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वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश के साथ खत्म हुआ कला का महाकुंभ

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, राजधानी में यमुना के तट पर लगा दुनिया की संस्कृतियों और कला का महाकुंभ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के संदेश के साथ आज खत्म हो गया। तीन दिन चले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में दुनिया के कोने-कोने से आये हजारों कलाकारों और कलाप्रेमियों ने गीत, संगीत तथा नृत्य के सागर में डुबकी लगायी। आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस महोत्सव में दुनियाभर के करीब 35 हजार कलाकारों ने विश्व को अपनी कला से परिचित कराया जबकि देश-विदेश के लाखों कलाप्रेमियों ने जमकर इस कला का लुत्फ उठाया। इस कार्यक्रम का 134 देशों के 1200 हजार शहरों में इस कार्यक्रम का वेबकास्ट किया गया। महोत्सव के पहले दो दिन जहां बारिश ने खलल डाली वहीं अंतिम दिन इंद्रदेव पूरी तरह से मेहरबान बने रहे। समापन समारोह में भी भारत और दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों की सतरंगी छठा देखने को मिली। आंध्र प्रदेश के 1050 कुचीपुड़ी नर्तकों, राजस्थान के 1350 घूमर नर्तकों और असम के 452 बिहू नर्तकों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को कला के महासागर में गोते लगाने के लिए मजबूर कर दिया जबकि 1000 कलाकार रबींद्र संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अर्जेंटीना के टैंगो डांसरों और जापान के एक्रोबेटिक डांसरों ने भी अपने हुनर से दर्शकों का दिल जीत लिया।

महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे जबकि समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और विज्ञान एवं प्रौद्योगकी मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन सहित देश विदेश के कई नेता मौजूद थे। इस मौके पर श्री नायडू ने कार्यक्रम के आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कहा कि यमुना साफ और शांत है लेकिन कुछ लोगों के दिमाग दूषित है। उन्होंने श्री श्री रविशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि उनके पास लोगों को सम्मोहित करने की ताकत है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि श्री श्री रविशंकर ने वसुधैव कुटुम्बकम को सही मायनों में चरितार्थ करते हुए दुनिया को साथ ला दिया है। समापन समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को हिस्सा लेना था लेकिन महोत्सव के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के विवाद के कारण उन्होंने इससे किनारा कर लिया। इस आयोजन के लिए कई एकड़ जमीन को साफ किया गया था। यह मामला राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में पहुंचा था जिसने आर्ट ऑफ लिविंग को पांच करोड़ रुपये हर्जाना देने को कहा। अंतिम दिन समारोह की शुरुआत बॉलीवुड की प्रसिद्ध पार्श्व हेमा सरदेसाई ने अपनी मखमली आवाज से की। इसके साथ कई कलाकारों ने श्री खोल (मृदंगम) की थाप से उपस्थित जनसमूह में जोश भर दिया। डॉ़ मणिकांतन और उनके ग्रुप ने ‘रे मनवा’ गाकर दर्शकों का झूमने पर विवश किया जबकि न्यूजीलैंड के मूल निवासी माओरियों ने दुनिया को अपनी संस्कृति से परिचित कराया। 

जर्मनी के 106 नर्तकों ने अपने देश का लोक नृत्य पेश किया जबकि श्री श्री रविशंकर की बहन और आर्ट ऑफ लिविंग की महिला एवं बाल कल्याण कार्यक्रम की निदेशक भानु नरसिम्हन ने अपनी शानदार प्रस्तुति से समां बांधा। सैकड़ों कलाकारों ने एक साथ कई वाद्य यंत्र बजाकर आर्ट ऑफ लिविंग की ग्रैंड सिंफनी पेश की। दक्षिण भारत के मंदिरों में बजाए जाने वाले नादस्वरम ने दर्शकों को आध्यात्म से जोड़ा जबकि पड़ोसी देश नेपाल के 125 नर्तकों ने अपने परंपरागत लोकनृत्य से उन्हें झूमने पर मजबूर किया। इसी तरह मंगोलिया के 125 नर्तकों ने भी बियेलगी नृत्य से दर्शकों को अपने देश की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया। इसके बाद 8500 संगीतज्ञों ने 50 अलग-अलग वाद्य यंत्रों के बीच ऐसी जुगलबंदी पेश कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। यमुना किनारे कई एकड़ में फैले आयोजन स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पुलिस, एनएसजी और एसपीजी के करीब आठ हजार जवानों को इसकी सुरक्षा में लगाया गया था। कार्यक्रम स्थल को 13 प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया था और यमुना पर तीन अस्थायी पुलों का निर्माण किया गया था। महोत्सव में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो ने भी विशेष इंतजाम किए थे। 

नीतीश ने फिर मांगा विशेष दर्जा , केन्द्र को हर हाल में देना होगा बिहार का ह़क

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गोपालगंज, 13 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग एक बार फिर से दुहराते हुए आज कहा कि यह प्रदेश का ह़क है और केन्द्र सरकार को हर हाल में इसे देना होगा। श्री कुमार ने यहां गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जिले के बिशुनपुर-मंगलपुर के बीच गंडक नदी पर नवनिर्मित महासेतु का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के विकास में राजनीतिक प्रभाव को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने संसाधनों से राज्य के विकास को गति देने की हरसंभव कोशिश कर रही है लेकिन यदि राज्य को विशेष दर्जा मिल जायेगा तो विकास की गति कहीं अधिक तेज होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष दर्जा देेने की मांग लोकसभा में सांसदों द्वारा उठाया जाना चाहिए। जबतक विशेष दर्जा नही मिलेगा तबतक राज्य में कल करखाने नही लगेेंगे। कल-कारखाने लगने के बाद ही युवाओ को रोजगार उपलब्ध होगा। बिहार के लोग रोजी-रोटी के लिए बाहर में दर-दर की ठोकरे नही खायेगें बल्कि बाहर के लोग ही बिहार में रोजगार के लिए आयेगें। हर गांवो में नाले का निर्माण, हर घर में नल से पानी मिलेगा। हर गांव एवं टोले को पक्की सड़क से जोड़ने का राज्य सरकार ने संकल्प ले लिया है। तीनों व्यवस्थाओं को लेकर लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है और निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सरकार काम कर रही है।

श्री कुमार ने राज्य के विकास में कृषि की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि सूबे की करीब 76 प्रतिशत की आबादी की जीविका कृषि पर निर्भर है। इसके लिए पूसा में खोले गये अन्तरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र में वैज्ञानिकों के द्वारा मौसम मिजाज के बदलने के आधार पर फसल चक्र की तैयारी में जुटे हुए है। पैदावार अच्छे से अच्छे हो सके। इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में कार्य को जहां एक तरफ गति दी जा रही है वहीं वैज्ञानिक अपने ज्ञान को किसानों के बीच पहुंचा रहे है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य के विकास में केन्द्र का साथ चाहिए। विकास कार्य में पार्टी की राजनीतिक आड़े नहीं आनी चाहिए। चुनावी वादों को प्रधानमंत्री को पूरा करना चाहिए। उन्होने कहा कि बिहार के विकास के लिए मास्टर प्लान और रोड मैप के अनुरूप सरकार कार्य कर रही है। सड़क निर्माण के लिए नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। केन्द्र ज्यादा से ज्यादा सहयोग देती है तो बिहार का विकास करने में किसी प्रकार की परेशानी नही होगी। 

यह महासेतु भारत -नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंचने के लिए उचित सुविधा उपलब्ध करायेगा और इसके साथ ही गोपालगंज और बेतिया की दूरी मात्र 42 किलोमीटर रह गयी है। इससे पूर्व 168 किलोमीटर यह दूरी थी। इस पुल पर यातायात शुरु हो जाने से सारण प्रमंडल के छपरा ,सीवान और गोपालगंज के अलावा उत्तर प्रदेश के देवरिया के लोगों को नेपाल जाने में कम दूरी का सामना करना पड़ेगा । गौरतलब है कि गंडक नदी पर निर्मित इस महासेतु का मुख्यमंत्री ने वर्ष 2009 में शिलान्यास किया था और सात वर्षों में यह पुल बनकर तैयार हुआ है। गंडक नदी पर बने महासेतु की लंबाई 1920 मीटर है जबकि इसकी पूरी लंबाई साढ़े सोलह किलोमीटर है। इसके निर्माण में 548 करोड़ रुपये की लागत आयी है। 

चुनाव में लाभ उठाने के लिए ड़र का माहौल बना रही कांग्रेस : भाजपा

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पटना,13 मार्च, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने कांग्रेस पर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से कर भय का माहौल बनाने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संघ की तुलना आईएस से कर लोगों खासकर अल्पसंख्यकों को ड़राने का प्रयास किया है जिससे पांच राज्यों में अप्रैल और मई में होने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लिया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इन पांच राज्यों में हारने की आशंका है जिसके मद्देनजर वह इस तरह के हथकंडे अपना रही है।श्री आजाद ने कल दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के एक कार्यक्रम में संघ की तुलना आईएस से की थी। श्री हुसैन ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए इतने निचले स्तर पर गयी है।कांग्रेस पहले भी चुनावों के वक्त इस तरह की करतूतें करती रही है।उन्होंने कहा कि संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है और इससे जुड़े लोग आम आदमी के कल्याण के लिए सदैव कड़ी मेहनत करते रहे हैं ।बाढ़,सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के वक्त संघ कार्यकर्ता पीड़ितों की मदद के लिए हमेशा आगे खड़े दिखाई देते हैं । भाजपा नेता ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने संघ को 26 जनवरी 1963 को राजपथ पर परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।संघ ऐसा पहला संगठन था जिसे राजपथ पर परेड में शामिल होने के लिए सरकार ने न्यौता दिया था लेकिन कांग्रेस अभी तक संघ को आतंकवादी संगठन करार देने का प्रयास कर रही है।उन्होंने कहा कि 1948 में जब संघ पर प्रतिबंध लगाया गया था तो इसके करीब 30 हजार कार्यकर्ताओं ने बगैर किसी हिंसक कार्रवाई के अपनी गिरफ्तारी दी थी।

श्री हुसैन ने कहा कि संघ के दो समर्पित कार्यकर्ता श्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं जिससे स्पष्ट है संघ कितना अनुशासित संगठन है । उन्होंने कहा कि संघ कार्यकर्ता दूरदराज के इलाकों में पीड़ितों और जरुरतमंदों को मदद पहुंचाते हैं और उसका कोई प्रचार नहीं करते । भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संघ की तुलना आईएस से करने वाले श्री आजाद के बयान को लेकर माफी मांगे । श्री हुसैन ने दावा किया कि अप्रैल और मई में पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में कांग्रेस के जीतने की कोई संभावनायें नहीं हैं ।असम जहां कांग्रेस सत्ता में भाजपा, असम गण परिषद और बोडो गठबंधन से पराजित होने जा रही है।कांग्रेस का प्रदर्शन चार अन्य राज्यों में भी बहुत बुरा होने वाला है। श्री हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार दौरे के वक्त कल अच्छी जुगलबंदी होने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा का दृढ़ मत है कि विकास के मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।बिहार को विकास के लिए केन्द्र से पूरी मदद मिलेगी। भाजपा नेता ने कहा कि श्री मोदी ने गत वर्ष बिहार के लिए जिस विशेष पैकेज की घोषणा की थी उसे राज्य को मुहैया कराया जायेगा।इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा कि बिहार और केन्द्र सरकार मिलकर कार्य करें तो राज्य में विकास की गति निश्चित रुप से तेज होगी ।देश के विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों खासकर बिहार के विकास की गति तेज करना बहुत जरुरी है।

बिहार : अप्राकृतिक यौनाचार का आरोपी मदरसा प्रधानाध्यापक फरार

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डेहरी ऑन सोन,13 मार्च, बिहार में रोहतास जिले के डेहरी नगर थाना क्षेत्र में एक आवासीय मदरसा के प्रधानाध्यापक पर छात्रों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने के आरोप में आज प्राथमिकी दर्ज करायी गयी जिसके बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि जक्खी बिगहा स्थित मदरसा से भाग कर कुछ छात्र ट्रेन पकड़ने डेहरी ऑन सोन स्टेशन आ गये थे,उनका पीछा करते हुए मदरसा शिक्षक मोहम्मद करीम वहां पहुंच गया। उन्हें देखकर छात्र भागने लगे लेकिन शिक्षक ने उनका पीछा कर कुछ दूरी पर उन्हें पकड़ लिया और फिर उनकी पिटाई शुरू कर दी। छात्रों की पिटाई होते देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस छात्रों और शिक्षक को पकड़ कर डालमिया नगर थाना ले गयी। 

छात्रों के बयान के आधार पर प्रधानाध्यापक हाफिज मोहम्मद नसरूल्लाह के खिलाफ डालमिया नगर थाना में विद्यार्थियों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने का मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित छात्रों की उम्र आठ से 15 साल के बीच है जो झारखंड के गोड्डा जिले के निवासी हैं। इन छात्रों को बाल सुधारगृह भेज दिया गया है। घटना के बाद से आरोपी प्रधानाध्यापक फरार है। शिक्षक को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ दिया। पुलिस अधीक्षक एम. एस ढिल्लों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। 

सुपर डैन और ओकुहारा बने ऑल इंग्लैंड चैंपियन

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बर्मिंघम, 13 मार्च, सुपर डैन के नाम से मशहूर पूर्व विश्व चैंपियन चीन के लिन डैन और जापान की नोजोमी ओकुहारा ने रविवार को अपने-अपने फाइनल मुकाबले जीतकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्रमश: पुरुष और महिला वर्ग के एकल खिताब अपने नाम कर लिये। विश्व रैंकिंग में चौथे नंबर के खिलाड़ी सुपर डैन छठी बार ऑल इंग्लैंड चैंपियन बने। उन्होंने फाइनल में हमवतन तिआन होउ वेई को 45 मिनट में 21-9, 21-10 से हराया। डैन का अब होउ वेई के खिलाफ कॅरियर रिकार्ड 7-0 हो गया है। होउ वेई ने सेमीफाइनल में डेनमार्क के हांस क्रिस्टियन विटिनगुस को 15-21, 21-14, 21-14 से हराकर फाइनल में स्थान बनाया था लेकिन वह अपने विजयी प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके। पांचवी सीड डैन ने पहला गेम 21-9 से आसानी से जीत लिया। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि आठवीं सीड होउ वेई वापसी करेंगे लेकिन पूर्व विश्व चैंपियन डैन के सामने उनकी एक न चली और डैन ने कमाल का प्रदर्शन करते हुये दूसरा गेम और मुकाबला 21-10 से जीत लिया। महिला एकल में जापानी खिलाड़ी ओकुहारा ने सातवीं सीड चीन की वांग शिजियांग को एक घंटे 39 मिनट तक चले खिताबी मुकाबले में 21-11, 16-21, 21-19 से हराया। आठवीं सीड ओकुहारा ने सेमीफाइनल में टॉप सीड और गत चैंपियन स्पेन की कैराेलिना मारिन को 11-21, 21-16, 21-14 से हराकर सनसनी मचा दी थी। 

विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर की खिलाड़ी ओकुहारा की दुनिया की पांचवीं नंबर की खिलाड़ी शिजियांग के खिलाफ चार कॅरियर मुकाबलों में यह दूसरी जीत है। आेकुहारा के हाथों पहला गेम हारने के बाद शिजियांग ने वापसी की और दूसरा गेम जीता लेकिन ओकुहारा ने कमाल का प्रदर्शन करते हुये रोमांचक अंदाज में तीसरा गेम जीतकर खिताब पर कब्जा कर लिया। शिजियांग ने सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की तेई जू यिंग को हराकर फाइनल में स्थान बनाया था। महिला युगल के फाइनल मुकाबले में मिसाकी मात्सुतोमो और अयाका तकाहाशी की जापानी जोड़ी ने चीन की तेंग युअांतिंग और यू येंग की चीनी जोड़ी को 47 मिनट में 21-10, 21-12 से हराकर खिताब अपने नाम किया। तीसरी सीड जापानी जोड़ी को खिताबी मुकाबला जीतने में कोई खास परेशानी नहीं हुयी। मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के प्रवीण जार्डन और डेबी सुस्तानो की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुये डेनमार्क के जोआचिम फिशर नीलसन और क्रिस्टिना पीडरसन को 43 मिनट में 21-12, 21-17 से पराजित कर फाइनल जीता। 

महोत्सव से यमुना को नुकसान नहीं हुआ : रविशंकर

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नयी दिल्ली,13 मार्च, आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने आज कहा कि विश्व सांस्कृतिक महोत्व से यमुना को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची है। महोत्सव के समापन के अवसर पर श्री श्री रविशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि वह नहीं मानते कि महोत्सव से यमुना को किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न हुआ है। संवाददाताओं के महोत्सव को यमुना तट पर कराये जाने की अपेक्षा किसी स्टेडियम में कराये जाने के सवाल पर श्री श्री ने उल्टा सवाल किया कि क्या इतने बड़े आयोजन को स्टेडियम में कराना संभव था। उन्होंने कहा,“ हमने पहले इस आयोजन को स्टेडियम में कराने के लिये सोचा था लेकिन इतनी बड़ी संख्या कलाकारों की प्रस्तुति स्टेडियम में संभव नहीं थी। हम बड़े असमंजस में थे और हमने इसे यमुना तट में कराने का निर्णय लिया।” 

महोत्सव से यमुना को किसी प्रकार के खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा,“ देश में विश्व का सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण है। आयोजन के लिये हमने एक भी पेड़ को नहीं काटा बल्कि केवल कुछ फसलों को हटाया है और इसके लिये किसानों को मुआवजा भी दिया गया है। मैं नहीं मानता कि यमुना के तट पर फसलों को हटाने से पर्यावरण के लिये किसी प्रकार का खतरा हुआ है।” 

राजधानी में यमुना के तट पर लगा दुनिया की तमाम संस्कृतियों और कला का महाकुंभ का ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश के साथ आज सफलतापूर्वक समापन हो गया। तीन दिन तक चले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में दुनिया के कोने-कोने से आये हजारों कलाकारों और कलाप्रेमियों ने गीत,संगीत और नृत्य के सागर में डुबकी लगायी। इस महा आयोजन के लिये कई एकड़ जमीन को साफ किया गया था तथा महोत्सव अपने आयोजन से पहले पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के विवाद में था। यह मामला राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के समक्ष पहुंचा था जिसने आर्ट आफ लिविंग को पांच करोड़ रुपये का हर्जाना देने को कहा था। 

महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक नहीं होनी चाहिए : संघ

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नागौर , 13 मार्च, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश जोशी ने मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश काे न्याेचित बताते हुए कहा कि महिलाओं का हर दृष्टि से विकास होना चाहिए। श्री जोशी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में हाल ही में शनि मंदिर सिगनापुर में महिलाओं के प्रवेश पर हुए विवाद पर कहा कि कुछ स्थानों पर प्रबंधन ने किसी कारण से ऐसा किया होगा। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर कोई रोक नहीं रही है और महिलाएं वेदाध्यन और पौरोहित्य कार्य कर रही है , सन्यासी और प्रवचनकार है। 

उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिल्ली में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रसन्नता करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों में आने वाली बाधाओं को खत्म करने के लिए समाज को आगे आना चाहिए। अाध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के कार्यक्रम पर उन्होंने कहा कि इसके कई पहलु हो सकते है। हो सकता है पर्यावरण को लेकर कुछ कमियां रही होगी। सरकार ने उन्हें सचेत किया और करना भी चाहिए। ऐसे विशाल और गरिमामय कार्यक्रम के लिए कोई मार्ग निकालना चाहिए। लेकिन कानून बताकार दंडित करते रहेंगे तो समाज जीवन में परिवर्तन लाने वाली संस्थाएं दुर्बल होगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण नियमों का पालना सभी संस्थाओं करने की जरुरत है। 

मुजफ्फरनगर दंगों की जांच रिपोर्ट ने सभी को हतप्रभ किया : दिग्विजय

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लखनऊ, 13 मार्च, कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुजफ्फरनगर दंगों की जांच रिपोर्ट पर हैरानगी जताते हुये आज कहा कि बिना किसी गुनहगार का नाम बताये जांच कैसे खत्म हो सकती है। श्री सिंह ने आज यहां कहा “ मुजफ्फरनगर दंगों की जांच के लिये गठित कमेटी की रिपोर्ट से हर कोई हैरान है। सब जानते हैं कि दंगों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सासंद जो अब केन्द्रीय मंत्री है और एक विधायक शामिल थे। रिपोर्ट में उन्हे दरकिनार क्यों कर दिया गया।” 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हालांकि इस रिपोर्ट के बारे में उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को जिम्मेवार मानने के सवाल को टाल गये। उत्तर प्रदेश में चुनाव रणनीति तैयार करने के लिये नियुक्त प्रशांत किशोर के बारे में पूछे गये सवाल को भी टालते हुये श्री सिंह ने कहा कि इस बारे में मधुसूदन मिस्त्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री बेहतर जबाब दे सकते हैं। 

तुर्की में बम धमाके में 27 लोगों की मौत

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अंकारा 13 मार्च तुर्की की राजधानी अंकारा में आज हुये एक जबरदस्त बम धमाके में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 75 अन्य घायल हो गये।  सूत्रों के अनुसार बम धमाके में पहले 25 लोगों की मारे जाने की खबर थी लेकिन इलाज के लिये अस्पताल ले जाने के दौरान दो ओर की मौत हो गई। 



एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने आत्मघाती कार बम धमाका होने की संभावना जतायी है। 
गौरतलब है कि पिछले महीने अंकारा में हुये एक कार बम धमाके में 29 लोगों की मौत हो गई थी।

आइवरी कोस्ट में हमले में सोलह लोगों की मौत

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ग्रैंड बासम (आइवरी कोस्ट),13 मार्च पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट के तटवर्ती इलाके में आज अज्ञात बंदूकधारियों की ओर से की गई जबरदस्त गोलीबारी में सोलह लोगों की मौत हो गयी । 


आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति अलास्सेन ओवत्तरा ने कहा कि छह बंदूकधारी ग्रैंड बासम क्षेत्र स्थित समुद्र तटीय रिसोर्ट के समीप आये और अंधाधुध गोलीबारी की जिसमें सोलह की मौत हो गई। मृतकों में दो सैनिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी छह बंदूकधारी भी मारे गये।

राहुल ने पंजाब कांग्रेस नेताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा की

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नयी दिल्ली 13 मार्च कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ विस्तार से चर्चा की। पार्टी सूत्रों ने आज यहां बताया कि कल हुई बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ,पंजाब कांग्रेस महासचिव शकील अहमद,पंजाब कांग्रेस चुनाव समिति की प्रमुख अंबिका सोनी समेत राज्य के कई अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। राहुल गांधी ने बैठक के दौरान उठाये गये मसले और चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। 


बैठक के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से आम आदमी पार्टी की चिंता किये बगैर मिलकर काम करने को कहा। पार्टी नेताओं ने चुनाव प्रचार जल्द शुरु करने पर और नशीली दवाओं ,बेरोजगारी और कृषि संबंधी समस्याओं को उठाने पर बल दिया। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान युवा मतदाताओं से संपर्क साधने पर भी जोर दिया। पंजाब में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में ही है।

विशेष आलेख : प्रौढ़ शिक्षा केंद्र और राजनीती के अखाड़े

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स्कूल और कालेजो को शिक्षा का मंदिर कहाँ जाता हैं। मंदिर इस देश की राजनीती को बहुत भाते हैं फिर चाहे वो इबादत के हो या शिक्षा के। शिक्षा के मंदिरो में राजनैतिक दल जितनी आसानी से घुस जाते हैं उतनी आसानी से तो अवैध बांग्लादेशी भी भारत में नहीं घुस पाते हैं। नेताओ को हर जगह देरी से पहुँचने की आदत होती हैं और इसका अभ्यास वो शिक्षाकाल से ही करते हैं। डॉक्टर -इंजिनियर बनने वाले छात्र 22-23  की उम्र में  ही डिग्री पाकर कालेज से  निकल जाते हैं लेकिन नेता बनने का ख्वाब  पाले हुए छात्र  कालेज में सरकारी सब्सिडी का उपयोग ( सत्यानाश ) करते हुए कई पंचवर्षीय योजनाओं के सफल क्रियान्वन तथा उम्र के कई बसंत का सफलतापूर्वक अंत करने के बाद ही कालेज छोड़कर राजनीतीक परिदृश्य में पहुँचते हैं । 

देश में कई "शिक्षा मंदिर"सरकारी मदद रूपी प्रसाद से "प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र"का  काम कर रहे  हैं क्योंकि जिस उम्र के विद्यार्थी इन संस्थानों में पढ़ रहे हैं उस उम्र में एक "सामान्य"इंसान अपने बच्चो को पढ़ाता हैं। जिन लोगो को देश का करदाता होना चाहिए था वो  कॉलेजो  के भोजनालय में अनाज के दुश्मन बने हुए हैं और "पताका -बीड़ी"पीते हुए क्रांति की ध्वजा पताका लहरा रहे हैं। भूमि अधिग्रहण कानून पर घिरी सरकारों को इन "प्रौढ़ विद्यार्थियों"को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि इनके कॉलेज में रहने से सरकारो को इनके लिये प्रौढ़ शिक्षा केंद्र या वृद्धआश्रम बनाने के लिए अलग भूमि आवंटित नहीं करनी पड़ रही हैं । 

इनमे से ज़्यादातर छात्र वर्षो  तक  पीएचडी  करते हुए  दिखते हैं , भले ही ये समाज के भले के लिए कोई खोज  करे या न करे लेकिन  टैक्सपेयर्स के पैसो पर बोझ ज़रूर बने रहते हैं। इनकी किताबो के पेज से लेकर फेसबुक पेज तक सब "स्पोन्सर्ड"होते हैं।  वैसे ये स्वभाव से  स्वाभिमानी होते हैं  कभी किसी का उधार नहीं रखते  सिवाय  कॉलेज  की  कैंटीन  वाले को  छोड़कर। कॉलेज छोड़कर समाज पर ये जो "उपकार"करते हैं  उसे राजनीती में आकर किये गए "अपकार"से "सेटऑफ"कर लेते हैं।  

ये विद्यार्थी अपने हाथो में मेंहदी लगाने की उम्र में कॉलेज में आते हैं और बालो में मेंहदी लगाने की उम्र तक बने रहते हैं। वैसे इन विद्यार्थियों की वजह से देश और समाज तो "सफर"करता ही हैं परन्तु जब ये खुद कहीं "सफर"करते हैं तो ये तय नहीं कर पाते हैं की इन्हे किराये में छूट छात्र के रूप में लेनी हैं या फिर सीनियर सीटीजन के रूप में.कुछ छात्र तो इतने प्राचीन हो जाते की  उनके घर वालो  को  किसी भी शुभ अवसर पर बड़ो का आशीर्वाद लेने के लिए  कॉलेज आना पड़ता हैं। इन छात्रों को भले ही कभी डिग्री मिले या ना मिले लेकिन पुलिस की "थर्ड डिग्री"बहुत बार मिल चुकी होती हैं। ये नौकरी मांगने की  उम्र में एक आज़ाद देश में आज़ादी मांगते रहते है. 

जब ऐसे प्रौढ़ शिक्षा केंद्र राजनीती का अखाडा बन जाते हैं तो आंतकवादी की फांसी भी शहादत बन जाती हैं और राष्ट्रविरोधी नारे  अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। ऐसा नहीं हैं की ये प्रौढ़ शिक्षा केंद्र केवल सरकार से मदद  लेते ही  हैं , ये  सरकारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में मदद भी करते हैं। इनकी वजह से ही "मेक इन इण्डिया"प्रोजेक्ट अपने शुरुवाती चरण में ही सफल होता दिख रहा हैं। पहले हम "सीमापर"से राष्ट्रदोह आयात करते थे लेकिन अब तड़ीपार लोग इसे देश के अंदर ही निर्मित करने लगे हैं. राष्ट्रदोह के लिए अब हमें अपने पड़ोसियों का मुंह नहीं ताकना पड़ता,इस मामले में देश आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा चूका हैं। "स्किल इण्डिया"के तहत इन केन्द्रो के छात्रों ने  बाहर से आने वाले आतंकवादियों को कड़ा कम्पटीशन दिया हैं.

सीमा पर शहीद होने वाले देशभक्त जवानो के शरीर को तिरंगे से ढका जाता हैं लेकिन देश में रहकर देश के खिलाफ ही नारे लगाने वालो के द्रोह को "फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन"से ढका जा रहा हैं जो भले ही दिखती नहीं हो लेकिन आदमी की औकात से भी ज़्यादा फैला के उपयोग में लायी जा सकती हैं। मतलब हम चीज़ को ढक कर छुपा सकते हैं सिवाय गरीबी और भुखमरी के ।

हम "वसुधैव- कुटुंबकम'की अवधारणा को मानने वाले हैं इसीलिए देश के टुकड़े टुकड़े करने के नारे हमें विचलित नहीं करते क्योंकि हमारे कितने भी टुकड़े क्यों ना हो जाये , हर टुकड़ा रहेगा तो उसी "अखंड भारत"का अंश। हम नारेबाजी  से प्रभावित होने वाले लोग नहीं हैं इसीलिए "भारत की बर्बादी"के नारे लगाने वालो पर हंस कर हम सोचते हैं की जब देश के नेता ये काम अच्छे से कर रहे हैं तो किसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को इसमें पड़ने की क्या ज़रूरत हैं। हमारा मानना है की नारो से देश के "वारे-न्यारे"नहीं होते है और ना ही बंटवारे होते हैं. हम दुनिया को  सन्देश देना चाहते हैं की  हम "आउट ऑफ़ द बॉक्स"सोच वाले हैं  क्योंकि   "अपना देश ज़िंदाबाद वाले नारे तो सभी लगाते हैं "शत्रु पडोसी ज़िंदाबाद"के नारे लगाने का दम केवल हम ही दिखा सकते हैं।  हमने विश्व  को शून्य दिया था और अंत में हम इसी में  विलीन हो जायेंगे 





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अमित शर्मा
भीलवाडा 

विशेष आलेख : “जम्हूरियत में जमूरों के जुमलों से देश शर्मसार ”

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भारत की अजीव विडम्बना है की हिन्दुत्व, जो की भारत की आत्मा है, की बात करते ही, देश के तथाकथित सेकुलरों के गिरोह के नाज़ुक अंगों पर तीखी मिर्ची लगती है. हिन्दुत्व के महान पुरोधा स्वामी विवेकानंद ने कहा है-“यदि तुम अपने देश का कल्याण करना चाहते हो तो तुममे से प्रत्येक को गुरु गोविन्द सिंह बनना होगा . आताताई मुगलों के आतंक से हिन्दुत्व की रक्षा करने वाले  हिन्दू सम्राट  गुरु गोविन्द सिंह की प्रतिज्ञा हिन्दू भूले नही होंगे और आज भी वह प्रतिज्ञा समीचीन है.आज हिन्दुत्व की बात होते ही देश में कलाकारों के नाम पर, भांड मिडिया के नाम पर, या शिक्ष्ण संस्थानों में सरकारी पैसे पर पलने वाले सियारों की टोली हुयां-हुयां कर रहा है.

असहिष्णुता की कोख से उपजा माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम ने हाल ही में एक जलसे को संवोधित करते हुए कहा कि-“संघ परिवार को मुस्लिमो, इसाइओ व् कमुनिष्टों से नफरत है.इस नफरत की आग में हिन्दुस्तान को जलाने नहीं देंगे. सेकुलिरिज्म के साथ ही जम्हूरियत का गला घोटा जा रहा है.” वहीँ विंदी गैंग राजतन्त्र की पोषक विकृत वामपंथी बृंदा करात के ये विष भरे वोल कि-“ आज जो नेशनल अलायन्स है, हिन्दुत्व के खिलाफ, तो वह लेफ्ट के सिवा, इस चीज का विरोध करने के लिए, संघर्ष को कोई और, आगे नही बढ़ा सकता.हम हिन्दुत्व को रोक सकते हैं .हम हिन्दुत्व की ताकतों को रिवर्स कर सकते हैं.हम हिन्दुत्व की ताकतों को पराजित कर सकते हैं.आज हम इस मंच से अपील करना चाहती हूँ की आज एक साथ मिलकर हमें लड़ने की ज़रूरत है.” 

भारत की इस पवित्र भूमि को कितनो ने दलित करने की कुचेष्टा की ,हिन्दुत्व को मिटाने का अथक प्रयास किया किन्तु खुद मिटते गये या हिन्दुत्व में ही समाहित होते चले गये.फिर सलीम और वृंदा जैसे कमुनिस्ट रूपी खाल में छुपे भेडिये हिन्दुत्व जैसे शेर की वाल तक वांका नही कर सकती.हिन्दुत्व को पराजित या मिटाने की बात तो दूर उसके पास भी फटकने की इनकी विसात नही ?.इन नरसंहारी विचारधारा ने विश्व में सिर्फ आतंक और व्यभिचारियो को ही पाला है. जिसका फल है की इस निर्मम विचारधारा को विश्व के संभ्रांत लोगों ने दफन कर चैन की सांस ली. भारत में भी इन वामपंथी नरसंहारक ने भारत की शस्य श्यामला भूमि को रक्त रंजित कर रखा है. आज देश में इन ज़मुरों ने एक से एक जुमले को इजाद कर हमें दिभ्र्मित करने का कुटिल चाल चला रहा है.

देश और देश के नायको के प्रति इसकी गद्दारी, इतिहास को लाख तोड़ने मरोड़ने के बाद भी इस नृशंस विचारधारा की काली करतूत चीख चीख कर बता रही है.१९४२ में भारत छोडो आन्दोलन की पीठ में छुरा खोपने वाले ये वामपंथी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को जापानी प्रधानमन्त्री तोजो का कुत्ता घोषित किया था. ऐसे विकृत और वेशर्म वैचारिक आतंकीओ का गिरोह १९६२ में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया तो इसके गुर्गे चीन को आक्रमणकारी देश मानने से इनकार किया था .यदि इस विध्वंसक विचारधारा को भारत के लोकतंत्र में आस्था होती तो इंदिरा गांधी द्वारा लाई गयी इमरजेंसी का देश में गद्दारों का यह गिरोह खुलकर समर्थन नही करता. सत्ता के लिए गरिवो, दलितों, वंचितों के लाशों की ढेर लगा समाज को बरगलाने वाला यह वामपंथी गिरोह नेहरु के जमाने से फिरकापरस्त कांग्रेसियो के सहारे जिस तरह से देश के बौद्धिक संस्थानों में कब्ज़ा जमा रखा है इसकी वानगी हैदरावाद और दिल्ली में देखने को भी मिला है .वह भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए पहले भी खतरा था और आज भी है.

भारत में फिरकापरस्तों और दहशतगर्दो के आँखों का तारा कांग्रेस के सदर का एक लिखित सन्देश एक मुस्लिम जलसे में पढ़ा गया उस तकरीर में हिन्दुत्व के घोर विरोधी सोनिया गांधी कहती है -“देश में फिरकापरस्त ताकतें सिर उठा रही है.मुल्क इस वक्त नाज़ुक दौर से गुजर रहा है. सेकुलरिज्म को खासकर निशाना बनाया जा रहा है. जैसे आप सब बाहर धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ रहे है वैसे ही मै संसद के अंदर यह लड़ाई लड़ रही हूँ.” झूठ बोलना कोई ऐसे मानसिक पीडिता से सीखे?नेहरु से लेकर सोनिया गांधी तक यह परिवार भारत और भारतीयता का दुश्मन रहा है. देश को अस्थिरता की और ले जाने वाली फिरकापरस्त कांग्रेस का क्रूर चेहरा हाल के गुजरात में पटेल आन्दोलन और हरियाणा में जाट आन्दोलन में दिखा की फिरकापरस्त कौन है?भारत को टुकड़े करने की मंशा रखने बालो के साथ कंधे से कंधे मिला खड़ा कौन था?

.सोनिया जी, मुल्क आपकी दहशतगर्द पार्टी और आपकी फिरकापरस्त सोच के कारण नाज़ुक दौर के इंद्रजाल में फंसा है.आपने देश का सेकुलर ढांचा को नुक्सान कल भी हज़ारों निर्दोष सिख बंधुओ का कत्ल करवा कर किया था और आज भी आपके युवराज देशद्रोहियो का समर्थन कर नुक्सान पहुचा रहा है .आप संसद में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपने अयोग्य बेटे को देश पर थोपने की जद्दोजेहाद में लगी है.वह सफल नही होगी आपकी कुटिल चाल अब भारत की महान जनता समझने लगी है.देर है अंधेर नही.आप भारत को भोगभूमि मानती है. आपके लिए भारत पवित्र भूमि नही है. ऐसा आपके अचार विचार से प्रस्तुत हुआ. इसलिए आपको भारत के प्राण हिन्दुत्व से नफरत है.क्योंकि जब तक हिन्दुत्व का अंश भारत की भूमि पर जिन्दा है आप जैसो की मंशा पूरी हो नही सकती है. इसलिए आपकी पार्टी देश में हिन्दुत्व विरोधियो के आँखों का तारा है. 

सत्ता के लिए देश को बाटने वाले नेहरु जिस महात्मा गांधी की कसमे दिन रात खाते थे उनके एक भी विचार भारत की शाशन व्यवस्था में यदि लागू होता तो आज भारत का दशा और दिशा कुछ और होता.इस संदर्भ में नेहरु और वामपंथियो कुटिल चाल सामान है. अपने 32 साल के शासन में वामपंथियो ने पच्शिम बंगाल को घुसपैठियो का स्वर्ग और हिन्दुत्व विरोधियो का ठौर ठिकाना दे राज्य को कंगाल बना दिया. वही दुर्गति नेहरु और उनके उतराधिकारियो ने भारत के साथ किया. वामपंथी और कांग्रेसी दोनों जब सत्ता से मरहूम होंगे तो बात करेंगे भय, भूख, भाईचारा और लोकतंत्र  की, किन्तु सत्ता मिलते ही दोनों गिरोह डूब जाते है  भ्रष्टाचार, व्यभिचार ,भाईचारे की हत्या करने और राजतन्त्र प्रणाली में.   

आतंक की जननी कांग्रेस गिरोह का एक हिन्दू नरसंहार का आताताई  गुलाम नवी आजाद कहता है की आरएसएस और आईएसआईएस का सिध्यांत एक है” ये उसी जम्मू कश्मीर से है, जहां इसके सह पर इसके रिश्तेदारों ने लाखों कश्मीरी हिन्दुओं का कत्लेयाम किया, उनके बहु बेटियो की इज्ज़ते लुटी, उनके सम्पति पर आज भी कव्जा जामाए है, ऐसे नरपिशाच गुलाम आरएसएस की तुलना आतंकी इस्लामी ग्रुप आईएसआईएस से करता है.उसकी विकृत मानसिकता देश के लिए घातक है जो किसी भी दशा में स्वीकार्य नही है.जिस परम्परा को गुलाम नवी मानता है उसी परम्परा के रक्त पिपासु आईएसआईएस विश्व में आज आतंक का माहौल कायम कर रखा है अब गुलाम नवी खुद समझ रहा होगा की आईएसआईएस के करीब कांग्रेस है या आरएसएस दोनों में किसका सिध्यांत सामान है ?

इन दहशतगर्दो और फिरकापरस्तों के पेट में मरोड़ इसलिए उठती है की इसके नापाक इरादे को जनता के सामने आरएसएस उजागर करती रहती है.नेहरु से लेकर सोनिया गांधी सहित देश में तमाम हिन्दुत्व के विरोधियो के आँखों की किरकिरी बना आरएसएस के ऊपर जितना अनर्गल और झूठा आरोप यह गिरोह लगाता है. भारत का देशभक्त समाज उतनी प्रतिबद्धता से आरएसएस को आत्सात कर रहा है.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) कभी सत्ता के सहारे नही बल्कि सेवा के सहारे समाज के दिलों पर जगह बनाए हुए है. संघ समाज को सिर्फ वह दिशा देता है जो हमारे देश की परम्पराओं में सदियो से रहा है.

जिसे भारत या हिन्दुत्व के स्वर्णिम इतिहास, संस्कार, संस्कृत्ति, साहित्य, विज्ञान, दर्शन और कला पर अभिमान है, जिसे अपने पूर्वजो के कृत्यों पर स्वाभिमान है उसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) आराध्य है.आज देश में असहिष्णुता का स्यापा करने वाले भाट-चारणों की परम्परा के पालकी ढ़ोने वाले जिस मुस्लिम और इसाई की बात करते है उनके पिछड़ेपन का मूल कारण देश में नेहरूवियन और वामपंथी चासनी में डुबा समाजवाद की कलुषित सोच है. यही कारण है की इन गिरोहों के इतने भोंडे प्रोपगेंडा के बाद भी मुस्लिम और इसाई समाज अब इन गिरोहों को सिरे से खारिज करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस)  के करीब आ रहे है.

जमात-उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुहैब कासमी ने कहा की हम आरएसएस के मिलकर काम कर रहे है ताकि आरएसएस के प्रति मुस्लिम समुदाय की गलतफहमियो को खत्म किया जा सके वही.असम स्टेट वर्किंग प्रेजिडेंट अब्दुल ज़लील खान ने कहा-“हम आरएसएस के साथ एक नजदीकी साझेदारी में काम कर रहे हैं हम हिन्दू और मुस्लिम की एकता चाहते है.इसमें कुछ भी गलत नही. इसी तरह अनेक मुस्लिम संघठन आज संघ के मुरीद बनते जा रहे है इसलिए की संघ की कथनी और करनी में कोई भेद नही है.चुकी कुछ राज्यों में असेम्बली चुनाव होने वाली है ऐसे में देश में बिहार चुनाव की तरह एक बार फिर ऐसा इंद्रजाल फैलाने की कुत्सित चाल शुरू हो गयी. भारत की जम्हूरियत के कुछ जमूरे है जो हमें बहकाने के लिए राजनीति दल रूपी सर्कस से बाहर निकल चुके हैं.आइये इस बार इन जमूरों के चाल को उसी के जाल में उलझा सशक्त भारत समर्थ भारत और स्वाभिमान भारत के लिए कमर कास ले.




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संजय कुमार आज़ाद
शीतल अपार्टमेंट ; 
निवारणपुर ;रांची -834002
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CELL-09431162589

RSS के नए गणवेष पर बोले लालू, फिर से हाफ पैंट में पहुंचा देंगे

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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गणवेश बदलने पर चुटकी ली है. उन्होंने रविवार को कहा कि आरएसएस हाफ पैंट छोड़कर फुल पैंट में पहुंच गया है. अप टू डेट हो गया है. उन्होंने कहा कि हम संघ को फिर से हाफ पैंट में पहुंचा देंगे.

लालू यादव ने संघ और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी को सत्ता मिली तो संघ अप टू डेट हो गया है. फुल पैंट में आ गया. हम सब मिलकर बीजेपी को सत्ता से फिर हटाएंगे. इसके बाद संघ को हाफ पैंट में ला देंगे.

मैं गौरव अरोरा का गौरवशाली भविष्य देख रहा हूँ : महेश भट्ट

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मॉडल से एक्टर बने गौरव अरोरा भट्ट कैंप के बेहद खास बन चुके हैं। विक्रम भट्ट की फिल्म 'लव गेम्स से डेब्यू करने जा रहे गौरव महेश भट्ट के प्रिय अभिनेत बन चुके हैं। महेश भट्ट भी गौरव अरोरा की तारीफ करे से बिलकुल चूक नहीं रहे हैं। हाल ही में फिल्म 'लव गेम्स'का ट्रेलर जारी किया गया है जिसकी बढ़ चढ़कर लोग तारीफ कर रहे हैं। इतना ही नहीं गौरव ही डेब्यू फिल्म रिलीज़ भी नही हुई है उससे पहले ही उन्होंने भट्ट कैंप की 3 फ़िल्में साइन कर चुके हैं।   

गौरव के बारे में बताते हुए महेश भट्ट ने कहा है, “मुझे लगता है कि गौरव में लंबी दूरी तक जाने के सभी गुण हैं। वह प्रतिभाशाली और तत्परता से सबकुछ करने वालों में से हैं। उन्होंने विक्रम भट्ट के तहत बड़ी भूमिका के साथ शानदार शुरुआत की है और मुझे लगता है ‘राज’ भी केवल उन्हीं के लिए है।मैं उनका गौरवशाली भविष्य देख रहा हूं। वह जल्द ही युवा अभिनेताओं के बीच होंगे।” 

मौजूदा समय में मौलिक कहानियों की बेहद मांग है : विजय बंसल

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उत्तर प्रदेश के अपराध और धर्म के गठजोड़ की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ग्लोबल बाबा की सफलता के बाद में निर्माता विजय बंसल खासे उत्साहित है,और अब वह अपनी दूसरी फिल्म की तैयारी में जुट चुके है। उनका कहना है कि विजय बंसल फिल्म इंडस्ट्री में मौजूदा समय में मौलिक कहानियों की बेहद मांग है। ऐसे में सामाजिक ताने बाने से बुनी रोचक फिल्मों को दर्शक को परोसा जाए तो फिल्म की सफलता लगभग तय है । पहली होम प्रोडैक्शन ग्लोबल बाबा के बारे विजय बंसल ने बताया ‘ फिल्म रियल स्टोरी बेस उन आम लोगों के लिए सबक है,जो जाने- अंजाने में अपनी श्रद्धा और आस्था ढोंगी बाबाओं को समर्पित कर देते हैं । फिल्म का कथानक धर्म और आस्था को चोट पहुंचाने वाले ढोंगी बाबाओं की कलई खोलती है।  फिल्म ग्लोबल बाबा 11 मार्च को देशभर में रीलीज हो चुकी है। 

 फिल्म के निर्माता विजय बंसल का मानना है कि फिल्म समाज का आईना होती है और ग्लोबल बाबा से भी समाज को एक बड़ी सीख मिलेगी। बगैर ये जाने की उक्त बाबा का इतिहास -भूगोल कैसा रहा है ।  आखिर इस प्रकार का विषय के चयन पर उनका कहना था ‘फिल्म ग्लोबल बाबा के माध्यम से फर्जी बाबाओं के खिलाफ सख्त संदेश देने की कोशिश की गई है।  फिल्म कि कहानी के माध्यम से बताने का प्रयास किया है कि एक खुंखार अपराधी चीलम पहलवान ,कानून से बचने के लि धर्म का चोला ओढ़ लेता है । और धर्म के नाम पर एक बड़ा आर्थिक सम्राज्य खड़ा कर लेता है और सियासत में भी अपनी गहरी पैठ बना लेता है। जैा कि आजकल हो रहा है।  इस फिल्म में संजय मिश्रा , रवि किशन, पंकज त्रिपाठी और संदीपा धर ने काम किया है। विजय आर्ट्स के बैनर तले बनी फिल्म ग्लोबल बाबा के गाने और कहानी वरिष्ठ पत्रकार सूर्य कुमार उपाध्याय ने लिखी  है ।

बिना किसी गाॅडफादर के ही कला-साहित्य व राजनीति मंे मुकाम हासिल किया-कमलाकांत प्रसाद सिन्हा

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  • संताल परगना की धरती में जन्मंे, पले-बढ़े, बचपन से जवानी और अब बुढापे तक के सफर में शामिल तथापि भारी उर्जा के साथ एकला चलो रे के सिद्धान्त पर आगे बढ़ रहे परिवक्व राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता व साहित्य-कला के मर्मज्ञ कमलाकांत प्रसाद सिन्हा के श्रीमुख से उनकी अपनी ही कहानी। 

kamlakant prasad sinha
महानगरों की भीड़ में ज्यों-ज्यों खोते जाते हैं लोग, जमींदोज होती जाती हैं, गाँव की पुरानी यादें। पुराने स्मरण। आधे-अधूरे खड़े चैपाल पर तबले की संगत के बीच दोस्तों के साथ बैठकर गाए गए फगुआ के गीत। गाँव की मिट्टी की अपनी ,खुशबू होती है, अलग पहचान होती है, गाँवों में समान आदर, सम्मान होता है। यह दिगर बात है कि आधुनिकता की चकाचैंध व शहरी आवोहवा के जबर्दस्त आकर्षण में भूलते जा रहे हैं लोग शनैः शनैः गाँव की मिट्टी, उसकी आवोहवा। पेड़ों के नीचे बैठकर दुनिया-दारी की चिन्ता में माथा खपाते लोगों की आत्मीयता, बचपन से जवानी तक की वो तमाम तस्वीरें जिनके स्मरण से शरीर का एक-एक रोम पुलकित हो उठता है। हम बात कर रहे हैं संताल परगना की धरती में जन्मंे, पले-बढ़े, बचपन से जवानी और अब बुढापे तक के इस पड़ाव में भी भारी उर्जा के साथ एकला चलो रे के सिद्धान्त पर आगे बढ़ रहे परिवक्व राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता व साहित्य-कला के मर्मज्ञ कमलाकांत प्रसाद सिन्हा की। जी हाँ वही कमलाकांत प्रसाद सिन्हा जिन्होनें एकीकृत बिहार में कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्रित्व काल में वतौर मंत्री पूरी सत्यनिष्ठा व ईमानदारी से अपना कार्यकाल पूरा किया था। जेपी आन्दोलन के जो एक सक्रिय सदस्य थे। 

पोड़ेयाहाट विस क्षेत्र से विधायक बनने का गौरव जिन्हें प्राप्त हुआ था। व्यक्तिगत पब्लिसिटी से काफी दूर कमलाकांत प्रसाद सिन्हा उर्फ लालू दा एक उम्दा गजल गायक, कवि, गीतकार, व लेखक है,ं कम ही लोग इसे जानते हैं। गीत-गजल, कविता व कहानियों का एक बड़ा संग्रह श्री सिन्हा ने रच डाला है। अपने पिता स्व0 परमेश्वरी प्रसाद सिन्हा से प्रेरित थे लालू दा। गुदड़ी में लाल की तरह संताल परगना की धरती पर अपनी रचनाओं में तल्लीन श्री सिन्हा से लम्बी प्रतीक्षा के बाद साक्षात्कार का अवसर प्राप्त हुआ। प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह, स्वर सम्राट नीतिन मुकेश इत्यादि ने श्री सिन्हा के लिखे गीत-गजलों को अपना स्वर प्रदान किया है। कई भजन भी श्री सिन्हा ने लिखे हैं महान गायकों ने जिन्हें स्वर प्रदान किया है। जय सियाराम.........नाम के भजन कैसेट्स  में कुल 6 भजन में से 3 भजन तुलसी दास जी के तथा 3 भजन कमला कांत प्रसाद सिन्हा के हैं। चैतन्य महाप्रभू पर लिखे श्री सिन्हा के भजन नीतिन मुकेश ने गाए हैं। सुनते हैं उन्हीं की जुबानी-कहानी, कविताएँ व गीत-गजल लिखने का शौक मुझे बचपन से ही था। 

नौवीं कक्षा में पढ़ता था, इन्हींे दिनों एक सनक सवार हुई। बिना किसी के प्रोत्साहन के ही तुकबंदी पर आधारित कई कविताओं का सृजन स्कूली शिक्षा के दौरान ही किया। काॅलेज अवधि में कुछ दिनों तक यह दौर चलता रहा। जेपी आन्दोलन के समय यह सिलसिला अचानक थम गया। वर्ष 1977 में एमएलए बना। फिर स्व0 कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री। साहित्यिक चर्चाओ में समय-असमय अपनी उपस्थिति दर्शाता रहा। इसी दौरान कुछ कहानियाँ लिखी। कहानियों में संताल विद्रोह 1855 लिखा। इस कहानी के पीछे सिरियल निर्माण का उद्देश्य था। सर्व शिक्षा अभियान पर आधारित कहानी लिखी। मिर्जा साहिबा आज भी मेरे जेहन में बसा है। हिन्दी-अंग्रेजी में लगातार लिखता ही रहा। हमारे समय में साहित्य के प्रति आस्था व लगाव था। लिखने वालों के साथ-साथ आम जनता भी साहित्य से सरोकार रखा करते थे। सदाशिव प्रसाद व्यथित ने आजादी के बाद नाम से एक ड्रामा लिखा। दिवाकांत झा, नारायण चैधरी भी साहित्य के मर्मज्ञ थे। बाद की अवधि में अंगिका भाषा के महाकवि सुमन सुरो, सुभाषचंद्र भ्रमर इत्यादि का सानिध्य भी समय-असमय प्राप्त होता रहा। मधुसूदन मधु एक अच्छे गीतकार थे। सस्वर रचना पाठ का अभ्यास था उनमंे। 

हमेशा कविताओं के प्रकाशन की सलाह उनसे प्राप्त होती रहती थी। संगीत में तबला, ढोलक का भी शौक था मुझे। हिजला में आजादी के बाद नाम से खेले गए ड्रामा को बैंड कर दिया गया था। भोलानाथ उपाध्याय, कार्तिक मंडल, शिवशंकर केसरी, मनिरुद्दिन अंसारी वगैरह ने इसमें प्रतिस्पर्धात्मक रोल किया था। साहित्य, कला अथवा अन्य क्षेत्रों में कोई न कोई किसी का गाॅडफादर होता है। मेरे साथ यह बात नहीं थी। स्कूल/ काॅलेज के दिनों में शिक्षक दिवाकर झा, नारायण चैधरी, मुरलीधर झा, पंकज जी इत्यादि का प्रोत्साहन अवश्य प्राप्त हुआ था। संगीत, कला व साहित्य की वर्तमान स्थिति पर अपनी तल्ख टिप्पणी करते हुए श्री सिन्हा कहते हैं-भारतीय साहित्य में वामपंथी सोंच की छाया पड़ गयी है, परिणामस्वरुप लोगों में प्रेम का अभाव देखा जा रहा। लोग घर, परिवार व समाज से दूर अपनी अलग ही दुनियाँ में मस्त रहने के आदी होते जा रहे हैं। हरिवंश राय बच्चन से खासे प्रभावित कमलाकांत प्रसाद सिन्हा ने बच्चन जी मृत्यु के बाद मधुशाला की तर्ज पर मतवाला काव्य खंड वतौर श्रद्धांजलि लिखा है जो प्रकाशन की राह देख रहा। श्री सिन्हा के अनुसार मधुवाला आज तक उन्होनें नहीं पढ़ा। लोगों के मुँह से ही मधुशाला सुना था, और उसी पर खंड काव्य रच डाला। अंत में यह कहते हुए विश्राम लेते हैं कि-एक छोटी सी जगह में/ एक छोटा सा मेरा घर हो/ छोटी सी मेरी दुनिया/ छोटा मेरा शहर हो। 


(अमरेन्द्र सुमन)

कांग्रेस ने उठाया माल्या का मुद्दा,राज्यसभा स्थगित

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नयी दिल्ली 14 मार्च, कांग्रेस ने बैंकों का कर्ज लेकर देश से बच निकले उद्योगपति विजय माल्या का मुद्दा उठाते हुए आज फिर राज्यसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही शून्यकाल समाप्त होने से पांच मिनट पहले स्थगित करनी पडी। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्होंने विजय माल्या के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने का नोटिस दिया है। श्री तिवारी ने उप सभापति पी जे कुरियन से अपनी बात रखने के लिए समय मांगा लेकिन श्री कुरियन ने कहा कि उनका नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है। श्री तिवारी ने कहा कि सरकार ने श्री माल्या को जानबूझकर देश छोडने दिया है और उसकी मदद की है। 

अपनी बात विस्तार से रखने की अनुमति नहीं मिलने पर श्री तिवारी कांग्रेस के कई सदस्यों को लेकर आसन के निकट पहुंच गये और नारेबाजी शुरू कर दी। श्री कुरियन ने सदस्यों से अपनी जगहों पर लाैटने और शून्यकाल चलने देने को कहा । उन्होंने नारेबाजी के बीच ही शून्यकाल चलाने की कोशिश की और कुछ सदस्यों ने शोर शराबे के बीच ही अपनी बात भी रखी। कांग्रेस के सदस्यों के नारेबाजी जारी रखने पर उन्होंने शून्यकाल समाप्त होने से पांच मिनट पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

धाेनी के शाॅट की आवाज विश्वकप के लिये शुभ संकेत : सचिन

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नयी दिल्ली, 14 मार्च, मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि एशिया कप के दौरान भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले से शॉट की जो आवाज बाहर निकलकर आ रही थी वह ट्वंटी-20 विश्वकप के लिये अच्छे संकेत है और यह धोनी के सकारात्मक मानसिकता को दिखाता है। काफी समय से खराब फार्म के कारण धोनी की दुनिया के सबसे अच्छे फिनिशर की ख्याति को नुकसान पहुंचा था। हालांकि एशिया कप के दौरान कुछ तेज पारियां खेलकर कप्तान धोनी ने जोरदार वापसी की है। सचिन ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, “विश्व का कोई भी खिलाड़ी अपने क्रिकेट करियर के दौरान अच्छी फार्म में नहीं रह सकता क्योंकि वह मशीन नहीं है। 

मैंने धोनी के बल्ले के गेंद से टकराने के दौरान जब आवाज सुनी तो महसूस किया कि यह अलग आवाज है। यह आवाज आपको संकेत दे रही है कि बल्लेबाज की मानसिकता बदल गई है।” मास्टर बलास्टर सचिन ने कहा,“धोनी की सबसे बड़ी बात यह है कि उसमें दबाव झेलने की उसकी क्षमता है जो उसे अच्छा कप्तान बनाती है। कई वर्षों तक क्रिकेट खेलकर वह अब काफी परिपक्व हो गया है। धोनी तनाव में भी नर्वस नहीं होता है, यह अच्छा संकेत है। कप्तान अगर नर्वस हो जाता है तो टीम में डर पैदा हो जाता है लेकिन धोनी के साथ ऐसा नहीं है।” उन्हाेंने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की तारीफ करते हुये कहा कि वह एक गेम चेंजर गेंदबाज है।

ब्रिटिश नागरिकता के मामले में राहुल गांधी को नोटिस

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नयी दिल्ली, 14 मार्च, लोकसभा की आचरण समिति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिकता के मुद्दे पर नोटिस जारी किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद महेश गिरी ने इस बारे में जनवरी में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पास एक शिकायत दर्ज करायी थी। आचरण समिति के सदस्य और भाजपा के मुख्य सचेतक अर्जुन राम मेघवाल ने आज यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि नोटिस में श्री गांधी से पूछा गया है कि उन्होंने खुद को ब्रिटिश नागरिक क्यों घोषित किया। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष को इस बारे में एक शिकायत मिली थी जिसे उन्होंने आचरण समिति को भेजा था। दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में भाजपा व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रही है। पार्टी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने श्री गांधी की सफाई सुने बिना ही मामले को समिति के पास भेज दिया। लेकिन श्री मेघवाल ने कहा कि इसमें कोई राजनीतिक दुर्भावना नहीं है। श्री गांधी ने एक फॉर्म भरते समय खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। 

भाजपा का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के पास इसे आचरण समिति को भेजने का अधिकार है। इस बात की शिकायत पहले भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने की थी और बाद में ऐसी ही शिकायत श्री गिरी ने भी की। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई वाली 11 सदस्यीय आचरण समिति ने श्री गांधी से सवाल पूछा है कि क्या उन्होंने कभी खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है? सुब्रह्ण्यम स्वामी की याचिका पर बीजेपी सांसद लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने यह सवाल पूछा है। श्री स्वामी का दावा है कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की इस कंपनी के 2005-06 के वार्षिक रिटर्न में श्री गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। उन्होंने यह दावा ब्रिटेन के कंपनी लॉ अथॉरिटी से प्राप्त कागजों के आधार पर किया है। हालांकि श्री गांधी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए मोदी सरकार को चुनौती दी थी कि वह इस मामले की जांच कराए और वह दोषी साबित होते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाए।
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