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कामरेड बर्द्धन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

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नयी दिल्ली, 04 जनवरी: आम आदमी के हक की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय एवं वयोवृद्ध नेता ए.बी. बर्द्धन का आज यहां “ लाल सलाम” के नारों के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया।  देश में वामपंथी आंदोलन के नब्बे साल के इतिहास में सर्व श्री पी. सी. जोशी , अजय घोष, श्रीपाद अमृत डांगे, सी राजेश्वर राव तथा इन्द्रजीत गुप्ता जैसे दिग्गज नेताओं के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने ए.बी.बर्द्धन का राजधानी के निगम बोध घाट पर विद्युत शवदाह गृह में दोपहर तीन बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व महासचिव प्रकाश करात तथा भाकपा के वर्तमान महासचिव सुधाकर रेड्डी , डा. राजा, अतुल कुमार अनजान, अमरजीत कौर समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं सैकड़ों कार्यकर्ता तथा मजदूर एवं कर्मचारियों के नेता भी मौजूद थे। इसके अलावा कामरेड बर्द्धन के पुत्र एवं पुत्री तथा बहू एवं दामाद भी उपस्थित थे जो पिछले कई दिनों से दिल्ली में रहकर अस्पताल में श्री बर्द्धन की देखरेख कर रहे थे। 

“ कामरेड बर्द्धन अमर रहे” तथा ‘‘ लाल सलाम” के नारों के बीच उनकी शवयात्रा पार्टी मुख्यालय अजय भवन से शुरू हुई जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इससे पहले उपराष्ट्रपति डा. हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व महासचिव प्रकाश करात, जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव, राजद के कोषाध्यक्ष प्रेमचंद गुप्ता, नोवल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित समेत कई पार्टियों के नेताओं ने पार्टी मुख्यालय आकर कामरेड बर्द्धन के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके अंतिम दर्शन किए। 

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव तथा जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने भी कल पार्टी मुख्यालय आकर कामरेड बर्द्धन को अपनी श्रद्धांजलि दी थी। श्री बर्द्धन का शनिवार की रात 8.30 बजे जी.बी. पंत अस्पताल में निधन हो गया था जहां वह गत सात दिसंबर से गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती थे। वह 92 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर सुनते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन कर शोक व्यक्त किया था। श्री बर्द्धन को अस्पताल में देखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार समेत कई नेता गए थे। 

राष्ट्रपति दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर

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नयी दिल्ली, 04 जनवरी: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पांच और छह जनवरी को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगे। 

श्री मुखर्जी छह जनवरी को दक्षिण 24 परगना में विद्यानगर कालेज के नये भवन का उदघाटन करेंगे। वह दिल्ली लौटने के पहले इसी दिन नदिया में पंडित मदन मोहन तारकालंकर की 200वीं जयंती का भी उदघाटन करेंगे । 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जनवरी)

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बेवसाइट पर जानकारी अपडेट कराएं-कलेक्टर श्री ओझा
  • लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक सम्पन्न  

vidisha news
कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने सोमवार को लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक जिला पंचायत के सभागार कक्ष में आहूत की। उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ आईएएस श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थें। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई विभाग से संबंधित घोषणा की अद्यतन जानकारी जिले की बेवसाइट पर अंकित कराना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि स्कूलों और आंगनबाडी केन्द्रों की माॅनिटरिंग हेतु जिन अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए है वे प्रत्येक माह औचक निरीक्षण कर पालन प्रतिवेदन जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि जिले में लक्ष्य के अनुरूप रबी बोनी हो चुकी है। जिसमें गेहंू 2.92 हजार हेक्टेयर में, चना 1.62 हजार हेक्टेयर में और मटर 39400 हेक्टेयर में बोनी हुई है। बैठक में विभागवार लंबित आवेदनों की समीक्षा कलेक्टर द्वारा की गई जिसमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई।

सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम 12 को

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ विदिशा में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम का आयोजन 12 जनवरी को किया गया है। आयोजन के मद्देनजर की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा बैठक सोमवार को कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा आहूत की गई। बैठक में बताया गया कि जिला मुख्यालय पर सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम शासकीय उत्कृृष्ट उ0मा0विद्यालय के प्रागंण मंे  प्रातः 11 बजे से आयोजित किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गान प्रातः 11.20 बजे से, मुख्यमंत्री के संदेश का प्रसारण प्रातः 11.30 बजे से, तदोपरांत सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम प्रातः 11.45 बजे से प्रारंभ होगा। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजन की जाने वाली व्यवस्थाओं के परिपेक्ष्य में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक जबावदेंही सौंपी है। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ आईएएस श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा, डीपीसी श्री विनोद चैधरी समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थें।

केन्द्रीय विदेश मंत्री आज विदिशा आएंगी

केन्द्रीय विदेश मंत्री एवं स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज पांच जनवरी को विदिशा आएंगी। श्रीमती स्वराज का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार पांच जनवरी की दोपहर 1.15 बजे भोपाल से हेलीकाप्टर से प्रस्थान कर दोपहर 1.45 बजे विदिशा आएंगी और स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेने के उपरांत सायं 4.15 बजे हेलीकाप्टर से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगी।

रोशनी के निर्देश

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के अवसर पर जिले के सभी सार्वजनिक भवनों एवं राष्ट्रीय महत्व की इमारतों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए है। ततसंबंध में कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने समस्त विभागों के जिलाधिकारियों, निकायों, जनपदो के अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए है।

गणतंत्र दिवस आयोजन तैयारियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के पावन पर्व पर जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के परिपेक्ष्य में की जाने वाली तैयारियों का सोमवार को कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जायजा लिया। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने कहा कि गतवर्ष जिन-जिन अधिकारियों को जो जबावदेंही सौंपी गई थी के अनुरूप इस वर्ष भी वे पूर्वानुसार जबावदेंही का क्रियान्वयन करें। बैठक में बताया गया कि मुख्य आयोजन पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित किया जाएगा। ग्राउण्ड पर की जाने वाली तैयारियों के परिपेक्ष्य में, सांस्कृतिक कार्यक्रम  और झांकियों के आयोजन मददेनजर उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जिले में पहली बार परेड़ में शौर्य दल भी शामिल होंगे। विशेष उल्लेखनीय ख्याति अर्जित करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य पुरस्कार के लिए अपने आवेदन 18 जनवरी तक जमा कर सकते है।

भारत पर्व
गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर आयोजित होने वाला भारत पर्व के मद्देनजर की जाने वाली तैयारियों के संबंध में भी कलेक्टर द्वारा विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए है। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ आईएएस श्री दीपक आर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव सिन्हा, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थें। 

राष्ट्रीय मास्टर एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप आज से प्रारंभ

विदिशा जिला मुख्यालय पर 37वीं राष्ट्रीय मास्टर एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन जिला खेल परिसर (स्टेडियम) में पांच से नौ जनवरी तक किया गया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन और सचिव श्री रूद्रप्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उद्घाटन समारोह पांच जनवरी की दोपहर 1.30 बजे से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, अध्यक्षता खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, विशिष्ट अतिथि प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत के अलावा सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, विधायक सर्वश्री सूर्यप्रकाश मीणा, श्री कल्याण सिंह दांगी, श्री वीर सिंह पवार के अलावा काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा तथा व्यापार महासंघ विदिशा के अध्यक्ष श्री मुन्नालाल जैन शामिल होंगे।

जिला बदर के आदेश जारी

जिला मजिस्टेªट श्री एमबी ओझा ने पुलिस अधीक्षक के पालन प्रतिवेदन पर न्यायालयीन एक प्रकरण में जिला बदर के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेशानुसार अनावेदक लईक शाह पुत्र नन्नू शाह उम्र 37 वर्ष ग्राम भीला थाना मुरवास जिला विदिशा को, विदिशा सहित सीमावर्ती जिले भोपाल, रायसेन, गुना, अशोकनगर, सागर, राजगढ़ की राजस्व सीमाओं से एक वर्ष की कालावधि हेतु निष्कासित किया है। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जनवरी)

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पेंशनधारियों हेतु डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र

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भारत सरकार द्वारा वरीष्ठ नागरीकों एवं पेंशनधारीयों के लिये डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सेवा प्रारंभ की गई है जिसके तहत कोई भी नागरिक अपने आधार नम्बर का उपयोग कर डिजिटल प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। यह जीवन प्रमाण पत्र आधार नम्बर का उपयोग कर बनाया जायेगा। 

शस्त्र लाईसेंस अनुज्ञप्ति हेतु संशोधित शुल्क निर्धारित

मध्य प्रदेश शासन द्वारा शस्त्र लाईसेंस की अनुज्ञाप्ति से संबधित संशोधित शुल्क निर्धारित किया गया है। मध्यप्रदेश राजपत्र 14 दिसम्बर 2015 में प्रकाशित भारतीय स्टाम्प संशोधन विधेयक 2015 अनुसार रिवाल्वर एवं पिस्टल की अनुज्ञप्ति हेतु 5 हजार रूपये तथा रिवाल्वर एवं पिस्टल से भिन्न अन्य शस्त्र की अनुज्ञप्ति हेतु 2 हजार रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार शस्त्र लाईसेंस की नवीनीकरण हेतु भी शुल्क में संशोधन किया गया है। अब रिवाल्वर एवं पिस्टल के लाईसेंस नवीनीकरण पर 2 हजार रूपये तथा रिवाल्वर एवं पिस्तोल से भिन्न अन्य शस्त्र के लिए 1 हजार रूपये का शुल्क लगेगा।

गेहूँ की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु सलाह

किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि वर्तमान समय में जिन किसान भाईयों की गेहूॅ की फसल 18-21 दिन की हो गई है तो प्रथम सिंचाई सीआरआई अवस्था (क्राउन रूट निकलते समय) पहली सिंचाई करें। इस सिंचाई के करने से फसल अच्छी वृद्धि करती है। इसी प्रकार से जिन किसान भाईयों के खेतों में गेहॅूँ की फसल में खरपतवार जैसे गेहूं सा (फेलेरिस माइनर) जंगली जई, दूब घास, हिरन खुरी, बथुआ आदि का प्रक्रोप होता है। इन खरपतवारों के कारण गेहूँ की फसल में 30-45 प्रतिशत की हानि हो सकती है। अतः जिन किसान भाईयों के खेत में चैडी पत्ती वाले खरपतवार दिखाई दे रहे है तो 2-4 डी सोडियम लवण 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी 01 लीटर दवा 500-600 लीटर पानी में मिलाकर पहली सिंचाई के बाद स्प्रे करें। इसी प्रकार से जिन किसान भाईयों के खेत में सकरी पत्ती वाले खरपतवार दिखाई दे रहे हो तो मेटसल्फ्यूरॉन मिथाईल 20 प्रतिषत डब्ल्यू.पी 20-30 ग्राम मिली. हे.500-600 लीटर पानी में मिलाकर पहली सिंचाई के बाद स्प्रे किया जाना चाहिए। जिन किसान भाईयों के खेत में चैडी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार दिखाई दे हो तो किसान भाई सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 प्रतिषत डब्ल्यूपी फीनोन्सोप्रोप इथाइल 10 प्रतिषत ईसी दवा का मिश्रण 500-600 लीटर पानी में मिलाकर किसान पहली सिंचाई के बाद खेत में नमी रहने पर खरपतवार नियंत्रण हेतु उपयोग कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कृषि विकास अधिकारी या विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है। 

झारखंड में भाजपा विधायक का निधन

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गोड्डा, 04 जनवरी: झारखंड में गोड्डा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रघुनंदन मंडल का कल देर रात ह्दय गति रुकने से निधन हो गया। वह 55 वर्ष के थे। अाधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री मंडल कोरका स्थित अपने पैतृक आवास पर थे तभी कल रात लगभग 11 बजे उनके सीने में दर्द उठा। जिसके बाद आनन -फानन में उन्हें गोड्डा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

श्री मंडल के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा, दो पुत्र और एक पुत्री है। वह वर्ष 2014 में गोड्डा से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे। श्री मंडल के पिता सुमरित मंडल भी तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके थे। 

मृदुला सिन्हा ने अंडरवाटर साइक्लिंग टीम को दिया आशीर्वाद

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  • 6 जनवरी को पर्यावरण व स्वास्थ्य का संदेश लेकर समुद्र की गहराई में साईकिल चलाने उतरेंगे देश के युवा
  • स्वस्थ भारत अभियान की नायाब पहल

swachh-bharat-abhiyan
पणजी/नई दिल्ली, गोवा की राज्पाल महामहिम मृदुला सिन्हा ने समुद्र में साइकिल चलाने जा रहे युवाओं को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि क्लाइमेंट चेंज, नो योर मेडिसिन, बेटी-बचाओ बेटी पढाओ, ड्रग्स फ्री पंजाब जैसे सामाजिक व जनजागरूकता वाले मुद्दों पर युवाओं की यह पहल सराहनीय है। अंडर वाटर साइक्लिंग टीम को फ्लैग ऑफ करते हुए महामहिम ने कहा कि समाज को मजबूत करने के लिए बेटियों को मजबूत करना जरूरी है।

स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह की अगुवाई में गोवा पहुंचते ही अंडर वाटर साइक्लिंग टीम राजभवन में महामहिम का आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंची थी। वाटर साइक्लिंग टीम का नेतृत्व कर रहे पर्वतारोही नरिन्दर सिंह से महामहिम ने इस आयोजन के बारे में खूब बातचीत की। महामहिम से मिलने के बाद पत्रकार मित्रों से बात करते हुए स्वस्थ भारत अभियान के पर्यावरण विशेषज्ञ धीप्रज्ञ द्विवेदी ने कहा कि इस इवेंट के माध्यम से हम देश-दुनिया को स्वास्थ्य व पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का संदेश देना चाहते हैं।

गौरतलब है कि नरिन्दर सिंह की अगुवाई में 6 सदस्यीय टीम आगामी बुधवार को गोवा के ग्रांड आईलैंड से समुद्र के तल में साईकिल चलाने उतरेंगे। इस टीम में हरियाणा के तीन, पंजाब के एक, असम के एक व गोवा के दो सदस्य शामिल हैं। टीम को लीड कर रहे नरिंदर सिंह, माउंट एवरेस्ट विजेता रामलाल शर्मा व मि. इंडिया( फीजिक ) परमजीत सिंह जहां हरियाणा की मिट्टी का नाम रौशन करेंगे वहीं पंजाब पुलिस के क्राइम ब्रांच में एएसआई दलजिंदर सिंह पंजाब की खूसबू बिखेरने समुद्र में उतरेंगे, जबकि दूसरी तरफ असम से जसमुद्दीन प्रतिनिधित्व करेंगे। गोवा की ओर से मि. किथ फर्नांडिस व जेसन फर्नांडिस इस मिशन को आगे बढाने का काम करेंगे।

इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए नरिन्दर सिंह ने कहा कि महामहिम से आशीर्वाद मिलना हमलोगों के लिए गौरव की बात है। महामहिम का आशीर्वाद मिलने के बाद हमारी टीम में एक नव स्फूर्ति का संचार हुआ है।
इस पूरे आयोजन में सहयोग कर रहे एम्बे वैली के सीइओ विवेक कुमार ने युवाओं की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि देश के युवाओं की यह पहल बहुत सराहनीय है और इस तरह के आयोजनों में वे आगे भी सहयोग करते रहेंगे। इस पूरे आयोजन में जिन लोगों का सहयोग मिला उनका आभार प्रकट करते हुए स्वस्थ भारत ट्रस्ट के चेयरमैन श्री आशुतोष ने कहा कि प्रतीक टंडन, श्याम पटेल, जाएंट साइकिल के सीइओ प्रवीण पाटिल, आइडिया क्रैकर्स के संस्थापक कनिश्क कश्यप व अमिताभ भूषण सहित तमाम मित्र सहयोग कर रहे हैं। इनके बिना इस तरह का जनसंदेशात्मक एडवेंचरस आयोजन के बारे में सोच पाना भी मुश्किल है। साथ ही उन्होंने मीडिया मित्रो से मिल रहे सहयोग की भी सराहना की। गौरतलब है कि स्वस्थ भारत अभियान पिछले चार वर्षों से स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चला रहा है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जनवरी)

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नागरिक बैंक संचालक मंडल  ने दौलत भावसार का किया स्वागत

jhabua news
झाबुआ ---दि नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित झाबुआ के संचालक मंडल की बैठक में नव निर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार का पुष्पमालाआ से आत्मीय स्वागत किया गया । बंक के अध्यक्ष वरिश्ठ सहकारी नेता लक्ष्मीनारायण पाठक ने अपने प्रेरणादायी उदबोधन में कहा कि श्री भावसार छात्र जीवन से ही जनसंघ,भाजपा एवं विद्यार्थी परिषद  के सक्रिय कार्यकर्ता रहे है । उनका दीर्घकालीन कार्यकाल समर्पण एवं निष्ठा का रहा है । श्री भवसार का परिवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडा रहा है । उनके बडे भाई योगेन्द्र भावसार स्वयं सेवक के रूप  में 19 महीनों तक मीसा मे निरुद्ध रहे है । श्री भावसार भाजपा संगठन में भी अनेक पदों पर रह कर क्रियाषील रहे है । वर्षो से पत्रकार के रूप् में दैनिक स्वदेष के जिला प्रमकुख बने हुए है । भाजपा जिलाध्यक्ष का पद उनकी त्यागमय सेवा का प्रतिफल है । श्री पाठक ने उन्हे बधाई देते हुए अनेक शुभकामनाओं के साथ सर्दव मार्गदर्शन करते रहने की भावना भी जताई । श्री भावसार का पुष्पमालाओं से स्वागतकर्ताओं में बैंक के उपाध्यक्ष द्वय श्रीमती किरण शर्मा, पुरूषोत्तम प्रजापति, संचालकगण फकीरचंद राठौर,राजेन्द्र उपाध्याय ,आचार्य नामदेवच, अनोखीलाल मेहता, भेरूसिंह राठौर, राजेन्द्र उपाध्याय एवं बैंक के वरिष्ठ संचालक एवं भाजपा के  शैलेष दुबे तथा संचालक थोक भंडार के पूर्व अध्यक्ष विजय नायर ने स्वागत एवं शुभकामनाऐं दी । अपने स्वागत से अभिभूत श्री भावसार ने अपने राजनेता लक्ष्मीनारायण पाठक के चरणस्पर्श कर पुष्पमालाओं से स्वागत करते हुए कहा कि मेरा अपना भाजपा संगठन मतें कभी कोई गुट नही रहा । पार्टी ही सर्वोपरि रही है । मैं सभी नेताओं,कार्यकर्ताओं को साथ लेकर भाजपा की शक्ति मे वृद्धि के लिये कोई कसर बाी नही रखूंगा ं ं। अंत  में आभार प्रदर्षन श्री प्रजापति ने किया । वर्ष 2015 की बिदाई पर सभी ने एक साथ सहभोज किया ।

ईष माता मरियम का ग्रोटो पर्व धूमधाम से मनाया गया

झाबुआ---कैथोलिक डायसिस झाबुआ के झापादरा में ईष माता मरियम का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मां मरियम की आरती के साथ जुलुस संत माइकल ग्रोटो ताड फलिया से निकाला गया। जुलुस में युवक युवतियां ढोल मांदल के साथ नृत्य करते हुए संत माइकल स्कूल प्रांगण पहुंचे जहां मिस्सा पूजा समारोह प्रारंभ हुआ मिस्सा पूजा के मुख्य याजक एवं प्रवचक बिषप डाॅ. बसील भूरिया ने तीन हजार से अधिक समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार छोटा बच्चा अपनी मां की गोद में अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है उसी प्रकार हम भी यदि पूरे विष्वास, भरोसे के साथ मां मरियम से जो निवेदन करेंगे मां वही हमें अपने पुत्र के द्वारा प्रदान करेगी। मां के इस मानव जाति के प्रति मातृत्व प्रेम के कारण हम बडी भक्ति एवं आषा लिये इस मां के दरबार में आये है अनेक स्थानों पर मां के ग्रोटो एवं प्रतिमा स्थापित की गई है, जो मां मरियम के अपार प्रेम को दर्षाता है। माता मरियम को ईष्वर का अनुग्रह प्राप्त था इस कारण वे ईष्वर की मां बनने का अनुग्रह को प्राप्त करते ईष्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें। मां हमें हर दुखी, परेषानी एवं आवष्यकता में हमारी सहायता प्रदान करती है। मिस्सा जपूा में बिषप डाॅ. बसील भूरिया, फादर पौल निनामा आमलीपाडा ( राजस्थान ), अनिल केरकेटा गोपालपुरा के साथ अन्य पंद्रह पुरोहितों ने भाग लिया। मिस्सा पूजा पूर्व कैथोलिक चर्च के संचालक फादर आलोक मिंज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में बाईबिल पाठ का वाचन सुधीर निनामा एवं श्रीमती रीता मकन डामोर ने किया। समारोह में भक्ति गीतों की सुमधुर प्रस्तुति जेवियर चरपोटा, सुधीर निनामा, राजू कटारा एवं षांतिलाल मेडा ने दी। अनिल निनामा ने समारोह का संचालन किया व आभार पल्ली परिशद सचिव बेंजामिन चरपोटा ने समस्त सहयोग देने वाले समाजजनों तथा पुलिस प्रषासन को सुरक्षा प्रदान करने हेतु धन्यवाद व आभार माना। उक्त जानकारी कैथोलिक डायसिस के पीआरओ फादर रोकी षाह एवं मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने दी।

आनन्द ही आनन्द बरस रहा-श्रीरामशरणम् के दरबार में

झाबुआ--- श्रीरामशरणम् समिति झाबुआ के तत्वावधान मे आयोजित 3 दिवसीय खुले सत्संग मे साधको द्वारा भाव विभोर कर देने वाले भजनो से ऐसा समां बांधा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्रीरामशरणम् मे आनन्द ही आनन्द बरस रहा है। सत्संग के दूसरे दिन का शुभारम्भ ध्यान की सभा से हुई प्रातः 9 से 10 बजे गीता पाठ,दोपहर 3 से 4 मे अमृतवाणी संर्कीतन,सांयकाल सामायण पाठ का आयोजन हुआ, जिसमे बड़ी संख्या मे धर्म प्रेमी सज्जन भाग ले रहे है। सत्संग के अन्तिम दिन मंगलवार के प्रातः 7 से 8 बजे तक ध्यान,भजन-संर्कीतन, प्रातः 9 से 10 गीता पाठ, प्रवचन, दोपहर 12ः30 से 2ः30 मौन, दोपहर 3 से 4 अमृतवाणी संर्कीतन एवं समापन होगा। श्रीराम अमृतवाणी एक अवतरित ग्रन्थ है।जिसे प्रतिदिन गाने व राम-राम को मन मे बसा लेने से सभी प्रकार के संकटो का निवारण हो जाता है और व्यक्ति के चारों और शुभ का संचार हो जाता है।

युवा दिवस‘‘ के उपलक्ष्य मे 12 जनवरी को सामूहिक सूर्य नमस्कार होगा

झाबुआ---राज्य षासन के निर्देषानुसार स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस 12 जनवरी 2016 युवा दिवस के उपलक्ष्य में जिले की सभी षैक्षणिक संस्थाओं महाविद्यालयों, पंचायतों तथा आश्रम शालाओं आदि में 12 जनवरी को प्रातः 11 बजे से 12.30 बजे तक सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में स्वयंसेवी संगठनों तथा आम लोंगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जिले की संस्थाओं को विशिष्ट प्रयास किये जाकर इस आयोजन के प्रति जनसामान्य में चेतना जागृत करने व उसके स्वरूप को विगत वर्षो की अपेक्षा और अधिक व्यापक बनाये जाने हेतु कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित अधिकारियों को कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने आवश्यक निर्देश दिये।

रेडियो पर होगा प्रसारण
सामुहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था रेडियों के सभी प्राईमरी चेनल एवं विविध भारती से होगी।  मुख्यमंत्री जी का प्री-रिकार्डेड संदेश कार्यक्रम प्रसारित किया जायेगा। सामूहिक सूर्य नमस्कार के पूरे समय तक जिले के सभी आयोजन स्थलों पर रेडियों चलाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु संबंधित संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया गया।

ये रहेगा कार्यक्रम
सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए 12 जनवरी 2015 को प्रातः 11 बजे से एकत्रीकरण तथा उद्घोषक द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम की भूमिका का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। प्रातः 11.20 बजे राष्ट्रीयगीत -वन्देमात्रम का सामूहिक गायन होगा। मुख्यमंत्रीजी का संदेश प्रातः 11.30 बजे, प्रसारित होगा। सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम प्रातः11.45 बजे से प्रांरभ होगा एवं 12.30 बजे तक चलेगा। दोपहर 12.30 बजे आभार प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम का समापन होगा।

कक्षा 5 वी से महाविद्यालय तक के छात्र होगे शामिल
इस आयोजन में कक्षा 5 वी से 12 वी तक के तथा महाविद्यालयीन विद्यार्थी शामिल होगे। इसमें किसी भी संस्था अथवा छात्र/छात्रा का भाग लेना पूर्णतः स्वैच्छिक होगा और इस हेतु किसी प्रकार की आध्यता नही है। किन्तु स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार बहुत लाभदायक है। अतः विद्यार्थी सहित आमजन भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वास्थ्य लाभ ले। बैठक में एडीएम श्री दिलीप कापसे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैेधरी सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।

क्या है सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार भारतीय योग परंपरा का अभिन्न अंग हैं यह विभिन्न आसन मुद्रा और प्राणायाम का वह समन्वय है जिससे षरीर के सभी अंगों उपांगो का पूर्ण व्यायाम होता है। सूर्य नमस्कार बारह स्थितियों से मिलकर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में 12 स्थितियों को क्रम से दोहराया जाता है। सूर्य नमस्कार नामक यह आयाम 7 आसनों का समुच्चय है।

पहला आसनः- प्रार्थना की मुद्रा, प्रार्थना मुद्रा एकाग्र एवं षांत अवस्था लाता है तथा रक्त संचार को सामान्य करता है।
दूसरा आसनः-हस्त उत्तानासन यह आसन उदर की अतिरिक्त चर्बी को हटाता है और पाचन को सुधारता है। इससे फेफडे पुश्ट होते है, भुजाओं और कंधो की मांसपेषियों का व्यायाम होता है।
तीसरा आसनः- पदहस्तासन,यह आसन पेट व आमाषय के दोशों को दूर करता है। कब्ज को हटाने में सहायक है। रीढ को लचीला बनाता है एवं रक्त संचार में तेजी लाता है। रीढ के स्नायुओं के दबाव को सामान्य बनाता है।
चौथा आसनः- अष्व संचालनालय उदर के अंगों की मालिष कर कार्य प्रणाली को सुधारता है। इससे पेैरो की मांसपेषियों को षक्ति मिलती है।
पांचवा आसनः- पर्वतासन भुजाओं एवं पैरो के स्नायुयों एवं मांसपेषियों को षक्ति प्रदान करता है। मस्तिश्क को क्रियाषील बनाता है।
छठवा आसनः- अश्टांग नमस्कार यह आसन पेैरो और भुजाओं की मांसपेषियों को षक्ति प्रदान करने के साथ ही सीने को विकसित करता है।
सातवां आसनः- भुजंगासन यह आसन पेट संबंधी रोगो को ठीक करने में उपयोगी है साथ ही रीढ के प्रमुख स्नायुओं को नयी षक्ति मिलती है। दमा, ब्रोन्काइटिस इत्यादि रोगो को दूर करने में भी उपयोगी होता है। सूर्य नमस्कार में बारह स्थितियाॅ होती है। षेश पांच स्थितियां क्रमषः पर्वतासन,अष्व संचालनासन, पाद हस्तासन, हस्त उत्तानासन एवं प्रार्थना की मुद्रा आसन का दोहराव है। सूर्य नमस्कार के साथ ही प्रणायम भी करवाया जाएगा।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम
  • मस्त्रिका प्राणायाम एवं
  • भ्रमरी प्राणायाम

जिला स्तर पर षासकीय उत्कृश्ट विद्यालय झाबुआ में  सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में अधिकारी एवं विद्यार्थियों द्वारा सूर्य नमस्कार एवं प्रणायाम किया जाएगा। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने सभी शासकीय सेवकों एवं आमजनों को अपने निकट की शैक्षणिक संस्था में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आहवान किया है।

गणतंत्र दिवस पर सम्मानित होने वाले शासकीय सेवकों एवं विद्यार्थी, गणतंत्र दिवस के संबंध में बैठक संपन्न

झाबुआ---आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष झाबुआ में गणतंत्र दिवस की तैयारियों से संबंधी बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने की। बैठक में सभी विभाग प्रमुखों को गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए दायित्व सौपे गये। बैठक में कलेक्टर डाॅ.अरूणा गुप्ता ने बताया कि 26 जनवरी को काॅलेज ग्राऊण्ड मैदान झाबुआ में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जायेगा। समारोह में प्रातः काल मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि 15 जनवरी 2016 से परेड के लिए रिहर्सल पुलिस लाइन परेड ग्राउण्ड पर प्रातः 8 बजे से आयोजित की जाएगी। पीटी की तैयारी खेल विभाग एवं आदिवासी विकास विभाग द्वारा करवाई जाएगी। 

सांस्कृति कार्यक्रम का चयन समिति द्वारा होगा
गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले सांस्कृति कार्यक्रमांे का चयन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। समिति में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य शासकीय शहीद चंन्द्रशेखर आजाद महाविद्यालय झाबुआ शामिल रहेगे।

झांकी का होगा प्रर्दशन
कार्यक्रम स्थल पर शासकीय विभगों द्वारा शासन की योजनाओं एवं शासन की उपलब्धियों से संबंधित झांकी का प्रदर्शन भी किया जाएगा। सभी विभागो को झांकी निकालने के लिए कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने निर्देशित किया।
सभी ओडीएफ पंचायतों के सरपंच सचिव होगे पुरस्कृत
गणतंत्र दिवस के अवसर परउत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवक, विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थाओं सहित जिले की सभी ऐसी ग्राम पंचायतों के सचिव सरपचों को भी पुरस्कृत किया जाएगा जिन ग्राम पंचाततों को खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया है। पुरस्कार के लिए चयन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। बैठक में कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने प्रभात फेरी समय पर करवाने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एवं सभी प्राचार्यो, प्रधानाध्यापकों को दायित्व सौपा गया। समारोह स्थल की तैयारी का कार्य करने के लिए लोक निर्माण विभाग, नगरपालिका एवं फारेस्ट, उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया गया। समारोह स्थल पर पेयजल व्यवस्था का कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगरपालिका को सौपा गया। समारोह स्थल पर बैठक व्यवस्था का कार्य एस.डी.एम झाबुआ को सौपा गया। सभी कार्यालय प्रमुख 25 जनवरी 2015 की रात्रि को शासकीय कार्यालय पर विद्युत व्यवस्था करे एवं 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज को गरिमा मय स्थिति में फहराये। ध्वज को सूर्यास्त होने से पूर्व पूर्ण सम्मान के साथ उतरवाये। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री संजय तिवारी एडीएम श्री दिलीप कापसे, मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी सहित संबंधित शासकीय सेवक उपस्थित थे।

भारत पर्व का होगा आयोजन
26 जनवरी की शाम को 7.00 बजे से भारत पर्व का आयोजन राजवाडा चैक झाबुआ में किया जाएगा। भारत पर्व का आयोजन शासन के निर्देशानुसार करने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को दायित्व सौपे गये। भारत पर्व में संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा चयनित कलाकारो द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।

ग्राम चैपाल के निर्देशो का तत्काल निराकरण करे-- कलेक्टर
  • समयावधि पत्रो की बैठक संपन्न

झाबुआ----सभी कार्यालय प्रमुख ग्राम पंचायतों में चैपाल के दौरान प्राप्त होने वाले आवेदनों  एवं मांग पर तत्काल कार्यवाही करे। चैपाल के दौरान ग्रामीणो द्वारा मौखिक रूप से ही मांग की जाती है उसे ही आवेदन मानकर कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही करे जो विभाग प्रमुख कार्यवाही नहीं करते है उनके विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। उक्त निर्देश कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में अधिकारियो को दिये। बैठक में एडीएम श्री दिलीप कापसे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी सहित जिला अधिकारी एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे। सभी अधिकारी सी एम हेल्पलाइन के प्रकरणो को प्रतिदिन मानीटर करे एवं प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता पर करवाये। सभी एसडीएम यह सुनिश्चित करे कि सभी सूखा पीडित किसानों के बैंक खातों की सूची सीसीबी बैंक को उपलब्ध हो जाये एवं महाप्रबंधक सीसीबी बैक किसानो के बैंक खातों में राशि जमा करना सुनिश्चित करे। इसके लिए जितना अमला आवश्यक हो लगाये। कार्य दो दिवस में पूर्ण करवाये। जिले में शिक्षा गुणवत्ता ठीक करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास यह सुनिश्चित करे कि सभी शिक्षकों द्वारा विद्यार्थी का होमवर्क चेक हो जाये जहां बच्चें गलती करते है उन्हें बताया जाये एवं सुधार करवाये जाये। इस कार्य हेतु बीईओं, बीआरसी एवं सीएसी को दायित्व दिया जाये।

शौचालय निर्माण कार्य 60 नहीं, तो जनवरी माह का वेतन भी नहीं
बैठक में कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने अधिकारियों को आवंटित ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण कार्य की अधिकारी वार समीक्षा की एवं सभी जिला अधिकारियों को जनवरी माह के लिए 60-60 शौचालन निर्माण का लक्ष्य दिया। जिन अधिकारियों द्वारा शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं किया जाएगा। उनका जनवरी माह का वेतन आहरण नहीं करने के लिए जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया

मण्डी सचिवों पर मण्डी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी
बैठक में कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि सभी मण्डियों में मण्डी एक्ट के निर्देशानुसार व्यवस्थाएॅ सुनिश्चित करे, यदि मण्डी सचिव द्वारा व्यवस्थाएॅ सुनिश्चित नहीं की जाती है, तो सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अधिकारी अपने निरीक्षण के दौरान आंगनवाडी का भी निरीक्षण करे और व्यवस्थाएॅ देखे। जिस आंगनवाडी पर बर्तन नहीं पाये जाये स्पेशल रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध करवाये। बैठक में विभागवार लंबित समयावधि पत्रों, जनसुनवाई, जनशिकायत की विभागवार समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। बैठक में एडीएम श्री दिलीप कापसे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी सहित जिला अधिकारी एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे।

ग्राम डूमपाडा में हुई वन-टू-वन चर्चा, डूमपाडा के 22 व्यक्तियों के वनाधिकार दावे गलत होने से अमान्य

झाबुआ---कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने 3 जनवरी रविवार को ग्राम डूमपाडा में चैपाल लगाकर एक-एक योजना के बारे में ग्रामीणों से चर्चा की एवं शेष बचे हितग्राहियों को योजना का लाभ देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। राजस्व की जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों के कब्जे 15 दिवस में अतिक्रामक के घर नोटिस चस्पा कर अतिक्रण हटाने के निर्देश पटवारी को कलेक्टर ने दिये। ग्रामीणो ने सिंचाई के लिए तालाब की मांग की ग्रामीणो की मांग पर संचिव को मनरेगा अंतर्गत तालाब बनवाने के निर्देश दिये। ग्राम डूमपाडा के 22 व्यक्तियों ने वनाधिकार अधिनियम के लिए जनसुनवाई में जिला स्तर पर कलेक्टर को आवेदन दिया था। जिला स्तरीय समिति के सदस्य कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता डीएफओं श्री उचाडिया सहायक आयुक्त आदिवासी श्रीमती शकुन्तला डामोर, सीईओ जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी एसडीएम श्री अली ने मौंके पर जाकर देखा। समिति सदस्यों ने पाया कि उक्त 22 व्यक्तियों द्वारा वनभूमि पर खेती नहीं की जा रही है। समिति के निर्णय अनुसार सभी दावे अमान्यकर ग्रामीणों को मौके पर ही सूचित कर दिया गया।

संचिव होगा निलंबित
सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत बने भवन में 2010-11 में निर्माण के दौरान मेटरियल सप्लाई का 13 हजार रूपये का भुगतान नहीं होने की शिकायत गाॅव के सप्लायर ने की। सीईओं जिला पंचायत ने पूर्व सचिव को बुलाकर भुगतान करने के निर्देश दिये। भुगतान नहीं करने पर पूर्व सचिव को निलंबित करने के निर्देश एडीसनल सीईओ को दिये। चैपाल में ग्रामीणो ने पात्रता पर्ची नहीं मिलने की शिकायत की। पात्रता पर्ची के संबंध में कार्यवाही कर तीन दिवस में पात्रता पर्ची देने के निर्देश संचिव को दिये गये। ग्रामीणो ने खेतों पर डीपी एवं नाले पर पुलिया बनवाने की मांग की। आईटीडीपी विभाग से कार्यवाही के निर्देश दिये गये। ग्रामीणो ने धनजी फलिया, खुमान फलियां गलिया फलिया, में हेण्ड पम्प की मांग की। ई.ई. पीएचई को हेण्डपम्प खनन करवाने के निर्देश दिये। ग्राम डूमपाडा में आंगनवाडी केन्द्र पर दो माह से दूध नहीं मिलने की शिकायत की। गाॅव में दूध पाउच नियमित पहुॅचाने के लिए कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने निर्देश दिये।

जनवरी माह में 12 ग्राम पंचायतों में लगेगी कलेक्टर की चैपाल, प्रशासनिक अधिकारी सुनेगे समस्याएॅं

झाबुआ---योजनाओं का लाभ लेने के लिये ग्रामीणों को अब जिला अधिकारियो एवं शासकीय कार्यालयो के चक्कर नहीं लगाने पढेगे। जिले में अब गाॅव-गाॅव जाकर हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देने के लिए सभी शासकीय विभागो के अधिकारी एक साथ एक दिन एक ही गाॅव में उपस्थित होकर गामीणों की समस्याएॅ सुनेगे, उनसे आवेदन प्राप्त कर उनके आवेदनो का निराकरण करेगे। यदि ग्रामीणो की मांग के अनुसार लाभान्वित करने में समय लगेगा। तो इसके लिए 30 से 40 दिन की डेट लाइन निर्धारित कर दी गई है। चैपाल में जनप्रतिनिधि विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य भी उपस्थित रहेगे। भ्रमण कार्यक्रम के लिए कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने विकासखण्ड वार तिथि  निर्धारित की है। भ्रमण की जाने वाली ग्राम पंचायत का चयन भ्रमण के दिन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। चैपाल में हितग्राही मूलक योजनाओं के कार्य, मनरेगा योजना मे सामुदायिक काम, हितग्राही मूलक निर्माण कार्यो में मूल्याकंन एवं मूल्याकन अनुरूप राशि भुगतान पेंशन योजनाओं में हितग्राहियों को राशि का भुगतान हो रहा है या नहीं, खाद्यान्न वितरण हेतु पात्रता पर्ची, गाॅव में नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणो का समय सीमा में निराकरण हो रहा है या नहीं की जानकारी ली जावेगी एवं प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 07 जनवरी को विकासखण्ड रानापुर के गाॅव में प्रातः 11 बजे से, 11 जनवरी को विकासखण्ड मेघनगर में दोपहर 2.00 बजे से, 12 जनवरी को विकासखण्ड थांदला में दोपहर 2.00 बजे से, 13 जनवरी को विकासखण्ड झाबुआ में प्रातः 11 बजे से, 14 जनवरी को विकासखण्ड रानापुर में प्रातः 11.00 बजे, 15 जनवरी को विकासखण्ड झाबुआ में प्रातः 11 बजे से, 18 जनवरी को विकासखण्ड मेघनगर में दोपहर 2.00 बजे से, 19 जनवरी को विकासखण्ड थांदला में दोपहर 2.00 बजे से, 20 जनवरी को विकासखण्ड पेटलावद में प्रातः 11 बजे से, 27 जनवरी को विकासखण्ड रामा में प्रातः 11 बजे से, 28 जनवरी को विकासखण्ड पेटलावद में प्रातः 11.00 बजे से, 29 जनवरी को विकासखण्ड रामा में प्रातः 11 बजे से ब्लाक द्वारा चयनित ग्राम पंचायत में अधिकारियों द्वारा चैपाल लगाकर समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

आदिवासी विकास विभाग के डिप्टी कमिश्नर जिले के भ्रमण पर

झाबुआ --- शिक्षा गुणवता सुधार हेतु डिप्टी कमिश्नर आदिवासी विकास विभाग श्री सुधीर कुमार जैन ने आज 4 जनवरी को जिले के ग्राम पाडलघाटी, मोहनकोट, रायपुरिया कन्या आवासीय परिसर पेटलावद बालक उत्कृष्ट पेटलावद, हाई स्कूल खरडूबडी सेमलिया बडा का निरीक्षण किया। एवं गुणवता सुधार के निर्देश दिये। विगत वर्ष 2015 में बोर्ड परीक्षा में जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम रहा उनकी समीक्षा बैठक 5 जनवरी को प्रातः 10 बजे से उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ में श्री जैन द्वारा ली जाएगी। भ्रमण के दौरान उनके साथ सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शकुन्तला डामोर एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे।
डिप्टी कमिश्नर आदिवासी विकास श्री जैन जिले के दो दिवसीय भ्रमण पर है।

आयशर के निचे दबने से मोत 

झाबुआ---आयशर क्र0 जीजे-18-एक्स-9628 के चालक ने तेज गति व लापरवाहीपूर्वक अपने वाहन को चलाकर लाया व पलटी खिला दिया, जिससे दोनों मो0सा0 सवार वाहन के नीचे दबने से निशारूद्दीन पिता सिराजुदद्ीन अंसारी, उम्र 57 वर्ष निवासी झाबुआ की मुत्यु हो गयी। राकेश भुरिया को गंभीर चांेट आयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 08/16, धारा 279,337, 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आम रास्ता रोकने पर नो के विरूद्व प्रकरण पजीबद्व

झाबुआ--- फरियादी वाहन चालक बाबु पिता रूमाल गुण्डिया, निवासी मोद, आरोपी कालु पिता भल्लु बारिया, निवासी वडलीपाडा, आरोपी विमल पिता रतनसिंह मावी, निवासी सेमलिया, आरोपी हिम्मत पिता बापु परमार, निवासी झीरावदिया, आरोपी नेका पिता केगु गामड, निवासी कालीदेवी, आरोपी रमेश पिता वेस्ता डामोर, निवासी टिकडी खेड़ा, आरोपी राजेश पिता परमु मोहनिया, निवासी झाबुआ, आरोपी वकील पिता उमा गणावा, निवासी भगोर, आरोपी राकेश पिता जयमाल मावी, निवासी कालीदेवी ने अपने वाहनों को जानबुझकर सवारियों को लटका कर ले जा रहे एवं बीच सडक पर खडा कर परिवहन में बाधा पहुॅचा रहे थे। कुल 09 वाहन चालकों पर अपराध क्र0 07,09,10,11,12,13,14,15,16/16 धारा 283 भादवि में थाना कोतवाली झाबुआ में कायम किया गया ।

फांसी लगाकर की आत्म हत्या  

झाबुआ--- फरियादि प्रदीप पिता मेसु भुरिया, वार्ड बाय चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि सविता पिता मगन मेडा, उम्र 16 वर्ष निवासी दिलीप गेट झाबुआ ने अपने घर में फांसी लगा ली थी। ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना झाबुआ में मर्ग क्र0 02/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

लोगों के समर्थन से अग्नि परीक्षा में खरे उतरे : गोपाल राय

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नयी दिल्ली़,04 जनवरी, दिल्ली सरकार ने सम -विषम योजना की अग्नि परीक्षा पर खरा उतरने का आज दावा करते हुआ कहा कि दिल्ली के लोगोंं ने इसे पूर्ण समर्थन दिया और अग्नि परीक्षा पर राजधानी निवासियों की इच्छा भारी पड़ी। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने लोक निर्माण मंत्री सत्येन्द्र जैन और मेट्रो रेल के प्रमुख मंगू सिंह के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पूरी दिल्ली से जो रिपोर्ट मिली तथा स्वयं उन्होंने जायजा लिया उससे यह बिल्कुल साफ नजर आया है कि अग्नि परीक्षा पर दिल्ली वालों की इच्छा भारी पड़ी है। एक जनवरी से शुरू की गयी इस योजना को आज लंबे सप्ताहांत अवकाश के बाद अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था। श्री राय ने कहा कि सड़कों पर यातयात की जो स्थिति एक और दो जनवरी की थी उसी तरीके का नजारा आज भी था। योजना का उल्लंघन बाहर से आने वाली गाड़ियों ने ज्यादा किया। यातायात पुलिस आज कुछ ज्यादा सशक्त नजर आयी और चार सौ से अधिक चालान काटे। उल्लंघन करने पर दो हजार रुपये का भारी जुर्माना है। 

प्रवर्तन विभाग ने भी 150 लोगों के चालान काटे। श्री राय ने बताया कि करीब आठ सौ लोगों ने शिकायतें की। मेट्रो रेल में भी इस संबंध में पूरी तैयारी की गयी थी लेकिन पहले की तुलना में आज कम लोगों ने सफर किया। मेट्रो की निगरानी टीम सुबह से ही मुस्तैद थी। सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें वायरल हुयीं थी जिनमें राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ दिखायी गयी थी। इस पर मेट्रो रेल के प्रमुख श्री सिंह ने कहा कि किसी भी स्टेशन पर मारामारी नहीं थी और रोजाना की तरह सेवा सामान्य रूप से चली। श्री राय ने बताया कि दिल्ली परिवहन निगम की बसों में भी बहुत अधिक भीड़ नहीं थी निगम ने 34 लाख यात्रियों को ढ़ोने की क्षमता के साथ काम किया। बसों के लिए 65 टीमें बनायी गयीं थीं। आपात स्थिति से निपटने के लिए सौ बसें रिजर्व में थी लेकिन उन्हें लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। बसों को लेकर कोई शिकायत नहीं आयी कुल 7143 बसें लगायी गयीं थी। परिवहन मंत्री ने स्कूल प्रबंधन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुये कहा कि बहुत से स्कूलों ने कई कई बार अनुरोध के बावजूद बसें मुहैया नहीं करायी। कुल 1799 स्कूल बसों का पंजीकरण 408 स्कूलों का है लेकिन 125 स्कूलों की 366 बसें ही शामिल हुयीं। वादा करने के बाद भी 283 स्कूलों के 1433 बस मालिकों ने बसें मुहैया नहीं करायी। जिन स्कूलों ने वादा करने के बाद बसें मुहैया नहीं करायीं है उनके नाम सार्वजनिक किये जायेंगे लेकिन सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से योजना के लिए बस उपलब्ध कराने के मामले को कुछ स्कूल अदालत में ले गये थे। 

श्री राय ने कहा कि लोगों के सहयोग से आज का अभियान सफल रहा और मेट्रो की भीड़ वाली तस्वीर पर उनका कहना था कि फर्जीवाड़ा न किया जाए उन्होंने कहा कि लोगों ने इस योजना को स्थायी करने का अनुरोध किया है। योजना का पालन करने लिए किसी को बाध्य नहीं करना पड़ा और एक प्रतिशत से कम लोगों ने इसका उल्लंघन किया। उनका कहना था कि लोग इसे आंदोलन के रूप में ले रहे हैं और जल्दी ही सरकार अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी। श्री राय का कहना था कि प्रदूषण को लेकर विशेषग्यों से जो बात की गयी है उसका निष्कर्ष यह है कि राजधानी के सीमावर्ती इलाकों में इस में कमी नहीं आ रही है जबकि पूरी दिल्ली में यह घट रहा है। सरकार पन्द्रह दिन का आंकलन करेगी और इसके बाद ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए ऐसी योजना बनाने का अनुरोध किया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि मेट्रो रेल सेवा में इस योजना के अमल में आने के बाद यात्रियों की भीड़भाड़ की लिहाज से आज पहला दिन था। सुबह ग्यारह बजे तक यात्रियों का आंकड़ा पिछले सोमवार जितना ही है और रात को आठ बजे और ग्यारह बजे फिर समीक्षा की जायेगी। सड़कों पर विषम नंबर की गाडियां कम दिखीं लेकिन सुबह के व्यस्त घंटों में मेट्रो रेल और सार्वजनिक परिवहन पर दबाव नजर आया। कई स्थानों पर तिपहिया चालक सवारियों से मनमाने पैसे मांगते देखे पूलिंग की । 

श्री राय की नैनो कार से मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन कार पूलिंग कर दिल्ली सचिवालय पहुंचे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जिनके पास विषम नंबर की कार है साइकिल से कार्यालय आये। शनिवार को भी उन्होंने साइकिल से यात्रा की थी। पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली परिवहन निगम की बसों का इस्तेमाल किया। श्री मिश्रा ने ट्वीट कर कहा “ आज सुबह यातायात व्यवस्था ठीक रही।” समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार सम नंबर की कार होने के बावजूद सिविल लाइन स्थित अपने निवास से कश्मीरी गेट बस अड्डे तक पैदल आये और इसके बाद अपने विधानसभा क्षेत्र जाने के लिए निगम की बस का इस्तेमाल किया। सुबह के समय दिल्ली मेट्रो रेल सेवा में पहले की अपेक्षा काफी भीड़ दिखी। कई स्टेशनों पर यात्रियों की लम्बी- लम्बी लाइनें भी नजर आयीं। निगम की बसें भी खचाखच भरी हुई थीं । हालांकि दोपहर होते -होते स्थिति सामान्य हो गयी । कई स्थानों पर तिपहिया चालक सवारियों से अधिक पैसे मांगते देखे गये। पहले दो दिन के दौरान योजना का उल्लंघन करने पर 567 कार चालकों के चालान किये गये थे। इसके अलावा 348 तिपहिया चालकों को सवारियों को ले जाने से मना करने पर जुर्माना किया गया था।

नेपाल में भारत विरोधी वातावण फैला रही नेपाली सरकार : डा0 रघुवंश

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पटना 04 जनवरी, राष्ट्रीय जनता दल ने नेपाल सरकार पर अपने देश के अंदर भारत विरोधी वातावरण फैलाने का आरोप लगाते हुए नये संविधान में संशोधन कर आंदोलनरत मधेसियों को उचित स्थान देने की मांग की है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा0 रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेपाल में करीब पांच माह से मधेशी आंदोलन कर रहे है और इस दौरान वहां मधेशियों और पहाड़ियों के बीच घृणा उत्पन्न हो रही है । आंदोलन के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार चौपट हो गया है । उन्होंने ने नेपाल सरकार से संविधान में संशोधन कर मधेशियों को उचित स्थान देने के साथ ही दोनों देशों को कटुता भुलाकर समरसता बनाने का भी अनुरोध किया । श्री सिंह ने कहा कि भारत के खिलाफ नेपाल सरकार अपने यहां दुष्प्रचार कर रही है । दोनों देशों के बीच सौहार्द वातावारण को बिगाड़ने का खेल कर रही है । उन्होंने चीन पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि चीन अपना प्रभाव क्षेत्र नेपाल में फैलाने को तत्पर है । नेपाल भी चीन से रिश्ता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है । 

राजद नेता ने कहा कि मधेसी आंदोलन के बाद से भारत -नेपाल सीमा पर तस्करी में बेतहाशा वृद्धि हो रही है । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मधेसी आंदोलन को कमजोर करने के लिये नेपाल सरकार तस्करी को बढ़ावा दे रही है । उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार को मधेसी आंदोलन को समाप्त करने के लिये सार्थक पहल करना चाहिए । उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आंदोलन का और अधिक लंबा खीचना दोनों देश के लिये खतरनाक साबित हो सकता है । श्री सिंह ने कहा कि भारत -नेपाल का रिश्ता बेटी-रोटी का रिश्ता है । उन्होंने कहा कि भारत के 24 लाख बेटे-बेटियों की शादी नेपाल में हुयी है । नेपाल के नये संविधान के तहत इन लोगों को नेपाल में दोयम दर्जे का नागरिकता दिया गया है जिसे समाप्त करने के लिये मधेशी नेपाल में आंदोलन कर रहे है । आबादी के अनुपात में मधेशियों को संविधान में स्थान नहीं दिया गया है । 

एक सवाल के जवाब में राजद नेता ने कहा कि चीन अपना प्रभाव नेपाल में बढ़ाना चाह रहा है । उन्होंने कहा कि चीन यदि नेपाल को मुफ्त पेट्रोल समेत पेट्रोलियम पदार्थ मुहैया कराता है तो भी वह भारत के मुकाबले कई गुना महंगा होगा । क्योंकि चीन से नेपाल लाने का पेट्रोलिम पदार्थ का यातायात खर्च काफी महंगा होगा । संवाददाता सम्मेलन में राजद के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामचन्द्र पूर्वे , प्रधान महासचिव मुन्द्रिका यादव समेत अन्य नेता उपस्थित थे। 

सुशील मोदी जा सकते हैं राज्यसभा, महागठबंधन का उम्मीदवार अभी तय नहीं

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पटना 04 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा भेजने का मन बना लिया है लेकिन राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने अभी अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है । बिहार से राज्यसभा की पांच सीट जुलाई में रिक्त होने वाली है और वर्तमान गणित के अनुसार भाजपा सिर्फ अपने एक प्रतिनिधि को ही राज्यसभा भेज सकती है । शेष चार सीटें महागठबंधन के खाते में जायेगी। इनमें से दो राज्यसभा सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल:राजद: अपना प्रतिनिधि आसानी से भेज सकता है । भाजपा सूत्रों के अनुसार राज्यसभा की रिक्त हो रही सीटों में से एक पर श्री मोदी को उपरी सदन में भेजने की तैयारी हो रही है। श्री मोदी ने 25 वर्ष के अपने राजनीतिक जीवन का अधिकाशं समय बिहार की राजनीति पर केन्द्रित रखा है । श्री मोदी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव जीतकर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा लेकिन करीब डेढ़ वर्ष के अंदर ही वापस राज्य की राजनीति में लौट आये और 2005 में बिहार के उप मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी संभालने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था । 

श्री मोदी वर्ष 2006 से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और फिलहाल वह परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं। श्री मोदी का कार्यकाल वैसे तो 05 जून 2018 को समाप्त हो रहा है लेकिन पार्टी चाहती है कि श्री मोदी के लंबे राजनीतिक और सरकार में काम करने के अनुभवों का लाभ राष्ट्रीय स्तर पर मिले । सूत्रों की मानें तो बिहार विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद राज्यसभा के होने वाले चुनाव में श्री मोदी के चुने जाने के बाद उन्हें नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है । राष्ट्रीय स्वयं सेवक से गहरे तौर पर जुड़े श्री मोदी पिछड़ी जाति से हैं और इनका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल, असम और उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए किया जा सकता है । 

दूसरी ओर महागठबंधन के लिए चार उम्मीदवारों के नाम तय करने में थोड़ी कठिनाई नजर आ रही है । विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से राजद अपना दो प्रतिनिधि आसानी से राज्यसभा भेज सकता है। राजद सूत्रों के अनुसार पार्टी ने इसके लिए श्री लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा भारती और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम लगभग तय कर लिया है जबकि अन्य दो सीट के लिए जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस के बीच फैसला होना है। कांग्रेस के समर्थन से ही जदयू के दो प्रतिनिधि राज्यसभा जा सकते हैं । गौरतलब है कि 243 बिहार विधानसभा में राजद के 80 ,जदयू के 71 ,भाजपा के 53 , कांग्रेस के 27 , लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 02 ,हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के एक-एक , भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी के 03 और चार निर्दलीय सदस्य हैं । 

लालू पर्दे के पीछे से चला रहे है सरकार : सुशील मोदी

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पटना 04 जनवरी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि राज्य में सत्ता के दो केन्द्र बन गये हैं और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ठीक उसी तरह से शासन चला रहे हैं जिस तरह से केन्द्र की डा. मनमोहन सिंह सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चलाती थीं । श्री मोदी ने कहा कि बिहार में अपराध बढ़ने को लेकर चार दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत देने वाले श्री यादव रविवार को अचानक इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस :आई जी आई एम एस: का निरीक्षण करने पहुंच गए । श्री कुमार को बताना चाहिए कि श्री यादव ने किस हैसियत से आईजीआईएमस का निरीक्षण किया और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया । भाजपा नेता ने कहा कि क्या इससे यह साबित नहीं हो रहा है कि बिहार में सत्ता के दो केन्द्र बन गए हैं। श्री नीतीश कुमार के सिर पर ताज और श्री लालू प्रसाद यादव का राज चल रहा है । उन्होंने कहा कि इससे बेहतर तो यह होता कि श्री कुमार श्री यादव को ‘सुपर सीएम’ का दर्जा देकर उन्हें ठीक उसी तरह सलाहकार परिषद का चेयरमैन बना लें जिस तरह से तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने श्रीमती सोनिया गांधी को बना लिया था। 

श्री मोदी ने कहा कि श्री यादव का बेटा सूबे का स्वास्थ्य मंत्री है जो विधानमंडल में बीमारी का बहाना बना कर सवालों के जवाब देने से बचते हैं और बेटा की जगह श्री यादव आईजीआईएमस का निरीक्षण कर वहां के निदेशक तथा विभागीय प्रधान सचिव को निर्देश देते हैं । उन्होंने कहा कि यदि श्री यादव का बस चले तो वे कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करने भी चले जाए । भाजपा नेता ने कहा कि सच्चाई यह है कि श्री यादव मुख्यमंत्री श्री कुमार को जहां कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विफल साबित कर रहे हैं वहीं सरकार के कार्यों में सीधा हस्तक्षेप कर उन्हें उनकी हैसियत भी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री यादव श्री कुमार को केवल नसीहत ही नहीं दे रहे हैं बल्कि बार-बार उन्हें 80 विधायकों का सुप्रीमो और ‘बड़े भाई’ होने का अहसास भी करा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि इससे बड़ी हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है कि अपने 15 साल के लम्बे शासनकाल के दौरान बिहार को ‘अव्यवस्था’ का पर्याय बनाने वाले श्री यादव आज कानून-व्यवस्था, सुशासन और अपराध नियंत्रण का गुर सीखा रहे हैं । उन्होंने कहा कि श्री यादव को बड़े भाई मान चुके श्री कुमार को अब उन्हें अपना ‘गुरु’ भी मान लेना चाहिए। 

विशेष आलेख : बाजार में बोतलबंद हवा

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व्यावसायिक बुद्धि और नवोन्मेश की ललक हो तो बाजार में उम्मीदों के नए-नए द्वार आसानी से खुल जाते हैं। वैसे भी संभावनाओं का कभी अंत नहीं होता। वाकपटु लोग गंजों को भी कंघी बेचने में कामयाब हो जाते हैं। कनाडा की कंपनी ‘वाइटैलिटी एयर बैंफ एंड लेक‘ने कुछ ऐसा ही अनूठा करिष्मा कर दिखाया है। कंपनी ने वनाच्छादित पहाड़ों और जंगलों की हवा को बोतलबंद पानी की तरह बेचने का धंधा षुरू किया है। बोतल में बंद हवा बेचने का यह अवसर दुनिया में बढ़ते वायु प्रदुशण ने दिया है। दूशित हवा से बेचैन और पीडि़त लोग इसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं। महानगरों में बढ़ता वायु प्रदुशण,दूशित औद्योगिक कचरे और कारों से उगलते धुंए को माना जा रहा है। औद्योगिक घरानों के दबदबे के चलते औद्योगिक उत्पादन घटाना तो मुष्किल है,ऐसे में कारोबारियों को बोतलबंद हवा के रूप में नया सुरक्षा कवच मिल गया है। जाहिर है,भारत समेत दुनिया के कई महानगरों में कारों पर नियंत्रण की जो मुहिम षुरू हुई है,उसे धक्का लग सकता है। इसके उलट यही कारोबारी कार के साथ हवा की बोतलें बतौर उपहार देने का फंडा भी षुरू कर सकते हैं। मसलन बाजार में कारों के साथ हवा का बाजार तो बढ़ेगा,किंतु इस महंगी हवा को खरीदकर इस्तेमाल करना गरीब के वष की बात नहीं है।
ब्रह्मण्ड में पृथ्वी एक मात्र ऐसा गृह है,जहां वायु होने के कारण जीवन संभव है। वायु में नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक 21 प्रतिषत होती है। इसके अलावा आॅक्सीजन 0.03 प्रतिषत और अन्य गैसें 0.97 प्रतिषत होती हैं। वैज्ञानिकों के आकलन के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल में करीब 6 लाख अरब टन हवा है। हवा,पृथ्वी,जल,अग्नि और आकाष जैसे जीवनदायी तत्वों में से एक तत्व है। कोई भी प्राणी भोजन और पानी के बिना तो कुछ समय तक तो जीवित रह सकता है,लेकिन हवा के बिना कुछ मिनट ही बमुष्किल जीवित रह सकता है। मनुश्य दिन भर में जो भी कुछ खाता-पीता है,उसमें 75 फीसदी भाग हवा का होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मनुश्य एक दिन में 22000 बार सांस लेता है। इस तरह से वह प्रतिदिन 15 से 18 किलोग्राम यानी 35 गैलेन हवा ग्रहण करता है। ऐसे में हवा दूशित मसलन जहरीली हो तो मानव षरीर पर उसके दुश्प्रभाव पड़ना तय है। वायु प्रदुशण के चलते वायु में भौतिक,रसायनिक या उसके जैविक गुणों में ऐसा कोई भी अवांछित परिवर्तन हो जिसके द्वारा स्वयं मनुश्य या अन्य जीवों को जीने में परेषानी अनुभव होने लगे या सांस लेने में दिक्कत आने लगे तो जान लीजिए हवा प्रदूशित हो रही है। हवा में प्रदुशण बढ़ने के साथ प्राकृतिक संपदा भी नश्ट होने लग जाती है। भारत की बात तो छोडि़ए अमेरिका जैसे सुविधा संपन्न देष में भी हर साल 32 करोड़ 50 लाख टन से अधिक मूल्य के खाद्यान्न नश्ट हो जाते हैं।
वायु के ताप और आपेक्षिक आद्रता का संतुलन गड़बड़ा जाने से हवा प्रदुशण के दायरे में आने लग जाती है। यादि वायु में 18 डिग्री सैल्सियस ताप और 50 प्रतिषत आपेक्षिक आर्द्रता हो तो वायु का अनुभव सुखद लगता है। लेकिन इन दोनों में से किसी एक में वृद्धि,वायु को खतरनाक रूप में बदलने का काम करने लग जाती है। ‘राश्ट्रीय वायु गुणवत्ता मूल्यांकन र्काक्रम‘ ;एनएसीएमपीद्ध के मातहत ‘केंद्रीय प्रदूशण मंडल‘ ;सीपीबीद्ध वायु में विद्यमान ताप और आद्रता के घटकों को नापकर यह जानकारी देता है कि देष के किस षहर में वायु की षुद्धता अथवा प्रदूशण की क्या स्थिति है। नापने की इस विधि को ‘पार्टिकुलेट मैटर‘ मसलन ‘कणीय पदार्थ‘ कहते हैं। प्रदूशित वायु में विलीन हो जाने वाले ये पदार्थ हैं,नाइट्रोजन डाईआॅक्साइड और सल्फर डाईआॅक्साइड सीपीबी द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक उस वायु को अधिकतम षुद्ध माना जाता है,जिसमें प्रदूशकों का स्तर मानक मान के स्तर से 50 प्रतिषत से कम हो। इस लिहाज से दिल्ली समेत भारत के जो अन्य षहर प्रदूशण की चपेट में हैं,उनके वायुमंडल में सल्फर डाईआॅक्साइड का प्रदूशण कम हुआ है,जबकि नाइट्रोजन डाईआॅक्साइड का स्तर कुछ बड़ा है।
सीपीबी ने उन षहरों को अधिक प्रदूशित माना है,जिनमें वायु प्रदूशण का स्तर निर्धारित मानक से डेढ़ गुना अधिक है। यदि प्रदूशण का स्तर मानक के तय मानदंड से डेढ़ गुना के बीच हो तो उसे उच्च प्रदूशण कहा जाता है। और यादि प्रदूशण मानक स्तर के 50 प्रतिषत से कम हो तो उसे निम्न स्तर का प्रदूशण कहा जाता है। वायुमंडल को प्रदूशित करने वाले कणीय पदार्थ,कई पदार्थों के मिश्रण होते हैं। इनमें धातु,खनिज,धुएं,राख और धूल के कण षामिल होते हैं। इन कणों का आकार भिन्न-भिन्न होता है। इसीलिए इन्हें वगीकृत करके अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी के कणीय पदार्थों को पीएम-10 कहते हैं। इन कणों का आकार 10 माइक्राॅन से कम होता है। दूसरी श्रेणी में 2.5 श्रेणी के कणीय पदार्थ आते हैं। इनका आकार 2.5 माइक्राॅन से कम होता है। ये कण षुश्क व द्रव्य दोनों रूपों में होते हैं। वायुमंडल में तैर रहे दोनों ही आकारों के कण मुंह और नाक के जरिए ष्वास नली में आसानी से प्रविश्ठ हो जाते हैं। ये फेफड़ों तथा हृदय को प्रभावित करके कई तरह के रोगों के जनक बन जाते हैं। आजकल नाइट्रोजन डाईआॅक्साइड देष के नगरों में वायु प्रदूशण का बड़ा कारक बन रही है।  
वैसे तो अमेरिका और मध्य पूर्व के कई देषों में हवा का कारोबार मृगछौने की तरह खूब कुलांचें मारने लगा है,लेकिन चीन के वायुमंडल में छाये वायु प्रदुशण से इसमें भारी उछाल आया है। हालत यह है कि चीन में लोग उपहार के तौर पर बोतलबंद हवा अपने रिष्तेदारों और मित्रों को देने लगे हैं। ऐसे में सोचनीय प्रष्न है कि  हवा का यह कारोबार भारत में कारगर साबित होगा ? उललेखनीय है कि विष्व आर्थिक मंच ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया के 20 प्रदूशित षहरों में 18 एषिया में हैं। इनमें भी 13 भारत में हैं। भारत में वायु प्रदूशण का सबसे बढ़ा कारण बढ़ते वाहन और उनका सह उत्पाद प्रदुशित धुंआ माना जा रहा है। हवा में घुलते इस जहर का असर केवल महानगरों में ही नहीं,छोटे नगरों में भी प्रदूशण का सबब बन रहा है। यही कारण है कि दिल्ली,लखनऊ,कानपुर,अमृतसर,इंदौर और अहमदाबाद जैसे षहरों में प्रदूशण खतरनाक स्तर की सीमा लांघने को तत्पर दिखाई दे रहा है। 

दिल्ली में लुटियंस क्षेत्र आबोहवा की दृश्टि से सबसे अधिक खुषनुमा इलाका माना जाता है,लेकिन इसी क्षेत्र में आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निवास स्थल 7 रेसकोर्स भी दूशित हवा की चपेट में है। इस आवास के बाहर पीएम ट्रैकर से प्रदूशण का स्तर हाल ही में जांचा गया तो आंकड़े हैरान करने वाले आए। यहां कणीय पदार्थ यानी पीएम की मात्रा 2000 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के ऊपर थी। जबकि दिल्ली में 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को एकदम साफ प्राकृतिक हवा का कारक माना जाता है। सेंटर फाॅर साइंस एंड एनवारमेंट की मषीन ने भी यहां प्रदूशण का स्तर औसत स्तर से करीब 14 गुना ज्यादा दर्ज किया है। साफ है,दिल्ली के वायुमंडल में जहरीली हवा तैर रही है।
केंद्रीय प्रदूशण मंडल भी देष के 121 षहरों में वायु प्रदूशण का आकलन करता है। इसकी एक रिपोर्ट के मुताबिक देवास,कोझिकोड एवं तिरूपति को अपवादस्वरूप छोड़ दें तो बांकी सभी षहरों में प्रदूशण एक बड़ी समस्या के रूप में वायुमंडल में जगह बनाता जा रहा है। इसकी वजह तथाकथित वाहन क्रांति है। जिस गुजरात को हम आधुनिक विकास का माॅडल मानकर चल रहे हैं,वहां भी प्रदूशण के हालात भयावह हैं। कुछ समय पहले टाइम पात्रिका में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के चार प्रमुख प्रदूशित षहरों में गुजरात का बापी षहर भी षामिल है। यहां 400 किलोमीटर लंबी औद्योगिक पट्टी है। इन उद्योगों में कामगर और बापी के रहवासी कथित औद्योगिक विकास की बड़ी कीमत चुका रहे हैं। बापी के भूगर्भीय जल में पारे की मात्रा विष्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों से 96 प्रतिषत ज्यादा है। यहां की वायु में धातुओं के कण बड़ी संख्या में हैं,जो फसलों पर संक्रमण का कहर ढहा रहे हैं। 

देष में फैल रही इस जहरीली हवा की पृश्ठभूमि इस बात की तस्दीक है कि यदि बोतलबंद हवा का कारोबार भारत में षुरू होता है तो इसका विस्तार दिन दूना,रात चैगूना फैलने की उम्मीद है। लेकिन इससे षंका यह उभरती है कि हवा का कारोबार कहीं प्रदूशण मुक्ति के स्थायी सामाधान के उपायों पर भारी न पड़ जाए ? इस बोतलबंद हवा की जानकारी आने से पहले दिल्ली में बड़ी कारों के पंजीयन पर रोक और एक दिन सम और दूसरे दिन विशम संख्या की कारों को चलाने की व्यवस्था षुरू हुई है। हवा को स्वच्छ बनाए रखने के ये उपाय कारगर और बहुजन हितकारी हैं। लेकिन अब कार निर्माता कंपनियां बोतलबंद हवा के जरिए षुद्ध हवा का विकल्प उपहार में देकर सरकार के समक्ष नई कारों के पंजीयन से रोक हटाने का सुझाव रख सकती हैं। क्योंकि जब दिल्ली सरकार ने सम-विशम संख्या की कारें चलाने का फाॅर्मूला पेष किया था,तब ये कंपनियां इस फाॅर्मूले को लागू करने के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय चली गई थीं। तब न्यायालय ने दलील दी थी कि ‘आपको कारें बेचने की पड़ी है,जबकि लोगों के प्राण जोखिम में हैं।‘ वैसे भी बोतलबंद हवा,वायु की षुद्धि का तात्कालिक व्यक्तिगत उपाय तो है,लेकिन वायुमंडल से प्रदूशण मुक्ति का व्यापक एवं स्थायी हल कतई नहीं है। 

कंपनी ने फिलहाल ‘बैंफ एयर‘ और ‘लेक लुईस‘ नाम से दो प्रकार की हवाबंद बोतलें बाजार में उतारी हैं। बैंफ एयर की तीन लीटर की बोतल की कीमत 20 कनाडाई डाॅलर,यानी भारतीय मुद्रा में करीब 952 रुपए है। लेक लुईस बोतल में 7.7 लीटर हवा है। इसकी कीमत 32 कनाडाई डाॅलर,मसलन 1532 रुपए है। फिलहाल भारत में इस हवा का व्यापार षुरू नहीं हुआ है,लेकिन जिस तेजी से इस कारोबार में उछाल आ रहा है,उस परिप्रेक्ष्य में तय है,देर-सबेर हवा की बोतल भारतीय बाजार का हिस्सा बन जाएगी। साफ है,इस बोतल का उपयोग धनी लोग ही कर पाएंगे।

वाइटैलिटी एयर बैंफ एंड लेक कंपनी ने 2014 में प्रयोग के तौर पर हवा भरी थैलियां बेचने की षुरूआत की थी। उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि यह पहल भविश्य में वाणिज्यिक दृश्टि से कितनी महत्वपूर्ण होने जा रही है। कंपनी के संस्थापक मोसेज लेक का कहना है कि उनके द्वारा बाजार में लाई गई थैलियों की पहली खेप तुरंत बिक गई। इससे उनके हौसले को बल मिला और फिर इस कारोबार को फुलटाइम व्यवसाय में बदल दिया। कंपनी ने हाल ही में चीन में बोतलबंद हवा का व्यापार षुरू किया है। यहां कारोबार के उद्घाटन वाले दिन ही 500 बोतलें हाथों-हाथ बिक गईं और अब अमेरिका व मध्य पूर्व के देषों के बाद चीन बोतलबंद हवा का खरीददार सबसे बड़ा देष बन गया है। भारत में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी इस जहरीली हवा के चलते कंपनी भारत में भी बाजार तलाष रही है। यदि इस हवा की आमद भारत में हो जाती है तो जिस तरह से प्रदूशित हो रहे जलस्त्रोतों को प्रदूशण मुक्त बनाने की कोषिषें नाकाम होती रही हैं,उसी तरह वायु को प्रदूशण मुक्त बनाने की संभावनाएं भी हवा के कारोबारी ठप कर देंगे। 






प्रमोद भार्गव
शब्दार्थ 49,श्रीराम काॅलोनी
शिवपुरी म.प्र.
मो. 09425488224
फोन 07492-232007, 233882
लेखक वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार हैं।

आलेख : सुख और दुःख जीवन में साथ चलते हैं

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दुनिया का हर इंसान सुख चाहता है। दुःख कोई नहीं चाहता। वह दुःख से डरता हैं इसलिए दुःख से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न करता है। मतलब दुःख को खत्म करने और सुख को सृजित करने के लिए हर इंसान अपनी क्षमता के मुताबिक हमेशा कुछ-न-कुछ करता है। सुख और दुःख धूप- छाया की तरह सदा इंसान के साथ रहते हैं। लंबी जिन्दगी में खट्ठे-मीठे पदार्थों के समान दोनों का स्वाद चखना होता है। सुख-दुःख के सह-अस्तित्व को आज तक कोई मिटा नहीं सका है। जीवन की प्रतिमा को सुन्दर और सुसज्जित बनाने में सुख और दुःख आभूषण के समान है। इस स्थिति में सुख से प्यार और दुःख से घृणा की मनोवृत्ति ही अनेक समस्याओं का कारण बनती है और इसी से जीवन उलझनभरा प्रतीत होता है। जरूरत है इनदोनों स्थितियों के बीच संतुलन स्थापित करने की, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की। रूस के महान साहित्यकार और क्रांतिकारी मैक्सिम गोर्की ने कहा है कि खुशी जब हाथ में होती है तो छोटी लगती है। उसे एक बार छोड़कर देखो और एक पल में पता लग जाएगा कि यह कितनी बड़ी और खास है। मैक्सिम गोर्की इंसानी नजरिया को स्पष्ट करते हुए आगे कहता है कि एक दुखी आदमी दूसरे दुखी आदमी की तलाश में रहता है। उसके बाद ही वह खुश होता है। यही संकीर्ण दृष्टिकोण इंसान को वास्तविक सुख तक नहीं पहुंचने देता। जबकि हमें अपने अनंत शक्तिमय और आनन्दमय स्वरूप को पहचानना चाहिए तथा आत्मविश्वास और उल्लास की ज्योति प्रज्ज्वलित करनी चाहिए। इसी से वास्तविक सुख का साक्षात्कार संभव है।

सुख उस मधुर, कर्ण प्रिय गति-सा है जिसका गुनगुनना सबको अच्छा लगता है। सुख एक ऐसा वरदान है जिसकी सभी कामना करते हैं। सभी सुख पाने को बड़े उत्सुक होते हैं परन्तु यह किसी की भी पकड़ में नहीं आता है। सुख बयार का वह झोंका है जिसके गुजर जाने का आभास तक नहीं होता है। सुख में समय कब निकल गया इसका जहां आभास तक नहीं होता है, वहीं दुःख में समय रुका, ठहरा सा लगता है। सुख कर रंग-रूप व्यक्तिगत होता है और वह जहां भी मिलता है आनन्दमय लगता है। सुख में थकान की अनुभूति संभव नहीं। सुख उस कोमल मुलायम रेशम के धागा की गांठ-सा होता है जिसको खोज पाना संभव नहीं। सुख के लिए सारा संसार भागता रहता है। सुख भ्रम है या मृगतृष्णा यह विवाद का विषय है। संसार में सुखी व्यक्ति जहां और सुखी होने को दौड़ता है वहीं जिसे सुख नहीं मिलता वह संपूर्ण जीवन सुख की प्रतीक्षा करता रहता है। सुख-दुःख जुड़वा भाई के समान है, जो सदैव एक-दूसरे के साथ ही रहते हैं। यदि आप एक की अंगुली थामते हैं तो दूसरा तुम्हारे हाथ की कुंडली अवश्य पकड़ लेता है। इस तरह सुख-दुःख एक साथ चलते रहते हैं, पर हम अपनी आंखों पर लगे पर्दे के कारण इस अंतर को, भेद को समझ नहीं पाते है, विशेष रूप से दुख को। मनुष्य दुख में इतना दुखी हो जाता है कि उसे सुख का आभास तक भी नहीं हो पाता है तथा वह सुख की तलाश करने लगता है।

प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुख की परिभाषा अलग-अलग होती है यथा दरिद्र के लिए पैसा सुख है वहीं धनवान के लिए अधिकाधिक पैसा कमाना सुख है। मृत्यु शैय्या पर पड़ा व्यक्ति मृत्यु की कामना करके सुखानुभूति करता है और युवा अपने प्रेम की सफलता व स्वयं की गाड़ी, बंगला तथा भौतिक सुविधाओं के अम्बार को सुख मानता है। पर इन सबकी प्राप्ति उपरांत भी मानव मन से सुखी न होने पर भी सुखी वही होता है। संसार में कतिपय ऐसे उदाहरण है जबकि सामान्य रूप से दुःखी दिखाई देने वाले मानसिक रूप से अत्यधिक सुखी होते हैं- यथा प्रेम दीवानी मीरा ने राजा द्वारा मारने के लिए भगवान का प्रसाद रूप भेजा विष का प्याला बड़ी प्रसन्नता से पीया और अमर हो गई। भगवान् राम के साथ वन में सीता दुःखों, अभावोपरान्त भी बड़ी सुखी थी। इसके विपरीत अन्यायी राजा कंस के पास भौतिक सुख-सुविधाओं का अम्बार होते भी कृष्ण से मृत्यु होने के कारण वह मन ही मन बड़ा ही दुःखी रहता था। वर्तमान गांधी जेल में भी जहां सुखी थे वहीं वे असत्य व हिंसा से दुःखी थे। 

दुःखी मनुष्य कल्पना की हवा देकर छोटे दुःख को भी बहुत बड़ा रूप दे देता है। वह स्वयं को संसार का सर्वाधिक दुःखी और अभागा समझने लगता है। पर, यह उसका निरा भ्रम होता है। उससे भी अधिक दुःखी और समस्याग्रस्त लोगों से संसार भरा पड़ा है। जैन मुनि राकेश ने एक नई दृष्टि देते हुए लिख है कि सुखी और दुःखी दोनों के लिए अपनी दृष्टि को विशाल बनाना जरूरी है। इससे जहां  सुख का अभिमान मिट जाता है, वहां दुःख का भार और तनाव भी खत्म हो जाता है। सुख और दुःख की कोई सीमा नहीं होती है। ऐसी स्थिति में अपने को घोर दुःखी और अभागा समझना अज्ञान का परिचायक है। जैसे रोगी मनुष्य रोग से भी अधिक उसकी कल्पना और चिंता के भार से रोगी होता है, उसी प्रकार दुःखी व्यक्ति उलझनों और समस्याओं की पुनः पुनः स्मृति से अधिक दुःखी होता है। सबको अपनी थाली खाली प्रतीत होती है तथा दूसरों की थाली में अधिक चिकनाहट का अनुभव होता है। कुछ लोग अपने परिवार के वातावरण से व्यर्थ ही असंतुष्ट और दुःखी प्रतीत होते हैं, पर जब वे उनकी अंतरंग स्थिति से परिचित होते हैं तो स्वयं के अज्ञान पर हंसने लगते हैं।

मानव का परम लक्ष्य सुख प्राप्ति होने पर उसे दूसरों का सुख अच्छा नहीं लगता है और वह दूसरे के सुख को अपने से अधिक मान कर उससे ईष्र्या करता है। इसी कारण उसका सुख ओस कण-सा उड़ जाता है। परिणामतः मानव सुख की चाह में परोक्ष रूप से दुःख को आमंत्रित करता है। मिलान कुंदेरा ने सटीक कहा है कि उस जीवन का कोई मतलब नहीं जो जीवन कैसा हो इसकी रिहर्सल बन कर रह जाए। सुखी कौन है? इसका संक्षिप्त उत्तर है- ‘संतोषी महा सुखी, जब आए संतोष धन सब धन धूरि समान।’ ये कहावतें सुख वास्तविकता के बहुत समीप है। पंतजलि में कहा भी है कि संतोष से सर्वोत्तम सुख प्राप्त होता है। फिर भी यह सत्यता भाषाओं के साथ बदलती है। सुख क्या है? इसके उत्तर के लिए हमें अपने मन को टटोलना होगा, उसको समझना होगा। सामान्य व्यक्ति सुख की इच्छा करता है और यह उसका अधिकार भी है। पर व्यावहारिक रूप से सुख के लिए किए गए प्रयासों की परिणति दुःख में ही होती है। गेटे का एक मार्मिक कथन है कि यदि बात तुम्हारे हृदय से उत्पन्न नहीं हुई है तो तुम दूसरों के हृदय को कदापि प्रसन्न नहीं कर सकते।  सुखी होने के लिए मन को समझाना होगा। सुख हमारे मन में है और उसे पाने के लिए हमें अपने मन के आस-पास की इच्छाओं के जाल को उखाड़ फेंकना होगा। इच्छाओं के जाल को उखाड़े बिना हम सुखी नहीं हो सकते हैं। संक्षेप में सुखी होने के लिए हमें अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना होगा। स्वामी रामदास ने सुख का मार्ग सुझाया है कि अन्य व्यक्ति को तुम कम-से-कम एक मुस्कान तो दे ही सकते हो- प्रेम और आनंद से भरी मुस्कान। यह उसके मन पर लदा चिंताओं का बोझ हटा देगी। 

जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं में दृष्टिभेद से बहुत बड़ा अंतर हो जाता है। आधा-आधा पानी का गिलास, एक के लिये गिलास आधा खाली है। दूसरे के लिये आधा भरा है। दोनों का तात्पर्य एक था पर जिसका दृष्टिकोण नकारात्मक था, उसका ध्यान अभाव की ओर गया तथा जिसका चिंतन सकारात्मक था उसका भाव की ओर गया। हमें सुखी होने के लिए छोटी-छोटी खुशियों यथा फूलों को खिलते देखना, सूर्य के उगते और अस्त होती लालिमा को देखकर सुखी होना आदि सीखना होगा क्योंकि पर्वत की चोटी पर चढ़ने से पहले हमंे हमारे घर की सीढि़यों पर चढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। स्वामी रामतीर्थ ने कहा था-‘धरती को हिलाने के लिए धरती से बाहर खडे़ होने की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है- आत्मा की शक्ति को जानने-जगाने की।’ यही शक्ति आत्मबल है जो लौकिक एवं अलौकिक सफलताओं का आधार है। बुद्ध, ईसा, सुकरात, महावीर, गांधी आदि महापुरुषों ने इसी आत्मबल से अध्यात्म और चिंतन की दिशाएं बदल दीं। वास्तव में आत्मबल ही हमारी समस्त शारीरिक और मानसिक शक्तियों का आधार है और इसी से सुख की उत्पत्ति होता है। अंग्रेजी के कवि लार्ड टेलीसन ने कहा था-‘आत्मबल, आत्मज्ञान और आत्मसंयम केवल यही तीन जीवन को परम शक्तिसंपन्न बना देते हैं।’ इस प्रकार मानव को सुखी होने के लिए उसे अपने मनपसंद कार्यों यथा एकांत, निस्वार्थ प्रेम, वृद्ध, अपाहिज, जरूरत मंदों की सहायता आदि कार्य अपनी शक्ति व सामथ्र्य से करते रहना चाहिए। दुःख को सुख में बदलने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास बहुत जरूरी है। एक ही परिस्थिति और घटना को दो व्यक्ति भिन्न-भिन्न प्रकार से ग्रहण करते हैं। जिसका चिंतन सकारात्मक होता है, वह अभाव को भी भाव तथा दुःख को भी सुख में बदलने में सफल हो सकता है। जिसका विचार नकारात्मक होता है, वह सुख को भी दुःख में परिवर्तित कर देता है।




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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
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विशेष : नित्य, अजर अर्थात अमर है जीवात्मा

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वेद, उपनिषद, दर्शनादि ग्रन्थों के अनुसार शरीरी अर्थात जीवात्मा शरीर से पृथक है । सुन्दर वृद्ध होने वाले शरीर में इसका भोग करने वाला बैठा है । जीवात्मा देह बदलता रहता है । सुख- दुःख शरीर को प्राप्त होते हैं, परन्तु जो सदा से है, शरीर के साथ नष्ट नहीं होता, वह इस शरीर से पृथक है । जब एक बालक यौवन और वृद्धता को प्राप्त होता है तो उसका जीवात्मा नहीं बदलता । जीवात्मा नित्य, अजर अर्थात अमर है । श्रीमद्भगवद्गीता में भी श्रीकृष्ण ने युद्ध से विरत अर्जुन को युद्ध करने की प्रेरणा देते हुए कहा है कि वह आत्मा जो सब में बैठा कर्म करवाता है, वह न तो कभी नहीं था, ऐसा है  और न कभी नहीं रहेगा, ऐसा है । इस कारण किसी के मरने-जीने का दुःख करने की आवश्यकता नहीं । कारण यह है कि जो कर्म करने वाला है, वह मरता अथवा पैदा होता ही नहीं । वैदिक सिद्धान्तानुसार-
 अस्य वामस्य पलितस्य होतुस्तस्य भ्राता मध्यमो अस्त्यश्नः । 1-164-1  

अर्थात- इस सुन्दर बूढ़ा होने वाले तथा यज्ञकर्म करने वाले के बीच में एक इसका भाई भोग करने वाला बैठा है । 
अभिप्राय है कि सुन्दर, बूढ़ा होने वाला और यज्ञकर्म करने वाला यह शरीर (मनुष्य) है । शरीर के भीतर भोग करने वाला शरीर से पृथक् है ।  वह सदा से है। ऐसा नहीं है कि वह कभी नहीं था अथवा ऐसा नहीं है कि वह कभी नहीं रहेगा । वह अजर-अमर ही सब मनुष्यों में है ।

सत् उन पदार्थों को कहा गया है जो अनादि तथा अजर (अमर) होते हैं । असत् उनको कहते हैं जो जिस रूप में दिखाई देते हैं, उस रूप में सदा नहीं रहते तथा नहीं रहें हों । उदहारण के रूप में लकड़ी की एक कुर्सी है। यह असत् है । कुर्सी को तोड़-फोड़कर लकड़ी के टुकड़ों में विभाजित किया जा सकता है अथवा उसको चीर-फाड़कर उसमें से चौकी बनाई जा सकती है। अतः कुर्सी असत् है । चौकी अथवा लकड़ी के टुकड़े भी तोड़े-फाड़े जा सकते हैं । लकड़ी को अग्नि में जलाकर राख किया जा सकता है । अतः लकड़ी के टुकड़े भी असत् हैं । जब लकड़ी जला दी जाती है तो वह कार्बनडाई आक्साइड में बदल जाती है । इस कारण लकड़ी भी असत् है । जल से विद्युत् तरंगे गुजारे जाने पर जल दो प्रकार की वायुओं – ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन में बदल जाता है । इसी प्रकार कार्बनडाई आक्साइड भी कार्बन और ऑक्साईड में बदल जाते हैं । अभिप्राय यह है कि जल तथा कार्बनडाई - ऑक्साईड भी असत् हैं  l कार्बन के बहुत छोटे - छोटे कण होते हैं , जिन्हें परिमण्डल कहा जाता है । जिसे  आज के आंग्ल वैज्ञानिक भाषा में एटम कहते हैं । इसी प्रकार ऑक्सीजन के भी परिमण्डल होते हैं । ये परिमण्डल वस्तुतः कार्बन तथा ऑक्सीजन ही हैं । कारण यह कि उन्हीं के से गुण वाले होते हैं । परन्तु इन परिमण्डलों का भी विखण्डन होता है । सब प्रकार  के परिमण्डल तीन प्रकार के कणों अर्थात पार्टिकल्स में बँट जाते हैं । उनको वैकारिक अहंकार (प्रोटोन्स), तैजस अहंकार (इलेक्ट्रोन्स) और भूतादि अहंकार (न्युट्रोन्स) कहते हैं ।

इस प्रकार परिमण्डल भी असत् है । ये कण भी टूट सकते हैं और फिर टूटकर परमाणु बन जाते है । सांख्य दर्शन में परमाणु साम्यावस्था में कहे गए हैं । यही प्रकृति कहलाती है । सांख्य दर्शन में इसके स्वरुप का स्पष्ट वर्णन अंकित है । अतः इलेक्ट्रोन इत्यादि कण भी असत् हैं । परन्तु परमाणु (अल्टीमेट पार्टिकल्स) का विखंडन नहीं हो सकता। इस कारण परमाणु सत् हैं । वैदिक साहित्यों के अध्ययन से इस सत्य का सत्यापन होता है कि पदार्थों के परमाणु सत् हैं , वे नष्ट नहीं हो सकते । उनकी रूप - राशि स्थिर है । जब वे अकेले - अकेले होते हैं , तब भी और जब वे मिलकर अहंकार-परिमण्डल तथा संसार के भिन्न - भिन्न पदार्थ बनाते हैं , तब भी वे (उनकी रूप-राशि) नहीं बदलती । वे भिन्न - भिन्न प्रकार के परिमण्डलों में भिन्न - भिन्न संख्या में भिन्न-भिन्न प्रकार से संयुक्त होकर संसार के सब पदार्थ बनाते हैं ।  श्रीमदभगवदगीता के अध्याय 2 के  श्लोक 17 में नाश रहित और अविनाशी अर्थात असत् का वर्णन करते हुए कहा है -
अविनाशी तु तद्विद्वि येन सर्वमिदं ततम् । 
विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति । ।
-श्रीमदभगवदगीता अध्याय 2 श्लोक 17
अर्थात - नाशरहित उसको जानो जो जो यह सब जगत में उपस्थित (ओत - प्रोत) है । इस अविनाशी का विनाश करने में कोई समर्थ नहीं ।

‘इदं सर्वमिदं ततम्’ का अर्थ है यह सब संसार । 
यह परमाणु रूप प्रकृति पूर्ण संसार में व्याप्त है । यह सत् है । इसी कारण इसे अविनाशी कहा है । इस अविनाशी (परमाणु रूप प्रकृति) का कोई नाश नहीं कर सकता । छान्दोग्योपनिषद 6-2-1 में कहा है - 
सदेव सोम्येदमग्र आसदेकमेवाद्वितीयम् । तर्द्धक आहुरसदेवेदमग्र आसीदेकमेवाद्वितीयमतास्माद्सतः सज्जायत ।
-छान्दोग्योपनिषद 6-2-1
अर्थात - हे सौम्य ! आरंभ में यह एकमात्र सत् ही था । उसके विषय में ऐसा भी कहा गया है कि आरम्भ में वह एकमात्र असत् ही था । उस असत् से सबकी उत्पत्ति हुई ।
छान्दोग्योपनिषदकार कहता है कि सत् से असत् और असत् से सत् ऐसा कहा जाता है । कौन पहले और कौन बाद में , कुछ नहीं कहा जा सकता । जगत से परमाणु और परमाणु से पुनः जगत आदिकाल से यह क्रम चला आया है । संयोग-वियोग एक दूसरे के उपरान्त चलता रहता ही ,परन्तु जो बात विशेष है वह यह कि किसी एक पदार्थ के परमाणु उस पदार्थ के टूटने के उपरान्त पुनः उसी प्रकार मिलेंगे , नहीं कहा जा सकता । इस प्रकार बने पदार्थ असत् हैं l गीता के कुछ भाष्यकार उपरोक्त मन्त्र में ‘इदं सर्वमिदं ततम्’ का अर्थ यह सब संसार तो मानते हैं परन्तु तद्विद्वि का अर्थ परमात्मा करते ,लगाते हैं । वैदिक विद्वानों के अनुसार यह अशुद्ध है , क्योंकि यहाँ प्रकृति का वर्णन हो रहा है , परमात्मा का नहीं । और आत्मा का क्षेत्र यह शरीर है । शरीर से बाहर नहीं । इसे यह स्पष्ट होता है कि यहाँ सत् - असत् प्रकृति के दो रूपों का वर्णन हो रहा है । जो सत् है वह सब स्थान पर हैl यह प्रकृति का वह स्वरुप है जो नित्य है अर्थात परमाणु रूप है ।

इसके आगे के श्लोक अर्थात श्रीमदभगवदगीता  अध्याय 2 , श्लोक 18 में मनुष्य अथवा प्राणियों के शरीर को नाशवान अर्थात असत् और शरीर में वास करने वाले जीवात्मा को नित्य कहा है -

अन्तवन्त इमे देहा नित्यस्योक्ताः शरीरिणः ।
अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्माद्युद्यस्व भारत । ।
 -श्रीमदभगवदगीता अध्याय 2 श्लोक 18
अर्थात - अप्रमेय तथा नित्य शरीरी (जीवात्मा) के ये शरीर नाश होने वाले कहे गए हैं ।

अभिप्राय यह है कि जो शरीर है वह असत् है । शरीर का रूप नष्ट होता है । इसका वह स्वरुप जो मूलप्रकृति का है , नष्ट नहीं होता । वह सदा बन रहता है । इसलिए हे भारत ! युद्ध कर । सत् और असत् का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को श्रीमदभगवद गीता के अध्याय दो में बताया है कि शरीर तो नित्य नहीं होने के कारण नष्ट होने वाला है तो फिर इसका नाश हो जाने से कुछ हानि नहीं होगी क्योंकि यह कभी न कभी तो नष्ट होगा ही, हाँ, जीवात्मा नित्य है, वह मरता नहीं । प्रश्न उत्पन्न होता है कि तो फिर मरता क्या है? मृत्यु शरीर और आत्मा (नाशवान और अविनाशी) के संयोग की समाप्ति ही है । संयोग का टूटना अथवा बनना किसी उद्देश्य से होता है । यदि वह उद्देश्य जिससे शरीर और जीवात्मा का संयोग हुआ था, पूर्ण नहीं हो रहा अथवा वह संयोग धर्म का नाश कर रहा है तो उसके टूटने में कोई हानि नहीं, लाभ ही होगा । 




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-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला
झारखण्ड 

फोर्टिस एस्काॅर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने बनाया सस्टेनेबल माॅडल

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सम-विशम फार्मूले को लागू करने पर फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने इस दिशा में आगामी 2 सप्ताह के दौरान प्रदूषण कम करने की दिशा में योगदान करने का फैसला किया है बल्कि एक दीर्घकालिक पर्यावरण अनुकूल कदम भी उठाया है। 

देशभर में कार्बन उत्सर्जन को 2030 तक 33 से 35 फीसदी तक कम करने और पारंपरिक ईंधन स्रोतों के इस्तेमाल में कमी लाने के लक्ष्य के मद्देनज़र फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने एक कदम आगे बढ़ाया है। जिम्मेदार संगठन होने के नाते फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने अपने कर्मचारियों को हाइब्रिड/इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ब्याज मुक्त ऋण देने की पेशकश की है। इन वाहनों के दो बड़े फायदे ये हैं कि एक तो इनसे कम उत्सर्जन होता है और साथ ही ये ईंधन की कम खपत भी करते हैं। 

सीएनजी इस लिहाज से विश्वभर में प्रमाणशुदा ईंधन है जो कार्बन उत्सर्जन में शून्य प्रतिशत योगदान के लिए जाना जाता है और यही वजह है कि लोग हरे-भरे पर्यावरण के लिए अपना योगदान करने को उत्सुक भी हैं। इसी दिशा में पहल करते हुए फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने अपने कर्मचारियों को उनकेे मौजूदा वाहनों को सीएनजी आधारित करने के लिए वित्तीय सहायता और ब्याज रहित ऋण देने की घोशणा की है जिससे उनकी वित्तीय अड़चनें दूर होंगी और वे इस पर्यावरण अनुकूल प्रयास में अपना योगदान कर सकेंगे। 
सस्टेनेबल माॅडल पर विचार मंथन के बाद डाॅ अषोक सेठ, चेयरमैन, फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने कहा, ’’हमें अपने क्षितिज से आगे देखना होगा और आने वाली पीढि़यों के लिए अधिक स्वच्छ पर्यावरण विकल्प के बारे में विचार करना होगा। अगर हर संगठन इसी प्रकार सोच-विचार करने लगे तो हम इस संसार में हरेक के लिए रोल माॅडल साबित हो सकते हैं। एफईएचआई की यह पहल सिर्फ अगले 15 दिनों के लिए ही नहीं है बल्कि हमने दीर्घकालिक रणनीति के तौर पर इसे अपनाया है ताकि हम लंबे समय तक पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान कर सकें।‘‘

एफईएचआई के लिए इस माॅडल को तैयार करने वाले डाॅ सोमेष मित्तल, ज़ोनल डायरेक्टर, फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने कहा, ’’दिल्ली को हरा-भरा बनाने के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिषा में कदम उठाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। एफईएचआई में हम अपने स्तर पर छोटे प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमें यकीन है कि ये दिल्ली को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। हमारी और भी कई योजनाएं हैं और हम जिस हवा में सांस लेते हैं उसे अधिक स्वच्छ बनाने के लिए उन्हें लागू करेंगे।‘‘

इस पूरे प्रयास को और फायदेमंद बनाने के लिए फोर्टिस एस्काॅटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने ’’लास्ट माइल कनेक्टिविटी‘‘ सुनिष्चित करने की भी घोशणा की है जिसके तहत् अस्पताल से नज़दीकी मैट्रो स्टेषन के लिए वाहनों को चलाया जाएगा, लोगों को वाहनों को षेयर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा और पर्यावरण की सुरक्षा की खातिर गैस, प्रदूशण तथा सड़कों पर कारों की संख्या में कमी लाने की कोषिष की जाएगी। कर्मचारियों को लाने-छोड़ने के लिए विभिन्न मार्गों पर सीएनजी बसों का भी इंतज़ाम किया जाएगा। 

दिल्ली में इस प्रयोग के चलते षुरू में अभूतपूर्व भीड़-भाड़ हो सकती है और ऐसे में राजधानी के सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा लेकिन ऐसे वक्त में हम एकजुट होकर दिल्ली को प्रदूशण मुक्त बनाने के एक व्यापक लक्ष्य को संभव बनाने के लिए काम कर सकते हैं।

बिहार : दीघा मुसहरी में छोटी माता का प्रकोप

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पटना। पटना सदर प्रखंड के दीघा मुसहरी में छोटी माता का प्रकोप जारी है। छोटी माता से दो ठीक हो गए। तो अभी दो जन चपेट में आ गए हैं। धीरज की बात है कि बच्चों को मिजल्स का टीका पड़ा हुआ है। इसके कारण छोटी माता खतरनाक रूप धारण नहीं कर रही है। आ जाती है और कुछ दिन ठहरने के बाद चली जाती है। दुख की बात है कि आज भी छोटी माता आने के बाद बच्चों को चिकित्सक के पास नहीं ले जाते हैं। महादलित मुसहर समुदाय के लोग माली/भगत के पास ले जाते हैं। माली ही झारफूंक कर छोटी माता की कहर को शांत करने में सफल हो जाता है। 

सबसे पहले छोटी माता का आगमन रूदल मांझी और जसमति देवी के घर में हुआ। छोटी माता की चपेट में रूदल और जसमति का पुत्र अभि आ गए। मां-बाप अभि को चैहट्टा में रहने वाले माली के पास ले गए। हाथ से झारने के बाद अभि तीन दिनों के अंदर ठीक हो गया। उसके बाद छोटी माता का प्रवेश क्रिया मांझी और शारदा देवी के घर में हुआ। क्रिया और शारदा की बेटी सुलेखा कुमारी छोटी माता की चपेट में आ गयी। वह भी दीघा पोस्ट आॅफिस के समीप चैहट्टा में रहने वाले माली के पास सुलेखा को ले गए। माली जी ने छोटी माता को झार दिया। छोटी माता सात दिन ठहर गयीं।फुलवतीया देवी और सुनील मांझी के पुत्र यश कुमार और मुकरतीया देवी और आनंदी की पुत्री सुमन कुमारी को छोटी माता हो गयी है। दोनों माली के पास ले जाने को सोच रहे हैं।

घर में छोटी माता के आगमन पर विशेष ध्यान देते हैंः घर में छोटी माता के आगमन होने पर भोजन को सादा ढंग से बनाया जाता है। तेल का प्रयोग नहीं किया जाता है। बाल में तेल लगाकर कंघी नहीं करते हैं। उसी तरह भोजन में तरका मारना बंद कर दिया जाता है। आने वाले और मांगने वालों को कुछ भी  किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया जाता है। घर में अगरबती और हुमाद चलाया जाता है। 

बिहार : 1050रू0 में बहाल होने वाले शख्स को 15 साल बाद के दरम्यान सिर्फ मिलता 4500रू0

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  • केन्द्रीय सरकार ने गांधीवादी संस्थाओं को सुधारने की दिशा में की कार्रवाई
  • गांधीवादी संस्थाओं में कार्यरत मानव संसाधन पर सरकारी ध्यान नहीं

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पटना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से निर्मित संस्थाओं की कायाकल्प की गयी।आवास और प्रतिमाओं को जर्जरता को दूर की गयी। इसके आलोक में केन्द्रीय सरकार द्वारा राशि विमुक्त की गयी। अब जाकर आवास और प्रतिमाओं में जान आ सकी है। वहीं गांधीवादी संस्थाओं में कार्यरत लोगों की जिदंगी बदहाल है। 21 सदी में भी बापू के तीन बंदरों की तरह स्थिति गांधीवादी संस्थाओं में कार्यरत लोगों की है।अपना दुखरा कर्मी मुंह से बोल नहीं सकते हैं।संस्थाओं के कर्ताधर्ता आंख से कर्मियों की परिस्थिति देख नहीं सकते हैं और कान से कर्मियों की समस्या सुन नहीं सकते। जी हां, यह हाल है राजधानी में स्थित गांधी संग्रहालय। बंधुआ मजदूरों की तरह जिदंगी है कर्मियों की। इस गांधीवादी संस्था में काम करने वाले कर्मियों को स्थायी नहीं की जाती। जितना काम और उतना दाम नहीं दिया जाता है। इसके अलावे अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। कई दशक से कार्यरत लोगों को मजदूरों की तरह व्यवहार किया जाता है। ‘नो वर्क नो पेमेंट’ को गंभीरता से लागू किया जाता है। मानवता को ताक पर रखकर छुट्टी लेने पर रकम काट लेते हंै। 

गांधीवादी संस्था में काम करने वालों को महात्मा गांधी नरेगा से कम ही मजदूरी दी जाती है। एक शख्स प्रथम वर्ष में 1045 रू0 वेतन पाता है। उसे 14 साल में 250 रू0 की वृद्धि की जाती है। इस तरह वृद्धि होने पर आज 4500 रू0 मासिक वेतन पाता है। उसे एक दिन में 150 रू0 मजदूरी के हिसाब से वेतन मिलता है। बताते चले कि केन्द्रीय सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को नूतन वर्ष 2016 में सातवां वेतनमान देकर अच्छे दिन लाने का प्रयास में है। अब देखना है कि गांधीवादी संस्थाओं में कार्यरत कर्मियों के अच्छे दिन कम आने वाला है? बिहार गजट के असाधारण अंक में बिहार सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया है। कपड़ा धोना/बरतन धोना/पोछा लगाना एवं बच्चों की देखभाल करने वाले को 4703.00 रू0 प्रतिमाह देय होगा। उसी तरह कपड़ा धोना/बरतन धोना/पोछा लगाना/बच्चों की देखभाल करना/बच्चों को स्कूल पहुंचाना एवं वापस लाना तथा अन्य घरेलू विविध कार्य करने वालों को 4703.00 रू0 प्रतिमाह देय होगा। इन दोनों श्रेणी के लोगों से 8 घंटा काम लिया जाएगा। इस राशि से भी कम ही रकम दिया जा रहा है।

बिहार : नियोजक के घरों में काम करने वाली महिलाओं को उचित काम का दाम नहीं मिलता

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पटना। बिहार घरेलू कामगार संगठन की सिस्टर लीमा रोज ने कहा है कि आज हमारा देश भारत आजाद है। दिल पर हाथ रखकर कहे कि क्या भारत आजाद हैं? हां,आजादी के बाद भी ‘आजाद’ नही हैं।विशेषकर  महिलाएं अपने घरों में हो या घर के बाहर जाकर काम करने वाली महिलाएं। महिलाओं को दोनों जगहों में शोषण का शिकार होना पड़ता है। जब आर्थिक तंगी के कारण और पुरूषों के वर्चस्व के खिलाफ महिलाएं किसी के घरों में जाकर कार्य करती हैं तो उनसे 8 से 18 घंटे काम लिया जाता है। इस तरह घर और बाहर में महिलाओं की स्थिति अत्यंत ही चिन्तनीय बन जाती है।नियोजक के घरों में काम करने वाली महिलाओं को उचित काम का दाम नहीं मिलता है। इतना ही नहीं महिलाएं अपने हक-अधिकार की बात को स्वतंत्र रूप से रख नहीं पाती हैं। मगर हक की बात करती हैं तो उनको कपोलकल्पित स्टोरी बनाकर महिलाओं को प्रताडि़त किया जाता है। महिला कामगारों को आसानी से चोरी का दुपट्टा ओढ़ा दिया जाता है। विस्तृत पड़ताल करने से जाहिर हो पाता है कि आरोप झूठा था।  

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सिस्टर लीमा ने आगे कहा कि अगर महिला कामगार बीमार पड़ती हैं। तो उसके कारण काम पर नहीं जाने से मिलने वाली अल्पराशि में कटौती कर दी जाती है। कई जगहों पर उनके साथ शारीरिक एवं मानसिक शोषण किया जाता है। और तो और अधिकार के साथ उनके साथ यौन शोषण किया जाता है। उनलोगों द्वारा न ही घरेलू काम को ही महत्व दिया जाता और न ही घरेलू कामगारों को ही इज्जत दिया जाता हैं । आगे कहा कि जोरदार ढंग से सिनेमा और टी0वी0सीरियल में भी घरेलू कामगारों को दोयम दर्जे के रूप में परोसा जाता है। इनको हीनदृष्टि से दिखाया जाता है। आर्थिक असमानता के कारण आजकल महिला घरेलू कामगारों की संख्या 90 प्रतिशत हैं। दुर्भाग्य से उनके हित के लिए केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार ने कानून नहीं बना रखा है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कानून नहीं बनाने से दिक्कते होती रहती है। कानून बनाने वाले नेताओं और अधिकारियों के घरों में घरेलू कामगार विराजमान रहते है। 

अपने ही निर्मित कानून से अपना गला घोंटना नहीं चाहते हैं। सिस्टर लीमा ने कहा कि आज हमलोग जन सुनवाई आयोजित किए हैं। घरेलू कामगार महिला नीरू देवी सदृश्य महिलाएं आपबीती बयान दर्ज कराएंगी। नीरू देवी और अन्य घरेलू कामगार महिला सरकार से मांग करती हैं कि सरकार घरेलू कामगारों के लिए अलग से कानून बनाये। सरकारी कल्याण, विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से घरेलू कामगारों को जोड़े ताकि घरेलू कामगार भी अन्य कामगारों की तरह ही मान सम्मान और अधिकार के साथ जी सकें। इसके पूर्व पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायधीश वीएन सिन्हा, पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अल्का वर्मा, सिविल कोर्ट की वकील श्रुति सिंह,ओम प्रकाश और मो0गजनफर नवाब ने मिलकर दीप प्रज्जवलित किए। 

बिहार : जन सुनवाई के पहले नुक्कड़ नाटक

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  • बिहार घरेलू कामगार संगठन के कार्यकर्ताओं की प्रस्तुति गांधी संग्रहालय में

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पटना। गांधी संग्रहालय में जन सुनवाई का आयोजन। बिहार घरेलू कामगार संगठन आयोजक। बिहार में 27 वर्षों से मानव व्यापार को लेकर सेवारत है बिहार घरेलू कामगार संगठन। इस संगठन का प्रयास है कि घरेलू कामगारों को अधिकार दिलवाने, उनकी पहचान बनाने एवं उनके सम्मान के लिए एक मंच पर ला सके। घरेलू कामगारों के साथ सामाजिक निन्दात्मक दुव्यवहार किया जाता है तथा अनेकों को तो उनका मेहनताना भी नहीं मिल पाता है। इन लोगों के साथ चहारदीवारी के अंदर होने वाली घटनाएं बंद घरों में छिप जाती है क्योंकि उनके अधिकार एवं सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कोई विशेष कानून नहीं बनाया है। 

इसको समेटकर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुतिकरण की गयी। मानव व्यापार से लेकर घर के नियोजक यानी मालिक/मालिकी के कृत्यों का पर्दाफाश किया गया। कामगार बच्ची रेखा कुमारी के ऊपर जोर जुल्म किया गया। घर के सदस्यों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में जार-जार होती रही। एक ही बार में डिमांड पेश करने से परेशान हो उठती थी। बीच-बीच में थीम सोंग पेश करने से प्रस्तुति के साथ दर्शकों को बांध रखने में प्रस्तुति कामयाब रही। मानव व्यापार और घरेलू कामगारों की समस्याओं को उजागर करने में संगठन के सदस्य अहम भूमिका निभाएं। छोटे से बड़े ओहदेधारी मिलकर प्रस्तुति को चार चांद लगाएं। सिस्टर लीमा रोस,सिस्टर लुसी, सुषमा, ज्योति, पूजा, सलोमी,नवमी, असरीता,रेखा,निलुका आदि अपने-अपने अहम किरदार निभाने में कामयाब रहे। 

विशेष आलेख : वार्ता की राह में अवरोध है आतंकी हमला

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पंजाब में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद वार्ता की राह में अवरोध बनने का प्रादुर्भाव हुआ है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस से लौटते समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ  को इस बात का भरोसा जताया था कि भारत, पाकिस्तान से शांति बहाली चाहता है, लेकिन जिस प्रकार से प्रारंभ में भी भारत के विरोध में आतंकी कार्यवाही होती रही हैं, उसी प्रकार से वार्ता के प्रयासों के बाद एक बार फिर आतंकवादियों ने पठानकोट के एयरबेस पर हमला करके यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान द्वारा संचालित हो रहे आतंकवादियों को शांति वार्ता का यह प्रयास पसंद नहीं आया। वैसे तो हमेशा ही देखा गया है कि भारत की ओर से जब भी शांति बहाली के प्रयास किए हैं उसके कुछ दिनों बाद पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। जिसमें भारत के अनेक लोग मारे जाते हैं और भारत की शांति व्यवस्था को अशांति में बदलने का प्रयास किया जाता है। हम जानते हैं कि पाकिस्तान की सरकार और आतंकवादियों के मंसूबे एक दूसरे के विपरीत होते हैं। पाकिस्तान सरकार कुछ करती है और आतंकवादी उसे अलग प्रकार की कार्यवाही करते हुए दिखाई देते हैं। वार्ता की राह में जहां पाकिस्तान की सरकार एक कदम आगे बढ़ाती है तो आतंकवादी उस कदम को पीछे खींचने का प्रयास करते हैं। जिससे पाकिस्तान सरकार की कार्यवाही ढाक के तीन पात वाली सिद्ध होती है। इससे यह बात भी साबित होती है कि पाकिस्तान में सरकार की कार्यप्रणाली और आतंकवादियों की कार्यप्रणाली अलग-अलग है। आतंकवादी किसी भी प्रकार से सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं, वे भारतीय सीमा के पास अपने प्रशिक्षण केंद्र चलाकर प्रशिक्षित आतंकवादियों को भारत में अशांति फैलाने के लिए भेजते हैं। ऐसा कई अवसरों पर सिद्ध हो चुका है।

पंजाव के पठनकोट में हुए आतंकवादी हमले के बारे में यह बात साबित हो चुकी है कि यह हमलावर पाकिस्तान से नियंत्रित हो रहे थे क्योंकि आतंकियों के लिए पठानकोट में टैक्सी का इंतजाम पाकिस्तानी नंबर से फोन करके किया गया था। आतंकवादी लगातार अपने पाकिस्तानी आकाओंं के संपर्क में थे। आतंकवादियों ने हमले के लिए पहले एक कार का इस्तेमाल किया था। जिसमें यह पता चला है कि इसके ड्राइवर को पाकिस्तान से फोन किया गया था। वास्तव में उस कार चालक की भूमिका पर भी सवाल है कि उसने कैसे इस फोन पर कार बुक कर ली, उसे करना यह चाहिए था कि वह पाकिस्तान के इस नंबर की पुलिस विभाग को जानकारी देता। इसके अलावा एक गंभीर बात यह भी है दो दिन पूर्व गिरफ्तार किए गए एयरफोर्स कर्मी रंजीत को इस बात की पूरी जानकारी थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सूचना देने के आरोप में रंजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

भारत में जब नव वर्ष की शुरुआत में उल्लास मैं बात बंद दिखाई दे रहा था वही नए साल की शुरुआत में ही पाकिस्तान की ओर से किए गए इस आतंकवादी हमले के कारण भारत के इस उल्लास के कार्यक्रम को अशांति में बदलने का प्रयास किया। इस हमले के बाद भारत को निश्चित रुप से वार्ता की राह में हुई इस आतंकी घटना के बाद शांति वार्ता के प्रयासों पर कुछ हद तक रोक लगा देना चाहिए और पाकिस्तान को इस बात का स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि पाकिस्तान की ओर से की गई आतंकवादी घटनाओं के साथ-साथ वार्ता का कोई मतलब नहीं है। अब सवाल यह आता है कि भारत की ओर से हमेशा दोस्ती का प्रयास क्यों किया जाता है? जबकि कई बार पाकिस्तान की ओर से दोस्ती के प्रयास पर हमेशा ही कुठाराघात किया जाता है। आज पाकिस्तान बारे में यह स्पष्ट रुप से परिभाषित हो चुका है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को आश्रय प्रदान किया जाता है। इस बात को आज पूरा विश्व जानता है कि आतंकवाद के विरोध में वैश्विक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। जिसमें विश्व की ओर से पाकिस्तान को भी अघोषित चेतावनी मिल चुकी है। हम जानते हैं कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान की शरण में है। इसी प्रकार विश्व के कई देशों में आतंकवाद फैलाने वाले कई लोग पाकिस्तान या उससे समर्थित और संरक्षित देशों में हैं। हम यह भी जानते हैं कि पाकिस्तान सीधे तौर पर आतंकवादी आकाओं का विरोध नहीं कर सकता।

पाकिस्तान के आतंकवादियों ने एक बार फिर पाकिस्तान की सरकार को कमजोर साबित किया है। हम जानते हैं कि भारत दिल से दोस्ती चाहता है लेकिन जब पाकिस्तान के मन में नफरत का माहौल हो, तब उनके दिल में दोस्ती का बीज पनप नहीं सकता। इसलिए दोस्ती की बातें अब बेमानी सी लगती हैं। अब तो पाकिस्तान के खिलाफ  भारत को कठोर कदम उठाना उठाना चाहिए। जिससे आतंकवादियों के हौसले पस्त हो सकें। भारत आतंकवाद के दंश को बहुत लंबे समय से झेलता आ रहा है। भारत ने कई बार इस बात को विश्व समुदाय के समक्ष उठाया है लेकिन विश्व समुदाय ने भारत की इस बात को सदैव अनसुना ही किया है। इस अनसुनी के कारण ही भारत किसी प्रकार की विरोधात्मक कार्यवाही नहीं कर सक कर सकता था, लेकिन यह बात सत्य है जो देश को अपनी खुद की रक्षा नहीं कर सकता वो धीरे धीरे पूरा समाप्त हो जाता है, इसलिए भारत देश को आतंकवाद के विरोध में तुरंत ही कड़ा कदम उठाना चाहिए और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित किए जा रहे आतंकवाद पर कठोर निर्णय लेना चाहिए। इसके लिए भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की आवश्यकता हो तो वह भी करना चाहिए।

हमने एक बात और देखी है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के विरोध में कई प्रकार की कार्यवाही की जा रही है लेकिन पाकिस्तान में जो संगठन भारत में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय हैं, पाकिस्तान की सरकार उन संगठनों के विरोध में किसी प्रकार की कार्यवाही करने से परहेज करती है। आतंकवादी हाफिज सईद खुलेआम रूप से पाकिस्तान की सरकार के विरोध में चेतावनी भरे शब्दों में कहता है कि हम भारत पर हमला करेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वार्ता के बाद हाफिज सईद ने कुछ इसी प्रकार की चेतावनी दी थी, हो सकता है यह आतंकवादी घटना उसी चेतावनी का ही परिणाम हो, क्योंकि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन किसी भी प्रकार से सरकार के अधीन नहीं है वह खुलेआम रूप से पाकिस्तान में अपने कारनामों को अंजाम देते हैं और अपने प्रशिक्षण केंद्र चलाकर भारत की सीमाओं पर घुसपैठ करने का प्रयास करते हैं। इसके कारण दिन-प्रतिदिन भारतीय सीमा पर आतंकवादी और भारतीय सेना के बीच गोलीबारी की खबरें भी आती हैं। जिसके फलस्वरुप अत्यंत ठंड में सीमा की चौकसी में लगे सेना के जवान हम भारतवासियों के रक्षा करते हुए कभी-कभी शहीद भी हो जाते हैं। भारत सरकार को चाहिए कि वह सेना के मनोभावों को समझते हुए और समस्या के निराकरण के लिए उसके मूल को नष्ट करने का अभियान चलाए, अगर समय पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती तो निश्चित रुप से आतंकवादी रूपी सांप अपना फन फैलाएगा और वह पूरे भारत को डंसने के लिए अपनी कार्यवाही करेगा। इसलिए इस आतंकवादी रूपी नाग को अब कुचलने का समय आ गया है। भारत सरकार को भारतीय सेनाओं को स्पष्ट रुप से यह निर्देश देना चाहिए कि वह पाकिस्तानी आतंकवादियों के विरोध में आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहे। इसी में देश की भलाई है।





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सुरेश हिंदुस्थानी, 
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झोकन बाग झांसी
झांसी उत्तर प्रदेश
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(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)
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