पटना,19 मई, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड(जद-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज घोषित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों को उम्मीद के अनुरूप बताया और कहा कि असम में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की जीत पर उसे बहुत खुश होने की जरुरत नहीं है । श्री कुमार ने असम,पश्चिम बंगाल,तमिलनाडु,केरल और पुड्डुचेरी विधानसभा चुनावों के परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां कहा कि असम में भाजपा इसलिए जीत गयी कि उसने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था जबकि कांग्रेस को ऐसा लग रहा था कि वह असम में अकेले चुनाव जीतने में सक्षम है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसीलिए किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया । जद-यू अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव में जिस तरह महागठबंधन बनाकर प्रयोग किया गया,वैसा ही प्रयास असम में होता तो आज परिणाम कुछ और ही होते । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनाव परिणामों के बाद‘कांग्रेस मुक्त’भारत की बात करने का कोई औचित्य नहीं है ।पुड्डुचेरी में कांग्रेस को सफलता मिली है। उन्होंने विधानसभा चुनाव परिणामों को उम्मीद के अनुरूप बताया और कहा कि जैसे परिदृश्य चुनाव अभियान के दौरान दिखाई दे रहे थे,वैसे ही नतीजे सामने आये हैं । केरल में विपक्षी दलों ने बड़ी कोशिश की फिर भी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को जबर्दस्त सफलता मिली।
इस बीच,बिहार भाजपा ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि देश‘संघ युक्त’और‘कांग्रेस मुक्त’भारत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार उस कांग्रेस की नाव पर सवारी कर रहे हैं जिसमें ‘छेद ही छेद’हैं और जिसका डूबना तय है। भाजपा विधानमंडल दल नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि असम जो पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है,उस प्रदेश में पार्टी की जीत केवल एक राज्य की नहीं,बल्कि आने वाले दिनों में वहां के शेष छह राज्यों में भी जीत की संभावना बढ़ाने वाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए श्री कुमार ने असम में उस कट्टरपंथी श्री बदरूद्दीन अजमल की पार्टी से हाथ मिला लिया जिसके साथ जाने से कांग्रेस भी बचती रही । श्री मोदी ने कहा कि असम में चार,पश्चिम बंगाल में दो,तमिलनाडु में छह,केरल में सात और पुड्डूचेरी में दो सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद श्री कुमार की पार्टी जदयू को सभी राज्यों में मुंह की खानी पड़ी है। केरल में श्री कुमार स्वयं चुनाव प्रचार करने गए थे,जहां उनकी पार्टी जदयू की लुटिया तो डूबी ही साथ ही सहयोगी कांग्रेस का भी बेड़ा गर्क हो गया।
वहीं,भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) :भाकपा-माले: ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह जनादेश भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ है । भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि भाजपा की असम में जीत तो जरुर हुई है लेकिन पश्चिम बंगाल,केरल,तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में आज भी उसकी स्थिति कमजोर बनी हुई है ।उन्होंने कहा कि देश का बड़ा हिस्सा भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । जहां तक असम की बात है वहां 15 वर्षों के कांग्रेस के कुशासन का नतीजा है कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को लोगों ने पसंद किया । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)के राज्य सचिव मंडल ने केरल विधानसभा के चुनाव में वाम-जनवादी मोर्चे की शानदार जीत का स्वागत करते हुए केरल के मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। भाकपा ने यहां जारी बयान में कहा कि पार्टी सचिव मंडल का स्पष्ट मत है कि चार अन्य राज्यों असम,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में जनता की नजरों में कारगर और विश्सनीय वाम-जनवादी मोर्चा की अनुपस्थिति के कारण मिला-जुलाकर उन्हीं ताकतों को कामयाबी मिल गयी जिनसे निजात पाये बगैर न तो जनता की मूलभूत समस्याओं का निराकरण हो सकता है, न ही समावेशी विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। भाकपा सचिव मंडल ने कहा कि वैकल्पिक सामाजिक-आर्थिक विकास के एजेंडे के आधार पर व्यापक वाम-जनवादी मोर्चों का निर्माण और जनसंघर्षों की श्रृंखला ही स्थिति में बदलाव ला सकती है,जैसा कि केरल की जनता ने कर दिखाया है। वामदलों को इससे सबक लेनी चाहिए।