ही होनी है। श्रीमती स्वराज ने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा तय करने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में एक प्रस्ताव रखा था जो अभी तक लंबित है। प्रधानमंत्री ने पिछली बार भी इस मुद्दे काे उठाया था और विभिन्न देशों के साथ वार्ता में भी इसे पारित करने का अनुरोध किया है। इसका अच्छा रिस्पांस देखने को मिला है और उम्मीद है कि जल्दी ही संयुक्त राष्ट्र इसे पारित कर दिया जायेगा।

वीरेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त नियुक्त

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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर, उच्चतम न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुये सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया है। उच्चतम न्यायालय ने लोकायुक्त की नियुक्ति में हो रही विलंब के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश को कड़ी फटकार लगाते हुये उसे दो दिन के भीतर नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार के इसमें विफल रहने पर न्यायालय ने स्वयं लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा था कि वह बुधवार तक लोकायुक्त की नियुक्ति करे या गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे। 

न्यायालय ने कहा कि यदि उसके आदेश पर अमल नहीं किया गया तो राज्य के मुख्य सचिव को उसके समक्ष पेश होना पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर आप लोकायुक्त की नियुक्ति में नाकाम रहते हैं तो हम आदेश में लिखेंगे कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अपनी ड्यूटी करने में असफल रहे।” न्यायालय ने इसी महीने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके लोकायुक्त की नियुक्ति न करने को लेकर जवाब मांगा था। न्यायालय ने पूछा कि 24 अप्रैल 2014 को जब उसने छह महीने के अंदर राज्य में नए लोकायुक्त का नियुक्ति का आदेश दिया था, तो अब तक इस पर अमल क्यों नहीं किया गया। 

सवा महीने में पेट्रोल और डीजल पर दूसरी बार बढ़ा उत्पाद शुल्क

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नयी दिल्ली 16 दिसंबर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में जारी गिरावट का लाभ उठाने के उद्देश्य से सरकार ने आज डेढ़ महीने से कम समय में दूसरी बार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1.17 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है जिससे उसे 2500 करोड रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे पहले सरकार ने 07 नवंबर को पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 1.60 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार के राजस्व में 2500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। इस बढ़ोतरी से बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर लागू मूल उत्पाद शुल्क 7.06 रुपये से बढ़कर 7.36 रुपये प्रति लीटर और अनब्रांडेड डीजल पर 4.66 रुपये से बढ़कर 5.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस प्रकार पेट्रोल का अतिरिक्त और विशेष उत्पाद शुल्क मौजूदा 19.06 रुपये से बढ़कर 19.36 रुपये प्रति लीटर और डीजल का 10.66 रुपये से बढ़कर 11.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (16 दिसम्बर)

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आज हुआ जिला स्तरीय युवा उत्सव 2015 का आयोजन  

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जिला की शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को अपने हुनर का प्रदर्षन करने हेतु खेल और युवा कल्याण विभाग विदिशा द्वारा आज दिनांक 16.12.2015 को प्रातः 10 बजे सेे जिला खेल परिसर (स्टेडियम) में जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष श्री मुकेष टंडन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दाॅगी जी ने किया। माननीय अतिथियों का स्वागत उद्बोधन श्रीमती वाणी साहू, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी विदिषा ने किया। समापन एवं पुरूस्कार वितरण के अवसर पर विदिषा एस.डी.एम. श्री आर.पी. अहिरवार उपस्थित रहे उक्त आयोजन ने प्रतिभागियों को शील्ड और प्रमाण पत्र प्रदान किये। जिसमंे विदिशा जिलें के समस्त विकासखण्डों के सामूहिक लोकनृत्य, सामूहिक लोकगीत, सामूहिक शास्त्रीय संगीत, हिन्दुस्तानी, कर्नाटक, शास्त्रीय नृत्य मणिपुरी, ओ.डी.सी. नृत्य कथक नृत्य, भरत नाटयम्, कुचीपुडी नृत्य, वाद्वय यंत्र, सितार, बांसुरी, गिटर मृदंग वीणा ,तबला, हारमोनियम लाईट, एकाकी नाटक व वक्रत्व कला के प्रतिभागी भाग लिया जिसमें सामूहिक लोकगीत में प्रथम स्थान धारू सिंह एण्ड पार्टी विदिषा छीरखेडा रही, सामूहिक लोकनृत्य में शमषाबाद, एकल शास्त्रीय गायन में शुभा्रन्सु झा, शास्त्रीय नृत्य में गुंजन नेमा, तबला वादन में श्री अनिल मिश्रा, हारमोनियम में सुर्याषं राव, वकृत्व कला में तृप्ती सोनी एवं बासुरी वादन में श्री रोहित पंथी रहे। कार्यक्रम के निर्णायक श्री सुदीन श्रीवास्तव एवं श्री मनमोहन शर्मा जी रहे। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती वाणी साहू, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी विदिषा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन कु. नूरजहाॅ बानों एवं मो0 हनीफ खान मंसूरी ने किया गया। इस अवसर पर श्री धनष्याम मालवीय, श्री अजय श्रीवास्तव, श्री दर्षन दुबे, श्री अजय चैहान, श्री योगेष धुर्वे, श्री धीरेन्द्र मिश्रा, श्री केषव शर्मा, श्रीमती सपना शर्मा, श्री राकेष मरोठिया, कु. रिना मेहर उपस्थित थे। 

मां अन्नपूर्णा मंदिर में छप्पन भोग

विदिशा। मुखर्जीनगर स्थित मां अन्नपूर्णाधाम मंदिर में विगत तीन वर्ष से हर मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ चल रहा है। इस अवसर पर मंदिर में 18 दिसंबर शुक्रवार को सुंदरकांड पाठ के उपलक्ष्य में छप्पन भोग एवं महाप्रसादी का आयोजन रखा गया है। मां अन्नपूर्णा जी को शाम साढ़े चार बजे छप्पन भोग अर्पण किए जांएगे। साथ ही महाप्रसादी वितरण किया जाएगा। यह आयोजन समस्त मुखर्जीनगरवासियों की ओर से किया जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए पुजारी पं उपदेश शास्त्री ने नगरवासियों को कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की है।

पेंशन शिविर का आयोजन

जिला पंेशन कार्यालय द्वारा 21 दिसम्बर से 15 जनवरी तक विशेष पेंशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है कि जानकारी देते हुए जिला पेंशन अधिकारी ने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए विशेष पेंशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनके सामान्य कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण त्वरित किया जा सकें। उनसे आग्रह किया गया कि वे शिविर अवधि में जिला पेंशन कार्यालय से सम्पर्क कर पेंशन संबंधी प्रकरणों का निराकरण त्वरित करा सकते है। जिला अधिकारियों से भी ततसंबंध में पत्राचार कर उनसे आग्रह किया गया कि वे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की समुचित जानकारियां उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि सामान्य कारणों एवं आपत्तियों के साथ-साथ विसंगतियों का निराकरण त्वरित किया जा सकें। जिला पेंशन अधिकारी ने बताया कि आगामी छह माह में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के प्रकरण में समस्त आवश्यक पूर्तियों की कार्यवाही कर पेंशन प्र्रकरण जिला कार्यालय में अग्रिम रूप से प्रस्तुत किए जा सकते है। 

स्वास्थ्य शिशु प्रतियोगिताओं का आयोजन

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री देवेन्द्र संुदरियाल ने बताया कि जारी जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत दूसरे दिन जिले की सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर स्वास्थ्य शिशु प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। इस दौरान आंगनबाडी के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी संबंधितों को दी गई। जनजागरूकता कार्यक्रम के दौरान स्तनपान को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष पहल की गई। जिले में स्तनपान कार्नर से भी अवगत कराया गया। माताओं को बताया गया कि दो वर्ष तक मां का दूध एवं पोषण तथा स्वास्थ्य के प्रति पूर्ण सचेत रहते हुए देखभाल करें। इस दौरान यदि नवजात बच्चे में किसी भी प्रकार की परेशानी परलिक्षित हो तो अविलम्ब महिला एवं बाल विकास की स्वास्थ्य कार्यकर्ता अथवा चिकित्सक की जानकारी में अवश्य लाएं। स्तनपान कराने में माताओं को सार्वजनिक स्थलों जैसे रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, असुविधा एवं झिझक होती है से निदान हेतु स्तनपान कार्नर उपलब्ध कराए जाने पर पहल की जा रही है। ततसंबंध में संबंधितों को स्तनपान आरक्षित करने हेतु निर्देशित किया गया।

आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने तहसीलों में लंबित आरबीसी के प्रकरणों में पीडि़तो को त्वरित सहायता मुहैया कराए जाने के उद्धेश्य से तहसीलदारों को राशि आवंटित करने के आदेश जारी कर दिए है। कलेक्टर श्री ओझा द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार अग्नि दुर्घटना के पीडि़तों को तहसीलवार राशि आवंटित की गई है। तदानुसार विदिशा तहसीलदार को 26 हजार 550 रूपए, सिरोंज को 11 हजार 340 रूपए तथा लटेरी तहसीलदार को चार हजार एक सौ रूपए आवंटित किए गए है इसके अलावा आकाशीय बिजली के प्रकरण में विदिशा तहसीलदार को 25 हजार रूपए आवंटित किए गए है।
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