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Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
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सब की ‘खिड़की‘ 28 जून को खुलेगी

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हमें अपनी मजाकिया कहानी बतायें और दुनिया भर में टेलीविजन पर उसे जीवंत बनायें। सोनी सब द्वारा अब अपने नये शो खिड़की के माध्यम से दर्शकों की जिंदगी के असली मजाकिया किस्सों को दिखाया जायेगा। शो की अवधारणा देश भर के दर्शकों द्वारा भेजी जाने वाली कहानियों पर आधारित है। इनमें से कुछ चुनिंदा कहानियों को छोटे पर्दे के लिये मिनी-सिरीज के एपिसोड्स के रूप में रूपांतरित किया गया है। खिड़की का प्रसारण सोनी सब पर मंगलवार, 28 जून 2016 से प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9ः30 बजे किया जायेगा। चैनल ने प्रसिद्ध टेलीविजन निर्माता जेडी मजेठिया और बाॅलीवुड निर्देशक उमेश शुक्ला के साथ साझेदारी की है। गौरतलब है कि उमेश ओह माय गाॅड! फिल्म के निर्देशक हैं। चैनल द्वारा मार्च 2016 में इस शो के लिये प्रविष्टियां मंगाई गई थीं। चैनल को कुल 8000 से अधिक प्रविष्टियां मिलीं और इनमें से कुछ कहानियों को चुना गया, जोकि अब दुनिया के सामने प्रस्तुत होने के लिये तैयार हैं। 

शो में कई प्रमुख कलाकार मौजूद होंगे, जैसे कि सरिता जोशी, राजीव मेहता, लुबना सलीम, ऐश्वर्या सखूजा इत्यादि। ये कलाकार विभिन्न कहानियों में अलग-अलग किरदारों को निभाते नजर आयेंगे। इन कहानियों को जेठी मजेठिया द्वारा सुनाया जायेगा, जोकि शो के होस्ट भी हैं। प्रत्येक कहानी को एपिसोड्स में बुना गया है और प्रत्येक कहानी को उनकी लंबाई के आधार पर तीन से आठ एपिसोड्स में पूरा किया जायेगा। 

अनूज कपूर, सीनियर ईवीपी और बिजनेस हेड, सब टीवी ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘‘सब टीवी में हम हमेशा अपने दर्शकों के लिये अनूठे कार्यक्रमों को पेश करने का प्रयास करते हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हम भारतीय परिवारों के लिये अपनी मजाकिया कहानियों को दुनिया के सामने बयां करने का द्वार खोल रहे हैं। सब टीवी द्वारा इन कहानियों के लिये एक मंच उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें प्रत्येक सप्ताह इस तरह की एक कहानी दिखाई जायेगी।‘‘

इंडिया किड्स फैशन वीक ग्रैंड शो

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इंडिया किड्स फैशन वीक  के चैथे संस्करण में डिजाइनरों शानदार किड्स कलैक्शन से दर्शकों को चकित कर दिया। मैक्स के सहयोग व क्राफ्टवल्र्ड ईवेंट्स और ईवेंट कैपिटल ने मिलकर इसका आयोजन ऐम्बियेंस माॅल में हुआ।  इस शो में जानेमाने परिधान ब्रांडों मैक्स, राग, किलकारी, लिटल फेबल, 612 लीग, लिटल कोटूर, माय लिटल बैरी, पोनी और गैप किड्स के शानदार कलैक्शन दर्शाए गए। कार्यक्रम के पहले दिन मशहूर हस्तियों और जानेमाने डिजाइनरों से मौजूदगी दर्ज की जिन्होंने नन्हे फैशन आइकाॅन के साथ रैम्प पर वाॅक किया। पहले दिन मशहूर ऐपेरल ब्रांड मैक्स ने स्प्रिंग समर कलैक्शन प्रदर्शित किया जो समुद्र, मोतियों और सीक्विन की कहानियों से प्रेरित था। इस कलैक्शन में सुंदरता के साथ खुशनुमा और प्रेरणादायी रंगों का बखूबी इस्तेमाल किया गया जैसे रस्ट, आॅरेंज, कोबाल्ट, सनशाइन यैलो, पेस्टल आदि। लड़के जंगल बुक थीम की टीशर्ट पहन कर रैम्प पर चले। ’तारे ज़मीन पर’ फेम दर्शील सफारी मैक्स के शो-स्टाॅपर थे, उन्होंने नीले रंग की वैकेशन स्टाईल टीशर्ट नीली डेनिम के साथ पहनी थी। उनका काॅस्टयूम गर्मियों के लिए उबर कैजुअल लुक लिए हुआ था।

राग के कलैक्शन में एक कूल, अर्बन भारतीय लड़की की छवि पेश की गई जिसे ऐथनिक व पार्टी वियर वैस्टर्न परिधान एक समान रूप से पसंद हैं। इंडिया किड्स फैशन वीक में राग के शो ने स्टेज पर पूरी तरह नई कहानी का ताना-बाना बुना। मीडिया का ध्यान आकर्षित करने वाली कहानी की शुरुआत एक मां से होती है जो मंदिर में है और पिता मैच देखने के लिए तैयार हो रहे हैं और बाद में कहानी इस नोट पर समाप्त होती है कि नन्ही लड़कियां पार्टी वियर स्मार्ट गाउन में दिखाई देती हैं। इस प्रकार इस कलैक्शन में ऐथनिक वियर, कैजुअल वियर और फिर पार्टी वियर सभी घटक शामिल हैं। ऐपेरल ब्रांड किलकारी ने बच्चों के लिए जो कलैक्शन पेश किया उसमें पश्चिमी और भारतीयता का उम्दा तालमेल था। इसमें ब्राइट पिंक, फ्लोरसेंट ग्रीन्स और टैंगी आॅरेंजिस जैसे विविध रंग लिए हुए खूबसूरत काॅस्ट्यूम शामिल थे। ब्रांड ने ऐथनिक सैगमेंट में 11 से 15 साल के लड़कों व लड़कियों के लिए अपना ट्वीन्स कलैक्शन प्रस्तुत किया जो विभिन्न रंगों और आकर्षक डिजाइनों से भरपूर था और हर बच्चे के व्यक्तित्व पर खूब फब रहा था।

’’अपने गले में हीरे पहनने के बजाय मैं अपने बालों में फूल पहनना पसंद करूंगी’’, अ लिटल फेबल ब्रांड ने इंडिया किड्स फैशन वीक में प्रदर्शित अपने खूबसूरत कलैक्शन में बच्चों के स्वतंत्र स्वभाव को अभिव्यक्त किया। बच्चे फूलों व तितलियों जैसे सरल व सहज किंतु कमाल की चीजों में खुशियां और मुस्कान खोज लेते हैं और लिटल फेबल ब्रांड भी यही भाव प्रस्तुत करता है। विंटर वियर से लेकर कैजुअल वियर और पार्टी वियर तक 612 लीग द्वारा प्रदर्शित सभी कलैक्शंस में बच्चे बहुत प्यारे लग रहे थे। ये नन्हे स्टाईल आइकाॅन सुंदर प्रिंट्स, विषम पैटर्न व कोमल डिटेल वाले वस्त्र पहन कर खूब स्टाईल में रैम्प पर चले। बच्चों के क्लोदिंग ब्रांड लिटल कोटूर ने पारंपरिक और वैस्टर्न आउटफिट्स के क्लासिक पिसिस का कलैक्शन पेश किया। ये हैं मोहब्बतें फेम बाल कलाकार रूहानिका धवन फ्लोर लैंग्थ ड्रैस में बहुत खूबसूरत व प्यारी लग रही थी, उनका परिधान गाउन और लाँग फ्राॅक का मिश्रण था। उनकी पूरी ड्रैस में ऐम्बैलिशमेंट्स थीं और रैम्प पर उनका आत्मविश्वास देखते ही बनता था। रूहानिका लिटल कोटूर के लिए शोस्टाॅपर के तौर पर रैम्प पर आईं थीं।

महंगाई बडा या योग, टमाटर हुआ पेट्रोल से महंगा

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कोलकाता, भाजपा सरकार के केंद्र में आने के बाद से देश में योग की चरता व महत्ता सिर चढ कर बोल रही है। हर साल सरकार 21 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। देश के चपरासी से राष्ट्रपति तक योग के आगे नतमस्तक हो रहे हैं। सभी महामहिम लोगों को शिक्षा दे रहे हैं कि योग से एक नहीं कई फायदे हैं। शरीर व मन स्वस्थ रहेगा। बात सही है। विज्ञान भी इससे सहमत है। लेकिन कई एेसे सवाल अनुतरित्त रह जा रहे हैं जिसका जवाब तो केवल योगोपदेश देने वाले ही दे सकते हैं। ये सवाल निम्न हैं ः

1) क्या योग करने से देश का काला धन वापस आ जाएगा..मोदीजी ने कहा था कि 100 दिन में काला धन वापस लाएंगे...
2) क्या योग करने से देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा..व्यापम, सारदा, नारदा जैसे घोटाले की लीपापोती से तो एेसा नहीं लगता..
3) क्या योग करने से देश के शिक्षित युवाअों की बेरोजगारी खत्म हो जाएगी.. भाजपा ने करोडों नौकरी का वादा किया था..
4) क्या योग करने से भूख के मारे पेट की पीडा झेल रहे करोडों लोगों का मरज ठीक हो जाएगा...

महंगाई योग ः
देश में इन दिनों महंगाई योग तेजी से बढा है। छह माह पहले तक 15-20 रुपए बिकने वाला टमाटर शतक तक पहुंच गया है। गरीबों के पेट भरुआ खाना आलू अभी 20 से 30 रुपए के बीच बिक रहा है। हालात यह है कि आज टमाटर तो पेट्रोल व डीजल से भी महंगा हो गया है।

सवाल यह है कि क्या योग करने से महंगाई की पीडा से मुक्ति मिल सकेगी.. 
योग की विश्वसनीयता या इसके फायदे पर सवाल नहीं उठाए जा रहे हैं। लेकिन योग के नाम पर जिस तरह की नौटंकी देखी जा रही है, वह निश्चित तौर पर समरथन योग्य नहीं है। पहले सरकार मंगाई की मांर झेल रहे लोगों को राहत देने की कोशिश करे फिर योग कराए तो बेहतर होगा। केवल 100 फीसदी एफडीआई से दी देश विकास की बडी-बडी झलांगे मारते हुए चांद व मंगल पर पहुंच जा सकता हौ तो बेहतर है कि संसद में भी 100 फीसदी एफडीआई लागू कर दिया जाय। योग के नाम पर केवल कैमरा प्रेम दुनिया की नजरों में सराहनीूय हो सकता है लेकिन महंगाई की पीडा से पीडित भारतीयों के लिए तो कैंमरा योग किसी भी तरह मान्य नहीं हो सकता। जिस देश में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए मिड डे मिल का प्रलोभन देने पडे, क्योंकि उनके घरों में दाने नहीं हैं। जिस देश में भूखे लोगों को रोटी देने के लिए 100 रोजगार देने पडे क्योंकि उनके हाथों को काम नहीं है। जिस देश में भूख से तपडपते लोगों को जिंदा रहने के लिए 2 रुपए किलो चावल/गेंहू देने पडे क्योंकि अधिक कीमत पर खरीदने के लिए उनके पास रुपए नहीं हैं। जिस देश में गरीबों को पेट बालने के लिए बच्चों को बेंचना पडे, क्योंकि भूखे बच्चों को तडपता वे नहीं देख सकते। जिस देश में आम लोगों को बसों व रेलगाडियों में भेड-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर सफर करना पडे, क्योंकि उनकी कीमत केवल वोट बैंक तक ही सीमित है। जिस जिस देश में लोकतंत्र के नाम पर कथित विजेता योग दंड चलाने जैसी मनमानी करें, क्योंकि जनता बोलने की ताकत खो चुकी है। उस देश में कैमरा योग पर सवाल उठना व उठाना गलत नहीं हो सकता। 

वैसे योग के बारे में कहा जाता है कि योग का उपदेश सर्वप्रथम हिरण्यगर्भ ब्रह्मा ने सनकादिकों को, पश्चात विवस्वान (सूर्य) को दिया। बाद में यह दो शाखाओं में विभक्त हो गया। एक ब्रह्मयोग और दूसरा कर्मयोग। इसलिए अगर आम कोई ये कहता है कि वह योग को विश्वव्यापी बना रहा है तो वह न केवल देश व दुनिया को धोखा दे रहा है बल्की अपना ऊल्लू सीधा कर रहा है। 

विशेष आलेख : घरेलू महिलाओं के अस्तित्व से जुड़े प्रश्न

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एक महिला एक कंपनी में काम करती है। निश्चित अवधि एवं निर्धारित दिनों तक काम करने के बाद उसे एक निर्धारित राशि वेतन के रूप में मिलती है। उसके इस कार्य को और उसके इस क्रम को राष्ट्रीय उन्नति के योगदान के रूप में देखा जाता है। यह माना जाता है कि देश के आर्थिक विकास में अमुक महिला का योगदान है।

दूूसरी ओर एक महिला शादी के बाद नई घर-गृहस्थी में जाती है। वह सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक अनगिनत सबसे मुश्किल कामों को करती है। अगर हम यह कहें कि घर संभालना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है तो शायद गलत नहीं होगा। दुनिया में सिर्फ यही एक ऐसा पेशा है, जिसमें 24 घंटे, सातों दिन आप काम पर रहते हैं, हर रोज क्राइसिस झेलते हैं, हर डेडलाइन को पूरा करते हैं और वह भी बिना छुट्टी के। सोचिए, इतने सारे कार्य-संपादन के बदलने में वह कोई वेतन नहीं लेती। उसके परिश्रम को सामान्यतः घर का नियमित काम-काज कहकर विशेष महत्व नहीं दिया जाता। साथ ही उसके इस काम को राष्ट्र की उन्नति में योगभूत होने की संज्ञा भी नहीं मिलती। जबकि उतना काम नौकर-चाकर के द्वारा कराया जाता तो अवश्य ही एक बड़ी राशि वेतन के रूप में चुकानी पड़ती। घर के लगभग सभी कामों का दायित्व एक महिला अपने ऊपर ओढ़ती है, फिर भी इस दृष्टि से नहीं सोचा जाता कि वह भी आर्थिक योगदान कर रही है। ऐसी महिलाएं घर की इनकम में सीधे कुछ नहीं जोड़ती, इसलिए उसके काम की कोई इकनाॅमिक वैल्यू नहीं समझी जाती। जीडीपी के नाम से देश की दौलत का जो सालाना हिसाब लगाया जाता है, उसमें वही इनकम शामिल होती है, जिसमें पैसे का लेनदेन हुआ हो। यह कहने की जरूरत नहीं कि परिवार में एक हाउसवाइफ की क्या अहमियत होती है और उसके बिना समाज नहीं चल सकती, लेकिन उसके काम को अनउत्पादक समझ लिया जाना उसकी हैसियत को गिराता ही नहीं, बल्कि उसके अस्तित्व और अस्मिता को भी खत्म कर देता है। 

इनदिनों हाऊसवाइफ के अस्तित्व को लेकर ऐसी व्यापक चर्चाएं हैं। सोसियल मीडिया पर हाऊसवाइफ की सक्रियता से उन्हीं के बीच ऐसे प्रश्न उछलने लगे हैं कि क्या हाऊसवाईफ का परिवार, समाज और देश के प्रति योगदान नगण्य हैं? क्या हाऊसवाइफ का कोई अस्तित्व नहीं? क्या उसे आर्थिक निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं? क्या हाऊसवाइफ सिर्फ बच्चे पैदा करने और घर सँभालने के लिए होती हैं? क्यों हाऊसवाइफ का योगदान देश के विकास में एक पुरुष से कमतर आंका जाता हैं? हाउसवाइफ को उनके काम के बदले सैलरी का प्रावधान होना ही चाहिए? ये और ऐसे अनेक प्रश्न है जिन पर न केवल देश में बल्कि दुनिया में जागरूकता का वातावरण बन रहा है। इस विषय ने नारी जागृति एवं महिला सशक्तीकरण के अभियानों को भी आंदोलित किया है। ऐसी चर्चाएं होना, एक सकारात्मक वातावरण घरेलू महिलाओं को लेकर बनना और सरकार की सोच में भी बदलाव आना निश्चित ही नारी के अस्तित्व को धुंधलकों से बाहर लाने का प्रयास कहा जायेगा। साथ ही भविष्य एक बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्या पर समय रहते  मानसिकता को विकसित करने का वातावरण बनेगा।

सभी के सामने यह एक ज्वलंत प्रश्न है कि आखिर समाज और राष्ट्र की मान्यताएं क्या हैं? विकास का सही मायने में अर्थ क्या है? क्या नारी अस्मिता के सामने हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा? काफी समय पहले तक महिलाएं घर के बाहर कदम नहीं रखती थीं और यह धारणा थी कि परिवार की रीढ़ पुरुष होता है। पुरुष के कंधों पर ही परिवार का संपूर्ण अर्थतंत्र टिका होता है। उन्होंने उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाएं एवं बाहर के कार्यक्षेत्र को भी सफलतापूर्वक अंजाम देने में अपने परचम लहराए। वह स्वावलंबी बनी। कभी पुरुष अर्थ की धुरी माना जाता था। किन्तु आज महिला ने भी अर्थ की धुरी बनकर दिखा दिया है। इन सकारात्मक स्थितियों के बीच उस महिला के संदर्भ में भी सोचना जरूरी है, जो वेतन तो नहीं पाती है, किन्तु सुबह से देर रात तक घर का काम करती है। क्या आर्थिक सहयोग की श्रेणी में उसका योगदान नहीं है? प्रचलित मान्यताओं और आम धारणाओं पर हमें पुनर्चिंतन करना होगा। साथ ही सोच के नजरिये को सकारात्मक दृष्टिकोण में बदलना होगा। मान्यताएं देश, काल, परिस्थिति और वातावरण के अनुसार करवट लेती रहती है। समाज यदि इसके अनुकूल ढलता जाता है तो विकास को सही दिशा मिल जाती है। यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो सब कुछ उल्टा-पुल्टा होता चला जाता है और विकास की जिस परिकल्पना को लेकर हम चल रहे हैं, वह उद्देश्य चूर-चूर हो जाता है।

हाउसवाइफ के घरेलू भूमिका और उसके आर्थिक मूल्यांकन का काम कई मोर्चों पर चल रहा है। हमारे देश में भी और बाहर भी। सन् 2004 में एक हाईकोर्ट कह चुका है कि हाउसवाइफ की कम से कम वैल्यू रुपयों में माहवार निश्चित होना चाहिए। केरल में हाउसवाइफ के लिये मासिक भत्ते की मांग भी सामने आ चुकी है। बांगलादेश के वित्तमंत्री का मानना है कि हाउसकीपिंग की वैल्यू तय की जानी चाहिए। लेकिन बात इतनी ही नहीं है। हाउसवाइफ की वैल्यू तो निश्चित हो ही जायेगी लेकिन उससे बड़ा चिन्ताजनक प्रश्न हाउसवाइफ के अस्तित्व को ही समाप्त करने की मानसिकता से जुड़ा है।  

स्वीडन के जर्नलिस्ट पीटर लेटमार्क ने लेख में ‘हाउसवाइफ होने का दाग’ में अनेक चिन्ताजनक स्थितियों को प्रस्तुत किया है। इस लेख में घरेलू कामकाम की जटिल होनी स्थितियों और उनमें निष्क्रिय होती महिलाओं की भूमिका को उठाया गया है। उनका यह लेख न्यूयार्क टाइम्स में छपा है। स्वीडन और नाॅर्वे में हाउसवाइफ कहलाना बेइज्जती माना जा रहा है, महिलाएं हाउसकीपिंग से तौबा कर रही है। ऐसा अकेले स्वीडन नाॅर्वे में नहीं, भारत में भी हो रहा है। हालांकि यहां हाउसवाइफ अभी गायब नहीं हुई हैं और ऐसा होने में बरसों लग जायेंगे, लेकिन हाउसकीपिंग को अब पुराने जमाने की दकियानूसी मानकर नीची नजर से देखा जाता है। न्यू जेनरेशन की लड़कियां इसके लिए कतई तैयार नहीं है।

लिहाजा हम उन जटिल स्थितियों की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जहां हमारे लिये भी घरेलू काम-काज चुनौती बन कर प्रस्तुत होगा भले ही हम घरेलू महिलाओं के श्रम को आर्थिक मूल्य देने को तो तैयार हो जाये, लेकिन तब तक परिवार का यह महत्वपूर्ण सेक्टर खतरे में पड़ चुका होगा। हमें हाउसकीपिंग की जरूरत लगभग पहले जितनी है, बल्कि वह और बढ़ी है, उस बढ़ी जरूरत को पूरा करना हमारे लिये चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। हमें हाउसकीपिंग की वैल्यू तय करके उसकी इज्जत तो लौटानी ही होगी, साथ ही पुरुषों को इसके लिए आगे आना होगा। उन्हें घरेलू काम-काज में बराबर का हाथ बंटाना होगा। महिलाओं के इस एकाधिकार क्षेत्र को संतुलित करने के लिये पुरुषों को भी सहभागिता निभानी होगी। हमारे सामने स्वीडन का माॅडल है। वहां मर्दों को कई महीनों की पैटरनिटी लीव तो मिलती ही है, इसके लिए इंसेटिव भी दिए जाते हैं। वहां के समाज में इससे इतना फर्क आ गया है कि बेबी पाउडर के ऐड में महिलाओं की जगह पुरुष नजर आते हैं। ऐसे मर्द आम हैं, जो पैटरनिटी लीव पर चल रहे हैं। हमारा देश विकास की ओर अग्रसर है, महिलाओं से जुड़ा यह मसला भी विकास से ही जुड़ा है। जरूरत इस बात की है कि विकास की परिभाषा सही हो, विकास के मायने सही हों, तभी विकास की कल्पना को सही अर्थों में साकार रूप देकर सार्थक किया जा सकता है। 


 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

सांसद ने रखी 63 करोड के निमार्ण कार्यो की आधारशिला

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  • अमृत सिटी परियोजना पर नगर पालिका मे आयोजित हुआ आयोजन

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छतरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत अमृत सिटी मे चयनित हुए छतरपुर नगर के विकास हेतु क्षेत्रीय सांसद डां बीरेंद्र कुमार छतरपुर विधायक श्रीमती ललिता यादव ने पेयजल समस्या के निराकरण हेतु 63 करोड रूपये की लागत से होने वाले निमार्ण कार्यो की समारोह पूर्वक आधारषिला रखी और षिला पूजन किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह पूर्व विधायक उमेष शुक्ला, रतन चंद्र फूलवानी, नारायण महेष्वर काले, बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र प्रताप सिंह गुडडू भइया, नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुडडू सिंह, उपाध्यक्ष श्रीमती कमला खरे, कैलाष रावत, मंयका गौतम विषेष रूप से मौजूद थे। 
भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी प्रतीक खरे ने प्रेस को दी गई जानकारी मे बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन के साथ हुआ। अमृत परियोजना के अंतर्गत 63 करोड की लागत से 8.6 एमएलडी छमता के पचेर घाट पर अतिरिक्त जलसोधन संयत्र का निमार्ण बूढा बांध पर 6 एमएलडी छमता बाले जलसोधन संयत्र का निमार्ण नगर मे 7 अलग अलग उच्च स्तरीय पेयजल टंकियो का निमार्ण 213 किलोमीटर लंबी पाईपलाईन का विस्तार कार्य सम्पबेल से टंकियो को भरने के लिए मेन पाईप लाइन सहित विधुत सब स्टेषन का निमार्ण किया जाना है इन्ही निमार्ण कार्यो के लिए सांसद डां बीरेंद्र कुमार ने नगर पालिका के सभा कक्ष मे समारोह पूर्वक भूमि पूजन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ मे नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुडडू सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि जबसे उन्होने नगर पालिका अध्यक्ष का पद संभाला है वे तभी से छतरपुर शहर के विकास के लिए के काम कर रही है। उन्होने कहा मेरा सपना छतरपुर को विकसित कर बडे शहरो की श्रेणी मे सुमार करने का है। इस मौके पर उन्होने छतरपुर के लिए 133 करोड रूपये की लागत से प्रधानमंत्री आवास योजना की सौगात दिलाने वाले सांसद डां बीरेंद्र कुमार को सम्मान पत्र भेट किया तथा साल श्रीफल से उन्हे सम्मानित किया। 
सांसद डां बीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमृत सिटी योजना के तहत छतरपुर के लिए 133 करोड रूपये की राषि मौहया कराई है। इस राषि से 1718 आवास बनाये जायेगे जिसमे से 1248 आवास के उन लोगो के लिए बनाये जायेगे जो झुग्गी झोपडियो मे निवास करते है और कहीं भी उनका खुदका घर नही है। उन्होने भीसड सूखे की स्थिति मे कुसलता पूर्वक पेयजल समस्या से निपटने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुडडू सिंह एवं नगर पालिका अधिकारियो कर्मचारियो की जमकर सराहना की तथा उन्हे साधूवाद दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक ललिता यादव ने कहा कि नगर पालिका ने बेषक अच्छा काम किया है तभी छतरपुर अमृत परियोजना मे शामिल हो सका उन्होने नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुडडू सिंह के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरीके से छतरपुर नगर पालिका विकास के काम कर नही है उसके लिए वह बधाई की पात्र है। उन्होने कहा कि छतरपुर के विकास के लिए नगर पालिका को जब भी उनकी जरूरत पडेगी वे हमेषा साथ खडी नजर आयेगी। कार्यक्रम के प्रारंभ मे नगर पालिका के पीडी तिवारी, जगदीष मिश्रा, आरसी चतुर्वेदी, अरविंद तिवारी, जीतेंद्र परमार सहित सभी कर्मचारियो ने उपस्थित अतिथियो का स्वागत किया अंत मे सीएमओ कामता गुप्ता ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन अभिराम पाठक ने किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुणे मे दिये गऐ भाषण का सीधा प्रसारण प्रसारित किया गया। 

बेगूसराय (बिहार) की खबर (26 जून)

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उफ़ ये गर्मी और बिजली का क़हर

begusari-power-cutप्रद्योत कुमार,बेगूसराय। मौनसून की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने जो की है वो बेअसर होता दिखाई दे रहा है जिस वजह से सड़ान्ध गर्मी ज़िला वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है और उस पर से बिजली विभाग के बिजली आपूर्ति का रोना आम बात है।विभागिय कारण पूछने पर उनके पास कोई माकूल जवाब नहीं होता है,कभी कहेंगे कि बिजली की आपूर्ति आवश्यकतानुसार नहीं हो पा रहा है सूत्रों की माने तो विद्युत भवन पटना से ट्रांसमिशन विभाग का कहना है कि ज़िला को 80 मेगावाट बिजली दिया जा रहा है और इससे ज़्यादा वो लेने में सक्षम नहीं है क्योंकि इनका इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही कमज़ोर है जबकि विगत वर्ष ए टू ज़ेड कम्पनी ने विभागिय देख रेख में पूरे ज़िला का तार और कई चीज़ें नया लगाया गया था कार्यपालक अभियन्ता प्रोजेक्ट मो० गुफरान की देख रेख में लेकिन स्थिति ढ़ाक के तीन पात जैसी है।मो० गुफरान एक बहुत ही गैर ज़िम्मरदार ऑफिसर हैं क्यूंकि उनके रहते हुए ए टू ज़ेड वालों ने कई जगहों पर बिजली का तार नहीं बल्कि मौत की बिसात बिछा रखी है।उस संदर्भ में लिखित शिकायत करने के बाद भी उनकी निष्क्रियता बनी रही थी।सबसे हैरत की बात तो ये है कि उस शिकायत के आलोक में मो० गुफरान को डायरेक्टर प्रोजेक्ट ने कई बार मौखिक आदेश भी दिया था तार को हटवाने के लिये पर उन्होंने उनके आदेश को ताक पर रखते हुए मनमानी करते रहे जिसका परिणाम है कि कम्पनी वाला मालामाल हो गया और दर्द ज़िला की जनता को झेलना पर रहा है।ऐसी कार्यप्रणाली को किस नाम से नवाजेंगे ये सहज ही सोचने का विषय है।इन दिनों इस बेशुमार गर्मी में बिजली का ये आलम है कि हर एक घण्टे में कम से कम दो से तीन बार बिजली का गायब होना तय है,एक बार गई तो घण्टों गर्मी में जलते रहना उपभोक्ता की मजबूरी है।विभागिय अधिकारी को फोन करके अगर जानकारी लेना चाहेंगे तो फोन नहीं उठाना उनकी फ़ितरत में शुमार है और गर फोन उठा लिया तो कहेंगे कि बिजली कब मिलेगी इसके लिए फोन मत कीजिये।इस पर ज़िला प्रशासन मूक दर्शक बन बैठी है अपने ए सी चेम्बर में और बेचारी जनता मर रही है अपने घरों में और दफ्तरों में,ये है हमारे यहां का बजली विभाग।विभागिय सेवा निवृत के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि अगर बिजली अगर बीजली विभाग ईमानदार हो जाय तो दो साल के अंदर सोना का पोल गाड़ देगा।अब आप सोच सकते हैं कि ये विभाग क्या कर रही है अपने उपभोक्ता के लिए इस गर्मी से बचने के लिए।

आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थों के गठजोड़ को तोड़ना जरूरी : प्रणव

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नयी दिल्ली, 26 जून,  राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थो का परस्पर गठजोड़ है और समाज में खुशहाली के लिए इनके कुचक्र को ताड़ना जरूरी है। श्री मुखर्जी ने यहां विज्ञान भवन में “अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधक दिवस ” के अवसर शराब एवं मादक द्रव्यों के दुरुपयोग को रोकने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि कुई शोधों से साबित हुआ है कि इन अपराधों के बीच गठजोड़ है। यह तीनों बुराइयां विश्व समुदाय के लिए चुनौती बन चुकी हैं और इनके कुचक्र से निपटने के लिए इनके गठजोड़ को तोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शराब और मादक पदार्थ जैसी बुराइयों के कारण पूरी दुनिया का सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। इन बुराइयों से निपटने में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कार्यों की सरहाना करते हुए उन्होंने कहा कि शराब एवं मादक द्रव्यों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सामाजिक और स्वयंसेवी संगठनों को सरकार के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति विफल : सिन्हा

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नयी दिल्ली, 26 जून, जम्मू कश्मीर के पम्पोर में आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के आठ जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने आज कहा कि पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की नीतियां पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं। श्री सिन्हा ने कहा “जब बड़ी संख्या में लोग इस तरह से आतंकवादी हमलों में मारे जा रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ खुला युद्ध छेड़ दिया है। मुझे यह बड़े कष्ट के साथ कहना पड़ रहा है कि पाकिस्तान के प्रति हमारी सरकार की नीति विफल हो चुकी है।’’ उन्होंने कहा कि कई नेता हैं जो पाकिस्तान के प्रति सहृदयता दिखाते हुए उसे अब भी ‘बेचारा’ कहेंगे लेकिन वह ‘बेचारा’ नहीं है। वह कई वर्षों से हमारे ऊपर हमला कर रहा है और अब उसने हमारे रक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार को इन सभी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान से डरने की जरूरत नहीं है। यदि हम पाकिस्तान से उसकी हरकत को लेकर सवाल नहीं करेंगे तो वह पठानकोट तथा पम्पोर की तरह हमले जारी रखेगा। श्री सिन्हा ने कहा“यदि पाकिस्तान के पास परमाणु क्षमता है तो हम भी उससे कम नहीं हैं।”पाकिस्तान उच्चायुक्त के पम्पोर की घटना पर बेतुका जवाब देने को उन्होंने बेहद आपत्तिजनक और राजनयिक नियमों के खिलाफ बताया है।

अंकित,श्रावणी और अनस को ओलंपिक टिकट

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नयी दिल्ली, 26 जून, राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी लांग जंपर अंकित शर्मा ,फर्राटा धाविका श्रावणी नंदा और 400 मीटर के धावक मोहम्मद अनस ने रियो ओलंपिक के लिये क्वालिफाई कर लिया है। मध्य प्रदेश के अंकित ने कजाकिस्तान के अलमाटी में जी कोसानोव मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मीट में 8.19 मीटर की छलांग लगाकर मौजूदा राष्ट्रीय रिकार्ड ध्वस्त किया और रियो का टिकट भी हासिल कर लिया। अंकित ने स्पर्धा में जब 8.17 मीटर की छलांग लगायी थी तो उन्होंने उसी समय 8.15 मीटर के ओलंपिक मार्क को पीछे छोड़ दिया था। महिला धाविका श्रावणी नंदा ने भी 200 मीटर की दौड़ में रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है। ओड़िशा की नंदा ने अलमाटी की इसी मीट में 23.07 सेकेंड का समय निकालकर रियो के लिये क्वालिफाई कर लिया। 

इससे पहले मोहम्मद अनस ने पोलैंड में एक अंतरराष्ट्रीय मीट में 400 मीटर दौड़ में 45.40 सेकेंड का समय निकालकर रियो ओलंपिक के लिये 45.40 सेकेंड का क्वालिफिकेशन मार्क छू लिया। हालांकि इससे पहले भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने अपनी जानकारी में बताया था कि अनस ने 45.44 सेकेंड का समय निकालकर 45.47 सेकेंड का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा था और वह 45.40 सेकेंड का क्वालिफाइंग मार्क हासिल करने से चूक गये थे लेकिन बाद में महासंघ ने बताया कि अनस ने 45.40 सेकेंड का समय लिया और राष्ट्रीय रिकार्ड बनाकर ओलंपिक टिकट हासिल कर लिया। राष्ट्रीय चैंपियन धाविका दुती चंद ने कल महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। दुती ने अलमाटी मीट में 11.30 सेकेंड का समय निकालकर रियो के लिए अपना स्थान सुनिश्चित किया। इन एथलीटों के रियो ओलंपिक के लिये क्वालिफाई करने के साथ इस वर्ष रियो ओलंपिक के लिये क्वालिफाई करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की संख्या 100 के पार पहुंच गयी हैं।

आशा कुमारी बनी पंजाब प्रभारी

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नयी दिल्ली, 26 जून, कांग्रेस ने भूमि घोटाले की आरोपी हिमाचल प्रदेश की विधायक आशा कुमारी को पंजाब का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया है। श्रीमती आशा कुमारी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की जगह पार्टी प्रभारी बनाया गया है। श्री शकील अहमद की जगह पंजाब के प्रभारी नियुक्त हुए श्री कमलनाथ तीन दिन के भीतर 15 जून को पद से इस्तीफा दे दिया था। उन पर 1984 के सिख दंगों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने उनके प्रभारी बनाए जाने को लेकर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की थी। श्रीमती आशा कुमारी अखिल भारतीय कांग्रेस में सचिव हैं। वह हिमाचल प्रदेश में डलहौजी से विधायक हैं और राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं। उन पर कई बीघा वन भूमि कब्जाने का आरोप है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

विश्व इतिहास के लिए ब्रेक्जिट दुखद , भारत पर नहीं होगा असर : सुब्रमण्यम

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पटना 26 जून, केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने (ब्रेक्जिट) के घटनाक्रम को दुखद बताया और कहा कि ब्रेक्जिट के बावजूद भारत अपने मजबूत वृहद अर्थव्यवस्था के चलते प्रभावित नहीं होगा। श्री सुब्रमण्यम ने आज यहां एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (आद्री) के स्वर्ण जयंती समारोह के तहत आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था अवलोकन'विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि ब्रेक्जिट एक दुखद घटनाक्रम है जिसका असर ब्रिटेन और यूरोप दोनों पर पड़ेगा। उन्होंने ब्रेक्जिट घटनाक्रम को शीत युद्ध के बाद विश्व के लिए महत्वपूर्ण पल बताने के साथ इसे बड़ा झटका बताया और कहा कि यह विश्व के नागरिकों , वैश्विकरण के साथ ही एक महान सामाजिक प्रयोग का वापस हो जाना है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ब्रेक्जिट से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर कहा कि भारत अपने मजबूत वृहद अर्थशास्त्र की वजह से प्रभावित नहीं होगा। देश की अर्थव्यवस्था इसके प्रभावों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है ।

श्री सुब्रमण्यन ने देश के हर राज्य में मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे नये विचार निकल कर सामने आयेंगे और नई नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि असमानता के मुद्दे पर पश्चिम देशों में जारी बहस भारतीय संदर्भ में गुमराह करने वाली हो सकती है। आज भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरत शिक्षा , स्वास्थ्य और रोजगार उपलब्ध कराने का एजेंडा है। वहीं सरकार के समक्ष तीन विचाराधीन एजेंडा जीएसटी, सामरिक विनिवेश और ट्विन बैलेंस शीट का है । दाल की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्री सुब्रमण्यन ने कहा कि देश में दाल के उत्पादन को लाभप्रद बनाने की जरूरत है जिसके लिए प्रोत्साहन की पेशकश करनी होगी।

आतंकवाद पर पाकिस्तान नहीं निभा रहा सकारात्मक भूमिका : राजनाथ सिंह

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रांची, 26 जून, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने में सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहा है। श्री सिंह ने झारखंड के अपने दो दिवसीय दौरे के क्रम में आज यहां हरमू मैदान में हरियाली शपथ समारोह सह लोकतंत्र प्रहरी दिवस के अवसर पर देश से आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने कहा कि हमें माओवाद और हिंसक ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क से आने वाले आतंकियों को रोकने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में घुसपैठ में कमी आई है। इस दौरान उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। 

उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए युवाओं से लोकतंत्र को बचाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब देश में दूसरी बार ऐसी स्थिति न हो इसके लिए युवा तैयार रहें। श्री सिंह ने कहा कि आज पर्यावरण को लेकर पूरा विश्व चिंतित है। मुख्यमंत्री श्री दास का यह प्रयास काफी सराहनीय है। पौधारोपण केवल मानव, समाज, देश, विश्व ही नहीं वरन पूरी सृष्टि की सेवा है। पेड़ लगाकर ही हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने आपातकाल के समय को याद करते हुए कहा कि उस समय विरोधियों को यातनाएं देकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया, लेकिन हमारे लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत है कि इसे कोई हिला नहीं सकता। लोकतंत्र हमारी रगों में है। लोकतंत्र की परिभाषा गढ़ने के पूर्व से ही हमारे देश में लोकतंत्र चला आ रहा है। श्री सिंह ने जम्मू कश्मीर में शनिवार को आंतकवादियों की गोली से शहीद हुए आठ जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि कोई भी ताकत हमें आतंकवाद को समाप्त करने से नहीं रोक सकती। जवानों के साहस, शौर्य और पराक्रम के कारण ही देश सुरक्षित है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण को लेकर रांची ही नहीं पूरी दुनिया में चिंता जतायी जा रही है। पर्यावरण के असंतुलन का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जल का संकट इसी की देन है। हमनें संकल्प लिया है- जल बचाओ-वृक्ष लगाओ। बरसात की एक-एक बूंद को बचायेंगे। इसके लिए पूरे राज्य में पोखर और तालाब खोदने का काम चल रहा है। साथ ही मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जायेगा। एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलनेवाले इस अभियान में एक करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। पौधे लगाने के साथ साथ उनका रख रखाव भी कराया जायेगा। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को पेड़ लगाने और उनके संरक्षण, पानी-बिजली के विवेकपूर्ण उपयोग की भी शपथ दिलायी। इस अवसर पर श्री सिंह और श्री दास सहित प्रदेश के मंत्री, सांसद व विधायकों ने पौधरोपण किया।

भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने का भरोसा

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नयी दिल्ली 26 जून, परमाणु आपूर्तिकर्ता के समूह(एनएसजी)में शामिल होने के प्रारंभिक प्रयास में अड़चन आने के बावजूद भारत को पूरा भरोसा है कि वह इसकी सदस्यता हासिल कर लेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज यूनीवार्ता से साक्षात्कार में कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि हम परमाणु आपूतिकर्ता देशों के समूह में शामिल हो जाएंगे क्योंकि एक देश को छोड़कर किसी ने हमारे दावे का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा “सोल में हाल में सम्पन्न हुए पूर्ण अधिवेशन से हमें यह संदेश मिला है कि हमें अपने प्रयासों में और तेजी लानी होगी। एनएसजी में भारत के शामिल होने पर लगभग आम सहमति बन गयी थी।” 

श्री स्वरूप ने सोल में भारतीय कूटनीति के विफल रहने की बात से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि कूटनीति निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है और किसी भी अंतरराष्ट्रीय समूह में शामिल होने के लिए सर्वसम्मति बनाने में समय लगता है। उन्होंने इस संबंध में शंघाई सहयोग संगठन और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण प्रणाली का उल्लेख किया, जिसमें भारत लंबे प्रयास के बाद प्रवेश कर पाया। श्री स्वरूप ने कहा कि एक(चीन)को छोड़कर किसी भी देश ने भारत के दावे का विरोध नहीं किया। उनमें से कुछ ने केवल प्रक्रियागत मुद्दे उठाए थे। यदि एक देश ने हमारे दावे का विरोध नहीं किया होता तो सोल में ही निर्णय हो जाता। उन्होंने कहा कि भारत चीन को यह संदेश देना जारी रखेगा कि सहयोग और संबंध दोतरफा प्रक्रिया हैं। उन्होंने एनएसजी में भारत की सदस्यता के दावे में अड़चन डालने के लिए परमाणु अप्रसार संधि का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि संधि का क्रियान्वयन और उस पर अमल करना दो अलग मामले हैं। भारत ने इस संधि पर समझौता किए बिना उसकी सभी शर्तों को लागू किया है और एनएसजी ने 2008 में इस बात को मान्यता देते हुए भारत को महत्वपूर्ण छूट दी थी।

प्रधानमंत्री आवास जा रहे दिल्ली के 53 विधायक हिरासत में

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नयी दिल्ली 26 जून, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिनेश मोहनिया की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास की तरफ जा रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के 53 विधायकों को पुलिस ने आज यहां हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एम के मीणा ने पत्रकारों से कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। सात रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास जाते समय श्री सिसोदिया के साथ ही “आप” के सभी विधायकों को तुगलक रोड के पास ही हिरासत में लिया गया था। इस बीच विशेष पुलिस आयुक्त ताज हसन ने कहा कि सात रेसकोर्स के आसपास धारा 144 लागू है और इसके उल्लंघन में पार्टी के 52 विधायकों और एक मंत्री को हिरासत में लिया गया है। 

सभी विधायकों तथा मंत्री को संसद मार्ग थाने ले जाने के बाद रिहा कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि श्री सिसोदिया के खिलाफ पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके के सब्जी विक्राताओं के संगठन के प्रमुख सुरेंद्र गोस्वामी ने शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने कहा कि श्री सिसोदिया पर तभी कार्रवाई की जाएगी जब उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध दर्ज होगा। श्री सिसोदिया ने शनिवार को आरोप लगाया था कि पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में अवैध धंधा चलाने वाले कुछ लोगों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और इस शिकायत के बाद उन्हें निशाना बनाकर जेल भेजा जा सकता है। श्री सिसोदिया के खिलाफ यह मामला तब दर्ज कराया गया जब उन्होंने उस इलाके का औचक दौरा किया था। उन्होंने गाजीपुर इलाके के दौरा करने के बाद कल ट्वीट किया, “गाजीपुर इलाकेे का आज औचक दौरा किया। वहां अवैध धंधा करने वाले लोगों ने मेरे खिलाफ धमकी देने की शिकायत दर्ज करायी है।” उन्होंने कटाक्ष करते हुए आगे लिखा, “मुझे पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले को हिंसा औरमहिलाओं को प्रताड़ित करने का मामला बना देंगे और मुझे गिरफ्तार भी करवा देंगे।

अब लोग सरकार के कार्यों का मूल्यांकन करते हैं : मोदी

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नयी दिल्ली 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार में बढ़ती जन भागीदारी का उल्लेख करने के साथ आपातकाल के दिनों का स्मरण करते हुए आज कहा कि एक वह समय था जब आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया गया और आज यह वक्त है जब लोग सरकार के कार्यों का मूल्यांकन कर सकते हैं। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा कि 25 जून की रात और 26 जून 1975 की सुबह लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय था जब सभी नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए। उन्हें जेल में डाल दिया गया और देश को जेल में बदल दिया गया तथा जयप्रकाश नारायण जैसे कई नेताओं को सींखचों के पीछे धकेल दिया गया लेकिन उस दौरान लोगों ने लोकतंत्र को जिस तरह बचाए रखा, वह सराहनीय था। उन्होंने कहा कि वह विशेषकर नयी पीढ़ी को कहना चाहता हैं कि हमारी ताकत लोकतंत्र है, जिसका उत्तम उदाहरण आपातकाल में प्रस्तुत हुआ । 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मतलब सिर्फ मत देना और सरकार बनाना ही नहीं है। इसके कई और पहलू हैं, जिसमें सबसे बड़ा पहलू है जन-भागीदारी। जनता का मिजाज, जनता की सोच, और सरकारें जितनी जनता से ज्यादा जुड़ती हैं, उतनी देश की ताकत ज्यादा बढ़ती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता और सरकारों के बीच की खाई होने के कारण ही देश प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सका । इसलिए सरकार अब जन-भागीदारी से देश आगे बढ़ाने के काम में लगी है। कुछ आधुनिक विचार वाले नौजवानों के सुझाव पर उन्होंने अपनी सरकार के कार्यों का मूल्यांकन कराया और लोगों ने रेट माई गवर्नमेंट-माईजीओवीडॉट इन पर सरकार के कार्यों पर अपनी राय व्यक्त की, जिसका जवाब देने के लिए 3 लाख लोगों ने मेहनत की, जिनके वह आभारी हैं। श्री मोदी ने कहा कि सरकार की ग्रामीण रोजगार की योजना की वेबसाइट के पोर्टल सब से ज्यादा लोगों ने बढ़-चढ़ कर के हिस्सा लिया। इससे लगता है कि ग्रामीण जीवन से जुड़े, गरीबी से जुड़े हुए लोगों का इसमें बहुत बड़ा सक्रिय योगदान था। इससे यह जाहिर होता है कि 26 जून को एक वह वक्त था ,जनता की आवाज दबोच दी गई थी और आज यह वक्त है कि जब जनता खुद सरकार के कार्यों का मूल्यांकन करती है और यही लोकतंत्र की ताकत है।

भारत में मुक्केबाजी लगभग खत्म हो गयी हैं: मैरीकॉम

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बेंगलुरु, 26 जून, पांच बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने भारत में मुक्केबाजी की स्थिति पर गहरी चिंता प्रकट करते हुये कहा कि राष्ट्रीय संघ की गैरमौजूदगी में प्रतियोगिताओं के आयोजन नहीं होने के कारण देश में यह खेल लगभग खत्म हो गया है। मैरीकॉम ने अल्टीमेट मुक्केबाजी चैंपियनशिप के उद्घाटन के दौरान पत्रकारों से कहा,“भारत में मुक्केबाजी लगभग खत्म हो गई है। देश में पिछले दो साल में कोई बड़ी प्रतियोगिता अायोजित नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद भारतीय ध्वज के लहराए जाने के दौरान मेरी आंखों में आने वाले आंसू की मुझे कमी खल रही है।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि अभी संन्यास लेने की उनकी कोई विचार नहीं है वह तीन साल और खेलना चाहती हैं। उन्होंने कहा,“वाइल्डकार्ड नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मैं अभी अगले तीन साल तक खेलना जारी रखूंगी।” पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ने इस दौरान दुती चंद को बधाई दी जिन्होंने महिला 100 मीटर स्पर्धा में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। 33 वर्षीय लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने कहा,“ रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने पर मैं दुती को बधाई देती हूं। ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना बड़े सम्मान की बात है। यह बड़े गौरव की बात है क्योंकि वह पीटी उषा के बाद 100 मीटर दौड़ के लिए क्वालीफाई करने वाली 36 साल में पहली भारतीय महिला हैं।”

श्रीनिवासन फिर बने तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष

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चेन्नई, 26 जून, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व चेयरमैन एन श्रीनिवासन फिर से तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के अध्यक्ष बन गए हैं। टीएनसीए की शनिवार को हुयी 86वीं वार्षिक बैठक में श्रीनिवासन लगातार 15वीं बार संघ के अध्यक्ष चुने गये। सूत्राें के अनुसार श्रीनिवासन के खिलाफ मैदान में कोई भी नहीं खड़ा हुआ और वह दोबारा बिना किसी विरोध के टीएनसीए के अध्यक्ष पद पर काबिज होने में सफल रहे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन 2002-2003 में पहली बार टीएनसीए के अध्यक्ष चुने गए थे। उस समय उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एसी मुथ्थैया को हराया था। 71 वर्षीय श्रीनिवासन उस समय मुश्किल में फंस गये थे जब 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन का नाम सामने आया था। बाद में श्रीनिवासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई से हटना पड़ा था। इसके बाद उन्हें आईसीसी से भी अलग कर दिया गया था।

जब सुशील को दी गयी थी संन्यास की सलाह

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नयी दिल्ली, 26 जून, लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी पहलवान सुशील कुमार इस बार रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पायेंगे जिससे उनका लगातार तीन ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया है लेकिन यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि 2008 बीजिंग आेलंपिक में जब उन्होंने कांस्य पदक जीता था तो उसके बाद उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी गई थी। लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता पहलवान सुशील ने पत्रकार दिग्विजय सिंह देव और अमित बोस द्वारा लिखी गयी किताब ‘माई आेलंपिक जर्नी’ में यह बात कही है। सुशील कंधे की चोट के कारण गत वर्ष विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाये थे जहां महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव ने 74 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर रियो ओलंपिक के लिये कोटा हासिल किया था। सुशील ने नरसिंह के साथ ट्रायल कराने की मांग की थी लेकिन कुश्ती महासंघ ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था। सुशील फिर अपनी मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय भी गये लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इस विवाद के बाद अब इस किताब में यह दिलचस्प खुलासा हुआ है कि सुशील को बीजिंग के बाद संन्यास लेने की सलाह दी गयी थी। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान ने किताब में कहा,“ मैं बीजिंग आेलंपिक के बाद वापिस भारत आ गया और मेरे समर्थकों ने शीर्ष पर रहते हुए संन्यास लेने की सलाह दी। मैं दुविधा में पड़ गया। इतने वर्षों के बाद मुझे आखिरकार महसूस हुआ कि आेलंपिक पदकधारी होने का क्या मतलब है और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिये किस चीज की जरूरत होती है।”

पहलवान सुशील ने ‘माई आेलंपिक जर्नी’ नामक किताब में कहा कि उन्होंने बीजिंग आेलंपिक के बाद संन्यास लेने के सुझावों के बावजूद खेलना जारी रखा क्योंकि उन्हें पता था कि यह ‘शुरूआत है, अंत नहीं। आखिरकार चार साल बाद 2012 लंदन आेलंपिक में वह अपने पदक का रंग बदलने में सफल रहे और दो आेलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय बने। 33 वर्षीय पहलवान ने कहा,“ आेलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद ही मैंने कुश्ती की बारीकियों पर पकड़ बनायी, जैसे कि किस तरह प्रतिद्वंद्वी को पकड़ऩा है, अलग अलग फाइट में विभिन्न तरह की तकनीक और रणनीतियां। यह शुरूआत है, अंत नहीं।” सुशील बेशक रियो ओलंपिक में नहीं उतर पायेंगे लेकिन उनका अभी संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। सुशील ने बीजिंग और लंदन ओलंपिक के बीच 2010 की मास्को विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2014 में हुये ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता। उन्हें कल भारतीय स्कूल खेल महासंघ के चुनावों में नया अध्यक्ष चुना गया। 

झूलों में झूलने और झुलाने से विदेश नीति मजबूत नहीं होती : लालू

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पटना 26 जून, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता नहीं मिलने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए आज कहा कि केवल झूलों में झूलने और झुलाने से विदेश नीति मजबूत नहीं होती । श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा , “ झूलों में झूलने और झुलाने से विदेश नीति मजबूत नहीं होती। प्रधानमंत्री को विदेश नीति छोड़ स्वंय की प्रचार नीति में ज्यादा रूची है। एक अन्य ट्वीट में श्री यादव ने लिखा , “ विदेश नीति पूरी तरह से अलग, व्यापक और गंभीर विषय है। इसे नारे या प्रायोजित आयोजनों आवश्यकता नहीं है।” उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद चीन के विरोध की वजह से भारत 48 देशों के एनएसजी समूह में दाखिल नहीं हो पाया। इस विशिष्ठ समूह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने हाल के विदेशी दौरों में काफी जोर लगाया था। वहीं श्री यादव ने संभवत: साल 2014 में भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी के झूले वाले फोटो के आधार पर यह ट्वीट किया है। 

आपातकाल थोपने के लिए कांग्रेस को जनता माफ नहीं करेगी :भाजपा

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पटना 26 जून, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि देश में आपातकाल थोपने और लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस पार्टी तथा उसके साथ बने किसी गठबंधन को जनता कभी माफ नहीं करेगी । श्री मोदी ने यहां जे.पी. विचार मंच की ओर से आयोजित .. आपातकाल लोकतंत्र बचाओ.. दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के 60 वर्षों के कार्यकाल में कई बार लोकतंत्र का गला घोटा गया , राज्यों में 100 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया तथा भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए । उन्होंने कहा कि आज उसी कांग्रेस पार्टी के साथ लोक नायक जय प्रकाश नारायण के अनुयायी कहलाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार चला रहे है । विधानमंडल दल के नेता ने कहा कि आपातकाल लागू करने के लिए कांग्रेस कितनी बार भी देश के लोगों से क्षमा याचना करे , लेकिन जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी । कांग्रेस के कारनामों को जनता अच्छी तरह से जान रहीं है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चाल , चरित्र और चेहरा लोगों ने पहचान लिया है । 

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस अपनी करतूतों के कारण ही आज छह राज्यों में सिमट कर रह गयी है । लोकसभा में भी कांग्रेस को विरोधी दल का दर्जा नहीं मिल सका है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया है और उसे साकार करने का अब समय आ गया है। विधान मंडल दल के नेता ने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके गठबंधन को सबक सिखाना जरुरी है । उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल लागू किया था उसी के साथ कुर्सी की चाहत में जद यू अध्यक्ष श्री कुमार और राजद अध्यक्ष श्री यादव ने हाथ मिला लिया है। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के 23 विधायकों के सहयोग से लालू-राबड़ी की सरकार चली थी और उस दौरान बिहार में जंगल राज कायम हो गया था । जंगलराज के लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि भाजपा सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकती । 
विधान मंडल दल के नेता कहा कि आपातकाल के दौरान 19 माह के कालखंड को आजादी की दूसरी लड़ायी कहा गया है । इस दौरान बिहार में एक लाख लोगों को 19 माह तक जेल में रखा गया और उनके परिजनों को भेंट करने तथा पत्र भेजने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था । चारो ओर भय का माहौल बना दिया गया था । इसके बाद देश की जनता ने वर्ष 1977 के चुनाव में कांग्रेस को उखाड़ फेंका तथा पहली बार गैर कांग्रेस सरकार का गठन हुआ । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस और एक ही परिवार के कारण देश को आपातकाल झेलना पड़ा था । उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया और इस दिन को काला दिवस के रुप में मनाया जाता है । श्री सिंह ने कहा कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में आपातकाल लागू किये जाने के खिलाफ बिहार से लड़ाई की शुरुआत हुयी थी । उस आंदोलन में राजद अध्यक्ष श्री यादव और जय यू अध्यक्ष श्री कुमार भी साथ में थें , लेकिन आज सत्ता की चाहत में उसी कांग्रेस से गठजोड़ कर लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि बिहार में अब एक ही व्यक्ति की बात पुलिस और सामान्य प्रशासन के अधिकारी सुनते है। इस मौके पर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डा. प्रेम कुमार , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक नंद किशोर यादव और प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
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