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बिहार : पूर्व विधायक के मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग

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बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन की राज्य सचिवमंडल ने एक संयुक्त बयान जारी कर मधुबनी जिला के हरलाखी प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर 10 सूत्री मांगों को लेकर अनिष्चित कालीन  अनषन पर बैठे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, भाकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य सह बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष का॰ रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक के मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से उनके मांगों पर अविलम्ब विचार करते हुए त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है। बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव जानकी पासवान, राज्य सचिव डा॰ रमाकान्त अकेला एवं राजेन्द्र सहनी ने अपने संयुक्त बयान में चिन्ता जाहिर किया है कि हरलाखी प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक पिछले 26 फरवरी को 10 बजे से अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर अनषन पर बैठें हैं परंतु अभीतक सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। जन समस्याओं से जुड़ी मांगों को लेकर हो रहे अनषन के मांग हैं.

सभी किसानों से सरकारी दर पर धान क्रय किया जाय एवं पिछला बकाया का भुगतान किया जाय। खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों को खाद्य मुहैया कराया जाय 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को पेंषन दिया जाय एवं लंबित आवेदन का निबटारा एवं भुगतान शीघ्र किया जाय।  गृहविहीन परिवारों की सूची तैयार कर राजस्व विभाग के सरकारी संकल्प के आलोक में गृह दिया जाय एवं भूमि सुधार लागू किया जाय। सभी पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाय एवं बकाया राषि का भुगतान शीघ्र कराया जाय। हरलाखी विधान सभा के अन्तर्गत सभी मुख्य एवं ग्रामीण सड़कों की मरम्मत शीघ्र कराया जाय। कमला नहर के मुख्य एवं शाखा नहरों (पकड़ी जिरौ, सहरौल) में पानी उपलब्ध कराया जाय।  सभी वंचित क्षेत्रों में अविलम्ब विद्युतिकरण किया जाय तथा गलत बिल का सुधार किया जाय। सभी स्तरों में व्याप्त प्रषासनिक एवं पुलिस भ्रष्टाचार पर अंकुष लगाया जाय।  सभी किसानों को डीजल अनुदान दिया जाय। श्रण्छण्न्ण् छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर से फर्जी देषद्रोह का मुकदमा वापस लिया जाय एवं उसे बिना शत्र्त रिहा किया जाय। 

खेत मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने राज्य एवं केन्द्र सरकार से मांग किया है कि सरकार अविलम्ब अनषन पर बैठे रामनरेष पाण्डेय के मांगों को मानते हुए त्वरित कार्रवाई करे नही ंतो बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन उनके मांगों के समर्थन में आगे की कार्रवाई करने को बाध्य होगी। 


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अदालत में पेश, मिली जमानत

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भोपाल, 27 फरवरी, मध्यप्रदेश विधानसभा में नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्तियों के मामले में आज कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 30 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत मिल गयी। कल अदालत में उपस्थित नहीं होने पर भोपाल न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद श्री सिंह आज न्यायालय में पेश हुए। विशेष न्यायाधीश काशीनाथ सिंह की अदालत में श्री सिंह दोपहर में पेश हुए। वहां कांग्रेस नेता गोविन्द गोयल द्वारा दिए गए तीस हजार रुपए के मुचलके पर श्री सिंह को जमानत मिल गयी। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा व्यापमं सहित अन्य विभिन्न घोटाले का हवाले देते हुए इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया। श्री तनखा ने श्री सिंह के अदालत में उपस्थित नहीं होने पर उनकी व्यस्तता का हवाला भी दिया। 

श्री सिंह के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, पीसी शर्मा, मानक अग्रवाल, लक्ष्मण सिंह, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा समेत कई कांग्रेस नेता भी अदालत पहुंचे। मप्र उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील जे एस अरोड़ा भी श्री सिंह के साथ अदालत पहुंचे। मामले में कल श्री सिंह समेत आठ आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान पेश किया गया था। श्री सिंह के अदालत में पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। राज्य विधानसभा में वर्ष 1993 से 2003 के बीच अनेक नियुक्तियां हुयी थीं। पिछले वर्ष 27 फरवरी को इस मामले में विधानसभा सचिवालय की ओर से यहां जहांगीराबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में एक चालान पहले ही अदालत में पेश किया जा चुका है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर मिले पांच हजार सुझाव : नड्डा

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि सरकार लोगों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति बना रही है और इसके लिए उसे अब तक करीब पांच हजार सुझाव मिल चुके हैं। श्री नड्डा ने यहां केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कलयाण परिषद की 12वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का मकसद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना है और इसी मकसद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2016 बनायी जा रही है। 

उन्होंने कहा कि इस नीति का मसौदा लोगों के विचार के लिए पिछले वर्ष सार्वजनिक किया गया था और उस पर सरकार को देश के विभिन्न हिस्सों से विशेषज्ञों, सामाजिक संगठनों तथा अन्य प्रतिष्ठानों से अब तक करीब पांच हजार महत्वपूर्ण सुझाव मिल चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2002 के बाद पहली बार स्वास्थ्य नीति बन रही है। इस लम्बी अवधि के दौरान परिस्थितियों में बड़ा बदलाव आ चुका है और इसके मद्देजनर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए नयी नीति आवश्यक हो गयी थी।

हमारा इतिहास आस्थाओं और मूल्यों के प्रति सम्मान से बना : प्रणव

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कोडंगल्लूर 27 फरवरी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि केरल एक ऐसी जगह है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग शांति और सौहार्द से एक साथ रहते हैं और देश तथा दुनिया में इस अनोखी परंपरा को पूरी संवेदना के साथ पेशेवर तरीके से प्रसारित करने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह में कहा,“ दो हजार साल से भी अधिक समय से इस क्षेत्र में विभिन्न धर्मों के लोगों एक साथ शांति और सौहार्द से रह रहे हैं। केरल के हिंदू राजाओं ने अपने धर्म के अलावा विदेशों से आये यहूदी, इस्लाम और ईसाई धर्मानुयायियों का भी स्वागत किया। राजाओं ने अलग धर्मों के लोगों को संरक्षण दिया और उनके प्रार्थनागृहों की स्थापना के लिए भूमि दान में दी। कई गिरिजाघरों में हिंदू मंदिरों की तरह झंडा फहराया जाता है और तेल के दीपक जलाये जाते हैं। इसी तरह चेरामन मस्जिद में भी हमेशा तेल का दीपक जला रहता है।” उन्होंने कहा कि केरल ने हमेशा से नयी परंपराओं और मूल्यों के अनुसार खुद को झानले की अद्भुत क्षमता दिखायी है। यहां के लोगों की सहिष्णुता की भावना पूरे देश के लिए एक मॉडल है। मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट केरल की अद्भुत परंपरा काे प्रदर्शित करने वाला है। उन्होंने कहा,“ यह परियोजना हमें याद दिलाती है कि हमारी परंपरा आपसी सम्मान और मिलजुल के रहने की है और आपसी भेदभावों , विश्वासों और मूल्यों का सम्मान करने का है। ”

राष्ट्रपति ने कहा कि बड़े समुद्री मार्ग और कारवां के मार्ग इस देश से गुजरते हैं इस कारण हमेशा से इस देश का समाज मिलाजुला रहा है। इसी वजह से विविधता तथा नये विचारों तथा संस्कृति का स्वागत करने में यह देश हमेश आगे रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि मुरिजिस हेरिटेज परियोजना भारतीय समाज की विविधता के संदेश को दूर -दूर तक फैलाने का काम करेगी। श्री मुखर्जी ने कहा कि प्रोजेक्ट के अधिकारियों और केरल के लोग दुनिया भर से भारतीय सभ्यताओं के संपर्क और सांस्कृतिक रिश्तों को जाने और उसे बतायें। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह प्रोजेक्ट नयी दुनिया और उभरते भारत के बीच एक संपर्क सेतु सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बडी़ संरक्षण परियोजना और केरल सरकार की पहली हरित परियोजना के रूप में मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट के पास विरासत, पर्यावरण संरक्षण तथा पर्यटन के क्षेत्र में काफी कुछ है। मसाला व्यापार और प्राचीन बंदरगाहों ने केरल में विरासतों और इतिहास का पिटारा खोल दिया है लेकिन यहां अाने वाले हर पर्यटक को घूमने से अलग ही अनुभूति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का अगला चरण ‘स्पाइस रूट इनिसिएटिव’ यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के सहयोग से लागू होने वाला है। यह रूट भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और समय के अनुकूल है। इसके माध्यम से एशिया और यूरोप के 41 देशों का संपर्क भारत से होगा जिससे इन देशों के साथ सांस्कृतिक तथा अकादमी स्तर पर आदान प्रदान संभव होगें। 

स्मृति के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी, कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) विवाद तथा हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र राेहित वेमुला के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर संसद तथा देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पार्टी उनके खिलाफ संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में हुई चर्चा का जवाब देते समय श्रीमती ईरानी ने नाटकीय तरीके से अपनी बात रखी और गलत बयानी करके संसद और देश को भ्रमित किया है। 

उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान उम्मीद थी कि मानव संसाधन विकास मंत्री लोगों के जख्मों पर मरहम लगाएंगी लेकिन उन्होंने अपने भाषण के जरिए नमक छिड़कने का काम किया है। उनका भाषण बेहद नाटकीयतापूर्ण, तथ्यों से दूर, झूठ का पुलिंदा और गुमराह करने वाला था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वेमुला की मां राधिका ने श्रीमती ईरानी से मिलने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि वह उनसे पूछना चाहती हैं कि उनके बेटे रोहित तथा अन्य छात्रों को किस वजह से राष्ट्रद्रोही कहा गया है।

सरकारों के कामकाज के आकलन की जरूरत - मुख्य न्यायाघीश

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जम्मू 27 फरवरी, देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने सरकारों के कामकाज के आकलन की प्रक्रिया शुरू किये जाने की जरूरत बतायी है । न्यायमूर्ति ठाकुर ने देश की वंचित आबादी खासकर असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के कल्याण की योजनाएं लागू न किये जाने पर कडा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब सरकारों के प्रदर्शन और कामकाज के आकलन की प्रक्रिया शुरू की जाना चाहिए । जम्मू कश्मीर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से ़ असंगठित क्षेत्र -उनकी आकांक्षाएं , चुनौतियां और समाधान  विषय पर जम्मू विश्वविद्यालय के जोरावर सिंह सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन भाषण में न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि न्यायपालिका पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने के आरोप अक्सर लगाये जाते हैं लेकिन जब सरकारें वंचित तबके के प्रति अपने कानूनी दायित्व का निवर्हन करने में विफल साबित हो रही है तो ऐसे में जरूरतमंद तबके के अधिकारों को लागू कराने में न्यायपालिका का हस्तक्षेप जायज है । 

असंगठित क्षेत्र के कामगारों के कल्याण और गरीबी उन्मूलन की योजनाएं लागू न होने तथा जनजातियों के अधिकारों के हनन पर चिंता जतायी । उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन की 30 योजनाएं है लेकिन वे सिर्फ कागजों में हैं । असंगठित क्षेत्र के कल्याण की योजनाओं के उपकर की बडी राशि का इस्तेमाल नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि देश की 85 प्रतिशत से भी ज्यादा कामकाजी असंगठित क्षेत्र से हैं और अर्थव्यवस्था में इनका योगदान 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है लेकिन उनके काम के घंटे ,कार्यस्थल की दशा और वेतन नियमित न होना तथा उनकी सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं लागू न होना चिंता का विषय है । ऐसे में बुद्धिजीवी वर्ग को सरकार की अकर्मण्यता पर सवाल पूछना चाहिए 1 न्यायमूर्ति ठाकुर ने इसके बाद जम्मू जिला अदालत परिसर में वकीलों के चैंबर्स भवन का उद्घाटन किया । कुल 72000वर्गफुट क्षेत्र में 18़ 14 करोड रूपये की लागत से बने इस भवन में 213चैंबर हैं ।

किसानों के लिए हितकारी है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना :मोदी

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बेलगावी, 27 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूववर्ती केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना के मुकाबले अधिक लाभकारी है और इसके जरिये किसानों को आसानी से बीमा राशि उपलब्ध हो सकेगी। फसल बीमा योजना को पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू किया गया था लेकिन बाद में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया और किसान अधिक प्रीमियम राशि और बीमा की रकम का दावा करने के बोझिल और लंबी प्रक्रिया के कारण उतना लाभ नहीं उठा पाये। 

उत्तरी कर्नाटक के सवगांव गांव में किसानों की रैली को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा,“ हमने काफी विचार विमर्श करने के बाद फसल बीमा योजना में फेरबदल किया और अब हमने ऐसी योजना तैयार की है जिससे किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना होगा और वे आसानी से बीमा रकम पाने का दावा कर सकेगें। केंद्र सरकार 90 प्रतिशत प्रीमियम राशि चुकायेगी जबकि किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि ही देनी होगी।” श्री मोदी ने कहा कि पहले की बीमा योजना उतनी कारगर नहीं थी क्योंकि इसमें बीमित 100 किसानों में से मात्र 20 किसान ही लाभ उठा पाते थे। श्री मोदी ने कहा कि नयी योजना के तहत किसानों को फायदा उठाने के लिए खरीफ के माैसम में अपनी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का मात्र दो प्रतिशत और रबी के मौसम में मात्र 1.2 प्रतिशत चुकाना होगा।

इससे पहले बड़े किसानों को धान की फसल के एक हेक्टेयर के लिए 958 रुपये, छोटे किसानों को 862 रुपये और अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को 96 रुपये चुकाने होते थे। इसके अलावा बीमा की रकम का दावा करने के लिए यह जरूरी था कि उनकी 50 फीसदी फसल जरूर बर्बाद हुई हो लेकिन अब 33 प्रतिशत फसल खराब होने पर ही बीमा की पूरी राशि का दावा किया जा सकता है। नयी बीमा योजना के तहत हर किसान की फसल के वास्तविक नुकसान का आकलन किया जाता है जबकि पहले एक क्षेत्र के 50 गांवों के किसानों के औसत नुकसान के आधार पर बीमा राशि का भुगतान होता था। श्री मोदी ने कहा कि राजग सरकार किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है क्योंकि वे राष्ट्र को अन्न देते हैं। केंद्र सरकार ने जल प्रबंधन पर जोर दिया है और वह कृषि उत्पाद बढाने के प्रति कटबद्ध है। सरकार ने माइक्रो और ड्रिप सिंचाई की नयी योजनायें शुरू की हैं क्योंकि जल संसाधन बहुत मूल्यावान है लेकिन किसानों को जब यह प्रचुरता में उपलब्ध होता है तो वे इसे बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने बताया कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के फंड के साथ प्रधानमंत्री कृषि योजना शुरू की गयी है ताकि देश के हर किसान को पानी उपलब्ध हो। 

भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विधानसभा की बैठक का किया बहिष्कार

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पटना 27 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: और उसके सहयोगी दलों ने आज बिहार विधानसभा की बैठक का बहिष्कार किया जिसके कारण कई सूचीबद्ध प्रश्न और ध्यानाकर्षण भी नहीं हो सका । विधानसभा की बैठक सोमवार की जगह शनिवार को आयोजित किये जाने के विरोध में भाजपा और उसके सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ,राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के विधायक आज सदन में नहीं आये । इसके कारण प्रश्नोत्तरकाल के दौरान भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रश्न नहीं लिये जा सके । सदन में आज सिर्फ सत्तापक्ष के सदस्यों के ही प्रश्नों का उत्तर दिया जा सका । प्रश्नोत्तरकाल के दौरान ही संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 29 फरवरी की जगह 27 फरवरी को बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया था और कल सदन में इस पर सहमति भी ली गयी थी । उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने बैठक का बहिष्कार कर यह साबित किया है कि उनका संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं है । 

श्री कुमार ने कहा कि आज का दिन संसदीय लोकतंत्र के काला दिन के रूप में याद किया जायेगा । भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए बगैर मुद्दे के वे सदन को बाधित करना चाहते है । यह भाजपा का तानाशाही रवैया है । उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है और यह राज्य की जनता ने आज देख लिया । इसके बाद सिर्फ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के मेवालाल चौधरी ने शून्यकाल की सूचना पढ़ी । भाजपा सदस्यों की सदन में अनुपस्थिति के कारण ध्यानाकर्षण भी नहीं हो सका और सभा की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी गयी । उधर प्रतिपक्ष के नेता डा0 प्रेम कुमार ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में उन्होंने 29 फरवरी की जगह 27 फरवरी को बैठक बुलाये जाने पर आपत्ति जताई थी ,इसके बावजूद बैठक बुलायी गयी । उन्होंने कहा कि 29 फरवरी को कोई छुट्टी नहीं है इसके बावजूद बैठक की तारीख बदलदी गयी जिसका कोई औचित्य नहीं था । उन्होंने आरोप लगाया कि 29 फरवरी को केन्द्रीय बजट है इसलिए मुख्यमंत्री को मीडिया में कवरेज नहीं मिल पायेगा इसलिए तिथि में परिवर्तन किया गया है । 

दुष्कर्म के आरोपी विधायक को बचा रही है नीतीश सरकार : मोदी

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बिहारशरीफ 27 फरवरी, नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले के कथित आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक राजवल्लभ यादव की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि प्रदेश सरकार जानबूझ कर आरोपी विधायक को बचा रही है। 

श्री मोदी ने यहां विधायक की गिरफ्तारी को लेकर आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से आयेाजित धरना को संबोधित करते हुए कहा कि नाबालिग से दुष्कर्म की घटना को बीते करीब 20 दिन हो गये लेकिन इसके बाद भी आरोपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार होने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को नाराज नहीं करना चाहते हैए इसलिए आरोपित विधायक को न तो अबतक गिरफ्तार किया जा सका है और न ही कुर्की जब्ती की कार्रवाई हुई है। 

भाजपा नेता ने कहा कि नवादा के राजद जिलाध्यक्ष महेन्द्र यादव ने ऐलान किया था कि एक तय तारीख को विधायक अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। राजद जिलाध्यक्ष को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और फिर छोड़ दिया। इसका परिणाम यह है कि आज तक आरोपित विधायक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में 24 घंटे के अंदर पुलिस जब्ती.कुर्की का वारंट ले लेती है लेकिन इस मामले में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि लड़की का 164 का बयान एवं मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद भी बार.बार लड़की का मेडिकल कराया जा रहा हैए जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठायेंगे। 

मई में पुलिस मुख्यालय में खुलेगा 24 घंटे वाला कॉल सेंटर : नीतीश

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पटना 27 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज घोषणा की कि अपराध नियंत्रण के लिये मई में पुलिस महानिदेशक कार्यालय में कॉल सेंटर स्थापित किया जायेगा जो चौबीसों घंटे काम करेगा । श्री कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर विधानसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आधुनिक संचार तकनीक से युक्त 24 घंटे कार्य करने वाले कॉल सेंटर स्थापित किये जायेगा जहां फोन कर कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या जानकारी दे सकेगा और उसे आवश्यकता पड़ने पर तुरंत पुलिस सहायता भी उपलब्ध करायी जायेगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में स्थापित होने वाले कॉल सेंटर में पर्याप्त संख्या में फोन कनेक्शन उपलब्ध रहेंगे ताकि एक ही समय पर ज्यादा शिकायतें प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो । उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर में तीन पालियों में 24 घंटे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती रहेगी । उन्होंने कहा कि तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर सीसीटीवी के जरिये नजर रखी जायेगी । 

श्री कुमार ने कहा कि विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि बिहार में आपराधिक गतिविधियां काफी बढ गयी है जो बिल्कुल बेबुनियाद है । उन्होंने कहा कि वास्तव में 2014 की तुलना में वर्ष 2015 में प्रदेश में अपराधों में कमी आयी है । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी:भाजपा: के कुछ नेता शाम को बयान जारी कर बताते हैं कि बिहार में दिनभर में कुल कितनी आपराधिक घटनाएं हुयीं । मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी की सरकार वाले राज्यों की आपराधिक घटनाओं को भी जानकारी इसी तरह एकत्रित कर लोगों को बताना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब भाजपा नेता ऐसा करेंगे तभी सही रूप से बिहार में आपराधिक घटनाओं की तुलना अन्य राज्यों से हो सकेगी। श्री कुमार ने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाएं देश के कई राज्यों से काफी कम हैं और भाजपा शासित राज्यों में अपराध बिहार की तुलना में कहीं ज्यादा हैं । उन्होंने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: सरकार के अधीन है लेकिन फिर भी वहां पाटियाला हाउस कोर्ट परिसर में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष को पीटा गया । 

मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि कोर्ट परिसर में छात्र नेता को पीटा जाना क्या मंगलराज है । उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार के एक मंत्री ने एक पर्ची को पढ़कर सदन के दोनों सदनों में ईश निंदा की, जो काफी दुखद है । उन्होंने कहा कि संसद में ईश निंदा करना वर्जित है लेकिन इसके बावजूद एक मंत्री ने ऐसा किया। श्री कुमार ने कहा कि विपक्ष धान खरीद के मामले में सरकार पर झूठा आरोप लगा रहा है । उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक छह लाख 85 हजार टन धान की खरीद की गयी है जबकि इसी अवधि में पिछले वर्ष पांच लाख 54 हजार 22 मेट्रिक टन धान खरीदा गया था। इसके बावजूद विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि धान की खरीद नहीं हो पा रही है । मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के एक पत्रकार जो तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के मीडिया इंचार्ज थे ,ने वर्ष 2014 में .. मोदी इफेक्ट.. नामक एक पुस्तक लिखी थी । उन्होंने कहा कि शायद वह अब नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलता से निराश हो चुके हैं और हाल ही के अपने लेख में .. मोदी डिफेक्ट ..की चर्चा की है और इस संबंध में वह एक किताब भी लिखने वाले हैं । 

रोमांचक मुकाबले में भारत ने पकिस्तान को हराया

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मीरपुर, 27 फरवरी, टीम इंडिया के गेम चेंजर हार्दिक पांड्या (आठ रन पर तीन विकेट) की घातक गेंदबाजी आैर जीवट के धनी बल्लेबाज विराट कोहली के 49 रन के पराक्रम से भारत ने एशिया कप के महासंग्राम कहे जा रहे मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को शनिवार को पांच विकेट से पीटकर टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत दर्ज की। पांड्या की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुये पाकिस्तान को 17.3 ओवर में मात्र 83 रन पर ढेर कर दिया लेकिन छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुये भारतीय बल्लेबाजी को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अपने पहले दो ओवर में तीन विकेट लेकर झकझोर दिया। भारत ने अपने तीन विकेेट मात्र आठ रन पर गंवा दिये। ऐसे नाजुक हालात में विराट ने युवराज सिंह के साथ मोर्चा संभाला और चौथे विकेट के लिये 11.3 ओवर में 68 रन की बेशकीमती साझेदारी की। विराट अपने अर्धशतक से एक रन दूर रह गये लेकिन तब तक वह भारत को जीत की मंजिल के करीब पहुंचा चुके थे। विराट के आउट होने के बाद हार्दिक पांड्या भी खाता खोले बिना आउट हो गये। लेकिन लक्ष्य बड़ा नहीं था और भारत ने 15.3 ओवर में पांच विकेट पर 85 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। 

विराट ने दो साल पहले बंगलादेश में ही पाकिस्तान के खिलाफ विश्वकप मुकाबले में नाबाद 36 रन की मैच विजय पारी खेली थी और तब भारत सात विकेट से जीता था। युवराज ने हालांकि लड़खड़ाहट दिखाई लेकिन वह विराट के साथ क्रीज पर जमे रहे। युवराज ने 32 गेंदों में दो चौकों की मदद से नाबाद 14 रन की संयमित पारी खेली। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद सात) ने विजयी चौका मारा। आमिर का चार ओवर का स्पैल समाप्त होते ही भारत के ऊपर से दबाव हट गया। आमिर ने पहले ओवर में रोहित शर्मा और अजिंक्या रहाणे को खाता खाेले बिना पगबाधा आउट किया और फिर अपने दूसरे ओवर में सुरेश रैना (1) को वहाब रियाज के हाथों कैच करा दिया। प्रतिबंध हटने के बाद वापसी कर रहे आमिर ने इस स्पैल से एकबारगी तो भारत को बैकफुट पर धकेल दिया लेकिन विराट के पराक्रम ने भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त किया। मैच विजयी पारी खेलने वाले विराट ने पहले सातवें ओवर में आमिर की गेंदों पर लगातार दो चौके मारकर दबाव हटाया और फिर नौंवे ओवर में वहाब रियाज पर भी दो चौके जड़कर पाकिस्तान की वापसी की उम्मीदों को तोड़ दिया। विराट जब अपने अर्धशतक से एक रन दूर थे तब मोहम्मद सामी ने उन्हें पगबाधा कर दिया। विराट इस फैसले के बाद कुछ मुस्कुराते दिखाई दिये। विराट ने 51 गेंदों पर 49 रन की पारी में सात चौके लगाये। पांड्या क्रीज पर उतरे और सामी की गेंद की उछाल पर मोहम्मद हफीज को कैच थमा बैठे। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फिर युवराज के साथ भारत को जीत की मंजिल पर पहुंचाया। धोनी ने रियाज की गेंद पर विजयी चौका मारा और भारत ने 27 गेंद शेष रहते मैच जीत लिया। मैच छोटे स्कोर वाला रहा लेकिन इस मैच में चिर प्रतिद्वंद्वियों के बीच तनाव आैर रोमांच के क्षण भरपूर देखने को मिले। 

इससे पहले ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (अाठ रन पर तीन विकेट) की अगुवाई में गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 17.3 ओवर में मात्र 83 रन पर ढेर कर दिया था। पांडया ने 18वें ओवर में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर पाकिस्तान की पारी को समेट दिया। पाकिस्तान का ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में यह तीसरा सबसे कम स्कोर है। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि पाकिसतानी टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने इस कदर समर्पण कर जाएगी। लेकिन आत्मघाती प्रदर्शन के लिये मशहूर पाकिस्तानी टीम ने एक बार फिर आत्मघाती प्रदर्शन कर डाला। गेंदबाजों ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को सही साबित किया। अपना आठवां टवंटी-20 मैच खेल रहे पांड्या ने 3.3 ओवर में मात्र आठ रन पर तीन विकेट झटककर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर डाला। 

ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने तीन ओवर में 11 रन पर दो विकेट, आशीष नेहरा ने तीन ओवर में 20 रन पर एक विकेट, जसप्रीत बुमराह ने तीन ओवर में आठ रन पर एक विकेट और युवराज सिंह ने दो ओवर में 11 रन पर एक विकेट लेकर पाकिस्तान को निपटा दिया। पाकिस्तान के कप्तान शाहीद आफरीदी और खुर्रम मंजूर आत्मघाती रन चुराने के चक्कर में रन आउट हुये। पाकिस्तान की तरफ से विकेटकीपर सरफराज अहमद ने 24 गेंदों में तीन चाैकों की मदद से सर्वाधिक 25 रन बनाये। खुर्रम मंजूर (10) दहाई की संख्या में पहुंचने वाले दूसरे अन्य पाकिस्तानी बल्लेबाज रहे। पाकिस्तान के 83 रन के स्कोर में 11 वाइड सहित 15 अतिरिक्त रनों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारत के छह गेंदबाजों में सिर्फ स्टार आफ स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन एकमात्र एेसे गेंदबाज रहे जिन्हें काेई विकेट नहीं मिला। अश्विन ने तीन ओवर में 21 रन दिये। अनूठे एक्शन वाले तेज गेंदबाज बुमराह ने अपने तीन अोवर में दो ओवर तो मैडन डाले। पाकिस्तान को पहले ही ओवर में बांए हाथ के तेज गेंदबाज नेहरा ने मोहम्मद हफीज (4) को आउट कर ऐसा झटका दिया कि पाकिस्तानी टीम उसके बाद संभल नहीं पाई। शर्जील खान (7) और मंजूर (10) ने दूसरे विकेट लिये 18 रन जोड़े। बुमराह ने शर्जील को अजिंक्या रहाणे के हाथों कैच कराया जबकि मंजूर को विराट कोहली ने रन आउट कर दिया। शोएब मलिक (4) को पांड्या ने विकेट के पीछे धोनी के हाथों कैच करा दिया। उमर अकमल (3) को युवराज ने पगबाधा किया जबकि कप्तान आफरीदी (2) जडेजा के शानदार थ्रो पर रन आउट हो गये। वहाब रियाज (4) को जडेजा ने पगबाधा कर दिया। पाकिस्तान के सात विकेट पर मात्र 52 रन पर गिर गये थे आैर एेसा लग रहा था कि पाकिस्तानी टीम अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हो जायेगी लेकिन सरफराज ने 25 रन की पारी खेलकर पाकिस्तान को इस शर्मिंदगी से बचा लिया। सरफराज को जडेजा ने बोल्ड किया और पांड्या ने मोहम्मद सामी (8) और मोहम्मद आमिर (1) के विकेट लेकर पाकिस्तान को 83 रन पर निपटा दिया। 

जब रोज-रोज की चेकिंग से परेशान होकर गंजी-गमछा में परीक्षा देने पहुंचा छात्र

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बिहार में इन दिनों इंटर की परीक्षा चल रही है. परीक्षा में नकल रोकने के लिए हर जगह पर जमकर सख्ती दिखाई जा रही है. राज्य भर में चल रही परीक्षा में परीक्षा केंद्रों में प्रवेश से पहले छात्र-छात्राओं की गहन तलाशी ली जा रही है. इसी क्रम में रोज-रोज की झंझट से बचने के लिए और कोई नकल करने का शक भी ना करे छपरा में एक छात्र ने अजीबोगरीब तरीका अपनाया. छपरा के आरडीएस पब्लिक स्कूल परीक्षा सेंटर पर जब छात्र परीक्षा देने पहुंचा तो परीक्षार्थी पर सबकी निगाहें टिकी थीं. परीक्षार्थी शर्ट-पैंट की बजाए गंजी और गमछा में ही परीक्षा देने पहुंच गया.

परीक्षार्थी पीएन कॉलेज परसा का था. गमछा में पहुंचे छात्र से जब कुछ पत्रकारों और वीक्षकों ने उसके कपड़ों को लेकर सवाल पूछा तो उसने जवाब दिया कि बिना पढ़ाई के कड़ाई हो रही है. परीक्षा केन्द्र पर जबरन जूते कपड़े खुलवाए जा रहे हैं, इससे अच्छा है कि घर से ही गमछा गंजी में आएं, ताकि बार-बार जांच नहीं करानी पड़े और जो भी याद है सुकून से लिख सकूं.

दरअसल एक दिन पहले ही वीक्षकों ने उस छात्र के कपड़े से लेकर जूते तक उतरवाकर उसकी चेकिंग की थी, लेकिन उसके पास से नकल का कोई भी सामान नहीं मिला था. इस परेशानी से अजीज छात्र ने चेकिंग से बचने का नायाब तरीका ढूंढ़ निकाला. परीक्षार्थी के इस परिधान को देख कर सेंटप पर तैनात मजिस्ट्रेट तक दंग रह गए.

हिन्दी कवि उमेश चौहान को मुक्तिबोध सम्मान

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नयी दिल्ली 27 फरवरी, हिंदी के वरिष्ठ कवि उमेश चौहान को आज यहां चौथे मुक्तिबोध सम्मान से विभूषित किया गया । प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह ने गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री चौहान को यह सम्मान प्रदान किया। केरल कैडर के 1986 बैच के आयीईएस अधिकारी श्री चौंहांन को पुरस्कार में 11 हज़ार रूपये का चेक, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और शाल प्रदान किया गया । लखनऊ की साहित्यिक पत्रिका रेवांत द्वारा आयोजित इस समारोह में श्री चौहान की दो पुस्तकों चुनी हुई कविताओं और हिंदी साहित्य तांक झांक का भी लोकार्पण डॉ नामवर सिंह ने किया । 

समारोह में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहासकार डॉ बद्री नारायण ने कहा कि यह बहुत बुरा दौर है और देश में राष्ट्रवाद और देशद्रोह के नाम पर बहुत संकट खड़ा किया जा रहा है ।ऐसे में मुक्तिबोध की याद बहुत आती है ।श्री चौहान ने भी अपनी कविताओं में इस गहरे संकट को चित्रित किया है और मुक्तिबोध की परामरा को आगे बढ़ाया है । समारोह में प्रसिद्ध कवि नरेश सक्सेना जाने मने कहानीकार अखिलेश आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 

कन्हैया का आरोप, कोर्ट परिसर में पीटा गया

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान वकील की वर्दी पहने लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी। न्यूज चैनलों में प्रसारित एक वीडियो में कन्हैया को उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वरिष्ठ वकीलों की टीम से बातचीत में यह दावा करते दिखाया गया है। उसने कहा कि 17 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में वकीलों ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उसके साथ मारपीट की थी। उसने कहा, “जब पुलिस मुझे कोर्ट के गेट पर लायी तो वकीलों की वर्दी पहने कुछ लोगों ने मुझ पर हमला किया। ऐसा लगता है कि वे पहले से तैयार बैठे थे और दूसरे लोगों को भी बुला रहे थे। मेरे साथ मारपीट की गयी।” 

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया ने कहा कि उस पर हमला करने वाले लोग राजनीति से प्रेरित थे। उसने कहा कि उसके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। कन्हैया ने कहा, “पुलिस वालों ने मुझे बचाया और गेट के अंदर ले आए लेकिन उनमें से एक व्यक्ति आकर मेरे पीछे बैठ गया। मैं उसे पहचानता था और मैंने अपने टीचर से कहा कि उस व्यक्ति ने मुझे मारा है।” उच्चतम न्यायालय को जब कन्हैया के साथ हुई मारपीट के बारे में बताया गया तो उसने एक टीम का गठन किया था जिसमें कपिल सिब्बल, राजीव धवन, दुष्यंत दवे, एडीएन राव, अजीत कुमार सिन्हा और हरेन रावल शामिल थे। यह टीम 17 फरवरी को ही पटियाला कोर्ट हाउस पहुंची और उसने कन्हैया से पूछताछ की थी। 

कन्हैया ने टीम को बताया कि हमलावरों में से एक व्यक्ति कोर्ट में कमरे में आया था और उसने इसकी जानकारी अपने टीचर को दी थी और पुलिस को भी बताया था। पुलिस ने उस व्यक्ति से उसकी पहचान पूछी तो उसने उल्टे पुलिसकर्मी से ही सवाल किया कि तुम कौन हो। इसके बाद वह व्यक्ति पुलिस के सामने ही बाहर चला गया और पुलिस ने कुछ नहीं किया जबकि उसे वहां पकड़ा जा सकता था। इससे पहले एक चैनल पर दिखाए गए स्टिंग ऑपरेशन में एक वकील को यह दावा करते हुए दिखाया गया था कि उसने और उसके साथियों ने कन्हैया की जमकर पिटाई की थी। 

झारखंड के प्रथम ग्राम न्यायालय का उद्घाटन

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कोडरमा. 27 फरवरी, झारखंड में कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया में श्रम कल्याण् प्रांगण में आज राज्य के प्रथम ग्राम न्यायालय का उद्घाटन किया गया। ग्राम न्यायालय का उद्घाटन उच्च न्यायालय रांची के न्यायाधीश प्रशांत कुमार ने किया। राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर छह ग्राम न्यायालय की स्थापना की जानी है। 

समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि ग्राम अधिनियम 2008 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाना ही ग्राम न्यायालय का मुख्य उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि तीन साल की सजा वाले फौजदारी और दीवानी मुकदमे की भी सुनवाई ग्राम न्यायालयों में की जायेगी। गौरतलब है कि झारखंड में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर छह ग्राम न्यायालयों की स्थापना की जानी है। 

आम लोगों पर बढ़ सकता है बोझ, वेतनभोगी हो सकते हैं निराश

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नयी दिल्ली 28 फरवरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली सोमवार को अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे जिसे लेकर लोग तरह तरह की उम्मीदें लगायें बैठे हैं लेकिन इस बार वेतनभोगियों को जहाँ निराशा हाथ लग सकती हैं वहीं सब्सिडी आदि में कटौती होने पर आम लोगों पर बोझ बढ़ सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आर्थिक विकास को गति देने के लिए संसाधन जुटाने के उपाय करने का दवाब है जिसका असर आम लोगों पर पड़ सकता है। उद्योग संगठनों के साथ ही दूसरे संगठन भी आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की अपील कर चुके हैं लेकिन वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू राजकोषीय दबाव के मद्देनजर इस अपील का कोई विशेष असर होने के आसार कम ही हैं। अगले कुछ महीनों में पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव हाेने हैं। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इसके मद्देनजर वित्त मंत्री मतदाताआेंं पर अधिक भार नहीं डालना चाहेंगे। लेकिन, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी और इसके मद्देनजर आयकर छूट सीमा बढ़ाने की पहले उम्मीद की जा रही थी, लेकिन आर्थिक समीक्षा 2015-16 में इसमें बदलाव नहीं करने की सिफारिश की गयी है जिससे अब इसमें वृद्धि होने की संभावना बहुत कम हो गयी है। वैश्विक अनुपात की तुलना में देश में करदाताओं की संख्या भी कम है। अभी 10 फीसदी कर स्लैब के दायरे में मात्र 5.5 प्रतिशत, 20 फीसदी कर स्लैब में 1.6 प्रतिशत और 30 प्रतिशत कर के दायरे में मात्र 0.5 प्रतिशत लोग हैं। मात्र चार प्रतिशत मतदाता ही करदाता हैं जबकि वैश्विक अनुपात 23 प्रतिशत है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि चीन सहित दुनिया के बहुत से देशों में लोगों की आय बढ़ने पर स्लैब में हमेशा बढ़ोतरी नहीं की जाती और करदाता अगले स्लैब के दायरे में आ जाते हैं। विश्लेषकों ने श्री जेटली के इस मार्ग को अपनाने की संभावना जताते हुये कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसे सामाजिक कल्याण के साथ ही ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर सरकारी निवेश बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है और कर के रूप में संग्रहित राजस्व इसका सबसे बड़ा स्रोत है। उनका कहना है कि ऐसा किये जाने पर अधिकांश करदाताओं को मिलने वाली सब्सिडी भी बच सकती है। 

सरकार सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और इसका लाभ सिर्फ समाज के कमजोर लोगों को देने की दिशा में पहले से ही काम कर रही है। इसी दिशा में सरकार ने रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने की उपभोक्ताओं से अपील की थी और अब तक 75 लाख उपभोक्ता इसे छोड़ चुके हैं। इसके साथ ही 10 लाख रुपये या इससे अधिक आय वर्ग को भी रसोई गैस सब्सिडी नहीं दी जा रही है तथा सीधे उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी हस्तांतरित किये जाने से इसमें 24 फीसदी की कमी आयी है। समीक्षा में गैस सिलेंडरों की संख्या 12 से कम कर 10 करने का सुझाव दिया गया है जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस पर भी अमल कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो रसोई गैस सिलेंडर उपयोग करने वाले हर परिवार पर इसका असर होगा। साथ ही दूसरी सब्सिडियों को तर्कसंगत बनाने की वकालत की जा रही है जिससे अब तक इसका लाभ उठा रहे मध्यम वर्ग और अमीर प्रभावित हो सकते हैं। वेतनभोगियों और आम लोगों को दूसरे तरीके से मिलने वाले लाभों, विशेषकर करमुक्त जमा योजनाओं में भी कटौती हो सकती है। कर छूट दिये जाने से लोग बचत योजनाओं में धनराशि जमा करते हैं, लेकिन उसका पूरा लाभ सरकार नहीं उठा पा रही है। इसके मद्देनजर ही इन योजनाओं को सीमित करने या एक निश्चित कर छूट की सीमा वालों को ही इसका लाभ देने का प्रावधान किया जा सकता है। अमीरों को दी जा रही एक लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी का उल्लेख समीक्षा में किया गया है और इसे कम करने या समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। बजट पर इस सुझाव का असर भी दिख सकता है। कर राजस्व बढ़ाने के दूसरे वैकल्पिक उपाय भी किये जाने की संभावना है, जिससे राजकोष पर दबाव न/न बने। स्टार्ट अप इंडिया के तहत इस दायरे की कंपनियों को कई तरह की छूट दिये जाने की पहले की घोषणा की जा चुकी है लेकिन बजट में इसकी औपचारिकता पूरी की जा सकती है। 

आज नहीं खंगाले जा रहे हैं गुमनामी बाबा के सामान

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फैजाबाद, 28 फरवरी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश से गुमनामी बाबा के सामानों को खंगालने का शुरु हुआ काम आज रविवार होने की वजह से रोक दिया गया है। गुमनामी बाबा को उनके अनुयायी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस होने का दावा करते हैं हालांकि, अभी किसी भी जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश से गत 26 तारीख से गुमनामी बाबा के सामानों को खोला जा रहा है। उत्तर प्रदेश में फैजाबाद के कोषागार के डबल लाॅक में रखे गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के सामानों में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पर लिखी किताबें मिलने से तरह-तरह की चर्चाएं यहां जोर पकड रही हैं। अपर जिलाधिकारी नगर राम निवास शर्मा ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि प्रशासनीय समिति के सदस्यों की मौजूदगी में जिला कोषागार के डबल लाॅक में रखा गया नेताजी सुभाषचन्द्र बोस माने जाने वाले गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के बक्सों को खोलकर सामानों की सूची बनाने की प्रक्रिया कल भी जारी रही। आज रविवार होने की वजह से यह काम रोक दिया गया है। कल से यथावत सामानों को खंगालने का काम चलेगा। कल तक पांच बक्से खोल लिये गये थे। कोषागार में गुमनामी बाबा के सामानों वाले कुल 26 बक्से रखे हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि अभी तक खुले बक्सों में किताबें, चश्मा, सरौता, ब्रुश, टाॅर्च, कुल्हाड़ी, गड़ांसा, सिगरेट की पाइप, पेंसिल, चुम्बक, बंगाली भाषा की दर्जन भर साहित्य, हिन्दी की पुस्तक, रुद्राक्ष के दाने सहित छोटी-छोटी कई वस्तुएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश से गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी का सामान कोषागार से निकालकर उसे सुरक्षित रखा जा रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि इन सामानों की लिस्ट बनायी जा रही है, इन सामानों में जो अयोध्या में सरयू तट पर स्थित नये घाट के रामकथा संग्रहालय में रखने लायक होगा उसे सुरक्षित 26 मार्च को रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि जो सामान खराब होंगे उनको प्रशासनिक कमेटी जांच पड़ताल करने के बाद ही उसे नष्ट किया जाएगा। इन बक्सों की वीडियोग्राफी भी करायी जा रही है, जिससे छोटे से छोटे सामान भी इधर-उधर न हो सकें। 

अपर जिलाधिकारी नगर ने बताया कि प्रशासकीय समिति का कार्य पूरा होने के बाद प्रशासन की ओर से गठित तकनीकी समिति के विशेषज्ञ सामानों का परीक्षण करेंगे, इसके बाद तय होगा कि गुमनामी बाबा के किन सामानों को रामकथा संग्रहालय में रखा जाय। गौरतलब है कि फैजाबाद के सिविल लाइन स्थित रामभवन में गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी का देहान्त 16सितम्बर 1985 को हुआ था। उसके बाद उनके अनुयायियों ने दावा किया था कि गुमनामी बाबा ही नेता सुभाषचन्द्र बोस थे। इसकी जांच के लिए सरकार ने मुखर्जी आयोग का गठन 2000 में किया था और उनके सामानों को कोषागार में रखने के लिये आदेश दिया था। आयोग ने इसकी जांच काफी बारीकी से कर रही थी। अपनी समय सीमा के बाद छह माह का समय आयोग ने जांच के लिये और मांगा था परन्तु सरकार ने नहीं दिया था, जिससे मुखर्जी आयोग ने अधूरी रिपोर्ट 2004 में सौंप दी। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की भतीजी ललिता बोस ने 1986 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गुमनामी बाबा के सामानों को कोषागार में सुरक्षित रखने की मांग की थी। इसके बाद कोषागार के डबल लॉक में 31 वर्षों से रखा हुआ गुमनामी बाबा का सामान खराब होने की आशंका को देखते हुए सुभाषचन्द्र बोस राष्ट्रीय विचार केन्द्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की। याचिका निस्तारण करते हुए न्यायालय ने 31 मार्च 2013 को इन सामानों को सुरक्षित रखने के आदेश दिये। उसी आदेश के तहत सामानों को कोषागार से निकाल कर रामकथा संग्रहालय में रखा जायेगा। 

बिहार : विधायक की संपत्ति होगी कुर्क, विधायक के आवास पुलिस ने घेरा

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नवादा 28 फरवरी, नाबालिग से कथित दुष्कर्म के मामले में फरार नवादा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक राजबल्लभ यादव के खिलाफ अदालत से कुर्की-जब्ती का आदेश जारी होने के बाद विधायक आवास को पुलिस ने घेर लिया है और आज उनकी संपत्ति की कुर्की की जा सकती है। 

नालंदा की एक अदालत से शनिवार को जारी कुर्की आदेश के बाद से ही पुलिस ने विधायक आवास को अपने कब्जे में ले लिया है। विधायक आवास और आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। विधायक के नवादा जिलेे के मुफसिल थाना के पथरा इंगलिश गांव में कल रात से ही करीब 150 पुलिसकर्मी तैनात है। विधायक के घर के आसपास जानेवाले मार्गों पर भी पुलिस की तैनाती की गई है। विधायक की कुर्क संपत्ति को ले जाने के लिए बड़ी संख्या में मालवाहक वाहन मंगाए गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि 23 फरवरी को नालंदा पुलिस ने विधायक के पथरा इंगलिश स्थित आवास और डीला इंगलिश गांव में इश्तेहार चिपकाया था लेकिन विधायक ने अदालत में आत्मसमर्पण नहीं किया। इसके बाद पुुलिस ने अदालत से विधायक की संपत्ति कुर्की आग्रह किया था। शनिवार को अदालत ने कुर्की का आदेश जारी कर दिया । विधायक पर नालंदा की एक पंद्रह वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। इस सिलसिले 09 फरवरी को बिहारशरीफ के महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। 

खुले में शौच के मामले में सबसे आगे हिन्दुस्तानी

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नयी दिल्ली. 28 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर केंद्र सरकार द्वारा देश में जोरशोर से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के बावजूद खुले शौच करने के मामले में भारत के लोग दुनिया में नंबर वन हैं। संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में खुले में शौच को पूरी तरह खत्म करने को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा गया है कि ग्रामीण भारत में 61 प्रतिशत से अधिक लोग खुले में मलत्याग करते हैं जो विश्व में सर्वाधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ के संयुक्त मॉनीटरिंग के 2015 के आंकड़ों के मुताबिक भारत की स्थिति दुनिया में सबसे गरीब माने जाने वाले सब सहारा देशों से भी बदतर है। इन देशों के ग्रामीण इलाकों में केवल 32 प्रतिशत लोग ही खुले में शौच जाते हैं। खुले में शौच के मामले में पड़ोसी देशों की स्थिति भारत से कहीं अधिक बेहतर है। श्रीलंका में यह समस्या पूरी तरह खत्म हो गयी है जबकि अत्यधिक जनसंख्या घनत्व वाले बंगलादेश भी इससे लगभग निजात पा चुका है। पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में 21.4 प्रतिशत, नेपाल में 37.5 प्रतिशत और भूटान में 3.8 प्रतिशत लोग ही खुले में मल त्याग करते हैं। सफाई के मामले में बहुत पिछड़े अफगानिस्तान में भी 17 प्रतिशत और अफ्रीकी देश केन्या में 15 प्रतिशत लोग ही ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच करते हैं। देश के ग्रामीण इलाकों में कई परिवारों में शौचालय होने के बावजूद लोग खुले में शौच करते हैं। इससे साफ है कि खुले में शौच का आर्थिक संपन्नता से कोई लेना देना नहीं है। 

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि देश में खुले में शौच करने की प्रवृत्ति में एक प्रतिशत सालाना की दर से कमी हो रही है और अगर यही हाल रहा तो 2030 तक इस समस्या को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा। अगर इस लक्ष्य को हासिल करना है तो मौजूदा दर को तीन गुना करना होगा और इसे 15 साल तक लगातार बरकरार रखना होगा। शोध से पता चलता है कि ग्रामीण भारत में लोगों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे शौचालयों को आंशिक रूप से खारिज कर दिया है क्योंकि उनके गड्ढों को कुछ वर्षों बाद खाली करने की जरूरत पड़ती है। दूसरे देशों में ऐसे गड्डों को खाली करना आम बात है लेकिन भारत में अस्पृश्यता के इतिहास के कारण मल का निपटान एक निकृष्ट काम माना जाता है। यही वजह है कि लोगों ने इस तरह के शौचालय को खुले दिल से स्वीकार नहीं किया है। खुले में मल त्याग से वातावरण में कीटाणु फैलते हैं और बच्चों में डायरिया तथा इंटेरोपैथी जैसी बीमारियां पैदा करते हैं। इनके कारण बच्चों का विकास रुक जाता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि जिन गांवों में खुले शौच की समस्या ज्यादा बड़ी होती है वहां बच्चों की लंबाई उम्र के मुताबिक नहीं बढ़ पाती है। इसी तरह अमेरिका में हुए एक अध्ययन के मुताबिक हुकवर्म (पेट का कीड़ा) से निजात पाने वाले बच्चों ने पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन किया और बड़े होकर ज्यादा कमाई की। खुले में शौच की समस्या को खत्म करने के लिए देश में चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन का उल्लेख करते हुये समीक्षा में कहा गया कि इसके तहत पिछले साल देश के 80 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। शौचालयों के निर्माण के साथ-साथ लोगों को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा तभी इस समस्या से भारत को मुक्ति मिल पाएगी। 

ईरान के राष्ट्रपति ने विश्वास मत हासिल किया

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तेहरान 28 फरवरी, ईरान के संसदीय चुनावों के माध्यम से राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जहां विश्वास मत हासिल कर लिया है वहीं उनके सुधारवादी सहयोगियों ने प्रारंभिक नतीजों के अनुसार आशातीत सफलता प्राप्त की है। शुक्रवार के चुनावों में उदारवादियों तथा सुधारवादियों ने जो सफलता प्राप्त की है वह ईरान की राजधानी में अब साफ दिखाई देने लगी है और इससे यह संकेत मिलने लगा है कि संसद अब राष्ट्रपति रूहानी के अधिक अनुकूल होगी। 

290 सदस्यीय संसद पर अब पश्चिम विरोधी कट्टरपंथियों का नियंत्रण ढीला होगा और परमाणु समझौते से ईरान के अन्तरराष्ट्रीय व्यापार में न केवल वृद्धि होगी बल्कि देश के भीतर अधिक बाहरी निवेश की स्थिति पैदा होगी। इस चुनाव के माध्यम से ईरान की जनता ने अपनी शक्ति एक बार फिर दिखा दी है और उसने निर्वाचित सरकार को मजबूत किया है। श्री रूहानी ने कहा है कि जो भी चुनाव जीतेगा और वह उसके साथ मिलकर काम करेंगे तथा औद्योगीकरण के लिए काम करेंगे। 

विशेषज्ञाें की एसेम्बली के चुनाव में श्री रूहानी तथा पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफसंजानी के समर्थक जीत रहे हैं। विशेषज्ञों की एसेम्बली के चुनाव के अधिकांश मत गिने जा चुके हैं और श्री रूहानी तथा श्री रफसंजानी के समर्थकों की जीत निश्चित है। आधिकारिक रूप से घोषित परिणाम के अनुसार रूहानी के गुट तथा उनका समर्थन करने वाले निर्दलीय अधिकतर संसदीय सीटों पर आगे हैं। कुछ उदारवादी तथा कंजरवेटिव जिनमें वर्तमान स्पीकर तथा रूहानी के समर्थक अली कारी जानी शामिल हैं, जीत रहे हैं। 
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