भारत की अजीव विडम्बना है की हिन्दुत्व, जो की भारत की आत्मा है, की बात करते ही, देश के तथाकथित सेकुलरों के गिरोह के नाज़ुक अंगों पर तीखी मिर्ची लगती है. हिन्दुत्व के महान पुरोधा स्वामी विवेकानंद ने कहा है-“यदि तुम अपने देश का कल्याण करना चाहते हो तो तुममे से प्रत्येक को गुरु गोविन्द सिंह बनना होगा . आताताई मुगलों के आतंक से हिन्दुत्व की रक्षा करने वाले हिन्दू सम्राट गुरु गोविन्द सिंह की प्रतिज्ञा हिन्दू भूले नही होंगे और आज भी वह प्रतिज्ञा समीचीन है.आज हिन्दुत्व की बात होते ही देश में कलाकारों के नाम पर, भांड मिडिया के नाम पर, या शिक्ष्ण संस्थानों में सरकारी पैसे पर पलने वाले सियारों की टोली हुयां-हुयां कर रहा है.
असहिष्णुता की कोख से उपजा माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम ने हाल ही में एक जलसे को संवोधित करते हुए कहा कि-“संघ परिवार को मुस्लिमो, इसाइओ व् कमुनिष्टों से नफरत है.इस नफरत की आग में हिन्दुस्तान को जलाने नहीं देंगे. सेकुलिरिज्म के साथ ही जम्हूरियत का गला घोटा जा रहा है.” वहीँ विंदी गैंग राजतन्त्र की पोषक विकृत वामपंथी बृंदा करात के ये विष भरे वोल कि-“ आज जो नेशनल अलायन्स है, हिन्दुत्व के खिलाफ, तो वह लेफ्ट के सिवा, इस चीज का विरोध करने के लिए, संघर्ष को कोई और, आगे नही बढ़ा सकता.हम हिन्दुत्व को रोक सकते हैं .हम हिन्दुत्व की ताकतों को रिवर्स कर सकते हैं.हम हिन्दुत्व की ताकतों को पराजित कर सकते हैं.आज हम इस मंच से अपील करना चाहती हूँ की आज एक साथ मिलकर हमें लड़ने की ज़रूरत है.”
भारत की इस पवित्र भूमि को कितनो ने दलित करने की कुचेष्टा की ,हिन्दुत्व को मिटाने का अथक प्रयास किया किन्तु खुद मिटते गये या हिन्दुत्व में ही समाहित होते चले गये.फिर सलीम और वृंदा जैसे कमुनिस्ट रूपी खाल में छुपे भेडिये हिन्दुत्व जैसे शेर की वाल तक वांका नही कर सकती.हिन्दुत्व को पराजित या मिटाने की बात तो दूर उसके पास भी फटकने की इनकी विसात नही ?.इन नरसंहारी विचारधारा ने विश्व में सिर्फ आतंक और व्यभिचारियो को ही पाला है. जिसका फल है की इस निर्मम विचारधारा को विश्व के संभ्रांत लोगों ने दफन कर चैन की सांस ली. भारत में भी इन वामपंथी नरसंहारक ने भारत की शस्य श्यामला भूमि को रक्त रंजित कर रखा है. आज देश में इन ज़मुरों ने एक से एक जुमले को इजाद कर हमें दिभ्र्मित करने का कुटिल चाल चला रहा है.
देश और देश के नायको के प्रति इसकी गद्दारी, इतिहास को लाख तोड़ने मरोड़ने के बाद भी इस नृशंस विचारधारा की काली करतूत चीख चीख कर बता रही है.१९४२ में भारत छोडो आन्दोलन की पीठ में छुरा खोपने वाले ये वामपंथी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को जापानी प्रधानमन्त्री तोजो का कुत्ता घोषित किया था. ऐसे विकृत और वेशर्म वैचारिक आतंकीओ का गिरोह १९६२ में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया तो इसके गुर्गे चीन को आक्रमणकारी देश मानने से इनकार किया था .यदि इस विध्वंसक विचारधारा को भारत के लोकतंत्र में आस्था होती तो इंदिरा गांधी द्वारा लाई गयी इमरजेंसी का देश में गद्दारों का यह गिरोह खुलकर समर्थन नही करता. सत्ता के लिए गरिवो, दलितों, वंचितों के लाशों की ढेर लगा समाज को बरगलाने वाला यह वामपंथी गिरोह नेहरु के जमाने से फिरकापरस्त कांग्रेसियो के सहारे जिस तरह से देश के बौद्धिक संस्थानों में कब्ज़ा जमा रखा है इसकी वानगी हैदरावाद और दिल्ली में देखने को भी मिला है .वह भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए पहले भी खतरा था और आज भी है.
भारत में फिरकापरस्तों और दहशतगर्दो के आँखों का तारा कांग्रेस के सदर का एक लिखित सन्देश एक मुस्लिम जलसे में पढ़ा गया उस तकरीर में हिन्दुत्व के घोर विरोधी सोनिया गांधी कहती है -“देश में फिरकापरस्त ताकतें सिर उठा रही है.मुल्क इस वक्त नाज़ुक दौर से गुजर रहा है. सेकुलरिज्म को खासकर निशाना बनाया जा रहा है. जैसे आप सब बाहर धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ रहे है वैसे ही मै संसद के अंदर यह लड़ाई लड़ रही हूँ.” झूठ बोलना कोई ऐसे मानसिक पीडिता से सीखे?नेहरु से लेकर सोनिया गांधी तक यह परिवार भारत और भारतीयता का दुश्मन रहा है. देश को अस्थिरता की और ले जाने वाली फिरकापरस्त कांग्रेस का क्रूर चेहरा हाल के गुजरात में पटेल आन्दोलन और हरियाणा में जाट आन्दोलन में दिखा की फिरकापरस्त कौन है?भारत को टुकड़े करने की मंशा रखने बालो के साथ कंधे से कंधे मिला खड़ा कौन था?
.सोनिया जी, मुल्क आपकी दहशतगर्द पार्टी और आपकी फिरकापरस्त सोच के कारण नाज़ुक दौर के इंद्रजाल में फंसा है.आपने देश का सेकुलर ढांचा को नुक्सान कल भी हज़ारों निर्दोष सिख बंधुओ का कत्ल करवा कर किया था और आज भी आपके युवराज देशद्रोहियो का समर्थन कर नुक्सान पहुचा रहा है .आप संसद में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपने अयोग्य बेटे को देश पर थोपने की जद्दोजेहाद में लगी है.वह सफल नही होगी आपकी कुटिल चाल अब भारत की महान जनता समझने लगी है.देर है अंधेर नही.आप भारत को भोगभूमि मानती है. आपके लिए भारत पवित्र भूमि नही है. ऐसा आपके अचार विचार से प्रस्तुत हुआ. इसलिए आपको भारत के प्राण हिन्दुत्व से नफरत है.क्योंकि जब तक हिन्दुत्व का अंश भारत की भूमि पर जिन्दा है आप जैसो की मंशा पूरी हो नही सकती है. इसलिए आपकी पार्टी देश में हिन्दुत्व विरोधियो के आँखों का तारा है.
सत्ता के लिए देश को बाटने वाले नेहरु जिस महात्मा गांधी की कसमे दिन रात खाते थे उनके एक भी विचार भारत की शाशन व्यवस्था में यदि लागू होता तो आज भारत का दशा और दिशा कुछ और होता.इस संदर्भ में नेहरु और वामपंथियो कुटिल चाल सामान है. अपने 32 साल के शासन में वामपंथियो ने पच्शिम बंगाल को घुसपैठियो का स्वर्ग और हिन्दुत्व विरोधियो का ठौर ठिकाना दे राज्य को कंगाल बना दिया. वही दुर्गति नेहरु और उनके उतराधिकारियो ने भारत के साथ किया. वामपंथी और कांग्रेसी दोनों जब सत्ता से मरहूम होंगे तो बात करेंगे भय, भूख, भाईचारा और लोकतंत्र की, किन्तु सत्ता मिलते ही दोनों गिरोह डूब जाते है भ्रष्टाचार, व्यभिचार ,भाईचारे की हत्या करने और राजतन्त्र प्रणाली में.
आतंक की जननी कांग्रेस गिरोह का एक हिन्दू नरसंहार का आताताई गुलाम नवी आजाद कहता है की आरएसएस और आईएसआईएस का सिध्यांत एक है” ये उसी जम्मू कश्मीर से है, जहां इसके सह पर इसके रिश्तेदारों ने लाखों कश्मीरी हिन्दुओं का कत्लेयाम किया, उनके बहु बेटियो की इज्ज़ते लुटी, उनके सम्पति पर आज भी कव्जा जामाए है, ऐसे नरपिशाच गुलाम आरएसएस की तुलना आतंकी इस्लामी ग्रुप आईएसआईएस से करता है.उसकी विकृत मानसिकता देश के लिए घातक है जो किसी भी दशा में स्वीकार्य नही है.जिस परम्परा को गुलाम नवी मानता है उसी परम्परा के रक्त पिपासु आईएसआईएस विश्व में आज आतंक का माहौल कायम कर रखा है अब गुलाम नवी खुद समझ रहा होगा की आईएसआईएस के करीब कांग्रेस है या आरएसएस दोनों में किसका सिध्यांत सामान है ?
इन दहशतगर्दो और फिरकापरस्तों के पेट में मरोड़ इसलिए उठती है की इसके नापाक इरादे को जनता के सामने आरएसएस उजागर करती रहती है.नेहरु से लेकर सोनिया गांधी सहित देश में तमाम हिन्दुत्व के विरोधियो के आँखों की किरकिरी बना आरएसएस के ऊपर जितना अनर्गल और झूठा आरोप यह गिरोह लगाता है. भारत का देशभक्त समाज उतनी प्रतिबद्धता से आरएसएस को आत्सात कर रहा है.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) कभी सत्ता के सहारे नही बल्कि सेवा के सहारे समाज के दिलों पर जगह बनाए हुए है. संघ समाज को सिर्फ वह दिशा देता है जो हमारे देश की परम्पराओं में सदियो से रहा है.
जिसे भारत या हिन्दुत्व के स्वर्णिम इतिहास, संस्कार, संस्कृत्ति, साहित्य, विज्ञान, दर्शन और कला पर अभिमान है, जिसे अपने पूर्वजो के कृत्यों पर स्वाभिमान है उसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) आराध्य है.आज देश में असहिष्णुता का स्यापा करने वाले भाट-चारणों की परम्परा के पालकी ढ़ोने वाले जिस मुस्लिम और इसाई की बात करते है उनके पिछड़ेपन का मूल कारण देश में नेहरूवियन और वामपंथी चासनी में डुबा समाजवाद की कलुषित सोच है. यही कारण है की इन गिरोहों के इतने भोंडे प्रोपगेंडा के बाद भी मुस्लिम और इसाई समाज अब इन गिरोहों को सिरे से खारिज करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के करीब आ रहे है.
जमात-उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुहैब कासमी ने कहा की हम आरएसएस के मिलकर काम कर रहे है ताकि आरएसएस के प्रति मुस्लिम समुदाय की गलतफहमियो को खत्म किया जा सके वही.असम स्टेट वर्किंग प्रेजिडेंट अब्दुल ज़लील खान ने कहा-“हम आरएसएस के साथ एक नजदीकी साझेदारी में काम कर रहे हैं हम हिन्दू और मुस्लिम की एकता चाहते है.इसमें कुछ भी गलत नही. इसी तरह अनेक मुस्लिम संघठन आज संघ के मुरीद बनते जा रहे है इसलिए की संघ की कथनी और करनी में कोई भेद नही है.चुकी कुछ राज्यों में असेम्बली चुनाव होने वाली है ऐसे में देश में बिहार चुनाव की तरह एक बार फिर ऐसा इंद्रजाल फैलाने की कुत्सित चाल शुरू हो गयी. भारत की जम्हूरियत के कुछ जमूरे है जो हमें बहकाने के लिए राजनीति दल रूपी सर्कस से बाहर निकल चुके हैं.आइये इस बार इन जमूरों के चाल को उसी के जाल में उलझा सशक्त भारत समर्थ भारत और स्वाभिमान भारत के लिए कमर कास ले.
संजय कुमार आज़ाद
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