पटना 26 जनवरी (वार्ता) बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने सरकार के सुशासन, न्याय के साथ विकास अौर पूर्ण शराबबंदी को लागू करने की प्रतिबद्धता को विकास का मूलमंत्र बताते हुये आज कहा कि इनके जरिये राज्य सामाजिक बदलाव के साथ प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
श्री कोविंद ने यहां ऐतिहासिक गांधी मैदान में 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “बिहार सरकार ने सुशासन एवं न्याय के साथ विकास और पूर्ण शराबबंदी को लागू करने के लिए सार्थक प्रयास किये हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। न्याय के साथ विकास का दृष्टिकोण रखते हुये सभी लोगों, क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए सरकार संकल्पित है। राज्य में विकास की रणनीति समावेशी, न्यायोचित और सतत् होने के साथ ही आर्थिक प्रगति पर आधारित है। बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए ‘सुशासन के कार्यक्रम’ (2015-20) निर्धारित कर उसे पूरे राज्य में लागू किया गया है।” राज्यपाल ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर सामाजिक बदलाव की बुनियाद रखी गयी है। इसके प्रति जनसामान्य विशेषकर महिलाओं, युवाओं एवं बालक-बालिकाओं में काफी उत्साह है। शराबबंदी के अन्य प्रयासों की तुलना में सरकार का यहा प्रयास अनूठा है क्योंकि मजबूत तंत्र और सामाजिक भागीदारी दोनों इस अभियान के अभिन्न अंग हैं। सभी के सहयोग से शराबबंदी एक सामाजिक अभियान का रूप ले चुका है। पूर्ण शराबबंदी से समाज अधिक सशक्त, स्वस्थ एवं संयमी हो रहा है, जिसका सकारात्मक प्रभाव बिहार की प्रगति में परिलक्षित होगा।
राज्यपाल ने कहा कि शराबबंदी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही पारिवारिक हिंसा, घरेलू कलह एवं अपराध में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 21 जनवरी को राज्य के तीन करोड़ से अधिक लोगों ने करीब 11 हजार 400 किलोमीटर लंबी अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में अपना संकल्प प्रकट किया है। इतनी व्यापक भागीदारी, उत्साह एवं एकता प्रदर्शित कर राज्य के लाेगों ने केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में सशक्त संदेश दिया है। यह एक विलक्षण घटना है, जिसने इतिहास रच दिया है।
श्री कोविंद ने सरकार के ‘सात निश्चय’ का उल्लेख करते हुये कहा कि सुशासन के कार्यक्रम (2015-20) के तहत विकसित बिहार के सात निश्चय को मिशन मोड में लागू करने, पर्यवेक्षण एवं परामर्श के लिए बिहार विकास मिशन का गठन किया गया है। संस्थागत व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुये नई एवं बेहतर कार्यप्रणाली को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि योजनाओं एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सात निश्चयों से जुड़ी सभी योजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी गई है और अगले चार वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुये योजनाओं का क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के प्रति संवेदनशील सरकार द्वारा इसे अपनी नीतियों का अभिन्न अंग बनाते हुये राज्य में महिला सशक्तीकरण नीति लागू की गयी है। सरकार ने अपने एक निश्चय ‘आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार’ के तहत राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी है।
राज्यपाल ने कहा, “ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समेकित विकास के लिए सरकार कृत संकल्पित है। गांव तथा शहरों के आर्थिक एवं सामाजिक परिवेश में सकारात्मक बदलाव आया है। आवश्यक मूलभूत सुविधाएं गांव एवं शहरों तक पहुंची हैं, अब हम चाहते हैं कि यह सुविधा सभी घरों को सुलभ हो। सरकार के दो निश्चय ‘हर घर, नल का जल’ तथा ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’ के तहत योजनाओं का शुभारंभ 27 सितंबर 2016 को किया गया है। इन योजनाओं के लागू होने से गांव और शहरों के सभी घरों में नल का जल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। यह भगीरथ प्रयास बिहारवासियों के पूर्ण सहयोग से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘लोहिया स्वच्छता अभियान’ के तहत अब तक एक अनुमंडल, नौ प्रखंड एवं 162 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।”
श्री कोविंद ने कहा कि राज्य में युवाओं को शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करते हुये सक्षम बनाने के लिए ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’ निश्चय के तहत समेकित कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना के अंतर्गत तीन योजनाओं जैसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम का शुभारंभ पिछले वर्ष 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि ये तीनों योजनाएं जिला मुख्यालय में स्थापित जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के माध्यम से संचालित हो रही हैं। बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण युवा अपनी इच्छानुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, पढ़ाई छोड़ चुके बीस से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को रोजगार तलाशने में मदद करने के उद्देश्य से स्वयं सहायता भत्ता योजना और मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण युवाओं के भाषा, संवाद, व्यवहार कौशल एवं बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान के लिए कुशल युवा कार्यक्रम के तहत लाभ उठाने के लिए पंजीकृत हो रहे हैं। इस योजना के लिए अब तक तीन लाख से अधिक युवा ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किये गये हैं, जहां कुशल युवा कार्यक्रम का संचालन होगा। अब तक 185 केंद्रो पर प्रशिक्षण शुरू किया जा चुका है।
श्री कोविंद ने कहा कि सरकार के एक और निश्चय ‘अवसर बढ़े, आगे पढ़ें’ के तहत राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में युवाओं का योगदान, उच्च शिक्षा के विकास एवं कुशल कामगारों के आपूर्ति पक्ष को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में जीएनएम संस्थान, पैरा मेडिकल इंस्टीच्यूट, पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना, सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना तथा सभी अनुमंडल में एएनएम संस्थान एवं सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भूमि चिह्नित कर योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बेगूसराय, वैशाली, सीतामढ़ी, भोजपुर एवं मधुबनी जिले का चयन का किया गया है। उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से पूर्णिया, पाटलिपुत्र एवं मुंगेर विश्वविद्यालयों तथा पटना में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचा सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में पिछले वर्ष 28 अक्टूबर को सरकार ने एक और निश्चय ‘घर तक पक्की गली-नालियां’ योजना की शुरुआत की है। इसके तहत गांव एवं शहरों में ‘गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना’ एवं ‘ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है।
श्री कोविंद ने कहा कि सरकार ने राज्य में बिजली की स्थिति को सुधारने का काम चुनौती मानकर स्वीकार किया और इसमें लगातार सुधार हुआ है। वर्तमान में राज्य में 3769 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है। विद्युत उत्पादन, संचरण, उप संचरण एवं वितरण प्रणाली में सुधार के लिए अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है। वर्तमान में राज्य में 39073 गांवों में से 38056 गांवों में बिजली कनेक्शन उपलब्ध है। शेष गांवों में दिसंबर 2017 तक कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा। दुर्गम क्षेत्रों में स्थित राज्य के 211 गांवों को अक्षय ऊर्जा के माध्यम से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुये पिछले वर्ष 15 नवंबर को सरकार के ‘हर घर बिजली लगातार’ निश्चय का शुभारंभ किया गया है। इस निश्चय के तहत वर्ष 2018 के अंत तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
राज्यपाल ने राज्य के आर्थिक विकास के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुये कहा कि राज्य में त्वरित औद्योगिक विकास के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 लागू की गई है। औद्योगिक निवेश को अधिक सहज बनाने के उद्देश्य से बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन अधिनियम 2016 लागू किया गया है। एकीकृत क्लीयरेंस प्रणाली के तहत औद्योगिक इकाइयों के क्लीयरेंस एवं अनुमोदन के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्टार्टअप नीति 2016 को मंजूरी देकर 500 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल का प्रावधान किया गया है और उद्यमियों से प्रस्ताव प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। सरकार का युवाओं के लिए सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में वाईफाई के माध्यम से नि:शुल्क इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने का जो निश्चय है उसे अगले महीने पूरा किया जा रहा है।
श्री कोविंद ने कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था लगातार जारी है। पुलिस तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें। भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर सरकार की मुहिम जारी है। प्रशासन के निचले स्तरों पर भ्रष्टाचार की समस्या के निदान के लिए लोक सेवा का अधिकार कानून लागू है। इस कानून के जरिये अबतक 14 करोड़ 78 लाख से अधिक आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समय सीमा के अंदर किया गया है। नागरिकों को कानूनी अधिकार देकर सशक्त बनाने की नीति के तहत बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। इस अधिनियम की सफलता इससे साबित होती है कि बहुत कम समय में अबतक 89937 मामलों की सुनवाई कर उनका निष्पादन किया जा चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि लोकहित में सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के संबंध में नागरिकों से सुझाव प्राप्त कर प्रशासनिक व्यवस्था, नीतियों एवं कार्यक्रमों में सुधार के उद्देश्य से दिसंबर 2016 से ‘लोक संवाद कार्यक्रम’ शुरू किया गया है। इसके तहत प्राप्त सकारात्मक सुझावों पर आगे कार्रवाई की जा रही है। बिहार ने न केवल उच्च विकास दर हासिल की है बल्कि बहुसंख्यक गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया है। यह दर्शाता है कि राज्य के आर्थिक विकास में लागों की भागीदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने समावेशी विकास के लक्ष्यों के साथ कभी समझौता नहीं किया है। अनुसूचित जाति-जनजाति, अतिपिछड़े एवं पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं तथा बच्चों के शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास पर बल देते हुये अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
श्री कोविंद ने कहा कि सरकार ने शिक्षा व्यवस्था के स्तर को बेहतर बनाये रखने के उद्देश्य से नये प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने, नामांकन में बढ़ोतरी लाने, कक्षाओं की संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की उपलब्धता एवं उपस्थिति सुनिश्चित करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, वंचित वर्गों को स्कूल में दाखिला कराने के साथ ही लड़के-लड़कियों के बीच शिक्षा के अंतर को दूर करने के लिए अनेक उपाय किये हैं। पोशाक, साइकिल एवं छात्रवृत्ति योजनाएं विद्यार्थियों के बीच काफी लोकप्रिय है। उच्चतर माधमिक विद्यालय विहीन पंचायतों को चरणबद्ध तरीके से आच्छादित किया जा रहा है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल एक क्रियाशील स्वास्थ्य केंद्र के रूप में कार्यरत हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में द्वितीय चरण के सुधार पर काम किया जा रहा है ताकि लोगों को चिकित्सा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े।
राज्यपाल ने कृषि क्षेत्र में विकास का जिक्र करते हुये कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि रोडमैप लागू किया गया है, जिसके जरिये कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का विकास हो रहा है। यह एक इंद्रधनुषी क्रांति है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान चावल, गेहूं और मक्का की उत्पादकता में अभूतपूर्व वृद्धि कर राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गये हैं। इस वर्ष राज्य में चावल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। किसानों को लाभकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ ही उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि आपदाओं से राहत देने के लिए सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया गठित की है। डिजास्टर रिस्पांस में मानदंड स्थापित करने वाला बिहार देश का अग्रणी राज्य है। बिहार सेंडई फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के परिप्रेक्ष्य में 15 वर्षीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप (2015-30) तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
श्री कोविंद ने कहा कि विकास के साथ ही कला, संस्कृति एवं पर्यटन क्षेत्र के संवर्द्धन पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। जनवरी 2017 में संपन्न सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व का अभूतपूर्व आयोजन सदा अविस्मरणीय बना रहेगा। साथ ही महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की ऐतिहासिक स्मृति का सौंवा साल चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने राज्यवासियों से बिहार के विकास में योगदान देने का आह्वान करते हुये कहा कि वह कामना करते हैं कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे और बिहार विकास के शिखर तक पहुंचे।