मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना पुनः प्रारंभ होगी-राज्यमंत्री श्री मीणा
- सरपंच, उपसरपंच सम्मेलन सम्पन्न
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार), वन राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने आज सरपंच, उपसरपंच सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए पृथक से बजट की व्यवस्थाएं राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रथम चरण में एक-एक किलोमीटर की सड़के बनाई जाएगी। उक्त कार्य पूरा होने के उपरांत ही दूसरी सड़क बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। जालोरी गार्डन में आयोजित में आयोजित जिला स्तरीय सरपंच, उपसरपंच सम्मेेलन में राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि पंचायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा जो सुझाव दिए गए है उनका शीघ्र ही अमल किया जाएगा। वही उनकी मांगो के ज्ञापन का उल्लेख करते हुए श्री मीणा ने कहा कि जिला स्तरीय मांगो की पूर्ति शीघ्र की जाएगी। श्री मीणा ने कहा कि ग्राम के विकास में सरपंच, उपसरपंच की महती भूमिका है। उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत सम्पादित किए जाने वाले कार्यो में विशेष रूचि लेने का आव्हान किया। जिले में इस प्रकार के प्रथम सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए श्री मीणा ने कहा कि सरपंचों की मूलभूत दिक्कतों की जानकारी सुगमता से प्राप्त हुई है। राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि 29 नवम्बर को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान जी के 11 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। जिसे जिला, जनपद और ग्राम स्तर पर पर्व के रूप में आयोजन किया जाएगा। इस दिन हितग्राहीमूलक सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा जिसमें योजनाओं से वंचित हितग्राहियों को लाभंावित किया जाएगा। उन्होंने सरपंचों से आग्रह किया कि वे ग्राम के सुपात्रों को किन-किन योजनाओं का लाभ दिलाया जाना है से भलीभंाति अवगत है। अतः उन सभी को 29 नवम्बर के दिन लाभांवित कराने के सफल प्रयास करें। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह ने कहा कि आमजनों तक योजनाओ की जानकारी पहुंचाने और उनसे आमजन को लाभांवित कराने के कार्यो में सरपंचों की भूमिकाओं को नकारा नही जा सकता है। प्रत्येक योजना के क्रियान्वयन और उसकी उपलब्धि में ग्राम स्तर पर सरपंच महत्वपूर्ण कडी है। स्थानीय सरपंच को भलीभांति जानकारी में रहता है कि गांव का अमूक आदमी किस योजना के लिए सुपात्र है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तरीय अमले की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए सरपंचों को ग्राम स्तरीय अमले की दयानंदनी के प्रमाणीकरण का अधिकार पुनः सौंपा जाए। सरपंच की टीप के उपरांत ही ग्राम स्तरीय अमले के वेतनों का आहरण सुनिश्चित किया जाएगा। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि पंचायत क्षेत्र में सम्पूर्ण योजनाआंे, कार्यक्रमों में स्थानीय स्तर पर सरपंच की महत्वपूर्ण जबावदेंही है। जिले को ओडीएफ घोषित कराने जैसे महत्वपूर्ण अभियान में सरपंच अपने दायित्वों का निर्वहन बढ़ चढ़कर करें ताकि जिले को दो अक्टूबर 2017 के पूर्व ओडीएफ घोषित कराने की कार्यवाही पूरी की जा सकें। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि सरपंच और उपसरपंच की कुछ मौलिक दिक्कते हो सकती है जिनका निदान कराने का प्रयास किया जाएगा। जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य ने कहा कि ग्राम का मुखिया होने के नाते सरपंचों के दायित्व बढ़ गए है। त्रि-स्तरीय पंचायती राज्य की आधार कड़ी ग्राम पंचायते है। ग्रामांे के विकास के लिए ही पंचायती राज्य की अवधारणा प्रतिपादित की गई है। इसके लिए त्रि-स्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों को अब व्यापक अधिकार अधिनियम के तहत दिए गए है। ग्राम का विकास कैसे हो, स्वरोजगारमूलक योजनाओं एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ कैसे शीघ्र स्थानीय हितग्राहियों को दिलाया जा सकें। इस कार्य के अलावा ग्राम में चल रहे निर्माण कार्यो के साथ-साथ ग्राम स्तरीय अमले की उपस्थिति की माॅनिटरिंग का दायित्व सरपंचों को सौंपा गया है। जिपं सीईओ श्री आर्य ने कहा कि जिले की प्रत्येक पंचायत में एक-एक पंचायत भवन का निर्माण कराया गया हैै। उक्त भवन को कार्यालय के रूप में पहचान बन सकें इसके लिए हर रोज पंचायत जनप्रतिनिधि बैठने लगेंगे तो स्थानीय ग्रामीण अमला भी अपनी उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराएंगे। सम्मेलन को मध्यप्रदेश सरपंच, उपसरपंच संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री धर्म सिंह परमार और जिलाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सिंह रघुवंशी ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान सरपंच और उपसरपंचों के द्वारा शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में होने वाली दिक्कतों से अवगत कराया गया।
कटे-फटे हांेठ बच्चों का सर्वे कार्य एक दिन मेें करें-कलेक्टर
कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने सोमवार को लंबित आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के ऐसे बच्चे जिनके होंठ कटे-फटे है उनका सर्वे कार्य एक दिन में पूरा कर संख्या की जानकारी दें और चिन्हित बच्चों का आपरेशन कराया जाना है इसके लिए उन्हें संबंधित अस्पतालों में पहुंचाने की व्यवस्था क्रियान्वित की जाए। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि हर गांव में एक-एक आशा कार्यकर्ता एवं महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला पदस्थ है अतः दोनो विभाग संयुक्त रूप से अपने-अपने कार्यक्षेत्रों के ग्रामों का सर्वे कार्य एक दिन में पूरा कर रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें। उक्त कार्य में आवश्यकता पडें तो राजस्व अमले को भी शामिल किया जा सकता है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से हितग्राहियों को जो उपकरण वितरित किए गए है कि सत्यापन रिपोर्ट जिन अधिकारियों को सौंपने का दायित्व सौंपा गया है वे समय सीमा में इस कार्य को करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शीघ्र ही वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। उन्होंने बताया कि अब योजना के तहत हितग्राहियो को 17 हजार रूपए का चेक सीधे प्रदाय किया जाना है जिसका अक्षरशः क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष के ऐसे हितग्राही जिनका बैंक खाता अब तक प्राप्त नही हुआ है उन सभी को भी चेक के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाएगा। जिसमें उन्होंने पारदर्शिता का पालन करने के निर्देश देते हुए बताया कि इस वित्तीय वर्ष के सभी हितग्राहियों का भुगतान प्रक्रिया ई प्रणाली से की जाएगी। कलेक्टर श्री सुचारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के तहत दर्ज विभागीय आवेदनों के निराकरण की अद्यतन प्रगति प्रत्येक टीएल बैठक में स्वंय लेकर आएंगे। जिसमें यह भी उल्लेख हो कि संबंधित समस्या आवेदन पर विभाग के अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और पोर्टल पर क्या जानकारी अंकित की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने जिला खनिज अधिकारी श्री आरके परमार को निर्देश दिए कि जिले की सभी खनिज खदानों का क्लोजर प्लान तैयार कर उसका पालन कराया जाना है। जिसके तहत खदानों के चारो तरफ तार फेंसिंग कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराया जाना हैै। जिसकी सतत माॅनिटरिंग करने के निर्देश उन्होंने दिए है। जिले के सभी ट्रक, बस चालक एवं परिचालकों के आधार पंजीयन का उनके ड्रायविंग लायसेंस के साथ पोर्टल पर अपडेट कार्य किया जाना है ताकि संबंधितों को योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकें। इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जिला परिवहन अधिकारी को दिए गए। टीएल बैठक में आधार पंजीयन, जाति प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य, विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, डिप्टी कलेक्टर द्वय श्री चंद्रप्रताप गोहल, श्री एके मांझी समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।
आधार पंजीयन की समीक्षा आज
कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आधार पंजीयन कार्यो की समीक्षा बैठक मंगलवार 22 नवम्बर को कलेक्टेªट सभा कक्ष में सायं चार बजे से आयोजित की गई है। उक्त बैठक में ऐसे विभाग जिनके द्वारा हितग्राहीमूलक योजनाओं का क्रियान्वयन और छात्रवृत्ति वितरण का कार्य किया जाता है उन विभागों के हितग्राहियों का आधार पंजीयन पोर्टल पर दर्जा हुआ है कि नही की समीक्षा की जाएगी। बैठक मंे स्कूल शिक्षा विभाग, अधीक्षक भू-अभिलेख, खाद्य विभाग, निकाय, जनपदों, महिला एवं बाल विकास विभाग और मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे अद्यतन प्रगति सहित बैठक मंे उपस्थित होना सुनिश्चित करें।