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राहुल ने कैप्टन अमरिंदर को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया

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मजीठा 27 जनवरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुये पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही किसानों के कर्ज माफ करने, नशामुक्ति के लिए सख्त कानून लाने तथा युवाओं को नशे की लत में धकेल कर उनकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ करने वालों को जेल की हवा खिलाने का आज वादा किया। श्री गांधी ने मजीठा विधानसभा से अपना प्रचार अभियान की शुरुआत की । उन्होंने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुये राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर कैप्टन सिंह ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के लोगों के साथ किया गया प्रत्येक वादा पूरा करेगी। उन्होंने राज्य की जनता से पंजाब का भविष्य बचाने और एकजुट होकर पंजाबियत कायम करने के लिए कांग्रेस के हाथ मजबूत करने की अपील की। उनके साथ इस मौके पर कैप्टन अमरिदंर सिंह के अलावा पार्टी के स्टार प्रचारक और अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे। 





पंजाब को दिया जाएगा सिंधु नदी का पानी: नरेन्द्र मोदी

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जालंधर. 27 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों की पानी की ज्वलंत समस्या को खत्म करने के लिए राज्य को सिंधु नदी का पानी दिया जाएगा। श्री मोदी ने आज यहां चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब कृषि प्रधान प्रदेश है तथा यहां के किसानों को पानी की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए हमने फैसला किया है कि पाकिस्तान को जाने वाला सिंधु नदी के पानी को रोक पंजाब की धरती को दिया जाएगा। किसानों को यूरिया खाद की समस्या संबंधी बात पर श्री मोदी ने कहा कि किसान पिछले लंबे अंतराल से यूरिया खाद लेने के लिए कतार में खड़ा हो रहे थे लेकिन इसकी कालाबाजारी के कारण उन्हें अपनी जरूरत अनुसार यूरिया नहीं मिल रहा था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने यूरिया पर नीम की कोटिंग कर दी है जिसके कारण अब किसानों को इस खाद को लेने के लिए कतार में नहीं लगना होगा। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से उद्योगों को जाने वाला यूरिया अब किसानों के काम आ रहा है जिससे उनकी यूरिया की आवश्यकता भी कम हुई है तथा उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है।




आस्ट्रेलियन ओपन : सानिया-डोडिग की जोड़ी फाइनल में

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मेलबोर्न, 27 जनवरी, भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और उनकी जोड़ीदार क्रोएशिया के इवान डोडिग ने शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए आस्ट्रेलिया के सैम ग्रोथ और सामंथा स्तोसुर की जोड़ी को हराकर शुक्रवार को आस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिश्रित युगल के फाइनल में प्रवेश कर लिया। दूसरी वरीयता प्राप्त सानिया और उनके क्रोएशियाई जोड़ीदार डोडिग ने सैम और स्तोसुर की आस्ट्रेलियाई जोड़ी को एक घंटे 18 मिनट तक चले तीन सेटों के मुकाबले में 6-4, 2-6, 10-5 से पराजित कर फाइनल में जगह बनाई। इससे पहले गैर वरीय भारतीय-क्रोएशियाई जोड़ी ने भारतीय रोहन बोपन्ना और उनकी जोड़ीदार गैबरिएला डाबरोवस्की को शिकस्त देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था जबकि सैम ग्रोथ और सामंथा स्तोसुर की जोड़ी ने भारतीय अनुभवी टेनिस स्टार लिएंडर पेस और उनकी स्विस जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस काे हराकर अंतिम चार में अपना स्थान पक्का किया था। 




आस्ट्रेलियन ओपन : नडाल और फेडरर में होगी बादशाहत की जंग

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मेलबोर्न, 27 जनवरी, नौवीं वरीयता प्राप्त स्पेन के राफेल नडाल ने अपनी करिश्माई फार्म में लौटते हुये बुल्गारिया के ग्रिगोर दिमित्रोव की कड़ी चुनौती पर शुक्रवार को मैराथन संघर्ष में 6-3,5-7,7-6,6-7,6-4 से काबू पाते हुये आस्ट्रेलियन ओपन के खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया जहां उनके सामने पुराने प्रतिद्वंद्वी स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर की चुनौती होगी। 14 ग्रैंड स्लेम खिताब जीत चुके नडाल ने 15 वीं सीड दिमित्रोव को चार घंटे 56 मिनट तक चले पांच सेटों तक चले मुकाबले में हराया। 17 ग्रैंड स्लेम जीत चुके फेडरर ने हमवतन स्टेनिसलास वावरिंका को कल पांच सेटों के मैराथन संघर्ष में 7-5 6-3 1-6 4-6 6-3 से हराया था। टेनिस इतिहास में कुल 31 ग्रैंड स्लेम खिताब अपने नाम रखने वाले फेडरर और नडाल का रविवार को खिताबी मुकाबला हर लिहाज से विस्फोटक होगा। फेडरर अपने 18वें ग्रैंड स्लेम से अब एक कदम दूर हैं जबकि नडाल 15 वें ग्रैंड स्लेम की तलाश में उतरेंगे।

टेनिस के इन दोनों दिग्गजों को लंबे समय से एक अदद ग्रैंड स्लेम खिताब की तलाश है। फेडरर ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लेम खिताब 2012 में विंबलडन के रूप में जीता था। उसके बाद से लगभग साढ़े चार साल गुजर चुके हैं फेडरर के हाथ कोई और ग्रैंड स्लेम नहीं लगा है। नडाल ने अपने 14 ग्रैंड स्लेम खिताबों में आखिरी ग्रैंड स्लेम 2014 में फ्रेंच ओपन के रूप में जीता था। फेडरर जहां चार बार (2004, 2006, 2007 और 2010)आस्ट्रेलियन ओपन में चैंपियन रह चुके हैं वहीं नडाल ने अपना एकमात्र आस्ट्रेलियन ओपन खिताब 2009 में जीता था। करियर मुकाबलों में नडाल स्विस मास्टर पर भारी पड़ते हैं। नडाल का फेडरर के खिलाफ 23-11 का शानदार रिकार्ड है। फेडरर रविवार को जब फाइनल में उतरेंगे तो यह आस्ट्रेलियन ओपन में उनका 100वां मैच होगा। सेमीफाइनल में नडाल को बुल्गारियाई खिलाड़ी दिमित्रोव ने जबरदस्त चुनौती दी। नडाल का इससे पहले दिमित्रोव के खिलाफ 7-1 का करियर रिकार्ड था। गत वर्ष अक्टूबर में दिमित्रोव ने नडाल को बीजिंग में क्वार्टरफाइनल में हराया था। यहां भी दिमित्रोव ने नडाल को कड़ी चुनौती दी लेकिन अंतत: वह नडाल से पार नहीं पा सके। 

नडाल और दिमित्रोव के बीच राड लेवर एरेना में जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला। नडाल ने पहला सेट जीता तो दिमित्रोव ने दूसरा सेट अपने नाम किया। नडाल ने तीसरे सेट का टाईब्रेक 7-5 से जीतकर 2-1 की बढ़त बना ली लेकिन दिमित्रोव ने चौथे सेट का टाईब्रेक 7-4 से जीतकर 2-2 की बराबरी कर ली। निर्णायक सेट में कोर्ट पर तनाव और रोमांच अपने चरम पर पहुंच चुका था। दोनों खिलाड़ी अपना तमाम कौशल मैच में झोंक रहे थे और दर्शक हर अंक पर तालियां बजा रहे थे। नडाल ने आखिर नौवें गेम में निर्णायक ब्रेक हासिल कर लिया। नडाल ने 10 वें गेम में तीसरे मैच अंक पर उस समय जीत हासिल कर ली जब दिमित्रोव अपना बैकहैंड बाहर मार बैठे। मैच में नडाल ने 45 विनर्स लगाये और पांच बार सर्विस ब्रेक हासिल किया। दिमित्रोव ने हालांकि 79 विनर्स लगाये लेकिन 70 बेजां भूलें भी की जो उन पर भारी पड़ गयीं। नडाल ने इस मैराथन जीत के बाद जबरदस्त अंदाज में अपनी जीत का शंखनाद किया और फिर नेट के पास जाकर दिमित्रोव की पीठ मानो इस अंदाज में थपथपाई कि क्या जबरदस्त मुकाबला खेला। नडाल ने इसके साथ ही 2014 फ्रेंच ओपन खिताब के बाद अपने पहले ग्रैंड स्लेम फाइनल में प्रवेश कर लिया। स्पेन के दिग्गज खिलाड़ी ने इस तरह अपने 21 वें ग्रैंडस्लेम फाइनल में प्रवेश कर नोवाक जोकोविच की बराबरी कर ली। फेडरर 28 ग्रैंड स्लेम फाइनल के साथ इस सूची में सबसे आगे हैं। फेडरर और नडाल रविवार को जब आमने-सामने होंगे तो यह उनके बीच नौवां ग्रैंड स्लेम फाइनल और नडाल के 2009 में खिताब जीतने के बाद मेलबोर्न पार्क में पहला फाइनल होगा। 




सुषमा स्वराज की पहल पर नवजात की सर्जरी एम्स में

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भोपाल, 27 जनवरी, सोशल मीडिया के माध्यम से देश-विदेश में भारतीयों की मदद के लिए लोकप्रिय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की एक पहल पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक नवजात के लिए संभवत: नई जिंदगी साबित हो सकती है। मात्र तीन दिन के इस शिशु के दिल में गड़बड़ी थी, जिसका इलाज भोपाल में नहीं हो पा रहा था। अपने बच्चे की ऐसी हालत से बेहद मायूस उसके पिता ने 25 जनवरी को ट्वीट कर प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मदद मांगी थी, जिसके बाद श्रीमती स्वराज ने पिता की हरसंभव मदद के लिए ट्वीट किए। सूत्रों के मुताबिक भोपाल निवासी देवेश शर्मा की पत्नी ने बुधवार को सिजेरियन डिलीवरी से एक बेटे को जन्म दिया था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ के बाद दिल की बीमारी के बारे में पता चला। चिकित्सकों के मुताबिक बच्चे की दिल की गड़बड़ी के कारण उसके शरीर के एक हिस्से में साफ और एक हिस्से में गंदा खून सप्लाई हो रहा है। अभी वेंटिलेटर पर रखे गए इस नवजात को फौरन सर्जरी की जरूरत बताई गई, लेकिन इतनी कांप्लिकेटेड सर्जरी के लिए भोपाल में व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते चिकित्सक तैयार नहीं हुए। भोपाल में कई चिकित्सकों और विशेषज्ञों से बात होने के बाद भी बात नहीं बनते देख सॉफ्टवेयर इंजीनियर देवेश ने थकहार कर टि्वटर के माध्यम से अपनी परेशानी साझा की। देवेश के ट्वीट का जवाब देते हुए विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज ने गणतंत्र दिवस पर ट्वीट करते हुए परिवार से उनका संपर्क मांगा। इसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि परिवार से संपर्क के बाद बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट मंगवाई हैं। एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ बलराम ऐरन ने फौरन सर्जरी की जरूरत बताई है। हम बच्चे की नई दिल्ली एम्स में सर्जरी की व्यवस्था कर सकते हैं, अब आगे परिवार को फैसला करना है। सूत्रों के मुताबिक बच्चे को अब दिल्ली भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है, जहां उसकी फौरन सर्जरी करवाई जाएगी।




केन्द्रीय बजट एक फरवरी को ही होगा पेश

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लखनऊ, 27 जनवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुनाव बाद संसद में बजट पेश किये जाने सम्बंधी आग्रह को दरकिनार करते हुए केन्द्र सरकार ने आज कहा कि बजट एक फरवरी को ही पेश होगा। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण और संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कई लोगों ने बजट को चुनाव बाद पेश किये जाने का आग्रह किया है। कुछ लोग तो उच्चतम न्यायालय चले गये थे जबकि कुछ पार्टियों के लोगों ने निर्वाचन आयोग से सम्पर्क साधा था। उच्चतम न्यायालय ने एक फरवरी को बजट पेश किये जाने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने जब एक फरवरी को बजट पेश करने से नहीं रोका है तो ऐसा कोई कारण नहीं है, केन्द्र सरकार एक फरवरी को बजट न/न पेश करे। श्री नकवी ने कहा कि सरकार चुनाव आचार संहिता का पूरा पालन कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान कर रही है। ऐसे में किसी को भी केन्द्र को नसीहत देने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बजट विधानसभा चुनाव बाद पेश करने का आग्रह किया था। श्री यादव ने पत्र में लिखा था कि चुनाव की वजह से बजट में पांच राज्यों की योजनाओं की घोषणा नहीं हो पायेगी। चुनाव वाले राज्यों का नुकसान होगा इसलिए बजट चुनाव बाद पेश किया जाये।




नरेश अग्रवाल के बेटू बहू ने हरदोई सीट से भरा पर्चा

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हरदोई 27 जनवरी, समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव एवं राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के पुत्र प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल और उनकी पत्नी गरिमा अग्रवाल ने हरदोई सीट से अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। नितिन अग्रवाल ने सादगी के साथ हरदोई सदर विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार के तौर पर पहले अपना नामाँकन दाखिल किया। उनके नामांकन दाखिल करने के करीब दो घंटे बाद बाद नितिन की पत्नी गरिमा अग्रवाल ने भी उसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। नितिन ने नामांकन के बाद यूपी सरकार के काम पर अपनी जीत का दावा किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नरेश अग्रवाल की बहू नामांकन पत्र की वापसी में अपना नामांकन वापस ले लेगी। उनका नामांकन नितिन के नामांकन की जांच और सेफ्टी के लिए दाखिल किया गया है। श्री नरेश अग्रवाल के घर में बेटे और बाद में बहू के एक ही सीट से अलग अलग नामांकन पत्र दाखिले से लोग हैरान जरूर रह गए हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री पति नितिन अग्रवाल की पत्नी नाम वापसी पर अपना पर्चा वापस ले लेंगी। पत्नी का नामांकन परिवार की उम्मीदवारी की सुरक्षा के तहत किया गया है। नितिन अग्रवाल ने इस मौके पर प्रदेश सरकार के कामों को गिनाकर अपनी जीत का दावा किया जबकि उनकी पत्नी परचा दाखिल करने के बाद सवाल पूछने पर बिना जवाब दिए चली गयी। बेटे और बहू दोनों के नामांकन के मौके पर समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल मौजूद नहीं थे। 




चुनाव बाद भाजपा छोड किसी को भी समर्थन दे सकता है रालोद

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लखनऊ,27 जनवरी, राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को किसी हालत में समर्थन नहीं देने की आज घोषणा की। रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि भाजपा से चुनाव के पहले या बाद में कोई गठबंधन नहीं किया जायेगा लेकिन धर्मनिरपेक्ष दलों से समझौता करने के विकल्प खुले रखे जायेंगे। रालोद सूबे में पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड रहा है। पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में भी रालोद को अच्छा समर्थन मिल रहा है। रालाेद ने राज्य विधानसभा की कुल 403 सीटों में से 130 पर उम्मीवार घोषित कर दिये हैं। 20 सीटों के लिये प्रत्याशियों की घोषणा कल की जायेगी। रालोद की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा जयंत चौधरी को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी(सपा) और कांग्रेस की ओर से उनसे गठबंधन के बारे में किसी ने बात नहीें की है। यह केवल मीडिया की देन थी। सपा और भाजपा में टिकट नहीं पाने वालों को रालोद उम्मीदवार बनाये जाने सम्बन्धी सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव में यह सब आम बात है। दूसरे दलों के बागी लोगों को हर पार्टी टिकट देती है, उन्होंने भी वहीं किया। जिताऊ प्रत्याशी को खडा किया है। इसके परिणाम भी सकारात्मक मिलेंगे। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत राम नरेश यादव के पुत्र अजय नरेश यादव ने कांग्रेस छोड रालोद की सदस्यता ग्रहण की। कई और दलों के नेता भी रालोद में शामिल हुए।





उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का तीन तलाक तय: येचुरी

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लखनऊ 27 जनवरी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुरी तरह पराजित होगी और उसका ‘तीन तलाक’ तय है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि भाजपा मुसलमानों में तीन तलाक प्रथा को समाप्त करने में तुली हुई है लेकिन उसे यह समझना चाहिए कि इस बार चुनाव में उसका ही तीन तलाक हो जायेगा। उन्होंने कहा, “ दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का पहला तलाक हो चुका है। दूसरा बिहार में हुआ और अब तीसरा उत्तर प्रदेश के चुनाव में तय है।” उन्होंने दावा किया कि वामपंथी पार्टियां पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ चुनाव लड रही हैं। वामपंथी दलों की कोशिश है कि सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त किया जाये, इसलिए चुनाव में भाजपा और उसके सहयाेगी दलों को हराना पहली प्राथमिकता है। श्री येचुरी ने कहा कि वामपंथी दल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पहले शासनकाल की तरह सरकार को जनहित के काम करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। संप्रग के पहले शासनकाल में मनरेगा और सूचना के अधिकार जैसे कानूनों को बनवाने में वामपंथी दलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने कहा कि पंजाब में चार अन्य वामपंथी दलों से मिलकर माकपा 12 सीटों पर चुनाव लड रही है। उत्तराखंड में भी माकपा कई सीटों पर मजबूती से चुनाव लड रही है। उत्तर प्रदेश में छह वामपंथी दलों से मिलकर 140 सीटों पर चुनाव लडने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि 105 उम्मीदवार घोषित किये जा चुके हैं। माकपा 45 सीटों पर चुनाव लड रही है। माकपा महासचिव ने कहा कि वामपंथी दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में वह स्वयं प्रचार करेंगे। भाजपा और उसके समर्थक दलों को पराजित करना वामपंथी पार्टियों का संकल्प है। जहां वामपंथी उम्मीदवार नहीं होंगे उन सीटों पर पार्टी धर्मनिरपेक्ष दलों को समर्थन देगी। 




देवरिया में भाजपा बागी बिगाड न दें पार्टी का जायका

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देवरिया, 27 जनवरी, उत्तर प्रदेश में देवरिया के सात विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट वितरण के बाद कुछ सीटों पर पार्टी में असन्तोष बढ़ता जा रहा है और यही हाल रहा तो पार्टी के बागी विधानसभा चुनाव में भाजपा का जायका न बिगाड़ दें। पार्टी ने देवरिया सदर से जनमेजय सिंह को पार्टी ने पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया था और बाद मे पार्टी ने रामपुर कारखाना से कमलेश शुक्ल, पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही, रूद्रपुर से जय प्रकाश निषाद, बरहज से सुरेश तिवारी, भाटपाररानी से जयनाथ कुशवाहा और सलेमपुर सुरक्षित सीट से काली प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। रूद्रपुर और पथरदेवा सीट को छोड़कर अन्य सीटों पर टिकट बंटवारे से जमीनी नेताओं में असन्तोष की भावना देखी जा रही है। बरहज सीट से पार्टी के उम्मीदवार सुरेश तिवारी कभी बसपा से रूद्रपुर के विधायक थे। पार्टी ने बरहज से उन्हें प्रत्याशी बनाया है। सुरेश तिवारी को पार्टी का टिकट मिलने के बाद उनका विरोध शुरू हो गया है। बरहज से भाजपा से टिकट की आस लगाये दीपक मिश्र के समर्थकों ने एक दिन पहले बाकायदा बागी रूप अख्तियार करते हुये केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र का पुतला फूंका। वह बरहज से बागी के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह सलेमपुर सुरक्षित सीट से पार्टी ने यहां से काली प्रसाद को टिकट देकर जमीनी नेताओं को हिला कर रख दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में सलेमपुर से भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मी गौतम ने दूसरा स्थान लाकर एक बार फिर से सलेमपुर से दावेदारी ठोक रहीं थी। लक्ष्मी गौतम का कहना है कि हमने पार्टी को सूचना देकर यह पूछा है कि हमारा टिकट किस आधार पर कटा है। लेकिन अभी तक पार्टी से न तो कोई फोन काल या संदेश नहीं मिला है कि कारण क्या रहा। टिकट कटने से लक्ष्मी गौतम काफी आहत दिख रही हैं। उन्होंने भी एलान कर दिया है कि अगर सलेमपुर की जनता चुनाव लड़ने के लिए कहती है तो वह निर्दलीय रुप से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। देवरिया सीट में भी भाजपा उम्मीदवार जनमेजय सिंह का पार्टी के अन्दर विरोध देखा जा रहा है। कल देवरिया में कुछ अराजक तत्वों ने कैबिनेट मंत्री और यहां से सांसद कलराज मिश्र का आपत्तिजनक पोस्टर चस्पा किया था और प्रदेश प्रमारी ओम माथुर और सुनील बंसल पर भी अभद्र टिप्पणी की थीं। इस आपत्तिजनक पोस्टर को पार्टी के अन्दर टिकट वितरण के असन्तोष से देखा जा रहा है। वहीं रामपुर कारखाना सीट से भाजपा ने कभी बसपा के दिग्गज नेताओं में शुमार रखने वाले कमलेश शुक्ल को टिकट देकर अन्य दावेदारों में असन्तोष की रेखा खीच दी है। यहां भी पार्टी को भितरघात का सामना करना पड़़ सकता है। 




उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बिहार के महागठबंधन में बढ़ी तकरार

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पटना 27 जनवरी, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोकने की दलील देकर चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के एलान को आज नकारते हुए कहा कि वास्तव में इस दल का वहां कोई वजूद ही नहीं है । राजद के वरिष्ठ नेता और मनेर से पार्टी के विधायक भाई विरेन्द्र ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जदयू का उत्तर प्रदेश में कोई जनाधार ही नहीं है । जदयू ने बिहार की गाढ़ी कमाई को उत्तर प्रदेश में लुटाने का काम किया है । उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जदयू की उत्तर प्रदेश में हुई सभी रैलियों में भाड़े पर लोगों को जुटाया गया था । राजद विधायक ने कहा कि भाड़े के बल पर आये हुए लोगों से किसी दल का जनाधार नहीं बनता है । उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि जदयू साम्प्रदायिक शक्तियों से सटा रहता है । उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के एलान के बाद से जदयू धर्मनिरपेक्ष एकजुटता की दुहाई देने में लगा हुआ है । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के रोसड़ा से विधायक डा.अशोक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में जदयू अपनी स्थिति से अच्छी तरह अवगत है और इसी को देखते हुए चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का एलान किया है । उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा के चुनाव में जदयू अपना हस्र देख चुका है । 
श्री कुमार ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा के चुनाव में गठबंधन बनाते समय जदयू से सम्पर्क ही नहीं किया । उन्होंने कहा कि जदयू को इसके लिए बुरा नहीं मानना चाहिए । वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार कहा कि उनकी पार्टी किसी के दबाव में और सलाह से काम नहीं करती । उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना जदयू नेतृत्व का अपना फैसला है । उन्होंने कहा कि जदयू किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में धर्मनिरपेक्ष मतों का बटवारा नहीं चाहता है । उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन के घटक जदयू ने दो दिन पूर्व पार्टी की यहां हुई कोर कमिटी की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने के साथ ही किसी भी दल के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने का एलान किया था । 




लालू और कांग्रेस के डर से यूपी में चुनाव नहीं लड़ रहा जदयू : भाजपा

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पटना 27 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के महागठबंधन के समर्थन पर पुनर्विचार करने की धमकी से डर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि जदयू ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर यह स्वीकार कर लिया कि पड़ोसी राज्य में उनके दल की कोई हैसियत नहीं है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि जदयू के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर राजद और कांग्रेस ने बिहार में महागठबंधन पर फिर से विचार करने की धमकी देकर श्री कुमार को कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों तक सीमित पार्टियां भी जदयू से गठबंधन करना नहीं चाहतीं हैं। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की चाहत रखने वाले श्री कुमार के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले ही चुनाव में पार्टी को जमीनी हकीकत का अंदाजा लग गया है। इस बीच बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक राजद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू के धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोकने की दलील देकर चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के एेलान को नकारते हुए कहा कि वास्तव में इस दल का पड़ोसी राज्य में कोई वजूद ही नहीं है। राजद के वरिष्ठ नेता और मनेर से पार्टी के विधायक भाई विरेन्द्र ने कहा कि विभिन्न प्रलोभनों के माध्यम से जुटाई गयी भीड़ के बल पर किसी दल का जनाधार नहीं बनता है । उन्होंने साफ किया कि जदयू का उत्तर प्रदेश में कोई जनाधार ही नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि श्री कुमार ने पिछले साल शराबबंदी के बहाने बनारस-इलाहाबाद समेत कई स्थानों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सभाएं की थीं और बिहार के दर्जनों विधायकों , मंत्रियों को पार्टी की जमीन बनाने के काम में झोंक दिया था। कभी जयंत चौधरी तो कभी आर सी पी सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने की कोशिश की गई। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सारी कोशिशों के बावजूद न तो समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और न ही उत्तर प्रदेश में चौथे नंबर की पार्टी कांग्रेस ने ही श्री कुमार को घास डाली। राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजीत सिंह की पार्टी ने भी उनसे हाथ खींच लिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के चुनाव में जदयू के सभी 225 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इस जीरो बैलेंस वाली पार्टी के अध्यक्ष दावा कर रहे थे कि उनके दबाव में अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। श्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद और विधान सभा चुनाव में उम्मीदवारी के मामले में भाजपा ने पिछड़ा समुदाय को जो सम्मानजनक हिस्सेदारी दी है, उससे कोई भी पिछड़ा समाज को भाजपा से तोड़ने में कामयाब नहीं होगा। 




बिहार में हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 21 लोगों को उम्रकैद

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पटना 27 जनवरी, बिहार की विभिन्न अदालतों ने आज हत्या और सामूहिक बलात्कार के तीन अलग-अलग मामलों में दो सगे भाईयों समेत 21 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी । दरभंगा की विभिन्न अदालतों ने हत्या और सामूहिक बलात्कार के दो अलग-अलग मामलों 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय ने यहां मामले में महाबीर यादव की निर्मम हत्या के मामले में राम शोभित यादव, राकेश यादव, राम सेवक यादव, रामसुधार यादव, राम चन्द्र यादव, नरेश यादव, मनोज यादव, अवध किशोर यादव, उमाशंकर राउत, रामबाबू राउत, श्याम सुन्दर राउत, संजय राउत, और नवल किशोर राउत को भारदीय दंड विधान की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 21-21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इससे पूर्व अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 147,148,341, 326, 302 और 120बी. में दोषी करार दिया। दोषियों ने भूमि विवाद को लेकर 27 जुलाई 2013 की शाम जिले के कमतौल थाना क्षेत्र के बग्घा निवासी महाबीर यादव की तेज हथियार से अंग भंग कर निर्मम हत्या कर दी थी। वहीं, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के एक मामले में ऑटो चालक समेत तीन लोगों को सश्रम आजीवन कारावास (मृत्यु पर्यंत) एवं 15-15 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। आरोपी के अनुसार दोषियों शमीम उर्फ छोटू (ऑटो चालक) , विरेन्द्र यादव और राम कुमार साह ने 19 मई 2015 की रात दरभंगा शहर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बस स्टैंड से स्टेशन जाने के लिए ऑटो पर सवार एक दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। दूसरी ओर वैशाली जिले की एक सत्र अदालत ने हत्या के मामले में आज दो सगे भाइयों समेत पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्याम किशोर झा ने यहां मामले में सुनवाई करने के बाद जिले के बेलसर आउट पोस्ट के चकगुलामउद्दीन गांव निवासी पारसनाथ सिंह की हत्या के आरोप में गांव के ही दो सहोदर भाई रामेश्वर सिंह और पारस सिंह के अलावा अविनाश सिंह, मुकेश सिंह और पारस सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 302, 201 और 34 में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर 11-11 हजार रुपये का जुर्माना भी किया। मामले के अनुसार 05 मई 2002 को मछली बंटवारे को लेकर हुए पारसनाथ सिंह और दोषियों के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद दोषियों ने धोखे से पारसनाथ को उसके घर से बाहर ले जाकर हत्या कर दी थी। 




झारखंड में लघु लिफ्ट सिंचाई योजना लागू करने की मंजूरी

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रांची 27 जनवरी, झारखंड सरकार ने राज्य के चयनित प्रखंडों में कृषि उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए चालू वित्त वर्ष में लघु एवं सीमान्त किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रबंधित सिंचाई प्रणाली आधारित लघु लिफ्ट सिंचाई योजना के कार्यान्वयन की मंजूरी दे दी मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में राज्य के सांसदों के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित झारखण्ड भवन में एक सांसद कोषांग के गठन की स्वीकृति दी गयी। देवघर नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना की कुल लागत राशि 59339.96 लाख पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए केन्द्रांश से कुल 1966.53 लाख एवं राज्यांश मद से 14019.92 लाख निकाय को 20 वर्षों में अनुदान देने एवं कार्य करने की मंजूरी प्रदान की गई। लोहरदगा जिले में सेन्हा अंचल के मौजा-बरही में 9.93 एकड़ गैरमजरूआ मालिक किस्त परती पत्थर/परती कदीम भूमि, केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन, मानव संसाधन विकास विभाग, भारत सरकार को निःशुल्क भू-हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान की गयी बैठक में खूंटी जिलान्तर्गत खूंटी अंचल के मौजा-डुमरदगा में 10 एकड़ गैरमजरूआ खास परती कदीम भूमि, केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन, मानव संसाधन विकास विभाग, भारत सरकार को निःशुल्क भू-हस्तांतरण की स्वीकृति भी दी गयी । 




विधायक अनंत सिंह के खिलाफ हत्या के मामले में आरोप तय

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पटना 27 जनवरी, पटना की एक सत्र अदालत ने हत्या के मामले में आज जेल में बंद में चर्चित विधायक अनंत कुमार सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) त्रिलोकी नाथ तिवारी की अदालत ने विधायक श्री सिंह को उनपर लगाये गये आरोपों को पढ़कर सुनाया। हालांकि श्री सिंह ने अपने उपर लगाये गये आरोपों से इंकार किया। अदालत ने अभियोजन पक्ष को अपना गवाह पेश करने के लिए 30 जनवरी 2017 की तिथि निश्चित करते हुए मामले के त्वरित निष्पादन के लिए प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्देश दिया है। मामला दो मार्च 2009 को राजधानी पटना के बेउर थाना क्षेत्र के गंगा विहार कॉलनी में सुजीत कुमार सिंह की हत्या का है। विधायक श्री सिंह पर हत्या की साजिश में संलिप्त होने का आरोप है। 





युवाओं में खेल- कूद की भावना के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : नीतीश

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पटना, 27 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीवन में शिक्षा के साथ खेल-कूद के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के लोगों में खेल-कूद की भावना के विकास के लिये कई योजनाओं पर काम कर रही है । श्री कुमार ने राजधानी पटना के मिथिलेश स्टेडियम में 65वीं अखिल भारतीय पुलिस चैम्पियनशीप का उद्घाटन करते हुये कहा , “ शिक्षा के साथ-साथ युवाओं के बीच खेल- कूद की भावना का विकास हो, इसके लिये कार्य किया जा रहा है। राज्य में कई तरह के खेल प्रतियोगिताओं का लगातार आयोजन हो रहा है। राज्य में युवाओ के बेहतर भविष्य के लिये खेल-कूद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिये बिहार राज्य खिलाड़ी कल्याण कोष का गठन भी किया गया है। ” मुख्यमंत्री ने चैम्पियनशीप में शिरकत करने आये 34 टीमों के खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रतियोगिता का आयोजन होना काफी खुशी की बात है। हालांकि वर्ष 1951, फिर 40 वर्ष बाद 1992, 1997, 2012 और 2013 में कुश्ती कलस्टरों की प्रतियेागिता हुयी थी और अब वर्ष 2016 की पुनः कुश्ती कलस्टर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस ने प्रतियोगिता की सफलता के लिये हर तरह की व्यवस्था की है। 





श्री कुमार ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के युवाओं का बेहतर भविष्य के लिये राज्य में शराबबंदी लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में शराब का नशा अपने पांव पसार रहा था जिससे कम उम्र के लोग भी शराब के आदि हो रहे थे। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से एक कदम आगे बढ़कर अब नशामुक्ति के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशामुक्ति के लिए आयोजित किये गये मानव श्रृंखला में तीन करोड़ से भी अधिक लोग सम्मिलित हुए। मानव श्रृंखला के जरिये लोगों ने शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में अपनी भावना प्रकट की। उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला में भाग लेने के लिये लोगों में इतना उत्साह था कि जो रूट तय नहीं थे, उस पर भी लोग श्रृंखला बनाकर खड़े हो गए। लोगों के आंकड़ों से साबित हो गया है कि राज्य में शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में बहुत बड़ी शुरूआत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा , “ हम चाहते हें कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल हो। बिहार को कुछ पढ़े-लिखे तथाकथित लोग बदनाम करते हैं। हालांकि विरोध करने वाले भी मानव श्रृंखला में खड़े हो गए। शराबबंदी के पूर्व छोटी उम्र में बच्चों को शराब की लत लग रही थी। यदि बच्चों में ही चेतना आ जाती है तो वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को जागरूक करते हैं।” श्री कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन में बच्चों को सिखाया जाता है कि भूकम्प आने पर क्या किया जाना चाहिये। ऐसे बच्चे घरों में जाकर पूरे परिवार को जागरूक करते हैं। शराबबंदी के लिये स्कूल के बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र भरवाया था। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्रायें जागृत रहेंगे तो शराबबंदी के पक्ष में जागृति आयेगी। 

श्री कुमार ने कहा कि कुछ लोग शराबबंदी को बेकार बता रहे हैं और इसके कानूनी प्रावधानों को अधिक कठोर बता रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हत्या के आरोप में फांसी, आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान पहले से है , तो क्या हत्या होना रूक गया। क्या कानून खत्म कर हत्या की आजादी दे दी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे उपायों के जरिए शराब पाने वालों पर भी सरकार की पूरी नजर है लेकिन सिर्फ कानून से काम नहीं होगा। शराबबंदी को लेकर जन चेतना जब तक जागृत नहीं रहेगी, तब तक पूर्ण कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला के दिन से ही यानि 21 जनवरी से 22 मार्च तक शराबबंदी से नशामुक्ति तक के लिये जन चेतना अभियान शुरू किया गया है। श्री कुमार ने कहा कि नशामुक्ति को लेकर महिलाओं में एक नई जागृति आ रही है। कोई भी काम सिर्फ कानून बनाने से नहीं होता बल्कि जनभागीदारी आवश्यक होती है। शराबबंदी और नशामुक्ति के लिये मानव श्रृंखला सबसे बड़ा उदाहरण है। उद्घाटन समारोह को राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, अपर पुलिस महानिदेशक सुनील कुमार ने भी संबोधित किया। 




जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन, मृतकों की संख्या 20 हुई

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श्रीनगर-बनिहाल , 27 जनवरी, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज भूस्खलन और हिमस्खलन की कई घटनाएं हुई, इसके अलावा पिछले कई दिनों में राज्यभर में हिमस्खलन की अनेक घटनाओं में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें सेना के 14 जवान भी शामिल हैं। बनिहाल में आज हुए ताजा हिमस्खलन ने पहले से ही हिमपात के कारण तीन दिन से बंद चल रहे इस मार्ग को साफ करने के सीमा सड़क संगठन के काम को बाधित कर दिया है। श्रीनगर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया,‘‘ गुरेज में बचाव दल ने हिमस्खलन वाले स्थान से आज चार सैनिकों के शव बरामद किए, जिसके बाद इस दुर्घटना में मरने वाले सैनिकों की संख्या बढ़ कर 14 हो गई है। बुधवार को गुरेज सेक्टर में हिस्खलन की दो घटनाएं हुईं थीं जिससे अनेक सैनिक मलबे में दब गए थे।’’ बचाव दल ने कल सात सैनिकों को जिंदा निकाल लिया जबकि 10 सैनिकों के शव मिले थे। इसके अलावा बारामूला के उरी सेक्टर में 60 वर्षीय फतेह मोहम्मद मुगल की कल शाम हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई। वह घर से बाहर निकले थे और हिमस्खलन की चपेट में आ गए । स्थानीय लोगों और पुलिस ने मुगल को मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया ,जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कश्मीर में पिछले चार दिनों में हिमपात के बाद हुए हिमस्खलन में 20 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं, जिनमें सेना के 15 जवान शामिल हैं। घाटी में हिमस्खल के भीषण खतरे की चेतावनी जारी की गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामबन जिले के बनिहाल में शैतान नाला क्षेत्र के राजमार्ग में आज कई हिमस्खलन हुए हैं। बनिहाल रामबन सेक्टर में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं हैं जिसने पहले से ही बंद पड़े मार्ग की सफाई के कार्य को और दुरूह बना दिया है।




विशेष आलेख : पद्म पुरस्कारो की बंदरबांट

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पद्मपुरस्कारो की घोषणा की जा चुकी है। पद्म पुरस्कार मिलना बड़ा सम्मान का विषय माना जाता रहा है। जिसको भी  ये पुरस्कार   मिलता है वो बड़े गर्व से ये सम्मान ग्रहण करता है और आजीवन अपने नाम के आगे-पीछे "पद्म श्री/विभूषण से सम्मानित"लगाता रहता है क्योंकि ये पुरस्कार लेने के पहले भी, पुरस्कार देने वालो के बहुत "आगे -पीछे"घूमना पड़ता है। पद्म पुरस्कार पाने के लिए केवल "आवेदन"करने से काम नहीं चलता है, पुरस्कार पाने के लिए "निवेदन"ज़्यादा ज़रूरी है। पुरस्कार पाने के लिए की गई जोड़तोड़, सिफारिश और लॉबिंग पुरस्कार की चमक और बढ़ा देती है।

ये पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा किसी भी क्षेत्र में विशेष योगदान को "केंद्र"में रखते हुए दिए जाते है। देश में सत्तासीन दल का एक मुख्य कार्य , समाज से हर तरह की असमानता को दूर करना भी होता है। जिस तरह से सरकार अपनी कपितय योजनाओ द्वारा अमीरी और  गरीबी के बीच की दूरी कम करने का प्रयास करती है ,ठीक उसी प्रकार से सरकारो का ये दायित्व भी होता है कि वो सामाजिक समानता और समरसता स्थापित करने के लिए योग्य -अयोग्य , सम्मान- अपमान के बीच की खाई को कम करे और ये कार्य  केवल आरक्षण के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। 

इसलिए सरकारे ऐसी हस्तियों को भी पद्म पुरस्कारों से सम्मानित कर रही है जो इन  पुरस्कारो को  पाने के लिए उपलब्धि, योग्यता और योगदान जैसे तुच्छ मापदंडो से नहीं बंधे होते है क्योंकि इनका कद इतना ऊपर  उठ  चुका होता है की वो पृथ्वी के गुरत्वाकर्षण को भी पार कर जाता है और पुरस्कार प्राप्त करने के लिए जब वो झुकते तो वो भी देश के ऊपर किसी अहसान से कम नहीं होता है । ऐसे लोगो का ,उन्हें  सम्मानित किये गए क्षेत्र में योगदान ढूंढने के लिए गूगल की हिम्मत भी जवाब दे जाती है लेकिन ऐसे लोगो को सम्मानित करने के लिए सरकार की हिम्मत की दाद दी जाती है। कई बार तो ऐसा प्रतीत होता है किसी व्यक्ति को किसी क्षेत्र या विषय में केवल इसीलिए सम्मानित किया गया है क्योंकि उस व्यक्ति ने उस क्षेत्र/विषय में काम ना करके उस क्षेत्र/विषय पर बहुत बड़ा उपकार किया है जो की सम्मान किये जाने लायक है। 





पहले जिन्हें भ्रष्ट और बेईमान घोषित कर दिया गया है, उनका हृदयपरिवर्तन करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए भी ये पुरस्कार अपनी महती भूमिका निभा रहे है। इसलिए ज़रूरी नहीं है कि पुरस्कार केवल अच्छे लोगो को ही दिया जाये, ज़्यादा ज़रूरी है की इन पुरस्कारो से समाज में अच्छाई स्थापित की जाये। पद्म पुरस्कार की "बंदरबाट"आम आदमी की समझ से बाहर होती है क्योंकि "बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। "

विपक्षी दलो द्वारा  अक्सर ये आरोप लगते है कि पद्म पुरस्कार राजनीती से प्रेरित होकर दिए जा रहे है, हालांकि ये बात अलग है कि ये आरोप भी राजनीती से ही प्रेरित होते है । तो जैसे लोहा लोहे को काटता है वैसे ही राजनीती भी राजनीती को काटती है। पुरस्कारों में राजनीती का प्रवेश एक अच्छा संकेत है क्योंकि जब तक हम राजनीती को हर जगह नहीं घुसा देते तब तक राजनीती पवित्र नहीं हो सकती है क्योंकि राजनीती का भगवान की तरह पवित्र होने के लिए उसका भगवान की तरह सर्वव्यापक होना ज़रूरी है।




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---अमित शर्मा---

किरदार काफी चुनौतीपूर्ण हैः सोहा अली खान

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देश में सुनियोजित दंगा,वो भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में भड़के सिख दंगों पर आधारित फिल्म ‘31 अक्टूबर’ 7 अक्टूबर को रिलीज होगी। फिल्म के निर्माता हैरी सचदेव व निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल हैं। फिल्म में सोहा तजिंदर कौर नाम की हिम्मत वाली पंजाबी महिला के रोल में नजर आएंगी, जबकि वीर दास फिल्म में एक ऐसे सिख का किरदार निभा रहे हैं, जिसका परिवार 1984 के सिख विरोधी दंगों में प्रभावित हुआ था।  फिल्म के बारे में सोहा अली खान ने बताया कि ‘ फिल्म सच्ची घटना,दर्दनाक दंगों और उसमें मरे हजारों इंसान की दस्तां हैं। फिल्म में मैंने अबतक अभिनीत किरदारों की लीक से हट कर भूमिका को जिया हैं। जो मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। मेरा भूमिका एक महिला जिसे हालत के चलते अपने पति और बच्चों में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ता है। मैं केवल कल्पना कर सकती हूं कि उस दौर में ऐसा करना किसी भी महिला के लिए कितना कष्टप्रद रहा होगा। सोहा ने फिल्म के बारे में बताया कि ‘31 अक्टूबर’ राजनीतिक स्वार्थ या किसी अन्य एजेंडे को पूरा करने के मकसद से नही बनाई,और ना ही फिल्म इंसाफ के लिए भी नहीं बनाई गई।फिल्म एक सिख परिवार की कहानी सांझा करने के लिए फिल्म बनाई है, जो 1984 की पृष्ठभूमि में निर्मित है। न्याय प्रणाली बेहद जटिल है और हम वकील या न्यायाधीश नहीं हैं। हम कलाकार हैं और हमने एक फिल्म बनाई है इसलिए यह न्याय दिलाने को लेकर नहीं है। यह एक ऐसी फिल्म बनाने को लेकर है, जिसे हम एक थ्रिलर के रूप में देखते हैं। सोहा ने कहा कि लोग फिल्म देखने से पहले ही नाराज हो जाते हैं। लेकिन, विचार रखना जरूरी है, लेकिन आखिरकार हम भी शांति चाहते हैं। मेरा तो कहना है कि फिल्म की कहानी भले ही वास्तविक जीवन पर आधारित है, लेकिन इसे नाटकीय ढंग से फिल्माया गया है, क्योंकि यह भारतीय इतिहास में सबसे बुरे दिनों में से एक बुरे दिन की कहानी है। खास बात यह है कि फिल्म ‘31 अक्टूबर’ को चार महीने के इंतजार और नौ बड़े कट्स के बाद सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिली है। 





 फिल्म के निर्माता हैरी सचदेव कहते हैं कि फिल्म में नौ बड़े कट्स किए हैं। सेंसर को लगता था कि कुछ डायलॉग और सींस खास समुदाय को भड़का सकते हैं, इसलिए उन्हें कम करना जरूरी है। ऐसे में सेंसर बोर्ड ने कई बार फिल्म जमा करवाई और जिन सींस से उन्हें ऐतराज था, उन सींस को फिल्म से हटवा दिया। हैरी सचदेव कहते हैं कि हम कलाकार हैं और सबको अभिव्यक्ति का पूरा अधिकार है। एक कलाकार होने के नाते हम अपनी अभिव्यक्ति पर सेंसर नहीं, केवल प्रमाणन सर्टिफिकेट की उम्मीद रखते हैं। जबकि, सेंसर बोर्ड ने कई ऐसे दृश्यों को भी कटवा दिया, जो कहानी के हिसाब से बेहद अहम थे।

सब टीवी का नया शो इच्छाप्यारी नागिन

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नये प्रयोग करने वाला सब टीवी इस बार एक नये शो ‘इच्छा प्यारी नागिन’ का प्रसारण 27 सितंबर से सोमवार से शुक्रवार, रात 8ः00 बजे करने जा रहा है। शो में प्रियाल गौर, मिश्कत वर्मा और फरीदा दादी प्रमुख भूमिकायें अदा कर रहे हैं। कल्पनिक कहानी और रोमांचिक कारनामें परिपर्ण शो इच्छाप्यारी नागिन में धरती एवं नागिस्तान की जिंदगी और कहानियों पर आधारित हैं। शो इच्छा नाग एवं नागिनों के बारे में व्याप्त अनेक भ्रम को तोड़ने के उद्देश्य धरती पर आई है। वह बेहद चुलबुली है और इच्छाधारी नागिनों के विपरीत मददगार प्रवृत्ति की है। धरती पर इच्छा प्रताप परिवार के साथ रहती है, जो पेशे से पहलवान हैं। धरती पर रहने के दौरान वह सामाजिक जीवन और लोगों के संघर्ष, संस्कृति, नियमों और समाज के कायदों को समझती है। वह समझती है कैसे कुछ गुण समृद्ध हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों के शांतिपूर्वक अस्तित्व के लिये महत्वहीन हैं। अपनी मासूमियत और जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण वह इन मामलों में सवाल करती है। इन सवालों से लोगों को यह महसूस होता है कि जिंदगी कितनी अद्भुत है और हमें उन लोगों के लिये आभारी रहना चाहिये, जो हमारी जिंदगी में हमारी परवाह करते हैं तथा हमसे प्यार करते हैं। इच्छाप्यारी नागिन इच्छा के सफर की एक दिलचस्प लेकिन कारामाती कहानी है। वह खुशियां फैलाती है और लोगों को रिश्तों एवं एक-दूसरे के प्रति प्यार की अहमियत के बारे में अधिक जागरूक बनाती है। 





इस शो में प्रियाल गौर इच्छा का किरदार निभा रही हैं और उनके साथ है बबल प्रताप के रूप में मिश्कत वर्मा, जिससे इच्छा को प्यार हो जाता है। इस कहानी में दर्शक हास्य, रोमांस, सस्पेंस और ड्रामा से भरपूर सफर का आनंद उठायेंगे। शो के बारे में ने अनूज कपूर, ने बताया कि  ‘‘हमने हमेशा नवाचार करने और एक अलग हटकर कंटेट तैयार करने में विश्वास किया है। टेलीविजन पर इन दिनों सुपरनैचुरल कंटेंट की भरमार है और ऐसे में इच्छा एक मित्रवत्, मासूम और पूरी तरह से नुकसानरहित ‘नागिन‘ की कहानी है, जो ताजगीपूर्ण है। इतना ही नहीं, वह समाज के हित में अपनी सुपरनैचुरल शक्तियों का इस्तेमाल करती है। हमें उम्मीद है कि दर्शकों को नाग एवं नागिनों पर हमारा बिल्कुल नया शो पसंद आयेगा।‘‘
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